Jharkhand Board JAC Class 9 Maths Solutions Chapter 1 संख्या पद्धति Ex 1.1 Textbook Exercise Questions and Answers.
JAC Board Class 9 Maths Solutions Chapter 1 संख्या पद्धति Exercise 1.1
प्रश्न 1.
क्या शून्य एक परिमेय संख्या है ? क्या इसे आप \(\frac{p}{q}\) के रूप में लिख सकते हैं, जहाँ p और q पूर्णांक हैं और q ≠ 0 है ?
हल:
हाँ, शून्य एक परिमेय संख्या है, जिसे \(\frac{p}{q}\) के रूप में लिख सकते हैं, जैसे
⇒ \(\frac{0}{1}, \frac{0}{-1}, \frac{0}{2}, \frac{0}{-2}\) आदि।
जहाँ p तथा q पूर्णांक हैं तथा q ≠ 0
अतः 0 एक परिमेय संख्या है।
प्रश्न 2.
3 और 4 के मध्य में छः परिमेय संख्याएँ ज्ञात कीजिए।
हल:
प्रथम विधि : हम जानते हैं कि दो परिमेय संख्याओं के मध्य परिमेय संख्या
अथवा
द्वितीय विधि : ∵ 3 और 4 के मध्य 6 परिमेय संख्याएँ ज्ञात करनी हैं।
इसलिए अंश व हर में (6 + 1) 7 से गुणा करने पर 3 और 4 को निम्न प्रकार से लिखा जा सकता है :
3 = \(\frac{3 \times 7}{1 \times 7}=\frac{21}{7}\)
4 = \(\frac{4 \times 7}{1 \times 7}=\frac{28}{7}\)
हम जानते हैं कि
21 < 22 < 23 < 24 < 25 < 26 < 27 < 28
अत: 3 = \(\frac{21}{7}\) और 4 = \(\frac{28}{7}\) के मध्य परिमेय संख्याएँ
\(\frac{22}{7}, \frac{23}{7}, \frac{24}{7}, \frac{25}{7}, \frac{26}{7}\) और \(\frac{27}{2}\) हैं।
प्रश्न 3.
\(\frac{3}{5}\) और \(\frac{4}{5}\) के बीच पाँच परिमेय संख्याएँ ज्ञात कीजिए।
हल:
∵ \(\frac{3}{5}\) व \(\frac{4}{5}\) के बीच पाँच परिमेय संख्याएँ ज्ञात करनी हैं।
\(\frac{3}{5}\) और \(\frac{4}{5}\)
लाक
और के अंश व हर में (5 + 1) = 6 से गुणा करने पर \(\frac{3}{5}\) व \(\frac{4}{5}\) को निम्न प्रकार लिख सकते हैं:
\(\frac{3}{5}=\frac{3 \times 6}{5 \times 6}=\frac{18}{30}\), \(\frac{4}{5}=\frac{4 \times 6}{5 \times 6}=\frac{24}{30}\)
हम जानते हैं कि
18 < 19 < 20 < 21 < 22 < 23 < 24
अतः \(\frac{3}{5}=\frac{18}{30}\) और \(\frac{4}{5}=\frac{24}{30}\) के मध्य पाँच परिमेय संख्याएँ
\(\frac{19}{30}, \frac{2}{3}, \frac{7}{10}, \frac{11}{15}, \frac{23}{30}\) हैं।
प्रश्न 4.
नीचे दिये गये कथन सत्य हैं या असत्य? कारण के साथ अपने उत्तर दीजिए:
(i) प्रत्येक प्राकृत संख्या एक पूर्ण संख्या होती है ?
हल:
सत्य, प्रत्येक प्राकृत संख्या एक पूर्ण संख्या होती है।
(ii) प्रत्येक पूर्णांक एक पूर्ण संख्या होती है।
हल:
असत्य, क्योंकि पूर्णांक संख्याओं में ऋण संख्याओं को भी सम्मिलित किया जाता है जबकि पूर्ण संख्याएँ धनात्मक होती हैं। अतः प्रत्येक पूर्णांक एक पूर्ण संख्या नहीं है।
(iii) प्रत्येक परिमेय संख्या एक पूर्ण संख्या होती है।
हल:
असत्य, परिमेय संख्या धनात्मक तथा ऋणात्मक दोनों ही हो सकती हैं, जबकि पूर्ण संख्या में केवल धनात्मक संख्या ही आती हैं।