JAC Board Class 9th Social Science Important Questions Civics Chapter 2 संविधान निर्माण
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
निम्नलिखित विकल्पों में से उपयुक्त उत्तर चुनिए
1. विधि एवं नियमों का एक ऐसा समूह जिसके अनुसार राज्य का शासन संचालित होता है, कहलाता है
(क) संविधान
(ख) प्रस्तावना
(ग) धारा
(द) प्रारूप।
उत्तर:
(क) संविधान।
2. संविधान सभा के अध्यक्ष थे
(क) डॉ. बी. आर. अम्बेडकर
(ख) मोतीलाल नेहरू
(ग) डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
(घ) डॉ. एस. राधाकृष्णन।
उत्तर:
(ग) डॉ. राजेन्द्र प्रसाद।
3. भारतीय संविधान के प्रारूप समिति के अध्यक्ष निम्न में से थे
(क) डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
(ख) डॉ. बी. आर. अम्बेडकर
(ग) पं. जवाहरलाल नेहरू
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(ख) डॉ. बी. आर. अम्बेडकर।
4. भारतीय संविधान कब अस्तित्व में आया
(क) 26 जनवरी, 1950 को
(ख) 26 नवम्बर, 1949 को
(ग) 26 जनवरी 1930 को
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(क) 26 जनवरी, 1950 को।
5. दक्षिण अफ्रीका कब लोकतान्त्रिक देश बना
(क) 26 जनवरी, 1950 को
(ख) 26 अप्रैल, 1994 को
(ग) 15 अगस्त, 1947 को
(घ) 2 मई, 1963 में।
उत्तर:
(ख) 26 अप्रैल, 1994 को।
6. चुने हुए जन-प्रतिनिधियों की जो सभा संविधान लिखने का कार्य करती है, उसे कहते हैं
(क) लोक सभा
(ख) संसद
(ग) संविधान सभा
(घ) राज्य सभा।
उत्तर:
(ग) संविधान सभा।
7. दक्षिण अफ्रीका में किन लोगों के साथ भेदभाव किया जाता था?
(क) गोरे लोग
(ख) काले लोग
(ग) अमेरिकन नागरिक
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(ख) काले लोग।
अति लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
दक्षिण अफ्रीका की गोरी सरकार ने किस अपराध के लिए नेल्सन मंडेला पर मुकदमा चलाया ?
उत्तर:
देशद्रोह के अपराध के लिए।
प्रश्न 2.
नेल्सन मंडेला को 28 वर्षों तक कहाँ कैद रखा गया था?
उत्तर:
नेल्सन मंडेला को 28 वर्षों तक दक्षिण अफ्रीका की सबसे बड़ी भयानक जेल रोब्बेन द्वीप में कैद रखा गया था।
प्रश्न 3.
किस वर्ष नेल्सन मंडेला को आजीवन कारावास की सजा हुई? उन्होंने कितने वर्ष जेल में बिताए?
उत्तर:
सन् 1964 में, 28 वर्ष।
प्रश्न 4.
दक्षिण अफ्रीका में ‘अश्वेत’ किसे कहा। जाता था?
उत्तर:
दक्षिण अफ्रीका के स्थानीय लोग जिनकी चमड़ी का रंग काला था उन्हें ‘अश्वेत’ कहा जाता था।
प्रश्न 5.
दक्षिण अफ्रीका में गोरी सरकार के शासन के दौरान लोगों के प्रमुख समूह कौन-कौन से थे?
उत्तर:
- श्वेत,
- काले,
- रंगीन (मिश्रित नस्ल),
- भारत से आकर वहाँ बस जाने वाले लोग।
प्रश्न 6.
रंगीन चमड़ी वाले कौन लोग थे?
उत्तर:
श्वेत, अश्वेत के अलावा मिश्रित नस्ल के लोग ‘रंगीन’ चमड़ी वाले कहे जाते थे।
प्रश्न 7.
दक्षिण अफ्रीका में रंगभेदी शासन द्वारा किये जाने वाले किन्हीं दो गलत व्यवहारों के बारे में लिखिए।
उत्तर:
- श्वेत शासकों द्वारा अश्वेत लोगों को अपने से हीन मानना।
- अश्वेत लोगों को मतदान का अधिकार नहीं देना।
प्रश्न 8.
क्या लोकतन्त्र और संविधान के मध्य कोई सम्बन्ध है?
उत्तर:
सभी देश जिनका संविधान है जरूरी नहीं कि वे लोकतान्त्रिक देश हों परन्तु सभी लोकतान्त्रिक देशों का अपना एक संविधान होता है।
प्रश्न 9.
ऐसी दो घटनाओं के नाम बताओ जिसके बाद लोकतान्त्रिक देशों में एक लिखित संविधान रखने का प्रचलन प्रारम्भ हो गया?
उत्तर:
- ब्रिटेन के विरुद्ध स्वतन्त्रता की लड़ाई के बाद अमेरिकी लोगों द्वारा अपने लिए संविधान तैयार किया गया।
- फ्रांसीसी क्रान्ति के पश्चात् फ्रांस के लोगों ने एक लोकतान्त्रिक संविधान को मान्यता दी।
प्रश्न 10.
भारतीय रियासतों के विलय में निर्णायक भूमिका किसने निभायी?
उत्तर:
वल्लभभाई झावरभाई पटेल ने।
प्रश्न 11.
विदेशी शासन से स्वतन्त्रता के अलावा भारतीय स्वतन्त्रता संघर्ष के क्या अन्य उद्देश्य थे?
उत्तर:
- भारतीय समाज को जागृत करना,
- समाज और राजनीति को बदलना।
प्रश्न 12.
कब और किस व्यक्ति/व्यक्तियों के द्वारा प्रथम बार भारत के संविधान की एक रूपरेखा तैयार की गई थी?
उत्तर:
सन् 1928 ई. में मोतीलाल नेहरू तथा आठ अन्य कांग्रेसी नेताओं ने प्रथम बार भारत के संविधान की एक रूपरेखा तैयार की थी।
प्रश्न 13.
भारतीय संविधान के सन्दर्भ में करांची में आयोजित कांग्रेस अधिवेशन का क्या महत्व था?
उत्तर:
कांग्रेस के करांची अधिवेशन में ही यह चर्चा की गई थी कि स्वतन्त्र भारत का संविधान कैसा होगा।
प्रश्न 14.
मोतीलाल नेहरू द्वारा निर्मित संवैधानिक रूपरेखा एवं सन् 1931 ई. के करांची कांग्रेस अधिवेशन में किन आधारभूत संवैधानिक मूल्यों को स्वीकार किया गया था?
उत्तर:
- सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार,
- समानता का अधिकार,
- स्वतन्त्रता का अधिकार,
- अल्पसंख्यकों के अधिकारों की सुरक्षा।
प्रश्न 15.
नई राजनीतिक संस्थाओं का स्वरूप तय करने में किससे मदद मिली?
उत्तर:
औपनिवेशिक शासन की राजनीतिक संस्थाओं एवं व्यवस्थाओं को जानने-समझने से भी नई राजनीतिक संस्थाओं का स्वरूप तय करने में मदद मिली।
प्रश्न 16.
एक उदाहरण द्वारा बताइए कि भारतीय संविधान में किस औपनिवेशिक कानून को भी सम्मिलित किया गया था? बताइए।
उत्तर:
भारत सरकार कानून, 19351
प्रश्न 17.
कुछ ऐसी विदेशी बातों के नाम बताइए जिनसे हमारे अनेक नेता प्रभावित थे।
उत्तर:
- फ्रांसीसी क्रान्ति द्वारा स्थापित आदर्श,
- ब्रिटेन में प्रचलित संसदीय लोकतान्त्रिक व्यवस्था,
- संयुक्त राज्य अमेरिका के अधिकारों की सूची।
प्रश्न 18.
रूस में हुई समाजवादी क्रान्ति ने किस तरह अनेक भारतीय नेताओं को प्रभावित किया?
उत्तर:
रूसी क्रान्ति ने भारतीय नेताओं को एक ऐसे समाज के निर्माण के लिए प्रेरित किया जो सामाजिक एवं आर्थिक समानता पर आधारित हो।
प्रश्न 19.
भारतीय संविधान सभा के लिए कब चुनाव हुए थे?
उत्तर:
जुलाई 1946 ई. में।
प्रश्न 20.
संविधान सभा की प्रथम बैठक कब
उत्तर:
9 दिसम्बर 1946 ई. में।
प्रश्न 21.
भारतीय संविधान लिखने वाली सभा में कितने सदस्य थे?
उत्तर:
299 सदस्य।
प्रश्न 22.
भारतीय संविधान का लेखन कार्य कब पूर्ण हुआ?
उत्तर:
26 नवम्बर, 1949 ई. को।
प्रश्न 23.
संविधान सभा का चुनाव किस प्रकार हुआ?
उत्तर:
संविधान सभा का चुनाव भारत की जनता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से नहीं हुआ था। इसका चुनाव तत्कालीन | प्रान्तीय विधानसभाओं के सदस्यों द्वारा किया गया था।
प्रश्न 24.
संविधान सभा के उपाध्यक्ष कौन थे?
उत्तर’:
एच. सी. मुखर्जी।
प्रश्न 25.
संविधान सभा में हुई बहस, प्रस्ताव ‘ आदि को किस नाम से व कितने खण्डों में प्रकाशित किया गया?
उत्तर:
संविधान सभा में हुई बहस, प्रस्ताव आदि को कांस्टीट्यूएंट असेम्बली डिबेट्स नाम से 12 मोटे-मोटे खण्डों में प्रकाशित किया गया।
प्रश्न 26.
हमारे संविधान का दर्शन संविधान के किस भाग में है?
उत्तर:
प्रस्तावना में।
प्रश्न 27.
उस देश का नाम बताइए जहाँ से भारतीय संविधान की प्रस्तावना का विचार लिया गया है।
उत्तर:
संयुक्त राज्य अमेरिका।
प्रश्न 28.
संविधान की प्रस्तावना को अन्य किस नाम से भी जाना जाता है?
उत्तर:
उद्देशिका के नाम से।
प्रश्न 29.
प्रस्तावना की शुरुआत ‘हम भारत के लोग से होता है। यहाँ पर ‘हम’ शब्द का प्रयोग क्यों किया गया है?
उत्तर:
इसका अभिप्राय है कि भारत के संविधान का निर्माण और अधिनियमन भारत के लोगों ने अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से किया है न कि इसे किसी राजा अथवा बाहरी शक्ति द्वारा उन पर आरोपित किया गया है।
प्रश्न 30.
प्रभुत्व सम्पन्न शब्द से क्या अभिप्राय
उत्तर:
प्रभुत्व सम्पन्न शब्द से अभिप्राय है कि भारतीय जनता को अपने से जुड़े प्रत्येक मामले में फैसला करने का सर्वोच्च अधिकार है। कोई भी बाहरी शक्ति भारत की सरकार को आदेश नहीं दे सकती।
प्रश्न 31.
पंथनिरपेक्ष शब्द से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
पंथनिरपेक्ष शब्द से अभिप्राय भारतीय नागरिकों को किसी भी धर्म को मानने की पूर्ण स्वतन्त्रता है लेकिन कोई धर्म राजकीय नहीं है। सरकार सभी धार्मिक मान्यताओं और आचरणों को समान महत्व देती है।
प्रश्न 32.
भारतीय संविधान की उद्देशिका में दिए गए गणराज्य शब्द का क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
भारतीय संविधान की उद्देशिका में दिए गए गणराज्य शब्द का अभिप्राय शासन का प्रमुख लोगों द्वारा चुना हुआ व्यक्ति होगा न कि किसी वंश या राज परिवार का।
प्रश्न 33.
भारतीय संविधान की मूल प्रस्तावना में भारत को एक कैसा गणराज्य घोषित किया गया है?
उत्तर:
भारतीय संविधान की मूल प्रस्तावना में भारत को एक प्रभुत्व-सम्पन्न, सम्पूर्ण लोकतन्त्रात्मक गणराज्य घोषित किया गया है।
प्रश्न 34.
संविधान सभा के किन्हीं दो प्रमुख लोगों के नाम लिखिए।
उत्तर:
- एच. सी. मुखर्जी,
- टी. टी. कृष्णामाचारी।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
दक्षिण अफ्रीका की रंगभेदी श्वेत सरकार द्वारा उठाये गये कुछ भेदभावपूर्ण एवं दमनकारी कदमों के बारे में संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
दक्षिण अफ्रीका की रंगभेदी श्वेत सरकार ने निम्न भेदभाव पूर्ण दमनकारी कदम उठाए
- दक्षिणी अफ्रीका की रंगभेदी सरकार ने जनता को आपस में बाँट दिया तथा उनकी त्वचा के आधार पर उन्हें गोरे, काले एवं मिश्रित वर्गों में बाँट दिया।
- अश्वेत लोगों को श्वेत इलाकों में रहने की मनाही थी। वे उन इलाकों में काम भी तभी कर सकते थे जब इसका अधिकार पत्र उनके पास होता था।
- अश्वेतों को संगठन बनाने एवं भेदभावपूर्ण व्यवहार का विरोध करने का भी अधिकार नहीं था।
- अश्वेत लोगों के लिए अलग बस, रेलगाड़ी, टैक्सी, अस्पताल, होटल, कॉलेज, पुस्तकालय, सिनेमाघर, विद्यालय, नाट्य गृह, समुद्र तट, तरणताल व सार्वजनिक शौचालय आदि की व्यवस्था की गई थी।
प्रश्न 2.
दक्षिण अफ्रीका के शासकों के पृथक्करण इंतजाम क्या थे?
उत्तर:
रंगभेद की शासकीय नीति दक्षिण अफ्रीका के अश्वेत, रंगीन चमड़ी वाले तथा भारत से गये लोगों के लिए दमनकारी थी। उन्हें गोरों की बस्तियों में रहने की इजाजत नहीं थी। वहाँ काम के लिए जाने हेतु उन्हें परमिट लेना पड़ता था। रेलगाड़ी, बस, स्कूल, कॉलेज, पुस्तकालय, सिनेमाघर, नाट्यगृह, समुद्रतट, शौचालय, तरणताल आदि सार्वजनिक स्थानों पर गोरों एवं काले लोगों के लिए अलग-अलग इंतजाम थे, इसी को पृथक्करण या अलग-अलग करने का इंतजाम कहा जाता था।
प्रश्न 3.
दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद के विरुद्ध अश्वेत, रंगीन चमड़ी वाले एवं भारतीय मूल के लोगों द्वारा किये गये संघर्ष को संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद के विरुद्ध अश्वेत, रंगीन चमड़ी वाले एवं भारतीय मूल के लोगों ने सन् 1950 ई. से ही संघर्ष प्रारम्भ कर दिया। उन्होंने विरोध प्रदर्शन किए तथा हड़तालें आयोजित की। अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस द्वारा अलगाव की भेदभावपूर्ण नीति के विरुद्ध लड़ाई लड़ी गई। अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस को बहुत से मजदूर संगठनों एवं कम्युनिस्ट दलों का समर्थन प्राप्त था। कई संवेदनशील श्वेत लोगों ने भी रंगभेद नीति का विरोध करने में अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस का साथ दिया और उसके संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी।
प्रश्न 4.
दक्षिण अफ्रीका में लोकतान्त्रिक सरकार की स्थापना कब हुई ? अश्वेत नेताओं ने अपने साथियों से क्या अपील की? उनका उद्देश्य क्या था?
उत्तर:
दक्षिण अफ्रीका में लोकतान्त्रिक सरकार की स्थापना 26 अप्रैल, 1994 ई. को हुई। अश्वेत नेताओं ने अपने साथियों से अपील की थी कि श्वेत शासन के दौरान गोरे लोगों द्वारा उन पर किये गये अत्याचारों को भूलकर उन्हें माफ कर दें। उनका उद्देश्य ऐसे नये दक्षिण अफ्रीका का निर्माण करना था जो समस्त नस्लों, स्त्री-पुरुष की समानता, लोकतान्त्रिक मूल्यों, सामाजिक न्याय एवं मानवाधिकारों पर आधारित हो। दक्षिण अफ्रीकी संविधान की प्रस्तावना इस भावना को बहुत सुन्दरता से व्यक्त करती है।
प्रश्न 5.
संविधान के क्या कार्य हैं? संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
संविधान के निम्नलिखित कार्य हैं:
- संविधान सहयोग और विश्वास की वह भावना पैदा करता है जो विभिन्न तरह के लोगों के साथ मिल-जुलकर रहने के लिए जरूरी है।
- यह स्पष्ट करता है कि किस तरह सरकार का गठन होगा और किसे फैसला लेने का अधिकार प्राप्त होगा।
- यह सरकार की शक्तियों की सीमा तय करता है और हमें जनता के अधिकारों के बारे में बताता है।
- यह लोगों की एक अच्छे समाज के निर्माण की आकांक्षाओं को व्यक्त करता है।
प्रश्न 6.
दक्षिण अफ्रीका की ही तरह भारत का संविधान भी बहुत कठिन परिस्थितियों के बीच बना। यह कठिन परिस्थितियाँ कौन-कौन सी थीं? बताइए।
उत्तर:
कठिन परिस्थितियाँ निम्नलिखित थीं
- भारत एक विशाल एवं वैविध्यपूर्ण देश है। इसकी जनता लम्बे वर्षों तक बनी रही अपनी गुलाम की हैसियत से बाहर निकलकर स्वतन्त्र नागरिक बनने जा रही थी।
- इस देश का निर्माण किसी सामान्य परिस्थिति में नहीं बल्कि एक खूनी विभाजन के द्वारा हुआ जिसमें लाखों लोग मारे गये।
- अंग्रेजों ने जाते-जाते हालात और खराब कर दिये क्योंकि उन्होंने देशी रियासतों को भारत या पाकिस्तान में अपना विलय करने अथवा स्वतन्त्र रहने की इजाजत दे दी थी।
प्रश्न 7.
संविधान से आप क्या समझते हैं? इसे नियमित रूप से संशोधित करने की आवश्यकता क्यों होती
उत्तर:
संविधान देश का सर्वोच्च कानून होता है जिसमें देश में राजनीति और समाज को व्यवस्थित करने वाले मौलिक नियम होते हैं। संविधान एक लम्बा एवं विस्तृत दस्तावेज होता है इसलिए जनता की इच्छा एवं बदली हुई सामाजिक परिस्थितियों के अनुरूप इसे संशोधित करते रहने की आवश्यकता होती है।
प्रश्न 8.
भारतीय संविधान की प्रस्तावना में प्रयुक्त निम्न शब्दों की व्याख्या कीजिए
1. लोकतन्त्रात्मक,
2. न्याय,
3. स्वतन्त्रता।
उत्तर:
- लोकतन्त्रात्मक-यह सरकार के एक ऐसे स्वरूप का सूचक है जिसमें जनता को समान राजनीतिक अधिकार प्राप्त हैं, वे अपने शासकों का चुनाव करते हैं और उसे जवाबदेह बनाते हैं। सरकार को कुछ मौलिक नियमों के अनुसार चलाया जाता है।
- न्याय-न्याय से तात्पर्य जनता के साथ जाति, धर्म या लिंग के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जायेगा।
- स्वतन्त्रता-इसका अभिप्राय है कि जनता की सोच, उनके विचार व्यक्त करने के तरीके एवं वह विचार को किस तरह कार्य रूप देती है। इस पर सरकार अकारण कोई अनुचित पाबन्दी नहीं लगायेगी।
प्रश्न 9.
भारतीय संविधान की उद्देशिका में प्रयुक्त निम्नलिखित शब्दों की संक्षेप में व्याख्या कीजिए
1. समाजवादी,
2. समता,
3. बंधुता।
उत्तर:
- समाजवादी समाजवादी शब्द से अभिप्राय समाज की सामूहिक सम्पत्ति का बँटवारा समानता के साथ होना चाहिए। सरकार इस तरह के नियम बनाए जिससे कि देश में सामाजिक-आर्थिक असमानताएँ कम हों।
- समता-इसका अभिप्राय है कि सभी लोग कानून के समक्ष समान हैं पहले से चली आ रही सामाजिक असमानताओं को समाप्त किया जाना है। सरकार को सभी को समान अवसर उपलब्ध कराना होगा।
- बंधुता-इसका अभिप्राय है कि हम सभी को ऐसा व्यवहार करना चाहिए जैसे कि हम सब एक ही परिवार के सदस्य हों। किसी को भी अपने साथी नागरिक के साथ बुरा व्यवहार नहीं करना चाहिए।
प्रश्न 10.
हमें संविधान की आवश्यकता क्यों है? संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
- संविधान देश का सर्वोच्च कानून है जिसके द्वारा समाज के विभिन्न लोगों में समन्वय किया जाता है।
- संविधान लोकतान्त्रिक शासन प्रणाली के लिए आवश्यक होता है।
- संविधान सरकार की शक्ति व सत्ता का स्रोत है।
- संविधान सरकार और नागरिकों के आपसी सम्बन्धों को निर्धारित करता है।
- संविधान सरकार की शक्तियों पर सीमाएँ लगाता है।
प्रश्न 11.
भारतीय संविधान सभा का गठन किस प्रकार हुआ?
उत्तर:
भारतीय संविधान सभा के गठन के लिए जुलाई 1946 में चुनाव हुए थे। इन चुनावों में प्रांतीय असेंबलियों के सदस्यों ने वोट देकर संविधान सभा के सदस्यों को चुना था। इस सभा का गठन डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की अध्यक्षता में किया गया था। संविधान सभा की प्रथम बैठक दिसम्बर 1946 में हुई थी।
भारतीय संविधान के निर्माण में डॉ. बी. आर. अम्बेडकर का विशेष योगदान रहा, वे प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे। 26 जनवरी, 1949 को संविधान निर्माण का कार्य पूर्ण हो गया। संविधान लिखने वाली सभा में 299 सदस्य थे। डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के हस्ताक्षर के पश्चात् 26 जनवरी, 1950 को यह सम्पूर्ण देश में लागू कर दिया गया।
प्रश्न 12.
भारत एक पंथ निरपेक्ष देश है, सिद्ध कीजिए।
उत्तर:
पंथ निरपेक्ष वह देश होता है, जहाँ नागरिकों को कोई भी धर्म अपनाने की स्वतन्त्रता हो एवं उस देश का कोई राजकीय धर्म नहीं होता।
भारत में सभी नागरिकों को कोई भी धर्म अपनाने की स्वतन्त्रता है एवं यहाँ कोई राजकीय धर्म नहीं है। भारत सरकार सभी धर्मों के विश्वासों एवं रीति-रिवाजों को समान महत्व देती है। भारतीय संविधान ने ऐसी व्यवस्था की है जो देश में रहने वाले हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन, पारसी आदि किसी भी धर्म को मानने वालों के साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाएगा।
प्रश्न 13.
26 जनवरी 1950 को ही संविधान को क्यों लागू किया गया?
उत्तर:
संविधान निर्माण सभा द्वारा संविधान को 26 नवम्बर सन् 1949 को पारित कर दिया गया था परन्तु यह 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया। इसके पीछे कारण यह था कि बीस वर्ष पूर्व 1929 दिसम्बर में लाहौर अधिवेशन में भारतीय नेशनल कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज्य प्राप्त करने का प्रण लिया और 26 जनवरी, 1930 को पहली बार तथा उसके उपरान्त हर वर्ष जनवरी महीने की 26 तारीख को पूरे देश में स्वतन्त्रता दिवस मनाया जाता था। यही कारण है कि 26 जनवरी के महत्व को बनाये रखने के लिये इसे 26 जनवरी सन् 1950 को लागू किया गया।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
संविधान की आवश्यकता एवं संविधान क्या करता है, को दक्षिण अफ्रीका का उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर:
संविधान की आवश्यकता एवं संविधान क्या करता है, को हम दक्षिण अफ्रीका के उदाहरण से निम्न प्रकार समझ सकते हैं
1. दक्षिण अफ्रीका एक नवीन लोकतन्त्र था वहाँ दमनकारियों तथा दमन सहने वाले लोगों का समानता के आधार पर साथ रहना कठिन था। बहुसंख्यक अश्वेत लोग चाहते थे कि बहुमत के शासन के साथ कोई समझौता न हो जबकि अल्पसंख्यक श्वेत लोग अपने विशेषाधिकारों एवं सम्पत्ति को बचाना चाहते थे।
2. लम्बे दौर तक चली बातचीत के पश्चात् दोनों पक्ष समझौते का रास्ता अपनाने को तैयार हो गये। श्वेत लोगों ने बहुमत के शासन के सिद्धान्त एवं एक व्यक्ति एक वोट तथा गरीबों और मजदूरों के लिए कुछ मौलिक अधिकारों की माँग को स्वीकार कर लिया। जबकि अश्वेत लोगों ने यह स्वीकार कर लिया कि केवल बहुमत के आधार पर समस्त फैसले नहीं होंगे। ये इस बात पर भी सहमत हुए कि बहुमत द्वारा श्वेत अल्पसंख्यकों की सम्पत्ति जब्त नहीं होगी।
3. लेकिन श्वेत व अश्वेत दोनों समुदायों को एक-दूसरे पर विश्वास कर पाना इतना आसान नहीं था। इस बात की कोई गारण्टी नहीं थी कि यह समझौता भविष्य में कभी नहीं टूटेगा।
4. ऐसी स्थिति में एक-दूसरे पर भरोसा बनाने और बरकरार रखने के लिए कुछ नियमों का लिखा जाना जरूरी था जिन्हें सभी लोग मान सकें। इन नियमों से भविष्य में किस तरह से सरकार चुनी जायेगी, चुनी हुई सरकार क्या-क्या कर सकती है और क्या-क्या नहीं कर सकती आदि की चर्चा की गई।
5. इन्हीं लिखित नियमों में नागरिकों के अधिकार भी होते हैं। पर ये नियम तभी काम कर सकेंगे जब चुनाव जीतकर आने वाले लोग इन्हें आसानी से एवं मनमाने ढंग से नहीं बदलें। दक्षिण अफ्रीकी जनता ने इन्हीं नियमों का इन्तजाम किया, वे कुछ मौलिक नियमों पर सहमत हुए। वे इस बात पर भी सहमत हुए कि ये नियम सबसे ऊपर होंगे और कोई भी सरकार इनकी उपेक्षा नहीं कर सकती। इन्हीं मौलिक नियमों के लिखित रूप को संविधान कहा जाता है।
प्रश्न 2.
भारतीय संविधान सभा द्वारा आजादी के समय बनाये गये संविधान को हम आज तक क्यों मानते हैं ?
उत्तर:
भारतीय संविधान सभा द्वारा लगभग 70 वर्ष पहले बनाये गये संविधान को हम आज तक मानते आ रहे हैं। इसका पहला कारण यह है कि हमारा संविधान सिर्फ संविधान सभा के सदस्यों के विचारों को ही व्यक्त नहीं करता है, बल्कि यह अपने समय की व्यापक सहमतियों को व्यक्त करता है।
दुनिया के कई देशों में संविधान फिर से लिखे गये हैं लेकिन यहाँ ऐसा नहीं हुआ। यहाँ संविधान के कुछ प्रावधानों पर तो कुछ वर्गों ने सवाल उठाये हैं लेकिन संविधान वैधता पर किसी ने सवाल नहीं उठाये हैं यह हमारे संविधान की असाधारण उपलब्धि है। संविधान को मानने का दूसरा कारण यह है कि संविधान सभा भी भारत के लोगों का ही प्रतिनिधित्व कर रही थी।
उस समय सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार नहीं था अतः इसका चयन प्रत्यक्ष चुनाव द्वारा न होकर प्रांतीय असेंबलियों के सदस्यों द्वारा किया गया। लेकिन फिर भी इसके सदस्यों के चयन में सभी भौगोलिक क्षेत्रों, सामाजिक समूहों, जाति, वर्ग, धर्म और पेशा के लोगों को स्थान दिया गया, जिससे कि सभी का उचित प्रतिनिधित्व हो सके।
अंततः जिस तरह संविधान सभा ने काम किया वह संविधान को एक प्रकार से पवित्रता एवं वैधता देता है संविधान सभा का काम काफी व्यवस्थित, खुला और सर्वसम्मति पर आधारित था। यही कारण है कि हम अपने संविधान को आज भी उसी प्रकार मानते आ रहे हैं। जिस प्रकार इसे बनाने के समय मानते थे।