Jharkhand Board JAC Class 9 Hindi Solutions Rachana पत्र लेखन-औपचारिक पत्र Questions and Answers, Notes Pdf.
JAC Board Class 9 Hindi Rachana पत्र लेखन-औपचारिक पत्र
आज के वैज्ञानिक युग में चाहे दूरभाष, वायरलेस, ई-मेल, स्काइप आदि के प्रयोग से दूर स्थित सगे-संबंधियों, सरकारी-गैर-सरकारी संस्थानों तथा व्यापारिक प्रतिष्ठानों से पल भर में बात की जा सकती है पर फिर भी पत्र – लेखन का अभी भी हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है। पत्र – लेखन विचारों के आपसी आदान-प्रदान का सशक्त, सुगम और सस्ता साधन है। पत्र – लेखन केवल विचारों का आदान- प्रदान ही नहीं है बल्कि इससे पत्र – लेखक के व्यक्तित्व, दृष्टिकोण, चरित्र, संस्कार, मानसिक स्थिति आदि का ज्ञान हो जाता है। पत्र लिखते समय अनेक सावधानियाँ अवश्य ध्यान में रखनी चाहिए, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं –
- सरल और स्पष्ट भाषा का प्रयोग।
- स्नेह, शिष्टता और भद्रता का निर्वाह।
- पत्र प्राप्त करने वाले का पद, योग्यता, संबंध, सामर्थ्य, स्तर, आयु आदि।
- अनावश्यक विस्तार से बचाव।
- विषय-वस्तु की पूर्णता।
- कड़वे, अशिष्ट और अनर्गल भावों तथा शब्दों का निषेध।
पत्रों के भेद :
प्रमुख रूप से पत्रों को दो प्रकार का माना जाता है, जिनके आगे अनेक भेद – विभेद हो सकते हैं। वे हैं-
(क) औपचारिक पत्र (Formal Letters)
(ख) अनौपचारिक पत्र ( Informal Letters)
(क) औपचारिक पत्र (Formal Letters) :
जिन लोगों के साथ औपचारिक संबंध होते हैं, उन्हें औपचारिक पत्र लिखे जाते हैं। इन पत्रों में व्यक्तिगत और आत्मीय विचार प्रकट नहीं किए जाते। इनमें अपनेपन का भाव पूरी तरह गायब रहता है। इनमें अपने विचारों को भली-भाँति सोच-विचारकर प्रकट किया जाता है। प्रायः औपचारिक – पत्र सरकारी और गैर-सरकारी कार्यालयों के अधिकारियों, निजी संस्थानों, पत्र-पत्रिकाओं के संपादकों, अध्यापकों, प्रधानाचार्यों, व्यापारियों आदि को लिखे जाते हैं। औपचारिक पत्रों की रूपरेखा प्रायः निम्नलिखित आधारों पर निर्धारित की जाती है –
1. पत्र का क्रमांक
2. विभाग / कार्यालय / मंत्रालय का नाम
3. दिनांक
4. प्रेषक का नाम तथा पद
5. प्राप्तकर्ता का नाम तथा पद
6. विषय का संक्षिप्त उल्लेख
7. संबोधन
8. विषय-वस्तु
9. समापन शिष्टता
10. प्रेषक के हस्ताक्षर
11. प्रेषित का पद / नाम / पता
औपचारिक पत्र का प्रारूप –
भारत सरकार के गृह मंत्रालय के सचिव की ओर से मुख्य सचिव, पंजाब राज्य को एक सरकारी- पत्र लिखें, जिसमें राज्य में कानून और व्यवस्था की बिगड़ती हुई स्थिति पर चिंता व्यक्त की गई हो।
औपचारिक-पत्र के आरंभ और समापन की विधि –
(ख) अनौपचारिक पत्र (Informal Letters) :
जिन लोगों के आपसी संबंध आत्मीय होते हैं, उनके द्वारा एक-दूसरे को लिखे जाने वाले पत्र अनौपचारिक पत्र कहलाते हैं। ऐसे पत्र प्रायः रिश्तेदारों, मित्रों, स्नेही संबंधियों आदि के द्वारा लिखे जाते हैं। इन पत्रों में एक-दूसरे के प्रति प्रेम, लगाव, गुस्से, उलाहने, आदर आदि के भाव अपनत्व के आधार पर स्पष्ट दिखाई देते हैं। इन पत्रों में बनावटीपन की मात्रा कम होती है। वाक्य संरचना बातचीत के स्तर पर आ जाती है।
मन के भाव और विचार बिना किसी संकोच के प्रकट किए जा सकते हैं। इनमें औपचारिकता का समावेश नहीं किया जाता। प्रायः सभी प्रकार के सामाजिक पत्रों को इसी श्रेणी में सम्मिलित कर लिया जाता है। विवाह, जन्म-दिन, गृहप्रवेश, मुंडन संस्कार, शोक सूचनाओं आदि को इन्हीं के अंतर्गत ग्रहण किया जाता है। अनौपचारिक पत्रों की रूपरेखा प्रायः निम्नलिखित आधारों पर निर्धारित की जाती है –
1. पत्र के बाईं ओर भेजने वाले का पता
2. दिनांक
3. पत्र प्राप्त करने के प्रति संबोधन
4. पत्र प्राप्त करने वाले से संबंधानुसार अभिवादन
5. पत्र में अनुच्छेदानुसार पत्र लिखने का कारण, विषय का विस्तार तथा परिवार के अन्य सदस्यों के प्रति अभिवादन
6. समापन
7. बाईं ओर पत्र – लेखक का पत्र प्राप्त करनेवाले से संबंध
8. पत्र लिखनेवाले का नाम
अनौपचारिक पत्र का प्रारूप –
अपने मित्र को अपने विद्यालय में हुए वार्षिकोत्सव के विषय में पत्र लिखिए।
अनौपचारिक पत्र के आरंभ और समापन की विधि
I. औपचारिक पत्र
(क) कार्यालयी – पत्र :
1. भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की ओर से महाराष्ट्र सरकार को नई शिक्षा नीति लागू करने के लिए पत्र लिखिए।
रजत शर्मा
सचिव, भारत सरकार
शिक्षा मंत्रालय
दिनांक : 12 मार्च, 20XX
सेवा में
सचिव
शिक्षा विभाग
महाराष्ट्र राज्य मुंबई
विषय – नई शिक्षा नीति लागू करने हेतु पत्र।
महोदय
मुझे आपको यह सूचित करने का निर्देश दिया गया है कि भारत सरकार के निश्चयानुसार शिक्षा सत्र 20…. से संपूर्ण देश में नई शिक्षा नीति को लागू कर दिया जाए। महाराष्ट्र में भी इस नीति को क्रियान्वित किया जाए तथा इस योजना को लागू करने के लिए किए गए प्रयासों से मंत्रालय को भी परिचित कराया जाए।
आपका विश्वासपात्र
ह० रजत शर्मा
(रजत शर्मा)
सचिव, शिक्षा मंत्रालय
2. उपायुक्त, सिरसा की ओर से मुख्य सचिव हरियाणा सरकार को एक पत्र लिखकर बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए अनुरोध कीजिए।
बी० एस० यादव
उपायुक्त, सिरसा
दिनांक : 16 अगस्त, 20XX
सेवा में
मुख्य सचिव
हरियाणा राज्य
चंडीगढ़
विषय – बाढ़ पीड़ितों की सहायता हेतु पत्र।
महोदय
1. मैं आपको सूचित करता हूँ कि इन दिनों हुई भयंकर वर्षा के परिणामस्वरूप सिरसा के आसपास के गाँवों में भीषण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। खड़ी फसलें नष्ट हो गई हैं तथा जन-धन और संपत्ति की भी बहुत हानि हुई है। मैंने अन्य जिला अधिकारियों के साथ स्थिति का निरीक्षण भी किया है।
2. ज़िला – स्तर पर बाढ़ पीड़ितों की यथासंभव सहायता की जा रही है, जो अपर्याप्त है। आपसे प्रार्थना है कि बाढ़ पीड़ितों को राज्य सरकार की ओर से विशेष आर्थिक सहायता प्रदान की जाए, जिससे वे अपने टूटे-फूटे मकान बना सकें तथा नष्ट हुई फ़सल के स्थान पर अगली फसल की तैयारी कर सकें।
3. बाढ़ के कारण बीमारियों का प्रकोप भी बढ़ गया है। जिला स्वास्थ्य अधिकारी इन बीमारियों पर नियंत्रण करने में पूर्णरूप से सक्षम नहीं हैं। अतः विशेष चिकित्सकों के दल को भी भेजने का प्रबंध करें।
भवदीय
बी० एस० यादव
उपायुक्त, सिरसा
3. भारत सरकार के उद्योग मंत्रालय की ओर से हिमाचल प्रदेश सरकार के उद्योग सचिव को राज्य में उद्योग-धंधों को प्रोत्साहित करने के लिए एक पत्र लिखिए।
भारत सरकार
उद्योग मंत्रालय
नई दिल्ली
दिनांक : 22 सितंबर, 20XX
श्री पी० एस० यादव
सचिव, उद्योग विभाग, हिमाचल प्रदेश
विषय – उद्योग धंधों को प्रोत्साहित करने हेतु पत्र।
प्रिय श्री यादव जी
विगत दिनों हिमाचल प्रदेश के कुछ उद्योगपतियों ने इस मंत्रालय को राज्य में उद्योग-धंधों की दयनीय स्थिति से अवगत कराया। मुझे बहुत दुख हुआ कि उद्योग-धंधों की उपेक्षा के कारण जहाँ हिमाचल प्रदेश की आर्थिक स्थिति को आघात पहुँचा है, वहीं देश की प्रगति भी अवरुद्ध हो रही है। इस संबंध में आप व्यक्तिगत रूप से रुचि लें तथा प्रदेश में उद्योग-धंधों को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न योजनाएँ चलाएँ। इस संदर्भ में विस्तृत योजनाएँ आपको अलग से भेजी जा रही हैं।
इन योजनाओं को लागू करने में यदि आपको कोई कठिनाई हो तो मुझसे संपर्क कर सकते हैं।
शुभकामनाओं सहित
आपकी सद्भावी
पूनम शर्मा
शिमला
4. शारदा विद्या मंदिर, लखनऊ के प्राचार्य की ओर से महर्षि दयानंद विद्यालय के प्राचार्य को वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्य अतिथि पद को स्वीकार करने हेतु एक पत्र लिखिए।
शारदा विद्या मंदिर
लखनऊ
दिनांक : 18 अक्तूबर, 20XX
सेवा में
डॉ० नरेश चंद्र मिश्र
प्राचार्य
महर्षि दयानंद विद्यालय
लखनऊ
विषय – मुख्य अतिथि पद के निमंत्रण हेतु पत्र।
प्रिय डॉ० मिश्र जी
हमारे विद्यालय का वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह 18 जनवरी, 20…. को आयोजित करने का निश्चय किया गया है। इसमें
मुख्य अतिथि
पद को सुशोभित करने हेतु आपसे निवेदन है कि आप अपने अति व्यस्त समय में से कुछ अमूल्य क्षण प्रदान कर हमें अनुगृहीत करें। इस समारोह में विद्यार्थियों को शैक्षणिक तथा विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों में श्रेष्ठता प्रदर्शित करने के लिए पुरस्कृत किया जाएगा। यदि आप इस विषय में अपनी सुविधानुसार समय दे सकें तो मैं आपका विशेष रूप से आभारी होऊँगा।
शुभकामनाओं सहित
शुभाकांक्षी
डॉ० के० के० मेनन
5. अपने क्षेत्र में मलेरिया फैलने की संभावना को देखते हुए स्वास्थ्य अधिकारी को पत्र लिखिए।
14 / 131, सुभाष नगर
सेलम
दिनांक : 17 मई, 20XX
स्वास्थ्य अधिकारी
नगर-निगम
सेलम
विषय – मलेरिया की रोकथाम हेतु पत्र।
आदरणीय महोदय
इस पत्र के द्वारा मैं अपने क्षेत्र ‘सुभाष नगर’ की सफ़ाई व्यवस्था की ओर आपका ध्यान दिलाना चाहता हूँ। आप जानते हैं कि यह क्षेत्र पर्याप्त ढलान पर बसा हुआ है। बरसात में यहाँ स्थान-स्थान पर पानी रुक जाता है। यही नहीं सड़कों के दोनों ओर गंदगी के ढेर लगे रहते हैं। सफाई कर्मचारी कोई ध्यान नहीं देते। परिणामस्वरूप यहाँ मक्खियों और मच्छरों का जमघट बना रहता है। रुका हुआ पानी मच्छरों की संख्या में तीव्र गति से वृद्धि करता है। अतः इस तरफ़ ध्यान न दिया गया तो इस क्षेत्र में मलेरिया फैलने की पूरी संभावना है। अतः आपसे प्रार्थना है कि इस क्षेत्र की तुरंत सफ़ाई करवाने का आदेश दें और मलेरिया की रोकथाम के लिए समुचित व्यवस्था करें। यही नहीं यहाँ के निवासियों को आवश्यक दवाइयाँ भी मुफ़्त उपलब्ध करवाई जाएँ।
आशा है कि आप मेरी प्रार्थना की ओर ध्यान देंगे और उचित प्रबंध द्वारा इस क्षेत्र के निवासियों को मलेरिया के प्रकोप से बचा लेंगे। भवदीय
अनुराग छाबड़ा
6. अपने नगर के जलापूर्ति अधिकारी को पर्याप्त और नियमित रूप से पानी न मिलने की शिकायत करते हुए पत्र लिखिए।
512, शास्त्री नगर
रोहतक
दिनांक : 14 मार्च, 20XX
जलापूर्ति अधिकारी
नगरपालिका
रोहतक
विषय – पेयजल की कठिनाई हेतु शिकायती पत्र।
मान्यवर
बड़े खेद की बात है कि पिछले एक मास से ‘शास्त्री नगर’ क्षेत्र में पेयजल की कठिनाई का अनुभव किया जा रहा है। नगरपालिका की ओर से पेयजल की सप्लाई बहुत कम होती जा रही है। कभी-कभी तो पूरा-पूरा दिन पानी नलों में नहीं आता। मकानों की पहली दूसरी मंजिल तक तो पानी चढ़ता ही नहीं। आप पानी की आवश्यकता के विषय में जानते हैं।
पानी की कमी के कारण यहाँ के लोगों का जीवन कष्टमय बन गया है। आप से प्रार्थना है कि इस क्षेत्र में पेयजल की समस्या का समाधान करें।
आशा है कि आप इस विषय पर ध्यान देंगे और शीघ्र ही उचित कार्रवाई करेंगे।
भवदीय
रामसिंह
7. अपने मोहल्ले में वर्षा के कारण उत्पन्न हुए जल भराव की समस्या की ओर ध्यान आकृष्ट करने के लिए नगरपालिका अधिकारी को पत्र लिखिए।
4/307, जगाधरी गेट
अंबाला
दिनांक : 18 सितंबर, 20XX
स्वास्थ्य अधिकारी
नगरपालिका
अंबाला
विषय – जल भराव की समस्या हेतु शिकायती पत्र
महोदय
निवेदन यह है कि मैं जगाधरी गेट का निवासी हूँ। यह क्षेत्र सफ़ाई की दृष्टि से पूरी तरह उपेक्षित है। वर्षा के दिनों में तो इसकी और बुरी हालत हो जाती है। इन दिनों प्रायः सभी गलियों में वर्षा का जल भरा हुआ है। नगरपालिका इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही। इस जल- भराव के कारण आवागमन में ही कठिनाई नहीं होती बल्कि बीमारी फैलने का भी खतरा है।
आपसे नम्र निवेदन है कि आप स्वयं एक बार आकर इस जल भराव को देखें। तभी आप हमारी कठिनाई को समझ पाएँगे। कृपया इस क्षेत्र से जल निकास का शीघ्र प्रबंध करें।
आशा है कि आप मेरी प्रार्थना की तरफ़ ध्यान देंगे।
भवदीय
महेश बजाज
8. चुनाव के दिनों में कार्यकर्ता घर, विद्यालयों और मार्गदर्शक आदि पर बेतहाशा पोस्टर लगा जाते हैं। इससे लोगों को होने वाली असुविधा पर अपने विचार व्यक्त करते हुए ‘दैनिक लोक वाणी’ समाचार-पत्र के ‘जनमत’ कॉलम के लिए पत्र लिखिए।
480, नई बस्ती
चंबा
दिनांक : 22 जनवरी, 20XX
संपादक
दैनिक लोकवाणी
चेन्नई
विषय – जगह-जगह राजनीतिक पोस्टर लगाने हेतु शिकायती पत्र।
आदरणीय महोदय
मैं आपके लोकप्रिय पत्र के ‘जनमत कॉलम’ के लिए एक पत्र लिख रहा हूँ। इसे प्रकाशित करने की कृपा करें। आप जानते हैं कि चुनाव के दिनों में कार्यकर्ता बिना सोचे-समझे, विद्यालयों, घरों तथा मार्गदर्शन चित्रों आदि पर अत्यधिक पोस्टर लगा जाते हैं। घर अथवा विद्यालय कोई राजनीतिक संस्थाएँ नहीं। उन पर लगे पोस्टरों से यह भ्रम हो जाता है कि घर तथा विद्यालय भी किसी राजनीतिक दल से संबद्ध है। इन पोस्टरों से मार्गदर्शन चित्र इस तरह ढक जाते हैं कि अजनबी को रास्ते के बारे में कुछ पता नहीं चलता। इन पोस्टरों को लगानेवालों की भीड़ के कारण आम लोगों को तथा छात्रों को असुविधा होती है। अतः मैं सरकार तथा राजनीतिक दलों का ध्यान इस तरफ़ दिलाना चाहता हूँ।
आशा है कि आप लोगों की सुविधा का ध्यान रखते हुए मेरे इस पत्र को प्रकाशित करने का आदेश देंगे।
भवदीय
मोहन मेहता
(ख) आवेदन-पत्र
9. दिल्ली नगर निगम के अध्यक्ष को एक आवेदन-पत्र लिखिए जिसमें लिपिक के पद के लिए आवेदन किया गया हो।
4/19, अशोक नगर
नई दिल्ली
दिनांक : 15 दिसंबर, 20XX
अध्यक्ष
नगर-निगम
दिल्ली
विषय – लिपिक के पद हेतु आवेदन पत्र।
मान्यवर
निवेदन है कि मुझे विश्वस्त सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि आपके कार्यालय में एक क्लर्क की आवश्यकता है। मैं इस रिक्ति के लिए अपनी सेवाएँ प्रस्तुत करता हूँ। मेरी योग्यताएँ इस प्रकार हैं –
(i) बी० ए० द्वितीय श्रेणी
(ii) टाइप का पूर्ण ज्ञान-गति 50 शब्द प्रति मिनट
(iii) अनुभव – एक वर्ष
(iv) आयु – 24वें वर्ष में प्रवेश
मुझे अंग्रेज़ी एवं हिंदी का अच्छा ज्ञान है। पंजाबी भाषा पर भी अधिकार है।
आशा है कि आप मेरी योग्यता को देखते हुए अपने अधीन काम करने का अवसर प्रदान करेंगे। मैं सच्चाई एवं ईमानदारी के साथ काम करने का आश्वासन दिलाता हूँ।
योग्यता एवं अनुभव संबंधी प्रमाण-पत्र इस प्रार्थना-पत्र के साथ संलग्न कर रहा हूँ।
धन्यवाद सहित
भवदीय
सुखदेव गोयल
संलग्न : उपर्युक्त
10. ‘जनसंख्या विभाग’ को घर-घर जाकर सूचनाएँ एकत्रित करने वाले ऐसे सर्वेक्षकों की आवश्यकता है, जो हिंदी और अंग्रेजी में भली-भाँति बात कर सकते हों और सूचनाओं को सही-सही दर्ज कर सकते हों। इसके साथ ही आवेदकों में विनम्रतापूर्वक बात करने की योग्यता होनी चाहिए। इस काम में अपनी रुचि प्रदर्शित करते हुए जनसंख्या विभाग के सचिव को आवेदन-पत्र लिखिए।
7, रामलीला मार्ग
हमीरपुर
दिनांक : 14 दिसंबर, 20XX
प्रशासनिक अधिकारी
जनसंख्या विभाग
कोयंबटूर
विषय – सर्वेक्षक की नौकरी हेतु आवेदन-पत्र।
आदरणीय महोदय
मुझे आज के दैनिक समाचार-पत्र में प्रकाशित विज्ञापन से ज्ञात हुआ है कि आपको घर-घर जाकर सूचनाएँ एकत्रित करने के लिए सर्वेक्षकों की आवश्यकता है। मैं आपके कार्यालय द्वारा निर्धारित योग्यताओं को पूर्ण करता हूँ।
मैंने इसी वर्ष बारहवीं कक्षा की परीक्षा उत्तीर्ण की है। कुछ समय तक मैंने स्थानीय कार्यालय में कार्य भी किया है। मैं हिंदी तथा अंग्रेज़ी बोलने तथा इन दोनों भाषाओं में वार्तालाप करने में दक्ष हूँ।
मैं अपनी सेवाएँ प्रदान करना चाहता हूँ। आशा है कि आप मुझे अवसर प्रदान करेंगे। आवश्यक प्रमाण-पत्र मैं भेंटवार्ता के अवसर पर साथ लेकर आऊँगा।
भवदीय
महेश महाजन
11. ‘प्रचंड भारत’ दैनिक समाचार-पत्र को खेल विभाग के लिए संवाददाताओं की आवश्यकता है। पद के लिए खेलों का ज्ञान और रुचि के साथ-साथ हिंदी भाषा में अच्छी गति से लिखने का अभ्यास अनिवार्य है। इस पद के लिए आवेदन-पत्र लिखिए।
14, पश्चिम विहार,
कोटा
दिनांक : 15 सितंबर, 20XX
संपादक
दैनिक ‘प्रचंड भारत’
कोटा
विषय – खेल संवाददाता के पद हेतु आवेदन पत्र।
मान्यवर
आपके लोकप्रिय समाचार-पत्र में प्रकाशित विज्ञापन से ज्ञात हुआ कि आपको खेल विभाग के लिए संवाददाताओं की आवश्यकता है। इस पद के लिए मैं अपनी सेवाएँ अर्पित करना चाहता हूँ।
मेरी योग्यताओं का विवरण इस प्रकार है –
शैक्षिक योग्यता बी० ए० प्रथम श्रेणी – 2012, पत्रकारिता में डिप्लोमा – 2013
विद्यालय की क्रिकेट टीम का कप्तान – अवधि 2 वर्ष
मुझे खेलों की सामग्री का पर्याप्त अनुभव है। मुझे हिंदी भाषा का अच्छा ज्ञान है। विद्यालय तथा महाविद्यालय की पत्रिका में मेरे लेख भी प्रकाशित होते रहे हैं।
आवश्यक प्रमाण-पत्र इस आवेदन पत्र के साथ संलग्न हैं
आशा है कि आप मुझे सेवा का अवसर प्रदान करेंगे।
भवदीय
प्रतीक राय
(ग) व्यावसायिक पत्र :
12. रिक्तियों के लिए समाचार-पत्र में विज्ञापन के प्रकाशन हेतु पत्र लिखिए।
रेलवे रोड
जालंधर
दिनांक : 29 सितंबर, 20XX
विज्ञापन व्यवस्थापक
दैनिक ट्रिब्यून
चंडीगढ़
विषय – विज्ञापन प्रकाशन हेतु पत्र।
महोदय
इस पत्र के साथ एक विज्ञापन का प्रारूप भेज रहा हूँ जिसे कृपया 7 अक्तूबर तथा 14 अक्तूबर के अंकों में प्रकाशित कर दें। आपका बिल प्राप्त होते ही उसका भुगतान कर दिया जाएगा।
विज्ञापन का प्रारूप
आवश्यकता है एक ऐसे अनुभवी सेल्स मैनेजर की जो स्वतंत्र रूप से प्रतिष्ठान के बिक्री काउंटर को सँभाल सके। वेतन ₹15000-20000 तथा निःशुल्क आवास की व्यवस्था। बहुत योग्य तथा अनुभवी अभ्यार्थी को योग्यतानुसार उच्च वेतन भी दिया जा सकता है। निम्नलिखित पते पर
15 नवंबर, 20XX तक लिखें या मिलें –
मल्होत्रा बुक डिपो,
रेलवे रोड, जालंधर शहर।
धन्यवाद
भवदीय
एस० के० सिक्का
प्रबंधक
संलग्न : विज्ञापन
13. आपको दिल्ली के किसी पुस्तक-विक्रेता से कुछ पुस्तकें मँगवानी हैं। वी० पी० पी० द्वारा मँगवाने के लिए पत्र लिखिए।
5/714, तिलक नगर
कटक
दिनांक : 17 नवंबर, 20XX
प्रबंधक
मल्होत्रा बुक डिपो
गुलाब भवन
6, बहादुर शाह ज़फ़र मार्ग
नई दिल्ली- 110002
विषय – पुस्तकें मँगवाने हेतु पत्र।
महोदय
निम्नलिखित पुस्तकें स्थानीय पुस्तक – विक्रेता से नहीं मिल रहीं अतः ये पुस्तकें वी० पी० पी० द्वारा शीघ्र भेजने का कष्ट करें। यदि अग्रिम भेजने की आवश्यकता हो तो सूचित करें। पुस्तकों पर उचित कमीशन काटना न भूलें। पुस्तकें नवीन पाठ्यक्रम के अनुसार होनी चाहिए।
1. हिंदी गाइड (कक्षा नौ) …… एक प्रति
2. इंगलिश गाइड (कक्षा नौ) ……… एक प्रति
3. नागरिक शास्त्र के सिद्धांत (कक्षा नौ) …… एक प्रति
4. भूगोल (कक्षा नौ) ……… एक प्रति
5. विज्ञान (कक्षा नौ) ……… एक प्रति
भवदीय
निशा सिंह
(घ) प्रार्थना-पत्र :
14. अपने प्रधानाचार्य को एक प्रार्थना-पत्र लिखिए जिसमें कई महीने से अंग्रेज़ी की पढ़ाई न होने के कारण उत्पन्न कठिनाई का वर्णन किया गया हो।
प्रधानाचार्य
केंद्रीय विद्यालय
पुड्डूचेरी
विषय – अंग्रेज़ी की पढ़ाई न हो पाने हेतु शिकायती पत्र।
महोदय
आप भली-भाँति जानते हैं कि हमारे अंग्रेज़ी के अध्यापक श्री ज्ञानचंद जी पिछले तीन सप्ताह से बीमार हैं। अभी भी उनके स्वास्थ्य में विशेष सुधार नहीं हो रहा। डॉक्टर का कहना है कि अभी श्री ज्ञानचंद जी को स्वस्थ होने में कम-से-कम दो सप्ताह और लगेंगे। पिछले तीन सप्ताह से हमारी अंग्रेज़ी की पढ़ाई ठीक ढंग से नहीं हो रही। आपने जो प्रबंध किया है, वह संतोषजनक नहीं है। उधर परीक्षा सिर पर आ रही हैं। अभी पाठ्यक्रम भी समाप्त नहीं हुआ है। पुनरावृत्ति के लिए भी समय नहीं बचेगा। अतः आपसे विनम्र प्रार्थना है कि आप हमारी अंग्रेज़ी की पढ़ाई का उचित एवं संतोषजनक प्रबंध करें। यदि कुछ कालांश बढ़ा दिए जाएँ तो और भी अच्छा रहेगा।
आशा है कि हमारी कठिनाई को शीघ्र ही दूर करने का प्रयास करेंगे।
आपका आज्ञाकारी
नवनीत (नौ ‘क’)
15. अपने प्रधानाचार्य को प्रार्थना-पत्र लिखिए जिसमें पुस्तकालय के लिए नई पुस्तकों और बाल-पत्रिकाओं को मँगाने की प्रार्थना की गई हो।
प्रधानाचार्य
राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय
जम्मू
विषय – पुस्तकालय में पुस्तकें मँगवाने हेतु पत्र।
मान्यवर महोदय
गत सप्ताह आपने प्रार्थना सभा में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए विद्यालय के पुस्तकालय की उपयोगिता पर प्रकाश डाला था। आपने छात्रों को पुस्तकालय से अच्छी-अच्छी पुस्तकें निकलवाकर उनका अध्ययन करने की भी प्रेरणा दी थी। लेकिन पुस्तकालय में छात्रों ने जिन पुस्तकों तथा बाल – पत्रिकाओं की माँग की, वे प्रायः विद्यालय में उपलब्ध नहीं हैं।
आपसे नम्र निवेदन है कि कुछ नई पुस्तकें तथा बालोपयोगी पत्रिकाओं को मँगवाने की व्यवस्था करें। पुस्तकों तथा पत्रिकाओं के अध्ययन से जहाँ छात्र वर्ग के ज्ञान में वृद्धि होती है, वहाँ उनका पर्याप्त मनोरंजन भी होता है।
आशा है कि आप हमारी प्रार्थना पर शीघ्र ध्यान देंगे।
आपका आज्ञाकारी शिष्य
मनोज कुमार
तिथि : 7.11.20XX
16. विद्यालय के प्राचार्य को संध्याकालीन खेलों के उत्तम प्रबंध के लिए प्रार्थना-पत्र लिखिए।
प्राचार्य
नवयुग विद्यालय
वर्धमान
विषय – संध्याकालीन खेलों के उत्तम प्रबंध हेतु पत्र।
महोदय
निवेदन यह है कि आप ने प्रातःकालीन सभा में खेलों के महत्त्व पर प्रकाश डाला था। हम विद्यालय परिसर में संध्या के समय खेलना चाहते हैं, परंतु हमारे विद्यालय के परिसर का खेल का मैदान साफ़ नहीं है तथा हमें खेल की उचित सामग्री भी प्राप्त नहीं होती।
आपसे अनुरोध है कि खेल के मैदान को साफ़ करवाने की तथा खेलों की सामग्री दिलवाने की कृपा करें।
धन्यवाद
भवदीय
देबाशीष डे
तथा कक्षा नौवीं के अन्य विद्यार्थी
दिनांक : 24 अप्रैल, 20XX
17. अध्यक्ष परिवहन निगम को अपने गाँव तक बस सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रार्थना-पत्र लिखिए।
अध्यक्ष
परिवहन निगम
दिल्ली
विषय – बस सुविधा उपलब्ध करवाने हेतु पत्र।
आदरणीय महोदय
मैं गाँव ‘सोनपुरा’ का एक निवासी हूँ। वह गाँव दिल्ली से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर है। खेद की बात है कि परिवहन निगम की ओर से इस गाँव तक कोई बस सेवा उपलब्ध नहीं है। यहाँ के किसानों को नगर से कृषि के लिए आवश्यक सामान लाने में बड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। छात्र – छात्राओं को अपने-अपने विद्यालयों तथा महाविद्यालयों में पहुँचने के लिए भी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। अतः आपसे प्रार्थना है कि इस गाँव तक बस सेवा उपलब्ध करवाने की कृपा करें।
आशा है कि हमारी प्रार्थना पर शीघ्र ध्यान दिया जाएगा।
धन्यवाद सहित।
भवदीय
रमेश ‘बाल रत्न’
निवासी ‘सोनपुरा गाँव’
तिथि : 18 मार्च, 20XX
18. अपने विद्यालय के प्रधानाध्यापक को एक प्रार्थना-पत्र लिखिए जिसमें खेलों की आवश्यक तैयारी तथा खेल का सामान उपलब्ध करवाने की प्रार्थना की गई हो।
प्रधानाध्यापक
केंद्रीय विद्यालय
पणजी
विषय – खेलों की आवश्यक तैयारी तथा खेल का सामान उपलब्ध करवाने हेतु पत्र।
मान्यवर
आपने एक छात्र – सभा में भाषण देते हुए इस बात पर बल दिया था कि छात्रों को शिक्षा के साथ-साथ खेलों का महत्व भी समझना चाहिए। खेल शिक्षा का एक महत्वपूर्ण अंग है। खेद की बात यह है कि आप खेलों की आवश्यकता तो खूब समझते हैं पर खेल सामग्री के अभाव की ओर कभी आपका ध्यान नहीं गया। खेलों के अनेक लाभ हैं। ये स्वास्थ्य के लिए बड़ी उपयोगी हैं। ये अनुशासन, समयपालन, सहयोग तथा सद्भावना का भी पाठ पढ़ाते हैं।
अतः आपसे नम्र निवेदन है कि आप खेलों का सामान उपलब्ध करवाने की कृपा करें। इससे छात्रों में खेलों के प्रति रुचि बढ़ेगी। वे अपनी खेल प्रतिभा का विकास कर सकेंगे।
आशा है कि आप मेरी प्रार्थना पर उचित ध्यान देंगे और आवश्यक आदेश जारी करेंगे।
आपका आज्ञाकारी शिष्य
रजत शर्मा
कक्षा : नौवीं ‘ब’
दिनांक : 17 अप्रैल, 20XX
19. अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को भाई के विवाह के कारण चार दिन का अवकाश प्रदान करने हेतु प्रार्थना पत्र लिखिए।
प्रधानाचार्य
एस० एम० उच्च विद्यालय
अहमदाबाद
विषय – भाई के विवाह के कारण अवकाश हेतु पत्र।
महोदय
सविनय प्रार्थना है कि मेरे बड़े भाई का शुभ विवाह 12 अक्तूबर को होना निश्चित हुआ है। मेरा इसमें सम्मिलित होना अति आवश्यक है। इसलिए इन दिनों मैं विद्यालय में उपस्थित नहीं हो सकता। कृपया मुझे 11 से 14 अक्तूबर तक चार दिन की छुट्टी देकर अनुगृहित करें। अति धन्यवाद सहित।
आपका आज्ञाकारी शिष्य
जयदीप
कक्षा : नौवीं ‘बी’
दिनांक : 10 अक्तूबर, 20XX
20. शिक्षा-शुल्क क्षमा करवाने के लिए अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को प्रार्थना-पत्र लिखिए।
प्रधानाचार्य
डी० ए० वी० उच्च विद्यालय
अकोला
विषय – शिक्षा शुल्क क्षमा करवाने के लिए पत्र।
महोदय
सविनय निवेदन यह है कि मैं आपके विद्यालय में कक्षा नौवीं ‘ए’ में पढ़ता हूँ। मैं एक मध्यमवर्गीय परिवार से संबंध रखता हूँ। मेरे पिताजी एक स्थानीय कार्यालय में केवल पाँच हज़ार रुपये मासिक पर कार्य करते हैं। हम परिवार में छह सदस्य हैं। इस महँगाई के समय में इतने कम वेतन में निर्वाह होना अति कठिन है। ऐसी स्थिति में मेरे पिताजी मेरा शुल्क अदा करने में असमर्थ हैं।
मेरी पढ़ाई में विशेष रुचि है। मैं सदा अपनी कक्षा में प्रथम रहता आया हूँ। मैं स्कूल की हॉकी टीम का कप्तान भी हूँ। मेरे सभी अध्यापक मुझसे सर्वथा संतुष्ट हैं। अतः आपसे मेरी विनम्र प्रार्थना है कि आप मेरा शिक्षा शुल्क माफ़ कर मुझे आगे पढ़ने का सुअवसर प्रदान करने की कृपा करें।
मैं आपका सदा आभारी रहूँगा।
आपका आज्ञाकारी शिष्य
प्रमोद कुमार
कक्षा नौवीं ‘ए’
दिनांक : 15 मई, 20XX
21. अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को एक पत्र लिखिए जिसमें स्कूल फंड से पुस्तकें लेकर देने की प्रार्थना की गई हो।
प्रधानाचार्य
केंद्रीय विद्यालय
मदुरै
विषय – स्कूल फंड से पुस्तकें लेकर देने हेतु पत्र।
महोदय
निवेदन है कि मैं आपके विद्यालय में कक्षा नौवीं ‘ए’ का अत्यंत निर्धन विद्यार्थी हूँ। जैसा कि आप जानते हैं कि पिछले वर्ष मेरे पिता की मृत्यु हो गई थी। मेरी माँ पढ़ी-लिखी नहीं है। खेती-बाड़ी या आय का अन्य कोई साधन नहीं है। मेरे अलावा मेरे दो छोटे भाई हैं, जिनमें से एक छठी कक्षा में पढ़ता है। माँ हम सब का मेहनत-मज़दूरी करके पालन-पोषण कर रही है और पढ़ा-लिखा रही है। नवंबर का महीना बीत रहा है और अभी तक मेरे पास एक भी पाठ्य पुस्तक नहीं है। अभी तक मैं साथियों से पुस्तकें माँग कर काम चला रहा हूँ। परंतु परीक्षा के समय मेरे साथी चाहकर भी अपनी पाठ्य-पुस्तकें नहीं दे पाएँगे। यह बात स्मरण करके अपनी बेबसी का बेहद एहसास होता है। वार्षिक परीक्षा दो-तीन महीने बाद शुरू होने वाली है।
अतः आपसे विनम्र प्रार्थना है कि आप मुझे निर्धन छात्र- कोष या पुस्तकालय से सभी आवश्यक पाठ्य-पुस्तकें दिलाने की कृपा करें। आपके इस उपकार का मैं जीवन-भर आभारी रहूँगा।
आपका आज्ञाकारी शिष्य
कमल मोहन
कक्षा नौवीं ‘ए’
दिनांक : 11 मई, 20XX
22. अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को विद्यालय-त्याग का प्रमाण-पत्र प्रदान करने के लिए प्रार्थना-पत्र लिखिए।
प्रधानाचार्य
शारदा उच्च विद्यालय
धर्मशाला
विषय – विद्यालय – त्याग प्रमाण पत्र प्रदान करने हेतु।
मान्यवर
सविनय निवेदन है कि मेरे पिताजी का स्थानांतरण शिमला हो गया है। वे कल यहाँ से जा रहे हैं और साथ में परिवार भी जा रहा है। इस अवस्था में मेरा यहाँ अकेला रहना कठिन है। कृपा करके मुझे स्कूल छोड़ने का प्रमाण- पत्र दीजिए ताकि मैं वहाँ जाकर स्कूल में प्रविष्ट हो सकूँ।
कृपा के लिए धन्यवाद।
आपका विनीत शिष्य
सुनील कुमार
कक्षा : नौवीं ‘बी’
दिनांक : 11 फरवरी, 20XX