JAC Class 11 Political Science Important Questions Chapter 2 स्वतंत्रता

Jharkhand Board JAC Class 11 Political Science Important Questions Chapter 2 स्वतंत्रता Important Questions and Answers.

JAC Board Class 11 Political Science Important Questions Chapter 2 स्वतंत्रता

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. ‘लाँग वाक टू फ्रीडम’ किस व्यक्ति की आत्मकथा का शीर्षक है।
(अ) महात्मा गांधी
(ब) नेल्सन मण्डेला
(स) जवाहर लाल नेहरू
(द) ऑग सान सू की
उत्तर:
(ब) नेल्सन मण्डेला

2. ‘फ्रीडम फ्राम फीयर’ पुस्तक की रचयिता है।
(अ) आँग सान सू की
(ब) श्रीमती विजया लक्ष्मी पंडित
(स) सुलमान रुश्दी
(द) ऑग सान सू की
उत्तर:
(अ) आँग सान सू की

3. ” मेरे लिए वास्तविक मुक्ति भय से मुक्ति है ।” यह कथन है।
(अ) जे. एस. मिल का
(ब) लॉक का
(स) नेल्सन मण्डेला का
(द) दीपा मेहता
उत्तर:
(द) दीपा मेहता

4. नकारात्मक स्वतंत्रता से आशय है।
(अ) ऐसी स्थितियों का होना जिसमें लोग अपनी प्रतिभा का विकास कर सकें
(ब) व्यक्ति की रचनाशीलता और क्षमताओं के विकास को बढ़ावा देना
(स) युक्तियुक्ति प्रतिबन्धों से युक्त स्वतंत्रता
(द) व्यक्ति पर बाहरी प्रतिबन्धों का अभाव
उत्तर:
(द) व्यक्ति पर बाहरी प्रतिबन्धों का अभाव

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5. जॉन स्टुअर्ट मिल की पुस्तक का नाम है।
(अ) लाँग वॉक टू फ्रीडम
(स) ऑन लिबर्टी
(ब) फ्रीडम फार फीयर
(द) द सेटानिक वर्सेस
उत्तर:
(स) ऑन लिबर्टी

6. निम्न में से जो पुस्तक समाज के कुछ हिस्सों में विरोध के बाद प्रतिबंधित कर दी गई, वह थी।
(अ) ऑन लिबर्टी
(ब) लाँग वाक टू फ्रीडम
(स) द सेटानिक वर्सेस
(द) फ्रीडम फार फीयर
उत्तर:
(स) द सेटानिक वर्सेस

7. ” राज्य को जहाँ तक संभव हो, व्यक्ति के मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।” उक्त कथन है।
(अ) लास्की का
(ब) मिल का
(स) सीले का
(द) मार्क्स का
उत्तर:
(ब) मिल का

8. निम्नांकित में से जान स्टुअर्ट मिल का राजनीतिक सिद्धान्त था
(अ) लाभ का सिद्धान्त
(ब) हानि का सिद्धान्त
(स) उपर्युक्त दोनों
(द) आदर्शवादियों द्वारा
उत्तर:
(स) उपर्युक्त दोनों

9. प्राकृतिक स्वतंत्रता की अवधारणा संबंधित है।
(अ) लास्की से
(ब) मार्क्स से
(स) रूसो से
(द) महात्मा गाँधी से
उत्तर:
(स) रूसो से

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10. आर्थिक स्वतंत्रता पर सर्वाधिक जोर दिया गया था
(अ) व्यक्तिवादियों द्वारा
(ब) मार्क्सवादियों द्वारा
(स) उदारवादियों द्वारा
(द) आदर्शवादियों द्वारा
उत्तर:
(अ) व्यक्तिवादियों द्वारा

रिक्त स्थानों की पूर्ति करें

1. ……………….. के अनुसार गरिमापूर्ण मानवीय जीवन जीने के लिए जरूरी है कि हम भय पर विजय पाएं।
उत्तर:
आंग सान सू की

2. ……………….. बाहरी प्रतिबंधों का अभाव तथा ऐसी परिस्थितियों का होना है, जिनमें लोग अपनी प्रतिभा का विकास कर सकें।
उत्तर:
स्वतंत्रता

3. ………………… मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा।
उत्तर:
स्वराज्य

4. मिल ने ‘स्वसंबद्ध’ और ………………… कार्यों में अन्तर बताया है
उत्तर:
परसंबद्ध

5. स्वतंत्रता हमारे ” ………………….चुनने के सामर्थ्य और क्षमताओं में छुपी होती है।
उत्तर:
विकल्प

निम्नलिखित में से सत्य / असत्य कथन छाँटिये-

1. व्यक्ति पर बाहरी प्रतिबंधों का अभाव ही स्वतंत्रता है।
उत्तर:
असत्य

2. स्वतंत्रता वह स्थिति है, जिसमें लोग अपनी रचनात्मकता और क्षमताओं का विकास कर सकें।
उत्तर:
सत्य

3. हमें कुछ प्रतिबंधों की तो जरूरत है, अन्यथा समाज अव्यवस्था के गर्त में पहुँच जाएगा।
उत्तर:
सत्य

4. स्वतंत्रता पर सामाजिक असमानता से जनित प्रतिबंधों को दूर करने की जरूरत नहीं है।
उत्तर:
असत्य

5. स्वतंत्रता से जुड़े मामलों में राज्य किसी व्यक्ति को ऐसे कार्य करने से रोक सकता है जो किसी अन्य को हानि पहुँचाता हो।
उत्तर:
सत्य

निम्नलिखित स्तंभों के सही जोड़े बनाइये

1. जॉन स्टुअर्ट मिल (अ) हिंद स्वराज्य
2. महात्मा गाँधी (ब) फ्रीडम फ्राम फीयर
3. ऑग सान सू की (स) लाँग वाक टू फ्रीडम
4. नेल्सन मंडेला (द) द सेटानिक वर्सेस
5. सलमान रुश्दी (य) ऑन लिबर्टी

उत्तर:

1. जॉन स्टुअर्ट मिल (य) ऑन लिबर्टी
2. महात्मा गाँधी (अ) हिंद स्वराज्य
3. ऑग सान सू की (ब) फ्रीडम फ्राम फीयर
4. नेल्सन मंडेला (स) लाँग वाक टू फ्रीडम
5. सलमान रुश्दी (द) द सेटानिक वर्सेस

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
स्वतंत्रता की नकारात्मक परिभाषा लिखिये।
अथवा
नकारात्मक दृष्टि से स्वतंत्रता का क्या आशय है?
उत्तर:
नकारात्मक दृष्टि से स्वतंत्रता ‘व्यक्ति पर बाहरी प्रतिबन्धों का अभाव’ है।

प्रश्न 2.
सकारात्मक दृष्टि से स्वतंत्रता से क्या आशय है?
उत्तर:
सकारात्मक दृष्टि से स्वतंत्रता ऐसी स्थितियों के होने से है जिनमें लोग अपनी प्रतिभा का विकास कर सकें।

प्रश्न 3.
स्वतंत्रता का शाब्दिक अर्थ क्या है?
उत्तर:
स्वतंत्रता का शाब्दिक अर्थ है- बन्धनों का अभाव।

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प्रश्न 4.
हमें स्वतंत्रता पर प्रतिबन्धों की आवश्यकता क्यों है?
उत्तर:
हमें अपनी स्वतंत्रता को बचाने तथा एक समूह के विचारों को दूसरे समूह पर आरोपित किए बिना आपसी अंतरों पर चर्चा हो सकने की स्थिति को सुनिश्चित करने के लिए स्वतंत्रता पर प्रतिबंधों की आवश्यकता है।

प्रश्न 5.
जॉन स्टुअर्ट मिल ने व्यक्ति के कार्यों को कितने भागों में बाँटा है? उनके नाम लिखिये।
उत्तर:
मिल ने व्यक्ति के कार्यों को दो भागों:

  1. स्व-सम्बद्ध कार्य
  2. पर सम्बद्ध कार्य में बाँटा है।

प्रश्न 6.
स्वतंत्रता के लिए संघर्ष से जुड़े किन्हीं दो व्यक्तियों के नाम लिखो।
उत्तर:

  1. नेल्सन मण्डेला और
  2. ऑग सान सू की।

प्रश्न 7.
ऑग सान सू की किस देश की हैं? और उन्हें संघर्ष की प्रेरणा कहाँ से प्राप्त हुई?
उत्तर:
ऑग सान सू की म्यांमार की हैं और गाँधीजी के अहिंसा के विचारों से उन्हें संघर्ष की प्रेरणा मिली।

प्रश्न 8.
ऑग सान सू की कां एक मुख्य विचार बताइए।
उत्तर:
आँग सान सू की के अनुसार गरिमापूर्ण मानवीय जीवन जीने के लिए आवश्यक है कि हम भय पर विजय पाएं।

प्रश्न 9.
स्व-सम्बद्ध कार्य कौनसे हैं?
उत्तर:
स्व-सम्बद्ध कार्य वे हैं जिनके प्रभाव केवल इन कार्यों को करने वाले व्यक्ति पर पड़ते हैं।

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प्रश्न 10.
पर-सम्बद्ध कार्य कौनसे हैं?
उत्तर:
पर-सम्बद्ध कार्य वे हैं जिनका प्रभाव कर्ता के साथ-साथ अन्य लोगों पर भी पड़ता है।

प्रश्न 11.
भारतीय राजनीतिक विचारों में स्वतंत्रता की समानार्थी अवधारणा क्या है?
उत्तर:
भारतीय राजनीतिक विचारों में स्वतंत्रता की समानार्थी अवधारणा है स्वराज।

प्रश्न 12.
लोकमान्य तिलक ने ‘स्वराज्य’ के बारे में क्या कहा था?
उत्तर:
लोकमान्य तिलक ने कहा था कि ‘स्वराज्य मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा!’

प्रश्न 13.
एक स्वतंत्र समाज कौनसा होता है?
उत्तर:
एक स्वतंत्र समाज वह होता है जिसमें व्यक्ति अपने हित संवर्धन न्यूनतम प्रतिबंधों के बीच करने में स्वतंत्र

प्रश्न 14.
स्वतंत्रता को बहुमूल्य क्यों माना जाता है?
उत्तर:
स्वतंत्रता को बहुमूल्य इसलिए माना जाता है क्योंकि इससे व्यक्ति अपने विवेक और निर्णय की शक्ति का प्रयोग कर पाते हैं।

प्रश्न 15.
किन्हीं दो प्रतिबंधित नाटकों के नाम लिखिये।
उत्तर:

  1. द लास्ट टेम्पटेशन आफ क्राइस्ट
  2. रामायण रिटोल्ड

प्रश्न 16.
द सेटानिक वर्सेस पुस्तक के लेखक का नाम लिखिये।
उत्तर:
सलमान रुश्दी।

प्रश्न 17.
‘ऑन लिबर्टी’ पुस्तक की रचना किसने की थी?
उत्तर:
जान स्टुअर्ट मिल।

प्रश्न 18.
नेल्सन मंडेला ने किस देश की आजादी के लिए संघर्ष किया?
उत्तर:
दक्षिण अफ्रीका।

प्रश्न 19.
मंडेला ने किसके लिए संघर्ष किया था?
उत्तर:
मंडेला ने श्वेत और अश्वेत दोनों लोगों के लिए संघर्ष किया था।

प्रश्न 20.
जॉन स्टुअर्ट मिल ने किन दो कार्यों में अन्तर बताया था?
उत्तर:
स्व-संबद्ध और पर संबद्ध कार्यों में।

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प्रश्न 21.
‘मानव स्वतंत्र पैदा होता है लेकिन वह प्रत्येक जगह जंजीरों से जकड़ा हुआ है ।” उक्त विचार किस विद्वान से संबंधित हैं ?
उत्तर:
जीन जैक्स रूसो से।

प्रश्न 22.
जॉन स्टुअर्ट मिल के अनुसार स्वतंत्रता का अधिकार किस आधार पर प्रतिबंधित किया जा सकता है?
उत्तर:
मिल के अनुसार, स्वतंत्रता से जुड़े मामलों में राज्य किसी व्यक्ति को ऐसे कार्य करने से रोक सकता है जो किसी अन्य को गंभीर हानि पहुँचाता हो। अर्थात् स्वतंत्रता का अधिकार ‘हानि सिद्धान्त’ के आधार पर प्रतिबंधित किया जा सकता है।

प्रश्न 23.
मिल के अनुसार छोटी-मोटी हानि के लिए व्यक्ति के विरुद्ध कौन-सी कार्यवाही करनी चाहिए?
उत्तर:
मिल के अनुसार छोटी-मोटी हानि के लिए व्यक्ति के विरुद्ध केवल सामाजिक असहमति दर्शानी चाहिए।

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
स्वतंत्रता के लिए संघर्ष लोगों की किस आकांक्षा को दिखाता है?
उत्तर:
स्वतंत्रता के लिए संघर्ष लोगों की इस आकांक्षा को दिखाता है कि वे अपने जीवन और नियति का नियंत्रण स्वयं करें तथा उनका अपनी इच्छाओं और गतिविधियों को स्वतंत्रता से व्यक्त करने का अवसर बना रहे ।

प्रश्न 2.
व्यक्ति की स्वतंत्रता की कुछ सीमाएँ क्यों आवश्यक हैं?
उत्तर:
व्यक्ति की स्वतंत्रताओं की कुछ सीमाएँ इसलिए आवश्यक हैं कि

  1. ये सीमाएँ हमें असुरक्षा से मुक्त करती हैं।
  2. ये सीमाएँ ऐसी स्थितियाँ प्रदान करती हैं, जिनमें हम अपना विकास कर सकें।

प्रश्न 3.
मंडेला व उनके साथियों के लिए ‘लाँग वॉक टू फ्रीडम’ क्या था?
उत्तर:
मंडेला व उनके साथियों के लिए दक्षिण अफ्रीका के रंगभेदी शासन के अन्यायपूर्ण प्रतिबन्धों और स्वतंत्रता के रास्ते की बाधाओं को दूर करने का संघर्ष ‘लाँग वाक टू फ्रीडम’ था।

प्रश्न 4.
नकारात्मक दृष्टि से स्वतंत्रता का क्या आशय है?
अथवा
स्वतंत्रता का नकारात्मक दृष्टिकोण किन विचारों पर आधारित है?
उत्तर:
स्वतंत्रता का नकारात्मक दृष्टिकोण अग्र विचारों पर आधारित है।

  1. स्वतंत्रता का अभिप्राय है प्रतिबन्धों का अभाव।
  2. व्यक्ति पर राज्य का कोई नियंत्रण नहीं होना चाहिए।
  3. वह सरकार सर्वोत्तम है जो कम-से- -कम शासन करे।

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प्रश्न 5.
सकारात्मक दृष्टि से स्वतंत्रता का क्या आशय है?
उत्तर:
सकारात्मक दृष्टि से स्वतंत्रता का आशय है-ऐसी स्थितियों का होना जिनमें सभी लोग अपने व्यक्तित्व का विकास कर सकें। इस अर्थ में स्वतंत्रता व्यक्ति की रचनाशीलता, संवेदनशीलता और क्षमताओं के भरपूर विकास को बढ़ावा देती है।

प्रश्न 6.
संक्षेप में बताइये कि क्या पूर्ण स्वतंत्रता संभव है?
उत्तर:
पूर्ण स्वतंत्रता संभव नहीं है क्योंकि पूर्ण स्वतंत्रता से आशय है कि व्यक्ति के कार्यों पर किसी भी प्रकार का कोई प्रतिबन्ध न हो, वह मनमाना व्यवहार कर सके। ऐसा करने पर अराजकता की स्थिति पैदा हो जायेगी और स्वतंत्रता नष्ट हो जायेगी।

प्रश्न 7.
हमें स्वतंत्रता पर प्रतिबन्धों की आवश्यकता क्यों है?
उत्तर:

  1. हमें सामाजिक व्यवस्था को बनाए रखने के लिए स्वतंत्रता पर प्रतिबन्धों की आवश्यकता है।
  2. हमें अपनी स्वतंत्रता को बचाने के लिए भी कानूनी संरक्षण हेतु प्रतिबन्धों की आवश्यकता है।

प्रश्न 8.
हानि का सिद्धांन्त क्या है?
उत्तर:
सभ्य समाज के किसी सदस्य की इच्छा के खिलाफ शक्ति के औचित्यपूर्ण प्रयोग का एकमात्र उद्देश्य किसी अन्य को हानि से बचाना हो सकता है।” यही मिल का हानि का सिद्धान्त है। इस सिद्धान्त के अनुसार, स्वतंत्रता से जुड़े मामलों में राज्य किसी व्यक्ति को ऐसे कार्य करने से रोक सकता है, जो किसी अन्य को हानि पहुँचाता हो। लेकिन प्रतिबंध लगाने के लिए आवश्यक है कि किसी को होने वाली हानि गंभीर हो।

प्रश्न 9.
” स्वतंत्रता व्यक्ति पर बाहरी प्रतिबन्धों का अभाव है।” इस कथन को स्पष्ट कीजिये।
उत्तर:
इस कथन का आशय यह है कि यदि किसी व्यक्ति पर बाहरी नियंत्रण या दबाव न हो और वह बिना किसी पर निर्भर हुए निर्णय ले सके तथा स्वायत्त तरीके से व्यवहार कर सके, तो वह व्यक्ति स्वतंत्र माना जा सकता है । इस कथन का व्यावहारिक अर्थ है। उन सामाजिक प्रतिबन्धों का कम-से-कम होना जो हमारी स्वतंत्रतापूर्वक चयन की क्षमता पर रोक-टोक लगाते हैं

प्रश्न 10.
” स्वतंत्रता ऐसी स्थितियों का होना है जिनमें लोग अपनी प्रतिभा का विकास कर सकें ।” इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
इस कथन का आशय यह है कि स्वतंत्र होने के लिए समाज को उन बातों को विस्तार देना चाहिए, जिससे व्यक्ति, समूह, समुदाय राष्ट्र अपने भाग्य, दिशा और स्वरूप का निर्धारण करने में समर्थ हो सकें । अतः स्वतंत्रता वहं स्थिति है जिसमें लोग अपनी रचनात्मकता और क्षमताओं का भरपूर विकास कर सकें।

प्रश्न 11.
व्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिबन्धों के स्रोतों का उल्लेख कीजिये।
उत्तर:
प्रतिबन्धों के स्रोत:

  1. व्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध प्रभुत्व और बाहरी नियंत्रण से लग सकते हैं। ये प्रतिबंध बलपूर्वक या सरकार द्वारा ऐसे कानून की मदद से लगाए जा सकते हैं, जो शासकों की ताकत का प्रतिनिधित्व करें।
  2. स्वतंत्रता पर प्रतिबंध सामाजिक असमानता के कारण भी हो सकते हैं जैसा कि जाति व्यवस्था में होता है।
  3. समाज में अत्यधिक आर्थिक असमानता के कारण भी स्वतंत्रता पर अंकुश लग सकते हैं।

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प्रश्न 12.
राष्ट्रीय स्वतंत्रता से क्या आशय है?
उत्तर:
राष्ट्रीय स्वतंत्रता का अर्थ है। स्वराज्य की प्राप्ति। राष्ट्रीय स्वतंत्रता के अन्तर्गत प्रत्येक राष्ट्र का यह अधिकार है कि वह स्वतंत्रतापूर्वक अपनी नीतियों का निर्धारण कर सके तथा उन्हें लागू कर सके। परतंत्र देशों द्वारा अपने राष्ट्र की स्वतंत्रता की मांग करना राष्ट्रीय स्वतंत्रता है। 20वीं शताब्दी में अफ्रीका व एशिया के बहुत से देशों ने अपनी राष्ट्रीय स्वतंत्रता प्राप्त की।

प्रश्न 13.
स्वतंत्रता के सकारात्मक पक्ष की दो विशेषताएँ लिखिये।
उत्तर:
स्वतंत्रता के सकारात्मक पक्ष की दो प्रमुख विशेषताएँ ये हैं।

  1. सकारात्मक स्वतंत्रता के समर्थक उचित प्रतिबन्धों को स्वीकार करते हैं लेकिन वे अनुचित प्रतिबंधों के विरोधी हैं।
  2. सकारात्मक स्वतंत्रता का सम्बन्ध समाज की सम्पूर्ण दशाओं से है, न कि केवल कुछ क्षेत्र से।

प्रश्न 14.
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का क्या अर्थ है?
उत्तर:
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से यह आशय है कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने विचारों को दूसरों या समाज के समक्ष व्यक्त करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अन्तर्गत भाषण देने तथा लेखन द्वारा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता भी शामिल है।

प्रश्न 15.
स्वतंत्रता की नकारात्मक और सकारात्मक अवधारणा में कोई दो अन्तर लिखिये।
उत्तर:

  1. स्वतन्त्रता की नकारात्मक अवधारणा स्वतंत्रता को बाहरी नियंत्रणों के अभाव के रूप में देखती है जबकि सकारात्मक अवधारणा व्यक्ति के व्यक्तित्व के विकास के अवसरों के विस्तार के रूप में देखती है।
  2. नकारात्मक स्वतंत्रता में राज्य का व्यक्ति पर बहुत सीमित नियंत्रण होता है जबकि सकारात्मक स्वतंत्रता में राज्य व्यक्ति के कल्याण के लिए उसके सभी क्षेत्रों में हस्तक्षेप कर सकता है।

प्रश्न 16.
नेल्सन मंडेला की आत्मकथा ‘लॉंग वाक टू फ्रीडम’ पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
उत्तर:
लॉंग वाक टू फ्रीडम (स्वतंत्रता के लिए लम्बी यात्रा): इस पुस्तक में मंडेला ने दक्षिण अफ्रीका के रंगभेदी शासन के खिलाफ अपने व्यक्तिगत संघर्ष, गोरे लोगों के शासन की अलगाववादी नीतियों के खिलाफ लोगों के प्रतिरोध और दक्षिण अफ्रीका के रंगभेदी शासन के खिलाफ अपने व्यक्तिगत संघर्ष, गोरे लोगों के शासन की अलगाववादी नीतियों के खिलाफ लोगों के प्रतिरोध और दक्षिण अफ्रीका के काले लोगों द्वारा झेले गए अपमान, कठिनाइयों और पुलिस अत्याचार का वर्णन किया गया है।

इन अलगाववादी नीतियों में एक शहर में घेराबंदी किए जाने और देश में मुक्त आवागमन पर रोक लगाने से लेकर विवाह करने में मुक्त चयन तक पर प्रतिबंध लगाना शामिल है। सामूहिक रूप से इन सभी प्रतिबन्धों को नस्ल के आधार पर भेदभाव करने वाली रंगभेदी सरकार ने जबरदस्ती लागू किया था। मंडेला और उनके साथियों के लिए इन्हीं अन्यायपूर्ण प्रतिबंधों और स्वतंत्रता के रास्ते की बाधाओं को दूर करने का संघर्ष ‘लॉंग वाक टू फ्रीडम’ था। मंडेला का यह संघर्ष काले और अन्य लोगों के साथ-साथ श्वेत लोगों के लिए भी था।

प्रश्न 17.
स्वतंत्रता की अवधारणा के नकारात्मक व सकारात्मक पक्ष को स्पष्ट कीजिये। स्वतंत्रता की अवधारणा को स्पष्ट कीजिये।
अथवा
उत्तर:
स्वतंत्रता की अवधारणा: स्वतंत्रता बाहरी प्रतिबन्धों का अभाव और ऐसी स्थितियों का होना है, जिनमें लोग अपनी प्रतिभा का विकास कर सकें। स्वतंत्रता की इस अवधारणा के दो पक्ष हैं।

  1. नकारात्मक पक्ष और
  2. सकारात्मक पक्ष। यथा

1. स्वतंत्रता का नकारात्मक पक्ष:
स्वतंत्रता का नकारात्मक पक्ष यह है कि ‘व्यक्ति पर बाहरी प्रतिबंधों का अभाव ही स्वतंत्रता है।’ इसका अभिप्राय यह है कि यदि किसी व्यक्ति पर बाहरी नियंत्रण या दबाव न हो और वह बिना किसी पर निर्भर हुए निर्णय ले सके तथा स्वायत्त तरीके से व्यवहार कर सके, तो वह व्यक्ति स्वतंत्र माना जा सकता है। लेकिन समाज में रहने वाला कोई भी व्यक्ति हर किस्म की सीमा और प्रतिबन्धों की पूर्ण अनुपस्थिति की आशा नहीं कर सकता। इसलिए यहाँ स्वतंत्र होने का अर्थ उन सामाजिक प्रतिबन्धों का कम से कम होना है, जो हमारी स्वतंत्रतापूर्वक चयन करने की क्षमता पर रोक-टोक लगाए।

2. स्वतंत्रता का सकारात्मक पक्ष:
स्वतंत्रता का सकारात्मक पक्ष यह है कि ऐसी स्थितियों का होना जिनमें लोग अपनी प्रतिभा का विकास कर सकें। इसका अभिप्राय यह है कि स्वतंत्र होने के लिए समाज को उन बातों का विस्तार देना चाहिए जिससे व्यक्ति, समूह, समुदाय या राष्ट्र अपने भाग्य की दिशा और स्वरूप निर्धारण करने में समर्थ हो सके। इस अर्थ में स्वतंत्रता व्यक्ति की रचनाशीलता, संवेदनशीलता और क्षमताओं के भरपूर विकास को बढ़ावा देती है। प्रायः स्वतंत्रता के ये दोनों पक्ष साथ-साथ चलते हैं और एक-दूसरे का समर्थन करते हैं।

JAC Class 11 Political Science Important Questions Chapter 2 स्वतंत्रता

प्रश्न 18.
स्वतंत्रता के मार्ग में आने वाले बाधक तत्वों को लिखिये।
उत्तर:
स्वतंत्रता के मार्ग में आने वाले प्रमुख बाधक तत्व अग्रलिखित हैं।

  1. प्रभुत्व तथा बाहरी नियंत्रण: व्यक्ति की स्वतंत्रता के मार्ग में आने वाला प्रमुख बाधक तत्व है। प्रभुत्व तथा बाहरी नियंत्रण। ये बलपूर्वक या सरकार द्वारा ऐसे कानून की मदद से लगाये जा सकते हैं जो शासकों की ताकतों का प्रतिनिधित्व करें। ऐसे कानून उपनिवेशवादी शासकों ने या दक्षिणी अफ्रीका में रंगभेद की व्यवस्था ने लगाये।
  2. सामाजिक असमानता: स्वतंत्रता के मार्ग में आने वाला बाधक तत्व सामाजिक असमानता भी हो सकती है। जैसा कि जाति-व्यवस्था में होता है।
  3. आर्थिक असमानता: समाज में अत्यधिक आर्थिक असमानता के कारण भी स्वतंत्रता पर अंकुश लग सकते

प्रश्न 19.
स्वतन्त्रता का अर्थ बताते हुए उसकी एक परिभाषा दीजिये।
उत्तर:
स्वतंत्रता का अर्थ है। बाहरी प्रतिबंधों का अभाव और ऐसी स्थितियों का होना जिनमें लोग अपनी प्रतिभा का विकास कर सकें। अतः स्वतंत्रता का आशय ऐसी स्थितियों के होने से है जिनमें व्यक्ति न्यूनतम सामाजिक अवरोधों के साथ अपनी संभावनाओं का विकास कर सके। लास्की के शब्दों में, “स्वतंत्रता का तात्पर्य उस वातावरण को बनाए रखना है जिससे व्यक्ति को अपने जीवन में सर्वोत्तम विकास करने की सुविधा प्राप्त हो। ”

प्रश्न 20.
भारतीय राजनीतिक विचारों में स्वतंत्रता की समानार्थी विचारधारा क्या है? उसका विश्लेषण कीजिए।
उत्तर:
स्वराज:भारतीय राजनीतिक विचारों में स्वतंत्रता की समानार्थी अवधारणा स्वराज है। स्वराज का अर्थ ‘स्व’ का शासन भी हो सकता है और ‘स्व’ के ऊपर शासन भी हो सकता है। यथा

1. स्व का शासन:
भारत के स्वतंत्रता संघर्ष के संदर्भ में स्वराज ‘स्व के शासन’ के लिए राजनीतिक और संवैधानिक स्तर पर स्वतंत्रता की माँग है और सामाजिक तथा सामूहिक स्तर पर यह एक मूल्य है। इसीलिए स्वराज स्वतंत्रता आंदोलन में एक महत्त्वपूर्ण नारा बन गया। इसने ही तिलक को इस महत्त्वपूर्ण कथन ‘स्वराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा।’ के लिए प्रेरित किया।

2. स्व के ऊपर शासन:
स्वराज का आशय ‘अपने ऊपर अपना राज’ भी है। स्वराज की यही समझ गांधी के ‘हिंद स्वराज’ में प्रकट हुई है। उनके अनुसार ‘जब हम स्वयं पर शासन करना सीखते हैं, तभी स्वराज है।’ इस प्रकार स्वराज केवल स्वतंत्रता नहीं है; बल्कि ऐसी संस्थाओं से मुक्ति भी है, जो मनुष्य को उसकी मनुष्यता से वंचित करती है। अतः स्वराज में मानव को यंत्रवत बनाने वाली संस्थाओं से मुक्ति पाने के साथ आत्मसम्मान, दायित्वबोध और आत्मसाक्षात्कार को पाना भी है।

प्रश्न 21.
स्वतंत्रता के बारे में नेताजी सुभाषचन्द्र के विचारों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
स्वतंत्रता के बारे में नेताजी सुभाषचन्द्र के विचार नेताजी सुभाषचन्द्र बोस का कहना है कि स्वतंत्रता से मेरा आशय ऐसी सर्वांगीण स्वतंत्रता से है – जो व्यक्ति और समाज की हो, अमीर और गरीब की हो, स्त्रियों और पुरुषों की हो तथा सभी लोगों और सभी वर्गों की हो। इस स्वतंत्रता का मतलब न केवल राजनीतिक परतंत्रता से मुक्ति होगा बल्कि सम्पत्ति का समान बंटवारा, जातिगत अवरोधों और सामाजिक असमानताओं का अंत तथा साम्प्रदायिकता और धार्मिक असहिष्णुता का सर्वनाश भी होगा।

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प्रश्न 22.
स्वतंत्रता का ‘हानि सिद्धान्त’ क्या है? इसकी व्याख्या कीजिये।
उत्तर:
हानि सिद्धान्त जॉन स्टुअर्ट मिल ने स्वतंत्रता पर प्रतिबंध के सम्बन्ध में जिस मुद्दे को बहुत प्रभावपूर्ण तरीके से उठाया है, उसे राजनीतिक सिद्धान्त के विमर्श में ‘हानि सिद्धान्त’ कहा जाता है। ‘हानि – सिद्धान्त’ यह है कि किसी के कार्य करने की स्वतंत्रता में व्यक्तिगत या सामूहिक रूप से हस्तक्षेप करने का इकलौता लक्ष्य आत्म-रक्षा है। सभ्य समाज के किसी सदस्य की इच्छा के खिलाफ शक्ति के औचित्यपूर्ण प्रयोग का एकमात्र उद्देश्य अन्य को हानि से बचाना हो सकता है।

मिल का कहना है कि व्यक्ति के स्व-सम्बद्ध कार्यों और निर्णयों के मामले में राज्य या बाहरी सत्ता को कोई हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं हैं। इसके विपरीत उसके ‘पर-सम्बद्ध कार्यों’ में, जो दूसरों पर प्रभाव डालते हैं, या जिनसे बाकी लोगों को कुछ हानि हो सकती है, बाहरी प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं। दूसरे शब्दों में मिल का कहना है। कि स्वतंत्रता से जुड़े मामलों में राज्य किसी व्यक्ति को ऐसे कार्य करने से रोक सकता है, जो किसी अन्य को हानि पहुँचाता हो।

लेकिन प्रतिबंध लगाने के लिए जरूरी है कि किसी को होने वाली हानि गंभीर हो। छोटी-मोटी हानि के लिए मिल कानून की ताकत की जगह केवल सामाजिक रूप से अमान्य करने का सुझाव देता है। मिल का कहना है कि छोटी-मोटी हानि के लिए समाज को स्वतंत्रता की रक्षा के लिए थोड़ी असुविधा सहनी चाहिए। इसके साथ ही साथ गंभीर हानि को रोकने के लिए लगाए जाने वाले प्रतिबंध इतने कड़े नहीं होने चाहिए कि स्वतंत्रता ही नष्ट हो जाए।

प्रश्न 23.
” अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता उन्हें भी होनी चाहिए जिनके विचार आज की स्थितियों में गलत या भ्रामक लग रहे हैं ।” इस कथन को दृष्टि में रखते हुए अपने विचार प्रकट कीजिये।
उत्तर:
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एक बुनियादी मूल्य है। उसे बनाये रखने के लिए समाज को कुछ असुविधाओं को सहन करने के लिए तैयार रहना चाहिए। मिल ने लिखा है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता उन्हें भी होनी चाहिए जिनके विचार आज की स्थितियों में गलत या भ्रामक लग रहे हों। इस कथन के पक्ष में मिल ने निम्नलिखित कारण दिये हैं।

  1. कोई भी विचार पूरी तरह से गलत नहीं होता। जो हमें गलत लगता है उसमें भी सच्चाई का तत्व होता है, अगर हम इसे प्रतिबंधित कर देंगे तो इसमें छुपे सच्चाई के अंश को भी खो देंगे।
  2. सत्य विरोधी विचारों के टकराव से पैदा होता है। जो विचार आज गलत प्रतीत होता है, वह सही तरह के विचारों के उदय में बहुमूल्य हो सकता है।
  3. विचारों के संघर्ष का हर समय में सतत महत्व रहा है।
  4. हम इस बात को लेकर भी निश्चिन्त नहीं हो सकते कि जिसे हम सत्य समझते हैं, वही सत्य है।

प्रश्न 24.
एक राजनीतिक विचारधारा के रूप में उदारवाद की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
उदारवाद
1. उदारवाद एक सहिष्णु विचारधारा है:
एक राजनीतिक विचारधारा के रूप में उदारवाद को सहनशीलता के मूल्य के साथ जोड़ कर देखा जाता है। उदारवादी चाहे किसी व्यक्ति से असहमत हों, तब भी वे उसके विचार और विश्वास रखने और व्यक्त करने के अधिकार का पक्ष लेते हैं। लेकिन उदारवाद सहिष्णुता के कहीं अधिक है।

2. इसमें केन्द्र:
बिन्दु व्यक्ति है-उदारवाद में व्यक्ति केन्द्र बिन्दु है। उदारवाद के लिए समाज, समुदाय जैसी इकाइयों का अपने आप में कोई महत्त्व नहीं है। उनके लिए इन इकाइयों का महत्त्व तभी है, जब व्यक्ति इन्हें महत्त्व दे। उदाहरण के लिए उदारवादी कहेंगे कि किसी से विवाह करने का निर्णय व्यक्ति को लेना चाहिए, न कि परिवार, जाति या समुदाय को।

3. व्यक्तिगत स्वतंत्रता को वरीयता: उदारवादी व्यक्तिगत स्वतंत्रता को समानता जैसे अन्य मूल्यों से अधिक वरीयता देते हैं। वे आमतौर पर राजनीतिक सत्ता को भी संदेह की नजर से देखते हैं।

4. मुक्त बाजार, राज्य की न्यूनतम भूमिका तथा कल्याणकारी राज्य की भूमिका के समर्थक:
ऐतिहासिक रूप से उदारवाद ने मुक्त बाजार और राज्य की न्यूनतम भूमिका का पक्ष लिया है। वर्तमान में वे कल्याणकारी राज्य की भूमिका को भी स्वीकार करते हैं और मानते हैं कि सामाजिक और आर्थिक असमानताओं को कम करने वाले उपायों की जरूरत है।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के सम्बन्ध में जॉन स्टुअर्ट मिल के विचारों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर मिल के विचार जॉन स्टुअर्ट मिल का तर्क है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मुद्दा ‘अहस्तक्षेप के लघुत्तम क्षेत्र’ से जुड़ा हुआ। इसलिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को प्रतिबंधित नहीं किया जाना चाहिए। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एक बुनियादी मूल्य है। इस स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए समाज को कुछ असुविधाओं को सहन करने के लिए तैयार रहना चाहिए।

जॉन स्टुअर्ट मिल अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को प्रतिबंधित नहीं किये जाने के प्रबलतम समर्थक रहे हैं। उन्होंने अपनी पुस्तक ‘ऑन लिबर्टी’ में कहा है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता उन्हें भी होनी चाहिए जिनके विचार आज की परिस्थितियों में गलत या भ्रामक लगते हैं। अपने पक्ष के समर्थन में उन्होंने अग्रलिखित चार तर्क प्रस्तुत किए हैं।

1. प्रत्येक विचार में सत्य का अंश:
मिल का कहना है कि कोई भी विचार पूरी तरह से गलत नहीं होता। जो हमें गलत लगता है उसमें भी सत्य का अंश होता है। अगर हम गलत लगने वाले विचार को प्रतिबंधित कर देंगे तो इसमें छुपे सच्चाई के अंश को भी खो देंगे।

2. सत्य विरोधी विचारों के टकराव से पैदा होता है:
मिल का दूसरा तर्क यह है कि सत्य स्वयं में उत्पन्न नहीं होता। यह विरोधी विचारों के टकराव से पैदा होता है। इस तरह जो विचार आज हमें गलत प्रतीत होता है, वह सही तरह के विचारों के उदय में सहायक हो सकता है।

3. विचारों के संघर्ष का सतत महत्त्व है:
मिल का तीसरा तर्क यह है कि विचारों का संघर्ष केवल अतीत में ही मूल्यवान नहीं था, इसका हर समय में सतत महत्त्व है। सत्य के बारे में खतरा यह रहता है कि वह एक विचारहीन और रूढ़ उक्ति में बदल जाता है। जब हम इसे विरोधी विचार के सामने रखते हैं तभी इसी विचार का विश्वसनीय होना सिद्ध होता है।

4. सत्य के बारे में निश्चित नहीं कहा जा सकता:
मिल का तर्क है कि हम इस बात को लेकर भी निश्चिन्त नहीं हो सकते कि जिसे हम सत्य समझते हैं, वही सत्य है, कई बार जिन विचारों को किसी समय पूरे समाज ने गलत समझा और दबाया था, बाद में सत्य पाए गए। कुछ समाज ऐसे विचारों का दमन करते हैं, जो आज उन्हें स्वीकार्य नहीं हैं, लेकिन ये विचार भविष्य में मूल्यवान हो सकते हैं। दमनकारी समाज ऐसे संभावनाशील ज्ञान के लाभों से वंचित रह जाते हैं।

JAC Class 11 Political Science Important Questions Chapter 2 स्वतंत्रता

प्रश्न 2.
क्या कुछ समूहों के विरोध करने पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगाना उचित है? किस प्रकार के प्रतिबंध अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर औचित्यपूर्ण कहे जायेंगे और किस प्रकार के नहीं?
उत्तर:
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध: अनेक बार किसी पुस्तक, नाटक, फिल्म या किसी शोध पत्रिका के लेख पर प्रतिबंध लगाने की मांग उठती है। क्या इस मांग को अल्पकालीन समस्या समाधान के रूप में देखते हुए पूरा करना न्यायोचित है? वर्तमान में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के सम्बन्ध में यह प्रश्न विवाद का मुद्दा बना हुआ है। यथा-

1. जॉन स्टुअर्ट मिल जैसे विचारक का मत है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मुद्दा ‘अहस्तक्षेप के लघुत्तम क्षेत्र’ से जुड़ा हुआ है। इसलिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को प्रतिबंधित नहीं किया जाना चाहिए। चाहे अभिव्यक्त विचारों से हम सहमत हों या असहमत। वाल्तेयर का यह कथन भी इसी बात का समर्थन करता है कि “तुम जो कहते हो मैं उसका समर्थन नहीं करता, लेकिन मैं मरते दम तक तुम्हारे कहने के अधिकार का बचाव करूँगा।” स्पष्ट है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एक बुनियादी मूल्य है, समाज को कुछ असुविधाएँ सहन करके भी इसकी स्वतंत्रता को बनाए रखना चाहिए और इसे सीमित (प्रतिबंधित करने का प्रयास नहीं करना चाहिए।

2. अन्य समूहों द्वारा विरोध के बाद किसी पुस्तक, नाटक, फिल्म या किसी शोध – पत्रिका के लेख को प्रतिबंधित कर दिया जाता है। इस तरह के प्रतिबन्ध आसान लेकिन अल्पकालीन समाधान तो हैं; क्योंकि ये तात्कालिक माँग को पूरा कर देते हैं। लेकिन ये प्रतिबंध समाज में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की दूरगामी संभावनाओं की दृष्टि से बहुत खतरनाक हैं, क्योंकि जब हम एक बार प्रतिबंध लगाने लगते हैं, तब प्रतिबंध लगाने की आदत विकसित हो जाती है।

3. जब अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध किसी संगठित सामाजिक, धार्मिक या सांस्कृतिक सत्ता या राज्य की शक्ति के बल पर लगाए जाते हैं तब ये हमारी स्वतंत्रता की कटौती इस प्रकार करते हैं कि उनके खिलाफ लड़ना मुश्किल हो जाता है। लेकिन ये प्रतिबंध औचित्यपूर्ण नहीं कहे जा सकते।

4. यदि हम स्वेच्छापूर्वक या अपने लक्ष्यों और आकांक्षाओं को पाने के लिए कुछ प्रतिबन्धों को स्वीकार करते हैं, तो हमारी स्वतंत्रता सीमित नहीं होती है। अगर हमें किन्हीं स्थितियों को स्वीकार करने के लिए बाध्य नहीं किया जा रहा है तब हम नहीं कह सकते कि हमारी स्वतंत्रता की कटौती की जा रही है। स्पष्ट है कि बाध्यतामूलक प्रतिबंध अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर लगाना औचित्यपूर्ण नहीं कहे जा सकते।

JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 5 जीवन की मौलिक इकाई

Jharkhand Board JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 5 जीवन की मौलिक इकाई Important Questions and Answers.

JAC Board Class 9 Science Important Questions Chapter 5 जीवन की मौलिक इकाई

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

1. स्वनिर्मित सूक्ष्मदर्शी से कोशिका को सर्वप्रथम देखा था-
(a) श्लाइडेन ने
(b) रॉबर्ट हुक ने
(c) रॉबर्ट ब्राउन ने
(d) ल्यूवेन हॉक ने।
उत्तर:
(b) रॉबर्ट हुक ने।

2. शरीर की संरचनात्मक एवं
(a) ऊतक
(b) अंग
(c) कोशिका
(d) कोशिकांग
उत्तर:
(c) कोशिका।

3. एक कोशिकीय जीव हैं-
(a) क्लेमाइडोमोनास
(b) पैरामीशियम
(c) बैक्टीरिया
(d) ये सभी।
उत्तर:
(d) ये सभी।

4. केन्द्रक का पता लगाया था-
(a) रॉबर्ट हक ने
(b) राबर्ट ब्राउन ने
(c) एम. श्लाइडेन ने
(d) जे. ई. पुरकिन्जे ने।
उत्तर:
(b) राबर्ट ब्राउन ने

5. तरल जैविक पदार्थ को जीवद्रव्य नाम दिया था-
(a) टी. स्वान ने
(b) एम. श्लाइडेन ने
(c) जे. ई. पुरकिन्जे ने
(d) विस्पो ने
उत्तर:
(c) जे. ई. पुरकिन्जे ने।

JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 5 जीवन की मौलिक इकाई

6. ‘आत्मघाती थैली के नाम से जाना जाने वाला कोशिकांग है-
(a) केन्द्रक
(b) लाइसोसोम
(c) राइबोसोम
(d) माइटोकॉन्ड्रिया।
उत्तर:
(b) लाइसोसोम।

7. निम्न में से किस कोशिकांग में DNA पाया जाता है?
(a) अन्तर्द्रव्यी जालिका
(b) राइबोसोम
(c) क्लोरोप्लास्ट
(d) लाइसोसोम।
उत्तर:
(b) राइबोसोम।

8. कोशिका का बिजलीघर किस अंगक को कहते हैं?
(a) क्लोरोप्लास्ट
(b) ल्यूकोप्लास्ट।
(c) माइटोकॉन्ड्रिया
(d) लाइसोसोम।
उत्तर:
(b) ल्यूकोप्लास्ट।

9. प्रोटीन संश्लेषण से सम्बन्धित
(a) क्लोरोप्लास्ट
(b) ल्यूकोप्लास्ट
(c) राइबोसोम
(d) गॉल्जी उपकरण।
उत्तर:
(c) राइबोसोम।

10. गॉल्जी उपकरण का विवरण कोशिकांग है-
(a) श्लाइडेन
(b) राबर्ट ब्राउन
(c) केमिलो गॉल्जी
(d) ल्यूवेनहॉक।
उत्तर:
(c) केमिलो गॉल्जी।

अति लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
कोशिका क्या है?
उत्तर:
कोशिका शरीर की संरचनात्मक तथा आनु- वांशिक क्रियात्मक इकाई है।

प्रश्न 2.
कोशिका के तीन प्रमुख क्रियात्मक क्षेत्र कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
कोशिका के तीन प्रमुख क्रियात्मक क्षेत्र हैं-

  • कोशिका झिल्ली
  • कोशिका द्रव्य तथा
  • केन्द्रक।

प्रश्न 3.
कोशिका के प्रमुख कोशिकांग कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
कोशिका के प्रमुख कोशिकांग अन्तर्द्रव्यी जालिका, गॉल्जी उपकरण, लाइसोसोम, माइटोकॉन्ड्रिया, प्लास्टिड तथा रसधानी आदि हैं।

प्रश्न 4.
कोशिका की खोज किसने की थी?
उत्तर:
कोशिका की खोज रॉबर्ट हुक ने की थी।

प्रश्न 5.
कोशिका में केन्द्रक की खोज किसने की थी?
उत्तर:
कोशिका में केन्द्रक की खोज रॉबर्ट ब्राउन ने की थी।

प्रश्न 6.
कोशिका सिद्धान्त किसने प्रस्तुत किया था?
उत्तर:
कोशिका सिद्धान्त एम. श्लाइडेन तथा टी. स्वान ने प्रस्तुत किया था।

प्रश्न 7.
कोशिकाद्रव्य में पाये जाने वाले किन्हीं दो कोशिकांगों के नाम तथा कार्य बताइये।
उत्तर:

  • माइटोकॉण्ड्रिया ऊर्जा उत्पन्न करना।
  • राइबोसोम – प्रोटीन का संश्लेषण करना।

प्रश्न 8.
अन्तर्द्रव्यी जालिका (ER) का कार्य बताइए।
उत्तर:
केन्द्रक तथा कोशिकाद्रव्य के बीच पदार्थों का परिवहन करना।

प्रश्न 9.
आत्मघाती थैलियाँ किन्हें कहते हैं?
उत्तर:
लाइसोसोम को आत्मघाती थैलियाँ कहते हैं।

JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 5 जीवन की मौलिक इकाई

प्रश्न 10.
लाइसोसोम का कार्य बताइये।
उत्तर:
लाइसोसोम क्षतिग्रस्त, मृत कोशिकाओं को पाचित कर समाप्त करता है।

प्रश्न 11.
कोशिका का नियंत्रण केन्द्र किस अंगक को कहते हैं?
उत्तर:
केन्द्रक को कोशिका का नियंत्रण केन्द्र कहते हैं।

प्रश्न 12.
प्लाज्मा झिल्ली को वरणात्मक पारगम्य झिल्ली क्यों कहते हैं?
उत्तर:
प्लाज्मा झिल्ली कुछ आवश्यक पदार्थों को अन्दर आने देती है तथा अनावश्यक पदार्थों को अन्दर आने से रोकती है। इसी प्रकार यह आवश्यक पदार्थों को बाहर नहीं जाने देती तथा अनावश्यक पदार्थों को बाहर जाने देती है। इसलिए इसे वरणात्मक पारगम्य झिल्ली कहते हैं।

प्रश्न 13.
CO2 तथा O2 झिल्ली के आर-पार किस विधि से आ-जा सकते हैं?
उत्तर:
विसरण क्रिया द्वारा।

प्रश्न 14.
परासरण किसे कहते हैं?
उत्तर:
वरणात्मक पारगम्य झिल्ली द्वारा जल के अणुओं की होने वाली गति को परासरण कहते हैं।

प्रश्न 15.
अल्प परासरण दाबी विलयन किसे कहते हैं?
उत्तर:
यदि कोशिका को तनु विलयन वाले माध्यम में रखा जाए तो जल परासरण विधि द्वारा कोशिका के अन्दर चला जायेगा। ऐसे विलयन को अल्प परासरण दाबी विलयन कहते हैं।

प्रश्न 16.
समपरासरणी विलयन किसे कहते हैं?
उत्तर:
यदि कोशिका को ऐसे माध्यम विलयन में रखा जाए जिसमें बाह्य जल की सान्द्रता कोशिका में स्थित जल की सान्द्रता के ठीक बराबर हो तो कोशिका झिल्ली से जल में कोई शुद्ध गति नहीं होगी। ऐसे विलयन को समपरासरणी विलयन कहते हैं।

प्रश्न 17.
अति परासरण दाबी विलयन किसे कहते हैं?
उत्तर:
यदि कोशिका के बाहर वाला विलयन अन्दर के घोल से अधिक सान्द्र है तो जल परासरण द्वारा कोशिका से बाहर आ जायेगा। ऐसे विलयन को अति परासरण दाबी विलयन कहते हैं।

प्रश्न 18.
कोशिका में जल भीतर जाने का क्या परिणाम होगा?
उत्तर:
कोशिका फूल जायेगी।

प्रश्न 19.
कोशिका से अधिक जल बाहर आ जाने का क्या परिणाम होगा?
उत्तर:
कोशिका सिकुड़ जायेगी।

प्रश्न 20.
अण्डे को तनु HCI में रखकर इसका कवच हटा देते हैं। एक कवच रहित अण्डे को जल में और दूसरे कवच रहित अण्डे को सान्द्र नमक (NaCl) के घोल में रखने पर उनमें क्या परिवर्तन होगा और क्यों?
उत्तर:
कवचरहित अण्डे को जल में रखने पर अण्डा फूल जाता है तथा नमक के सान्द्र घोल में रखने पर सिकुड़ जाता है, क्योंकि इनमें क्रमशः अन्त: परासरण तथा बहि: परासरण की क्रिया होती है।

प्रश्न 21.
पौधों की मूल द्वारा जल का अवशोषण किस क्रिया द्वारा होता है?
उत्तर:
पौधों की मूल द्वारा जल का अवशोषण परासरण क्रिया द्वारा होता है।

प्रश्न 22.
प्लाज्मा झिल्ली किस पदार्थ से बनी होती है?
उत्तर:
प्लाज्मा झिल्ली लिपिड तथा प्रोटीन की बनी होती है।

प्रश्न 23.
प्लाज्मा झिल्ली की रचना किस यंत्र से देख सकते हैं?
उत्तर:
प्लाज्मा झिल्ली की रचना केवल इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी से देख सकते हैं।

प्रश्न 24.
कोशिका झिल्ली का लचीलापन एक ‘कोशिकीय जीवों में किस कार्य में सहायक होता है?
उत्तर:
एककोशिकीय जीवों में कोशिका झिल्ली का लचीलापन बाह्य वातावरण से अपना भोजन तथा अन्य पदार्थ ग्रहण करने में सहायक होता है।

प्रश्न 25.
एण्डोसाइटोसिस किसे कहते हैं?
उत्तर:
कोशिका झिल्ली के लचीलेपन से एक कोशिकीय जीवों के द्वारा बाह्य वातावरण से अपना भोजन तथा अन्य पदार्थ ग्रहण करने की विधि को एण्डोसोइटोसिस कहते हैं।

JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 5 जीवन की मौलिक इकाई

प्रश्न 26.
पादप कोशिका भित्ति किस पदार्थ की बनी होती है?
उत्तर:
पादप कोशिका भित्ति सेल्यूलोज की बनी होती है।

प्रश्न 27.
कोशिका भित्ति वे निर्माण में सेल्यूलोज की क्या उपयोगिता है?
उत्तर:
सेल्यूलोज एक जटिल पदार्थ है। यह पौधों को संरचनात्मक दृढ़ता प्रदान करता है।

प्रश्न 28.
जीवद्रव्य कुंचन किसे कहते हैं?
उत्तर:
जब पादप कोशिका में परासरण द्वारा पानी की हानि होती है तो कोशिका झिल्ली सहित आन्तरिक पदार्थ संकुचित हो जाते हैं। इस घटना को जीवद्रव्य कुंचन कहते हैं।

प्रश्न 29.
पत्ती में उपस्थित छोटे-छोटे हरे कणों को में उपस्थित छोटे-छोटे हरे कणों को क्या कहते हैं?
उत्तर:
पत्ती क्लोरोप्लास्ट कहते हैं।

प्रश्न 30.
क्लोरोप्लास्ट में क्या भरा होता है?
उत्तर:
क्लोरोप्लास्ट में क्लोरोफिल भरा होता है।

प्रश्न 31.
पादप कोशिकाएँ परिवर्तनीय माध्यम को जन्तु कोशिका की अपेक्षा आसानी से किस कारण सहन कर सकती हैं?
उत्तर:
कोशिका भित्ति के कारण।

प्रश्न 32.
क्रोमोसोम कहाँ पाये जाते हैं?
उत्तर:
क्रोमोसोम केन्द्रक में पाये जाते हैं।

प्रश्न 33.
क्रोमोसोम किस पदार्थ के बने होते हैं?
उत्तर:
क्रोमोसोम DNA तथा प्रोटीन के बने होते हैं।

प्रश्न 34.
DNA का पूरा नाम लिखो।
उत्तर:
DNA डिऑक्सीराइबोन्यूक्लिअक अम्ल।

प्रश्न 35.
माता-पिता के गुण सन्तान में किस रूप में जाते हैं?
उत्तर:
क्रोमोसोम में आनुवंशिक गुण होते हैं जो माता-पिता से DNA अणु के रूप में अगली संतति में आ जाते हैं।

प्रश्न 36.
जीन किसे कहते हैं?
उत्तर:
DNA के क्रियाखण्ड को जीन कहते हैं।

प्रश्न 37.
क्रोमेटिन पदार्थ क्या है?
उत्तर:
क्रोमेटिन पदार्थ धागे की तरह रचनाओं के जाल का एक पिण्ड होता है।

प्रश्न 38.
कौशिकीय जनन में केन्द्रक का क्या महत्व है?
उत्तर:
कोशिकीय जनन में केन्द्रक विभाजित होकर दो नई कोशिकाएँ बनाता है।

प्रश्न 39.
बैक्टीरिया के केन्द्रक की विशेषता बताओ।
उत्तर:
बैक्टीरिया का केन्द्रकीय क्षेत्र बहुत कम स्पष्ट होता है, क्योंकि इसमें केन्द्रक झिल्ली नहीं होती । इसमें केवल क्रोमेटिन पदार्थ होता है। ऐसे क्षेत्र को केन्द्रककाय कहते हैं।

प्रश्न 40.
यूकैरियोट किसे कहते हैं?
उत्तर:
जिन जीवों की कोशिकाओं में केन्द्रक झिल्ली होती है, उन्हें यूकैरियोट कहते हैं।

प्रश्न 41.
प्रोकैरियोट किसे कहते हैं?
उत्तर:
जिन जीवों की कोशिकाओं में केन्द्रक झिल्ली नहीं होती है, उन्हें प्रोकैरियोट कहते हैं।

प्रश्न 42.
कोशिका द्रव्य क्या है?
उत्तर:
प्लाज्मा झिल्ली के अन्दर के तरल पदार्थ को कोशिका द्रव्य कहते हैं, इसमें बहुत से विशिष्ट कोशिका अंगक होते हैं। कोशिका द्रव्य तथा केन्द्रक दोनों को मिलाकर जीवद्रव्य कहते हैं।

प्रश्न 43.
वाइरस में जीवन के गुण सदा लक्षित क्यों नहीं होते हैं?
उत्तर:
वाइरस में किसी प्रकार की झिल्ली नहीं होती है। इसलिए इसमें जीवन के गुण तब तक लक्षित नहीं होते जब तक कि वह किसी सजीव के शरीर में प्रविष्ट होकर बहुगुणन नहीं कर लेता।

प्रश्न 44.
अन्तर्द्रव्यी जालिका (ER) क्या है?
उत्तर:
अन्तर्द्रव्यी जालिका (ER) झिल्लीयुक्त नलिकाओं तथा शीट का एक बहुत तन्त्र है। यह लम्बी अथवा गोल या आयताकार थैलों की तरह दिखाई देती है। इसकी रचना प्लाज्मा झिल्ली के समरूप होती है।

प्रश्न 45.
अन्तर्द्रव्यी जालिका कितने प्रकार की होती है?
उत्तर:
अन्तर्द्रव्यी जालिका दो प्रकार की होती है-

  • खुरदरी अन्तर्द्रव्यी जालिका (RER) तथा
  • चिकनी अन्तर्द्रव्यी जालिका (SER)।

प्रश्न 46.
खुरदरी अन्तर्द्रव्यी जालिका खुरदरी क्यों होती है?
उत्तर:
क्योंकि इस पर राइबोसोम लगे होते हैं।

प्रश्न 47.
राइबोसोम का कार्य बताइए।
उत्तर:
राइबोसोम पर प्रोटीन संश्लेषित होती है।

प्रश्न 48.
झिल्ली जीवात् जनन किसे कहते हैं?
उत्तर:
कुछ प्रोटीन तथा वसा कोशिका झिल्ली को बनाने में सहायता करते हैं। इस क्रिया को झिल्ली जीवात् जनन कहते हैं।

प्रश्न 49.
कशेरुकी जन्तुओं में चिकनी अन्तर्द्रव्यी जालिका यकृत की कोशिकाओं में क्या कार्य करती है?
उत्तर:
कशेरुकी जन्तुओं में अन्तर्द्रव्यी जालिका (SER) विष तथा दवा को निराविषीकरण का कार्य करते हैं।

JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 5 जीवन की मौलिक इकाई

प्रश्न 50.
गॉल्जी उपकरण का विवरण सर्वप्रथम किसने प्रस्तुत किया था?
उत्तर:
गॉल्जी उपकरण का विवरण सर्वप्रथम केमिलो गॉल्जी ने प्रस्तुत किया था।

प्रश्न 51.
गॉल्जी उपकरण में सामान्य शक्कर से क्या बनता है?
उत्तर:
गॉल्जी उपकरण में सामान्य शक्कर से जटिल शक्कर बनती है।

प्रश्न 52.
लाइसोसोम किसके द्वारा बनाया जाता है?
उत्तर:
लाइसोसोम गॉल्जी उपकरण के द्वारा बनाया जाता है।

प्रश्न 53.
लाइसोसोम क्यों फट जाते हैं?
उत्तर:
कोशिकीय उपापचय में व्यवधान के कारण जब कोशिका क्षतिग्रस्त या मृत हो जाती है, तो लाइसोसोम फट जाते हैं।

प्रश्न 54.
किस अंगक को कोशिका का बिजलीघर कहते हैं?
उत्तर:
माइटोकॉन्ड्रिया को कोशिका का बिजली घर कहते हैं।

प्रश्न 55.
माइटोकॉन्ड्रिया किस रूप में ऊर्जा प्रदान करता है?
उत्तर:
माइटोकॉन्ड्रिया ATP (ऐडिनोसिन ट्राइफास्फेट) के रूप में ऊर्जा प्रदान करता है।

प्रश्न 56.
माइटोकॉन्ड्रिया की झिल्ली कैसी होती है?
उत्तर:
माइटोकॉन्ड्रिया में दोहरी झिल्ली होती है। बाहरी झिल्ली छिद्रित तथा भीतरी झिल्ली बहुत अधिक वलित होती है।

प्रश्न 57.
किन अंगकों में अपने DNA तथा राइबोसोम होते हैं?
उत्तर:
माइटोकॉन्ड्रिया तथा प्लैस्टिड में अपने DNA तथा राइबोसोम होते हैं।

प्रश्न 58.
प्लास्टिड किन कोशिकाओं में स्थित होते हैं?
उत्तर:
प्लास्टिड केवल पादप कोशिकाओं में स्थित होते हैं।

प्रश्न 59.
प्लास्टिड कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर:
प्लास्टिड दो प्रकार के होते हैं-

  • क्रोमोप्लास्ट (रंगीन प्लास्टिड) तथा
  • ल्यूकोप्लास्ट (श्वेत तथा रंगहीन प्लास्टिड)।

प्रश्न 60.
क्रोमोप्लास्ट में कौन सा पदार्थ उपस्थित होता है?
उत्तर:
क्रोमोप्लास्ट में क्लोरोफिल उपस्थित होता है।

प्रश्न 61.
क्लोरोप्लास्ट का कार्य क्या है?
उत्तर:
पौधों में क्लोरोप्लास्ट प्रकाश संश्लेषण का कार्य करते हैं।

प्रश्न 62.
ल्यूकोप्लास्ट का कार्य बताइये।
उत्तर:
ल्यूकोप्लास्ट में स्टार्च, तेल तथा प्रोटीन जैसे पदार्थ संचित होते हैं।

प्रश्न 63.
जन्तु तथा पादप कोशिकाओं में रसधानियाँ कैसी होती हैं?
उत्तर:
जन्तु कोशिकाओं में छोटी तथा पादप कोशिकाओं में बहुत बड़ी रसधानियाँ होती हैं।

प्रश्न 64.
पादप कोशिका की रसधानियों में कौन सा पदार्थ भरा रहता है?
उत्तर:
पादप कोशिका की रसधानियों में कोशिका रस (Cell sap) भरा रहता है।

प्रश्न 65.
रसधानियों का कार्य बताइये।
उत्तर:
रसधानियाँ कोशिकाओं को स्फीति तथा कठोरता प्रदान करती हैं।

प्रश्न 66.
अमीबा की रसधानी में कौन सा पदार्थ होता
उत्तर:
अमीबा की खाद्य रसधानी में उनके द्वारा उपयोग में लाए गये खाद्य पदार्थ होते हैं।

प्रश्न 67.
कुछ एककोशिकीय जीवों में रसधानियाँ कौन से पदार्थ बाहर निकालती हैं?
उत्तर:
कुछ एककोशिकीय जीवों में विशिष्ट रसधानियाँ अतिरिक्त जल तथा अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालती हैं। रिक्त स्थान भरो-

  1. अमीबा …………….. जीव है।
  2. रंगीन लवक …………….. कहलाते हैं।
  3. …………….. कोशिका का बिजलीघर है।
  4. …………….. आत्मघाती थैली कहलाता है।

उत्तर:

  1. एककोशिकीय
  2. क्रोमोप्लास्ट
  3. माइटो-कॉन्ड्रिया
  4. लाइसोसोम।

सुमेलन कीजिए-

कॉलम ‘क’ कॉलम ‘ख’
1. खाद्य रिक्तिका (i) आत्मघाती थैली
2. प्लास्टिड (ii) ATP
3. माइटोकॉन्ड्रिया (iii) ल्यूकोप्लास्ट
4. लाइसोसोम (iv) अमीबा

उत्तर:
1. (iv) अमीबा
2. (iii) ल्यूकोप्लास्ट
3. (ii) ATP
4. (i) आत्मघाती थैली

सत्य / असत्य –

  1. पादप कोशिका में लाइसोसोम नहीं पाए जाते हैं।
  2. अर्धसूत्री विभाजन में संतति कोशिकाओं में गुणसूत्रों की संख्या मातृ कोशिका के समान होती है।
  3. ऊतक जीवन की मौलिक इकाई है।
  4. प्रोकैरियोटी जीव हमेशा बहुकोशिक होते हैं।

उत्तर:

  1. सत्य
  2. असत्य
  3. असत्य
  4. असत्य।

लघूत्तरात्मक एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
कोशिका क्या है? इसे जीवों की कार्यात्मक इकाई क्यों कहते हैं?
उत्तर:
कोशिका शरीर की रचनात्मक तथा कार्यात्मक इकाई है। जीवों का शरीर एक या अनेक कोशिकाओं से मिलकर बना होता है। कोशिका जीवों में कुछ आधारभूत कार्य सम्पन्न करती है, जैसे- श्वसन, पोषण तथा अपशिष्ट पदार्थों का उत्सर्जन, नई प्रोटीन का निर्माण करना आदि। इसलिए कोशिका को जीवों की कार्यात्मक इकाई कहते हैं।

प्रश्न 2.
कोशिका सिद्धान्त किसने प्रस्तुत किया? कोशिका सिद्धान्त क्या है?
उत्तर:
कोशिका सिद्धान्त एम. श्लाइडेन तथा टी. स्वान ने प्रस्तुत किया था। इस सिद्धान्त के अनुसार-

  • सभी जीव (प्राणी तथा पादप) कोशिकाओं से बने होते हैं।
  • कोशिका जीवों की संरचनात्मक तथा क्रियात्मक इकाई होती है।
  • नई कोशिका का निर्माण पूर्ववर्ती कोशिका से होता है।
  • कोशिका जीवों की आनुवंशिक इकाई भी होती है।

प्रश्न 3.
प्लाज्मा झिल्ली तथा कोशिका भित्ति में क्या अन्तर है? प्रत्येक का कार्य बताइए।
उत्तर:
प्लाज्मा झिल्ली तथा कोशिका भित्ति में अन्तर:

प्लाज्मा झिल्ली कोशिका भित्ति
1. यह सभी कोशिकाओं में उपस्थित होती है। 1. यह वेन्वल पादप कोशिकाओं में उपस्थित होती है।
2. यह प्रोटीन की बनी हुई ‘ तथा सजीव होती है। 2. यह सेल्यूलोज की बनी हुई तथा निर्जीव होती है।
3. यह कोमल तथा प्रत्यास्थ होती है। 3. यह कठोर तथा मजबूत होती है।
4. यह वर्णात्मक पारगम्य होती है। 4. यह वरणात्मक पारगम्य नहीं होती है।

कोशिका भित्ति का कार्य – यह पौधों को संरचनात्मक दृढ़ता प्रदान करती है।

प्लाज्मा झिल्ली का कार्य-यह जन्तु कोशिकाओं का बाहरी आवरण बनाती है तथा वरणात्मक झिल्ली का कार्य करती है।

प्रश्न 4.
विसरण तथा परासरण में दो अन्तर बताओ।
उत्तर:
विसरण तथा परासरण में अन्तर

विसरण परासरण
1. यह क्रिया प्राय: पदार्थ की तीनों अवस्थाओं (ठोस, द्रव तथा गैस) में होती है। 1. यह क्रिया केवल द्रव पदार्थों में होती है।
2. इसमें वरणात्मक पारगम्य झिल्ली का होना आवश्यक नहीं है। 2. इसमें दो भिन्न सान्द्रण के विलयनों के मध्य वरणात्मक पारगम्य झिल्ली का होना आवश्यक है।

प्रश्न 5.
कोशिका भित्ति की उपयोगिता बताइये।
उत्तर:
कोशिका भित्ति की उपयोगिता-कोशिका भित्ति पौधों, कवक तथा बैक्टीरिया की कोशिकाओं को अपेक्षाकृत कम तनु विलयन में बिना फटे बनाए रखती है। ऐसे माध्यम से कोशिका परासरण विधि द्वारा पानी लेती है और कोशिका फूल जाती है तथा कोशिका भित्ति पर दबाव डालती है। कोशिका भित्ति भी फूली हुई कोशिका के प्रति समान रूप से दबाव डालती है। कोशिका भित्ति के कारण पादप कोशिकाएँ परिवर्तनीय माध्यम जन्तु कोशिका की अपेक्षा आसानी से सहन कर लेती हैं।

JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 5 जीवन की मौलिक इकाई

प्रश्न 6.
प्लाज्मा झिल्ली के प्रमुख कार्य बताओ।
उत्तर:
प्लाज्मा झिल्ली के प्रमुख कार्य:

  • कोशि काओं को आकृति प्रदान करना
  • अन्दर के कोशिकांगों को सुरक्षित करना
  • कुछ आवश्यक पदार्थों को अन्दर आने देना तथा अपशिष्ट पदार्थों को बाहर जाने देना
  • अन्य पदार्थों की गति को रोकना।

प्रश्न 7.
केन्द्रक की संरचना तथा कार्य बताओ।
उत्तर:
केन्द्रक की संरचना तथा कार्य पाठ्य 5.2.3 के अन्तर्गत पैराग्राफ तीन देखिये।

प्रश्न 8.
अन्तर्द्रव्यी जालिका (ER) का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
पाठ्य 5.2.5 कोशिका अंगक (i) अन्तर्द्रव्यी जालिका देखिये।

प्रश्न 9.
गॉल्जी उपकरण की रचना तथा वर्णन कीजिए।
उत्तर:
पाठ्य 5.2.5 कोशिका अंगंक (ii) गॉल्जी उपकरण देखिये।

प्रश्न 10.
माइटोकॉन्ड्रिया की संरचना तथा कार्य का वर्णन करो।
उत्तर:
पाठ्य 5.2.5 कोशिका अंगक (iv) माइटोकॉन्ड्रिया देखिये।

प्रश्न 11.
लाइसोसोम की रचना तथा वर्णन कीजिए।
उत्तर:
पाठ्य 5.2.5 कोशिका अंगक (iii) लाइसोसोम देखिये।

प्रश्न 12.
प्लास्टिड का वर्णन कीजिए।’
उत्तर:
पाठ्य 5.2.5 कोशिका अंगक (v) प्लास्टिड देखिये।

प्रश्न 13.
रसधानी का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
पाठ्य 5.2.5 कोशिका अंगक (vi) रसधानियाँ देखिये।

प्रश्न 14.
प्रोकैरियोटिक कोशिका का नामांकित चित्र बनाओ।
उत्तर:
JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 5 जीवन की मौलिक इकाई 1

JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 14 प्राकृतिक सम्पदा

Jharkhand Board JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 14 प्राकृतिक सम्पदा Important Questions and Answers.

JAC Board Class 9 Science Important Questions Chapter 14 प्राकृतिक सम्पदा

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

1. पृथ्वी के कितने प्रतिशत भाग पर जल है?
(a) 60% पर
(b) 70% पर
(c) 75% पर
(d) 80% पर।
उत्तर:
(c) 75% पर।

2. जीवन को आश्रय देने वाला पृथ्वी का घेरा कहलात है-
(a) वायुमण्डल
(b) स्थलमण्डल
(c) जलमण्डल
(d) जीवमण्डल।
उत्तर:
(d) जीवमण्डल।

3. ऊर्जा का नवीकरणीय स्रोत है-
(a) कोयला
(b) पेट्रोलियम
(c) कैरोसीन
(d) बायोगैस।
उत्तर:
(d) बायोगैस।

4. कम छिद्रयुक्त मिट्टी है-
(a) रेतीली मिट्टी
(b) दोमट मिट्टी
(c) चिकनी मिट्टी
(d) काली मिट्टी।
उत्तर:
(c) चिकनी मिट्टी

5. सबसे अच्छी उपजाऊ मिट्टी है-
(a) रेतीली मिट्टी
(b) ह्यूमस युक्त मिट्टी
(c) चिकनी मिट्टी
(d) क्षारीय मिट्टी।
उत्तर:
(b) ह्यूमस युक्त मिट्टी।

JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 14 प्राकृतिक सम्पदा

6. वायुमण्डल में नाइट्रोजन की प्रतिशत मात्रा होती है-
(a) 58%
(b) 68%
(c) 78%
(d) 88%।
उत्तर:
(c) 78%।

7. निम्न में से कौन-सा जीवों का मूल घटक है?
(a) ऑक्सीजन
(b) कार्बन डाइऑक्साइड
(c) नाइट्रोजन
(d) कार्बन।
उत्तर:
(d) कार्बन।

8. निम्न में से कौन नाइट्रोजन का स्थिरीकरण नहीं कर सकता?
(a) नाइट्रोसोमोनास
(b) राइजोबियम
(c) नील हरित शैवाल
(d) बैसिलस सबटिलिस।
उत्तर:
(d) बैसिलस सबटिलिस।

9. कौन-सी गैस ईंधन के जलने से निकलती है-
(a) हाइड्रोजन सल्फाइड
(b) कार्बन डाइऑक्साइड
(c) सल्फर डाइऑक्साइड
(d) नाइट्रोजन।
उत्तर:
(b) कार्बन डाइऑक्साइड।

10. ग्रीन हाउस प्रभाव उत्पन्न करने वाली गैस है-
(a) कार्बन डाइऑक्साइड
(b) ऑक्सीजन
(c) अमोनिया
(d) क्लोरीन।
उत्तर:
(a) कार्बन डाइऑक्साइड।

11. पौधे प्रकाश संश्लेषण में वायुमण्डल से गैस ग्रहण करते है-
(a) ऑक्सीजन
(b) कार्बन डाइऑक्साइड
(c) ओजोन
(d) नाइट्रस ऑक्साइड।
उत्तर:
(b) कार्बन डाइऑक्साइड।

JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 14 प्राकृतिक सम्पदा

12. ओजोन की परत किससे हमारी सुरक्षा करती है-
(a) सूर्य की किरणों से
(b) पराबैंगनी किरणों से
(c) कार्बन डाइऑक्साइड से
(d) क्लोरोफ्लोरो कार्बन से।
उत्तर:
(b) पराबैंगनी किरणों से।

रिक्त स्थान भरो-

  1. पृथ्वी की सबसे बाहरी परत को ……………….. कहते हैं।
  2. जैवमण्डल दो घटकों से मिलकर बना है ……………….. और ………………… घटक।
  3. स्मॉग ……………….. प्रदूषण का ही एक प्रकार है।
  4. ओजोन को सूत्र ……………….. है।

उत्तर:

  1. स्थलमंडल
  2. जैव, अजैव
  3. वायु
  4. O3

सुमेलन कीजिए-

कालम ‘क’ कॉलम ‘ख’
1. जैव घटक (क) मिट्टी
2. अजैव घटक (ख) H2SO4 + HNO3
3. स्मोग (ग) पौधे
4. अम्लीय वर्षा (घ) धुँआ + धुंध

उत्तर:
1. (ग) पौधे
2. (क) मिट्टी
3. (घ) धुँआ + धुंध
4. (ख) H2SO4 + HNO3

सत्य / असत्य –

  1. पृथ्वी की सतह लगभग 95% भाग पानी है।
  2. वायु प्रदूषण से मनुष्यों में श्वसन तथा गुर्दे की बीमारी, उच्च रक्तचाप, आँखों में जलन जैसी बीमारियाँ होती हैं।
  3. CFC का विस्तार रूप क्लारो क्लोरो कार्बन है।
  4. ह्यूमस मृदा का घटक है।

उत्तर:

  1. असत्य
  2. सत्य
  3. सत्य
  4. सत्य।

अति लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
जीवन के लिए किस-किस की आवश्यकता होती है?
उत्तर:
जीवन के लिए परिवेश, ताप, पानी और भोजन की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 2.
सभी जीवों की मूल आवश्यकता की पूर्ति किसके द्वारा होती है?
उत्तर:
सभी जीवों की मूल आवश्यकता की पूर्ति सूर्य से प्राप्त ऊर्जा और पृथ्वी पर उपलब्ध सम्पदा द्वारा होती है।

प्रश्न 3.
पृथ्वी की सबसे बाहरी परत को क्या कहते हैं?
उत्तर:
पृथ्वी की सबसे बाहरी परत को स्थलमण्डल कहते हैं।

प्रश्न 4.
पृथ्वी के कितने प्रतिशत भाग पर जल है?
उत्तर:
पृथ्वी के 75% भाग पर जल है।

प्रश्न 5.
जीवमण्डल किसे कहते हैं?
उत्तर:
जीवन को आश्रय देने वाला पृथ्वी का वह घेरा जहाँ वायुमण्डल, स्थलमण्डल और जलमण्डल एक-दूसरे से मिलकर जीवन को सम्भव बनाते हैं, उसे जीवमण्डल कहते हैं।

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प्रश्न 6.
जीवमण्डल के जैविक और निर्जीव घटक कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
सजीव जीवमण्डल के जैविक घटक हैं तथा वायु, जल और मृदा जीवमण्डल के निर्जीव घटक हैं।

प्रश्न 7.
वायु किन गैसों का मिश्रण है?
उत्तर:
वायु नाइट्रोजन ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड तथा जलवाष्प का मिश्रण है।

प्रश्न 8.
शुक्र और मंगल ग्रहों पर मुख्य रूप से कौन-सी गैस है?
उत्तर:
शुक्र और मंगल ग्रहों के वायुमण्डल में 95% से 97% तक CO2 गैस है।

प्रश्न 9.
दहन क्रिया किसे कहते हैं?
उत्तर:
वह क्रिया जिसमें ऑक्सीजन की खपत तथा CO2 का उत्पादन होता है, उसे दहन क्रिया कहते हैं।

प्रश्न 10.
CO2 किन दो विधियों से स्थिर होती है?
उत्तर:

  1. हरे पेड़-पौधों के द्वारा CO2 को ग्लूकोज में बदलने से, तथा
  2. समुद्री जल में घुले कार्बोनेट से कवच बनाने से, CO2 स्थिर होती है।

प्रश्न 11.
पृथ्वी का औसत तापमान वर्ष भर किसके द्वारा नियत रहता है?
उत्तर:
पृथ्वी पर औसत तापमान वायुमण्डल द्वारा वर्ष भर नियत रहता है।

प्रश्न 12.
चन्द्रमा की सतह पर अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान कितना रहता है?
उत्तर:
चन्द्रमा की सतह पर न्यूनतम तापमान – 190°C तथा अधिकतम तापमान 110°C रहता है।

प्रश्न 13.
गर्म होने से वायु में कौन-सी धाराएं उत्पन्न होती हैं?
उत्तर:
गर्म होने से वायु में संवहन धाराएँ उत्पन्न होती हैं।

प्रश्न 14.
दिन के समय वायु किस दिशा से किस दिशा की ओर चलती है?
उत्तर:
दिन के समय वायु समुद्र से स्थल की ओर चलती है।

प्रश्न 15.
रात के समय वायु किस दिशा से किस दिशा की ओर चलती है।
उत्तर:
रात के समय वायु स्थल से समुद्र की ओर चलती है।

प्रश्न 16.
वायु की गति किसका परिणाम है?
उत्तर:
वायु की गति वायुमण्डलीय प्रक्रियाओं का परिणाम है।

प्रश्न 17.
हवाओं को कौन से कारक प्रभावित करते हैं?
उत्तर:
हवाओं को पृथ्वी की घूर्णन गति और पवन के मार्ग में आने वाली पर्वत शृंखलाएँ प्रभावित करती हैं।

प्रश्न 18.
बादल कैसे बनते हैं?
उत्तर:
गर्म वायु के साथ जलवाष्प ऊपर उठकर संघनित हो जाती है और हवा में उपस्थित कणों के चारों ओर एकत्र होकर बूँदों में बदलकर बादलों का रूप ले लेती है।

प्रश्न 19.
ओले कब गिरते हैं?
उत्तर:
जब कभी वायु का तापमान काफी कम हो जाता है तब वर्षा की बूँदें ओलों के रूप में गिरती हैं।

प्रश्न 20.
वर्षा का पैटर्न किस पैटर्न पर निर्भर करता है?
उत्तर:
वर्षा का पैटर्न पवनों के पैटर्न पर निर्भर करता है।

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प्रश्न 21.
भारत के बड़े भू-भाग पर किसके कारण वर्षा होती है?
उत्तर:
भारत के बड़े भू-भाग पर अधिकतर वर्षां दक्षिण-पश्चिमी या पूर्व उत्तरी मानसून के कारण होती है।

प्रश्न 22.
अम्लीय वर्षा किस प्रकार होती है?
उत्तर:
SO2 और NO2 वर्षा के पानी के साथ मिलकर अम्लीय वर्षा होती है।

प्रश्न 23.
धूम कोहरा किससे बनता है और वह किस ओर संकेत करता है?
उत्तर:
सर्दी के मौसम में पानी के साथ हवा में संघनन से धूम कोहरा बनता है। यह वायु प्रदूषण की ओर संकेत करता है।

प्रश्न 24.
वायु प्रदूषण किसे कहते हैं?
उत्तर:
वायु में हानिकारक पदार्थों की वृद्धि को वायु प्रदूषण कहते हैं।

प्रश्न 25.
शुद्ध जल कहाँ विद्यमान है?
उत्तर:
शुद्ध जल ध्रुवों पर बर्फ के रूप में, भूमिगत जल, नदियों, झीलों और तालाबों में विद्यमान है।

प्रश्न 26.
जल प्रदूषण किसे कहते हैं?
उत्तर:
जल में मिली अवांछित और हानिकारक पदार्थों की उपस्थिति को जल प्रदूषण कहते हैं।

प्रश्न 27.
जलीय जीव प्रदूषण से कब प्रभावित होते हैं?
उत्तर:
प्रदूषण के कारण जल में ऑक्सीजन की कमी के फलस्वरूप जलीय जीव प्रभावित होते हैं।

प्रश्न 28.
भूमिगत जल स्तर के घटने के तीन कारण लिखो।
उत्तर:
भूमिगत जल स्तर घटने के तीन कारण हैं- कम वर्षा होना, भूमिगत जल का अत्यधिक उपयोग होना तथा वनों की अन्धाधुन्ध कटाई होना।

प्रश्न 29.
मिट्टी (मृदा) क्या है?
उत्तर:
चट्टानों के टूटने के बाद अन्त में बचे बारीक कण मिट्टी कहलाते हैं।

प्रश्न 30.
वे कौन से पौधे हैं जो मिट्टी बनाने में सहायक हैं?
उत्तर:
लाइकेन, मॉस तथा अन्य छोटे-छोटे और बड़े पेड़-पौधे मिट्टी बनाने में सहायक होते हैं।

प्रश्न 31.
ह्यूमस किसे कहते हैं?
उत्तर:
मिट्टी में सड़े-गले जीवों के टुकड़े ह्यूमस कहलाते हैं।

प्रश्न 32.
मिट्टी के गुण किस-किस के कारण होते हैं?
उत्तर:
मिट्टी के गुण उसमें हयूमस की मात्रा तथा सूक्ष्म जीवों के कारण होते हैं।

प्रश्न 33.
मिट्टी की संरचना किस के कारण बरबाद हो गई है?
उत्तर:
मिट्टी की संरचना पीड़कनाशकों तथा उर्वरकों के अधिक प्रयोग के कारण बरबाद हो गई है। इन पदार्थों ने सूक्ष्म जीवों तथा केंचुओं को नष्ट कर दिया है।

प्रश्न 34.
मिट्टी में स्थित जैव विविधता किस प्रकार नष्ट होती है?
उत्तर:
मिट्टी में स्थित जैव विविधता उपयोगी घटकों का मिट्टी से हटना तथा दूसरे हानिकारक पर्ने के मिट्टी में मिलने से नष्ट होती है।

प्रश्न 35.
मृदा का अपरदन किसे कहते हैं?
उत्तर:
जब भूमि की उपजाऊ सतह पर उपरिमृदा वायु द्वारा उड़कर तथा जल के बहाव द्वारा कटकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँच जाती है तो इसे मृदा का अपरदन कहते है।

प्रश्न 36.
मृदा अपरदन को रोकने का क्या उपाय है?
उत्तर:
मृदा अपरदन को रोकने के उपाय- अधिकाधिक वृक्षारोपण किया जाय, पशुओं की अनियन्त्रित चराई पर नियन्त्रण रखा जाय। पहाड़ी ढालों पर सीढ़ीदार, कन्टूर विधि से वेदिका बनाकर खेती की जाय।

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प्रश्न 37.
वायुमण्डल में नाइट्रोजन की मात्रा कितने प्रतिशत है?
उत्तर:
वायुमण्डल में नाइट्रोजन की मात्रा 78% है।

प्रश्न 38.
नाइट्रोजन का उपयोग जीवन के लिए किस रूप में होता है?
उत्तर:
नाइट्रोजन का उपयोग जीवन के लिए प्रोटीन, न्यूक्लिक अम्ल, DNA, RNA और विटामिनों के रूप में होता है।

प्रश्न 39.
नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करने वाले बैक्टीरिया कहाँ मिलते हैं?
उत्तर:
नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करने वाले बैक्टीरिया राइजोबियम लेग्यूमीनोसेरम फलीदार पौधों, जैसे- चना, मटर, सेम आदि की जड़ों में स्थित मूल ग्रन्थिकाओं में मिलते हैं।

प्रश्न 40.
बादलों में चमकने वाली विद्युत (बिजली) का नाइट्रोजन पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
बादलों में चमकने वाली बिजली नाइट्रोजन को नाइट्रोजन के ऑक्साइड में बदल देती है।

प्रश्न 41.
विभिन्न खनिजों में कार्बन किस रूप में पाया जाता है?
उत्तर:
विभिन्न खनिजों में कार्बन, कार्बोनेट और बाई कार्बोनेट के रूप में पाया जाता है।

प्रश्न 42.
जीवों में कार्बन आधारित अणुओं के नाम बताइये।
उत्तर:
जीवों में कार्बन आधारित अणु-प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स वसा, न्यूक्लिक अम्ल और विटामिन हैं।

प्रश्न 43.
श्वसन क्रिया में ग्लूकोज किसमें बदल जाता है?
उत्तर:
श्वसन क्रिया के फलस्वरूप ग्लूकोज ऊर्जा और CO2 में बदल जाता है।

प्रश्न 44.
ग्रीन हाउस प्रभाव किस गैस के कारण होता है?
उत्तर:
ग्रीन हाउस प्रभाव CO2 गैस के कारण होता है।

प्रश्न 45.
ग्रीन हाउस प्रभाव का पृथ्वी पर क्या असर पड़ रहा है?
उत्तर:
ग्रीन हाउस प्रभाव द्वारा वैश्विक ऊष्मीकरण (ग्लोबल वार्मिंग) की स्थिति उत्पन्न हो रही है।

प्रश्न 46.
वायुमण्डल में ऑक्सीजन की मात्रा कितने प्रतिशत है?
उत्तर:
वायुमण्डल में ऑक्सीजन की मात्रा 21% है।

प्रश्न 47.
किन जैविक अणुओं में ऑक्सीजन पाई जाती है?
उत्तर:
कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन, वसा और न्यूक्लिक अम्ल में ऑक्सीजन पाई जाती है।

प्रश्न 48.
ओजोन परत का कार्य बताइये।
उत्तर:
ओजोन परत सूर्य के हानिकारक विकिरणों (पराबैंगनी किरणों) को सोखकर पृथ्वी की सतह पर आने से रोकती है।

प्रश्न 49.
ओजोन परत की क्षति किसके कारण हो रही है?
उत्तर:
ओजोन परत की क्षति (ह्रास) क्लोरोफ्लोरो कार्बन (CFC) के कारण हो रही है।

प्रश्न 50.
ओजोन परत में छिद्र कहाँ पाया गया है?
उत्तर:
ओजोन परत में छिद्र अंटार्कटिका के ऊपर पाया गया है।

लघुत्तरात्मक एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
प्राकृतिक सम्पदा या संसाधन किन्हें कहते हैं?
उत्तर:
प्राकृतिक सम्पदा या संसाधन मानवों के लिए उपयोगी प्रकृति में पाए जाने वाले विभिन्न पदार्थों के भण्डार प्राकृतिक संसाधन कहलाते हैं। हमारी मौलिक आवश्यकताएँ जैसे- भोजन, आश्रय, वस्त्र आदि इन्हीं प्राकृतिक संसाधनों से पूरी होती हैं वायु, जल, मृदा, कोयला, पेट्रोलियम, खनिज धातुएँ, वनस्पति तथा जन्तु सभी प्राकृतिक संसाधन हैं। हमारी मूल आवश्यकताओं के अतिरिक्त ये ऊर्जा के स्रोत हैं।

प्रश्न 2.
प्राकृतिक संसाधनों के प्रकार उदाहरण सहित बताओ।
उत्तर:
प्राकृतिक संसाधनों के प्रकार प्राकृतिक संसाधन दो प्रकार के होते हैं-
1. क्षय योग्य या समाप्त होने वाले प्राकृतिक संसाधन – ये वे प्राकृतिक संसाधन हैं जिनके प्रकृति में सीमित भण्डार हैं। मानव क्रियाकलापों के द्वारा इनकी मात्रा एवं गुणवत्ता में कमी आ रही है। इनका पुनः पूरण या निर्माण लगभग असम्भव है। उदाहरणार्थ- कोयला, पेट्रोलियम, खनिज, वन्य जीव, मृदा आदि।

2. अक्षय या समाप्त न होने वाले प्राकृतिक संसाधन ये वे प्राकृतिक संसाधन हैं जो प्रकृति में असीमित मात्रा में पाए जाते हैं तथा मानवीय क्रिया कलापों द्वारा इनको समाप्त नहीं किया जा सकता है। उदाहरणार्थ- सौर ऊर्जा, वायु, जल आदि।

प्रश्न 3.
जल एक अद्भुत द्रव क्यों है?
उत्तर:
इसके उत्तर के लिए खण्ड 14.2 देखिये।

प्रश्न 4.
हमें शुद्ध जल कहाँ से और कैसे प्राप्त होता है?
उत्तर:
इसके उत्तर के लिए क्रियाकलाप 14.7 का तीसरा पैराग्राफ देखिए।

प्रश्न 5.
जल हमारे लिए महत्त्वपूर्ण क्यों है?
उत्तर:
इसके उत्तर के लिए क्रियाकलाप 14.7 का पैराग्राफ 5 देखिए।

JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 14 प्राकृतिक सम्पदा

प्रश्न 6.
जल प्रदूषण के प्रमुख कारण बताइए।
उत्तर:
जल प्रदूषण के कारण – खण्ड 14.2.1 देखिये।

प्रश्न 7.
मृदा बनाने वाली प्रमुख कारक प्रक्रियाएँ बताइये।
उत्तर:
मृदा बनाने वाली प्रमुख कारक प्रक्रियाएँ- खण्ड 14.3 के अन्तर्गत सूर्य, जल, वायु तथा जीव का अध्ययन कीजिए।

प्रश्न 8.
जैव-रासायनिक चक्रण क्या होता है?
उत्तर:
जैव-रासायनिक चक्रण-पौधे वातावरण से ऊर्जा के अतिरिक्त विभिन्न अजैविक पदार्थों को ग्रहण करके जटिल जैविक क्रियाओं द्वारा इनको कार्बनिक पदार्थों में परिवर्तित करते रहते हैं। मृत्यु के पश्चात् जटिल कार्बनिक पदार्थ पुनः अकार्बनिक यौगिकों में अपघटित कर दिये जाते हैं जिससे जीवधारी इनका पुनः उपयोग कर सकें। इसके अन्तर्गत जैविक, भौतिक तथा रासायनिक क्रियाएँ होती रहती हैं। पारिस्थितिक तन्त्र या जीवमण्डल में इनका पुनः प्रवेश करना जैव रासायनिक चक्रण कहलाता। जो प्रकृति में चलते रहते हैं।

उदाहरणार्थ- जलीय चक्र, नाइट्रोजन चक्र, कार्बन चक्र, ऑक्सीजन चक्र आदि।

प्रश्न 9.
प्रकृति में जलीय चक्र का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
जलचक्र के लिए खण्ड 14.4.1 देखिए।

प्रश्न 10.
प्रकृति में नाइट्रोजन चक्र किस प्रकार चलता है? वर्णन कीजिए।
उत्तर:
नाइट्रोजन चक्र के लिए खण्ड 14.4.2 देखिए।

प्रश्न 11.
जीव मण्डल में कार्बन चक्र किस प्रकार सम्पन्न होता है? वर्णन कीजिए।
उत्तर:
जीवमण्डल में कार्बन चक्र के लिए खण्ड 14.43 देखिए।

प्रश्न 12.
ग्रीन हाउस प्रभाव क्या है? समझाइए।
उत्तर:
ग्रीन हाउस प्रभाव – सूर्य द्वारा उत्सर्जित विकिरण वायुमण्डल में प्रवेश करते हैं तथा पृथ्वी तल से टकराकर परावर्तित होते हैं। वायुमण्डल में उपस्थित CO2 गैस एवं कुछ अन्य गैसें पृथ्वी से परावर्तित विकिरणों को कुछ सीमा तक वायुमण्डल के ऊपरी भाग में रोकती हैं या परावर्तित विकिरणों को अवशोषित कर लेती हैं।

इससे वायुमण्डल के तापमान में वृद्धि हो जाती है। वायुमण्डलीय गैसों द्वारा पृथ्वी से परावर्तित विकिरणों का अवशोषण कर लेने के कारण वायुमण्डल का गर्म होना ग्रीन हाउस प्रभाव कहलाता है। CO2 एक ग्रीन हाउस प्रभाव वाली गैस है जो वायुमण्डल की ऊष्मा या ताप में वृद्धि कर वैश्विक ऊष्मीकरण (ग्लोबल वार्मिंग) की स्थिति उत्पन्न कर रही है। यदि यह अधिक बढ़ जाए तो पर्वतों तथा ध्रुवों पर जमी बर्फ पिघलने लगेगी जिससे मैदानी क्षेत्रों में बाढ़ भी आ सकती है।

प्रश्न 13.
प्रकृति में ऑक्सीजन चक्र का विवरण दीजिए।
उत्तर:
ऑक्सीजन चक्र का विवरण खण्ड 14.4.4 के अन्तर्गत देखिए।

प्रश्न 14.
ओजोन परत क्या है? इसका महत्व स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
ओजोन परत – वायुमण्डल में तत्वीय ऑक्सीजन सामान्यतः द्विपरमाण्विक अणु (O2) के रूप में पाई जाती है। परन्तु 16 किमी. की ऊँचाई पर सूर्य की किरणें वहाँ उपस्थित ऑक्सीजन (O) को तीन परमाणु वाले आणुओं अर्थात् ओजोन (O3) में परिवर्तित कर देती हैं। 23 किमी. की ऊँचाई तक ओजोन का घनत्व अधिकतम होता है।

ओजोन की परत पृथ्वी के समस्त जीवों के लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण है। यह परत सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी विकिरणों को अवशोषित कर लेती है जिससे पराबैंगनी विकिरणें पृथ्वी तक नहीं पहुँच पातीं। पराबैंगनी विकिरणों का तरंगदैर्ध्य कम होने के कारण यह हमारे शरीर में बहुत गहराई तक प्रवेश कर सकती हैं और शरीर के विभिन्न ऊतकों को नष्ट करके त्वचा के कैंसर का कारण बन सकती हैं। ओजोन परत मनुष्य की पराबैंगनी विकिरणों के हानिकारक प्रभाव से रक्षा करती है।

प्रश्न 15.
क्लोरोफ्लोरो कार्बन (CFC) ओजोन परत को किस प्रकार हानि (क्षति) पहुँचाते हैं?
उत्तर:
क्लोरोफ्लोरो कार्बन (CFC) वातानुकूलन (एयर कण्डीशनर) तथा शीतलन संयंत्रों में प्रयुक्त किये जाते हैं। जब ये वायुमण्डल में स्थिर अवस्था में उपस्थित हो जाते हैं। तो ये स्थायी होने के कारण किसी भी जैविक क्रिया से विघटित नहीं होते हैं। एक बार जब ये ओजोन परत के समीप पहुँच जाते हैं तो वे विसरित होकर पराबैंगनी किरणें के प्रभाव से विखण्डित हो जाते हैं और फिर ओजोन परत को क्षतिग्रस्त कर देते हैं। हाल ही में अंटार्कटिका के ऊपर ओजोन परत में छिद्र का पाया जाना CFC के प्रभाव का परिणाम है।

JAC Class 11 Political Science Important Questions Chapter 1 राजनीतिक सिद्धांत – एक परिचय

Jharkhand Board JAC Class 11 Political Science Important Questions Chapter 1 राजनीतिक सिद्धांत – एक परिचय Important Questions and Answers.

JAC Board Class 11 Political Science Important Questions Chapter 1 राजनीतिक सिद्धांत – एक परिचय

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. निम्नलिखित में राजनीति के सम्बन्ध में कौनसा कथन उपयुक्त है।
(अ) राजनीति एक अवांछनीय गतिविधि है।
(ब) राजनीति वही है जो राजनेता करते हैं
(स) राजनीति दांवपेंच, कुचक्र और घोटालों से संबंधित नीति है।
(द) राजनीति सामाजिक विकास के उद्देश्य से जनता की परस्पर वार्ता व सामूहिक गतिविधि में भाग लेने की स्थिति है।
उत्तर:
(द) राजनीति सामाजिक विकास के उद्देश्य से जनता की परस्पर वार्ता व सामूहिक गतिविधि में भाग लेने की स्थिति है।

2. महात्मा गांधी की पुस्तक का नाम है।
(अ) हिंद स्वराज
(ब) लेवियाथन
(स) रिपब्लिक
(द) पॉलिटिक्स
अथवा
निम्नलिखित में से हिन्द-स्वराज के लेखक हैं।
(अ) महात्मा गांधी
(ब) पण्डित नेहरू
(स) सरदार पटेल
(द) डॉ. अम्बेडकर
उत्तर:
(अ) हिंद स्वराज

3. आधुनिक काल में सबसे पहले किस विचारक ने यह सिद्ध किया कि स्वतंत्रता है।
(अ) हॉब्स
(ब) लॉक
(स) रूसो
(द) जे. एस. मिल
उत्तर:
(स) रूसो

JAC Class 11 Political Science Important Questions Chapter 1 राजनीतिक सिद्धांत – एक परिचय

4. ‘द रिपब्लिक’ पुस्तक का लेखक है।
(अ) सुकरात
(ब) प्लेटो
(स) सेफलस
(द) ग्लाकॉन
अथवा
प्लेटो ने निम्न में से कौनसी पुस्तक की रचना की थी ?
(अ) पॉलिटिक्स
(ब) द रिपब्लिक
(स) प्रिंस
(द) दास कैपीटल
उत्तर:
(ब) प्लेटो

5. निम्नलिखित में से कौनसा कथन समानता शब्द से सरोकार नहीं रखता है।
(अ) समानता का अर्थ सभी के लिए समान अवसर होता है।
(ब) समानता में किसी न किसी प्रकार की निष्पक्षता का होना आवश्यक है।
(स) अक्षमता के शिकार व्यक्तियों के लिए विशेष प्रावधान भी समानता का एक अंग है।
(द) व्यक्ति पर बाहरी प्रतिबन्धों का अभाव समानता है।
उत्तर:
(द) व्यक्ति पर बाहरी प्रतिबन्धों का अभाव समानता है।

6. राजनीतिक सिद्धान्त के अन्तर्गत विवेचित किया जाता है।
(अ) राजनीतिक विचारधाराओं को
(स) राजनीतिक संकल्पनाओं को
(ब) राजनीतिक समस्याओं को
(द) उपर्युक्त सभी को
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी को

7. “राजनीति ने हमें साँप की कुण्डली की तरह जकड़ रखा है।” यह कथन है।
(अ) सुकरात का
(स) महात्मा गाँधी का
(ब) कार्ल मार्क्स का
(द) डॉ. भीमराव अम्बेडकर का
उत्तर:
(स) महात्मा गाँधी का

8. हमारी आर्थिक, विदेशी तथा शिक्षा नीतियों का निर्धारण किया जाता है।
(अ) सरकार द्वारा
(ब) परिवार द्वारा
(स) विद्यालय द्वारा
(द) समाज द्वारा
उत्तर:
(अ) सरकार द्वारा

9. ‘समानता भी उतनी ही निर्णायक होती है, जितनी कि स्वतंत्रता।” यह कथन है।
(अ) रूसो का
(ब) कार्ल मार्क्स का
(स) हॉब्स का
(द) महात्मा गाँधी का
उत्तर:
(ब) कार्ल मार्क्स का

JAC Class 11 Political Science Important Questions Chapter 1 राजनीतिक सिद्धांत – एक परिचय

10. राजनीति के अन्तर्गत लिया जाता है।
(अ) सामाजिक घटनाओं को
(ब) धार्मिक घटनाओं को
(स) पारिवारिक घटनाओं को
(द) राजनीतिक घटनाओं को
उत्तर:

11. इण्टरनेट का प्रयोग करने वाले को कहा जाता है।
(अ) नेटिजन
(ब) नैटीकैल
(स) सिटीजन
(द) हैरिजन
उत्तर:
(अ) नेटिजन

रिक्त स्थानों की पूर्ति करें

1. एक अकुशल और भ्रष्ट सरकार लोगों के जीवन और सुरक्षा को भी ……………….. में डाल सकती है।
उत्तर:
संकट

2. अगर सरकार साक्षरता और रोजगार बढ़ाने की नीतियाँ बनाती है तो हमें अच्छे स्कूल में जाने और बेहतर …………….. पाने के अवसर मिल सकते हैं।
उत्तर:
रोजगार

3. भारतीय संविधान में ………………….. राजनीतिक क्षेत्र में समान अधिकारों के रूप में बनी है, लेकिन यह आर्थिक और सामाजिक क्षेत्र में उसी तरह नहीं है।
उत्तर:
समानता

4. जैसे-जैसे हमारी दुनिया बदल रही है, हम आजादी और आजादी पर संभावित खतरों के नए-नए ……………………. की खोज कर रहे हैं।
उत्तर:
आयामों

5. परिस्थितियों के मद्देनजर संविधान में दिए गए …………………. की निरंतर पुनर्व्याख्या की जा रही है।
उत्तर:
मौलिक अधिकारों

निम्नलिखित में से सत्य/असत्य कथन छाँटिये

1. समानता जैसे शब्दों का सरोकार किसी वस्तु के बजाय अन्य मनुष्यों के साथ हमारे संबंधों से होता है।
उत्तर:
सत्य

2. राजनीति किसी भी तरीके से निजी स्वार्थ साधने की कला है।
उत्तर:
असत्य

3. राजनीति एक अवांछनीय गतिविधि है, जिससे हमें अलग रहना चाहिए और पीछा छुड़ाना चाहिए।
उत्तर:
असत्य

4. राजनीति का जन्म इस तथ्य से होता है कि हमारे और हमारे समाज के लिए क्या उचित एवं वांछनीय है और क्या नहीं।
उत्तर:
सत्य

5. राजनीतिक सिद्धान्त उन विचारों व नीतियों के व्यवस्थित रूप को प्रतिबिंबित करता है, जिनसे हमारे सामाजिक जीवन, सरकार और संविधान ने आकार ग्रहण किया है।
उत्तर:
सत्य

निम्नलिखित स्तंभों के सही जोड़े बनाइये

1. ‘राजतंत्र और लोकतंत्र में कौनसा तंत्र बेहतर है’ की विवेचना की। (अ) रूसो
2. ‘स्वतंत्रता मानव का मौलिक अधिकार है’ को सबसे पहले सिद्ध किया। (ब) गाँधीजी
3. हिन्द – स्वराज। (स) डॉ. अम्बेडकर
4. अनुसूचित जातियों को विशेष संरक्षण मिलना चाहिए। (द) मार्क्स
5. ‘समानता भी उतनी ही निर्णायक होती है, जितनी कि स्वतंत्रता’। (य) अरस्तू

उत्तर:

1. ‘राजतंत्र और लोकतंत्र में कौनसा तंत्र बेहतर है’ की विवेचना की। (य) अरस्तू
2. ‘स्वतंत्रता मानव का मौलिक अधिकार है’ को सबसे पहले सिद्ध किया। (अ) रूसो
3. हिन्द – स्वराज। (ब) गाँधीजी
4. अनुसूचित जातियों को विशेष संरक्षण मिलना चाहिए। (स) डॉ. अम्बेडकर
5. ‘समानता भी उतनी ही निर्णायक होती है, जितनी कि स्वतंत्रता’। (द) मार्क्स


अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
‘पॉलिटिक्स’ के रचयिता कौन थे?
उत्तर:
अरस्तू।

प्रश्न 2.
गाँधीजी की राजनीतिक पुस्तक का नाम लिखिये।
उत्तर:
हिन्द-स्वराज।

प्रश्न 3.
प्लेटो की प्रसिद्ध पुस्तक का नाम लिखिये।
उत्तर:
द रिपब्लिक।

JAC Class 11 Political Science Important Questions Chapter 1 राजनीतिक सिद्धांत – एक परिचय

प्रश्न 4.
राजनीति का सकारात्मक रूप क्या है?
उत्तर:
राजनीति का सकारात्मक रूप जनसेवा तथा समाज में सुधारों के कार्य करना है।

प्रश्न 5.
राजनीति का नकारात्मक रूप क्या है?
उत्तर:
राजनीति का नकारात्मक रूप दांव-पेंचों द्वारा अपनी जरूरतों एवं महत्त्वाकांक्षाओं को पूरी करना है।

प्रश्न 6.
राजनीति से जुड़े लोग किस प्रकार के दांव-पेंच चलाते हैं?
उत्तर:
राजनीति के दांव-पेंचों में दल-बदल, झूठे वायदे तथा बढ़-चढ़कर दावे करना आदि आते हैं।

प्रश्न 7.
आधुनिक लेखकों ने राजनीति को किस रूप में देखा है?
उत्तर:
आधुनिक लेखकों ने राजनीति को शक्ति के लिए संघर्ष के रूप में देखा है।

प्रश्न 8.
राजनीतिक सिद्धान्त किस तरह के मूल्यों के बारे में सुव्यवस्थित रूप से विचार करता है?
उत्तर:
राजनीतिक सिद्धान्त स्वतंत्रता, समानता तथा न्याय के मूल्यों के बारे में सुव्यवस्थित रूप से विचार करता है।

प्रश्न 9.
गांधीजी ने स्वराज शब्द की व्याख्या किस पुस्तक में की थी?
उत्तर:
‘हिन्द-स्वराज’ नामक पुस्तक में।

प्रश्न 10.
अस्पृश्यता या छुआछूत का अन्त भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में है?
उत्तर:
अनुच्छेद 17 में।

प्रश्न 11.
इन्टरनेट का प्रयोग करने वाले को क्या कहा जाता है?
उत्तर:
नेटिजन।

प्रश्न 12.
राजनीतिक सिद्धान्त का उद्देश्य क्या है?
उत्तर:
राजनीतिक सिद्धान्त का उद्देश्य नागरिकों को राजनीतिक प्रश्नों के बारे में तर्कसंगत ढंग से सोचने और सामयिक राजनीतिक घटनाओं को सही तरीके से आंकने का प्रशिक्षण देना है।

JAC Class 11 Political Science Important Questions Chapter 1 राजनीतिक सिद्धांत – एक परिचय

प्रश्न 13.
राजनीति को एक प्रकार की जनसेवा बताने वाले कौनसे लोग हैं?
उत्तर:
राजनेता, चुनाव लड़ने वाले तथा राजनीतिक पदाधिकारी लोग।

प्रश्न 14.
सरकार की नीतियाँ लोगों की कैसे सहायता कर सकती हैं?
उत्तर:
सरकारें आर्थिक, विदेश और शिक्षा नीतियों के माध्यम से लोगों के जीवन को उन्नत करने में सहायता कर सकती हैं।

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
मनुष्य किन दो मामलों में अद्वितीय है?
उत्तर:

  1. मनुष्य के पास विवेक होता है और अपनी गतिविधियों में उसे व्यक्त करने की योग्यता होती है। वह अपने अंतरतम की भावनाओं और आकांक्षाओं को व्यक्त कर सकता है।
  2. उसके पास भाषा का प्रयोग तथा एक-दूसरे से संवाद करने की भी क्षमता होती है।

प्रश्न 2.
राजनीतिक सिद्धान्त किस तरह के प्रश्नों की पड़ताल करता है?
उत्तर:
राजनीतिक सिद्धान्त कुछ खास बुनियादी प्रश्नों की पड़ताल करता है, जैसे- समाज को कैसे संगठित होना चाहिए? क्या कानून हमारी स्वतंत्रता को सीमित करता है? राजसत्ता की अपने नागरिकों के प्रति क्या देनदारी है? हमें सरकार की जरूरत क्यों है? सरकार का सर्वश्रेष्ठ रूप कौनसा है? नागरिक के रूप में एक-दूसरे के प्रति हमारी क्या देनदारी होती है? आदि।

प्रश्न 3.
राजनीतिक सिद्धान्त कैसे मूल्यों के बारे में सुव्यवस्थित रूप से विचार करता है?
उत्तर:
राजनीतिक सिद्धान्त स्वतंत्रता, समानता और न्याय जैसे मूल्यों के बारे में सुव्यवस्थित रूप से विचार करता है। यह इनके और अन्य संबद्ध अवधारणाओं के अर्थ और महत्त्व की व्याख्या करता है। इन अवधारणाओं की मौजूदा परिभाषाओं को स्पष्ट करता है।

प्रश्न 4.
हमारा सामना राजनीति की किन परस्पर विरोधी छवियों से होता है?
उत्तर:
हमारा सामना राजनीति की अनेक परस्पर विरोधी छवियों से होता है, जैसे

  1. राजनेताओं की राय में राजनीति एक प्रकार की जनसेवा है।
  2. कुछ अन्य लोगों की राय में राजनीति दांवपेंच और कुचक्रों भरी नीति है।
  3. कुछ अन्य लोगों की राय में जो राजनेता करते हैं, वही राजनीति है।

प्रश्न 5.
हम किस तरह से एक बेहतर दुनिया रचने की आकांक्षा करते हैं?
उत्तर:
हम संस्थाएँ बनाकर, अपनी मांगों के लिए प्रचार अभियान चलाकर, सरकार की नीतियों का विरोध करके, वाद-विवाद तथा विचार-विमर्श आदि के द्वारा मौजूदा अव्यवस्था और पतन के तर्कसंगत कारण तलाशते हैं और एक बेहतर दुनिया रचने की आकांक्षा करते हैं।

प्रश्न 6.
राजनीति का जन्म किस तथ्य से होता है?
उत्तर:
राजनीति का जन्म इस तथ्य से होता है कि हमारे व हमारे समाज के लिए क्या उचित एवं वांछनीय है और क्या नहीं? इस सम्बन्ध में परस्पर वार्ताएँ करके निर्णय लेना। एक तरह से इन वार्ताओं से जनता और सरकार दोनों जुड़ी होती हैं।

प्रश्न 7.
राजनीतिक सिद्धान्त क्यों प्रासंगिक है? कोई दो तर्क दीजिए।
उत्तर:
राजनीतिक सिद्धान्त इसलिए प्रासंगिक है; क्योंकि इसकी अवधारणाओं से संबंधित मुद्दे वर्तमान सामाजिक जीवन में अनेक मामलों में उठते हैं और इन मुद्दों की निरन्तर वृद्धि हो रही है। दूसरे, जैसे-जैसे हमारी दुनिया बदल रही है, हम आजादी और आजादी पर संभावित खतरों के नए-नए आयामों की खोज कर रहे हैं।

JAC Class 11 Political Science Important Questions Chapter 1 राजनीतिक सिद्धांत – एक परिचय

प्रश्न 8.
राजनीति क्या है? संक्षेप में समझाओ।
उत्तर:
राजनीति: जब जनता सामाजिक विकास को बढ़ावा देने और सामान्य समस्याओं के समाधान हेतु परस्पर वार्ता करती है और सामूहिक गतिविधियों तथा सरकार के कार्यों में भाग लेती है तथा विभिन्न प्रकार के संघर्षों से सरकार के निर्णयों को प्रभावित करती है तो इसे राजनीति कहते हैं।

प्रश्न 9.
राजनीतिक सिद्धान्त में हम क्या पढ़ते हैं? संक्षेप में लिखिये।
अथवा
राजनीतिक सिद्धान्त में पढ़े जाने वाले किन्हीं दो तत्वों का उल्लेख करो।
उत्तर:
राजनीतिक सिद्धान्त की विषय-सामग्री:

  1. राजनीतिक सिद्धान्त उन विचारों और नीतियों के व्यवस्थित रूप को प्रतिबिंबित करता है, जिनसे हमारे सामाजिक जीवन, सरकार और संविधान ने आकार ग्रहण किया है।
  2. यह स्वतंत्रता, समानता, न्याय, लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता’ जैसी अवधारणाओं का अर्थ स्पष्ट करता है।
  3. यह कानून का राज, अधिकारों का बंटवारा और न्यायिक पुनरावलोकन जैसी नीतियों की सार्थकता की जाँच करता है।
  4. राजनीतिक सिद्धान्तकार हमारे वर्तमान राजनीतिक अनुभवों की छानबीन भी करते हैं और भावी रुझानों तथा संभावनाओं को भी चिन्हित करते हैं ।

प्रश्न 10.
राजनीतिक सिद्धान्तकारों को किन-किन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है?
उत्तर:
राजनीतिक सिद्धान्तकारों को रोजमर्रा के विचारों से उलझना पड़ता है, संभावित अर्थों पर विचार-विमर्श करना पड़ता है और नीतिगत विकल्पों को सूत्रबद्ध करना पड़ता है। स्वतंत्रता, समानता, नागरिकता, अधिकार, विकास, न्याय, राष्ट्रवाद तथा धर्मनिरपेक्षता आदि अवधारणाओं पर विचार-विमर्श के दौरान उन्हें विवादकर्ताओं से उलझन भी पड़ता है।

प्रश्न 11.
एक छात्र के लिए राजनीतिक सिद्धान्त के अध्ययन की प्रासंगिकता को स्पष्ट कीजिये।
उत्तर:
एक छात्र के रूप में हम राजनेता, नीति बनाने वाले नौकरशाह, राजनीतिक सिद्धान्त पढ़ाने वाले अध्यापक में से किसी एक पेशे को चुन सकते हैं। इसलिए परोक्ष रूप से यह अभी भी हमारे लिए प्रासंगिक है। दूसरे, एक नागरिक के रूप में दायित्वपूर्ण कार्य निर्वहन के लिए भी हमारे लिए राजनीतिक सिद्धान्तों का अध्ययन प्रासंगिक है। तीसरे, राजनीतिक सिद्धान्त हमें न्याय या समानता के बारे में सुव्यवस्थित सोच से अवगत कराते हैं।

प्रश्न 12.
” कितना नियमन न्यायोचित है और किसको नियमन करना चाहिए – सरकार को या स्वतंत्र नियामकों को?” कथन के संदर्भ में राजनीतिक सिद्धान्त की प्रासंगिकता को स्पष्ट कीजिये।
उत्तर:
जैसे-जैसे हमारी दुनिया बदल रही है, हम स्वतंत्रता और स्वतंत्रता पर संभावित खतरों के नये-नये आयामों की खोज कर रहे हैं। जैसे – वैश्विक संचार तकनीक दुनियाभर में आदिवासी संस्कृति या जंगल की सुरक्षा के लिए सक्रिय कार्यकर्ताओं का परस्पर तालमेल करना आसान बना रही है; लेकिन दूसरी तरफ इसने आतंकवादियों और अपराधियों को भी अपना नेटवर्क कायम करने की क्षमता दी है। इसी प्रकार भविष्य में इन्टरनेट द्वारा व्यापार में बढ़ोतरी तय है। इसका अर्थ है कि वस्तुओं अथवा सेवाओं की खरीद के लिए हम अपने बारे में सूचना ऑन लाइन दें, उसकी सुरक्षा हो।

यद्यपि इन्टरनेट का प्रयोग करने वाले नेटिजन सरकारी नियंत्रण नहीं चाहते, लेकिन वे भी वैयक्तिक सुरक्षा और गोपनीयता को बनाए रखने के लिए किसी न किसी प्रकार का नियमन जरूरी मानते हैं। इसलिए वर्तमान में यह प्रश्न उठता है कि इन्टरनेट इस्तेमाल करने वालों को कितनी स्वतंत्रता दी जाये, ताकि वे उसका सदुपयोग कर सकें और कितना नियमन न्यायोचित है, ताकि उसका दुरुपयोग न हो सके। और यह नियमन करने वाली संस्था कौन होनी चाहिए— सरकार या कोई अन्य स्वतंत्र संस्था? राजनीतिक सिद्धान्त इन प्रश्नों के संभावित उत्तरों को देने में हमारी बहुत सहायता कर सकता है। इसीलिए आज इसकी प्रासंगिकता बहुत अधिक है।

प्रश्न 13.
राजनीतिक सिद्धान्तों को व्यवहार में कैसे उतारा जा सकता है?
उत्तर:
राजनीतिक सिद्धान्तों को व्यवहार में उतारना: राजनीतिक अवधारणाओं के अर्थ को राजनीतिक सिद्धान्तकार यह देखते हुए स्पष्ट करते हैं कि आम भाषा में इसे कैसे समझा और बरता जाता है। वे विविध अर्थों और रायों पर विचार-विमर्श और उनकी जांच-पड़ताल भी सुव्यवस्थित तरीके से करते हैं। जैसे- समानता की अवधारणा के सम्बन्ध में, अवसर की समानता कब पर्याप्त है? कब लोगों को विशेष बरताव की आवश्यकता होती है? ऐसा विशेष बरताव कब तक और किस हद तक किया जाना चाहिए?

ऐसे अनेक प्रश्नों की ओर वे मुखातिब होते हैं। ये मुद्दे बिल्कुल व्यावहारिक हैं। वे शिक्षा और रोजगार के बारे में सार्वजनिक नीतियाँ तय करने में मार्गदर्शन करते हैं। धर्मनिरपेक्षता समानता की ही तरह अन्य अवधारणाओं, जैसे स्वतंत्रता, नागरिकता, अधिकार, न्याय, विकास, आदि के मामलों में भी राजनीतिक सिद्धान्तकार रोजमर्रा के विचारों में उलझता है, संभावित अर्थों पर विचार-विमर्श कर नीतिगत विकल्पों को सूत्रबद्ध कर उन्हें व्यावहारिक बनाता है।

प्रश्न 14.
राजनीतिक सिद्धान्त की आवश्यकता पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये । उत्तर – राजनीतिक सिद्धान्त की आवश्यकताओं को निम्न प्रकार स्पष्ट किया गया है।

  1. राजनीतिक सिद्धान्त का अध्ययन राजनीति करने वाले राजनेताओं, नीति बनाने वाले नौकरशाहों तथा राजनीतिक सिद्धान्त पढ़ाने वाले अध्यापकों, संविधान और कानूनों की व्याख्या करने वाले वकील, जंज तथा उन कार्यकर्ताओं और पत्रकारों के लिए अति आवश्यक है, जो शोषण का पर्दाफाश करते हैं और नये अधिकारों की माँग करते हैं।
  2. राजनीतिक सिद्धान्त का अध्ययन दायित्वपूर्ण कार्य निर्वहन के लिए उन राजनीतिक विचारों और संस्थाओं की बुनियादी जानकारी हमारे लिए मददगार होती है, जो हमारी दुनिया को आकार देते हैं।
  3. राजनीतिक सिद्धान्त हमें राजनीतिक चीजों के बारे में अपने विचारों और भावनाओं के परीक्षण के लिए प्रोत्साहित करता है तथा इसके अध्ययन से हमारे विचारों और भावनाओं में उदारता आती है।
  4. राजनीतिक सिद्धान्त हमें न्याय तथा समानता के बारे में सुव्यवस्थित सोच से अवगत कराते हैं, ताकि हम अपने विचारों को परिष्कृत कर सकें और सार्वजनिक हित में सुविज्ञ तरीके से तर्क-वितर्क कर सकें।

JAC Class 11 Political Science Important Questions Chapter 1 राजनीतिक सिद्धांत – एक परिचय

प्रश्न 15.
क्या विद्यार्थियों को राजनीति में भाग लेना चाहिए?
उत्तर:
विद्यार्थियों को न सिर्फ राजनीति के विषय में जानकारी ही होनी चाहिए बल्कि उन्हें इसमें सक्रिय रूप से भाग भी लेना चाहिए क्योंकि।

  1. हमारा समाज लोकतंत्र की भावना में अटूट आस्था रखता है तथा वर्तमान विद्यार्थी ही कल के समाज के जिम्मेदार नागरिक बनेंगे।
  2. इन्हीं नागरिकों में से हमें अपने राजनीतिज्ञों एवं प्रतिनिधियों का चयन करना है, जिन्हें राजनीतिक सिद्धान्तों का पर्याप्त ज्ञान सैद्धान्तिक और व्यावहारिक रूप से होना चाहिए।
  3. यदि विद्यार्थी राजनीतिक गतिविधियों एवं क्रियाकलापों से अवगत नहीं होंगे तो देश के उचित सूत्रधार नहीं बन पायेंगे। इसलिए विद्यार्थियों को राजनीति में भाग लेकर राजनीतिक ज्ञान का व्यवहार में सही प्रयोग करना सीखना चाहिए।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
राजनीतिक सिद्धान्त में हम क्या पढ़ते हैं? इनकी प्रासंगिकता को स्पष्ट कीजिये।
उत्तर:
राजनीतिक सिद्धान्त: राजनीतिक सिद्धान्त उन विचारों और नीतियों के व्यवस्थित रूप को प्रतिबिंबित करता है, जिनसे हमारे सामाजिक जीवन, सरकार और संविधान ने आकार ग्रहण किया है। राजनीतिक सिद्धान्त की विषय-सामग्री राजनीतिक सिद्धान्त में हम निम्न बातों का अध्ययन करते हैं।

  1. यह स्वतंत्रता, समानता, न्याय, लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता जैसी अवधारणाओं का अर्थ स्पष्ट करता है।
  2. यह कानून का राज, अधिकारों का बँटवारा और न्यायिक पुनरावलोकन जैसी नीतियों की सार्थकता की जांच करता है। यह इस काम को विभिन्न विचारकों द्वारा इन अवधारणाओं के बचाव में विकसित युक्तियों की जांच-पड़ताल के ये करता है।
  3. राजनीतिक सिद्धान्तकार हमारे ताजा राजनीतिक अनुभवों की छानबीन भी करते हैं और भावी रुझानों तथा संभावनाओं को चिन्हित करते हैं।

राजनीतिक सिद्धान्त के अध्ययन की प्रासंगिकता: राजनीतिक सिद्धान्तों की उपयोगिता या इनके अध्ययन की प्रासंगिकता का विवेचन निम्नलिखित बिन्दुओं के अन्तर्गत किया गया है।
1 .स्वतंत्रता, समानता और लोकतंत्र से संबंधित मुद्दों में वृद्धि:
राजनीतिक सिद्धान्त स्वतंत्रता, समानता, न्याय, लोकतंत्र जैसी धारणाओं के अर्थ स्पष्ट करता है। वर्तमान में भी स्वतंत्रता, समानता तथा लोकतंत्र से संबंधित मुद्दे सामाजिक जीवन के अनेक मामलों में उठते हैं और विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग रफ्तार से उनकी बढ़ोतरी हो रही है। उदाहरण के लिए राजनीतिक क्षेत्र में समानता समान अधिकारों के रूप में है, लेकिन यह आर्थिक और सामाजिक क्षेत्रों में उसी तरह नहीं है।

लोगों के पास समान राजनीतिक अधिकार हो सकते हैं, लेकिन हो सकता है कि समाज में उनके साथ जाति या गरीबी के कारण अभी भी भेदभाव होता है। संभव है कि कुछ लोगों को समाज में विशेषाधिकार प्राप्त हों, वहीं कुछ दूसरे बुनियादी आवश्यकताओं तक से वंचित हों। कुछ लोग अपना मनचाहा लक्ष्य पाने में सक्षम हैं, जबकि कई लोग भविष्य में अच्छा रोजगार पाने के लिए जरूरी स्कूली पढ़ाई के लिए भी ‘अक्षम हैं। इनके लिए स्वतंत्रता अभी भी दूर का सपना है। इस दृष्टि से राजनीतिक सिद्धान्त का अध्ययन अब भी प्रासंगिक बना हुआ है।

2. नित नई व्याख्याओं की दृष्टि से प्रासंगिकता:
यद्यपि हमारे संविधान में स्वतंत्रता की गारंटी दी गई है, तथापि हमें हरदम नई व्याख्याओं का सामना करना पड़ता है। नई परिस्थितियों के मद्देनजर संविधान में दिए गए मौलिक अधिकारों की निरंतर पुनर्व्याख्या की जा रही है। जैसे ‘आजीविका के अधिकार’ को ‘जीवन के अधिकार’ में शामिल करने के लिए अदालतों द्वारा उसकी पुनर्व्याख्या की गई है। सूचना के अधिकार की गारंटी एक नए कानून द्वारा की गई है। इस प्रकार समाज बार-बार चुनौतियों का सामना करता है। इस क्रम में नई व्याख्याएँ पैदा होती हैं। समय के साथ संवैधानिक मूल अधिकारों में संशोधन भी हुए हैं और इनका विस्तार भी। अतः राजनैतिक अवधारणाओं की नई व्याख्याओं को समझने के लिए राजनैतिक सिद्धान्त के अध्ययन की प्रासंगिकता बनी हुई है।

3. स्वतंत्रता और स्वतंत्रता के संभावित खतरों के नये आयामों से जुड़े प्रश्नों के उत्तरों के लिए प्रासंगिक:
जैसे-जैसे हमारा विश्व परिवर्तित हो रहा है, हम स्वतंत्रता और स्वतंत्रता पर संभावित खतरों के नए-नए आयामों की खोज कर रहे हैं। जैसे वैश्विक संचार तकनीक विश्व भर में आदिवासी संस्कृति या जंगल की सुरक्षा के लिए सक्रिय कार्यकर्ताओं का एक-दूसरे से तालमेल करना आसान बना रही है। पर इसने आतंकवादियों और अपराधियों को भी अपना नेटवर्क कायम करने की क्षमता दी है। इसी प्रकार, भविष्य में इंटरनेट द्वारा व्यापार में वृद्धि निश्चित है।

इसका अर्थ है कि वस्तुओं अथवा सेवाओं की खरीद के लिए हम अपने बारे में जो सूचना ऑन लाइन दें, उसकी सुरक्षा हो। इसलिए, यद्यपि नेटिजन सरकारी नियंत्रण नहीं चाहते तथापि वे भी वैयक्तिक सुरक्षा और गोपनीयता बनाए रखने के लिए किसी-न-किसी प्रकार का नियमन जरूरी मानते हैं। लेकिन कितना नियमन न्यायोचित है और किसको नियमन करना चाहिए? राजनीतिक सिद्धान्त में इन प्रश्नों के संभावित उत्तरों के सिलसिले में हमारे सीखने के लिए बहुत कुछ है और इसीलिए यह बेहद प्रासंगिक है।

JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 8 गति

Jharkhand Board JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 8 गति Important Questions and Answers.

JAC Board Class 9 Science Important Questions Chapter 8 गति

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

1. गाड़ी द्वारा चली गयी दूरी बतायी जाती है-
(a) स्पीडोमीटर से
(b) ओडोमीटर से
(c) मेनोमीटर से
(d) सीस्मोग्राफ़ से।
उत्तर:
(b) ओडोमीटर से।

2. त्वरण का S.I. मात्रक है-
(a) मी/से.²
(b) मी/से.
(c) किग्रा.मी/से.
(d) न्यूटन/मीटर।
उत्तर:
(a) मी/से.²

3. किसी वस्तु की गति के लिए दूरी-समय ग्राफ, समय अक्ष के समान्तर एक सरल रेखा है। यह ग्राफ प्रदर्शित करता है-
(a) एक समान गति
(b) समान वेग
(c) त्वरित गति
(d) विरामावस्था।
उत्तर:
(d) विरामावस्था।

4. 36 किमी/घण्टा की चाल से चल रही कार 10 मिनट में कितनी दूरी तय करेगी-
(a) 6 किमी
(b) 36 किमी
(c) 3.6 किमी
(d) 0.36 किमी।
उत्तर:
(a) 6 किमी।

5. वेग परिवर्तन की दर को कहते हैं-
(a) विस्थापन
(b) चाल
(c) त्वरण
(d) संवेग।
उत्तर:
(c) त्वरण।

JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 8 गति

6. दिए गए सूत्र में रिक्त स्थान भरिए-
S = ut + ……………………..
(a) at
(b) 2as
(c) at²
(d) \(\frac { 1 }{ 2 }\)at²
उत्तर:
(d) \(\frac { 1 }{ 2 }\)at²

7. किसी वस्तु की गति के लिए चाल समय ग्राफ, समय अक्ष के समान्तर एक सरल रेखा है। यह ग्राफ प्रदर्शित करता है।
(a) एक समान त्वरित गति
(b) एक समान चाल
(c) असमान त्वरित गति
(d) विरामावस्था।
उत्तर:
(b) एक समान चाल।

8. कोई कार 54 किमी/घण्टा की चाल से चल रही है। 5 सेकण्ड पश्चात् उसकी चाल 72 किमी/ घण्टा हो जाती है उसका त्वरण होगा-
(a) 2मी/से
(c) मी/से²
(b) 4मी/से²
(d) \(\frac { 1 }{ 2 }\) मी/से²।
उत्तर:
(c) 1 मी/से²।

9. विरामावस्था से गतिशील होकर किसी पिण्ड का त्वरण 8 ms-2 हो जाता है। पिण्ड द्वारा 1 सेकण्ड में चली गई दूरी होगी-
(a) 6m
(b) 4m
(c) 2m
(d) &m
उत्तर:
(b) 4m।

10. एक कार 54 किमी / घण्टा की चाल से गतिमान है, मी/से में इसकी चाल है-
(a) 20 मी/से.
(b) 194.4 मी/से.
(c) 15 मी/से.
(d) 18 मी/से.।
उत्तर:
(c) 15 मी / से।

11. A से B तक तय की गयी दूरी है-
JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 8 गति 1
(a) 2r
(b) 2πr
(c) πr
(d) \(\frac { πr }{ 2 }\)
उत्तर:
(c) πr

12. प्रश्न 11 वाले चित्र में बिन्दु A से B तक का विस्थापन है-
(a) 2r
(b) 2 πr
(c) πr
(d) शून्य।
उत्तर:
(a) 2r।

JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 8 गति

13. 20 किमी / घण्टा की चाल से गतिशील किसी कार की चाल 6 सेकण्ड में 60 किमी / घण्टा हो जाती है।
कार का त्वरण है-
(a) 240 किमी / घण्टा²
(b) 24 किमी / घण्टा²
(c) 2400 किमी / घण्टा²
(d) \(\frac { 1 }{ 240 }\) किमी/ घण्टा²।
उत्तर:
(c) 2400 किमी / घण्टा²।

14. विस्थापन का SI मात्रक है-
(a) m/s
(b) m/s²
(c) km/h
(d) m.
उत्तर:
(d) m.

15. निम्नांकित ग्राफ दर्शाता है-
JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 8 गति 2
(a) वस्तु स्थिर है
(b) वस्तु स्थिर वेग से गतिमान है।
(c) वस्तु का वेग एक समान दर से परिवर्तित हो रहा है
(d) वस्तु का त्वरण असमान है।
उत्तर:
(b) वस्तु स्थिर वेग से गतिमान है।

रिक्त स्थान भरो-

  1. दूरी एक ……………………. राशि है।
  2. विस्थापन एक ……………………. राशि है।
  3. विस्थापन का अंकीय मान ……………………. होता है जब प्रारम्भिक और अंतिम स्थिति एक हो ।
  4. यदि वस्तु की गति समय के साथ लगातार घटती है तो वह ……………………. गति कहलाती है।

उत्तर:

  1. अदिश
  2. सदिश
  3. शून्य
  4. मंदन।

सुमेलन कीजिए-

कॉलम ‘क’ कॉलम ‘ख’
1. प्रथम समीकरण (क) v² – u² = 2as
2. द्वितीय समीकरण (ख) v = u + at
3. तृतीय समीकरण (ग) s – u t = \(\frac { 1 }{ 2 }\) at²

उत्तर:
1. (ख) v = u + at
2. (ग) s – u t = \(\frac { 1 }{ 2 }\) at²
3. (क) v² – u² = 2as

सत्य / असत्य-

  1. मंदन की स्थिति में त्वरण ऋणात्मक होता है।
  2. यदि वस्तु की गति समय के साथ लगातार घटती है तब वह त्वरण गति कहलाती है।
  3. विस्थापन शून्य नहीं हो सकता।
  4. दूरी का मान शून्य नहीं हो सकता।

उत्तर:

  1. सत्य
  2. असत्य
  3. असत्य
  4. सत्य।

अति लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
चाल को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
किसी वस्तु द्वारा किसी भी दिशा में इकाई समय में चली गयी दूरी को चाल कहते हैं।

प्रश्न 2.
एक वस्तु एक समान वेग से चल रही है। इसका त्वरण ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
शून्य।

प्रश्न 3.
क्या किसी गतिमान वस्तु का औसत वेग शून्य हो सकता है ?
उत्तर:
हाँ, जब उसका किसी दिये गये समय में विस्थापन शून्य हो।

प्रश्न 4.
किसी वस्तु की चाल नियत है। क्या उसमें त्वरण हो सकता है ? उदाहरण दीजिये।
उत्तर:
चाल नियत होने पर भी वस्तु में त्वरण हो सकता है, यदि वह वृत्तीय गति में है जैसे कृत्रिम उपग्रहों की पृथ्वी के चारों ओर गति, इलेक्ट्रॉन की नाभिक के चारों ओर गति ।

प्रश्न 5.
एक वस्तु द्वारा तय की गई दूरी समय के अनुक्रमानुपाती है, उसकी चाल कैसी होगी?
उत्तर:
पिण्ड की चाल एक समान होगी।

प्रश्न 6.
एक गेंद वायु में ऊपर फेंकी गई गेंद का त्वरण तथा वेग सबसे ऊपर वाले भाग में क्या होगा?
उत्तर:
त्वरण 9.8m/s² है जो नीचे की ओर कार्य करता है तथा उसका वेग शून्य होगा।

प्रश्न 7.
वेग की परिभाषा लिखिए।
उत्तर:
विस्थापन परिवर्तन की दर वेग कहलाती है।

प्रश्न 8.
एक समान त्वरित गति का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
पृथ्वी पर स्वतन्त्रतापूर्वक गिरती हुई वस्तु की गति।

प्रश्न 9.
मन्दन किसे कहते हैं?
उत्तर:
ऋणात्मक त्वरण को मन्दन कहते हैं।

JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 8 गति

प्रश्न 10.
विरामावस्था अवस्था किसे कहते हैं?
उत्तर:
ऐसी अवस्था जब वस्तु की चाल शून्य हो, विरामावस्था कहलाती है।

प्रश्न 11.
चाल तथा वेग का SI मात्रक क्या है?
उत्तर:
मीटर / सेकण्ड।

प्रश्न 12.
एकसमान वृत्तीय गति से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
एकसमान वृत्तीय गति यदि कोई वस्तु समान समयान्तराल में वृत्तीय पथ पर समान दूरी तय करती है तो वस्तु की गति एकसमान वृत्तीय गति कहलाती है।

प्रश्न 13.
कोई वस्तु 10 मीटर/सेकण्ड के वेग से गति कर रही है, यदि उसकी गति एकर शन हो तो 10 सेकण्ड पश्चात् उसका वेग क्या होगा?
उत्तर:
चूँकि वस्तु की गति एकसमान है; अतः उसका वेग अपरिवर्तित रहेगा अर्थात् 10 सेकण्ड पश्चात् भी उसका वेग 10 मीटर / सेकण्ड ही रहेगा।

प्रश्न 14.
एक कार का दूरी-समय ग्राफ निम्नांकित चित्र में प्रदर्शित है। बताइए-
JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 8 गति 3
(i) ग्राफ का कौन-सा भाग कार की विरामावस्था को प्रदर्शित करता है?
(ii) AB भाग में कार के वेग की प्रकृति क्या है?
(iii) कौन-सा भाग कार के वापस लौटने को प्रदर्शित करता है?
उत्तर:
(i) A से B तक का भाग विरामावस्था को प्रदर्शित करता है।
(ii) OA भाग में कार का वेग एकसमान है।
(iii) BC भाग कार के वापस लौटने को प्रदर्शित करता है।

प्रश्न 15.
निम्नलिखित में से उस ग्राफ को पहचानिए जो – (a) एकसमान मंदन, (b) शून्य त्वरण की गति को प्रदर्शित करता है।
JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 8 गति 4
उत्तर:
(a) ग्राफ C में चाल एकसमान रूप से घटती है; अतः यह एकसमान मन्दन को प्रदर्शित करता है।
(b) ग्राफ B में वस्तु स्थिर चाल से गतिमा है; अत: यह ग्राफ शून्य त्वरण की गति को प्रदर्शित करता है।

प्रश्न 16.
एक गेंद मेज पर गति करती हुई उसके किनारे पहुँचती है और नीचे गिर पड़ती है। नीचे गिरते समय इसके द्वारा तय किए गए मार्ग को प्रदर्शित कीजिए। इस पथ का नाम भी बताइए।
JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 8 गति 5
उत्तर:
गेंद का पथ परवलयाकार होगा।

प्रश्न 17.
वेग समय ग्राफ का ढलान क्या प्रदर्शित करता है?
उत्तर:
वेग समय ग्राफ का ढलान (slope) त्वरण को प्रदर्शित करता है।

प्रश्न 18.
अगर किसी वस्तु का वेग समय ग्राफ, समय अक्ष के समान्तर हो, तो इससे क्या निष्कर्ष निकलता है?
उत्तर:
पिण्ड का वेग एक समान है अर्थात् पिण्ड का त्वरण शून्य है।

प्रश्न 19.
कोई वस्तु समान समय में समान दूरी तय करती है। इसके दूरी-समय ग्राफ का ढलान क्या होगा?
उत्तर:
एक सीधी सरल रेखा होगी जो x अक्ष के साथ कोई कोण बनाती है।

प्रश्न 20.
कोई वस्तु समान समय अन्तरालों में समान दूरी तय करती है। इसके चाल-समय ग्राफ का ढलान क्या होगा?
उत्तर:
यह एक सीधी रेखा होगी जो समय अक्ष के समान्तर होती है।

प्रश्न 21.
यदि किसी वस्तु का विस्थापन समय ग्राफ एक सीधी रेखा हो जो समय के साथ एक कोण बनाती है। गति की प्रकृति कैसी होगी ?
उत्तर:
एकसमान गति।

प्रश्न 22.
यदि किसी वस्तु का विस्थापन समय ग्राफ समय अक्ष के समान्तर हो तो वस्तु की गति कैसी होगी?
उत्तर:
वस्तु विराम अवस्था में है।

प्रश्न 23.
वस्तु की गति के बारे में आप क्या बता सकते हैं, यदि
(a) उसका विस्थापन समय ग्राफ एक सीधी रेखा है।
(b) उसका वेग समय ग्राफ एक सीधी रेखा है।
उत्तर:
(a) एक समान वेग
(b) एक समान त्वरण।

प्रश्न 24.
S.I. पद्धति में त्वरण का मात्रक लिखिए।
उत्तर:
S. I. पद्धति में त्वरण का मात्रक मीटर/सेकण्डर² है।

प्रश्न 25.
निम्नलिखित गति के समीकरण में खाली स्थान भरिए – s = ……………… + \(\frac { 1 }{ 2 }\) at²
उत्तर:
गति का समीकरण s = ut + \(\frac { 1 }{ 2 }\) at²

प्रश्न 26.
गति के समीकरण v² + ……………… + 2as को पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
गति का समीकरण v² = u² + 2 a s

प्रश्न 27.
समय-दूरी ग्राफ का ढाल क्या प्रदर्शित करता है?
उत्तर:
समय-दूरी ग्राफ का ढाल चाल को प्रदर्शित करता है।

JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 8 गति

प्रश्न 28.
यदि समय विस्थापन ग्राफ, समय- अक्ष के समान्तर एक सरल रेखा में हो तो वेग तथा त्वरण के मान होंगे?
उत्तर:
वेग तथा त्वरण दोनों के मान शून्य होंगे।

प्रश्न 29.
समय वेग ग्राफ का ढाल क्या प्रदर्शित करता है?
उत्तर:
समय वेग ग्राफ का ढाल त्वरण को प्रदर्शित करता है।

प्रश्न 30.
समय वेग ग्राफ में त्वरण किसके बराबर होता है?
उत्तर:
ग्राफ रेखा के ढाल के बराबर होता है।

प्रश्न 31.
क्या संलग्न चित्र 8.30 में प्रदर्शित किसी वस्तु का समय दूरी ग्राफ सही है? कारण सहित स्पष्ट कीजिए।
JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 8 गति 6
उत्तर:
ग्राफ सही नहीं है। इस ग्राफ में एक ही समय (जैसे-4 सेकण्ड) पर वस्तु को दो अलग-अलग स्थानों पर दिखाया गया है जो कि असम्भव है।

प्रश्न 32.
एक वस्तु त्रिज्या के वृत्त पर गति कर रही है। उसके द्वारा चली दूरी व विस्थापन कितना होगा?
(i) आधे चक्कर के बाद
(ii) पूरा चक्कर हो जाने पर।
उत्तर:
(i) आधा चक्कर पूरा हो जाने पर चली दूरी तथा विस्थापन 21 होगा।
(ii) चक्कर पूरा हो जाने पर चली दूरी 2xr तथा विस्थापन शून्य होगा।

प्रश्न 33.
गति का समीकरण लिखिए जबकि गतिशील वस्तु में त्वरण न होकर मन्दन हो रहा है।
उत्तर:
मन्दन होने पर त्वरण ऋणात्मक होगा। अतः गति के समीकरण निम्नवत् होंगे-

  • v = u – at,
  • s = ut – \(\frac { 1 }{ 2 }\) at²
  • v² – u² – 2 as.

प्रश्न 34.
एक वस्तु एकसमान वेग से चल रही है, गति के समीकरणों का स्वरूप बताइए।
उत्तर:
जब वस्तु एकसमान वेग से चल रही है तो त्वरण a = 0:

  • v = u.
  • s = ut
  • v² = u²

प्रश्न 35.
कोई वस्तु विरामावस्था से अचर त्वरण से चलना प्रारम्भ करती है, तो गति के समीकरणों का स्वरूप बताइए।
उत्तर:
जब वस्तु विरामावस्था से चल रही है, तो u = 0

  • v = at
  • s = \(\frac { 1 }{ 2 }\) at²
  • v² = 2 as

प्रश्न 36.
गति के समीकरण v = u + at का अर्थ समझाइए।
उत्तर:
गति के समीकरण v = u + at का अर्थ है-
t समय पश्चात् वस्तु का अन्तिम वेग प्रारम्भिक वेग + त्वरण समय।

प्रश्न 37.
वृत्तीय गति किसे कहते हैं?
उत्तर:
वृत्तीय गति – जब कोई वस्तु वृत्ताकार पथ पर गति करती है तो उस वस्तु की गति वृत्तीय गति कहलाती है।

लघुत्तरात्मक एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
एकसमान गति व असमान गति को दूरी समय आरेख से समझाइए।
उत्तर:
समान गति यदि कोई वस्तु निश्चित समय अन्तराल में समान दूरी तय करती है, तो वस्तु की गति को एकसमान गति कहते हैं।

उदाहरण – यदि हम एक कार से सड़क पर एकसमान चाल से गतिमान हैं, तो माना हम निम्नलिखित प्रेक्षण प्राप्त करते हैं-

किलोमीटर पत्थर की संख्या (दूरी) समय (सेकण्ड में)
मूल पत्थर 0
1 किमी पत्थर 100 सेकण्ड
2 किमी पत्थर 200 सेकण्ड
3 किमी पत्थर 300 सेकण्ड
4 किमी पत्थर 400 सेकण्ड
5 किमी पत्थर 500 सेकण्ड

इन प्रेक्षणों के द्वारा ग्राफ खींचने पर चित्र 8.31 के समान ग्राफ प्राप्त होता है।
JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 8 गति 7
इस ग्राफ से स्पष्ट है कि दूरी व समय के बीच एक सीधी रेखा प्राप्त हुई है अतः कार की गति एकसमान गति है दूरी समय आलेख का ढाल (झुकाव ) वस्तु की चाल को प्रदर्शित करता है।

असमान गति- यदि किसी वस्तु द्वारा समान समय अन्तरालों में तय की गयी दूरियाँ असमान हों तो वस्तु की गति असमान गति कहलाती है।

उदाहरण के लिए यदि कोई कार असमान चाल से चल रही है तो कार द्वारा समान समय अन्तरालों में तय की गयी दूरियाँ भिन्न-भिन्न होंगी।

समय दूरी
0 सेकण्ड में 0 मीटर
1 सेकण्ड में 6 मीटर
2 सेकण्ड में 14 मीटर
3 सेकण्ड में 21 मीटर
4 सेकण्ड में 30 मीटर
5 सेकण्ड में 40 मीटर

JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 8 गति 8
चित्र से स्पष्ट है कि कार द्वारा समान समय अन्तरालों में तय की गयी दूरी समान नहीं है अतः यह गति असमान गति है। इसे त्वरित गति भी कहते हैं।

प्रश्न 2.
हम किसी वस्तु की स्थिति कैसे निरूपित करते हैं?
उत्तर:
किसी वस्तु की स्थिति निरूपित करने के लिए आवश्यक है-
(i) एक नियत बिन्दु जिसे ‘मूल’ अथवा ‘निर्देश बिन्दु’ कहते हैं।
JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 8 गति 9

(ii) एक ‘निश्चित रेखा’ जो कि मूल बिन्दु से होकर जाती है और जिसे ‘सन्दर्भ अक्ष’ भी कहते हैं। अतः किसी वस्तु की स्थिति को व्यक्त करने के लिए आवश्यक है-

  • वस्तु की मूल बिन्दु 0 से दूरी तथा
  • ‘सन्दर्भ अक्ष’ और वस्तु एवं मूल बिन्दु को मिलाने वाली रेखा के बीच स्थित कोण

चित्र 8.33 में एक वस्तु की स्थिति बिन्दु P पर है जो कि मूल बिन्दु पर 6 मीटर दूर उत्तर:पूर्व दिशा में है।

प्रश्न 3.
अदिश राशि क्या है? उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
अदिश राशि – वे भौतिक राशियाँ जिनको व्यक्त करने के लिए केवल परिमाण की आवश्यकता होती है, अदिश राशि कहलाती हैं। दूरी, चाल, समय, क्षेत्रफल आदि अदिश राशियाँ हैं।

प्रश्न 4.
सदिश राशियाँ क्या हैं? उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
वे भौतिक राशियाँ जिनको दर्शाने के लिए दिशा तथा परिमाण दोनों की आवश्यकता होती है, ‘सदिश राशियाँ’ कहलाती हैं। विस्थापन, वेग, बल आदि सदिश राशियाँ हैं।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित में से अदिश तथा सदिश राशियाँ छाँटो-
तापक्रम, संहति, आयतन चाल, विस्थापन, समय, दूरी, वेग, विद्युत आवेश, त्वरण, बल, संवेग, कार्य भार तथा ऊर्जा, घनत्व।
उत्तर:

  • अदिश- तापक्रम, संहति, आयतन, चाल, समय, दूरी, विद्युत आवेश, घनत्व, कार्य और ऊर्जा।
  • सदिश – विस्थापन, वेग, त्वरण, बल, संवेग तथा भार।

प्रश्न 6.
चलन या गमन क्या है? जीव-जन्तुओं में कौन-कौन सी गति देखी जा सकती है? उदाहरण दो।
उत्तर:
जीव-जन्तुओं की गतिशीलता को चलन या गमन कहते हैं। जीव-जन्तुओं की निम्नलिखित गतियाँ होती हैं-

  • हाथी अथवा गाय जैसे जन्तु, अपने पैरों के द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाते हैं।
  • जन्तु एक स्थान पर स्थिर रहते हुए भी अपने अंगों, जैसे- कान, पूँछ, सिर को हिला सकते हैं।
  • साँप, छिपकली जैसे जन्तु रेंगते हुए एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाते हैं।
  • तितली हवा में उड़ती है और मछली पानी में तैरती है।

प्रश्न 7.
जीव-जन्तुओं की तुलना में पेड़-पौधों की गति स्वाभाविक क्यों नहीं होती? पेड़-पौधों की गति के उदाहरण दो।
उत्तर:
जीव-जन्तुओं की तुलना में पेड़-पौधों की गति का प्रेक्षण सरलता से नहीं किया जा सकता क्योंकि कुछ ही पेड़-पौधे बहुत धीमी गति से गतिशील होते हैं। जैसे-

  • पौधे की जड़ें मिट्टी में नीचे की ओर तथा उसकी कोंपलें ऊपर की ओर गति करती हैं।
  • पेड़ की पत्तियाँ और नई शाखाएँ निरन्तर उत्पन्न होती और बढ़ती रहती हैं।
  • फूलों के खिलने तथा फलों के बढ़ने के कारण भी गति होती है।

प्रश्न 8.
सजीव एवं निर्जीव वस्तुओं की गतियों में क्या अन्तर है?
उत्तर:
पेड़-पौधों तथा जीव-जन्तुओं में गति स्वत: ही होती है अर्थात् उनकी गति स्वतः गति है। लेकिन निर्जीव वस्तुओं में गति के लिए किसी बाह्य कारक की आवश्यकता होती है। जैसे- पंखे को चलाने के लिए विद्युत की आवश्यकता होती है और स्कूटर को गति देने के लिए पेट्रोल की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 9.
गणितीय विधि से एकसमान त्वरण के अन्तर्गत ऋजुरेखीय गति करती किसी वस्तु के लिए गति के समीकरणों का निगमन कीजिए।
उत्तर:
गणितीय विधि द्वारा गति के समीकरण स्थापित करना
(i) गति का प्रथम समीकरण माना, किसी गतिशील वस्तु का प्रारम्भिक वेग 1 व एकसमान त्वरण है। माना सेकण्ड में दूरी चलने के पश्चात् वस्तु का वेग हो जाता है, तब
1 सेकण्ड में वस्तु के वेग में वृद्धि = a
t सेकण्ड में वस्तु के वेग में वृद्धि = a x t
अतः t सेकण्ड पश्चात् वस्तु का वेग प्रारम्भिक वेग + t सेकण्ड में वस्तु के वेग वृद्धि
या v = u + at

(ii) गति का द्वितीय समीकरण-माना, किसी गतिशील वस्तु का प्रारम्भिक वेग u तथा एकसमान त्वरण a है माना, t समय पश्चात् वस्तु का अन्तिम वेग हो जाता है; अतः
1 सेकण्ड में वस्तु के वेग में वृद्धि = a
गति के प्रारम्भ होने के 1 सेकण्ड बाद वस्तु का वेग = (u + a)
गति समाप्त होने के 1 सेकण्ड पहले वस्तु का वेग =(v – a)
अतः वस्तु का औसत वेग = \(\frac{(u+a)(v-a)}{2}=\left(\frac{u+v}{2}\right)\)
इसी प्रकार, गति प्रारम्भ होने के 2 सेकण्ड बाद वस्तु का वेग = (u+2a)
गति समाप्त होने के 2 सेकण्ड पहले वस्तु का वेग = (v – 2a )
अतः वस्तु का औसत वेग = \(\frac{(u+2 a)(v-2 a)}{2}\)
= \(\frac { u+v }{ 2 }\)
इस प्रकार, त्वरण के नियत होने पर वस्तु का औसत वेग सदैव ही \(\frac { 1 }{ 2 }\) (M+ v) रहता है अतः हम यह मान सकते हैं कि सेकण्ड तक वस्तु इसी औसत वेग \(\frac { 1 }{ 2 }\) (M + v) से चलती रही है।
अत: t सेकण्ड में वस्तु द्वारा चली गई दूरी,
s = वस्तु का औसत वेग x समय = \(\frac { 1 }{ 2 }\) (u + v) × t
परन्तु गति के प्रथम समीकरण v = u + at से,
अतः वस्तु द्वारा चली गई दूरी 5 = \(\frac { u+u+at }{ 2 }\) x t
= \(\frac{2 u t+a t^2}{2}\)
s = at + \(\frac { 1 }{ 2 }\)at²

JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 8 गति

(iii) गति का तृतीय समीकरण गति के प्रथम समीकरण v = u + at का दोनों ओर का वर्ग करने पर,
v² = (u + at)² = u² + 2u at + a² t²
= u² + 2a (ut + \(\frac { 1 }{ 2 }\)at²)
परन्तु गति के द्वितीय समीकरण ut + \(\frac { 1 }{ 2 }\)at² = s से,
v² = u² + 2 as

प्रश्न 10.
चाल- समय ग्राफ से किसी वस्तु द्वारा चली गई दूरी किस प्रकार ज्ञात करोगे?
उत्तर:
चाल-समय ग्राफ से किसी वस्तु द्वारा चली गई दूरी ज्ञात करना – यदि समय को X- अक्ष पर तथा चाल को Y-अक्ष पर लेकर ग्राफ खींचा जाए तो इसे वस्तु का चाल – समय ग्राफ कहते हैं। इस ग्राफ से हम किसी भी समयान्तराल में वस्तु द्वारा चली गई दूरी ज्ञात कर सकते हैं।

यदि वस्तु की चाल नियत है तो समय-चाल ग्राफ चाल – समय के समान्तर एक सरल रेखा होगी चित्र – 8.34)।
यदि ∆t = (t2 – t1 ) समय में वस्तु द्वारा चली गई दूरी ∆s (s2 – s1) है तो
JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 8 गति 10
वस्तु की चाल (v) = \(\frac { ∆ s }{ ∆ t }\)
अतः वस्तु द्वारा चली गई दूरी
(∆s) = v = ∆t = DC × ED
= 6 x (6 – 2) सेकण्ड
= 6 x 4 मीटर
= 24 मीटर
इस प्रकार, किसी गतिमान वस्तु द्वारा तय की गई दूरी, उसके चाल – समय ग्राफ तथा समय-अक्ष के बीच घिरे क्षेत्रफल के बराबर होती है। यह तथ्य एकसमान गति तथा असमान गति दोनों के लिए समान रूप से लागू होता है।

प्रश्न 11.
निम्नलिखित के समय वेग ग्राफ खींचकर उदाहरण द्वारा समझाइए – (i) एकसमान वेग, (ii) एकसमान त्वरित गति (iii) असमान त्वरित गति।
JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 8 गति 11
उत्तर:
(i) एकसमान वेग-यदि कोई वस्तु एक नियत दिशा में इस प्रकार गति करती है कि उसके द्वारा समान समयान्तरालों में तय की गई दूरियाँ समान हैं, तब वस्तु का वेग, एकसमान वेग कहलाता है। चित्र 8.35 में एक वस्तु का वेग – समय ग्राफ प्रदर्शित है। जिसमें कोई वस्तु 5 मीटर / सेकण्ड के समान वेग से एक निश्चित दिशा में चल रही है। यह ग्राफ समय अक्ष के समान्तर एक सरल रेखा है, जो यह दर्शाती है कि वस्तु का वेग सदैव 5 मीटर / सेकण्ड बना रहता है। इस प्रकार एकसमान वेग से गतिमान वस्तु का समय- वेग ग्राफ, समय अक्ष के समान्तर सरल रेखा के रूप में होता है।

(ii) एकसमान त्वरित गति यदि किसी वस्तु के वेग में समान समयान्तरालों में समान परिवर्तन होता है तो वस्तु की गति एकसमान त्वरित गति कहलाती है। चित्र 8.36 में मुक्त रूप से गिरते हुए पत्थर का वेग समय ग्राफ प्रदर्शित है।
JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 8 गति 12
इसमें पत्थर का वेग प्रति सेकण्ड 9.8 मीटर / सेकण्ड बढ़ता रहता है, अर्थात् वस्तु की गति में त्वरण 9.8 मीटर / सेकण्ड² है। यह ग्राफ एक झुकी हुई सरल रेखा के रूप में प्राप्त होता है, जो दर्शाता है कि वस्तु की गति, एकसमान त्वरित गति है।

(iii) असमान त्वरित गति – यदि किसी वस्तु के वेग में समान समयान्तरालों में असमान परिवर्तन होते हैं, तब वस्तु की गति असमान त्वरित गति कहलाती है। चित्र 8.37 में किसी शहर में एक कार की गति का वेग समय ग्राफ दिया गया है। इसमें कार का वेग घटता बढ़ता है। यह ग्राफ टेढ़े-
JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 8 गति 13
मेढ़े वक्र के रूप में प्राप्त होता है, जो यह दर्शाता है कि कार की गति असमान त्वरित गति है।

प्रश्न 12.
वेग- समय ग्राफ से त्वरण ज्ञात करने की विधि उदाहरण सहित समझाइए।
उत्तर:
वेग-समय ग्राफ से त्वरण ज्ञात करना – चित्र 8.38 में किसी वस्तु का वेग समय ग्राफ दिखाया गया है। ग्राफ से स्पष्ट है कि वेग समान दर बढ़ रहा है।

किसी वस्तु का त्वरण ज्ञात करने के दो बिन्दु A व B लेते हैं। माना A पर t1 समय पर वेग v1 तथा बिन्दु B पर t2 समय पर वेग v2 है।
अतः
JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 8 गति 14
वेग परिवर्तन = v2 – v1 = BC
तथा समयान्तराल = t2 – t1 = AC
JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 8 गति 15
इस प्रकार, किसी गतिमान वस्तु का त्वरण, उनके वेग-समय ग्राफ के ढाल के बराबर होता है।

आंकिक प्रश्न

प्रश्न 1.
कोई कार एकसमान रूप से त्वरित होकर 5 सेकण्ड में 18 किमी / घण्टा से 36 किमी / घण्टा की गति प्राप्त करती है। ज्ञात कीजिए-
(i) त्वरण
(ii) उतने समय में कार द्वारा तय दूरी।
हल:
दिया है u = 18 किमी / घण्टा
= 18 × \(\frac {5}{18}\)
= 5 मीटर/सेकण्ड
v = 36 किमी / घण्टा = 36 × \(\frac {5}{18}\) = 10 मीटर / सेकण्ड
t = 5 सेकण्ड, a = ?. s = ?
(i) त्वरण a = \(\frac{v-u}{t}=\frac{10-5}{5}=\frac{5}{5}\) = 1 मीटर/सेकण्डर

(ii) तय दूरी v2 – u2 = 2as से,
अतः तय दूरी s = \(\frac{100-25}{2}=\frac{75}{2}\) = 37.5 मीटर।

प्रश्न 2.
किसी कार पर ब्रेक लगाने से वह गति की विपरीत दिशा में 6 मीटर/सेकण्ड’ का त्वरण उत्पन्न करती है। यदि कार ब्रेक लगाये जाने के बाद रुकने में 2 सेकण्ड का समय लेती है तो उतने समय में तय की गई दूरी की गणना कीजिए ।
हल:
दिया है a = -6 मीटर / सेकण्ड2, रुकने पर v = 0 तथा t = 2 सेकण्ड
माना कि ब्रेक लगाने के समय कार का वेग u है तो
सूत्र v = u + at से, 0 = u + (-6) × 2
या u = 6 × 2 = 12 मीटर / सेकण्ड
अब इस बीच तय दूरी
s = ut+ \(\frac {1}{2}\) at2 = 12 × 2 + \(\frac {1}{2}\) (-6) × 22
= 24 – 3 × 4 – 12
अतः रुकने तक कार 12 मीटर की दूरी तय करती है।

प्रश्न 3.
कोई वस्तु 2 मीटर/सेकण्ड के वेग से 5 सेकण्ड तक चलती है। अगले 5 सेकण्ड में एकसमान त्वरण के कारण उसका वेग बढ़कर 10 मीटर / सेकण्ड हो जाता है। इसके बाद इस वस्तु का वेग एकसमान रूप से कम होता है। और वस्तु 10 सेकण्ड में विराम अवस्था में आ जाती है तो
(a) इस वस्तु की गति के लिए वेग समय तथा दूरी – समय ग्राफ खींचिए।
(b) ग्राफ में वह भाग दिखाइए जहाँ गति एकसमान है तथा जहाँ असमान है।
(c) ग्राफ से वस्तु द्वारा प्रारम्भ से 2 सेकण्ड बाद, 12 सेकण्ड बाद तथा अन्तिम 10 सेकण्ड में तय की गई दूरी ज्ञात कीजिए।
हल:
(a) वेग-समय ग्राफ –
पैमाना – समय-अक्ष, 1 सेमी = 2 सेकण्ड
वेग- अक्ष, 1 सेमी = 2 मीटर / सेकण्ड
JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 8 गति 16
प्रथम 5 सेकण्ड में वस्तु का वेग अचर 2 मीटर / सेकण्ड है; अत: t = 0 सेकण्ड से t = 5 सेकण्ड तक ग्राफ समय अक्ष के समान्तर सरल रेखा होगी जो वेग अक्ष को 2 मीटर / सेकण्ड पर काटता है। t = 5 सेकण्ड से t = 10 सेकण्ड के बीच वेग 2 मीटर/सेकण्ड से एकसमान त्वरण से बढ़कर 10 मीटर / सेकण्ड हो जाता है। अतः यहाँ ग्राफ बिन्दुओं B (5, 2) तथा C ( 10, 10) को मिलाने वाली सरल रेखा होगी। तीसरे भाग में ग्राफ बिन्दुओं C ( 10, 10) तथा D (20,0 ) को मिलाने वाली सरल रेखा होगी।

दूरी – समय ग्राफ – दूरी – समय ग्राफ खींचने के लिए सर्वप्रथम हमें विभिन्न समयों पर वस्तु द्वारा तय की गई दूरियाँ ज्ञात करनी होंगी।
प्रथम भाग में, पहले 5 सेकण्ड के लिए वस्तु का वेग 2 मीटर / सेकण्ड है; अतः इस भाग में तय दूरी,
S1 = vt = 2 मीटर/सेकण्ड x 5 सेकण्ड = 10 मीटर
अतः t = 5 सेकण्ड पर s = 10 मीटर।
अगले 5 सेकण्ड की गति के लिए, प्रारम्भिक वेग u = 2 मीटर / सेकण्ड v = 10 मीटर / सेकण्ड = 5 सेकण्ड।
समीकरण v = u + at से,
त्वरण a = \(\frac{v-u}{t}=\frac{10-2}{5}=\frac{8}{5}\)
a = 1.6 मीटर / सेकण्ड2
समीकरण s = ut + \(\frac {1}{2}\) at2 से,
इस दौरान तय दूरी –
s = 2 × 5 + \(\frac {1}{2}\) x 1.6 (5)2 = 10 + 20 = 30 मीटर
∴ प्रथम 10 से. में तय दूरी s = प्रथम 5 से. में तय दूरी + 30 = 10 + 30 = 40 मीटर
अतः इस भाग के लिये = 5 + 5 = 10 से. पर s = 40 मी.
अन्तिम 10 से. की गति लिये, प्रारम्भिक वेग u = 10 मी / से. v = 0 t = 10, सेकण्ड; v = u + at से
इस भाग का त्वरणं a = \(\frac{v-u}{t}=\frac{0-10}{10}\) = -1 मी / से2
समी. s = ut + \(\frac {1}{2}\) at2 से
s = 10 × 10 + \(\frac {1}{2}\) (-1) × 102 = 100 – 50 = 50 मीटर
∴ 20 सेकण्ड में तय कुल दूरी = 40 + 50 = 90 मीटर
अतः अन्तिम भाग के लिए t=10 + 10 = 20 सेकण्ड पर 90 मीटर।
इस प्रकार हमें निम्न सारणी प्राप्त होती है –

समय (सेकण्ड में) 0 5 10 20
दूरी s (मीटर में) 0 10 40 90

उपर्युक्त आँकड़ों के आधार पर वस्तु का दूरी-ग्राफ नीचे दिया गया है।
JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 8 गति 17
पैमाना –
समय – अक्ष 1 सेमी = 2 सेकण्ड
दूरी – अक्ष 1 सेमी = 20 मीटर
वेग- समय ग्राम में, भाग AB एकसमान गति को तथा भाग BC व CD असमान गति को प्रदर्शित करते हैं।

(b) दूरी-वेग समय ग्राफ में, भाग OA एकसमान गति को तथा भाग AB व BC असमान गति को प्रदर्शित करते हैं।

(c) दूरी – समय – ग्राफ से, 12 सेकण्ड बाद तय दूरी के लिए t = 2 सेकण्ड पर समय- अक्ष के लम्बवत् रेखा खींची जो ग्राफ को बिन्दु P पर काटती है। बिन्दु P से दूरी-अक्ष के लम्बवत् रेखा खींची जो दूरी-अक्ष को बिन्दु Q पर काटती है। बिन्दु Q के संगत दूरी अक्ष पर दूरी = 4 मीटर।
∴ t = 2 सेकण्ड बाद तय दूरी = 4 मीटर ।
इसी प्रकार, = 12 सेकण्ड बाद तय दूरी = 58 मीटर।
इसी प्रकार, प्रथम 10 सेकण्ड में तय दूरी = 40 मीटर (बिन्दु B)
तथा कुल 20 सेकण्ड में तय दूरी = 90 मीटर ( बिन्दु C )
∴ अन्तिम 10 सेकण्ड में तय दूरी = 90 मीटर 40 मीटर = 50 मीटर ।

प्रश्न 4.
संलग्न चित्र – 8.41 में प्रदर्शित चाल – समय ग्राफ से ज्ञात कीजिए –
(i) वस्तु की प्रारम्भिक चाल
(ii) 6 सेकण्ड में वस्तु द्वारा चली गई दूरी
(iii) वस्तु का त्वरण।
JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 8 गति 18
हल:
(i) वस्तु की प्रारम्भिक चाल = 2.5 मीटर/सेकण्ड ।

(ii) 6 सेकण्ड में वस्तु द्वारा चली गई दूरी = चाल × समय
= (7.5 – 2.5 ) मीटर / सेकण्ड × 6 सेकण्ड
= 5 × 6 मीटर = 30 मीटर
JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 8 गति 18a
\(\frac {5}{6}\) मीटर/सेकण्ड2
= 0.83 मीटर / सेकण्ड2

JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 8 गति

प्रश्न 5.
संलग्न चित्र 8.42 में किसी गतिशील पिण्ड का वेग-समय ग्राफ प्रदर्शित है। ज्ञात कीजिए –
(i) प्रथम 10 सेकण्ड में चली गई दूरी
(ii) 15वें सेकण्ड पर पिण्ड का त्वरण
(iii) 20 से 25 सेकण्ड के बीच त्वरण।
JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 8 गति 19
हल:
(i) प्रथम 10 सेकण्ड में चली गई दूरी
= समकोण ∆OAD का क्षेत्रफल
= \(\frac {1}{2}\) × OD × AD
= \(\frac {1}{2}\) × (10 – 0) सेकण्ड × (30 × 0) मीटर/सेकण्ड = 150 मीटर।
(ii) 15वें सेकण्ड पर त्वरण शून्य होगा; क्योंकि वेग – परिवर्तन शून्य है।

(iii) 20 से 25 सेकण्ड के बीच त्वरण
JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 8 गति 20
= – \(\frac {30}{5}\)
= – 6 मीटर / सेकण्ड2

प्रश्न 6.
कोई जलयान 56 किलोमीटर/घण्टा की चाल से चल रहा है। 1 सेकण्ड के पश्चात् उसकी चाल 58 किलोमीटर / घण्टा हो जाती है। उसका त्वरण ज्ञात कीजिए।
हल:
दिया है : जलयान का प्रारम्भिक वेग (4) = 56 किलोमीटर/घण्टा,
जलयान का अन्तिम वेग (v) = 58 किलोमीटर/घण्टा
समय (t) = 1 सेकण्ड = \(\frac {1}{3600}\) घण्टा
जलयान का त्वरण (a) =
JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 8 गति 21
=  \(\frac {5}{9}\)मीटर / सेकण्ड2
= 0.56 मीटर / सेकण्ड2

प्रश्न 7.
10 सेकण्ड में एक कार का वेग 36 किमी / घण्टा से 72 किमी/घण्टा हो जाता है। कार का त्वरण ज्ञात कीजिए।
हल:
दिया है कार प्रारिम्भक वेग (u) = 36 किमी / घण्टा
= \(\frac{36 \times 1000}{60 \times 60}\) मीटर/सेकण्ड
= 10 मीटर / सेकण्ड
तथा कार का अन्तिम वेग (v) = 72 किमी / घण्टा
= \(\frac{72 \times 1000}{60 \times 60}\)
= 20 ‘मीटर/सेकण्ड
अतः कार का त्वरण (a) =
JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 8 गति 22
= 1 मीटर / सेकण्ड2

प्रश्न 8.
एक गोली 90 मीटर / सेकण्ड के वेग से लक्ष्य से टकराकर 0.3 सेकण्ड में रुक जाती है। गोली का मन्दन ज्ञात कीजिए।
हल:
दिया है : u = 90 मीटर / सेकण्ड, v = 0, t = 0.3 सेकण्ड a = ?
समीकरण v = u + at से,
0 = 90 + a × 0.3
अतः गोली का मन्दन (a) = – \(\frac{90}{0.3}\)
= – 300 मीटर / सेकण्ड2

JAC Class 11 Political Science Important Questions Chapter 10 संविधान का राजनीतिक दर्शन 

Jharkhand Board JAC Class 11 Political Science Important Questions Chapter 10 संविधान का राजनीतिक दर्शन Important Questions and Answers.

JAC Board Class 11 Political Science Important Questions Chapter 10 संविधान का राजनीतिक दर्शन

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. बताएँ कि निम्नलिखित में से कौन-सा अधिकार वैयक्तिक स्वतंत्रता का अंश है।
(क) अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
(ख) धर्म की स्वतंत्रता
(ग) अल्पसंख्यकों के सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकार
(घ) सार्वजनिक स्थलों पर बराबरी की पहुँच
उत्तर:
(क) अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता

2. बताएँ कि निम्नलिखित में से कौन-सा अधिकार वैयक्तिक स्वतंत्रता का अंश नहीं है।
(क) अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
(ख) अल्पसंख्यकों के सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकार
(ग) मनमानी गिरफ्तारी के विरुद्ध स्वतंत्रता
(घ) अंतरात्मा का अधिकार से किसके द्वारा हुआ है।
उत्तर:
(ख) अल्पसंख्यकों के सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकार

3. भारत के संविधान का अंगीकार निम्नलिखित में
(क) ब्रिटिश ताज के द्वारा
(ख) ब्रिटिश संसद के द्वारा
(ग) भारत के वायसराय के द्वारा
(घ) भारत के लोगों के द्वारा
उत्तर:
(घ) भारत के लोगों के द्वारा

4. संविधान के दर्शन का सर्वोत्तम सार-संक्षेप है।
(क) संविधान के मूल अधिकारों में
(ख) संविधान के नीति-निर्देशक तत्त्वों में
(ग) संविधान की प्रस्तावना में
(घ) संविधान के मूल कर्त्तव्यों में
उत्तर:
(ग) संविधान की प्रस्तावना में

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5. निम्नलिखित में से कौनसा कथन असत्य है।
(क) भारत में अदालतों और सरकारों के बीच संविधान की अनेक व्याख्याओं पर असहमति है।
(ख) केन्द्र और प्रादेशिक सरकारों के बीच मत – भिन्नता है।
(ग) राजनीतिक दल संविधान की विविध व्याख्याओं के आधार पर पूरे जोर-शोर से लड़ते हैं।
(घ) आम नागरिक संविधान के अंतर्निहित दर्शन में विश्वास नहीं करते हैं।
उत्तर:
(घ) आम नागरिक संविधान के अंतर्निहित दर्शन में विश्वास नहीं करते हैं।

6. निम्नलिखित में कौनसी भारतीय संविधान की सीमा नहीं है–
(क) भारतीय संविधान ने ‘असमतोल संघवाद’ जैसी अवधारणा को अपनाया है।
(ख) भारतीय संविधान में राष्ट्रीय एकता की धारणा बहुत केन्द्रीकृत है।
(ग) भारतीय संविधान में लिंगगत न्याय के कुछ महत्त्वपूर्ण मसलों विशेषकर परिवार से जुड़े मुद्दों पर ठीक से ध्यान नहीं दिया गया है।
(घ) कुछ बुनियादी सामाजिक-आर्थिक अधिकारों को राज्य के नीति-निर्देशक तत्त्व वाले खंड में डाल दिया गया है।
उत्तर:
(क) भारतीय संविधान ने ‘असमतोल संघवाद’ जैसी अवधारणा को अपनाया है।

7. निम्नलिखित में कौनसा कथन भारतीय संविधान की आलोचना से सम्बन्धित है।
(क) भारत के संविधान में अचल और लचीले संविधान दोनों की विशेषताओं का मिश्रण है
(ख) संविधान में भारतीय जनता की राष्ट्रीय पहचान पर निरंतर जोर दिया गया है।
(ग) भारतीय संविधान निर्मात्री सभा में सबकी नुमाइंदगी नहीं हो सकी है
(घ) भारत का संविधान एक धर्म – निरेपक्ष संविधान है।
उत्तर:
(ग) भारतीय संविधान निर्मात्री सभा में सबकी नुमाइंदगी नहीं हो सकी है

8. निम्नलिखित में से कौनसा कथन भारतीय संविधान की आलोचना से सम्बन्धित नहीं है।
(क) भारत का संविधान अस्त-व्यस्त है।
(ख) भारत का संविधान सामाजिक न्याय से जुड़ा है।
(ग) भारत का संविधान प्रतिनिधित्वपूर्ण नहीं है।
(घ) भारत का संविधान एक विदेशी दस्तावेज है।
उत्तर:
(ख) भारत का संविधान सामाजिक न्याय से जुड़ा है।

9. भारतीय संविधान की प्रक्रियात्मक उपलब्धि है।
(क) सर्वानुमति से फैसले लेने के प्रति संविधान सभा की दृढ़ता।
(ख) सार्वभौमिक मताधिकार के प्रति वचनबद्धता
(ग) धर्मनिरपेक्ष संविधान
(घ) व्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए प्रतिबद्धता
उत्तर:
(क) सर्वानुमति से फैसले लेने के प्रति संविधान सभा की दृढ़ता।

10. शांति का संविधान कहा जाता है।
(क) भारत के संविधान को
(ग) फ्रांस के पंचम गणतंत्र को
(ख) अमेरिका के संविधान को
(घ) जापान के संविधान को
उत्तर:
(घ) जापान के संविधान को

रिक्त स्थानों की पूर्ति करें

1. सन् 1947 के जापानी संविधान को बोलचाल में…………………… संविधान कहा जाता है।
उत्तर:
शांति

2. संविधान को अंगीकार करने का एक बड़ा कारण है- सत्ता को ……………………… होने से रोकना।
उत्तर:
निरंकुश

3. संविधान हमें गहरे सामाजिक बदलाव के लिए शांतिपूर्ण …………………….. साधन भी प्रदान करता है।
उत्तर:
लोकतांत्रिक

4. संविधान, कमजोर लोगों को उनका वाजिब ……………………… सामुदायिक रूप में हासिल करने की ताकत देता है।
उत्तर:
हक

5. भारत का संविधान स्वतंत्रता, …………………. लोकतंत्र, सामाजिक न्याय तथा राष्ट्रीय एकता के लिए प्रतिबद्ध है।
उत्तर:
समानता

निम्नलिखित में से सत्य / असत्य कथन छाँटिये

1. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हमारे संविधान का अभिन्न अंग है।
उत्तर:
सत्य
2. भारतीय संविधान शास्त्रीय उदारवाद से इस अर्थ में अलग है कि यह सामाजिक न्याय से जुड़ा है
उत्तर:
सत्य

3. भारतीय संविधान ने समुदायों को मान्यता न देकर सामुदायिक प्रतिद्वन्द्विता को समाप्त किया है
उत्तर:
असत्य

4. धर्म और राज्य के अलगाव का अर्थ भारत में पारस्परिक निषेध है।
उत्तर:
असत्य

5. सार्वभौम मताधिकार का विचार भारतीय राष्ट्रवाद के बीज विचारों में एक है।
उत्तर:
सत्य

निम्नलिखित स्तंभों के सही जोड़े बनाइये

1. शांति संविधान (क) राष्ट्रीय एकता की धारणा बहुत केन्द्रीकृत
2. भारतीय संविधान की सीमा (ख) सार्वभौमिक मताधिकार
3. भारतीय राष्ट्रवाद का बीज विचार (ग) राज्य की धर्म से सिद्धान्तगत दूरी
4. मोतीलाल नेहरू रिपोर्ट (घ) जापान का संविधान
5. भारतीय धर्मनिरपेक्षता की विशेषता (ङ) सन् 1928

उत्तर:

1. शांति संविधान (घ) जापान का संविधान
2. भारतीय संविधान की सीमा (क) राष्ट्रीय एकता की धारणा बहुत केन्द्रीकृत
3. भारतीय राष्ट्रवाद का बीज विचार (ख) सार्वभौमिक मताधिकार
4. मोतीलाल नेहरू रिपोर्ट (ङ) सन् 1928
5. भारतीय धर्मनिरपेक्षता की विशेषता (ग) राज्य की धर्म से सिद्धान्तगत दूरी

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
संविधान में अन्तर्निहित दर्शन को समझना क्यों जरूरी है?
उत्तर:
संविधान में अन्तर्निहित नैतिक तत्त्व को जानने और उसके दावे के मूल्यांकन तथा शासन-व्यवस्था के मूल- मूल्यों की अलग-अलग व्याख्याओं को एक कसौटी पर जांच कर सकने के लिए संविधान में अन्तर्निहित दर्शन को समझना जरूरी है।

प्रश्न 2.
भारतीय संविधान की किन्हीं दो मूलभूत विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
भारतीय संविधान की दो मूलभूत विशेषताएँ ये हैं।

  1. व्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए प्रतिबद्ध संविधान।
  2. सामाजिक न्याय से जुड़ा संविधान।

प्रश्न 3.
संविधान के प्रति राजनैतिक दर्शन के नजरिये से हमारा क्या आशय है?
उत्तर:
इसमें तीन बातें शामिल हैं।

  1. संविधान की अवधारणाओं की व्याख्या,
  2. अवधारणाओं की इन व्याख्याओं से मेल खाती समाज व शासन व्यवस्था की तस्वीर तथा
  3. शासन व्यवस्था के सम्बन्ध में अलग-अलग व्याख्याओं की जांच की एक कसौटी का होना।

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प्रश्न 4.
संविधान के प्रति राजनैतिक दर्शन का नजरिया अपनाना क्यों आवश्यक है?
उत्तर:
संविधान के अन्तर्निहित नैतिक तत्त्व को जानने और उसके दावे के मूल्यांकन के लिए संविधान के प्रति राजनैतिक दर्शन का नजरिया अपनाने की जरूरत है।

प्रश्न 5.
एक अच्छे संविधान की क्या आवश्यकता है? कोई दो कारण लिखिये।
उत्तर:

  1. एक अच्छे संविधान की आवश्यकता का सबसे बड़ा कारण है। सत्ता को निरंकुश होने से रोकना।
  2. इसका दूसरा कारण यह है कि संविधान हमें गहरे सामाजिक बदलाव के लिए शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक साधन भी प्रदान करता है।

प्रश्न 6.
एक राजनीति के विद्यार्थी के लिए संविधान निर्माताओं के सरोकार और मंशा को जानना क्यों जरूरी है?
उत्तर:
जब संवैधानिक व्यवहार को चुनौती मिले, खतरा मंडराये या उपेक्षा हो तब इन व्यवहारों के मूल्य और अर्थ को समझने के लिए संविधान निर्माताओं के सरोकार और मंशा को जानना जरूरी है।

प्रश्न 7.
भारत के संविधान का राजनीतिक दर्शन क्या है?
उत्तर:
भारत के संविधान का राजनीतिक दर्शन स्वतंत्रता, समानता, लोकतंत्र, सामाजिक न्याय तथा राष्ट्रीय एकता के लिए प्रतिबद्धता का है।

प्रश्न 8.
भारत का संविधान व्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए प्रतिबद्ध है। इसमें निहित किन्हीं तीन स्वतंत्रताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:

  1. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
  2. मनमानी गिरफ्तारी के विरुद्ध स्वतंत्रता
  3. अंतरात्मा का अधिकार।

प्रश्न 9.
भारतीय संविधान का उदारवाद शास्त्रीय उदारवाद से किन दो बातों में भिन्न है?
उत्तर:
शास्त्रीय उदारवाद सामाजिक न्याय और सामुदायिक जीवन मूल्यों के ऊपर हमेशा व्यक्ति को तरजीह देता है, जबकि भारतीय संविधान के उदारवाद सामाजिक न्याय और सामुदायिक जीवन मूल्यों को व्यक्ति के ऊपर तरजीह देता है।

प्रश्न 10.
हमारा संविधान सामाजिक न्याय से जुड़ा है। इसका कोई एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
हमारा संविधान सामाजिक न्याय से जुड़ा है। इसका सर्वोत्तम उदाहरण है। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण का प्रावधान।

प्रश्न 11.
समाज के विभिन्न समुदायों के बीच बराबरी का रिश्ता कायम करने तथा उन्हें उदार बनाने के लिए पश्चिमी राष्ट्रों के संविधानों में क्या किया गया है?
उत्तर:
समाज के विभिन्न समुदायों के बीच बराबरी का रिश्ता कायम करने तथा उन्हें उदार बनाने के लिए पश्चिमी राष्ट्रों के संविधानों ने इन समुदायों को मान्यता न देकर किया है।

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प्रश्न 12.
भारतीय संविधान में समुदायों के बीच बराबरी के रिश्ते को बढ़ावा देने के लिए क्या रास्ता अपनाया है? उत्तर- भारतीय संविधान ने समुदाय आधारित अधिकारों को मान्यता देकर इनके बीच बराबरी के रिश्ते को बढ़ावा दिया है, जैसे- धार्मिक समुदाय का अपनी शिक्षा संस्था स्थापित करने और चलाने का अधिकार।

प्रश्न 13.
मुख्य धारा की पश्चिमी धारणा में धर्मनिरपेक्षता को किस रूप में देखा गया है?
उत्तर:
मुख्य धारा की पश्चिमी धारणा में व्यक्ति की स्वतंत्रता और व्यक्ति की नागरिकता से संबंधित अधिकारों की रक्षा के लिए धर्मनिरपेक्षता को धर्म और राज्य के पारस्परिक निषेध के रूप में देखा गया है।

प्रश्न 14.
धर्म और राज्य के पारस्परिक निषेध से क्या आशय है?
उत्तर:
धर्म और राज्य के ‘पारस्परिक निषेध’ शब्द का आशय है– धर्म और राज्य दोनों एक-दूसरे के क्षेत्र से अलग रहेंगे, एक-दूसरे के क्षेत्र में हस्तक्षेप नहीं करेंगे।

प्रश्न 15.
भारतीय संविधान में दी गई धर्मनिरपेक्षता पश्चिमी मॉडल से किस प्रकार भिन्न है?
उत्तर:
भारतीय संविधान की धर्मनिरपेक्षता का मॉडल पश्चिमी मॉडल से निम्न दो रूपों में भिन्न है।

  1. भारत में धार्मिक स्वतंत्रता का अर्थ व्यक्ति की निजी स्वतंत्रता न होकर व्यक्ति और समुदाय दोनों की धार्मिक स्वतंत्रता से है।
  2. भारत में धर्म और राज्य के अलगाव का अर्थ पारस्परिक निषेध नहीं बल्कि राज्य की धर्म से सिद्धान्तगत दूरी

प्रश्न 16.
भारतीय संविधान की कोई दो केन्द्रीय विशेषताएँ बताइये।
उत्तर:

  1. भारतीय संविधान ने उदारवादी व्यक्तिवाद को एक नया रूप देकर उसे विकसित किया है।
  2. इसमें व्यक्तिगत स्वतंत्रता के साथ-साथ सामाजिक न्याय के सिद्धान्त को भी स्वीकार किया है।

प्रश्न 17.
अनुच्छेद 371 को जगह देकर भारतीय संविधान ने किस प्रकार के संघवाद की अवधारणा को अपनाया
उत्तर:
अनुच्छेद 371 को जगह देकर भारतीय संविधान ने ‘असमतोल संघवाद’ जैसी अवधारणा को अपनाया प्रश्न 18. भारतीय संविधान की दो प्रक्रियागत उपलब्धियों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
भारतीय संविधान की दो प्रक्रियागत उपलब्धियाँ ये हैं।

  1. संविधान निर्माण में स्वार्थों के स्थान पर तर्कबुद्धि पर बल दिया गया है।
  2. महत्त्वपूर्ण मुद्दे पर निर्णय सर्वानुमति से लिए गए हैं।

प्रश्न 19.
भारतीय संविधान की कोई दो आलोचनाएँ लिखिये।
उत्तर:

  1. भारतीय संविधान के निर्माण में जनता का प्रतिनिधित्व नहीं हो सका है।
  2. यह संविधान एक विदेशी दस्तावेज है।

प्रश्न 20.
भारतीय संविधान की कोई दो सीमाएँ बताइये।
उत्तर:

  1. भारतीय संविधान में राष्ट्रीय एकता की धारणा बहुत केन्द्रीकृत है।
  2. इसमें कुछ बुनियादी आर्थिक-सामाजिक अधिकारों को राज्य के नीति-निर्देशक तत्त्व वाले खंड में डाल दिया गया है।

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
भारतीय संविधान की प्रस्तावना में प्रस्तुत ‘ अवसर और प्रतिष्ठा की समानता’ से क्या आशय है?
उत्तर:
अवसर और प्रतिष्ठा की समानता: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में दिए गए ‘प्रतिष्ठा की समानता’ शब्द से आशय है कि भारत के सभी नागरिकों के साथ बिना किसी प्रतिष्ठा के भेदभाव के समाज में समान व्यवहार किया जायेगा। सभी नागरिक भारतीय समाज में समान हैं तथा सब पर कानून समान रूप से लागू होंगे। अवसर की समानता का आशय है कि सभी नागरिकों को अपने व्यक्तित्व के विकास के लिए समान अवसर प्राप्त होंगे। धर्म, जाति, वंश, लिंग, रंग तथा सम्पत्ति के आधार पर इसमें कोई भेद नहीं किया जायेगा।

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प्रश्न 2.
” औपनिवेशिक दासता में रहे लोगों के लिए संविधान राजनीतिक आत्मनिर्णय का उद्घोष और इसका पहला वास्तविक अनुभव है।” स्पष्ट कीजिये।
उत्तर:
संविधान राजनीतिक आत्मनिर्णय का उद्घोष है। औपनिवेशिक दासता में रह रहे लोगों के लिए संविधान सभा की मांग पूर्ण आत्मनिर्णय की सामूहिक मांग का प्रतिरूप है क्योंकि सिर्फ औपनिवेशिक देश की जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों से बनी संविधान सभा को ही बिना बाहरी हस्तक्षेप के उस देश का संविधान बनाने का अधिकार है। संविधान पहला वास्तविक अनुभव संविधान सभा सिर्फ जनप्रतिनिधियों अथवा योग्य वकीलों का जमावड़ा भर नहीं है बल्कि यह स्वयं में औपनिवेशिक राष्ट्र द्वारा अपने बनाए नए आवरण को पहनने की तैयारी भी है।

प्रश्न 3.
संविधान के महत्त्व को स्पष्ट कीजिये।
उत्तर:
संविधान के महत्त्व को निम्न प्रकार स्पष्ट किया गया है।

  1. संविधान शासन व्यवस्था के बुनियादी नियम प्रदान करता है।
  2. यह राज्य को निरंकुश बनने से रोकता है।
  3. संविधान हमें गहरे सामाजिक बदलाव के लिए शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक साधन भी प्रदान करता है।
  4. औपनिवेशिक दासता में रह रहे लोगों के लिए संविधान राजनीतिक आत्मनिर्णय का उद्घोष है तथा इसका पहला वास्तविक अनुभव भी।
  5. संविधान कमजोर लोगों को उनका वाजिब हक सामुदायिक रूप में हासिल करने की ताकत देता है।

प्रश्न 4.
भारतीय संविधान का राजनीतिक दर्शन क्या है?
उत्तर:
भारतीय संविधान का राजनीतिक दर्शन: भारतीय संविधान उदारवादी, लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष, संघवादी, सामुदायिक जीवन-मूल्यों का हामी, धार्मिक और भाषायी अल्पसंख्यकों तथा अधिकार – वंचित वर्गों की जरूरतों के प्रति संवेदनशील तथा एक सर्व सामान्य राष्ट्रीय पहचान बनाने को प्रतिबद्ध संविधान है। संक्षेप में, यह संविधान स्वतंत्रता, समानता, लोकतंत्र, सामाजिक न्याय तथा एक न एक किस्म की राष्ट्रीय एकता के लिए प्रतिबद्ध है। दूसरे, संविधान का जोर इस बात पर है कि उसके दर्शन पर शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से अमल किया जाये।

प्रश्न 5.
भारतीय संघवाद की ‘असमतोल संघवाद’ की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
असमतोल संघवाद: ‘असमतोल संघवाद’ से आशय है कि भारतीय संघ की विभिन्न इकाइयों की कानूनी हैसियत और विशेषाधिकार में महत्त्वपूर्ण अन्तर है। यहाँ कुछ इकाइयों की विशेष जरूरतों को ध्यान में रखते हुए संविधान की रचना में इन्हें विशेष दर्जा दिया गया है। उदाहरण के लिए, अनुच्छेद 371 के अन्तर्गत पूर्वोत्तर भारत के अनेक राज्यों को विशेष प्रावधानों का लाभ दिया गया है। भारतीय संविधान के अनुसार विभिन्न प्रदेशों के साथ इस असमान बर्ताव में कोई बुराई नहीं है।

प्रश्न 6.
” भारत में धर्म और राज्य के अलगाव का अर्थ राज्य की धर्म से सिद्धान्तगत दूरी है। ” स्पष्ट कीजिये।
उत्तर:
भारत में धर्म और राज्य के अलगाव का अर्थ पारस्परिक: निषेध नहीं बल्कि राज्य की धर्म से सिद्धान्तगत दूरी है। इसका आशय यह है कि राज्य सभी धर्मों से समान दूरी रखेगा लेकिन स्वतंत्रता, समता और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने के लिए वह किसी धर्म के मामले में हस्तक्षेप कर सकता है या वह किसी धार्मिक सम्प्रदाय को इस हेतु सहयोग कर सकता है।

प्रश्न 7.
भारतीय संविधान की चार प्रमुख विशेषताएँ बताइये।
उत्तर:
भारतीय संविधान की विशेषताएँ – भारतीय संविधान की अनेक विशेषताएँ हैं जिनमें से चार प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं।
1. व्यक्ति की स्वतंत्रता:
भारत का संविधान व्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए प्रतिबद्ध है। इसके अन्तर्गत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, मनमानी गिरफ्तारी के प्रति स्वतंत्रता तथा अन्य वैयक्तिक स्वतंत्रताएँ, जैसे- अन्तरात्मा का अधिकार आदि प्रदान किये गए भारतीय संविधान की यह विशेषता मजबूत उदारवादी नींव पर प्रतिष्ठित है।

2. सामाजिक न्याय तथा सामुदायिक जीवन:
मूल्यों का पक्षधर: भारत का संविधान सामाजिक न्याय से जुड़ा है। अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए आरक्षण का प्रावधान इसका सर्वोत्तम उदाहरण है। साथ ही भारतीय संविधान का उदारवाद सामुदायिक जीवन-मूल्यों का पक्षधर है । इसमें समुदाय आधारित अधिकारों को मान्यता दी गई है।

3. धर्मनिरपेक्षता:
भारतीय संविधान निर्माताओं ने पश्चिम की ‘पारस्परिक निषेध’ धर्मनिरपेक्ष अवधारणा की वैकल्पिक धारणा का विकास किया है। क्योंकि भारतीय संविधान में धार्मिक स्वतंत्रता का अर्थ व्यक्ति और समुदाय दोनों की धार्मिक स्वतंत्रता से है, न कि केवल व्यक्ति की निजी धार्मिक स्वतंत्रता का । दूसरे, भारत में धर्म और राज्य के अलगाव का अर्थ पारस्परिक निषेध नहीं बल्कि राज्य की धर्म से सिद्धान्तगत दूरी है।

4. सार्वभौम मताधिकार: भारतीय संविधान में सार्वभौम मताधिकार को अपनाया गया है। सार्वभौम मताधिकार का विचार भारतीय राष्ट्रवाद के बीज विचारों में एक है।

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प्रश्न 8.
भारतीय संविधान की सीमाओं को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारतीय संविधान की सीमाएँ: भारतीय संविधान की प्रमुख सीमाएँ निम्नलिखित हैं।

  1. केन्द्रीकृत राष्ट्रीय एकता की धारणा: भारतीय संविधान में राष्ट्रीय एकता की धारणा बहुत केन्द्रीकृत है।
  2. लिंगगत न्याय की उपेक्षा: भारतीय संविधान में लिंगगत न्याय के कुछ महत्त्वपूर्ण मसलों खासकर परिवार से जुड़े मुद्दों पर ठीक से ध्यान नहीं दिया गया। इसमें परिवार की सम्पत्ति के बंटवारे में पुत्र और पुत्री के बीच असमान अधिकार दिये गये हैं।
  3. सामाजिक-आर्थिक अधिकारों को नीति-निर्देशक तत्त्वों का हिस्सा बनाना भारत जैसे विकासशील देश में कुछ बुनियादी सामाजिक-आर्थिक अधिकारों को मौलिक अधिकारों का अभिन्न हिस्सा बनाने के बजाय उसे राज्य के नीति-निर्देशक खंड में डालकर उपेक्षित कर दिया है क्योंकि इन अधिकारों को लागू करने के लिए नागरिक न्यायालय में वाद दायर नहीं कर सकते।

प्रश्न 9.
प्रस्तावना में दिये गये भारतीय संविधान के उद्देश्यों का वर्णन कीजिये।
उत्तर:
भारतीय संविधान की प्रस्तावना के उद्देश्य: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में उल्लिखित प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं।

  1. न्याय: सामाजिक, आर्थिक व राजनैतिक न्याय।
  2. स्वतंत्रता विचार: अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म एवं पूजा की स्वतंत्रता।
  3. समानता: प्रतिष्ठा और अवसर की समानता।
  4. बंधुता: व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता सुनिश्चित करने वाली बंधुता।

प्रश्न 10.
भारत के संविधान की प्रस्तावना में दिये गये ‘हम भारत के लोग’ शब्द से क्या आशय है?
उत्तर:
हम भारत के लोग;
प्रस्तावना के ‘हम भारत के लोग शब्द से यह अभिप्राय है कि भारत के संविधान को महान व्यक्तियों के एक एक समूह ने नहीं प्रदान किया है, बल्कि इसकी रचना और इसका अंगीकार ‘हम भारत के लोग’ के द्वारा हुआ है। इस तरह जनता स्वयं अपनी नियति की नियंता है और लोकतंत्र का एक साधन है जिसके सहारे लोग अपने वर्तमान और भविष्य को आंकार देते हैं । आज प्रस्तावना के इस उद्घोष को पचास साल से ज्यादा हो चुके हैं। अनेक व्याख्याओं, असहमतियों, मत – विभिन्नताओं के चलते हुए भी पिछले पचास वर्षों से हर कोई संविधान के इस अन्तर्निहित दर्शन में विश्वास रखते हुए चलता आया है, वह यह है कि यह संविधान हम सब भारतवासियों का और भारतवासियों के लिए है।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
संविधान के दर्शन का क्या आशय है? इसको समझना क्यों जरूरी है?
उत्तर:
संविधान के दर्शन से आशय: कानून और नैतिक मूल्य के बीच गहरा संबंध है। संविधान कानूनों का एक ऐसा दस्तावेज है जिसके पीछे नैतिक दृष्टि काम कर रही है। संविधान के कानूनों में निहित यही नैतिक व राजनैतिक दृष्टि संविधान का राजनैतिक दर्शन है। इसमें निम्नलिखित तीन बातें शामिल हैं-

1. अवधारणाएँ: संविधान कुछ अवधारणाओं के आधार पर बना है। इन अवधारणाओं की व्याख्या हमारे लिए आवश्यक है। कुछ प्रमुख अवधारणाएँ ये हैं। अधिकार, नागरिकता, अल्पसंख्यक, लोकतंत्र आदि।

2. आदर्श: संविधान का निर्माण जिन आदर्शों की नींव पर हुआ है, उन आदर्शों पर हमारी गहरी पकड़ होनी चाहिए अर्थात् हमारे सामने एक ऐसे समाज और शासन व्यवस्था की तस्वीर साफ-साफ होनी चाहिए जो संविधान की मूल अवधारणाओं की हमारी व्याख्या से मेल खाती हो।

3. संविधान सभा की बहसों में निहित तर्क:
भारतीय संविधान को संविधान सभा की बहसों के साथ जोड़कर पढ़ा जाना चाहिए ताकि सैद्धान्तिक रूप से हम यह बता सकें कि ये आदर्श कहां तक और क्यों ठीक हैं तथा आगे उनमें कौनसे सुधार किये जा सकते हैं। किसी मूल्य को यदि हम संविधान की बुनियाद बताते हैं, तो हमारे लिए यह बताना जरूरी हो जाता है कि यह मूल्य सही और सुसंगत क्यों है? संविधान निर्माताओं ने जब भारतीय राजनीतिक व्यवस्था में किसी खास मूल्य-समूह को अपनाया तो ऐसा इसलिए हो सका क्योंकि उनके पास इस मूल्य समूह के जायज ठहराने के लिए कुछ तर्क मौजूद थे।

ये तर्क भी संविधान के अन्तर्निहित दर्शन से संबंधित हैं। उपर्युक्त विवेचन से स्पष्ट होता है कि भारतीय संविधान के अन्तर्निहित दर्शन के अन्तर्गत मुख्यतः संविधान की अवधारणाओं की व्याख्या, संविधान के आदर्श तथा इन आदर्शों का औचित्य ठहराने के लिए संविधान सभा में दिये गए तर्क आते हैं।

संविधान के अन्तर्निहित दर्शन को समझना आवश्यक है संविधान के अन्तर्निहित दर्शन को जानने और उसके दावे के मूल्यांकन के लिए संविधान के प्रति राजनीतिक दर्शन का दृष्टिकोण अपनाना आवश्यक है ताकि हम अपनी शासन व्यवस्था के बुनियादी मूल्यों की अलग-अलग व्याख्याओं को एक कसौटी पर जांच सकें। दूसरे शब्दों में संविधान की शासन व्यवस्था के बुनियादी मूल्यों की अलग-अलग व्याख्याओं को एक कसौटी पर जांचने के लिए संविधान के अन्तर्निहित दर्शन को समझना आवश्यक है।

आदर्शों को मिलने वाली चुनौतियाँ व विविध व्याख्याएँ; आज संविधान के बहुत से आदर्शों को अनेक रूप में चुनौती मिल रही है। यथा

  • इन आदर्शों पर बार-बार न्यायालयों में तर्क-वितर्क होते हैं। विधायिका, राजनीतिक दल, मीडिया, स्कूल तथा विश्वविद्यालयों में इन पर विचार-विमर्श होता है, बहस चलती है और इन पर सवाल उठाये जाते हैं।
  • इन आदर्शों की व्याख्या अलग-अलग ढंग से की जाती है और कभी-कभी अल्पकालिक क्षुद्र स्वार्थी के लिए इनके साथ चालबाजी भी की जाती है।
  • परीक्षा की आवश्यकता: उपर्युक्त कारणों से इस बात की परीक्षा की आवश्यकता होती है कि।
    1. संविधान के आदर्शों और अन्य हलकों में इन आदर्शों की अभिव्यक्ति के बीच कहीं कोई गंभीर खाई तो नहीं
    2. विभिन्न संस्थाओं द्वारा इन आदर्शों की की जाने वाली अलग-अलग व्याख्याओं की तुलना की जाये। अलग- अलग व्याख्याओं के कारण इन व्याख्याओं के बीच विरोध पैदा होता है। यहां यह जांचने की जरूरत आ पड़ती है कि कौनसी व्याख्या सही है। इस जांच-परख में संविधान के दर्शन का प्रयोग एक कसौटी के रूप में किया जाना चाहिए। अतः स्पष्ट है कि शासन-व्यवस्था के बुनियादी मूल्यों की अलग-अलग व्याख्याओं को जांचने के लिए एक कसौटी के रूप में संविधान के दर्शन को जानना अति आवश्यक।

JAC Class 11 Political Science Important Questions Chapter 10 संविधान का राजनीतिक दर्शन

प्रश्न 2.
भारतीय संविधान की मूलभूत विशेषताएँ क्या हैं?
अथवा
भारतीय संविधान की केन्द्रीय विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए।
अथव
भारतीय संविधान की आधारभूत महत्त्व की उपलब्धियों की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
भारतीय संविधान की मूलभूत विशेषताएँ
अथवा
भारतीय संविधान की आधारभूत महत्त्व की उपलब्धियाँ: भारतीय संविधान की मूलभूत या केन्द्रीय विशेषताओं तथा उसकी आधारभूत महत्त्व की उपलब्धियों को निम्नलिखित बिन्दुओं के अन्तर्गत स्पष्ट किया गया है।
1. लोकतंत्र:
भारतीय संविधान के दर्शन का प्रमुख आधारभूत तत्त्व लोकतंत्र है। भारतीय जनता लोकतंत्र को बहुत अधिक महत्त्व देती है। यही कारण है कि यहाँ राजनैतिक तथा सामाजिक क्षेत्रों में लोकतंत्र को अपनाया गया है। संविधान न केवल राजनैतिक लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्ध है, बल्कि उसमें नीति-निर्देशक तत्त्वों के माध्यम से सामाजिक- आर्थिक लोकतंत्र की स्थापना की रूपरेखा व नीतियाँ भी प्रस्तुत की गई हैं। संविधान में लोकतांत्रिक राजनैतिक संस्थाओं के गठन के प्रावधान किये गये हैं।

संघीय संसद, राज्यों की विधायिकाओं का गठन जनता के निर्वाचन द्वारा एक निश्चित अवधि के लिए किया जाता है तथा सरकारों को इन जन-प्रतिनिधियों के प्रति उत्तरदायी बनाया गया है। इस प्रकार संविधान में लोकतंत्र को अपनाने के पीछे यही दर्शन रहा है कि समस्त निर्णय जो जनता को प्रभावित कर सकते हैं, जनता द्वारा लिये जाने चाहिए और ये निर्णय केवल बहुमत के आधार पर ही नहीं बल्कि जनमत तथा लोगों की बड़ी संख्या की स्वतंत्र सहमति पर आधारित होने चाहिए। इस प्रकार लोकतंत्र भारतीय संविधान के दर्शन का आधारभूत तत्त्व है।

2. समानता:
सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक समानता भी संविधान के दर्शन का आधारभूत तत्त्व है। संविधान में कहा गया है कि सभी नागरिक कानून के समक्ष समान हैं तथा सभी को कानून का समान संरक्षण मिलेगा। राज्य जाति, रंग, लिंग, प्रजाति और सम्पत्ति के आधार पर कोई भेदभावपूर्ण कानून नहीं बनायेगा। लेकिन सामाजिक रूप से शोषित और वंचित लोगों को समाज की मुख्य धारा में लाने तथा जीवन के प्रत्येक पक्ष में समानता लाने के लिए ऐसे वर्गों के लिए संविधान में कुछ विशेष प्रावधान किये गये हैं। ये विशेष प्रावधान भेदभाव को बढ़ावा नहीं देते हैं बल्कि ये व्यवहार में सामाजिक, आर्थिक तथा राजनीतिक समानता को स्थापित करने के सकारात्मक कदम हैं ।

3. व्यक्ति की स्वतंत्रता:
संविधान व्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए प्रतिबद्ध है। यह प्रतिबद्धता लगभग एक सदी तक निरंतर चली बौद्धिक और राजनैतिक गतिविधियों का परिणाम है। 19वीं सदी के प्रारंभ में भी राममोहन राय ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की काट-छांट का विरोध किया था तथा इस बात पर बल दिया कि राज्य के लिए यह जरूरी है कि वह अभिव्यक्ति की असीमित आजादी प्रदान करे। पूरे ब्रिटिश शासन के दौरान भारतीय प्रेस की आजादी की मांग निरन्तर उठाते रहे। इसीलिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता भारतीय संविधान का अभिन्न अंग है।

इसी तरह, मनमानी गिरफ्तारी के विरुद्ध नागरिकों को स्वतंत्रता दी गई है। इसके अतिरिक्त अन्य वैयक्तिक स्वतंत्रताएँ जैसे- अंतरात्मा का अधिकार, आदि इसमें प्रदान की गई हैं। ये व्यक्तिगत स्वतंत्रताएँ उदारवादी लोकतांत्रिक विचारधारा का अभिन्न अंग हैं। इससे स्पष्ट होता है कि भारतीय संविधान मजबूत उदारवादी नींव पर खड़ा है। यही कारण है कि संविधान द्वारा प्रदत्त मूल अधिकारों में व्यक्ति की स्वतंत्रताओं को अत्यधिक महत्त्व दिया गया है।

4. सामाजिक न्याय:
भारतीय संविधान योरोपीय शास्त्रीय परम्परा में उदारवादी नहीं है । शास्त्रीय उदारवाद जहाँ सामाजिक न्याय और सामाजिक मूल्यों के ऊपर हमेशा व्यक्ति को महत्त्व देता है, वहाँ भारत के संविधान का उदारवाद में व्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ-साथ सामाजिक न्याय और सामाजिक मूल्यों को भी महत्त्व दिया गया है। भारतीय संविधान का उदारवाद शास्त्रीय उदारवाद से दो मायनों में अलग है।

  • भारत का संविधान सामाजिक न्याय से जुड़ा है। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण का प्रावधान इसका सर्वोत्तम उदाहरण है।
  • संविधान के विशेष प्रावधानों के कारण ही अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए विधायिका में सीटों का आरक्षण तथा सरकारी नौकरियों में इन वर्गों को आरक्षण देना संभव हो सका है।

5. समुदाय आधारित अधिकारों तथा अल्पसंख्यकों के अधिकारों का सम्मान:
भारतीय संविधान का उदारवाद सामुदायिक जीवन-मूल्यों का पक्षधर है। भारतीय संविधान समुदायों के बीच बराबरी के रिश्ते को बढ़ावा देता है। भारतीय सामुदायिक जीवन-मूल्यों को खुले तौर पर स्वीकार करते हैं। इसके साथ ही भारत में अनेक सांस्कृतिक समुदाय हैं। यहाँ बहुत से भाषायी और धार्मिक समुदाय हैं। संविधान में समुदाय आधारित अधिकारों को मान्यता दी गई है। ऐसे ही अधिकारोंमें एक है। धार्मिक समुदाय का अपनी शिक्षा संस्था स्थापित करने और चलाने का अधिकार। सरकार ऐसी संस्थाओं को धन दे सकती है। इससे स्पष्ट होता है कि भारतीय संविधान धर्म को सिर्फ व्यक्ति का निजी मामला नहीं मानता।

6. धर्मनिरपेक्षता:
भारतीय संविधान एक धर्मनिरपेक्ष संविधान है। पश्चिमी विचारधारा में धर्मनिरपेक्षता को धर्म और राज्य के पारस्परिक निषेध के रूप में देखा गया है। इसका आशय यह है कि राज्य को न तो किसी धर्म की कोई मदद करनी चाहिए और न उसके कार्यों में हस्तक्षेप करना चाहिए। उसे धर्म से एक सम्मानजनक दूरी बनाए रखनी चाहिए। व्यक्ति की धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए यह आवश्यक है। राज्य को व्यक्ति के अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए चाहे उस व्यक्ति का धर्म कोई भी हो। भारतीय संविधान में धर्मनिरपेक्षता की अवधारणा पाश्चात्य धर्मनिरपेक्षता की अवधारणा से दो रूपों में भिन्न है।

  • भारत में धार्मिक स्वतंत्रता का अर्थ व्यक्ति और समुदाय दोनों की धार्मिक स्वतंत्रता से है। इसीलिए भारतीय संविधान सभी धार्मिक समुदायों को अपने शिक्षा संस्थान स्थापित करने और उन्हें चलाने का अधिकार प्रदान करता है।
  • भारत में धर्म और राज्य के अलगाव का अर्थ राज्य की धर्म से सिद्धान्तगत दूरी है, न कि पारस्परिक निषेध राज्य समाज में व्यक्ति की स्वतंत्रता, समता और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने के लिए अवसर के अनुकूल धर्म के मामले में हस्तक्षेप कर सकता है; वह धार्मिक संगठन द्वारा चलाए जा रहे शिक्षा संस्थान को धन भी दे सकता है।

7. सार्वभौम मताधिकार:
भारतीय संविधान सार्वभौम मताधिकार के प्रति वचनबद्ध है। भारतीय राष्ट्रवाद की धारणा में हमेशा एक ऐसी राजनीतिक व्यवस्था की बात विद्यमान रही है जो समाज के प्रत्येक सदस्य की इच्छा पर आधारित है। सार्वभौम मताधिकार का विचार भारतीय राष्ट्रवाद के बीज विचारों में एक है।

8. संघवाद:
भारतीय संविधान की एक अन्य विशेषता संघात्मक शासन व्यवस्था की स्थापना करना है। संविधान में संघात्मक व्यवस्था के प्रावधानों जैसे—संविधान की सर्वोच्चता, शक्तियों का केन्द्र तथा राज्यों की सरकारों के मध्य बँटवारा, स्वतंत्र न्यायपालिका आदि के साथ-साथ एक मजबूत केन्द्रीय सरकार के निर्माण की बात मानी गई है। एक तरफ तो संघवाद का झुकाव केन्द्र सरकार की मजबूती की ओर है दूसरी तरफ भारतीय संघ की विभिन्न इकाइयों की कानूनी हैसियत और विशेषाधिकार में महत्त्वपूर्ण अन्तर है।

इस प्रकार भारतीय संघवाद संवैधानिक रूप से असमतोल है। पूर्वोत्तर से संबंधित अनुच्छेद 371 को जगह देकर भारतीय संविधान ने असमतोल संघवाद जैसी अवधारणा को अपनाया। लेकिन भारतीय संविधान के अनुसार विभिन्न प्रदेशों के साथ इस असमान व्यवहार में कोई बुराई नहीं है।

9. राष्ट्रीय पहचान:
संविधान में समस्त भारतीय जनता की एक राष्ट्रीय पहचान पर निरंतर जोर दिया गया है। हमारी एक राष्ट्रीय पहचान का भाषा या धर्म के आधार पर बनी अलग- अलग पहचानों से कोई विरोध नहीं है । भारतीय संविधान में इन दो पहचानों के बीच संतुलन बनाने की कोशिश की गई है। फिर भी, किन्हीं विशेष परिस्थितियों में राष्ट्रीय पहचान को वरीयता प्रदान की गई है।

10. स्वतंत्र न्यायपालिका:
भारत के संविधान में स्वतंत्र न्यायपालिका की व्यवस्था की गई है। निष्पक्ष न्याय, नागरिकों के अधिकारों की रक्षा, संघ सरकार – राज्य सरकार व राज्य सरकारों के मध्य उत्पन्न विवादों को इसके माध्यम से दूर करने का प्रयास किया जाता है।

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प्रश्न 3.
भारतीय संविधान की क्या आलोचनाएँ की गई हैं? इसकी प्रमुख सीमाओं को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारतीय संविधान की आलोचना: भारतीय संविधान की कई आलोचनाएँ की गई हैं, इनमें से तीन प्रमुख आलोचनाएँ अग्रलिखित हैं।
1. भारतीय संविधान अस्त-व्यस्त: भारतीय संविधान की पहली आलोचना यह की जाती है कि यह संविधान अस्त- व्यस्त या ढीला-ढाला है। इसके पीछे यह धारणा काम करती है कि किसी देश का संविधान एक कसे हुए दस्तावेज के रूप में मौजूद होना चाहिए। लेकिन यह बात संयुक्त राज्य अमरीका जैसे देश के लिए भी सच नहीं है, जहां संविधान एक कसे हुए दस्तावेज के रूप में है। वास्तविकता यह है कि किसी देश का संविधान एक दस्तावेज तो होता ही है, लेकिन इसमें संवैधानिक हैसियत के अन्य दस्तावेजों को भी शामिल किया जाता है।

इससे यह संभव है कि कुछ महत्त्वपूर्ण संवैधानिक वक्तव्य व से नियम उस कसे हुए दस्तावेज से बाहर मिलें जिसे संविधान कहा जाता है। भारत में संवैधानिक हैसियत के ऐसे बहुत वक्तव्यों, ब्यौरों और कायदों को एक ही दस्तावेज के अन्दर समेट लिया गया है। जैस चुनाव आयोग और लोक सेवा आयोग सम्बन्धी प्रावधान भी भारत के संविधान के अंग हैं। इसलिए यह अमेरिका के संविधान की तरह एक कसा हुआ संविधान नहीं बन पाया है।

2. भारतीय संविधान निर्मात्री सभा समस्त जनता की प्रतिनिधि नहीं थी: भारतीय संविधान की दूसरी आलोचना संविधान सभा के प्रतिनिधित्व को लेकर की जाती है कि संविधान सभा के सदस्य जनता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित नहीं थे, वे प्रान्तों की विधानसभाओं द्वारा निर्वाचित थे। साथ ही संविधान सभा के सदस्य सीमित मताधिकार से चुने गये थे, न कि सार्वभौमिक मताधिकार से। इस दृष्टि से देखें तो स्पष्ट है कि हमारे संविधान में समस्त जनता का प्रतिनिधित्व नहीं हो सका है। लेकिन यदि प्रतिनिधित्व के दूसरे पक्ष ‘राय’ के आधार पर इस आलोचना का विश्लेषण करें तो हमारे संविधान में गैर- नुमाइंदगी नहीं दिखाई देती है।

क्योंकि संविधान सभा में लगभग हर किस्म की राय रखी गई। संविधान सभा की बहसों में बहुत से मुद्दे उठाये गए और बड़े पैमाने पर राय रखी गई । सदस्यों ने अपने व्यक्तिगत और सामाजिक सरोकार पर आधारित मसले ही नहीं बल्कि समाज के विभिन्न तबकों के सरोकारों और हितों पर आधारित मसले भी उठाये। अतः राय की दृष्टि से उक्त आलोचना भी पूर्णत: सही नहीं है। क्योंकि संविधान निर्माण के बाद हुए पहले आम चुनाव में संविधान सभा के सभी सदस्य निर्वाचित हुए।

3. यह संविधान भारतीय परिस्थितियों के अनुकूल नहीं है। भारतीय संविधान की एक अन्य आलोचना यह की जाती है कि यह एक विदेशी दस्तावेज है। इसका हर अनुच्छेद पश्चिमी संविधानों की नकल है और भारतीय जनता के सांस्कृतिक भावबोध से इसका मेल नहीं बैठता। संविधान सभा के भी बहुत से सदस्यों ने यह बात उठायी थी। लेकिन यह आलोचना भ्रामक है क्योंकि:

(i) अनेक भारतीयों ने चिंतन के आधुनिक तरीके को आत्मसात कर लिया है। इन लोगों के लिए पश्चिमीकरण अपनी परंपरा के विरोध का एक तरीका था। राममोहन राय ने इस प्रवृत्ति की शुरुआत की थी और आज भी यह प्रवृत्ति दलितों द्वारा जारी है।

(ii) जब पश्चिमी आधुनिकता का स्थानीय सांस्कृतिक व्यवस्था से टकराव हुआ तो एक किस्म की संकर संस्कृति उत्पन्न हुई। यह संकर-संस्कृति पश्चिमी आधुनिकता से कुछ लेने और कुछ छोड़ने की रचनात्मक प्रक्रिया का परिणाम थी। ऐसी प्रक्रिया को न तो पश्चिमी आधुनिकता में ढूंढा जा सकता है और न ही देशी परम्परा में। पश्चिमी आधुनिकता और देशी सांस्कृतिक व्यवस्था के संयोग से उत्पन्न इस बहुमुखी परिघटना में वैकल्पिक आधुनिकता का चरित्र है। इस तरह, जब हम अपना संविधान बना रहे थे तो हमारे मन में परंपरागत भारतीय और पश्चिमी मूल्यों के स्वस्थ मेल का भाव था । अतः यह संविधान सचेत चयन और अनुकूलन का परिणाम है, न कि नकल का।

भारतीय संविधान की सीमाएँ: भारतीय संविधान की प्रमुख सीमाएँ निम्नलिखित हैं।

  1. भारतीय संविधान में राष्ट्रीय एकता की धारणा बहुत केन्द्रीकृत है।
  2. इसमें लिंगगत न्याय के कुछ महत्त्वपूर्ण मसलों विशेषकर परिवार से जुड़े मुद्दों पर ठीक से ध्यान नहीं दिया गया है।
  3. यह बात स्पष्ट नहीं है कि एक गरीब और विकासशील देश में कुछ बुनियादी सामाजिक-आर्थिक अधिकारों को मौलिक अधिकारों का अभिन्न हिस्सा बनाने के बजाय उसे राज्य के नीति-निर्देशक तत्व वाले खंड में क्यों डाल दिया गया है। लेकिन संविधान की ये सीमाएँ इतनी गंभीर नहीं हैं कि ये संविधान के दर्शन के लिए ही खतरा पैदा कर दें।

JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि

Jharkhand Board JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि Important Questions and Answers.

JAC Board Class 9 Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

1. वह तरंग, जिसमें संपीडन और विरलन हैं, कहलाती है-
(a) अनुप्रस्थ तरंग
(b) अनुदैर्ध्य तरंग
(c) प्रकाश तरंग
(d) जल तरंग।
उत्तर:
(b) अनुदैर्ध्य तरंग।

2. तरंग के वेग v, तरंगदैर्ध्य (λ) तथा आवृत्ति n के बीच सम्बन्ध है-
(a) v = nλ
(b) λ = vn
(c) n = vλ
(d) n = λ/v।
उत्तर:
(a) v = nλ

3. अनुप्रस्थ तरंगें उत्पन्न की जा सकती हैं-
(a) ठोस व गैस में
(b) ठोस व द्रव में
(c) गैस व द्रव में
(c) ठोस, द्रव व गैस तीनों में।
उत्तर:
(b) ठोस व द्रव में।

4. अनुदैर्ध्य तरंग में माध्यम के कणों का कम्पन्न-
(a) तरंग की दिशा में होता है
(b) तरंग की दिशा के लम्बवत् होता है।
(c) कण कम्पन नहीं करते हैं
(d) तरंग की दिशा में 60° के कोण पर।
उत्तर:
(a) तरंग की दिशा में होता है।

5. ध्वनि की चाल अधिकतम होती है-
(a) वायु में
(b) ठोसों में।
(c) जल में
(d) जल व ठोस दोनों में।
उत्तर:
(b) ठोसों में

JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि

6. घड़ी की सुइयों में घण्टे वाली सुई का आवर्तकाल होता है-
(a) 1 घण्टे
(b) 24 घण्टे
(c) 12 घण्टे
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(c) 12 घण्टे।

7. एक तरंग की चाल 350 मी/से. तथा तरंगदैर्ध्य 50 सेमी है, तो तरंग की आवृत्ति होगी-
(a) 13500 प्रति सेकण्ड
(b) 700 प्रति सेकण्ड
(c) 400 प्रति सेकण्ड
(d) 300 प्रति सेकण्ड।
उत्तर:
(b) 700 प्रति सेकण्ड।

8. प्रति सेकण्ड समय में पूर्ण किए गए दोलनों की संख्या को कहते हैं-
(a) आयाम
(b) चाल
(c) आवर्तकाल
(d) आवृत्ति।
उत्तर:
(d) आवृत्ति।

9. कम्पन करती एक वस्तु का आवर्तकाल 0.02 सेकण्ड है, वस्तु के कम्पन की आवृत्ति होगी-
(a) 100 सेकण्ड
(b) 20 सेकण्ड1
(c) 50 सेकण्ड
(d) 1 सेकण्ड।
उत्तर:
(c) 50 सेकण्ड

10. घड़ी में सेकण्ड वाली सुई का आवर्तकाल होता है-
(a) 1 मिनट
(b) 1 घण्टा
(c) 12 घण्टे
(d) 24 घण्टे।
उत्तर:
(a) 1 मिनट।

11. श्रव्यता सीमा होती है-
(a) 200 Hz से 20000 Hz तक
(b) 20 Hz से 20000 Hz तक
(c) 2 Hz से 20 Hz तक
(d) 20000 Hz से अधिक।
उत्तर:
(b) 20Hz से 20000 Hz तक।

12. प्रतिध्वनि सुनने के लिए हमारे कान तक ध्वनि कम से कम कितने समय बाद पहुंचनी चाहिए?
(a) 0.1 सेकण्ड
(b) 0.5 सेकण्ड
(c) 1 सेकण्ड
(d) 2 सेकण्ड।
उत्तर:
(c) 1 सेकण्ड

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13. अल्ट्रासोनोग्राफी में प्रयुक्त तरंगों की आवृत्ति है-
(a) 20 हर्ट्ज
(b) 20 हर्ट्ज तक से कम
(c) 20 हर्ट्ज से 20000 हर्ट्ज तक
(d) 20000 हर्ट्ज से अधिक।
उत्तर:
(d) 20000 हर्ट्ज से अधिक।

14. आयाम का मात्रक है-
(a) मीटर
(b) मीटर / सेकण्ड
(c) हर्ट्ज
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(a) मीटर।

15. ध्वनि की निर्वात में चाल होती है-
(a) 3 x 108 मी/सेकण्ड
(b) 330 मीटर / सेकण्ड
(c) ध्वनि निर्वातु में नहीं चल सकती
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(c) ध्वनि निर्वात् में नहीं चल सकती।

रिक्त स्थान भरो-

  1. ध्वनि तब उत्पन्न होती है जब वस्तु ……………….. करती है।
  2. ध्वनि तरंगें ……………….. तरंगें होती हैं।
  3. ध्वनि संचरण के लिए ……………….. की आवश्यकता होती है।
  4. एकल आवृत्ति की ध्वनि को ……………….. कहते हैं।

उत्तर:

  1. कम्पन
  2. अनुदैर्ध्य
  3. माध्यम
  4. टोन।

सुमेलन कीजिए-

कॉलम ‘क’ कॉलम ‘ख’
1. चाल (क) 20 Hz से कम
2. ध्वनि का वेग (ख) दूरी/समय
3. अपश्रव्य ध्वनि (ग) 20 kHz से अधिक
4. पराश्रव्य ध्वनि (घ) तरंगदैर्ध्य x आवृत्ति

उत्तर:
1. (ख) दूरी/समय
2. (घ) तरंगदैर्ध्य x आवृत्ति
3. (क) 20 Hz से कम
4. (ग) 20 kHz से अधिक

सत्य / असत्य –

  1. शोर सुनने में कर्णप्रिय होता है।
  2. ध्वनि की चाल आर्द्रता बढ़ने पर बढ़ती है।
  3. ध्वनि का आयतन कोण हमेशा ध्वनि के परावर्तन कोण बड़ा होता है।
  4. तरंगदैर्ध्य का SI मात्रक हर्ट्ज होता है।

उत्तर:

  1. असत्य
  2. सत्य
  3. असत्य
  4. असत्य।

अति लघूत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
अनुप्रस्थ तरंगें किस प्रकार के माध्यम में उत्पन्न की जा सकती हैं?
उत्तर:
ठोसों में तथा द्रवों की सतह पर, जिनमें दृढ़ता होती है।

प्रश्न 2.
अनुदैर्ध्य तरंगें किस प्रकार के माध्यम में उत्पन्न की जा सकती हैं?
उत्तर:
ठोस, द्रव तथा गैस तीनों माध्यमों में।

प्रश्न 3.
जल में पत्थर फेंकने से जल की सतह पर उत्पन्न तरंगें किस प्रकार की होती हैं?
उत्तर:
अनुप्रस्थ तरंगें।

प्रश्न 4.
लोहे में उत्पन्न ध्वनि तरंगें किस प्रकार की होती हैं?
उत्तर:
अनुदैर्ध्य तरंगें।

प्रश्न 5.
वायु में उत्पन्न ध्वनि तरंगें किस प्रकार की होती हैं?
उत्तर:
अनुदैर्ध्य तरंगें।

प्रश्न 6.
किसी तार को दो खूँटियों के बीच तानकर लम्बाई के लम्बवत् खींचकर छोड़ दिया जाता है तो तार में उत्पन्न तरंग का नाम बताइए।
उत्तर:
अनुप्रस्थ तरंग।

प्रश्न 7.
अनुप्रस्थ तरंग के कारण जिस क्षण तालाब का जल ऊपर को उठता है, उस उठे भाग का क्या कहते हैं?
उत्तर:
श्रृंग (Crest)।

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प्रश्न 8.
अनुप्रस्थ तरंग के कारण जिस क्षण तालाब का जल नीचे की ओर दबा होता है, उस दबे भाग को क्या कहते हैं?
उत्तर:
गर्त (trough)।

प्रश्न 9.
अनुप्रस्थ तरंगों में दो क्रमागत शृंगों (दो क्रमागत गर्तों) के बीच की दूरी कितनी होती है?
उत्तर:
तरंग दैर्ध्य के बराबर।

प्रश्न 10.
तरंगदैर्ध्य का SI मात्रक क्या है?
उत्तर:
तरंगदैर्ध्य का SI मात्रक मीटर है।

प्रश्न 11.
आवृत्ति का SI मात्रक क्या है?
उत्तर:
आवृत्ति का SI मात्रक हर्ट्ज (Hz) है।

प्रश्न 12.
एक स्वतंत्र रूप से लटकी स्लिंकी को खींचकर छोड़ दिया जाए तो किस प्रकार की तरंगें उत्पन्न होंगी?
उत्तर:
अनुदैर्ध्य तरंगें।

प्रश्न 13.
घड़ी की सुइयों की गति किस प्रकार की होती है?
उत्तर:
आवर्ती गति।

प्रश्न 14.
हमारे कान में ध्वनि की संवेदना कितने समय तक बनी रहती है?
उत्तर:
0.1 सेकण्ड तक।

प्रश्न 15.
प्रतिध्वनि सुनाई देने का क्या कारण है?
उत्तर:
प्रतिध्वनि सुनाई देने का कारण ध्वनि का परावर्तन है।

प्रश्न 16.
स्पष्ट प्रतिध्वनि सुनने के लिए अवरोध प्रतिध्वनि से कम-से-कम कितनी दूर होना चाहिए?
उत्तर:
प्रतिध्वनि सुनने के लिए अवरोध कम-से-कम 17.2 मीटर दूर होना चाहिए।

प्रश्न 17.
हम छोटे कमरों में प्रतिध्वनि क्यों नहीं सुन पाते?
उत्तर:
क्योंकि प्रतिध्वनि सुनने के लिए दीवारों के बीच न्यूनतम 17.2 मीटर की दूरी होनी चाहिए।

प्रश्न 18.
पराध्वनिक वस्तु किसे कहते हैं?
उत्तर:
वायु में ध्वनि की चाल की अपेक्षा, अधिक चाल से चलने वाली वस्तु को पराध्वनिक वस्तु कहते हैं।

प्रश्न 19.
पराध्वनिक बूम क्यों सुनाई देता है?
उत्तर:
किसी वस्तु के वायु में ध्वनि की चाल से अधिक चाल से चलने के कारण।

JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि

प्रश्न 20.
SONAR किस वाक्य का संक्षिप्त रूप है? उसे लिखिए।
उत्तर:
SONAR, Sound Navigation And Ranging वाक्य का संक्षिप्त रूप है।

प्रश्न 21.
SONAR में प्रयुक्त होने वाली दो युक्तियों के नाम बताइए।
उत्तर:
प्रेषक तथा ग्राही

प्रश्न 22.
SONAR के दो उपयोग बताइए।
उत्तर:

  1. समुद्र की गहराई ज्ञात करना
  2. शत्रु पनडुब्बी की स्थिति का ज्ञान प्राप्त करना।

प्रश्न 23.
संपीडन किसे कहते हैं?
उत्तर:
जब कोई अनुदैर्ध्य तरंग आगे बढ़ती है तो जिन स्थानों पर माध्यम के कण एक-दूसरे के बहुत समीप आ जाते हैं तो इन्हें संपीडन कहते हैं।

प्रश्न 24.
विरलन किसे कहते हैं?
उत्तर:
अनुदैर्ध्य तरंगों में जिन स्थानों पर माध्यम के कणों की संख्या कम हो जाती है अर्थात् कण दूर-दूर चले जाते हैं, विरलन कहते हैं।

प्रश्न 25.
यदि किसी बिन्दु पर किसी समय संपीडन हो रहा हो तो कितने समय पश्चात्-
(i) उसी स्थान पर विरलन होगा?
(ii) उसी स्थान पर संपीडन होगा?
उत्तर:
(i) T / 2 समय पश्चात् विरलन होगा।
(ii) T समय पश्चात् पुनः संपीडन होगा।

प्रश्न 26.
स्वरित्र द्विभुज की एक भुजा को रबड़ पैड पर मारने से उत्पन्न तरंग स्पंद का उदाहरण है या आवर्ती तरंग का।
उत्तर:
आवर्ती तरंग।

लघुत्तरात्मक एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
अनुप्रस्थ तरंगों तथा अनुदैर्ध्य तरंगों में क्या अन्तर
उत्तर:
अनुप्रस्थ तथा अनुदैर्ध्य तरंगों में अन्तर

अनुप्रस्थ तरंग अनुदैर्ध्य तरंग
1. इन तरंगों में माध्यम के कण तरंग के संचरण की दिशा के लम्बवत् कंपन या दोलन करते हैं। 1. इन तरंगों में माध्यम के कण तरंग के संचरण की दिशा के अनुरूप ही कंपन या दोलन करते हैं।
2. इनमें श्रंग (crest) गर्त (trough) बनते हैं जिनकी सहायता से ये तरं गें संचरित होती है। एक भूंग व एक गर्त मिलकर एक तरंग बनाते हैं। 2. इनमें संपीडन तथा विरलन बनते हैं जिनकी सहायता से ये तरंगें संचरित होती हैं। एक संपीडन व एक विरलन मिलकर एक तरंग बनाते है।
3. ये तरंगें ठोस में तथा द्रवों की ऊपरी सतहों पर से संचरित हो सकती हैं। ये वायु या अन्य गैसों में संचरित नहीं हो सकरीं। 3. ये तरंगें ठोस, द्रव तथा गैस तीनों में से संचरित हो सकती हैं।

प्रश्न 2.
अनुदैर्ध्य तरंगों के चलने पर माध्यम में घनत्व व दाब वितरण किस प्रकार होता है?
उत्तर:
अनुदैर्ध्य तरंग के चलने से माध्यम में संपीडन तथा विरलन पैदा हो जाते हैं। संपीडन वाले स्थानों पर माध्यम के कण पास-पास होते हैं। अतः वहाँ माध्यम का घनत्व एवं दाब सामान्य अवस्था की अपेक्षा अधिक रहता है। इसी प्रकार विरलन वाले स्थानों पर माध्यम का घनत्व एवं दाब सामान्य अवस्था की अपेक्षा कम रहता है।

प्रश्न 3.
‘पराध्वनिक’ से क्या तात्पर्य है? क्या यह पराश्रव्य से भिन्न है?
उत्तर:
कई बार पराश्रव्य (Ultrasonic ) तरंग तथा पराध्वनिक तरंगों में भ्रम हो जाता है।
पराश्रव्य तरंगें 20,000 Hz से अधिक आवृत्ति वाली तरंगें हैं जबकि पराध्वनिक (Supersonic) पिंड की चाल से संबंधित है। जब कोई पिण्ड ध्वनि की चाल से अधिक चाल से गति करता है तब उसकी चाल को पराध्वनिक चाल कहते हैं।

प्रश्न 4.
ध्वनि बूम से आप क्या समझते हैं? इसके हानिकारक प्रभाव लिखिए।
उत्तर:
जब पराध्वनिक वायुयान वायु में ध्वनि के वेग से अधिक वेग से उड़ते हैं तो वायु में एक प्रघाती तरंग उत्पन्न हो जाती है। ध्वनि से अधिक तीव्र गति से चलने वाली ये प्रघाती तरंगें ऊर्जा की विशाल मात्रा की वाहक हैं। इन तरंगों के कारण वायु दाब से अत्यधिक परिवर्तन होता है तथा वायु में तीव्र ध्वनि (बादल फटने जैसी) उत्पन्न होती है जिसे ध्वनि बूम (Sonic Boom) कहते हैं।

ध्वनि बूम के हानिकारक प्रभाव –

  • काँच के बर्तन, खिड़कियों के काँच टूट जाते हैं तथा ऊँचे-ऊँचे भवनों को गंभीर हानि हो सकती है।
  • असहनीय शोर होता है जिससे कानों में पीड़ा होती है तथा कर्णपटल को क्षति पहुँच सकती है।

JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि

प्रश्न 5.
ध्वनि के परावर्तन से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
जब कोई ध्वनि तरंग दो माध्यमों के सीमा पृष्ठ पर पहुँचती है तो उसका कुछ भाग पहले माध्यम में वापस आ जाता है। इस प्रक्रिया को ध्वनि का परावर्तन कहते हैं।

जब हम कुएँ पर बोलते हैं या ताली बजाते हैं तो हमें वही किन्तु कुछ धीमी ध्वनि कुएँ के अंदर से आती हुई दोबारा सुनाई देती है। दोबारा सुनाई देने वाली ध्वनि पहली ध्वनि की प्रतिध्वनि (Echo) है जो पहली ध्वनि के कुएँ के जल से परावर्तन के कारण दोबारा सुनाई देती है। इसी प्रकार की प्रतिध्वनि हम एक बड़े हॉल या गुंबद से भी ध्वनि के परावर्तन के कारण सुनते हैं।

प्रश्न 6.
यान्त्रिक तरंगें कितने प्रकार की होती हैं? प्रत्येक को उदाहरण देकर समझाइए तथा इनके प्रमुख गुणों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
यान्त्रिक तरंगें-वे तरंगें जो किसी (ठोस, द्रव अथवा गैस) पदार्थ के कणों के दोलनों द्वारा उत्पन्न होती हैं तथा आगे बढ़ती हैं यान्त्रिक तरंगें कहलाती हैं; जैसे – वायु में ध्वनि तरंगें, जल में गिरे पत्थर के कारण उत्पन्न तरंगें रस्सी में दोलनों के द्वारा उत्पन्न तरंगें आदि।
JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि 1
माध्यम के कणों के कम्पन करने की दिशा के आधार पर यान्त्रिक तरंगें दो प्रकार की होती हैं-
(1) अनुप्रस्थ तरंगें जब किसी तरंग में माध्यम के कण तरंग के चलने की दिशा के लम्बवत् कम्पन करते हैं तो उत्पन्न तरंग अनुप्रस्थं तरंग कहलाती है। यह तरंग श्रृंग तथा गर्त के मिलने से बनती है जब तालाब के जल में पत्थर फेंकते हैं तो अनुप्रस्थ तरंगें उत्पन्न होती हैं तालाब में पत्थर फेंकने से उत्पन्न अनुप्रस्थ तरंग के उठे हुए भाग को शृंग (crest) तथा दबे हुए भाग की गर्त (trough) कहते हैं (चित्र 12.18)।

उदाहरण- वायलिन, सितार आदि की तनी हुई डोरियों में उत्पन्न तरंगें तथा जल की सतह पर उत्पन्न तरंगें ।

गुण- इस प्रकार की तरंगें केवल ठोस तथा द्रव की सतह पर ही उत्पन्न की जा सकती हैं, जिनमें दृढ़ता होती है। ये तरंगें गैसों में उत्पन्न नहीं की जा सकती हैं; क्योंकि गैसों दृढ़ता नहीं होती है।
में

(2) अनुदैर्ध्य तरंगें जब किसी तरंग में माध्यम के कण तरंग के चलने की दिशा में ही कम्पन करते हैं तो उत्पन्न तरंग अनुदैर्ध्य तरंग कहलाती है। यह तरंग संपीडन एवं विरलनों के मिलने से बनती है। जब स्वरित्र को कम्पित कराते हैं और स्वरित्र की भुजाएँ बाहर की ओर जाती हैं तो संपीडन तथा जब भुजाएँ अन्दर की ओर जाती हैं तो विरलन उत्पन्न होता है। (चित्र 12.19 ) ।
उदाहरण – वायु में चलने वाली ध्वनि तरंगें, हुक से लटके एक स्प्रिंग के सिरे से बाँट बाँधकर खींचकर छोड़ने से उत्पन्न तरंगें, जल के अन्दर चलने वाली तरंगें।

गुण – इस प्रकार की तरंगें ठोस, द्रव तथा गैस तीनों ही माध्यमों में उत्पन्न होती हैं। वायु में ध्वनि इन्हीं तरंगों द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाती है।

आंकिक प्रश्न

प्रश्न 1.
एक तरंग की चाल 250 मीटर / सेकण्ड तथा आवृत्ति 500 हर्ट्ज है। तरंग की तरंगदैर्ध्य तथा आवर्तकाल की गणना कीजिए।
हल:
दिया है v = 250 मीटर / सेकण्ड,
v = 500 हर्ट्ज
तरंगदैर्ध्य λ = \(\frac { V }{ v }\)
= \(\frac { 250 }{ 300 }\)
= 0.5 मीटर
तथा आवर्तकाल T = \(\frac { 1 }{ v }\)
= \(\frac { 1 }{ 500 }\)
= 0.002 सेकण्ड

प्रश्न 2.
एक सरल लोलक 20 सेकण्ड में 40 दोलन पूरे करता है। दोलनों की आवृत्ति तथा आवर्तकाल ज्ञात कीजिए।
हल:
20 सेकण्ड में पूरे किए गए दोलन = 40
∴ 1 सेकण्ड में पूरे किए गए दोलन = \(\frac { 40 }{ 20 }\) = 2
अत: दोलनों की आवृत्ति v = 2 हज
तथा दोलनों का आवर्तकाल
JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि 2

प्रश्न 3.
किसी माध्यम में चलने वाली दो यान्त्रिक तरंगों की आवृत्तियों का अनुपात 3 4 है इन तरंगों के
(i) तरंगदैयों का अनुपात क्या दोष होगा?
(ii) आवर्तकाल का अनुपात क्या होगा?
हल:
(i) दिया है v1 : v2 = 3 : 4
∵ v = vλ अत: v1λ1 = v2λ2
अतः \(\frac{v_1}{v_2}=\frac{\lambda_2}{\lambda_1}\) या \(\frac{\lambda_2}{\lambda_1}=\frac{3}{4}\) [∵ \(\frac{v_1}{v_2}=\frac{3}{4}\) ]
अतः \(\frac{λ_1}{λ_2}=\frac{4}{3}\)
अत: λ1 : λ1 = 4 : 3

(ii) आवर्तकाल का अनुपात
तथा v = \(\frac { 1 }{ T }\) अर्थात् \(\frac{v_1}{v_2}=\frac{T_2}{T_1}\)
परन्तु \(\frac{v_1}{v_2}=\frac{3}{4}\)
\(\frac{\mathrm{T}_2}{\mathrm{~T}_1}=\frac{3}{4}\) या \(\frac{T_1}{T_2}=\frac{4}{3}\)
आवर्तकाल का अनुपात T1 : T2 = 4 : 3

प्रश्न 4.
यदि प्रकाश का वेग 3 x 108 मीटर/सेकण्ड हो तथा आवृत्ति 5 x 1014 प्रति सेकण्ड हो, तो प्रकाश की तरंगदैर्ध्य ज्ञात कीजिए।
हल:
प्रकाश का वेग v = 3 x 108 मीटर/सेकण्ड
आवृत्ति v = 5 x 1014 प्रति सेकण्ड?
∵ v = vλ अतः λ = \(\frac { υ }{ v }\)
या λ = \(\frac{3 \times 10^8}{5 \times 10^{14}}\) = 6 × 10-7 मीटर

प्रश्न 5.
X किरणों की तरंगदैर्ध्य 1 Å है। यदि X किरणों की चाल 3 x 108 मीटर/सेकण्ड हो, तो इसकी आवृत्ति ज्ञात कीजिए।
हल:
दिया है λ = 1 Å = 10-10 मीटर
V = 3 x 108 मीटर/सेकण्ड
v = ?
V = vλ अत: v = \(\frac{v}{\lambda}=\frac{3 \times 10^8}{10^{-10}}\)
v = 3 × 1018 हर्ट्ज

JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि

प्रश्न 6.
एक इलेक्ट्रॉन के दोलन का आवर्तकाल 0.05 माइक्रोसेकण्ड है, इसकी आवृत्ति ज्ञात कीजिए।
हल:
दिया है T = 0.05 माइक्रोसेकण्ड 0.05 × 10-6
सेकण्ड v = ?
∴ v = \(\frac { 1 }{ T }\) = \(\frac{1}{0.05 \times 10^{-6}}\)
या v = \(\frac{100 \times 10^6}{5}\) = 20 x 106
या v = 2 x 10-6 हर्ट्ज

प्रश्न 7.
एक स्वरित्र की आवृत्ति 512 हर्ट्ज है। यह स्वरित्र 10 सेकण्ड में कितने दोलन करेगा तथा इसका आवर्तकाल क्या होगा?
हल:
दिया है v = 512 हर्ट्ज
अतः 1 सेकण्ड में स्वरित्र द्वारा किए गए दोलन = 512
10 सेकण्ड में स्वरित्र द्वारा किए गए दोलन = 512 × 10 = 5120 दोलन
तथा आवर्तकाल T = \(\frac { 1 }{ v }\) = \(\frac { 1 }{ 512 }\) सेकण्ड

प्रश्न 8.
एक तरंग की आवृत्ति 120 हर्ट्ज है। यदि तरंग की चाल 480 मीटर / सेकण्ड हो, तो तरंगदैर्ध्य का मान क्या होगा?
हल:
दिया है v = 120 हर्ट्ज, V = 480 मीटर / सेकण्ड,
λ = ?
∵ V = vλ अत: λ = \(\frac { υ }{ v }\) = \(\frac { 480 }{ 120 }\)
या λ = 4 मीटर

प्रश्न 9.
एक रेडियो प्रसारण केन्द्र से 40 मेगाहर्टज आवृत्ति की विद्युत चुम्बकीय तरंगें प्रसारित होती हैं। यदि विद्युत चुम्बकीय तरंग की चाल 3 x 108 मीटर / सेकण्ड हो तो इन तरंगों की तरंगदैर्ध्य क्या होगी?
हल:
दिया है आवृत्ति v = 40 मेगा हर्ट्ज 40 x 106 हर्ट्ज
V = 3 x 108 मीटर / सेकण्ड
λ = ?
υ = vλ अत: λ = \(\frac { υ }{ v }\)
अतः λ = \(\frac{3 \times 10^8}{40 \times 10^6}=\frac{300}{40}\)
या λ = 7.5 मीटर

प्रश्न 10.
जहाज में लगा हुआ एक सोनार उपकरण समुद्र के अन्दर पराश्रव्य तरंगें भेजता है ये तरंगें समुद्र तल से परावर्तित होती हैं। यदि पराश्रव्य तरंगें जहाज से समुद्र तल तक वापस चलने में 2 सेकण्ड लेती हैं; तो समुद्र ‘की गहराई क्या है? (जल में ध्वनि की चाल = 1500 m/s )
हल:
जहाज से समुद्र के तल तक जाने में ध्वनि \(\frac { 2 }{ 2 }\) = 1 सेकण्ड लेती है।
JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि 3

प्रश्न 11.
सोनार की सहायता से पानी की सतह पर ध्वनि स्पंदन छोड़ा जाता है। पेंदी से टकराकर परावर्तित होने पर इन स्पंदनों को ग्रहण कर लिया जाता है। यदि स्पंदन के छोड़े एवं ग्रहण किये जाने तक लगा कुल समय 4 सेकण्ड हो तो पानी की गहराई ज्ञात करो।
हल:
स्पंदन द्वारा लिया गया कुल समय = 4s
माना कि भूमि की सतह से पानी की गहराई हो, तो स्पंदन द्वारा तय की गई कुल दूरी = 2d
अत: ध्वनि का वेग = \(\frac { 2d }{ 4s }\)
अथवा,
344 m/s = \(\frac { d }{ 2s }\)
अथवा d = 344 m/s x 2s = 688m

प्रश्न 12.
जहाज में लगा हुआ एक सोनार उपकरण समुद्र के अंदर पराश्रव्य तरंगें भेजता है ये तरंगें समुद्र तल से परावर्तित होती हैं। यदि पराश्रव्य तरंगें जहाज से समुद्र तल तक और वापस जहाज तक (प्रतिध्वनि के रूप में) चलने में 4 सेकण्ड लेती हैं, तो समुद्र की गहराई क्या है? (जल में ध्वनि की चाल = 1500m/s)
हल:
पराश्रव्य ध्वनि तरंगों द्वारा जहाज से समुद्र तल और वापस जहाज तक चलने में लिया गया समय 4 सेकण्ड है। इसलिए, पराश्रव्य ध्वनि द्वारा जहाज से समुद्र तल जाने में लिया गया समय इस समय का आधा होगा जो \(\frac { 4 }{ 2 }\) = 2 सेकण्ड है।
अतः जहाज से समुद्र तल तक जाने में ध्वनि 2 सेकण्ड लेती है।
JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि 4
अत: जहाज के नीचे इस समुद्र की गहराई 3000m है।

प्रश्न 13.
समुद्र के अंदर एक व्हेल 75 किमी. दूर अपने मित्र से कुछ कहती है। उसके मित्र को सुनने में कितना समय लगेगा? (ध्वनि की पानी में चाल 1500m/s)।
हल:
दिया है ध्वनि की चाल = 1500m/s
दूरी = 75 km
= 75 x 1000
= 75,000m
लिया गया समय = ?
JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि 5
इस प्रकार, व्हेल का मित्र, बात की ध्वनि को 50 सेकण्ड बाद सुनेगा।

JAC Class 9 Science Solutions Chapter 14 प्राकृतिक सम्पदा

Jharkhand Board JAC Class 9 Science Solutions Chapter 14 प्राकृतिक सम्पदा Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 9 Science Solutions Chapter 14 प्राकृतिक सम्पदा

Jharkhand Board Class 9 Science प्राकृतिक सम्पदा Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
जीवन के लिए वायुमण्डल क्यों आवश्यक है?
उत्तर:
जीवन के लिए वायुमण्डल की आवश्यकताजीवों के लिए वायुमण्डल बहुत आवश्यक है। पृथ्वी पर जीवन वायु के घटकों का परिणाम है। स्थलीय जन्तु श्वसन के लिए ऑक्सीजन वायुमण्डल से ही प्राप्त करते हैं। जलीय जीव इसे पानी में घुली हुई अवस्था में प्राप्त करते हैं। यूकैरियोटिक तथा प्रोकैरियोटिक कोशिकाओं को ग्लूकोज के अणुओं को तोड़ने के लिए तथा उससे ऊर्जा प्राप्त करने के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। इसी कारण CO2 उत्पन्न होती है। पौधे इस CO2 को ग्लूकोज में बदलते हैं तथा अपने लिए भोजन के रूप में प्राप्त करते हैं। वायुमण्डल ने पूरी पृथ्वी को कम्बल की तरह ढक रखा है।

वायु ताप की कुचालक है इसलिए वायुमण्डल पृथ्वी के औसत तापमान को पूरे वर्ष भर लगभग नियत रखता है। वायुमण्डल दिन के तापमान को अचानक बढ़ने से रोकता है और रात के समय ऊष्मा को बाहरी अन्तरिक्ष में जाने की दर को कम करता है। मौसम सम्बन्धी सभी क्रियाएँ वायुमण्डल द्वारा निर्मित होती हैं। इसलिए जीवन के लिए वायुमण्डल आवश्यक है।

प्रश्न 2.
जीवन के लिए जल क्यों अनिवार्य है?
उत्तर:
जीवन के लिए जल की अनिवार्यता – जल जीवमण्डल का एक महत्त्वपूर्ण निर्जीव घटक है। जल बहुत से पदार्थों को अपने में घोल लेने में सक्षम है। जीवन की विभिन्न प्रक्रियाओं में स्थलीय जीव-जन्तु और पौधे जल का उपयोग करते हैं। सभी कोशिकीय प्रक्रियाएँ जलीय माध्यम में ही होती हैं। हमारे शरीर में या कोशिकाओं के अन्दर होने वाली सभी प्रक्रियाएँ जल में घुले हुए पदार्थों से ही होती हैं। शरीर के अन्दर पदार्थों का संवहन घुली हुई अवस्था में होता है। इसलिए सजीव प्राणी व पौधे जीवित रहने के लिए अपने शरीर में जल की मात्रा का सन्तुलन बनाये रखते हैं। स्थलीय जीवों को जीवित रहने के लिए शुद्ध जल की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 3.
जीवित प्राणी मृदा पर कैसे निर्भर हैं? क्या जल में रहने वाले जीव सम्पदा के रूप में मृदा से पूरी तरह स्वतन्त्र हैं?
उत्तर:
जीवित प्राणियों की मृदा पर निर्भरता जीवित प्राणी मृदा पर ही निर्भर करते हैं। मृदा में उत्पन्न पेड़-पौधों से अपना भोजन प्राप्त करते हैं जो हमें ऊर्जा प्रदान करता है। जीवनयापन के लिए अन्य बहुत से आवश्यक तत्व मृदा से ही प्राप्त होते हैं। पौधे अनेक प्रकार के खनिज लवण मृदा से ही प्राप्त करते हैं और भोजन के तत्वों के रूप में प्राणियों के जीवन का आधार बनते हैं। जल में रहने वाले जीव सम्पदा के रूप में मुदा से पूरी तरह स्वतन्त्र नहीं हैं।

क्योंकि जलीय जीव भी भोजन और ऊर्जा के लिए जल में उगने वाले पौधों पर आश्रित हैं। जलीय पौधे खनिजों को जल से प्राप्त करते हैं। इस प्रकार जल में रहने वाले जीव सम्पदा के रूप में मृदा से पूरी तरह स्वतन्त्र हैं। परन्तु फिर भी कहीं न कहीं मृदा का उनके साथ सम्बन्ध अवश्य है।

प्रश्न 4.
आपने टेलीविजन पर और समाचार-पत्र में मौसम सम्बन्धी रिपोर्ट को देखा होगा। क्या आप सोचते हैं कि हम मौसम के पूर्वानुमान में सक्षम हैं?
उत्तर:
मौसम का पूर्वानुमान जी हाँ, हम मौसम के पूर्वानुमान के सम्बन्ध में भविष्यवाणी पवनों की दिशाओं का अध्ययन करने के बाद कर सकते हैं। पवनों की दिशाओं द्वारा हमें वर्षा होने या न होने, पवनों की गति, तापमान आदि की जानकारी मिल जाती है। पवनों का पैटर्न हमें बता सकता है कि किस दिशा में गर्म और ठंडी हवाएँ बहेंगी और कम वायु दाब तथा उच्च वायु दाब वाले क्षेत्र कौन-कौन से हैं। भारत के अधिकतर भाग में वर्षा दक्षिणी-पश्चिमी या पूर्वी उत्तरी मानसूनों (मौसमी हवाओं) द्वारा होती है। कम वायु दाब तथा उच्च वायु दाब वाले क्षेत्रों को पहचान कर और मानसून पवनों की दिशा ज्ञात कर हम मौसम सम्बन्धी पूर्वानुमान लगा सकते हैं।

JAC Class 9 Science Solutions Chapter 14 प्राकृतिक सम्पदा

प्रश्न 5.
हम जानते हैं कि बहुत सी मानवीय गतिविधियाँ वायु, जल एवं मृदा के प्रदूषण स्तर को बढ़ा रही हैं। क्या आप सोचते हैं कि इन गतिविधियों को कुछ विशेष क्षेत्रों में सीमित कर देने से प्रदूषण के स्तर को घटाने में सहायता मिलेगी?
उत्तर:
बहुत से मानवीय क्रियाकलाप वायु, जल एवं मृदा के प्रदूषण स्तर को निरन्तर बढ़ा रहे हैं। यदि इन क्रिया कलापों को कुछ विशेष क्षेत्रों में सीमित कर दिया जाए तो प्रदूषण के स्तर को घटाने में सहायता मिल सकेगी। यातायात के भारी वाहनों का अस्पतालों के आसपास व घनी बस्तियों में आवागमन प्रतिबन्धित कर वातावरण में हानिकारक गैसों पर नियन्त्रण पाया जा सकता है। पेट्रोल और डीजल के स्थान पर वाहनों में CNG का प्रयोग कुछ नगरों में प्रारम्भ किया गया है जिसके अनुकूल प्रभाव दिखाई दिये हैं।

खानों की खनन क्रिया को रोककर वायुमण्डल तथा पेड़-पौधों की रक्षा की गई है। नदियों के जल के शुद्धीकरण के लिए प्रयत्न किये गये हैं। यह ठीक है कि हमारे देश में जनसंख्या बहुत अधिक है, अशिक्षा है, निर्धनता है, परन्तु फिर भी प्रयत्न करने पर सकारात्मक परिणाम अवश्य प्राप्त होंगे। इनसे प्रदूषण तो पूर्णरूपेण समाप्त नहीं होगा परन्तु प्रदूषण के स्तर को घटाने में अवश्य सहायता मिलेगी।

प्रश्न 6.
जंगल वायु, मृदा तथा जलीय स्रोत की गुणवत्ता को कैसे प्रभावित करते हैं?
उत्तर:
जंगल (वन) तीनों प्राकृतिक स्रोतों वायु, जल तथा मृदा की गुणवत्ता को निम्नलिखित प्रकार से प्रभावित करते हैं-
1. जंगल वायुमण्डल में CO2 तथा O2 के अनुपात को बनाए रखते हैं-वृक्ष हमारे पर्यावरण से CO2 गैस की अवशोषित करके तथा O2 गैस मुक्त करके पर्यावरण को स्वच्छ करने का महत्त्वपूर्ण कार्य करते हैं, जिसके कारण वायुमण्डल में CO2 और O2 की मात्रा का अनुपात ठीक बना रहता है।

2. जंगल मृदा अपरदन को रोकने में सहायक होते हैं- वृक्षों तथा अन्य पौधों एवं वनस्पतियों की जड़ें मिट्टी को जकड़े रहती हैं। यह जल तथा वायु के तेज प्रवाह में अवरोध उत्पन्न करते हैं जिसके कारण मृदा का अपरदन नहीं होने पाता है तथा मृदा की ऊपरी उपजाऊ परत का संरक्षण होता रहता है।

3. जंगल जलस्रोतों के पुनः पूरण में सहायक होते हैंवृक्ष वाष्पोत्सर्जन की प्रक्रिया द्वारा अत्यधिक मात्रा में जलवाष्प उत्सर्जित करते हैं। यह जलवाष्प संघनित होकर वर्षा वाले बादलों में परिवर्तित हो जाती है। यदि किसी क्षेत्र में वृक्षों की संख्या कम होगी तो उस क्षेत्र में वर्षा कम होगी, परिणामस्वरूप, उस क्षेत्र में जल की कमी हो जायेगी और एक समय ऐसा आयेगा कि वह क्षेत्र मरुस्थल (रेगिस्तान) बन सकता है। अतः ऐसे स्थानों पर वृक्षारोपण और उनकी सुरक्षा करना बहुत आवश्यक है।

इस प्रकार हम कह सकते हैं कि वन वृक्ष वर्षा को आकर्षित करते हैं जिससे हमारे जलस्रोतों का पुनः पूरण होता रहता है। अतः वन (जंगल) हमारे राष्ट्र की अमूल्य निधि हैं।

Jharkhand Board Class 9 Science प्राकृतिक सम्पदा InText Questions and Answers

क्रियाकलाप 14.1. (पा. पु. पृ. सं. 214)
निम्नलिखित का ताप मापिए- (i) जल से भरा एक बीकर, (ii) मृदा या बालू से भरा एक बीकर और (iii) एक बन्द बोतल लें, जिसमें थर्मामीटर लगा हो। इन सभी को सूर्य के प्रकाश में तीन घन्टे तक रखो। अब तीनों बोतलों के तापमान को मापो। इसी समय छाया में भी तापमान को देखिए।
(i) या (ii) में से किसमें तापमान की माप अधिक है?
उत्तर:
(ii) मृदा या बालू से भरे बीकर का तापमान अधिक है।

प्राप्त निष्कर्ष के आधार पर कौन सब से पहले गर्म होगा – स्थल या समुद्र?
उत्तर:
सबसे पहले स्थल गर्म होगा।

क्या छाया में वायु का तापमान बालू तथा जल के तापमान के समान होगा? आप इसके कारण के बारे में क्या सोचते हैं और तापमान को छाया में क्यों मापा जाता है?
उत्तर:
छाया में वायु का तापमान बालू तथा जल के तापमान से कम होगा, क्योंकि बालू जल्दी गर्म हो जाती है। इसी प्रकार जल भी वायु की अपेक्षा जल्दी गर्म हो जाता है।

तापमान को छाया में इसलिए मापा जाता है कि सूर्य की गर्मी या किरणों के परावर्तन के कारण तापमान में वृद्धि हो जाती है। अतः इसके कारण तापमान सही मापने में अनुमान लगाना कठिन होता है।

क्या बन्द बोतल या शीशे के बर्तन में लिया गया हवा का तापमान और खुले में लिया गया हवा का तापमान समान है? इसके कारण के बारे में आप क्या सोचते हैं? क्या हम प्रायः इस प्रकार की घटनाओं से अवगत होते हैं?
उत्तर:
बन्द बोतल या शीशे के बर्तन में ली गई हवा का तापमान खुले में लिए गए तापमान से कम होगा क्योंकि बाहर की हवा अन्दर की हवा की तुलना में अधिक गर्म होती है और उस पर मौसम का प्रभाव भी बना रहता है। हम इस प्रकार की घटनाओं से प्रतिदिन अवगत होते रहते हैं।

क्रियाकलाप 14.2. (पा.पु. पृ. सं. 214)
चित्र 14.1 के अनुसार एक मोमबत्ती को चौड़े मुँह वाली बोतल या बीकर में रखकर उसे जलाते हैं। अब एक अगरबत्ती को जलाकर उसे बोतल के मुँह के पास ले जाते हैं।
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 14 प्राकृतिक सम्पदा 1
जब अगरबत्ती को बोतल के मुँह के किनारे पर ले जाया जाता है तब अवलोकन करते हैं कि धुँआ किस ओर जाता है? जब अगरबत्ती को मोमबत्ती के थोड़ा ऊपर रखा जाता है। तब धुँआ किस ओर जाता है?

दूसरे भागों में जब अगरबत्ती को रखा जाता है तब धुँआ किस ओर जाता है?

धुँआ की दिशाओं को देखने से हमें पता चलता है कि किस दिशा में गर्म और ठंडी हवाएँ बहती हैं। इसी प्रकार जब वायु स्थल और जल के विकिरण के कारण गर्म होती है। तब यह ऊपर की ओर प्रवाहित होती है। चूँकि जल की अपेक्षा स्थल शीघ्र गर्म हो जाता है इसलिए स्थल के ऊपर की वायु जल के ऊपर की वायु की अपेक्षा तेजी से गर्म होती है।

दिन में जब हम तटीय क्षेत्रों की ओर देखते हैं तो पाते हैं कि स्थल के ऊपर की वायु तेजी से गर्म होकर ऊपर की और उठना प्रारम्भ कर देती है। जैसे ही यह वायु ऊपर की ओर उठती है, वहाँ कम दबाव का क्षेत्र बन जाता है और समुद्र के ऊपर की वायु कम दाब वाले क्षेत्र की ओर प्रवाहित हो जाती है। एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में वायु की गति पवनों (winds) का निर्माण करती है। दिन के समय हवा की दिशा समुद्र से स्थल की ओर हो जाती है।

रात के समय स्थल और समुद्र दोनों ठंडे होने लगते हैं। चूँकि स्थल की अपेक्षा जल धीरे-धीरे ठंडा होता है। इसलिए जल के ऊपर की वायु स्थल के ऊपर की वायु से गर्म होगी।

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तटीय क्षेत्रों पर कम तथा उच्च दाब के क्षेत्र रात में प्रतीत होते हैं, क्यों?
उत्तर:
क्योंकि दिन के समय हवा की दिशा समुद्र से स्थल की ओर होती है। दिन के समय स्थल के ऊपर की वायु तेज गति से गर्म होकर ऊपर उठने लगती है। जैसे ही यह वायु ऊपर की ओर उठती है, वहाँ कम दाब का क्षेत्र बन जाता है और समुद्र के ऊपर की वायु कम दाब वाले क्षेत्र की ओर प्रवाहित हो जाती है।

तटीय क्षेत्रों में रात के समय वायु की दिशा क्या होगी?
उत्तर:
रात के समय स्थल और समुद्र दोनों ठण्डे होने लगते हैं। चूँकि स्थल की अपेक्षा जल धीरे-धीरे ठंडा होता है। इसलिए जल के ऊपर की वायु स्थल के ऊपर की वायु से अधिक गर्म होगी तथा वायु का प्रवाह ऊपर की ओर होगा। हवा की गति और दिशाओं को बहुत से अन्य कारक भी प्रभावित करते हैं, जैसे- पृथ्वी की घूर्णन गति तथा पवन के मार्ग में आने वाली पर्वत श्रृंखलाएँ।

क्रियाकलाप 14.3. (पा. पु. पृ. सं. 215)
एक पतली प्लास्टिक की बोतल लेकर इसमें 5 से 10 ml जल भर लेते हैं तथा बोतल को कसकर बन्द कर देते हैं। अब इसे अच्छी तरह से हिलाकर 10 मिनट तक धूप में रख देते हैं। इससे बोतल में मौजूद वायु जलवाष्प से संतृप्त हो जाती है।

अब एक जली हुई अगरबत्ती लेते हैं और बोतल के मुँह को खोलकर अगरबत्ती के धुँए की कुछ मात्रा को बोतल के अन्दर जाने देते हैं। पुनः बोतल को कसकर बन्द कर देते हैं। बोतल को अपनी हथेलियों के बीच में रखकर खूब जोर से दबाते हैं। अब कुछ समय तक प्रतीक्षा करने के बाद बोतल को छोड़ देते हैं। एक बार पुनः बोतल को जितना जोर से सम्भव हो, दबाते हैं।

आपने कब देखा कि बोतल के अन्दर स्थित हवा कुहरे की भाँति हो जाती है?
उत्तर:
बोतल के अन्दर की हवा कुहरे की भाँति तब हो जाती है जब हमने अगरबत्ती के धुँए की कुछ मात्रा को बोतल के अन्दर जाने दिया।

यह कुहासा कब समाप्त होता है?
उत्तर:
यह कुहांसा तब समाप्त होता है जब हम बोतल को हथेलियों के बीच रखकर जोर से दबाते हैं।

बोतल के अन्दर दाब कब अधिक है?
उत्तर:
बोतल के अन्दर अगरबत्ती का धुँआ पहुँचने के बाद बोतल के अन्दर का दाब अधिक हो गया।

कुहासा दिखाई देने की स्थिति में, बोतल के अन्दर का दाब कम है या अधिक।
उत्तर:
कुहासा दिखाई देने की स्थिति में बोतल के अन्दर का दाब अधिक होगा।

इस प्रयोग के लिए बोतल के भीतर धुँए की आवश्यकता क्यों है?
उत्तर:
इस बोतल के भीतर दाब बढ़ाने के लिए और बादल की संरचना प्रदर्शित करने के लिए धुँए की आवश्यकता हैं।

क्या होगा जब हम इस प्रयोग को बिना अगरबत्ती के धुँए के करेंगे? अब ऐसा प्रयत्न करते हैं और देखते हैं कि परिकल्पना सही थी या गलत।
उत्तर:
जब हम इस प्रयोग को बिना अगरबत्ती के धुए के करेंगे तो बोतल में कुहासा की स्थिति नहीं बनेगी। इस स्थिति में प्रयोग करने पर हमें यह मालूम हो जाता है कि परिकल्पना सही थी।

क्या होता है जब जलवाष्प से भरी हुई वायु उच्च दाब वाले क्षेत्र से कम दाब वाले क्षेत्र में या इसके विपरीत प्रवाहित होती है?
उत्तर:
दिन के समय जब जलीय भाग गर्म हो जाते हैं तब बहुत अधिक मात्रा में जलवाष्प बन जाती है और यह वाष्प वायु में प्रवाहित हो जाती है जलवाष्प की कुछ मात्रा विभिन्न जैविक क्रियाओं के कारण वायुमण्डल में चली जाती है। यह वायु भी गर्म हो जाती है। गर्म वायु अपने साथ जलवाष्प को लेकर ऊपर की ओर उठ जाती है।

यह वायु ऊपर पहुँचकर फैलती है तथा ठंडी हो जाती है। ठंडा होने के – कारण हवा में उपस्थित जलवाष्प छोटी-छोटी जल की बूँदों में संघनित हो जाती है जिन्हें बादल कहते हैं। जल का यह संघनन सरलतापूर्वक हो जाता है। कुछ कण नाभिक के समान कार्य करके अपने चारों ओर बूँदों को एकत्र होने देते हैं। सामान्यतः वायु में उपस्थित धूल के कण तथा दूसरे निलम्बित कण नाभिक के रूप में कार्य करते हैं।

एक बार जब जल की बूँदें बन जाती हैं तो वे संघनित होने के कारण बड़ी हो जाती हैं। बड़ी और भारी हो जाने पर ये बूँदें वर्षा के रूप में नीचे की ओर गिरती हैं। कभी-कभी जब वायु का तापमान बहुत कम हो जाता है तब ये हिम वृष्टि अथवा ओलों के रूप में गिरती हैं।

वर्षा का पैटर्न पवनों के पैटर्न पर निर्भर करता है। भारत के बहुत बड़े भू-भाग में अधिकतर वर्षा दक्षिण-पश्चिम या उत्तर पूर्वी मानसून के कारण होती है। ऐसा बंगाल की खाड़ी पर वायु का दाब कम होने के कारण कई क्षेत्रों में वर्षा होती है।

क्रियाकलाप 14.4. (पा.पु. पृ. सं. 216)
पूरे देश में होने वालो वर्षा के पैटर्न के बारे में समाचार पत्र या टेलीविजन के माध्यम से मौसम सम्बन्धी सूचनाओं की जानकारी एकत्र करते हैं। यह भी पता लगाते हैं कि एक वर्षामापक यन्त्र कैसे बनाया जाता है और उसे बनाते हैं। वर्षामापक यन्त्र से सही डाटा (आँकड़े) प्राप्त करने के लिए कौन-कौन से सुरक्षात्मक उपाय करने आवश्यक हैं?

किस महीने में आपके शहर/नगर/ गाँव में सबसे अधिक वर्षा हुई?
उत्तर:
जुलाई और अगस्त के महीने में हमारे शहर / नगर / गाँव में सबसे अधिक (मानसूनी) वर्षा हुई।

किस महीने में आपके राज्य / केन्द्र शासित प्रदेश में सबसे अधिक वर्षा हुई?
उत्तर:
जुलाई-अगस्त के महीने में हमारे राज्य में सबसे अधिक वर्षा हुई।

क्या वर्षा हमेशा बादल गरजने और बिजली चमकने के साथ होती है? अगर नहीं, तो किस मौसम में सबसे अधिक वर्षा, बादल गरजने और बिजली चमकने के साथ होती है।
उत्तर:
वर्षा हमेशा बादल गरजने और बिजली चमकने के साथ नहीं होती है। जून-जुलाई तथा अगस्त में ग्रीष्मकालीन मौसम में सर्वाधिक वर्षा बादल गरजने एवं बिजली चमकने के साथ होती है।

क्रियाकलाप 14.5. (पा. पु. पू. सं. 216)
पुस्तकालय से मानसून और चक्रवात के बारे में और अधिक जानकारी एकत्र करें। किसी दूसरे देश की वर्षा के पैटर्न का पता लगाएँ क्या पूरे विश्व में वर्षा के लिए मानसून उत्तरदायी होता है?
उत्तर:
मानसून पवनें- वे पवनें हैं जिनकी दिशा मौसम के अनुसार पूर्णरूपेण उल्टी हो जाती है ये पवनें ग्रीष्म ऋतु के 6 महीने समुद्र से स्थल की ओर तथा शीत ऋतु के 6 महीने स्थल से समुद्र की ओर चलती है। ये पवनें मुख्य रूप से भारत, पाकिस्तान, बंग्लादेश, बर्मा, श्रीलंका, अरब सागर, बंगाल की खाड़ी, चीन, जापान, उत्तरी आस्ट्रेलिया एवं अमेरिका में चलती हैं।

क्रियाकलाप 14.6.
लाइकेन नामक जीव वायु में उपस्थित सल्फर डाइऑक्साइड के स्तर के प्रति अधिक संवेदी होते हैं। ये प्रायः वृक्षों की छालों पर पतले हरे और सफेद रंग की परत के रूप में पाए जाते हैं। यदि आप के आस-पास वृक्षों पर लाइकेन है तो आप उसे देख सकते हैं।
व्यस्त सड़क के समीप पेड़ पर स्थित लाइकेन और कुछ दूरी पर स्थित पेड़ पर स्थित लाइकेन की तुलना करें।
सड़क के समीप स्थित पेड़ों पर सड़क की ओर की सतहों पर लगे लाइकेन की तुलना सड़क की विपरीत दिशा की ओर वाली सतहों पर लगे लाइकेन से करें।

खंड 14.1.4 से सम्बन्धित पाठ्य पुस्तक के प्रश्न (पाठ्य पुस्तक पृ. सं. 217)

प्रश्न 1.
शुक्र और मंगल ग्रहों के वायुमण्डल से हमारा वायुमण्डल कैसे भिन्न है?
उत्तर:
शुक्र और मंगल ग्रहों के वायुमण्डल का मुख्य घटक कार्बन डाइऑक्साइड है। इनके वायुमण्डल में 95 से 97 प्रतिशत तक कार्बन डाइऑक्साइड है। जबकि हमारी पृथ्वी के वायुमण्डल में नाइट्रोजन ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड तथा जलवाष्प का मिश्रण है।

प्रश्न 2.
वायुमण्डल एक कम्बल की तरह कैसे कार्य करता है?
उत्तर:
वायु ऊष्मा का कुचालक है वायुमण्डल पृथ्वी के औसत तापमान को दिन के समय और यहाँ तक कि पूरे वर्ष भर लगभग नियत रखता है। वायुमण्डल दिन में तापमान को अचानक बढ़ने से रोकता है और रात के समय ऊष्मा की बाहरी अन्तरिक्ष में जाने की दर को कम करता है। इस तरह वायुमण्डल एक कम्बल की तरह कार्य करता है।

प्रश्न 3.
वायु प्रवाह (पवन) के क्या कारण हैं?
उत्तर:
वायु प्रवाह, हमारे वायुमण्डल में हवा के गर्म होने और जलवाष्प बनने का परिणाम है जलवाष्प जीवित प्राणियों के क्रियाकलापों और जल के गर्म होने के कारण बनती है। स्थलीय भाग या जलीय भाग से होने वाले विकिरण के परावर्तन तथा पुनर्विकिरण के कारण वायुमण्डल गर्म होता है जिससे वायु में संवहन धाराएँ उत्पन्न होती हैं।

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प्रश्न 4.
बादलों का निर्माण कैसे होता है?
उत्तर:
बादलों का निर्माण क्रियात्मक प्रश्नोत्तर 14.3 के अन्तर्गत प्रश्न (7) का उत्तर देखिए।.

प्रश्न 5.
मनुष्य के तीन क्रियाकलापों का उल्लेख करें, जो वायु प्रदूषण में सहायक हैं।
उत्तर:
वायु प्रदूषण में सहायक मनुष्य के तीन क्रियाकलाप निम्नलिखित हैं-

  • मोटर वाहनों में पेट्रोल और डीजल का उपयोग ईंधन के रूप में करना।
  • कल-कारखानों, इंजनों और थर्मल पावर स्टेशनों में कोयले का ईंधन के रूप में उपयोग किया जाना तथा औद्योगिक विस्तार।
  • अन्य मानवीय क्रियाकलापों से उत्पन्न होने वाला धुँआ, वनों की अबाध कटाई तथा नगरीकरण का विकास आदि।

क्रियाकलाप 14.7. (पा.पु. पू. सं. 218)
बहुत से नगर निगम जल की उपलब्धता बढ़ाने के लिए जल संग्रहण की तकनीकों पर कार्य कर रहे हैं। पता लगाइये कि ये कौन कौन-सी तकनीक हैं तथा ये उपयोग के लिए उपलब्ध जल की मात्रा बढ़ाने में किस प्रकार सहायक हैं?
उत्तर:
जल की उपलब्धता विभिन्न स्थानों पर भिन्न-भिन्न है। गर्मी में अधिकतर स्थानों पर भूमिजल की मात्रा भी कम हो जाती है। शुद्ध जल के भंडार विभिन्न स्थानों पर बिखरे हुए हैं। देश के प्रत्येक व्यक्ति तक शुद्ध पेय जल पहुँचाना सरकार का कार्य है। यह कार्य नगर निगमों के द्वारा जल आपूर्ति करके किया जाता है।

शुद्ध जल हमें प्राकृतिक रूप में वर्षा के द्वारा प्राप्त होता है जो नदियों, तालाबों और झीलों के रूप में मिलता है। इस जल को प्रत्येक व्यक्ति तक पहुँचाने हेतु नदियों पर बड़े-बड़े बाँध बनाये जाते हैं। फिर इन बाँधों से नहरों के द्वारा इस जल को गाँव-गाँव तक पहुँचाया जाता है। शहर और कस्बों में तालाब या बड़े-बड़े टैंकों में नहर से जल की आपूर्ति होती रहती है। पहले नहर के जल को क्लोरीनीकरण क्रिया या छनन क्रिया द्वारा शुद्ध करके पाइप लाइनों के माध्यम से घर-घर तक पहुँचाया जाता है।

बाँधों में संग्रहित जल से बिजली बनाई जाती है, सिंचाई की जाती है तथा करोड़ों लोगों को समय पर शुद्ध पेय जल मिलता है। जल संग्रहण तकनीक से जल की उपलब्धता की मात्रा कई गुना बढ़ गई है।

जल हमारे लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है क्योंकि सभी प्रतिक्रियाएँ जो हमारे शरीर में या कोशिकाओं के अन्दर होती हैं वह जल में घुले हुए पदार्थों में, जलीय माध्यम में होती हैं। शरीर के एक भाग से दूसरे भाग में पदार्थों का संवहन घुली हुई अवस्था में होता है। स्थलीय जीवों को जीवित रहने के लिए शुद्ध जल की आवश्यकता होती है क्योंकि खारे जल में नमक की अधिक मात्रा होने के कारण जीवों का शरीर उसे सहन नहीं कर पाता है। इसलिए प्राणियों और पौधों को पृथ्वी पर जीवित रहने के लिए सुगमतापूर्वक जल उपलब्धि के स्रोत आवश्यक हैं।

क्रियाकलाप 14.8. (पा.पु. पू. सं. 218)
किसी नदी, तालाब या झील के समीप एक छोटे से स्थान को चुनते हैं। माना कि एक वर्ग मीटर। इस क्षेत्र में पाए जाने वाले विभिन्न पौधों एवं जन्तुओं की संख्या को गिन लें। प्रत्येक स्पीशीज की अलग-अलग गणना करें।
इसकी तुलना सूखे और पथरीले भाग के उतने ही बड़े क्षेत्र में पाए जाने वाले जन्तुओं और पौधों से करें। क्या दोनों क्षेत्रों में पाए जाने वाले पौधे और जन्तु एक प्रकार के हैं?
उत्तर:
क्रियाकलाप के अनुसार हमने चुने हुए दोनों क्षेत्रों के पौधों और जन्तुओं की गणना कर ली।

नदी के पास वाले क्षेत्र की सूखे और पथरीले क्षेत्र से तुलना करने पर हमने पाया कि सूखे व पथरीले क्षेत्र में बहुत ही कम स्पीशीज के थोड़े से पौधे और जन्तु थे जबकि सूखे क्षेत्र की तुलना में नदी के समीप वाले क्षेत्र में कई गुना अधिक विभिन्न प्रकार के सैकड़ों पौधों और जन्तुओं की स्पीशीज पाई गई।

क्रियाकलाप 14.9. (पा.पु. पु. सं. 218)
अपने विद्यालय के समीप या किसी प्रयोग में न आने वाली भूमि को चुनें।
उसी प्रकार उस क्षेत्र में पाए जाने वाले विभिन्न जन्तुओं और पौधों तथा प्रत्येक स्पीशीज के जीवों की संख्याओं की गणना करें।
उसी स्थान की गणना वर्ष में दो बार करें। एक बार गर्मी में या सूखे मौसम में और दूसरी बार बरसात के मौसम के बाद।

अब उत्तर दें

प्रश्न 1.
क्या दोनों बार संख्याएँ समान थीं?
उत्तर:
नहीं, दोनों बार समान संख्या नहीं थीं।

प्रश्न 2.
किस मौसम में आपने विभिन्न प्रकार के पौधों और जन्तुओं की अधिकता पाई?
उत्तर:
बरसात के मौसम के बाद गणना करने पर गर्मी की गणना की अपेक्षा कई गुना अधिक पौधों और जन्तुओं की संख्या हमें प्राप्त हुई।

प्रश्न 3.
प्रत्येक प्रकार के जीवों की संख्या किस मौसम में अधिक थी?
उत्तर:
बरसात के बाद वाले मौसम में प्रत्येक प्रकार के जीवों की संख्या गर्मी वाले मौसम की संख्या से अधिक थी।

इसी प्रकार वर्षा के पैटर्न के अनुसार 200 cm वर्षा वाले क्षेत्र में हम सबसे अधिक प्रकार के जीवों की उपलब्धता पाते हैं।

मानचित्र में वर्षा के पैटर्न को देखकर हम असम तथा उत्तरांचल राज्यों में सबसे अधिक जैव विविधता पाते हैं, जबकि राजस्थान और गुजरात राज्यों में सबसे कम जैव विविधता पाते हैं।

निष्कर्ष के रूप में हम कह सकते हैं कि जल की उपलब्धता प्रत्येक स्पीशीज के वर्ग जो कि एक विशेष क्षेत्र में जीवित रहने में सक्षम हैं, की संख्या को ही निर्धारित नहीं करती, अपितु यह वहाँ के जीवन में विविधता को भी निर्धारित करती है। जीवन की विविधता को निर्धारित करने के लिए जल के अतिरिक्त तापमान और मिट्टी की प्रकृति भी महत्त्वपूर्ण कारक है। किन्तु जल एक महत्त्वपूर्ण संपदा है जो जीवन को स्थल पर निर्धारित करता है।

खंड 14.2.1 से सम्बन्धित पाठ्य पुस्तक के प्रश्न (पाठ्य पुस्तक पृ. सं. 219)

प्रश्न 1.
जीवों को जल की आवश्यकता क्यों होती है?
उत्तर:
जीवों को जल की आवश्यकता – जीवों की सभी कोशिकीय प्रक्रियाएँ जलीय माध्यम में होती हैं। हमारे शरीर में या कोशिकाओं में होने वाली प्रक्रियाएँ जल में घुलित पदार्थों में होती हैं। शरीर के एक भाग से दूसरे भागों में पदार्थों का संवहन घुली हुई अवस्था में होता है। इसलिए जीवों को जीवित रहने के लिए जल की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 2.
जिस गाँव / शहर / नगर में आप रहते हैं, वहाँ पर उपलब्ध शुद्ध जल का मुख्य स्रोत क्या है?
उत्तर:
हमारे गाँव में उपलब्ध शुद्ध जल का मुख्य स्रोत वर्षा तथा हैण्डपम्प का जल है। शहर / नगर में शुद्ध जल, टंकियों में एकत्रित किये हुए जल को क्लोरीनीकरण क्रिया द्वारा (या छनन क्रिया द्वारा) शुद्ध करके पाइप लाइनों के माध्यम से घर-घर पहुँचाया जाता है।

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प्रश्न 3.
क्या आप किसी ऐसे क्रियाकलाप के बारे में जानते हैं जो इस जल के स्रोत को प्रदूषित कर रहा है?
उत्तर:
हाँ, वें क्रियाकलाप हैं- जलाशयों में अनैच्छिक पदार्थों का डालना जैसे पीड़कनाशी, रासायनिक उर्वरक, कारखानों से निकलने वाले विषैले अपशिष्ट पदार्थ। शहरों की सीवर लाइनों तथा गन्दी नालियों का दूषित पानी, जिसमें अनेक प्रकार के विषाक्त पदार्थ मिले होते हैं।

क्रियाकलाप 14.10. (पा. पु. पृ. सं. 220)
कुछ मृदा लेकर उसे जल से भरे बीकर में डालते हैं। ली गई मृदा की मात्रा का लगभग 5 गुना जल लेते हैं। मृदा और जल को मिलाते हैं और फिर मृदा को नीचे जमने देते हैं। कुछ समय बाद उसका अवलोकन करें।
क्या बीकर के तल में मृदा समांगी है या परतों में विभाजित है?
अगर परतों का निर्माण हुआ है तो किस प्रकार एक परत दूसरे से भिन्न है?
क्या वहाँ जल की सतह पर कुछ तैर रहा है?

क्या आप सोच सकते हैं कि कुछ पदार्थ जल में घुल गए होंगे? आप इसे कैसे रोकेंगे?
उत्तर:
क्रियाकलाप से हमने देखा कि मृदा एक मिश्रण है। इसमें विभिन्न प्रकार के छोटे-छोटे टुकड़े मिले होते हैं। इसमें सड़े-गले जीवों के टुकड़े भी मिले होते हैं जिसे ह्यूमस (Humus) कहा जाता है। इसके अतिरिक्त मिट्टी में विभिन्न प्रकार के जीव भी मिले होते हैं। मृदा के प्रकार का निर्णय उसमें पाये जाने वाले कणों के औसत आकार द्वारा निर्धारित किया जाता है। मृदा के गुण का निर्धारण उसमें स्थित ह्यूमस की मात्रा और उसमें पाये जाने वाले सूक्ष्म जीवों के आधार पर किया जाता है।

मृदा की संरचना का मुख्य कारक ह्यूमस है, क्योंकि यह मृदा को सरन्ध्र बनाता है और वायु तथा जल को भूमि के अन्दर जाने में सहायक होता है। खनिज पोषक तत्व जो उस मृदा में पाये जाते हैं वह उन पत्थरों पर निर्भर करते हैं जिनसे मृदा बनी है। किस मृदा पर कौन सा पौधा होगा यह इस पर निर्भर करता है कि उस मृदा में पोषक तत्व कितने हैं, हयूमस की मात्रा कितनी है और उसकी गहराई कितनी है। इस प्रकार, मृदा की ऊपरी परत में जिसमें मृदा के कणों के अतिरिक्त हयूमस और सजीव स्थित होते हैं, उसे उपरिमृदा कहा जाता है। उपरिमृदा की गुणवत्ता, जो उस क्षेत्र की जैव विविधता को निर्धारित करती है, एक महत्त्वपूर्ण कारक है।

आधुनिक समय में खेतों में पीड़कनाशकों और उर्वरकों का बहुत बड़ी मात्रा में प्रयोग हो रहा है। लम्बे समय तक इन पदार्थों का उपयोग करने से मृदा के सूक्ष्म जीव मृत हो जाते हैं और मृदा की संरचना को नष्ट कर सकते हैं जो कि मृदा के पोषक तत्वों का पुनर्चक्रण करते हैं। ह्यूमस बनाने में सहायक भूमि में स्थित केंचुओं को भी वे समाप्त कर सकते हैं उपयोगी घटकों का मृदा से हटना और दूसरे हानिकारक पदार्थों का मृदा में मिलना जो कि मृदा की उर्वरता को प्रभावित करते हैं और उसमें स्थित जैविक विविधता को नष्ट कर देते हैं। इसे भूमि प्रदूषण कहते हैं।

क्रियाकलाप 14.11. (पा.पु. पू. सं. 221)
एक ही प्रकार की दो ट्रे लेकर मृदा से भर देते हैं। एक ट्रे में सरसों या मूंग अथवा धान या हरे चने का पौधा रोपते हैं और दोनों ट्रे में तब तक जल देते हैं जब तक कि जिस ट्रे में पौधा रोपा गया है, वह पौधे की वृद्धि से ढक नहीं जाए। यह सुनिश्चित कर लेते हैं कि दोनों ट्रे एक ही कोण पर झुके हों। दोनों ट्रे में समान मात्रा में जल इस प्रकार डालते हैं कि जल बाहर की ओर न निकलने पाए।

  • ट्रे से बाहर जाने वाली मृदा की मात्रा का अध्ययन करें। क्या बहने वाली मृदा की मात्रा दोनों ट्रे में समान है?
  • अब कुछ ऊँचाई से दोनों ट्रे में समान मात्रा में जल डालते हैं जितना कि हमने पहले डाला था उतनी ही मात्रा में जल तीन से चार बार डालते हैं।
  • अब मृदा की मात्रा का अध्ययन करते हैं जो ट्रे से बाहर चली गई है। क्या दोनों ट्रे में मृदा की मात्रा समान है?
    JAC Class 9 Science Solutions Chapter 14 प्राकृतिक सम्पदा 2

उत्तर:
उपरोक्त प्रकार से हमने अपनी प्रयोगात्मक व्यवस्था सैट कर ली। फिर इसके कुछ समय बाद जल के साथ बहने वाली मृदा का अध्ययन किया तो पाया कि एक ट्रे जिसमें पौधा नहीं रोपा गया था वह मृदा दूसरे ट्रे की मृदा से बहुत अधिक बढ़ गई थी। फिर कुछ ऊँचाई से 3-4 बार दोनों ट्रे में समान मात्रा में पानी डालने पर फिर मृदा का अध्ययन किया जो ट्रे से बाहर चली गई थी तो हमने पाया कि एक ट्रे में कम और रोपे गए पौधे वाली ट्रे में अधिक मृदा है।

इस क्रियाकलाप से यह स्पष्ट होता है कि पौधों की जड़ें मृदा के अपरदन (erosion) को रोकने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। बड़े स्तर पर जंगलों को काटना न केवल जैव विविधता को नष्ट कर रहा है बल्कि मृदा के अपरदन के लिए भी उत्तरदायी है। वनस्पति के लिए सहायक उपरिमृदा अपरदन की प्रक्रिया में तीव्रता से हट सकती है। अतः मृदा अपरदन को रोकना बहुत कठिन है। सतह पर पायी जाने वाली वनस्पति जल को परतों के अन्दर जाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

खंड 14.3 से सम्बन्धित पाठ्य पुस्तक के प्रश्न (पाठ्य पुस्तक पृ. सं. 222)

प्रश्न 1.
मृदा (मिट्टी) का निर्माण किस प्रकार होता है?
उत्तर:
मृदा (मिट्टी) का निर्माण हजारों और लाखों वर्षों के लम्बे समयान्तराल में पृथ्वी की सतह या उसके समीप पाये जाने वाले पत्थर विभिन्न प्रकार के भौतिक- रासायनिक और कुछ जैव प्रक्रमों के द्वारा टूट जाते हैं। टूटने के बाद सबसे अंत में बचा महीन कण मृदा है। सूर्य, जल, वायु और जीव मृदा निर्माण प्रक्रिया में महत्त्वपूर्ण योगदान करते हैं।

प्रश्न 2.
मृदा अपरदन क्या है?
उत्तर:
मृदा अपरदन – जल तथा वायु के प्रभाव से मृदा की ऊपरी परत बह जाती है जिसे मृदा अपरदन कहते हैं। मृदा अपरदन प्रमुख रूप से वनस्पति हीन, ढालू तथा कम ह्यूमस वाले क्षेत्रों में अधिक होता है। मृदा अपरदन का मुख्य कारण मनुष्य के अवांछित क्रियाकलाप जैसे वनों की अन्धाधुन्ध कटाई, पशुओं द्वारा अनियन्त्रित चराई कराना तथा अवैज्ञानिक ढंग से खेती करना आदि हैं।

प्रश्न 3.
अपरदन को रोकने और कम करने के कौन-कौन से तरीके हैं?
उत्तर:
अपरदन को रोकने के तरीके- हमारे देश में मृदा अपरदन एक बहुत ही गम्भीर समस्या बन गई है। ऐसी परिस्थिति में मृदा का संरक्षण बहुत ही आवश्यक है। इसके लिए निम्नलिखित उपाय किये जा सकते हैं-
(1) वृक्षारोपण – मृदा अपरदन को रोकने का सबसे कारगार उपाय वृक्षारोपण है। जहाँ अपरदन की समस्या गम्भीर हो गई हो, वहाँ नए वृक्ष लगाए जाने चाहिए। वनों की अन्धाधुन्ध कटाई तथा उनके दुरुपयोग पर रोक लगाई जानी चाहिए।

(2) पशुचारण पर नियन्त्रण – खाली खेतों में पशुओं के बिना रोक-टोक घूमने से उनके खुरों से मिट्टी ढीली हो जाती है। इससे वर्षा के जल और वायु के लिए मृदा अपरदन आसान हो जाता है। अतः पशुचारण पर नियन्त्रण होना चाहिए। नियन्त्रित पशु चराई से मृदा अपरदन रुक सकता है।

(3) कृषि प्रणाली में सुधार – कृषि प्रणाली में सुधार करके मृदा अपरदन को बहुत कुछ रोका जा सकता है। इनमें फसल चक्र अपनाना, सीढ़ीदार खेती करना तथा ढालों पर समोच्च रखी जुताई करना आदि उपाय किये जाने चाहिए।

(4) बाँध बनाना – बरसात के दिनों में जब नदी में बाढ़ आती है तो बहुत सी उपजाऊ मिट्टी जल के साथ बह जाती हैं। इसे रोकने के लिए नदियों पर बाँध बनाये जाने चाहिए। इससे जल के वेग में कमी आती है और मृदा अपरदन रुक जाता है।

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क्रियाकलाप 14.12. (पा. पु. पृ. सं. 225)
(i) वैश्विक ऊष्मीकरण के क्या परिणाम हो सकते हैं?
(ii) कुछ अन्य ग्रीन हाउस गैसों के नामों का भी पता लगाइए।
उत्तर:
(i) वैश्विक ऊष्मीकरण के कारण हमारी पृथ्वी के वायुमण्डल में ऊष्मा (गर्मी) की वृद्धि हो रही है जिसके फलस्वरूप –

  • हिमचोटियों और हिमनदियों के पिघलने से -समुद्र तल की ऊँचाई में वृद्धि हो रही है और तटवर्ती क्षेत्र तथा द्वीप डूबते जा रहे हैं या डूबने की स्थिति में हैं।
  • समय से पहले फसलें पक जाने के कारण अनाज के दानों का आकार छोटा होता जा रहा है।
  • मानव स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। इससे उसकी कार्यक्षमता भी प्रभावित हो रही है।

(ii) कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) के अतिरिक्त वायुमण्डल में ग्रीन हाउस प्रभाव उत्पन्न करने वाली अन्य गैसें मीथेन, नाइट्रोजन के ऑक्साइड, क्लोरोफ्लोरो कार्बन, SO2 आर्गन, अमोनिया तथा क्रिप्टान आदि हैं।

क्रियाकलाप 14.13: (पा. पु. पृ. सं. 226)
पता लगाएँ कि और कौन से अणु हैं जो ओजोन परत को हानि पहुचाते हैं? समाचार-पत्रों में प्रायः ओजोन परत में होने वाले छिद्र की चर्चा की जाती है। पता लगाएँ कि क्या छिद्र में कोई परिवर्तन हो रहा है ? वैज्ञानिक क्या सोचते हैं कि यह किस प्रकार पृथ्वी पर जीवन को प्रभावित करेगा ?
उत्तर:
क्रियाकलाप के इन प्रश्नों के उत्तर के लिए खण्ड 14.5 के अन्तर्गत ‘ओजोन परत’ को ध्यानपूर्वक पढ़िये।

खंड 14.4 और 14.5 से सम्बन्धित पाठ्य पुस्तक के प्रश्न (पाठ्य पुस्तक पृ. सं. 226)

प्रश्न 1.
जल चक्र के क्रम में जल की कौन-कौन सी अवस्थाएँ पाई जाती हैं?
उत्तर:
जलचक्र के क्रम में जल पहले वाष्प बनता है। फिर संघनित होकर वर्षा के रूप में पृथ्वी की सतह पर गिरता है और फिर यह जल नदियों के द्वारा समुद्र में पहुँच जाता है।

प्रश्न 2.
जैविक रूप से महत्त्वपूर्ण दो यौगिकों के नाम दीजिए जिनमें ऑक्सीजन और नाइट्रोजन दोनों पाए जाते हों।
उत्तर:
जैविक रूप से महत्त्वपूर्ण यौगिक प्रोटीन, न्यूक्लिक अम्ल, DNA तथा RNA तथा कुछ विटामिन हैं।

प्रश्न 3.
मनुष्य की किन्हीं तीन गतिविधियों को पहचानें जिनसे वायु में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ती है।
उत्तर:
मनुष्य की तीन गतिविधियाँ जिनसे वायु में CO2 की मात्रा बढ़ती है निम्नांकित हैं-

  • दहन की क्रिया जहाँ ईंधन का उपयोग भोजन पकाने व गर्म करने में होता है। होना।
  • यातायात के लिए मोटर वाहनों का उपयोग करना।
  • उद्योगों के द्वारा वायुमण्डल में (CO2) का प्रवेश

प्रश्न 4.
ग्रीन हाउस प्रभाव क्या है?
उत्तर:
ग्रीन हाउस प्रभाव- कुछ गैसें, जैसे- CO2, मीथेन, नाइट्रोजन के ऑक्साइड, CFC आदि पृथ्वी से ऊष्मा को पृथ्वी के वायुमण्डल के बाहर जाने से रोकती हैं। वायुमण्डल में विद्यमान इस प्रकार की गैसों में वृद्धि संसार के औसत तापमान को बढ़ा सकती है। इस प्रकार के प्रभाव को फ़ोन हाउस प्रभाव कहते हैं।

प्रश्न 5.
वायुमण्डल में पाए जाने वाले ऑक्सीजन के दो रूप कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
वायुमण्डल में पाये जाने वाले ऑक्सीजन के दो रूप-

  • द्विपरमाण्विक अणु O2, तथा
  • वायुमण्डल के ऊपरी भाग में तीन परमाणु वाले अणु O3 (ओजोन)

JAC Class 9 Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना

Jharkhand Board JAC Class 9 Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 9 Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना

Jharkhand Board Class 9 Science परमाणु की संरचना Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूटॉन के गुणों की तुलना कीजिए।
उत्तर:
इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन के गुणों की तुलना
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 1

प्रश्न 2.
जे. जे. टॉमसन के परमाणु मॉडल की क्या सीमाएँ थीं?
उत्तर:
जे. जे. टॉमसन ने परमाणु का एक मॉडल दिया, जिसमें इलेक्ट्रॉन परमाणु के पूरे आयतन में एक समान रूप से वितरित रहते हैं। जैसा कि नीचे चित्र में दिखाया गय है। यह माना गया कि परमाणु का द्रव्यमान समान रूप से वितरित रहता है। यह स्थापित किया गया कि परमाणु का आकार 10-10 या 1Å होता है।
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 2
जे. जे टामसन का परमाणु मॉडल दूसरे वैज्ञानिकों के द्वारा किये गये परिणामों को नहीं समझा सका।

प्रश्न 3.
रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल की क्या सीमाएँ हैं?
उत्तर:
मैक्सवेल के विद्युत चुम्बकीय सिद्धान्त के अनुसार रदरफोर्ड का परमाणु मॉडल दोषपूर्ण पाया गया। इस सिद्धान्त के अनुसार गति करता हुआ विद्युत आवेशित कण निरन्तर विद्युत चुम्बकीय तरंगें विकरित करेगा, जिससे उसकी ऊर्जा में कमी होगी। अतः ऊर्जा में इस प्रकार की कमी होने
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 3
के कारण इलेक्ट्रॉन की गति कम होती जायेगी, जिससे उसकी कक्षाएँ छोटी होती जायेंगी और अन्त में इलेक्ट्रॉन नाभिक में गिर जायेगा (चित्र)। इसका अभिप्राय यह होगा कि परमाणु एक अस्थायी यन्त्र है। इसका समाधान रदरफोर्ड के मॉडल द्वारा नहीं किया जा सका।

प्रश्न 4.
बोर के परमाणु मॉडल की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल की कमियों को दूर करने के लिए बोर ने सन् 1931 में क्वाण्टम सिद्धान्त पर आधारित नया परमाणु मॉडल प्रस्तुत किया। इसके अनुसार-

  • परमाणु में इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर निश्चित एवं स्थायी वृत्ताकार कक्षाओं में चक्कर लगाते हैं।
  • प्रत्येक कक्षा में चक्कर लगाने वाले इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा निश्चित होती है। इन कक्षाओं को ऊर्जा स्तर (Energy Levels) भी कहते हैं।
  • इन कक्षाओं में चक्रण करता हुआ इलेक्ट्रॉन न तो ऊर्जा का अवशोषण करता है और न उत्सर्जन।
  • ऊर्जा का अवशोषण करने पर इलेक्ट्रॉन निम्न ऊर्जा स्तर से उच्च ऊर्जा स्तर में तथा ऊर्जा का उत्सर्जन करने पर इलेक्ट्रॉन उच्च ऊर्जा से निम्न ऊर्जा स्तर में संक्रमित हो जाता है। इन कक्षाओं को 1, 2, 3, 4 या K, L, M, N से प्रदर्शित करते हैं।
    JAC Class 9 Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 4

प्रश्न 5.
इस अध्याय में दिए गए सभी परमाणु मॉडलों की तुलना कीजिए।
उत्तर:

टॉमसन का परमाणु मॉडल रदरफोर्ड का परमाणु मॉडल बोर का परमाणु मॉडल
(a) धन आवेश (प्रोटॉन) परमाणु के अन्दर धनावेशित क्षेत्र होता है। धनावेश परमाणु के केन्द्र में इकट्ठा होता है। यह भारी, धनावेशित केन्द्र नाभिक कहलाता है। धनावेश परमाणु के केन्द्र में स्थित नाभिक में इकट्ठा होता है।
(b) ऋण आवेश (इलेक्ट्रॉन) परमाणु के धनावेशित क्षेत्र में इलेक्ट्रॉन यहाँ-वहाँ बिखरे होते हैं। नाभिक को इलेक्ट्रॉन घेरे रहते हैं। नाभिक और इलेक्ट्रॉन, स्थिर वैद्युत आकर्षण बल द्वारा अपनी-अपनी जगह टिके होते हैं। इलेक्ट्रॉन, नाभिक के आस-पास घूमते हैं। प्रत्येक की कक्षा एवं ऊर्जा स्तर भी होता है।

प्रश्न 6.
पहले अठारह तत्वों के विभिन्न कक्षों में इलेक्ट्रॉन वितरण के नियम को लिखिए।
उत्तर:
इलेक्ट्रॉन वितरण का बोर एवं बरी नियम निम्नलिखित हैं-
(1) किसी कक्ष में अधिकतम इलेक्ट्रॉनों की संख्या 2n² हो सकती है। जबकि n इलेक्ट्रॉन की कक्ष संख्या है।
प्रथम कक्ष में इलेक्ट्रॉन = 2n² = 2 x (1)² = 2
द्वितीय कक्ष में इलेक्ट्रॉन = 2 x (2)² = 2 x 4 = 8
तृतीय कक्ष में इलेक्ट्रॉन = 2 × (3)² = 2 × 9 = 18

(2) बाह्यतम कक्षा में अधिकतम 8 इलेक्ट्रॉन हो सकते हैं। और उससे पहले वाले कक्ष में आधे।

(3) किसी परमाणु के दिए गए कोश में इलेक्ट्रॉन तब तक स्थान नहीं लेते हैं। जब तक कि उससे पहले वाले भीतरी कक्ष पूर्ण रूप से भर नहीं जाते। स्पष्ट होता है कि कक्षाएँ क्रमानुसार भरती हैं।

प्रश्न 7.
सिलिकॉन और ऑक्सीजन का उदाहरण लेते हुए संयोजकता की परिभाषा दीजिए।
उत्तर:
कोई परमाणु बाह्यतम कोश को पूर्ण करने के लिए जितने इलेक्ट्रॉन लेता है या देता है, वही उसकी संयोजकता कहलाती है।
क्योंकि यह दो इलेक्ट्रॉन ग्रहण कर सकता है।
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 5
क्योंकि यह दो इलेक्ट्रॉन ग्रहण कर सकता है।

प्रश्न 8.
उदाहरण के साथ व्याख्या कीजिए-परमाणु संख्या, द्रव्यमान संख्या, समस्थानिक और समभारिक समस्थानिकों के कोई दो उपयोग लिखिए।
उत्तर:
परमाणु संख्या-किसी तत्व के परमाणु के नाभिक में उपस्थित प्रोटॉन की संख्या को उसकी परमाणु संख्या कहते हैं। जैसे-हाइड्रोजन की परमाणु संख्या 1 क्योंकि इसके नाभिक में 1 प्रोटॉन होता है। कार्बन की परमाणु संख्या 6 है क्योंकि इसके नाभिक में 6 प्रोटॉन होते हैं।

द्रव्यमान संख्या-किसी तत्व के नाभिक में उपस्थित प्रोटॉन और न्यूट्रॉन की कुल संख्या द्रव्यमान संख्या कहलाती है। जैसे-कार्बन की द्रव्यमान संख्या 12 है क्योंकि कार्बन के नाभिक में 6 प्रोटॉन और 6 न्यूट्रॉन होते हैं। ऐलुमिनियम की द्रव्यमान संख्या 27 है क्योंकि इसके नाभिक में 13 प्रोटॉन और 14 न्यूट्रॉन होते हैं।

समस्थानिक- किसी तत्व के ऐसे परमाणु जिनकी परमाणु संख्या समान होती है किन्तु द्रव्यमान संख्या भिन्न-भिन्न होती है वे उस तत्व के समस्थानिक कहलाते हैं। जैसे-
क्लोरीन के दो समस्थानिक हैं।
क्लोरीन \({ }_{17}^{35} \mathrm{Cl}\)
क्लोरीन \({ }_{17}^{37} \mathrm{Cl}\)
समभारिक – तत्वों के ऐसे परमाणु जिनकी द्रव्यमान संख्या समान होती है किन्तु परमाणु संख्या भिन्न-भिन्न होती है, समभारिक कहलाते हैं जैसे कैल्शियम की परमाणु संख्या 20 तथा आर्गन की परमाणु
संख्या 18 है परन्तु दोनों के परमाणु द्रव्यमान समान (40) हैं।

समस्थानिकों के उपयोग:

  • कैंसर के उपचार में कोबाल्ट के समस्थानिक (Co-60) का प्रयोग किया जाता है।
  • घेंघा रोग के उपचार में 1-131 समस्थानिक का प्रयोग किया जाता है।

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प्रश्न 9.
Na के पूरी तरह से भरे हुए K व L कोश होते हैं- व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
सोडियम (Na) का परमाणु क्रमांक 11 है; अतः इसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8, 1 है। M-कोश के इलेक्ट्रॉन निकल जाने के उपरान्त सोडियम आयन (Na+) प्राप्त होता है जिसके K कोश में 2 तथा L कोश में 8 इलेक्ट्रॉन होते हैं तथा M- कोश विलुप्त हो जाता है। शेष दोनों कोशों में इलेक्ट्रॉनों की संख्या, इन कोशों में होने वाले इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या के बराबर है अर्थात् K तथा L कोश पूर्णतः भरे हुए हैं।

प्रश्न 10.
अगर ब्रोमीन परमाणु दो समस्थानिकों [ \({ }_{35} \mathbf{B r}^{79}\) (49.7%) तथा \({ }_{35} \mathrm{B} r^{81}\) (50.3%)] के रूप में है तो ब्रोमीन परमाणु के औसत परमाणु द्रव्यमान की गणना कीजिए ।
हल:
ब्रोमीन परमाणु का औसत परमाणु द्रव्यमान
= \(\left(79 \times \frac{49.7}{100}+81 \times \frac{50.3}{100}\right)\)
= 39.263 + 40.743
= 80.006 u

प्रश्न 11.
एक तत्त्व का परमाणु द्रव्यमान 16.2u है तो इसके किसी एक नमूने में समस्थानिक \({ }_8 X^{16}\) और \({ }_8 X^{18}\) का प्रतिशत क्या होगा?
है।
होगी।
उत्तर:
माना नमूने में \({ }_8 X^{16}\) समस्थानिक की प्रतिशतता a है।
अत: \({ }_8 X^{18}\) समस्थानिक की प्रतिशतता (100-a)
अब
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 6

अतः नमूने में, \({ }_8 \mathrm{X}^{16}\) की प्रतिशतता 90% तथा \({ }_8 \mathrm{X}^{16}\) की
प्रतिशतता 10% होगीं।

प्रश्न 12.
यदि तत्व का Z = 3 हो तो तत्व की संयोजकता क्या होगी? तत्व का नाम भी लिखिए।
उत्तर:
Z = 3 वाले तत्व का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 1 होगा अर्थात् स्थायी विन्यास प्राप्त करने के लिए यह अपने बाह्यतम कोश में स्थित एक इलेक्ट्रॉन को त्याग सकता है। अतः इसकी संयोजकता 1 होगी तत्व का नाम लीथियम (Li) है।

प्रश्न 13.
दो परमाणु स्पीशीज के केन्द्रकों का संघटन नीचे दिया गया है-

X Y
प्रोटॉन 6 6
न्यूट्रॉन 6 8

X और Y की द्रव्यमान संख्या ज्ञात कीजिए। इन दोनों स्पीशीज में क्या सम्बन्ध है?
उत्तर:
द्रव्यमान संख्या = प्रोटॉनों की संख्या + न्यूट्रॉनों की संख्या
X की द्रव्यमान संख्या = 6 + 6 + 12
Y की द्रव्यमान संख्या = 6 + 8 = 14
X का परमाणु क्रमांक 6 = Y का परमाणु क्रमांक चूँकि दोनों परमाणु स्पीशीज की परमाणु संख्या समान तथा द्रव्यमान संख्या भिन्न-भिन्न है; अतः ये समस्थानिक होंगे। X तथा Y दोनों कार्बन के समस्थानिक \({ }_6 \mathrm{C}^{12}\) तथा \({ }_6 \mathrm{C}^{14}\) हैं।

प्रश्न 14.
निम्नलिखित वक्तव्यों में गलत के लिए- F और सही के लिए T लिखें।
(a) जे. जे. टामसन ने यह प्रस्तावित किया था कि परमाणु के केन्द्रक में केवल न्यूक्लीयॉन्स होते हैं।
(b) एक इलेक्ट्रॉन और प्रोटॉन मिलकर न्यूट्रॉन का निर्माण करते हैं, इसलिए यह अनावेशित होता है।
(c) इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान प्रोटॉन से लगभग \(\frac { 1 }{ 2000 }\) गुणा होता है।
(d) आयोडीन के समस्थानिक का इस्तेमाल टिंक्चर आयोडीन बनाने में होता है। इसका उपयोग दवा के रूप में होता है।
उत्तर:
(a) F
(b) F
(c) T
(d) F
प्रश्न संख्या 15, 16 और 17 में सही के सामने (✓) का चिह्न और गलत के सामने (x) का चिह्न लगाइए।

प्रश्न 15.
रदरफोर्ड का अल्फा कण प्रकीर्णन प्रयोग किसकी खोज के लिए उत्तरदायी था ?
(a) परमाणु केन्द्रक
(b) इलेक्ट्रॉन
(c) प्रोटॉन
(d) न्यूट्रॉन।
उत्तर:
(a) (✓)
(b) (✗)
(c) (✗)
(d) (✗)।

प्रश्न 16.
एक तत्व के समस्थानिक में होते हैं-
(a) समान भौतिक गुण
(b) भिन्न रासायनिक गुण
(c) न्यूट्रॉनों की अलग-अलग संख्या
(d) भिन्न परमाणु संख्या ।
उत्तर:
(a) (✗)
(b) (✗)
(c) (✓)
(d) (✗)।

प्रश्न 17.
Cl आयन में संयोजकता- इलेक्ट्रॉनों की संख्या है-
(a) 16
(b) 8
(c) 17
(d) 18
उत्तर:
(a) (✗)
(b) (✓)
(c) (✗)
(d) (✗)।

प्रश्न 18.
सोडियम का सही इलेक्ट्रॉनिक विन्यास निम्न में कौन सा है?
(a) 2,8
(b) 8, 2, 1
(c) 2, 1, 8
(d) 2, 8, 1
उत्तर:
(d) 2, 8, 1.

प्रश्न 19.
निम्नलिखित सारणी को पूरा कीजिए-
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 7
उत्तर:
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 8

Jharkhand Board Class 9 Science परमाणु की संरचना InText Questions and Answers

क्रियाकलाप 1.
(A) सूखे बालों पर कंघी करने के बाद क्या कंघी कागज के छोटे-छोटे टुकड़ों को आकर्षित करती है?
(B) काँच की एक छड़ को रेशम के कपड़े पर रगड़कर इस छड़ को हवा से भरे गुब्बारे के पास लाइए और होने वाले परिणामों को देखिए।
निष्कर्ष-
(A) सूखे बालों पर कंत्री करने से कंघी आवेशित हो जाती है जिससे कागज के छोटे-छोटे टुकड़े उससे चिपक जाते हैं।
(B) काँच की एक छड़ को रेशम के कपड़े पर रगड़ने से छड़ आवेशित हो जाती है जब हम इस छड़ को हवा से भरे गुब्बारे के पास लाते हैं तो हवा से भरा गुब्बारा छड़ के साथ चिपक जाता है।

इससे यह पता चला कि परमाणु विभाज्य है और आवेशित कणों से मिलकर बना है। परमाणु में उपस्थित आवेशित कर्णों का पता लगाने में कई वैज्ञानिकों ने योगदान दिया। जे. जे. टॉमसन ने बताया कि परमाणु में एक अवपरमाणुक कण इलेक्ट्रॉन विद्यमान होता है। गोल्डस्टीन ने 1886 में एक नए विकिरण की खोज की जिसका नाम कैनाल किरणें रखा। ये किरणें धनावेशित विकिरण थीं, जिसके द्वारा अन्य अवपरमाणुक कणों की खोज हुई। नए कण का द्रव्यमान इलेक्ट्रॉन के द्रव्यमान का लगभग 2000 गुना अधिक होता है, इसे प्रोटॉन नाम दिया गया। इलेक्ट्रॉन को द्वारा तथा प्रोटॉन को द्वारा दर्शाया जाता है। प्रोटॉन का द्रव्यमान 1 इकाई तथा आवेश +1 लिया जाता है। इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान नगण्य और आवेश 1 माना जाता है।

ऐसा माना गया कि परमाणु प्रोटॉन और इलेक्ट्रॉन से बने होते हैं तो परस्पर आवेशों को संतुलित करते हैं। यह भी प्रतीत हुआ कि प्रोटॉन परमाणु के सबसे भीतरी भाग में होते हैं। इलेक्ट्रॉन को आसानी से निकाला जा सकता है लेकिन प्रोटॉनों को नहीं।

खंड 4.1 से सम्बन्धित पाठ्य पुस्तक के प्रश्नोत्तर (पा.पु. पू. सं. – 53 )

प्रश्न 1.
कैनाल किरणें क्या हैं?
उत्तर:
र- इलेक्ट्रॉन के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त होने के पहले, ई. गोल्डस्टीन ने 1886 में एक नए विकिरण की खोज की, जिसे उन्होंने ‘कैनाल किरणें नाम दिया। ये किरणें धनावेशित विकिरण थीं, जिसके द्वारा अन्तत: दूसरे अवपरमाणुक कण की खोज हुई।

JAC Class 9 Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना

प्रश्न 2.
यदि किसी परमाणु में एक इलेक्ट्रॉन और एक प्रोटॉन है, तो इसमें कोई आवेश होगा या नहीं?
उत्तर:
चूँकि एक इलेक्ट्रान और एक प्रोटॉन पर आवेश बराबर होता है, इसलिए एक इलेक्ट्रॉन और एक प्रोटॉन पर आवेश नहीं होगा। दूसरे शब्दों में यह एक उदासीन परमाणु वाली स्थिति है।

खंड 4.2 से सम्बन्धित पाठ्य पुस्तक के प्रश्नोत्तर (पा. पु. पू. सं. – 56)

प्रश्न 1.
परमाणु उदासीन है, इस तथ्य को टॉमसन के मॉडल के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:

  • टॉमसन के मॉडल के अनुसार परमाणु एक धनात्मक क्षेत्र से बना है, जिसमें ऋणात्मक कण अर्थात् इलेक्ट्रॉन इधर-उधर बिखरे हैं।
  • परमाणु के धनात्मक तथा ऋणात्मक आवेश एक-दूसरे को सन्तुलित कर देते हैं। इसलिए परमाणु उदासीन होता है।

प्रश्न 2.
रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल के अनुसार, परमाणु के नाभिक में कौन-सा अवपरमाणुक कण विद्यमान है?
उत्तर:
परमाणु के नाभिक में धनावेशित कण (प्रोटॉन) होता है।

प्रश्न 3.
तीन कक्षाओं वाले बोर परमाणु मॉडल का चित्र बनाइए।
उत्तर:
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना 9

प्रश्न 4.
क्या अल्फा कणों का प्रकीर्णन प्रयोग सोने के अतिरिक्त दूसरी धातु की पन्नी से सम्भव होगा ?
उत्तर:
सोने की अत्यन्त महीन पन्नी ( लगभग 1000 परमाणुओं के बराबर मोटी) प्राप्त करना सम्भव होता है, जो प्रकीर्णन प्रयोग के लिए आवश्यक है। किसी अन्य धातु की इतनी महीन पन्नी प्राप्त करना सम्भव नहीं है। अतः प्रकीर्णन प्रयोग में सोने के अतिरिक्त किसी अन्य धातु की पन्नी का प्रयोग सम्भव नहीं है।

खंड 4.2.4 से सम्बन्धित पाठ्य पुस्तक के प्रश्नोत्तर (पा. पु. पृ. सं.-56)

प्रश्न 1.
परमाणु के तीन अवपरमाणुक कणों के नाम लिखिए।
उत्तर:
परमाणु के तीन अवपरमाणुक कण इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन हैं।

प्रश्न 2.
हीलियम परमाणु का परमाणु द्रव्यमान 4u है और उसके नाभिक में दो प्रोटॉन होते हैं। इसमें कितने न्यूट्रॉन होंगे?
उत्तर:
न्यूट्रॉनों की संख्या = परमाणु द्रव्यमान – प्रोटॉनों की संख्या
= 4 – 2 = 2

खण्ड 4. 3 से सम्बन्धित पाठ्य पुस्तक के प्रश्नोत्तर (पा. पु. पृ. सं. -57)

प्रश्न 1.
कार्बन तथा सोडियम के परमाणुओं के लिए इलेक्ट्रॉन वितरण लिखिए।
उत्तर:
कार्बन का परमाणु क्रमांक = 6
इलेक्ट्रॉन वितरण = 2, 4
सोडियम का परमाणु क्रमांक = 11
इलेक्ट्रॉन वितरण = 2, 8, 1

प्रश्न 2.
अगर किसी परमाणु का K और L कोश भरा है तो उस परमाणु में इलेक्ट्रॉनों की संख्या क्या होगी ?
उत्तर:
K कोश (n = 1) में इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या = 2 (1)2 = 2
L कोश (n = 2) में इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या = 2 (2)2 = 8
अत: परमाणु में 2 + 8 = 10 इलेक्ट्रॉन होंगे

खण्ड 4.4 से सम्बन्धित पाठ्य पुस्तक के प्रश्नोत्तर (पा. प. प. सं. -58)

प्रश्न 1.
क्लोरीन, सल्फर और मैग्नीशियम की परमाणु संख्या से आप इनकी संयोजकता कैसे प्राप्त करेंगे ?
उत्तर:
क्लोरीन (Z = 17 ) – इसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8, 7 है। स्पष्ट है कि क्लोरीन परमाणु को अपना अष्टक अर्थात् बाह्यतम कोश को पूर्ण भरने के लिए केवल एक इलेक्ट्रॉन की आवश्यकता होती है; अतः इसकी संयोजकता है।

सल्फर (Z = 16 ) – इसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8.6 है। स्पष्ट है कि सल्फर परमाणु को अपना बाह्यतम कोश पूर्ण करने के लिए 2 इलेक्ट्रॉनों की आवश्यकता होती है; अतः इसकी संयोजकता 2 है।

मैग्नीशियम (Z = 12 ) – इसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8, 2 है। स्पष्ट है कि मैग्नीशियम परमाणु के बाह्यतम कोश में 2 इलेक्ट्रॉन हैं तथा स्थायी विन्यास प्राप्त करने के लिए यह इन इलेक्ट्रॉनों को त्याग सकता है। अतः इसकी संयोजकता 2 है।

खण्ड 4.5 से सम्बन्धित पाठ्य पुस्तक के प्रश्नोत्तर (पा. प. प. सं. -59)

प्रश्न 1.
यदि किसी परमाणु में इलेक्ट्रॉनों की संख्या 8 है और प्रोटॉनों की संख्या भी 8 है तब,
(a) परमाणु की परमाणुक संख्या क्या है?
(b) परमाणु का क्या आवेश है?
उत्तर:
(a) परमाणु की परमाणु संख्या परमाणु के नाभिक में उपस्थित प्रोटॉनों की संख्या = 8
(b) चूँकि परमाणुक में इलेक्ट्रॉनों तथा प्रोटॉनों की संख्या समान है; अत: इस पर कोई आवेश नहीं होगा अर्थात् परमाणु विद्युत उदासीन होगा।

प्रश्न 2.
सारणी 4.3 की सहायता से ऑक्सीजन और सल्फर परमाणु की द्रव्यमान संख्या ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
सारणी 4.3 के अनुसार
ऑक्सीजन परमाणु में प्रोटॉनों की संख्या = 8
तथा ऑक्सीजन परमाणु में न्यूट्रॉनों की संख्या = 8
अब द्रव्यमान संख्या प्रोटॉनों की संख्या + न्यूट्रॉनों की संख्या
द्रव्यमान संख्या = 8 + 8 =16
सल्फर परमाणु में प्रोटॉनों की संख्या = 16
तथा सल्फर परमाणु में न्यूट्रॉनों की संख्या = 16
अतः द्रव्यमान संख्या 16 + 16 = 32

खण्ड 4.6 से सम्बन्धित पाठ्य पुस्तक के प्रश्नोत्तर (पा. प. प. सं. -60)

प्रश्न 1.
समस्थानिक और समभारिक के किसी एक युग्म का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखिए।
उत्तर:
समस्थानिक – 6C12 तथा 6C14
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास = 2, 4
समभारिक – 20C40 तथा 18A40
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास, 20Ca40 : 2, 8, 8, 2
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 18A40 : 2, 8, 8

JAC Class 9 Science Solutions Chapter 4 परमाणु की संरचना

प्रश्न 2.
चिह्न H, D और T के लिए प्रत्येक में पाए जाने वाले तीन अवपरमाणुक कणों को सारणीबद्ध कीजिए।
उत्तर:

समस्थानिक तीन अवपरमाणुक कण
इलेक्ट्रॉन प्रोटॉन न्यूट्रॉन
H 1 1 0
D 1 1 1
T 1 1 2

JAC Class 9 Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम

Jharkhand Board JAC Class 9 Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 9 Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम

Jharkhand Board Class 9 Science बल तथा गति के नियम Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
कोई वस्तु शून्य बाह्य असन्तुलित बल अनुभव करती है। क्या किसी भी वस्तु के लिए अशून्य वेग से गति करना सम्भव है? यदि हाँ, तो वस्तु के वेग के परिमाण एवं दिशा पर लगने वाली शर्तों का उल्लेख कीजिए। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
हाँ, सम्भव है। वास्तव में गति की अवस्था में परिवर्तन के लिए बल की आवश्यकता होती है न कि एकसमान गति की अवस्था को बनाए रखने के लिए। अतः यदि कोई वस्तु पहले से गतिमान है तो वह बाह्य असन्तुलित बल की अनुपस्थिति में भी एकसमान गति की अवस्था को बनाए रखेगी। इस स्थिति में वस्तु के वेग का परिमाण तथा गति की दिशा दोनों नियत रहेंगे।

प्रश्न 2.
जब किसी छड़ी से एक दरी (कार्पेट) को पीटा जाता है तो धूल के कण बाहर आ जाते हैं। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
दरी (कार्पेट) को छड़ी से पीटने पर धूल के कण निकल आते हैं- इसका कारण यह है कि छड़ी से पीटने पर दरी (कार्पेट) के कण तो गति की अवस्था में आ जाते हैं, परन्तु विराम जड़त्व के कारण धूल के कण विराम में ही बने रहते हैं और दरी (कार्पेट) के कणों से अलग होकर बाहर निकल जाते हैं।

प्रश्न 3.
बस की छत पर रखे सामान को रस्सी से क्यों बाँधा जाता है?
उत्तर:
जब चलती हुई गाड़ी में अचानक ब्रेक लगाए जाते हैं अथवा एकाएक उसे मोड़ा जाता है तो गति जड़त्व के कारण गाड़ी की छत पर रखा सामान उसी वेग से उसी दिशा में गतिमान रहने का प्रयास करता है। ऐसे में यदि सामान को बाँधा नहीं गया है तो वह छत से नीचे गिर सकता है, इससे सामान के टूटने की सम्भावना रहती है। अतः बस की छत पर रखे सामान को बाँधकर रखा जाता है।

प्रश्न 4.
किसी बल्लेबाज द्वारा क्रिकेट की गेंद को मारने पर गेंद जमीन पर लुढ़कती है। कुछ दूरी चलने के पश्चात् गेंद रुक जाती है। गेंद रुकने के लिए धीमी होती है, क्योंकि-
(a) बल्लेबाज ने गेंद को पर्याप्त प्रयास से हिट नहीं किया है।
(b) वेग गेंद पर लगाए गए बल के समानुपाती है।
(c) गेंद पर गति की दिशा के विपरीत एक बल कार्य कर रहा है।
(d) गेंद पर कोई असन्तुलित बल कार्यरत नहीं है; अतः गेंद विरामावस्था में आने के लिए प्रयासरत है। (सही विकल्प का चयन कीजिए।)
उत्तर:
(c) गेंद पर गति की दिशा में विपरीत एक बल कार्य कर रहा है।

प्रश्न 5.
एक ट्रक विरामावस्था से किसी पहाड़ी से नीचे की ओर नियत त्वरण से लुढ़कना शुरू करता है। यह 20 सेकण्ड में 400 मीटर की दूरी तय करता है। इसका त्वरण ज्ञात कीजिए। अगर इसका द्रव्यमान 7 टन है तो इस पर लगने वाले बल की गणना कीजिए। (1 टन = 1000 किग्रा)
हल:
प्रश्नानुसार दूरी (s) = 400 मीटर,
प्रारम्भिक वेग (u) = 0 मीटर / सेकण्ड,
समय (t) = 20 सेकण्ड, त्वरण (a) = ?
s = ut + \(\frac { 1 }{ 2 }\) at² से
400 = (0 × 20) + \(\frac { 1 }{ 2 }\) a × (20)²
अथवा 400 = 200 a
अतः ट्रक का त्वरण (a) = \(\frac { 400 }{ 200 }\) = 2 मीटर/सेकण्ड²।
दिया है त्वरण (a) = 2 मीटर / सेकण्ड², द्रव्यमान (m) = 7 टन 7000 किग्रा, बल (F) = ?
सूत्र
F = m x a से,
बल (F) = 7000 किग्रा x 2 मीटर/सेकण्डर
= 14,000 किग्रा मीटर/सेकण्डर
= 14,000 न्यूटन
अतः ट्रक पर लगा बल = 14,000 न्यूटन।

JAC Class 9 Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम

प्रश्न 6.
1 किग्रा द्रव्यमान के एक पत्थर को 20 मीटर / सेकण्ड के वेग से झील की जमी हुई सतह पर फेंका जाता है। पत्थर 50 मीटर की दूरी तय करने के बाद रुक जाता है। पत्थर और बर्फ के बीच लगने वाले घर्षण बल की गणना कीजिए।
हल
दिया है द्रव्यमान m = 1 किग्रा, 4 = 20 मीटर / सेकण्ड s = 50 मीटर, v = 0 मीटर / सेकण्ड, बल F = ?
सूत्र,
v² – u² = 2as से,
0² – (20)² = 2a × 50
या a = – \(\frac{20 \times 20}{2 \times 50}\)
= – 4 मीटर / सेकण्डर
ऋणात्मक चिह्न मन्दन को प्रदर्शित करता है।
अत: पत्थर का मन्दन 4 मीटर / सेकण्ड है।
अब सूत्र F = m xa से,
बर्फ द्वारा पत्थर पर लगाया गया बल
F = 1 किग्रा x 4 मीटर / सेकण्ड² = 4 न्यूटन
अतः बर्फ तथा पत्थर के बीच 4 न्यूटन का बल लगता है।

प्रश्न 7.
एक 8,000 किग्रा द्रव्यमान का रेल इंजन प्रति 2,000 किग्रा द्रव्यमान वाले पाँच डिब्बों को सीधी पटरी पर खींचता है। यदि इंजन 40,000 न्यूटन का बल आरोपित करता है तथा पटरी 5,000 न्यूटन का घर्षण बल लगाती हो तो ज्ञात कीजिए-
(a) नेट त्वरण बल
(b) रेल का त्वरण
हल:
दिया है इंजन द्वारा लगाया गया बल = 40,000 न्यूटन,
इंजन का द्रव्यमान = 8,000 किग्रा,
पटरी द्वारा लगाया गया घर्षण बल = 5,000 न्यूटन,
प्रत्येक डिब्बे का द्रव्यमान = 2,000 किग्रा।
(a) ∵ घर्षण बल एक अवरोधी बल है,
∴ रेलगाड़ी पर नेट त्वरण बल = इंजन का बल – पटरी का घर्षण बल
= 40,000 – 5,000- 35,000 न्यूटन।

(b) पाँच डिब्बों का कुल द्रव्यमान
m = 5 × 2000 = 10,000 किग्रा
जबकि डिब्बों पर नेट त्वरण बल
F = 35,000 न्यूटन
∴ सूत्र F = ma से,
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम 9

प्रश्न 8.
एक गाड़ी का द्रव्यमान 1,500 किग्रा है। यदि गाड़ी को 1.7 मीटर / सेकण्ड के ऋणात्मक त्वरण (अव- मन्दन) के साथ विरामावस्था में लाना है तो गाड़ी तथा सड़क के बीच लगने वाला बल कितना होगा?
हल:
दिया है गाड़ी का द्रव्यमान m= 1,500 किग्रा, मन्दन a = 1.7 मीटर/सेकण्डर²
माना कि गाड़ी व सड़क के बीच लगा बल = F
तब यही बल गाड़ी में मन्दन उत्पन्न करेगा; अतः
सूत्र F = m x a से,
बल F = 1,500 किग्रा 1.7 मीटर/सेकण्डर²
= 2,550 न्यूटन।

प्रश्न 9.
किसी द्रव्यमान की वस्तु, जिसका वेग है, का संवेग क्या होगा?
(a) (mv)²
(b) mv²
(c) \(\frac { 1 }{ 2 }\) mv²
(d) mv
(उपर्युक्त में से सही विकल्प चुनिए)
उत्तर:
(d) mv.

प्रश्न 10.
हम एक लकड़ी के बक्से को 200 न्यूटन बल लगाकर उसे नियत वेग से फर्श पर धकेलते हैं। बक्से पर लगने वाला घर्षण बल क्या होगा?
हल:
बक्से पर लगाया गया बल F1 = 200 न्यूटन
माना बक्से पर लगा घर्षण बल तब बक्से पर लगा नेट बल = F2 न्यूटन
= F1 – F2 = (200 – F2) न्यूटन
∵ बक्सा नियत वेग से गतिमान है; अतः बक्से पर नेट असन्तुलित बल शून्य होगा।
अत: नेट बल = (200 – F2) = 0
F2 = 200 न्यूटन
अतः बक्से पर लगा घर्षण बल 200 न्यूटन है।

प्रश्न 11.
दो वस्तुएँ, प्रत्येक का द्रव्यमान 1-5 किग्रा है, एक ही सीधी रेखा में एक-दूसरे के विपरीत दिशा में गति कर रही हैं। टकराने के पहले प्रत्येक का वेग 2.5 मीटर / सेकण्ड है। टकराने के बाद यदि दोनों एक-दूसरे से जुड़ जाती हैं, तब उनका सम्मिलित वेग क्या होगा?
हल:
दिया है वस्तुओं के द्रव्यमान m1 = m2 = 1.5 किग्रा
टकराने से पहले इनके वेग u1 = 2.5 मीटर / सेकण्ड
u2 = 22.5 मीटर / सेकण्ड
(ऋण चिह्न विपरीत दिशा के कारण लिया है।)
माना कि टक्कर के बाद दोनों का सम्मिलित वेग v हो जाता है।
दोनों के जुड़ जाने से बनी नई वस्तु का द्रव्यमान (m1 + m2) होगा।
तब टक्कर के पहले दोनों का कुल संवेग
= m1u2 + m2u2
= 1.5 x 2.5 + 15 x (-2.5)
= 3.75 – 3.75 = 0
तथा टक्कर के बाद दोनों का कुल संवेग
= (m1 + m2)v = (1·5 + 1.5) v = 3v
संवेग संरक्षण के नियम से,
टक्कर के बाद कुल संवेग = टक्कर के पहले कुल संवेग
अर्थात्
3v = 0
∴ v = 0
अतः टक्कर के बाद दोनों वस्तुओं का सम्मिलित वेग शून्य होगा अर्थात् वे विरामावस्था में आ जाएँगी।

JAC Class 9 Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम

प्रश्न 12.
गति के तृतीय नियम के अनुसार जब हम किसी वस्तु को धक्का देते हैं तो वस्तु उतने ही बल के साथ हमें भी विपरीत दिशा में धक्का देती है। यदि वह वस्तु एक ट्रक है जो सड़क के किनारे खड़ा है; सम्भवतः हमारे द्वारा बल आरोपित करने पर गतिशील नहीं हो पाएगा एक विद्यार्थी इसे सही साबित करते हुए कहता है कि दोनों बल विपरीत एवं बराबर हैं जो एक-दूसरे को निरस्त कर देते हैं। इस तर्क पर अपने विचार दीजिए और बताइए कि ट्रक गतिशील क्यों नहीं हो पाता?
उत्तर:
विद्यार्थी का तर्क गलत है, यह सही है कि क्रिया तथा प्रतिक्रिया के बल विपरीत एवं बराबर होते हैं, परन्तु ये बल कभी भी एक ही वस्तु पर कार्य नहीं करते। जैसे कि उपर्युक्त उदाहरण में, हमारे द्वारा आरोपित बल ट्रक पर लगेगा, जबकि ट्रक का प्रतिक्रिया बल हम पर लगेगा। ट्रक के गतिमान होने का सम्बन्ध केवल ट्रक पर लगने वाले बल से है न कि हमारे द्वारा लगे प्रतिक्रिया बल से अतः क्रिया-प्रतिक्रिया के बलों के निरस्त होने का यहाँ कोई प्रश्न ही नहीं उठता।

हमारे द्वारा ट्रक पर बल आरोपित किए जाने पर भी ट्रक गतिशील नहीं हो पाता, इसका कारण यह है कि ट्रक पर इस बल के अतिरिक्त पृथ्वी द्वारा आरोपित घर्षण बल भी लगा है। जो कि हमारे द्वारा आरोपित बल को सन्तुलित कर देता है।

प्रश्न 13.
200 ग्राम द्रव्यमान की हॉकी की एक गेंद 10 ms-1 से गति कर रही है। यह एक हॉकी स्टिक से इस प्रकार टकराती है कि यह 5ms-1 के वेग से अपने प्रारंभिक मार्ग पर वापस लौटती है। हॉकी स्टिक द्वारा आरोपित बल द्वारा हॉकी की गेंद में आये संवेग परिवर्तन के परिमाप का परिकलन कीजिए।
हल:
दिया है गेंद का द्रव्यमान m = 200 g = 0.2kg
गेंद का प्रारम्भिक वेग, u1 = 10 m/s
गेंद का प्रारंभिक संवेग = mu1 = 0.2 x 10 = 2 kg m/s
गेंद का अंतिम वेग, u2 = – 5 ms-1
गेंद का अंतिम संवेग = mu2 x 0.2 x – 5 = – 1 kg m/s
संवेग परिवर्तन = 1 Ns – 2Ns = – 3 kg m/s

प्रश्न 14.
10 ग्राम द्रव्यमान की एक गोली सीधी रेखा में 150 मीटर / सेकण्ड के वेग से चलकर एक लकड़ी के गुटके से टकराती है और 0-03 सेकण्ड के बाद रुक जाती है। गोली लकड़ी को कितनी दूरी तक भेदेगी? लकड़ी के गुटके द्वारा गोली पर लगाए गए बल के परिमाण की गणना कीजिए।
हल:
दिया है गोली का द्रव्यमान
m = 10 ग्राम
= \(\frac { 10 }{ 1000 }\)
= 0.01
किग्रा, वेग u = 150 मीटर / सेकण्ड
समय t = 0.03 सेकण्ड, वेग v = 0 मीटर/सेकण्ड s = ?
गोली का त्वरण a = \(\frac { v-u }{ t }\)
= \(\frac { 0-150 }{ 0.03 }\)
= – \(\frac { 150 }{ 0.03 }\)
= – 5000 मीटर / सेकण्ड²
ऋणात्मक चिह्न मन्दन को प्रदर्शित करता है।
अब दूरी s = ut + \(\frac { 1 }{ 2 }\) at²
s = 150 × 0.03 + \(\frac { 1 }{ 2 }\) (- 5000) x (0.03)²
= 4.5 – 2500 – 0.0009
= 4.5 – 2.25
= 2.25
अतः गोली लकड़ी को 2.25 मीटर दूरी तक भेदेगी।
पुन: सूत्र F = ma से,
लकड़ी द्वारा गोली पर लगाया गया बल
F = 0.01× 5000 = 50 न्यूटन।

प्रश्न 15.
एक वस्तु जिसका द्रव्यमान 1 किग्रा है, 10 मीटर / सेकण्ड के वेग से एक सीधी रेखा में चलते हुए विरामावस्था में रखे 5 किग्रा द्रव्यमान के एक लकड़ी के गुटके से टकराती है। उसके बाद दोनों साथ-साथ उसी सीधी रेखा में गति करते हैं संघट्ट के पहले तथा बाद के कुल संवेगों की गणना कीजिए आपस में जुड़े हुए संयोजन के वेग की भी गणना कीजिए।
हल:
वस्तु का द्रव्यमान m1 = 1 किग्रा, वेग u1 = 10 मीटर/सेकण्ड
गुटके का द्रव्यमान m2 = 5 किग्रा, वेग u2 = 0 (विरामावस्था)
माना संघट्ट के बाद संयुक्त पिण्ड (m1 + m2), वेग v से
गति करता है,
तब संघट्ट के पहले का कुल संवेग
= m1 u1 + m2u2
= 1 × 10 + 5 × 0
= 10 किग्रा मीटर / सेकण्ड
संघट्ट के बाद, संयुक्त पिण्ड का संवेग
= (m1 + m2) v
= (1 + 5) v
= 6 v किग्रा मीटर/सेकण्ड
संवेग संरक्षण के नियम से,
संघट्ट के बाद कुल संवेग = संघट्ट के पहले कुल संवेग
अर्थात् 6 v = 10
या v = \(\frac { 10 }{ 6 }\)
= 1.67 मीटर/सेकण्ड
अतः संघट्ट के पहले तथा बाद में कुल संवेग
= 10 किग्रा मीटर / सेकण्ड।
संघट्ट के बाद संयोजन का वेग
= 1.67 मीटर / सेकण्ड।

प्रश्न 16.
100 किग्रा द्रव्यमान की एक वस्तु का वेग समान त्वरण से चलते हुए 6 सेकण्ड में 5 मीटर/सेकण्ड से 8 मीटर / सेकण्ड हो जाता है। वस्तु के पहले तथा बाद के संवेगों की गणना कीजिए। उस बल के परिमाण की गणना कीजिए जो उस वस्तु पर आरोपित है।
हल:
दिया है वस्तु का द्रव्यमान m = 100 किग्रा, प्रारम्भिक वेग u = 5 मीटर/सेकण्ड, अन्तिम वेग v = 8 मीटर / सेकण्ड समय t = 6 सेकण्ड
वस्तु का प्रारम्भिक संवेग
= mu = 100 किग्रा x 5 मीटर / सेकण्ड
= 500 किग्रा मीटर/सेकण्ड
तथा वस्तु का अन्तिम संवेग
mv = 100 किग्रा x 8 मीटर/सेकण्ड
= 800 किग्रा मीटर / सेकण्ड
∴ वस्तु के संवेग में परिवर्तन = अन्तिम संवेग – प्रारम्भिक संवेग
= 800 – 500 = 300 किग्रा मीटर/सेकण्ड
गति के द्वितीय नियम से,
वस्तु पर आरोपित बल
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम 10
अतः वस्तु का प्रारम्भिक संवेग = 500 किग्रा मीटर / सेकण्ड।
वस्तु का अन्तिम संवेग = 800 किग्रा मीटर / सेकण्ड।
वस्तु पर आरोपित बल का परिमाण = 50 न्यूटन।

प्रश्न 17.
अख्तर, किरण और राहुल किसी राजमार्ग पर बहुत तीव्र गति से चलती हुई कार में सवार हैं, अचानक उड़ता हुआ कोई कीड़ा गाड़ी के सामने के शीशे से आ टकराया और वह शीशे से चिपक गया। अख्तर और किरण इस स्थिति पर विवाद करते हैं। किरण का मानना है कि कीड़े के संवेग परिवर्तन का परिमाण कार के संवेग परिवर्तन के परिमाण की अपेक्षा बहुत अधिक है (क्योंकि कीड़े के वेग में परिवर्तन का मान कार के वेग में परिवर्तन के मान से बहुत अधिक है)। अख्तर ने कहा कि चूंकि कार का वेग बहुत अधिक था अतः कार ने कीड़े पर बहुत अधिक बल लगाया जिसके कारण कीड़े की मौत हो गई। राहुल ने एक नया तर्क देते हुए कहा कि कार तथा कीड़ा दोनों पर समान बल लगा और दोनों के संवेग में बराबर परिवर्तन हुआ। इन विचारों पर अपनी प्रतिक्रिया दीजिए।
उत्तर:
राहुल का तर्क सही है क्रिया-प्रतिक्रिया के नियम से दोनों पर समान बल लगेगा तथा दोनों के संवेग में भी समान परिवर्तन होगा। क्योंकि कीड़े का प्रारम्भिक संवेग, कार के संवेग की तुलना में नगण्य है अतः कीड़े का संवेग परिवर्तन स्पष्ट परिलक्षित होगा, जबकि समान संवेग परिवर्तन से कार के संवेग में कोई स्पष्ट अन्तर नहीं दिखाई देता।

प्रश्न 18.
एक 10 किग्रा द्रव्यमान की घण्टी 80 सेमी की ऊँचाई से फर्श पर गिरी। इस अवस्था में घण्टी द्वारा फर्श पर स्थानान्तरित संवेग के मान की गणना कीजिए। परिकलन में सरलता हेतु नीचे की ओर दिष्ट त्वरण का मान 10 मीटर / सेकण्ड² लीजिए।
हल:
दिया है घण्टी का द्रव्यमान m = 10 किग्रा, प्रारम्भिक ऊँचाई 880 सेमी 0.8 मीटर, घण्टी का त्वरण = 10 मीटर / सेकण्डर, गिरते समय प्रारम्भिक वेग u = 0
माना फर्श पर पहुँचकर घण्टी वेग से फर्श से टकराती है।
तब समीकरण v² = u² + 2as से,
v² = 0² + 2 x 10 × 0-8
= 16 मीटर/सेकण्ड²
∴ घण्टी का वेग v = \(\sqrt{16}\)
= 4 मीटर / सेकण्ड।
माना कि फर्श से टकराने के बाद घण्टी विरामावस्था में आ जाती है।
फर्श से टकराते समय घण्टी का वेग
v1 = 4 मीटर/सेकण्ड
तथा फर्श से टकराने के बाद घण्टी का वेग v2 = 0
घण्टी के संवेग में परिवर्तन = m (v2 – v1)
= 10 (0 – 4)
= 40 किग्रा – मीटर / सेकण्ड|
क्रिया-प्रतिक्रिया के नियम से फर्श को स्थानान्तरित – घण्टी का संवेग परिवर्तन
= – (- 40) = 40 किग्रा मीटर / सेकण्ड।

अतिरिक्त अभ्यास के अन्तर्गत दिए गए प्रश्न एवं उनके उत्तर (पा.पु. पृ.सं. 144)

प्रश्न 1.
एक वस्तु की गति की अवस्था में दूरी- समय सारणी निम्नवत् है-

समय (सेकण्ड) दूरी (मीटर)
0 0
1 1
2 8
3 27
4 64
5 125
6 216
7 343

(a) त्वरण के बारे में आप क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं? क्या यह नियत है? बढ़ रहा है? घट रहा है? या शून्य है?
(b) आप वस्तु पर लगने वाले बल के बारे में क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं?
हल:
त्वरण तथा बल के विषय में जानकारी प्राप्त करने के लिए हम प्रत्येक समयान्तराल के लिए वेग तथा त्वरण की गणना करेंगे, जैसा कि निम्नांकित सारणी में दर्शाया गया है।
(a) निम्नलिखित सारणी से स्पष्ट है कि त्वरण नियत नहीं है, अपितु बढ़ रहा है।

(b) सूत्र बल F = m a के अनुसार, चूँकि वस्तु का त्तरण समय के साथ बढ़ रहा है; अतः वस्तु पर लगा बल भी समय के साथ बढ़ेगा।
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम 11

प्रश्न 2.
1,200 किग्रा द्रव्यमान की एक कार को एक समतल सड़क पर दो व्यक्ति समान वेग से धक्का देते हैं। उसी कार को तीन व्यक्तियों द्वारा धक्का दिलाकर 0-2 मीटर/सेकेण्ड² का त्वरण उत्पन्न किया जाता है। कितने बल के साथ प्रत्येक व्यक्ति कार को धक्का देता है? (मान लीजिए कि सभी व्यक्ति समान पेशीय बल के साथ कार को धक्का देते हैं।)
हल:
दिया है कार का द्रव्यमान m2 = 1,200 किग्रा
प्रथम दो व्यक्तियों के धक्का देने पर त्वरण = शून्य
(∵ कार एकसमान वेग से बढ़ती है।)
तीन व्यक्तियों द्वारा धक्का देने पर त्वरण a = 0.2 मीटर/सेक्ण²
∵ प्रथम दो व्यक्तियों के धक्का देने पर कार समान वेग से ही आगे बढ़ पाती है। इससे स्पष्ट है कि दूसरी दिशा में कार में त्वरण तीसरे व्यक्ति द्वारा लगाए गए बल के कारण उत्पन्न होता है।
∴ तीसरे व्यक्ति द्वारा लगाया बल F = m a
= 1,200 किग्रा x 0.2 मीटर / सेकण्ड² = 240 न्यूटन
अतः प्रत्येक व्यक्ति द्वारा लगाया गया बल = 240 न्यूटन।

JAC Class 9 Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम

प्रश्न 3.
500 ग्राम द्रव्यमान के एक हृौड़े द्वारा 50 मीटर/सेकण्ड के वेग से एक कील पर प्रहार किया जाता है। कील द्वारा हथौड़े को बहुत कम समय 0.01 सेकण्ड में ही रोका जाता है। कील के द्वारा हथौड़े पर लगाए गए बल की गणना कीजिए।
हल:
दिया है हथौड़े का द्रव्यमान m = 500 ग्राम = 0.5
किग्रा, टकराते समय वेग u = 50 मीटर / सेकण्ड,
समय t = 0.01 सेकण्ड अन्तिम वेग v = 0
कील से टकराने पर हथौड़े का त्वरण
a = \(\frac { v-u }{ t }\)
= \(\frac { 0-50 }{ 0.01 }\)
= – 5,000 मीटर / सेकण्डर²
ऋणात्मक चिह्न मन्दन की प्रदर्शित करता है। कील द्वारा हथौड़े पर लगाया गया बल F = ma
= 0.5 किग्रा x 5,000 मीटर / सेकण्ड²
= 2,500 न्यूटन।

प्रश्न 4.
एक 1,200 किग्रा द्रव्यमान की मोटरकार 90 किमी / घण्टा के वेग से एक सीधी रेखा पर चल रही है। उसका वेग बाहरी असन्तुलित बल लगने के कारण 4 सेकण्ड में घटकर 18 किमी / घण्टा रह जाता है। त्वरण और संवेग में परिवर्तन की गणना कीजिए लगने वाले बल के परिमाण की भी गणना कीजिए।
हल:
दिया है कार का द्रव्यमान m = 1,200 किग्रा,
प्रारम्भिक वेग u = 90 किमी / घण्टा
= 90 × \(\frac { 5 }{ 18 }\)
= 25 मीटर/सेकण्ड
समय t = 4 सेकण्ड, अन्तिम वेग v = 18 किमी / घण्टा
= 18 × \(\frac { 5 }{ 18 }\) = 5 मीटर / सेकण्ड
त्वरण a = ?, संवेग में परिवर्तन = ?, बल F = ?
कार का त्वरण a = \(\frac { v-u }{ t }\)
= \(\frac { 5-25 }{ 4 }\)
= – \(\frac { 20 }{ 4 }\)
= 5 मीटर/सेकण्ड
ऋणात्मक चिह्न मन्दन को प्रदर्शित करता है।
कार के संवेग में परिवर्तन अन्तिम संवेग – प्रारम्भिक संवेग
= 1200 × 5-1200 × 25
= 6000-30000
= – 24,000 किग्रा मीटर सेकण्ड
कार पर लगा बल F = ma
= 1200 × 5
= 6,000 न्यूटन
अतः कार का त्वरण = – 5 मीटर / सेकण्ड²
संवेग में परिवर्तन = 24,000 किग्रा-मीटर/सेकण्ड की कमी तथा कार पर लगा बल = 6,000 न्यूटन।

Jharkhand Board Class 9 Science बल तथा गति के नियम InText Questions and Answers

क्रियाकलाप 9.1 (पा. पु. पृ. सं. 130)
चित्रानुसार कैरम की गोटियों को एक के ऊपर एक रखकर ढेरी ननाएँ। स्ट्राइकर को तेजी से झटका देकर ढेरी की सबसे नीचे वाली गोटी पर टकराएँ। आप पायेंगे कि केवल नीचे वाली गोटी ही शीघ्रता से ढेरी से बाहर जाती है, शेष गोटियाँ अपने जड़त्व के कारण लम्वबत् दिशा में नीचे की ओर गिर जाती हैं।
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम 1

क्रियाकलाप 9.2 (पा. पु. पृ. सं. 130)
काँच के एक खाली गिलास के ऊपर एक कड़े ताश का पत्ता रखकर चित्र के अनुसार उस पर एक पाँच रुपए का सिक्का रखें तथा पत्ते को अंगुलियों से तीव्रता से क्षैतिज झटका दें। आप पायेंगे कि पत्ता आगे खिसक जाता है तथा सिक्का अपने जड़त्व के कारण नीचे की ओर गिलास में गिर जाता है। ऐसा होने का कारण यह है कि सिक्का अपनी विरामावस्था को बनाये रखना चाहता है।
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम 2

क्रियाकलाप 9.3 (पा. पु. पृ. सं. 130)
ट्रे पर एक पानी से भरा गिलास रखाकर ट्रे को हाथ से पकड़कर तेजी से घूमने पर गिलास लुढ़क जाता है और पानी छलक जाता है।

खण्ड 9.3 से सम्बन्धित पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर (पा. पु. पृ. सं. 131)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में किसका जड़त्व अधिक है?
(a) रबर की गेंद एवं उसी आकार का पत्थर,
(b) एक साइकिल एवं एक रेलगाड़ी,
(c) पाँच रुपये का सिक्का एवं एक रुपये का सिक्का।
उत्तर:
हम जानते हैं कि किसी वस्तु का द्रव्यमान ही उसके जड़त्व की माप है।

  • चूँकि पत्थर का द्रव्यमान, समान आकार की रबर की गेंद के द्रव्यमान से अधिक होगा; अतः पत्थर का जड़त्व ही अधिक होगा।
  • रेलगाड़ी का द्रव्यमान साइकिल के द्रव्यमान से अधिक है; अत: रेलगाड़ी का जड़त्व ही अधिक होगा।
  • पाँच रुपये के सिक्के का जड़त्व एक रुपये के सिक्के से अधिक होगा।

प्रश्न 2.
नीचे दिए गए उदाहरण में गेंद का वेग कितनी बार बदलता है, जानने का प्रयास की जिए-
“फुटबाल का एक खिलाड़ी गेंद पर किक लगाकर गेंद को अपनी टीम के दूसरे खिलाड़ी के पास पहुँचाता है। दूसरा खिलाड़ी उस गेंद को किक लगाकर गोल की ओर पहुँचाने का प्रयास करता है। विपक्षी टीम का गोलकीपर गेंद को पकड़ता है और अपनी टीम के खिलाड़ी की ओर किक लगाता है।”
इसके साथ ही उस कारक की भी पहचान कीजिए, जो प्रत्येक अवस्था में बल प्रदान करता है।
उत्तर:
उपर्युक्त उदाहरण में गेंद का वेग कुल तीन बार बदलता है।

  • पहली बार वेग-परिवर्तन के लिए आवश्यक बल प्रदान करने वाला कारक पहले खिलाड़ी द्वारा लगाई गई किक है।
  • दूसरी बार वेग-परिवर्तन के लिए आवश्यक बल, दूसरे खिलाड़ी द्वारा लगाई गई किक से प्राप्त होता है।
  • तीसरी बार वेग- परिवर्तन के लिए आवश्यक बल विपक्षी टीम के गोलकीपर द्वारा लगाई गई किक से प्राप्त होता है।

प्रश्न 3.
किसी पेड़ की शाखा को तीव्रता से हिलाने पर कुछ पत्तियाँ झड़ जाती हैं, क्यों?
उत्तर:
जब किसी पेड़ की शाखाओं को जोर-जोर से हिलाया जाता है तो शाखाएँ तुरन्त ही गति की अवस्था में आ जाती हैं, जबकि उनसे जुड़ी पत्तियाँ जड़त्व के कारण, विरामावस्था में ही बनी रहती हैं। अतः इनमें से कुछ पत्तियाँ शाखाओं से अलग होकर गिर जाती हैं।

प्रश्न 4.
जब कोई गतिशील बस अचानक रुकती है तो आप आगे की ओर झुक जाते हैं, और जब विरामावस्था से गतिशील होती है तो पीछे की ओर हो जाते हैं, क्यों?
उत्तर:
ऐसा जड़त्व के कारण होता है। जब तक गाड़ी चलती रहती है तो हमारा शरीर भी गाड़ी के साथ उसी वेग से गति करता रहता है। गाड़ी के अचानक रुकने पर हमारे पैर गाड़ी के सम्पर्क में होने कारण तुरन्त विराम में आ जाते हैं, परन्तु गति जड़त्व के कारण हमारा ऊपरी शरीर आगे की ओर गति करता रहता है और हम आगे की ओर झुक जाते हैं।

जब रुकी हुई गाड़ी अचानक चलती है तो हमारे पैर तो तुरन्त गति में आ जाते हैं, परन्तु हमारा ऊपरी शरीर विराम जड़त्व के कारण विरामावस्था में बना रहता है; अतः हम पीछे की ओर झुक जाते हैं।

क्रियाकलाप 9.4. (पा. पु. पू. सं. 136)
चित्र 9.15 के अनुसार दो बच्चों को पहिये वाली गाड़ी पर खड़ा होने के लिए कहें। उन्हें बालू से भरा थैला या कोई भारी वस्तु दे दें। उन्हें थैले को लपकने के लिए कहें। गाड़ी के पहिये पर कोई सफेद रेखा खीच दें, ताकि जब वे बच्चे थैले को फेंकें तो गाड़ी की गति का अवलोकन किया जा सके।

थैले को फेंकने (क्रिया) के कारण उसमें से प्रत्येक तात्क्षणिक प्रतिक्रिया का अनुभव करें। अब दो बच्चों को किसी एक गाड़ी पर खड़ा कर दें तथा एक अन्य बच्चे को दूसरी गाड़ी पर। आप यहाँ गति के द्वितीय नियम को देख सकते हैं, क्योंकि इस अवस्था में यह बल अलग-अलग त्वरण उत्पन्न करेगा।
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम 3

क्रियाकलाप 9.5. (पा. पु. पृ. सं. 137)
एक बड़े आकार का गुब्बारा लेकर इसमें पूरी तरह से हवा भरकर इसके मुँह से धागा बाँधकर किसी चिपकाने वाले टेप की सहायता से चित्र $9.17$ के अनुसार एक स्ट्रॉं लगाएँ। स्ट्रॉ के बीच से एक धागे को पार कराएँ। इसके उपरान्त गुब्बारे के मुँह पर बाँधे धागे को खोल दें।

गुब्बारे में भरी हवा उसके मुख से बाहर की ओर निकलने लगेगी तथा स्ट्रो की गति की दिशा का अवलोकन करें।
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम 4
निष्कर्ष-स्ट्रॉं की दिशा हवा के निकलने की विपरीत दिशा में होगी।

क्रियाकलाप 9.6. (पा. पु. प.. सं. 138)
एक अच्छे काँच की परखनली लेकर उसमें थोड़ा पानी डालकर परखनली के मुख पर एक स्टॉप कॉर्क लगाएँ। चित्रानुसार परखनली को दो धागों के द्वारा स्टैण्ड पर क्षैतिज दिशा में लटकाएँ। अब बर्नर की सहायता
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से परखनली को तब तक गर्म करें जब तक कि परखनली का पानी वाष्पित न हो जाए तथा कार्क बाहर न आ जाए।
निष्कर्ष – हम यह पाते हैं कि परखनली कार्क की गति की विपरीत दिशा में प्रक्षेपित होती है।

JAC Class 9 Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम

उदाहरण 9.6.2
kg के एक पिस्टल से 20 g द्रव्यमान की एक गोली 150ms के क्षैतिज वेग से छोड़ी जाती है। पिस्टल के पीछे हटने के वेग का परिकलन करें।
हल:
गोली का द्रव्यमान m1 20 ग्राम = 0.02 किग्रा
पिस्टल का द्रव्यमान m2 = 2 किग्रा
गोली का प्रारम्भिक वेग u1 तथा पिस्टल का प्रारम्भिक वेग u2 क्रमशः शून्य हैं।
अर्थात्
u1 – u2 = 0
गोली का अन्तिम वेग v1 = + 150 ms-1
गोली की दिशा बाएँ से दाएँ परिपाटी के अनुसार धनात्मक (चित्र 9.19 ) ली गई है।
माना कि पिस्टल का प्रतिक्षेपित वेग v है।
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गोली छूटने के पहले गोली तथा पिस्टल का कुल संवेग,
= (2 + 0.02) kg x 0 ms-1
= 0kg ms-1
गोली छूटने के बाद कुल संवेग
= 0.02 kg × (+ 150 ms-1) + 2 kg x vm s-1
= (3 + 2v) kg ms-1
संवेग संरक्षण के नियम के अनुसार,
गोली छूटने के बाद का कुल संवेग = गोली छूटने के पहले का कुल संवेग
3 + 2v = 0
⇒ v = – 1.5 ms-1
ऋणात्मक चिह्न यह दर्शाता है कि पिस्टल गोली के विपरीत दिशा में अर्थात् दाई से बाई ओर प्रतिक्षेपित होगी।

उदाहरण 9.7.
40 kg द्रव्यमान वाली एक लड़की, 5 ms-1 के क्षैतिज वेग से एक 3 kg द्रव्यमान वाली स्थिर गाड़ी पर कूदती है। गाड़ी के पहिये घर्षणरहित हैं। गाड़ी की गति प्रारम्भ करने की अवस्था में लड़की का वेग क्या होगा? मान लें कि क्षैतिज दिशा में कोई असन्तुलित बल कार्य नहीं कर रहा है।
हल:
लड़की और गाड़ी का लड़की के कूदने से पहले
कुल संवेग
= 40kg x 5ms-1 + 3kg x 0 ms-1
= 200 kgms-1
मान लें कि लड़की के गाड़ी पर कूदने के बाद गाड़ी और लड़की का वेग लड़की का कुल संवेग है। इस अवस्था में गाड़ी तथा
= (40 + 3 ) kg x v ms-1
= 43 v kg ms-1
संवेग संरक्षण के नियमानुसार दोनों स्थितियों में कुल संवेग समान होंगे।
अर्थात्, 43 v = 200
⇒ v = 200/43 = + 4.65ms-1
गाड़ी पर संवार लड़की 4-65 ms के वेग से छलाँग लगाने की दिशा में चलेगी (चित्र 9.20 )।
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम 7

उदाहरण 9.8.
हॉकी की प्रतिद्वन्द्वी टीमों के दो खिलाड़ी गेंद को हिट करने के प्रयास में परस्पर टकरा जाते हैं तथा आपस में उलझ जाते हैं। पहले खिलाड़ी का द्रव्यमान 60 kg है तथा वह 5.0ms-1 के वेग से गति में था, जबकि दूसरा खिलाड़ी जिसका द्रव्यमान 55 kg है तथा वह 6.0ms-1 के वेग से पहले खिलाड़ी की ओर गति कर रहा था। टकराकर उलझने के बाद वे दोनों किस दिशा में किस वेग से गति करेंगे। मान लें कि दोनों खिलाड़ियों के पैर तथा पृथ्वी के बीच कार्यरत घर्षण बल नगण्य है।
हल:
मान लें कि पहला खिलाड़ी बाएँ से दाएँ दौड़ रहा है। परिपाटी के अनुसार, बाएँ से दाएँ गति की दिशा धनात्मक और दाएँ से बाएँ गति की दिशा को ऋणात्मक लेते हैं (चित्र 9. 21)। प्रतीक तथा दोनों खिलाड़ियों के क्रमश: द्रव्यमान और वेग को दर्शाते हैं। इन भौतिक राशियों पर अधोलिखित संख्याएँ तथा 2 क्रमश: प्रथम एवं द्वितीय हॉकी खिलाड़ियों को बताती हैं। अतः
JAC Class 9 Science Solutions Chapter 9 बल तथा गति के नियम 8
m1 = 60kg; u1
= + 5ms-1 तथा
m2 = 55 kg: u2
= – 6ms-1
टक्कर से पहले दोनों खिलाड़ियों का कुल संवेग
= 60 kg × (+ 5ms-1) + 55 kg x (- 6ms-1)
= – 30kgms-1
मान लें कि दोनों खिलाड़ियों के टकराने के बाद उलझने पर वेग v है, टक्कर के बाद कुल संवेग
= (m1 + m2) x v
=(60 + 55) kg x v ms-1
= 115 x v kg ms-1
संवेग संरक्षण के नियमानुसार टक्कर से पहले तथा बाद के संवेगों की समानता से,
v = – 30/115 = – 0.26ms-1
अतः उलझने के बाद दोनों खिलाड़ी दाएँ से बाएँ 0.26 ms-1 के वेग से गतिशील होंगे।

खण्ड 9.6 से सम्बन्धित पाठ्य पुस्तक के प्रश्न (पा.पु. पृ. सं. 140)

प्रश्न 1.
यदि क्रिया सदैव प्रतिक्रिया के बराबर होती है तो स्पष्ट कीजिए कि घोड़ा गाड़ी को कैसे खींच पाता है?
उत्तर:
घोड़ा गाड़ी की गति- घोड़ा गाड़ी को खींचते समय अपने पैरों से सड़क पर पीछे की ओर बल लगाता है। क्रिया-प्रतिक्रिया के नियम के अनुसार सड़क भी घोड़े पर समान परिमाण का बल आगे की ओर लगाती है। इसी प्रतिक्रिया बल के कारण घोड़ा तथा उसके पीछे जुड़ी गाड़ी आगे की ओर चल पड़ते हैं। इस प्रकार घोड़ा व गाड़ी घोड़े द्वारा लगाए बल के कारण नहीं बल्कि पृथ्वी के प्रतिक्रिया बल के कारण गतिमान होते हैं।

प्रश्न 2.
एक अग्निशमन कर्मचारी को तीव्र गति से बहुतायत मात्रा में पानी फेंकने वाली रबर की नली को पकड़ने में कठिनाई क्यों होती है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
फायर ब्रिगेड की अत्यधिक मात्रा उच्च वेग से मोटर के पाइप से पानी की निकलती है अर्थात् पाइप से निकलने वाले पानी की संवेग परिवर्तन की दर बहुत अधिक होती है। क्रिया-प्रतिक्रिया के नियम से, पाइप का संवेग भी इसी दर से विपरीत दिशा में परिवर्तित होता है। इसका अर्थ यह हुआ कि पाइप से निकलने वाला पानी पाइप पर बहुत अधिक बल आरोपित करता है जिसके कारण पाइप को सँभालना कठिन होता है।

प्रश्न 3.
एक 50 ग्राम द्रव्यमान की गोली 4 किग्रा द्रव्यमान की रायफल से 35 मीटर / सेकण्ड के प्रारम्भिक वेग से छोड़ी जाती है। रायफल के प्रारम्भिक प्रतिक्षेपित वेग की गणना कीजिए।
हल:
दिया है गोली का द्रव्यमान m1 = 50 ग्राम = \(\frac { 50 }{ 1000 }\) किग्रा = 0.05 किग्रा।
गोली के छूटने का वेग v1 = 35 मीटर / सेकण्ड
रायफल का द्रव्यमान m2 = 4 किग्रा,
रायफल का प्रतिक्षेपित वेग v2 = ?
∵ गोली में विस्फोट होने से पूर्व गोली तथा रायफल दोनों विरामावस्था में थीं,
∴ विस्फोट से पूर्व दोनों का कुल संवेग
= m1u1 + m2 u2
= m1 x 0 + m2 x 0 = 0 [∴ u1 = 0, u2 = 0]
तथा विस्फोट के बाद दोनों का संवेग
= m v1 + m2 v2
= 0.05 x 35 + 4v2
संवेग संरक्षण के नियम से, दोनों संवेगों को बराबर
रखने पर,
0.05 x 35 + 4v2 = 0
या 4v2 = 0.05 x 35 = – 1.75
या v2 = – \(\frac { 1.75 }{ 4 }\)
= – 0.4375 मीटर/सेकण्ड।
ऋणात्मक चिह्न यह प्रदर्शित करता है कि रायफल गोली के विपरीत दिशा में गति करेगी।
अतः रायफल का प्रतिक्षेपित वेग = 0-4375 मीटर / सेकण्ड पीछे की ओर।

प्रश्न 4.
100 ग्राम तथा 200 ग्राम द्रव्यमान की दो वस्तुएँ एक ही रेखा के अनुदिश एक ही दिशा में क्रमश: 2 मीटर / सेकण्ड तथा 1 मीटर/सेकण्ड के वेग से गति कर रही हैं। दोनों वस्तुएँ टकरा जाती हैं। टक्कर के पश्चात् प्रथम वस्तु का वेग 1-67 मीटर/सेकण्ड हो जाता है तो दूसरी वस्तु का वेग ज्ञात कीजिए।
हल:
दिया है द्रव्यमान m1 = 100 ग्राम 0.1 किग्रा, m2 = 200 ग्राम 0-2 किग्रा
टक्कर से पूर्व वेग u1 = 2 मीटर/सेकण्ड,
u2 = 1 मीटर/सेकण्ड
टक्कर के बाद वेग v1 = 1.67 मीटर / सेकण्ड, v2 = ?
टक्कर से पूर्व दोनों का संवेग = m1 u1 + m2 u2
= 0.1 × 2 + 0.2 × 1
= 0.4 किग्रा मीटर/सेकण्ड
तथा टक्कर के बाद दोनों का संवेग = m1 v1 + m2 v2
= (0.1 × 1.67 + 0.2 × 12 ) किग्रा – मीटर / सेकण्ड संवेग संरक्षण के नियम से,
टक्कर के बाद संवेग = टक्कर से पूर्व संवेग
अर्थात् 0.1 × 1.67 + 0.2 x v2 = 0.4
या 0.2 x v2 = 0-4 – 0.167
0.2 × v2 = 0.233
या v2 = \(\frac { 0.233 }{ 0.2 }\)
= 1.165 मीटर / सेकण्ड
अतः टक्कर के बाद दूसरी वस्तु का वेग 1.165 मीटर / सेकण्ड होगा।

JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 15 खाद्य संसाधनों में सुधार

Jharkhand Board JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 15 खाद्य संसाधनों में सुधार Important Questions and Answers.

JAC Board Class 9 Science Important Questions Chapter 15 खाद्य संसाधनों में सुधार

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

1. हरित क्रांति सम्बन्धित है-
(a) दुग्ध उत्पादन से
(b) फसल उत्पादन में वृद्धि से
(c) मछली उत्पादन से
(d) मधुमक्खी पालन से।
उत्तर:
(b) फसल उत्पादन में वृद्धि से।

2. श्वेत क्रांति सम्बन्धित है-
(a) उर्वरक उत्पादन से
(b) खाद उत्पादन से
(c) दुग्ध उत्पादन से
(d) कृषि उत्पादन से।
उत्तर:
(c) दुग्ध उत्पादन से।

3. निम्न से कौन-से प्राथमिक पोषक तत्व हैं?
(a) नाइट्रोजन, पोटैशियम एवं फॉस्फोरस
(b) सल्फर, लोहा, मैंगनीज
(c) कार्बन, ऑक्सीजन, हाइड्रोजन
(d) कॉपर, क्लोरीन, बोरॉन
उत्तर:
(a) नाइट्रोजन, पोटैशियम एवं फॉस्फोरस।

4. उर्वरक का प्रयोग कब किया जाता है-
(a) बीज बोने से पहले
(b) बीज बोने के बाद
(c) फसल कटने के बाद
(d) कभी भी।
उत्तर:
(c) फसल कटने के बाद

5. कीटनाशी का प्रयोग किसे मारने के लिए किया जाता है?
(a) कीट
(b) जीवाणु
(c) पौधा
(d) चूहा।
उत्तर:
(a) कीट।

6. दो सामान्य फसलों के बीच दलहनी फसल उगाने की विधि को कहते हैं-
(a) एकल खेती
(b) फसल चक्र
(c) मिश्रित खेती
(d) बहुफसली खेती।
उत्तर:
(d) बहुफसली खेती।

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7. मुर्गियों की संकर नस्ल कौन सी है-
(a) व्हाइट लेगहॉर्न
(b) बसरा
(c) असील
(d) ILS-82
उत्तर:
(d) ILS-82।

8. खरपतवार वाले पौधे हैं-
(a) गोखरू
(b) गाजर घास
(c) मोथा
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी।

9. पौधों में रोग उत्पन्न करने वाले कारक हैं-
(a) बैक्टीरिया
(b) कवक
(c) वाइरस
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी।

10. पशुओं की सामान्य बीमारी कौन-सी है?
(a) बुखार
(b) हैजा
(c) पशु महामारी
(d) मुँहपका एवं खुरपका।
उत्तर:
(d) मुँहपका एवं खुरपका।

11. माँस के लिए पाला जाता है-
(a) ब्रौलर
(b) लेयर
(c) बौलर एवं लेयर
(d) कोई भी नहीं।
उत्तर:
(a) ब्रौलर।

12. ऑएस्टर का संवर्धन किया जाता है.
(a) गोश्त प्राप्ति के लिए
(b) अंडे प्राप्ति के लिए
(c) मोतियों को प्राप्त करने के लिए
(d) औषधि निर्माण के लिए।
उत्तर:
(c) मोतियों को प्राप्त करने के लिए।

13. मिश्रित मछली संवर्धन किया जाता है-
(a) समुद्र में
(b) नदियों में
(c) झीलों में
(d) तालाबों में
उत्तर:
(d) तालाबों में।

14. देशी किस्म की मधुमक्खी है-
(a) ऐपिस सेरना इंडिका
(b) ऐपिस डोरसेटा
(c) ऐपिस फ्लोरी
(d) उपर्युक्त तीनों ही।
उत्तर:
(d) उपर्युक्त तीनों ही।

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15. फसल के लिए कुल कितने पोषक तत्व आवश्यक हैं-
(a) 16
(b) 13
(c) 7
(d) 6
उत्तर:
(a) 16।

16. निम्नलिखित में से कौन-सी फसल मृदा को नाइट्रोजन से समृद्ध करेगी-
(a) सेम
(b) मटर
(c) धान
(d) आलू।
उत्तर:
(b) मटर।

रिक्त स्थान भरो-

  1. ………………….. क्रांति द्वारा फसल उत्पादन में वृद्धि हुई है।
  2. ………………….. क्रांति द्वारा दुग्ध उत्पादन में वृद्धि हुई है।
  3. पशुधन के प्रबंधन को ………………….. कहते हैं।
  4. नस्लों की गायों में रोगप्रतिरोधक क्षमता बहुत अधिक होती है।

उत्तर:

  1. हरित
  2. श्वेत
  3. पशुपालन
  4. देशी।

सुमेलन कीजिए-

कॉलम ‘क’ कौलम ‘ख’
1. विदेशी गाय (क) मत्स्य पालन
2. देशी गाय (ख) रेडसिंधी
3. मछली (ग) जर्सी
4. देशी मुर्गी (घ) एसिल

उत्तर:
1. (ग) जर्सी
2. (ख) रेडसिंधी
3. (क) मत्स्य पालन
4. (घ) एसिल

सत्य / असत्य-

  1. माँस के लिए लेयर मुर्गी को पाला जाता है।
  2. मधुमक्खी पालन में बहुत अधिक पूँजी निवेश होता है।
  3. सामान्य भारतीय मधुमक्खी का वैज्ञानिक नाम ऐपिस सेरना इंडिका है।
  4. ग्रास कॉर्प मछली खरपतवार खाती है।

उत्तर:

  1. असत्य
  2. असत्य
  3. सत्य
  4. सत्य।

अति लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
भोजन से हमें क्या प्राप्त होता है?
उत्तर:
भोजन से हमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, विटामिन तथा खनिज लवण प्राप्त होते हैं।

प्रश्न 2.
हमारे भोजन के स्रोत क्या हैं?
उत्तर:
जन्तु तथा पौधे हमारे भोजन के स्रोत हैं।

प्रश्न 3.
हमारे देश की जनसंख्या कितनी है?
उत्तर:
हमारे देश की जनसंख्या 1 बिलियन (1 अरब) से अधिक है।

प्रश्न 4.
किस क्रान्ति से फसल उत्पादन में वृद्धि हुई है?
उत्तर:
हरित क्रांति से फसल उत्पादन में वृद्धि हुई है।

प्रश्न 5.
दुग्ध उत्पादन किस प्रकार बढ़ाया गया है?
उत्तर:
दुग्ध उत्पादन श्वेत क्रांति से बढ़ाया गया है।

प्रश्न 6.
कृषि और पशुपालन के लिए किन प्रणालियों को अपनाने की आवश्यकता है?
उत्तर:
कृषि और पशुपालन के लिए संपोषणीय प्रणालियों को अपनाने की आवश्यकता है।

प्रश्न 7.
कृषि क्षेत्र में अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए हमें क्या अपनाना होगा?
उत्तर:
कृषि क्षेत्र में अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए वैज्ञानिक प्रणालियाँ एवं प्रबन्धन अन्तराफसलीकरण तथा सम्बन्धित कृषि प्रणालियाँ अपनानी होंगी।

प्रश्न 8.
हमें कार्बोहाइड्रेट किन फसलों से प्राप्त होता है?
उत्तर:
हमें कार्बोहाइड्रेट गेहूँ, चावल, मक्का, ज्वार, बाजरा से प्राप्त होता है।

प्रश्न 9.
प्रोटीन किन-किन फसलों से प्राप्त होता है?
उत्तर:
प्रोटीन चना, मटर, अरहर, उड़द, मूंग और मसूर से प्राप्त होता है।

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प्रश्न 10.
तेल प्रदान करने वाले बीजों के नाम बताइये।
उत्तर:
सरसों, अलसी, सूरजमुखी, अरंड, तिल, सोयाबीन, मूंगफली तेल देने वाले बीज हैं।

प्रश्न 11.
चारा देने वाली फसलों के नाम बताइये।
उत्तर:
बरसीम, जई, सूडान घास, चरी (हरी ज्वार) के पौधे आदि चारा देने वाली फसलें हैं।

प्रश्न 12.
फसलों की उचित वृद्धि के लिए किन-किन परिस्थितियों की आवश्यकता होती है?
उत्तर:
फसल की उचित वृद्धि के लिए जलवायुवीय परिस्थितियाँ, उचित तापमान और दीप्तिकाल की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 13.
दीप्ति काल किससे सम्बन्धित है?
उत्तर:
दीप्तिकाल सूर्य के प्रकाश काल से सम्बन्धित है।

प्रश्न 14.
पौधों में पुष्पन और वृद्धि किस पर निर्भर है?
उत्तर:
पौधों में पुष्पन और वृद्धि सूर्य के प्रकाश पर निर्भर है।

प्रश्न 15.
पौधे किस प्रक्रिया द्वारा अपना भोजन निर्माण करते हैं?
उत्तर:
पौधे प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया द्वारा अपना भोजन निर्माण करते हैं।

प्रश्न 16.
वर्षा ऋतु में कौन सी फसलें उगाई जाती हैं?
उत्तर:
वर्षा ऋतु में धान, सोयाबीन, अरहर, मक्का, मूंग तथा उड़द की फसलें उगाई जाती हैं। इन्हें खरीफ फसल कहते हैं।

प्रश्न 17.
खरीफ फसलों का समय बताइये।
उत्तर:
खरीफ फसलों का समय जून से अक्टूबर माह तक है।

प्रश्न 18.
रबी में कौन सी फसलें उगाई जाती हैं?
उत्तर:
रबी में गेहूँ, चना, मटर, सरसों, अलसी की फसलें उगाई जाती हैं। ये शीत ऋतु की फसलें हैं।

प्रश्न 19.
रबी की फसलों का समय क्या है?
उत्तर:
रबी की फसलों का समय नवम्बर से अप्रैल तक का है।

प्रश्न 20.
कृषि प्रणालियों को किन तीन चरणों में बाँटा जा सकता है?
उत्तर:
कृषि प्रणालियों को तीन चरणों में बाँटा जा सकता है-

  • बीज का चुनना
  • फसल की उचित देखभाल
  • खेत में उगी फसल की सुरक्षा तथा कटी हुई फसल को हानि से बचाना।

प्रश्न 21.
फसल की किस्मों में ऐच्छिक गुण किस विधि से डाले जाते हैं?
उत्तर:
फसल की किस्मों में ऐच्छिक गुण संकरण विधि से डाले जाते हैं।

प्रश्न 22.
सस्य विज्ञान वाली किस्में किसमें सहायक हैं?
उत्तर:
सस्य विज्ञान वाली किस्में अधिक उत्पादन में सहायक हैं।

प्रश्न 23.
पौधे अपने पोषण के लिए पोषक तत्व कहाँ से प्राप्त करते हैं?
उत्तर:
पौधे अपने पोषण के लिए हवा से ऑक्सीजन, CO2, पानी से हाइड्रोजन और मिट्टी से 13 पोषक तत्व प्राप्त करते हैं।

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प्रश्न 24.
पौधों को कितने वृहत् और कितने सूक्ष्म पोषकों की आवश्यकता होती है?
उत्तर:
पौधों को 6 बृहत् और 7 सूक्ष्म पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 25.
पौधों के लिए वृहत् पोषकों के नाम लिखिये।
उत्तर:
पौधों के लिए बृहत् पोषक हैं- नाइट्रोजन, पोटैशियम, फॉस्फोरस, कैल्शियम, मैग्नीशियम और सल्फर।

प्रश्न 26.
सूक्ष्म पोषक तत्व कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
आयरन, मैंगनीज, जिंक, कॉपर, बोरॉन, मॉलिब्डेनम और क्लोरीन सूक्ष्म पोषक हैं।

प्रश्न 27.
खाद में किन पदार्थों की अधिकता होती है?
उत्तर:
खाद में कार्बनिक पदार्थों की अधिकता होती है।

प्रश्न 28.
खाद की उपयोगिता बताइए।
उत्तर:
खाद मिट्टी को पोषक तथा कार्बनिक पदार्थों को प्रचुर मात्रा में प्रदान कर उसकी उर्वरता को बढ़ाता है।

प्रश्न 29.
रेतीली मिट्टी पर खाद का क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
खाद से रेतीली मिट्टी में पानी को रोकने की क्षमता बढ़ जाती है।

प्रश्न 30.
कम्पोस्ट खाद किसे कहते हैं?
उत्तर:
कृषि और जन्तु अपशिष्ट (गोबर), घरेलू कचरे, खरपतवार आदि को गड्ढों में अपघटित करके बनाई जाने वाली खाद को कम्पोस्ट खाद कहते हैं।

प्रश्न 31.
वर्मीकम्पोस्ट क्या है?
उत्तर:
केंचुए के उपयोग से तैयार कम्पोस्ट को वर्मी कम्पोस्ट कहते हैं।

प्रश्न 32.
हरी खाद क्या है?
उत्तर:
खेत में फसल उगाने से पहले पटसन, मूंग, ज्वार, ढेंचा आदि को उगाकर उन्हें खेत की जुताई करके मिट्टी में मिला देनें से हरे पौधे खाद में बदल जाते हैं।

प्रश्न 33.
हरी खाद में कौन-कौन से तत्व प्रचुर मात्रा में होते हैं?
उत्तर:
हरी खाद में नाइट्रोजन और फॉस्फोरस प्रचुर मात्रा में होते हैं।

प्रश्न 34.
उर्वरक क्या हैं?
उत्तर:
उर्वरक व्यावसायिक रूप से तैयार पादप पोषक हैं, जिनमें नाइट्रोजन, फॉस्फोरस तथा पोटैशियम की अधिकता होती है। जैसे यूरिया, डी.ए.पी. आदि।

प्रश्न 35.
उर्वरक के अधिक उपयोग से मिट्टी की उर्वरता कम क्यों हो जाती है?
उत्तर:
उर्वरकों के अधिक उपयोग से मिट्टी में कार्बनिक पदार्थों की पुनः पूर्ति नहीं होती है तथा सूक्ष्म जीवों का जीवन चक्र अवरुद्ध हो जाता है, जिससे मिट्टी की उर्वरता कम हो जाती है।

प्रश्न 36.
मिट्टी की उर्वरता बनाये रखने का प्राकृतिक उपाय क्या है?
उत्तर:
मिट्टी की उर्वरता बनाये रखने का प्राकृतिक उपाय फसल चक्र अपनाया जाना है।

प्रश्न 37.
सिंचाई के चार जल स्रोतों के नाम लिखिए।
उत्तर:
सिंचाई के चार जल स्रोत हैं- कुएँ, नहरें, नदियाँ, तालाब।

प्रश्न 38.
सिंचाई की मात्रा निर्धारित करने वाले कारकों का नाम लिखो।
उत्तर:
सिंचाई की मात्रा निर्धारित करने वाले कारक हैं- मिट्टी की प्रकृति, फसल विशेष की प्रकृति और वर्षा।

प्रश्न 39.
नदी लिफ्ट पम्प क्या है?
उत्तर:
नदियों के किनारे स्थित खेतों में सिंचाई करने के लिए नदियों से सीधे ही पानी निकालना (पम्पिंग सैट द्वारा) ‘नदी लिफ्ट पम्प’ कहलाता है।

प्रश्न 40.
चैक डैम का क्या उपयोग है?
उत्तर:
चैक डैम वर्षा के पानी को बहने से रोकते हैं और मृदा अपरदन को कम करते हैं।

प्रश्न 41.
मिश्रित फसल के दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
मिश्रित फसल के उदाहरण मेहूँ सरसों, गेहूँ + चना, मूंगफली + सूरजमुखी।

प्रश्न 42.
अन्तराफसलीकरण किसे कहते हैं?
उत्तर:
जब दो या दो से अधिक फसलों को एक साथ एक ही खोत में निर्दिष्ट पैटर्न पर उगाया जाता है तो इसे अन्तराफसलीकरण कहते हैं। इसमें कुछ पंक्तियों में एक प्रकार की फसल तथा उसके एकान्तर दूसरी पंक्तियों में दूसरी फसल उगाई जाती है।

प्रश्न 43.
अन्तराफसलीकरण के दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:

  • सोयाबीन + मक्का
  • बाजरा लोबिया।

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प्रश्न 44.
खरपतवार क्या हैं? इनके उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
फसल के पौधों के साथ उगने वाले अवांछित पौधों को खररपतवार कहते हैं, जैसे- गोखरू, गाजर घास, मोथा, जई, चौलाई, बथुआ तथा हिरनखुरी, जंगली मेथी आदि।

प्रश्न 45.
पौधों में रोग किन कारकों से होते हैं?
उत्तर:
पौधों में रोग बैक्टीरिया, वाइरस और कवक द्वारा होते हैं।

प्रश्न 46.
हानिकारक कारक अनाज को क्या हानि पहुँचाते हैं?
उत्तर:
हानिकारक कारक अनाज की गुणवत्ता खराब करते हैं, वजन कम कर देते हैं, अंकुरण करने की क्षमता कम करते हैं और उन्हें बदरंग करते हैं।

प्रश्न 47.
पशुपालन किसे कहते हैं? इसके अन्तर्गत क्या-क्या कार्य किये जाते हैं?
उत्तर:
पशुओं को पालने के प्रबन्धन को पशुपालन कहते हैं। इसके अन्तर्गत पशुओं को भोजन देना, प्रजनन कराना तथा रोगों पर नियन्त्रण करना शामिल हैं।

प्रश्न 48.
दुधारू तथा ड्राफ्ट पशु किन्हें कहते हैं?
उत्तर:
दूध देने वाली मादाओं को दुधारू पशु तथा बोझा ढोने वाले पशुओं को ड्राफ्ट पशु कहते हैं।

प्रश्न 49.
लम्बे समय तक दुग्ध स्रावणकाल के लिए विदेशी नसलें कौन-सी हैं?
उत्तर:
जर्सी, ब्राउन, स्विस गाय का दुग्ध स्रावण काल लम्बा होता है।

प्रश्न 50.
अधिक रोग प्रतिरोधकता वाली गाय की दो देशी नस्लों के नाम बताओ।
उत्तर:
रेडसिंधी तथा साहीवाल अधिक रोग प्रतिरोधकता वाली नस्ल की गाय हैं।

प्रश्न 51.
पर्णकृमि कहाँ पाया जाता है?
उत्तर:
पर्णकृमि (फ्लूकवर्म) पशुओं के यकृत में पाया जाता है।

प्रश्न 52.
कुक्कुट पालन में किन मुर्गियों का पालन किया जाता है?
उत्तर:
कुक्कुट पालन में अण्डों के लिए लेअर तथा माँस के लिए बौलर का पालन किया जाता है।

प्रश्न 53.
नई किस्मों के लिए किन कुक्कुटों का संकरण कराया जाता है ?
उत्तर:
नई किस्मों के लिए देशी एसिल तथा विदेशी लेगहार्न नस्लों का संकरण कराया जाता है।

प्रश्न 54.
बौलर के आहार में कौन से तत्व प्रचुर मात्रा में होते हैं?
उत्तर:
ब्रॉलर के आहार में प्रोटीन तथा वसा प्रचुर मात्रा में होते हैं।

प्रश्न 55.
मुर्गियों में रोग होने के कारण बताइए।
उत्तर:
मुर्गियों में रोग होने के कारण हैं- जीवाणु, विषाणु, कवक, परजीवी तथा पोषणहीनता।

प्रश्न 56.
प्रोटीन प्राप्ति का अच्छा और सस्ता स्रोत कौन-सा है?
उत्तर:
मछली प्रोटीन प्राप्ति का अच्छा और सस्ता स्रोत है।

प्रश्न 57.
भारत का समुद्री संसाधन क्षेत्र कितना है?
उत्तर:
भारत का समुद्री संसाधन क्षेत्र 7500 किलोमीटर समुद्री तट तथा इसके बाद समुद्र की गहराई तक है।

प्रश्न 58.
सर्वाधिक प्रचलित समुद्री मछलियों के नाम बताइए।
उत्तर:
पॉसफेट, मैकलं, दुना, सारडाइन व कंबेडक सर्वाधिक प्रचलित समुद्री मछलियाँ हैं।

प्रश्न 59.
मछलियों के बड़े समूह का पता कैसे लगाया जाता है?
उत्तर:
मछलियों के बड़े समूह का पता सैटेलाइट तथा प्रतिध्वनि ध्वनित्र से लगाया जाता है।

प्रश्न 60.
समुद्री जल में संवर्द्धित मछलियों के नाम बताओ।
उत्तर:
मुलेट, भेटकी तथा पर्लस्पॉट (पंख युक्त मछलियाँ)।

प्रश्न 61.
मोतियों की प्राप्ति के लिए किसका संवर्धन किया जाता है?
उत्तर:
मोतियों की प्राप्ति के लिए ऑएस्टर का संवर्धन किया जाता है।

प्रश्न 62.
समुद्री संवर्धन (मेरी कल्चर) किसे कहते हैं?
उत्तर:
समुद्री मछलियों का भण्डार (स्टॉक) कम होने की दशा में इन मछलियों की पूर्ति संवर्धन के द्वारा हो सकती है। इस प्रणाली को समुद्री संवर्धन (मेरीकल्चर) कहते हैं।

प्रश्न 63.
एस्चुरी किसे कहते हैं?
उत्तर:
ताजे पानी और समुद्री खारे पानी के मिश्रण को एस्चुरी कहते हैं।

प्रश्न 64.
उस फसल का नाम बताइए जिसके साथ मछली संवर्धन किया जाता है।
उत्तर:
धान की फसल के साथ मछली संवर्धन किया जाता है।

प्रश्न 65.
खारे तथा मीठे पानी की मछलियों की दो किस्मों के नाम लिखो।
उत्तर:

  • खारे पानी की मछलियाँ हिल्सा, कैट फिश, डॉग फिश, रेड, मुलैट आदि।
  • मीठे पानी की मछलियाँ – कतला, रोहू (लेबियो) मिरिटस, मिल्क फिश।

JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 15 खाद्य संसाधनों में सुधार

प्रश्न 66.
मधुमक्खी क्या बनाती है?
उत्तर:
मधुमक्खी शहद और मोम तैयार करती है।

प्रश्न 67.
व्यावसायिक स्तर पर शहद उत्पादन के लिए किस देशी मधुमक्खी का प्रयोग किया जाता है?
उत्तर:
व्यावसायिक स्तर पर शहद उत्पादन के लिए ऐपिस सेरना इण्डिका (सामान्य भारतीय मधुमक्खी), ऐपिस डोरसेटा (एक शैल मधुमक्खी) तथा ऐपिस फ्लोरी (छोटी मधुमक्खी) का प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 68.
किसी मधुमक्खी की सहायता से मधु उत्पादन बढ़ाया जा रहा है?
उत्तर:
इटेलियन मधुमक्खी ऐपिस मेलीफेरा की सहायता से मधु उत्पादन बढ़ाया जा रहा है।

प्रश्न 69.
इटेलियन मधुमक्खी की दो विशेषताएँ बताओ।
उत्तर:
इटेलियन मधुमक्खी में-

  • मधु एकत्र करने की क्षमता अधिक होती है
  • यह डंक कम मारती है।

प्रश्न 70.
मधु की गुणवत्ता किस पर निर्भर करती है?
उत्तर:
मधु की गुणवत्ता मधुमक्खियों द्वारा मकरंद एकत्र करने के लिए उपलब्ध फूलों पर निर्भर करती है।

लघूत्तरात्मक एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पौधों के लिए आवश्यक बृहत् और सूक्ष्म तत्व कौन-कौन से हैं? प्रत्येक को उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
हरे पौधों की सामान्य वृद्धि के लिए 16 तत्वों की आवश्यकता होती है, जिन्हें वानस्पतिक पोषक तत्व कहते हैं। ये पौधों की आवश्यकता की मात्रा के आधार पर दो प्रकार के होते हैं-

  • बृहत् पोषक तत्व ऐसे पोषक तत्व जिनकी आवश्यकता पौधों को अधिक मात्रा में होती है, वृहत् पोषक तत्व कहलाते हैं। ये पोषक तत्व हैं- नाइट्रोजन, पोटैशियम, फॉस्फोरस, कैल्शियम, मैग्नीशियम ऑक्सीजन और सल्फर।
  • सूक्ष्म पोषक तत्व- वे पोषक तत्व जिनकी आवश्यकता पौधों को सूक्ष्म (अल्प) मात्रा में होती है, सूक्ष्म पोषक तत्व कहलाते हैं। ये पोषक तत्व हैं- आयरन, मैगनीज, बोरॉन, जिंक, कॉपर, मॉलिब्डेनम, क्लोरीन।

प्रश्न 2.
पौधों के लिए पोषक तत्वों के विभिन्न स्त्रोत बताइए।
उत्तर:
पौधों के लिए पोषक तत्व तीन स्रोतों से प्राप्त होते हैं- हवा, पानी तथा मृदा।

स्रोत पोषक
हवा कार्बन, ऑक्सीजन
पानी हाइड्रोजन, ऑक्सीजन
मृदा (i) वृहत् पोषक: नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, सल्फर
(ii) सूक्ष्म पोषक: आयरन, मैंगनीज, बोरॉन, जिंक, कॉपर, क्लोरीन, मॉलिब्डेनम

प्रश्न 3.
खाद किसे कहते हैं? खाद के प्रयोग करने से क्या लाभ हैं?
उत्तर:
खाद एक कार्बनिक पदार्थ है जो पौधों और जन्तुओं के अपशिष्ट पदार्थों से प्राप्त होता है। खाद पौधों के लिए पोषक तत्वों का स्रोत है। गोबर की खाद, कम्पोस्ट खाद, हरी खाद वर्मीखाद मुख्य प्रकार की खाद हैं।
खाद के प्रयोग से लाभ-

  • मिट्टी में अपघटन के द्वारा कार्बनिक खाद हयूमस में परिवर्तित हो जाती है।
  • खाद से मिट्टी की जलधारण क्षमता बढ़ जाती है।
  • पौधों की वृद्धि के लिए आवश्यक पोषक तत्व प्राप्त हो जाते हैं।
  • कार्बनिक खादें मृदा की नमी को संरक्षित करने में सहायक होती हैं।
  • खादों के प्रयोग से मृदा प्रदूषण कम होता है।
  • अपशिष्ट पदार्थों का पुनः चक्रीकरण हो जाता है।
  • खाद में उपस्थित कार्बनिक पदार्थ मिट्टी में पाए जाने वाले सूक्ष्म जीवों का भोजन हैं। ये जीव पौधों को पोषक तत्व उपलब्ध कराने में सहायक होते हैं।
  • खादों के प्रयोग से फसल उत्पादन में वृद्धि होती है।

प्रश्न 4.
उर्वरक क्या हैं? ये खाद से किस प्रकार भिन्न हैं?
उत्तर:
उर्वरक (फर्टीलाइजर्स) – ये व्यावसायिक रूप से तैयार रासायनिक खाद हैं, जो मृदा में पौधों को पोषक तत्व – नाइट्रोजन, फॉस्फोरस तथा पोटैशियम प्रदान करते हैं। इनके उपयोग से पौधों की अच्छी वृद्धि होती है, स्वस्थ पौधों की प्राप्ति होती है और फसल उत्पादन में वृद्धि होती है।

उर्वरक और खाद में अन्तर:

उर्वरक (फर्टीलाइजस) खाद (मैन्योस)
1. ये कृत्रिम रूप से बनाए गये मुख्यतः अकार्बनिक रासायनिक पदार्थ हैं। 1. ये प्राकृतिक पदार्थों से प्राप्त होने वाले कार्बनिक पदार्थ हैं।
2. ये कम स्थान घेरते हैं। 2. ये अधिक स्थान घेरते हैं।
3. इनमें भंडारण, स्थानातरण तथा उपयोग की विधि आसान है। 3. इनका भंडारण तथा स्थानान्तरण, असुविधाजनक है।
4. उर्वरक नमी का अवशोषण करके शीघ्र खराब हो जाते हैं। 4. ये नमी का अवशोषण करके खराब नहीं होते हैं।
5. ये मृदा के संघटन को स्थिर नहीं रखते हैं। 5. ये मृदा के संघटन को स्थिर रखते हैं।
6. इनके उपयोग से मृदा में पानी रोकने तथा वातन की क्षमता कम होती है। 6. इनमें मृदा में पानी रोकने एवं वातन की क्षमता अधिक होती है।
7. इनमें विशिष्ट पोषक तत्व पाया जाता है। 7. इनमें सभी पोषक तत्व उपस्थित होते हैं।

प्रश्न 5.
भंडारण में अनाज की क्षति किन कारणों से होती है?
उत्तर:
भंडारण में अनाज की क्षति दो प्रमुख कारणों से होती है ये कारक निम्नलिखित हैं-

  • जैविक कारक-इनमें चूहे आदि कृंतक, कीट, दीमक, जन्तु, कवक, पक्षी तथा जीवाणु आदि सम्मिलित हैं।
  • अजैविक कारक-इनमें नमी तथा तापमान सम्मिलित हैं ताप, आर्द्रता, नमी आदि अजैविक घटक फलों एवं सब्जियों को प्रभावित करते हैं।

प्रश्न 6.
कम्पोस्ट खाद, वर्मी कम्पोस्ट तथा हरी खाद पर टिप्पणी लिखो।
उत्तर:
खाद मिट्टी को पोषक तथा कार्बनिक पदार्थों से परिपूर्ण करती है और मिट्टी की उर्वरता, को बढ़ाती है। खाद में कार्बनिक पदार्थों की अधिक मात्रा मिट्टी की संरचना में सुधार करती है। जबकि उर्वरक का सतत् प्रयोग मिट्टी की उर्वरता को घटाता है क्योंकि कार्बनिक पदार्थ की पुनः पूर्ति नहीं हो पाती है तथा इससे सूक्ष्म जीवों एवं भूमिगत जीवों का जीवनचक्र अवरुद्ध होता है। उर्वरकों के उपयोग से फसलों का अधिक उत्पादन कम समय में प्राप्त हो सकता है, किन्तु यह मृदा की उर्वरता को कुछ समय बाद हानि पहुँचाते हैं। जबकि खाद के उपयोग के लाभ दीर्घावधि हैं।

कार्बनिक खेती, खेती करने की वह पद्धति है जिसमें रासायनिक उर्वरक, पीड़कनाशी, शाकनाशी आदि का उपयोग बहुत कम या बिल्कुल नहीं होता। इस पद्धति में अधिकाधिक कार्बनिक खाद, कृषि अंपशिष्ट (पुआल तथा पशुधन) का पुनर्चक्रण, जैविक कारक जैसे-नील-हरित शैवाल का संवर्धन, जैविक उर्वरक बनाने में उपयोग किया जाता है। नीम की पत्तियों तथा हल्दी का विशेष रूप से जैव कीटनाशकों के रूप में खाद्य संग्रहण में प्रयोग किया जाता है। कुशल फसलीकरण पद्धति के लिए मिश्रित खोती, अन्तर फसलीकरण तथा फसल चक्र आवश्यक हैं। ये फसल तन्त्र कीट, पीड़क तथा खरपतवार को नियन्त्रित करते हैं और पोषक तत्व भी प्रदान करते हैं।

प्रश्न 7.
कार्बनिक खेती किसे कहते हैं?
उत्तर:
फसल उत्पादन प्रबन्धन – भारत में कृषि छोटेछोटे खेतों से लेकर बहुत बड़े फार्मों तक में होती है। इसलिए विभिन्न किसानों के पास भूमि, धन, सूचना तथा तकनीकी उपलब्धता कम या अधिक होती है। संक्षेप में धन अथवा आर्थिक परिस्थितियाँ किसान को विभिन्न कृषि प्रणालियों तथा कृषि तकनीकों को अपनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। योगदान, उच्च निवेश तथा फसल उत्पादन में सह-सम्बन्ध है। इस प्रकार किसान की लागत क्षमता फसलतन्त्र तथा उत्पादन प्रणालियों का निर्धारण करती है। बिना लागत उत्पादन, अल्प लागत उत्पादन तथा अधिक लागत उत्पादन प्रणालियौँ इनमें सम्मिलित हैं।

JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 15 खाद्य संसाधनों में सुधार

प्रश्न 8.
सिंचाई के साधनों का विवरण दीजिए।
उत्तर:
सिंचाई (Itrigation) – भारत में अधिकांश कृषि वर्षा पर आधारित हैं अथथत् अधिकांश क्षेत्रों में फसल की उपज, समय पर मानसून आने तथा वृद्धि काल में वर्षा होने पर निर्भर करती है। इसलिए कम वर्षा होने पर फसल उत्पादन कम हो जाता है। फसल की वृद्धि काल में उचित समय पर सिंचाई करने से सम्भावित फसल उत्पादन में वृद्धि हो सकती है। इसलिए अधिकाधिक कृषि भूमि को सिचित करने के लिए अनेक उपाय किये जाते हैं।

भारत में पानी के अनेक सोता हैं और विभिन्न प्रकार की जलवायु है। इन परिस्थितियों में विभिन्न प्रकार की सिंचाई की विधियाँ पानी के स्रोत की उपलब्यता के आधार पर अपनायी जाती है। इन स्रोतों के कुछ उदाहरण; कुएँ, नहरें, नदियाँ और तालाब हैं।
(1) कुएँ-कुएँ दो प्रकार के होते हैं- खुदे हुए कुएँ और नलकुप। स्रुदे हुए कुएँ द्वारा भूमिगत जल स्तरों में स्थित पानी को एकत्रित किया जाता है। नलकूप में पानी गहरे जलस्तरों से निकाला जाता है। इन कुओं से सिंचाई के लिए पानी को पम्प द्वारा निकाला जाता है।

(2) नहों-यह सिंचाई का बहुत विस्तृत तथा व्यापक तन्त्र है। इनमें पानी एक या अधिक जलाशयों अथवा नदियों से आता है। मुख्य नहर से शाखाएँ निकलती हैं जो विभाजित होकर खेतों में सिंचाई करती हैं।

(3) नदी जल उठाव प्रणाली-जिन क्षेत्रों में जलाशयों से कम पानी मिलने के कारण नहरों का बहाव अनियमित अथवा अपर्याप्त होता है वहाँ जल उठाव प्रणाली अधिक उपयोगी होती है। नदियों के किनारे स्थित ख्रेतों में सिंचाई करने के लिए नदियों से सीधे ही पानी निकाला जाता है।

(4) तालाब-छोटे जलाशय जो छोटे क्षेत्रों में बहते हुए पानी का संग्रह करते हैं, तालाब का रूप ले लेते हैं।

कृषि में पानी की उपलब्धि बढ़ाने के लिए आधुनिक विधियाँ, जैसे-वर्षां के पानी का संग्रहण तथा जल विभाजन का उचित प्रबन्धन द्वारा उपयोग किया जाता है। इसके लिए छोटे बाँध बनाने होते हैं जिससे कि भूमि के नीचे जलस्तर बढ़ जाए। ये छोटे बाँध वर्षा के पानी को बहने से रोकते हैं तथा मृदा अपरदन को भी कम करते हैं।

प्रश्न 9.
फसल चक्र किसे कहते हैं? इससे क्या लाभ हैं?
उत्तर:
फसल चक्र – एक ही खेत में प्रतिवर्ष अनाज तथा फलीदार पौधों की फसल को अदल-बदल कर एक के बाद एक को उगाने की क्रिया को फसल चक्र कहते हैं।
फसल चक्र के लाभ –

  • मृदा की उर्वरता बनी रहती है।
  • अधिक उपज प्राप्त होती है।
  • खरपतवार नष्ट हो जाते हैं।
  • कीट-पतंगों और रोगों पर नियंत्रण में सहायता मिलती है।

प्रश्न 10.
फसल चक्र के लिए फसलों का चुनाव कैसे किया जाता है?
उत्तर:
फसल चक्र के लिए फसलों का चुनाव-फसल चक्र के लिए फसलों का चुनाव करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए-

  • मृदा में पोषक तत्व गहरी तथा उथली हुई जड़ वाली फसलों को एक के बाद एक करके बौना चाहिए जिससे फसलें मिट्टी की विभिन्न सतहों से पोषक तत्व ग्रहण कर सकें।
  • नमी या जल की उपलब्धता अधिक पानी वाली फसल के बाद कम पानी वाली फसल बोनी चाहिए जिससे मिट्टी में वायु का संचार हो सके।
  • पोषक तत्वों की उपलब्धता अनाज की फसल के बाद दलहनी फसल बोनी चाहिए ताकि दलहनी फसलों की जड़ों में उपस्थित जीवाणु नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करके भूमि की उर्वरता को बनाए रखें।

प्रश्न 11.
फसल चक्र का महत्व बताइए।
उत्तर:
फसल चक्र का महत्व –

  • इससे मृदा की उर्वरता में कमी नहीं आती है और वह यथावत बनी रहती है।
  • इससे खेतों में खरपतवार कम पैदा होते हैं।
  • दलहनी फसल उगाने से भूमि में नाइट्रोजन की वृद्धि हो जाती है।
  • फसलें कीटों तथा अन्य व्याधियों से सुरक्षित रहती हैं।
  • इससे मृदा अपरदन कम होता है।

प्रश्न 12.
पादपों में संकरण के लाभ बताइये।
उत्तर:
पादपों में संकरण के लाभ निम्नलिखित हैं-

  • संकरण से प्राप्त पौधे पर्यावरण के प्रति अनुकूलित होते हैं।
  • ये पौधे छोटे होते हैं इसलिए इन पर तेज हवाओं का प्रभाव नहीं पड़ता है।
  • इन पौधों में वांछित लक्षण पाये जाते हैं।
  • इन पौधों से अधिक उत्पादन प्राप्त किया जाता है अर्थात् ये अच्छी उपज देते हैं।

प्रश्न 13.
कुक्कुट पालन क्यों किया जाता है? किन गुणों की प्राप्ति के लिए इनकी नई किस्में विकसित की जाती हैं?
उत्तर:
कुक्कुट (मुर्गी पालन) (Poultry farming) अंडे व कुक्कुट माँस के उत्पादन को बढ़ाने के लिए मुर्गी पालन किया जाता है। इसलिए कुक्कुट पालन में उन्नत मुर्गी की नस्लें विकसित की जाती हैं। अंडों के लिए अंडे देने वाली ( लेयर) मुर्गी पालन किया जाता है तथा माँस के लिए ब्रौलर को पाला जाता है।

निम्नलिखित गुणों के लिए नई-नई किस्में विकसित की जाती हैं। नई किस्में बनाने के लिए देशी; जैसे-एसिल तथा विदेशी; जैसे-लेगहॉर्न नस्लों का संकरण कराया जाता है-

  • चूजों की संख्या तथा गुणवत्ता;
  • छोटे कद के ब्रोलर माता-पिता द्वारा चूजों के व्यावसायिक उत्पादन हेतु;
  • गर्मी अनुकूलन क्षमता। उच्च तापमान को सहने की क्षमता;
  • देखभाल में कम खर्च की आवश्यकता;
  • अंडे देने वाले तथा ऐसी क्षमता वाले पक्षी जो कृषि के उपोत्पाद (एग्रीकल्चर बाइप्रोडक्ट्स) से प्राप्त सस्ते रेशेदार आहार का उपभोग कर सकें।

प्रश्न 14.
खौलर क्या है? इसकी आवश्यकताएँ क्या हैं?
उत्तर:
ब्रौलर-मांस प्रदान करने वाले कुक्कुटों को बौलर कहते हैं। इनकी आवास, पोषण तथा पर्यावरणीय आवश्यकताएँ अंडे देने वाली मुर्गियों से कुछ भिन्न होती हैं। इनको इनकी तीव्र वृद्धि एवं अल्पमृत्यु दर के अनुकूल परिस्थितियों में रखना आवश्यक है। इनके आहार में प्रोटीन वसा के साथ विटामिन A व K की मात्रा अधिक रखी जाती है।

प्रश्न 15.
हमारे देश में अलवण जलीय मछलियों के स्त्रोत एवं नस्लों के नाम लिखिए।
उत्तर:
हमारे देश में तालाब, पोखर, झील, झरने, नदियाँ आदि अलवण मछलियों के स्रोत हैं कतला, रोहू, मृगल, सिल्वर कार्प तथा ग्रास कार्प आदि अलवण जल प्रदायों की खाद्य मछलियाँ हैं। कतला मछली सबसे तीव्र (शीघ्र) वृद्धि करने वाली मछली है।

प्रश्न 16.
मछली संवर्धन की उपयोगिता बताइए।
उत्तर:
मछली संवर्धन की उपयोगिता-मछली संवर्धन धान की फसल के साथ किया जा सकता है। अधिक मछली संवर्धन मिश्रित मछली संवर्धन तन्त्र से तालाब में किया जाता है। इसमें देशी तथा विदेशी प्रकार की मछलियों का उपयोग किया जाता है ऐसे तन्त्र में अकेले तालाब में 5 या 6 प्रकार की मछलियों की स्पीशीज का उपयोग किया जाता है। इनमें ऐसी मछलियों का चुनाव किया जाता है। जिनमें आहार के लिए प्रतिस्पर्धा न हो तथा उनके आहार की आदत अलग-अलग हो।

इससे तालाब के हर भाग में स्थित उपलब्ध आहार का उपयोग हो जाता है जैसे कटला मछली पानी की सतह से भोजन लेती है, रोहू मछली तालाब के मध्य क्षेत्र से अपना भोजन लेती है। मृगल तथा कॉमन कार्य तालाब की तली से भोजन लेती है। ग्रास कार्प खरपतवार खाती है। इस प्रकार ये मछलियाँ साथ साथ रहते हुए भी स्पर्धा के बिना अपना-अपना आहार लेती हैं। इससे तालाब में मछली उत्पादन में वृद्धि होती है।

प्रश्न 17.
शहद क्या है? इसकी शुद्धता की पहचान कैसे की जा सकती है? शहद के मुख्य गुण व उपयोग बताइये।
उत्तर:
शहद एक गाड़ा, मीठा तरल पदार्थ है जो मधुमक्खियों द्वारा अपने छत्तों में एकत्र किया जाता है। शहद मुख्य संघटक जल, शर्करा, खनिज तथा प्रकिण्व हैं।

शुद्ध शहद की पहचान –

  • काँच के एक गिलास में पानी भरकर उसमें शहद की बूँदें मिलाने पर शुद्ध शहद पानी में एक पतला तार बनाएगा जबकि मिलावटी शहद पानी में घुल जायेगा।
  • सूक्ष्मदर्शी से देखने पर शुद्ध शहद में अनेक परागकण दिखाई देते हैं, अशुद्ध शब्द में नहीं।

शहद के गुण-शहद स्वाद में मीठा और पानी में घुलनशील होता है। शहद को खुला रखने पर वायुमंडल से नमी सोख लेता है तथा इसका किण्वन हो जाता है।

उपयोग – शहद सहज ही पाचक तथा एंटीसेप्टिक होता है इसलिए इसका प्रयोग अनेक प्रकार की औषधियों में किया जाता है।

प्रश्न 18.
मधुमक्खी के छत्ते से शहद किस प्रकार निकाला जाता है?
उत्तर:
मधुमक्खी के छत्ते से शहद निकालना – छते से शहद दो विधियों द्वारा निकाला जाता है-

  • सीधे ही छत्ते से धूम्र विधि से रात के समय मक्खियों को उड़ा दिया जाता है और छत्ते को तोड़कर निचोड़ कर शहद प्राप्त कर लिया जाता है। किन्तु यह विधि अवैज्ञानिक है।
  • मशीन द्वारा – शहद निकालने की मशीन एक खोखले सिलिन्डर से बनी होती है। इसके केन्द्रीय अक्ष पर धातु की जाली का सिलिन्डर के आकार का कक्ष बना होता है और कक्ष की तली में जाली लगी होती है। एक हैन्डिल की सहायता से इस कक्ष को केन्द्रीय अक्ष के चारों ओर घुमाया जाता है।

शहद निकालने के लिए मधुकोषों सहित लकड़ी के फ्रेमों को मशीन में बने जालीदार कक्ष को घुमाया जाता है। जिससे शहद मधुकोषों से निकलकर मशीन के तल में एकत्रित हो जाता है।