JAC Class 11 Geography Important Questions Chapter 3 अपवाह तंत्र

Jharkhand Board JAC Class 11 Geography Important Questions Chapter 3 अपवाह तंत्र Important Questions and Answers.

JAC Board Class 11 Geography Important Questions Chapter 3 अपवाह तंत्र

बहु-विकल्पी प्रश्न (Multiple Choice Questions)

प्रश्न – दिए गए चार वैकल्पिक उत्तरों में से सही उत्तर चुनिए
1. भारत की सबसे बड़ी नदी कौन-सी है?
(A) यमुना
(B) गंगा
(C) ब्रह्मपुत्र
(D) गोदावरी।
उत्तर:
(B) गंगा।

2. वृक्ष की शाखाओं के समान कौन-सा जल प्रवाह है?
(A) केन्द्रभिमुख
(B) आरीय
(C) द्रुमाकृतिक
(D) जालीनुमा।
उत्तर:
(C) द्रुमाकृतिक।

3. गंगा तथा यमुना का संगम स्थान कहां है?
(A) कानपुर
(B) वाराणसी
(C) पटना
(D) इलाहाबाद।
उत्तर:
(D) इलाहाबाद।

4. सुन्दर वन डेल्टा किन नदियों द्वारा बनता है?
(A) गंगा
(B) कावेरी
(C) गोदावरी
(D) नर्मदा।
उत्तर:
(A) गंगा।

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5. ट्रांस – हिमालयाई नदी कौन-सी है?
(A) गंगा
(B) चम्बल
(C) सतलुज
(D) ब्यास।
उत्तर:
(C) सतलुज।

6. प्रायद्वीपीय भारत की नदियां कहां से निकलती हैं?
(A) विन्ध्याचल
(B) पश्चिमी घाट
(C) पूर्वी घाट
(D) सतपुड़ा।
उत्तर:
(B) पश्चिमी घाट

7. किस नदी को दक्षिण की गंगा कहते हैं?
(A) महानदी
(B) गोदावरी
(C) कृष्णा
(D) कावेरी ।
उत्तर:
(B) गोदावरी।

8. किस नदी पर शिव समुद्रम जलप्रपात स्थित है?
(A) महानदी
(B) गोदावरी
(C) कावेरी
(D) नर्मदा।
उत्तर:
(C) कावेरी।

9. उड़ीसा राज्य में कौन-सी झील स्थित है?
(A) चिल्का
(B) सांभर
(C) वैवनाद
(D) कोलेरु।
उत्तर:
(A) चिल्का।

10. नर्मदा नदी का उद्गम कहां है ?
(A) सतपुड़ा
(B) अमरकण्टक
(C) ब्रह्मगिरि
(D) गोबिन्दसागर।
उत्तर:
(B) अमरकण्टक।

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11. प्रायद्वीपीय भारत की सबसे लम्बी नदी है
(A) नर्मदा
(B) गोदावरी
(C) कृष्णा
(D) महानदी।
उत्तर:
(B) गोदावरी।

12. कौन-सी नदी दरार घाटी में बहती है?
(A) दामोदर
(B) कृष्णा
(C) तुंगभद्रा
(D) तापी।
उत्तर:
(D) तापी।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
भारत के दो जल-प्रवाह तन्त्र बताएं।
उत्तर:
हिमालय नदियां तथा प्रायद्वीपीय नदियां ।

प्रश्न 2.
सिन्धु नदी का कुल बेसिन क्षेत्रफल कितना है?
उत्तर:
1,165,000 वर्ग किलोमीटर

प्रश्न 3.
दरार घाटियों में बहने वाली दो नदियों के नाम लिखो।
उत्तर:
नर्मदा, ताप्ती।

प्रश्न 4.
प्रायद्वीपीय नदियों के मुख्य विभाजक का नाम लिखो।
उत्तर:
पश्चिमी घाट।

प्रश्न 5.
उत्तरी भारत तथा प्रायद्वीपीय नदियों के मध्य जल विभाजन का नाम बताएं।
उत्तर:
विंध्या – सतपुड़ा श्रेणी।

प्रश्न 6.
सिन्धु नदी का उद्गम बताएं।
उत्तर:
मानसरोवर झील (तिब्बत)।

प्रश्न 7.
सिन्धु नदी की कुल लम्बाई कितनी है?
उत्तर:
2880 किलोमीटर।

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प्रश्न 8.
गंगा की सहायक नदी का नाम बताओ जो दक्षिण से मिलती है।
उत्तर:
सोन नदी।

प्रश्न 9.
एक ट्रांस हिमालयी नदी का नाम बताएं जो सिन्धु नदी की सहायक नदी है।
उत्तर:
सतलुज।

प्रश्न 10.
भारतीय पठार की नदी का नाम लिखो जो अरब सागर की ओर बहती है।
उत्तर:
नर्मदा तथा ताप्ती।

प्रश्न 11.
प्रायद्वीपीय भारत की एक नदी बताओ जो ज्वारनदमुख बनाती है।
उत्तर:
नर्मदा।

प्रश्न 12.
प्रायद्वीपीय भारत की सबसे लम्बी नदी का नाम लिखो।
उत्तर:
गोदावरी

प्रश्न 13.
कृष्णा नदी का स्रोत कौन-सा है?
उत्तर:
महाबलेश्वर।

प्रश्न 14.
भारत में गंगा नदी का कुल कितना बेसिन क्षेत्रफल है?
उत्तर:
8,61,404 वर्ग किलोमीटर

प्रश्न 15.
बांग्लादेश में गंगा नदी को क्या नाम दिया गया है?
उत्तर:
पदमा।

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प्रश्न 16.
उन नदियों के नाम लिखो जो हिमालय नदी तंत्र बनाती हैं?
उत्तर:
सिंधु, गंगा, ब्रह्मपुत्र।

प्रश्न 17.
प्रायद्वीपीय भारत की बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली नदियों के नाम लिखो।
उत्तर:
महानदी, गोदावरी, कृष्णा तथा कावेरी।

प्रश्न 18.
एक ट्रांस हिमालय नदी का नाम लिखो।
उत्तर:
सतलुज।

प्रश्न 19.
पूर्ववर्ती जल प्रवाह की एक नदी का नाम लिखें।
उत्तर:
सिन्धु।

प्रश्न 20.
प्राचीन समय में कौन-सी नदी पंजाब से असम की ओर बहती थी?
उत्तर:
सिन्ध – ब्रह्म नदी।

प्रश्न 21.
जेहलम नदी का स्रोत बताएं।
उत्तर:
बुल्लर झील।

प्रश्न 22.
गंगा नदी द्वारा निर्मित डेल्टे का नाम लिखो।
उत्तर:
सुन्दरवन।

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प्रश्न 23.
किस नदी को तिब्बत में सांग- पो कहा जाता है?
उत्तर:
ब्रह्मपुत्र नदी।

प्रश्न 24.
किस नदी को दक्षिण की गंगा कहते हैं?
उत्तर:
कावेरी

प्रश्न 25.
जबलपुर के निकट नर्मदा नदी कौन-सा जल प्रवाह बनाती है?
उत्तर:
मार्बल रॉक।

प्रश्न 26.
प्राचीन समय में हरियाणा के शुष्क क्षेत्र में बहने वाली नदी का नाम लिखो।
उत्तर:
सरस्वती।

प्रश्न 27.
जोग जल प्रपात कहां पर स्थित है?
उत्तर:
शरबती नदी पर (कर्नाटक)।

प्रश्न 28.
अरावली से निकलने वाली नदी का नाम लिखो।
उत्तर:
साबरमती।

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प्रश्न 29.
खम्बात की खाड़ी में गिरने वाली नदी का नाम लिखो।
उत्तर:
माही।

प्रश्न 30.
नदियों के चार प्रमुख अपवाह प्रारूप बताओ।
उत्तर:

  1. वृक्षाकार
  2. अपकेन्द्रीय
  3. जालीनुमा
  4. अभिकेन्द्रीय।

प्रश्न 31.
जल ग्रहण क्षेत्र किसे कहते हैं?
उत्तर:
जहाँ से विशाल नदी जल बहा कर लाती है।

प्रश्न 32.
जलविभाजक किसे कहते हैं?
उत्तर:
दो अपवाह द्रोणियों को अलग करने वाली सीमा।

प्रश्न 33.
अरब सागर तथा खाड़ी बंगाल में भारत की नदियों का कितने-कितने % जल गिरता है?
उत्तर:
अरब सागर – 23%,
खाड़ी बंगाल – 73%.

प्रश्न 34.
20000 वर्ग कि० मी० से अधिक अपवाह क्षेत्र वाली नदियों के नाम लिखो।
उत्तर:
गंगा, ब्रह्मपुत्र, कृष्णा, तापी, नर्मदा, माही, पेन्नार, साबरमती, बारांक

प्रश्न 35.
ब्रह्मपुत्र नदी को बंगला देश में किस नाम से जाना जाता है?
उत्तर:
मेघना।

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प्रश्न 36.
बंगला देश में गंगा को किस नाम से जाना जाता है?
उत्तर:
पदमा।

प्रश्न 37.
किस नदी को बिहार का शोक कहा जाता है?
उत्तर:
कोसी।

प्रश्न 38.
प्रायद्वीपीय भारत का सबसे बड़ा नदी तन्त्र कौन-सा है?
उत्तर:
गोदावरी।

स्मरणीय तथ्य (Points to Remember)

  • उत्तरी भारत की नदियां:
    1. सिन्धु
    2. सतलुज
    3. ब्यास
    4. रावी
    5. चेनाव
    6. जेहलम
    7. गंगा
    8. यमुना
    9. घाघरा
    10. गण्डक
    11. कोसी
    12.  ब्रह्मपुत्र
  • दक्षिणी भारत की नदियां:
    1. नर्मदा
    2. ताप्ती
    3. महानदी
    4. गोदावरी
    5. कृष्णा
    6. कावेरी।

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
अपवाह किसे कहते हैं?
उत्तर:
निश्चित वाहिकाओं के माध्यम से हो रहे जल प्रवाह को अपवाह कहते हैं।

प्रश्न 2.
अपवाह तन्त्र की परिभाषा लिखिए।
उत्तर:
अपवाह तन्त्र- निश्चित वाहिकाओं के माध्यम से हो रहे जल-प्रवाह के जाल को अपवाह तन्त्र कहते हैं।

प्रश्न 3.
अपवाह तन्त्र को प्रभावित करने वाले कारक बताइये।
उत्तर:
किसी क्षेत्र का अपवाह तन्त्र उस क्षेत्र की भूवैज्ञानिक समयाविधि, चट्टानों की प्रकृति एवं संरचना, स्थलाकृति, ढाल, प्रवाहित जल की मात्रा तथा बहाव की अवधि का परिणाम है।

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प्रश्न 4.
वृक्षाकार अपवाह प्रतिरूप किसे कहते हैं?
उत्तर:
वह अपवाह प्रतिरूप जो कि पेड़ की शाखाओं के अनुरूप होता है उसे वृक्षाकार अपवाह प्रतिरूप के नाम से जाना जाता है।

प्रश्न 5.
अरीय अपवाह प्रतिरूप किसे कहते हैं? उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
जब नदियां किसी पर्वत से निकल कर सभी दिशाओं में प्रवाहित होती हैं तो इसे अरीय अपवाह प्रतिरूप के नाम से जाना जाता है। अमरकंटक पर्वत श्रृंखला से निकलने वाली नदियां इस अपवाह प्रतिरूप का अनुसरण करती हैं।

प्रश्न 6.
जालीनुमा अपवाह प्रतिरूप किसे कहते हैं?
उत्तर:
जब मुख्य नदियां एक-दूसरे के समानान्तर प्रवाहित होती हों तथा सहायक नदियां उनसे समकोण पर मिलती हों तो ऐसे अपवाह प्रतिरूप हों तो ऐसे अपवाह को जालीनुमा अपवाह प्रतिरूप कहते हैं।

प्रश्न 7.
उत्पत्ति के आधार पर भारत की नदियों को कितने वर्गों में बांटा जाता है?
उत्तर:
भारत का जल प्रवाह देश की भू-संरचना पर निर्भर करता है। इस आधार पर देश की नदियों को दो वर्गों में बांटा जाता है।

  1. हिमालय की नदियां
  2. प्रायद्वीपीय नदियां।

प्रश्न 8.
हिमालय के तीन प्रमुख नदी तन्त्रों के नाम बताइए।
उत्तर:
हिमालय की नदियों का विकास एक लम्बे समय में हुआ है। हिमालय की नदियों को तीन मुख्य तन्त्रों (System) में बांटा जाता है।

  1. सिन्धु तन्त्र (Indus System)
  2. गंगा तन्त्र (Ganges System)
  3.  ब्रह्मपुत्र तन्त्र (Brahmaputra System)।

प्रश्न 9.
गार्ज ( महाखंड ) क्या है? दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
पर्वतीय भागों में बहुत गहरे तथा तंग नदी मार्गों को गार्ज कहते हैं। इसे महाखंड भी कहा जाता है। इसके किनारे खड़ी ढाल वाले होते हैं तथा लगातार ऊपर उठते रहते हैं। इसका तल लगातार गहरा होता जाता है। हिमालय पर्वत में ऐसे कई गार्ज मिलते हैं।
जैसे – सिन्धु, सतलुज, गार्ज, ब्रह्मपुत्र ( दिहांग ) गार्ज।

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प्रश्न 10.
गंगा की दो शीर्ष नदियों (Head Streams) के नाम बताइए जो देव प्रयाग में मिलती हैं।
उत्तर:
गंगा नदी उत्तर प्रदेश के हिमालयी क्षेत्र से निकलती है तथा दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम दिशा में बहती है। देव प्रयाग में इसमें दो शीर्ष नदियां – अलकनन्दा और भागीरथी आ कर मिलती हैं। इसके बाद इनका नाम गंगा पड़ता है

प्रश्न 11.
प्रायद्वीप भारत की प्रमुख नदियों के नाम बताइए।
उत्तर:
प्रायद्वीप की कुछ नदियां पूर्व की ओर बहती हुई खाड़ी बंगाल में गिरती हैं। इनमें महानदी, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी, पेनार महत्त्वपूर्ण नदियां हैं। कुछ नदियां पश्चिम की ओर बह कर अरब सागर में गिरती हैं। इसमें नर्मदा, ताप्ती प्रमुख नदियां हैं।

प्रश्न 12.
डेल्टा किसे कहते हैं? भारत से चार उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
नदियों के मुहाने पर तलछट के निक्षेप से एक त्रिभुजाकार स्थल रूप बनता है जिसे डेल्टा कहते हैं। डेल्टा नदी के अन्तिम भाग में अपने भार के निक्षेप से बनने वाला भू-आकार है। यह एक उपजाऊ समतल प्रदेश होता है। भारत में चार प्रसिद्ध डेल्टा इस प्रकार हैं:

  1. गंगा नदी का डेल्टा
  2. कृष्णा नदी का डेल्टा
  3. महानदी का डेल्टा
  4. कावेरी नदी का डेल्टा।

प्रश्न 13.
गोदावरी को वृद्ध गंगा या दक्षिण गंगा क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
गोदावरी नदी प्रायद्वीप की सबसे बड़ी नदी है। इसका एक विशाल अपवहन क्षेत्र है जो महाराष्ट्र, कर्नाटक, उड़ीसा तथा आन्ध्र प्रदेश में फैला हुआ है। विशाल आकार और विस्तार के कारण इसकी तुलना गंगा नदी से की जाती है। जिस प्रकार उत्तरी भारत में गंगा नदी महत्त्वपूर्ण है उसी प्रकार दक्षिणी भारत में गोदावरी नदी का महत्त्व है। गंगा नदी की तरह इसकी भी अनेक सहायक नदियां हैं।

प्रश्न 14.
पश्चिमी तट पर नदियां डेल्टा क्यों नहीं बनाती हैं जबकि वे बड़ी मात्रा में तलछट बहा कर लाती हैं?
उत्तर:
पश्चिमी तट पर नर्मदा और ताप्ती प्रमुख नदियां हैं। ये नदियां काफ़ी मात्रा में तलछट बहा कर ले जाती हैं। परन्तु ये डेल्टा नहीं बनातीं। इस तट पर मैदान की चौड़ाई बहुत कम है। प्रदेश की तीव्र ढाल है। नदियां तेज़ गति से समुद्र में गिरती हैं। इसलिए तलछट का निक्षेप नहीं होता । संकरे मैदान के कारण नदियों के अन्तिम भाग की लम्बाई कम है जिससे डेल्टे का निर्माण नहीं होता।

तुलनात्मक प्रश्न (Comparison Type Questions)

प्रश्न 1.
प्रायद्वीपीय भारत की पूर्व तथा पश्चिम की अोर बहने वाली नदियों में अन्तर स्पष्ट करो।
उत्तर:

पूर्व की ओर बहने वाली नदियां पश्चिम की ओर बहने वाली नदियां
(1) महानदी, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी नदियां पूर्व की ओर बहती हैं। (1) नर्मदा तथा ताप्ती नदियां पश्चिम की ओर बहती हैं।
(2) ये नदियां डेल्टा बनाती हैं। (2) ये नदियां डेल्टा नहीं बनाती हैं।
(3) ये नदियां खाड़ी बंगाल में गिरती हैं। (3) ये नदियां अरब सागर में गिरती हैं

प्रश्न 2.
पूर्ववर्ती अपवाह तथा अनुवर्ती अपवाह में अन्तर बताओ।
उत्तर:

पूर्ववर्ती अपवाह (Antecedent Drainage) (1) किसी क्षेत्र में उत्थान के पश्चात् नवीन ढाल के अनुसार बहने वाली अपवाह को अनुवर्ती अपवाह कहते हैं।
(1) किसी क्षेत्र में जब नदी उत्थान से पूर्व के ढाल के अनुसार मूल दिशा में बहती रहती है तो उसे पूर्ववर्ती अपवाह कहते हैं। (2) ये नदियां उत्थान के पश्चात् जन्म लेती हैं।
(2) ये नदियां उन मोड़दार पर्वतों की अपेक्षा पुरानी होती हैं जिन पर ये बहती हैं। (3) ये नदियां गार्ज नहीं बनातीं।
(3) ये नदियां गहरे गार्ज बनाती हैं। (4) दक्षिणी पठार की पूर्व की ओर बहने वाली नदियां अनुवर्ती नदियां हैं।
(4) ट्रांस हिमालयी नदियां सिन्धु- सतलुज पूर्ववर्ती अपवाह के उदाहरण हैं। (1) किसी क्षेत्र में उत्थान के पश्चात् नवीन ढाल के अनुसार बहने वाली अपवाह को अनुवर्ती अपवाह कहते हैं।

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प्रश्न 3.
हिमालय एवं प्रायद्वीपीय पठार की नदियों के मध्य अपवाह लक्षणों एवं जलीय विशेषताओं में कौन- सी महत्त्वपूर्ण भिन्नताएं हैं? अपने उत्तर की पुष्टि उपयुक्त उदाहरण देते हुए कीजिए।
उत्तर:

हिमालय की नदियां प्रायद्वीप की नदियां
(1) हिमालय की नदियां अधिक लम्बी हैं। (1) प्रायद्वीप की नदियां इतनी अधिक लम्बी नहीं हैं।
(2) हिमालय की नदियों की संख्या अधिक है। (2) प्रायद्वीप की नदियों की संख्या कम है।
(3) हिमालय की नदियों के बेसिन काफ़ी बड़े हैं तथा अपवहन-क्षेत्र बहुत बड़े हैं। (3) प्रायद्वीप की नदियों के बेसिन तथा अपवहन-क्षेत्र छोटे हैं।
(4) हिमालय की नदियों के जल के दो स्रोत हैं-वर्षा तथा हिमनदियों से पिघलता हुआ जल। इसलिए ये बारहमासी नदियां हैं। (4) प्रायद्वीप की नदियां मुख्यतया वर्षा पर निर्भर करती हैं इसलिए ये मानसूनी नदियां हैं।
(5) हिमालय की नदियां गहरे गार्ज बनाती हैं। (5) प्रायद्वीप नदियां उथली घाटियों में बहती हैं।
(6) हिमालय की नदियां गहरे विसर्प बनाती हैं तथा मार्ग भी बदल लेती हैं। (6) प्रायद्वीप की नदियों का मार्ग सीधा होता है।
(7) हिमालय की नदियां पूर्ववर्ती नदियां हैं। (7) प्रायद्वीप की नदियां अनुवर्ती नदियां हैं।
(8) हिमालय की नदियां जहाज़रानी तथा सिंचाई के अनुकूल हैं। (8) प्रायद्वीप की नदियां जहाज़रानी और जल सिंचाई के अनुकूल नहीं हैं।
(9) ये नदियां जलोढ़ आधार के कारण घाटी के अपरदन में लगी हुई हैं। (9) ये नदियां दृढ़ आधार के कारण अधिक अपरदन नहीं कर सकतीं।सकतीं।

निबन्धात्मक प्रश्न (Essay Type Questions)

प्रश्न 1.
भारत के विभिन्न जल प्रवाहों का वर्णन करो तथा भारत की मुख्य नदियों पर प्रकाश डालो। भारत का जल प्रवाह (Drainage System of India ):
जल प्रवाह किसी देश की भू-संरचना तथा ढलान पर निर्भर करता है। भारत की धार्मिक, सामाजिक रूप-रेखा पर नदियों का विशेष प्रभाव रहा है। भारत एक कृषि प्रधान देश है तथा इसकी आर्थिक व्यवस्था में नदियों का महत्त्वपूर्ण स्थान है। इसलिए भारत को नदियों का देश (Land of Rivers) भी कहा जाता है। विन्ध्याचल पर्वत, उत्तरी भारत तथा दक्षिणी भारत के जल प्रवाह की विभाजन सीमा माना जाता है। इस प्रकार धरातल के अनुसार भारत में जल प्रवाह को दो भागों में बांटा जाता है।

  1. उत्तरी भारत के विशाल मैदान का जल प्रवाह।
  2. दक्षिण भारत के जल प्रवाह।

1. उत्तरी भारत का जल प्रवाह (Drainage System of Northern India)
उत्तरी भारत के जल प्रवाह पर हिमालय पर्वत का विशेष प्रभाव है। अधिकांश नदियां हिमालय पर्वत से ही निकलती हैं। ये नदियां बर्फीले पर्वतों से निकलने के कारण वर्ष भर बहती हैं। कई नदियां हिमालय पर्वत से भी पुरानी हैं। पर्वतीय भागों में अनेक तंग गहरी घाटियां बनाती हैं, परन्तु मैदानी भाग में निक्षेप का कार्य अधिक करती हैं। वर्षा ऋतु में भयानक बाढ़ें आती हैं। इन नदियों द्वारा निक्षेप से ही विशाल मैदान का निर्माण हुआ है। उत्तरी मैदान को गंगा का वरदान कहा जाता है। (The northern plain is a gift of the Ganges.) इस जल प्रवाह का विस्तार पश्चिम में पंजाब से लेकर पूर्व में असम प्रदेश तक है। इस जल प्रवाह को तीन भागों में बांटा जाता है।
JAC Class 11 Geography Important Questions Chapter 3 अपवाह तंत्र 1

  1. सिन्धु जल प्रवाह क्रम।
  2. गंगा जल प्रवाह क्रम।
  3. ब्रह्मपुत्र जल प्रवाह क्रम

1. सिन्धु जल प्रवाह क्रम (The Indus Drainage System):
सिन्धु नदी के जल प्रवाह में सतलुज, ब्यास तथा रावी मुख्य नदियां हैं जो भारत में हैं परन्तु झेलम, चिनाब तथा सिन्धु नदियां पाकिस्तान में हैं।
(i) सतलुज (The Sutlej): यह नदी कैलाश पर्वत के निकट मानसरोवर झील के समीप राक्षस ताल से निकलती हैं जो 4,630 मीटर ऊंचा है। पर्वतीय भाग में एक तंग गहरी घाटी बनाने के बाद रोपड़ नामक स्थान पर मैदानी भाग में प्रवेश करती हैं। हरिके पत्तन के स्थान पर ब्यास नदी इसमें मिल जाती है। 160 किलोमीटर की दूरी तक भारत- पाकिस्तान सीमा बनाती है। इसकी कुल लम्बाई 1,448 किलोमीटर है। शिवालिक की पहाड़ियों की तंग घाटी में इस नदी पर एक प्रसिद्ध बांध भाखड़ा डैम बनाया गया है।

(ii) ब्यास (The Beas): यह नदी रोहतांग दर्रे के ऊपर से ब्यास कुण्ड से निकलती है जो 4,062 मीटर ऊंचा है। शिवालिक की पहाड़ियों को पार कर मीरथल नामक स्थान पर मैदानी भाग में प्रवेश करती हैं। इसकी कुल लम्बाई 460 किलोमीटर है। इस नदी का पूरा भाग पंजाब की सीमा के अन्दर है।

(iii) रावी (The Ravi): यह नदी चम्बा के निकट धौलाधार पर्वत श्रेणी से निकलती है। माधोपुर के निकट मैदानी भाग में प्रवेश करती है। यह नदी 720 किलोमीटर लम्बी है। भारत तथा पाकिस्तान के बीच एक प्राकृतिक सीमा रेखा है। इस नदी पर थीन बांध ( Thein Dam) योजना का कार्य चल रहा है।

2. गंगा जल प्रवाह क्रम (The Ganga Drainage System):
इसमें हिमालय पर्वत से उतरने वाली नदियां गंगा, यमुना, शारदा, गण्डक, घाघरा तथा कोसी शामिल हैं। विन्ध्याचल, सतपुड़ा पर्वत श्रेणियों से निकलने वाली नदियां चम्बल, बेतवा, केन तथा सोन भी गंगा के जल प्रवाह से मिल जाती हैं। गंगा नदी इस जल प्रवाह की मुख्य नदी है। (The Ganges is the master stream of this system.)

(i) गंगा (The Ganges):
गंगा नदी भारत की सबसे पवित्र नदी है। भारत की धार्मिक तथा सांस्कृतिक रूप-रेखा पर इसका विशेष प्रभाव है। (The story of the Ganges from her source of the sea, from old times to new, is the story of India’s civilization and culture.) यह नदी हिमालय पर्वत में गोमुख हिमनदी से निकलती है। इस स्थान पर इसे गंगोत्री कहते हैं। इसका विकास भागीरथी तथा अलकनन्दा नदियों द्वारा होता है। 290 किलोमीटर पर्वतीय प्रदेश से निकल कर हरिद्वार के निकट मैदानी भाग में प्रवेश करती है। इलाहाबाद के निकट इसमें यमुना नदी आकर मिल जाती है।

यह स्थान संगम के नाम से प्रसिद्ध है। इससे आगे उत्तर की ओर से गोमती, घाघरा, गण्डक और कोसी की सहायक नदियां इसमें मिलती हैं। दक्षिण की ओर से सोन नदी आकर मिलती है। खाड़ी बंगाल में गिरने से पहले एक विशाल डेल्टा का निर्माण करती हैं। गंगा का डेल्टा ‘सुन्दर वन’ विश्व का सबसे बड़ा डेल्टा है। उद्गम से लेकर डेल्टा तक इसकी लम्बाई 2525 किलोमीटर है। किनारे पर हरिद्वार, कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी, पटना, कोलकाता आदि महत्त्वपूर्ण नगर बसे हैं।

(ii) यमुना (The Yamuna ):
यह यमनोत्री हिम नदी से निकल कर गंगा के समानान्तर बहती है। इसकी कुल लम्बाई 1375 किलोमीटर है। पर्वतीय भाग को पार कर उत्तरी मैदान में एक विशाल चाप बनाती हुई इलाहाबाद में गंगा नदी में मिल जाती है। भगवान् कृष्ण की लीला भूमि मथुरा, वृन्दावन, गोकुल आदि इसी के तट पर स्थित है। दक्षिण की ओर से चम्बल नदी विन्ध्याचल पर्वत से निकल कर इटावा के निकट यमुना नदी में मिल जाती है। इसके अतिरिक्त केन तथा बेतवा नदियां यमुना की सहायक नदियां हैं

(iii) घाघरा (The Ghaghra ):
इसे ‘सरयू’ नदी भी कहते हैं । नेपाल (हिमालय) से निकल कर मैदानी भाग में बहती हुई पटना के निकट गंगा नदी में मिलती है। अयोध्या नगरी इस नदी के तट पर स्थित है। शारदा नदी इसकी मुख्य सहायक नदी है।

(iv) गण्डक (The Gandak ):
यह नदी नेपाल (हिमालय) से निकलती है। मैदानी भाग में उत्तर प्रदेश तथा बिहार की सीमा बनाती है। इस नदी ने कई बार अपना मार्ग परिवर्तन किया है। यह नदी पटना के निकट गंगा में मिल जाती है। इस नदी में भीषण बाढ़ें आती रहती हैं।

(v) कोसी (The Kosi ):
यह नदी हिमालय पर्वत में कंचनजुंगा पर्वत से निकलती है। पर्वतीय प्रदेश को पार कर चतरा नामक स्थान पर मैदानी भाग में प्रवेश करती है। यह नदी मार्ग परिवर्तन तथा भयानक बाढ़ों के कारण धन-जन को बहुत हानि पहुंचाती है। इसलिए इसे “बिहार की शोक नदी” (River of sorrow of Bihar) कहते हैं ।

3. ब्रह्मपुत्र जल प्रवाह क्रम (The Brahmputra Drainage System):
यह नदी 2880 किलोमीटर लम्बी है तथा भारत की सबसे लम्बी नदी है। मानसरोवर झील के पूर्व में कैलाश पर्वत के समीप से निकल कर हिमालय पर्वत के समानान्तर बहती हुई तिब्बत प्रदेश में बहती है। इसे 1440 किलोमीटर लम्बे मार्ग में सांपो ( Tsangpo) नदी कहते हैं । हिमालय के पूर्वी मोड़ को काट कर दिहांग गार्ज (Gorge) में से असम घाटी में प्रवेश करती है। यह एक विशाल नदी है जिसमें भयानक बाढ़ें आती हैं। बांग्ला देश में यह पद्मा नदी से मिलकर खाड़ी बंगाल में विशाल डेल्टा का निर्माण करती हैं। डिब्रूगढ़ (Dibrugarh ) से लेकर खाड़ी बंगाल तक इसमें किश्तियां चलाई जा सकती हैं।

2. दक्षिणी भारत का जल प्रवाह (The Drainage System of Southern India):
दक्षिणी भारत बहुत प्राचीन भू-खण्ड है। इसलिए इस प्रदेश की नदियां बहुत प्राचीन हैं। दक्षिणी भाग एक पठार है जो चारों ओर ढालुआ है। इसलिए यहां से पूर्व, पश्चिम तथा उत्तर की ओर नदियां बहती हैं। अधिकांश नदियां पूर्व की ओर बहती हुई खाड़ी बंगाल में गिरती हैं। केवल नर्मदा, ताप्ती पश्चिम की ओर बहती हैं। पश्चिमी घाट के पर्वत दक्षिणी भारत की नदियों को दो भागों में बांटते हैं।

  1. अरब सागर में गिरने वाली नदियां तथा
  2. खाड़ी बंगाल में गिरने वाली नदियां।

दक्षिणी भारत की नदियां नीचे पर्वतों से निकलती हैं जहां हिमपात नहीं होता। इसलिए इनको केवल वर्षा काल में ही जल प्राप्त होता है। दक्षिणी पठार की नदियां छोटी तथा कम संख्या में हैं। इन नदियों में वर्षा ऋतु में अचानक बाढ़ें आ जाती हैं। इन नदियों की घाटियां चौड़ी और उथली हैं तथा कम मात्रा में कटाव करती हैं। इनका मार्ग ऊंचा – नीचा, पथरीला होने के कारण, इनमें जहाज़ नहीं चलाए जा सकते हैं। इन नदियों से नहरें निकालना कठिन है। ये नदियां अनेक जल प्रपात बनाती हैं जो जल-विद्युत् विकास को सुविधा प्रदान करते हैं।

1. अरब सागर में गिरने वाली नदियां (The Rivers falling into Arabian Sea)
(i) नर्मदा (The Narmada):
यह नदी मध्य प्रदेश में अमर कण्टक नामक स्थान से निकलती है। इसके उत्तर में विंध्याचल तथा दक्षिण में सतपुड़ा पर्वत श्रेणियां हैं। 1300 किलोमीटर लम्बी नदी, एक तंग रिफ्ट घाटी (Rift Valley) में बहती है। तीव्र गति से बहने के कारण यह नदी डेल्टा नहीं बनाती है। मध्य प्रदेश में संगमरमर की चट्टानों में रमणीक गार्ज बहुत प्रसिद्ध हैं। नर्मदा की सहायक नदियों की कमी है।

(ii) ताप्ती (The Tapti):
यह नदी महादेव पहाड़ियों में बेतुल से निकलती है। यह नदी 724 किलोमीटर लम्बी है। नर्मदा नदी के समानान्तर बहने के पश्चात् खाड़ी खम्बात (Gulf of Cambay) में गिरती हैं। इसके मुहाने पर सूरत नगर स्थित है। नर्मदा नदी तथा ताप्ती दोनों नदियां एक दरार घाटी (Rift Valley) में बहती हैं। इसके अतिरिक्त अरब सागर में गिरने वाली महत्त्वपूर्ण नदियां, लूनी, साबरमती तथा माही हैं।

2. खाड़ी बंगाल में गिरने वाली नदियां (The Rivers falling into Bay of Bengal)
(i) दामोदर नदी (The Damodar ):
530 किलोमीटर लम्बी नदी छोटा नागपुर पठार से निकलती है। बाढ़ों तथा मार्ग परिवर्तन के कारण इसे “शोक नदी ? (River of sorrow) कहते हैं। दामोदर घाटी परियोजना के कारण इससे अब आर्थिक विकास में सहायता मिलेगी।

(ii) महानदी (The Mahanadi ):
यह नदी 857 किलोमीटर लम्बी है। अमरकण्टक पर्वत श्रेणी से निकल कर उड़ीसा राज्य में बहती हुई एक उपजाऊ मैदान तथा डेल्टा बनाती है। डेल्टा क्षेत्र में इस नदी से नहरों द्वारा जल सिंचाई की जाती है।

(iii) गोदावरी (The Godavari ):
1,440 किलोमीटर लम्बी नदी, पश्चिमी घाट में नासिक क्षेत्र से निकल कर आन्ध्र प्रदेश में पूर्व की ओर बहती है। पूर्वी घाट को पार करते समय एक तंग गहरी घाटी बनाती हैं। इस नदी का डेल्टा बड़ा उपजाऊ है।

(iv) कृष्णा (The Krishna ):
यह नदी 1, 400 किलोमीटर लम्बी है। यह नदी पश्चिमी घाट में महाबलेश्वर से निकलती है। इसको दो मुख्य सहायक नदियां उत्तर में भीमा नदी तथा दक्षिण में तुंगभद्रा नदी है।

(v) कावेरी (The Cauvery ):
यह 800 किलोमीटर लम्बी नदी ब्रह्म गिर पहाड़ियों से निकल कर खाड़ी बंगाल में गिरती है। यह नदी जल सिंचाई, परिवहन तथा जल विद्युत् के लिए उपयोगी है। यह नदी कई जल प्रपात बनाती है। शिवसुन्द्रम् जल प्रपात जल  विद्युत् विकास के लिए उपयोगी है। इसका डेल्टा बहुत विशाल उपजाऊ मैदानी है शीतकाल की वर्षा के कारण इस नदी में सारा वर्ष जल रहता है। कावेरी का जल ग्रहण क्षेत्र केरल, कर्नाटक तथा तमिलनाडु राज्यों में विस्तृत है।

 

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