Jharkhand Board JAC Class 10 Hindi Solutions Sparsh Chapter 14 गिरगिट Textbook Exercise Questions and Answers.
JAC Board Class 10 Hindi Solutions Sparsh Chapter 14 गिरगिट
JAC Class 10 Hindi गिरगिट Textbook Questions and Answers
मौखिक –
(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए –
प्रश्न 1.
काठगोदाम के पास भीड़ क्यों इकट्ठी हो गई थी?
उत्तर :
काठगोदाम के पास ख्यूक्रिन नामक व्यक्ति की उँगली पर एक कुत्ते ने काट लिया था। ख्यूक्रिन उस कुत्ते को पकड़ रहा था। उसके चिल्लाने और कुत्ते के किकियाने की आवाज़ को सुनकर वहाँ भीड़ इकट्ठी हो गई थी।
प्रश्न 2.
उँगली ठीक न होने की स्थिति में ख्यूक्रिन का नुकसान क्यों होता?
उत्तर :
ख्यूक्रिन सुनार का कार्य करता था, जो पूरी तरह से हाथ उँगलियों पर आधारित होता है। इसी कारण उँगली ठीक न होने पर उसे काफी नुकसान हो सकता था।
प्रश्न 3.
कुत्ता क्यों किकिया रहा था?
उत्तर :
कुत्ते को ख्यूक्रिन ने दबोच लिया था। इसी कारण वह कुत्ता किकिया रहा था।
प्रश्न 4.
बाजार के चौराहे पर खामोशी क्यों थी?
उत्तर :
बाजार में पुलिस इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव अपने सिपाही के साथ गश्त लगा रहा था। वह रिश्वतखोर था। जो भी उसके सामने आता था, उससे वह कुछ-न-कुछ लूट-खसोट ज़रूर करता था। उसके बाज़ार में निकलने के कारण ही चौराहे पर खामोशी थी।
प्रश्न 5.
जनरल साहब के बावर्ची ने कुत्ते के बारे में क्या बताया?
उत्तर :
जनरल साहब के बावर्ची ने बताया कि यह कुत्ता जनरल साहब के भाई का है, जो थोड़ी देर पहले ही वहाँ आए हैं।
प्रश्न 6.
‘गिरगिट’ पाठ में चौराहे पर खड़ा व्यक्ति ज़ोर-ज़ोर से क्यों चिल्ला रहा था?
उत्तर :
चौराहे पर खड़ा व्यक्ति ज़ोर-ज़ोर से इसलिए चिल्ला रहा था क्योंकि उस की उँगली कुत्ते ने काट ली थी।
लिखित –
(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए –
प्रश्न 1.
ख्यूक्रिन ने मुआवजा पाने की क्या दलील दी?
उत्तर :
ख्यूक्रिन ने बताया कि वह कामकाजी व्यक्ति है और उसका काम भी पेचीदा किस्म का है। उँगली पर कुत्ते के काटने से वह कई दिनों तक काम नहीं कर पाएगा। इससे उसे काफ़ी नुकसान होगा। इसी आधार पर उसने कुत्ते के मालिक से मुआवजा दिलाने की प्रार्थना की।
प्रश्न 2.
ख्यक्रिन ने ओचमेलॉव को उँगली ऊपर उठाने का क्या कारण बताया?
उत्तर :
ख्यूक्रिन ने ओचुमेलॉव को बताया कि वह बाज़ार में लकड़ी लेकर कुछ काम निपटाने के उद्देश्य से आया था। तभी अचानक एक कुत्ता कहीं से आया और उसने उसकी उँगली पर काट लिया। कुत्ते द्वारा काटे जाने के कारण ही उसने उँगली ऊपर उठाई हुई थी।
प्रश्न 3.
येल्दीरीन ने ख्यूक्रिन को ही दोषी ठहराते हुए क्या कहा?
अथवा
‘गिरगिट’ पाठ में येल्दीरीन ने ख्यूक्रिन को उसके दोषी होने के क्या कारण बताए ?
उत्तर :
येल्दीरीन एक चापलूस सिपाही था। वह अपने इंस्पेक्टर की हाँ में हाँ मिलाते हुए उल्टे ख्यूक्रिन को ही दोषी ठहराता है। वह कहा है कि ख्यूक्रिन हमेशा कोई-न-कोई शरारत करता है। इसने ज़रूर अपनी जलती हुई सिगरेट से कुत्ते की नाक जला दी होगी, जिससे कुत्ते ने इसे काटा है। यदि कुत्ते ने इसे काटा है, तो इसमें सारा दोष ख्यक्रिन का ही है। कुत्ते का कोई दोष नहीं है।
प्रश्न 4.
ओचुमेलॉव ने जनरल साहब के पास यह संदेश क्यों भिजवाया होगा कि ‘उनसे कहना कि यह मुझे मिला और मैंने इसे वापस उनके पास भेजा है’ ?
उत्तर :
ओचुमेलॉव एक अवसरवादी इंस्पेक्टर है। उसने यह संदेश इसलिए भिजवाया होगा, ताकि वह जनरल साहब की नज़रों में अच्छा बन सके। वह एक चापलूस व्यक्ति है। इसी चापलूसी के बलबूते वह पदोन्नति भी चाहता है। उसे आशा थी कि यह संदेश सुनकर जनरल साहब उससे खुश हो जाएँगे और उसकी प्रशंसा करने के साथ-साथ उसे पदोन्नति भी देंगे।
प्रश्न 5.
भीड़ ख्यूक्रिन पर क्यों हँसने लगती है?
उत्तर
ख्यूक्रिन कुत्ते द्वारा काटे जाने पर न्याय-मुआवजे की आशा करता है। इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव को जब पता चलता है कि कुत्ता जनरल साहब के भाई का है, तो वह ख्यूक्रिन को ही दोष देता है और कुत्ते को पुचकारता है। उस समय ख्यूक्रिन के स्थान पर उसे एक जानवर अधिक प्यारा और अच्छा लगता है। ख्यूक्रिन की स्थिति उस कुत्ते से भी बदतर हो जाती है। यह सब देखकर भीड़ ख्यूक्रिन पर हँसने लगती है।
(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए –
प्रश्न 1.
किसी कील-वील से उँगली छील ली होगी-ऐसा ओचुमेलॉव ने क्यों कहा?
उत्तर :
ओचुमेलॉव एक अवसरवादी व्यक्ति है। वह अवसर देखकर, बात करने वाला है; उसे प्रत्येक अवसर का लाभ उठाना भी आता है। जब उसे पता चलता है कि कुत्ता जनरल झिगालॉव का है, तो वह अपने आपको पूरी तरह बदल देता है। ख्यूक्रिन द्वारा शिकायत करने पर पहले तो वह कुत्ते के मालिक को दंड देने तक की बात कह देता है, लेकिन यह पता चलते ही कि कुत्ता जनरल साहब का है, वह अपनी ही बात को बदल देता है। वह उल्टा ख्यूक्रिन पर दोष लगाता है कि उसने जान-बूझकर कील से उँगली छीली है और अब वह कुत्ते पर झूठा आरोप लगा रहा है। ओचुमेलॉव चापलूस किस्म का व्यक्ति है। इसी कारण वह ख्यूक्रिन का कोई दोष न होते हुए भी उसी पर दोष लगाता है। वह जनरल झिगालॉव के कुत्ते को अच्छा बताकर उनकी चापलूसी करता है।
प्रश्न 2.
ओचुमेलॉव के चरित्र की विशेषताओं को अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर :
ओचुमेलॉव भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करने वाला पात्र है। वह एक रिश्वतखोर व्यक्ति है। यही कारण है कि जब वह – अपने सिपाही के साथ बाज़ार से निकलता है, तो चारों ओर खामोशी छा जाती है। वह लोगों से जबरदस्ती लूट-खसोट करने वाला व्यक्ति है। ओचुमेलॉव एक अवसरवादी और चापलूस व्यक्ति भी है। जब उसे पता चलता है कि कुत्ता जनरल साहब का है, तो वह कुत्ते को सुंदर, अच्छा और प्यारा-सा डॉगी कहता है। वह अवसर के अनुसार बदल जाने वाला व्यक्ति है। इससे पूर्व कुत्ते को किसी भिजवाते हुए यह कहकर कि यह उसने भिजवाया है, जनरल साहब की चापलूसी भी करता है।
प्रश्न 3.
यह जानने के बाद कि कुत्ता जनरल साहब के भाई का है-ओचुमेलॉव के विचारों में क्या परिवर्तन आता और क्यों?
उत्तर :
ओचुमेलॉव परिस्थितियों के अनुसार स्वयं को बदलने वाला व्यक्ति है। जब उसे पता चलता है कि कुत्ता जनरल साहब के भाई का है, तो वह एकदम बदल जाता है। जिस कुत्ते को थोड़ी देर पहले वह आवारा किस्म का कहकर मार डालने की बात कहता है, उसी कुत्ते को वह पुचकारने लगता है। वह उसे अत्यंत सुंदर ‘डॉगी’ और अत्यंत खूबसूरत पिल्ला कहता है। यहाँ तक कि वह उस कुत्ते को ‘भाई’ भी कह देता है। ओचमेलॉव उसे नन्हा-सा शैतान कहकर जनरल साहब के बावर्ची को सौंप देता है। उसके बाद वह उस व्यक्ति को धमकाता है, जो कुत्ते के मालिक से हर्जाना चाहता था। वह उसे मारने-पीटने की धमकी देकर वहाँ से भगा देता।
प्रश्न 4.
ख्यूक्रिन का यह कथन कि ‘मेरा एक भाई भी पुलिस में है…. ‘ समाज की किस वास्तविकता की ओर संकेत करता है?
उत्तर :
ख्यक्रिन के इस कथन से समाज में फैली भाई-भतीजावाद की प्रवृत्ति का पता चलता है। ख्यूक्रिन यह कहना चाहता है कि उसका भाई भी पुलिस की नौकरी करता है और वह जानता है कि पुलिस क्या-क्या करती है। साथ ही वह अपने भाई के विषय में बताकर ओचुमेलॉव और वहाँ उपस्थित लोगों पर रौब भी डालना चाहता है। पुलिस वाले का भाई बताकर वह अपने आपको सुरक्षित करना चाहता है। ख्यक्रिन के इस कथन से यह भी स्पष्ट होता है कि पुलिस गलत को सही और सही को गलत बताकर कुछ भी कर सकती है। भ्रष्ट पुलिस न्याय को नहीं देखती और अपनी मनमानी करती है। ख्यूक्रिन के इस कथन से स्पष्ट होता है कि कानून व्यवस्था पूरी तरह भ्रष्ट हो चुकी है।
प्रश्न 5.
इस कहानी का शीर्षक ‘गिरगिट’ क्यों रखा होगा? क्या आप इस कहानी के लिए कोई अन्य शीर्षक सुझा सकते हैं? अपने शीर्षक का आधार भी स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
“गिरगिट’ एक ऐसा जीव होता है, जो आस-पास के वातावरण के अनुसार अपना रंग बदल लेता है। प्रस्तुत कहानी का मुख्य पात्र ओचुमेलॉव भी ऐसा ही व्यक्ति है। वह अपने स्वार्थ के लिए परिस्थितियों के अनुसार अपनी बात, व्यवहार और दृष्टिकोण को बार-बार बदलता है। वास्तव में वह अवसरवादी है और गिरगिट की तरह रंग बदलने वाला है। इसी आधार पर इस कहानी का शीर्षक ‘गिरगिट’ रखा गया होगा। इस कहानी का एक अन्य शीर्षक ‘आदमी और कुत्ता’ भी हो सकता है। यह कहानी ख्यूक्रिन नामक एक आदमी और उसे काटने वाले कुत्ते के इर्द-गिर्द घूमती है। अंत में उस कुत्ते को आदमी से अधिक महत्व दिया जाता है, क्योंकि वह एक बड़े आदमी का कुत्ता है।
प्रश्न 6.
‘गिरगिट’ कहानी के माध्यम से समाज की किन विसंगतियों पर व्यंग्य किया गया है? क्या आप ऐसी विसंगतियाँ अपने समाज में भी देखते हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
‘गिरगिट’ कहानी के माध्यम से लेखक ने समाज की कानून-व्यवस्था पर व्यंग्य किया है। लेखक ने बताया है कि शासन-व्यवस्था पूर्ण रूप से चापलूसों और भाई-भतीजावाद के समर्थक अधिकारियों के भरोसे चल रही है। इन विसंगतियों के कारण सामान्य मनुष्य को न्याय नहीं मिलता। वर्तमान समाज में भी ऐसी विसंगतियों को देखा जा सकता है। हम देखते हैं कि चापलूस और रिश्वतखोर लोग सों व भ्रष्ट ला इसी रास्ते को अपनाते जा रहे हैं। कुल मिलाकर वर्तमान समाज में भी कई विसंगतियों को देखा जा सकता है। यद्यपि इन विसंगतियों को दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं, किंतु अभी अधिक सफलता नहीं मिल पाई है।
(ग) निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए –
प्रश्न :
1. उसकी आँसुओं से सनी आँखों में संकट और आतंक की गहरी छाप थी।
2. कानून सम्मत तो यही है… कि सब लोग अब बराबर हैं।
3. हुजूर! यह तो जनशांति भंग हो जाने जैसा कुछ दीख रहा है।
उत्तर :
इस पंक्ति से लेखक का आशय है कि बुरी तरह मारे-पीटे जाने के कारण वह कुत्ता घबरा गया था। उसकी साँसें तेज-तेज चल रही थी। उसे आभास हो चुका था कि उस पर गहरा संकट आने वाला है। अत्यधिक पीटे जाने के कारण उसकी आँखों में आँसू थे। उसे लोगों के शोर और पीटने से अनुमान लग गया था कि उसका जीवन संकट में पड़ने वाला है। वह बहुत अधिक डरा हुआ था और ये भाव उसकी आँखों में साफ़ दिखाई दे रहे थे।
2. प्रस्तुत कथन ख्यूक्रिन का है। इस कथन से ख्यूक्रिन कहना चाहता है कि वर्तमान कानून-व्यवस्था में सभी बराबर हैं। कोई छोटा बड़ा नहीं है; कानून सभी के लिए बराबर है। यदि कोई बड़ा व्यक्ति अपराध करता है, तो उसे भी अवश्य दंड मिलना चाहिए। कानून की दृष्टि में कोई छोटा-बड़ा नहीं होता, बल्कि सभी बराबर होते हैं।
3. यह कथन सिपाही येल्दीरीन का है। वह इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव को भड़काना चाहता है। जब एक कुत्ते द्वारा काटे जाने पर ख्यूक्रिन चिल्लाता है, तो वहाँ भीड़ इकट्ठी हो जाती है। येल्दीरीन दूर से ही भीड़ देखकर इंस्पेक्टर को बड़ा-चढ़ाकर कहता है कि यह देखकर ऐसा लगता है, मानो जन-विद्रोह होने वाला हो। शायद लोगों ने शांति छोड़कर विद्रोह का मार्ग अपना लिया है।
भाषा अध्ययन –
प्रश्न 1.
नीचे दिए गए वाक्यों में उचित विराम-चिह्न लगाइए –
(क) माँ ने पूछा बच्चो कहाँ जा रहे हो
(ख) घर के बाहर सारा सामान बिखरा पड़ा था
(ग) हाय राम यह क्या हो गया
(घ) रीना सुहेल कविता और शेखर खेल रहे थे
(ङ) सिपाही ने कहा ठहर तुझे अभी मजा चखाता हूँ
उत्तर :
(क) माँ ने पूछा, “बच्चो! कहाँ जा रहे हो?”
(ख) घर के बाहर सारा सामान बिखरा पड़ा था।
(ग) हाय राम! यह क्या हो गया?
(घ) रीना, सुहेल, कविता और शेखर खेल रहे थे।
(ङ) सिपाही ने कहा, “ठहर, तुझे अभी मजा चखाता हूँ।”
प्रश्न 2.
नीचे दिए गए वाक्यों में रेखांकित अंश पर ध्यान दीजिए
मेरा एक भाई भी पुलिस में है।
यह तो अति सुंदर ‘डॉगी’ है।
कल ही मैंने बिलकुल इसी की तरह का एक कुत्ता उनके आँगन में देखा था।
वाक्य के रेखांकित अंश निपात’ कहलाते हैं, जो वाक्य के मुख्य अर्थ पर बल जाप बात पर बल दिया जा रहा है और वाक्य क्या अर्थ दे रहा है। वाक्य में जो अव्यय किसी शब्द या पद के बाद लगकर उसके अर्थ में विशेष प्रकार का बल या भाव उत्पन्न करने में सहायता करते हैं, उन्हें निपात कहते हैं; जैसे-ही, भी, तो, तक आदि।
ही, भी, तो, तक निपातों का प्रयोग करते हुए पाँच वाक्य बनाइए।
उत्तर :
1. कल मैंने भी सुरेश को देखा था।
2. यह तो बहुत सुंदर गुलदस्ता है।
3. मुझे कल तक इस प्रश्न का उत्तर मिल जाना चाहिए।
4. मैंने आज ही नई साइकिल खरीदी है।
5. मुझे कल ही आगरा जाना पड़ेगा।
प्रश्न 3.
पाठ में आए मुहावरों में से पाँच मुहावरे छूटकर उनका वाक्य में प्रयोग कीजिए।
उत्तर :
1. त्योरियाँ चढ़ाना – जैसे ही अफसर ने त्योरियाँ चढ़ाकर सिपाही की ओर देखा, वह चुपके से बाहर चला गया।
2. मजा चखाना – मैं सुरेश को दूसरों को धोखा देने का मज़ा चखाकर ही रहूँगा।
3. मत्थे मढ़ना – तुम अपना दोष किसी दूसरे के मत्थे नहीं मढ़ सकते।
4. तबाह होना – युद्ध में कई जिंदगियाँ तबाह हो जाती हैं।
5. गाँठ बाँधना – तुम्हें यह बात गाँठ बाँध लेनी चाहिए कि मेहनत के बिना सफलता नहीं मिल सकती।
प्रश्न 4.
नीचे दिए गए शब्दों में उचित उपसर्ग लगाकर शब्द बनाइए –
(क) ………. + भाव + ……….
(ख) ………. + पसंद + ……….
(ग) ………. + धारण + ……….
(घ) ………. + उपस्थित + ……….
(ङ) ………. + लायक + ……….
(च) ………. + विश्वास + ……….
(छ) ………. + परवाह + ……….
(ज) ………. + कारण + ……….
उत्तर :
(क) सम् + भाव = संभाव
(ख) ना + पसंद = नापसंद
(ग) निर् + धारण = निर्धारण
(घ) अनु + उपस्थित = अनुपस्थित
(ङ) ना + लायक = नालायक
(च) अ + विश्वास = अविश्वास
(छ) ला + परवाह = लापरवाह
(ज) अ + कारण = अकारण
प्रश्न 5.
नीचे दिए गए शब्दों में उचित प्रत्यय लगाकर शब्द बनाइए –
मदद + …………. = …………
बुद्धि + …………. = …………
गंभीर + …………. = …………
सभ्य + …………. = …………
ठंड + …………. = …………
प्रदर्शन + …………. = …………
उत्तर :
मदद + गार = मददगार
बुद्धि + मान = बुद्धिमान
गंभीर + ता = गंभीरता
सभ्य + ता = सभ्यता
ठंड + ई = ठंडी
प्रदर्शन + ई = प्रदर्शनी
प्रश्न 6.
नीचे दिए गए वाक्यों के रेखांकित पदबंध का प्रकार बताइए –
(क) दुकानों में ऊँघते हुए चेहरे बाहर झाँके।
(ख) लाल बालोंबाला एक सिपाही चला आ रहा था।
(ग) यह ख्यूक्रिन हमेशा कोई-न-कोई शरारत करता रहता है।
(घ) एक कुत्ता तीन टाँगों के बल रेंगता चला आ रहा है।
उत्तर :
(क) संज्ञा पदबंध
(ख) विशेषण पदबंध
(ग) क्रिया पदबंध
(घ) क्रिया-विशेषण
प्रश्न 7.
आपके मोहल्ले में लावारिस/आवारा कुत्तों की संख्या बहुत ज्यादा हो गई है जिससे आने-जाने वाले लोगों को असुविधा होती है। अतः लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नगर निगम अधिकारी को एक पत्र लिखिए।
उत्तर :
2106, मंदिर मार्ग
नई दिल्ली
15 जून, ……
सेवा में,
सुरक्षा अधिकारी
नगर निगम, विभाग,
नई दिल्ली।
विषयः लावारिस कुत्तों से सुरक्षा हेतु पत्र
महोदय,
पिछले कई दिनों से हमारे मोहल्ले में लावारिस और आवारा कुत्तों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है। ये कुत्ते मोहल्ले के लोगों पर बिना कारण भौंकते हैं और उन्हें काटने को दौड़ते हैं। इन कुत्तों के कारण छोटे बच्चों और बूढ़े लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई बार तो ये कुत्ते आने-जाने वाले लोगों की खाने-पीने की चीज़ों पर भी झपट पड़ते हैं। इससे सारे मोहल्ले के लोगों में आतंक-सा छा गया है। अतः आपसे अनुरोध है कि इन लावारिस और आवारा कुत्तों को पकड़वाने का कष्ट करें, ताकि लोग चैन की साँस ले सकें। सारे मोहल्लेवासी आपके अति आभारी रहेंगे।
भवदीय
रोशन लाल
योग्यता-विस्तार –
प्रश्न 1.
जिस प्रकार गिरगिट शत्रु से स्वयं को बचाने के लिए अपने आस-पास के परिवेश के अनुसार रंग बदल लेता है, उसी प्रकार कई व्यक्ति अपने स्वार्थ के लिए परिस्थितियों के अनुसार अपनी बात, व्यवहार, दृष्टिकोण, विचार को बदल लेते हैं। यही कारण है कि ऐसे व्यक्तियों को ‘गिरगिट’ कहा जाता है।
प्रश्न 2.
अवसर के अनुसार व्यावहारिकता का सहारा लेना आप कहाँ तक उचित समझते हैं ? इस विषय पर कक्षा में चर्चा कीजिए।
प्रश्न 3.
यहाँ आपने रूसी लेखक चेखव की कहानी पढ़ी है। अवसर मिले तो लियो ताल्स्ताय की कहानियाँ भी पढ़िए।
उत्तर :
अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से करें।
परियोजना कार्य –
प्रश्न 1.
‘गिरगिट’ कहानी में आवारा पशुओं से जुड़े किस नियम की चर्चा हुई है? क्या आप इस नियम को उचित मानते हैं ? तर्क सहित दीजिए।
प्रशन 2.
गिरगिट कहानी का कक्षा में अथवा विद्यालय में मंचन कीजिए। मंचन के लिए आपको किस प्रकार की तैयारी और सामग्री की ज़रूरत होगी? उनकी एक सूची भी बनाइए।
उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं करें।
JAC Class 10 Hindi गिरगिट Important Questions and Answers
निबंधात्मक प्रश्न –
प्रश्न 1.
इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव ने चौराहे पर क्या देखा?
उत्तर :
इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव अपने सिपाही येल्दीरीन के साथ चौराहे से निकला, तो अचानक उसे एक व्यक्ति के चिल्लाने और एक कुत्ते के किकियाने की आवाज़ सुनाई दी। वहाँ उसने देखा कि काठगोदाम में से एक कुत्ता तीन टाँगों के बल पर रेंगता हुआ चला आ रहा था। एक व्यक्ति उस कुत्ते के पीछे-पीछे दौड़ रहा था। जैसे-तैसे वह कुत्ते की पिछली टाँग को पकड़ने में सफल हो गया। कुत्ता ज़ोर-ज़ोर से किकिया रहा था और वह व्यक्ति चीखकर ‘मत जाने दो’ कह रहा था। वहाँ आस-पास भीड़ भी इकट्ठी हो गई थी।
प्रश्न 2.
जब इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव को पता चलता है कि कुत्ता जनरल साहब का है, तो उसकी क्या प्रतिक्रिया होती है?
उत्तर :
इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव को जब यह पता चलता है कि कुत्ता जनरल साहब का है, तो वह पूरी तरह से बदल जाता है। इससे पहले वह कुत्ते को आवारा, भद्दा तथा मरियल कहता है। बाद में वह उसे महँगा और नाजुक प्राणी कहता है। वह उल्टे ख्यक्रिन पर दोष लगाता है कि वह झूठा हर्जाना पाना चाहता है। वह ख्यूक्रिन से कहता है कि उसने अपनी उँगली को कील आदि से छील लिया होगा और अब वह उस कुत्ते पर आरोप लगा रहा है।
प्रश्न 3.
इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव जनरल साहब के बावर्ची की आधी बात सुनकर क्या कहता है और पूरी बात सुनने के बाद उसमें क्या परिवर्तन आता है?
उत्तर :
इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव जनरल साहब के बावर्ची प्रोखोर से कुत्ते के विषय में पूछता है। प्रोखोर कहता है कि यह कुत्ता उनके जनरल साहब का नहीं है। इस अधूरी बात को सुनकर ओचुमेलॉव कुत्ते को आवारा कहकर उसे मार डालने की बात कहता है। बाद में जब प्रोखोर यह बताता है कि कुत्ता जनरल साहब के भाई का है, तो उसके हावभाव बदल जाते हैं। वह उसी कुत्ते को तथा ‘सुंदर डॉगी’ तथा ‘खूबसूरत पिल्ला’ कहता है। वह कुत्ते को नन्हा-सा शैतान कहकर उसे प्रोखोर को सौंप देता है।
प्रश्न 4.
‘गिरगिट’ पाठ के आधार पर लिखिए कि इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव ख्व्यूक्रिन पर क्यों झुंझला रहा था?
उत्तर :
ख्यूक्रिन को एक कुत्ते ने काट लिया था। लेकिन इंस्पेक्टर ओचुमेलौव यह समझ नहीं पा रहा था कि कुत्ते का वास्तविक मालिक कौन है? इस बीच ख्यूक्रिन के बार-बार कराहने, अपने पक्ष को मज़बूत बताते हुए कुत्ते के मालिक से हरज़ाना दिलवाने की माँग करने तथा अपनी पहचान ऊपर तक बताने के कारण ओचुमेलॉव उस पर झुंझला उठा।
प्रश्न 5.
‘गिरगिट’ कहानी समाज में व्याप्त चाटुकारिता पर करारा व्यंग्य है – इसे पाठ के आधार पर सोदाहरण सिद्ध कीजिए।
उत्तर :
‘गिरगिट’ प्रसिद्ध व्यंग्यकार अंतोन चेखव द्वारा लिखित कहानी है। इसमें उन्होंने सामाजिक स्तर पर व्याप्त चापलूसी का उल्लेख करते हुए उस पर करारा व्यंग्य किया है। कहानी का मुख्य पात्र इंस्पेक्टर आचुमेलॉव एक भ्रष्ट और चाटुकारिता से युक्त व्यक्तित्व का मालिक है। वह परिस्थितियों के अनुसार बदलने वाला तथा उनका लाठा उठाने वाला व्यक्ति है। जब तक उसे यह ज्ञात नहीं होता कि कुत्ता जनरल के भाई का है, तब तक वह उसे मारने तक का निश्चय करता है।
लेकिन जैसे ही उसे वास्तविकता पता चलती है, उसका व्यवहार पूरी तरह से बदल जाता है। उसके व्यवहार और शब्दों से चाटुकारिता टपकने लगती है। इसके बाद वह कुत्ते की तारीफ करते हुए उसे ‘एक अति सुंदर डॉगी’ कहता है। साथ ही वह कहता है कि ‘जनरल साहब से कहना कि यह मुझे मिला है और मैंने इसे वापस उनके पास भेजा है।’ इस प्रकार स्पष्ट होता है कि लेखक ने ओचुमेलॉव के माध्यम से चाटुकारिता पर करारा व्यंग्य किया है।
लघु उत्तरीय प्रश्न –
प्रश्न 1.
पुलिस इंस्पेक्टर कौन था? उसने सिपाही को क्या आदेश दिया?
उत्तर :
पुलिस इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव था। उसने सिपाही को कुत्ते के मालिक का पता लगाने तथा उसकी पूरी रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा। उसने कहा कि कुत्ते को बिना देरी किए खत्म कर दिया जाए। शायद यह कुत्ता पागल हो।
प्रश्न 2.
पुलिस इंस्पेक्टर के अचानक होश क्यों उड़ गए?
उत्तर :
जब पुलिस इंस्पेक्टर ने सिपाही को लापता कुत्ते के मालिक का पता लगाने तथा उसकी पूरी रिपोर्ट करने का आदेश दिया, तो किसी ने भीड़ में से किसी ने बताया कि शायद यह कुत्ता जनरल झिगालॉव का है। यह सुनकर पुलिस इंस्पेक्टर के होश उड़ गए।
प्रश्न 3.
ख्यूक्रिन कानून के बारे में क्या दलील दी?
उत्तर :
ख्यूक्रिन ने दलील दी कि कानून की दृष्टि में सब लोग बराबर हैं। कानून के अनुसार कोई छोटा-बड़ा नहीं है।
प्रश्न 4.
ओचुमेलॉव ने त्योरियाँ चढ़ाते हुए कुत्ते के मालिक के विषय में क्या कहा?
उत्तर :
ओचुमेलॉव ने त्योरियाँ चढ़ाते हुए कुत्ते के मालिक के विषय में कहा कि वह इस तरह आवाज़ छोड़ने वाले कुत्ते के मालिक को मजा चखाएगा। वह उसे इतना जुर्माना लगाएगा कि उसे इल्म हो जाए कि कुत्ते को आवारा छोड़ने का क्या नतीजा होता है।
प्रश्न 5.
इंस्पेक्टर साहब की दृष्टि में जनरल साहब कैसे कुत्ते पालते थे?
उत्तर :
इंस्पेक्टर साहब की दृष्टि में जनरल साहब महँगे और अच्छी नस्ल के कुत्ते पालते थे। उनके कुत्ते हट्टे-कट्टे और सेहतमंद थे। जनरल साहब जैसा सभ्य आदमी ऐसे मरियल कुत्ते नहीं पाल सकता।
प्रश्न 6.
‘गिरगिट’ कहानी में लेखक ने मुख्य रूप से क्या स्पष्ट करना चाहा है?
उत्तर :
‘गिरगिट’ कहानी में लेखक ने रूस की तत्कालीन कानून एवं न्याय व्यवस्था पर करारा व्यंग्य किया है। उन्होंने कहानी के द्वारा यह बताया है कि किस प्रकार नाम और हैसियत कानून व न्याय पर भारी पड़ जाती है। कानून अमीरों की इच्छा पर चलता है।
प्रश्न 7.
ख्यूक्रिन कौन था? वह इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव से क्या प्रार्थना करता है?
उत्तर :
ख्यूक्रिन एक सुनार था। उसकी उँगली पर एक कुत्ते ने काट लिया था। वह इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव से कहता है कि उसका काम काफ़ी पेचीदा ढंग का है। कुत्ते द्वारा काटे जाने के बाद वह अपना काम ठीक ढंग से नहीं कर पाएगा। अत: वह इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव से उस कुत्ते के मालिक से हर्जाना दिलाने की प्रार्थना करता है।
गिरगिट Summary in Hindi
लेखक-परिचय :
जीवन – प्रसिद्ध रूसी लेखक अंतोन चेखव का जन्म सन 1860 में दक्षिणी रूस के तगनोर नगर में हुआ था। उन्होंने बाल्यकाल से ही कहानियाँ लिखना शुरू कर दिया था। जब वे शिक्षा ग्रहण कर रहे थे, तब भी उनकी लिखी कहानियाँ प्रभावशाली थीं। सन 1890 से 1900 तक का समय रूस के लिए एक कठिन समय था। उस समय स्वतंत्र विचारों वाले व्यक्तियों को दबाया जा रहा था। ऐसी विपरीत परिस्थितियों में भी अंतोन चेखव ने साहस का परिचय देते हुए तत्कालीन अवसरवादी लोगों पर करारे व्यंग्य किए थे। सन 1904 में इस महान लेखक का देहांत हो गया।
रचनाएँ – अंतोन चेखव केवल रूस के ही नहीं अपितु पूरे विश्व के प्रिय लेखक माने जाते हैं। इनकी रचनाओं में सत्य के प्रति आस्था और निष्ठा दिखाई देती है, जो इनके साहित्य की विशेषता है। इन्होंने अपनी रचनाओं में सत्य को सर्वोपरि माना है। गिरगिट, क्लर्क की मौत, वाल्का, तितली, एक कलाकार की कहानी, घोंघा, इओनिज, रोमांस, दुलहन आदि इनकी प्रमुख कहानियाँ हैं। इसके अतिरिक्त वाल्या मामा, तीन बहनें, सीगल और चेरी का बगीचा इनके प्रसिद्ध नाटक हैं।
भाषा-शैली – अंतोन चेखव मूल रूप से रूसी लेखक थे। प्रस्तुत कहानी भी उनके द्वारा रूसी में ही लिखी गई, थी जिसका हिंदी में अनुवाद किया गया है। उनकी भाषा में रोचकता, मौलिकता और सरसता का गुण दिखाई देता है। समाज की बुराइयों का विरोध करने के कारण उनकी भाषा में व्यंग्यात्मकता साफ़ झलकती है। उनकी भाषा में प्रखरता और सभी भावों को व्यक्त करने की न्होंने इतने सहज रूप से प्रस्तुत किया है कि वह सीधे पाठक के हृदय तक पहँचती है। उनकी शैली वर्णन प्रधान और संवादात्मक है। वे छोटे-छोटे संवादों के माध्यम से अपनी कहानी को गति देने के पक्षधर थे। उनकी शैली में नाटकीयता का गुण भी दिखाई देता है।
पाठ का सार :
‘गिरगिट’ अंतोन चेखव द्वारा लिखित एक श्रेष्ठ कहानी है। यह सन 1884 में लिखी गई थी। इसमें रूस के तत्कालीन कानून एवं न्याय व्यवस्था पर करारा व्यंग्य किया गया है। पुलिस इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव अपने सिपाही येल्दीरीन के साथ बाज़ार के चौराहे से गुज़रता है। वह एक रिश्वतखोर, भ्रष्ट और चापलूस व्यक्ति है। अचानक उसे एक कुत्ते के किकियाने और एक व्यक्ति के ‘पकड़ो, पकड़ो’ चिल्लाने की आवाज़ सुनाई देती है।
ओचुमेलॉव और येल्दीरीन उसी ओर बढ़ते हैं। वहाँ उन्हें पता चलता है कि किसी कुत्ते ने ख्यूक्रिन नामक एक सुनार की उँगुली पर काट लिया है। उसने भी कर वहीं गिरा दिया था। ओचमेलॉव के पूछे जाने पर ख्यक्रिन बताता है कि उसे इस कुत्ते ने काट लिया है। वह ओचमेलॉव । से कहता है कि वह उसे कुत्ते के मालिक से हरजाना दिलवाए। ओचुमेलॉव उसे दिलासा देता है कि वह कुत्ते और उसके मालिक को इसकी सजा अवश्य देगा।
ओचुमेलॉव येल्दीरीन को कुत्ते के मालिक का पता लगाने को कहता है। तभी वहाँ खड़ी भीड़ में से कोई बताता है कि यह कुत्ता जनरल झिगालॉव का है। यह सुनते ही इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव एकदम बदल जाता है। वह उलटा ख्यूक्रिन को ही दोष देने लगता है। वह कहता है कि उसकी उँगली कील आदि से छिल गई होगी और वह कुत्ते के मालिक से झूठा हरजाना वसूलना चाहता है। सिपाही येल्दीरीन भी कहता है कि ख्यूक्रिन ने अवश्य अपनी जलती हुई सिगरेट से कुत्ते की नाक जला दी होगी। इसी कारण इसने इसे काटा है। ख्यक्रिन बार-बार कहता है कि वह सच बोल रहा है, किंतु इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव और सिपाही पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
अभी यह बहस चल ही रही होती है कि सिपाही येल्दीरीन कुत्ते को भली प्रकार देखकर कहता है कि यह कुत्ता जनरल साहब का नहीं है। यह सुनकर ओचुमेलॉव फिर बदल जाता है। तब वह उस कुत्ते को भद्दा और मरियल बताता है। वह ऐसे बेकार और आवारा कुत्तों को मरवाने की बात भी कह देता है। थोड़ी ही देर में सिपाही पुन: कहता है कि शायद यह कुत्ता जनरल साहब का ही है। भीड़ से भी यह आवाज़ आती है कि कुत्ता जनरल साहब का है। इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव फिर बदल जाता है। वह फिर से ख्यूक्रिन को ही दोष देना शुरू कर देता है। वह कहता है कि यदि कुत्ते ने उसे काटा भी है, तो इसमें सारी गलती उसकी अपनी है।
इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव ख्यूक्रिन को बुरी तरह फटकारता है। उसी समय वहाँ से जनरल साहब का बावर्ची गुज़रता है। वह बताता है कि यह कुत्ता तो जनरल साहब के भाई का है। उनके भाई को ही ‘बारजोयस’ नस्ल के कुत्ते बहुत पसंद हैं। ओचुमेलॉव वह सुनकर प्रसन्नता का ढोंग करता है। वह उस कुत्ते को जनरल साहब के बावर्ची को सौंप देता है। वह उस कुत्ते को अति सुंदर डॉगी और खूबसूरत पिल्ला कहता है। बावर्ची कुत्ते को लेकर चला जाता है। वहाँ खड़ी भीड़ ख्यूक्रिन की हालत पर हँसने लगती है। तब इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव ख्यूक्रिन को धमकाकर वहाँ से अपने रास्ते पर चला जाता है।
कठिन शब्दों के अर्थ :
जब्त – कब्जा करना, हथिया लेना, खामोशी – शांति, झरबेरियों – बेर की एक किस्म, किकियाना – कष्ट में होने पर कुत्ते द्वारा की जाने वाली आवाज़, काठगोदाम – लकड़ी का गोदाम, कलफ – माँड़ लगाया गया कपड़ा, विहीन – रहित, सुनार – सोने का काम करने वाला, बारजोयस – कुत्ते की एक प्रजाति, आतंक – भय, अकारण – बिना किसी कारण के, कामकाजी – काम करने वाला, पेचीदा – जटिल, कठिन, लायक – योग्य, गुजारिश – प्रार्थना, हरजाना – क्षतिपूर्ति, नुकसान के बदले में दी जाने वाली रकम,
बर्दाश्त – सहना, खखारते – खाँसते हुए, त्योरियाँ – भौंहें चढ़ाना, इल्य – ज्ञान, विवरण – ब्योरा देना, तत्काल – उसी समय, फायदा – लाभ, कानून सम्मत – कानून के अनुसार, भद्दा – अनाकर्षक, कुरूप, नस्ल – जाति, वंश, विनती – प्रार्थना, आह्लाद – खुशी, प्रसन्नता, अद्भुत – विचित्र, खूबसूरत – सुंदर, हालत – स्थिति।