JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 15 हमारा पर्यावरण

Jharkhand Board JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 15 हमारा पर्यावरण Important Questions and Answers.

JAC Board Class 10 Science Important Questions Chapter 15 हमारा पर्यावरण

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
जैवमण्डल किसे कहते हैं?
उत्तर:
संसार के समस्त बायोमों को एक साथ मिलाकर एक और भी बड़ी इकाई का निर्माण होता है जो एक विशाल स्वयं पोषी जैव तन्त्र है, इसे ही जैवमण्डल कहते हैं?

प्रश्न 2.
पारिस्थितिक तंत्र से क्या समझते हो?
उत्तर:
जीवमण्डल के जैविक एवं अजैविक घटकों में परस्पर निर्भरता जिसमें ये दोनों ही एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं तथा एक-दूसरे पर निर्भर रहते हैं। पारिस्थितिक तंत्र कहलाता है।

प्रश्न 3.
पारिस्थितिक तंत्र के घटकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
पारिस्थितिक तंत्र के मुख्यतः दो घटक होते हैं-

  • जैव घटक
  • अजैव घटक।

प्रश्न 4.
बायोम से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
किसी भी भौगोलिक क्षेत्र में समस्त पारिस्थितिक तंत्र एक साथ मिलकर एक और भी बड़ी इकाई का निर्माण करते हैं जिसको बायोम कहते हैं। उदाहरण के लिए मरुस्थली बायोम में कोई तालाब, झील, मैदान या वन भी दृष्टिगोचर हो सकते हैं। ‘सकते हैं।

प्रश्न 5.
उत्पादक से क्या समझते हो?
उत्तर:
उत्पादक के अन्तर्गत हरे पौधे आते हैं जो साधारण अकार्बनिक पदार्थों से सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति प्रकाश संश्लेषण क्रिया द्वारा जटिल पदार्थों का निर्माण करते हैं। ये मूल उत्पादक भी कहलाते हैं।

JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 15 हमारा पर्यावरण

प्रश्न 6.
नाइट्रोजन चक्र में भाग लेने वाले दो जीवाणुओं के नाम बताइये।
उत्तर:
नाइट्रोजन चक्र में भाग लेने वाले जीवाणु हैं-

  • राइजोबियम (नाइट्रोजन स्थरीकरण में)
  • नाइट्रोसोमोनास (अमोनीकरण में)।

प्रश्न 7.
जलीय चक्र किसे कहते हैं?
उत्तर:
सूर्य की गर्मी के कारण जलाशयों तथा जैव जीवों के शरीर की सतह से जल का लगातार वाष्पन, पौधों में वाष्पोत्सर्जन द्वारा वायु में जल वाष्प के रूप में उपस्थित रहना तथा इस जल वाष्प संघनन से पुनः जल वर्षा अथवा हिम के रूप में पृथ्वी पर वापस आ जाना, जल चक्र कहलाता है। अर्थात् जल का पर्यावरण में परिवहित होते रहना ही जलचक्र कहलाता है।

प्रश्न 8.
पौधे के किस भाग में सौर ऊर्जा अवशोषित करने की क्षमता होती है?
उत्तर:
पौधों की पत्तियों में सौर ऊर्जा अवशोषित करने की क्षमता होती है।

प्रश्न 9.
जीवमण्डल के अजैविक घटकों के नाम लिखिए।
अथवा
पर्यावरण के अजैविक घटकों को सूचीबद्ध कीजिए।
उत्तर:
जीवमण्डल के अजैविक घटक हैं- वायु, जल, मृदा तथा खनिज प्रकाश, ताप, नमी तथा वायु जैसे घटक जलवायु का निर्धारण करते हैं। स्थलमण्डल, जलमण्डल तथा वायुमण्डल भी इसके घटक हैं।

प्रश्न 10.
घास, मेढक, पक्षी तथा कीट पर आधारित खाद्य श्रृंखला को सही रूप में लिखिए।
उत्तर:
खाद्य शृंखला का सही रूप होगा-
घास → कीट → मेढक → पक्षी।

प्रश्न 11.
N2 चक्र में अमोनिया को नाइट्रेट में परिवर्तित करने वाले जीवाणु का नाम लिखिए।
उत्तर:
N2 चक्र में अमोनिया को नाइट्रेट में परिवर्तित करने वाले जीवाणु का नाम है- नाइट्रोसोमोनास।

प्रश्न 12.
नील हरित शैवालों की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
नील हरित शैवालों की विशेषताएँ निम्न हैं-

  • ये नाइट्रोजन स्थरीकरण मं भाग लेते हैं।
  • यह धान के खेतों तथा फलीदार पौधों की जड़ों की गाँठों में पाये जाते हैं।

प्रश्न 13.
खाद्य (आहार) श्रृंखला किसे कहते हैं? एक सरल आहार श्रृंखला का उदाहरण लिखिए।
उत्तर:
खाद्य श्रृंखला – जीवों की वह क्रमबद्ध श्रृंखला जो भोजन के आधार पर एक-दूसरे से सम्बन्धित रहती है, श्रृंखला कहलाती है। एक सरल खाद्य श्रृंखला नीचे दर्शायी गई है-
घास → हिरण → शेर

प्रश्न 14.
ऊर्जा के सन्दर्भ में कौन-सी आहार श्रृंखला लाभप्रद है?
उत्तर:
ऊर्जा के सन्दर्भ में कम से कम स्तर वाली आहार श्रृंखला अधिक लाभप्रद है।

प्रश्न 15.
ऊर्जा प्रवाह से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
किसी पारिस्थितिक तन्त्र ऊर्जा स्त्रोत से ग्रहण गई ऊर्जा का उत्पादकों से विभिन्न उपभोक्ताओं की तरफ क्रमशः स्थानान्तरित होने की क्रमबद्ध प्रणाली ही ऊर्जा प्रवाह है।

प्रश्न 16.
पारिस्थितिक तंत्र के जैव घटकों को सूचीबद्ध कीजिए।
उत्तर:
पारिस्थितिक तन्त्र के जैव घटक हैं-

  • उत्पादक – हरे पांधे
  • उपभोक्ता–समस्त जन्तु
  • अपघटक – सूक्ष्मजीव

JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 15 हमारा पर्यावरण

प्रश्न 17.
पृथ्वी पर जैव जीवों को पोषण करने वाले भागों के नाम लिखिए।
उत्तर:
पृथ्वी पर जैव जीवों को पोषण करने वाले भाग हैं-

  • स्थलमण्डल
  • जलमण्डल
  • वायुमण्डल।

प्रश्न 18.
उपभोक्ता से क्या अर्थ है?
उत्तर:
उपभोक्ता का अर्थ उन जीवों से है जो खाद्य पदार्थ का उपभोग करते हैं। समस्त जन्तु उपभोक्ता होते हैं।

प्रश्न 19.
उत्पादक किसे कहते हैं?
उत्तर:
वे जीव जो अपना भोजन स्वयं बनाते हैं, उत्पादक कहलाते हैं। हरे पौधे प्रकाश संश्लेषण क्रिया द्वारा अपना भोजन स्वयं बनाते हैं अतः हरे पौधे उत्पादक होते हैं।

प्रश्न 20.
खाद्य जाल क्या है?
उत्तर:
जीवनण्डल में प्रतिपादित होने वाली आहार श्रृंखलाएँ आपस में अनेक प्रकार से जैसे आड़े-तिरछे जुड़कर एक जाल – सा बनाती है। खाद्य श्रृंखलाओं के इस जाल खाद्य जाल कहते हैं।

प्रश्न 21.
पारिस्थितिक पिरामिड किसे कहते हैं?
उत्तर:
आहार श्रृंखला की ऊर्जागतिकी को समझाने हेतु ऊर्जा स्थानान्तरण का पिरामिड के रूप में ग्राफीय निरूपण किया जा सकता है। इसे ही पारिस्थितिक पिरामिड कहते हैं।

प्रश्न 22.
नाइट्रोजन स्थिरीकरण का क्या अर्थ है?
उत्तर:
वायुमण्डल के स्वतन्त्र नाइट्रोजन को नाइट्रोजन के सरल घुलनशील लवणों में बदलने की प्रक्रिया नाइट्रोजन स्थिरीकरण कहलाती है।

प्रश्न 23.
नाइट्रोजन स्थिरीकरण में भाग लेने वाले जीवाणुओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
नाइट्रोजन स्थिरीकरण में भाग लेने वाले जीवाणु हैं-

  • राइजोबियम
  • नील हरित शैवाल।

प्रश्न 24.
जनसंख्या किसे कहते हैं?
उत्तर:
किसी भी प्रजाति के एक ही स्थान पर पाए जाने वाले जीवों क की कुल संख्या को जनसंख्या कहते हैं।
उदाहरण – एक ही तालाब में पाये जाने वाले मेढकों की कुल संख्या इस तालाब में मेढकों की जनसंख्या है।

प्रश्न 25.
कोई चार पारिस्थितिक तंत्र का नाम लिखिए।
उत्तर:
चार पारिस्थितिक तंत्र हैं-

  • तालाब
  • झील
  • प्राकृतिक जंगल
  • खेत।

प्रश्न 26.
अपघटक क्या हैं? दो उदाहरण लिखिए।
उत्तर:
वे सूक्ष्मजीव जो मृत जीवों के जीवद्रव्यों को अपघटित कर अपना भोजन प्राप्त करते हैं, वे अपघटक कहलाते हैं। उदाहरण-बैक्टीरिया, कवक आदि।

प्रश्न 27.
पोषण स्तर से क्या समझते हैं?
उत्तर:
आहार श्रृंखला के विभिन्न स्तरों पर भोजन (ऊर्जा) का स्थानान्तरण एक निश्चित दिशा में होता है। इनमें से प्रत्येक स्तर पोषण स्तर कहलाता है।

प्रश्न 28.
नीचे दी गई आहार श्रृंखला में यदि मेढक को हटा दें तो पोषण स्तर पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
घास → टिड्डा → मेढक → साँप → मोर
उत्तर:
दी गई आहार श्रृंखला से मेढक हटाने पर निम्नलिखित प्रभाव हो सकते हैं-

टिड्डों की संख्या में वृद्धि हो जायेगी।
घास में कमी हो जायेगी।”
टिड्रों का जीवित रहना सम्भव हो पायेगा।
साँप तथा मोर अपने भोजन के कारण अपना स्थान बदल सकते हैं।

प्रश्न 29.
जैवमण्डल में उत्पादक के दो कार्य लिखिए।
उत्तर:
जैवमण्डल में उत्पादक के कार्य-

  • ये प्रकाश संश्लेषण क्रिया द्वारा उपयोगी ऑक्सीजन गैसें मुक्त करते हैं।
  • ये उपभोक्ता वर्ग के जीवों के लिए भोज्य पदार्थों का निर्माण करते हैं।

प्रश्न 30.
नाइट्रीकरण किसे कहते हैं?
उत्तर:
वह प्रक्रिया जिसमें अमोनिया (NH3) को नाइट्राइट (NO2) तथा नाइट्रेट (NO3) में परिवर्तित किया जाता है, नाइट्रीकरण कहलाती है।

प्रश्न 31.
विनाइट्रीकरण किसे कहते हैं?
उत्तर:
वह प्रक्रिया जिसके द्वारा मृदा में उपस्थित नाइट्रेट (NO3) लवणों को मुक्त कर नाइट्रोजन गैस (N2) में परिवर्तित किया जाता है, विनाइट्रीकरण कहलाती है।

प्रश्न 32.
अमोनीकरण किसे कहते हैं?
उत्तर:
जब जन्तु और पौधे मर जाते हैं तो उनके मृत शरीर में उपस्थित जन्तु प्रोटीनों एवं पादप प्रोटीनों को अपघटक जीवाणु अपघटित करके अमोनिया में बदल देते हैं जो अन्त में मृदा मिल जाती हैं। यह अमोनीकरण कहलाती है।

प्रश्न 33.
विनाइट्रीकरण करने वाले जीवाणु का नाम लिखिए।
उत्तर:
सूडोमोनास।

JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 15 हमारा पर्यावरण

प्रश्न 34.
अमोनीकरण में भाग लेने वाले जीवाणु का नाम लिखिए।
उत्तर:
नाइट्रोसोमोनास।

प्रश्न 35.
जल चक्र में जीवों की क्या भूमिका है?
उत्तर:
जन्तुओं के शरीर से तथा पौधों से वाष्पोत्सर्जन की क्रिया द्वारा जल वाष्प वायुमण्डल में पहुँच जाता है जो वर्षा के रूप में पृथ्वी पर वापस आता है जिसे जीव-जन्तु तथा पौधे पुनः प्राप्त करते हैं। इस प्रकार जीवों द्वारा प्रकृति में जलचक्र सम्पन्न किया जाता है।

प्रश्न 36.
जीवाणु एवं कवक अपघटक की तरह कैसे कार्य करते हैं?
उत्तर:
जीवाणु एवं कवक मृत पौधों एवं जन्तु शरीरों को अमोनिया एवं अन्य सरल यौगिकों में अपघटित कर देते नाइट्रीकरण जीवाणु द्वारा अमोनिया नाइट्रेट में बदल दी जाती है। नाइट्रेट उर्वरक की तरह कार्य करते हैं और पौधों द्वारा अवशोषित कर लिये जाते हैं। इस प्रकार जीवाणु एवं कवक अपघटक रूप में कार्य करते हैं।

प्रश्न 37.
संघटन में जीवमण्डल को उच्चस्तरीय क्यों माना जाता है?
उत्तर:
जीवमण्डल की अपनी एक विशिष्ट संरचना होती है जो जैव एवं अजैव घटकों से बनी है। प्रत्येक घटक का एक विशिष्ट कार्य है। समस्त कार्यों का कुल योग जीवमण्डल को कार्यात्मक स्थिरता प्रदान करता है। यही कारण है कि जीवमण्डल को उच्चस्तरीय माना जाता है।

प्रश्न 38.
लेग्यूमिनस पौधों के नाम लिखिए।
उत्तर:
चना, मटर, अरहर आदि लेग्यूमिनस पौधों के उदाहरण हैं।

प्रश्न 39.
जीवोम (बायोम) किसे कहते हैं? इसका एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
किसी भौगोलिक क्षेत्र के समस्त पारितन्त्रों के सामूहिक रूप को जीवोम कहते हैं। यह एक बड़ा भूमि क्षेत्र होता है जिसमें लगभग एक ही प्रकार के जन्तु और पौधे पाये जाते हैं और जिनमें सभी जगह भौतिक वातावरण भी एक समान ही होता है। उदाहरण के लिए किसी एक जीवोम में कई तालाब, झील, घास का मैदान या वन भी दृष्टिगोचर हो सकते हैं।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पोषण स्तर क्या है? विभिन्न पोषण स्तर वाली कोई आहार श्रृंखला को समझाइए।
उत्तर:
आहार श्रृंखला में उत्पादक तथा उपभोक्ता का स्थान ग्रहण करने वाले जीव पारिस्थितिक तंत्र या जीवमण्डल द्वारा भी खाया जा को कोई निश्चित संरचना प्रदान करते हैं। इनको पोषण स्तर कहते हैं। कोई एक जीव एक से अधिक आहार शृंखलाओं में स्थान ग्रहण कर सकता है। उदाहण के लिए हिरण, सियार द्वारा खाया जा सकता है और सकता है।

चित्र में 4 पोषण आहार श्रृंखला दर्शायी गई हैं। ये आहार श्रृंखला न केवल जीवमण्डल में जैव घटकों संरचना प्रदर्शित करती हैं बल्कि दो महत्त्वपूर्ण प्रकार्यों भी प्रदर्शित करती हैं। ये प्रकार्य हैं, ऊर्जा एवं पदार्थों का की को स्थानान्तरण।। यही दो मूल कार्य जीवमण्डल को गतिशीलता प्रदान करते हैं।
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 15 हमारा पर्यावरण 1

प्रश्न 2.
जीवमण्डल के जैव घटक कौन-कौन से हैं? इनका पोषण पद्धति के आधार पर वर्गीकरण कीजिए।
उत्तर:
जीवमण्डल के जैव घटक पौधे एवं जन्तु हैं। इन जीवों को इनकी पोषण पद्धति के आधार पर उत्पादक, उपभोक्ता तथा अपघटक के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है।

उत्पादक – उत्पादक वे जीव होते हैं जो साधारण अकार्बनिक पदार्थों से सूर्य की उपस्थिति में प्रकाश संश्लेषण क्रिया द्वारा जटिल पदार्थों (कार्बोहाइट्रेट) का निर्माण करते हैं। इसके अन्तर्गत समस्त हरे पौधे आते हैं।

उपभोक्ता – ये वे जीव होते हैं जो वनस्पति या उनके द्वारा एकत्रित भोज्य पदार्थों का उपयोग करते हैं। इस वर्ग के जीव अपना भोजन स्वयं नहीं बनाते बल्कि दूसरे जीवों पर निर्भर रहते हैं। उपभोक्ता मुख्यत: तीन प्रकार के हो सकते हैं-

  • शाकाहारी
  • मांसाहारी
  • सर्वभक्षी।

अपघटक – ये सूक्ष्मजीव होते जिनके अन्तर्गत जीवाणु, कवक तथा फंगस आते हैं। ये जीव अपना भोजन मृत पौधों एवं जन्तुओं के शरीर का अपघटन करके बनाते हैं। ये पर्यावरण में पदार्थों के चक्रण में प्रमुख भूमिका निभाते हैं।

प्रश्न 3.
पारिस्थितिक पिरामिड किसे कहते हैं? पिरामिड को उदाहरण सहित समझाइये।
उत्तर:
पारिस्थितिक पिरामिड-किसी पारिस्थितिक तंत्र में एक खाद्य शृंखला के विभिन्न पोषी स्तरों की संख्या, जीव भार तथा संचित ऊर्जा का आलेखी निरूपण पारिस्थितिक पिरामिड कहलाता है।

जीवसंख्या का पिरामिड-किसी पारितन्त्र के उत्पादकों की संख्या शाकाहारियों की संख्या से अधिक होती है तथा शाकाहारियों की संख्या मांसाहारियों से अधिक होती है। प्रत्येक आधार पर जीवों की संख्या बहुत अधिक होती है। परन्तु जैसे हम शीर्ष की ओर बढ़ते हैं, उनकी संख्या कम होती जाती है। इसे जीवसंख्या का पिरामिड कहते हैं।
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 15 हमारा पर्यावरण 2
उदाहरण – नीचे संख्या को आधार मानकर एक जीवसंख्या का पिरामिड दिखाया गया है जिसे उत्पादकों (घास) की संख्या सबसे ज्यादा तथा उसके बाद प्रथम श्रेणी के उपभोक्ता शाकाहारी (चूहे) की संख्या कम, उसके बाद द्वितीय श्रेणी के उपभोक्ता मांसाहारी (साँप ) व तृतीय श्रेणी के उपभोक्ता सर्वोच्च मांसाहारी (बाज ) की संख्या क्रमशः कम होती जाती है।

प्रश्न 4.
क्या आहार श्रृंखला में छह से अधिक स्तर हो सकते हैं? यदि नहीं तो क्यों?
उत्तर:
आहार श्रृंखला में छह से अधिक स्तर नहीं हो सकते हैं।

कारण – ऊर्जा स्थानान्तरण 10% नियम के अनुसार किसी आहार श्रृंखला में प्रत्येक स्तर पर ऊर्जा स्थानान्तरण के समय ऊर्जा का 90% भाग वातावरण में चला जाता है। और केवल 10% भाग ही अगले स्तर में जा पाता है। इस प्रकार छठवें स्तर पर पहुँचने पर ऊर्जा की मात्रा इतनी कम रह जाती है कि यदि आहार श्रृंखला में एक और स्तर बढ़ा दिया जाये तो अन्तिम उपभोक्ता को बहुत कम ऊर्जा प्राप्त होगी, जो उसे जीवित रहने के लिए पर्याप्त नहीं होगी।

प्रश्न 5.
पदार्थों के चक्रण में अपघटकों की भूमिका संक्षेप में समझाइये।
अथवा
जीवमण्डल के अपघटकों के महत्त्व लिखिए।
उत्तर:
अपघटक, जीवाणु, कवक तथा फंगस आदि सूक्ष्मजीवी होते हैं जो जीवमण्डल में मृत पेड़-पौधों (उत्पादकों) एवं मृत जन्तुओं (उपभोक्ताओं) का अपघटन करते हैं। ये उन जीवों में उपस्थित जटिल कार्बनिक पदार्थों को सरल अकार्बनिक पदार्थों में बदल देते हैं जिनका उपयोग पुन: उत्पादकों द्वारा कर लिया जाता है।

इस प्रकार तत्त्व पुनः परिवहन में आ जाते हैं, किन्तु अपघटक की अनुपस्थिति में उत्पादक द्वारा भोजन के रूप में ग्रहण किये गये तत्त्व (मुख्यत: C, N, O, S व P) पुनः जीवमण्डल में परिवहन में नहीं आ सकते हैं। फलस्वरूप पोषण भण्डार खाली रह जायेगा। एक बार अवशोषित किये जाने के बाद पदार्थ पुनः उपयोग करने योग्य रूप में उपलब्ध नहीं हो सकेगा और पारिस्थितिक तन्त्र में असन्तुलन की स्थिति हो सकती है।

प्रश्न 6.
जीवमण्डल में अपघटकों की अनुपस्थिति के क्या परिणाम हो सकते हैं?
उत्तर:
अपघटक सूक्ष्मजीव होते हैं जिसके अन्तर्गत जीवाणु तथा कवक या फंगस आते हैं। यदि जीवमण्डल में अपघटक अनुपस्थित रहे तो इसके निम्नलिखित परिणाम हो सकते हैं-

  • अनेक प्रकार के प्राकृतिक चक्र जैसे- नाइट्रोजन चक्र और CO2 चक्र बाधित हो जायेंगे।
  • प्राकृतिक चक्रण के बाधित होने से प्रकृति का सन्तुलन बिगड़ सकता है।
  • यदि अपघटक अनुपस्थित रहे तो धरातल में मृत अवशेष के ढेर लग जायेंगे, गन्दगी व दुर्गन्ध बढ़ जायेगी, क्योंकि अपघटकों का कार्य सभी मृत जीवों के अवशेष्षों को अपघटित कर सरल रूपों में तोड़ना है।

प्रश्न 7.
आहार श्रुंखला छोटी करने से क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर:
आहार श्रृंखला जीवमण्डल में दो महत्त्वपूर्ण प्रकार्य करती है। ये प्रकार्य हैं-ऊर्जा एवं पदार्थों का स्थानान्तरण जो जीवमण्डल को गतिशीलता प्रदान करती है। क्योंकि आहार शृंखला में ऊर्जा एक निश्चित दिशा में ही प्रवाहित होती है। इसकें विपरीत दिशा में प्रवाहित नहीं हो सकती अर्थात् आहार शृंखला में प्रत्येक स्तर का महत्त्व होता है। अब यदि एक सरल आहार श्रृंखला घास → हिरण → शेर को हटाकर, श्रृंखला को छोटी कर दिया जाय तो हिरणों की संख्या में अत्यधिक वृद्धि हो जापेगी तब इसका प्रभाव उत्पादन स्तर (घास) पर अधिक पड़ेगा और जीवमण्डल बुरी तरह प्रभावित हो जायेगा।

प्रश्न 8.
खाध्य भ्वृंखला एवं खाद्य जाल में अन्तर बताइये।
उत्तर:
खाद्य शृंखला एवं खाद्य जाल में अन्तर निम्नलिखित हैं-

खाद्य भृंखला खाद्य जाल
1. जीवों की शृंखला जो भोजन के आधार पर एक-दूसरे से सम्बन्धित रहती है, खाद्य श्रृंखला कहलाती है। 1. खाद्ध जाल विभिन्न खाद्य शृंखलाएँ मिलकर खाद्य जाल बनाती हैं।
2. इसमें विभिन्न उपभोक्ता, अपघटनकर्ता तथा उत्पादक भाग लेते हैं। 2. इसमें अनेक जीवसमुदाय के उपभोक्ता, अपघटनकर्ता भाग लेते हैं।
3. इससे ऊर्जा का प्रवाह एक ही दिशा में होता है। 3. इसमें ऊर्जा का प्रवाह एक-ही दिशा में होते हुए कई पथों से होकर गुजरता है।

प्रश्न 9.
जीवमण्डल में ऊर्जा का प्रवाह कैसे होता है?
उत्तर:
जीवमण्डल में ऊर्जा का प्रवाह पोषण रीति द्वारा एक ही दिशा में होता है। हरे पौधे प्रथम पोषी स्तर हैं जहाँ सौर ऊर्जा अधिग्रहण करके रासायनिक ऊर्जा के रूप में संचित हो जाती है। खाद्य पदार्थों के रूप में भण्डारित यह रासायनिक ऊर्जा भोजन के साथ ही शाकाहारी जन्तुओं तक स्थानान्तरित हो जाती है यह द्वितीय पोषी स्तर है। शाकाहारियों का भक्षण मांसाहारियों द्वारा होता है, यह तृतीय पोषी स्तर है। इस प्रकार जीवमण्डल में ऊर्जा तीन स्तर पर प्रवाहित होती है।
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 15 हमारा पर्यावरण 3

प्रश्न 10.
प्रकृति में कार्बन डाइऑक्साइड चक्र को समझाइये।
उत्तर:
कार्बन डाइऑक्साइड चक्र-प्रकृति में कार्बन डाइऑक्साइड चक्र निम्न प्रकार से सम्पादित होता है-

  • वायुमण्डल की CO2 का कुछ भाग जल में घुल जाता है जिसका उपयोग जलीय पौधे एवं वायुमण्डल की हैं। इस प्रकार CO2 के रूप में उपस्थित कार्बन भोजन के शेष CO2 का उपयोग स्थलीय पौधे प्रकाश-संश्लेषण में करते रूप में एकत्रित हो जाता है।
  • पौधों में यह कार्बन शाकाहारी जन्तुओं और फिर उनसे मांसाहारी जन्तुओं में भोजन के रूप में पहुँचता है।
  • पौधों एवं जन्तुओं के श्वसन से तथा मृत जीवों के अपघटन से CO2 बनती है, जो वायुमण्डल में वापस चली जाती है।
  • पौधों से कोयला बनता है तथा पौधों एवं जन्तुओं पृथ्वी के गर्त में पेट्रोलियम बनता है जो हाइड्रोकार्बन होता है।
  • कोयले के जलने तथा पेट्रोलियम के दहन से पुनः CO2 बनती है, जो वायुमण्डल में चली जाती है। इस प्रकार प्रकृति में कार्बन डाइऑक्साइड चक्र पूर्ण होता है।
    JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 15 हमारा पर्यावरण 4

प्रश्न 11.
जीवमण्डल के जैविक घटक उदाहरण देकर समझाइये | घटक-जीवमण्डल के जैविक घटक
उत्तर:
जैविक के अन्तर्गत पौधे तथा जन्तु होते हैं। इन जैविक घटकों को उनकी पद्धति के आधार पर तीन समूहों में वर्गीकृत किया जाता है-
(a) उत्पादक- इसमें हरे पौधे आते हैं जो कि साधारण अकार्बनिक पदार्थों से सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में प्रकाश संश्लेषण क्रिया द्वारा जटिल पदार्थों का निर्माण करते हैं। ये प्राथमिक या मूल उत्पादक कहलाते हैं, क्योंकि पारिस्थितिक तंत्र में पाये जाने वाले सभी जीव इन्हीं अपना भोजन प्राप्त करते हैं।

(b) उपभोक्ता इसमें वे जीव आते हैं जो वनस्पति या उनके द्वारा एकत्रित भोज्य पदार्थों का उपयोग करते हैं। इसे तीन वर्गों में बाँटते हैं –

  • प्राथमिक उपभोक्ता इसमें वे जीव आते हैं जो वनस्पतियों या उनके द्वारा प्राप्त अन्य किसी भाग को खाते हैं, जैसे- भेड़, बकरी, टिड्डे, घोड़ा आदि।
  • द्वितीयक उपभोक्ता इसमें वे जीव आते हैं जो शाकाहारी जन्तुओं को अपने भोजन के रूप में ग्रहण करते हैं; जैसे – मोर, लोमड़ी, मेंढक आदि।
  • तृतीयक उपभोक्ता – इसके अन्तर्गत वे जन्तु आते हैं जो द्वितीयक उपभोक्ताओं (मांसाहारी) को खा जाते हैं, इसे सर्वश्रेष्ठ उपभोक्ता कहते हैं।

(c) अपघटक – इस वर्ग में मुख्य रूप से जीवाणुओं तथा कवकों को रखा गया है जो मरे हुए उत्पादकों तथा उपभोक्ता को सड़ाकर साधारण भौतिक तत्त्वों में बदल देते हैं जो फिर से वातावरण में मिल जाते हैं जिन्हें पुनः हरे पौधे अवशोषित करके सूर्य प्रकाश में भोजन के रूप में परिवर्तित कर देते हैं। इस प्रकार प्रत्येक पारिस्थितिक तंत्र में यह चक्र चलता रहता है तथा तंत्र का प्रत्येक जीव एक-दूसरे पर निर्भर रहता है।

JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 15 हमारा पर्यावरण

प्रश्न 12.
जीवमण्डल में नाइट्रोजन चक्र को एक आदर्श चक्र क्यों माना जाता है?
उत्तर:
वायुमण्डल में नाइट्रोजन सर्वाधिक (लगभग 78%) मात्रा में उपलब्ध है। इतनी अधिक मात्रा में उपलब्ध होने के बाद भी जीवधारी सीधे ही नाइट्रोजन का उपयोग नहीं कर पाते हैं। पौधे नाइट्रेट एवं नाइट्राइट्स के रूप में ग्रहण कर सकते हैं जो पौधों में दो प्रकार से पहुँचती है-
(अ) वायुमण्डल की स्वतन्त्र नाइट्रोजन बिजली कड़कने में ऑक्सीजन से मिलकर नाइट्रोजन के ऑक्साइड बनाते हैं। ये ऑक्साइड वर्षा के जल में घुलकर नाइट्रेट में परिवर्तित हो जाते हैं और मृदा में मिल जाते हैं।

(ब) सूक्ष्म जीवाणु नीले-हरे शैवाल द्वारा वायु की नाइट्रोजन का यौगिकीकरण करके नाइट्रेट बना लेते हैं। इसे पौधे अपनी जड़ों द्वारा घोल के रूप में लेते हैं। पौधे इसे अमीनो अम्ल में बदलकर प्रोटीन का निर्माण करते हैं। यह प्रोटीन पौधों से जन्तुओं में पहुँच जाती है। इस रूप में जन्तु वजन्तु मृत होने पर इनमें उपस्थित प्रोटीन मृतोपजीवी जीवाणु द्वारा अमोनिया नाइट्राइट व नाइट्रेट में परिवर्तन कर देते हैं।

इस प्रकार नाइट्रोंजन चक्र वायुमण्डल तथा जल भण्डारों में नाइट्रोजन की कुल मात्रा को अपरिवर्तित रखता है। इसलिए जीवमण्डल में नाइट्रोजन चक्र को एक आदर्श चक्र माना जाता है।

प्रश्न 13.
10% (दस प्रतिशत) नियम को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
खाद्य- शृंखला के प्रत्येक चरण पर उपलब्ध ऊजा उससे पहले के चरण पर उपलब्ध ऊर्जा का लगभग 10 % होती है। इसे ऊर्जा का 10 % नियम कहते हैं।

उदाहरण-मान लो, यदि सूर्य से पृथ्वी पर 1000 J ऊर्जा किसी हरे पौंधे पर आपतित होती है तो हरा पौधा इसके केवल 1 % भाग को ही भोजन के रूप में परिवर्तित कर पाता है। अत: 1000 J में से 10 J भोजन के रूप में पौधे में जमा हो जाती है, शेष 990 J वातावरण में चली जाती है।

यदि कोई हिरण इस पौधे को खाता है तो उसके शरीर में 10 J ऊर्जा प्रवेश करेगी, परन्तु इसका केवल 10 % अर्थात् 1 J ही उसके शरीर में भोज्य पदार्थ के रूप में, जमा होगी। शेष 9 J पुन: पर्यावरण में मुक्त हो जायेगी। अत: यदि कोई शेर इस हिरण को खाता है तो उसे केवल 1 जूल ऊर्जा ही भोजन की प्राप्त होगी। ऊर्जा हानि का यह क्रम हर पोषण स्तर पर चलता रहता है। इसे निम्न चित्र से दर्शा सकते हैं-
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 15 हमारा पर्यावरण 5

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
प्रकृति में नाइट्रोजन चक्र को चित्र की सहायता से समझाइए।
उत्तर:
नाइट्रोजन चक्र – वायुमण्डल में नाइट्रोजन का समृद्ध भण्डार है। इसमें लगभग 78% नाइट्रोजन होती है। जो आण्विक रूप (N) में उपस्थित रहती है। जल भण्डारों में भी नाइट्रोजन होती है। यह जैव जीवों द्वारा इसके तत्त्व के रूप में उपयोग में नहीं लाई जा सकती है। इसका जीवमण्डल में प्रवेश कुछ विशेष जीवों द्वारा ही सम्भव हो पाता है।

वायुमण्डल से जीवमण्डल में नाइट्रोजन का प्रवेश- चना, मटर, मूँगफली आदि फलीदार पौधों की जड़ों में कुछ गाँठें होती हैं जिनमें राइजोबियम नामक जीवाणु रहते हैं जो वायुमण्डल। की नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करके उसे नाइट्रेट्स में बदल देती हैं। कुछ नील हरित शैवाल भी की नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करके उसे यौगिक में में बदल देते हैं जिसका उपयोग पौधे कर पाते हैं।

कुछ बिना फलीदार पौधे जैसे एनलस तथा ग्रीनकी भी वायुमण्डल की नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करते हैं तथा उसे नाइट्रेटों में परिवर्तित करते हैं। वायुमण्डल में उपस्थित नाइट्रोजन का स्थिरीकरण वायुमण्डलीय एवं औद्योगिक प्रक्रियाओं द्वारा हो सकता है।

जीवमण्डल से नाइट्रोजन का वापस वायुमण्डल में पहुँचना – मृदा में उपस्थित नाइट्रेटों का सूडोमोनास नामक जीवाणु विनाइट्रीकरण प्रक्रिया द्वारा नाइट्रोजन गैस में परिवर्तित कर देते हैं जो वापस वायुमण्डल में पहुँच जाती है जहाँ से वह प्रारम्भ में आयी थी। जीवमण्डल में यह क्रिया बार-बार दोहराई जाती है जिससे वायुमण्डल में नाइट्रोजन का अनुपात स्थिर बना रहता है।

जीव मण्डल में नाइट्रोजन चक्र में निम्नलिखित मुख्य चरण होते हैं-
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 15 हमारा पर्यावरण 6

प्रश्न 2.
जीवमण्डल में ऊर्जा के प्रवाह को उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
जीव जगत में ऊर्जा का प्रवाह आहार श्रृंखला के माध्यम से होता है। जीवमण्डल के जैव घटकों में सौर ऊर्जा हरे पौधों द्वारा की जाने वाली प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया के दौरान प्रवेश करती है। हरे पौधे सूर्य की ऊर्जा को अन्तर्ग्रहण: करके प्रकाश संश्लेषण द्वारा कार्बोहाइड्रेट के रूप में संचित करते करते हैं।

यह प्रारम्भिक चरण है जिसमें पर्यावरण से ऊर्जा जैव घटकों में प्रवेश करती है। केवल पौधों में ही के कारण सौर ऊर्जा का अन्तर्ग्रहण करने की क्लोरोफिल के क्षमता होती है। पौधे इस ऊर्जा का उपयोग अपनी उपापचयी प्रक्रियाओं को सम्पन्न करने में करते हैं। इस ऊर्जा का मुख्य अंश श्वसन, वृद्धि अथवा ऊतक निर्माण में उपयोग होता है। कुल ऊर्जा उपयोग नहीं होती है।

पौधों का शाकाहारियों द्वारा भक्षण कर लिया जाता है। इन पौधों में उपस्थित रासायनिक ऊर्जा भोजन के साथ शाकाहारी जन्तुओं में स्थानान्तरित हो जाती है। शाकाहारी इस ऊर्जा के कुछ हिस्से का उपयोग उपापचयी प्रक्रियाओं श्वसन तथा वृद्धि हेतु करते हैं। इस ऊर्जा का कुछ भाग उपयोग नहीं हो पाता है।

शाकाहारियों का भक्षण मांसाहारियों द्वारा होता है। इस प्रकार शाकाहारी जन्तु में मांस में भण्डारित रासायनिक ऊर्जा मांसाहारी जन्तु में स्थानान्तरित हो जाती है। मांसाहारी ऊर्जा के कुछ भाग का उपयोग अपनी उपापचयी प्रक्रियाओं, श्वसन एवं वृद्धि हेतु करते हैं कुछ ऊर्जा उपयोग नहीं हो पाती है।

इस प्रकार मांसाहारी जन्तुओं का भक्षण सर्वोच्च मांसाहारियों द्वारा किया जाता है। इस स्तर में भी ऊर्जा का उपयोग पूर्व के पोषण स्तर द्वारा किये गये प्रक्रियाओं के लिए ही किये जाते हैं। उपर्युक्त प्रक्रियाओं से स्पष्ट है, जीवमण्डल में आहार श्रृंखला में किसी पोषण रीति से अगली पोषण रीति तक ऊर्जा का प्रवाह (स्थानान्तरण) होता रहता है।

प्रश्न 3.
प्रकृति में जल चक्र को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
जल चक्र – पर्यावरण में जल का परिवर्तित होते रहना जल चक्र कहलाता है।
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 15 हमारा पर्यावरण 7
जल में मुख्य तत्व हाइड्रोजन होता है जिसका चक्रण पानी के यौगिक के रूप में प्रवाहित होने के साथ होता है। जलाशयों जैसे सागर, समुद्र, झील, नदियों आदि तथा जैव जीवों के शरीर की सतह से जल का लगातार वाष्पन होता रहता है। पौधों में जल हानि मुख्यतः वाष्पोत्सर्जन द्वारा होता है। इस प्रकार वाष्पित जल वायु में जल वाष्प के रूप में उपस्थित रहता है। निम्न ताप पर ये वाष्प संघनित होकर जल की बूँद बनाते हैं। ये बूंदें वर्षा अथवा हिम रूप में बरसती हैं और इस प्रकार जल पुनः पृथ्वी पर वापस आ जाता है। यह प्रक्रिया लगातार चलती रहती है। यह जल चक्र है।

प्रश्न 4.
जीवमण्डल के घटकों को संक्षेप में बताइये।
उत्तर:
जीवमण्डल के मुख्यतः दो घटक होते हैं-

  • अजैविक घटक
  • जैविक घटक।

(1) अजैविक घटक – पारिस्थितिक तंत्र में पाये जाने वाले निर्जीव पदार्थों या घटकों को इस वर्ग में रखते हैं जो जैविक घटकों को नियंत्रित करता है। अजैविक घटकों को तीन भागों में बाँट सकते हैं-

  • कार्बनिक पदार्थ – इसके अन्तर्गत कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन आदि आते हैं। ये पारिस्थितिक तंत्र को ऊर्जा देते हैं।
  • अकार्बनिक पदार्थ ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, जल, कैल्सियम, फॉस्फोरस, लोहा आदि अकार्बनिक पदार्थ निर्मित करते हैं। ये कभी खत्म नहीं होते बल्कि इनका नियमित चक्र चलता रहता है।
  • जलवायु – प्रकाश, तापक्रम, वर्षा तथा पहाड़ इस वर्ग में आते हैं, जो किसी स्थान के वातावरण को निर्धारित करते हैं।

(2) जैविक घटक – इसके अन्तर्गत पौधे एवं जन्तु आते हैं। पोषण पद्धति के आधार पर इन्हें तीन समूहों में वर्गीकृत किया गया है-

  • उत्पादक- इसमें हरे पौधे आते हैं जो कि साधारण अकार्बनिक पदार्थों से सूर्य प्रकाश का उपस्थिति में प्रकाश संश्लेषण द्वारा जटिल पदार्थों को निर्माण करते हैं। पारिस्थितिक तंत्र में पाये जाने वाले सभी जीव इन्हीं से अपना भोजन प्राप्त करते हैं।
  • उपभोक्ता इसमें वे जीव आते हैं जो वनस्पति या उनके द्वारा एकत्रित भोज्य पदार्थों का उपयोग करते हैं।
  • अपघटक जीवाणु एवं कवक इस वर्ग के अन्तर्गत आते हैं। ये मरे हुए उत्पादकों तथा उपभोक्ता को सड़ाकर साधारण भौतिक तत्त्वों में बदल देते हैं जो फिर से वातावरण में मिल जाते हैं जिन्हें पुनः हरे पौधे अवशोषित करके सूर्य प्रकाश में भोजन के रूप में परिवर्तित कर देते हैं।

प्रश्न 5.
कार्बन चक्र को चित्र की सहायता से स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
कार्बन चक्र – कार्बन का स्थानान्तरण आहार श्रृंखला के माध्यम से होता है। वायुमण्डल में यह कार्बन डाइऑक्साइड के रूप में प्राप्त होता है। इस कार्बन डाइऑक्साइड को हरे पौधे संश्लेषण प्रक्रिया द्वारा कार्बोहाइड्रेट के रूप में उपयोग करते हैं।
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 15 हमारा पर्यावरण 8
कार्बोहाइड्रेट खाद्य पदार्थ के रूप में एक पोषण रीति के जन्तुओं से दूसरे स्तर के जन्तुओं स्थानांतरित होता रहता है अपघटकों द्वारा यह फिर से वायुमण्डल एवं जल भण्डारों में वापस आ जाता है। वायुमण्डल एवं जल भण्डारों के मध्य CO2 का विनिमय निरंतर चलता रहता है। ज्वालामुखी उद्गार से भी वायुमण्डल में CO2 मुक्त होती है।

प्रश्न 6.
ऑक्सीजन चक्र को रेखाचित्र द्वारा समझाइये।
उत्तर:
वायुमण्डल के गैसीय घटकों का लगभग 21%
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 15 हमारा पर्यावरण 9
ऑक्सीजन है। जल भण्डारों में यह पानी में घुली हुई स्थिति में होती है। इनमें से वायुमण्डलीय ऑक्सीजन का उपयोग स्थलीय जन्तुओं द्वारा तथा जल में घुली हुई ऑक्सीजन का उपयोग जलीय जन्तुओं द्वारा किया जाता है। इस प्रकार ऑक्सीजन का प्रवेश जीवमण्डल में होता है। कोशिकीय श्वसन की प्रक्रिया कार्बन डाइऑक्साइड एवं जल बनता है। जल एवं कार्बन डाइऑक्साइड पेड़-पौधों द्वारा प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया के दौरान ग्रहण किये जाते हैं और ऑक्सीजन मुक्त की जाती है जो वायुमण्डल में चली जाती है।

इस प्रकार जीवमण्डल से ऑक्सीजन वापस वायुमण्डल में पहुँचती है। मृत जीवों के अपघटन से भी ऑक्सीजन मुक्त होकर वायुमण्डल में मिल जाती है। इस प्रकार ऑक्सीजन चक्र चलता रहता है और वायुमण्डल में ऑक्सीजन की मात्रा स्थिर बनी रहती है।

प्रश्न 7.
स्थलमण्डल और वायुमण्डल में कोई चार अन्तर लिखिए।
उत्तर:
स्थलमण्डल एवं वायुमण्डल में चार अन्तर निम्नलिखित हैं-

स्थलमण्डल वायुमण्डल
1. भूमण्डल का वह भाग जिसके अन्तर्गत सभी ठोस स्रोत सम्मिलित किये जाते हैं, स्थलमण्डल कहलाता है। 1. इस मण्डल में वायु तथा समस्त गैसों का मिश्रण होता है। यह मण्डल अन्य दोनों मण्डलों को ढके रहता है।
2. यह मण्डल कठोर होता है। 2. यह वायु की उपस्थिति के कारण कठोर नहीं होता है।
3. स्थलमण्डल उपापचय क्रियाओं के लिए खनिज पदार्थों की पूर्ति करता है। 3. यह मुख्यतः वायु में उपस्थित पोषकों के चक्र को पूरा करता है।
4. इसमें खनिज तत्त्व प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं। 4. इसमें गैसीय तत्त्व प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं।

प्रश्न 8.
आहार श्रृंखला छोटी कैसे हो जाती है?
उत्तर:
आहार श्रृंखला में उत्पादक स्तर पर अधिक ऊर्जा उपलब्ध होती है। जैसे-जैसे हम उत्पादक स्तर से दूर होते हैं वैसे-वैसे ऊर्जा की मात्रा भी कम होती जाती है और उत्पादक स्तर के हम जितने करीब होंगे ऊर्जा की मात्रा उतनी ही अधिक प्राप्त होगी। मनुष्य विवेकशील प्राणी होने के कारण अपने हित की बात सोचता है और अधिक ऊर्जा प्राप्ति हेतु उत्पादक के करीब का उपभोक्ता बनना चाहता है, जिससे
प्राकृतिक तौर पर पायी जाने वाली आहार श्रृंखला टूटकर छोटी हो जाती है। अतः कहा जा सकता है कि मनुष्य के निहित स्वार्थ के कारण आहार श्रृंखला छोटी हो जाती है।

प्रश्न 9.
पारिस्थितिक तन्त्र किसे कहते हैं? उदाहरण देकर समझाइये।
उत्तर:
जैव संसार में जैव ऊर्जा एवं पदार्थ का निवेश आवश्यक है, जिनका जैव तथा अजैव घटकों के मध्य लगातार विनिमय होता रहता है। यह कार्यात्मक तन्त्र पारिस्थितिक तन्त्र कहलाता है। घास का मैदान, वन, नदी, समुद्र आदि पारिस्थितिक तन्त्र के उदाहरण हैं।

सभी पारिस्थितिक तन्त्र दो घटकों- जैविक घटक एवं अजैविक घटक से मिलकर बने हैं। उत्पादक जीव वायु, जल तथा मृदा आदि से CO2 तथा जल को अवशोषित करते हैं तथा सौर ऊर्जा का उपयोग करके प्रकाश संश्लेषण द्वारा अपना भोजन बनाते हैं कुछ उत्पादक जीव उपभोक्ता जीवों द्वारा खा लिए जाते हैं।

फलस्वरूप उत्पादक की ऊर्जा उपभोक्ताओं को स्थानान्तरित हो जाती है। मृत पौधों एवं जन्तुओं को अपघटक जीव विघटन करके CO2 तथा जल इत्यादि बना देते हैं जो वातावरण में वापस चले जाते हैं। यह प्रक्रिया बार-बार दोहराई जाती है जिससे पारिस्थितिक तन्त्र लगातार चलता रहता है।

JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 15 हमारा पर्यावरण

प्रश्न 10.
खाद्य श्रृंखला किसे कहते हैं? घास पारितन्त्र में पायी जाने वाली खाद्य श्रृंखला को समझाइए।
उत्तर:
खाद्य श्रृंखला – किसी जीव द्वारा किसी अन्य जीव का उपभोग करने की क्रमबद्ध प्रक्रिया को खाद्य श्रृंखला कहते हैं। घास पारितन्त्र में पायी जाने वाली एक खाद्य श्रृंखला को नीचे बताए गए प्रारूप में प्रदर्शित किया जा सकता है-
घास → कीट → मेढक → पक्षी
उपर्युक्त खाद्य श्रृंखला चार चरणों वाली है जिसमें घास उत्पादक स्तर दर्शाती है। यह प्रकाश संश्लेषण द्वारा अपना भोजन कार्बोहाइड्रेट के रूप में बनाती है। इसका कीट द्वारा उपभोग किया जाता है। कीट का उपभोग मेढक तथा मेढक का उपभोग पक्षी करते हैं। इस श्रृंखला में कीट जो केवल घास खाते हैं, शाकाहारी कहलाते हैं। कीट को खाने वाले मेढक हैं, जो मांसाहारी कहलाते हैं। इस श्रृंखला में पक्षी पौधे तथा कीट दोनों का ही उपयोग करते हैं जो सर्वभक्षी कहलाते हैं।

प्रश्न 11.
जीवमण्डल क्या है? इसकी संरचना को संक्षेप में समझाइये।|
उत्तर:
जीवमण्डल – भू-मण्डल का वह भाग जहाँ जीवन की सम्भावनाएँ होती हैं अर्थात् पृथ्वी के स्थलमण्डल, जलमण्डल और वायुमण्डल तथा उनमें विद्यमान सभी जीवों को एक साथ जीवमण्डल कहते हैं।

जीवमण्डल की संरचना – जीवमण्डल पृथ्वी के एक मोटी सतह के रूप में पाया जाता है जिसकी मोटाई लगभग 10 किलोमीटर है। यह तीन भागों से मिलकर बना है-

  • स्थलमण्डल
  • जलमण्डल
  • वायुमण्डल, जिसमें जीव उपस्थित रहते हैं।

(i) जलमण्डल – यह जीवमण्डल का वह भाग जिसमें जल पाया जाता है। इसके अन्तर्गत समुद्र, नदियाँ, तालाब एवं भूमि पर स्थित अन्य जल स्त्रोत आते हैं।

(ii) स्थलमण्डल – यह जीवमण्डल का वह भाग है जिसमें मृदा एवं चट्टानें पायी जाती है। यह पृथ्वी के स्थलीय सतह पर एवं जल अंदर भी उपलब्ध है।

(iii) वायुमण्डल- पृथ्वी की सतह से ऊपर का वह भाग जिसमें वायु (गैसीय मिश्रण) पायी जाती है, वायुमण्डल कहलाता है। यह जल तथा स्थल दोनों मण्डलों को घेरे रहता है।

उपरोक्त तीनों मण्डलों के साथ समस्त जैव जीव भी जीवमण्डल के अन्तर्गत सम्मिलित किये गये हैं।

प्रश्न 12.
खाद्य जाल को उदाहरण देकर सचित्र समझाइये।
उत्तर:
किसी भी पारिस्थितिक तंत्र या जीवमण्डल में प्रतिपादित होने वाली आहार श्रृंखलाएँ आपस में अनेक प्रकार से जैसे आड़े-तिरछे जुड़कर एक जाल सा बनाती हैं। आहार श्रृंखलाओं के इस जाल को खाद्य जाल कहते हैं।

उदाहरण – नीचे दिये गये खाद्य जाल में कई खाद्य श्रृंखलाएँ हैं, जो आपस में जुड़े हुए हैं-
JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 15 हमारा पर्यावरण 10
अर्थात् चूहा उपर्युक्त दो खाद्य श्रृंखलाओं में शामिल है अतः ये शृंखलाएँ एक-दूसरे को चूहा पर जोड़ती हैं। इसी प्रकार अन्य दो श्रृंखलाएँ सर्प पर एक-दूसरे को जोड़ती हैं। इस प्रकार आड़ी-तिरछी जुड़ना ही खाद्य जाल है।

प्रश्न 13.
स्वपोषी व परपोषी से आप क्या समझते है?
उत्तर:
प्रकृति में खाद्य सामग्री के संश्लेषण के आधार पर जीव दो वर्गों में विभाजित किये जा सकते हैं- (i) स्वपोषी, (ii) परपोषी।

  • स्वपोषी वे जीव जो अपना भोजन सरल पदार्थों से संश्लेषित कर लेते हैं, स्वपोषी कहलाते हैं। हरे पौधे स्वपोषी होते हैं और ये ऊर्जा के उत्पादक हैं।
  • परपोषी जीव-वे जीव जो अपना भोजन स्वयं नहीं बना पाते हैं और भोजन के लिए अन्य जीवों पर निर्भर रहते हैं परपोषी कहलाते हैं। हरे पौधों और कुछ जीवाणुओं को छोड़कर अन्य सभी जीव परपोषी हैं।

प्रश्न 14.
हम क्यों कहते हैं कि जीवमण्डल में ऊर्जा का प्रवाह केवल एक ही दिशा में होता है?
उत्तर:
उत्पादक के रूप में हरे पौधे सूर्य से ऊर्जा ग्रहण करके प्रकाश संश्लेषण द्वारा भोजन का निर्माण करते हैं। शाकाहारी जन्तु भोजन के रूप में ऊर्जा को पौधों से ग्रहण करते हैं। शाकाहारी जन्तुओं से ऊर्जा भोजन के रूप में क्रमश: मांसाहारी और उच्च मांसाहारी जन्तुओं में जाती है। जब अपघटक इन जीवों के मृत शरीरों का अपघटन करते हैं तो यह ऊर्जा वातावरण में चली जाती है।

ऊर्जा का यह प्रवाह सदैव इसी क्रम में होता है। चूँकि जन्तु सूर्य से प्रत्यक्ष रूप से ऊर्जा प्राप्त नहीं कर सकता वह केवल पौधों में संचित भोजन के रूप में सौर ऊर्जा को ही ग्रहण कर सकता है। इसलिए हम कह सकते हैं कि जीवमण्डल में ऊर्जा का प्रवाह केवल एक ही दिशा में होता है।

प्रश्न 15.
पारितन्त्र एवं बायोम में अन्तर बताइए।
उत्तर:
पारितन्त्र एवं बायोम में प्रमुख अन्तर निम्नलिखित हैं-

पारितन्त्र बायोम
1. सभी जीव अपने पर्यावरण में उपस्थित जैविक तथा अजैविक घटकों से क्रिया करते हैं। जीवों तथा उनके पर्यावरण में परस्पर सम्बन्धों के क्रियात्मक तन्त्र को पारितन्त्र (Ecosystem) कहते हैं। उदाहरण-एक जलाशय, झील या जंगल पारितन्त्र हैं। 1. एक बड़ा भौगोलिक क्षेत्र जिसमें कई पारितन्त्र होते हैं, एक बड़ी इकाई बनाता है, जिसे बायोम (Biome) कहते हैं अर्थात् बायोम एक विस्तृत क्षेत्र वाला पारितन्त्र है। उदाहरण-मरुस्थल, समुद्र।
2. पारितन्त्र को कृत्रिम रूप से भी विकसित किया जा सकता है। उदाहरण-एक्वेरियम व धान के खेत का पारितन्त्र। 2. बायोम पूर्ण रूप से प्राकृतिक होते हैं, इन्हें अलग से कृत्रिम रूप से विकसित नहीं किया जा सकता है।

प्रश्न 16.
“चील पर्यावरण का महत्त्वपूर्ण घटक है।” संक्षेप में समझाइये।
उत्तर:
चील पर्यावरण का एक महत्त्वपूर्ण घटक है। इसे निम्नलिखित आहार श्रृंखला द्वारा समझा जा सकता है-
हरे पौधे → चूहा → सौंप → चील
उपर्युक्त आहार श्रृंखला में चील सर्वोच्च मांसाहारी है जो साँप व चूहा का भक्षण करती है। यदि हम समस्त चीलों को हटा दें या मार डालें तब क्या होगा तब साँप की संख्या बढ़ जायेगी और उनको खाने वाला कोई नहीं रहेगा। साँप की संख्या इतनी बढ़ जायेगी कि वे समस्त चूहों को खा डालेगा तब एक ऐसी स्थिति आयेगी जब साँप अपने आप मरने लगेंगे क्योंकि उनको भोजन उपलब्ध नहीं होगा।

इस प्रकार चील किसी भी खाद्य श्रृंखला में हो उसे अथवा किसी भी एक जीव को हटाने पर पारिस्थितिक तन्त्र असन्तुलित हो जायेगा। इसी प्रकार चील मृत जीव-जन्तुओं को भी खाती है। इनकी अनुपस्थिति से पर्यावरण प्रदूषित हो सकता है। अत: चील पर्यावरण का महत्त्वपूर्ण घटक है।

प्रश्न 17.
निम्नलिखित में अन्तर स्पष्ट कीजिए-
(i) स्थलमण्डल तथा वायुमण्डल
(ii) पारिस्थितिकी तथा बायोम
(iii) आहार श्रृंखला तथा खाद्य जाल
(iv) मांसाहारी तथा सर्वभक्षी।
उत्तर:
(i) स्थलमण्डल तथा वायुमण्डल में अन्तर-स्थलमण्डल, भूमण्डल का वह भाग होता है जिसके अन्तर्गत सभी ठोस सम्मिलित किये जाते हैं। स्थलमण्डल उपापचयी क्रियाओं के लिए खनिज पदार्थों की पूर्ति करता है।

वायुमण्डल में वायु तथा समस्त गैसों का मिश्रण होता है। यह मण्डल अन्य दोनों मण्डलों (जलमण्डल एवं स्थलमण्डल) को ढके रहता है। यह मुख्यतः वायु में उपस्थित पोषकों के चक्र को पूरा करता है। इसमें गैसीय तत्त्व प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं।

(ii) पारिस्थितिकी अन्तर- पारिस्थितिकी में जीव-जन्तुओं का अध्ययन उनके पर्यावरण के साथ किया जाता है। किसी जीव की पारिस्थितिकी (Ecology) अध्ययन करने के लिए उसके पास के पर्यावरणीय कारकों भी अध्ययन करना आवश्यक होता है; जैसे- ताप, वर्षा, मृदा की रचना, वायु तीव्रता आदि। बायोम, किसी भौगोलिक क्षेत्र के समस्त पारितन्त्रों का सामूहक रूप है अर्थात् बायोम एक विस्तृत क्षेत्र वाला पारितन्त्र है। उदाहरण- मरुस्थल, समुद्र बायोम पूर्ण रूप से प्राकृतिक होते हैं, इन्हें कृत्रिम रूप से विकसित नहीं किया जा सकता।

(iii) आहार शृंखला तथा खाद्य जाल में अन्तर- किसी जीव द्वारा किसी अन्य जीव का उपभोग करने की क्रमबद्ध प्रक्रिया को खाद्य श्रृंखला या आहार श्रृंखला कहते हैं। इसमें जीव पोषण रीति के आधार पर किसी-न-किसी रूप में एक-दूसरे से जुड़े रहते हैं।

जीवमण्डल में अनेक आहार श्रृंखलाएँ आपस में अनेक प्रकार, आड़े-तिरछे जुड़कर एक जाल-सा बना लेती हैं, यह खाद्य जाल कहलाता है। खाद्य जाल का कोई एक जीव एक से अधिक खाद्य श्रृंखलाओं में स्थान ग्रहण कर सकता है।

(iv) मांसाहारी तथा सर्वभक्षी में अन्तर – जीवमण्डल में कुछ जन्तु भोजन के रूप में कुछ जन्तुओं को खा जाते हैं। ऐसे जन्तुओं को मांसाहारी कहा जाता है। ऐसे जन्तु मुख्यतः शाकाहारी जन्तुओं का भक्षण करते हैं; जैसे- शेर, चील, बाज आदि।

सर्वभक्षी वे प्राणी होते हैं जो मांसाहारी और शाकाहारी दोनों होते हैं। सर्वभक्षी प्राणी का सर्वोत्तम उदाहरण मानव है।

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. प्रत्येक स्तर पर उपलब्ध ऊर्जा का कितने प्रतिशत उपभोक्ता के अगले स्तर एक पहुँचता है?
(a) 25%
(b) 10%
(c) 90%
(d) 15%
उत्तर:
(b) 10%

2. निम्नलिखित में से किस पोषी स्तर पर जीवों की संख्या अधिकतम होगी?
(a) प्राथमिक उपभोक्ता
(b) द्वितीयक उपभोक्ता
(c) उत्पादक
(d) शीर्षस्थ उपभोक्ता।
उत्तर:
(c) उत्पादक

9. पारितंत्र में ऊर्जा का प्रवाह होता है-
(a) एकदिशीय
(b) उत्क्रमणीय
(c) बहुमुखी
(d) कह नहीं सकते।
उत्तर:
(a) एकदिशीय

4. निम्नलिखित में से कौन-सी गैस सूर्य से आने वाली UV विकिरण से हमारी रक्षा करती है?
(a) O2
(b) O3
(c) CO2
(d) CFCs
उत्तर:
(b) O3

5. ओजोन परत को क्षति पहुँचाने वाले रसायन हैं-
(a) CO2
(b) CO
(c) CFCs
(d) DDT
उत्तर:
(c) CFCs

6. पारितंत्र के शाखान्वित आहार सम्बन्ध क्या कहलाते हैं?
(a) आहार श्रृंखला
(b) आहार जाल
(c) जैव आवर्धन
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(b) आहार जाल

JAC Class 10 Science Important Questions Chapter 15 हमारा पर्यावरण

7. निम्नलिखित में से किस कार्यक्रम के तहत CFC के उत्पादन को 1986 के स्तर तक सीमित करने पर सहमति हुई है?
(a) UNEP
(b) SBCO
(c) UNIEP
(d) WHO
उत्तर:
(a) UNEP

8. निम्नलिखित में से कौन-सा एक कृत्रिम पारितंत्र है?
(a) तालाब
(b) खेत
(c) झील
(d) वन
उत्तर:
(b) खेत

9. एक आहार श्रृंखला में, तीसरे पोषी स्तर पर हमेशा कौन होता है?
(a) मांसाहारी प्राणी
(b) शाकाहारी प्राणी
(c) अपघटक
(d) उत्पादक
उत्तर:
(a) मांसाहारी प्राणी

10. एक पारितंत्र में निम्नलिखित में से कौन शामिल होता है?
(a) सभी जीवधारी
(b) निर्जीव प्राणी
(c) जीवधारी और निर्जीव दोनों
(d) कभी जीवधारी और कभी निर्जीव वस्तुएँ
उत्तर:
(c) जीवधारी और निर्जीव दोनों

11. नीचे दी गई आहार श्रृंखला में, मान लीजिए कि चौथे पोषी स्तर पर ऊर्जा की मात्रा 5 kJ है, तो बताइए कि उत्पादक स्तर पर कितनी ऊर्जा उपलब्ध होगी?
घास → टिड्डा → मेंढक → साँप → बाज
(a) 5kJ
(b) 50 kJ
(c) 500kJ
(d) 5000kJ
उत्तर:
(d) 5000kJ

12. किसी आहार श्रृंखला में गैर-जैव निम्नीकरणीय पीड़कनाशियों का प्रत्येक उच्चतर पोषी स्तर पर बढ़ती हुई मात्रा में एकत्रित होते जाना क्या कहलाता है?
(a) सुपोषण
(b) प्रदूषण
(c) जैव आवर्धन
(d) एकत्रीकरण
उत्तर:
(c) जैव आवर्धन

13. ओजोन का अणुसूत्र है-
(a) O3
(b) O2
(c) O
(d) O4
उत्तर:
(a) O3

14. मानवों में UV किरणों से हो सकते हैं-
(a) प्रतिरक्षा तंत्र की क्षति
(b) फेफड़ों की क्षति
(c) त्वचा का कैंसर
(d) (a) तथा (c) दोनों
उत्तर:
(d) (a) तथा (c) दोनों

15. एक पारितंत्र में ऊर्जा का प्रवाह सदैव होता है-
(a) एकदिशिक
(b) द्विदिशिक
(c) बहुदिशिक
(d) किसी खास दिशा में नहीं
उत्तर:
(a) एकदिशिक

16. प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया के लिए सभी हरे पौधों द्वारा अवशोषित सौर ऊर्जा की प्रतिशतता लगभग कितनी होती है?
(a) 1%
(b) 5%
(c) 8%
(d) 10%
उत्तर:
(a) 1%

17. यदि मेंढक टिड्डे को खा जाएँ, तो ऊर्जा स्थानांतरण किस दिशा में होगा?
(a) उत्पादक से अपघटक की दिशा में
(b) उत्पादक से प्राथमिक उपभोक्ता की दिशा में
(c) प्राथमिक उपभोक्ता से द्वितीयक उपभोक्ता की दिशा में
(d) द्वितीयक उपभोक्ता से प्राथमिक उपभोक्ता की दिशा में।
उत्तर:
(c) प्राथमिक उपभोक्ता से द्वितीयक उपभोक्ता की दिशा में

18. भोजन खाने के पश्चात् प्लास्टिक की जिन प्लेटों को फेंक दिया जाता है उन्हें दोबारा से उपयोग नहीं करना चाहिए, क्योंकि-
(a) ये हल्के पदार्थ की बनी होती हैं।
(b) ये आविषी पदार्थ (Toxic Materials) की बनी होती हैं।
(c) ये जैवनिम्नीकरणीय पदार्थों की बनी होती हैं।
(d) ये गैर-जैवनिम्नीकरणीय पदार्थों की बनी होती हैं।
उत्तर:
(d) ये गैर-जैवनिम्नीकरणीय पदार्थों की बनी होती हैं।

19. निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा कथन सही नहीं है?
(a) सभी हरे पौधे और नीले-हरे शैवाल उत्पादक होते हैं।
(b) हरे पौधे अपना भोजन कार्बनिक यौगिकों से प्राप्त करते हैं।
(c) उत्पादक स्वयं अपना भोजन अकार्बनिक यौगिकों से तैयार करते हैं।
(d) पौधे सौर ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में बदल देते हैं।
उत्तर:
(b) हरे पौधे अपना भोजन कार्बनिक यौगिकों से प्राप्त करते हैं।

20. निम्नलिखित में से कौन अजैव निम्नीकरणीय है?
(a) कागज
(b) लकड़ी
(c) कपड़ा
(d) प्लास्टिक।
उत्तर:
(d) प्लास्टिक।

21. अजैव निम्नीकरणीय कृषि रसायनों को आहार श्रृंखला में प्रवेश व उत्तरोत्तर संग्रहण क्या कहलाता है?
(a) जैविक आवर्धन
(b) सुपोषण
(c) अंगीकरण
(d) संश्लेषण।
उत्तर:
(a) जैविक आवर्धन

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

  1. जब हम एक पोषी स्तर से दूसरे पोषी स्तर पर जाते हैं तो ऊर्जा का …………………… होता है, यह आहार श्रृंखला में पोषी स्तरों को सीमित कर देता है।
  2. मानव की गतिविधियों का पर्यावरण पर …………………… होता है।
  3. …………………… जैसे रसायनों ने ओजोन परत को नुकसान पहुँचाया है क्योंकि ओजोन परत सूर्य से आने वाली …………………… विकिरण से सुरक्षा प्रदान करती है अतः इसकी क्षति से पर्यावरण को नुकसान पहुँच सकता है।
  4. हमारे द्वारा उत्पादित कचरा …………………… निम्नीकरणीय अथवा …………………… निम्नीकरणीय हो सकता है।
  5. DDT एक …………………… है, जो हमारी …………………… में शामिल होकर …………………… होता रहता है।

उत्तर:

  1. ह्यस
  2. समाघात
  3. CFCs, पराबैंगनी
  4. जैव, अजैव
  5. कीटनाशक, आहार श्रृंखला, जैव आवर्धित

Leave a Comment