JAC Board Class 9th Social Science Important Questions Geography Chapter 2 भारत का भौतिक स्वरूप
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
निम्नलिखित विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए
प्रश्न 1.
पश्चिमी घाट का सर्वोच्च पर्वत शिखर है
(क) अनाईमुडी
(ख) डोडाबेटा
(ग) महेन्द्रगिरि
(घ) कंचनजंघा।
उत्तर:
(क) अनाईमुडी।
प्रश्न 2.
अरावली पर्वत के पश्चिमी किनारे पर स्थित है
(क) उत्तरी मैदान
(ख) प्रायद्वीपीय पठार
(ग) तटीय मैदान
(घ) थार का मरुस्थल।
उत्तर:
(घ) थार का मरुस्थल।
प्रश्न 3.
मरुस्थल में पाये जाने वाले अर्धचन्द्राकार बालू के टीले कहलाते हैं
(क) बालू का स्तूप
(ख) बालू के टिब्बे
(ग) बरखान
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(ग) बरखान।
प्रश्न 4.
बाढ़ वाले मैदानों में नये एवं युवा निक्षेपों को कहा जाता है
(क) भांगर (बांगर)
(ख) खादर
(ग) तराई
(घ) भाबर।
उत्तर:
(ख) खादर।
प्रश्न 5.
हिमालय की सबसे पूर्वी सीमा बनाने वाली नदी है
(क) गंगा
(ख) ब्रह्मपुत्र
(ग) यमुना
(घ) झेलम।
उत्तर:
(ख) ब्रह्मपुत्र।
प्रश्न 6.
भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी स्थित है
(क) बैरेन द्वीप पर
(ख) लक्षद्वीप पर
(ग) कावारत्ती द्वीप पर
(घ) पिटली द्वीप पर।
उत्तर:
(क) बैरेन द्वीप पर।
अति लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
हमारे देश में कितने प्रकार की भूआकृतियाँ पायी जाती हैं?
उत्तर:
- पर्वत,
- मैदान,
- मरुस्थल
- पठार,
- द्वीप समूह,
- तटीय मैदान।
प्रश्न 2.
विश्व की सबसे ऊँची पर्वत श्रेणी कौन-सी है?
उत्तर:
हिमालय।
प्रश्न 3.
हिमालय पर्वत श्रुंखला का विस्तार बताइए।
उत्तर:
हिमालय पर्वत श्रंखला पश्चिम-पूर्व दिशा में सिन्धु से लेकर ब्रह्मपुत्र तक फैली हुई है।
प्रश्न 4.
हिमालय की तीन समानान्तर पर्वत श्रेणियाँ कौन-कौनसी हैं?
उत्तर:
- हिमाद्रि,
- हिमाचल या निम्न हिमालय,
- शिवालिक।
प्रश्न 5.
हिमालय को पश्चिम से पूर्व स्थित क्षेत्रों के आधार पर विभाजित कीजिए।
उत्तर:
- पंजाय हिमाचल,
- कश्मीर हिमालय,
- हिमाचल हिमालय,
- कुमाऊ हिमालय,
- नेपाल हिमालय,
- असम हिमालय।
प्रश्न 6.
हिमालय के सबसे उत्तरी भाग में स्थित पर्वत शृंखला को किस नाम से जाना जाता है?
उत्तर:
इस पर्वत भृंघला को महान या आन्तरिक हिमालय या हिमाद्रि के नाम से जाना जाता है।
प्रश्न 7.
हिमालय की सबसे अधिक सतत् पर्वत्त शुंखला कौन-सी है?
उत्तर:
हिमाद्रि।
प्रश्न 8.
हिमाद्रि के दक्षिण में स्थित पर्वत श्रुखला को किस नाम से जाना जाता है?
उत्तर:
हिमाचल या निम्न हिमालय।
प्रश्न 9.
हिमालय की सबसे वाहरी पर्वत श्रृंखला को किस नाम से जाना जाता है।
उत्तर:
शिवालिक।
प्रश्न 10.
दून क्या होते हैं? किन्हीं तीन प्रसिद्ध दूनों के नाम लिखिए।
उत्तर:
निम्न हिमालय एवं शिवालिक के मध्य स्थित लम्बी घाटियों को दून कहते है। देहरादून, कोटलीदून एवं पाटलीदून आदि प्रसिद्ध दून हैं।
प्रश्न 11.
किस नदी द्वारा हिमालय की सबसे पूर्वी सीमा का निर्माण होता है?
उत्तर:
ब्रत्रपुत्र नदी द्वारा।
प्रश्न 12.
भारत की पूर्वी सीमा पर फैले पर्वतों को किस नाम से जाना जाता हैं?
उत्तर:
पूर्वाचल।
प्रश्न 13.
पूर्वाचिल पर्वतों के अन्तर्गत कौन-कौन सी पहाड़ियाँ आती हैं?
उत्तर:
- पटकाई,
- नागा,
- मिजा,
- बणिपुर पहाड़ियाँ।
प्रश्न 14.
उस नदी प्रणाली का नाम बताइए जिसने उत्तरी मैदानों का निर्माण किया?
उत्तर:
उत्तरी मैदानों का निर्माण सिन्धु, गंगा व ब्रह्नपुत्र नदियों एवं उनकी सहायक नदियों द्वारा हुआ है।
प्रश्न 15.
उत्तरी मैदानों का निर्माण कैसे हुआ?
उत्तर:
हिमालय के पास स्थित विश्जाल बेसिन में लाखों वर्ष तक नदियों द्वारा लाई गयी जलोढ़ मिट्टी के भरते जाने से उत्तरी विशाल मैदानों का निर्माण हुआ।
प्रश्न 16.
विश्व का सबसे बड़ा नदी द्वीप कौन-सा है?
उत्तर:
माजोली द्वीप जो ब्रह्सपुत्र नदी में स्थित है।
प्रश्न 17.
दोआव का शाबिदि अर्थ लिखिए।
उत्तर:
दोआब का शाख्दिक अर्थ है-दो नदियों के बीच का भाग।
प्रश्न 18.
वरसान क्या है?
उत्तर:
मरुस्थलीय क्षेत्रों में हवाओं द्वारा बने अर्द्धचन्द्राकार बालू के टीलों को बरखान कहते हैं।
प्रश्न 19.
आकृतिक भिन्नता के आधार पर उत्तरी मैदानों को कितने भागों में बॉँटा जा सकता है ?
उत्तर:
- भाबर,
- तराईू,
- भांगर,
- खादर।
प्रश्न 20.
भाबर क्या है?
उत्तर;
पर्वतों से उतरने वाली नदियों द्वारा शिवालिक के दाल पर कंकड़ियाँ जमा किये जाने से निर्मित मैदान को भाबर कहते हैं।
प्रश्न 21.
तराई क्या है?
उत्तर:
उत्तरी मैदान के भाबर क्षेत्र के दक्षिण में छोटी धाराएँ एवं नदियाँ फिर से निकलती हैं तथा एक नम एवं दलदली क्षेत्र का निर्माण करती हैं जिसे तराई कहा जाता है।
प्रश्न 22.
भांगर किसे कहते हैं?
उत्तर:
पुराने जलोद मिट्टी द्वारा निर्मित नदियों के बाढ़ वाले मैदान के ऊपर स्थित भाग भांगर के नाम से जाना जाता है।
प्रश्न 23.
खादर किसे कहते है?
उत्तर:
बाबु के मैदानों के नये एवं युवा जलोऩ निक्षेपों को बादर कहा जाता है।
प्रश्न 24.
प्रायद्वीपीय पठार के उपविभागों के नाम लिखिए।
उत्तर:
मध्य उच्च भूमि, दक्कन का पटार।
प्रश्न 25.
मध्य उच्च भूमि की प्रमुख नदियाँ कौन-कौनसी है?
उत्तर:
- चम्बल,
- सिंध,
- बेतवा,
- केन।
प्रश्न 26.
दक्कन के पठार के उत्तरी-पूर्वी विस्तार का नाम बताइए।
उत्तर:
मेघालय, कार्बी एंग्लींग पठार एवं उत्तर कचार पहाड़ी।
प्रश्न 27.
दक्कन ट्रेप क्या है?
उत्तर:
प्रायदीपीय पठार की काली मृदा वाले क्षेत्र को दक्कन ट्रेप कहते हैं।
प्रश्न 28.
अराबली की पहाड़ियाँ कहाँ स्थित हैं?
उत्तर:
अरावली की पहाड़ियाँ प्रायद्वीपीय पटार के पशिचमी एवं उत्तरी पशिचमी किनारों पर स्थित हैं।
प्रश्न 29.
थार के मरुस्थल की सबसे बड़ी नदी का क्या नाम है?
उत्तर:
लूनी नदी।
प्रश्न 30.
पशिचमी तट के तीन भाग कौन-कौन से है?
उत्तर:
- कौकण तट,
- कन्नड़ मैदान,
- मालाबार तट।
प्रश्न 31.
पूर्वी तट के दो भाग कौन-कौन से है?
उत्तर:
उत्तरी सरकार, कोरोमण्डल तट।
प्रश्न 32.
पूर्वी तट पर स्थित उन नदियों के नाम लिखिए जिनके द्वारा विशाल डेल्टा का निर्माण किया ज्ञाता है?
उत्तर:
- महानदी,
- गोदावरी,
- कृष्णा,
- कावेरी।
प्रश्न 33.
चिरका झील कहाँ स्थित है एवं क्यों प्रसिद्ध है?
उत्तर:
चिल्का दील उद्धीसा में महानदी डेल्टा के दक्षिण में स्थिथत है। यह भारत की सबसे बड़ी खारे पानी की झील है।
प्रश्न 34.
लक्षद्वीप द्वीप समूह को पहले किस नाम से जाना जाता था?
उत्तर:
लक्षदीप दीप समूह को पहले लकादीव, मीनीकाय एवं एमीनदीव के नाम से जाना जाता था।
प्रश्न 35.
लक्षद्धीप के प्रशासनिक मुख्यालय का नाम लिखिए।
उत्तर:
कावारती द्वीप।
प्रश्न 36.
प्रवाल क्या हैं ?
उत्तर:
प्रवाल अल्पजीवी सूक्ष्म प्राणी हैं जो समुद्र में समृह में रहते हैं।
प्रश्न 37.
श्रेट बेरियर रीफ कही स्थित है?
उत्तर:
अंस्ट्रेलिया में।
प्रश्न 38.
कौन-सा द्वीप समूह देश की सुरक्षा के लिए महत्वपूण्ण है?
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
‘भारत की भूमि बहुत अधिक भौतिक विभिन्नताओं को दर्शाती है।” इस कथन को स्पष्ट कीजिए। उत्तर-यह सत्य है कि भारत की भूमि में बहुत अधिक भौतिक विभिन्नताएँ पायी जाती हैं
- उत्तर में अवसादी एवं रूपान्तरित शैलों से निर्मित ऊँची:
नीची भूमि के विस्तृत क्षेत्र पाये जाते हैं। यहाँ उच्च पर्वत शिखर, आवृत पठार, गहरी घाटियाँ एवं तेज बहने वाली नदियाँ आदि विशिष्ट स्थलरूप पाये जाते हैं। - उत्तरी मैदान जलोढ़ निक्षेपों से बना है। इस मैदान में सिंधु, गंगा एवं ब्रह्मपुत्र आदि नदियाँ प्रवाहित होती हैं।
- दक्षिण में प्रायद्वीपीय पठार है जो पृथ्वी का प्राचीनतम भाग है। यह पठार आग्नेय एवं रूपान्तरित शैलों वाली कम ऊँची पहाड़ियाँ एवं चौड़ी घाटियों से बना है।
- इसके पूर्वी एवं पश्चिमी किनारों पर तटीय मैदान हैं।
प्रश्न 2.
नदी घाटियों की सीमाओं के आधार पर हिमालय को वर्गीकृत कीजिए।
उत्तर:
नदी घाटियों की सीमाओं के आधार पर हिमालय को निम्न भागों में बाँटा जा सकता है
- पंजाब हिमालय-यह भाग सिन्धु एवं सतलज नदियों के मध्य जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में फैला हुआ है।
- कुमाऊँ हिमालय-यह भाग सतलज और काली नदियों के बीच का भाग है।
- नेपाल हिमालय-यह भाग काली और तीस्ता नदियों के बीच का भाग है।
- असम हिमालय-यह भाग तिस्ता तथा दिहांग नदियों के बीच का भाग है।
प्रश्न 3.
हिमालय की तीन समानान्तर श्रेणियों के नाम लिखिए एवं प्रत्येक की एक विशेषता लिखिए।
उत्तर:
- महान हिमालय या आन्तरिक हिमालय अथवा हिमाद्रि,
- निम्न हिमालय (हिमाचल हिमालय),
- शिवालिक (बाह्य हिमालय)।
- महान हिमालय: हिमालय की यह सर्वोच्च पर्वत श्रेणी है। यह हमेशा बर्फ से ढकी रहती है।
- निम्न हिमालय-हिमालय की यह मध्यवर्ती श्रेणी पहाड़ी नगरों के लिए जानी जाती है।
- शिवालिक-यह हिमालय की दक्षिणतम श्रेणी है जो जलोढ़ अवसादों से निर्मित है।
प्रश्न 4.
महान हिमालय किसे कहते हैं? इसकी प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
हिमालय की उच्चतम श्रेणी को महान हिमालय कहते हैं। इसे आन्तरिक हिमालय एवं हिमाद्रि के नाम से भी जाना जाता है। इसकी प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं
- यह हिमालय की सर्वोच्च पर्वत श्रेणी है। इसकी औसत ऊँचाई 6000 मीटर है।
- यह पर्वत श्रेणी सदैव हिम से ढकी रहती है।
- हिमालय का सर्वोच्च पर्वत शिखर ‘माउण्ट एवरेस्ट’ इसी श्रेणी में स्थित है। अन्य प्रमुख शिखर कंचनजंघा, नंगा पर्वत, नंदा देवी आदि हैं।
- हिमालय के इस भाग का क्रोड ग्रेनाइट का बना है।
प्रश्न 5.
निम्न हिमालय की प्रमुख विशेषताओं को लिखिए।
उत्तर:
हिमालय के दक्षिण में स्थित पर्वत श्रेणियों को निम्न हिमालय या मध्य हिमालय अथवा हिमाचल हिमालय के नाम से जाना जाता है। इसकी प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं
- यह हिमालय की मध्यवर्ती श्रेणी है।
- इनकी ऊँचाई 3,700 मीटर से 4,500 मीटर के बीच एवं औसत चौड़ाई 50 किलोमीटर है।
- इन पर्वत श्रृंखलाओं का निर्माण अत्यधिक संपीडित एवं परिवर्तित चट्टानों से हुआ है।
- सभी महत्वपूर्ण पहाड़ी नगर-शिमला, मसूरी, नैनीताल, रानीखेत आदि इसी पर्वत श्रेणी में स्थित हैं।
प्रश्न 6.
शिवालिक पर्वत श्रेणी की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
हिमालय की सबसे बाहरी श्रृंखला को शिवालिक कहा जाता है, इसकी प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं
- शिवालिक श्रेणी की चौड़ाई 10 से 50 किमी. एवं ऊँचाई 900 से 1,100 मीटर के मध्य है।
- यह पर्वत श्रेणी जलोढ़ अवसादों से निर्मित है।
- शिवालिक तथा हिमाचल के बीच में लम्बवत् घाटी पायी जाती हैं जिन्हें ‘दून’ कहते हैं। देहरादून ऐसी ही एक घाटी में स्थित है।
प्रश्न 7.
भारत के उत्तरी मैदान का निर्माण कैसे हुआ? संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
भारत का उत्तरी मैदान तीन प्रमुख नदी प्रणालियों-सिधु, गंगा एवं ब्रह्मपुत्र तथा इनकी सहायक नदियों से बना है। यह मैदान जलोढ़ मृदा से बना है। लाखों वर्षों में हिमालय के गिरिपाद में स्थित बहुत बड़े बेसिन (द्रोणी) में जलोढ़ों का निक्षेप हुआ जिसके फलस्वरूप इस उपजाऊ मैदान का निर्माण हुआ।
प्रश्न 8.
भारत के उत्तरी मैदान की किन्हीं चार विशेषताओं को बताइए।
उत्तर:
भारत के उत्तरी मैदान की चार विशेषताएँ निम्नलिखित हैं
- यह मैदान जलोढ़ मृदा से निर्मित है। जिसका निक्षेपण सिन्धु, गंगा और ब्रह्मपुत्र नदी प्रणालियों एवं उनकी सहायक नदियों ने किया है।
- इस मैदान का विस्तार 7 लाख वर्ग किमी. क्षेत्र पर है।
- यह मैदान लगभग 2,400 किमी. लम्बा एवं 240 से 320 किमी. चौड़ा है।
- यह सघन जनसंख्या वाला भौगोलिक क्षेत्र है।
प्रश्न 9.
उत्तरी मैदान को कितने वर्गों में विभाजित किया जा सकता है? संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
उत्तरी मैदान को तीन वर्गों में विभाजित किया जा सकता है जो निम्नलिखित हैं
- पंजाब का मैदान-यह उत्तरी मैदान का पश्चिमी भाग है। इसका निर्माण सिन्धु एवं उनकी सहायक नदियों ने किया है। इस मैदान का अधिकांश भाग पाकिस्तान में है। इस मैदान में दोआबों की संख्या बहुत अधिक है।
- गंगा का मैदान-इस मैदान का विस्तार घाघरा एवं तीस्ता नदियों के मध्य है। यह मैदान उत्तरी भारत के हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखण्ड के कुछ भाग एवं पश्चिमी बंगाल में फैला हुआ है।
- ब्रह्मपुत्र का मैदान-इस मैदान का निर्माण ब्रह्मपुत्र नदी ने किया है। इस मैदान का विस्तार असम राज्य में सर्वाधिक है।
प्रश्न 10.
आकृतिक भिन्नता के आधार पर उत्तरी मैदान को वर्गीकत कीजिए।
उत्तर:
आकृतिक भिन्नता के आधार पर उत्तरी मैदान को चार भागों में विभाजित किया जा सकता है, जो निम्नलिखित हैं
- भाबर-इसका निर्माण पर्वतों से उतरने के बाद नदियों द्वारा कंकड़ियों को एक चौड़ी पट्टी में जमा किये जाने के कारण हुआ है। सभी सरिताएँ इस भाबर पट्टी में विलुप्त हो जाती हैं।
- तराई–यह भाबर के दक्षिण में स्थित है। यह नम, दलदली तथा घना वन्य प्रदेश है। भाबर में जबकि समस्त सरिताएँ लुप्त हो जाती हैं, वे इस क्षेत्र में पुनः प्रकट होती हैं।
- भांगर-उत्तरी मैदान के सबसे पुराने जलोढ़क को भांगर कहते हैं। जलोढ़कों के लगातार जमाव से वेदिका जैसी आकृति बन जाती है जो बाढ़ प्रभावी मैदान के स्तर जितनी ऊपर उठ जाती है। इस क्षेत्र में चूनेदार मिट्टी मिलती है।
- खादर-बाढ़ वाले मैदानों के नवीन तथा युवा निक्षेपों को खादर कहा जाता है। इनका लगभग प्रतिवर्ष पुनर्निर्माण होता रहता है, यह मैदान उपजाऊ होते हैं।
प्रश्न 11.
प्रायद्वीपीय पठार की निर्माण प्रक्रिया को संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
प्रायद्वीपीय पठार की निर्माण प्रक्रिया को निम्न प्रकार से स्पष्ट किया जा सकता है
- प्रायद्वीपीय पठार एक मेज की आकृति वाला स्थल है जो पुरानी क्रिस्टलीय, आग्नेय एवं कायान्तरित शैलों वाली कम ऊँची पहाड़ियों एवं चौड़ी घाटियों से बना है।
- यह पठार गोंडवाना भूमि के टूटने एवं खिसकने के कारण निर्मित हुआ था।
- इस पठार के दो प्रमुख भाग हैं-मध्य उच्च भूमि एवं दक्कन का पठार।
प्रश्न 12.
दक्षिण के पठार की लाक्षणिक विशेषताओं को संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
दक्षिण के पठार की प्रमुख लाक्षणिक विशेषताएँ निम्नलिखित हैं
- दक्षिण का पठार नर्मदा नदी के दक्षिण में स्थित एक त्रिभुजाकार भूभाग है। उत्तर में इसके चौड़े आधार पर सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला है। कैमूर, महादेव एवं मैकाल श्रेणियाँ इसके पूर्वी विस्तार हैं।
- पश्चिम में इसकी ऊँचाई अधिक है जो पूर्व में धीरे-धीरे कम होती जाती है। मेघालय, कार्बी एंगलौंग पठार एवं उत्तर कचार पहाड़ियाँ इसके उत्तरी-पूर्वी विस्तार हैं।
- यह एक भ्रंश के द्वारा छोटा नागपुर पठार से अलग है। पश्चिम से पूर्व की ओर गारो, खासी एवं जयंतिया पहाड़ियाँ स्थित हैं।
प्रश्न 13.
प्रायद्वीपीय पठार के दो प्रमुख उपविभाजनों के नाम बताइए एवं प्रत्येक की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
1. मध्य उच्च भूमि:
यह नर्मदा नदी के उत्तर में स्थित है। इसमें मालवा पठार, अरावली पहाड़ियाँ, बुन्देलखण्ड, बघेलखण्ड एवं विंध्य आदि सम्मिलित हैं। यह क्षेत्र पश्चिम में चौड़ा एवं पूर्व में सँकरा है। इस क्षेत्र में बहने वाली नदियाँ चम्बल, सिंध, बेतवा एवं केन दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व की ओर बहती हैं।
2. दक्कन का पठार:
दक्कन का पठार एक त्रिभुजाकार भूभाग है, जो नर्मदा नदी के दक्षिण में स्थित है। यह पठार उत्तर में सतपुड़ा, पूर्व में महादेव, कैमूर एवं मैकाल श्रृंखला से दक्षिण की ओर प्रायद्वीप के दक्षिणी सिरे तक विस्तृत है। यह पठार पश्चिम में ऊँचा एवं पूर्व की ओर कम ढाल वाला है।
प्रश्न 14.
पूर्वी घाट पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
- पूर्वी घाट द्वारा दक्षिण के पठार के पूर्वी किनारे का निर्माण किया जाता है। इसकी ऊँचाई पश्चिमी घाट की अपेक्षा कम है। इसकी औसत ऊँचाई 600 मीटर है।।
- पूर्वी घाट का विस्तार महानदी घाटी से दक्षिण में नीलगिरी तक है।
- पूर्वी घाट का विस्तार सतत् नहीं है, ये अनियमित है।
- बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली नदियों ने पूर्वी घाट को काट दिया है।
- पूर्वी घाट की सबसे ऊँची चोटी महेन्द्रगिरी (1500 मीटर) है। शेवराय एवं जावेदी की पहाड़ियाँ इसके दक्षिण-पश्चिम में स्थित हैं।
प्रश्न 15.
पश्चिमी घाट पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
- पश्चिमी घाट द्वारा दक्षिण के पठार के पश्चिमी किनारे का निर्माण किया जाता है। इसकी औसत ऊँचाई 900 से 1,600 मीटर है।
- पश्चिमी घाट सतत् रूप में फैले हुए हैं। इन्हें केवल दरों के द्वारा ही पार किया जा सकता है।
- पश्चिमी घाट की ऊँचाई उत्तर से दक्षिण की ओर बढ़ती जाती है। अनाईमुडी (2,695 मी.) एवं डोडा बेट्टा (2,633 मी.) इसकी प्रमुख चोटियाँ हैं।
- पश्चिमी घाट में पर्वतीय वर्षा होती है।
प्रश्न 16.
अरावली की पहाड़ियों के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर:
- अरावली की पहाड़ियाँ प्रायद्वीपीय पठार के पश्चिमी एवं उत्तरी-पश्चिमी किनारों पर स्थित हैं।
- ये पहाड़ियाँ बहुत अधिक अपरदित एवं खण्डित हैं।
- ये पहाड़ियाँ गुजरात से लेकर दिल्ली तक दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व दिशा में फैली हुई हैं।
प्रश्न 17.
भारतीय मरुस्थल को किस नाम से जाना जाता है? इसकी प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
भारतीय मरुस्थल को थार के मरुस्थल के नाम से जाना जाता है। यह अरावली पर्वत के पश्चिमी किनारे पर स्थित है। इसकी प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं
- यह बालू के टीलों से ढका एक तरंगित मैदान है।
- इस क्षेत्र में बहुत कम वर्षा होती है। यहाँ प्रतिवर्ष 150 मिमी. से भी कम वर्षा होती है।
- इस क्षेत्र में केवल वर्षा ऋतु में ही नदियाँ दिखती हैं जो आगे चलकर बालू में विलीन हो जाती हैं। इस क्षेत्र की एकमात्र बड़ी नदी लूनी है।
- इस क्षेत्र की जलवायु शुष्क है।
- यहाँ बहुत कम वनस्पति पायी जाती है।
प्रश्न 18.
तटीय मैदानों पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
प्रायद्वीपीय पठार के दोनों ओर संकीर्ण तटीय मैदानों का विस्तार है। यह मैदान पश्चिम में अरब सागर से लेकर पूर्व में बंगाल की खाड़ी तक विस्तृत है। इस मैदान के दो भाग हैं
- पश्चिमी तटीय मैदान,
- पूर्वी तटीय मैदान। पश्चिमी तटीय मैदान, पश्चिमी घाट और अरब सागर के बीच तक सँकरा मैदान है। इसके उत्तरी भाग को कोंकण तट, मध्य भाग को कन्नड़ मैदान एवं दक्षिण भाग को मालाबार तट कहते हैं।
- पूर्वी तटीय मैदान अपेक्षाकृत चौड़ा एवं समतल है। इसके दो भाग हैं-उत्तरी भाग को उत्तरी सरकार एवं दक्षिणी भाग को कोरोमण्डल तट कहते हैं।
प्रश्न 19.
पूर्वी तटीय मैदानों एवं पश्चिमी तटीय मैदानों की तुलना कीजिए।
उत्तर:
पूर्वी तटीय मैदानों एवं पश्चिमी तटीय मैदानों की तुलना निम्न प्रकार से हैपूर्वी तटीय मैदान
पूर्वी तटीय मैदान | पशिचमी तटीय मैदान |
1. ये मैदान पूर्वी घाट एवं बंगाल की खाड़ी के तट के बीच स्थित हैं। | 1. ये मैदान पश्चिमी घाट एवं अरब सागर के तट के बीच स्थित हैं। |
2. ये मैदान अपेक्षाकृत अधिक चौड़े हैं। | 2. ये मैदान अपेक्षाकृत सँकरे हैं। |
3. पूर्वी तटीय मैदान को दो भागों में बाँटा गया है- (i) उत्तरी सरकार तट, (ii) कोरोमंडल तट। |
3. पश्चिमी तटीय मैदान को तीन भागों में बाँटा गया है- (i) कोंकण तट, (ii) कन्नड़ मैदान, (iii) मालाबार तट। |
4. इस तट की नदियाँ विशाल डेल्टा का निर्माण करती हैं। | 4. इस तट की नदियाँ डेल्टा का निर्माण नहीं करती हैं। |
प्रश्न 20.
बंगाल की खाड़ी एवं अरब सागर के द्वीप समूहों के बीच अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
बंगाल की खाड़ी एवं अरब सागर के द्वीप समूहों के बीच निम्नलिखित अन्तर हैंबंगाल की खाड़ी के द्वीप समूह अरब सागर के द्वीप समूह
बंगाल की खाड़ी के द्वीप समूह | अरब सागर के द्वीप समूह |
1. इस द्वीप समूह के अन्तर्गत अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह आते हैं। | 1. इस द्वीप समूह के अन्तर्गत लक्षद्वीप द्वीप समूह आते हैं। |
2. ये द्वीप ज्वालामुखी उत्पत्ति के हैं। भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह के बैरैन द्वीप पर स्थित है। | 2. ये मुख्यतः प्रवाल द्वीप हैं जिनका निर्माण पालिप्स नाम के सूक्ष्म जीवों द्वारा हुआ है। |
3. ये हरे-भरे घने वनों से आच्छादित हैं। यहाँ की जलवायु विषुवतीय है। | 3. यह द्वीप समूह अपनी वनस्पति एवं जैव विभिन्नता के लिए जाना जाता है। यहाँ भी विषुवतीय जलवायु पायी जाती है। |
4. यह द्वीप समूह 350 किमी. में फैले लगभग 200 द्वीपों से मिलकर बना है। | 4. यह 32 किमी. क्षेत्र में फैले 32 द्वीपों से मिलकर बना है। |
5. इस द्वीप समह के द्वीप बिखरे हुए हैं। | 5. इस द्वीप समह के द्वीप अपेक्षाकृत कम बिखरे हृए हैं। |
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
भारत को भू-आकृतिक विभागों में विभाजित कीजिए। किसी एक भू-आकृतिक विभाग का विस्तार से वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भारत को निम्नलिखित भू-आकृतिक विभागों में बाँटा जा सकता है
- हिमालय पर्वत श्रृंखला,
- उत्तरी मैदान,
- प्रायद्वीपीय पठार,
- भारतीय मरुस्थल,
- तटीय मैदान,
- द्वीप समूह।
हिमालय पर्वत श्रृंखला
हिमालय पर्वत की स्थिति एवं विस्तार:
भारत की उत्तरी सीमा पर हिमालय पर्वत स्थित है। हिमालय विश्व की सबसे ऊँची पर्वत श्रेणी है जो पश्चिम-पूर्व दिशा में सिन्धु नदी से लेकर ब्रह्मपुत्र नदी तक फैली हुई है। यह पर्वत श्रेणी 2,400 किमी. की लम्बाई में एक अर्द्धवृत्त के रूप में फैली हुई है। इसकी चौड़ाई कश्मीर में 400 किमी. एवं अरुणाचल प्रदेश में 150 किमी. है।
हिमालय का भौगोलिक वर्गीकरण: हिमालय पर्वत श्रृंखला को तीन भागों में बाँटा जा सकता है
1. महान हिमालय:
- इसे हिमाद्रि, वृहत् एवं आन्तरिक हिमालय के नाम से भी जाना जाता है।
- हिमालय की इस श्रेणी का क्रोड ग्रेनाइट का बना है।
- यह सबसे अधिक सतत् पर्वत श्रृंखला है।
- इसकी औसत ऊँचाई लगभग 6,000 मीटर है।
- यह पर्वत श्रृंखला सदैव हिम से ढकी रहती है तथा इससे बहुत-सी हिमानियों का प्रवाह होता है।
- माउण्ट एवरेस्ट (8,848 मी.), कंचनजंघा (8,598 मी.), मकालु (8,481 मी.), धौलागिरी (8,172 मी.), नंगा पर्वत (8,126 मी.), अन्नपूर्णा (8,078 मी.), नंदादेवी (7,817 मी.), कामेट (7,756 मी.), आदि प्रमुख पर्वत शिखर हैं।
- महान हिमालय के कुछ महत्वपूर्ण दरे-जोजीला (जम्मू-कश्मीर), शिपकी-ला, बारालाचा-ला (हिमाचल प्रदेश), बोमडी-ला (अरुणाचल प्रदेश) आदि हैं।
- महान हिमालय में ही भारत में हिमालय की सबसे ऊँची चोटी कंचनजंघा (8598 मी.) स्थित है। यह भारत के सिक्किम राज्य में स्थित है।
2. निम्न हिमालय:
- इसे हिमाचल एवं मध्य हिमालय के नाम से भी जाना जाता है।
- यह पर्वत शृंखला हिमाद्रि के दक्षिण में स्थित है।
- इस पर्वत श्रृंखला का निर्माण मुख्यतः अत्यधिक संपीडित एवं परिवर्तित शैलों से हुआ है।
- इसकी ऊँचाई 3,700 मीटर से 4,500 मीटर के बीच है।
- इसकी औसत चौड़ाई 50 किमी. है।
- पीरपंजाल इसकी सबसे लम्बी श्रेणी है। अन्य श्रेणियों में धौलाधार एवं महाभारत प्रमुख हैं।
- इसी पर्वत श्रृंखला में कश्मीर घाटी, कांगड़ा एवं कुल्लू घाटियाँ (हिमाचल प्रदेश) स्थित हैं।
- मसूरी, नैनीताल, रानीखेत, दार्जिलिंग आदि पर्वतीय स्थल निम्न हिमालय में स्थित हैं।
3. शिवालिक हिमालय:
- इसे उप हिमालय एवं बाह्य हिमालय भी कहते हैं।
- इसकी चौड़ाई 10 से 50 किमी. एवं ऊँचाई 900 से 1,100 मीटर के बीच है।
- इस पर्वत श्रृंखला का निर्माण महान हिमालय एवं निम्न हिमालय से नदियाँ द्वारा लाये गए असंपीडित अवसादों से हुआ है।
- निम्न हिमालय और शिवालिक के बीच में स्थित लम्बवत् घाटी पायी जाती है जिन्हें दून कहते हैं; जैसे-देहरादून, कोटलीदून आदि।
हिमालय का क्षेत्रीय वर्गीकरण:
- पंजाब हिमालय-यह सिंधु और सतलज नदी के बीच फैला हुआ है।
- कुमायूँ हिमालय-यह सतलज और काली नदी के बीच स्थित है।
- नेपाल हिमालय-इसका विस्तार काली नदी से लेकर तीस्ता नदी तक है।
- असम हिमालय-यह तिस्ता नदी से लेकर दिहांग नदी तक फैला हुआ है।
मानचित्र सम्बन्धी प्रश्न
भारत के मानचित्र में निम्न को दर्शाइए:
1. भारत के भौतिक विभाग,
2. हिमालय पर्वत एवं उसकी श्रेणियाँ,
3. पश्चिमी घाट एवं पूर्वी घाट,
4. भारत का उच्चावच,
5. पामीर ग्रन्थि एवं सम्बन्धित श्रेणियाँ,
6. चम्बल, कावेरी, गंगा एवं ब्रह्मपुत्र नदियाँ।