JAC Board Class 10th Social Science Notes Civics Chapter 7 लोकतंत्र के परिणाम
→ लोकतंत्र के परिणाम
- लोकतन्त्र शासन की अन्य व्यवस्थाओं से श्रेष्ठ है क्योंकि यह नागरिकों में समानता को बढ़ावा देता है, व्यक्ति की गरिमा को बढ़ाता है तथा इसमें गलतियों को सुधारने की गुंजाइश रहती है।
- विश्व के अधिकांश लोग अन्य किसी भी वैकल्पिक शासन व्यवस्थाओं की तुलना में लोकतन्त्र को अधिक पसन्द करते है।
→ उत्तरदायी, जिम्मेदार व वैध शासन
- लोकतन्त्र में सबसे बड़ी चिन्ता का विषय यह होता है कि लोगों को अपना शासक चुनने का अधिकार एवं शासकों पर नियन्त्रण बरकरार रहे।
- लोकतन्त्र में फैसले नियम-कानून के अनुसार होते हैं।
- लोकतन्त्र में नागरिकों को फैसले लेने में नियमों के पालन होने का पता लगाने का अधिकार होने के साथ ही इसके साधन भी उपलब्ध होते हैं जिसे पारदर्शिता कहते हैं।
- लोकतान्त्रिक सरकार नागरिकों को निर्णय प्रक्रिया में हिस्सेदार बनाने एवं स्वयं को उसके प्रति जवाबदेह बनाने वाली कार्यविधि विकसित कर लेती है।
- सरकार व उसके कामकाज के बारे में नागरिकों द्वारा सूचना के अधिकार के तहत जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
- वैध शासन व्यवस्था के मामले में लोकतान्त्रिक शासन व्यवस्था निश्चित रूप से अन्य शासन व्यवस्थाओं से श्रेष्ठ है।
→ आर्थिक संवृद्धि और विकास
- सन् 1950 से 2000 ई. के मध्य सभी लोकतान्त्रिक शासन एवं तानाशाही शासन व्यवस्था के कामकाज की तुलना करने पर पाया गया कि आर्थिक समृद्धि के मामले में तानाशाही शासन व्यवस्था वाले देशों का रिकॉर्ड थोड़ा अच्छा है।
- लोकतान्त्रिक शासन व्यवस्था राजनीतिक समानता पर आधारित होती है।
- वास्तविक जीवन में लोकतान्त्रिक व्यवस्थाएँ आर्थिक असमानताओं को कम करने में अधिक सफल नहीं हो पायी हैं।
→ सामाजिक विविधताओं में सामंजस्य
- लोकतान्त्रिक व्यवस्था से सद्भावपूर्ण सामाजिक जीवन उपलब्ध करवाने की उम्मीद करना उचित है।
- लोकतन्त्र तब तक ही लोकतन्त्र रहता है जब तक प्रत्येक नागरिक को किसी-न-किसी मौके पर बहुमत का हिस्सा बनने का अवसर मिलता है।
- व्यक्ति की गरिमा बनाए रखने एवं स्वतन्त्रता के मामले में लोकतान्त्रिक व्यवस्था किसी भी अन्य शासन प्रणाली से बहुत अच्छी है।
- भारत में लोकतान्त्रिक शासन व्यवस्था ने कमजोर एवं भेदभाव का शिकार हुई जातियों के लोगों के समान दर्जे और समान अवसर के दावे को बल दिया है।
→ प्रमुख पारिभाषिक शब्दावली
1. पारदर्शिता: लोकतन्त्र में यदि कोई नागरिक यह जानना चाहे कि फैसले लेने में नियमों का पालन हुआ है या नहीं तो वह इसका पता कर सकता है। उसे यह न सिर्फ जानने का अधिकार है बल्कि उसके पास इसके साधन भी उपलब्ध हैं, इसे ही पारदर्शिता कहते हैं।
2. लोकतन्त्र: शासन की वह व्यवस्था, जिसमें शासन की अन्तिम शक्ति जनता के हाथों में रहती है।
3. तानाशाही व्यवस्था: शासन की वह व्यवस्था जिसमें समस्त शक्तियाँ एक ही व्यक्ति के हाथ में हों, उसे तानाशाही शासन व्यवस्था कहा जाता है। इस शासन व्यवस्था में तानाशाह शासक अपनी इच्छानुसार शासन चलाता है तथा किसी को भी उसका विरोध करने की इजाज़त नहीं होती।