JAC Class 10 Social Science Important Questions Economics Chapter 4 वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था

JAC Board Class 10th Social Science Important Questions Economics Chapter 1 विकास

बहुविकल्पीय

प्रश्न 1.
बहुराष्ट्रीय कम्पनियों द्वारा किए गए निवेश को क्या कहते हैं?
(क) उत्पादन
(ख) व्यय
(ग) वितरण
(घ) विदेशी निवेश
उत्तर:
(घ) विदेशी निवेश

2. कारगिल फूड्स किस देश की बहुराष्ट्रीय कम्पनी है?
(क) अमेरिका
(ख) भारत
(ग) फ्रांस
(घ) कनाडा
उत्तर:
(क) अमेरिका

3. विदेशी व्यापार किनके मध्य होता है?
(क) दो देशों के मध्य
(ख) दो नगरों के मध्य
(ग) दो गाँवों के मध्य
(घ) दो प्रदेशों के मध्य
उत्तर:
(क) दो देशों के मध्य

4. देशों के तीव्र एकीकरण की प्रक्रिया क्या कहलाती है?
(क) उदारीकरण
(ख) वैश्वीकरण
(ग) शहरीकरण
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(ख) वैश्वीकरण

5. तत्काल इलेक्ट्रॉनिक डाक किसके द्वारा भेजी जा सकती है?
(क) डाकघर:
(ख) वायु परिवहन
(ग) बहुराष्ट्रीय निगम
(घ) इण्टरनेट
उत्तर:
(घ) इण्टरनेट

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6. एक ऐसा संगठन जिसका ध्येय अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को उदार बनाना है
(क) विश्व स्वास्थ्य संगठन
(ख) विश्व व्यापार संगठन
(ग) संयुक्त राष्ट्र संघ
(घ) ये सभी
उत्तर:
(ख) विश्व व्यापार संगठन

7. सर्वप्रथम विश्व व्यापार संगठन किसके द्वारा शुरू हुआ?
(क) विकसित देश
(ख) विकासशील देश
(ग) अल्प-विकसित देश
(घ) निर्धन देश
उत्तर:
(क) विकसित देश

8. वैश्वीकरण से सर्वाधिक लाभान्वित हुए हैं।
(क) ग्रामीण मजदूर
(ख) शहरी शिक्षित व्यक्ति
(ग) धनी वर्ग के उपभोक्ता
(घ) ये सभी.
उत्तर:
(ग) धनी वर्ग के उपभोक्ता

9. वैश्वीकरण और प्रतिस्पर्धा के दबाव में सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं
(क) वस्त्र निर्यातक
(ख) श्रमिक
(ग) धनिक वर्ग
(घ) बहुराष्ट्रीय कम्पनी
उत्तर:
(क) वस्त्र निर्यातक

रिक्त स्थान

निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

1. परिसम्पत्तियों की खरीद में व्यय की गई मुद्रा…………. कहलाती है।
उत्तर:
निवेश,

2. देश की अर्थव्यवस्था को विश्व की अर्थव्यवस्था के साथ जोड़ना …………. कहलाता है।
उत्तर:
वैश्वीकरण,

3. वैश्वीकरण से अनेक………….एवं श्रमिक प्रभावित हुए है।
उत्तर:
छोटे उत्पादक,

4. ……………… का मुख्य उद्देश्य अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के तौर-तरीकों के सरल बनाना है।
उत्तर:
विश्व व्यापार संगठन।

अति लयूत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
अपेक्षाकृत नवीन परिघटना कौन-सी है?
उत्तर:
हमारे बाजारों में वस्तुओं के बहुव्यापी विकल्प अपेक्षाकृत नवीन परिघटना है।

प्रश्न 2.
बीसर्वीं शताब्दी के मध्य तक उत्पादन की क्या मुख्य विशेषता थी?
उत्तर:
बीसवीं शताब्दी के मध्य तक उत्पादन देश की सीमाओं के अन्दर तक ही सीमित था।

प्रश्न 3.
भारत में आयात-निर्यात का क्या स्वरूप था?
उत्तर:
भारत से कच्चा माल तथा खाद्य पदार्थों का निर्यात होता था और तैयार वस्तुओं का आयात होता था।

प्रश्न 4.
बहुराष्ट्रीय कम्पनी किसे कहते हैं?
उत्तर:
वह कम्पनी जो एक से अधिक देशों में उत्पादन पर नियन्त्रण अथवा स्वामित्व रखती है, बहुराष्ट्रीय कम्पनी कहलाती है।

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प्रश्न 5.
बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ किन प्रदेशों में अपने कार्यालय व उत्पादन के कारखाने स्थापित करती हैं?
उत्तर:
बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ उन प्रदेशों में कार्यालय व उत्पादन के लिए कारखाने स्थापित करती हैं, जहाँ उन्हें सस्ता श्रम व अन्य संसाधन मिल सकते हैं।

प्रश्न 6.
कौन-सा देश सस्ता विनिर्माण केन्द्र होने का लाभ प्रदान करता है?
उत्तर:
चीन सस्ता विनिर्माण केन्द्र होने का लाभ प्रदान करता है।

प्रश्न 7.
निवेश क्या है?
अथवा
निवेश का अर्थ लिखिए।
अथवा
निवेश और विदेशी निवेश में अन्तर कीजिए।
उत्तर:
निवेश-परिसम्पत्तियों; जैसे – भूमि, भवन, मशीन व अन्य उपकरणों की खरीद में व्यय की मुद्रा को निवेश कहते हैं। विदेशी निवेश-बहुराष्ट्रीय कम्पनियों द्वारा किया गया निवेश विदेशी निवेश कहलाता है।

प्रश्न 8.
‘वैश्वीकरण’ का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
अथवा
वैश्वीकरण से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
विभिन्न देशों के मध्य परस्पर सम्बन्ध और तीव्र एकीकरण की प्रक्रिया को वैश्वीकरण कहते हैं।

प्रश्न 9.
वैश्वीकरण की प्रक्रिया में मुख्य भूमिका कौन निभा रहा है?
उत्तर:
बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ वैश्वीकरण की प्रक्रिया में मुख्य भूमिका निभा रही हैं।

प्रश्न 10.
व्यापार अवरोधक से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
विदेशों से होने वाले आयात पर लगने वाले प्रतिबन्ध व्यापार अवरोधक कहलाते हैं।

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प्रश्न 11.
सरकारें व्यापार अवरोधक का प्रयोग किसलिए कर सकती हैं?
उत्तर:
सरकार व्यापार अवरोधक का प्रयोग विदेश व्यापार में वृद्धि या कटौती करने और देश में किस प्रकार की वस्तुएँ कितनी मात्रा में आयात होनी चाहिए, यह निर्णय करने के लिए कर सकती हैं।

प्रश्न 12.
उदारीकरण क्या है?
अथवा
उदारीकरण किसे कहते हैं?
उत्तर:
सरकार द्वारा अवरोधों अथवा प्रतिबन्धों को हटाने की प्रक्रिया उदारीकरण के नाम से जानी जाती है।

प्रश्न 13.
कोटा’ से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
सरकार आयात होने वाली वस्तुओं की संख्या पर एक सीमा तय कर देती है, जिसे ‘कोटा’ कहा जाता है।

प्रश्न 14.
वर्तमान में विश्व व्यापार संगठन के कितने देश सदस्य हैं?
उत्तर:
वर्तमान में विश्व व्यापार संगठन के 164 देश सदस्य हैं।

प्रश्न 15.
किस देश में कृषि क्षेत्र में कार्यरत लोग उत्पादन एवं दूसरे देशों को निर्यात करने के लिए सरकार से बहुत अधिक धनराशि प्राप्त करते हैं?
उत्तर:
संयुक्त राज्य अमेरिका में कृषि क्षेत्र में कार्यरत लोग सरकार से बहुत अधिक धनराशि प्राप्त करते हैं।

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प्रश्न 16.
किन लोगों पर वैश्वीकरण का एक समान प्रभाव नहीं पड़ा है?
उत्तर:
उत्पादकों एवं श्रमिकों पर वैश्वीकरण का एक समान प्रभाव नहीं पड़ा है।

प्रश्न 17.
विदेशी निवेश आकर्षित करने हेतु सरकार ने किन कानूनों में लचीलापन लाने की अनुमति प्रदान की है?
उत्तर:
विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए सरकार ने श्रम कानूनों में लचीलापन लाने की अनुमति प्रदान की है।

प्रश्न 18.
विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए किन्हीं दो कदमों के नाम लिखिए।
उत्तर:

  1. विशेष आर्थिक क्षेत्रों की स्थापना।
  2. सरकार द्वारा श्रम कानूनों में लचीलापन लाने की अनुमति देना।

प्रश्न 19.
वैश्वीकरण ने किस क्षेत्र वाली कम्पनियों के लिए नये अवसरों का सृजन किया है?
उत्तर:
वैश्वीकरण ने सेवा प्रदाता कम्पनियों विशेषकर सूचना और संचार प्रौद्योगिकी वाली कम्पनियों के लिए नये अवसरों का सुजन किया है।

प्रश्न 20.
बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ भारत में अपने ग्राहक देखभाल केन्द्र क्यों स्थापित कर रही हैं?
उत्तर:
क्योंकि भारत में अंग्रेजी बोलने वाले शिक्षित युवक कम वेतन पर उपलब्ध हैं।

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प्रश्न 21.
वैश्वीकरण ने किस प्रकार छोटे उत्पादकों के समक्ष एक बड़ी चुनौती खड़ी की है?
उत्तर:
छोटे उत्पादकों को बहुराष्ट्रीय कम्पनियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ सस्ती दर पर वस्तुएँ उत्पादित कर रही हैं।

प्रश्न 22.
न्यायसंगत वैश्वीकरण क्यों आवश्यक है?
उत्तर:
न्यायसंगत वैश्वीकरण सभी के लिए अवसर प्रदान करेगा और यह सुर्निश्चित भी करेगा कि वैश्वीकरण से प्राप्त लाभ में सभी की हिस्सेदारी हो।

लघूत्तरात्मक प्रश्न (SA1)

प्रश्न 1.
बहुराष्ट्रीय कम्पनी से क्या आशय है? इसकी कोई दो विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
बहुराष्ट्रीय कम्पनी से आशय-बहुराष्ट्रीय कम्पनी वह है जो एक से अधिक देशों में उत्पादन पर नियन्त्रण अथवा स्वामित्व रखती है। विशेषताएँ

  1. बहुराष्ट्रीय कम्पनी उन देशों में अपने कार्यालय व उत्पादन के लिए कारखाने स्थापित करती है, जहाँ उसे सस्ता श्रम व अन्य संसाधन मिल सकते हैं।
  2. उत्पादन लागत में कमी करने एवं अधिक लाभ कमाने के लिए बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ ऐसा करती हैं।

प्रश्न 2.
बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ किन स्थितियों में किसी देश में उत्पादन इकाई स्थापित करती हैं?
उत्तर:
बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ निम्नलिखित स्थितियों में किसी देश में उत्पादन इकाई स्थापित करती हैं

  1. बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ उसी स्थान पर उत्पादन इकाई स्थापित करती हैं, जो बाजार के समीप हो।
  2. जहाँ कम लागत पर कुशल श्रम व अकुशल श्रम उपलब्ध हो।
  3. जहाँ उत्पादन के अन्य तत्वों की उपलब्धता सुनिश्चित हो।
  4. जहाँ सरकारी नीतियाँ बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के अनुकूल हों।

प्रश्न 3.
संयुक्त उत्पादन से स्थानीय कम्पनियों को क्या लाभ होता है?
अथवा
बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के साथ संयुक्त उत्पादन से स्थानीय कम्पनियों को क्या लाभ होते हैं?
अथवा
बहराष्ट्रीय कम्पनियों के कोई दो लाभ लिखिए।
उत्तर:
संयुक्त उत्पादन से स्थानीय कम्पनियों को दोहरा लाभ होता है, जो निम्नलिखित है

  1. बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ अतिरिक्त निवेश के लिए धन प्रदान कर सकती हैं; जैसे-तीव्र उत्पादन हेतु मशीन खरीदना।
  2. बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ उत्पादन की नवीनतम प्रौद्योगिकी अपने साथ ला सकती हैं।

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प्रश्न 4.
स्वतन्त्रता के पश्चात भारत सरकार ने विदेश व्यापार एवं विदेशी निवेश पर क्यों प्रतिबन्ध लगा रखा था?
उत्तर:
स्वतन्त्रता के पश्चात् भारत सरकार ने विदेश व्यापार एवं विदेशी निवेश पर प्रतिबन्ध उत्पादकों को विदेशी दिर्धा से संरक्षण प्रदान करने के लिए लगाया। सन् 1950 एवं 1960 के दशक में उद्योगों का उदय हो रहा था। इस अवस्था में आयात से प्रतिस्पर्धा इन उद्योगों को बढ़ने नहीं देती इसलिए भारत ने केवल अनिवार्य वस्तुओं; जैसे-मशीनरी, उर्वरक एवं पेट्रोलियम के आयातों की ही अनुमति दी।

लघूत्तरात्मक प्रश्न (SA2)

प्रश्न 1.
विदेशी व्यापार विभिन्न देशों के बाजारों के एकीकरण में किस प्रकार सहायक होता है? समझाइए।
अथवा
उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए कि किस प्रकार विदेश व्यापार विभिन्न अर्थव्यवस्थाओं वाले बाज़ारों को एकीकृत करता है?
उत्तर:
विदेशी व्यापार दूसरे देशों में बाज़ारों को सहूलियत देते हैं। परन्तु हर देश उन्हीं वस्तुओं का आयात करता है जिनका निर्माण वह अपने देश में नहीं करता या उनके देश में उनका उत्पादन कम है। इसी तरह निर्यात भी उन वस्तुओं का किया जाता है जो अपने देश में ज़रूरत से अधिक हों या दूसरे देशों के मुकाबले उनका उत्पादन सस्ते दामों पर अपने देश में किया जा रहा हो।

सामान्यतः विदेश व्यापार के खुलने से वस्तुओं का एक बाजार से दूसरे बाजार में आवागमन होता है। बाजार में वस्तुओं के विकल्प बढ़ जाते हैं। विभिन्न बाजारों में एक ही वस्तु का मूल्य एक समान होने लगता है। अब दो देशों के उत्पादक एक-दूसरे से हजारों मील दूर होकर भी एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं । इस प्रकार विदेशी व्यापार विभिन्न देशों के बाजारों को जोड़ने या उनके एकीकरण में सहायक होता है।

उदाहरण के लिए भारत में सूती वस्त्र, ऊनी वस्त्र, सॉफ्टवेयर, इंजीनियरिंग उपकरणों का बहुतायत में उत्पादन होता है। विश्व के विभिन्न देशों में इन वस्तुओं का निर्यात किया जाता है, यदि वे इनकी माँग करते हैं। दूसरी तरफ भारत में खाद्य तेल, खनिज तेल व जीवन रक्षक दवाइयों की कमी भी है तो ये वस्तुएँ भारत में विभिन्न देशों से आयात की जाती हैं। इस प्रकार विदेश व्यापार से विभिन्न देशों के बाजारों के एकीकरण में सहायता मिलती है।

प्रश्न 2.
भारतीय अर्थव्यवस्था में बहुराष्ट्रीय कम्पनियों की भूमिका का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
अथवा
वैश्वीकरण प्रक्रिया में बहुराष्ट्रीय कम्पनियों की क्या भूमिका है?
अथवा
बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के किन्हीं तीन लाभों का मूल्यांकन कीजिए।
उत्तर:
भारतीय अर्थव्यवस्था में बहुराष्ट्रीय कम्पनियों की भूमिका को निम्न बिन्दुओं के अन्तर्गत स्पष्ट किया जा सकता है

  1. बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के फलस्वरूप भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में तीव्र गति से वृद्धि हुई है।
  2. देश में अनेक उद्योगों की स्थापना होने से देश का तीव्र औद्योगिक विकास हुआ है।
  3. बहुराष्ट्रीय कम्पनियों द्वारा उत्पादन में नवीन तकनीकों का प्रयोग करने से देश में नवीन तकनीकी का आगमन हुआ है।
  4. बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ देश में अनेक उद्योगों की स्थापना कर रही हैं जिसमें लोगों को रोजगार उपलब्ध हो रहा है।
  5. बहुराष्ट्रीय कम्पनियों द्वारा उपभोक्ताओं को कम कीमत पर अच्छी गुणवत्तायुक्त वस्तुएँ उपलब्ध करायी जा रही हैं, इसके फलस्वरूप भारतीय उपभोक्ताओं के समक्ष अनेक विकल्प उपलब्ध हो गये हैं।

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प्रश्न 3.
“सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी ने विभिन्न देशों के बीच सेवाओं के उत्पादन के प्रसार में मुख्य भूमिका निभायी है।” उपयुक्त उदाहरण देकर कथन की पुष्टि कीजिए।
अथवा
वैश्वीकरण की प्रक्रिया को उत्प्रेरित करने में प्रौद्योगिकी की भूमिका को संक्षेप में बताइए।
अथवा
वैश्वीकरण में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी की भूमिका को किन्हीं तीन आधारों पर स्पष्ट कीजिए।
अथवा
प्रौद्योगिकी ने वैश्वीकरण की प्रक्रिया को किस प्रकार उत्प्रेरित किया है? उदाहरणों सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
विभिन्न देशों के बीच परस्पर संबंध एवं तीव्र एकीकरण की प्रक्रिया ही वैश्वीकरण कहलाती है। दूसरे शब्दों में, अपनी अर्थव्यवस्था को विश्व की अर्थव्यवस्था के साथ जोड़ना वैश्वीकरण कहलाता है। वैश्वीकरण की प्रक्रिया को उत्प्रेरित करने में प्रौद्योगिकी की भूमिका निम्नलिखित है

  1. प्रौद्योगिकी में तीव्र उन्नति वह कारक है जिसने वैश्वीकरण की प्रक्रिया को उत्प्रेरित किया।
  2. परिवहन प्रौद्योगिकी में सुधार ने लम्बी दूरियों तक कम लागत पर वस्तुओं की तीव्रतम आपूर्ति को सम्भव बनाया है।
  3. सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी अर्थात् दूरसंचार, कम्प्यूटर व इंटरनेट के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी का तीव्र विकास हुआ है। इन्होंने सम्पूर्ण विश्व में एक-दूसरे से सम्पर्क को आसान बना दिया है। जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में कम्प्यूटर का उपयोग किया जा रहा है।
  4. प्रौद्योगिकी ने विभिन्न देशों के बीच सेवाओं के उत्पादन के प्रसार में मुख्य भूमिका निभायी है।

प्रश्न 4.
उदाहरण देकर उन कारकों का वर्णन कीजिए जिन्होंने भारत में वैश्वीकरण को सम्भव बनाया है।
अथवा
वैश्वीकरण को सम्भव बनाने वाले कारकों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भारत में वैश्वीकरण के लिए उत्तरदायी कारक

  1. प्रौद्योगिकी में तीव्र गति से हुई प्रगति।
  2. निवेश तथा अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार नीतियों का उदारीकरण
  3. विश्व व्यापार संगठन जैसे, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों का सहयोग।
  4. बहुराष्ट्रीय कम्पनियों द्वारा अपनी इकाइयाँ तथा कार्यालय भारत में स्थापित करना।

प्रश्न 5.
विश्व व्यापार संगठन क्या है ? क्या यह संगठन अपना कार्य ठीक ढंग से कर रहा है?
उत्तर:
विश्व व्यापार संगठन एक ऐसा अन्तर्राष्ट्रीय संगठन है, जिसका उद्देश्य विभिन्न सदस्य देशों के बीच वस्तुओं और सेवाओं के व्यापार पर निगरानी करना, उसे प्रोत्साहित करना व उदार बनाना है। यह संगठन अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार से सम्बन्धित कानून बनाता है तथा यह भी देखता है कि इन कानूनों का पालन हो रहा है या नहीं।

यह संगठन ठीक से कार्य नहीं कर पा रहा है। यद्यपि विश्व व्यापार संगठन से यह अपेक्षा की जाती है कि वह सभी देशों को मुक्त व्यापार करने की अनुमति दे परन्तु व्यवहार में यह देखा गया है कि विकसित देश अनुचित रूप से व्यापार अवरोधकों का स । अभी तक ले रहे हैं वहीं दूसरी ओर संगठन के नियमों ने विकासशील देशों को व्यापार अवरोधक हटाने के लिए बाध्य कि है।

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प्रश्न 6.
वैश्वीकरण क्या है? भारत में इसके दो प्रभाव लिखिए।
अथवा
भारत में वैश्वीकरण के किन्हीं तीन प्रभावों को समझाइए।
उत्तर:
विभिन्न देशों के मध्य परस्पर सम्बन्ध एवं तीव्र एकीकरण की प्रक्रिया ही वैश्वीकरण कहलाती है। वैश्वीकरण की प्रक्रिया के अन्तर्गत विश्व की विभिन्न अर्थव्यवस्थाओं का समन्वय किया जाता है, जिससे वस्तुओं और सेवाओं, प्रौद्योगिकी, पूँजी एवं श्रम का इनके मध्य प्रवाह हो सके। वैश्वीकरण के अन्तर्गत विदेशी व्यापार अवरोधक हटा लिये जाते हैं, जिससे पूँजी व श्रम का स्वतन्त्र रूप में आवागमन होता है, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश बढ़ता है, आयात-निर्यात में वृद्धि होती है। इसके अतिरिक्त उत्पादन व उत्पादकता का स्तर बढ़ता है। वैश्वीकरण का भारत पर प्रभाव-वैश्वीकरण के भारत की अर्थव्यवस्था पर निम्नलिखित प्रभाव पड़े हैं

  1. वैश्वीकरण में भारतीय उत्पादकों को वस्तुओं और सेवाओं के अनेक विकल्प मिले हैं तथा भारतीय उपभोक्ताओं को कम कीमत पर उच्च गुणवत्ता वाली वस्तुओं की प्राप्ति होती है। उपभोक्ता को विश्व स्तर की वस्तुएँ एवं सेवाएँ उपलब्ध होती हैं।
  2. वैश्वीकरण की प्रक्रिया के फलस्वरूप भारत में विदेशी निवेश बढ़ा है, जिससे देश में उत्पादन एवं रोजगार में वृद्धि
  3. उत्पादकों एवं श्रमिकों पर वैश्वीकरण का एक समान प्रभाव नहीं पड़ा है।

प्रश्न 7.
वैश्वीकरण के विभिन्न वर्गों पर कौन-कौन से नकारात्मक प्रभाव पड़े हैं? संक्षिप्त विवरण दीजिए।
उत्तर:
विभिन्न वर्गों पर वैश्वीकरण के निम्नलिखित नकारात्मक प्रभाव पड़े हैं

  1. छोटे उद्योगों जैसे-बैटरी, संधारित्र, प्लास्टिक खिलौने, टायर, डेयरी उत्पाद एवं खाद्य तेल आदि को बहुराष्ट्रीय कम्पनियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा के कारण बहुत नुकसान झेलना पड़ा है।
  2. कई उद्योग बन्द हो गये जिसके अनेक श्रमिक बेरोजगार हो गये हैं।
  3. वैश्वीकरण तथा प्रतिस्पर्धा के दबाव ने श्रमिकों के जीवन में बहुत परिवर्तन ला दिया है। बढ़ती हुई प्रतिस्पर्धा के कारण अधिकांश नियोक्ता आजकल श्रमिकों को रोजगार देने में लचीलापन पसंद करते हैं। इसका अर्थ है कि अब श्रमिकों का रोजगार सुनिश्चित एवं सुरक्षित नहीं रह गया है।
  4. नियोक्ता श्रम लागतों में निरन्तर कटौती कर रहे हैं, वे कम वेतन पर श्रमिकों से अधिक समय काम ले रहे हैं।
  5. वैश्वीकरण से धनिक एवं निर्धन वर्ग के मध्य अन्तर में और अधिक वृद्धि हुई है।

प्रश्न 8.
न्यायसंगत वैश्वीकरण सुनिश्चित करने के लिए सरकार क्या भूमिका निभा सकती है?
अथवा
न्यायसंगत वैश्वीकरण सुनिश्चित करने के लिए सरकार को कौन-कौन से उपाय करने चाहिए?
उत्तर:
विभिन्न देशों के मध्य परस्पर सम्बन्ध एवं तीव्र एकीकरण की प्रक्रिया ही वैश्वीकरण है। वैश्वीकरण सभी के लिए लाभप्रद नहीं रहा है। शिक्षित, कुशल एवं सम्पन्न लोगों ने वैश्वीकरण से मिले नये अवसरों का सर्वोत्तम उपयोग किया है वहीं दूसरी ओर अनेक लोगों को लाभ में हिस्सा नहीं मिला है। न्यायसंगत वैश्वीकरण सुनिश्चित करने हेतु सरकार को निम्नलिखित उपाय करने चाहिए

  1. सरकारी नीतियों से देश के धनी व प्रभावशील लोगों के साथ-साथ देश के सभी लोगों के हितों का संरक्षण करना चाहिए।
  2. सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि श्रमिक कानूनों का उचित ढंग से क्रियान्वयन हो एवं श्रमिकों को उनके अधिकार मिलें।
  3. सरकार को छोटे उत्पादकों को कार्य निष्पादन में सुधार के लिए उस समय तक सहायता करनी चाहिए जब तक कि वे प्रतिस्पर्धा के लिए सक्षम न हो जाएँ।
  4. सरकार को विश्व व्यापार संगठन में कसित देशों के प्रभुत्व के विरुद्ध संघर्ष के लिए समान हित वाले अन्य विकासशील देशों के साथ मिलकर प्रयास कर पाहिए।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ अन्य देशों में अपना उत्पादन किस प्रकार स्थापित तथा नियंत्रित करती हैं? स्पष्ट कीजिए।
अथवा
बहुराष्ट्रीय कम्पनी से क्या अभिप्राय है? आधुनिक अर्थव्यवस्था में उनकी कार्यप्रणाली समझाइए।
अथवा
बहुराष्ट्रीय कम्पनी से क्या आशय है? उनकी कार्यप्रणाली का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
हराष्ट्रीय कम्पनियाँ बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ वे कम्पनियाँ होती हैं जो एक से अधिक देशों में अपनी औद्योगिक इकाइयाँ व कार्यालय स्थापित करती हैं। ये कम्पनियाँ एक से अधिक देशों में उत्पादन पर नियंत्रण व स्वामित्व रखती हैं। इन कम्पनियों में पूँजी निवेश अधिक होता है। इन कम्पनियों की इकाइयों का आकार विशाल होता है तथा उत्पादन की माँग व पूर्ति बड़े पैमाने पर होती है। बहुराष्ट्रीय कम्पनियों द्वारा दूसरे देशों में अपने उत्पादन पर नियंत्रण बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ दूसरे देशों में अपने उत्पादन पर निम्न प्रकार से नियंत्रण स्थापित करती हैं
1. संयुक्त उत्पादन द्वारा:
कभी-कभी बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ कुछ देशों की स्थानीय कम्पनियों के साथ संयुक्त रूप से उत्पादन करती हैं। संयुक्त उत्पादन से स्थानीय कम्पनी को दोहरा लाभ प्राप्त होता है।

2. स्थानीय कम्पनियाँ खरीद कर:
बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ स्थानीय कम्पनियों को खरीदकर अपने उत्पादन का विस्तार करती हैं। अपार सम्पदा वाली बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ यह आसानी से कर सकती हैं।

3. छोटे उत्पादकों को उत्पादन का आर्डर देना:
बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ एक अन्य तरीके से भी उत्पादन नियन्त्रित करती हैं। विकसित देशों की बड़ी बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ छोटे उत्पादकों को उत्पादन का आर्डर देती हैं। वस्त्र, जूते-चप्पल एवं खेल का सामान ऐसे उद्योग हैं जहाँ विश्वभर में बड़ी संख्या में छोटे उत्पादकों द्वारा उत्पादन किया जाता है। बहुराष्ट्रीय कम्पनियों को इन उत्पादों की आपूर्ति की जाती है। ये कम्पनियाँ इन वस्तुओं को अपने ब्रांड नाम से उपभोक्ताओं को बेच देती

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प्रश्न 2.
वैश्वीकरण क्या है? भारतीय अर्थव्यवस्था पर वैश्वीकरण के सकारात्मक प्रभावों का विस्तार से वर्णन कीजिए।
अथवा
वैश्वीकरण से होने वाले किन्हीं चार लाभों को समझाइए।
अथवा
वैश्वीकरण के किन्हीं पाँच प्रभावों को स्पष्ट कीजिए।
अथवा
वैश्वीकरण के किन्हीं तीन लाभों का मूल्यांकन कीजिए।
उत्तर:
वैश्वीकरण का अर्थ-विभिन्न देशों के मध्य परस्पर सम्बन्ध एवं तीव्र एकीकरण की प्रक्रिया ही वैश्वीकरण कहलाती है। वैश्वीकरण की प्रक्रिया के अन्तर्गत विश्व की विभिन्न अर्थव्यवस्थाओं का समन्वय किया जाता है जिससे वस्तुओं और सेवाओं, प्रौद्योगिकी, पूँजी एवं श्रम का इनके मध्य प्रवाह हो सके।

वैश्वीकरण के अन्तर्गत विदेशी व्यापार अवरोधक हटा लिये जाते हैं, जिससे पूँजी व श्रम का स्वतंत्र रूप से आवागमन होता है। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश बढ़ता है, आयात-निर्यात में वृद्धि होती है तथा उत्पादन व उत्पादकता का स्तर बढ़ता है। वैश्वीकरण का भारतीय अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव-वैश्वीकरण के भारतीय अर्थव्यवस्था पर निम्न सकारात्मक प्रभाव पड़े हैं

  1. वैश्वीकरण की प्रक्रिया के फलस्वरूप भारत का विश्व के अन्य देशों के साथ सम्पर्क बढ़ा है तथा आर्थिक व राजनैतिक गतिविधियों में वृद्धि हुई है।
  2. स्थानीय व विदेशी उत्पादकों के मध्य प्रतिस्पर्धा से उपभोक्ताओं विशेषकर शहरी क्षेत्र में रह रहे धनी वर्ग के उपभोक्ताओं को लाभ हुआ है। वे अब अनेक वस्तुओं और सेवाओं की उत्कृष्टता, गुणवत्ता तथा कम कीमत से लाभान्वित हो रहे हैं।
  3. बहुराष्ट्रीय कम्पनियों ने शहरी क्षेत्रों में सेलफोन, मोटरगाड़ियाँ, इलेक्ट्रोनिक उत्पादों, ठण्डे पेय पदार्थों, जंक खाद्य पदार्थों एवं बैंकिंग जैसे सेवाओं के निवेश में रुचि दिखाई है। जिससे शहरी क्षेत्रों में पढ़े-लिखे लोगों एवं कुशल श्रमिकों के लिए बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं।
  4. बहुराष्ट्रीय कम्पनियों को कच्चे माल की आपूर्ति करने वाली स्थानीय कम्पनियों के लाभ में वृद्धि हुई है।
  5. वैश्वीकरण ने कुछ वृहत् भारतीय कम्पनियों को बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के रूप में उभरने के योग्य बनाया है।
  6. वैश्वीकरण सूचना प्रौद्योगिकी, आँकड़ा प्रविष्टि, लेखांकन, प्रशासनिक कार्य, इंजीनियरिंग आदि कई सेवाएँ प्रदान करने वाली कम्पनियों के लिए नए अवसर उत्पन्न किए हैं।
  7. वैश्वीकरण के फलस्वरूप देश के विदेशी व्यापार में वृद्धि हुई है, जिससे भारतीय उत्पादकों को लाभ प्राप्त हुआ है।
  8. वैश्वीकरण से देश में नवीन प्रौद्योगिकी का आगमन हुआ है।
  9. वैश्वीकरण से देश में विदेशी पूँजी में वृद्धि हुई है, जिसके प्रभाव से उत्पादन व रोजगार में वृद्धि दर्ज की गयी है।
  10. वैश्वीकरण से देश में प्रतिस्पर्धा का वातावरण उत्पन्न हुआ है, जिसका लाभ उत्पादक व उपभोक्ता दोनों को ही प्राप्त हुआ है।

नीचे दिए गए स्रोतों को पढ़िए और उनके नीचे दिए प्रश्नों के उत्तर लिखिए:
स्रोत (क)-अन्तरदेशीय उत्पादन:
बीसवीं शताब्दी के मध्य तक उत्पादन मुख्यतः देशों की सीमाओं के अन्दर ही सीमित था। इन देशों की सीमाओं को लांघने वाली वस्तुओं में केवल कच्चा माल, खाद्य पदार्थ और तैयार उत्पाद ही थे। भारत जैसे उपनिवेशों से कच्चा माल एवं खाद्य पदार्थ निर्यात होते थे और तैयार वस्तुओं का आयात होता था। व्यापार ही दूरस्थ देशों को आपस में जोड़ने का मुख्य जरिया था। यह बड़ी कम्पनियाँ थीं, जिन्हें बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ कहते हैं।

स्रोत (ख)-विदेशी व्यापार और बाजारों का एकीकरण:
सरल शब्दों में कहा जाए, तो विदेश व्यापार घरेलू बाजारों अर्थात् अपने देश के बाजारों से बाहर के बाजारों में पहुँचने के लिए उत्पादकों को एक अवसर प्रदान करता है। उत्पादक केवल अपने देश के बाजारों में ही अपने उत्पाद नहीं बेच सकते हैं, बल्कि विश्व के अन्य देशों के बाजारों में भी प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं। इसी प्रकार, दूसरे देशों में उत्पादित वस्तुओं के आयात से खरीददारों के समक्ष उन वस्तुओं के घरेलू उत्पादन के अन्य विकल्पों का विस्तार होता है।

स्रोत (ग)-भारत में वैश्वीकरण का प्रभाव:
वैश्वीकरण और उत्पादों-स्थानीय एवं विदेशी दोनों के बीच वृहत्तर प्रतिस्पर्धा से उपभोक्ताओं, विशेषकर शहरी क्षेत्र में धनी वर्ग के उपभोक्ताओं को लाभ हुआ है। इन उपभोक्ताओं के समक्ष पहले से अधिक विकल्प हैं और वे अब अनेक उत्पादों की उत्कृष्ट गुणवत्ता और कम कीमत से लाभान्वित हो रहे हैं। परिणामतः ये लोग पहले की तुलना में आज अपेक्षाकृत उच्चतर जीवन स्तर का आनन्द ले रहे हैं। उत्पादकों और श्रमिकों पर वैश्वीकरण का एकसमान प्रभाव नहीं पड़ा है।

स्रोत (क)-अन्तरदेशीय उत्पादन:
(i) बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ किस प्रकार संसार के देशों को जोड़ रही हैं?

स्रोत (ख)-विदेशी व्यापार और बाजारों का एकीकरण:
(ii) विदेशी व्यापार किस प्रकार देशों को जोड़ने का प्रमुख मार्ग है?

स्रोत (ग)-भारत में वैश्वीकरण का प्रभाव:
(iii) वैश्वीकरण किस प्रकार उपभोक्ताओं के लिए लाभकारी है?
उत्तर:
1. बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ स्थानीय कम्पनियों के साथ संयुक्त रूप से उत्पादन करती हैं या स्थानीय कम्पनियों को खरीद लेती हैं तथा अपने उत्पाद का विस्तार करती हैं।

2. विदेशी व्यापार बाजारों को बाहर के बाजारों में पहुंचने के लिए उत्पादों का अवसर प्रदान करता है, जिससे बाजार में वस्तुओं के विकल्प बढ़ जाते हैं।

3. वैश्वीकरण निम्न प्रकार से उपभोक्ताओं के लिए लाभकारी है
(क) ज्यादा-से-ज्यादा वस्तुओं तथा सेवाओं का सृजन हुआ।
(ख) नई प्रौद्योगिकी तथा नए तरीकों का विकास हुआ।
(ग) वस्तुओं तथा सेवाओं के क्षेत्र में भागीदारी बढ़ी है।

JAC Class 10 Social Science Important Questions

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