JAC Board Class 9th Social Science Important Questions Civics Chapter 3 चुनावी राजनीति
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्नलिखित विकल्पों में से उपयुक्त उत्तर चुनिए1. भारत में मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति कौन करता है
(क) राज्यपाल
(ख) राष्ट्रपति
(ग) प्रधानमन्त्री
(घ) मुख्यमन्त्री।
उत्तर:
(ख) राष्ट्रपति।
2. देश में चुनाव करवाने का दायित्व किसका है?
(क) राष्ट्रपति का।
(ख) लोकसभा अध्यक्ष का
(ग) चुनाव आयुक्त का
(घ) प्रधानमन्त्री का।
उत्तर:
(ग) चुनाव आयुक्त का।
3. नियमित अन्तराल पर जनता के प्रतिनिधियों के चुनने की प्रक्रिया कहलाती है
(क) चुनाव
(ख) राजनीतिक दल
(ग) मतदाता
(घ) धाँधली
उत्तर:
(क) चुनाव।
4. जब किसी निर्वाचित सदस्य की मृत्यु अथवा त्यागपत्र देने की स्थिति में रिक्त सीट पर पुनः चुनाव आयोजित किया जाता है, वह कहलाता है
(क) निर्वाचन
(ख) आम चुनाव
(ग) मध्यावधि चुनाव
(घ) उप चुनाव
उत्तर:
(घ) उप चुनाव।
5. चुनाव घोषणा पत्र जारी किया जाता है
(क) राष्ट्रपति द्वारा
(ख) राजनीतिक दल द्वारा
(ग) सरकार द्वारा
(घ) चुनाव आयोग द्वारा
उत्तर:
(ख) राजनीतिक दल द्वारा।
अति लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
हमें चुनावों की जरूरत क्यों होती है?
उत्तर:
अपनी पसन्द के प्रतिनिधि का चुनाव करने के लिए।
प्रश्न 2.
चुनाव का अभिप्राय क्या है?
उत्तर:
चुनाव का अभिप्राय राजनीतिक प्रतियोगिता या प्रतिद्वन्द्विता है।
प्रश्न 3.
चुनावी प्रतियोगिता का कोई एक दोष बताइए।
उत्तर:
प्रत्येक स्थान पर चुनावी प्रतियोगिता लोगों के बीच एकता की भावना को नुकसान पहुँचाती है एवं उन्हें दलों में बाँटती है।
प्रश्न 4.
नियमित चुनाव प्रक्रिया किस तरह जनता के हाथों में नेताओं को दण्डित या पुरस्कृत करने का एक साधन है?
उत्तर:
राजनेता इस बात को अच्छी तरह जानते हैं कि यदि वे जनता की इच्छा के अनुसार मुद्दों को उठाते हैं तो उनकी लोकप्रियता बढ़ेगी और अगले चुनावों में उनके जीतने की सम्भावना बढ़ जाती है। लेकिन यदि वे अपने कामकाज से मतदाताओं को सन्तुष्ट करने में असफल रहते हैं तो वे अगला चुनाव नहीं जीत सकते।
प्रश्न 5.
कितने अन्तराल पर लोकसभा और विधानसभा के चुनाव आयोजित किये जाते हैं?
उत्तर:
प्रत्येक पाँच वर्ष के अन्तराल पर।
प्रश्न 6.
विधायक किसे कहते हैं?
उत्तर:
प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित प्रतिनिधि को विधायक कहते हैं।
प्रश्न 7.
लोकसभा चुनाव के लिए हमारे देश को कितने निर्वाचन क्षेत्रों में बाँटा गया है?
उत्तर:
543 निर्वाचन क्षेत्रों में।
प्रश्न 8.
संसद सदस्य किसे कहते हैं?
उत्तर:
प्रत्येक संसदीय क्षेत्र से चुने गये प्रतिनिधि को संसद सदस्य कहते हैं।
प्रश्न 9.
वार्ड’ क्या है?
उत्तर:
पंचायत तथा नगर पालिका चुनावों के लिए प्रत्येक पंचायत अथवा शहर को कई छोटे-छोटे निर्वाचन क्षेत्रों में बाँट दिया जाता है। ऐसे प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र को वार्ड कहते हैं।
प्रश्न 10.
सीट किसे कहते हैं?
उत्तर:
संसदीय या विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र को ! आम बोलचाल की भाषा में सीट कहा जाता है।
प्रश्न 11.
आरक्षित क्षेत्र से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के प्रत्याशियों के लिए सुरक्षित रखे गये चुनाव क्षेत्र को आरक्षित क्षेत्र कहते हैं।
प्रश्न 12.
लोकसभा में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लिए कितनी सीटें आरक्षित हैं?
उत्तर;
लोकसभा में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लिए क्रमशः 84 एवं 47 सीटे आरक्षित हैं।
प्रश्न 13.
किस केन्द्र शासित प्रदेश में लोकसभा की सीटों की संख्या सर्वाधिक है?
उत्तर:
दिल्ली (7)
प्रश्न 14.
किस राज्य में लोकसभा की सीटों की संख्या सर्वाधिक है?
उत्तर:
उत्तर प्रदेश (80)
प्रश्न 15.
मतदाता सूची क्या है?
उत्तर:
मतदान की योग्यता रखने वाले लोगों की सूची को मतदाता सूची कहते हैं।
प्रश्न 16.
चुनाव में कौन मतदान कर सकता है?
उत्तर:
हमारे देश के सभी नागरिक जिनकी आयु 18 वर्ष या उससे अधिक है, जाति, धर्म या लिंग के आधार पर बिना भेदभाव के चुनाव में मतदान कर सकता है।
प्रश्न 17.
किसे मतदान से वंचित किया जा सकता है?
उत्तर:
अपराधियों और दिमागी असन्तुलन वाले – कुछ लोगों को विशेष परिस्थितियों में मतदान के अधिकार से वंचित किया जा सकता है।
प्रश्न 18.
चुनाव कौन लड़ सकता है?
उत्तर:
कोई भी मतदाता जिसकी आयु 25 वर्ष या – उससे अधिक है, चुनाव लड़ सकता है।
प्रश्न 19.
मतदाता सूची का पूर्णतया नवीनीकरण – कब किया जाता है?
उत्तर:
प्रत्येक पाँच वर्ष में मतदाता सूची का पूर्णतया नवीनीकरण किया जाता है।
प्रश्न 20.
राजस्थान में लोकसभा की कुल कितनी सीटें हैं?
उत्तर:
राजस्थान में लोकसभा की कुल 25 सीट हैं।
प्रश्न 21.
नामांकन पत्र किसे भरना पड़ता है?
उत्तर:
चुनाव लड़ने के इच्छुक प्रत्येक उम्मीदवार को एक नामांकन पत्र भरना पड़ता है।
प्रश्न 22.
टिकट से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
राजनीतिक दलों द्वारा चुनावों में अपने उम्मीदवार मनोनीत किये जाते हैं जिन्हें पार्टी का चुनाव चिह्न और समर्थन मिलता है। पार्टी के इस मनोनयन को आम बोलचाल की भाषा में ‘टिकट’ कहते हैं।
प्रश्न 23.
चुनाव का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर:
चुनाव का मुख्य उद्देश्य जनता को अपनी पसंद का प्रतिनिधि और सरकार चुनाव करने का अवसर देना है।
प्रश्न 24.
हमारे देश में चुनावों का आयोजन कौन करता है?
उत्तर:
चुनाव आयोग।
प्रश्न 25.
आप कैसे कह सकते हैं कि मुख्य चुनाव आयुक्त किसी भी तरह के दबाव से मुक्त है?
उत्तर;
राष्ट्रपति द्वारा मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की जाती है एवं एक बार नियुक्त हो जाने पर वह राष्ट्रपति या सरकार के प्रति उत्तरदायी नहीं रहता है। सरकार के लिए भी उसके कार्यकाल से पहले उसे हटाना लगभग असम्भव है।
प्रश्न 26.
चुनाव ड्यूटी पर तैनात अधिकारी व कर्मचारी किसके नियन्त्रण में रहकर कार्य करते हैं?
उत्तर:
चुनाव आयोग के।
प्रश्न 27.
आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
चुनाव प्रचार के लिए किसी पार्टी द्वारा धर्मस्थल का उपयोग करना।
प्रश्न 28.
भारत के प्रथम निर्वाचन आयुक्त कौन थे और प्रथम चुनाव कब हुए?
उत्तर:
सुकुमार सेन भारत के प्रथम निर्वाचन आयुक्त थे। सन् 1952 में प्रथम चुनाव हुए।
प्रश्न 29.
चुनाव घोषणा पत्र से क्या अभिप्राय
उत्तर:
सभी राजनीतिक दल चुनाव के समय जनता के समक्ष अपना भावी कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं। ये कार्यक्रम एवं नीतियाँ राजनीतिक दल विशेष का चुनाव घोषणा पत्र कहलाता है।
प्रश्न 30.
चुनाव प्रचार के लिए कौन-कौन से तरीके अपनाए जाते हैं?
उत्तर:
- चुनाव घोषणा पत्र
- चुनाव सभा व जुलूस आयोजित करना
- घर-घर जाकर मत माँगना।
प्रश्न 31.
कानून द्वारा वर्जित चुनाव के किन्हीं दो भ्रष्ट तरीकों को लिखिए।
उत्तर:
- मतदाताओं को रिश्वत देना
- मतदाताओं को डराना या धमकाना।
प्रश्न 32.
चुनाव के किन्हीं चार चरणों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
- चुनाव प्रक्रिया की घोषणा
- नामांकन पत्र दाखिल करना
- चुनाव घोषणा पत्र जारी करना F
- मतदान।
प्रश्न 33.
मतपत्र क्या है? उस मशीन का नाम बताइए जिसने इन मतपत्रों का स्थान ले लिया है?
उत्तर:
वह प्रपत्र जिस पर चुनाव में खड़े होने वाले प्रत्याशियों के नाम, उनकी पार्टियों के नाम एवं चुनाव चिह्न अंकित होते हैं उसे मतपत्र कहते हैं। मतपत्रों का स्थान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (E.V.M.) ने ले लिया है।
प्रश्न 34.
जब राजकीय अधिकारी चुनावों के समय कार्य करते हैं, नियन्त्रण में होते हैं? कारण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
चुनावों के लिए कार्य करते समय राजकीय अधिकारी निर्वाचन आयोग के नियन्त्रण में होते हैं। ऐसा स्वतन्त्र एवं निष्पक्ष चुनाव करने के लिए किया जाता है । ताकि सत्ताधारी दल सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग न कर सके।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
जनता विधायिकाओं के लिए अपने प्रतिनिधियों का चुनाव किन-किन स्तरों पर करती है?
उत्तर:
जनता निम्नलिखित स्तरों पर विधायिकाओं के लिए अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करती है
- राष्ट्रीय स्तर पर लोकसभा के प्रतिनिधियों का चुनाव करती है।
- राज्य स्तर पर विधानसभा के प्रतिनिधियों का चुनाव करती है।
- स्थानीय स्तर पर जनता ग्राम पंचायतों एवं नगरीय निकायों, जैसे-नगर पालिका आदि के लिए प्रतिनिधियों का चुनाव करती है।
प्रश्न 2.
चुनाव क्या है? चुनाव में मतदाता किस तरह चुनाव करते हैं?
उत्तर:
नियमित अंतराल पर अपने प्रतिनिधियों के चुनने की व्यवस्था को चुनाव कहते हैं। चुनाव में मतदाता कई तरह से चुनाव करते हैं
- वे अपने लिए कानून बनाने वाले का चुनाव कर सकते हैं।
- वे सरकार बनाने तथा बड़े निर्णय लेने वालों का चयन कर सकते हैं।
- वे सरकार और उसके द्वारा बनने वाले कानूनों का दिशा-निर्देश करने वाली पार्टी का चुनाव कर सकते हैं।
प्रश्न 3.
लोकतान्त्रिक चुनावों के लिए आवश्यक न्यूनतम शर्ते क्या हैं?
उत्तर:
लोकतान्त्रिक चुनावों के लिए आवश्यक न्यूनतम शर्ते अग्रलिखित हैं
- जनता को चुनाव करने का अवसर मिलना अर्थात् प्रत्येक व्यक्ति के पास एक मत हो और प्रत्येक मत का मूल्य समान होना चाहिए।
- चुनाव में विकल्प उपलब्ध होने चाहिए अर्थात् दल और उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने की आजादी हो तथा वे मतदाताओं के सामने कुछ विकल्प रख सकें।
- जनता को चुनाव का अवसर नियमित अन्तराल पर मिलते रहना चाहिए।
- जनता द्वारा वरीयता प्राप्त उम्मीदवारों का चयन होना चाहिए।
- चुनाव स्वतन्त्र एवं निष्पक्ष ढंग से कराए जाने चाहिए।
प्रश्न 4.
आरक्षित क्षेत्र बनाने की क्यों आवश्यकता पड़ी?
उत्तर:
हमारे संविधान निर्माताओं को चिन्ता थी कि खुले चुनावी मुकाबले में कुछ कमजोर समूहों के लोग लोकसभा तथा विधानसभाओं में नहीं पहुंच पायेंगे। उनके पास चुनाव लड़ने और जीतने लायक जरूरी संसाधन, शिक्षा व सम्पर्क हैं ही नहीं। अतः विधायी निकायों में उनकी उपस्थिति को सुरक्षित करने के लिए आरक्षित क्षेत्रों का निर्माण किया गया जिनसे केवल उन्हीं वर्गों के लोग चुनाव लड़ सकते हैं।
प्रश्न 5.
अपने नामांकन पत्र में प्रत्येक उम्मीदवार द्वारा कौन-कौन सी सूचनाएँ अनिवार्य रूप से दी जाती हैं? इसका क्या लाभ है?
उत्तर:
अपने नामांकन पत्र में प्रत्येक उम्मीदवार द्वारा निम्नलिखित सूचनाएँ अनिवार्य रूप से दी जाती हैं
- उम्मीदवार के विरुद्ध चल रहे गम्भीर आपराधिक मामले।
- उम्मीदवार और उसके परिवार के सदस्यों की सम्पत्ति और देनदारियों का विवरण।
- उम्मीदवार की शैक्षिक योग्यता। इन सूचनाओं के सार्वजनिक होने से मतदाताओं को उम्मीदवारों से उपलब्ध सूचनाओं के आधार पर अपना निर्णय लेने में सहायता मिलती है।
प्रश्न 6.
जब देश की सभी नौकरियों के लिए किसी न किसी किस्म की शैक्षिक योग्यता आवश्यक है तो विधायक या सांसद जैसे महत्वपूर्ण पदों के चुनाव के लिए किसी किस्म की शैक्षिक योग्यता की जरूरत क्यों नहीं है ?
उत्तर:
सभी तरह के कार्य केवल शैक्षिक योग्यता के आधार पर नहीं होते हैं, जैसे-भारतीय क्रिकेट टीम में चनाव के लिए डिग्री की नहीं अच्छा क्रिकेट खेलने की योग्यता आवश्यक है। इसी प्रकार विधायक या सांसद की सबसे बड़ी योग्यता यह है कि वह अपने क्षेत्र के लोगों की समस्याओं को समझे, उनकी चिन्ताओं को समझे एवं उनके हितों का प्रतिनिधित्व करे। वे यह काम कर रहे हैं अथवा नहीं इसकी परीक्षा उनके लाखों वोटर पाँच वर्ष तक लेते रहते हैं।
अगर शिक्षा या डिग्री की प्रासंगिकता हो भी तो यह जिम्मेदारी लोगों पर छोड़ देनी चाहिए कि वे शैक्षिक योग्यता को कितना महत्व देते हैं। हमारे देश में शैक्षिक योग्यता की शर्त लगाना एक अन्य कारण से भी लोकतन्त्र की मूलभावना के खिलाफ होगा। इसका मतलब होगा देश के अधिकांश लोगों को चुनाव लड़ने के मौलिक अधिकार से वंचित करना, जैसे यदि उम्मीदवारों के लिए बी. ए., बी. कॉम या बी. एस.-सी. की स्नातक डिग्री को भी अनिवार्य किया गया तो 90 प्रतिशत से अधिक नागरिक चुनाव लड़ने के अयोग्य हो जाएँगे।
प्रश्न 7.
विभिन्न चुनावों के दौरान विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा दिये गये कुछ सफल नारों का विवरण दीजिए।
उत्तर:
- 1971 के लोकसभा चुनावों में इन्दिरा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने ‘गरीबी हटाओ’ का नारा दिया था।
- 1977 के लोकसभा चुनावों में जनता पार्टी ने ‘लोकतन्त्र बचाओ’ का नारा दिया था।
- 1977 में पश्चिमी बंगाल के विधानसभा चुनावों में वामपंथी दलों ने ‘जमीन जोतने वाले की’ का नारा दिया था।
- 1983 के आन्ध्र प्रदेश के विधानसभा चुनावों में एन. टी. रामाराव के नेतृत्व में तेलुगू देशम पार्टी ने ‘तेलुगू स्वाभिमान’ का नारा दिया था।
प्रश्न 8.
एक आदर्श चुनाव आचार संहिता के तहत उम्मीदवारों एवं पार्टियों को कौन-कौन से कार्य करने की मनाही है?
उत्तर:
एक आदर्श चुनाव आचार संहिता के तहत उम्मीदवारों एवं पार्टियों को निम्नलिखित कार्य करने की मनाही
- चुनाव प्रचार के लिए किसी धर्मस्थल का उपयोग करना।
- सरकारी वाहन, हवाई जहाज या अधिकारियों व कर्मचारियों का चुनाव में उपयोग करना।
- चुनाव की घोषणा होने के पश्चात् सत्ताधारी पार्टी के मन्त्री द्वारा किसी बड़ी योजना का शिलान्यास करना, बड़े नीतिगत फैसले लेना अथवा जनता को सुविधाएँ देने वाले वायदे करना।
प्रश्न 9.
चुनाव कानूनों के अनुसार कोई भी उम्मीदवार या पार्टी कौन-कौन से कार्य नहीं कर सकती है?
उत्तर:
चुनाव कानूनों के अनुसार कोई भी उम्मीदवार या पार्टी निम्नलिखित कार्य नहीं कर सकती है
- मतदाता को प्रलोभन देना, घूस देना अथवा डराना-धमकाना।
- उनसे जाति या धर्म के नाम पर वोट माँगना।
- चुनाव अभियान में राजकीय संसाधनों का उपयोग करना।
- लोकसभा चुनाव में एक निर्वाचन क्षेत्र में 25 लाख अथवा विधान सभा चुनाव में 10 लाख रुपये से अधिक खर्च करना।
प्रश्न 10.
चुनावों के दौरान अखबार और टीवी चैनलों पर दी जाने वाली अधिकांश खबरों में किस तरह की गड़बड़ियों और धाँधलियों की सूचना होती है ?
उत्तर:
- मतदाता सूची में फर्जी नाम डालना एवं सही नाम को गायब करना।
- सत्ताधारी दल द्वारा सरकारी सुविधाओं और अधिकारों का दुरुपयोग करना।
- बड़ी-बड़ी पार्टियों एवं धनिक वर्ग के उम्मीदवारों द्वारा बड़े पैमाने पर धन खर्च करना।
- मतदान के दिन चुनावी धाँधली/मतदाताओं को डराना और फर्जी मतदान करना।
प्रश्न 11.
भारत में चुनाव परिणामों से कैसे सिद्ध होता है कि चुनावों का आयोजन स्वतन्त्र एवं निष्पक्ष रूप से हुआ है?
उत्तर:
भारत में चुनावों का परिणाम यह प्रदर्शित करता है कि
- राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर सत्ताधारी दल अक्सर चुनाव हारते हैं।
- वोट खरीदने में सक्षम धनी उम्मीदवार अथवा आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार प्रायः चुनाव हारते हैं।
- यदि कुछ अपवादों को छोड़ दें तो हारी हुई पार्टी द्वारा चुनाव के परिणामों को जनादेश मानकर स्वीकार किया जाता है। इससे सिद्ध होता है कि भारत में चुनावों का आयोजन स्वतन्त्र एवं निष्पक्ष हुआ है।
प्रश्न 12.
उदाहरण देकर बताइए कि चुनाव आयोग एक स्वतन्त्र संस्था है?
उत्तर:
निम्नलिखित उदाहरणों से स्पष्ट है कि चुनाव आयोग एक स्वतन्त्र संस्था है
- चुनाव आयोग आदर्श चुनाव संहिता का उल्लंघन करने वाले उम्मीदवारों और पार्टियों को सजा देता है।
- प्रायः देखा जाता है कि चुनाव के दौरान गलती करने पर चुनाव आयोग सरकार और प्रशासन को फटकार लगाता है।
- अगर चुनाव आयोग यह सोचता है कि कुछ मतदान केन्द्रों पर या सम्पूर्ण चुनाव क्षेत्र में मतदान ठीक ढंग से नहीं हुआ तो ऐसी स्थिति में पुनर्मतदान का आदेश दे सकता है।
- मुख्य चुनाव आयुक्त को हटाना लगभग असम्भव होता है। अत: वह स्वतंत्रतापूर्वक कार्य कर सकता है।
प्रश्न 13.
भारत में चुनाव आयोग की शक्तियों को संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
भारत में चुनाव आयोग की शक्तियाँ निम्नलिखित हैं
- चुनाव आयोग चुनाव की अधिसूचना जारी करने से लेकर चुनावी परिणामों के आने तक प्रत्येक पहलू की देखरेख एवं गतिविधियों पर प्रभावी नियन्त्रण रखने का कार्य करता है।
- यह आदर्श चुनाव संहिता लागू कराता है एवं इसका उल्लंघन करने वाले उम्मीदवार और पार्टियों को सजा भी देता है।
- चुनाव के दौरान चुनाव आयोग सरकार को कुछ दिशा-निर्देशों का पालन करने का आदेश दे सकता है। इसमें सरकार द्वारा चुनाव जीतने के लिए चुनाव में सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग रोकना एवं अधिकारियों का स्थानान्तरण करना भी सम्मिलित है।
- चुनाव कार्य हेतु लगाये गये अधिकारी एवं कर्मचारियों पर सरकार का नियन्त्रण न होकर चुनाव आयोगं का नियन्त्रण होता है।
प्रश्न 14.
चुनावी सहभागिता किस प्रकार दर्शाती है कि चुनाव प्रक्रिया का आयोजन स्वतन्त्र एवं निष्पक्ष हुआ है?
उत्तर:
- भारत में पिछले लगभग 70 वर्षों में चुनावी सहभागिता में या तो वृद्धि हुई है या यह स्थिर बनी हुई है।
- भारत में निर्धन, अविकसित एवं कमजोर वर्ग के लोग अमीर और सुविधाभोगी लोगों की तुलना में मतदान में अधिक सक्रिय रूप से भाग लेते हैं।
- भारत में आम जनता चुनावों को बहुत महत्व देती है। उनका मानना है कि चुनावों की सहायता से वे राजनीतिक दलों पर अपने अनुकूल नीति एवं कार्यक्रम बनाने के लिए दबाव डाल सकते हैं। इससे सिद्ध होता है कि भारत में चुनाव प्रक्रिया का आयोजन स्वतन्त्र एवं निष्पक्ष हुआ है।
प्रश्न 15.
पार्टी चुनाव चिह्न क्या होता है एवं इसे क्यों आवंटित किया जाता है?
उत्तर:
प्रत्येक मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल को चुनाव आयोग द्वारा एक चुनाव चिह्न आवंटित किया जाता है। चुनावों के दौरान स्वतन्त्र रूप से चुनाव लड़ने वाले (निर्दलीय) उम्मीदवारों को भी आयोग द्वारा चुनाव चिह्न आवंटित किया जाता है। एक ही चुनाव क्षेत्र में दो उम्मीदवारों के एक जैसे चुनाव चिह्न नहीं हो सकते। भारत में बहुत अधिक जनसंख्या अशिक्षित है किन्तु वे चुनाव चिह्नों की सहायता से पार्टी एवं उम्मीदवारों को सरलता से पहचान कर सकते हैं एवं अपने मत का उचित उपयोग कर सकते हैं। इसलिए चुनाव चिह्न का आबंटन किया जाता है।
प्रश्न 16.
मतदान समाप्ति से लेकर वोटों की गिनती तक की प्रक्रिया को संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
मतदान समाप्ति से लेकर वोटों की गिनती तक की निम्नलिखित प्रक्रिया होती है
- एक बार मतदान खत्म हो जाने के पश्चात् सभी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को सील कर एक सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया जाता है।
- फिर एक निश्चित दिनांक को एक चुनाव क्षेत्र की सभी मशीनों को एक साथ खोला जाता है और प्रत्येक उम्मीदवार को प्राप्त मतों की गिनती की जाती है।
- मतदान स्थल पर सभी दलों के एजेंट रहते हैं जिससे मतगणना का कार्य निष्पक्ष ढंग से हो सके।
- चुनाव क्षेत्र में सर्वाधिक मत प्राप्त करने वाले उम्मीदवार को विजयी घोषित किया जाता है।
- सामान्यतया आम चुनाव में सभी निर्वाचन क्षेत्रों में मतगणना एक ही तारीख को होती है।
प्रश्न 17.
क्या भारत में चुनाव बहुत मँहगे हैं? उदाहरण द्वारा स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारत में चुनाव करवाने पर बहुत ज्यादा राशि खर्च होती है जैसे सन् 2014 में लोकसभा चुनावों पर ही सरकार ने लगभग 3,500 करोड़ रुपये खर्च किए। यदि इसका हिसाब लगाया जाए तो मतदाता सूची में दर्ज प्रत्येक नाम पर 40 रु. के लगभग खर्च हुआ। विभिन्न राजनीतिक दलों एवं उम्मीदवारों ने चुनाव में सरकार से भी ज्यादा व्यय किया। एक मोटे अनुमान के अनुसार सरकार, पार्टियों और उम्मीदवारों का कुल खर्च लगभग 30,000 करोड़ रु. हुआ होगा अर्थात् प्रति मतदाता पर लगभग 500 रु. व्यय हुए।
प्रश्न 18.
स्वतन्त्र एवं निष्पक्ष चुनावों के मार्ग में आने वाली प्रमुख चुनौतियों का संक्षेप में उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
स्वतन्त्र एवं निष्पक्ष चुनावों के मार्ग में आने वाली प्रमुख चुनौतियाँ निम्नलिखित हैं
1. चुनावों में धन का अत्यधिक प्रयोग:
बहुत अधिक धनी उम्मीदवार एवं दलों को अपनी जीत का निश्चय नहीं होता, परन्तु वे छोटे दलों एवं निर्दलीय उम्मीदवारों की अपेक्षा अधिक व अनुचित लाभ उठा लेते हैं।
2. भाई-भतीजावाद:
कुछ परिवार राजनीतिक पार्टियों में सर्वोच्च होते हैं इस प्रकार टिकट इन्हीं परिवारों के रिश्तेदारों में बाँट दिये जाते हैं।
3. अपराधियों का चुनाव लड़ना:
देश के कुछ भागों में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार चुनाव की दौड़ में से अन्य को हटाकर प्रमुख पार्टियों से टिकट प्राप्त कर लेते हैं।
4. भ्रष्ट राजनीतिज्ञ:
चुनाव लड़ने वाले अधिकांश उम्मीदवार भ्रष्ट राजनीतिज्ञ होते हैं एवं अधिकांश जनता के लिए चुनावों में उनके अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं रह जाता है।