Students must go through these JAC Class 10 Science Notes Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण to get a clear insight into all the important concepts.
JAC Board Class 10 Science Notes Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण
→ रासायनिक अभिक्रिया – जब एक या एक से अधिक पदार्थ आपस में क्रिया करके नये पदार्थ का निर्माण करते हैं तो ऐसी अभिक्रिया रासायनिक अभिक्रिया कहलाती है।
→ आयनिक अभिक्रिया – जब अभिकारकों एवं क्रियाफलों के मध्य आयनिक बन्ध टूटकर नये आयनिक बन्ध बनाते हैं तो आयनिक अभिक्रिया होती है। ये मुख्यत: तीन प्रकार की होती हैं- संयोजन, वियोजन एवं विस्थापन अभिक्रिया।
→ विद्युत या आयनिक वियोजन अभिक्रिया- कुछ यौगिक जल में घोलने पर या विद्युत धारा प्रवाहित करने पर अपने ऋण एवं धन आयनों में टूट जाते हैं तो इसे विद्युत अथवा आयनिक वियोजन कहते हैं।
→ रासायनिक समीकरण – किसी रासायनिक अभिक्रिया को अभिकारकों तथा उत्पादों के प्रतीक व रासायनिक सूत्रों का प्रयोग करके प्रदर्शित करना, रासायनिक समीकरण कहलाता है।
→ संयोजन अभिक्रिया जब दो या दो से अधिक पदार्थ मिलकर एक नया पदार्थ बनाते हैं, उसे संयोजन अभिक्रिया कहते हैं।
→ वियोजन अभिक्रिया – वियोजन अभिक्रिया संयोजन अभिक्रिया के विपरीत होती है। वियोजन अभिक्रिया में एकल पदार्थ वियोजित होकर दो या दो से अधिक पदार्थ बनते हैं।
→ ऊष्माक्षेपी अभिक्रियाएँ-वे अभिक्रियाएँ जिसमें ऊष्मा उत्पन्न होती है, ऊष्माक्षेपी अभिक्रियाएँ कहलाती हैं।
→ ऊष्माशोषी अभिक्रियाएँ – वे अभिक्रियाएँ जिनमें ऊष्मा अवशोषित होती है, ऊष्माशोषी अभिक्रियाएँ कहलाती हैं।
→ विस्थापन अभिक्रिया- वह अभिक्रिया जिसमें एक तत्त्व (या पदार्थ) किसी दूसरे तत्त्व (या पदार्थ) को उसके यौगिक में से हटाकर स्वयं उसका स्थान ले लेता है, विस्थापन अभिक्रिया कहलाती है।
→ द्विविस्थापन अभिक्रिया में दो अलग-अलग परमाणु या परमाणुओं के समूह (आयन) का आपस में आदान-प्रदान होता है।
→ अवक्षेपण अभिक्रिया से अविलेय लवण प्राप्त होता है।
→ सह-संयोजक अभिक्रिया जब रासायनिक अभिक्रिया में अभिकारकों एवं क्रियाफलों के मध्य सह-संयोजक बन्ध टूटकर नये सह-संयोजक बन्ध बनाते हैं तो इसे सह-संयोजक अभिक्रिया कहते हैं।
→ उत्क्रमणीय अभिक्रियाएँ ऐसी अभिक्रियाएँ जो समान परिस्थितियों में अग्र एवं पश्च दोनों दिशाओं में होती हैं और किसी भी दिशा में पूर्णता को नहीं पहुँचतीं उत्क्रमणीय अभिक्रियाएँ कहलाती हैं।
→ अनुत्क्रमणीय अभिक्रियाएँ-वे अभिक्रियाएँ जो केवल एक ही दिशा में चलती हैं तथा पूर्णता को प्राप्त होती हैं, अनुत्क्रमणीय अभिक्रियाएँ कहलाती हैं।
→ अभिक्रिया दर- अभिकारकों की वह मात्रा जो इकाई समय में उत्पादों में परिवर्तित होती हैं, उस अभिक्रिया की दर कहलाती है।
→ मंद अभिक्रियाएँ वे अभिक्रियाएँ जो धीरे-धीरे होती हैं व जिनके पूर्ण होने में अत्यधिक समय लगता है, मंद अभिक्रियाएँ कहलाती हैं।
→ तीव्र अभिक्रियाएँ वे अभिक्रियाएँ जो अतिशीघ्रता (लगभग 10 सेकण्ड ) में पूर्ण होती हैं तीव्र अभिक्रियाएँ कहलाती हैं।
→ रासायनिक साम्यावस्था किसी उत्क्रमणीय अभिक्रिया की वह अवस्था जिसमें अग्र व विपरीत दोनों अभिक्रियाओं के वेग बराबर हो जाते हैं, रासायनिक साम्यावस्था कहलाती हैं।
→ आयनिक साम्य-आयनिक अभिक्रियाओं की वह अवस्था जिसमें आयनिक क्रियाकारकों तथा उत्पादों का सान्द्रण परिवर्तित नहीं होता, आयनिक साम्य कहलाता है।
→ विकृतगंधिता-ऐसी प्रक्रिया जिसमें वसायुक्त सामग्री खराब होने लगती है तथा स्वाद व गंध में परिवर्तन होने लगता है, खाद्य पदार्थों का ऑक्सीजन से अभिक्रिया करके ऑक्सीकरण कर देते हैं विकृतगंधिता कहलाती है।