JAC Class 11 Political Science Important Questions Chapter 8 धर्मनिरपेक्षता 

Jharkhand Board JAC Class 11 Political Science Important Questions Chapter 8 धर्मनिरपेक्षता Important Questions and Answers.

JAC Board Class 11 Political Science Important Questions Chapter 8 धर्मनिरपेक्षता

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. निम्नलिखित में कौनसी बात धर्म निरपेक्षता के विचार से संगत है।
(अ) किसी धर्म को राज्य के धर्म के रूप में मान्यता देना।
(ब) राज्य द्वारा किसी खास धर्म के साथ गठजोड़ बनाना।
(स) सरकार द्वारा धार्मिक संस्थाओं की प्रबन्धन समितियों की नियुक्ति करना।
(द) किसी धार्मिक समूह पर दूसरे धार्मिक समूह का वर्चस्व न होना।
उत्तर:
(द) किसी धार्मिक समूह पर दूसरे धार्मिक समूह का वर्चस्व न होना।

2. निम्न में से कौनसी विशेषता पाश्चात्य धर्म निरपेक्षता की नहीं है।
(अ) राज्य द्वारा समर्थित धार्मिक सुधारों की अनुमति।
(ब) धर्म और राज्य का एक-दूसरे के मामले में हस्तक्षेप न करने की अटल नीति।
(स) विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच समानता पर बल देना।
(द) एक धर्म के भिन्न पंथों के बीच समानता पर बल देना।
उत्तर:
(अ) राज्य द्वारा समर्थित धार्मिक सुधारों की अनुमति।

3. निम्न में से कौनसी विशेषता भारतीय धर्म निरपेक्षता की है
(अ) धर्म और राज्य का एक-दूसरे के मामले में हस्तक्षेप न करने की अटल नीति ।
(ब) राज्य धार्मिक सुधारों हेतु दखल नहीं दे सकता।
(स) व्यक्ति और उसके अधिकारों को ही महत्त्व देना।
(द) अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर ध्यान देना।
उत्तर:
(द) अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर ध्यान देना।

4. निम्न में से कौनसी भारतीय धर्म निरपेक्षता की आलोचना नहीं है।
(अ) धर्म-विरोधी
(स) सभी धर्मों को राज्य द्वारा समान संरक्षण
(ब) पश्चिम से आयातित
(द) अल्पसंख्यकवाद।
उत्तर:
(स) सभी धर्मों को राज्य द्वारा समान संरक्षण

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5. धर्म निरपेक्षता की संकल्पना के लिये अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है।
(अ) व्यक्तिगत समानता
(स) अंतः धार्मिक समानता
(ब) अंतर – धार्मिक समानता
(द) अन्तर- धार्मिक व अंत: धार्मिक समानता
उत्तर:
(द) अन्तर- धार्मिक व अंत: धार्मिक समानता

6. धर्म निरपेक्षता विरोध करती है।
(अ) स्वतंत्रता का
(ब) समानता का
(स) धार्मिक वर्चस्व का
(द) राज्य सत्ता का
उत्तर:
(स) धार्मिक वर्चस्व का

7. धर्म निरपेक्षता के यूरोपीय मॉडल में धर्म है।
(अ) एक निजी मामला
(स) चर्च का मामला
(ब) सरकार का मामला
(द) न्यायालय का मामला
उत्तर:
(अ) एक निजी मामला

8. भारतीय धर्म निरपेक्षता राज्य को अनुमति देती है।
(अ) धार्मिक भेदभाव की
(स) धार्मिक सुधार की
(ब) धार्मिक आयोजनों की
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(स) धार्मिक सुधार की

9. धर्म निरपेक्षता बढ़ावा देती हैं।
(अ) धर्मों में समानता को
(ब) धर्मतांत्रिक राज्य को
(स) अस्पृश्यता को
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(अ) धर्मों में समानता को

10. धर्म निरपेक्ष राज्य सत्ता के लिये जरूरी है।
(अ) धर्म में हस्तक्षेप
(स) धर्म का विरोध
(ब) एक राज्य धर्म
(द) धर्म से सम्बन्ध विच्छेद
उत्तर:
(द) धर्म से सम्बन्ध विच्छेद

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11. धर्मनिरपेक्ष राज्यों में निम्न में से कौनसा शामिल नहीं होना चाहिए।
(अ) धार्मिक स्वतंत्रता
(ब) धार्मिक भेदभाव
(सं) अन्तर – धार्मिक समानता
(द) अंत: धार्मिक समानता
उत्तर:
(ब) धार्मिक भेदभाव

12. सभी धर्म निरपेक्ष राज्यों में कौनसी बात सामान्य है।
(अ) वे धर्मतांत्रिक हैं।
(ब) वे किसी खास धर्म की स्थापना करते हैं।
(स) वे न तो धर्मतांत्रिक हैं और न किसी खास धर्म की स्थापना करते हैं।
(द) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(स) वे न तो धर्मतांत्रिक हैं और न किसी खास धर्म की स्थापना करते हैं।

रिक्त स्थानों की पूर्ति करें

1. भारत में धर्मनिरपेक्षता का विचार ………………… वाद विवादों और परिचर्चाओं में सदैव मौजूद रहा है।
उत्तर:
सार्वजनिक

2. पड़ौसी देश, पाकिस्तान और बांग्लादेश में ……………….. की स्थिति ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है।
उत्तर:
धार्मिक अल्पसंख्यकों

3. धर्मनिरपेक्षता का सिद्धान्त …………………. वर्चस्व का विरोध करता है।
उत्तर:
अंतर – धार्मिक

4. धर्मनिरपेक्षता का सिद्धान्त …………………. वर्चस्व का भी विरोध करता है।
उत्तर:
अंतः धार्मिक

5. धर्म और राज्य सत्ता के बीच संबंध विच्छेद ……………………. राज्यसत्ता के लिए जरूरी है।
उत्तर:
धर्मनिरपेक्ष

6. भारतीय धर्मनिरपेक्षता में राज्य समर्थित ………………… सुधार की गुंजाइश भी है और अनुकूलता भी।
उत्तर:
धार्मिक

निम्नलिखित में से सत्य / असत्य कथन छाँटिये

1. भारतीय धर्मनिरपेक्षता का संबंध व्यक्तियों की धार्मिक आजादी से ही नहीं है, अल्पसंख्यक समुदायों की धार्मिक आजादी से भी है।
उत्तर:
सत्यं

2. भारतीय धर्मनिरपेक्षता में राज्य समर्थित धार्मिक सुधार की गुंजाइश नहीं है।
उत्तर:
असत्य

3. भारतीय धर्मनिरपेक्षता ने अन्तः धार्मिक और अंतर- धार्मिक वर्चस्व पर एक साथ ध्यान केन्द्रित नहीं किया है।
उत्तर:
असत्य

4. भारतीय धर्मनिरपेक्षता धर्म से सैद्धान्तिक दूरी कायम रखने के सिद्धान्त पर चलती है जो हस्तक्षेप की गुंजाइश भी बनाती है।
उत्तर:
सत्य

5. धर्मनिरपेक्षता के अमेरिकी मॉडल में धर्म और राज्य सत्ता के संबंध विच्छेद को पारस्परिक निषेध के रूप में समझा जाता है।
उत्तर:
सत्य

निम्नलिखित स्तंभों के सही जोड़े बनाइये

1. पाकिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों (अ) धर्मनिरपेक्षता का उत्पीड़न
2. अन्तर धार्मिक वर्चस्व एवं अंतः धार्मिक वर्चस्व दोनों (ब) धर्म के अन्दर वर्चस्ववाद का विरोध करना
3. देश के कुछ हिस्सों में हिन्दू महिलाओं का मंदिरों (स) धर्मनिरपेक्षता का यूरोपीय मॉडल में प्रवेश वर्जित
4. धर्म और राज्यसत्ता के संबंध विच्छेद को परस्पर निषेध के रूप में समझना (द) भारतीय धर्मनिरपेक्षता का मॉडल
5. वह धर्मनिरेपक्षता जो धर्म और राज्य के बीच पूर्ण (य) धर्मों के बीच वर्चस्ववाद

उत्तर:

1. पाकिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों (य) धर्मों के बीच वर्चस्ववाद
2. अन्तर धार्मिक वर्चस्व एवं अंतः धार्मिक वर्चस्व दोनों (अ) धर्मनिरपेक्षता का उत्पीड़न
3. देश के कुछ हिस्सों में हिन्दू महिलाओं का मंदिरों (ब) धर्म के अन्दर वर्चस्ववाद का विरोध करना
4. धर्म और राज्यसत्ता के संबंध विच्छेद को परस्पर निषेध के रूप में समझना (स) धर्मनिरपेक्षता का यूरोपीय मॉडल में प्रवेश वर्जित
5. वह धर्मनिरेपक्षता जो धर्म और राज्य के बीच पूर्ण (द) भारतीय धर्मनिरपेक्षता का मॉडल


अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
धर्मतांत्रिक राज्य किसे कहा जाता है?
उत्तर;
धर्मतांत्रिक राज्य उस राज्य को कहते हैं जो किसी धर्म विशेष को राज्य का धर्म घोषित कर उसे संरक्षण प्रदान करता है।

प्रश्न 2.
धार्मिक भेदभाव रोकने का कोई एक रास्ता बताइये।
उत्तर:
हमें आपसी जागरूकता के साथ एक साथ मिलकर काम करना चाहिए।

प्रश्न 3.
धर्म निरपेक्षता कैसा समाज बनाना चाहती है?
उत्तर:
धर्म निरपेक्षता अंतर- धार्मिक तथा अंतः धार्मिक दोनों प्रकार के वर्चस्वों से रहित समाज बनाना चाहती है।

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प्रश्न 4.
किसी धार्मिक समूह के वर्चस्व को रोकने के लिए राष्ट्र को किस बात से बचना चाहिए?
उत्तर:
राष्ट्र को किसी भी धर्म के साथ किसी भी प्रकार के गठजोड़ से बचना चाहिए।

प्रश्न 5.
धर्म निरपेक्षता किस बात को बढ़ावा देती है?
उत्तर:
धर्म निरपेक्षता धार्मिक स्वतंत्रता और समानता को बढ़ावा देती है

प्रश्न 6.
भारत में धर्म निरपेक्षता का विकास किस बात को ध्यान में रखकर हुआ है?
उत्तर:
शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व को ध्यान में रखकर।

प्रश्न 7.
भारतीय धर्मनिरपेक्षता में राज्य धर्म से कैसा सम्बन्ध रखता है?
उत्तर:
इसमें राज्य धर्म के सैद्धान्तिक दूरी रखते हुए उसमें हस्तक्षेप की गुंजाइश रखता है।

प्रश्न 8.
सभी धर्म निरपेक्ष राज्यों में कौनसी चीज सामान्य है?
उत्तर:
सभी धर्मनिरपेक्ष राज्य न तो धर्मतांत्रिक हैं और न किसी खास धर्म की स्थापना करते हैं।

प्रश्न 9.
“हजारों कश्मीरी पंडितों को घाटी में अपना घर छोड़ने के लिए विवश किया गया। वे दो दशक के बाद भी अपने घर नहीं लौट सके हैं।” यह कथन क्या दर्शाता है?
उत्तर:
यह कथन अन्तर: धार्मिक वर्चस्व और एक धार्मिक समुदाय द्वारा दूसरे समुदाय के उत्पीड़न को दर्शाता है।

प्रश्न 10.
धर्म निरपेक्षता के दो पहलू कौनसे हैं?
उत्तर:
धर्म निरपेक्षता के दो पहलू हैं।

  1. अन्तर- धार्मिक वर्चस्व का विरोध और
  2. अंतः धार्मिक वर्चस्व का विरोध।

प्रश्न 11.
अन्तर- धार्मिक वर्चस्व से क्या आशय है?
उत्तर:
अन्तर- धार्मिक वर्चस्व का आशय है। नागरिकों के एक धार्मिक समूह द्वारा दूसरे समूह को बुनियादी आजादी से वंचित करना।

प्रश्न 12.
अंत: धार्मिक वर्चस्व से क्या आशय है?
उत्तर:
अंतः धार्मिक वर्चस्व से आशय है धर्म के अन्दर छिपा वर्चस्व

प्रश्न 13.
धर्मतांत्रिक राष्ट्र किस बात के लिए कुख्यात रहे हैं?
उत्तर:
धर्मतांत्रिक राष्ट्र अपनी श्रेणीबद्धता, उत्पीड़न और दूसरे धार्मिक समूह के सदस्यों को धार्मिक स्वतंत्रता न देने के लिए कुख्यात रहे हैं।

प्रश्न 14.
किन्हीं दो धर्मतांत्रिक राष्ट्रों के उदाहरण दीजिये।
उत्तर:

  1. मध्यकालीन यूरोप में पोप की राज्य सत्ता और
  2. आधुनिक काल में अफगानिस्तान में तालिबानी राज्य सत्ता धर्मतांत्रिक राष्ट्रों के उदाहरण हैं।

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प्रश्न 15.
आधुनिक काल में विद्यमान ऐसा राज्य कौनसा है जो धर्मतांत्रिक न होते हुए भी किसी खास धर्म के साथ गठजोड़ बनाये हुए है? थी।
उत्तर:
पाकिस्तान यद्यपि धर्मतांत्रिक राष्ट्र नहीं है, लेकिन सुन्नी इस्लाम उसका आधिकारिक राज्य धर्म है।

प्रश्न 16.
20वीं सदी में तुर्की में किस शासक ने धर्म निरपेक्षता पर अमल किया?
उत्तर:
मुस्तफा कमाल अतातुर्क ने।

प्रश्न 17.
मुस्तफा कमाल अतातुर्क की धर्मनिरपेक्षता का स्वरूप कैसा था?
उत्तर:
मुस्तफा कमाल अतातुर्क की धर्मनिरपेक्षता धर्म में सक्रिय हस्तक्षेप के जरिए उसके दमन की हिमायत करती

प्रश्न 18.
जवाहर लाल नेहरू की धर्म निरपेक्षता का स्वरूप कैसा था?
उत्तर:
नेहरू की धर्म निरपेक्षता थी। सभी धर्मों को राज्य द्वारा समान संरक्षण।

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत में धर्म निरपेक्षता की स्थिति को लेकर कौनसे मामले काफी पेचीदा हैं?
उत्तर:

  1. एक ओर तो यहाँ प्रायः हर राजनेता धर्म निरपेक्षता की शपथ लेता है, हर राजनीतिक दल धर्म निरपेक्ष होने की घोषणा करता है।
  2. दूसरी ओर, तमाम तरह की चिंताएँ और संदेह धर्म निरपेक्षता को घेरे रहते हैं। पुरोहितों, धार्मिक राष्ट्रवादियों, कुछ राजनीतिज्ञों तथा शिक्षाविदों द्वारा धर्म निरपेक्षता का विरोध किया जाता है।

प्रश्न 2.
धर्म निरपेक्षता क्या है?
उत्तर:
धर्म निरपेक्षता एक ऐसा नियामक सिद्धान्त है जो अन्तर- धार्मिक और अंतः धार्मिक, दोनों तरह के वर्चस्वों से रहित समाज बनाना चाहता है। यह धर्मों के अन्दर आजादी तथा विभिन्न धर्मों के बीच और उनके अन्दर समानता को बढ़ावा देता है।

प्रश्न 3.
धर्मों के बीच वर्चस्ववाद से क्या आशय है?
अन्तर:
धार्मिक वर्चस्व को स्पष्ट कीजिये।
अथवा
उत्तर:
धर्मों के बीच वर्चस्ववाद अर्थात् अन्तर- धार्मिक वर्चस्व का आशय यह है कि किसी देश या समाज में बहुसंख्यक धर्मावलम्बी अल्पसंख्यक धर्मावलम्बियों या किसी एक अल्पसंख्यक धर्मावलम्बियों को उनकी धार्मिक पहचान के कारण उत्पीड़ित करते हैं। दूसरे शब्दों में, नागरिकों के एक धार्मिक समूह को दुनिया की स्वतंत्रता से वंचित किया जाता है।

प्रश्न 4.
धर्म के अन्दर वर्चस्व ( अन्तः धार्मिक वर्चस्व ) से क्या आशय है?
उत्तर:
किसी देश में जब एक धर्म कई धार्मिक सम्प्रदायों में विभाजित हो जाता है और वे धार्मिक सम्प्रदाय परस्पर अपने से भिन्न मत रखने वाले सम्प्रदाय के सदस्यों के उत्पीड़न में लगे रहते हैं, तो यह अन्तः धार्मिक वर्चस्ववाद कहा जाता है।

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प्रश्न 5.
धार्मिक भेदभाव रोकने के कोई तीन व्यक्तिगत रास्ते बताइये।
उत्तर:

  1. हम आपसी जागरूकता के लिए मिलकर काम करें।
  2. हम शिक्षा के द्वारा लोगों की सोच बदलने का प्रयास करें।
  3. हम साझेदारी और पारस्परिक सहायता के व्यक्तिगत उदाहरण द्वारा विभिन्न सम्प्रदायों के संदेहों को दूर करें।

प्रश्न 6.
एक राष्ट्र को किसी धार्मिक समूह के वर्चस्व को कैसे रोकना चाहिए?
उत्तर:
एक राष्ट्र को किसी धार्मिक समूह के वर्चस्व को रोकने हेतु निम्न प्रयास करने चाहिए

  1. प्रथमत: संगठित धर्म और राज्य सत्ता के बीच सम्बन्ध विच्छेद होना चाहिए।
  2. दूसरे, उसे किसी भी धर्म के साथ किसी भी तरह के औपचारिक कानूनी गठजोड़ से परहेज करना होगा।
  3. तीसरे, उसे शांति, धार्मिक स्वतंत्रता, धार्मिक उत्पीड़न, भेदभाव और वर्जना से आजादी, अन्तर- धार्मिक तथा अन्तः धार्मिक समानता के प्रति प्रतिबद्ध होना चाहिए।

प्रश्न 7.
धर्म निरपेक्षता की यूरोपीय या अमेरिकी मॉडल की दो विशेषताएँ लिखिये।
उत्तर:
धर्मनिरपेक्षता की यूरोपीय या अमेरिकी मॉडल की दो विशेषताएँ निम्नलिखित हैं।

  1. राज्यसत्ता धर्म के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेगी और धर्म राज्यसत्ता के मामलों में दखल नहीं देगा। दोनों के अपने अलग-अलग क्षेत्र व सीमाएँ हैं।
  2. राज्य किसी धार्मिक संस्था को मदद नहीं देगा।

प्रश्न 8.
धर्म निरपेक्षता के भारतीय मॉडल की दो विशेषताएँ लिखिये।
उत्तर:
धर्मनिरपेक्षता के भारतीय मॉडल की विशेषताएँ :

  1. भारतीय धर्म निरपेक्षता का सम्बन्ध व्यक्तियों की धार्मिक आजादी से ही नहीं, अल्पसंख्यक समुदायों की धार्मिक आजादी से भी है।
  2. भारतीय धर्म निरपेक्षता में राज्य समर्थित धार्मिक सुधार की गुंजाइश भी है।

प्रश्न 9.
भारतीय राज्य धार्मिक सुधारों की पहल करते हुए और धर्म से पूरी तरह सम्बन्ध विच्छेद किये बिना किस आधार पर धर्म निरपेक्ष होने का दावा करता है?
उत्तर:
धार्मिक सुधारों की पहल करते हुए और धर्म से पूरी तरह सम्बन्ध विच्छेद किये बिना भी भारतीय राज्य का धर्म निरपेक्ष चरित्र वस्तुतः इसी वजह से बरकरार है कि वह न तो धर्मतांत्रिक है और न ही किसी धर्म को राजधर्म मानता है। इसके परे, इसने धार्मिक समानता के लिए अत्यन्त परिष्कृत नीति अपनाई है।

प्रश्न 10.
क्या भारतीय धर्मनिरपेक्षता अल्पसंख्यकवादी है? स्पष्ट कीजिये।
उत्तर:
नहीं, भारतीय धर्मनिरपेक्षता अल्पसंख्यकवादी नहीं है क्योंकि भारत में अल्पसंख्यकों को जो विशेषाधिकार दिये गये हैं, वे उनके धर्म की सुरक्षा तथा बहुसंख्यक धार्मिक समूहों के वर्चस्व को रोकने के लिए दिये गये हैं, न कि उनके वर्चस्व को स्थापित करने के लिए।

प्रश्न 11.
धर्म निरपेक्षता धर्म विरोधी नहीं है। स्पष्ट कीजिये।
उत्तर:
धर्म निरपेक्षता धर्म विरोधी नहीं है- हमारे अधिकांश दुःख-दर्द मानव निर्मित हैं, इसलिए उनका अन्त हो सकता है। लेकिन हमारे कुछ कष्ट मानव निर्मित नहीं हैं। धर्म, कला और दर्शन ऐसे दुःख-दर्दों के सटीक प्रत्युत्तर हैं। धर्म निरपेक्षता इस तथ्य को स्वीकार करती है और इसीलिए धर्म निरपेक्षता धर्म विरोधी नहीं है।

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प्रश्न 12.
धर्म निरपेक्ष होने के लिए किसी राज्य सत्ता को क्या-क्या करना होगा?
उत्तर:
धर्म निरपेक्ष होने के लिए किसी राज्य सत्ता को निम्नलिखित बातों को अपनाना होगाv

  1. धर्म निरपेक्ष होने के लिए राज्य सत्ता को धर्मतांत्रिक होने से इनकार करना होगा अर्थात् संगठित धर्म और राज्यसत्ता के बीच सम्बन्ध विच्छेद होना चाहिए।
  2. उसे किसी भी धर्म के साथ किसी भी तरह के औपचारिक कानूनी गठजोड़ से परहेज करना होगा।
  3. धर्म निरपेक्ष राज्य को ऐसे सिद्धान्तों और लक्ष्यों के लिए अवश्य प्रतिबद्ध होना चाहिए जो अंशत: ही सही, गैर-धार्मिक स्रोतों से निकलते हैं। ऐसे लक्ष्यों में शांति; धार्मिक स्वतंत्रता; धार्मिक उत्पीड़न, भेदभाव और वर्ज़ना से आजादी; और साथ ही अन्तर- धार्मिक व अंत: धार्मिक समानता शामिल रहनी चाहिए।

प्रश्न 13.
धर्म निरपेक्षता के यूरोपीय मॉडल की विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
धर्म निरपेक्षता का यूरोपीय मॉडल- धर्म निरपेक्षता के यूरोपीय मॉडल की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित

  1. राज्य सत्ता धर्म के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेगी और धर्म राज्यसत्ता के मामलों में दखल नहीं देगा। दोनों के अपने अलग-अलग क्षेत्र हैं और अलग-अलग सीमाएँ हैं।
  2. राज्य किसी धार्मिक संस्था को मदद नहीं देगा। वह धार्मिक समुदायों द्वारा संचालित शैक्षणिक संस्थाओं को वित्तीय सहयोग नहीं देगा।
  3. जब तक धार्मिक समुदायों की गतिविधियाँ देश के कानून द्वारा निर्मित व्यापक सीमा के अन्दर होती हैं, वह इन गतिविधियों में व्यवधान पैदा नहीं कर सकता।
  4. पश्चिमी धर्म निरपेक्षता स्वतंत्रता और समानता की व्यक्तिवादी ढंग से व्याख्या करती है। यह व्यक्तियों की स्वतंत्रता और समानता के अधिकारों की बात करती है। इसमें समुदाय आधारित अधिकारों अथवा अल्पसंख्यक अधिकारों की कोई गुंजाइश नहीं है।
  5. इसमें राज्य समर्थित धार्मिक सुधार के लिए कोई जगह नहीं है।

प्रश्न 14.
भारतीय राज्य धर्म और राज्य के बीच पूरी तरह सम्बन्ध विच्छेद किये बिना अपनी धर्म निरपेक्षता का दावा किस आधार पर करती है? भारतीय धर्म निरपेक्षता में धर्म और राज्यसत्ता के मध्य सम्बन्धों के स्वरूप को स्पष्ट कीजिए।
अथवा.
धर्म निरपेक्षता के भारतीय मॉडल को समझाइये।
अथवा
भारतीय धर्म निरपेक्षता की विशेषताएँ बताइये।
उत्तर:
भारतीय धर्म निरपेक्षता का स्वरूप: भारतीय राज्य का धर्म निरपेक्ष चरित्र वस्तुतः इसी वजह से बरकरार है कि वह न तो धर्मतांत्रिक है और न किसी धर्म को राजधर्म मानता है। इस सिद्धान्त को मानते हुए इसने विभिन्न धर्मों व पंथों के बीच समानता हासिल करने के लिए परिष्कृत नीति अपनायी है। इसी नीति के चलते वह अमेरिका शैली में धर्म से विलग भी हो सकता है या जरूरत पड़ने पर उसके साथ सम्बन्ध भी बना सकता है। इसकी प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

  1. धर्म के साथ निषेधात्मक सम्बन्ध: भारतीय राज्य धार्मिक अत्याचार का विरोध करने हेतु धर्म के साथ निषेधात्मक सम्बन्ध भी बना सकता है। यह बात अस्पृश्यता पर प्रतिबंध जैसी कार्यवाहियों में झलकती है।
  2. धर्म के साथ जुड़ाव के सम्बन्ध: भारतीय राज्य धर्म के साथ जुड़ाव की सकारात्मक विधि भी चुन सकता है। इसीलिए संविधान तमाम धार्मिक अल्पसंख्यकों को अपनी खुद की शिक्षण संस्थाएँ खोलने और चलाने का अधिकार देता है जिन्हें राज्य सत्ता की ओर से सहायता भी मिल सकती है।
  3. शांति, स्वतंत्रता और समानता पर बल: भारतीय राज्य शांति, स्वतंत्रता और समानता के मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए वह धर्म के साथ निषेधात्मक सम्बन्ध बनाने या जुड़ाव के सम्बन्ध बनाने की कोई भी रणनीति अपना सकता है।
  4. सैद्धान्तिक हस्तक्षेप की अनुमति: भारतीय धर्म निरपेक्षता तमाम धर्मों में सैद्धान्तिक हस्तक्षेप की अनुमति देती है। ऐसा हस्तक्षेप हर धर्म के कुछ खास पहलुओं के प्रति असम्मान प्रदर्शित करता है। जैसे धर्म के स्तर पर मान्य जातिगत विभाजन को अस्वीकार करना।

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प्रश्न 15.
धर्म निरपेक्ष राज्य की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
धर्म निरपेक्ष राज्य की विशेषताएँ। धर्म निरपेक्ष राज्य की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं।

  1. धर्म निरपेक्ष राज्य में राज्य सत्ता और धर्म में पृथकता होती है। दोनों के अपने अलग-अलग कार्यक्षेत्र होते हैं।
  2. धर्म निरपेक्ष राज्य किसी विशेष धर्म को न तो राजकीय धर्म मानता है और न किसी विशेष धर्म को संरक्षण प्रदान करता है।
  3. धर्म निरपेक्ष राज्य में सभी धर्मों को कानून के समक्ष समान समझा जाता है। किसी धर्म का दूसरे धर्म पर वर्चस्व स्थापित नहीं होता और न ही राज्य दूसरे धर्मों की तुलना में किसी विशेष धर्म को प्राथमिकता देता है।
  4. धर्म निरपेक्ष राज्य के लोग धार्मिक स्वतंत्रता का उपभोग करते हैं। किसी व्यक्ति पर किसी विशेष धर्म को लादा नहीं जाता। प्रत्येक व्यक्ति को यह स्वतंत्रता दी जाती है कि वह किसी भी धर्म को माने और पूजा की कोई भी विधि अपना सकता है।
  5. सामान्यतः राज्य तब तक लोगों के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करता जब तक कि किसी धार्मिक समुदाय की गतिविधि या धार्मिक संस्थाएँ कानून के विरुद्ध कार्य न करें तथा शांति व्यवस्था की समस्या खड़ी न करें।
  6. राज्य समाज में व्याप्त विविध धर्मों के बीच कोई भेदभाव नहीं करता है।
  7. राज्य धर्म के आधार पर सरकारी सेवाओं में अवसरों को प्रदान करने तथा अधिकार प्रदान करने के सम्बन्ध में व्यक्तियों के बीच कोई भेदभावपूर्ण कानून नहीं बना सकता है।
  8. धर्म निरपेक्ष राज्य में व्यक्ति को एक नागरिक होने के नाते अधिकार प्रदान किये जाते हैं, न कि किसी धार्मिक समुदाय का सदस्य होने के नाते।

प्रश्न 16.
भारत में राजपत्रित अवकाशों की सूची को ध्यान से पढ़ें। क्या यह भारत में धर्म निरपेक्षता का उदाहरण प्रस्तुत करती है? तर्क प्रस्तुत करें।
उत्तर:

  1. भारत में उपर्युक्त राजपत्रित अवकाशों की सूची में सभी धर्मों – हिन्दू, इस्लाम, ईसाई, सिक्ख, जैन तथा बौद्ध धर्मों के प्रमुख त्यौहारों को छुट्टी प्रदान कर प्रत्येक धर्मावलम्बी को अपना त्यौहार स्वतंत्रतापूर्वक मनाने का समान अवसर दिया गया है।
  2. दूसरे, सभी धर्मों के त्यौहारों पर सभी धर्मावलम्बियों को छुट्टी प्रदान की गई है ताकि सभी लोग एक-दूसरे के त्यौहारों में शरीक हो सकें। इस प्रकार सभी धर्मावलम्बियों को समान महत्त्व दिया गया है। यह भारतीय धर्म निरपेक्षता का स्पष्ट उदाहरण है।

प्रश्न 17.
धर्म निरपेक्षता के बारे में नेहरू के विचारों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
धर्म निरपेक्षता के बारे में नेहरू के विचार – नेहरू स्वयं किसी धर्म का अनुसरण नहीं करते थे। लेकिन उनके लिए धर्म निरपेक्षता का मतलब धर्म के प्रति विद्वेष नहीं था। उनके लिए धर्म निरपेक्षता का अर्थ था।

  1. सभी धर्मों को राज्य द्वारा समान संरक्षण।
  2. वे ऐसा धर्म निरपेक्ष राष्ट्र चाहते थे जो सभी धर्मों की हिफाजत करे, अन्य धर्मों की कीमत पर किसी एक धर्म की तरफदारी न करे और खुद किसी धर्म को राज्य धर्म के बतौर स्वीकार न करे।
  3. वे धर्म और राज्य के बीच पूर्ण सम्बन्ध विच्छेद के पक्ष में भी नहीं थे। उनके विचार के अनुसार, समाज में सुधार के लिए धर्मनिरपेक्ष राज्य सत्ता धर्म के मामले में हस्तक्षेप कर सकती है।
  4. उनके लिए धर्म निरपेक्षता का मतलब था तमाम किस्म की साम्प्रदायिकता का पूर्ण विरोध।
  5. उनके लिए धर्म निरपेक्षता सिद्धान्त का मामला भर नहीं था, वह भारत की एकता और अखंडता की एकमात्र गांरटी भी था। इसलिए बहुसंख्यक समुदाय की साम्प्रदायिकता की आलोचना में वे खास तौर पर कठोरता बरतते थे क्योंकि इससे राष्ट्रीय एकता पर खतरा उत्पन्न होता था।

प्रश्न 18.
धर्मों के बीच वर्चस्ववाद को दर्शाने वाले कोई तीन उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
धर्मों के बीच वर्चस्ववाद को दर्शाने वाले तीन उदाहरण निम्नलिखित हैं।

  1. 1984 में दिल्ली और देश के बाकी हिस्सों में लगभग चार हजार सिख मारे गये। पीड़ितों के परिवारजनों का मानना है कि दोषियों को आज तक सजा नहीं मिली है।
  2. हजारों कश्मीरी पंडितों को घाटी में अपना घर छोड़ने के लिए विवश किया गया। वे दो दशकों के बाद भी अपने घर नहीं लौट सके हैं।
  3. सन् 2002 में गुजरात में लगभग 2000 मुसलमान मारे गए। इन परिवारों के जीवित बचे हुए बहुत से सदस्य अभी भी अपने गाँव वापस नहीं जा सके हैं, जहाँ से वे उजाड़ दिए गए थे।
    इन सभी उदाहरणों में हर मामले में किसी एक धार्मिक समुदाय को लक्ष्य किया गया है और उसके लोगों को उनकी धार्मिक पहचान के कारण सताया गया है; उन्हें बुनियादी आजादी से वंचित किया गया है।

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प्रश्न 19.
अंतः धार्मिक वर्चस्व को सोदाहरण समझाइये। धर्म के अन्दर वर्चस्व को स्पष्ट कीजिये।
अथवा
उत्तर:

  1. एक ही धर्म के अन्दर एक वर्ग – विशेष का बोलबाला ( वर्चस्व ) होने की स्थिति अन्तः धार्मिक वर्चस्व की स्थिति कहलाती है।
  2. जब कोई धर्म एक संगठन में बदलता है तो आम तौर पर इसका सर्वाधिक रूढ़िवादी हिस्सा इस पर हावी हो जाता है जो किसी किस्म की असहमति बर्दाश्त नहीं करता। अमेरिका के कुछ हिस्सों में धार्मिक रूढ़िवाद बड़ी समस्या बन गया है जो देश के अन्दर भी शांति के लिए खतरा पैदा कर रहा है और बाहर भी । हिन्दू धर्म में कुछ तबके भेदभाव से स्थायी तौर पर पीड़ित रहे हैं। मसलन, दलितों को हिन्दू मंदिरों में प्रवेश से हमेशा रोका जाता है। देश के कुछ हिस्सों में हिन्दू महिलाओं का भी मंदिरों में प्रवेश वर्जित है।
  3. कई धर्म संप्रदायों में टूट जाते हैं और निरन्तर आपसी हिंसा और भिन्न मत रखने वाले अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न में लगे रहते हैं। उपर्युक्त तीनों ही उदाहरण धर्म के अन्दर वर्चस्व के हैं।

प्रश्न 20.
अल्पसंख्यकवाद से क्या आशय है? क्या भारत में अल्पसंख्यक अधिकारों को विशेषाधिकारों के रूप में देखा जाना चाहिए?
उत्तर:
अल्पसंख्यकवाद: भारतीय धर्मनिरपेक्षता की एक आलोचना अल्पसंख्यकवाद कहकर की जाती है। इसका आशय यह है कि भारतीय राज्य सत्ता अल्पसंख्यक अधिकारों की पैरवी करती है और उन्हें विशेष सुविधाएँ प्रदान करती है। इस प्रकार भारतीय धर्म निरपेक्षता धर्म के आधार पर भेदभाव करती है। लेकिन यह आलोचना त्रुटिपरक है। क्योंकि अपने महत्त्वपूर्ण हितों की पूर्ति किसी व्यक्ति का प्राथमिक अधिकार होता है और जो बात व्यक्तियों के लिए सही . है, वह समुदायों के लिए भी सही होगी।

इस आधार पर अल्पसंख्यकों के सर्वाधिक मौलिक हितों की क्षति नहीं होनी चाहिए और संवैधानिक कानून द्वारा उसकी हिफाजत की जानी चाहिए। भारतीय संविधान में ठीक इसी तरीके से इस पर विचार किया गया है। जिस हद तक अल्पसंख्यकों के अधिकार उनके मौलिक हितों की रक्षा करते हैं, उस हद तक वे न्यायसंगत हैं। अल्पसंख्यकों को जो विशेष अधिकार दिये जा रहे हैं, उसका उद्देश्य उन्हें समान अवसर प्रदान करने की विधान है, न कि उन्हें विशेष अधिकार देना। उनके लिए यह वैसे ही सम्मान और गरिमा से भरा बरताव है जो दूसरों के साथ किया जा रहा है। इसका मतलब यही है कि अल्पसंख्यक अधिकारों को विशेष सुविधा के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
भारतीय धर्म निरपेक्षता और पाश्चात्य धर्म निरपेक्षता में अन्तर स्पष्ट कीजिये।
उत्तर:
भारतीय धर्म निरपेक्षता और पश्चिमी धर्म निरपेक्षता में अन्तर – यद्यपि सभी धर्म निरपेक्ष राज्यों में कुछ विशेषताएँ कॉमन होती हैं जैसे-

  1. राज्य धर्म पर आधारित नहीं है।
  2. राज्य किसी विशेष धर्म को न तो अंगीकर करता है और न उसे स्थापित करता है तथा
  3. राज्य और धर्म में पृथकता होती है।

लेकिन राज्य धर्म से किस सीमा तक दूरी रखता है, यह प्रत्येक धर्म निरपेक्ष राज्य में भिन्न-भिन्न होता है। भारतीय धर्म निरपेक्ष मॉडल और अमेरिकी मॉडल पर आधारित पाश्चात्य धर्म निरपेक्ष मॉडल में प्रमुख अन्तर निम्नलिखित हैं।

1. धर्म और राज्य सत्ता की पृथकता:
पाश्चात्य धर्म निरपेक्षता के अन्तर्गत राज्य और धर्म के बीच पूर्ण पृथकता है। इस विच्छेद को पारस्पिक निषेध के रूप में समझा जाता है। इसका अर्थ है- राज्य सत्ता धर्म के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेगी और धर्म राज्य सत्ता के मामलों में दखल नहीं देगा। दोनों के अपने अलग-अलग कार्य व क्षेत्र हैं। राज्य सत्ता की कोई नीति पूर्णतः धार्मिक तर्क के आधार पर निर्मित नहीं हो सकती। लेकिन भारत में इस तरह की पूर्ण और पारस्परिक पृथकता नहीं है।

भारतीय राज्य सैद्धान्तिक दूरी की नीति का पालन करता है। इसी आधार पर राज्य ने हिन्दुओं में स्त्रियों और दलितों के शोषण का विरोध किया है। इसने भारतीय मुसलमानों अथवा ईसाइयों के अन्दर महिलाओं के प्रति भेदभाव तथा बहुसंख्यक समुदाय द्वारा अल्पसंख्यक धार्मिक समुदायों के अधिकारों पर उत्पन्न किये जा सकने वाले खतरों का समान रूप से विरोध किया है।

2. धार्मिक संस्थाओं को सहायता:
पाश्चात्य, धर्म निरपेक्षता के अन्तर्गत, राज्य धार्मिक संस्थाओं को मदद नहीं दे सकता, वह धार्मिक समुदायों द्वारा संचालित शैक्षणिक संस्थाओं को वित्तीय सहयोग नहीं दे सकता। वे अपने कार्यों की व्यवस्था स्वयं के व्यक्तिगत प्रयासों से ही करते हैं। इसी के साथ-साथ राज्य धार्मिक संस्थाओं के कार्यों में तब तक हस्तक्षेप नहीं कर सकता, जब तक कि वे कानून द्वारा निर्धारित सीमाओं के अन्तर्गत कार्य करती हैं।

लेकिन भारत में राज्य धार्मिक संस्थाओं को आर्थिक मदद देता है। वह धार्मिक समुदायों और अल्पसंख्यकों द्वारा संचालित शिक्षण संस्थाओं को आर्थिक सहयोग दे सकता है । यह उनके कार्यों में हस्तक्षेप कर सकता है और उनसे कुछ निश्चित नियमों तथा विनियमों को पालन करने के लिए कह सकता है।

3. धर्म की स्वतंत्रता:
पाश्चात्य धर्म निरपेक्षता स्वतंत्रता और समानता की व्यक्तिवादी ढंग से व्याख्या करती है। इसका अभिप्राय है कि राज्य केवल व्यक्तियों, नागरिकों के धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार को ही मान्यता देता है। यह अल्पसंख्यक समुदायों के धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार को मान्यता नहीं देता।

लेकिन भारत में राज्य न केवल व्यक्तियों, नागरिकों के धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार को मान्यता देता है, बल्कि अल्पसंख्यक समुदायों के धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार को भी मान्यता देता है। धार्मिक अल्पसंख्यकों को अपनी स्वयं की संस्कृति और शैक्षिक संस्थाएँ कायम रखने का अधिकार है तथा वे शांतिपूर्ण ढंग से अपने धर्म का प्रचार भी कर सकती हैं।

4. राज्य समर्थित धार्मिक सुधार:
पाश्चात्य धर्म निरपेक्षता में राज्य समर्थित धार्मिक सुधार के लिए कोई गुंजाइश नहीं है क्योंकि यह राज्यसत्ता और धर्मसत्ता के बीच अटल विभाजन में विश्वास करती है। इसलिए राज्य धर्म के क्षेत्र में हस्तक्षेप नहीं कर सकता। लेकिन भारतीय धर्मनिरपेक्षता राज्य समर्थित धार्मिक सुधारों की वकालत करती है तथा सैद्धान्तिक दूरी के सिद्धान्त को अपनाती है। इसीलिए भारतीय संविधान ने अस्पृश्यता पर प्रतिबंध लगाया है। भारतीय राज्य ने बाल विवाह के उन्मूलन और अन्तर्जातीय विवाह पर हिन्दू धर्म के द्वारा लगाए गए निषेध को खत्म करने हेतु कानून बनाए हैं।

JAC Class 11 Political Science Important Questions Chapter 8 धर्मनिरपेक्षता

प्रश्न 2.
धर्म निरपेक्षवाद से क्या आशय है? इसकी प्रमुख विशेषताएँ बताइये।
उत्तर:
धर्म निरपेक्षवाद का अर्थ: सामान्य अर्थ में धर्म निरपेक्षवाद एक ऐसा वातावरण है जहाँ कानून की दृष्टि में सभी धर्म समान हैं अर्थात् कानून सभी धर्मों के साथ समान रूप से व्यवहार करता है; लोग धार्मिक स्वतंत्रता का उपभोग करते हैं तथा जहाँ राज्य के प्रशासन और मानव जीवन के ऊपर किसी धर्म का वर्चस्व नहीं है। राज्य सत्ता और धर्म को अलग-अलग रखा जाता है और प्रशासन धार्मिक नियमों के अनुसार नहीं चलता बल्कि वह सरकार द्वारा पारित कानूनों के अनुसार चलता है। एक समाज जिसमें ऐसा वातावरण पाया जाता है, उसे धर्म निरपेक्ष समाज कहा जाता है और एक राज्य जिसमें ऐसा वातावरण पाया जाता है उसे धर्म निरपेक्ष राज्य कहा जाता है। धर्म निरपेक्षवाद की कुछ प्रमुख परिभाषाएँ निम्नलिखित हैं।

1. डोनाल्ड स्मिथ के शब्दों में, “धर्म निरपेक्ष राज्य वह राज्य है जिसके अन्तर्गत धर्म-विषयक, व्यक्तिगत एवं सामूहिक स्वतंत्रता सुरक्षित रहती है, जो व्यक्ति के साथ व्यवहार करते समय धर्म को बीच में नहीं लाता है, जो संवैधानिक रूप से किसी धर्म से सम्बन्धित नहीं है और न किसी धर्म की उन्नति का प्रयत्न करता है और न ही किसी धर्म के मामले में हस्तक्षेप करता है। ”

2. श्री लक्ष्मीकांत मैत्र के अनुसार, ” धर्म निरपेक्ष राज्य से अभिप्राय यह है कि ऐसा राज्य धर्म या धार्मिक समुदाय के आधार पर किसी व्यक्ति के विरुद्ध कोई भेदभाव नहीं करता है। इसका अभिप्राय यह है कि राज्य की ओर से . किसी विशिष्ट धर्म को मान्यता प्राप्त नहीं होगी।” उपर्युक्त परिभाषाओं से स्पष्ट है कि धर्म निरपेक्ष राज्य से अभिप्राय एक ऐसे राज्य से है जिसका अपना कोई धर्म नहीं होता और जो धर्म के आधार पर व्यक्तियों में कोई भेदभाव नहीं करता। इसका अर्थ एक अधर्मी या धर्म विरोधी या नास्तिक राज्य से नहीं है बल्कि एक ऐसे राज्य से है जो धार्मिक मामलों में तटस्थ रहता है क्योंकि यह धर्म को व्यक्ति की निजी वस्तु मानता है।

धर्म निरपेक्षवाद की विशेषताएँ: धर्म निरपेक्षवाद की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं।
1. धर्मों के बीच वर्चस्ववाद का विरोध;
धर्म निरपेक्षता को सर्वप्रमुख रूप से ऐसा सिद्धान्त समझा जाना चाहिए जो विभिन्न धर्मों के बीच किसी भी धर्म के वर्चस्ववाद का विरोध करता है अर्थात् यह अन्तर- धार्मिक वर्चस्व का विरोध करता है। यह समाज में विद्यमान विभिन्न धर्मों के बीच समानता पर बल देता है तथा सभी धर्मों की आजादी को बढ़ावा देता है। दूसरे शब्दों में

  • सभी धर्म समान स्तर पर आधारित हैं और समाज में उनके साथ समानता का व्यवहार किया जाता है।
  • दूसरे धर्मों पर किसी एक धर्म के वर्चस्व का यह विरोध करता है तथा वे एक-दूसरे को समान आदर देते हैं।
  • धर्म के आधार पर किसी व्यक्ति का दूसरों पर वर्चस्व नहीं होना चाहिए।

2. धर्म के अन्दर वर्चस्व का विरोध:
धर्म निरपेक्षता का दूसरा महत्त्वपूर्ण पक्ष है। धर्म के अन्दर छुपे वर्चस्व का विरोध करना अर्थात् अन्तः धार्मिक वर्चस्व का विरोध करना। जब कोई धर्म एक संगठन में बदलता है तो आम तौर पर इसका सर्वाधिक रूढ़िवादी हिस्सा इस पर हावी हो जाता है जो किसी किस्म की असहमति बर्दाश्त नहीं करता। अमेरिका के कुछ हिस्सों में धार्मिक रूढ़िवाद बड़ी समस्या बन गया है जो देश के अन्दर भी शांति के लिए खतरा पैदा कर रहा है. और बाहर भी।

हिन्दू धर्म में कुछ तबके भेदभाव से स्थायी रूप से पीड़ित रहे हैं। मसलन, दलितों को हिन्दू मन्दिरों में प्रवेश से रोका जाता रहा है। कई धर्म सम्प्रदायों में टूट जाते हैं और निरन्तर आपसी हिंसा तथा भिन्न मत रखने वाले अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न में लगे रहते हैं। ये स्थितियाँ धर्म के अन्दर वर्चस्ववाद की हैं। धर्म निरपेक्षवाद धर्म के अन्दर वर्चस्ववाद के सभी रूपों का विरोध करता है।

3. धर्म निरपेक्ष राज्य: धर्म निरपेक्षतावाद धर्म निरपेक्ष समाज के साथ-साथ धर्म निरपेक्ष राज्य का समर्थन करता है। धर्म निरपेक्ष राज्य की प्रमुख विशेषताएँ ये हैं।

  • राज्य सत्ता किसी खास धर्म के प्रमुखों द्वारा संचालित नहीं होनी चाहिए।
  • धार्मिक संस्थाओं और राज्य सत्ता की संस्थाओं के बीच सम्बन्ध विच्छेद अवश्य होना चाहिए।
  • राज्य सत्ता को किसी भी धर्म के साथ किसी भी तरह के औपचारिक कानूनी गठजोड़ से दूर रहना आवश्यक है।
  • राज्य सत्ता को शांति, धार्मिक स्वतंत्रता, धार्मिक उत्पीड़न, भेदभाव और वर्जना से आजादी, अन्तर-1 – धार्मिक समानता और अन्तः धार्मिक समानता के लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्ध होना चाहिए।

4. अन्य विशेषताएँ: धर्म निरपेक्षवाद की निम्न अन्य प्रमुख विशेषताएँ बतायी जा सकती हैं।

  • राज्य को व्यक्तियों के धार्मिक मामलों में तब तक हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए जब तक कि उसकी गतिविधियाँ कानून द्वारा निर्धारित सीमाओं के बाहर न हों, शांति व्यवस्था व देश की एकता व अखंडता के लिए खतरा न हों।
  • समाज में सभी व्यक्तियों को किसी भी धर्म को अपनाने, उसके प्रति विश्वास रखने तथा इच्छानुसार पूजा-पाठ करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए।

प्रश्न 3.
धर्म निरपेक्षता के भारतीय मॉडल की प्रमुख विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
धर्म निरपेक्षता का भारतीय मॉडल: भारतीय धर्म निरपेक्षता पश्चिमी धर्म निरपेक्षता से बुनियादी रूप से भिन्न है। इसकी प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित
1. अन्तर-धार्मिक समानता:
भारतीय धर्म निरपेक्षता केवल धर्म और राज्य के बीच सम्बन्ध विच्छेद पर बल नहीं देती है। यह अन्तर- धार्मिक समानता पर अधिक बल देती है। भारत में पहल से ही अन्तर- धार्मिक सहिष्णुता की संस्कृति मौजूद थी। पश्चिमी आधुनिकता के आगमन ने भारतीय चिंतन में समानता की अवधारणा को सतह पर ला दिया जिसने समुदाय के अन्दर समानता पर बल देने की ओर अग्रसर किया और अन्तर सामुदायिकता के विचार को उद्घाटित किया। इस प्रकार धार्मिक विविधता,

‘अन्तर – धार्मिक सहिष्णुता’ और ‘अन्तर – सामुदायिक समानता’ ने परस्पर अन्तःक्रिया कर भारतीय धर्म निरपेक्षता की ‘अन्तर- धार्मिक समानता’ की विशिष्टता को निर्मित किया। ‘ अन्तर- धार्मिक समानता’ की प्रमुख विशेषताओं को निम्न प्रकार स्पष्ट किया जा सकता है।

  • राज्य का अपना कोई धर्म नहीं है और न ही वह किसी विशेष धर्म को औपचारिक रूप से बढ़ावा देगा अर्थात् भारतीय राज्य न तो धर्मतांत्रिक है और न ही वह किसी धर्म को राजधर्म मानता है।
  • राज्य की दृष्टि में सभी धर्म एकसमान हैं। वह सभी धर्मों को समान संरक्षण प्रदान करता है।
  • कानून की दृष्टि में सभी धर्मों के व्यक्ति समान हैं। धर्म के आधार पर किसी व्यक्ति के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाता है।
  • सरकारी नौकरियों या पदों पर नियुक्ति के सम्बन्ध में सब नागरिकों को समान अधिकार प्रदान किए गए हैं। सरकारी नौकरियों या पदों पर नियुक्ति के सम्बन्ध में धर्म के आधार पर किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाता है।

2. व्यक्तियों तथा अल्पसंख्यक समुदायों की धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार: भारतीय धर्म निरपेक्षता का सम्बन्ध व्यक्तियों की धार्मिक आजादी के साथ-साथ अल्पसंख्यक समुदायों की धार्मिक आजादी से भी है। इस विशेषता के अन्तर्गत निम्नलिखित बातों का समावेश किया गया है।

  • हर व्यक्ति को अपने पसंद का धर्म मानने तथा अपनी पसंद के अनुसार पूजा-पाठ करने की स्वतंत्रता है। प्रत्येक व्यक्ति को धर्म में विश्वास रखने, धार्मिक कार्य करने तथा प्रचार करने का अधिकार है; लेकिन यह स्वतंत्रता कानून के दायरे में रहते हुए प्राप्त है अर्थात् जब इस स्वतंत्रता का उपभोग करते हुए कोई व्यक्ति कानून एवं व्यवस्था व नैतिकता को खतरे में डालेगा तो राज्य उसकी इस स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगा सकता है।
  • धार्मिक अल्पसंख्यकों को भीं अपनी खुद की संस्कृति और शैक्षिक संस्थाएँ कायम रखने का अधिकार है। सभी धर्मों को दान द्वारा इकट्ठे किये गए धन से संस्थाएँ स्थापित करने का अधिकार है। सभी धर्मों के लोगों को अपने धर्म सम्बन्धी मामलों का प्रबन्ध करने का अधिकार है और वे चल तथा अचल सम्पत्ति प्राप्त कर सकते हैं।
  • सभी धार्मिक अल्पसंख्यकों को अपनी इच्छानुसार शिक्षा संस्थाओं की स्थापना करने एवं उनका प्रबन्ध करने का अधिकार है।
  • सरकार शिक्षा संस्थाओं को अनुदान देते समय धर्म के आधार पर किसी प्रकार का भेदभाव नहीं करेगी। किसी भी नागरिक को राज्य द्वारा या उसकी सहायता से चलाई जाने वाली शिक्षा संस्था में प्रवेश देने से धर्म के आधार पर इनकार नहीं किया जायेगा।

3. राज्य समर्थित धार्मिक सुधा: भारतीय धर्म निरपेक्षता में राज्य समर्थित धार्मिक सुधार की काफी गुंजाइश है और अनुकूलता भी। इसीलिए भारतीय संविधान ने अस्पृश्यता पर प्रतिबंध लगाया है। भारतीय राज्य ने बाल-विवाह के उन्मूलन और अन्तर्जातीय विवाह पर हिन्दू धर्म द्वारा लगाए निषेध को खत्म करने हेतु अनेक कानून बनाए हैं।

4. धर्मों में राज्यसत्ता के सैद्धान्तिक हस्तक्षेप की अनुमति: भारतीय राज्यसत्ता ने धार्मिक समानता हासिल क़रने के लिए अत्यन्त परिष्कृत नीति अपनाई है। इसी नीति के चलते व अमेरिकी शैली में धर्म से पृथक् भी हो सकती है और आवश्यकता पड़ने पर उसके साथ सम्बन्ध भी बना सकती है। यथा

  • भारतीय राज्य धार्मिक अत्याचार का विरोध करने हेतु धर्म के साथ निषेधात्मक सम्बन्ध भी बना सकता है। यह बात अस्पृश्यता पर प्रतिबन्ध जैसी कार्यवाहियों में झलकती है।
  • भारतीय राज्य धर्मों से जुड़ाव की सकारात्मक विधि भी अपना सकता है। इसीलिए, भारतीय संविधान तमाम धार्मिक अल्पसंख्यकों को अपने खुद की शिक्षण संस्थाएँ खोलने और चलाने का अधिकार देता है जिन्हें राज्य सत्ता की ओर से सहायता भी मिल सकती है।

शांति, स्वतंत्रता और समानता के मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए भारतीय राज्य सत्ता ये तमाम जटिल रणनीतियाँ अपना सकती है। इस प्रकार भारतीय धर्म निरपेक्षता तमाम धर्मों में राज्य सत्ता के सैद्धान्तिक हस्तक्षेप की अनुमति देती है । ऐसा हस्तक्षेप हर धर्म के कुछ खास पहलुओं के प्रति असम्मान प्रदर्शित करता है तथा यह संगठित धर्मों के कुछ पहलुओं के प्रति एक जैसा सम्मान दर्शाने की अनुमति भी देता है ।

JAC Class 11 Political Science Important Questions Chapter 8 धर्मनिरपेक्षता

प्रश्न 4.
भारतीय धर्म निरपेक्षता की आलोचना किन आधारों पर की जाती है? विवेचना कीजिये।
उत्तर:
भारतीय धर्म निरपेक्षता की आलोचनाएँ: भारतीय धर्म निरपेक्षता की निम्नलिखित आलोचनाएँ की जाती हैं।
1. धर्म विरोधी:
भारतीय धर्म निरपेक्षता की एक प्रमुख आलोचना यह की जाती है कि यह धर्म विरोधी है। इसके समर्थन में आलोचक निम्नलिखित तर्क देते हैं।

  1. यह संस्थाबद्ध धार्मिक वर्चस्व का विरोध करती है।
  2. यह धार्मिक पहचान के लिए खतरा पैदा करती है।

लेकिन वस्तुस्थिति यह है कि ‘संस्थाबद्ध धार्मिक वर्चस्व का विरोध’ धर्म विरोधी होने का पर्याय नहीं है। दूसरे यह धार्मिक स्वतंत्रता और समानता को बढ़ावा देती है। इसलिए यह धार्मिक पहचान को खतरा पैदा करने के स्थान पर उसकी हिफाजत करती है। इससे स्पष्ट होता है कि भारतीय धर्म निरपेक्षता की धर्म विरोधी होने की आलोचना निराधार है। हाँ, यह धार्मिक पहचान के मतांध, हिंसक, दुराग्रही और अन्य धर्मों के प्रति घृणा उत्पन्न करने वाले रूपों पर अवश्य चोट करती है।

2. पश्चिम से आयातित:
भारतीय धर्म निरपेक्षता की दूसरी आलोचना यह है कि यह ईसाइयत से जुड़ी हुई है अर्थात् पश्चिमी चीज है और इसीलिए भारतीय परिस्थितियों के लिए अनुपयुक्त है।
धर्म और राज्य का पारस्परिक निषेध जिसे पश्चिमी धर्म निरपेक्ष समाजों का आदर्श माना जाता है; भारतीय धर्म निरपेक्ष राज्य सत्ता की प्रमुख विशेषता नहीं है। भारतीय धर्म निरपेक्ष राज्य सत्ता समुदायों के बीच शांति को बढ़ावा देने के लिए धर्म से सैद्धान्तिक दूरी बनाए रखने की नीति पर चलती है और खास समुदायों की रक्षा के लिए वह उनमें हस्तक्षेप भी कर सकती है।

इस प्रकार यह धर्म निरपेक्षता न तो पूरी तरह से ईसाइयत से जुड़ी है और न शुद्ध पश्चिम से आयातित है, बल्कि यह पश्चिमी और गैर-पश्चिमी दोनों की अन्तःक्रिया से उपजी है जो भारतीय परिस्थितियों के लिए सर्वथा उपयुक्त है। अतः पश्चिम से आयातित होने की आलोचना भी निराधार है।

3. अल्पसंख्यकवाद:
भारतीय धर्म निरपेक्षता पर अल्पसंख्यकवाद का आरोप इस आधार पर मढ़ा जाता है कि यह अल्पसंख्यक अधिकारों की पैरवी करती है। लेकिन ये अल्पसंख्यक अधिकार, उनके विशेषाधिकार नहीं हैं, बल्कि उनके मौलिक हितों की रक्षा करने तक ही सीमित हैं। ये अधिकार अल्पसंख्यक धर्म वालों को वैसा ही सम्मान और गरिमा भरा बरताव प्रदान करने के लिए हैं जैसा कि दूसरों के साथ किया जा रहा है। अतः अल्पसंख्यक अधिकारों को विशेष सुविधाओं के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। इस प्रकार भारतीय धर्म निरपेक्षता की अल्पसंख्यकवाद होने की आलोचना भी निराधार है।

4. अतिशय हस्तक्षेपकारी:
एक अन्य आलोचना यह की जाती है कि भारतीय धर्म निरपेक्षता उत्पीड़नकारी है और समुदायों की धार्मिक स्वतंत्रता में अतिशय हस्तक्षेप करती है। लेकिन यह भारतीय धर्म निरपेक्षता के बारे में गलत समझ है। यद्यपि यह सही है कि भारतीय धर्म निरपेक्षता धर्म और राज्य के पूर्ण सम्बन्ध विच्छेद के विचार को नहीं स्वीकार करती है और सैद्धान्तिक हस्तक्षेप को मानती है। लेकिन इससे यह निष्कर्ष नहीं निकलता कि यह अतिशय हस्तक्षेपकारी व उत्पीड़नकारी है। यह भी सही है कि भारतीय धर्म निरपेक्षता राज्य सत्ता समर्थित धार्मिक सुधार की इजाजत देती है। लेकिन इसे उत्पीड़नकारी हस्तक्षेप के समान नहीं माना जा सकता। यह धर्म के विकास के लिए है, न कि धर्म के उत्पीड़न के लिए।

5. वोट बैंक की राजनीति:
एक आलोचना यह की जाती हैं कि भारतीय धर्म निरपेक्षता वोट बैंक की राजनीति को बढ़ावा देती है। अनुभवजन्य राजनीति के दावे के रूप में यह पूर्णतः असत्य भी नहीं है। लेकिन लोकतंत्र में राजनेताओं के लिए वोट पाना जरूरी है। यह उनके काम का अंग है और लोकतांत्रिक राजनीति बड़ी हद तक ऐसी ही है। लोगों के किसी समूह के पीछे लगने या उनका वोट पाने की खातिर कोई नीति बनाने का वादा करने के लिए राजनेताओं को दोष देना उचित नहीं है। यदि अल्पसंख्यकों का वोट पाने वाले धर्म निरपेक्ष राजनेता उनकी मांग पूरी करने में समर्थ होते हैं, तो यह धर्म निरपेक्षता की सफलता होगी, क्योंकि धर्म निरपेक्षता अल्पसंख्यकों के हितों की भी रक्षा करती है।

6. एक असंभव परियोजना:
भारतीय धर्म निरपेक्षता की एक अन्य आलोचना यह की जाती है कि यह एक ऐसी समस्या का हल ढूँढ़ना चाहती है जिसका समाधान है ही नहीं। यह समस्या है। गहरे धार्मिक मतभेद वाले लोग कभी भी एक साथ शांति से नहीं रह सकते। लेकिन यह आलोचना त्रुटिपरक है क्योंकि भारतीय सभ्यता का इतिहास दिखाता है कि इस तरह साथ-साथ रहना बिल्कुल संभव है। ऑटोमन साम्राज्य इसका स्पष्ट उदाहरण है। इसके प्रत्युत्तर में आलोचक यह तर्क दे सकते हैं कि आज ऐसा नहीं हो सकता क्योंकि अब समानता लगातार प्रभावी सांस्कृतिक मूल्य बनती जा रही है। इसके प्रत्युत्तर में यह कहा जा सकता है कि भारतीय धर्म निरपेक्षता एक असंभव परियोजना का अनुसरण नहीं वरन् भविष्य की दुनिया को प्रतिबिंब प्रस्तुत करना है।

JAC Class 9 English Solutions Moments Chapter 5 The Happy Prince

Jharkhand Board JAC Class 9 English Solutions Moments Chapter 5 The Happy Prince Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 9 English Solutions Moments Chapter 5 The Happy Prince

JAC Class 9 English The Happy Prince Textbook Questions and Answers

Think About it

Question 1.
Why do the courtiers call the prince ‘the Happy Prince’ ? Is he really happy? What does he see all around him?
दरबारी राजकुमार को ‘प्रसन्न राजकुमार’ क्यों कहते हैं ? क्या वह सचमुच प्रसन्न है ? वह अपने चारों ओर क्या देखता है ?
Answer:
The Prince remained in the palace happily and never saw any misery as long as he was alive. So, all his courtiers called him – ‘The Happy Prince’. When he died, people set up his statue on a high pillar. From there he could see the whole of his town. He was grieved to see the misery of the poor around him. He became happy when he helped them by giving his everything to them.

राजकुमार प्रसन्नतापूर्वक महल में रहता था और जब तक वह जीवित रहा उसने कभी कोई कुष्ट नहीं देखा । अतः उसके सभी दरबारी उसे ‘प्रसन्न राजकुमार’ कहते थे । जब उसकी मृत्यु हुई तो लोगों ने उसकी मूर्ति को एक ऊँचे स्तम्भ पर स्थापित कर दिया । वहाँ से वह अपने पूरे नगर को देख सकता था । अपने चारों ओर गरीब लोगों के दुःखों को देखकर उसे बहुत कष्ट हुआ । वह तब प्रसन्न हुआ जब उसने अपना सब कुछ उन्हें देकर उनकी सहायता की ।

JAC Class 9 English Solutions Moments Chapter 5 The Happy Prince

Question 2.
Why does the Happy Prince send a ruby for the seamstress? What does the swallow do in the seamstress’ house ?
प्रसन्न राजकुमार दर्जिन को लालमणि क्यों भेजता है ? अबाबील दर्जिन के घर पर क्या करता है ?
Answer:
The Prince saw the miserable condition of the seamstress through the open window of her house. He felt sad. He asked the little swallow to give the seamstress the ruby from his sword hilt. The swallow obeyed the Prince. He placed the ruby near the thimble of the seamstress. Then he fanned the sick son of seamstress with his wings. The boy felt cool and went to sleep comfortably.

राजकुमार ने दर्जिन के घर की खुली हुई खिड़की से उसकी दयनीय स्थिति देखी । राजकुमार दुःखी हुआ । उसने अबाबील से उसकी तलवार की मूँठ से लालमणि उखाड़कर दर्जिन को देने के लिए कहा । अबाबील ने राजकुमार की आज्ञा का पालन किया । उसने लालमणि को दर्जिन की मेज पर अँगुश्ताने के पास रख दिया । फिर वह दर्जिन के बीमार बेटे पर अपने पंखों से हवा करते हुए उड़ा । लड़के ने ठण्डक महसूस की और आराम से सो गया ।

Question 3.
For whom does the prince send the sapphires and why?
राजकुमार नीलम किसके लिए भेजता है और क्यों ?
Answer:
The prince had two sapphires in his eyes. He sent them to help two needy persons. He sent the first sapphire through the swallow to a playwright who could not complete his play due to hunger and cold. He sent the second sapphire to a matchgirl who had let her matchboxes fall into a gutter. She was crying because her father would beat her if she went home without any money. The prince, thus, saved her from being beaten.

राजकुमार की आँखों में दो नीलम जड़े हुए थे । उसने उन्हें दो लोगों की सहायता करने हेतु भेजा । पहला नीलम एक नाटककार की सहायतार्थ भेजा, जो अपना नाटक भूख और ठण्ड के कारण पूरा नहीं कर पाया था । दूसरा नीलम उसने माचिस बेचने वाली एक लड़की की सहायतार्थ भेजा जिसकी माचिसें गटर में गिर गई थीं। वह रो रही थी क्योंकि अगर वह घर पर बिना पैसे के जाती तो उसका पिता उसको पीटता । इस प्रकार राजकुमार ने उसे पिटने से बचा लिया ।

Question 4.
What does the swallow see when it flies over the city ?
जब अबाबील नगर के ऊपर उड़ता है तो क्या देखता है ?
Answer:
The swallow sees the rich making merry and the poor beggars sitting at the doors. He flies in the dark lanes and sees the white faces of the starving children. Then he sees that under the archway of the bridge two little boys are lying in each other’s arms while trying to keep themselves warm. They are hungry. Driven away by the watchman, they wander out in the rain shivering with cold and hunger.

अबाबील धनी लोगों को खुशियाँ मनाते हुए और गरीब भिखारियों को दरवाजों पर बैठे देखता है । वह अँधेरी गलियों में उड़ता है और भूख से पीड़ित बच्चों के उदास चेहरे देखता है । फिर वह देखता है कि पुल की मेहराब के नीचे दो छोटे बच्चे एक-दूसरे की बाँहों में सिमटकर लेटे हुए एक-दूसरे को गर्म करने की कोशिश कर रहे हैं । वे भूखे हैं। चौकीदार द्वारा भगाये जाने पर वे ठण्ड और भूख से काँपते हुए वर्षा में इधर-उधर घूमने लगते हैं।

JAC Class 9 English Solutions Moments Chapter 5 The Happy Prince

Question 5.
Why did the swallow not leave the prince and go to Egypt ?
अबाबील राजकुमार को छोड़कर मिस्र क्यों नहीं गया ?
Answer:
The Happy Prince gave both his eyes which were made of sapphires to help two needy persons. He became blind and helpless. He was not able to see the misery and sufferings of his people. He was unable to help them also. So, the kind swallow decided not to go to Egypt leaving helples the Happy Prince helpless and alone and stayed with him.

प्रसन्न राजकुमार ने अपनी दोनों आँखें जो नीलम की बनी थीं दो जरूरतमंद लोगों को दे दीं थी । अब वह अन्धा और असहाय हो गया था । वह अब अपने लोगों के कष्ट देखने में समर्थ नहीं था । वह उनकी सहायता करने में भी असमर्थ था । इसलिए दयालु अबाबील ने असहाय और अकेले प्रसन्न राजकुमार को छोड़कर मिस्र न जाने का फैसला किया और उसके पास रह गया।

Question 6.
What are the precious things mentioned in the story ? Why are they precious ?
कहानी में किन मूल्यवान चीजों का जिक्र है ? वे मूल्यवान क्यों हैं ?
Answer:
The precious things mentioned in the story are the leaden heart of the Prince and the dead bird. They are precious as they symbolize heavenly virtues like goodness, sympathy, love, selfless service and sacrifice to make others happy.

कहानी में वर्णित दो मूल्यवान चीजें राजकुमार का सीसे का दिल एवं मृत पक्षी हैं । वे इसलिए मूल्यवान हैं क्योंकि वे ईश्वरीय गुणों, जैसे- अच्छाई, सहानुभूति, प्रेम, निःस्वार्थ सेवा और दूसरों को खुश करने के लिए बलिदान की प्रतीक हैं ।

Talk About it

Question 1.
The little swallow says, “It is curious, but I feel quite warm now, although it is so cold.” Have you ever had such a feeling? Share your experience with your friends.
छोटा अबाबील कहता है, “यह अजीब है, परन्तु अब मैं पूरी तरह गरमाहट महसूस कर रहा हूँ, हालाँकि इतनी अधिक सर्दी है ।” क्या आपमें कभी ऐसी भावना आई है ? अपना अनुभव अपने मित्रों के साथ बाँटो ।
Answer:
The boy, who was feeling hot due to high fever, felt cool and comfortable by when the little swallow fanned his face with his wings. Returning back to the Prince, the swallow gave the above statement. The contentment which one feels after helping a needy person, fills one’s heart with warmth. Real happiness comes when one makes others happy. I had a similar feeling that the swallow had when :

  • I gave my jacket to a poor old man shivering with cold.
  • I fed a starving old lady sitting at the roadside who was too weak to walk farther.

उस लड़के ने जो बुखार से तप रहा था, अबाबील द्वारा अपने पंखों से हवा करने से शीतलता और आराम का अनुभव किया। राजकुमार के पास लौटकर उसने ( अबाबील ने ) यह बात बताई । किसी जरूरतमंद व्यक्ति की सहायता करके कोई व्यक्ति जिस संतुष्टि का अनुभव करता है, वह उस व्यक्ति के हृदय को गर्माहट ( जोश) से भर देती है । सच्ची प्रसन्नता तभी मिलती है जब कोई व्यक्ति दूसरों को प्रसन्नता प्रदान करता है ।
मैंने भी अबाबील जैसी ही भावना का अनुभव किया । जब :

  • मैंने ठंड से काँपते हुए एक वृद्ध एवं निर्धन व्यक्ति को अपनी जैकेट दे दी ।
  • मैंने सड़क के किनारे बैठी हुई भूख से बेहाल एक वृद्ध महिला को खाना खिलाया जो इतनी कमजोर थी कि दो कदम आगे नहीं चल सकती थी ।

JAC Class 9 English Solutions Moments Chapter 5 The Happy Prince

JAC Class 9 English The Happy Prince Important Questions and Answers

Answer the following questions in about 30 words each:

निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए :

Question 1.
What is the message of this story ?
इस कहानी का सन्देश क्या है ?
Answer:
The story gives the message that keeping our eyes shut to others’ misery is not happiness. Real happiness lies in helping others by means of sacrificing each and everything that we have.

कहानी यह सन्देश देती है कि दूसरों के दुःखों के प्रति अपनी आँखें बन्द कर लेना प्रसन्नता नहीं है । वास्तविक प्रसन्नता अपना सब-कुछ बलिदान करके दूसरों की सहायता करने में है।

Question 2.
Where were the water drops falling from on the swallow ?
अबाबील पर पानी की बूँदें कहाँ से गिर रही थीं ?
Answer:
The statue of the Happy Prince was sad to see others in misery. Tears were rolling down his cheeks. These tears were the water drops falling on the swallow.

प्रसन्न राजकुमार की मूर्ति दूसरों के कष्टों को देखकर दुखी थी । उसके गालों पर से आँसू थे । ये आँसू ही वे पानी की बूँदें थीं जो अबाबील पर गिर रही थीं ।

Question 3.
How did the swallow soothe the sick boy?
अबाबील ने बीमार लड़के को कैसे आराम पहुँचाया ?
लुढ़क रहे
Answer:
The swallow flew gently round the boy’s bed. He fanned the boy’s forehead with his wings. The boy felt very cool. Thus, he soothed the boy.

अबाबील लड़के के बिस्तर के चारों ओर धीरे- धीरे उड़ा । उसने अपने पंखों से लड़के के माथे पर हवा की । लड़के ने बहुत ठंडक महसूस की । इस प्रकार उसने लड़के को आराम पहुँचाया ।

JAC Class 9 English Solutions Moments Chapter 5 The Happy Prince

Question 4.
Which people did the statue of the Happy Prince help and how?
प्रसन्न राजकुमार की मूर्ति ने किन लोगों की सहायता की और कैसे ?
Answer:
The statue of the Happy Prince helped a seamstress, a young playwright, a matchgirl and many other poor people. It helped them by giving its ruby, sapphires and all the gold leaves.

उसने एक दर्जिन, एक युवा नाटककार, एक माचिस बेचने वाली लड़की और बहुत-से निर्धन व्यक्तियों की सहायता की । उसने उनकी सहायता अपनी लालमणि, नीलम और सारा सोना देकर की

Question 5.
Why were the two little boys in trouble ?
दो छोटे लड़के मुसीबत में क्यों थे ?
Answer:
The two little boys had no place to live in the cold and rain. They were hungry and lying under the arch of a bridge. Even from there, they were driven away by the watchman. They wandered out in the rain.

दो छोटे लड़कों के पास ठण्ड और बारिश में रहने के लिए कोई स्थान नहीं था । वे भूखे थे, और एक पुल की मेहराब के नीचे लेटे हुए थे । वहाँ से भी उन्हें चौकीदार द्वारा भगा दिया गया । वे वारिश में यहाँ-वहाँ घूमने लगे ।

Question 6.
What did the swallow decide at last ? Why did he take this decision ?
अंत में अबाबील ने क्या फैसला किया ? उसने यह फैसला क्यों लिया ?
Answer:
At last, the swallow decided not to go to Egypt and to stay with the Happy Prince. He did so because he had begun to love the Prince for his kind heartedness. Moreover, he wished to help the Prince who could not see as he had become blind

अन्त में अबाबील ने मिस्र नहीं जाने और राजकुमार के पास ही ठहरने का फैसला किया । उसने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वह राजकुमार से उसकी दयालुता के लिए प्रेम करने लगा था । इसके अतिरिक्त वह राजकुमार की सहायता करना चाहता था जो अब देख नहीं सकता था क्योंकि वह अन्धा हो चुका था ।

Question 7.
What happened to the leaden heart of the Prince ?
राजकुमार के सीसे के हृदय को क्या हुआ ?
Answer:
The leaden heart of the Prince snapped into two. It could not be melted even in a furnace. So, it was thrown on a dust-heap. Later, it was taken to paradise.

राजकुमार का सीसे का हृदय चटककर दो हिस्सों में बँट गया । वह भट्टी में भी नहीं गलाया जा सकता था । इसलिए उसे धूल के ढेर पर फेंक दिया गया । बाद में उसे स्वर्ग में ले जाया गया ।

Question 8.
How were the leaden heart and the dead swallow precious ?
सीसे का हृदय और मृत अबाबील किन अर्थों में मूल्यवान थे ?
Answer:
The broken leaden heart belonged to the kind and helpful Prince. The swallow had sacrificed his own life help to the miserable people. Thus, they were precious.

सीसे का टूटा हुआ हृदय दयालु व सहायता करने वाले राजकुमार का था । अबाबील ने कष्टों से पीड़ित लोगों की सहायता की अपने प्राणों की आहुति देकर थी । इस प्रकार वे मूल्यवान थे ।

Question 9.
Describe the statue of the Happy Prince. प्रसन्न राजकुमार की मूर्ति का वर्णन करो ।
Answer:
The statue of the Happy Prince was installed on a tall pillar. It was covered with gold leaves. It had two large sapphires in its eyes. A large ruby was mounted on the hilt of its sword.

प्रसन्न राजकुमार की मूर्ति एक ऊँचे खम्भे पर लगी थी । वह सोने के पत्तरों (वर्कों) से मढ़ी हुई थी । उसकी आँखों में दो बड़े नीलम जड़े थे । उसकी तलवार की मूँठ पर एक बड़ी लालमणि जड़ी हुई थी ।

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Question 10.
What made the Happy Prince cry ?
प्रसन्न राजकुमार को किस बात ने रुला दिया ?
Answer:
When the Prince was alive, the courtiers named him the Happy Prince. After his death, his statue was installed on a tall pillar. Now, he could see the ugliness of the city and the plight of the poor, sad people. All these things made him cry.

जब राजकुमार जीवित था, दरबारियों ने उसका नाम प्रसन्न राजकुमार रख दिया था। मरने के बाद उसकी मूर्ति एक ऊँचे खम्भे पर लगा दी गयी थी । अब वह शहर की कुरूपता तथा गरीब और दुखी लोगों की दुर्दशा को देख सकता था इस सब उसे रुला दिया ।

Question 11.
To whom did the Prince send his great ruby and why?
राजकुमार ने अपनी बड़ी लालमणि किसे भेजी और क्यों ?
Answer:
The Prince sent his great ruby to the poor seamstress. Her little son was sick and wanted oranges. But she had no money to buy oranges. So, the Prince requested the swallow to take the ruby to the seamstress.

राजकुमार ने अपनी बड़ी लालमणि गरीब दर्जिन को भेजी । उसका छोटा-सा बेटा बीमार पड़ा था और सन्तरे चाहता था। लेकिन उसके पास सन्तरे खरीदने के लिए पैसे नहीं थे । इसलिए, राजकुमार ने अबाबील से लालमणि को दर्जिन के पास ले जाने की प्रार्थना की ।

Question 12.
How did the Prince help the playwright finish his work ?
राजकुमार ने नाटककार की नाटक पूरा करने में कैसे मदद की ?
Answer:
Sitting in a small garret, the playwright was trying to finish his play. But he was tired and hungry. He was feeling cold too. There was no fire in his grate. The prince saw his misery and sent a sapphire to the playwright through the little swallow.

छोटी अटारी में बैठा हुआ नाटककार अपना नाटक पूरा करने की कोशिश कर रहा था । लेकिन वह थका हुआ और भूखा था । उसे ठंड भी लग रहीं थी । उसकी अँगीठी में आग नहीं थी । राजकुमार ने उसका दुःख देखा और छोटे अबाबील द्वारा उस नाटककार के पास एक नीलम भिजवाया ।

Question 13.
How did the Prince help the matchgirl ? What was the result ?
राजकुमार ने माचिस बेचने वाली लड़की की मदद कैसे की ? उसका क्या परिणाम रहा ?
Answer:
The matchgirl was crying because her matches had fallen into the gutter. She was afraid of being beaten by her father. The Prince asked the swallow to pluck the sapphire from his other eye and give it to the matchgirl. After getting the sapphire, the girl became happy and ran home laughing.

माचिस बेचने वाली लड़की रो रही थी क्योंकि उसकी माचिसें गटर में गिर गई थीं । उसे अपने पिता द्वारा पीटे जाने का डर था । राजकुमार ने अबाबील से अपनी दूसरी आँख से नीलम निकालकर लड़की को देने को कहा । नीलम पाकर लड़की प्रसन्न हो गई और हँसती हुई घर भाग गई

Question 14.
Why did the swallow decide not to leave the Prince ?
अबाबील ने राजकुमार को न छोड़ने का निर्णय क्यों लिया ?
Answer:
The Prince helped the playwright and the matchgirl by giving both his eyes made of sapphire. Now, he had become completely blind and helpless. The swallow began to love the Prince for his charity and kindness. So, he decided not to leave the Prince.

राजकुमार ने नाटककार तथा माचिस बेचने वाली लड़की की सहायता अपनी नीलम की बनी दोनों आँखें देकर की । अब वह पूरी तरह से अन्धा और असहाय हो गया था । अबाबील राजकुमार को उसकी दानशीलता और दयालुता के कारण प्यार करने लगा था । अतः उसने राजकुमार को न छोड़ने का निर्णय लिया ।

Question 15.
Whom did the Prince and the swallow both help and how?
राजकुमार और अबाबील दोनों ने किस-किस की सहायता और किस प्रकार की ?
Answer:
The Prince helped the seamstress, the playwright, the matchgirl and the other poor people respectively by giving them his ruby, sapphires and gold. The swallow obeyed the wish of the Prince, plucked out all these things from the statue and delivered them to the needy persons.

राजकुमार ने दर्जिन, नाटककार, माचिस बेचने वाली लड़की तथा अन्य गरीब लोगों को क्रमशः अपनी लालमणि, नीलम तथा सोना देकर उनकी सहायता की । अबाबील ने राजकुमार की इच्छा का पालन करते हुए इन सभी वस्तुओं को मूर्ति से निकाला तथा जरूरतमंद लोगों तक पहुँचाया |

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Question 16.
What did the angel consider to be the two most precious things in the city?
देवदूत ने किन्हें शहर की दो सबसे अधिक मूल्यवान वस्तुएँ समझा ?
Answer:
The angel considered the leaden heart of the Happy Prince and the dead body of the swallow the two most precious things in the city because both of them had sacrificed themselves for the sake of others. So they were chosen to live in heaven, forever.

देवदूत ने प्रसन्न राजकुमार के सीसे के दिल तथा मरे हुए अबाबील को शहर की दो सबसे मूल्यवान वस्तुएँ समझा क्योंकि दोनों ने ही दूसरों के लिए अपना बलिदान किया था। इसीलिए उन्हें हमेशा के लिए स्वर्ग में रहने के लिये चुना गया ।

Answer the following questions in around 60 words each :

निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए :

Question 1.
Why did the Happy Prince send his ruby to the seamstress ?
प्रसन्न राजकुमार ने दर्जिन के पास अपनी लालमणि क्यों भेजी ?
Answer:
The seamstress was a poor woman. Her child was suffering from fever. He was asking his mother to give him oranges. The mother had no money to buy him oranges. So, the child was crying. The Happy Prince saw this scene. His heart was filled with pity for the seamstress. So, he sent his ruby to the seamstress to end her poverty.

दर्जिन एक गरीब स्त्री थी । उसके बालक को बुखार चढ़ा हुआ था । वह अपनी माँ से संतरे देने को कह रहा था । माँ के पास उसके लिए संतरे खरीदने के लिए पैसे नहीं थे। इसलिए बालक रो रहा था । प्रसन्न राजकुमार ने यह दृश्य देखा । उसका दिल दर्जिन के प्रति दया से भर गया । इसलिए उसने दर्जिन की गरीबी को दूर करने के लिए अपनी लालमणि भेजी ।

Question 2.
Why did the Happy Prince request the swallow to stay on for another day ?
प्रसन्न राजकुमार ने अबाबील से एक दिन और रुकने के लिए क्यों कहा ?
Answer:
The Happy Prince was keen to help the poor of the city, but he was a statue. Through the swallow, he started helping the miserable people of the city. The swallow was eager to go to Egypt to meet his friends. But, every evening the Prince requested the swallow to stay for another day to do another act of charity for him.

प्रसन्न राजकुमार शहर के गरीबों की सहायता करने के लिए उत्सुक था, किन्तु वह एक मूर्ति था । उस अबाबील के माध्यम से उसने कष्ट में पड़े लोगों की सहायता करना प्रारम्भ कर दिया था । अबाबील अपने मित्रों से मिलने के लिए मिस्र जाने के लिए उत्सुक था । किन्तु वह राजकुमार के लिए पुण्य का एक और काम कर सके इसलिए हर शाम को राजकुमार अबाबील से प्रार्थना करता था कि वह अगले दिन के लिए रुक जाये ।

Question 3.
Describe the sufferings of the poor who were helped by the Happy Prince.
उन गरीब लोगों के कष्टों का वर्णन कीजिए जिनकी प्रसन्न राजकुमार ने सहायता की ।
Answer:
The first person to receive the Prince’s help was a poor seamsterss. The Prince sent his ruby to her through the swallow. The second person was the poor playwright in the garret. The Prince sent the playwright a sapphire from his one eye to end his poverty. Whereas the other sapphire of his second eye was sent to help the poor match girl. At last, the Prince sent all his gold leaves to help two little poor and homeless boys and many other poor people.

राजकुमार से सहायता पाने वाला पहला व्यक्ति एक गरीब दर्जिन थी । राजकुमार ने अबाबील के द्वारा उसके लिए अपनी लालमणि भिजवा दी। दूसरा व्यक्ति एक गरीब नाटककार था जो एक अटारी में रह रहा था। राजकुमार ने अपनी एक आँख की नीलमणि उसकी गरीबी दूर करने के लिए जबकि अपनी दूसरी आँख की नीलमणि को माचिस वाली लड़की की सहायता के लिए भेजा। अंत में, राजकुमार ने अपने सोने के पत्तर. (वर्क) दो छोटे गरीब व बेघर लड़कों और अन्य बहुत से गरीबों की सहायता के लिए भेज दिये ।

Question 4.
How did the Happy Prince help the playwright ?
प्रसन्न राजकुमार ने नाटककार की सहायता किस प्रकार की ?
Answer:
The poor playwright was trying to finish a play for the director of the theatre, but he was hungry and feeling too cold to write anymore. The Happy Prince asked the swallow to pluck out his eye’s sapphire and give it to the playwright so that he might complete his work. The swallow delivered the sapphire at the playwright’s home.

गरीब नाटककार थियेटर के निर्देशक के लिए एक नाटक को पूरा करने का प्रयास कर रहा था, परन्तु वह भूखा था और उसे इतनी सर्दी लग रही थी कि वह आगे लिख नहीं पा रहा था । प्रसन्न राजकुमार ने अबाबील से कहा कि वह उसकी आँख का नीलम निकाल ले और नाटककार को दे आये ताकि वह अपना कार्य पूरा कर सके । अबाबील ने नाटककार के घर पर नीलम पहुँचा दिया ।

Question 5.
Draw the character sketch of the Happy Prince.
प्रसन्न राजकुमार का चरित्र-चित्रण कीजिये ।
Answer:
The Happy Prince is a statue. He has a ruby on his sword-hilt. His body is covered with fine gold. His eyes are made of sapphires. He stands on a high pillar. Though his heart is made of lead, the sight of people’s misery saddens him very much. Through the swallow, the Prince helps the poor and his kind charity brings some joy in the lives of miserable people. Thus, the Prince is a kind, sympathetic, helping and loving person.

प्रसन्न राजकुमार एक मूर्ति है । उसकी तलवार की मूठ पर लालमणि लगी है । उसका शरीर शुद्ध सोने से मढ़ा है । उसकी आँखें नीलम की हैं । वह बहुत ऊँचे स्तम्भ पर स्थित है । यद्यपि उसका दिल सीसे का बना है तथापि लोगों के दुःख-दर्द देखकर वह बहुत दुखी होता है। अबाबील की सहायता से राजकुमार गरीबों की सहायता करता है और अपने दयालुतापूर्ण दान के द्वारा वह उन दुःखी लोगों के जीवन में कुछ खुशी लाता है।
इस प्रकार, राजकुमार एक दयालु, सहानुभूतिपूर्ण, सहायक एवं प्रेमी व्यक्ति है ।

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The Happy Prince Summary and Translation in Hindi

About the Story

प्रसन्न राजकुमार एक सुन्दर बुत था अर्थात् एक प्रतिमा थी । वह सोने से मढ़ी थी । उसकी आँखों में नीलम जड़े थे और उसकी तलवार में एक लालमणि जड़ी थी । वह अपना समस्त सोना तथा अपने मूल्यवान रत्नों को क्यों त्यागना चाहता था ? यह जानने के लिए पूरी कहानी पढ़िये ।

Word-Meanings and Hindi Translation

High above …………………… at the city. (Page 28)

Meanings: tall column (टॉल कॉलम) = high pillar, ऊँचा स्तम्भ | statue (स्टेच्यू ) = idol, मूर्ति, बुत, प्रतिमा | gilded ( गिल्डिड ) = covered (with gold ), मुलम्मा चढ़ा हुआ था, सोना मढ़ा हुआ था । thin leaves (थिन लीव्ज़) पतली परतें, वर्क । bright (ब्राइट) = shiny, चमकीले । sapphires (सफ़ाइॲ:ज़) = blue- coloured gemstones, नीलम, नीलमणि । ruby (रूबी) = a red-coloured gemstone, माणिक, लालमणि । glowed (ग्लोउड) = shone, दमकता था । sword ( सोड) = तलवार | hilt ( हिल्ट) = handle of the sword,’ तलवार की मूँठ । flew (फ़्ल्यू) = उड़ा, उड़ता रहा । swallow (स्वॉलो) = अबाबील नामक पक्षी I stayed (स्टेइड) = रुक गया था | decided ( डिसाइडिंड) = made up his mind, निश्चय किया। arrived (अराइव्ड) reached, पहुँचा । Egypt ( ईजिप्ट ) = मिस्र देश ।

हिन्दी अनुवाद प्रसन्न राजकुमार की मूर्ति शहर के एक भाग में ऊँचे स्थान पर एक ऊँचे स्तम्भ पर लगी थी। उसका पूरा शरीर शुद्ध सोने की पतली परतों (वर्कों) से मढ़ा था । उसकी आँखों में दो चमकदार नीलमणियाँ लगी थीं और उसकी तलवार की मूँठ में एक लालमणि जड़ी हुई थी । एक रात एक छोटा-सा अबाबील (पक्षी) शहर के ऊपर उड़ता हुआ आया । उस पक्षी के सभी मित्र छः सप्ताह पूर्व मिस्र चले गये थे, लेकिन वह पीछे रह गया था; फिर उसने भी मिस्र जाने का निश्चय किया । वह पूरे दिन उड़ता रहा और रात के समय वह शहर में पहुँचा ।

“Where shall …………….. to fly away. (Pages 28-29)

Meanings: put up (पुट अप ) (ph.v.) = stay, ठहरना । hope (होप ) = आशा करता हूँ, (यहाँ) सोचता हूँ| preparations (प्रेपरेशन्ज़) तैयारियाँ | statue (स्टैच्यू) = idol, मूर्ति, बुत । tall column (टॉल कॉलम) = high pillar, ऊँचा स्तम्भ | fine position ( फाइन पॅज़ीशन) = nice spot, अच्छा / उपयुक्त स्थान । plenty (प्लेंट) = enough quantity, पर्याप्त मात्रा । fresh (फ्रेश) = ताजी | alighted (अलाइटिड) = landed, got down, उतरा । just (जस्ट) = ठीक, बिल्कुल । softly (साट्लि) = slowly and lovingly, धीमे-से । looked round ( लुक्ट राउण्ड ) = चारों ओर देखा । putting (पुटिंग) = रख रहा । wing ( विंग) पंख | large (ला:ज) बड़ी | drop (ड्रॉप) = बूँद | curious (क्यूरिअस ) = strange, अजीब । quite (क्वाइट) = completely, बिल्कुल । keep off (कीप ऑफ) (ph.v.) रोकना । look for ( लुक फॉर) (ph.v.) = search for, ढूँढना। determined ( डिटॅ: मिण्ड ) = made up his mind, निश्चय किया ।

हिन्दी अनुवाद – ” मैं कहाँ रहूँगा ?” उसने कहा, “मैं सोचता हूँ कि नगर में तैयारियाँ की जा चुकी हैं ।” तब उसने ऊँचे स्तम्भ पर एक मूर्ति को देखा । ” मैं वहाँ रहूँगा, ” वह चिल्लाया, “यह एक अच्छी जगह है और यहाँ पर्याप्त मात्रा में ताजी हवा है ।” इसलिए वह प्रसन्न राजकुमार के पैरों के ठीक बीच में उतर गया । जब उसने चारों ओर देखा तो धीमे से स्वयं से कहा, “मेरा शयनकक्ष सोने का बना (सुनहरा ) है” और वह सोने की तैयारी करने लगा; लेकिन जैसे ही वह पंख के नीचे अपना सिर रखने वाला था, पानी की एक बड़ी बूँद उस पर गिरी । वह चिल्लाया, “कैसी अजीब बात है ! आसमान में एक भी बादल नहीं है, तारे बिल्कुल साफ और चमकीले हैं और फिर भी वर्षा हो रही है ।” तब दूसरी बूँद गिरी । उसने कहा, “ इस मूर्ति से क्या लाभ है अगर यह वर्षा को नहीं रोक सकती है ? मुझे एक अच्छी चिमनी ढूँढनी चाहिए”, और उसने उड़ जाने का निश्चय किया ।

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But before he had ……………. personal remarks. (Page 29)

Meanings: wings (विंग्ज्) = पंख | filled ( फ़िल्ड) = भरी हुई । tears (टिॲ:ज) = आँसू | running down (रनिंग डाउन) rolling down, लुढ़क रहे । cheeks (चीक्स) गालों । moonlight (मूनलाइट्) चाँदनी। pity (पिटी) = kindness, दया । weeping (वीपिंग) = shedding tears, रो रहे । quite (क्वाइट) completely, पूरी तरह से । drenched (ड्रेन्ट) = made wet, भिगो दिया । अलाउड) alive (अलाइव) जीवित | human (ह्यूमन) = मानव का |

heart (हाट्) = हृदय । statue (स्टेच्यू) मूर्ति | palace (पैलस) = a kingly home, महल | sorrow (सॉरो) = unhappiness, दुःख । allowed अनुमति थी । courtiers (कॉ: ट्यज्) = ‘दरबारी । indeed (इनडीड) = really, वास्तव में । set up (सेट अप ) स्थापित कर दिया । ugliness ( अग्लिनस) = कुरूपता । misery ( मिज़रि ) = sorrow, दु:ख। though (दो) = यद्यपि । I cannot choose but weep = रोने के अलावा मेरे पास दूसरा रास्ता नहीं है । lead (लेड्) = a heavy.metal, सीसा | solid (सॉलिड) = ठोस । polite (पॅलाइट) = humble, विनम्र | personal (पॅ:सॅनॅल्) व्यक्तिगत, निजी । remarks (रिमाक्स) = comments, टिप्पणी ।

हिन्दी अनुवाद – लेकिन इससे पहले कि वह अपने पंख खोलता एक तीसरी बूँद गिरी और उसने ऊपर की तरफ नजर डाली तथा देखा- आह ! उसने क्या देखा ? प्रसन्न राजकुमार की आँखें आँसुओं से भरी हुई थीं और उसके सुनहरे गालों पर होकर आँसू लुढ़क रहे थे । चन्द्रमा की चाँदनी में उसका चेहरा इतना सुन्दर लग रहा था कि छोटे अबाबील का हृदय दया से भर गया । आप कौन हैं ?” उसने कहा । ” मैं प्रसन्न राजकुमार हूँ ।” ‘तब आप रो क्यों रहे हैं ?” अबाबील ने पूछा, “आपने मुझे बिल्कुल भिगो दिया है । ”

जब मैं जीवित था और मेरा मानव हृदय था, ” मूर्ति ने उत्तर दिया, “मैं नहीं जानता था कि आँसू क्या होते हैं, क्योंकि मैं एक महल में रहता था जहाँ दुःख को प्रवेश की अनुमति नहीं थी । मेरे दरबारी मुझे प्रसन्न राजकुमार के नाम से पुकारते थे और वास्तव में, मैं प्रसन्न था । मैं प्रसन्नता से ही जीवित रहा और प्रसन्नता से ही मरा । और अब जबकि मैं मृत हूँ; उन्होंने मुझे यहाँ इतनी ऊँचाई पर स्थापित कर दिया है कि मैं अपने नगर की कुरूपता तथा समस्त पीड़ा को देख सकता हूँ और यद्यपि मेरा हृदय सीसे का बना हुआ है तथापि रोने के अलावा मेरे पास दूसरा रास्ता नहीं है ।” ” क्या ! क्या वह ठोस सोने का नहीं है ?” अबाबील ने स्वयं से कहा । वह इतना विनम्र था कि वह उस मूर्ति के बारे में कोई व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं कर सकता था ।

“Far away,” …………… cannot move”. (Page 29)

Meanings: far away ( फार अवे) = at a great distance, बहुत दूर । poor house = साधारण सा मकान । continued (कॅण्टिन्यूड) = kept on, जारी रखा । low (लो) हल्की, मन्द | musical ( म्यूज़िकल) सुरीली । voice (वॉयस ) = आवाज़ । street ( स्ट्रीट) = मार्ग, गंली | through (थ्रू) से होकर । seated (सीटिड ) sitting, बैठी हुई । worn (वॉन्) = tired, थका हुआ । coarse (कॉ:स्) = rough, भद्दे, खुरदरे। pricked (प्रिक्ट) छिदे हुए I needle ( नीडल ) = सुई । seamstress ( सीमस्ट्रस् ) = lady tailor, दरजिन या दर्जिन । embroidering (इम्ब्रायडरिंग) = कढ़ाई कर रही । satin gown (सैटिन गाउन्) = साटन का गाउन ।

loveliest (लवलियस्ट) : = most beautiful, सबसे सुन्दर । maids of honour (मेड्ज़ ऑव ऑनर ) = परिचारिकाएँ । court. ball (कॉ:ट बॉल) = दरबार में होने वाला नृत्य । lying (लाईंग ) = पड़ा हुआ । fever ( फीवॅ (र)) fastened (फासण्ड) = held tightly, बँधे हुए | ruby ( रूबि) = माणिक्य, मानिक | sword (सॉ:ड्) = तलवार | hilt ( हिल्ट) मूठ, हत्था | pedestal (पेडिस्टॅल) = base for a statue, चबूतरा | move ( मूव )

हिन्दी अनुवाद ” बहुत दूर, ” मूर्ति मन्द सुरीली आवाज में कहती गयी, “ बहुत दूर एक छोटी गली में एक साधारण सा मकान है । कई खिड़कियों में से एक खिड़की खुली है, और इसमें से मैं मेज पर बैठी एक स्त्री को देख सकता हूँ । उसका चेहरा पतला और थका हुआ है, उसके हाथ भद्दे एवं लाल हैं, (जो कि) सुई से पूरे छिदे हुए हैं क्योंकि वह एक दर्जिन ( कपड़े सिलने वाली ) है । वह रानी की सबसे सुन्दर परिचारिका के साटन के गाउन पर फूलों की कढ़ाई कर रही है जो कि उसे दरबार में अगले नृत्य के समय

( रानी के शाही सम्मान के समय) पहनना है । कमरे के कोने में लगे बिस्तर पर उसका छोटा-सा पुत्र बीमार लेटा हुआ है । उसे बुखार है और वह अपनी माँ से संतरा माँग रहा है । उसकी माँ के पास नदी के जल के अलावा उसे देने के लिए कुछ भी नहीं है, अतः वह रो रहा है । अबाबील, अबाबील, छोटे अबाबील, क्या तुम मेरी तलवार की मूँठ से लालमणि निकालकर उसके लिए नहीं ले जाओगे ? मेरे पैर इस चबूतरे से बँधे हुए हैं और मैं चल-फिर नहीं सकता हूँ ।”

“I am waited for ………….. said the Prince. (Pages 29-30)

Meanings: I am walted for = मेरी प्रतीक्षा की जा रही है । Egypt (इजिप्ट्) = मिस्र देश । lotus (लोटस्) = कमल । messenger ( मेसिन्जर) = संदेशवाहक । thirsty (थस्टि) = प्यासा।(सैड) = दुखी। agreed (अग्रीड) = got ready, सहमत हो गया ।

हिन्दी अनुवाद – अंबाबील ने कहा, “मिम्र में मेरी प्रतीक्षा हो रही है । मेरे मित्र नील नदी पर इधर-उधर उड़ रहे हैं और कमल के बड़े-बड़े फूलों से बात कर रहे हैं। शीघ्र ही वे सो जायेंगे।” राजकुमार ने अबाबील से उसके साथ एक रात ठहरकर अपना दूत बन जाने को कहा । “लड़का बहुत प्यासा है, और उसकी माँ बहुत दुखी है,” उसने कहा ।”मैं नहीं समझता कि मैं लड़कों को पसन्द करता हूँ,” अबाबील ने उत्तर दिया, “मैं मिस्र जाना चाहता हूँ।” लेकिन प्रसन्न राजकुमार इतना दुखी दिखाई दिया कि अबाबील को खेद हुआ । “यहाँ बहुत ठण्ड है,” उसने कहा। लेकिन वह राजकुमार के साथ एक रात रुककर उसका संदेशवाहक बनने के लिए सहमत हो गया । “धन्यवाद, छोटे अबाबील,” राजकुमार ने कहा ।

JAC Class 9 English Solutions Moments Chapter 5 The Happy Prince

The swallow picked out. delicious slumber………………. (Page 30)

Meanings : picked out (पिक्ट आउट) = took out, निकाल ली । great (ग्रेट) = big, बड़ी । beak (बीक) = चोंच (बीक ) = चोंच । passed by (पास्ट बाई) = के पास से गुजरा । cathedral (कैथीड्रल) = मुख्य गिरजाघर । tower (टावर) = मीनार । marble (माबल) = संगमरमर । angels (एंजिल्ज्र) = फरिश्ते, देवदूत । sculptured (स्कल्पर्चेंड्) = तक्षित, तराशे हुए । lazy (लेज़ि) = आलसी । balcony (बैल्कॉनि )= छज्जा । hanging( हैंगिंग) = लटकती हुई ।

masts ( मास्ट्स) = poles to support the sails, मस्तूल । lanterns (लैन्टॅन्ज़ )= लालटेन । tossing (टॉसिंग) = changing sides, करवटें बदल रहा । feverishly (फीवरिश्लि) = in fever, बुखार में बेचैनी से । hopped (हॉप्ट) = फुदका । laid ( लेइड) = put, रख दिया । beside (बिसाइड) = next to, के पास । thimble (थिम्बूल) = finger cap, अंगुश्ताना, छल्ला । gently (जेन्ट्रिल) = slowly and softly, धीमी गति से । fanning (फैनिंग) = पंखा झलते हुए । getting better ( गेटिंग बैटर) = ठीक हो रहा । sank into (सैंक इनटु) = was lost in, में खो गया, में डूब गया । delicious (डिलिशस्) = lovely, प्यारी, सुखद। slumber ( स्लम्ब (\tau))= नींद ।

हिन्दी अनुवाद – अबाबील ने राजकुमार की तलवार से बड़ी लालमणि निकाल ली और उसे अपनी चोंच में लेकर नगर की छतों के ऊपर उड़ा । वह मुख्य गिरजाघर की उस मीनार के पास से गुजरा जहाँ सफेद संगमरमर के देवदूत बने हुए थे । वह महल के पास़ से गुजरा और उसने नाचने की आवाज सुनी । एक सुन्दर लड़की अपने प्रेमी के साथ बाहर छज्जे पर आई ।

उसने कहा, “मैं आशा करती हूँ कि शाही नृत्य से पूर्व मेरी पोशाक तैयार हो जायेगी । मैंने उस पर फूलों की कढ़ाई करने का आदेश दिया है लेकिन दर्जिनें बड़ी आलसी होती हैं।” वह नदी के ऊपर से गुजरा और उसने जलपोतों के मस्तूलों पर लटकती हुई लालटेनें देखीं। अन्त में वह निर्धन स्त्री के घर में पहुँच गया और उसने अन्दर दृष्टि डाली । लड़का बुखार में बिस्तर पर करवटें बदल रहा था और उसकी माँ सोई हुई थी, वह बहुत थकी हुई थी । वह फुदक-फुदक कर अन्दर गया और उसने उस बड़ी लालमणि को स्त्री के अंगुश्ताने के पास मेज पर रख दिया । फिर वह बिस्तर के चारों ओर धीमी गति से लड़के के माथे पर अपने पंखों से पंखा झलता हुआ उड़ा। “मुझे कितना ठण्डा महसूस हो रहा है !” लड़के ने कहा, “मैं अवश्य ठीक हो रहा हूँ” और वह सुखद नींद में डूब गया ।

Then the swallow ………….. answered the swallow. (Pages 30-31)

Meanings : flew back (फ्ल्यू बैक) = उड़कर वापिस गया । curious (क्यूरिअस) = strange, विचित्र, आश्चर्य की बात । remarked (रिमाक्ट) $=$ said, कहा । warm ( वॉ:म्) = गर्म। action (एक्शंन) = work, कार्य । thinking always made him sleepy = सोच-विचार सदैव उसे सुला देता था I in high spirits (इन हाई स्पिरिट्स) = very happy, बहुत खुश। prospect (प्रॉस्पेक्ट ) = possibility, सम्भावना 1 monuments ( मॉन्युमण्ट्स) = स्मारक । steeple (स्टीपल) = a tall pointed tower, मीनार । top (टॉप) = चोटी । rose (रोज़ ) = came up, निकला । commission (कॅमिशन्) = instruction, (here) any work, कोई निर्देश काम ।

हिन्दी अनुवाद – तब अबाबील प्रसन्न राजकुमार के पास उड़कर वापिस आ गया और उसने जो किया था उसके बारे में बताया । “यह विचित्र बात है, ” उसने (अबाबील ने कहा, “लेकिन अब मैं काफी गरमाहट महसूस कर रहा हूँ यद्यपि ठण्ड बहुत है ।” ” वह इसलिए है कि आपने एक अच्छा कार्य किया है, ” राजकुमार ने कहा । और छोटा अबाबील सोचने लगा और फिर वह सो गया । सोच-विचार करने पर सदैव उसे नींद आ जाती थी ।
जब दिन निकला तब वह उड़कर नदी पर गया और उसने स्नान किया । अबाबील ने स्वयं से कहा, “आज रात मैं मिस्र जाऊँगा” और इस सम्भावना पर वह बहुत प्रसन्न था । वह सारे स्मारकों पर घूमने गया और चर्च की मीनारं की चोटी पर बहुत देर तक बैठा रहा । जब चन्द्रमा निकला तब वह प्रसन्न राजकुमार के पास उड़कर वापिस आया।’ “ क्या मिस्र देश के लिए आपका कोई निर्देश है अर्थात् वहाँ आपका कोई काम है ?” वह चिल्लाया, “मैं अभी यात्रा प्रारम्भ कर रहा हूँ ।” ‘अबाबील, अबाबील, छोटे अबाबील, ” राजकुमार ने कहा, “क्या तुम मेरे साथ एक रात और रुकोगे ? ” अबाबील ने उत्तर दिया, “मेरी मिस्र में प्रतीक्षा हो रही है ।”

JAC Class 9 English Solutions Moments Chapter 5 The Happy Prince

“Swallow, Swallow, ………………. young play wright (Page 31)

Meanings: across (अक्रॉस) = on the other end, के दूसरे छोर पर । garret (गैरेट) = a room at the top of the house, अटारी । leaning (लीनिंग ) = stooping, झुका हुआ । covered ( कवड) = (यहाँ) भरी हुई । by his side (बाई हिज़ साइड) = near him, उसके पास । bunch (बंच) = गुच्छा । withered (विदॆ: ड्) = dried up, मुरझाये हुए | violets (वॉइॲलट्स् ) = वनफ्शा के फूल, नीलपुष्प । brown (ब्राउन) भूरे । crisp (क्रिस्प) = curly, घुँघराले, कुञ्जित । pomegranate (पॉमिग्रैनिट्) = अनार । dreamy (ड्रीमी) = lost in dreams, thoughtful, स्वप्निल, विचारमग्न । fire (फायर) = आग | grate (ग्रेट) = अँगीठी, झँझरी | hunger = (हंगें(र)) = भूख | faint (फेण्ट) : almost senseless,. मूर्च्छित – सा । really ( रियली ) = वास्तव में । good heart नेकदिल, दयालुहृदय । playwright (प्लेराइट) = one who writes plays, नाटककार ।

हिन्दी अनुवाद – ” अबाबील, अबाबील, छोटे अबाबील,” राजकुमार ने कहा, “नगर के पार एक अटारी में मैं एक नवयुवक को देख रहा हूँ । वह कागजों से भरी हुई एक डेस्क पर झुका हुआ है और उसके पास गिलास में मुरझाये हुए वनफ्शा के फूलों का गुच्छा रखा है । उसके बाल भूरे और घुंघराले हैं और उसके होंठ अनार के दानों की तरह लाल हैं व उसकी आँखें बड़ी और विचारमग्न हैं । वह थियेटर के निर्देशक के लिए एक नाटक को लिखकर समाप्त करने का प्रयत्न कर रहा है लेकिन उसे इतनी ठण्ड लग रही है कि वह लिखने में असमर्थ है । उसकी अँगीठी में आग नहीं है और भूख ने उसे मूर्च्छित – स -सा कर दिया है ।” “मैं आपके साथ एक रात और रुकूँगा,” अबाबील, जो वास्तव में एक नेकदिल (दयालु) था, ने कहा । उसने पूछा कि क्या वह युवा नाटककार के लिए दूसरी लालमणि ले जाये ?

‘Alas! I have ………….. looked quite happy. (Pages 31-32)

Meanings : alas (ॲलास) = an expression of sorrow, हन्त, हाय, अर्थात् मुझे खेद है । that I have left = जो मेरे पास बची हैं । rare ( रेअर) = found with great difficulty, दुर्लभ | sapphire (सैफाइअर) नीलम, नीलमणि । pluck out (प्लक आउट) = take out निकाल लो। sell (सेल) = give for money, बेच देना। jewelter (ज्यूलर) = जौहरी । firewood (फाय: वुड) = wood to burn, जलाने के लिए लकड़ी, ईंधन। finish (फिनिश) = complete, पूरा करना, समाप्त करना । dear (डिअर) = loving, प्रिय । began to weep (बिगेन टु वीप) = started crying, रोने लगा । command (कमाण्ड) = order, आदेश देना |

easy enough (ईज़ी इनफ) = बहुत आसान । get in (गेट इन) (ph.v.) = to enter, प्रवेश करना । hole (होल) = छेद । roof (रूफ़) = छत। through (थ्रू) = से होकर । darted (डाटिड) = entered quickly, तेजी से प्रवेश किया । buried (बरिड्) = concealing, छिपाये हुए । flutter (फ़्लटर) = sound of wings while flying, फड़फड़ाहट । lying (लाईंग) पड़ा हुआ । withered (विदें: ड्) : मुरझाये हुए | appreciated (अॅप्रीशिएटिड) = praised, सराहना की । admirer ( अडमायरॅ (र)) = प्रशंसक |

हिन्दी अनुवाद – ” मुझे खेद है ! अब मेरे पास कोई लालमणि नहीं है, ” राजकुमार ने कहा । ” मेरी आँखें ही मेरे पास बची हैं । वे दुर्लभ नीलमणियों (नीलमों) की बनी हुई हैं जो एक हजार वर्ष पूर्व भारत से लायी गई थीं ।” उसने अबाबील को आदेश दिया कि वह उनमें से एक को निकाल ले और नाटककार को दें आये । ” वह इसे जौहरी को बेच देगा और जलाने के लिए लकड़ी खरीद लेगा, और अपने नाटक को लिखकर समाप्त कर देगा,” उसने कहा । “प्रिय राजकुमार, ” अबाबील कहा, “मैं ऐसा नहीं कर सकता,” और वह रोने लगा ।

“अबाबील, अबाबील, छोटे अबाबील,” राजकुमार ने कहा, “वही करो जो मैं तुम्हें आदेश देता हूँ। ” इसलिए अबाबील ने राजकुमार की आँख को निकाल लिया और नवयुवक की अटारी की ओर उड़ा। इसमें प्रवेश करना बिल्कुल आसान था क्योंकि इसकी छत में एक छेद था । इसमें से वह तेजी से अन्दर प्रवेश कर गया और कमरे में आ गया । नवयुवक अपने सिर को हाथों से पकड़े हुए बैठा था, इसलिए उसने पक्षी के पंखों की फड़फड़ाहट नहीं सुनी और जब उसने ऊपर देखा तो उसे वनफ्शा के मुरझाये फूलों पर पड़ा हुआ सुन्दर नीलम मिला । “मेरी सराहना प्रारम्भ हो रही है,” वह चिल्लाया, “यह किसी महान् प्रशंसक की भेंट है । अब मैं अपना नाटक पूरा कर सकता हूँ, ‘ और वह अत्यन्त प्रसन्न दिखाई पड़ा ।

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The next day ………………. lazily about them. (Page 32)

Meanings : harbour (हाब्ों (र)) = port, place for ships to stand, बन्दरगाह, पोताश्रय । mast (मास्ट) = मस्तूल। vessel (वैसेल) = ship, जहाज, जलपोत । watched (वॉच्ट) = saw, देखा । sailors (सेलॅ :ज़) = seamen, नाविक | minded ( माइण्डिड ) = noticed, ध्यान दिया । bid you goodbye (बिड यूं गुडबाई) take leave of you, तुम्हें अलविदा कहने । snow ( स्नो ) = हिम, बर्फ । palm trees (पाम ट्रीज़ ) = ताड़ या खजूर के पेड़ | crocodile (क्रॉकडाइल्) = मगरमच्छ । lie (लाई) लेटे हुए | mud (मड) = कीचड़ | lazily (लेजिलि) आलस्यपूर्वक, सुस्ती से । about them (अबाउट देम) = around them, अपने चारों ओर ।

हिन्दी अनुवाद- दूसरे दिन अबाबील बन्दरगाह की ओर उड़ा । वह एक बड़े जलपोत के मस्तूल पर बैठा और उसने नाविकों को काम करते हुए देखा । ” मैं मिस्र जा रहा हूँ,” अबाबील चिल्लाया, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया, और जब चन्द्रमा निकला तो वह उड़कर प्रसन्न राजकुमार के पास लौट आया । “मैं आपको अलविदा कहने आया हूँ,” वह चिल्लाया । “अबाबील, अबाबील, छोटे अबाबील”, राजकुमार ने कहा, ‘क्या तुम एक रात और मेरे पास नहीं रुकोगे ?” “अब जाड़ा (शीत ऋतु) है, ” अबाबील ने उत्तर दिया, ” और शीघ्र ही यहाँ बर्फ पड़ेगी । मिस्र में ताड़ के हरे पेड़ों पर तेज धूप पड़ रही है और कीचड़ में लेटे हुए मगरमच्छ सुस्ती से अपने चारों ओर देख रहे हैं। ”

“In the square …………….. home, laughing. (Pages 32-33)

Meanings: square (स्क्वेअॅ (र)) = चौक | below (बिलो) : नीचे | matchgirl (मैचगॅ:ल) = girl who sells matchboxes, माचिसं बेचने वाली लड़की । gutter (गॅट्ों (र)) = drainage, नाली, मोरी । spoiled (स्पॉइल्ड) = खराब हो गयी | beat (बीट) = पीटना । crying (क्राईंग) = weeping, रो रही । stockings (स्टॉकिंग्ज़) = मोजे | bare (बेअ (र)) = not covered, खुला हुआ, नंगा | blind (ब्लाइण्ड ) = one who cannot see, अन्धा | darted down (डाटिड डाउन) = went down quickly, तेजी से नीचे गया । swooped past (स्वप्ट पास्ट) = rushed ahead, झपट्टा मारते हुए गुजरा | slipped ( स्लिप्ट) = put silently, चुपके से रख दिया। jewel (जूॲल्) = रत्न | palm (पाम) = हथेली । bit (बिट) टुकड़ा ।

हिन्दी अनुवाद प्रसन्न राजकुमार ने कहा, “नीचे चौक में एक माचिस बेचने वाली छोटी लड़की खड़ी है । उसकी माचिसें नाली में गिर गई हैं और वे सब खराब हो गई हैं। अगर वह घर पर कुछ धन नहीं लाती है तो उसके पिताजी उसको पीटेंगे और वह रो रही है । उसके पास न तो जूते हैं और न मोजे । और उसका छोटा-सा सिर नंगा है। मेरी दूसरी आँख निकालो और इसको उसे दे दो और उसका पिता उसे नहीं पीटेगा । ”
“मैं आपके पास एक रात और रुकूँगा,” अबाबील ने कहा, “लेकिन मैं आपकी आँख नहीं निकाल सकता । तब आप बिल्कुल अन्धे हो जायेंगे ।”

‘अबाबील, अबाबील, छोटे अबाबील ” राजकुमार ने कहा, “जैसा मैं आदेश देता हूँ, वैसा ही करो। ” इसलिए उसने राजकुमार की दूसरी आँख निकाली और उसे लेकर तेजी से नीचे गया । वह झपट्टा मारते हुए माचिस बेचने वाली लड़की के पास से गुजरा और उसकी हथेली पर चुपके से रत्न रख दिया ! ” यह शीशे का टुकड़ा कितना सुन्दर है !” छोटी लड़की चिल्लाई, और वह हँसती हुई घर को दौड़ गई ।

Then the swallow ….. you see there.” (Page 33)

Meanings: poor (पुॲ (र)) = बेचारा | slept (स्लेप्ट) सो गया । sat (सैट) = बैठा रहा । shoulder (शोल्डर) = कंधा । strange (स्ट्रेन्ज) = अजनबी | marvellous (मा: वॅलस) = wonderful, आश्चर्यजनक | suffering (सफ़रिंग) = troubles, पीड़ाएँ, परेशानियाँ | mystery ( मिस्टरि) = secret, रहस्य | misery ( मिज़रि) = sorrow, दुःख, दयनीयता ।

हिन्दी अनुवाद – फिर अबाबील राजकुमार के पास वापिस आया, उसने कहा, “अब आप अंधे हैं इसलिए मैं सदैव आपके पास रहूँगा ।”
“नहीं छोटे अबाबील,” असहाय राजकुमार ने कहा, “तुमको मिस्र अवश्य जाना चाहिये ।” “नहीं, मैं सदैव आपके पास रहूँगा,” अबाबील ने कहा, और वह राजकुमार के पैरों में सो गया। दूसरे दिन पूरे समय वह राजकुमार के कंधे पर बैठा रहा और अजनबी स्थानों पर जो कुछ उसने देखा था उसके बारे में उसे कहानियाँ सुनाता रहा । “प्रिय, छोटे अबाबील,” राजकुमार ने कहा, “तुम मुझे बहुत आश्चर्यजनक बातें बता रहे हो लेकिन पुरुष एवं स्त्री की परेशानियाँ किसी अन्य बात से भी अधिक आश्चर्यजनक हैं । कोई भी रहस्य इतना बड़ा नहीं है जितनी कि दयनीयता । मेरे नगर के ऊपर उड़ो, छोटे अबाबील, और जो तुम वहाँ देखो वह मुझे बताओ ।”

JAC Class 9 English Solutions Moments Chapter 5 The Happy Prince

So the swallow flew ………………… they cried. (Page 33)

Meaning: the rich ( द रिच) = धनी लोग | making merry (मेकिंग मेरि) = enjoying themselves, मौज उड़ाते हुए | beggars (बैग:ज़) भिखारी | lanes (लेन्ज़) = streets, गलियाँ | starving (स्टा: विंग) dying with hunger, भूख से मरते हुए । looking out (लुकिंग आउट) = बाहर देख रहे । listlessly (लिस्ट्लेस्लि) with sad faces, उदास चेहरों से । streets ( स्ट्रीट्स) गलियाँ । archway (आच्वे) = तोरण द्वार, मेहराब | bridge (ब्रिज) = पुल । lying (लाईंग ) लेटे हुए, पड़े हुए । hungry (हग्रि) = भूखे ।

shouted (शाउटिड) चिल्लाया । watchman (वॉचमैन) = चौकीदार | wandered out (वाण्डर्ड आउट) = भटकने लगे, घूमने लगे।covered’(कă:ड) = (यहाँ ) मढ़ा हुआ | must take it off leaf by leaf = ( सोने के ) पत्तर को एक-एक करके उतारकर ले लो । the living (द लिविंग ) = जीवित व्यक्ति । picked off (पिक्ट ऑफ) = उतार ली, उतारता गया | dull (डल) भद्दा | grey (ग्रे) = faded, बदरंग । rosier ( रोज़ियर) = (here) happier, full of good possibilities, अधिक उज्ज्वल, अधिक प्रसन्न ।

हिन्दी अनुवाद – इसलिए अबाबील उस बड़े नगर के ऊपर उड़ा, और उसने धनी लोगों को अपने सुन्दर घरों में मौज उड़ाते देखा जबकि भिखारी दरवाजों पर बैठे थे । वह अँधेरी गलियों में उड़ा और उसने भूख से मरते हुए बच्चों को देखा जो उदास चेहरों से ( उदासीपूर्वक ) बाहर अँधेरी गलियों की ओर देख रहे थे । उसने एक पुल के मेहराब के नीचे दो छोटे लड़कों को लेटे हुए देखा जो एक-दूसरे की बाँहों में चिपककर अपने-आप को गर्म करने का प्रयास कर रहे थे । “हम कितने भूखे हैं !” उन्होंने कहा । “तुम यहाँ मत लेटो, ” चौकीदार चिल्लाया और वे वर्षा में भटकने लगे । तब वह वापिस उड़कर आया और राजकुमार को वह सब बताया जो उसने देखा था ।

” मैं शुद्ध सोने से मढ़ा हुआ हूँ,” राजकुमार ने कहा, “तुम इसका (मेरे सोने से मढ़े शरीर पर से सोने को ) एक-एक पत्तर (वर्क) उतार लो और निर्धनों में बाँट दो । जीवित व्यक्ति सदैव यही सोचते हैं कि सोना उन्हें प्रसन्न कर सकता है ।” अबाबील सुन्दर सोने के पत्तरों को एक-एक करके तब तक उतारता गया जब तक कि प्रसन्न राजकुमार बिल्कुल भद्दा और बदरंग दिखाई नहीं देने लगा । शुद्ध सोने के पत्तरों को एक-एक करके वह निर्धनों के पास ले आया और तब बच्चों के चेहरे प्रसन्नता से खिल उठे । वे हँसे और गलियों में खेलने लगे । ‘अब हमको रोटी (खाना) प्राप्त हो गयी हैं !” वे चिल्लाये ।

Then the snow came ……………… at his feet.. (Pages 33-34)

Meanings : frost ( फ्रॉस्ट ) = तुषार, पाला | furs (फॅ:ज्) = लोमचर्म, समूर | scarlet (स्कालॅट) = of red colour, लाल रंग की । skated (स्केटिंड) फिसलकर खेलने लगे । picked up (पिक्ट अप) = उठा लेता था, इकट्ठे कर लेता था । crumbs ( क्रम्ब्ज़) = small pieces of bread or biscuits, ब्रेड या बिस्किट के छोटे टुकड़े। baker (बेकर) = one who makes or sells bread, ब्रेड बनाने या बेचने वाला | flapping (फ्लैपिंग ) फड़फड़ाकर । just enough strength (जस्ट इनफ स्ट्रेन्थ) = केवल इतनी शक्ति | murmured (मरमड) very slowly, बुदबुदाया । glad ( ग्लैड) = प्रसन्न | = said

हिन्दी अनुवाद- तब बर्फ गिरी और बर्फ के बाद पाला पड़ा । गलियाँ ऐसी लगने लगीं मानो वे चाँदी की बनी हों । सभी समूर के बालों वाले कपड़े पहनने लगे और छोटे लड़कों ने लाल रंग की टोपियाँ पहनीं और बर्फ पर स्केटिंग करने लगे । बेचारा छोटा अबाबील ठण्ड से सिकुड़ता रहा लेकिन वह राजकुमार को नहीं छोड़ पा रहा था । वह उसको अत्यधिक प्यार करता था । जब बेकरी वाला नहीं देख रहा होता था तब वह बेकरी वाले के दरवाजे पर पड़े ब्रेड या बिस्किट के टुकड़े इकट्ठे कर लेता था और अपने पंखों को फड़फड़ाकर स्वयं को गर्म रखने का प्रयास करता था ।.. लेकिन अन्त में उसने जान लिया कि वह मरने वाला है । उसमें केवल इतनी शक्ति बची थी कि वह एक बार और उड़कर राजकुमार के कंधे तक पहुँच सकता था । “अलविदा, प्रिय राजकुमार,” वह बुदबुदाया, “क्या आप मुझे अपना हाथ चूमने देंगे ?”

“मैं प्रसन्न हूँ कि अंत में तुम मिस्र जा रहे हो, छोटे अबाबील, ” राजकुमार ने कहा, ” तुम यहाँ बहुत लम्बे समय तक ठहरे हो लेकिन तुम्हें मेरे होंठों को चूमना चाहिये, क्योंकि मैं तुमको प्यार करता हूँ ।” “मैं मिस्र नहीं जा रहा हूँ,” अबाबील ने कहा, ” मैं मृत्यु के घर जा रहा हूँ । मौत नींद की सहोदर है, क्या वह नहीं है ?” और उसने प्रसन्न राजकुमार के होंठों का चुम्बन लिया और मृत होकर उसके पैरों पर गिर पड़ा।

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At that moment …………… at the University. just then,(Page 34)

Meanings : at that moment (एट देट मॉमण्ट ) उसी क्षण । curious ( क्यूरिअस ) strange, विचित्र | crack (क्रैक) चटकने की आवाज़ | as if (ऐज़ इफ़ ) जैसे कि । fact (फैक्ट) = truth, सत्य, तथ्य | leaden (लेडन) = सीसे का बना हुआ | snapped ( स्नैप्ट) = चटक गया । certainly (सॅटन्लि) = surely, निश्चित रूप से । dreadfully (ड्रैडफुलि) = horribly, भयंकर रूप से । hard (हाड) = very harsh, कठोर । frost (फ्रॉस्ट) = पाला । square (स्क्वेअर) = चौक, प्रांगण | below (बिलो) नीचे | in company with ( इन कम्पनी विद ) के साथ | councillors ( काउन्सिलॅ: ज़) सभासदों । passed (पास्ट) से गुजरे । column ( कॉलम) = pillar, स्तम्भ |

dear me = हाय! अथवा मुझे बहुत आश्चर्य है । shabby (शैबि) = badly maintained, टूटा-फूटा, जीर्ण, कुरूप । indeed (इनडीड) = truly, वास्तव में | agreed (अग्रीड) ‘सहमत रहते थे । little better (लिट्ल बैटर) = not much improved, just like, बिल्कुल उसके जैसा । actually (ऐक्च्युअलि ) = really, वास्तव में। issue (इश्यू) जारी करना | proclamation (प्रॅक्लेमेशन) = an official declaration, घोषणा, ढिंढोरा । not to be allowed (नॉट टु बी अलाउड) = अनुमति नहीं है । made a note (मेड अ नोट) = wrote down, लिख लिया । suggestion ( सजेश्चन) = सुझाव | pulled down ( पुल्ड डाउन) गिरा दिया, ढहा दिया । beautiful (ब्यूटिफल) सुन्दर । useful ( यूज़फल) उपयोगी ।

हिन्दी अनुवाद- उसी क्षण मूर्ति के अन्दर विचित्र चटकने की आवाज सुनी गई, जैसे कि कोई चीज टूटी हो । तथ्य यह है कि मूर्ति का सीसे का दिल चटककर दो भागों में बँट गया था । यह निश्चित ही भयंकर रूप से पड़ने वाला कठोर पाला था । अगले दिन प्रातः नगर का महापौर नगर के सभासदों के साथ चौक में टहल रहा था । जैसे ही वे स्तम्भ के पास ‘से गुजरे, उसने ऊपर मूर्ति की ओर देखा । “हाय ! प्रसन्न राजकुमार कितना कुरूप लग रहा है !” उसने कहा । ” वास्तव में कितना कुरूप !” नगर के सभासद चिल्लाये जो सदैव महापौर से सहमत रहते थे और वे इसे देखने के लिए ऊपर गये ।

कहा, “उसकी तलवार का लालमणि गिर गया है, उसकी आँखें नहीं हैं और अब वह सुनहरा भी नहीं है, ” महापौर ने “वास्तव में, वह भिखारी से अधिक अच्छा नहीं है, अर्थात् बिल्कुल भिखारी जैसा है । ” ” भिखारी से अच्छा नहीं,” नगर के सभासदों ने कहा ।
‘और वास्तव में यहाँ इसके पैरों में एक मृत पक्षी पड़ा है,” मेयर ने कहना जारी रखा, “हमको यह घोषणा कर देनी चाहिए कि पक्षियों को यहाँ मरने की अनुमति नहीं है, ” और नगर के लिपिक ने इस सुझाव को लिख लिया । इसलिए उन्होंने प्रसन्न राजकुमार की मूर्ति को गिरा दिया । ” क्योंकि अब वह सुन्दर नहीं है अतः अब वह उपयोगी नहीं है, ” विश्वविद्यालय के कला-प्राध्यापक ने कहा ।

Then they melted ………………. shall praise me.” (Pages 34-35)

Meanings : melted (मेल्टिड) = पिघला दिया गया । furnace (फॅ:नस्) (ओवॅसिॲ(र)) = सर्वेक्षक, निरीक्षक । workmen (वॅ:कमैन) भट्टी । overseer foundry ( फाउण्ड्री) = ढलाई – घर धातु पिघलाने / गलाने का स्थान | broken (ब्रोकन) = टूटा हुआ । lead heart (लैड हाट्) = सीसे का दिल | dust heap (डस्ट हीप) = धूल का ढेर | precious (प्रेशॅस) = valuable, मूल्यवान | angels ( एन्जेल्ज़) = देवदूत । rightly (राइट्लि) = correctly, उचित रूप से । chosen (चोज़न) स्वर्ग | praise (प्रेज़) प्रशंसा करना ।चुना है paradise (पैरॅडाइस) = heaven,

JAC Class 9 English Solutions Moments Chapter 5 The Happy Prince

हिन्दी अनुवाद – फिर उन्होंने मूर्ति को भट्टी में पिघला दिया, “क्या अद्भुत बात है !” ढलाई घर के कारीगरों के कार्य – निरीक्षक ने कहा । ” यह टूटा हुआ सीसे का दिल भट्टी में नहीं गलेगा । हमें इसे फेंक देना चाहिए ।” अतः उन्होंने उसे धूल के ढेर पर फेंक दिया जहाँ मृत अबाबील भी पड़ा हुआ था । ईश्वर ने अपने दूतों में से एक देवदूत से कहा, “नगर से दो सबसे अधिक मूल्यवान वस्तुएँ लाकर मुझे दो ।” और देवदूत उनके पास सीसे का दिल और मृत पक्षी ले आया । ” तुमने उचित चुनाव किया है, ” ईश्वर ने कहा, ” क्योंकि मेरे स्वर्ग के बगीचे में यह छोटा पक्षी सदैव गाता रहेगा और मेरे स्वर्ण – नगर में प्रसन्न राजकुमार मेरा गुण-गान करेगा ।”

JAC Class 9 Science Notes Chapter 14 प्राकृतिक सम्पदा

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JAC Board Class 9 Science Notes Chapter 14 प्राकृतिक सम्पदा

→ पृथ्वी पर जीवन मृदा, वायु, जल तथा सूर्य से प्राप्त ऊर्जा जैसी सम्पदाओं पर निर्भर करता है।

→ स्थल और जलाशयों के ऊपर विषम रूप में वायु के गर्म होने के कारण पवनें उत्पन्न होती हैं।

→ जलाशयों से होने वाले जल का वाष्पीकरण तथा संघनन हमें वर्षा प्रदान करता है।

→ किसी क्षेत्र में पहले से विद्यमान वायु के रूप पर होने वाली वर्षा का पैटर्न निर्भर करता है।

→ विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व चक्रीय रूपों में पुनः उपयोग किये जाते हैं जिसके कारण जैवमण्डल के विभिन्न घटकों में एक निश्चित सन्तुलन स्थापित होता है।

JAC Class 9 Science Notes Chapter 14 प्राकृतिक सम्पदा

→ वायु, जल तथा मृदा का प्रदूषण जीवन की गुणवत्ता और जैव विविधताओं को हानि पहुँचाता है।

→ हमें अपनी प्राकृतिक सम्पदाओं को सुरक्षित रखने की आवश्यकता है और उन्हें संपोषणीय रूपों में उपयोग करने की आवश्यकता है।

→ पृथ्वी की सबसे बाहरी परत को स्थलमण्डल कहते हैं।

→ पृथ्वी के 75% भाग पर जल है। इसे जलमण्डल कहते हैं।

JAC Class 9 Science Notes Chapter 14 प्राकृतिक सम्पदा

→ वायु जो पूरी पृथ्वी को कम्बल के समान ढके रहती है, उसे वायुमण्डल कहते हैं।

→ जीवन को आश्रय देने वाला पृथ्वी का वायुमण्डल, स्थलमण्डल तथा जलमण्डल एक-दूसरे से मिलकर जीवन को सम्भव बनाते हैं, उसे जीवमण्डल कहते हैं।

→ सजीव जीवमण्डल के जैविक घटक को बनाते हैं तथा वायु, जल और मृदा जीवमण्डल के निर्जीव घटक हैं।

JAC Class 9 Science Notes Chapter 13 हम बीमार क्यों होते हैं

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JAC Board Class 9 Science Notes Chapter 13 हम बीमार क्यों होते हैं

→ स्वास्थ्य व्यक्ति की शारीरिक, मानसिक तथा सामाजिक जीवन की एक समग्र समन्वयित अवस्था है।

→ किसी का स्वास्थ्य उसके भौतिक पर्यावरण तथा आर्थिक अवस्था पर निर्भर करता है।

→ रोगों की अवधि के आधार पर इसे तीव्र तथा दीर्घकालिक दो वर्गों में विभाजित कर सकते हैं।

→ रोगों के कारक संक्रामक अथवा असंक्रामक हो सकते हैं।

→ संक्रामक कारक जीवों के विभिन्न वर्ग से हो सकते हैं। ये एककोशिकीय सूक्ष्म जीव अथवा बहुकोशिकीय हो सकते हैं।

JAC Class 9 Science Notes Chapter 13 हम बीमार क्यों होते हैं

→ रोग का उपचार उसके कारक रोगाणु के वर्ग के आधार पर किया जाता है।

→ संक्रामक कारक वायु, जल, शारीरिक सम्पर्क अथवा रोगवाहक द्वारा फैलते हैं।

→ रोगों का निवारण सफल उपचार की अपेक्षा अच्छा है।

→ संक्रामक रोगों का निवारण जन स्वास्थ्य स्वच्छता विधियों द्वारा किया जा सकता है जिससे संक्रामक कारक कम हो जाते हैं।

→ टीकाकरण द्वारा संक्रामक रोगों का निवारण किया जा सकता है।

→ संक्रामक रोगों के निवारण को प्रभावशाली बनाने के लिए आवश्यक है कि सार्वजनिक स्वच्छता तथा टीकाकरण की सुविधा सभी को उपलब्ध हो।

JAC Class 9 Science Notes Chapter 12 ध्वनि

Students must go through these JAC Class 9 Science Notes Chapter 12 ध्वनि to get a clear insight into all the important concepts.

JAC Board Class 9 Science Notes Chapter 12 ध्वनि

→ किसी कण की वह गति जो एक निश्चित समय के बाद बार-बार दोहराई जाती है, आवर्ती गति कहलाती है।

→ किसी कण द्वारा सरल रेखा में एक निश्चित बिन्दु के इधर-उधर आवर्ती गति हो रही हो तो यह गति काम्पनिक गति या दोलनी गति कहलाती है।

→ माध्यम में कणों के कम्पनों के अनुसार तरंगें दो प्रकार की होती हैं-

  • अनुप्रस्थ तरंगें
  • अनुदैध्र्य तरंगें।

→ ध्वनि विभिन्न वस्तुओं के कंपन करने के कारण उत्पन्न होती है तथा ध्वनि तरंगें, अनुदैध्र्य तरंगें होती हैं।

→ ध्वनि माध्यम में क्रमागत संपीडनों तथा विरलनों के रूप में संचरित होती है।

JAC Class 9 Science Notes Chapter 12 ध्वनि

→ ध्वनि तरंगों में दो क्रमागत संपीडनों या दो क्रमागत विरलनों के बीच की दूरी तरंगदैर्ध्य कहलाती है। इसे λ से प्रदर्शित करते हैं।

→ तरंग द्वारा माध्यम के घनत्व के एक संपूर्ण दोलन में लिए गए समय को आवर्तकाल T कहते हैं।

→ एकांक समय में दोलनों की कुल संख्या को आवृत्ति (v) कहते हैं। v = \(\frac { 1 }{ T }\)

→ तरंग की चाल, उसकी आवृत्ति तथा तरंगदैर्ध्य के गुणनफल के बराबर होती है, अर्थात् v = v λ

→ किसी एकांक क्षेत्रफल से 1 सेकंड में गुजरने वाली ध्वनि ऊर्जा को ध्वनि की तीव्रता कहते हैं।

→ ध्वनि की चाल मुख्यतः संचरित होने वाले माध्यम की प्रकृति तथा ताप पर निर्भर करती है।

→ ध्वनि के आपतित होने की दिशा तथा परावर्तित होने की दिशा, परावर्तक सतह पर खींचे गए अभिलंब से समान कोण बनाते हैं और तीनों एक ही तल में होते हैं।

→ स्पष्ट प्रतिध्वनि सुनने के लिए मूल ध्वनि एवं परावर्तित ध्वनि के बीच कम से कम 0.1 s का समय अंतराल अवश्य होना चाहिए।

→ ध्वनि के तीन अभिलक्षण होते हैं-

  • तारत्व
  • प्रबलता
  • गुणता।

→ मानव में ध्वनि की श्रव्यता की आवृत्तियों का औसत परास 20 हर्ट्ज से 20 किलो हर्ट्ज होता है।

JAC Class 9 Science Notes Chapter 12 ध्वनि

→ 20 हर्ट्ज से कम आवृत्ति की ध्वनियों को अवश्रव्य ध्वनि तथा 20 किलोहर्ट्ज से अधिक आवृत्ति की ध्वनि को पराश्रव्य ध्वनि कहते हैं।

→ पराध्वनि के चिकित्सा तथा प्रौद्योगिक क्षेत्रों में अनेक उपयोग हैं।

→ सोनार एक ऐसी युक्ति है जिसका प्रयोग समुद्र की गहराई नापने, समुद्र की गहराई में किसी अदृश्य वस्तु की उपस्थिति का पता लगाने में किया जाता है।

→ सोनार में पराश्रव्य तरंगों का प्रयोग किया जाता है।

→ एकल आवृत्ति की ध्वनि को टोन कहते हैं तथा अनेक आवृत्तियों के मिश्रण से उत्पन्न ध्वनि को स्वर (Node) कहते हैं।

JAC Class 9 English Solutions Moments Chapter 4 In the Kingdom of Fools

Jharkhand Board JAC Class 9 English Solutions Moments Chapter 4 In the Kingdom of Fools Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 9 English Solutions Moments Chapter 4 In the Kingdom of Fools

JAC Class 9 English In the Kingdom of Fools Textbook Questions and Answers

Think About It

Question 1.
What are the two strange things the guru and his disciple find in the Kingdom of Fools?
मूर्खों के राज्य में गुरु तथा उसके चेले को कौन-सी दो विचित्र बातें मिलती हैं ?
Answer:
The first strange thing was that it was broad daylight and still everyone was asleep. Even the cattle were sleeping. Shops were closed. They could not get anything to eat till sunset. When the night fell, the shops were opened. People woke up and they started doing their jobs. The second strange thing was that everything, such as-rice, banana or ghee had the same price. You could get anything for one duddu (a coin).

पहली विचित्र बात यह थी कि दिन का समय था और प्रत्येक व्यक्ति सोया हुआ था । और यहाँ तक कि पशु भी सो रहे थे । दुकानें बन्द थीं । उन्हें कोई भी खाने की वस्तु नहीं मिल सकी जब तक कि सूर्यास्त नहीं हो गया । जब रात हुई तो दुकानें खुलने लगीं। लोग जाग गये और उन्होंने अपना कार्य प्रारम्भ किया । दूसरी विचित्र बात यह थी कि प्रत्येक वस्तु जैसे कि चावल, केला अथवा घी सभी की एक ही कीमत थी । आप कोई भी चीज एक डुड्डू (सिक्के) में ले सकते थे ।

JAC Class 9 English Solutions Moments Chapter 4 In the Kingdom of Fools

Question 2.
Why does the disciple decide to stay in the Kingdom of Fools ? Is it a good idea ?
शिष्य मूर्खों के राज्य में ठहरने का निश्चय क्यों करता है ? क्या यह अच्छा विचार है ?
Answer:
The disciple’s love for cheap and good food makes him stay in the Kingdom of Fools. No, I don’t think that it is a good idea, as it is dangerous to live with fools.

शिष्य का सस्ते और अच्छे भोजन के लिए प्रेम उसे मूर्खों की राजधानी में रुकने के लिए बाध्य करता है । मैं नहीं मानता कि यह एक उत्तम विचार है, क्योंकि मूर्खों के साथ रहना खतरनाक होता है ।

Question 3.
Name all the people who are tried in the king’s court, and give the reasons for their trial.
उन सब व्यक्तियों के नाम बताओ जिन पर राजा के दरबार में मुकदमा चलता है, और उन पर लगे मुकदमे का कारण भी बताओ ।
Answer:
First of all, the merchant was tried whose wall of the house collapsed and caused the thief’s death. He put the blame on the bricklayer who had built the wall. The bricklayer blamed a dancing girl who kept on going up and down the street. Now, the dancing girl blamed the goldsmith who made her walk up and down the street. The goldsmith blamed the rich merchant who had ordered to make jewellery for him urgently. This merchant is the same whose wall of the house had collapsed.

सबसे पहले उस व्यापारी पर मुकदमा चला जिसके घर की दीवार गिरने से एक चोर मर गया था । उसने दोष राजमिस्त्री पर डाल दिया जिसने दीवार बनाई थी। राजमिस्त्री ने एक नर्तकी को दोषी ठहराया जो गली में चक्कर लगा रही थी । अब, नर्तकी ने सुनार पर दोष लगाया, जिसने उससे गली के कई चक्कर लगवाए। सुनार ने धनी व्यापारी पर दोष मढ़ा, जिसने तुरन्त आभूषण बनाने का आदेश दिया था । यह वही व्यापारी है जिसके घर की दीवार गिरी थी ।

Question 4.
Who is the real culprit according to the king? Why does he escape punishment?
राजा के अनुसार असली अपराधी कौन है ? वह दण्ड से क्यों बच जाता है ?
Answer:
According to the king, the rich merchant whose wall of the house collapsed is the real culprit. He escapes punishment because he is too thin to fit in the newly made stake.

अनुसार धनी व्यापारी जिसके घर की दीवार गिरी थी, वास्तविक अपराधी है । वह दण्ड से इसलिए बच जाता है क्योंकि वह नई बनी सूली में फिट होने के लिए अत्यधिक पतला है ।

Question 5.
What are the guru’s words of wisdom ? When does the disciple remember them ?
गुरु के बुद्धिमत्तापूर्ण शब्द क्या हैं ? शिष्य उन्हें कब याद करता है?
Answer:
The guru’s words of wisdom are “This is a city of fools. You don’t know what they will do to you next.” The disciple remembers his guru’s words when he is caught to be executed without any fault.

गुरू के बुद्धिमत्तापूर्ण शब्द हैं ” यह मूखों का नगर है। आप नहीं जानते कि वे आगे आपके साथ क्या करेंगे। ” शिष्य को अपने गुरू के शब्द उस समय याद आते हैं जब उसे बिना किसी दोष के मृत्युदण्ड देने के लिए पकड़ लिया जाता है ।

JAC Class 9 English Solutions Moments Chapter 4 In the Kingdom of Fools

Question 6.
How does the guru manage to save his disciple’s life ?
गुरु अपने शिष्य का जीवन बचाने में कैसे सफल होता है ?
Answer:
The disciple and the guru both start quarrelling wanting to be executed first. The king asks the reason for their quarrel. The guru tells him the secret that whosoever dies first on the stake will rule that kingdom again in the next life. The second to die will be reborn as the minister. Believing in the Guru’s word the foolish king and the minister get themselves executed. Thus, the disciple is saved by the guru’s clever trick.

शिष्य और गुरु, दोनों पहले मरने के लिए लड़ने लगते हैं । वह उनके झगड़े का कारण पूछता है । गुरु उसे इसका (झगड़े का रहस्य बताता है कि जो भी पहले सूली पर चढ़ेगा, वह अगले जीवन में उस राज्य पर पुनः शासन करेगा । दूसरे नम्बर पर मरने वाला मन्त्री बनेगा । गुरु की बात का विश्वास करके मूर्ख राजा और उसका मंत्री स्वयं सूली पर चढ़ जाते हैं । इस प्रकार, गुरु की चतुर चाल शिष्य को बचा लेती है ।

Talk About It

Question 1.
In Shakespeare’s plays the fool is not really foolish. If you have read or seen Shakespeare’s plays such as King Lear, As You Like It, Twelfth Night, you may talk about the role of the foel. Do you know any stories in your language about wise fools, such as Tenali Rama or Gopal Bhar? You can also read about them in Ramanujan’s collection of folk tales.
शेक्सपीयर के नाटकों में मूर्ख वास्तव में मूर्ख नहीं हैं । अगर आपने शेक्सपीयर के कुछ नाटक पढ़े या देखे हैं, जैसे- ‘किंग लीयर’, ‘ऐज़ यू लाइक इट’, ‘ट्वेल्थ नाइट’ – तो आप इनमें मूर्ख की भूमिका की चर्चा करें। क्या आप अपनी भाषा में बुद्धिमान मूर्खों की कहानियाँ जानते हैं, जैसे कि तेनालीराम और गोपाल भार ? आप इनके बारे में रामानुजन के लोककथा संग्रह पढ़ सकते हैं ।
Answer:
There is no doubt that fools in the plays of Shakespeare are not really foolish. They are wise and understanding.
Take the example of Orlando in the play ‘As You Like It’. His thin, boyish stature is no match for a giant in the form of Charles, the wrestling champion. His winning the match reflects his hidden strength and confidence of knowing the art of wrestling. Again, though he seems to be mad carving the name of his beloved, Rosalind and the poems in her praise on the trees in the forest, yet it reflects his deep love for Rosalind, the name of his beloved.

इसमें कोई सन्देह नहीं है कि शेक्सपीयर के नाटकों में मूर्ख वास्तव में मूर्ख नहीं हैं । वे बुद्धिमान और समझदार हैं ।
‘As You Like It’ नाटक में ऑरलेन्डो का उदाहरण लीजिये । उसका दुबला-पतला लड़के जैसा डील-डौल ( कद-काठी) दैत्य जैसे कुश्ती के चैम्पियन चार्ल्स से बिल्कुल मेल नहीं खाता । उसका कुश्ती जीतना उसकी छिपी हुई शक्ति को उजागर करता तथा मल्ल युद्ध कला के ज्ञान के आत्मविश्वास को प्रतिबिम्बित करता है ।

पुनः यद्यपि वह जंगल में पेड़ों पर अपनी प्रेमिका के नाम ‘रोजलिन्ड’ तथा उसकी प्रशंसा में लिखी गयी कविताओं की पच्चीकारी करता हुआ पागल नजर आता है, तथापि यह ‘रोजलिन्ड’ के प्रति उसके गहन प्रेम को प्रतिबिम्बित करता है ।

JAC Class 9 English Solutions Moments Chapter 4 In the Kingdom of Fools

JAC Class 9 English In the Kingdom of Fools Important Questions and Answers

Answer the following questions in about 30 words each:

निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए :

Question 1.
How did the burglar die ?
सेंधमार किस प्रकार मरा ?
Answer:
One day the burglar broke into a rich merchant’s house to steal the things. When he was carrying out his loot, the weak wall fell over him and he died on the spot.

एक दिन सेंधमार ने चोरी करने के लिए एक धनी व्यापारी के यहाँ सेंध लगाई। जब वह चोरी का सामान ले जा रहा था तब कमजोर दीवार उस पर गिर पड़ी और वहीं मर गया।

Question 2.
When and why was the dancing girl going up and down the street ?
नर्तकी गली में कब और वह क्यों आ-जा रही थी ?
Answer:
The dancing girl was going up and down the street all the day. In fact, she was going to the house of the goldsmith who had not made her jewellery in time.

नर्तकी सारे दिन गली में आ-जा रही थी । वास्तव में वह सुनार के घर जा रही थी जिसने उसके आभूषण समय से नहीं बनाये थे ।

JAC Class 9 English Solutions Moments Chapter 4 In the Kingdom of Fools

Question 3.
Who became the next king and the minister after the death of the former king and his minister?
पहले वाले राजा और उसके मंत्री की मृत्यु के बाद अगले राजा और मंत्री कौन बने ?
Answer:
After the death of the former king and his minister, the people persuaded the guru and his disciple to be their king and the minister. They agreed and became the next king and the minister respectively.

पहले वाले राजा और उसके मंत्री की मृत्यु के बाद, लोगों ने गुरु और उसके शिष्य से अंगला राजा और मंत्री बनने की प्रार्थना की । वे सहमत हो गये और क्रमशः राजा व मंत्री बन गये ।

Question 4.
Why was a fat man searched to be executed on the stake ? Who was the fat man ?
सूली पर चढ़ाने के लिए मोटा आदमी ही क्यों खोजा गया ? वह मोटा आदमी कौन था ?
Answer:
The stake was too big and the merchant was too thin to fit on it. So, a fat man was searched to be executed on the stake and that was the disciple.

सूली बहुत बड़ी थी और फाँसी दिए जाने वाला व्यापारी इतना पतला था कि उसमें फिट नहीं बैठता था । अतः एक मोटे आदमी को सूली पर चढ़ाने के लिए खोजा गया और वह शिष्य था ।

Question 5.
How did the guru save the life of his disciple ?
गुरु ने अपने शिष्य की जान कैसे बचाई ?
Answer:
The guru told the king that whoever died first on the stake would be the king in his next life. The trick worked out and the king got himself executed. Thus, the life of the disciple was saved.

गुरु ने राजा से कहा कि जो भी सूली पर पहले चढ़ेगा, वह अगले जन्म में राजा बनेगा । यह चाल काम कर गई और राजा ने खुद को फाँसी पर चढ़वा लिया । इस प्रकार शिष्य की जान बचाई गई ।

Question 6.
Why did the guru want to leave the kingdom quickly ? Why did the disciple stay on there?
गुरु उस राज्य को तुरन्त क्यों छोड़ना चाहता था ? शिष्य वहीं क्यों रह गया ?
Answer:
The guru realized that it was the kingdom of fools. So, he wanted to leave the kingdom quickly. But the disciple stayed on there because he found everything to be cheap.

गुरु ने महसूस कर लिया कि वह मूर्खों का राज्य था । इसलिए, वह राज्य को तुरन्त छोड़ना चाहता था । लेकिन . शिष्य वहाँ ठहरना चाहता था क्योंकि उसे हर चीज सस्ती मिली।

JAC Class 9 English Solutions Moments Chapter 4 In the Kingdom of Fools

Question 7.
What was foolish about the king’s trial of the merchant ?
राजा द्वारा व्यापारी के मुकदमे में क्या मूर्खता दिखाई गई ?
Answer:
The king called the merchant for trial. He wanted to punish the merchant in place of his father, for the death of a thief. It shows that the king was a fool who was going to punish an innocent merchant

राजा ने मुकदमे के लिये व्यापारी को बुलवाया । वह (राजा) उसे उसके पिता के स्थान पर एक चोर की मृत्यु के अपराध में सजा देना चाहता था । यह दर्शाता है कि राजा मूर्ख था जो अकारण ही एक निर्दोष व्यापारी को सजा देने जा रहा था ।

Question 8.
Who was finally blamed for the crime ?
अन्त में किसे दोषी माना गया ?
Answer:
Finally, the rich merchant was blamed for the crime because his father was dead and he had inherited everything from his criminal father. So, he was sentenced to death.

अन्ततः धनी व्यापारी को जुर्म का दोषी पाया गया । क्योंकि उसका पिता मर चुका था और उसने अपने अपराधी पिता की सम्पत्ति को विरासत में पाया था । इसलिए उसे मौत की सजा सुनाई गयी ।

Question 9.
Why was the disciple caught ?
शिष्य क्यों पकड़ा गया ?
Answer:
The disciple was caught to be put to death as he was fat enough to fit the stake.
मृत्युदण्ड के लिए पकड़ लिया गया क्योंकि वह सूली पर चढ़ाने के लिए पर्याप्त रूप से मोटा था ।

Question 10.
What argument did the merchant come up with in his defence ?
व्यापारी ने अपने बचाव में क्या तर्क दिया ?
Answer:
The merchant came up with the argument that it was his father who ordered the jewellery. He was dead now.
व्यापारी ने बचाव में तर्क दिया कि जेवर बनाने का आदेश उसके पिता ने दिया था । वह अब मर चुके हैं ।

Question 11.
Why was it decided to execute the disciple ?
शिष्य को मृत्युदण्ड देने का निर्णय क्यों लिया गया ?
Answer:
It was decided to execute the merchant. A new stake was made. But the merchant was too thin to fit the stake. So, a fat person was searched to fit the stake. The disciple was fat enough. So, it was decided to execute the disciple.

व्यापारी को मृत्युदण्ड देने का निर्णय लिया गया । नई सूली बनवायी गयी। लेकिन व्यापारी इतना पतला था कि सूली में फिट नहीं हो सकता था । अतः एक मोटे व्यक्ति को तलाश किया गया जो सूली पर फिट हो सके । शिष्य काफी मोटा था । अतः, शिष्य को मृत्युदण्ड देने का निर्णय लिया गया ।

Question 12.
How did everything in the kingdom become normal again ?
राज्य में सबकुछ पुनः सामान्य कैसे हो गया ?
Answer:
After the death of the foolish king and his minister, the people of that kingdom requested the guru and his disciple to be their next king and minister. Both of them agreed. Old laws were changed. Now people worked in the day time and slept at night. Thus, everything became normal again.

मूर्ख राजा व उसके मंत्री की मौत के बाद उस राज्य के लोगों ने गुरु और शिष्य से अपना अगला राजा व मंत्री बनने की प्रार्थना की। वे दोनों सहमत हो गये । पुराने नियम बदल दिये गये । अब लोग दिन में काम करते थे व रात को सोते थे । इस प्रकार, राज्य में सब कुछ पुनः सामान्य हो गया ।

Answer the following questions in about 60 words each:

निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लगभग 60 शब्दों में दीजिए :

Question 1.
How did the king find the culprit for the murder of the thief at last?
अन्ततः राजा ने चोर की हत्या के दोषी का पता कैसे लगाया ?
Answer:
In the beginning the merchant was called for trial. The merchant told that it was the brick- layer’s fault who had built the weak wall. The bricklayer blamed the dancing girl who had distracted his mind. The dancing girl blamed the goldsmith. The goldsmith in turn blamed a rich merchant. Thus, at last, the king found the rich merchant to be the culprit for the murder of the thief.

शुरूआत में व्यापारी को सजा देने के लिए बुलवाया गया । व्यापारी ने कहा कि दोष राजमिस्त्री का था जिसने दीवार कमजोर बनाई थी । राजमिस्त्री ने नर्तकी पर आरोप लगाया जिसने उसके मन की एकाग्रता को भंग किया था । नर्तकी ने सुनार पर दोष मढ़ दिया । सुनार ने एक अमीर व्यापारी पर इसका आरोप लगाया । इस प्रकार अन्ततः राजा ने चोर की हत्या के दोषी अमीर आदमी का पता लगाया ।

JAC Class 9 English Solutions Moments Chapter 4 In the Kingdom of Fools

Question 2.
How did the guru save his disciple from being executed ?
गुरु ने अपने शिष्य को सूली पर चढ़ाये जाने से कैसे बचाया ?
Answer:
The guru and the disciple both began to quarrel as each wanted to be executed first in the court of the king. The guru told the king that the stake was new and chaste and so, whoever be executed on it first would be the king of the state in the next life. The second person, to be executed, would be his minister. The king did not want to lose the kingdom to someone else in the next round of life. So, he released both the guru and his disciple.

राजा के दरबार में गुरु और शिष्य दोनों पहले सूली पर चढ़ाये जाने के लिए झगड़ने लगे । गुरु ने राजा को बताया कि सूली नई और पवित्र थी और जो भी पहले उस पर चढ़ेगा, वह अगले जन्म में इस राज्य का राजा बनेगा । सूली पर चढ़ने वाला दूसरा व्यक्ति उसका मंत्री बनेगा । राजा अगले जन्म में राज्य को खोना नहीं चाहता था, अतः उसने गुरु और शिष्य दोनों को छोड़ दिया ।

Question 3.
Describe the kingdom of fools.
मूर्खों के राज्य का वर्णन करो ।
Answer:
In the kingdom of fools, people used to sleep in the day and work at night. Everything was cheap and cost a single coin (duddu). An innocent merchant was sentenced to death for the killing of a burglar, and then the fat disciple was caught as he was fit for the stake. In the end, the foolish king and his minister got themselves executed.

मूर्खों के राज्य में लोग दिन में सोया करते थे तथा रात में काम किया करते थे । वहाँ हर वस्तु सस्ती और . मात्र एक सिक्के (डुड्डू) के मूल्य की थी । एक निरपराध ( निर्दोष) व्यापारी को सेंधमार की हत्या के लिए मौत की सजा सुनाई गई और फिर मोटे शिष्य को पकड़ लिया गया क्योंकि वह सूली के लिए उपयुक्त था । अन्त में मूर्ख राजा और उसके मंत्री ने खुद को ही सूली पर चढ़वा लिया ।

Question 4.
How did the guru and the disciple become the king and the minister of the kingdom of fools ?
गुरु और शिष्य किस प्रकार मूर्खों के राज्य के राजा तथा मंत्री बन गये ?
Answer:
The guru told the king that whoever died on the stake first would be reborn as the king of the kingdom, and the next (who died) would be his minister. The king and the minister both wanted to become the king and the minister respectively in their next birth also. So, they decided to die first of all. After their death, the people of the kingdom made the guru and the disciple their king and the minister.

गुरु ने राजा को बताया कि जो उस सूली पर पहले मरेगा वह उस राज्य के राजा के रूप में दोबारा जन्म लेगा तथा जो उसके बाद मरेगा वह उसके मंत्री के रूप में दोबारा जन्म लेगा । राजा और मंत्री, दोनों अगले जन्म में भी क्रमशः राजा और मंत्री बनना चाहते थे । इसलिए, उन्होंने सबसे पहले मरने का निर्णय लिया। उनकी मृत्यु के पश्चात् उस राज्य के लोगों ने गुरु और शिष्य को अपना राजा तथा मंत्री बनाया ।

Question 5.
Draw a character sketch of the guru. गुरु का चरित्र चित्रण कीजिये ।
Answer:
The guru was really very wise. He very soon realized that the city was a dangerous place. Anything could happen there as fools’ actions can’t be predicted. So, he decided to leave the city. He was also a man of helping nature. He came to his disciple’s help. He knew how to handle foolish persons. By his wisdom, he not only saved himself but also his disciple. At last he became a king also.

गुरु वास्तव में बहुत बुद्धिमान था । उसने बहुत शीघ्र ही महसूस कर लिया कि वह एक खतरनाक स्थान था । वहाँ पर कुछ भी हो सकता था क्योंकि मूर्खों के कार्यों के बारे में कोई भी भविष्यवाणी नहीं की जा सकती। इसलिए उसने उस नगर को छोड़ने का निर्णय लिया । वह एक सहायक – स्वभाव का व्यक्ति भी था । वह अपने शिष्य की सहायतार्थ आया । वह जानता था कि मूखों से कैसे निपटा जाये । अपनी समझदारी से उसने न केवल स्वयं को बल्कि अपने शिष्य को भी बचाया और अन्त में राजा भी बन गया ।

JAC Class 9 English Solutions Moments Chapter 4 In the Kingdom of Fools

In the Kingdom of Fools Summary and Translation in Hindi

About the Story 

ऐसी मान्यता है कि मूर्ख इतने खतरनाक होते हैं कि उन्हें केवल अत्यन्त बुद्धिमान व्यक्तियों द्वारा ही सँभाला जा सकता है । इस कहानी में कौन-कौन मूर्ख हैं ? उनके साथ क्या घटित होता है ? यह जानने के लिए पूरी कहानी पढ़िये ।

Word-Meanings And Hindi Translation

In the Kingdom ………….. nightly business. (Page 19)

Meanings : idiots (ईड्यट्ज) = मूर्ख, जड़बुद्धि | run ( रन) = चलाना । decided ( डिसाइडिड् ) = निश्चय किया | till (टिल) = plough, जोतना । disobeyed ( डिस्ओबेड्) = आदेश नहीं मानता | punish (पनिश्) दण्डित करना । delighted (डिलाइटिड ) = happy, प्रसन्न । success (सक्सेज़) = सफलता | project (प्रोजेक्ट) : planning, कार्य-योजना | disciple (डिसाइपल ) = pupil, शिष्य । arrived (अराइव्ड) = reached, पहुँचे । stirring (स्टरिंग) = moving, इधर-उधर घूम रहा । cattle ( कैट्ल) = पशु; मवेशी । strangers (स्ट्रेन्जर्स) : अजनबी, अपरिचित | amazed (अमेज़्ड) = surprised आश्चर्यचकित। wandered ( वाण्डर्ड) = moved aimlessly, यूँ ही इधर-उधर घूमते रहे । suddenly (सडन्लि) = at once, अचानक ।

हिन्दी अनुवाद – मूर्खों के राज्य में राजा और मंत्री दोनों ही मूर्ख थे । वे अन्य राजाओं की भाँति राज्य चलाना नहीं चाहते थे। इसलिए उन्होंने दिन को रात में तथा रात को दिन में बदलने का निश्चय किया । उन्होंने आदेश दिया कि हर कोई रात को जागेगा, खेत जोतेगा और अपना व्यापार केवल अँधेरा होने के बाद ही करेगा तथा जैसे ही सूर्य उगेगा हर व्यक्ति सोने चला जायेगा । जो कोई आदेश नहीं मानेगा, उसे मृत्युदंड दिया जायेगा । लोगों ने मौत के भय से आदेश का कथनानुसार पालन किया ।

राजा और मंत्री अपनी कार्य-योजना की सफलता पर प्रसन्न थे । एक दिन एक गुरु और उसका शिष्य उस शहर में पहुँचे । यह सुन्दर नगर था, दिन का समय था पर कोई व्यक्ति दिखाई नहीं देता था । हर कोई सोया हुआ था, कोई चूहा भी घूमता दिखाई नहीं पड़ता था और यहाँ तक कि जानवरों को भी दिन में सोना सिखा दिया गया था । दोनों अजनबी यह सब देखकर चकित हुए और शाम तक नगर में यूँ ही इधर- उधर घूमते रहे, तभी अचानक पूरा नगर जाग गया तथा अपने रात के कार्य में लग गया ।

The two men ……………… Sacred bull. (Pages 19-20)

Meaning : hungry (हंग्रि) = भूखे | groceries (ग्रोसरीज़) = food items, खाद्य सामग्री | astonishment surprise, आश्चर्य cost (कॉस्ट) = कीमत होना | measure (मेश (र)) = मात्रा ; परिमाण । गुच्छा | delighted (डिलाइटिड ) = happy, प्रसन्न । realised (रियलाइज़्ड) = felt, अनुभव किया, लगा । cheap (चीप) = at a very low cost, सस्ती । wisdom (विज़डम) = बुद्धिमत्तापूर्ण बात | finally ( फाइनलि) = at last, अन्ततः । gave up (गेव अप) = प्रयास छोड़ दिया। ate his fill = पेटभर कर खाता था । sacred (सैक्रिड) = holy, पवित्र | bull (बुल) साँड़ ।

हिन्दी अनुवाद – दोनों व्यक्ति भूखे थे । अब चूँकि दुकानें खुल गई थीं, वे खाद्य सामग्री खरीदने निकले। उनके आश्चर्य की सीमा न रही जब उन्होंने हर वस्तु का एक ही मूल्य पाया, मात्र एक डुड्डू ( उस नगर में प्रचलित मुद्रा का नाम) चाहे वह चावलों का परिमाण हो या केलों का गुच्छा, सभी का मूल्य एक डुड्डू था । गुरु और उसका शिष्य प्रसन्न थे । उन्होंने पहले कभी ऐसा नहीं सुना था । वे भोजन संबंधी सभी जरूरत की चीजें एक रुपये में खरीद सकते थे । जब वे खाना पका व खा चुके तब गुरु ने महसूस किया कि यह मूर्खों का राज्य और वहाँ ठहरना उनके लिए अच्छा विचार नहीं होगा ।

उसने अपने शिष्य से कहा, “यह स्थान हमारे लिए नहीं है । चलो, चलते हैं ।” लेकिन शिष्य वह स्थान छोड़ना नहीं चाहता था । वहाँ सब कुछ सस्ता था । उसे मात्र सस्ते और अच्छे भोजन की चाह थी । गुरु ने कहा, “ये सब मूर्ख हैं । यह सब बहुत लम्बे समय तक नहीं चलेगा और तुम नहीं कह सकते कि आगे वह तुम्हारे साथ क्या व्यवहार करें लेकिन शिष्य ने गुरु की बुद्धिमत्तापूर्ण बात नहीं सुनी। वह रुकना चाहता था । अन्त में गुरु ने अपना प्रयास छोड़ दिया और कहा, “तुम जो चाहते हो, करो । मैं चलता हूँ,” और वह चले गये । शिष्य वहीं रुका रहा, उसने हर रोज भरपेट केले, चावल, घी और गेहूँ खाये और मार्गों में विचरण करने वाले पवित्र साँड़ की भाँति मोटा हो गया ।

JAC Class 9 English Solutions Moments Chapter 4 In the Kingdom of Fools

One bright day ……………. owner of the house. (Page 20)

Meanings : bright day = दिन के उजाले में, दिन-दहाड़े । broke into (ब्रोक इनटु) = सेंध लग merchant (मॅ:चेन्ट ) = व्यापारी । hole (होल) = छेद । sneaked in (स्नीक्ट इन) = चुपके से अन्दर घुस गया। carrying out (कैरीइंग आउट) = ले जा रहा । loot (लूट) = लूट का माल, चोरी का माल । collapsed (कोलैप्स्ट) fell down, दह गई । complained (कम्प्लेन्ड ) शिकायत की । your highness = महामहिम । pursuing (पॅ: स्यूइंग) = कर रहा । ancient ( एन्शन्ट) = पुराना |

trade (ट्रेड) = धंधा, व्यापार ( यहाँ पर चोरी करने के कार्य से तात्पर्य है)। is to blame (इज़ टु ब्लेम) = is guilty, दोषी है । wrongdoer (राँगडूअर ) अपराधी । compensate (कॉम्पेन्सेट) मुआवजा दिलाना, क्षतिपूर्ति करना । injustice (इन्जस्टिस ) = अन्याय | justice (जस्टिस ) = न्याय | (वरि) worry = चिन्ता करना | summoned ( सम्मण्ड) called, बुलवाया । owner (ओनर) = master, मालिक ।

हिन्दी अनुवाद एक बार दिन-दहाड़े एक चोर ने एक धनी व्यापारी के घर में सेंध लगा दी । उसने दीवार में छेद किया और चुपके से अन्दर घुस गया और जब वह लूट का माल लेकर बाहर जा रहा था, पुराने मकान की दीवार ढह कर उसके सिर पर गिर पड़ी और वह वहीं मर गया । उसका भाई दौड़कर राजा के पास आया और शिकायत की, “महामहिम ! जब मेरा भाई अपना पुराना धंधा ( चोरी करने का ) कर रहा था तब एक दीवार उस पर गिर गई और वह मर गया । यह व्यापारी दोषी है । इसे अच्छी मजबूत दीवार बनवानी चाहिए थी । आप इस अपराधी को दण्डित करें तथा इस अन्याय के लिए मेरे परिवार को मुआवजा दिलाएँ ।” राजा ने कहा, “न्याय किया जायेगा । चिंता मत करो,” और तुरंत उस घर के मालिक को बुलवाया गया ।

When the merchant ………. by death. (Page 21)

Meanings : questioned ( क्वेश्चन्ड ) = asked, पूछा । burgled (बर्गल्ड) = stole, चोरी की । accused आरोपी । pleads guilty (प्लीड्ज़ गिल्टी) = accepts guilt, अपराध स्वीकार करता है । murdered (मॅ:डॅ:ड्) = हत्या की । punish (पनिश) दण्डित करना । helpless (हेल्पलेस) असहाय, बेचारा | fault (फॉल्ट) = mistake, गलती, दोष । built (बिल्ट) = बनाई । nearby (निअरबाई) = पास ही में। sent out (सेन्ट आउट) = भेजा । messengers (मेसिन्ज:ज़) दूतों, सन्देशवाहकों । bricklayer (ब्रिकलेअर) = राजमिस्त्री । tied (टाइड) = बँधे हुए ।

हिन्दी अनुवाद- जब व्यापारी आ गया तो राजा ने उससे पूछा, “ तुम्हारा नाम क्या है ?”
“महामहिम! मेरा नाम अमुक-अमुक है ।”
“क्या तुम घर पर थे ‘जब मृत व्यक्ति ने तुम्हारे घर चोरी की ?”
“हाँ, हुजूर ! उसने दीवार में सेंध लगाई और दीवार कमजोर थी । वह उसके ऊपर गिर पड़ी ।”
“अपराधी अपराध को स्वीकार करता है । तुम्हारी दीवार ने इस आदमी के भाई को मार डाला । तुमने एक आदमी की हत्या की है । हम तुम्हें दण्डित करेंगे ।” असहाय व्यापारी ने कहा, “महाराज, यह दीवार मैंने नहीं बनाई । यह वास्तव में उस आदमी का दोष है जिसने दीवार बनाई । उसने यह सही नहीं बनाई । आप उसे सजा दें । ”
“वह कौन है ?” “सरकार, यह दीवार मेरे पिता के समय में बनाई गई थी । मैं उस व्यक्ति को जानता हूँ । अब वह एक बूढ़ा व्यक्ति है । वह पास ही में रहता है ।” राजा ने उस राजमिस्त्री को लाने के लिए दूतों को भेजा जिसने दीवार बनाई थी । दूत उसे हाथ-पाँव बाँधकर ले आये । ‘अच्छा, तुम हो, क्या तुमने इस व्यक्ति के पिता के समय में इसकी दीवार बनाई थी ?”
” जी सरकार, मैंने बनाई थी ।” ” यह तुमने किस प्रकार की दीवार बनाई थी ? यह एक गरीब आदमी पर गिर पड़ी और उसकी जान ले ली । तुमने उसकी हत्या की है । हम तुम्हें मौत की सजा देंगे ।”

JAC Class 9 English Solutions Moments Chapter 4 In the Kingdom of Fools

Before the king could ……………. have to be punished.” (Page 21)

Meaning: execution ( एग्ज़ीक्यूशन) = मृत्युदण्ड, फांसी । pleaded ( प्लीडिड ) = requested, गिड़गिड़ाया। remember (रिमेम्बॅ (र)) = याद होना । anklets ( एंक्लेट्स) = पायलें jingling (जिंग्लिंग) खनखनाती हुयी । could not keep my mind on the wall = (मैं) दीवार बनाने पर मन को केन्द्रित न रख सका (मैंने सावधानीपूर्वक दीवार नहीं बनाई ) । deepens (डीपेन्ज़) = becomes serious, गम्भीर होता जाना। look into (लुक इनंटु) = investigate, छानबीन करना । judge (जज) निपटारा करना । ‘such (सच) – ऐसे ।complicated (कॉम्प्लिकेटिड) जटिल । trembling (ट्रेम्बूब्लिंग) = shivering, काँपती हुई । let us get that dancer = उस नर्तकी को बुलाओ । court (कॉट्) = दरबार । distracted (डिस्ट्रैक्टिड ) = ध्यान हटाया। burglar (बर्गलर) = small thief, छोटा-मोटा चोर, सेंधमार । innocent (इनोसण्ट ) निरपराध, निर्दोष

हिन्दी अनुवाद – इससे पहले कि राजा मृत्युदण्ड का आदेश सुनाता, बेचारा राजमिस्त्री गिड़गिड़ाया, “ कृपया, आदेश देने से पहले मेरी बात सुनें । यह सही है कि दीवार मैंने बनाई और वह ठीक नहीं बनी । लेकिन ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि मेरा मन काम में नहीं था। मुझे उस नर्तकी की अच्छी तरह से याद है जो पायल झनकाती हुई सारे दिन गली में आती-जाती रही, और मैं अपनी आँखें या मन उस दीवार पर न लगा सका जिसे मैं बना रहा था । आप उस नर्तकी को बुलाएँ। मैं जानता हूँ कि वह कहाँ रहती है।” “तुम सही हो । मामला गम्भीर होता जा रहा है । हम इसकी छानबीन करेंगे । ऐसे जटिल मामलों का निपटारा आसान नहीं होता । वह नर्तकी जहाँ कहीं हो, उसे बुलाओ ।”
नर्तकी जो अब एक बूढ़ी स्त्री थी, काँपती हुई दरबार में आई । “ बहुत वर्ष पूर्व जब यह गरीब आदमी दीवार बना रहा था तब क्या तुम गली में आ-जा रही थीं ? क्या तुमने उसे देखा था ? ”
“हाँ, हुजूर, मुझे भली-भाँति याद है ।”
” तो तुम पायल झनकाती हुई गली में आ-जा रही थीं। तुम जवान इसलिए उसने बुरी दीवार बनाई । यह एक गरीब सेंधमार पर गिर गई है ( निर्दोष) व्यक्ति की जान ली है । तुम्हें सजा मिलेगी ।”
थीं और तुमने उसका ध्यान काम से हटाया, और उसे मार दिया है । तुमने एक निरपराध

She thought ………………………. own story to tell. (Page 22)

Meanings: goldsmith (गोल्डस्मिथ) सुनार । jewellery (ज्यूॲलिर) = गहने, जेवर | lazy (लेज़ि) सुस्त | scoundrel (स्काउण्डुल) = rogue, शैतान, बदमाश । excuses (एक्स्क्यूसिज़) = false justification, बहाने । dozen (डज़न) = a set of twelve दर्जन । damned (डैम्ड) = wicked, दुष्ट, घृणित | absolutely (ऍब्सल्यूट्लि) : completely, पूरी तरह से, बिल्कुल । weighing (वेइंग) = (here) keeping in view, (यहाँ) ध्यान में रखकर | evidence (एविडन्स) = गवाही | culprit (कल्प्रिट) = guilty, दोषी | hiding (हाइडिंग ) छुपा हुआ । bailiffs (बेलिप्स) कारिन्दे, एजेण्ट | searched for ( सर्स्ट फॉर) = looked for, खोजा । accusation आरोप | against (अगेन्स्ट ) विरुद्ध । (एक्यूज़ेशन)

हिन्दी अनुवाद- उसने एक मिनट सोचा और कहा, “हुजूर, रुकिये । अब मुझे याद आ गया कि मैं सड़क पर क्यों आ-जा रही थी । मैंने अपने लिए कुछ आभूषण बनाने के लिए सुनार को थोड़ा-सा सोना दिया था । वह सुस्तं और शैतान था । उसने अनेक बहाने किये कि वह अब देगा और तब देगा और सारा दिन इसी तरह करते गुजर गया । उसने दर्जनों बार मुझसे अपने घर के चक्कर लगवाये । तभी राजमिस्त्री ने मुझे देखा । यह मेरा अपराध नहीं है, . हुजूर, यह उस दुष्ट सुनार की गलती है ।” “बेचारी स्त्री, वह बिल्कुल सही कहती है, ” राजा ने गवाही को ध्यान में रखकर कहा । “आखिरकार हमें सही अपराधी मिल गया है । सुनार जहाँ भी छिपा हो, उसे पकड़ लाओ । तुरन्त !” राजा के कारिन्दों ने सुनार की खोज कर ली जो अपनी दुकान के एक कोने में छिपा बैठा था । जब उसने अपने विरुद्ध आरोप सुना तो उसने अपनी कहानी सुनाई ।

‘Meanings: I made this dancer come = मैंने इस नर्तकी को (वेडिंग) = marriage ceremony, विवाहोत्सव | impatient (इम्पेशन्ट) made a mess (मेड अ मैस) = खराब कर दी । original (ओरिजिनल) मालिक | who made her walk up and down = जिसने उसे (गली में) (रूड्लि) = harshly, कठोरतापूर्वक । आने को विवश कर दिया । wedding those who cannot wait, अधीर । वास्तविक, असली । owner (ऑनर) आने-जाने को विवश किया । rudely

“My Lord,” ………………. I’m innocent. (Pages 22-23)

हिन्दी अनुवाद – वह बोला, “महाराज, मैं तो गरीब सुनार हूँ । यह सच है कि मैंने इस नर्तकी को अपने दरवाजे पर बहुत बार आने को विवश किया। मैंने उसको बहाने बनाकर टाला क्योंकि मैं उसके आभूषण तब तक नहीं बना सकता था जब तक कि मैं एक धनी व्यापारी का आर्डर पूरा न कर लेता। उसके यहाँ विवाह होने जा रहा था तथा वे लोग प्रतीक्षा नहीं कर सकते थे ।

आप जानते हैं कि धनी लोग कितने अधीर होते हैं ! “वह धनी व्यक्ति कौन है जिसने तुम्हें इस बेचारी महिला के आभूषण बनाने से रोके रखा और उसे आने-जाने के लिए विवश किया जिससे इस राजमिस्त्री का ध्यान इतना भटक गया कि उसने दीवार खराब कर दी और जो अब एक निर्दोष व्यक्ति पर गिर पड़ी तथा उसके प्राण ले लिए ? क्या तुम उसका नाम बता सकते हो ?” “सुनार ने व्यापारी का नाम बताया और वह वही व्यक्ति था जो उस मकान का असली मालिक था जिसकी दीवार गिर गई थी ।

राजा ने सोचा, अब न्याय का चक्र पूरा हो चुका है, अपराधी वही व्यापारी निकला। जब उसे कठोरतापूर्वक राजदरबार में वापिस बुलाया गया, तो वह चीखता हुआ आया,”वह व्यक्ति मैं नहीं था जिसने आभूषणों का आर्डर दिया था, वह मेरे पिताजी थे।उनका देहान्त हो चुका है ! मैं निर्दोष हूँ !”

JAC Class 9 English Solutions Moments Chapter 4 In the Kingdom of Fools

But the king consulted …………. worried about it. (Page 23)

Meaning: consulted (कन्सल्टिड) = took advice, सलाह की । ruled ( रूल्ड) = ordered, आदेश दिया। decisively (डिसाइसिविल) = निर्णयात्मक रूप से । inherited ( इन्हेरिटिड) = got from father, विरासत में पाई । criminal (क्रिमिनल) = guilty, अपराधी । riches (रिचेज़) = property, सम्पत्ति | sins (सिन्ज़) wrongdoings, पाप | horrible (हॉरिब्ल ) = भयावह, निर्मम | crime (क्राइम) अपराध | stake (स्टेक) (यहाँ) सूली । execution ( एग्ज़ीक्यूशन) = death sentence punishment, मृत्युदण्ड । sharpened (शार्पन्ड) धार तेज़ की । impaling (इम्पेलिंग) = सूली पर चढ़ाना । occurred (अक:ड्) = came to the mind, दिमाग में आया, महसूस हुआ । somehow ( समहाउ) – in some way, किसी प्रकार | appealed (अपील्ड) requested, निवेदन किया | common sense (कॉमन सेन्स) = सहज बुद्धि, सूझबूझ । worried ( वरीइड) चिन्तित हो गया |

हिन्दी अनुवाद – परन्तु राजा ने अपने मंत्री से सलाह की तथा निर्णयात्मक रूप से आदेश दिया : कि तुम्हारे पिता असली कातिल हैं। वह मर चुके हैं परन्तु उनके स्थान पर किसी को तो दण्ड मिलना ही चाहिए । तुमने अपने उस अपराधी पिता से सब कुछ विरासत में पाया है, उसकी सम्पत्ति तथा उसके पाप भी । जब मैंने तुम्हें पहली बार देखा था तभी मुझें तुरन्त पता चल गया था कि तुम ही इस निर्मम अपराध की जड़ हो । तुम्हें मरना ही होगा ।” और राजा ने आदेश दिया कि मृत्युदण्ड के लिए एक नयी सूली तैयार की जाये । जैसे ही सेवकों ने सूली की धार तेज कर ली तथा उसे अपराधी को उस पर चढ़ाने के लिए तैयार कर लिया तो मंत्री को महसूस हुआ कि धनी व्यापारी इतना दुबला-पतला था कि वह सूली पर भली-भाँति फिट नहीं हो सकता था । उसने राजा से सूझबूझ से काम लेने हेतु निवेदन किया । राजा को भी इस बात से चिन्ता हो गई ।

“What shall. ………….. love of food. (Pages 23-24)

Meaning: suddenly (सडन्लि) = अचानक । it struck him (इट स्ट्रक हिम) = उसके दिमाग में यह आया, सूझा । immediately (इमीडिएट्लि) = at that very moment, तत्काल | fattened (फैटॅण्ड्) = became fat, मोटा हो गया । innocent (इनोसॅन्ट) निर्दोष, निरपराध । royal (रॉयल) = of the king, राजसी, शाही । decree (डिक्री) = order, आदेश, निर्णय | place of execution (प्लेस ऑव एग्जीक्यूशन) मृत्युदण्ड का स्थान अर्थात् सूली | vision ( विश्नू ) = सूक्ष्म दृष्टि, स्वप्न । magic powers (मैजिक पॉवँ: ज्) scrape (स्क्रेप) = big trouble, बड़ी मुसीबत, उलझन ।

हिन्दी अनुवाद वह बोला, “अब हम क्या करें ?” तभी अचानक उसके दिमाग में आया कि उन्हें बस किसी मोटे व्यक्ति को खोजना था जो सूली पर फिट आ जाये । नौकरों को तुरन्त एक ऐसे व्यक्ति की खोज में सारे शहर में भेज दिया गया जो सूली पर फिट आ जाये, और उन लोगों की दृष्टि उस शिष्य पर पड़ी जो महीनों तक केले, चावल, गेहूँ तथा घी खाकर मोटा हो गया था । ” मैंने कौन – सा अपराध किया है ? मैं निर्दोष हूँ। मैं तो एक संन्यासी हूँ !” वह चीखा । ” यह सच हो सकता है । पर यह तो शाही आदेश है कि हम एक ऐसे मोटे व्यक्ति को खोजकर लायें जो सूली पर फिट हो जाये, ” वे बोले, तथा वे उसे (शिष्य को) सूली के पास ले गये ।

शिष्य को अपने ज्ञानी गुरु के शब्द याद आ गये- “यह मूर्खो की नगरी है । तुम नहीं जानते कि ये लोग अगले क्षण क्या बर्ताव करेंगे ।” जब वह अपनी मौत का इन्तजार कर रहा था, उसने अपने हृदय में गुरु से प्रार्थना करते हुए कहा कि वे जहाँ भी हों उसकी पुकार सुन लें। गुरु ने सब कुछ सूक्ष्म दृष्टि से देख लिया; उनमें चमत्कारी शक्ति थी, वे दूर तक देख सकते थे। और वे भविष्य को भी उसी प्रकार देख सकते थे जैसे कि वर्तमान तथा भूतकाल को । वे अपने शिष्य की रक्षा हेतु तुरन्त आ पहुँचे जो अपनी भोजन की लालसा के कारण इतनी बड़ी मुसीबत में फँस गया था ।

As soon as ……………… understand.(Pages 24-25)

Meanings: as soon as ( ऐज़ सून ऐज़) जैसे ही । scolded ( स्कोल्डिङ) = chided, डाँटा-फटकारा । whisper (विस्पॅ (र)) = कानाफूसी, फुसफुसाहट । addressed (अडूस्ट ) = सम्बोधित किया । wisest ( वाइज़ेस्ट) = सर्वाधिक बुद्धिमान । no doubt (नो डाउट) = कोई सन्देह नहीं । heard (हङ) = सुना । began to clamour (बिगेन टु क्लेमॅर् ) = said noisily, चीखने लगा । got into a fight = झगड़ने लगे । puzzled (पज़ल्ड) = उलझन में। behaviour (बिहेविॲ (र)) = व्यवहार। chose (चोज़ ) = चुना। replied (रिप्लाइड) = answered, उत्तर दिया । mystery (मिस्टरि) = something hidden, रहस्य । must make me understand = मुझे समझाना होगा ।

हिन्दी अनुवाद जैसे ही वे (गुरुजी) पहुँचे उन्होंने शिष्य को डाँटा-फटकारा तथा कान में फुसफुसाकर उससे कुछ कहा । फिर वे राजा के पास गये तथा उसे सम्बोधित करके बोले, “ सर्वाधिक बुद्धिमान महाराज, दोनों में कौन बड़ा होता है – गुरु या शिष्य ?” “निश्चय ही गुरु । इसमें कोई सन्देह नहीं । आप यह क्यों पूछ रहे हैं ?”
‘तब आप पहले मुझे सूली पर चढ़ाएँ । मेरे पश्चात् मेरे शिष्य को सूली पर चढ़ाएँ ।”
जब शिष्य ने यह बात सुनी तो वह समझ गया और चीखने लगा, “ पहले मुझे फाँसी दो । तुम मुझे यहाँ पहले लाये थे ! पहले मुझे मृत्युदण्ड दो, उन्हें नहीं !” अब गुरु तथा शिष्य इस बात पर झगड़ पड़े कि किसे पहले जाना (मरना) चाहिए । राजा इस व्यवहार को देखकर उलझन में पड़ गया । उसने गुरु से पूछा, “आप मरना क्यों चाहते हैं ? हमने तो इस व्यक्ति को इसलिए चुना क्योंकि हमें सूली के लिए एक मोटा व्यक्ति चाहिए था ।” ‘आप मुझसे ऐसे प्रश्न न करें। पहले मुझे ही सूली पर चढ़ाएँ,” गुरु ने उत्तर दिया । ” क्यों ? इसमें कुछ रहस्य है । एक बुद्धिमान व्यक्ति की भाँति आपको मुझे समझाना होगा । ”

JAC Class 9 English Solutions Moments Chapter 4 In the Kingdom of Fools

“Will you promise ………………. remember?” (Page 25)

Meaning: promise (प्रॉमिस) = वचन देना | solemn word ( सोलेम वड) = promise, वचन | aside (असाइड) = in a corner, एक ओर को | earshot (ईयॅ : शॉट) = सुनने का क्षेत्र, श्रवण सीमा । right now (राइट नाउ ) = at this moment, अभी । we have been all over the world = हम समस्त संसार का भ्रमण कर चुके हैं। god (गॉड) देवता । will be reborn ( विल बी रिबॉ: न्) पुनः जन्म लेगा । sick (सिक) = tired, तंग आ गये । ascetic (असेटिक् ) = संन्यासियों का, तापसिक । for a while (फॉर अ व्हाइल ) = for some time, कुछ समय के लिए 1 keep your word (कीप योर वं: ड) = fulfil your promise, अपना वचन पूरा करो ।

हिन्दी अनुवाद – “क्या आप यह वचन देते हैं कि यदि मैं आपको यह रहस्य बता दूँ तो आप मुझे मृत्युदण्ड दे देंगे ?” गुरु ने पूछा । राजा ने वचन दे दिया । गुरु उसे एक ओर ले गया, जहाँ नौकर-चाकर उनकी बात न सुन सकें और उसने राजा से कानाफूसी की, “क्या आप जानते हैं हम अभी क्यों मरना चाहते हैं, हम दोनों ही ? हम समस्त संसार का भ्रमण कर चुके हैं पर हमें आपके जैसी नगरी अथवा राजा कभी नहीं मिला । आपकी बनाई सूली न्याय के देवता की सूली है । यह नई है । इस पर अब तक किसी भी अपराधी को नहीं चढ़ाया गया है । जो कोई भी इस पर पहले मरेगा वह इस देश के राजा के रूप में पुनः जन्म लेगा । और जो उसके पश्चात् मरेगा वह इस देश का भावी मंत्री बनेगा। हम अपने संन्यासी जीवन से तंग आ चुके हैं। कुछ समय के लिए हमारा राजा तथा मंत्री बनने का आनंन्द लेना अच्छा रहेगा। महाराज, अब आप अपना वचन पूरा करें और हमें मृत्युदण्ड दे दें । याद रखें, पहले मुझे !”

The king was now ………….. promptly executed. (Page 25)

Meanings: was now thrown into deep thought = अब गहरी सोच में डूब गया । lose (लूज़) = खोना । next round of life (नेक्स्ट राउण्ड ऑव लाइफ) = next life, अगला जीवन | postponed (पोस्टपोण्ड) delayed, टाला जाना । in secret ( इन सीक्रेट ) = गुपचुप । give over ( गिव ओवॅ (रं)) = सौंप देना | agreed ( अग्रीड) = सहमत हो गया। executioners ( एग्ज़ीक्यूशन : ज़) those who execute death sentence, वधिक, जल्लाद । send ( सेण्ड) भेजना | prison (प्रिज़न) = कारागार f released ( रिलीज़्ड) = made free, मुक्त कर दिया । disguised (डिस्गाइज़्ड) = took the appearance of, वेश बना लिया । arranged (अरेंज्ड) = व्यवस्था कर रखी थी । beforehand (बिफोरहैण्ड) = already, पहले से ही । loyal (लॉयल) = faithful, स्वामिभक्त । promptly (प्रॉम्प्ट्ल) = quickly, शीघ्रता से, तुरन्त ।

हिन्दी अनुवाद – अब राजा गहरी सोच में डूब गया । वह नहीं चाहता था कि अगले जन्म में कोई अन्य व्यक्ति उसके राज्य का स्वामी बन जाये । उसे विचार करने हेतु कुछ समय की आवश्यकता थी। इस कारण उसने मृत्युदण्ड को अगले दिन तक टालने का आदेश दे दिया तथा अपने मंत्री से गुपचुप मंत्रणा की । ” हमारे लिए यह सही नहीं होगा कि अगले जन्म में अपना राज्य अन्य लोगों को सौंप दें। आओ, हम स्वयं ही सूली पर चढ़ जाएँ तथा हम दोबारा राजा और मंत्री के रूप में पुनः जन्म लेंगे ।

संन्यासी लोग झूठ नहीं बोलते, ” वह बोला तथा मंत्री सहमत हो गया । इसलिए उसने वधिकों (जल्लादों) से कहा, “हम आज रात अपराधियों को भेजेंगे । जैसे ही पहला व्यक्ति तुम्हारे पास पहुँचे उसे पहले मृत्युदण्ड दे देना । फिर दूसरे व्यक्ति का भी वही करना । यही मेरी आज्ञा है । कोई गलती मत करना ।” उस रात राजा तथा मंत्री चुपके से कारावास में गये। उन्होंने गुरु तथा उसके शिष्य को मुक्त कर दिया और स्वयं दोनों ने गुरु तथा शिष्य का वेश बना लिया तथा अपने स्वामिभक्त नौकरों के साथ जिस प्रकार पहले से व्यवस्था कर रखी थी, उन्हें सूली पर ले जाया गया तथा तुरन्त मौत के घाट उतार दिया गया ।

When the bodies ……………………. any other place. (Pages 25-26)

Meanings: vultures (वल्चॅ:ज़) = a kind of flesh-eating birds, गिद्ध | panicked (पैनिक्ट) आतंकित हो गये, व्याकुल हो गये । confusion (कॅन्फ्यूशन) = भ्रम, उलझन । mourned (मॉ:न्ड्) = observed sorrow, शोक मनाया । discussed (डिस्कस्ट) = चर्चा की । caught up | = जाकर अपने साथ आदरपूर्वक ले आये । preparing (प्रिपेअरिंग) तैयार हो रहे । unnoticed (अन्नोटिस्ड) = without being noticed, चुपचाप । begged (बैग्ड) = requested, प्रार्थना की । arguments (आ: ग्युमेण्ट्स) तर्क-वितर्क । persuade (पॅ: स्यूएड) = make agree, सहमत करना । rule (रूल) = शासन करना | silly (सिलि) = foolish, मूर्ख । condition (कण्डिशन) = शर्त । they could change = वे बदल सकेंगे। हिन्दी अनुवाद- जब उनके शवों को कौओं तथा गिद्धों को खिलाने हेतु सूली से उतारा गया तो लोग आतंकित हो गये । उन्हें अपने सामने मृत राजा तथा मंत्री के शव दिखाई दिये। सारे नगर में उलझन थी ।

JAC Class 9 English Solutions Moments Chapter 4 In the Kingdom of Fools

सारी रात उन लोगों ने शोक मनाया तथा राज्य के भविष्य के बारे में चर्चा की । कुछ लोगों को अचानक गुरु तथा शिष्य की याद आई और जब वे चुपचाप नगर से बाहर चले जाने वाले थे उन दोनों को पकड़ लिया गया, “हम लोगों को एक राजा तथा मंत्री की आवश्यकता है, ” एक व्यक्ति ने कहा । अन्य लोग सहमत हो गये । उन्होंने गुरु तथा शिष्य से राजा और मंत्री बनने की प्रार्थना की। शिष्य को सहमत करने के लिए अधिक तर्क-वितर्क नहीं करना पड़ा किन्तु गुरु को मनाने में ज्यादा समय लगा। अन्त में वे मूर्ख राजा तथा मूर्ख मंत्री के राज्य पर शासन करने के लिए इस शर्त पर सहमत हो गये कि वे सभी पुराने नियमों को बदल सकेंगे । तब से रात पुनः रात हो गई तथा दिन पुनः दिन हो गया। अब तुम्हें एक डुड्डू में कुछ नहीं मिल सकता था । वह राज्य भी अन्य स्थानों के समान हो गया ।

JAC Class 9 Science Notes Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

Students must go through these JAC Class 9 Science Notes Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा to get a clear insight into all the important concepts.

JAC Board Class 9th Science Notes Chapter 11  कार्य तथा ऊर्जा

→ यदि किसी वस्तु पर बल लगाने पर वह बल की दिशा में विस्थापित हो जाये, तो यह बल द्वारा वस्तु पर कार्य कहा जाता है।

→ यदि बल लगाने पर वस्तु में विस्थापन न हो तो बल द्वारा किया गया कार्य शून्य होगा।

→ किसी पिण्ड पर किया गया कार्य, उस पर लगाये गये बल के परिमाण तथा बल की दिशा में उसके द्वारा तय की गई। दूरी के गुणन के बराबर होता है। कार्य धनात्मक तथा ऋणात्मक दो प्रकार का हो सकता है।

→ यदि वस्तु के विस्थापन s की दिशा, बल F की दिशा से 6 कोण बनाती है तो बल द्वारा वस्तु पर किया गया कार्य निम्नलिखित सूत्र द्वारा प्राप्त होता है-
W = Fs cosθ

JAC Class 9 Science Notes Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

→ कार्य का मात्रक जूल है।

→ किसी वस्तु के कार्य करने की कुल क्षमता को उसकी ऊर्जा कहते हैं। ऊर्जा दो प्रकार की होती है- (i) गतिज ऊर्जा। (ii) स्थितिज ऊर्जा।

→ किसी गतिमान वस्तु में उसकी गति के कारण निहित ऊर्जा को गतिज ऊर्जा कहते हैं। यदि m द्रव्यमान की वस्तु v वेग से गतिमान हो तब गतिज ऊर्जा E = mv2

→ किसी गतिमान वस्तु की गतिज ऊर्जा, उसे विरामावस्था से गति की वर्तमान अवस्था तक लाने में किए गए कार्य के बराबर होती है।

→ यदि mm द्रव्यमान की वस्तु पर F बल लगाकर उसे बल की दिशा में दूरी विस्थापित करने में वस्तु का वेग u से बदलकर हो जाता है तब
\(\frac { 1 }{ 2 }\)m (v² – u² ) = F x s

→ किसी वस्तु की स्थिति विशेष के कारण उसके पास जो ऊर्जा होती है, उसे वस्तु की स्थितिज ऊर्जा कहते हैं।

→ गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा U = mgh सूत्र से दी जाती है।

→ सभी प्रकार की ऊर्जाओं का मात्रक जूल है।

→ ऊर्जा संरक्षण के नियमानुसार “ऊर्जा न तो उत्पन्न की जा सकतं है और न ही नष्ट की जा सकती है। ऊर्जा केवल एक रूप से दूसरे रूप में रूपान्तरित होती रहती है। ऊर्जा रूपान्तरण के दौरान निकाय की कुल ऊर्जा नियत रहती है।

JAC Class 9 Science Notes Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा

→ गुरुत्वीय त्वरण के अन्तर्गत गिरती हुई वस्तु की गतिज ऊर्जा तथा स्थितिज ऊर्जा का योग पथ के प्रत्येक बिन्दु पर नियत रहता है।

→ किसी वस्तु के कार्य करने की समय दर को उसकी शक्ति कहते हैं। इसे P से प्रदर्शित करते हैं। इसका मात्रक जूल / सेकण्ड अथवा वाट है।
P = \(\frac { W }{ t }\) जहाँ W = किया गया कार्य तथा समय है।

→ यदि कोई कर्ता (एजेंट) एक जूल प्रति सेकण्ड की दर से कार्य करता है तो उसकी शक्ति 1 वाट होती है।

→ शक्ति के अन्य मात्रक किलोवाट तथा अश्वशक्ति हैं।

  • 1 किलोवाट – 1000 वाट
  • 1 अश्वशक्ति – 746 वाट

→ ऊर्जा का व्यावसायिक मात्रक किलोवॉट घण्टा (kWh ) है जिसे सामान्य बोलचाल की भाषा में यूनिट कहते हैं।

→ 1 kW की दर से एक घंटे में व्यय हुई ऊर्जा एक किलोवाट घंटा (1 kWh ) के बराबर होती है।

JAC Class 9 English Grammar Tenses Exercises

Jharkhand Board JAC Class 9 English Solutions Grammar Tenses Questions and Answers.

JAC Board Class 9 English Grammar Tenses Exercises

Tenses का अध्ययन तभी सम्भव है जबकि एक वाक्य के विभिन्न भागों व उसके आदर्श प्रारूप का ज्ञान हमारे पास हो। ऐसा इसलिए है क्योंकि Tense (काल) विभिन्न प्रकार के वाक्यों के लिए कार्यक्षेत्र का कार्य करता है ।
अंग्रेजी के किसी भी साधारण व आदर्श वाक्य की रचना निम्न नियम पर आधारित होती है—

Subject (s) + Verb (v) + Complement (c)

उपर्युक्त प्रारूप ही अंग्रेजी भाषा का मूलाधार है। इसी प्रारूप अर्थात् नियम में विभिन्न परिवर्तन करके विभिन्न रचनाओं का निर्माण होता है ।
उपर्युक्त नियम की विभिन्न इकाइयों / अवयवों का ज्ञान होना अति आवश्यक है।

(1) Subject (कर्ता): A subject is the agency of conducting an action or the performer of an action. कर्ता किसी कार्य या गतिविधि को करने का माध्यम होता है या किसी कार्य का संपादन करने वाला कर्ता कहलाता है। सामान्यत: Noun (संज्ञा ), Pronoun (सर्वनाम) या Adjective (विशेषण) किसी क्रिया के कर्ता होते हैं। वचन की दृष्टि से कर्ता Singular या Plural हो सकता है। किसी वाक्य में कर्ता की भूमिका ठीक उसी तरह से होती है जैसे कि किसी परिवार में मुखिया की या किसी रेलगाड़ी में इंजन की। दूसरे शब्दों में, कर्ता वाक्य में प्रयुक्त होने वाली क्रिया या सहायक क्रिया का निर्धारण करता है। किसी भी वाक्य में क्रिया से “कौन” या “किसने” का प्रश्न करने पर उत्तर में जो प्राप्त होता है वही उस वाक्य की क्रिया का कर्ता होता है। यही प्रश्न अंग्रेजी में “Who” की सहायता से पूछा जाता है।

(2) Verb (क्रिया) : Those words which are symbolic of some action or moment are called verbs. किसी कार्य या गतिविधि के परिचायक शब्द क्रिया कहलाते हैं। किसी वाक्य से ” क्या करता है”, “क्या कर रहा” या “क्या किया” आदि प्रश्न करने पर उत्तर में जो प्राप्त हो वही किसी वाक्य का सबसे महत्त्वपूर्ण अंग होता है। बिना क्रिया के किसी भी वाक्य का अस्तित्व सम्भव नहीं है। क्रिया के सबसे महत्त्वपूर्ण होने का कारण इसका परिवर्तनशीलता (changeability) का गुण होता है। इसी गुण के कारण क्रिया का विभिन्न वाक्यों में विभिन्न रूपों में अस्तित्व सम्भव है। भाषा की उत्कृष्टता के लिए भी क्रिया का यही गुण जिम्मेदार होता है। Kinds of Verbs (क्रिया के प्रकार ) :
क्रियाओं को कई आधारों पर कई समूहों में बाँटा जा सकता है—

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(1) Basis of Utility (उपयोगिता का आधार ) –क्रिया को उपयोगिता के आधार पर दो वर्गों में बाँटा जा सकता

(a) Main Verb (मुख्य क्रिया ) – Those action words which have both the individual meanings and identity are called main verbs. वे क्रिया – बोधक शब्द जिनके अपने व्यक्तिगत अर्थ व अस्तित्व हों, मुख्य क्रिया कहलाते हैं।
उदाहरण के लिए – Mohan climbed a tree. इस वाक्य में climbed का अर्थ ” चढ़ा” होता है और इसे वाक्य से बाहर लिखने पर भी उसका अर्थ नहीं बदलता है ।

(b) Helping Verb / Auxiliary (सहायक क्रिया) – Those words which in association with the main verbs provide a definite meaning and identification to the sentence are called helping verbs. वे शब्द जो मुख्य क्रियाओं के साथ मिलकर वाक्य को एक निश्चित अर्थ व पहचान प्रदान करते हैं सहायक क्रिया कहलाते हैं।
उदाहरण के लिए – Monika is reading a book.
इस वाक्य में is सहायक क्रिया है क्योंकि इसके कारण ही वाक्य के अन्त में ‘रही है’ जुड़ रहा है तथा यह बोध होता है कि यह वाक्य Present Continuous Tense का है।

(2) Basis of Object (कर्म का आधार ) – कर्म के आधार पर मुख्य क्रियाओं को दो भागों में बाँटा जा सकता है–
(a) Transitive Verb (सकर्मक क्रिया ) – Those main verbs which are accompanied with some direct or indirect object or which affect something directly or indirectly are called Transitive Verbs.
वे मुख्य क्रियाएँ जिनके साथ कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष कर्म जुड़ा हो या जिनका किसी पर कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता हो, सकर्मक क्रियाएँ कहलाती हैं।

उदाहरण के लिए – Monika is reading a book.
इस वाक्य में is सहायक क्रिया है क्योंकि इसके कारण ही वाक्य के अन्त में ‘रही है’ जुड़ रहा है तथा यह बोध होता है कि यह वाक्य Present Continuous Tense का है।

(2) Basis of Object ( कर्म का आधार) – कर्म के आधार पर मुख्य क्रियाओं को दो भागों में बाँटा जा सकता है-
(a) Transitive Verb (सकर्मक क्रिया) -Those main verbs which are accompanied with some direct or indirect object or which affect something directly or indirectly are called Transitive Verbs.
वे मुख्य क्रियाएँ जिनके साथ कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष कर्म जुड़ा हो या जिनका किसी पर कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता हो, सकर्मक क्रियाएँ कहलाती हैं।

उदाहरण के लिए –
JAC Class 9 English Reading Comprehension Unseen Passages 1
उपरोक्त वाक्य में ‘killed’ verb है जो कि transitive है क्योंकि उसके साथ कर्म “Ravan” जुड़ा हुआ है। यदि हिन्दी के किसी वाक्य से ‘क्या ‘, ‘किसे’ या ‘ किसको’ का प्रश्न करने पर उत्तर में कुछ प्राप्त हो तो वह उस वाक्य की क्रिया का कर्म होता है। दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि उस वाक्य की क्रिया सकर्मक (transitive) है। यही प्रश्न अंग्रेजी में ‘what’ या ‘whom’ की सहायता से किया जा सकता है। What (क्या) के जवाब में Direct (प्रत्यक्ष) कर्म प्राप्त होता है। Whom (किसे, किसको) के जबाव में Indirect (अप्रत्यक्ष) कर्म प्राप्त होता है।

(b) Intransitive Verb (अकर्मक क्रिया) -Those verbs which are not accompanied with any object, whether direct or indirect, or the verbs which do not affect anything directly or indirectly, or the verbs whose effect is confined to the subject only are called Intransitive Verbs.

वे क्रियाएँ, जिनके साथ कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष कर्म न जुड़ा हो; या जिनका किसी पर कोई प्रत्यक्ष पर अप्रत्यक्ष प्रभाव न पड़ता हो; या जिनका प्रभाव सिर्फ कर्ता तक ही सीमित हो, अकर्मक क्रिया कहलाती हैं।

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उदाहरण के लिए –
JAC Class 9 English Reading Comprehension Unseen Passages 2
उपरोक्त वाक्य में ‘is laughing’ Intransitive Verb है क्योंकि उसके साथ कोई कर्म नहीं जुड़ा हुआ है। इस वाक्य से ‘What’ या ‘Whom’ का प्रश्न करने पर उत्तर में कुछ भी प्राप्त नहीं होता है।

(3) Basis of Strength (शक्ति का आधार) -शक्ति (रूप) के आधार पर मुख्य क्रियाएँ दो प्रकार की होती

(a) Strong Verbs (सबल क्रियाएँ) – वे क्रियाएँ, जिनके तीनों रूप वर्तनी (spellings) की दृष्टि से एक-दूसरे से एकदम भिन्न होते हैं, सबल क्रियाएँ कहलाती हैं। उदाहरण के लिए-

I form

II form

III form

go
write
see
ride
went
wrote
saw
rode

go
write
see
ride

(b) Weak Verbs (अबल क्रियाएँ) – अबल क्रियाओं से हमारा अभिप्राय ऐसी क्रियाओं से है जिनके दो या तीनों ही रूप वर्तनी की दृष्टि से एकदम समान हों। उदाहरण के लिए-

I form II form III form
Cut
shut
cast
read
wish
cut
shut
cast
read
wished
cut
shut
cast
read
wished


Tense and Time

Tense Verb का वह रूप (Form) है जो Verb द्वारा व्यक्त कार्य अथवा अवस्था के समय का बोध कराता है। सरल शब्दों में, Tense एक निश्चित वाक्य रचना का आधार अर्थात् पृष्ठभूमि है।

Time (समय) एक सार्वभौमिक एवं सार्वकालिक भौतिक राशि (Physical Quantity) है। यह हमारे जीवन का अभिन्न अंग है जो सेकण्ड, मिनट, घण्टा, दिन, सप्ताह, महीना, वर्ष आदि रूपों में व्यक्त होता है। यह किन्हीं नियमों में बँधता नहीं है। अनन्त काल से एक-एक पल निरन्तर भागता रहने वाला समय (Time) अगम्य और अगोचर. है।

प्राय: देखा जाता है कि विद्यार्थी Tense और Time को एक ही अर्थ में ग्रहण करते हैं। एक ही वाक्य में Tense और Time अलग-अलग भी हो सकते हैं। इन्हें निम्नलिखित उदाहरणों से समझा जा सकता है :

1. The Prime Minister visited our city last week. — (Past Tense, Past Time)
2. The Prime Minister is visiting our city tomorrow. — (Present Tense, Future Time)
3. Abhishek has finished his work. — (Present Tense, Past Time)
4. Anurag is practising tennis these days. — (Present Tense, Present Time)
5. The sun rises in the east. — (Universal Truth)

Verb के मुख्यतः तीन रूप होते हैं :

1. Present Form या Base Form-इसे First Form भी कहते हैं।
2. Past Form—इसे Second Form भी कहते हैं।
3. Past Participle-यह Third Form के नाम से भी जाना जाता है।
इसके अतिरिक्त Present Participle तथा Infinitive भी Verb के दो अन्य रूप हैं।
यहाँ कुछ महत्त्वपूर्ण क्रियाओं के रूप दिये गये हैं। आप इन रूपों (Forms) को याद कीजिये।

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List of Strong verbs

Group ‘A’

कुछ Strong Verbs जिनके Second और Third Forms, First Form के Vowel को बदलने से बनते हैं, –JAC Class 9 English Reading Comprehension Unseen Passages 5

Group ‘B’
कुछ Strong Verbs के First Form (Present Form) में Vowel को बदलने से Past Form (Second Form) बनता है तथा First Form में ही en, ne या जोड़ने से Past Participle (Third Form) बनता है, जैसे-

JAC Class 9 English Reading Comprehension Unseen Passages 6

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List of weak Verbs

Weak Verbs – ये वे Verbs हैं जिनके Second और Third Forms, First Form में d, ed या लगाने से बनते हैं।

Group – I
ऐसे Weak Verbs जिनके Second और Third Forms एक जैसे होते हैं। जैसे –

JAC Class 9 English Reading Comprehension Unseen Passages 7
JAC Class 9 English Reading Comprehension Unseen Passages 10JAC Class 9 English Reading Comprehension Unseen Passages 11
JAC Class 9 English Reading Comprehension Unseen Passages 12JAC Class 9 English Reading Comprehension Unseen Passages 13JAC Class 9 English Reading Comprehension Unseen Passages 14
JAC Class 9 English Reading Comprehension Unseen Passages 15JAC Class 9 English Reading Comprehension Unseen Passages 16

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Group II
Note : निम्नलिखित क्रियाओं के तीनों Forms एक होते हैं-

JAC Class 9 English Reading Comprehension Unseen Passages 17

Group – III
Helping Verbs

JAC Class 9 English Reading Comprehension Unseen Passages 18

अंग्रेजी में दो प्रकार के Tense होते हैं :
1. Present Tense (वर्तमान काल),
2. Past Tense (भूतकाल) । Future समय होता है जिसे विभिन्न प्रकार से व्यक्त किया जाता है।

एक ही Tense (काल) में Verb की भिन्न-भिन्न अवस्थाओं को व्यक्त करने के लिए प्रत्येक Tense के चार भेद होते हैं :

1. Indefinite,
2. Continuous (Progressive)
3. Perfect
4. Perfect Continuous

Present Tense
1. The Present Indefinite (Simple Present) Tense

इस Tense का प्रयोग वर्तमान समय में होने वाले कार्य, आदत, सामान्य अथवा शाशवत सत्य जैसी बातों का उल्लेख करने के लिए होता है।जैसे-
(1) He plays. वह खेलता है ।
(2) They play. वे खेलते हैं ।
(3) I play. मैं खेलता हूँ ।
(4) The sun rises in the east. सूर्य पूर्व में उगता है।

(A) Affirmative Sentences (स्वीकारात्मक वाक्य)

Pattern – Subject +V1/ V1+s/es …………………

1. मैं अपना पाठ याद करता हूँ। — I learn my lesson.
2. सीता एक मधुर गाना गाती है। — Sita sings a sweet song.
3. तुम एक पत्र लिखते हो। — You write a letter.
4. वे अपना पाठ याद करते हैं। — They learn their lesson.

Rule 1. Singular Number, Third Person कर्ता (He, She, It या कोई एकवचन नाम) के साथं verb में ‘ s ‘ यां ‘es’ लगा देते हैं। (देखिये वाक्य नं. 2)। किसी भी Noun Subject को Third Person समझना चाहिये।
Rule 2. Plural Number में Subject (We, They या कोई बहुवचन नाम) होने पर Verb भी Plural होगा अर्थात् verb में ‘ s ‘ या ‘es’ नहीं लगता है। (देखिये वाक्य नं. 4)
Rule 3. I और You के साथ verb में ‘s’ या ‘es’ नहीं आता है। (देखिये वाक्य नं. 1 और 3 )
Rule 4. हिन्दी के वाक्यों में अन्त में ‘ता’, ‘ते’, ‘ती’ के साथ अँग्रेजी में अनुवाद करते समय ‘is’, ‘am’, ‘are’ का प्रयोग नहीं होता है।
नोट – Third Person के Singular Subject के साथ प्रयुक्त होने वाले Verbs के स्राथ निम्नलिखित अवस्थाओं में -es जोड़ा जाता है :

(a) जिन Verbs के अन्त में ‘sh’, ‘ch’, ‘o’, ‘ss’, x ‘ अथवा ‘zz’ होता है, उसके साथ ‘-es’ लगाते हैं। जैसे:
JAC Class 9 English Reading Comprehension Unseen Passages 19

(b) यदि Verbs के अन्त में हो व के पूर्व consonant (व्यंजन) हो तो हटाकर -ies लगाते हैं :
worry – worries
mid try – tries

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(B) Negative Sentences (नकारात्मक वाक्य)

Pattern – Subject + do/does + not + V1
1. मैं अपना पाठ याद नहीं करता हूँ। — I do not learn my lesson.
2. वे हॉकी नहीं खेलते हैं। — They do not play hockey.
3. वह एक पत्र नहीं लिखता है। — He does not write a letter.
4. सीता एक मधुर गाना नहीं गाती है। — Sita does not sing a sweet song.
5. वह कभी झूठ नहीं बोलता है। — He never tells a lie.

Rule 1. Negative Sentences में एकवचन, third person कर्ता के साथ verb की first form के पहले does not का प्रयोग करते हैं तथा Verb की I form में s/es नहीं लगाते हैं। (देखिये वाक्य नं. 3 और 4)
Rule 2. बहुवचन noun कर्ता तथा I, you, we और they के साथ do not का प्रयोग करते हैं। (वाक्य नं. 1, 2)
Rule 3. अगर वाक्य में ‘कभी नहीं’ हो तो verb से पहले never लगाते हैं और do या does नहीं लगाते। (देखिये वाक्य नं. 5) 1

(C) Interrogative Sentences (प्रश्नवाचक वाक्य)

Pattern – Do/Does + subject +V1 …….. ?
1. क्या वह एक पुस्तक पढ़ता है ? — Does he read a book ?
2. क्या मैं तुम्हें एक कलम देता हूँ ? — Do I give you a pen ?
3. क्या तुम्हारी माँ तुमसे प्रेम करती है ? — Does your mother love you ?
4. वह यहाँ क्यों आती है ? — Why does she come here ?
5. तुम कौन-सी पुस्तक चाहते हो ? — Which book do you want?
6. तुम्हारे घर प्रतिदिन कौन आता है ? — Who comes to your house daily ?
7. क्या वह एक पत्र नहीं लिखती है ? — Does she not write a letter ?
8. कौन दूध पसन्द नहीं करंता है ? — Who does not like milk ?

Rule 1. Interrogative sentences में he, she, it और एकवचन के noun कर्ता के साथ Does वाक्य में Subject (कर्ता) से पहले ले आते हैं। Verb की पहली form लग़ाते हैं, ‘s’ या ‘es’ नहीं लगाते हैं। (देखिये वाक्य नं. 1 और 3)

Rule 2. I, we, you, they और बहुवचन noun कर्ता के साथ सबसे पहले Do, फिर कर्ता और फिर verb की पहली form लगाते हैं। (देखिये वाक्यं नं. 2)

Rule 3. अगर वाक्यों के बीच में कब, क्यों, कहाँ, क्या आदि प्रश्नवाचक शब्द हों तो सबसे पहले इनकी अंग्रेजी, फिर do या does और फिर कर्ता और फिर verb की पहली form आती है। (देखिये वाक्य नं 4)

Rule 4. कितना (How much), कितने (How many), कौन-सा (Which) के साथ उनसे सम्बन्धित Noun’s भी आते हैं। (देखिये वाक्य नं. 5)

Rule 5. अगर वाक्य में कोई प्रश्नवाचक शब्द ही कर्ता का कार्य कर रहा हो तो पहले उसकी अंग्रेजी, फिर verb लाते हैं। Who के साथ do, does का प्रयोग सहायक क्रिया की तरह नहीं होता है। (देखिये वाक्य नं. 6)

Rule 6. Interrogative negative वाक्य को Interrogative sentence की तरह बनाते हैं केवल कर्ता के पश्चात् not और लगा देते हैं। (देखिये वाक्य नं. 7)। इस तरह के वाक्यों में ‘Who’ (कौन) वाले वाक्यों में भी do या does लगाते हैं। (देखिये वाक्य नं. 8)

Rule 7. ‘वाक्य के अन्त में प्रश्नसूचक चिह्न (?) अवश्य लगाते हैं।

प्रयोग (Uses): इस Tense का प्रयोग निम्न अवस्थाओं में होता है-

1. शास्वत सत्य (universal truth) का भाव प्रकट करने के लिए –
(i) The sun rises in the east.
(ii) The earth moves round the sun.

2. स्थायी (permanent) कार्य अथवा स्वभाव का बोध कराने के लिए –
(i) We hear with our ears.
(ii) The rose smells sweet.

8. आदत (habit) का भाव प्रकट करने के लिए –
(i) He often comes late.
(ii) Hari never goes to office late.

4. समाचारपत्रों की headlines के लिए-
Two murderers escape.

5. आँखों देखे हाल का वर्णन करने के लिए-
When the door opens, many people enter the hall.

6. यात्रा संबंधी planned future के साथ होता है-
We leave for Jaipur at 8:00 and reach there at 9:00.
We stay there for two days and then leave for Kota.

7. इतिहास-प्रसिद्ध वर्तमान (Historic Present) का बोध कराने के लिए –
Now Akbar calls Birbal and asks…..
Note – इतिहास-प्रसिद्ध घटनाओं का अधिक स्पष्ट रूप से वर्णन करने के लिए Simple Present Tense के प्रयोग को ही Historic Present कहते हैं ।

8. Future के समय को प्रकट करने के लिए when के साथ Simple Present का प्रयोग होता है-
(i) I shall do it when he comes.
(ii) When I finish the letter, I will give it to you.

9. किसी भविष्यकालीन निश्चित कार्यक्रम के साथ जो किसी Time table के अनुसार हो। जैसे-
(i) The train leaves at 4:30 p.m.
(ii) Classes begin next Monday.

10. इसका प्रयोग Conditional Sentences के साथ भी होता है –
Pattern – If + Present Indefinite + Future Indefinite.
(i) If he comes to me, I shall help him.
(ii) If I see Kamal, I will tell him.
पहचान – जब किसी वाक्य में निम्नलिखित Adverbs का प्रयोग हो, तो उसे Present Indefinite या

Simple Present Tense समझना चाहिए-
(a) always, often, sometimes, usually, generally, frequently, seldom, rarely, never, regularly, daily, occasionally.
(b) every day/night/month/year etc.
(c) each day/night/month/ year etc.
(d) on Sundays/Mondays……
(e) in the mornings/evenings etc.
(f) once/twice a day/week/month etc.

JAC Class 9 English Grammar Tenses Exercises

(Present Indefinite Tense) with verb ‘write’
Chart of Simple Present

Affirmative Affirmative Interrogative Interrogative Negative
I write.
We write.
You write.
They write.
He/She/Ram writes.
I write.
We write.
You write.
They write.
He/She/Ram writes.
Do I write?
Do we write?
Do you write?
Do they write?
Does he/she?
Ram write?
 Do I not write ?
Do we not write ?
Do you not write?
Do they not write?
Does he/she/Ram not write?


Exercise 1.

Fill in the blanks with the correct form of the verbs given in the brackets :

1. Ratan usually up at 4 o’clock in the morning …………….. (get)
2. They often to the movies …………… (go)
3. The sun in the west ………………….. (set)
4. Every mother ………….. her children affectionately. (love)
5. Neeraj …………………… games regularly in the morning. (play)
6. He ……………….. milk before going to bed. (take)
7. Birds usually ………………. nests in the trees. (make)
8. The Prime Minister ………………… to our town on Thursday next. (come)
9. Our brave soldiers always ………………….. watchful eyes on the border. (keep)
10. You sometimes ……………….. somewhat perturbed. (seem)
11. Lotus always ………………….. in mud. (bloom)
12. ……………… history ever …………….. itself? (repeat)
13. ……………… all teachers ……….. inspiration in the students? (infuse)
14. Two and two …………….. four. (make)
15. Our deeds …………………. our destiny. (determine)
Answer:
1. gets
2. go
3. sets
4. loves
5. plays
6. takes
7. make
8. comes
9. keep
10. seem
11. blooms
12. Does, repeat
13. Do, infuse
14. make/makes
15. determine.

2. The Present Continuous (Progressive) Tense

पहचान – हिन्दी में इस Tense के Sentences में ‘रहा हूँ’, ‘रही है’, ‘रहे हैं’, ‘हुआ है’, ‘हुई है’, ‘हुए हैं’ आदि शब्द आते हैं। वाक्यों से ज्ञात होता हैं कि कार्य चल रहा है और पूरा नहीं हुआ है। यह Tense is/am/are ‘ing form’ of the verb से बनता है। जैसे-

  • I am playing.
  • You are playing.
  • He is playing.
  • They are sitting.

(A) Affirmative (Positive) Sentences
Pattern – Subject + is/am/are + V1 (ing)…..

1. मोहन एक पत्र लिख रहा है।
Mohan is writing a letter.

2. लड़कियाँ स्कूल जा रही हैं।
The girls are going to school.

3. वह मैदान में दौड़ रहा है।
He is running in the field.

4. मैं एक गाना गा रहा हूँ। I am singing a song.
Rule 1. He, She, It और एकवचन subject के साथ ‘is’ लगाकर verb में ing लगाते हैं। (देखिये वाक्य नं. 1,3)
Rule 2. You, We, They और बहुवचन subject के साथ ‘are! लगाकर verb में ing लगाते हैं। (देखिये वाक्य 2)
Rule 3. I के साथ ‘am’ लराकर verb में ing लगाते हैं। (देखिये वाक्य नं 4)

(B) Negative Sentences
Pattern – Subject + is/am/are + not V1 (ing)…..

1. मैं एक पुस्तक नहीं पढ़ रहा हूँ। – I am not reading a book.
2. वह अपनी गुड़िया से नहीं खेल रही है। – She is not playing with her doll.
3. वे बाजार नहीं जा रहे हैं। – They are not going to the market.
Rule – not को is, are, am के ठीक बाद में रखते हैं।

(C) Interrogative Sentences
Pattern – Is/Am/Are + Subject + V1 (ing)….. ?

1. क्या लड़कियाँ कमरे में पढ़ रही हैं? – Are the girls reading in the room?
2. क्या सूर्य आकाश में निकल रहा है? – Is the sun rising in the sky?
3. क्या मैं एक पत्र नहीं लिख रहा हूँ? – Am I not writing a letter ?
4. क्या तुम आज स्कूल नहीं जां रहे हो ?-  Are you not going to school today?
5. तुम वहाँ क्यों जा रहे हो ? – Why are you going there ?
6. वह अब किसकी पुस्तक पढ़ रहा है? – Whose book is he reading now ?
7. कितनी लड़कियाँ नाटक में भाग ले रही हैं? – How many girls are taking part in the play?
8. तुम्हारे नौकर को कौन पीट रहा है ? – Who is beating your servant?

Rule 1. अगर वाक्य के आरम्भ में ‘क्या’ हो तो Is, Am, Are कर्ता से पहले ले आते हैं और verb में ‘ing’ लगा देते हैं। (देखिये वाक्य नं. 1, 2)

Rule 2. अगर हिन्दी के वाक्य के बीच में प्रश्नवाचक शब्द हो तो उसकी अंग्रेजी सबसे पहले लाते हैं फिर is, are, am में से कर्ता के अनुसार लगाकर verb में ‘ing’ लगाते हैं। (देखिये वाक्य नं. 5)

Rule 3. How many, How much, Whose के साथ इनसे सम्बन्धित nouns भी लगाते हैं। (देखिये वाक्य नं. 6,7 ) वाक्य के अंत में प्रश्नवाचक चिह्न ( ?) लगाते हैं।

JAC Class 9 English Grammar Tenses Exercises

Rule 4. अगर प्रश्नवाचक शब्द ‘कौन’ ही कर्ता का कार्य कर रहा हो तो उसकी अंग्रेजी सबसे पहले लाते हैं। उसके बाद is, are, am में से एक subject के अनुसार लगाकर फिर verb की first form में ing लगाते हैं। (देखिये वाक्य नं. 8)

Rule 5. Negative Interrogative Sentences में मुख्य क्रिया से पहले ‘not’ और लगा देते हैं। (देखिये वाक्य नं. 3,4)

प्रयोग (Uses)
1. इसका प्रयोग ऐसे कायों के लिए होता है, जो वर्तमान में जारी हों । जैसे –

  • I am writing letters.
  • The child is weeping.

2. ऐसे कार्यों को बताने के लिए जो वर्तमान में चल रहे हों परन्तु यह आवश्यक नहीं है कि वे बोलते समय भी चल रहे हों। जैसे – I am learning English. (परन्तु यह आवश्यक नहीं है कि वह बोलते समय भी सीख रहा हो।)

3. इस Tense का प्रयोग पूर्व नियोजित कार्यक्रमों या कायों को व्यक्त करने में किया जाता है। भविष्य-काल का बोध कराने वाले शब्दों (tomorrow, next week आदि) का इस Tense के साथ प्रयोग होता है ।
जैसे – Hari is coming here next week.

पहचान – जब वाक्य में still, in the present time, at this time, at this moment, now-a-days, these days, this evening, now, today, at present आदि शब्द हों तो वह वाक्य सामान्यतः Present Continuous Tense में होता है ।

Verbs normally not used in ‘ing’ form

निम्नलिखित Verbs का प्रयोग सामान्यतया किसी भी Continuous Tenses में नहीं होता है :

1. Verbs of perception ( ज्ञानेन्द्रियों के अनुभवों को व्यक्त करने वाली क्रियाएँ) – see, hear, taste, feel, smell, notice, prefer, please, recall. उदाहरण-
(i) I see a picture. (Correct)
I am seeing a picture. (Incorrect)

(ii) I hear a song. (Correct)
I am hearing a song. (Incorrect)

Note – Hear के साथ ing का प्रयोग सुनने के भाव में नहीं होता अपितु सुनवाई के लिए होता है। जैसे-The judge is hearing the case. न्यायाधीश मुकदमे की सुनवाई कर रहे हैं।

2. Verbs showing feelings or state of mind (भावनाओं अथवा मस्तिष्क की अवस्थाओं को व्यक्त करने वाली क्रियाएँ)
want, wish, desire, like, dislike, believe, care, hate, love, hope, imagine, refuse, forgive आदि। उदाहरण-

(i) She believes in God. (Correct)
She is believing in God. (Incorrect)

(ii) I hate you. (Correct)
I am hating you. (Incorrect)

3. Verbs showing possession (प्रभुत्व या अधिकार प्रदर्शित करने वाली क्रियाएँ) – possess, own, belong to, have. उदाहरण-
(i) He possesses a vast area of land.
(ii) I have a dozen of horses.

Note – ज्ञानेन्द्रियों के अनुभव, भावनाओं या संवेगों को व्यक्त करने वाली कुछ क्रियाओं में जब -ing लगता है तो उनका अर्थ ही बदल जाता है। जैसे-

1. The doctor is seeing the patient. (see = जाँच करना) डॉक्टर मरीज की जाँच कर रहा है।
2. He is seeing me today. (see = मिलना) वह आज मुझसे मिलने वाला है।
3. Sita is seeing the town. (see = भ्रमण करना) सीता कस्बे का भ्रमण कर रही है।
4. The doctor is feeling the pulse of the patient. (feel = नब्ज गिनना) डॉक्टर रोगी की नब्ज गिन रहा है।

Verbs के अन्त में -ing लगाने के नियम

JAC Class 9 English Reading Comprehension Unseen Passages 20

Exercise 2.

Fill in the blanks with the correct form of the verbs given in the brackets :

1. My father wears dhoti and kurta daily but he………….. a white suit today. (wear)
2. She ……… in her bed now. (sleep)
3. The sun behind the clouds now. (hide)
4. Suresh …………….. a lot these days. (earn)
5. The Education Minister……….this place next week. (visit)
6. She………clothes at this time. (wash)
7. My younger brothers …………… a factory these days. (run).
8. Look there! They ………. towards us. (come)
9. My mother ……………. food at this moment. (cook)
10. Yes, the match …………. on and you can watch it on any TV. (go)
Answer:
1. is wearing
2. is sleeping
3. is hiding
4. is earning
5. is visiting
6. is washing
7. are running,
8. are coming
9. is cooking
10. is going.

Exercise 3.

Fill in the blanks with the correct form of the verbs given in the brackets :

1. The schools never. on Sundays but they… today. (open)
2. Ganpat usually …….. at the front of the class, but today he ………. in the last row. (sit)
3. Ravi …….. only newspapers, but this week he ……. magazines as well. (sell)
4. I usually …………….. coffee but today I …………….. milk. (drink)
5. I generally by …………….. bus but tomorrow I in Kamal’s car. (go)
6. I …………….. football on Saturdays. (play)
7. I …………….. English at school 2 hours a week. (learn)
Answer:
1. open, are opening
2. sits, is sitting
3. sells, is selling
4. drink, am drinking
5. go, am going
6. play
7. learn.

3. Present Perfect Tense

इस Tense के वाक्यों में काम का वर्तमान काल में पूरा हो जाना पाया जाता है और वाक्यों के अन्त में ‘चुका है’, ‘चुकी है’, या ‘आ है, ई है, ये हैं’ आदि शब्द आते हैं।

(A) Affirmative Sentences
Pattern – Subject + has/have + V3 …………….

1. राम स्कूल जा चुका है / गया है। — Ram has gone to school.
2. मैंने उसको एक पत्र भेजा है। — I have sent a letter to him.
3. तुमने उसकी प्लेट तोड़ दी है। — You have broken his plate.
4. उसने एक सौंप देखा है। — He has seen a snake.
Rule – He, She, It और एकवचन कर्ता के साथ has और I, You, We, They तथा plural subject के साथ have लगाकर verb की third form लगाते हैं।

(B) Negative Senatences
Pattern – Subject + has/have + not + V3 …………….

1. उसने गाना नहीं गाया है। — She (या He) has not sung a song.
2. मैंने तुम्हारा पत्र नहीं पढ़ा है। — I have not read your letter.
3. हमने ऐसा जानवर नहीं देखा है। — We have not seen such an animal.
Rule – Negative sentences में has या have के बाद not लगाते हैं।

(C) Interrogative Sentences
Pattern – Has/Have + Subject

1. क्या उसने अपनी गाय बेच दी है ? — Has he sold his cow ?
2. क्या तुमने अपना पाठ याद कर लिया है ? — Have you learnt your lesson ?
3. क्या मैंने एक चोर नहीं पकड़ा है ? — Have I not caught a thief?
4. कितने लड़के आज आये हैं ? — How many boys have come today?
5. कौन अपनी पुस्तक नहीं लाया है? — Who has not brought his book ?
6. लड़का कहाँ भाग गया है ? — Where has the boy run away?

Rule 1. यदि वाक्य प्रश्नसूचक शब्द ‘क्या’ से आरम्भ हुआ हो तो सबसे पहले Has या Have लगाते हैं और उसके बाद subject, फिर क्रिया की third form और अन्त में कर्म आदि आते हैं। (देखें उदाहरण 1, 2)
Rule 2. अगर वाक्य के बीच में प्रश्नसूचक शब्द दिया हो तो उसकी अँग्रेजी सबसे पहले लगाते हैं, फिर has या have, फिर कर्ता, फिर verb की third form लागते हैं। (देखें उदाहरण 6)
Rule 3. Negative Interrogative Sentences में subject के पश्चात् not लगा देते हैं। (उदाहरण 3 ) प्रयोग (Cses?

1. हिन्दी के वाक्यों के अन्त में ‘चुका है’, ‘चुके हैं’, ‘दिया है’, ‘लिया है’ आदि शब्द आते हैं । इस Tense का प्रयोग ऐसे कार्य के लिए होता है, जो अभी हाल में ही समाप्त हुआ है। ऐसे में हम बहुधा just, recently, already का प्रयोग करते हैं। जैसे –
(i) He has just gone out. वह अभी-अभी बाहर गया है।
(ii) He has alroad, explained his problem to me, वह पहले ही मुझे अपनी समस्या बता चुका है।
नोट – just का प्रयोग Helping Verb व Main Verb के बीच किया जाता है।

2. इसका प्रयोग ऐसे कार्य के लिए भी होता है, जो भूतकाल में आरम्भ हुआ हो और अब भी जारी हो। इसके साथ प्राय: for और since का प्रयोग होता है। जैसे –
(i) He has been here for two weeks. यह दो सप्ताह से यहीं है। (और अब भी वहीं है।)
(ii) Mr Sharma has lived in Jaipur since 2015. शर्मा जी 2015 से जयपुर में रहते हैं। (और अब भी वहीं हैं।)

3. इस Tense का प्रयोग उन कार्यौ के लिए भी होता है, जो भूतकाल में पूरे हो गये हैं पर उनका प्रभाव वर्तमान समय में भी दिखाई देता है।जैसे –
(i) He has cut his finger. उसने अपनी उँगली काट ली है। (अभी भी खून बह रहा है।)
(ii) The Chetak Express has arrived. चेतक एक्सप्रेस आ चुकी है। (और अभी भी प्लेटफॉर्म पर है।)

4. ऐसे कार्यों को बताने के लिए जो बोलते समय ही समाप्त हुए हों।
(i) I haven’t seen you for ages. (लेकिन अब तुम्हें देख लिया है।)
(ii) She hasn’t taken food for two days. (अब वह खा रही है।)

JAC Class 9 English Grammar Tenses Exercises

5. इसका प्रयोग ऐसे भूतकालीन कार्यों के साथ किया जाता है जिनका समय निश्चित नहीं है।
(i) I have read the book. (No time)
(ii) Have you taken food ? (No time)

6. इसका प्रयोग अपूर्ण समय जैसे- this morning/afternoon/evening/week/month/year etc. के साथ किया जाता है। जैसे –
I have taken four cups of tea today.
अभी आज का दिन समाप्त नहीं हुआ है। सम्भव है कि आज और भी चाय हो जाए।
पहचान – जब किसी Sentence में this week/month/year etc., just, till now, already, recently, lately, not yet, so far, by now, always, never आदि का प्रयोग किया गया ‘हो, तो वह sentence Present Perfect Tense में होता है ।

Exercise 4.

Fill in the blanks with suitable Present Tense term of the Verbs given in the brackets:

1. A: Have a chocolate?
B: No, thank you, I ……………. (not like) it.

2. A: Let’s have a lunch in the garden.
B: ………….. To, it (rain).

3. I can’t find my watch …………… you (see) it recently?

4. A: Is it raining outside?
B: It ………… just ….. (stop).

5. The car isn’t here at this time because Sheelu …………….(use) it. She generally ………………… (go) by bus, but today it is bus strike
6. We usually ………….. (stay) at home on Sundays, but we came out tonight because we …………… (celebrate) our son’s birthday.
7. I….. (stay), with my uncle now-a-days though I ….. (have) my own flat.
8. I usually (work) at night but today I …………… (work) in the morning.
9. Sorry, you can’t talk to him because he …………… (take) bath now.
10. I …………… (read) the instructions, but I can’t understand them.
Answer:
1. don’t like
2. is raining
3. Have, seen
4. has, stopped
5. is using, goes
6. stay, are celebrating
7. am staying, have
8. work, am working
9. is taking
10. have read.

Exercise 5.

Fill in the blanks with the correct form of the verbs given in the brackets (Only Present)

1. Those boys ………….. their time for nothing. (waste)
2. The cricket match …………….. on in the field. (go)
3. ………….. the cows grass ? ………….. (eat)
4. You my book yet …………… (not return)
5. My uncle …………… just …………… from his office. (arrive)
6. It ………….. heavily  (rain)
7. They ………….. their house lately. (sell)
8. I ………….. over your proposal at this time; (think)
9. Please shut the door. The hot breeze ………….. (blow)
10. My son ………….. the examination in first division. (pass)
Answer:
1. are wasting
2. is going
3. Do, eat
4. have not returned
5. has, arrived
6. is raining,
7. have sold
8. am thinking
9. is blowing
10. has passed.

4. The Present Perfect Continues Tense

यह Tense – has been या have been + Verb के ‘ing’ form से बनता है । जैसे –
(i) I have been reading for two hours.
(ii) He has been working since 3 o’clock.

अंग्रेजी में अनुवाद करने के नियम :
(1) He, She, It तथा Singular Subject (एकवचन कर्त्ता) के साथ has been तथा I, We, You, They तथा Plural Subject (बहुवचन कर्त्ता) के साथ have been का प्रयोग होता है । main verb की ing form का प्रयोग होता है।
Pattern – Subject + has/have + been +V1 (ing) …….. since/for + time
(2) Negative Sentences में not का प्रयोग has/have और been के मध्य होता है। जैसे He has not been living in this house for four years.
(3) Interrogative Sentences में has तथा have का प्रयोग Subject के पहले होता है तथा वाक्य के अन्त में प्रश्नवाचक चिह्न (?) का प्रयोग किया जाता है। जैसे Have you been learning your lesson for two hours?

प्रयोग (Uses)

1. इस Tense का प्रयोग ऐसे कार्य के लिए होता है, जो भूतकाल में किसी समय पर आरम्भ हुआ हो और अब भी जारी हो। इस Tense में since/for/all के साथ समय अवश्य ही दिया होता है। यदि समय नहीं दिया होता है, तो sentence Present Continuous Tense में माना जाता है। उदाहरणार्थ –
(i) It is raining. वर्षा हो रही है। (Present Continuous Tense)
(ii) It has been raining for two hours. दो घंटे से वर्षा हो रही है।
(Present Perfect Continuous Tense)

2. Present Continuous यह दर्शाता है कि कोई काम लगातार चल रहा है जबकि Present Perfect Continuous यह दर्शाता है कि काम किसी भूतकालीन समय से अभी तक चल रहा है।

JAC Class 9 English Reading Comprehension Unseen Passages 21

JAC Class 9 English Grammar Tenses Exercises

3. Present Perfect Tense कार्य की पूर्णता पर जोर देता है जबकि Present Perfect Continuous यह दर्शाता है कि कोई कार्य कितने समय से चल रहा है।

Present Perfect Present Perfect Continuous
(i) The bicycle is O.K. now. I have repaired it.

(ii) This man has sold all the toys.

(iii) I have drawn the picture.

(i) My hands are dirty. I have been repairing my bicycle for two hours.

(ii) This man has been selling the toys for three hours.

(iii) I have been drawing the picture all day.


Exercise 6.

Fill in the blanks with the correct form of the verbs given in the brackets:

1. The cattle …………….. in the field since morning. (graze)
2. Ramesh …………….. very hard for the last two days. (work)
3. He …………….. medical treatment in a hospital since last Sunday. (take)
4. Some kind-hearted people …………….. the orphans for the last two years. (feed)
5. Mr. Sharma …………….. a novel for two months. (write)
6. She is tired because she …………….. for the entire morning. (work)
7. I …………….. this book recently. (read)
8. The train …………….. just …………….. (leave)
9. The Golden Temple Mail already (arrive)
10. She …………….. a new car recently (buy)
11. My friends …………….. to folk songs on radio for a week. (listen)
Answer:
1. have been grazing
2. has been working
3. has been taking
4. have been feeding,
5. has been writing
6. has been working
7. have read
8. has, left
9. has, arrived
10. has bought.
11. have been listening.

Past Tense
1. Past Indefinite Tense (Simple Past)

  • इस Tense के वाक्यों में काम का करना या होना भूतकाल में पाया जाता है।
  • ऐसे वाक्यों के अन्त में ‘आ’, ‘या’, ‘ई’, ‘ये’, ‘या’, ‘ता था’, ‘ते थे’, ‘ ती थी’ आदि आते हैं।

(A) Affirmative Sentences
Pattern – Subject

1. उसने कल मुझे एक कलम दिया।
He gave me a pen yesterday.

2. मैं इस घर में रहता था।
I lived in this house.

3. हमने अपना पाठ याद किया।
We learnt our lesson.

Rule 1. एकवचन तथा बहुवचन दोनों में ही Subject के साथ verb की second form आती है।
Rule 2. Subject के भिन्न-भिन्न Number या Person के साथ verb में कोई परिवर्तन नहीं होता है।

(B) Negative Sentences
Pattern – Subject  did not +V1

1. वह कल हॉकी नहीं खेला। — He did not play hockey yesterday.
2. लड़कों ने अपना पाठ याद नहीं किया। — The boys did not learn their lesson.
3. मैं कभी देर से नहीं आया। — I never came late.
Rule 1. Negative sentences में प्रत्येक कर्ता के बाद में did not लगाकर verb की first form लगाते हैं।
Rule 2. यदि sentence में ‘कभी नहीं आया हो तो ‘never’ का प्रयोग करते हैं; never के साथ did not नहीं लगाते, केवल verb की second form लगाते हैं। जैसे वाक्य नं. 3 में किया गया है।

(C) Interrogative Sentences
Pattern – Did + Subject + V1?

1. क्या तुम स्कूल गये थे? — Did you go to school ?
2. क्या मोहन ने अपना कोट नहीं पहना ? — Did Mohan not put on his coat ?
3. तुम. मेरे साथ क्यों नहीं दौड़े? — Why did you not run with me ?
4. तुमने कक्षा में किसकी किताब पढ़ी ? — Whose book did you read in the class ?
5. तुम्हारा भाई कल कहौँ गया ? — Where did your brother go yesterday ?
6. राम कब लौटकर आया ? — When did Ram return?
7. कितने लड़के कक्षा में नहीं आये? — How many boys did not come to the class ?
8. तुम्हारे घर कल कौन आया ? — Who came to your house yesterday ?

JAC Class 9 English Grammar Tenses Exercises

Rule 1. अगर वाक्य के आरम्भ में ‘क्या’ लगा हो तो Did कर्ता से पहले ले आते हैं और verb की first form लगाते हैं।
(देखिये वाक्य नं. 1, 2)
Rule 2. अगर वाक्य के बीच में कब, क्यों, कहाँ, क्या आदि प्रश्नवाचक शब्द हों तो सबसे पहले इन शब्दों की अंग्रेजी, फिर did, फिर कर्ता और फिर verb की first form लगाते हैं। (देखिये वाक्य नं. 5 और 6 )
Rule 3. How much, How many, Whose इत्यादि प्रश्नवाचक शब्दों के साथ ही उनसे सम्बन्धित noun भी आते हैं।.
(देखिये वाक्य नं. 4 और 7 )
Rule 4. अगर वाक्य में प्रश्नवाचक शब्द Who ही कर्ता का कार्य करता है तो उसके पश्चात् verb की second form आती है।
(देखिये वाक्य नं. 8)
Rule 5. Interrogative Negative sentences का अनुवाद Interrogative Affirmative sentences के अनुसार ही होता है, केवल कर्ता के बाद not लगा देते हैं। (देखिये वाक्य नं. 2 और 3)

Chart of Simple’ Past (Past Indefinite Tense) with verb ‘eat’

Affirmative Negative Interrogative Negative Interrogative
I ate.
We ate.
You ate.
He ate.
She ate.
It ate.
I did not eat.
We did not eat.
You did not eat.
He did not eat.
She did not eat.
It did not eat.
Did I eat?
Did we eat?
Did you eat?
Did he eat?
Did she eat?
Did it eat?
Did I not eat?
Did we not eat?
Did you not eat?
Did he not eat?
Did she not eat?
Did it not eat?

प्रयोग (Uses)
1. इस Tense का प्रयोग भूतकाल में होने वाले कार्यों या घटनाओं को व्यक्त करने के लिए किया जाता है। जब इस Tense का प्रयोग होता है तो वाक्य में किसी शब्द (Word) या वाक्यांश (Phrase) के द्वारा भूतकाल के समय को अवश्य ही व्यक्त किया जाता है। जैसे-

  • He wrote a novel last year.
  • India became free in 1947.

2. used to का प्रयोग भूतकाल की आदत बताने के लिए होता है, परन्तु यह ऐसी आदत प्रकट करता है जो भूतकाल में होती रही हो लेकिन वर्तमान में नहीं। जैसे-
When he was young, he used to play cricket.
जब वह युवक था, वह क्रिकेट खेला करता था। (लेकिन अब नहीं खेलता है।)

3. ‘किसी व्यक्ति या वस्तु के बारे में किसी प्रकार की सूचना देने अथवा उसकी स्थिति पूछने या बताने के लिए Verb be’ के Past Form-was/were का प्रयोग किया जाता है। जैसे-

  • She was an expert pilot.
  • Was she an expert pilot?

4. Conditional Sentence type-II के साथ
If + past Indefinite + ldots .. would/should + Verb की I form If I had money, I would buy a car.
पहचान – इस प्रकार के वाक्यों में निम्नलिखित Adverbials का प्रयोग किया जाता है-
last night, last year, last month, last week, long ago, some time back, yesterday, once, in 2015 इत्यादि।

Exercise 7.

Put the verbs in brackets into the correct tense :

1. Once I ……………… (see) a lion in the forest.
2. We ……………… (go) to meet our friend last night.
3. He ……………… (lose) his mobile phone on the train yesterday.
4. Ratan ……………… (buy) a new mobile phone last week.
5. She ……………… (win) the match last Sunday.
6. Tom ……………… (steal) a book from the library two days ago.
7. Hari ……………… (get) late for the prayer yesterday.
8. I ……………… (come) here in the morning on August 15.
9. Why you …………. (call) me last night?
10. I was watching TV, when my father ……………… (call) me.
Answer:
1. saw
2. went
3. lost
4. bought
5. won
6. stole
7. got
8. came,
9. did, call
10. called.

The Simple Past तथा the Present Perfect में अन्तर

(1) जब कोई कार्य भूतकाल में पूरा हो जाये व इसका समय नहीं दिया हो तो Present Perfect का प्रयोग होता है परन्तु यदि उसके साथ कार्य का समय दिया हो तो Past Indefinite का प्रयोग किया जाता है। जैसे-

Present Perfect Past Indefinite
कोई समय नहीं दिया है। समय दिया है।
1. I have bought a new TV.
2. He has written the letter, but he hasn’t posted it.
I bought a new TV last week.
He wrote a letter and posted it yesterday.

 

JAC Class 9 English Grammar Tenses Exercises

(2) यदि कोई कार्य भूतकाल में हो जाये व उसका प्रभाव वर्तमान में मौजूद हो तो Present Perfect का और प्रभाव मौजूद न हो तो Past Indefinite का प्रयोग होगा। जैसे –

Present Perfect Past Indefinite
प्रभाव वर्तमान में मौजूद है प्रभाव वर्तमान में मौजूद नहीं है।
1. Sita has had an accident.
(वह अभी भी अस्पताल में है।)
2. I have lost my pen.
(अभी भी मेरे पास पेन नहीं है।)
Sita had an accident.
(अब वह अस्पताल में नहीं है।)
I lost my pen and had to borrow Kavita’s.
(उस समय मेरे पास पेन नहीं था।)

(3) यदि कोई कार्य भूतकाल में घटित हो जाये व उसके भविष्य में पुन: होने की सम्भावना हो तो Present Perfect का और जब पुन: होने की सम्भावना न हो तो Past Indefinite का प्रयोग होता है। जैसे –

Present Perfect Past Indefinite
भविष्य में पुन: होने की सम्भावना है। भविष्य में पुनः होने की सम्भावना नहीं है।
Chetan has written a number of dramas.
(चूँकि चेतन जीवित है भविष्य में और भी लिख सकता है।)
Kalidas wrote a number of dramas.
(चूँकि कालिदास जिन्दा नहीं हैं व अब और आगे नहीं लिख सकते हैं।)


(4) जब किसी कार्य का वर्णन समयावधि के पूरे होने से पहले किया जाये तो Present Perfect का और समयावधि के पूरे होने के पश्चात् किया जाये तो Past Indefinite का प्रयोग होगा। जैसे –

JAC Class 9 English Reading Comprehension Unseen Passages 22

Exercise 8.

Fill in the blanks with Present Perfect or Past Indefinite:

1. I …………………. in Jaipur for five years. (live)
2. Someone ………….. my bike ! Now I’ll have to walk home. (steal)
3. When Bharat was young he …………………. in Mathura. (live)
4. I would like to visit South India sometime. Unfortunately, I …………………. there. (never be)
5. Tina …………………. to Jodhpur last year. (go)
6. I’m not hungry any more. I …………………. (already eat)
7. They don’t live here any more. They …………………. two years ago. (leave)
8. …………………. Ann …………………. reading the newspaper yet ? (not finish)
9. We …………………. football yesterday afternoon. (play)
10. The weather …………………. very good last week. ( be)
Answer:
1. have lived
2. has stolen
3. lived
4. have never been
5. went
6. have already eaten,
7. left
8. Has, not finished
9. played
10. was.

2. Past Continuous Tense

ऐसे वाक्यों में काम का जारी रहना भूतकाल में पाया जाता है। वाक्य के अन्त में ‘रहा था’, ‘रही थी’, ‘रहे थे’ या ‘हुआ था’, ‘हुई थी’, ‘हुए थे’ पाया जाता है।

(A) Affirmative Sentences

Pattern – Subject + was/were (ing) …….
1. मैं अपनी किताब पढ़ रहा था। I vas reading my book.
2. हम अपना पाठ याद कर रहे थें We were learning our lesson.
3. तुम मेरे नौकर को बुला रहे थे। You were calling my servant.
Rule 1. He, She, It, I और एकवचन noun subject के साथ was लगाकर verb में ‘ing’ लगाते हैं।
Rule 2. You, We, They और बहुवचन noun subject के साथ were का प्रयोग कर verb में ‘ing’ लगाते हैं।

(B) Negative Sentences

Pattern – Subject + was/were + not +V1 (ing) …….
1. वे घर नहीं जा रहे थे। They were not going home.
2. राम दीवार से नहीं कूद रहा था। Ram was not jumping over the wall.
3. वह एक गाय नहीं खरीद रहा था। He was not buying a cow.
Rule – Negative sentences में was या were के पश्चात् not लगा देते हैं।

(C) Interrogative Sentences
Pattern – Was/Were + Subject + V1 (ing) ……?

1. क्या हम बाजार जा रहे थे? — Were we going to the market?
2. क्या मोहन अपने नौकर को गाली दे रहां था ? — Was Mohan abusing his servant?
3. क्या वे लड़के शोर नहीं मचा रहे थे ? — Were those boys not making a noise ?
4. कितने लड़के मैदान में खेल रहे थे? — How many boys were playing in the field ?
5. किसान अपना खेत क्यों नहीं जोत रहा था ? — Why was the farmer not ploughing his field ?
6. वह कमरे में क्या कर रहा था ? — What was he doing in the room ?
7. कक्षा में कौन रो रहा था ? — Who was weeping in the class ?

JAC Class 9 English Grammar Tenses Exercises

Rule 1. Interrogative sentences में Was या Were कर्ता से पहले लगाते हैं और verb में ‘ing’ लगा देते हैं। वाक्य में सबसे पहले ‘क्या’ हो तो ‘क्या’ के लिये what नहीं लगाते। (देखिये वाक्य नं. 1, 2)
Rule 2. यदि वाक्य के बीच में प्रश्नसूचक शब्द ‘क्यों’, ‘क्या’, ‘कब’, ‘कहाँ’, ‘ कैसे’ आदि में से कोई दिया हो तो सबसे पहले उसकी अंग्रेजी लगाकर फिर was या were को लगाते हैं। (देखिये वाक्य नं. 5 तथा 6)
Rule 3. How much, How many आदि के साथ उनसे सम्बन्धि nouns भी लगाते हैं। (देखिये वाक्य नं. 4)
Rule 4. अगर वाक्य में प्रश्नवाचक शब्द अर्थात् ‘ कौन’ ही कर्ता का कार्य कर रहा हो, तो सबसे पहले उसकी अंग्रेजी, उसके बाद was या were लाते हैं, तत्पश्चात् verb में ‘ing’ लगाते हैं। (देखिये वाक्य नं. 7)
Rule 5. Negative Interrogative sentences में मुख्य क्रिया से पहले not लगा देते हैं। (देखिये वाक्य नं. 3) प्रयोग (Uses)

1. इसका प्रयोग ऐसे कार्य के लिए किया जाता है जो भूतकाल में जारी रहा हो। जैसेHe was lying in the sun. वह धूप में लेटा हुआ था।
2. इसका प्रयोग ऐसे कार्य के लिए भी होता है जो भूतकाल में कुछ समय तक जारी रहा हो और उसी बीच कोई दूसरा कार्य भी हुआ हो। इस दूसरे कार्य के लिए जो तुरन्त समाप्त हो जाता है, Simple Past Tense का प्रयोग करते हैं तथा जिस Clause में कार्य जारी रहा हो उसमें Past Continuous का प्रयोग करते हैं। जैसे-

JAC Class 9 English Reading Comprehension Unseen Passages 23

3. इसका प्रयोग ऐसे दो या दो से अधिक वाक्यों के लिए भी होता है जो भूतकाल में साथ- साथ जारी रहे हों। ये प्राय: while से जुड़े होते हैं। जैसे-I was reading a story while Hari was writing letters.
4. यदि इस tense के वाक्य के साथ time दिया हो तो वह यह दर्शाता है कि कोई कार्य उस समय पर लगातार चल रहा था। जैसे – At 3:00 p.m. they were playing tennis.
5. कहीं घटित हो रही घटना का वर्णन करने के लिए। जैसे- My father was reading newspaper.
पहचान : इस प्रकार के वाक्यों की कोई विशिष्ट पहचान नहीं होती, परन्तु इन वाक्यों में at that time, at that moment, those days, then जैसे Adverbials आते हैं। इसी प्रकार while से जुड़े दो वाक्यों में से यदि एक वाक्य Past Continuous में हो तो दूसरा भी इसी Tense में मानना चाहिए।

Exercise 9.

Fill in the blanks with Past Indefinite or Past Continuous :

1. When I ……………………… to school, I ……………………… Jaya. (walk, see)
2. When I ……………………… in the kitchen, Maya (help, come)
3. While she …………….. the food, the children …………….. (cook, play)
4. While they …………….. cards, the baby …………….. (play, sleep)
5. When I …………….. in the garden, my uncle …………….. me. (work, call)
6. Arvind …………….. TV, while Varsha and Rani …………….. football. (watch, play)
7. When she …………….. tennis, it …………….. to rain. (play, begin)
8. The boys in the garden, while she .,……………… the flowers. (help, water)
9. He …………….. Mary, when he …………….. through the park. (meet, walk)
10. We …………….. computer gaines, while she …………….. a book. (play, read)
Answer:
1. was walking, saw
2. was helping, came
3. was cooking, were playing
4. were playing, was sleeping
5. was working, called
6. was watching, were playing
7. was playing, began
8. were helping, was watering
9. met, was walking
10. were playing, was reading.

Exercise 10.

Fill in the blanks with Past Indefinite or Past Continuous:

1. They …………….. (play) cards, when the postman …………….. (come).
2. I …………….. (sweep) the floor, when I …………….. (hear) a noise.
3. She …………….. (watch) TV, when the doorbell …………….. (ring).
4. We …………………. (hear) a cry and …………………………….. (run) into the kitchen.
5. When the phone …………….. (ring), mom …………….. (work) in the garden.
6. Veena …………….. (take) a photo, when I (run) into the kitchen.
7. They ………………….. (read) a book, when the lights …………….. (work) in the garden.
8. While Gautam …………….. (repair) his bike, Ramesh …………….. (go) out.
9. We …………….. (talk) about the movie while we ……………..(play) computer games.
10. They …………….. (forget) their lunch at home last Friday.
Answer:
1. were playing, came
2. was sweeping, heard
3. was watching, rang
4. heard, ran
5. rang, was working
6. took, was dancing
7. were reading, went
8. was repairing, was playing
9. talked, were walking
10. forgot.

3. Past Perfect Tense

1. इस Tense के वाक्यों में भूतकाल में किसी कार्य का निश्चित अवधि से पहले समाप्त हो जाना पाया जाता है अथवा दो कार्य भूतकाल में समाप्त होते हैं, एक पहले तथा दूसरा बाद में।
2. इन वाक्यों के अन्त में साधरणतया ‘चुका था’, ‘चुकी थी’, ‘चुके थे’, ‘या था’, ‘ये थे’ आदि शब्द आते हैं।

(A) Affirmative (Positive) Sentences
Pattern – Subject had V3 …………

1. वर्षा होने से पहले हम घर पहुँच चुके थे।
We had reached home before it rained.

2. मेरे स्टेशन पहुँचने से पहले गाड़ी छूट चुकी थी।
The train. had started before I reached the station.

3. अपना पाठ याद करने के पश्चात् राम स्कूल चला गया।
Ram went to school after he had learnt his lesson.

Rule 1. एकवचन तथा बहुवचन कर्ता दोनों के साथ ‘had’ लगाकर verb की third form लगाते हैं।

Rule 2. जिन वाक्यों में दो कार्य भूतकाल में पाये जायें उनमें से जो काम पहले समाप्त हो चुका हो उसको Past Perfect Tense में अर्थात् कर्ता, फिर had, इसके बाद क्रिया की third form लगाते हैं और जो कार्य बाद में हुआ हो उसको Past Indefinite में बनाते हैं अर्थात् सबसे पहले कर्ता और फिर verb की second form लगाते हैं। (देखिये वाक्य नं. 1, 2)

Rule 3. वाक्यों में ‘पश्चात्’ या ‘बाद’ शब्द प्रयोग होने पर बाद में होने वाला कार्य प्रधान उपवाक्य (Principal clause) होगा तथा पहले होने वाला कार्य आश्रित उपवाक्य (Subordinate clause) होगा। ऐसी स्थिति में Principal clause में प्रत्येक कर्ता के साथ क्रिया की second form का प्रयोग होगा तथा Subordinate clause में had के साथ क्रिया की third form का प्रयोग होगा। (देखिये वाक्य नं. 3)

JAC Class 9 English Grammar Tenses Exercises

(B) Negative Sentences.
Pattern – Subject

1. मैंने यह घर पहले नहीं देखा था।
I had not seen this house before.

2. डॉक्टर के आने से पहले मरीज मरा नहीं था।
The patient had not died before the doctor came.

3. पुलिस के आने से पूर्व चौर भाग नहीं चुका था।
The thief had not ruin away before the police came.
Rule – Negative sentences में had के आगे not का प्रयोग करते हैं।

(C) Interrogative Sentences
Pattern – Had + Subject + V3 …….?

1. क्या मेरे स्कूल पहुँचने से पहले घण्टा बज चुका था ?
Had the bell rung before I reached school ?

2. क्या बस छूटने से पहले हम बस स्टैण्ड नहीं पहुँच गये थे ?
Had we not reached the bus-stand before the bus started?

3. सूरज छिपने से पहले कितने बच्चे सो चुके थे ?
How many children had slept before the sun set?

4. हमारे आने से पहले वह लड़की कौन-सा गाना गा चुकी थी ?
Which song had that girl sung before we came?

5. मेरे सोने से पहले तुम पत्र क्यों लिख चुके थे ?
Why had you written a letter before I slept?

6. डॉक्टर साहब के जाने के बाद रोगी ने क्या खाया था ?
What did the patient eat after the doctor had gone ?

Rule 1. प्रश्नवाचक वाक्यों में यदि ‘क्या’ सबसे पहले आये तो Had को subject से पहले ले आते हैं। ऐसे वाक्यों में what का प्रयोग नहीं करते हैं। (देखिये वाक्य नं. 1,2 )
Rule 2. अगर वाक्य के बीच में प्रश्नवाचक शब्द हो तो अनुवाद करते समय उसकी अंग्रेजी सबसे पहले आती है, फिर had आता है, फिर कर्ता और फिर verb की third form आती है। (देखिये वाक्य नं. 5)
Rule 3. कितने, कितना, कौन-सा, किसको आदि प्रश्नवाचक शब्दों के साथ उनसे सम्बन्ध रखने वाले nouns भी लगाते हैं। (देखिये वाक्य नं. 3 और 4 )
Rule 4. Negative Interrogative sentences में subject के बाद not लगाते हैं। (देखिये वाक्य नं. 2)
संकेत – ‘बाद’ वाले वाक्यों के पहले भाग में did लगाते हैं। (देखिये वाक्य नं. 6)

प्रयोग (Uses)

1. इस Tense का प्रयोग ऐसे कार्य के लिए होता है जो भूतकाल में किसी दूसरे कार्य से पहले समाप्त हो गया हो अर्थात् जो कार्य पहले हो जाता है, उसमें Past Perfect Tense का प्रयोग होता है तथा जो कार्य बाद में होता है, उसमें Simple Past Tense का प्रयोग होता है। ऐसे दो वाक्यों को जोड़ने के लिए before, when, after, till, until आदि Conjunctions का प्रयोग होता है। जैसे-

  • They had practised before they did it. या Before they did it they had practised. (यहाँ पर ‘they had practised’ कार्य पहले हुआ है तथा ‘they did it’ बाद में हुआ है।)
  • He had seen the ball before he hit it.
  • He had worked very hard before he finally won.
  • He went out after the rain had stopped.
    (‘The rain had stopped’ यह कार्य पहले हुआ है। ‘He went out’ यह कार्य बाद में हुआ है।)
    या
    After the rain had stopped, he went out.

नोट – (a) after के पश्चात् सामान्यतया Past Perfect का प्रयोग होता है।
अर्थात्
After + Past Perfect + Past Indefinite या Past Indefinite + after + Past Perfect

(b) सामान्यतया before के पश्चात् वाला Clause Past Indefinite में होता है।
अर्थात्
Past Perfect + before + Past Indefinite या Before + Past Indefinite + Past Perfect

(i) He had liked it before this happened.
(ii) The report had been ready before you spilled the coffee.

(c) till/until के साथ
till/until + Past Indefinite + Past Perfect का प्रयोग किया जाता है।
He had been healthy until he started overeating.

Note :
(a) जब दो कार्य साथ-साथ हो रहे हों तो दोनों में Simple Past Tense का प्रयोग करते हैं। जैसे As soon as he saw the police, he ran away.

(b) भूतकाल की अकेली घटना के लिए इस Tense का प्रयोग नहीं हो सकता है। जैसे-
I had finished my work yesterday. — (Incorrect)
Ifinished my work yesterday. — (Correct)

2. Direct Speech के Simple Past Tense या Present Perfect Tense, Indirect Speech में Past Perfect Tense में बदल दिये जाते हैं। जैसे-
Direct : He said, “I left the school a few months ago.”
Indirect : He said that he had left the school a few months before.
Direct : Sita said, “I have already read this book.”
Indirect : Sita said that she had already read that book.

JAC Class 9 English Grammar Tenses Exercises

3. इस Tense का प्रयोग ऐसे Conditional Clause में होता है जिसमें शर्त भूतकाल में पूरी न हुई हो। Conditional Sentences Type – III के साथ।

Pattern : If + Past perfect + ……………………. would have/should have +V3
If you had reached the station in time, you would have met your friend. :
यदि तुम समय से स्टेशन पहुँच गये होते तो तुम्हें तुम्हारा मित्र मिल गया होता। (लेकिन नहीं मिला।).

4. भूतकाल (Past Time) की किसी अपूर्ण इच्छा को व्यक्त करने के लिए इस. Tense का प्रयोग wish, would sooner/rather, if only, as if, as though के साथ होता है। जैसे-.
(i) I wish I hadn’t telephoned her ( = I am sorry I telephoned her).
(ii) If only I had seen the thief ( = but couldn’t see).

Exercise 11.

Fill in the blanks with Past Indefinite and Past Perfect Tense :

1. After Columbus ……………….. (discover) America, he ……………….. (return) to Spain.
2. Before they ……………….. (move) to Udaipur, they ……………….. (sell) everything.
3. After he ……………….. (work) very hard, he ……………….. (fall) ill.
4. She ……………….. (open) the box after she ……………….. (find) the key.
5. Before he ……………….. (move) away from the lawn, he ……………….. (pick) some roses.
6. They………………..  (drink) a cup of tea after they (finish) lunch.
7. He ……………….. (ask) me for her telephone number before he ……………….. (phone) her.
Answer:
1. had discovered, returned
2. moved, had sold
3. had worked, fell
4. opened, had found
5. moved, had picked
6. drank, had finished
7. had asked, phoned.

Present Perfect व Past Perfect में अंतर
Present Perfect का प्रयोग ऐसे कार्यों को व्यक्त करने के लिए किया जाता है जो भूतकाल में शुरू होकर वर्तमान तक चला हो। जैसे-

(i) Who is that boy?
I have never seen him.

(ii) The room is dirty.
Nobody has cleaned it for a long time.

Past Perfect का प्रयोग ऐसे कार्य को व्यक्त करने के लिए किया जाता है जो भूतकाल में ही शुरू होकर भूतकाल में ही समाप्त हो गया हो । जैसे-

(i) I didn’t know who he was. I had never seen him. (= उस समय से पहले)

(ii) The room was dirty. Nobody had cleaned, it for a long time.


Exercise 12.

Fill in the blanks with the Present Perfect or Past Perfect:

1. They ……………….. (go) on a trip to Jaipur before moving to Kota.
2. She ……………… (cut) her hair but she didn’t like it.
3. He ……………… (work) here since last spring when he had an accident.
4. Someone ……………… (steal) my car.
5. They …………………….. (not come) to his party because they were sick.
6. When I went to park the car, I found that someone ……………… (steal) my car.
7. They told that I ……………… (lose) my chance.
Answer:
1. had gone
2. had cut
3. had worked
4 has stolen
5. had not come
6. had stolen
7. had lost

4. The Past Perfect Continuous Tense

इस Tense के वाक्यों से प्रकट होता है कि कार्य भूतकाल में किसी समय प्रारम्भ होकर उसके बाद तक चलता रहा। भूतकाल में कार्य जारी रहने का समय दिया होता है। अंग्रेजी में अनुवाद करने के नियम

1. सभी प्रकार के Subjects के साथ had been लगाकर क्रिया के First Form के अन्त में ing लगाते हैं।
Pattern : Subject had been + V1 (ing) + object + for/since + time. जैसे-
(i) He had been studying for two hours last night.
(ii) I had been walking in the park since yesterday morning.

2. Negative Sentences में had के ठीक बाद not लगाते हैं।
जैसे- It had not been raining yesterday since morning.

3. प्रश्नवाचक वाक्यों में had को कर्ता से पहले रखते हैं।
जैसे- Had your brotherbeen buying toys for two hours yesterday?

प्रयोग (Uses)
इसका प्रयोग ऐसे कार्य के लिए होता है जो भूतकाल में किसी समय से प्रारम्भ होकर भूतकाल में ही किसी समय तक जारी रहा हो। इस tense के वाक्य में since/for/all के साथ समय के साथ ही साथ एक और भूतकाल का समय या clause अवश्य ही दिया हुआ होता है। जैसे –
(i) When he came, I had been watching TV for two hours.
(ii) When he came, I was very tired. I had been working all day.

Exercise 13

Fill in the blanks with the Past Perfect or the Past Perfect Continuous form of the verbs given in the brackets.

1. Radha …………. (prepare) a beautiful meal for her guests and everybody enjoyed it.
2. When I reached there, he…………….(sing) for two hours.
3. The children ………………… (do) their homework and by 11 o’clock they still hadn’t finished.
4. When I entered the office, I found that a clerk was sleeping. He …………..  (sleep) in the office all afternoon.
5. When it started raining, we …………..  (play) cricket for an hour.
6. It was 6 p.m. and I was tired because I ………….. (work) hard all day.
Answer:
1. had prepared
2. had been singing
3. had been doing
4. had been sleeping
5. had been playing
6. had been working

The Present Perfect Continuous and the Past Perfect Continuous में अन्तर
JAC Class 9 English Reading Comprehension Unseen Passages 24

JAC Class 9 English Grammar Tenses Exercises

Exercise 14.

Fill in the blanks with the Present Perfect Continuous or the Past Perfect Continuous Tense.

1. I was tired. I ………….. (work) all day.
2. We ………….. (wait) for your phone call all evening.
3. I ………….. (stand) here since 9 o’clock.
4. She ………….. (learn) English for two months before she visited London.
5. It started raining yesterday and it ………….. (rain) ever since.
6. They ………….. (send) me message about it everyday for the last week
Answer:
1. had been working
2. have been waiting
3. have been standing
4. had been learning
5. has been raining
6. have been sending.

Exercise 15.

Fill in the blanks with the correct form of the verbs given in the brackets:

1. Hari the game when I went to his house ……………… (play)
2. When we reached his home, he plants. …………….. (water)
3. Sita her work before I went to her …………….. (complete)
4. As soon as he saw the teacher, he away. …………….. (run)
5. When I went to Sita, she a letter. …………….. (write)
6. When we reached the hospital, the patient …………….. (die)
7. If he me, I would have helped him. ……………… (ask)
Answer:
1. was playing
2. was watering
3. had completed
4. ran
5. was writing
6. had died
7. had asked.

Future Action

आर्धुक अंग्रेजी में केवल दो ही tenses होते हैं- Present तथा Past. Future समय होता है जिसे निम्नलिखित प्रकार से व्यक्त किया जा सकता है-

1. The Simple Present W Present Indefinite
2. Will + infinitive – इरादा व्यक्त करने के लिए।
3. The Present Continuous Tense
4. The “be + going to” form
5. The Future Simple
6. The Future Continuous
7. The Future Perfect
8. The Future Perfect Continuous

1. The Simple Present for Future Action
इस tense का प्रयोग निम्नलिखित स्थितियों में Future Action को व्यक्त करने के लिए किया जा सकता है-

(A) जब कोई Future Action निश्चित Time-Table के अनुसार हो-
(i) Our school opens at 10:30 a.m.
(ii) I go to cinema tonight.
(मैं आज सिनेमा जा रहा हूँ परन्तु यह plan सम्भवतया मेरे द्वारा नहीं बनाया गया है। यह plan का एक हिस्सा है।) अर्थात् इसके द्वारा व्यक्त किया गया कार्य impersonal हृोता है। इसमें कर्ता का कोई involvement नहीं होता है। जबकि Present Continuous व्यक्तिगत होता है। जैसे-
I am going to cinema tonight. (यह मेरा अपना व्यक्तिगत plan है।)

(B) इसका प्रयोग औपचारिक घोषणाओं के साथ किया जाता है जो कि future plan से संबंधित होंजैसे – Wall Mart opens a new store at Kota next week.
जबकि Present Continuous अनौपचारिक होता है। जैसे-
I am opening a new store at Kota next week.

(C) Series of Future Actions (जब भविष्य की योजना एक शृंखला के रूप में हो) विशेष तौर पर यात्रा संबंधी Future plan के लिए भी इसी का प्रयोग किया जाता है। जैसे-
We leave at 7:00, arrive Jaipur at 11:00 and take the train for Kota at 11:30 …… .

(D) Time Clause के साथ-
(i) She will phone when she reaches home. (जब वह घर पहुँच जाएगी तो वह फोन करेगी।)
(ii) Wait here, until I return. (जब तक मैं नहीं लौट्टूँ यहीं इंतजार करो।)

2. Will + infinitive (will + I form of Verb)
इस form का प्रयोग ऐसे Future Action को व्यक्त करने के लिए किया जाता है जिसको करने का निश्चय बोलते समय ही किया गया हो। ये कार्य पूर्वनियोजित नहीं होते हैं। जैसे-
(i) Mother : The milk is boiling.
Son : I will put out the stove.

(ii) Waiter: What would you like to have?

Customer : I will have a potato paratha.
परन्तु यदि किसी कार्य को करने का निर्णय कर लेने के पश्चात् वक्ता उस कार्य का वर्णन दोबारा करे तो be going to या Present Continuous का ही प्रयोग किया जायेगा will + infinitive का नहीं। जैसे-

उपरोक्त उदाहरण
(i) में mother कंहेगी Tom is putting out/going to put out the stove.
उदाहरण
(ii) में Customer से यदि दोबारा कोई पूछता है तो वह कहेगा-
I am having/am going to have a potato paratha.

3. The Present Continuous for Future Action
(a) इसका प्रयोग निकट भविष्य में definite arrangement को व्यक्त करने के लिए किया जाता है। जैसे-I am buying a new car next week.
इस वाक्य से तात्पर्य है कि मैंने कार खरीदने की पक्की योजना बना ली। मैंने model भी बुक करा दिया है। I am seeing my dentist tonight, से तात्पर्य है कि मैंने dentist से मिलने का समय व इजाजत ले ली है।

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(b) निम्नलिखित प्रकार की क्रियाओं के साथ Present Continuous का प्रयोग किया जाता है। ये बगैर किसी definite arrangement के एक decision या plan को व्यक्त करती हैं।
ये क्रियाएँ हैं-

  • एक स्थान से दूसरे स्थान को गति (movement) बताने वाली verbs – go, come, arrive, reach, drive, sail, fly, start, travel इत्यादि
  • Position बतानी वाली क्रियाएँ- stay, remain इत्यादि ।
  • खाना तथा पीना बताने के लिए do तथा have जैसे-

(i) I am going home.
(ii) We are flying to New York.
(iii) She is staying at home.
(iv) He is not doing anything.

(c) जिन Verbs का प्रयोग Continuous Tense में नहीं किया जा सकता है उनका प्रयोग Future Simple में ही करते हैं। जैसे-
(i) You will understand it tomorrow.
(ii) The principal will think over it.

4. The ‘be going to’ form used for intention
Form – ‘be goint to’ +  की I form
इस form का प्रयोग कर्त्ता के किसी Future Action को करने के इरादे (Intention) को व्यक्त करने के लिए किया जाता है। यह इरादा हमेशा ही पूर्व नियोजित होता है और यह भी पता चलता है कि इसके लिए कुछ तैयारी भी कर ली गई है। अर्थात् be going to द्वारा व्यक्त किये गये

Future Action के घटित होने की पूरी सम्भावना होती है।
(A) समय के साथ निकट भविष्य में होने वाले कार्य को व्यक्त करने के लिए Present Continuous के स्थान पर इसका प्रयोग किया जा सकता है। जैसे-

  • I am receiving my mother at the station at 9:00.
  • I am going to receive my mother at the station at 9:00.

परन्तु दोनों ही वाक्यों के कार्य में arrangement का अन्तर है।
वाक्य (i) बताता है कि यहाँ पर arrangement है। मैं अपनी माताजी को receive कर रहा हूँ जिसके बारे में उन्हें पता है।
वाक्य (ii) में arrangement नहीं है। हो सकता है कि मेरी माताजी मुझे देखकर चौंके।

(B) The ‘be going to’ form का प्रयोग हमेशा ही पूर्वनियोजित इरादों तथा intention + plan को व्यक्त करने के लिए किया जाता है जबकि will + infinitive form का प्रयोग ऐसे इरादों को व्यक्त करने के लिए किया जाता है जो कि पूर्व-नियोजित नहीं होते हैं। इसलिए यदि किसी कार्य को करने की तैयारी कर ली गई है तो be going to का ही प्रयोग किया जायेगा। जैसे-

(i) A : Why are you buying a soap ?
B : I am going to wash my clothes.
(ii) A : I am cooking rice but I don’t know how to cook them ?
B : Don’t worry, I will be teaching you everything.

(C) सामान्यतया will + infinitive का प्रयोग I person के साथ intention व्यक्त करने के लिए किया जाता है। II तथा III person के साथ intention को व्यक्त करने के लिए सामान्यतया ‘be going to’ का प्रयोग किया जाता है। जैसे –

  • They are going to join American Institute.
  • He is going to join American Institute.

लेकिन won’t का प्रयोग सभी persons के साथ negative intention व्यक्त करने के लिए किया जाता है जिसका तात्पर्य refusal होता है। He won’t come. (वह आने से इंकार करता है।)

Exercise 16.

Fill in the blanks with Present Continuous or ‘be going to’ form of the verbs given in the brackets:

1. I ……………. (play) tennis with Radha and Ravi.
2. I ……………. (have) some friends for dinner tomorrow.
3. I ……….. (get) my hair cut tomorrow.
4. Our school ………… (start) French next term.
5. I ………… (spend) a few days in Jaipur next month.
6. Panchayat ………… (build) a new school building here.
7. He ……………. (leave) tomorrow.
8. I ……………. (giving) her a gift on her birthday.
9. She ……………. (see) a dentist next week.
10. He ……………. (wash) his car.
Answer:
1. am playing
2. am having
3. am getting
4. is starting
5. am spending
6. is going to build
7. is leaving
8. am giving
9. is seeing
10. is going to wash.

Exercise 17.

Fill in the blanks with Present Indefinite or Present Continuous for Future Action :

1. I ………… (take) my wife out for dinner tonight.
2. The 10:30 train ……………….. (return) by 14:20.
3. The girls and I ……………….. (go) out tonight.
4. At 7:00 a.m., we ……………….. (leave) for Kota.
5. The return train ……………….. (depart) one hour late.
6. We ……………….. (see) each other sometime in the future.
7. ……………….. you ……………….. (go) to the cinema tonight?
Answer:
1. am taking
2. returns
3. are going
4. leave
5. departs
6. are seeing
7. Are, going.

1. The Future Simple

वैसे तो आधुनिक व्याकरण में कोई Future Tense नहीं होता है लेकिन सुविधा के लिए will/shall + bare infinitive (verb की I form) को Future Simple के रूप में व्यक्त किया जाता है।

  • इस प्रकार के वाक्यों में काम का होना या करना भविष्यत्काल में पाया जाता है।
  • वाक्य के अन्त में गा, गी, गे पाये जाते हैं।

(A) Affirmative (Positive) Sentences
Pattern – Subject + will/shall +V1 ……………

1. मैं एक पत्र लिखूँगा। — I shall write a letter.
2. हम कल स्कूल जायेंगे। — We shall go to school tomorrow.
3. तुम एक किताब पढ़ोगे। — You will read a book.
Rule – अंग्रेजी में अनुवाद करते समय I और We के साथ shall और अन्य subjects के साथ will लगाकर verb की first form लगाते हैं।

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(B) Negative Sentences
Pattern – Subject + will/shall + not +V1 ……………

1. मैं कल अलीगढ़ नर्ही जाऊँगा। — I shall not go to Aligarh tomorrow.
2. लड़के दिन में नहीं सोयेंगे। — The boys will not sleep in the day.
Rule – Negative sentences में will या shall के पश्चात् not लगा देते हैं।

(C) Interrogative Sentences

Pattern – Will/Shall + Subject +V1 ……………
1. क्या वह तुमको कुछ कलमें देगा ? — Shall we eat mangoes?
2. क्या हम आम खायेंगे ? — Will he give you some pens?
3. क्या तुम्हारे भाई कल नहीं आयेंगे ? — Will your brothers not come tomorrow ?
4. सीता कौन-सा गाना गायेगी ? –Which song will Sita sing?
5. वह कितनी पुस्तकें खरीदेगा ? — many books will he buy?
6. हम कल कहाँ जायेंगे ? — Where shall we go tomorrow ?
7. तुम्हारे पुत्र को कौन पीटेगा ? — Who will beat your son ?

Rule 1. जिन वाक्यों में ‘क्या’ सबसे पहले आये, अंग्रेजी में अनुवाद करते समय Shall या Will वाक्य में subject से पहले ले आते हैं। (देखिये वाक्य नं. 1 और 2 )

Rule 2. यदि वाक्य के बीच में प्रश्नवाचक शब्द हो तो उसकी अंग्रेजी सबसे पहले लगाते हैं, उसके पश्चात् shall या will, फिर verb की first form लगाते हैं। (देखिये वाक्य नं. 6)

Rule 3. How much, How many, Whose, Which के साथ उनसे सम्बन्धित noun भी लगाते हैं। (देखिये वाक्य नं. 4 व 5 )

Rule 4. अगर कोई प्रश्नवाचक शब्द subject का कार्य कर रहा है तो उसकी अंग्रेजी सबसे पहले लगाते हैं, फिर will या shall फिर verb की first form लगाते हैं। (देखिये वाक्य नं. 7)

Rule 5. Negative Interrogative sentences का अनुवाद Interrogative Affirmative sentences की तरह ही होगा केवल Subject के बाद not लग जाता है। (देखिये वाक्य नं. 3 )

प्रयोग (Uses) – इसका प्रयोग निम्नलिखित कार्यों के लिए होता है-
(a) वक्ता की भविष्य के बारे में राय, विचार, तुलना इत्यादि व्यक्त करने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है। जैसे-
(i) She will get first division. ( मुझे पक्का विश्वास है।)
(ii) We will find the teacher at home. (सम्भवतया)
(iii) My brother will sell his car. ( मेरा मानना है।)
इस tense का प्रयोग time-expression के साथ तथा इसके बगैर भी किया जा सकता है।

(b) इसका प्रयोग Future के उन habitual actions के साथ किया जा सकता है जो हमारे विचार से भविष्य में हो सकते हैं। जैसे-
(i) Summer will come again.
(ii) People will plough their fields.

(C) Conditional Sentences type-I के साथ-
If + Present + Future
If you come to me, I’ll help you.

(d) Time Clause के साथ Future बताने के लिए-
Future + Time Clause in Present
We’ll go home when he comes.

Exercise 18.

Fill in the blanks with Present Continuous or Future Simple:

1. I ………………. (not reply) you unless you write to me.
2. I ……………….(wait) here until she comes back.
3. If you don’t work hard, you …………….. (not pass) this year.
4. Our class ………………. (play) a friendly football match next Sunday.
5. My mother …………… (come) on Monday.
6. She …………… (go) again next Monday.
7. He…………… (know) about it tonight.
Answer:
1. will not reply
2. shall wait
3. will not pass
4. is playing
5. is coming
6. is going
7. will know.

2. The Future Continuous

इन वाक्यों के अन्त में ‘रहा होगा’, ‘रही होगी’, ‘रहा हूँगा’, ‘रहे होंगे’ आदि पाया जाता है।

(A) Affirmative (Positive) Sentences
Pattern – Subject + will/shall + be + V1 (ing) ……
1. मैं अपना पाठ याद कर रहा हूँगा। I shall be learning my lesson.
2. वह एक पत्र किख रही होगी। She will be writing a letter.
Rule 1. I और we के साथ shall be लगाते हैं और verb की I form में ‘ing’ लगाते हैं।
Rule 2. शेष सब कर्ताओं के साथ will be लाकर verb की I form में ‘ing’ लगाते हैं।

(B) Negative Sentences
Pattern – Subject + will/shall + not + be + V1 (ing) ……?
1. मैं कक्षा में नहीं पढ़ रहा हूँगा।  — I shall not be reading in the class.
2. वे लड़कों को नहीं पढ़ा रहे होंगे। — They will not be teaching the boys.
Rule – Negative sentences में will या shall के बाद not लगाते

(C) Interrogative Sentences
Pattern – Will/Shall + Subject + be +V1 (ing) …… ?
1. क्या वह अपना पाठ याद कर रहा होगा ? — Will he be learning his lesson?
2. क्या मैं अपने गाँव पैदल जा रहा हूँगा ? — Shall I be going to my village on foot?
3. तुम्हारे पिताजी कल कहाँ जा रहे होंगे ? — Where will your father be going tomorrow ?
4. वह अपनी पुस्तक क्यों नहीं पढ़ रहा होगा ? — Why will he not be reading his book ?
5. कमरे में कितने लड़के सो रहे होंगे ? — How many boys will be sleeping in the room ?
6. मैदान में कौन खेल रहा होगा ? — Who will be playing in the field?

Rule 1. जिन वाक्यों में सबसे पहले ‘क्या’ लगा हो उनका अनुवाद करते समय Will या Shall वाक्य में सबसे पहले लगाते हैं। उसके बाद कर्ता, फिर be और इसके पश्चात् verb की I form में ‘ing’ लगाते हैं। (देखिये वाक्य नं. 1 तथा 2)
Rule 2. अगर वाक्य के बीच में प्रश्नवाचक शब्द हो तो उसकी अंग्रेजी सर्वप्रथम लाकर will या shall लगाते हैं। (देखिये वाक्य नं. 3)
Rule 3. How much, How many, Which के साथ उनसे सम्बन्धित nouns भी लगाते हैं। (वाक्य नं. 5)
Rule 4. यदि प्रश्नवाचक शब्द Who कर्ता का कार्य कर रहा हो तो सबसे पहले उसे लाकर will be या shall be लगाते हैं। (देखिये वाक्य नं. 6)
Rule 5. Negative Interrogative sentences में be से पहले not और लगा देते हैं। (देखिये वाक्य नं. 4)

प्रयोग (Uses) — इसका प्रयोग निम्नलिखित स्थिति में किया जाता है-
(a) एक सामान्य Continuous Tense की तरह-
अन्य Continuous Tenses की ही तरह से सामान्यतया इसका प्रयोग समय बिन्दु के साथ किया जा सकता है। कोई action जो कि भविष्य में उस समय के पूर्व शुरू होकर उसके कुछ समय पश्चात् भी चलता रहेगा।
JAC Class 9 English Reading Comprehension Unseen Passages 25

(b) To express future without intention –
जब कोई कार्य Future में बगैर किसी intention के घटित होता है तो भी इसका प्रयोग किया जाता है। इसमें कर्ता का कोई involvement नहीं होता है। ये कार्य स्वतः ही होते हुए पाये जाते हैं। जैसे-
(i) I will be seeing Ms Rita tomorrow. We work in the same office.
(ii) We will be travelling next Sunday at this time.
Future Continuous तथा Present Continuous में अंतर
Present Continuous में arrangement होता है जबकि Future Continuous में intention तथा arrangement नहीं होता है। जैसे-
I am seeing Ms Rita tomorrow. से तात्पर्य है कि मैंने रीता से कल मिलने का समय लिया है। जबकि
I will be seeing Ms Rita tomorrow. से तात्पर्य है कि हो सकता है कि दोनों एक ही office में कार्य करते हैं और यह उनके routine का कार्य है। यहाँ पर न तो intention है और न ही arrangement है।

Exercise 19

Fill in the blanks with will + infinitive or Future Continuous of the verbs given in the brackets.

1. Kamal : We have missed the train.
Naman : Never mind, we ………….. (walk)

2. Teacher : Your hands are dirty.
Student : All right, I ………….. (wash) them.

3. Mother : You have left the tap running.
Son : So, I have. I ………….. (turn) it off.

4. Everything is ready. Our chief guest …………. (arrive) any minute.
5. She …………….. (come) if you ask her.
Answer:
1. will walk
2. will wash
3. will turn
4. will be arriving
5. will come.

JAC Class 9 English Grammar Tenses Exercises

3. The Future Perfect

ऐसे वाक्यों के अन्त में ‘चुकेगा’, ‘चुकूँगा’, ‘चुकोगे’ ‘चुका होगा’, ‘कर लिया होगा’ आदि शब्द आते हैं।

(A) Affirmative (Positive) Sentences +V3 ……………. ?

Pattern – Subject + will/shall + have
1. तुम्हारे आने से पहले वह अपना पाठ यांद कर चुकेगा।
He will have learnt his lesson before you come.

2. सात बजने से पहले हम अपना खाना खा चुके होंगे।
We shall have taken our food before it is seven.

Rule 1. यदि एक ही वाक्य में भविष्य में दो कामों का होना पाया जाये तो पहले होने वाले काम के लिये will have या shall have तथा मुख्य verb की third form का प्रयोग करते हैं। दूसरे काम के लिये subject के अनुसार Present Indefinite tense की verb का प्रयोग करते हैं।
Rules 2. I और We के साथ shall have लगाते हैं और बाकी सबके साथ will have लगाते हैं।

(B) Negative Sentences

Pattern – Subject + will/shall + not + have +V3 …………….
1. हरी के आने से पहले वह पत्र नहीं लिख चुकी होगी।
She will not have written the letter before Hari comes.

2. अध्यापक के आने से पहले मैंने अपना काम समाप्त नहीं किया होगा।
I shall not have finished my work before the teacher comes.
Rule – Negative वाक्यों में will या shall के बाद not लगाते हैं।

(C) Interrogative Sentences

Pattern – Willshall + Subject + have + V3 ……………. ?
1. क्या सात बजने से पहले लड़के मैच खेल चुकेंगे ?
Will the boys have played the match before it is seven ?

2. क्या गाड़ी आने से पहले हम टिकट नहीं ले चुके होंगे ?
Shall we not have taken the tickets before the train arrives?

3. सूरज छिपने से पहले कितने लड़के यहाँ आ चुके होंगे ?
How many boys will have come here before the sun sets ?

4. वर्षा होने से पहले वह कहाँ जा चुका होगा ?
Where will he have gone before it rains?

Rule 1. Interrogative sentences में will या shall सबसे आरम्भ में लगाते हैं। (देखिये वाक्य नं. 1 तथा 2)
Rule 2. अगर वाक्य के बीच में प्रश्नवाचक शब्द दिया हो तो सबसे पहले उसकी अंग्रेजी, फिर will या shall, फिर कर्ता और फिर have के साथ verb की third form लगाते हैं। (देखिये वाक्य नं. 4)
Rule 3. How much, How many, Whose और Which के साथ उनसे सम्बन्ध रखने वाले nouns भी लगाते हैं। (देखिये वाक्य न 3 )
Rule 4. अगर वाक्य Negative Interrogative हो तो subject के पश्चात् not लगा देते हैं। (वाक्य नं. 2)

(Uses)
1. इस Tense का प्रयोग ऐसे कार्य के लिए होता है जो भविष्य में किसी निर्धरित समय तक समाप्त हो चुकेगा। जैसेHe will have retùrned home by next month.
2. इस Tense का प्रयोग समयसूचक Clauses के साथ भी होता है। जो Clause समय बताता है, उसमें Simple Present Tense का प्रयोग होता है। जैसे-

When you come back, I shall have bought the book.
जब तुम वापिस आओगे तो मैं पुस्तक खरीद चुका होऊँगा।
पहचान : प्रायः इन वाक्यों के प्रारम्भ या अन्त में by + time या by the end of (time) दिया हुआ होता है। जैसे-

  • They will have finished their work by evening.
  • We shall have built this building by the end of March.

4. The Future Perfect Continuous

इस Tense के वाक्यों में कार्य का भविष्य काल में जारी रहना पाया जाता है तथा साथ ही साथ समय दिया होता है। वाक्य के अन्त में ‘रहेंगे, रहेगी, रहूँगा, रहोगे, रहेंगी या रहा होगा, रही होगी, रहे होंगे, रही होंगी, रहा हूँगा’ आते हैं। कार्य शुरू होने का समय दिया होता है।

(A) Affirmative (Positive) Sentences

Pattern – Subject + will/shall + have been + V1 (ing) + since / for + time.
1. वे दो घण्टे तक खेलते रहेंगे।
They will have been playing for two hours.

2. हम तीन साल से इस कॉलेज में पढ़ रहे होंगे।
We shall have been studying in this college for three years.

Rule 1 . I और We के साथ shall have been और अन्य subjects के साथ will have been लगाकर verb की first form में ‘ing’ लगाते हैं।
Rule 2. समय दिखाने के लिये since या for का प्रयोग करते हैं।

(B) Negative Sentences
Pattern – Subject + will/shall + not + have been + V1 (ing) + since / for + time.
वह दो वर्ष से कठिन परिश्रम नहीं कर रही होगी।
She will not have been working hard for two years.
Rule – Negative sentences में will या shall के पश्चात् not लगाते हैं।

(C) Interrogative Sentences
Pattern – Will/Shall + subject + have been + V1 (ing) since/for + time.?

1. क्या हम उसका इन्तजार सुबह से करते रहेंगे ?
Shall we have been waiting for him since morning ?

2. क्या वह आलसी लड़का दो घण्टे से सो रहा होगा ?
Will that lazy boy have been sleeping for two hours ?

3. क्या तुम दो दिन से नहीं पढ़ रहे होंगे ?
Will you not have been studying for two days?

4. वे पाँच बजे से अपना समय क्यों नष्ट करते रहेंगे ?
Why will they have been wasting their time since 5 o’clock ?

5. कितने लड़के दोपहर से शोर मचाते रहे होंगे ?
How many boys will have been making a noise since noon?

JAC Class 9 English Grammar Tenses Exercises

Rule 1. वाक्यों के प्रारम्भ में ‘क्या ‘ लगा रहने पर will या shall कर्ता से पहले ले आते हैं। (देखिये वाक्य नं. 1 . तथा 2).
Rule 2. अगर वाक्य के बीच में ‘प्रश्नवाचक शब्द’ हो तो उसकी अंग्रेजी सबसे पहले लगाकर will या shall का प्रयोग करते हैं। (देखिये वाक्य नं. 4 तथा 6 )
Rule 3. How many, How much, Whose, Which के साथ इनसे सम्बन्धित nouns भी लगाते हैं। (देखिये वाक्य नं. 5)
Rule 4. Negative Interrogative Sentences में subject के बाद में not लगाते हैं। (देखिये वाक्य नं. 3)

(Uses)
इस Tense का प्रयोग भविष्य में किसी समय विशेष तक जारी रहने वाले कार्य के लिए होता है।
यदि since/for/all के साथ समय के साथ ही साथ या तो by + time दिया हो या time clause in present हो तो इसका ही प्रयोग होगा।

अर्थात् – By + time + Future Perfect Continuous + since/for +time
या Time clause in Present + Future Perfect Continuaus + since/for + time

जैसे – (1) When he arrives here, they will have been playing since 3 o’clock.
(2) By the end of this month we shall have been working here for two months.

Exercise 20.

Write the correct forms of the verbs given in the brackets in the provided spaces :

1. I …………….. to Mathura tomorrow. (go)
2. He ……………..  me next Sunday. (call)
3. She ……………..  food at this time tomorrow.  (cook)
4. We ……………..  in our new house at this time next Sunday. (sit)
5. I …………….. my courses by tomorrow. her courses by next month. (finish)
7. I …………….. a bath before the day dawns.  (revise)
8. He …………….. ready before the train arrives. (get)
9. My mother ……………..  breakfast for us before the guests arrive. (prepare)
10. By the end of this week, he ……………..  a book for fifteen days. (write)
Answer:
1. shall go
2. will call
3. will be cooking
4. shall be sitting
5. shall have finished
6. will have revised
7. shall take
8. will get
9. will haye prepared
10. will have been writing.

Tense Chart – 1

(Verb ‘To write’ सभी Tenses तथा सभी Forms में)
Note – He, She, It और Singular Subjects के साथ यह तालिका काम देगी ।

JAC Class 9 English Reading Comprehension Unseen Passages 26

Tense Chart II.

(Verb ‘To eat’ सभी Tenses तथा सभी Forms में )
Note – I, We You, They और Plural Subjects के साथ यह तालिका काम देगी । I के साथ Indefinite Tenses में Verb के अन्त में s/es नहीं लगता है । I के साथ continuous में am/was लगता है। Future Tense में I और We के साथ प्रायः shall आता है जबकि they के साथ will का प्रयोग करते हैं।

JAC Class 9 English Reading Comprehension Unseen Passages 27

क्रिया के सही-सही रूप का प्रयोग करने के लिए तथा शुद्ध वाक्य-रचना के लिए Tenses के अतिरिक्त निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखना आवश्यक है :
1. had better, would rather तथा let के साथ क्रिया के First Form का प्रयोग करते हैं। जैसे
(i) You had better wash your face.
(ii) Let me go.

2. क्रिया का वह रूप जो कर्ता एवं काल की सीमा में न रहे अर्थात् कर्ता एवं काल के परिवर्तन से न बदले, Infinitive कहलाता है। ऐसे Verb के First Form के पूर्व to का प्रयोग करते हैं। जैसे –
(i) He goes there to read newspapers.
(ii) He will go there to read newspapers.

Note : इन वाक्यों में to read अपरिवर्तनशील है। किन्तु कुछ क्रियाओं के बाद Infinitive का प्रयोग बिना to के भी होता है। उन क्रियाओं में से कुछ क्रियाएँ, dare, need, hear, feel, know, make, help, let, bid, see इत्यादि हैं । जैसे –
(i) Please help me lift this box.
(iii) She heard me sing.
(ii) You need not worry.
(iv) Let me read.

3. जब Simple Present का Future के अर्थ में प्रयोग हो तो in case, unless, if, when, as soon as के साथ Verb का First Form आता है। अगर Subject एकवचन हो तो क्रिया के साथ $\mathrm{s}$ या es जोड़ दिया जाता है। जैसे-
(i) In case I forget, please remind me to clear your bill.
(ii) He will teach you provided you pay him the money he asks for.

4. have, get, make, cause चार Causatives हैं। जब कर्ता स्वयं कार्य न करके दूसरे से कराता है तो इन Causatives का प्रयोग होता है। इनमें क्रिया की स्थिति इस प्रकार होती है-
(a) Sub + get/cause + doer + Infinitive + Object. (Active Form)
(i) He got a workman to whitewash his house.
(ii) He caused a washerman to wash his clothes.

(b) Sub. + have/make + doer + Verb का First Form + Object. (Active Form)
(i) I have my sister stitch my shirt.
(ii) He made us laugh in the class.

(c) Sub. + get/have + Object + Third Form of the Verb + by (doer). (Passive Form)
(i) She had her chair repaired by a carpenter.
(ii) I got my shoes polished by a cobbler.

5. without, on, for, of, need, help, mind, by, in, after, before, instead of के साथ Verb की First Form में -ing लगाते हैं। जैसे-
(i) He ran without stopping.
(ii) He kept on singing.
(iii) Her hair needs cutting.
(iv) I do not mind your smoking.

JAC Class 9 English Grammar Tenses Exercises

6. Lest के वाक्यांश में सभी कर्ताओं के बाद should + Verb का First Form आता है। जैसेWork hard lest you should fail.

JAC Class 9 English Reading Comprehension Unseen Passages 28

Exercise 21.

Fill in the blanks with the correct form of the verbs given in the brackets

I. I have my clothes …………. by my mother. (wash)
2. He ate all the fruits without (stop)
3. She kept on …………. clothes in her room. (Stitch)
4. We heard her …………. a song. (sing)
5. I requested him to let me …………. my home. (go)
6. He could not help …………. that side. (look)
7. The train…………. before I came. (stop)
8. He …………. out just now. (go)
9. He …………. an hour ago. (come)
10. He …………. asleep while reading. (fall)
11. I shall see him when he …………. (return)
12. The Ganga …………. in the Himalayas. (rise)
13. He …………. tea in childhood. (sell)
14. They…………. in the river last night. (swim)
15. It …………. take your umbrella. (rain)
Answer:
1. washed
2. stopping
3. stitching
4. sing
5. go
6. looking
7. had stopped
8. has gone
9. came,
10. fell
11. returns
12. rises
13. sold/used to sell
14. swam
15. is raining.

JAC Class 9 English Grammar Tenses Exercises

Exercise 22.

Fill in the blanks with the correct form of the verbs given in the brackets

1. Margie always hated school, but now she ……………….. [hate] it more than ever.
2. They ……………….. [make] her learn when she was six years old.
3. The inspeator ……………….. [smile] when he was finished.
4. She ……………….. (hope] they would take the teacher away altogether.
5. Sure they ……………….. [have] a teacher, but it wasn’t a regular teacher.
6. I didn’t say I ……………….. [not like] it.
7. She ………………… [think] about the fun they had.
8. They called her name and she ……………….. [not move]
9. By the time she was eleven her marks ……………….. [deteriorate]
10. By the time she was sixteen, she ………………..  [decide] to make music her life.
11. At the end of her three years course, she ……………….. [capture] most of the top awards.
12. If you work hard and know where you are going, you ……………….. [get] there.
13. My speech is clear because I could hear till I ……………….. [be] eleven.
14. God may have taken her hearing but he ……………….. [give] her back something extraordinary.
15. Emperor Aurangzeb ……………….. [ban] the playing of a musical instrument called pungi in the royal residence.
Answer:
1. hated
2. made
3. had smiled
4. had been hoping
5. had
6. didn’t like
7. was thinking
8. didn’t move
9. had deteriorated
10. had decided
11. had captured
12. will get
13. was
14. has given
15. banned

Exercise 23.

Fill in the blanks with the correct form of the verbs given in the brackets

1. Work hard and you …………………… [make] it.
2. When India ………………….. [gain] independence on 15 august 1947, Bismillah Khan became the first Indian to greet the nation with his shehnai.
3. In the evening when he ……………………  [come] home she stood near the staircase.
4. Go and ……………………  [see] if my paper’s out there.
5. If you ……………………  [stutter] like that mother will have to take you to the doctor.
6. While Alice ……………… [put] her to bed she grew suddenly afraid.
7. When he finally did learn to speak, he ……………………  [lutter] everything twice.
8. Einstein was highly gifted in mathematics and …………………… [interest] in physics.
9. While Einstein ……………………  [solve] the most difficult problems in physics, his private life was unravelling.
10. The pair finally …………………… [marry] in January 1903, and had two Sons.
11. But a few years later, the marriage …………………… [falter]
12. After years of constant fighting, the couple finally …………………… [divorce] in 1919.
13. Einstein …………………… [receive] the Nobel Prize for Physics in 1921.
14 a snake ever …………………… [coil] itseifround anypart ofyourbody?
15. The topic came up when we …………………… [discuss] snakes.
Answer:
1. shall make
2. gained
3. came
4. see
5. stutter
6. was putting
7. uttered
8. interested
9. was solving
10. married
11. faltered
12. divorced
13. received
14. Has, coiled
15. were discussing

JAC Class 9 English Grammar Tenses Exercises

Exercise 24.

Fill in the blanks with the correct form of the verbs given in the brackets

1. I heard a noise from above as I ………………….. [open] the door.
2. I ………………….. [get] up and went out to the veranda for a little air.
3. I ………………….. [go] back into the room and sat down on the chair.
4. One ………………….. [feel] tempted to look into a mirror when it is near one.
5. No sooner had I turned than a fat snake ………………….. [wriggle] over the back of the chair.
6. Doctor, when you ran the snake [follow] you?
7. I ran and ran till I ………………….. [reach] a friend’s house.
8. The Second World War ………………….. [break] out in 1939.
9. This was hardly what I ………………….. [intend]
10. My toothbrush is a thing that haunts me when I ………………….. [travel]
11. I dream that I………………….. [not pack] it.
12. I pack it before l …………………..[use] it.
13. When I ………………….. [finish], George asked if the soap was in.
14. I …………………… [take] my oath I put it down on that chair.
15. I …………………… [see] you do it myself, not a minute ago.
Answer:
1. opened
2. got
3. went
4. feels
5. wriggled
6. did, follow
7. reached
8. broke
9. intended
10. am travelling
11. have not packed
12. have used
13. had finished
14. will take
15. saw

Exercise 25.

Fill in the blanks with the correct form of the verbs given in the brackets

1. The only woman in the world who …………………… [scale] Mt Everest twice was born in a society where the birth of a son was regarded as a blessing.
2. When her mother …………………… [expect] Santosh, a travelling ‘holy man’, giving her his blessing, assumed that she wanted a son.
3. The girl was given the name Santosh, which …………………… [mean] contentment.
4. Where other girls …………………… [wear] traditional Indian dresses, Santosh preferred shorts.
5. The right moment ……………………  [come] when she was sixteen.
6. She would not marry if she …………………… [not get] a proper education.
7. Santosh …………………… [pass] the high school examinations and went to Jaipur.
8. She joined Maharani College and …………………… [get] a room in Kasturba Hostel.
9. One-day l …………………… [decide] to check it out myself.
10. My father …………………… [work] as much as he could to keep my tennis-training going.
11. I never thought of quitting because I …………………… [know] what I wanted.
12. That toughness …………………… [run] through Maria even today.
13. Harris said I …………………… [encourage] him.
14. I …………………… [work] hard at what I do.
15. I …………………… [play] the Olympics for Russia if they want me.
Answer:
1. has scaled
2. was expecting
3. means
4. wore
5. came
6. did not get
7. passed
8. got
9. decide
10. was working
11. knew
12. runs
13. encouraged
14. work
15. will play

JAC Class 9 English Grammar Tenses Exercises

Exercise 26.

Fill in the blanks with the correct form of the verbs given in the brackets:

1. People …………………… [drive] away the wild pigs from the fields by shooting at them.
2. One day an accident …………………… [befall] him.
3. I guessed what …………………… [happen]
4. All the keepers at the zoo said he …………………… [fret]
5. Friends …………………… [conjecture] that the bear would not recognize her.
6. Madam, he …………………… [belong] to the zoo and is Government property now.
7. If my boss …………………… [agree], certainly you may have him back.
8. The way my wife reaches the island and leaves it …………………… [interest]
9. When it …………………… [appear] fully, the goddess inside will escape.
10. If I were propelled by enthusiasm for travel per se, I …………………… [go] by bus and train to Patna.
11. I. …………………… [not think] you’ll be pleased for long.
12. You …………………… [soon stop] being smart.
13. When you know why I …………………… [break] into your little cottage, you will be surprised.
14. Two years ago we …………………… [pass] through the sugarcane fields near Mysore.
15. They …………………… [let] you down if you are not careful.
16. Since then I …………………… [dol nothing but dodge.
17. If you shoot, you …………………… [hang] for sure.
18. He …………………… [ring] up if he sees the police.
19. How do l know that you …………………… [tell] the truth?
20. I think I …………………… [put] it in my next play.
Answer:
1. were driving
2. befell
3. had happened
4. was fretting
5. had conjectured
6. belongs
7. agrees
8. is interesting
9. appears
10. would go
11. don’t think
12. will soon stop
13. have broken
14. were passing
15. will let
16. have done
17. will hang
18. will ring
19. are telling
20. will put

JAC Class 11 Political Science Important Questions Chapter 7 संघवाद 

Jharkhand Board JAC Class 11 Political Science Important Questions Chapter 7 संघवाद Important Questions and Answers.

JAC Board Class 11 Political Science Important Questions Chapter 7 संघवाद

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. आजादी के समय देश में अधिकांश प्रांत ऐसे थे जिन्हें अंग्रेजों ने गठित किया था
(क) सामान्य भाषा के आधार पर
(ख) सामान्य आर्थिक हित के आधार पर
(ग) सामान्य क्षेत्र के आधार पर
(घ) प्रशासनिक सुविधा के आधार पर
उत्तर:
(घ) प्रशासनिक सुविधा के आधार पर

2. इस समय भारत संघ में कुल राज्य हैं।
(क) 14
(ख) 16
(ग) 25
(घ) 28
उत्तर:
(घ) 28

3. निम्नलिखित में जो संघात्मक शासन प्रणाली की विशेषता नहीं है, वह है।
(क) शक्तियों का विभाजन
(ख) संविधान की सर्वोच्चता
(ग) इकहरी नागरिकता
(घ) न्यायपालिका की स्वतंत्रता
उत्तर:
(ग) इकहरी नागरिकता

4. भारतीय संविधान निर्माताओं को संघात्मक व्यवस्था में एक सशक्त केन्द्रीय सरकार बनाने की प्रेरणा दी।
(क) विघटनकारी प्रवृत्तियों पर अंकुश रखने के लिए
(ख) राष्ट्रीय एकता की स्थापना के लिए
(ग) विकास की चिंताओं ने
(घ) उपर्युक्त सभी ने
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी ने

5. भारत के राज्यों में राज्यपाल की नियुक्ति की जाती है।
(क) राष्ट्रपति द्वारा
(ख) मुख्यमंत्री द्वारा
(ग) लोकसभा अध्यक्ष द्वारा
(घ) गृहमंत्री द्वारा।
उत्तर:
(क) राष्ट्रपति द्वारा

JAC Class 11 Political Science Important Questions Chapter 7 संघवाद 

6. केन्द्र-राज्य सम्बन्धों से जुड़े मसलों की पड़ताल के लिए केन्द्र सरकार द्वारा 1983 में एक आयोग बनाया गया। इस आयोग को जाना जाता है।
(क) योजना आयोग के नाम से
(ख) सरकारिया आयोग के नाम से
(ग) अन्तर्राज्यीय आयोग के नाम से
(घ) लोक सेवा आयोग के नाम से
उत्तर:
(ख) सरकारिया आयोग के नाम से

7. संघीय व्यवस्था में दो या दो से अधिक राज्यों में आपसी विवाद को कहा जाता है।
(क) केन्द्र-राज्य विवाद
(ख) अन्तर्राष्ट्रीय विवाद
(ग) अन्तर्राज्यीय विवाद
(घ) आन्तरिक विवाद
उत्तर:
(ग) अन्तर्राज्यीय विवाद

8. संविधान के अनुच्छेद 370 के द्वारा भारत संघ के किस राज्य को विशिष्ट स्थिति प्रदान की गई थी।
(क) बिहार राज्य को
(ख) उत्तरांचल राज्य को
(ग) जम्मू-कश्मीर राज्य को
(घ) अरुणाचल राज्य को
उत्तर:
(ग) जम्मू-कश्मीर राज्य को

9. भारत में महाराष्ट्र में कौनसा क्षेत्र अभी भी अलग राज्य के लिए संघर्ष कर रहा है।
(क) तेलंगाना क्षेत्र
(ख) विदर्भ क्षेत्र
(ग) उत्तरांचल क्षेत्र
(घ) झारखंड क्षेत्र
उत्तर:
(ख) विदर्भ क्षेत्र

10. वर्तमान में तेलंगाना क्षेत्र एक अलग राज्य है। यह राज्य निम्न में से किस राज्य से अलग होकर बना है-
(क) महाराष्ट्र
(ख) तमिलनाडु
(ग) तेलगूदेशम
(घ) कर्नाटक
उत्तर:
(ग) तेलगूदेशम

रिक्त स्थानों की पूर्ति करें

1. सोवियत संघ के विघटन के प्रमुख कारण वहाँ शक्तियों का जमाव और अत्यधिक …………………. की प्रवृत्तियाँ थीं।
उत्तर:
केन्द्रीकरण

2. संघीय शासन व्यवस्था में केन्द्र-राज्यों के मध्य किसी टकराव को रोकने के लिए एक ………………….. की व्यवस्था होती है।
उत्तर:
स्वतंत्र न्यायपालिका

3. भारतीय संविधान द्वारा अंगीकृत संघीय व्यवस्था का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण सिद्धान्त यह है कि केन्द्र और राज्यों के बीच सम्बन्ध ……………….. पर आधारित होंगे।
उत्तर:
सहयोग

4. भारतीय संविधान द्वारा एक सशक्त ………………… की स्थापना की गई है।
उत्तर:
केन्द्रीय सरकार

5. हमारी प्रशासकीय व्यवस्था ………………… है।
उत्तर:
इकहरी

निम्नलिखित में से सत्य / असत्य कथन छाँटिये-

1. राज्यपाल की भूमिका केन्द्र और राज्यों के बीच हमेशा ही विवाद का विषय रही है।
उत्तर:
सत्य

2. हमारी संघीय व्यवस्था में नवीन राज्यों के गठन की माँग को लेकर भी तनाव रहा है।
उत्तर:
सत्य

3. दिसम्बर, 1950 में राज्य पुनर्गठन आयोग की स्थापना की गई।
उत्तर:
असत्य

4. कृषि तथा पुलिस समवर्ती सूची के विषय हैं।
उत्तर:
असत्य

5. हमारे राष्ट्रीय नेताओं ने भारत को विविधता में एकता के रूप में परिभाषित किया है।
उत्तर:
सत्य

निम्नलिखित स्तंभों के सही जोड़े बनाइये

1. प्रतिरक्षा तथा विदेश मामले (क) राज्य सूची के विषय
2. शिक्षा तथा वन (ग) दिसम्बर, 1953 में
3. पुलिस तथा स्थानीय स्वशासन (ख) समवर्ती सूची के विषय
4. राज्य पुनर्गठन आयोग की स्थापना (घ) 1956 में
5. भाषा के आधार पर राज्यों का पुनर्गठन (च) संघ सूची के विषय

उत्तर:

1. प्रतिरक्षा तथा विदेश मामले (च) संघ सूची के विषय
2. शिक्षा तथा वन (ख) समवर्ती सूची के विषय
3. पुलिस तथा स्थानीय स्वशासन (क) राज्य सूची के विषय
4. राज्य पुनर्गठन आयोग की स्थापना (ग) दिसम्बर, 1953 में
5. भाषा के आधार पर राज्यों का पुनर्गठन (घ) 1956 में

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1
ऐसे चार राज्यों के नाम लिखिये जिनके नाम स्वतंत्रता के बाद परिवर्तित किये गये हैं। पुराने और नये दोनों नाम लिखिये।
उत्तर:
निम्नलिखित राज्यों के नाम परिवर्तित किये गए हैं।

पुराने नाम नए नाम
(1) मैसूर कर्नाटक
(2) मद्रास तमिलनाडु
(3) आंध्रप्रदेश तेलगूदेशम
(4) मुंबई महाराष्ट्र

प्रश्न 2.
ऐसे दो देशों के नाम लिखिये जिन्होंने संघात्मक शासन व्यवस्था को अपनाया है।
उत्तर:
संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत।

JAC Class 11 Political Science Important Questions Chapter 7 संघवाद 

प्रश्न 3.
संघात्मक शासन की दो विशेषताएँ लिखिये।
उत्तर:
शक्तियों का विभाजन, न्यायपालिका की स्वतंत्रता।

प्रश्न 4.
राज्य पुनर्गठन आयाग की स्थापना कब की गई?
उत्तर:
1953 में।

प्रश्न 5.
राज्य पुनर्गठन आयोग की मुख्य सिफारिश क्या थी?
उत्तर:
राज्य पुनर्गठन आयोग ने भाषायी आधार पर राज्यों के पुनर्गठन की सिफारिश की।

प्रश्न 6.
राज्य सूची में कितने और किस प्रकार के विषय हैं?
उत्तर:
राज्य सूची में 66 विषय हैं। ये स्थानीय महत्त्व के विषय हैं।

प्रश्न 7.
संघ सूची में कितने तथा किस प्रकार के विषय हैं?
उत्तर:
संघ सूची में 97 विषय हैं। ये राष्ट्रीय महत्त्व के विषय हैं।

प्रश्न 8.
समवर्ती सूची किसे कहते हैं?
उत्तर:
समवर्ती सूची में वे विषय आते हैं जिन पर संघ और राज्य दोनों की सरकारें कानून बना सकते हैं। इसमें 47 विषय हैं।

प्रश्न 9.
1958 में स्थापित ‘वेस्टइण्डीज संघ’ 1962 में किस कारण भंग कर दिया गया?
उत्तर:
‘वेस्टइण्डीज संघ’ की केन्द्रीय सरकार कमजोर थी और प्रत्येक संघीय इकाई की अपनी स्वतंत्र अर्थव्यवस्था थी तथा संघीय इकाइयों में राजनीतिक प्रतिस्पर्द्धा थी।

प्रश्न 10.
सोवियत संघ के विघटन के दो प्रमुख कारण बताइये।
उत्तर:
सोवियत संघ के विघटन के दो प्रमुख कारण ये थे।

  1. शक्तियों का अतिशय संघनन और केन्द्रीकरण की प्रवृत्तियाँ।
  2. उजबेकिस्तान जैसे भिन्न भाषा और संस्कृति वाले क्षेत्रों पर रूस का आधिपत्य।

प्रश्न 11.
नाइजीरिया की संघीय व्यवस्था अपने विभिन्न क्षेत्रों में एकता स्थापित करने में क्यों असफल रही है?
उत्तर:
नाइजीरिया की विभिन्न संघीय इकाइयों के बीच धार्मिक, जातीय और आर्थिक समुदाय एक-दूसरे पर विश्वास नहीं करते। इस कारण संघीय व्यवस्था भी वहाँ एकता लाने में असफल रही है।

प्रश्न 12.
संघवाद के वास्तविक कामकाज का निर्धारण किससे होता है?
उत्तर:
संघवाद के वास्तविक कामकाज का निर्धारण राजनीति, संस्कृति, विचारधारा और इतिहास की वास्तविकताओं से होता है।

JAC Class 11 Political Science Important Questions Chapter 7 संघवाद 

प्रश्न 13.
किस प्रकार की संस्कृति में संघवाद का कामकाज आसानी से चलता है?
उत्तर:
आपसी विश्वास, सहयोग, सम्मान और संयम की संस्कृति में संघवाद का कामकाज आसानी से चलता है।

प्रश्न 14.
भारतीय संविधान द्वारा अंगीकृत संघीय व्यवस्था का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण सिद्धान्त क्या है?
उत्तर:
भारतीय संघीय व्यवस्था का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण सिद्धान्त यह है कि भारतीय संघवाद केन्द्र और राज्यों के बीच सम्बन्ध सहयोग पर आधारित होगा।

प्रश्न 15.
किन चिंताओं ने भारत के संविधान निर्माताओं को एक सशक्त केन्द्रीय सरकार बनाने की प्रेरणा दी?
उत्तर:

  1. विघटनकारी प्रवृत्तियों पर अंकुश रख राष्ट्रीय एकता को बनाए रखने तथा
  2. विकास की चिंताओं ने भारत के संविधान निर्माताओं को एक सशक्त केन्द्रीय सरकार बनाने की प्रेरणा दी।

प्रश्न 16.
राज्यपाल की भूमिका किस स्थिति में अधिक विवादास्पद हो जाती है?
उत्तर:
जब केन्द्र और राज्य में अलग-अलग दल सत्तारूढ़ होते हैं, तब राज्यपाल की भूमिका अधिक विवादास्पद हो जाती है।

प्रश्न 17.
सरकारिया आयोग की नियुक्ति कब और क्यों की गई?
उत्तर:
सरकारिया आयोग की नियुक्ति 1983 में केन्द्र राज्य सम्बन्धों की जांच-पड़ताल के लिए की गई।

प्रश्न 18.
सरकारिया आयोग ने राज्यपाल की नियुक्ति के बारे में क्या सुझाव दिए?
उत्तर:
सरकारिया आयोग ने यह सुझाव दिया कि राज्यपाल की नियुक्ति निष्पक्ष होकर की जानी चाहिए।

प्रश्न 19.
स्वायत्तता और अलगाववाद में क्या फर्क है?
उत्तर:
स्वायत्तता से आशय यह है कि संघवाद के अन्तर्गत रहते हुए और अधिक अधिकारों व शक्तियों की माँग करना; जबकि अलगाववाद से आशय है भारत संघ से अलग होकर अपने स्वतन्त्र राज्य की स्थापना करना।

प्रश्न 20.
किस प्रकार की एकता अन्ततः अलगाव को जन्म देती है?
उत्तर:
अनेकता और विविधता को समाप्त करने वाली बाध्यकारी राष्ट्रीय एकता अन्ततः ज्यादा सामाजिक संघर्ष और अलगाव को जन्म देती है।

प्रश्न 21.
सहयोगी संघवाद का आधार किस प्रकार की राजनीतिक व्यवस्था हो सकती है?
उत्तर:
विभिन्नताओं और स्वायत्तता की माँगों के प्रति संवेदनशील तथा उत्तरदायी राजनीतिक व्यवस्था ही सहयोगी संघवाद का एकमात्र आधार हो सकती है।

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प्रश्न 22.
वर्तमान में भारत में कितने राज्य और संघीय क्षेत्र हैं?
उत्तर:
वर्तमान में भारत में 28 राज्य और 9 संघीय क्षेत्र हैं।

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
संघवाद से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
संघवाद से आशय: संघवाद वह शासन प्रणाली है जहाँ संविधान द्वारा केन्द्र और राज्य स्तर की दो राजनीतिक व्यवस्थाएँ स्थापित की जाती हैं और दोनों के बीच शासन की शक्तियों का संविधान द्वारा स्पष्ट विभाजन कर दिया जाता है। इसमें संविधान लिखित तथा सर्वोच्च होता है तथा केन्द्र-राज्यों के बीच किसी टकराव को सीमित रखने के लिए स्वतन्त्र न्यायपालिका की व्यवस्था होती है।

प्रश्न 2.
भारतीय संविधान की संघीय विशेषताओं का उल्लेख करें। उत्तर- भारतीय संविधान की संघीय विशेषताएँ निम्न प्रकार हैं।

  • भारत का संविधान एक लिखित तथा सर्वोच्च संविधान है।
  • संविधान तीन सूचियों
    1. संघ सूची,
    2. राज्य सूची और
    3. समवर्ती सूची – में अलग-अलग विषयों को परिगणित कर केन्द्र तथा राज्यों की सरकारों के बीच शक्तियों का स्पष्ट विभाजन करता है।
  • इसमें न्यायपालिका निष्पक्ष तथा स्वतंत्र है।
  • इसमें राज्य सभा राज्यों का प्रतिनिधित्व करती है।

प्रश्न 3.
संघात्मक संविधान की कोई पाँच विशेषताएँ बताओ
उत्तर:

  1. संघात्मक संविधान में केन्द्र तथा प्रान्तों की सरकारों के बीच शक्तियों का विभाजन होता है।
  2. इसमें संविधान कठोर, लिखित तथा सर्वोच्च होता है।
  3. इसमें न्यायपालिका निष्पक्ष तथा स्वतन्त्र होती है।
  4. इसमें दोहरी नागरिकता की व्यवस्था की जाती है।
  5. इसमें संसद का दूसरा सदन राज्यों (प्रान्तों) का प्रतिनिधित्व करता है।

प्रश्न 4.
द्विसदनीय विधायिका संघात्मक राज्यों के लिए क्यों आवश्यक है?
उत्तर:
संघात्मक राज्यों के लिए द्विसदनीय विधायिका आवश्यक है। संघात्मक राज्यों के लिए द्विसदनीय विधायिका आवश्यक है क्योंकि प्रथम सदन जनता का प्रतिनिधित्व करता है और दूसरा सदन संघ की इकाइयों का प्रतिनिधित्व करता है। प्रत्येक संघात्मक शासन व्यवस्था में इसीलिए द्विसदनात्मक विधायिका का प्रावधान किया गया है अमेरिका में ‘सीनेट’ और भारत में ‘राज्यसभा’ ऐसे ही दूसरे सदन हैं।

प्रश्न 5.
राज्यों द्वारा अधिक स्वायत्तता की माँग क्यों की जाती है?
अथवा
अधिक स्वायत्तता हेतु राज्यों ने कौन-कौनसी माँगें उठायीं?
उत्तर:
यद्यपि संविधान द्वारा केन्द्र और राज्य के बीच शक्तियों का स्पष्ट बँटवारा किया गया है, लेकिन संविधान में केन्द्र को अधिक शक्तिशाली बनाया है और देश की एकता व विकास की दृष्टि से उसे राज्य के क्षेत्र में दखल का अधिकार भी दिया गया है। इस कारण भारत में निम्न कारणों से समय-समय पर राज्यों द्वारा अधिक स्वायत्तता की माँग की है।

  1. कुछ राज्यों ने शक्ति विभाजन को राज्य के पक्ष में बदलने तथा राज्यों को ज्यादा तथा महत्त्वपूर्ण अधिकार दिये जाने के लिए स्वायत्तता की माँग की।
  2. कुछ राज्यों ने आय के स्वतंत्र साधनों तथा संसाधनों पर राज्यों का अधिक नियंत्रण हेतु स्वायत्तता की माँग की।
  3. कुछ राज्यों ने राज्य प्रशासनिक – तंत्र पर केन्द्रीय नियंत्रण से नाराज होकर राज्य स्वायत्तता की माँग की।
  4. तमिलनाडु में हिन्दी के वर्चस्व के विरोध में तथा पंजाब में पंजाबी भाषा और संस्कृति को प्रोत्साहन देने के लिए भी स्वायत्तता की माँग की।

इस प्रकार समय-समय पर राज्यों ने विभिन्न कारणों से केन्द्रीय नियंत्रण के विरोध में स्वायत्तता की माँग की है।

प्रश्न 6.
गवर्नर का पद किस प्रकार केन्द्र-राज्य सम्बन्धों में तनाव का कारण बना हुआ है? कोई दो कारण बताइए
उत्तर:
राज्यपाल के पद के केन्द्र-राज्य सम्बन्धों में तनाव के दो कारण – राज्यपाल का पद केन्द्र-राज्य सम्बन्धों में अनेक कारणों से तनाव पैदा करता है। ऐसे दो कारण निम्नलिखित हैं।

  1. राज्यपाल यद्यपि राज्य का संवैधानिक पद है, लेकिन उसकी नियुक्ति केन्द्र सरकार की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा की जाती है और राष्ट्रपति उसे पदमुक्त भी कर सकता है। इसलिए वह राज्य में केन्द्र के अभिकर्त्ता के रूप में कार्य करते हुए राज्य के हितों की अनदेखी तक कर देता है
  2.  राज्यपाल को अनेक मामलों व अनेक अवसरों पर स्वयं: विवेक की शक्तियाँ प्राप्त हैं, जैसे राज्य में संवैधानिक शासन के असफल होने की रिपोर्ट भेजना, जब विधानसभा में किसी एक दल को बहुमत न मिला हो तो मुख्यमन्त्री की नियुक्ति करना; राष्ट्रपति की स्वीकृति हेतु किसी विधेयक को सुरक्षित रखना आदि। इन सभी मामलों में वह केन्द्र के निर्देशों व सलाह के अनुसार कार्य करता है और निष्पक्ष रूप से कार्य नहीं करता है तथा राज्य के हितों की अवहेलना तक कर देता है।

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प्रश्न 7.
भारत के अन्तर्राज्यीय राजनीतिक विवादों के समाधान का सर्वोत्तम साधन क्या हो सकता है? उत्तर-भारतीय संघात्मक व्यवस्था में दो या दो से अधिक राज्यों में सीमा सम्बन्धी तथा नदी जल बँटवारे सम्बन्धी राजनीतिक विवाद चले आ रहे हैं। यदि दो राज्यों के बीच के विवादों का स्वरूप कानूनी या संवैधानिक है तो ऐसे विवादों का निपटारा न्यायपालिका कर देती है, लेकिन जिन विवादों में राजनीतिक पहलू भी समाहित होते हैं; ऐसे विवादों का निपटारा केवल कानूनी आधार पर नहीं किया जा सकता। ऐसे विवादों का सर्वोत्तम समाधान केवल विचार- विमर्श और पारस्परिक विश्वास के आधार पर ही हो सकता है।

प्रश्न 8.
ऐसी दो दशाएँ बताइए जब केन्द्र सरकार राज्य-सूची के विषयों पर कानून बना सकती है? उत्तर- केन्द्र सरकार द्वारा राज्य-सूची के विषयों पर कानून बनाने की परिस्थितियाँ संविधान में सामान्यतः राज्य – सूची के विषयों पर कानून बनाने का अधिकार राज्य विधानसभाओं को ही दिया गया है लेकिन निम्नलिखित दो दशाओं में केन्द्र की विधायिका भी राज्य सूची के विषयों पर कानून बना सकती है।

  1. किसी अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में लिए गए किसी निर्णय को लागू करने या भारत और किसी विदेशी राज्य के बीच हुए किसी समझौते व सन्धि को क्रियान्वित करने के लिए भारत की संसद राज्य – सूची के किसी विषय पर कानून बना सकती है।
  2. 2. यदि राज्यसभा 2/3 बहुमत से इस आशय का प्रस्ताव पारित कर दे कि राज्य सूची का अमुक विषय राष्ट्रीय महत्त्व का है तो संघ की संसद उस विषय पर कानून बना सकती है। ऐसा प्रस्ताव केवल एक वर्ष तक वैध रहता है और राज्यसभा केवल दूसरे वर्ष के लिए उसकी अवधि बढ़ा सकती है। संसद द्वारा निर्मित किया गया ऐसा कानून भी केवल एक वर्ष के लिए ही लागू रहता है।

प्रश्न 9.
अन्तर्राज्यीय विवादों के प्रमुख मुद्दे क्या हैं?
उत्तर:
अन्तर्राज्यीय विवाद: भारतीय संघीय व्यवस्था में केन्द्र-राज्य विवादों के साथ-साथ दो या दो से अधिक राज्यों में भी आपसी विवाद के अनेक उदाहरण मिलते हैं। इस प्रकार के कानूनी विवादों का तो न्यायपालिका निपटारा कर देती है, लेकिन जिन विवादों के पीछे राजनीतिक पहलू होते हैं, उनका समाधान केवल विचार-विमर्श और पारस्परिक विश्वास के आधार पर हो सकता है। मुख्य रूप से दो प्रकार के विवाद गम्भीर विवाद पैदा करते हैं। ये निम्नलिखित हैं।

1. सीमा विवाद: राज्य प्रायः
पड़ौसी राज्यों के भू-भाग पर अपना दावा पेश करते हैं। यद्यपि राज्यों की सीमाओं का निर्धारण भाषायी आधार पर किया गया है, लेकिन सीमावर्ती क्षेत्रों में एक से अधिक भाषा बोलने वाले लोग रहते हैं। अतः इस विवाद को केवल भाषाई आधार पर नहीं सुलझाया जा सकता। ऐसा ही एक विवाद महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच ‘बेलगाम’ को लेकर है। पंजाब से हरियाणा को अलग करने पर उनके बीच न केवल सीमावर्ती क्षेत्रों को लेकर बल्कि राजधानी चण्डीगढ़ को लेकर भी विवाद है। चण्डीगढ़ इन दोनों राज्यों की राजधानी है।

2. नदी-जल विवाद:
अनेक राज्यों के बीच नदियों के जल के बँटवारे को लेकर विवाद बने हुए हैं क्योंकि यह सम्बन्धित राज्यों में पीने के पानी और कृषि की समस्या से जुड़ा है। कावेरी जल विवाद एक ऐसा ही विवाद है जो तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच एक प्रमुख विवाद है। यद्यपि इसे सुलझाने के लिए एक ‘जल -विवाद न्यायाधिकरण ‘ है फिर भी ये दोनों राज्य इसे सुलझाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय की शरण में गए हैं। ऐसा ही एक विवाद नर्मदा नदी के जल के बँटवारे को लेकर गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के बीच है।

प्रश्न 10.
“भारतीय संघवाद की सबसे नायाब विशेषता यह है कि इसमें अनेक राज्यों के साथ थोड़ा अलग व्यवहार किया जाता है।” स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारतीय संघवाद में अनेक राज्यों के साथ थोड़ा अलग व्यवहार किया जाता है। यथा
1. राज्यसभा में असमान प्रतिनिधित्व: संघात्मक शासन व्यवस्था में प्राय:
संघ की विधायिका के द्वितीय सदन में प्रत्येक राज्य को समान प्रतिनिधित्व प्रदान किया जाता है। अमेरिका और स्विट्जरैण्ड के संघवाद में इस सिद्धान्त को अपनाया गया है। लेकिन भारत में प्रत्येक का आकार और जनसंख्या भिन्न-भिन्न होने के कारण राज्यों को राज्यसभा में असमान प्रतिनिधित्व दिया गया है। जहाँ छोटे से छोटे राज्यों को भी न्यूनतम प्रतिनिधित्व अवश्य प्रदान किया गया है, वहाँ इस व्यवस्था से यह भी सुनिश्चित किया गया है कि बड़े राज्यों को ज्यादा प्रतिनिधित्व मिले।

2. विशिष्ट प्रावधान:
कुछ राज्यों के लिए उनकी विशिष्ट सामाजिक और ऐतिहासिक परिस्थितियों के अनुरूप संविधान में कुछ विशेष अधिकारों की व्यवस्था की गई है। ऐसे अधिकतर प्रावधान पूर्वोत्तर के राज्यों (असम, नागालैण्ड, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम आदि) के लिए हैं जहाँ विशिष्ट इतिहास और संस्कृति वाली जनजातीय बहुल जनसंख्या निवास करती है। ऐसे ही कुछ विशिष्ट प्रावधान पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश, उत्तरांचल तथा अन्य राज्यों के लिए भी हैं।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
“भारत राज्यों का संघ है।” इसकी संघात्मक विशेषताओं की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
भारतीय संविधान के अनुच्छेद-1 में कहा गया है कि ” भारत राज्यों का संघ (यूनियन) होगा। राज्य और उनके राज्य – क्षेत्र वे होंगे जो पहली अनुसूची में विनिर्दिष्ट हैं। ” वर्तमान में राज्य की पहली अनुसूची में 28 राज्य तथा 7 राज्य – क्षेत्र विनिर्दिष्ट हैं। इन सबको मिलाकर भारत में संघात्मक शासन व्यवस्था कायम की गई है। भारत की संघात्मक शासन की विशेषताएँ या भारत के संघवाद की विशेषताएँ भारतीय संविधान में निहित संघात्मक शासन के लक्षण निम्नलिखित हैं।
1. शक्तियों का विभाजन:
प्रत्येक संघीय देश की तरह भारतीय संविधान में केन्द्र और राज्यों की सरकारों के बीच शक्तियों का विभाजन किया गया है। इन शक्तियों के विभाजन हेतु तीन सूचियाँ बनाई गई हैं।

  1. संघ सूची: इसमें 97 विषय रखे गये हैं,
  2. राज्य सूची: इसमें 66 विषय तथा
  3. समवर्ती सूची: इसमें 47 विषय दिये गये हैं।

संघ-सूची के विषयों पर सिर्फ केन्द्रीय विधायिका ही कानून बना सकती है। राज्य सूची के विषयों पर सामान्यतः सिर्फ प्रान्तीय विधायिका ही कानून बना सकती है और समवर्ती सूची के विषयों पर केन्द्र और प्रान्त दोनों की विधायिकाएँ कानून बना सकती हैं। अवशिष्ट विषय: अवशिष्ट विषय वे सभी विषय कहलायेंगे जिनका उल्लेख किसी भी सूची में नहीं हुआ है, जैसे—साइबर अपराध। ऐसे विषयों पर केवल केन्द्रीय विधायिका ही कानून बना सकती है।

2. लिखित संविधान:
संघीय व्यवस्था के लिए एक लिखित संविधान की आवश्यकता होती है जिसमें केन्द्र और राज्यों के बीच शक्तियों का स्पष्ट उल्लेख किया जा सके। भारत का संविधान एक लिखित संविधान है। इसमें 395 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियाँ हैं। 2017 तक इसमें 101 संशोधन हो चुके हैं।

3. कठोर संविधान:
संघीय व्यवस्था में कठोर संविधान का होना भी बहुत आवश्यक है। भारत का संविधान भी एक कठोर संविधान है क्योंकि संविधान की महत्त्वपूर्ण धाराओं में संशोधन के लिए संसद के दोनों सदनों के दो- तिहाई बहुमत तथा कम-से-कम आधे राज्यों के विधानमण्डलों के बहुमत की आवश्यकता होती है।

4. स्वतन्त्र न्यायपालिका:
संघात्मक व्यवस्था में संविधान की सुरक्षा के लिए तथा केन्द्र-राज्य सम्बन्धों के विवादों का निपटारा करने के लिए स्वतन्त्र न्यायपालिका का होना अति आवश्यक है। भारतीय संविधान में भी स्वतन्त्र न्यायपालिका की व्यवस्था है। न्यायपालिका के कार्य और अधिकार भारत के संविधान में दिये गये हैं और यह स्वतन्त्र रूप से कार्य करती है।

5. संविधान की सर्वोच्चता:
भारत में संविधान को सर्वोच्च रखा गया है। कोई भी कार्य संविधान के प्रतिकूल नहीं किया जा सकता। सरकार के सभी अंग संविधान के अनुसार ही शासन कार्य चलाते हैं। सरकार का कोई कार्य यदि संविधान के प्रतिकूल होता है तो न्यायपालिका उसे असंवैधानिक घोषित कर रद्द कर सकती है।

6. इकहरी नागरिकता:
संघीय शासन व्यवस्था में लोगों की दोहरी पहचान और निष्ठाएँ होती हैं। इस हेतु दोहरी नागरिकता का प्रावधान किया जाता है। लेकिन भारत में इकहरी नागरिकता का ही प्रावधान किया गया है।

7. संघात्मकता के साथ:
साथ एकात्मकता के लक्षण: भारतीय संविधान द्वारा अंगीकृत संघीय व्यवस्था का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण सिद्धान्त यह है कि केन्द्र और राज्यों के बीच सम्बन्ध सहयोग पर आधारित होगा। इस प्रकार विविधता को मान्यता देने के साथ-साथ संविधान एकता पर बल देता है। राष्ट्रीय एकता और विकास की चिन्ताओं ने संविधान निर्माताओं ने संघात्मक व्यवस्था में एक सशक्त केन्द्रीय सरकार की स्थापना की है। इसलिए भारतीय संविधान में संघात्मकता के साथ-साथ एकात्मकता के भी लक्षण पाये जाते हैं। जैसे इकहरी नागरिकता, आपातकालीन प्रावधान, संविधान संशोधन में संसद की प्रमुखता, केन्द्र की प्रभावी वित्तीय शक्तियाँ तथा राज्यपाल की स्वयंविवेक की शक्तियाँ आदि।

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प्रश्न 2.
संघात्मक शासन व्यवस्था से आप क्या समझते हैं? इसके प्रमुख लक्षणों को स्पष्ट कीजिए
उत्तर:
संघात्मकं शासन व्यवस्था से आशय – संघात्मक शासन व्यवस्था से आशय ऐसी शासन व्यवस्था से है जिसमें शासन केन्द्रीय सरकार तथा इकाइयों की सरकारों के रूप में दोहरी शासन व्यवस्थाएँ होती हैं। संविधान द्वारा शासन की. शक्तियों का विभाजन केन्द्र और प्रान्तों की सरकारों में स्पष्ट रूप से कर दिया जाता है। दोनों के कार्यक्षेत्र अलग-अलग होते हैं तथा एक-दूसरे के क्षेत्र में हस्तक्षेप नहीं करते। इसमें केन्द्र और राज्यों में झगड़ों का फैसला करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना की जाती है।

संघात्मक शासन व्यवस्था की विशेषताएँ: संघात्मक शासन व्यवस्था की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं।
1. सरकारों के दो प्रकार: संघवाद की पहली विशेषता यह है कि इसमें दो प्रकार की सरकारें पायी जाती हैं

  1. संघीय या केन्द्रीय सरकार और
  2. इकाइयों या प्रान्तों की सरकारें यह व्यवस्था राजनीति के दो प्रकार को व्यवस्थित करती है। एक, प्रान्तीय या क्षेत्रीय स्तर पर और दूसरी, केन्द्रीय स्तर पर। दोनों प्रकार की सरकारें संविधान द्वारा निर्धारित अपने-अपने क्षेत्रों में स्वतन्त्रतापूर्वक कार्य करती हैं।

2. शक्तियों का बँटवारा: संघात्मक शासन व्यवस्था में शासन की शक्तियों का केन्द्रीय सरकार और इकाइयों की सरकारों के बीच संविधान द्वारा वितरित कर दिया जाता है। राष्ट्रीय महत्त्व की शक्तियाँ केन्द्रीय सरकार को दे दी जाती हैं और समस्त स्थानीय और क्षेत्रीय महत्त्व की शक्तियाँ इकाइयों की सरकारों को दे दी जाती हैं। दोनों सरकारें स्वतन्त्रतापूर्वक अपने-अपने क्षेत्र में कार्य करती हैं।

3. सर्वोच्च, लिखित तथा कठोर संविधान: संघात्मक शासन व्यवस्था में संविधान लिखित होता है तथा वह सर्वोच्च होता है। दोनों प्रकार की सरकारें उसके प्रावधानों का उल्लंघन नहीं कर सकतीं। इसमें संशोधन संसद साधारण बहुमत से नहीं कर सकती, बल्कि इसमें संशोधन के लिए उसे विशिष्ट बहुमत की आवश्यकता होती है।

4. स्वतन्त्र न्यायपालिका: संघात्मक शासन व्यवस्था की एक अन्य विशेषता यह है कि इसमें न्यायपालिका स्वतन्त्र होती है। उसके पास न्यायिक पुनरावलोकन की शक्ति होती है। इसका आशय यह है कि यदि कभी कोई सरकार कोई ऐसी विधि या नीति बनाती है जो संविधान के प्रावधानों के प्रतिकूल है तो न्यायपालिका उसे असंवैधानिक घोषित करके रद्द कर सकती है। इस प्रकार यह केन्द्रीय सरकार और इकाइयों की सरकारों, दोनों को अपने क्षेत्र में सीमित रखती है।

5. द्विसदनात्मक विधायिका: संघात्मक शासन व्यवस्था की एक विशेषता द्विसदनात्मक विधायिका का होना है। इसमें निम्न सदन जहां जनता का प्रतिनिधित्व करता है, उच्च सदन राज्यों (इकाइयों) का प्रतिनिधित्व करता है। संघीय व्यवस्था में सामान्यतः द्वितीय सदन में सभी इकाइयों का समान प्रतिनिधित्व रखा जाता है; जैसे कि अमेरिका में सीनेट में प्रत्येक राज्य दो सदस्य भेजता है।

6. दोहरी नागरिकता: संघात्मक शासन व्यवस्था में सामान्यतः दोहरी नागरिकता पाई जाती है। एक, केन्द्रीय सरकार की नागरिकता और दूसरी, इकाइयों की सरकार की नागरिकता अमेरिका में दोहरी नागरिकता दी गई है, लेकिन भारतीय संघात्मक व्यवस्था में इकहरी नागरिकता ही प्रदान की गई है।

7. दोहरी पहचान और निष्ठाएँ: संघात्मक शासन व्यवस्था में लोगों की दोहरी पहचान और निष्ठाएँ होती हैं एक, राष्ट्र के प्रति निष्ठा तथा राष्ट्रीय पहचान और दूसरी, प्रान्त या क्षेत्र के प्रति पहचान और उसके प्रति निष्ठा। यद्यपि इसमें दोहरी निष्ठाएँ होती हैं, लेकिन इनमें राष्ट्रीय निष्ठा की प्रधानता होती है। उदाहरण के लिए, एक गुजराती या बंगाली होने से अधिक महत्त्वपूर्ण एक भारतीय होना है। इसमें भारत के प्रति निष्ठा, गुज़रात या बंगाल के प्रति निष्ठा से पहले आती है।

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प्रश्न 3.
” भारत के संविधान का स्वरूप संघात्मक है परन्तु उसकी आत्मा एकात्मक है। ” स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारतीय संविधान के निर्माताओं ने देश की परिस्थितियों के अनुसार ऐसी व्यवस्था की है जिससे राष्ट्र की इकाइयों को स्वायत्तता मिली रहे और साथ ही राष्ट्र की एकता भी भंग न हो। इसी कारण भारतीय संविधान स्वरूप में संघात्मक रूप लिए हुए है; उसमें प्रमुख संघात्मक लक्षण विद्यमान हैं लेकिन देश की एकता भंग न हो इसलिए उसमें एकात्मकता के तत्त्व भी पाये जाते हैं जिनके द्वारा केन्द्रीय सरकार को शक्तिशाली बनाया गया है। यथा भारतीय संविधान के संघात्मक लक्षण

1. संविधान की सर्वोच्चता:
भारत में न तो केन्द्रीय सरकार सर्वोच्च है और न ही राज्य सरकार। यहाँ संविधान सर्वोच्च है। कोई भी सरकार संविधान के प्रतिकूल काम नहीं कर सकती। देश के सभी पदाधिकारी, जैसे- राष्ट्रपति, प्रधानमन्त्री आदि अपना पद ग्रहण करने से पूर्व संविधान की सर्वोच्चता को स्वीकार करते हुए उसके प्रति निष्ठा की शपथ लेते हैं

2. लिखित तथा कठोर संविधान:
भारत का संविधान लिखित है जो संविधान सभा द्वारा निर्मित किया गया है। इसमें संघ व राज्य सम्बन्धी अधिकारों को स्पष्ट रूप से लिखा गया है। इसके साथ-साथ भारत का संविधान कठोर है क्योंकि इसमें संशोधन साधारण बहुमत से नहीं किये जा सकते।

3. अधिकारों का विभाजन:
संविधान में केन्द्र और राज्यों की शक्तियों का तीन सूचियों के माध्यम से स्पष्ट विभाजन किया गया है। राज्य सूची के विषय इकाइयों को, संघ-सूची के विषय केन्द्रीय सरकार को और समवर्ती सूची के विषय दोनों सरकारों को दिये गये हैं। अवशिष्ट विषय केन्द्रीय सरकार को दिये गये हैं।

4. स्वतन्त्र न्यायपालिका:
भारत के संविधान में केन्द्र और राज्यों के विवादों को हल करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना की गई है। वह केन्द्र और राज्यों के कानूनों को संविधान के प्रावधानों के प्रतिकूल होने पर असंवैधानिक घोषित कर रद्द कर सकता है।

5. दोहरी शासन व्यवस्था:
भारतीय संघात्मक शासन व्यवस्था में दो प्रकार की सरकारों की व्यवस्था की गई एक, केन्द्रीय सरकार और दूसरी, राज्यों की सरकार। दोनों का गठन संविधान के अनुसार होता है।

भारतीय संविधान में एकात्मकता के लक्षण: यद्यपि भारतीय संविधान स्वरूप से संघात्मक है, लेकिन आत्मा से वह एकात्मक है, क्योंकि इसमें केन्द्रीय सरकार को सशक्त बनाने वाले अनेक प्रावधान किये गये हैं।

1. शक्तियों का विभाजन केन्द्र के पक्ष में:
संविधान द्वारा शक्तियों का जो बँटवारा किया गया है उसमें केन्द्र को अधिक शक्तिशाली बनाया गया है क्योंकि संविधान ने आर्थिक और वित्तीय शक्तियाँ केन्द्रीय सरकार के हाथ में सौंपी हैं तथा राज्य को आय के बहुत कम साधन दिये गये हैं। दूसरे, अवशिष्ट शक्तियाँ केन्द्रीय सरकार को ही सौंपी गई हैं। तीसरे, समवर्ती सूची के विषयों पर भी कानून बनाने में केन्द्रीय सरकार को प्राथमिकता दी गई है।

2. राज्य- सूची पर भी केन्द्रीय सरकार को कानून बनाने की शक्तियाँ: कुछ परिस्थितियों में केन्द्रीय सरकार राज्य-सूची के विषयों पर भी कानून बना सकती है। यथा

  1. यदि राज्यसभा 2/3 बहुमत से राज्य – सूची के किसी विषय को राष्ट्रीय महत्त्व का घोषित कर दे तो केन्द्रीय सरकार उस विषय पर कानून बना सकती है।
  2. संकट काल की स्थिति उत्पन्न होने पर केन्द्र को राज्य – सूची के विषयों पर कानून बनाने की शक्ति प्राप्त हो जाती है।
  3. यदि कभी दो राज्यों की विधानसभाएँ केन्द्र को राज्य सूची में से किसी विषय पर कानून बनाने की प्रार्थना करें तो इस विषय पर केन्द्र कानून बना सकता है।

3. इकहरी नागरिकता: संघीय शासन व्यवस्था वाले देशों में प्रायः दोहरी नागरिकता प्रदान की जाती है- एक, राष्ट्र की नागरिकता और दूसरी, प्रान्तीय नागरिकता। लेकिन भारत में इकहरी नागरिकता ही प्रदान की गई है। भारत में केवल राष्ट्रीय नागरिकता ही प्रदान की गई है।

4. राज्यपाल द्वारा राज्यों पर नियन्त्रण: भारत में राज्यपाल राज्य का संवैधानिक प्रमुख है लेकिन राज्यपालों की नियुक्ति केन्द्रीय सरकार की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा की जाती है और वह अपने कार्यों के लिए केन्द्र के प्रति ही उत्तरदायी होता है। ऐसी स्थिति में राज्यपाल केन्द्र के एजेण्ट के रूप में कार्य करता है। वह अपने स्वविवेकीय कार्यों को संवैधानिक प्रमुख के रूप में निष्पक्ष रूप से कार्य न करके केन्द्र की सलाह के अनुसार करता है। जब विधानसभा में किसी एक दल का बहुमत नहीं होता तो वह केन्द्र के इशारे पर मुख्यमन्त्री की नियुक्ति करता है। वह केन्द्र के निर्देशों के अनुरूप ही राज्य में संकटकाल की घोषणा की सलाह देता है और संकट काल में केन्द्र के निर्देशों को राज्य में लागू करता।

5. राज्यों की केन्द्र पर वित्तीय निर्भरता: सामान्य स्थितियों में भी केन्द्र सरकार की अत्यन्त प्रभावी वित्तीय शक्तियाँ और उत्तरदायित्व हैं। सबसे पहले तो आय के प्रमुख संसाधनों पर केन्द्र सरकार का नियन्त्रण है। इस प्रकार केन्द्र के पास आय के अनेक संसाधन हैं और राज्य अनुदानों और वित्तीय सहायता के लिए केन्द्र पर आश्रित हैं। दूसरे, स्वतन्त्रता के बाद भारत ने तेज आर्थिक प्रगति और विकास के लिए नियोजन को साधन के रूप में अपनाया है।

नियोजन के कारण आर्थिक फैसले लेने की ताकत केन्द्र सरकार के हाथ में सिमटती गई है। केन्द्र सरकार द्वारा नियुक्त योजना आयोग राज्यों के संसाधन – प्रबन्ध की निगरानी करता है। तीसरे, केन्द्र सरकार अपने विशेषाधिकारों का प्रयोग कर राज्यों को अनुदान और ऋण देती है । केन्द्र सरकार पर प्रायः यह आरोप लगाया जाता है कि वह विरोधी दलों द्वारा शासित राज्यों के प्रति भेदभावपूर्ण रवैया अपनाती है।

6. संसद को राज्यों का पुनर्गठन तथा उसके नामों में परिवर्तन करने का अधिकार है: किसी राज्य के अस्तित्व और उसकी भौगोलिक सीमाओं के स्थायित्व पर संसद का नियन्त्रण है। संसद किसी राज्य में से उसका राज्य-क्षेत्र अलग करके अथवा दो या अधिक राज्यों को मिलाकर नए राज्य का निर्माण कर सकती है। वह किसी राज्य की सीमाओं या नाम में परिवर्तन कर सकती है। सम्बन्धित राज्य से उसकी राय तो ले ली जाती है, परन्तु उसका मानना या न मानना राष्ट्रपति की इच्छा पर निर्भर करता है। संसद का यह अधिकार सरकार को एकात्मक बनाता है।

7. अखिल भारतीय सेवाएँ: भारत की प्रशासकीय व्यवस्था इकहरी है। अखिल भारतीय सेवाएँ पूरे देश के लिए हैं और इसमें चयनित पदाधिकारी राज्यों के प्रशासन में काम करते हैं। अतः जिलाधीश के रूप में कार्यरत भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी या पुलिस कमिश्नर के रूप में कार्यरत भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों पर केन्द्र सरकार का नियन्त्रण रहता है। राज्य न तो उनके विरुद्ध कोई अनुशासनात्मक कार्यवाही कर सकता है और न ही उन्हें सेवा से हटा सकता है।

8. किसी क्षेत्र में सैनिक शासन लागू होना: संघ सरकार की शक्ति को, संविधान के दो अनुच्छेद 33 और 34, उस स्थिति में काफी बढ़ा देते हैं जब किसी क्षेत्र में सैनिक शासन लागू हो जाए। ऐसी स्थिति में संसद केन्द्र या राज्य के किसी भी अधिकारी के द्वारा शान्ति व्यवस्था बनाए रखने या उसकी बहाली के लिए किए गए किसी भी कार्य को जायज ठहरा सकती है। इसी के अन्तर्गत ‘सशस्त्र बल विशिष्ट शक्ति अधिनियम’ का निर्माण किया गया है। उपर्युक्त विवेचन से स्पष्ट होता है कि यद्यपि संविधान में संघात्मक शासन व्यवस्था को अपनाया गया है, तथापि व्यवहार में केन्द्र सरकार को अधिक शक्तियाँ प्रदान कर उसमें एकात्मकता की आत्मा बिठा दी गई है।

JAC Class 11 Political Science Important Questions Chapter 7 संघवाद 

प्रश्न 4.
भारत ने संघीय व्यवस्था को क्यों अपनाया? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारतीय संविधान निर्माताओं ने भारत के लिए संघात्मक शासन व्यवस्था की स्थापना की है। यद्यपि स्वतन्त्रता से पूर्व भारत पर अंग्रेजों का शासन रहा है और संविधान निर्माता अंग्रेजों की राजनीतिक संस्थाओं से स्वाभाविक रूप से प्रभावित थे। लेकिन इंग्लैण्ड की एकात्मक शासन व्यवस्था के स्वरूप को भारत के संविधान निर्माताओं ने नहीं अपनाया और इसके स्थान पर संघात्मक शासन प्रणाली को अपनाया। इसके कुछ विशेष कारण रहे हैं।

भारत में संघात्मक शासन को अपनाने के कारण: भारत में संघात्मक शासन व्यवस्था को अपनाए जाने के प्रमुख कारण निम्नलिखित थे
1. भारत सरकार 1935 का एक्ट:
1935 के भारत सरकार के एक्ट में भारत में संघीय शासन का प्रावधान किया गया। कांग्रेस प्रारम्भ से ही देश में शक्तियों के विकेन्द्रीकरण की माँग करती आ रही थी। 1935 के एक्ट में प्रान्तों को स्वायत्तता प्रदान की गई थी। इसमें सभी प्रान्तों, केन्द्रीय सरकार तथा रियासतों के एक फैडरेशन की बात कही गयी लेकिन यह संघ अस्तित्व में न आ सका। इस प्रकार संविधान निर्माता पहले से ही इस व्यवस्था से परिचित थे।

2. रियासतों की समस्या:
जब भारत स्वतन्त्र हुआ, ब्रिटिश सरकार ने सभी देशी रियासतों को स्वतन्त्र कर दिया तथा यह कहा कि वे चाहे तो भारत में मिल सकती हैं, चाहे पाकिस्तान में और चाहे अपने आप को दोनों से स्वतन्त्र रख सकती हैं। भारतीय नेताओं को इन छोटी-बड़ी देशी रियासतों को मिलाना अत्यन्त कठिन दिख रहा था। उन्हें एकात्मक सरकार के ढाँचे की तुलना में संघीय ढाँचे में सम्मिलित करना भारतीय नेताओं को कहीं अधिक आसान लगा।

3. भारतीय दशाएँ:
उस समय की भारतीय दशाओं ने भी संविधान निर्माताओं को विवश कर दिया कि वे संघात्मक शासन व्यवस्था को अपनाएँ। भारत एक विशाल देश है। यहाँ के लोगों में जातीय, क्षेत्र, धर्म, भाषा, रहन-सहन, परम्परा – रीति-रिवाज, भोजन तथा वेशभूषा, संस्कृति तथा आदतों की विविधताएँ हैं। पहाड़ी लोगों की जीवन जीने की शैली, मैदानी लोगों से भिन्न है। यहाँ अनेक क्षेत्रों में जनजातीय लोग निवास करते हैं। इसी स्थिति में केवल संघीय ढाँचा ही इन सब विविधताओं को एकता में पिरो सकता था।

फलतः संविधान निर्माताओं ने देश के लिए संघात्मक शासन व्यवस्था को अपनाया। संविधान निर्माताओं को यह मान था कि भारतीय समाज में क्षेत्रीय और भाषायी विविधताओं को मान्यता देने की आवश्यकता थी। विभिन्न क्षेत्रों और भाषा-भाषी लोगों को सत्ता में सहभागिता करनी थी तथा इन क्षेत्रों के लोगों को स्वशासन का अवसर देना था। संघात्मक व्यवस्था में ही यह सब सम्भव हो सकता था।

4. भौगोलिक विविधताएँ:
भारत एक उप-महाद्वीप है और एक उप महाद्वीप में प्रशासनिक कुशलता की दृष्टि से एकात्मक शासन की तुलना में संघात्मक शासन उत्तम ठहरता है। क्योंकि भारत के विभिन्न क्षेत्र अपने क्षेत्र में क्षेत्रीय विकास की गतिविधियों के लिए कार्य की स्वतंत्रता की मांग कर रहे थे। इन विविधताओं को समेटने के लिए संघात्मक शासन ही उपयुक्त था। इस प्रकार भारत की संविधान सभा ने संघात्मक शासन व्यवस्था को अपनाया।

प्रश्न 5.
भारत के संविधान निर्माताओं ने केन्द्र को अधिक शक्तिशाली क्यों बनाया? विवेचना कीजिए।
उत्तर:
भारतीय संघीय व्यवस्था में शक्तिशाली केन्द्र भारत में संघात्मक व्यवस्था के साथ-साथ एकात्मकता के लक्षण भी विद्यमान हैं। यद्यपि केन्द्र और राज्यों के कार्यक्षेत्र संविधान द्वारा निश्चित किये गये हैं तो भी केन्द्र सरकार राज्यों के कार्यों में हस्तक्षेप कर सकती है। संविधान में अनेक प्रावधान ऐसे हैं जो संघीय शासन व्यवस्था को एकात्मक शासन में बदल सकते हैं।

संविधान निर्माताओं ने संघीय व्यवस्था की सुरक्षा, कानून एवं व्यवस्था की स्थापना, सामान्य मुद्दों में सामञ्जस्य की स्थापना तथा संघ की इकाइयों की एकजुटता की दृष्टि से केन्द्र को अधिक शक्तिशाली बनाया है। केन्द्र को शक्तिशाली बनाने के लिए उत्तरदायी कारक निम्नलिखित कारकों ने संविधान निर्माताओं को केन्द्र को शक्तिशाली बनाने के लिए प्रेरित किया।

1. संघात्मक व्यवस्था शक्ति के विकेन्द्रीकरण की प्रक्रिया के तहत:
भारत में संघात्मक व्यवस्था का निर्माण शक्ति के विकेन्द्रीकरण की प्रक्रिया के तहत हुआ है। भारत में प्रान्तों को शक्तियाँ केन्द्र से हस्तांतरित हुई हैं और केन्द्र से शक्तियों को हस्तांतरित कर संघीय व्यवस्था का निर्माण किया गया है। इस प्रक्रिया में यह स्वाभाविक है कि केन्द्र सरकार ने अपने पास अधिक शक्तियाँ रखीं। अमेरिका में स्वतंत्र राज्यों ने अपनी संप्रभुता और शक्तियों को हस्तांतरित कर संघ सरकार का निर्माण किया। इस प्रकार केन्द्र या संघ सरकार को शक्तियाँ राज्यों से हस्तांतरित हुई हैं। इस प्रक्रिया में यह स्वाभाविक था कि राज्य अपने पास अधिक शक्ति रखें । इसलिए वहां राज्यों के पास अधिक शक्तियाँ हैं।

2. इतिहास से सबक:
भारत के संविधान निर्माता इस ऐतिहासिक तथ्य से भलीभांति परिचित थे कि भारत में जब कभी भी केन्द्र की शक्ति कमजोर हुई, देश की एकता छिन्न-भिन्न हो गई थी। केन्द्र की कमजोर सरकार के चलते, प्रान्तों ने स्वयं को स्वतंत्र शासक घोषित करते हुए विद्रोह कर दिया और विदेशियों को देश पर आक्रमण के लिए प्रोत्साहित किया। इस प्रकार देश की सुरक्षा तथा एकता के लिए कमजोर केन्द्र हमेशा एक खतरा है। इसलिए उन्होंने संघीय व्यवस्था में भी जानबूझकर केन्द्र को शक्तिशाली बनाया है।

3. देशी रियासतों की समस्या:
जब देश स्वतंत्र हुआ, 600 से अधिक देशी रियासतों को यह विकल्प दिया गया था कि वे चाहे तो भारत में मिल जाएँ, चाहे पाकिस्तान में और चाहे वे अपने आपको स्वतंत्र रखें। इन देशी रियासतों को भारत संघ में मिलाने के लिए दबाव डाला गया। यदि केन्द्र सरकार कमजोर रखी जाती, तो ये देशी रियासतें देश की एकता के लिए खतरा बन सकती थीं और ये रियासतें आसानी से संघ में मिलने को भी राजी नहीं होतीं । इसलिए शक्तिशाली केन्द्र के साथ वाली संघीय व्यवस्था ने ही इस पेचीदी समस्या को सुलझाया।

4. परिस्थितियों की आवश्यकता:
जब संविधान का निर्माण हो रहा था, उस समय विभाजनकारी ताकतें देश में सक्रिय थीं। जातिवाद, क्षेत्रवाद, साम्प्रदायिकता तथा भाषावाद की जड़ें मजबूत थीं तथा सक्रिय थीं। वे देश की एकता को खतरा पैदा कर रही थीं। इसलिए संविधान निर्माताओं ने लोकतंत्र और देश की एकता की सुरक्षा के लिए शक्तिशाली केन्द्र की आवश्यकता महसूस की।

5. आर्थिक तथा सामाजिक स्वतंत्रता की स्थापना हेतु;
1947 में भारत को राजनीतिक स्वतंत्रता तो मिल गई थी, लेकिन आर्थिक और सामाजिक स्वतंत्रता अभी बहुत दूर थी और आर्थिक-सामाजिक स्वतंत्रता के बिना राजनीतिक स्वतंत्रता अर्थहीन थी। संविधान निर्माता इस विचार से सहमत थे कि केन्द्र सरकार को शक्तिशाली बनाकर ही इस सामाजिक- आर्थिक स्वतंत्रता को शीघ्र प्राप्त किया जा सकता है क्योंकि केवल एक शक्तिशाली केन्द्र ही पूरे देश में आर्थिक नीति का निर्माण कर उसे लागू कर सकता है।

6. विश्व में शक्तिशाली केन्द्र की प्रवृत्ति:
आधुनिक काल अन्तर्राष्ट्रीयता का काल है और प्रत्येक राज्य अन्तर्राष्ट्रीय जगत में अपना अस्तित्व चाहता है। यह कमजोर केन्द्र के चलते प्राप्त नहीं किया जा सकता। इस कारण पूरे विश्व में केन्द्र को शक्तिशाली बनाने की प्रवृत्ति व्याप्त है। भारत के संविधान निर्माताओं पर भी इस प्रवृत्ति का प्रभाव पड़ना स्वाभाविक था।

JAC Class 11 Political Science Important Questions Chapter 7 संघवाद 

प्रश्न 6.
भारत में केन्द्र-राज्य सम्बन्धों पर दलीय राजनीति के प्रमुख चरणों तथा इसके प्रभाव की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
भारत में एक संघात्मक शासन व्यवस्था है लेकिन इसकी प्रवृत्ति केन्द्रीकरण की है या कि प्रवृत्ति से यह एकात्मकता लिये हुए है। भारत में राज्य सरकारों की कार्यप्रणाली में केन्द्र द्वारा हस्तक्षेप किये जा सकने के अनेक प्रावधान स्वयं संविधान में किये गये हैं। इससे केन्द्र – राज्य सम्बन्धों पर प्रभाव पड़ा है। भारत की दलीय राजनीति ने भी केन्द्र- राज्य सम्बन्धों को प्रभावित किया है।

दलीय राजनीति और केन्द्र-राज्य सम्बन्ध – भारतीय संघवाद पर राजनीतिक प्रक्रिया की परिवर्तनशील प्रकृति का काफी प्रभाव पड़ा है। दलीय राजनीति के केन्द्र-राज्य सम्बन्धों के प्रभाव को इसके निम्न चरणों के अन्तर्गत स्पष्ट किया गया है।

1. दलीय राजनीति का प्रथम चरण ( स्वतंत्रता से 1966 तक ):
1950 तथा 1960 के दशक के प्रारंभिक वर्षों में जवाहरलाल नेहरू ने भारतीय संघीय व्यवस्था की नींव रखी। इस दौरान केन्द्र और राज्यों में कांग्रेस का वर्चस्व था । इस काल में नए राज्यों के गठन की माँग के अलावा केन्द्र और राज्यों के बीच सम्बन्ध शांतिपूर्ण तथा सामान्य रहे। राज्यों को आशा थी कि वे केन्द्र से प्राप्त वित्तीय अनुदानों से विकास कर सकेंगे। इसके अतिरिक्त केंन्द्र द्वारा सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए बनाई गई नीतियों के कारण भी राज्यों को काफी आशा बँधी थी। इससे स्पष्ट होता है कि इस काल में केन्द्र और राज्यों में एक दलीय प्रभुत्व था तथा पं. नेहरू का शक्तिशाली व्यक्तित्व था। इस कारण शक्तियों और कार्यक्षेत्र के सम्बन्ध में केन्द्र और राज्यों के बीच इस काल में कोई विवाद, संघर्ष तथा मतभेद नहीं उभरे। केन्द्र-राज्य सम्बन्धों में कोई तनाव नहीं था।

2. दलीय राजनीति का द्वितीय चरण (1967 से 1988 तक ):
1967 के आम चुनावों से भारत में दलीय राजनीति का द्वितीय चरण प्रारंभ होता है। 1967 के चुनावों में केन्द्र में तो कांग्रेस दल का वर्चस्व बना रहा लेकिन अनेक राज्यों में विपक्षी दलों की सरकारें बनीं और कांग्रेस को विपक्ष में बैठना पड़ा। बिहार, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश तथा तमिलनाडु राज्यों में गैर-कांग्रेसी सरकारों का गठन हुआ लेकिन लगभग इन सभी राज्यों में अनेक विरोधी दलों ने मिलकर मिली-जुली सरकार का गठन किया। परिणामतः राज्यों की मिली-जुली सरकारें लम्बे समय तक नहीं चल सकीं और भारतीय राजनीति में एक नवीन समस्या सामने आई। यह समस्या दल-बदल की थी।

कांग्रेस दल केन्द्र में सत्तासीन था और उसने राज्यों की गैर-कांग्रेसी सरकारों को अपदस्थ करने में रुचि ली। इससे राज्यों को और ज्यादा शक्ति और स्वायत्तता देने की मांग बलवती हुई। इस मांग के पीछे प्रमुख कारण यह था कि केन्द्र और राज्यों में भिन्न-भिन्न दल सत्ता में थे। अतः गैर-कांग्रेसी राज्यों की सरकारों ने केन्द्र की कांग्रेसी सरकार द्वारा किए गए अवांछनीय हस्तक्षेपों का विरोध करना शुरू कर दिया। कांग्रेस के लिए भी विरोधी दलों द्वारा शासित राज्यों से संबंधों के तालमेल की बात पहले जैसी आसान नहीं रही। इस विचित्र राजनैतिक संदर्भ में संघीय व्यवस्था के अन्दर स्वायत्तता की अवधारणा को लेकर वाद-विवाद छिड़ गया।

3. दलीय राजनीति का तृतीय चरण (1989 से अब तक ):
1989 के आम चुनाव में भारतीय राजनीति में एक नया बदलाव आया। अब कांग्रेस केन्द्र से तथा अधिकांश राज्यों से सत्ता से बाहर हो गयी। इस प्रकार भारतीय राजनीति में कांग्रेस का वर्चस्व समाप्त हो गया। केन्द्र में गठबंधन की राजनीति का प्रारंभ हुआ। अनेक राज्यों में गैर-कांगेसी दलों की सरकारों के होने से केन्द्र-र राज्य सम्बन्धों में तनाव बढ़े। ये राज्य अब केन्द्र के साथ खुले संघर्ष के रूप में सामने आए और केन्द्र-राज्य सम्बन्धों की पूर्ण समीक्षा की मांग की ताकि केन्द्र उनके कार्यक्षेत्र में हस्तक्षेप न कर सके। इससे राज्यों का राजनीतिक कद बढ़ा, विविधता का आदर हुआ और एक मँझे हुए संघवाद की शुरुआत हुई।

प्रश्न 7.
केन्द्र-राज्य संबंधों के संदर्भ में राज्य के राज्यपाल की भूमिका तथा अनुच्छेद 356 पर एक निबन्ध लिखिये
उत्तर:
1. केन्द्र-राज्य सम्बन्धों के संदर्भ में राज्यपाल की भूमिका:
राज्यपाल राज्य का संवैधानिक प्रमुख है। वह केन्द्र सरकार की सलाह से राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है और राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत तक अपने पद पर बना रहता है। यद्यपि वह 5 साल के लिए नियुक्त किया जाता है लेकिन राष्ट्रपति बिना कारण बताये उसे इस अवधि से पूर्व भी पद से हटा सकता है। इस प्रकार राज्यपाल अपनी नियुक्ति के लिए और अपने पद पर बने रहने के लिए केन्द्रीय मंत्रिमंडल की प्रसन्नता पर निर्भर रहता है।

दूसरी तरफ राज्यपाल राज्य का संवैधानिक प्रमुख होता है और सामान्यतः राज्य के मंत्रिमंडल की सलाह के अनुसार कार्य करता है। लेकिन इसके साथ ही वह केन्द्र सरकार का अभिकर्ता भी होता है तथा उससे यह आशा की जाती है कि वह कुछ कार्यों को अपने विवेक के अनुसार करेगा। इस स्थिति में वह राज्यमंत्रिमंडल की सलाह के अनुसार कार्य न करके सामान्यतः संघीय सरकार की इच्छाओं के अनुसार कार्य करता है। चूंकि राज्यपाल को दोहरी भूमिकाओं में कार्य करना पड़ता है, इसलिए यह पद केन्द्र-राज्य सम्बन्धों में तनाव का एक कारण बन गया है। राज्यपाल के फैसलों को अक्सर राज्य सरकार के कार्यों में केन्द्र सरकार के हस्तक्षेप के रूप में देखा जाता है। जब केन्द्र और राज्य में अलग-अलग दल सत्तारूढ़ होते हैं, तब राज्यपाल की भूमिका और अधिक विवादास्पद हो जाती है।

अनुच्छेद- 356 का दुरुपयोग सामान्यतः जिन राज्यों में केन्द्र के सत्तारूढ़ दल से भिन्न दलों की सरकारें हैं, उन राज्यों में केन्द्र ने राष्ट्रपति शासन लगाने में राज्यपाल के पद का दुरुपयोग किया है। संविधान के अनुच्छेद 356 के द्वारा राज्यों में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाता है। इस प्रावधान को किसी राज्य में तब लागू किया जाता है जब ” ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई हो कि उस राज्य का शासन इस संविधान के उपबन्धों के अनुसार नहीं चलाया जा सकता।” परिणामस्वरूप संघीय सरकार राज्य सरकार का अधिग्रहण कर लेती है। इस विषय पर राष्ट्रपति द्वारा जारी उद्घोषणा को संसद की स्वीकृति प्राप्त करना जरूरी होता है। राज्यपाल को यह अधिकार है कि वह राज्य सरकार को बर्खास्त करने तथा राज्य विधानसभा को निलंबित या विघटित करने की अनुशंसा कर सके। इससे अनेक विवाद पैदा हुए। यथा

(i) कुछ मामलों में राज्य सरकारों को विधायिका में बहुमत होने के बाद भी बर्खास्त कर दिया। 1959 में केरल में और 1967 के बाद अनेक राज्यों में बहुमत की परीक्षा के बिना ही सरकारों को बर्खास्त कर दिया गया। कुछ मामले सर्वोच्च न्यायालय में भी गए तथा सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला दिया कि राष्ट्रपति शासन लागू करने के निर्णय की संवैधानिकता की जांच-पड़ताल न्यायालय कर सकता है। 1967 के बाद जब राज्यों में गैर कांग्रेसी सरकारें बनीं तब केन्द्र में सत्तासीन कांग्रेसी सरकार ने अनेक अवसरों पर इसका प्रयोग राज्य सरकारों को बर्खास्त करने के लिए किया।

(ii) कुछ मामलों में केन्द्र सरकार ने राज्यपाल के माध्यम से राज्य में बहुमत दल या गठबंधन को सत्तारूढ़ होने से रोका। उदाहरण के लिए, 1980 के दशक में केन्द्रीय सरकार ने आंध्रप्रदेश और जम्मू-कश्मीर की निर्वाचित सरकारों को बर्खास्त किया।

2. मुख्यमंत्री की नियुक्ति में राज्यपाल के स्वयंविवेक की भूमिका:
जब किसी राज्य में किसी एक दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला तो केन्द्र की कांग्रेस सरकार ने राज्यपाल के माध्यम से उस राज्य में मुख्यमंत्री की नियुक्ति में हस्तक्षेप किया क्योंकि राज्यपाल ने उस समय केन्द्र की सलाह के अनुसार कार्य किया न कि निष्पक्ष संवैधानिक अध्यक्ष के रूप में। इससे केन्द्र-राज्य सम्बन्धों की दृष्टि से गवर्नर का पद विवादास्पद हो गया।

3. विधेयक को राष्ट्रपति की स्वीकृति हेतु रोक लेना:
राज्य के राज्यपाल के पास यह स्वयंविवेक की शक्ति है कि वह राज्य विधानसभा द्वारा पारित किसी विधेयक को राष्ट्रपति की स्वीकृति हेतु अपने पास रोक सकता है। इस शक्ति को सामान्यतः उस विधेयक को पारित करने से रोकने या उसे पारित करने में देरी करने के लिए किया गया है, जो केन्द्र की सरकार को पसंद नहीं है। ऐसे विधेयकों को लम्बे समय तक पेंडिंग रखा जा सकता है। इस प्रकार राज्यपाल के पद की कटु आलोचनाएँ की गईं तथा यह मांग भी उठी कि राज्यपाल के पद को ही समाप्त कर दिया जाये। सरकारिया आयोग ने इस सम्बन्ध में यह सुझाव दिया कि राज्यपाल राज्य से बाहर का व्यक्ति होना चाहिए और वे अपने विवेक का प्रयोग बहुत कम करें तथा अच्छी तरह स्थापित परम्पराओं के अनुसार ही करें तथा उन्हें अपना कार्य निष्पक्षता से करना चाहिए।

JAC Class 11 Political Science Important Questions Chapter 7 संघवाद 

प्रश्न 8.
संविधान में कुछ राज्यों के लिए विशिष्ट प्रावधान किये गए हैं। उन्हें स्पष्ट कीजिए। क्या वे संघवाद के सिद्धान्त के अनुरूप हैं?
उत्तर:
कुछ राज्यों के लिए विशिष्ट प्रावधान: भारतीय संघवाद की यह अनोखी विशेषता है कि इसमें अनेक राज्यों के साथ विशिष्ट प्रावधान भी किये गये हैं। शक्ति के बँटवारे की योजना के तहत संविधान प्रदत्त शक्तियाँ सभी राज्यों को समान रूप से प्रदान की गई हैं; लेकिन कुछ राज्यों के लिए उनकी विशिष्ट सामाजिक और ऐतिहासिक परिस्थितियों के अनुरूप कुछ विशिष्ट अधिकारों की व्यवस्था करता है। यथा

  1. जम्मू-कश्मीर राज्य के लिए अनुच्छेद 370 का प्रावधान:
    अनुच्छेद 370 के द्वारा जम्मू-कश्मीर को अगस्त 2019 तक विशिष्ट स्थिति प्रदान की गई थी। स्वतंत्रता के बाद जम्मू-कश्मीर के महाराजा ने भारत में विलय का चयन किया, जबकि अधिकांश मुस्लिम बहुल राज्यों ने पाकिस्तान का चयन किया था। इस परिस्थिति में संविधान में अनुच्छेद 370 के तहत उसे अन्य राज्यों की तुलना में अधिक स्वायत्तता प्रदान की गई। यथा
  2. अन्य राज्यों के लिए तीन सूचियों द्वारा किया गया शक्ति विभाजन स्वतः प्रभावी होता है लेकिन जम्मू-कश्मीर राज्य में संघीय सूची और समवर्ती सूची में वर्णित शक्तियों का प्रयोग करने के लिए राज्य सरकार की सहमति लेनी पड़ती थी। इससे जम्मू-कश्मीर राज्य को ज्यादा स्वायत्तता मिल जाती थी।
  3. इसके अतिरिक्त जम्मू-कश्मीर और अन्य राज्यों में एक अन्तर यह था कि राज्य सरकार की सहमति के बिना ‘ जम्मू-कश्मीर में ‘आंतरिक अशांति’ के आधार पर आपातकाल लागू नहीं किया जा सकता था।
  4. संघ सरकार जम्मू-कश्मीर में वित्तीय आपात स्थिति लागू नहीं कर सकती थे।
  5. राज्य के नीति-निर्देशक तत्व भी यहाँ लागू नहीं होते थे।
  6. अनुच्छेद 368 के अन्तर्गत किये गये भारतीय संविधान के संशेधन भी राज्य सरकार की सहमति से ही जम्मू- कश्मीर में लागू हो सकते हैं।

लेकिन अगस्त 2019 में केन्द्र सरकार ने संविधान के अस्थायी अनुच्छेद 370 तथा 45 – A को संविधान से हटा दिया है तथा जम्मू-कश्मीर राज्य को दो संघीय क्षेत्रों

  • जम्मू-कश्मीर और
  • लद्दाख में परिवर्तित कर दिया है। इस प्रकार जम्मू-कश्मीर राज्य की यह विशिष्ट स्थिति अब समाप्त हो गई है।

2. उत्तरी-पूर्वी राज्यों के लिए अनुच्छेद 371:
अनुच्छेद 371 के तहत प्रावधान उत्तर- विशेष प्रावधानों की व्यवस्था करता है। ये राज्य हैं – असम, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, त्रिपुरा, मणिपुर और -पूर्वी राज्यों के लिए मेघालय आदि। इनमें विशिष्ट इतिहास और संस्कृति वाली जनजातीय बहुल जनसंख्या निवास करती है। यहाँ के ये निवासी अपनी संस्कृति तथा इतिहास को बनाए रखना चाहते हैं।

3. कुछ अन्य राज्यों में विशिष्ट प्रावधान:
कुछ विशिष्ट प्रावधान कुछ अन्य राज्यों के लिए भी किये गये हैं। ये राज्य हैं। पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश तथा उत्तरांचल तथा अन्य राज्य आंध्रप्रदेश, गोवा, गुजरात, महाराष्ट्र और सिक्किम; क्योंकि इन राज्यों में कुछ पहाड़ी जनजातियाँ तथा आदिवासी निवास करते हैं। विशिष्ट प्रावधान संघवाद के सिद्धान्त के विरुद्ध नहीं हैं। अनेक लोगों की मान्यता है कि संघीय व्यवस्था में शक्तियों का औपचारिक और समान विभाजन संघ के सभी राज्यों पर समान रूप से लागू होना चाहिए।

अतः जब भी ऐसे विशिष्ट प्रावधानों की व्यवस्था संविधान में की जाती है तो उसका कुछ विरोध भी होता है। भारत में विशिष्ट प्रावधानों का विरोध जम्मू-कश्मीर राज्य को प्रदान किये गए अनुच्छेद 370 के प्रति है, अन्य प्रावधानों जैसे अनुच्छेद 371 आदि के प्रति नहीं है। मुखर लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि भारत में जिन परिस्थितियों में संघवाद की स्थापना की गयी है, वे परिस्थितियाँ सभी प्रान्तों में एकसमान नहीं थीं।

भारत विविधताओं से भरा देश है और इसलिए कुछ क्षेत्रों के विकास तथा उन्हें देश के अन्य क्षेत्रों के समान लाने के लिए कुछ विशिष्ट प्रावधान किये गये हैं। जिन परिस्थितियों में जम्मू-कश्मीर राज्य भारतीय संघ का भाग बनने को राजी हुआ, उस परिस्थिति में उसे विशिष्ट प्रावधान देने का वायदा किया गया था। अन्य राज्यों में आदिवासियों और पिछड़े राज्यों को उठाने तथा उनकी संस्कृति को संरक्षित रखने की दृष्टि से जो विशिष्ट प्रावधान किए गये हैं, वे संघवाद के सिद्धान्त के विरुद्ध नहीं हैं।

JAC Class 11 Political Science Solutions Chapter 10 संविधान का राजनीतिक दर्शन

Jharkhand Board JAC Class 11 Political Science Solutions Chapter 10 संविधान का राजनीतिक दर्शन Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 11 Political Science Solutions Chapter 10 संविधान का राजनीतिक दर्शन

Jharkhand Board Class 11 Political Science संविधान का राजनीतिक दर्शन Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
नीचे कुछ कानून दिए गए हैं। क्या इनका सम्बन्ध किसी मूल्य से है? यदि हाँ, तो वह अन्तर्निहित मूल्य क्या है? कारण बताएँ।
(क) पुत्र और पुत्री दोनों का परिवार की सम्पत्ति में हिस्सा होगा।
(ख) अलग-अलग उपभोक्ता वस्तुओं के बिक्री कर का सीमांकन अलग-अलग होगा।
(ग) किसी भी सरकारी विद्यालय में धार्मिक शिक्षा नहीं दी जाएगी।
(घ) बेगार अथवा बंधुआ मजदूरी नहीं करायी जा सकती।
उत्तर:
(क) ‘पुत्र और पुत्री दोनों का परिवार की सम्पत्ति में हिस्सा होगा।’ हाँ, इस कानून का सम्बन्ध समानता और सामाजिक न्याय के सामाजिक मूल्य से है। इसका कारण यह है कि संविधान में स्त्री और पुरुष दोनों को समानता का अधिकार दिया गया है। सरकार किसी कानून में लिंग के आधार पर कोई भेदभाव नहीं करेगी। दूसरे, सामाजिक न्याय का अर्थ भी यही है कि समाज में लिंग, जाति, नस्ल, धर्म आदि के आधार पर कोई भेदभाव न हो। अतः पुत्र और पुत्री दोनों को परिवार की सम्पत्ति में समान हिस्सा दिया जाना सामाजिक न्याय के मूल्य को दर्शाता है। इस प्रकार इस कानून में समानता और सामाजिक न्याय का मूल्य अन्तर्निहित है।

(ख) ‘अलग-अलग उपभोक्ता वस्तुओं के बिक्री कर का सीमांकन अलग-अलग होगा।’ हाँ, इस कानून में भी आर्थिक न्याय का मूल्य अन्तर्निहित है। उपभोक्ता वस्तुओं को दो श्रेणियों में बांटा जा सकता है आवश्यक आवश्यकताओं से संबंधित उपभोक्ता वस्तुएँ और विलासिता की आवश्यकताओं से सम्बन्धित उपभोक्ता वस्तुएँ। इसके अतिरिक्त मानव के शरीर के लिए घातक उपभोक्ता वस्तुएँ भी होती हैं। हम इन्हें तीसरी श्रेणी में ले सकते हैं। ये वस्तुएँ सामान्यतः नशे से सम्बन्धित होती हैं। ऐसी स्थिति में सरकार आर्थिक – न्याय को ध्यान में रखते हुए अलग-अलग श्रेणी की उपभोक्ता वस्तुओं के बिक्री कर का सीमांकन अलग-अलग करती है तथा ऐसे कानून बनाती है।

(ग) ‘किसी भी सरकारी विद्यालय में धार्मिक शिक्षा नहीं दी जायेगी। हाँ, इस कानून में धार्मिक मूल्य अन्तर्निहित है और वह है। धर्मनिरपेक्षता का मूल्य/धर्मनिरपेक्षता का आदर्श मूल्य यही है कि राज्य या सरकार सभी धर्मों को समान दृष्टि से देखेगी तथा किसी भी धर्म विशेष का प्रचार-प्रसार नहीं करेगी। सरकारी स्कूलों में धार्मिक शिक्षा न दिया जाना, धर्मनिरपेक्षता के मूल्य का अनुसरण है।

(घ) ‘बेगार या बंधुआ मजदूरी नहीं करायी जा सकती। हाँ, इस कानून के अन्तर्गत सामाजिक न्याय का मूल्य अन्तर्निहित है। सामाजिक न्याय का यह तकाजा है कि समाज में कसी भी वर्ग का शोषण नहीं किया जाये । यह कानून भी इसी मूल्य को लागू करता है और यह स्थापित करता है कि ‘बेगार या बंधुआ मजदूरी नहीं करायी जा सकती क्योंकि ये दोनों रूप शोषणकारी हैं।’

प्रश्न 2.
नीचे कुछ विकल्प दिये जा रहे हैं। बताएँ कि इसमें किसका इस्तेमाल निम्नलिखित कथन को पूरा करने में नहीं किया जा सकता? लोकतांत्रिक देश को संविधान की जरूरत जाएं।
(क) सरकार की शक्तियों पर अंकुश रखने के लिए होती है।
(ख) अल्पसंख्यकों को बहुसंख्यकों से सुरक्षा देने के लिए होती है।
(ग) औपनिवेशिक शासन से स्वतंत्रता अर्जित करने के लिए होती है।
(घ) यह सुनिश्चित करने के लिए होती है कि क्षणिक आवेग में दूरगामी लक्ष्यों से कहीं विचलित न हो
(ङ) शांतिपूर्ण ढंग से सामाजिक बदलाव लाने के लिए होती है।
उत्तर:
उपर्युक्त विकल्पों में जिस कथन का इस्तेमाल इस कथन- ‘लोकतांत्रिक देश को संविधान की जरूरत- को पूरा करने के लिए नहीं किया जा सकता वह है। (ग) औपनिवेशिक शासन से स्वतंत्रता अर्जित करने के लिए होती है।

JAC Class 11 Political Science Solutions Chapter 10 संविधान का राजनीतिक दर्शन

प्रश्न 3.
संविधान सभा की बहसों को पढ़ने और समझने के बारे में नीचे कुछ कथन दिए गए हैं। (अ) इनमें से कौनसा कथन इस बात की दलील है कि संविधान सभा की बहसें आज भी प्रासंगिक हैं? कौन-सा कथन यह तर्क प्रस्तुत करता है कि ये बहसें प्रासंगिक नहीं हैं।
(ब) इनमें से किस पक्ष का आप समर्थन करेंगे और क्यों
(क) आम जनता अपनी जीविका कमाने और जीवन की विभिन्न परेशानियों के निपटारे में व्यस्त होती है। आम जनता इन बहसों की कानून भाषा को नहीं समझ सकती।
(ख) आज की स्थितियाँ और चुनौतियाँ संविधान बनाने के वक्त की चुनौतियाँ और स्थितियों से अलग हैं। संविधान निर्माताओं के विचारों को पढ़ना और अपने नए जमाने में इस्तेमाल करना दरअसल अतीत को वर्तमान में खींच लाना है।
(ग) संसार और मौजूदा चुनौतियों को समझने की हमारी दृष्टि पूर्णतया नहीं बदली है। संविधान सभा की बहसों से हमें यह समझने के तर्क मिल सकते हैं कि कुछ संवैधानिक व्यवहार क्यों महत्त्वपूर्ण हैं। एक ऐसे समय में जब संवैधानिक व्यवहारों को चुनौती दी जा रही है, इन तर्कों को न जानना संवैधानिक व्यवहारों को नष्ट कर सकता है।
उत्तर:
(अ) इनमें से (ग) बिन्दु के अन्तर्गत दिया गया कथन इस बात की दलील है कि संविधान सभा की बहसें आज भी प्रासंगिक हैं तथा इनमें से (क) और (ख) बिन्दु के अन्तर्गत दिये गए कथन इस बात की दलील हैं कि संविधान सभा की बहसें प्रासंगिक नहीं हैं।

(ब) इनमें से मैं इस पक्ष का समर्थन करूंगा कि संसार और मौजूदा चुनौतियों को समझने की हमारी दृष्टि पूर्णतया नहीं बदली है। संविधान सभा की बहसों से हमें यह समझने के तर्क मिल सकते हैं कि कुछ संवैधानिक व्यवहार क्यों महत्त्वपूर्ण हैं। एक ऐसे समय में जब संवैधानिक व्यवहारों को चुनौती दी जा रही है, इन तर्कों को न जानना संवैधानिक व्यवहारों को नष्ट कर सकता है। इसलिए अपने संविधान के मूल में निहित राजनीतिक दर्शन को बार-बार याद करना और उसे टटोलना हमारे लिए जरूरी है और यह राजनीतिक दर्शन हमें संविधान सभा की बहसों में दिये गये तर्कों में मिलता है।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित प्रसंगों के आलोक में भारतीय संविधान और पश्चिमी अवधारणा में अन्तर स्पष्ट करें।
(क) धर्मनिरपेक्षता की समझ
(ख) अनुच्छेद 370 और 371
(ग) सकारात्मक कार्य योजना या अफरमेटिव एक्शन
(घ) सार्वभौम वयस्क मताधिकार।
उत्तर:
(क) धर्मनिरपेक्षता की समझ – धर्मनिरपेक्षता की समझ के मामले में भारतीय संविधान पश्चिमी अवधारणा से अलग है। दोनों में निम्नलिखित अन्तर हैं-
1. पश्चिम में धर्मनिरपेक्षता से आशय व्यक्ति की धार्मिक स्वतंत्रता से है जबकि भारतीय संविधान में धार्मिक स्वतंत्रता से आशय व्यक्ति और समुदाय दोनों की धार्मिक स्वतंत्रता से है।

2. पश्चिम में धर्म और राज्य के अलगाव का अर्थ धर्म और राज्य के पारस्परिक निषेध से है जिसका अर्थ है कि धर्म और राज्य दोनों एक-दूसरे के अन्दरूनी मामलों से दूर रहेंगे। लेकिन भारत में धर्म और राज्य के अलगाव का अर्थ पारस्परिक निषेध नहीं है क्योंकि यहां धर्म से अनुमोदित ऐसे रिवाजों, जैसे छुआछूत आदि, जो व्यक्ति को उसकी मूल गरिमा और आत्मसम्मान से वंचित करते हैं; को खत्म करने के लिए राज्य को धर्म के अन्दरूनी मामलों में हस्तक्षेप करना पड़ा।

अतः यहाँ राज्य स्वतंत्रता और समता जैसे मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए धार्मिक समुदायों की मदद भी कर सकता है और उनके कार्य में हस्तक्षेप भी कर सकता है। इस प्रकार भारत में धर्म और राज्य के अलगाव का अर्थ पारस्परिक- निषेध नहीं बल्कि राज्य की धर्म से सिद्धान्तगत दूरी है।

(ख) अनुच्छेद 370 और 371 – अनुच्छेद 370 जम्मू और कश्मीर राज्य के सम्बन्ध में अस्थायी या संक्रमणकालीन व्यवस्था करता था और अनुच्छेद 371 उत्तर-पूर्व के राज्यों के लिए विशेष उपबन्धों की व्यवस्था करता है। इन दोनों अनुच्छेदों को जगह देकर भारतीय संघवाद ने ‘असमतोल संघवाद’ की अवधारणा को अपनाया है जबकि पाश्चात्य संविधानों में संघवाद की समतोल अवधारणा को अपनाया गया है। पाश्चात्य संविधानों में जहाँ सभी राज्यों को समानता का दर्जा दिया गया है तथा सभी राज्यों के अपने पृथक्-पृथक् संविधान हैं, वहां भारतीय संविधान में अनुच्छेद 370 का समावेश करके जम्मू-कश्मीर राज्य को शेष राज्यों की तुलना में विशेष अधिकार दिए गए थे।

लेकिन 2019 में मोदी सरकार ने 370 अनुच्छेद को हटाकर जम्मू-कश्मीर राज्य में अन्य केन्द्र प्रशासित राज्यों के समान एक केन्द्र प्रशासित राज्य बना कर इन विशेष अधिकारों को समाप्त कर दिया है। इसी प्रकार अनुच्छेद 371 का समावेश करके पूर्वी क्षेत्र के कुछ राज्यों को शेष राज्यों की तुलना में विशेष अधिकार दिये गये हैं। अनुच्छेद 371 के तहत नागालैंड व अन्य पूर्वी क्षेत्र के प्रदेशों को विशेष दर्जा दिया गया है। भारतीय संविधान के अनुसार विभिन्न प्रदेशों के साथ इस असमान बरताव में कोई बुराई नहीं है।

(ग) सकारात्मक कार्य योजना या अफरमेटिव एक्शन:
भारतीय संविधान और पाश्चात्य धारणा में सकारात्मक कार्य योजना के सम्बन्ध में बड़ा अन्तर है। अमेरिका का संविधान 1789 में लागू हुआ। वहां सकारात्मक कार्ययोजना, 1964 के नागरिक अधिकार आंदोलन के बाद प्रारंभ हुई जबकि भारतीय संविधान ने इसे लगभग दो दशक पहले ही अपना लिया था। हमारे संविधान ने व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर आंच लाए बगैर सामाजिक न्याय के सिद्धान्त को स्वीकार किया है और जाति आधारित ‘सकारात्मक कार्य योजना’ के प्रति संवैधानिक वचनबद्धता प्रकट की है। सकारात्मक कार्य योजना के तहत भारत में उदारवादी व्यक्तिवाद को सामाजिक न्याय के सिद्धान्त तथा समूहगत अधिकार के साथ स्वीकार किया है, जबकि पाश्चात्य संविधानों में ऐसा नहीं होता है।

(घ) सार्वभौम वयस्क मताधिकार:
पाश्चात्य अवधारणा में सार्वभौम मताधिकार का अधिकार उन देशों में भी जहाँ लोकतंत्र की जड़ स्थायी रूप से जम चुकी थी, कामगार तबके और महिलाओं को काफी देर से दिया गया था जबकि भारतीय राष्ट्रवाद की धारणा में सार्वभौमिक मताधिकार का विचार राष्ट्रवाद के बीज – विचारों में एक है। इसलिए यहां भारतीय संविधान में सभी नागरिकों को सार्वभौमिक मताधिकार प्रदान किया गया है।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित में धर्मनिरपेक्षता का कौन-सा सिद्धान्त भारत के संविधान में अपनाया गया है?
(क) राज्य का धर्म से कोई लेना-देना नहीं है।
(ख) राज्य का धर्म से नजदीकी रिश्ता है।
(ग) राज्य धर्मों के बीच भेदभाव कर सकता है।
(घ) राज्य धार्मिक समूहों के अधिकार को मान्यता देगा।
(ङ) राज्य को धर्म के मामलों में हस्तक्षेप करने की सीमित शक्ति होगी।
उत्तर:
भारतीय संविधान में धर्म-निरपेक्षता के निम्नलिखित सिद्धान्त अपनाए गए हैं।
(क) राज्य का धर्म से कोई लेना-देना नहीं है।
(घ) राज्य धार्मिक समूहों के अधिकार को मान्यता देगा।
(ङ) राज्य को धर्म के मामलों में हस्तक्षेप करने की सीमित शक्ति होगी।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित कथनों को सुमेलित करें।

(क) विधवाओं के साथ किये जाने वाले बरताव की आलोचना की आजादी आधारभूत महत्त्व की उपलब्धि
(ख) संविधान सभा में फैसलों को स्वार्थ के आधार पर नहीं बल्कि तर्कबुद्धि के आधार पर लिया जाना प्रक्रियागत उपलब्धि
(ग) व्यक्ति के जीवन में समुदाय के महत्त्व को स्वीकार करना लैंगिक न्याय की उपेक्षा
(घ) अनुच्छेद 370 और 371 उदारवादी व्यक्तिवाद
(ङ) महिलाओं और बच्चों को परिवार की सम्पत्ति में असमान अधिकार क्षेत्र विशेष की जरूरतों के प्रति ध्यान देना

उत्तर:
निम्नलिखित कथनों को इस प्रकार सुमेलित किया गया है।

(क) विधवाओं के साथ किये जाने वाले बरताव की आलोचना की आजादी उदारवादी व्यक्तिवाद
(ख) संविधान सभा में फैसलों को स्वार्थ के आधार पर नहीं बल्कि तर्कबुद्धि के आधार पर लिया जाना प्रक्रियागत उपलब्धि
(ग) व्यक्ति के जीवन में समुदाय के महत्त्व को स्वीकार करना आधारभूत महत्त्व की उपलब्धि
(घ) अनुच्छेद 370 और 371 क्षेत्र विशेष की जरूरतों के प्रति ध्यान देना
(ङ) महिलाओं और बच्चों को परिवार की सम्पत्ति में असमान अधिकार लैंगिक न्याय की उपेक्षा

प्रश्न 7.
यह चर्चा एक कक्षा में चल रही थी। विभिन्न तर्कों को पढ़ें और बताएँ कि आप इनमें से किससे सहमत हैं और क्यों?
जयेश: मैं अब भी मानता हूँ कि हमारा संविधान एक उधार का दस्तावेज हैं।
सबा: क्या तुम यह कहना चाहते हो कि इसमें भारतीय कहने जैसा कुछ है ही नहीं? क्या मूल्यों और विचारों पर हम ‘भारतीय’ अथवा ‘पश्चिमी’ जैसा लेबल चिपका सकते हैं? महिलाओं और पुरुषों की समानता का ही मामला लो। इसमें ‘पश्चिमी’ कहने जैसा क्या है? और, अगर ऐसा है तो भी क्या हम इसे महज पश्चिमी होने के कारण खारिज कर दें?
जयेश: मेरे कहने का मतलब यह है कि अंग्रेजों से आजादी की लड़ाई लड़ने के बाद क्या हमने उनकी संसदीय शासन की व्यवस्था नहीं अपनाई?
नेहा: तुम यह भूल जाते हो कि जब हम अंग्रेजों से लड़ रहे थे तो हम सिर्फ अंग्रेजों के खिलाफ थे । अब इस बात का, शासन की जो व्यवस्था हम चाहते थे उसको अपनाने से कोई लेना-देना नहीं, चाहे यह जहां से भी आई हो।
उत्तर:
इस चर्चा में जयेश का विचार है कि ‘हमारा संविधान उधार का दस्तावेज है।’ यहाँ पर आलोचना का विषय यह है कि भारतीय संविधान मौलिक नहीं है क्योंकि इसमें बहुत से अनुच्छेद तो भारतीय शासन अधिनियम, 1935 से शब्दशः लिये गये हैं और बहुत से अनुच्छेद विदेशों के संविधानों से लिये गये हैं। इसमें अपना देशी कुछ भी नहीं है। इसमें प्राचीन या मध्यकालीन भारत का कुछ भी नहीं है।

लेकिन सबा का कहना है कि कोई मूल्य या आदर्श भारतीय या पाश्चात्य नहीं हुआ करते। मूल्य तो मूल्य हैं और आदर्श तो आदर्श होते हैं। जब हम यह कहते हैं कि स्त्री और पुरुष में कोई भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए तो यह बात पाश्चात्य और भारतीय दोनों दृष्टिकोण से ही ठीक है। हमें कोई बात केवल इस आधार पर नकारनी नहीं चाहिए कि वह पश्चिमी अवधारणा से ली गई है। लेकिन नेहा का कथन है कि जब हम ब्रिटिश शासन के खिलाफ अपनी आजादी की लड़ाई लड़ रहे थे तो हम सिर्फ अंग्रेजों के खिलाफ थे, न कि शासन व्यवस्था के प्रति।

हमें कोई भी बात जो हमारे लिए उपयोगी हो, उसे अपनाने में यह नहीं देखना चाहिए कि यह कहां से लायी गयी है। इन तर्कों में हम नेहा के तर्क से सहमत हैं कि मानव की अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप जो बात जिस देश के संविधान से ली जाये उसमें कुछ भी गलत नहीं है। दूसरे देशों से ली गई बातें गलत हों, यह कहना सही नहीं है। इसके विपरीत यदि हम पुरातन भारतीय राजनीतिक संस्थाओं को लेना चाहें तो आधुनिक युग में यह जरूरी नहीं कि वे फिट बैठ सकें।

आलोचकों का यह कहना कि भारतीय संविधान में ‘भारतीयता का पुट नहीं है’ न्यायसंगत नहीं है। संविधान निर्माताओं ने भारतीय संविधान में विदेशी संविधानों से जिन संस्थाओं को ग्रहण किया है, उनको खूब सोच-विचार कर ही कि वे भारतीय परिस्थितियों के संदर्भ में उपयोगी हैं या नहीं, ग्रहण किया है तथा उन्हें ग्रहण करते समय भारतीय परिस्थितियों के अनुरूप ढाला है। इसलिए भारतीय संविधान के निर्माण में परिवर्तन के साथ चयन की कला को भी अपनाया गया है।

JAC Class 11 Political Science Solutions Chapter 10 संविधान का राजनीतिक दर्शन

प्रश्न 8.
ऐसा क्यों कहा जाता है कि भारतीय संविधान को बनाने की प्रक्रिया प्रतिनिधिमूलक नहीं थी? क्या इस कारण हमारा संविधान प्रतिनिध्यात्मक नहीं रह जाता? अपने उत्तर में कारण बताएँ।
उत्तर:
क्या भारत का संविधान प्रतिनिध्यात्मक नहीं है? भारत के संविधान की एक आलोचना यह कह कर की जाती है कि यह प्रतिनिध्यात्मक नहीं है। क्योंकि भारतीय संविधान का निर्माण एक संविधान सभा द्वारा किया गया था जिसका गठन 1946 में किया गया था। इसके सदस्य प्रान्तीय विधानमण्डलों द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से चुने गये थे। संविधान सभा में 389 सदस्य थे जिनमें से 292 ब्रिटिश प्रान्तों से तथा 93 देशी रियासतों से थे। चार सदस्य चीफ कमिश्नर वाले क्षेत्रों से थे।

3 जून, 1947 को भारत का विभाजन हुआ और संविधान सभा की कुल सदस्य संख्या घटकर 299 रह गयी जिसमें 284 सदस्यों ने 26 नवम्बर, 1949 को संविधान पर हस्ताक्षर किये। संविधान सभा के सदस्यों का चुनाव चूंकि सार्वभौम मताधिकार द्वारा नहीं हुआ था। अतः कुछ विद्वान इसे प्रतिनिधिमूलक नहीं मानते। लेकिन भारतीय संविधान की यह आलोचना कि संविधान निर्मात्री सभा प्रतिनिधि संस्था नहीं थी, त्रुटिपरक है। यद्यपि यह बात सही है कि सभा के सदस्यों का चुनाव प्रत्यक्ष रूप से नहीं हुआ था और न ही जनमत संग्रह द्वारा ही संविधान को जनता द्वारा अनुसमर्थित कराया गया था, तथापि इस आलोचना में निम्नलिखित कारणों से कोई सार नहीं है।

  1. 1946 में जिन परिस्थितियों में संविधान सभा का निर्माण हुआ, उनमें वयस्क मताधिकार के आधार पर इस प्रकार की सभा का निर्माण संभव नहीं था।
  2. यदि संविधान सभा का गठन प्रत्यक्ष निर्वाचन के आधार पर होता अथवा यदि इस संविधान सभा द्वारा निर्मित संविधान के प्रारूप पर जनमत संग्रह करवाया जाता, तब भी संविधान सभा का स्वरूप कम या अधिक ऐसा ही होता। क्योंकि 1952 के प्रथम आम चुनाव में संविधान सभा के अधिकांश सदस्यों ने चुनाव लड़ा तथा काफी अच्छे बहुमत से विजय प्राप्त की।
  3. तत्कालीन भारत के सबसे प्रमुख राजनैतिक दल ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस’ ने संविधान सभा को अधिकाधिक प्रतिनिधि स्वरूप प्रदान करने की प्रत्येक संभव और अधिकांश अंशों में सफल चेष्टा की थी।
  4. अगर हम प्रतिनिधित्व को ‘राय’ से जोड़ें तो हमारे संविधान में अप्रतिनिधित्व नहीं है। क्यों संविधान सभा में हर किस्म की राय रखी गयी । यदि हम संविधान सभा में हुई बहसों को पढ़ें तो जाहिर होगा कि सभा में बहुत से मुद्दे उठाए गए और बड़े पैमाने पर राय रखी गयी। सदस्यों ने अपने व्यक्तिगत और सामाजिक सरोकार पर आधारित मसले ही नहीं बल्कि समाज के विभिन्न तबके के सरोकारों और हितों पर आधारित मसले भी उठाये।

प्रश्न 9.
भारतीय संविधान की एक सीमा यह है कि इसमें लैंगिक: न्याय पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया है। आप इस आरोप की पुष्टि में कौन-से प्रमाण देंगे? यदि आज आप संविधान लिख रहे होते, तो इस कमी को दूर करने के लिए उपाय के रूप में किन प्रावधानों की सिफारिश करते?
उत्तर:
भारतीय संविधान में लैंगिक न्याय की उपेक्षा: भारतीय संविधान में कुछ सीमाएँ भी हैं। उनमें से सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण सीमा लैंगिक न्याय पर पर्याप्त ध्यान न देने की है। इसमें लैंगिक न्याय के कुछ महत्त्वपूर्ण मसलों खासकर परिवार से जुड़े मुद्दों पर ठीक से ध्यान नहीं दिया गया है। यथा गया है

1. परिवार की सम्पत्ति में स्त्रियों और बच्चों को समान अधिकार नहीं दिये गये हैं। बेटे और बेटी में अन्तर किया।

2. मूल सामाजिक-आर्थिक अधिकार राज्य के नीति निर्देशक तत्त्वों में शामिल किये गये हैं जबकि उन्हें मौलिक अधिकारों में शामिल किया जाना चाहिए क्योंकि राज्य के नीति निर्देशक तत्त्वों को न्यायालय में चुनौती नहीं दी सकती।
समान कार्य के लिए स्त्री तथा पुरुष दोनों को समान वेतन राज्य के द्वारा संरक्षित किया गया है। यह अधिकार नीति निर्देशक तत्त्वों में शामिल किया गया है। यह अधिकार मूल अधिकारों का भाग होना चाहिए था क्योंकि राज्य तभी समान कार्य के लिए स्त्री-पुरुष दोनों को समान वेतन दिला सकता है जबकि नीति निर्देशक तत्त्वों के लिए राज्य केवल प्रयास करेगा।

3. भारत के संविधान में पिछड़े वर्गों के लिए राज्य द्वारा आरक्षण किये जाने का प्रावधान किया गया है। भारत में स्त्रियाँ पुरुषों की तुलना में बहुत पिछड़ी हुई हैं। आर्थिक-सामाजिक, शैक्षिक सभी दृष्टियों से पिछड़ी हुई हैं। अतः स्त्रियों को आरक्षण की सुविधा प्रदान कर लैंगिक न्याय की स्थापना की जानी चाहिए। आज तक स्त्रियों को 33 प्रतिशत आरक्षण संसद व राज्य विधानमण्डल में नहीं दिलवाया जा सका है।

यदि आज हम संविधान लिख रहे होते तो लैंगिक न्याय के जो प्रावधान नीति-निर्देशक तत्त्वों में दिये गये हैं, उन्हें मूल अधिकारों की श्रेणी में सम्मिलित करते तथा परिवार से जुड़े मुद्दे जैसे। परिवार की सम्पत्ति में स्त्रियों और बच्चों को समान अधिकार दिये जाने का प्रावधान किये जाते तथा स्त्रियों को 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान करते।

प्रश्न 10.
क्या आप इस कथन से सहमत हैं कि। ” एक गरीब और विकासशील देश में कुछ एक बुनियादी सामाजिक-आर्थिक अधिकार मौलिक अधिकारों की केन्द्रीय विशेषता के रूप में दर्ज करने के बजाय राज्य के नीति-निर्देशक तत्त्वों वाले खंड में क्यों रख दिए गए यह स्पष्ट नहीं है।” आपकी जानकारी में सामाजिक-आर्थिक अधिकारों को नीति-निर्देशक तत्त्व वाले खंड में रखने के क्या कारण रहे होंगें?
उत्तर:
नीति-निर्देशक तत्त्व:
भारतीय संविधान की एक प्रमुख विशेषता राज्य की नीति के निर्देशक तत्त्व हैं जो कि आयरलैंड के संविधान से ग्रहण किए गए हैं। भारतीय संविधान निर्माताओं ने संविधान में केवल राज्य या सरकार के अंगों व उनकी शक्तियों व संरचना का ही वर्णन नहीं किया है बल्कि इसमें नागरिकों के मूल अधिकारों का उल्लेख किया गया है तथा नीति की वह दिशा भी निश्चित की गई है जिसकी ओर बढ़ने का प्रयत्न केन्द्र तथा राज्यों की सरकारों को करना है। संविधान निर्माताओं का लक्ष्य भारत में लोक कल्याणकारी राज्य की स्थापना करना था।

इसलिए उन्होंने नीति- निर्देशक तत्त्वों में ऐसी बातों का समावेश किया, जिन्हें कार्य रूप में परिणत किये जाने पर लोक कल्याणकारी राज्य की स्थापना संभव हो सकती थी। ये निर्देशक तत्त्व हमारे राज्य के सम्मुख कुछ आदर्श उपस्थित करते हैं जिनके द्वारा देश के नागरिकों का सामाजिक, आर्थिक और नैतिक उत्थान हो सकता है।

नीति निर्देशक तत्त्वों की प्रकृति-नीति निर्देशक तत्त्व वाद योग्य नहीं हैं। इन तत्त्वों को किसी भी न्यायालय द्वारा बाध्यता नहीं दी जा सकती। इस प्रकार नीति निर्देशक तत्त्वों को मूल अधिकारों के समान वैधानिक शक्ति प्रदान नहीं की गई है। इसका अर्थ है कि नीति निर्देशक तत्त्वों की क्रियान्विति के लिए न्यायालय के द्वारा किसी भी प्रकार के आदेश जारी नहीं किये जा सकते। लेकिन वैधानिक महत्त्व प्राप्त न होने पर भी ये तत्त्व शासन के संचालन के आधारभूत सिद्धान्त हैं और राज्य का यह कर्त्तव्य है कि व्यवहार में सदैव ही इन तत्त्वों का पालन करे।

सामाजिक: आर्थिक अधिकारों को नीति-निर्देशक वाले खंड में रखने के कारण संविधान निर्माताओं ने नीति निर्देशक तत्त्वों को मूल अधिकारों के खंड में इसलिए नहीं रखा क्योंकि वे इन्हें वाद योग्य नहीं बनाना चाहतेथे । इसका कारण यह था कि भारत उस समय पराधीनता के चंगुल से छूटा था। उसकी आर्थिक स्थिति इतनी कमजोर थी कि यदि नीति निर्देशक तत्त्वों को वाद योग्य बनाया जाता तो आर्थिक संकट उभर सकता था और उसके कारण समय-समय पर अनेक समस्यायें उठ सकती थीं।

इस स्थिति से बचने के लिए संविधान निर्माताओं ने नीति निर्देशक तत्त्वों के सम्बन्ध में राज्य को निर्देश दिया है कि वे इन्हें अपनी सामर्थ्य के अनुकूल पूरा करने का प्रयास करें। इनके सम्बन्ध में नागरिकों को यह अधिकार नहीं दिया गया है कि वे इन तत्त्वों को पूरा कराने के लिए राज्य के विरुद्ध न्यायालय में जा सकें।

संविधान का राजनीतिक दर्शन JAC Class 11 Political Science Notes

→ संविधान के दर्शन का क्या आशय है?
कानून और नैतिक मूल्यों के बीच गहरा सम्बन्ध है। इसी कारण संविधान को एक ऐसे दस्तावेज के रूप में देखना जरूरी है जिसके पीछे एक नैतिक दृष्टि काम कर रही हो। संविधान के प्रति राजनैतिक दर्शन का नजरिया अपनाने की जरूरत है। संविधान के प्रति राजनैतिक दर्शन के नजरिये में तीन बातें शामिल हैं।

  • संविधान कुछ अवधारणाओं के आधार पर बना है। जैसे अधिकार, नागरिकता, अल्पसंख्यक, लोकतंत्र आदि इन अवधारणाओं की व्याख्या हमारे लिए जरूरी है।
  • संविधान का निर्माण जिन आदर्शों की नींव पर हुआ है, उन पर हमारी गहरी पकड़ होनी चाहिए।
  • संविधान के आदर्शों और मूल्यों की सुसंगतता के पीछे क्या तर्क दिये गये हैं।

→ इस प्रकार संविधान के अन्तर्निहित नैतिक तत्त्व को जानने और उसके दावे के मूल्यांकन के लिए संविधान के प्रति राजनीतिक दर्शन का नजरिया अपनाने की जरूरत है ताकि हम अपनी शासन व्यावस्था के बुनियादी मूल्यों की अलग-अलग व्याख्याओं को एक कसौटी पर जांच सकें । संविधान के आदर्श अपने-आप में अत्यन्त महत्त्वपूर्ण हैं। मूल्यों या आदर्शों की भिन्न-भिन्न व्याख्याओं की जांच हेतु संविधान के आदर्शों का प्रयोग एक कसौटी के रूप में होना चाहिए।

→ संविधान – लोकतांत्रिक बदलाव का साधन:
संविधान को अंगीकार करने का एक बड़ा कारण है-सत्ता को निरंकुश होने से रोकना। संविधान सत्ता के बुनियादी नियम प्रदान करता है और राज्य को निरंकुश होने से रोकता है। संविधान हमें गहरे सामाजिक बदलाव के लिए शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक साधन भी प्रदान करता है। औपनिवेशिक दासता में रहे लोगों के लिए संविधान राजनीतिक आत्मनिर्णय का उद्घोष है।

→ और इसका पहला वास्तविक अनुभव भी। भारतीय संविधान का निर्माण परम्परागत सामाजिक ऊँच-नीच के बंधनों को तोड़ने और स्वतंत्रता, समता और न्याय के युग में प्रवेश के लिए हुआ। इस दृष्टि से संविधान की मौजूदगी सत्तासीन लोगों की शक्ति पर अंकुश ही नहीं लगाती बल्कि जो लोग परम्परागत तौर पर सत्ता से दूर रहे हैं उनका सशक्तिकरण भी करती है। संविधान सभा की ओर मुड़कर क्यों देखें?

→ जब संवैधानिक व्यवहार: बरताव को चुनौती मिले, खतरा मंडराये या उपेक्षा हो, तब इन पर पकड़ बनाए रखने के लिए इनके (व्यवहार – बरतावों के ) मूल्य और अर्थ को समझने के लिए संविधान सभा की बहसों को मुड़कर देखने के सिवा हमारे पास कोई चारा नहीं रहता। इसलिए अपने संविधान के मूल में निहित राजनीतिक दर्शन को बार-बार याद करना और उसे टटोलना हमारे लिए जरूरी है।

JAC Class 11 Political Science Solutions Chapter 10 संविधान का राजनीतिक दर्शन

→ हमारे संविधान का राजनीतिक दर्शन क्या है?
भारतीय संविधान स्वतंत्रता, समानता, लोकतंत्र, सामाजिक न्याय तथा राष्ट्रीय एकता का राजनीतिक दर्शन है। इन सबके साथ वह इस बात पर भी बल देता है कि उसके दर्शन पर शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से अमल किया जाये। यथा-

→ व्यक्ति की स्वतंत्रता: भारतीय संविधान व्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए प्रतिबद्ध है। यह प्रतिबद्धता लगभग एक सदी तक निरंतर चली बौद्धिक और राजनैतिक गतिविधियों का परिणाम है। आज अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हमारे संविधान का अभिन्न अंग है। इसी तरह, मनमानी गिरफ्तारी के विरुद्ध हमें स्वतंत्रता प्रदान की गई है। मौलिक अधिकारों में भारतीय संविधान में व्यक्ति की स्वतंत्रता को अत्यधिक महत्त्व दिया गया है। इस दृष्टि से भारतीय संविधान एक उदारवादी संविधान है।

→ सामाजिक न्याय:
भारतीय संविधान का उदारवाद शास्त्रीय उदारवाद से भिन्न है क्योंकि यह सामाजिक न्याय से जुड़ा है। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण का प्रावधान इसका सर्वोत्तम उदाहरण है। विविधता और अल्पसंख्यकों के अधिकारों का सम्मान संविधान का उदारवाद सामुदायिक जीवन-मूल्यों का पक्षधर है। भारतीय संविधान समुदायों के बीच बराबरी के रिश्ते को बढ़ावा देता है। भारत में अनेक सांस्कृतिक, भाषायी और धार्मिक समुदाय हैं। इन समुदायों के बीच बराबरी के रिश्ते को बढ़ाने के लिए समुदाय आधारित अधिकारों को मान्यता देना जरूरी हो गया। ऐसे ही अधिकारों में से एक है। धार्मिक समुदाय का अपनी शिक्षा संस्था स्थापित करने और चलाने का अधिकार।

→ धर्मनिरपेक्षता: भारतीय संविधान एक धर्मनिरपेक्ष राज्य की स्थापना करता है। धर्मनिरपेक्ष राज्य से आशय यह है कि राज्य न तो किसी धार्मिक संस्था की मदद करेगा और न ही उसे बाधा पहुँचायेगा। वह धर्म से एक सम्मानजनक दूरी बनाये रखेगा। इसी प्रकार राज्य नागरिकों को अधिकार प्रदान करते हुए धर्म को आधार नहीं बनायेगा। राज्य को व्यक्ति के अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए चाहे उस व्यक्ति का धर्म कोई भी हो।

→ धार्मिक समूहों के अधिकार: भारतीय संविधान सभी धार्मिक समुदायों को शिक्षा संस्थान स्थापित करने और चलाने का अधिकार प्रदान करता है। भारत में धार्मिक स्वतंत्रता का अर्थ व्यक्ति और समुदाय दोनों की धार्मिक स्वतंत्रता होता है।

→ राज्य का हस्तक्षेप करने का अधिकार:
धर्म और राज्य के अलगाव का अर्थ भारत में पारस्परिक निषेध ( धर्म और राज्य दोनों एक-दूसरे के अंदरूनी मामलों से दूर रहेंगे) नहीं हो सकता क्योंकि धर्म से अनुमोदित रिवाज, जैसे- छुआछूत, व्यक्ति को उसकी मूल गरिमा और आत्मसम्मान से वंचित करते हैं। राज्य के हस्तक्षेप के बिना इनके खात्मे की उम्मीद नहीं थी। इसलिए यहाँ राज्य को धर्म के अन्दरूनी मामले में हस्तक्षेप करना ही पड़ा।

से हस्तक्षेप नकारात्मक के साथ-साथ सकारात्मक भी हो सकते हैं, जैसे- राज्य धार्मिक संगठन द्वारा चलाए जा रहे शिक्षा संस्थान को धन दे सकता है। यह इस बात पर निर्भर है कि राज्य के किन कदमों से स्वतन्त्रता और समता जैसे मूल्यों को बढ़ावा मिलता है। दूरी है। अतः भारत में धर्म और राज्य के अलगाव का अर्थ पारस्परिक निषेध नहीं बल्कि राज्य की धर्म से सिद्धान्तगत, भारतीय संविधान की उपलब्धियाँ भारतीय संविधान की ये उपलब्धियाँ हैं।

  • भारतीय संविधान ने उदारवादी व्यक्तिवाद को एक शक्ल देकर उसे मजबूत किया है।
  • भारतीय संविधान ने व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर आंच लाए बगैर सामाजिक न्याय के सिद्धान्त को स्वीकार किया
  • भारतीय संविधान ने सामुदायिक विविधता व तनाव के बावजूद समूहगत अधिकार प्रदान किये हैं।
  • सार्वभौमिक मताधिकार के प्रति वचनबद्धता भारतीय संविधान की चौथी उपलब्धि है।
  • पूर्वोत्तर से संबंधित अनुच्छेदों को जगह देकर भारतीय संविधान ने ‘असमतोल संघवाद’ जैसी महत्त्वपूर्ण अवधारणा को अपनाया है। लेकिन भारत के लोकतांत्रिक और भाषायी संघवाद ने सांस्कृतिक पहचान के दावे को एकता के दावे के साथ जोड़ने में सफलता पायी है।

→ राष्ट्रीय पहचान: संविधान में समस्त भारतीय जनता की एक राष्ट्रीय पहचान पर निरंतर जोर दिया गया है। हमारी इस राष्ट्रीय पहचान का भाषा या धर्म के आधार पर बनी अलग- अलग पहचानों से कोई विरोध नहीं हैं। भारतीय संविधान में इन दो पहचानों के बीच संतुलन बनाने की कोशिश की गई है। फिर भी, किन्हीं विशेष परिस्थितियों में राष्ट्रीय पहचान को वरीयता प्रदान की गई है। फैसला

→ प्रक्रियागत उपलब्धि:

  • भारतीय संविधान का विश्वास राजनीतिक विचार-विमर्श में है।
  • सुलह और समझौते पर बल देना। संविधान सभा इस बात पर अडिग थी कि किसी महत्त्वपूर्ण मुद्दे पर बहुमत के बजाय सर्वानुमति से लिया जाये।

→ आलोचना: भारतीय संविधान की प्रमुख आलोचनाएँ ये हैं;
यह संविधान अस्तव्यस्त है। भारतीय संविधान में संवैधानिक हैसियत के ऐसे बहुत से वक्तव्यों, ब्यौरों, और कायदों को एक ही दस्तावेज के अन्दर समेट लिया है, जो प्रायः कसे हुए संविधान में संविधान से बाहर होते हैं। जैसे चुनाव आयोग तथा लोक सेवा आयोग सम्बन्धी संवैधानिक प्रावधान।

→ इसमें सबकी नुमाइंदगी नहीं हो सकी है। हमारे संविधान में गैर- नुमाइंदगी इसलिए थी क्योंकि संविधान सभा के सदस्य सीमित मताधिकार से चुने गये थे, न कि सार्वभौमिक मताधिकार से। लेकिन यदि हम संविधान सभा की बहसों को पढ़ें तो स्पष्ट होता है कि सभा में बहुत से मुद्दे उठाये गए और उन पर बड़े पैमाने पर राय रखी गयी। इस दृष्टि से भारतीय संविधान में सबकी नुमाइंदगी दिखाई देती है।

→ यह संविधान भारतीय परिस्थितियों के अनुकूल नहीं है। यह कहा जाता है कि भारतीय संविधान एक विदेशी दस्तावेज है। इसका हर अनुच्छेद पश्चिमी संविधानों की नकल है तथा भारतीय जनता के सांस्कृतिक भावबोध से इसका मेल नहीं बैठता। लेकिन यह आरोप गलत है। यह बात सच है कि भारतीय संविधान आधुनिक और अंशतः पश्चिमी है, लेकिन इससे यह पूरी तरह विदेशी नहीं हो जाता बल्कि यह संविधान सचेत चयन और अनुकूलन का परिणाम है न कि नकल का।

→ संविधान की सीमाएँ।

  • भारतीय संविधान में राष्ट्रीय एकता की धारणा बहुत केन्द्रीकृत है।
  • इसमें लिंगागत-न्याय के कुछ महत्त्वपूर्ण मसलों विशेषकर परिवार से जुड़े मुद्दों पर ठीक से ध्यान नहीं दिया गया है।
  • कुछ बुनियादी सामाजिक-आर्थिक अधिकारों को नीति-निर्देशक वाले खंड में डाल दिया गया है। लेकिन संविधान की ये सीमाएँ इतनी गंभीर नहीं हैं कि ये संविधान के दर्शन के लिए ही खतरा पैदा कर दें।

→ निष्कर्ष: भारत का संविधान एक जीवन्त दस्तावेज है। इसकी केन्द्रीय विशेषताएँ इसे जीवन्त बनाती हैं। संविधान सभा ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान उत्पन्न संवैधानिक दर्शन को परिष्कार कर उसे संविधान के रूप में विधिक सांस्थानिक रूप प्रदान किया है। संविधान के दर्शन का सर्वोत्तम सार-संक्षेप संविधान की प्रस्तावना में है। इसमें समता, स्वतंत्रता, बंधुत्व के उद्देश्यों के साथ-साथ यह भी कहा गया है कि जनता ने संविधान का निर्माण किया है और लोकतंत्र एक साधन है जिसके सहारे जनता वर्तमान और भविष्य को आकार देती है।

JAC Class 11 Political Science Solutions Chapter 9 संविधान – एक जीवंत दस्तावेज़

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प्रश्न 1.
मुझे यह बात समझ नहीं आती कि कोई संविधान लचीला या कठोर कैसे होता है? क्या संविधान की कठोरता या उसका लचीलापन उस काल की राजनीति से तय नहीं होता?
उत्तर:
किसी संविधान का लचीला होना या कठोर होना, उस संविधान में की जाने वाली संशोधन की प्रक्रिया पर निर्भर करता है। यदि संविधान संशोधन के लिए संसद के 2/3 या 3/4 बहुमत की जरूरत होती है, तो ऐसे संविधान को कठोर कहा जाता है और यदि उसमें संसद सामान्य बहुमत से साधारण विधि की तरह संशोधन कर सकती है, तो उसे लचीला संविधान कहा जाता है। संविधान की कठोरता या उसका लचीलापन उस काल की राजनीति से तय नहीं होता।

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प्रश्न 2.
अगर कुछ राज्य संविधान में संशोधन चाहते हैं तो क्या उनकी बात सुनी जाएगी? क्या ये राज्य संजीव पास बुक्स अपनी तरफ से संशोधन का प्रस्ताव ला सकते हैं? मुझे लगता है कि यह राज्यों की तुलना में केन्द्र को ज्यादा. शक्तियाँ देने का ही एक और उदाहरण है।
उत्तर:
यदि कुछ राज्य संविधान में संशोधन चाहते हैं तो वे अपनी बात को राज्य सभा के सांसदों को राज्यसभा में रखने केलिए दबाव बना सकते हैं, लेकिन औपचारिक रूप से संविधान में संशोधन का प्रस्ताव रखने का राज्यों को कोई अधिकार नहीं दिया गया है। हाँ, यह राज्यों की तुलना में केन्द्र को ज्यादा शक्तियाँ देने का ही एक ओर उदाहरण है।

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प्रश्न 3.
भारतीय संविधान में निम्नलिखित संशोधन करने के लिए कौन-सी शर्तें पूरी की जानी चाहिए?
1. नागरिकता सम्बन्धी अनुच्छेद
2. धार्मिक स्वतन्त्रता का अधिकार
3. केन्द्र सूची में परिवर्तन
4. राज्य की सीमाओं में बदलाव
5. चुनाव आयोग से संबंधित उपबन्ध।
उत्तर:

  1. नागरिकता सम्बन्धी अनुच्छेद: संसद के दोनों सदनों का पृथक्-पृथक् सामान्य बहुमत की शर्त।
  2. धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार: विशेष बहुमत की शर्त।
  3. केन्द्र सूची में परिवर्तन: विशेष बहुमत राज्यों द्वारा अनुमोदन।
  4. राज्य की सीमाओं में बदलाव: सामान्य बहुमत।
  5. चुनाव आयोग से संबंधित उपबंध: विशेष बहुमत राज्यों द्वारा अनुमोदन।

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प्रश्न 4.
बताएं कि निम्नलिखित वाक्य सही हैं या गलत?
(क) बुनियादी ढांचे को लेकर दिये गए फैसले के बाद, संसद को संविधान में संशोधन का अधिकार नहीं रह गया है।
(ख) सर्वोच्च न्यायालय ने हमारे संविधान के बुनियादी तत्वों की एक सूची तैयार की है। इस सूची को बदला नहीं जा सकता।
(ग) न्यायालय को इस बात का फैसला करने का अधिकार है कि किसी संशोधन से बुनियादी संरचना का उल्लंघन होता है या नहीं।
(घ) केशवानंद भारती मामले के बाद यह तय हो चुका है कि संसद संविधान में किस सीमा तक संशोधन कर सकती है।
उत्तर:
(क) – गलत है।
(ग) – सही है।
(ख) – गलत है।
(घ) – सही है।

Jharkhand Board Class 11 Political Science संविधान – एक जीवंत दस्तावेज़ Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से कौनसा वाक्य सही है। संविधान में समय-समय पर संशोधन करना आवश्यक होता है क्योंकि।
(क) परिस्थितियाँ बदलने पर संविधान में उचित संशोधन करना आवश्यक हो जाता है।
(ख) किसी समय विशेष में लिखा गया दस्तावेज कुछ समय पश्चात् अप्रासंगिक हो जाता है।
(ग) हर पीढ़ी के पास अपनी पसंद का संविधान चुनने का विकल्प होना चाहिए।
(घ) संविधान में मौजूदा सरकार का राजनीतिक दर्शन प्रतिबिंबित होना चाहिए।
उत्तर:
उपर्युक्त चारों वाक्यों में (क) वाक्य सही है। यह है। संविधान में समय-समय पर संशोधन करना आवश्यक होता है क्योंकि (क) परिस्थितियाँ बदलने पर संविधान में उचित संशोधन करना आवश्यक हो जाता है।

JAC Class 11 Political Science Solutions Chapter 9 संविधान – एक जीवंत दस्तावेज़

प्रश्न 2.
निम्नलिखित वाक्यों के सामने सही/गलत का निशान लगाएँ:
(क) राष्ट्रपति किसी संशोधन विधेयक को संसद के पास पुनर्विचार के लिए नहीं भेज सकता।
(ख) संविधान में संशोधन करने का अधिकार केवल जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों के पास ही होता है।
(ग) न्यायपालिका संवैधानिक संशोधन का प्रस्ताव नहीं ला सकती परन्तु उसे संविधान की व्याख्या करने का अधिकार है। व्याख्या के द्वारा वह संविधान को काफी हद तक बदल सकती है।
(घ) संसद संविधान के किसी भी खंड में संशोधन कर सकती है।
उत्तर:
(क) सत्य (ख) असत्य (ग) सत्य (घ) असत्य।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित में से कौन भारतीय संविधान की संशोधन प्रक्रिया में भूमिका निभाते हैं? इस प्रक्रिया में ये कैसे शामिल होते हैं?
(क) मतदाता
(ख) भारत का राष्ट्रपति
(ग) राज्य की विधानसभाएँ
(घ) संसद
(ङ) राज्यपाल
(च) न्यायपालिका
उत्तर:
(क) मतदाता: भारत के संविधान संशोधन में मतदाता भाग नहीं लेते हैं।

(ख) भारत का राष्ट्रपति: भारत का राष्ट्रपति संविधान संशोधन में भाग लेता है। संसद के दोनों सदनों से संविधान संशोधन विधेयक पारित होने के बाद राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए भेजा जाता है। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर हो जाने पर वह संशोधन विधेयक पारित हो जाता है। राष्ट्रपति को किसी भी संशोधन विधेयक को वापस भेजने का अधिकार नहीं है।

(ग) राज्य की विधानसभाएँ: संविधान की कुछ धाराओं (अनुच्छेदों) में संशोधन करने के लिए संसद के दो- तिहाई बहुमत के साथ-साथ आधे या उससे अधिक राज्यों की विधानसभाओं से भी अनुसमर्थन की आवश्यकता होती है।

(घ) संसद – भारतीय संविधान में संशोधन का मुख्य घटक संसद है क्योंकि सभी प्रकार के संशोधन संसद में ही प्रस्तावित किये जा सकते हैं। प्रथम प्रकार के संशोधन विधेयक को पारित करने के लिए संसद के दोनों सदनों के साधारण बहुमत की ही आवश्यकता होती है। दूसरे प्रकार के संविधान संशोधन विधेयकों को पारित करने के लिए संसद के दोनों सदनों के पृथक-पृथक विशेष बहुमत की आवश्यकता होती है। तीसरे प्रकार के संविधान संशोधन विधेयकों को पारित करने के लिए संसद के दोनों सदनों के पृथक-पृथक विशेष बहुमत के साथ-साथ आधे या आधे से अधिक राज्यों की विधानसभाओं के अनुसमर्थन की आवश्यकता होती है। इस प्रकार तीनों प्रकार के संविधान संशोधनों में संसद के दोनों सदनों का हाथ अवश्य रहता है।

(ङ) राज्यपाल: संविधान के जिन-जिन अनुच्छेदों में संशोधन हेतु पचास प्रतिशत राज्यों के विधानमण्डलों की अनुमति लेनी होती है, केवल वहां राज्यपाल की लिप्तता पायी जाती है, क्योंकि राज्य विधानमण्डल से पारित संशोधन विधेयक पर राज्यपाल को हस्ताक्षर करने होते हैं।

(च) न्यायपालिका: संविधान संशोधनों में न्यायपालिका की भूमिका नहीं होती है।

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प्रश्न 4.
इस अध्याय में आपने पढ़ा कि संविधान का 42वां संशोधन अब तक का सबसे विवादास्पद संशोधन रहा है। इस विवाद के क्या कारण थे?
(क) यह संशोधन राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान किया गया था। आपातकाल की घोषणा अपने आप में ही एक विवाद का मुद्दा था।
(ख) यह संशोधन विशेष बहुमत पर आधारित नहीं था।
(ग) इसे राज्य विधानपालिकाओं का समर्थन प्राप्त नहीं था।
(घ) संशोधन के कुछ उपबंध विवादास्पद थे।
उत्तर:
42वाँ संविधान संशोधन विभिन्न विवादास्पद संशोधनों में से एक था। उपर्युक्त कारणों में से इसके विवादास्पद होने के निम्नलिखित कारण थे।

  1. यह संशोधन राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान किया गया था। आपातकाल की घोषणा अपने आप में ही एक विवाद का मुद्दा था।
  2. इस संशोधन के कुछ उपबंध विवादास्पद थे।

यह संविधान संशोधन वास्तव में उच्चतम न्यायालय द्वारा केशवानंद भारती विवाद में दिये गये निर्णयों को निष्क्रिय करने का प्रयास था। गये थे।
दूसरे, इसमें लोकसभा की अवधि को 5 वर्ष से बढ़ाकर छः वर्ष कर दिया गया था।
इसमें न्यायपालिका की न्यायिक पुनरावलोकन की शक्ति को भी प्रतिबंधित कर दिया गया था।
इस संशोधन के द्वारा संविधान की प्रस्तावना, 7वीं अनुसूची तथा संविधान के 53 अनुच्छेदों में परिवर्तित कर दिये

प्रश्न 5.
निम्नलिखित वाक्यों में कौनसा वाक्य विभिन्न संशोधनों के सम्बन्ध में विधायिका और न्यायपालिका के टकराव की सही व्याख्या नहीं करता।
(क) संविधान की कई तरह से व्याख्या की जा सकती है।
(ख) खंडन-मंडन/बहस और मतभेद लोकतंत्र के अनिवार्य अंग होते हैं।
(ग) कुछ नियमों और सिद्धान्तों को संविधान में अपेक्षाकृत ज्यादा महत्व दिया गया है। कतिपय संशोधनों के लिए संविधान में विशेष बहुमत की व्यवस्था की गई है।
(घ) नागरिकों के अधिकारों की रक्षा की जिम्मेदारी विधायिका को नहीं सौंपी जा सकती।
(ङ) न्यायपालिका केवल किसी कानून की संवैधानिकता के बारे में फैसला दे सकती है। वह ऐसे कानूनों की वांछनीयता से जुड़ी राजनीतिक बहसों का निपटारा नहीं कर सकती।
उत्तर:
उपर्युक्त पांचों कथनों में से भाग (ङ) ही विधायिका और न्यायपालिका के बीच तनाव की उचित व्याख्या नहीं है। यह कथन है कि “न्यायपालिका केवल किसी कानून की संवैधानिकता के बारे में फैसला दे सकती है। वह ऐसे कानूनों की वांछनीयता से जुड़ी राजनीतिक बहसों का निपटारा नहीं कर सकती।”

प्रश्न 6.
बुनियादी ढाँचे के सिद्धान्त के बारे में सही बात को चिह्नित करें। गलत वाक्य को सही करें।
(क) संविधान में बुनियादी मान्यताओं का खुलासा किया गया है।
(ख) बुनियादी ढाँचे को छोड़कर विधायिका संविधान के सभी हिस्सों में संशोधन कर सकती है।
(ग) न्यायपालिका ने संविधान के उन पहलुओं को स्पष्ट कर दिया है जिन्हें बुनियादी ढांचे के अन्तर्गत या उसके बाहर रखा जा सकता है।
(घ) यह सिद्धान्त सबसे पहले केशवानंद भारती मामले में प्रतिपादित किया गया है।
(ङ) इस सिद्धान्त से न्यायपालिका की शक्तियाँ बढ़ी हैं। सरकार और विभिन्न राजनीतिक दलों ने बुनियादी ढांचे के सिद्धान्त को स्वीकार कर लिया है।
उत्तर:
बुनियादी ढांचे के सिद्धान्त के बारे में (ख), (ग), (घ) और (ङ) वाक्य सही हैं और (क) वाक्य गलत है।
(क) वाक्य को इस प्रकार सही किया जा सकता है। “संविधान में बुनियादी मान्यताओं का खुलासा नहीं किया गया है।

प्रश्न 7.
सन् 2002-2003 के बीच संविधान में अनेक संशोधन किए गए। इस जानकारी के आधार पर निम्नलिखित में से कौनसे निष्कर्ष निकालेंगे।
(क) इस काल के दौरान किए गए संशोधनों में न्यायपालिका ने कोई ठोस हस्तक्षेप नहीं किया।
(ख) इस काल के दौरान एक राजनीतिक दल के पास विशेष बहुमत था।
(ग) कतिपय संशोधनों के पीछे जनता का दबाव काम कर रहा था।
(घ) इस काल में विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच कोई वास्तविक अन्तर नहीं रह गया था।
(ङ) ये संशोधन विवादास्पद नहीं थे तथा संशोधनों के विषय को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच सहमति पैदा हो चुकी थी।
उत्तर:
प्रश्न में दिये गए निष्कर्षों में से सही निष्कर्ष हैं।
(ग) और (ङ)। ये इस प्रकार हैं।
(ग) कतिपय संशोधनों के पीछे जनता का दबाव काम कर रहा था तथा
(ङ) ये संशोधन विवादास्पद नहीं थे तथा संशोधनों के विषय को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच सहमति पैदा हो चुकी थी।

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प्रश्न 8.
संविधान में संशोधन करने के लिए विशेष बहुमत की आवश्यकता क्यों पड़ती है? व्याख्या करें।
उत्तर:
विशेष बहुमत से आशय: संविधान के अधिकांश प्रावधानों में संशोधन करने के लिए विशेष बहुमत की आवश्यकता होती है। विशेष बहुमत से यहाँ आशय है। साधारण बहुमत की तुलना में अधिक बहुमत भारत के संविधान में संशोधन करने के लिए दो प्रकार के विशेष बहुमत की आवश्यकता होती है।

प्रथमतः, संशोधन विधेयक के पक्ष में मतदान करने वाले सदस्यों की संख्या सदन के कुल सदस्यों की संख्या की कम से कम आधी होनी चाहिए। दूसरे, संशोधन का समर्थन करने वाले सदस्यों की संख्या मतदान में भाग लेने वाले सदस्यों की दो-तिहाई होनी चाहिए। संशोधन विधेयक को संसद के दोनों सदनों में स्वतंत्र रूप से पारित करने की आवश्यकता होती है। इसके लिए संयुक्त सत्र बुलाने की आवश्यकता नहीं है।विशेष बहुमत की आवश्यकता: विशेष बहुमत की आवश्यकता को निम्नलिखित बिन्दुओं के अन्तर्गत स्पष्ट किया गया है।

  1. राजनीतिक दलों और सांसदों की व्यापक भागीदारी हेतु संविधान संशोधन के लिए विशेष बहुमत का प्रावधान इसलिए किया गया है कि उसमें राजनीतिक दलों और सांसदों की व्यापक भागीदारी होनी चाहिए। इसका आशय यह है कि जब तक प्रस्तावित विधेयक पर पर्याप्त सहमति न बन पाए तब तक उसे पारित नहीं किया जाना चाहिए।
  2. जनमत की दृष्टि से डॉ. अम्बेडकर ने संविधान सभा में विशेष बहुमत की आवश्यकता को जनमत से जोड़ते हुए कहा कि “जो लोग संविधान से संतुष्ट नहीं हैं उन्हें इसमें संशोधन करने के लिए सिर्फ दो तिहाई बहुमत की जरूरत है। अगर वे इतना बहुमत भी हासिल नहीं कर सकते तो यह कहना पड़ेगा कि उनकी राय में आम जनता की राय निहित नहीं है।” इस प्रकार डॉ. अम्बेडकर ने ‘विशेष बहुमत’ को ‘जनता की राय’ से जोड़ते हुए संविधान संशोधन में इसकी आवश्यकता प्रतिपादित की।

प्रश्न 9.
भारतीय संविधान में अनेक संशोधन न्यायपालिका और संसद की अलग-अलग व्याख्याओं के परिणाम रहे हैं। उदाहरण सहित व्याख्या करें।
उत्तर:
न्यायपालिका और संसद की अलग-अलग व्याख्याएँ संविधान की व्याख्या को लेकर न्यायपालिका और संसद के बीच अक्सर मतभेद पैदा होते रहते हैं। संविधान के अनेक संशोधन इन्हीं मतभेदों की उपज के रूप में देखे जा सकते हैं। इस तरह के टकराव पैदा होने पर संसद को संशोधन का सहारा लेकर संविधान की किसी एक व्याख्या को प्रामाणिक सिद्ध करना पड़ता है। यथा। 1970-75 के दौरान संसद और न्यायपालिका के बीच उठे विवाद – 1970-75 के दौरान भारत में संविधान के कतिपय अनुच्छेदों की व्याख्याओं को लेकर संसद और न्यायपालिका के बीच अनेक विवाद उठे तथा इस काल में संसद ने न्यायपालिका की प्रतिकूल व्याख्या को निरस्त करते हुए बार- बार संशोधन किये। यथा

1. मौलिक अधिकारों और नीति निदेशक तत्वों के सम्बन्धों की व्याख्या पर विवाद के आधार पर हुए संशोधन: मौलिक अधिकारों और नीति निर्देशक सिद्धान्तों को लेकर संसद और न्यायपालिका के बीच अक्सर मतभेद पैदा होते रहे हैं। अनेक संशोधन मूल अधिकारों और नीति-निर्देशक तत्वों के सम्बन्धों तथा संविधान में संशोधन करने की संसद की शक्ति को स्थापित करने तथा इनसे संबंधित संविधान के प्रावधानों की भिन्न-भिन्न व्याख्या को लेकर हुए हैं। पहला संविधान संशोधन जमींदारी प्रथा के उन्मूलन तथा भूमि सुधारों से संबंधित अनेक कानूनों को संविधान सम्मत बनाने हेतु किया गया।

इन्हें न्यायिक समीक्षा की न्यायिक शक्ति से बाहर कर दिया। 1967 में गोलकनाथ विवाद में न्यायपालिका ने यह व्याख्या की कि संसद मूल अधिकारों में कोई संशोधन नहीं कर सकती। संसद ने 1971 में 24वां संविधान संशोधन किया जिसमें उसने यह स्थापित किया कि संसद संविधान के किसी भाग में संशोधन कर सकती है। सन् 1972 में संसद ने 25वां संविधान संशोधन किया। इसमें उसने नीति निर्देशक तत्वों में दो नये अनुच्छेद 39(b) तथा 39 (c) प्रविष्ट किये।

इनमें यह भी कहा गया कि 39(a) तथा 39 (b) में दिये गए किसी विषय पर बने किसी कानून को इस आधार पर असंवैधानिक नहीं घोषित किया जायेगा कि वे किसी मूल अधिकार का उल्लंघन करते हैं। केशवानंद भारती (1973) के विवाद में सर्वोच्च न्यायालय ने 24वें तथा 25वें संविधान संशोधन की संवैधानिक समीक्षा में इस बात से सहमति दर्शायी कि संसद संविधान के प्रत्येक भाग में संशोधन कर सकती है लेकिन संशोधन द्वारा किए गए परिवर्तन द्वारा संविधान की मौलिक संरचना को नुकसान नहीं पहुंचाया जाना चाहिए। इससे स्पष्ट होता है कि मौलिक अधिकारों और नीति निर्देशक तत्वों के सम्बन्धों की व्याख्या से संबंधित विवाद के कारण अनेक संशोधन हुए हैं।

2. संसद की संशोधन करने की शक्ति की सीमा सम्बन्धी व्याख्या पर संसद और न्यायपालिका के विवाद पर हुए संशोधन – 1967 में गोलकनाथ विवाद में न्यायपालिका ने संसद की संशोधन की शक्ति पर यह व्याख्या की है कि संसद मूल अधिकारों में संशोधन नहीं कर सकती है। न्यायपालिका की इस व्याख्या को निरस्त करने के लिए संसद 1971 में 24वां संविधान संशोधन किया जिसमें यह स्थापित किया गया कि संसद संविधान के प्रत्येक भाग में संशोधन कर सकती है।

लेकिन केशवानंद भारती विवाद में 1973 में सर्वोच्च न्यायालय ने यह व्याख्या की कि संसद यद्यपि संविधान के हर भाग में संशोधन कर सकती है, लेकिन वह संविधान की मौलिक संरचना में कोई संशोधन नहीं कर सकती। संविधान की मौलिक संरचना का निर्धारण न्यायपालिका करेगी। न्यायपालिका की इस व्याख्या को निरस्त करने के लिए संसद ने 1976 में 42वां संविधान संशोधन पारित किया। इस संशोधन के द्वारा संविधान में अन्य अनेक महत्वपूर्ण परिवर्तन किए गए। जब यह संशोधन पारित किया गया तब देश में आपातकाल जारी था तथा विरोधी दलों के प्रमुख सांसद जेल में थे।

इसी पृष्ठभूमि में 1977 में चुनाव हुए तथा सत्ताधारी दल कांग्रेस की हार हुई। नई सरकार ने 38वें, 39 वें तथा 42वें संशोधनों में अधिकांश को 43वें, 44वें संशोधनों के द्वारा निरस्त कर दिया। इन संशोधनों के माध्यम से संवैधानिक संतुलन को पुनः स्थापित किया गया। मिनर्वा मिल प्रकरण (1980) में सर्वोच्च न्यायालय ने अपने केशवानंद भारती के इस निर्णय को पुनः दोहराया कि संसद – संविधान की मूल संरचना में संशोधन नहीं कर सकती। वर्तमान में राजनैतिक दलों, राजनेताओं, सरकार और संसद ने भी मूल संरचना के विचार को स्वीकार कर लिया है।

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प्रश्न 10.
अगर संशोधन की शक्ति जनता के निर्वाचित प्रतिनिधियों के पास होती है तो न्यायपालिका को संशोधन की वैधता पर निर्णय लेने का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए। क्या आप इस बात से सहमत हैं? 100 शब्दों में व्याख्या करें।
उत्तर:
मैं इस बात से सहमत नहीं हूँ कि ‘अगर संशोधन की शक्ति जनता के निर्वाचित प्रतिनिधियों के पास होती है तो न्यायपालिका को संशोधन की वैधता पर निर्णय लेने का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए।’
प्रजातंत्र में जितना महत्व जनकल्याण को दिया जाता है, उतना ही महत्व इस बात को भी दिया जाता है कि ‘सत्ता का दुरुपयोग न होने पाए। संसद जनता का प्रतिनिधित्व करती है। इसलिए ऐसा माना जाता है कि कार्यपालिका तथा न्यायपालिका पर इसको वरीयता दी जानी चाहिए अर्थात् संविधान संशोधन की संसद की शक्ति सर्वोच्च होनी चाहिए; उसकी इस शक्ति पर न्यायपालिका का कोई अंकुश नहीं होना चाहिए। इसी दृष्टि से भारत में न्यायपालिका तथा संसद के विवाद के दौरान संसद का यह दृष्टिकोण था कि उसके पास गरीब, पिछड़े तथा असहाय लोगों के हितों की रक्षा के लिए संशोधन करने की शक्ति मौजूद है।

लेकिन लोकतंत्र में विधायिका के साथ-साथ सरकार के अन्य दोनों अंगों को भी शक्तियाँ प्रदान की गई हैं। इसलिए यह अपेक्षा की जाती है कि संसद की सर्वोच्चता संविधान के ढांचे के अन्तर्गत ही हो। प्रजातंत्र का अर्थ केवल वोट और जनप्रतिनिधियों तक ही सीमित नहीं है। प्रजातंत्र का अर्थ विकासशील संस्थाओं से है और उनके संतुलन से है। इसलिए सभी राजनीतिक संस्थाओं को लोगों के प्रति उत्तरदायी होना चाहिए और दोनों को एक-दूसरे के साथ मिलकर चलना चाहिए। इसलिए यह आवश्यक है कि यदि संविधान में संशोधन का अधिकार संसद ( विधायका) के पास हो, तो न्यायपालिका के पास संशोधन की वैधता पर निर्णय लेने का अधिकार होना चाहिए क्योंकि-

  1. विधायिका को शक्ति संविधान से मिलती है और अन्य अंगों को भी शक्ति उससे मिलती है। अतः सभी अंग अपना कार्य संविधान की सीमा में रहते हुए करें तथा उसके ढांचे के अन्तर्गत ही करें।
  2. सरकार के तीनों अंगों के कार्यों में परस्पर नियंत्रण व संतुलन होना चाहिए ताकि वे लोगों के प्रति उत्तरदायी बने रहें।
  3. जनकल्याण के साथ-साथ लोकतंत्र में शक्ति के दुरुपयोग पर नियंत्रण भी बराबर के महत्व का है।

जनकल्याण हेतु किये जाने वाले संविधान संशोधन विधिक सीमाओं से बाहर नहीं होने चाहिए क्योंकि एक बार संविधान की सीमाओं से बाहर जाने की छूट मिलने पर सत्ताधारी उसका दुरुपयोग भी कर सकते हैं। इसलिए संसद व सरकार अपनी शक्ति का ऐसा दुरुपयोग न कर सके इसके लिए न्यायपालिका को संविधान संशोधनों पर पुनर्विचार का अधिकार होना चाहिए । यदि ऐसा नहीं किया जायेगा तो संसद अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर संविधान को नष्ट कर निरंकुश हो जायेगी। इससे शक्ति संतुलन समाप्त हो जायेगा तथा लोकतंत्र को खतरा उत्पन्न हो जायेगा ।

 संविधान – एक जीवंत दस्तावेज़ JAC Class 11 Political Science Notes

→ भारतीय संविधान 26 नवम्बर, 1949 को अंगीकृत किया गया तथा इसे 26 जनवरी, 1950 को औपचारिक रूप से लागू किया गया। तब से लेकर आज तक यह संविधान लगातार काम कर रहा है। हमारे देश की सरकार इसी संविधान के अनुसार काम करती है। इसके कारण हैं था।

  • हमें एक मजबूत संविधान विरासत में मिला है।
  • इस संविधान की बनावट हमारे देश की परिस्थितियों के बेहद अनुकूल है।
  • हमारे संविधान-निर्माता अत्यन्त दूरदर्शी थे। उन्होंने भविष्य के कई प्रश्नों का समाधान उसी समय कर लिया
  • हमारा संविधान लचीला है।
  • अदालती फैसले और राजनीतिक व्यवहार – बरताव दोनों ने संविधान के अमल में अपनी परिपक्वता और लचीलेपन का परिचय दिया है। उक्त कारणों से कानूनों की एक बंद और जड़ किताब न बनकर एक जीवन्त दस्तावेज के रूप में विकसित हो सका है।

→ संविधान क्या है?
संविधान समकालीन परिस्थितियों और प्रश्नों से जुड़ा सरकार के निर्माण व संचालन के नियमों का एक मसौदा होता है। उसमें अनेक तत्व स्थायी महत्व के होते हैं, लेकिन यह कोई जड़ और अपरिवर्तनीय दस्तावेज नहीं होता बल्कि उसमें हमेशा संशोधन, बदलाव और पुनर्विचार की गुंजाइश रहती है। इस प्रकार संविधान समाज की इच्छाओं और आकांक्षाओं का प्रतिबिम्ब होता है तथा यह समाज को लोकतांत्रिक ढंग से चलाने का एक ढांचा भी होता है। क्या भारत का

→ संविधान अपरिवर्तनीय है:
भारतीय संविधान निर्माताओं ने संविधान की पवित्रता को बनाए रखने तथा उसमें परिवर्तनशीलता की गुंजाइश होने में संतुलन पैदा करने की कोशिश की है। इस हेतु उन्होंने संविधान को सामान्य कानून से ऊँचा दर्जा दिया तथा उसे इतना लचीला भी बनाया कि उसमें समय की आवश्यकता के अनुरूप यथोचित बदलाव किये जा सकें । अतः स्पष्ट है कि हमारा संविधान कोई जड़ और अपरिवर्तनीय दस्तवेज नहीं है।

→ संविधान में संशोधन कैसे किया जाता है?
संविधान निर्माता संविधान को एक ही साथ लचीला और कठोर बनाने के पक्ष में थे। लचीला संविधान वह होता है जिसमें आसानी से संशोधन किये जा सकें और कठोर संविधान वह होता है जिसमें संशोधन करना बहुत मुश्किल होता है। भारतीय संविधान में इन दोनों तत्वों का समावेश किया गया है।

→ संविधान संशोधन की प्रक्रिया: संविधान में संशोधन करने के लिए निम्नलिखित तरीके दिये गये हैं

→  संसद में सामान्य बहुमत के आधार पर संशोधन- संविधान में ऐसे कई अनुच्छेद हैं जिनमें संसद सामान्य कानून बनाकर संशोधन कर सकती है। ऐसे मामलों में कोई विशेष प्रक्रिया अपनाने की जरूरत नहीं होती। जैसे-नये राज्यों के निर्माण, किसी राज्य के क्षेत्रफल को कम या अधिक करना, किसी राज्य का नाम बदलना आदि। संसद इन अनुच्छेदों में अनुच्छेद 368 में वर्णित प्रक्रिया को अपनाए बिना ही साधारण विधि की तरह संशोधन कर सकती है। \

→ अनुच्छेद 368 में वर्णित प्रक्रिया को अपनाते हुए संशोधन- संविधान के शेष खंडों में संशोधन करने के लिए अनुच्छेद 368 में दो तरीके दिये गये हैं।

  • संसद के दोनों सदनों में अलग-अलग विशेष बहुमत के आधार पर संशोधन।
  • संसद के दोनों सदनों में अलग-अलग विशेष बहुमत के साथ कुल राज्यों की आधी विधायिकाओं की स्वीकृति के आधार पर संशोधन।

संसद के विशेष बहुमत के अलावा किसी बाहरी एजेन्सी जैसे संविधान आयोग या अन्य किसी निकाय की संविधान की संशोधन प्रक्रिया में कोई भूमिका नहीं है। इसी प्रकार संसद तथा राज्य विधानपालिकाओं में संशोधन पारित होने के बाद इसकी पुष्टि के लिए किसी प्रकार के जनमत संग्रह की आवश्यकता नहीं रखी गयी है।

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→ अन्य सभी विधेयकों की तरह संशोधन विधेयक को भी राष्ट्रपति के अनुमोदन के लिए भेजा जाता है। परन्तु इस मामले में राष्ट्रपति को पुनर्विचार करने का अधिकार नहीं है। इस प्रकार भारत में संशोधन प्रक्रिया का आधार निर्वाचित प्रतिनिधियों (संसदीय संप्रभुता ) में निहित है।

→ विशेष बहुमत: संविधान में संशोधन करने के लिए दो प्रकार के विशेष बहुमत की आवश्यकता होती है:
प्रथमतः संशोधन विधेयक के पक्ष में मतदान करने वाले सदस्यों की संख्या सदन के कुल सदस्यों की संख्या की कम से कम आधी होनी चाहिए। दूसरे, संशोधन का समर्थन

  • करने वाले सदस्यों की संख्या मतदान में भाग लेने वाले सभी सदस्यों की दो-तिहाई होनी चाहिए।
  • संशोधनं विधेयक को संसद के दोनों सदनों में स्वतंत्र रूप से पारित करने की आवश्यकता होती है।
  • इसके लिए संयुक्त सत्र बुलाने का प्रावधान नहीं है। संशोधन प्रक्रिया के पीछे बुनियादी भावना यह है कि उसमें राजनीतिक दलों और सांसदों की व्यापक भागीदारी होनी चाहिए।

→ राज्यों द्वारा अनुमोदन:
राज्यों और केन्द्र सरकार के बीच शक्तियों के वितरण से संबंधित, जनप्रतिनिधित्व से संबंधित या मौलिक अधिकारों से संबंधित अनुच्छेदों में संशोधन करने के लिए राज्यों की सहमति प्राप्त करना आवश्यक है। संविधान में राज्यों की शक्तियों को सुनिश्चित करने के लिए यह व्यवस्था की गई है कि जब तक आधे राज्यों की विधानपालिकाएँ किसी संशोधन विधेयक को पारित नहीं कर देतीं तब तक वह संशोधन प्रभाव नहीं माना जाता।

→ संविधान में इतने संशोधन क्यों किये गए हैं?
दिसम्बर, 2017 तक संविधान में 101 संशोधन किये जा चुके थे। ये संशोधन समय की जरूरतों के अनुसार किये गये थे, न कि सत्ताधारी दल की राजनीतिक सोच के आधार पर। संशोधनों की विषय-वस्तु अब तक किये गये संशोधनों को तीन श्रेणियों में बाँटा जा सकता है;

→ पहली श्रेणी में वे संशोधन शामिल किये गए हैं जो तकनीकी या प्रशासनिक प्रकृति के हैं और ये संविधान के मूल उपबन्धों को स्पष्ट बनाने, उनकी व्याख्या करने तथा छिट-पुट संशोधन से संबंधित हैं। ये इन उपबन्धों में कोई बदलाव नहीं करते। यथा

  • उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु सीमा को 60 वर्ष से बढ़ाकर 62 वर्ष करना (15वां संशोधन)।
  • सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के वेतन बढ़ाने सम्बन्धी संशोधन ( 55वां संशोधन )।
  • अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए सीटों के आरक्षण की अवधि को बढ़ाने सम्बन्धी संशोधन।

→ व्याख्या से सम्बन्धित संशोधन: दूसरी श्रेणी के अन्तर्गत वे संशोधन आते हैं जिनमें संविधान की व्याख्या निहित रही। जैसे मंत्रिपरिषद की सलाह को राष्ट्रपति के लिए बाध्यकारी बनाना, मौलिक अधिकारों और नीति- निर्देशक सिद्धान्तों को लेकर संसद और न्यायपालिका के मतभेदों के आधार पर किये गये संशोधन।

→ राजनीतिक आम सहमति के माध्यम से संशोधन: बहुत से संशोधन ऐसे हैं जिन्हें राजनीतिक दलों की आपसी सहमति का परिणाम माना जा सकता है। ये संशोधन तत्कालीन राजनीतिक दर्शन और समाज की आकांक्षाओं को समाहित करने के लिए किये गये थे। जैसे दल-बदल विरोधी कानून ( 52वाँ संशोधन तथा 91वां संशोधन), मताधिकार की आयु 21 वर्ष से घटकर 18 वर्ष करने का 61वां संशोधन तथा 73वां व 74वां संशोधन आदि।

→ विवादास्पद संशोधन:
संविधान के 38वें, 39वें और 42वें संशोधन विशेष रूप से विवादास्पद रहे। 1977 में 43वें तथा 44वें संशोधनों के द्वारा 38वें, 39वें तथा 42वें संशोधनों में किए गए तथा अधिकांश परिवर्तनों को निरस्त कर पुनः संवैधानिक संतुलन को स्थापित किया गया।

→ संविधान की मूल संरचना तथा उसका विकास:
संविधान की मूल संरचना के सिद्धान्त को न्यायपालिका ने केशवानंद भारती (1973) के मामले में प्रतिपादित किया था । इस निर्णय ने संविधान के विकास में निम्नलिखित सहयोग दिया:

  • इस निर्णय द्वारा संसद की संविधान में संशोधन करने की शक्तियों की सीमाएँ निर्धारित की गईं।
  • यह निर्धारित सीमाओं के भीतर संविधान के किसी या सभी भागों के सम्पूर्ण संशोधन को अनुमति देता है।
  • संविधान की मूल संरचना या उसके बुनियादी तत्व का उल्लंघन करने वाले किसी संशोधन के बारे में न्यायपालिका का फैसला अन्तिम होगा।

विगत तीन दशकों के दौरान बुनियादी संचरना के सिद्धान्त को व्यापक स्वीकृति मिली है। इस सिद्धान्त से संविधान की कठोरता और लचीलेपन का संतुलन और मजबूत हुआ है।

→ न्यायालय के आदेश और संविधान का विकास: संविधान की समझ को बदलने में न्यायिक व्याख्याओं की अहम भूमिका रही है। यथा:

  • न्यायालय ने कहा कि आरक्षित सीटों की संख्या कुल सीटों की संख्या के आधे से अधिक नहीं होनी चाहिए।
  • न्यायालय ने ही अन्य पिछड़े वर्ग के आरक्षण नीति में क्रीमीलेयर का विचार प्रस्तुत किया।
  • न्यायालय ने शिक्षा, जीवन, स्वतंत्रता के अधिकारों के उपबंधों में अनौपचारिक रूप से कई संशोधन किये हैं।

JAC Class 11 Political Science Solutions Chapter 9 संविधान – एक जीवंत दस्तावेज़

→ संविधान एक जीवन्त दस्तावेज:
हमारा संविधान एक जीवन्त दस्तावेज है जो समय-समय पर पैदा होने वाली परिस्थितियों के अनुरूप कार्य करता है; यह अनुभव से सीखता है। इसलिए समाज में इतने सारे परिवर्तन होने के बाद भी यह अपनी गतिशीलता, व्याख्याओं के खुलेपन और बदलती परिस्थितियों के अनुसार परिवर्तनशीलता की विशेषताओं के कारण प्रभावशाली रूप से कार्य कर रहा है तथा टिकाऊ बना हुआ है।

→ न्यायपालिका का योगदान:
न्यायपालिका ने इस बात पर बल दिया है कि सरकार के सब कार्यकलाप संवैधानिक ढांचे के अन्तर्गत किये जाने चाहिए और जनहित के उपाय विधिक सीमा के बाहर नहीं होने चाहिए ताकि सत्ताधारी दल सत्ता का दुरुपयोग न कर सके। इस प्रकार जनकल्याण और ‘सत्ता के दुरुपयोग पर नियंत्रण’ दोनों के बीच न्यायपालिका ने संतुलन स्थापित किया। न्यायपालिका ने ‘मूल संरचना के सिद्धान्त’ का विकास कर सत्ता के दुरुपयोग की संभावनाओं को अवरुद्ध कर दिया है।

→ राजनीतिज्ञों की परिपक्वता:
1967 से 1973 के बीच सरकार के विभिन्न अंगों के बीच सर्वोच्च होने की प्रतिद्वन्द्विता के तहत केशवानंद के मामले में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय ने संविधान की व्याख्या में सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। राजनीतिक दलों, राजनेताओं, सरकार तथा संसद ने भी मूल संरचना के संवेदनशील विचार को स्वीकृति प्रदान की है।