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JAC Board Class 10 Maths Notes Chapter 10 वृत्त
भूमिका :
कक्षा IX में हम वृत्त से सम्बन्धित अवधारणाएँ जैसे-जीवा, वृत्तखण्ड, त्रिज्यखण्ड, चाप आदि के बारे में पढ़ चुके हैं। इस अध्याय में हम समतल में स्थित एक वृत्त तथा एक रेखा की विभिन्न स्थितियों पर विचार करेंगे।
→ अभिलम्ब (Normal): किसी वृत्त के किसी बिन्दु पर अभिलम्ब वह सरल रेखा है जो दिए गए बिन्दु से गुजरती है तथा उस बिन्दु पर स्पर्श रेखा के लम्बवत होती है।
→ सम्पूरक कोण (Supplementary angles) : यदि दो कोणों का योग 180° हो, तो वे सम्पूरक कोण कहलाते हैं।
→ अन्तः कोण (Co-interior angles) : ऐसे कोण जो तिर्यक रेखा के एक ही ओर स्थित होते हैं, अन्तः कोण कहलाते हैं।
→ समान्तर चतुर्भुज (Parallelogram) : वह चतुर्भुज जिसकी सम्मुख भुजाएँ समान्तर व बराबर होती हैं, समान्तर चतुर्भुज कहलाता है।
→ समचतुर्भुज (Rhombus ) : वह चतुर्भुज जिसकी सभी भुजाएँ बराबर होती हैं, समचतुर्भुज कहलाता है।
→ परिवृत्त (Circumscribed circle) : बहुभुज के सभी शीर्षों से होकर गुजरने वाला वृत्त परिवृत्त कहलाता है।
→ अन्तः वृत्त (Inscribed circle) : बहुभुज के अन्तर्गत खींचा जा सकने वाला वह बड़े से बड़ा वृत्त जो बहुभुज की प्रत्येक भुजा को एक बिन्दु पर छूता हो, अन्तः वृत्त कहलाता है।
छेदक रेखा और स्पर्श रेखा :
यदि एक समतल में एक वृत्त तथा कोई रेखा AB खींची जाए, तो वृत्त के सापेक्ष यह रेखा तीन स्थितियों में हो सकती है :
स्थिति I. अप्रतिच्छेदी रेखा (Non intersecting line) : रेखा AB वृत्त को स्पर्श नहीं करती है अर्थात् रेखा और वृत्त के मध्य कोई सम्बन्ध नहीं होता है। इस स्थिति में रेखा AB को वृत्त के सापेक्ष अप्रतिच्छेदी रेखा कहते हैं। जैसा कि संलग्न चित्र में दर्शाया गया है।
स्थिति II. छेदक रेखा (Secant) रेखा AB वृत्त को दो भिन्न-भिन्न बिन्दुओं पर प्रतिच्छेद करती है, यह रेखा वृत्त को अधिकतम दो बिन्दुओं पर ही प्रतिच्छेद कर सकती है, क्योंकि वृत्त तीन या तीन से अधिक सरेखीय बिन्दुओं से नहीं गुजर सकता है। अतः एक ऐसी सरल रेखा जो एक वृत्त को दो भिन्न-भिन्न बिन्दुओं पर प्रतिच्छेद करती है, छेदक रेखा (Secant) कहलाती है। जैसा कि संलग्न चित्र में दर्शाया गया है।
स्थिति III. स्पर्श रेखा (Tangent) : रेखा AB वृत्त को दो सम्पाती बिन्दुओं पर प्रतिच्छेद करती है, अर्थात् रेखा वृत्त को एक बिन्दु पर स्पर्श करती है। अतः एक सरल रेखा जो वृत्त को केवल एक बिन्दु पर स्पर्श करे, वृत्त की स्पर्श रेखा (Tangent) कहलाती है। वृत्त के समतल में स्पर्श रेखा और वृत्त में केवल एक बिन्दु उभयनिष्ठ होता है। यह उभयनिष्ठ बिन्दु स्पर्श बिन्दु (Point of contact) कहलाता है। जैसा कि संलग्न चित्र में दिखाया गया है।
छेदक रेखा के समान्तर स्पर्श रेखा (Tangent Parallel to Secant) : एक छेदक रेखा के समान्तर वृत्त की अधिकतम दो स्पर्श रेखाएँ खींची जा सकती हैं।
चित्र में l, m, n, o छेदक रेखाएँ हैं। AB तथा CD वृत्त पर स्पर्श रेखाएँ जो वृत्त को क्रमश: P और Q बिन्दु पर स्पर्श करती हैं।