Jharkhand Board JAC Class 12 Political Science Important Questions Chapter 5 कांग्रेस प्रणाली : चुनौतियाँ और पुनर्स्थापना Important Questions and Answers.
JAC Board Class 12 Political Science Important Questions Chapter 5 कांग्रेस प्रणाली : चुनौतियाँ और पुनर्स्थापना
बहुचयनात्मक प्रश्न
1. कांग्रेस पार्टी का प्रभुत्व केन्द्र में कब तक रहा?
(क) 1947 से 1990 तक
(ग) 1947 से 1977 तक
(ख) 1947 से 1960 तक
(घ) 1947 से 1980 तक।
उत्तर:
(ग) 1947 से 1977 तक
2. किस वर्ष इन्दिरा गाँधी ने सोवियत संघ के साथ बीस वर्ष के लिए शान्ति, मित्रता तथा सहयोग की सन्धि पर हस्ताक्षर किए थे?
(कं) जून, 1972
(ख) अक्टूबर, 1977
(ग) अगस्त, 1947
(घ) अंगस्त, 1971
उत्तर:
(घ) अंगस्त, 1971
3. गरीबी हटाओ का नारा किसने दिया?
(क) सुभाषचन्द्र बोस ने
(ख) लाल बहादुर शास्त्री ने
(ग) जवाहरलाल नेहरू ने
(घ) इन्दिरा गाँधी ने।
उत्तर:
(घ) इन्दिरा गाँधी ने।
4. भारत ने प्रथम परमाणु परीक्षण कब किया?
(क) 1974
(ख) 1975
(ग) 1976
(घ) 1977
उत्तर:
(क) 1974
5. ‘जय जवान जय किसान’ का नारा किसने दिया-
(क) लाल बहादुर शास्त्री ने
(ख) इंदिरा गाँधी ने
(ग) जवाहरलाल नेहरू ने
(घ) मोरारजी देसाई ने।
उत्तर:
(क) लाल बहादुर शास्त्री ने
6. बांग्लादेश का निर्माण हुआ
(क) सन् 1966 में
(ख) सन् 1970 में
(ग) सन् 1971 में
(घ) इन्दिरा गाँधी ने।
उत्तर:
(ग) सन् 1971 में
1. निम्नलिखित का मिलान कीजिए
1. जवाहरलाल नेहरू के उपरान्त | (क) 1966 |
2. ताशकन्द समझौता | (ख) लालबहादुर शास्त्री देश के दूसरे प्रधानमन्त्री बने। |
3. मोरारजी का सम्बन्ध | (ग) सिंडीकेट से |
4. बांग्लादेश का निर्माण | (घ) 1971 |
5. वी.वी. गिरि | (ङ) आन्ध्र प्रदेश के मजदूर नेता |
6. कर्पूरी ठाकुर | (च) बिहार के नेता |
उत्तर:
1. जवाहरलाल नेहरू के उपरान्त | (ख) लालबहादुर शास्त्री देश के दूसरे प्रधानमन्त्री बने। |
2. ताशकन्द समझौता | (क) 1966 |
3. मोरारजी का सम्बन्ध | (ग) सिंडीकेट से |
4. बांग्लादेश का निर्माण | (घ) 1971 |
5. वी.वी. गिरि | (ङ) बिहार के नेता |
6. कर्पूरी ठाकुर | (च) आन्ध्र प्रदेश के मजदूर नेता |
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. ………………….. में देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु हो गई।
उत्तर:
1964
2. 1960 के दशक को ………………… की संज्ञा दी गई।
उत्तर:
खतरनाक दशक
3. लाल बहादुर शास्त्री ……………. से ………………… तक भारत के प्रधानमंत्री रहे।
उत्तर:
1964, 1966
4. 10 जनवरी ……………. को ……………….. में शास्त्रीजी का निधन हो गया।
उत्तर:
1966, ताशकंद
5. सी. नटराजन अन्नादुरई ने 1949 में ……………….. का बतौर राजनीतिक पार्टी गठन किया।
उत्तर:
द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम
6. पंजाब में बनी संयुक्त विधायक दल की सरकार को ……………….. की सरकार कहा गया।
उत्तर:
पॉपुलर यूनाइटेड फ्रंट
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
1967 में कांग्रेस के प्रतिष्ठित नेताओं के समूह को किस नाम से जाना जाता था?
उत्तर:
सिंडिकेट।
प्रश्न 2.
‘जय जवान जय किसान’ का नारा किसने दिया?
उत्तर:
लाल बहादुर शास्त्री ने।
प्रश्न 3.
1971 के चुनावों में कांग्रेसी नेताओं को कुल कितनी सीटें प्राप्त हुईं?
उत्तर:
352 सीटें प्राप्त हुईं।
प्रश्न 4.
विरोधी दलों को लगा कि इन्दिरा गाँधी की अनुभवहीनता और कांग्रेस की आन्तरिक गुटबन्दी से उन्हें कांग्रेस को सत्ता से हटाने का एक अवसर मिला। राम मनोहर लोहिया ने इस रणनीति को क्या नाम दिया?
उत्तर:
गैर-कांग्रेसवाद।
प्रश्न 5.
चन्द्रशेखर, चरणजीत यादव, मोहन धारिया तथा कृष्णकान्त जैसे नेता किस गुट में शामिल थे?
उत्तर:
युवा तुर्क गुट में
प्रश्न 6.
कामराज, एस.के. पाटिल तथा निजलिंगप्पा जैसे नेता किस समूह के सदस्य माने जाते थे?
उत्तर:
सिंडिकेट
प्रश्न 7.
प्रारम्भ में कांग्रेस का चुनाव चिह्न क्या था तथा वर्तमान में इस दल का चिह्न क्या है?
उत्तर:
प्रारम्भ में कांग्रेस का चुनाव चिह्न बैलों की जोड़ी था और वर्तमान में हाथ का निशान है।
प्रश्न 8.
कांग्रेस का विभाजन कब हुआ? अथवा कांग्रेस में पहली फूट कब पड़ी?
उत्तर:
1969 में।
प्रश्न 9.
चौथे आम चुनावों के पश्चात् केन्द्र में किस पार्टी की सरकार बनी?
उत्तर:
चौथे आम चुनाव के पश्चात् केन्द्र में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनी।
प्रश्न 10.
लाल बहादुर शास्त्री का उत्तराधिकारी कौन बना?
उत्तर:
श्रीमती इन्दिरा गाँधी।
प्रश्न 11.
1969 में राष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए इन्दिरा गाँधी ने किस उम्मीदवार का साथ दिया था?
उत्तर:
श्रीमती गांधी ने निर्दलीय उम्मीदवार वी.वी. गिरि का साथ दिया।
प्रश्न 12.
दस सूत्री कार्यक्रम कब लागू किया गया?
उत्तर:
दस सूत्री कार्यक्रम 1967 में लागू किया गया।
प्रश्न 13.
पाँचवीं लोकसभा के चुनाव कब हुए?
उत्तर:
पाँचवीं लोकसभा के चुनाव 1971 में हुए।
प्रश्न 14.
1971 में कांग्रेस (आर) का नेतृत्व किस नेता ने किया?
उत्तर:
1971 में कांग्रेस (आर) का नेतृत्व श्रीमती इंदिरा गांधी ने किया।
प्रश्न 15.
कांग्रेस ऑर्गनाइजेशन से आपका क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
1969 के नवंबर तक सिंडिकेट की अगुवाई वाले कांग्रेसी खेमे को कांग्रेस ऑर्गनाइजेशन कहा जाता था।
प्रश्न 16.
पुरानी कांग्रेस से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
मोरारजी देसाई के समर्थक कांग्रेस के समूह को पुरानी कांग्रेस की संज्ञा दी गई।
प्रश्न 17.
गैर-कांग्रेसवाद से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
यह वह राजनीतिक विचारधारा है जो मुख्यतः कांग्रेस विरोधी और उसे सत्ता से अलग करने के लिए समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया द्वारा प्रस्तुत की गई।
प्रश्न 18.
कांग्रेस सिंडिकेट से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
कांग्रेस पार्टी के नेता जिनमें कामराज, एस. के. पाटिल, निजलिंगप्पा तथा मोरारजी देसाई (इनमें कुछ को हम इंदिरा विरोधी भी कह सकते हैं) आदि के समूह को कांग्रेस सिंडिकेट के नाम से जाना जाता है।
प्रश्न 19.
प्रिवी पर्स से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
भूतपूर्व देशी राजाओं को दिए जाने वाले विशेष भत्ते आदि को प्रिवी पर्स के नाम से जाना जाता है।
प्रश्न 20.
लोकसभा का पाँचवाँ आम चुनाव कब हुआ था?
उत्तर:
1971 में। इंदिरा गाँधी के नेतृत्व वाले गुट को कांग्रेस का रिक्विजिस्ट खेमा कहा जाता है।
प्रश्न 21.
ग्रैंड अलायंस से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
कांग्रेस (ओ) और इंदिरा विरोधी विपक्षी पार्टियों और गैर-साम्यवादी दलों को ग्रैंड अलायंस की संज्ञा दी जाती है।
प्रश्न 22.
कामराज योजना क्या थी?
उत्तर:
कामराज योजना के अनुसार 1963 में सभी वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं ने पार्टी के पदों से त्यागपत्र दे दिया ताकि उनकी जगह युवा कार्यकर्ताओं को दी जा सके।
प्रश्न 23.
आया राम-गया राम राजनीति से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
आया राम-गया राम से अभिप्राय नेताओं द्वारा अपने व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए निरन्तर दल-बदल करना है।
प्रश्न 24.
10 सूत्री कार्यक्रम कब और क्यों लागू किया गया?
उत्तर:
10 सूत्री कार्यक्रम श्रीमती इंदिरा गांधी द्वारा 1967 में कांग्रेस की प्रतिष्ठा को पुनर्स्थापित करने के लिए लागू किया गया।
प्रश्न 25.
राजनीतिक भूकम्प से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
1967 के चुनावों में कांग्रेस को केन्द्र एवं राज्य स्तर पर हुई गहरी हानि को चुनाव विश्लेषकों ने कांग्रेस के लिए इसे राजनीतिक भूकम्प कहा।
प्रश्न 26.
किंगमेकर किसे कहते हैं?
उत्तर:
किसी नेता को प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले नेताओं को किंगमेकर कहा है।
प्रश्न 27.
1971 के चुनावों में कांग्रेस पार्टी की जीत का क्या कारण था?
उत्तर:
1971 के चुनावों में कांग्रेस पार्टी की जीत का मुख्य कारण श्रीमती इंदिरा गांधी का चमत्कारिक नेतृत्व कांग्रेस की समाजवादी नीतियाँ तथा गरीबी हटाओ का नारा था।
प्रश्न 28.
कांग्रेस में युवा तुर्क के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर:
युवा तुर्क कांग्रेस में युवाओं से सम्बन्धित था। इसमें चन्द्रशेखर, चरणजीत यादव, मोहन धारिया, कृष्णकान्त एवं आर. के. सिन्हा जैसे युवा कांग्रेसी शामिल थे।
प्रश्न 29.
किन्हीं चार राज्यों के नाम लिखिए जहाँ 1967 के चुनाव के बाद कांग्रेसी सरकारें बनीं।
उत्तर:
महाराष्ट्र, आन्ध्रप्रदेश, मध्यप्रदेश, गुजरात।
प्रश्न 30.
किन्हीं चार राज्यों के नाम लिखिए जहाँ 1967 के चुनावों के बाद गैर-कांग्रेसी सरकारें बनीं।
उत्तर:
पंजाब, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल
प्रश्न 31.
राममनोहर लोहिया कौन थे?
उत्तर:
राममनोहर लोहिया समाजवादी नेता एवं विचारक थे। 1963 से 1967 तक लोकसभा के सदस्य रहे। वे गैर-कांग्रेसवाद के रणनीतिकार थे। उन्होंने नेहरू की नीतियों का विरोध किया।
प्रश्न 32.
ताशकन्द समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले दो महान् राष्ट्राध्यक्षों के नाम लिखिए।
उत्तर:
- भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री
- पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद अयूब खान।
प्रश्न 33.
प्रिवी पर्स की समाप्ति कब हुई?
उत्तर:
1971 में कांग्रेस को मिली जीत के बाद इंदिरा गाँधी ने संविधान में संशोधन करवाकर प्रिवी पर्स की समाप्ति करवा दी।
प्रश्न 34.
इंदिरा गाँधी की हत्या कब की गई?
उत्तर:
इदिरा गाँधी की हत्या 31 अक्टूबर, 1984 के दिन हुई थी।
प्रश्न 35.
मद्रास प्रांत को अब किस नाम से जाना जाता है ?
उत्तर:
तमिलनाडु।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
पण्डित जवाहरलाल नेहरू का राजनीतिक उत्तराधिकारी कौन था ?
उत्तर:
जवाहरलाल की मृत्यु के बाद लालबहादुर शास्त्री को नेहरू का उत्तराधिकारी बनाया गया। शास्त्री लगभग 18 महीने प्रधानमंत्री पद पर रहे। उनके शासन काल में 1965 का पाकिस्तान युद्ध हुआ। भारत को शानदार सफलता प्राप्त हुई। शास्त्रीजी ने ‘जय जवान जय किसान’ का नारा दिया। इस प्रकार शास्त्री एक प्रधान समझौताकर्ता, मध्यस्थ तथा समन्वयकार थे।
प्रश्न 2.
लालबहादुर शास्त्री की मृत्यु के बाद भारत का प्रधानमंत्री कौन बना?
उत्तर:
लालबहादुर शास्त्री की मृत्यु के बाद श्रीमती इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री बनीं। प्रधानमंत्री बनने के बाद श्रीमती कृषि क्षेत्र को बढ़ावा दिया, गरीबी को हटाने के लिए कार्यक्रम घोषित किया, देश की सेनाओं का आधुनिकीकरण किया तथा 1974 में पोकरण में ऐतिहासिक परमाणु विस्फोट किया। 1971 में भारत ने पाकिस्तान को युद्ध में हराया, जिसके कारण बांग्लादेश नाम का एक नया देश अस्तित्व में आया।
प्रश्न 3.
1966 में कांग्रेस दल के वरिष्ठ नेताओं ने प्रधानमंत्री के पद के लिए श्रीमती गाँधी का साथ क्यों दिया?
उत्तर:
कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने संभवतः यह सोचकर 1966 में श्रीमती गाँधी का साथ प्रधानमंत्री पद के लिए दिया कि प्रशासनिक और राजनैतिक मामलों में खास अनुभव नहीं होने के कारण समर्थन व दिशा निर्देशन के लिए वे उन पर निर्भर रहेंगी।
प्रश्न 4.
1967 के चौथे आम चुनाव में कांग्रेस दल की मुख्य चुनौतियाँ बताइये।
उत्तर:
1967 के चौथे आम चुनाव में कांग्रेस दल की मुख्य चुनौतियाँ इस प्रकार रहीं।
- राजनीतिक प्रतिस्पर्द्धा अब गहन हो गई थी और ऐसे में कांग्रेस को अपना प्रभुत्व बरकरार रखने में मुश्किलें आ रही थीं।
- विपक्ष अब पहले की अपेक्षा कम विभाजित तथा कहीं ज्यादा ताकतवर था। गैर-कांग्रेसवाद के नारे के साथ वह काफी एकजुट हो गया था।
- कांग्रेस को अन्दरूनी चुनौतियों का सामना भी करना पड़ रहा था क्योंकि यह पार्टी के अन्दर विभिन्नता को थाम कर नहीं चल पा रही थी।
प्रश्न 5.
भारत में सम्पन्न चौथे आम चुनाव परिणामों की संक्षेप में व्याख्या कीजिए।
अथवा
भारत में 1967 के चुनाव परिणामों को राजनीतिक भूचाल क्यों कहा गया?
उत्तर:
चौथे आम चुनाव के परिणाम इस प्रकार रहे।
- इन चुनावों में भारतीय मतदाताओं ने कांग्रेस को वैसा समर्थन नहीं दिया, जो पहले तीन आम चुनावों में दिया था।
- लोकसभा की कुल 520 सीटों में से कांग्रेस को केवल 283 सीटें ही मिल पाईं तथा मत प्रतिशत में भी भारी गिरावट आई।
- इन्दिरा गाँधी के मंत्रिमंडल के आधे मंत्री चुनाव हार गये थे।
- इसके साथ-साथ कांग्रेस को 8 राज्य विधानसभाओं में भी हार का सामना करना पड़ा। इसलिए अनेक राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने इन अप्रत्याशित चुनाव परिणामों को राजनीतिक भूचाल की संज्ञा दी।
प्रश्न 6.
1969 में राष्ट्रपति के निर्वाचन में श्रीमती इंदिरा गांधी ने किस उम्मीदवार का साथ दिया?
उत्तर:
1969 के राष्ट्रपति के चुनाव में इंदिरा गांधी ने निर्दलीय उम्मीदवार वी. वी. गिरि का साथ दिया और कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार नीलम संजीव रेड्डी चुनाव हार गए। यह चुनाव श्रीमती गाँधी का कांग्रेस में वर्चस्व स्थापित करने में मील का पत्थर सिद्ध हुआ।
प्रश्न 7.
कांग्रेस की फूट (विभाजन) के किन्हीं दो कारणों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
- 1967 के चुनावों में मिली हार के बाद कुछ कांग्रेसी दक्षिणपंथी दलों के साथ जबकि कुछ कांग्रेसी वामपंथी दलों के साथ समझौते का समर्थन कर रहे थे, जिससे कांग्रेस में मतभेद बढ़ा
- कांग्रेस पार्टी के प्रमुख सदस्यों में 1967 में होने वाले राष्ट्रपति के चुनावों को लेकर मतभेद था जो अन्ततः कांग्रेस के विभाजन का तात्कालिक कारण बना।
प्रश्न 8.
कांग्रेस की फूट के पश्चात् कौनसे दो राजनीतिक दल उभरे?
उत्तर:
1969 में कांग्रेस विभाजन के पश्चात् जो दो राजनीतिक दल सामने आए उनके नाम कांग्रेस (आर) (Congress Requisitioned) तथा कांग्रेस (ओ) (Congress Organisation) थे। कांग्रेस (आर) का नेतृत्व श्रीमती गाँधी कर रही थीं, वहीं कांग्रेस (ओ) का नेतृत्व सिंडिकेट कर रहा था जिसके अध्यक्ष निजलिंगप्पा थे। गई?
प्रश्न 9.
आया राम गया राम’ किस वर्ष से संबंधित घटना है तथा यह टिप्पणी किस व्यक्ति के सम्बन्ध में की
उत्तर:
‘आया राम गया राम’ सन् 1967 के वर्ष से संबंधित घटना है। ‘आया राम गया राम’ नामक टिप्पणी कांग्रेस के हरियाणा राज्य के एक विधायक गया लाल के सम्बन्ध में की गई थी जिसने एक पखवाड़े के अन्दर तीन दफा अपनी पार्टी बदली।
प्रश्न 10.
1960 के दशक में कांग्रेस प्रणाली को पहली बार चुनौती क्यों मिली?
उत्तर:
कांग्रेस प्रणाली को 1960 के दशक में पहली बार चुनौती मिली क्योंकि राजनीतिक प्रतिस्पर्धा गहन हो चली थी और ऐसे में कांग्रेस को अपना प्रभुत्व बरकरार रखने में मुश्किलें आ रही थीं। विपक्ष अब पहले की अपेक्षा कम विभाजित – और ज्यादा ताकतवर था । कांग्रेस को अंदरूनी चुनौतियाँ भी झेलनी पड़ीं, क्योंकि अब यह पार्टी अपने अंदर की विभिन्नता को एक साथ थामकर नहीं चल पा रही थी।
प्रश्न 11.
1969-1971 के दौरान इन्दिरा गाँधी की सरकार द्वारा सामना किये जाने वाली किन्हीं दो समस्याओं का उल्लेख कीजिये।
उत्तर:
श्रीमती इन्दिरा गाँधी ने सन् 1969-71 के दौरान निम्नलिखित दो चुनौतियों का सामना किया।
- उन्हें सिंडिकेट (मोरारजी देसाई के प्रभुत्व वाले कांग्रेस का दक्षिणपंथी गुट) के प्रभाव से मुक्त होकर अपना निजी मुकाम बनाने की चुनौती थी।
- कांग्रेस ने 1967 के चुनावों में जो जमीन खोई थी उसे वापस हासिल करना था।
प्रश्न 12.
पांचवीं लोकसभा के चुनावों पर संक्षिप्त नोट लिखिए।
उत्तर:
पांचवीं लोकसभा के चुनाव 1971 में सम्पन्न हुए और चुनावों में श्रीमती गाँधी की कांग्रेस (आर) पार्टी ने शानदार सफलता प्राप्त की। लोकसभा की 518 सीटों में से कांग्रेस ने अकेले ही 352 सीटें जीतीं। इन चुनावों में कांग्रेस ने अपनी विरोधी पार्टियों को बुरी तरह से हराया।
प्रश्न 13.
किसने पाँचवीं लोकसभा निर्वाचन के समय ‘गरीबी हटाओ’ का नारा बुलन्द किया?
उत्तर:
1971 के पांचवीं लोकसभा के चुनावों में श्रीमती इंदिरा गांधी ने गरीबी हटाओ का नारा बुलन्द किया। कांग्रेस पार्टी ने इस चुनाव में भारी सफलता हासिल की तथा 352 स्थानों पर विजय प्राप्त की। कांग्रेस (ओ) ने केवल 10 प्रतिशत मत तथा केवल 16 स्थान प्राप्त किए।
प्रश्न 14.
पांचवीं लोकसभा के चुनावों में कांग्रेस की जीत के दो कारण बताएँ।
उत्तर:
- 1971 में पांचवीं लोकसभा के चुनावों में कांग्रेस की जीत का सबसे बड़ा कारण श्रीमती गाँधी का चमत्कारिक नेतृत्व था।
- 1971 में श्रीमती गांधी की जीत का सबसे महत्त्वपूर्ण कारण इनके द्वारा की गई समाजवादी नीति सम्बन्धी पहल तथा ‘गरीबी हटाओ’ का नारा था।
प्रश्न 15.
सिंडिकेट पर दक्षिणपंथियों से गुप्त समझौते करने के आरोप क्यों लगे?
उत्तर:
कांग्रेस ने जब राष्ट्रपति पद के लिए नीलम संजीव रेड्डी को आधिकारिक उम्मीदवार घोषित किया, तो कार्यवाहक राष्ट्रपति वी. वी. गिरि ने राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी तथा श्रीमती इन्दिरा गांधी ने अंतरात्मा के आधार पर. मत देने की बात कहकर वी.वी. गिरि का समर्थन कर दिया, तो निजलिंगप्पा ने जनसंघ तथा स्वतन्त्र पार्टी
प्रश्न 7.
कांग्रेस की फूट ( विभाजन) के किन्हीं दो कारणों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
- 1967 के चुनावों में मिली हार के बाद कुछ कांग्रेसी दक्षिणपंथी दलों के साथ जबकि कुछ कांग्रेसी वामपंथी दलों के साथ समझौते का समर्थन कर रहे थे, जिससे कांग्रेस में मतभेद बढ़ा।
- कांग्रेस पार्टी के प्रमुख सदस्यों में 1967 में होने वाले राष्ट्रपति के चुनावों को लेकर मतभेद था जो अन्ततः कांग्रेस के विभाजन का तात्कालिक कारण बना।
प्रश्न 8.
कांग्रेस की फूट के पश्चात् कौनसे दो राजनीतिक दल उभरे?
उत्तर:
969 में कांग्रेस विभाजन के पश्चात् जो दो राजनीतिक दल सामने आए उनके नाम कांग्रेस (आर) (Congress Requisitioned) तथा कांग्रेस (ओ) (Congress Organisation) थे। कांग्रेस (आर) का नेतृत्व श्रीमती गाँधी कर रही थीं, वहीं कांग्रेस (ओ) का नेतृत्व सिंडिकेट कर रहा था जिसके अध्यक्ष निजलिंगप्पा थे गई?
प्रश्न 9.
आया राम गया राम’ किस वर्ष से संबंधित घटना है तथा यह टिप्पणी किस व्यक्ति के सम्बन्ध में की गई?
उत्तर:
‘आया राम गया राम’ सन् 1967 के वर्ष से संबंधित घटना है। ‘ आया राम गया राम’ नामक टिप्पणी कांग्रेस के हरियाणा राज्य के एक विधायक गया लाल के सम्बन्ध में की गई थी जिसने एक पखवाड़े के अन्दर तीन दफा अपनी पार्टी बदली।
प्रश्न 10.
1960 के दशक में कांग्रेस प्रणाली को पहली बार चुनौती क्यों मिली?
उत्तर:
कांग्रेस प्रणाली को 1960 के दशक में पहली बार चुनौती मिली क्योंकि राजनीतिक प्रतिस्पर्धा गहन हो चली थी और ऐसे में कांग्रेस को अपना प्रभुत्व बरकरार रखने में मुश्किलें आ रही थीं। विपक्ष अब पहले की अपेक्षा कम विभाजित और ज्यादा ताकतवर था। कांग्रेस को अंदरूनी चुनौतियाँ भी झेलनी पड़ीं, क्योंकि अब यह पार्टी अपने अंदर की विभिन्नता को एक साथ थामकर नहीं चल पा रही थी।
प्रश्न 11.
1969-1971 के दौरान इन्दिरा गाँधी की सरकार द्वारा सामना किये जाने वाली किन्हीं दो समस्याओं का उल्लेख कीजिये।
उत्तर:
श्रीमती इन्दिरा गाँधी ने सन् 1969-71 के दौरान निम्नलिखित दो चुनौतियों का सामना।
- उन्हें सिंडिकेट (मोरारजी देसाई के प्रभुत्व वाले कांग्रेस का दक्षिणपंथी गुट) के प्रभाव से मुक्त होकर अपना निजी मुकाम बनाने की चुनौती थी।
- कांग्रेस ने 1967 के चुनावों में जो जमीन खोई थी उसे वापस हासिल करना था।
प्रश्न 12.
पांचवीं लोकसभा के चुनावों पर संक्षिप्त नोट लिखिए।
उत्तर:
पांचवीं लोकसभा के चुनाव 1971 में सम्पन्न हुए और चुनावों में श्रीमती गाँधी की कांग्रेस (आर) पार्टी ने शानदार सफलता प्राप्त की। लोकसभा की 518 सीटों में से कांग्रेस ने अकेले ही 352 सीटें जीतीं। इन चुनावों में कांग्रेस ने अपनी विरोधी पार्टियों को बुरी तरह से हराया।
प्रश्न 13.
किसने पाँचवीं लोकसभा निर्वाचन के समय ‘गरीबी हटाओ’ का नारा बुलन्द किया?
उत्तर:
1971 के पांचवीं लोकसभा के चुनावों में श्रीमती इंदिरा गांधी ने गरीबी हटाओ का नारा बुलन्द किया। कांग्रेस पार्टी ने इस चुनाव में भारी सफलता हासिल की तथा 352 स्थानों पर विजय प्राप्त की। कांग्रेस (ओ) ने केवल 10 प्रतिशत मत तथा केवल 16 स्थान प्राप्त किए।
प्रश्न 14.
पांचवीं लोकसभा के चुनावों में कांग्रेस की जीत के दो कारण बताएँ।
उत्तर:
- 1971 में पांचवीं लोकसभा के चुनावों में कांग्रेस की जीत का सबसे बड़ा कारण श्रीमती गाँधी का चमत्कारिक नेतृत्व था।
- 1971 में श्रीमती गांधी की जीत का सबसे महत्त्वपूर्ण कारण इनके द्वारा की गई समाजवादी नीति सम्बन्धी पहल तथा ‘गरीबी हटाओ’ का नारा था।
प्रश्न 15.
सिंडिकेट पर दक्षिणपंथियों से गुप्त समझौते करने के आरोप क्यों लगे?
उत्तर:
कांग्रेस ने जब राष्ट्रपति पद के लिए नीलम संजीव रेड्डी को आधिकारिक उम्मीदवार घोषित किया, तो कार्यवाहक राष्ट्रपति वी. वी. गिरि ने राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी तथा श्रीमती इन्दिरा गांधी ने अंतरात्मा के आधार पर मत देने की बात कहकर वी.वी. गिरि का समर्थन कर दिया, तो निजलिंगप्पा ने जनसंघ तथा स्वतन्त्र पार्टी जैसे दक्षिणपंथी पार्टियों से अनुरोध किया कि वे अपना मत नीलम संजीव रेड्डी के पक्ष में डालें । इस पर जगजीवन राम तथा फखरुद्दीन अहमद ने सिंडीकेट पर दक्षिणपंथियों के साथ गुप्त समझौता करने का आरोप लगाया।
प्रश्न 16.
लालबहादुर शास्त्री के जीवन पर संक्षिप्त नोट लिखिए।
उत्तर:
श्री लालबहादुर शास्त्री ( 1904-1966 ):
श्री लालबहादुर शास्त्री का जन्म 1904 में हुआ। 1930 से स्वतन्त्रता आंदोलन में भागीदारी की और उत्तरप्रदेश मंत्रिमण्डल में मंत्री रहे। उन्होंने कांग्रेस पार्टी के महासचिव का पदभार सँभाला। वे 1951 – 56 तक केन्द्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री पद पर रहे। इसी दौरान रेल दुर्घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने रेल मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। 1957-64 के बीच वह मंत्री पद पर रहे। जून, 1964 से अक्टूबर, 1966 तक वह भारत के प्रधानमंत्री पद पर रहे तथा
1965 के भारत-पाक युद्ध में उन्होंने ‘जय जवान जय किसान’ का नारा दिया तथा जीत हासिल की। उन्होंने देश में हरित क्रांति को आगे बढ़ाने के लिए प्रयोग किया तथा भारत को खाद्यान्न के क्षेत्र में आत्मनिर्भर देश बनाया। लेकिन शास्त्रीजी का देहान्त 10 अक्टूबर, 1966 को ताशकंद के उजबेग शहर में हो गया। वे प्रधानमंत्री पद पर अधिक समय तक नहीं रहे परंतु वे एक युद्धवीर साबित हुए।
प्रश्न 17.
श्रीमती इंदिरा गांधी के जीवन का संक्षिप्त परिचय देते हुए लाल बहादुर शास्त्री के उत्तराधिकारी के रूप में श्रीमती गाँधी पर संक्षिप्त नोट लिखिए।
उत्तर:
श्रीमती इन्दिरा गाँधी का संक्षिप्त परिचय – इंदिरा प्रियदर्शनी 1917 में जवाहर लाल नेहरू के परिवार में उत्पन्न हुईं। वह शास्त्रीजी के देहान्त के पश्चात् पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं। 1966 से 1977 तक और फिर 1980 से 1984 तक भारत की प्रधानमंत्री रहीं। युवा कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में स्वतंत्रता आंदोलन में श्रीमती गाँधी की भागीदारी रहीं। 1958 में वह कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर आसीन हुईं तथा 1964 से 1966 तक शास्त्री मंत्रिमण्डल में केन्द्रीय मन्त्री पद पर रहीं।
1967, 1971 और 1980 के आम चुनावों में कांग्रेस पार्टी ने श्रीमती गाँधी के नेतृत्व में सफलता प्राप्त की। उन्होंने ‘गरीबी हटाओ’ का लुभावना नारा दिया, 1971 में युद्ध में विजय का श्रेय और प्रिवी पर्स की समाप्ति, बैंकों के राष्ट्रीयकरण, आण्विक परीक्षण तथा पर्यावरण संरक्षण के कदम उठाए। 31 अक्टूबर, 1984 के दिन इनकी हत्या कर दी गई।
प्रश्न 18.
दल-बदल पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
अथवा
आया राम-गया राम से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
दल-बदल – भारत की राजनीति में ध्यानाकर्षण करने वाली कुरीति ( बुराई ) दल-बदल रही है। 1967 के आम चुनाव की एक खास बात दल-बदल की रही। इस विशेषता के कारण कई राज्यों में सरकारों के बनने और बिगड़ने की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ दृष्टिगोचर हुईं। जब कोई जनप्रतिनिधि किसी विशेष राजनैतिक पार्टी का चुनाव चिह्न लेकर चुनाव लड़े और वह चुनाव जीत जाए और अपने स्वार्थ के लिए या किसी अन्य कारण से मूल दल छोड़कर किसी अन्य दल में शामिल हो जाए, इसे दल-बदल कहते हैं। 1967 के सामान्य चुनावों के बाद कांग्रेस को छोड़ने वाले विधायकों ने तीन राज्यों हरियाणा, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश में गैर-कांग्रेसी सरकारों को गठित करने में अहम भूमिका निभाई। इस दल-बदल के कारण ही देश में एक मुहावरा या लोकोक्ति – ‘ आया राम-गया राम’ बहुत प्रसिद्ध हो गया।
प्रश्न 19.
के. कामराज कौन थे? उनके जीवन के बारे में संक्षेप में परिचय दीजिए।
उत्तर:
के. कामराज़ का जन्म 1903 में हुआ था। वे देश के महान स्वतन्त्रता एक प्रमुख नेता के रूप में अत्यधिक ख्याति प्राप्त की। सेनानी थे। उन्होंने कांग्रेस के उन्हें मद्रास (तमिलनाडु) के मुख्यमंत्री के पद पर रहने का सौभाग्य मिला। मद्रास प्रान्त में शिक्षा का प्रसार और स्कूली बच्चों को दोपहर का भोजन देने की योजना लागू करने के लिए उन्हें अत्यधिक ख्याति प्राप्त हुई। उन्होंने 1963 में कामराज योजना नाम से मशहूर एक प्रस्ताव रखा जिसके अंतर्गत उन्होंने सभी वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं को त्यागपत्र दे देने का सुझाव दिया, ताकि जो अपेक्षाकृत कांग्रेस पार्टी के युवा कार्यकर्ता हैं वे पार्टी की कमान संभाल सकें। वह कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष भी रहे। 1975 में उनका देहान्त हो गया।
प्रश्न 20.
1967 के गैर-कांग्रेसवाद एवं चुनावी बदलाव का वर्णन करें।
अथवा
1967 में हुए चौथे आम चुनाव पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
उत्तर:
1967 के चौथे आम चुनावों में भारतीय मतदाताओं ने कांग्रेस को वैसा समर्थन नहीं दिया जो पहले तीन आम चुनावों में दिया था। केन्द्र में जहाँ कांग्रेस मुश्किल से बहुमत प्राप्त कर पाई वहीं 8 राज्य विधान सभाओं (बिहार, केरल, मद्रास, उड़ीसा, पंजाब, राजस्थान, उत्तरप्रदेश तथा पश्चिमी बंगाल) में हार का सामना करना पड़ा। लोकसभा की कुल 520 सीटों में से कांग्रेस को केवल 283 सीटें ही मिल पाईं।
अतः जिस कांग्रेस पार्टी ने पहले तीन आम चुनावों में जिन विरोधी दलों को बुरी तरह से हराया वे दल चौथे लोकसभा चुनाव में बहुत अधिक सीटों पर चुनाव जीत गए। इसी तरह राज्यों में भी कांग्रेस की स्थिति 1967 के आम चुनावों में ठीक नहीं थी। 1967 के चुनाव बहुत बड़े उलट-फेर वाले रहे। पहली बार भारत में बड़े पैमाने पर गैर-कांग्रेसवाद की लहर चली तथा राज्यों में कांग्रेस का एकाधिकार समाप्त हो गया।
प्रश्न 21.
इंदिरा गांधी बनाम सिंडिकेट पर टिप्पणी लिखिए। इंदिरा गांधी बनाम सिंडिकेट
उत्तर:
सन् 1967 के आम चुनावों में कांग्रेस को मिली हार के बाद कुछ कांग्रेसी दक्षिणपंथी दलों के साथ जबकि कुछ कांग्रेसी वामपंथी दलों के साथ समझौते का समर्थन कर रहे थे। दक्षिणपंथी दलों के साथ समर्थन का पक्ष लेने वाले नेताओं में रामराज, एस. के. पाटिल, निजलिंगप्पा तथा मोरारजी देसाई प्रमुख थे। इनके समूह को सिण्डीकेट के नाम से जाना जाता है। वामपंथी दलों के साथ समझौते के समर्थक युवा तुर्क कांग्रेसी तथा प्रधानमंत्री इन्दिरा गाँधी थीं।
इन दोनों के बीच मतभेद 1967 में राष्ट्रपति के पद के प्रत्याशी को लेकर मतभेद हुए जो पार्टी के विभाजन का कारण बने, 1969 में श्रीमती गाँधी द्वारा मोरारजी देसाई से वित्त विभाग वापस लेने के कारण श्रीमती इन्दिरा गाँधी और सिंडिकेट के बीच मतभेद अत्यन्त बढ़ गये। फलतः 1969 में कांग्रेस का विभाजन हो गया।
प्रश्न 22.
1969 में कांग्रेस पार्टी में विभाजन के क्या कारण थे?
अथवा
1969 में कांग्रेस पार्टी के विभाजन के प्रमुख कारणों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
उत्तर:
कांग्रेस पार्टी के विभाजन के कारण: 1969 में कांग्रेस पार्टी में विभाजन या फूट के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं।
- दक्षिणपंथी एवं वामपंथी विषय पर कलह: कांग्रेस के सदस्यों में इस बात पर मतभेद मुखर हो गया था कि वे वामपंथी दलों के साथ मिलकर लड़े या दक्षिणपंथी दलों के साथ।
- राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के विषय में मतभेद: कांग्रेस में 1967 में होने वाले राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी को लेकर मतभेद था जो पार्टी के विभाजन का कारण बना।
- युवा तुर्क और सिण्डीकेट के बीच कलह: युवा तुर्क और सिण्डीकेट के मध्य मतभेद था। जहाँ युवा तुर्क बैंकों के राष्ट्रीयकरण एवं राजाओं के प्रिवी पर्स को समाप्त करने के पक्ष में था वहीं सिण्डीकेट इसका विरोध कर रहा था।
- मोरारजी देसाई से वित्त विभाग वापस लेना: 1969 में श्रीमती गाँधी द्वारा मोरारजी देसाई से वित्त विभाग वापस लेने के कारण भी मतभेद बढ़ा।
प्रश्न 23.
1971 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की पुनर्स्थापना के कारणों को स्पष्ट कीजिए।
अथवा
1971 के चुनाव के बाद किन कारणों से कांग्रेस की पुनर्स्थापना हुई?
अथवा
पाँचवीं लोकसभा (1971) में कांग्रेस पार्टी की जीत के मूल कारणों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
पांचवीं लोकसभा के चुनावों में कांग्रेस की विजय के कारण: पांचवीं लोकसभा में कांग्रेस की विजय के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं।
- श्रीमती गांधी का चमत्कारिक नेतृत्व:1971 के चुनावों में कांग्रेस के पीछे श्रीमती गांधी के चमत्कारिक नेतृत्व का हाथ रहा।
- समाजवादी नीतियाँ: 1971 के चुनावों में श्रीमती गांधी ने समाजवादी नीतियाँ अपनायीं। उन्होंने प्रत्येक चुनाव रैली में समाजवाद के विषय में बढ़-चढ़ कर बातें कीं।
- गरीबी हटाओ का नारा: इस नारे के बल पर श्रीमती गांधी ने अधिकांश गरीबों के वोट बटोरे।
- कांग्रेस दल पर श्रीमती गांधी की पकड़: 1969 में कांग्रेस पार्टी के विभाजन के पश्चात् श्रीमती गाँधी पूरी तरह पार्टी पर छा गईं। कोई भी नेता उनकी आज्ञा का उल्लंघन नहीं कर सकता था।
प्रश्न 24.
1971 के चुनाव के परिणामस्वरूप बदली हुई कांग्रेस व्यवस्था की प्रकृति कैसी थी?
उत्तर:
1971 के चुनाव के बाद कांग्रेस व्यवस्था की प्रकृति: 1971 के चुनाव के बाद बदली हुई कांग्रेस व्यवस्था की प्रकृति निम्नलिखित थी।
- 1971 के चुनाव के पश्चात् श्रीमती इन्दिरा गाँधी ने कांग्रेस को अपने ऊपर निर्भर बना दिया। अब यहाँ उनके आदेश सर्वोपरि बनने प्रारंभ हुए। सिंडीकेट जैसे अनौपचारिक प्रभावशाली नेताओं का समूह राजनीतिक मंच से गायब हो गया।
- 1971 के पश्चात् कांग्रेस का संगठन भिन्न-भिन्न विचारधाराओं वाले समूहों के समावेशी किस्म का नहीं रहा। अब यह अनन्य एकाधिकारिता वाला बन गया था।
- इन्दिरा गाँधी अब धनी उद्योगपतियों, सौदागरों तथा राजनीतिज्ञों के समूह अथवा सिंडीकेट के हाथों अब कठपुतली नहीं रहीं।
प्रश्न 25.
गरीबी हटाओ की राजनीति से आप क्या समझते हैं?
अथवा
गरीबी हटाओ की राजनीति पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
गरीबी हटाओ की राजनीति:
1971 के चुनावों में श्रीमती इंदिरा गाँधी के गरीबी हटाओ के नारे को मतदाताओं ने अधिक पसन्द करते हुए श्रीमती गांधी को भारी विजय दिलाई। गरीबी हटाओ कार्यक्रम के अन्तर्गत 1970- 1971 से नीतियाँ एवं कार्यक्रम बनाये जाने लगे तथा इस कार्यक्रम पर अधिक से अधिक धन खर्च किया जाने लगा। परन्तु 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध एवं विश्व स्तर पर पैदा हुए तेल संकट के कारण श्रीमती गाँधी ने गरीबी हटाओ कार्यक्रम की राशि में कटौती करना शुरू कर दिया जिससे यह नारा कमजोर पड़ने लगा और केवल पांच साल के अन्दर श्रीमती गाँधी की गरीबी हटाओ की राजनीति असफल हो गई । परिणामतः 1977 के चुनावों में श्रीमती गांधी को पराजय का सामना करना पड़ा तथा जनता पार्टी को सत्ता प्राप्त हुई।
प्रश्न 26.
प्रारंभ में कांग्रेस का चुनाव चिह्न क्या था? कितने वर्ष बाद कांग्रेस फूट का शिकार बनी? अब इस दल का चुनाव चिह्न क्या है?
उत्तर:
प्रारंभ में कांग्रेस का चुनाव चिह्न दो बैलों की जोड़ी था। आजादी के 22 वर्ष गुजरते गुजरते कांग्रेस में व्यापक फूट हो गई थी। अब इस दल का चुनाव चिह्न हाथ का पंजा है।
प्रश्न 27.
राममनोहर लोहिया का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
उत्तर:
राममनोहर लोहिया: राममनोहर लोहिया का जन्म 1910 में हुआ। वे समाजवादी नेता एवं विचारक थे तथा स्वतन्त्रता सेनानी एवं सोशलिस्ट पार्टी के सदस्य थे। वे मूल पार्टी में विभाजन के बाद सोशलिस्ट पार्टी एवं बाद में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के नेता बने। 1963 से 1967 तक लोकसभा सांसद रहे। वे ‘मैन काइंड’ एवं ‘जन’ के सम्पादक बने। गैर-यूरोपीय समाजवादी सिद्धान्त के विकास में उनका मौलिक योगदान रहा।
वे भारतीय राजनीति के क्षितिज पर गैर- कांग्रेसवादी विचारधारा के संयोजनकर्ता और रणनीतिकार के रूप में उभरे। उन्होंने जीवन भर दलित और पिछड़े वर्गों को आरक्षण दिए जाने की वकालत की। उन्होंने प्रारम्भ में नेहरू के खिलाफ मोर्चा खोला। भाषा की दृष्टि से वे अंग्रेजी के घोर विरोधी थे। उनका देहान्त 1967 में हुआ।
प्रश्न 28.
प्रिवी पर्स से आप क्या समझते हैं? इस व्यवस्था की समाप्ति के विभिन्न प्रयासों पर प्रकाश डालिए।
अथवा
प्रिवी पर्स का क्या अर्थ है? 1970 में इंदिरा गाँधी इसे क्यों समाप्त कर देना चाहती थीं? प्रिवी पर्स की समाप्ति पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
प्रिवी पर्स से आशय भारत में स्वतन्त्रता प्राप्ति के समय देशी रियासतों को भारतीय संघ में सम्मिलित किया गया तथा इनके तत्कालीन शासकों को जीवनयापन हेतु विशेष धनराशि एवं भत्ते दिये जाने की व्यवस्था की गई। इसे प्रिवी पर्स के नाम से जाना जाता है। प्रिवीपर्स की समाप्ति श्रीमती इंदिरा गांधी की सरकार ने प्रिवी पर्स को समाप्त करने के लिए 1970 में संविधान में संशोधन का प्रयास किया, लेकिन राज्य सभा में यह मंजूरी नहीं पा सका। इसके बाद सरकार ने एक अध्यादेश जारी किया, लेकिन इसे सर्वोच्च न्यायालय ने निरस्त कर दिया। श्रीमती गांधी ने इसे 1971 के चुनावों में एक बड़ा मुद्दा बनाया और 1971 में मिली भारी जीत के बाद संविधान में संशोधन किया गया। इस प्रकार प्रिवी पर्स की समाप्ति की राह में मौजूदा कानूनी अड़चनें समाप्त हुईं।
प्रश्न 29.
1971 के चुनावों में इंदिरा गाँधी की नाटकीय जीत के लिए कौन-कौनसे प्रमुख कारक जिम्मेदार थे?
उत्तर:
हालाँकि 1971 के चुनावी मुकाबले में काँग्रेस की स्थिति अत्यंत ही कमजोर थी, इसके बावजूद नयी काँग्रेस के साथ एक ऐसी बात थी, जिसका उसके बड़े विपक्षियों के पास अभाव था। नयी काँग्रेस के पास एक मुद्दा था; एक एजेंडा और कार्यक्रम था। विपक्ष के ‘इंदिरा हटाओ’ के विपरीत इंदिरा गाँधी ने लोगों के सामने ‘गरीबी हटाओ’ नामक सकारात्मक कार्यक्रम रखा। यह इंदिरा गाँधी की नाटकीय जीत के लिए एक प्रमुख कारक साबित हुआ।
प्रश्न 30.
लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु के बाद वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने इंदिरा गाँधी को प्रधानमंत्री के रूप में समर्थन क्यों दिया?
उत्तर:
लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु के बाद वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने इंदिरा गाँधी को प्रधानमंत्री के रूप में समर्थन दिया क्योंकि।
- इंदिरा गाँधी जवाहरलाल नेहरू की बेटी थीं और वह पूर्व में काँग्रेस की अध्यक्ष रह चुकी थीं तथा शास्त्री के मंत्रिमंडल में मंत्री भी रह चुकी थीं।
- वरिष्ठ नेताओं का मानना था कि इंदिरा गाँधी की प्रशासनिक और राजनीतिक अनुभवहीनता उन्हें समर्थन और मार्गदर्शन के लिए उन पर निर्भर होने पर मजबूर करेंगी और श्रीमती गाँधी उनकी सलाहों पर अमल करेंगी।
प्रश्न 31.
1967 में इंदिरा गाँधी सरकार ने भारतीय रुपये का अवमूल्यन क्यों किया?
उत्तर:
इंदिरा गाँधी सरकार ने 1967 के आर्थिक संकट की जाँच के लिए भारतीय रुपये का अवमूल्यन किया। परिणामतः 1 अमरीकी डॉलर की कीमत 5 रुपये थी जो बढ़कर 7 रुपये हो गई।
- आर्थिक स्थिति की विकटता के कारण कीमतों में तेजी से वृद्धि हुई।
- लोग आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि, खाद्यान्न की कमी, बढ़ती हुई बेरोजगारी और देश की दयनीय आर्थिक स्थिति को लेकर विरोध पर उतर आए।
- साम्यवादी और समाजवादी पार्टी ने व्यापक समानता के लिए संघर्ष छेड़ दिया।
प्रश्न 32.
काँग्रेस को दूसरी बार राजनीतिक उत्तराधिकार की चुनौती का सामना कैसे करना पड़ा?
उत्तर:
काँग्रेस को दूसरी बार राजनीतिक उत्तराधिकार की चुनौती का सामना लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु के उपरांत करना पड़ा।
- यह चुनौती मोरारजी देसाई और इंदिरा गाँधी के बीच एक गुप्तदान के माध्यम से हल करने के लिए एक गहन प्रतियोगिता के साथ शुरू हुई।
- इस चुनाव में इंदिरा गाँधी ने मोरारजी देसाई को हरा दिया था। उन्हें कांग्रेस पार्टी के दो-तिहाई से अधिक सांसदों ने अपना मत दिया था।
- नेतृत्व के लिए प्रतिस्पर्धा के बावजूद पार्टी में सत्ता का हस्तांतरण बड़े शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हो गया।
प्रश्न 33.
गठबंधन के नए युग में संयुक्त विधायक दल की स्थिति क्या थी?
उत्तर:
1967 के चुनावों से गठबंधन की परिघटना सामने आयी। क्योंकि किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था, इसलिए अनेक गैर-कांग्रेसी पार्टियों ने एकजुट होकर संयुक्त विधायक दल बनाया और गैर-कांग्रेसी सरकार को समर्थन दिया। इसी कारण इन सरकारों को संयुक्त विधायक दल की सरकार कहा गया-।
- बिहार में बनी संयुक्त विधायक दल की सरकार में वामपंथी: सीपीआई और दक्षिणपंथी जनसंघ शामिल था।
- पंजाब में बनी संयुक्त विधायक दल की सरकार को ‘पॉपुलर यूनाइटेड फ्रंट’ की सरकार कहा गया। इसमें परस्पर प्रतिस्पर्धी अकाली दल – संत ग्रुप और मास्टर ग्रुप शामिल थे।
प्रश्न 34.
1970 के दशक की शुरुआत में इंदिरा गाँधी की लोकप्रियता बढ़ाने वाले तीन कारकों का विश्लेषण कीजिए।
अथवा
इंदिरा गाँधी सरकार ने अपनी छवि को समाजवादी बनाने के लिए क्या-क्या कदम उठाए?
उत्तर:
- 1970 के दशक में इंदिरा गाँधी ने भूमि सुधार के मौजूदा कानूनों के क्रियान्वय के लिए जबरदस्त अभियान चलाए। उन्होंने भू- परिसीमन के कुछ और कानून भी बनवाए।
- दूसरे राजनीतिक दलों पर अपनी निर्भरता समाप्त करने, संसद में अपनी पार्टी की स्थिति मजबूत करने और अपने कार्यक्रमों के पक्ष में जनादेश हासिल करने के लिए 1970 के दिसंबर में लोकसभा भंग करने की सिफारिश की।
- भारत-पाक युद्ध में बाँग्लादेश को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में स्थापित करने के संकट ने भी इंदिरा गाँधी की लोकप्रियता को बढ़ावा दिया।
प्रश्न 35.
1967 के चुनाव को भारत के राजनीतिक और चुनावी इतिहास में एक ऐतिहासिक वर्ष क्यों माना गया? टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
1967 के चुनाव को भारत के राजनीतिक और चुनावी इतिहास में ऐतिहासिक वर्ष माना गया क्योंकि।
- यह चुनाव नेहरू के बिना पहली बार आयोजित किया गया था । इस चुनाव का फैसला काँग्रेस के पक्ष में नहीं था और इसके नतीजों ने राष्ट्रीय और राज्य दोनों स्तरों पर काँग्रेस को झटका दिया।
- इंदिरा गाँधी मंत्रिमंडल के आधे मंत्री चुनाव हार गए थे। इसमें तमिलनाडु से कामराज, महाराष्ट्र से एस. के. पाटिल, पश्चिम बंगाल से अतुल्य घोष और बिहार से के. बी. सहाय इत्यादि शामिल हैं।
- चुनावी इतिहास में यह पहली घटना थी जब किसी गैर- काँग्रेसी दल को किसी राज्य में पूर्ण बहुमत मिला।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
पण्डित जवाहर लाल नेहरू के बाद राजनीतिक उत्तराधिकार पर एक निबन्ध लिखिए।
उत्तर:
सन् 1964 में नेहरू की मृत्यु के बाद यह आशंका व्यक्त की जा रही थी कि भारत में कांग्रेस पार्टी में उत्तराधिकार के लिए संघर्ष छिड़ जायेगा और कांग्रेस पार्टी बिखर जायेगी। लेकिन यह सब गलत साबित हुआ और पं. नेहरू की मृत्यु के बाद उनके राजनैतिक उत्तराधिकारी के रूप में पहले लालबहादुर शास्त्री तथा बाद में श्रीमती इन्दिरा गाँधी ने सफलतापूर्वक कार्य किया।
1. श्री लालबहादुर शास्त्री:
लालबहादुर शास्त्री ने 6 जून, 1964 को भारत के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। जब शास्त्रीजी ने नेहरू की मृत्यु के बाद कार्यभार सँभाला उस समय देश अनेक संकटों का सामना कर रहा था। देश में अनाज की कमी थी। देश का मनोबल नीचा था, सीमान्त क्षेत्रों में तनाव विद्यमान था आदि। शास्त्रीजी ने इन चुनौतियों का दृढ़तापूर्वक सामना किया तथा कृषि पर बल देते हुए ‘अधिक अन्न उगाओ के साथ ही ‘जय जवान जय किसान’ का मशहूर नारा भी दिया।
1965 में पाकिस्तान के आक्रमण का शास्त्रीजी की सूझ-बूझ एवं कुशल नेतृत्व से युद्ध में विजय प्राप्त की । सोवियत संघ के प्रयासों से 1966 में भारत-पाकिस्तान के बीच ताशकंद में समझौता हुआ और ताशकन्द में ही जनवरी, 1966 में शास्त्रीजी की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई।
2. श्रीमती इंदिरा गांधी: शास्त्रीजी की मृत्यु के पश्चात् श्रीमती इन्दिरा गाँधी को प्रधानमंत्री बनाया गया। अपने प्रधानमंत्री काल में श्रीमती गांधी ने ऐसे कई कार्य किए जिससे देश प्रगति कर सके। उन्होंने कृषि कार्यों को बढ़ावा दिया। गरीबी को हटाने के लिए कार्यक्रम घोषित किया तथा देश की सेनाओं का आधुनिकीकरण किया। 1974 में पोकरण में ऐतिहासिक परमाणु परीक्षण किया। 1971 में हुए भारत-पाक युद्ध में भारत की निर्णायक विजय हुई तथा बांग्लादेश का निर्माण हुआ। इस युद्ध में विजय के बाद विश्व में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी।
प्रश्न 2.
1971 में पांचवीं लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की विजय पर एक संक्षिप्त नोट लिखिए।
अथवा
पांचवीं लोकसभा में कांग्रेस पार्टी की जीत के प्रमुख कारणों का विवेचन कीजिए।
उत्तर:
1971 का लोकसभा चुनाव इंदिरा गांधी के लिए मील का पत्थर साबित हुआ। श्रीमती गाँधी पार्टी अनुभवी नेताओं को छोड़कर, निर्वाचकों के साथ सीधा संपर्क स्थापित करने के लिए निकल पड़ीं और चुनावों में अप्रत्याशित सफलता प्राप्त की। श्रीमती गाँधी की पार्टी को लोकसभा की 518 सीटों में से 352 सीटें प्राप्त हुईं। कांग्रेस की इस अप्रत्याशित सफलता के पीछे अनेक कारण जिम्मेदार रहे, जो इस प्रकार हैं।
- श्रीमती गांधी का प्रभावशाली नेतृत्व: 1971 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी की सफलता का मूल कारण श्रीमती गाँधी का चमत्कारिक एवं प्रभावशाली नेतृत्व रहा।
- पार्टी पर श्रीमती गांधी की पकड़ व नियन्त्रण: इस चुनाव में श्रीमती गांधी की अपने दल पर पूरी पकड़ एवं प्रभाव था।
- गरीबी हटाओ का नारा: 1971 में कांग्रेस पार्टी की सफलता का सबसे महत्त्वपूर्ण कारण उनके द्वारा दिया गया गरीबी हटाओ का नारा था । इस नारे के बल पर श्रीमती गांधी ने अधिकांश गरीबों के वोट अपनी झोली में डाले।
- समाजवादी नीतियों एवं कार्यक्रमों का निर्धारण: 1971 के चुनावों में कांग्रेस की अप्रत्याशित जीत का एक और कारण बैंकों का राष्ट्रीयकरण, राजाओं के प्रीविपर्स बन्द करना तथा श्रीमती गाँधी की अन्य समाजवादी नीतियों को भी माना जाता है। इस प्रकार श्रीमती गांधी का चमत्कारिक नेतृत्व गरीबी हटाओ का नारा, बैंकों का राष्ट्रीयकरण व समाजवादी नीतियों का अपनाना ऐसे मुद्दे थे जिन्होंने 1971 के चुनावों में कांग्रेस पार्टी को भारी सफलता दिलाई।
प्रश्न 3.
1970 के दशक में इंदिरा गाँधी की सरकार की लोकप्रियता बढ़ाने वाले कारकों का विस्तारपूर्वक विश्लेषण कीजिए
उत्तर:
1. लोकसभा का पांचवा आमचुनाव 1971 में हुआ था। चुनावी मुकाबला काँग्रेस (आर) के विपरीत जान पड़ रहा था। हर किसी को विश्वास था कि काँग्रेस पार्टी की असली सांगठनिक ताकत काँग्रेस (ओ) के नियंत्रण में है। इसके अतिरिक्त, सभी बड़ी गैर – साम्यवादी और गैर-कांग्रेसी विपक्षी पार्टियों ने एक चुनावी गठबंधन बना लिया था। से ‘ग्रैंड अलायंस’ कहा गया। एसएसपी, पीएसपी, भारतीय जनसंघ, स्वतंत्र पार्टी और भारतीय क्रांतिदल, चुनाव में एक छतरी के नीचे आ गए। शासक दल ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के साथ गठजोड़ किया। इसके बावजूद नयी काँग्रेस के साथ एक ऐसी बात थी, जिसका उसके बड़े विपक्षियों के पास अभाव था।
2. नयी कॉंग्रेस के पास एक मुद्दा था; एक एजेंडा और कार्यक्रम था। ‘ग्रैंड अलायंस’ के पास कोई सुसंगत राजनीतिक कार्यक्रम नहीं था। विपक्षी गठबंधन के ‘इंदिरा हटाओ’ के विपरीत इंदिरा गाँधी के ‘गरीबी हटाओ’ नामक सकारात्मक कार्यक्रम रखा।
3. इंदिरा गाँधी ने सार्वजनिक क्षेत्र की संवृद्धि, ग्रामीण भू-स्वामित्व और शहरी संपदा के परिसीमन, आय और अवसरों की असमानता की समाप्ति तथा ‘प्रिवी पर्स’ की समाप्ति पर अपने चुनाव अभियान में जोर दिया। ‘गरीबी हटाओ’ के नारे से इंदिरा गाँधी ने वंचित तबकों खासकर भूमिहीन किसान, दलित और आदिवासी, अल्पसंख्यक, महिला और बेरोजगार नौजवानों के बीच अपने समर्थन का आधार तैयार करने की कोशिश की।
‘गरीबी हटाओ’ का नारा और इससे जुड़ा हुआ कार्यक्रम इंदिरा गाँधी की राजनीतिक रणनीति थी। परिणामस्वरूप इंदिरा गाँधी की काँग्रेस (आर) ने 352 सीटें और 44 प्रतिशत वोट हासिल किये। इस जीत के साथ इंदिरा गाँधी की अगुवाई वाली काँग्रेस ने अपने दावे को साबित कर दिया और भारतीय राजनीति में फिर अपना प्रभुत्व स्थापित किया।
प्रश्न 4.
काँग्रेस ‘सिंडिकेट’ पर विस्तार में लिखिए।
उत्तर:
कांग्रेसी नेताओं के एक समूह को अनौपचारिक तौर पर ‘सिंडिकेट’ के नाम से इंगित किया जाता था। इस समूह के नेताओं का पार्टी के संगठन पर नियंत्रण था। ‘सिंडिकेट’ के अगुवा मद्रास प्रांत के भूतपूर्व मुख्यमंत्री और फिर काँग्रेस पार्टी के अध्यक्ष रह चुके के. कामराज थे। इसमें प्रांतों के ताकतवर नेता जैसे बंबई सिटी के एस. के. पाटिल, मैसूर के एस. निजलिंगप्पा, आंध्र प्रदेश के एन. संजीव रेड्डी और पश्चिम बंगाल के अतुल्य घोष शामिल थे। लालबहादुर शास्त्री और उसके बाद इंदिरा गाँधी दोनों ही सिंडिकेट की सहायता से प्रधानमंत्री के पद पर आरूढ़ हुए थे।
इंदिरा गाँधी के पहले मंत्रिपरिषद् में इस समूह की निर्णायक भूमिका रही। इसने तब नीतियों के निर्माण और क्रियान्वयन में अहम भूमिका निभायी थी। कांग्रेस के विभाजित होने के बाद सिंडिकेट के नेताओं और उनके प्रति निष्ठावान काँग्रेसी काँग्रेस (ओ) में ही रहे । चूँकि इंदिरा गाँधी की काँग्रेस (आर) ही लोकप्रियता की कसौटी पर सफल रहीं, इसलिए भारतीय राजनीति के ये बड़े और ताकतवर नेता 1971 के बाद प्रभावहीन हो गए।
प्रश्न 5.
1969 के दौरान काँग्रेस में विभाजन के लिए जिम्मेदार कारकों का विस्तार में उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
काँग्रेस में औपचारिक विभाजन 1969 में राष्ट्रपति चुनावों के दौरान उम्मीदवार के नामांकन के मुद्दे पर हुआ।
- राष्ट्रपति जाकिर हुसैन की मृत्यु के कारण राष्ट्रपति का पद रिक्त हो गया और इंदिरा गाँधी की असहमति के बावजूद सिंडिकेट ने तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष एन. संजीव रेड्डी को काँग्रेस पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में खड़ा किया।
- इस स्थिति का प्रतिकार करने के लिए इंदिरा गाँधी ने तत्कालीन उपराष्ट्रपति वी.वी. गिरि को बढ़ावा दिया कि वे एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन भरें।
- चुनाव के दौरान तत्कालीन काँग्रेस अध्यक्ष एस. निजलिंगप्पा ने ‘ह्विप’ जारी किया कि काँग्रेसी सांसद और विधायक संजीव रेड्डी को वोट डालें।
- दूसरी तरफ इंदिरा गाँधी ने छुपे तौर पर वी.वी. गिरि को समर्थन करते हुए विधायकों और सांसदों को अंतरात्मा की आवाज पर तथा अपनी मनमर्जी से वोट डालने का आह्वान किया।
- आखिरकार राष्ट्रपति पद के चुनाव में वी.वी. गिरि विजयी हुए।
- कांग्रेस पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार की हार से पार्टी का टूटना तय हो गया; और इस प्रकार काँग्रेस पार्टी का विभाजन दो गुटों में हो गया।
- सिंडिकेट की अगुवाई वाले काँग्रेसी खेमा को काँग्रेस (ओ) के नाम से तथा
- इंदिरा गाँधी की अगुवाई वाले काँग्रेसी खेमे को काँग्रेस (आर) के नाम से जाना गया।
- इन दोनों दलों को क्रमशः ‘पुरानी काँग्रेस’ और ‘नयी काँग्रेस’ भी कहा जाता था।
प्रश्न 6.
1967 के चौथे आम चुनाव से पहले गंभीर आर्थिक संकट की जाँच करें। चुनावी फैसले का भी आकलन करें।
उत्तर:
इंदिरा गाँधी सरकार ने 1967 के आर्थिक संकट की जाँच के लिए भारतीय रुपये का अवमूल्यन किया फलस्वरूप पहले के वक्त में 1 अमरीकी डॉलर की कीमत 5 रुपये थी जो बढ़कर 7 रुपये हो गई।
- आर्थिक संकट के कारण कीमतों में तेजी से इजाफा हुआ।
- आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि, बेरोजगारी आदि को लेकर जनता विरोध करने लगी।
- साम्यवादी और समाजवादी पार्टी ने व्यापक समानता के लिए संघर्ष छेड़ दिया। चौथा आम चुनाव पहली बार नेहरू की गैर मौजूदगी में हुआ था।
- चुनाव के परिणामों से काँग्रेस को राष्ट्रीय और प्रांतीय स्तर पर धक्का लगा।
- इंदिरा गाँधी के मंत्रिमंडल के आधे मंत्री चुनाव हार गए थे। तमिलनाडु से कामराज, महाराष्ट्र से एस. पाटिल, पश्चिम बंगाल से अतुल्य घोष इत्यादि दिग्गजों को मुँह की खानी पड़ी थी।
- काँग्रेस को सात राज्यों में बहुमत नहीं मिला और दो अन्य राज्यों में दलबदल के कारण यह पार्टी सरकार नहीं बना पायी।
- चुनावी इतिहास में यह पहली घटना थी जब किसी गैर – काँग्रेसी दल को किसी राज्य में पूर्ण बहुमत मिला।