JAC Class 9 Sanskrit व्याकरणम् संख्याज्ञानम्

Jharkhand Board JAC Class 9 Sanskrit Solutions व्याकरणम् संख्याज्ञानम् Questions and Answers, Notes Pdf.

JAC Board Class 9th Sanskrit व्याकरणम् संख्याज्ञानम्

संख्या-ज्ञान – इस संसार में सभी लोगों के लिए संख्या (अंकों) का ज्ञान परम आवश्यक है क्योंकि संख्या के ज्ञान के बिना हमारे जीवन में आदान-प्रदान का कोई भी कार्य सम्भव नहीं हो सकता है। अतः हम यहाँ संख्याओं (अंकों) का ज्ञान प्राप्त करेंगे।

1. संख्यावाची शब्द

दस से अधिक की संख्या संस्कृत में लिखने के लिए एक, दो, तीन आदि का संस्कृत शब्द दश, विंशति, त्रिंशत्, चत्वारिंशत्, पञ्चाशत् आदि से पहले रख दिया जाता है। जैसे छियालीस-छ: की संस्कृत ‘षंट’ पहले लिखेंगे, उसके बाद चालीस की संस्कृत ‘चत्वारिंशत्’ लिखेंगे और मिलकर शब्द बनेगा ‘षट्चत्वारिंशत्’। इसी प्रकार से अन्य शब्दों को भी बनाया जा सकता है।

ध्यातव्य – 1.संस्कृत में संख्या उल्टे क्रम से लिखना शुरू करते हैं जैसे-88 को लिखना है तो पहले इकाई के अंक 8 की संस्कृत ‘अष्ट’ लिखेंगे और बाद में 80 की संस्कृत ‘अशीतिः’, लिखेंगे, मिलाकर एक शब्द बनेगा ‘अष्टाशीतिः’। इसी प्रकार से 75 (पिचहत्तर) को लिखते समय पहले इकाई अंक पाँच को संस्कृत में लिखकर पुनः 70 को संस्कृत में लिखेंगे तो शब्द सामने आयेगा ‘पंचसप्ततिः’।
विद्यार्थी ध्यान रखें संख्या को पहले ऊपर बताये अनुसार बदलें अर्थात् इकाई अंक को पहले तथा दहाई अंक को बाद में लिखें। जैसे –
(i) 88 = उल्टा क्रम – आठ अस्सी = अष्ट + अशीतिः = अष्टाशीतिः।
(ii) 75 = उल्टा क्रम – पाँच सत्तर = पंच + सप्ततिः = पंचसप्ततिः।
(iii) 67 % = उल्टा क्रम – सात साठ = सप्त + षष्टिः = सप्तषष्टिः।
(iv) 31 = उल्टा क्रम – एक तीस = एकः + त्रिंशत् = एकत्रिंशत्।

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संस्कृत में संख्यावाचक शब्द 1 से 100 तक इस प्रकार हैं –

1. एकः (पु.), एका (स्त्री.), एकम् (नपुं.)
2. द्वौ (पु.), द्वे (स्त्री.), द्वे (नपुं.)
3. त्रयः (पु.), तिस्रः (स्त्री.), त्रीणि (नपुं.)
4. चत्वारः (पु.), चतस्त्रः (स्त्री.), चत्वारि (नपुं.)
5. पञ्च
6. षट्
7. सप्त
8. अष्ट/अष्टौ
9. नव
10. दश
11. एकादश
12. द्वादश
13. त्रयोदश
14. चतुर्दश
15. पञ्चदश
16. षोडश
17. सप्तदश
18. अष्टादश
19. नवदश/एकोनविंशतिः
20. विंशतिः
21. एकविंशतिः
22. द्वाविंशतिः
23. त्रयोविंशतिः
24. चतुर्विंशतिः
25. पञ्चविंशतिः
26. षड्विंशतिः
27. सप्तविंशतिः
28. अष्टाविंशतिः
29. नवविंशतिः/एकोनत्रिंशत्
30. त्रिंशत्
31. एकत्रिंशत्
32. द्वात्रिंशत्
33. त्रयस्त्रिंशत्
34. चतुस्त्रिंशत्
35. पञ्चत्रिंशत्
36. षट्त्रिंशत्
37. सप्तत्रिंशत्
38. अष्टत्रिंशत्
39. नवत्रिंशत/एकोनचत्वारिंशत्
40. चत्वारिंशत्
41. एकचत्वारिंशत्
42. द्विचत्वारिंशत्/द्वाचत्वारिंशत्
43. त्रिचत्वारिंशत्/त्रयश्चत्वारिंशत्
44. चतुश्चत्वारिंशत्
45. पञ्चचत्वारिंशत्
46. षट्चत्वारिंशत्
47. सप्तचत्वारिंशत्
48. अष्टचत्वारिंशत्/अष्टाचत्वारंशत्
49. नवचत्वारिंशत्/एकोनपञ्चाशत्
50 पञ्चाशत्
51. एकपञ्चाशत्
52. द्विपञ्चाशत्/द्वापञ्चाशत्
53. त्रिपञ्चाशत्/त्रयः पञ्चाशत्
54. चतुः पञ्चाशत्
55. पञ्चपञ्चाशत्
56. षट्पञ्चाशत्
57. सप्तपञ्चाशत्
58. अष्टपञ्चाशत्/अष्टापञ्चाशत्
59. नवपञ्चाशत्/एकोनषष्टिः
60. षष्टिः
61.एकषष्टिः
62. द्विषष्टिः/द्वाषष्टिः
63. त्रिषष्टिः/त्रयः षष्टिः
64. चतुःषष्टिः
65. पञ्चषष्टिः
66. षट्षष्टिः
67. सप्तषष्टिः
68. अष्टषष्टि:/अष्टाषष्टिः
69. नवषष्टिः/एकोनसप्ततिः
70. सप्ततिः
71.एकसप्ततिः
72. द्विसप्ततिः/द्वासप्ततिः
73. त्रिसप्ततिः/त्रयः सप्ततिः
74. चतुः सप्ततिः
75. पंचसप्ततिः.
76. षट्सप्ततिः
77. सप्तसप्ततिः
78. अष्टसप्ततिः/अष्टासप्ततिः
79. नवसप्तति:/एकोनाशीतिः
80. अशीतिः
81. एकाशीतिः
82. द्वयशीतिः
83. त्र्यशीतिः
84. चतुरशीतिः
85. पञ्चाशीतिः
86. षडाशीतिः
87. सप्ताशीतिः
88. अष्टाशीतिः
89. नवाशीति:/एकोननवतिः
90. नवतिः
91. एकनवतिः
92. द्विनवतिः/द्वानवतिः
93. त्रिनवतिः/त्रयोनवतिः
94. चतुर्नवतिः
95. पञ्चनवतिः
96. षष्णवतिः
97. सप्तनवृतिः
98. अष्टनवतिः/अष्टानवतिः
99. नवनवतिः/एकोनशतम्
100. शतम्

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हिन्दी अर्थ सहित संख्यावाची शब्द

पूर्व में संख्यावाची शब्दों का अर्थ उनके सामने अंकों में लिखा है। यहाँ कुछ पारिभाषिक संस्कृत शब्दों का हिन्दी अर्थ विद्यार्थियों के हित को ध्यान में रखते हुए दिया जा रहा है –

  1. शतम् – सौ
  2. सहस्रम् – हजार
  3. अयुतम् – दस हजार
  4. लक्षम् – लाख
  5. प्रयुतम्/नियुतम् – दस लाख
  6. कोटि: – करोड़
  7. दशकोटि: – दस करोड़
  8. अर्बुदम् – अरब
  9. दशार्बुदम् – दस अरब
  10. खर्वम् – खरब
  11. दशखर्वम् – दस खरब
  12. नीलम् – नील
  13. दशनीलम् – दस नील
  14. पद्मम् – पद्म
  15. दशपद्मम् – दस पद्म
  16. शंखम् – शंख
  17. दशशंखम् – दस शंख
  18. महाशंखम् – महाशंख

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संख्यावाची शब्द रूप

1. ‘एकः’ [एक के अर्थ में]
नोट – ‘एक’ शब्द के रूप तीनों लिंगों में केवल एकवचन में ही चलते हैं। इसके रूप ‘सर्व’ (सब) शब्द के एकवचन के समान तीनों लिंगों में बनते हैं। संख्यावाची शब्दों में सम्बोधन विभक्ति नहीं होती है।

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2. ‘द्वि’ शब्द [दो के अर्थ में]

नोट – ‘द्वि’ शब्द के रूप तीनों लिंगों में केवल द्विवचन में ही चलते हैं। इसके स्त्रीलिंग के एवं नपुंसकलिंग के सभी रूप एक जैसे चलते हैं।

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3. त्रि’ शब्द [तीन के अर्थ में]

नोट – 3 से 18 तक की संख्याओं के रूप केवल बहुवचन में ही चलते हैं। ‘त्रि’ शब्द के रूप तीनों लिंगों में होते हैं।

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4. ‘चतुर्’ शब्द [चार के अर्थ में]

नोट – ‘चतुर्’ शब्द के रूप भी तीनों लिंगों में केवल बहुवचन में ही चलते हैं।

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5. पञ्चन् [पाँच], 6. षट् [छः], 7. सप्तन् [सात]

नोट – पंचम् से अष्टादशन् तक के समस्त संख्यावाची शब्दों का प्रयोग नित्य बहुवचन में होता है, इनके रूप तीनों लिंगों में समान रहते हैं।

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8. अष्टन् [आठ], 9. नवन् [नौ], 10. दशन् [दस]

नोट – ये सभी रूप केवल बहुवचन में चलते हैं। ये सभी तीनों लिंगों में एक समान चलते हैं।

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नोट – एकादशन् (11) से अष्टादशन् (18) तक के रूप दशन् (10) के रूपों की तरह ही बनते हैं। एकोनविंशति (19) से नवनवति (99) तक के सभी शब्दों के रूप स्त्रीलिंग एकवचन में ही बनते हैं। इन इकारान्त शब्दों के रूप ‘मति’ इकरान्त स्त्रीलिंग एकवचन की तरह तथा इन तकारान्त शब्दों त्रिंशत् (30) चत्वारिंशत् (40) एवं पञ्चाशत् (50) के रूप ‘सरित्’ तकरान्त स्त्रीलिंग,एकवचन की तरह बनते हैं।
ये निम्न प्रकार से हैं –

नित्य एकवचनान्त

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नोट – (i) चत्वारिंशत् तथा पंचाशत् के रूप ‘त्रिंशत्’ के समान ही चलेंगे। सप्तति, अशीति और नवति के रूप ‘विंशति’ के समान ही चलेंगे।

(ii) शतम् सहस्रम्, अयुतम्, लक्षम् इत्यादि शब्द नित्य एकवचनान्त ही प्रयुक्त होते हैं।
उपर्युक्त संख्यावाची शब्दों के रूप नपुंसकलिंग में होते हैं तथा सातों विभक्तियों में ‘फल’ शब्द के एकवचन की तरह ही चलते हैं।

(iii) कोटि तथा दशकोटि शब्द के रूप स्त्रीलिंग में ‘मति’ शब्द के समान बनेंगे। जैसे –
‘शत’ सहस्र’, ‘लक्ष’, ‘कोटि’ और ‘दशकोटि संख्यावाची शब्द

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संख्या जानने के लिए ‘कति’ (कितने) शब्द से प्रश्न बनाया जाता है। अतः विद्यार्थियों की सुविधा के लिए ‘कति’ शब्द के रूप दिये जा रहे हैं।

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विभक्ति – कति (कितने)

  • प्रथमा – कति
  • द्वितीया – कति
  • तृतीया – कतिभिः
  • चतुर्थी – कतिभ्यः
  • पंचमी – कतिभ्यः
  • षष्ठी – कतीनाम्
  • सप्तमी – कतिषु

(i) ‘कति’ के रूप तीनों लिंगों में एक समान चलते हैं।
(ii) कति शब्द के रूप नित्य बहुवचनान्त बनते हैं।

क्रमवाचक शब्द (प्रथम से शतम् तक)

क्रमवाची शब्द तीनों लिंगों में इस प्रकार प्रयुक्त होते हैं –

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शतम् (100) स ऊपर क सख्यावाचक शब्द

शतम् (100) से ऊपर के संख्यावाचक शब्द बनाना

नियम – (i) ‘शत’ (100) आदि संख्यावाचक शब्दों के साथ लघु (छोटी) संख्या के मिलाने के लिए लघु (छोटी) संख्या के साथ ‘अधिक’ या ‘उत्तर’ शब्द वृहत्तर (बड़ी) संख्या के पहले लगा दिया जाता है। यथा- ‘एक सौ तेरह’; यहाँ लघु संख्या तेरह है, इसकी संस्कृत है-‘त्रयोदश’। इसके आगे अधिक लगाकर इसके बाद वृहत्तर (बड़ी) संख्या ‘शतम्’ लगाने से ‘एक सौ तेरह’ की संस्कृत हुई- “त्रयोदशाधिकशतम्”।

(ii) शत् (100) सहस्र (1000) इत्यादि संख्याओं के साथ यदि उनका आधा (50. 500 आदि) हो तो सार्द्ध (आधा सहित), चौथाई साथ हो (25, 250 आदि) तो ‘सपादम्’ (चौथाई साथ) और चौथाई ‘कम हो तो’ पादोन (चौथाई कम) शब्द का उनके साथ प्रयोग किया जाता है। यथा-450 ‘सार्द्ध-शत-चतुष्टयम्’ (आधे सहित सौ चार) इसी प्रकार 125 को ‘सपादशतम्’ (चौथाई सहित सौ) लिखते हैं। 1750 को ‘पादोनसहस्रद्वयम्’ (चौथाई कम दो हजार) लिखा जायेगा।

विशेष – शत, सहस्र इत्यादि के पहले द्वि, त्रि आदि के आने पर, समाहार द्विगु हो जाने से वे विशेषण नहीं रहते, क्योंकि समाहार द्विगु हो जाने पर वे विशेष्य पद हो जाते हैं। यथा-द्विशती (200), त्रिशती (300) आदि।

(iii) अवयव दिखाने के लिए द्वय, त्रय, चतुष्टय, पञ्चक, षट्क, सप्तक, अष्टक इत्यादि ‘क’ प्रत्ययान्त एकवचनान्त नपुंसकलिंग शब्दों का प्रयोग किया जाता है।

(iv) संख्यावाचक शब्दों के प्रयोग करने में यदि संशय हो तो संख्यावाचक शब्द के साथ ‘संख्यक’ शब्द लगाकर अकारान्त पद की तरह रूप चलाकर सरलता से अनुवाद किया जा सकता है।

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ध्यातव्य – संस्कृत में संख्या को उल्टे क्रम से लिखना शुरू करते हैं जैसे-101 में, पहले एक को फिर सौ को लिखेंगे। बीच में ज्यादा का शब्द ‘अधिक’ लिखेंगे। याद करें हमारे पुराने बुजुर्ग लोग कैसे गिनती बताते थे। 130 को = तीस ज्यादा सौ, 19 को = एक कम बीस, 540 को = चालीस ज्यादा पाँच सौ, यही तरीका संस्कृत का है। जैसे –

  1. 101 = उल्टाक्रम = एक अधिक सौ = एक + अधिकशतम् = एकाधिकशतम्।
  2. 140 = उल्टाक्रम = चालीस अधिक सौ = चत्वारिंशत् + अधिकशतम् = चत्वारिंशदधिकशतम्।
  3. 165 = उल्टाक्रम = पाँच साठ अधिक सौ = पंच षष्टि + अधिक शतम् = पंचषष्ट्यिधिकशतम्।
  4. 300 = तीन सौ = त्रिशतम्।
  5. 1965 = उल्टाक्रम = पाँच साठ अधिक एक कम बीस सौ = पंचषष्टि + अधिक + एकोनविंशतिशतम् = पंचषष्ट्य धिकैकोनविंशतिशतम्
  6. 2000 = दो हजार = द्विसहस्रम्

उपर्युक्त नियम के अनुसार 100 (शतम्) से ऊपर के संख्यावाचक शब्द –

101. एकाधिकशतम्
102. यधिकशतम्
103. व्यधिकशतम्
104. चतुरधिकशतम्
105. पञ्चाधिकशतम्
106. षडधिकशतम्
107. सप्ताधिकशतम्
108. अष्टाधिकशतम्
109. नवाधिकशतम्
110. दशाधिकशतम्
111. एकादशाधिकशतम्
112. द्वादशाधिकशतम्
113. त्रयोदशाधिकशतम्
114. चतुर्दशाधिकशतम्
115. पञ्चदशाधिकशतम्
116. षोडशाधिकशतम्
117. सप्तदशाधिकशतम्
118. अष्टादशाधिकशतम्
119. नवदशाधिकशतम्
120. विंशत्यधिकशतम्
121. एकविंशत्यधिकशतम्
122. द्वारिंशत्यधिकशतम्
123. त्र्योविंशत्यधिकशतम्
124. चतुर्विंशत्यधिकशतम्
125. पञ्चविंशत्यधिकशतम्
126. षड्विंशत्यधिकशतम्
127. सप्तविंशत्यधिकशतम्
128. अष्टाविंशत्यधिक शतम्
129. नवविंशत्यधिकशतम्
130. त्रिंशदधिकशतम्
131. एकत्रिंशदधिकशतम्
132. द्वात्रिंशदधिकशतम्
133. त्रयस्त्रिंशदधिकशतम्
134. चतुस्त्रिंशदधिकशतम्
135. पञ्चत्रिंशदधिकशतम्
136. षट्त्रिंशदधिकशतम्
137. सप्तत्रिंशदधिकशतम्
138. अष्टत्रिंशदधिकशतम्
139. नवत्रिंशदधिकशतम्
140. चत्वारिंशदधिकशतम्
141. एकचत्वारिंशदधिकशतम्
142. द्विचत्वारिंशदधिकशतम्
143. त्रिचत्वारिंशदधिकशतम्
144. चतुश्चत्वारिंशदधिकशतम्
145 पञ्चचत्वारिंशदधिकशतम्
146. षट्चत्वारिंशदधिकशतम्
147. नत्वारिंशदधिकशतम्
148. अष्टचत्वारिंशदधिकशतम्
149. नवचत्वारिंशदधिकशतम्
150. पञ्चाशदधिकशतम्
151. एकपञ्चाशदधिकशतम्
152. द्विपञ्चाशदधिकशतम्
153. त्रिपञ्चाशदधिकशतम्
154. चतुःपञ्चाशदधिकशतम्
155. पञ्चपञ्चाशदधिकशतम्
156. षट्पञ्चाशदधिकशतम्
157. सप्तपञ्चाशदधिकशतम्
158. अष्टपञ्चाशदधिकशतम्
159. नवपञ्चाशदधिकशतम्
160. षष्ट्यधिकशतम्
161. एकषष्ट्यधिकशतम्
162. द्विषष्ट्यधिकशतम्
163. त्रिषष्ट्यधिकशतम्
164. चतुःषष्ट्यधिकशतम्
165. पञ्चषष्ट्यधिकशतम्
166. षट्षष्ट्यधिकशतम्
167. सप्तषधिकशतम्
168. अष्टप-धिकशतम्
169. नवषष्ट्यधिकशतम्
170. सप्तत्यधिकशतम्
171. एकसप्तत्यधिकशतम्
172. द्विसप्तन्यधिकशतम्
173. त्रिसप्तत्यधिकशतम्
174. चतुःसप्तलाधिकशतम्
175. पञ्चसप्तत्यधिकशतम्
176. षष्टसप्तत्यधिकशतम्
177. सप्तसप्तत्यधिकशतम्
178. अष्टसप्तत्यधिकशतम्
179. नवसप्तत्यधिकशतम्
180. अशीत्यधिकशतम्
181. एकाशीत्यधिकशतम्
182. द्वयशीत्यधिकशतम्
183. त्र्यशीत्यधिक शतम्
184. चतुरशीत्यधिकशतम्
185. पञ्चाशीत्यधिकशतम्
186. षडशीत्यधिकशतम्
187. सप्ताशीत्यधिकशतम्
188. अष्टाशीत्यधिकशतम्
189. नवाशीत्यधिकशतम्
190. नवत्यधिकशतम्
191. एकनवत्यधिकशतम्
192. द्विनवत्यधिकशत्
193. त्रिनवत्यधिकशतम्
194. चतुर्नवत्यधिकशतम्
195. पञ्चनवत्यधिकशतम्
196. षण्णवत्यधिकशतम्
197. सप्तनवत्यधिकशतम्
198. अष्टनवत्यधिकशतम्
199. नवनवत्यधिकशतम्।
200. द्विशती द्विशतम्/द्विशतकम् शतद्वयम्। इसी प्रकार
201. (एकाधिकद्विशती) आदि संख्याएँ लिखी जायेंगी।

उपर्युक्त नियम के अनुसार के ऊपर संख्यावाचक शब्द –

201. एकाधिकद्विशतम्।
301. एकाधिकत्रिशतम्।
401. एकाधिकचतुःशतम्/एकोत्तरचतु:शतम्/एकाधिकं चतु:शतम्/एकोत्तरं चतु:शतम्।
500. पञ्चशतम्/शतपञ्चकम्/पञ्चशतकम्।
501 एकाधिकपञ्चशतम्/एकोत्तरपञ्चशतम्/एकाधिकं पञ्चशतम्/एकोत्तरं पञ्चशतम्।
502. द्वयधिकपञ्चशतम्/द्वयुत्तरपञ्चशतम्/द्वयधिकं पञ्चशतम्/द्वयुत्तरं पञ्चशतम्।
503 त्र्यधिकपञ्चशतम्/व्युत्तरपञ्चशतम्/त्र्यधिकं पञ्चशतम्/युत्तरं पञ्चशतम्।
504 चतुरधिकपञ्चशतम्/चतुरुत्तरपञ्चशतम्/चतुरधिकं पञ्चशतम्/चतुरुत्तरं पञ्चशतम्।
505 पञ्चाधिकपञ्चशतम्/पञ्चोत्तरपञ्चशतम्/पञ्चाधिकं पञ्चशतम्/पञ्चोत्तरं पञ्चशतम्।
506 षडधिकपञ्चशतम्/षडुत्तरपञ्चशतम्/षडधिकं पञ्चशतम्/षडुत्तरं पञ्चशतम्।
507 सप्ताधिकपञ्चशतम्/सप्तोत्तरपञ्चशतम्/सप्ताधिकं पञ्चशतम्/सप्तोत्तरं पञ्चशतम्।
508 अष्टाधिकपञ्चशतम्/अष्टोत्तरपञ्चशतम्/अष्टाधिकं पञ्चशतम्/अष्टोत्तरं पञ्चशतम्।
509 नवाधिकपञ्चशतम्/नवोत्तरपञ्चशतम्/नवाधिकं पञ्चशतम्/नवोत्तरं पञ्चशतम्।
510 दशाधिकपञ्चशतम्/दशोत्तरपञ्चशतम्/दशाधिकं पञ्चशतम्/दशोत्तरं पञ्चशतम्।
517 सप्तदशाधिकपञ्चशतम्/सप्तदशोत्तरपञ्चशतम्।
सप्तदशाधिकं पञ्चशतम्/सप्तदशोत्तरं पञ्चशतम्।
600 षट्शतम्/शतषट्कम्/षट्शतकम्।
625 पञ्चविंशत्यधिकषट्शतम्/पञ्चविंशत्यधिक षट्शतम्/
पञ्चविंशत्युत्तरषट्शतम्/पञ्चविंशत्युत्तरं षट्शतम्।
637 सप्तत्रिंशदधिकषट्शतम्, सप्तत्रिंशदधिकं षट्शतम्/
सप्तत्रिंशदुत्तरषट्शतम्, सप्तत्रिंशदधिक षट्शतम्।
646 षट्चत्वारिंशदधिकषट्शतम् षट्चत्वारिशदधिकं षट्शतम्/
षट्चत्वारिंशदुत्तरषट्शतम्/षट्चत्वारिंशदुत्तरं षट्शतम्।
655 पञ्चपञ्चाशदधिकषट्शत ‘चपञ्चाशदुत्तरं षट्शतम्/
पञ्चपञ्चाशदुत्तरषट्शतम्/पञ्चपञ्चाशदुत्तरं षट्शतम्।
666 षट्षष्ट्यधिकषट्शतम्/षट्पष्ट्यधिकं षट्शतम्/
षषष्ट्युत्तरषट्शतम् षट्पट्युत्तरं षट्शतम्।
673 त्रिसप्तत्यधिकषट्शतम्/त्रिसप्तत्यधिक षट्शतम्/
त्रिसप्तत्युत्तरषट्शतम्/त्रिसप्तत्युत्तरं षट्शतम्।
684 चतुरशीत्यधिकषट्शतम्/चतुरशीत्यधिकं षट्शतम्/
चतुरशीत्युत्तरषट्शतम्/चतुरशीत्युत्तरं घट्शतम्।।
695 पञ्चनवत्यधिकषट्शतम्/पञ्चनवत्यधिक षट्शतम्/
पञ्चनवत्युत्तरषट्शतम्/पञ्चनवत्युत्तरं षट्शतम्।
700 सप्तशतम्/शतसप्तकम्/सप्तशतकम्।
704 चतुरधिकसप्तशतम्/चतुरुत्तरसप्तशतम्/चतुरधिकं सप्तशतम्/चतुरुत्तरं सप्तशतम्।
795 पञ्चनवत्यधिकसप्तशतम्/पञ्चनवत्युत्तरसप्तशतम्/
पञ्चनवत्यधिकं सप्तशतम्/पञ्चनवत्युत्तरं सप्तशतम्।
800 अष्टशतम्/शताष्टकम्/अष्टशतकम्।
805 पञ्चाधिकाष्टशतम्/पञ्चोत्तराष्टशतम्/पञ्चाधिकमष्टशतम्/पञ्चोत्तरमष्टशतम्।
900 नवशतम्/शतनवकम्/नवशतकम्।
1000 सहस्रम् (एक हज़ार)।
1324 चतुविंशत्यधिकत्रयोदशशतम्/चतुविंशत्यधिकत्रिशताधिकसहस्रम् (तेरह सौ चौबीस/एक हजार तीन सौ चौबीस)।
1325 पञ्चविंशत्यधिकत्रयोदशशतम्/पञ्चविंशत्यधिकत्रिशताधिकसहस्रम्
(तेरह सौ पच्चीस/एक हजार तीन सौ पच्चीस)।
1928 अष्टाविंशत्यधिकैकोनविंशतिशतम्/अष्टाविंशत्यधिकनवशताधिकसहस्रम्
(उन्नीस सौ अट्ठाइस/एक हजार नौ सौ अट्ठाईस)।
1939 एकोनचत्वारिंशदधिकैकोनविंशतिशतम्/एकोनचत्वारिंशदधिकनवशताधिकसहस्रम्
(उन्नीस सौ उन्तालीस/एक हजार नौ सौ उन्तालीस)।
10,000 अयुतम् (दस हजार)।
59637 सप्तत्रिंशदधिकषट्शताधिकनवसहस्राधिकपञ्चायुतम् (उनसठ हजार, छ: सौ सैंतीस)।

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अभ्यास

1. कोष्ठकात् उचितविभक्तियुक्तं पदं चित्वा वाक्यपूर्तिः क्रियताम्।
(कोष्ठक से उचित विभक्ति युक्त पद (शब्द) को चुनकर वाक्य की पूर्ति कीजिए-)

  1. अहं प्रतिदिनं प्रात:काले ………………. वादने उतिष्ठामि। (पञ्चभिः, पञ्च, पञ्चसु)।
  2. तस्याः ……………… दुहिता आसीत्। (एकः, एका, एकम्)
  3. काकः कक्षाभ्यन्तरात् …………. मञ्जूषाः निस्सार्य तां प्रत्यवदत्। (तिस्त्रः, त्रयः, त्रीणि)
  4. …………………. वेदाः सन्ति। (चतुरः, चत्वारि, चत्वारः)
  5. यथेच्छं गृहाण मञ्जूषाम् ………….. । (एका, एकः, एकाम्)
  6. …………….. वर्षदेशीया बालिका सोमप्रभा। (पञ्च, पञ्चमम्, पञ्चानाम्)
  7. ‘जटायोः शौर्यम्’ नामकस्य पाठस्य क्रमः ………………. वर्तते। (दश, दशर्मा, दशमः)
  8. पृथिवी, जलं, तेजो, वायुः, आकाशश्च …………… तत्त्वानि। (पञ्च, पञ्चभिः, पञ्चसु)
  9. ……………. ग्रहाः सन्ति। (नव, नवानाम्, नवमी)
  10. ……………. पस्तकानि (चत्वारः, चतस्रः, चत्वारि)
  11. ईश्वरः ……………… लोकेषु विद्यमानमस्ति। (त्रिषु, त्रिभ्यः, त्रीन्)
  12. रामः लक्ष्मणश्च ………………. भ्रातरौ आस्ताम् । (द्वौ, द्वयोः, द्वाभ्याम्)
  13. ………….. पदातयः। (षट्सु, षड्भिः, षट)
  14. योगस्य ………………. अंगानि सन्ति। (अष्ट, अप्टाभिः, अष्टानाम्)
  15. ………… पुराणेषु व्यासस्य वचनद्वयम् । (अष्टादश, अष्टादशानाम्, अष्टदशाभिः)

उत्तरम् :

  1. पञ्च
  2. एका
  3. त्रिम्रः
  4. चत्वारः
  5. एकाम्
  6. पञ्च
  7. दशमः
  8. पञ्च
  9. नव
  10. चत्वारि
  11. त्रिषु
  12. द्वौ
  13. षट्
  14. अष्ट
  15. अष्टादश।

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