JAC Class 10 Social Science Important Questions History Chapter 3 भूमंडलीकृत विश्व का बनना 

JAC Board Class 10th Social Science Important Questions History Chapter 3 भूमंडलीकृत विश्व का बनना

वस्तुनिष्ठ प्रश्न 

प्रश्न 1.
वे मार्ग जो न केवल एशिया के विशाल क्षेत्रों को एक दूसरे से जोड़ने का कार्य करते थे बल्कि एशिया को यूरोप और उत्तरी अफ्रीका से भी जोड़ते थे। कहलाते थे
(क) रेशम मार्ग
(ख) राजमार्ग
(ग) स्वर्णिम चतुर्भुज मार्ग
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(क) रेशम मार्ग

2. अठारहवीं शताब्दी में विश्व व्यापार का सबसे बड़ा केन्द्र था
(क) यूरोप
(ख) अमेरिका
(ग) अफ्रीका
(घ) ऑस्ट्रेलिया
उत्तर:
(क) यूरोप

3. जमीन को उपजाऊ बनाकर गेहूँ और कपास की खेती हेतु ‘केनाल कॉलोनी’ (नहर बस्ती) निम्न में से कहाँ बसायी
गयी?
(क) हरियाणा
(ख) उत्तर प्रदेश
(ग) गुजरात
(घ) पंजाब
उत्तर:
(घ) पंजाब

4. सन् 1885 में यूरोपीय देशों ने मानचित्र पर लकीरें खींचकर किस महाद्वीप को आपस में बाँट लिया?
(क) अमेरिका
(ख) ऑस्ट्रेलिया
(ग) अफ्रीका
(घ) एशिया
उत्तर:
(ग) अफ्रीका

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5. रिंडरपेस्ट नामक पशुओं की बीमारी निम्न में से किस महाद्वीप में फैली थी?
(क) यूरोप
(ख) एशिया
(ग) अफ्रीका
(घ) अमेरिका
उत्तर:
(ग) अफ्रीका

6. भारत से विदेशों को जाने वाले अनुबन्धित श्रमिक कहलाते थे
(क) गिरमिटिया
(ख) पूर्णकालिक श्रमिक
(ग) सफेदिया
(घ) एग्रीमेन्ट श्रमिक
उत्तर:
(क) गिरमिटिया

7. महामन्दी का प्रारम्भ किस वर्ष हुआ?
(क) 1919 में
(ख) 1925 में
(ग) 1929 में
(घ) 1931 में
उत्तर:
(ग) 1929 में

8. जी-77 किस प्रकार के देशों का समूह है
(क) विकासशील देशों का
(ख) विकसित देशों का
(ग) अविकसित देशों का
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(क) विकासशील देशों का

रिक्त स्थान पूर्ति सम्बन्धी प्रश्न

निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:
1. चेचक जैसे कीटाणु ………. सैनिकों के सबसे बड़े हथियार थे।
उत्तर:
स्पेनिश,

2. अठारहवीं सदी में मक्का के आयात पर लगी पाबंदी को ………. के नाम से जाना जाता है।
उत्तर:
कॉर्न लॉ,

3. ………. तक एक वैश्विक कृषि अर्थव्यवस्था सामने आ चुकी थी।
उत्तर:
1890,

4. 1890 ई. में अफ्रीका में ………. नामक बीमारी बहुत तेजी से फैल गई।
उत्तर:
रिंडरपेस्ट,

5. प्रथम विश्व युद्ध आधुनिक ………. युद्ध था।
उत्तर:
औद्योगिक।

अति लयूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. भूमण्डलीय विश्व के बनने की प्रक्रिया में कौन-कौन से तत्व सहायक हुए ?
उत्तर- भूमण्डलीय विश्व के बनने की प्रक्रिया में निम्नलिखित तत्व सहायक हुए-(i) व्यापार, (ii) काम की तलाश में एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना, (iii) पूँजी, (iv) अनेक वस्तुओं का वैश्विक आदान-प्रदान।

प्रश्न 2.
रेशम मार्ग क्या थे?
उत्तर:
ये ऐसे मार्ग थे जो एशिया के विशाल भूभागों को परस्पर जोड़ने के साथ ही यूरोप एवं उत्तरी अफ्रीका से जा मिलते थे। ऐसे मार्ग ईसा पूर्व के समय में ही सामने आ चुके थे और लगभग पन्द्रहवीं शताब्दी तक अस्तित्व में थे।

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प्रश्न 3.
पाँच सौ वर्ष पूर्व हमारे पूर्वजों के पास कौन-कौन से खाद्य पदार्थ नहीं थे?
उत्तर:
पाँच सौ वर्ष पूर्व हमारे पूर्वजों के पास आलू, सोया, मूँगफली, मक्का, टमाटर, मिच्च, शकरकन्द आदि खाद्य पदार्थ नहीं थे।

प्रश्न 4.
अमेरिका का क्या अभिप्राय है ?
उत्तर:
उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका एवं कैरीबियन द्वीप समूह को सम्मिलित रूप से अमेरिका कहा जाता है।

प्रश्न 5.
किस्टोफर कोलम्बस गलती से किस अज्ञात मह्हद्वीप में पहुँच गया ?
उत्तर:
क्रिस्टोफर कोलम्बस गलती से अमेरिका महाद्वीप में पहतुच गया था।

प्रश्न 6.
1840 के दशक में किस देश में आलू की फसल खराब होने पर लाखों लोग भुखमरी के कारण मौत के शिकार हो गए ?
उत्तर:
1840 के दशक में आयरलैण्ड में आलू की फसल खराब होने पर लाखों लोग भुखमरी के कारण मौत के शिकार हो गये।

प्रश्न 7.
एल डोराडो शहर को यूरोप के लोग किस नाम से सम्बोधित करते थे?
उत्तर:
एल डोराड्डो शहर को यूरोप के लोग सोने का इहर के नाम से सम्बोधित करते थे।

प्रश्न 8.
जीतने के लिए स्पेनिश सेनाओं द्वारा प्रयोग किया गया सबसे शक्तिशाली हथियार कौन-सा था?
उत्तर:
जीतने के लिए स्पेनिश सेनाओं द्वारा प्रयोग किया गया सबसे शक्तिशाली हथियार चेचक जैसे कीटाणु घो।

प्रश्न 9.
कौन सी बीमारी अमेरिका में स्पेनिश सैनिकों द्वारा फैलनी थी?
उत्तर:
चेचक अमेरिका में स्पेनिश सैनिकों द्वारा फैली थी।

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प्रश्न 10.
उस कानून का नाम बताइए जिसके अन्तर्गत ब्रिटिश सरकार ने मक्का के आयात पर पाबन्दी लगा दी थी ?
उत्तर:
कॉर्न लों कानून के अन्तांत ब्रिटिश सरकार ने मक्का पर पाबन्दी लगा दी थी।

प्रश्न 11.
कोर्न लॉं किस देश में लागू किया गया?
उत्तर:
कॉन लां ब्रिटेन में लागू किया गया।

प्रश्न 12.
19 वी शताब्दी में यूरोप से लगभग पाँच करोड़ लोग किन-किन महाद्वीपों में जाकर बसे ?
उत्तर:
19वी शताब्दी में यूरोप से लगभग पाँच करोड़ लोग अमेरिका एवं अस्ट्रेलिया महद्वीप में जाकर बसे।

प्रश्न 13.
उस तकनोक का नाम बताइए जिससे शीघ खराब होने वाली वस्तुओं को भी लम्बी बात्राओं पर से जाया जा सकता है?
उत्तर:
जहाजों में रेफ्रिजरेशन की तकनीक से शीभ्र खराब होने वाली वस्तुओं को भी लम्बी यात्राओं पर ले जाया जा सकता है।

प्रश्न 14.
अधिकांश अफ्रीकी देशों की सीमाएँ बिल्कुल सीधी लकीर जैसी क्यों है ?
उत्तर:
क्योंकि यूरोप के ताकतवर देशों ने 1885 ई., में बर्लिन में एक बैउक कर अफ्रीका के नक्शे पर लकीरें र्ष्रीचकर आपस में बाँट लिया था।

प्रश्न 15.
किस बीमारी से 1890 के दशक में अफ्रीका के लोगों की आजीचिका और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ा?
उत्तर:
रिंडरपेस्ट नामक बीमारी ने 1890 के दशक में अफ्रीका के लोगों की आजीविका और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर गहरा असर द्वाला।

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प्रश्न 16.
भारत से अनुबन्धित श्रमिक रोजगार के लिए कहाँ जाते थे?
अथवा
भारत से अनुबन्धित श्रमिकों को मुख्य रूप से कहाँ ले जाया जाता धा?
उत्तर:
भारत के अनुबन्धित भ्रमिक रोजगार के लिए कैरीबियाई द्वीप समूह (त्रिनिदाद, गुयाना और सूरीनाम) मॉरीशस ख फिजी, सीलोन व मलाया आदि देशों में जाते थे।

प्रश्न 17.
होसे से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
त्रिनिदाद में मुहर्रम के वार्षिक जुलूस को एक विशाल उत्सवी मेले का रूप दे दिया गया। इसमें सभी धर्मों व नस्लों के मजदूर हिस्सा लेते थे। इस उत्सव को इमाम हुसैन के नाम पर होसे नाम दिया गया।

प्रश्न 18.
चटनी म्यूजिक कहाँ लोकप्रिय था?
उत्तर:
चटनी म्यूजिक त्रिनिदाद एवं गुयाना में लोकप्रिय था।

प्रश्न 19.
भारत से गये अनुर्वन्धित श्रमिकों के एक वंशज का नाम बताइए।
उत्तर:
साहित्यकार वी. एस. नायपॉल नोबेल पुरस्कार विजेता।

प्रश्न 20.
भारत में अनुबन्धित श्रमिक सम्बन्धी प्राव थान को कब समाप्त किया गया था?
उत्तर:
भारत में अनुबन्धत श्रमिक सम्बन्धी प्रावधानों को सन् 1921 ई. में समाप्त किया गया था।

प्रश्न 21.
प्रथम विश्वयुद्ध में मित्र राष्ट्रों में कौन-कौन से देश सम्मिलित थे?
उत्तर:
प्रथम विश्व युद्ध में मित्र राष्ट्रों में ब्रिटेन, फ्रांस वर्स सम्मिलित थे।

प्रश्न 22.
प्रथम विश्वयुद्ध में केन्द्रीय शक्तियों में कौन-कौन देश सम्मिलित थे?
उत्तर:
प्रथम विश्व युद्ध में केन्द्रीय शक्तियों में जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी व ऑटोमन तुर्की सम्मिलित थे।

प्रश्न 23.
हेनरी फॉर्ड कौन था?
उत्तर:
हेनरी फॉर्ड विश्वप्रसिद्ध कार फोर्ड का निर्माता था।

प्रश्न 24.
आर्थिक महामन्दी के समय महात्मा गाँधी ने कौन-सा आन्दोलन प्रारम्भ किया था?
उत्तर:
सविनय अवज्ञा आन्दोलन।

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प्रश्न 25.
ऐसी दो संस्थाओं के नाम बताइए जो ब्रेटन वुड्स समझौते के तहत स्थापित की गयीं।
उत्तर:

  1. अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, तथा
  2. विश्व बैंक।

प्रश्न 26.
ब्रेटन वुड्स की जुड़वाँ सन्तान किसे कहा जाता है?
उत्तर:
विश्व बैंक एवं अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष को ब्रेटन वुड्स की जुड़वाँ सन्तान कहा जाता है।

प्रश्न 27.
विश्व बैंक और अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने औपचारिक रूप से कार्य करना कब शुरू किया ?
उत्तर:
विश्व बैंक एवं अन्तराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने सन् 1947 से कार्य करना प्रारम्भ किया।

प्रश्न 28.
जी- 77 की स्थापना क्यों की गई?
उत्तर:
पचास और साठ के दशक में विकासशील देशों को पश्चिमी देशों की अर्थव्यवस्थाओं की प्रगति से कोई लाभ नहीं मिल रहा था इसलिए देशों ने अपना एक समूह बना लिया जो जी- 77 के नाम से जाना जाता है।

लघूत्तरात्मक प्रश्न (SA1)

प्रश्न 1.
“हमारे खाद्य पदार्थ दूर देशों के मध्य सांस्कृतिक आदान-प्रदान के कई उदाहरण प्रस्तुत करते हैं।” कथन की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
अथवा
“खाद्य पदार्थों ने दूर देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा दिया।” इस कथन को तीन उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
जब भी व्यापारी एवं यात्री किसी नये देश में जाते थे तो वहाँ जाने-अनजाने नई फसलों के बीज बो आते थे। उदाहरणस्वरूप; नूडल्स चीन से पश्चिमी देशों में पहुँचे और वहाँ उन्हीं से स्पैघेत्ती का जन्म हुआ। यह भी सम्भव है कि पास्ता अरब यात्रियों के साथ पाँचवीं शताब्दी में सिसली (इटली) पहुँचा। आलू, सोयाबीन, टमाटर, मूंगफली, मक्का, मिर्च व शकरकन्द आदि खाद्य पदार्थ कोलम्बस द्वारा अमेरिका की खोज के पश्चात् अमेरिका से यूरोप व एशिया के देशों में पहुँचे।

प्रश्न 2.
“आधुनिक काल से पूर्व का विश्व 16वीं शताब्दी में तीव्र गति से सिकुड़ता गया ?” कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
निम्न तथ्य इस कथन की पुष्टि करते हैं

  1. 16वीं शताब्दी में यूरोपीय नाविकों ने एशिया के लिए समुद्री मार्ग खोज लिया था तथा पश्चिमी सागर को पार करके अमेरिका तक पहुँच गये थे।
  2. 16वीं शताब्दी के मध्य तक आते-आते पुर्तगाली एवं स्पेनिश सेनाओं की विजयों का क्रम प्रारम्भ हो चुका था तथा उन्होंने अमेरिका में उपनिवेश बनाना शुरू कर दिया था।

प्रश्न 3.
अठारहवीं सदी के आखिरी दशक में ब्रिटेन की तेजी से बढ़ती हुई आबादी के किन्हीं तीन प्रभावों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
अठारहवीं सदी के आखिरी दशक में ब्रिटेन की तेजी से बढ़ती हुई आबादी के तीन प्रभाव निम्नलिखित हैं

  1. देश में भोजन की माँग में वृद्धि हो गई।
  2. शहरों के विस्तार होने तथा उद्योगों के बढ़ने से कृषि उत्पादों की माँग में भी वृद्धि हो गई।
  3. माँग में वृद्धि होने से कृषि उत्पाद महँगे हो गए।

प्रश्न 4. कॉर्न लॉ क्या था? इसे फौरन क्यों समाप्त करना पड़ा?
अथवा
कॉर्न लॉ क्या था? उसे क्यों समाप्त किया गया? उसकी समाप्ति के क्या परिणाम हुए?
उत्तर:
जिन कानूनों के तहत ब्रिटिश सरकार ने मक्का के आयात पर पाबन्दी लगाई थी उन्हें कॉर्न लॉ कहा जाता था। बड़े भू-स्वामियों के दबाव में सरकार ने मक्का के आयात पर पाबन्दी लगायी थी। कॉर्न लॉ के लागू हो जाने के पश्चात् खाद्य पदार्थों की ऊँची कीमतों से परेशान होकर उपभोक्ताओं और शहरी निवासियों ने ब्रिटिश सरकार को कॉर्न लॉ को समाप्त करने के लिए मजबूर कर दिया। कॉर्न लॉ के समाप्त होने पर खाद्य पदार्थों की कीमतों में कमी आ गई तथा ब्रिटेन की खाद्य समस्या दूर हो गई।

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प्रश्न 5.
केनाल कॉलोनी से क्या अभिप्राय है?
अथवा
नहर बस्ती किसे कहा जाता था?
उत्तर:
19वीं शताब्दी में ब्रिटिश भारतीय सरकार ने रेगिस्तानी परती जमीनों को उपजाऊ बनाने के लिए नहरों का जाल बिछा दिया जिससे कि निर्यात के लिए गेहूँ और कपास की खेती की जा सके। नई नहरों की सिंचाई वाले क्षेत्रों में पंजाब के अन्य स्थानों से लोगों को लाकर बसाया गया। उनकी बस्तियों को केनाल कॉलोनी अथवा नहर बस्ती कहा जाता था।

प्रश्न 6.
अफ्रीका में 1890 ई. के दशक में फैली रिंडरपेस्ट (मवेशी प्लेग) नामक बीमारी के प्रभावों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
अथवा
रिंडरपेस्ट क्या है? इसका पशुओं पर क्या प्रभाव पड़ा?
अथवा
रिंडरपेस्ट अथवा मवेशी प्लेग के अफ्रीका पर क्या-क्या प्रभाव पड़े?
अथवा
‘रिंडरपेस्ट’ का 1890 के दशक में अफ्रीका के लोगों की आजीविका और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर पड़े प्रभावों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
अफ्रीका में 1890 ई. के दशक में पशुओं में रिंडरपेस्ट नामक बीमारी बहुत तेजी से फैल गई। अफ्रीकी लोग अपनी आजीविका के लिए पशुओं पर ही निर्भर थे जिससे लोगों की आजीविका और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ा। रिंडरपेस्ट के कारण लगभग 90 प्रतिशत मवेशियों की मौत से अफ्रीका के निवासियों की आजीविका का मुख्य साधन समाप्त हो गया जिसके परिणामस्वरूप सम्पूर्ण अफ्रीका धीरे-धीरे यूरोपीय उपनिवेशकारों का गुलाम बनकर रह गया।

प्रश्न 7.
भर्ती करने वाले एजेंटों द्वारा अनुबन्धित श्रमिकों का किस प्रकार शोषण होता था?
उत्तर:
श्रमिकों की भर्ती का काम मालिकों के एजेंटों द्वारा किया जाता था। इस कार्य हेतु एजेंटों को कमीशन प्राप्त होता था। एजेंट श्रमिकों को फुसलाने के लिए झूठी जानकारियाँ प्रदान करते थे। उन्हें कहाँ जाना है, यात्रा के साधन क्या होंगे? क्या काम करना और नयी जगह पर काम व जीवन के हालात कैसे होंगे, इस बारे में उन्हें सही जानकारी नहीं दी जाती थी। कभी-कभी तो एजेंट जाने के लिए सहमत न होने वाले श्रमिकों का अपहरण तक कर लेते थे।

प्रश्न 8.
अधिकांश अनुबन्धित श्रमिक अनुबन्ध समाप्त हो जाने के बाद भी वापस नहीं लौटे। इसकी कैरीबियाई संस्कृति पर क्या प्रभाव पड़ा ?
अथवा
“गिरमिटिया मजदूरों ने कैरीबियन क्षेत्र में एक नई संस्कृति को जन्म दिया।” इस कथन को तीन उदाहरणों सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
अनुबन्धित श्रमिकों ने अपनी पुरानी और नयी संस्कृतियों का सम्मिश्रण करते हुए व्यक्तिगत और सामूहिक आत्मविश्वास के नये रूप खोज लिए। त्रिनिदाद में मुहर्रम के वार्षिक जुलूस को होसे नामक विशाल मेले का रूप दे दिया गया। इसी प्रकार ‘रास्ताफारियानवाद’ नामक विद्रोही धर्म की भी भारतीय अप्रवासियों एवं कैरीबियाई द्वीप समूह के बीच इन सम्बन्धों की एक झलक देखी जा सकती है। त्रिनिदाद और गुयाना में प्रसिद्ध ‘चटनी म्यूजिक’ भी भारतीय अप्रवासियों के वहाँ पहुँचने के बाद सामने आयी रचनात्मक अभिव्यक्तियों का ही उदाहरण है।

प्रश्न 9.
उन्नीसवीं सदी की अनुबन्ध व्यवस्था को ‘नयी दास प्रथा’ का नाम क्यों दिया गया?
उत्तर:
क्योंकि अप्रवासी अनुबन्धित श्रमिकों को बहुत कम कानूनी अधिकार दिये गये थे। उनको रहने व कार्य करने की कठोर परिस्थितियों का सामना करना पड़ता था। वे वहाँ से भयभीत होकर यदि जंगलों में भाग जाते तो उन्हें पकड़कर कठोर दण्ड दिया जाता था। यही कारण है कि उन्नीसवीं सदी की अनुबन्ध व्यवस्था को नई दास प्रथा का नाम दिया गया।

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प्रश्न 10.
उन्नीसवीं सदी में भारत के कपड़ा निर्यात में गिरावट आने के कारणों का उल्लेख कीजिए।
अथवा
उन्नीसवीं सदी के मध्य में भारत में सूती कपड़ा उद्योग में गिरावट के लिए उत्तरदायी किन्हीं पाँच कारकों की व्याख्या कीजिए।
अथवा
उन्नीसवीं सदी की शुरुआत में भारत के कपड़ा निर्यात में कमी क्यों आने लगी? किन्हीं तीन कारणों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
उन्नीसवीं शताब्दी की शुरुआत से ही ब्रिटिश कपड़ा उत्पादक दूसरे देशों में भी अपने कपड़े के लिए नए-नए बाजार ढूँढ़ने लगे थे। सीमा शुल्क की व्यवस्था के कारण ब्रिटिश बाजारों से बेदखल हो जाने के बाद भारतीय कपड़ों को दूसरे अन्तर्राष्ट्रीय बाजारों में भी भारी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा।

यदि भारतीय निर्यात के आँकड़ों का अध्ययन करें तो पता चलता है कि सूती कपड़े के निर्यात में लगातार गिरावट का ही रुझान दिखाई देता है। सन् 1800 के आसपास निर्यात में सूती कपड़े का प्रतिशत 30 था जो 1815 में घटकर 15 प्रतिशत रह गया। 1870 तक तो यह अनुपात केवल 3 प्रतिशत ही रह गया था। लेकिन इसके विपरीत कपास का निर्यात सन् 1812 से 1871 के बीच 5 से 35% तक बढ़ गया।

प्रश्न 11.
भारतीय कृषक वैश्विक आर्थिक महामंदी से किस तरह प्रभावित हुए?
उत्तर:
भारतीय कृषक वैश्विक आर्थिक महामंदी से निम्न प्रकार प्रभावित हुए

  1. कृषि उत्पादों की कीमतों में तेजी से कमी आई लेकिन सरकार ने लगान वसूली में छूट देने से साफ इंकार कर दिया। इससे किसान कर्ज में डूब गये।
  2. कच्चे पटसन की कीमतों में 60 प्रतिशत से भी अधिक गिरावट आने से किसान बुरी तरह प्रभावित हुए।
  3. किसानों के अत्यधिक मात्रा में कर्ज में डूब जाने से उनके सोने, चाँदी के आभूषण बिक गये, जमीन सूदखोरों के पास गिरवी रख दी गई।

प्रश्न 12.
युद्धोत्तर अन्तर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य क्या था? इस उद्देश्य की प्राप्ति हेतु किन-किन संस्थाओं की स्थापना की गई?
उत्तर:
युद्धोत्तर अन्तर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य औद्योगिक विश्व में आर्थिक स्थायित्व एवं पूर्ण रोजगार की स्थिति बनाये रखना था। इस उद्देश्य की प्राप्ति हेतु ब्रेटन वुड्स सम्मेलन में बनी सहमति के आधार पर अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आई.एम.एफ.) एवं विश्व बैंक की स्थापना की गई जिन्होंने 1947 में औपचारिक रूप से कार्य करना प्रारम्भ कर दिया।

प्रश्न 13.
भारत ने उन्नीसवीं शताब्दी की विश्व अर्थव्यवस्था का रूप तय करने में एक अहम् भूमिका अदा की थी। इस कथन का ‘पष्ट कीजिए।
अथवा
‘उन्नीसवीं शताब्दी की विश्व अर्थव्यवस्था का रूप तय करने में भारतीय व्यापार ने एक अहम भूमिका अदा की थी।’ इस कथन का विश्लेषण कीजिए।
उत्तर:
भारत एक ब्रिटिश उपनिवेश था। भारत के अतिरिक्त ब्रिटेन ने कई देशों को अपना उपनिवेश बना रखा था। ब्रिटेन ने भारत के साथ व्यापार में लाभ अर्जित किया जबकि अन्य उपनिवेशों में उसे घाटे का सामना करना पड़ा। भारत के साथ व्यापारिक लाभ ने ब्रिटेन को उससे अन्य उपनिवेशों के साथ हुए व्यापारिक घाटे को सन्तुलित करने में मदद की। इस तरह कहा जा सकता है कि ब्रिटेन के घाटे की भरपाई में मदद करते हुए भारत ने उन्नीसवीं सदी की विश्व अर्थव्यवस्था का रूप तय करने में एक अहम् भूमिका अदा की थी।

प्रश्न 14.
समूह-77 के देशों ने नई अन्तर्राष्ट्रीय आर्थिक प्रणाली की माँग क्यों की ?
उत्तर:
शक्तिशाली औद्योगिक राष्ट्रों के विरुद्ध विकासशील देश समूह-77 के रूप में संगठित हुए। इन विकासशील देशों ने एक नई आर्थिक प्रणाली की माँग की। इस नई अन्तर्राष्ट्रीय आर्थिक प्रणाली के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित थे

  1. विकासशील देश एक ऐसी व्यवस्था चाहते थे जो उन्हें उनके संसाधनों पर ऋण दिला सके।
  2. विकासशील देश ऐसी व्यवस्था निश्चित करना चाहते थे जिसे उन्हें कच्चे माल के सही दाम मिलें और अपने तैयार माल को विकसित देशों के बाजारों में बेचने के लिए बेहतर पहुँच मिले।

लयूत्तरात्मक प्रश्न (SA2)

प्रश्न 1.
आधुनिक युग से पहले मानव समाज किस प्रकार एक-दूसरे के नजदीक आया?
अथवा.
“भूमण्डलीकरण की प्रक्रिया के चिह्न आधुनिक युग से पहले के समय में भी देखे जा सकते हैं ?” इस कथन की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
भूमण्डलीकरण की प्रक्रिया के चिह्न आधुनिक युग से पहले के समय में भी देखे जा सकते हैं। इस प्रक्रिया के द्वारा मानव समाज एक-दूसरे के नजदीक आया यह निम्न बिन्दुओं द्वारा स्पष्ट है

  1. इतिहास के प्रत्येक दौर में मानव समाज एक-दूसरे के अधिक नजदीक आते गये हैं।
  2. प्राचीनकाल से ही यात्री, व्यापारी, पुजारी, तीर्थयात्री आदि ज्ञान, अवसरों एवं आध्यात्मिक शान्ति के लिए या उत्पीड़न अथवा यातनापूर्ण जीवन से बचने के लिए दूर-दूर की यात्राएँ करते थे।
  3. ये लोग अपनी यात्राओं में विभिन्न प्रकार की वस्तुएँ धन, वेशभूषा, मान्यताएँ, हुनर, विचार, अधिकार और यहाँ तक कि बीमारियाँ एवं कीटाणु भी साथ लेकर चलते थे।
  4. 3000 ई. पू. में समुद्री तटों पर होने वाले व्यापार के माध्यम से सिन्धु घाटी की सभ्यता युद्ध क्षेत्र से जुड़ी हुई थी जिसे आज हम पश्चिमी एशिया के नाम से जानते हैं।
  5. मालदीव के समुद्र में पाई जाने वाली कौड़ियाँ चीन और पूर्वी अफ्रीका तक पहुँचती रही हैं। इन्हें पैसे या मुद्रा के रूप में मालदीव में प्रयोग किया जाता था।
  6. बीमारी फैलाने वाले कीटाणुओं का दूर-दूर तक पहुँचने का इतिहास भी सातर्वी सदी तक ढूँढ़ा जा सकता है। तेरहवीं शताब्दी के पश्चात् तो इनके प्रसार को निश्चित रूप से साफ देखा जा सकता है।

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प्रश्न 2.
सिल्क मार्ग से संसार के कौन-कौन से भाग जुड़े हुए थे?
अथवा
सिल्क रूट क्या है?
अथवा
‘सिल्क रूट’ क्या है? इसका महत्व बताइए।
अथवा
विश्व को जोड़ने में रेशम मार्ग (सिल्क रूट) की भूमिका की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
आधुनिक काल से पहले के युग में विश्व के विभिन्न भागों के मध्य व्यापारिक एवं सांस्कृतिक आदान-प्रदान का सबसे जीवंत उदाहरण रेशम (सिल्क) मार्गों के रूप में दिखाई देता है। इस मार्ग का यह नामकरण चीनी रेशम के पश्चिम की ओर भेजे जाने से पड़ा। इतिहासकारों ने अनेक सिल्क मार्गों के बारे में बताया है। जमीन अथवा से होकर गुजरने वाले ये मार्ग न केवल एशिया के विशाल क्षेत्रों को एक-दूसरे से जोड़ने का काम करते थे बल्कि एशि को यूरोप एवं उत्तरी अफ्रीका से भी जोड़ते थे।

ये मार्ग ईसा पूर्व के समय से ही सामने आ चुके थे तथा लगभग पन्द्रहवीं ताब्दी तक अस्तित्व में थे। इसी मार्ग से चीनी पादरी, भारत तथा दक्षिण-पूर्व एशिया के कपड़े व मसाले संसार के विभिन्न भागों में पहुँचाते थे। वापसी में व्यापारी यूरोप से एशिया में सोने-चाँदी तथा कीमती धातुएँ लाते थे। इन मार्गों से व्यापार व सांस्कृतिक आदान-प्रदान दोनों प्रक्रियाएँ साथ-साथ चलती थीं।

प्रश्न 3.
“आधुनिक युग से पहले के युग में व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान दोनों प्रक्रियाएँ साथ-साथ चलती थीं।” कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
जब व्यापारी रेशम मार्ग के द्वारा विश्व के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में पहुँचते थे तो वे अपने साथ केवल वस्तुएँ ही नहीं ले जाते थे बल्कि उनके साथ विभिन्न सांस्कृतिक तत्व; जैसे-धर्म, वेशभूषा, भाषा, ज्ञान, विचार, अधिकार, मूल्य-मान्यताएँ आदि भी पहुँचते थे। रेशम मार्ग की विभिन्न शाखाओं से होकर कई दिशाओं में प्रारम्भ से ईसाई मिशनरियों ने एशिया में ईसाई धर्म का प्रचार किया। इसी रास्ते से ही मुस्लिम धर्म का विश्व में प्रचार-प्रसार हुआ।

बौद्ध धर्म का प्रचार भी इसी प्रकार हुआ। विभिन्न खाद्य पदार्थों; जैसे-स्पैघेत्ती, (नूडल्स) चीन से तथा पास्ता अरब से यूरोपीय देशों तक पहुँचा। आलू, सोया, मूंगफली, मक्का, टमाटर, मिर्च, शकरकंद आदि खाद्य पदार्थों के बारे में हम जानते भी नहीं थे। ये खाद्य पदार्थ कोलम्बस की अमेरिका यात्रा के पश्चात् वहाँ के मूल निवासियों से यूरोप व एशिया में पहुँचे, जो इस कथन की पुष्टि करता है कि व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान दोनों प्रक्रियाएँ साथ-साथ चलती थीं।

प्रश्न 4.
“1890 ई. तक एक वैश्विक कृषि अर्थव्यवस्था हमारे समक्ष आ चुकी थी।” कथन को स्पष्ट कीजिए।
अथवा
19वीं शताब्दी में वैश्विक कृषि अर्थव्यवस्था में एक बहुत बड़ा बदलाव देखा गया एवं इसका एक नया रूप उभरकर हमारे सामने आया। व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
19वीं शताब्दी के अन्तिम दौर में श्रम विस्थापन रुझानों, पूँजी प्रवाह, पारिस्थितिकी एवं तकनीक में गहरे परिवर्तन आने प्रारम्भ हो गये थे जिससे कृषि के क्षेत्र में भी एक बड़ा बदलाव आया। कृषक विभिन्न देशों के होते थे, अब भोजन भी किसी आसपास के कस्बे या गाँव से नहीं बल्कि हजारों मील दूर से आने लगा था। अब अपने खेतों पर स्वयं कार्य करने वाले किसान ही खाद्य पदार्थ पैदा नहीं कर रहे थे बल्कि अब यह कार्य ऐसे औद्योगिक मजदूर भी करने लगे जो सम्भवतः कुछ समय पूर्व में ही वहाँ आये थे।

वे ऐसे खेतों में काम कर रहे थे जो एक पीढ़ी पूर्व सम्भवतः जंगल रहे होंगे। उत्पादन बढ़ाने के लिए नई-नई तकनीकों का प्रयोग किया जाने लगा। रेलवे तथा पानी के जहाज जैसे परिवहन के नये साधनों का प्रयोग कृषि उत्पादों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक लाने-ले जाने के लिए किया जाने लगा। इस तरह वैश्विक कृषि अर्थव्यवस्था हमारे समक्ष आ चुकी थी।

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प्रश्न 5.
उन्नीसवीं सदी के दौरान भारत से अनुबंधित प्रवासी श्रमिकों की स्थिति का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
उन्नीसवीं सदी के दौरान भारत से अनुबंधित (गिरमिटिया) प्रवासी श्रमिकों में अधिकांश मौजूदा पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य भारत तथा तमिलनाडु के सूखे क्षेत्रों से जाते थे। इन श्रमिकों को बागानों, खदानों तथा सड़क व रेलवे निर्माण परियोजनाओं में काम करने के लिए ले जाया जाता था। इन्हें बागानों में या कार्यस्थल पर पहुँचने पर ही पता चलता था कि वे जैसी आशा कर रहे थे वहाँ वैसी स्थिति नहीं है।

इनके लिए नए स्थान पर जीवन तथा कार्य स्थितियाँ कठोर थीं तथा इनके पास कानूनी अधिकार नाममात्र भी नहीं थे। यद्यपि इन श्रमिकों ने भी जिन्दगी बसर करने के अपने तरीकों को खोज लिया। अनेक तो जंगलों में ही भाग गए। हालाँकि पकड़े जाने पर इन्हें कठोर सजा मिलती थी। अनेक श्रमिकों ने पुरानी एवं नयी संस्कृतियों का सम्मिश्रण कर निजी एवं सामूहिक आत्माभिव्यक्ति के नए रूपों को खोज लिया।

प्रश्न 6.
अफ्रीका में यूरोपीय लोगों को आरम्भ में किन समस्याओं का सामना करना पड़ा? समस्या के समाधान हेतु उन्होंने क्या कार्य किए?
उत्तर:
अफ्रीका के स्थानीय निवासी अपनी आजीविका के लिए मुख्य रूप से कृषि एवं पशुपालन पर निर्भर थे। वहाँ पैसे व वेतन पर काम करने का प्रचलन नहीं था अर्थात् श्रमिक का कार्य कोई भी नहीं करता था। अतः प्रारम्भ में ही यूरोपीय लोगों को मजदूरी के लिए काम करने वाले श्रमिकों की भारी कमी का सामना करना पड़ा। उन्होंने श्रमिकों की भर्ती करने तथा उन्हें रोके रखने हेतु अनेक प्रयत्न किये लेकिन उनके समस्त प्रयास विफल हो गये। उन्होंने कई भारी कर लगा दिये जिसे बागानों एवं खदानों में मजदूरी करके ही चुकाया जा सकता था।

यूरोपीय उपनिवेशकारों ने स्थानीय काश्तकारों को उनकी जमीन से हटाने के लिए उत्तराधिकार कानून में भी परिवर्तन कर दिया। नये कानून में यह व्यवस्था की गयी कि परिवार के केवल एक सदस्य को ही पैतृक सम्पत्ति प्राप्त होगी। इस कानून के माध्यम से परिवार के शेष लोगों को श्रम बाजार में ढकेलने का प्रयास किया गया। खानों में कार्य करने वाले लोगों को बाड़ों में बन्द कर दिया जाता था, उनके स्वतन्त्र रूप से घूमने पर भी पाबन्दी लगा दी गयी। इस प्रकार यूरोपीय लोगों ने अफ्रीका में समस्या समाधान के प्रयास किये।

प्रश्न 7.
भारत के साथ व्यापार अधिशेष से ब्रिटेन को किस प्रकार लाभ पहुँचा? संक्षेप में बताइए।
अथवा
भारत के साथ व्यापार अधिशेष से प्राप्त आय का ब्रिटेन किस प्रकार उपयोग करता था?
अथवा
भारत के साथ ब्रिटेन सदैव ‘व्यापार अधिशेष’ की अवस्था में ही रहता था। कथन की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
19वीं सदी में भारतीय बाजारों में ब्रिटिश औद्योगिक उत्पादों की बाढ़-सी आ गयी थी। भारतीय बाजार ब्रिटेन के औद्योगिक उत्पादों से भर गये थे। भारत से ब्रिटेन व अन्य देशों को भेजे जाने वाले खाद्यान्न व कच्चे मालों के निर्यात में वृद्धि हुई। ब्रिटेन से भारत भेजे जाने वाले माल की कीमत, भारत से ब्रिटेन भेजे जाने वाले माल की कीमत से सदैव अधिक होती थी, इस प्रकार भारत के साथ ब्रिटेन हमेशा व्यापार अधिशेष की अवस्था में रहता था। इसका अर्थ है कि आपसी व्यापार में सदैव ब्रिटेन को ही लाभ रहता था।

भारत में ब्रिटेन के व्यापार अधिशेष ने इसे दूसरे देशों के साथ हुए व्यापारिक घाटे को सन्तुलित करने में सहायता की। इस अधिशेष से तथाकथित होम चार्जेज (देसी खर्च) का निपटारा होता था जिसमें अंग्रेज अफसरों और व्यापारियों द्वारा अपने घर में भेजी गई व्यक्तिगत राशि, भारतीय बाहरी खर्चे पर ब्याज व भारत में कार्य कर चुके अंग्रेज अफसरों की पेंशन आदि सम्मिलित थे। इस प्रकार भारत के साथ व्यापार पर अधिशेष ने भारतीय बाजारों पर ब्रिटिश प्रभुत्व स्थापित करने में मदद करने के लिए ब्रिटिश निर्माताओं एवं निर्यातकों को प्रोत्साहन प्राप्त हुआ।

प्रश्न 8.
प्रथम विश्व युद्ध किन दो यूरोपीय ताकतवर खेमों के बीच लड़ा गया? ‘यह पहला आधुनिक औद्योगिक युद्ध था।’ इस कथन से आप कहाँ तक सहमत हैं?
उत्तर:
प्रथम विश्व युद्ध-प्रथम विश्व युद्ध अगस्त 1914 में प्रारम्भ हुआ। यह युद्ध दो यूरोपीय ताकतवर खेमों के बीच लड़ा गया था। एक खेमे में मित्र राष्ट्र अर्थात् ब्रिटेन-फ्रांस व रूस थे तो दूसरे खेमे में केन्द्रीय शक्तियाँ अर्थात् जर्मनी, ऑस्ट्रिया, हंगरी व तुर्की थे। यह युद्ध चार वर्ष से भी अधिक समय तक चला और अन्त में मित्र राष्ट्रों की विजय हुई। – पहला आधुनिक औद्योगिक युद्ध-मैं इस कथन से सहमत हूँ कि प्रथम विश्व युद्ध पहला आधुनिक औद्योगिक युद्ध था।

मानव सभ्यता के इतिहास में ऐसा भीषण युद्ध पहले कभी नहीं हुआ था। इस युद्ध में मशीनगनों, टैंकों, हवाईजहाजों व रासायनिक हथियारों का बड़े पैमाने पर उपयोग किया गया। ये सभी हथियार आधुनिक विशाल उद्योगों की देन थे। युद्ध के लिए सम्पूर्ण विश्व से असंख्य सैनिकों की भर्ती की गई जिन्हें विशाल जलपोतों व रेलगाड़ियों में भरकर युद्ध के मोर्चों पर ले जाया गया। इस युद्ध में जो भीषण जनहानि व विनाशलीला देखने को मिली, उसकी औद्योगिक युग से पहले और औद्योगिक शक्ति के बिना कल्पना नहीं की जा सकती थी। इस युद्ध में 90 लाख से अधिक लोग मारे गये व 2 करोड़ लोग घायल हुए।

प्रश्न 9.
प्रथम विश्व युद्ध की समाप्ति के पश्चात् ब्रिटेन को आर्थिक संकट का सामना क्यों करना पड़ा? संक्षिप्त विवरण दीजिए।
अथवा
‘प्रथम विश्व युद्ध के बाद ब्रिटेन की आर्थिक दशाओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
प्रथम विश्व युद्ध की समाप्ति के पश्चात् ब्रिटेन को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा, जिसके निम्नलिखित कारण थे:
1. युद्ध से पहले ब्रिटेन दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। युद्ध के पश्चात् सबसे लम्बा संकट उसे ही झेलना पड़ा। जिस समय ब्रिटेन युद्ध में व्यस्त था, उसी समय भारत व जापान में उद्योग विकसित होने लगे थे। अतः युद्धोपरान्त ब्रिटेन के लिए भारतीय बाजार में पहले वाली स्थिति प्राप्त करना अत्यधिक कठिन हो गया था।

2. प्रथम विश्व युद्ध के पश्चात् जापान भी ब्रिटेन का विरोधी हो गया। उस समय जापान औद्योगिक क्षेत्र में बहुत अधिक विकास कर रहा था। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर औद्योगिक क्षेत्र में उसे जापान से प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा।
3. युद्ध के खर्चे की पूर्ति करने के लिये ब्रिटेन ने अमेरिका से पर्याप्त मात्रा में ऋण लिया था। इसके परिणामस्वरूप युद्ध समाप्त होने तक ब्रिटेन भारी विदेशी ऋणों से दब चुका था।

4. युद्ध के पश्चात् ब्रिटेन की सरकार ने युद्ध सम्बन्धी खर्चे में भी कटौती प्रारम्भ कर दी थी ताकि शांतिकालीन करों के सहारे ही उनकी भरपाई की जा सके। इन प्रयासों से रोजगारों के अवसरों में भारी कमी आयी। सन् 1921 में प्रत्येक पाँच ब्रिटिश मजदूरों में से एक मजदूर के पास काम नहीं था। रोजगार के बारे में बेचैनी एवं अनिश्चितता युद्धोत्तर वातावरण का अंग बन गई थी।

प्रश्न 10.
“औद्योगिक देशों में महामंदी का सबसे बुरा प्रभाव अमेरिका को ही झेलना पड़ा।” कथन की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
औद्योगिक देशों में महामंदी का सबसे बुरा प्रभाव अमेरिका को ही झेलना पड़ा, इसे निम्न बिन्दुओं से स्पष्ट किया जा सकता है

  1. कीमतों में कमी एवं मंदी के कारण अमेरिकी बैंकों ने घरेलू ऋण देना बन्द कर दिया था। पहले लोगों को जो ऋण दिये गये थे, उनकी वसूली तेज कर दी गई।
  2. किसानों को अपनी कृषि उपज बेचने में अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। परिणामस्वरूप अनेक परिवार नष्ट हो गये तथा व्यवसाय चौपट हो गये।
  3. आमदनी में गिरावट आने पर अनेक अमेरिकी परिवार ऋण चुकाने में असमर्थ हो गये। परिणामस्वरूप उनके मकान, कार व अन्य आवश्यक वस्तुएँ कुर्क कर ली गईं।
  4. बेरोजगारी में निरन्तर वृद्धि होने लगी फलस्वरूप अनेक अमेरिकी लोगों को रोजगार की तलाश में दूर-दूर के स्थानों पर जाना पड़ा।
  5. अन्ततः अमेरिकी बैंकिंग व्यवस्था भी धराशायी हो गयी। निवेश से अपेक्षित लाभ न पा सकने, ऋण वसूली न कर पाने एवं जमाकर्ताओं की जमा पूँजी न लौटा पाने के कारण हजारों अमेरिकी बैंक दिवालिया हो गये तथा अन्ततः बन्द कर दिये गये।

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प्रश्न 11.
ब्रेटन वुड्स व्यवस्था का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर क्या-क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर:
जुलाई 1944 में विकसित ब्रेटन वुड्स व्यवस्था ने पश्चिमी औद्योगिक राष्ट्रों एवं जापान के लिए व्यापार व आय में वृद्धि का मार्ग खोल दिया। 1950 से 1970 के मध्य विश्व व्यापार की विकास दर 8 प्रतिशत वार्षिक से भी अधिक रही। इस अवधि के दौरान वैश्विक आय में लगभग 5 प्रतिशत की दर से वृद्धि हो रही थी। विकास दर भी लगभग स्थिर ही थी। उसमें अधिक उतार-चढ़ाव नहीं आये।

इस दौरान अधिकांश औद्योगिक देशों में बेरोजगारी औसतन 5 प्रतिशत से भी कम ही रही, इन दशकों के दौरान तकनीक एवं उद्यम का वैश्विक प्रसार हुआ। विकासशील देश विकसित एवं औद्योगिक देशों की बराबरी करने का लगातार प्रयास करने लगे। उन्होंने आधुनिक तकनीकी ज्ञान के सहयोग से संचालित संयन्त्रों एवं उपकरणों के आयात पर पर्याप्त पूँजी का निवेश किया।

प्रश्न 12.
नई आर्थिक प्रणाली के बारे में आप क्या जानते हैं? संक्षिप्त विवरण दीजिए।
अथवा
1960 के दौरान अधिकतर विकासशील देशों ने अपने आपको समूह 77 में क्यों संगठित किया?
उत्तर:
द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात् विकासशील देशों को पाँचवें एवं छठे दशक में अर्थव्यवस्था की तीव्र गति से हुई प्रगति का कोई लाभ प्राप्त नहीं हुआ। अतः विकासशील देशों ने परेशान होकर एकमत से नई अन्तर्राष्ट्रीय आर्थिक प्रणाली (NIEO) के लिए आवाज उठाना प्रारम्भ कर दिया। ये राष्ट्र समूह-77 (जी-77) के रूप में संगठित हो गये।

नई अन्तर्राष्ट्रीय आर्थिक प्रणाली से उनका अभिप्राय ऐसी व्यवस्था से था जिसमें उन्हें अपने संसाधनों पर वास्तविक अर्थों में नियन्त्रण मिल सके तथा उनसे उन्हें विकास के लिए अधिक मात्रा में सहायता प्राप्त हो सके, कच्चे माल की सही कीमत प्राप्त हो सके तथा अपने निर्मित माल को विकसित देशों के बाजारों में बेचने के लिए उचित पहुँच मिल सके।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
आधुनिक युग से पहले भूमण्डलीकृत विश्व बनाने की प्रक्रिया में विजय अभियान, बीमारी एवं व्यापार ने किस प्रकार पृष्ठभूमि का निर्माण किया ? विस्तार से बताइए।
उत्तर:
आधुनिक युग से पहले भूमण्डलीकृत विश्व बनाने की प्रक्रिया में विजय अभियान, बीमारी एवं व्यापार ने निम्न प्रकार से पृष्ठभूमि का निर्माण किया
1. विजय अभियान:
सोलहवीं शताब्दी के मध्य तक आते-आते पुर्तगाली व स्पेनिश सेनाओं की विजय का अभियान प्रारम्भ हो चुका था। उन्होंने अमेरिका को उपनिवेश बनाना शुरू कर दिया था। इसके अतिरिक्त अन्य यूरोपीय देश; जैसे-इंग्लैण्ड आदि भी एशिया व अफ्रीका आदि क्षेत्रों में अपने उपनिवेश स्थापित करने में लगे हुए थे।

2. बीमारी:
यूरोपीय सेनाएँ केवल अपने सैनिक बल पर ही नहीं जीतती थीं। स्पेनिश सेनाओं के सबसे शक्तिशाली हथियारों में परम्परागत किस्म के सैनिक हथियार कोई नहीं थे बल्कि ये हथियार चेचक जैसे कीटाणु थे जो स्पेनिश सैनिकों व अफसरों के साथ अमेरिका पहुँचे। अमेरिका जो लाखों वर्षों से शेष विश्व से अलग-थलग था उसके निवासियों के शरीर में यूरोप से आने वाली इन बीमारियों से बचने की कोई रोग निरोधक क्षमता नहीं थी।

फलस्वरूप इस नये स्थान पर चेचक बहुत भयंकर सिद्ध हुआ। एक बार संक्रमण हो जाने के पश्चात् यह बीमारी सम्पूर्ण महाद्वीप में फैल गयी। जहाँ यूरोपीय लोग नहीं पहुँचे वहाँ भी इस बीमारी के चपेट में लोग आने लगे। इस बीमारी से पूरा का पूरा समुदाय ही समाप्त हो गया। इस तरह यूरोपियनों की जीत का रास्ता आसान हो गया।

3. व्यापार:
पेरू तथा मैक्सिको की खानों से निकलने वाली कीमती धातुओं विशेषकर चाँदी ने भी यूरोप की सम्पदा को बढ़ाया और पश्चिमी एशिया के साथ होने वाले व्यापार को गति प्रदान की। सत्रहवीं शताब्दी तक सम्पूर्ण यूरोप में दक्षिण अमेरिका की धन-सम्पदा के बारे में विभिन्न प्रकार की किस्से-कहानियाँ बनने लगे थे, इन्हीं किंवदंतियों की बदौलत वहाँ . के लोग एल डोराडो को सोने का शहर मानने लगे और उसकी खोज में अनेक खोजी अभियान शुरू किये गये।

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प्रश्न 2.
1920 के दशक से अमेरिका की अर्थव्यवस्था में किस प्रकार तेजी आयी? विस्तार से बताइए।
अथवा
1920 के दशक की अमेरिकी अर्थव्यवस्था की प्रमुख विशेषताएँ बताइए।
अथवा
1920 के दशक में अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर फोर्ड कम्पनी का क्या प्रभाव था? सविस्तार बताइए।
उत्तर:
1. 1920 के दशक की अमेरिकी अर्थव्यवस्था की सबसे बड़ी विशेषता थी-वृहत् उत्पादन का चलन। इसकी शुरुआत कार निर्माता हेनरी फोर्ड द्वारा की गयी। वृहत उत्पादन की प्रक्रिया 19वीं शताब्दी के अन्त में प्रारम्भ हो चुकी थी लेकिन 1920 के दशक में यह अमेरिकी औद्योगिक उत्पादन की विशेषता ही बन गया था।

2. अमेरिका के विख्यात कार निर्माता वृहत उत्पादन के प्रणेता थे। उन्होंने शिकागो के एक बूचड़खाने की असेंबली लाइन की तर्ज पर डेट्रॉयट के अपने कार कारखाने में भी आधुनिक असेंबली लाइन स्थापित की थी।

3. इस प्रकार की व्यवस्था का यह परिणाम हुआ कि हेनरी फोर्ड के कारखाने की असेंबली लाइन में प्रत्येक तीन मिनट में एक कार तैयार होकर निकलने लगी। इससे पहले की पद्धतियों के मुकाबले यह गति कई गुना अधिक थी। टी मॉडल नामक कार वृहत उत्पादन पद्धति से बनी प्रथम कार थी।

4. प्रारम्भ में कम्पनी के श्रमिकों को असेम्बली लाइन से उत्पन्न होने वाली थकान का सामना करना पड़ा क्योंकि वे उसकी गति पर नियन्त्रण नहीं रख पा रहे थे। अनेक श्रमिकों ने कार्य छोड़ दिया। इस चुनौती से निपटने के लिए फोर्ड ने जनवरी 1914 में श्रमिकों का वेतन दोगुना अर्थात् 5 डॉलर प्रतिदिन कर दिया। साथ ही अपने कारखानों में ट्रेड यूनियन गतिविधियों पर भी पाबंदी लगा दी।

5. सन् 1919 में अमेरिका में 20 लाख कारों का उत्पादन होता था जो 1929 ई. में बढ़कर 50 लाख प्रतिवर्ष से भी अधिक हो गया। इसके साथ ही अनेक लोग फ्रिज, वाशिंग मशीन, रेडियो, ग्रामोफोन, प्लेयर्स आदि को क्रय करने लगे। ये समस्त वस्तुएँ ‘हायर परचेज’ व्यवस्था के तहत खरीदी जाती थी अर्थात् लोग इन सब वस्तुओं कर्ज पर खरीदते थे और उनकी कीमत साप्ताहिक, मासिक किस्तों में चुकाते थे।

6. मकानों के निर्माण और निजी मकानों की संख्या में वृद्धि से भी फ्रिज, वाशिंग मशीन आदि उपकरणों की मांग में वृद्धि हुई। घरों का निर्माण अथवा खरीददारी भी कर्ज पर ही की जाती थी।

7. 1920 के दशक में आवास एवं निर्माण क्षेत्र में वृद्धि अमेरिकी सम्पन्नता का आधार बन गयी। बढ़ते उपयोग के लिए और अधिक निवेश की जरूरत थी, जिससे नये रोजगार तथा आमदनी में वृद्धि होने लगी।

प्रश्न 3.
1929 की महामंदी से क्या अभिप्राय है?
अथवा
‘महामंदी’ क्या थी? संक्षेप में इसके परिणाम लिखिए।
अथवा
आर्थिक महामंदी में वैश्विक अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ा?
अथवा
विश्व महामंदी के प्रभावों की व्याख्या कीजिए भूमंडलीकृत विश्व का बनना उत्तर-आर्थिक महामंदी का अभिप्राय किसी देश की ऐसी आर्थिक दशा से है जब उत्पादन में भारी वृद्धि तथा क्रय शक्ति में तीव्र गिरावट एवं मुद्रा के वास्तविक मूल्य में कमी आ जाती है। ऐसी आर्थिक महामंदी 1929 ई. में अमेरिका में आयी थी और इसने समस्त विश्व को अपने चंगुल में ले लिया जिसके कारण इसे महामंदी कहा जाता है।

आर्थिक महामंदी का प्रभाव/परिणाम:
1. औद्योगिक देशों में आर्थिक महामंदी का सबसे बुरा प्रभाव अमेरिका को ही झेलना पड़ा। कीमतों में कमी एवं मंदी की आशंका को देखते हुए अमेरिकी बैंकों ने घरेलू कर्ज देना बन्द कर दिया। इसके अतिरिक्त जो कर्जे दिये जा चुके थे, उनकी वसूली तेज कर दी गई।

2.किसान उपज नहीं बेच पा रहे थे। उनके कारोबार समाप्त हो गये, जिससे उनके परिवार तबाह हो गये।

3. आय में कमी आने पर अमेरिका के बहुत से परिवार कर्जा चुकाने में असफल हो गये जिसके कारण उनके मकान, कार और समस्त आवश्यक वस्तुएँ कुर्क कर ली गयीं।

4. 1920 के दशक में जो उपभोक्तावादी सम्पन्नता दिखाई दे रही थी, वह अचानक गायब हो गई।

5. बेरोजगारी में तीव्र गति से वृद्धि होने लगी। लोग काम की तलाश में इधर-उधर भटकने लगे।

6. अमेरिकी बैंकिंग व्यवस्था धराशायी हो गयी। निवेश से अपेक्षित लाभ नहीं मिलने के कारण, कर्जे की वसूली न होने एवं जमाकर्ताओं की जमा पूँजी नहीं लौटा पाने के कारण हजारों की संख्या में बैंक दिवालिया हो गये और बन्द कर दिये गये। एक अनुमान के अनुसार 1933 ई. तक 4000 से ज्यादा बैंक बन्द हो चुके थे तथा 1929 से 1932 के मध्य लगभग 1,10,000 कम्पनियाँ चौपट हो चुकी थीं।

7. अमेरिकी सरकार अपनी अर्थव्यवस्था को इस महामंदी से बचाने के लिए आयातित पदार्थों पर दोगुना सीमा शुल्क लगाकर वसूल करने लगी। इस फैसले ने तो विश्व व्यापार की कमर ही तोड़ दी।

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प्रश्न 4.
वैश्विक अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण में ब्रेटन-वुड्स संस्थान की भूमिका को विस्तार से बताइए।
उत्तर:
वैश्विक अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण में ब्रेटन वुड्स संस्थान की भूमिका को निम्नलिखित बिन्दुओं के अन्तर्गत स्पष्ट किया जा सकता है
1. युद्धोत्तर आर्थिक अन्तर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य यह था कि औद्योगिक विश्व में आर्थिक स्थिरता एवं पूर्ण रोजगार बनाये रखा जाये। इस फ्रेमवर्क पर जुलाई 1944 ई. में अमेरिका में स्थित न्यू हैम्पशर के ब्रेटन वुड्स नामक स्थान पर संयुक्त राष्ट्र मौद्रिक एवं वित्तीय सम्मेलन में सहमति हुई थी।

2. सदस्य देशों के विदेशी व्यापार में लाभ और घाटे से निपटने के लिए ब्रेटन वुड्स सम्मेलन में ही अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आई. एम. एफ.) की स्थापना की गयी।

3. युद्धोत्तर पुनर्निर्माण के लिए धन की व्यवस्था करने हेतु अन्तर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण एवं विकास बैंक का गठन किया गया। इसे विश्व बैंक के नाम से भी जाना जाता है। इसी कारण विश्व बैंक एवं अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष को ब्रेटन वुड्स संस्थान या ब्रेटन वुड्स ट्विन (ब्रेटन वुड्स की जुड़वाँ संस्था) भी कहा जाता है।

4. विश्व बैंक तथा अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने 1947 ई. में औपचारिक रूप से कार्य करना प्रारम्भ कर दिया। इन संस्थानों की निर्णय प्रक्रिया पर पश्चिमी औद्योगिक देशों का नियन्त्रण रहता है। अमेरिका विश्व बैंक व अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के किसी भी फैसले को ‘वीटो’ कर सकता है।

5.अन्तर्राष्ट्रीय मौद्रिक व्यवस्था राष्ट्रीय मुद्राओं और मौद्रिक व्यवस्थाओं को एक-दूसरे से जोड़ने वाली व्यवस्था है। ब्रेटन वुड्स व्यवस्था निश्चित विनिमय दरों पर आधारित होती थी। इस व्यवस्था में राष्ट्रीय मुद्राएँ, जैसे- भारतीय मुद्रा-रुपया-डॉलर के साथ एक निश्चित विनिमय दर में बँधा हुआ है। एक डॉलर के बदले में कितने रुपये प्राप्त होंगे, यह स्थिर रहता था। डॉलर का मूल्य भी सोने से बँधा हुआ था। एक डॉलर की कीमत 35 औंस सोने के बराबर निर्धारित की गई थी।

प्रश्न 5.
ब्रेटन वुड्स प्रणाली के समाप्त होने के लिए उत्तरदायी कारकों पर प्रकाश डालिए।
अथवा
ब्रेटन वुड्स का समापन एवं वैश्वीकरण का शुमआत पर विस्तार से प्रकाश डालिए।
उत्तर:
ब्रेटन वुड्स प्रणाली के समाप्त होने के लिए उत्तरदायी कारक निम्नलिखित हैं
1. अमेरिकी मुद्रा में गिरावट:
1960 ई. के दशक के पश्चात् अमेरिका का आर्थिक शक्ति के रूप में पहले जैसा वर्चस्व नहीं रहा। अमेरिकी डॉलर अब विश्व की प्रधान मुद्रा के रूप में पहले जितना सम्मानित एवं निर्विवाद नहीं रह गया था। सोने की तुलना में डॉलर की कीमत गिरने लगी थी।

2. पश्चिमी व्यावसायिक बैंकों का उदय:
1970 ई. के मध्य से अन्तर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों की नीति में भी बहुत अधिक परिवर्तन आ चुके थे। पहले विकासशील देश ऋण एवं विकास सम्बन्धी सहायता के लिए अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं की सहायता ले सकते थे लेकिन अब उन्हें पश्चिम के व्यावसायिक बैंकों और निजी ऋणदाता संस्थानों से ऋण न लेने के लिए विवश किया जाने लगा। विकासशील विश्व में समय-समय पर ऋण संकट उत्पन्न होने लगा जिससे आय में गिरावट आती थी एवं निर्धनता में वृद्धि होने लगती थी। यह समस्या अफ्रीका व लैटिन अमेरिका में सर्वाधिक दिखाई दी।

3. बेरोजगारी की समस्या:
औद्योगिक विश्व भी बेरोजगारी की समस्या से ग्रसित होने लगा था। 1970 के दशक के मध्य से बेरोजगारी बढ़ने लगी। 1990 के दशक के प्रारम्भिक वर्षों तक बहुत अधिक बेरोजगारी रही। 1970 के दशक के अन्तिम वर्षों में बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ भी एशिया के ऐसे देशों में उत्पादन केन्द्रित करने लगीं जहाँ वेतन कम थे।

4. चीन में अल्प लागत अर्थव्यवस्था:
अल्प लागत अर्थव्यवस्था के कारण चीनी अर्थव्यवस्था एक नयी महाशक्ति के रूप में उभरी। चीन जैसे देश में वेतन अपेक्षाकृत कम थे। अत: विदेशी बहुराष्ट्रीय कम्पनियों ने चीन में पर्याप्त निवेश करना प्रारम्भ कर दिया।

मानचित्र सम्बन्धी प्रश्न

प्रश्न 1.
अफ्रीका के राजनीतिक रेखा मानचित्र में 19वीं सदी के दो ब्रिटिश उपनिवेश दर्शाइए।
उत्तर:
JAC Class 10 Social Science Important Questions History Chapter 3 भूमंडलीकृत विश्व का बनना  1

प्रश्न 2.
अफ्रीका के राजनीतिक रेखा मानचित्र में 19वीं सदी के दो-दो स्पेनिश, पुर्तगाली व फ्रेंच उपनिवेश दर्शाइए।
उत्तर:
JAC Class 10 Social Science Important Questions History Chapter 3 भूमंडलीकृत विश्व का बनना  2

प्रश्न 3.
अफ्रीका के राजनीतिक रेखा मानचित्र में 19वीं सदी के दो इतालवी व दो जर्मन उपनिवेश दर्शाइए। उत्तर
उत्तर:
JAC Class 10 Social Science Important Questions History Chapter 3 भूमंडलीकृत विश्व का बनना  1

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