JAC Class 9 Social Science Solutions Economics Chapter 2 संसाधन के रूप में लोग

JAC Board Class 9th Social Science Solutions Economics Chapter 2 संसाधन के रूप में लोग

JAC Class 9th Economics संसाधन के रूप में लोग InText Questions and Answers

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या 17

प्रश्न 1.
चित्र 2.1 को देखकर क्या आप बता सकते हैं कि डॉक्टर, अध्यापक, इंजीनियर तथा दर्जी अर्थव्यवस्था के लिए किस प्रकार परिसम्पत्ति हैं?
उत्तर:
इस चित्र में डॉक्टर एक महिला को स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान कर रहा है, इन सेवाओं से व्यक्ति के स्वास्थ्य में वृद्धि होती है। अध्यापक पढ़ाकर लोगों को शिक्षित करने का कार्य करके उनके मानसिक कौशल में वृद्धि करता है। स्वस्थ व शिक्षित व्यक्ति कुल उत्पादकता की वृद्धि में सहयोग करता है। इंजीनियर विभिन्न प्रकार की मशीनों, इंजनों, सड़क एवं पुलों का निर्माण करता है जो अर्थव्यवस्था के विकास में योगदान देते हैं। दर्जी कपड़ों की सिलाई करते हैं एवं मरम्मत करते हैं। अतः ये चारों देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने में अपना पूर्ण सहयोग देते हैं इसीलिए इन्हें परिसम्पत्ति कहा जाता है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या 18

प्रश्न 2.
क्या दोनों मित्रों के बीच आप कोई अन्तर पाते हैं? वे कौन-से अन्तर हैं ?
उत्तर:
हाँ, हम दोनों मित्रों सकल और विलास के मध्य अन्तर पाते हैं। ये अन्तर प्रमुख रूप से उनकी शिक्षा पर आधारित हैं। सकल के माता-पिता ने सकल को अच्छी शिक्षा दिलाई जिससे वह कम्प्यूटर इंजीनियर बना और कुल उत्पादकता में वृद्धि करके देश की संवृद्धि में योगदान दिया।

इसके विपरीत विलास को शिक्षा प्राप्त न होने के कारण तथा पारिवारिक स्थिति अच्छी न होने से वह गठिया से पीड़ित हुआ और वह कुछ न बन पाया और अपना पारम्परिक कार्य करने के लिए बाध्य हुआ। सकल हृष्ट-पुष्ट और स्वस्थ था जबकि विकल रोगी था। सकल नौकरी करता था जबकि विकल अपनी माँ की तरह मछलियाँ बेचकर अपना परिवार का भरण-पोषण बहुत कठिनाई से करता था।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या 21

प्रश्न 3.
आरेख 2.1 का अध्ययन करें तथा निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर दें
1. क्या 1951 से जनसंख्या की साक्षरता-दर बढ़ी है?
JAC Class 9 Social Science Solutions Economics Chapter 2 संसाधन के रूप में लोग 1
उत्तर:
हाँ, 1951 से भारत में जनसंख्या की साक्षरता दर में वृद्धि हुई है।

2. किस वर्ष भारत में साक्षरता-दर सर्वाधिक रही?
उत्तर:
सन् 2011 में भारत की साक्षरता-दर सर्वाधिक रही।

3. भारत में पुरुषों की साक्षरता-दर अधिक क्यों है?
उत्तर:
भारत में पुरुष प्रधान समाज होने के कारण पुरुषों को महिलाओं की अपेक्षा अधिक सुविधाएँ दी जाती हैं एवं लिंग भेद के कारण पुरुषों की साक्षरता दर अधिक है।

4. पुरुषों की अपेक्षा महिलाएँ कम शिक्षित क्यों हैं?
उत्तर:
पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं की साक्षरता कम होने का प्रमुख कारण लिंग भेद और भारतीय समाज का पुरुष प्रधान होना है।

5. आप भारत में लोगों की साक्षरता दर का परिकलन कैसे करेंगे?
उत्तर:
भारत में लोगों की साक्षरता दर का परिकलन जनगणना के आँकड़ों से किया जाता है जो प्रति 10 वर्ष के अन्तराल पर होती है। इस हेतु निम्न सूत्र का प्रयोग किया जाता है। साक्षरता दर =
JAC Class 9 Social Science Solutions Economics Chapter 2 संसाधन के रूप में लोग 3

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या 22

प्रश्न 4.
सारणी 2.1 की कक्षा में चर्चा करें और निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें
सारणी 2.1-उच्च शिक्षा के संस्थानों की संख्या, नामांकन तथा संकाय

वर्ष महाविद्यालयों की संख्या विश्वविद्यालयों की संख्या विद्यार्थी शिक्षाक
1950 – 50 750 30 2,63,000 24,000
1990-91 7,346 177 49,25,000 2,72,000
1998-99 11,089 238 74,70,000 3,42,000
2010-11 33,023 523 1,86,70,050 8,16,966
2012-13 37,204 628 2,23,02,938 9,25,396
2014-15 40,760 711 2,65,85,437 12,61,350
2015-16 41,338 753 2,84,84,746 14,38,000
2016-17 42,338 795 2,94,47,158 14,70,190
2017-18 41,012 851 3,66,42,378 12,84,957
2018-19 _ 911 _ _

1. क्या विद्यार्थियों की बढ़ती हुई संख्या को प्रवेश देने के लिए कॉलेजों की संख्या में वृद्धि पर्याप्त है?
उत्तर:
नहीं, विद्यार्थियों की बढ़ती हुई संख्या को प्रवेश देने के लिए कॉलेजों की संख्या में वृद्धि पर्याप्त नहीं है।

2. क्या आप सोचते हैं कि हमें विश्वविद्यालयों की संख्या बढ़ानी चाहिए?
उत्तर:
हाँ, हम सोचते हैं कि भारत में उच्च शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए विश्वविद्यालयों की संख्या बढ़ानी चाहिए।

3. वर्ष 1950-51 से वर्ष 1998-99 तक शिक्षकों की संख्या में कितनी वृद्धि हुई है?
उत्तर:
वर्ष 1950-51 से वर्ष 1998-99 तक शिक्षकों की संख्या में 3,18,000 की वृद्धि हुई है।

4. भावी महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों के बारे में आपका क्या विचार है?
उत्तर:
भावी महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में जहाँ छात्रों को बहुत-सी सुविधाएँ प्राप्त नहीं हैं वहाँ उन सुविधाओं को उपलब्ध कराया जाए तथा व्यावसायिक महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों की संख्या बढ़ाने की अति आवश्यकता है।

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ सं. 24

प्रश्न 5.
दी गयी सारणी 2.2 को पढ़ें और निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें सारणी 2.2 सम्बन्धित वर्षों की स्वास्थ्य आधारिक संरचना विवरण
JAC Class 9 Social Science Solutions Economics Chapter 2 संसाधन के रूप में लोग 2
ए. एन. एम. ऑक्लरी नर्स हाईड्राइड्स आर. एन. एण्ड आर. एम. रजिस्टर्ड नर्सेस एंड रजिस्टर्ड मिडवाइव्स एल. एच. वी. लेडी हेल्थ विजीटर्स। स्रोत : राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रोफाइल 2013, 2014, 2015, 2016, 2017, 2018 केन्द्रीय स्वास्थ्य गुप्तचर ब्यूरो, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय।

प्रश्न 1.
2013 से 2017 तक औषधालयों की संख्या में कितने प्रतिशत की वृद्धि हुई है?
उत्तर:
2013 से 2017 तक औषधालयों की संख्या में 8.09% की वृद्धि हुई है।

प्रश्न 2.
2013 से 2017 तक डॉक्टरों और नर्सिंगकर्मियों में कितने प्रतिशत की वृद्धि हुई है ?
उत्तर:
2013 से 2017 तक भारतीय चिकित्सा परिषद में पंजीकृत डॉक्टरों में सारणी के अनुसार 60.13% की कमी आयी है तथा नर्सिंगकर्मियों की संख्या में 22.78% की वृद्धि हुई है। |

पाठ्य-पुस्तक पृष्ठ संख्या 25

प्रश्न 3.
क्या आपको लगता है कि डॉक्टरों और नौं की संख्या में वृद्धि पर्याप्त है? यदि नहीं, तो क्यों?
उत्तर:
हमें यह नहीं लगता कि डॉक्टरों और नर्सिंगकर्मियों की संख्या में हुई वृद्धि पर्याप्त है क्योंकि आज भी अस्पतालों औषधालयों में मरीजों की भीड़ लगी रहती है जिन्हें डॉक्टरों व नर्सिंगकर्मियों की अनुपलब्धता के कारण स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं मिल पाता है।

JAC Class 9 Social Science Solutions Economics Chapter 2 संसाधन के रूप में लोग

प्रश्न 4.
किसी अस्पताल में आप और कौन-सी सुविधाएँ उपलब्ध कराना चाहेंगे?
उत्तर:
देश के प्रत्येक अस्पताल में समस्त बीमारियों से सम्बन्धित डॉक्टरों की उपस्थिति हो जो नागरिकों को स्वस्थ करने में मदद करें तथा प्रत्येक अस्पताल में सभी बुनियादी चिकित्सा उपकरण होने चाहिए ताकि किसी मरीज को डॉक्टर यह कहकर अन्यत्र भेजने की कोशिश न करें कि उक्त सुविधा यहाँ उपलब्ध नहीं है।

JAC Class 9th Economics संसाधन के रूप में लोग Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
‘संसाधन के रूप में लोग’ से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
‘संसाधन के रूप में लोग’ से तात्पर्य देश की कार्यशील जनसंख्या के कौशल एवं योग्यताओं से है। संसाधन के रूप में लोग सकल राष्ट्रीय उत्पाद के विकास में अपना सर्वोत्तम योगदान देते हैं। किसी भी देश का आर्थिक विकास जनसंख्या के आकार पर उतना निर्भर नहीं करता जितना कि वहाँ रहने वाले निवासियों के कौशल, तकनीकी दक्षता एवं स्वास्थ्य आदि पर निर्भर करता है। इस संसाधन को मानव संसाधन कहा जाता है।

प्रश्न 2.
मानव संसाधन भूमि और भौतिक पूँजी जैसे अन्य संसाधनों से कैसे भिन्न है?
उत्तर:
मानव संसाधन भूमि और भौतिक पूँजी जैसे अन्य संसाधनों से भिन्न है क्योंकि मानवीय संसाधन ही उत्पादन के अन्य संसाधनों का उपयोग करके उत्पादन की क्रिया को सरल बनाते हैं। मानवीय संसाधन के अभाव में उत्पादन के दूसरे संसाधन अनुपयोगी हैं।

प्रश्न 3.
मानव पूँजी निर्माण में शिक्षा की क्या भूमिका है?
उत्तर:
शिक्षा के द्वारा मनुष्य की कुल उत्पादक क्षमता में वृद्धि होती है जिससे उसकी आय बढ़ती है। जब लोगों की आय में वृद्धि होती है तो मानव पूँजी निर्माण में वृद्धि होती है जिससे न केवल जनसंख्या के जीवन स्तर में सुधार आता है बल्कि देश की कुल आय में भी वृद्धि होती है। इससे स्पष्ट होता है कि मानव पूँजी निर्माण में शिक्षा की अहम् भूमिका है।

प्रश्न 4.
मानव पूँजी निर्माण में स्वास्थ्य की क्या भूमिका है?
उत्तर:
जिस प्रकार शिक्षा के द्वारा जनसंख्या की उत्पादकता में वृद्धि होती है, ठीक उसी प्रकार स्वास्थ्य सेवाओं के द्वारा जनसंख्या की उत्पादकता में वृद्धि होती है क्योंकि एक स्वस्थ व्यक्ति ही अपने पूर्ण मनोयोग से उत्पादन कार्यों को रुचि के साथ पूरा कर सकता है। यदि व्यक्ति अस्वस्थ है तो उसका मन कार्य में नहीं लग पाता है और इसके कारण उत्पादन प्रभावित होता है।

JAC Class 9 Social Science Solutions Economics Chapter 2 संसाधन के रूप में लोग

प्रश्न 5.
किसी व्यक्ति के कामयाब जीवन में स्वास्थ्य की क्या भूमिका है?
उत्तर:
किसी व्यक्ति के कामयाब जीवन में स्वास्थ्य की बहुत बड़ी भूमिका होती है क्योंकि व्यक्ति अपने स्वास्थ्य व ज्ञान के आधार पर ही सफलता प्राप्त करता है। वह किसी क्षेत्र का विशेषज्ञ है लेकिन स्वस्थ नहीं है तो उसे सफलता नहीं मिल सकती। क्योंकि हर नियोक्ता अपने यहाँ स्वस्थ लोगों की ही नियुक्ति करता है, अस्वस्थ व्यक्ति की नहीं और कहा भी जाता है कि “एक स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है।”

प्रश्न 6.
प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्रकों में किस तरह की विभिन्न आर्थिक क्रियाएँ संचालित की जाती हैं?
उत्तर:
मानवीय क्रियाकलापों को प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्रकों में विभाजित किया गया है, इन क्षेत्रकों में निम्नलिखित आर्थिक क्रियाएँ संचालित की जाती हैं

  1. प्राथमिक क्षेत्रक के अन्तर्गत वानिकी, कृषि, मत्स्य-पालन, पशुपालन, मुर्गीपालन और खनन जैसी आर्थिक क्रियाओं को सम्मिलित किया जाता है।
  2. द्वितीयक क्षेत्रक के अन्तर्गत उत्खनन और विनिर्माण से सम्बन्धित क्रियाएँ होती हैं।
  3. तृतीयक क्षेत्रक के अन्तर्गत विभिन्न प्रकार की सेवाओं, जैसे-व्यापार, संचार, परिवहन, बीमा, बैंकिंग, स्वास्थ्य, शिक्षा और पर्यटन को शामिल किया गया है।

प्रश्न 7.
आर्थिक और गैर-आर्थिक क्रियाओं में क्या अन्तर है?
उत्तर:
आर्थिक क्रियाओं में मानव द्वारा लाभ या वेतन के उद्देश्य से की गई समस्त क्रियाओं को शामिल किया जाता है, जैसे मानव द्वारा पारिश्रमिक भुगतान के लिए सरकारी या प्राइवेट सेवाएँ प्रदान करना अथवा उत्पादन से सम्बन्धित क्रियाएँ करना। जबकि गैर आर्थिक क्रियाओं में मानव की वे समस्त क्रियाएँ शामिल होती हैं जिन्हें वह स्व-उपभोग के लिए करता है अथवा जिनका उद्देश्य लाभ अर्जित करना नहीं होता है, जैसे-एक गृहिणी द्वारा घर में सभी कार्यों को पूरा करना।

प्रश्न 8.
महिलाएँ क्यों निम्न वेतन वाले कार्यों में नियोजित होती हैं?
उत्तर:
महिलाएँ समाज में आज भी उपेक्षित हैं उन्हें न तो पुरुष वर्ग की भाँति शिक्षा और प्रशिक्षण और न ही स्वास्थ्य सुविधाएँ प्राप्त हैं तथा नियोक्ताओं का भी यह मानना है कि महिलाएँ शारीरिक रूप से पुरुषों की अपेक्षा कमजोर होती हैं। अतः वे उत्पादन में पुरुषों की बराबरी नहीं कर पातीं इसीलिए उन्हें निम्न वेतन वाले कार्यों में नियोजन प्राप्त होता है, लेकिन जैसे-जैसे महिलाएँ शिक्षा और प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं उन्हें उच्च वेतन वाले कार्यों पर भी नियोजन प्राप्त होने लगा है।

प्रश्न 9.
‘बेरोजगारी’ शब्द की आप कैसे व्याख्या करेंगे?
उत्तर;
‘बेरोजगारी’ का आशय उस स्थिति से है जब व्यक्ति प्रचलित पारिश्रमिक पर काम करने को तैयार होता है लेकिन उसे कार्य नहीं मिलता है। अर्थात् वह निठल्ला (बेरोजगार) रहता है या उसके द्वारा किए गए कार्य से उत्पादन में कोई वृद्धि नहीं होती है।

JAC Class 9 Social Science Solutions Economics Chapter 2 संसाधन के रूप में लोग

प्रश्न 10.
प्रच्छन्न और मौसमी बेरोजगारी में क्या अन्तर है?
उत्तर:
प्रच्छन्न बेरोजगारी वह स्थिति है जबकि व्यक्ति काम में लगा हुआ तो प्रतीत होता है लेकिन उसके कार्य से उत्पादन में किसी प्रकार की वृद्धि नहीं होती अर्थात् आय में कोई बढ़ोत्तरी नहीं होती। ऐसी बेरोजगारी कृषि क्षेत्रों में अधिक पायी जाती है। इसके विपरीत मौसमी बेरोजगारी वह होती है जब लोगों को वर्ष के कुछ महीनों में तो काम मिलता है और शेष महीनों में वे कोई कार्य नहीं करते। इस प्रकार की बेरोजगारी कृषि क्षेत्रों व मौसम के आधार पर व्यापार करने वाले लोगों में अधिक दिखाई देती है।

प्रश्न 11.
शिक्षित बेरोजगारी भारत के लिए एक विशेष समस्या क्यों है?
उत्तर:
शिक्षित बेरोजगारी आज भारत के लिए एक विशेष समस्या बन गई है क्योंकि शिक्षा पूरी करने के बाद या तो लोग प्रशिक्षण प्राप्त नहीं कर पाने के कारण बेरोजगार हैं या फिर किसी क्षेत्र में आवश्यकता से अधिक लोग शिक्षित और प्रशिक्षित हैं तथा दूसरे क्षेत्रों में प्रशिक्षित लोगों की कमी है। शिक्षित बेरोजगारी बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण भी एक समस्या है क्योंकि जिस तेजी से जनसंख्या में वृद्धि हो रही है उस तेजी से रोजगार के अवसर सृजित नहीं हो पा रहे हैं।

प्रश्न 12.
आपके विचार से भारत किस क्षेत्रक में रोजगार के सर्वाधिक अवसर सृजित कर सकता है?
उत्तर:
हमारे विचार से भारत में तृतीयक क्षेत्र जिसमें विभिन्न प्रकार की सेवाएँ लोगों को प्रदान की जाती हैं, उसमें रोजगार के सर्वाधिक अवसर सृजित कर सकता है।

प्रश्न 13.
क्या आप शिक्षा प्रणाली में शिक्षित बेरोजगारों की समस्या दूर करने के लिए कुछ उपाय सुझा सकते हैं?
उत्तर:
शिक्षित बेरोजगारों की समस्या दूर करने के लिए विभिन्न व्यवसायों के संचालन और कुछ उत्पादन प्रणालियों की जानकारी को पाठ्यक्रमों में शामिल करके इस समस्या का कुछ समाधान हो सकता है। दूसरे, एक निश्चित शिक्षा प्राप्त कर लेने के बाद इस प्रकार की व्यवस्था हो जहाँ से जिन क्षेत्रों में प्रशिक्षित लोगों की कमी या अधिकता है इसकी जानकारी लोगों को प्राप्त हो तब शिक्षित लोग कमी वाले क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्राप्त करें तब ही इस समस्या से कुछ हद तक छुटकारा पाया जा सकता है।

JAC Class 9 Social Science Solutions Economics Chapter 2 संसाधन के रूप में लोग

प्रश्न 14.
क्या आप कुछ ऐसे गाँवों की कल्पना कर सकते हैं जहाँ पहले रोजगार का कोई अवसर नहीं था लेकिन बाद में बहुतायत में हो गया?
उत्तर:
हाँ, ऐसे एक नहीं बहुत से गाँव भारत में देखने को मिल जायेंगे जहाँ पहले रोजगार के कोई अवसर नहीं थे लेकिन सरकार द्वारा शिक्षा और स्वास्थ्य के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने के प्रयासों से कुछ ने अपने बच्चों को शिक्षा और प्रशिक्षण के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवाएँ दिलायीं और इन शिक्षित-प्रशिक्षित व हृष्ट-पुष्ट नौजवानों ने अपने गाँव की काया पलट करने के लिए गाँव में ही अपने प्रशिक्षण का उपयोग करके विभिन्न प्रकार के रोजगार के अवसर सृजित किए। जैसे कम्प्यूटर केन्द्र में विभिन्न लोगों को रोजगार मिला, सिलाई कार्य, शिक्षा के क्षेत्र में व एग्रो-इंजीनियरिंग क्षेत्रों के तहत नये-नये रोजगार के अवसर सृजित हुए।

प्रश्न 15.
किस पूँजी को आप सबसे अच्छा मानते हैं-भूमि, श्रम, भौतिक पूँजी और मानव पूँजी? क्यों?
उत्तर:
मानव पूँजी को हम सबसे अच्छा मानते हैं क्योंकि मानव पूँजी के माध्यम से ही भूमि, श्रम एवं भौतिक पूँजी का कुशलतम उपयोग किया जाता है। परन्तु भूमि और भौतिक पूँजी स्वयं कुछ नहीं कर सकती।

JAC Class 9 Social Science Solutions

Leave a Comment