Jharkhand Board JAC Class 11 Geography Important Questions Chapter 2 पृथ्वी की उत्पत्ति एवं विकास Important Questions and Answers.
JAC Board Class 11 Geography Important Questions Chapter Chapter 2 पृथ्वी की उत्पत्ति एवं विकास
बहु-विकल्पी प्रश्न (Multiple Choice Questions)
प्रश्न-दिए गए प्रश्नों के चार वैकल्पिक उत्तरों में से सही उत्तर चुनकर लिखो
1. सौर मण्डल में कितने ग्रह हैं?
(A) 6
(B) 7
(C) 8
(D) 9
उत्तर:
(C) 8
2. कौन-सा ग्रह भीतरी ग्रह है?
(A) पृथ्वी
(B) बृहस्पति
(C) शनि
(D) कुबेर।
उत्तर:
पृथ्वी।
3. कौन-सा ग्रह भीतरी ग्रह नहीं है?
(A) बुध
(B) शुक्र
(C) पृथ्वी
(D) शनि।
उत्तर:
शनि।
4. एमैनुल कांट किस देश का निवासी था?
(A) भारत
(B) फ्रांस
(C) इंग्लैण्ड
(D) जर्मनी।
उत्तर:
जर्मनी।
5. लाप्लास ने नीहारिका सिद्धान्त कब प्रस्तुत किया?
(A) 1795
(B) 1796
(C) 1797
(D) 1798
उत्तर:
1796.
6. सूर्य से गैसीय पदार्थ किस बल द्वारा अलग हुए हैं?
(A) गुरुत्वाकर्षण
(B) घूर्णन
(C) कोणीय संवेग
(D) अपकेन्द्रीय बल।
उत्तर:
गुरुत्वाकर्षण।
7. किस गैस का संगलन हीलियम में हुआ?
(A) हाइड्रोजन
(B) नाइट्रोजन
(C) ऑक्सीजन
(D) आर्गन।
उत्तर:
हाइड्रोजन।
8. चन्द्रमा की उत्पत्ति कितने वर्ष पूर्व हुई?
(A) 2.44 अरब वर्ष
(B) 4.44 अरब वर्ष
(C) 3.44 अरब वर्ष
(D) 5.44 अरब वर्ष।
उत्तर:
4.44 अरब वर्ष।
9. नीहारिका सिद्धान्त किस विद्वान् ने प्रस्तुत किया?
(A) चेम्बरलेन
(B) लाप्लेस
(C) न्यूटन
(D) मोल्टन।
उत्तर:
लाप्लेस।
10. लाप्लेस किस विषय का विद्वान् था?
(A) सामाजिक विज्ञान
(B) भौतिकी
(C) अर्थशास्त्र
(D) गणित।
उत्तर:
गणित।
11. जेम्स तथा जेफ़री ने कौन-सा सिद्धान्त प्रस्तुत किया?
(A) नीहारिका
(B) दैतारक सिद्धान्त
(C) एक तारक सिद्धान्त
(D) विस्थापन सिद्धान्त।
उत्तर:
दैतारक सिद्धान्त।
12. ऑटो शिमिड किस देश का वैज्ञानिक था?
(A) रूस
(B) जर्मनी
(C) फ्रांस
(D) इंग्लैंड।
उत्तर:
रूस।
13. सौर नीहारिका की प्रमुख गैस थी
(A) ऑक्सीजन
(B) नाइट्रोजन
(C) हाइड्रोजन
(D) ओज़ोन।
उत्तर:
हाइड्रोजन।
14. पृथ्वी की उत्पत्ति सम्बन्धी सर्वमान्य सिद्धान्त है
(A) नीहारिका
(B) द्वैतारिक
(C) बिग बैंग
(D) ज्वारीय।
उत्तर:
बिग बैंग।
15. बिग बैंग सिद्धान्त किसने प्रस्तुत किया?
(A) लाप्लेस
(B) एडविन हब्बल
(C) मोल्टन
(D) न्यूटन।
उत्तर:
एडविन हब्बल।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1.
सौर मण्डल में कितने ग्रह हैं?
उत्तर:
8.
प्रश्न 2.
आन्तरिक ग्रहों (तुच्छ ग्रहों) के नाम लिखो।
उत्तर:
बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल ग्रह ।
प्रश्न 3.
बाह्य ग्रहों ( श्रेष्ठ ग्रहों) के नाम लिखो।
उत्तर:
बृहस्पति, शनि, अरुण, वरुण, कुबेर।
प्रश्न 4.
उस अद्वितीय ग्रह का नाम लिखो जहां जीवन मौजूद है।
उत्तर:
पृथ्वी।
प्रश्न 5.
किस दार्शनिक ने नीहारिका सिद्धान्त प्रस्तुत किया?
उत्तर:
जर्मनी के दार्शनिक एमैनुल कान्त।
प्रश्न 6.
किस वैज्ञानिक ने संघट्ट परिकल्पना प्रस्तुत की?
उत्तर:
जेम्स जीन्स तथा जेफ्रीज़ ने।
प्रश्न 7.
सूर्य से बाहर निकले जीह्वाकार पदार्थ का क्या आकार है?
उत्तर:
सिगार आकार।
प्रश्न 8.
1950 ई० में रूस के किस वैज्ञानिक ने नीहारिका परिकल्पना में संशोधन किया?
उत्तर:
ऑटो शिमिड ने।
प्रश्न 9.
जींस और जैफरी का कौन-सा सिद्धान्त है?
उत्तर:
द्वैतारक सिद्धान्त।
प्रश्न 10.
आधुनिक समय में सर्वमान्य सिद्धान्त कौन-सा है?
उत्तर:
बिग बैंग सिद्धान्त (विस्तृत ब्रह्माण्ड परि-कल्पना)
प्रश्न 11.
प्रकाश वर्ष में प्रकाश कितनी दूरी तय करता है?
उत्तर:
9.461 x 1012 कि० मी०।
प्रश्न 12.
तारों का निर्माण कब हुआ?
उत्तर:
लगभग 5 से 6 अरब वर्ष पहले।
प्रश्न 13.
The Big Splat से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
एक बड़े पिण्ड का पृथ्वी से टकराना जिससे चन्द्रमा की उत्पत्ति हुई।
प्रश्न 14.
चन्द्रमा की उत्पत्ति कब हुई?
उत्तर:
4.44 अरब वर्ष पूर्व।
प्रश्न 15.
पृथ्वी पर ऑक्सीजन का स्रोत क्या है?
उत्तर:
संश्लेषण क्रिया से महासागरों में ऑक्सीजन का बढ़ना।
प्रश्न 16.
लाप्लेस के अनुसार ग्रहों का निर्माण कैसे हुआ?
उत्तर:
ग्रहों का निर्माण धीमी गति से घूमते हुए पदार्थों के बादल से सूर्य की युवा अवस्था में हुआ।
प्रश्न 17.
द्वैतारक मत के दो समर्थक विद्वानों के नाम बताओ।
उत्तर:
सर जेम्स जीन्स, सर हैरोल्ड जैफ़री।
प्रश्न 18.
सौर नीहारिका परिकल्पना के समर्थक दो विद्वानों के नाम लिखो।
उत्तर;
ऑटो शिमिड, कार्ल वाइज़ास्कर।
प्रश्न 19.
सौर नीहारिका में मौजूद तीन गैसें बताओ।
उत्तर:
- हाइड्रोजन
- हीलियम
- धूलिकण।
प्रश्न 20.
ब्रह्माण्ड का विस्तार कैसे हो रहा है?
उत्तर:
ब्रह्माण्ड की आकाश गंगाओं के बीच की दूरी बढ़ने से विस्तार हो रहा है।
प्रश्न 21.
पृथ्वी की उत्पत्ति के बारे में प्रारम्भिक मत किस दार्शनिक ने दिया?
उत्तर:
एमैनुल कान्ट।
प्रश्न 22.
सूर्य के सबसे नज़दीक कौन-सा ग्रह है?
उत्तर:
बुध।
प्रश्न 23.
सौरमण्डल का सबसे बड़ा व सबसे छोटा कौन-सा ग्रह है?
उत्तर:
बृहस्पति सबसे बड़ा और बुध सबसे छोटा। प्रश्न 24. प्रकाश वर्ष किस इकाई का मापक है?
उत्तर:
खगोलीय दूरी।
लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1.
ग्रहाणु क्या है?
उत्तर:
सूर्य तथा गुज़रते तारे के टकराव के कारण गैसीय पदार्थ एक फ़िलेमैण्ट के रूप में पूर्व-स्थित सूर्य से निकल कर बाहर आ गया। यह जिह्वा आकार के पदार्थ छोटे-छोटे टुकड़ों में बिखर गए। ये टुकड़े ठंडे पिंडों के रूप में उड़ते हुए सूर्य के चारों ओर कक्षाओं में घूमने लगे। इन्हें ग्रहाणु (Planetesimals) कहते हैं।
प्रश्न 2.
ऑटो शिमिड द्वारा संशोधित सिद्धान्त पर नोट लिखो।
उत्तर:
1950 ई० में रूस के ऑटो शिमिड (Otto Schmidt) व जर्मनी के कार्ल वाइज़ास्कर (Carl Weizascar) ने नीहारिका परिकल्पना (Nebular hypothesis) में कुछ संशोधन किया, जिसमें विवरण भिन्न था। उनके विचार से सूर्य एक सौर नीहारिका से घिरा हुआ था जो मुख्यतः हाइड्रोजन, हीलियम और धूलिकणों की बनी थी। इन कणों के घर्षण व टकराने (Collusion) से एक चपटी तश्तरी की आकृति के बादल का निर्माण हुआ और अभिवृद्धि (Accretion) प्रक्रम द्वारा ही ग्रहों का निर्माण हुआ।
प्रश्न 3.
तारों के निर्माण की प्रक्रिया का वर्णन करो।
उत्तर:
तारों का निर्माण-प्रारम्भिक ब्रह्मांड में ऊर्जा व पदार्थ का वितरण समान नहीं था। घनत्व में आरम्भिक भिन्नता से गुरुत्वाकर्षण बलों में भिन्नता आई, जिसके परिणामस्वरूप पदार्थ का एकत्रण हुआ। यही एकत्रण आकाशगंगाओं के विकास का आधार बना। एक आकाशगंगा असंख्य तारों का समूह है। आकाशगंगाओं का विस्तार इतना अधिक होता है कि उनकी दूरी हज़ारों प्रकाश वर्षों में (Light years) मापी जाती है। एक अकेली आकाशगंगा का व्यास 80 हज़ार से 1 लाख 50 हजार वर्ष के बीच हो सकता है।
एक आकाशगंगा के निर्माण की शुरुआत हाइड्रोजन गैस से बने विशाल बादल के संचयन से होती है जिसे नीहारिका (Nebula) कहा गया। क्रमश: इस बढ़ती हुई नीहारिक में गैस के झुण्ड विकसित हुए। ये झुण्ड बढ़ते-बढ़ते घने गैसीय पिण्ड बने, जिनसे तारों का निर्माण आरम्भ हुआ। ऐसा विश्वास किया जाता है कि तारों का निर्माण लगभग 5 से 6 अरब वर्षों पहले हुआ।
प्रश्न 4.
आन्तरिक तथा बाहरी ग्रहों की तुलना करो।
उत्तर:
इन 8 ग्रहों में बुध, शुक्र, पृथ्वी व मंगल भीतरी ग्रह (Inner planets) कहलाते हैं, क्योंकि ये सूर्य व छुद्रग्रहों की पट्टी के बीच स्थित हैं। अन्य चार ग्रह बाहरी ग्रह (Outer planets) कहलाते हैं जिनमें वृहस्पति, शनि, अरुण, वरुण शामिल हैं। पहले चार ग्रह पार्थिव (Terrestrial) ग्रह भी कहे जाते हैं । इसका अर्थ है कि ये ग्रह पृथ्वी की भान्ति ही शैलों और धातुओं से बने हैं और अपेक्षाकृत अधिक घनत्व वाले ग्रह हैं।
अन्य चार ग्रह गैस से बने विशाल ग्रह या जोवियन (Jovian) ग्रह कहलाते हैं। जोवियन का अर्थ है बृहस्पति (Jupiter) की तरह। इनमें से अधिकतर पार्थिक ग्रहों से विशाल हैं और हाइड्रोजन व हीलियम से बना सम, वायुमण्डल है। सभी ग्रहों का निर्माण लगभग 4.6 अरब सालों पहले एक ही समय में हुआ।
प्रश्न 5.
ग्रहों का सूर्य से दूरी, घनत्व तथा अर्द्धव्यास की दृष्टि से तुलनात्मक वर्णन करो।
उत्तर:
ग्रह सूर्य से दूरी घनत्व अद्ध व्यास
ग्रह | सूर्य से दूरी | घनत्व | अर्ध्ध व्यास | उपग्रह |
बुध | 0.387 | 5.44 | 0.383 | 0 |
शुक्र | 0.723 | 5.245 | 0.949 | 0 |
पृथ्वी | 1.000 | 5.517 | 1.000 | 1 |
मंगल | 1.524 | 3.945 | 0.533 | 2 |
बृहस्पति | 5.203 | 1.33 | 11.19 | 69 |
शान | 9.539 | 0.70 | 9.460 | 61 |
अरुण | 19.182 | 1.17 | 4.11 | 27 |
वरुण | 30.058 | 1.66 | 3.88 | 14 |
प्रश्न 6.
चन्द्रमा की उत्पत्ति सम्बन्धी मत प्रस्तुत करें।
उत्तर:
चन्द्रमा पृथ्वी का अकेला प्राकृतिक उपग्रह है। पृथ्वी की तरह चन्द्रमा की उत्पत्ति सम्बन्धी मत प्रस्तुत किए गए हैं।
1. सन् 1838 ई० में, सर जार्ज डार्विन (Sir George Darwin):
ने सुझाया कि प्रारम्भ में पृथ्वी व चन्द्रमा तेज़ी से घूमते एक ही पिण्ड थे। यह पूरा पिण्ड डंबल (बीच से पतला व किनारों से मोटा) की आकृति में परिवर्तित हुआ और अंततोगत्वा टूट गया। उनके अनुसार चन्द्रमा का निर्माण उसी पदार्थ से हुआ जहाँ आज प्रशांत महासागर एक गर्त के रूप में मौजूद है।
2. यद्यपि वर्तमान समय के वैज्ञानिक इनमें से किसी भी व्याख्या को स्वीकार नहीं करते। ऐसा विश्वास किया जाता है कि पृथ्वी के उपग्रह के रूप में चन्द्रमा की उत्पत्ति एक बड़े टकराव (Giant impact) का नतीजा है जिसे ‘द बिग स्पलैट’ (The big splat) कहा गया है। ऐसा मानना है कि पृथ्वी के बनने के कुछ समय बाद ही मंगल ग्रह के 1 से 3 गुणा बड़े आकार का पिण्ड पृथ्वी से टकराया। इस टकराव से पृथ्वी का एक हिस्सा टूटकर अंतरिक्ष में बिखर गया। टकराव से अलग हुआ यह पदार्थ फिर पृथ्वी के कक्ष में घूमने लगा और क्रमशः आज का चन्द्रमा बना। यह घटना या चन्द्रमा की उत्पत्ति लगभग 4.44 अरब वर्षों पहले हुई।
प्रश्न 7.
पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति कैसे हुई?
उत्तर:
आधुनिक वैज्ञानिक जीवन की उत्पत्ति को एक तरह की रासायनिक प्रतिक्रिया बताते हैं, जिससे पहले जटिल जैव (कार्बनिक) अणु (Complex organic molecules) बने और उनका समूहन हुआ। यह समूहन ऐसा था जो अपने आपको दोहराता था। (पुनः बनने में सक्षम था) और निर्जीव पदार्थ को जीवित तत्त्व में परिवर्तित कर सका। हमारे ग्रह पर जीवन के चिह्न अलग-अलग समय की चट्टानों में पाए जाने वाले जीवाश्म के रूप में हैं।
300 करोड़ साल पुरानी भूगर्भिक शैलों में पाई जाने वाली सूक्ष्मदर्शी संरचना आज की शैवाल (Blue green algae) की संरचना से मिलती जुलती है। यह कल्पना की जा सकती है कि इससे पहले समय में साधारण संरचना वाली शैवाल रही होगी। यह माना जाता है कि जीवन का विकास लगभग 380 करोड़ वर्षों पहले आरम्भ हुआ। एक कोशीय जीवाणु से आज के मनुष्य तक जीवन के विकास का सार भूवैज्ञानिक काल मापक्रम से प्राप्त किया जा सकता है।
प्रश्न 8.
प्रकाश वर्ष से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
प्रकाश वर्ष (Light Year) समय का नहीं वरन् दूरी का माप है। प्रकाश की गति 3 लाख कि०मी० प्रति सैकेंड है। विचारणीय है कि एक साल में प्रकाश जितनी दूरी तय करेगा, वह एक प्रकाश वर्ष होगा। यह 9.461×1012 कि०मी० के बराबर है। पृथ्वी व सूर्य की औसत दूरी 14 करोड़ 95 लाख, 98 हजार किलोमीटर है। प्रकाश वर्ष के सन्दर्भ में यह प्रकाश वर्ष का केवल 8.311 मिनट है।
प्रश्न 9.
सौर मण्डल क्या है? इसकी रचना कब हुई?
उत्तर:
हमारे सौर मण्डल में आठ ग्रह हैं। जिस नीहारिका को सौर मण्डल का जनक माना जाता है उसके ध्वस्त होने व क्रोड के बनने की शुरुआत लगभग 5 से 5.6 अरब वर्षों पहले हुई व ग्रह लगभग 4.6 से 4.56 अरब वर्षों पहले बने। हमारे सौर मण्डल में सूर्य (तारा), आठ ग्रह, 63 उपग्रह, लाखों छोटे पिण्ड जैसे-क्षुद्र ग्रह (ग्रहों के टुकड़े) (Asterodis), धूमकेतु (Comets) एवं वृहत् मात्रा में धूलिकण व गैस हैं।
प्रश्न 10.
पार्थिव व जोवियन ग्रहों में अन्तर स्पष्ट करो।
उत्तर:
पार्थिव ग्रह
पार्थिव ग्रह | जोवियन ग्रह |
(1) पार्थिव ग्रह अपने जनक तारे के बहुत समीप बने हैं। | (1) जोवियन ग्रहों की रचना अपने जनक तारे से अधिक दूरी पर हुई। |
(2) सौर वायु पार्थिव ग्रहों से अधिक मात्रा में गैस व धूल कण उड़ा ले गई। | (2) सौर वायु जोवियन ग्रहों से अधिक गैसों को हटा नहीं पाई। |
(3) बृहस्पति, शनि, अरुण वरुण पार्थिव ग्रह हैं। | (3) बृहस्पति एक जोवियन ग्रह हैं। |
प्रश्न 11.
पृथ्वी की भू-पर्पटी का विकास क्रम बताइए।
उत्तर:
अनेक ग्रहाणुओं के एकत्र होने से ग्रह बने, पदार्थों के एकत्र होने से अत्यधिक उष्मा उत्पन्न हुई, उत्पन्न ताप से पदार्थ पिघलने लगे। भारी पदार्थ पृथ्वी के केन्द्र में चले गए, हल्के पदार्थ पृथ्वी की सतह पर ठण्डे व ठोस होने लगे। इस प्रकार भू-पर्पटी का निर्माण हुआ।
प्रश्न 12.
अन्तरिक्ष क्या है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
खुले ब्रह्मांड में करोड़ों आकाश गंगाएं (Galaxies) हैं। प्रत्येक आकाश गंगा तमें अरबों तारे हैं। इनसे मिलकर बने ब्रह्मांड को अंतरिक्ष कहते हैं। वास्तव में अंतरिक्ष इतना बड़ा है कि हम इसकी कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। अंतरिक्ष का न कोई आदि है और न ही कोई अन्त।
निबन्धात्मक प्रश्न (Essay Type Questions)
प्रश्न 1.
जेम्स जींस तथा जेफ्रीज़ द्वारा प्रस्तुत संघट्ट परिकल्पना का वर्णन करो।
उत्तर:
संघट्ट परिकल्पना (Collision Hypothesis):
यह परिकल्पना द्वि-तारक (Dualistic) सिद्धान्त पर आधारित है। यह परिकल्पना इंग्लैंड के प्रसिद्ध विद्वान् सर जेम्स जींस तथा जेफ्रीज़ द्वारा 1926 में प्रस्तुत की गई। इस सिद्धान्त के अनुसार ग्रहों की उत्पत्ति द्वै-तारक (Bi-parental) है। इसे ज्वारीय परिकल्पना भी कहते हैं।
परिकल्पना की रूप-रेखा (Outlines of the Hypothesis):
- इस परिकल्पना के अनुसार आरम्भ में सूर्य एक गर्म गैसीय पदार्थ के रूप में अन्तरिक्ष में मौजूद था।
- इस सूर्य से कई गुणा बड़ा, एक और तारा सूर्य के निकट से गुज़रा। इस तारे के कारण सूर्य में ज्वार उत्पन्न हुए।
- गुजरते हुए तारे के गुरुत्वाकर्षण के कारण पूर्व स्थित सूर्य से गैसीय पदार्थ आकर्षित होकर खिंच गए। इस निकले हुए पदार्थ को फ़िलेमैण्ट कहा गया जो सिगार के आकार का था।
- यह फिलेमैण्ट कई छोटे-छोटे टुकड़ों में बंट गया जिन्हें ग्रहाणु (Planetisimals) कहते हैं।
- आपसी टक्कर तथा गुरुत्वाकर्षण द्वारा ग्रहाणु के बड़े टुकड़ों ने छोटे टुकड़ों को अपने में मिला लिया और इस प्रकार ग्रहों की रचना हुई।
गुण-दोष (Merits and Demerits):
यह परिकल्पना सबसे अधिक मान्य है। ग्रहों का वर्तमान क्रम इस परिकल्पना का प्रमाण है। उपग्रहों का आकार तथा संख्या भी इस परिकल्पना के अनुसार हैं। छोटे ग्रहों के उपग्रह कम हैं। परन्तु यह सिद्धान्त मंगल ग्रह की स्थिति को समझाने में असमर्थ है। सूर्य का तापमान भी इतना अधिक है कि इससे ग्रहों की रचना सम्भव नहीं है।
प्रश्न 2.
पृथ्वी के भू-गर्भिक इतिहास को महाकल्पों में बांटिए और उनकी प्रमुख विशेषताओं का वर्णन करो।
उत्तर:
पृथ्वी का इतिहास (Life History of the Earth):
पृथ्वी सौर मण्डल का एक अंग है। इसकी उत्पत्ति सौर मण्डल के साथ-साथ ही हुई है। पृथ्वी की चट्टानें भी पृथ्वी इतिहास के पृष्ठ हैं। चट्टानों की पर्तों और उनमें जीवाश्मों (Fossils) के अध्ययन से पृथ्वी के भू-गर्भिक इतिहास का पता चलता है। पृथ्वी की आयु 3 अरब से 5 अरब वर्ष तक आंकी गई है; परन्तु पृथ्वी पर मानव का उदय 50,000 वर्ष पूर्व की घटना है। पृथ्वी की आयु के प्रथम 1/2 अरब वर्ष का अनुमान निराधार है। परन्तु अन्तिम 50 करोड़ वर्षों का अनुमान विभिन्न तथ्यों पर आधारित है। पृथ्वी के इतिहास को अध्ययन की सुविधा के लिए विभिन्न ईयोन (Eons), महाकल्पों (Era), कल्पों (Periods) और युगों (Epoch) में बांटा गया है।
1. आद्य महाकल्प (Pre-Cambrian Era):
यह पृथ्वी के इतिहास का सबसे प्राचीन महाकल्प है। इस महाकल्प की चट्टानें सबसे पुरानी हैं तथा पृथ्वी के भीतर बहुत गहराई में पाई जाती हैं। इस काल की मुख्य शैलें नीस (Geneiss) तथा ग्रेनाइट (Granite) हैं। इस काल में ज्वालामुखी क्रिया तथा भूकम्प बहुत आया करते थे। इस समय हरसिनीयन हलचलों के कारण गोंडवाना लैण्ड, अंगारा लैण्ड, लॉरेशिया तथा बाल्टिक भू-खण्डों का निर्माण हुआ।
2. पुराजीव महाकल्प (Palaeozoic or Primary Era):
यह मकाकल्प 150 करोड़ वर्ष पूर्व से 22 करोड़ वर्ष पूर्व तक रहा। इस महाकल्प में पृथ्वी पर वनस्पति और जीवों का विकास हुआ। इस महाकल्प में कैलिडोनियन हलचल हुई। इस महाकल्प को दो मुख्य भागों में बांटा जाता है
(क) प्राचीन पुराजीव महाकल्प।
(ख) नवीन पुराजीव महाकल्प।
(क) प्राचीन पुराजीव महाकल्प (Lower Palaeozoic Era): इस महाकल्प को तीनों कल्पों में बांटा जाता है
- कैम्ब्रियन कल्प (Cambrian Period):
इस युग में भू-मण्डल पर समुद्रों की उत्पत्ति हुई। इस कल्प की शैलों में चूने का पत्थर, बलुआ पत्थर तथा शैल महत्त्वपूर्ण हैं। इस युग में बिना रीढ़ वाले जन्तुओं का जन्म हुआ। - ओौंविसियन कल्प (Ordovician Period):
इस कल्प में समुद्र का अधिक विस्तार हुआ। जीवों का और अधिक विकास हुआ। ज्वालामुखी तथा पर्वत निर्माणकारी हलचलें प्रारम्भ हुईं। - सिल्यूरियन कल्प (Silurian Period):
इस युग में समुद्रों में मछलियों का जन्म हुआ तथा लाल बालू का पत्थर बना। इस कल्प में कैलिडोनियन हलचल के कारण स्कॉटलैण्ड के पर्वत बने।
(ख) नवीन पुराजीव महाकल्प (Upper Paleozoic Era)
- डिवोनियन कल्प (Devonian Period): इस कल्प के मछलियों की वृद्धि हुई तथा वलन क्रिया का विस्तार हुआ।
- कार्बोनीफेरस कल्प (Carboniferous Period): इस युग में अधिक ऊष्णता के कारण दबी हुई वनस्पति कोयले में बदल गई। इसलिए इसे कोयला या कार्बन कल्प भी कहा जाता है।
- परमियन कल्प (Permian Period): इस युग में शुष्क जलवायु के कारण महासागरों का विस्तार कम होने लगा है। हरसीनियन भू-हलचलों के कारण अप्लेशियन पर्वतों का निर्माण हुआ।
3. मध्य महाजीव महाकल्प (Mesozoic Era):
यह प्राचीन तथा नवीन महाकल्पों का मध्य भाग है जिसे द्वितीय महाकल्प (Secondary Era) भी कहते हैं। यह वर्तमान से 7 करोड़ वर्ष पूर्व तक माना जाता है। इसे तीन कल्पों में बांटा जाता है
- ट्रियासिक’कल्प (Triassic Period): इस काल में महाद्वीपीय विस्थापन टेथीज़ महासागर बना तथा विभिन्न भू-खण्डों की रचना हुई।
- जुरैसिक कल्प (Triassic Period): इस कल्प में भारी तथा भयानक जीव-जन्तुओं का विस्तार हुआ।
- क्रिटेशस कल्प (Cretaceous Period): इस युग में स्तनपोषी जीवों की वृद्धि हुई। लावा प्रवाह से दक्कन के पठारों की रचना हुई।
4. नवजीव महाकल्प (Canozoic Era):
इस युग में आदि मानव का जन्म हुआ। कई पर्वत निर्माणकारी हलचलें हुईं जिससे नवीन मोड़दार पर्वतों का निर्माण हुआ।
- इयोसीन युग (Eocene Period): इस युग में भू-तल पर लावा प्रवाह हुआ तथा कई पठारों की रचना हुई। स्तनधारी पशुओं का विकास हुआ।
- औलिगोसीन युग (Oligocene Period): इस युग को एल्पाइन भू-हलचल का युग कहा जाता है जिसके कारण हिमालय तथा आल्पस पर्वतों का निर्माण हुआ।
- मायोसीन युग (Miocene Period): इस युग में ह्वेल मछली तथा बन्दर आदि का जन्म हुआ। यूरेशिया के मोड़दार पर्वत उत्पन्न हुए। (iv) प्लायोसीन युग (Pliocene Period)—इस युग में तलछट के जमाव से मैदानों का निर्माण हुआ।
5. क्वाटरनरी महाकल्प (Quarternary Era):
यह नवीनतम महाकल्प है। यह युग 10 लाख वर्ष पूर्व प्रारम्भ हुआ था। इसे दो भागों में बांटा जाता है
1. प्लीस्टोसीन युग (Pleistocene Period):
इस युग में उत्तरी अमेरिका, यूरोप आदि भागों पर हिम का आवरण छा गया। इसे ‘महान् हिम युग’ (Great Ice Age) कहते हैं। हिम आवरण के हटने से महान् झीलों, भू-आकार घाटियों तथा हिमोढ़ों की रचना हुई।
2. होलीसीन युग (Holocene Period):
यह अभिनव कल्प या सर्व नूतन युग में मनुष्य का विकास हुआ है। इस युग में पुनः ताप बढ़ने लगा। इस युग में हिम के हटने से कई स्थानों पर हिमोढ़ निक्षेप बने। इस युग में मानव सभ्यता के कई चरण पार करता हुआ अन्तरिक्ष में जा पहुंचा है।