Jharkhand Board JAC Class 10 Hindi Solutions Sparsh Chapter 17 कारतूस Textbook Exercise Questions and Answers.
JAC Board Class 10 Hindi Solutions Sparsh Chapter 17 कारतूस
JAC Class 10 Hindi कारतूस Textbook Questions and Answers
मौखिक निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए –
प्रश्न 1.
कर्नल कालिंज का खेमा जंगल में क्यों लगा हुआ था?
उत्तर :
कर्नल कालिंज ने वज़ीर अली को पकड़ने के लिए जंगल में खेमा लगाया हुआ था।
प्रश्न 2.
वज़ीर अली से सिपाही क्यों तंग आ चुके थे?
उत्तर :
वज़ीर अली की तलाश में जंगल में खेमा लगाए हुए कई दिन बीत चुके थे, किंतु वजीर अली पकड़ में नहीं आ रहा था। इसी कारण सिपाही वज़ीर अली से तंग आ गए थे।
प्रश्न 3.
कर्नल ने सवार पर नज़र रखने के लिए क्यों कहा?
उत्तर :
कर्नल को सवार पर शक था। इसी कारण उसने सिपाहियों से सवार पर नज़र रखने के लिए कहा।
प्रश्न 4.
सवार ने क्यों कहा कि वज़ीर अली की गिरफ्तारी बहुत मुश्किल है?
उत्तर :
सवार वास्तव में वज़ीर अली था। वह एक जाँबाज सिपाही था और वह जानता था कि उसे गिरफ्तार करना आसान नहीं है। इसी
कारण उसने कहा कि वज़ीर अली को गिरफ्तार करना बहुत मुश्किल है।
लिखित –
(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए –
प्रश्न 1.
वज़ीर अली के अफ़साने सुनकर कर्नल को राँबिनहुड की याद क्यों आ जाती थी ?
उत्तर :
वज़ीर अली और रॉबिनहुड में काफ़ी समानता थी। वज्तीर अली भी रॉंबिनहुड के समान दिलेर और निडर था। रॉबिनहुड अमीरों को लूटकर गरीबों में धन बाँटा करता था और वज़ीर अली अपने देशवासियों को आज़ाद करवाने के लिए प्रयास कर रहा था। रॉबिनहुड की वीरता और साहस के समान वज़ीर अली की वीरता और साहस भी प्रसिद्ध था। इसी कारण वज़ीर अली के कारनामे सुनकर कर्नल को रॉंबिनहुड की याद आ जाती थी।
प्रश्न 2.
सआदत अला का सआदत अली कौन था? उसने वज़ीर अली की पैदाइश को अपनी मौत क्यों समझा ?
उत्तर :
सआदत अली अवध के नवाब आसिफ़उद्दौला का भाई था। वज़ीर अली आसिफ़उद्दौला का पुत्र था। सआदत अली अपने भाई के साथ गद्दारी करके अंग्रेजों के साथ मिल गया था। जब वज़ीर अली का जन्म हुआ था, उसे आभास हो गया कि वह अवश्य उसे मार डालेगा। इसलिए वह वज़ीर अली की पैदाइश को अपनी मौत समझता था।
प्रश्न 3.
सआदत अली को अवध के तख्त पर बिठाने के पीछे कर्नल का क्या मकसद था?
उत्तर :
सआदत अली अंग्रेजों का मित्र बन गया था। वह ऐशो-आराम से जीवन जीने वाला व्यक्ति था। कर्नल चाहता था कि वह अवध के तख्त पर ऐसे व्यक्ति को बिठाए, जो ब्रिटिश सरकार को अच्छा-खासा पैसा दे। सआदत अली ऐसा ही व्यक्ति था। उसने अपनी आधी जायदाद और दस लाख रुपये नकद ब्रिटिश सरकार को दे दिए थे। इसी कारण कर्नल ने सआदत अली को अवध के तख्त पर बिठाया था।
प्रश्न 4.
कंपनी के वकील का कत्ल करने के बाद वजीर अली ने अपनी हिफाजत कैसे की?
उत्तर :
बनारस में कंपनी के वकील का कत्ल करने के बाद वज़ीर अली आजमगढ़ की हिफाजत चला गया। इसके बाद आजमगढ़ के शासक की मदद से वह घागरा तक पहुँच गया। वह अपने कुछ साथियों के साथ वहाँ के जंगलों में छिप गया। उन जंगलों में उसे ढूँढ़ना सरल नहीं था। इस प्रकार उसने अपनी हिफाज़त की।
प्रश्न 5.
सवार के जाने के बाद कर्नल क्यों हक्का-बक्का रह गया?
उत्तर :
सवार वास्तव में वज़ीर अली था। जब उसने ब्रिटिश सेना के खेमे में जाकर कर्नल को मूर्ख बनाया और उससे दस कारतूस भी ले गया, तो कर्नल उसकी दिलेरी को देखकर हैरान रह गया। उसे विश्वास नहीं हो रहा था कि कोई व्यक्ति इतना जाँबाज़ भी हो सकता है। कर्नल – वजीर अली के इस साहस और वीरता को देखकर हक्का-बक्का रह गया था।
(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए –
प्रश्न 1.
लेफ़्टीनेंट को ऐसा क्यों लगा कि कंपनी के खिलाफ़ सारे हिंदुस्तान में एक लहर दौड़ गई है?
उत्तर :
लेफ़्टीनेंट ने सुना था कि वज़ीर अली अफ़गानिस्तान के शासक शाहे- ज़मा को हिंदुस्तान पर आक्रमण करने का निमंत्रण दे रहा है, ताकि वह अंग्रेज़ी शासन की जड़ें हिला सके। कर्नल ने उसे बताया कि इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए वज़ीर अली अफ़गानिस्तान के शासक को दिल्ली भी बुला चुका है। साथ ही बंगाल के नवाब का भाई शमसुद्दौला भी हिंदुस्तान के अंग्रेज़ी शासन पर आक्रमण करवाना चाहता है। इस प्रकार अवध से बंगाल तक सभी अंग्रेज़ी शासन को नष्ट करने का मन बना चुके हैं। इसी कारण लेफ़्टीनेंट को लगा कि कंपनी के खिलाफ़ सारे हिंदुस्तान में एक लहर दौड़ गई है।
प्रश्न 2.
वज़़ीर अली ने कंपनी के वकील का कत्ल क्यों किया ?
उत्तर :
यहाँ कंपनी से तात्पर्य ईस्ट इंडिया कंपनी से है। कंपनी ने अवध के नवाब वज़ीर अली को उसके पद से हटाकर बनारस पहुँचा दिया। कुछ समय बाद ब्रिटिश सरकार के गवर्नर जनरल ने वज़ीर अली को कलकत्ता (कोलकाता) बुलवाया। वज़ीर अली को इस प्रकार बुलवाया जाना उचित नहीं लगा। उसने कंपनी के वकील से इसकी शिकायत की। लेकिन वकील ने शिकायत पर ध्यान न देकर उसी को भला-बुरा कह दिया। वज़ीर अली अंग्रेज़ों से नफ़रत करता था। अतः जब वकील ने ऐसा दुर्व्यवहार किया, तो गुस्से में आकर वज़ीर अली ने उसका कत्ल कर दिया।
प्रश्न 3.
सवार ने कर्नल से कारतूस कैसे हासिल किए ?
उत्तर :
कर्नल कालिंज वज़ीर अली को पकड़ने के लिए एक लेफ़्टीनेंट और कुछ सिपाहियों के साथ जंगल में खेमा लगाए हुए था। एक दिन उसे एक सवार खेमेमे की ओर आता दिखाई दिया। उस सवार ने उससे अकेले में बातचीत करने के लिए कहा। कर्नल ने इसे स्वीकार कर लिया। तब सवार ने कहा कि वह वज़ीर अली को गिरफ़्तार कर सकता है और उसके लिए उसे कुछ कारतूस चाहिए। कर्नल ने तुरंत उसे दस कारतूस दे दिए। वास्तव में वह सवार वज़ीर अली था। इस प्रकार उसने बड़ी चालाकी से कर्नल से कारतूस हासिल किए।
प्रश्न 4.
वज़ीर अली एक जाँबाज सिपाही था, कैसे ? स्पष्ट कीजिए।
अथवा
वज़ीर अली ने कर्नल को कैसे मात दी ?
उत्तर :
वज़ीर अली का एकमात्र उद्देश्य अंग्रेज़ों को भारत से बाहर निकालना था। उसकी वीरता और साहस के कारण अंग्रेज़ भी उससे डरते थे। उसने दिलेरी दिखाते हुए अंग्रेज़ बटालियन के खेमे में पहुँचकर वहाँ से कारतूस प्राप्त किए। उसकी निडरता को देखकर कर्नल कालिंज भी हक्का-बक्का रह गया। वज़ीर अली ने शक्तिशाली ईस्ट इंडिया कंपनी से सीधे टक्कर लेने का साहस दिखाया था। कर्नल कालिंज पर उसकी बहादुरी का इतना प्रभाव पड़ा कि उसके मुँह से शब्द ही नहीं निकल रहे थे। वह अपनी जान पर खेलकर साहसिक कारनामे करता था। इससे सिद्ध होता है कि वज़ीर अली एक जाँबाज सिपाही था।
(ग) निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए –
प्रश्न 1.
मुठ्ठी भर आदमी और ये दमखम।
उत्तर :
प्रस्तुत कथन कर्नल कालिंज का है। वह वज़ीर अली की बहादुरी और साहस के विषय में कहता है कि उसके पास मुट्ठी भर लोग हैं, किंतु वह शक्तिशाली ईस्ट इंडिया कंपनी से टक्कर ले रहा है। वह कंपनी के वकील को मार चुका है और अंग्रेज़ों को हिंदुस्तान से बाहर निकालने की कोशिश में लगा हुआ है। यद्यपि उसके साथ अधिक लोग नहीं हैं, फिर भी उसका साहस कम नहीं है। वह थोड़-से लोगों के साथ ही ब्रिटिश सरकार का मुकाबला करने को तैयार है।
प्रश्न 2.
गर्द तो ऐसे उड़ रही है जैसे कि पूरा एक काफ़िला चला आ रहा हो मगर मुझे तो एक ही सवार नज़र आता है।
उत्तर :
प्रस्तुत कथन में कर्नल कालिंज घोड़े पर सवार वज़ीर अली को अपनी ओर आता देखकर कहता है कि उड़ती हुई धूल से ऐसा प्रतीत हो रहा है, मानो अनेक लोगों का समूह उनकी ओर बढ़ रहा है। धूल अधिक उड़ रही है, किंतु घुड़सवार केवल एक दिखाई दे रहा है। वास्तव में वह धूल वज़ीर अली के घोड़े के अधिक तेज़ दौड़ने के कारण उड़ रही थी।
भाषा-अध्ययन –
प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों का एक-एक पर्याय लिखिए –
खिलाफ़, पाक, उम्मीद, हासिल, कामयाब, वजीफ़ा, नफ़रत, हमला, इंतज़ार, मुमकिन
उत्तर :
- खिलाफ़ = विरुद्ध
- पाक = पवित्र
- उम्मीद = आशा
- हासिल = प्राप्त
- कामयाब = सफल
- वजीफ़ा = छात्रवृत्ति
- नफ़रत = घृणा
- हमला = आक्रमण
- इंतज़ार = प्रतीक्षा
- मुमकिन = संभव
प्रश्न 2.
निम्नलिखित मुहावरों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए-
आँखों में धूल झोंकना, कूट-कूट कर भरना, काम तमाम कर देना, जान बखा देना, हक्का-बक्का रह जाना।
उत्तर :
आँखों में धूल झोंकना – पुलिस की आँखों में धूल झोंककर चोर भाग गया।
कूट-कूट कर भरना – भगतसिंह में देशभक्ति की भावना कूट-कूट कर भरी हुई थी।
काम तमाम कर देना – भारतीय सैनिकों ने अनेक शत्रु सैनिकों का काम तमाम कर दिया।
जान बखा देना – डाकू ने राहगीरों से रुपये तो लूट लिए, लेकिन उनकी जान बखा दी।
हक्का-बक्का रह जाना – रानी लक्ष्मीबाई की वीरता को देखकर अंग्रेज़ हक्के-बक्के रह गए।
प्रश्न 3.
कारक वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम का क्रिया के साथ संबंध बताता है। निम्नलिखित वाक्यों में कारकों को रेखांकित कर उनके नाम लिखिए –
(क) जंगल की जिंदगी बड़ी खतरनाक होती है।
(ख) कंपनी के खिलाफ़ सारे हिंदुस्तान में एक लहर दौड़ गई।
(ग) वज़ीर को उसके पद से हटा दिया गया।
(घ) फ़ौज के लिए कारतूस की आवश्यकता थी।
(ङ) सिपाही घोड़े पर सवार था।
उत्तर :
(क) जंगल की जिंदगी बडी खतरनाक होती है। – संबंध कारक
(ख) कंपनी के खिलाफ़ सारे हिंदुस्तान में एक लहर दौड़ गई। – संबंध कारक, अधिकरण कारक
(ग) वज़ीर को उसके पद से हटा दिया गया। – कर्म कारक, संबंध कारक, अपादान कारक
(घ) फ़ौज के लिए कारतूस की आवश्यकता थी। – संप्रदान कारक, कर्म कारक
(ङ) सिपाही घोड़े पर सवार था। – अधिकरण कारक
प्रश्न 4.
क्रिया का लिंग और वचन सामान्यतः कर्ता और कर्म के लिंग और वचन के अनुसार निर्धारित होता है। वाक्य में कर्ता और कर्म के लिंग, वचन और पुरुष के अनुसार जब क्रिया के लिंग, वचन आदि में परिवर्तन होता है तो उसे अन्विति कहते हैं।
क्रिया के लिंग, वचन में परिवर्तन तभी होता है जब कर्ता या कर्म परसर्ग रहित हों;
जैसे-स सवार कारतूस माँग रहा था। (कर्ता के कारण)
सवार ने कारतुस माँगे। (कर्म के कारण)
कर्नल ने वज़ीर अली को नहीं पहचाना। (यहाँ क्रिया कर्ता और कर्म किसी के भी कारण प्रभावित नहीं है)
अतः कर्ता और कर्म के परसर्ग सहित होने पर क्रिया कर्ता और कर्म में से किसी के भी लिंग और वचन से प्रभावित नहीं होती वह एकवचन पुल्लिंग में ही प्रयुक्त होती है। नीचे दिए गए वाक्यों में ‘ने’ लगाकर उन्हें दुबारा लिखिए –
(क) घोड़ा पानी पी रहा था।
(ख) बच्चे दशहरे का मेला देखने गए।
(ग) रॉंबिनहुड गरीबों की मदद करता था।
(घ) देशभर के लोग उसकी प्रशंसा कर रहे थे।
उत्तर :
(क) घोड़े ने पानी पीया।
(ख) बच्चों ने दशहरे का मेला देखा।
(ग) रॉबिनहुड ने गरीबों की मदद की।
(घ) देशभर के लोगों ने उसकी प्रशंसा की।
प्रश्न 5.
निम्नलिखित वाक्यों में उचित विराम-चिह्न लगाइए –
(क) कर्नल ने कहा सिपाहियो इस पर नज़र रखो ये किस तरफ़ जा रहा है
(ख) सवार ने पूछा आपने इस मुकाम पर क्यों खेमा डाला है इतने लावलश्कर की क्या ज़रूरत है
(ग) खेमे के अंदर दो व्यक्ति बैठे बातें कर रहे थे चाँदनी छिटकी हुई थी और बाहर सिपाही पहरा दे रहे थे एक व्यक्ति कह रहा था दुश्मन कभी भी हमला कर सकता है
उत्तर :
(क) कर्नल ने कहा, “सिपाहियो! इस पर नज़र रखो, ये किस तरफ़ जा रहा है?”
(ख) सवार ने पूछा, “आपने इस मुकाम पर क्यों खेमा डाला है? इतने लावलश्कर की क्या ज़रूरत है?”
(ग) खेमे के अंदर दो व्यक्ति बैठे बातें कर रहे थे। चाँदनी छिटकी हुई थी और बाहर सिपाही पहरा दे रहे थे। एक व्यक्ति कह रहा था, “दुश्मन कभी भी हमला कर सकता है।”
योग्यता-विस्तार –
प्रश्न 1.
पुस्तकालय से रॉबिनहुड के साहसिक कारनामों के बारे में जानकारी हासिल कीजिए।
उत्तर :
विद्यार्थी अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।
प्रश्न 2.
वृंदावनलाल वर्मा की कहानी इब्राहिम गार्दी पढ़िए और कक्षा में सुनाइए।
उत्तर :
विद्यार्थी अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।
परियोजना-कार्य –
प्रश्न 1.
‘कारतूस’ एकांकी का मंचन अपने विद्यालय में कीजिए।
उत्तर :
विद्यार्थी अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।
प्रश्न 2.
‘एकांकी’ और ‘नाटक’ में क्या अंतर है? कुछ नाटकों और एकांकियों की सूची तैयार कीजिए।
उत्तर :
विद्यार्थी अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।
JAC Class 10 Hindi कारतूस Important Questions and Answers
निबंधात्मक प्रश्न –
प्रश्न 1.
जंगल में किसने खेमा लगाया हुआ था और क्यों?
उत्तर :
जंगल में कर्नल कालिंज ने खेमा लगाया हुआ था। ईस्ट इंडिया कंपनी ने उसे वज़ीर अली को पकड़ने का आदेश दिया था। इस आदेश को पूरा करने के लिए ही वह एक लेफ़्टीनेंट और कुछ सिपाहियों के साथ जंगल में खेमा लगाए हुए था। वह काफी समय से जंगलों में भटक रहा है, किंतु वज़ीर अली को पकड़ने में सफल नहीं हो सका।
प्रश्न 2.
शमसुद्दौला कौन था? एकांकी में उसका नाम किस संदर्भ में आया है?
उत्तर :
शमसुद्दौला बंगाल के नवाब का रिश्ते में भाई लगता था। वह अंग्रेजों से बहुत नफ़रत करता था। वह बहुत वीर एवं साहसी व्यक्ति था। उसने अफ़गानिस्तान के शासक शाहे-ज़मा को हिंदुस्तान पर आक्रमण करने का निमंत्रण दिया था। वह किसी भी प्रकार से अंग्रेजी हुकूमत को हिंदुस्तान से बाहर निकालना चाहता था। एकांकी में अफ़गानिस्तान के शासक को वज़ीर अली द्वारा निमंत्रण देने के संदर्भ में शमसुददौला का नाम आया है। कर्नल कालिंज लेफ्टीनेंट को बताता है कि शमसुद्दौला भी अंग्रेजी हुकूमत के लिए बहुत खतरनाक है।
प्रश्न 3.
वज़ीर अली ने कंपनी के वकील का कत्ल क्यों किया? इसके बाद वह कहाँ भाग गया?
उत्तर :
कंपनी के वकील से वज़ीर अली ने शिकायत की थी कि उसे बार-बार कलकत्ता न बुलाया जाए। किंतु वकील ने उसे ही भला-बुरा कहा। इससे क्रोधित होकर वज़ीर अली ने उसका कत्ल कर दिया। उसके बाद वह अपने कुछ साथियों के साथ आजमगढ़ की ओर भाग गया। आजमगढ़ के शासक ने मदद करते हुए उसे आगरा तक पहुँचा । दिया। तभी से वज़ीर अली अपने साथियों के साथ वहीं के जंगलों में ही रहने लगा था।
प्रश्न 4.
वज़ीर अली के चरित्र की किन्हीं तीन चारित्रिक विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
अथवा
वज़ीर अली कौन था? उसके चरित्र की विशेषताएँ क्या हैं?
उत्तर :
वजीर अली की चारित्रिक विशेषताएँ निम्नलिखित हैं –
(i) देशभक्त-वज़ीर अली एक सच्चा देशभक्त है। वह हिंदुस्तान को गुलाम बनाने वाले अंग्रेजों से नफ़रत करता है। वह किसी भी प्रकार से अंग्रेजों को हिंदुस्तान से निकालकर बाहर कर देना चाहता है।
(ii) वीर एवं साहसी-वज़ीर अली अत्यंत वीर एवं साहसी है। दुश्मन भी उसकी वीरता का लोहा मानते हैं। वह सीधे दुश्मन के खेमे में जाकर उसे ललकारने में विश्वास रखता है। वह कर्नल कालिंज के खेमे में जाकर उससे कारतूस लेकर आता है।
(iii) अच्छा शासक-वज़ीर अली एक अच्छा शासक है। उसने केवल पाँच महीने अवध की बागडोर संभाली, किंतु इस दौरान उसने अपनी रियासत को अंग्रेज़ी प्रभाव से लगभग मुक्त करके उसे स्वतंत्र जीवन प्रदान किया।
प्रश्न 5.
‘कारतूस’ एकांकी की भाषा-शैली पर प्रकाश डालिए।
उत्तर :
‘कारतूस’ हबीब तनवीर द्वारा रचित एक श्रेष्ठ एकांकी है। इसकी भाषा उर्दू-फ़ारसी मिश्रित हिंदी है। इसमें तत्सम, तद्भव एवं अंग्रेज़ी भाषाओं के शब्दों का भी समन्वय हुआ है। इसमें संवादात्मक एवं चित्रात्मक शैली है, जो पात्रों के मनोभावों को व्यक्त करने में पूर्णतः सक्षम है। इनकी शैली में नाटकीयता, रोचकता एवं प्रभावोत्कता के गुण विद्यमान हैं। मुहावरों एवं लोकोक्तियों के प्रयोग से सजीवता एवं रोचकता का समावेश हुआ है।
प्रश्न 6.
‘कारतूस’ एकांकी का मूल भाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
हबीब तनवीर द्वारा लिखित एकांकी ‘कारतूस’ में उन्होंने 1799 ई० में घटित ऐतिहासिक घटना को सजीवता प्रदान की है। आरंभ में अंग्रेज़ भारतवर्ष में व्यापारी के रूप में आए, किंतु धीरे-धीरे ईस्ट इंडिया कंपनी ने हिंदुस्तान की रियासतों पर कब्जा जमाना शुरू कर दिया। इसे देखते हुए भारत के देशभक्त अंग्रेज़ों को भारत से खदेड़ने के प्रयास करने लगे। अनेक हिंदुस्तानी नौजवानों ने भारतीय स्वाधीनता संग्राम में अपना योगदान दिया। इस एकांकी में वज़ीर अली नामक पात्र के माध्यम से तत्कालीन हिंदुस्तानी जाँबाजों की वीरता का सुंदर चित्रण किया गया है।
लघु उत्तरीय प्रश्न –
प्रश्न 1.
सआदत अली का चरित्र-चित्रण कीजिए।
अथवा
‘कारतूस’ पाठ में सआदत अली को किस प्रकार का व्यक्ति बताया गया है?
उत्तर :
सआदत अली ऐशो-आराम चाहने वाला व्यक्ति था। वह अंग्रेजी सरकार का पिट्ठू था, इसलिए उसने अंग्रेजी सरकार की अधीनता स्वीकार कर ली। वह एक देशद्रोही था।
प्रश्न 2.
कर्नल लेफ्टीनेंट को वज़ीर अली के बारे में क्या बताता है?
उत्तर :
कर्नल लेफ्टीनेंट को वजीर अली के बारे में बताता है कि वह रॉबिनहुड के समान वीर एवं साहसी है। अंग्रेजों से उसे घृणा है। वह भारत को अंग्रेजों से मुक्त करना चाहता है और अंग्रेजों को भारत से निकालने के लिए निरंतर योजनाएँ बनाता रहता है।
प्रश्न 3.
सआदत अली ने अंग्रेजों की अधीनता स्वीकार करने के साथ उन्हें और क्या दिया?
उत्तर :
सआदत अली ने अंग्रेजों की अधीनता स्वीकार करने के साथ उन्हें अपनी आधी जायदाद तथा दस लाख रुपये दे दिए। सआदत अली का यह काम उसकी चाटुकारिता को दर्शाता है।
प्रश्न 4.
ईस्ट इंडिया कंपनी ने वज़ीर अली के साथ क्या किया?
उत्तर :
ईस्ट इंडिया कंपनी ने वज़ीर अली को अवध के नवाब पद से हटा दिया और उसके स्थान पर सआदत अली को अवध का नवाब बना दिया।
कारतूस Summary in Hindi
लेखक-परिचय :
जीवन-हबीब तनवीर का जन्म सन 1923 में छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले में हुआ था। इन्होंने सन 1944 में नागपुर से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। इनकी नाट्य-क्षेत्र में विशेष रुचि थी। ये नाट्य लेखन का अध्ययन करने ब्रिटेन भी गए। बाद में दिल्ली लौटकर इन्होंने नाट्यमंच की स्थापना की। हबीब तनवीर एक नाटककार, कवि, पत्रकार, नाट्य निर्देशक तथा अभिनेता के रूप में काफ़ी प्रसिद्ध रहे। लोकनाट्य के क्षेत्र में इनका कार्य महत्वपूर्ण एवं प्रशंसनीय रहा है। हबीब तनवीर को अनेक पुरस्कारों, फेलोशिप तथा पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया। रचनाएँ-हबीब तनवीर मुख्य रूप से नाटककार हैं।
इनकी प्रसिद्ध रचनाओं में आगरा बाजार, चरनदास चोर, देख रहे हैं नैन तथा हिरमा की अमर कहानी हैं। इन्होंने कई रचनाओं का हिंदी में अनुवाद भी किया है। इसके साथ-साथ हबीब तनवीर ने बसंत ऋतु का सपना, शाजापुर की शांति बाई, मिट्टी की गाड़ी तथा मुद्राराक्षस जैसे नाटकों का आधुनिक रूपांतर भी किया। भाषा-शैली-हबीब तनवीर की भाषा उर्दू-फ़ारसी मिश्रित हिंदी है। इनकी भाषा में सरलता, सरसता और सहजता सर्वत्र विद्यमान है। चित्रात्मकता, प्रभावोत्यादकता तथा रोचकता इनकी भाषा-शैली के अन्य गुण हैं।
प्रस्तुत एकांकी ‘कारतूस’ में भी इनकी उर्दू फ़ारसी मिश्रित हिंदी के दर्शन होते हैं। कहीं-कहीं तो पूरे वाक्य ही उर्दू-फ़ारसी में आ गए हैं। ऐसे स्थानों पर साधारण पाठक को थोड़ी कठिनाई अवश्य हुई है; जैसे वज़ीर अली का यह कथन-‘दीवार हमगोश दारद तन्हाई। इसके अतिरिक्त एकांकी की भाषा में सामान्य बोलचाल के शब्दों का अधिक प्रयोग हुआ है।
उदाहरणस्वरूप-‘वजीर अली कंपनी के वकील के पास गया जो बनारस में रहता था और उससे शिकायत की कि गवर्नर-जनरल उसे कलकत्ता (कोलकाता) में क्यूँ तलब करता है। वकील ने शिकायत की परवाह नहीं की उल्टा उसे बुरा-भला सुना दिया।’ हबीब तनवीर की शैली संवादात्मक है, जो पात्रों के मनोभावों को व्यक्त करने में पूर्णतः सक्षम है। इनकी शैली में नाटकीयता, चित्रात्मकता तथा स्पष्टता साफ़ दिखाई देती है।
पाठ का सार :
‘कारतूस’ हबीब तनवीर द्वारा रचित एक श्रेष्ठ एकांकी है। इस एकांकी में उन्होंने हिंदुस्तान के सन 1799 के वातावरण को सजीव कर दिया है। ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने उस समय तक हिंदुस्तान पर अपना काफ़ी अधिकार जमा लिया था। इस एकांकी में वज़ीर अली नामक पात्र के माध्यम से लेखक ने तत्कालीन हिंदुस्तानी वीरों की वीरता का सुंदर चित्रण किया है।
एकांकी का आरंभ ईस्ट इंडिया कंपनी की एक बटालियन के कर्नल कालिंज और उसके लेफ्टीनेंट की बातचीत से होता है। कर्नल एक लेफ्टीनेंट और कुछ सिपाहियों के साथ वजीर अली नामक एक वीर हिंदुस्तानी को गिरफ्तार करने के लिए गोरखपुर के जंगल में खेमा लगाए हुए है। कर्नल लेफ्टीनेंट को बताता है कि वज़ीर अली रॉबिनहुड के समान वीर एवं साहसी है।
वह अंग्रेजों से घृणा करता है और उन्हें हिंदुस्तान से बाहर निकालना चाहता है। ईस्ट इंडिया कंपनी वज़ीर अली को अवध के नवाब पद से हटाकर उसके स्थान पर सआदत अली को अवध का नवाब बना देती है। सआदत अली ऐशो-आराम पसंद करने वाला व्यक्ति है। वह अंग्रेज़ी सरकार की अंधीनता स्वीकार कर लेता है और अपनी आधी जायदाद व दस लाख रुपये ब्रिटिश सरकार को दे देता है।
कर्नल लेफ़्टीनेंट को बताता है कि वज़ीर अली बहुत खतरनाक आदमी है। वह अफ़गानिस्तान के शासक से मिलकर अंग्रेज़ी सरकार की जड़ें हिलाना चाहता है। उसने ईस्ट इंडिया कंपनी के वकील को भी मार डाला था। वह बहुत ही निडर और साहसी है। अंग्रेज़ी सरकार उसे गिरफ्तार करना चाहती है, किंतु किसी भी तरह से वह उसे पकड़ नहीं पा रही।
कर्नल बताता है कि वज़ीर अली की योजना हिंदुस्तान पर अफ़गानी हमला करवाकर अंग्रेजों की शक्ति कमज़ोर करना, अपनी सैन्य शक्ति बढ़ाकर अवध का नवाब पद हासिल करना और अंग्रेजों को हिंदुस्तान से बाहर निकालना है। कर्नल कालिंज और लेफ़्टीनेंट इस प्रकार की बातें कर ही रहे थे कि तभी उन्हें दूर से किसी घुड़सवार के आने की आवाज़ सुनाई देती है। कर्नल अपने सिपाहियों को उस सवार पर नज़र रखने का आदेश देता है। थोड़ी ही देर में वह घुड़सवार कर्नल और लेफ्टीनेंट के समीप आकर खड़ा हो जाता है।
घुड़सवार कर्नल कालिंज से मिलने की इच्छा प्रकट करता है। उसे कर्नल तक पहुँचाया जाता है। घुड़सवार कर्नल से कहता है कि वह उससे अकेले में कुछ बात करना चाहता है। कर्नल सिपाही और लेफ़्टीनेंट को बाहर भेज देता है। घुड़सवार कर्नल से पूछता है कि उसने जंगल में खेमा क्यों लगाया हुआ है और वह क्या चाहता है ? कर्नल उसे बताता है कि वह वज़ीर अली को पकड़ना चाहता है। घुड़सवार कर्नल से कुछ कारतूस माँगता है और कहता है कि उसे ये कारतूस वज़ीर अली को पकड़ने के लिए चाहिए।
कर्नल उसे दस कारतूस दे देता है। कर्नल जब उससे उसका नाम पूछता है, तो वह अपना नाम वज्तीर अली बताता है। कर्नल उसका नाम सुनते ही हक्काबक्का रह जाता है। वह उसकी दिलेरी देखकर सन्नाटे में आ जाता है। वज़ीर अली कारतूस लेकर घोड़े पर सवार होकर चला जाता है। उसके जाने के बाद लेप़्टीनेंट अंदर आकर कर्नल से पूछता है कि वह कौन था, तो कर्नल के मुख से यही निकलता है-‘ एक जाँबाज़ सिपाही’।
कठिन शब्दों के अर्थ :
खेमा – डेरा/अस्थायी पड़ाव, अंदरूनी – भीतरी, खतरनाक – भयंकर, अफ़साने (अफ़साना) – कहानियाँ, कारनामे (कारनामा) – ऐसे काम जो याद रहें, खिलाफ़ – विरुद्ध, नफ़रत – घृणा, असर – प्रभाव, हकमत – शासन, तकरीबन – लगभग, कामयाब में, उम्मीद – आशा, पैदाइश – जन्म, तख्त – सिंहासन, मसलेहत – रहस्य, ऐश-पसंद – भोग-विलास पसंद करने वाला, मुसीबत – धन-दौलत, जायदाद, हमला – आक्रमण, जाँबाज – जान की बाजी लगाने वाला, दमखम – शक्ति और दृढ़ता, जाती तौर से – व्यक्तिगत रूप से, सलाना – वार्षिक, वजीफ़ा – परवरिश के लिए दी जाने वाली राशि, मुकर्रर – तय करना,
तलब किया – याद किया, परवाह – चिंता, काम तमाम करना – मार देना, हुकमराँ – शासक, हिफाज़त – सुरक्षा, स्कीम – योजना, मुमकिन – संभव, गर्द – धूल, मसरूफ – व्यस्त, काफ़िला – एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में। जाने वाले यात्रियों का समूह, शुब्हा – संदेह, गुंजाइश – संभावना, करीब – समीप, खामोश – चुप, तन्हाई – एकांत, राजेदिल – दिल की बात, दीवार हमगोश दारद तनहाई – दीवारों के भी कान होते हैं, राज की बात तनहाई में कही जाती है, मकाम – पड़ाव, हुक्म – आदेश, लावलश्कर – सेना का बड़ा समूह और युद्ध-सामग्री, कारतूस = पीतल आदि की एक नली जिसमें बारूद भरा रहता है, हक्का-बक्का रह जाना = हैरान होना