JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 5 समांतर श्रेढ़ियाँ Ex 5.4

Jharkhand Board JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 5 समांतर श्रेढ़ियाँ Ex 5.4 Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 10 Maths Solutions Chapter 5 समांतर श्रेढ़ियाँ Exercise 5.4

प्रश्न 1.
A. P. 121, 117, 113, का कौन-सा पद सबसे पहला ऋणात्मक पद होगा ?
हल:
दी गई A. P. है : 121 117, 113, …
प्रथम पद a = a1 = 121; a2 = 117; a3 = 113
सार्वन्तर d = a2 – a1 = 117 – 121 = – 4
सूत्र an = a + (n – 1)d का प्रयोग करने पर,
⇒ an = 121 + (n – 1 ) (- 4)
= 121 – 4n + 4
= 125 – 4n
प्रश्नानुसार,
an < 0
⇒ 125 – 4n < 0
⇒ 4n > 125
⇒ n > \(\frac{125}{4}\)
⇒ n > 31\(\frac{1}{4}\)
⇒ n > 31.25
⇒ n < 32
क्योंकि n एक पूर्णांक है।
अत: 32वाँ पद पहला ऋणात्मक पद होगा।

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प्रश्न 2.
किसी AP के तीसरे और सातवें पदों का योग 6 है और उनका गुणनफल 8 है। इस A. P. के प्रथम 16 पदों का योग ज्ञात कीजिए।
हल:
माना दी गई A.P का प्रथम पद a तथा सार्वअन्तर d है।
तीसरा पद a3 = a + (3 – 1)d = a + 2d
सातवाँ पद a7 = a + (7 – 1)d = a + 6d
प्रश्नानुसार,
तीसरे और सातवें पदों का योग = 6
या a3 + a7 = 6
⇒ a + 2d + a + 6d = 6
⇒ 2a + 8d = 6
⇒ a + 4d = 3 …(1)
पुन: प्रश्नानुसार, a3 × a7 = 8
⇒ (a + 2d)(a + 6d) = 8
⇒ a2 + 8ad + 12d2 = 8 …(2)
समीकरण (1) के वर्ग में से समीकरण (2) को घटाने पर,
(a + 4d)2 – (a2 + 8ad + 12d2) = (3)2 – 8
⇒ a2 + 8ad + 16d2 – a2 – 8ad – 12d2 = 9 – 8
4d2 = 1
∴ d = ±\(\frac{1}{2}\)
तव a + 4d = 3 में d = \(\frac{1}{2}\) रखने पर,
a + 4 × \(\frac{1}{2}\) = 2
⇒ a + 2 = 3
∴ a = 1
पुन: a + 4d = 3 में d = –\(\frac{1}{2}\) रखने पर,
a + 4 × (-\(\frac{1}{2}\)) = 3
⇒ a – 2 = 3
∴ a = 5

स्थिति I. a = 1, d = \(\frac{1}{2}\)
प्रथम 16 पदों का योग
S16 = \(\frac{16}{2}\) [2a + (16 – 1)d]
= 8[2 + 15 × \(\frac{1}{2}\)]
= 8 × \(\frac{19}{2}\) = 4 × 19 = 76
अतः 16 पदों का योग = 76

स्थिति II. a = 5, d = –\(\frac{1}{2}\)
∴ प्रथम 16 पदों का योग
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अतः 16 पर्दों का योगफल = 20.

प्रश्न 3.
एक सीणी के क्रमागत डण्डे परस्पर 25 सेमी की दूरी पर हैं (देखिए आकृति)। डण्डों की लम्बाई एकसमान रूप से घटती जाती है तथा सबसे निचले डंडे की लम्बाई 45 सेमी है और सबसे ऊपर वाले डण्डे की लम्बाई 25 सेमी है। यदि ऊपरी और निचले डण्डे के बीच की दूरी 2\(\frac{1}{2}\) मीटर है, तो डण्डों को बनाने के लिए लकड़ी की कितनी लम्बाई की आवश्यकता होगी ?
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हल:
प्रथम व अन्तिम डण्डे के बीच की दूरी
= 2\(\frac{1}{2}\) मीटर = 250 सेमी
और दो क्रमागत डण्डों के बीच की दूरी = 25 सेमी
∴ सीणी में डण्डों की संख्या
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∵ प्रथम डण्डे की लम्बाई (a) = 25 सेमी और अन्तिम डण्डे की लम्बाई (l) = 45 सेमी
∴ 11 डण्डों में प्रयुक्त लकड़ी की कुल माप
= 2\(\frac{1}{2}\)(a + l) = \(\frac{1}{2}\)(25 + 4)
\(\frac{11}{2}\) × 70 = 11 × 35
= 385 सेमी = 3.85 मीटर
अतः सीणी के डण्डों में प्रयुक्त लकड़ी की लम्बाई = 385 सेमी या 3.85 मीटर।

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प्रश्न 4.
एक पंक्ति के मकानों को क्रमागत रूप से संख्या 1 से 49 तक अंकित किया गया है। दर्शाइए कि x का एक ऐसा मान है किx से अंकित मकान से पहले के मकानों की संख्याओं का योग उसके बाद वाले मकानों की संख्याओं के योग के बराबर है। x का मान ज्ञात कीजिए।
हल:
मकानों पर क्रमागत रूप से अंकित संख्याएँ :
1, 2, 3, 4, 5, 6, …… 47, 48, 49 है।
x एक ऐसी संख्या है कि x के एक ओर की संख्याओं का योग = x के दूसरी ओर की संख्याओं का योग
अर्थात् 1 से x – 1 तक की संख्याओं का योग
= x + 1 से 49 तक की संख्याओं का योग
अनुक्रम की सभी संख्याओं में सार्वअन्तर d = 1 है।
तब से x – 1 तक की संख्याओं का योग, a = 1, n = x – 1
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और x + 1 से 49 तक की संख्याओं का योग
= S49 – Sx
(∵ Sx+1 नहीं होगा क्योंकि x के बाद ही x + 1 प्रारम्भ होगा)
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अतः x का मान 35 है।

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प्रश्न 5.
एक फुटबाल के मैदान में एक छोटा चबूतरा है जिसमें 15 सीणियाँ बनी हुई हैं। इन सीणियों में से प्रत्येक की लम्बाई 50 मीटर है और वह ठोस कंक्रीट (concrete) की बनी हैं। प्रत्येक सीणी में \(\frac{1}{4}\) मीटर की बनाई है और \(\frac{1}{2}\) मीटर का फैलाव (चौड़ाई) है। (देखिए आकृति)। इस चबूतरे को बनाने में लगी कंक्रीट का कुल आयतन परिकलित कीजिए।
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हल:
प्रत्येक सौणी की लम्बाई 50 मीटर और चौड़ाई \(\frac{1}{2}\) मीटर है सीणियों की संख्या 15 है। प्रत्येक सीणी की जमीन से ऊँचाई एक समान्तर श्रेढी (A.P.) का अनुक्रम है-
\(\frac{1}{4}, \frac{2}{4}, \frac{3}{4}, \frac{4}{4}, \frac{5}{4}, \frac{6}{4}, \ldots, \frac{15}{4}\)
अतः पहली सीणी में लगी कंक्रीट का आयतन
= \(50 \times \frac{1}{2} \times \frac{1}{4}=\frac{50}{8}\) घन मीटर
दूसरी सीणी में लगी कंक्रीट का आयतन
= \(50 \times \frac{1}{2} \times \frac{2}{4}=\frac{100}{8}\) घन मीटर
तीसरी सीणी में लगी कंक्रीट का आयतन
\(=50 \times \frac{1}{2} \times \frac{3}{4}=\frac{150}{8}\) घन मीटर
चौथी सीणी में लगी कंक्रीट का आयतन
= \(50 \times \frac{1}{2} \times \frac{4}{4}=\frac{200}{8}\) घन मीटर
अतः चबूतरा बनाने में लगे कंक्रीट का कुल आयतन
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अतः चबूतरे में लगी कंक्रीट का कुल आयतन = 750 घन मीटर

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 5 समांतर श्रेढ़ियाँ Ex 5.3

Jharkhand Board JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 5 समांतर श्रेढ़ियाँ Ex 5.3 Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 10 Maths Solutions Chapter 5 समांतर श्रेढ़ियाँ Exercise 5.3

प्रश्न 1.
निम्नलिखित समान्तर श्रेढियों का योग ज्ञात कीजिए:
(i) 2, 7, 12, …, 10 पदों तक।
(ii) -37, -33, -29, …, 12 पदों तक।
(iii) 0.6, 1.7, 2.8, …. 100 पदों तक।
(iv) \(\frac{1}{15}, \frac{1}{12}, \frac{1}{10}, \ldots 11\) पदों तक।
हल:
(i) दी गई समान्तर श्रेढी = 2, 7, 12, ….. 10 पदों तक
प्रथम पद a = 2 तथा सार्वअन्तर d = 7 – 2 = 5
पदों की संख्या n = 10
n पदों का योग Sn = \(\frac{n}{2}\) [2a + (n – 1)d]
S10 = \(\frac{10}{5}\)[2 × 2 + (10 – 1) × 5]
= 5[4 + 9 × 5]
= 5[4 + 45] = 5 × 49 = 245
अतः 10 पदों तक योग = 245

(ii) दी गई समान्तर श्रेढी = -37, -33, -29, …, 12 पदों तक
प्रथम पद a = -37
तथा सार्वअन्तर d = – 33 – (-37) = 4
और पदों की संख्या n = 12
∵ n पदों तक योग Sn = \(\frac{n}{2}\)[2a + (n – 1)d]
∴ S12 = \(\frac{12}{2}\)[2 × (-37) + (12 – 1) × 4)
= 6[- 74 + 11 × 4]
= 6[-74 + 44]
= 6 × (-30) = -180
अतः 12 पदों तक योग = -180

(iii) दी गई समान्तर श्रेढी = 0.6, 1.7, 2.8, …. 100
पदों तक
प्रथम पद a = 0.6
सार्वअन्तर d = 1.7 – 0.6 = 1.1
और पदों की संख्या n = 100
n पदों का योगफल Sn = \(\frac{n}{2}\)[2a + (n – 1)d]
∴ S100 = \(\frac{100}{2}\)[2 × 0.6 + (100 – 1) × 1.1]
= 50[1.2 + 99 × 1.1]
= 50[1.2 + 108.9]
= 50 × 110.1 = 5505
अतः 100 पदों तक योग = 5505

(iv) दी गई समान्तर श्रेढी = \(\frac{1}{15}, \frac{1}{12}, \frac{1}{10}, \ldots, 11\) पदों तक
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प्रश्न 2.
नीचे दिए हुए योगफलों को ज्ञात कीजिए :
(i) 7 + 10\(\frac{1}{2}\) + 14 +…+ 84.
(ii) 34 + 32 + 30 +…+ 10
(iii) -5 + (8) + (11) +…+ (-230)
हल:
(1) दिया गया है,
7 + 10\(\frac{1}{2}\) + 14 +…+ 84.
स्पष्ट है कि यह एक समान्तर श्रेढी है।
यहाँ प्रथम पद a = 7
सार्वअन्तर d = 10\(\frac{1}{2}\) – 7
= \(\frac{21}{2}-7=\frac{21-14}{2}=\frac{7}{2}\)
दिया है, nवाँ पद an = 84
a + (n – 1)d = 84
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∴ अनुक्रम में 23 पद हैं।
सूत्र : Sn = \(\frac{n}{2}\)(a + l) से
∴ 23 पदों का योगफल
⇒ S23 = \(\frac{23}{2}\)(7 + 84)
= \(\frac{23}{2}\) × 91 = \(\frac{2093}{2}\)
= 1046\(\frac{1}{2}\)
अतः 7 + 10\(\frac{1}{2}\) + 14 +…+ 84 = 1046\(\frac{1}{2}\)

(ii) दिया गया है: 34 + 32 + 30 + … + 10
स्पष्ट है कि यह एक समान्तर श्रेढी है।
यहाँ प्रथम पद = 34
और सार्वअन्तर d = 32 – 34 = -2
यदि अनुक्रम में पदों की संख्या n हो, तो
nवाँ पद an = 10
⇒ a + (n – 1)d = 10
⇒ 34 + (n – 1) × (-2) = 10
⇒ (n – 1) × (-2) = 10 – 34 = -24
⇒ (n – 1) = \(\frac{-24}{-2}\) = 12
⇒ n = 13
∴ अनुक्रम में कुल 13 पद हैं।
सूत्र : Sn = \(\frac{n}{2}\)(a + l)
13 पदों का योग S13 = \(\frac{13}{2}\) = (34 + 10)
= \(\frac{13}{2}\) × 44 = 286
अत: 34 + 32 + 30 + … + 10 = 286

(iii) दिया गया है:
– 5 + (-8) + (-11) + … + (-230) स्पष्ट है कि यह एक समान्तर श्रेढी है।
प्रथम पद a = -5
तथा सार्वअन्तर d = (-8) – (-5)
= – 8 + 5 = -3
यदि अनुक्रम में पदों की संख्या n हो, तो
अनुक्रम का nवाँ पद an = -230
⇒ a + (n – 1)d = -230
⇒ -5 + (n – 1) × – 3 = -230
⇒ 5 + (n – 1)3 = 230
⇒ (n – 1)3 = 230 – 5 = 225
(n – 1) = \(\frac{225}{3}\) =75
∴ n = 75 + 1 = 76
तब n पदों तक योगफल
Sn = \(\frac{n}{2}\)(a + l)
∴ 76 पदों तक योगफल
S76 = \(\frac{76}{2}\)[-5 + (-230)]
= \(\frac{76}{2}\) × (-235)
= 38 × (-235) = -8930
अत: -5 + (-8) + (-11) + … + (-230)
= -8930

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प्रश्न 3.
एक A. P. में,
(i) a = 5, d = 3 और an = 50 दिया है। n और Sn ज्ञात कीजिए।
(ii) a = 7 और a13 = 35 दिया है। d और S13 ज्ञात कीजिए।
(iii) a12 = 37 और d = 3 दिया है। a और S12 कीजिए।
(iv) a3 = 15 और S10 = 125 दिया है। d और a10 ज्ञात कीजिए।
(v) d = 5 और S9 = 75 दिया है। a और a9 ज्ञात कीजिए।
(vi) a = 2, d = 8 और Sn = 90 दिया है। n और an ज्ञात कीजिए।
(vii) a = 8, an = 62 और Sn = 210 दिया है। n और d ज्ञात कीजिए।
(viii) an = 4, d = 2 और Sn = -14 दिया है। n और a ज्ञात कीजिए।
(ix) a = 3, n = 8 और Sn = 192 दिया है। d ज्ञात कीजिए।
(x) l = 28, Sn = 144 और कुल 9 पद हैं। a ज्ञात कीजिए।
हल:
(i) दिया गया है,
a = 5, d = 3 और अन्तिम पद (an) = 50
∵ अनुक्रम A. P. है और an = 50
⇒ a + (n – 1)d = 50
⇒ 5 + (n – 1)3 = 50
⇒ 5 + 3n – 3 = 50 ⇒ 3n = 50 + 3 – 5
⇒ 3n = 48
∴ n = \(\frac{48}{3}\) = 16
अब Sn = \(\frac{n}{2}\)(a + l)
= \(\frac{16}{2}\)(5 + 50) = 8 × 55 = 440
अत: n = 16 तथा Sn = 440

(ii) दिया है: a = 7, a13 = 35
a + (n – 1)d = 35
⇒ 7 + (13 – 1)d = 35
⇒ 12d = 35 – 7 = 28
⇒ d = \(\frac{28}{12}=\frac{7}{3}\)
सूत्र : Sn = \(\frac{n}{2}\)[a + l] से
अब S13 = \(\frac{13}{2}\)[7 + 35]
⇒ S13 = \(\frac{13}{2}\) × 42 = 13 × 21 = 273
अतः d = \(\frac{7}{3}\) तथा S13 = 273

(iii) दिया है: a12 = 37, d = 3
∵ a12 = 37
a + (n – 1)d = 37
⇒ a + (12 – 1)3 = 37
⇒ a = 37 – 33 = 4
अब S12 = \(\frac{12}{2}\)[4 + 37] [∵ Sn = \(\frac{n}{2}\)[a + l]से]
S12 = 6 × 41 = 246
अतः a = 4 तथा S12 = 246

(iv) दिया है: a3 = 15, S10 = 125
∵ a3 = 15
⇒ a + (3 – 1)d = 15
⇒ a + 2d = 15 ….(1)
∵ दिया है S10 = 125
\(\frac{10}{2}\)[2a + (10 – 1)d] = 125
⇒ 5[2a + 9d] = 125
⇒ 2a + 9d = \(\frac{125}{5}\)
⇒ 2a + 9d = 25 …(2)
समीकरण (1) से, a = 15 – 2d ….(3)
a का मान समीकरण (2) में प्रतिस्थापित करने पर,
2(15 – 2d) + 9d = 25
⇒ 30 – 4d + 9d = 25
⇒ 5d = 25 – 30
d = \(\frac{-5}{5}\) = -1
d का मान समीकरण (3) में प्रतिस्थापित करने पर,
a = 15 – 2(-1)
⇒ a = 15 + 2 = 17
अब a10 = 17 + (10 – 1) (-1)
[∵ an = a + (n – 1)d]
= 17 – 9 = 8
अत: d = -1 और a10 = 8

(v) दिया है: d = 5 और S9 = 75
∵ Sn = \(\frac{n}{2}\)[2a + (n – 1)d]
∵ S9 = \(\frac{9}{2}\)[2a + (9 – 1)5]
⇒ 75 = \(\frac{9}{2}\)[2a + 8 × 5] [∵ S9 = 75]
⇒ \(\frac{75 \times 2}{9}\) = 2a + 40
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(vi) दिया है: a = 2, d = 8 और Sn = 90
Sn = \(\frac{n}{2}\)[2a + (n – 1)d]
90 = \(\frac{n}{2}\)[2 × 2 + (n – 1)8]
90 = \(\frac{n}{2}\)[4 + 8n – 8]
90 = \(\frac{n}{2}\)[8n – 4]
90 = \(\frac{n}{2}\) × 4(2n – 1)
90 = 2n(2n – 1)
\(\frac{90}{2}\) = n(2n – 1)
45 = 2n2 – n
2n2 – n – 45 = 0
2n2 – (10 – 9) – 45 = 0
2n2 – 10n + 9n – 45 = 0
2n(n – 5) + 9(n – 5) = 0
(2n + 9) (n – 5) = 0
n = 5 या –\(\frac{9}{2}\)
∵ n का मान सदैव धन पूर्णांक होता है।
∴ n = 5
तब a5 = a + (5 – 1)d
= 2 + 4 × 8
= 2 + 32 = 34
अतः n = 5 तथा an = 34

(vii) दिया है: a = 8, an = 62
और Sn = 210
∵ Sn = \(\frac{n}{2}\)(a + an)
⇒ 210 = \(\frac{n}{2}\)(8 + 62)
⇒ 210 = \(\frac{n}{2}\) × 70
⇒ \(\frac{210 \times 2}{70}\) = 6
∵ an = 62
⇒ a + (n – 1)d = 62
⇒ 8 + (6 – 1)d = 62
⇒ 8 + 5d = 62
⇒ 5d = 62 – 8 = 54
d = \(\frac{54}{2}\)
अत: n = 6 तथा d = \(\frac{54}{2}\)

(viii) दिया है: an = -4, d = 2 और Sn = -14
∵ an = 4
a + (n – 1)d = 4
a + (n – 1)2 = 4
a + 2n – 2 = 4
a + 2n = 6 …..(1)
∵ Sn = -14
\(\frac{n}{2}\)[2a + (n – 1)2] = -14
n[a + n – 1] = – 14 ….(2)
समीकरण (1) से a = 6 – 2n समीकरण (2) में a के
स्थान पर (6 – 2n) रखने पर,
n[6 – 2n + n – 1] = -14
∴ n[5 – n] = – 14
⇒ 5n – n2 = -14
⇒ n2 – 5n + 2n – 14 = 0
⇒ n(n – 7) + 2(n – 7) = 0
⇒ (n – 7) (n + 2) = 0
⇒ n = 7 या n = – 2
n का मान सदैव धनपूर्णांक होता है। इसलिए n = 7
तब a = 6 – 2n
= 6 – (2 × 7)
= 6 – 14 = -8
अतः a = -8 तथा n = 7

(ix) a = 3, n = 8 और Sn = 192
Sn = \(\frac{n}{2}\)[2a + (n – 1)d]
परन्तु Sn = 192
⇒ \(\frac{n}{2}\)[2a + (n – 1)d] = 192
⇒ \(\frac{8}{2}\)[2 × 3 + (8 – 1)d] = 192
⇒ 4[6 + 7d] = 192
⇒ 24 + 28d = 192
⇒ 28d = 192 – 24 = 168
∴ d = \(\frac{168}{28}\) = 6
अतः d = 6

(x) दिया है: l = 28, Sn = 144 और कुल पदं n = 9
हम जानते हैं कि Sn = \(\frac{n}{2}\)[a + l]
144 = \(\frac{9}{2}\)[a + 28]
288 = 9[a + 28]
288 = 9a + 252
9a = 288 – 252
9a = 36
∴ a = 4
अतः a = 4

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प्रश्न 4.
636 योग प्राप्त करने के लिए A. P. : 9, 17, 25, … के कितने पद लेने चाहिए ?
हल:
दी गई A. P.: 9, 17, 25, …
प्रथम पद a = 9 सार्वअन्तर d = 17 – 9 = 8
माना पदों की संख्या n है।
Sn = 636
⇒ \(\frac{n}{2}\)[2a + (n – 1)d] = 636
⇒ \(\frac{n}{2}\)[2 × 9 + (n – 1)8] = 636
⇒ \(\frac{n}{2}\)[18 + 8n – 8] = 636
⇒ \(\frac{n}{2}\)[8n + 10] = 636
⇒ n(4n + 5) = 636
⇒ 4n2 + 5n = 636
⇒ 4n2 + 5n – 636 = 0
⇒ 4n2 + 53n – 48n – 636 = 0
⇒ n(4n + 53 ) -12(4n + 53 ) = 0
⇒ (4n + 53 ) (n – 12) = 0
⇒ n – 12 = 0 या 4n + 53 = 0
⇒ n = 12 या –\(\frac{53}{4}\)
∵ n ऋणात्मक नहीं हो सकता।
अतः n = –\(\frac{53}{4}\) को छोड़ देते हैं।
∴ n = 12
अतः दी गई A.P के 12 पदों का योग 636 है।

प्रश्न 5.
किसी A. P का प्रथम पद 5, अन्तिम पद 45 और योग 400 है। पदों की संख्या और सार्वअन्तर ज्ञात कीजिए।
हल:
दिया है, प्रथम पद a = 5,
अन्तिम पद l = an = 45
और Sn = 400
∵ an = 45
a + (n – 1)d = 45
⇒ 5 + (n – 1)d = 45
⇒ (n – 1)d = 45 – 5
⇒ (n – 1)d = 40 ….(1)
और Sn = 400
\(\frac{n}{2}\)[a + l] = 400
⇒ \(\frac{n}{2}\)[5 + 45] = 400
⇒ 25n = 400
∴ n = \(\frac{400}{25}\) = 16
n का मान समीकरण (1) में प्रतिस्थापित करने पर,
(16 – 1)d = 40
⇒ 15d = 40
∴ d = \(\frac{40}{15}=\frac{8}{3}\)
अत: n = 16 और d = \(\frac{8}{3}\)

प्रश्न 6.
किसी A. P. के प्रथम और अन्तिम पद क्रमशः 17 और 350 हैं। यदि सार्वअन्तर 9 है, तो इसमें कितने पद हैं और इनका योग क्या है ?
हल:
दिया है,
प्रथम पद a = 17
अन्तिम पद l = an = 350
और सार्वअन्तर d = 9
∵ an = 350
a + (n – 1)d = 350
⇒ 17 + (n – 1)9 = 350
⇒ 9(n – 1) = 350 – 17 = 333
⇒ n – 1 = \(\frac{333}{9}\) = 37
n = 37 + 1 = 38
अब Sn = \(\frac{n}{2}\)(a + l)
= \(\frac{38}{2}\)(17 + 350)
= 19 × 367 = 6973
अतः n = 38 और पदों का योग (Sn) = 6973

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प्रश्न 7.
उस A. P. के प्रथम 22 पदों का योग ज्ञात कीजिए, जिसमें d = 7 है और 22वाँ पद 149 है।
हल:
d = 7, n = 22
∵ 22वाँ पद a22 = 149
⇒ a + (22 – 1)d = 149
⇒ a + 21 × 7 = 149
⇒ a + 147 = 149
∴ a = 149 – 147 = 2
तब प्रथम 22 पदों का योग
S22 = \(\frac{n}{2}\)(a + l) = \(\frac{22}{2}\)(2 + 149)
= 11 × 151 = 1661
अतः दी गई A.P के प्रथम 22 पदों का योग = 1661

प्रश्न 8.
उस A. P. के प्रथम 51 पदों का योग ज्ञात कीजिए, जिसके दूसरे और तीसरे पद क्रमशः 14 और 18 हैं।
हल:
A.P का दूसरा पद a2 = 14
तथा तीसरा पद a3 = 18
∴ सार्वअन्तर d = a3 – a2 = 18 – 14 = 4
∵ दूसरा पद = 14
∴ a + d = 14
⇒ a + 4 = 14
⇒ a = 14 – 4
⇒ a = 10
∵ a = 10, d = 4
तब n पदों का योग Sn = \(\frac{n}{2}\)[2a + (n – 1)d]
S51 = \(\frac{51}{2}\) [2 × 10 + (51 – 1)4]
= \(\frac{51}{2}\)[20 + 50 × 4]
= \(\frac{51}{2}\)[20 +200]
= \(\frac{51}{2}\) × 220 = 51 × 110 = 5610
अतः दी गई A.P के प्रथम 51 पदों का योग = 5610

प्रश्न 9.
यदि किसी A.P. के प्रथम 7 पदों का योग 49 है और प्रथम 17 पदों का योग 289 है, तो इसके प्रथम n पदों का योग ज्ञात कीजिए।
हल:
माना A.P का पहला पद a तथा सार्वअन्तर d है।.
∵ प्रथम 7 पदों का योग
S7 = 49
⇒ \(\frac{7}{2}\)[2a + (7 – 1)d] = 49
[∵ सूत्र Sn = \(\frac{n}{2}\)[2a + (n – 1)d] से]
⇒ \(\frac{7}{2}\)[2a + 6d] = 49
⇒ 7(a + 3d ) = 49
⇒ a + 3d = \(\frac{49}{7}\)
⇒ a + 3d = 7
⇒ a = 7 – 3d …(1)
दूसरी शर्त के अनुसार,
S17 = 289
⇒ \(\frac{n}{2}\)[2a + (n – 1)d] = 289
⇒ \(\frac{17}{2}\)[2a + (17 – 1)d] = 289
⇒ \(\frac{1}{2}\)[2a + 16d] = \(\frac{289}{17}\)
⇒ a + 8d = 17
a का मान समीकरण (1) से प्रतिस्थापित करने पर,
7 – 3d + 8d = 17
5d = 17 – 7 = 10
d = \(\frac{10}{5}\) = 2
d का मान समीकरण (1) में प्रतिस्थापित करने पर,
a = 7 – 3 × 2
= 7 – 6 = 1
अब Sn = \(\frac{n}{2}\)[2a + (n – 1)d]
= \(\frac{n}{2}\)[2 × 1 + (n – 1) × 2]
= \(\frac{n}{2}\)[2 + 2n – 2]
= \(\frac{n}{2}\) × [2n] = n × n = n2
अतः दी गई A.P. के प्रथम n पदों का योग n2 है।

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प्रश्न 10.
दर्शाइए किa1, a2, …, an, … से एक A. P. बनती है, यदि an नीचे दिए अनुसार परिभाषित है :
(i) an = 3 + 4n,
(ii) an = 9 – 5n
साथ ही, प्रत्येक स्थिति में, प्रथम 15 पदों का योग ज्ञात कीजिए।
हल:
(i) दिया है, an = 3 + 4n …(1)
n के विभिन्न मान समीकरण (1) में प्रतिस्थापित करने पर,
a1 = 3 + 4 (1) = 7
a2 = 3 + 4(2) = 11
a3 = 3 + 4(3) = 15, …
सार्वअन्तर (d) = a2 – a1 = 11 – 7 = 4
a3 – a2 = 15 – 11 = 4
∵ a2 – a1 = a3 – a2 = 4
अतः अनुक्रम 7, 11, 15, …. है।
और दिया गया अनुक्रम A.P. है।
यहाँ a = 7, d = 4 और n = 15
Sn = \(\frac{n}{2}\)[2a + (n – 1)d]
∴ S15 = \(\frac{15}{2}\)[2(7) + (15 – 1)4]
= \(\frac{15}{2}\)[14 + 56]
= \(\frac{15}{2}\) × 70 = 15 × 35 = 525
∴ S15 = 525

(ii) दिया है कि an = 9 – 5n …. (1)
n के विभिन्न मान समीकरण (1) में प्रतिस्थापित करने पर,
a1 = 9 – 5(1) = 4
a2 = 9 – 5(2) = -1
a3 = 9 – 5(3) = -6
सार्वअन्तर (d) = a2 – a1 = – 1 – 4 = -5
और a3 – a2 = – 6 + 1 = -5
∵ a2 – a1 = a3 – a2 = -5
अतः अनुक्रम 4, -1, -6 … है।
और दिया गया अनुक्रम A.P. है।
यहाँ a = 4, d = – 5 और n = 15
तब प्रथम 15 पदों का योगफल ज्ञात करना है।
Sn = \(\frac{n}{2}\)[2a + (n – 1)d]
S15 = \(\frac{15}{2}\) [2 × 4 + (15 – 1) × (-5)]
= \(\frac{15}{2}\)[8 + 14 × (-5)]
= \(\frac{15}{2}\)[8 – 70]
\(\frac{15}{2}\) × (-62) = 15 × (-31) = -465
अत: S15 = -465

प्रश्न 11.
यदि किसी A.P के प्रथम n पदों का योग 4n – n2 है, तो इसका प्रथम पद (अर्थात् S1) क्या है ? प्रथम दो पदों का योग क्या है? दूसरा पद क्या है ? इसी प्रकार, तीसरे 10वें और nवें पद ज्ञात कीजिए।
हल:
∵ A.P के प्रथम n पदों का योगफल
Sn = 4n – n2
n = 1 रखने पर,
S1 = 4 × 1 – 12= 3
∴ प्रथम पद a1 = S1 = 3
n = 2 रखने पर,
S2 = 4 × 2 – 22 = 8 – 4 = 4
द्वितीय पद a2 = S2 – S1 = 4 – 3 = 1
n = 3 रखने पर,
S3 = 4 × 3 – 32 = 12 – 9 = 3
∴ तीसरा पद a3 = S3 – S2
[∵ an = Sn – Sn-1]
= 3 – 4 = -1
n = 9 रखने पर,
S9 = 4 × 9 – 92 = 36 – 81 = -45
∴ 10 रखने पर
S10 = 4 × 10 – 102
= 40 – 100 = -60
n = 10वीं पद a10 = S10 – S9
= -60 – (-45)
= -60 + 45 = -15
∵ Sn = 4n – n2
और Sn-1 = 4 (n – 1) – (n – 1)2
= (n – 1) {4 – n + 1}
= (n – 1) (5 – n)
= 5n – n2 – 5 + n
= 6n – n2 – 5
अब an = Sn – Sn-1
= (4n – n2) – (6 – n2 – 5)
= 4n – n2 – 6n + n2 + 5
= 5 – 2n
अतः S1 =3
प्रथम दो पदों का योग S2 = 4
दूसरा पद a2 = 1
तीसरा पद a3 = -1
10वीं पद a10 = -15
तथा n वाँ पद an = 5 – 2n

प्रश्न 12.
ऐसे प्रथम 40 धन पूर्णांकों का योग ज्ञात कीजिए जो 6 से विभाज्य हैं।
हल:
6 से विभाज्य धन पूर्णांकों की सूची :
6, 12, 18, 24, 30, …. 40 पदों तक
प्रथम पद a = 6 तथा सार्वअन्तर d = 12 – 6 = 6, n = 40
∵ प्रथम n पदों का योगफल Sn = \(\frac{n}{2}\)[2a + (n – 1)d]
∴ प्रथम 40 पदों का योगफल
S40 = \(\frac{40}{2}\)[2 × 6 + (40 – 1)6]
= 20[12 + 39 × 6]
= 20[12 + 234]
= 20 × 246 = 4920
अत: 6 से विभाज्य प्रथम 40 धन पूर्णांकों का योग = 4920

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प्रश्न 13.
8 के प्रथम 15 गुणजों का योग ज्ञात कीजिए।
हल:
8 के प्रथम 15 गुणजों की सूची :
8, 16, 24, 32… 15 पदों तक
∴ S = 8 + 16 + 24 + 32 + … + 120
= 8[1 + 2 + 3 + 4 +…+ 15]
= 8 [\(\frac{15}{2}\)(1 + 15)] [सूत्र: Sn = [\(\frac{n}{2}\)(a + l)से]
= 8[\(\frac{15}{2}\) × 16]
= 8 × 120 = 960
अतः 8 के प्रथम 15 गुणजों का योगफल = 960

प्रश्न 14.
0 और 50 के बीच की विषम संख्याओं का योग ज्ञात कीजिए।
हल:
0 और 50 के बीच की विषम संख्याओं की सूची:
1, 3, 5, 7, …., 49
प्रथम पद a = 1, सार्वअन्तर d = 3 – 1 = 2, an = 49
∵ an = 49
∴ a(n – 1)d = 49
⇒ 1 + (n – 1)2 = 49
⇒ (n – 1)2 = 48
⇒ (n – 1) = 24
∴ n = 25
A.P. 1, 3, 5, 7, …. का 25 पदों तक योगफल
∵ Sn = \(\frac{n}{2}\)[2a + (n – 1)d]
S25 = \(\frac{25}{2}\)[2 × 1 + (25 – 1) × 2]
= \(\frac{25}{2}\)[2 + 24 × 2]
= \(\frac{25}{2}\) [2 + 48]
= \(\frac{25}{2}\) × 50 = 625
अतः 0 और 50 के बीच विषम संख्याओं का योगफल = 625

प्रश्न 15.
निर्माण कार्य से सम्बन्धित किसी ठेके में, एक निश्चित तिथि के बाद कार्य को विलम्ब से पूरा करने के लिए जुर्माना लगाने का प्रावधान इस प्रकार है: पहले दिन के लिए ₹ 200, दूसरे दिन के लिए ₹ 250, तीसरे दिन के लिए ₹ 300, इत्यादि, अर्थात् प्रत्येक उत्तरोत्तर दिन का जुर्माना अपने से ठीक पहले दिन के जुर्माने से ₹ 50 अधिक है। एक ठेकेदार को जुर्माने के रूप में कितनी राशि अदा करनी पड़ेगी, यदि वह इस कार्य में 30 दिन का विलम्ब कर देता है ?
हल:
दिया है, पहले, दूसरे और तीसरे दिन के विलम्ब के लिए जुर्माना है- ₹ 200, ₹ 250, ₹ 300
अब, जुर्माना अगले दिन ₹ 50 के अन्तर से बढ़ता जाता है :
∴ ₹ 200 ₹ 250, ₹ 300, ₹ 350… यह एक समान्तर श्रेढी है।
प्रथम पद a = 200; d = 50 और n = 30
30 दिन के पश्चात् दी जाने वाली जुमनि की राशि = S30
Sn = \(\frac{n}{2}\)[2a + (n – 1)d]
S30 = \(\frac{30}{2}\)[2(200) + (30 – 1)50]
= 15[400 + 1450] = 15(1850) = 27750
अतः यदि ठेकेदार कार्य में 30 दिन विलम्ब करता है, तो उसे जुर्माने के रूप में ₹ 27,750 देने होंगे।

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 5 समांतर श्रेढ़ियाँ Ex 5.3

प्रश्न 16.
किसी स्कूल के विद्यार्थियों को उनके समग्र शैक्षिक प्रदर्शन के लिए 7 नकद पुरस्कार देने के लिए ₹ 700 की राशि रखी गई है। यदि प्रत्येक पुरस्कार अपने से ठीक पहले पुरस्कार से ₹ 20 कम है, तो प्रत्येक पुरस्कार का मान ज्ञात कीजिए।
हल:
माना पहला पुरस्कार ₹ a है।
∴ दूसरा पुरस्कार a2 = ₹ (a – 20)
तीसरा पुरस्कार a3 = ₹ a – 20 – 20
= ₹ (a – 40)
∴ समान्तर श्रेढी a, (a – 20) (a – 40), … है।
यहाँ प्रथम पद = a, सार्वअन्तर d = (a – 20) – a = – 20
पदों की संख्या n = 7 तथा 7 पदों का योगफल S7 = 700
तब, Sn = \(\frac{n}{2}\)[2a + (n – 1)d]
S7 = \(\frac{7}{2}\)[2a + (7 – 1) (-20)]
700 = \(\frac{7}{2}\)[2a + 6(-20)]
700 = \(\frac{7}{2}\)[2a – 120]
700 = \(\frac{7}{2}\)2(a – 60)
\(\frac{700}{7}\) = a – 60
a = 100 + 60
a = 160
पहला पुरस्कार = ₹ 160 शेष पुरस्कार क्रम से ₹20-20 कम हैं।
अतः पुरस्कार ₹ 160, ₹ 140 ₹ 120, ₹ 100, ₹ 80, ₹ 60, ₹ 40 है।

प्रश्न 17.
एक स्कूल के विद्यार्थियों ने वायु प्रदूषण कम करने के लिए स्कूल के अन्दर और बाहर पेड़ लगाने के बारे में सोचा। यह निर्णय लिया गया कि प्रत्येक कक्षा का प्रत्येक अनुभाग अपनी कक्षा की संख्या के बराबर पेड़ लगाएगा। उदाहरणार्थ, कक्षा 1 का एक अनुभाग 1 पेड़ लगाएगा, कक्षा II का एक अनुभाग 2 पेड़ लगाएगा, कक्षा III का एक अनुभाग 3 पेड़ लगाएगा, इत्यादि और ऐसा कक्षा XII तक के लिए चलता रहेगा। प्रत्येक कक्षा के तीन अनुभाग हैं। इस स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा लगाए गए कुल पेड़ों की संख्या कितनी होगी ?
हल:
प्रत्येक कक्षा में तीन अनुभाग हैं।
कक्षा I द्वारा लगाए गए कुल पेड़ = 3 × 1 =3
कक्षा II द्वारा लगाए गए कुल पेड़ = 3 × 2 = 6
कक्षा III द्वारा लगाए गए कुल पेड़ = 3 × 3 = 9
कक्षा IV द्वारा लगाए गए कुल पेड़ = 3 × 4 = 12
……………………………………………….
……………………………………………….
तब 3, 6, 9, 12, ……….. एक समान्तर श्रेढी बनती है।
यहाँ a = 3, सार्वअन्तर d = 6 – 3 = 3
तब कक्षा XII तक के कुल विद्यार्थियों द्वारा लगाए गए पेड़ों का योगफल = S12
∵ Sn= \(\frac{n}{2}\)[2a – (n – 1)d]
∴ S12 = \(\frac{12}{2}\)[2 × 3 + (12 – 1) × 3]
= 6[6 + 33] = 6 × 39 = 234
अतः वायु प्रदूषण को रोकने के लिए विद्यार्थियों द्वारा लगाए गए पेड़ों की संख्या 234 होगी,

प्रश्न 18.
केन्द्र A से प्रारम्भ करते हुए, बारी-बारी से केन्द्रों A और B को लेते हुए, त्रिज्याओं 0.5 cm, 1.0 cm, 1.5 cm, 2.0 cm… वाले उतरोत्तर अर्धवृत्तों को खींचकर एक सर्पिल (Spiral) बनाया गया है, जैसा कि आकृति में दर्शाया गया है। 13 क्रमागत अर्धवृत्तों से बने इस सर्पिल की कुल लम्बाई क्या है ? (लीजिए π = \(\frac{22}{7}\))
हल:
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 5 समांतर श्रेढ़ियाँ Ex 5.3 4
पहले अर्धवृत्त की त्रिज्या r1 = 0.5 सेमी
दूसरे अर्धवृत्त की त्रिज्या r2 = 1.0 सेमी
तीसरे अर्धवृत्त की त्रिज्या r3 = 1.5 सेमी
चौथे अर्धवृत्त की त्रिज्या r4 = 2.0 सेमी
………………………………………
………………………………………
13 वें अर्धवृत्त की त्रिज्या r13 = ?
प्रथम पद (r1) = r = 0.5 सेमी
सार्वअन्तर d = 1.0 – 0.5
= 0.5 सेमी
पदों की संख्या n = 13
∴ r13 = r + (n – 1)d
= 0.5 + (13 – 1) × 0.5
⇒ r13 = 0.5 + 12 × 0.5
= 0.5 + 6.0 = 6.5
∴ r13 = 6.5 सेमी
इन अर्धवृत्तों की वृत्तीय परिधियाँ:
πr1, πr2, πr3, …… πr13
∴ 13 क्रमागत अर्धवृत्तों से बने सर्पिल की लम्बाई
= πr1 + πr2 + πr3 + πr4 +…. + πr13
= π[r1 + r2 + r3 + r4 +…+ r13]
= π[0.5 + 1.0 + 1.5 + 2.0 +…+ 6.5]
= π[\(\frac{13}{2}\)(0.5 + 6.5)] [सूत्र Sn = \(\frac{n}{2}\)[a + l] से]
= π[\(\frac{13}{2}\) × 7.0] = \(\frac{22}{7} \times \frac{13}{2} \times 7\) [π = \(\frac{22}{7}\)]
= 143
अतः सर्पिल की लम्बाई = 143 सेमी

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 5 समांतर श्रेढ़ियाँ Ex 5.3

प्रश्न 19.
200 लट्ठों (logs) को णेरी के रूप में इस प्रकार रखा जाता है सबसे नीचे वाली पंक्ति में 20 लट्ठे, उससे अगली पंक्ति में 19 लट्ठे, उससे अगली पंक्ति में 18 लट्ठे, इत्यादि (देखिए आकृति)। ये 200 लट्ठे कितनी पंक्तियों में रखे गए हैं तथा सबसे ऊपरी पंक्ति में कितने लट्ठे हैं ?
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 5 समांतर श्रेढ़ियाँ Ex 5.3 5
हल:
यहाँ Sn = 200, a1 = 20, a2 = 19, a3 = 18
d = 19 – 20 = 18 – 19 = -1
माना पंक्तियों की संख्या = n
Sn = \(\frac{n}{2}\)[2a + (n – 1) × d]
200 = \(\frac{n}{2}\)[2 × 20 + (n – 1) × – 1]
⇒ 400 = n (40 – n + 1)
⇒ 400 = n(41 – n)
⇒ 400 = 41n – n2
⇒ n2 – 41n + 400 = 0
⇒ n2 – 25n – 16n + 400 = 0
⇒ n(n – 25) – 16(n – 25) = 0
⇒ (n – 25)(n – 16) = 0
∴ n = 25 या n = 16
अतः पंक्तियों की संख्या 25 या 16 होगी।
Q25 = a + (n – 1)d
= 20 + (24) × (-1) = -4, जो कि सम्भव नहीं है।
Q16 = a + (n – 1)d
= 20 + 15 × (-1) = 20 – 15 = 5
अतः 16 पंक्तियाँ है तथा सबसे ऊपरी पंक्ति में 5 लट्ठे रखे गये हैं।

प्रश्न 20.
एक आलू दौड़ (potato race) में, प्रारम्भिक स्थान पर एक बाल्टी रखी हुई है, जो पहले आलू से 5 मीटर की दूरी पर है तथा अन्य आलुओं को एक सीधी रेखा में परस्पर 3 मीटर की दूरियों पर रखा गया है। इस रेखा पर 10 आलू रखे गए हैं, जैसा कि चित्र में दिखाया गया है।
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 5 समांतर श्रेढ़ियाँ Ex 5.3 6
प्रत्येक प्रतियोगी बाल्टी से चलना प्रारम्भ करती है, निकटतम आलू को उठाती है, उसे लेकर वापस आकर दौड़कर बाल्टी में डालती है, दूसरा आलू उठाने के लिए वापस दौड़ती है, उसे उठाकर वापस बाल्टी में डालती है, और वह ऐसा तब तक करती रहती है, जब तक सभी आलू बाल्टी में न आ जाएँ। इसमें प्रतियोगी को कुल कितनी दूरी दौड़नी पड़ेगी ?
हल:
पहले आलू की बाल्टी से दूरी = 5 मीटर
दूसरे आलू की बाल्टी से दूरी = (5 + 3) = 8 मीटर
तीसरे आलू की बाल्टी से दूरी = (8 + 3) = 11 मीटर
चौथे आलू की बाल्टी से दूरी = (11 + 3) = 14 मीटर
∵ एक बार बाल्टी से चलकर आलू को उठाना पड़ता है और उसे फिर बाल्टी में वापस डालना पड़ता है।
∴ पहला आलू उठाने के लिए तय की गई दूरी = 2 × 5 = 10 मीटर
उत्तरोत्तर आलुओं के बीच की दूरी = 3 मीटर
∴ दूसरा आलू उठाने के लिए तय की गई दूरी = 2 × 8 = 16 मीटर
तीसरा आलू उठाने के लिए तय की गई दूरी = 2 × 11 = 22 मीटर
चौथा आलू उठाने के लिए तय की गई दूरी = 2 × 14 = 28 मीटर
और यह प्रक्रिया चलती रहती है। इससे स्पष्ट है कि यह स्थिति एक A. P. बन जाती है।
10 मी., 16 मी., 22 मी., 28 मी., …… 10 पदों तक
∴ a = 10
d = 16 – 10 = 6
n = 10
प्रतियोगी को कुल दूरी दौड़नी पड़ेगी = S10
Sn = \(\frac{n}{2}\)[2a + (n – 1)d]
S10 = \(\frac{10}{2}\)[2 × 10 + (10 – 1) × 6]
= 5[20 + 9 × 6] = 5[20 + 54]
= 5 × 74 = 370 मीटर
अतः प्रतियोगी द्वारा चली दूरी = 370 मीटर।

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 14 सांख्यिकी Ex 14.1

Jharkhand Board JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 14 सांख्यिकी Ex 14.1 Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 10 Maths Solutions Chapter 14 सांख्यिकी Exercise 14.1

प्रश्न 1.
विद्यार्थियों के एक समूह द्वारा पर्यावरण संचेतना अभियान के अंतर्गत एक सर्वेक्षण किया गया, जिसमें उन्होंने एक मोहल्ले के 20 घरों में लगे हुए पौधों से सम्बन्धित निम्नलिखित आँकड़े एकत्रित किए। प्रति घर माध्य पौधों की संख्या ज्ञात कीजिए ।
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 14 सांख्यिकी Ex 14.1 - 1
माध्य ज्ञात करने के लिए आपने किस विधि का प्रयोग किया और क्यों ?
हल :
उपर्युक्त सारणी में पौधों की संख्या और घरों की संख्या के मान अत्यधिक कम होने के कारण प्रत्यक्ष विधि का प्रयोग करेंगे :
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 14 सांख्यिकी Ex 14.1 - 2
∴ माध्य (\(\bar{x}\)) = \(\frac{\sum f_i x_i}{\sum f_i}\)
= \(\frac {162}{20}\) = 8.1
अतः प्रति घर में पौधों की माध्य संख्या = 8.1 पौधे ।

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 14 सांख्यिकी Ex 14.1

प्रश्न 2.
किसी फैक्टरी के 50 श्रमिकों की दैनिक मजदूरी के निम्नलिखित बंटन पर विचार कीजिए:
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 14 सांख्यिकी Ex 14.1 - 3
एक उपयुक्त विधि का प्रयोग करते हुए, इस फैक्टरी के श्रमिकों की माध्य दैनिक मजदूरी ज्ञात कीजिए।
हल :
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 14 सांख्यिकी Ex 14.1 - 4
∴ माध्य (\(\bar{x}\)) = \(\frac{\sum f_i x_i}{\sum f_i}\)
= \(\frac {27260}{50}\)
= ₹ 545.20
अतः श्रमिकों की माध्य दैनिक मजदूरी = ₹ 545.20

प्रश्न 3.
निम्नलिखित बंटन एक मोहल्ले के बच्चों के दैनिक जेब खर्च को दर्शाता है। माध्य जेब खर्च ₹18 है। लुप्त बारम्बारता f ज्ञात कीजिए :
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 14 सांख्यिकी Ex 14.1 - 5
हल :
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 14 सांख्यिकी Ex 14.1 - 6
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 14 सांख्यिकी Ex 14.1 - 7
अतः लुप्त बारम्बारता f = 20 है।

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 14 सांख्यिकी Ex 14.1

प्रश्न 4.
किसी अस्पताल में, एक डॉक्टर द्वारा 30 महिलाओं की जाँच की गई और उनके हृदय स्पंदन (beat) की प्रति मिनट संख्या नोट करके नीचे दर्शाए अनुसार संक्षिप्त रूप में लिखी गई। एक उपयुक्त विधि चुनते हुए, इन महिलाओं के हृदय स्पंदन की प्रति मिनट माध्य संख्या ज्ञात कीजिए ।
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 14 सांख्यिकी Ex 14.1 - 8
हल :
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 14 सांख्यिकी Ex 14.1 - 9
∴ माध्य (\(\bar{x}\)) = A + \(\frac{\sum f_i d_i}{\sum f_i}\)
= 75.5 + \(\frac {12}{30}\) = 75.5 + 0.4 = 75.9
अतः महिलाओं के हृदय स्पंदन की प्रति मिनट माध्य संख्या = 75.9

प्रश्न 5.
किसी फुटकर बाजार में, फल विक्रेता पेटियों में रखे आम बेच रहे थे। इन पेटियों में आमों की संख्याएँ भिन्न-भिन्न थी । पेटियों की संख्या के अनुसार, आमों का बंटन निम्नलिखित था :
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 14 सांख्यिकी Ex 14.1 - 10
एक पेटी में रखे आमों की माध्य संख्या ज्ञात कीजिए। आपने माध्य ज्ञात करने की किस विधि का प्रयोग किया है?
हल :
माना कल्पित माध्य (A) = 57, वर्ग माप (h) = 3
पद – विचलन विधि द्वारा :
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 14 सांख्यिकी Ex 14.1 - 11
माध्य (\(\bar{x}\)) = A + \(\frac{\sum f_i u_i}{\sum f_i}\) × h
⇒ \(\bar{x}\) = 57 + \(\frac {25}{400}\) × 3 = 57 + (0.0625) × 3
= 57 + 0.1875 = 57.1875 = 57.19 (लगभग)
अतः पेटी में रखे आमों की माध्य संख्या = 57.19 है। हमने पद विचलन विधि का प्रयोग किया है।

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 14 सांख्यिकी Ex 14.1

प्रश्न 6.
निम्नलिखित सारणी किसी मोहल्ले के 25 परिवारों में भोजन पर हुए दैनिक व्यय को दर्शाती है :
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 14 सांख्यिकी Ex 14.1 - 12
एक उपयुक्त विधि द्वारा भोजन पर हुआ माध्य व्यय ज्ञात कीजिए ।
हल :
माना कल्पित माध्य (A) = 225, वर्ग माप (h) = 50
पद- विचलन विधि से :
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 14 सांख्यिकी Ex 14.1 - 13
माध्य (\(\bar{x}\)) = A + \(\frac{\sum f_i u_i}{\sum f_i}\) × h
= 225 + \(\frac {-7}{25}\) × 50
= 225 + (-14) = 211
अतः प्रति परिवार भोजन पर होने वाला दैनिक व्यय का माध्य = ₹ 211

प्रश्न 7.
वायु में सल्फर डाइ आक्साइड (SO2) की सान्द्रता (भाग प्रति मिलियन में) को ज्ञात करने के लिए, एक नगर के 30 मोहल्लों से आँकड़े एकत्रित किए गए, जिन्हें नीचे प्रस्तुत किया गया है :
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 14 सांख्यिकी Ex 14.1 - 14
वायु में SO2 की सान्द्रता का माध्य ज्ञात कीजिए ।
हल :
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 14 सांख्यिकी Ex 14.1 - 15
अतः वायु में SO2 की सान्द्रता का माध्य = 0.099 भाग प्रति मिलियन

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 14 सांख्यिकी Ex 14.1

प्रश्न 8.
किसी कक्षा अध्यापिका ने पूरे सत्र के लिए अपनी कक्षा के 40 विद्यार्थियों की अनुपस्थिति निम्नलिखित रूप में रिकॉर्ड (record) की। एक विद्यार्थी जितने दिन अनुपस्थित रहा उनका माध्य ज्ञात कीजिए :
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 14 सांख्यिकी Ex 14.1 - 16
हल :
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 14 सांख्यिकी Ex 14.1 - 17
अतः एक विद्यार्थी जितने दिन अनुपस्थित रहा उनका माध्य= 12.48 दिन है।

प्रश्न 9.
निम्नलिखित सारणी 35 नगरों की साक्षरता दर (प्रतिशत में) दर्शाती है। माध्य साक्षरता दर ज्ञात कीजिए :
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 14 सांख्यिकी Ex 14.1 - 18
हल :
माना कल्पित माध्य (A) = 70
वर्ग माप (h) = 10
पद – विचलन विधि से :
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 14 सांख्यिकी Ex 14.1 - 19
माध्य (\(\bar{x}\)) = A + \(\frac{\sum f_i u_i}{\sum f_i}\) × h
\(\bar{x}\) = 70 + \(\frac {-2}{35}\) × 10 = 70 + \(\frac {-20}{35}\)
= 70 + (-0.57) = 70 – 0.57 = 69.43
अतः माध्य साक्षरता दर = 69.43% है।

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.2

Jharkhand Board JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.2 Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 10 Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Exercise 15.2

प्रश्न 1.
दो ग्राहक श्याम और एकता एक विशेष दुकान पर एक ही सप्ताह में जा रहे हैं (मंगलवार से शनिवार तक) । प्रत्येक द्वारा दुकान पर किसी दिन या किसी अन्य दिन जाने के परिणाम समप्रायिक हैं। इसकी क्या प्रायिकता है कि दोनों उस दुकान पर
(i) एक ही दिन जाएँगे ?
(ii) क्रमागत दिनों में जाएँगे?
(iii) भिन्न-भिन्न दिनों में जाएँगे ?
हल :
दो ग्राहक श्याम और एकता एक विशेष दुकान पर एक ही सप्ताह में (मंगलवार से शनिवार तक) जा रहे हैं। प्रत्येक ग्राहक द्वारा दुकान पर किसी दिन या किसी अन्य दिन जाने के परिणाम समप्रायिक हैं। सम्भव परिणाम निम्न होंगे-
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.2 - 1
(i) यदि दोनों ग्राहकों को एक ही दिन जाने के अनुकूल परिणाम (T, T); (W, W), (Th, Th), (F, F); (S, S)
दोनों ग्राहकों के एक ही दिन जाने के अनुकूल परिणामों की संख्या = 5
अतः दोनों ग्राहकों को दुकान पर एक ही दिन जाने की प्रायिकता = \(\frac{5}{25}=\frac{1}{5}\)
P(A) = \(\frac {1}{5}\)

(ii) ग्राहकों के क्रमागत दिनों में
अनुकूल परिणाम
(श्याम, एकता) = (T, W), (W, Th), (Th, F), (F, S)
या (एकता, श्याम) = (W, T), (Th, W), (F, Th), (S, F)
अतः कुल अनुकूल परिणामों की संख्या = 8
अतः दोनों ग्राहकों के क्रमागत दिनों में जाने की प्रायिकता = \(\frac {8}{25}\)

(iii) दोनों ग्राहकों को दुकान पर एक ही दिन न जाने की प्रायिकता P(A) = 1 – P(A) = 1 – \(\frac{1}{5}=\frac{4}{5}\)

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.2

प्रश्न 2.
एक पासे के फलकों पर संख्याएँ 1, 2, 2, 3, 3 और 6 लिखी हुई हैं। इसे दो बार फेंका जाता है तथा दोनों बार प्राप्त हुई संख्याओं के योग लिख लिए जाते हैं। दोनों बार फेंकने के बाद, प्राप्त योग के कुछ सम्भावित मान निम्नलिखित सारणी में दिए हैं। इस सारणी को पूरा कीजिए।
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.2 - 2
इसकी क्या प्रायिकता है कि कुल योग (i) एक सम संख्या होगा ?, (ii) 6 है ?, (iii) कम से कम 6 है ? सारणी की पूर्ति
हल:
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.2 - 3
(i) कुल योग सम संख्या होने के अनुकूल परिणाम = (2, 4, 4, 4, 4, 4, 4, 4, 4, 6, 6, 6, 6, 8, 8, 8, 8, 12)
कुल योग सम संख्या होने के अनुकूल परिणामों की संख्या = 18
अतः योग सम हीने की प्रायिकता = \(\frac{18}{36}=\frac{1}{2}\)

(ii) कुल योग 6 होने के अनुकूल परिणामों की संख्या = 4
अतः योग 6 होने की प्रायिकता = \(\frac{4}{36}=\frac{1}{9}\)

(iii) कुल योग कम से कम 6 होने के अनुकूल परिणाम = 7, 8, 8, 6, 6, 9, 6, 6, 9, 7, 8, 8, 9, 9, और 12 कुल योग कम से कम 6 होने के अनुकूल परिणामों की संख्या = 15
योग कम से कम 6 होने की प्रायिकंता = \(\frac{15}{36}=\frac{5}{12}\)

प्रश्न 3.
एक थैले में 5 लाल गेंद और कुछ नीली गेंदें हैं। यदि इस थैले में से नीली गेंद निकालने की प्रायिकता लाल गेंद निकालने की प्रायिकता की दुगनी है, तो थैले में नीली गेंदों की संख्या ज्ञात कीजिए।
हल :
माना थैले में नीली गेंदों की संख्या x है।
∴ कुल गेंदों की संख्या = 5 लाल + x नीली
= (5 + x)
थैले में से यादृच्छया 1 गेंद निकालने पर,
कुल सम्भव परिणामों की संख्या = (5 + x)
लाल गेंद निकलने के अनुकूल परिणामों की संख्या = 5
∴ लाल गेंद निकलने की प्रायिकता = \(\frac{5}{5+x}\)
नीली गेंद निकलने की प्रायिकता = \(\frac{x}{5+x}\)
नीली गेंद निकलने की प्रायिकता, लाल गेंद निकलने की प्रायिकता की दुगुनी है।
∴ \(\frac{x}{5+x}\) = 2 × \(\frac{5}{5+x}\)
⇒ \(\frac{x}{5+x}\) = \(\frac{10}{5+x}\)
∴ x = 10
अतः थैले में नीली गेंदों की संख्या = 10

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.2

प्रश्न 4.
एक पेटी में 12 गेंदें हैं, जिनमें सेx गेंदें काली हैं। यदि इनमें से एक गेंद यादृच्छया निकाली जाती है, तो इसकी प्रायिकता ज्ञात कीजिए कि यह गेंद काली है।
यदि इस पेटी में 6 काली गेंदें और डाल दी जाएँ, तो काली गेंद निकालने की प्रायिकता पहली प्रायिकता की दुगनी हो जाती है। x का मान ज्ञात कीजिए।
हल :
पेटी में गेंदों की कुल संख्या = 12
काली गेंदों की संख्या = x
यदि पेटी में से एक गेंद यादृच्छया निकाली जाती है तो गेंद निकालने के कुल सम्भव परिणामों की संख्या = 12
निकाली गई गेंद काली होने के अनुकूल परिणामों की संख्या = x
अतः निकाली गई गेंद काली होने की प्रायिकता = \(\frac {x}{12}\)
यदि पेटी में 6 काली गेंदें और मिला दी जाएँ तो काली गेंद निकलने के अनुकूल परिणामों की संख्या = x + 6
कुल सम्भव परिणामों की संख्या 12 + 6 = 18
अतः अब काली गेंद निकलने की प्रायिकता = \(\frac{x+6}{18}\)
वर्तमान प्रायिकता = 2 × पहले की प्रायिकता
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.2 - 4

प्रश्न 5.
एक जार में 24 कंचे हैं जिनमें कुछ हरे हैं और शेष नीले हैं। यदि इस जार में से यादृच्छया एक कंचा निकाला जाता है तो इस कंचे के हरा होने की प्रायिकता \(\frac {2}{3}\) है। जार में नीले कंचों की संख्या ज्ञात कीजिए।
हल :
जार में कुल कंचों की संख्या 24 है।
कुल सम्भव परिणामों की संख्या = 24
माना जार में हरे कंचों की संख्या x है।
∴ घटना के अनुकूल परिणामों की संख्या = x
जब जार में से 1 कचा यादृच्छया निकाला जाता है तो
कंचे के हरे होने की प्रायिकता = \(\frac {x}{24}\)
दिया है, कंचे के हरे होने की प्रायिकता = \(\frac {2}{3}\)
∴ \(\frac{x}{24}=\frac{2}{3}\)
⇒ 3x = 2 × 24
⇒ x = \(\frac {48}{3}\)
∴ x = 16
जार में हरे कंचों की संख्या = 16
तथा जार में नीले कंचों की संख्या = 24 – 16 = 8
अतः जार में नीले कंचों की संख्या = 8

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.1

Jharkhand Board JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.1 Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 10 Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Exercise 15.1

प्रश्न 1.
निम्नलिखित कथनों को पूरा कीजिए :

  1. घटना E की प्रायिकता + घटना ‘E नहीं’ की प्रायिकता = ……………. है।
  2. उस घटना की प्रायिकता जो घटित नहीं हो सकती है। ऐसी घटना ………. कहलाती है।
  3. उस घटना की प्रायिकता जिसका घटित होना निश्चित है ………. है। ऐसी घटना ………….. कहलाती है।
  4. किसी प्रयोग की सभी प्रारम्भिक घटनाओं की प्रायिकताओं का योग ………….. है ।
  5. किसी घटना की प्रायिकता ………. से बड़ी या उसके बराबर होती है तथा ……….. से छोटी या उसके बराबर होती है।

हल :

  1. घटना E की प्रायिकता + घटना ‘E नहीं’ की प्रायिकता = 1 है।
  2. उस घटना की प्रायिकता जो घटित नहीं हो सकती, शून्य है। ऐसी घटना असम्भव घटना कहलाती है।
  3. उस घटना की प्रायिकता जिसका घटित होना निश्चित है, 1 है ऐसी घटना निश्चित घटना कहलाती है।
  4. किसी प्रयोग की सभी प्रारम्भिक घटनाओं की प्रायिकताओं का योग एक होता है।
  5. किसी घटना की प्रायिकता शून्य से बड़ी या उसके बराबर होती है तथा एक से छोटी या उसके बराबर होती है।

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.1

प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रयोगों में से किन-किन प्रयोगों के परिणाम समप्रायिक हैं ? स्पष्ट कीजिए।

  1. एक ड्राइवर कार चलाने का प्रयत्न करता है। कार चलना प्रारम्भ हो जाती है या कार चलना प्रारम्भ नहीं होती है।
  2. एक खिलाड़ी बास्केटबॉल को बास्केट में डालने का प्रयत्न करती है। वह बास्केट में बॉल डाल पाती है या नहीं डाल पाती है।
  3. एक सत्य-असत्य प्रश्न का अनुमान लगाया जाता है। उत्तर सही है या गलत होगा।
  4. एक बच्चे का जन्म होता है। वह एक लड़का है या एक लड़की है।

हल :

  1. एक ड्राइवर कार चलाने का प्रयत्न करता है। अधिकांश सम्भावना कार चलना प्रारम्भ होने की है, कार चलना प्रारम्भ न होने की सम्भावना कम ही है। अतः यह प्रयोग समप्रायिक नहीं है।
  2. एक खिलाड़ी बास्केटबॉल को बास्केट में डालने का प्रत्यत्न करती है। एक ही परिस्थिति में उसकी सफलता या असफलता की सम्भावना समान नहीं होती। अतः यह प्रयोग समप्रायिक नहीं है।
  3. एक सत्य-असत्य प्रश्न का अनुमान लगाया जाता है। अनुमान के सही होने की प्रायिकता भी उतनी ही है जितनी कि उसके गलत होने की। अतः यह प्रयोग समप्रायिक है।
  4. एक बच्चे का जन्म होने पर उसके लड़के या लड़की होने की सम्भावनाएँ समान हैं, अतः प्रयोग समप्रायिक है।

प्रश्न 3.
फुटबॉल के खेल को प्रारम्भ करते समय यह निर्णय लेने के लिए कि कौन-सी टीम पहले बॉल लेगी, इसके लिए सिक्का उछालना एक न्यायसंगत विधि क्यों माना जाता है ?
हल :
क्योंकि जब सिक्के को उछाला जाता है तो केवल दो ही सम्भावनाएँ होती हैं अर्थात् सिक्का सममित होने के कारण यह समप्रायिक है एवं उसकी उछाल (Tossing) निष्पक्ष (Unbiased) होती है ।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित में से कौन-सी संख्या किसी घटना की प्रायिकता नहीं हो सकती ?
(A) \(\frac {2}{3}\)
(B) – 1.5
(C) 15%
(D) 0.7
हल :
प्रयोग में किसी घटना के घटित होने या घटित न होने की सम्भावना शून्य भले ही हो परन्तु ऋणात्मक कभी नहीं होती हैं।
अतः स्पष्ट है कि विकल्प (B) में दी गई ऋणात्मक (Negative) संख्या किसी घटना की प्रायिकता नहीं हो सकती है।

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.1

प्रश्न 5.
यदि P(E) = 0.05 है, तो ‘E नहीं’ की प्रायिकता क्या है ?
हल :
∵ ‘E’ नहीं’ की प्रायिकता = 1 – P(E)
= 1 – 0.05 = 0.95
अतः घटना ‘E’ नहीं’ की प्रायिकता = 0.95

प्रश्न 6.
एक थैले में केवल नींबू की महक वाली मीठी गोलियाँ हैं। मालिनी बिना थैले में झाँके उसमें से एक गोली निकालती है। इसकी क्या प्रायिकता है कि वह निकाली गई गोली
(i) सन्तरे की महक वाली है ?
(ii) नींबू की महक वाली है ?
हल :
∵ थैले में केवल नींबू की महक वाली गोलियाँ ही हैं। यदि थैले में से यादृच्छया (Randomly) एक गोली निकाल ली जाती है तो
(i) निकाली गई गोली ‘सन्तरे की महक वाली’ होने की घटना की सम्भावना शून्य है क्योंकि सभी गोलियाँ नींबू की महक वाली हैं।
अतः निकाली गई गोली सन्तरे की महक वाली है, इसकी प्रायिकता शून्य होगी।

(ii) सभी गोलियों में नींबू की महक है।
∵ नींबू की महक वाली गोली निकलने की घटना निश्चित है।
अतः इसकी प्रायिकता होगी।
अत: (i) सन्तरे की महक वाली गोलियों की प्रायिकता = 0
(ii) नींबू की महक वाली गोलियों की प्रायिकता = 1

प्रश्न 7.
यह दिया हुआ है कि 3 विद्यार्थियों के एक समूह में से 2 विद्यार्थियों के जन्मदिन एक ही दिन न होने की प्रायिकता 0.992 है। इसकी क्या प्रायिकता है कि इन 2 विद्यार्थियों का जन्मदिन एक ही दिन हो ?
हल :
यदि 3 विद्यार्थियों में से 2 विद्यार्थियों के जन्मदिन एक ही दिन होने और एक ही दिन न होने की घटनाएँ परस्पर पूरक घटनाएँ हैं।
2 विद्यार्थियों के जन्मदिन एक ही दिन न होने की P(E) = 0.992
अतः दोनों विद्यार्थियों के जन्मदिन एक ही दिन होने की प्रायिकता P(E) = 1 – 0.992 = 0.008

प्रश्न 8.
एक थैले में 3 लाल और 5 काली गेंदें हैं। इस थैले में से एक गेंद यादृच्छया निकाली जाती है। इसकी प्रायिकता क्या है कि गेंद (i) लाल हो ? (ii) लाल नहीं हो ?
हल :
थैले में गेंदों की कुल संख्या
= 3 लाल + 5 काली = 8
थैले में से एक गेद यादृच्छया निकालने पर, कुल सम्भावित परिणामों की संख्या = 8
(i) गेंद लाल (R) होने की घटना के अनुकूल परिणामों की संख्या = 3
गेंद लाल होने की प्रायिकता
P(R) = घटना (R) के अनुकूल परिणामों की संख्या / कुल सम्भव परिणामों की संख्या
= \(\frac {3}{8}\)
अतः गेंद लाल होने की प्रायिकता = \(\frac {3}{8}\)

(ii) तब गेंद लाल न होने की प्रायिकता
= 1 – गेंद लाल होने की प्रायिकता
= 1 – \(\frac{3}{8}=\frac{5}{8}\)
अत: (i) गेंद लाल होने की प्रायिकता = \(\frac {3}{8}\)
(ii) गेंद लाल न हो इसकी प्रायिकता = \(\frac {5}{8}\)

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.1

प्रश्न 9.
एक डिब्बे में 5 लाल कंचे, 8 सफेद कंचे और 4 हरे कंचे हैं। इस डिब्बे में से एक कंचा यादृच्छया निकाला जाता है। इसकी क्या प्रायिकता है कि निकाला गया कंचा
(i) लाल है ?
(ii) सफेद है?
(iii) हरा नहीं है?
हल :
लाल कंचों की संख्या = 5
सफेद कंचों की संख्या = 8
हरे कंचों की संख्या = 4
डिब्बे में कंचों की कुल संख्या = 5 + 8 + 4 = 17
जब डिब्बे में से एक कंचा निकाला जाता है, तो सम्भावित कुल परिणामों की संख्या = 17

(i) निकाला गया कंचा लाल (R) होने की घटना के अनुकूल परिणामों की संख्या = 5
अतः निकाला गया कंचा लाल हो, इसकी प्रायिकता
P(R) = घटना (R) के अनुकूल परिणामों की संख्या / कुल सम्भव परिणामों की संख्या
= \(\frac {5}{17}\)

(ii) निकाला गया कंचा सफेद (W) हो, इसके अनुकूल परिणामों की संख्या = 8
अतः निकाला गया कंचा सफेद होने की प्रायिकता = घटना (W) के अनुकूल परिणामों की संख्या / कुल सम्भव परिणामों की संख्या
= \(\frac {8}{17}\)

(iii) निकाला गया कंचा हरा न G’ होने के अनुकूल परिणामों की संख्या = 5 + 8 = 13
अतः निकाला गया कंचा हरा न होने की प्रायिकता
P(G’) = घटना G’ के अनुकूल परिणामों की संख्या / कुल सम्भव परिणामों की संख्या
= \(\frac {13}{17}\)

प्रश्न 10.
एक पिग्गी बैंक (Piggy Bank) में, 50 पैसे के सौ सिक्के, ₹1 के पचास सिक्के, ₹2 के बीस सिक्के और ₹5 के दस सिक्के हैं। यदि पिग्गी बैंक को हिलाकर उल्टा करने पर कोई एक सिक्का गिरने का परिणाम समप्रायिक है, तो इसकी क्या प्रायिकता है कि वह गिरा हुआ सिक्का (i) 50 पैसे का होगा ? (ii) ₹5 का नहीं होगा
हल :
50 पैसे के सिक्कों की संख्या = 100
₹1 के सिक्कों की संख्या = 50
₹2 के सिक्कों की संख्या = 20
₹5 के सिक्कों की संख्या = 10
सिक्कों की कुल संख्या
= 100 + 50 + 20 + 10 = 180
कुल सम्भव परिणामों की संख्या = 180

(i) ∵ 50 पैसे के 100 सिक्के हैं।
∴ 50 पैसे के सिक्के प्राप्त करने की प्रायिकता
= अनुकूल परिणामों की संख्या. / कुल सम्भव परिणामों की संख्या
= \(\frac {100}{180}\)
P(50 पैसे के सिक्के) = \(\frac {5}{9}\)

(ii) ∵ ₹5 के सिक्कों की संख्या = 10
∴ 5 रु. के सिक्के प्राप्त करने की प्रायिकता
= अनुकूल परिणामों की संख्या / कुल सम्भव परिणामों की संख्या
⇒ P (5 रु. के सिक्के) = \(\frac{10}{180}=\frac{1}{18}\)
₹5 के सिक्के प्राप्त न करने की प्रायिकता = 1 – P (₹5 के सिक्क)
P (₹5 के सिक्के न हो) = 1 – \(\frac{1}{18}=\frac{18-1}{18}=\frac{17}{18}\)

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.1

प्रश्न 11.
गोपी अपने जल-जीव कुण्ड (aquarium) के लिए एक दुकान से मछली खरीदती है। दुकानदार एक टंकी जिसमें 5 नर मछली और 8 मादा मछली हैं, में से एक मछली यादृच्छया उसे देने के लिए निकालती है (देखिए आकृति)। इसकी क्या प्रायिकता है कि निकाली गई मछली नर मछली है।
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.1 - 1
हल :
नर मछलियों की संख्या = 5
मादा मछलियों की संख्या = 8
जल -जीव कुण्ड में मछलियों की कुल संख्या = 5 + 8 = 13
कुल सम्भव परिणामों की संख्या = 13
नर मछली प्राप्त करने की प्रायिकता = अनुकूल परिणामों की संख्या / कुल सम्भव परिणामों की संख्या
P (नर मछली) = \(\frac {5}{13}\)

प्रश्न 12.
संयोग (chance) के एक खेल में, एक तीर को घुमाया जाता है, जो विश्राम में आने के बाद संख्याओं 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7 और 8 में से किसी एक संख्या को इंगित करता है। ( आकृति देखिए) यदि ये सभी परिणाम समप्रायिक हों तो इसकी क्या प्रायिकता है कि यह तीर इंगित –
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.1 - 2
(i) 8 को करेगा ?
(ii) एक विषम संख्या को करेगा ?
(iii) 2 से बड़ी संख्या को करेगा ?
(iv) 9 से छोटी संख्या को करेगा ?
हल :
संयोग के खेल में जब तीर को घुमाया जाता है। तो तीर के विश्राम में आने पर इंगित कुल सम्भव परिणामों की संख्या = 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8 = 8
(i) तीर द्वारा संख्या 8 को इंगित करने के अनुकूल परिणामों की संख्या = 1
∴ तीर द्वारा संख्या 8 को इंगित करने की प्रायिकता = घटना के अनुकूल परिणामों की संख्या / कुल सम्भव परिणामों की संख्या
= \(\frac {1}{8}\)

(ii) तीर द्वारा अंकित विषम संख्याएँ 1, 3, 5, 7
तीर द्वारा एक विषम संख्या अंकित करने के परिणामों की संख्या = 4
∴ विषम संख्या इंगित होने की प्रायिकता = घटना के अनुकूल परिणामों की संख्या / कुल सम्भव परिणामों की संख्या
= \(\frac{4}{8}=\frac{1}{2}\)

(iii) 2 से बड़ी संख्या को इंगित करने की घटना के कुल अनुकूल परिणाम = 3, 4, 5, 6, 7, 8
2 से बड़ी संख्या को इंगित करने की घटना के अनुकूल परिणामों की संख्या = 6
∴ 2 से बड़ी संख्या को इंगित करने की प्रायिकता = घटना के अनुकूल परिणामों की संख्या / कुल सम्भव परिणामों की संख्या
= \(\frac{6}{8}=\frac{3}{4}\)
अतः 2 से बड़ी संख्या इंगित करने की प्रायिकता = \(\frac {3}{4}\)

(iv) 9 से छोटी संख्या इंगित करने की घटना के अनुकूल परिणाम 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8
9 से छोटी संख्या इंगित करने की घटना के अनुकूल परिणामों की संख्या = 8
∴ 9 से छोटी संख्या इंगित करने की प्रायिकता = घटना के अनुकूल परिणामों की संख्या / कुल सम्भव परिणामों की संख्याएँ
= \(\frac {8}{8}\)
= 1

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.1

प्रश्न 13.
एक पासे को एक बार फेंका जाता है। निम्नलिखित को प्राप्त करने की प्रायिकता ज्ञात कीजिए :
(i) एक अभाज्य संख्या
(ii) 2 और 6 के बीच स्थित कोई संख्या
(iii) एक विषम संख्या
हल :
एक पासे को यादृच्छया फेंके जाने पर प्राप्त होने वाले सभी सम्भव परिणाम = 1, 2, 3, 4, 5, 6
अत: एक पासे को यादृच्छया फेंके जाने पर कुल सम्भव परिणामों की संख्या = 6
(i) यहाँ अभाज्य संख्याएँ – 2, 3, 5
अभाज्य संख्या प्राप्त होने के अनुकूल परिणामों की संख्या = 3
∴ अभाज्य संख्या प्राप्त करने की प्रायिकता = \(\frac{3}{6}=\frac{1}{2}\)

(ii) 2 और 6 के बीच स्थित संख्याएँ = 3, 4, 5
2 और 6 के बीच स्थित संख्याएँ होने के अनुकूल परिणामों की संख्या = 3
∴ 2 और 6 के बीच स्थित संख्या प्राप्त करने की प्रायिकता = \(\frac{3}{6}=\frac{1}{2}\)

(iii) विषम संख्याएँ = 1, 3, 5
विषम संख्या प्राप्त करने के अनुकूल परिणामों की संख्या = 3
∴ एक विषम संख्या प्राप्त करने की प्रायिकता = \(\frac{3}{6}=\frac{1}{2}\)

प्रश्न 14.
52 पत्तों की अच्छी प्रकार से फैटी गई एक गड्डी में से एक पत्ता निकाला जाता है। निम्नलिखित को प्राप्त करने की प्रायिकता ज्ञात कीजिए :
(i) लाल रंग का बादशाह
(ii) एक फेस कार्ड अर्थात् तस्वीर वाला पत्ता
(iii) लाल रंग का तस्वीर वाला पत्ता
(iv) पान का गुलाम
(v) हुकुम का पत्ता
(vi) एक ईंट की बेगम ।
हल :
ताश की गड्डी में 52 पत्ते होते हैं। गड्डी को अच्छी तरह फेंटकर गड्डी में से एक पत्ता निकालने पर पत्ता क्या है, इसके कुल सम्भावित परिणामों की संख्या = 52
(i) माना लाल रंग का बादशाह होने की घटना (R) हैं:
∵ गड्डी में कुल 4 बादशाह होते हैं जिनमें पान तथा ईंट के बादशाह 2 होते हैं।
∴ लाल रंग का बादशाह प्राप्त होने के अनुकूल परिणामों की संख्या = 2
घटना R की प्रायिकता
⇒ P(R) = घटना R के अनुकूल परिणामों की संख्या / कुल सम्भव परिणामों की संख्या
= \(\frac{2}{52}=\frac{1}{26}\)

(ii) माना एक फेस कार्ड अर्थात् तस्वीर वाला पत्ता होने की घटना (E) है।
∵ प्रत्येक समूह में 3 फेस कार्ड्स (बादशाह, बेगम व गुलाम) होते हैं।
∴ गड्डी में कुल फेस कार्डों की संख्या = 3 × 4 = 12
∴ घटना (E) के अनुकूल परिणामों की संख्या = 12
∴ घटना (E) की प्रायिकता
⇒ P(E) = घटना के अनुकूल परिणामों की संख्या / कुल सम्भव परिणामों की संख्या
= \(\frac{12}{52}=\frac{3}{13}\)

(iii) माना लाल रंग का तस्वीर वाला पत्ता होने की घटना (A) है।
∵ कुल फेस कार्ड्स = 12
∴ लाल रंग के तस्वीर वाले पत्तों की संख्या = 6
तब घटना (A) के अनुकूल परिणामों की संख्या = 6
∴ घटना (A) की प्रायिकता
⇒ P(A) = घटना 4 के अनुकूल परिणामों की संख्या / कुल सम्भव परिणामों की संख्या
= \(\frac{6}{52}=\frac{3}{26}\)

(iv) माना पान का गुलाम होने की घटना (B) है।
∵ गड्डी में पान का एक ही गुलाम होता है।
∴ घटना B के अनुकूल परिणामों की संख्या = 1
∴ घटना (B) की प्रायिकता
⇒ P(B) = घटना B के अनुकूल परिणामों की संख्या / कुल सम्भव परिणामों की संख्या
= \(\frac {1}{52}\)

(v) माना हुकुम का पत्ता होने की घटना (C) है :
∵ गड्डी में हुकुम के पत्तों की संख्या = 13
∴ घटना C के अनुकूल परिणामों की संख्या = 13
∴ घटना (C) की प्रायिकता = \(\frac {13}{52}\)
⇒ P(C) = \(\frac {1}{4}\)

(vi) माना ईंट की बेगम होने की घटना (D) है।
∵ गड्डी में ईंट की केवल एक ही बेगम होती है।
∴ घटना D के अनुकूल परिणामों की संख्या = 1
घटना (D) की प्रायिकता
घटना (D) के घटित होने के अनुकूल
⇒ P(D) = परिणामों की संख्या / कुल सम्भव परिणामों की संख्या
= \(\frac {1}{52}\)

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.1

प्रश्न 15.
ताश के पाँच पत्तों – ईंट का दहला, गुलाम, बेगम, बादशाह और इक्का, को पलटकर के अच्छी प्रकार फेंटा जाता है। फिर इनमें से यादृच्छया एक पत्ता निकाला जाता है।
(i) इसकी क्या प्रायिकता है कि यह पत्ता एक बेगम है ?
(ii) यदि बेगम निकल आती है तो उसे अलग रख दिया जाता है और एक अन्य पत्ता निकाला जाता है। इसकी क्या प्रायिकता है कि दूसरा निकाला गया पत्ता (a) एक इक्का है? (b) एक बेगम है?
हल :
ताश के पाँच पत्तों में ईंट का दहला, गुलाम, बेगम, बादशाह, इक्का को पलटकर के फेंटा गया है, फिर इसमें से एक पत्ता निकाला जाता है।
इसके कुल सम्भव परिणामों की संख्या = 5
(i) यदि निकाला गया पत्ता बेगम हो तो इस घटना के अनुकूल परिणामों की संख्या = 1
अतः निकाला गया पत्ता बेगम होने की प्रायिकता = \(\frac {1}{5}\)

(ii) यदि बेगम निकल आती है तो उसे अलग रख दिया जाता है और शेष पत्तों में से फिर एक पत्ता निकाला जाता है।
तब कुल सम्भव परिणामों की संख्या = 4 (दहला, गुलाम, बादशाह, इक्का)
(a) दूसरा पत्ता इक्का होने के अनुकूल परिणामों की संख्या = 1
अतः दूसरा पत्ता इक्का होने की प्रायिकता = \(\frac {1}{4}\)

(b) दूसरा पुत्ता बेगम होने के अनुकूल परिणामों की संख्या = शून्य, क्योंकि इन पत्तों में बेगम हैं ही नहीं ।
अतः दूसरा पत्ता बेगम होने की प्रायिकता = \(\frac {0}{4}\) = 0

प्रश्न 16.
किसी कारण 12 खराब पेन 132 अच्छे पेनों में मिल गए हैं। केवल देखकर यह नहीं बताया जा सकता है कि कोई पेन खराब है या अच्छा है। इस मिश्रण में से, एक पेन यादृच्छया निकाला जाता है। निकाले गए पेन की अच्छा होने की प्रायिकता ज्ञात कीजिए ।
हल :
खराब पेनों की संख्या 12
अच्छे पेनों की संख्या = 132
पेनों की कुल संख्या = 12 + 132 = 144
अच्छा पेन निकलने की प्राथकिता
= अच्छा पेन निकलने के अनुकूल परिणामों की संख्या / कुल सम्भव परिणामों की संख्या
अतः अच्छा पेन प्राप्त होने की प्रायिकता = अच्छा पेन प्राप्त होने की प्रायिकता = \(\frac {11}{12}\)

प्रश्न 17.
(i) 20 बल्बों के एक समूह में 4 बल्ब खराब हैं। इस समूह में से एक बल्ब यादृच्छया निकाला जाता है। इसकी क्या प्रायिकता है कि यह बल्ब खराब होगा ?
(ii) मान लीजिए (i) में निकाला गया बल्ब खराब नहीं है और न ही इसे दुबारा बल्बों के साथ मिलाया जाता है। अब शेष बल्बों में से एक बल्ब यादृच्छया निकाला जाता है। इसकी क्या प्रायिकता है कि यह बल्ब खराब नहीं होगा ?
हल :
समूह में बल्बों की कुल संख्या = 20
खराब बल्बों की संख्या = 4
यदि एक बल्ब यादृच्छया निकाला जाता है तो
(i) बल्ब खराब होने के अनुकूल परिणामों की संख्या = 4
कुल सम्भव परिणामों की संख्या = 20
अतः बल्ब खराब होने की प्रायिकता = \(\frac{4}{20}=\frac{1}{5}\)

(ii) यदि निकाला गया बल्ब खराब नहीं है तो इसे पुनः बल्बों के साथ नहीं मिलाया जाता है।
शेष बल्बों में से एक बल्ब निकाला जाता है।
∴ कुल सम्भव परिणामों की संख्या = 19
खराब बल्ब होने के अनुकूल परिणामों की संख्या = 4
बल्ब खराब निकलने की प्रायिकता = \(\frac {4}{19}\)
∴ बल्ब खराब न होने की प्राय कता = 1 – \(\frac{4}{19}=\frac{15}{19}\)

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.1

प्रश्न 18.
एक पेटी में 90 डिस्क (discs) हैं, जिन पर 1 से 90 तक संख्याएँ अंकित हैं। यदि इस पेटी में से एक डिस्क यादृच्छया निकाली जाती है तो इसकी प्रायिकता ज्ञात कीजिए कि इस डिस्क पर अंकित होगी:
(i) दो अंकों की एक संख्या
(ii) एक पूर्ण वर्ग संख्या
(iii) 5 से विभाज्य एक संख्या ।
हल :
डिस्कों की कुल संख्या = 90
∴ कुल सम्भव परिणाम ( 1, 2, 3, 4, 5, ……….90)
कुल सम्भव परिणामों की संख्या = 90
यदि एक डिस्क यादृच्छया निकाली जाती है तो :

(i) दो अंकों की एक संख्या अंकित होने की प्रायिकता :
∵ दो अर्को की संख्याएँ = (10, 11, 12, 13, …,90) = 81
∴ अनुकूल परिणामों की संख्या = 81
अत: डिस्क पर दो अंकों की संख्या अंकित होने की प्रायिकता = अनुकूल परिणामों की संख्या / कुल सम्भावित परिणामों की संख्या
= \(\frac{81}{90}=\frac{9}{10}\)

(ii) पूर्ण वर्ग संख्याएँ (1, 4, 9, 16, 25, 36, 49, 64, 81)
कुल अनुकूल परिणामों की संख्या = 9
अत: डिस्क पर पूर्ण वर्ग संख्या अंकित होने की प्रायिकता = \(\frac{9}{90}=\frac{1}{10}\)

(iii) 5 से विभाज्य संख्याएँ (5, 10, 15, 20, 25, 30, ……..90)
कुल अनुकूल परिणामों की संख्या = 18
अतः डिस्क पर 5 से विभाज्य संख्या अंकित होने की प्रायिकता = \(\frac{18}{90}=\frac{1}{5}\)

प्रश्न 19.
एक बच्चे के पास ऐसा पासा है जिसके फलकों पर निम्नलिखित अक्षर अंकित हैं :
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.1 - 3
इस पासे को एक बार फेंका जाता है। इसकी क्या प्रायिकता है कि (i) A प्राप्त हो ? (ii) D प्राप्त हो ?
हल :
पासे के फलकों की संख्या = 6
∴ कुल सम्भावित परिणामों की संख्या = 6
(i) ∵ दो फलकों पर A अक्षर अंकित है।
∴ अनुकूल परिणामों की संख्या = 2
अतः पासे पर A आने की प्रायिकता = \(\frac{2}{6}=\frac{1}{3}\)

(ii) ∵ केवल एक फलक पर D अक्षर अंकित है।
∴ अनुकूल परिणामों की संख्या = 1
पासे पर D आने की प्रायिकता = \(\frac {1}{6}\)

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.1

प्रश्न 20.
मान लीजिए आप एक पासे को आकृति में दर्शाए आयताकार क्षेत्र में यादृच्छया रूप से गिराते हैं। इसकी क्या प्रायिकता है कि वह पासा 1 मीटर व्यास वाले वृत्त के अन्दर गिरेगा ?
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.1 - 4
हल :
आयत की लम्बाई (l) = 3 मीटर
आयत की चौड़ाई (b) = 2 मीटर
∴ आयत का क्षेत्रफल = 3 × 2 = 6 वर्ग मीटर
वृत्त का व्यास = 1 मीटर
वृत्त की त्रिज्या (r) = \(\frac {1}{2}\)मीटर
∴ वृत्त का क्षेत्रफल = πr² = π × (\(\frac {1}{2}\))²
= \(\frac {π}{4}\) वर्ग मीटर
जब एक पासा यादृच्छया फेंका जाता है तो उसके गिरने का व्यापक क्षेत्र आयताकार क्षेत्र होगा ।
तब, पासे की वृत्त के अन्दर गिरने की प्रायिकता
= वृत्त का क्षेत्रफल / आयत का क्षेत्रफल
= \(\frac{\pi}{\frac{\pi}{6}}\)
= \(\frac {π}{24}\)
अतः पासे के वृत्त के अन्दर गिरने की प्रायिकता
= \(\frac {π}{24}\)

प्रश्न 21.
144 बॉल पेनों के एक समूह में 20 बॉल पेन खराब हैं और शेष अच्छे हैं। आप वही पेन खरीदना चाहेंगे जो अच्छा हो, परन्तु खराब पेन आप खरीदना नहीं चाहेंगे। दुकानदार इन पेनों में से, यादृच्छया एक पेन निकालकर आपको देता है। इसकी क्या प्रायिकता है कि (i) आप वह पेन खरीदेंगे ? (ii) आप वह पेन नहीं खरीदेंगे ?
हल :
समूह में बॉल पेनों की संख्या = 144
खराब पेनों की संख्या = 20
ठीक पेनों की संख्या 144 – 20
= 124
(i) माना पेन खरीदने की प्रायिकता A है।
∵ हम ठीक बॉल पेन खरीदना चाहेंगे।
∴ बॉल पेन ठीक होने के अनुकूल परिणामों की संख्या = 124
कुल सम्भव परिणामों की संख्या = 144
∴ P(A) = \(\frac{124}{144}=\frac{31}{36}\)

(ii) माना पेन नहीं खरीदने की प्रायिकता A’ हो, तो
P (A’) = 1 – P(A)
= 1 – \(\frac{31}{36}=\frac{36-31}{36}\)
P(A’) = \(\frac {5}{36}\)

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.1

प्रश्न 22.
एक सलेटी और एक नीले पासे को एक साथ फेंका जाता है।
(i) निम्न सारणी को पूरा कीजिए:
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.1 - 5

(ii) एक विद्यार्थी यह तर्क देता है कि ‘यहाँ कुल 11 परिणाम 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 हैं। अतः ‘प्रत्येक की प्रायिकता \(\frac {1}{11}\) है।’ क्या आप इस तर्क से सहमत हैं? सकारण उत्तर दीजिए।
हल :
(i) जब एक सलेटी और एक नीले रंग के दो पासों को एक साथ फेंका जाता है तो दोनों पासों पर प्राप्त होने वाले परिणाम अग्र हो सकते हैं-
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.1 - 6
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.1 - 7

(ii) विद्यार्थी का तर्क गलत है, क्योंकि सभी 11 घटनाएँ प्रारम्भिक घटनाएँ नहीं हैं। प्रत्येक घटना से सम्बधित परिणामों की प्रायिकता भिन्न-भिन्न है। अतः विद्यार्थी का तर्क असंगत है।

प्रश्न 23.
एक खेल में एक रुपए के सिक्के को तीन बार उछाला जाता है और प्रत्येक बार का परिणाम लिख लिया जाता है। तीनों परिणाम समान होने पर, अर्थात् तीन चित या तीन पट प्राप्त होने पर, हनीफ खेल में जीत जाएगा, अन्यथा वह हार जाएगा। हनीफ के खेल में हार जाने की प्रायिकता परिकलित कीजिए ।
हल :
जब एक रुपये के सिक्के को तीन बार उछाला जाता है। यदि चित H तथा पट को T से व्यक्त करे तो
सम्भावित परिणाम निम्न हैं-
HHH    HHT   HTH    HTT
THH     THT    TTH    TTT
कुल सम्भावित परिणामों की संख्या = 8 हैं।.
तीनों परिणाम समान होने अर्थात् जीतने की प्रायिकता माना A है।
तीनों परिणाम समान होने के अनुकूल परिणाम [HHH, TTT]
तीनों परिणाम समान होने के अनुकूल परिणामों की संख्या = 2
अतः हनीफ के खेल में जीत जाने की प्रायिकता
∴ P(A) = \(\frac{2}{8}=\frac{1}{4}\)
माना, हार जाने की प्रायिकता A’ हो तो
P(A’) = 1 – P(A)
∴ P(A’) = 1 – \(\frac{1}{4}=\frac{3}{4}\)
अतः हनीफ के हारने की प्रायिकता = \(\frac {3}{4}\)

प्रश्न 24.
एक पासे को दो बार फेंका जाता है। इसकी क्या प्रायिकता है कि (i) 5 किसी भी बार में नहीं आएगा? (ii) 5 कम-से-कम एक बार आएगा?
हल :
जब एक पासे को दो बार फेंका जाता है तो फलकों पर प्राप्त अंक निम्न होंगे–
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.1 - 8
कुल सम्भव परिणामों की संख्या = 36
परिणामों की संख्या जिनमें 5 आता है = 11
वे परिणाम जिनमें 5 कभी न आता है = 36 – 11 = 25

(i) 5 न आने की घटना के अनुकूल परिणामों की संख्या = 25
कुल सम्भव परिणामों की संख्या = 36
घटना की प्रायिकता = घटना के अनुकूल परिणामों की संख्या / कुल सम्भव परिणामों की संख्या
= \(\frac {25}{36}\)

(ii) 5 कम-से-कम एक बार आने के अनुकूल परिणामों की संख्या = 11
कुल सम्भव परिणामों की संख्या = 36
अतः 5 कम-से-कम एक बार आने की प्रायिकता = \(\frac {25}{36}\)

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 15 प्रायिकता Ex 15.1

प्रश्न 25.
निम्नलिखित में से कौन-से तर्क सत्य हैं और कौन-से तर्क असत्य हैं? सकारण उत्तर दीजिए।
(i) यदि दो सिक्कों को एक साथ उछाला जाता है, तो इसके तीन सम्भावित परिणाम दो चित, दो पट या प्रत्येक एक बार है। अतः इनमें से प्रत्येक परिणाम की प्रायिकता \(\frac {1}{3}\) है।
(ii) यदि एक पासे को फेंका जाता है, तो इसके दो सम्भावित परिणाम एक विषम संख्या या एक सम संख्या हूँ। अतः एक विषम संख्या ज्ञात करने की प्रायिकता \(\frac {1}{2}\) है।
हल :
(i) जब दो सिक्कों को एक साथ उछाला जाता है। तथा पट को T से व्यक्त करने पर चार सम्भव परिणाम होंगे।
HH, HT, TH, TT
दो चित होने की प्रायिकता = \(\frac {1}{4}\)
P(HH) = \(\frac {1}{4}\)
दो पट होने की प्रायिकता = \(\frac {1}{4}\)
P(TT) = \(\frac {1}{4}\)
एक चित और एक पट होने की प्रायिकता = \(\frac{2}{4}=\frac{1}{2}\)
अतः दिया गया तर्क असत्य है।

(ii) जब पासे को फेंका जाता है तो सम्भव परिणाम = (1, 2, 3, 4, 5, 6)
∴ कुल सम्भव परिणामों की संख्या = 6
सम संख्या आने के अनुकूल परिणाम = (2, 4, 6)
सम संख्या आने के अनुकूल परिणामों की संख्या = 3
विषम संख्या आने के अनुकूल परिणाम = (1, 3, 5)
विषम संख्या आने के अनुकूल परिणामों की संख्य = 3
विषम संख्या आने की प्रायिकता = \(\frac{3}{6}=\frac{1}{2}\)
अतः छात्र का तर्क सत्य है।

JAC Class 10 Science Solutions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास

Jharkhand Board JAC Class 10 Science Solutions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 10 Science Solutions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास

Jharkhand Board Class 10 Science अनुवांशिकता एवं जैव विकास Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
मेण्डल के एक प्रयोग में लंबे मटर के पौधे जिनके बैंगनी पुष्प थे, का संकरण बौने पौधों जिनके सफेद पुष्प थे, से कराया गया। इनकी संतति के सभी पौधों में पुष्प बैंगनी रंग के थे। परंतु उनमें से लगभग आधे बौने थे। इससे कहा जा सकता है कि लंबे जक्क पौधों की आनुवंशिक रचना निम्न थी-
(a) TTWW
(b) TTww
(c) TtWW
(d) TtWw
उत्तर:
(c) TtWw

प्रश्न 2.
समजात अंगों का उदाहरण है-
(a) हमारा हाथ तथा कुत्ते के अग्रपाद
(b) हमारे दाँत तथा हाथी के दाँत
(c) आलू एवं घास के उपरिभूस्तारी
(d) उपर्युक्त भ
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी।

प्रश्न 3.
विकासीय दृष्टिकोण से हमारी किससे अधिक समानता है?
(a) चीन के विद्यार्थी
(b) चिम्पैंजी
(c) मकड़ी
(d) जीवाणु
उत्तर:
(a) चीन के विद्यार्थी।

प्रश्न 4.
एक अध्ययन ‘पता चला कि हल्के रंग की आँखों वाले बच्चों के जनक (माता-पिता) की आँखें भी हल्के रंग की होती हैं। इसके आधार पर क्या हम कह सकते हैं कि आँखों के हल्के रंग का लक्षण प्रभावी है अथवा अप्रभावी? अपने उत्तर की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
नहीं, यह बताना संभव नहीं है कि आँखों के हल्के रंग का लक्षण प्रभावी है अप्रभावी जब तक कि दोनों प्रकार के विकल्पों का पता नहीं हो। ऐसा भी संभव है कि जनक में दोनों ही विकल्प हल्के रंग की आँखों के हों, क्योंकि लक्षण की प्रतिकृति दोनों जनकों से वंशानुगत होती हैं, अप्रभावी तभी होंगे, जब दोनों से प्राप्त जीन अप्रभावी हों। अतः हम केवल अनुमान लगा सकते हैं।

JAC Class 10 Science Solutions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास

प्रश्न 5.
जैव- विकास तथा वर्गीकरण का अध्ययन क्षेत्र किस प्रकार परस्पर सम्बन्धित है?
उत्तर:
जैव विकास के अध्ययन से पता चलता है कि पहले उत्पन्न जीवों का शरीर बाद में उत्पन्न जीवों के शरीर से सरलतम है, अर्थात् जीवों के शरीर सरलता से जटिलता की तरफ विकास हुआ है। यही आधार वर्गीकरण का भी है। जीवों को शरीर के डिजाइन के आधार पर ही उनको विभिन्न वर्गों में रखा गया है। अतः जैव विकास तथा वर्गीकरण का अध्ययन परस्पर सम्बन्धित हैं।

प्रश्न 6.
समजात तथा समरूप अंगों को उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर:
समजात अंग-उन अंगों को जो अलग-अलग स्पीशीज के जीवों में अलग-अलग कार्य करते हैं परन्तु आधारभूत संरचना में एकसमान हैं, समजात अंग कहते हैं। उदाहरण के लिए, पक्षी पंख तथा मनुष्य का हाथ दोनों ही रूपांतरित अग्रपाद हैं।

समरूफ अंग- ऐसे अंग जो अलग-अलग जीवों में एक समाने कार्य करते हैं परन्तु उनकी आधारभूत संरचना समान नहीं होती है, उन्हें समरूप अंग कहते हैं। उदाहरण के लिए, तितली के पंख और कबूतर के पंख दोनों ही उड़ने का कार्य करते हैं। परन्तु कबूतर के पंख में हड्डियाँ होती हैं. तितली के पंख नहीं होतीं।

प्रश्न 7.
कुत्ते की खाल का प्रभावी रंग ज्ञात करने के उददेश्य से एक प्रोजेक्ट बनाइए।
उत्तर:
इसके लिए एक शुद्ध काली खाल वाले कुत्ते (BB) तथा एक शुद्ध सफेद खाल वाली कुतिया (bb) का चयन किया जाता है। उनका समय पर संकरण कराएँ। यदि उनसे उत्पन्न सभी पिल्ले (कुत्ते के बच्चे) काली खाल वाले हैं, तो काली खाल का लक्षण प्रभावी है।
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास 1

प्रश्न 8.
विकासीय सम्बन्ध स्थापित करने में जीवाश्म का क्या महत्त्व है?
उत्तर:
जीवाश्म पुराने जीवों के अवशेष अथवा चिह्न या साँचे होते हैं। जीवाश्मों के अध्ययन से पता चलता कि अमुक जीव कब पाया जाता था, कब लुप्त हो गया, जीवों के विकास क्रम में पहले जीवों की संरचना कैसी थी और बाद में उसमें क्या-क्या परिवर्तन होते गए।

प्रश्न 9.
किन प्रमाणों के आधार पर हम कह सकते हैं कि जीवन की उत्पत्ति अजैविक पदार्थों से हुई है?
उत्तर:
वैज्ञानिक जे. बी. एस. हाल्डेन ने 1929 में सुझाव दिया कि जीवों की सर्वप्रथम उत्पत्ति उन सरल अकार्बनिक अणुओं से ही हुई होगी जो पृथ्वी की उत्पत्ति के समय बने थे।

स्टेनल एल. मिलर हेराल्ड सी. उरे ने 1953 में प्रयोग किए और प्रमाण दिए कि सरल अकार्बनिक अणुओं से कार्बनिक अणु उत्पन्न हो सकते हैं। उन्होंने ऐसे वातावरण का निर्माण किया जो संभवत: प्राथमिक वातावरण समान था जिसमें अमोनिया, मीथेन तथा हाइड्रोजन सल्फाइड (H2S) गैसें तो थीं परन्तु स्वतंत्र ऑक्सीजन नहीं थी। पात्र जल भी था। इस संमिश्रण को 100°C से कुछ कम ताप पर रखा गया। गैसों के इस मिश्रण में कृत्रिम रूप से समय-समय पर चिंगारियाँ उत्पन्न की गई जैसे कि आकाश में तड़ित बिजली उत्पन्न होती है।

इस प्रयोग में देखा गया कि 15% मीथेन का कार्बन उपयोग हुआ और सरल कार्बनिक यौगिकों में परिवर्तित हो गए। इन कार्बनिक यौगिकों में विभिन्न अमीनो अम्ल भी संश्लेषित हुए जो कि प्रोटीन के अणुओं के निर्माण के लिए आवश्यक हैं।

उपर्युक्त प्रमाण के आधार पर हम परिकल्पना कर सकते हैं कि शायद जीवन की उत्पत्ति अजैविक पदार्थों से हुई है।

प्रश्न 10.
अलैंगिक जनन की अपेक्षा लैंगिक जनन द्वारा उत्पन्न विभिन्नताएँ अधिक स्थायी होती हैं, व्याख्या कीजिए। यह लैंगिक प्रजनन करने वाले जीवों को विकास किस प्रकार प्रभावित करता है?
उत्तर:
अलैंगिक जनन जनन एक ही होता है और उसी का डी.एन.ए. संतति में जाता है। अतः संतति में विभिन्नता तभी आती जब डी. एन. ए. प्रतिकृति में त्रुटियाँ हों जो कि कि न्यून होती हैं।

लैंगिक जनन में दो जनक होते हैं जो कि डी.एन.ए. का एक-एक सेट संतति को प्रदान करते हैं। इससे संतति में भिन्न-भिन्न लक्षणों का समावेश होता है और अलैंगिक जनन से लैंगिक जनन में विविधता अपेक्षाकृत अधिक होती है। लैंगिक जनन से उत्पन्न विभिन्नताएँ जीन (डी.एन.ए.) में परिवर्तन के कारण होती है। अतः ये स्थिर होती हैं और एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में स्थानांतरित होती हैं। प्राकृतिक चयन के कारण वही विभिन्नताएँ प्रगति करती हैं जोकि पर्यावरण के अनुकूल हों।

अतः समय काल में मौजूदा पीटी अपने पूर्वजों से इतनी भिन्न हो सकती हैं कि वे 5 वे उनसे लैंगिक जनन न कर पायें और एक अन्य स्पीशीज के रूप में उभर कर आ जाएँ तथा जीवों के विकास में सहायक हों।

JAC Class 10 Science Solutions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास

प्रश्न 11.
संतति में नर एवं मादा जनकों द्वारा आनुवंशिक योगदान में बराबर की भागीदारी किस प्रकार सुनिश्चित की जाती है?
उत्तर:
जैसा कि चित्र में दिखाया गया है कि मटर के गोल बीज वाले लम्बे पौधों का यदि झुर्रीदार बीजों वाले बौने पौधों से संकरण कराया जाए तो Fg पीढ़ी में लम्बे या बौने लक्षण तथा गोल या झुर्रीदार लक्षण स्वतंत्र रूप से वंशानुगत होते हैं।

यदि संतति पौधे को जनक पौधे से संपूर्ण जीनों का एक पूर्ण सेट प्राप्त होता है तो चित्र में दिया प्रयोग सफल नहीं हो सकता। क्योंकि दो लक्षण R तथा Y सेट में एक-दूसरे से संलग्न रहेंगे तथा स्वतंत्र रूप में आहरित नहीं हो सकते। वास्तव में जीन केवल एक डी.एन.ए. श्रृंखला के रूप में न होकर डी.एन.ए. के अलग-अलग स्वतंत्र के रूप में होते हैं। इनमें से प्रत्येक एक गुणसूत्र का निर्माण करता है। इसलिए प्रत्येक कोशिका में प्रत्येक गुणसूत्र की दो प्रतिकृति होती है जिनमें से एक उन्हें नर तथा दूसरी मादा जनक से प्राप्त होते हैं। प्रत्येक जनक कोशिका से गुणसूत्र
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास 2
के प्रत्येक जोड़े का केवल एक गुणसूत्र ही एक जनने, कोशिका (युग्मक) में जाता है। जब दो युग्मकों का संलयन होता है, तो इनसे बने युग्मज में गुणसूत्रों की संख्या पुनः सामान्य हो जाती है। इस प्रकार लैंगिक जनन द्वारा संतति में जनक कोशिकाओं जैसी ही गुणसूत्रों की संख्या निश्चित बनी रहती है।

प्रश्न 12.
केवल वे विभिन्नताएँ जो किसी एकल जीव (व्यष्टि) के लिए उपयोगी होती हैं, समष्टि में अपना अस्तित्व बनाये रखती हैं। क्या आप इस कथन से सहमत हैं? क्यों एवं क्यों नहीं?
उत्तर:
इस कथन से हम सहमत हैं क्योंकि जो विभिन्नताएँ एकल जीव ( (व्यष्टि) के लिए उपयोगी हैं, वे वर्तमान पर्यावरण के अनुकूल हैं और प्राकृतिक चयन प्रक्रम में वे अपना अस्तित्व बनाए रखती हैं इसका अर्थ है कि समय न हैं साथ-साथ इन भिन्नताओं वाले जीव समष्टि में प्रमुख हो जाएँगे क्योंकि इनकी विभिन्नताएँ (लक्षण) परिवर्तित पर्यावरण में जीवित रह सकते हैं, प्राकृतिक रूप में सफल रहेंगे तथा अपनी संतति को सतत बनाए रख सकते हैं।

Jharkhand Board Class 10 Science अनुवांशिकता एवं जैव विकास InText Questions and Answers

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 157)

प्रश्न 1.
यदि एक ‘लक्षण – A’ अलैंगिक प्रजनन वाली समष्टि के 10 प्रतिशत सदस्यों में पाया जाता है तथा ‘लक्षण – B’ उसी समष्टि में 60 प्रतिशत जीवों में पाया जाता है, तो कौन-सा लक्षण पहले उत्पन्न हुआ होगा?
उत्तर:
संभवत: लक्षण B पहले उत्पन्न हुआ होगा क्योंकि पहली पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में कुछ नई विभिन्नताएँ परिलक्षित होती हैं। ये नई विभिन्नताएँ यदि वातावरण के अनुकूल होती हैं, तो उनकी प्रतिशत संख्या समष्टि में अधिक हो जाती है।

प्रश्न 2.
विभिन्नताओं के उत्पन्न होने से किसी स्पीशीज का अस्तित्व किस प्रकार बढ़ जाता है?
उत्तर:
विभिन्नताओं के उत्पन्न होने से किसी स्पीशीज के अस्तित्व की संभावना इसलिए बढ़ जाती है, क्योंकि स्पीशीज स्वयं को वातावरण के अनुसार अनुकूलित करने में सक्षम हो जाता है। उदाहरण के लिए, उष्णता को सहन करने की क्षमता वाले जीवाणुओं को अधिक गर्मी से बचने की संभावना अधिक होती है। यदि वैश्विक ऊष्मीकरण के कारण जल का ताप बढ़ जाता है, तो जीवाणु मर जाते हैं। केवल उष्ण प्रतिरोधी क्षमता वाले ही जीवित रह पाते हैं।

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 161)

प्रश्न 1.
मेण्डल के प्रयोगों द्वारा कैसे पता चला कि लक्षण प्रभावी अथवा अप्रभावी होते हैं?
उत्तर:
मेण्डल ने दो विकल्पी मटर के पौधे चुने, जैसे-लम्बे पौधे जो कि लम्बे मटर के पौधे ही पैदा करते थे तथा बौने मटर के पौधे जोकि बौने पौधे ही उत्पन्न करते थे। मेण्डल ने इन दोनों पौधों का संकरण कराया, प्रथम संतति पीढ़ी (F1) में सभी मटर के पौधे लम्बे उगेंगे। इसका अर्थ है कि लम्बाई का लक्षण ही F1 पीढ़ी संतति में दिखाई दिया और बौनेपन का लक्षण प्रदर्शित नहीं हुआ।

जब मेण्डल ने F1 पीढ़ी के पौधे में स्वपरागण कराया तो F2 पीढ़ी में दोनों लक्षण दिखाई दिये अर्थात् लम्बे पौधे भी और बौने पौधे भी (3 : 1) के अनुपात में इसका अर्थ यह है कि लम्बे होने का लक्षण प्रभावी और बौनेपन का लक्षण अप्रभावी है।
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास 3
यह प्रदर्शित होता है कि F1 पौधों द्वारा लम्बाई एवं बौनेपन दोनों में विकल्पी लक्षणों की वंशानुगति हुई। F1 पीढ़ी में लम्बाई वाला विकल्प अपने आपको व्यक्त कर पाया क्योंकि वह प्रभावी विकल्प है और बौनापन अप्रभावी विकल्प है।

प्रश्न 2.
मेण्डल के प्रयोगों से कैसे पता चला कि विभिन्न लक्षण स्वतंत्र रूप से वंशानुगत होते हैं?
उत्तर:
मेण्डल के प्रयोग में F1 पीढ़ी के लम्बे थे तथा पुनः तब F1 पीढ़ी के दो पौधों का संकरण किया गया जब F2 पीढ़ी के पौधे या तो लम्बे या बोने थे। लम्बे तथा बौने का अनुपात 3 : 1 था कोई भी पौधा बीच नहीं था। अर्थात् लम्बे या बौनेपन का लक्ष की ऊँचाई स्वतंत्र रूप से वंशानुगत होते हैं।

प्रश्न 3.
एक A- रुधिर वर्ग’ वाला पुरुष एक स्त्री जिसका रुधिर वर्ग ‘O’ है, से विवाह करता है उनकी पुत्री का रुधिर वर्ग ‘O’ है। क्या यह सूचना पर्याप्त है यदि आपसे कहा जाए कि कौन सा विकल्प लक्षण-रुधिर
वर्ग ‘A’ अथवा ‘O’ प्रभावी लक्षण है? अपने उत्तर का स्पष्टीकरण दीजिए।
उत्तर:
नहीं, यह सूचना पर्याप्त नहीं है। यह बताने के लिए कौन सा विकल्प लक्षण रुधिर A या रुधिर वर्ग O प्रभावी है।

प्रश्न 4.
मानव में बच्चे का लिंग निर्धारण कैसे होता है?
उत्तर:
मानव के अधिकतर गुणसूत्र माता और पिता के गुणसूत्रों के प्रतिरूप होते हैं। इनकी संख्या 22 जोड़े है। लेकिन एक युग्म जिसे लिंग गुणसूत्र कहते हैं जो सदा पूर्ण जोड़ी नहीं होते हैं। स्त्री में गुणसूत्र का पूर्ण युग्म होता है तथा दोनों X कहलाते हैं। लेकिन पुरुष में यह जोड़ा परिपूर्ण जोड़ा | नहीं होता जिससे एक गुणसूत्र सामान्य आकार का X होता है [ है तथा दूसरा गुणसूत्र छोटा होता है जिसे Y गुणसूत्र कहते हैं अतः स्त्रियों लिंग गुणसूत्र XX तथा पुरुष में XY गुणसूत्र होते हैं।

इस प्रकार सभी स्त्री युग्मक एकसमान होते हैं, परन्तु नर युग्मक दो प्रकार के होते है अब यदि X गुणसूत्र वाला शुक्राणु अंडाणु को निषेचित करता है तो बच्चा लड़की होगी परन्तु यदि Y गुणसूत्र वाला शुक्राणु निषेचन करता है तो बच्चा लड़का होगा।

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 165)

प्रश्न 1.
वे कौन-से विभिन्न तरीके हैं जिनके द्वारा एक विशेष लक्षण वाले व्यष्टि जीवों की संख्या समष्टि में बढ़ सकती है?
उत्तर:
निम्नलिखित तरीकों द्वारा एक विशेष लक्षण वाले व्यष्टि जीवों की संख्या समष्टि में बढ़ सकती है-
(i) प्राकृतिक चयन – प्रकृति द्वारा लाभप्रद विविधताओं वाली समष्टि को सतत बनाये रखना प्राकृतिक चयन कहलाता है। वे लक्षण जो किसी व्यष्टि जीव के उत्तरजीविता तथा प्रजनन में लाभप्रद होती हैं, अगली पीढ़ी में हस्तान्तरित हो जाती हैं। परन्तु जिनसे कोई लाभ नहीं होता वे लक्षण संतति में नहीं जाते हैं।

(ii) आनुवंशिक विचलन – कभी-कभी आकस्मिक दुर्घटना के कारण किसी समष्टि के ज्यादातर जीव मर जाते हैं ऐसी स्थिति में जीन सीमित रह जाते हैं इसके कारण उस समष्टि का रूप बदल जाता है तथा उनकी संतति में केवल जीवित सदस्यों के लक्षण विचलन कहाँ जाता है। एक एकल जीव द्वारा उपार्जित लक्षण दिखाई देते हैं। इसे आनुवंशिक विचलन कहा जाता है।

प्रश्न 2.
एक एकल जीव द्वारा उपार्जित लक्षण सामान्यतः अगली पीढ़ी में वंशानुगत नहीं होते। क्यों?
उत्तर:
उपार्जित लक्षण का प्रभाव कायिक ऊतकों पर पड़ता है परन्तु अर्जित लक्षण अनुभव का जनन कोशिकाओं के डी एन ए पर नहीं पड़ता। अतः ये लक्षण वंशानुगत नहीं होते।

प्रश्न 3.
बायों की संख्या में कमी आनुवंशिकता के दृष्टिकोण से चिंता का विषय क्यों है?
उत्तर:
(i) बाघों की संख्या में कमी दर्शाती है कि बाघ प्राकृतिक चयन में पिछड़ गए हैं। इनमें उत्तम परिवर्तन उत्पन्न नहीं हो रहे जोकि पर्यावरण के अनुकूल और अपनी समष्टि का आकार बढ़ा सकें।

(ii) छोटी समष्टि पर दुर्घटनाओं का प्रभाव अधिक पड़ता है। छोटी समष्टि में दुर्घटनाएँ किसी जीन की आवृत्ति को भी प्रभावित कर सकती हैं चाहे उनका उत्तरजीविता हेतु कोई लाभ हो या न हो। प्राकृतिक चयन और दुर्घटनाओं के कारण बाघों की प्रजाति लुप्त भी हो सकती है।

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 166)

प्रश्न 1.
वे कौन से कारक हैं जो नयी स्पीशीज के उद्भव में सहायक हैं?
उत्तर:

  • प्राकृतिक चयन।
  • जीन प्रवाह का न होना अथवा बहुत कम होना।
  • आनुवंशिक विचलन।
  • डी.एन.ए. में गुणसूत्रों की संख्या में परिवर्तन होना जिससे कि दो समष्टियों के सदस्यों की जनन कोशिकाएँ (युग्मक) संलयन न कर पाए।
  • दो उपसमष्टियों का रूपेण अलग होना जिससे कि उनके सदस्य परस्पर लैंगिक प्रजनन न कर पायें।

प्रश्न 2.
क्या भौगोलिक पृथक्करण स्वपरागित स्पीशीज के पौधों के जाति-उद्भव का प्रमुख कारण हो सकता है? क्यों या क्यों नहीं?
उत्तर:
हाँ, भौगोलिक पृथक्करण स्वपरागित स्पीशीज के पौधों की जाति-उद्भव का प्रमुख कारण है क्योंकि अलग-अलग पौधों की स्पीशीज में अलग-अलग भौगोलिक परिस्थितियों के कारण भिन्न-भिन्न विभिन्नताएँ होती हैं। जीन प्रवाह का स्तर दो समष्टियों के मध्य और भी कम हो जाएगा इसलिए वे दूसरे के साथ जनन करने के अयोग्य हो जायेंगी।

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प्रश्न 3.
क्या भौगोलिक पृथक्करण अलैंगिक जनन वाले जीवों के जाति उद्भव का प्रमुख कारक हो सकता है? क्यों अथवा क्यों नहीं?
उत्तर:
नहीं, भौगोलिक पृथक्करण अलेंगिक जनन करने वाले जीवों के जाति उद्भव का प्रमुख कारक नहीं हो सकता है क्योंकि अलैंगिक जनन करने वाले जीवों में बहुत कम विभिन्नताएँ होती हैं।

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या-171)

प्रश्न 1.
उन अभिलक्षणों का एक उदाहरण दीजिए जिनका हम दो स्पीशीज के विकासीय सम्बन्ध निर्धारण के लिए करते हैं?
उत्तर:
समजात अंगों की उपस्थिति से हमें दो स्पीशीज के सदस्यों में विकासीय सम्बन्ध स्थापित करने में सहायता मिलती है।

उदाहरण-पक्षियों, सरीसृप एवं जल-स्थलचर की तरह स्तनधारियों के चार पैर (पाद) होते हैं। सभी में पैरों की आधारभूत संरचना एकसमान होती है, परंतु कार्यों में भिन्न होते हैं। ऐसे अंग समजात अंग कहलाते हैं। ये अभिलक्षण इंगित करते हैं कि वे समान जनक से वंशानुगत हुए हैं।

प्रश्न 2.
क्या एक तितली और चमगादड़ के पंखों को समजात अंग कहा जा सकता है? क्यों अथवा क्यों नहीं?
उत्तर:
तितली और चमगादड़ के पंख समजात अंग नहीं होते। वे समरूप अंग हैं जो उड़ने का कार्य करते हैं।

कारण-तितली के पंखों की संरचना चमगादड़ के पंख से बिल्कुल भिन्न होती है। चमगादड़ के पंख में अग्रपाद की अंगुली की हड्डियाँ होती हैं जबकि तितली के पंख में हड्डियाँ नहीं होती हैं।

प्रश्न 3.
जीवाश्म क्या हैं? वे जैव-विकास प्रक्रम के विषय में क्या दर्शाते हैं?
उत्तर:
लाखों अथवा हजारों साल पहले पाए जाने वाले जीवों के परिरक्षित कठोर अवशेष, चट्टानों पर पैरों के निशान, मिट्टी में बने मृत जीवों के सांचे आदि को जीवाश्म कहते हैं।

जीवाशम हमें जैव विकास के बारे में निम्नलिखित बातें दर्शाते हैं-

  • ऐसी कौन-सी स्पीशीज हैं जो कभी जीवित थीं परन्तु अब लुप्त हो गई हैं।
  • ऐसे जीवों के अवशेष जीवाश्म के रूप में मिले हैं जोकि एक वर्ग के जीवों का उनसे विकसित उच्च वर्ग के बीच की कड़ी के जीवों का स्वरूप बताते हैं। उदाहरण के लिए, आर्कीऑप्टैरिक्स जीवाश्म में कुछ लक्षण सरीसृप के हैं तो अन्य लक्षण पक्षियों के। यह इंगित करता है कि पक्षी सरीसृप से विकसित हुए हैं।
  • फॉसिल पृथ्वी के अन्दर विभिन्न स्तर पर खुदाई करके निकाले जाते हैं। इससे पता चलता है कि पृथ्वी की सतह के निकट पाए जाने वाले जीवाश्म गहरे स्तर पर पाए गए जीवाश्मों की अपेक्षा अधिक नए हैं।

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 173)

प्रश्न 1.
क्या कारण है कि आकृति, आकार, रंग-रूप में इतने भिन्न दिखाई पड़ने वाले मानव एक ही स्पीशीज के सदस्य हैं?
उत्तर:
आधुनिक मानव स्पीशीज ‘होमो सैपियंस’ का उद्भव अफ्रीका में हुआ था। कुछ हजार वर्ष पूर्व हमारे पूर्वजों ने अफ्रीका छोड़ दिया, जबकि कुछ वहीं रह गए। वे अलग-अलग देश के वातावरण में फैल गए जिसके कारण उनका आकार, आकृति, रंग-रूप भिन्न हो गए। इन विविधताओं के बावजूद वे परस्पर सफल लैंगिक जनन करने में समर्थ हैं तथा बच्चे पैदा कर सकते हैं, जिसके आधार पर उन्हें एक स्पीशीज के सदस्य कहा जाता है।

प्रश्न 2.
विकास के आधार पर क्या आप बता सकते हैं कि जीवाणु, मकड़ी, मछली तथा चिम्पैंजी में किसका शारीरिक अभिकल्प उत्तम है? अपने उत्तर की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
जीवाणु, मछली, मकड़ी तथा चिम्पैंजी में से चिम्पैंजी में शारीरिक अभिकल्प की जटिलता सबसे अधिक है। चिम्मैंजी का शारीरिक डिजाइन, विकसित शारीरिक अंग संस्थान, मस्तिष्क (Brain) का जीवाणु, मकड़ी और मछली से अधिक विकसित होना तथा हाथों में अंगूठे की अंगुलियों के विपरीत होना जिससे वे चीजें पकड़ सकें आदि लक्षण उनको बाकी सभी से उत्तम बना देते हैं।

हालांकि विकास की दृष्टि से अति उत्तम नहीं माना जा सकता। क्योंकि सरलतम अधिकल्प वाले जीवाणु का समूह विभिन्न पर्यावरण में आज भी पाए जाते हैं। उदाहरण के लिए, जीवाणु आज भी विषम पर्यावरण जैसे कि उष्ण झरने, गहरे समुद्र के गर्म स्रोत तथा अन्टार्कटिका की बर्फ में भी पाए जाते हैं। दूसरे शब्दों में यह नहीं कहा जा सकता कि चिम्पैंजी का शारीरिक अभिकल्प अन्य से उत्तम है, वरन् वह जैव विकास श्रृंखला में उत्पन्न एक और स्पीशीज है।

क्रिया-कलाप – 9.1

प्रश्न 1.
अपनी कक्षा के सभी छात्रों के कान का जुड़े कर्णपालि अवलोकन कीजिए। ऐसे छात्रों की सूची बनाइए जिनकी कर्णपालि (ear lobe) स्वतंत्र हो तथा जुड़ी हो। (चित्र) वाले छात्रों एवं स्वतंत्र कर्णपालि वाले छात्रों के प्रतिशत की गणना कीजिए। प्रत्येक छात्र के कर्णपालि के प्रकार को उनके जनक से मिलाकर देखिए। इस प्रेक्षण के आधार पर कर्णपालि के वंशागति के संभावित नियम का सुझाव दीजिए।
JAC Class 10 Science Solutions Chapter 9 अनुवांशिकता एवं जैव विकास 4
(a) स्वतन्त्र तथा (b) जुड़े कर्णपालि कान के निचले भाग को कर्णपालि कहते हैं। यह कुछ लोगों में सिर के पार्श्व में पूर्ण रूप से जुड़ा होता है परन्तु कुछ में नहीं। स्वतन्त्र एवं जुड़े कर्णपालि मानव समष्टि में पाए जाने वाले दो परिवर्त हैं।
उत्तर:
छात्र अपनी कक्षा के सभी छात्रों के कानों का अवलोकन करें तथा एक सूची बनाएँ यह दिखाने के लिए-
(i) स्वतंत्र कान की पालि वाले छात्र

(ii) जुड़े हुए कान की पालि वाले छात्र जब ऐसे छात्रों के जनकों के कानों को मिलाते हैं तो देखा गया कि उनके कान भी उन्हीं के समान हैं। यह गुण वंशानुगति के सिद्धान्त की पुष्टि करता है।
छात्र अपने अवलोकन निम्नलिखित प्रकार लिखें-

कान की पालि का प्रकार
छात्र का नाम पिता का नाम माता का नाम
1.
2.
3.
4.

क्रिया-कलाप – 9.2

प्रश्न 1.
चित्र में हम कौन-सा प्रयोग करते हैं जिससे यह सुनिश्चित होता है कि F2 पीढ़ी में वास्तव में TT, TY, तथा htt का संयोजन 121 अनुपात में प्राप्त होता है?
उत्तर:
जब शुद्ध लम्बे मटर के पौधों के शुद्ध बौने पौधों से परपरागण कराया गया तो F1 में सभी पौधे लम्बे थे और F1 पीढ़ी के पौधों में स्वपरागण कराया गया तो 3 लम्बे व 1 बौने के अनुपात में संतति प्राप्त हुई। इनकी वास्तविक आनुवंशिकी निश्चित करने के लिए अलग-अलग पौधों में स्वपरागण कराया गया तो F3 पीढ़ी में बौने पौधों ने केवल बौने पौधे दिए, एक लम्बे पौधे ने केवल लम्बे पौधे दिए और दो लम्बे पौधों ने लम्बे तथा बौने दोनों पौधे दिए। इसका अर्थ हुआ कि F1 जीनी संरचना में 1 : 2 : 1 का अनुपात था जैसा कि आगे स्पष्ट किया गया है।
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JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते है

Jharkhand Board JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते है Important Questions and Answers.

JAC Board Class 10 Science Important Questions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते है

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
जनन किसे कहते हैं? जनन के प्रकारों के नाम लिखिए।
उत्तर:
वह प्रक्रिया जिसमें सजीवों की एक पीढ़ी दूसरी पीढ़ी को उत्पन्न करती है, जनन कहलाता है।
जनन दो प्रकार के होते हैं-

  • अलैंगिक जनन
  • लैंगिक जनन।

प्रश्न 2.
द्विलिंगी पुष्प के जननांगों के नाम लिखिए।
उत्तर:
द्विलिंगी पुष्प के जननांगों के नाम हैं-

  • नर जननांग-पुंकेसर।
  • मादा जननांग-स्त्री केसर।

प्रश्न 3.
परागकण का निषेचन में क्या महत्त्व है?
उत्तर:
परागकण नरयुग्मक का निर्माण करते हैं। परागकण परागनलिका के द्वारा अण्डाशय तक पहुँचता है और अण्ड से संयुक्त होकर युग्मनज बनाता है जिसके विभाजन से नए पौधे का जन्म होता है।

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प्रश्न 4.
प्लेसेंटा के कार्य लिखिए।
उत्तर:
प्लेसेंटा मादा और गर्भस्थ शिशु के बीच जैव सम्बन्ध बनाये रखता है। इसी के द्वारा गर्भस्थ शिशु को माँ के द्वारा प्रचुर मात्रा में रक्त भेजा जाता है। इसके द्वारा भ्रूण पोषण और ऑक्सीजन माँ से प्राप्त करता है।

प्रश्न 5.
वर्धी प्रजनन से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
वह प्रजनन जिसमें पादप के शरीर का कोई भी वर्धी या कायिक भाग (पुष्प छोड़कर) पादप से पृथक् एक नये पौधे को जन्म जन्म देता है, उसे वर्धी या कायिक होकर एक प्रजनन कहते हैं।

प्रश्न 6.
कलम बाँधना क्या है?
उत्तर:
पौधों में वर्धी प्रजनन की वह विधि जिसमें विभिन्न पौधों के दो भागों को इस प्रकार जोड़ा जाता है कि एक नया पौधा प्राप्त होता है, कलम बाँधना कहलाता है।

प्रश्न 7.
मनुष्य में नर प्रजनन अंगों के केवल नाम लिखिए।
उत्तर:
मनुष्य में नर प्रजनन अंग निम्न प्रकार हैं-

  • एक जोड़ी वृषण
  • वृषण कोष
  • शुक्रवाहिनियाँ
  • शुक्राशय
  • प्रोस्टेट ग्रन्थि
  • मूत्र मार्ग
  • शिश्न

प्रश्न 8.
‘अण्डज’ तथा ‘जरायुज’ जन्तुओं की जनन क्रिया में क्या अन्तर है? दोनों का एक-एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
अण्डज जन्तुओं में भ्रूण का विकास मादा जन्तु के शरीर के बाहर अण्डे में होता है, जबकि जरायुज जन्तुओं में भ्रूण का विकास मादा जन्तु के शरीर के भीतर गर्भाशय में होता है।

  • उदाहरण – अण्डज – पक्षी, सर्प, छिपकली, मेंढक आदि।
  • जरायुज – मानव, बन्दर, गाय, हाथी, बाघ आदि।

प्रश्न 9.
बीज का निर्माण पुष्प के किस भाग में होता है?
उत्तर:
पुष्प के मादा जायांग के आधार में स्थित अण्डाशय (ovary) मैं।

प्रश्न 10.
किसी कोशिका से युग्मक (Gamete) कैसे उत्पन्न होता है?
उत्तर:
कोशिका के अर्द्ध-सूत्री विभाजन से।

प्रश्न 11.
तना तथा शाखाओं द्वारा कायिक जनन करने वाले पौधों के दो-दो उदाहरण लिखिए।
उत्तर:
गन्ना, गुलाब, चमेली आदि।

प्रश्न 12.
नर एवं मादा युग्मकों को सामान्यतः क्या कहते हैं?
उत्तर:
शुक्राणु (sperm) तथा अण्डाणु (ovum)।

प्रश्न 13.
पौधे के जनन अंग का नाम लिखिए।
उत्तर:
पुष्प (flower)।

प्रश्न 14.
‘परागकण’ तथा ‘परागण’ में क्या अन्तर है?
उत्तर:
परागकण, पुष्प के नर जननांग के परागकोश में पायी जाने वाली सूक्ष्म रचनाएँ होती हैं, जबकि परागकोश से परागकणों के मादा जायांग के वर्तिकाग्र पर स्थानान्तरित होने की क्रिया को परागण कहते हैं।

प्रश्न 15.
मानव में निषेचन क्रिया किस अंग में होती है?
उत्तर:
अण्डवाहिनी (fallopian tube) में।

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प्रश्न 16.
‘जनन’ की परिभाषा लिखिए।
उत्तर:
जीवधारियों द्वारा अपने समान ही अन्य जीवधारियों के उत्पन्न करने की क्रिया को जनन कहते हैं।

प्रश्न 17.
‘युग्मनज’ कैसे बनता है?
उत्तर:
एक नर युग्मक अथवा शुक्राणु तथा एक मादा युग्मक अथवा अण्डाणु के संयोजन से युग्मनज बनता है।

प्रश्न 18.
मानव मादा जनन अंग कौन-कौन होते हैं?
उत्तर:
मानव मादा जनन अंग –

  • एक जोड़ी अण्डाशय
  • अण्डवाहिनी
  • योनि
  • गर्भाशय
  • योनि द्वार

प्रश्न 19.
अण्डोत्सर्ग किसे कहते हैं?
उत्तर:
मादा के वयस्क होने पर प्रत्येक 28 दिन में एक अण्डा उत्सर्जित होता है, यह क्रिया अण्डोत्सर्ग कहलाती है।

प्रश्न 20.
आन्तरिक निषेचन किसे कहते हैं?
उत्तर:
कुछ जन्तुओं में नए शुक्राणुओं को मादा के शरीर के अन्दर विसर्जित करता है और निषेचन की क्रिया शरीर के भीतर होती है। इस प्रकार का निषेचन आन्तरिक निषेचन कहलाता है।

प्रश्न 21.
पादप हार्मोन एथिलीन के दो प्रभाव लिखिए।
उत्तर:

  • फलों को पकाता है।
  • फलों के प्राकृतिक स्वाद में परिवर्तन आ जाता है।

प्रश्न 22.
‘विखण्डन’ द्वारा जनन किस जीवधारी में होता है?
उत्तर:
अमीबा (amoeba) में।

प्रश्न 23.
‘मुकुलन’ का क्या अर्थ है? एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
जीव के शरीर पर बल्ब के प्रकार की संरचना बनती है जिसे मुकुल (Bud) कहते हैं मातृ- कोशिका का केन्द्रक दो भागों में विभक्त हो जाता है तथा एक भाग मुकुल में आ जाता है। मुकुल के परिपक्व हो जाने पर वह मातृ- कोशिका से अलग हो जाता है तथा वृद्धि करता है। यीस्ट (Yeast) तथा हाइड्रा (Hydra) इसके उदाहरण हैं।

प्रश्न 24.
रोपण’ तथा ‘कलम लगाना’ में क्या अन्तर है?
उत्तर:
जिस पौधे को उगाना है उसकी एक टहनी को किसी अन्य वृक्ष के ठूंठ पर लगा देने को रोपण (graft- ing) कहते हैं जबकि कलम लगाने (cutting) में पौधे की टहनी को मृदा में ही लगा दिया जाता है।

प्रश्न 25.
‘कलम’ तथा ‘स्कन्ध’ क्या है? ये कैसे मिलते हैं?
उत्तर:
किसी पौधे की एक काटी गयी टहनी को ‘कलम’ कहते हैं तथा किसी वृक्ष की ढूँठ (पौधे में तने के नीचे जड़ का मिट्टी में दबा भाग ) को स्कन्ध कहते हैं। कलम किसी पौधे के तने अथवा शाख को काटकर प्राप्त होती है स्कन्ध, जड़ के ऊपर पौधे को काट देने से मिलता है।

प्रश्न 26.
ऑक्सिन तथा साइटोकाइनिन के मुख्य कार्य लिखिए।
उत्तर:
ऑक्सिन जड़ एवं तनों की वृद्धि को नियंत्रित करता है तथा कोशिका दीर्घीकरण द्वारा तने की वृद्धि में सहायता करता है।
साइटोकाइनिन प्रोटीन बनाने में सहायक होता है ये अंकुरण को प्रेरित करता है।

प्रश्न 27.
कलम और स्कन्ध क्या है?
उत्तर:
कलम – कलम ऐच्छिक पौधे की टहनी होती हैं, जिस पर कलिकाओं से युक्त एक या दो गाँठें होती हैं। स्कन्ध-स्कन्ध तने वह भाग है जिसमें बहुशाखित और विस्तृत जड़ तन्त्र भूमि अन्दर हो।

प्रश्न 28.
विखण्डन किसे कहते हैं?
उत्तर:
कई एककोशीय जीवों में कोशिका के परिपक्व हो जाने के बाद दो भागों में विभाजन हो जाता है। यह क्रिया विखण्डन कहलाती हैं।

प्रश्न 29.
खण्डन किसे कहते हैं?
उत्तर:
कुछ जीवों में प्रौढ़ जन्तु दो या अधिक भागों में खण्डित हो जाता है। प्रत्येक खण्ड वृद्धि कर प्रौढ़ तन्तु बना लेता है, खण्डन कहलाता है। चपटी कृमि में खण्डन क्रिया होती है।

प्रश्न 30.
किसी कोशिका के किस प्रकार के विभाजन से युग्मक उत्पन्न होते हैं?
उत्तर:
अर्धसूत्री विभाजन से।

प्रश्न 31.
जरायुज (viviparous) तथा अण्डज (oviparous) जन्तुओं के भ्रूण की विकास- क्रियाओं में क्या अन्तर होता है?
उत्तर:
जरायुज जन्तुओं में भ्रूण का विकास मादा जन्तु के शरीर के भीतर गर्भाशय में होता है। अण्डज जन्तुओं में भ्रूण का विकास मादा-जन्तु के शरीर के बाहर अण्डे (egg) – के खोल के भीतर होता है।

प्रश्न 32.
‘नाभिरज्जु’ (Umbilical cord) का क्या कार्य है?
उत्तर:
नाभिरज्जु, माता के शरीर से पोषक तत्त्वों को, अपरा से होकर से होकर भ्रूण तक पहुँचाती है।

प्रश्न 33.
अलैंगिक जनन क्या है?
उत्तर:
वह जनन प्रक्रिया जिसमें नर तथा मादा जीवों की आवश्यकता नहीं होती। इसमें जीव स्वयं समसूत्री विभाजन द्वारा गुणित होता है, अलैंगिक जनन कहलाता है।

JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते है

प्रश्न 34.
लैंगिक जनन क्या है?
उत्तर:
वह जनन प्रक्रिया जिसमें नर तथा मादा दोनों प्रकार के जीवों की आवश्यकता होती है, उनके संकरण से उन्हीं के समान नये जीवों की उत्पत्ति होती है। लैंगिक जनन कहलाता है।

प्रश्न 35.
स्पीशीज किसे कहते हैं?
उत्तर:
एक ही प्रकार के सम्बन्धित पौधे या जन्तुओं के समूह जो आपस में संकरण कर नये जीव बना सकते हैं, स्पीशीज कहलाते हैं।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पौधों में अलैंगिक तथा लैंगिक जनन में अन्तर बताइए।
अथवा
लैंगिक तथा अलैंगिक जनन में कोई चार अन्तर लिखिए।
उत्तर:
अलैंगिक जनन में केवल एक जीव भाग लेता है जो स्वयं समसूत्री विभाजन द्वारा नये जीव उत्पन्न करता है-उदाहरणत: अमीबा का विखण्डन, यीस्ट का मुकुलन तथा कायिक- जनन की विभिन्न विधियों द्वारा पौधों का जनन।

इसके विपरीत लैंगिक जनन में नर एवं मादा, दो जीव अथवा एक ही जीव के दो प्रकार के जनन अंग (पुष्पी पौधों में भाग लेते हैं। इस क्रिया में नर एवं मादा भिन्न प्रकार की युग्मक (gamete) कोशिकाएँ बनाते हैं जो अर्द्धसूत्री विभाजन से बनती हैं। युग्मकों के संयोग से युग्मनज (zygote) कोशिका बनती हैं, जो विकसित होकर नया जीवधारी बनाती है।

प्रश्न 2.
‘कायिक जनन’ क्या होता है? इसकी प्रमुख विधियाँ बताइए।
अथवा
कायिक जनन किसे कहते हैं? पौधों में इस विधि से क्या लाभ है?
अथवा
पौधों में कायिक जनन की दो विधियों का उदाहरण सहित उल्लेख कीजिए।
अथवा
कायिक जनन किसे कहते हैं? पौधों के विभिन्न भागों से होने वाले कायिक जनन का उल्लेख कीजिए।
अथवा
कायिक जनन किसे कहते हैं? इसके महत्त्व का उल्लेख कीजिए। इसके लाभ तथा हानि को भी बताइए।
अथवा
उत्तर:
कायिक जनन (Vegetation Reproduction) – पौधे के किसी भी कायिक अंग जैसे पत्ता, तना अथवा जड़ का उपयोग करके नया पौधा तैयार करने की विधि को कायिक जनन कहते हैं। इस विधि का प्रयोग प्रायः उच्चवर्गीय पौधों यथा उद्यान में लगाने वाले तथा फल देने वाले पौधों में किया जाता है।

कायिक जनन की विधियाँ (Methods of Veg- etative Reproduction ) – कायिक जनन को पौधे के किसी विशेष अंगों का प्रयोग करके उपयोग में लाया जाता है, जो निम्नलिखित हैं-
(i) पत्तियों द्वारा (By Leafs) – ब्रायोफिलम जैसे कुछ पौधों की पत्तियों के किनारे पर बहुत सी कलिकाएँ निकलती हैं। अनुकूल दशाओं में कलिकाएँ वृद्धि करके पूर्ण विकसित पौधे बन जाती हैं।

(ii) कलम लगाना (Cutting) – इस विधि में पौधे की कलम को नम मिट्टी में लगाते हैं तो इससे जड़ें निकलती हैं और बाद में वृद्धि करके नया पौधा बन जाता है। इस विधि का उपयोग, गुलाब, गन्ना, बोगेनविलिया तथा अनन्नास उगाने में किया जाता है।

(iii) दाब लगाना (Layering) – इस विधि में पौधे की किसी शाखा को झुकाकर नम मिट्टी में दबा दिया जाता है। कुछ समय बाद इससे जड़ें निकल आती हैं और इसके बाद नया पौधा बन जाता है नयी पौध को इसके पैतृक पौधे से काटकर अलग कर लिया जाता है। नयी पौध वृद्धि करके पूर्ण विकसित पौधा बन जाता है। इस प्रक्रिया द्वारा चमेली के पौधे को प्राप्त किया जाता है।

(iv) जड़ों का उपयोग करके (Use of Root) – कुछ पौधों की जड़ों पर रेशेदार कलिकाएँ होती हैं जब इन्हें नम मिट्टी में बोया जाता है; तो नये पौधे उत्पन्न होते हैं। उदाहरण-शकरकन्दी, पोदीना, अदरक, हल्दी, प्याज, केला, लहसुन तथा जलकुम्भी।

(v) रोपण (Grafting ) – इस प्रक्रिया में हम ऐच्छिक पौधे की टहनी (कलम) को वृक्ष के ठूंठ (स्कन्ध) पर लगा देते हैं। स्कन्ध पौधे का वह भाग होता है जिसके तने पर मिट्टी के नीचे पूरा मूल तंत्र होता है कलम ऐच्छिक पौधे की टहनी होती है। दोनों भागों को बाँध दिया जाता है इस प्रक्रिया के कारण कलम तथा स्कन्ध एक-दूसरे से जुड़ जाते हैं। स्कन्ध कलम को पोषण प्रदान करता है। इस विधि को अपनाने से हम ऐच्छिक गुणों वाले पौधे तथा फल प्राप्त कर सकते हैं।

आम की विविध किस्में रोपण विधि द्वारा उगायी जाती हैं। कायिक जनन के लाभ व हानि-कायिक जनन द्वारा तैयार पौधों में बीज से उगाये जाने वाले पौधों की अपेक्षा फूल तथा फल जल्दी उगते हैं। कायिक जनन से प्राप्त पौधे पैतृक पौधे के समान होते हैं। इनमें वातावरण के अनुकूल होने की क्षमता कम होती है।

प्रश्न 3.
अलैंगिक जनन की ‘विखण्डन’ तथा ‘खण्डन’ विधियों का अन्तर उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
उत्तर-विखण्डन-जब पूर्ण विकसित एककोशिकीय जीव समसूत्री विभाजन द्वारा, दो पूर्ण जीव बनाता है तो इसे ‘विखण्डन’ (fission) कहते हैं। उदाहरणतः अमीबा का विखण्डन द्वारा जनन।

खण्डन-स्पाइरोगाइरा जैसे कुछ जीव पूर्ण विकसित होने के बाद दो या दो से अधिक खण्डों में टूट जाते हैं। वे खण्ड वृद्धि करके पूर्ण विकसित जीव बन जाते हैं। इसे खण्डन कहते हैं।

प्रश्न 4.
‘कायिक जनन’ की ऊतक संवर्धन विधि क्या है?
उत्तर:
ऊतक संवर्धन (Tissue Culture) – इस विधि में पौधे से ऊतक के छोटे से भाग को काटकर या कोशिका लेकर इसे उचित परिस्थितियों में पोषक माध्यम (nutrient medium) में रखते हैं। इस तरह उससे एक अनियमित ऊतक वृद्धि बन जाती है जिसे कैलस (callus ) कहते हैं। कैलस का उपयोग पुनः गुणन में करते हैं अथवा उसका छोटा-सा भाग किसी अन्य पोषक माध्यम में रखते हैं जो उसमें विभेदन की प्रक्रिया को उत्तेजित करता है। इस पौधे को गमलों या भूमि में लगा देते हैं और उसको परिपक्व होने तक वृद्धि करने दिया जाता है। ऊतक संवर्धन से आजकल आखिंड, गुलदाउदी, शतावरी तथा बहुत से अन्य पौधे तैयार किये जाते हैं।

प्रश्न 5.
‘निषेचन’ से क्या तात्पर्य है? पौधों में निषेचन किस प्रकार होता है?
उत्तर:
निषेचन (Fertilisation)- नर एवं मादा युग्मक (शुक्राणु एवं अण्डाणु) के मिलने की क्रिया को निषेचन कहते हैं कुछ द्विलिंगी जन्तुओं में एक ही जन्तु द्वारा निर्मित नर एवं मादा युग्मकों में मिलन होता है। इस क्रिया को आत्म या स्वनिषेचन (self-fertilization) कहते हैं जैसे फीताकृमि में। जब एक ही जाति के दो भिन्न-भिन्न जन्तुओं द्वारा निर्मित नर एवं मादा युग्मकों के बीच परस्पर मिलन होता है तो इसे परनिषेचन (cross-fertilization ) कहते हैं। समस्त एकलिंगी एवं कुछ द्विलिंगी जन्तुओं में परनिषेचन होता है।

पौधों का जनन अंग पुष्प होता है। पौधों में पुंकेसर नर तथा जायांग मादा जनन अंग हैं। पुंकेसर के अग्रभाग पर परागकोश होते हैं। परगकोश में परागकण होते हैं। परागकण छोटी-छोटी संरचनाएँ होती हैं। ये नर युग्मक बनाते हैं। जायांग का आधार चौड़ा होता है और ऊपर पहुँचते-पहुँचते पतला हो जाता है। जायांग के ऊपरी भाग को वर्तिका कहते हैं।

वर्तिका का अग्रभाग चिपचिपा होता है। इसे वतिकाग्र कहा जाता है। वहाँ पानी तथा कीटों द्वारा परागकण जायांग के वर्तिका पर पहुँच जाते हैं। परागण के बाद परागकण से एक परागनली निकलती है। परागनली में दो नर युग्मक होते हैं। इनमें से एक नर युग्मक परागनली से होता हुआ बीजाणु तक युग्मनज बनाता है। ऐसे संलयन को निषेचन कहते हैं। युग्मनज से नया पौधा तैयार हो जाता है।

प्रश्न 6.
किसी पुष्प का आरेख बनाकर ‘नर’ एवं ‘मादा’ जननांगों को नामांकित कीजिए। अथवा
पुष्प का नामांकित चित्र बनाइए और इसके विभिन्न चक्रों के कार्यों को लिखिए।
उत्तर:
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  • बाह्यदल – पुष्प के अन्य भागों की सुरक्षा करना।
  • दल – परागण के लिए कीटों को आकर्षित करना।
  • पुंकेसर-नर जननांग का कार्य करना।
  • स्त्रीकेसर-मादा जननांग के रूप में कार्य करना।

प्रश्न 7.
‘द्विलिंगी जन्तु’ से क्या तात्पर्य हैं? इसका उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
द्विलिंगी जन्तु (Bisexual animals) – कुछ जन्तु जैसे- केंचुआ, जॉक आदि द्विलिंगी या उभयलिंगी (bisexual or hermaphrodite) होते हैं अर्थात् नर एवं मादा युग्मक एक ही जन्तु द्वारा उत्पन्न होते हैं फिर भी इन में परनिषेचन (cross-fertilisation) के लिए दो जन्तुओं का साथ-साथ होना आवश्यक है क्योंकि एक ही जन्तु के नर एवं मादा युग्मक अलग-अलग समय में परिपक्व (mature) होते हैं अर्थात् इनमें स्वनिषेचन (self-fertilisation) नहीं होता है।

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प्रश्न 8.
स्वपरागण तथा परपरागण में तीन-तीन अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
स्वपरागण तथा परपरागण में अन्तर

स्वपरागण परपरागण
1. यह प्रक्रिया तब होती है जब नर व मादा पुष्प एक ही पौधे पर होते हैं। 1. इस क्रिया में नर व मादा पुष्प एक या अलगअलग पौधे पर भी हो सकते हैं।
2. नर और मादा भाग एक साथ परिपक्व होते हैं। 2. पुष्प के नर व मादा जननांग अलग-अलग समय पर परिपक्व होते हैं।
3. पुष्प प्रायः सुगन्धरहित, आकर्षक, छोटे तथा मकरन्दरहित होते हैं। 3. पुष्प प्रायः (वायु परागित पुष्पों को छोड़कर) गन्धयुक्त आकर्षक, बड़े या छोटे मकरन्दयुक्त होते हैं।

प्रश्न 9.
द्विनिषेचन एवं वर्धी प्रजनन पर टिप्पणी लिखिए।
अथवा
आवृत्तबीजियों में द्विनिषेचन किसे कहते हैं?
उत्तर:
द्विनिषेचन-प्रथम निषेचन के फलस्वरूप बना युग्मनज पुनः नर-युग्मनज के साथ निषेचन करता है। इस प्रक्रिया को द्विनिषेचन (Double-Fertilization) कहते हैं।

वर्धी प्रजनन या कायिक प्रजनन-कायिक या वर्धी जनन अलैंगिक जनन की वह विधि है जिसमें पादप शरीर के किसी भी कायिक भाग (पुष्प को छोड़कर) से नये पौधों का विकास होता है।

प्रश्न 10.
यदि प्लेनेरिया अथवा हाइड्रा को कई दुकड़ों में काट दें तो इसका क्या परिणाम होगा? उस क्रिया का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
प्लेनेरिया या हाइड्रा को कई टुकड़ों में काट देने पर प्रत्येक टुकड़ा नये जीव में परिवर्तित हो जाता है। इस प्रक्रिया को विखण्डन कहते हैं।

प्रश्न 11.
लैंगिक जनन की जन्तुओं में सामान्य प्रक्रिया स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
लैंगिक जनन में नर तथा मादा दोनों ही जन्तु भाग लेते हैं। नर जन्त के जनन अंगों में विशेष प्रकार की कोशिकाओं के अर्धसूत्री विभाजन (meiosis) से नर युग्मक (male gamete) बनते हैं जिन्हें शुक्राणु (Sperm) कहते हैं। मादा जन्तु के जनन अंगों में इसी प्रकार मादा युग्मक (female gamete) बनते हैं, जिन्हें अण्डाणु (Ovum) कहते हैं।

नर एवं मादा जन्तुओं के बीच लैंगिक संगम की क्रिया में नर-युग्मक अर्थात् शुक्राणु का संयोग अण्डाणु से होता है, जिससे युग्मनज (Zygote) बनता है यह नये शिशु जीवधारी की प्रथम कोशिका होती है। इसकी वृद्धि एवं विभेदन की क्रिया से भ्रूण (embryo) का निर्माण होता है। जो बढ़कर गर्भ में विकसित होता है।

प्रश्न 12.
मानव में पुरुष जनन अंगों के नाम तथा उनके कार्य बताइए।
उत्तर:

  • वृषण (Testes) – नर युग्मक, शुक्राणु उत्पन्न करते हैं।
  • शुक्रवाहिकाएँ (Vas deferens) – शुक्राणुओं को मूत्र मार्ग (urethra) तक पहुँचाती है।
  • शिश्न ( Penis) – शुक्राणुओं को स्त्री के योनिमार्ग (Vagina) में प्रवेश कराता है।
  • प्रोस्टेट ग्रन्थि (Prostate gland) – शुक्राणुओं के पोषण हेतु विशेष प्रकार का तरल उत्पन्न करता है।
  • शुक्राशय – शुक्राणुओं से युक्त तरल (वीर्य) को संचित करना है।

प्रश्न 13.
मानव में स्त्री जननांगों के नाम तथा उनके कार्य बताइए।
उत्तर:

  • अण्डाशय – इनमें मादा युग्मक (Ovum) बनते हैं।
  • अण्डवाहिनी (Oviduets) अथवा फैलोपियन नलिकाएँ (Fallopian tubes) अण्डाशयों से निर्गत अण्डाणु को गर्भाशय तक ले जाने वाली नलिकाएँ हैं। निषेचन की क्रिया इन्हीं में होती है।
  • गर्भाशय (Uterus) – निषेचित अण्डाणु अथवा युग्मनज (Zygote) अण्डवाहिनी में होकर इस थैली में पहुँचता है तथा इसकी दीवार से चिपककर क्रमश: वृद्धि से भ्रूण एवं शिशु में परिवर्तित होता है।
  • योनि (Vagina) – गर्भाशय के मुख से बाहर की ओर जाने वाली पेशीय नलिका है। इसी से होकर शुक्राणु गर्भाशय में प्रवेश करते हैं।
  • भग (Vulva) – योनि के बाहर की ओर खुलने वाले छिद्र को भग कहते हैं।

प्रश्न 14.
परिवार नियोजन से आप क्या समझते हैं? छोटे परिवार के महत्त्व को समझाइए।
उत्तर:
परिवार नियोजन परिवार की जन्मदर इस प्रकार नियंत्रित हो कि परिवार सीमित रहे और बच्चों के जनम के बीच पर्याप्त समयान्तर रहे, परिवार नियोजन कहलाता है।
छोटे परिवार का महत्त्व –

  • बच्चों का पोषण सही ढंग से होता है।
  • बच्चों की शिक्षा में सुविधा होती है।
  • पारिवारिक बजट सीमित होता है।
  • जनसंख्या वृद्धि पर नियन्त्रण होता है।

प्रश्न 15.
एक मानव शुक्राणु का नामांकित चित्र बनाइए तथा उस कोशिका का उल्लेख कीजिए जिससे इसका निर्माण होता है।
उत्तर:
मानव के शुक्राणु की रचना मनुष्य में शुक्राणु का निर्माण लैंगिक कोशिकाओं (Sex cell) या युग्मक कोशिकाओं द्वारा होता है ये कोशिकाएँ नर जननों में पायी जाती हैं जिन्हें वृषण (testes) कहते हैं।
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प्रश्न 16.
नर तथा मादा युग्मक में अन्तर लिखिए।
उत्तर:
नर तथा मादा युग्मक में निम्नलिखित अन्तर हैं-

नर युग्मक मादा युग्मक
1. नर युग्मक शुक्राणु होता है जो छोटा किन्तु क्रियाशील होता है। 1. मादा युग्मक अण्डाणु होता है जो बड़ा किन्तु सुस्त होता है।
2. नर युग्मक का निर्माण वृषण में होता है। 2. मादा युग्मक का निर्माण अण्डाशय के अन्दर होता है।
3. नर युग्मक चलायमान होते हैं। 3. मादा युग्मक स्थिर रहते हैं।
4. नर युग्मक का निर्माण शुक्र जनन प्रक्रिया के द्वारा होता है। 4. मादा युग्मक का निर्माण अण्डजनन प्रक्रिया के द्वारा होता है।
5. पुरुषों में एक स्खलन में करीब $20-40$ करोड़ शुक्राणु होते हैं। 5. स्त्रियों में माह में केवल एक बार मादा युग्मक उत्सर्जित होता है।

प्रश्न 17.
विखण्डन द्वारा प्रजनन क्रिया को समझाइए।
उत्तर:
विखण्डन द्वारा प्रजनन कई एककोशीय जीवों में कोशिका के परिपक्व हो जाने के बाद दो भागों में विभाजन हो जाता है। यह विखण्डन कहलाता है। पहले नाभिक का और फिर साइटोप्लाज्म का विखण्डन होता है। एक कोशिका के विभाजन से एक बार में दो नई कोशिका का निर्माण द्विखण्डन कहलाती है।
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अमीबा में द्विखण्डन की विधि से दो पुत्री कोशिकाओं का निर्माण होता है।

कई बार प्रतिकूल परिस्थितियों में कोशिका के चारों ओर सिस्ट (रक्षक आवरण) बन जाती है। अन्दर की कोशिका कई बार विभाजित होकर अनेक पुत्री कोशिकाओं का निर्माण करती है यह बहु-विखण्डन कहलाता है। म्यूकर इसी विधि द्वारा प्रजनन करते हैं।

प्रश्न 18.
निषेचन को नियन्त्रित करना कैसे सम्भव है? इससे होने वाले लाभ लिखिए।
उत्तर:
निषेचन को नियन्त्रित करना कृत्रिम रूप से सम्भव है, क्योंकि मादा युग्मक (अण्डाणु) निषेचन के लिए बहुत कम समय के लिए उपलब्ध होता है। विभिन्न यान्त्रिक, रासायनिक एवं शल्य चिकित्सा के तरीके उपलब्ध हैं जिसकी सहायता से अण्डाणु और शुक्राणु के संयोग या गर्भावस्था में रुकावट डालने में सहायक है। शल्य चिकित्सा द्वारा पुरुषों में शुक्रवाहिनी को व स्त्रियों में फैलोपियन नली को काट दिया जाता है। रासायनिक गर्भ निरोधक दवाइयाँ एवं कण्डोम के उपयोग से भी निषेचन को नियन्त्रित किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त माह की उस अवधि में मैथुन न करके जब स्त्री सर्वाधिक संवेदनशील होती है।

निषेचन को नियन्त्रित करने से लाभ –

  • परिवार नियोजित हो सकेगा।
  • जनसंख्या वृद्धि में नियन्त्रण सकेगा।
  • परिवार कल्याण में सहायता मिलेगी।

प्रश्न 19.
ऊतक संवर्धन किसे कहते हैं?
उत्तर:
किसी पौधे के एक भाग को काटकर उसे एक बर्तन में पोषक तत्त्वों से युक्त माध्यम में रख देते हैं। इस ऊतक की वृद्धि एक असंगत पिण्ड के रूप में होती हैं जिसे कैलस कहते हैं कैलस का थोड़ा सा भाग एक अन्य माध्यम में रखा जाता है जिससे पादप में विभेदन प्रेरित होता है। इस पादप को गमले या मिट्टी में रोपित किया जाता है, जिससे वयस्क पौधे बनते हैं। सेवन्ती, सतावर, ऑर्किड आदि इसी विधि से उगाया जाता है।

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प्रश्न 20.
मनुष्य में नर जनन तंत्र का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मनुष्य में नर जननांग में वृषण (Testis) आ हैं, जो जोड़े में रहते हैं और मांसल थैले वृषणकोश (Scro-tum) के अन्दर स्थित होते हैं। दोनों वृषण से एक सँकरी नलिका निकलती है जो एक बड़ी नलिका मूत्रवाहिनी या यूरेथ्रा (Urethra) में खुलती है पुरुषों में यूरेथ्रा एक मांसल संरचना है इसे शिश्न (Penis) कहते हैं। शिश्न में बहुत अधिक रक्त की पूर्ति होती है। इसकी मांसपेशियाँ विशेष प्रकार की होती हैं।
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शिश्न मूत्र और शुक्राणुओं दोनों को ही बाहर निकालने का कार्य करता है। वृषण में एक विशिष्ट संरचना पायी जाती है इसे शुक्राशय (Seminal Vesicle) कहते हैं। ये शुक्राणु के पोषण के लिए एक लसलसा तरल द्रव स्त्रावित करते हैं। शुक्राणु शिश्न द्वारा मादा जननांग में छोड़े जाते हैं। नर जनन तंत्र पुरुषों में 13-14 वर्ष की उम्र में क्रियाशील हो जाते हैं।

प्रश्न 21.
मनुष्य में मादा जनन तंत्र का नामांकित चित्र बनाइए। अण्डाशय और अण्डवाहिनी का कार्य लिखिए।
उत्तर:
मादा जननतन्त्र में अण्डाशय (Ovary), अण्डवाहिनी (Oviduct), योनि (Vagina), गर्भाशय (Uterus) और योनिद्वार (Vulva) होते हैं। अण्डाशय (Ovaries) एक जोड़े में पाये जाते हैं और उदरगुहा (Ab- dominal cavity) में स्थित होते हैं। प्रत्येक अण्डाशय के निकट एक सँकरी नलिका के रूप में अण्डवाहिनी
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शुरू होकर पतली और कुण्डलित फेलोपियन ट्यूब में बढ़ती है। दोनों ओर की अण्डवाहिनियाँ एक चौड़े नाल में खुलती हैं, इसे गर्भाशय कहते हैं। गर्भाशय एक अन्य सँकरे कक्ष में खुलता है जिसे योनि कहते हैं। यह एक संकर छिद्र योनिद्वार द्वारा बाहर खुलती हैं। उत्सर्जन नलिका (मूत्र वाहिनी) एक स्वतन्त्र छिद्र द्वारा बाहर खुलती है।
(i) अण्डाशय के कार्य दो अण्डाशय उदर गुहा के निचले भाग में स्थित होते हैं। इनमें अण्डाणु बनता है।

(ii) अण्डवाहिनी के कार्य- यह पतली, कुण्डलित पेशीय नली है जो गर्भाशय और अण्डाशय को जोड़ती है। यह अपनी कशाभिका क्रियाओं द्वारा अण्डाणुओं को गर्भाशय तक पहुँचाती है तथा निषेचन के
लिए स्थान प्रदान करती है।

प्रश्न 22.
सजीवों में प्रजनन को संक्षिप्त में समझाइये।
अथवा
अलैंगिक प्रजनन तथा लैंगिक प्रजनन को समझाइए।
उत्तर:
वह प्रक्रम जिसमें सजीवों की एक पीढ़ी दूसरी पीढ़ी को उत्पन्न करती है, प्रजनन कहलाता है। यह सजीवों का सबसे महत्त्वपूर्ण गुण है।
प्रजनन मुख्यतः दो विधियों से होती है- (i) अलैंगिक जनन, (ii) लैंगिक जनन।
(1) अलैंगिक जनन इस प्रकार के जनन में नर तथा मादा युग्मकों का निर्माण नहीं होता है। एक ही जीव समसूत्री विभाजन विधि से जनन करता है। इसमें जीव स्वयं गुणित होते हैं और नये जीव को जन्म देते हैं। इसकी प्रमुख विधियाँ निम्नलिखित हैं-

  • विखण्डन
  • मुकुलन
  • बीजाणुओं द्वारा जनन,
  • खण्डन
  • कायिक प्रवर्धन

(2) लैंगिक जनन – इस प्रकार के जनन में नये जीव की उत्पत्ति नर युग्मक तथा मादा युग्मक के संयुग्मन से प्राप्त युग्मनज से होती है। नर युग्मक तथा मादा युग्मक क्रमशः वृषण तथा अण्डाशय में बनते हैं जो निषेचन की प्रक्रिया द्वारा मिलते हैं।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
अमीबा में अलैंगिक जनन की विधियाँ लिखिए।
उत्तर:
अमीबा में जनन अमीबा में जनन द्विखण्डन विधि द्वारा होता है। इस विधि में अमीबा समसूत्री विभाजन द्वारा पहले केन्द्रक का तथा बाद में कोशिका द्रव्य विभाजित खण्ड विकसित होकर दो पुत्री अमीबा का निर्माण कर देता है जो बड़ी होकर मातृ अमीबा का रूप ले लेती हैं। चूँकि इसमें एक जीव बीच में से टूटकर दो भागों में बँट जाता है, अत: इसे द्विखण्डन कहते हैं।
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प्रश्न 2.
कायिक प्रवर्धन के कोई चार लाभ लिखिए।
उत्तर:
कायिक प्रवर्धन के प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं-

  • इस विधि से बिना बीज वाले पौधे विकसित किये जा सकते हैं।
  • इस विधि में इच्छित गुणों वाले पौधे एवं फलों को प्राप्त किया जा सकता है।
  • इस विधि से उत्पन्न पौधों में जल्दी पुष्प खिलते हैं और फल भी जल्दी लगते हैं।
  • यह विधि कुछ पौधों को उगाने की एक सुगम तथा जल्दी बढ़ाने में सहायक है।

प्रश्न 3.
बाह्य निषेचन तथा आन्तरिक निषेचन का क्या अर्थ है? स्वयं निषेचन तथा पर- निषेचन में क्या अन्तर है?
उत्तर:
बाह्य निषेचन – जब निषेचन की क्रिया मादा शरीर के बाहर होती है तो इसे बाह्य निषेचन कहते हैं।
उदाहरण- मेढक में।

आन्तरिक निषेचन – जब निषेचन की क्रिया मादा के शरीर के अन्दर होती है तो इसे आन्तरिक निषेचन कहते हैं। उदाहरण- गाय, मनुष्य में।

स्वयं निषेचन – जब किसी एकलिंगी जीव के नर युग्मक तथा मादा युग्मक का निषेचन होता है तो वह क्रिया स्वयं निषेचन कहलाती हैं। उदाहरण- केंचुआ।

पर-निषेचन – जब एक जीव (नर) का शुक्राणु (नर युग्मक) दूसरे जीव मादा के अण्डाणु (मादा युग्मक) को निषेचित करता है तो यह क्रिया पर निषेचन कहलाती है।

प्रश्न 4.
पुरुष में प्रजनन अंग कब क्रियाशील होते हैं? इस अवस्था के प्रमुख लक्षण लिखिए।
उत्तर:
पुरुष में प्रजनन अंग 13-14 वर्ष की आयु में क्रियाशील होते हैं। इन अंगों से हार्मोन स्रावित होते हैं जिससे शारीरिक परिवर्तन भी होते हैं। इस अवस्था के प्रमुख लक्षण हैं-

  • जंघनास्थि पर बालों का बढ़ना।
  • मूँछ और दाढ़ी का निकलना।
  • बगलों में तथा शिश्न व वृषणकोश के चारों ओर बाल उगना।
  • शरीर सुडौल व ताकतवर हो जाता है।

प्रश्न 5.
स्त्रियों में प्रजनन अंग कब क्रियाशील होते हैं? इसके प्रमुख लक्षण लिखिए।
उत्तर:
स्त्रियों में प्रजनन अंग 11-14 वर्ष की आयु में अपना कार्य करना प्रारम्भ करते हैं। इस अवस्था में लड़कियों में प्रमुख लैंगिक लक्षण निम्नलिखित हैं-

  • वक्ष का विकसित होना।
  • जंघनास्थि पर बालों का बढ़ना।
  • ऋतुस्राव प्रारम्भ होना।
  • बगल में बाल निकलना।

प्रश्न 6.
उभयलिंगी जीवों में लैंगिक प्रजनन को समझाइये।
उत्तर:
कुछ ऐसे जीव होते हैं जिसमें नर एवं मादा ही जननांग पाये जाते हैं, इन्हें उभयलिंगी कहते हैं। इन जीवों में एक ही समय में एक ही जननांग क्रियाशील होता है अर्थात् ये द्विलिंगी होते हुए भी एकलिंगी जीवों जैसा व्यवहार करते हैं और नर एवं मादा युग्मक अलग- अलग समय में उत्पन्न करते हैं। अतः इसमें अपने आप प्रजनन नहीं होता बल्कि एक युग्मक नर एवं दूसरा मादा जीव से संयुक्त होता है और नये जीव की उत्पत्ति होती है।

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प्रश्न 7.
परिवार नियोजन की आवश्यकता एवं उसकी विधियों का विवरण दीजिए।
अथवा
परिवार नियोजन से आप क्या समझते हैं? परिवार नियोजन की विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए।
अथवा
परिवार नियोजन को परिभाषित कीजिए। नियोजित परिवार के लिए दो स्थायी विधियों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
परिवार नियोजन (परिवार कल्याण) (Family Planning) – परिवार कल्याण (परिवार नियोजन) का मुख्य उद्देश्य जन्म दर को कम करना जब परिवार में सीमित 2-3 बच्चे होंगे तो कल्याणकारी योजनाओं को भली प्रकार बनाया जा सकता है। परिवार में बच्चों को पेटभर अच्छा भोजन, तन ढकने को वस्त्र, उचित शिक्षा एवं उनके स्वास्थ्य की अच्छी देखभाल आसानी से की जा सकती है। इससे परिवार का कल्याण होगा। परिवार सीमित रखने के विभिन्न उपाय हैं। इसको दो विधियों में बाँटा गया है-

  • अस्थायी विधियाँ
  • स्थायी विधियाँ।

1. अस्थायी विधियाँ (Temporary Methods)
(क) आत्मसंयम (Self-control) – पुरुष का स्त्री के साथ केवल सुरक्षित काल में ही लैंगिक सम्पर्क हो। शेष दिनों में आत्मसंयम रखें।

(ख) लूप (Loop) – अस्पतालों में परिवार कल्याण विभाग द्वारा स्त्रियों को लूप लगाने की व्यवस्था है। इसके लगवाने के बाद गर्भधारण नहीं हो सकता।

(ग) निरोध (Condom ) निरोध का प्रयोग पुरुषों द्वारा किया जाता है। इसके प्रयोग से गर्भधारण नहीं हो सकता।

(घ) स्त्रियों का सुरक्षित काल (Safe Period) – मासिक धर्म के एक सप्ताह पूर्व तथा एक सप्ताह बाद का समय सुरक्षित काल कहा जाता है। इस समय में गर्भधारण करने की सम्भावनाएँ कम रहती हैं। यह विधि विश्वसनीय नहीं है।

(ङ) रासायनिक ओषधियाँ (Pills) – अस्पताल से गर्भनिरोधक गोलियाँ प्राप्त की जा सकती हैं जिससे गर्भ-धारण करने की सम्भावनाएँ कम हो जाती हैं।

(च) गर्भसमापन (Abortion ) अनावश्यक बच्चे के लिए अस्पताल जाकर लेडी डॉक्टर की सलाह से गर्भसमापन कराया जा सकता है। किसी अप्रशिक्षित अकुशल स्त्री द्वारा गर्भ समापन नहीं कराना चाहिए, इससे महिला के जीवन को खतरा हो सकता है।

2. स्थायी विधियाँ (Permanent Methods)
(क) पुरुष का ऑपरेशन (Vasectomy) – शुक्रनलिका का यह बहुत ही साधारण ऑपरेशन है। इसमें किसी प्रकार का भय नहीं है।

(ख) महिला का ऑपरेशन ( Tubectomy)- अण्डनलिका का यह ऑपरेशन साधारण होता है घाव पूरा होने की अवधि में सावधानी रखनी चाहिए।

प्रश्न 8.
पौधों में अलैंगिक जनन की विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए।
अथवा
पादपों में अलैंगिक जनन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
अलैंगिक जनन (Asexual Reproduction):
इस प्रकार के जनन में दो लिंगों की आवश्यकता नहीं होती। इसमें जीव स्वयं गुणित होते हैं। अलैंगिक जनन की विभिन्न विधियाँ निम्न प्रकार हैं-
(1) विखण्डन (Fission ) – जब जीव पूर्ण विकसित होता है तब यह दो भागों में विभाजित हो जाता है, इसे विखण्डन कहते हैं पहले केन्द्रक विभाजित होता है और फिर कोशिका द्रव्य विखण्डन से जब दो जीव बनते हैं तो उस प्रक्रिया को द्विखण्डन कहते हैं। इससे दो संतति कोशिकाएँ बनती हैं।

कभी-कभी प्रतिकूल परिस्थितियों में कोशिका के चारों ओर एक संरक्षक परत या भित्ति बन जाती है। ऐसी अवस्था (Cyst) कहते हैं। पुटी के अन्दर कोशिका कई बार विभाजित हो जाती है जिससे बहुत-सी संतति कोशिकाएँ जाती हैं। पुटी के फटने के बाद बहुत सी कोशिकाएँ को पुटी बन बाहर निकल जाती हैं।

(2) मुकुलन (Budding) – शरीर पर एक बल्ब की तरह की संरचना बनती है जिसे मुकुल (bud) कहते हैं। शरीर का केन्द्रक दो भागों में उनमें जीव से अलग होकर वृद्धि विभाजित हो है और से एक केन्द्रक मुकुल में आ जाता है। मुकुल पैतृक करता है और पूर्ण विकसित जीव बन जाता है। उदाहरणतः यीस्ट और हाइड्रा

(3) खण्डन (Fragmentation) – स्पाइरोगाइरा जैसे कुछ जीव पूर्ण विकसित होने के बाद साधारणतः दो या अधिक खण्डों में टूट जाते हैं ये खण्ड वृद्धि करके पूर्ण विकसित जीव बन जाते हैं।

(4) बीजाणुजनन (Sporogenesis ) – कुछ जीवाणु तथा निम्नवर्गीय जीव बीजाणु विधि द्वारा जनन प्रतिकूल परिस्थिति में कोशिका की रक्षा के लिए उसके करते हैं। बीजाणु कोशिका की विराम अवस्था है जिसमें चारों ओर एक मोटी भित्ति बन जाती है। अनुकूल परिस्थिति में मोटी भित्ति टूट जाती है और जीवाणु सामान्य विधि से जनन करता है और वृद्धि करके पूर्ण विकसित जीव बन जाता है। इस विधि द्वारा जनन करने के कुछ उदाहरण हैं- म्यूकर, फर्न अथवा माँस।

(5) कायिक प्रवर्धन (Vegetative Reproduction)- पौधे के किसी भी कायिक अंग जैसे पत्ता, तना अथवा जड का उपयोग करके नया पौधा तैयार करने की प्रक्रिया को कायिक प्रवर्धन कहते हैं। इस विधि का उपयोग प्रायः उच्चवर्गीय पौधों विशेषतः उद्यान में लगाने वाले तथा फल देने वाले पौधों में प्रवर्धन अथवा एक सामान्य पोदीने की किया जाता है। पौधों में कायिक विधि है। उदाहरणतः अमरूद, शकरकन्द छोटी-छोटी जड़ों पर अपस्थानिक कलियाँ होती हैं। होती हैं। ये कलियाँ अनुकूल परिस्थितियों में वृद्धि करके पूर्ण विकसित पौधा बना देती हैं।

अन्य पौधों में उनकी शाखाएँ कुछ दूरी तक उगती हैं और उसके बाद उनमें भूमि की ओर अपस्थानिक जड़ें और ऊपर की ओर पत्तियाँ निकलती हैं। आलू की शल्की कार्यों के कक्ष में कलियाँ होती हैं। इन कलियों से वायवीय प्ररोह विकसित हो जाते हैं। इसके अन्य उदाहरण हैं-अदरक, हल्दी, प्याज, केला, लहसुन तथा जलकुम्भी।

पत्तियाँ (Leafs) – ब्रायोफिल्लम के पौधों में पत्तियों के किनारों पर स्थित खाँचों में अपस्थानिक कलिकाएँ होती हैं जो अनुकूल दशाओं में विकसित होकर पूरा पौधा बना देती हैं।

किसानों ने पौधों में कायिक प्रवर्धन विधि का उपयोग अपने आर्थिक लाभ के लिए किया है। इस विधि से वह उद्यानों तथा नर्सरी में नये-नये पौधे उगा सकता है। कायिक प्रवर्धन में रोपण, कलम, दाब कलम तथा ऊतक संवर्धन जैसी विधियाँ अपनायी जाती हैं।

प्रश्न 9.
पौधों में लैंगिक जनन के अंगों का विवरण देते हुए इसकी प्रक्रिया समझाइए।
उत्तर:
पौधों में लैंगिक जनन (Sexual Reproduc- tion in Plants) पुष्प पौधे का जनन अंग होता है। चित्र में फूल में जनन अंगों को दिखाया जाता है। इसमें पुंकेसर (Stamens) नर तथा जायांग (Gynoecium) मादा जनन अंग है। पुंकेसर के अग्र भाग पर परागकोश (Anthers) होते हैं। परागकोश में परागकण होते हैं। परागकण (Pollen grains) छोटी-छोटी संरचनाएँ होती हैं जो नर युग्मक का कार्य करती है। जायांग का आधार चौड़ा होता है और ऊपर जाते जाते पतला होता जाता है। निचले चौड़े आधार को अण्डाशय (Ovary) कहते हैं। इसमें अण्डाणु होते हैं। अण्डाणु में बीजाण्ड (Ovule) होते हैं जायांग के ऊपरी भाग को वर्तिका (Style) कहते हैं।

वर्तिका का अग्रभाग चिपचिपा होता है। इसे वर्तिकाग्र (stigma) कहते हैं। परागकण हवा, पानी या कीटों द्वारा जायांग के वर्तिकान पर पहुँच जाते हैं। परागकोश से परागकण वर्तिकाग्र पर स्थानान्तरित हो जाते हैं तब ऐसी प्रक्रिया को परागण (Pollination) कहते हैं। परागण के बाद परागकण से एक परागनली निकलती है। परागनली में दो नर युग्मक होते हैं। इनमें से एक नर युग्मक परागनली में से होता हुआ बीजाण्ड तक पहुँच जाता है। यह बीजाण्ड के साथ संलयित हो जाता है जिससे एक युग्मनज (Zygote) बनता है। ऐसे संलयन को निषेचन (fertilisation) कहते हैं। युग्मनज समसूत्री विधि द्वारा कई बार विभाजित होता है जिससे अन्ततः एक नया पौधा बन जाता है।
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते है 7

प्रश्न 10.
परपरागण किसे कहते हैं? पर परागण की विभिन्न विधियों का केवल नाम लिखिए। परागकण के अंकुरण का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर:
पर परागण – एक पुष्प के परागकण उसी प्रजाति के किसी अन्य पौधों के पुष्प के वर्तिकाग्र पर पहुँचने की क्रिया पर परागण कहलाती है।
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते है 8
परपरागण की विधियाँ निम्नलिखित हैं-

  • कीट परागण
  • वायु परागण
  • जल परागण
  • पक्षी परागण
  • मनुष्य परागण

परागकण का अंकुरण – वर्तिकाग्र से सामान्यतः एक तरल पदार्थ स्त्रावित होता है जिसमें प्राय: शर्करा या मैलिक अम्ल जैसे रसायन होते हैं। तरल पदार्थों को अवशोषित करके परागकण फूलने लगता है। अन्त: चोल (intine) जनन छिद्रों (germ pore) से परागनलिका (pollen tube) के रूप में बाहर निकल आता है। परागनलिका में जनन केन्द्रक तथा वर्धी केन्द्रक आ जाते हैं।

प्रश्न 11.
पादप हॉर्मोन्स क्या हैं? किन्हीं तीन पादप हॉर्मोन्स के नाम एवं उनके कार्यों का उल्लेख कीजिए।
अथवा
किन्हीं दो पादप हॉर्मोन्स के नाम तथा इसके एक-एक कार्य बताइए।
अथवा
ऑक्सिन एवं जिब्रेलिन के कार्यों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
पादप हॉर्मोन्स (Plant Harmones) – पौधों में तन्त्रिका तन्त्र नहीं होता है। अतः इनमें केवल रासायनिक समन्वय ही होता है। जन्तुओं की भाँति पौधों की कुछ विशिष्ट कोशिकाओं में एक विशेष प्रकार का रस या रासायनिक पदार्थ स्त्रावित होता है जिन्हें हॉर्मोन (Hor- mones) कहते हैं। हॉर्मोन जटिल कार्बनिक यौगिक है। विभिन्न प्रकार के हॉर्मोन अलग-अलग जैविक क्रियाओं का नियन्त्रण एवं समन्वय करते हैं। आवश्यकतानुसार हॉर्मोन शरीर में एक जगह से दूसरे जगह स्थानान्तरित होते रहते हैं। पादप हॉर्मोन निम्नलिखित प्रकार के होते हैं-
1. ऑक्सिन (Auxin) – ये जटिल कार्बनिक यौगिकों के समूह हैं जो वृद्धि नियंत्रक में भाग लेते हैं। ये पौधे के जड़ एवं तनों के शीर्ष पर उत्पन्न होते हैं तथा लम्बाई में बढ़ने वाले भाग की तरफ स्थानान्तरित होकर कोशिका विभाजन तथा कोशिका दीर्घीकरण में भाग लेते हैं। पौधों में आकृति एवं आकार के विकास पर भी इनका नियंत्रण होता है।

ऑक्सिन के कुछ महत्त्वपूर्ण उदाहरण निम्नलिखित हैं-

  • इण्डोल ऐसीटिक एसिड (IAA)
  • इण्डोल प्रोपियोनिक एसिड (IPA)
  • इण्डोल ब्यूटारिक एसिड (IBA)
  • नेपथेलीन ऐसीटिक एसिड (NAA)
  • फिनाइल ऐसीटिक एसिड (PAA) आदि।

इनके निम्नलिखित कार्य है-

  • ये कोशिका वृद्धि एवं कोशिका दीर्घीकरण द्वारा तने की वृद्धि में सहायता करते हैं।
  • अंकुरित बीजों की जड़ों में ऑक्सिन वृद्धि दर को कम कर देते हैं।
  • जड़ एवं तनों की वृद्धि को नियन्त्रित करते हैं।
  • ऑक्सिन पत्तियों का गिरना, फूलों का खिलना तथा फलों का बनना एवं पकना आदि को प्रभावित करते हैं।
  • अनिषेचित पुष्पों पर IAA के छिड़काव से बीजरहित फल मिलते हैं।
  • कुछ ऑक्सिन खरपतवार नाशक होते हैं अर्थात् गेहूँ, मक्का आदि के खेतों में उगे खरपतवार ऑक्सिन के छिड़काव से नष्ट हो जाते हैं।

2. जिब्रेलिन (Gibberelins) – ये जटिल कार्बनिक यौगिकों के समूह हैं। इसमें कई हॉर्मोन आते हैं। ये तनों के शीर्ष, नई पत्तियों तथा बीजों में बनते हैं इस समूह का मुख्य हॉर्मोन, जिब्रेलिक एसिड है। इसके कार्य निम्नलिखित

  • इसके प्रभाव से कोशिका विभाजन एवं कोशिका दीर्घीकरण द्वारा पौधे लम्बे हो जाते हैं। इसके छिड़काव से बौने मटर एवं मक्के के पौधे लम्बे हो जाते हैं। यहाँ तक कि पौधे की दूनी, तिगुनी वृद्धि हो जाती है।
  • ये काष्ठीय पौधों में कैम्बियम की सक्रियता को बढ़ाते हैं।
    JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते है 9
  • इसके प्रभाव से पौधे कम समय में ही पुष्पित होने लगते हैं।
  • इसका प्रयोग बीजरहित फलों उत्पादन होता है।
  • इसके छिड़काव से फूलों एवं फलों का आकार बड़ा हो जाता है।
  • यह बीजों की सुसुप्त ( निष्क्रिय) अवस्था को समाप्त करके उसे अंकुरित करता है।
  • फूलों को खिलने में सहायता करता है।

3. काइनन्स (Kinins) – ये भी जटिल कार्बनिक यौगिक हैं। इसका मुख्य उदाहरण काइनेटिन (kinetin) है। इसके कार्य निम्नलिखित हैं-

  • ये कोशिका विभाजन एवं कोशिका दीर्घीकरण में भाग लेते हैं।
  • ये प्रोटीन बनाने में सहायक होते हैं।
  • इनके द्वारा पार्श्व कलिकाएँ अधिक वृद्धि करती हैं।
  • ये बीजों के अंकुरण को प्रेरित करते हैं।

4. एब्सेसिक एसिड (Abscissic Acid) – इसे ABC हॉर्मोन कहते हैं। वैज्ञानिकों को अभी कुछ वर्षों पहले इसका पता चला है। इसका संश्लेषण पत्तियों तनों फलों एवं बीजों में होता है। इसके निम्नलिखित कार्य हैं-

  • इसके प्रभाव से तने की वृद्धि मन्द हो जाती है।
  • यह पौधों की पत्तियों, फलों एवं फलों के गिरने का नियमन करता है।
  • यह रन्ध्रों के छिद्रों का नियमन कर वाष्पोत्सर्जन क्रिया को कम कर देता है।

प्रश्न 12.
निषेचन किसे कहते हैं? द्विनिषेचन एवं निषेचनोपरान्त पुष्प में होने वाले परिवर्तनों को समझाइए।
उत्तर:
आवृत्तबीजी पौधों में निषेचन के समय परागनली में उपस्थित दो नर युग्मकों में से एक नर युग्मक बीजाण्ड के साथ संलयित होता है तथा दूसरा युग्मक द्वितीयक केन्द्रक से संलयित होता है। इस संपूर्ण प्रक्रिया को द्विनिषेचन कहते हैं। परागकण हवा, पानी या कीटों द्वारा जायांग के वर्तिकाग्र पर पहुँच जाते हैं।

परागकोश से परागकण वर्तिकाग्र पर स्थानान्तरित हो जाते हैं तब ऐसी प्रक्रिया को परागण (pollination) कहते हैं। परागण के बाद परागकण से एक परागनली निकलती है। परागनली में दो नर युग्मक होते हैं। इनमें से एक नर युग्मक परागनली में से होता हुआ बीजाण्ड तक पहुँच जाता है।

यह बीजाण्ड के साथ संलयित हो जाता है जिससे एक युग्मनज (zygote) बनता है। ऐसे संलयन को निषेचन (fertilisation) कहते हैं। युग्मनज समसूत्री विधि द्वारा कई बार विभाजित होता है जिससे अन्ततः एक नया पौधा बन जाता है। निषेचनोपरांत पुष्प में होने वाले परिवर्तन- निषेचन के बाद फूल के पंखुड़ी, पुंकेसर, वर्तिका तथा वर्तिकाग्र गिर जाते हैं। बाह्यदल सूख जाता है पर अण्डाशय से लगा रहता है। अण्डाशय शीघ्रता से वृद्धि करता है। इसमें स्थित कोशिकाएँ विभाजित होकर वृद्धि करती हैं और बीज का बनना आरम्भ हो जाता है।
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते है 10
बीज में एक पौधा अथवा उत्पन्न करने की क्षमता होती है। भ्रूण में एक छोटी जड़ (मूलज), एक छोटा प्ररोह (प्रांकुर) तथा बीजपत्र (Coty- ledons) होते हैं बीजपत्र में भोजन संचित रहता है। समयानुसार बीज कठोर होकर सूख जाता है। यह बीज प्रतिकूल परिस्थित में भी जीवित रह सकता है। अण्डाशय की दीवार या तो कडी हो जाती है और एक फली बन जाती है, जैसे खसखस में अथवा एक गूदेदार रसीला फल बन सकती है जैसे- आलूबुखारा अथवा टमाटर में निषेचन के बाद सारे अण्डाशय को फल कहते हैं।

प्रश्न 13.
निषेचन के बाद पुष्प में होने वाले परिवर्तनों का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
उत्तर:
निषेचन के बाद पुष्य में होने वाले परिवर्तन

  • बाह्यदलप्राय: मुरझाकर गिर जाते हैं, परन्तु टमाटर, बैंगन, रसभरी, मिर्च आदि फलों के साथ लगे रहते हैं।
  • दल – मुरझाकर गिर जाते हैं।
  • पुंकेसर झड़ जाते हैं।
  • वर्तिकाग्र – मुरझा जाता है।
  • वर्तिकामुरझा जाती है।
  • अण्डाशय फल में बदल जाता है।
  • बीजाण्ड – बीज में परिवर्तित हो जाता है।
  • अण्डकोशिका – भ्रूण बनाती है।
  • द्वितीय नर युग्मक परागनली में प्रवेश करने वाले दो शुक्राणुओं में से एक अण्डाणु से संलयित (fuse) होकर युग्मक (zygote) बनाता है। दूसरा शुक्राणु अन्य अण्डाणु (ovum) से मिलकर द्वितीयक युग्मज ( diploid zygote) बनाता है जिससे एक स्राव (secretion) उत्पन्न होता है। यह नाव प्रथम युग्मनज को आवरण के रूप में ढक लेता है, जिससे बीजाणु (oospore) बनता है।
  • बीजाण्ड कवच बीजाण्ड बनता है।
  • बीजाण्डवृन्त- बीजवृन्त बनाता है।

बहुविकल्पीय प्रश्न

निर्देश: प्रत्येक प्रश्न में दिये गये वैकल्पिक उत्तरों में से सही विकल्प चुनिए-

1. शुक्राणु उत्पन्न होते हैं-
(a) शुक्राशय
(b) शिश्न में
(c) शुक्राणु नली में
(d) वृषण में
उत्तर:
(d) वृषण में

2. अण्डाणु उत्पन्न होते हैं-
(a) गर्भाशय में
(b) अण्डाशय में
(c) योनि मार्ग में
(d) डिम्बवाहिनी में
उत्तर:
(b) अण्डाशय में

3. केवल नर में पायी जाने वाली ग्रन्थि है-
(a) प्रोस्टेट
(b) जठर
(c) पेरिनियल
(d) पैन्क्रियास
उत्तर:
(a) प्रोस्टेट

4. मनुष्य का वृषण देहगुहा के बाहर होता है क्योंकि-
(a) उनका ताप देह के आंतरिक ताप से कम रहे
(b) देहगुहा में स्थान की कमी है।
(c) मैथुन में सुगमता होती है।
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(a) उनका ताप देह के आंतरिक ताप से कम रहे

JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते है

5. नर जनन अंगों से सम्बन्धित ग्रन्थि है-
(a) एथिडिडाइमिस
(b) अधिवृक्क ग्रन्थि
(c) प्रोस्टेट ग्रन्थि
(d) अग्न्याशय
उत्तर:
(c) प्रोस्टेट ग्रन्थि

6. मानव मादा में निषेचन होता है-
(a) गर्भाशय में
(b) अंडाशय में
(c) योनि में
(d) फैलोपियन नलिका में
उत्तर:
(d) फैलोपियन नलिका में

7. निम्नलिखित में से किसमें मुकुलन विधि द्वारा अलैंगिक जनन होता है-
(a) अमीबा
(b) यीस्ट
(c) स्पाइरोगाइरा
(d) ब्रायोफिलम
उत्तर:
(b) यीस्ट

8. जनकों से संतति में संप्रेषित होने वाले लक्षण किसमें विद्यमान होते हैं?
(a) कोशिकाद्रव्य
(b) राइबोसोम
(c) गॉल्जीकाय
(d) जीन
उत्तर:
(d) जीन

9. जनकों से संतति में संप्रेषित होने वाले लक्षण क्या प्रदर्शित करते हैं?
(a) केवल जनकों से समानताएँ
(b) केवल जनकों से विविधताएँ
(c) जनकों के साथ समानताएँ और विविधताएँ
(d) न समानताएँ और न विविधताएँ
उत्तर:
(c) जनकों के साथ समानताएँ और विविधताएँ

10. अमीबा, स्पाइरोगाइरा और यीस्ट में जनन की सामान्य विशेषता क्या होती है?
(a) ये अलैंगिक रूप से जनन करते हैं।
(b) ये सभी एककोशिक हैं।
(c) ये केवल लैंगिक रूप से जनन करते हैं।
(d) ये सभी बहुकोशिक हैं।
उत्तर:
(a) ये अलैंगिक रूप से जनन करते हैं।

11. पुष्प में कितने भाग होते हैं?
(a) तीन
(b) चार
(c) पाँच
(d) छह
उत्तर:
(d) छह

12. बीजाणुओं द्वारा अलैंगिक जनन होता है-
(a) अमीबा में
(b) स्पाइरोगाइरा में
(c) यीस्ट में
(d) मॉस में
उत्तर:
(d) मॉस में

13. खण्डन विधि द्वारा अलैंगिक जनन होता है-
(a) अमीबा में
(b) स्पाइरोगाइरा में
(c) यीस्ट में
(d) मॉस में
उत्तर:
(b) स्पाइरोगाइरा में

14. मुकुलन विधि द्वारा अलैंगिक जनन होता है-
(a) अमीबा में
(b) स्पाइरोगाइरा में
(c) यीस्ट में
(d) मॉस में
उत्तर:
(c) यीस्ट में

15. हाइड्रा में अलैंगिक जनन होता है-
(a) विखण्डन द्वारा
(b) मुकुलन द्वारा
(c) खण्डन द्वारा
(d) बीजाणुओं द्वारा
उत्तर:
(b) मुकुलन द्वारा

16. म्यूकर में अलैंगिक जनन होता है-
(a) विखण्डन द्वारा
(b) मुकुलन द्वारा
(c) खण्डन द्वारा
(d) बीजाणुओं द्वारा
उत्तर:
(d) बीजाणुओं द्वारा

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17. कायिक प्रवर्धन सम्भव है-
(a) जड़ द्वारा
(b) तना द्वारा
(c) पत्ती द्वारा
(d) उपर्युक्त में से किसी भी द्वारा
उत्तर:
(d) उपर्युक्त में से किसी भी द्वारा

18. द्विनिषेचन पाया जाता है-
(a) सभी जीवों में
(b) सभी पादपों में
(c) आवृत्तबीजी पौधों में
(d) केवल जलीय पौधों में
उत्तर:
(c) आवृत्तबीजी पौधों में

19. तने पर अपस्थानिक कलियाँ पायी जाती हैं-
(a) पोदीने में
(b) आलू में
(c) प्रायोफिल्लम मैं
(d) सभी में
उत्तर:
(b) आलू में

20. पत्तियों द्वारा कायिक प्रवर्धन होता है-
(a) पोदीने में
(b) आलू में
(c) ब्रायोफिल्लम में
(d) सभी में
उत्तर:
(c) ब्रायोफिल्लम में

21. अन्तरावस्था के दौरान केन्द्रक में किसका जाल होता है?
(a) हिस्टोन का
(b) क्रोमेटिन धागे का
(c) गुणसूत्रों का
(d) RNA का
उत्तर:
(b) क्रोमेटिन धागे का

22. ऐच्छिक किस्म का पौधा प्राप्त करने के लिएउपयुक्त विधि है-
(a) कलम
(b) रोपण
(c) दाब
(d) इनमें से कोई भी
उत्तर:
(b) रोपण

23. निषेचन के बाद फल में बदलता है-
(a) बाह्यदल
(b) पुंकेसर
(c) अण्डाशय
(d) बीजाण्डासन
उत्तर:
(c) अण्डाशय

24. परागनली नर युग्मक की संख्या होती है-
(a) एक
(b) दो
(c) तीन
(d) चार
उत्तर:
(b) दो

25. मुकुलन द्वारा अलिंगी जनन निम्नलिखित में से किस जन्तु में होता है?
(a) मेढक
(b) अमीबा
(c) केंचुआ
(d) हाइडा
उत्तर:
(d) हाइडा

26. किस पादप हॉरमोन का उपयोग बिना निषेचन के बीजरहित फल के निर्माण में किया जाता है?
(a) जिबरेलिन
(b) एथिलीन
(c) साइटोकाइनिन
(d) ऑक्सिन
उत्तर:
(a) जिबरेलिन

27. अनिषेक फलन (बीजरहित फलन) को प्रोत्साहित करता है-
(a) ऑक्सिन
(b) जिब्रेलिन
(c) एथिलीन
(d) फ्लोरीजेन
उत्तर:
(b) जिब्रेलिन

28. परागकणों का परागकोश से वर्तिका तक स्थानान्तरण कहलाता है-
(a) परागण
(b) अण्डोत्सर्ग
(c) निषेचन
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a) परागण

29. निम्नलिखित में से कौन पादप हॉर्मोन है-
(a) फीरोमोन
(b) जिब्रेलिन
(c) हिपैरिन
(d) इंसुलिन
उत्तर:
(b) जिब्रेलिन

30. पतझड़ से सम्बन्धित हॉर्मोन्स होता है-
(a) ऑक्सिन
(b) जिब्रेलिन
(c) एब्सेसिक अम्ल
(d) एथिलीन
उत्तर:
(c) एब्सेसिक अम्ल

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

  1. आलू में कायिक संचरण ……………….. द्वारा होता है।
  2. मानव मादा में अंडे का निषेचन ……………….. होता है।
  3. अंडाशय से अंडा निकलने की प्रक्रिया को ……………….. कहते हैं।
  4. मानव नर में शुक्राणु उत्पादन ……………….. अंग से होता है।
  5. मादा पुष्प का ……………….. भाग होता है।
  6. अलैंगिक जनन में ……………….. जीव निहित होते हैं।

उत्तर:

  1. स्तंभ
  2. फैलोपियन नालिका में
  3. अंडोत्सर्ग
  4. वृषण
  5. जायांग
  6. एक

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प्रश्न 1.
अलैंगिक जनन मुकुलन द्वारा होता है-
(a) अमीबा
(b) यीस्ट
(c) प्लैज्मोडियम
(d) लेस्मानिया
उत्तर:
(b) यीस्ट।

प्रश्न 2.
निम्न में से कौन मानव में मादा जनन तंत्र का भाग नहीं है?
(a) अंडाशय
(b) गर्भाशय
(c) शुक्रवाहिका
(d) डिंबवाहिनी
उत्तर:
(c) शुक्रवाहिका।

प्रश्न 3.
परागकोश में होते हैं-
(a) बाह्यदल
(b) अंडाशय
(c) अंडप
(d) परागकण
उत्तर:
(a) परागकरण।

प्रश्न 4.
अलैंगिक जनन की अपेक्षा लैंगिक जनन के क्या लाभ हैं?
उत्तर:
कोशिका विभाजन में डी.एन.ए. दो प्रतिकृति उत्पन्न करता है और इन प्रतिकृतियों में मूल कोशिका की डी.एन.ए. प्रतिकृति से कुछ विभिन्नताएँ होती हैं। अलैंगिक जनन में केवल डी.एन.ए. की प्रतिकृति के सृजन में आई विविधताएँ ही होंगी जो परिवर्तन एवं विकास के बहुत कम अवसर प्रदान करेगी। लैंगिक जनन में दो जनन कोशिकाएँ समाहित होती हैं। अत: डी.एन.ए. एन.ए. प्रतिकृतियों के संयोजन से विभिन्नताओं के नए संयोजन उत्पन्न होंगे और क्योंकि विभिन्नताएँ जीवित व्यष्टि के जनन में भाग लेने से आई अतः हानिकारक नहीं सकती।

(ध्यान रहे हानिकारक विभिन्नता उत्पन्न होने पर जीव की उत्तरजीविता असंभव हो जाती हैं)। अतः इस नए संयोजन से विकास व परिवर्तन के अवसर कई गुना अधिक होते हैं जबकि अलैंगिक जनन में संतति अपनी पितृ पीढ़ी से हूबहू मिलती है। इस प्रकार अलैंगिक जनन की अपेक्षा लैंगिक जनन के लाभ जीव या स्पीशीज के लक्षणों में परिवर्तन, विकास एवं उत्तरजीविता में वृद्धि करना है।

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प्रश्न 5.
मानव में वृषण के क्या कार्य हैं?
उत्तर:
मानव में वृषण के कार्य-

  • ये शुक्राणु उत्पन्न करते हैं।
  • ये हॉर्मोन टेस्टोस्टेरॉन उत्पन्न करते हैं जो शुक्राणु के उत्पादन को नियंत्रित करता है और युवकों में यौवनारंभ या द्वितीयक लैंगिक लक्षणों नियंत्रण करता है।

प्रश्न 6.
ऋतुस्राव क्यों होता है?
उत्तर:
यदि अंडाणु का निषेचन नहीं होता है तो वह एक दिन बाद नष्ट हो जाता है। गर्भाशय भी निषेचित अंडाणु को प्राप्त करने की तैयारी करता है। गर्भाशय की दीवार मोटी तथा स्पंजी हो जाती है। लेकिन निषेचन न होने पर ये धीरे-धीरे टूटती है और रुधिर व म्यूकस के रूप में योनि मार्ग बाहर निकलती है। इस प्रक्रिया को रजोधर्म या ऋतुस्राव कहते हैं। अतः ऋतुस्राव निषेचन न होने की अवस्था में होता है।

प्रश्न 7.
पुष्प की अनुदैर्घ्य काट का नामांकित चित्र बनाइए।
उत्तर:
पुष्प की अनुदैर्घ्य काट-
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प्रश्न 8.
गर्भनिरोधन की विभिन्न विधियाँ कौन-सी है?
उत्तर:
गर्भधारण रोकने की निम्नलिखित विधियाँ-
(i) यांत्रिक अवरोध – गर्भधारण को रोकने के लिए यांत्रिक अवरोध का प्रयोग किया जाता है जिससे शुक्राणु अंडकोशिका तक न पहुँच सकें। शिश्न को ढकने वाले कंडोम अथवा योनि में रखने वाली अनेक युक्तियाँ: जैसे- लूप अथवा कॉपर-टी (Copper-T) को गर्भाशय में स्थापित करना।

(ii) हार्मोन संतुलन का परिवर्तन – इस प्रकार दवाएँ मादा सामान्यतः गोली के रूप में लेती हैं, जिससे हॉर्मोन संतुलन में परिवर्तन हो जाता है तथा अंडे का विमोचन नहीं होता है। अतः निषेचन नहीं हो पाता है।

(iii) शल्य क्रिया तकनीक – यदि पुरुष की शुक्रवाहिकाओं को अवरुद्ध कर दिया जाए तो शुक्राणुओं का स्थानांतरण रुक जाएगा। यदि मादा की अंडवाहिनी अथवा फेलोपियन नलिका को अवरुद्ध कर दिया जाए तो अंड (डिंब) गर्भाशय तक नहीं पहुँच सकेगा। दोनों ही अवस्थाओं में निषेचन नहीं हो पाएगा।

प्रश्न 9.
एक-कोशिक एवं बहुकोशिक जीवों की जनन पद्धति में क्या अंतर है?
उत्तर:
एककोशिक जीवों में केवल एक ही कोशिका होती है। उनमें जनन के लिए अलग से कोई ऊतक या अंग नहीं होता है। अतः इनमें जनन केवल द्विविखंडन या बहुविखंडन द्वारा ही हो सकता है। कुछ जीवों जैसे यीस्ट आदि में मुकुलन द्वारा भी जनन होता है।

बहुकोशिक जीवों का का शरीर बहुत-सी कोशिकाओं से बना होता है। इनमें जनन तंत्र तंत्र होते जनन कं अलग से ऊतक था है। अतः इनमें जनन लैंगिक व अलैंगिक दोनों प्रकार से होता है।

प्रश्न 10.
जनन किसी स्पीशीज की समष्टि के स्थ्रायित्व में किस प्रकार सहायक है?
उत्तर:
अपनी जनन क्षमता का उपयोग कर जीवों की समष्टि पारितंत्र में स्थान में स्थान अथवा निकेत ग्रहण करते हैं। के दौरान DNA प्रतिकृति का बनना जीव की शारीरिक संरचना एवं डिजाइन के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण है जो उसे विशिष्ट निकेत के योग्य बनाती है। अतः किसी प्रजाति (स्पीशीज) की समष्टि के स्थायित्व का सम्बन्ध जनन से हैं।

प्रश्न 11.
गर्भनिरोधक युक्तियाँ अपनाने के क्या कारण हो सकते हैं?
उत्तर:
जनन एक ऐसा प्रक्रम है जिसके द्वारा जीव अपनी समष्टि की वृद्धि करते हैं। एक समष्टि में जन्मदर उसके आकार का निर्धारण करते हैं। जनसंख्या का विशाल आकार बहुत लोगों के लिए चिंता का विषय है। इसका मुख्य कारण यह है कि बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण प्रत्येक व्यक्ति के जीवन स्तर में सुधार लाना आसान कार्य नहीं है। अतः जनसंख्या की बढ़ती हुई संख्या पर नियंत्रण रखना जरूरी है। इसीलिए गर्भनिरोधक युक्तियाँ अपनानी चाहिए।

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पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 142)

प्रश्न 1.
डी एन ए प्रतिकृति का प्रजनन में क्या महत्त्व है?
उत्तर:
प्रजनन की मूल घटना है DNA की दो प्रतिकृति तैयार करना। इसके लिए कोशिकाएँ रासायनिक अभिक्रियाएँ करती हैं, जिससे DNA की दो प्रतिकृति बन जाती हैं। इन प्रतिकृतियों को अलग होने के लिए एक अलग कोशिकीय संरचना की आवश्यकता होती है। DNA की दोनों प्रतिकृतियाँ अलग होकर दो कोशिकाओं का निर्माण करती हैं। इस प्रकार प्रजनन में दो कोशिकाओं को बनाने के लिए DNA प्रतिकृति आवश्यक है।

प्रश्न 2.
जीवों में विभिन्नता स्पीशीज के लिए तो लाभदायक है परंतु व्यष्टि के लिए आवश्यक नहीं है, क्यों?
उत्तर:
जीवों में विभिन्नताओं की किसी जीव के अस्तित्व के लिए आवश्यक नहीं क्योंकि उसके जीवित रहने पर कुछ विभिन्नताओं का कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ता है वह समानता के आधार पर अधिक अनुकूल होता है। लेकिन DNA की दोनों प्रतिकृति बिल्कुल समान नहीं होती उनमें कुछ-न-कुछ विभिन्नताएँ अवश्य होती हैं जो धीरे-धीरे गहरी होती जाती हैं। जनन में होने वाली ये विभिन्नताएँ अन्ततः नई स्पीशीज के विकास में योगदान देती हैं तथा जैव विकास का आधार बनती हैं। अतः विभिन्नताएँ स्पीशीज के उद्भव के लिए आवश्यक हैं लेकिन जीव के जीवित रहने के लिए इनकी कोई आवश्यकता नहीं है।

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 146)

प्रश्न 1.
द्विखंडन बहुखंडन से किस प्रकार भिन्न है?
उत्तर:
द्विखंडन – इस विधि द्वारा कोई जीव एक कोशिका से दो कोशिकाओं में विभाजित हो जाता है। जैसे- अमीबा।
बहुखंडन – इस विधि में एक कोशिकीय जीव अनेक भागों विभक्त होता है तथा प्रत्येक भाग नए जीव में विकसित होता है। जैसे-मलेरिया परजीवी (प्लाज्मोडियम)।

प्रश्न 2.
बीजाणु द्वारा जनन से जीव किस प्रकार लाभान्वित होता है?
उत्तर:
बहुत-से सरल बहुकोशिकीय जीवों के वृन्त पर एक कैप्सूल जैसी संरचना होती है जिसे बीजाणुधानी कहते हैं। बीजाणु के चारों ओर एक मोटी भित्ति होती है, जो प्रतिकूल परिस्थितियों में उसकी रक्षा करती है, नम सतह के संपर्क में आने पर वह वृद्धि करने लगता है। ये हल्के तथा गोल होते हैं, जिसके कारण आसानी से वातावरण में फैल जाते हैं।

प्रश्न 3.
क्या आप कुछ कारण सोच सकते हैं जिससे पता चलता हो कि जटिल संरचना वाले जीव पुनरुद्भवन द्वारा नयी संतति उत्पन्न नहीं कर सकते ?
उत्तर:
जटिल संरचना वाले जीव पुनरुद्भवन द्वारा नई संतति उत्पन्न नहीं कर सकते क्योंकि-

  • ऐसे जीवों की संरचना अत्यन्त जटिल होती है।
  • ऐसे जीवों में एक विशिष्ट कार्य के लिए विशिष्ट अंग/ अंगों की आवश्यकता होती है।
  • ऐसे जीवों में श्रम विभाजन होता है।
  • पुनरुद्भवन विशिष्ट कोशिकाओं द्वारा होता है। ऐसी कोशिकाएँ जटिल जीवों में नहीं होतीं हैं।

प्रश्न 4.
कुछ पौधों को उगाने के लिए कायिक प्रवर्धन का उपयोग क्यों किया जाता है?
उत्तर:
कायिक प्रवर्धन केवल ऐसे पौधों में ही संभव है जिनके जड़, तना या पत्तियों में नए पौधों को उगाने की क्षमता होती है।

कुछ पौधों में बीज नहीं होते, ऐसे पौधों को केवल कायिक जनन द्वारा ही उगाया जा सकता है। कायिक प्रवर्धन बीजरहित पौधों को उगाना संभव बनाता है। केला, नारंगी, गुलाब, जासमीन व गन्ने में बीज बनने की क्षमता कम है या बिल्कुल नहीं है। ऐसे पौधे कायिक प्रवर्धन द्वारा ही उगाए जा सकते हैं।

JAC Class 10 Science Solutions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते है

प्रश्न 5.
डी एन ए की प्रतिकृति बनाना जनन के लिए आवश्यक क्यों है?
उत्तर:
डी एन ए की प्रतिकृति बनाना जनन के लिए आवश्यक है। यह जनन के लिए एक मूल घटना है। जनक की दो कोशिकाएँ बनती हैं। ये दोनों प्रतिकृतियाँ अलग होना आवश्यक हैं तभी जनन हो सकता है। इसके लिए एक अलग से कोशिकीय संरचना आवश्यक है। एक प्रतिकृति नई संरचना में तथा एक मूल कोशिका में रह जाती है। इस प्रकार दो प्रतिकृतियाँ दो नई कोशिकाएँ बनाने में सहायता करती हैं और जनन होता है।

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 154)

प्रश्न 1.
परागण क्रिया निषेचन से किस प्रकार भिन्न है?
उत्तर:
परागण क्रिया-पराग कणों का पुंकेसर से वर्तिकाग्र तक पहुँचने की क्रिया परागण कहलाती है। यह अधिकतर कीट, हवा, जल, पक्षी आदि के माध्यम से होती है और यह क्रिया निषेचन से पहले होती है।

निषेचन क्रिया-नर और मादा युग्मकों को मिलकर जायगोट बनाने की प्रक्रिया को निषेचन कहते हैं। इस प्रक्रिया में नर युग्मकों को मादा युग्मक तक ले जाने का कार्य परागनलिका करती है। यह क्रिया परागण के बाद होती है।

प्रश्न 2.
शुक्राशय एवं प्रोस्टेट ग्रंथि की क्या भूमिका है?
उत्तर:
नर जनन तंत्र में कुछ ग्रंथियाँ जैसे शुक्राशय एवं प्रोस्टेट ग्रंथियाँ होती हैं। इन ग्रंथियों के स्राव शुक्राणुओं के साथ मिलते हैं।। इस प्रकार शुक्राणु एक द्रव में आ जाते हैं। यह द्रव शुक्राणुओं के स्थानांतरण को आसान बनाता है। यह द्रव शुक्राणुओं को पोषण भी प्रदान करता है।

प्रश्न 3.
यौवनारंभ के समय लड़कियों में कौन-से परिवर्तन दिखाई देते हैं?
उत्तर:

  • स्तनों के आकार में वृद्धि होने लगती हैं।
  • स्तनाग्र की त्वचा का रंग भी गहरा होने लगता है।
  • रजोधर्म प्रारम्भ होने लगता है।

प्रश्न 4.
माँ के शरीर में गर्भस्थ भ्रूण को पोषण किस प्रकार प्राप्त होता है।
उत्तर:
निषेचन के बाद युग्मनज बनता है जो धीरे-धीरे भ्रूण में विकसित होने लगता है। भ्रूण गर्भाशय की भित्ति से के चिपक जाता है। इस प्रक्रिया को इम्प्लेंटेशन कहते हैं। भ्रूण माता के शरीर से अपना भोजन प्राप्त करता है। इसके लिए एक विशिष्ट ऊतक जिसे प्लेसेंटा कहते हैं के द्वारा होता है।

यह एक तश्तरीनुमा संरचना है जो गर्भाशय की भित्ति में घुसा होता है। माता के गर्भाशय की भित्ति विलाई से बनी होती है जो गर्भाशय का क्षेत्रफल बढ़ाता है। इससे भ्रूण को अधिक ग्लूकोज व ऑक्सीजन मिलती है। इस प्रकार भ्रूण माता के शरीर से अपना पोषण प्राप्त करता है।

प्रश्न 5.
यदि कोई महिला कॉपर-T का प्रयोग कर रही है तो क्या यह उसकी यौन संचारित रोगों से रक्षा करेगा?
उत्तर:
नहीं, कॉपर-T उसकी यौन संचरित रोगों से रक्षा नहीं करेगी। यह केवल गर्भधारण होने से रोकती है।

क्रिया-कलाप – 8.1

  • 100 mL जल में लगभग g चीनी को घोलिए
  • एक परखनली में इस विलयन का 20 mL लेकर उसमें एक चुटकी यीस्ट पाउडर डालिए।
  • परखनली के मुख को रुई से ढककर किसी गर्म स्थान पर रखिए।
  • 1 या 2 घण्टे के पश्चात्, परखनली से यीस्ट – संवर्ध की एक बूँद स्लाइड पर लेकर उस पर कवर स्लिप रखिए।
  • सूक्ष्मदर्शी की सहायता से स्लाइड पर प्रेक्षण कीजिए।

अवलोकन – यीस्ट की कोशिकाएँ दिखाई देती हैं। इनमें से यीस्ट की कुछ कोशिकाएँ एक श्रृंखला मुकुलन दर्शाती दिखाई देती है।
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क्रिया-कलाप – 8.2

  • डबल रोटी के एक टुकड़े को जल में भिगोकर ठंडे, नम तथा अँधेरे स्थान पर रखिए।
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  • आवर्धक लैंस की सहायता से स्लाइस की सतह का निरीक्षण कीजिए।
  • अपने एक सप्ताह के प्रेक्षण कॉपी में रिकॉर्ड कीजिए।

अवलोकन – लैंस द्वारा स्लाइड के ऊपर देखने पर एक सफेद रुई के समान पदार्थ दिखाई देता है जो स्लाइड के ऊपर फैला हुआ है।
एक सप्ताह बाद सफेद रूई जैसा पदार्थ भूरा – काला हो जाता है क्योंकि स्पोरेजियम तथा स्पोर (बीजाणु) बन जाते हैं।

क्रिया-कलाप – 8.3

  • अमीबा की स्थायी स्लाइड का सूक्ष्मदर्शी की सहायता से प्रेक्षण कीजिए।
  • इसी प्रकार अमीबा के द्विखंडन की स्थायी स्लाइड का प्रेक्षण कीजिए।
  • अब दोनों स्लाइडों की तुलना कीजिए।
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दोनों स्लाइडों की तुलना – अमीबा की स्थाई स्लाइड में अमीबा की कोशिका दिखाई देती है जिसमें कोशिका द्रव्य तथा केन्द्रक दिखाई देते हैं।

जबकि द्विखंडन की स्थायी स्लाइड में केन्द्रक दो भागों में विभाजित होता हुआ प्रतीत होता है। प्रारंभ में इसका आकार बढ़ता है तथा केन्द्रक और कोशिकाद्रव्य दो भागों में विभक्त हो जाते हैं।

क्रिया-कलाप – 8.4

  • किसी झील अथवा तालाब जिसका जल गहरा हरा दिखाई देता हो और जिसमें तंतु के समान संरचनाएँ हों, उससे कुछ जल एकत्र कीजिए।
  • एक स्लाइड पर एक अथवा दो तंतु रखिए।
  • इन तंतुओं पर ग्लिसरीन की एक बूँद डालकर कवर – स्लिप से ढक दीजिए।
  • सूक्ष्मदर्शी के नीचे स्लाइड का प्रेक्षण कीजिए।

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
क्या आप स्पाइरोगाइरा तंतुओं में विभिन्न ऊतक पहचान सकते हैं?
उत्तर:
हाँ, स्पाइरोगाइरा तंतुओं में अनेक कोशिकाएँ दिखाई देती हैं। ये कोशिकाएँ आपस में जुड़कर स्पाइरोगाइरा तंतु का निर्माण करती हैं।
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क्रिया-कलाप – 8.5

  • एक आलू लेकर उसकी सतह का निरीक्षण कीजिए। क्या इसमें कुछ गर्त दिखाई देते हैं?
  • आलू को छोटे-छोटे टुकड़ों में इस प्रकार काटिए कि कुछ में तो यह गर्त हों और कुछ में नहीं।
  • एक ट्रे में रुई की पतली पर्त बिछाकर उसे गीला कीजिए। कलिका (गर्त) वाले टुकड़ों को एक ओर तथा बिना गर्त वाले टुकड़ों को दूसरी ओर रख दीजिए।
  • अगले कुछ दिनों तक इन टुकड़ों में होने वाले परिवर्तनों का प्रेक्षण कीजिए। ध्यान रखिए कि रुई में नमी बनी रहे।

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
वे कौन-से टुकड़े हैं जिनसे हरे प्ररोह तथा जड़ विकसित हो रहे हैं?
उत्तर:
आलू के वे टुकड़े जिनमें गर्त (कलिकाएँ) थीं केवल उनमें प्ररोह तथा जड़ विभाजित हुईं।

क्रिया-कलाप – 8.6

  • एक मनीप्लांट लीजिए।
  • इसे कुछ टुकड़ों में इस प्रकार काटिए कि प्रत्येक में कम-से-कम एक पत्ती अवश्य हो।
  • दो पत्तियों के मध्य वाले भाग के कुछ टुकड़े काटिए।
  • सभी टुकड़ों के एक सिरे को जल में डुबोकर रखिए तथा अगले कुछ दिनों तक उनका अवलोकन कीजिए।

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
कौन-से टुकड़ों में वृद्धि होती है तथा नवी पत्तियाँ निकली हैं?
उत्तर:
मनीप्लांट का वह भाग जिसकी गाँठों में पत्तियाँ होती हैं, नयी पत्तियाँ बनना दर्शाता है।

JAC Class 10 Science Solutions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते है

प्रश्न 2.
आप अपने प्रेक्षणों से क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं?
उत्तर:
हरी पत्तियाँ भोजन बनाती हैं। इनमें शाखाएँ भी निकलती हैं। ये शाखाएँ एक्जाइल में उपस्थित ऑक्जलरी गाँठों से निकलती हैं।

क्रिया-कलाप – 8.7

  • चने के कुछ बीजों को एक रात तक जल में भिगो दीजिए।
  • अधिक जल को फेंक दीजिए तथा भोगे हुए बीजों को गीले कपड़े से ढककर एक दिन के लिए रख दीजिए। ध्यान रहे कि बीज सूखें नहीं।
  • बीजों को सावधानी से खोलकर उसके विभिन्न भागों का प्रेक्षण कीजिए।
    JAC Class 10 Science Solutions Chapter 8 जीव जनन कैसे करते है 6

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

प्रश्न-
अपने प्रेक्षण की तुलना चित्र से कीजिए, क्या आप सभी भागों को पहचान सकते हैं?
उत्तर:
हाँ, यह एक द्विबीजपत्री बीज है, जैसे ही इसमें वृद्धि होती है, सबसे पहले प्रांकुर (भावी प्ररोह) की वृद्धि होती है और इसके बाद मूलांकुर (भावी जड़) निकलते हैं।

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 5 समांतर श्रेढ़ियाँ Ex 5.2

Jharkhand Board JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 5 समांतर श्रेढ़ियाँ Ex 5.2 Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 10 Maths Solutions Chapter 5 समांतर श्रेढ़ियाँ Exercise 5.2

प्रश्न 1.
निम्नलिखित सारणी में रिक्त स्थानों को भरिए, जहाँ A.P. का प्रथम पद a सार्वअन्तर d और nवाँ पद an है-
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 5 समांतर श्रेढ़ियाँ Ex 5.2 1
हल:
(i) a = 7, d = 3, n = 8
∵ an = a + (n – 1)d
∴ a8 = 7 + (8 – 1)3
= 7 + 21 = 28
अत: a8 = 28

(ii) a = – 18, a = 10, an = 0
∵ an = a + (n – 1)d
∴ a10 = -18 + (10 – 1)d
⇒ 0 = -18 + 9d
⇒ 9d = 18
∴ d = \(\frac{18}{9}\) = 2
अत: d = 2

(iii) d = -3, n = 18, an = -5
∵ an = a + (n – 1)d
∴ a18 = a + (18 – 1) (-3)
⇒ -5 = a – 51
∴ a = – 5 + 51 = 46

(iv) a = – 18.9, d = 2.5, an = 3.6
∵ an = a + (n – 1)d
∴ 3.6 = -18.9 + (n – 1) 2.5
⇒ 3.6 + 18.9 = (n – 1) 2.5
⇒ (n – 1)2.5 = 22.5
⇒ n – 1 = \(\frac{22.5}{2.5}\) = 9
∴ n = 9 + 1 = 10

(v) a = 3.5, d = 0, n = 105
∵ an = a + (n – 1)d
∴ an = 43.5 + (105 – 1)0
an = 3.5 + 0 = 3.5

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 5 समांतर श्रेढ़ियाँ Ex 5.2

प्रश्न 2.
निम्नलिखित में सही उत्तर चुनिए और उसका औचित्य दीजिए-
(i) A.P. : 10, 7, 4, … का 30वीं पद है-
(A) 97 (B) 77 (C) – 77 (D) – 87
(ii) A.P. : -3, –\(\frac{1}{2}\), 2, … का 11वाँ पद है-
(A) 28 (B) 22 (C) -38 (D) -48\(\frac{1}{2}\)
हल:
(i) A.P. : 10, 7, 4, … का 30वाँ पद
यहाँ a = 10, d = 7 – 10 = -3 तथा n = 30
∵ an = a + (n – 1)d
∴ a30 = 10 + (30 – 1) × -3
= 10 + 29 × -3 = 10 – 87 = -77
अतः विकल्प (C) सही है।

(ii) A.P.: -3, –\(\frac{1}{2}\), 2, … का 11वाँ पद
यहाँ a = – 3, d = –\(\frac{1}{2}\) – (-3) = –\(\frac{1}{2}\) + 3 = \(\frac{5}{2}\)
n = 11
an = a + (n – 1)d
a11 = -3 + (11 – 1) × \(\frac{5}{2}\)
= – 3 + 10 × \(\frac{5}{2}\)
= -3 + 25 = 22
अतः विकल्प (B) सही है।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित समान्तर श्रेढियों में रिक्त खानों (boxes) के पदों को ज्ञात कीजिए :
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 5 समांतर श्रेढ़ियाँ Ex 5.2 2
हल:
(i) पहला पद a = 2 तीसरा पद a3 = 26,
दूसरा पद a2 = ?
माना सार्वअन्तर है।
अब a3 = a + 2d
⇒ 26 = 2 + 2d
⇒ 2d = 26 – 2 = 24
⇒ d = 12
∴ दूसरा पद a2 = a + d = 2 + 12 = 14
अतः रिक्त बॉक्स का पद a2 = 14

(ii) पहला पद a = ?, दूसरा पद a2 = 13, तीसरा पद a3 = ?, चौथा पद d4 = 3
माना सार्वअन्तर d है a2 = a + d
⇒ 13 = a + d …(1)
तथा a4 = a + 3d
⇒ 3 = a + 3d …(2)
समीकरण (2) में से (1) को घटाने पर,
2d = – 10 ⇒ d = -5
समीकरण (1) से, 13 = a + d
⇒ 13 = a – 5 ⇒ a = 18
∴ तीसरा पद a3 = a + 2d
= 18 + 2 × (-5)
⇒ a3 = 8
अतः रिक्त बॉक्सों के पद क्रमश: 18 व 8 हैं।

(iii) पहला पद a = 5, चौथा पद a4 = 9\(\frac{1}{2}\), दूसरा पद a2 = ? तीसरा पद a3 = ?
माना सार्वअन्तर d है।
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 5 समांतर श्रेढ़ियाँ Ex 5.2 3
अतः रिक्त बाक्सों के पद क्रमशः 6\(\frac{1}{2}\) और 8 हैं।

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 5 समांतर श्रेढ़ियाँ Ex 5.2 4
∵ पहला पद a = -4 और माना सार्वअन्तर d है।
6वाँ पद = a + (6 – 1)d
= a + 5d
∵ a + 5d = 6
⇒ – 4 + 5d = 6
⇒ 5d = 6 + 4 = 10
⇒ 5d = 10
∴ d = \(\frac{10}{5}\) = 2
तब दूसरा पद a2 = a + d = – 4 + 2 = – 2
तीसरा पद a3 = a2 + d = – 2 + 2 = 0
चौथा पद a4 = a3 + d = 0 + 2 = 2
पाँचवाँ पद a5 = a4 + d = 2 + 2 = 4
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 5 समांतर श्रेढ़ियाँ Ex 5.2 5
माना पहला पद a और सार्वअन्तर d है।
दूसरा पद = a + d = 38 …(i)
और छठवाँ पद = a + (6 – 1)d
⇒ a + 5d = -22 …(ii)
समीकरण (ii) में से (i) को घटाने पर,
(a + 5d) – (a + d) = – 22 – 38
⇒ 5d – d = 60
⇒ 4d = 60
∴ d = \(\frac{-60}{4}\) = -15
∴ समीकरण (i) से,
a + d = 38
⇒ a + (-15) = 38
∴ a = 38 + 15 = 53
तब पहला पद a1 = 53
तीसरा पद a3 = a2 + d = 38 – 15 = 23
चौथा पद a4 = a3 + d = 23 – 15 = 8
पाँचवाँ पद a5 = a4 + d = 8 – 15 = – 7
अतः रिक्त बॉक्सों में क्रमिक प्रविष्टियाँ
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प्रश्न 4.
A.P. 3, 8, 13, 18, … का कौन-सा पद 78 है ?
हल:
दी गई A. P. : 3, 8, 13, 18, ….
यहाँ a = 3
d = 8 – 3 = 5
माना पद 78 है।
∴ an = 78
∵ an = a + (n – 1)d
⇒ 78 = 3+ (n – 1)5
⇒ 78 = 3 + 5n – 5
⇒ 78 = 5n – 2
⇒ 5n = 78 – 2
⇒ 5n = 80
∴ n = \(\frac{80}{5}\) = 16
अतः 16वाँ पद 78 है।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित समान्तर श्रेढियों में से प्रत्येक श्रेठी में कितने पद हैं ?
(i) 7, 13, 19, …., 205
(ii) 18, 15, 13, …., -47
हल:
(i) दी गई समान्तर श्रेढी (A.P.) : 7, 13, 19, ….., 205
यहाँ a = 7 तथा d = 13 – 7 = 6
माना दी गई A. P. में n पद हैं
nवाँ पद an = 205
an = 205
⇒ a + (n – 1)d = 205
⇒ 7 + (n – 1)6 = 205
⇒ 7 + 6n – 6 = 205
⇒ 1 + 6n = 205
⇒ 6n = 205 – 1 = 204
∴ n = \(\frac{204}{6}\) = 34
अतः दी गई A. P. में 34 पद हैं।

(ii) दी गई समान्तर श्रेढी (A.P.):
18, 15\(\frac{1}{2}\), 13, …, – 47
यहाँ पहला पद a = 18
तथा सार्वअन्तर d = 15\(\frac{1}{2}\) – 18
= \(\frac{31}{2}-18=\frac{31-36}{2}\)
= \(-\frac{5}{2}\)
माना दी गई श्रेढी में पद हैं।
n पद an = -47
a + (n – 1)d = -47
⇒ 18 + (n – 1) × \(\left(-\frac{5}{2}\right)\) = -47
\(-\frac{5(n-1)}{2}\) = -47 – 18 = -65
(n – 1) \(\frac{(-65) \times 2}{-5}\) = 26
n = 26 + 1 = 27
अतः दी गई श्रेढी (A.P.) में 27 पद हैं।

प्रश्न 6.
क्या A.P. : 11, 8, 5, 2… का एक पद -150 है ? क्यों ?
हल:
दी गई A. P. : 11, 8, 5, 2 …
यहाँ पहला पद a = 11 तथा सार्वअन्तर d = 8 – 11
= -3
माना nवाँ पद (an) = -150 है।
⇒ an = -150
⇒ a + (n – 1)d = -150
⇒ 11 + (n – 1) × (-3) = -150
⇒ -3(n – 1) = -150 – 11 = -161
⇒ (n – 1) = \(\frac{-161}{-3}\)
= 53.6 (लगभग)
∴ n = 53.6 + 1 = 54.6
⇒ n का मान एक पूर्ण संख्या नहीं है।
अतः दी गई A.P का कोई पद -150 नहीं है।

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प्रश्न 7.
उस A. P. का 31वाँ पद ज्ञात कीजिए, जिसका 11वाँ पद 38 है और 16वाँ पद 73 है।
हल:
माना A.P का प्रथम पद a तथा सार्वअन्तर d है।
तब 11वाँ पद a11 = 38
a + (11 – 1)d = 38
a + 10d = 38 …(i)
और 16वाँ पद a16 = 73
⇒ a + (16 – 1)d = 73
⇒ a + 15d = 73 …(ii)
समीकरण (ii) में से (i) को घटाने पर,
(a + 15d) – (a + 10d) = 73 – 383
⇒ a + 15d – a – 10d = 35
⇒ 5d = 35
∴ d = \(\frac{35}{5}\) = 7
समीकरण (i) में d का मान रखने पर,
⇒ a + 10 × 7 = 38
⇒ a + 70 = 38
∴ a = 38 – 70 = -32
श्रेढी का 31वाँ पद
a31 = a + (31 – 1)d
= – 32 + 30 × 7
= – 32 + 210 = 178
अत: A.P का 31वाँ पद = 178

प्रश्न 8.
एक A.P में 50 पद हैं, जिसका तीसरा पद 12 है और अन्तिम पद 106 है। इसका 29वाँ पद ज्ञात कीजिए।
हल:
माना कि A.P का प्रथम पद ‘a’ और सार्वअन्तर ‘d’ है। दिया है कि,
तीसरा पद a3 = 12
a + (3 – 1)d = 12 [∵ an = a + (n – 1)d]
⇒ a + 2d = 12 ….(1)
और अन्तिम पद = a50 = 106
a + (50 – 1)d = 106
⇒ a + 49d = 106 …(2)
समीकरण (2) में से (1) को घटाने पर,
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 5 समांतर श्रेढ़ियाँ Ex 5.2 7
d का यह मान समीकरण (1) में प्रतिस्थापित करने पर,
a + 2 × 2 = 12
⇒ a + 4 = 12
∴ a = 12 – 4 = 8
अब श्रेढी का 29वीं पद
a29 = a + (29 – 1)d
= 8 + 28 × 2 = 8 + 56 = 64
अत: A.P का 29वाँ पद = 64

प्रश्न 9.
यदि किसी A. P. के तीसरे और नौवें पद क्रमशः 4 और -8 हैं, तो इसका कौन-सा पद शून्य होगा ?
हल:
माना कि A.P का प्रथम पद ‘a’ और सार्वअन्तर ‘d’ है।
दिया है, तीसरा पद a3 = 4
a + (3 – 1)d = 4 [an = a + (n – 1)d से]
⇒ a + 2d = 4 ….(1)
और a9 = – 8
a + (9 – 1)d = -8
a + 8d = -8 ….(2)
समीकरण (2) मैं से (1) को घटाने पर,
JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 5 समांतर श्रेढ़ियाँ Ex 5.2 8
d का यह मान समीकरण (1) में प्रतिस्थापित करने पर,
a + 2 (-2) = 4
या a – 4 = 4
∴ a = 4 + 4 = 8
अब माना कि श्रेढी का व पद शून्य होगा, तब
nवाँ पद an = 0
∴ a + (n – 1)d = 0
⇒ 8 + (n – 1) × (-2) = 0
⇒ – 2 (n – 1) = – 8
⇒ (n – 1) = 4
∴ n = 5
अत: दी गई A. P. का 5वाँ पद शून्य होगा।

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 5 समांतर श्रेढ़ियाँ Ex 5.2

प्रश्न 10.
किसी A.P. का 17वाँ पद उसके 10वें पद से 7 अधिक है। इसका सार्वअन्तर ज्ञात कीजिए।
हल:
माना A.P. का प्रथम पद a तथा सार्वअन्तर d है।
तब 17वाँ पद a17 = a + (17 – 1)d
= a + 16d
10वाँ पद a10 = a + (10 – 1)d
= a + 9d
∵17वाँ पद, 10 वें पद से 7 अधिक है।
a17 – a10 = 7
⇒ (a + 16d) – (a + 9d) = 7
⇒ 7d = 7
∴ d = 1
अतः श्रेढी का सार्वअन्तर = 1

प्रश्न 11.
A. P. : 3, 15, 27, 39, … का कौन-सा पद उसके 54वें पद से 132 अधिक होगा ?
हल:
माना अभीष्ट पद व पद है।
दी गई A. P.: 3, 15, 27, 39, …
प्रथम पद a = 3 तथा सार्वअन्तर d = 15 – 3 = 12
तब श्रेढी का 54वाँ पद a54 = a + (54 – 1)d
= 3 + 53 × 12
=3 + 636 = 639
⇒ nवाँ पद = 54वें पद से 132 अधिक
= 639 + 132 = 771
nवाँ पद an = 771
⇒ a + (n – 1)d = 771
⇒ 3 + (n – 1) 12 = 771
⇒ (n – 1)12 = 771 – 3 = 768
n – 1 = \(\frac{768}{12}\) = 64
∴ n = 64 + 1 = 65
अतः श्रेढी का 65वाँ पद 54वें पद से 132 अधिक है।

प्रश्न 12.
दो समान्तर श्रेडियों का सार्वअन्तर समान है। यदि इनके 100वें पदों का अन्तर 100 है, तो इनके 1000 वें पदों का अन्तर क्या होगा ?
हल:
माना पहली A.P का प्रथम पद तथा सार्वअन्तर d है और दूसरी A. P. का प्रथम पद 4 तथा सार्वअन्तर है क्योंकि सार्वअन्तर समान हैं।
पहली श्रेढी का 100वाँ पद = a + (100 – 1)d
= a + 99d
दूसरी श्री का 100वाँ पद = A + (100 – 1) d
= A + 99d
∴ दोनों श्रेढियों के 100वें पदों का अन्तर = (A + 99d) – (a + 99d)
= A – a
प्रश्नानुसार, A – a = 100 …(1)
पहली श्रेढी का 1000वाँ पद = a +(1000 – 1)d = a + 999d
दूसरी श्रेढी का 1000वाँ पद = A + (1000 – 1)d = A + 999d
∴ दोनों श्रेढियों के 1000 वें पदों का अन्तर = (A + 999d) – (a + 999d) = A – a
∴ दोनों श्रेढियों के 1000वें पदों का अन्तर A – a = 100 (समी. 1 से)
अतः 1000वें पदों का अन्तर = 100

प्रश्न 13.
तीन अंकों वाली कितनी संख्याएँ 7 से विभाज्य हैं ?
हल:
तीन अंकों की संख्याओं की सूची 100, 101, 102, ….., 999,
3 अंकों की 7 से विभाज्य प्रथम संख्या = 105 और अन्तिम संख्या = 994
तब 7 से विभाज्य 3 अंकीय संख्याओं की सूची-
105, (105 + 7), (105 + 7 + 7),… 994 = 105, 112, 119, …, 994
माना ऐसी कुल संख्याएँ n हैं।
प्रथम संख्या a = 105, सार्वअन्तर d = 7,
∴ nवाँ पद an = 994
⇒ a + (n – 1)d = 994
⇒ 105 + (n – 1) × 7 = 994
⇒ (n – 1) × 7 = 994 – 105 = 889
⇒ (n – 1) = \(\frac{889}{7}\) = 127
∴ n = 127 + 1 = 128
अतः 7 से विभाव्य तीन अंकों वाली संख्याएँ = 128

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 5 समांतर श्रेढ़ियाँ Ex 5.2

प्रश्न 14.
10 और 250 के बीच में 4 के कितने गुणज हैं ?
हल:
10 से बड़ा 4 का पहला गुणज = 12
250 से छोटा 4 का पहला गुणज = 248
∵ 10 और 250 के बीच 4 के गुणजों की श्रेढी निम्न होगी :
12, 16, 20, 24, ….., 248
माना गुणजों की संख्या n है।
पहला पद a = 12, सार्वअन्तर d = 16 – 12 = 4
तब nवाँ पद, an = 248
a + (n – 1)d = 248
12 + (n – 1)4 = 248
12 + 4n – 4 = 248
4n = 248 + 4 – 12= 240
n = \(\frac{240}{4}\) = 60
अतः 10 और 250 के बीच 4 के गुणजों की संख्या 60 है।

प्रश्न 15.
n के किस मान के लिए, दोनों समान्तर श्रेतियों 63, 65, 67,… और 3, 10, 17, … के वें पद बराबर होंगे ?
हल:
पहली समान्तर श्रेढी 63, 65, 67, ….
प्रथम पद a = 63, सार्वअन्तर d = 65 – 63 = 2
∴ श्रेढ़ी का nवाँ पद an = a + (n – 1)d
= 63 + (n – 1)2
= 63 + 2n – 2
= 61 + 2n
दूसरी समान्तर श्रेढी = 3, 10, 17, …..
प्रथम पद a’ = 3, सार्वअन्तर d’ = 10 – 3 = -7
इस श्रेढी का nवाँ पद an‘ = a’ + (n – 1)d’
= 3 + (n – 1)7
-= 3 + 7n – 7 = 7n – 4
प्रश्नानुसार,
पहली A.P का nवाँ पद = दूसरी A.P का nवाँ पद
⇒ 61 + 2n = 7n – 4
⇒ 2n – 7n = – 4 – 61
⇒ – 5n = -65
n = \(\frac{-65}{-5}\) = 13
अतः दोनों समान्तर श्रेढियों के 13वें पद बराबर होंगे।

प्रश्न 16.
वह A. P. ज्ञात कीजिए जिसका तीसरा पद 16 है और 7वाँ पद 5वें पद से 12 अधिक है।
हल:
माना कि A.P का प्रथम पद a और सार्वअन्तर d है।
दिया है a3 = 16
a + (3 – 1)d = 16
⇒ a + 2d = 16 …(1)
प्रश्न के अनुसार, a7 – a5 = 12
[a + (7 – 1)d] – [a + (5 – 1) d] = 12
⇒ a + 6d – a – 4d = 12
⇒ 2d = 12
∴ d = \(\frac{12}{2}\) = 6
d का यह मानं समीकरण (1) में प्रतिस्थापित करने पर,
a + 2(6) = 16
∴ a = 16 – 12 = 4
A.P. = a, a + d, a + 2d,…
= 4, 4 + 6, 4 + 2 × 6,…
= 4, 10, 16,…
अतः वाँछित A. P. है, 4, 10, 16, 22….

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 5 समांतर श्रेढ़ियाँ Ex 5.2

प्रश्न 17.
A. P. : 3, 8, 13, …, 253 में अन्तिम पद से 20वाँ पद ज्ञात कीजिए।
हल:
दी गई A. P.: 3, 8, 13, …., 253
प्रथम पद a = 3
सार्वअन्तर d = 8 – 3 = 5
अन्तिम पद an = 253
समान्तर श्रेढी का nवाँ पद
an = a + (n – 1)d
253 = 3 + (n – 1) × 5
253 = 3 + 5n – 5
5n = 253 + 2
5n = 255
∴ n = \(\frac{255}{5}\) = 51
समान्तर श्रेढी के अन्तिम पद से 20वाँ पद
= (पदों की संख्या) – 20 + 1
= 51 – 20 + 1 = 32वाँ पद
∴ A.P के अन्तिम पद से 20वाँ पद = आरम्भ से 32वाँ पद
∵ an = a + (n – 1)d
a32 = 3 + (32 – 1) × 5
= 3 + 31 × 5
= 3 + 155 = 158
अत: A.P के अन्तिम पद से 20वाँ पद = 158

द्वितीय विधि :
यहाँ प्रथम पद a = 3, सार्वअन्तर d = 8 – 3 = 5
अन्तिम पद an = 253
सूत्र: अन्त rवाँ पद = an – (r – 1)d
अन्त से 20वाँ पद = 253 – (20 – 1)5
= 253 – 19 × 5
= 253 – 95 = 158
अत: A. P. के अन्तिम पद से 20वाँ पद 158 है।

प्रश्न 18.
किसी A. P. के चौथे और 8वें पदों का योग 24 है तथा छठे और 10वें पदों का योग 44 है। इस A. P. के ‘प्रथम तीन पद ज्ञात कीजिए।
हल:
माना A.P का प्रथम पद a और सार्वअन्तर d है।
∵ चौथा पद a4 + 8वाँ पद a8 = 24
⇒ [a + (4 – 1)d] + [a + (8 – 1)d] = 24
⇒ a + 3d + a + 7d = 24
⇒ 2a + 10d = 24
⇒ a + 5d = 12 …(1)
∵ 6वाँ पद a6 + दसवाँ पद a10 = 44
⇒ [a + (6 – 1)d] + [a + (10 – 1)d] = 44
⇒ a + 5d + a + 9d = 44
⇒ 2a + 14d = 44
⇒ a + 7d = 22 … (2)
समीकरण (2) में से समीकरण (1) को घटाने पर,
(a + 7d) – (a + 5d) = 22 – 12
⇒ a + 7d – a – 5d = 10
⇒ 2d = 10 ⇒ d = 5
d का मान समीकरण (1) में रखने पर,
a + 5 × 5 = 12
⇒ a + 25 = 12
∴ a = -13
अब श्रेढी का पहला पद a = -13
दूसरा पद a2 = a + d = -13 + 5 = -8
तीसरा पद a3 = a2 + d = – 8 + 5= -3
अतः वांछित A.P. के प्रथम तीन पद = -13, – 8, -3

प्रश्न 19.
सुब्बाराव ने 1995 में ₹ 5000 के मासिक वेतन पर कार्य आरम्भ किया और प्रत्येक वर्ष ₹ 200 की वेतन वृद्धि प्राप्त की। किस वर्ष में उसका वेतन ₹ 7000 हो गया ?
हल:
पहले वर्ष में प्रारम्भिक वेतन = ₹ 5000 प्रति मास
दूसरे वर्ष में वेतन = ₹ 5000 + ₹ 200
= ₹ 5200 प्रति मास
तीसरे वर्ष में वेतन = ₹ 5200 + ₹ 200
= ₹ 5400 प्रति मास
इस प्रकार प्रत्येक वर्ष के वेतन (रु. में) 5000, 5200, 5400…… एक समान्तर श्रेढी बनाते हैं,
जिसका प्रथम पद a = 5000 तथा सार्वअन्तर d = 200
माना n वर्ष बाद वेतन ₹ 7000 होगा।
तब nवाँ पद = 7000
⇒ a + (n – 1)d = 7000
⇒ 5000 + (n – 1)200 = 7000
⇒ (n – 1) × 200 = 7000 – 5000
⇒ (n – 1) × 200 = 2000
⇒ (n – 1) = \(\frac{2000}{200}\) = 10
∴ n = 10 + 1 = 11
अतः 11 वें वर्ष में अर्थात 2006 में सुब्बाराव का वेतन ₹ 7000 होगा।

JAC Class 10 Maths Solutions Chapter 5 समांतर श्रेढ़ियाँ Ex 5.2

प्रश्न 20.
रामकली ने किसी वर्ष के प्रथम सप्ताह में ₹ 5 की बचत की और फिर अपनी साप्ताहिक बचत ₹ 1.75 बणाती गई। यदि वें सप्ताह में उसकी साप्ताहिक बचत ₹ 20.75 हो जाती है, तो n ज्ञात कीजिए।
हल:
माना प्रथम पद a तथा सार्वअन्तर d है
प्रथम सप्ताह की बचत = ₹ 5
प्रति सप्ताह बचत में वृद्धि = ₹ 1.75
यह स्पष्ट है कि यह एक A.P. है
प्रथम पद a = 5, d = 1.75
nवें सप्ताह में उसकी बचत an = 20.75
∵ an = a + (n – 1)d
⇒ 20.75 = 5 + (n – 1) × 1.75
⇒ 20.75 = 5 + 1.75n – 1.75
⇒ 1.75n = 20.75 – 5 + 1.75
⇒ 1.75n = 17.5
n = \(\frac{17.5}{1.75}\) ⇒ n = 0
अतः 10वें सप्ताह में रामकली की बचत ₹ 20.75

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 15 प्रायिकता

Jharkhand Board JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 15 प्रायिकता Important Questions and Answers.

JAC Board Class 9th Maths Important Questions Chapter 15 प्रायिकता

प्रश्न 1.
एक पाँसे को फेंकने पर 2 का अंक आने की प्रायिकता होगी:
(A) \(\frac {1}{6}\)
(B) \(\frac {2}{3}\)
(C) \(\frac {5}{6}\)
(D) \(\frac {1}{3}\)
हल :
पाँसे में 1, 2, 3, 4, 5 और 6 अंक होते हैं।
कुल सम्भव परिणाम = 6
अंक 2 केवल 1 बार है।
∴ 2 अंक आने की अनुकूल परिणाम = 1
2 का अंक आने की प्रायिकता P(E) = \(\frac {1}{6}\)
अतः विकल्प (A) सही है।

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 15 प्रायिकता

प्रश्न 2.
दो पाँसों को फेंकने पर अंकों का योग 5 आने की प्रायिकता होगी:
(A) \(\frac {1}{7}\)
(B) \(\frac {1}{6}\)
(C) \(\frac {1}{9}\)
(D) \(\frac {2}{9}\)
हल :
पाँसे में 1, 2, 3, 4, 5 और 6 अंक होते हैं।
योग 5 आने के लिए अनुकूल परिणाम (1, 4), (2, 3), (4, 1), (3, 2) = 4
दो पाँसे एकसाथ फेंकने पर सम्भावित परिणाम = 6 × 6 = 36
अतः योग 5 आने की प्रायिकता P(E) = \(\frac {4}{36}\)
= \(\frac {1}{9}\)
अत: विकल्प (C) सही है।

प्रश्न 3.
ताश की एक गड्डी में से एक लाल पत्ता खींचने की प्रायिकता होगी :
(A) \(\frac {1}{52}\)
(B) \(\frac {1}{2}\)
(C) \(\frac {1}{26}\)
(D) \(\frac {25}{26}\)
हल :
कुल सम्भावित परिणाम = ताश की गड्डी में कुल पत्तों की संख्या = 52
अनुकूल परिणाम = लाल रंग के पत्तों की संख्या = 26
अत: P(एक लाल रंग का पत्ता खींचने) की प्रायिकता = \(\frac{26}{52}=\frac{1}{2}\)
अतः विकल्प (B) सही है।

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 15 प्रायिकता

प्रश्न 4.
बारह टिकटों पर एक-एक संख्या 1 से 12 तक लिखी गई है। उनमें से एक टिकट का यादृच्छिक चयन किया जाए, तो इस पर लिखी गई संख्या के 3 के गुणज होने की प्रायिकता ज्ञात करो :
(A) \(\frac {2}{3}\)
(B) \(\frac {1}{12}\)
(C) \(\frac {1}{2}\)
(D) \(\frac {1}{3}\)
हल :
1 से 12 तक की संख्याओं में 3 के गुणज वाली संख्याएँ 3, 6, 9, 12 हैं।
∴ संख्या 3 के गुणज की अनुकूल परिणाम = 4
कुल सम्भावित परिणाम = 12
अतः संख्या 3 के गुणज होने की प्रायिकता
P(E) = \(\frac{4}{12}=\frac{1}{3}\)
अतः विकल्प (D) सही है।

प्रश्न 5.
एक सिक्के को 1000 बार उछालने पर निम्न- लिखित बारम्बारताएँ प्राप्त होती हैं चित : 455 ; पट : 545 प्रत्येक घटना की प्रायिकता अभिकलित कीजिए ।
हल :
अभिप्रयोगों की कुल संख्या = 1000
चित आने की संख्या = 455
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 15 प्रायिकता - 1

प्रश्न 6.
एक पाँसे के फेंकने पर सम अंक आने की प्रायिकता ज्ञात कीजिए ।
हल :
एक पाँसे को फेंकने पर 6 अंक
(1, 2, 3, 4, 5, 6) आ सकते हैं।
सम अंकों की संख्या = 3 है।
∴ घटना के लिए अनुकूल स्थितियाँ = 3
सम अंक आने की प्रायिकता,
P(E) = अनुकूल स्थितियाँ / कुल संख्या
= \(\frac{3}{6}=\frac{1}{2}\)

प्रश्न 7.
एक ताश की गड्डी से एक पत्ता निकाला जाता है। इसके इक्का होने की प्रायिकता ज्ञात करो ।
हल :
ताश की गड्डी में कुल पत्तों की संख्या = 52
तथा ताश की गड्डी में इक्कों की संख्या = 4
∴ इक्का होने की अनुकूल परिस्थितियाँ = 4 होंगी।
∴ इक्का होने की प्रायिकता,
P(E) = \(\frac{4}{52}=\frac{1}{13}\)

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 15 प्रायिकता

प्रश्न 8.
दो सिक्कों को एक साथ 500 बार उछालने पर हमें यह प्राप्त होता है:
दो खित : 105 बार
एक चित : 275 बार
कोई भी चित नहीं : 120 बार
उनमें से प्रत्येक घटना के घटने की प्रायिकता ज्ञात कीजिए ।
हल :
माना दो चित आने की घटना को E1 से, एक चित आने की घटना को E2 से और कोई भी चित न आने की घटना को E3 से व्यक्त करें, तो
दो चित आने की प्रायिकता, P(E1) = \(\frac {105}{500}\) = 0.21
एक चित आने की प्रायिकता, P(E2) = \(\frac {275}{500}\) = 0·55
कोई भी चित न आने की प्रायिकता P(E3) = \(\frac {120}{500}\) = 0·24

प्रश्न 9.
एक पाँसे को फेंकने पर 4 से बड़ा अंक आने की प्रायिकता ज्ञात कीजिए ।
हल :
पाँसे में 1, 2, 3, 4, 5 और 6 अंक होते हैं जिनमें 5 तथा 6 दोनों 4 से बड़े अंक हैं।
∴ कुल सम्भावित परिणाम = 6
4 से बड़ा अंक आने की अनुकूल परिस्थितियाँ = 2 हैं।
अतः 4 से बड़ा अंक आने की प्रायिकता = \(\frac{2}{6}=\frac{1}{3}\)

प्रश्न 10.
PEACE शब्द के अक्षरों से बनने वाले शब्दों में दोनों E के साथ न आने की प्रायिकता ज्ञात कीजिए।
हल :
PEACE में कुल वर्ण = 5 हैं।
∴ कुल सम्भव स्थितियाँ = 5 होंगी।
PEACE में E अक्षर दो बार प्रयुक्त हुआ है।
∴ E अक्षर आने की अनुकूल स्थितियाँ = 2
दोनों E अक्षर एक साथ आने की प्रायिकता,
P(E) = \(\frac {2}{5}\)
अतः अक्षर न आने की प्रायिकता = 1 – P(E)
= 1 – \(\frac {2}{5}\) = \(\frac {3}{5}\)

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 15 प्रायिकता

प्रश्न 11.
एक पौसे को 1000 बार फेंकने पर प्राप्त परिणाम निम्न प्रकार हैं:

परिणाम बारम्बारता
1
2
3
4
5
6
179
150
157
149
175
190

प्रत्येक परिणाम के प्राप्त होने की प्रायिकता ज्ञात कीजिए ।
हल :
पाँसा फेंकने की कुल संख्या = 1000
माना परिणाम 1, 2, 3, 4, 5 और 6 से घटना के घटित होने की प्रायिकता E1, E2, E3, E4, E5 और E6 है, तब
JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 15 प्रायिकता - 2

प्रश्न 12.
एक विद्यार्थी द्वारा मासिक यूनिट परीक्षा में प्राप्त किए गये अंकों का प्रतिशत निम्न प्रकार है :

मिट परीक्षा प्राप्त अंकों का %
I
II
III
IV
V
69
71
73
68
74

इन आंकड़ों के आधार पर 70% से अधिक अंक प्राप्त करने की प्रायिकता ज्ञात कीजिए।
हल :
ली गई यूनिट परिक्षाओं की कुल संख्या = 5
विद्यार्थी द्वारा 70% से अधिक अंक प्राप्त करने वाली यूनिट परिक्षाओं की संख्या = 3
∴ 70% से अधिक अंक प्राप्त करने की अनुकूल स्थितियाँ = 3
अतः 70% से अधिक अंक प्राप्त होने की प्रायिकता,
P(E) = अनुकूल स्थितियाँ / कुल यूनिट परीक्षाओं की संख्या
= \(\frac {3}{5}\)
= 0.6

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 15 प्रायिकता

प्रश्न 13.
बीजों के 5 थैलों में से प्रत्येक थैले से पचास बीज यदृच्छया चुने और उन्हें ऐसी मानवीकृत अवस्थाओं में रखा गया जो अंकुरण के अनुकूल हैं। 20 दिन बाद प्रत्येक संग्रह में अंकुरित हुए बीजों की संख्या नीचे दर्शाए अनुसार सारणी में लिखी गई हैं:

थैला अंकुरित बीजों की संख्या
1
2
3
4
5
40
48
42
39
41

निम्नलिखित बीजों के अंकुरण की प्रायिकता क्या होगी ?
(i) एक थैले में 40 से अधिक बीज,
(ii) एक थैले में 49 बीज,
(iii) एक थैले में 35 से अधिक बीज हैं।
हल :
पैलों की कुल संख्या = 5
(i) 50 बीजों में से 40 बीज से अधिक बीज अंकुरित होने की अनुकूल स्थितियाँ = 3
अत: P (एक थैले में 40 से अधिक बीजों का अंकुरण )
= \(\frac {3}{5}\)
= 0.6

(ii) 49 बीज अंकुरित होने वाले थैलों की संख्या = 0
अत: P (एक थैले में 49 बीजों का अंकुरण) = \(\frac {0}{5}\)
= 0

(iii) उन बैलों की संख्या, जिनमें 35 से अधिक बीज अंकुरित हुए हैं, 5 है।
अतः अपेक्षित प्रायिकता = \(\frac {5}{5}\)
= 1.

प्रश्न 14.
एक टेलीफोन निर्देशिका के एक पृष्ठ पर 200 टेलीफोन नम्बर हैं। उनके इकाई स्थान वाले अंक का बारम्बारता बंटन निम्न सारणी में दिया गया है :

अंक (इकाई) बारम्बारता
0
1
2
3
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26
22
20
10
25
14
22
20
19

इकाई के स्थान पर 6 अंक आने की प्रायिकता ज्ञात कीजिए ।
टेलीफोन नम्बरों की कुल संख्या = 200
हल :
इकाई के स्थान पर अंक 6 के होने की प्रायिकता,
P(E) = अंक 6 की बारम्बारता / टेलीफोन नम्बरों की कुल संख्या
= \(\frac {14}{200}\)
= 0.07.

JAC Class 9 Maths Important Questions Chapter 15 प्रायिकता

प्रश्न 15.
एक पिता के तीन बच्चों में से कम से कम एक लड़का है। उसके दो लड़के तथा एक लड़की होने की प्रायिकता ज्ञात कीजिए।
हल :
लड़का और लड़की की संख्या की 3 निःशेष स्थितियाँ सम्भव हैं
एक लड़का व दो लड़कियाँ
एक लड़की व दो लड़के
तीनों लड़के व कोई लड़की नहीं
इनमें एक ही स्थिति अनुकूल है।
प्रायिकता (P) = \(\frac {1}{3}\)