JAC Board Class 9th Social Science Notes Geography Chapter 6 जनसंख्या
→ मानव, संसाधनों का निर्माण एवं उपयोग करने के साथ-साथ, वे स्वयं भी विभिन्न गुणों वाले संसाधन होते हैं। इसलिए यह जानना आवश्यक है कि हमारे देश में कितने लोग निवास करते हैं, वे कैसे एवं कहाँ रहते हैं।
→ एक निश्चित समयांतराल में जनसंख्या की आधिकारिक गणना ‘जनगणना’ कहलाती है।
→ भारत में सर्वप्रथम जनगणना सन् 1872 ई. में की गई थी परन्तु सन् 1881 ई. में प्रथम बार एक सम्पूर्ण जनगणना की गयी थी। उसी समय से प्रत्येक 10 वर्ष बाद हमारे देश में जनगणना होती है।
→ भारतीय जनगणना हमारे देश की जनसंख्या से सम्बन्धित विभिन्न जानकारियाँ हमें प्रदान करती है।
→ मार्च 2011 की जनगणना के अनुसार भारत की जनसंख्या 1.21 अरब थी जो समस्त विश्व की कुल जनसंख्या का का 17.5 प्रतिशत थी।
→ भारत में लगभग 32.8 लाख वर्ग किमी. क्षेत्र पर विश्व की लगभग 2.4 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है।
→ सन् 2011 की जनगणना के अनुसार देश का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य उत्तर प्रदेश है। यहाँ देश की 16 प्रतिशत आबादी निवास करती है।
→ क्षेत्रफल की दृष्टि में राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य है। यहाँ भारत की जनसंख्या को केवल 5.5 प्रतिशत लोग निवास करते हैं।
→ सन् 2011 में भारत का जनसंख्या घनत्व 382 व्यक्ति प्रतिवर्ग किमी. था।
→ सर्वाधिक जनसंख्या घनत्व बिहार में 1,102 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी. एवं न्यूनतम अरुणाचल प्रदेश में 17 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी. है।
→ प्रत्येक वर्ष या एक दशक में बढ़ी जनसंख्या, कुल संख्या में वृद्धि का परिमाण है पहले की जनसंख्या को बाद की जनसंख्या से घटाकर इसे प्राप्त किया जाता है। इसे ‘निरपेक्ष वृद्धि’ कहते हैं।
→ प्रत्येक 100 व्यक्तियों पर एक वर्ष में जितनी वृद्धि होती है उसे वार्षिक वृद्धि दर कहते हैं।
→ पिछले कुछ वर्षों में जनसंख्या वृद्धि दर में कमी आयी है फिर भी भारत की जनसंख्या वृद्धि जारी है।
→ जनसंख्या में होने वाले परिवर्तन की तीन मुख्य प्रक्रियाएँ होती हैं-जन्म-दर, मृत्यु-दर एवं प्रवास।
→ एक वर्ष में प्रतिहजार व्यक्तियों में जितने जीवित बच्चे जन्म लेते हैं उसे ‘जन्मदर’ कहते हैं तथा एक वर्ष में प्रतिहजार व्यक्तियों में मरने वालों की संख्या को ‘मृत्युदर’ कहते हैं।
→ लोगों के एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में चले जाने के प्रवास कहते हैं। प्रवास आन्तरिक (देश के भीतर) तथा अन्तर्राष्ट्रीय हो सकता है।
→ प्रति एक हजार पुरुषों पर महिलाओं की संख्या को ‘लिंग अनुपात’ कहा जाता है। सन् 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में एक हजार पुरुषों पर 943 महिलाएँ थीं।
→ साक्षरता किसी जनसंख्या का बहुत ही महत्वपूर्ण गुण है। सन् 2011 की जनगणना के अनुसार एक व्यक्ति जिसकी उम्र 7 वर्ष या उससे अधिक है जो किसी भी भाषा को समझकर लिख या पढ़ सकता है उसे साक्षर की श्रेणी में माना जाता है। भारत की साक्षरता दर में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है।
→ व्यवसायों को सामान्यतः प्राथमिक, द्वितीयक एवं तृतीयक श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है।
→ भारत में कुल जनसंख्या का 64 प्रतिशत भाग कृषि पर निर्भर है।
→ स्वास्थ्य जनसंख्या की संरचना का एक महत्वपूर्ण घटक है। भारत में मृत्युदर में कमी आयी है लेकिन कुपोषण एवं स्वास्थ्य रक्षा सुविधाओं के लिए काफी काम करना बाकी है।
→ राष्ट्रीय जनसंख्या नीति 2000 निःशुल्क शिक्षा, शिशु मृत्यु दर, टीकाकरण, शादी की उम्र को बढ़ाने तथा परिवार नियोजन को एक जनकेन्द्रित कार्यक्रम बनाने के लिए नीतिगत ढाँचा प्रदान करती है।
→ जनसंख्या – किसी प्रदेश या देश में रहने वाले लोगों की कुल संख्या को जनसंख्या कहते हैं।
→ जनसंख्या घनत्व – प्रति वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में रहने वाले लोगों की संख्या को जनसंख्या घनत्व कहते हैं।
→ जन्म-दर – किसी क्षेत्र, प्रदेश अथवा देश में एक वर्ष में प्रति हजार व्यक्तियों में जीवित जन्मे बच्चों की संख्या को जन्म-दर कहते हैं। इसे प्रति हजार में व्यक्त किया जाता है। मृत्यु-दर-एक वर्ष की जनसंख्या में प्रति हजार लोगों में मरने वाले लोगों की संख्या को मृत्यु-दर कहते हैं। इसे प्रति हजार में व्यक्त किया जाता है।
→ प्राकृतिक वृद्धि-किसी क्षेत्र अथवा देश की जनसंख्या में जन्म-दर एवं मृत्यु-दर के बीच का अन्तर जनसंख्या की प्राकृतिक वृद्धि कहलाता है।
→ निरपेक्ष वृद्धि-पहले की जनसंख्या (2001) को बाद की जनसंख्या (2011) में से घटाकर जो जनसंख्या आती है उसे निरपेक्ष वृद्धि कहते हैं।
→ प्रवास – व्यक्तियों का एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में चले जाने को प्रवास कहते हैं।
→ लिंग अनुपात – प्रति हजार पुरुषों पर महिलाओं की संख्या लिंग अनुपात कहलाती है।
→ व्यावसायिक संरचना – विभिन्न प्रकार के व्यवसायों के अनुसार किए गए जनसंख्या के वितरण को व्यावसायिक संरचना कहते हैं।
→ प्राथमिक क्रियाएँ – कृषि, पशुपालन, वानिकी, खनन एवं मत्स्य पालन आदि व्यवसाय प्राथमिक क्रियाएँ अथवा प्राथमिक व्यवसाय माने जाते हैं।
→ द्वितीयक क्रियाएँ – उद्योग, भवन एवं वस्तु निर्माण कार्य आदि को द्वितीयक क्रियाएँ कहा जाता है।
→ तृतीयक क्रियाएँ – परिवहन एवं संचार के साधन, वाणिज्य, प्रशासन एवं सेवाएँ आदि तृतीयक व्यवसाय कहे जाते
→ जनसंख्या वृद्धि – किसी विशेष समय अन्तराल में किसी देश अथवा राज्य के निवासियों की संख्या में धनात्मक परिवर्तन।
→ जनगणना – किसी प्रदेश अथवा देश में किसी विशेष दिन आर्थिक एवं सामाजिक सांख्यिकी सहित जनसंख्या की सरकारी गणना को जनगणना कहते हैं।
→ आयु संरचना – किसी देश में विभिन्न आयु समूहों के लोगों की संख्या।