JAC Class 10 English Solutions Footprints without Feet Chapter 9 Bholi

JAC Board Class 10th English Solutions Footprints without Feet Chapter 9 Bholi

JAC Class 10th English Bholi Textbook Questions and Answers

Read and Find Out (Pages 54, 55 & 58)

Question 1.
Why is Bholi’s father worried about her?
(भोली का पिता उसके बारे में चिंतित क्यों है ?)
Answer:
Bholi is not like other children. Her face is full of deep pock-marks. Moreover, she is not intelligent like others. That is why, her father is worried about her.
(भोली दूसरे बच्चों की तरह नहीं है। उसके चेहरे पर काले धब्बों के गहरे निशान बने हुए हैं। साथ ही, वह दूसरे बच्चों की तरह बुद्धिमान भी नहीं है। यही कारण है, कि उसका पिता उसके बारे में चिंतित है।)

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Question 2.
For what unusual reason is Bholi sent to school?
(भोली को किस विशेष कारण से स्कूल भेजा गया ?)
Answer:
Bholi is not sent to school because her father wants to get her educated. She is sent to school because her father cannot say ‘no’ to the Tehsildar. So, to get rid of her, the parents decide to send her to school.
(भोली को इसलिए स्कूल नहीं भेजा जाता है कि उसका पिता चाहता है कि वह शिक्षित हो जाए। उसे इसलिए स्कूल भेजा जाता है क्योंकि उसका पिता तहसीलदार साहब को ‘न’ नहीं कह सकता था। इसलिए उससे छुटकारा पाने के लिए माता-पिता उसे स्कूल भेजने का निर्णय लेते हैं।)

Question 3.
Does Bholi enjoy her first day at school?
(क्या भोली स्कूल में अपने पहले दिन का आनंद उठाती है?)
Answer:
At first she is frightened, but after sometime she seems to be enjoying the pictures on the wall. She is happy to see so many girls of her age in the class. The real thing that makes her happy on this very day is the loving and soothing treatment of the teacher. Thus she enjoys her first day at school.

(पहले तो वह भयभीत हो जाती है, लेकिन कुछ समय के पश्चात् वह दीवार पर लगे चित्रों का आनंद उठाती प्रतीत होती है। वह कक्षा में अपनी आयु की इतनी सारी लड़कियों को देखकर प्रसन्न हो जाती है। उस दिन जिस चीज ने उसे सचमुच प्रसन्न किया वह अध्यापिका का स्नेहमयी और सहलाने वाला व्यवहार है। इस प्रकार वह स्कूल में अपने पहले दिन का आनंद उठाती है।)

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Question 4.
Does she find her teacher different from the people at home?
(क्या वह अपनी अध्यापिका को घर के लोगों से भिन्न पाती है ?)
Answer:
Yes, she finds her teacher different from her family members. She finds that the teacher is kind. Her voice is soft and soothing. The teacher called her by her name softly and encouraged her.
(हाँ, वह अपनी अध्यापिका को अपने घर के लोगों से भिन्न पाती है। वह पाती है कि उसकी अध्यापिका दयालु है। उसकी आवाज मधुर और सहलाने वाली है। उसकी अध्यापिका उसे (प्यार के साथ) नाम से पुकारती है और उसका हौसला बढ़ाती है।)

Question 5.
Why do Bholi’s parents accept Bishamber’s marriage proposal?
(भोली के माता-पिता विशम्बर के शादी के प्रस्ताव को क्यों स्वीकार कर लेते हैं ?)
Answer:
Bholi is not beautiful. She has pock-marks on her face. Her father fears that no one will marry her. But when he receives a marriage proposal from Bishamber, he becomes happy. He accepts the proposal.
(भोली सुन्दर नहीं है। उसके चेहरे पर चेचक के दाग हैं। उसके पिता को भय है कि कोई भी उसके साथ शादी नहीं करेगा। लेकिन जब उसे बिशम्बर से शादी का प्रस्ताव मिलता है, तो वह प्रसन्न हो जाता है। वह प्रस्ताव को स्वीकार कर लेता है।)

Question 6.
Why does the marriage not take place?
(शादी क्यों नहीं हो पाती है?)
Answer:
At the time of Bholi’s marriage the bridegroom demands a dowry of five thousand rupees. The bride’s father is prepared to give him the money. But Bholi refuses to marry a person who demands dowry. So the marriage does not take place.
(भोली की शादी के अवसर पर दूल्हा पाँच हजार रुपए दहेज की माँग करता है। उसका पिता दूल्हे को यह रकम देने के लिए तैयार है। लेकिन भोली एक ऐसे आदमी से शादी करने से मना कर देती है जो दहेज की माँग करता है। इसलिए शादी नहीं हो पाती है।)

Think about it (Page 62)

Question 1.
Bholi had many apprehensions about going to school. What made her feel that she was going to a better place than her home?
(स्कूल जाने के बारे में भोली की कई आशंकाएँ थीं ? उसे ऐसा क्यों महसूस हुआ कि वह घर से अधिक अच्छे स्थान पर जा रही थी ?)
Answer:
Bholi was a neglected child. But that day she was given a clean dress. She was bathed. Even oil was rubbed into her dry and matted hair. This made her feel that she was going to a better place than her home.
(भोली एक उपेक्षित बच्ची थी। लेकिन उस दिन उसे एक स्वच्छ पोशाक दी गई। उसे स्नान करवाया गया। यहां तक कि उसके सूखे और उलझे हुए बालों में तेल भी लगाया गया। इससे उसे लगा कि उसे घर से बेहतर किसी अन्य स्थान पर ले जाया जा रहा है।)

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Question 2.
How did Bholi’s teacher play an important role in changing the course of her life?
(भोली की जिंदगी को बदलने में उसकी अध्यापिका ने कैसे महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई ?)
Answer:
Bholi’s teacher showed great love and affection to Bholi. She told her not to be afraid. She said that if she came to school daily, no one would laugh at her. She should study hard. Then other students would listen to her with respect. This created a confidence in her. Thus the loving care and encourage given to her by her teacher changed the course of her life. It made her a complete woman. She stood on her own legs. At the time of her marriage she showed rare courage and refused to marry the bridegroom who wanted dowry.
(भोली की अध्यापिका ने भोली के प्रति अत्यधिक प्यार और स्नेह दिखाया। उसने उससे कहा कि वह डरे नहीं। उसने कहा कि यदि वह हर रोज स्कूल आई तो कोई भी उस पर नहीं हँसेगा। उसे अधिक पढ़ना चाहिए। तब दूसरे विद्यार्थी उसकी बात को सम्मानपूर्वक सुनेंगे। इससे उसमें विश्वास पैदा हुआ। इस प्रकार से उसकी अध्यापिका द्वारा प्यार भरी देखभाल और हौंसले ने उसकी जिंदगी को बदल दिया। उसने उसे एक सम्पूर्ण महिला बना दिया। वह अपने पाँवों पर खड़ी हो गई। अपनी शादी के अवसर पर उसने दुर्लभ साहस दिखाया और दहेज की माँग करने वाले दूल्हे से शादी करने से मना कर दिया।)

Question 3.
Why did Bholi at first agree to an unequal match? Why did she later reject the marriage? What does this tell us about her?
(पहले भोली एक अनमेल शादी के लिए क्यों मान गई ? बाद में उसने शादी से इंकार क्यों कर दिया ? इससे हमें उसके बारे में क्या पता चलता है ?)
Answer:
Bholi knew that she was a burden on her parents. They were worried about her as no one was ready to marry an ugly-looking girl. Moreover, the match was fixed without her consent. But when the bridegroom came to her home with the marriage procession, she refused to marry him. It was because she found him greedy. He demanded a dowry of five thousand rupees. Although her father was prepared to give the money, yet she refused to marry him. She said that she would not marry a greedy man.

(भोली जानती थी कि वह अपने माता-पिता के ऊपर एक बोझ है। वे उसके बारे में चिंतित रहते थे क्योंकि बदसूरत दिखने वाली लड़की से कोई भी शादी करने को तैयार नहीं था। साथ ही, यह रिश्ता उसकी अनुमति के बिना ही तय कर दिया गया था। लेकिन जब दूल्हा बारात लेकर उसके घर आ गया, तो उसने उससे शादी करने से इंकार कर दिया। ऐसा इसलिए था क्योंकि उसने उसे लालची पाया था। उसने पाँच हजार रुपए का दहेज माँगा था। यद्यपि उसका पिता दहेज देने के लिए तैयार था, परन्तु फिर भी उसने उससे शादी करने से मना कर दिया। उसने कहा कि वह एक लालची आदमी से शादी नहीं करेगी।)

Question 4.
Bholi’s real name is Sulekha. We are told this right at the beginning. But only in the last but one paragraph of the story is Bholi called Sulekha again. Why do you think she is called Sulekha at that point in the story?
(भोली का असली नाम सुलेखा है। इसके बारे में हमें पाठ के शुरू में बताया गया है। परन्तु कहानी के आखिर में भोली को फिर से सुलेखा कहा गया है। आपके विचार में कहानी के उस मोड़ पर उसे फिर से सुलेखा क्यों कहा गया है ?)
Answer:
‘Bholi’ means a simple minded and witless girl. Sulekha was not intelligent. Thats why she was called Bholi. But she is called Sulekha towards the end of the story because she is no more witless. But she is a confident and a bold girl. That is why she is called by her real name.
(‘भोली’ का अर्थ है एक सीधी-सादी और तर्कहीन लड़की। सुलेखा बुद्धिमान नहीं थी। इसलिए उसे भोली कहा गया। लेकिन कहानी के अंत में उसे एक बार फिर से सुलेखा कहा गया है, क्योंकि अब वह मूर्ख नहीं है। बल्कि वह एक विश्वास वाली और बहादुर लड़की है। यही कारण है कि उसे उसके असली नाम से पुकारा गया है।)

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Question 5.
Bholi’s story must have moved you. Do you think girl children are not treated at par with boys? You are aware that the government has introduced a scheme to save the girl child as the sex ratio is declining. The scheme is called Beti Bachao Beti Padhao, Save the Girl Child. Read about the scheme and design a poster in groups of four and display on the school notice board.
(भोली की कहानी ने आपको हिला दिया होगा। क्या आपको लगता है कि लड़कियों का लड़कों के साथ बराबरी का व्यवहार नहीं है? आप जानते हैं कि सरकार ने लड़कियों को बचाने के लिए एक योजना शुरू की है क्योंकि लिंगानुपात घट रहा है। इस योजना को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, सेव द गर्ल चाइल्ड कहा जाता है। योजना के बारे में पढ़े और चार के समूहों में एक पोस्टर डिज़ाइन करें और स्कूल नोटिस बोर्ड पर प्रदर्शित करें।)
Answer:
‘Yes, I think that girl children are not treated at par with boys. In some places, there is lots of discrimination between girls and boys. To overcome this problem, the government has introduced many schemes to save the girl child. There is one scheme which is most popular known ‘BETI BACHAO BETI PADHAO”.
(हाँ, मुझे लगता है कि लड़कियों का लड़कों के साथ बराबरी का व्यवहार नहीं है। कुछ स्थानों पर, लड़कियों और लड़कों के बीच बहुत भेदभाव होता है। इस समस्या को दूर करने के लिए, सरकार ने लड़कियों को बचाने के लिए कई योजनाएँ शुरू की हैं। एक योजना है जो सबसे लोकप्रिय है ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ ।)
Hint: Poster of ‘Beti Bachao Beti Padhao’
JAC Class 10 English Solutions Footprints without Feet Chapter 9 Bholi 1

Talk about it (Page 62)

Question 1.
Bholi’s teacher helped her overcome social barriers by encouraging and motivating her. How do you think you can contribute towards changing the social attitudes illustrated in this story?
Answer:
Some of the social attitudes illustrated in the story have already been changed. For example, Bholi’s mother says, “If girls go to school, who will marry them?” This does not happen in these days. Now it is difficult to find matches for illiterate girls. Education is compulsory for changing the social attitudes. can be eradicated only through education. Other bad social attitudes can also be changed by educating people about them.

Question 2.
Should girls be aware of their rights, and assert them? Should girls and boys have the same rights, duties and privileges? What are some of the ways in which soc When we speak of human rights’, do we differentiate between girls’ rights and boys’ rights?
Answer:
Yes, girls should be aware of their rights and should assert them. The girls and boys should have the same rights. There should be no discrimination between sons and daughters, Girls should be provided the same education and given the same opportunities in life as the boys. When we speak of human rights, we should not differentiate between the right of boys and the rights of girls.

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Question 3.
Do you think the characters in the story were speaking to each other in English? If not, in aking? (You can get clues from the names of the persons and the nonEnglish words used in the story.)
Answer:
Characters in the story were not speaking to each other in English. The story is set in a village. English is not spoken in villages. Even in cities, English is not the language of daily conversation. It is spoken only in offices, etc. The characters in this story speak in Hindi. This is clear from the names of people and other Hindi words, for example, Numberdar, sahib, Tehsildar, pitaji, etc.

JAC Class 10th English Bholi Important Questions and Answers

Very Short Answer Type Questions

Question 1.
What was the real name of Bholi?
Answer:
The real name of Bholi was Sulekha.

Question 2.
How many Children did Ramlal have?
Answer:
Ramlal had seven children-four daughters and three sons.

Question 3.
Why was Ramlal worried about Bholi?
Answer:
Ramlal was worried about Bholi because she was neither intelligent nor beautiful.

Question 4.
Why did the Tehsildar come to Ramlal’s village?
Answer:
The Tehsildar came to Ramlal’s village to perform the opening ceremony of the Primary School for girls.

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Question 5.
Who came to marry Bholi?
Answer:
Bishamber, a rich grocer from the neighbouring village, came to marry Bholi.

Question 6.
Who is the author of the lesson ‘Bholi’?
Answer:
K.A. Abbas.

Question 7.
What was the name of Ramlal’s eldest daughter?
Answer:
Her name was Radha.

Question 8.
What post did Ramlal have in the village?
Answer:
He was the village Numberdar.

Question 9.
What did the Tehsildar ask Ramlal?
Answer:
The Tehsildar asked Ramlal to send his daughters to school.

Question 10.
Who was Lakshmi?
Answer:
Lakshmi was the name of Bholi’s cow.

Question 11.
What did Bishamber demand as dowry?
Answer:
Bishamber demanded five thousand rupees as dowry.

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Question 12.
Who came to perform the opening ceremony of the primary school for girls in Ramlal’s village?
Answer:
The Tehsildar came to perform this opening ceremony.

Question 13.
Who is the real artist in the story “Bholi’?
Answer:
Bholi’s teacher is the real artist in the story “Bholi’.

Question 14.
Of all his children who was Ramlal worried about?
Answer:
Of all his children Ramlal was worried about only Bholi

Question 15.
What is the meaning of Bholi?
Answer:
The meaning of Bholi is the simpleton or foolish.

Short Answer Type Questions

Question 1.
Why was Sulekha nicknamed Bholl?
(सुलेखा का उपनाम भोली क्यों पड़ गया?)
Answer:W
hen Sulekha was ten months old, she fell down from the cot on her head. Some part of her brain was damaged. That was why she remained a backward child and came to be called as Bholi, the simpleton.
(जब सुलेखा दस मास की थी, वह सिर के भार चारपाई के ऊपर से नीचे गिर गई थी। उसके दिमाग का कोई भाग क्षतिग्रस्त हो गया था। इसी कारण से वह पिछड़ी हुई रही और सभी उसे भोली, सादी कहकर पुकारने लगे।)

Question 2.
Why did Sulekha start stammering?
(सुलेखा ने हकलाना क्यों आरंभ कर दिया?)
Answer:
Sulekha could not speak till she was five. When at last she learnt to speak she started stammering because other children often made fun of her and mimicked her.
(सुलेखा पाँच वर्ष की आयु तक बोल नहीं सकती थी। आखिर जब उसने बोलना सीखा तो उसने हकलाना शुरू कर दिया क्योंकि अन्य सभी बच्चे उसका मजाक उड़ाते थे और उसकी नकल उतारते थे।) ।

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Question 3.
Why did the Tehsildar come to Ramlal’s village? What did he ask Ramlal to do?
(तहसीलदार रामलाल के गांव में क्यों आया था ? उसने रामलाल को क्या करने के लिए कहा?)
Answer:
The Tehsildar came to Ramlal’s village to perform the opening ceremony of a primary school for girls. Ramlal was the Numberdar of the village. So, the Tehsildar asked him to set an example before the village by sending his daughters to school.
(तहसीलदार रामलाल के गांव में लड़कियों के लिए प्राथमिक विद्यालय के उद्घाटन के अवसर पर आया था। रामलाल गांव का नंबरदार था। इसलिए, तहसीलदार ने उससे कहा कि वह अपनी लड़कियों को स्कूल भेजकर गांव के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत करे।)

Question 4.
Why was Bholi reluctant to go to school with her father?
(भोली अपने पिता के साथ स्कूल जाने के लिए इच्छुक क्यों थी?)
Answer:
Bholi did not know what a school was like. She thought that her father was turning her out of his house like their old cow Lakshmi. She shouted in terror and pulled her hand away from her father’s grip.
(भोली नहीं जानती थी कि स्कूल कैसा होता है। उसने सोचा कि उसका पिता उसे उनकी बूढ़ी गाय लक्ष्मी की तरह से बाहर निकाल रहा है। वह डर के मारे चिल्लाई और उसने अपने पिता की पकड़ से अपने हाथ को छुड़ा लिया।)

Question 5.
What made her feel that she was going to a better place than her home?
(उसे ऐसा क्यों लगा कि वह घर से बेहतर किसी स्थान पर जा रही है?)
Answer:
Bholi was a neglected child. But that day she was given a clean dress. She was bathed. Even oil was rubbed into her dry and matted hair. This made her feel that she was going to a better place than her home.
(भोली एक उपेक्षित बच्ची थी। लेकिन उस दिन उसे एक स्वच्छ पोशाक दी गई। उसे स्नान करवाया गया। यहां तक कि उसके सूखे और उलझे हुए बालों में तेल भी लगाया गया। इससे उसे लगा कि उसे घर से बेहतर किसी अन्य स्थान पर ले जाया जा रहा है।)

Question 6.
Why do Bholi’s parents accept Bishamber’s marriage proposal? Give three reasons.
(विशंबर के शादी के प्रस्ताव को भोली के माता-पिता ने क्यों स्वीकार कर लेते हैं? तीन कारण दीजिए।)
Answer:
Bholi’s parents agreed to marry their daughter Bholi to Bishamber because:
(i) Bishamber was a rich grocer and he did not demand any dowry.
(ii) He was from another village and did not know about her pock-marks and lack of sense.
(iii) If they did not accept the proposal Bholi was likely to remain unmarried all her life.

(भोली के माता-पिता अपनी बेटी भोली की शादी बिशंबर से करने को तैयार हो गए क्योंकि
(i) विशंबर एक अमीर आदमी था और उसने दहेज की मांग नहीं की थी।
(ii) वह दूसरे गांव का था और वह भोली के चेहरे पर चेचक के दागों और कम बुद्धि के बारे में नहीं जानता था।
(iii) यदि वे इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करते तो भोली सारी जिंदगी कुंवारी रह सकती थी।)

Question 7.
How does she become a masterpiece?
(वह कलाकृति कैसे बनती है ?)
Answer:
Bholi was a witless fool. She stammered. She was totally neglected. But her teacher couraged and inspired her. She became a confident and vocal woman. She refused to marry a greedy man. She resolved to serve her parents in old age. Thus, she becomes a masterpiece.
(भोली एक पागल मूर्ख थी। वह हकलाकर बोलती थी। वह पूर्णतया उपेक्षित थी। लेकिन उसकी अध्यापिका ने उसकी हिम्मत बढ़ाई और उसे प्रोत्साहित किया। वह विश्वास से भरपूर और साफ बोलने वाली महिला बन गई। उसने एक लालची आदमी के साथ शादी करने से मना कर दिया। उसने बुढ़ापे में अपने माता-पिता की सेवा करने का निश्चय किया। इस प्रकार, वह एक कलाकृति बन गई।)

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Question 8.
Give detail about Ramlal’s children.
(रामलाल के बच्चों का वर्णन कीजिए।)
Answer:
Ramlal had seven children-four daughters and three sons. All of his children except Bholi were healthy. His sons studied in schools and colleges. Bholi was his youngest daughter. She was a backward child.
(रामलाल के सात बच्चे थे-चार लड़कियां और तीन लड़के। भोली के अलावा उसके सभी बच्चे स्वस्थ थे। उसके बेटों ने स्कूलों और कॉलेजों में अध्ययन किया था। भोली उसकी सबसे छोटी बेटी थी। वह एक पिछड़ी हुई बच्ची थी।)

Essay Type Questions

Question 1.
On the basis of your understanding of the story, sketch the character of Bholi and describe the role of the teacher played in her life.
(कहानी को समझने के आधार पर, भोली का चरित्र-चित्रण कीजिए और बताइए कि उसकी अध्यापिका ने उसके जीवन में क्या योगदान दिया?)
Or
What changes do we find in the behaviour of Bholi in the end of the story ? Explain.
(कहानी के अंत में हम भोली के व्यवहार में क्या बदलाव देख सकते हैं? वर्णन करें।)
Answer:
Bholi was Ramlal’s youngest daughter. When she was ten months old she fell down from the cot and a part of her brain was damaged. So she remained a backward child. Her face was permanently disfigured by pock-marks when she was two years old. She began to speak at the age of five years but she stammered. She was a neglected child. None cared for her. They called her a witless fool. Other children mimicked and laughed at her. But when she was sent to school her life totally changed. Her teacher was kind and sympathetic. She encouraged and inspired her to rise higher in life. The teacher gave her confidence. She made her speak without a stammer. She was learned. She refused to marry a mean and greedy man. She decided to serve her old parents and her village by teaching other girls.

(भोली रामलाल की सबसे छोटी बेटी थी। जब वह दस महीने की थी तो वह चारपाई से नीचे गिर गई थी और उसके दिमाग का एक भाग क्षतिग्रस्त हो गया था। इसलिए वह एक पिछड़ी हुई बच्ची रही। जब वह दो वर्ष की थी तो उसका चेहरा चेचक के दागों के निशानों के कारण स्थायी रूप से कुरूप हो गया था। उसने पांच वर्ष की आयु में बोलना शुरू कर किया लेकिन वह हकलाकर बोलती थी। वह एक उपेक्षित बच्ची थी। कोई उसकी फिक्र नहीं करता था। वे उसे पागल मूर्ख कहते थे। दूसरे बच्चे उसकी नकल उतारते थे और उस पर हंसते थे। लेकिन जब उसे स्कूल भेजा गया तो उसका जीवन पूर्णरूप से बदल गया। उसकी अध्यापिका दयालु और करुणाजनक थी। उसने उसकी हिम्मत बढ़ाई और जीवन में ऊंचा उठने की प्रेरणा दी। अध्यापिका ने उसे विश्वास दिया। उसने उसे बिना हकलाहट के बोलना सिखाया। वह शिक्षित हो गई थी। उसने एक कमीने और लालची आदमी के साथ शादी करने से मना कर दिया। उसने अपने माता-पिता की सेवा और गांव की लड़कियों को पढ़ाकर गांव की सेवा का निर्णय किया।)

Question 2.
What idea do you form of Ramlal’s personality?
(रामलाल के व्यक्तित्व के बारे में आप क्या सोचते हैं ?)
Or
Give a brief sketch of Ramlal’s character.
(रामलाल के चरित्र का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।)
Answer:
Ramlal was the Numberdar of his village. He had a respectable position in the village. He had four daughters and three sons. He was a loving father. He sent his sons to the city for education. He searched good bridegrooms for his three daughters. He was worried about his youngest daughter Bholi. He took her to school. He asked his wife to bathe Bholi and give her clean clothes. He did not want to marry Bholi with Bishamber who was almost of his age. He wanted to consult Bholi in this matter. But it seems that he was in wife’s influence. Even in the end he parted with five thousand rupees for the sake of Bholi’s happiness. Thus he was a good father.

(रामलाल अपने गांव का नंबरदार था। गांव में उसकी स्थिति बहुत अच्छी थी। उसकी चार बेटियां और तीन बेटे थे। वह प्यार करने वाला पिता था। उसने अपने लड़कों को पढ़ने के लिए शहर भेजा। उसने अपनी तीन बेटियों के लिए अच्छे दूल्हों की तलाश की। वह अपनी सबसे छोटी बेटी भोली के बारे में चिंतित था। वह उसे स्कूल ले गया। उसने अपनी पत्नी से उसे नहलाने तथा उसे साफ पोशाक देने के लिए कहा। वह अपनी बेटी भोली की शादी बिशंबर से नहीं करना चाहता था जो कि लगभग उसकी आयु का था। वह इस मामले में भोली से परामर्श करना चाहता था। लेकिन ऐसा लगता है कि वह अपनी पत्नी के प्रभाव में था। यहां तक कि उसने भोली की प्रसन्नता के लिए पांच हजार रुपए भी दे दिए। अतः वह एक अच्छा पिता था।)

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Question 3.
Give a brief account of Ramlal’s children.
(रामलाल के बच्चों के बारे में संक्षेप में बताइए।)
Answer:
Ramlal had seven children-three sons and four daughters. The names of his daughters were Radha, Mangla, Champa and Sulekha. Sulekha, who was known as Bholi, was the youngest of the seven of Ramlal’s children. Ramlal was a prosperous farmer. All his children except Bholi were quite healthy and intelligent. His sons were sent to city for education. Later they were sent to college. His three daughters Radha, Mangla and Champa were very beautiful. Ramlal had no problem regarding their marriages but he was much worried about Bholi. Bholi was a backward child. She had pock-marks on her face. She spoke with a stammer. She was a neglected child. None cared for her.

(रामलाल के सात बच्चे थे तीन लड़के और चार लड़कियां। उसकी बेटियों के नाम थे-राधा, मंगला, चंपा और सुलेखा। सुलेखा जिसे भोली के नाम से जाना जाता था, रामलाल की सबसे छोटी बच्ची थी। रामलाल एक संपन्न किसान था। भोली के सिवाए उसके सभी बच्चे बिल्कुल स्वस्थ और बुद्धिमान थे। उसने लड़कों को पढ़ने के लिए शहर भेजा गया। बाद में उन्हें कॉलेज में भी भेजा गया। उसकी तीन बेटियां राधा, मंगला और चंपा बहुत सुंदर थीं। रामलाल को उनकी शादियों में कोई कठिनाई महसूस नहीं हुई, लेकिन वह भोली के बारे में बहुत चिंतित रहता था। भोली एक मंदबुद्धि बच्ची थी। उसके चेहरे पर चेचक के निशान थे। वह हकलाकर बोलती थी। वह एक उपेक्षित बच्ची थी। किसी को भी उसकी चिंता नहीं थी।)

Question 4.
What kind of treatment is given to Bholi by her parents? Is it justified?
(भोली के माता-पिता के द्वारा उसके साथ कैसा व्यवहार किया जाता है? क्या यह न्यायोचित है?)
Answer:
Bholi was the youngest of the seven of Ramlal’s children. Her real name was Sulekha. When she was ten months old, she fell down from the cot on her head. Some part of her brain was damaged. So she remained a backward child. She had pock-marks on her face. She spoke with a stammer. The treatment of her parents towards her was very discouraging. They called her a witless fool. They did little care of her. They didn’t give her new clothes. None washed her clothes and cared for her bath their shoulders. They sent her to school only to take off this burden from their shoulders to that of the teacher’s.

(भोली रामलाल के सात बच्चों में सबसे छोटी थी। उसका असली नाम सुलेखा था। जब वह दस मास की थी तो वह सिर के बल चारपाई से नीचे गिर गई थी। उसके दिमाग का कोई भाग क्षतिग्रस्त हो गया था। इसलिए वह एक मंदबुद्धि बच्ची रही। उसके चेहरे पर चेचक के निशान थे। वह हकलाकर बोलती थी। उसके माता-पिता का उसके प्रति व्यवहार बहुत अधिक निरुत्साहित करने वाला था। वे उसे मूर्ख कहकर पुकारते थे। वे उसकी बिल्कुल भी परवाह नहीं करते थे। वे उसे नए वस्त्र नहीं देते थे। कोई
भी उसके कपड़े नहीं धोता था और न ही उसे स्नान करवाता था। वे उसे अपने कंधों पर एक भार समझते थे। उन्होंने उसको इसलिए स्कूल भेजा ताकि इस भार को अपने कंधों से उतारकर अध्यापिका के कंधों पर लाद दिया जाए।)

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Question 5.
What was new hope and new life for Bholi?
(भोली के लिए नई आशा और नया जीवन क्या था?)
Or
Describe Bholi’s experience on her first day at school.
(स्कूल में भोली के पहले दिन के अनुभव का वर्णन कीजिए।)
Answer:
One day Ramlal held Bholi’s hand and asked her to go to school. Bholi did not know what a school was like. She thought that her father was turning her out of his house like their old cow Lakshmi. She shouted in terror and pulled her hand away from her father’s grip. On the first day of school, she was frightened. But after some time she seemed to be enjoying the pictures on the wall. She was happy to see so many girls of her age in the class. The real thing that made her happy on this very day was the loving and soothing treatment of the teacher. The teacher spoke to her in a soft and soothing voice. No one had ever spoken to her gently. This touched her heart. The teacher told Bholi that if she came to school regularly she would be more learned than anyone else in the village. She would speak without a stammer and everyone would listen to her with respect. This was a new hope and new life for Bholi.

(एक दिन रामलाल ने भोली का हाथ पकड़कर उसे स्कूल चलने के लिए कहा। भोली को पता नहीं था कि स्कूल कैसा होता है। उसने सोचा कि उसका पिता उसे उनकी बूढ़ी गाय लक्ष्मी की भांति घर से बाहर निकाल रहा है। वह भय से चिल्लाई और अपने पिता की पकड़ से झटका मारकर अपना हाथ छुड़वा लिया। स्कूल में पहले दिन वह भयभीत थी। लेकिन थोड़ी देर पश्चात वह दीवार पर लगे चित्रों का आनंद ले रही थी। वह कक्षा में अपनी आयु की इतनी सारी लड़कियों को देखकर बहुत प्रसन्न हुई। असली चीज जिसने उसे उस दिन वास्तविक खुशी प्रदान की, वह उसकी अध्यापिका का प्यार भरा और सहलाने वाला व्यवहार था। अध्यापिका ने उसके साथ मधुर और सहलाने वाली आवाज़ में बात की। आज तक किसी ने भी उसके साथ प्यार से बात नहीं की थी। इस बात ने उसके हृदय को छू लिया। अध्यापिका ने भोली को बता दिया कि यदि वह प्रतिदिन स्कूल आई तो वह गांव में सबसे अधिक पढ़ी-लिखी लड़की होगी। वह बिना हकलाहट के बोलना सीख जाएगी और प्रत्येक व्यक्ति सम्मान के साथ उसकी बात को सुना करेगा। यह भोली के लिए एक नई आशा और नया जीवन था।)

Multiple Choice Questions

Question 1.
What was Bholi’s real name?
(A) Champa
(B) Radha
(C) Mangla
(D) Sulekha
Answer:
(D) Sulekha

Question 2.
What was the name of Bholi’s father?
(A) Ramlal
(B) Krishanlall
(C) Hiralal
(D) Murarilal
Answer:
(A) Ramlal

Question 3.
How many daughters did Ramlal have?
(A) one
(B) two
(C) three
(D) four
Answer:
(D) four

Question 4.
Which post did Ramlal hold in the village?
(A) Sarpanch
(B) Numberdar
(C) Tehsildar
(D) Headmaster
Answer:
(B) Numberdar

Question 5.
How many children did Ramlal have?
(A) four
(B) five
(C) six
(D) seven
Answer:
(D) seven

Question 6.
What was wrong with Sulekha?
(A) she had black pock-marks on
(B) she was a backward child her face
(C) she spoke with halts
(D) all of the above
Answer:
(D) all of the above

JAC Class 10 English Solutions Footprints without Feet Chapter 9 Bholi

Question 7.
At what age did Bholi began to speak?
(A) three
(B) four
(C) five
(D) six
Answer:
(C) five

Question 8.
Who was Ramlal’s eldest daughter?
(A) Radha
(B) Mangla
(C) Champa
(D) Sulekha
Answer:
(A) Radha

Question 9.
Why did Tehsildar come to Ramlal’s village?
(A) to perform the opening ceremony of the girl’s school
(B) to attend Radha’s wedding
(C) to meet the village people
(D) all of the above
Answer:
(A) to perform the opening ceremony of the girl’s school

Question 10.
Ramlal was the ……………. official of the village.
(A) administrative
(B) revenue
(C) police
(D) education
Answer:
(B) revenue

Question 11.
What did the Tehsildar urge Ramlal about his daughters?
(A) send them to school
(B) marry them soon
(C) send them to city
(D) all of the above
Answer:
(A) send them to school

Question 12.
Of the four daughters of Ramlal, who was sent to school?
(A) Radha
(B) Mangla
(C) Champa
(D) Bholi
Answer:
(D) Bholi

Question 13.
How was Bholi treated in the family?
(A) she was not given new clothes
(B) none cared to wash her clothes
(C) none cared to comb her hair
(D) all of the above
Answer:
(D) all of the above

JAC Class 10 English Solutions Footprints without Feet Chapter 9 Bholi

Question 14.
What was Bholl’s reaction when Ramlal ask her to go to school for the first time?
(A) she was not given new clothes
(B) she was excited
(C) she cried with fear
(D) none of the above
Answer:
(C) she cried with fear
Question 15.
Who was Lakshmi?
(A) Bholi’s mother
(B) Bholi’s cow
(C) Bholi’s teacher
(D) Bholi’s classmate
Answer:
(B) Bholi’s cow

Question 16.
Which picture did Bholi see on the school wall?
(A) parrot
(B) Cow
(C) goat
(D) all of the above
Answer:
(D) all of the above

Question 17.
How did Bholi find the teacher on her very first day in the school?
(A) cruel
(B) hard
(C) kind and loving
(D) all of the above
Answer:
(C) kind and loving

Bholi Summary in English

Bholi Introduction in English

This is the story of a little girl named Bholi who was a slow-learner and stammered. She fell down from the cot in her childhood and a part of her brain was damaged. She had lost her beauty to smallpox. She was neglected as a witless fool even by his parents and her brothers and sisters. But the opening of a primary school for girls in her village changed her life. Her teacher was very kind and encourageous to her. She gave her confidence. She made her speak without halts. The girl achieved what appeared to be impossible. She proved herself a real heroine when she refused to marry Bishamber Nath who demanded five thousand rupees cash from her father in dowry.

Bholi Summary in English

Ramlal was the Numberdar of the village. He had four daughters and three sons. All his children were very healthy but his youngest daughter Sulekha was a backward child. When she was ten months old she fell down from the cot and a part of her brain was damaged. When she was two years old she had an attack of smallpox. Her face was permanently disfigured by deep black pock-marks. She started speaking at the age of five years but she stammered. So everyone called her Bholi. She was considered as a witless fool even by her parents, her sisters and her brothers. None cared for her. Ramlal’s eldest daughter Radha had already been married. The second daughter Mangla’s marriage had also been settled. Ramlal was worried only about Bholi. A primary school for girls was opened in the village. The Tehsildar sahib came to perform its opening ceremony. He asked Ramlal to set an example before the village by sending his daughters to school.

Both Ramlal and his wife were not in favour of girl education but Ramlal had not courage to disobey the Tehsildar. So, they decided to send Bholi to school. The next day Ramlal asked Bholi to go to school with him. Bholi did not know anything about school. She was frightened. She refused to go anywhere. Ramlal asked his wife to give some decent clothes to Bholi. New clothes had never been made for Bholi but that day she was lucky to receive a clean dress. She was even bathed and oil was rubbed into her dry and matted hair. She thought that she was being taken to a place better than her house.

When they reached the school, Bholi saw many girls of her age sitting in the rooms. The headmistress asked Bholi to sit down in a corner in one of the classrooms. The lady teacher in the class was very good. The teacher asked her about her name but she could not speak her full name. She began to weep. When the school was off for the day the teacher asked Bholi to come also the next day and Bholi nodded. Bholi became familiar to the teacher. The teacher drove out her sense of fear. Now she began to speak without stammering a little.

Now, Bholi was grown up. She had passed many classes. Her father got a marriage proposal for her from Bishamber who was a rich grocer from the neighbouring village. He was about fifty years old. He walked with limbs. He had children also from his earlier wife. Ramlal accepted the proposal and asked Bishamber to come with baraat. Bishamber came with great pomp and show for wedding. Everybody was joyful. All the friends and relatives of Ramlal and Bishamber were present there. Bholi dressed in red was brought there. When Bishamber was about to put the garland around Bholi’s neck, a lady pulled back Bholi’s veil.

Bishamber saw Bholi’s face covered with pock-marks. He refused to marry her. After many requests but he agreed put a condition that he would marry Bholi only when Ramlal would give him five thousand rupees. Ramlal put the bundle of five thousand rupees on Bishamber’s feet. Bishamber was feeling victorious. He raised the garland to place it around the bride’s neck but Bholi struck the garland away. Bholi said that she would not marry such a mean, greedy and coward person. The baraat was returned empty handed without bride. Ramlal was full of grief and shame. Bholi consoled her father that she would serve them in their old age and she said that she would teach in the same school where she got the education,

Bholi Summary in Hindi

Bholi Introduction in Hindi

(यह भोली नाम की एक छोटी लड़की की कहानी है जो मंद गति से सीखने और हकलाकर बोलने वाली थी। बचपन में वह चारपाई से गिर गई थी और उसके दिमाग का एक भाग विकृत हो गया था। उसकी सुंदरता चेचक की बीमारी ने छीन ली थी। उसे एक मंदबुद्धि समझकर उसके माता-पिता, उसके भाइयों और बहनों के द्वारा भी उसकी अवहेलना की जाती थी। लेकिन उसके गांव में लड़कियों के लिए प्राथमिक विद्यालय खुलने से उसका जीवन बदल गया। उसकी अध्यापिका उसके प्रति बहुत दयालु और उत्साहवर्धक थी। उसने उसे विश्वास दिलाया। उसने उसे हकलाए बिना बोलना सिखाया। लड़की ने असंभव को संभव कर दिखाया। उसने बिशंबर नाथ से शादी से इंकार करके नायिका का काम कर दिखाया जिसने उसके पिताजी से दहेज में पाँच हजार रुपए नकद माँगे थे।

Bholi Summary in Hindi

रामलाल गांव का नंबरदार था। उसकी चार बेटियां और तीन बेटे थे। उसके सभी बच्चे बहुत स्वस्थ थे लेकिन उसकी सबसे छोटी बेटी सुलेखा पिछड़ी हुई बच्ची थी। जब वह दस महीने की थी वह चारपाई से नीचे गिर गई थी और उसके दिमाग का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था। जब वह दो वर्ष की थी तो उसे चेचक की बीमारी का प्रकोप हो गया। उसका चेहरा चेचक के गहरे काले दागों के कारण स्थायी रूप से कुरूप हो गया। उसने पाँच वर्ष की आयु में बोलना शुरू किया लेकिन वह हकलाकर बोलती थी। इसलिए सभी उसे भोली कहने लगे। यहां तक कि उसके माता-पिता, उसकी बहनें और उसके भाई भी उसे मंदबुद्धि मानते थे। कोई भी उसकी देखभाल नहीं करता था। रामलाल की सबसे बड़ी बेटी राधा की पहले ही शादी हो चुकी थी। दूसरी बेटी मंगला की शादी तय हो चुकी थी। रामलाल केवल भोली के बारे में चिंतित था।

गांव में लड़कियों के लिए एक प्राथमिक विद्यालय खुला। इसके उद्घाटन समारोह पर तहसीलदार साहब आए थे। उसने रामलाल से कहा कि वह अपनी बेटियों को स्कूल भेजकर गांव के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत करें। रामलाल और उसकी पत्नी दोनों लड़कियों को पढ़ाने के पक्ष में नहीं थे लेकिन रामलाल में तहसीलदार की बात को न मानने का साहस नहीं था। इसलिए उसने भोली को स्कूल भेजने का निर्णय लिया। अगले दिन रामलाल ने भोली को अपने साथ स्कूल जाने के लिए कहा। भोली स्कूल के बारे में कुछ भी नहीं जानती थी। वह डरी हुई थी। उसने कहीं भी जाने से मना कर दिया। रामलाल ने अपनी पत्नी को भोली को कुछ सुंदर वस्त्र देने के लिए कहा। कभी भी भोली के लिए नए वस्त्र नहीं बनवाए गए थे लेकिन उस दिन वह एक साफ-सुथरी पोशाक पहनकर भाग्यशाली लग रही थी। यहां तक कि उसे स्नान करवाया गया और उसके सूखे बालों में तेल भी लगाया गया। उसने सोचा कि उसे अपने घर से अच्छे किसी स्थान पर ले जाया जा रहा था। जब वे स्कूल पहुंचे, भोली ने कमरों में अपनी आयु की लड़कियों को बैठे हुए देखा। मुख्याध्यापिका ने भोली को कक्षा के एक कमरे में एक कोने में बैठ जाने के लिए कहा। कक्षा में जो महिला अध्यापक थी वह बहुत अच्छी थी। अध्यापिका ने उससे उसका नाम पूछा लेकिन वह अपना पूरा नाम नहीं बोल सकी। उसने रोना शुरु कर दिया।

जब दिन के लिए स्कूल की छुट्टी हो गई, अध्यापिका ने भोली को अगले दिन भी स्कूल आने के लिए कहा और भोली ने हाँ में सिर हिला दिया। भोली को अध्यापिका से लगाव हो गया। अध्यापिका ने उसके अंदर से डर की भावना को बाहर निकाल दिया। अब उसने ज़रा भी हकलाए बिना बोलना शुरू कर दिया था। अब भोली बड़ी हो गई थी। उसने कई कक्षाएं पास कर ली थीं। उसके पिता को बिशंबर, जो कि पास के गांव का एक समृद्ध पंसारी था, की ओर से भोली के साथ शादी का प्रस्ताव मिला। वह लगभग पचास वर्ष का था। वह लंगड़ाकर चलता था। उसकी पहली पत्नी से बच्चे भी थे। रामलाल ने शादी के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया और बिशंबर से बारात लेकर आने को कहा। विशंबर शादी के लिए खूब शानो-शौकत के साथ आया। सभी प्रसन्न थे। रामलाल और बिशंबर के सभी मित्र और रिश्तेदार वहां उपस्थित थे। लाल रंग के वस्त्र पहने भोली वहां लाई गई। जब बिशंबर भोली के गले में हार डालने वाला था, एक महिला ने भोली के बूंघट को पीछे सरका दिया।

विशंबर ने चेचक के दागों से भरे भोली के चेहरे को देखा। उसने उसके साथ शादी करने से मना कर दिया। अनेक प्रार्थनाओं के पश्चात् उसने यह शर्त रख दी कि वह भोली के साथ तभी शादी करेगा यदि उसका पिता उसे पांच हज़ार रुपए नकद देगा। रामलाल ने पांच हज़ार रुपये का बंडल बिशंबर के कदमों में रख दिया। बिशंबर विजयी अनुभव कर रहा था। उसने दुल्हन के गले में डालने के लिए माला उठाई लेकिन भोली ने माला को टकराकर दूर गिरा दिया। भोली ने कहा कि वह ऐसे कमीने, लालची और कायर के साथ शादी नहीं करेगी। बारात दुल्हन के बिना खाली हाथ लौट गई। रामलाल दुःख और शर्म से पीड़ित था। भोली ने अपने पिता को सांत्वना दी कि वह वृद्धावस्था में उनकी सेवा करेगी और उसने कहा कि वह उसी स्कूल में पढ़ाया करेगी जिसमें उसने शिक्षा प्राप्त की थी।

Bholi Translation in Hindi

[PAGE54]: (बचपन से ही भोली की उसके घर में अवहेलना की जाती थी। उसकी अध्यापिका उसमें विशेष रुचि क्यों लेती थी ? क्या भोली अपनी अध्यापिका की आशाओं पर पूरी उतरी ?)
उसका नाम सुलेखा था, लेकिन बचपन से सभी उसे भोली, अर्थात् बुद्धू कहा करते थे। वह नंबरदार रामलाल की चौथी बेटी थी। जब वह दस महीने की थी, वह अपनी चारपाई से सिर के बल नीचे गिर गई थी और शायद इससे उसके दिमाग का कोई भाग क्षतिग्रस्त हो गया हो। यही कारण था कि वह एक पिछड़ी हुई बच्ची रही और उसका नाम भोली पड़ गया, जिसका अर्थ है सादी। जन्म के समय, बच्ची बहुत अधिक सुंदर थी। लेकिन जब वह दो वर्ष की थी, तो उसे चेचक की बीमारी हो गई। केवल उसकी आंखें बच पाईं, लेकिन सारा शरीर स्थायी रूप से चेचक के गहरे काले दागों के कारण कुरूप हो गया। पांच वर्ष की आयु तक, छोटी सुलेखा ने बोलना नहीं सीखा और जब उसने बोलना सीखा तो वह हकलाकर बोलती थी। अन्य बच्चे प्रायः उसका मजाक उड़ाते थे और उसकी नकल उतारते थे।

इसके फलस्वरूप, वह बहुत कम बोलती थी। रामलाल के सात बच्चे थे-तीन बेटे और चार बेटियां, और उन सबमें भोली सबसे छोटी थी। यह एक समृद्ध किसान का घर था और खाने-पीने के लिए काफी था। भोली के अतिरिक्त सभी बच्चे स्वस्थ और शक्तिशाली थे। बेटों को पढ़ने के लिए शहर के स्कूल में भेजा गया और बाद में कॉलेज भेजा गया। बेटियों में राधा, जो सबसे बड़ी थी, की शादी हो गई थी। दूसरी बेटी मंगला की शादी भी तय हो चुकी थी, और उसके संपन्न हो जाने के पश्चात्, रामलाल अपनी तीसरी बेटी चंपा के बारे में सोचेगा। वे सुंदर दिखाई देने वाली स्वस्थ लड़कियां थीं और उनके लिए दूल्हे ढूंढना कोई कठिन काम नहीं था। परंतु रामलाल भोली के बारे में चिंतित था। न तो वह सुंदर थी और न ही बुद्धिमान।

JAC Class 10 English Solutions Footprints without Feet Chapter 9 Bholi

[PAGE 55]: जब मंगला की शादी हुई उस समय भोली सात वर्ष की थी। उसी वर्ष उनके गांव में लड़कियों के लिए एक प्राथमिक विद्यालय खुला। तहसीलदार साहब उसके उद्घाटन समारोह को संपन्न करने आए थे। उन्होंने रामलाल से कहा, “राजस्व अधिकारी होने के नाते आप गांव में सरकार के प्रतिनिधि हो इसलिए आपको गांव वालों के सामने एक उदाहरण रखना चाहिए आपको अपनी बेटियों को स्कूल भेजना चाहिए।’ उस रात जब रामलाल ने अपनी पत्नी से परामर्श किया, वह चिल्ला उठी, “क्या तुम पागल हो गए हो? यदि लड़कियां स्कूल जाएंगी तो उनसे शादी कौन करेगा?” लेकिन रामलाल में तहसीलदार की बात न मानने की हिम्मत नहीं थी। आखिर में उसकी पत्नी ने कहा, “मैं आपको बताऊंगी क्या करना है। भोली को स्कूल भेज दो। इस हालत में, उसकी शादी होने के कम अवसर हैं, क्योंकि उसका चेहरा भद्दा है और बुद्धि की कमी है। स्कूल में अध्यापकों को उसकी चिंता करने दो।”

[PAGE 55 -58]: अगले दिन रामलाल ने भोली का हाथ पकड़ा और कहा, “मेरे साथ आओ। मैं तुम्हें स्कूल ले जाऊंगा।” भोली डर गई। वह नहीं जानती थी कि स्कूल किस तरह का होता है। उसे याद था कि कैसे कुछ दिन पहले उनकी बूढ़ी गाय, लक्ष्मी, को घर से बाहर निकाल दिया गया था और बेच दिया गया था।

[PAGE 58]: “न-न-न-न नहीं, नहीं-नहीं-नहीं,” वह डर के मारे चिल्लाई और उसने पिता की पकड़ से अपना हाथ खींच लिया। “तुम्हें क्या हुआ, अरे मूर्ख ?” रामलाल चिल्लाया। “मैं तुम्हें केवल स्कूल ले जा रहा हूँ। तब उसने अपनी पत्नी से कहा, “इसे आज कुछ अच्छे कपड़े पहनने दो, नहीं तो अध्यापिका और स्कूल की अन्य लड़कियां इसे देखकर क्या सोचेंगी ?.
भोली के लिए कभी भी नए वस्त्र नहीं बनवाए गए थे। उसकी बहनों के पुराने वस्त्र उसे पहना दिए जाते थे। कोई भी उसके वस्त्रों की मुरम्मत करने और उन्हें धोने की चिंता नहीं करता था। लेकिन आज वह साफ वस्त्र प्राप्त करके बहुत भाग्यशाली लग रही थी जबकि वे वस्त्र बार-बार धुलाई के पश्चात सिकुड़ गए थे और चंपा को ठीक नहीं आते थे। उसे स्नान भी कराया गया और उसके सूखे और उलझे हुए बालों में तेल भी लगाया गया। केवल तब उसने विश्वास करना आरंभ किया कि उसे उसके घर से अच्छे किसी स्थान पर ले जाया जा रहा है। जब वे स्कूल पहुंचे, बच्चे पहले से ही अपनी कक्षाओं में थे। रामलाल ने अपनी बेटी को मुख्याध्यापिका के सुपुर्द कर दिया। अकेली छोड़े जाने पर, बेचारी लड़की ने भयभीत नज़रों के साथ इधर-उधर देखा। वहां कई कमरे थे, और प्रत्येक कमरे में उस जैसी लड़कियां चटाइयों पर पालथी मारकर बैठी हुई थीं, पुस्तकों में से पढ़ रही थीं और स्लेटों पर लिख रही थीं। मुख्याध्यापिका ने भोली को कक्षा के एक कमरे में एक कोने में बैठ जाने के लिए कहा।

[PAGE 57]: भोली को यह नहीं पता था कि वास्तव में स्कूल क्या होता है और वहां क्या होता है, लेकिन वह लगभग अपनी आयु की बहुत सारी लड़कियों को वहां देखकर प्रसन्न थी। उसे आशा थी इन लड़कियों में से शायद कोई लड़की उसकी सहेली बन जाए। कक्षा में जो महिला अध्यापक थी वह लड़कियों को कुछ कह रही थी लेकिन भोली कुछ भी नहीं समझ सकी। वह दीवार पर तस्वीरों को देख रही थी। उनके रंगों ने उसको आकर्षित किया घोड़ा उसी प्रकार से भूरा था जैसे घोड़े पर तहसीलदार उनके गांव के दौरे पर आया था; बकरी उनके पड़ोसी की बकरी की तरह ही काली थी; तोता उसी प्रकार से हरा था जैसा उसने आम के बगीचे में देखा था; और गाय बिल्कुल उनकी लक्ष्मी के समान थी। और अचानक ही भोली ने देखा कि अध्यापिका उसके पास खड़ी थी, और उस पर मुस्कुरा रही थी। “छोटी बच्ची, तुम्हारा क्या नाम है ?”

“भ-भो-भो-” वह इससे अधिक नहीं हकला सकी। तब उसने रोना शुरू कर दिया और विवश बाढ़ के रूप में उसकी आंखों से आंसू बहने लगे। वह सिर नीचे किए हुए कोने में बैठी रही, उसमें उन लड़कियों की ओर देखने का साहस नहीं हुआ, जिन्हें वह जानती थी, अभी तक उस पर हंस रही थीं। जब स्कूल की घंटी बजी, सभी लड़कियां तेज गति से कक्षा से बाहर भाग गई, लेकिन भोली में अपने उस कोने को छोड़ने का साहस नहीं हुआ। उसका सिर अभी भी झुका हुआ था, वह अभी भी सुबक रही थी। “भोली। अध्यापिका की आवाज़ इतनी नर्म और शांत थी कि अपने पूरे जीवन में उसने इस प्रकार की आवाज़ कभी नहीं सुनी थी। यह उसके हृदय को छू गई। “उठो,” अध्यापिका ने कहा। यह आदेश नहीं था, परंतु मात्र एक मित्रतापूर्वक सुझाव था। भोली उठ गई। “अब मुझे अपना नाम बताओ।” उसके सारे शरीर पर पसीना आ गया। क्या उसकी हकलाती हुई जुबान उसे पुनः अपमानित करवाएगी ? उसे दयालु महिला के लिए, फिर भी, एक बार उसे प्रयास करने का निर्णय किया। उसकी आवाज़ इतनी शांत थी; वह उस पर नहीं हंसेगी। “भ-भ-भो-भो-” उसने हकलाकर बोलना शुरू किया। “शाबाश, शाबाश” अध्यापिका ने उसका साहस बढ़ाया। “आइए, अब पूरा नाम ?” “भ-भ-भो-भोली” आखिरकार वह उसे कह पाई और उसने राहत महसूस की जैसे कि यह महान् उपलब्धि हो। “शाबाश।” अध्यापिका ने उसे स्नेहपूर्वक थपथपाया और कहा, “अपने हृदय से डर को बाहर निकाल दो और तुम भी दूसरों की तरह बोलने में सक्षम हो जाओगी।” भोली ने ऊपर की ओर देखा जैसे पूछना चाहती है, “सचमुच?”

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[PAGE 58]: “हां, हां, यह बहुत आसान होगा। तुम सिर्फ हर रोज स्कूल आओ। क्या तुम आओगी?” भोली ने हां में सिर हिलाया। ‘नहीं, इसे चिल्लाकर कहो।’ “ह-ह-हाँ” और भोली स्वयं हैरान थी कि वह यह सही बोल पाई थी। “क्या मैंने तुम्हें नहीं बताया? अब यह किताब ले लो।” किताब सुंदर तस्वीरों से भरी हुई थी और तस्वीरें रंगीन थीं कुत्ता, बिल्ली, बकरी, घोड़ा, तोता, बाघ और बिल्कुल लक्ष्मी जैसी गाय। और प्रत्येक तस्वीर के साथ काले बड़े अक्षरों में एक शब्द लिखा था। “एक महीने में तुम इस किताब को पढ़ने में सक्षम हो जाओगी। तब मैं तुम्हें एक बड़ी किताब दूंगी, और तब उससे भी बड़ी किताब। समय आने पर तुम गांव में अन्य किसी से भी अधिक शिक्षित हो जाओगी। तब कोई भी तुम पर नहीं हंस पाएगा। लोग तुम्हारी बात को सम्मानपूर्वक सुनेंगे और तुम बिना थोड़ी-सी भी हकलाहट के बोल सकोगी। समझी ? अब घर जाओ और कल सुबह जल्दी आ जाना।

भोली को ऐसा लगा मानो अचानक गांव के मंदिर की सभी घंटियां बज रही थीं और स्कूल के सामने वाले घर के सामने खड़े वृक्षों में बड़े-बड़े लाल रंग के फूल खिल गए। उसका हृदय एक नई आशा और एक नए जीवन से धड़क रहा था। इसी प्रकार वर्षों बीत गए। गांव एक छोटा कस्बा बन गया। छोटा-सा प्राथमिक विद्यालय, उच्च विद्यालय बन गया। अब लोहे के शैड के नीचे एक छोटा सिनेमा और रूई धुनने की एक मिल लग गई। डाक गाड़ी ने उनके रेलवे स्टेशन पर ठहरना आरंभ कर दिया। एक रात, रात्रि भोजन के पश्चात रामलाल ने अपनी पत्नी से पूछा, “तब, क्या मैं बिशंबर का प्रस्ताव स्वीकार कर लूं ?” . “हां, अवश्य ही,” उसकी पत्नी ने कहा। “भोली ऐसा समृद्ध दूल्हा पाकर बहुत भाग्यशाली रहेगी। एक बड़ी दुकान, एक उसका अपना घर और मैंने सुना है कि उसके कई हज़ार रुपए बैंक में भी हैं। साथ ही वह दहेज की भी मांग नहीं कर रहा है।” “वह तो ठीक है, लेकिन वह इतना जवान नहीं है आपको पता है लगभग उतनी उम्र का है जितनी का मैं हूं और वह लंगड़ाता भी है। साथ ही, उसकी पहली पत्नी के बच्चे भी काफी बड़े हैं।”

[PAGE 59]: “तो इससे क्या फर्क पड़ता है ?” उसकी पत्नी ने उत्तर दिया। “पैंतालीस या पचास-यह आदमी के लिए अधिक आयु नहीं है। हम भाग्यशाली हैं कि वह दूसरे गांव का है और वह उसके चेचक के दागों और उसके बुद्धि के अभाव को नहीं जानता। यदि हम इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करते हैं, तो वह सारी जिंदगी कुंवारी रह सकती है।” “हां, लेकिन मैं हैरान हूं कि भोली क्या कहेगी।” .. “वह पागल लड़की क्या कहेगी ? वह तो एक गूंगी गाय के समान है।” “हो सकता है कि तुम ठीक कह रही हो।” रामलाल बुड़बुड़ाया। आंगन के दूसरे कोने में, भोली अपनी चारपाई पर जागती हुई पड़ी थी, अपने माता-पिता की कानाफूसी वाली बातचीत को । सुन रही थी।

बिशंबर नाथ एक समृद्ध पंसारी था। वह शादी के लिए मित्रों और रिश्तेदारों की एक बड़ी बारात लेकर आया। बारात के आगे-आगे पीतल का बैंड एक भारतीय फिल्म की लोकप्रिय धुन बजा रहा था, और दूल्हा एक सजी हुई घोड़ी पर सवार था। रामलाल इतनी शानो-शौकत को देखकर अत्यधिक प्रसन्न हो रहा था। उसने कभी स्वप्न भी नहीं लिया था कि उसकी चौथी बेटी की शादी इतनी शानदार होगी। भोली की बड़ी बहनें, जो उस अवसर पर आई हुई थीं, उसके भाग्य से ईर्ष्या कर रही थीं। जब शुभ घड़ी आई पंडित ने कहा, “दुल्हन को लाइए।” भोली, लाल रंग की रेशमी, दुल्हन वाली पोशाक पहने, पवित्र अग्नि के पास बने दुल्हन वाले स्थान तक लाई गई। “दुल्हन के गले में माला डाल दो,” विशंबर के एक मित्र ने उससे आग्रह करते हुए कहा।
दूल्हे ने पीले रंग के गेंदों की माला उठाई। एक महिला ने दुल्हन के चेहरे पर से रेशमी धूंघट को पीछे सरका दिया। बिशंबर ने तेजी से नज़र डाली। माला उसके हाथों में अटकी हुई रह गई। दुल्हन ने धीरे से अपना घूघट नीचे कर लिया।

“क्या तुमने उसे देख लिया है ?” विशंबर ने अपने से अगले मित्र से पूछा। “उसके चेहरे पर चेचक के दाग हैं।” “तो क्या हुआ ? तुम भी तो जवान नहीं हो।” “हो सकता है। लेकिन यदि मैं इससे शादी करूंगा तो, इसके पिता को मुझे पांच हज़ार रुपए देने होंगे।” रामलाल आगे बढ़ा और पगड़ी-अपना सम्मान-विशंबर के पैरों में रख दिया। “मुझे इस तरह अपमानित मत कीजिए। दो । हज़ार रुपए ले लीजिए।” “नहीं। पांच हज़ार वरना हम वापस जाते हैं। अपनी बेटी को रखिए।” “कृपया, थोड़ा-सा विचारशील बनो। यदि आप वापिस चले गए, तो मैं गांव में कभी भी अपना मुंह नहीं दिखा सकूँगा।” “तब पांच हजार रुपए निकालो।” चेहरे से आंसू गिराते हुए रामलाल अंदर गया, तिजोरी खोली और नोटों को गिना। उसने बंडल को दूल्हे के कदमों में रख दिया।

[PAGE 80]: विशंबर के लालची चेहरे पर एक विजयी मुस्कान चमकी। उसने जुआ खेला था और जीत गया था “मुझे माला दीजिए,” उसने घोषणा की। एक बार फिर दुल्हन के चेहरे से बूंघट हटाया गया, लेकिन इस बार उसकी नज़रें नीचे की ओर नहीं झुकी थी। वह ऊपर की ओर देख रही थी, सीधे अपने होने वाले पति की ओर देख रही थी और उसकी आंखों में न तो गुस्सा था और न ही घृणा, केवल ठंडा तिरस्कार था। बिशम्बर ने दुल्हन के गले में डालने के लिए माला उठाई; लेकिन इससे पहले वह ऐसा कर पाता, भोली का हाथ बिजली की रेखा की तरह बाहर निकाला और माला अग्नि में जा गिरी। वह उठकर खड़ी हो गई और उसने पूंघट को उतारकर फेंक दिया। “पिताजी!” भोली ने स्पष्ट ऊंची आवाज़ में कहा; और उसके पिता, माता, बहनें, भाई, रिश्तेदार और पड़ोसी उसे बिना ज़रा-सी हकलाहट के बोलते हुए सुनकर हैरान रह गए। “पिताजी! अपना धन वापस ले लीजिए। मैं इस आदमी से शादी करने वाली नहीं हूं।”

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[PAGE 81]: रामलाल हक्का-बक्का रह गया। मेहमानों ने कानाफूसी करनी शुरू कर दी “इतनी बेशर्म! इतनी कुरूप और इतनी बेशर्म!” “भोली, क्या तुम पागल हो ?” रामलाल चिल्लाया “तुम अपने परिवार को अपमानित करना चाहती हो ? हमारी इज्जत का कुछ तो ख्याल रखो!” “आपकी इज्जत की खातिर” भोली ने कहा, “मैं इस लंगड़े, बूढ़े आदमी से शादी करने को तैयार हो गई थी। लेकिन मैं ऐसे कमीने, लालची और घृणित कायर को अपने पति के रूप में स्वीकार नहीं करूंगी। मैं नहीं, मैं नहीं, मैं नहीं।” “कितनी बेशर्म लड़की है। हम भी सोच रहे थे कि वह तो हानि रहित गूंगी गाय है।” भोली बूढ़ी महिला की ओर हिंसक रूप से मुड़ी, “हां, आंटी, आप ठीक कह रही हो। आप सभी सोचते थे मैं एक गूंगी गाय हूं। इसीलिए आप मुझे इस हृदय विहीन प्राणी को सौंपना चाहते थे। लेकिन अब गूगी गाय, हकलाकर बोलने वाली मूर्ख, बोल रही है। क्या आप कुछ और सुनना चाहते हो ?” बिशंबर नाथ, पंसारी ने बारात के साथ वापस चलना शुरू कर दिया। घबराए हुए बैंड वालों ने सोचा कि शादी की रस्म पूरी हो गई है और उन्होंने रस्म का अंतिम गीत बजाया।

रामलाल जमीन में गड़ा हुआ-सा खड़ा था, उसका सिर दुःख और लज्जा के बोझ से झुका हुआ था। पवित्र अग्नि की लपटें धीरे-धीरे बुझ गई। सभी जा चुके थे। रामलाल भोली की ओर मुड़ा और कहा, “लेकिन अब तेरा क्या होगा, अब कोई भी तुमसे शादी नहीं करेगा। हम तेरा क्या करेंगे ?” और सुलेखा ने शांत और स्थिर आवाज़ में कहा, “आप चिंता मत कीजिए, पिताजी! बुढ़ापे में मैं आपकी और माता जी की सेवा करूंगी। और मैं उसी स्कूल पढ़ाया करूंगी जहां पर मैंने इतना सीखा है। क्या यह ठीक नहीं है, मैडम ?” इस समूचे समय अध्यापिका एक कोने में खड़ी हुई थी, इस नाटक को देख रही थी। “हां, भोली, निःसंदेह,” उसने उत्तर दिया और उसकी मुस्कुराती हुई आंखों में गहरी संतुष्टि की चमक थी जो कि एक कलाकार उस समय महसूस करता है जब वह अपनी सर्वोत्तम कलाकृति को पूर्ण करने का विचार करता है।

Bholi Word – Misndgs in Hindi

[PAGE 54]: Expectations = hopes (आशाए); simpleton = very simple (भोली/सादी); numberdar = an official who collects revenue (नंबरदार); fallen off = dropped (गिर जाना); cot = bed (चारपाई); damaged= injured (क्षतिग्रस्त); brain = mind (मस्तिष्क/दिमाग); remained = to continue (रहना); backward = retarted (पिछड़ा हुआ); pretty = beautiful (सुंदर); attack = to assault (आक्रमण); small-pox = a disease (चेचक का रोग); entire = complete (समूचा/संपूण); permanently = for ever (स्थाई रूप से); disfigured = made ugly (कुरूप बना दिया); pock-marks = marks left by smallpox (चेचक के निशान); stammered = spoke with halts (हकलाकर बोलना); mimicked = imitated (नकल करना); youngest = smallest in age (सबसे छोटी); prosperous = rich (संपन्न); plenty = very much (बहुत अधिक); except = leaving aside (सिवाय); strong = powerful (शक्तिशाली); settled = fixed (तय हो जाना); bridegrooms = male matches (दूल्हा); worried = anxious (चिंतित); intelligence = brilliance (प्रतिभा)।

[PAGE 55]: Perform = to carry out (संपन्न करना); ceremony = religious rites (उत्सव); revenue = state’s income (राजस्व); representative = a member of the group (प्रतिनिधि); consulted = to ask advice of (परामर्श किया); crazy = mad (पागल); frightened = scared (भयभीत)।

[PAGE 56]: Shouted = cried (चिल्लाया); terror = dread (भय); grip = hold (पकड़); decent = nice (बढ़िया/उत्तम); passed on = sent forward (आगे भेज देना); cared = worried (परवाह करना); mend = to repair (मरम्मत करना); shrunk = to have folds (सिकुड़ जाना); matted = entangled (उलझे हुए); squatted’= sat on the heels (पालथी मारकर बैठना)।

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[PAGE 57]: Exactly = accurately (सही रूप से); glad = happy (प्रसन्न); almost = nearly (लगभग); present = existing now (उपस्थित); hoped = desired (आशा की); understand = to know (समझना); fascinated = attracted (आकर्षित होना); orchard = garden (बगीचा); noticed = observed (देखा); smiling = laughing slightly (मुस्कुराना); flowed = to run as a stream (बहना); scurried = hurried out (तेजी से बाहर आना); sobbing = weeping in suppressed manner (सुबकते हुए); soothing = be calming (सुहावनी); command = order (आदेश); sweat = perspiration (पसीना); disgrace = humiliate (अपमान); decided = took decision (निर्णय लिया); effort = attempt (प्रयास); encouraged = urged (हौंसला दिया); relieved = got free (मुक्त होना); achievement = attainment (उपलब्धि); patted = stroked (थपथपाना); affectionately = lovingly (प्यार से)।

[PAGE 58] : Nodded = shook the head (सिर हिलाना); astonished = surprised (हैरान); slightest = least (हल्का-सा/थोड़ा-सा); blossomed = put forth flowers (फूल खिल जाना); throbbing = pulsating (धड़कते हुए); ginning = separating raw cotton from its seeds (रूई धुनना); limps = walks lamely (लंगड़ाता है)।

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[PAGE 59] : Proposal = scheme (प्रस्ताव); witless = foolish (मूर्ख, तर्कहीन); muttered = spoke slowly (बुड़बुड़ाया); courtyard = an enclosure before a house (आंगत); conversation = personal talk (बातचीत); procession = a group of persons moving forward (जुलूस); decorated = adorned (सजाया हुआ); overjoyed = too much happy (अत्यधिक प्रसन्न); pomp = splendour (शान-शौकत); splendour = grandeur (शान); grand = great (विशाल); occasion = chance (अवसर); envious = jealous (ईर्ष्यालु); auspicious = pious (पवित्र); clad in = dressed in (पहने हुए); prompted = urged (आग्रह किया); veil = mask (घूंघट); glance = look (देखना); poised = held in balance (साधा); humiliate = downcast (अपमानित करना); considerate = regard for others (विचारशील); streaming = flowing (बहना)।

[PAGE 60] : Triumphant = victorious (विजयी); gambled = played a game of chance for money (जुआ खेला); announced = declared (घोषणा की); straight = direct (सीध); prospective = would be (होने वाला); contempt = hatred (घृणा); struck out = hit out (टकराना); streak = a long irregular line of colour (धारा/रेखा); startled = amazed (चकित) ।

[PAGE 61] : Thunderstruck = amazed (चकित); contemptible = hateful (घृणित); coward = fearful person (कायर); dumb = unable to speak (गूंगी); confused = bewildered (घबराए हुए); ceremony = a religious observance (रस्म); rooted = fixed to the ground (जड़ हो जाना); grief = sorrow (दुःख); sacred = pious (पवित्र); steady = firm (दृढ)); satisfaction = gratification (संतुष्टि); contemplates = meditates (विचार करना); completion = accomplishment (पूर्ण होना); masterpiece = a piece of highest workmanship (सर्वोत्तम कलाकृति)।

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