JAC Board Class 9th Social Science Important Questions Geography Chapter 4 जलवायु
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
नीचे दिये गये चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए
(i) जेट स्ट्रीम जिसका अंग है, वह है
(क) वाताग्र
(ख) चक्रवात
(ग) लू
(घ) उच्च स्तरीय वायु संचरण।
उत्तर:
(घ) उच्च स्तरीय वायु संचरण।
(ii) भारत की जलवायु है
(क) मानसूनी
(ख) भूमध्य रेखीय
(ग) भूमध्य सागरीय
(घ) चीन तुल्य।
उत्तर:
(क) मानसूनी।
(iii) किसी भी क्षेत्र की जलवायु को नियन्त्रित करने वाले कारक हैं
(क) अक्षांश
(ख) ऊँचाई
(ग) समुद्र से दूरी
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी।
(iv) 27° से 30° उत्तर अक्षांशों के बीच स्थित वायुधारा का नाम है
(क) गल्फ धारा
(ख) जेट धारा
(ग) चक्रवात्
(घ) व्यापारिक हवाएँ। .
उत्तर:
(ख) जेट धारा।
(v) भारत के उत्तरी-पश्चिमी राज्यों से मानसून की वापसी प्रारम्भ हो जाती है
(क) सितम्बर से
(ख) अक्टूबर से
(ग) नवम्बर से
(घ) दिसम्बर से।
उत्तर:
(क) सितम्बर से।
अति लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
जलवायु किसे कहते हैं?
उत्तर:
एक विस्तृत क्षेत्र में एक लम्बे समय में मौसम की औसत अवस्थाओं और विभिन्नताओं का कुल योग जलवायु कहलाता है।
प्रश्न 2.
मौसम किसे कहते हैं?
उत्तर:
किसी विशेष समय में एक क्षेत्र में उपस्थित वायुमण्डलीय अवस्था को उस क्षेत्र का मौसम कहते हैं।
प्रश्न 3.
मौसम और जलवायु के तत्व कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
- तापमान,
- वायुमण्डलीय दाब,
- पवन,
- आर्द्रता,
- वर्षा।
प्रश्न 4.
मानसून शब्द की उत्पत्ति कहाँ से हुई है?
उत्तर:
मानसून शब्द की उत्पत्ति अरबी भाषा के ‘मौसिम’ शब्द से हुई है। जिसका शब्दिक अर्थ है-मौसम।
प्रश्न 5.
मानसून का क्या अर्थ है?
उत्तर:
एक वर्ष के दौरान वायु की दिशा में ऋतु के अनुसार परिवर्तन को मानसून कहते हैं।
प्रश्न 6.
किसी भी क्षेत्र की जलवायु को नियन्त्रित करने वाले प्रमुख कारक कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
- अक्षांश,
- ऊँचाई,
- वायुदाब,
- पवन तन्त्र,
- समुद्र से दूरी,
- महासागरीय धाराएँ,
- उच्चावच लक्षण।
प्रश्न 7.
भारत की जलवायु में उष्ण एवं उपोष्ण दोनों प्रकार की जलवायु के लक्षण पाये जाते हैं, क्यों?
उत्तर:
कर्क रेखा हमारे देश के बीचों-बीच से होकर गुजरती है। इस अक्षांश के दक्षिण का क्षेत्र उष्ण होता है, जबकि उत्तर का क्षेत्र उपोष्ण होता है।
प्रश्न 8.
मध्य एशिया से आने वाली हवाओं को भारतीय उपमहाद्वीप में प्रवेश करने से कौन रोकता है?
उत्तर:
हिमालय पर्वत।
प्रश्न 9.
उन वायुमण्डलीय कारकों के नाम बताइए जो भारत के जलवायु एवं उससे सम्बन्धित मौसमी परिस्थितियों को नियन्तित करते हैं।
उत्तर:
- वायुदाब एवं धरातलीय पवनें।
- ऊपरी वायु परिसंचरण।
- पश्चिमी चक्रवाती विक्षोभ एवं उष्ण कटिबन्धीय चक्रवात।
प्रश्न 10.
भारत कौन-सी पवनों वाले क्षेत्र में स्थित है?
उत्तर:
भारत उत्तरी-पूर्वी व्यापारिक पवनों वाले क्षेत्र में स्थित है।
प्रश्न 11.
भारतीय मुख्य भूमि पर अधिकतम वर्षा किन हवाओं से प्राप्त होती है?
उत्तर:
दक्षिण-पश्चिमी मानसून पवनों से।
प्रश्न 12.
दक्षिण-पश्चिमी मानसून की उत्पत्ति का क्या कारण है?
उत्तर:
प्रीष्मकाल में उत्तर के स्थलीय भू-भागों में निम्न वायुदाब एवं समुद्री भागों में उच्च वायुदाब होने के कारण दक्षिण-पश्चिमी मानसून उत्पन्न होता है।
प्रश्न 13.
जेट धारा से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
क्षोभमण्डल में अत्यधिक ऊँचाई (12000 मीटर से अधिक) एक संकरी पट्टी में चलने वाली पवनों को जेट धारा कहते हैं।
प्रश्न 14.
पश्चिमी चक्रवातीय विक्षोभ क्या है?
उत्तर:
यह शीत ऋतु में घटित होने वाली मौसमी प्रक्रिया है जो भूमध्य सागरीय क्षेत्र से पश्चिमी हवाओं के बहने के कारण उत्पन्न होता है।
प्रश्न 15.
अंतः उष्ण कटिबन्धीय अभिसरण क्षेत्र क्या है?
उत्तर:
यह विषुवतीय अक्षांशों में स्थित एक निम्न दाब का क्षेत्र है। यहीं पर उत्तरी-पूर्वी एवं दक्षिणी-पूर्वी व्यापारिक पवनें आपस में मिलती हैं।
प्रश्न 16.
एलनीनो क्या है?
उत्तर:
यह एक गर्म समुद्री जलधारा है जो पेरू की ठण्डी धारा के स्थान पर प्रत्येक 2 से 5 वर्ष के अन्तराल में पेरूू तट से होकर बहती है।
प्रश्न 17.
एलनीनो दक्षिणी दोलन क्या है?
उत्तर:
वायुदाब की अवस्था में परिवर्तन का सम्बन्ध एलनीनो से है। अर्थात् इस प्रक्रिया को एलनीनो दक्षिणी दोलन कहते हैं।
प्रश्न 18.
एलनीनो का क्या प्रभाव है?
उत्तर:
एलनीनो के कारण क्षेत्र में समुद्र की सतह के तापमान में वृद्धि हो जाती है और व्यापारिक पवनें कमजोर पड़ जाती हैं।
प्रश्न 19.
मानसून का समय क्या है?
उत्तर:
जून के मध्य से सितम्बर तक।
प्रश्न 20.
मानसून प्रस्फोट से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
मानसून के आगमन के समय सामान्य वर्षा में अचानक वृद्धि हो जाती है एवं लगातार कई दिनों तक यह स्थिति चलती रहती है। इसे ही मानसून प्रस्फोट (फटना) कहते हैं।
प्रश्न 21.
भारत में मानसून प्रवेश करते समय कितनी शाखाओं में विभाजित हो जाता है?
उत्तर:
- अरब सागर शाखा।
- बंगाल की खाड़ी शाखा।
प्रश्न 22.
मानसून की दोनों शाखाएँ एक-दूसरे से कहाँ मिलती हैं?
उत्तर:
मानसून की दोनों शाखाएँ गंगा के मैदान के उत्तरी-पश्चिमी भाग में आपस में मिलती हैं।
प्रश्न 23.
भारत में मानसून की सबसे पहली वर्षा कहाँ होती है?
उत्तर:
द्वीपों पर।
प्रश्न 24.
भारत में मानसून का वापस लौटना कब प्रारम्भ होता है एवं कब मानसून पूरी तरह से वापस हो। चुका होता है?
उत्तर:
सितम्बर की शुरुआत में भारत के उत्तरी-पश्चिमी राज्यों से मानसून का लौटना प्रारम्भ हो जाता है और दिसम्बर की शुरुआत तक मानसून देश से पूरी । तरह वापस हो चुका होता है।
प्रश्न 25.
शीत ऋतु में तमिलनाडु में कुछ मात्रा में वर्षा क्यों होती है?
उत्तर:
क्योंकि उस क्षेत्र में उत्तरी-पूर्वी व्यापारिक पवनें समुद्र से स्थल की ओर बहती हैं।
प्रश्न 26.
महावट किसे कहते हैं?
उत्तर:
शीतकाल में भूमध्य सागर से आने वाले चक्रवातों से होने वाली वर्षा को महावट कहते हैं।
प्रश्न 27.
‘लू’ क्या है?
उत्तर:
भारत के उत्तरी-पश्चिमी भागों में मई और जन के महीनों में दिन के समय बहने वाली गरम एवं शुष्क हवाओं को ‘लू’ कहते हैं।
प्रश्न 28.
काल वैशाखी का क्या अर्थ है?
उत्तर:
ग्रीष्म ऋतु में कभी-कभी तीव्र हवाओं के साथ गरज वाली मूसलाधार वर्षा भी होती है। इसके साथ प्रायः हिमवृष्टि भी होती है। इसे पश्चिमी बंगाल में काल वैशाखी कहते हैं।
प्रश्न 29.
आम्रवृष्टि से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
ग्रीष्म ऋतु के अन्त में कर्नाटक और केरल में मानसून से पूर्व होने वाली वर्षा को आम्रवृष्टि कहते हैं। यह वर्षा आम की फसल को शीघ्र पकाने में सहायक होती
प्रश्न 30.
अनावृष्टि का क्या अर्थ है?
उत्तर:
जब किसी क्षेत्र में वर्षा नहीं होती या नाममात्र को ही होती है उसे अनावृष्टि या सूखा कहते हैं।
प्रश्न 31.
मानसून में आने वाले विराम किससे ! सम्बन्धित होते हैं?
उत्तर:
मानसून में आने वाले विराम मानसूनी गर्त | की गति से सम्बन्धित होते हैं।
प्रश्न 32.
कोरोमण्डल तट पर अधिकतर वर्षा किससे होती है?
उत्तर:
चक्रवातों एवं अवदाबों से।
प्रश्न 33.
मानसून का विशिष्ट लक्षण लिखिए।
उत्तर:
वर्षा की अनिश्चितता एवं उसका असमान वितरण।
प्रश्न 34.
पश्चिमी विक्षोभ का उत्पत्ति स्थान कौन-सा है?
उत्तर:
भूमध्य सागर।
प्रश्न 35.
शीत ऋतु में देश के उत्तरी-पश्चिमी भागों में वर्षा का प्रमुख कारण क्या है?
उत्तर:
पश्चिमी विक्षोभा
प्रश्न 36.
अरब सागरीय मानसून शाखा से सर्वाधिक वर्षा किस भाग में होती है?
उत्तर:
पश्चिमी घाट के पवनोन्मुखी ढालों पर।
प्रश्न 37.
भारत की ऋतुओं के नाम बताइए।
उत्तर:
- शीत ऋतु,
- ग्रीष्म ऋतु,
- मानसून के आगमन की ऋतु,
- मानसून के वापसी की ऋतु।
प्रश्न 38.
कोरिऑलिस बल क्या है?
उत्तर:
पृथ्वी के घूर्णन से उत्पन्न होने वाला बल। यह बल पवनों को उत्तरी गोलार्द्ध में दाहिनी ओर और दक्षिणी गोलार्द्ध में बायीं ओर मोड़ता है। इसे फेरेल का नियम भी कहा जाता है।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
दक्षिणी दोलन क्या है? संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
जब दक्षिणी प्रशान्त महासागर के उष्ण कटिबन्धीय पूर्वी भाग में उच्च दाब होता है तो हिन्द महासागर के उष्ण कटिबन्धीय पूर्वी भाग में निम्न दाब होता है लेकिन कुछ विशेष वर्षों में वायुदाब की यह स्थिति विपरीत हो जाती है एवं पूर्वी प्रशान्त महासागर के ऊपर हिन्द महासागर की तुलना में निम्न दाब का क्षेत्र बन जाता है। दाब की अवस्था में इस नियतकालिक परिवर्तन को दक्षिणी दोलन कहा जाता है।
प्रश्न 2.
भारत में मानसून किस प्रकार पहुँचता है? संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
जून के प्रारम्भ में उत्तरी मैदानों में एक निम्न दाब क्षेत्र का निर्माण हो जाता है। इस कारण दक्षिणी गोलार्द्ध से व्यापारिक पवनें इस ओर आकर्षित होती हैं। इन व्यापारिक पवनों की उत्पत्ति दक्षिणी समुद्रों के उपोष्ण कटिबन्धीय क्षेत्र में होती है। चूँकि ये पवनें गर्म महासागरों के ऊपर से गुजरती हैं, इसलिए ये अपने साथ इस उपमहाद्वीप में बहुत अधिक मात्रा में नमी लाती हैं। ये पवनें तीव्र होती हैं और सुदूर उत्तरी-पूर्वी भाग को छोड़कर देश के शेष भाग में लगभग 2 महीने में पहुँच जाती हैं। भारत में ये पवनें दक्षिणी-पश्चिमी मानसून के रूप में प्रवेश करती हैं।
प्रश्न 3.
लौटते हुए मानसून पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
सूर्य के दक्षिण की ओर आभासी गति के कारण अक्टूबर-नवम्बर के महीने के दौरान उत्तरी मैदान में निम्न दाब की स्थिति कमजोर होनी प्रारम्भ हो जाती है। धीरे-धीरे उच्च दाब प्रणाली इसका स्थान ले लेती है। फलस्वरूप दक्षिण-पश्चिमी मानसून कमजोर होकर लौटना प्रारम्भ कर देता है। मानसून की इस वापसी को स्वच्छ आकाश एवं दिन का बढ़ता तापमान, रातें ठण्डी एवं सुहावनी के रूप में पहचाना जा सकता है। अक्टूबर के आरम्भ तक, उत्तरी मैदानों से मानसून की वापसी हो चुकी होती है।
प्रश्न 4.
भारत में निम्न वर्षा वाले क्षेत्र कौन-कौन से हैं? बताइए।
उत्तर:
भारत में निम्न वर्षा वाले क्षेत्र निम्नलिखित हैं
- पश्चिमी राजस्थान एवं उससे जुड़े पंजाब, हरियाणा एवं गुजरात के भागों में वर्षा बहुत कम होती है। इन क्षेत्रों में 60 सेमी. से भी कम वार्षिक वर्षा होती है।
- दक्षिण के पठार के आन्तरिक भागों एवं सह्याद्रि के पूर्वी भाग में सामान्य रूप से कम वर्षा प्राप्त होती है।
- जम्मू-कश्मीर के लेह में भी वर्षा की मात्रा बहुत कम होती है।
प्रश्न 5.
भारत में वर्षा के वितरण को संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
भारत में वर्षा का वितरण निम्नलिखित है
- पश्चिमी तट एवं उत्तरी पूर्वी भारत में वार्षिक वर्षा 400 सेमी. से भी अधिक होती है।
- पश्चिमी राजस्थान एवं उससे लगे गुजरात, हरियाणा एवं पंजाब में वार्षिक वर्षा 60 सेमी. से भी कम होती है।
- दक्षिण के पठार, सह्याद्रि के पूर्वी भाग में 60 सेमी. से भी कम वार्षिक वर्षा होती है।
- जम्मू-कश्मीर के लेह क्षेत्र में 20 सेमी. से भी कम वर्षा होती है।
प्रश्न 6.
दक्षिण-पश्चिमी मानसून की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
दक्षिण-पश्चिमी मानसून की प्रमुख विशेषताएँ निम्न हैं
- दक्षिण-पश्चिम में मानसून की अवधि जून से सितम्बर तक होती है।
- इन महीनों में उत्तर भारत में निम्न दाब का क्षेत्र बढ़ जाता है।
- मानसूनी पवनें निम्न दाब के क्षेत्र की ओर चलने लगती हैं और इनकी दिशा दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व होती
- इस ऋतु में सम्पूर्ण भारत में मानसून पवनें फैलकर वर्षा करती हैं।
- भारत में अधिकांश वर्षा (98%) इन्हीं मानसूनी पवनों से होती है।
- दक्षिण-पश्चिम मानसून की दो प्रमुख शाखाएँ है
(अ) अरब सागरीय शाखा,
(ब) बंगाल की खाड़ी की शाखा।
प्रश्न 7.
भारत की जलवायु को प्रभावित करने वाले दो कारक बताइए।
उत्तर:
1. अक्षांश:
कर्क वृत्त, भारत को दो भागों में बाँटता है। कर्क वृत्त के दक्षिण का भाग उष्ण कटिबन्धीय क्षेत्र में है तथा उत्तर का भाग उपोष्ण कटिबन्ध में है। अतः भारत की जलवायु में उष्ण एवं उपोष्ण कटिबन्धीय जलवायु दोनों की विशेषताएँ पायी जाती हैं।
2. ऊँचाई:
भारत के उत्तर में हिमालय पर्वत है जो मध्य एशिया से आने वाली ठण्डी हवाओं को रोककर हमारे देश की जलवायु को शीत मरुस्थल बनने से रोकता है।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
किसी भी क्षेत्र की जलवाय को नियन्त्रित करने वाले कारकों को संक्षेप में बताइए। उत्तर–किसी भी क्षेत्र की जलवायु को विभाजित करने वाले कारक निम्नलिखित हैं
1. अक्षांश:
पृथ्वी की गोल आकृति के कारण अक्षांश के अनुरूप प्राप्त सौर ऊर्जा की मात्रा विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग होती है। फलस्वरूप तापमान विषुवत् रेखा से ध्रुवों की ओर घटता जाता है जिससे किसी स्थान की जलवायु निर्धारित होती है।
2. ऊँचाई:
जैसे-जैसे हम पृथ्वी की सतह से ऊँचाई की ओर जाते हैं तो वायुमण्डल की सघनता कम होती जाती है और तापमान घटता जाता है जिससे किसी स्थान की जलवायु निर्धारित होती है।
3. वायुदाब एवं पवन तन्त्र:
किसी भी क्षेत्र का वायुदाब एवं पवन तन्त्र उस स्थान के अक्षांश एवं ऊँचाई पर निर्भर करता है वायुदाब एवं पवन तन्त्र किसी स्थान की जलवायु पर बहुत अधिक प्रभाव डालते हैं क्योंकि इनके द्वारा वर्षा का प्रारूप एवं तापमान नियन्त्रित होते हैं।
4. समुद्र से दूरी:
समुद्र का जलवायु पर समकारी प्रभाव पड़ता है, जैसे-जैसे किसी स्थान की समुद्र से दूरी बढ़ती जाती है समुद्र का जलवायु पर समकारी प्रभाव कम होता जाता है।
5. महासागरीय धाराएँ:
महासागरीय धारा एवं अपतटीय हवाओं द्वारा किसी स्थान की जलवायु प्रभावित होती है, जैसे-कोई भी तटीय क्षेत्र जहाँ गर्म एवं ठण्डी जलधाराएँ बहती हैं और वायु की दिशा समुद्र के तट की ओर हो, तब वह तट गर्म या ठण्डा हो जायेगा।
6. उच्चावच:
यह किसी स्थान की जलवायु के निर्धारण में महत्वपूर्ण योगदान देता है। ऊँचे पर्वत, ठण्डी या गर्म हवाओं से रक्षा करते हैं। अधिक ऊँचे पर्वत वर्षा लाने वाली पवनों को रास्ते में रोककर वर्षा कराने में सहायक होते हैं।