JAC Board Class 9th Social Science Notes Civics Chapter 2 संविधान निर्माण
→ दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रवादी नेता नेल्सन मण्डेला को सन् 1964 ई. में देश में रंगभेद से चलने वाली शासन व्यवस्था का विरोध करने के कारण आजीवन कारावास की सजा दी गई थी। उन्हें 28 वर्षों तक दक्षिण अफ्रीका की सबसे भयानक जेल रोब्बेन द्वीप में कैद रखा गया था।
→ सन् 1950 ई. से ही दक्षिण अफ्रीका में अश्वेत, रंगीन चमड़ी वाले एवं भारतीय मूल के लोगों ने रंगभेद नीति के विरुद्ध संघर्ष किया। शासन की रंगभेद की नीति के कारण वहाँ स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, बस, सिनेमाघर आदि सभी सार्वजनिक स्थानों पर काले एवं गोरे के लिए अलग-अलग व्यवस्थाएँ थीं।
→ 26 अप्रैल, सन् 1994 ई. की मध्यरात्रि को दक्षिण अफ्रीका गणराज्य स्वतन्त्र हुआ। यह दुनिया का एक नया लोकतान्त्रिक देश बन गया।
→ बहुसंख्यक अश्वेत सामाजिक व आर्थिक अधिकार चाहते थे तथा अल्पसंख्यक गोरों को अपनी संपत्ति तथा विशेषाधिकारों की चिंता थी। अत: दोनों ने मिल बैठकर शासन चलाने के नियमों को लिखकर एक संविधान बनाया।
→ दक्षिण अफ्रीका के नये संविधान में नागरिकों को जितने अधिक अधिकार दिए गए हैं, उतने संसार के किसी भी संविधान ने नहीं दिए हैं। जिस देश की दुनिया भर में अलोकतान्त्रिक तौर-तरीकों के लिये निन्दा की जाती थी, आज उसी दक्षिण अफ्रीका को लोकतन्त्र के मॉडल के रूप में देखा जाता है।
→ यह जरूरी नहीं है कि जिन देशों में संविधान है, वे सभी लोकतान्त्रिक शासन वाले हों लेकिन जिन देशों में लोकतान्त्रिक शासन है वहाँ संविधान का होना अति आवश्यक है। दक्षिण अफ्रीका की ही तरह भारत का संविधान भी बहुत कठिन परिस्थितियों के बीच बना। लेकिन यहाँ कुछ चीजों पर पहले से ही सहमति थी।
→ सन् 1928 ई. में ही मोतीलाल नेहरू एवं कांग्रेस के आठ अन्य नेताओं ने भारत का एक संविधान लिखा, जिसे सन 1931 ई. में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के करांची अधिवेशन में एक प्रस्ताव के तहत यह रूपरेखा रखी गयी थी कि स्वतन्त्र भारत का संविधान कैसा होगा।
→ चुने गए जनप्रतिनिधियों की जो एक संविधान लिखने का काम करती है उसे संविधान सभा कहते हैं।
→ भारतीय संविधान सभा के लिए जुलाई 1946 में चुनाव हुए थे।
→ संविधान सभा की पहली बैठक दिसम्बर 1946 को हुई थी।
→ भारतीय संविधान लिखने वाली सभा में 299 सदस्य थे जिन्होंने 26 नवम्बर, सन् 1949 को अपना कार्य पूर्ण किया।
→ भारतीय संविधान 26 जनवरी, सन् 1950 को लागू हुआ था। इसी दिन की याद में हम प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को गणतन्त्र दिवस के रूप में मनाते हैं। संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद थे।
→ डॉ. भीमराव अम्बेडकर संविधान सभा की सर्वाधिक महत्वपूर्ण समिति प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे।
→ महात्मा गाँधी संविधान सभा के सदस्य नहीं थे लेकिन उनके अनुयायी इस सभा में शामिल थे। संविधान की शुरुआत बुनियादी मूल्यों की एक छोटी-सी उद्देशिका से होती है इसे संविधान की प्रस्तावना या उद्देशिका कहते हैं। इसे भारतीय संविधान की आत्मा कहा जाता है।
→ संविधान सिर्फ मूल्यों और दर्शन का बयान भर नही है संविधान में इन्हें संस्थागत रूप देने की कोशिश भी की गयी
→ भारतीय संविधान में समय के साथ होने वाले बदलावों को शामिल करने का प्रावधान भी रखा गया है। इन बदलावों के संविधान संशोधन कहते हैं।
→ देशद्रोह – देश की सरकार को षड्यन्त्रपूर्वक उखाड़ फेंकने के प्रयास का अपराध।
→ रंगभेद – 1948 से 1989 के मध्य दक्षिण अफ्रीका की सरकार द्वारा अपनायी गयी सरकारी नीति है, इस नीति में अश्वेतों के साथ नस्ली-अलगाव एवं बुरा व्यवहार किया जाता था।
→ प्रारूप – किसी कानूनी दस्तावेज का प्रारम्भिक स्वरूप।
→ संविधान – देश का सर्वोच्च कानून, जिसमें देश में राजनीति एवं समाज को व्यवस्थित करने वाले मौलिक नियम होते हैं।
→ संविधान सभा – जनता के प्रतिनिधियों की वह सभा जो संविधान के लेखन का कार्य करती है।
→ संविधान संशोधन – देश की सर्वोच्च विधायी संस्था द्वारा उस देश के संविधान में किया गया कोई भी परिवर्तन।
→ प्रस्तावना – संविधान का वह प्रथम कथन, जिसमें कोई देश अपने संविधान के मूलभूत मूल्यों एवं अवधारणाओं को स्पष्ट ढंग से व्यक्त करता है।
→ धारा – संविधान के अनुच्छेद का एक विशेष भाग।
→ दर्शन – किसी सोच अथवा कार्यों को रेखांकित करने वाले मूलभूत सिद्धान्त।
→ सन् 1928 ई. – मोतीलाल नेहरू सहित कांग्रेस के आठ अन्य नेताओं ने भारत का एक संविधान लिखा था।
→ सन् 1931 ई. – महात्मा गाँधी ने अपनी पत्रिका ‘यंग इण्डिया’ में संविधान से अपनी अपेक्षा के बारे में लेख लिखा था।
→ सन् 1946 ई. – भारतीय संविधान सभा के लिए जुलाई 1946 में चुनाव हुए थे।
→ दिसम्बर, 1946 ई.- संविधान सभा की प्रथम बैठक।
→ 26 नवम्बर, सन् 1949 ई. – संविधान निर्माण कार्य पूर्ण।
→ 26 जनवरी, सन् 1950 ई. – भारतीय संविधान लागू किया गया।
→ सन् 1964 ई. – दक्षिण अफ्रीका के नेल्सन मण्डेला एवं सात अन्य नेताओं को देश में रंगभेद से चलने वाली शासन व्यवस्था का विरोध करने के कारण आजीवन कारावास की सजा।
→ 26 अप्रैल, सन् 1994 ई. – दक्षिण अफ्रीका स्वतन्त्र होकर दुनिया का एक नया लोकतान्त्रिक देश बन गया।
→ डॉ.राजेन्द्र प्रसाद – भारतीय संविधान सभा के अध्यक्ष एवं देश के प्रथम राष्ट्रपति बने।
→ डॉ. भीमराव अम्बेडकर – भारतीय संविधान की प्रारूप समिति के अध्यक्ष एवं स्वतन्त्र भारत के प्रथम कानून मन्त्री बने।
→ पं.जवाहरलाल नेहरू – अन्तरिम सरकार के प्रधानमन्त्री, बाद में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने।
→ सरोजिनी नायडू – कांग्रेस की प्रमुख महिला नेता। बाद में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल बनीं।
→ अबुल कलाम आजाद – राष्ट्रीय आन्दोलन में अग्रणी भूमिका, मुस्लिम अलगाववादी राजनीति के विरोधी, देश के प्रथम केन्द्रीय मन्त्रिमण्डल में शिक्षा मन्त्री बने।
→ टी. टी. कृष्णामचारी – कांग्रेस के प्रमुख नेता, प्रारूप कमेटी के सदस्य एवं बाद में केन्द्रीय मन्त्रिमण्डल में वित्त मन्त्री बने।
→ जी.दुर्गाबाई देशमुख – काँग्रेस की सक्रिय नेता, बाद में केन्द्रीय समाज कल्याण बोर्ड की संस्थापक अध्यक्ष बनीं।
→ जयपाल सिंह – भारतीय हॉकी टीम के प्रथम कप्तान, बाद में झारखण्ड पार्टी के संस्थापक।
→ एच.सी. मुखर्जी – संविधान सभा के उपाध्यक्ष, बाद में बंगाल के राज्यपाल बने।
→ कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी – इतिहासकार और भाषाविद्, स्वतन्त्र पार्टी के संस्थापक, केन्द्रीय मन्त्रिमण्डल में मन्त्री भी रहे।
→ बलदेव सिंह – संविधान सभा में काँग्रेस द्वारा मनोनीत सदस्य। बाद में केन्द्रीय मन्त्रिमण्डल में मन्त्री रहे।
→ श्यामा प्रसाद मुखर्जी – अंतरिम सरकार में उद्योग एवं आपूर्ति मंत्री, हिन्दू महासभा में सक्रिय, बाद में भारतीय जनसंघ की स्थापना की।
→ सोमनाथ लाहिड़ी – भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता। बाद में पश्चिम बंगाल विधान सभा में सदस्य बने।