JAC Class 10 Science Solutions Chapter 14 उर्जा के स्रोत

Jharkhand Board JAC Class 10 Science Solutions Chapter 14 उर्जा के स्रोत Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 10 Science Solutions Chapter 14 उर्जा के स्रोत

Jharkhand Board Class 10 Science उर्जा के स्रोत Textbook Questions and Answers

अभ्यास प्रश्न (पृष्ठ संख्या-287)

प्रश्न 1.
गर्म जल प्राप्त करने के लिए हम सौर जल तापक का उपयोग किस दिन नहीं कर सकते-
(a) धूप वाले दिन
(b) बादलों वाले दिन
(c) गरम दिन
(d) पवनों (वायु) वाले दिन।
उत्तर:
(b) बादलों वाले दिन।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित में से कौन जैवमात्रा ऊर्जा स्रोत का उदाहरण नहीं है?
(a) लकड़ी
(b) गोबर गैस
(c) परमाणु ऊर्जा
(d) कोयला
उत्तर:
(c) परमाणु ऊर्जा।

प्रश्न 3.
जितने ऊर्जा स्रोत हम उपयोग में लाते हैं उनमें से अधिकांश सौर ऊर्जा को निरूपित करते हैं। निम्नलिखित में से कौन-सा ऊर्जा स्रोत अन्ततः सौर ऊर्जा से व्युत्पन्न नहीं है?
(a) भूतापीय ऊर्जा
(b) पवन ऊर्जा
(c) जीवाश्म ईंधन
(d) जैव मात्रा
उत्तर:
(a) भूतापीय ऊर्जा।

प्रश्न 4.
ऊर्जा स्रोत के रूप में जीवाश्मी इंधनों तथा सूर्य की तुलना कीजिए और उनमें अंतर लिखिए।
उत्तर:
ऊर्जा स्रोत के रूप में सौर ऊर्जा और जीवाश्मी ईंधन में अंतर निम्नलिखित हैं-

जीवाश्मी ईंधन सूर्य
1. यह परम्परागत ऊर्जा स्रोत है। 1. यह गैर-परम्परागत ऊर्जा स्रोत है।
2. सभी जीवाशमी ईंधन का एकमात्र स्रोत सूर्य है। 2. सूर्य पृथ्वी का एकमात्र मुख्य ऊर्जा स्रोत है।
3. जीवाश्मी ईंधन के भण्डार सीमित हैं। इनका बड़े पैमाने पर लम्बे समय तक उपयोग नहीं किया जा सकता है। 3. सूर्य सबसे बड़ा ऊर्जा का स्रोत है जिसका बड़े पैमाने पर लम्बे समय तक उपयोग किया जा सकता है।
4. जीवाश्मी ईंधन का उपयोग कभी भी ऊर्जा स्रोत के रूप में किया जा सकता है। 4. सौर ऊर्जा सामान्यतः दिन में ही उपलब्ध होती है।
5. जीवाशमी ईंधन के जलने से हानिकारक गैसें निकलती हैं, जिनसे वातावरण प्रदूषित होता है। 5. सौर ऊर्जा एक स्वच्छ ऊर्जा स्रोत है। इसके उपयोग से वायु प्रदूषण नहीं होता है।
6. जीवाश्मी ईंधन को खरीदना पड़ता है। 6. सौर ऊर्जा का मूल्य नहीं चुकाना पड़ता है।

JAC Class 10 Science Solutions Chapter 14 उर्जा के स्रोत

प्रश्न 5.
जैव मात्रा तथा ऊर्जा स्रोत के रूप में जल विद्युत की तुलना कीजिए और उनमें अंतर लीखिए।
उत्तर:
जैव मात्रा तथा जल विद्युत में प्रमुख अंतर निम्नलिखित हैं-

जैब मात्रा जल विद्युत
1. जैवमात्रा नवीकरणीय एवं परम्परागत ऊर्जा स्रोत है। 1. जल विद्युत भी नवीकरणीय एवं परम्परागत ऊर्जा स्रोत है।
2. जैवमात्रा में रासायनिक ऊर्जा निहित होती है। 2. बहते जल में उपस्थित गतिज ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदला जाता है।
3. जैवमात्रा के उपयोग से वातावरण प्रदूषित होता है। 3. जल विद्युत, ऊर्जा का प्रदूषण मुक्त ऊर्जा स्रोत है।
4. जैवमात्रा का प्रयोग पारिस्थितिकीय असंतुलन उत्पन्न नहीं करता है। 4. जल विद्युत के लिए वाँध बनाने पर पारिस्थितिकीय असंतुलन उत्पन्न होता है।
5. जल विद्युत की अपेक्षा जैव मात्रा सस्ता ऊर्जा स्रोत हैं। 5. जल विद्युत अपेक्षाकृत महैंगा ऊर्जा स्रोत है।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित से ऊर्जा निष्कर्षित करने की सीमाएँ लिखिए-
(a) पबनें
(b) तरंगें
(c) ज्वार भाटा
उत्तर:

ऊर्जा स्रोत सीमाएँ
1. पवन ऊर्जा (i) कहीं भी, किसी भी समय पवन ऊर्जा का उपयोग नहीं किया जा सकता है।
(ii) पवन द्वारा विद्युत उत्पन्न करने के लिए पवन का वेग कम-से-कम 15 किमी/घंटा होना चाहिए।
2. तरंग ऊर्जा (i) तरंग हर समय विद्युत उत्पादन के लिए उपलब्ध नहीं होती है।
(ii) तरंग ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलने हेतु उपकरण स्थापित करना महैंगा होता है।
3. ज्वार ऊर्जा (i) ज्वार ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलने के लिए बाँध बनाना अधिक खर्चीला होता है।
(ii) बाँध बनाने के लिए उपयुक्त स्थान बहुत सीमित हैं।

प्रश्न 7.
ऊर्जा स्तोतों का वर्गीकरण निम्नलिखित वर्गों में किस आधार पर करेंगे?
(a) नवीकरणीय तथा अनवीकरणीय
(b) समाप्य तथा अक्षय
क्या (a) तथा (b) के विकल्प समान हैं?
उत्तर:
(a) नवीकरणीय तथा अनवीकरणीय ऊर्जा स्रोत-जल ऊर्जा, पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा आदि ऊर्जा के वे स्नोत जो बार-बार उपयोग किए जा सकते हैं, उन्हें नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत कहते हैं। परन्तु वे ऊर्जा स्रोत जिनके भण्डार सीमित हैं और जिनके पुनर्स्थापन में लाखों वर्ष लगते हैं उन्हें अनवीकरणीय ऊर्जा स्रोत कहते हैं। जैसे-कोयला और पेट्रोलियम।

(b) समाप्य तथा असमाप्य ऊर्जा स्रोत-ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोत जैसे पवन, जल और सौर ऊर्जा का उपयोग बार-बार और लम्बे समय तक किया जा सकता है। अतः ये असमाप्य ऊर्जा स्रोत हैं।

अनवीकरणीय स्रोत की पुनस्थापना में लाखों वर्ष लगते हैं। अतः इसे समाप्य ऊर्जा स्रोत कहा जा सकता है।
उपर्युक्त तथ्य के आधार पर हम कह सकते हैं कि (a) और (b) के विकल्प समान हैं।

प्रश्न 8.
ऊर्जा के आदर्श स्रोत में क्या गुण होते हैं?
उत्तर:
ऊर्जा के आदर्श सोत के निम्नलिखित गुण होते हैं-

  • इकाई द्रव्यमान ऊर्जा स्रोत से अंधिक मात्रा में कार्य होना चाहिए।
  • यह आसानी से प्राप्त होने वाला होना चाहिए।
  • इसका भण्डारण और परिवहन भी आसान होना चाहिए।
  • यह सस्ता होना चाहिए।

प्रश्न 9.
सौर कुकर का उपयोग करने से क्या लाभ तथा हानियाँ हैं? क्या ऐसे भी क्षेत्र है जहाँ सौर कुकरों की सीमित उपयोगिता है?
उत्तर:
सौर कुकर के उपयोग के लाभ-

  • यह बिना प्रदूषण किए भोजन पकाने में सहायक है।
  • सौर कुकर का उपयोग सस्ता भी है क्योंकि सौर ऊर्जा के उपयोग का मूल्य नहीं चुकाना पड़ता है।
  • सौर कुकर का रख-रखाव आसान होता है। इसमें किसी प्रकार के खतरे की संभावना नहीं होती है।

हानियाँ-

  • रात में और बादल वाले दिनों में सौर कुकर का उपयोग नहीं किया जा सकता है।
  • यह भोजन पकाने में अधिक समय लेता है।
  • सौर कुकर के परावर्तक की दिशा लगातार बदलते रहना पड़ता है जिससे सूर्य की रोशनी सौर कुकर में प्रवेश कर सके।
  • सभी स्थानों पर हर समय सूर्य की रोशनी उपलब्ध नहीं होती है।
  • इसका उपयोग शीघ्रता से खाना बनाने में नहीं किया जा सकता है।

सौर कुकर के सीमित उपयोगिता वाले क्षेत्र—हाँ, कुछ ऐसे भी क्षेत्र हैं जहाँ सौर कुकर की सीमित उपयोगिता है। ध्रुवों पर जहाँ सूर्य आधे वर्ष तक नहीं दिखाई देता है वहाँ सौर कुकर का उपयोग सीमित है। पहाड़ी क्षेत्रों में जहाँ सूर्य की किरणें कुछ समय के लिए और काफी तिरछी पड़ती हैं वहाँ सौर कुकर का उपयोग बहुत कठिन है।

प्रश्न 10.
ऊर्जा की बढ़ती माँग के पर्यावरणीय परिणाम क्या हैं? ऊर्जा की खपत को कम करने के उपाय लिखिए।
उत्तर:
आधुनिकीकरण तथा बढ़ती जनसंख्या की जरूरतों को पूरा करने में जुटे उद्योगों में ऊर्जा की अधिक आवश्यकता है। ऊर्जा की बढ़ती माँग के निम्नलिखित परिणाम हो सकते हैं-

  • ऊर्जा की बढ़ती माँग ऊर्जा स्रोत को समाप्त कर सकती है जो पर्यावरणीय असंतुलन उत्पन्न कर सकती है।
  • ऊर्जा की बढ़ती माँग से परम्परागत ऊर्जा स्रोतों का अधिक दोहन होगा। इनके प्राकृतिक भण्डार सीमित हैं। अतः भविष्य में ऊर्जा ह्यस की समस्या उत्पन्न हो सकती है।

ऊर्जा के उपयोग को सीमित करने के लिए निम्नलिखित सुझाव हैं-

  • ऊर्जा के दुरुपयोग को रोककर एवं न्यायसंगत उपयोग से ऊर्जा का उपयोग घटाया जा सकता है।
  • ऊर्जा के अनवीकरणीय स्रोतों पर भार को कम करने के लिए गैर-परम्परागत और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों जैसे-पवन ऊर्जा, जल ऊर्जा, महासागरीय ऊर्जा के उपयोग को प्रोत्साहित करना चाहिए।

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पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या-273)

प्रश्न 1.
ऊर्जा का उत्तम स्रोत किसे कहते हैं?
उत्तर:
अच्छा ऊर्जा स्रोत वह है जो –

  • प्रति इकाई द्रव्यमान या आयतन में अधिक कार्य करता हो।
  • आसानी से प्राप्त हो सके।
  • आसानी से भण्डारण एवं परिवहन हो सके।
  • सस्ता और रख-रखाव आसान हो।

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प्रश्न 2.
उत्तम ईंधन किसे कहते हैं?
उत्तर:
उत्तम ईंधन के निम्नलिखित लक्षण हैं-

  • ईंधन का कैलोरी मान अधिक होना चाहिए।
  • मध्यम ज्वलन ताप होना चाहिए।
  • जलने पर अत्यधिक धुआँ उत्पन्न न करे।
  • इसका ज्वलन ताप उपयुक्त हो तथा ऊष्मीय मान उच्च हो।

प्रश्न 3.
यदि आप अपने भोजन को गरम करने के लिए किसी भी ऊर्जा स्रोत का उपयोग कर सकते हैं तो आप किसका उपयोग करेंगे और क्यों?
उत्तर:
हम LPG गैस या विद्युतीय उपकरण का उपयोग करेंगे क्योंकि-

  • इससे अधिक ऊष्मा उत्पन्न होती है।
  • इसके दहन से धुआँ नहीं निकलता है।
  • यह आसानी से उपलब्ध है तथा इसका उपयोग सुगमतापूर्वक किसी भी समय किया जा सकता है।
  • यह सस्ता है तथा इसका भण्डारण एवं परिवहन आसानी से किया जा सकता है।
  • इससे वांछित ऊर्जा आवश्यकतानुसार प्राप्त कर सकते हैं।

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या-279)

प्रश्न 1.
जीवाश्मी ईंधन की क्या हानियाँ हैं?
उत्तर:
जीवाश्म ईंधन उपयोग करने की निम्नलिखित हानियाँ हैं-

  • जीवाश्म ईंधन बनने में लाखों वर्ष लगते हैं और इनके भण्डार सीमित हैं।
  • जीवाश्म ईंधन अनवीकरणीय ऊर्जा स्रोत हैं।
  • जीवाश्म ईंधन जलने से वायु प्रदूषण होता है। कार्बन, सल्फर और नाइट्रोजन के ऑक्साइडों का जलीय विलयन अम्लीय होता है अतः जीवाश्म ईंधनों के धुएँ अम्लीय वर्षा के कारक हैं जो मनुष्य में श्वसन सम्बन्धी तथा शरीर के खुले अंगों में जलन पैदा करते हैं।

प्रश्न 2.
हम ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों की ओर क्यों ध्यान दे रहे हैं?
उत्तर:
तकनीकी विकास के साथ-साथ ऊर्जा की खपत भी बढ़ रही है। हमारी बदलती जीवन शैली, अपने आराम के लिए अधिक से अधिक मशीनों के उपयोग के कारण भी ऊर्जा की माँग अधिक हो रही है। यह ऊर्जा की माँग की आपूर्ति परम्परागत ऊर्जा स्रोतों से नहीं पूरी हो पा रही है। अतः हम ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों की ओर आकर्षित हो रहे हैं।

प्रश्न 3.
हमारी सुविधा के लिए पवनों तथा जल ऊर्जा के पारम्परिक उपयोग में किस प्रकार के सुधार किए गए हैं?
उत्तर:
जल और पवनें ऊर्जा के परम्परागत स्रोत हैं। शुरू में इनकी ऊर्जा का उपयोग बहुत सीमित था, परन्तु तकनीकी विकास के कारण ये एक मुख्य ऊर्जा स्रोत की तरह विकसित हो रहे हैं। इस क्रम निम्नलिखित सुधार किए गए हैं-

  • पवन ऊर्जा एक प्रदूषण मुक्त ऊर्जा स्रोत है। पवन चक्की द्वारा पवन की गतिज ऊर्जा का उपयोग यांत्रिक कार्य जैसे कुएँ से जल निकालना और विद्युत जनित्र चलाकर इसे विद्युत ऊर्जा में बदलकर विभिन्न प्रकार से उपयोग किया जा रहा है।
  • बहते जल का उपयोग सामान्यतः यातायात के लिए किया जाता था, परन्तु अब बाँध बनाकर इस ऊर्जा को जल विद्युत ऊर्जा में बदलकर विभिन्न प्रकार से उपयोग किया जा रहा है।

उपर्युक्त सम्बन्ध में नई तकनीक के प्रयोग द्वारा उच्च दक्षता की मशीनें बनाकर अधिक मात्रा में ऊर्जा का दोहन सुलभ हो गया है।

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या-285)

प्रश्न 1.
सौर कुकर के लिए कौन-सा दर्पण अवतल, उत्तल अथवा समतल सर्वाधिक उपयुक्त होता है? क्यों?
उत्तर:
सौर कुकर के लिए सर्वाधिक उपयुक्त समतल दर्पण होता है क्योंकि यह सौर ऊर्जा प्राप्त करने तथा उसे काँच शीट पर परावर्तित करने वाले क्षेत्र को बढ़ा देता है।

प्रश्न 2.
महासागरों से प्राप्त हो सकने वाली ऊर्जाओं की क्या सीमाएँ हैं?
उत्तर:
महासागरों से ज्वारीय ऊर्जा, तरंग ऊर्जा एवं महासागरीय तापीय ऊर्जा प्राप्त होती हैं। महासागरों से प्राप्त इन सभी ऊर्जा के रूपों की उपलब्धता तो अति विशाल है लेकिन इनका दक्षतापूर्ण व्यापारिक दोहन कठिन है।

प्रश्न 3.
भूतापीय ऊर्जा क्या होती है?
उत्तर:
भौमिकीय परिवर्तनों के कारण भूपर्पटी में गहराइयों पर तप्त क्षेत्रों में पिघली चट्टानें ऊपर धकेल दी जाती हैं जो कुछ क्षेत्रों में एकत्र हो जाती हैं। इन क्षेत्रों को तप्त स्थल कहते हैं। जब भूमिगत जल इन तप्त स्थलों के सम्पर्क में आता है तो भाप उत्पन्न होती है। कभी-कभी इस तप्त जल को पृथ्वी के पृष्ठ से बाहर निकलने के लिए निकास मार्ग मिल जाता है।

इन निकास मार्गों को गरम चश्मा अथवा ऊष्ण स्रोत कहते हैं। कभी-कभी यह भाप चट्टानों के बीच में फँस जाती हैं जहाँ इसका दाब अत्यधिक हो जाता है। तप्त स्थलों तक पाइप डालकर इस भाप को बाहर निकाल लिया जाता है। उच्च दाब पर निकली यह भाप विद्युत व जनित्र की टरबाइन को घुमाती है जिससे विद्युत उत्पादन करते हैं। यही भूतापीय ऊर्जा कहलाती है।

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प्रश्न 4.
नाभिकीय ऊर्जा का क्या महत्त्व है?
उत्तर:
नाभिकीय ऊर्जा के निम्नलिखित लाभ हैं-

  • कोयले के किसी कार्बन परमाणु के दहन से उत्पन्न ऊर्जा की तुलना में 1 करोड़ गुनी अधिक होती है।
  • नाभिकीय ऊर्जा प्रदूषित रहित है।
  • ईंधन की थोड़ी-सी मात्रा से ऊर्जा की बहुत बड़ी मात्रा इससे उत्पन्न होती है।
  • यह थोड़ी मात्रा में अवशिष्ट पदार्थ उत्पन्न करती है। यह ऊर्जा नवीकरणीय ऊर्जा है।
  • नाभिकीय ऊर्जा का उपयोग विद्युत उत्पादन में किया जा रहा है।

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या-285)

प्रश्न 1.
क्या कोई ऊर्जा स्रोत प्रदूषण मुक्त हो सकता है? क्यों अथवा क्यों नहीं?
उत्तर:
हाँ, सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, समुद्रों से प्राप्त ऊर्जा तथा जल ऊर्जा प्रदूषण मुक्त होते हैं परन्तु पूर्णत: नहीं। उदाहरण के लिए सौर सेल जैसी कुछ युक्तियों का वास्तविक प्रचालन प्रदूषण मुक्त होता है परंतु इस युक्ति के संयोजन में पर्यावरण की क्षति होती है।

प्रश्न 2.
रॉकेट ईंधन के रूप में हाइड्रोजन का उपयोग किया जाता रहा है? क्या आप इसे CNG की तुलना में अधिक स्वच्छ ईंधन मानते हैं? क्यों अथवा क्यों नहीं?
उत्तर:
हाँ, हाइड्रोजन CNG की तुलना में स्वच्छ ईंधन है क्योंकि हाइड्रोजन के दहन से केवल जल उत्पन्न होता है जबकि CNG में उपस्थित मीथेन के दहन से CO2 जैसी ग्रीन हाउस गैसें उत्पन्न होती हैं।

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या-286)

प्रश्न 1.
ऐसे दो ऊर्जा स्त्रोतों के नाम लिखिए जिन्हें आप नवीकरणीय मानते हैं। अपने चयन के लिए तर्क दीजिए।
उत्तर:
नवीकरणीय ऊर्जा के दो स्रोत निम्न हैं-

  • सौर ऊर्जा सौर ऊर्जा एक अनवरत ऊर्जा स्रोत है जो प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है तथा इसका भण्डार कभी खत्म नहीं हो सकता।
  • जल विद्युत ऊर्जा सूर्य के ताप के कारण जल चक्र सदैव चलता रहता है, जिससे विद्युत संयंत्रों के जलाशय में जल पुनः भर जाते हैं, अतः यह एक सदैव चलने वाली (अक्षय ऊर्जा स्रोत है।

साथ ही उपर्युक्त दोनों ऊर्जा स्रोतों से किसी भी प्रकार का प्रदूषण नहीं होता है।

प्रश्न 2.
ऐसे दो ऊर्जा स्त्रोतों के नाम लिखिए जिन्हें आप समाप्य मानते हैं अपने चयन के लिए तर्क दीजिए।
उत्तर:
कोयला और पेट्रोलियम दो समाप्य (Exhaust ible) ऊर्जा के स्रोत के उदाहरण हैं ये दोनों जीवाश्मी ईंधन हैं, जो करोड़ों वर्षों में बने हैं तथा केवल सीमित भण्डार ही शेष हैं। जीवाश्मी ईंधन ऊर्जा के अनवीकरणीय स्रोत हैं, जिन्हें पुनः नहीं बनाया जा सकता है। यदि इसी तरह इनका उपयोग करते रहेंगे, तो इनके भण्डार शीघ्र ही खत्म हो जाएँगे।

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

क्रिया-कलाप 14.1

प्रश्न 1.
प्रातःकाल सोकर उठने से विद्यालय पहुँचने तक आप जिन ऊर्जाओं का उपयोग करते हैं, उनमें से ऊर्जा के किन्हीं चार रूपों की सूची बनाइए।
उत्तर:
हम निम्नलिखित ऊर्जा का उपयोग करते हैं-

  • ऊष्मीय ऊर्जा खाना पकाने के लिए।
  • घर को प्रकाशित करने के लिए प्रकाशीय ऊर्जा।
  • साइकिल चलाने और बैग बोने के लिए पेशीय ऊर्जा।
  • मित्रों को बुलाने के लिए ध्वनि ऊर्जा।

प्रश्न 2.
इन विभिन्न रूपों की ऊर्जाओं को हम कहाँ से प्राप्त करते हैं?
उत्तर:

ऊर्जा के प्रकार ऊर्जा के स्रोत
(i) LPG दहन से ऊष्मीय ऊर्जा पेट्रोलियम गैस
(ii) प्रकाशीय ऊर्जा ताप विद्युत या जल विद्युत
(iii) पेशीय ऊर्जा भोजन (भोज्य पदार्थ)
(iv) ध्वनि ऊर्जा बोलने में (भोजन से प्राप्त पेशीय ऊर्जा)
घंटी बजाने में (जल-विद्युत या ताप विद्युत)।

प्रश्न 3.
क्या हम इन् ‘ऊर्जा के स्रोत’ कह सकते है? क्यों अथवा क्यों नहीं?
उत्तर:
एक ऊर्जा के स्रोत होने के लिए निम्न मापदंड पर खरे उतरने चाहिए-

  • ऊर्जा स्रोत आसानी से प्राप्त होने वाला होना चाहिए।
  • ऊर्जा स्रोत सस्ता एवं प्रदूपण मुक्त होना चाहिए।
  • आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जा सके।
  • ऊर्जा र्रोत का सुरक्षित भण्डारण हो सके।

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

क्रिया-कलाप-14.2

प्रश्न 1.
उन विविध विकल्पों पर विचार कीजिए जो भोजन पकाने के लिए ईधन का चयन करते समय हमारे पास होते है।
उत्तर:
अच्छे ईंधन का चयन करते समय हम निम्नलिखित लक्षणों का ध्यान रखेंगे-

  • सस्ता एवं आसानी से प्राप्त होने वाला हो।
  • इधधन का प्रति इकाई कैलोरी मान अधिक हो।

प्रश्न 2.
किसी ईंधन को अचे इधधन की श्रेणी में रखने का प्रयास करते समय आप किन मानदण्डों पर विचार करेंगे?
उत्तर:

  • ईंधन का ज्वलन ताप मध्यम होना चाहिए।
  • कैलोरी मान अधिक होना चाहिए।
  • दहन के पश्चात् हानिकारक गैसें न उत्पन्न करता हो।
  • दहन के पश्चात् ठोस अवशेष न बचे।

प्रश्न 3.
क्या तब आपकी पसन्द भिन्न होती जब आप- (a) वन में जीवन निर्वाह कर रहे होते?
(b) किसी सुदूर पर्वतीय ग्राम अथवा छोटे द्वीप पर जीवन निर्वांह कर रहे होते?
(c) नई दिल्ली में जीवन निर्वाह कर रहे होते?
(d) पाँच शताब्दियों पहले जीवन निर्वाह कर रहे ह्येते?
उत्तर:
(a) हम वन की सूखी लकड़ियाँ ईंधन के रूप में प्रयोग करते हैं।
(b) इन क्षेत्रों में लकड़ी आसानी से उपलब्ध हो जाती है। अत: हम लकड़ी का ईंधन के रूप में प्रयोग करते हैं।
(c) हम जल विद्युत ऊर्जा, ताप विद्युत ऊर्जा, सौर ऊर्जा और LPG का ईंधन के रूप में प्रयोग करेंगे।
(d) पाँच शताब्दियों पहले ईंधन के रूप में मुख्यत: लकड़ी का प्रयोग करते हैं।

प्रश्न 4.
उपर्युक्त प्रत्येक परिस्थिति ईंधन की उपलब्धता की दृष्टि से किस प्रकार भिन्न थी?
उत्तर:
पहले आबादी कम थी और ऊर्जा के सीमित स्रोत उपलब्ध थे। परन्तु जैसे- जैसे विकास हुआ, औद्योगिक क्रांति आई, आबादी बढ़ी, वैसे-वैसे मानव ने ऊर्जा के नए सोतों को बूँढना शुरू किया। आज ऊर्जा के परम्परागत सोतों की उपलब्धता धीरे-धीरे कम हो रही है तथा गैर-परम्परागत स्रोतों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

क्रिया-कलाप- 14.3

  • एक टेबिल टेनिस की बॉल लीजिए और उसमें तीन झिरियाँ बनाइए।
  • धातु की चादर से अर्धवृत्ताकार पंखुड़ियाँ काटिए और इन्हें बॉल की झिरियों में लगाइए।
  • धातु का एक सीधा तार लेकर इसे बॉल के केंद्र से होकर गुजारिए तथा तार को धुरी की भाँति प्रयोग करके बॉल को कीलकित कीजिए। यह सुनिश्चित कीजिए कि बॉल धुरी पर मुक्त रूप से घूर्णन करे।
  • अब इसके साथ कोई साइकिल डायनेमो जोड़िए।
  • डायनेमो के साथ एक टॉर-बल्ब संयोजित कीजिए।
  • पंखुड़ियों पर जल की धारा अथवा दाब कुकर में उत्पन्न भाप डालिए (चित्र)।
    JAC Class 10 Science Solutions Chapter 14 उर्जा के स्रोत 1

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
आप क्या देखते हैं?
उत्तर:
अवलोकन-हम देखते हैं कि बल्ब जलने लगता है। यहाँ भाप में उपस्थित यांत्रिक ऊर्जा विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित हो रही है।

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

क्रिया-कलाप- 14,4

प्रश्न 1.
अपने दादा-दादी अथवा अन्य वयोवृद्धों से यह पता लगाइए कि वे –
(a) अपने विद्यालय कैसे जाते थे?
(b) अपने बचपन में दैनिक आवश्यकताओं के लिए जल कैसे प्राप्त करते थे?
(c) मनोरंजन कैसे करते थे?
उत्तर:
(a) पैदल, साइकिल, बैलगाड़ी, ताँगा इत्यादि का उपयोग करते थे।
(b) कुएँ, नदियों, जलाशय (तलाब), झरनों से।
(c) मनोरंजन के साधन-मेले देखकर, खेल-कूद, नृत्य, धार्मिक स्थलों पर होने वाले विविध कार्यक्रम द्वारा, नुक्कड़ नाटक इत्यादि।

प्रश्न 2.
उपरोक्त उत्तरों की तुलना इस प्रश्न के उत्तरों से कीजिए कि ‘अब आप इन कार्यों को कैसे करते हैं?’
उत्तर:

  • ज्यादातर लोग स्कूल बस द्वारा, कार द्वारा परन्तु कुछ लोग पैदल एवं साइकिल से।
  • नगर-निगम या नगर पालिका द्वारा उपलब्ध कराए गए जल द्वारा, हैंडपंप द्वारा।
  • आज खेल-कूद के अतिरिक्त रेडियो, टी. वी., सिनेमा, इंटरनेट, वीडियो गेम इत्यादि मनोरंजन के साधन हैं।

JAC Class 10 Science Solutions Chapter 14 उर्जा के स्रोत

प्रश्न 3.
क्या इन उत्तरों में कोई अंतर है? यदि हाँ, तो किस स्थिति में बाह्य स्रोतों से अधिक ऊर्जा उपभुक्त हुर्दु?
उत्तर:
हाँ, इन उत्तरों में काफी अन्तर है। आधुनिक युग में बाह्य सोतों से अधिक ऊर्जा उपभुक्त हुई है। क्योंकि वाहनों को चलाने, जल-प्राष्ति तथा मनोरंजन के लिए ऊर्जा (ईंधन) की आवश्यकता होती है।

क्रिया-कलाप- 14.5

  • दो शंक्वाकर फ्लास्क लीजिए। इनमें से एक को काला तथा दूसरे को सफेद पेंट से पोतिए। दोनों में जल भरिए।
  • इन शंक्वाकार फ्लास्कों को एक से डेढ़ घंटे तक सीधे धूप में रखिए।

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
दोनों फ्लास्कों को स्पर्श कीजिए। इनमें कौन तप्त है? आप इन दोनों फ्लास्कों के जल के ताप तापमापी द्वारा भी माप सकते हैं।
उत्तर:
वह फ्लास्क जिसे काले रंग से पेंट किया गया है वह तप्त है।

प्रश्न 2.
क्या आप कोई ऐसा उपाय सोच सकते हैं जिसके द्वारा इस ज्ञान का उपयोग आप अपने दैनिक जीवन में कर सकें।
उत्तर:
इस ज्ञान का उपयोग हम अपने दैनिक जीवन में निम्न रूपों से कर सकते हैं-

  • खाना पकाने के बर्तन के आधार को काला पेंट करके।
  • जाड़ों में गहरे रंग के कपड़े पहनकर
  • पानी गर्म करने में।

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

क्रिया-कलाप- 14.6

प्रश्न 1.
किसी सौर कुकर और / अथवा सौर जल तापक की संरचना तथा कार्य प्रणाली का विशेषकर इस दृष्टि से अध्ययन कीजिए कि उसमें ऊष्मारोधन कैसे किया जाता है तथा अधिकतम ऊष्मा अवशोषण कैसे सुनिश्चित करते हैं?
उत्तर:

  • सौर कुकर तथा सौर जल तापक के पृष्ठ काले रंग से पेंट कर दिए जाते हैं, क्योंकि कृष्ण (काला) पृष्ठ अधिक ऊष्मा अवशोषित करता है।
  • सौर कुकर में सूर्य की किरणों को फोकसित करने के लिए अवतल दर्पण का उपयोग किया जाता है, जिससे ताप और उच्च हो जाता है।
  • सौर कुकर में ढक्कन (काँच की शीट का) पौधघर (ग्रीनहाउस) प्रभाव उत्पन्न करता है।

प्रश्न 2.
सस्ती सुलभ सामग्री का उपयोग करके किसी सौर कुकर अथवा सौर जल तापक का डिजाइन बनाकर उसकी संरचना कीजिए और यह जाँच करिए कि आपके इस निकाय में अधिकतम ताप कितना प्राप्न किया जा सकता है?
उत्तर:
आवश्यक सामग्री-

  • लकड़ी का बॉक्स
  • थर्मोकोल शीट
  • धातु की शीट
  • समतल दर्पण
  • काँच की शीट

JAC Class 10 Science Solutions Chapter 14 उर्जा के स्रोत 2
सौर कुकर एक सौर युक्ति है, जिसमें भोजन पकाने के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग किया जाता है। सौर कुकर का बाहरी बॉक्स लकड़ी का लेते हैं तथा इसके भीतरी दीवारों के साथ थमोंकोल रख देते हैं तथा इसके बाद धातु की शीट जिसकी आंतरिक दीवार काले रंग से पेंट है। ऊष्मा ह्यास को रोकने के लिए मोटे काँच की शीट तथा एक समतल दर्पण जो परावर्तक का काम करता है, लगाया जाता है। इस निकाय से अधिकतम 100°C से 140°C तक ताप प्राप्त किया जा सकता है।

प्रश्न 3.
सौर कुकरों अथवा सौर जल तापकों के उपयोग की सीमाओं एवं विशेषताओं पर चर्चा कीजिए।
उत्तर:
विशेषताएँ-

  • यह बिना प्रदूषण किए भोजन पकाने या पानी गर्म करने में सहायक है।
  • इनका उपयोग सस्ता भी है क्योंकि सौर ऊर्जा के उपयोग का कोई मूल्य चुकाना नहीं पड़ता है।

सीमाएँ-

  • रात में या बादल वाले दिनों में सौर कुकर या सौर जल तापकों का प्रयोग नहीं किया जा सकता।
  • यह भोजन पकाने या पानी गर्म करने में अधिक समय लेता है।
  • यह अपेक्षाकृत महँगा भी है।

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

क्रिया-कलाप – 14.7

प्रश्न 1.
कक्षा में इस प्रश्न पर चर्चा कीजिए कि महासागरीय तापीय ऊर्जा, पवनों तथा जैव मात्रा की ऊर्जाओं का अंतिम स्रोत क्या है?
उत्तर:
महासागरीय तापीय ऊर्जा, पवनों तथा जैव मात्रा की ऊर्जाओं का अंतिम स्रोत सूर्य है। हरे पौधे सूर्य के प्रकाश में प्रकाश संश्लेषण क्रिया के द्वारा भोजन तैयार करते हैं जिस पर बाकी सभी प्राणी निर्भर करते हैं। इस तरह संसार के सभी प्राणी अपनी ऊर्जा के लिए सूर्य पर निर्भर रहते हैं।

प्रश्न 2.
क्या इस संदर्भ में भूतापीय ऊर्जा तथा नाभिकीय ऊर्जा भिन्न हैं? क्यों?
उत्तर:
हाँ, पृथ्वी के अंदर तापमान और दाब के कारण भूतापीय ऊर्जा तथा नाभिकीय ऊर्जा रेडियोएक्टिव तत्त्वों (जैसे यूरेनियम, प्लूटोनियम) के नाभिक के विखंडन द्वारा होता है।

प्रश्न 3.
आप जल विद्युत ऊर्जा तथा तरंग ऊर्जा को किस श्रेणी में रखेंगे?
उत्तर:
इन्हें सौर ऊर्जा के अन्तर्गत रखेंगे क्योंकि परोक्ष रूप से ये दोनों सूर्य की ऊष्मा के कारण होते हैं।

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

क्रिया-कलाप – 14.8

प्रश्न 1.
विविध ऊर्जा स्रोतों के विषय में जानकारी एकत्र कीजिए तथा ज्ञात कीजिए कि उनमें से प्रत्येक को किस प्रकार प्रभावित करता है?
उत्तर:

स्रोत मूलभूत सिद्धान्त बातावरण पर प्रभाव
अच्छा बुरा
1. तापीय विद्युत संयंत्र विद्युत संयंत्रों में प्रतिदिन विशाल मात्रा में जीवाशमी ईंधन का दहन करके जल उबालकर भाप बनाई जाती है जो टरबाइनों को घुमाकर विद्युत उत्पन्न करती है। (i) यह प्रदूषण उत्पन्न करता है।

(ii) खदानों से कोयला निकाले जाने के कारण भूस्खलन की स्थिति उत्पन्न होती है।

2. जल विद्युत संयंत्र जल विद्युत संयंत्रों में गिरते जल की स्थितिज ऊर्जा को विद्युत में रूपांतरित किया जाता है। (i) बाढ़ पर नियंत्रण

(ii) सिंचाई की सुविधा

(i) विशाल भूभाग नष्ट होता है।

(ii) पर्यावरण संतुलन बिगड़ता है।

3. नाभिकीय ऊर्जा नाभिकीय विखंडन अभिक्रिया एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें किसी भारी परमाणु (जैसे युरेनियम, प्लूटोनियम अथवा थोरियम) के नाभिक को निम्न ऊर्जा न्यूट्रॉन से बमबारी कराकर हलके नाभिकों में तोड़ा जा सकता है। जब ऐसा किया जाता है तो विशाल मात्रा में ऊर्जा मुक्त होती है। वायु प्रदूषण रहित शेष बचे नाभिकीय ईंधन घातक सिद्ध हो सकते हैं अगर इनका निपटारा उचित प्रकार से नहीं होता।
5. पवन ऊर्जा सूर्य के विकिरणों द्वारा भूखंडों तथा जलाशयों के असमान तप्त होने के कारण वायु में गति उत्पन्न होती है तथा पवनों का प्रवाह होता है। पवनों की इस गतिज ऊर्जा का उपयोग विद्युत उत्पन्न करने या अन्य कार्यों में किया जाता है। (i) ध्वनि प्रदूषण

(ii) मानसून प्रभावित होता है।

6. सौर ऊर्जा सूर्य से प्राप्त ऊर्जा का उपयोग किया जाता है। प्रदूषण मुक्त।

प्रश्न 2.
प्रत्येक ऊर्जा स्रोत के लाभ तथा हानियों पर वाद-विवाद कीजिए तथा इस आधार पर ऊर्जा का सर्वोत्तम स्त्रोत चुनिए।
उत्तर:
1. जीवाश्मी ईंधन-
लाभ-

  • कम खर्च पर अत्यधिक ऊर्जा की प्राप्ति।
  • आसान परिवहन।
  • ऊर्जा क्षय कम।
  • उपलब्धता तथा भण्डारण सुगम।

हानियाँ-

  • ये ऊर्जा के अनवीकरणीय स्रोत हैं। अगर हम इनका उपयोग इसी चिंताजनक दर से करते रहे तो हमारे ये भण्डार शीघ्र ही रिक्त हो जाएंगे।
  • ये स्रोत प्रदूषण फैलाते हैं।
  • जीवाश्मी ईंधन जैसे कोयला को खदानों से
  • निकालना पड़ता है जिसके कारण भूस्खलन की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।

2. तापीय विद्युत संयंत्र –
लाभ

  • कम दरों पर बहुत ज्यादा ऊर्जा का उत्पादन।
  • संयंत्र के लिए कच्चे माल का परिवहन सुगम।
  • इन्हें कहीं भी स्थापित किया जा सकता है।

हानियाँ-

  • ये संयंत्र प्रदूषण के लिए जिम्मेदार हैं।
  • ये ऊर्जा के अनवीकरणीय स्रोत हैं।

3. जल विद्युत संयंत्र –
लाभ

  • यह ऊर्जा का नवीकरणीय स्रोत है।
  • प्रदूषण रहित।
  • कृषि के लिए सिंचाई भी उपलब्ध कराती है।
  • बाढ़ पर नियंत्रण

हानियाँ-

  • इसके लिए काफी बड़े भूभाग की जरूरत होती है।
  • बाँध का निर्माण खर्चीला है।
  • इनका निर्माण वहीं किया जा सकता है जहाँ पानी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हो।
  • पर्यावरण संतुलन को नुकसान पहुँचाती है।

4. सौर ऊर्जा-
लाभ-

  • स्वच्छ, प्रदूषण रहित ऊर्जा।
  • इसकी स्थापना सुदूर तथा अगम्य स्थानों पर भी की जा सकती है।
  • चूँकि सौर सेलों में कोई गतिमान पुर्जा नहीं होता इसलिए इनका रखरखाव आसान होता है।

हानियाँ –

  • यह ऊर्जा का नवीकरणीय स्रोत है।
  • रात्रि में तथा बादल वाले दिनों में उपयोग नहीं।
  • सौर सेलों का निर्माण महँगा।
  • ये DC विद्युत धारा उत्पन्न करते हैं जिसे AC में बदलने के लिए काफी ऊर्जा खर्च करनी पड़ती हैं।

JAC Class 10 Science Solutions Chapter 14 उर्जा के स्रोत

5. नाभिकीय ऊर्जा-
लाभ-

  • कम खर्च में अत्यधिक ऊर्जा उपलब्ध।
  • अवशिष्ट पदार्थों का पुन: इस्तेमाल संभव।

हानियाँ-

  • नाभिकीय कचरा जीव-जन्तुओं के लिए घातक।
  • इनका निपटारा भी मुश्किल।
  • कोई दुर्घटना या बड़ा नुकसान कर सकती हैं।

6. जैवमात्रा-
लाभ-

  • प्रदूषण रहित ईंधन।
  • इनका अवशिष्ट उत्तम खाद होता है।
  • उत्पादन लागत कम।
  • अवशिष्ट पदार्थों के निपटारे का सुरक्षित तरीका प्रदान करता है।
  • भण्डारण आसान।

हानियाँ-

  • बायोगैस का उत्पादन दर काफी कम होता है।
  • एक पूरे स्थान से प्राप्त जैव मात्रा उस स्थान की ऊर्जा जरूरत पूरा करने में असमर्थ।

7. पवन ऊर्जा-
लाभ-

  • यह ऊर्जा का नवीकरणीय स्रोत है।
  • प्रदूषण रहित।
  • सिंचाई तथा खाद्यान्न पीसने में काफी उपयोगी।
  • एक बार निर्माण हो जाने पर ऊर्जा उत्पादन लागत शून्य।
  • तटवर्तीय क्षेत्रों के लिए ऊर्जा का सबसे अच्छा स्रोत।

हानियाँ-

  • जनित ऊर्जा मात्रा कम।
  • ध्वनि प्रदूषण फैलाते हैं।
  • उस स्थान के मानसून को प्रभावित करते हैं।
  • निर्माण मँहगा।

8. भूतापीय ऊर्जा-
लाभ-

  • प्रदूषण रहित।
  • लागत काफी कम।
  • ऊर्जा का नवीकरणीय स्रोत।

हानियाँ – सीमित क्षेत्रों ही उपलब्ध।
महासागरीय ऊर्जा-
लाभ-

  • ऊर्जा का नवीकरणीय स्रोत।
  • प्रदूषण रहित।
  • एक बार निर्माण हो जाने पर उत्पादन लागत नहीं।

हानियाँ-

  • बड़ी मात्रा
  • निर्माण खर्चीला।

क्रिया-कलाप के प्रश्नोत्तर

क्रिया-कलाप – 14.9

प्रश्न 1.
कक्षा में इन समस्याओं पर वाद-विवाद कीजिए-
(a) यह कहा जाता है कि अनुमानतः कोयले के भण्डार आने वाले दो सौ वर्ष के लिए पर्याप्त हैं। क्या इस प्रकरण में हमें चिंता करने की आवश्यकता है कि हमारे कोयले के भण्डार रिक्त होते जा रहे हैं? क्यों अथवा क्यों नहीं?
(b) ऐसा अनुमान है कि सूर्य आगामी 5 करोड़ वर्ष तक जीवित रहेगा। क्या हमें यह चिंता करनी चाहिए कि सौर ऊर्जा समाप्त हो रही है? क्यों अथवा क्यों नहीं
उत्तर:
(a) हमारे कोयले के भण्डार रिक्त होते जा रहे हैं। अतः इनको विवेकपूर्ण खर्च करने की जरूरत है। चूँकि अभी ये भण्डार 200 वर्षों के लिए पर्याप्त हैं। परन्तु हम आशा करते हैं कि तब तक ऊर्जा का कोई और विकल्प ढूँढ लिया जाएगा।

(b) नहीं। क्योंकि हम आशा करते हैं कि तब तक शायद हम अपने लिए एक दूसरा सौर मण्डल ढूँढ लें।

प्रश्न 2.
वाद-विवाद के आधार पर यह निर्णय लीजिए कि कौन-सा ऊर्जा स्रोत (a) समाप्य (b) अक्षय, (c) नवीकरणीय तथा (d) अनवीकरणीय है। प्रत्येक चयन के लिए अपना तर्क दीजिए।
उत्तर:

ऊर्जा स्रोत प्रकार
(i) जीवाशमी ईंधन समाप्य
(ii) पवन ऊर्जा अक्षय
(iii) जल विद्युत ऊर्जा नवीकरणीय
(iv) सौर ऊर्जा अक्षय
(v) महासागरीय ऊर्जा नवीकरणीय

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