Jharkhand Board JAC Class 9 Hindi Solutions Vyakaran प्रत्यय Questions and Answers, Notes Pdf.
JAC Board Class 9 Hindi Vyakaran प्रत्यय
परिभाषा – जो शब्दांश धातु रूप या शब्दों के अंत में लगकर उनके अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं व नए शब्दों को बनाते हैं, उन्हें प्रत्यय कहते हैं। ये मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं कृते प्रत्यय, तद्धित प्रत्यय।
(क) कृत प्रत्यय – जो प्रत्यय क्रिया के मूल धातु रूप के साथ लगकर संज्ञा और विशेषण को बनाते हैं, उन्हें कृत प्रत्यय कहते हैं। जैसे –
बुलवा – बोल + आवा, दौड़ना – दौड़ + ना!
(ख) तद्धित प्रत्यय – जो प्रत्यय क्रिया के धातु रूपों को छोड़कर संज्ञा, विशेषण, सर्वनाम आदि के साथ लगकर नए शब्द बनाते हैं, उन्हें तद्धित प्रत्यय कहते हैं। जैसे – गुस्सैल – गुस्सा + ऐल, रंगत – रंग + ता।
1. हिंदी के कृत प्रत्यय – अंत, अक्कड, अन्, आलू, आवा, आवना, आवट, आ, आई, आऊ, आक, आका, आक्, आन, आव, आस, आहट, इयल, इया, ई, उ, एटा, ऐत, ऐया, ऐल, धौती, औना, क, या, वाई, ना, ती, ता, त, कर।
2. संस्कृत के कृत प्रत्यय – अन, अना, अनीय, आ, ई, उक, ऐया, क, ता, ति, य, र, व्य, स्थ।
3. हिंदी के तद्धित प्रत्यय – आ, आई, आऊ, आना, आनी, आर, आरी, आस, आहट इक, इन, इया, ई, ईना, ईला, अ, ऐं एटा, एल, ऐल, क, कार, खोर, गुना, गर, चो, डा, डी, त, तया, दार, पन, पा, रौं, री, ला, वाँ, वान, वाला, सरा, सार, हरा, हार, हारा।
4. संस्कृत के तद्धित प्रत्यय – अ, आलु, इक, इत, इमा, इल, ईय, तः, तम, ता, त्व, नीय, मान, य, व, वान।
5. उर्दू के प्रत्यय – आना, इंदा, इश, ई, ईना, दान, मंद, बाज।
1. कर्तृवाचक तद्धित
जो शब्द क्रिया के अतिरिक्त अन्य शब्दों में प्रत्यय लगने से बनते हैं और संज्ञा बनकर वाक्यों में कर्ता के रूप में प्रयुक्त होते हैं, उन्हें कर्तृवाचक तद्धित कहते हैं।
ये शब्द प्रायः जातिवाचक और व्यक्तिवाचक संज्ञाओं से बनते हैं।
2. भाववाचकतद्धित
संज्ञा और विशेषण या क्रिया – शब्दों में प्रत्यय लगाने से जो शब्द बनते हैं, वे भाववाचक तद्धित होते हैं ।
भाववाचक संज्ञाएँ निम्नलिखित तीन रीतियों से बनाई जाती हैं –
1. जातिवाचक संज्ञा से
2. विशेषण शब्दों से
3. क्रिया शब्दों से
उर्दू के भाववाचक प्रत्यय
3. विशेषण प्रत्यय
संज्ञा या क्रिया शब्दों में जिन प्रत्यय को लगाने से विशेषण शब्द बनाए जाते हैं, उन्हें विशेषण प्रत्यय कहते हैं।
संज्ञा से विशेषण
क्रिया से विशेषण
4. लघुतावाचक तद्धित – जातिवाचक
संज्ञाओं में इया, ई, डा, री आदि प्रत्ययों के प्रयोग से लघुतावाचक तद्धित शब्द बनते हैं।