Jharkhand Board JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण Important Questions and Answers.
JAC Board Class 9 Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
सूत्र F = G \(\frac{m_1 m_2}{r^2}\) से ज्ञात किया जा सकता है-
(a) गुरुत्वाकर्षण बल
(b) पृथ्वी द्वारा आरोपित गुरुत्वीय बल
(c) गुरुत्वीय त्वरण
(d) पृथ्वी तथा चन्द्रमा के बीच लगने वाला आकर्षण बल।
उत्तर:
(a) गुरुत्वाकर्षण बल।
प्रश्न 2.
दो पिण्डों के मध्य गुरुत्वाकर्षण बल निम्न से किस पर निर्भर नहीं करता?
(a) उनके मध्य की दूरी पर
(b) उनके द्रव्यमानों के गुणनफल पर
(c) गुरुत्वाकर्षण नियतांक पर
(d) द्रव्यमानों के योग पर।
उत्तर:
(d) द्रव्यमानों के योग पर।
प्रश्न 3.
निर्वात् में स्वतन्त्रतापूर्वक गिरते हुए पिण्डों का-
(a) वेग समान होता है
(b) त्वरण समान होता है
(c) बल समान होता है
(d) जड़त्व समान होता है।
उत्तर:
(b) त्वरण समान होता है
प्रश्न 4.
यदि किसी मीनार से मुक्त रूप से गिरते हुए पिण्ड को पृथ्वी तक पहुँचने में 6 सेकण्ड का समय लगता है तो मीनार की ऊँचाई होगी-
(a) 176.4 मीटर
(c) 100 मीटर
(b) 175 मीटर
(d) 600 मीटर।
उत्तर:
(a) 176.4 मीटर।
प्रश्न 5.
पृथ्वी पर रखी दो वस्तुओं के मध्य गुरुत्वाकर्षण बल F है। यदि उनमें से प्रत्येक का द्रव्यमान 1/4 कर दिया जाय तो गुरुत्वाकर्षण बल होगा-
(a) F
(b) \(\frac { F }{ 16 }\)
(c) \(\frac { F }{ 4 }\)
(d) 4F.
उत्तर:
(b) \(\frac { F }{ 16 }\)
प्रश्न 6.
सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक G का मात्रक होता है-
(a) न्यूटन / किग्रा
(b) मीटर/सेकण्डर
(c) न्यूटन मीटर²- किग्रा²
(d) न्यूटन मीटर² / किग्रा²।
उत्तर:
(d) न्यूटन मीटर² / किग्रा²।
प्रश्न 7.
किसी मकान की छत से पिण्ड गिराया जाता है। 50 मीटर गिरने के बाद पिण्ड की चाल होगी-
(a) 9.8 मीटर/सेकण्ड
(b) 31.30 मीटर / सेकण्ड
(c) 3.13मीटर / सेकण्ड
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(b) 31.30 मीटर / सेकण्ड।
प्रश्न 8.
गुरुत्वजनित त्वरण g का सही सूत्र है-
(a) g = \(\frac { GM }{ R }\)
(b) g = \(\frac{\mathrm{GM}}{r^2}\)
(c) g = \(\frac{G M^2}{\mathrm{R}}\)
(d) g = \(\frac{G M^2}{\mathrm{R}^2}\)
उत्तर:
(b) g = \(\frac{\mathrm{GM}}{r^2}\)
प्रश्न 9.
गुरुत्वीय त्वरण का मान-
(a) सभी ग्रहों पर समान होता है।
(b) पृथ्वी के सभी स्थानों पर समान होता है
(c) ध्रुवों पर अधिक, भूमध्य रेखा पर कम होता है
(d) उपर्युक्त में कोई सत्य नहीं है।
उत्तर:
(c) ध्रुवों पर अधिक, भूमध्य रेखा पर कम होता है।
प्रश्न 10.
ऊर्ध्वाधर ऊपर फेंके गये पिण्ड का महत्तम ऊँचाई पर वेग-
(a) शून्य होता है
(b) अधिकतम होता है
(c) न्यूनतम होता है
(d) 9.8 मी / सेकण्ड होता है।
उत्तर:
(a) शून्य होता है।
प्रश्न 11.
दो पत्थर 2: 3 के अनुपात के वेगों से फेंके जाते हैं तो उनके द्वारा तय महत्तम ऊँचाइयों का अनुपात होगा-
(a) 2:3
(b) 3:2
(c) 9:1
(d) 4:91
उत्तर:
(d) 4:91
प्रश्न 12.
पृथ्वी पर किसी वस्तु का भार 120 किग्रा है तो चन्द्रमा पर उसका भार होगा-
(a) 120 किग्रा
(b) 60 किग्रा
(c) 20 किग्रा
(d) 10 किग्रा ।
उत्तर:
(c) 20 किग्रा।
प्रश्न 13.
चन्द्रमा पर गुरुत्वीय त्वरण का मान होता है-
(a) 9.8m/s²
(b) 1.57m/g²
(c) 6.67m/s²
(d) 0.98m/s².
उत्तर:
(b) 1.57m/s².
प्रश्न 14.
आपेक्षिक घनत्व का मात्रक है-
(a) मी.
(b) किग्रा
(c) सेकण्ड
(d) कोई मात्रक नहीं होता।
उत्तर:
(d) कोई मात्रक नहीं होता।
प्रश्न 15.
दाब का मात्रक है-
(a) न्यूटन²
(b) न्यूटन / मीर²
(c) न्यूटन मीटर²
(d) न्यूटन मीटर
उत्तर:
(b) न्यूटन / मी²
रिक्त स्थान भरो
- गुरुत्वीय त्वरण का मान भिन्न-भिन्न स्थानों पर ……………… होता है।
- गुरुत्वीय स्थिरांक का मान सदैव ……………… होता है।
- उत्प्लावन बल सदैव ……………… की ओर आरोपित होता है।
- किसी पदार्थ का एकांक आयतन द्रव्यमान ……………… कहलाता है।
उत्तर:
- भिन्न
- स्थिर
- ऊपर
- घनत्व।
सुमेलन कीजिए
उत्तर:
1. (ख) mg
2. (घ) \(\frac{\mathrm{GM}}{\mathrm{R}^2}\)
3.
4. (ख) mg
सत्य / असत्य
- दो वस्तुओं के बीच उनकी बीच दूरी के वर्ग के अनुक्रमानुपाती होता है।
- G का मान भिन्न स्थानों पर भिन्न होता है।
- g की दिशा सदैव पृथ्वी के केन्द्र की ओर होती है।
- भार का SI मात्रक kg होता है।
उत्तर:
- असत्य
- असत्य
- सत्य
- असत्य।
अति लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
वस्तुओं का पृथ्वी की ओर मुक्त रूप से गिरना किस बल के कारण होता है?
उत्तर:
पृथ्वी के गुरुत्व बल के कारण।
प्रश्न 2.
क्या ‘g’ का मान वस्तु के द्रव्यमान पर निर्भर करता है?
उत्तर:
नहीं, ‘g’ का मान वस्तु के द्रव्यमान पर निर्भर नहीं करता।
प्रश्न 3.
यदि दो भिन्न-भिन्न द्रव्यमान की वस्तुओं को एक ऊँचाई से एक साथ मुक्त रूप से गिराया जाए तो वे एक ही साथ पृथ्वी पर पहुंचेंगी या अलग-अलग समय पर?
उत्तर:
एक ही साथ।
प्रश्न 4.
किन्हीं दो वस्तुओं के बीच अन्य कोई द्रव्य रखा जाए तो उनके बीच लगने वाला गुरुत्व बल समान रहता है या बदल जाता है।
उत्तर:
गुरुत्व बल का मान समान रहता है।
प्रश्न 5.
‘g’ व G में क्या सम्बन्ध है?
उत्तर:
g = G\(\frac{\mathrm{M}}{\mathrm{R}^2}\)
प्रश्न 6.
पृथ्वी तल से ऊपर जाने पर g के मान पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
पृथ्वी तल से ऊपर जाने पर 8 का मान घटता है।
प्रश्न 7.
चन्द्रमा पर गुरुत्वीय त्वरण कितना होता है?
उत्तर:
चन्द्रमा पर गुरुत्वीय त्वरण का मान, पृथ्वी पर गुरुत्वीय त्वरण के मान का 1/6 भाग होता है।
प्रश्न 8.
क्या g तथा G दोनों सार्वत्रिक नियतांक हैं?
उत्तर:
नहीं, केवल G सार्वत्रिक नियतांक है।
प्रश्न 9.
क्या गुरुत्वीय त्वरण एक सदिश राशि है अथवा अदिश? इसका SI मात्रक लिखिए।
उत्तर:
यह एक सदिश राशि है जिसकी दिशा सदैव पृथ्वी के केन्द्र की ओर होती है। इसका SI मात्रक मीटर / सेकण्ड² है।
प्रश्न 10.
यदि कोई पत्थर का टुकड़ा पृथ्वी की ओर मुक्त रूप से गिरता है तो पृथ्वी उस पर गुरुत्व बल लगाती है जिसके कारण पत्थर का टुकड़ा पृथ्वी की ओर त्वरित होता है क्या पत्थर भी पृथ्वी को अपनी ओर आकर्षित करता है?
उत्तर:
पत्थर भी पृथ्वी को गुरुत्व बल के बराबर बल से अपनी ओर आकर्षित करता है।
प्रश्न 11.
किसी वस्तु पर लगा गुरुत्व बल किस दिशा में कार्य करता है?
उत्तर:
वस्तु से पृथ्वी के केन्द्र को मिलाने वाली रेखा के अनुदिश कार्य करता है।
प्रश्न 12.
गुरुत्वीय त्वरण का मान कितना है और इसके मात्रक क्या हैं?
उत्तर:
गुरुत्वीय त्वरण g का मान = 9.8 m/s² तथा मात्रक m/s² है।
प्रश्न 13.
ध्रुवों तथा भूमध्य रेखा में से किस स्थान पर गुरुत्वीय त्वरण का मान अधिक होता है?
उत्तर:
ध्रुवों पर।
प्रश्न 14.
किसी द्रव पर तैरती वस्तु पर कार्य करने वाले दो बलों के नाम बताइए।
उत्तर:
- वस्तु का भार
- द्रव का उत्क्षेप।
प्रश्न 15.
किसी द्रव में डुबोने पर कोई वस्तु हल्की क्यों प्रतीत होती है?
उत्तर:
द्रव द्वारा वस्तु पर लगाए गए उत्प्लावन बल के कारण।
प्रश्न 16.
कुएँ के पानी में डूबी हुई जल से भरी हुई बाल्टी क्यों हल्की प्रतीत होती है?
उत्तर:
कुएँ के पानी के उत्क्षेप के कारण।
प्रश्न 17.
जब किसी तैरती हुई वस्तु को थोड़ा नीचे की ओर दबाया जाता है तो दोनों में से कौन सी राशि बढ़ती है, वस्तु का भार या द्रव का उत्प्लावन बल?
उत्तर:
द्रव का उत्प्लावन बल।
प्रश्न 18.
सबसे पहले किस वैज्ञानिक ने यह अनुमान लगाया कि पृथ्वी की ओर गिरते हुए पिण्डों का त्वरण उनके द्रव्यमान पर निर्भर नहीं करता?
उत्तर:
गैलीलियो ने।
प्रश्न 19.
उस वैज्ञानिक का नाम बताओ जिसने सबसे पहले प्रयोग द्वारा सिद्ध किया कि भिन्न-भिन्न वस्तुओं का त्वरण पृथ्वी की ओर गिरते हुए, द्रव्यमान पर निर्भर नहीं करता अर्थात् सभी पिण्ड पृथ्वी की ओर समान त्वरण से गिरते हैं।
उत्तर:
राबर्ट बॉयल।
प्रश्न 20.
गुरुत्वाकर्षण स्थिरांक G का मान विभिन्न ग्रहों पर अलग-अलग होगा या समान।
उत्तर:
विभिन्न ग्रहों पर G का मान समान रहेगा।
प्रश्न 21.
एक वस्तु का वायु में भार W1 तथा जल में डुबोने पर भार W2 है। वस्तु का आपेक्षिक घनत्व क्या होगा?
उत्तर:
वस्तु का आपेक्षिक घनत्व
प्रश्न 22.
6.5 आपेक्षिक घनत्व तथा 0.7 आपेक्षिक घनत्व वाले दो पिण्डों में से कौन-सा पिण्ड जल पर तैरेगा और क्यों?
उत्तर:
0.7 आपेक्षिक घनत्व वाला पिण्ड जल पर तैरेगा क्योंकि इसका आपेक्षिक घनत्व 1 से कम है।
प्रश्न 23.
एक ही ऊँचाई से एक पत्थर का टुकड़ा तथा एक कागज का टुकड़ा गिराने पर वे एक साथ पृथ्वी पर क्यों नहीं आते?
उत्तर:
वायु के घर्षण के कारण।
प्रश्न 24.
वस्तु के आभासी भार का क्या अर्थ है?
उत्तर:
किसी वस्तु का द्रव में डूबी हुई अवस्था में भार, वस्तु का ‘आभासी भार’ कहलाता है।
प्रश्न 25.
यदि विभिन्न प्रक्षेप्य पृथ्वी के समांतर एक ही ऊँचाई से तथा विभिन्न चाल से एक ही समय फेंके जाएँ तो वे पृथ्वी पर एक साथ पहुँचेंगे या अलग-अलग समय पर?
उत्तर:
एक साथ।
प्रश्न 26.
द्रव्यमान या संहति का SI मात्रक क्या है?
उत्तर:
किलोग्राम (kg)।
प्रश्न 27.
भार का SI मात्रक क्या है?
उत्तर:
न्यूटन (N)।
प्रश्न 28.
1 किलोग्राम भार (kg wt) में कितने न्यूटन होते हैं?
उत्तर:
1 किलोग्राम भार 9.8 न्यूटन (यदि g = 9.8 m/s²)।
प्रश्न 29.
एक पिण्ड द्वारा दूसरे पिण्ड पर लगाए गए गुरुत्वाकर्षण बल तथा दूसरे पिण्ड द्वारा पहले पर लगाए गए गुरुत्वाकर्षण बल के बीच क्या अनुपात होगा?
उत्तर:
दोनों एक-दूसरे पर समान परिमाण का बल लगाते हैं; अतः यह अनुपात 1 : 1 होगा।
प्रश्न 30.
उस वैज्ञानिक का नाम बताइए जिसने सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक G का मान ज्ञात किया था?
उत्तर:
हेनरी कैवेन्डिश।
प्रश्न 31.
कोई वस्तु ऊपर से नीचे की ओर गिर रही है तो गति के समीकरण का स्वरूप बताइए।
उत्तर:
- v = u + gt
- h = ut + \(\frac { 1 }{ 2 }\) gt²
- v² = u² + 2gh.
प्रश्न 32.
दाब का सूत्र लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 33.
क्या दाब एक सदिश राशि है?
उत्तर:
नहीं, दाब एक सदिश राशि नहीं है।
प्रश्न 34.
किसी वस्तु को नीचे से ऊर्ध्वाधर ऊपर की ओर फेंका जाता है तो गति के समीकरणों के स्वरूप बताइए।
उत्तर:
- v = u – gt.
- h = ut – \(\frac { 1 }{ 2 }\) gt²
- v² = u² – 2gh
लघुत्तरात्मक एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
प्लवन अथवा उत्प्लवन के नियम लिखिए।
उत्तर:
जब किसी वस्तु को किसी द्रव में छोड़ा जाता है, तो उस पर दो बल कार्य करते हैं-
- वस्तु का भार W नीचे की ओर,
- वस्तु पर द्रव का उछाल बल F ऊपर की ओर।
इन दोनों बलों का परिणामी बल जिस दिशा में होगा, वस्तु का तैरना या डूबना इन्हीं बलों के मान पर निर्भर करता है; इसमें निम्नलिखित तीन स्थितियाँ सम्भव हैं-
स्थिति 1.
यदि वस्तु का भार W, उत्क्षेप बल F से अधिक है। इस स्थिति में वस्तु का परिणामी (WF) नीचे की ओर कार्य करता है तथा वस्तु द्रव में डूब जाएगी (चित्र 10.9. (a)) I
स्थिति 2.
यदि W = F अर्थात् वस्तु का भार उत्क्षेप बल के बराबर है। इस अवस्था में वस्तु पर परिणामी बल शून्य होगा। अतः वस्तु द्रव में पूरी तरह डूबकर तैरेगी। इसे वस्तु की प्लवन या तैरने की अवस्था कहते हैं ऐसा तब होता है जब वस्तु का घनत्व, द्रव के घनत्व के बराबर होता है (चित्र 10.9. (b))।
स्थिति 3.
जब W < F, इस अवस्था में वस्तु पर परिणामी बल (F- W) ऊपर की ओर लगेगा। अतः वस्तु द्रव में आंशिक रूप से डूबी रहकर तैरेगी सन्तुलन की अवस्था में वस्तु का आभासी भार शून्य होगा। यह भी वस्तु के प्लवन अथवा तैरने की अवस्था है। इस अवस्था में वस्तु का घनत्व, द्रव के घनत्व से कम होता है (चित्र 10.9 (c))।
इस प्रकार हम देखते हैं “कि जब कोई वस्तु द्रव में पूर्णतः या आंशिक रूप से डूबी रहकर तैरती है, तो वस्तु का भार, उसके डूबे हुए भाग द्वारा हटाए गए द्रव के भार के बराबर होता है।” यही प्लवन का नियम हैं।
वस्तु का भार तथा वस्तु पर उत्क्षेप परस्पर विपरीत दिशाओं में लगते हैं। वस्तु के सन्तुलन में तैरने के लिए किसी भी प्रकार का बल आघूर्ण नहीं होना चाहिए। इसके लिए वस्तु का भार व उत्क्षेप बल एक ही ऊर्ध्वाधर रेखा में होने चाहिए अतः सन्तुलन में वस्तु के तैरने के लिए निम्नलिखित दो शर्तें हैं-
- वस्तु का भार उसके द्वारा विस्थापित द्रव के भार के बराबर होना चाहिए।
- वस्तु का गुरुत्व केन्द्र तथा विस्थापित द्रव का उत्प्लवन केन्द्र एक ही ऊर्ध्वाधर रेखा में होने चाहिए।
प्रश्न 2.
आर्किमिडीज के सिद्धान्त के सत्यापन को लिखिए।
उत्तर:
इसे चित्र 10.10 के अनुसार प्रदर्शित उपकरण द्वारा सत्यापित किया जाता है। इसमें काँच का एक जार होता है। इसके मुँह के पास नली लगी होती है। जार में नली की सतह तक जल भर दिया जाता है। अब ठोस का भार वायु में ज्ञात कर लेते हैं। इसके लिए एक स्प्रिंग से लटके हुए ठोस को पानी से भरे जार में डुबोते हैं।
जैसे-जैसे ठोस पानी में डूबता जाता है उसके भार में कमी होती जाती है; स्प्रिंग तुला द्वारा इसके भार में कमी को नोट कर लेते हैं तथा विस्थापित द्रव एक बीकर में एकत्रित होता जाता है। बीकर में एकत्रित हुए जल का भार ज्ञात कर लिया जाता है। ठोस के भार में कमी, उसके द्वारा हटाए गए पानी के भार के बराबर हो जाती है। अतः आर्किमिडीज के सिद्धान्त का सत्यापन हो जाता है।
प्रश्न 3.
किसी पदार्थ के आपेक्षिक घनत्व से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
आपेक्षिक घनत्व किसी पदार्थ के घनत्व तथा जल के घनत्व के अनुपात को उस पदार्थ का आपेक्षिक घनत्व कहते हैं।
चूँकि आपेक्षिक घनत्व एक अनुपात है; अतः इसका कोई मात्रक नहीं होता है।
किसी पदार्थ का आपेक्षिक घनत्व से कम होने पर वह पदार्थ जल में तैरेगा। यदि किसी पदार्थ का आपेक्षिक घनत्व से अधिक है तो वह पदार्थ जल में डूब जाएगा।
माना किसी वस्तु का आयतन V तथा घनत्व d1 है, जबकि जल का घनत्व d2 है।
तब वस्तु का वायु में भार
W1 = वस्तु का आयतन x घनत्व x g = Vd1 g
तथा जल में डुबोने पर, वस्तु के भार में कमी – वस्तु द्वारा हटाए गए पानी का भार
= वस्तु का आयतन × जल का घनत्व x g = Vd2 g
प्रश्न 4.
भारी वाहनों के पहियों के टायर काफी चौड़े क्यों बनाए जाते हैं?
उत्तर:
भारी वाहनों के टायर काफी बड़े बनाना भारी वाहनों के टायर चौड़े होने से (क्षेत्रफल A अधिक है) सड़क अथवा जमीन पर लगने वाला दाब (PF/A) कम हो जाता है, क्योंकि वाहन का भार अधिक क्षेत्रफल पर लगता है, इसलिए वाहन के पहिये सड़क में धँसने से बच जाते हैं।
प्रश्न 5.
लोहे से बना जहाज समुद्र में तैरता है, परन्तु लोहे का ठोस टुकड़ा (कील) डूब जाता है, क्यों? सम्बन्धित नियम देते हुए इस कथन की व्याख्या कीजिये।
उत्तर:
लोहे से बने जहाज का जल पर तैरना – लोहे की कील की बनावट इस प्रकार की होती है कि उसका भार, उसके द्वारा हटाए गए जल के भार से बहुत अधिक होता है। इसी कारण वह जल में डूब जाती है।
इसके विपरीत लोहे का जहाज तैरता है। इसका कारण यह है कि जहाज का ढाँचा अवतल होता है तथा अन्दर से खोखला बनाया जाता है। जैसे ही जहाज समुद्र में प्रवेश करता है तो उसके द्वारा (उसकी बनावट के कारण) इतना जल हटा दिया जाता है कि उसके द्वारा हटाए गए जल का भार, जहाज (जहाज व उसके समस्त सामान सहित) के कुल भार के बराबर हो जाता है। इसी कारण प्लवन के सिद्धान्त के अनुसार जहाज जल में तैरता रहता है।
प्रश्न 6.
उत्प्लवन बल तथा उत्प्लवन केन्द्र से क्या तात्पर्य हैं?
उत्तर:
उत्प्लवन बल अथवा उत्क्षेप तथा उत्प्लवन केन्द्र- प्रत्येक द्रव अपने अन्दर पूर्ण अथवा आंशिक रूप से डूबी वस्तु पर ऊपर की ओर एक बल लगाता है। इस बल को उत्प्लवन बल अथवा उत्क्षेप कहते हैं यह बल वस्तु द्वारा हटाए गए द्रव के गुरुत्व केन्द्र पर कार्य करता है, इसे उत्प्लवन केन्द्र कहते हैं। उत्प्लवन बल के कारण ही द्रव में डूबी वस्तुएँ अपने वास्तविक भार से हल्की लगती हैं।
प्रश्न 7.
प्लवन (तैरने के नियम लिखिए।
अथवा
किसी वस्तु के सन्तुलन में तैरने के लिए क्या आवश्यक शर्तें हैं?
अथवा
कोई वस्तु किसी द्रव में कब तक तैरती है?
उत्तर:
प्लवन (तैरने) के नियम- किसी वस्तु के सन्तुलन में तैरने की दो शर्तें हैं-
- तैरने वाली वस्तु का भार वस्तु द्वारा हटाए गए द्रव के भार के बराबर होना चाहिए।
- वस्तु का गुरुत्व केन्द्र तथा हटाए गए द्रव का उत्प्लावन केन्द्र एक ही ऊर्ध्वाधर रेखा में होने चाहिए।
उपर्युक्त दोनों शर्तों के पूर्ण होने पर ही वस्तु द्रव में तैरती हैं।
प्रश्न 8.
रेलगाड़ी की पटरियों के नीचे लकड़ी अथवा लोहे के चौड़े स्लीपर क्यों लगाए जाते हैं?
उत्तर:
यदि रेलगाड़ी की पटरियों के नीचे चौड़े स्लीपर न लगाए जाएँ तो रेल की पटरियाँ अधिक दबाव के कारण जमीन में भैंस सकती हैं। पटरियों के नीचे स्लीपर लगाने से क्षेत्रफल अधिक हो जाता है, जिसके कारण दाब कम पड़ता है (P = F/A); अत: रेल की पटरियाँ जमीन में नहीं भैंस सकती।
प्रश्न 9.
एक तख्ते पर कुछ पुस्तकें फैलाकर रखने की अपेक्षा वही पुस्तकें एक जगह पर ऊपर-नीचे रखने पर तख्ता अधिक नीचे को झुक जाता है, ऐसा क्यों?
उत्तर:
तख्ते पर पुस्तकों को फैलाकर रखने से, उनके द्वारा घिरा क्षेत्रफल (A) अधिक होगा, जिसके कारण तख्ते पर दाब (PF / A) कम लगेगा। पुस्तकों को एक ही स्थान पर ऊपर नीचे रखने से उनके द्वारा घिरा क्षेत्रफल (A) कम होगा, इस कारण तख्ते पर दाब बढ़ जाएगा और तख्ता झुक जाएगा।
प्रश्न 10.
विशाल बाँधों की दीवारें नीचे मोटी व ऊपर पतली क्यों बनाई जाती हैं ?
उत्तर:
बाँध की दीवारों का नीचे मोटी व ऊपर पतली होना – विशाल बाँधों की गहराई बहुत अधिक होती है, चूँकि द्रव के अन्दर किसी बिन्दु पर दाब उस बिन्दु की मुक्त तल से गहराई के अनुक्रमानुपाती होता है; अतः बाँध की तली में जल का दाब सर्वाधिक होता है दाब क्योंकि एक ही क्षैतिज तल में सब बिन्दुओं पर सभी दिशाओं में समान होता है; अतः बाँध की दीवार पर सबसे अधिक दाब नीचे होता है; जैसे-जैसे ऊपर आते हैं दाब भी घटता जाता है; अतः बाँध की दीवार नीचे से मोटी बनाई जाती है, जिससे वह अधिक दाब बल को सहन कर सके। ऊपर जाने पर, क्योंकि दाब घटता जाता है अतः दीवारों की मोटाई भी कम करते जाते हैं, जैसा कि चित्र 10.11 में दिखाया गया है।
प्रश्न 11.
समान बल लगाने पर मोटी कील की अपेक्षा नुकीली कील दीवार में शीघ्र क्यों गढ़ जाती है?
उत्तर:
मोटी तथा नुकीली कीलों पर दाब – नुकीली कील के सिरे का क्षेत्रफल, मोटी कील के सिरे के क्षेत्रफल की अपेक्षा बहुत कम होती है; अतः दोनों कीलों पर एकसमान – बल लगाने से नुकीली कील द्वारा दीवार पर मोटी कील की अपेक्षा अधिक दाब (P = F/A) लगता है, जिससे नुकीली कील दीवार में आसानी से गढ़ जाती है।
प्रश्न 12.
कुएँ से जल खींचते समय जल से भरी बाल्टी जल की सतह से ऊपर आने पर धीरे-धीरे भारी क्यों प्रतीत होने लगती है?
उत्तर:
जब बाल्टी जल में डूबी होती है, तब उस पर उसके द्वारा हटाए गए जल के भार के बराबर उत्क्षेप बल लगता है जैसे-जैसे बाल्टी को जल से बाहर निकालते हैं, उस पर लगने वाले उत्क्षेप बल का मान कम होने लगता है। और बाल्टी भारी लगने लगती है।
आंकिक प्रश्न
प्रश्न 1.
किसी कक्षा में बैठे दो छात्रों के मध्य कितना आकर्षण बल लगेगा यदि इनके द्रव्यमान क्रमश: 20 किग्रा, 30 किग्रा है तथा इनके मध्य की दूरी 2 मीटर है।
हल:
प्रश्नानुसार ms1 = 20 किग्रा, m2 = 30 किग्रा, d = 2 मीटर G = 6.7 x 10-11 न्यूटन मीटर 2 / किग्रा, F = ?
∵ गुरुत्वाकर्षण बल F = G\(\frac{m_1 m_2}{d^2}\)
= 6.67 × 10-11 x \(\frac{20 \times 30}{(2)^2}=\frac{6.67 \times 10^{-11} \times 20 \times 30}{4}\)
= 1000.5 x 10-11 न्यूटन
= 1.0 × 10-8 न्यूटन (लगभग) उत्तर
प्रश्न 2.
यदि पृथ्वी का द्रव्यमान 5.97 x 1024 किग्रा, पृथ्वी की त्रिज्या 6.38 x 106 मीटर तथा एक व्यक्ति का द्रव्यमान 60 किग्रा है यदि गुरुत्वाकर्षण नियतांक 6.67 x 10-11 न्यूटन मीटर²/किग्रा² हो, तो पृथ्वी एवं व्यक्ति के मध्य गुरुत्वाकर्षण बल की गणना कीजिए।
हल:
प्रश्नानुसार,
पृथ्वी का द्रव्यमान M = 5.97 x 1024 किग्रा
पृथ्वी की त्रिज्या R = 6.38 x 106 मीटर
व्यक्ति का द्रव्यमान m = 60 किग्रा
गुरुत्वाकर्षण नियतांक
G = 6.67 x 10-11 न्यूटन मी² / किग्रार
गुरुत्वाकर्षण बल F = ?
प्रश्न 3.
पृथ्वी का द्रव्यमान 6 x 1024 किग्रा, चन्द्रमा का द्रव्यमान 7.4 x 1022 किग्रा तथा दोनों के मध्य की दूरी 3.84 x 108 मीटर है। पृथ्वी तथा चन्द्रमा के मध्य लगने वाले आकर्षण बल की गणना कीजिए।
हल:
प्रश्नानुसार,
पृथ्वी का द्रव्यमान M = 6 × 1024 किग्रा
चन्द्रमा का द्रव्यमान m = 7.4 x 1022 किग्रा
पृथ्वी तथा चन्द्रमा के मध्य दूरी d = 3.84 x 108 मीटर
गुरुत्वाकर्षण नियतांक
G = 6.67 x 10-11 न्यूटन मी²/ किग्रा²
प्रश्न 4.
यदि पृथ्वी की त्रिज्या 6.67 x 10-11 न्यूटन – मी² / किग्रा² तथा 89.8 मीटर/सेकण्ड² हो तो पृथ्वी के द्रव्यमान की गणना कीजिए।
हल:
पृथ्वी की त्रिज्या R = 6.38 x 106 मीटर
गुरुत्वाकर्षण नियतांक G = 6.67 x 10-11 न्यूटन मी²./किग्रा
गुरुत्वीय त्वरण g = 9.8 मीटर/सेकण्ड²
पृथ्वी का द्रव्यमान M = ?
समीकरण g = \(\frac{g \mathrm{R}^2}{G}\) से M
= \(\frac{9.8 \times\left(6.38 \times 10^6\right)^2}{6.67 \times 10^{-11}}=\frac{398.90312 \times 10^{12}}{6.67 \times 10^{-11}}\)
= 59.81 × 1023 = 5.98 × 1024 किग्रा
प्रश्न 5.
एक व्यक्ति का पृथ्वी की सतह पर भार 60 किग्रा है। यदि मंगल ग्रह का द्रव्यमान, पृथ्वी की अपेक्षा \(\frac { 1 }{ 9 }\) तथा त्रिज्या पृथ्वी की अपेक्षा \(\frac { 1 }{ 2 }\) है तो मंगल ग्रह पर व्यक्ति का भार ज्ञात कीजिए।
हल:
∵ F = G x \(\frac{\mathrm{M} \times m}{\mathrm{R}^2}\)
पृथ्वी का द्रव्यमान M तथा त्रिज्या R है।
प्रश्नानुसार, F = 60 किग्रा भार = 60 x 9.8 न्यूटन
60 × 9.8 = G\(\frac{\mathrm{M} \times m}{\mathrm{R}^2}\) … (i)
मंगल का द्रव्यमान = \(\frac {M }{ 9 }\), मंगल ग्रह की त्रिज्या = \(\frac { R }{ 2 }\) यदि मंगल ग्रह पर व्यक्ति का भार ‘m’ किग्रा हो तो
m’g = \(\frac{\mathrm{G} \times \frac{\mathrm{M}}{9} \times m}{\left(\frac{\mathrm{R}}{2}\right)^2}\) … (ii)
समीकरण (ii) को (i) से भाग देने पर
\(\frac{m^{\prime} g}{60 \times 9.8}=\frac{4}{9} ; m^{\prime} g=\frac{60 \times 9.8 \times 4}{9}=\frac{2352}{9}\)
m’g – 261.34 न्यूटन = \(\frac { 261.34 }{ 9.8 }\)
m’ = 26:67 किग्रा
प्रश्न 6.
एक ग्रह का द्रव्यमान पृथ्वी से 6 गुना है। इसका व्यास पृथ्वी के व्यास का 6 गुना है। यदि पृथ्वी पर g का मान 9.8 मीटर / से² हो तो ग्रह पर गुरुत्वीय त्वरण g’ का मान ज्ञात कीजिए।
हल:
पृथ्वी पर गुरुत्वीय त्वरण
g = \(\frac{\mathrm{GM}}{\mathrm{R}^2}\) … (i)
इसी प्रकार ग्रह पर गुरुत्वीय त्वरण
g’ = \(\frac{\mathrm{GM}^{\prime}}{\mathrm{R}^{\prime 2}}\) … (ii)
समीकरण (ii) को समीकरण (i) से भाग देने पर
\(\frac{g^{\prime}}{g}=\frac{\frac{\mathrm{GM}^{\prime}}{\mathrm{R}^{\prime 2}}}{\frac{\mathrm{GM}}{\mathrm{R}^2}} \Rightarrow \frac{g^{\prime}}{g}=\left(\frac{\mathrm{M}^{\prime}}{\mathrm{M}}\right)\left(\frac{\mathrm{R}}{\mathrm{R}^{\prime}}\right)^2\)
प्रश्नानुसार, M’ = 6M अथवा \(\frac {M’ }{ M }\) = 6
R’ = 6R अथवा \(\frac {R }{ R’ }\) = \(\frac { 1 }{ 6 }\)
अतः \(\frac { g’ }{ g }\) = 6 x (\(\frac { 1 }{ 6 }\))² = \(\frac { 1 }{ 6 }\)
अतः ग्रह पर गुरुत्वीय त्वरण
g’ = g x \(\frac { 1 }{ 6 }\) = 9.8 x \(\frac { 1 }{ 6 }\)
= 1.63 मीटर / सेकण्डर²
प्रश्न 7.
दो पिण्डों के मध्य गुरुत्वाकर्षण F है। यदि पिण्डों के मध्य दूरी आधी कर दी जाय तो उनके मध्य गुरुत्वाकर्षण बल कितना हो जायेगा?
हल:
माना कि पिण्डों के द्रव्यमान m1 एवं m2 हैं तथा उनके बीच की पहली दूरी है तो-
F = G \(\frac { 1 }{ 6 }\) … (i)
बीच की दूरी आधा कर देने पर बल
F’ = \(\frac{\mathrm{G} m_1 m_2}{(r / 2)^2}=\frac{4 \mathrm{G} m_1 m_2}{r^2}\)
\(\frac{\mathrm{F}^{\prime}}{\mathrm{F}}=\frac{4 \mathrm{G} m_1 m_2}{r^2} / \frac{\mathrm{G} m_1 m_2}{r^2}\) = 4 … (ii)
∴ F’ = 4F
अतः गुरुत्वाकर्षण बल 4 गुना हो जायेगा।0
प्रश्न 8.
एक पिण्ड को पृथ्वी तल से h ऊँचाई से गिराने पर वह पृथ्वी पर 10 सेकण्ड में पहुँचता है, तो / का मान ज्ञात कीजिए। (g = 9.8 मीटर/सेकण्ड²)
हल:
प्रश्नानुसार u = 0 मीटर / सेकण्ड
= 10 सेकण्ड
h = ?
∵ h = ut + \(\frac { 1 }{ 2 }\) gt²
∴ h = (0 × 10) + \(\frac { 1 }{ 2 }\) × 9.8 × (10)²
h = \(\frac { 1 }{ 2 }\) × 9.8 × 10 × 10
= 490 मीटर
प्रश्न 9.
यदि किसी पिण्ड का भार 98 न्यूटन है तो वस्तु का द्रव्यमान कितना होगा? (g = 9.8 मीटर / सेकण्ड²)
हल:
प्रश्नानुसार, W = 98 न्यूटन
8 = 9.8 मीटर/सेकण्डर²
m = ?
∵ भार (W) = द्रव्यमान (m) x गुरुत्वीय त्वरण (g)
∴ द्रव्यमान (m) = \(\frac { W }{ g }\) = \(\frac { 9.8 }{ 9.8 }\)
= 10 किलोग्राम उत्तर
प्रश्न 10.
एक पिण्ड को ऊर्ध्वाधरतः ऊपर की ओर किस वेग से फेंकें कि वह 150 मीटर ऊँचाई तक जाये। (g = 9.8 मीटर/सेकण्ड²)
हल:
प्रश्नानुसार,
अन्तिम वेग v = 0
प्रारम्भिक वेग u = ?
गुरुत्वीय त्वरण g = 9.8 मीटर/सेकण्डर²
∵ v² = u² – 2gh
∴ (0)² = u² – 2gh या u² = 2gh
या u = \(\sqrt{2gh}\)
या u = \(\sqrt{2 \times 9.8 \times 150}\)
= 54.22 मीटर / सेकण्ड उत्तर
प्रश्न 11.
60 मीटर ऊँचाई की मीनार से एक लड़का किसी पत्थर के टुकड़े को नीचे गिराता है। पुनः 1 सेकण्ड पश्चात् वही लड़का दूसरे पत्थर के टुकड़े को मीनार से फेंकता है। यदि दोनों पत्थर के टुकड़े पृथ्वी पर एक साथ पहुँचते हैं तो लड़के ने दूसरे पत्थर को किस वेग से फेंका?
हल:
पहले पत्थर के लिए-
प्रश्नानुसार, u = 0, h = 60 मीटर, t = ?
∵ h = ut + \(\frac { 1 }{ 2 }\) gt² से
60 = 0 + \(\frac { 1 }{ 2 }\) x 9.8 x t²
60 = 4.9 x t²
t² = \(\frac { 60 }{ 4.9 }\)
= 12.24
∴ t = \(\sqrt{12.24}\) = 3.49 सेकण्ड
दूसरे पत्थर के लिए-
प्रश्नानुसार,
h = 60 मीटर
t = 349 – 1 = 2.49 सेकण्ड
g = 9.8 मीटर/सेकण्ड², u = ?
समीकरण
h = ut + \(\frac { 1 }{ 2 }\) gt² से
60 = u × 2.49 + \(\frac { 1 }{ 2 }\) x 9.8 (2.49)²
60 = 2.49 u + 30.38
2.49 u = 60 – 30.38
2.49 u = 29.61
u = \(\frac { 29.61 }{ 2.49 }\)
= 11.89 मीटर / सेकण्ड
अतः दूसरे पत्थर का वेग 11.89 मीटर / सेकण्ड होगा।
प्रश्न 12.
किसी व्यक्ति का पृथ्वी पर द्रव्यमान 60 किग्रा है इसका चन्द्रमा पर भार तथा द्रव्यमान कितना होगा ? जबकि चन्द्रमा पर गुरुत्वीय त्वरण, पृथ्वी पर गुरुत्वीय त्वरण g का \(\frac { 1 }{ 6 }\) है।
हल:
प्रश्नानुसार,
चन्द्रमा पर गुरुत्वीय त्वरण
= पृथ्वी पर गुरुत्वीय त्वरण x \(\frac { 1 }{ 6 }\)
= 9.8 × \(\frac { 1 }{ 6 }\)
= 1.63 मीटर/सेकण्डर²
∴ चन्द्रमा पर व्यक्ति का भार (W) = द्रव्यमान (m) x गुरुत्वीय त्वरण (g)
= 60 × 1.63 = 97.8 किग्रा.
∵ द्रव्यमान प्रत्येक स्थान पर नियत रहता है।
अतः चन्द्रमा पर व्यक्ति का द्रव्यमान 60 किग्रा.
प्रश्न 13.
दो वस्तुएँ एक साथ ऊपर फेंकी जाती हैं। यदि उनके प्रारम्भिक वेग का अनुपात 2:3 है तो उनके द्वारा प्राप्त ऊँचाइयों में अनुपात ज्ञात कीजिए।
हल:
माना पहली वस्तु का प्रारम्भिक वेग u तथा प्राप्त ऊँचाई है।
तब वस्तु का अन्तिम वेग शून्य होगा।
अत: समीकरण v² = u² – 2gh से
(0)² = u² – 2gh
∴ h = \(\frac{u^2}{2 g}\) … (i)
इसी प्रकार दूसरी वस्तु का प्रारम्भिक वेग u’ तथा प्राप्त ऊँचाई h’ है।
तब 0 = u² – 2gh’
h’ = \(\frac{u^{\prime 2}}{2 g}\) … (ii)
समीकरण (i) को (ii) से भाग देने पर
\(\frac{h}{h^{\prime}}=\frac{u^2}{u^{\prime 2}}=\left(\frac{u}{u^{\prime}}\right)^2\)
प्रश्नानुसार \(\frac { u }{ u’ }\) = \(\frac { 2 }{ 3 }\)
∴ ऊँचाइयों का अनुपात \(\frac { h }{ h’ }\) = (\(\frac { u }{ u’ }\))² = \(\frac { 4 }{ 9 }\)
अतः प्राप्त ऊँचाइयों का अनुपात 49 होगा।
प्रश्न 14.
दो वस्तुएँ क्रमशः h1 व h2 ऊँचाई से एक साथ गिराई जाती हैं। सिद्ध कीजिए कि उनके पृथ्वी पर पहुँचने के समय में \(\sqrt{\frac{h_1}{h_2}}\) का अनुपात होगा।
हल:
दोनों वस्तुएँ एक साथ गिरायी जाती हैं। अतः उनके प्रारम्भिक वेग शून्य होंगे। यदि उनके पृथ्वी पर पहुँचने के समय t1 व h2 हाँ तो-
h = ut + \(\frac { 1 }{ 2 }\) gt² से
प्रथम वस्तु के लिए
h1 = \(\frac { 1 }{ 2 }\) gt1² (∵ u = 0)
इसी प्रकार द्वितीय वस्तु के लिए
h2 = \(\frac { 1 }{ 2 }\) gt1² (∵ u = 0)
∴ \(\frac{h_1}{h_2}=\frac{t_1^2}{t_2^2}\)
अतः \(\frac{t_1}{t_2}=\sqrt{\frac{h_1}{h_2}}\) इति सिद्धम्
प्रश्न 15.
किसी पिण्ड को मीनार की छत के किनारे से गिराया गया है-
(i) 10 मीटर दूरी तय करने में पिण्ड को कितना समय लगेगा?
(ii) उस समय पिण्ड की चाल क्या होगी?
(iii) 16 मीटर दूरी तय करने के बाद उसकी चाल क्या होगी?
(iv) गिरने के 2 सेकण्ड तथा 5 सेकण्ड बाद वस्तु का त्वरण क्या होगा?
हल:
(i) प्रारम्भिक चाल u = 0, ऊँचाई 60 मीटर गुरुत्वीय त्वरण g = 19.8 मीटर/सेकण्ड² समय t = ?
समीकरण h = ut + \(\frac { 1 }{ 2 }\) gt² से
10 = 0 × \(\frac { 1 }{ 2 }\) x 9.8 x t²
10 = 4.9 x t²
t² = 2.04
t = \(\sqrt{2.04}\) = 1.43 सेकण्ड
∴ पत्थर को 10 मीटर तय करने में लगा समय
= 1.43 सेकण्ड
(ii) समीकरण
v = u + gt से
v = 0 + 9.8 × 1.43
= 14 मीटर / सेकण्ड
(iii) ∵ u = 0, h = 16 मीटर, v = ?
समीकरण v² = u² + 2gh
v² = (0)² + 2 × 9.8 × 16
या v² = 313.6
∴ v = 17.71 मीटर/सेकण्ड
(iv) ∵ पत्थर अचर गुरुत्वीय त्वरण के अधीन गति कर रहा है। इसलिए
2 सेकण्ड बाद गुरुत्वीय त्वरण = 9.8 मीटर/सेकण्डर²
5 सेकण्ड बाद गुरुत्वीय त्वरण = 9.8 मीटर/सेकण्डर²
प्रश्न 16.
यदि बल को चार गुना तथा क्षेत्रफल को आधा कर दिया जाए, तो दाब, प्रारम्भिक दाब को कितने गुना हो जाएगा?
हल:
अतः दाब, प्रारम्भिक दाब का आठ गुना हो जाएगा।
प्रश्न 17.
एक व्यक्ति अधिक से अधिक 35 किग्रा भार उठा सकता है। उस पिण्ड का वायु में अधिकतम भार ज्ञात कीजिए जिसे वह व्यक्ति जल में उठा सकता है। (पिण्ड का घनत्व = 3 x 10³ किग्रा / मीटर³, जल का घनत्व = 1 x 10³ किग्रा / मी.³)
हल:
दिया है, जल में पिण्ड का भार = 35 किग्रा
यदि पिण्ड का वायु में भार W किग्रा हो, तो
जल में डुबोने पर पिण्ड के भार में कमी = (W – 35) किग्रा
पुनः पिण्ड का आपेक्षिक घनत्व
अतः पिण्ड का वायु में भार W 52.5 किग्रा।
प्रश्न 18.
75 ग्राम भार के एक पिण्ड को द्रव में डुबोने पर उस पर दूब का उछाल 45 ग्राम भार के बराबर है। यदि पिण्ड के पदार्थ का आपेक्षिक घनत्व 2.5 हो, तो द्रव का आपेक्षिक घनत्व ज्ञात कीजिए।
हल:
दिया है, पिण्ड का वास्तविक भार = 75 ग्राम-भार
पिण्ड पर द्रव का उत्क्षेप = 45 ग्राम भार
पिण्ड के पदार्थ का आपेक्षिक घनत्व = 2.5
द्रव का आपेक्षिक घनत्व = ?
जब पिण्ड द्रव में पूर्णतः डूबता है, तब
प्रश्न 19.
180 ग्राम द्रव्यमान की लकड़ी का एक टुकड़ा एल्कोहॉल में तैर रहा है। टुकड़े द्वारा विस्थापित एल्कोहॉल का आयतन ज्ञात कीजिए । एल्कोहॉल का घनत्व 0.90 ग्राम / सेमी³ है।
हल:
दिया है, m 180 ग्राम, 0.90 ग्राम / सेमी³, V = ?
∴ लकड़ी का टुकड़ा एल्कोहॉल पर तैर रहा है अतः टुकड़े का भार = विस्थापित एल्कोहॉल का भार
180 x g = विस्थापित एल्कोहॉल का आयतन x एल्कोहॉल का घनत्व x g
∴ विस्थापित एल्कोहॉल का आयतन
प्रश्न 20.
पानी से पूरे भरे गिलास में बर्फ का एक टुकड़ा तैर रहा है। थोड़े समय बाद जब बर्फ का टुकड़ा पूरा पिघल जाता है, तो गिलास के पानी के तल पर क्या प्रभाव पड़ेगा? कितना पानी बाहर निकल जाएगा? गणना द्वारा समझाइए। [बर्फ का आपेक्षिक घनत्व = 0.9]
हल:
माना बर्फ का द्रव्यमान M1, उसका पानी में डूबा आयतन तथा जल का घनत्व d है, जब तैरने के नियम से,
बर्फ का भार बर्फ द्वारा हटाए गए जल का भार
Mg = V x d x g
अतः V = \(\frac { M }{ d }\) … (i)
बर्फ के पिघलने पर जल बनता है M किग्रा बर्फ के पिघलने पर बने जल का आयतन
V’ = \(\frac { M }{ d }\) … (ii)
समीकरण (i) व समीकरण (ii) से स्पष्ट है कि V = V’
अर्थात् पानी में डूबी बर्फ का आयतन = बर्फ से बने जल का आयतन
अतः बर्फ पिघलने पर जल के तल में कोई परिवर्तन नहीं होगा अर्थात् पानी बाहर नहीं निकलेगा।
प्रश्न 21.
किसी लकड़ी के टुकड़े का 2/3 भाग पानी में डूबता है। यदि उसे पूरा डुबाने के लिए उस पर कम से कम 200 ग्राम भार रखने की आवश्यकता हो, तो लकड़ी के टुकड़े का भार ज्ञात कीजिए।
हल:
माना लकड़ी के टुकड़े का भार W तथा आयतन V है। चूँकि तैरते समय टुकड़े के आयतन का 2/3 भाग पानी में डूबता है, अतः
लकड़ी के टुकड़े का भार W= हटाए गए जल का भार
W = \(\frac { 2 }{ 3 }\) V x d x g … (i)
200 ग्राम भार और रख देने पर लकड़ी का टुकड़ा पूरा डूब जाता है, अतः
W + 200 = V x d x g … (ii)
समीकरण (ii) को समीकरण (i) से भाग देने पर
\(\frac{W+200}{W}=\frac{3}{2}\)
अथवा
2W + 400 = 3 W
अतः लकड़ी के टुकड़े का भार W = 400 ग्राम