Jharkhand Board JAC Class 10 Hindi Solutions Sparsh Chapter 7 तोप Textbook Exercise Questions and Answers.
JAC Board Class 10 Hindi Solutions Sparsh Chapter 7 तोप
JAC Class 10 Hindi तोप Textbook Questions and Answers
(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
प्रश्न 1.
विरासत में मिली चीज़ों की बड़ी संभाल होती है। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
विरासत से तात्पर्य उत्तराधिकार में मिला धन एवं वस्तुएँ होती हैं। विरासत में मिली इन चीजों में हम अपने पूर्वजों की उपस्थिति को अनुभव करते हैं। इसके साथ-साथ ये हमें हमारे पूर्वजों की निरंतर याद दिलाती हैं। ये वस्तुएँ हमें बताती हैं कि हमारे पूर्वजों ने जीवन कैसा बिताया होगा। ये हमें उनकी उपलब्धियों के विषय में भी बताती हैं। विरासत में मिली चीज़ों को अपने पूर्वजों के आशीर्वाद के रूप में भी संभालकर रखा जाता है। अत: विरासत में मिली चीजों का बहुत महत्व होता है।
प्रश्न 2.
इस कविता से आपको तोप के विषय में क्या जानकारी मिलती है?
उत्तर :
‘तोप’ कविता हमें कंपनी बाग में रखी तोप के विषय में बताती है कि यह सन 1857 के प्रथम स्वाधीनता संग्राम के समय अंग्रेजी सेना द्वारा प्रयोग की गई तोप है। इसे वर्ष में दो बार चमकाया जाता है और यह हमारी धरोहर के रूप में विद्यमान है। यह वही तोप है, जिसने अनेक देशभक्त वीरों को मौत के घाट उतार दिया था। अब यह बच्चों की घुड़सवारी करने के काम आती है। कभी कभी छोटी शैतान चिड़ियाँ इसके भीतर घुस जाया करती हैं। वे इस ओर संकेत करती हैं कि कोई कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो, एक न एक दिन उसे धराशायी होना ही पड़ता है।
प्रश्न 3.
कंपनी बाग में रखी तोप क्या सीख देती है ?
उत्तर :
कंपनी बाग में रखी तोप हमें बताती है कि अत्याचारी की ताकत कितनी भी अधिक क्यों न हो, उसे मनुष्य के संयुक्त प्रयासों और विद्रोह के सामने झुकना ही पड़ता है। इसके अतिरिक्त यह हमें सिखाती है कि हमें भविष्य में कभी किसी ऐसी विदेशी कंपनी : को अपने देश में पाँव जमाने नहीं देना चाहिए, जिसकी नीयत ठीक न हो। यदि ऐसा हो गया, तो हमारा देश फिर से गुलाम हो सकता है।
प्रश्न 4.
कविता में तोप को दो बार चमकाने की बात की गई है। ये दो अवसर कौन-से होंगे?
उत्तर :
ये दो अवसर संभवतः 15 अगस्त एवं 26 जनवरी होंगे। यह तोप हमें हमारे स्वतंत्रता संग्राम की याद दिलाती है। ये दोनों अवसर भी इसी से जुड़े हुए हैं।
(ख) निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए –
प्रश्न 1.
अब तो बहरहाल
छोटे लड़कों की घुड़सवारी से अगर यह फ़ारिग हो
तो उसके ऊपर बैठकर
चिड़ियाँ ही अकसर करती हैं गपशप।
उत्तर :
कवि ने स्पष्ट किया है कि सन 1857 के प्रथम स्वाधीनता संग्राम में प्रयोग की गई तोप हमारी विरासत के रूप में कंपनी बाग में विद्यमान कोई महत्व नहीं रहा। कंपनी बाग में घूमने के लिए आने वाले छोटे-छोटे लड़के अब इस पर घुड़सवारी करते हैं। कभी-कभी इस तोप पर चिड़ियाँ बैठती हैं, जो अपनी चहचहाहट से आपस में बातें करती हुई प्रतीत होती हैं।
प्रश्न 2.
वे बताती हैं कि दरअसल कितनी भी बड़ी हो तोप
एक दिन तो होना ही है उसका मुंह बंद।
उत्तर :
कवि यहाँ स्पष्ट करना चाहता है कि कोई कितना भी बड़ा और शक्तिशाली क्यों न हो, उसका एक न एक दिन अंत अवश्य होता है। कंपनी बाग में रखी तोप इस बात का प्रमाण थी। वह भी किसी समय शक्तिशाली तोप थी, किंतु आज वह निरर्थक हो गई है। अतः मनुष्य को अपनी शक्ति और बाहुबल पर घमंड नहीं करना चाहिए।
प्रश्न 3.
उड़ा दिए थे मैंने
अच्छे-अच्छे सूरमाओं के धज्जे।
उत्तर :
कवि इन पंक्तियों में कंपनी बाग में रखी तोप के विषय में बताता है। कवि कहता है कि किसी समय यह तोप बहुत शक्तिशाली थी। ब्रिटिश सेना ने भारतीय देशभक्तों का दमन करने के लिए इसका प्रयोग किया था। यह तोप एक ही समय में बड़े-बड़े वीरों की धज्जियाँ उड़ाने में सक्षम थी।
भाषा-अध्ययन –
प्रश्न 1.
कवि ने इस कविता में शब्दों का सटीक और बेहतरीन प्रयोग किया है। इसकी एक पंक्ति देखिए ‘धर रखी गई है यह 1857 की तोप’।’धर’ शब्द देशज है और कवि ने इसका कई अर्थों में प्रयोग किया है। रखना’, ‘धरोहर’ और ‘संचय’ के रूप में। अर्थात कंपनी बाग के मुहाने पर यह तोप ‘धरोहर’ के रूप में रखी गई है।
उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं पढ़ें।
प्रश्न 2.
‘तोप’ कविता का भाव समझते हुए इसका गद्य में रूपांतरण कीजिए।
उत्तर :
इस प्रश्न के उत्तर के लिए ‘कविता का सार’ देखें।
योग्यता विस्तार –
प्रश्न 1.
कविता रचना करते समय उपयुक्त शब्दों का चयन और उनका सही स्थान पर प्रयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है। कविता लिखने का प्रयास कीजिए और इसे समझिए।
उत्तर :
विद्यार्थी अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।
प्रश्न 2.
तेजी से बढ़ती जनसंख्या और घनी आबादी वाली जगहों के आसपास पार्कों का होना क्यों जरूरी है ? कक्षा में परिचर्चा कीजिए।
उत्तर :
विद्यार्थी अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।
परियोजना कार्य –
प्रश्न :
स्वतंत्रता सैनानियों की गाथा संबंधी पुस्तक को पुस्तकालय से प्राप्त कीजिए और पढ़कर कक्षा में सुनाइए।
उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं करें।
JAC Class 10 Hindi तोप Important Questions and Answers
प्रश्न 1.
कंपनी बाग के मुहाने पर क्या रखा हुआ है और क्यों?
उत्तर :
कंपनी बाग के मुहाने अर्थात प्रवेश-द्वार पर एक तोप रखी हुई है। यह सन 1857 के प्रथम स्वाधीनता संग्राम के समय की है। कहा जाता है कि अपने समय में इस तोप ने अनेक स्वतंत्रता सेनानियों को अपने बारूद से उड़ा दिया था। इसे धरोहर के रूप में रखा गया है। यह हमें हमारे गुलामी के दिनों की याद दिलाती है। साथ ही यह हमें हमारे पूर्वजों द्वारा की गई गलतियों के विषय में भी बताती है। यह तोप भविष्य में उन गलतियों को न दोहराने का संदेश देती है।
प्रश्न 2.
कंपनी बाग में रखी तोप अब किसके काम आ रही थी?
उत्तर
कंपनी बाग में रखी तोप अब साधारण वस्तु बनकर रह गयी थी। अब वह कंपनी बाग में आने वाले बच्चों की घुड़सवारी के काम आ रही थी। जब बच्चे उस पर घुड़सवारी नहीं करते थे, तब चिड़ियाँ उस पर बैठी रहतीं। कभी-कभी शैतान चिड़ियाँ उसके भीतर घुस जाया करती थीं। कभी वह तोप शक्तिशाली हुआ करती थी, किंतु अब वह सामान्य चीज़ थी। कंपनी बाग में आने-जाने वाले लोग इसे केवल जिज्ञासावश ही देखते हैं। अब वर्तमान समय इनका महत्व समाप्त हो गया था।
प्रश्न 3.
‘तोप’ कविता का संदेश स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
‘तोप’ कविता बड़े ही सहज भाव से यह संदेश देना चाहती है कि शक्ति प्रदर्शन करने का जमाना अब बीत गया है। अब तो लोकतांत्रिक शासन-प्रणाली का जन्म हो चुका है। अब समस्याओं के समाधान के लिए तोप नहीं बल्कि बातचीत का द्वार खुलता है। प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में भी बातचीत तोपों पर विजयी रही थी। अतः शक्ति का अनावश्यक प्रयोग न करके शांति स्थापना करना तथा शांति बनाए रखना ही कवि का एक मात्र संदेश है। यह कविता इस बात को भी प्रमाणित करती है भले ही कोई कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो, इस दिन उसे लोगों के संयुक्त प्रयासों के सम्मुख नतमस्तक होना ही पड़ता है।
प्रश्न 4.
वीरेन डंगवाल द्वारा रचित कविता किस प्रकार की है?
उत्तर :
वीरेन डंगवाल द्वारा रचित कविता ‘तोप’ एक उद्देश्यपूर्ण रचना है। इस कविता के माध्यम से कवि ने आम जनमानस को संदेश देना चाहा है कि अतीत में जो गलतियाँ हुई हैं, उन्हें वर्तमान में पुनः न दोहराया जाए। हमें गलतियों से सबक सीखते हुए कुछ नवीन एवं अच्छा करने के बारे में सोचना चाहिए।
प्रश्न 5.
कवि के अनुसार हमें विरासत में क्या मिला है?
उत्तर :
कवि के अनुसार कंपनी बाग के प्रवेश-द्वार पर रखी तोप हमारी धरोहर के रूप में आज भी हमारे सामने है। यह तोप सन 1857 के प्रथम स्वाधीनता-संग्राम में अंग्रेजों द्वारा भारतीयों पर प्रयोग की गई थी। आज वही तोप हमें विरासत के रूप में मिली है।
प्रश्न 6.
कवि के अनुसार तोप हमें किसकी याद दिलाती है?
उत्तर :
कवि के अनुसार तोप हमें हमारे पूर्वजों की कुर्बानी और उनकी शहादत की याद दिलाती है कि किस प्रकार देश और देशवासियों के लिए उन्होंने हँसते-हँसते अपने प्राणों को न्योछावर कर दिया। इसके साथ-साथ यह हमें ईस्ट इंडिया कंपनी की बर्बरता की भी याद दिलाती है।
प्रश्न 7.
कवि के मतानुसार तोप किससे और कहाँ बातचीत करती है?
उत्तर :
कवि के मतानुसार तोप कंपनी बाग में घूमने-फिरने के लिए आने वाले लोगों को देखकर उनसे बातचीत करती हुई प्रतीत होती है। ऐसा लगता है, मानों वह लोगों को अपने अतीत से अवगत करवाना चाहती है तथा देश के शहीदों के प्रति लोगों के हृदय में सम्मान जगाना चाहती है।
प्रश्न 8.
तोप को कहाँ और कैसे रखा गया है?
उत्तर :
तोप को कंपनी बाग के प्रवेश-दवार पर धरोहर के रूप में रखा गया है। यह आज भी हमारे सामने विद्यमान है। इसे बहुत सहेज कर रखा गया है। इसकी खूब देखभाल की जाती है। वर्ष में दो बार इसे चमकाया जाता है।
प्रश्न 9.
तोप कंपनी बाग में आने वाले लोगों को क्या बताती है?
उत्तर :
तोप कंपनी बाग में आने वाले लोगों को अपने बारे में बताती है। वह लोगों के आकर्षण का केंद्र है। ऐसा लगता है जैसे वह अपने बारे में लोगों से बात करते हुए उन्हें कह रही हो कि पहले वह कितनी शक्तिशाली थी; सभी उसका लोहा मानते थे।
प्रश्न 10.
वर्तमान में तोप की क्या स्थिति है?
उत्तर :
वर्तमान में तोप की बड़ी ही दयनीय हालत है। अब वह लोगों के आकर्षण का केन्द्र नहीं रही। उसकी शक्ति एवं सुंदरता क्षीण हो चुकी है। वह अब पूर्ण रूप से निरर्थक हो गई है। अब तो बच्चे उसके ऊपर बैठकर घुड़सवारी करते हैं। कभी-कभी पक्षी भी उस पर बैठ जाते हैं।
तोप Summary in Hindi
कवि-परिचय :
जीवन-वीरेन डंगवाल का जन्म 5 अगस्त सन 1947 को उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल जिले के कीर्तिनगर में हुआ था। इन्होंने अपनी आरंभिक शिक्षा नैनीताल से प्राप्त की। बाद में ये उच्च शिक्षा के लिए इलाहाबाद चले गए। पत्रकारिता में इनकी विशेष रुचि रही है। वीरेन डंगवाल पेशे से प्राध्यापक हैं। इनके लेखन कार्य के लिए इन्हें अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। इन्हें इनके कविता संग्रह ‘इसी दुनिया में’ के लिए प्रतिष्ठित श्रीकांत वर्मा पुरस्कार प्राप्त हो चुका है। एक अन्य रचना ‘दुष्चक्र में स्रष्टा’ पर इन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इन्होंने कई महत्वपूर्ण कवियों की अन्य भाषाओं में लिखी कविताओं का हिंदी में अनुवाद भी किया है।
रचनाएँ – वीरेन डंगवाल का काव्य जनसाधारण से जुड़ा है। इनकी कविताओं में समाज के साधारण और हाशिए पर स्थित लोगों के विलक्षण ब्योरे और दृश्य प्रस्तुत हुए हैं, जो इनकी कविताओं को विशिष्ट बनाते हैं। इन्होंने अपनी रचनाओं का आधार ऐसी वस्तुओं और जीव जंतुओं को बनाया है, जिन्हें हम प्रायः देखकर अनदेखा कर देते हैं। इनकी कविताओं में प्राणी मात्र के लिए सहानुभूति का भाव है। इनकी प्रमुख रचनाएँ हैं-‘इसी दुनिया में’ और ‘दुष्चक्र में स्रष्टा’।
भाषा-शैली – वीरेन डंगवाल की भाषा-शैली अत्यंत सरल और सहज है। खड़ी बोली के सहज प्रयोग से भावाभिव्यक्ति पूर्णतः स्पष्ट है। इनकी भाषा में उर्दू, फारसी, अरबी तथा अंग्रेजी के शब्द पूरी तरह से घुल-मिल गए हैं। प्रस्तुत कविता ‘तोप’ में भी इनकी इसी भाषा-शैली के दर्शन होते हैं। इनके द्वारा प्रयुक्त उर्दू-फ़ारसी के शब्दों में जबर, बहरहाल, फ़ारिग, दरअसल आदि प्रमुख हैं। भाषा में सर्वत्र प्रवाहमयता एवं लयात्मकता विद्यमान है। जैसे –
अब तो बहरहाल
छोटे लड़कों की घुड़सवारी से अगर यह फ़ारिग हो
तो उसके ऊपर बैठकर
चिड़ियाँ ही अकसर करती हैं गपशप।
धज्जियाँ उड़ाना तथा मुँह बंद होना जैसे मुहावरों के प्रयोग से भावाभिव्यक्ति तीव्र हो गई है।
कविता का सार –
‘तोप’ कविता वीरेन डंगवाल द्वारा लिखी एक उद्देश्यपूर्ण रचना है। इस कविता के माध्यम से कवि ने गलतियों को न दोहराने का संदेश दिया है। कवि कहता है कि कंपनी बाग के प्रवेश-द्वार पर रखी तोप धरोहर के रूप में हमारे सामने विद्यमान है। यह वही : तोप है, जो सन 1857 के प्रथम स्वाधीनता संग्राम में अंग्रेजों द्वारा प्रयोग की गई थी। यह तोप हमें विरासत में मिली है। इसलिए इसकी बहुत देखभाल की जाती है तथा वर्ष में दो बार इसे खूब चमकाया जाता है। यह तोप इस कंपनी बाग में आने वाले लोगों के आकर्षण का केंद्र भी है।
ऐसा लगता है, मानो यह अपने बारे में बता रही हो कि पहले वह बड़ी शक्तिशाली थी और बड़े-बड़े वीरों की धज्जियाँ उड़ाने में सक्षम थी। कवि कहता है कि अब यह तोप पूरी तरह से निरर्थक हो गई है। अब कंपनी बाग में घूमने आए लड़के इस पर घुड़सवारी करते हैं। कभी कभी चिड़ियाँ इस पर बैठती हैं और आपस में बातें करती प्रतीत होती हैं। कई बार तो गौरैये इसके भीतर घुस जाती हैं और इससे शरारतें करती हैं।
वे गौरैये मानो कह रही हों कि कोई तोप चाहे कितनी ही बड़ी क्यों न हो, उसका मुँह एक न एक। कवि इस कविता के माध्यम से बताना चाहता है कि समय सबसे बलवान होता है। अपने समय में गर्जन करने वाले बलशाली व धन पर अभिमान करने वाले धनिक भी समय बदलने पर अपनी ताकत और अपना अभिमान खो बैठते हैं।
सिप्रसंग व्याख्या –
1. कंपनी बाग के मुहाने पर
धर रखी गई है यह 1857 की तोप
इसकी होती है बड़ी सम्हाल, विरासत में मिले
कंपनी बाग की तरह
साल में चमकाई जाती है दो बार।
शब्दार्थ : कंपनी बाग – गुलाम भारत में ‘ईस्ट इंडिया कंपनी’ द्वारा बनाए गए बाग-बगीचों में से एक बाग। मुहाने – प्रवेश-द्वार। धर रखी – रखी गई। सम्हाल – देखभाल। विरासत – उत्तराधिकार में मिला हुआ।
प्रसंग : प्रस्तुत पंक्तियाँ वीरेन डंगवाल द्वारा रचित कविता ‘तोप’ से ली गई हैं। इन पंक्तियों में कवि ने कंपनी बाग में रखी तोप के विषय में बताया है कि यह हमारी विरासत के रूप में विद्यमान है।
व्याख्या : कवि कहता है कि कंपनी बाग के प्रवेश-द्वार पर एक तोप रखी हुई है। यह सन 1857 में अंग्रेजी सेना द्वारा प्रयोग की गई तोप है। विरासत में मिले हुए कंपनी बाग की तरह इसकी भी खूब देखभाल की जाती है। वर्ष में दो बार इसे खूब चमकाया भी जाता है। यह हमें हमारे पूर्वजों की कुर्बानी और उनके बलिदान के विषय में बताती है।
2. सुबह-शाम कंपनी बाग में आते हैं बहुत-से सैलानी
उन्हें बताती है यह तोप
कि मैं बड़ी जबर
उड़ा दिए थे मैंने
अच्छे-अच्छे सूरमाओं के धज्जे
अपने ज़माने में
शब्दार्थ : सैलानी – दर्शनीय स्थलों पर आने वाले यात्री, पर्यटक। जबर – शक्तिशाली। सूरमा – वीर। धज्जे – धज्जियाँ, चिथड़े-चिथड़े। ज़माने – समय। प्रसंग प्रस्तुत पंक्तियाँ वीरेन डंगवाल द्वारा रचित कविता ‘तोप’ से ली गई हैं। इन पंक्तियों में कवि ने तोप की शक्ति के बारे में बताया है।
व्याख्या : कवि कहता है कि कंपनी बाग में सुबह-शाम अनेक लोग घूमने-फिरने के लिए आते हैं। ऐसा लगता है, मानो यह तोप उन लोगों को बताती है कि अपने समय में यह बहुत शक्तिशाली थी। यह अपने सामने आने वाले बड़े-बड़े वीरों की धज्जियाँ उड़ा देती थी। इसने उस समय देश को आजाद करवाने का सपना देखने वाले अनेक जाँबाज़ों को मौत के घाट उतार दिया था।
3. अब तो बहरहाल
छोटे लड़कों की घुड़सवारी से अगर यह फ़ारिंग हो
तो उसके ऊपर बैठकर
चिड़ियाँ ही अकसर करती हैं गपशप
कभी-कभी शैतानी में वे इसके भीतर भी घुस जाती हैं
खास कर गौरैयें
वे बताती हैं कि दरअसल कितनी भी बड़ी हो तोप
एक दिन तो होना ही है उसका मुँह बंद। –
शब्दार्थ : बहरहाल – जैसे भी हो, हर हालत में। फ़ारिग – खाली, मुक्त। अकसर – प्रायः, आमतौर पर। गपशप – इधर-उधर की बातें करना। खास कर – विशेष कर। गौरैया – छोटी चिड़िया।
प्रसंग : प्रस्तुत पंक्तियाँ वीरेन डंगवाल द्वारा रचित कविता ‘तोप’ से ली गई हैं। इन पंक्तियों में कवि ने शक्तिशाली तोप की वर्तमान स्थिति पर प्रकाश डालते हुए कहा है कि अब वह बिलकुल निरर्थक हो गई है।
व्याख्या : कवि कहता है कि जो तोप पहले बहुत शक्तिशाली थी, अब वह निरर्थक हो गई है। अब वह कंपनी बाग में घूमने-फिरने आए छोटे-छोटे बच्चों की घुडसवारी के काम आती है। जब इस पर बच्चे घुडसवारी नहीं कर रहे होते, तब इसके ऊपर चिड़ियाँ बैठी अपनी मधुर चहचहाहट में गपशप करती दिखाई देती हैं। गौरैया चिड़िया, जो छोटी और शैतान होती है, वह इसके खुले मुँह में घुस जाती है। वे चिड़ियाँ मानो संदेश देती हैं कि कोई व्यक्ति इस तोप के समान चाहे कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो, इस तोप की तरह एक न एक दिन उसका भी मुँह बंद हो जाता है।