Jharkhand Board JAC Class 10 Hindi Solutions Vyakaran रचना के आधार पर वाक्य-रूपांतरण Questions and Answers, Notes Pdf.
JAC Board Class 10 Hindi Vyakaran रचना के आधार पर वाक्य-रूपांतरण
प्रश्न 1.
वाक्य किसे कहते हैं?
उत्तर :
एक विचार को पूर्णता से प्रकट करने वाले सार्थक शब्द-समूह को वाक्य कहते हैं।
जैसे – अशोक पुस्तक पढ़ता है। राम दिल्ली गया। एक वाक्य में कम-से-कम दो शब्द-कर्ता और क्रिया अवश्य होने चाहिए लेकिन वार्तालाप की स्थिति में कभी एक शब्द भी पूरे वाक्य का काम कर जाता है।
जैसे – आप कहाँ गए थे?
दिल्ली!
बीमार कौन है ?
माता जी।
प्रश्न 2.
रचना के आधार पर वाक्य कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर :
रचना के आधार पर वाक्य तीन प्रकार के सरल वाक्य, संयुक्त वाक्य और मिश्र वाक्य होते हैं।
प्रश्न 3.
सरल वाक्य किसे कहते हैं ?
उत्तर :
सरल वाक्य स्वतंत्र रूप से प्रयुक्त होने वाला उपवाक्य है। इसमें एक उद्देश्य, एक विधेय और एक ही समापिका क्रिया होती है। इसमें कर्ता, कर्म, पूरक, क्रिया और क्रिया-विशेषण में से कुछ घटकों का प्रयोग होता है। जैसे –
- नकुल हँसता है।
- रजत रुचि का छोटा भाई है।
- आप क्या लेंगे?
- बालक खेलता है।
- राधा धीरे-धीरे चल रही है।
- परिश्रम करने वाले विद्यार्थी सदा सफल रहते हैं।
प्रश्न 4.
संयुक्त वाक्य किसे कहते हैं ?
उत्तर :
जिस वाक्य में दो या दो से अधिक उपवाक्य स्वतंत्र रूप में समुच्चय बोधक अथवा योजक द्वारा जुड़े हुए हों, उसे संयुक्त वाक्य कहते हैं। जैसे-अशोक पुस्तक पढ़ता है, परंतु शीला नहीं पढ़ती।
- आशीष पुस्तक पढ़ता है और शीला लेख लिख रही है।
- आप चाय पीएँगे या आप के लिए ठंडा लाऊँ ।
- हम लोग घूमने गए और वहाँ चार दिन रहे।
- चुपचाप बैठो या यहाँ से चले जाओ।
- सत्य बोलो परंतु कटु सत्य मत बोलो।
- मोहन बीमार है अतः आने में असमर्थ है।
प्रश्न 5.
मिश्र वाक्य किसे कहते हैं ?
उत्तर :
जिस वाक्य में एक प्रधान उपवाक्य हो और एक या अधिक आश्रित उपवाक्य हों, उसे मिश्र वाक्य कहा जाता है। मिश्र वाक्य में उपवाक्य परस्पर व्याधिकरण योजकों जैसे कि, यदि, अगर, तो, तथापि, यद्यपि, इसलिए आदि से जुड़े होते हैं। जैसे-खाने-पीने का मतलब है कि मनुष्य स्वस्थ बने।
खाने-पीने का मतलब है-स्वतंत्र या प्रधान उपवाक्य।
कि-समुच्चयबोधक या योजक।
मनुष्य स्वस्थ बने-आश्रित उपवाक्य।
जब बाघ और शिकारी घात लगाकर निकलते हैं तब उनकी शक्ल देखने लायक होती है।
जो अपने वचन का पालन नहीं करता, वह विश्वास खो बैठता है।
रुचि ने कहा कि वह चंडीगढ़ जा रही है।
जहाँ-जहाँ हम गए, हमारा सत्कार हुआ।
मैं आपके पास आ रहा हूँ, जिससे कुछ योजना बन सके।
मिश्र वाक्य में आने वाले आश्रित वाक्य तीन प्रकार के होते हैं –
संज्ञा उपवाक्य – मुख्य अथवा प्रधान उपवाक्य की किसी संज्ञा या संज्ञा पदबंध के बदले आने वाला उपवाक्य संज्ञा उपवाक्य कहलाता है। जैसे-राकेश बोला कि मैं लखनऊ जा रहा हूँ। यहाँ ‘मैं लखनऊ जा रहा हूँ’ उपवाक्य, प्रधान वाक्य ‘राकेश बोला’ क्रिया के कर्म के रूप में प्रयुक्त हुआ है। अतः यह संज्ञा उपवाक्य है।
मेरे जीवन का मूल उद्देश्य है कि मैं विद्या प्राप्त करूँ।
संज्ञा वाक्य के आरंभ में ‘कि’ योजक का प्रयोग होता है।
विशेषण उपवाक्य – मुख्य या प्रधान उपवाक्य के किसी संज्ञा या सर्वनाम शब्द की विशेषता बताने वाला उपवाक्य विशेषण उपवाक्य कहलाता है।
मैंने एक भिखारी देखा जो बहुत भूखा-प्यासा था।
जो व्यक्ति सच्चरित्र होता है, उसे सभी चाहते हैं।
क्रिया – विशेषण उपवाक्य – मुख्य अथवा प्रधान उपवाक्य की क्रिया के संबंध में किसी प्रकार की सूचना देने वाला उपवाक्य क्रिया-विशेषण उपवाक्य कहा जाता है। क्रिया-विशेषण उपवाक्य पाँच प्रकार के होते हैं –
(i) कालवाची उपवाक्य –
ज्योंही मैं स्टेशन पहुंचा, त्योंही गाड़ी ने सीटी बजाई।
जब पानी बरस रहा था, तब मैं घर के भीतर था।
(ii) स्थानवाची उपवाक्य –
जहाँ तुम पढ़ते थे वहीं मैं पढ़ता था।
जिधर तुम जा रहे हो, उधर आगे रास्ता बंद है।
(iii) रीतिवाची उपवाक्य –
मैंने वैसे ही किया है जैसे आपने बताया था।
वह उसी प्रकार खेलता है जैसा उसके कोच सिखाते हैं।
(iv) परिमाणवाची उपवाक्य –
जैसे-जैसे आमदनी बढ़ती जाती है, वैसे-वैसे महँगाई बढ़ती जाती है।
तुम जितना पढ़ोगे उतना ही तुम्हारा लाभ होगा।
(v) परिमाणवाची (कार्य-कारिणी) उपवाक्य –
वह जाएगा ज़रूर क्योंकि उसका साक्षात्कार है।
प्रश्न 6.
कोष्ठक में दिए गए निर्देशों के अनुसार वाक्यों में उचित परिवर्तन कीजिए –
(क) रमा को पुस्तक खरीदनी थी, इसलिए बाज़ार गई। (सरल वाक्य)
(ख) कल फूलपुर में मेला है और हम वहाँ जाएँगे। (सरल वाक्य)
(ग) झाड़ियों के पीछे छिपकर बैठी बिल्ली कुत्ते के जाने की प्रतीक्षा करने लगी। (संयुक्त वाक्य)
(घ) आओ अंदर बैठकर देर तक बातें करें। (संयुक्त वाक्य)
(ङ) सुबह पहली बस पकड़ो और शाम तक लौट आओ। (सरल वाक्य)
(च) मैंने उस व्यक्ति को देखा जो पीड़ा से कराह रहा था। (सरल वाक्य)
(छ) उसने नौकरी के लिए प्रार्थना-पत्र लिखा। (मिश्र वाक्य)
(ज) दिन-रात मेहनत करने वालों को सोच-समझकर खर्च करना चाहिए। (मिश्र वाक्य)
(झ) मैंने उस बच्चे को देखा जो स्कूटर चला रहा था। (सरल वाक्य)
(ब) वहाँ एक गाँव था। वह गाँव बहुत बड़ा था। वह गाँव चारों ओर जंगल से घिरा था। उस गाँव में आदिवासियों के परिवार रहते थे। (सरल वाक्य)
(ट) मज़दूर खूब मेहनत करता है परंतु उसे उसका लाभ नहीं मिलता। (सरल वाक्य)
(ठ) मैंने एक दुबले-पतले व्यक्ति को भीख माँगते देखा। (मिश्र वाक्य)
(ड) जो व्यक्ति परिश्रम करते हैं, उन्हें अधिक समय तक निराश नहीं होना पड़ता। (सरल वाक्य)
(ढ) मेरा विचार है कि आज घूमने चलें। (सरल वाक्य)
(ण) मैंने उसे पढ़ाकर नौकरी दिलाई। (संयुक्त वाक्य)
(त) वह फल खरीदने के लिए बाजार गया। (मिश्र वाक्य)
(थ) तुम बस रुकने के स्थान पर चले जाओ। (मिश्र वाक्य)
(द) शशि गा रही है और नाच रही है। (सरल वाक्य)
(ध) अध्यापक अपने शिष्यों को अच्छा बनाना चाहता है। (मिश्र वाक्य)
(न) बालिकाएँ गा रही हैं और नाच रही हैं। (सरल वाक्य)
उत्तर :
(क) रमा पुस्तकें खरीदने के लिए बाज़ार गई।
(ख) कल हम फूलपुर के मेले में जाएँगे।
(ग) बिल्ली झाड़ियों के पीछे छिपकर बैठ गई और कुत्ते के जाने की प्रतीक्षा करने लगी।
(घ) आओ अंदर बैठे और देर तक बातें करें।
(ङ) सुबह पहली बस पकड़कर शाम तक लौट आओ।
(च) मैंने पीड़ा से कराहते उस व्यक्ति को देखा।
(छ) उसने प्रार्थना-पत्र लिखा जो नौकरी के लिए था।
(ज) जो दिन-रात मेहनत करते हैं, उन्हें सोच-समझकर खर्च करना चाहिए।
(झ) मैंने स्कूटर चला रहे बच्चे को देखा।
(अ) चारों ओर जंगल से घिरे उस बहुत बड़े गाँव में आदिवासियों के परिवार रहते थे।
(ट) मजदूर को खूब मेहनत करने पर भी उसका लाभ नहीं मिलता।
(ठ) मैंने एक व्यक्ति को भीख माँगते देखा जो दुबला-पतला था।
(ड) परिश्रमी व्यक्तियों को अधिक समय तक निराश नहीं होना पड़ता।
या
परिश्रम करने वाले व्यक्तियों को अधिक समय तक निराश नहीं होना पड़ता।
(ढ) मेरे विचार में आज घूमने चलें; या मेरा विचार घूमने के लिए चलने का है।
(ण) मैंने उसे पढ़ाया और नौकरी दिलवाई।
(त) वह बाजार गया क्योंकि उसे फल खरीदने थे।
(थ) तुम उस स्थान पर चले जाओ जहाँ बस रुकती है।
(द) शशि नाच-गा रही है।
(ध) अध्यापक चाहते हैं कि उसके शिष्य अच्छे बनें।
(न) बालिकाएँ नाच-गा रही हैं।
प्रश्न 7.
वाक्य रूपांतरण किसे कहते हैं ?
उत्तर :
सरल वाक्य को संयुक्त एवं मिश्र बनाना, संयुक्त को सरल एवं मिश्र बनाना रूपांतरण कहलाता है। जैसे –
(i) सरल से मिश्र और संयुक्त वाक्य बनाना –
सरल – बारिश में बच्चे भीग रहे हैं। मिश्र-क्योंकि बारिश हो रही है, इसलिए बच्चे उसमें भीग रहे हैं।
संयुक्त – बारिश हो रही है और बच्चे उसमें भीग रहे हैं।
(ii) मिश्र से सरल वाक्य बनाना –
मिश्र – जब तक मोहन घर पहुँचा तब तक उसके पिता चल चुके थे।
सरल – मोहन के घर पहुँचने से पूर्व उसके पिता चल चुके थे।
(ii) मिश्र से सरल और संयुक्त वाक्य बनाना
मिश्र – मैंने एक आदमी देखा जो बहुत बीमार था।
सरल – मैंने एक बहुत बीमार आदमी देखा।
संयुक्त – मैंने एक आदमी देखा और वह बहुत बीमार था।
(iv) संयुक्त से सरल और मिश्र वाक्य बनाना
संयुक्त – मोहन बहुत खिलाड़ी है लेकिन फेल कभी नहीं होता।
सरल – मोहन बहुत खिलाड़ी होने पर भी फेल कभी नहीं होता।
मिश्र – यद्यपि मोहन बहुत खिलाड़ी है तथापि फेल कभी नहीं होता।
(v) सरल वाक्यों से एक मिश्र वाक्य बनाना –
सरल – पुस्तक में एक कठिन प्रश्न था। कक्षा में उस प्रश्न को कोई भी हल नहीं कर सका। मैंने उस प्रश्न को हल कर दिया।
मिश्र – पुस्तक के जिस कठिन प्रश्न को कक्षा में कोई भी हल नहीं कर सका मैंने उसे हल कर दिया है।
(vi) सरल वाक्यों से संयुक्त और मिश्र वाक्य बनाना –
सरल वाक्य – इस वर्ष हमारे विद्यालय में बहुत-से वक्ता पधारे। कुछ वक्ता धर्म पर बोले। कुछ वक्ता साहित्य पर बोले। कुछ वक्ता वैज्ञानिक विषयों पर बोले।
संयुक्त वाक्य में रूपांतरण – इस वर्ष हमारे विद्यालय में पधारने वाले बहुत-से वक्ताओं में से कुछ धर्म पर, कुछ साहित्य पर और कुछ वैज्ञानिक विषयों पर बोले।
मिश्र वाक्य में रूपांतरण – इस वर्ष हमारे विद्यालय में जो बहुत-से वक्ता पधारे उनमें से कुछ धर्म पर, कुछ साहित्य पर और कुछ वैज्ञानिक विषयों पर बोले।
(vii) वाच्य की दृष्टि से रूपांतरण-राम नहीं खाता। = राम से नहीं खाया जाता।
(viii) सकर्मक से अकर्मक में रूपांतरण-मोहन पेड़ काट रहा है। = मोहन से पेड़ कट रहा है।
प्रश्न 8.
कोष्ठक में दिए गए निर्देशानुसार बदलिए –
1. बालिकाएँ नाच रही हैं और गा रही हैं। (सरल वाक्य में)
2. अध्यापक अपने शिष्यों को अच्छा बनाना चाहता है। (मिश्र वाक्य में)
3. मैंने एक बहुत मोटा व्यक्ति देखा। (मिश्र वाक्य में)
4. मैं बाज़ार जाऊँगा और कपड़े खरीदूंगा। (सरल वाक्य में)
5. आप खूब परिश्रम करते हैं और अच्छे अंक प्राप्त करते हैं। (सरल वाक्य में)
6. मेरा निर्णय आज मौन रहने का है। (मिश्र वाक्य में)
7. शाहनी ने दुपट्टे से सिर ढका। हवेली को अंतिम बार देखा। (सरल वाक्य में)
8. शाहनी ने हिचकियों को रोका और रूंधे गले से कहा। (सरल वाक्य में)
9. चातक थोड़ी देर चुप रहकर बोला। (संयुक्त वाक्य में)
10. मैंने गौरा को देखा और उसे पालने का निश्चय किया। (सरल वाक्य में)
11. मैंने एक व्यक्ति देखा। वह बहुत ग़रीब था। (मिश्र वाक्य में)
12. बच्चा भूखा था। वह रोने लगा। माँ ने उसे गोद में ले लिया। (मिश्र वाक्य में)
13. मोहन कल यहाँ आया। उसने राम से बात की। वह चला गया। (संयुक्त वाक्य में)
14. मैंने एक व्यक्ति देखा। वह बहुत दुबला-पतला था। (मिश्र वाक्य में)
15. सड़क पार करता हुआ एक व्यक्ति बस से टकराकर मर गया। (मिश्र वाक्य में)
16. यही वह बच्चा है, जिसे बैल ने मारा था। (सरल वाक्य में)
17. रमेश जा रहा था। लता हँस रही थी। (मिश्र वाक्य में)
उत्तर :
1. बालिकाएँ नाच और गा रही हैं।
2. अध्यापक चाहता है कि उसके शिष्य अच्छे बनें।
3. मैंने एक व्यक्ति देखा, जो बहुत मोटा था।
4. मैं बाज़ार जाकर कपड़े खरीदूंगा।
5. आप खूब परिश्रम कर अच्छे अंक प्राप्त करते हैं।
6. मेरा निर्णय है कि मैं आज मौन रहूँ।
7. शाहनी ने दुपट्टे से सिर ढककर हवेली को अंतिम बार देखा।
8. शाहनी ने हिचकियों को रोक कर रुंधे गले से कहा।
9. चातक थोड़ी देर चुप रहा और बोला।
10. मैंने गौरा को देखकर, उसे पालने का निश्चय कर लिया।
11. मैंने एक व्यक्ति देखा, जो बहुत ग़रीब था।
12. क्योंकि बच्चा भूख से रो रहा था, इसलिए माँ ने उसे गोद में ले लिया।
13. मोहन ने कल यहाँ आकर राम से बात की और चला गया।
14. मैंने एक व्यक्ति देखा, जो बहुत दुबला-पतला था।
15. जो व्यक्ति सड़क पार कर रहा था, वह बस से टकराकर मर गया।
16. इस बच्चे को बैल ने मारा था।
17. रमेश गा रहा था तो लता हँस रही थी।
प्रश्न 9.
नीचे लिखे वाक्यों का निर्देशानुसार रूपांतरण कीजिए –
- जापान में चाय पीने की एक विधि है जिसे ‘चा-नो-यू’ कहते हैं। (सरल वाक्य में)
- तताँरा को देखते ही वामीरो फूट-फूट कर रोने लगी। (मिश्र वाक्य में)
- तताँरा की व्याकुल आँखें वामीरो को ढूँढ़ने में व्यस्त थीं। (संयुक्त वाक्य में)
उत्तर :
- जापान में चाय पीने की एक विधि को ‘चा-नो-यू’ कहते हैं।
- जैसे ही वामीरो ने तताँरा को देखा वैसे ही वह फूट-फूट कर रोने लगी।
- तताँरा की आँखें व्याकुल थीं और वे वामीरो को ढूंढने में व्यस्त थीं।