Jharkhand Board JAC Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण Textbook Exercise Questions and Answers.
JAC Board Class 10 Science Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षारक एवं लवण
Jharkhand Board Class 10 Science अम्ल, क्षारक एवं लवण Textbook Questions and Answers
प्रश्न 1.
कोई विलयन लाल लिटमस को नीला कर देता है, इसका pH संभवतः क्या होगा?
(a) 1
(b) 4
(c) 5
(d) 10
उत्तर:
(d) 10
प्रश्न 2.
कोई विलयन अंडे के पिसे हुए कवच से अभिक्रिया कर एक गैस उत्पन्न करता है जो चूने के पानी को दुधिया कर देती है। इस विलयन में क्या होगा?
(a) NaCl
(b) HCl
(c) LiCl
(d) KCl
उत्तर:
(b) HCl
प्रश्न 3.
NaOH का 10 mL विलयन HCl के 8 mL विलयन से पूर्णतः उदासीन हो जाता है। यदि हम NaOH के उसी विलयन का 20 ml लें तो इसे उदासीन करने के लिए HCI के उसी विलयन की कितनी मात्रा की आवश्यकता होगी?
(a) 4 mL
(c) 12 mL
(b) 8 mL
(d) 16 mL
उत्तर:
(d) 16m
प्रश्न 4.
अपच का उपचार करने के लिए निम्न में से किस ओषधि का उपयोग होता है?
(a) एंटीबायोटिक (प्रतिजैविक)
(b) ऐनालजेसिक (पीड़ाहारी)
(c) ऐन्टैसिड
(d) एंटीसेप्टिक (प्रतिरोधी)
उत्तर:
(c) ऐन्टैसिड
प्रश्न 5.
निम्न अभिक्रिया के लिए पहले शब्द- समीकरण लिखिए तथा उसके बाद संतुलित समीकरण लिखिए-
(a) तनु सल्फ्यूरिक अम्ल दानेदार जिंक के साथ अभिक्रिया करता है।
(b) तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल मैग्नीशियम पट्टी के साथ अभिक्रिया करता है।
(c) तनु सल्फ्यूरिक अम्ल ऐलुमिनियम चूर्ण के साथ अभिक्रिया करता है।
(d) तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल लौह के रेतन के साथ अभिक्रिया करता है।
उत्तर:
(a) दानेदार जिंक + तनु सल्फ्यूरिक अम्ल → जिंक सल्फेट + हाइड्रोजन गैस
Zn(s) + H2SO4(aq) → ZnSO4(aq) + H2(g)
(b) मैग्नीशियम पट्टी + तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल → मैग्नीशियम क्लोराइड + हाइड्रोजन गैस
Mg(s) + 2HCl → MgCl2(aq) + H2
(c) ऐलुमिनियम चूर्ण + तनु सल्फ्यूरिक अम्ल → ऐलुमिनियम सल्फेट + हाइड्रोजन गैस
2Al(s) + 3H2SO4 → Al2(SO4)3(aq) + 3H2(g)
(d) लौह के रेतन + तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल → आयरन क्लोराइड + हाइड्रोजन गैस
Fe (s) + 2HCl(aq) → FeCl2(aq) + H2(g)
प्रश्न 6.
ऐल्कोहॉल एवं ग्लूकोज जैसे यौगिकों में भी हाइड्रोजन होते हैं, लेकिन इनका वर्गीकरण अम्ल की तरह नहीं होता है। एक क्रिया-कलाप द्वारा इसे सिद्ध कीजिए।
उत्तर:
ऐल्कोहॉल एवं ग्लूकोज जैसे यौगिक आयनीकृत होकर H+ आयन नहीं देते, यही कारण है कि इनका वर्गीकरण अम्ल की तरह नहीं होता।
क्रिया-कलाप-
- ग्लूकोज, ऐल्कोहॉल, हाइड्रो- क्लोरिक अम्ल आदि का विलयन लेते हैं।
- इनकी विद्युत चालकता का परीक्षण करते हैं इसके लिए चित्र के अनुसार उपकरण व्यवस्थित करते हैं।
- अम्ल की उपस्थिति में बल्ब जलने लगता है परन्तु ग्लूकोज और ऐल्कोहॉल की उपस्थिति में बल्ब नहीं जलता है। विलयन में विद्युत प्रवाह आयनों द्वारा होता है।
- चूँकि अम्ल में उपस्थित धनायन H+ है, इससे ज्ञात होता है कि अम्ल विलयन में हाइड्रोजन आयन H+ (aq) उत्पन्न करता है तथा इसी कारण उनका गुणधर्म अम्लीय होता है।
प्रश्न 7.
आसवित जल विद्युत का चालक क्यों नहीं होता जबकि वर्षा जल होता है?
उत्तर:
आसवित जल आयनों में विघटित नहीं होता है। अतः यह विद्युत का चालन नहीं करता है। वर्षा जल में कार्बन डाइऑक्साइड घुली हुई होती है जो कार्बोनिक अम्ल बनाती है।
CO2 + H2O → H2CO3
यह कार्बोनिक अम्ल अम्लों में विघटित हो जाता है।
H2CO3 + 2H2O → (H3O+)2 + CO32-
ये आयन वर्षा जल द्वारा विद्युत का चालन कर पाने के लिए उत्तरदायी हैं।
प्रश्न 8.
जल की अनुपस्थिति में अम्ल का व्यवहार अम्लीय क्यों नहीं होता है?
उत्तर:
जल की अनुपस्थिति में अम्ल विघटित नहीं होता है। अतः यह अम्लीय व्यवहार प्रदर्शित नहीं करता है।
प्रश्न 9.
पाँच विलयनों A, B, C, D व E की जब सार्वत्रिक सूचक से जाँच की जाती है तो pH के मान क्रमश: 4, 1, 11, 7 एवं 9 प्राप्त होते हैं। कौन-सा विलयन-
(a) उदासीन है?
(b) प्रबल क्षारीय है?
(e) प्रबल अम्लीय है?
(d) दुर्बल अम्लीय है?
(e) दुर्बल क्षारीय है?
PH के मानों को हाइड्रोजन आयन की सांद्रता के आरोही क्रम में व्यवस्थित कीजिए।
उत्तर:
(a) pH 7 वाला विलयन D उदासीन है।
(b) pH 11 वाला विलयन C प्रबल क्षारीय है।
(c) pH 1 वाला विलयन B प्रबल अम्लीय है।
(d) pH 4 वाला विलयन A दुर्बल अम्लीय है।
(e) pH 9 वाला विलयन E दुर्बल क्षारीय है।
हाइड्रोजन आयन सांद्रता का बढ़ता क्रम-
11 > 9 > 7 > 4 > 1.
प्रश्न 10.
परखनली ‘A’ एवं ‘B’ में समान लंबाई की मैग्नीशियम की पट्टी लीजिए। परखनली ‘A’ में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCI) तथा परखनली ‘B’ में ऐसिटिक अम्ल (CH COOH) डालिए। दोनों अम्लों की मात्रा तथा सांद्रता समान हैं। किस परखनली में अधिक तेजी से बुदबुदाहट होगी तथा क्यों?
उत्तर:
परखनली A में बुदबुदाहट अधिक तेजी से होती है, क्योंकि HCl एक प्रबल अम्ल है, जो पूर्णत: वियोजित होकर H+ और Cl– आयन अधिक मात्रा में बनाता है जबकि CH COOH एक दुर्बल अम्ल है, जो कम मात्रा में H+ आयन बनाता है क्योंकि यह कम विघटित हो पाता है।
प्रश्न 11.
ताजे दूध के pH का मान 6 होता है। दही बन जाने पर इसके pH के मान में क्या परिवर्तन होगा? अपना उत्तर समझाइए।
उत्तर:
दूध से दही बनने की प्रक्रिया में लैक्टिक अम्ल का निर्माण होता है, जिसके कारण इसका pH 6 से कम हो जायेगा।
प्रश्न 12.
एक ग्वाला ताजे दूध में थोड़ा बेकिंग सोडा मिलाता है।
(a) ताजा दूध के pH के मान को 6 से बदलकर थोड़ा क्षारीय क्यों बना देता है?
(b) इस दूध को दही बनने में अधिक समय क्यों लगता है?
उत्तर:
(a) दूध का pH 6 बदलकर क्षारीय बना देने से दूध से दही बनने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है अतः दूध अधिक समय तक ठीक रह सकता है।
(b) क्षारीय दूध से दही बनने में अधिक समय इसलिए लगता है क्योंकि यह बढ़ी हुई क्षारीयता दूध में लैक्टिक अम्ल बनने के प्रभाव का प्रतिरोध करती है?
प्रश्न 13.
प्लास्टर ऑफ पेरिस को आर्द्र-रोधी बर्तन में क्यों रखा जाना चाहिए? इसकी व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
प्लास्टर ऑफ पेरिस आसानी से जल को अवशोषित कर लेता है तथा कठोर जिप्सम का निर्माण करता है, अतः यदि प्लास्टर ऑफ पेरिस को आर्द्र-रोधी बर्तन में नहीं रखा जाता है तो इसकी पूरी मात्रा जिप्सम में बदल जाएगी।
प्रश्न 14.
उदासीनीकरण अभिक्रिया क्या है? दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
किसी अम्ल तथा क्षार की अभिक्रिया, जिसमें लवण तथा जल प्राप्त होते हैं, उसे उदासीनीकरण अभिक्रिया कहते हैं।
NaOH(aq) + HCl(aq) → NaCl(aq) + H2O(l) Ca(OH)2(aq) + H2SO4 (aq) → CaSO4 + 2H2O
प्रश्न 15.
धोने का सोडा एवं बेकिंग सोडा के दो-दो प्रमुख उपयोग बताइए।
उत्तर:
धोने के सोडे के उपयोग-
- सोडियम कार्बोनेट (धोने का सोडा) का उपयोग काँच, साबुन तथा कागज उद्योग में किया जाता है।
- इसका उपयोग सोडियम यौगिकों, जैसे बोरेक्स, के निर्माण में किया जाता है।
बेकिंग सोडे का उपयोग-
- सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट का उपयोग ऐन्टैसिड के संघटक के रूप में किया जाता है। क्षारीय होने के कारण यह उदर में अम्ल की आधिक्य मात्रा को उदासीन बनाकर राहत पहुँचाता है।
- इसका उपयोग सोडा-अम्ल अग्निशामक में भी किया जाता है।
Jharkhand Board Class 10 Science अम्ल, क्षारक एवं लवण InText Questions and Answers
पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 20)
प्रश्न 1.
आपको तीन परखनलियाँ दी गई हैं। इनमें से एक में आसवित जल एवं शेष दो में से एक में अम्लीय विलयन तथा दूसरे में क्षारीय विलयन है। यदि आपको केवल लाल लिटमस पत्र दिया जाता है तो आप प्रत्येक परखनली में रखे गए पदार्थों की पहचान कैसे करेंगे?
उत्तर:
सबसे पहले प्रत्येक परखनली में हम लाल लिटमस पत्र की पट्टी डालते हैं। किसी एक परखनली में लिटमस पत्र का रंग नीला हो जाएगा। इससे यह सिद्ध होता है कि उस परखनली में क्षारकीय विलयन है। शेष दोनों बची हुई परखनलियों में एक में आसवित जल है तथा एक में अम्लीय विलयन है। इन दोनों ही परखनलियों के लिटमस पत्र का रंग लाल ही रहता है।
अब हम पहचानी गई परखनली से क्षारीय विलयन को बाहर निकालते हैं ताकि इसमें विलयन की थोड़ी-सी मात्रा ही बची रह जाए। अब इस परखनली में शेष बची हुई परखनलियों में से किसी एक के विलयन को डालते हैं। दो स्थितियाँ हो सकती हैं-
- लिटमस पुनः लाल हो जाता है-इससे यह मालूम होता है कि इस परखनली में अम्लीय विलयन था तथा अन्तिम परखनली में आसवित जल है।
- लिटमस नीला ही रह सकता है- इससे यह मालूम होता है कि डाला गया विलयन आसवित जल था तथा अन्तिम परखनली में अम्लीय विलयन है।
पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 24)
प्रश्न 1.
पीतल एवं ताँबे के बर्तनों में दही एवं खट्टे पदार्थ क्यों नहीं रखने चाहिए?
उत्तर:
पीतल तथा ताँबे के बर्तनों में दही एवं खट्टे पदार्थ इसलिए नहीं रखे जाते हैं, क्योंकि इसमें अम्ल मौजूद होते हैं, जो इससे अभिक्रिया करके हानिकारक यौगिक बनाते हैं जिसके कारणवश ये खाने योग्य नहीं रह जाते। अम्ल की अभिक्रिया से धातु के बर्तन भी संक्षारित हो जाते हैं।
प्रश्न 2.
धातु के साथ अम्ल की अभिक्रिया होने पर सामान्यतः कौन-सी गैस निकलती है? एक उदाहरण के द्वारा समझाइए। इस गैस की उपस्थिति की जाँच आप कैसे करेंगे?
उत्तर:
धातु साथ अम्ल की अभिक्रिया होने पर सामान्यत: हाइड्रोजन गैस निकलती है।
उदाहरण- जब जिंक की क्रिया तनु सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ होती है तो जिंक सल्फेट और हाइड्रोजन गैस बनते हैं।
हाइड्रोजन गैस रंगहीन होती है और जलती हुई मोमबत्ती इसके सम्पर्क में लाने पर फट फट की आवाज के साथ जलती है।
प्रश्न 3.
कोई धातु यौगिक ‘A’ तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया करता है तो बुदबुदाहट उत्पन्न होती है। इससे उत्पन्न गैस जलती मोमबत्ती को बुझा देती है। यदि उत्पन्न यौगिकों में एक से कैल्सियम क्लोराइड है, तो इस अभिक्रिया के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए।
उत्तर:
पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 27 )
प्रश्न 1.
HCl, HNO3 आदि जलीय विलयन में अम्लीय अभिलक्षण क्यों प्रदर्शित करते हैं, जबकि ऐल्कोहॉल एवं ग्लूकोज जैसे यौगिकों के विलयनों में अम्लीयता के अभिलक्षण नहीं प्रदर्शित होते हैं?
उत्तर:
HCl, HNO3 आदि में उत्सर्जन योग्य H+ होते हैं। जब इन्हें जल में घुलाया जाता है तो H+ आयन अलग हो जाते हैं तथा अम्लीय अभिलक्षण प्रदर्शित करते हैं। ऐल्कोहॉल तथा ग्लूकोज में ऐसा कोई उत्सर्जन योग्य H+ आयन नहीं होता।
प्रश्न 2.
अम्ल का जलीय विलयन क्यों विद्युत का चालन करता है?
उत्तर:
जल में घुलने पर अम्ल वियोजित होकर आयनों का निर्माण करते हैं, उदाहरण के लिए,
HCl + H2O → Cl+ + H3O+
ये आयन विद्युत के चालन के लिए उत्तरदायी होते हैं।
प्रश्न 3.
शुष्क हाइड्रोक्लोरिक गैस शुष्क लिटमस पत्र के रंग को क्यों नहीं बदलती है?
उत्तर:
हम जानते हैं शुष्क दशाओं में अम्ल आयनित नहीं होते इसलिए H+ आयन भी नहीं देते। परिणामस्वरूप वे अम्लीय गुण भी प्रदर्शित नहीं करते। यही कारण है कि शुष्क हाइड्रोक्लोरिक गैस शुष्क लिटमस पत्र के रंग को नहीं बदलती है।
प्रश्न 4.
अम्ल को तनुकृत करते समय यह क्यों अनुशंसित करते हैं कि अम्ल को जल में मिलाना चाहिए, न कि जल को अम्ल में?
उत्तर:
जल में अम्ल या क्षारक के घुलने की प्रक्रिया अत्यंत ऊष्माक्षेपी होती है। सांद्र अम्ल में जल मिलाने पर उत्पन्न हुई ऊष्मा के कारण मिश्रण आस्फलित होकर बाहर आ सकता है तथा हम जल सकते हैं। अतः अम्ल को तनुकृत करते समय अम्ल में जल को मिलाना चाहिए वह भी धीरे-धीरे तथा जल को लगातार हिलाते हुए।
प्रश्न 5.
अम्ल के विलयन को तनुकृत करते समय हाइड्रोनियम आयन (H3O+) की सांद्रता कैसे प्रभावित हो जाती है?
उत्तर:
अम्ल को तनुकृत करने पर उसमें उपस्थित अनआयनित जल की मात्रा तो बढ़ती है परन्तु H3O+ की मात्रा वही रहती है। परिणामस्वरूप H3O+ की सांद्रता लगातार घटती जाती है।
प्रश्न 6.
जब सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन में आधिक्य क्षारक मिलाते हैं तो हाइड्रॉक्साइड आयन (OH) की सांद्रता कैसे प्रभावित होती है?
उत्तर:
हाइड्रॉक्सिल (OH–) समूह की सांद्रता बढ़ जाती है।
पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 31)
प्रश्न 1.
आपके पास दो विलयन ‘A’ एवं ‘B’ हैं। विलयन ‘A’ के pH का मान 6 है एवं विलयन ‘B’ के pH का मान 8 है। किस विलयन में हाइड्रोजन आयन की सांद्रता अधिक है? इनमें से कौन अम्लीय है तथा कौन क्षारकीय?
उत्तर:
विलयन ‘A’ में ‘H+‘ आयन का अधिक सांद्रण है। अतः विलयन ‘A’ अम्लीय है तथा विलयन ‘B’ क्षारकीय है।
प्रश्न 2.
H+ (aq) आयन की सांद्रता का विलयन की प्रकृति पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
जैसे-जैसे H+ आयन का सांद्रण बढ़ता जाता है, विलयन और अधिक अम्लीय होता जाता है।
प्रश्न 3.
क्या क्षारकीय विलयन में H+ (aq) आयन होते हैं? अगर हाँ, तो यह क्षारकीय क्यों होते हैं?
उत्तर:
ये H+ आयन जल से आते हैं।
प्रश्न 4.
कोई किसान खेत की मृदा की किस परिस्थिति में बिना बुझा हुआ चूना (कैल्सियम ऑक्साइड), बुझा हुआ चूना (कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड) या चॉक (कैल्सियम कार्बोनेट) का उपयोग करेगा?
उत्तर:
जब खेत की मृदा अम्लीय होती है तभी किसान इसमें कैल्सियम ऑक्साइड (CaO), कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड [Ca(OH)2] तथा कैल्सियम कार्बोनेट (CaCO3) मिलाते हैं ताकि मिट्टी उदासीन हो जाए या इसका pH परास खेती के लिए उपयुक्त हो जाए।
पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 36)
प्रश्न 1.
CaOCl2 यौगिक का प्रचलित नाम क्या है?
उत्तर:
विरंजक चूर्ण।
प्रश्न 2.
उस पदार्थ का नाम बताइए जो क्लोरीन से क्रिया करके विरंजक चूर्ण बनाता है।
उत्तर:
शुष्क बुझा हुआ चूना [Ca(OH)2]।
प्रश्न 3.
कठोर जल को मृदु करने के लिए किस सोडियम यौगिक का उपयोग किया जाता है?
उत्तर:
धोने का सोडा, अर्थात् सोडियम कार्बोनेट (Na2CO3)।
प्रश्न 4.
सोडियम हाइड्रोजनकार्बोनेट के विलयन को गर्म करने पर क्या होगा? इस अभिक्रिया के लिए समीकरण लिखिए।
उत्तर:
सोडियम हाइड्रोजनकार्बोनेट को गर्म करने पर निम्नलिखित अभिक्रिया होती है-
प्रश्न 5.
प्लास्टर ऑफ पेरिस की जल के साथ अभिक्रिया के लिए समीकरण लिखिए।
उत्तर:
क्रिया-कलाप – 2.1
(i) विज्ञान की प्रयोगशाला से हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl), सल्फ्यूरिक अम्ल (H2SO4), नाइट्रिक अम्ल (HNO3), ऐसीटिक अम्ल (CH3COOH), सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH), कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड [Ca(OH)2] पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड (KOH) मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड [Mg(OH)2] एवं अमोनियम हाइड्रॉक्साइड (NH4OH) के नमूने एकत्र कीजिए।
(ii) ऊपर दिए गए प्रत्येक विलयन की एक बूँद वाच ग्लास में रखिए एवं सारणी 2.1 के अनुसार निम्नलिखित सूचकों से उसकी जाँच कीजिए।
(iii) लाल लिटमस, नीले लिटमस, फिनॉल्पथैलिन एवं मेथिल ऑरेंज विलयन के साथ लिए गए विलयन के रंग में क्या-क्या परिवर्तन होते हैं?
क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
अपने प्रेक्षण को सारणी 2.1 में लिखिए।
उत्तर:
क्रिया-कलाप – 2.2
(i) बारीक कटी हुई प्याज तथा स्वच्छ कपड़े के टुकड़े को एक प्लास्टिक के थैले में लीजिए। थैले को कसकर बाँध दीजिए तथा पूरी रात फ्रिज में रहने दीजिए। अब इस कपड़े के टुकड़े का उपयोग अम्ल एवं क्षारक की जाँच के लिए किया जा सकता है।
(ii) इन्हें स्वच्छ सतह पर रखकर उनमें से एक टुकड़े पर तनु HCl विलयन की कुछ बूँदें एवं दूसरे पर तनु NaOH विलयन की कुछ बूँदें डालिए।
(iii) अब थोड़ा तनु वैनिला एवं लौंग का तेल लीजिए तथा इनकी गंधों की जाँच कीजिए।
(iv) एक परखनली में तनु HCl विलयन एवं दूसरी NaOH का विलयन लीजिए। दोनों में तनु वैनिला एसेंस की कुछ बूँदें डालकर उसे हिलाइए। उसकी गंध की पुनः जाँच कीजिए। यदि गंध में कोई बदलाव है तो उसे दर्ज कीजिए।
क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
इनमें से दो टुकड़े लीजिए एवं उनकी गंध की जाँच कीजिए।
उत्तर:
कपड़े के टुकड़ों से प्याज की गंध नहीं आ रही है।
प्रश्न 2.
दोनों टुकड़ों को जल से धोकर उनकी गंध की पुनः जाँच कीजिए।
उत्तर:
कपड़े के टुकड़े + तनु HCl का घोल → प्याज की गंध मौजूद है तथा इसका लाल रंग हल्का लाल हो गया।
कपड़े के टुकड़े + तनु NaOH का घोल → प्याज की गंध खत्म हो जाती है तथा इसका लाल रंग बदलकर हरा हो गया।
प्रश्न 3.
अब, आइए कपड़े के दोनों टुकड़ों को धोकर इसमें से एक में तनु वैनिला एवं दूसरे में लौंग के तेल की कुछ बूँदें डालकर इनकी गंधों की जाँच करते हैं।
उत्तर:
गंध की जाँच-
(i) तनु वैनिला + तनु NaOH → कोई गंध नहीं है अर्थात् गंध खत्म हो गई।
तनु वैनिला + तनु HCl → वैनिला की गंध मौजूद है।
(ii) लौंग का तेल + HCl → गंध में कोई परिवर्तन नहीं हुआ।
लौंग का तेल + NaOH → गंध में कोई परिवर्तन नहीं हुआ।
क्रिया-कलाप – 2.3
- चित्र के अनुसार उपकरण व्यवस्थित कीजिए।
- एक परखनली में लगभग 5 mL तनु सल्फ्यूरिक अम्ल लीजिए एवं इसमें दानेदार जिंक के टुकड़े डालिए।
- उत्सर्जित गैस को साबुन के विलयन से प्रवाहित कीजिए।
- जलती हुई मोमबत्ती को गैस वाले बुलबुले के पास ले जाइए।
- कुछ अन्य अम्ल जैसे- HCl, HNO3 एवं CH3COOH के साथ यह क्रिया-कलाप दोहरायें।
क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
दानेदार जिंक के टुकड़ों की सतह पर आप क्या देखते हैं?
उत्तर:
गैस के बुलबुले।
प्रश्न 2.
साबुन के विलयन में बुलबुले क्यों बनते हैं?
उत्तर:
जिंक एवं सल्फ्यूरिक अम्ल के बीच अभिक्रिया के दौरान निर्मित गैस प्रवाह नली से होकर साबुन के विलयन में पहुँचती है। इस कारण से बुलबुले बनते हैं।
प्रश्न 3.
आप क्या प्रेक्षण करते हैं?
उत्तर:
बुलबुलों के फूटने पर उनके अन्दर की गैस फट फट की ध्वनि के साथ जलने लगती है।
प्रश्न 4.
प्रत्येक स्थिति में प्रेक्षण समान है या भिन्न?
उत्तर:
हाँ, सभी अम्लों के साथ प्रेक्षण समान है।
क्रिया-कलाप – 2.4
- एक परखनली में जिंक के कुछ दानेदार टुकड़े रखिए।
- उसमें 2 mL सोडियम हाइड्रॉक्साइड का घोल मिलाकर उसे गर्म कीजिए।
- तत्पश्चात्, क्रिया-कलाप 2.3 के अनुसार क्रियाओं को दोहराइए एवं अपने प्रेक्षण को लिखिए।
क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
क्या जिंक NaOH के घोल से अभिक्रिया करती है?
उत्तर:
हाँ, दानेदार जिंक में 2 mL NaOH मिलाकर गर्म करने पर क्रिया-कलाप 2.3 की तरह H2 गैस उत्सर्जित होती है।
प्रश्न 2.
जिंक तथा NaOH के बीच होने वाली अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर:
क्रिया-कलाप – 2.5
- दो परखनलियाँ लीजिए। उन्हें ‘A’ एवं ‘B’ से नामांकित कीजिए।
- परखनली ‘A’ में लगभग 0.5 g सोडियम कार्बोनेट (Nal2CO3) लीजिए एवं परखनली ‘B’ में 0.5 g सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट (NaHCO3) लीजिए।
- दोनों परखनलियों में लगभग 2 mL तनु HCl मिलाइए।
क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
आपने क्या निरीक्षण किया?
उत्तर:
एक गैस का निर्माण होता है।
प्रश्न 2.
चित्र के अनुसार प्रत्येक स्थिति में उत्पादित गैस को चूने के पानी (कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड का विलयन) से प्रवाहित कीजिए एवं अपने निरीक्षणों को अभिलिखित कीजिए।
उत्तर:
चूने का पानी दूधिया हो जाता है। उपर्युक्त क्रिया-कलाप में होने वाली अभिक्रियाओं को इस प्रकार लिखा जाता है-
परखनली ‘A’ : Nal2CO3(s) + 2HCl(aq) → 2NaCl(aq) + H2O(l) + CO2(g)
परखनली ‘B’ : NaHCO3 ( s) + HCl(aq) → NaCl(aq) + H2O(l) + CO2(g)
उत्पादित कार्बन डाइऑक्साइड गैस को चूने के पानी से प्रवाहित करने पर,
अत्यधिक मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड प्रवाहित करने पर निम्न अभिक्रिया होती है-
क्रिया-कलाप – 2.6
(i) परखनली में लगभग 2 mL NaOH का धोल लीजिए एवं उसमें दो बँदे फीनॉल्फथेलिन विलयन डालिए।
क्रिया-कलाप प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
विलयन का रंग क्या है?
उत्तर:
- गुलाबी
- इस विलयन में एक-एक बूँद तनु HCI विलयन मिलाइए।
प्रश्न 2.
क्या अभिक्रिया मिश्रण रंग में कोई परिवर्तन आया?
उत्तर:
हाँ यह धीरे-धीरे रंगहीन हो जाता है।
प्रश्न 3.
अम्ल मिलाने के बाद फीनॉल्फथैलिन का रंग क्यों बदल गया?
उत्तर:
अम्ल, क्षारक के प्रभाव को खत्म कर देता है।
(iii) अब उपर्युक्त मिश्रण में NaOH की कुछ बूँदें मिलाइए।
प्रश्न 4.
क्या फीनॉल्फशैलिन पुनः गुलाबी रंग का हो गया?
उत्तर:
हाँ।
प्रश्न 5.
आपके विचार से ऐसा क्यों होता है?
उत्तर:
NaOH मिलाने के बाद विलयन पुनः क्षारीय हो जाता है।
क्रिया-कलाप – 2.7
बीकर में कॉपर ऑक्साइड की अल्प मात्रा लीजिए एवं हिलाते हुए उसमें धीरे-धीरे तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल मिलाइए।
क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर
प्रश्न-
विलयन के रंग पर ध्यान दीजिए। कॉपर ऑक्साइड का क्या हुआ?
उत्तर:
कॉपर ऑक्साइड HCl के साथ अभिक्रिया करके CuCl2 बनाता है।
क्रिया-कलाप – 2.8
- ग्लूकोज, ऐल्कोहॉल, हाइड्रोक्लोरिक अम्ल, सल्फ्यूरिक अम्ल आदि का विलयन लीजिए।
- एक कॉर्क पर दो कीलें लगाकर कॉर्क को 100 mL के बीकर में रख दीजिए।
- चित्र के अनुसार कीलों को 6 वोल्ट की एक बैटरी के दोनों टर्मिनलों के साथ एक बल्ब तथा स्विच के माध्यम से जोड़ दीजिए।
- अब बीकर में थोड़ा तनु HCl डालकर विद्युत धारा प्रवाहित कीजिए।
- इसी क्रिया को तनु सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ दोहराइए।
क्रियाकलाप के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
आपने क्या प्रेक्षण किया?
उत्तर:
तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल तथा तनु सल्फ्यूरिक अम्ल विद्युत चालन करते हैं।
प्रश्न 2.
इन परीक्षणों को ग्लूकोज एवं ऐल्कोहॉल के विलयनों के साथ अलग-अलग दोहराइए अब आपने क्या प्रेक्षण किया?
उत्तर:
ग्लूकोज विद्युत चालन नहीं करता है। ऐल्कोहॉल भी विद्युत चालन नहीं करता है।
प्रश्न 3.
बल्ब क्या प्रत्येक स्थिति में जलता है।
उत्तर:
बल्ब प्रत्येक स्थिति में नहीं जलता है।
क्रिया-कलाप – 2.9
- एक स्वच्छ एवं शुष्क परखनली लगभग 1g ठोस NaCl लीजिए के अनुसार उपकरण व्यवस्थित कीजिए।
- परखनली में कुछ मात्रा में सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल डालिए।
क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
आपने क्या प्रेक्षण किया? क्या निकास नली से कोई गैस बाहर आ रही है?
उत्तर:
जब सल्फ्यूरिक अम्ल मिलाया जाता है तो बुलबुलों निर्माण होता है। हाँ, एक गैस निकास नली से बाहर आ रही है।
(iii) इस प्रकार उत्सर्जित गैस की सूखे तथा नम नीले लिटमस पत्र द्वारा जाँच कीजिए।
प्रश्न 2.
किस स्थिति में लिटमस पत्र का रंग परिवर्तित होता है?
उत्तर:
आई लिटमस अपना रंग बदल लेता है (नीला से लाल)।
प्रश्न 3.
उपर्युक्त क्रिया-कलाप के आधार पर आप निम्न के अम्लीय गुण के बारे में क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं?
(i) शुष्क HCI गैस
(ii) HCI विलयन?
उत्तर:
(i) शुष्क HCI गैस अम्लीय गुण प्रदर्शित नहीं करती है।
(ii) HCl विलयन अम्लीय गुण प्रदर्शित करता है।
क्रिया-कलाप – 2.10
- एक बीकर में 10 ml जल लीजिए।
- इसमें कुछ बूँदें सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल (H2SO4) की डालकर बीकर धीरे-धीरे घुमाइए।
- बीकर के आधार को स्पर्श कीजिए।
- उपर्युक्त क्रिया-कलाप को सोडियम हाइड्रॉक्साइड के साथ दोहराइए एवं अपने प्रेक्षण को लिखिए।
क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
क्या तापमान में कोई परिवर्तन आया?
उत्तर:
हाँ।
प्रश्न 2.
यह प्रक्रिया क्या ऊष्माक्षेपी अथवा ऊष्माशोषी है?
उत्तर:
यह प्रक्रिया ऊष्माक्षेपी है।
क्रिया-कलाप – 2.11
(i) दी गई सारणी 2.2 में विलयन के pH मानों की जाँच कीजिए।
क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
अपने प्रेक्षणों को लिखिए।
उत्तर:
विलयन | pH पत्र का रंग | लगभग pH-मान | पदार्थ की प्रकृति |
1. लार (खाना खाने के पहले) | हल्का हरा | 7.4 | क्षारक |
2. लार (खाना खाने के बाद) | हल्का पीला | 5.8 | अम्लीय |
3. नींबू का रस | गुलाबी लाल | 2.5 | अम्लीय |
4. रंगरहित वातित पेय | हल्का पीला | 6 | अम्लीय |
5. गाजर का रस | हल्का नारंगी | 4 | अम्लीय |
6. कॉफी | नारंगी-पीला | 5 | अम्लीय |
7. टमाटर का रस | गहरा नारंगी | 4.1 | अम्लीय |
8. नल का जल | हरा | 7 | उदासीन |
9. 1M NaOH | गहरा नीला बैंगनी | 13-14 | क्षारक |
10. 1M HCl | लाल | 1 | अम्लीय |
प्रश्न 2.
आपके प्रेक्षणों के आधार पर प्रत्येक पदार्थ की प्रकृति क्या है?
उत्तर:
विलयन | pH पत्र का रंग | लगभग pH-मान | पदार्थ की प्रकृति |
1. लार (खाना खाने के पहले) | हल्का हरा | 7.4 | क्षारक |
2. लार (खाना खाने के बाद) | हल्का पीला | 5.8 | अम्लीय |
3. नींबू का रस | गुलाबी लाल | 2.5 | अम्लीय |
4. रंगरहित वातित पेय | हल्का पीला | 6 | अम्लीय |
5. गाजर का रस | हल्का नारंगी | 4 | अम्लीय |
6. कॉफी | नारंगी-पीला | 5 | अम्लीय |
7. टमाटर का रस | गहरा नारंगी | 4.1 | अम्लीय |
8. नल का जल | हरा | 7 | उदासीन |
9. 1M NaOH | गहरा नीला बैंगनी | 13-14 | क्षारक |
10. 1M HCl | लाल | 1 | अम्लीय |
क्रिया-कलाप – 2.12
- एक परखनली में लगभग 28 मिट्टी रखिए एवं उसमें 5 mL जल मिलाइए।
- परखनली की सामग्री को हिलाइए।
- सामग्रियों को छानिए एवं परखनली में निस्यंद एकत्र कीजिए।
- सार्वत्रिक सूचक पत्र की सहायता से इस निस्यंद के pH की जाँच कीजिए।
क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
अपने क्षेत्र में पौधों के उपयुक्त विकास के लिए आदर्श मिट्टी के pH के सम्बन्ध में आपने क्या निष्कर्ष निकाला?
उत्तर:
आदर्श मिट्टी के लिए आदर्श pH परास 7 से 7.6 है।
क्रिया-कलाप – 2.13
प्रश्न 1.
नीचे दिए गए लवण के सूत्र लिखिए- पोटैशियम सल्फेट, सोडियम सल्फेट, कैल्सियम सल्फेट, मैग्नीशियम सल्फेट, कॉपर सल्फेट, सोडियम क्लोराइड, सोडियम नाइट्रेट, सोडियम कार्बोनेट एवं अमोनियम क्लोराइड।
उत्तर:
लवण | K2SO4 |
1. पोटैशियम सल्फेट | Na2SO4 |
2. सोडियम सल्फेट | CaSO4 |
3. कैल्सियम सल्फेट | MgSO4 |
4. मैग्नीशियम सल्फेट | CuSO4 |
5. कॉपर सल्फेट | NaCl |
6. सोडियम क्लोराइड | NaNO3 |
7. सोडियम नाइट्रेट | Nal2CO3 |
8. सोडियम कार्बोनेट | NH4Cl |
9. अमोनियम क्लोराइड | K2SO4 |
प्रश्न 2.
उन अम्ल एवं क्षारक की पहचान कीजिए जिससे उपर्युक्त (क्रिया कलाप – 2.13 के प्रश्न 1) लवण प्राप्त किए जा सकते हैं।
उत्तर:
लवण | अम्ल | क्षारक |
1. पोटैशियम सल्फेट | H2SO4 | KOH |
2. सोडियम सल्फेट | H2SO4 | NaOH |
3. कैल्सियम सल्फेट | H2SO4 | Ca(OH)2 |
4. मैग्नीशियम सल्फेट | H2SO4 | Mg(OH)2 |
5. कॉपर सल्फेट | H2SO4 | Cu(OH)2 |
6. सोडियम क्लोराइड | HCl | NaOH |
7. सोडियम नाइट्रेट | HNO3 | NaOH |
8. सोडियम कार्बोनेट | H2CO3 | NaOH |
9. अमोनियम क्लोराइड | HCl | NH4OH |
प्रश्न 3.
समान धन या ऋण मूलक वाले लवणों को एक ही परिवार का कहा जाता है। जैसे, NaCl एवं Na2SO4, सोडियम लवण के परिवार का है। इसी प्रकार NaCl एवं KCl क्लोराइड लवण के परिवार के हैं। इस क्रिया-कलाप में दिए गए लवणों में आप कितने परिवारों की पहचान कर सकते हैं?
उत्तर:
- सल्फेट लवण – K2SO4, N2SO4, CaSO4, MgSO4, CuSO4
- क्लोराइड लवण – NaCl, NH CI
- सोडियम लवण – Nal2SO4, NaCl, Nal2CO3, NaNO3
क्रिया-कलाप – 2.14
- निम्नलिखित लवर्णों के नमूने एकत्र कीजिए- सोडियम क्लोराइड, पोटैशियम नाइट्रेट, ऐलुमिनियम क्लोराइड, जिंक सल्फेट, कॉपर सल्फेट, सोडियम ऐसीटेट, सोडियम कार्बोनेट एवं सोडियम हाइड्रोजनकार्बोनेट (कुछ अन्य लवण जो उपलब्ध हों)।
- जल में इनकी विलेयता की जाँच कीजिए (केवल आसवित जल का उपयोग कीजिए)।
- लिटमस पर इन विलयनों की क्रिया की जाँच कीजिए एवं pH पेपर का उपयोग कर इनके pH के मान का पता लगाइए।
- लवण बनाने के लिए उपयोग होने वाले अम्ल या क्षारक की पहचान कीजिए।
क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
कौन-से लवण अम्लीय क्षारकीय या उदासीन हैं?
उत्तर:
लवण | pH | प्रयुक्त अम्ल | प्रयुक्त क्षारक |
Nacl | 7 | HCl | NaOH |
NaNO3 | 6.5 | HNO3 | NaOH |
NH4Cl | 4.7 | HCl | NH4OH |
KCN | 11.4 | HCN | KOH |
KBr | 7 | HBr | KOH |
प्रश्न 2.
अपने प्रेक्षणों को सारणी 2.4 में लिखिए।
उत्तर:
लवण | pH | प्रयुक्त अम्ल | प्रयुक्त क्षारक |
Nacl | 7 | HCl | NaOH |
NaNO3 | 6.5 | HNO3 | NaOH |
NH4Cl | 4.7 | HCl | NH4OH |
KCN | 11.4 | HCN | KOH |
KBr | 7 | HBr | KOH |
क्रिया-कलाप – 2.15
(i) कॉपर सल्फेट के कुछ क्रिस्टल को शुष्क क्वथन नली में गर्म कीजिए।
क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
गर्म करने के बाद कॉपर सल्फेट का रंग क्या है?
उत्तर:
श्वेत।
प्रश्न 2.
क्वथन नली में क्या जल की बूँदें नजर आती हैं? ये कहाँ से आई?
उत्तर:
हाँ, ये कॉपर सल्फेट क्रिस्टल से आई।
(ii) गर्म करने के बाद प्राप्त कॉपर सल्फेट के नमूने में जल की 2-3 बूँदें डालिए।
प्रश्न 3.
आप क्या प्रेक्षण करते हैं? क्या कॉपर सल्फेट का नीला रंग वापस आ जाता है?
उत्तर:
जल मिलाने पर कॉपर सल्फेट का नीला रंग वापस आ जाता है।