JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

Jharkhand Board JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा Important Questions and Answers.

JAC Board Class 9 Science Important Questions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

1. किसी वस्तु के पृथ्वी की ओर गिरने पर उसकी स्थितिज ऊर्जा-
(a) बढ़ेगी
(b) घटेगी
(c) स्थिर रहेगी
(d) कभी बढ़ेगी और कभी घटेगी।
उत्तर:
(b) घटेगी।

2. ऊर्जा किस प्रकार की राशि है?
(a) अदिश
(b) सदिश
(c) सदिश या अदिश कोई भी
(d) इनमें से कोई भी नहीं।
उत्तर:
(a) अदिश।

3. किसी पिण्ड को बल लगाकर विस्थापित किया जाता है किया गया कार्य न्यूनतम तब होगा, जब बल तथा विस्थापन के बीच कोण होगा-
(a) 30°
(c) 90°
(b) 60°
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(c) 90°।

4. निम्नलिखित में से अशुद्ध कथन है-
(a) सामर्थ्य कार्य / समय
(b) कार्य = बल x विस्थापन
(c) कार्य = सामर्थ्य x दूरी
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(a) सामर्थ्य – सामर्थ्य दूरी।

5. शक्ति का मात्रक होता है-
(a) जूल
(b) जूल सेकण्ड
(c) जूल / सेकण्ड
(d) जूल सेकण्ड।
उत्तर:
(c) जूल / सेकण्ड।

6. किसी कारक द्वारा कार्य करने की दर को कहते हैं-
(a) शक्ति
(b) ऊर्जा
(c) बल
(d) संवेग।
उत्तर:
(a) शक्ति।

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7. 10 किग्रा द्रव्यमान का एक पिण्ड स्वतन्त्र रूप से वायु में गिरते हुए 8 मीटर की दूरी तय करता है। यदि गुरुत्वीय त्वरण 10 मीटर/ सेकण्ड² हो, तो पिण्ड पर कृत कार्य होगा-
(a) 80 जूल
(b) 100 जूल
(c) 800 जूल
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(c) 800 जूल।

8. किसी पिण्ड का द्रव्यमान दो गुना तथा वेग आधा करने पर उसकी गतिज ऊर्जा हो जाएगी-
(a) आधी
(b) दो गुनी
(c) अपरिवर्तित
(d) चौथाई।
उत्तर:
(a) आधी।

9. 1 किलोवॉट घण्टा में जूल की संख्या होगी-
(a) 3600
(b) 36 x 10³
(c) 3.6 x 105
(d) 3.6 x 106
उत्तर:
(d) 3.6 x 106

10 यान्त्रिक ऊर्जा को वैद्युत ऊर्जा में बदलने वाला यन्त्र है-
(a) वोल्टमीटर
(b) डायनमो
(c) मोटर
(d) ट्रांसफॉर्मर।
उत्तर:
(b) डायनमो।

11. एक मशीन 200 जूल कार्य 8 सेकण्ड में करती है। मशीन की सामर्थ्य होगी-
(a) 25 वॉट
(b) 25 जूल
(c) 1600 जूल सेकण्ड
(d) जूल सेकण्ड।
उत्तर:
(b) 25 जूल।

12. निम्नलिखित में से कौन-सा कार्य का मात्रक नहीं है?
(a) जूल
(b) न्यूटन मीटर
(c) वॉट
(d) किलोवॉट – घण्टा।
उत्तर:
(c) वॉट।

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13. ऊपर की ओर फेंकी गई एक गेंद की उच्चतम बिन्दु पर ऊर्जा का रूप होता है-
(a) स्थितिज
(b) गतिज
(c) ध्वनि
(d) प्रकाश।
उत्तर:
(a) स्थितिज।

14. निम्नलिखित में से किस स्थिति में कोई कार्य नहीं होता, जब-
(a) लकड़ी के टुकड़े में कील ठोंकी जाती है।
(b) किसी बक्से को क्षैतिज पृष्ठ पर खिसकाया जाता है
(c) गति की दिशा के समांतर तल का कोई घटक नहीं होता
(d) गति की दिशा के लम्बवत् तल का कोई घटक नहीं होता।
उत्तर:
(c) गति की दिशा के समांतर तल का कोई घटक नहीं होता।

15. निम्नलिखित में से किसमें गतिज ऊर्जा है?
(a) पृथ्वी तल से 4m ऊँचाई पर उठा हुआ 10 kgwt का एक पिण्ड
(b) चाबी भरी हुई घड़ी की स्प्रिंग
(c) भूमि पर लुढ़कती क्रिकेट की गेंद
(d) बाँध के जलाशय में भरा पानी।
उत्तर:
(c) भूमि पर लुढ़कती क्रिकेट की गेंद।

रिक्त स्थान भरो

  1. कार्य बल x ……………. ।
  2. कार्य करने की क्षमता को ……………. कहते हैं।
  3. ऊर्जा एक ……………. राशि है।
  4. ऊर्जा का SI मात्रक …………….

उत्तर:

  1. विस्थापन
  2. ऊर्जा
  3. अदिश
  4. जूल।

सुमेलन कीजिए

कॉलम ‘क’ कॉलम ‘ख’
1. F (क) Mgh
2. W (ख) \(\frac { 1 }{ 2 }\)mv²
3. EK (ग) F x S
4. Ep (घ) Mg

उत्तर:
1. (घ) Mg
2. (ग) F x S
3. (ख) \(\frac { 1 }{ 2 }\)mv²
4. (क) Mgh

सत्य / असत्य

  1. कार्य धनात्मक होता है जब बल वस्तु की दिशा में लगाया जाता है।
  2. ऊर्जा एक सदिश राशि है।
  3. ऊर्जा का SI मात्रक N है।
  4. धनात्मक कार्य पृथ्वी के गुरुत्व बल की दिशा में किया गया कार्य है।

उत्तर:

  1. सत्य
  2. असत्य
  3. असत्य
  4. सत्य।

अति लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
यांत्रिक ऊर्जा के मुख्य दो रूप कौन-कौन से हैं?
उत्तर:

  1. गतिज ऊर्जा
  2. स्थितिज ऊर्जा।

प्रश्न 2.
बाँध बनाकर जलाशय में रोके गए पानी में कौन सी ऊर्जा संचित है?
उत्तर:
स्थितिज ऊर्जा।

प्रश्न 3.
एक ऐसा उदाहरण दीजिए जिसमें गतिज तथा स्थितिज दोनों प्रकार की ऊर्जा हो।
उत्तर:
उड़ता हुआ पक्षी।

प्रश्न 4.
जब वस्तु ऊपर फेंकी जाती है, तो ऊर्जा रूपान्तरण कैसे होता है?
उत्तर:
प्रारम्भिक गतिज ऊर्जा, स्थितिज ऊर्जा में परिवर्तित होती जाती है।

प्रश्न 5.
जब कोई पत्थर गुरुत्व बल के कारण मुक्त रूप से गिरता है तो ऊर्जा रूपान्तरण कैसे होता है?
उत्तर:
स्थितिज ऊर्जा, गतिज ऊर्जा में परिवर्तित होती जाती है।

प्रश्न 6.
नीचे गिर रही गेंद में ऊर्जा का रूपान्तरण किस प्रकार होता है?
उत्तर:
जब कोई गेंद नीचे की ओर गिरती है तो उसकी स्थितिज ऊर्जा धीरे-धीरे गतिज ऊर्जा में बदलती जाती है।

प्रश्न 7.
किसी कारक की शक्ति से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
शक्ति – किसी कारक के कार्य करने की समय- दर को उसकी शक्ति कहते हैं।

प्रश्न 8.
S. I. पद्धति में शक्ति का मात्रक लिखिए।
उत्तर:
S. I. पद्धति में शक्ति का मात्रक वाट अथवा जूल / सेकण्ड है।

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प्रश्न 9.
वाट तथा किलोवाट घण्टा किन भौतिक राशियों के मात्रक हैं?
उत्तर:
वाट शक्ति का तथा किलोवाट घण्टा ऊर्जा का मात्रक है।

प्रश्न 10.
चाबी से चलने वाली एक खिलौना कार में किस प्रकार का ऊर्जा रूपान्तरण होता है?
उत्तर:
स्थितिज ऊर्जा का गतिज ऊर्जा में रूपान्तरण।

प्रश्न 11.
एक वस्तु पर 40 न्यूटन का बल लगाकर 20 मीटर तक विस्थापित करने में 200 जूल कार्य करना पड़ता है, बल तथा विस्थापन के बीच कोण ज्ञात कीजिए।
हल:
दिया है, F = 40N, s = 20m,
W = 200 J, θ =?
∵ W = F s cos θ
cos θ = \(\frac{\mathrm{W}}{\mathrm{F} \times \mathrm{s}}=\frac{200}{40 \times 20}=\frac{1}{2}\)
या cos θ = cos 60° ⇒ θ = 60°
अतः बल तथा विस्थापन के बीच कोण θ = 60° उत्तर

प्रश्न 12.
यदि किसी वस्तु का वेग तीन गुना कर दिया तो गतिज ऊर्जा कितने गुनी हो जाएगी?
उत्तर:
9 गुनी हो जाएगी।

प्रश्न 13.
किन दशाओं में किसी पिण्ड पर बल लगाने पर बल के द्वारा किया गया कार्य शून्य होगा?
उत्तर:
जब पिण्ड का विस्थापन शून्य हो अथवा बल पिण्ड की गति के लम्बवत् हो।

प्रश्न 14.
अधिकतम कार्य के लिए बल एवं विस्थापन के बीच का कोण कितना होना चाहिए?
उत्तर:
अधिकतम कार्य के लिए बल एवं विस्थापन के बीच का कोण शून्य होना चाहिए।

प्रश्न 15.
किसी पिण्ड पर F बल लगाकर उसे बल की दिशा से 0 कोण बनाते हुए दूरी तक विस्थापित किया गया है। बल द्वारा किए गए कार्य के लिए व्यंजक लिखिए।
उत्तर:
कार्य (W) = F s cosθ.

प्रश्न 16.
एक मनुष्य नदी की धारा के विपरीत तैर रहा है। किनारे पर खड़े व्यक्ति को मनुष्य स्थिर दिखाई देता है। समझाइए कि मनुष्य कार्य कर रहा है अथवा नहीं।
उत्तर:
चूँकि तैरने वाले मनुष्य का विस्थापन शून्य है, अतः इसके द्वारा किए गए कार्य का मान शून्य होगा।

प्रश्न 17.
वृत्तीय गति में बल तथा विस्थापन की दिशाएँ क्या होती हैं? एक वस्तु वृत्तीय पथ पर एक चौथाई चक्कर पूरा करती है, उसने कितना कार्य किया होगा?
उत्तर:
बल केन्द्र की दिशा में (त्रिज्या के अनुदिश ) तथा विस्थापन स्पर्श रेखा की दिशा में होता है। शून्य कार्य किया जाता है।

प्रश्न 18.
एक भार को सिर पर रखे हुए खड़ा व्यक्ति कुछ ही देर में थक जाता है, जबकि वह कोई कार्य नहीं करता, क्यों? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
यद्यपि मनुष्य किसी बाह्य बल के विरुद्ध कार्य नहीं करता है, परन्तु शरीर के भीतर जैव-रासायनिक क्रियाओं में ऊर्जा खर्च करने के कारण शीघ्र ही थक जाता है।

प्रश्न 19.
एक व्यक्ति एक पत्थर को धकेलने के लिए 20 मिनट तक प्रयत्न करता रहा। क्या उसने कोई कार्य किया? यदि नहीं, तो उसे थकावट क्यों महसूस होती है?
उत्तर:
चूँकि प्रश्न में विस्थापन शून्य हैं; अतः व्यक्ति ने कोई कार्य नहीं किया; क्योंकि
कार्य – बल x बल की दिशा में विस्थापन।
मनुष्य को थकावट पृथ्वी के आकर्षण बल के विरुद्ध व्यय ऊर्जा के कारण होती है।

प्रश्न 20.
ऊर्जा से आप क्या समझते हो? उदाहरण भी दीजिए।
उत्तर:

  1. ऊर्जा- किसी वस्तु के कार्य करने की क्षमता को ‘ऊर्जा’ कहते हैं।
  2. उदाहरण- गिरते हुए हथौड़े में, चलती हुई बन्दूक की गोली आदि में ऊर्जा है।

प्रश्न 21.
यान्त्रिक ऊर्जा से क्या तात्पर्य है? यह कितने प्रकार की होती है?
उत्तर:
यान्त्रिक ऊर्जा किसी वस्तु में केवल यान्त्रिक कारणों से कार्य करने की जो क्षमता होती है, उसे वस्तु की यान्त्रिक ऊर्जा कहते हैं। यह गतिज ऊर्जा तथा स्थितिज ऊर्जा के रूप में दो प्रकार की होती है- अतः यान्त्रिक ऊर्जा गतिज ऊर्जा + स्थितिज ऊर्जा।

प्रश्न 22.
जब हम धनुष पर तीर चढ़ाते हैं तो उसमें कैसी ऊर्जा संचित होती है?
उत्तर:
स्थितिज ऊर्जा।

लघु एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
एक ऐसा उदाहरण दीजिए जहाँ बल, वस्तु की गति की दिशा के लंबवत् कार्य कर रहा हो। इस स्थिति में बल द्वारा वस्तु पर कितना कार्य किया जाता है?
उत्तर:
जब हम किसी डोरी के एक सिरे पर पत्थर बाँधकर उसे सिर के ऊपर क्षैतिज तल में वृत्ताकार मार्ग पर घुमाते हैं तो इस स्थिति में पत्थर पर बल, डोरी की दिशा में लग रहा है। क्योंकि पत्थर वृत्ताकार पथ पर गति करता है इसलिए हर क्षण पत्थर की गति की दिशा वृत्त की स्पर्श रेखा के अनुदिश होगी जोकि बल की दिशा के लंबवत् है।

यहाँ बल की दिशा में पत्थर के विस्थापन का प्रक्षेप शून्य होगा। अतः बल द्वारा वस्तु पर किया गया कार्य भी शून्य होगा।

JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

प्रश्न 2.
विभिन्न प्रकार की स्थितिज ऊर्जाओं को बताइए।
उत्तर:
वस्तुओं में स्थितिज ऊर्जा विभिन्न रूपों में हो सकती है; जैसे-
(a) गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा (Gravitational Potential Energy ) – गुरुत्वीय बल के विरुद्ध किए गए कार्य के कारण वस्तुओं में संचित ऊर्जा गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा कहलाती है। पृथ्वी तल पर वस्तु की स्थितिज ऊर्जा को शून्य माना जाता है।
यदि m द्रव्यमान की वस्तु को पृथ्वी तल से h ऊँचाई तक उठाया जाए तो
वस्तु की गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा (Ep) = वस्तु को गुरुत्वाकर्षण बल (F =mg) के विरुद्ध। ऊँचाई तक उठाने में किया गया कार्य = F x h = m x g x h
जहाँ, g गुरुत्वीय त्वरण है।
अतः गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा = द्रव्यमान x गुरुत्वीय त्वरण x ऊँचाई

(b) प्रत्यास्थ स्थितिज ऊर्जा (Elastic Potential Energy ) – यदि किसी स्प्रिंग के एक सिरे को दृढ़ आधार से बाँधकर इसके दूसरे सिरे पर पिण्ड लटकाने पर सन्तुलन की अवस्था से थोड़ा सा विस्थापन करके छोड़ दिया जाए तो यह ऊपर-नीचे दोलन करने लगता है क्योंकि पिण्ड को नीचे खींचने में कृत कार्य स्प्रिंग में स्थितिज ऊर्जा के रूप में एकत्रित हो जाता है एवं पिण्ड को छोड़ने पर यह स्थितिज ऊर्जा, गतिज ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है। स्प्रिंग में संचित इस ऊर्जा को प्रत्यास्थ स्थितिज ऊर्जा कहते हैं।

स्प्रिंग की प्रत्यास्थ स्थितिज ऊर्जा निम्नलिखित सूत्र से दी जाती है-
U = \(\frac { 1 }{ 2 }\)Kx²
या U = \(\frac { 1 }{ 2 }\) x बल नियतांक x (लम्बाई में वृद्धि)²

(c) स्थिर वैद्युत स्थितिज ऊर्जा (Electrostatic Poten- tial energy) – आवेशों के आकर्षण अथवा प्रतिकर्षण के कारण निकाय में जो स्थितिज ऊर्जा होती है, उसे स्थिर वैद्युत स्थितिज ऊर्जा कहते हैं।

(d) चुम्बकीय स्थितिज ऊर्जा (Magnetic Potential Energy ) – यदि चुम्बकीय क्षेत्र में कोई धारावाही चालक अथवा कोई आवेश गतिमान है, तो उस पर लगने वाले चुम्बकीय बल के कारण उसमें कार्य करने की जो क्षमता उत्पन्न होती है, उसे चुम्बकीय स्थितिज ऊर्जा कहते हैं।

(e) रासायनिक ऊर्जा (Chemical Energy ) – पदार्थ में उसकी विशेष परमाण्वीय संरचना के कारण जो स्थितिज ऊर्जा संचित रहती है, उसे रासायनिक स्थितिज ऊर्जा कहते हैं।

प्रश्न 3.
सूर्य को ऊर्जा का मूल स्रोत क्यों कहते हैं?
उत्तर:
सूर्य से प्राप्त ऊर्जा को सौर ऊर्जा कहते हैं। सूर्य से प्राप्त ऊर्जा का अधिकांश भाग प्रकाशीय व ऊष्मीय ऊर्जा के रूप में होता है। सूर्य से प्राप्त ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदला जा सकता है।

पृथ्वी पर सूर्य की ऊर्जा के उपयोग से ही पौधों प्रकाश संश्लेषण की क्रिया सम्पादित होती है। इसका उपयोग खाना पकाने, खाना गर्म करने आदि में किया जाता है। सूर्य की ऊर्जा का स्रोत उसमें उपस्थित हल्के नाभिकों का संलयन है। सूर्य के केन्द्र का ताप 2 x 107 K होता है तथा इसका 90% भाग हल्के तत्वों से बना है जिसमें हाइड्रोजन मुख्य है।

सूर्य के केन्द्र में इतना अधिक ताप होने पर हाइड्रोजन नाभिक संलयन क्रिया करके हीलियम नाभिक बनाते हैं, जिसके फलस्वरूप अत्यधिक ऊर्जा उत्सर्जित होती है। सूर्य में नाभिकीय संलयन की अभिक्रिया होती है। इसके अतिरिक्त नाभिकीय विखण्डन की अभिक्रिया द्वारा नाभिकीय ईंधन से ऊर्जा प्राप्त की जा सकती है।

नाभिकीय विखण्डन में एक भारी नाभिक, दो छोटे नाभिकों में टूटता है इस प्रक्रिया में द्रव्यमान की क्षति होती है तथा ऊर्जा मुक्त होती है। इस ऊर्जा का परिकलन आइन्स्टीन के द्रव्यमान ऊर्जा समीकरण E = mc² द्वारा किया जाता है। परमाणु बम नाभिकीय विखण्डन की प्रक्रिया पर आधारित है, इसमें यूरेनियम अथवा प्लूटोनियम विखण्डित किया जाता है जिससे अपार ऊर्जा प्राप्त होती है।

प्रश्न 4.
एक पिण्ड पर बल लगाकर उसे विस्थापित किया जाता है, बताइए – (i) पिण्ड पर किस दिशा में बल लगाने पर अधिकतम कार्य होगा? (ii) पिण्ड पर किस दिशा में बल लगाने पर कार्य शून्य होगा?
उत्तर:
पिण्ड पर किए गए कार्य का सूत्र W = F x s cos θ से,
(i) यदि θ = 0° तो cos 0° = 1 जो कि cos θ का अधिकतम मान है।
अत: W (अधिकतम) = F x s
अत: जब पिण्ड का विस्थापन लगाए गए बल की दिशा में होता है, अर्थात् 60° तो किया गया कार्य अधिकतम होगा।

(ii) यदि θ = 90° तो cos 90° = 0 जो कि cos 8 का न्यूनतम मान है।
अत: W (न्यूनतम) = 0
अत: जब पिण्ड का विस्थापन लगाए गए बल के लम्बवत् होता है, अर्थात् θ = 90° तो किया गया कार्य शून्य (न्यूनतम) होगा।

प्रश्न 5.
वृत्ताकार गति से कार्य शून्य क्यों होता है?
उत्तर:
वृत्ताकार गति में कार्य शून्य- जब कोई वस्तु किसी बल के अन्तर्गत वृत्ताकार मार्ग पर गति करती है तो बल की दिशा सदैव वृत्त के केन्द्र की ओर दिष्ट रहती है, जबकि विस्थापन की दिशा सदैव वृत्त पर स्पर्शी की दिशा में होती है। चूँकि बल और विस्थापन परस्पर लम्बवत् होते हैं; अतः वृत्तीय गति में कृत कार्य शून्य होता है।

प्रश्न 6.
किसी वृत्तीय कक्षा में घूमते हुए इलेक्ट्रॉन को एक चक्कर लगाने में कितना कार्य करना पड़ता है?
उत्तर:
वृत्तीय कक्षा में गति करते समय इलेक्ट्रॉन पर कार्य करने वाला नाभिक का आकर्षण बल गति की दिशा के लम्बवत् होता है अर्थात् बल और विस्थापन के बीच सदैव θ = 90° होता है; अत: कार्य W = F x s cos θ = F x s cos 90° = 0 (शून्य) होगा।
इस प्रकार, वृत्तीय गति में इलेक्ट्रॉन द्वारा एक या एक से अधिक चक्कर लगाने में किया गया कार्य शून्य होता है।

प्रश्न 7.
किसी वस्तु द्वारा किए गए कार्य तथा किसी वस्तु पर किए गए कार्य का अन्तर उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर:
जब वस्तु का विस्थापन लगाए गए बाह्य बल की दिशा में होता है तो वस्तु पर कार्य किया जाता इसके विपरीत जब वस्तु का विस्थापन बल की विपरीत दिशा में होता है तो कार्य वस्तु द्वारा किया जाता है।

उदाहरण 1- यदि किसी बर्तन में भरी गैस को बल द्वारा दबाएँ तो कार्य गैस पर किया गया। इसके विपरीत यदि बर्तन की गैस फैलती है तो यह वायुमण्डलीय दाब के विरुद्ध गैस द्वारा किया गया कार्य है।

उदाहरण 2 – जब कोई गतिमान पिण्ड किसी स्प्रिंग से टकराता है अथवा उसे दबाता है, तब स्प्रिंग पिण्ड पर गति के विपरीत दिशा में बल लगाती है और पिण्ड का विस्थापन स्प्रिंग द्वारा लगे बल के विपरीत दिशा में होता है; अतः कार्य पिण्ड द्वारा किया जाता है। इसके विपरीत दबी हुई स्प्रिंग जब फैलती है तो पिण्ड को बल की दिशा में विस्थापित करती है; अतः कार्य पिण्ड पर किया जाता है।

आंकिक प्रश्न

प्रश्न 1.
एक कुली 50 किग्रा की किसी वस्तु को लेकर 3 मीटर ऊँची बस की छत पर चढ़ता है। उसे गुरुत्वीय बल के विरुद्ध कितना कार्य करना पड़ेगा? (g = 9.8 मीटर / सेकण्ड )
हल:
दिया है, F = mg = 50 x 9.8 = 490 न्यूटन
θ = 0°, s = 3 मीटर, W = ?
∵ W = Fs cos θ
= 490 x 3 x cos 0°
= 490 × 3 × 1
W = 1470 जूल

प्रश्न 2.
एक पिण्ड पर 20 न्यूटन का बल लगाकर उसे बल की दिशा से 45° का बनाते हुए 40 मीटर विस्थापित किया जाता है। किए गए कार्य की गणना कीजिए।
हल:
दिया है, F = 20 न्यूटन,
θ = 45°, s = 40 मीटर, W = ?
किया गया कार्य
∵ W = Fs cos θ
= 20 x 40 cos 45° = 800 x \(\frac{1}{\sqrt{2}}\)
W = 400 \(\sqrt{2}\) जूल

प्रश्न 3.
एक व्यक्ति किसी भवन की पाँचवीं मंजिल पर चढ़ने में 5000 जूल कार्य करता है और 5 मिनट का समय लेता है। उसके शक्ति की गणना कीजिए।
हल:
दिया है, W= 5000 जूल,
t = 5 मिनट = 300 सेकण्ड
∵ शक्ति P = \(\frac{\mathrm{W}}{t}=\frac{5000}{300}\)
P = \(\frac { 50 }{ 3 }\) वॉट
= 16.67 W

प्रश्न 4.
12 किग्रा द्रव्यमान 25 मीटर ऊँचाई से गिरता है उस पर लगे बल व किए गए कार्य की गणना कीजिए। (g10 मीटर/सेकण्ड)
हल:
दिया है: m = 12 किग्रा,
s = 25 मीटर,
g = 10 मीटर/सेकण्ड²
W = ?
अतः किया गया कार्य (W) = Fs
= (mg)s = 12 x 10 × 25
= 120 × 25
W = 3000 न्यूटन मीटर

JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

प्रश्न 5.
एक मशीन 450 जूल कार्य 15 सेकण्ड में करती है। मशीन की शक्ति की गणना कीजिए।
हल:
दिया है, W = 450 जूल,
= 15 सेकण्ड शक्ति P = ?
∵ शक्ति P = \(\frac{\mathrm{W}}{t}=\frac{450}{15}\) = 30 वॉट

प्रश्न 6.
60 किग्रा का एक व्यक्ति 30 सीढ़ियाँ जिसमें प्रत्येक की ऊँचाई 20 सेमी है, दौड़कर 20 सेकण्ड में चढ़ जाता है। मनुष्य द्वारा किया गया कुल कार्य तथा उसकी शक्ति की गणना कीजिए। (g= 10 मीटर / सेकण्ड²)
हल:
दिया है, m = 60 किग्रा, h = 20 सेमी, n = 30
t = 20 सेकण्ड, W = ?, P = 2
बल F = mg = 60 × 10 = 600 न्यूटन
बल की दिशा में चली गई दूरी = सीढ़ियों की संख्या (n) x एक सीढ़ी की ऊँचाई (h)
= 30 × 20 = 600 सेमी = 6 मीटर
अतः मनुष्य द्वारा कृत कार्य W= बल x बल की दिशा में विस्थापन
= 600 × 6
W = 3600 जूल
अतः मनुष्य की शक्ति
P = \(\frac{\mathrm{W}}{t}=\frac{3600}{20}\) = 180 वॉट

प्रश्न 7.
एक इंजन की शक्ति 30 किलोवॉट है। इसके द्वारा 150 किग्रा के पिण्ड को 50 मीटर की ऊँचाई तक उठाने में कितना समय लगेगा? (g = 9.8 मीटर/सेकण्ड²)
हल:
दिया है, P = 30 किलोवॉट
= 30 × 1000 वॉट; m = 150 किग्रा
h = 50 मीटर, g = 9.8 मीटर/सेकण्ड²,
t = ?
∵ शक्ति P = \(\frac{\mathrm{W}}{t}=\frac{mgh}{t}\)
अतः पिण्ड को उठाने में लगा समय
t = \(\frac { mgh }{ P }\) = \(\frac{150 \times 9.8 \times 50}{30000}\)
t = 12.45 सेकण्ड

प्रश्न 8.
यदि किसी पिण्ड का वेग तीन गुना कर दिया जाए तो उस पिण्ड की गतिज ऊर्जा कितने गुनी हो जाएगी?
हल:
प्रारम्भ में गतिज ऊर्जा = \(\frac { 1 }{ 2 }\) mv²
वेग तीन गुना करने पर गतिज ऊर्जा = \(\frac { 1 }{ 2 }\) m x (3v)² = 9 x \(\frac { 1 }{ 2 }\)mv²
अर्थात् पिण्ड का वेग तीन गुना करने पर उसकी गतिज ऊर्जा नौ गुनी हो जाएगी।

प्रश्न 9.
दो वस्तुओं के द्रव्यमान बराबर है। यदि उनके वेगों का अनुपात 2:3 हो, तो उनकी गतिज ऊर्जाओं का अनुपात ज्ञात कीजिए।
हल:
JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा 1

प्रश्न 10.
4 किग्रा द्रव्यमान की एक वस्तु की गतिज ऊर्जा 200 जूल है। इस वस्तु के संवेग की गणना कीजिए।
हल:
दिया है, m = 4 किग्रा,
गतिज ऊर्जा,
K = 200 जूल, संवेग (p) =?
∵ K = \(\frac { 1 }{ 2 }\) mv² तथा p = mv
अतः K = \(\frac{1}{2} \frac{m^2 v^2}{m}=\frac{1}{2 m}(m v)^2=\frac{p^2}{2 \mathrm{~m}}\)
अतः
p² = 2mk
या P = \(\sqrt{2mK}\) = \(\sqrt{2×4×200}\) किग्रा मीटर / सेकण्ड

प्रश्न 11.
एक खिलाड़ी बाँस-कूद में 5 मीटर ऊंचा कूदना चाहता है। उसे कितने वेग से दौड़ना चाहिए? (g = 10 मीटर / सेकण्ड²)
हल:
माना खिलाड़ी को वेग से दौड़ना चाहिए। इस स्थिति में उसके द्वारा अर्जित गतिज ऊर्जा आवश्यक स्थितिज ऊर्जा (\(\frac { 1 }{ 2 }\)mv)²(mgh) प्राप्त होगी।
अतः \(\frac { 1 }{ 2 }\) mv² = m x g x h
या \(\sqrt{2gh}\) = \(\sqrt{2×10×5}\)
या v 10 मीटर / सेकण्ड
अत: खिलाड़ी को 10 मीटर / सेकण्ड के वेग से दौड़ना होगा।

प्रश्न 12.
2 किग्रा द्रव्यमान का एक पिण्ड पृथ्वी से 10000 सेमी ऊँचाई से गुरुत्वीय त्वरण (8) के अन्तर्गत स्वतन्त्रतापूर्वक नीचे गिरता है। पृथ्वी पर पहुँचने पर उसका वेग तथा कुल ऊर्जा ज्ञात कीजिए। (g = 10 मीटर / सेकण्ड² )
हल:
प्रश्नानुसार, पिण्ड का द्रव्यमान m = 2 किग्रा, 1⁄2 = 10000 सेमी = 100 मीटर, g 10 मीटर / सेकण्ड’, पृथ्वी तल पर स्थितिज ऊर्जा शून्य होगी।
अतः ऊर्जा संरक्षण नियम से,
= \(\frac { 1 }{ 2 }\) mv² = mgh
= 2 × 10 × 100 = 2 × 10³ जूल
अत: \(\frac { 1 }{ 2 }\)mv² = 2 x 10³
या v² = \(\frac{2 \times 2 \times 10^3}{m}=\frac{2 \times 2 \times 10^3}{2}\)
v² = 2 x 10³
या V = 20/5 मीटर / सेकण्ड

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प्रश्न 13.
यदि 1 ग्राम द्रव्यमान को ऊर्जा में परिवर्तित किया जाए, तो कितनी ऊर्जा प्राप्त होगी?
हल:
दिया है,
m = 1 ग्राम = \(\frac { 1 }{ 1000 }\)किग्रा,
c = 3 x 108 मी/से
आइन्स्टीन के समीकरण E = mc² से
E = \(\frac { 1 }{ 1000 }\) x (3 × 108
E = 9 × 1013 जूल

प्रश्न 14.
200 ग्राम द्रव्यमान का एक पिण्ड भूमि से 25 किलोमीटर की ऊँचाई से गिराया जाता है। पृथ्वी को स्पर्श करते समय उसके वेग तथा गतिज ऊर्जा का मान ज्ञात कीजिए।
हल:
पृथ्वी को स्पर्श करते समय यदि पिण्ड का v वेग हो, तो
समीकरण v² = u² + 2gh से
∵ u = 0, g = 9.8 मीटर/सेकण्ड²?
अत: v² = 0 + 2 × 9.8 × 25000
v² = 490000 या v = 700 मीटर / सेकण्ड 200 ग्राम
∵ पिण्ड का द्रव्यमान m = 200 ग्राम
= 200 x 10-3 किग्रा,
अतः पिण्ड की गतिज ऊर्जा
EK = \(\frac { 1 }{ 2 }\)mv² = \(\frac { 1 }{ 2 }\) x 200 x 10-3 x 490000
अत : EK = 4.9 × 104 जूल

प्रश्न 15.
एक पिण्ड का द्रव्यमान 1.2 किग्रा है। यह 15 मी/से. के वेग से ऊर्ध्व दिशा में फेंका जाता है। पिण्ड की प्रारम्भिक गतिज ऊर्जा कितनी है? अधिकतम ऊँचाई पर पहुँचने पर इस ऊर्जा का क्या होगा? महत्तम ऊँचाई भी ज्ञात कीजिए। (गुरुत्वीय त्वरण g 9.8 मीटर/सेकण्ड²)
हल:
प्रश्नानुसार, m = 1.2 किग्रा, v = 15 मी/से.
गतिज ऊर्जा EK = \(\frac { 1 }{ 2 }\)mv²
= \(\frac { 1 }{ 2 }\) × 1.2 × 15 × 15
EK = 135 जूल
महत्तम ऊँचाई पर पिण्ड का वेग शून्य हो जाता है अतः यह गतिज ऊर्जा, स्थितिज ऊर्जा में परिवर्तित होती है, अतः महत्तम ऊँचाई पर
स्थितिज ऊर्जा = 135 जूल
mgh = 135
या h = \(\frac { 135 }{ mg }\) = \(\frac { 135 }{ 1.2×9.8 }\)
या h = 11.48 मीट

प्रश्न 16.
हॉर्स शक्ति के इंजन द्वारा 7.46m गहरे कुएँ से प्रति सेकण्ड कितना जल उठाया जायेगा? (g = 10m/s²)
हल:
JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा 2

प्रश्न 17.
50 kg का एक व्यक्ति 20cm ऊँची 40 सीढ़ियाँ दौड़कर 10 सेकेण्ड में चढ़ जाता है। मनुष्य द्वारा किया गया कुल कार्य तथा उसकी शक्ति की गणना कीजिए। (g = 10 m/s²)
हल :
बल F = mg = 50 × 10 = 500 N
बल की दिशा में चली गई दूरी = 40 x 20 x 10-2m = 8m
इसलिए, कार्य W = F x s = 500 × 8 = 4000 Nm = 4000 J
JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा 3

प्रश्न 18.
100 वाट के एक बल्ब को 2 घण्टे तक जलाया जाता है, कितनी विद्युत व्यय होगी?
हल:
दिया है,
बल्ब की शक्ति = 100 वॉट = 100 जूल/सेकण्ड,
समय = 2 घण्टे = 2 x 60 x 60 सेकण्ड
JAC Class 9 Science Important Questions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा 4
बल्ब को जलाने में व्यय ऊर्जा = शक्ति x समय = (100 जूल / सेकण्ड) x (2 x 60 x 60 सेकण्ड)
= 7.2 x 105 जूल

प्रश्न 19.
60 वाट का एक विद्युत बल्ब प्रतिदिन 10 घण्टे उपयोग किया जाता है। बल्ब द्वारा एक दिन में खर्च की गई ऊर्जा की ‘यूनिटों का परिकलन कीजिए।
हल :
बल्ब की शक्ति P = 60 वॉट
= \(\frac { 60 }{ 1000 }\) किलोवाट,
समय t = 10 घण्टे
P = \(\frac { W }{ t }\)
∴ एक दिन में व्यय ऊर्जा, W = P x t
= \(\frac { 60 }{ 1000 }\) किलोवाट x 10 घण्टे
= 0.6 किलोवाट घण्टा
= 0.6 यूनिट।

प्रश्न 20.
40 वाट का एक बल्ब प्रतिदिन 10 घण्टे जलाया जाता है। 1 यूनिट की कीमत 2.50 रु. है। 30 दिन के महीने में उपभोग की गई विद्युत ऊर्जा की कीमत ज्ञात कीजिए।
हल:
दिया है, बल्ब की शक्ति = 40 वाट,
समय = 10 घण्टे,
दिनों की संख्या = 30 दिन
1 यूनिट की कीमत 2.50 रु.
एक माह में व्यय विद्युत ऊर्जा = बल्ब की शक्ति x समय x दिनों की संख्या
= 40 वाट x 10 घण्टे x 30
= (\(\frac { 40 }{ 1000 }\)) किलोवाट x 10 × 30 × घण्टे
= \(\frac{40 \times 10 \times 30}{1000}\) किलोवाट घण्टा
= 12 यूनिट
∴ एक माह में व्यय विद्युत ऊर्जा की कीमत यूनिट की संख्या x 1 यूनिट की कीमत
= 12 यूनिट x (2.50 रु. प्रति यूनिट)
= 30 रु.1

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