JAC Board Class 10th Social Science Important Questions Civics Chapter 1 सत्ता की साझेदारी
बहुविकल्पीय प्रश्न
1. बेल्जियम निम्न में से किस महाद्वीप का देश है?
(क) यूरोप
(ख) उत्तरी अमेरिका
(ग) एशिया
(घ) ऑस्ट्रेलिया
उत्तर:
(क) यूरोप
2. निम्न में से किस देश ने 1970 से 1993 ई. के मध्य अपने संविधान में चार संशोधन किये?
(क), भारत
(ख) श्रीलंका
(ग) बेल्जियम
(घ) चीन
उत्तर:
(ग) बेल्जियम
3. श्रीलंका का सबसे प्रमुख सामाजिक समूह है
(क) तमिलों का
(ख) सिंहलियों का
(ग) डचों का
(घ) हिन्दुस्तानी तमिलों का
उत्तर:
(ख) सिंहलियों का
4. श्रीलंका कब स्वतन्त्र राष्ट्र बना?
(क) 1948 ई. में
(ख) 1949 ई. में
(ग) 1956 ई. में
(घ) 1961 ई. में
उत्तर:
(क) 1948 ई. में
5. किस देश में दो समुदायों के बीच पारस्परिक अविश्वास ने बड़े टकराव का रूप ले लिया?
(क) श्रीलंका में
(ख) बेल्जियम में
(ग) ब्रिटेन में
(घ) भारत में
उत्तर:
(क) श्रीलंका में
6. श्रीलंका के जातीय समूह में निम्न में से कौन-से प्रमुख हैं
(क) ईसाई व तमिल
(ख) बौद्ध व हिन्दू
(ग) सिंहली व तमिल
(घ) सिंहली व ईसाई
उत्तर:
(ग) सिंहली व तमिल
7. आधुनिक लोकतांत्रिक व्यवस्थाएँ नियन्त्रण और सन्तुलन बनाए रखती हैं। क्षैतिज सत्ता की साझेदारी के आधार पर सही विकल्प की पहचान कीजिए।
(क) केन्द्र सरकार, राज्य सरकार, स्थानीय निकाय
(ख) विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका
(ग) विभिन्न सामाजिक समूहों के मध्य
(घ) विभिन्न दबाव समूहों के मध्य
उत्तर:
(क) केन्द्र सरकार, राज्य सरकार, स्थानीय निकाय
रिक्त स्थान पूर्ति सम्बन्धी प्रश्न
निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. सन् ……………… में श्रीलंका एक स्वतंत्र राष्ट्र बना।
उत्तर:
1948 ई.
2. बेल्जियम की राजधानी …………….. है।
उत्तर:
ब्रूसेल्स
3. ……………….. श्रीलंका का सबसे प्रमुख सामाजिक समूह है।
उत्तर:
सिंहली,
4. ….. ………. भारत का पड़ोसी द्वीपीय देश है।
उत्तर:
श्रीलंका,
5. … में दो समुदायों के बीच पारस्परिक अविश्वास ने बड़े टकराव का रूप ले लिया।
उत्तर:
श्रीलंका।
अतिलयूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
बेल्जियम की राजधानी का नाम बताओ।
उत्तर:
बेल्जियम की राजधानी ब्रूसेल्स है।
प्रश्न 2.
बेल्जियम में कौन-सी भाषा बोलने वाले लोग समृद्ध व ताकतवर रहे हैं?
उत्तर:
बेल्जियम में फ्रेंचभाषी लोग अधिक समृद्ध व ताकतवर रहे हैं।
प्रश्न 3.
1950 और 1960 के दशकों के बीच बूसेल्स में दो समुदायों के बीच प्रखर समस्या क्या थी?
उत्तर:
भाषाई विविधता।
प्रश्न 4.
भारत का पड़ोसी द्वीपीय देश कौन-सा है?
उत्तर:
श्रीलंका भारत का पड़ोसी द्वीपीय देश है।
प्रश्न 5.
श्रीलंका में सबसे प्रमुख सामाजिक समूह किसका है?
उत्तर:
श्रीलंका में सिहलियों का सबसे प्रमुख सामाजिक समूह है।
प्रश्न 6.
श्रीलंका की कुल जनसंख्या में सिहलियों का प्रतिशत कितना है?
उत्तर:
श्रीलंका की कुल जनसंख्या में सिहलियों का 74 प्रतिशत है।
प्रश्न 7.
बहुसंख्यकवाद कायम करने के लिए श्रीलंका सरकार द्वारा उठाये गये एक कदम का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
श्रीलंका सरकार ने 1956 ई. में एक कानून बनाया जिसके तहत सिहली को एकमात्र राजभाषा घोषित किया गया।
प्रश्न 8.
उस देश का नाम लिखिए, जहाँ 1956 के बाद जातीय संघर्ष ने हिंसा और विद्रोह का रूप ले लिया।
उत्तर:
श्रीलंका।
प्रश्न 9.
श्रीलंका के नये संविधान में क्या प्रावधान किया गया?
उत्तर:
श्रीलंका के नये संविधान में प्रावधान किया गया है कि देश की सरकार बौद्ध मत को संरक्षण व बढ़ावा देगी।
प्रश्न 10.
सिंहली और तमिल समुदायों के सम्बन्ध क्यों बिगड़ते चले गये?
उत्तर:
तमिलों को लगा कि संविधान और सरकार की नीतियाँ उन्हें समान राजनीतिक अधिकारों से वंचित कर रही है।
प्रश्न 11.
बेल्जियम की सामुदायिक सरकार और श्रीलंका की बहुसंख्यकवादी सरकार में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
बेल्जियम की सामुदायिक सरकार का चयन एक ही भाषा (डच, फ्रेंच व जर्मन) बोलने वाले लोग करते हैं जबकि श्रीलंका की बहुसंख्यकवादी सरकार में एक (सिंहली) समुदाय का ही प्रभुत्व रहता है।
प्रश्न 12.
लोकतन्त्र का बुनियादी सिद्धान्त क्या है?
उत्तर:
लोकतन्त्र का बुनियादी सिद्धान्त यह है कि जनता ही समस्त राजनीतिक शक्तियों का स्तोत्त है। इसमें लोग स्वशासन की संस्थाओं के माध्यम से शासन चलाते हैं।
प्रश्न 13.
लोकतन्त्र में सत्ता की साझेदारी क्यों आवश्यक है?
उत्तर:
सत्ता की साझेदारी संघर्ष की सम्भावनाओं को कम करती है तथा प्रजातान्त्रिक भावनाओं के अनुकूल है।
प्रश्न 14.
सत्ता का क्षैतिज वितरण किसे कहते हैं?
उत्तर:
सरकार के विभिन्न अंगों; जैसे-विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच सत्ता के बँटवारे को सत्ता का क्षैतिज वितरण कहते हैं।
प्रश्न 15.
सरकार के विभिन्न अंगों के मध्य सत्ता की साझेदारी को सत्ता का क्षैतिज वितरण क्यों कहते हैं?
उत्तर:
क्योंकि इसमें सरकार के विभिन्न अंग एक ही स्तर पर रहकर अपनी-अपनी शक्ति का उपयोग करते हैं।
प्रश्न 16.
नियन्त्रण और सन्तुलन की व्यवस्था किसे कहते हैं?
उत्तर:
वह व्यवस्था जिसमें सरकार का प्रत्येक अंग एक-दूसरे को नियन्त्रित करता है जिससे सत्ता का सन्तुलन स्थापित बना रहता है।
प्रश्न 17.
सत्ता का ऊध्ध्वाधर वितरण क्या है?
उत्तर:
उच्चतर एवं निम्नतर स्तर की सरकारों के मध्य सत्ता का विभाजन सत्ता का ऊर्ध्वाधर वितरण कहलाता है।
प्रश्न 18.
किस देश की सामुदायिक सरकार सत्ता के बँटवारे का एक अच्छा उदाहरण है?
उत्तर:
बेल्जियम की सामुदायिक सरकार सत्ता के बैंटवारे का एक अच्छा उदाहरण है।
लघूत्तरात्मक प्रश्न (SA1)
प्रश्न 1.
बेल्जियम की जातीय बुनावट कैसी है?
उत्तर:
बेल्जियम की जातीय बुनावट बहुत जटिल है। देश की कुल आबादी का 59 प्रतिशत हिस्सा फ्लेमिश इलाके में रहता है तथा डच भाषी है। 40 प्रतिशत लोग वेलोनिया क्षेत्र में रहते हैं तथा फ्रेंच भाषी हैं। शेष 1 प्रतिशत लोग जर्मन बोलते हैं। राजधानी ब्रूसेल्स के 80 प्रतिशत लोग फ्रेंच बोलते हैं तथा 20 प्रतिशत लोग डच भाषा बोलते हैं।
प्रश्न 2.
श्रीलंका की जातीय बुनावट का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
उत्तर:
श्रीलंका में अनेक जातीय समूहों के लोग हैं। सबसे प्रमुख सामाजिक समूह सिंहलियों का है जिनकी आबादी कुल जनसंख्या की 74 प्रतिशत है। दूसरा स्थान तमिलों का है जिनकी आबादी कुल जनसंख्या की 18 प्रतिशत है। 7 प्रतिशत ईसाई लोग भी श्रीलंका में रहते हैं। शेष 1 प्रतिशत अन्य समुदायों के लोग श्रीलंका में निवास करते हैं।
प्रश्न 3.
श्रीलंका में तमिलों के दो समूह कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
श्रीलंका में तमिलों के दो समूह-श्रीलंका मूल के तमिल व हिन्दुस्तानी तमिल हैं।
- श्रीलंका मूल के तमिल: श्रीलंका के तमिल निवासियों को श्रीलंका मूल के तमिल कहते हैं। यहाँ की कुल जनसंख्या में इनका प्रतिशत 13 है।
- हिन्दुस्तानी तमिल: औपनिवेशिक शासनकाल में बागानों में काम करने के लिए भारत से लाये गये तमिल लोगों की सन्तानों को हिन्दुस्तानी तमिल कहा जाता है। यहाँ इनका प्रतिशत 5 है।
प्रश्न 4.
बहुसंख्यकवाद से क्या तात्पर्य है? उस देश का नाम बताइये जहाँ बहुसंख्यकवाद है।
अथवा
बहुसंख्यकवाद से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
बहुसंख्यकवाद-यह एक प्रकार का मत है कि बहुसंख्यक समुदाय, जिस प्रकार चाहे देश में शासन कर सकता है। बहुसंख्यक सामान्यतः अल्पसंख्यकों की इच्छाओं और आवश्यकताओं की अवहेलना करते हैं। श्रीलंका में बहुसंख्यकवाद की स्थिति देखने को मिलती है, जहाँ सिंहलियों का वर्चस्व है।
प्रश्न 5.
श्रीलंकाई तमिलों ने किन प्रमुख माँगों को लेकर आन्दोलन किया?
उत्तर:
श्रीलंकाई तमिलों की कई माँगें थीं, जिनमें राजनीतिक, धार्मिक, भाषायी, सामाजिक एवं आर्थिक आदि सभी माँगें सम्मिलित थीं। श्रीलंका में सिंहली भाषा को प्रोत्साहन दिया जा रहा था। तमिलों ने तमिल को भी राजभाषा बनाने की माँग की। उन्होंने क्षेत्रीय स्वायत्तता हासिल करने तथा शिक्षा व रोजगार में समान अवसरों की मांग को लेकर भी संघर्ष किया।
प्रश्न 6.
“श्रीलंका में दो समुदायों के बीच पारस्परिक अविश्वास ने एक बड़े टकराव का रूप ले लिया।” कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
श्रीलंका में सिंहली एवं तमिल लोगों के बीच पारस्परिक अविश्वास ने एक बड़े टकराव का रूप ले लिया। यह टकराव गृहयुद्ध में परिणित हो गया, परिणामस्वरूप दोनों पक्षों के हजारों लोग मारे गये। अनेक परिवार अपने देश से भाग कर शरणार्थी बन गए। अनेक लोगों का व्यवसाय चौपट हो गया। इस गृहयुद्ध ने श्रीलंका के सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक जीवन में अनेक परेशानियाँ उत्पन्न की हैं।
प्रश्न 7.
सत्ता की साझेदारी क्या है? संक्षिप्त विवरण दीजिए।
उत्तर:
सत्ता की साझेदारी एक नीति है जिसके अन्तर्गत देश के शासन में समाज के सभी प्रमुख समूहों को सत्ता का एक स्थायी भाग प्रदान किया जाता है। जातीय एवं सांस्कृतिक विभिन्नताओं के कारण विभाजित समाज में झगड़े सुलझाने का यह एक सामर्थ्यवान हथियार है। इसमें राजनीतिक आयोजन की व्यापक रूप से व्यवस्था होती है, जिसमें समाज के प्रमुख तत्वों को शासन में उचित स्थान व सम्मान प्रदान किया जाता है।
प्रश्न 8.
सत्ता की साझेदारी के पक्ष में कोई तीन तर्क दीजिए।
उत्तर:
सत्ता की साझेदारी के पक्ष में तीन तर्क निम्नलिखित हैं
- सत्ता की साझेदारी से विभिन्न सामाजिक समूहों के मध्य टकराव की सम्भावना कम हो जाती है।
- सामाजिक टकराव आगे बढ़कर सामान्यतया हिंसा व राजनीतिक अस्थिरता का रूप ले लेता है। इसलिए सत्ता में साझेदारी राजनीतिक व्यवस्था के स्थायित्व के लिए अच्छी है।
- सत्ता की साझेदारी के माध्यम से सभी समूह शासन व्यवस्था से जुड़ते हैं।
लघूत्तरात्मक प्रश्न (SA2)
प्रश्न 1.
बेल्जियम व श्रीलंका की स्थितियाँ भिन्न कैसे हैं?
उत्तर:
बेल्जियम के समाज की जातीय बुनावट बहुत जटिल है। यहाँ बहुसंख्यक अर्थात् 59 प्रतिशत लोग डच भाषा बोलते हैं, 40 प्रतिशत लोग फ्रेंच बोलते हैं जो अल्पसंख्यक हैं। 1 प्रतिशत लोग जर्मन बोलते हैं। यहाँ फ्रेंच बोलने वाले अल्पसंख्यक लोग तुलनात्मक रूप से धनी व शक्तिशाली हैं, जबकि डच बोलने वाले लोग बहुसंख्यक होने के बावजूद गरीब हैं। बहुत बाद में जाकर आर्थिक विकास एवं शिक्षा का लाभ पाने वाले डच भाषी लोगों में इस स्थिति से नाराज़गी है।
जबकि श्रीलंका में सिंहली भाषी लोगों की आबादी कुल जनसंख्या की 74 प्रतिशत है तथा तमिल भाषी लोग केवल 18 प्रतिशत हैं। यहाँ बहुसंख्यक सिंहली लोग धनी व शक्तिशाली हैं। इन्हें अपेक्षाकृत अधिक संवैधानिक अधिकार प्राप्त हैं, जबकि अल्पसंख्यक तमिल आर्थिक, सामाजिक, राजनैतिक क्षेत्रों में पिछड़े हुए हैं। यहाँ बहुसंख्यक लोग अल्पसंख्यकों पर हावी हैं। इस प्रकार बेल्जियम व श्रीलंका की स्थितियाँ भिन्न हैं।
प्रश्न 2.
बहुसंख्यकवाद को बनाए रखने के लिए श्रीलंका की सरकार द्वारा कौन-कौन से कदम उठाए गए?
उत्तर:
बहुसंख्यकवाद को बनाए रखने के लिए श्रीलंका की सरकार द्वारा निम्नलिखित कदम उठाए गए
- श्रीलंकाई सरकार ने सामाजिक, राजनैतिक एवं आर्थिक क्षेत्रों में सिंहली वर्चस्व स्थापित करने के लिए कई प्रकार के उपाय अपनाए।
- 1956 ई. में श्रीलंका सरकार ने एक कानून बनाया जिसके तहत तमिल को दरकिनार करके सिंहली को एकमात्र राजभाषा घोषित कर दिया गया।
- नए संविधान में यह प्रावधान भी किया गया कि सरकार बौद्ध मत को संरक्षण और बढ़ावा देगी। यह तमिल हिन्दुओं के लिए अपमानजनक कदम था।
- विश्वविद्यालयों और सरकारी नौकरियों में सिंहलियों को प्राथमिकता देने की नीति भी चली।
प्रश्न 3.
श्रीलंका में तमिलों की क्या माँगें थीं? अपनी मांगों के लिए उन्होंने किस प्रकार संघर्ष किया? स्पष्ट कीजिए।
अथवा
श्रीलंका में हुए जातीय संघर्ष की विवेचना कीजिए।
अथवा
श्रीलंकाई तमिलों की किन्हीं तीन माँगों का वर्णन कीजिए। उन्होंने अपनी मांगों के लिए किस प्रकार संघर्ष किया?
उत्तर:
श्रीलंका के तमिलों ने अपनी राजनीतिक पार्टियों का निर्माण किया तथा श्रीलंका सरकार के समक्ष तमिल को राजभाषा बनाने, क्षेत्रीय स्वायत्तता हासिल करने एवं शिक्षा और रोजगार में समान अवसरों की माँग की। लेकिन तमिलों की आबादी वाले क्षेत्रों की स्वायत्तता की माँगों को लगातार नकारा गया! 1980 ई. के दशक तक उत्तर-पूर्वी श्रीलंका में स्वतन्त्र तमिल ईलम (राज्य) बनाने की माँग को लेकर अनेक राजनीतिक संगठनों का निर्माण हुआ।
श्रीलंका सरकार ने तमिलों की माँगों को ठुकरा दिया। इसका परिणाम यह हुआ कि तमिलों और सरकारी सेनाओं में निरन्तर युद्ध चलता रहा। इस हिंसा में हजारों लोग मारे गये तथा बहुमूल्य सम्पत्ति नष्ट हो चुकी है। इस गृहयुद्ध से श्रीलंका के सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक जीवन में बहुत अधिक परेशानियाँ उत्पन्न हुई हैं।
प्रश्न 4.
बेल्जियम अपनी जातीय समस्याओं को किस प्रकार हल कर सका? स्पष्ट कीजिए।
अथवा
देश में जातीय संघर्ष को समाप्त करने के लिए बेल्जियम सरकार द्वारा किये गये प्रयासों के बारे में संक्षेप में बताइए।
अथवा
बेल्जियम में क्षेत्रीय अन्तर एवं सांस्कृतिक विविधता की समस्या के समाधान हेतु उठाए गए किसी एक कदम का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
बेल्जियम अपनी जातीय समस्याओं को निम्न प्रयासों से हल कर सका
- अवसर की समानता:
संविधान में इस बात का स्पष्ट प्रावधान किया गया कि केन्द्र सरकार में डच व फ्रेंच भाषी मन्त्रियों की संख्या समान रहेगी अर्थात् दोनों समुदायों को समान प्रतिनिधित्व दिया जायेगा। किसी एक समुदाय के लोग एकतरफा फैसला नहीं कर सकते। - शक्ति का विकेन्द्रीकरण:
केन्द्र सरकार की अनेक शक्तियाँ देश के दो क्षेत्रों की क्षेत्रीय सरकारों को प्रदान कर दी गयीं। - स्वायत्त राज्य सरकार:
राज्य सरकारें केन्द्र सरकार के अधीन नहीं हैं। - समान राजनीतिक:
प्रतिनिधित्व ब्रूसेल्स में अलग सरकार है तथा इसमें दोनों समुदायों का समान प्रतिनिधित्व है। - सामुदायिक सरकार:
केन्द्रीय और राज्य सरकारों के अतिरिक्त किसी एक भाषा के लोगों द्वारा चुनी गई सामुदायिक सरकार की भी व्यवस्था की गयी है। इस सरकार को सांस्कृतिक, शैक्षणिक एवं भाषा सम्बन्धी अधिकार दिए गए हैं।
प्रश्न 5.
सत्ता के क्षैतिज वितरण एवं ऊर्ध्वाधर वितरण में क्या अन्तर है?
उत्तर:
सत्ता के क्षैतिज वितरण एवं ऊर्ध्वाधर वितरण में निम्नलिखित अन्तर हैं
सत्ता का क्षैतिज वितरण | सत्ता का ऊध्र्वाधर वितरण |
1. क्षैतिज वितरण के अन्तर्गत शासन के विभिन्न अंग, जैसे-विधायिका, कार्यपालिका एवं न्यायपालिका के मध्य सत्ता का बँटवारा रहता है। | ऊर्ध्वाधर वितरण के अन्तर्गत सरकार के विभिन्न स्तरों में सत्ता का बँटवारा होता है। |
2. इसमें सरकार के विभिन्न अंग एक ही स्तर पर रहकर अपनी-अपनी शक्ति का उपयोग करते हैं। | इसमें उच्चतर एवं निम्नतर स्तर की सरकारें होती हैं। |
3. इसमें शासन का प्रत्येक अंग एक-दूसरे पर नियन्त्रण रखता है। | इसमें निम्नतर स्तर के अंग उच्चतर स्तर के अंगों के अधीन कार्य करते हैं। |
4. भारत में कार्यपालिका संसद के अधीन कार्य करती है। न्यायपालिका की नियुक्ति कार्यपालिका करती है पर न्यायपालिका ही कार्यपालिका पर और विधायिका द्वारा बनाए गए कानूनों पर अंकुश रखती है। इस व्यवस्था को नियन्त्रण व सन्तुलन की व्यवस्था भी कहते हैं। | भारत में सम्पूर्ण देश की सरकार को संघ या केन्द्रीय सरकार कहते हैं। प्रान्तीय स्तर की सरकार को राज्य सरकार एवं स्थानीय सरकारों को नगरपालिका और पंचायतें कहा जाता है। |
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
स्थिति, आकार और सांस्कृतिक पहलुओं के आधार पर बेल्जियम और श्रीलंका की स्थिति की तुलना कीजिए।
उत्तर:
1. स्थिति:
बेल्जियम, फ्रांस, नीदरलैंड, जर्मनी व लक्समबर्ग की सीमाओं से लगता हुआ एक छोटा-सा यूरोपीय देश है जबकि श्रीलंका एक द्वीपीय देश है जो भारत के तमिलनाडु राज्य के दक्षिणी तट से कुछ किमी दूर स्थित है।
2. आकार:
बेल्जियम क्षेत्रफल में भारत के हरियाणा राज्य से भी छोटा है तथा यहाँ की आबादी एक करोड़ से कुछ अधिक है यानि हरियाणा की आवादी से लगभग आधी जबकि श्रीलंका की आबादी लगभग दो करोड़ है यानी हरियाणा की आबादी के बराबर।
3. सांस्कृतिक पहलू:
बेल्जियम की जातीय बुनावट बहुत जटिल है। यहाँ की कुल आबादी का 59 प्रतिशत भाग फ्लेमिश क्षेत्र में रहता है व डच बोलता है, 40 प्रतिशत बेलोनिया क्षेत्र में तथा फ्रेंच बोलता है जबकि शेष 1 प्रतिशत जर्मन बोलता है। इसकी राजधानी ब्रूसेल्स में 80 प्रतिशत लोग फ्रेंच तथा 20 प्रतिशत लोग डच भाषा बोलते हैं।
श्रीलंका में भी कई जातीय समूह के लोग रहते हैं जिनमें सबसे प्रमुख सामाजिक समूह सिंहलियों का है। इनकी आबादी कुल जनसंख्या की 74 प्रतिशत है। तमिलों की आबादी कुल जनसंख्या की 18 फीसदी है जिसमें 13 फीसदी श्रीलंकाई मूल के हैं। यहाँ की आबादी में 7 प्रतिशत ईसाई हैं जो सिंहली व तमिल दोनों भाषाएँ बोलते हैं। अधिकांश सिंहली भाषी लोग बौद्ध हैं वहीं तमिल भाषी लोगों में कुछ हिन्दू तथा कुछ मुसलमान हैं।
प्रश्न 2.
बेल्जियम के दो प्रमुख समुदायों में परस्पर संघर्ष के क्या कारण थे? इस समस्या का समाधान किस प्रकार किया गया? विस्तार से बताइये।
उत्तर:
बेल्जियम के दो प्रमुख समुदायों में परस्पर संघर्ष के कारण
1. बेल्जियम की जातीय बुनावट बहुत जटिल है। इस देश की कुल जनसंख्या का 59 प्रतिशत भाग फ्लेमिश क्षेत्र में रहता है तथा डच भाषा बोलता है। शेष 40 प्रतिशत लोग वेलोनिया क्षेत्र में रहते हैं तथा फ्रेंच भाषा बोलते हैं। शेष 1 प्रतिशत लोग जर्मन भाषा बोलने वाले हैं। देश की राजधानी ब्रूसेल्स की 80 प्रतिशत जनता फ्रेंच भाषा बोलती है, जबकि 20 प्रतिशत लोग डच भाषा बोलते हैं। .
2. बेल्जियम में फ्रेंच भाषी (अल्पसंख्यक) समूह अधिक धनी व शक्तिशाली है। आर्थिक एवं शिक्षा के विकास के प्रश्न को लेकर डच भाषीय समूह ने फ्रेंच भाषीय समूह का विरोध किया। इस कारण दोनों समुदायों के मध्य 1950 से 1960 ई. के दशक में परस्पर तनाव एवं संघर्ष बढ़ते चले गये। देश की राजधानी ब्रूसेल्स में यह स्थिति और अधिक गम्भीर हो गयी।
3. समस्या का समाधान
बेल्जियम के नेताओं ने दो भाषायी समुदायों के मध्य बढ़ते संघर्ष के समाधान हेतु एकता के प्रयास किये। उन्होंने क्षेत्रीय अन्तरों एवं सांस्कृतिक विविधता को स्वीकार किया तथा इस सम्बन्ध में 1970 से 1993 ई. के मध्य संविधान में चार महत्वपूर्ण संशोधन कर निम्न व्यवस्था को लागू किया
- संविधान में यह व्यवस्था की गई कि केन्द्रीय सरकार में डच और फ्रेंच भाषी मन्त्रियों की संख्या बराबर होगी जिससे कुछ विशेष प्रकार के कानूनों को पारित करने में दोनों भाषायी समुदायों के बहुमत के समर्थन की आवश्यकता होगी।
- केन्द्र सरकार की अनेक शक्तियाँ देश के दो स्तरों पर कार्य करने वाली राज्य सरकारों को प्रदान कर दी गयी हैं। ये राज्य सरकारें, केन्द्र सरकार के नियन्त्रण में कार्य नहीं करती हैं।
- बेल्जियम की राजधानी ब्रूसेल्स में अलग सरकार की व्यवस्था की गई। इस सरकार में दोनों भाषायी समुदायों को समान प्रतिनिधित्व प्रदान किया गया है।
- बेल्जियम में केन्द्र तथा राज्य सरकारों के अतिरिक्त एक तीसरे प्रकार की सरकार भी कार्य करती है। इस सरकार को सामुदायिक सरकार कहा जाता है। इस सरकार को तीन समूहों-डचों, फ्रांसीसियों एवं जर्मन बोलने वाले समुदायों द्वारा मिलकर चुन लिया जाता है। इस सरकार को शिक्षा, संस्कृति एवं भाषा जैसे मामलों पर फैसला लेने का अधिकार प्राप्त है।
प्रश्न 3.
सत्ता की साझेदारी क्यों वांछनीय है? उदाहरण द्वारा समझाइए। उत्तर-सत्ता की साझेदारी निम्नलिखित कारणों से वांछनीय है
1. टकराव को रोकने के लिए:
सत्ता की साझेदारी वांछनीय है क्योंकि यह सामूहिक समूहों के मध्य संघर्ष की सम्भावना को कम करती है। चूँकि सामाजिक टकराव आगे बढ़कर अक्सर हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता का रूप ले लेता है इसलिए सत्ता में हिस्सा दे देना राजनीतिक व्यवस्था के स्थायित्व के लिए अच्छा है।
2. लोकतन्त्र की आत्मा:
सत्ता की साझेदारी प्रजातन्त्र का आधार है, यह इसके विकास के लिए आवश्यक है। आधुनिक प्रजातन्त्र में शक्ति जनता के हाथों में निहित रहती है। इसका प्रयोग जनता निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा करती है। इस प्रकार समस्त समूह सत्ता में भागीदारी के माध्यम से शासन व्यवस्था से जुड़े रहते हैं।
उदाहरण: निम्नलिखित उदाहरण सत्ता की साझेदारी की वांछनीयता को दर्शाते हैं
1. बेल्जियम में अल्पसंख्यक फ्रेंच भाषी लोग अधिक धनी व शक्तिशाली थे, सत्ता उन्हीं के पास थी। यहाँ सत्ता की साझेदारी बहुसंख्यक डच भाषी समुदाय द्वारा नहीं होती थी. यह एक अप्रजातान्त्रिक बात थी। फलस्वरूप समाज में संघर्ष उत्पन्न हो गया।
2. श्रीलंका में सत्ता बहुसंख्यक सिंहलियों के पास थी, जबकि अल्पसंख्यक तमिल इससे वंचित थे फलस्वरूप तमिलों ने सिंहलियों के विरुद्ध संघर्ष प्रारम्भ कर दिया। यह संघर्ष ही श्रीलंका में गृहयुद्ध का कारण बना। इस प्रकार समाज के विकास एवं कल्याण के लिए सत्ता की साझेदारी वांछनीय है।
प्रश्न 4.
आधुनिक लोकतान्त्रिक व्यवस्था के अन्तर्गत सरकार में साझेदारी के चार रूपों का वर्णन कीजिए।
अथवा
सरकार के विभिन्न अंगों में सत्ता की साझेदारी कैसे होती है ? वर्णन करें।
अथवा
आधुनिक लोकतन्त्र में सत्ता में भागीदारी के विभिन्न रूपों का उल्लेख कीजिए।
अथवा
सामान्य रूप से प्रचलित सत्ता की साझेदारी के विभिन्न स्वरूपों की व्याख्या कीजिए।
अथवा भारत में सत्ता की साझेदारी पद्धति का मूल्यांकन कीजिए।
उत्तर:
आधुनिक लोकतान्त्रिक व्यवस्था के अन्तर्गत सरकार में साझेदारी के चार रूप निम्नलिखित हैं
1. सरकार के विभिन्न अंगों के मध्य सत्ता की साझेदारी:
लोकतन्त्र में सरकार के विभिन्न अंग, जैसे-विधायिका, कार्यपालिका व न्यायपालिका के मध्य सत्ता का बँटवारा रहता हैं। इन सभी के पास शक्ति होती है तथा वे आपस में एक-दूसरे पर नियन्त्रण रखते हैं। इसे ही सत्ता का क्षैतिज वितरण कहा जाता है। इस प्रकार के बँटवारे से यह सुनिश्चित हो जाता है कि कोई भी एक अंग सत्ता का असीमित उपयोग नहीं कर सकता। प्रत्येक अंग एक-दूसरे पर अंकुश रखता है। इससे विभिन्न संस्थाओं के मध्य सत्ता का सन्तुलन बना रहता है।
2. सरकार के मध्य विभिन्न स्तरों पर सत्ता की साझेदारी:
इसके अन्तर्गत सत्ता का विभाजन केन्द्रीय एवं राज्य सरकारों के मध्य तथा इससे आगे स्थानीय निकायों के बीच होता है। उच्चतर एवं निम्नतर स्तर की सरकारों के मध्य सत्ता की इस साझेदारी को सरकार का ऊर्ध्वाधर वितरण कहते हैं।
3. विभिन्न सामाजिक समूहों के मध्य सत्ता की साझेदारी:
लोकतन्त्र में विशेष रूप से विभिन्न धार्मिक, भाषायी, आदिवासी एवं अल्पसंख्यक समूह विभिन्न स्तरों पर सत्ता की साझेदारी करते हैं। सत्ता की साझेदारी का यह रूप या तो प्रजातान्त्रिक हो सकता है जैसे कि बेल्जियम में अथवा फिर संवैधानिक हो सकता है जैसे कि भारत में।
इस प्रकार की व्यवस्था विधायिका एवं प्रशासन में अलग- अलग सामाजिक समूहों को हिस्सेदारी देने के लिए की जाती है ताकि वे स्वयं को शासन से अलग न समझने लगें। कुछ देशों के संविधान एवं कानून में इस बात का प्रावधान है कि सामाजिक रूप से कमजोर समुदाय एवं महिलाओं को विधायिका और प्रशासन में हिस्सेदारी दी जाए।
4. राजनीतिक दलों, दबाव समूहों एवं आन्दोलनों के मध्य सत्ता की साझेदारी-लोकतन्त्र में विभिन्न राजनीतिक दलों, दबाव समूहों एवं आन्दोलनों के मध्य भी सत्ता की साझेदारी होती है। लोकतन्त्र लोगों के समक्ष. सत्ता के दावेदारों के बीच चुनाव का विकल्प देता है। यह विकल्प विभिन्न राजनीतिक दलों के रूप में उपलब्ध होता है, जोकि चुनाव लड़ते हैं। राजनीतिक दलों की यह प्रतिद्वन्द्विता ही यह सुनिश्चित करती है कि सत्ता एक व्यक्ति या समूह के हाथ में न रहे।