JAC Board Class 10th Social Science Important Questions Economics Chapter 1 विकास
बहुविकल्पीय
प्रश्न 1.
निम्न में से सही विकल्प को चुनिएस्तम्भ A स्तम्भ B
A | B |
(क) पंजाब के समृद्ध किसान | (i) काम करने के अधिक दिन तथा बेहतर मजदूरी |
(ख) भूमिहीन ग्रामीण मजदूर | (ii) सिंचाई के लिए अतिरिक्त साधनों की उपलब्धता |
(ग) किसान जो खेती के लिए केवल वर्षा पर निर्भर हैं। | (iii) किसानों को उनकी उपज के लिए ज्यादा समर्थन मूल्य |
(घ) शहर के अमीर परिवार की एक लड़की | (iv) उसे अपने भाई के समान आजादी मिलती है। |
उत्तर:
(घ) शहर के अमीर परिवार की एक लड़की – (iv) उसे अपने भाई के समान आजादी मिलती है।
2. अगर आपको कहीं दूर-दराज के इलाके में नौकरी मिलती है, तो उसे स्वीकार करने से पहले आप आय के अतिरिक्त कौन से कारक पर विचार करेंगे
(क) परिवार के लिए सुविधाएँ
(ख) काम करने का वातावरण
(ग) सीखने के अवसर
(घ) ये सभी
उत्तर:
(घ) ये सभी
3. देशों की तुलना करने के लिए सबसे महत्त्वपूर्ण विशिष्टता समझी जाती है
(क) आय
(ख) व्यय
(ग) व्यवहार
(घ) अनैतिकता
उत्तर:
(क) आय
4. औसत आय को कहा जाता है
(क) प्रतिव्यक्ति आय
(ख) राष्ट्रीय आय
(ग) सकल राष्ट्रीय उत्पाद
(घ) सकल राष्ट्रीय आय
उत्तर:
(क) प्रतिव्यक्ति आय
5. निम्न में से कौन-सा कथन तीन स्तरों के लिए सकल नामांकन अनुपात दर्शाता है
(क) प्राथमिक स्कूल, माध्यमिक स्कूल और उससे आगे उच्च शिक्षा के नामांकन अनुपात का कुल योग
(ख) 10-14 वर्ष के बच्चों की साक्षरता दर।
(ग) 10-14 वर्ष की आयु के स्कूल जाने वाले ग्रामीण बच्चों का प्रतिशत
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(क) प्राथमिक स्कूल, माध्यमिक स्कूल और उससे आगे उच्च शिक्षा के नामांकन अनुपात का कुल योग
6. निम्न में से कौन-सा संगठन मानव विकास रिपोर्ट तैयार करता है
(क) सार्क
(ख) विश्व बैंक
(ग) यू. एन. डी. पी.
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(क) सार्क
रिक्त स्थान
निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. इच्छाओं और आकांक्षाओं की पूर्ति ही ……….. आकांक्षाओं की पूर्ति ही…………………के लक्ष्य है।
उत्तर:
विकास,
2. विभिन्न देशों की तुलना करने का प्रमुख आधार उन देशों की…………….से होती है।
उत्तर:
आय,
3. देशों का विकास के आधार पर वर्गीकरण करते समय……………मापदण्ड का प्रयोग किया जाता है।
उत्तर:
प्रतिव्यक्ति आय,
4. सात वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों में साक्षर जनसंख्या का अनुपात…………..कहलाता है।
उत्तर:
साक्षारता दर।
अतिलयूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
आज के विश्व में हम अपनी आशाओं एवं सम्भावनाओं को वास्तविक जीवन में किस प्रकार प्राप्त कर सकते हैं?
उत्तर:
लोकतान्त्रिक राजनीतिक प्रक्रिया द्वारा हम अपनी आशाओं को वास्तविक जीवन में प्राप्त कर सकते हैं।
प्रश्न 2.
भूमिहीन ग्रामीण मजदूरों के किन्हीं दो विकास के लक्ष्य एवं आकांक्षाओं को बताइए।
उत्तर:
- काम करने के अंधिक दिन
- बेहतर मजदूरी।
प्रश्न 3.
लोगों द्वारा इच्छित आर्थिक लक्ष्य कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
- नियमित काम
- बेहतर मजदूरी
- अपनी उपज एवं अन्य उत्पादों के लिए अच्छी कीमतें।
प्रश्न 4.
लोगों द्वारा इच्छित सामाजिक लक्ष्य कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
- समान व्यवहार
- स्वतन्त्रता,
- सुरक्षा
- अन्य लोगों द्वारा सम्मान।
प्रश्न 5.
विकास किसे कहते हैं?
उत्तर:
विकास एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें प्रतिव्यक्ति आय में वृद्धि होने के साथ-साथ असमानता, निर्धनता एवं निरक्षरता में कमी भी हो अर्थात् लोगों के आर्थिक जीवन में सुधार हो एवं उनका जीवन स्तर ऊँचा हो।
प्रश्न 6.
राष्ट्रीय आय को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
किसी समयावधि में एक अर्थव्यवस्था में उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं में कुल प्रवाह का मौद्रिक मूल्य राष्ट्रीय आय कहलाता है।
प्रश्न 7.
प्रतिव्यक्ति आय को परिभाषित कीजिए।
अथवा
औसत आय क्या है?
अथवा
प्रतिव्यक्ति आय का तात्पर्य लिखिए।
उत्तर:
जब देश की कुल आय को कुल जनसंख्या से भाग देकर निकाला जाता है तो उसे प्रतिव्यक्ति आय या औसत आय कहते हैं।
प्रश्न 8.
जिन देशों की आय अधिक है उन्हें कम आय वाले देशों से अधिक विकसित क्यों समझा जाता है ?
उत्तर:
क्योंकि अधिक आय का अर्थ है- मानवीय आवश्यकता की सभी वस्तुओं का अधिक होना।
प्रश्न 9.
कौन-सा विकास का अधिक उपयुक्त मापदण्ड है?
अथवा
दो या अधिक देशों के विकास की तुलना का उपयुक्त माप क्या है?
उत्तर:
प्रतिव्यक्ति आय विकास का अधिक उपयुक्त मापदण्ड है।
प्रश्न 10.
औसत आय के अतिरिक्त विकास के अन्य दो प्रमुख मापदण्ड क्या हैं?
उत्तर:
- शिशु मृत्यु दर
- साक्षरता।
प्रश्न 11.
अधिक आय को अपने आप में जीवन का एक महत्वपूर्ण लक्ष्य क्यों समझा जाता है?
उत्तर:
क्योंकि आय (मुद्रा) से ही लोग अपनी अधि कांश आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकते हैं।
प्रश्न 12.
आय के अतिरिक्त विकास को जानने के और कौन-कौन से मापदण्ड हैं?
उत्तर:
- अच्छा व्यवहार
- समानता
- स्वतन्त्रता
- सुरक्षा।
प्रश्न 13.
‘भारत में शिशु मृत्यु-दर’ को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
किसी वर्ष में पैदा हुए 1000 जीवित बंच्चों में से एक वर्ष की आयु से पहले मर जाने वाले बच्च्वों का अनुपात शिशु मृत्यु दर कहलाता है।
प्रश्न 14.
साक्षरता दर शब्द को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
7 वर्ष और उससे ज्यादा आयु के व्यक्तियों में साक्षर जनसंख्या के अनुपात को साक्षरता दर कहते हैं।
प्रश्न 15.
केरल में शिशु मृत्यु दर कम क्यों है?
अथवा
केरल में शिशु मृत्यु दर कम होने के कारण बताइए।
उत्तर:
क्योंकि केरल में स्वास्थ्य और शिक्षा की भौतिक सुविधाएँ पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।
प्रश्न 16.
“यह आवश्यक नहीं कि जेब में रखा रुपया वे सब वस्तुएँ एवं सेवाएँ खरीद सके, जिनकी आपको एक बेहतर जीवन के लिए आवश्यकता हो सकती है।” ऐसी दो आवश्यकताएँ बताइए जो रुपयों से खरीदी नहीं जा सकती हैं।
उत्तर:
- प्रदूषण रहित वातावरण एवं
- बिना मिलावट वाले खाद्य पदार्थ
प्रश्न 17.
निम्नलिखित के पूरे नाम लिखिए-
1. एच. डी. आर. (H.D.R.),
2. बी. प्म. आई. (B.M.I.),
3. यू. एन. डी. पी. (U.N.D.P.)
4. एच. डी. आई. (H.D.I.)
उत्तर:
- मानव विकास रिपोर्ट (Human Development Report),
- शरीर द्रव्यमान सूचकांक (Body Mass Index),
- संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (United National Development Programme)
- मानव विकास सूचकांक (Human Development Index)
प्रश्न 18.
शरीर द्रव्यमान सूचकांक को कैसे माप सकते हैं?
उत्तर:
व्यक्ति के भार को उसकी लम्बाई के वर्ग से भाग देकर शरीर द्रव्यमान सूचकांक निकाला जाता है।
प्रश्न 19.
मानव विकास सूचकांक के किन्हीं दो सूचकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
- स्वास्थ्य स्थिति
- शिक्षा का स्तर।
प्रश्न 20.
भारत में 2017 में जन्म के समय सम्भावित आयु क्या है? आयु क्या है?
उत्तर:
68.8वर्ष
प्रश्न 21.
जन्म के समय सम्भावित आयु क्या दर्शाती है?
उत्तर:
जन्म के समय सम्भावित आयु व्यक्ति की जन्म के समय औसत आयु की सम्भावना को दर्शाती है।
प्रश्न 22.
मानव विकास सूचकांक में भारत की कौन-सी स्थिति है?
उत्तर:
मानव विकास सूचकांक में भारत 130 वें स्थान पर है।
प्रश्न 23.
धारणीय आर्थिक विकास क्या है?
उत्तर:
बिना पर्यावरण को नुकसान पहुँचाये आर्थिक विकास को आगे बढ़ना धारणीय आर्थिक विकास कहलाता है।
लघूत्तरात्मक प्रश्न (SA1)
प्रश्न 1.
विकास की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
विकास की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं
- अलग-अलग लोगों के विकास के लक्ष्य अलग-अलग हो सकते हैं।
- एक व्यक्ति के लिए जो विकास है, हो सकता है वह दूसरे व्यक्ति के लिए विकास न हो। दूसरे के लिए वह विनाशकारी भी हो सकता है।
- विकास के लिए सब लोग मिले-जुले लक्ष्यों को देखते हैं।
- विकास का सबसे महत्त्वपूर्ण अंग है-आय, परन्तु ज़्यादा आय चाहने के अतिरिक्त लोग बराबरी का व्यवहार, स्वतन्त्रता, सुरक्षा एवं दूसरों से आदर मिलने की इच्छा भी रखते हैं।
प्रश्न 2.
विकास के अन्तर्गत सामान्यतः सभी व्यक्ति किन-किन लक्ष्यों को प्राप्त करना चाहते हैं?
अथवा
आय के अतिरिक्त विकास के किन्हीं दो लक्ष्यों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
विकास के अन्तर्गत सामान्यतः सभी व्यक्ति अपनी आय को अधिक से अधिक करना चाहते हैं। साथ ही लोग समानता का व्यवहार, स्वतंत्रता, सुरक्षा एवं दूसरों से आदर मिलने की इच्छा भी रखते हैं। हमारा बेहतर जीवन कई भौतिक एवं अभौतिक वस्तुओं पर निर्भर करता है।
प्रश्न 3.
देशों के बीच तुलना करने के लिए कुल आय अधिक उपयुक्त माप नहीं है। क्यों?
उत्तर:
देशों के बीच तुलना करने के लिए कुल आय अधिक उपयुक्त माप नहीं है क्योंकि देशों की जनसंख्या अलग-अलग होती है। कुल आय की तुलना करने से हमें यह ज्ञात नहीं होता है कि औसत व्यक्ति क्या कमा सकता है? क्या एक देश के लोग दूसरे देश के लोगों से बेहतर हैं? इसलिए हम औसत आय की तुलना करते हैं जो कि देश की कुल आय में कुल जनसंख्या का भाग देकर निकाली जाती है।
प्रश्न 4.
“धन उन सभी वस्तुओं और सेवाओं को नहीं खरीद सकता जिससे व्यक्ति बेहतर जीवन बिता सके।” उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
यह सत्य है कि धन उन सभी वस्तुओं और सेवाओं को नहीं खरीद सकता जिससे व्यक्ति बेहतर जीवन बिता सके। उदाहरण के रूप में; धन प्रदूषण मुक्त वातावरण नहीं खरीद सकता, धन बिना मिलावट की वस्तुएँ नहीं दिला सकता, धन संक्रामक बीमारियों से नहीं बचा सकता। इसके अतिरिक्त धन शांति नहीं खरीद सकता।
लयूत्तरात्मक प्रश्न (SA2)
प्रश्न 1.
“एक के लिए जो विकास है वह दूसरे के लिए विकास न भी हो।” उक्त कथन को उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
यह कथन सत्य है कि एक के लिए जो विकास है वह दूसरे के लिए विकास नहीं भी हो सकता है। यह निम्न उदाहरणों से स्पष्ट है
- अधिक मजदूरी अर्थात् एक श्रमिक के लिए विकास परन्तु यह एक उद्योगपति के लिए ठीक नहीं हो सकता।
- एक धनिक किसान अथवा व्यापारी अपने खाद्यान्न ऊँची कीमतों पर बेचना चाहता है परन्तु एक गरीब किसान उसे कम कीमत पर खरीदना चाहता है।
- बिजली अधिक प्राप्त करने के लिए उद्योगपति अधिक बाँधों का निर्माण चाह सकते हैं परन्तु इससे कृषि भूमि में कमी आ सकती है जिससे लोगों के जीवन में संकट आ सकता है।
- बाँध के निर्माण से सस्ती एवं अधिक ऊर्जा मिलती है। परन्तु जिन लोगों को इसके निर्माण से बेघर होना पड़ता है वे विद्रोह पर उतारू हो जाते हैं, जैसे आदिवासी।
प्रश्न 2.
“विकास के लिए लोग मिले-जुले लक्ष्यों को देखते हैं।” कथन को उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
विकास एक प्रक्रिया है जिसमें प्रतिव्यक्ति आय में वृद्धि होने के साथ-साथ समानता, निर्धनता एवं निरक्षरता में कमी भी हो अर्थात् लोगों के आर्थिक जीवन में सुधार हो एवं उनका जीवन-स्तर ऊँचा हो। विकास के लिए लोग मिले-जुले लक्ष्यों को देखते हैं। यह सत्य है कि यदि महिलाएँ वेतनभोगी कार्य करती हैं तो घर एवं समाज में उनके आदर व सम्मान में वृद्धि होती है।
यद्यपि यह भी सत्य है कि यदि महिलाओं के लिए आदर है तो घर में उनके कामकाज में अधिक से अधिक हाथ बँटाया जाएगा तथा घर से बाहर कार्य करने वाली महिलाओं को अधिक स्वीकार किया जाएगा। सुरक्षित एवं संरक्षित वातावरण के कारण अधिकाधिक महिलाएँ विभिन्न प्रकार की नौकरियाँ अथवा व्यापार कर सकती हैं इसलिए लोगों के विकास के लक्ष्य केवल अच्छी आमदनी से ही नहीं होते बल्कि जीवन में अन्य महत्त्वपूर्ण वस्तुओं के बारे में भी होते हैं।
प्रश्न 3.
राष्ट्रीय विकास क्या है? राष्ट्रीय विकास के अन्तर्गत किन-किन पक्षों को सम्मिलित किया गया है ?
उत्तर:
राष्ट्रीय विकास-किसी राष्ट्र के आर्थिक, सामाजिक एवं राजनैतिक विकास को राष्ट्रीय विकास के नाम से जाना जाता है।
राष्ट्रीय विकास के अन्तर्गत सम्मिलित विभिन्न पक्ष राष्ट्रीय विकास के अन्तर्गत निम्नलिखित पक्ष सम्मिलित हैं
- राष्ट्रीय विकास के अन्तर्गत सरकार यह निर्णय लेती है कि विकास का कौन-सा मार्ग न्यायसंगत व सही है।
- राष्ट्रीय विकास के अन्तर्गत केवल उन्हीं कार्यक्रमों एवं नीतियों को लागू किया जाता है, जिनसे अधिकतम लोगों को लाभ हो।
- राष्ट्रीय विकास के अन्तर्गत विचारों की भिन्नता एवं उनके समाधान के बारे में निर्णय लेना बहुत महत्त्वपूर्ण है।
- राष्ट्रीय विकास के अन्तर्गत हमें यह भी सोचना होगा कि विकास का अन्य कोई बेहतर तरीका है।
प्रश्न 4.
“औसत आय अधिक होने पर भी हरियाणा का मानव विकास क्रमांक केरल से नीचे है। इसलिए मानव विकास के लिए प्रतिव्यक्ति आय एक उपयोगी मापदण्ड बिल्कुल नहीं है।” इस कथन के पक्ष में कोई तीन तर्क दीजिए।
उत्तर:
मानव विकास के लिए प्रतिव्यक्ति आय एक उपयोगी मापदण्ड बिल्कुल नहीं हैं। इस कथन के पक्ष में निम्नलिखित तर्क प्रस्तुत हैं
1. प्रायः
राज्यों की तुलना प्रतिव्यक्ति आय के आधार पर की जाती है लेकिन प्रतिव्यक्ति आय के आधार पर मानव विकास का सही माप नहीं किया जा सकता क्योंकि केवल प्रतिव्यक्ति आय के आधार पर ही मानव विकास को ज्ञात नहीं किया जा सकता। इसके अतिरिक्त शिक्षा, स्वास्थ्य, निर्धनता व सामाजिक सुविधाएँ आदि भी मानव विकास के अन्य महत्त्वपूर्ण निर्धारक हैं।
2. मानव विकास क्रमांक और औसत आय के बीच सम्बन्ध किसी समरूपता को नहीं दर्शाता है।
3. आय अपने आप में उन भौतिक वस्तुओं व सेवाओं का एक पूर्ण व पर्याप्त सूचक नहीं है जो, नागरिक प्रयोग करने के लिए सक्षम होते हैं।
4. मुद्रा से वे समस्त वस्तुएँ व सेवाएँ नहीं खरीदी जा सकतीं जो अच्छे रहन सहन के लिए आवश्यक हो सकती हैं।
उदाहरणस्वरूप: आपके पास उपलब्ध मुद्रा से आप प्रदूषण मुक्त वातावरण नहीं खरीद सकते। अतः औसत आय अधिक होने पर भी हरियाणा का मानव विकास क्रमांक केरल से नीचे है क्योंकि केरल के पास हरियाणा की तुलना में अन्य सुविधाएँ, जैसे-अच्छी स्वास्थ्य सेवाएँ, अधिक साक्षरता आदि उपलब्ध हैं। इसके अतिरिक्त हरियाणा की तुलना में केरल में प्राथमिक कक्षाओं में विद्यार्थियों की निवल उपस्थिति अनुपात अधिक है।
प्रश्न 5.
औसत आय किस प्रकार ज्ञात की जाती है? तथा उन सूचकों को सूचीबद्ध कीजिए जिनके आधार पर मानव विकास सूचकांक बनाया जाता है।
अथवा
‘मानव विकास सूचकांक’ के तीन घटकों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
औसत आय: किसी देश की कुल आय में उसकी कुल जनसंख्या का भाग देकर औसत आय प्राप्त की जाती है। मानव विकास के सूचकों की सूची जनसंख्या का सम्बन्ध उपलब्ध संसाधनों के साथ-साथ प्राथमिक सुविधाओं, जैसे-स्वास्थ्य व शिक्षा, सामाजिक, आर्थिक, औद्योगिक एवं राजनैतिक दशाओं से भी होता है। ये सभी स्थितियाँ जनसंख्या तथा जीवनयापन के साधनों के बीच संतुलन बनाये रखने के लिए महत्त्वपूर्ण होते हैं। इस संतुलन को बनाये रखने एवं जीवन-स्तर में प्रगति ही मानव विकास है। मानव विकास के सूचक निम्नलिखित हैं
- जीवन काल: जिसकी माप जन्म के समय जीवन की प्रत्याशा से की जाती है। इसका अर्थ यह हुआ कि एक बच्चा अपने जन्म से कितने वर्ष तक जीवित रहेगा।
- शैक्षिक स्तर: जिसे प्रौढ़ साक्षर और प्राथमिक, माध्यमिक एवं उससे आगे की उच्च शिक्षा के सकल नामांक-अनुपात दोनों को जोड़कर मापा जाता है।
- प्रतिव्यक्ति आय: इसका उपयोग जीवन-स्तर को मापने में किया जाता है। प्रतिव्यक्ति आय की गणना सभी देशों के लिए डॉलर में की जाती है ताकि उसकी तुलना की जा सके।
प्रश्न 6.
मानव विकास क्या है? मानव विकास सूचकांक का महत्व बताइए।
उत्तर:
मानव विकास स्वस्थ भौतिक पर्यावरण से लेकर आर्थिक, सामाजिक और राजनैतिक स्वतंत्रता तक समस्त प्रकार के मानव विकल्पों को सम्मिलित करते हुए लोगों के विकल्पों में विस्तार और उनके शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं तथा सशक्तीकरण के अवसरों में वृद्धि की प्रक्रिया मानव विकास कहलाती है।
दूसरे शब्दों में कहा जाये, तो मानव विकास लोगों की इच्छाओं एवं उनके जीवन स्तर में वृद्धि लाने की प्रक्रिया है ताकि वे एक उद्देश्यपूर्ण एवं सक्रिय जीवन जी सकें। मानव विकास सूचकांक मानव विकास के विविध आयामों के मापन के लिए संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम द्वारा निर्धारित विभिन्न संकेतकों को मानव विकास सूचकांक कहा जाता है। इसका महत्त्व निम्नलिखित है
- यह देश के विकास के स्तर का संकेत देता है।
- इसके माध्यम से आर्थिक विकास के महत्त्वपूर्ण घटकों यथा-जीवन प्रत्याशा, शिक्षा-प्राप्ति का स्तर एवं वास्तविक प्रतिव्यक्ति आय की जानकारी मिलती है।
- यह विभिन्न देशों को संकेत देता है कि वे मानव विकास की दिशा में कितने अग्रसर हो चुके हैं एवं उन्हें कितना और आगे बढ़ना है।
प्रश्न 7.
आर्थिक विकास एवं मानव विकास में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
आर्थिक विकास एवं मानव विकास में निम्नलिखित अन्तर हैं आर्थिक विकास एक साधन है।
आर्थिक विकास | मानव विकास |
1. आर्थिक विकास, विकास का एक संकीर्ण पक्ष है क्योंकि इसमें केवल वित्तीय पक्ष को ही लिया जाता है। | 1. मानव विकास, विकास का व्यापक पक्ष है क्योंकि इसमें वित्तीय पक्ष के साथ-साथ गैर वित्तीय पक्षों को भी सम्मिलित किया जाता है। |
2. इसके अन्तर्गत केवल मात्रात्मक विकास सम्मिलित होता है। | 2. इसके अन्तर्गत मात्रात्मक विकास के साथ-साथ गुणात्मक पक्ष भी सम्मिलित होता है। |
3. आर्थिक विकास, मानव विकास को प्राप्त करने का एक साधन है। | 3. मानव विकास समस्त विकासों का अंतिम लक्ष्य है। |
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
विकास क्या है? विकास के विभिन्न लक्ष्यों का विस्तार से वर्णन कीजिए।
अथवा
आपकी दृष्टि में, विकास की धारणीयता के सन्दर्भ में हमारे लक्ष्य क्या होने चाहिए? समझाइए।
अथवा
आर्थिक विकास के कोई तीन लक्ष्य समझाइए।
उत्तर:
विकास-विकास एक प्रक्रिया है जिसमें प्रतिव्यक्ति आय में वृद्धि होने के साथ-साथ निर्धनता, असमानता, अशिक्षा एवं बीमारी में कमी भी हो अर्थात् लोगों के आर्थिक स्तर में सुधार हो एवं उनका जीवन-स्तर उच्च हो। विकास के विभिन्न लक्ष्य विकास के विभिन्न लक्ष्य निम्नलिखित हैं
1. आय में वृद्धि करना:
यह विकास का सबसे प्रमुख लक्ष्य है। आय में वृद्धि के फलस्वरूप लोग पहले की तुलना में अधिक अच्छे तरीके से अपना जीवनयापन कर सकते हैं। इसके अन्तर्गत राष्ट्रीय आय एवं प्रतिव्यक्ति आय दोनों में वृद्धि के लक्ष्य को सम्मिलित किया जाता है। आय में वृद्धि से लोगों के जीवन-स्तर में सुधार होता है।
2. काम करने के अधिक दिन एवं बेहतर मजदूरी विकास का एक अन्य महत्त्वपूर्ण:
लक्ष्य यह है कि लोगों को काम करने के अधिक दिन उपलब्ध हों अर्थात् नियमित रूप से रोजगार की प्राप्ति हो। उन्हें नियमित रोजगार के साथ-साथ बेहतर मजदूरी भी प्राप्त हो ताकि वे अपना जीवनयापन अच्छे ढंग से कर सकें। लोगों को उनकी उपज का अधिक समर्थन मूल्य मिले।
3. शैक्षिक विकास विकास:
में शिक्षा की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। शिक्षित व्यक्ति अधिक कार्यकुशल एवं उत्पादक होता है। शिक्षा से व्यक्ति न केवल अपना विकास करता है वरन् राष्ट्र का भी विकास करता है। अतः विकास के अन्तर्गत देश में शैक्षिक सुविधाओं का विकास किया जाना भी एक महत्त्वपूर्ण लक्ष्य है।
4. समानता का व्यवहार:
विकास के अन्तर्गत सभी लोगों के साथ समानता का व्यवहार किया जाना चाहिए। समानता के अन्तर्गत आर्थिक समानता के साथ-साथ सामाजिक व राजनैतिक समानता को भी सम्मिलित किया जाना चाहिए।
5. सुरक्षा:
किसी भी राष्ट्र का विकास इस प्रकार होना चाहिए कि उसमें निवास करने वाले समस्त समुदायों के लोग अपने आपको सुरक्षित समझें।
6. स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार:
विकास का एक अन्य महत्त्वपूर्ण लक्ष्य यह है कि देश में स्वास्थ्य सुविधाओं का पर्याप्त विकास एवं विस्तार किया जाना चाहिए। स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार से देश में उत्पादन एवं आय पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
7. सार्वजनिक सुविधाओं का विस्तार:
किसी भी देश के विकास का एक अन्य महत्त्वपूर्ण लक्ष्य यह होता हैं कि देश में सार्वजनिक सुविधाओं का पर्याप्त विस्तार होना चाहिए, जिससे कि लोगों की सामूहिक आवश्यकताओं को पूरा किया जाना सुनिश्चित हो सके।