Jharkhand Board JAC Class 10 Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक Textbook Exercise Questions and Answers.
JAC Board Class 10 Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक
Jharkhand Board Class 10 Science कार्बन एवं इसके यौगिक Textbook Questions and Answers
प्रश्न 1.
एथेन का आण्विक सूत्र – C2H6 है। इसमें – (a) 6 सहसंयोजक आबंध हैं, (b) 7 सहसंयोजक आबंध हैं, (c) 8 सहसंयोजक आबंध हैं, (d) 9 सहसंयोजक आबंध हैं।
उत्तर:
(b) 7 सहसंयोजक आबंध हैं।
प्रश्न 2.
ब्यूटेनॉन चर्तु कार्बन यौगिक है जिसका प्रकार्यात्मक समूह – (a) कार्बोक्सिलिक अम्ल, (b) ऐल्डिहाइड, (c) कीटोन, (d) ऐल्कोहॉल
उत्तर:
(c) कीटोन।
प्रश्न 3.
खाना बनाते समय यदि बर्तन की तली बाहर से काली हो रही है तो इसका मतलब है कि-
(a) भोजन पूरी तरह नहीं पका है।
(b) ईंधन पूरी तरह से नहीं जल रहा है।
(c) ईंधन आर्द्र है।
(d) ईंधन पूरी तरह से जल रहा है।
उत्तर:
(b) ईंधन पूरी तरह से नहीं जल रहा है।
प्रश्न 4.
CH3Cl में आबंध निर्माण का उपयोग कर सहसंयोजक आबंध की प्रकृति समझाइए।
उत्तर:
CH3Cl में तीन एकल बंध कार्बन व हाइड्रोजन परमाणुओं के बीच जुड़े होते हैं और एक एकल बंध कार्बन व क्लोरीन के बीच होता है।
अत: कार्बन का अष्टक पूर्ण हो जाता है तथा प्रत्येक हाइड्रोजन के बाहरी कक्ष में भी 2 इलेक्ट्रॉन हो जाते हैं और Cl का भी अष्टक पूर्ण हो जाता है इसलिए इलेक्ट्रॉनों की साझेदारी द्वारा सहसंयोजक आबंध बनता है।
प्रश्न 5.
इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना बनाइए-
(a) एथेनॉइक अम्ल
(b) H2S
(c) प्रोपेनोन
(d) F2
उत्तर:
प्रश्न 6.
समजातीय श्रेणी क्या है? उदाहरण के साथ समझाइए।
उत्तर:
कार्बनिक यौगिकों का वह समूह जिनका सामान्य सूत्र एवं क्रियात्मक समूह एक जैसा होता है उसे समजात श्रेणी कहते हैं तथा उसके सदस्यों को समजात गण कहते हैं।
जैसे-
- मेथेनाल – CH3OH
- एथनॉल – CH3CH2OH
- प्रोपेनाल – CH3CH2CH2OH
समजातीय श्रेणी के सदस्यों के निम्नलिखित लक्षण हैं-
- सभी सदस्यों को एक सामान्य सूत्र द्वारा प्रदर्शित कर सकते हैं।
- सभी सदस्यों का एक ही क्रियात्मक समूह होता है।
- प्रत्येक क्रमागत सदस्य के अणुसूत्र में – CH2 का अंतर होता है।
- प्रत्येक क्रमागत सदस्य के अणुभार में 14 U का अंतर होता है।
- किसी एक सदस्य का गुणधर्म के आधार पर सभी सदस्यों का सामान्य गुणधर्म ज्ञात कर सकते हैं।
प्रश्न 7.
भौतिक एवं रासायनिक गुणधर्मों के आधार पर एथनॉल एवं एथेनॉइक अम्ल में कैसे अन्तर करेंगे?
उत्तर:
(i) भौतिक गुण के आधार पर अन्तर-
एथनॉल | एथेनॉइक अम्ल |
1. इसकी विशिष्ट अभिलाक्षंतिक गंध होती है। | 1. इसकी सिरके जैसी गंध होती है। |
2. इसका क्वथनांक 351 K होता है। | 2. इसका क्वथनांक 391 K होता है। |
3. इसका गलनांक 156 K होता है। | 3. इसका गलनांक 290 K होता है। |
(ii) रास।यनिक गुण के आधार पर अन्तर-
एथनॉल | एथेनॉइक अम्ल |
1. यह उद, गसीन पदार्थ है। | 1. यह अम्लीय पदार्थ है। |
2. एथनॉरन Na2CO3 से अभित्रक्रिया नहीं करता है। | 2. यह Na2CO3 से क्रिया करके सोडियम लवण एवं CO2 गैस बनाता है। |
3. क्षारीय KMnO4 की उपस्थिथि में एथेनॉइक अम्ल बनाता है। इस क्रक्रिया में KMnO4 का बैंगनी रंग उड़ जाता है। |
3. यह क्षारीय KMnO2 से अभिक्रिया नहीं करता है। अतः KMnO4 का रंग भी नहीं उड़ता है। |
प्रश्न 8.
जब साबुन को जल में डाला जाता है तो मिसेल का निर्माण क्यों होता है? क्या एथनॉल जैसे दूसरे विनायकों में भी मिसेल का निर्माण होगा?
उत्तर:
साबुन के अणु के दो मुख्य भाग होते हैं- एक जल रागी और दूसरा जलविरागी भाग । कार्बन श्रृंखला वाला भाग जलविरागी होता है और आयनिक भाग जिसमें सोडियम या पोटैशियम परमाणु होता है वह जलरागी होता है। यह जब पानी जैसे ध्रुवीय विलायक में डाले जाते हैं तब अपने आवेशित भाग के कारण जलरागी भाग बाहर (जल की ओर) होता है। इस प्रकार मिसेल बनते हैं। एथनॉल एक अध्रुवीय विलायक है। अतः इसमें जलरागी भाग के लिए आकर्षण भी नहीं होता है। अतः एथनॉल में साबुन घोलने पर मिसेल नहीं बनेंगे।
प्रश्न 9.
कार्बन एवं उसके यौगिकों का उपयोग अधिकतर अनुप्रयोगों में ईंधन के रूप में क्यों किया जाता है?
उत्तर:
कार्बन और इसके यौगिक दहन के परिणामस्वरूप अधिक मात्रा में ऊष्मा देते हैं। कार्बन और हाइड्रोजन की प्रतिशत मात्रा अधिक होने के कारण इनका सामान्य ज्वलन ताप होता है। इनका रखरखाव आसान होता है तथा दहन नियन्त्रित किया जा सकता है। इसलिए कार्बन और उसके यौगिकों का उपयोग ईंधन के रूप में होता है।
प्रश्न 10.
कठोर जल को साबुन से उपचारित करने पर झाग के निर्माण को समझाइए।
उत्तर:
कठोर जल कैल्सियम और मैग्नीशियम के घुलनशील लवण होते हैं जब साबुन से ये लवण क्रिया करते हैं तब अघुलनशील लवण बनाते हैं जिसे स्कम या झाग कहते हैं।
प्रश्न 11.
यदि आप लिटमस पत्र (नाल एवं नीला) से साबुन की जाँच करें तो आपका प्रेक्षण क्या होगा?
उत्तर:
साबुन की प्रकृति क्षारीय होती है। अतः यह लाल लिटमस को नीला कर देता है।
प्रश्न 12.
हाइड्रोजनीकरण क्या है? इसका औद्योगिक उपयोग क्या है?
उत्तर:
असंतृप्त हाइड्रोकार्बन श्रृंखला में हाइड्रोजन के योग को हाइड्रोजनीकरण कहते हैं। यह क्रिया उत्प्रेरक की उपस्थिति में कराई जाती है।
प्रश्न 13.
दिए गए हाइड्रोकार्बन C2H6, C3H6, C2H2 एवं CH4 में किसमें संकलन अभिक्रिया होती है?
उत्तर:
C2H2 और C3H6 में योग अभिक्रिया होगी क्योंकि उपर्युक्त दोनों यौगिक असंतृप्त हाइड्रोकार्बन हैं। इनमें द्वि या त्रि-बन्ध उपस्थित हैं।
प्रश्न 14.
मक्खन एवं खाना बनाने वाले तेल के बीच रासायनिक अन्तर समझने के लिए एक परीक्षण बताइए।
उत्तर:
मक्खन संतृप्त हाइड्रोकार्बन है जबकि खाद्य तेल असंतृप्त हाइड्रोकार्बन है। इस अंतर को निम्न प्रकार से प्रदर्शित किया जा सकता है-
- थोड़े से मक्खन को गर्म करके उसमें कुछ बूँदें ब्रोमीन जल डालते हैं। ब्रोमीन जल का रंग नहीं उड़ता। इससे यह पता चलता है कि मक्खन संतृप्त कार्बनिक यौगिक है।
- खाद्य तेल में कुछ बूँदें ब्रोमीन जल की डालकर हिलाते हैं। कुछ समय बाद ब्रोमीन जल का रंग उड़ जाता है। इससे यह पता चलता है कि खाद्य तेल असंतृप्त कार्बनिक यौगिक हैं।
प्रश्न 15.
साबुन की सफाई प्रक्रिया की क्रियाविधि समझाइए।
उत्तर:
बहुत से मैल तैलीय होते हैं और तेल पानी में अघुनशील है। साबुन के सोडियम तथा पोटैशियम लवण के होते हैं जो लंबी श्रृंखला वाले कार्बोक्सिलिक अम्ल से बनते हैं साबुन का आयनिक भाग जल में घुल है जबकि कार्बन श्रृंखला तेल में घुल जाती है। इस प्रकार साबुन के अणु मिसेली संरचना तैयार करते हैं जहाँ पर अणु का एक सिरा तेल कण की जाता ओर तथा आयनिक सिरा बाहर की ओर होता है। इससे पानी में इमल्शन बनता है। इस प्रकार साबुन का मिसेल मैल को पानी में घुलाने में मदद करता है और हमारे कपड़े साफ हो जाते हैं।
Jharkhand Board Class 10 Science कार्बन एवं इसके यौगिक InText Questions and Answers
पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या-68)
प्रश्न 1.
CO2 सूत्र वाले कार्बन डाइऑक्साइड की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना क्या होगी?
उत्तर:
प्रश्न 2.
सल्फर के आठ परमाणुओं से बने सल्फर के अणु की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना क्या होगी?
संकेत:
सल्फर के आठ परमाणु एक अँगूठी के रूप में आपस में जुड़े होते हैं।
पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 76)
प्रश्न 1.
पेन्टेन के लिए आप कितने संरचनात्मक समावयवी का चित्रण कर सकते हैं।
उत्तर:
पेन्टेन के लिए तीन संरचनात्मक समावयवी का चित्रण किया जा सकता है-
प्रश्न 2.
कार्बन के दो गुणधर्म कौन-से हैं जिनके कारण हमारे चारों ओर कार्बन यौगिकों की विशाल संख्या दिखाई देती है?
उत्तर:
कार्बन यौगिकों की बहुतायत के निम्नलिखित दो कारण हैं-
- कार्बन परमाणु शृंखलन (Catenation).
- कार्बन परमाणु की चतुः संयोजकता।
शृंखलन कार्बन परमाणुओं का विशेष गुण होता है जिसके कारण कार्बन परमाणु सीधी, शाखित या चक्रीय श्रृंखलाएँ बना लेते हैं। चतु: संयोजकता परमाणुओं के कारण कार्बन अपने ही के साथ एकल, द्वि या त्रिक सहसंयोजक आबंध बनाते हैं।
उपर्युक्त कारणों से कार्बन बहुत अधिक संख्या में बनाता है। अतः हमारे चारों ओर कार्बनिक यौगिकों की विशाल संख्या दिखाई देती है।
प्रश्न 3.
साइक्लोपेन्टेन का सूत्र तथा इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना क्या होंगे?
उत्तर:
साइक्लोपेन्टेन का सूत्र C5H10 होता है। C5H10 की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना निम्न प्रकार से है-
प्रश्न 4.
निम्न यौगिकों की संरचनाएँ चित्रित कीजिए-
(i) एथेनॉइक अम्ल
(ii) ब्रोमोपेन्टेन
(iii) ब्यूटेनोन
(iv) हेक्सेनैल
क्या ब्रोमोपेन्टेन के संरचनात्मक समावयव संभव हैं?
उत्तर:
(i) एथेनॉइक अम्ल (Ethanoic acid) CH3COOH
हाँ, ब्रोमोपेन्टेन के संरचनात्मक समावयव संभव हैं जो इस प्रकार हैं-
प्रश्न 5.
निम्न यौगिकों का नामकरण कैसे करेंगे?
उत्तर:
(i) ब्रोमो एथेन
(ii) मेथैनल (Methanal)
(iii) 1 हेक्साइन या हेक्साइन
पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 79)
प्रश्न 1.
एथनॉल से एथेनॉइक अम्ल में परिवर्तन को ऑक्सीकरण अभिक्रिया क्यों कहते हैं?
उत्तर:
एथेनॉइक अम्ल में एथनॉल की अपेक्षा एक ऑक्सीजन परमाणु अधिक कमी दो हाइड्रोजन परमाणु कम होते हैं। ऑक्सीजन की वृद्धि और हाइड्रोजन की वाली रासायनिक अभिक्रियाएँ ऑक्सीकरण अभिक्रिया कहलाती हैं।
प्रश्न 2.
ऑक्सीजन और एथाइन के मिश्रण का दहन वेल्डिंग के लिए किया जाता है। क्या आप बता सकते हैं कि एथाइन तथा वायु के मिश्रण का उपयोग क्यों नहीं किया जाता?
उत्तर:
वायु में नाइट्रोजन और अन्य निष्क्रिय गैसें होती हैं जो एथाइन के दहन हेतु ऑक्सीजन की प्रचुर आपूर्ति को बाधित करती हैं। इसलिए एथाइन के दहन के लिए वायु का उपयोग नहीं कर सकते हैं।
पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 83)
प्रश्न 1.
प्रयोग द्वारा आप ऐल्कोहॉल एवं कार्बोक्सिलिक अम्ल में कैसे अन्तर कर सकते हैं?
उत्तर:
प्रयोग | ऐल्कोहॉल | कार्बोक्सिलिक अम्ल |
1. लिटमस विलयन का उपयोग करके | लिटमस विलयन के रंग में कोई परिवर्तन नहीं होता है। | नीला लिटमस विलयन लाल रंग में बद्ल जाता है। |
2. सोडियम बाइकार्बोनेट के द्वारा | तेजी से कोई बुदबुदाहट नहीं होती है। | तेजी से बुदबुदाहट होती है और साथ में कार्बन डाइऑक्साइड निकलती है। |
3. सोडियम धातु का प्रयोग करके | बुदबुदाहट के साथ हाइड्रोजन गैस निकलती है। | हाइड्रोजन गैस निकलती है लेकिन शीघ्रता से नहीं निकलती। |
प्रश्न 2.
ऑक्सीकारक क्या हैं?
उत्तर:
ऐसे तत्त्व एवं यौगिक जो अभिक्रिया के दौरान ऑक्सीजन देते हैं या जो इलेक्ट्रॉन को स्वीकार करते हैं, ऑक्सीकारक कहलाते हैं।
पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 85)
प्रश्न 1.
क्या आप डिटरजेंट का उपयोग कर बता सकते हैं कि कोई जल कठोर है अथवा नहीं?
उत्तर:
नहीं, क्योंकि अपमार्जक (डिटरजेंट) कठोर और मृदु दोनों प्रकार के जल के साथ अधिक मात्रा में झाग उत्पन्न करते हैं।
प्रश्न 2.
लोग विभिन्न प्रकार से कपड़े धोते हैं। सामान्यतः साबुन लगाने के बाद लोग कपड़े को पत्थर पर पटकते हैं, डंडे से पीटते हैं, ब्रुश से रगड़ते हैं या वाशिंग मशीन में कपड़े रगड़े जाते हैं। कपड़ा साफ करने के लिए उसे रगड़ने की क्यों आवश्यकता होती है?
उत्तर:
साबुन से कपड़े धोकर साफ करने के लिए रगड़ना या पीटना आवश्यक है क्योंकि जल में उपस्थित मैग्नीशियम और कैल्सियम के लवणों के साथ साबुन क्रिया करके अघुलनशील श्वेत दही जैसा पदार्थ बनाता है। यह पदार्थ कपड़ों पर चिपक जाता है। उसे हटाने के लिए ब्रश या हाथ से रगड़कर कपड़े को धोना आवश्यक है।
क्रिया-कलाप – 4.1
प्रश्न 1.
(i) सुबह से आपने जिन वस्तुओं का उपयोग अथवा उपभोग किया हो, उनमें से दस वस्तुओं की सूची बनाइए।
(ii) इस सूची को अपने सहपाठियों द्वारा बनाई सूची के साथ मिलाइए तथा सभी वस्तुओं को निम्नलिखित सारणी में वर्गीकृत कीजिए।
(iii) एक से अधिक सामग्रियों से बनी वस्तुओं को उपयुक्त स्तम्भों में रखिए।
उत्तर:
उपयोग तथा उपभोग की दस वस्तुओं की सूची निम्न सारणी में प्रस्तुत है।
धातु से बनी वस्तुएँ | काँच/मिट्टी से बनी वस्तुएँ | अन्य वस्तुएँ |
1. साइकिल | सुराही | भोजन |
2. कार | कुल्हड़ | स्याही |
3. बर्तन | ग्लास | कागज |
4. ग्लास | प्लेट | पानी |
5. प्लेट | पोलिश | |
6. चम्मच | साबुन | |
7. चाकू | तेल | |
8. लंच बॉक्स | क्रीम | |
9. पंखे | दुध | |
10. कूलर | चीनी |
क्रिया-कलाप – 4.2
प्रश्न 1.
सूत्रों तथा आणविक द्रव्यमानों में अन्तर की गणना कीजिए-
(a) CH3OH तथा C2H5OH
(b) C2H5OH तथा C3H7 OH एवं
(c) C3H7 OH तथा C4H9OH
उत्तर:
अणुसूत्र | अणुभार | अणुभार में अन्तर | अणुसूत्र में अन्तर |
(a) CH3OH C2H5OH |
32 U 46 U |
14 U | CH2 |
(b) C2H5OH C3H7 OH |
46 U 60 U |
14 U | CH2 |
(c) C3H5OH C4H9OH |
60 U 94 U |
14 U | CH2 |
प्रश्न 2.
क्या इन तीनों में कोई समानता है?
उत्तर:
हाँ। सभी का प्रकार्यात्मक समूह (Functional group) ऐल्कोहॉलिक (OH) है।
प्रश्न 3.
एक परिवार तैयार करने के लिए इन ऐल्कोहॉलों को कार्बन परमाणुओं के बढ़ते हुए क्रम में व्यवस्थित कीजिए। क्या इनको एक समजातीय श्रेणी का परिवार कहा जा सकता है?
उत्तर:
CH3OH, C2H5OH, C3H7OH, C4H9OH हाँ, ये एल्केन ऐल्कोहॉल के समजातीय श्रेणी हैं।
प्रश्न 4.
सारणी 4.3 में दिए गए अन्य प्रकार्यात्मक समूहों के लिए चार कार्बनों तक के यौगिकों वाली समजातीय श्रेणी तैयार कीजिए।
उत्तर:
समजातीय श्रेणी (Homologous Series):
क्रिया-कलाप – 4.3
सावधानी – इस क्रिया-कलाप के लिए शिक्षक का पर्यवेक्षण अनिवार्य है।
(i) एक स्पैचुला में एक-एक करके कुछ कार्बन यौगिकों (नैफ्थलीन, कैम्फर, ऐल्कोहॉल) को लेकर जलाइए।
क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
ज्वाला की प्रकृति का प्रेक्षण कीजिए तथा लिखिए कि धुआँ हुआ या नहीं।
उत्तर:
वायु की प्रचुर उपस्थिति में संतृप्त हाइड्रोकार्बन नीली धुआँ रहित लौ के साथ जलते हैं। असंतृप्त हाइड्रोकार्बन वायु में पीली लौ की ज्वाला एवं अधिक धुएँ के साथ जलती हैं।
प्रश्न 2.
ज्वाला के ऊपर धातु की एक तश्तरी रखिए। इनमें से किसी भी यौगिक के कारण क्या तश्तरी पर कोई निक्षेपण हुआ?
उत्तर:
नैफ्थलीन और कैम्फर को जलाने पर तश्तरी पर निक्षेपण हुआ।
क्रिया-कलाप – 4.4
(i) एक बुन्सेन बर्नर जलाइए तथा विभिन्न प्रकार की ज्वालाओं / धुएँ की उपस्थिति को प्राप्त करने के लिए उसके आधार पर वायु छिद्र को व्यवस्थित कीजिए।
क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
पीली, कज्जली ज्वाला कब प्राप्त हुई?
उत्तर:
वायु की नियन्त्रित आपूर्ति से अपूर्ण दहन होता है जिसके कारण पीली चमकदार ज्वाला प्राप्त होती है।
प्रश्न 2.
नीली ज्वाला कब प्राप्त हुई?
उत्तर:
जब ऑक्सीजन की समुचित मात्रा उपलब्ध कराई जाती है तो पूर्ण दहन होता है तथा नीली ज्वाला प्राप्त होती है।
क्रिया-कलाप – 4.5
- एक परखनली में लगभग 3 mL एथेनॉल लीजिए तथा इसे जल ऊष्मक में सावधानी से गर्म कीजिए।
- इस विलयन में क्षारीय पोटैशियम परमैंगनेट का 5% एक-एक बूँद करके डालिए
क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
डालने पर आरंभ में क्या पोटैशियम परमँगनेट का रंग बना रहता है?
उत्तर:
नहीं, पोटैशियम परमैंगनेट का पर्पल रंग, रंगहीन हो जाता है।
प्रश्न 2.
अधिक मात्रा में डालने पर पोटैशियम परमैंगनेट का रंग लुप्त क्यों नहीं होता है।
उत्तर:
अभिक्रिया पूर्ण हो जाती है तो पर्पल रंग बना रहता है।
क्रिया-कलाप – 4.6
शिक्षक के द्वारा प्रदर्शन- (i) लगभग दो चावल के आकार के बराबर सोडियम के एक छोटे टुकड़े को एथनॉल (परिशुद्ध ऐल्कोहॉल) में डालिए।
क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
आप क्या प्रेक्षित करते हैं?
उत्तर:
सोडियम और एथनॉल की तीव्र अभिक्रिया के फलस्वरूप सोडियम इथॉक्साइड व H2 गैस बनाते हैं।
प्रश्न 2.
उत्सर्जित गैस की आप कैसे जाँच करेंगे?
उत्तर:
परखनली के मुँह के पास जलती हुई माचिस की तीलियाँ / मोमबत्ती लाने पर यह पॉप की आवाज के साथ जलती है जो यह बताती है कि हाइड्रोजन गैस उत्सर्जित हुई है।
क्रिया-कलाप – 4.7.
प्रश्न 1.
लिटमस पत्र एवं सार्वत्रिक सूचक का उपयोग कर तनु ऐसीटिक अम्ल तथा हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के pH मान की तुलना कीजिए।
उत्तर:
तनु ऐसीटिक अम्ल का pH मान ज्यादा है।
प्रश्न 2.
क्या लिटमस परीक्षण में दोनों अम्ल सूचित होते हैं?
उत्तर:
हाँ।
प्रश्न 3.
सार्वत्रिक सूचक से क्या दोनों अम्लों के प्रबल होने का पता चलता है?
उत्तर:
HCl प्रबल अम्ल है।
क्रिया-कलाप – 4.8
- एक परखनली में सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल की कुछ बूँदें, एक-एक mL एथनॉल (परिशुद्ध ऐल्कोहॉल) एवं ग्लैशल ऐसीटिक अम्ल लीजिए।
- कम-से-कम पाँच मिनट तक जल ऊष्मक में उसे गर्म करें जैसा चित्र में दिखाया गया है।
प्रश्न 1.
अब इसे उस बीकर में उडेल दीजिए जिसमें 20-50 mL जल हो तथा उस मिश्रण को सूँधिए।
उत्तर:
फलों जैसी मीठी गंध निकलती है।
क्रिया-कलाप – 4.9
- अध्याय 2 के क्रिया-कलाप 2.5 के अनुसार उपकरण तैयार कीजिए।
- एक परखनली में एक स्पैचुला भरकर सोडियम कार्बोनेट लीजिए तथा उसमें 2 mL तनु इथेनॉइक अम्ल मिलाएँ।
क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
आप प्रेक्षित करते हैं?
उत्तर:
सोडियम कार्बोनेट से एथेनॉइक अम्ल अभिक्रिया करके सोडियम लवण, CO2 और पानी बनाता है।
प्रश्न 2.
ताजे चूने के जल में इस गैस को प्रवाहित कीजिए। आप क्या देखते हैं?
उत्तर:
सनसनाहट के साथ CO2 गैस उत्पन्न होती है। इसे ताजे चुने के पानी में प्रवाहित करने पर उसे दूधिया कर देती है।
प्रश्न 3.
क्या इस परीक्षण से एथेनॉइक अम्ल एवं सोडियम कार्बोनेट की अभिक्रिया से उत्पन्न गैस का पता चल सकता है?
उत्तर:
CH3COOH और Na2CO3 की अभिक्रिया से सनसनाहट के साथ CO2 गैस के बुलबुले निकलते हैं जो के पानी में प्रवाहित करने पर उसे दूधिया कर देते हैं।
प्रश्न 4.
अब सोडियम कार्बोनेट के स्थान पर सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट के साथ यह क्रिया-कलाप दोहराइये।
उत्तर:
क्रिया-कलाप – 4.10
- दोनों में एक-एक बूँद तेल (पाक तेल) डालिए एवं उन्हें ‘A’ तथा ‘B’ नाम दीजिए।
- परखनली ‘B’ में साबुन के घोल की कुछ बूँदें डालिए।
- दोनों परखनलियों को समान समय तक जोर-जोर से हिलाइए।
क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
क्या हिलाना बंद करने के बाद दोनों परखनलियों में आप तेल एवं जल की परतों को अलग-अलग देख सकते हैं?
उत्तर:
नहीं, यह स्पष्ट नहीं है।
प्रश्न 2.
कुछ देर तक दोनों परखनलियों को स्थिर रखिए एवं फिर अलग हो जाती है? ऐसा किस परखनली में पहले होता है?
उत्तर:
दोनों परखनलियों में तेल की परत अलग हो जाती है। लेकिन ऐसा पहली परखनली में होता है।
क्रिया-कलाप – 4.11
- अलग-अलग परखनलियों में 10-10 mL आसुत जल (अथवा वर्षा जल) एवं कठोर जल (हैंडपंप या कुएँ का जल) लीजिए।
- दोनों में साबुन के घोल की कुछ बूँदें मिलाइए।
- दोनों परखनलियों को एक ही समय तक हिलाइए एवं उससे बनने वाले झाग पर ध्यान दीजिए।
क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
किस परखनली में अधिक झाग बनता है?
उत्तर:
जिस परखनली में आसुत जल है उसमें अधिक झाग बनता है।
प्रश्न 2.
किस परखनली में श्वेत दही जैसा अवक्षेप प्राप्त होता है?
उत्तर:
जिस परखनली में कठोर जल है।
क्रिया-कलाप – 4.12
- दो परखनलियाँ लीजिए और प्रत्येक में 10-10 mL कठोर जल डालिए।
- एक में साबुन के घोल की पाँच बूँदें तथा दूसरे में अपमार्जक के घोल की पाँच बूँदें डालिए।
- दोनों परखनलियों को एक ही समय तक हिलाएँ।
क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
क्या दोनों में झाग की मात्रा समान है?
उत्तर:
नहीं, जिस परखनली में अपमार्जक मिलाया गया है उसमें झाग अधिक है।
प्रश्न 2.
किस परखनली में दही जैसा ठोस पदार्थ बनता है?
उत्तर:
जिस परखनली में साबुन मिलाया गया है।