JAC Board Class 9th Social Science Notes Civics Chapter 1 लोकतंत्र क्या? लोकतंत्र क्यों?
→ ‘डेमोक्रेसी’ शब्द जिसका अर्थ हिन्दी में लोकतन्त्र होता है, ‘डेमोक्रेशिया’ नामक यूनानी शब्द से बना है। यूनानी भाषा में ‘डेमोस’ का अर्थ होता है, ‘लोग’ एवं ‘क्रेशिया’ का अर्थ होता है, ‘शासन।’ इस प्रकार डेमोक्रेसी शब्द का अर्थ हुआ लोगों अर्थात् जनता का शासन।
→ अब्राहम लिंकन के अनुसार लोकतन्त्र का अभिप्राय है, “जनता का, जनता के लिए एवं जनता द्वारा शासन।”
→ लोकतन्त्र शासन का एक ऐसा रूप है जिसमें शासकों का चुनाव जनता करती है।
→ लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था में अन्तिम निर्णय लेने की शक्ति चुने हुए प्रतिनिधियों के पास ही होती है।
→ लोकतन्त्र निष्पक्ष एवं स्वतन्त्र चुनावों पर आधारित होना चाहिए जिससे कि सत्ता में बैठे लोगों के लिए हार-जीत के समान अवसर उपलब्ध हों।
→ लोकतन्त्र राजनीतिक समानता के बुनियादी सिद्धान्त पर आधारित है। लोकतन्त्र में देश के प्रत्येक वयस्क नागरिक का एक मत होना चाहिए एवं प्रत्येक मत का एक समान मूल्य होना चाहिए।
→ एक लोकतान्त्रिक सरकार संवैधानिक कानूनों एवं नागरिक अधिकारों द्वारा खींची लक्ष्मण रेखाओं के भीतर ही कार्य करती है।
→ सार रूप में यह कहा जा सकता है कि लोकतंत्र सरकार का एक ऐसा रूप है जिसमें शासकों का चुनाव लोग करते है।
→ लोकतंत्र में नेता बदलते रहते हैं इसलिए अस्थिरता बनी रही है तथा निर्णय लेने में भी देरी होती है।
→ लोकतंत्र में राजनैतिक लड़ाई और सत्ता के खेल के कारण नैतिकता की कोई जगह नहीं होती अत: भ्रष्टाचार में वृद्धि होती है।
→ सामान्य लोगों को पता नहीं होता है कि उनके लिए क्या अच्छा है और क्या बुरा है जबकि लोकतंत्र के ऐसे ही लोग वोट के माध्यम से सरकार को चुनते हैं। अत: यह सही वयस्क नहीं हैं।
→ लोकतान्त्रिक शासन की पद्धति दूसरों से बेहतर है क्योंकि यह शासन का अधिक जवाबदेही वाला स्वरूप है तथा बेहतर निर्णय लेने की संभावना बढ़ाता है।
→ लोकतन्त्र मतभेदों एवं टकरावों को संभालने का तरीका उपलब्ध कराता है।
→ लोकतन्त्र नागरिकों के सम्मान में वृद्धि करता है। यह राजनीतिक समानता के सिद्धान्त पर आधारित है।
→ नागरिक के तौर पर हम जो भी काम करते हैं वह भी हमारे देश के लोकतंत्र को अच्छा या खराब बनाने में मदद करता है यह लोकतंत्र की ताकत है और कमजोरी भी यही है।
→ तानाशाही – इस प्रकार की व्यवस्था में सभी शक्तियाँ निजी व्यक्ति अथवा व्यक्तियों के एक छोटे से समूह के हाथों में होती हैं एवं तानाशाह किसी के प्रति उत्तरदायी नहीं होता है।
→ राजशाही – इस प्रकार की व्यवस्था में किसी देश में राजा का शासन होता है। इसे राजतन्त्र के नाम से भी जाना जाता है। राजा वंशानुगत होता है।
→ लोकतन्त्र – जनता का शासन, जिसमें शासक जनता द्वारा निर्वाचित होते हैं।
→ लोकतान्त्रिक सरकार – यह एक प्रकार की सरकार है, जिसमें लोगों के हाथों में सभी शक्तियाँ होती हैं एवं सरकार लोगों के प्रति उत्तरदायी होती है। लोग अर्थात् जनता संवैधानिक साधनों द्वारा इसे बदल भी सकती है।
→ राजनीतिक समानता – देश की राजनीति में भाग लेने, चुनाव लड़ने, मत देने के अधिकार का बिना किसी भेदभाव के उपयोग करना राजनीतिक समानता कहलाता है।
→ प्रतिनिधित्व लोकतन्त्र – शासन की वह व्यवस्था जिसमें सभी लोगों द्वारा शासन नहीं किया जाता। जनता की ओर से उनके द्वारा चुने प्रतिनिधियों को निर्णय लेने की अनुमति प्रदान की जाती है।