Jharkhand Board JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 7 जीवों में विविधता Important Questions and Answers.
JAC Board Class 9 Science Important Questions Chapter 7 जीवों में विविधता
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1. किस वैज्ञानिक ने पाँच जगत प्रणाली प्रस्तुत की?
(a) लिनियस
(c) कार्ल बोस
(b) व्हिटेकर
(d) अर्न्सट हेकेल।
उत्तर:
(b) व्हिटेकर।
2. ‘दि ओरिजिन ऑफ स्पीशीज’ पुस्तक के लेखक थे-
(a) अर्न्सट हेकेल
(b) चार्ल्स डार्विन
(c) व्हिटेकर
(d) लिनियस।
उत्तर:
(b) चार्ल्स डार्विन।
3. नील हरित शैवाल किस वर्ग में आते हैं?
(a) प्लांटी
(b) मोनेरा
(c) प्रोटिस्टा
(d) कवक।
उत्तर:
(b) मोनेरा।
4. शैवाल उदाहरण है-
(a) माँस
(b) प्रोटोजोआ
(c) यीस्ट
(d) प्रोटिस्टा
5. प्रकाश संश्लेषण की
(a) जन्तुओं में
(b) हरे पौधों में।
(c) कवकों में
(d) उपर्युक्त सभी में।
उत्तर:
(b) हरे पौधों में।
6. जिम्नोस्पर्म का उदाहरण है-
(a) आइपोमिया
(b) पाइनस
(c) फ्यूनेरिया
(d) मासलिया।
उत्तर:
(b) पाइनस।
7. किस संघ का शरीर छिद्रमय होता है?
(a) पोरीफेरा
(b) प्रोटोजोआ
(c) मोलस्का
(d) एनीलिडा
उत्तर:
(a) पोरीफेरा।
8. निम्नलिखित में कौन-सा जन्तु मछली है?
(a) जेलीफिश
(b) झींगा मछली
(c) तारा मछली
(d) लेखियो।
उत्तर:
(d) लेखियो।
9. किस संघ के जन्तुओं में
(a) एनीलिडा
(b) मॉलस्का
(c) आर्थ्रोपोडा
(d) इकानोडर्मेटा।
उत्तर:
(c) आर्थ्रोपोडा।
10. एक ही वंश फेलिस में रखें गये जन्तु हैं-
(a) शेर
(b) चीता
(c) तेन्दुआ
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी।
11. द्विनाम पद्धित के जन्मदाता हैं-
(a) केरोलस लिनियस
(b) ओसवाल्ड टिप्पो
(c) व्हिटेकर
(d) चार्ल्स डार्विन।
उत्तर:
(a) केरोलस लिनियस।
12. उपास्थि का कंकाल बना होता है-
(a) शार्क
(b) बेल
(c) लेबियो
(d) हिप्पोकैम्पस।
उत्तर:
(a) शार्क।
रिक्त स्थान भरो-
- …………………. जगत में एककोशिक प्रोकैरियोटी जीव आते हैं।
- …………………. को मृतजीवी कहते हैं।
- पुष्पी पादपों को ………………… भी कहा जाता है।
- केंचुआ भी कहा जाता है। जंतु का उदाहरण हैं।
उत्तर:
- मोनेरा
- फंजाई
- एंजियोस्पर्म
- एनीलिड।
सुमेलन कीजिए-
कॉलम ‘क’ | कॉलम ‘ख’ |
1. तारा मछली | (क) मोलस्क |
2. मकड़ी | (ख) इकाइनोडर्म |
3. ऑक्टॉपस | (ग) सरीसृप |
4. छिपकली | (घ) आर्थ्रोपोड |
उत्तर:
1. (ख) इकाइनोडर्म
2. (घ) आर्थ्रोपोड
3. (क) मोलस्क
4. (ग) सरीसृप
सत्य / असत्य-
- पक्षी समतापी प्राणी होते हैं।
- स्तनपायी जीवों का हृदय द्विकक्षीय होता है।
- पादप जगत का सरलतम वर्ग ब्रायोफाइटा है।
- मनुष्य का वैज्ञानिक नाम होमो सेपियन्स है।
उत्तर:
- सत्य
- असत्य
- असत्य
- सत्य।
अति लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
वर्गीकरण क्या है?
उत्तर:
जीवों को उनकी समानता एवं भिन्नता के आधार पर अनेक वर्गों में बाँटना वर्गीकरण कहलाता है।
प्रश्न 2.
वर्गीकरण का आधारभूत लक्षण क्या है?
उत्तर:
वर्गीकरण का आधारभूत लक्षण कोशिकीय संरचना एवं कार्य है।
प्रश्न 3.
प्रकाश संश्लेषण करने वाले जीवों को क्या कहते हैं?
उत्तर:
प्रकाश संश्लेषण करने वाले जीवों को पौधे कहते हैं।
प्रश्न 4.
पौधों का शरीर किस आधार पर विकसित होता है?
उत्तर:
पौधों का शरीर भोजन ग्रहण करने के आधार पर विकसित होता है।
प्रश्न 5.
व्हिटेकर ने जीवों को किन समूहों में वर्गीकृत किया?
उत्तर:
व्हिटेकर ने जीवों को पाँच समूहों में वर्गीकृत किया था। ये समूह हैं-मोनेरा, प्रोटिस्टा, फंजाई, प्लांटी और एनीमेलिया।
प्रश्न 6.
वर्गीकरण की विभिन्न इकाइयाँ क्या हैं?
उत्तर:
जगत, संघ, वर्ग, गण, कुल, वंश तथा जाति वर्गीकरण की विभिन्न इकाइयाँ हैं।
प्रश्न 7.
बोस ने मोनेरा जगत को किन दो भागों में बाँटा?
उत्तर:
बोस ने मोनेरा जगत को दो भागों में बाँटा-
- आकीबैक्टीरिया
- यूबैक्टीरिया।
प्रश्न 8.
व्हिटेकर ने वर्गीकरण का आधार किसे बनाया था?
उत्तर:
व्हिटेकर ने कोशिकीय संरचना, पोषण के स्रोत और तरीके तथा शारीरिक संगठन को वर्गीकरण का आधार बनाया था।
प्रश्न 9.
मोनेरा वर्ग में कौन-कौन से जीव आते हैं?
उत्तर:
मोनेरा वर्ग में एककोशिकीय जीव आते हैं, जिनमें कोशिका भित्ति पाई जाती है।
प्रश्न 10.
मोनेरा वर्ग के तीन उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
मोनेरा वर्ग के तीन उदाहरण- जीवाणु, नील- हरित शैवाल, माइकोप्लाज्मा हैं।
प्रश्न 11.
प्रोटिस्टा वर्ग के तीन उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
प्रोटिस्टा वर्ग के तीन उदाहरण एककोशिकीय शैवाल, प्रोटोजोआ, डाइएटम।
प्रश्न 12.
फंजाई को मृतजीवी क्यों कहते हैं?
उत्तर:
फंजाई पोषण के लिए सड़े-गले कार्बनिक पदार्थों पर निर्भर करती है, इसलिए इसे मृतजीवी कहते हैं।
प्रश्न 13.
फंजाई की कोशिका भित्ति किस पदार्थ की बनी होती है?
उत्तर:
फंजाई की कोशिका भित्ति काइटिन नामक जटिल शर्करा की बनी होती है।
प्रश्न 14.
सहजीविता किसे कहते हैं?
उत्तर:
कवकों की कुछ प्रजातियाँ नील हरित शैवाल के साथ स्थायी अन्तर्सम्बन्ध बनाती हैं, इसे सहजीविता कहते हैं।
प्रश्न 15.
लाइकेन क्या हैं?
उत्तर:
वृक्षों की छालों पर रंगीन धब्बों के रूप में दिखाई देने वाले जो कवकों एवं नील हरित शैवाल की सहजीविता से बनते हैं, उनको लाइकेन कहते हैं।
प्रश्न 16.
शैवाल और कवक किस समूह में आते हैं?
उत्तर:
शैवाल और कवक थैलोफाइटा समूह में आते हैं।
प्रश्न 17.
ब्रायोफाइटा वर्ग के पौधों को किस नाम से जाना जाता है?
उत्तर:
ब्रायोफाइटा वर्ग के पौधों को उभयचर नाम से जाना जाता है।
प्रश्न 18.
ब्रायोफाइटा के दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
फ्यूनेरिया (मॉस) तथा मार्केशिया।
प्रश्न 19.
टेरिडोफाइटा वर्ग के पौधों का शरीर कितने भागों में विभाजित होता है?
उत्तर:
टेरिडोफाइडा वर्ग के पौधों का शरीर जड़, तना तथा पत्ती में विभाजित होता है।
प्रश्न 20.
टेरिडोफाइडा के दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
मार्सीलिया, फर्न, हॉर्स टेल।
प्रश्न 21.
बीजाणु (स्पोर) किसे कहते हैं?
उत्तर:
थैलोफाइटा, ब्रायोफाइटा और टेरिडोफाइटा में नग्न भ्रूण पाये जाते हैं, जिन्हें बीजाणु (स्पोर) कहते हैं।
प्रश्न 22.
क्रिप्टोगैम किन्हें कहते हैं?
उत्तर:
जिन पौधों में बीज उत्पन्न करने की क्षमता नहीं होती है, उन्हें क्रिप्टोगैम कहते हैं।
प्रश्न 23.
फैनरोगैम किन्हें कहते हैं?
उत्तर:
वे पौधे जिनमें जनन ऊतक पूर्ण विकसित एवं विभेदित होते हैं तथा जनन की प्रक्रिया के बाद बीज उत्पन्न करते हैं, उन्हें फैनरोगैम कहते हैं।
प्रश्न 24.
एन्जियोस्पर्म किन्हें कहते हैं?
उत्तर:
जिन पौधों के बीज फलों के अन्दर ढके होते हैं। इनके बीजों का विकास अण्डाशय के अन्दर होता है, जो बाद में फल बन जाते हैं। इन्हें एन्जियोस्पर्म कहते हैं।
प्रश्न 25.
एन्जियोस्पर्म को कितने भागों में बाँटा गया है?
उत्तर:
एन्जियोस्पर्म को दो भागों में बाँटा गया है- एकबीजपत्री तथा द्विबीजपत्री।
प्रश्न 26.
जिम्नोस्पर्म पौधे किन्हें कहते हैं?
उत्तर:
नग्न बीज उत्पन्न करने वाले पौधों को जिम्नोस्पर्म कहते हैं।
प्रश्न 27.
पोरीफेरा में नाल प्रणाली का क्या कार्य है?
उत्तर:
पोरीफेरा के शरीर में नाल प्रणाली जल, ऑक्सीजन एवं भोज्य पदार्थों का संचरण करती है।
प्रश्न 28.
पोरीफेरा के दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
साइकॉन, यूप्लेक्टीला, स्पांजिला आदि।
प्रश्न 29.
सीलेन्ट्रेटा जन्तुओं के समूह में और एकाकी रहने वाले जीवों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
समूह में रहने वाले जीव- कोरल (मूँगा) एकल रहने वाले जीव- हाइड़ा, जेलीफिश।
प्रश्न 30.
दो परजीवी प्लेटीहेल्मिन्थीज जन्तुओं के उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
लिवरफ्लूक, टेपवर्म।
प्रश्न 31.
तीन परजीवी निमेटोड के उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
गोलकृमि (ऐस्कैरिस), फाइलेरिया कृमि, पिनवर्म।
प्रश्न 32.
एनीलिडा वर्ग के तीन उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
केंचुआ, नेरीस, जोंक।
प्रश्न 33.
जन्तु जगत का सबसे बड़ा संघ कौन-सा है?
उत्तर:
जन्तु जगत का सबसे बड़ा संघ आर्थ्रोपोडा है।
प्रश्न 34.
आर्थ्रोपोडा के पाँच उदाहरण लिखो।
उत्तर:
झींगा, तितली, मक्खी, मकड़ी, बिच्छू, केंकड़ा।
प्रश्न 35.
मोलस्का जन्तुओं के तीन उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
सीप, घोंघा, ऑक्टोपस
प्रश्न 36.
जल संवहन नाल तन्त्र किन जीवों में पाया जाता है?
उत्तर:
जल संवहन नाल तन्त्र इकाइनोडर्मेटा संघ के जन्तुओं में पाया जाता है, जो इनके चलन में सहायक होता है, जैसे- स्टारफिश।
प्रश्न 37.
प्रोटोकॉर्डेटा वर्ग के तीन उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
बैलेनोग्लॉसस, हर्डमानिया, एम्फिऑक्सस।
प्रश्न 38.
कशेरुकी जीवों के प्रमुख लक्षण लिखो।
उत्तर:
नोटोकॉर्ड की उपस्थिति, पृष्ठनलीय कशेरुकदण्ड एवं मेरुरज्जु, त्रिकोरकी शरीर, युग्मित क्लोम थैली, देहगुहा की उपस्थिति।
प्रश्न 39.
मत्स्य वर्ग के कोई तीन लक्षण लिखो।
उत्तर:
मत्स्य वर्ग के जन्तुओं का शरीर शल्क या प्लेटों से ढका हुआ, हृदय द्विकक्षीय श्वसन क्लोमों द्वारा, अण्डज प्राणी।
प्रश्न 40.
किस मछली का कंकाल केवल उपास्थि का बना होता है?
उत्तर:
शार्क मछली का शरीर केवल उपास्थि का बना होता है।
प्रश्न 41.
हिप्पोकेम्पस किस वर्ग का जन्तु है?
उत्तर:
हिप्पोकेम्पस मत्स्य वर्ग का जन्तु है।
प्रश्न 42.
जल-स्थलचर वर्ग की चार विशेषताएँ (लक्षण) बताओ।
उत्तर:
जलस्थलचर वर्ग के जन्तु जल और स्थल दोनों स्थानों पर रह सकते हैं। इनकी त्वचा पर श्लेष्म ग्रन्थियाँ पायी जाती हैं। हृदय त्रिकक्षीय होता है ये असमतापी होते हैं और जल में अण्डे देते हैं।
प्रश्न 43.
असमतापी जन्तुओं के दो वर्गों के नाम लिखो।
उत्तर:
जल-स्थलचर व सरीसृप वर्ग के जन्तु असमतापी होते हैं।
प्रश्न 44.
चार सरीसृप वर्ग के जन्तुओं के नाम लिखो।
उत्तर:
साँप, छिपकली, कछुआ, मगरमच्छ।
प्रश्न 45.
पक्षी किस प्रकार के जन्तु हैं?
उत्तर:
पक्षी समतापी तथा वायु में उड़ने वाले जन्तु हैं।
प्रश्न 46.
पक्षियों के पंख किस अंग के रूपान्तर हैं?
उत्तर:
पक्षियों के पंख आगे के दो पैरों के रूपान्तर हैं।
प्रश्न 47.
किन्हीं दो अण्डे देने वाले स्तनपायी जन्तुओं के नाम लिखो।
उत्तर:
- इकिडना
- प्लेटीपस।
प्रश्न 48.
जल में रहने वाले दो स्तनपायी जन्तुओं के नाम लिखो।
उत्तर:
- ह्वेल
- वालरस।
प्रश्न 49.
अविकसित बच्चों को जन्म देने वाले स्तनपायी का नाम लिखो।
उत्तर:
कंगारू अविकसित बच्चों को जन्म देती है।
प्रश्न 50.
मासूपियम थैली क्या होती है?
उत्तर:
कंगारू के पेट पर मासूपियम नामक थैली होती. है, इसमें अविकसित बच्चों के पोषण हेतु स्तनग्रन्थियाँ होती हैं। बच्चे इस थैली में तब तक रहते हैं जब तक कि उनका पूर्ण विकास नहीं हो जाता है।
प्रश्न 51.
‘सिस्टेमा नेचुरी’ पुस्तक के लेखक का नाम बताओ।
उत्तर:
सिस्टेमा नेचुरी’ पुस्तक कालवानलिने (केरोलस लिनियस) ने लिखी थी।
प्रश्न 52.
द्विनाम पद्धति किसने प्रस्तुत की थी?
उत्तर:
द्विनाम पद्धति केरोलस लिनियस ने प्रस्तुत की थी।
प्रश्न 53.
मेगाडाइवर्सिटी क्षेत्र किसे कहते हैं?
उत्तर:
पृथ्वी पर कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच के क्षेत्र को मेगाडाइवर्सिटी क्षेत्र कहते हैं। इस क्षेत्र में जो नमी और गर्मी वाला भाग है वहाँ पौधों और जन्तुओं में पर्याप्त विविधता पाई जाती है।
प्रश्न 54.
पृथ्वी पर जैव विविधता का आधे से अधिक भाग किन देशों में केन्द्रित है?
उत्तर:
पृथ्वी पर जैव विविधता का आधे से अधिक भाग मैक्सिको, ब्राजील, कोलम्बिया, इक्वेडोर, पेरू, जायरे, मैडागास्कर, आस्ट्रेलिया, चीन, भारत, इण्डोनेशिया और मलेशिया में केन्द्रित है।
लघुत्तरात्मक एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
जैवविविधता से क्या तात्पर्य है? जैव विविधता असीमित है, इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
जैव विविधता जैव विविधता से तात्पर्य विभिन्न जीवरूपों में पाई जाने वाली विविधता से है। यह शब्द किसी विशेष क्षेत्र में पाये जाने वाले विभिन्न जीवरूपों की ओर संकेत करता है। ये विभिन्न जीव न केवल एक समानं पर्यावरण में रहते हैं बल्कि एक दूसरे को प्रभावित भी करते हैं।
इसके परिणामस्वरूप विभिन्न प्रजातियों का स्थायी समुदाय अस्तित्व में आता है। किसी समुदाय की विविधता भूमि, जल, जलवायु आदि कई चीजों से प्रभावित होती है। अनुमानित रूप से पृथ्वी पर जीवों की लगभग 1 करोड़ प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जबकि हमें केवल 10 लाख या 20 लाख प्रजातियों की ही जानकारी है।
प्रश्न 2.
क्या जीवों की विविधता आदिकाल से इसी प्रकार की है?
उत्तर:
जीवों की विविधता आदिकाल से इसी प्रकार आज या अब जो विविधता दिखाई देती है, वह विगत् 350 करोड़ वर्षों के जैव विकास का परिणाम है। इस अत्यधिक दीर्घ अवधि में बहुत सी जातियाँ अस्तित्व में आई और बहुत सी विलुप्त हो गई ऐसा अनुमान लगाया गया है कि जीवों की विलुप्त हुई जातियों की संख्या आ गुनिक काल में पाई जाने वाली जातियों से 50 गुना अधिक थी।
प्रश्न 3.
जीवों के वर्गीकरण की आवश्यकता क्यों है? स्पष्ट कीजिये।
उत्तर:
जीवों के वर्गीकरण की आवश्यकता- विश्व के विभिन्न भागों में भिन्न-भिन्न प्रकार के जीव पाए जाते हैं। पहाड़ों पर रहने वाले जीव मैदानी भागों के जीवों से भिन्न होते हैं तो वनों के जीव मरुस्थली जीवों से भिन्न होते हैं। इनमें से प्रत्येक जीव जाति अपने आप में अद्भुत है। इस प्रकार जीवों में असीमित विविधता पाई जाती है। जैव विकास की दीर्घकालीन अवधि में अनेक प्रजातियाँ विलुप्त हो चुकी हैं। इतनी अधिक संख्या में तथा विविधता में पाए जाने वाले जीवों में से प्रत्येक जीव का अलग-अलग अध्ययन करना सम्भव नहीं है।
इस असम्भव कार्य को सम्भव करने के लिए विभिन्न प्रकार के जीवों को क्रमबद्ध रूप से व्यवस्थित करना अर्थात उनका वर्गीकरण करना आवश्यक है। वर्गीकरण करने पर हम प्रत्येक वर्ग से कुछ प्रतिनिधि जीवों का अध्ययन करके, उस वर्ग के अन्य सभी सदस्य जीवों के विषय में भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
प्रश्न 4.
वर्गीकरण का महत्व बताइए।
उत्तर:
वर्गीकरण का महत्व-जीवों का वर्गीकरण निम्नलिखित बातों से अत्यधिक महत्वपूर्ण है-
- किसी भी समूह के एक जीव का अध्ययन करने से उस समूह के सभी जीवों के सामान्य लक्षणों का ज्ञानार्जन किया जा सकता है।
- विभिन्न समूहों के सामान्य लक्षणों का अध्ययन करके उन्हें जटिलता के आधार पर विकास के क्रम में सरलता से रखा गया है।
- विभिन्न समूहों के जीवों का अध्ययन करने से कुछ जीव ऐसे भी मिले हैं, जिनमें दो पृथक समूहों के लक्षण विद्यमान थे अथवा हैं
- ऐसे जीव दो समूहों के मध्य संयोजक कड़ी के रूप में माने जाते हैं। इन के अध्ययन से विभिन्न समूहों में परस्पर सम्बन्ध का बोध होता है।
- विभिन्न समूहों के जीवों का अध्ययन करने से उन समूहों की उत्पत्ति का ज्ञान हो जाता है। जैसे- पक्षी वर्ग तथा स्तनपायी वर्ग का विकास सरीसृप वर्ग से हुआ है।
- वर्गीकरण से जीवों में पाई जाने वाली आकारिकीय समानताओं एवं विभिन्नताओं के कारण का भी ज्ञान हो जाता है।
- किसी वातावरण में पाए जाने वाले विभिन्न वर्गों के लक्षणों के आधार पर उनकी अनुकूलता के बारे में अनुमान लगाया जा सकता विभिन्न वर्गों के जीवों का अध्ययन करने से जैव विकास का अनुमान लगाया जा सकता है।
- जीवों (पौधों एवं जन्तुओं) का भौगोलिक वितरण पूर्णत: वर्गीकरण से उपलब्ध सूचनाओं पर आश्रित है।
प्रश्न 5.
द्विनाम पद्धति क्या है? एक उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
द्विनाम पद्धति लीनियस द्वारा किसी भी जीव का नाम रखने के लिए एक विशेष वैज्ञानिक पद्धति प्रस्तुत की गई, जिसे द्विनाम पद्धति कहते हैं। इसके अनुसार प्रत्येक जीव को दोहरा नाम दिया जाता है- पहला नाम वंश (जीनस) का तथा दूसरा नाम जाति (स्पीशीज) का होता है।
जैसे – मनुष्य का वैज्ञानिक नाम होमो सेपियन्स है। इसमें होमो मनुष्य के वंश (जीनस) तथा सेपियन्स उसकी जाति (स्पीशीज ) को प्रकट करता है। इस पद्धति में वंश का नाम सदैव अंग्रेजी के बड़े अक्षर से तथा जाति का नाम अंग्रेजी के छोटे अक्षर से तिरछे ( इटैलिक) अक्षरों में लिखा जाता है। जैसे- मनुष्य- होमो सेपियन्स (Homo sapiens)
शेर-फेलिस लिओ (Falis leo)
प्रश्न 6.
पौधों एवं जन्तुओं में समानता बताइए।
उत्तर:
पौधों एवं जन्तुओं में समानता –
- दोनों के शरीर कोशिकाओं से बने होते हैं।
- दोनों की कोशिकाओं में जीवद्रव्य होता है।
- दोनों में ही पाचन, श्वसन एवं प्रजनन आदि समान क्रियाएँ होती हैं।
- दोनों में ही वृद्धि होती है।
- दोनों ही संवेदनशील होते हैं।
- दोनों में ही अपनी वंश वृद्धि के लिए प्रजनन क्रिया होती है।
प्रश्न 7.
पौधों और जन्तुओं में अन्तर बताइए।
उत्तर;
पौधों और जन्तुओं में अन्तर –
पौधों (पादप) | जन्तु (प्राणी) |
1. पादप कोशिकाओं में कोशिका भित्ति होती है। | 1. इनकी कोशिकाओं में कोशिका भित्ति नहीं होती है। |
2. इनकी कोशिकाओं में क्लोरोफिल उपस्थित होता है। | 2. इनकी कोशिकाओं में क्लोरोफिल नहीं होता है। |
3. हरे पौधे अपना भोजन स्वयं बना सकते हैं, अर्थात् ये स्वपोषी होते हैं। | 3. जन्तु अपना भोजन स्वयं नहीं बना सकते, अर्थात् ये परपोषी होते हैं। |
4. पौधों में वृद्धि जीवन भर होती है। | 4. जन्तुओं में वृद्धि निश्चित आयु तक होती है। |
5. अधिकांश पौधे गति नहीं करते हैं। | 5. अधिकांश जन्तु गति करते हैं। |
प्रश्न 8.
नविटेकर द्वारा प्रस्तुत पाँच जगत के वर्गीकरण को चार्ट बनाकर लिखो।
उत्तर:
चित्र 7.4 देखिए।
प्रश्न 9.
वनस्पति जगत का वर्गीकरण किस प्रकार किया गया है? चार्ट बनाकर बताओ।
उत्तर:
प्रश्न 10.
अकशेरुकी और कशेरुकी जन्तुओं में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
अकशेरुकी और कशेरुकी जन्तुओं में अन्तर-
अकशेरुकी जन्तु | कशेरुकी जन्तु |
1. इनमें नोटोकॉर्ड नहीं होती है। | 1. जन्तु की किसी न किसी अवस्था में नोटोकॉर्ड अवश्य पाई जाती है। |
2. केन्द्रीय तन्त्रिका तन्त्र ठोस होता है तथा यह आहार नाल के नीचे अधर तल पर स्थित होता है। | 2. केन्द्रीय तन्त्रिका तन्त्र खोखला एवं नलिकाकार होता है तथा आहारनाल के पृष्ठ तल पर स्थित होता है। |
3. इनमें पृष्ठनलीय कशेरुक दण्ड एवं मेरुरज्जु अनुपस्थित होता है। | 3. इनमें पृष्ठनलीय कशेरुक द्ण तथा मेरुरज्जु पाया जाता है। |
4. इनमें क्लोम विदर नही होते हैं। | 4. इनमें युग्मित क्लोम विदर जीवन की किसी न किसी अवस्था में अवश्य पाये जाते हैं। |