Jharkhand Board JAC Class 12 History Important Questions Chapter 12 औपनिवेशिक शहर : नगर-योजना, स्थापत्य Important Questions and Answers.
JAC Board Class 12 History Important Questions Chapter 12 औपनिवेशिक शहर : नगर-योजना, स्थापत्य
बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)
1. 1857 के विद्रोह से पूर्व दिल्ली के कोतवाल थे-
(क) गंगाधर नेहरू
(ख) अरुण नेहरू
(ग) मोतीलाल नेहरू
(घ) जवाहरलाल नेहरू
उत्तर:
(क) गंगाधर नेहरू
2. अखिल भारतीय जनगणना का प्रयास भारत में प्रथम बार हुआ-
(क) 1772 में
(ख) 1872 में
(ग) 1786 में
(घ) 1881 में
उत्तर:
(ख) 1872 में
3. शाहजहाँनाबाद को बसाया था-
(क) अकबर ने
(ख) औरंगजेब ने
(ग) शाहजहाँ ने
(घ) हुमायूँ ने
उत्तर:
(ग) शाहजहाँ ने
4. ब्रिटिश काल में पहला हिल स्टेशन बना-
(क) शिमला
(ख) दार्जिलिंग
(ग) नैनीताल
(घ) मनाली
उत्तर:
(क) शिमला
5. आगरा, दिल्ली तथा लाहौर की एक सामान्य विशेषता थी-
(क) तीनों शहर मिली-जुली संस्कृति के लिए जाने जाते थे।
(ख) तीनों शहर सूफी सन्तों तथा भक्तों को खूब प्रिय थे।
(ग) तीनों शहर सोलहवीं और सत्रहवीं सदी में मुगल शासन के महत्त्वपूर्ण केन्द्र थे।
(घ) तीनों शहर मुस्लिम आबादी वाले थे।
उत्तर:
(ग) तीनों शहर सोलहवीं और सत्रहवीं सदी में मुगल शासन के महत्त्वपूर्ण केन्द्र थे।
6. भारत में रेलवे की शुरुआत हुई
(क) 1856 में
(ग) 1855 में
(ख) 1853 में
(घ) 1851 में
उत्तर:
(ख) 1853 में
7. कलकत्ता के स्थान पर दिल्ली को राजधानी बनाया गया-
(क) 1911 में
(ख) 1916 में
(ग) 1908 में
(घ) 1899 में
उत्तर:
(क) 1911 में
8. प्लासी का युद्ध लड़ा गया था-
(क) 1755 में
(ख) 1757 में
(ग) 1765 में
(घ) 1857 में
उत्तर:
(ख) 1757 में
9. दक्षिण भारत के दो शहरों मदुराई और कांचीपुरम की मुख्य विशेषता थी-
(क) ये दोनों नगर हमलावरों से सुरक्षित थे।
(ख) इनमें मुख्य केन्द्र मन्दिर तथा महत्त्वपूर्ण व्यापारिक केन्द्र होते थे।
(ग) इनमें विश्व के प्रमुख धर्मों के त्यौहार मनाए जाते थे।
(घ) समाज के लोग इन शहरों में साहित्यिक चर्चा किया करते थे।
उत्तर:
(ख) इनमें मुख्य केन्द्र मन्दिर तथा महत्त्वपूर्ण व्यापारिक केन्द्र होते थे।
10. औपनिवेशिक शहरों में प्राय: निम्न तीन शहर शामिल किए जाते थे-
(क) दिल्ली, बम्बई, कलकत्ता
(ख) दिल्ली, मद्रास, कलकत्ता
(ग) मद्रास, कलकत्ता, बम्बई
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ग) मद्रास, कलकत्ता, बम्बई
11. मद्रास, कलकत्ता एवं बम्बई तीनों शहरों की एक सामान्य विशेषता थी-
(क) तीनों व्यापारिक राजधानी थे
(ख) तीनों मूलतः मत्स्य ग्रहण एवं बुनाई के गाँव थे
(ग) तीनों शहरों को अंग्रेजों ने बसाया था
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ख) तीनों मूलतः मत्स्य ग्रहण एवं बुनाई के गाँव थे
12. मिर्जा गालिब थे-
(क) चित्रकार
(ग) कवि
(ख) शायर
(घ) फिल्मकार
उत्तर:
(ख) शायर
13. निम्न में से किस शहर का सम्बन्ध राइटर्स बिल्डिंग से है?
(क) बम्बई
(ग) कलकत्ता
(ख) दिल्ली
(घ) मद्रास
उत्तर:
(ग) कलकत्ता
14. कासल क्या था?
(क) एक दुर्ग
(ग) एक बस्ती
(ख) एक शहर
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(क) एक दुर्ग
15.
विनोदिनी दासी कौन थीं?
(क) चित्रकार
(ख) रंगकर्मी
(ग) वास्तुकार
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(ख) रंगकर्मी
16. फोर्ट सेंट जार्ज कहाँ स्थित है?
(क) मद्रास
(ख) दिल्ली
(ग) कलकत्ता
(घ) बम्बई
उत्तर:
(क) मद्रास
17. किस भारतीय शहर का सम्बन्ध फोर्ट विलियम से है?
(क) दिल्ली
(ग) मद्रास
(ख) कलकत्ता
(घ) जयपुर
उत्तर:
(ख) कलकत्ता
18. नवशास्त्रीय स्थापत्य शैली का उदाहरण है-
(क) टाउन हॉल
(ख) लाल किला
(ग) विक्टोरिया टर्मिनल
(च) ताजमहल
उत्तर:
(क) टाउन हॉल
19. सात टापुओं का शहर है-
(क) बम्बई
(ग) मद्रास
(ख) कलकत्ता
(घ) दिल्ली
उत्तर:
(क) बम्बई
20. लॉटरी कमेटी का सम्बन्ध है-
(क) पुरातत्त्व व्यवस्था से
(ख) सैनिक व्यवस्था से
(ग) प्रशासनिक व्यवस्था से
(घ) नगर नियोजन से
उत्तर:
(घ) नगर नियोजन से
21. गारेर मठ क्या था?
(क) एक मैदान
(ग) एक बस्ती
(ख) एक शहर
(घ) एक पक्षी
उत्तर:
(क) एक मैदान
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. 1853 में बम्बई से ………………….. “तक रेलवे लाइन बिछाई गई।
2. 1896 में बम्बई के ………………….. -होटल में पहली बार फिल्म दिखाई गई।
3. कलकत्ता की जगह दिल्ली को ………………….. में राजधानी बनाया गया।
4. 1857 में बम्बई में पहली स्पिनिंग और ………………….. मिल की स्थापना की गई।
5. ईस्ट इण्डिया कम्पनी द्वारा ………………… में कलकत्ता में सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना की गई।
6. एशियाटिक सोसाइटी की स्थापना ………………….. में ………………….. की गई।
7. ………………… में बम्बई को ब्रिटेन के राजा ने कम्पनी को दे दिया।
8. ग्रामीण अंचल में एक छोटे नगर को ………………. कहा जाता है।
9. ………………….. कहा का तात्पर्य एक छोटे स्थायी बाजार है।
10. पुर्तगालियों ने 1510 में ……………… तथा डचों ने 1605 में ………………. में आधार स्थापित कर लिए थे।
11. मद्रास, बम्बई और कलकत्ता का आधुनिक नाम क्रमश: …………………. , …………………… और …………………. है।
12. प्लासी का युद्ध ……………. में हुआ था।
13. सर्वे ऑफ इण्डिया का गठन ……………. ने किया गया था।
14. कपडों जबकि …………… अपने स्टील उत्पादन के लिए प्रसिद्ध था।
15 ……………… की स्थापना गुरखा युद्ध के दौरान की गई थी।
उत्तरमाला –
1. ठाणे
2. वाटसन्स
3. 1911
4 बीविंग
5. 1773
6. सर विलियम जोन्स, 1784
7. 1661
8. कस्बा
9. गंज
10. पणजी, मछलीपट्टनम
11. चेन्नई, मुम्बई और कोलकाता
12. 1757
13. 1878
14. कानपुर, जमशेदपुर
15. शिमला।
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
प्लासी का युद्ध कब और किसके बीच हुआ?
उत्तर:
1757 ई. में प्लासी का युद्ध अंग्रेजों और बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला के बीच हुआ।
प्रश्न 2.
गेटवे ऑफ इण्डिया कब और कहाँ बनाया गया?
उत्तर:
गेटवे ऑफ इण्डिया 1911 में बम्बई में बनाया
प्रश्न 3.
औपनिवेशिक भारत में स्थापित दो हिल स्टेशनों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
(1) शिमला
(2) माउंट आबू
प्रश्न 4.
ईस्ट इण्डिया कम्पनी द्वारा अपनी बस्तियों की किलेबन्दी करने का प्रमुख उद्देश्य क्या था? उत्तर- यूरोपीय कम्पनियों के बीच प्रतिस्पर्द्धा के कारण सुरक्षा बनाये रखना।
प्रश्न 5.
अखिल भारतीय जनगणना का प्रथम प्रयास किस वर्ष में किया गया था?
उत्तर:
सन् 1872 ई. में
प्रश्न 6.
भारत के मद्रास, कलकत्ता और बम्बई तीनों शहर मूलत: किस प्रकार के गाँव थे?
उत्तर:
ये तीनों शहर मत्स्य ग्रहण और बुनाई के गाँव थे।
प्रश्न 7.
इंग्लिश ईस्ट इण्डिया कम्पनी के एजेन्ट मद्रास में किस सन् में बस गये?
उत्तर:
सन् 1639 में।
प्रश्न 8.
इंग्लिश ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने मद्रास, कलकत्ता और बम्बई में किस प्रकार के कार्यालय स्थापित किये?
उत्तर:
व्यापारिक और प्रशासनिक कार्यालय।
प्रश्न 9.
भारत में मुगलकाल में शाही प्रशासन और सत्ता के तीन महत्त्वपूर्ण केन्द्रों के नाम लिखिए।
उत्तर:
(1) आगरा
(2) दिल्ली और
(3) लाहौर।
प्रश्न 10.
दक्षिण भारत के ऐसे दो नगरों के नाम लिखिए जिनमें मुख्य केन्द्र मन्दिर होता था।
उत्तर:
मदुरई और कांचीपुरम
प्रश्न 11.
18वीं सदी के अन्त तक स्थल आधारित साम्राज्यों का स्थान कैसे साम्राज्यों ने ले लिया?
उत्तर:
जल आधारित यूरोपीय साम्राज्यों ने।
प्रश्न 12.
भारत में रेलवे की शुरुआत कब हुई?
उत्तर:
1853 में भारत में रेलवे की शुरुआत हुई। प्रश्न 13, 19वीं सदी के मध्य तक भारत में कौनसे दो औद्योगिक शहर थे?
उत्तर:
(1) कानपुर,
(2) जमशेदपुर।
प्रश्न 14.
कलकत्ता में किन लोगों ने बाजारों के आस-पास ब्लैक टाउन में परम्परागत ढंग से दालानी मकान बनवाए?
उत्तर:
अमीर भारतीय एजेन्टों और बिचौलियों ने।
प्रश्न 15.
कलकत्ता में मजदूर वर्ग के लोग कहाँ रहते में।
उत्तर:
शहर के विभिन्न इलाकों की कच्ची झोंपड़ियों
प्रश्न 16.
1857 के विद्रोह के बाद अंग्रेजों के लिए किस नाम से नए शहरी इलाके विकसित किये गये?
उत्तर:
सिविल लाइन्स’ के नाम से
प्रश्न 17.
सिविल लाइन्स में किनको बसाया गया?
उत्तर:
केवल गोरों को।
प्रश्न 18.
पहला हिल स्टेशन कब और कौनसा बनाया गया?
उत्तर:
पहला हिल स्टेशन 1815-16 में शिमला में स्थापित किया गया।
प्रश्न 19.
ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने कलकत्ता और बम्बई में अपने व्यापारिक केन्द्र कब स्थापित किये?
उत्तर:
(1) 1661 में बम्बई में
(2) 1690 में कलकत्ता में।
प्रश्न 20.
1800 ई. तक जनसंख्या की दृष्टि से कौनसे भारतीय शहर विशालतम शहर बन गए थे?
उत्तर:
(1) मद्रास
(2) कलकत्ता
(3) बम्बई।
प्रश्न 21.
भारत में दशकीय जनगणना कब से एक नियमित व्यवस्था बन गई थी?
उत्तर:
पहला हिल-स्टेशन 1815-16 में शिमला में स्थापित किया गया।
प्रश्न 22.
1900 से 1940 के मध्य 40 वर्षों की अवधि में भारतीय शहरी आबादी में कितनी वृद्धि हुई?
उत्तर:
दस प्रतिशत से बढ़कर लगभग 13 प्रतिशत हो गई।
प्रश्न 23
19वीं शताब्दी में भारत में कौनसे रेलवे नगर अस्तित्व में आए?
उत्तर;
जमालपुर, वाल्टेयर तथा बरेली।
प्रश्न 24.
अंग्रेजों ने अपनी किन बस्तियों की किलेबन्दी की थी?
उत्तर:
बम्बई, मद्रास और कलकत्ता की।
प्रश्न 25.
औपनिवेशिक काल के दो औद्योगिक शहरों के नाम लिखिए।
उत्तर:
(1) कानपुर
(2) जमशेदपुर।
प्रश्न 26.
चमड़े की चीजों तथा ऊनी और सूती वस्त्रों के निर्माण के लिए कौनसा औद्योगिक नगर प्रसिद्ध था?
उत्तर:
कानपुर। था?
प्रश्न 27.
जमशेदपुर किसके उत्पादन के लिए प्रसिद्ध
उत्तर:
स्टील उत्पादन के लिए।
प्रश्न 28.
राइटर्स बिल्डिंग कहाँ पर स्थित थी?
उत्तर:
कलकत्ता में।
प्रश्न 29.
इंग्लिश ईस्ट इण्डिया कम्पनी के एजेंट कलकत्ता में किस वर्ष बसे?
उत्तर:
1690 ई. में।
प्रश्न 30.
अंग्रेजों द्वारा स्थापित दो हिल स्टेशनों के नाम बताइये ये कब स्थापित किये गए?
उत्तर:
1818 में माउण्ट आबू तथा 1835 में दार्जिलिंग।
प्रश्न 31.
सेनेटोरियम के रूप में किनका विकास किया गया था?
उत्तर:
हिल स्टेशनों का।
प्रश्न 32.
कौनसा हिल स्टेशन भारतीय सेना के कमांडर इन चीफ (प्रधान सेनापति) का भी अधिकृत वास बन गया था?
उत्तर:
शिमला।
प्रश्न 33.
भारत के नये शहरों में यातायात के कौनसे साधन थे?
उत्तर:
घोड़ागाड़ी, ट्राम तथा बस।
प्रश्न 34.
भारतीय शहरों में किस नये वर्ग का प्रादुर्भाव हुआ?
उत्तर:
मध्य वर्ग’ का ।
प्रश्न 35.
भारतीय शहरों में किन लोगों की माँग बढ़ रही थी?
उत्तर:
वकीलों, डॉक्टरों, शिक्षकों, क्लकों, इंजीनियरों, लेखाकारों की।
प्रश्न 36.
आमार कथा (मेरी कहानी) की रचना किसने की थी?
उत्तर:
विनोदिनी दास ने
प्रश्न 37.
मद्रास में ‘व्हाइट टाउन’ का केन्द्र कौन
उत्तर:
फोर्ट सेंट जार्ज।
प्रश्न 38.
कलकत्ता को किन तीन गाँवों को मिलाकर बनाया गया था?
उत्तर:
(1) सुतानाती
(2) कोलकाता
(3) गोविन्दपुर।
प्रश्न 39.
कलकत्ता का किला क्या कहलाता था?
उत्तर:
फोर्ट विलियम।
प्रश्न 40.
‘स्वास्थ्यकर नगर’ और ‘अस्वास्थ्यकर नगर’ कौनसे होते थे?
उत्तर:
व्हाइट टाउन’ स्वास्थ्यकर तथा ‘ब्लैक टाउन’ अस्वास्थ्यकर कहलाते थे।
प्रश्न 41.
लार्ड वेलेजली भारत के गवर्नर जनरल कब बने?
उत्तर:
1798 ई. में।
प्रश्न 42.
लार्ड वेलेजली ने कलकत्ता में अपने लिए रहने के लिए जो महल बनवाया, वह क्या कहलाता था?
उत्तर:
गवर्नमेंट हाउस
प्रश्न 43.
ग्रामीण क्षेत्रों के लोग किस प्रकार जीवन- यापन करते थे?
उत्तर:
खेती, जंगलों में संग्रहण तथा पशुपालन द्वारा।
प्रश्न 44.
ग्रामीण क्षेत्रों से कस्बों तथा शहरों को अलग दिखाने वाली एक विशेषता बताइए।
उत्तर:
कस्बों तथा शहरों की किलेबन्दी की जाती थी, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों की नहीं। –
प्रश्न 45.
जनगणना के आँकड़ों का एक महत्त्व बताइए। उत्तर- जनगणना शहरीकरण के इतिहास का अध्ययन करने का बहुमूल्य स्रोत है।
प्रश्न 46.
आरम्भ में अधिकांश लोग जनगणना को सन्देह की दृष्टि से क्यों देखते थे?
उत्तर:
क्योंकि लोगों का मानना था कि सरकार नए कर लागू करने के लिए जाँच करवा रही है।
प्रश्न 47.
बगीचा पर’ का सम्बन्ध किस औपनिवेशिक शहर से था?
उत्तर:
कलकत्ता।
प्रश्न 48.
प्रारम्भ में बम्बई कितने टापुओं का इलाका था?
उत्तर:
सात टापुओं का।
प्रश्न 49.
बम्बई में नव-शास्त्रीय (नव क्लासिकल शैली) में निर्मित दो इमारतों के नाम लिखिए।
उत्तर:
(1) बम्बई का टाउन हाल
(2) एल्फिंस्टन सर्कल।
प्रश्न 50.
बम्बई में नव-गॉथिक शैली में निर्मित चार इमारतों के नाम लिखिए।
उत्तर:
(1) बम्बई सचिवालय
(2) बम्बई विश्वविद्यालय
(3) उच्च न्यायालय
(4) बम्बई टर्मिनस रेलवे स्टेशन।
प्रश्न 51.
नव-गॉथिक शैली में निर्मित सर्वोत्कृष्ट इमारत कौनसी थी जो बम्बई में निर्मित थी?
उत्तर:
विक्टोरिया टर्मिनस रेलवे स्टेशन
प्रश्न 52.
मद्रास में इण्डो सारसेनिक स्थापत्य शैली में निर्मित भवन का नाम लिखिए।
उत्तर:
मद्रास ला कोर्टस।
प्रश्न 53.
बम्बई में निर्मित ‘गेटवे ऑफ इण्डिया’ किस शैली का प्रतीक है?
उत्तर:
गुजराती शैली का।
प्रश्न 54.
राजा जार्ज पंचम और उनकी पत्नी मेरी के स्वागत के लिए कौनसी इमारत बनाई गई थी और कब?
उत्तर:
(1) गेटवे ऑफ इण्डिया
(2) 1911 में।
प्रश्न 55.
भारत में सबसे पहली रेल किन शहरों के बीच चलाई गई और कब?
उत्तर:
(1) बम्बई से ठाणे तक
(2) 1853 में।
प्रश्न 56.
बम्बई, मद्रास और कलकत्ता विश्वविद्यालयों की स्थापना कब की गई?
उत्तर:
1857 में।
प्रश्न 57.
अंग्रेजों ने कलकत्ता की जगह दिल्ली को कब राजधानी बनाया?
उत्तर;
1911 में
प्रश्न 58.
फोर्ट विलियम पर टिप्पणी लिखिए। उत्तर- फोर्ट विलियम कलकत्ता का एक प्रसिद्ध दुर्ग था। इसका निर्माण ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने करवाया था।
प्रश्न 59
6वीं तथा 17वीं सदी में मुगलों द्वारा बनाए गए शहर किन बातों के लिए प्रसिद्ध थे? उत्तर-ये शहर जनसंख्या के केन्द्रीकरण, अपने विशाल भवनों तथा शाही शोभा व समृद्धि के लिए प्रसिद्ध थे।
प्रश्न 60.
मुगल राजधानियों दिल्ली और आगरे के राजनीतिक प्रभुत्व की समाप्ति के बाद किन क्षेत्रीय राजधानियों का महत्त्व बढ़ गया था?
उत्तर- लखनऊ, हैदराबाद, सारंगपट्म, पूना, नागपुर, बड़ौदा, तंजौर
प्रश्न 61.
पेठ और पुरम में क्या अन्तर है?
उत्तर:
पेठ तमिल शब्द है जिसका अर्थ होता है बस्ती जबकि पुरम शब्द गाँव के लिए प्रयोग किया जाता है।
प्रश्न 62.
अंग्रेजों ने अपनी व्यापारिक गतिविधियों का केन्द्र सर्वप्रथम किसे बनाया था?
उत्तर:
सूरत।
प्रश्न 63.
कलकत्ता में अंग्रेजों की सत्ता की प्रतीक इमारत कौनसी थी?
उत्तर:
गवर्नमेंट हाऊस।
प्रश्न 64.
लॉटरी कमेटी का सम्बन्ध किस औपनिवेशिक शहर से था?
उत्तर:
कलकत्ता।
प्रश्न 65.
बम्बई सचिवालय का डिजाइन किसने बनाया था?
उत्तर:
एच. एस. टी. क्लेयर विलकिन्स ने।
प्रश्न 66.
मद्रास, कलकत्ता और बम्बई में कौनसे इलाके ब्रिटिश आबादी के रूप में जाने जाते थे?
उत्तर:
मद्रास, कलकत्ता और बम्बई में क्रमश: फोर्ट सेंट जार्ज, फोर्ट विलियम और फोर्ट इलाके ब्रिटिश आबादी के रूप में प्रसिद्ध थे।
प्रश्न 67.
आजकल बम्बई, मद्रास तथा कलकत्ता किन नामों से पुकारे जाते हैं?
उत्तर:
आजकल बम्बई, मद्रास तथा कलकत्ता क्रमशः मुम्बई, चेन्नई तथा कोलकाता नाम से पुकारे जाते हैं।
प्रश्न 68.
पुर्तगालियों तथा डचों ने कब और कहाँ अपने व्यापारिक केन्द्रों की स्थापना की?
उत्तर:
पुर्तगालियों ने 1510 में पणजी में तथा डचों ने 1605 में मछलीपट्नम में अपने व्यापारिक केन्द्र स्थापित किये।
प्रश्न 69.
अंग्रेजों तथा फ्रांसीसियों ने कब और कहाँ व्यापारिक केन्द्र स्थापित किये?
उत्तर:
अंग्रेजों ने 1639 में मद्रास में तथा फ्रांसीसियों ने 1673 में पांडिचेरी में अपने व्यापारिक केन्द्रों की स्थापना की।
प्रश्न 70.
भारत के एक आधुनिक औद्योगिक देश न बनने का क्या कारण था?
उत्तर:
इंग्लैण्ड की पक्षपातपूर्ण औपनिवेशिक नीति के कारण।
प्रश्न 71.
‘राइटर्स बिल्डिंग’ से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
राइटर्स बिल्डिंग कम्पनी का एक मुख्य प्रशासकीय कार्यालय था क्लर्क ‘राइटर्स’ कहलाते थे।
प्रश्न 72.
‘दि मार्बल पैलेस’ के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर:
किसी शहरी सम्भ्रान्त वर्ग के एक भारतीय परिवार ने कलकत्ता में दि मार्बल पैलेस नामक एक अत्यंत भव्य इमारत बनवाई थी।
प्रश्न 73.
अंग्रेजों के लिए ‘सिविल लाइन्स’ में किन इमारतों का निर्माण किया गया?
उत्तर:
चौड़ी सड़कों, बड़े बगीचों में बने बंगलों, बैरकों, परेड मैदानों, चर्च आदि का निर्माण किया गया।
प्रश्न 74.
चितपुर बाजार कहाँ स्थित था?
उत्तर:
चितपुर बाजार कलकत्ता में ब्लैक टाउन और व्हाइट टाउन की सीमा पर स्थित था।
प्रश्न 75.
ब्लैक टाउन में भारतीयों द्वारा बनवाये गए मन्दिर को अंग्रेज क्या कहते थे?
उत्तर:
ब्लैक पगौडा।
प्रश्न 76.
‘व्हाइट टाउन’ से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
जिस शहरी इलाके में अंग्रेज (गोरे लोग ) रहते थे, वह ‘व्हाइट टाउन’ कहलाता था।
प्रश्न 77.
‘ब्लैक टाउन’ किसे कहते थे?
उत्तर:
जिस शहरी इलाके में भारतीय (काले लोग ) रहते थे, वह ‘ब्लैक टाउन’ कहलाता था।
प्रश्न 78.
प्रसिद्ध उद्योगपति जमशेदजी टाटा ने बम्बई में किस शैली में किस होटल का निर्माण करवाया था?
उत्तर:
गुजराती शैली में ताजमहल होटल का।
प्रश्न 79.
कस्बा और गंज में क्या अन्तर था?
उत्तर:
कस्बा ग्रामीण अंचल में एक छोटे नगर को तथा गंज एक छोटे स्थानीय बाजार को कहा जाता था।
प्रश्न 80.
अंग्रेजों की नजर में ‘ब्लैक टाउन’ कैसे थे?
उत्तर:
अंग्रेजों की नजर में ‘ब्लैक टाउन’ अराजकता तथा हो-हल्ला के केन्द्र व गन्दगी और बीमारियों के स्त्रोत थे।
प्रश्न 81.
अंग्रेजों द्वारा हिल स्टेशनों की स्थापना किस उद्देश्य से की गई थी?
अथवा
अंग्रेजी शासन काल में पहाड़ी शहरों (हिल स्टेशनों) का विकास क्यों किया गया?
उत्तर:
हिल स्टेशन अंग्रेज सैनिकों को ठहराने, सीमाओं की चौकसी करने और शत्रु के विरुद्ध आक्रमण करने के लिए महत्त्वपूर्ण स्थान थे।
प्रश्न 82.
किस गवर्नर जनरल ने अपनी काउंसिल कहाँ स्थानान्तरित की थी और कब?
उत्तर:
1864 में गवर्नर जनरल जान लारेन्स ने अपनी काउंसिल शिमला में स्थानान्तरित की थी।
प्रश्न 83.
मद्रास के नये ‘ब्लैक टाउन’ से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
नये ‘ब्लैक टाउन’ में भारतीय लोग रहते थे। यहाँ आड़ी-टेढ़ी संकरी गलियों में अलग-अलग जातियों के मोहल्ले थे।
प्रश्न 84.
लार्ड वेलेजली ने शहर में मूलभूत सुविधाएँ प्रदान करने के लिए सरकार की जिम्मेदारियों का उल्लेख किसमें किया था?
उत्तर:
1803 में ‘कलकत्ता मिनट्स’ में
प्रश्न 85.
अंग्रेज ‘बस्ती’ का प्रयोग किस रूप में ‘करते थे?
उत्तर:
गरीबों की कच्ची झोंपड़ियों के रूप में।
प्रश्न 86.
बम्बई अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का केन्द्र क्यों था?
उत्तर:
एक प्रमुख बन्दरगाह होने के नाते।
प्रश्न 87.
19वीं शताब्दी के अन्त तक भारत का आधा निर्यात तथा आयात किस शहर से होता था?
उत्तर:
बम्बई से
प्रश्न 88.
अम्बई से व्यापार की एक महत्त्वपूर्ण वस्तु कौनसी थी?
उत्तर:
अफीम
प्रश्न 89.
व्यापार की उन्नति के कारण कौनसा भारतीय शहर ‘भारत का सरताज शहर’ कहलाता था?
उत्तर:
बम्बई।
प्रश्न 90.
एशियाटिक सोसायटी ऑफ बाम्बे’ का कार्यालय कहाँ है?
उत्तर:
बम्बई के टाउनहाल में।
प्रश्न 91.
बम्बई की उस इमारत का नाम लिखिए जो ग्रीको-रोमन स्थापत्य शैली से प्रभावित है।
उत्तर:
एल्फिंस्टन सर्कल।
प्रश्न 92.
औपनिवेशिक शहरों में इमारतें बनाने के लिए कौनसी स्थापत्य शैलियों का प्रयोग किया गया?
उत्तर:
(1) नवशास्त्रीय
(2) नव-गॉथिक शैली
(3) इण्डो-सारसेनिक शैली।
प्रश्न 93.
नव-गॉथिक स्थापत्य शैली की विशेषताएँ बताइये।
उत्तर:
ऊँची उठी हुई छलें, नोकदार मेहराबें, बारीक साज-सज्जा
प्रश्न 94.
इण्डो-सारसेनिक स्थापत्य शैली क्या थी?
उत्तर;
इण्डो-सारसेनिक स्थापत्य शैली में भारतीय और यूरोपीय दोनों शैलियों के तत्त्व थे।
प्रश्न 95.
चॉल से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
बम्बई में जगह की कमी एवं भीड़भाड़ के कारण एक विशेष प्रकार की इमारतें बनायी गयीं जिन्हें चॉल कहा गया।
प्रश्न 96.
स्थापत्य शैलियों से क्या पता चलता है? उत्तर-स्थापत्य शैलियों से अपने समय के सौन्दर्यात्मक आदशों एवं उनमें निहित विविधताओं का पता चलता है।
लघुत्तरात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
18वीं शताब्दी के अन्त तक भारत में स्थल आधारित साम्राज्यों का स्थान जल आधारित शक्तिशाली यूरोपीय साम्राज्यों ने ले लिया।” व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
18वीं शताब्दी के अन्त तक जल आधारित शक्तिशाली यूरोपीय साम्राज्यों ने प्रमुख स्थान प्राप्त कर लिया। अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार, वाणिज्यवाद तथा पूँजीवाद की शक्तियाँ अब समाज के स्वरूप को निर्धारित करने लगीं। अब मद्रास, कोलकाता तथा मुम्बई जैसे औपनिवेशिक बन्दरगाह शहर नई आर्थिक राजधानियों के रूप में प्रकट हुए। ये औपनिवेशिक प्रशासन और सत्ता के केन्द्र भी बन गए। अब नये भवनों और संस्थानों का विकास हुआ।
प्रश्न 2.
तर्क सहित सिद्ध कीजिये कि औपनिवेशिक शहरों का सामाजिक जीवन वर्तमान शहरों में भी दिखाई पड़ता है?
उत्तर;
औपनिवेशिक शहरों की भाँति वर्तमान शहरों में भी घोड़गाड़ी, ट्रामों, बसों का यातायात के साधनों के रूप में प्रयोग किया जाता है। उनहाल सार्वजनिक पार्क, रंगशाला, सिनेमाहाल आदि लोगों के मिलने-जुलने के स्थान हैं। वर्तमान शहरों में ‘मध्य वर्ग’ का काफी प्रभाव है। वर्तमान शहरों में स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, लाइब्रेरी आदि शिक्षा के केन्द्र बने हुए हैं। स्वियों में भी जागृति आई है।
प्रश्न 3.
‘चाल’ से आप क्या समझते हैं? इनकी विशेषता लिखिए।
उत्तर:
शहर में जगह की कमी और भीड़भाड़ के कारण बम्बई में एक खास तरह की इमारतें बनाई गई, जिन्हें ‘चाल’ का नाम दिया गया। ये इमारतें बहुमंजिला होती थीं, जिनमें एक-एक कमरे वाली आवासीय इकाइयाँ बनाई जाती थीं। इमारत के सारे कमरों के सामने एक खुला बरामदा या गलियारा होता था और बीच में दालान होता था। इस प्रकार की इमारतों में बहुत थोड़ी सी जगह में बहुत सारे परिवार रहते थे। सभी लोग एक-दूसरे के सुख- दुःख में भागीदार होते थे।
प्रश्न 4.
अंग्रेजों ने भारत में भवन निर्माण के लिए यूरोपीय शैली को किस कारण चुना? तर्क सहित लिखिए।
उत्तर:
(1) इसमें एक अनजान देश में जाना- पहचाना सा भू-दृश्य रचने की और उपनिवेश में घर जैसा अनुभव करने की अंग्रेजों की चाहत दिखाई पड़ती थी।
(2) अंग्रेजों को लगता था कि यूरोपीय शैली उनकी श्रेष्ठता, अधिकार और सत्ता का प्रतीक होगी।
(3) वे सोचते थे कि यूरोपीय ढंग की दिखने वाली इमारतों से औपनिवेशिक शासकों और भारतीय प्रजा के बीच फर्क और फासला साफ दिखने लगेगा।
प्रश्न 5.
अंग्रेजों ने मद्रास (चेन्नई) के आसपास अपना वर्चस्व कैसे स्थापित किया?
उत्तर:
1611 में अंग्रेजों ने मछलीपट्नम में अपनी फैक्ट्री स्थापित की। लेकिन जल्दी ही उन्होंने मद्रास को अपना केन्द्र बनाया, जिसका पट्टा वहाँ के जा ने 1639 में उन्हें दे दिया। राजा ने उन्हें उस स्थान की किलेबन्दी करने, सिक्के ढालने तथा प्रशासन की अनुमति दे दी। यहाँ पर अंग्रेजों ने अपनी फैक्ट्री के इर्द-गिर्द एक किला बनाया, जिसका नाम फोर्ट सेंट जार्ज रखा गया 1761 में फ्रांसीसियों की हार के बाद मद्रास और सुरक्षित हो गया।
प्रश्न 6.
दक्षिण भारत की परिस्थितियाँ अंग्रेजों के लिए अधिक अनुकूल थीं, क्यों? लिखिए।
उत्तर:
दक्षिण भारत में अंग्रेजों का मुकाबला किसी ताकतवर राज्य से नहीं हुआ 1665 में तालीकोटा के युद्ध के बाद विजयनगर साम्राज्य नष्ट-भ्रष्ट हो गया और उसके स्थान पर छोटे-छोटे राज्य स्थापित हो गये, जैसे- बीदर, बरार, गोलकुण्डा आदि। इन राज्यों को अंग्रेजों ने अपनी कूटनीति के द्वारा डरा-धमका कर या लालच देकर अपने अधीन कर लिया। केवल मैसूर के राज्य से ही उन्हें टक्कर लेनी पड़ी।
प्रश्न 7.
नक्शे हमें क्या बताते हैं और क्या छिपाते है?
उत्तर:
1878 में भारत में सर्वे ऑफ इण्डिया का गठन किया गया। उस समय के नक्शों से हमें काफी जानकारी उपलब्ध होती है, साथ ही हमें अंग्रेजों की भेदभावपूर्ण सोच का भी पता लग जाता है। उदाहरण के लिए, नक्शे में गरीबों की बस्तियों को चिह्नित नहीं किया गया। इसका अर्थ यह लगाया गया कि नक्शे में रिक्त स्थान अन्य योजनाओं के लिए उपलब्ध हैं। जब इन योजनाओं को शुरू किया गया तो गरीबों की बस्तियों को वहाँ से हटा दिया गया।
प्रश्न 8.
औपनिवेशिक काल में ग्रामीण इलाकों एवं कस्बों के चरित्र में अन्तर बताइए।
उत्तर:
ग्रामीण इलाकों एवं कस्बों के चरित्र में भिन्नता के मुख्य बिन्दु निम्नलिखित हैं-
(1) ग्रामीण इलाकों के लोग खेती, पशुपालन एवं जंगलों में संग्रहण द्वारा अपनी जीविका का निर्वाह करते हैं। इसके विपरीत कस्बों में शासक, व्यापारी, प्रशासक व शिल्पकार आदि रहते थे।
(2) कस्बों एवं शहरों की प्रायः किलेबन्दी की जाती थी। यह किलेबन्दी उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों से अलग करती थी।
(3) कस्बों पर ग्रामीण जनता का प्रभुत्व रहता था। वे खेती से प्राप्त होने वाले करों एवं अधिशेष के आधार पर निर्भर रहते थे।
प्रश्न 9.
मध्यकालीन दक्षिण भारत के शहरों की मुख्य विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
(1) दक्षिण भारत के नगर मदुरई तथा कांचीपुरम प्रमुख केन्द्र थे।
(2) दक्षिण भारत के अनेक नगरों में बन्दरगाह होते थे।
(3) ये व्यापार के मुख्य केन्द्रों के कारण विकसित हुए थे।
(4) दक्षिण भारत के शहरों में धार्मिक उत्सव अत्यधिक धूम-धाम के साथ मनाए जाते थे।
प्रश्न 10.
कस्बा एवं गंज के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर:
कस्बा – कस्बा ग्रामीण अंचल में एक छोटे नगर को कहा जाता है जो सामान्यतः स्थानीय विशिष्ट वस्तुओं का केन्द्र होता है।
गंज-गंज एक छोटे स्थायी बाजार को कहा जाता है। कस्बा और गंज दोनों कपड़ा, फल, सब्जी एवं दुग्ध उत्पादों से सम्बन्ध थे। ये विशिष्ट परिवारों एवं सेना के लिए सामग्री उपलब्ध करवाते थे।
प्रश्न 11.
अमेरिका के गृहयुद्ध और स्वेज नहर के खुलने का भारत की आर्थिक गतिविधियों पर क्या प्रभाव पड़ा?
अथवा
अमेरिकी गृह युद्ध ने भारत में ‘रैयत’ समुदाय के जीवन को किस प्रकार प्रभावित किया?
उत्तर:
सन् 1861 में अमेरिका में गृहयुद्ध शुरू होने के कारण वहाँ से कपास का निर्यात बन्द हो गया। इससे भारतीय कपास की माँग बढ़ी, जिसकी खेती मुख्य रूप से दक्कन में होती थी। 1869 में स्वेज नहर को व्यापार के लिए खोल दिया गया, जिससे विश्व अर्थव्यवस्था के साथ-साथ बम्बई की अर्थव्यवस्था भी मजबूत हुई। बम्बई की सरकार और भारतीय व्यापारियों ने बम्बई को ‘भारत का सरताज शहर’ घोषित कर दिया।
प्रश्न 12.
18वीं शताब्दी के प्रारम्भिक वर्षों में औपनिवेशिक सरकार ने नगरों के लिए मानचित्र तैयार करने पर ध्यान क्यों दिया ?
अथवा
औपनिवेशिक सरकार ने मानचित्र तैयार करने पर विशेष ध्यान क्यों दिया?
उत्तर:
औपनिवेशिक सरकार की मान्यता थी कि किसी शहर की बनावट और भूदृश्य को समझने के लिए मानचित्र आवश्यक होते हैं। इस जानकारी के आधार पर वे इलाके पर अधिक नियन्त्रण स्थापित कर सकते थे। शहरों के मानचित्रों से हमें उस स्थान पर पहाड़ियों, नदियों व हरियाली का पता चलता है। ये समस्त बातें रक्षा सम्बन्धी उद्देश्यों के लिए योजना तैयार करने में बड़ी उपयोगी सिद्ध होती हैं। मकानों की सघनता, सड़कों की स्थिति आदि से इलाके की व्यावसायिक सम्भावनाओं की जानकारी मिलती है।
प्रश्न 13.
जनगणना से प्राप्त आँकड़ों का क्या महत्त्व है?
उत्तर:
(1) ये आँकड़े शहरीकरण का अध्ययन करने के लिए एक बहुमूल्य स्रोत हैं।
(2) बीमारियों से होने वाली मृत्युओं की सारणियों, आयु, लिंग, जाति व व्यवसाय के अनुसार लोगों को गिनने की व्यवस्था से संख्याओं का एक विशाल भण्डार मिलता है।
(3) जनगणना के माध्यम से आबादी के बारे में सामाजिक जानकारियों को सुगम्य आँकड़ों में बदला जा सकता था।
प्रश्न 14.
औपनिवेशिक भारत में जनगणना सम्बन्धी भ्रमों का उल्लेख कीजिये ।
उत्तर:
(1) आबादी के विभिन्न वर्गों का वर्गीकरण करने के लिए अलग-अलग श्रेणियाँ बनाई गई थीं। कई बार यह वर्गीकरण अतार्किक होता था।
(2) लोग जनगणना आयुक्तों को गलत जवाब दे देते थे।
(3) प्राय: लोग स्वयं भी जनगणना के कार्य में सहायता देने से इनकार कर देते थे। ऊँची जाति के लोग अपने परिवार की स्त्रियों के बारे में जानकारी देने से संकोच करते थे बीमारियों से सम्बन्धित आँकड़ों को कठिन था।
(4) मृत्यु दर तथा एकत्रित करना बहुत
प्रश्न 15.
” अठारहवीं शताब्दी में औपनिवेशिक शहर अंग्रेजों की वाणिज्यिक संस्कृति को प्रतिबिम्बित करते थे।” व्याख्या कीजिये।
उत्तर:
अठारहवीं शताब्दी में राजनीतिक सत्ता और संरक्षण भारतीय शासकों के स्थान पर ईस्ट इण्डिया कम्पनी के व्यापारियों के हाथों में आ गई दुभाषिए, बिचौलिए, व्यापारी और माल आपूर्तिकर्ता के रूप में काम करने वाले भारतीयों का भी इन नये शहरों में एक महत्त्वपूर्ण स्थान था। नदी या समुद्र के किनारे आर्थिक गतिविधियों से गोदियों और घाटियों का विकास हुआ। समुद्र किनारे गोदाम, वाणिज्यिक कार्यालय, बीमा एजेंसियों, यातायात डिपो और बैंकिंग संस्थानों की स्थापना हुई।
प्रश्न 16.
1857 के विद्रोह के बाद अंग्रेज़ों ने शहरी इलाकों में ‘सिविल लाइन्स’ नामक इलाके क्यों विकसित किये?
उत्तर:
1857 के विद्रोह के बाद अंग्रेज शासकों ने अनुभव किया कि अंग्रेजों को भारतीयों (देशियों) के खतरे से दूर, अधिक सुरक्षित व पृथक् बस्तियों में रहना चाहिए। अत: उन्होंने पुराने कस्बों के चारों ओर चरागाहों और खेतों को साफ कर ‘सिविल लाइन्स’ नामक नये शहरी इलाके विकसित किये। ‘सिविल लाइन्स’ में केवल गोरे लोगों को बसाया गया। चौड़ी सड़कों, बड़े बगीचों में बने बंगलों, बैरकों, परेड मैदान, चर्च आदि से लैस छावनियाँ यूरोपीय लोगों के लिए सुरक्षित आश्रय स्थल थीं।
प्रश्न 17.
हिल स्टेशनों की अंग्रेजों के लिए क्या उपयोगिता थी?
उत्तर:
(1) हिल स्टेशन अंग्रेज सैनिकों को ठहराने, सीमाओं की चौकसी करने और शत्रु के विरुद्ध आक्रमण करने के लिए महत्त्वपूर्ण स्थान थे।
(2) हिल स्टेशनों की जलवायु अंग्रेजों के लिए स्वास्थ्यप्रद थी।
(3) यहाँ अंग्रेज सैनिक हैजा, मलेरिया आदि बीमारियों से मुक्त रह सकते थे।
(4) ये हिल स्टेशन सेनेटोरियम के रूप में भी विकसित किये गए थे। यहाँ सैनिकों को विश्राम करने एवं इलाज कराने के लिए भेजा जाता था।
प्रश्न 18.
“औपनिवेशिक शहरों में नये सामाजिक समूह बने तथा लोगों की पुरानी पहचानें महत्त्वपूर्ण नहीं रहीं।” व्याख्या कीजिये ।
अथवा
औपनिवेशिक शहरों में ‘मध्य वर्ग’ के विकास का वर्णन कीजिये।
उत्तर:
अठारहवीं शताब्दी में औपनिवेशिक शहरों में समस्त वर्गों के लोग आने लगे शहरों में क्लकों, डॉक्टरों, इन्जीनियरों वकीलों, शिक्षकों तथा लेखाकारों की माँग बढ़ती जा रही थी। परिणामस्वरूप शहरों में ‘मध्य वर्ग’ का विकास हुआ। मध्य वर्ग के लोग सुशिक्षित थे तथा इनकी स्कूल, कॉलेज, लाइब्रेरी तक अच्छी पहुँच थी। वे समाज और सरकार के बारे में समाचार-पत्रों, पत्रिकाओं और सार्वजनिक सभाओं में अपने विचार व्यक्त कर सकते थे।
प्रश्न 19.
इतिहासकारों को जनगणना जैसे स्रोतों का प्रयोग करते समय सावधानी क्यों रखनी चाहिए?
उत्तर:
इतिहासकारों को जनगणना जैसे स्रोतों का प्रयोग करते समय सावधानी इसलिए रखनी चाहिए क्योंकि जनगणना के आँकड़े भ्रामक भी हो सकते हैं। इन आँकड़ों का प्रयोग करने से पहले हमें इस बात को अच्छी तरह समझ लेना चाहिए कि आँकड़े किसने इकट्ठा किए हैं तथा उन्हें क्यों व कैसे इकट्ठा किया गया था।
प्रश्न 20.
अंग्रेजों ने बंगाल में अपने शासन के शुरू से ही नगर नियोजन का कार्यभार अपने हाथों में क्यों लिया?
उत्तर- अंग्रेज व्यापारी नवाब सिराजुद्दौला की सम्प्रभुता से असन्तुष्ट थे। उसने उनसे माल गोदाम के रूप में प्रयोग किये जाने वाला छोटा किला छीन लिया था। प्लासी के युद्ध में विजय के उपरान्त अंग्रेजों ने कलकत्ता में ऐसा किला बनाने का निश्चय किया जिस पर आसानी से आक्रमण न किया जा सके।
प्रश्न 21.
नवाब सिराजुद्दौला ने कलकत्ता नगर पर हमला क्यों किया?
उत्तर:
ईस्ट इण्डिया कम्पनी के व्यापारी नवाब सिराजुद्दौला की सम्प्रभुता पर लगातार सवाल उठा रहे थे। वे न तो कस्टम ड्यूटी चुकाना चाहते थे और न ही उनके द्वारा तय की गई कारोबार की शर्तों पर काम करना चाहते थे। इसलिए नवाब सिराजुद्दौला ने 1756 ई. में कलकत्ता पर हमला करके अंग्रेजों द्वारा बनाए गए किले पर अपना अधिकार कर लिया।
प्रश्न 22.
अठारहवीं शताब्दी में शहरों में स्त्रियों में आई जागरूकता का रूढ़िवादी लोग विरोध क्यों करने लगे?
उत्तर:
रूढ़िवादियों को भय था कि यदि स्त्रियाँ पढ़ लिख गई, तो वे संसार में क्रान्ति ला देंगी तथा सम्पूर्ण सामाजिक व्यवस्था का आधार खतरे में पड़ जायेगा। कुछ महिला सुधारक भी स्त्रियों को माँ और पत्नी की परम्परागत भूमिकाओं में ही देखना चाहते थे। उनका कहना था फि स्त्रियों को पर की चारदीवारी के भीतर ही रहना चाहिए। वे परम्परागत पितृसत्तात्मक रीति-रिवाजों, कानूनों को परिवर्तित करने के प्रयासों से असन्तुष्ट थे।
प्रश्न 23.
‘नव-गॉथिक शैली’ से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
ऊँची उठी हुई छर्ने, नोकदार मेहराबें और बारीक साज-सज्जा ‘नव- गाँधिक शैली’ की विशेषताएँ थीं। बम्बई सचिवालय, बम्बई विश्वविद्यालय, बम्बई उच्च न्यायालय आदि भव्य इमारतें समुद्र किनारे इसी शैली में बनाई गई। यूनिवर्सिटी लाइब्रेरी के घंटाघर का निर्माण प्रेमचन्द रायचन्द के धन से किया गया था। इसका नाम उनकी माँ के नाम पर राजाबाई टावर रखा गया। परन्तु नव-गॉथिक शैली का सर्वोत्कृष्ट उदाहरण विक्टोरिया टर्मिनस रेलवे स्टेशन है।
प्रश्न 24.
नवशास्त्रीय या नियोक्लासिकल स्थापत्य कला पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
बड़े-बड़े स्तम्भों के पीछे रेखागणितीय संरचनाओं का निर्माण नवशास्त्रीय स्थापत्य शैली की विशेषता थी। यह शैली मूल रूप से प्राचीन रोम की भवन निर्माण शैली से निकली थी। 1833 में बम्बई का टाउन हाल इसी शैली के अनुसार बनाया गया था। 1860 के दशक में अनेक व्यावसायिक इमारतों के समूह को ‘एल्फिन्स्टन सर्कल’ कहा जाता था। बाद में इसका नाम बदलकर हार्निमान सर्कल रख दिया गया था। इसमें पहली मंजिल पर ढके हुए तोरणपथ का रचनात्मक ढंग से प्रयोग किया गया।
प्रश्न 25.
भारत में रेलवे की शुरुआत कब हुई और इसके क्या प्रभाव हुए?
अथवा
1853 में रेलवे के आरम्भ की शहरीकरण की प्रक्रिया में क्या भूमिका रही?
अथवा
1853 में रेलवे की स्थापना से किस प्रकार नगरों का भाग्य बदल गया? कोई दो परिवर्तन बताइये।
उत्तर:
(1) भारत में रेलवे की शुरुआत 1853 में हुई। अब आर्थिक गतिविधियों का केन्द्र परम्परागत शहरों से दूर जाने लगा क्योंकि ये शहर पुराने मार्गों और नदियों के निकट थे।
(2) प्रत्येक रेलवे स्टेशन कच्चे माल का संग्रह केन्द्र और आयातित माल का वितरण केन्द्र बन गया था।
(3) रेलवे नेटवर्क के विस्तार के साथ रेलवे वर्कशाप, रेलवे कालोनियों भी बनने लगीं और जमालपुर, बरेली और वाल्टेयर जैसे रेलवे नगर अस्तित्व में आए।
प्रश्न 26.
अंग्रेजों ने ब्लैक टाउनों में सफाई व्यवस्था पर ज्यादा ध्यान कब व क्यों दिया? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
जब ब्लैक टाउन (काले इलाके में हैजा और प्लेग जैसी महामारियाँ फैली और हजारों लोग मौत का शिकार हुए तब अंग्रेज अफसरों को स्वच्छता व सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए ज्यादा कठोर कदम उठाने पड़े। उनको इस बात का डर था कि कहीं ये बीमारियाँ ब्लैक टाउन से ह्वाइट टाउन में भी न फैल जायें। 1960-70 के दशकों से साफ-सफाई के बारे में कड़े प्रशासकीय उपाय लागू किए गए और भारतीय शहरों में निर्माण गतिविधियों पर अंकुश लगाया गया।
प्रश्न 27.
आमार कथा (मेरी कहानी ) क्या है और किसके द्वारा लिखी गई ?
अथवा
विनोदिनी दास पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
विनोदिनी दास बंगाली रंगमंच की एक प्रसिद्ध अदाकारा थीं। ‘स्टार थियेटर’, कलकत्ता की स्थापना ( 1883 ) के पीछे उनका मुख्य हाथ था 1910 से 1913 के बीच उन्होंने ‘आमार कथा’ के नाम से किस्तों में अपनी आत्मकथा लिखी। वे एक जबरदस्त व्यक्तित्व वाली महिला थीं। उन्होंने समाज में औरतों की समस्याओं पर केन्द्रित कई भूमिकाएँ निभाई। वे अभिनेत्री, संस्था निर्मात्री और लेखिका के रूप में कई भूमिकाएँ एक साथ निभाती
प्रश्न 28.
अंग्रेजों ने जहाँ पर भी किले बनाए, उनके चारों ओर खुले मैदान क्यों छोड़े और इसके पीछे क्या दलील दी ?
उत्तर:
अंग्रेजों ने कलकत्ता में फोर्ट विलियम के इर्द- गिर्द एक विशाल जगह खाली छोड़ दी। खाली मैदान रखने का उद्देश्य यह था कि किले की ओर बढ़ने वाली शत्रु की सेना पर किले से बेरोक-टोक गोलीबारी की जा सके। जब अंग्रेजों को कलकत्ता में अपनी उपस्थिति स्थायी दिखाई देने लगी, तो वे फोर्ट से बाहर मैदान के किनारे पर भी आवासीय इमारतें बनाने लगे।
प्रश्न 29.
“कलकत्ता के लिए जो पैटर्न तैयार किया गया था, उसे बहुत सारे शहरों में दोहराया गया।” व्याख्या कीजिये।
उत्तर:
1857 के विद्रोह के बाद अंग्रेज विद्रोहियों के गढ़ों को अपने लिए सुरक्षित बनाने लगे। उन्होंने दिल्ली में लाल किले पर अपना कब्जा करके वहाँ अपनी सेना तैनात कर दी। उन्होंने किले के पास बनी इमारतों को साफ करके भारतीय मोहल्लों और किले के बीच काफी फासला बना दिया। इसके पीछे उन्होंने यह दलील दी कि अगर . कभी शहर के लोग फिरंगी-राज के खिलाफ खड़े हो जाएँ तो उन पर गोली चलाने के लिए खुली जगह जरूरी थी।
प्रश्न 30.
कलकत्ता नगर नियोजन में लाटरी कमेटी के कार्यों की वर्तमान संदर्भ में प्रासंगिकता स्पष्ट कीजिए।
अथवा
‘लाटरी कमेटी’ क्या थी? इसकी कार्यप्रणाली का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
1817 में कलकत्ता में एक कमेटी बनाई गई जो सरकार की मदद से नगर नियोजन का कार्य करती थी। यह कमेटी नगर सुधार के लिए धन की व्यवस्था जनता के बीच लाटरी बेचकर करती थी, इसलिए इसका नाम ‘लाटरी कमेटी’ पड़ा। लाटरी कमेटी ने एक नक्शा बनवाया, जिससे कलकत्ता शहर की एक सम्पूर्ण तस्वीर सामने आ सके। कमेटी की प्रमुख गतिविधियों में शहर के हिन्दुस्तानी आबादी वाले हिस्से में सड़क निर्माण और नदी के किनारे से अवैध कब्जे हटाना शामिल था।
प्रश्न 31.
औपनिवेशिक काल में कस्बों का स्वरूप गाँवों से भिन्न था फिर भी इनके बीच की पृथकता अनिश्चित होती थी? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- औपनिवेशिक काल में लोग ग्रामीण इलाकों में खेती, जंगलों में संग्रहण या पशुपालन द्वारा जीवन निर्वाह करते थे। इसके विपरीत कस्बों में शिल्पकार, व्यापारी, प्रशासक एवं शासक रहते थे। कस्बों पर ग्रामीण जनता का प्रभुत्व रहता था तथा वे खेती से प्राप्त करों एवं अधिशेष के आधार पर फलते-फूलते थे प्रायः कस्बों व शहरों की किलेबन्दी की जाती थी जो उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों से अलग करती थी फिर भी कस्बों एवं गाँवों के मध्य की पृथकता अनिश्चित होती थी।
किसान तीर्थयात्रा करने के लिए लम्बी दूरियाँ तय करते थे एवं कस्बों से होकर गुजरते थे। दूसरी ओर लोगों और माल का कस्बे से गाँवों की ओर गमन होता रहता था। व्यापारी और फेरीवाले कस्बों से माल गाँव ले जाकर बेचते थे इससे बाजारों का फैलाव और उपभोग की नई शैलियों का उदय होता था। इसके अतिरिक्त जब कस्बों पर आक्रमण होते थे तो लोग प्रायः ग्रामीण क्षेत्रों में शरण लेते थे।
प्रश्न 32.
अठारहवीं शताब्दी के मध्य से शहरों का रूप परिवर्तन क्यों एवं किस प्रकार हुआ?
उत्तर:
अठारहवीं शताब्दी के मध्य से शहरों के रूप परिवर्तन का एक नया चरण प्रारम्भ हुआ। व्यापारिक गतिविधियों के अन्य स्थानों पर केन्द्रित होने के कारण सत्रहवीं शताब्दी में विकसित हुए शहर- सूरत, मछलीपट्टनम व ढाका पतनोन्मुख हो गए। 1757 ई. में बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला एवं अंग्रेजों के मध्य हुए प्लासी के बुद्ध में अंग्रेजों की जीत हुई। मद्रास, बम्बई व कलकत्ता ये शहर औपनिवेशिक प्रशासन एवं सत्ता के केन्द्र भी बन गये। नए भवनों एवं संस्थानों का उदय हुआ एवं शहरी केन्द्रों को नए तरीके से पूर्णतः व्यवस्थित किया गया। इन शहरों में नये नये रोजगारों का सृजन हुआ, जिससे लोग इन शहरों में बसने लगे। लगभग 1800 ई. तक ये शहर जनसंख्या की दृष्टि से भारत के विशाल शहर बन गए।
प्रश्न 33.
प्रारम्भिक वर्षों में औपनिवेशिक सरकार ने मानचित्र बनाने पर विशेष ध्यान क्यों दिया?
उत्तर:
प्रारम्भिक वर्षों में औपनिवेशिक सरकार ने निम्नलिखित कारणों से मानचित्र बनाने पर विशेष ध्यान दिया-
(i) सरकार का मानना था कि किसी स्थान की बनावट एवं भूदृश्य को समझने के लिए मानचित्र आवश्यक होते हैं। इस जानकारी के आधार पर वे शहरी प्रदेश पर नियन्त्रण बनाये रख सकते थे।
(ii) जब शहरों का विस्तार होने लगा तो न केवल उनके विकास की योजना तैयार करने के लिए बल्कि शहर को विकसित करने एवं अपनी सत्ता मजबूत बनाने के लिए भी मानचित्र बनाये जाने लगे।
(ii) शहरों के मानचित्रों से हमें उसकी पहाड़ियों, नदियों एवं हरियाली का पता चलता है। यह जानकारी रक्षा सम्बन्धी उद्देश्यों के लिए योजना बनाने में बहुत काम आती
प्रश्न 34.
किन सरकारी नीतियों ने भारतीयों के भीतर उपनिवेशवाद विरोधी और राष्ट्रवादी भावनाओं को बढ़ावा दिया?
उत्तर:
उन्नीसवीं सदी में शहरों में सरकारी दखलन्दाजी और सख्त हो गई। इस आधार पर और अधिक तेजी से झुग्गी-झोंपड़ियों को हटाना शुरू किया गया। दूसरे इलाकों की अपेक्षा ब्रिटिश आबादी वाले हिस्सों को तेजी से विकसित किया जाने लगा। ‘स्वास्थ्यकर’ और ‘अस्वास्थ्यकर’ के नए विभेद के कारण ‘हाइट’ और ‘ब्लैक’ टाउन वाले नस्ली विभाजन को और बल मिला। इन सरकारी नीतियों के विरुद्ध जनता के प्रतिरोध ने भारतीयों के भीतर उपनिवेशवाद विरोधी और राष्ट्रवादी भावनाओं को बढ़ावा दिया।
प्रश्न 35.
बम्बई स्थित होटल ताजमहल के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर:
बम्बई स्थित प्रसिद्ध होटल ताजमहल का निर्माण प्रसिद्ध उद्योगपति जमशेदजी टाटा ने करवाया था। यह परम्परागत गुजराती शैली में निर्मित है। यह इमारत न केवल भारतीय उद्यमशीलता का प्रतीक है अपितु अंग्रेजों के स्वामित्व एवं नियन्त्रण वाले नस्ली क्लबों और होटलों के लिए चुनौती भी थी।
प्रश्न 36.
फोर्ट सेण्ट जॉर्ज के विषय में आप क्या जानते हैं? क्या यह व्हाइट टाउन का केन्द्र बिन्दु था?
उत्तर:
मद्रास स्थित फोर्ट सेंट जॉर्ज औपनिवेशिक शासन का मुख्य केन्द्र था। यहाँ फोर्ट सेंट व्हाइट टाउन का केन्द्र था। यहाँ अधिकांशतः यूरोपीय रहते थे इसकी दीवारों तथा बुर्जों ने इसे एक खास प्रकार की घेराबन्दी का रूप दे दिया था। किले के भीतर रहने का निर्णय रंग तथा धर्म के आधार पर किया जाता था। भारतीयों के साथ कम्पनी के कर्मचारियों अथवा उनके परिवार के सदस्यों को विवाह की अनुमति नहीं थी। यूरोपीय ईसाई होने के कारण डच तथा पुर्तगालियों को वहाँ रहने की छूट थी। व्हाइट टाउन का केन्द्रबिन्दु इस किले का विकास गोरे विशेषकर अंग्रेजों की जरूरतों एवं सुविधाओं के अनुसार किया गया था।
प्रश्न 37.
लॉर्ड वेलेजली की नगर योजना के विषय में आप क्या जानते हैं?
उत्तर:
लॉर्ड वेलेजली 1798 ई. में बंगाल का गवर्नर जनरल बना। यह अपनी नगर योजना के लिये भी जाना जाता है। वेलेजली ने कलकत्ता में अपने लिये एक गवर्नमेण्ट
हाउस नाम का एक शानदार महल बनवाया था। यह भवन अंग्रेजी सत्ता का प्रतीक था। लॉर्ड वेलेजली कलकत्ता में आ जाने के पश्चात् यहाँ की भीड़-भाड़, अत्यधिक हरियाली, गंदे तालाब तथा साँध से परेशान हो गया। वेलेजली को इन सब तत्त्वों से चिढ़ थी तथा अंग्रेजों का यह भी विचार था कि भारत की उष्णकटिबन्धीय जलवायु बीमारियों तथा महामारियों के अधिक अनुकूल है अतः वेलेजली ने शहर को अधिक स्वास्थ्यपरक बनाने के लिए अधिक खुले स्थान रखने का निर्णय लिया। 1803 ई. में वेलेजली ने नगर नियोजन की आवश्यकता पर एक प्रशासकीय आदेश जारी किया। अतः कहा जा सकता है कि वेलेजली अपनी सहायक सन्धि के कारण जितना कुख्यात है उससे अधिक विख्यात वह स्वास्थ्यपरक नगर नियोजन के लिये है।
प्रश्न 38.
इमारतें और स्थापत्य शैलियाँ क्या बताती हैं?
उत्तर:
स्थापत्य शैलियों से अपने समय के सौन्दर्यात्मक आदर्शों और उनमें निहित विविधताओं का पता चलता है। इमारतें उन लोगों की सोच और नजर के बारे में भी बताती हैं जो उन्हें बना रहे थे इमारतों के जरिये सभी शासक अपनी ताकत को अभिव्यक्त करना चाहते थे। स्थापत्य शैलियों से केवल प्रचलित रुचियों का ही पता नहीं चलता, वे उनको बदलती भी हैं। वे नई शैलियों को लोकप्रियता प्रदान करती हैं और संस्कृति की रूपरेखा तय करती हैं।
प्रश्न 39.
‘बंगला’ भवन निर्माण शैली में किस बात का द्योतक है? इसकी रूपरेखा स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
अंग्रेजों ने अपनी जरूरतों के मुताबिक भवन निर्माण में भारतीय शैलियों को भी अपना लिया था। ‘बंगला’ इसका स्पष्ट उदाहरण है बंगला बम्बई और पूरे देश में सरकारी अफसरों के लिए बनाए जाने वाला भवन था। औपनिवेशिक बंगला एक बड़ी जमीन पर बना होता था। इसमें परम्परागत ढलवाँ छत होती थी और चारों तरफ बरामदा होता था। बंगले के परिसर में घरेलू नौकरों के लिए अलग से क्वार्टर होते थे।
प्रश्न 40.
पूर्व औपनिवेशिक काल के शहरी केन्द्रों की प्रमुख विशेषताएँ क्या थीं?
उत्तर:
(1) ये शहर जनसंख्या के केन्द्रीकरण, अपने विशाल भवनों तथा अपनी शाही शोभा और समृद्धि के लिए प्रसिद्ध थे।
(2) मनसबदार और जागीरदार सामान्यतः इन शहरों में अपने आवास रखते थे।
(3) इन शहरी केन्द्रों में सम्राट और कुलीन वर्ग की ‘उपस्थिति के कारण, यहाँ शिल्पकार, राजकोष, सम्राट का किलेबन्द महल होता था तथा नगर एक दीवार से घिरा होता था।
(4) नगरों के भीतर उद्यान, मस्जिदें, मन्दिर, मकबरे, महाविद्यालय, बाजार तथा सराय स्थित होती थीं।
प्रश्न 41.
ब्रिटिश भारत में निर्मित भवनों में किन- किन स्थापत्य शैलियों का सम्मिश्रण देखने को मिलता है?
उत्तर:
ब्रिटिश भारत में निर्मित भवनों में ‘नव-गॉधिक शैली’, ‘नवशास्त्रीय’ तथा ‘इण्डोसारसेनिक’ स्थापत्य शैलियों का सम्मिश्रण देखने को मिलता है। ऊँची उठी हुई छलें, नोकदार मेहरावें तथा बारीक साज-सज्जा नव-गॉथिक शैली की विशेषताएँ हैं। बड़े- बड़े स्तम्भों के पीछे रेखागणितीय संरचनाओं का निर्माण नवशास्त्रीय शैली की विशेषताएँ हैं, इण्डोसारसेनिक शैली गुम्बदों, छतरियों, मेहराबों से प्रभावित थी।
प्रश्न 42.
लॉटरी कमेटी क्या थी? इसके अन्तर्गत कलकत्ता के नगर नियोजन के लिए कौन-कौनसे कदम उठाए गए?
उत्तर:
गवर्नर जनरल लार्ड वेलेजली के पश्चात् नगर नियोजन का कार्य सरकार की सहायता से लॉटरी कमेटी ने जारी रखा। लॉटरी कमेटी का यह नाम इसलिए पड़ा कि यह कमेटी नगर सुधार के लिए पैसे की व्यवस्था जनता के बीच लॉटरी बेचकर करती थी।
लॉटरी कमेटी द्वारा नगर नियोजन के लिए उठाए गए कदम –
(i) लॉटरी कमेटी ने कलकत्ता शहर का नया मानचित्र बनाया ताकि कलकत्ता को नया रूप दिया जा सके।
(ii) लॉटरी कमेटी की प्रमुख गतिविधियों में शहर में हिन्दुस्तानी जनसंख्या वाले भाग में सड़कें बनवाना एवं नदी किनारे से अवैध कब्जे हटाना सम्मिलित था।
(iii) कलकत्ता शहर के भारतीय हिस्से को साफ- सुथरा बनाने के लिए कमेटी ने बहुत सी झोंपड़ियों को साफ कर दिया एवं गरीब मजदूरों को वहाँ से बाहर निकाल दिया। उन्हें कलकत्ता के बाहरी किनारे पर निवास हेतु जगह दी गई।
प्रश्न 43.
कौन-कौनसी सरकारी नीतियों ने कलकत्ता में भारतीयों के भीतर उपनिवेशवाद विरोधी एवं राष्ट्रवादी भावनाओं को बढ़ावा दिया?
उत्तर:
19वीं शताब्दी के प्रारम्भ के साथ ही कलकत्ता शहर में सरकारी हस्तक्षेप बहुत अधिक सख्त हो चुका था। वित्त पोषण (फण्डिंग) सहित नगर नियोजन के समस्त आयामों को अंग्रेज सरकार ने अपने हाथों में ले लिया। इस आधार पर और तीव्र गति से शुग्गी-झोंपड़ियों को हटाना प्रारम्भ किया गया। दूसरे क्षेत्रों की अपेक्षा ब्रिटिश आबादी वाले हिस्सों का तेजी से विकास किया जाने लगा। स्वास्थ्यकर एवं अस्वास्थ्यकर के नये विभेद के कारण व्हाइट और ब्लैक टाउन वाले नस्ली विभाजन को और बल मिला। कलकत्ता नगर निगम में मौजूद भारतीय प्रतिनिधियों ने शहर के यूरोपीय आबादी वाले क्षेत्रों के विकास पर आवश्यकता से अधिक ध्यान दिये जाने की आलोचना की। इन सरकारी नीतियों के विरुद्ध जनता के प्रतिरोध ने कलकत्ता में भारतीयों के भीतर उपनिवेशवाद विरोधी एवं राष्ट्रवादी भावनाओं को बढ़ावा दिया।
प्रश्न 44.
बम्बई का वाणिज्यिक शहर के रूप में किस प्रकार विकास हुआ? टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
19वीं शताब्दी के अन्त तक भारत का आधार आयात तथा निर्यात वाणिज्य शहर बम्बई से होता था। इस समय व्यापार की मुख्य वस्तु अफीम तथा नील थी। यहाँ से ईस्ट इण्डिया कम्पनी चीन को अफीम का निर्यात किया करती थी। इस व्यापार से शुद्ध भारतीय पूँजीपति वर्ग का निर्माण हुआ। पारसी, मारवाड़ी, कोंकणी, मुसलमान, गुजराती, ईरानी, आर्मेनियाई, यहूदी, बोहरे तथा बनिये इत्यादि यहाँ के मुख्य व्यापारी वर्ग से सम्बन्धित थे 1869 ई. में स्वेज नहर को व्यापार के लिये खोला गया था इससे बम्बई के व्यापारिक सम्बन्ध शेष विश्व के साथ अत्यधिक मजबूत हुए। 19वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध तक बम्बई में भारतीय व्यापारी कॉटन मिल जैसे नवीन उद्योगों में अत्यधिक धन का निवेश कर रहे थे।
प्रश्न 45
औपनिवेशिक शहरों में स्त्रियों के सामाजिक जीवन में आए परिवर्तनों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
औपनिवेशिक शहरों में महिलाओं के लिए नए अक्सर थे। वे पत्र-पत्रिकाओं, आत्मकथाओं तथा पुस्तकों के माध्यम से स्वयं को अभिव्यक्त कर रही थीं। सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं की उपस्थिति बढ़ रही थी। वे नौकरानी, फैक्ट्री मजदूर, शिक्षिका, रंगकर्मी और फिल्म कलाकार के रूप में शहरों के नये व्यवसायों में प्रविष्ट होने लगीं। परन्तु घर से निकलकर सार्वजनिक स्थानों में जाने वाली महिलाओं का सम्मान नहीं था।
प्रश्न 46.
मद्रास का कौनसा क्षेत्र व्हाइट टाउन कां केन्द्रक बन गया था?
उत्तर:
मद्रास में स्थित फोर्ट सेन्ट जार्ज व्हाइट टाउन .का केन्द्रक बन गया था। यहाँ अधिकतर यूरोपीय लोग रहते ‘थे। किले के अन्दर रहने का निर्णय रंग और धर्म के आधार पर किया जाता था। कम्पनी के लोगों को भारतीयों के साथ विवाह करने की अनुमति नहीं थी। संख्या की दृष्टि से कम होते हुए भी यूरोपीय लोग शासक थे और मद्रास शहर का विकास शहर में रहने वाले गोरे लोगों की आवश्यकता को ध्यान में रखकर किया जा रहा था।
प्रश्न 47.
मद्रास में स्थित ब्लैक टाउन का वर्णन कीजिये।
उत्तर:
मद्रास में ब्लैक टाउन किले के बाहर स्थित था। यहाँ आबादी को सीधी पंक्तियों में बसाया गया था। कुछ समय बाद उत्तर की दिशा में दूर जाकर एक नवा ब्लैक टाउन बसाया गया। इसमें भारतीय बुनकरों, कारीगरों, बिचौलियों, दुभाषियों को रखा गया। इसमें भारतीय लोग रहते थे। यहाँ मंदिर और बाजार के आस-पास आवासीय मकान बनाए गए थे। शहर के बीच से गुजरने वाली आड़ी-टेड़ी संकरी गलियों में अलग-अलग जातियों के मोहल्ले थे।
प्रश्न 48.
कोलकाता में नगर नियोजन को क्यों प्रोत्साहन दिया गया?
उत्तर:
कोलकाता में 1817 में हैजा फैल गया तथा 1896 में प्लेग ने शहर को अपनी चपेट में ले लिया। इस स्थिति में अंग्रेजों ने लोलकाता में नगर नियोजन पर बल दिया। घनी आबादी के इलाकों को अस्वच्छ माना जाता था। इसलिए कामकाजी लोगों की झोंपड़ियों तथा वस्तियों को वहाँ से हटा दिया गया। मजदूरों, फेरीवालों कारागरों और बेरोजगारों को दूर वाले इलाकों में ढकेल दिया गया। आग लगने की आशंका को ध्यान में रखते हुए फँस की झोंपड़ियों को अवैध घोषित कर दिया गया।
प्रश्न 49.
मुम्बई में यूरोपीय शैली की इमारतों का निर्माण क्यों किया गया?
उत्तर:
(1) यूरोपीय शैली की इमारतों में भारत जैसे अपरिचित देश में जाना पहिचाना सा भू-दृश्य रचने की और उपनिवेश में भी पर जैसा महसूस करने की अंग्रेजों की आकांक्षा प्रकट होती थी।
(2) अंग्रेजों की मान्यता थी कि यूरोपीय शैली उनकी श्रेष्ठता, अधिकार और सत्ता का प्रतीक थी
(3) वे सोचते थे कि यूरोपीय शैली में निर्मित इमारतों से अंग्रेज शासकों और भारतीय लोगों के बीच अन्तर साफ दिखाई देगा।
निबन्धात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
औपनिवेशिक भारत के प्रमुख बन्दरगाहों का वर्णन कीजिये।
उत्तर:
औपनिवेशिक भारत के प्रमुख बन्दरगाह
(1) बन्दरगाहों की किलेबन्दी-अठारहवीं शताब्दी तक भारत में मद्रास, कलकत्ता तथा बम्बई महत्त्वपूर्ण बन्दरगाह बन चुके थे। यहाँ जो बस्तियों बसों, वे चीजों के संग्रह के लिए बड़ी उपयोगी सिद्ध हुई ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने इन बस्तियों में अपने कारखाने अर्थात् वाणिज्यिक कार्यालय स्थापित किये। कम्पनी ने सुरक्षा के उद्देश्य से इन बस्तियों की किलाबन्दी की। मद्रास में फोर्ट सेन्ट जार्ज, कलकत्ता में फोर्ट विलियम और बम्बई में फोर्ट नामक किले बनाये गए।
(2) यूरोपीयों और भारतीयों के लिए अलग-अलग बस्तियों की व्यवस्था-यूरोपीय व्यापारी किलों के अन्दर रहते थे, जबकि भारतीय व्यापारी, कारीगर, कामगार आदि इन किलों के बाहर अलग बस्तियों में रहते थे। जिस बस्ती में यूरोपीय लोग रहते थे वह ‘व्हाइट टाउन’ (गोरा शहर ) तथा जिस बस्ती में भारतीय लोग रहते थे, वह ‘ब्लैक टाउन’ (काला शहर) के नाम से पुकारे जाते थे।
(3 ) देहाती एवं दूरस्थ इलाकों का बन्दरगाहों से जुड़ना-उन्नीसवीं शताब्दी के मध्य में रेलवे के विकास ने इन शहरों को शेष भारत से जोड़ दिया। परिणामस्वरूप ऐसे देहाती तथा दूरस्थ इलाके भी इन बन्दरगाहों से जुड़ गए जहाँ से कच्चा माल तथा मजदूर आते थे।
(4) कारखानों की स्थापना- कलकत्ता, बम्बई तथा मद्रास में कारखानों की स्थापना करना भी आसान था। इसका कारण यह था कि कच्चा माल निर्यात के लिए इन शहरों में आता था तथा यहाँ सस्ता श्रम उपलब्ध था। 1850 के दशक के बाद भारतीय व्यापारियों और उद्यमियों ने बम्बई में सूती कपड़े की मिलें स्थापित कीं। कलकत्ता के बाहरी इलाके में यूरोपियन लोगों ने जूट मिलों की स्थापना की। परन्तु इन शहरों की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से फैक्टरी उत्पादन पर आधारित नहीं थी।
(5) भारत का औद्योगिक देश न बन पाना 19वीं शताब्दी में भारत में केवल कानपुर तथा जमशेदपुर ही औद्योगिक शहर थे। कानपुर में चमड़े की चीजें तथा ऊनी और सूती कपड़े बनते थे, जबकि जमशेदपुर स्टील उत्पादन के लिए प्रसिद्ध था।
भारत कभी भी एक आधुनिक औद्योगिक देश नहीं बन पाया क्योंकि ब्रिटिश सरकार की पक्षपातपूर्ण नीति ने भारत के औद्योगिक विकास को कभी प्रोत्साहन नहीं दिया। यद्यपि कलकत्ता, बम्बई तथा मद्रास बड़े शहरों के रूप में तो विख्यात हुए, परन्तु इससे औपनिवेशिक भारत की सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था में कोई क्रान्तिकारी वृद्धि नहीं हुई।
प्रश्न 2.
सन् 1800 के पश्चात् हमारे देश में शहरीकरण की गति धीमी रही। इसके लिए उत्तरदायी कारणों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
शहरीकरण- ग्रामीण एवं कृषि करने वाले लोगों का गाँवों से शहरों की ओर अच्छे रोजगार अथवा काम की तलाश में पलायन करना या सामान्य गमनागमन शहरीकरण कहलाता है। यह कस्बों एवं शहरों में कुल जनसंख्या के बढ़ते हुए आनुपातिक सन्तुलन को भी इंगित करता है। कुल जनसंख्या में शहरी जनसंख्या के अनुपात से शहरीकरण के विकास की गति का मापन होता है 1800 ई. के पश्चात् हमारे देश में शहरीकरण की गति धीमी रही। सम्पूर्ण उन्नीसवीं और बीसवीं शताब्दी के पहले दो दशकों तक देश की कुल जनसंख्या में शहरी जनसंख्या का अनुपात लगभग स्थिर रहा। इसमें केवल 3 प्रतिशत को ही बढ़ोत्तरी हुई। सन् 1900 से 1940 के मध्य शहरी जनसंख्या 10 प्रतिशत बढ़कर 13 प्रतिशत हो गई।
शहरीकरण की गति के स्थिर रहने के पीछे निम्नलिखित कारण उत्तरदायी थे-
1. छोटे कस्बों के पास आर्थिक रूप से विकसित होने के पर्याप्त अवसर नहीं थे परन्तु दूसरी तरफ कलकत्ता, बम्बई और मद्रास का विस्तार तेजी से हुआ।
2. कलकता, अम्बई व मद्रास औपनिवेशिक अर्थव्यवस्था के केन्द्र होने के कारण भारतीय सूती कपड़े जैसे निर्यात होने वाले उत्पादों के संग्रहण केन्द्र थे। लेकिन इंग्लैण्ड में हुई औद्योगिक क्रान्ति के बाद इस प्रवाह की दिशा परिवर्तित हो गई। भारत से अब तैयार माल की अपेक्षा कच्चे माल का निर्यात होने लगा।
3. 1853 ई. में औपनिवेशिक सरकार ने भारत में रेलवे की शुरुआत की, इसने भारतीय शहरों को पूर्ण रूप से परिवर्तित कर दिया। प्रत्येक रेलवे स्टेशन कच्चे माल के संग्रह और आयातित वस्तुओं के वितरण का केन्द्र बन गया। उदाहरण के लिए गंगा के किनारे स्थित मिर्जापुर दक्कन से आने वाली कंपास एवं सूती वस्त्रों के संग्रह का केन्द्र था जो बम्बई तक जाने वाली रेलवे लाइन के निर्माण के पश्चात् अपनी पुरानी पहचान को खोने लगा था। भारत में रेलवे नेटवर्क के विस्तार के पश्चात् रेलवे वर्कशॉप्स और रेलवे कॉलोनियों की स्थापना होना भी प्रारम्भ हो गया। फलस्वरूप जमालपुर, बरेली व वाल्टेयर जैसे रेलवे नगरों का जन्म हुआ।
प्रश्न 3.
अंग्रेजों ने हिल स्टेशनों की स्थापना क्यों की थी?
अथवा
हिल स्टेशनों की अंग्रेजों के लिए क्या उपयोगिता थी?
उत्तर:
हिल स्टेशनों की स्थापना का प्रमुख उद्देश्य हिल स्टेशनों की स्थापना और बसावट का सम्बन्ध सबसे पहले ब्रिटिश सेना की जरूरतों से था। सिमला (शिमला) की स्थापना गुरखा युद्ध (1815-16) के दौरान, माउंट आबू की स्थापना अंग्रेज-मराठा युद्ध (1818) के कारण की गई तथा दार्जिलिंग को 1835 में सिक्किम के राजाओं से छीना गया। ये हिल स्टेशन फौजियों को ठहराने, सरहद की चौकसी करने और दुश्मन के खिलाफ हमला बोलने की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण स्थान थे।
हिल स्टेशनों की उपयोगिता-यूरोपियनों के लिए हिल स्टेशन अग्रलिखित कारणों से उपयोगी थे-
(1) स्वास्थ्यवर्द्धक तथा ठण्डी जलवायु-भारतीय पहाड़ों की मृदु और ठण्डी जलवायु को फायदे की चीज माना जाता था, खासतौर से अंग्रेज गर्मियों के मौसम को बीमारी पैदा करने वाला मानते थे। उन्हें गर्मियों के कारण हैजा व मलेरिया की सबसे ज्यादा आशंका रहती थी।
(2) सेना की सुरक्षा – सेना की भारी भरकम मौजूदगी के कारण ये स्थान पहाड़ियों में एक छावनी के रूप में बदल गये। हिल स्टेशनों को सेनीटोरियम के रूप में भी विकसित किया गया, जहाँ सिपाही विश्राम करने व इलाज कराने के लिए जाते थे।
(3) यूरोप की जलवायु से मिलती-जुलती जलवायु हिल स्टेशनों की जलवायु यूरोप की ठण्डी जलवायु से मिलती-जुलती थी, इसलिए नए शासकों को वहाँ की जलवायु बहुत पसन्द थी 1864 में वायसराय जॉन लारेंस ने अधिकृत रूप से अपनी काउंसिल शिमला में स्थापित कर दी और इस प्रकार गर्मी में राजधानियाँ बदलने के सिलसिले पर रोक लगा दी। शिमला भारतीय सेना के कमाण्डर इन चीफ का भी अधिकृत आवास बन गया।
(4) अंग्रेजों व यूरोपियन के लिए आदर्श स्थान -हिल स्टेशन ऐसे अंग्रेजों व यूरोपियन के लिए भी आदर्श स्थान थे। अलग-अलग मकानों के बाद एक-दूसरे से सटे विला और बागों के बीच कॉटेज बनाए जाते थे। एंग्लिकन चर्च और शैक्षणिक संस्थान आंग्ल आदर्शों का प्रतिनिधित्व करते थे। सामाजिक दावत, चाय बैठक, पिकनिक, रात्रिभोज मेले, रेस और रंगमंच जैसी घटनाओं के रूप में यूरोपियों का सामाजिक जीवन भी एक खास किस्म का था।
(5) पर्वतीय सैरगाहें रेलवे के आने से पर्वतीय सैरगाहें बहुत तरह के लोगों की पहुँच में आ गई। उच्च व मध्यम वर्गीय लोग, महाराजा, वकील और व्यापारी सैर- सपाटे के लिए वहाँ जाने लये।
(6) औपनिवेशिक अर्थव्यवस्था के लिए महत्त्वपूर्ण हिल स्टेशन औपनिवेशिक अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्त्वपूर्ण केन्द्र थे। पास के इलाकों में चाय और काफी के बागानों की स्थापना से मैदानी इलाकों से बड़ी संख्या में मजदूर वहाँ रोजगार हेतु आने लगे ।
प्रश्न 4.
कलकत्ता (वर्तमान में कोलकाता) शहर के नगर नियोजन पर एक लघु निबन्ध लिखिए।
अथवा
कलकत्ता नगर के विकास में अंग्रेजों की भूमिका का वर्णन कीजिये।
अथवा
औपनिवेशिक काल में कलकत्ता में नगर नियोजन के इतिहास की रूपरेखा प्रस्तुत कीजिये ।
उत्तर:
कलकत्ता में नगर नियोजन का विकास क्रम कलकत्ता में नगर नियोजन के विकास क्रम को अग्रलिखित बिन्दुओं के अन्तर्गत स्पष्ट किया गया है-
(1) फोर्ट विलियम और मैदान का निर्माण तथा मैदान के किनारे आवासीय इमारतें बनाना- कलकत्ता को- सुतानाती, कोलकाता और गोविन्दपुर- इन तीन गाँवों को मिलाकर बनाया गया था। कम्पनी ने गोविन्दपुर गाँव की जमीन को साफ करने के लिए वहाँ के व्यापारियों और बुनकरों को हटवा दिया। फोर्ट विलियम के इर्द-गिर्द एक विशाल खाली जगह छोड़ दी गई, जिसे स्थानीय लोग मैदान या ‘गारेर मठ’ कहने लगे।
(2) गवर्नमेंट हाउस का निर्माण- 1798 में गवर्नर जनरल लार्ड वेलेजली ने कलकत्ता में अपने लिए ‘गवर्नमेंट हाउस’ के नाम से एक महल बनवाया। यह इमारत अंग्रेजी सत्ता का प्रतीक थी।
(3) जन स्वास्थ्य की दृष्टि से नगर नियोजन की आवश्यकता पर बल वेलेजली ने हिन्दुस्तानी आबादी वाले भीड़भाड़ भरे गन्दे तालाबों और निकासी की खस्ता हालत को देखते हुए यह माना कि ऐसी अस्वास्थ्यकर बस्तियों से बीमारियाँ फैलती हैं। फलतः वेलेजली ने 1803 में नगर नियोजन की आवश्यकता पर एक प्रशासकीय आदेश जारी किया। बहुत सारे बाजारों, घाटों, कब्रिस्तानों और चर्मशोधन इकाइयों को हटा दिया गया। इस प्रकार ‘जन-स्वास्थ्य’ शहरों की सफाई और नगर नियोजन परियोजनाओं का मुख्य विचार बन गया।
(4) लॉटरी कमेटी द्वारा नगर नियोजन कार्य को गति प्रदान करना – वेलेजली के जाने के बाद नगर नियोजन का काम सरकार की मदद से लॉटरी कमेटी ने जारी रखा। लॉटरी कमेटी ने शहर का एक नक्शा बनवाया, जिससे कलकत्ता की पूरी तस्वीर सामने आ सके। इसके अतिरिक्त कमेटी ने शहर के हिन्दुस्तानी हिस्से में सड़क निर्माण कराया, नदी किनारे से ‘अवैध कब्जे हटाये तथा बहुत सारी झोंपड़ियों को साफ कर दिया और गरीब लोगों को वहाँ से हटाकर कलकत्ता के बाहरी किनारे पर जगह दी गई।
(5) महामारी की आशंका से नगर नियोजन कार्य में तीव्र गति – अगले कुछ दशकों में प्लेग, हैजा आदि महामारियों की आशंका से नगर नियोजन की अवधारणा को बल मिला। कलकत्ता को और अधिक स्वास्थ्यकर बनाने के लिए कामकाजी लोगों की झोंपड़ियों या बस्तियों को तेजी से हटाया गया और यहाँ के गरीब मजदूर वाशिंदों को पुनः दूर वाले इलाकों में ढकेल दिया गया। फूँस की झोंपड़ियों को अवैध घोषित कर दिया गया।
(6) नगर नियोजन के सारे आयामों को सरकार द्वारा अपने हाथ में लेना 19वीं सदी में और ज्यादा तेजी से झुग्गियों को हटाया गया तथा दूसरे इलाकों की कीमत पर ब्रिटिश आबादी वाले हिस्सों को तेजी से विकसित किया गया।
(7) ह्वाइट और ब्लैक टाउन वाले नस्ली विभाजन को बढ़ावा-‘ स्वास्थ्यकर’ और ‘अस्वास्थ्यकर’ के नये विभेद के सहारे ‘डाइट’ और ‘ब्लैक’ टाउन वाले नस्ली विभाजन को और बल मिला तथा शहर के यूरोपीय आबादी वाले इलाकों के विकास पर आवश्यकता से अधिक ध्यान दिया गया।
प्रश्न 5.
तर्क सहित सिद्ध कीजिए कि औपनिवेशिक शहरों का सामाजिक जीवन वर्तमान शहरों में भी दिखाई पड़ता है।
उत्तर:
औपनिवेशिक शहरों का सामाजिक जीवन वर्तमान शहरों में भी दिखाई देता है। इस बात के समर्थन में निम्नलिखित तर्क प्रस्तुत हैं-
(i) वर्गभेद – औपनिवेशिक शहरों में वर्गभेद स्पष्ट दिखाई देता था। एक ओर व्हाइट टाउन थे जहाँ गोरे लोग ही रह सकते थे दूसरी ओर ब्लैक टाउन में मात्र भारतीय ही रहते थे। व्हाइट टाउन में समस्त सुविधाएँ थीं, वहीं ब्लैक टाउन आवश्यक सुविधाओं एवं स्वच्छता से विहीन थे। यही स्थिति वर्तमान शहरों में देखने को मिल रही है। धनवान लोगों की कालोनियों में पर्याप्त नागरिक सुविधाएँ व स्वच्छता देखने को मिलती है।
(ii) यातायात के साधनों का विकास औपनिवेशिक शहरों में यातायात के साधनों का पर्याप्त विकास हुआ जिस कारण लोग शहर के केन्द्र से दूर जाकर भी बस सकते थे। वर्तमान शहरों में भी यही स्थिति देखने को मिलती है। लोग यातायात के साधनों के विकास के कारण शहर के केन्द्र से दूर जाकर बस रहे हैं।
(ii) मनोरंजन तथा मिलने-जुलने के नये सार्वजनिक स्थल औपनिवेशिक शहरों की तरह वर्तमान शहरों में टाउन हॉल सार्वजनिक पार्क, रंगशाला एवं सिनेमा हॉल जैसे सार्वजनिक स्थानों का निर्माण हुआ है, जिससे शहरों में लोगों को मिलने-जुलने तथा मनोरंजन के नये अवसर मिलने लगे हैं। शहरों में नये सामाजिक समूह बने हैं।
(iv) मध्यम वर्ग का विस्तार औपनिवेशिक शहरों की तरह वर्तमान में सभी वर्गों के लोग शहरों में आने लगे हैं। क्लकों, शिक्षकों, वकीलों, डॉक्टरों, इंजीनियरों, एकाउण्टेन्ट्स की माँग बढ़ने लगी है परिणामस्वरूप मध्यम वर्ग बढ़ता जा रहा है। उनके पास स्कूल, कॉलेज तथा लाइब्रेरी जैसे नये शिक्षा केन्द्रों तक अच्छी पहुँच है।
(v) महिलाओं की स्थिति में परिवर्तन औपनिवेशिक शहरों में महिलाओं के लिए नये अवसर थे। वर्तमान शहरों में भी महिलाओं के लिए नये अवसर मौजूद हैं। आज महिलाएँ घर की चारदीवारी से निकलकर समाचार पत्र, पत्र-पत्रिकाओं और पुस्तकों के द्वारा स्वयं को अभिव्यक्त कर रही हैं।
(vi) मेहनतकश, गरीबों अथवा कामगारों में वृद्धि- औपनिवेशिक शहरों की तरह वर्तमान शहरों में भी ग्रामीण क्षेत्रों से लोग रोजगार की तलाश में लगातार शहरों की ओर आ रहे हैं।
प्रश्न 6.
मद्रास शहर के नगर नियोजन की विवेचना कीजिए।
अथवा
मद्रास में बसावट और पृथक्करण पर एक लघु निबन्ध लिखिए।
उत्तर:
स्थापना- अंग्रेज व्यापारियों ने 1639 में एक व्यापारिक चौकी मद्रासपट्म में स्थापित की फ्रेंच इंस्ट इण्डिया कम्पनी के साथ प्रतिद्वंद्विता के कारण (1746- 63) अंग्रेजों को मद्रास की किलेबन्दी करनी पड़ी।
(1 ) फोर्ट सेंट जार्ज एवं हाइट टाउन का निर्माण- अंग्रेजों ने मद्रास में अपना किला बनाया जो ‘फोर्ट सेन्ट जार्ज’ कहलाता था। इसमें ज्यादातर यूरोपीय रहते थे। मद्रास शहर का विकास शहर में रहने वाले थोड़े से गोरों की जरूरतों और सुविधाओं के हिसाब से किया जा रहा।
(2) ब्लैक टाउन का विकास ब्लैक टाउन को किले के बाहर बसाया गया। इस आबादी को भी सीधी कतारों में बसाया गया जो कि औपनिवेशिक नगरों की खास विशेषता थी नये ब्लैक टाउन में बुनकरों, कारीगरों, बिचौलियों और दुभाषियों को बसाया गया, जो कम्पनी के व्यापार में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते थे। वहाँ मन्दिर और बाजार के आसपास रिहायशी मकान बनाए गए। आड़ी-टेढ़ी गलियों में अलग- अलग जातियों के मोहल्ले थे। चिन्ताद्रीपेठ इलाका केवल बुनकरों के लिए था। वाशरमेन पेठ में रंगसाज और धोबी रहते थे। दुबाश एजेन्ट और व्यापारी के रूप में कार्य करते थे, इसमें सम्पन्न लोग थे। ये लोग भारतीयों एवं यूरोपियनों के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाते थे।
(3) स्थानीय वाशिंदे व नौकरी-शुरू में कम्पनी में कार्य करने वालों में लगभग सारे वेल्लालार होते थे। वह एक स्थानीय ग्रामीण जाति थी। ब्राह्मण भी इसी तरह के पदों के लिए जोर लगाने लगे। तेलुगू कोमाटी समुदाय एक शक्तिशाली व्यावसायिक समूह था पेरियार और बनियार गरीब कामगार वर्ग था माइलापुर और ट्रिप्लीकेन हिन्दू धार्मिक केन्द्र थे ट्रिप्लीकेन में बड़ी संख्या में मुस्लिम आबादी रहती थी सानधोम और वहाँ का चर्च रोमन कैथोलिक समुदाय का केन्द्र था।
(4) यूरोपीय लोगों द्वारा गार्डन हाउसेज का निर्माण- जैसे-जैसे अंग्रेजी सत्ता मजबूत होती गई, यूरोपीय निवासी किले के बाहर जाकर गार्डन हाउसेज का निर्माण करने लगे।
(5) सम्पन्न भारतीयों द्वारा उपशेहरी इलाकों का निर्माण धीरे-धीरे सम्पन्न भारतीय भी अंग्रेजों की तरह रहने लगे थे। परिणामस्वरूप मद्रास के इर्द-गिर्द स्थित गाँवों की जगह बहुत सारे नये उपशहरी इलाकों ने ले ली।
(6) गरीब लोगों का काम के नजदीक वाले गाँवों में निवास- गरीब लोग अपने काम की जगह से नजदीक पड़ने वाले गाँवों में बस गये। बढ़ते शहरीकरण के कारण इन गाँवों के बीच वाले इलाके शहर के भीतर आ गए। इस तरह मद्रास एक अर्द्धग्रामीण-सा शहर दिखने लगा।
प्रश्न 7.
बम्बई एक आधुनिक नगर और भारत की वाणिज्यिक राजधानी कैसे बना? इस पर प्रकाश डालिए।
अथवा
बम्बई शहर के नगर नियोजन की विशेषताओं की विवेचना कीजिए।
अथवा
मुम्बई का उदाहरण देते हुए स्पष्ट कीजिये कि अंग्रेजों ने नगर नियोजन के माध्यम से अपने औपनिवेशिक सपने को कैसे पूरा किया?
अथवा
बम्बई नगर नियोजन तथा भवन निर्माण के मुख्य चरणों की व्याख्या कीजिये मुख्य रूप से नवशास्त्रीय ( नियोक्लासिकल) शैली में बनी इमारतों का उल्लेख कीजिये।
उत्तर:
प्रारम्भ में बम्बई सात टापुओं का इलाका था। जैसे-जैसे आबादी बढ़ी, इन टापुओं को एक-दूसरे से जोड़ दिया गया और इन टापुओं के जुड़ने पर एक विशाल शहर अस्तित्व में आया।
(1) औपनिवेशिक भारत की वाणिज्यिक राजधानी अम्बई औपनिवेशिक भारत की वाणिज्यिक राजधानी थी। पश्चिमी तट पर एक प्रमुख बन्दरगाह होने के नाते यह अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का केन्द्र था। 19वीं सदी के अन्त तक भारत का आधा आयात-निर्यात बम्बई से ही होता था। इस व्यापार की एक महत्त्वपूर्ण वस्तु अफीम थी। अफीम के व्यापार में ईस्ट इण्डिया कम्पनी के साथ भारतीय व्यापारी और बिचौलियों की भी प्रमुख भूमिका थी। इससे भारतीय पूँजीपति वर्ग का विकास हुआ। बाद में अमेरिकी गृहयुद्ध के कारण भारतीय कपास की बढ़ती माँग और बढ़ती कीमतों तथा स्वेज नहर के खुलने से बम्बई का वाणिज्यिक विकास हुआ और बम्बई को भारत का ‘सरताज शहर’ घोषित किया गया।
(2) विशाल इमारतें तथा उनका स्थापत्य अंग्रेजों ने अनेक भव्य और विशाल इमारतों का निर्माण कराया। इनकी स्थापत्य शैली यूरोपीय शैली पर आधारित थी। धीरे-धीरे भारतीयों ने भी यूरोपीय स्थापत्य शैली को अपना लिया। अंग्रेजों ने अनेक बंगले बनवाये।
(i) अंग्रेजों ने नव-गॉथिक शैली में इमारतों का निर्माण कराया। विक्टोरिया टर्मिनस रेलवे स्टेशन इस शैलीका बेहतरीन उदाहरण है। इसके अतिरिक्त बम्बई विश्वविद्यालय, सचिवालय और उच्च न्यायालय जैसी भव्य इमारतों का निर्माण कराया गया।
(ii) नवशास्त्रीय शैली में ‘एल्फिंस्टन सर्कल’ का निर्माण किया गया।
(iii) बीसवीं सदी के प्रारम्भ में भारतीय और यूरोपीय 4 शैली को मिलाकर एक नयी शैली का विकास हुआ जो ‘इण्डोसारसेनिक’ कहलाती थी यह शैली गुम्बदों, छतरियों, जालियों और मेहराबों से प्रभावित थी गुजराती शैली में बने गेट वे ऑफ इण्डिया तथा होटल ताज प्रमुख इमारतें हैं।
(3) चाल – बम्बई शहर में जगह की कमी तथा भीड़-भाड़ की वजह से विशेष प्रकार की इमारतें भी बनाई गई, जिन्हें ‘चाल’ कहा जाता था। ये बहुमंजिला इमारतें होती थीं, जिनमें एक-एक कमरेवाली आवासीय इकाइयाँ बनाई जाती थीं।
प्रश्न 8.
औपनिवेशिक काल में भारत में सार्वजनिक भवनों के निर्माण के लिए कौन-कौनसी स्थापत्य शैलियों का प्रयोग किया गया?
अथवा
ब्रिटिश काल में इण्डो-सारसेनिक स्थापत्य कला की दो विशेषताएँ बताइये।
उत्तर:
सार्वजनिक भवनों के लिए स्थापत्य शैलियाँ औपनिवेशिक काल में सार्वजनिक भवनों के लिए मोटे तौर पर तीन स्थापत्य शैलियों का प्रयोग किया गया।
(1) नवशास्त्रीय या नियोक्लासिकल शैली-बड़े- बड़े स्तम्भों के पीछे रेखागणितीय संरचनाओं का निर्माण इस शैली की विशेषता थी। भारत में ब्रिटिश साम्राज्य के लिए उसे खासतौर से अनुकूल माना जाता था। अंग्रेजों को लगता था कि जिस शैली में शाही रोम की भव्यता दिखाई देती थी, उसे शाही भारत के वैभव की अभिव्यक्ति के लिए भी प्रयोग किया जा सकता है क्योंकि यह शैली मूल रूप से प्राचीन रोम की भवन निर्माण शैली से निकली थी और इसे यूरोपीय पुनर्जागरण के दौरान पुनर्जीवित, संशोधित और लोकप्रिय किया गया था।
इस स्थापत्य शैली के भूमध्यसागरीय उद्गम के कारण उसे उष्णकटिबंधीय मौसम के अनुकूल भी माना गया। 1833 में बम्बई का ‘टाउन हॉल’ इसी शैली के अनुसार बनाया गया था। 1860 में व्यावसायिक इमारतों के समूह को ‘एल्फिंस्टन सर्कल’ कहा जाता था। यह इमारत इटली की इमारतों से प्रेरित थी। इसमें पहली मंजिल पर ढँके हुए तोरण पथ का रचनात्मक ढंग से इस्तेमाल किया गया। दुकानदारों व पैदल चलने वालों को तेज धूप और बरसात से बचाने के लिए यह सुधार काफी उपयोगी था ।
(2) नव-गॉथिक शैली- एक अन्य स्थापत्य शैली जिसका काफी प्रयोग किया गया, वह थी- नव- गाँधिक शैली ऊँची उठी हुई छरों, नोकदार मेहराबें और बारीक साज-सज्जा इस शैली की खासियत थी। इस शैली की इमारतों का जन्म गिरजाघरों से हुआ था, जो मध्यकाल में यूरोप में काफी बनाए गए थे। 19वीं सदी के मध्य इंग्लैण्ड में इसे दुबारा अपनाया गया बम्बई सचिवालय, बम्बई विश्वविद्यालय और उच्च न्यायालय की इमारतें इसी शैली में बनाई गई नव-गॉथिक शैली का सबसे बेहतरीन उदाहरण ‘विक्टोरिया टर्मिनस’ है, जो ग्रेट इंडियन पेनिन्स्युलर रेलवे कम्पनी का स्टेशन और मुख्यालय हुआ करता था।
(3) इंडो-सारासेनिक शैली 20वीं सदी के प्रारम्भ में एक नयी मिश्रित स्थापत्य शैली विकसित हुई, जिसमें भारतीय और यूरोपीय, दोनों तरह की शैलियों के तत्व थे। इस शैली को ‘इंडो-सारासेनिक शैली’ का नाम दिया गया था। 1911 में बना ‘गेट वे ऑफ इण्डिया’ परम्परागत गुजराती शैली का प्रसिद्ध उदाहरण था उद्योगपति जमशेदजी टाटा ने इसी शैली में ‘ताजमहल होटल’ बनवाया था। बम्बई के ज्यादातर ‘भारतीय’ इलाकों में सजावट एवं भवन निर्माण और साज-सज्जा में इसी शैली का बोलबाला था।
प्रश्न 9.
औपनिवेशिक भारत की स्थापत्य शैलियों से किन तथ्यों के बारे में जानकारी मिलती है?
उत्तर:
औपनिवेशिक भारत की स्थापत्य शैलियों से विभिन्न तथ्यों की जानकारी
औपनिवेशिक भारत की स्थापत्य शैलियों से निम्नलिखित तथ्यों के बारे में जानकारी मिलती है-
(1) सौन्दर्यात्मक आदर्शों एवं उनमें निहित विविधताओं का बोध होना स्थापत्य शैलियों से अपने समय के सौन्दर्यात्मक आदर्शों और उनमें निहित विविधताओं का पता चलता है।
(2) भवन-निर्माताओं के दृष्टिकोण की प्रतीक ये इमारतें उन लोगों की सोच और दृष्टिकोण के बारे में भी बताती हैं, जो उन्हें बना रहे थे इमारतों के जरिये शासक अपनी ताकत का इजहार करना चाहते थे तथा इन इमारतों से उस समय की सत्ता को किस रूप में देखा जा रहा था, इसका भी ज्ञान होता है। इस प्रकार एक विशिष्ट युग की स्थापत्य शैली को देखकर हम यह समझ सकते हैं कि उस समय सत्ता को किस तरह देखा जा रहा था।
(3) प्रचलित रुचियों की जानकारी एवं नवीन शैलियों को लोकप्रियता प्रदान करना- स्थापत्य शैलियों से प्रचलित रुचियों का तो पता लगता ही है, साथ ही संजीव पास बुक्स यह भी पता लगता है कि इन शैलियों ने उन रुचियों को बदलने में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है तथा संस्कृति की रूपरेखा तय की है, जैसे बहुत सारे भारतीय भी यूरोपीय स्थापत्य शैलियों को आधुनिकता व सभ्यता का प्रतीक मानते हुए उन्हें अपनाने लगे थे तथा बहुतों ने उनके आधुनिक तत्वों को स्थानीय परम्पराओं के तत्वों में समाहित कर दिया। उन्नीसवीं शताब्दी के अन्त से हमें औपनिवेशिक आदर्शों से भिन्न क्षेत्रीय एवं राष्ट्रीय अभिरुचियों को परिभाषित करने के प्रयास दिखाई देते हैं। इस तरह स्थापत्य शैलियों को देखकर हम इस बात को भी समझ सकते हैं कि शाही और राष्ट्रीय तथा राष्ट्रीय और क्षेत्रीय के बीच सांस्कृतिक टकराव और राजनीतिक खींचतान किस तरह शक्ल ले रही थी।
प्रश्न 10.
औपनिवेशिक शासन किस प्रकार बेहिसाब आँकड़ों और जानकारियों के संग्रह पर आधारित था?
अथवा
औपनिवेशिक शहरों के अध्ययन में सहायक तत्त्वों की विवेचना कीजिये।
उत्तर:
औपनिवेशिक शासन में संग्रहित आँकड़े व जानकारियाँ ( औपनिवेशिक शहरों के अध्ययन में सहायक तत्त्व )
औपनिवेशिक शासन बेहिसाब आँकड़ों और जानकारियों के संग्रह पर आधारित था। यथा-
(1) व्यापारिक गतिविधियों का विस्तृत ब्यौरा रखना-अंग्रेजों ने अपने व्यावसायिक मामलों को चलाने के लिए व्यापारिक गतिविधियों का विस्तृत ब्यौरा रखा था। (2) शहरों का नियमित सर्वेक्षण तथा उनके सांख्यिकीय आँकड़े एकत्रित करना – वे बढ़ते शहरों में जीवन की गति और दिशा पर नजर रखने के लिए नियमित रूप से सर्वेक्षण करते थे। वे सांख्यिकीय आँकड़े इकट्ठा करते थे और विभिन्न प्रकार की सरकारी रिपोर्ट प्रकाशित करते थे।
(3) मानचित्र तैयार करना- प्रारम्भिक वर्षों में ही औपनिवेशिक सरकार ने मानचित्र तैयार करने पर ध्यान दिया। उसका मानना था कि किसी जगह की बनावट और भू-दृश्य को समझने के लिए नक्शे जरूरी होते हैं। इस जानकारी के सहारे वे इलाके पर ज्यादा बेहतर नियंत्रण कायम कर सकते थे। जब शहर बढ़ने लगे तो न केवल उनकी विकास की योजना तैयार करने के लिए बल्कि व्यवसाय को विकसित करने और अपनी सत्ता को मजबूत करने के लिए भी नक्शे बनाये जाने लगे। शहरों के नक्शों से हमें उस स्थान पर पहाड़ियों, नदियों व हरियाली का पता चलता है। ये सारी चीजें रक्षा सम्बन्धी उद्देश्यों के लिए योजना तैयार करने में बहुत काम आती हैं। इसके अतिरिक्त पाटों की जगहों, मकानों की समनता तथा गुणवत्ता तथा सड़कों की स्थिति आदि से इलाके की व्यावसायिक सम्भावनाओं का पता लगाने और कराधान की रणनीति बनाने में मदद मिलती थी।
(4) नगर निगमों की गतिविधियों से उत्पन्न रिकाईस – 19वीं सदी में शहरों के रख-रखाव के लिए पैसा इकट्ठा करने के लिए आंशिक लोक प्रतिनिधित्व से लैस नगर निगम जैसी संस्था की स्थापना की गई। नगर- निगमों की गतिविधियों से नए तरह के रिकार्ड्स पैदा हुए, जिन्हें नगरपालिका रिकार्ड रूम में सम्भाल कर रखा जाने
लगा।
(5) जनगणना आँकड़े शहरों के फैलाव पर नजर रखने के लिए नियमित रूप से लोगों की गिनती की जाती थी। 19वीं सदी के मध्य तक विभिन्न क्षेत्रों में कई जगह स्थानीय स्तर पर जनगणना की जा चुकी थी। अखिल भारतीय जनगणना का पहला प्रयास 1872 में किया गया। इसके बाद, 1881 से हर दस साल में जनगणना एक नियमित व्यवस्था बन गई। भारत में शहरीकरण का अध्ययन करने के लिए जनगणना से निकले आँकड़े एक बहुमूल्य स्रोत हैं। इस प्रकार जनगणना, नगरपालिका जैसे संस्थानों के सर्वेक्षण, मानचित्रों और अन्य रिकार्डों के सहारे औपनिवेशिक शहरों का पुराने शहरों के मुकाबले ज्यादा विस्तार से अध्ययन किया जा सकता है।
प्रश्न 11.
औपनिवेशिक काल में भारत में जनगणना की प्रक्रिया में क्या भ्रम थे? जनगणनाओं के सावधानी से अध्ययन करने पर क्या दिलचस्प रुझान सामने आते हैं? उत्तर- औपनिवेशिक भारत में जनगणना से सम्बन्धित भ्रम यद्यपि भारत में शहरीकरण का अध्ययन करने के लिए जनगणना से निकले आँकड़े एक बहुमूल्य स्रोत हैं, तथापि इस प्रक्रिया में भी कई भ्रम थे यथा-
(1) वर्गीकरण सम्बन्धी भ्रम- जनगणना आयुक्तों ने आबादी के विभिन्न तबकों का वर्गीकरण करने के लिए अलग-अलग श्रेणियाँ बना दी थीं। कई बार यह वर्गीकरण निहायत अतार्किक होता था और लोगों की परिवर्तनशील तथा परस्पर काटती पहचानों को पूरी तरह नहीं पकड़ पाता था।
(2) स्वयं लोगों द्वारा सहयोग न करना- प्राय: लोग स्वयं भी इस प्रक्रिया में सहयोग करने से इनकार कर देते थे या जनगणना आयुक्तों को गलत जवाब दे देते थे। काफी समय तक वे जनगणना कार्यों को सन्देह की दृष्टि से देखते रहे। उन्हें लगता था कि सरकार नये टैक्स लागू करने के लिए जाँच करवा रही है।
(3) औरतों के बारे में जानकारी देने में हिचकिचाना – ऊँची जाति के लोग अपने घर की औरतों के बारे में पूरी जानकारी देने से हिचकिचाते थे। महिलाओं से अपेक्षा की जाती थी कि वे घर के भीतरी हिस्से में दुनिया से कट कर रहें। उनके बारे में सार्वजनिक जाँच को सही नहीं माना जाता था।
(4) पहचान सम्बन्धी दावों का भ्रामक होना- जनगणना अधिकारियों ने यह भी पाया कि बहुत सारे लोग ऐसी पहचानों का दावा करते थे जो ऊँची हैसियत की मानी जाती थीं। उदाहरण के लिए, शहरों में ऐसे लोग भी थे जो फेरी लगाते थे या काम न होने पर मजदूरी करने लगते थे। इस तरह के बहुत सारे लोग जनगणना कर्मचारियों के सामने स्वयं को प्रायः व्यापारी बताते थे क्योंकि उन्हें मजदूर की तुलना में व्यापारी ज्यादा सम्मानप्रद लगता था।
(5) मृत्युदर और बीमारियों से सम्बन्धित आँकड़ों को इकट्ठा करना लगभग असम्भव था मृत्यु दर और बीमारियों से सम्बन्धित आंकड़ों को इकट्ठा करना भी लगभग असम्भव था। बीमार पड़ने की जानकारी भी लोग प्रायः नहीं देते थे। बहुत बार इलाज भी गैर लाइसेंसी डॉक्टरों से करा लिया जाता था। ऐसे में बीमारी या मौत की घटनाओं का सटीक हिसाब लगाना सम्भव नहीं था। जनगणनाओं का सावधानी से अध्ययन करने पर कुछ दिलचस्प रुझान जनगणनाओं का सावधानी से अध्ययन करने पर निम्नलिखित दिलचस्प रुझान सामने आते हैं-
(1) सन् 1800 के बाद हमारे देश में शहरीकरण की रफ्तार धीमी रही। पूरी 19वीं सदी और 20वीं सदी के पहले दो दशकों तक देश की कुल आबादी में शहरी आबादी का हिस्सा बहुत मामूली तथा स्थिर रहा। यह लगभग 10 प्रतिशत रहा।
(2) 1900 से 1940 के बीच 40 सालों के दरमियान शहरी आबादी 10 प्रतिशत से बढ़कर 13 प्रतिशत हो गई थी।
(3) नए व्यावसायिक एवं प्रशासनिक केन्द्रों के रूप में बम्बई, मद्रास और कलकत्ता शहर पनपे लेकिन दूसरे तत्कालीन शहर कमजोर भी हुए।
प्रश्न 5.
” भारत छोड़ो आन्दोलन ब्रिटिश शासन के खिलाफ गाँधीजी का तीसरा बड़ा आन्दोलन था।” व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
क्रिप्स मिशन की विफलता के पश्चात् महात्मा गाँधी ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ अपना तीसरा बड़ा आन्दोलन छेड़ने का फैसला किया। अगस्त, 1942 ई. में शुरू किए गए इस आन्दोलन को ‘अंग्रेज भारत छोड़ो’ के नाम से जाना गया। भारत छोड़ो आन्दोलन प्रारम्भ करने के कारण-
(i) अंग्रेजों की साम्राज्यवादी नीति- सितम्बर, 1939 में द्वितीय विश्व युद्ध प्रारम्भ हो गया। महात्मा गाँधी व जवाहरलाल नेहरू दोनों ही हिटलर व नात्सियों के आलोचक थे। तदनुरूप उन्होंने फैसला किया कि यदि अंग्रेज बुद्ध समाप्त होने के पश्चात् भारत को स्वतन्त्रता देने पर सहमत हों तो कांग्रेस उनके युद्ध प्रयासों में सहायता दे सकती है। ब्रिटिश सरकार ने कांग्रेस के इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया। इस घटनाक्रम ने अंग्रेजी साम्राज्यवादी नीति के विरुद्ध आन्दोलन प्रारम्भ करने हेतु प्रोत्साहित किया।
(ii) क्रिप्स मिशन की असफलता द्वितीय विश्व युद्ध में कांग्रेस व गाँधीजी का समर्थन प्राप्त करने के लिए तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमन्त्री विंस्टन चर्चिल ने अपने एक मन्त्री सर स्टेफर्ड क्रिप्स को भारत भेजा। क्रिप्स के साथ वार्ता में कांग्रेस ने इस बात पर जोर दिया कि यदि धुरी शक्तियों से भारत की रक्षा के लिए ब्रिटिश शासन कांग्रेस का समर्थन चाहता है तो वायसराय को सबसे पहले अपनी कार्यकारी परिषद् में किसी भारतीय को एक रक्षा सदस्य के रूप में नियुक्त करना चाहिए। इसी बात पर वार्ता टूट गयी। क्रिप्स मिशन की विफलता के पश्चात् गाँधीजी ने अंग्रेजों भारत छोड़ो आन्दोलन प्रारम्भ करने का फैसला किया। भारत छोड़ो आन्दोलन का प्रारम्भ-9 अगस्त, 1942 ई. को गाँधीजी के नेतृत्व में भारत छोड़ो आन्दोलन प्रारम्भ हो गया।
अंग्रेजों ने इस आन्दोलन को दबाने के लिए बड़ी कठोरता से काम लिया। कांग्रेस को अवैध घोषित कर दिया गया तथा सभाओं, जुलूसों व समाचार-पत्रों पर कठोर प्रतिबन्ध लगा दिए गए। इसके बावजूद देशभर के युवा कार्यकर्ता हड़तालों एवं तोड़फोड़ की कार्यवाहियों के माध्यम से आन्दोलन चलाते रहे। कांग्रेस में जयप्रकाश नारायण जैसे समाजवादी सदस्य भूमिगत होकर अपनी गतिविधियों को चलाते रहे। आन्दोलन का अन्त-अंग्रेजों ने भारत छोड़ो आन्दोलन के प्रति कठोर रवैया अपनाया फिर भी इस विद्रोह का दमन करने में साल भर से अधिक समय लग गया।