Jharkhand Board JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 8 चतुर्भुज Ex 8.2 Textbook Exercise Questions and Answers.
JAC Board Class 9 Maths Solutions Chapter 8 त्रिभुज Exercise 8.2
प्रश्न 1.
ABCD एक चतुर्भुज है, जिसमें P, Q, R और S क्रमशः भुजाओं AB, BC, CD एवं DA के मध्य-बिन्दु हैं (देखिए आकृति)। AC उसका एक विकर्ण है। दर्शाइए कि :
(i) SR || AC और SR = \(\frac{1}{2}\)AC
(ii) PQ = SR
(iii) PQRS एक समान्तर चतुर्भुज है।
हल:
दिया है: चतुर्भुज ABCD में, P, Q, R और S क्रमशः भुजाओं AB, BC, CD और DA के मध्य-बिन्दु हैं, साथ ही AC इसका विकर्ण है।
सिद्ध करना है: (i) SR || AC और SR = \(\frac{1}{2}\)AC
(ii) PQ = SR तथा
(iii) PQRS एक समान्तर चतुर्भुज है।
उपपत्ति: (i) ΔACD में,
AD का मध्यबिन्दु S है और CD का मध्य-बिन्दु R है।
तब SR || AC और SR = \(\frac{1}{2}\)AC इति सिद्धम्।
(ii) ΔABC में, भुजा AB का P मध्य-बिन्दु है और भुजा BC का मध्य-बिन्दु Q है।
तब PQ || AC और PQ = \(\frac{1}{2}\)AC
इसी प्रकार,
(iii) ∵ PQ = SR और PQ || SR (सम्मुख भुजा युग्म)
अतः PQRS एक समान्तर चतुर्भुज है। इति सिद्धम्।
प्रश्न 2.
ABCD एक समचतुर्भुज है और P, Q, R और S क्रमशः भुजाओं AB, BC, CD और DA के मध्य-बिन्दु हैं। दर्शाइए कि चतुर्भुज PQRS एक आयत है।
हल:
दिया है: सम चतुर्भुज ABCD में P, Q, R और S क्रमश: AB, BC, CD और DA के मध्य बिन्दु हैं।
सिद्ध करना है: PQRS एक आयत है।
रचना: PQ, QR, RS तथा SP को मिलाया तथा A को C से मिलाया।
उपपत्ति: ΔABC में P और Q, रेखा AB और BC के मध्य-बिन्दु हैं।
∴ PQ || AC तथा PQ = \(\frac{1}{2}\)AC …..(i)
इसी प्रकार, ΔADC में R और S रेखा CD और AD के मध्य बिन्दु हैं।
∴ SR || AC और SR = \(\frac{1}{2}\)AC …..(ii)
समीकरण (i) और (ii) से,
PQ || RS और PQ = SR ……(iii)
अब, चतुर्भुज PQRS की सम्मुख भुजाएँ PQ और SR बराबर और समान्तर है।
∴ PQRS एक समान्तर चतुर्भुज है। …..(iv)
∴ AB = BC [समचतुर्भुज की भुजाएँ]
⇒ \(\frac{1}{2}\)AB = \(\frac{1}{2}\)BC या PB = BQ
⇒ ∠3 = ∠4 (समान भुजाओं के सम्मुख कोण)
अब, ΔAPS और ΔCQR में,
∵ AP = CQ [समान्तर भुजाओं AB, BC के अर्द्धक]
AS = CR [समान भुजाओं AD तथा CD के अर्द्धक]
तथा PS = QR [समान्तर चतुर्भुज PORS की सम्मुख भुजाएँ]
∴ ΔAPS ≅ ΔCQR, [Sss नियम]
⇒ ∠1 = ∠2
अब, ∠1 + ∠SPQ + ∠3 = 180°
[रैखिक युग्म स्वतः सिद्ध]
∠1 + ∠SPQ + ∠3 = ∠2+ ∠PQR + ∠4
लेकिन ∠1 = ∠2 और ∠3 = ∠4 [सिद्ध किया है]
∴ ∠SPQ = ∠PQR ….. (iii)
∴ ∠SPQ + ∠PQR = 180° …..(iv)
समीकरण (iii) एवं (iv) से,
∴ ∠SPQ = ∠PQR = 90°
इस प्रकार, PQRS एक समान्तर चतुर्भुज है, जिसका एक कोण SPQ = 90°
अत: PQRS एक आयत है। इति सिद्धम्।
प्रश्न 3.
ABCD एक आयत है, जिसमें P, Q, R और S क्रमशः भुजाओं AB, BC, CD और DA के मध्य-बिन्दु हैं। दर्शाइए कि चतुर्भुज PQRS एक समचतुर्भुज है।
हल:
दिया है : आयत ABCD में P, Q, R और S भुजाओं AB, BC, CD और DA के क्रमशः मध्य-बिन्दु हैं। चतुर्भुज PQRS प्राप्त करने के लिए PQ, QR, RS और SP को मिलाया।
सिद्ध करना है; PQRS एक समचतुर्भुज है।
रचना : PQ, QR, RS तथा SP को मिलाया। तथा A को C से मिलाया।
उपपत्ति: ΔABC में P और Q, भुजाओं AB और BC के मध्य बिन्दु हैं।
∴ PQ || AC
और PQ = \(\frac{1}{2}\)AC …..(i)
इसी प्रकार, ΔADC में R और S भुजाओं CD और AD के मध्य बिन्दु हैं।
∴ SR || AC और SR = \(\frac{1}{2}\)AC …..(ii)
समीकरण (i) और (ii) से,
PQ || SR और PQ = SR …..(iii)
अब, चतुर्भुज PQRS में इसकी सम्मुख भुजाओं PQ और SR का एक युग्म समान्तर और समान है।
[समीकरण (iii) से]
⇒ PQRS एक समान्तर चतुर्भुज है। …..(iv)
अब AD = BC
[आयत ABCD की सम्मुख भुजाएँ]
⇒ \(\frac{1}{2}\)AD = \(\frac{1}{2}\)BC या AS = BQ
ΔAPS और ΔBPQ में,
AP = BP [∵ P रेखा AB का मध्य-बिन्दु है]
∠PAS = ∠PBQ [प्रत्येक 90°]
तथा AS = BQ (दिया है)
∴ ΔAPS ≅ ΔBOQ (SAS नियम)
⇒ PS = PQ ….. (v)
समीकरण (iv) और (v) से,
PQRS समचतुर्भुज हैं। इति सिद्धम्।
प्रश्न 4.
ABCD एक समलम्ब है, जिसमें AB || DC साथ ही BD एक विकर्ण है और E, भुजा AD का मध्य-बिन्दु है। E से होकर एक रेखा AB के समान्तर खींची गई है, जो BC को F, पर प्रतिच्छेदित करती है (देखिए आकृति)। दर्शाइए कि F भुजा BC का मध्यबिन्दु है।
हल:
दिया है: समलम्ब चतुर्भुज ABCD में,
AB || DC
E, भुजा AD का मध्य-बिन्दु है, EF || AB.
सिद्ध करना है: F, BC का मध्य बिन्दु है।
रचना: D और B को मिलाया। DB रेखाखण्ड EF को G पर काटता है।
उपपत्ति: ΔDAB में, E भुजा AD का मध्य-बिन्दु है। [दिया है]
EG || AB [∵ EF || AB]
(विलोम मध्यबिन्दु प्रमेय) G, भुजा DB का
मध्य- बिन्दु है।
ABCD में, G भुजा BD का मध्य- बिन्दु है।
GF || DC
[∵ AB || DC, EF || AB या DC || EF]
∴ (विलोम मध्य बिन्दु प्रमेय)
F, भुजा BC का मध्यबिन्दु है। इति सिद्धम्।
प्रश्न 5.
एक समान्तर चतुर्भुज ABCD में E और Fक्रमशः भुजाओं AB और CD के मध्य बिन्दु हैं (देखिए आकृति)। दर्शाइए कि रेखाखण्ड AF तथा EC, विकर्ण BD को समनिभाजित करते हैं।
हल:
दिया है: समान्तर चतुर्भुज ABCD में E और F, भुजाओं AB और CD के मध्य-बिन्दु हैं, जिसका विकर्ण BD है।
सिद्ध करना है :
BQ = QP = PD.
उपपत्ति: ABCD एक समान्तर चतुर्भुज है। [दिया है]
∴ AB || DC और AB = DC, [समान्तर चतुर्भुज की सम्मुख भुजाएँ]
E, भुजा AB का मध्य- बिन्दु है। [दिया है]
∴ AE = \(\frac{1}{2}\)AB …..(i)
F, CD का मध्य बिन्दु है।
∴ CF = \(\frac{1}{2}\)CD
CF = \(\frac{1}{2}\)AB …..(ii)
[∵ CD = AB]
समीकरण (i) एवं (ii) से,
AE = CF
साथ ही, AE || CF [∵ AB || DC]
∴ AECF एक समान्तर चतुर्भुज है।
⇒ EC || AF
⇒ EQ || AP और QC || PF
ΔBPA में, E, भुजा AB का मध्य-बिन्दु है। [दिया है]
EQ || AP
∴ BQ = QP ….(iii)
[मध्यबिन्दु प्रमेय का प्रतिलोम]
इसी प्रकार, ΔCQD में सिद्ध किया जा सकता है कि
DP = QP …..(iv)
समीकरण (iii) एवं (iv) से,
BQ = QP = PD इति सिद्धम्।
प्रश्न 6.
दर्शाइए कि किसी चतुर्भुज की सम्मुख भुजाओं के मध्य बिन्दुओं को मिलाने वाले रेखाखण्ड परस्पर समद्विभाजित करते हैं।
हल:
दिया है: चतुर्भुज ABCD में, P, Q, R और S
क्रमश: AB, BC, CD और DA के मध्य बिन्दु हैं। रेखाखण्ड PR और QS एक-दूसरे को बिन्दु O पर प्रतिच्छेदित करते हैं।
सिद्ध करना है:
OP = OR, OQ = OS.
रचना : PQ, QR, RS, SP, AC और BD को मिलाया।
उपपत्ति: ΔABC में, P और Q क्रमश: AB और BC के मध्य बिन्दु हैं।
∴ PQ || AC और PQ = \(\frac{1}{2}\)AC …..(i)
इसी प्रकार हम सिद्ध कर सकते हैं कि
RS || AC और RS = \(\frac{1}{2}\)AC …..(ii)
समी. (1) व (2) से,
∴ PQ || SR और PQ = SR
इस प्रकार, चतुर्भुज PQRS की सम्मुख भुजाओं का एक युग्म समान्तर और समान है।
∴ चतुर्भुज PQRS एक समान्तर चतुर्भुज है।
क्योंकि समान्तर चतुर्भुज के विकर्ण एक-दूसरे को समद्विभाजित करते हैं।
∴ चतुर्भुज ABCD की सम्मुख भुजाओं के मध्य-बिन्दुओं से मिलाने वाले रेखाखण्ड एक दूसरे को समद्विभाजित करते हैं। इति सिद्धम्।
प्रश्न 7.
ABC एक त्रिभुज है, जिसका कोण समकोण है। कर्ण AB के मध्य बिन्दु M से होकर BC के समान्तर खींची गई रेखा AC को D पर प्रतिच्छेद करती है। दर्शाइए कि
(i) D भुजा AC का मध्य-बिन्दु है।
(ii) MD ⊥ AC
(iii) CM = MA = \(\frac{1}{2}\)AB है।
हल:
दिया है: समकोण ΔABC में ∠C = 90°, कर्ण AB का मध्य बिन्दु M तथा MD || BC.
सिद्ध करना है:
(i) AD = DC
(ii) MD ⊥AC
(iii) CM = MA = \(\frac{1}{2}\)AB
उपपत्ति: (i) ΔABC में, M भुजा AB का मध्य-बिन्दु है और MD || BC, अत: D, भुजा AC का भी मध्य-बिन्दु है।
(मध्य बिन्दु प्रमेय का विलोम)
अतः AD = DC …..(i) इति सिद्धम्।
(ii) ∵ MD || BC
अतः ∠ADM = ∠ACB (संगत कोण)
∠ADM = 90°
[∵ ∠ACB = 90° (दिया है)]
परन्तु ∠ADM + ∠CDM = 180° (रैखिक कोण युग्म)
∴ 90° + ∠CDM = 180°
∠CDM = 180° – 90°
⇒ ∠CDM = 90°
इस प्रकार, ∠ADM = ∠CDM = 90° ….. (ii)
⇒ MD ⊥ AC. इति सिद्धम्।
(iii) ΔAMD और ΔCMD में,
AD = CD [समीकरण (i) से]
∠ADM = ∠CDM [समीकरण (ii) से]
और MD = MD [उभयनिष्ठ]
ΔAMD ≅ ΔCMD (SAS नियम)
⇒ ∴ MA = MC
साथ ही, MA = \(\frac{1}{2}\)AB, चूँकि M भुजा AC का ध्य-बिन्दु है।
∴ CM = MA = \(\frac{1}{2}\)AB इति सिद्धम्।