Jharkhand Board JAC Class 11 Geography Important Questions Chapter 8 वायुमंडल का संघटन तथा संरचना Important Questions and Answers.
JAC Board Class 11 Geography Important Questions Chapter 8 वायुमंडल का संघटन तथा संरचना
बहु-विकल्पी प्रश्न (Multiple Choice Questions)
प्रश्न-दिए गए प्रश्नों के चार वैकल्पिक उत्तरों में से सही उत्तर चुनकर लिखो
1. वायुमण्डल का 99 प्रतिशत भाग कौन-सी गैसों द्वारा बना है?
(A) नाइट्रोजन व ऑक्सीजन
(B) हाइड्रोजन व ऑक्सीजन
(C) ऑक्सीजन व आर्गन
(D) नाइट्रोजन व हाइड्रोजन।
उत्तर:
नाइट्रोजन व ऑक्सीजन
2. वायुमण्डल की सबसे निचली परत को कहते हैं
(A) मध्यमण्डल
(B) आयनमण्डल
(C) क्षोभमण्डल
(D) बाह्यमण्डल।
उत्तर:
क्षोभमण्डल।
3. प्रकाश की क्या गति है?
(A) 3 लाख कि० मी० प्रति सैं०
(B) 5000 कि० मी० प्रति सैं०
(C) 10 कि० मी० प्रति सैं०
(D) 100 कि० मी० प्रति सैं।
उत्तर:
(A) 3 लाख कि० मी० प्रति सैं।
4. वायुमण्डल का 99% द्रव्यमान कितनी ऊंचाई तक है?
(A) 12 कि० मी०
(B) 22 कि० मी०
(C) 32 कि० मी०
(D) 42 कि० मी०।
उत्तर:
32 कि० मी०।
5. कितनी ऊंचाई पर ऑक्सीजन गैस नगण्य हो जाती है?
(A) 100 कि० मी०
(B) 110 कि० मी०
(C) 120 कि० मी०
(D) 130 कि० मी०।
उत्तर:
120 कि० मी०।
6. कार्बन डाइऑक्साइड गैस कितनी ऊंचाई तक सीमित है?
(A) 70 कि० मी०
(B) 80 कि० मी०
(C) 90 कि० मी०
(D) 100 कि० मी०।
उत्तर:
90 कि० मी०।
7. वायुमण्डल में ऑक्सीजन की मात्रा कितनी % है?
(A) 15.95%
(B) 17.95%
(C) 20.95%
(D) 25.95%।
उत्तर:
(C) 20.95%।
8. वायुमण्डल में नाइट्रोजन गैस की मात्रा कितनी है?
(A) 72.08%
(B) 74.08%
(C) 76.08%
(D) 78.08%।
उत्तर:
(D) 78.08%।
9. मानव जीवन के लिए आवश्यक है-
(A) नाइट्रोजन
(B) ऑक्सीजन
(C) आर्गन
(D) ओज़ोन।
उत्तर:
(D) ओज़ो।
10. पौधों के लिए आवश्यक गैस है-
(A) कार्बन डाइऑक्साइड
(B) ऑक्सीजन।
(C) नाइट्रोजन
(D) आर्गन।
उत्तर:
(A) कार्बन डाइऑक्साइड।
11. कौन-सी गैस सौर विकिरण को सोख लेती है?
(A) ऑक्सीजन
(B) आर्गन
(C) ओज़ोन
(D) कार्बन डाइऑक्साइड।
उत्तर:
(D) कार्बन डाइऑक्साइड।
12. कौन-सी गैस ग्रीन हाऊस गैस है?
(A) कार्बन डाइ ऑक्साइड
(B) ओज़ोन
(C) ऑक्सीजन
(D) नाइट्रोजन।
उत्तर:
(A) कार्बन डाइऑक्साइड।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1.
वायुमण्डल से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
धरती के गिर्द गैसों का आवरण।
प्रश्न 2.
वायुमण्डल की लगभग कितनी ऊंचाई है?
उत्तर:
1000 किलोमीटर से अधिक।
प्रश्न 3.
वायुमण्डल में मुख्य दो गैसें कौन-कौन सी हैं?
उत्तर:
ऑक्सीजन तथा नाइट्रोजन।
प्रश्न 4.
वायुमण्डल में नाइट्रोजन गैस कितने प्रतिशत है?
उत्तर:
78%.
प्रश्न 5.
वायुमण्डल में ऑक्सीजन गैस कितने प्रतिशत है?
उत्तर:
21%
प्रश्न 6.
वायुमण्डल पृथ्वी के साथ क्यों सटा रहता है?
उत्तर:
गुरुत्वाकर्षण के कारण।
प्रश्न 7.
वायुमण्डल क्यों महत्त्वपूर्ण है?
उत्तर:
इसके कारण पृथ्वी पर जीवन मौजूद है।
प्रश्न 8.
वायुमण्डल की सबसे निचली परत को क्या नाम दिया गया है?
उत्तर:
क्षोभमण्डल।
प्रश्न 9.
वायुमण्डल की ऊपरी परत में पाई जाने वाली दो गैसों के नाम लिखो।
उत्तर:
आर्गन, हीलियम।
प्रश्न 10.
ओज़ोन गैस किन किरणों को सोख लेती है?
उत्तर:
सूर्य से निकलने वाली पराबैंगनी किरणें।
प्रश्न 11.
वायुमण्डल की कौन-सी परत मौसम की रचना करती है?
उत्तर:
क्षोभमण्डल।
प्रश्न 12.
तापमान की सामान्य घटन दर क्या है?
उत्तर:
165 मीटर के लिये 1°C.
प्रश्न 13.
किस परत पर वायुमण्डलीय विघ्न पाए जाते हैं?
उत्तर:
क्षोभमण्डल में।
प्रश्न 14.
किस परत पर स्थिर तापमान रहता है?
उत्तर:
समताप मण्डल।
प्रश्न 15.
वायुमण्डल की किस परत को समताप मण्डल कहा जाता है?
उत्तर;
सट्रेटोस्फीयर ( तापमान की स्थिरता होने के कारण)।
लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)
प्रश्न 1.
वायुमण्डल का क्या महत्त्व है?
उत्तर:
वायुमण्डल मानवीय जीवन पर कई प्रकार से प्रभाव डालता है।
- ऑक्सीजन गैस पृथ्वी पर मानवीय जीवन का आधार है।
- कार्बन डाइऑक्साइड वनस्पति जीवन का आधार है।
- वायुमण्डल सूर्यातप को जज़ब करके एक Glass House का काम करता है।
- वायुमण्डल का जलवाष्प वर्षा का मुख्य साधन है।
- वायुमण्डल फसलों, मौसम, जलवायु तथा वायुमार्गों पर प्रभाव डालता है।
प्रश्न 2.
आयनमण्डल पर टिप्पणी लिखो।
उत्तर:
यह धरातल के ऊपर वायुमण्डल का चौथा संस्तर है। इसकी ऊंचाई 80 से 400 कि० मी० के मध्य है। इस मण्डल में तापमान फिर से ऊंचाई के साथ बढ़ता है। यहां की हवा विद्युत् आवेशित होती है। रेडियो तरंगें इसी मण्डल से परिवर्तित
हो कर पुनः पृथ्वी पर लौट जाती हैं। यह परत रेडियो प्रसारण में उपयोगी है।
प्रश्न 3.
क्षोभमण्डल सीमा (Tropopause) से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
ऊंचाई के साथ-साथ तापमान में एक असमान दर से परिवर्तन होता है।
- 15 कि० मी० तक तापमान धीमी गति से कम होता है।
- 80 कि० मी० तक तापमान स्थिर रहता है।
- 80 कि० मी० से ऊपर तापमान में वृद्धि होने लगती है।
इस ऊंचाई के पश्चात् अर्थात् क्षोभमण्डल से ऊपर समताप मण्डल का भाग आरम्भ होता है। समताप मण्डल तथा क्षोभमण्डल को अलग करने वाले संक्रमण क्षेत्र को क्षोभमण्डल सीमा कहते हैं।
प्रश्न 4.
कार्बन डाइऑक्साइड गैस का महत्त्व बताओ।
उत्तर:
कार्बन डाइऑक्साइड अन्तरिक्ष विज्ञान की दृष्टि से बहुत ही महत्त्वपूर्ण गैस है, क्योंकि यह सौर विकिरण के लिए पारदर्शी है, लेकिन पार्थिव विकिरण के लिए अपारदर्शी है। यह सौर विकिरण के एक अंश को सोख लेती है तथा इसके कुछ भाग को पृथ्वी की सतह की ओर प्रतिबिम्बित कर देती है। यह ग्रीन हाऊस प्रभाव के लिए पूरी तरह उत्तरदायी है। दूसरी गैसों का आयतन स्थिर है, जबकि पिछले कुछ दशकों में मुख्यतः जीवाश्म ईंधन को जलाये जाने के कारण कार्बन डाइऑक्साइड के आयतन में लगातार वृद्धि हो रही है। इसने हवा के ताप को भी बढ़ा दिया है।
प्रश्न 5.
वायुमण्डल में धूल कणों का वितरण बताओ।
उत्तर:
धूलकण वायुमण्डल में छोटे-छोटे कणों को भी रखने की क्षमता होती है। ये छोटे कण विभिन्न स्रोतों जैसे – समुद्री नमक, महीन मिट्टी, धुएं की कालिमा, राख, पराग, धूल तथा तारे के टूटे हुए कण से निकलते हैं। धूलकण प्रायः वायुमण्डल के निचले भाग में मौजूद होते हैं, फिर भी संवहनीय वायु प्रवाह इन्हें काफ़ी ऊंचाई तक ले जा सकता है। धूलकणों का सबसे अधिक जमाव उपोष्ण और शीतोष्ण प्रदेशों में सूखी हवा के कारण होता है, जो विषुवत् रेखीय और ध्रुवीय प्रदेशों की तुलना में यहां अधिक मात्रा में होती है। धूल और नमक के कण द्रवग्राही केन्द्र की तरह कार्य करते हैं जिसके चारों ओर जलवाष्प संघनित होकर मेघों का निर्माण करते हैं।
प्रश्न 6.
वायुमण्डल में धूल-कणों (Dust Particles) का क्या महत्त्व है?
उत्तर:
वायुमण्डल में धूल-कण निचले भागों में पाए जाते हैं। वायुमण्डल में धूल-कणों का कई प्रकार से विशेष महत्त्व है।
- धूल-कण सौर ताप का कुछ भाग सोख लेते हैं तथा कुछ भाग का परावर्तन हो जाता है। ताप सोख लेने के कारण वायुमण्डल का तापक्रम अधिक हो जाता है।
- धूल-कण आर्द्रताग्राही नाभि के रूप में काम करते हैं। इनके चारों ओर जलवाष्प का संघनन होता है जिससे वर्षा, कोहरा, बादल बनते हैं। धूल-कणों के अभाव के कारण वर्षा नहीं हो सकती
- धूल-कणों के कारण वायुमण्डल की दर्शन क्षमता (Visibility) कम होती है तथा धुंधलापन छा जाता है। धूल-कणों के संयोग से कई रंग-बिरंगे दृश्य सूर्य उदय, सूर्य अस्त तथा इन्द्र धनुष दृश्य बनते हैं।
प्रश्न 7.
ओज़ोन परत पर एक नोट लिखो ओजोन परत के घटने के क्या कारण हैं? इससे क्या हानि है?
उत्तर:
ऊपरी वायुमण्डल में ओजोन गैस की एक मोटी परत मिलती है। यह परत पराबैंगनी किरणों को सोख लेती है। परन्तु कार्बन तथा रसायनों के अधिक प्रयोग के कारण यह परत कम हो रही है। अणु शक्ति के परीक्षणों से भी यह परत घट गई है। 1980 में अण्टार्कटिका महाद्वीप के ऊपर इस परत में एक सुराख देखा गया है। इस सुराख के कारण पराबैंगनी किरणें पृथ्वी पर पहुंच सकती हैं। इन किरणों से मनुष्य अन्धे हो जाते हैं तथा शरीर झुलस जाता है
प्रश्न 8.
जलवाष्प का महत्त्व बताओ।
उत्तर:
जलवाष्प (Water Vapours ): वायुमण्डल में लगभग 4% मात्रा में जलवाष्प पाया जाता है। ऊँचाई के साथ जलवाष्प की मात्रा कम होती जाती है। कुछ जलवाष्प का लगभग आधा हिस्सा दो हज़ार मीटर ऊंचाई के नीचे ही पाया जाता है। जलवाष्प तापमान पर भी निर्भर करता है। भूमध्य रेखा से ध्रुवों की ओर जलवाष्प की मात्रा कम होती जाती है। पृथ्वी पर वृष्टि तथा संघनन का मुख्य स्रोत जलवाष्प ही है। सूर्यतप को सोख कर जलवाष्प तापमान का नियन्त्रण करता है
प्रश्न 9.
क्षोभ सीमा की ऊँचाई भूमध्य रेखा पर अधिक क्यों होती है?
उत्तर:
क्षोभ सीमा की ऊंचाई में विभिन्नता पाई जाती है। ध्रुवों पर यह 8 कि० मी० है। भूमध्य रेखा पर सबसे अधिक सूर्याताप प्राप्त होता है। इसके परिणामस्वरूप संवहन धाराएं चलती हैं। ये धाराएं अधिक ऊंचाई तक ताप पहुंचा देती हैं। इससे क्षोभमण्डल का विस्तार बढ़ जाता है तथा ऊंचाई अधिक हो जाती है।
प्रश्न 10.
वायुमण्डल कैसे पृथ्वी से जुड़ा रहता है?
उत्तर:
वायुमण्डल का अधिकतर भाग भू-पृष्ठ से केवल 32 किलोमीटर की ऊंचाई तक सीमित है। इसे सूर्य से ऊर्जा प्राप्त होती है। यह पृथ्वी का एक अंग नहीं है। परन्तु पृथ्वी से जुड़ा हुआ है। गुरुत्वाकर्षण शक्ति द्वारा वायुमण्डल पृथ्वी से जुड़ा हुआ है।
प्रश्न 11.
वायुमण्डल के मुख्य संघटकों के नाम बताओ
उत्तर:
वायुमण्डल के प्रमुख संघटक तीन हैं:
- गैसें
- धूलकण
- जलवाष्प।
प्रश्न 12.
वायुमण्डल की मुख्य परतों के नाम बताओ ।
उत्तर:
वायुमण्डल की संरचना परतदार है। इसमें पांच मुख्य परतें पाई जाती हैं-
- क्षोभमण्डल (Troposphere)
- समताप मण्डल (Stratosphere)
- आयन मण्डल (Ionosphere)
- बाह्यमण्डल (Exosphere)
- चुम्बक मण्डल (Magnetosphere)। (मध्यमण्डल)
प्रश्न 13.
वायुमण्डल की परतों में क्षोभमण्डल को अधिक महत्त्वपूर्ण क्यों माना जाता है?
उत्तर:
- इस मण्डल में जीवन उपयोगी गैस ऑक्सीजन मिलती है।
- इस मण्डल में प्रति 165 मी० की ऊँचाई पर 1°C तापमान गिर जाता है।
- ऋतु, मौसम सम्बन्धी सभी घटनायें, जैसे बादल, वर्षा, भूकम्प आदि जो मानव जीवन को प्रभावित करती हैं, इसी परत में घटित होती हैं।
- इस मण्डल में अस्थिर वायु के कारण विक्षोभ तथा आँधी तूफान आते रहते हैं।
- क्षोभमण्डल के मध्य अक्षांशीय क्षेत्र में चक्रवात उत्पन्न होते हैं।
तुलनात्मक प्रश्न (Comparison Type Questions)
प्रश्न 1.
क्षोभमण्डल तथा समताप मण्डल में अन्तर स्पष्ट करो।
उत्तर:
क्षोभमण्डल (Troposphere) | समताप मण्डल (Stratosphere) |
(1) यह वायुमण्डल की सब से निचली परत है। (2) क्षोभमण्डल की ऊंचाई ध्रुवों पर 8 कि० मी० तथा भूमध्य रेखा पर 20 कि० मी० होती है। | (1) यह धरातल से ऊपर वायुमण्डल की दूसरी परत है। (2) समताप मण्डल की ऊंचाई 16 कि० मी० से लेकर 72 कि० मी० तक होती है । |
(3) इस परत में तापमान 1°C प्रति 165 मीटर की दर से कम होता है। | (3) इस परत में तापमान लगभग समान रहते हैं । |
(4) इस परत में संवाहिक धाराएं, मेघ तथा धूल कण पाए जाते हैं। | (4) इस परत में संवाहिक धाराओं, मेघ तथा धूल का अभाव होता है । |
(5) इस मण्डल में ऋतु परिवर्तन सम्बन्धी घटनाएं होती रहती हैं। | (5) यह मण्डल एक शान्त मण्डल है । |
निबन्धात्मक प्रश्न (Essay Type Questions)
प्रश्न 1.
विभिन्न क्षेत्रों में वायुमण्डल का महत्त्व बताओ ।
उत्तर:
वायुमण्डल निम्नलिखित क्षेत्रों में कई प्रकार से महत्त्वपूर्ण है
- जीवन का आधार: पृथ्वी पर मानव जीवन का आधार वायुमण्डल ही है। सौर मण्डल में केवल पृथ्वी ही एक ऐसा ग्रह है जिस पर वायुमण्डल विद्यमान है। ऑक्सीजन तथा नाइट्रोजन गैसें मानव तथा वनस्पति जीवन का आधार हैं।
- ऊष्मा सन्तुलन: वायुमण्डल एक ग्रीन हाऊस (Green House) की भान्ति कार्य करता है। इस प्रभाव से पृथ्वी का तापमान औसत रूप से 17°C रहता है। वायुमण्डल के बिना बहुत अधिक तापमान पर जीवन असम्भव होता
- हानिकारक विकिरण: ओजोन परत सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी किरणों को सोख कर पृथ्वी पर मानव की सुरक्षा करती है।
- रेडियो तरंगें: आयनमण्डल रेडियो तरंगों को पृथ्वी पर लौटा कर रेडियो प्रसारण में सहायता करता है।
- मौसम: वायुमण्डल की विभिन्न घटनाएं जैसे वाष्पीकरण, वर्षा, पवनें आदि मानव जीवन पर प्रभाव डालती हैं।
- उल्काओं से सुरक्षा: सौर मण्डल से पृथ्वी की ओर गिरने वाली उल्काएं वायुमण्डल में जल कर नष्ट हो जाती हैं।
- वायु: परिवहन वायुमण्डल वायुयानों की उड़ानों पर प्रभाव डालता है। जैट वायुयान समताप मण्डल में उड़ान भर सकते हैं।
प्रश्न 2.
उदाहरण के साथ किसी स्थान की जलवायु तथा मौसम में अन्तर स्पष्ट करो।
उत्तर:
तापक्रम, दबाव हवाएं, नमी, मेघ और वर्षा ये मौसम के प्रधान तत्त्व (Elements of Weather) हैं। वायु मण्डल की इन दशाओं का अध्ययन ही जलवायु या मौसम है।
मौसम (Weather):
मौसम शब्द का अर्थ है ” किसी स्थान पर किसी विशेष या निश्चित समय में वायुमण्डल की दशाओं, तापक्रम, दबाव, हवाओं, नमी, मेघ और वर्षा के कुल जोड़ का अध्ययन करना” (“Weather is the condition of atmosphere at any given moment.” ) इसीलिए मौसम मानचित्रों (Weather Maps ) पर दिन व समय अवश्य लिखे जाते हैं। मौसम प्रतिदिन, प्रति सप्ताह, प्रति मास बदलता रहता है।
एक ही स्थान पर कभी मौसम गर्म (Hot), कभी उमस वाला (Sultry), कभी आर्द्र (Wet) हो सकता है। इंग्लैण्ड में दिन-प्रतिदिन के मौसम में इतनी विभिन्नता है कि कहा जाता है, “Britain has no climate, only weather.” इस प्रकार वायुमण्डल की बदलती हुई अवस्थाओं को मौसम कहा जाता है। आकाशवाणी से मौसम की स्थितियों का प्रसारण भी होता है। भारतीय मौसम विज्ञान मौसम मानचित्र प्रकाशित करता है।
जलवायु (Climate):
किसी स्थान की जलवायु उस स्थान पर एक लम्बे समय की वायुमण्डल की दशाओं के कुल जोड़ का अध्ययन होती है। यह एक लम्बे समय का औसत मौसम होती है। (“Climate is the average weather of a place over a long period.”) जलवायु तथा मौसम में भिन्नता समय पर निर्भर होती है। मौसम का सम्बन्ध थोड़े समय से है जबकि जलवायु का सम्बन्ध एक लम्बे समय से है। मिस्र में हर रोज़ एक जैसा मौसम होने के कारण जलवायु तथा मौसम में कोई अन्तर नहीं है।
इसलिए कहा जाता है, “Egypt has no weather, only climate ” इस प्रकार किसी स्थान पर कम-से-कम पिछले 35 वर्षों के मौसम की औसत दशाओं को उस स्थान की जलवायु कहते हैं। भारतीय जलवायु के अध्ययन के आधार आंकड़ों का सम्बन्ध पिछले 100 वर्षों से है। उदाहरण: देहली में किसी विशेष दिन अधिक वर्षा हो तो हम कहते हैं कि आज मौसम आर्द्र है परन्तु इसका अर्थ यह नहीं कि देहली की जलवायु आर्द्र है। देहली में ग्रीष्मकाल में अधिक वर्षा होती है तथा जलवायु मानसूनी है।