Jharkhand Board JAC Class 12 Political Science Important Questions Chapter 4 सत्ता के वैकल्पिक केंद्र Important Questions and Answers.
JAC Board Class 12 Political Science Important Questions Chapter 4 सत्ता के वैकल्पिक केंद्र
बहुचयनात्मक प्रश्न
1. मास्ट्रिस्ट संधि पर हस्ताक्षर कब हुए थे?
(अ) फरवरी, 1993
(स) जून, 1992
(ब) फरवरी, 1992
(द) जुलाई, 1992
उत्तर:
(ब) फरवरी, 1992
2. मास्ट्रिस्ट संधि किस संगठन का आधार है
(अ) गैट
(ब) विश्व – व्यापार संगठन
(स) नाफ्टा
(द) यूरोपीय संघ
उत्तर:
(द) यूरोपीय संघ
3. यूरोपीय संघ के झंडे में सितारों की संख्या है
(अ) 15
(ब) 13
(स) 12
(द) 14
उत्तर:
(स) 12
4. देंग श्याओपंग ने ‘ओपेन डोर’ की नीति चलाई-
(अं) दिसंबर, 1978
(स) फरवरी 1947
(ब) जुलाई, 1949
(द) जून, 1947
उत्तर:
(अं) दिसंबर, 1978
5. यूरोपीय आर्थिक सहयोग संगठन की स्थापना कब
(अं) 1949
(ब) 1950
(स) 1966
(द) 1951
उत्तर:
(स) 1966
6. यूरोपीय संसद के लिए पहला प्रत्यक्ष चुनाव हुआ
(अ) जून, 1979
(ब.) मई, 2004
(स) अप्रैल, 1951
(द) जनवरी, 1973
उत्तर:
(अ) जून, 1979
7. आसियान की स्थापना किस वर्ष में हुई थी?
(अ) 1967
(ब) 1977
(स) 1966
(द) 1958
उत्तर:
(अ) 1967
8. चीन की साम्यवादी क्रांति कब हुई?
(अ) दिसम्बर, 1948
(ब) जनवरी, 1949
(स) अक्टूबर, 1949
(द) फरवरी, 1950
उत्तर:
(स) अक्टूबर, 1949
9. आसियान के झंडे का वृत्त किसका प्रतीक है?
(अ) प्रगति का
(ब) मित्रता का
(स) एकता का
(द) समृद्धि का
उत्तर:
(स) एकता का
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:
1. ……………………………. में यूरोपीय संघ ने एक साझा संविधान बनाने की कोशिश की थी।
उत्तर:
2003
2. आसियान के प्रतीक चिन्ह में धान की ………………………… बालियाँ दक्षिण-पूर्व एशिया के दस देशों को इंगित करती है।
उत्तर:
दस
3. …………………………. का उद्देश्य मुख्य रूप से आर्थिक विकास को तेज करना था।
उत्तर:
आसियान
4. …………….. में आसियान क्षेत्रीय मंच ( ARF) की स्थापना की गई।
उत्तर:
1994
5. भारत ने 1991 से ………………….. और 2014 से ………………… नीति अपनायी।
उत्तर:
लुक ईस्ट, एक्ट ईस्ट
6. चीन ने …………………… में खेती का निजीकरण किया और ………………………… में उद्योगों का निजीकरण किया।
उत्तर:
1982, 1998
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
जर्मनी का एकीकरण कब हुआ?
उत्तर:
अक्टूबर, 1990 में जर्मनी का एकीकरण हुआ।
प्रश्न 2.
यूरोपीय संघ के गठन के लिए मास्ट्रिस्ट संधि पर हस्ताक्षर कब हुए?
उत्तर:
फरवरी, 1992 में यूरोपीय संघ के गठन के लिए मास्ट्रिस्ट संधि पर हस्ताक्षर हुए।
प्रश्न 3.
ASEAN (आसियान) का क्या अर्थ है?
उत्तर:
एसोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट एसियन नेशन्स।
प्रश्न 4.
यूरोपीय संघ के झण्डे में 12 सितारे क्यों हैं?
उत्तर:
यूरोपीय संघ के झण्डे में 12 सितारे हैं क्योंकि बारह की संख्या को वहाँ पारम्परिक रूप से पूर्णता, समग्रता और एकता का प्रतीक माना जाता है।
प्रश्न 5.
आसियान शैली किसे कहा जाता है?
उत्तर:
आसियान देशों की अनौपचारिक, टकरावरहित और सहयोगात्मक मेल-मिलाप की नीति को आसियान शैली कहा जाता है।
प्रश्न 6.
चीन में साम्यवादी क्रांति किस वर्ष और किसके नेतृत्व में हुई?
उत्तर:
चीन में सन् 1949 में माओ के नेतृत्व में साम्यवादी क्रांति हुई।
प्रश्न 7.
चीन में ‘ओपेन डोर’ की नीति किसने और कब चलायी?
उत्तर:
चीन में ‘ओपेन डोर’ की नीति देंग श्याओपेंग ने 1978 के दिसम्बर में चलायी।
प्रश्न 8.
चीन ने खेती के निजीकरण को कब अपनाया?
उत्तर:
चीन में सन् 1982 में खेती के निजीकरण को अपनायां।
प्रश्न 9.
भारत और चीन के बीच किस वर्ष युद्ध लड़ा गया?
उत्तर:
सन् 1962 में भारत और चीन के बीच युद्ध लड़ा गया।
प्रश्न 10.
यूरोपीयन इकॉनामिक कम्युनिटी का गठन कैसे ‘हुआ?
उत्तर:
यूरोप के पूँजीवादी देशों की अर्थव्यवस्था के आपसी एकीकरण की प्रक्रिया चरणबद्ध ढंग से आगे बढ़ी और इसके परिणामस्वरूप 1957 में यूरोपीयन इकॉनामिक कम्युनिटी का गठन हुआ।
प्रश्न 11.
परमाणु बम की विभीषिका झेलने वाला देश कौनसा है?
उत्तर:
परमाणु बम की विभीषिका झेलने वाला एकमात्र देश जापान है।
प्रश्न 12.
यूरोपीय संघ के झंडे में कितने सितारे हैं?
उत्तर:
यूरोपीय संघ के झण्डे में 12 सितारे हैं।
प्रश्न 13.
जापान के किन शहरों पर परमाणु बम गिराए गए थे?
उत्तर:
हिरोशिमा और, नागासाकी शहरों में।
प्रश्न 14.
यूरोपीय संघ के कौनसे दो देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के स्थायी सदस्य हैं?
उत्तर:
ब्रिटेन और फ्रांस।
प्रश्न 15.
यूरोपीय संघ की स्थापना कब हुई? यूरोपीय संघ द्वारा प्रेरित किन्हीं दो प्रकार के प्रभावों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
यूरोपीय संघ की स्थापना 1992 में हुई थी। यूरोपीय संघ द्वारा प्रेरित दो प्रभाव हैं। आर्थिक, राजनीतिक।
प्रश्न 16.
यूरोपीय आर्थिक समुदाय का प्रमुख उद्देश्य क्या था?
उत्तर:
यूरोपीय देशों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करना।
प्रश्न 17.
आसियान की स्थापना का प्रमुख उद्देश्य क्या था?
उत्तर:
आसियान के देशों का आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास करना।
प्रश्न 18.
भारत के उस पड़ोसी देश का नाम लिखिये जो आसियान का सदस्य है।
उत्तर:
म्यांमार
प्रश्न 19.
वर्तमान में आसियान के सदस्य देशों की संख्या कितनी है?
उत्तर:
दस।
प्रश्न 20.
आसियान किस प्रकार का संगठन है?
उत्तर:
आसियान एक असैनिक आर्थिक संगठन है।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
यूरोपीय संघ के झण्डे में बना हुआ सोने के रंग के सितारों का घेरा किस बात का प्रतीक है?
अथवा
यूरोपीय संघ के झंडे में 12 सितारों का क्या महत्त्व है?
उत्तर:
यूरोपीय संघ के झंडे में सोने के रंग के 12 सितारों का घेरा यूरोप के लोगों की एकता और मेलमिलाप का प्रतीक है; क्योंकि 12 की संख्या को वहाँ पूर्णता, समग्रता और एकता का प्रतीक माना जाता है।
प्रश्न 2.
मार्शल योजना क्या है?
उत्तर:
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अमरीका ने यूरोप की अर्थव्यवस्था के पुनर्गठन के लिए जबरदस्त सहायता की। इसे मार्शल योजना के नाम से जाना जाता है। यह योजना अमेरिकी विदेश मंत्री मार्शल के नाम से प्रसिद्ध हुई।
प्रश्न 3.
यूरोपीय कोयला और इस्पात समुदाय का गठन कब और कैसे हुआ?
उत्तर:
अप्रेल, 1951 में पश्चिमी यूरोप के छः देशों – फ्रांस, पश्चिम जर्मनी, इटली, बेल्जियम, नीदरलैंड और लक्जमबर्ग ने पेरिस संधि पर हस्ताक्षर कर यूरोपीय कोयला और इस्पात समुदाय का गठन किया।
प्रश्न 4.
रोम संधि ( 1957 ) के द्वारा यूरोप की किन संस्थाओं का गठन हुआ?
उत्तर:
मार्च, 1957 में यूरोप के छः देशों ने रोम संधि के माध्यम से
- यूरोपीय आर्थिक समुदाय और
- यूरोपीय एटमी ऊर्जा समुदाय का गठन किया।
प्रश्न 5.
यूरोपीय संघ से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
यूरोपीय संघ की स्थापना 1992 में हुई। यूरोपीय संघ यूरोप के देशों का एक महत्त्वपूर्ण क्षेत्रीय संगठन है। इसका आर्थिक, सैनिक, राजनैतिक व कूटनीतिक रूप में विश्व राजनीति में महत्त्वपूर्ण स्थान है।
प्रश्न 6.
यूरोपीय संघ के निर्माण के कोई दो कारण बताएँ।
उत्तर:
- यूरोपीय संघ का निर्माण यूरोप के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए किया गया।
- इसका निर्माण अमेरिका की आर्थिक शक्ति के मुकाबले के लिए किया गया।
प्रश्न 7.
यूरोपीय संघ के विस्तार के कोई दो चरण लिखें।
उत्तर:
- 1948 में यूरोपीय राज्यों ने आर्थिक पुनर्निर्माण हेतु यूरोपीय आर्थिक समुदाय का निर्माण किया।
- 18 अप्रेल, 1951 को यूरोपीय राज्यों ने यूरोपीय कोयला एवं इस्पात समुदाय की स्थापना की।
प्रश्न 8.
यूरोपीय कोयला एवं इस्पात समुदाय का प्रमुख कार्य क्या था?
उत्तर:
इसका मुख्य कार्य सदस्य राष्ट्रों के कोयले एवं इस्पात के उत्पादन व वितरण पर नियंत्रण रखना तथा सदस्य राज्यों के कोयले व इस्पात के साधनों की एक सामान्य मण्डी बनाकर उनके उपयोग की व्यवस्था करना था।
प्रश्न 9.
आसियान की स्थापना कब और किसने की?
उत्तर:
1967 में दक्षिण-पूर्व एशियायी क्षेत्र के 5 देशों इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलिपींस, सिंगापुर और थाइलैंड ने बैंकाक घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करके ‘आसियान’ की स्थापना की।
प्रश्न 10.
आसियान आर्थिक समुदाय का उद्देश्य स्पष्ट कीजिये।
उत्तर:
आसियान आर्थिक समुदाय का उद्देश्य है। सदस्य देशों के सामाजिक, आर्थिक विकास में सहायता करना तथा उन्हें साझा बाजार देना।
प्रश्न 11.
आसियान के मुख्य स्तंभों के नाम लिखिये।
उत्तर:
2003 में आसियान ने तीन मुख्य स्तंभ बताये हैं।
- आसियान सुरक्षा समुदाय
- आसियान आर्थिक समुदाय और
- आसियान सामाजिक- सांस्कृतिक समुदाय।
प्रश्न 12.
आसियान सुरक्षा समुदाय का उद्देश्य क्या है?
उत्तर:
आसियान सुरक्षा समुदाय का मुख्य उद्देश्य है। क्षेत्रीय विवादों को सैनिक टकराव तक न ले जाकर उन्हें बातचीत के द्वारा सुलझाने का प्रयास करना।
प्रश्न 13.
आसियान के दस देशों के नाम लिखिये।
उत्तर:
आसियान के दस देश ये हैं।
- मलेशिया,
- सिंगापुर,
- इण्डोनेशिया,
- थाइलैंड,
- फिलीपींस,
- लाओस,
- कम्बोडिया,
- म्यांमार,
- वियतनाम और
- ब्रुनेई।
प्रश्न 14.
चीन में विदेशी व्यापार वृद्धि के कोई दो कारण बताएँ।
उत्तर:
- चीन ने विदेशी व्यापार वृद्धि के लिए 1978 में ‘खुले द्वार’ की नीति की घोषणा की।
- विदेशी निवेश एवं व्यापार को आकर्षित करने के लिए उसने विशेष आर्थिक क्षेत्रों का निर्माण किया।
प्रश्न 15.
चीन की नई आर्थिक नीति की कोई दो असफलताएँ लिखिए।
उत्तर:
- नई आर्थिक नीति के सुधारों का लाभ चीन में सभी क्षेत्रों को नहीं मिल पाया है।
- नई आर्थिक नीति से चीन में बेरोजगारी की समस्या पैदा हुई है।
प्रश्न 16.
आसियान के झण्डे की व्याख्या करें।
उत्तर:
आसियान के प्रतीक चिन्ह में धान की दस बालियाँ दक्षिण-पूर्व एशिया के दस देशों को इंगित करती हैं जो आपस में मित्रता और एकता के धागे से बंधे हैं। वृत्त आसियान की एकता का प्रतीक है
प्रश्न 17.
1978 से पहले एवं बाद में चीन की आर्थिक नीतियों में कोई दो अन्तर बताएँ।
उत्तर:
- चीन ने आर्थिक क्षेत्र में 1978 से पहले एकान्तवास की नीति अपनायी थी, जबकि 1978 के पश्चात् खुले द्वार की नीति अपनायी।
- 1978 से पहले कृषि राज्य नियंत्रित थी जबकि 1978 के बाद कृषि का निजीकरण कर दिया गया।
प्रश्न 18.
समेकित कीजिए।
(i) आसियान की स्थापना 1948
(ii) यूरोपीय आर्थिक सहयोग संगठन की स्थापना 1992
(iii) यूरोपीय परिषद की स्थापना 1967
(iv) यूरोपीय संघ की स्थापना 1949
उत्तर:
(i) 1967
(ii) 1948
(iii) 1949
(iv) 1992
प्रश्न 19.
किस कारण से आज भारत और चीन के बीच संबंधों को ज्यादा मजबूत बनाने में मदद मिली है?
उत्तर:
परिवहन और संचार मार्गों की बढ़ोतरी, समान आर्थिक हित तथा एक जैसे वैश्विक सरोकारों के कारण भारत और चीन के बीच सम्बन्धों को ज्यादा सकारात्मक तथा मजबूत बनाने में मदद मिली है।
प्रश्न 20.
दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों को आसियान संगठन बनाने की पहल क्यों करनी पड़ी?
उत्तर:
द्वितीय विश्व युद्ध से पहले और उसके दौरान एशिया का कुछ हिस्सा बार-बार यूरोपीय और जापानी उपनिवेशवाद का शिकार हुआ तथा भारी राजनैतिक और आर्थिक कीमत चुकाई युद्ध समाप्त होने पर इसे राष्ट्र-निर्माण, आर्थिक पिछड़ेपन और गरीबी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा। इसे शीतयुद्ध के दौर में किसी एक महाशक्ति के साथ जाने के दबाव को भी झेलना पड़ा। टकरावों और भागमभाग की ऐसी स्थिति को दक्षिण-पूर्व एशिया संभालने की स्थिति में नहीं था।
बांडुंग सम्मेलन और गुटनिरपेक्ष आंदोलन वगैरह के माध्यम से एशिया और तीसरी दुनिया के देशों में एकता कायम करने के प्रयास अनौपचारिक स्तर पर सहयोग और मेलजोल कराने के मामले में कारगर नहीं हो रहे थे। इसी के चलते दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों ने दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों ने दक्षिण-पूर्व एशियाई संगठन (आसियान) बनाकर एक वैकल्पिक पहल की।
प्रश्न 21.
आसियान क्षेत्रीय मंच की स्थापना क्यों की गई?
उत्तर:
आसियान के सदस्य देशों ने 2003 तक कई समझौते किए जिनके द्वारा हर सदस्य देश ने शांति, निष्पक्षता, सहयोग, अहस्तक्षेप को बढ़ावा देने और राष्ट्रों के आपसी अंतर तथा संप्रभुता के अधिकारों का सम्मान करने पर अपनी वचनबद्धता जाहिर की। आसियान के देशों की सुरक्षा और विदेश नीतियों में तालमेल बनाने के लिए 1994 में आसियान क्षेत्रीय मंच (ARF) की स्थापना की गई।
प्रश्न 22.
भारत व चीन के मध्य अच्छे संबंध बनाने हेतु दो सुझाव दीजिये।
उत्तर:
भारत व चीन के मध्य अच्छे संबंध बनाने हेतु निम्न सुझाव दिये जा सकते हैं।
- दोनों देशों की सरकारें, पारस्परिक बातचीत के द्वारा विवादों का हल निकालने का प्रयत्न करें।
- दोनों देश अन्तर्राष्ट्रीय मंचों पर समान दृष्टिकोण अपनाकर सहयोग को बढ़ावा दें।
प्रश्न 23.
यूरोपीय आर्थिक सहयोग संगठन की स्थापना कब व किन उद्देश्यों को लेकर की गई? व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
यूरोप के देशों में मेल-मिलाप तथा यूरोप की अर्थव्यवस्था के पुनर्गठन के उद्देश्यों को लेकर मार्शल योजना के तहत सन् 1948 में यूरोपीय आर्थिक सहयोग संगठन की स्थापना की गई। इसके माध्यम से पश्चिमी यूरोप के देशों को आर्थिक मदद दी गई।
प्रश्न 24.
यूरोपीय संघ की चार प्रमुख विशेषताएँ बताइये।
उत्तर:
यूरोपीय संघ की प्रमुख विशेषताएँ ये हैं।
- यूरोपीय संघ की साझी मुद्रा यूरो, स्थापना दिवस, गान तथा झण्डा है।
- यूरोपीय संघ आर्थिक-राजनैतिक मामलों में हस्तक्षेप करने में सक्षम है।
- इसके दो सदस्य ब्रिटेन और फ्रांस- सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य हैं।
- इसका आर्थिक, राजनैतिक, सैनिक तथा कूटनीतिक वैश्विक प्रभाव बहुत अधिक है।
प्रश्न 25.
यूरोपीय संघ के राजनैतिक स्वरूप पर एक टिप्पणी लिखिये।
उत्तर:
यूरोपीय संघ का राजनैतिक स्वरूप – एक लम्बे समय में बना यूरोपीय संघ आर्थिक सहयोग वाली व्यवस्था से बदलकर ज्यादा से ज्यादा राजनैतिक रूप लेता गया है। यथा।
- अब यूरोपीय संघ स्वयं काफी हद तक एक विशाल राष्ट्र-राज्य की तरह ही काम करने लगा है।
- यद्यपि यूरोपीय संघ की एक संविधान बनाने की कोशिश तो असफल हो गई लेकिन इसका अपना झंडा, गानं, स्थापना – दिवस और अपनी मुद्रायूरो है।
- अन्य देशों से सम्बन्धों के मामले में इसने काफी हद तक साझी विदेश और सुरक्षा नीति भी बना ली है।
- नये सदस्यों को शामिल करते हुए यूरोपीय संघ ने सहयोग के दायरे में विस्तार की कोशिश की। नये सदस्य मुख्यतः भूतपूर्व सोवियत खेमे के थे।
- सैनिक ताकत के हिसाब से यूरोपीय संघ के पास दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सेना है।
प्रश्न 26.
यूरोपीय संघ के देशों में पाये जाने वाले मतभेदों को बताइये।
उत्तर:
यूरोपीय संघ के देशों के मध्य पाये जाने वाले प्रमुख मतभेद ये हैं।
- यूरोपीय देशों की विदेश एवं रक्षा नीति में परस्पर मतभेद विद्यमान हैं।
- इराक के सम्बन्ध में यूरोपीय देशों में मतभेद हैं।
- यूरोप के कुछ देशों में यूरो मुद्रा को लागू करने के सम्बन्ध में मतभेद हैं।
प्रश्न 27.
1962 के युद्ध का भारत-चीन सम्बन्धों पर क्या असर हुआ?
उत्तर:
1962 के युद्ध में भारत को सैनिक पराजय झेलनी पड़ी और भारत-चीन सम्बन्धों पर इसका दीर्घकालिक असर हुआ। 1976 तक दोनों देशों के बीच कूटनैतिक संबंध समाप्त हो गए।
प्रश्न 28.
आसियान की स्थापना कब हुई? इसके सदस्य देशों का उल्लेख कीजिये।
उत्तर:
आसियान की स्थापना: 1967 में दक्षिण – पूर्व एशिया के पांच देशों ने बैंकाक घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करके ‘आसियान’ की स्थापना की। ये देश थे – इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलिपींस, सिंगापुर और थाइलैंड ब्रूनई दारुसलेम इस समूह में 1984 में शामिल हो गया। उसके बाद 28 जुलाई, 1995 को वितयनाम, 23 जुलाई, 1997 को लाओस और म्यांमार तथा 30 अप्रेल, 1999 को कम्बोडिया इसमें शामिल हो गये। इस प्रकार वर्तमान में आसियान के 10 सदस्य हैं। ये है। इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलिपींस, सिंगापुर, थाइलैंड, ब्रूनई दारुसलेम, वियतनाम, लाओस, म्यांमार और कम्बोडिया।
प्रश्न 29.
आसियान के उद्देश्यों का उल्लेख कीजिये।
उत्तर:
आसियान के प्रमुख उद्देश्य ये हैं।
- दक्षिण एशिया क्षेत्र में आर्थिक विकास को तेज करना।
- सदस्य राष्ट्रों में राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, व्यापारिक, वैज्ञानिक तथा तकनीकी क्षेत्रों में परस्पर सहायता करना।
- सामूहिक सहयोग तथा बातचीत से साझी समस्याओं का हल ढूँढ़ना।
- इस क्षेत्र में साझा बाजार तैयार करना।
- क्षेत्रीय शांति और स्थायित्व को बढ़ावा देना।
प्रश्न 30.
आसियान के मौलिक सिद्धान्तों का उल्लेख कीजिये।
उत्तर:
आसियान के मौलिक सिद्धान्त – सन् 1976 में बाली शिखर सम्मेलन में एक संधि के द्वारा आसियान ने निम्नलिखित सिद्धान्तों को अंगीकृत किया है। सम्मान।
- सभी राष्ट्रों की स्वतंत्रता, सार्वभौमिकता, समानता, राजक्षेत्रीय संपूर्णता और राष्ट्रीय पहचान के प्रति पारस्परिक
- बाह्य हस्तक्षेप, अवपीड़न से मुक्ति तथा अपने राष्ट्रीय अस्तित्व के संचालन का प्रत्येक राष्ट्र का अधिकार।
- एक-दूसरे के आंतरिक मामलों में अहस्तक्षेप।
- शांतिपूर्ण तरीकों से मतभेदों या झगड़ों का समाधान।
- धमकी या बल प्रयोग का परित्याग।
- आपस में कारगर सहयोग।
प्रश्न 31.
मास्ट्रिस्ट संधि पर एक टिप्पणी लिखिये।
उत्तर:
मास्ट्रिस्टं संधि-यूरोपीय आर्थिक समुदाय के सभी 12 सदस्यों को बैठक नीदरलैंड के नगर मास्ट्रिस्ट में 9 व 10 दिसम्बर को हुई थी, 1991 को 12 सदस्यीय यूरोपीय आर्थिक समुदाय ने यूरोपीय मौद्रिक संघ के एक समझौते पर हस्ताक्षर किये, जिसे ‘मास्ट्रिस्ट संधि’ कहा जाता है। फरवरी, 1992 में यूरोपीय संघ के गठन के लिए सभी देशों ने मास्ट्रिस्ट संधि पर हस्ताक्षर किये। मास्ट्रिस्ट संधि यूरोप के एकीकरण के मार्ग में एक मील का पत्थर है। इस संधि ने पूरे यूरोप के लिए एक अर्थव्यवस्था, एक मुद्रा, एक बाजार, एक नागरिकता, एक संसद, एक सरकार, एक सुरक्षा व्यवस्था, एक विदेश नीति का मार्ग प्रशस्त किया।
प्रश्न 32.
यूरोपीय संघ के वर्तमान में कितने राष्ट्र सदस्य हैं? उनके नाम लिखिये।
उत्तर:
1 जुलाई, 2013 को क्रोएशिया द्वारा यूरोपीय संघ की सदस्यता ग्रहण करने के पश्चात् यूरोपीय संघ के सदस्य राष्ट्रों की कुल संख्या 28 हो गई है। ये राष्ट्र हैं।
आयरलैंड, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, पुर्तगाल, स्पेन, लक्जमबर्ग, बेल्जियम, नीदरलैंड, जर्मनी, डेनमार्क, स्वीडन, फिनलैंड, आस्ट्रिया, इटली, माल्टा, एस्टोनिया, लातविया, लिथुआनिया, पोलैण्ड, चेकरिपब्लिक, स्लोवाकिया, स्लोवेनिया, हंगरी, ग्रीस, साइप्रस, बुल्गारिया, रूमानिया, क्रोएशियां।
प्रश्न 33.
द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात् यूरोप के समक्ष आने वाली प्रमुख समस्याओं को लिखिये
उत्तर:
द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात् यूरोप के समक्ष निम्नलिखित प्रमुख समस्यायें आयीं:
- यूरोपीय देशों के समक्ष द्वितीय विश्व युद्ध में तहस-नहस हुई अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण की समस्या थी।
- यूरोपीय देशों के समक्ष यूरोपीय नागरिकों की नष्ट हुई मान्यताओं और मूल्यों को पुनः बहाल करने की समस्या थी।
- इनके समक्ष विश्व स्तर पर अपने राजनैतिक और आर्थिक सम्बन्धों को स्थापित करने की समस्या थी।
- यूरोपीय देशों के बीच पारस्परिक शत्रुता विद्यमान थी। इस शत्रुता को छोड़कर परस्पर सहयोग करने की और बढ़ने की समस्या थी।
प्रश्न 34.
यूरोपीय आर्थिक समुदाय पर एक टिप्पणी लिखिये।
उत्तर:
र-यूरोपीय आर्थिक समुदाय या यूरोपीय साझा बाजार: यूरोपीय आर्थिक समुदाय या यूरोपीय साझा बाजार का जन्म 25 मार्च, 1957 को रोम की संधि के तहत 1 जनवरी, 1958 को हुआ था । इस पर हस्ताक्षर करने वाले छः राष्ट्र थे।
- फ्रांस,
- जर्मनी
- इटली
- बेल्जियम
- नीदरलैंड और
- लक्जमबर्ग।
वर्तमान में इसके सदस्यों की संख्या बढ़कर 28 हो गई है।
उद्देश्य: यूरोपीय साझा बाजार का मुख्य उद्देश्य सदस्य देशों की आर्थिक नीतियों में उत्तरोत्तर सामञ्जस्य स्थापित करके समुदाय के क्रमबद्ध आर्थिक विकास की उन्नति करना, सदस्य देशों में निकटता स्थापित कराना है। यूरोपीय साझा बाजार के साथ ही यूरोपीय एकीकरण की नींव पड़ी और यूरोपीय आर्थिक समुदाय ही 1992 में यूरोपीय संघ में बदल गया है।
प्रश्न 35.
विश्व राजनीति में यूरोपीय संघ की भूमिका पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
- यूरोपीय संघ अब काफी हद तक विशाल राष्ट्र-राज्य की तरह ही काम करने लगा है। इसका अपना झंडा, गान, स्थापना दिवस और अपनी मुद्रा है।
- अन्य देशों से संबंधों के मामले में यूरोपीय संघ ने काफी हद तक साझी विदेश और सुरक्षा नीति बना ली है। अब यह एक सार्थक राजनैतिक इकाई के रूप में विश्व व्यापार संगठन में अपनी भूमिका निभा रहा है।
- आज यूरो मुद्रा अमरीकी डालर को चुनौती दे रही है। यूरोपीय संघ विश्व के सबसे बड़े व्यापार ब्लॉक के रूप में उभरकर इस क्षेत्र में अमेरिका के लिए समस्या पैदा कर रहा है।
- यूरोपीय संघ के कई देश सुरक्षा परिषद् के स्थायी और अस्थायी सदस्यों में शामिल हैं। इसके चलते यह अमरीका समेत सभी देशों की नीतियों को प्रभावित करता है।
प्रश्न 36.
यूरो, अमेरिकी डॉलर के प्रभुत्व के लिए खतरा कैसे बन सकता है?
उत्तर:
निम्न रूप में यूरो अमेरिकी डॉलर के प्रभुत्व के लिए खतरा बन सकता है।
- यूरोपीय संघ के सदस्यों की संयुक्त मुद्रा यूरो का प्रचलन दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही चला जा रहा है और यह डॉलर को चुनौती प्रस्तुत करता नजर आ रहा है क्योंकि विश्व व्यापार में यूरोपीय संघ की भूमिका अमेरिका से तिगुनी है।
- यूरोपीय संघ राजनैतिक, कूटनीतिक तथा सैनिक रूप से भी अधिक प्रभावी है। इसे अमेरिका धमका नहीं सकता।
- यूरोपीय संघ की आर्थिक शक्ति का प्रभाव अपने पड़ौसी देशों के साथ-साथ एशिया और अफ्रीका के राष्ट्रों पर भी है।
- यूरोपीय संघ की विश्व की एक विशाल अर्थव्यवस्था है जो सकल घरेलू उत्पादन में अमेरिका से भी अधिक
प्रश्न 37.
यूरोपीय संघ ने अपना राजनीतिक तथा कूटनीतिक प्रभाव किस प्रकार क्रियान्वित किया है? उत्तर – यूरोपीय संघ ने निम्न रूप में अपना राजनीतिक और कूटनीतिक प्रभाव क्रियान्वित किया है।
- यूरोपीय संघ विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है। विश्व व्यापार में इसकी सहभागिता अमेरिका से तिगुनी है।
- यूरोपीय संघ के दो सदस्य संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य हैं तथा कई देश इसके अस्थायी सदस्य हैं। इसीलिये यह अमरीका सहित सभी देशों की नीतियों को प्रभावित कर रहा है।
- सैन्य शक्ति के दृष्टिकोण से इसके पास विश्व की दूसरी सबसे बड़ी सेना है। इसका कुल रक्षा बजट अमेरिका के पश्चात् सर्वाधिक है। अंतरिक्ष विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में इसका स्थान दूसरा है।
- अन्तर्राष्ट्रीय संगठन के रूप में यह राजनीतिक तथा सामाजिक मामलों में हस्तक्षेप करने में सक्षम है।
प्रश्न 38.
संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ के बीच समानताओं का उल्लेख कीजिये।
उत्तर:
अमेरिका तथा यूरोपीय संघ में समानताएँ-
- अमेरिका और यूरोपीय संघ के देश लोकतांत्रिक शासन प्रणाली को अपनाए हुए हैं।
- दोनों ही वैश्वीकरण, उदारवादी तथा पूँजीवादी अर्थव्यवस्था का समर्थन करते हैं।
- अमेरिका सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य है तो यूरोपीय संघ के दो सदस्य ब्रिटेन और फ्रांस भी सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य हैं।
- अमेरिका और यूरोपीय संघ दोनों ही परमाणु हथियारों से सम्पन्न हैं।
- दोनों की अपनी-अपनी मुद्राएँ हैं। अमेरिका की मुद्रा डालर है तो यूरोपीय संघ की मुद्रा यूरो है।
प्रश्न 39.
दक्षिण-पूर्वी एशियाई राष्ट्रों ने आसियान के निर्माण की पहल क्यों की?
उत्तर:
दक्षिण-पूर्वी एशियाई राष्ट्रों ने निम्नलिखित कारणों से आसियान के निर्माण की पहल की
- दूसरे विश्व युद्ध से पहले और उसके दौरान, दक्षिण-पूर्वी एशियाई राष्ट्र यूरोपीय और जापानी उपनिवेशवाद के शिकार हुए तथा भारी राजनैतिक और आर्थिक कीमत चुकाई।
- युद्ध के बाद इन्हें राष्ट्र निर्माण, आर्थिक पिछड़ेपन और गरीबी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा।
- शीत युद्ध काल में इन्हें किसी एक महाशक्ति के साथ जाने के दबावों को भी झेलना पड़ा था।
- परस्पर टकरावों की स्थिति में ये देश अपने आपको संभालने की स्थिति में नहीं थे।
- गुट निरपेक्ष आंदोलन तीसरी दुनिया के देशों में सहयोग और मेलजोल कराने में सफल नहीं हो रहे थे।
प्रश्न 40.
“विजन 2020 में अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय में आसियान की एक बहिर्मुखी भूमिका को प्रमुखता दी गई है।” कथन के पक्ष में चार तर्क दीजिए।
अथवा
‘आसियान तेजी से बढ़ता हुआ एक महत्त्वपूर्ण क्षेत्रीय संगठन है।” कथन के पक्ष में चार तर्क दीजिए।
अथवा
आसियान की प्रासंगिकता पर एक टिप्पणी लिखिये।
उत्तर:
आसियान की प्रासंगिकता या महत्त्व:
- आसियान तेजी से बढ़ता हुआ एक महत्त्वपूर्ण क्षेत्रीय संगठन है। यह टकराव की जगह बातचीत को बढ़ावा देने की नीति पर बल देता है।
- इसने पूर्व: एशियायी सहयोग पर बातचीत के लिए 1999 से नियमित रूप से वार्षिक बैठक आयोजित की है। बातचीत की नीति के तहत ही इसने कंबोडिया के टकराव को समाप्त किया है और पूर्वी तिमोर के संकट को संभाला है।
- आसियान की मौजूदा आर्थिक शक्ति ने चीन और भारत के साथ व्यापार और निवेश के मामले में अपनी प्रासंगिकता को स्पष्ट किया है।
- यह एशिया का एकमात्र ऐसा क्षेत्रीय संगठन है जो एशियायी देशों और विश्व शक्तियों को राजनैतिक और सुरक्षा मामलों पर चर्चा के लिए राजनैतिक मंच उपलब्ध कराता है।
प्रश्न 41.
आर्थिक शक्ति के रूप में चीन के उदय को किस तरह देखा जा रहा है?
उत्तर:
1978 के बाद से जारी चीन की आर्थिक सफलता को एक महाशक्ति के रूप में इसके उभरने के रूप में देखा जा रहा है। यथा
- आर्थिक सुधारों की शुरुआत करने के बाद से चीन सबसे ज्यादा तेजी से आर्थिक विकास कर रहा है और यह माना जाता है कि इस रफ्तार से चलते हुए 2040 तक वह दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति, अमरीका से भी आगे निकल जाएगा।
- आर्थिक स्तर पर अपने पड़ोसी देशों से जुड़ाव के चलते चीन पूर्व एशिया के विकास का इंजन जैसा बना हुआ है और इस कारण क्षेत्रीय मामलों में उसका प्रभाव बहुत बढ़ गया है।
- इसकी विशाल आबादी, बड़ा भू-भाग, संसाधन, क्षेत्रीय अवस्थिति, सैन्य शक्ति और राजनैतिक प्रभाव इस तेज आर्थिक वृद्धि के साथ मिलकर चीन के प्रभाव को कई गुना बढ़ा देते हैं।
प्रश्न 42.
1970 के दशक में चीनी नेतृत्व ने किन कारणों से आधुनिकीकरण और खुले द्वार की नीति को अपनाया? ये थीं-
उत्तर:
1970 तक आते-आते चीन में राज्य नियंत्रित अर्थव्यवस्था की कमियाँ सामने आ गयीं। कुछ प्रमुख कमियाँ
- खेती की पैदावार उद्योगों को पूरी जरूरत लायक अधिशेष नहीं दे पाती थी। इससे औद्योगिक उत्पादन में गतिरोध आ गया था। यह पर्याप्त तेजी से आगे नहीं बढ़ पा रहा था।
- आर्थिक एकांतवास और राज्य नियंत्रित अर्थव्यवस्था के कारण विदेशी निवेश और विदेशी व्यापार न के बराबर था।
- चीन की प्रति व्यक्ति आय बहुत कम थी।
प्रश्न 43.
1970 के दशक में चीनी नेतृत्व ने कौनसे बड़े नीतिगत निर्णय लिये?
उत्तर:
चीनी नेतृत्व ने 1970 के दशक में कुछ बड़े नीतिगत निर्णय लिये। ये थे
- चीन ने 1972 में अमरीका से सम्बन्ध बढ़ाकर अपने राजनैतिक और आर्थिक एकान्तवास को खत्म किया।
- सन् 1973 में चीनी प्रधानमंत्री चाऊ एन लाई ने कृषि, उद्योग, सेना और विज्ञान-प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आधुनिकीकरण के चार प्रस्ताव रखे।
- 1978 में तत्कालीन नेता देंग श्याओपेंग ने चीन में आर्थिक सुधारों और ‘खुले द्वार की नीति’ की घोषणा की। अब नीति यह हो गयी कि विदेशी पूँजी और प्रौद्योगिकी के निवेश से उच्चतर उत्पादकता को प्राप्त किया जाए।
प्रश्न 44.
बाजारमूलक अर्थव्यवस्था को अपनाने के लिए चीन ने क्या तरीका अपनाया?
उत्तर:
बाजारमूलक अर्थव्यवस्था को अपनाने के लिए चीन ने अर्थव्यवस्था को चरणबद्ध ढंग से खोलने का तरीका अपनाया। यथा:
- सन् 1978 में चीन ने आर्थिक सुधारों और खुले द्वार की नीति की घोषणा की तथा विदेशी पूँजी और प्रौद्योगिकी के निवेश से उच्चतर उत्पादकता प्राप्त करने पर बल दिया गया।
- 1982 में चीन ने खेती का निजीकरण किया।
- 1998 में उसने उद्योगों का निजीकरण किया।
- चीन ने व्यापार सम्बन्धी अवरोधों को सिर्फ ‘विशेष आर्थिक क्षेत्रों’ के लिए ही हटाया है, जहाँ विदेशी निवेशक अपने उद्यम लगा सकते हैं।
प्रश्न 45.
भारत-चीन के सम्बन्धों में कटुता पैदा करने वाले कोई चार मुद्दे लिखिये।
उत्तर:
भारत-चीन सम्बन्धों में कटुता पैदा करने वाले प्रमुख मुद्दे निम्नलिखित हैं।
- सीमा विवाद: भारत-चीन के बीच सीमा विवाद चल रहा है । यह विवाद मैकमोहन रेखा, अरुणाचल प्रदेश के एक भाग तवांग तथा अक्साई चिन के क्षेत्र को लेकर है।
- पाक को परमाणु सहायता: चीन गोपनीय तरीके से पाकिस्तान को परमाणु ऊर्जा एवं तकनीक प्रदान कर रहा है। इससे चीन के प्रति भारत में खिन्नता है।
- हिन्द महासागर में पैठ: चीन हिन्द महासागर में अपनी पैठ जमाना चाहता है । इस हेतु उसने म्यांमार से कोको द्वीप लिया है तथा पाकिस्तान में कराची के पास ग्वादर का बन्दरगाह बना रहा है।
- भारत विरोधी रवैया: चीन भारत की परमाणु नीति की आलोचना करता है और सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का विरोधी है।
प्रश्न 46.
चीन के साथ भारत के सम्बन्धों को बेहतर बनाने के लिए आप क्या सुझाव देंगे?
उत्तर:
चीन के साथ भारत के सम्बन्धों में सुधार हेतु सुझाव:
- सांस्कृतिक सम्बन्धों में सुदृढ़ता लाना: चीन और भारत दोनों के बीच सांस्कृतिक सम्बन्ध सुदृढ़ हों इसके लिए भाषा और साहित्य का आदान-प्रदान एवं अध्ययन किया जाये।
- नेताओं का आवागमन: दोनों देशों के प्रमुख नेता परस्पर एक-दूसरे का भ्रमण करें, अपने विचारों का आदान-प्रदान कर परस्पर सहयोग एवं सद्भाव की भावना को विकसित करें।
- व्यापारिक सम्बन्धों में बढ़ावा: दोनों देशों के बीच व्यापारिक सम्बन्धों में निरन्तर विस्तार किया जाना चाहिए।
- पर्यावरण सुरक्षा पर समान दृष्टिकोण: दोनों ही देश विश्व सम्मेलनों में पर्यावरण सुरक्षा के सम्बन्ध में समानं दृष्टिकोण अपना कर परस्पर एकता को बढ़ावा दे सकते हैं।
- बातचीत द्वारा विवादों का समाधान: दोनों देश अपने विवादों का समाधान निरन्तर बातचीत द्वारा करने का प्रयास करते रहें
प्रश्न 47.
नयी आर्थिक नीतियों के कारण चीन की अर्थव्यवस्था में क्या परिवर्तन आये?
उत्तर:
नयी आर्थिक नीतियों के कारण चीन की अर्थव्यवस्था को अपनी जड़ता से उबरने में मदद मिली। यथा
- कृषि के निजीकरण के कारण कृषि उत्पादों तथा ग्रामीणों की आय में उल्लेखनीय बढ़ोत्तरी हुई। इससे ग्रामीण उद्योगों की संख्या बड़ी तेजी से बढ़ी।
- उद्योग और कृषि दोनों ही क्षेत्रों में चीन की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर तेज रही।
- व्यापार के नये कानून तथा विशेष आर्थिक क्षेत्रों के निर्माण से विदेश व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि हुई।
- चीन अब पूरे विश्व में विदेशी निवेशी के लिए सबसे आकर्षक देश बनकर उभरा है। उसके पास विदेशी मुद्रा का विशाल भंडार हो गया है और इसके दम पर वह दूसरे देशों में निवेश कर रहा है।
प्रश्न 48.
सत्ता के उभरते हुए वैकल्पिक केन्द्रों द्वारा विभिन्न देशों में समृद्धशाली अर्थव्यवस्थाओं का रूप देने में निभाई गई भूमिका की व्याख्या कीजिये।
उत्तर:
विश्व राजनीति में एकध्रुवीय विश्व व्यवस्था के शुरू होने पर राजनीति तथा आर्थिक सत्ता के वैकल्पिक केन्द्रों ने कुछ सीमा तक अमरीका के प्रभुत्व को सीमित किया है। यथा है।
- यूरोप में यूरोपीय संघ तथा एशिया में आसियान का प्रादुर्भाव एक समृद्धशाली अर्थव्यवस्थाओं के रूप में हुआ
- यूरोपीय संघ और आसियान दोनों ने ही अपने-अपने क्षेत्रों में चलने वाली ऐतिहासिक दुश्मनियों तथा कमजोरियों का क्षेत्रीय स्तर पर समाधान तलाशा है तथा अपने-अपने क्षेत्रों में शांतिपूर्ण एवं सहकारी क्षेत्रीय व्यवस्था विकसित की है।
- यूरोपीय संघ और आसियान के अतिरिक्त चीन के आर्थिक उभार ने भी विश्व राजनीति पर प्रभावी प्रभाव डाला है।
प्रश्न 49.
नयी अर्थव्यवस्था को अपनाने से चीन में कौन-कौन सी समस्यायें उभरी हैं?
उत्तर:
नयी अर्थव्यवस्था को अपनाने से चीन में निम्न समस्यायें उभरी हैं। मिला है।
- चीन में आर्थिक सुधारों का लाभ प्रत्येक व्यक्ति को नहीं मिला है। इन सुधारों का लाभ कुछ ही वर्गों को
- सुधारों के कारण चीन में बेरोजगारी बढ़ी है और 10 करोड़ लोग रोजगार की तलाश में हैं।
- नयी अर्थव्यवस्था में पर्यावरण के नुकसान और भ्रष्टाचार के बढ़ने जैसे परिणाम भी सामने आये हैं
- गांव और शहर के तथा तटीय और मुख्य भूमि पर रहने वाले लोगों के बीच आर्थिक फासला बढ़ता जा रहा
प्रश्न 50.
वैश्विक स्तर पर चीन के आर्थिक प्रभाव को स्पष्ट कीजिये।
उत्तर:
वैश्विक स्तर पर चीन का आर्थिक प्रभाव निम्नलिखित है।
- चीन की अर्थव्यवस्था का बाहरी दुनिया से जुड़ाव और पारस्परिक निर्भरता ने अब यह स्थिति बना दी है कि अपने व्यावसायिक साझीदारों पर चीन का जबरदस्त प्रभाव बन चुका है और यही कारण है कि जापान, आसियान, अमरीका और रूस — सभी व्यापार के लिए चीन से अपने विवादों को भुला चुके हैं।
- 1997 के वित्तीय संकट के बाद आसियान देशों की अर्थव्यवस्था को टिकाए रखने में चीन के आर्थिक उभार ने काफी मदद की है।
- लातिनी अमरीका और अफ्रीका में निवेश और मदद की इसकी नीतियाँ बताती हैं कि विकासशील देशों के मामले में चीन एक नई विश्व शक्ति के रूप में उभरता जा रहा है।
प्रश्न 51.
यूरोपीय संघ अमरीका और चीन से व्यापारिक विवादों में पूरी धौंस के साथ बात करता है। इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
यूरोपीय संघ का आर्थिक, राजनैतिक, कूटनीतिक तथा सैनिक प्रभाव बहुत ज्यादा है। 2016 में यह दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी और इसका सकल घरेलू उत्पादन 17000 अरब डॉलर से ज्यादा था जो अमरीका के ही लगभग है। इसकी मुद्रा यूरो अमरीका डालर के प्रभुत्व के लिए खतरा बन सकती है। विश्व व्यापार में इसकी हिस्सेदारी अमेरिका से तीन गुनी ज्यादा है औरइसी के कारण यह अमरीका ओर चीन से व्यापारिक विवादों में पूरी धौंस के साथ बात करता है।
प्रश्न 52.
“हान नदी पर चमत्कार” किसे कहा जाता है?
उत्तर:
1 – द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात कोरियाई प्रायद्वीप को दक्षिण और उत्तरी कोरिया में विभाजित किया गया। 1950-53 के बीच कोरियाई युद्ध और शीतयुद्ध काल की गतिशीलता ने दोनों पक्षों के बीच प्रतिद्वंद्विता को तेज कर दिया। 17 सितंबर को दोनों कोरिया संयुक्त राष्ट्र के सदस्य बने। 1960 से 1980 के दशक के बीच इसका आर्थिक शक्ति के रूप में तेजी से विकास हुआ, जिसे ‘हान नदी पर चमत्कार’ की संज्ञा दी गई।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद पश्चिमी यूरोप को एकताबद्ध करने के प्रयासों के आर्थिक तथा राजनैतिक प्रयासों की विवेचना कीजिये।
उत्तर:
पश्चिमी यूरोप का आर्थिक पुनरुद्धार और एकीकरण: द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पश्चिमी यूरोप को एकताबद्ध करने के आर्थिक-राजनैतिक प्रयास निम्नलिखित रहे:
- शीत युद्ध: शीत युद्ध के दौर में पूर्वी यूरोप तथा पश्चिमी यूरोप के देश अपने-अपने खेमों में एक-दूसरे के नजदीक आए।
- मार्शल योजना-1947: इस योजना के तहत अमरीका ने पश्चिमी यूरोप की अर्थव्यवस्था के पुनर्गठन के लिए जबरदस्त मदद की।
- नाटो: अमेरिका ने नाटो के तहत पश्चिमी यूरोप में एक सामूहिक सुरक्षा व्यवस्था को जन्म दिया।
- यूरोपीय आर्थिक सहयोग संगठन: 1948 में यूरोपीय आर्थिक सहयोग संगठन के माध्यम से पश्चिमी यूरोप के देशों ने व्यापार और आर्थिक मामलों में एक- दूसरे की मदद शुरू की।
- यूरोपीय परिषद् 5 मई, 1949 को यूरोपीय परिषद् की स्थापना हुई। जिसके तहत आर्थिक और सामाजिक प्रगति के लिए अपनी सामान्य विरासत के आदर्शों और सिद्धान्तों में एकता लाने का प्रयास किया गया।
- यूरोपीय कोयला तथा इस्पात समुदाय: 18 अप्रेल, 1951 को पश्चिमी यूरोप के छः देशों ने यूरोपीय कोयला और इस्पात समुदाय का गठन किया।
- यूरोपीय अणु-शक्ति समुदाय तथा यूरोपीय आर्थिक समुदाय – 25 मार्च, 1957 को यूरोपीय आर्थिक समुदाय ( यूरोपीय साझा बाजार) और यूरोपीय अणु शक्ति समुदाय का गठन किया गया।
- मास्ट्रिस्ट संधि ( 1991 ): इस संधि ने यूरोप के लिए एक अर्थव्यवस्था, एक मुद्रा, एक बाजार, एक नागरिकता, एक संसद, एक सरकार, एक सुरक्षा व्यवस्था तथा एक विदेश नीति का मार्ग प्रशस्त किया।
- यूरोपीय संघ ( 1992 ): 1992 में यूरोपीय संघ के रूप में समान विदेश और सुरक्षा नीति, आंतरिक मामलों तथा न्याय से जुड़े मुद्दों पर सहयोग और एक समान मुद्रा के चलन के लिए रास्ता तैयार हो गया। 1 जनवरी, 1999 को यूरोपीय संघ की साझा यूरो मुद्रा को औपचारिक रूप से स्वीकृति दे दी।
प्रश्न 2.
यूरोपीय संघ की संस्थाओं या अंगों का वर्णन कीजिये।
उत्तर:
यूरोपीय संघ की संस्थाएँ ( अंग ) यूरोपीय संघ सात प्रधान संस्थाओं ( अंगों ) के माध्यम से कार्य करता है। ये निम्नलिखित हैं।
- यूरोपियन संघीय परिषद्: यह मुख्य निर्णयकारी संस्था है। इसमें 15 सदस्य देशों के मंत्री शामिल होते हैं। यह परिषद् संघीय कानूनों का निर्माण करती है।
- यूरोपीय संसद: 2003 में यूरोपीय संसद के सदस्यों की संख्या 626 थी। ये सदस्य सीधे 5 साल के लिए चुने जाते हैं। यह यूरोपीय संघ के लिए राजनीतिक मंच का कार्य पूरा करती है।
- यूरोपीय आयोग: यूरोपीय आयोग के तहत सभी अधिशासियों का विलय कर दिया गया है। इसे यूरोपीय संघ की कार्यकारी संस्था का स्थान प्राप्त है। इसके सदस्यों की संख्या 30 है। इसका कार्यकाल 5 वर्ष होता है।
- न्यायालय: यूरोपीय संघ के दो न्यायालय हैं।
- (अ) न्याय का न्यायालय और
- (ब) उपाय का न्यायालय। दोनों में 15-15 न्यायाधीश होते हैं। इनके न्यायाधीशों की नियुक्ति सदस्य राज्यों की आपसी सहमति से की जाती है। इनका कार्यकाल 6 वर्ष होता है।
- लेखा परीक्षकों का न्यायालय-यूरोपीय संघ में लेखा-परीक्षकों का एक न्यायालय है जिसमें 15 सदस्य होते हैं। इसका कार्य यह देखना है कि संघ का आय तथा व्यय कानून के अनुसार हो।
- आर्थिक व सामाजिक समिति: यह एक सलाहकार संस्था है। इसमें 222 सदस्य होते हैं। यह समिति नौकरी देने वाले व्यापार संघों तथा उपभोक्ताओं का प्रतिनिधित्व करती है।
- यूरोपीय निवेश बैंक: विभिन्न प्रोजेक्टों को धन देना, समुदाय के हितों की रक्षा तथा साझे बाजार के संतुलित विकास के लिए कार्य करना इस बैंक के मुख्य उद्देश्य हैं।
प्रश्न 3.
माओ युग के पश्चात् चीन में अपनायी गई नयी आर्थिक नीतियों, उसके कारणों तथा परिणामों को स्पष्ट कीजिये।
उत्तर:
माओ के पश्चात् नवीन आर्थिक नीतियाँ अपनाने के कारण – 1950-60 के दशक में चीन अपना उतना आर्थिक विकास नहीं कर पा रहा था, जितना वह चाह रहा था; क्योंकि-
- अर्थव्यवस्था की विकास दर 5-6 फीसदी थी, लेकिन जनसंख्या में 2-3 फीसदी की वार्षिक वृद्धि इस विकास दर पर पानी फेर रही थी और बढ़ती आबादी विकास के लाभ से वंचित रह जा रही थी।
- खेती की पैदावार उद्योगों की पूरी जरूरत लायक अधिशेष नहीं दे पा रही थी।
- इसका औद्योगिक उत्पादन तेजी से नहीं बढ़ रहा था। विदेशी व्यापार न के बराबर था और प्रति व्यक्ति आय बहुत कम थी।
माओ युग के पश्चात् चीन की नयी आर्थिक नीतियाँ: 1970 के दशक में आर्थिक संकट से उबरने के लिये अमरीका से संबंध बढ़ाकर अपने राजनैतिक और आर्थिक एकान्तवास को खत्म किया; कृषि, उद्योग, सेना तथा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आधुनिकीकरण का रास्ता अपनाया; आर्थिक सुधारों और खुले द्वार की नीति अपनायी और खेती तथा उद्योगों का निजीकरण किया।
नयी आर्थिक नीतियों के लाभकारी परिणाम: नयी आर्थिक नीतियों के निम्न परिणाम निकले
- कृषि-उत्पादों तथा ग्रामीण आय में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई तथा ग्रामीण उद्योगों की तादाद बड़ी तेजी से
- उद्योग और कृषि दोनों ही क्षेत्रों में चीन की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर तेज रही।
- विदेश – व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि हुई।
- अब चीन पूरे विश्व में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए सबसे आकर्षक देश बनकर उभरा।
- लेकिन इससे चीन में बेरोजगारी, भ्रष्टाचार तथा गरीबी- अमीरी की खाई भी बढ़ी है।
प्रश्न 4.
आसियान के संगठन तथा उद्देश्यों को स्पष्ट कीजिये।
उत्तर:
दक्षिण – पूर्वी एशियायी राष्ट्रों का संघ – आसियान आसियान की स्थापना 8 अगस्त, 1967 को बैंकाक में 5 मौलिक सदस्यों :
- इंडोनेशिया
- थाइलैंड
- फिलिपींस,
- मलेशिया और
- सिंगापुर द्वारा की गई। बाद में 1984 में
- ब्रूनई दारुस्सलेम, 1995 में
- वियतनाम, 1997 में
- लाओस और
- म्यांमार तथा 1999 में
- कम्बोडिया इसमें शामिल हो गये। इस प्रकार आसियान में वर्तमान में 10 सदस्य देश हैं। इसका कार्यालय जकार्ता (इण्डोनेशिया) में है और उसका अध्यक्ष महासचिव होता है।
आसियान की प्रमुख संस्थाएँ ये हैं।
- विदेश मंत्रियों के सम्मेलन
- सचिवालय
- आसियान सुरक्षा समुदाय
- आसियान क्षेत्रीय सुरक्षा मंच
- आसियान आर्थिक समुदाय आसियान की संस्थाएँ
- आसियान सामाजिक-सांस्कृतिक समुदाय।
आसियान के उद्देश्य – आसियान निर्माण के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं-
- आसियान क्षेत्र में आर्थिक प्रगति को तेज करना तथा उसके आर्थिक स्थायित्व को बनाए रखना।
- सदस्य राष्ट्रों में राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, व्यापारिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और प्रशासनिक क्षेत्रों में परस्पर सहायता करना।
- सामूहिक सहयोग से साझी समस्याओं का हल ढूँढ़ना।
- साझा बाजार तैयार करना तथा सदस्य देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा देना।
- कानून के शासन और संयुक्त राष्ट्र के कायदों पर आधारित क्षेत्रीय शांति और स्थायित्व को बढ़ावा देना।
प्रश्न 5.
आसियान के कार्य, भूमिका एवं उपलब्धियों की चर्चा कीजिये।
उत्तर:
आसियान के कार्य, भूमिका तथा उपलब्धियाँ आसियान तेजी से बढ़ता हुआ एक महत्त्वपूर्ण क्षेत्रीय संगठन है। आसियान टकराव की जगह बातचीत को बढ़ावा देने की नीति अपनाये हुए है। अनौपचारिक, टकराव रहितं और सहयोगात्मक मेल-मिलाप की आसियान शैली से आसियान ने कंबोडिया के टकराव को समाप्त किया है, पूर्वी तिमोर के संकट को संभाला है।
आसियान की कुछ प्रमुख उपलब्धियाँ इस प्रकार रही हैं।
- राजनैतिक सुरक्षा व सहयोग: आसियान सुरक्षा समुदाय तथा आसियान क्षेत्रीय सुरक्षा मंच ने मैत्री और सहयोग संधि, दक्षिण चीन सागर में पक्षकार देशों के आचार पर घोषणा, दक्षिण-पूर्व एशिया नाभिकीय शस्त्र मुक्त क्षेत्र · आयोग आदि के द्वारा सदस्य देशों के बीच सुरक्षा व स्थिरता बनाए रखने के लिए सहकारी ढांचे के निर्माण के प्रयास किये हैं।
- आर्थिक सहयोग के प्रयत्न: आर्थिक सहयोग की दिशा में आसियान ने ‘आसियान मुक्त व्यापार क्षेत्र’ तथा ‘आसियान आर्थिक समुदाय’ का गठन कर चीन तथा दक्षिण कोरिया के साथ मुक्त व्यापार सम्बन्धी मसौदे पर हस्ताक्षर किये हैं तथा अन्य देशों के साथ इस ओर प्रयत्न जारी है।
- सामाजिक व सांस्कृतिक क्षेत्र में भूमिका: आसियान ने सामाजिक व सांस्कृतिक क्षेत्र में भी महत्त्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।
- एशियायी समुदाय के गठन के मार्ग को प्रशस्त करना: एशियायी समुदाय के गठन की दिशा में आसियान प्रयासरत है।
- एक राजनैतिक मंच के रूप में: आसियान एशिया का एकमात्र ऐसा क्षेत्रीय संगठन है जो एशियायी देशों और विश्व शक्तियों को राजनैतिक और सुरक्षा मामलों पर चर्चा के लिए राजनैतिक मंच उपलब्ध कराता है।
प्रश्न 6.
भारत-चीन के बीच संघर्ष के मुद्दों पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
भारत-चीन के संघर्ष के मुद्दे चीन की स्वतंत्रता- 1949 के बाद से कुछ समय के लिए दोनों देशों के सम्बन्ध मैत्रीपूर्ण रहे। कुछ समय के लिए ‘हिन्दी – चीनी भाई-भाई’ का नारा भी लोकप्रिय हुआ किन्तु निम्न मुद्दों के कारण दोनों देशों के बीच संघर्ष व कटुता पैदा हो गयी।
1. तिब्बत का प्रश्न :1949 से पूर्व तिब्बत नाममात्र के लिए चीन के अधीन था और आन्तरिक तथा बाह्य मामलों में पूर्णतः स्वतंत्र था। भारत के साथ तिब्बत के घनिष्ठ व्यापारिक और सांस्कृतिक सम्बन्ध रहे हैं। 1950 में चीन ने तिब्बत को हड़पने की प्रक्रिया चालू कर दी तथा 1954 में चीन की सरकार ने तिब्बत पर अपना सम्पूर्ण अधिकार जमा लिया। तिब्बतियों ने चीन की नीति का विरोध किया और दलाईलामा ने भारत में आकर शरण ली। चीन ने शरण दिये जाने की भारत की कार्यवाही को अपने प्रति शत्रुता की संज्ञा दी। दलाईलामा की भारत में उपस्थिति वर्तमान में भी चीन के लिए परेशानी का कारण बनी हुई है।
2. मैकमोहन रेखा तथा सीमा विवाद:
भारत के साथ सीमा विवाद एक ऐतिहासिक देन है। भारत मैकमोहन रेखा को दोनों के बीच सीमा रेखा मानता है, लेकिन चीन इसे स्वीकार नहीं करता है। फलतः वह भारतीय भू-भाग में घुसपैठ करता रहता है। सन् 1962 में भारत और चीन दोनों देश अरुणाचल प्रदेश के कुछ इलाकों और लद्दाख के अक्साई-चिन क्षेत्र पर प्रतिस्पर्धी दावों के चलते लड़ पड़े । 1962 के भारत को सैनिक पराजय झेलनी पड़ी तथा भारत का काफी भू-भाग उसने अपने कब्जे में ले लिया। 1962 से लेकर 1976 तक दोनों देशों के बीच कूटनीतिक सम्बन्ध समाप्त रहे। 1981 के दशक के बाद दोनों देशों के बीच सीमा विवादों को दूर करने के लिए वार्ताओं का सिलसिला जारी है।
3. सिक्किम का भारत में विलय:
श्रीमती इन्दिरा गाँधी ने सन् 1975 में सिक्किम को भारत में मिलाकर उसे देश का 22वां राज्य घोषित कर दिया। चीन ने इसकी आलोचना की तथा उसके द्वारा प्रदर्शित मानचित्रों में सिक्किम को भारत के हिस्से के रूप में नहीं दर्शाया गया। लेकिन वर्ष 2005 में चीन ने सिक्किम को भारतीय भू-भाग में शामिल कर इसे मान्यता दे दी है और दोनों के मध्य यह विवाद समाप्त हो गया है।
4. भारत के परमाणु परीक्षण पर चीन का विरोध:
मई, 1998 में भारत द्वारा परमाणु परीक्षण किये जाने पर चीन ने अमेरिका के साथ मिलकर भारत की निंदा की। चीन ने भारत पर यह आरोप लगाया कि इससे दक्षिण एशिया में संजीव पास बुक्स परमाणु होड़ शुरू हो जाएगी। वह एक सुसंगठित अभियान चलाकर भारत पर एन. पी. टी. पर हस्ताक्षर करने के लिए दबाव डालता रहा । ऐसी स्थिति में दोनों देशों के मध्य कड़वाहट होना स्वाभाविक था।
5. चीन-पाकिस्तान के बीच बढ़ती निकटता:
पाकिस्तान ने परमाणु कार्यक्रम को विकसित करने एवं मिसाइलों के निर्माण में चीन की अहम भूमिका रही है। चीन पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह को विकसित कर रहा है तथा पाकिस्तान को सैन्य सहयोग दे रहा है। ये सभी तथ्य भारत के मन में चीन के प्रति संदेह पैदा करते हैं।
6. अन्य मुद्दे – भारत – चीन के कटुता के अन्य मुद्दे ये हैं-
- चीन नेपाल को भारत से अलग कर वहाँ अपने सैनिक अड्डे बनाने के प्रयास कर रहा है।
- वह समय-समय पर भारतीय सीमा में घुसपैठ करता रहता है।
प्रश्न 7.
वैकल्पिक शक्ति केन्द्र के रूप में जापान प्रभावकारी है। तथ्यों के माध्यम से स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
वैकल्पिक शक्ति केन्द्र के रूप में जापान अत्यंत प्रभावकारी है इस बात का अनुमान निम्न तथ्यों से लगाया जा सकता है।
- सोनी, पैनासोनिक, कैनन, सुजुकी, होंडा, ट्योटा और माज्दा आदि प्रसिद्ध ब्रांड जापान के हैं। इनके नाम उच्च प्रौद्योगिकी के उत्पाद बनाने के लिए मशहूर हैं।
- जापान के पास प्राकृतिक संसाधन कम हैं और वह ज्यादातर कच्चे माल का आयात करता है। इसके बावजूद दूसरे विश्वयुद्ध के बाद जापान ने बड़ी तेजी से प्रगति की।
- जापान 1964 में आर्थिक सहयोग तथा विकास संगठन ऑर्गेनाइजेशन फॉर इकॉनामिक कोऑपरेशन एंड डेवलपमेंट (OCED) का सदस्य बन गया। 2017 में जापान की अर्थव्यवस्था विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया।
- एशिया के देशों में अकेला जापान ही समूह -7 के देशों में शामिल है। आबादी के लिहाज से विश्व में जापान ग्यारहवें स्थान पर है।
- परमाणु बम की विभीषिका झेलने वाला जापान इकलौता देश है। जापान संयुक्त राष्ट्रसंघ के बजट में 10 प्रतिशत का योगदान करता है। संयुक्त राष्ट्रसंघ के बजट में अंशदान करने के लिहाज से जापान दूसरा सबसे बड़ा देश है।
- 1951 से जापान का अमरीका के साथ सुरक्षा – गठबंधन है। जापान के संविधान के अनुच्छेद 9 के अनुसार- “राष्ट्र के संप्रभु अधिकार के रूप में युद्ध को तथा अंतर्राष्ट्रीय विवादों को सुलझाने में बल-प्रयोग अथवा धमकी से काम लेने के तरीके का जापान के लोग हमेशा त्याग करते हैं।”
- जापान का सैन्य व्यय उसके सकल घरेलू उत्पाद का केवल 1 प्रतिशत है फिर भी सैन्य व्यय के लिहाज से जापान सातवें स्थान पर है। उपरोक्त तथ्यों से हम अनुमान लगा सकते हैं कि वैकल्पिक शक्ति केन्द्र के रूप में जापान अत्यंत प्रभावकारी है।
प्रश्न 8.
शीतयुद्ध के पश्चात् दक्षिण कोरिया के अर्थव्यवस्था में तेजी आई। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
कोरियाई प्रायद्वीप को द्वितीय विश्व युद्ध के अंत में दक्षिण कोरिया और उत्तरी कोरिया में 38वें समानांतर के साथ-साथ विभाजित किया गया था। 1950-53 के दौरान कोरियाई युद्ध और शीत युद्ध काल की गतिशीलत ने दोनों पक्षों के बीच प्रतिद्वंद्विता को तेज कर दिया। अंतत: 17 सितंबर, 1991 को दोनों कोरिया संयुक्त राष्ट्र के सदस्य बने। इसी बीच दक्षिण कोरिया एशिया में सत्ता के रूप में केन्द्र बनकर उभरा। 1960 के दशक से 1980 के दशक के बीच, इसका आर्थिक शक्ति के रूप में तेजी से विकास हुआ, जिसे “हान नदी पर चमत्कार” कहा जाता है।
अपने सर्वांगीण विकास को संकेतित करते हुए, दक्षिण कोरिया 1996 में ओईसीडी का सदस्य बन गया। 2017 में इसकी अर्थव्यवस्था दुनिया में ग्यारहवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और सैन्य खर्च में इसका दसवां स्थान है। मानव विकास रिपोर्ट, 2016 के अनुसार दक्षिण कोरिया का एचडीआई रैंक 18 है। दक्षिण कोरिया के उच्च मानव विकास के प्रमुख कारण ‘सफल भूमि सुधार, ग्रामीण विकास, व्यापक मानव संसाधन विकास, तीव्र न्यायसंगत आर्थिक वृद्धि, निर्यात उन्मुखीकरण, मजबूत पुनर्वितरण नीतियाँ, निर्यात उन्मुखीकरण, मजबूत पुनर्वितरण नीतियाँ, सार्वजनिक अवसंरचना विकास, प्रभावी संस्थाएँ और शासन आदि हैं।’