Jharkhand Board JAC Class 9 Hindi Solutions Vyakaran अर्थ की दृष्टि से वाक्य-भेद Questions and Answers, Notes Pdf.
JAC Board Class 9 Hindi Vyakaran अर्थ की दृष्टि से वाक्य-भेद
परिभाषा – एक विचार पूर्णता से प्रकट करने वाले शब्द-समूह को वाक्य कहते हैं। वाक्य शब्दों का व्यवस्थित एवं सार्थक समूह होता है। जैंसे – (i) अशोक पुस्तक पढ़ता है। (ii) राम दिल्ली गया है।
एक वाक्य में कम-से-कम दो शब्द – कर्ता और क्रिया अवश्य होने चाहिए। लेकिन वार्तालाप की स्थिति में कभी-एक शब्द भी पूरे वाक्य का काम कर जाता है।
जैसे – आप कहाँ गए थे?
दिल्ली।
कौन बीमार है ?
माता जी।
वाक्य के दो अंग होते हैं – 1. उद्देश्य 2. विधेय।
1. उद्देश्य – वाक्य में जिसके बारे में कुछ बताया जाता है, उसे उद्देश्य कहते हैं।
2. विधेय – वाक्य में उद्देश्य अर्थात् करता के विषय में जो कुछ बताया जाता है, उसे विधेय कहते हैं। वाक्य के दो भेद होते हैं – 1. अर्थ के आधार पर, 2. रचना के आधार पर।
प्रश्न 1.
वाक्य किसे कहते हैं?
उत्तर :
सार्थक शब्दों का वह व्यवस्थित समूह जिसके माध्यम से मनोभाव प्रकट किए जाते हैं, उन्हें वाक्य कहते हैं।
प्रश्न 2.
अर्थ की दृष्टि से वाक्य के कितने भेद होते हैं?
उत्तर :
आठ।
प्रश्न 3.
आज्ञा या अनुमति का बोध किस वाक्य से होता है?
उत्तर :
आज्ञार्थक वाक्य से।
प्रश्न 4.
किन वाक्यों में क्या, कौन, कहाँ लगते हैं?
उत्तर :
प्रश्नवाचक वाक्यों में।
प्रश्न 5.
वाक्य के कौन-से दो अंग होते हैं?
उत्तर- 1. उद्देश्य
2. विधेयक
अर्थ की दुष्टि से वाक्य-भेद –
अर्थ की दृष्टि से वाक्य के निम्नलिखित आठ भेद होते हैं :
1. विधानवाचक वाक्य – जिस वाक्य से कार्य के होने की निश्चित सूचना मिलती है, उसे विधानवाचक वाक्य कहते हैं। सूचना असत्य भी हो सकती है और सत्य भी। ऐसा वाक्य किसी बात अथवा कार्य के करने या होने का सामान्य कथन मात्र होता है। जैसे –
- वह विद्यालय गया है।
- मैं पढ़ रहा हूँ।
- वह कल लौट आया था।
- गंगा हिमालय से निकलती है।
2. निषेधात्मक (नकारात्मक) वाक्य – जिस वाक्य से कार्य के न होने का बोध होता है, उसे निषेधात्मक अथवा नकारात्मक वाक्य कहते हैं। जैसे –
- मैं पढ़ नहीं रहा हूँ।
- मैं कल लखनऊ नहीं जाऊँगा।
- वह कल नहीं लौटा।
3. आज्ञावाचक वाक्य – जिस वाक्य से आज्ञा या अनुमति का बोध होता है, उसे आज्ञावाचक वाक्य कहते हैं। जैसे-
- अपना काम देखो।
- अब बैठकर पाठ याद करो।
- अब कढ़ाई में मसाला भूनिए।
- मुझे यह पुस्तक दीजिए।
- आप जा सकते हैं।
4. प्रश्नवाचक वाक्य – जिस वाक्य के मूल में जिज्ञासा होती है, उन्हें प्रश्नवाचक वाक्य कहते हैं। इन वाक्यों में क्या, कौन, कब, कहाँ आदि शब्द लगते हैं। जैसे-
- आप कल कहाँ गए थे ?
- कल कौन आया था ?
- क्या सूर्य एक ग्रह है ?
5. इच्छवाचक वाक्य – जिस वाक्य द्वारा इच्छा, आशीष या स्तुति प्रकट हो, उसे इच्छावाचक वाक्य कहते हैं। सुझाव भी इसी कोटि में आता है। जैसे-
- तुम जल्दी स्वस्थ हो जाओ।
- आपकी यात्रा मंगलमय हो।
- ईश्वर तुम्हारा भला करे।
- काश, आज कहीं से मिठाई मिल जाए।
6. संदेहवाचक वाक्य-जिस वाक्य से संदेह अथवा संभावना का बोध होता है, उसे संदेहवाचक वाक्य कहते हैं। इसमें संदेहार्थी वृत्ति का प्रयोग होता है। जैसे –
- शायद वह कल यहाँ आए।
- यह पत्र उनके बड़े पुत्र ने लिखा होगा।
- अब वह घर पहुँच चुका होगा।
- शायद आज बारिश होगी।
7. संकेतवाचक वाक्य-जिस वाक्य में विधान किसी शर्त की पूर्ति के बाद हो अथवा जिस वाक्य में एक क्रिया का होना दूसरी क्रिया के होने पर निर्भर करे, उसे संकेतवाचक वाक्य कहते हैं। इसमें संकेतार्थी वृत्ति का प्रयोग होता है। जैसे –
- अगर वह आएगा तो मैं जाऊँगा।
- अगर तुमने परिश्रम किया होता तो सफल हो जाते।
- अगर वह आ जाता तो मैं उससे मिल लेता।
- यदि बस आई तो मैं स्कूल जाऊँगा।
8. विस्मयवाचक वाक्य-जिस वाक्य में हर्ष, शोक, घृणा, विस्मय आदि भाव प्रकट होते हैं, उन्हें विस्मयवाचक वाक्य कहते हैं। जैसे –
- वाह ! बहुत सुंदर फूल है।
- शाबाश ! क्या चौका मारा है।
- छि ! वहाँ बहुत गंदगी है।
- उफ़ ! कितनी गरमी है।
अभ्यास के लिख प्रश्नातर –
निम्नलिखित वाक्यों को कोष्ठक में दिए गए निर्देशानुसार बदलिए –
- इस बार हमारे विद्यालय में बहुत बड़े-बड़े आदमी आ रहे हैं। (निषेधार्थक रूप में)
- वह सामान खरीदने के लिए बाज़ार में गया है। (निषेधार्थक रूप में)
- राम और श्याम अब साथ-साथ रहते हैं। (निषेधार्थक रूप में)
- श्याम पढ़ता है। (प्रश्नवाचक में)
- सूर्य भ्रमणशील है। (निषेधार्थक रूप में)
- आप अपना पाठ याद करेंगे। (प्रश्नवाचक में)
- मैं अपनी बात कह चुका हूँ। (प्रश्नवाचक में)
- वे कल बाहर जाएँगे। (संदेहवाचक वाक्य में)
- धर्म समाज से चला गया है। (निषेधार्थक वाक्य में)
- कपिलवस्तु जाना अब संभव है। (प्रश्नवाचक में)
- भूख हमारा कुछ बिगाड़ सकती है ? (निषेधार्थक में)
- युद्ध में जय बोलने वालों का भी महत्त्व है। (प्रश्नवाचक में)
- विवेकानंद अपने समय के श्रेष्ठ वक्ता थे। (प्रश्नवाचक में)
- शीला रोज़ पढ़ने जाती है। (आज्ञार्थक में)
- तुम आ गए। (विस्मयादिबोधक में)
उत्तर :
- इस बार हमारे विद्यालय में बहुत बड़े-बड़े आदमी नहीं आ रहे हैं।
- वह सामान खरीदने के लिए बाज़ार में नहीं गया है।
- राम और श्याम अब साथ-साथ नहीं रहते हैं।
- क्या श्याम पढ़ता है ?
- सूर्य भ्रमणशील नहीं है।
- क्या आप अपना पाठ याद करेंगे ?
- क्या मैं अपनी बात कह चुका हूँ ?
- शायद वे कल बाहर जाएँगे।
- धर्म समाज से चला नहीं गया है।
- क्या कपिलवस्तु जाना अब संभव है ?
- भूख हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकती है।
- क्या युद्ध में जय बोलने वालों का महत्त्व है ?
- क्या विवेकानंद अपने समय के श्रेष्ठ वक्ता थे ?
- शीला रोज़ पढ़ने जाए।
- अरे ! तुम आ गए।