JAC Board Class 10th Social Science Notes Geography Chapter 7 राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ
पाठ सारांश
- वस्तुओं एवं सेवाओं को आपूर्ति स्थानों से माँग स्थानों तक ले जाने हेतु परिवहन की आवश्यकता होती है।
- उत्पाद को परिवहन द्वारा उपभोक्ताओं तक पहुँचाने वाले व्यक्तियों को व्यापारी कहा जाता है।
- परिवहन को स्थल, जल एवं वायु परिवहन में वर्गीकृत किया जा सकता है।
- वर्तमान समय में सम्पूर्ण विश्व, राष्ट्र व स्थानीय व्यापार हेतु पूर्व अपेक्षित साधनों में सघन व सक्षम परिवहन का जाल एवं संचार के साधन आवश्यक हैं।
- भारत विश्व के सर्वाधिक सड़क जाल वाले देशों में से एक है। भारत में सड़कों की सक्षमता के आधार पर इन्हें छ: वर्गों-स्वर्णिम चतुर्भुज महा राजमार्ग, राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य राजमार्ग, जिला मार्ग, अन्य सड़कें एवं सीमांत सड़कों में विभाजित किया गया है।
- स्वर्णिम चतुर्भुज महा राजमार्ग का प्रमुख उद्देश्य भारत के मेगासिटी के बीच की दूरी तथा परिवहन को कम करना है।
- सन् 1960 में बनाया गया सीमा सड़क संगठन देश के सीमांत क्षेत्रों में सड़कों का निर्माण एवं उनकी देख-रेख करता है।
- भारत में रेल परिवहन वस्तुओं एवं यात्रियों के परिवहन का एक प्रमुख साधन है।
- भारतीय रेलवे देश की अर्थव्यवस्था, उद्योगों एवं कृषि के तीव्र गति से विकास के लिए उत्तरदायी है।
- भारतीय रेल देश की सबसे बड़ी-सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था है। यह भारत को एकता के सूत्र में पिरोती है।
- भारत में रेल परिवहन के वितरण को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारकों में भू-आकृतिक, आर्थिक एवं प्रशासकीय कारक आदि प्रमुख हैं।
- विशाल समतल भूमि, समान जनसंख्या घनत्व, सम्पन्न कृषि एवं प्रचुर प्राकृतिक संसाधनों के कारण भारत के उत्तरी मैदान में रेल परिवहन का सर्वाधिक विकास हुआ है।
- पाइपलाइनें आधुनिक परिवहन का साधन हैं। इनसे कच्चा माल, खनिज तेल, प्राकृतिक गैस आदि का सस्ता एवं द्रुतगामी परिवहन होता है।
- वर्तमान समय में प्रमुख तेल व गैस क्षेत्रों से शोधनशालाओं, माँग क्षेत्रों व कुछ उद्योगों एवं विद्युतगृहों तक पाइपलाइनों का जाल बिछाया जाता है।
- जल परिवहन, परिवहन का सबसे सस्ता साधन है। यह मार्ग निर्माण एवं रख-रखाव आदि के झंझटों से मुक्त, भारी सामानों के लिए सर्वाधिक सरक्षित परिवहन है।
- भारत में अंत:स्थलीय नौ संचालन जलमार्ग की लम्बाई 14,500 किमी है।
- जल परिवहन को दो भागों में बाँटा गया है-आन्तरिक जल मार्ग एवं समुद्री जल मार्ग। आन्तरिक जल परिवहन के प्रमुख माध्यम नदियाँ एवं नहरी मार्ग हैं।
- भारत की समुद्री तट रेखा 7,516.6 किमी. लम्बी है।
- भारत में 12 प्रमुख एवं 200 मध्यम व छोटे बन्दरगाह हैं। ये देश का 95 प्रतिशत विदेशी व्यापार संचालित करते हैं।
- भारत के प्रमुख बन्दरगाहों में कांडला. मुम्बई, मार्मागाओ, न्यू मैंगलोर तृतीकोरन, विशाखापट्टनम, पाराद्वीप, हल्दिया आदि हैं।
- कांडला एक ज्वारीय पत्तन है जिसे दीनदयाल पत्तन के नाम से भी जाना जाता है।
- कोच्चि पत्तन एक लैगून के मुहाने पर स्थित एक प्राकृतिक पत्तन है।
- चेन्नई भारत का प्राचीनतम कृत्रिम पत्तन है जबकि कोलकाता एक अंत: स्थलीय नदीय पत्तन है।
- वायु परिवहन तीव्रगामी, आरामदायक एवं प्रतिष्ठित परिवहन का साधन है। इसके द्वारा अति दुर्गम स्थानों व लम्बे समुद्री रास्तों को सुगमता से पार किया जा सकता है।
- भारत में वायु परिवहन का राष्ट्रीयकरण एन 1953 में किया गया था। भारत में वायु परिवहन की सेवाएँ एयर इण्डिया, पल हंस हेलीकॉप्टर्स लिमिटेड तथा निजी एयर लाइनों द्वारा प्रदान की जाती है।
- देश के प्रमुख संचार के साधनों में दूरदर्शन, रेडियो, समाचारपत्र समूह, प्रेस, सिनेमा एवं निजी दूरसंचार प्रमुख हैं।
- भारत का डाक संचार तंत्र विश्व का वृहत्तम संचार तंत्र है।
- बड़े शहरों एवं नगरों में डाक संचार में शीघ्रता हेतु छ: डाक मार्गों का निर्माण किया गया है। इन्हें राजधानी मार्ग. मेट्रो चैनल, ग्रीन चैनल, व्यापार चैनल, भारी चैनल एवं दस्तावेज चैनल के नाम से जाना जाता है।
- हमारे देश में सर्वाधिक समाचार पत्र हिन्दी भाषा में प्रकाशित होते हैं।
- विश्व में भारत ही सबसे अधिक फिल्में बनाता है। भारत में भारतीय व विदेशी सभी प्रकार की फिल्मों को प्रमाणित करने का अधिकार केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड को है।
- राज्यों एवं देशों में व्यक्तियों के मध्य वस्तुओं के आदान-प्रदान को व्यापार कहते हैं।
- दो या दो से अधिक देशों के मध्य अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार समुद्री, हवाई व स्थलीय मार्गों द्वारा होता है। भारत में निर्यात होने वाली वस्तुओं में कृषि उत्पाद, खनिज व अयस्क, रत्न व जवाहरात, रसायन व सम्बन्धित उत्पाद. इंजीनियरिंग सामान व पेट्रोलियम उत्पाद आदि हैं।
- भारत में आयातित वस्तुओं में पेट्रोलियम व पेट्रोलियम उत्पाद, मोती व बहुमूल्य रत्न, अकार्बनिक रसायन, कोयला, कोक, मशीनरी आदि प्रमुख हैं।
- भारत में विदेशी पर्यटकों के आगमन में वृद्धि होने से देश को पर्याप्त विदेशी मुद्रा की प्राप्ति हुई है।
- भारत में विदेशी पर्यटकों के लिए राजस्थान, गोवा, जम्मू और कश्मीर व दक्षिण भारत में मन्दिरों के नगर प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं।
- भारत में विदेशी पर्यटक, विरासत पर्यटन, पारि-पर्यटन, रोमांचकारी पर्यटन, सांस्कृतिक पर्यटन, चिकित्सा पर्यटन एवं व्यापारिक पर्यटन आदि के लिए आते हैं।
→ प्रमुख पारिभाषिक शब्दावली
1. परिवहन: यात्रियों एवं वस्तुओं का एक स्थान से दूसरे स्थान पर आवागमन, परिवहन कहलाता है।
2. व्यापारी: जो व्यक्ति उत्पाद को परिवहन द्वारा उपभोक्ताओं तक पहुँचाते हैं, उन्हें व्यापारी कहते हैं।
3. संचार के साधन: वे साधन जो समाचारों व सूचनाओं को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाने में सहायक होते हैं, संचार के साधन कहलाते हैं।
4. पत्तन: बन्दरगाह का वह भाग जहाँ सामान जलयानों पर लादा व उतारा जाता है।
5. स्वर्णिम चतुर्भुज महा राजमार्ग: यह सड़कों का जाल है, जिसके द्वारा दिल्ली, मुम्बई, चेन्नई व कोलकाता को आपस में जोड़ा गया है।
6. राष्ट्रीय राजमार्ग: वे महत्वपूर्ण सड़कें जो विभिन्न राज्यों की राजधानियों, प्रमुख औद्योगिक नगरों, बन्दरगाहों व दूरस्थ भागों को परस्पर जोड़ती हैं, राष्ट्रीय राजमार्ग कहलाती हैं, जैसे-ग्रांड ट्रंक रोड।
7. राज्य राजमार्ग: राज्यों की राजधानियों को जिला मुख्यालयों से जोड़ने वाली सड़कें राज्य राजमार्ग कहलाती हैं।
8. जिला मार्ग: विभिन्न प्रशासनिक केन्द्रों को जिला मुख्यालय से जोड़ने वाली सड़कें जिला मार्ग कहलाती हैं।
9. सीमांत सड़कें: देश के सीमावर्ती क्षेत्रों में बनायी गयी सामरिक महत्व की सड़कें सीमांत सड़कें कहलाती हैं।
10. मेगा सिटी: सामान्यतया ऐसे नगर जिनकी जनसंख्या दस लाख व्यक्ति से अधिक होती है, महानगर या मेगासिटी कहलाते हैं।
11. सड़क घनत्व: प्रति वर्ग किमी. क्षेत्र में सड़कों की औसत लम्बाई को सड़क घनत्व कहते हैं।
12. पाइपलाइन परिवहन: परिवहन का वह नवीनतम साधन जिसमें खनिज तेल और प्राकृतिक गैस को पाइपलाइनों के द्वारा उत्पादक क्षेत्रों से शोधनशालाओं एवं वहाँ से उपभोक्ता केन्द्रों तक पहुँचाया जाता है, पाइपलाइन परिवहन कहा जाता है।
13. ज्वारीय पत्तन: छिछले तट पर स्थित वह पत्तन जहाँ जलयान ज्वार के आने के साथ-साथ पहँचते हैं तथा जाने के लिए ज्वार के उतरने की प्रतीक्षा करते हैं अर्थात् ज्वार के आने व उतरने पर ही जलयानों का आना-जाना संभव होता है। ऐसे पत्तन ज्वारीय पत्तन कहलाते हैं। उदाहरण-कांडला, कोलकाता।
14. व्यापार सन्तुलन: एक देश के आयात व निर्यात के बीच के अन्तर को व्यापार सन्तुलन कहते हैं।
15. असंतुलित व्यापार: निर्यात की अपेक्षा अधिक आयात होना असंतुलित व्यापार कहलाता है।
16. अनुकूल व्यापार सन्तुलन: यदि किसी देश के निर्यात मूल्य, आयात मूल्य से अधिक हों तो उसे अनुकूल व्यापार सन्तुलन कहते हैं।
17. पर्यटन: एक-दूसरे की संस्कृति को समझने व देखने, रमणीक स्थलों एवं प्राकृतिक मनोहारी भूदृश्यों की सैर को पर्यटन कहा जाता है।
18. आयात: जब एक देश दूसरे देश में बने पदार्थों को अपने देश में उपयोग हेतु मँगाता है, तो उसे आयात कहते हैं।
19. निर्यात: जब एक देश अपने यहाँ निर्मित उत्पादों को दूसरे देशों में विक्रय हेतु भेजता है, तो उसे निर्यात कहते हैं।
20. जनसंचार साधन: ये संचार के साधन हैं जिनके माध्यम से एक व्यक्ति अनेक व्यक्तियों के साथ, एक ही समय में विचारों का आदान-प्रदान करता है।
21. बारहमासी सड़कें: पक्की सड़कें, सीमेंट, कंकरीट व तारकोल द्वारा निर्मित सड़कें।