Jharkhand Board JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 8 चतुर्भुज Ex 8.1 Textbook Exercise Questions and Answers.
JAC Board Class 9 Maths Solutions Chapter 8 त्रिभुज Exercise 8.1
प्रश्न 1.
एक चतुर्भुज के कोण 3:59 13 के अनुपात में हैं। इस चतुर्भुज के सभी कोण ज्ञात कीजिए।
हल:
माना कोण = (3x)°, (5x)°, (9x)° और (13x)°
अतः 3x + 5x + 9x + 13x = 360°
(चतुर्भुज के अन्तः कोणों का योग)
⇒ 30x = 360°
⇒ x = \(\frac{360^{\circ}}{30}\) = 12°
∴ पहला कोण = 3 × 12° = 36°
दूसरा कोण = 5 × 12° = 60°
तीसरा कोण = 9 × 12° = 108°
चौथा कोण = 13 × 12° = 156°
अंतः चतुर्भुज के कोण क्रमश: 36°, 60°, 108° और 156° हैं।
प्रश्न 2.
यदि एक समान्तर चतुर्भुज के विकर्ण बराबर हों, तो दर्शाइये कि वह एक आयत है।
हल:
दिया है : समान्तर चतुर्भुज ABCD में,
AC = BD.
सिद्ध करना है: ABCD एक आयत है।
उपपत्ति: ΔABC और ΔDCB में ज्ञात है
AB = DC
[समान्तर चतुर्भुज की सम्मुख भुजाएँ]
BC = BC [उभयनिष्ठ]
व AC = DB [दिया है]
ΔABC ≅ ΔDCB (SSS नियम )
⇒ ∠ABC = ∠DCB …..(i)
[सर्वागसम त्रिभुजों के संगत भाग बराबर होते हैं]
लेकिन AB || DC और BC उनको काटती है।
∴ ∠ABC + ∠DCB = 180° …(ii)
[क्रमागत आन्तरिक कोण युग्म]
⇒ 2∠ABC = 180°
⇒ ∠ABC = 90°
इसी प्रकार, ∠ABC = ∠DCB = 90°
⇒ ABCD एक समान्तर चतुर्भुज है, जिसका प्रत्येक कोण 90° है।
∴ ABCD एक आयत है।
इति सिद्धम्।
प्रश्न 3.
दर्शाइए कि यदि किसी चतुर्भुज के विकर्ण परस्पर समकोण पर समद्विभाजित करें तो वह एक समचतुर्भुज होता है।
हल:
प्रथम विधि : दिया है:
चतुर्भुज ABCD में विकर्ण, AC और BD बिन्दु O पर समद्विभाजित करते हैं तब AO = OC, BO = OD और AC ⊥ BD
सिद्ध करना है : ABCD एक समचतुर्भुज है।
उपपत्ति: चतुर्भुज ABCD के विकर्ण AC और BD एक-दूसरे को समकोण पर समद्विभाजित करते हैं।
∴ AC, रेखाखण्ड BD का लम्ब समद्विभाजक है।
⇒ A और C दोनों B और D से समदूरस्थ हैं।
∴ AB = AD और CB = CD …..(i)
इसी प्रकार BD रेखाखण्ड AC का लम्ब समद्विभाजक है।
⇒ B और D दोनों A और C से समदूरस्य हैं।
⇒ AB = BC और AD = DC …..(ii)
समीकरण (i) एवं (ii) से,
AB = BC = CD = AD …..(iii)
अत: ABCD एक समचतुर्भुज है। इति सिद्धम्।
द्वितीय विधि : पहले हम सिद्ध करेंगे ABCD एक समान्तर चतुर्भुज है।
ΔAOD और ΔCOB में,
AO = OC [दिया है]
OD = OB [दिया है]
तथा ∠AOD = ∠COB [शीर्षाभिमुख कोण]
ΔAOD ≅ ΔCOB (SAS नियम)
या ∠OAD = ∠OCB …..(i)
[सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग समान होते हैं]
अब रेखा AC, AD और BC को बिन्दु 4 तथा C पर क्रमश: इस प्रकार काटती है कि
∠OAD = ∠OCB [समीकरण (i) से]
एकान्तर कोण
∴ AD || BC
इसी प्रकार से, AB || CD
अत: ABCD एक समान्तर चतुर्भुज है।
अब हमें यह सिद्ध करना है कि समान्तर चतुर्भुज ABCD एक समचतुर्भुज है।
ΔAOD और ΔCOD में,
OA = OC [दिया है]
∠AOD = ∠COD [समकोण]
तथा OD = CD [उभवनिष्ठ]
ΔAOD ≅ ΔCOD (SAS नियम)
∴ AD = CD …..(1)
[सर्वांगसम त्रिभुज के भाग बराबर होते हैं]
अब ABCD एक समचतुर्भुज है। [ऊपर सिद्ध है]
ABCD और AD = BC
अत: चतुर्भुज ABCD एक समचतुर्भुज है।
इति सिद्धम्।
प्रश्न 4.
दर्शाइए कि एक वर्ग के विकर्ण बराबर होते हैं और परस्पर समकोण पर समद्विभाजित करते हैं।
हल:
दिया है : वर्ग ABCD में विकर्ण AC और BD परस्पर बिन्दु O पर काटते हैं।
सिद्ध करना है : AC = BD और ∠AOB = 90°.
उपपत्ति: ABCD एक वर्ग है।
∴ AB = BC = CD = DA
और ∠A = ∠B = ∠C = ∠D = 90°.
तब ΔABC और ΔBCD समकोण त्रिभुज हैं।
अब ΔABC और ΔBCD में,
AB = CD (वर्ग की भुजाएँ)
∠B = ∠C (वर्ग के कोण)
BC = BC (उभयनिष्ठ)
∵ΔABC ≅ ΔBCD (SAS नियम)
∴ AC = BD
∵ ABCD एक वर्ग है।
∴ AB = BC = CD = DA
∴ AB = CD और BC = DA
∴ ABCD एक समान्तर चतुर्भुज भी है।
∴ इसके विकर्ण AC तथा BD परस्पर (बिन्दु O पर) समद्विभाजित करेंगे।
∴ AO = BO = CO = DO
अब ΔAOB और ΔBOC में,
AO = CO (सिद्ध किया)
AB = BC (वर्ग की भुजाएँ)
BO = BO (उभयनिष्ठ)
∴ ΔAOB ≅ ΔBOC
⇒ ∠AOB = ∠BOC ….(1)
परन्तु AOC तिर्यक रेखा है।
∴ ∠AOB + ∠BOC = 180° ….(2)
समीकरण (1) व (2) से, ∠AOB = 90°
अतः वर्ग के विकर्ण बराबर होते हैं और परस्पर समकोण पर समद्विभाजित करते हैं।
इति सिद्धम्।
प्रश्न 5.
दर्शाइए कि यदि एक चतुर्भुज के विकर्ण बराबर हों और परस्पर समकोण पर समद्विभाजित करें, तो वह एक वर्ग होता है।
हल:
दिया है:
ABCD एक चतुर्भुज है जिसमें AC = BD, AO = CO, BO = DO तथा ∠COD = 90° है।
सिद्ध करना है: ABCD एक वर्ग है।
यदि एक चतुर्भुज के विकर्ण परस्पर समकोण पर समद्विभाजित करें, तो वह एक समचतुर्भुज होता है।
अतः, AB = BC = CD = DA
ΔBAD और ΔABC में
AD = BC [∵ ऊपर सिद्ध किया गया है।]
BD = AC [∵ दिया है]
AB = AB [∵ उभयनिष्ठ ]
अत:, ΔBAD ≅ ΔABC
[∵ SSS सर्वागसमता नियम]
∠BAD = ∠ABC
[∵ सर्वांगसम त्रिभुज के संगत भाग बराबर होते हैं]
परन्तु ∠BAD + ∠ABC = 180°
[∴ अंतः कोण संपूरक होते हैं]
⇒ 2∠ABC = 180° [∵∠BAD = ∠ABC]
∠ABC = \(\frac{180^{\circ}}{2}\) = 90°
एक समचतुर्भुज जिसका एक कोण 90° को हो, एक वर्ग होता है। अत: ABCD एक वर्ग है।
प्रश्न 6.
समान्तर चतुर्भुज ABCD का विकर्ण ∠C कोण A को समद्विभाजित करता है (देखिए आकृति) दर्शाइये कि
(i) यह ZC को भी समद्विभाजित करता है।
(ii) ABCD एक समचतुर्भुज है।
हल:
(i) दिया है :
चतुर्भुज ABCD जिसमें विकर्ण AC, ∠A को समद्विभाजित करता है।
सिद्ध करना है विकर्ण AC, ∠C को समद्विभाजित करता है।
उपपत्ति: ∵ ABCD एक समान्तर चतुर्भुज है, अतः AB || DC है।
अब AB || DC और AC उन्हें काटता है।
∴ ∠1 = ∠3 [एकान्तर कोण] …..(i)
पुन: AD || BC और AC उन्हें काटता है।
∴ ∠2 = ∠4 [एकान्तर कोण] …..(ii)
किन्तु AC, ∠A का समद्विभाजक है।
∴ ∠1 = ∠2 ….(iii)
समीकरण (i), (ii) और (iii) से,
∠3 = ∠4
अत: विकर्ण AC, ∠C को समद्विभाजित करता है।
(ii) सिद्ध करना है : ABCD एक समचतुर्भुज है।
समीकरण (i), (ii) और (iii) से,
∠1 = ∠2 = ∠3 = ∠4
अब ΔABC में,
∠1 = ∠4
⇒ AB = BC ….(iv)
[त्रिभुज में समान कोणों के सामने की भुजाएँ]
इसी प्रकार ΔADC मैं,
AD = DC ….(v)
और ABCD एक समान्तर चतुर्भुज है,
∴ AB = CD और AD = BC ….. (vi)
समी. (iv), (v) व (vi) से,
AB = BC = CD = DA.
अत: ABCD एक समचतुर्भुज है। इति सिद्धम्।
प्रश्न 7.
ABCD एक समचतुर्भुज है। दर्शाइए कि विकर्ण AC सम्मुख कोणों A और C को समद्विभाजित करता है तथा विकर्ण BD सम्मुख कोणों B और D को समद्विभाजित करता है।
हल:
दिया है : समान्तर चतुर्भुज ABCD, विकर्ण AC तथा BD है।
सिद्ध करना है:
(i) विकर्ण AC, ∠A और कोण ∠C को समद्विभाजित करता है।
(ii) विकर्ण BD, ∠B और ∠D को समद्विभाजित करता है।
उपपत्ति: ΔADC में,
AD = DC
[समान्तर चतुर्भुज की सम्मुख भुजाएँ]
∠DAC = ∠DCA ….(i)
[त्रिभुज में बराबर भुजाओं के सम्मुख कोण]
अब AB || DC और AC उन्हें समद्विभाजित करती है।
∠BCA = ∠DAC …..(ii)
[एकान्तर कोण]
समीकरण (i) एवं (ii) से,
∠DCA = ∠BCA
⇒ AC, कोण C को समद्विभाजित करती है।
ΔABC में, AB = BC
[समान्तर चतुर्भुज की सम्मुख भुजाएँ]
∠BCA = ∠BAC …..(iii)
[त्रिभुज में समान भुजाओं के सम्मुख कोण]
समीकरण (ii) और (iii) से,
∠BAC = ∠DAC
या AC, ∠A को समद्विभाजित करता है।
इसी प्रकार, विकणं BD, ∠B तथा ∠D को समद्विभाजित करता है।
इति सिद्धम्।
प्रश्न 8.
ABCD एक आयत है जिसमें विकर्ण AC दोनों कोणों A और C को समद्विभाजित करता है। दर्शाइए कि
(i) ABCD एक वर्ग है।
(ii) विकर्ण BD दोनों कोणों B और D को समद्विभाजित करता है।
हल:
दिया है: ABCD एक आयत है जिसमें
∠1 = ∠2 तथा ∠3 = ∠4 है।
सिद्ध करना है: ABCD एक वर्ग है।
∠1 = ∠4 ….(1) [∵ एकांतर कोण]
∠3 = ∠4 …..(2) [∵ दिया है]
∠1 = ∠3 …(3)
[∵ समीकरण (1) और (2) से]
ΔADC में,
∠1 = ∠3 [∵ समीकरण (3) से]
DC = AD
[∵ त्रिभुज के बराबर कोणों की सम्मुख भुजाएँ बराबर होती हैं।]
एक आयत जिसकी आसन्न भुजाएँ समान हों, वर्ग होता है अत:, ABCD एक वर्ग है।
(ii) सिद्ध करना है : विकर्ण BD दोनों कोण B और D को समद्विभाजित करता है।
∠5 = ∠8 …. (4) [∵ एकांतर कोण]
ΔADB में,
AB = AD [∵ ABCD एक वर्ग है]
∠7 = ∠5 …..(5)
[∵ त्रिभुज की बराबर भुजाओं के सम्मुख कोण बराबर होते हैं]
अत:, ∠7 = ∠8 …(6)
[∵ समीकरण (4) और (5) से]
तथा ∠7 = ∠6 ….(7) [∵ एकांतर कोण ]
अत:, ∠5 = ∠6 ….(8)
[∵ समीकरण (5) और (7) से]
अत:, समीकरण (6) और (8) से विकर्ण BD दोनों कोणों B और D को सद्विभाजित करता है।
प्रश्न 9.
समान्तर चतुर्भुज ABCD के विकर्ण BD पर दो बिन्दु P और Q इस प्रकार स्थित हैं कि DP (देखिए आकृति)। दर्शाइए कि :
(i) ΔAPD ≅ ΔCQB
(ii) AP = CQ
(iii) ΔAQB ≅ ΔCPD
(iv) AQ = CP
(v) APCQ एक समान्तर चतुर्भुज है।
हल:
दिया है : ABCD एक समान्तर चतुर्भुज है। विकर्ण BD पर बिन्दु P और Q इस प्रकार स्थित हैं कि DP = BQ.
सिद्ध करना है:
(i) ΔAPD ≅ ΔCQB
(ii) AP = CQ
(iii) ΔAQB ≅ ΔCPD
(iv) AQ = CP
(v) APCQ एक समान्तर चतुर्भुज है।
रचना : A और C को मिलाया जो BD से O बिन्दु पर मिलती है।
उपपत्ति: (i) ΔAPD और ΔCQB में,
AD = CB
[समान्तर चतुर्भुज की सम्मुख भुजाएँ]
∠QBC = ∠ADP (एकान्तर कोण)
DP = BQ [दिया है]
ΔAPD ≅ ΔCQB. (SAS नियम)
इति सिद्धम्।
AP = CQ [सर्वागसम Δ के संगत भाग]
(ii) AP = CQ [सिद्ध किया गया है।]
(iii) ΔAQB और ΔCPD में,
∵ AB = CD
[समान्तर चतुर्भुज की सम्मुख भुजाएँ]
∠ABQ = ∠CDP [AB || CD]
[एकान्तर कोण हैं]
और BQ = DP [दिया है]
ΔAQB ≅ ΔCPD. (SAS नियम)
इति सिद्धम्।
(iv) ∵ ΔAQB ≅ ΔCPD,
∴ AQ = CP [सर्वांगसम त्रिभुज के संगत भाग]
इति सिद्धम्।
(v) चूँकि समान्तर चतुर्भुज के विकर्ण AC तथा BD एक दूसरे को बिन्दु O पर समद्विभाजित करते हैं।
∴ OB = OD
किन्तु BQ = DP [दिया है]
⇒ OB – BQ = OD – DP या OQ = OP
इति सिद्धम्।
प्रश्न 10.
ABCD एक समान्तर चतुर्भुज है तथा AP और CQ शीर्षों A और C से विकर्ण BD पर क्रमश: लम्ब हैं (देखिए आकृति)। A दर्शाइए कि :
(i) ΔAPB ≅ ΔCQD तथा
(ii) AP = CQ.
हल:
(i) ∵ ABCD समान्तर चतुर्भुज है।
∴ DC || AB
∵ DC || AB और तिर्यक रेखा BD उन्हें B और D पर प्रतिच्छेदित करती है।
∴ ∠ABD = ∠BDC [एकान्तर कोण]
अब, ΔAPB और ΔCQD में,
∠ABP = ∠QDC [∵ ∠ABD = ∠BDC]
∠APB = ∠CQD [प्रत्येक 90°]
और AB = CD
[समान्तर चतुर्भुज की सम्मुख भुजाएँ ।
ΔAPB ≅ ΔCQD. (AAS नियम)
इति सिद्धम्।
(ii) ∵ ΔAPB ≅ ΔCQD
∴ AP = CQ इति सिद्धम्।
प्रश्न 11.
ΔABC और ΔDEF में, AB = DE, AB || DE, BC = EF और BC || EF हैं। शीषों A, B और C को क्रमशः शीर्षो D, E और F से जोड़ा जाता है (देखिए आकृति)। दर्शाइए कि :
(i) ABED एक समान्तर चतुर्भुज है।
(ii) BEFC एक समान्तर चतुर्भुज है।
(iii) AD || CF और AD = CF है।
(iv) ACFD एक समान्तर चतुर्भुज है।
(v) AC = DF है।
(vi) ΔABC ≅ ΔDEF है।
हल:
दिया है : दो ΔABC और ΔDEF इस प्रकार हैं कि AB = DE और AB || DE साथ ही BC = EF और BC || EF.
सिद्ध करना है : (i) ABED समान्तर चतुर्भुज है।
(ii) BEFC समान्तर चतुर्भुज है।
(iii) AD || CF और AD = CF है।
(iv) ACFD समान्तर चतुर्भुज है।
(v) AC = DF है।
(vi) ΔABC ≅ ΔDEF है।
उपपत्ति: (i) चतुर्भुज ABED में,
AB = DE और AB || DE (सम्मुख भुजा युग्म)
अत: ABED समान्तर चतुर्भुज है। इति सिद्धम्।
(ii) अब चतुर्भुज BEFC में,
BC = EF और BC || EF (सम्मुख भुजा युग्म)
⇒ BEFC समान्तर चतुर्भुज है। इति सिद्धम्।
(iii) अब, AD = BE और AD || BE …..(i)
[∵ ABED समान्तर चतुर्भुज है।]
और CF = BE और CF || BE …(ii)
[∵ BEFC एक समान्तर चतुर्भुज है।]
समीकरण (i) और (ii) से,
AD = CF और AD || CF. इति सिद्धम्।
(iv) ∵ AD = CF और AD || CF (सम्मुख भुजा युग्म)
∴ ACFD एक समान्तर चतुर्भुज है। इति सिद्धम्।
(v) ∵ ACFD एक समान्तर चतुर्भुज है।
∴ AC = DF और AC || DF. इति सिद्धम्।
(vi) ΔABC और ΔDEF मैं,
और CA = FD
ΔABC ≅ ΔDEF (sss नियम)
इति सिद्धम्।
प्रश्न 12.
ABCD एक समलम्ब चतुर्भुज है, जिसमें AB || DC और AD = BC है (देखिए आकृति)। दर्शाइए कि
(i) ∠A = ∠B
(ii) ∠C = ∠D
(iii) ΔABC ≅ ΔBAD
(iv) विकर्ण AC = विकर्ण BD है।
[संकेत : AB को बढ़ाइए और C से होकर DA के समान्तर एक रेखा खींचिए, जो बढ़ी हुई भुजा AB को E पर प्रतिच्छेद करे।]
हल:
दिया है: ABCD एक समलम्ब चतुर्भुज है, जिसमें AB || DC और AD = BC है।
सिद्ध करना है:
(i) ∠A = ∠B
(ii) ∠C = ∠D
(iii) ΔABC ≅ ΔBAD
(iv) विकर्ण AC = विकर्ण BD है।
रचना: AB को E तक इस प्रकार आगे बढ़ाया कि AE = DC और CE || AD खींची।
उपपत्ति: (i) ∵ AD || CE और तिर्यक रेखा AE उन्हें क्रमश: A और E पर प्रतिच्छेदित करती है।
∴ ∠A + ∠E = 180° …..(i)
(अन्तः संगत कोण)
चूँकि AB || CD और AD || CE, अतः AECD समान्तर चतुर्भुज है।
⇒ AD = CE
⇒ BC = CE
तथा AD = BC (दिया है)
इस प्रकार, ΔBCE में,
BC = CE
⇒ ∠CBE = ∠CEB
(समान भुजाओं के सम्मुख कोण)
⇒ 180°- ∠B = ∠E
⇒ ∠B + ∠E = 180° ……(ii)
समीकरण (i) एवं (ii) से,
∠A = ∠B. इति सिद्धम् ।
∠A + ∠E = ∠B + ∠E
(ii) ∵ ∠A = ∠B
⇒ ∠BAD = ∠ABC
⇒ 180° – ∠BAD = 180° – ∠ABC
⇒ ∠ADC = ∠BCD
⇒ ∠D = ∠C इति सिद्धम्।
(iii) ΔABC और ΔBAD मैं,
∵ BC = AD [दिया है]
AB = BA [उभयनिष्ठ]
तथा ∠A = ∠B [सिद्ध किया है]
ΔABC ≅ ΔBAD (SAS नियम)
इति सिद्धम्।
(iv) ∵ ΔABC ≅ ΔBAD
∴ AC = BD इति सिद्धम्।
अन्त: खण्ड : चित्र में यदि समतल में दो रेखाएँ AB और CD (समान्तर या प्रतिच्छेदी) दी हुई हों और रेखा LM उन्हें अलग-अलग बिन्दुओं P और Q पर प्रतिच्छेद करती है, तो रेखाखण्ड PQ दी हुई रेखाओं पर तीसरी रेखा द्वारा बनाया गया अन्त: खण्ड कहलाता है।