JAC Board Class 10th Social Science Notes Civics Chapter 3 लोकतंत्र और विविधता
पाठसारांश
→ लोकतंत्र व पहचान की भूमिका
- लोगों की विशिष्ट पहचान सिर्फ भाषा एवं क्षेत्र के आधार पर ही नहीं होती बल्कि कई बार लोग अपनी पहचान एवं दूसरों से अपने सम्बन्ध शारीरिक बनावट, वर्ग, धर्म, लिंग, जाति, कबीले आदि के आधार पर भी होते हैं।
- लोकतन्त्र समस्त सामाजिक विभिन्नताओं, अन्तरों एवं असमानताओं के मध्य सामंजस्य बैठाकर उनका सर्वमान्य समाधान प्रदान करने की कोशिश करता है।
- सन् 1968 ई. में मैक्सिको सिटी में हुए ओलंपिक खेलों में 200 मीटर की दौड़ में एफ्रो-अमेरिकी टॉमी स्मिथ व जॉन कार्लोस ने स्वर्ण व रजत पदक जीता था।
- स्मिथ ने पदक वितरण समारोह में गले में एक काला मफलर जैसा परिधान पहना था जो अश्वेत लोगों के आत्म-गौरव का प्रतीक है। कार्लोस ने काले मनकों की एक माला पहनी थी। काले दस्ताने व बँधी हुई मुट्ठियाँ अश्वेत शक्ति का प्रतीक थीं।
- अपने इन प्रतीक और तौर-तरीकों से उन्होंने अमेरिका में होने वाले रंगभेद के प्रति अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय का ध्यान खींचने का प्रयास किया।
→ समानताएँ, असमानताएँ और विभाजन
- सामाजिक विभाजन मुख्य रूप से जन्म पर आधारित होता है।
- सभी प्रकार का सामाजिक विभाजन जन्म पर ही आधारित नहीं होता है। कुछ चीजों को हम अपनी पसन्द या चुनाव के आधार पर भी तय करते हैं; जैसे-पढ़ाई के विषय, पेशे, खेल या सांस्कृतिक गतिविधियाँ आदि।
- सामाजिक विभाजन तब होता है जब कुछ सामाजिक अन्तर दूसरी अनेक विभिन्नताओं से ऊपर और बड़े हो जाते हैं।
- यदि एक-सी सामाजिक असमानताएँ कई समूहों में मौजूद हों तो फिर एक समूह के लोगों के लिए दूसरे समूहों से अलग पहचान बनाना कठिन हो जाता है।
- आज अधिकांश समाजों में कई तरह के विभाजन दिखाई देते हैं। देश का बड़ा या छोटा होना कोई खास मायने नहीं रखता है। यथा-भारत एक बड़ा देश है जिसमें अनेक समुदायों के लोग रहते हैं जबकि बेल्जियम एक छोटा देश है लेकिन वहाँ भी कई समुदायों के लोग रहते हैं।
→ सामाजिक विभाजन की राजनीति व आयाम
- सामाजिक विभाजनों की राजनीति का परिणाम तीन बिन्दुओं पर निर्भर करता है- पहला बिन्दु लोगों में अपनी पहचान के प्रति आग्रह की भावना, दूसरा महत्त्वपूर्ण बिन्दु-किसी समुदाय की माँगों को राजनीतिक दल कैसे उठा रहे हैं तथा तीसरा बिन्दु-सरकार का रुख।
- लोकतन्त्र में सामाजिक विभाजन की राजनीतिक अभिव्यक्ति एक सामान्य बात है और यह एक स्वस्थ राजनीति का लक्षण भी हो सकता है।
- जो लोग स्वयं को वंचित, उपेक्षित एवं भेदभाव का शिकार मानते हैं, उन्हें अन्याय से संघर्ष भी करना होता है। ऐसी लड़ाई प्रायः लोकतान्त्रिक रास्ता ही अपनाती है।
- कई बार गैर-बराबरी एवं अन्याय के विरुद्ध होने वाला संघर्ष हिंसा का रास्ता भी अपना लेता है, लेकिन ऐसी समस्त गड़बड़ियों की पहचान करने एवं विविधता को समाहित करने का लोकतंत्र ही सबसे अच्छा तरीका है।
→ प्रमुख पारिभाषिक शब्दावली
1. एफ्रो: अमेरिकी-एफ्रो-अमेरिकन, अश्वेत अमेरिकी या अश्वेत शब्द उन अफ्रीकी लोगों के वंशजों के लिए प्रयोग में लाया जाता है जिन्हें 17वीं सदी से लेकर 19वीं सदी की शुरुआत में अमेरिका में गुलाम बनाकर लाया गया था।
2. नागरिक अधिकार आन्दोलन: यह आन्दोलन संयुक्त राज्य अमेरिका में सन् 1954 ई. से 1968 ई. के मध्य चलाया गया था। इस आन्दोलन का प्रमुख उद्देश्य एफ्रो-अमेरिकी लोगों के विरुद्ध होने वाले नस्ल आधारित भेदभाव को समाप्त करना था।
3. पूर्णतः अहिंसक इस आन्दोलन का नेतृत्व मार्टिन लूथर किंग जूनियर ने किया था। इन्होंने नस्ल के आधार पर
भेदभाव करने वाले कानूनों और व्यवहार को समाप्त करने की मांग उठाई, जो अन्त में सफल हुई।
4. अश्वेत शक्ति आन्दोलन: यह आन्दोलन 1966 ई. से 1975 ई. के मध्य चला। नस्ल के आधार पर भेदभाव के प्रति इस आन्दोलन का रवैया अधिक उग्र था, यह नस्लवाद को समाप्त करने के लिए हिंसा का सहारा लेने का भी समर्थन करता था।
5. समरूप समाज: एक ऐसा समाज जिसमें सामुदायिक, सांस्कृतिक अथवा जातीय विभिन्नताएँ अधिक गहरी नहीं होती
6. नस्लवाद: लोगों के बीच जैविक अन्तर की सामाजिक धारणाओं में आधारित भेदभाव व पूर्वाग्रह दोनों की स्थिति।