JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 1 मानव भूगोल – प्रकृति एवं विषय क्षेत्र

Jharkhand Board JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 1 कबीर की साखी Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 12 Geography Solutions Chapter 1 मानव भूगोल – प्रकृति एवं विषय क्षेत्र

बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)

नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए

प्रश्न 1.
1. निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा एक भूगोल का वर्णन नहीं करता ?
(क) समाकलनात्मक अनुशासन
(ख) मानव और पर्यावरण के बीच अन्तर-सम्बन्धों का अध्ययन
(ग) द्वैधता पर आश्रित
(घ) प्रौद्योगिकी के विकास के फलस्वरूप आधुनिक समय में प्रासंगिक नहीं।
उत्तर:
(घ) प्रौद्योगिकी के विकास के फलस्वरूप आधुनिक समय में प्रासंगिक नहीं।

2. निम्नलिखित में से कौन-सा एक भौगोलिक सूचना का स्रोत नहीं है?
(क) यात्रियों के विवरण |
(ख) प्राचीन मानचित्र
(ग) चन्द्रमा से चट्टानी पदार्थों के नमूने
(घ) प्राचीन महाकाव्य।
उत्तर:
(घ) प्राचीन महाकाव्य।

3. निम्नलिखित में कौन-सा एक लोगों और पर्यावरण के बीच अन्योन्यक्रिया का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण कारक है?
(क) मानव बुद्धिमत्ता
(ख) प्रौद्योगिकी
(ग) लोगों के अनुभव
(घ) मानवीय भाईचारा।
उत्तर:
(क) मानव बुद्धिमत्ता।

4. निम्नलिखित में से कौन-सा एक मानव भूगोल का उपागम नहीं है?
(क) क्षेत्रीय विभिन्नता
(ख) मात्रात्मक क्रान्ति
(ग) स्थानिक संगठन
(ग) अन्वेषण और वर्णन।
उत्तर:
(घ) अन्वेषण और वर्णन।

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 1 मानव भूगोल - प्रकृति एवं विषय क्षेत्र

अति लघु उत्तरीय प्रश्न| (Very Short Answer Type Questions)

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए

प्रश्न 1.
(i) मानव भूगोल को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
रैटजेल के अनुसार, “मानव भूगोल मानव समाजों और धरातल के बीच सम्बन्धों का संश्लेषित अध्ययन है।” मानव भूगोल भौगोलिक वातावरण और मानवीय क्रियाओं के अन्तर्सम्बन्धों तथा विभिन्नताओं का अध्ययन है।

(ii) मानव भूगोल के कुछ उपक्षेत्रों के नाम बताइए।
उत्तर:
मानव भूगोल के निम्नलिखित उपक्षेत्र हैं

  1. सांस्कृतिक भूगोल
  2. सामाजिक भूगोल
  3. नगरीय भूगोल
  4. राजनीतिक भूगोल
  5. जनसंख्या भूगोल
  6. आवास भूगोल
  7. आर्थिक भूगोल।

(iii) मानव भूगोल किस प्रकार अन्य सामाजिक विज्ञान से सम्बन्धित है ?
उत्तर:
मानव भूगोल की प्रकृति अत्यधिक अन्तर्विषयक (interdisciplinary) है। पृथ्वी तल पर पाए जाने वाले मानवीय तत्त्वों को समझने व उनकी व्याख्या करने के लिए मानव भूगोल सामाजिक विज्ञानों के सहयोगी विषयों के साथ घनिष्ठ अन्तरापृष्ठ विकसित करती है। ज्ञान के विस्तार के साथ नए उपक्षेत्रों का विकास होता है।

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 1 मानव भूगोल - प्रकृति एवं विषय क्षेत्र

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए

प्रश्न 1.
(i) मानव के प्राकृतीकरण की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
आरम्भिक अवस्था में मनुष्य पर पर्यावरण की बंदिशें महत्त्वपूर्ण थीं। मानव पर्यावरण से अत्यधिक प्रभावित था। मानव ने प्रकृति के आदेशों के अनुसार अपने आप को ढाल लिया। मानव की सामाजिक अवस्था भी आदिम थी। मानव प्रकृति का दास था। मानव का प्राकृतीकरण हो रहा था। इसे पर्यावरणीय निश्चयवाद का नाम दिया गया। उदाहरण उदाहरण के तौर पर बेदा भारत का आबूझझमाड़ वनों में रहता है जो मध्य भारत में है। वह एक छोटी लंगोटी पहने, हाथ में एक कुल्हाड़ी लिए फिरता रहता है।

उसका कबीला कृषि का आदिम रूप स्थानान्तरी कृषि करता है। वह वनों के छोटे-छोटे टुकड़े कृषि के लिए साफ़ करता है। वह नदी से जल प्राप्त करता है। वह गुदेदार पत्तों और कन्दमूल को चबाता है। उपरोक्त उदाहरण एक कबीले का प्रकृति के साथ सम्बन्ध प्रकट करता है। इस प्रकरण में प्रकृति एक शक्तिशाली बल, पूज्य, सत्कार योग्य तथा संरक्षित है। मानव प्राकृतिक संसाधनों पर प्रत्यक्ष रूप से निर्भर है। ऐसे समाजों के लिए भौतिक पर्यावरण ‘माता-प्रकृति’ का रूप धारण करता है।

(ii) मानव भूगोल के विषय क्षेत्र का वर्णन करो।
उत्तर:
मानव भूगोल की प्रकृति (Nature of Human Geography): मानव भूगोल की प्रकृति का उद्देश्य पृथ्वी पर विभिन्नताओं के बीच रहने वाले मानव जीवन को समझना है। ये अन्तर भौगोलिक वातावरण के कारण मिलते हैं। मानव और भौतिक वातावरण का सम्बन्ध सांस्कृतिक वातावरण को जन्म देता है।

मानव भूगोल के अध्ययन क्षेत्र के पांच प्रमुख अंग (Five aspects of the Scope of Human Geography)
1. फिंच और ट्रिवार्था के अनुसार मानव और उसकी संस्कृति ही मानव भूगोल का विषय क्षेत्र है।

2. इस सम्बन्ध में मानव भूगोल जनसंख्या, प्राकृतिक संसाधनों, सांस्कृतिक तथा कार्यात्मक सम्बन्धों का अध्ययन करता है।

3. मानव भूगोल का उद्देश्य एवं प्रकृति के सम्बन्ध में प्रो० ब्लाश का यह कथन है, “पृथ्वी पर मनुष्य का प्रभाव और उसके व्यवसायों का अध्ययन ही मानव भूगोल है।”मानव भूगोल संसाधनों के उपयोग द्वारा व्यवसायों की आर्थिक संरचनाओं (Economic structures), उद्योगों, परिवहन, संचार साधन तथा मानवीय बस्तियों के वितरण का अध्ययन करता है।

4. मानव भूगोल का अध्ययन मानवीय पारिस्थितिकी (Human Ecology) का व्यापक अध्ययन है। मानव भूगोल में प्राकृतिक वातावरण का मानवीय जीवन और उसकी क्रियाओं पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन किया जाता है। पृथ्वी के विभिन्न क्षेत्रों में रहने वाले मानव समूहों के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विकास का अध्ययन किया जाता है कि मानव किस प्रकार वातावरण-समायोजन तथा प्रादेशिक व्यवस्थापन द्वारा क्षेत्रीय संगठन करता है।

5. मानव एक सक्रिय भौगोलिक कारक है, परन्तु यह वातावरण का अंग नहीं। मानव की स्थिति केन्द्रीय है। मानव अपने प्राकृतिक वातावरण में परिवर्तन करके सांस्कृतिक भूदृश्य का निर्माण करता है। इस प्रकार मानव भूगोल प्राकृतिक वातावरण की शक्तियों जैसे सौर शक्ति, गुरुत्व तथा सौर प्रक्रियाओं का अध्ययन करता है। इसी प्रकार मानव भूगोल में सांस्कृतिक वातावरण की शक्तियों का भी अध्ययन किया जाता है। इस प्रकार आर्थिक, जनसांख्यिकीय, ऐतिहासिक विज्ञानों के लिए मानव भूगोल का ज्ञान आवश्यक है।

मानव भूगोल : प्रकृति एवं विषय क्षेत्र JAC Class 12 Geography Notes

→ मानव (Man): मानव वातावरण का क्रियाशील कार्यकर्ता है।

→ वातावरण (Environment): भूतल पर भौगोलिक दशाओं के समूह (Set of Surroundings) को वातावरण कहते हैं।

→ मानव भूगोल (Human Geography): मानव भूगोल, पृथ्वी और मानव के पारस्परिक सम्बन्धों का कारण एवं प्रभावात्मक अध्ययन है।

→ मानव पारिस्थितिकी (Human Ecology): मानव के आस-पास के पर्यावरण का मानव पर प्रभाव के रूप में अध्ययन ही मानव-पारिस्थितिकी कहलाता है। मानव भूगोल मुख्यतः मानव पारिस्थितिकी है।

→ विभिन्न भूगोल वेत्ता (Different Geographers): मानव भूगोल का अध्ययन निम्नलिखित भूगोल वेत्ताओं ने किया हैरैट्ज़ेल, कुमारी सेम्पुल, विडाल डी लॉ ब्लॉश, जीन बूंज, एल्सवर्थ हंटिंगटन, डेविस आदि।

→ मानव भूगोल की प्रकृति (Nature of Human Geography): मानव भूगोल का उद्देश्य प्रकृति में मानव जीवन की विभिन्नताओं को समझना है।

→ मानव भूगोल का अध्ययन क्षेत्र (Scope of Human Geography):

  • सांस्कृतिक भूदृश्य का अध्ययन,
  • संसाधन उपयोग,
  • वातावरण समायोजन।

→ मानव भूगोल की शाखाएं (Branches of Human Geography):

  • सांस्कृतिक भूगोल
  • आर्थिक भूगोल
  • सामाजिक भूगोल
  • जनसंख्या भूगोल
  • ऐतिहासिक भूगोल
  • राजनीतिक भूगोल
  • बस्ती भूगोल आदि।

JAC Class 8 Social Science Solutions History Chapter 10 India After Independence

JAC Board Class 8th Social Science Solutions History Chapter 10 India After Independence

JAC Class 8th History India After Independence InText Questions and Answers

Page 131

Question 2.
Imagine a conversation between a father and son in a Muslim family. After Partition, the son thinks it would be wiser for them to move to Pakistan while the father believes that they should continue to live in India. Taking information from the chapter so far (and Chapter 11), act out what each would say.
Answer:
Students need to do it on their own.

Page 132

Question 3.
Discuss in your class, one advantageand one disadvantage today of the decision to keep English as a language of India.
Answer:
One advantage and one disadvantage of the decision to keep English as a language of India today are:

  1. Advantage:
    The Indians are kept united by using the English language in India.
  2. Disadvantage:
    The English language caused hindrance in the development of the national language i.e., hindi. It also made them non-native in their own land.

Look at Figs. 5 (a), 5 (b) and 5 (c). Notice how the Princely States disappear in 5 (b). Identify the new states that were formed in 1956 and later and the languages of these states.
JAC Class 8 Social Science Solutions History Chapter 10 India After Independence 1
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JAC Class 8 Social Science Solutions History Chapter 10 India After Independence 3

Answer:
After the creation of Andhra, other linguistic communities also demanded their own separate states. A States Reorganisation Commission was set up, which submitted its report in 1956, recommending the redrawing of district and provincial boundaries to form compact provinces of Assamese, Bengali, Oriya, Tamil, Malayalam, Kannada and Telugu speakers respectively. The large Hindi-speaking region of north India was also to be broken up into several states. A little later, in 1960, the bilingual state of Bombay was divided into separate states for Marathi and Gujarati speakers. In 1966, the state of Punjab was also divided into Punjab and Haryana, the former for the Punjabi speakers (who were also mostly Sikhs), the latter for the rest (who spoke not Punjabi but versions of Haryanvi or Hindi).

Page 137

Question 5.
Discuss in your class whether Mira Behn was right in her view that science and machinery would create problems for human beings. You may like to think about examples of the effects of industrial pollution and deforestation on the world today.
Answer:
Mira Behn was right in her view that science and machinery would create problems for human beings. They create different types of problems such as industrial pollution, deforestation can be termed as environmental problems. These problems caused many natural disasters like flood, drought. Industrial pollution lead to toxic air which causes many diseases. Mira Behn followed the Gandhiji’s principals and devoted her life to the development of human beings. Mira Behn followed the Gandhiji’s principals and devoted her life to the development of human beings.

JAC Class 8 Social Science Solutions History Chapter 10 India After Independence

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Question 6.
Imagine you are witness to an argument between an adivasi and a person who is opposed to the reservation of seats and jobs. What ~ might be the arguments you heard each of them put forward? Act out the conversation.
Answer:
An argument between an adivasi and a person who is opposed to the reservation of seats and jobs can be as follows:
Adivasi:
We are weak in every context, like economically, socially, education. We are backward in everything so we should get reservation.

Person:
It will affect our lives too much. Our jobs and seats are decreasing and there are more people for one job.

Adivasi:
You people have dominated us for many generations and made us work as slaves as well. Now the time has come to be equal by getting education and jobs.

Person:
You are responsible for your own condition and not us. People will always try to take advantage but you I have to handle it tactfully. God has made everyone equal. Reservations would not make us equal.

Adivasi:
But the Government of India would help us and look after us.

JAC Class 8th History India After Independence Textbook Questions and Answers

( Let’s Recall )

Question 1.
Name three problems that the newly independent nation of India faced.
Answer:
(i) The three problems that the newly independent nation of India faced are:
India After Independence come to India and they had to be given food and shelter.

(ii) There were almost 500 princely states and their Maharajas and Nawabs had to be persuaded to join in the development of the new nation.

(iii) The new country had to frame and acquire a new political system for the benefit of the country’s people.

JAC Class 8 Social Science Solutions History Chapter 10 India After Independence

Question 2.
What was the role of the Planning Commission?
Answer:
The role of the Planning Commission was to formulate, draw up plan and execute suitable and appropriate policies for the economic development.

Question 3.
Fill in the blanks:
(a) Subjects that were placed on the Union List were and…….
(b) Subjects on the Concurrent List were and…….
(c) Economic planning by which both the state and the private sector played a role in development was called a model.
(d) The death of sparked off such violent protests that the government was forced to give in to the demand for the linguistic state of Andhra.
Answer:
(a) Taxes, defence, foreign affairs.
(b) forests, agriculture
(c) Mixed economy
(d) Potti Sriramulu

Question 4.
State whether true or false:
(a) At independence, the majority of Indians lived in villages.
(b) The Constituent Assembly was made up of members of the Congress party.
(c) In the first national election, only men were allowed to vote.
(d) The Second Five Year Plan focused on the development of heavy industry.
Answer:
(a) True
(b) False
(c) False
(d)True

(Let’s Discuss)

Question 5.
What did Dr. Ambedkar mean when he said that “In politics we will have equality, and in social and economic life we will have inequality”?

Answer:
Dr. Ambedkar meant that political democracy had to be accompanied by economic and social democracy. Giving the right to vote would not automatically lead to the removal of other inequalities such as between rich and poor or between upper and lower castes when he said that “In politics we will have equality, and in social and economic life we will have inequality”.

Question 6.
After Independence, why was there a reluctance to divide the country on linguistic lines?
Answer:
The Indian National Congress had promised that once the country won independence, each major linguistic group would have its own province, it was said in 1920s. However, after independence the Congress did not take any steps to fulfill the promise. The reason was that India had been divided on the basis of religion. As a result of the partition of India, more than a million people had been killed in riots between Hindus and Muslims. Country could not afford further divisions on the basis of language. Both Prime Minister Nehru and Deputy Prime Minister Vallabhbhai Patel were against the creation of linguistic states.

Question 7.
Give one reason why English continued to be used in India after Independence.
Answer:
English continued to be used in India after Independence because the south Indians opposed to Hindi as they were not comfortable with the language. In the Assembly, T.T. Krishnamachari conveyed “a warning on behalf of people of the .South”, also some of whom threatened to separate from India if Hindi was imposed on them. Hence, a compromise was finally arrived at that while Hindi would be the “official language” of India, English would be used in the courts, the services, and communications between one state and another.

JAC Class 8 Social Science Solutions History Chapter 10 India After Independence

Question 8.
How was the economic development of India visualised in the early decades after Independence?
Answer:
The economic development of India visualised in the early decades after Independence were as follows:

  1. In 1950, the government set up a Planning Commission to help design, implement and execute suitable policies for economic development.
  2. There was a broad agreement known as “mixed economy” model. In this type of economy, both the State and the private sector would play important and complementary roles in increasing production and generating jobs.
  3. Planning Commission task was to define which industries should be initiated by the state and which by the market and how to achieve a balance between the different regions and states.
  4. The Second Five Year Plan was formulated in 1956. This focused strongly on the development of heavy industries such as steel and on the building of large dams.
  5. These sectors would be under the control of the State. They focussed on heavy industry and the effort at state regulation of the economy was to guide economic policy for the next few decades.

(Let’s Do)

Question 9.
Who was Mira Behn? Find out more about her life and her ideas.
Answer:
Madeleine Slade (1892 – 1982), also known as Mirabehn or Meera Behn, was a British woman and the daughter of the British Rear-Admiral Sir Edmond Slade. She left her home in Britain to live and work with Mohandas Gandhi, the leader of the Indian Independence Movement. She devoted her life to human development and the advancement of Gandhi’s principles.

Question 10.
Find out more about the language divisions in Pakistan that led to the creation of the new nation of Bangladesh. How did Bangladesh achieve independence from Pakistan?
Answer:
In 1947, India was divided into India and Pakistan. Pakistan had two regions – West Pakistan and East Pakistan. It was divided on the basis of linguistic majority. West Pakistan was dominated by Urdu speaking majority and East Pakistan was dominated by Bangla speaking majority. The West Pakistan people always considered the East Pakistan people as inferior and subservient to them. The East Pakistan people were not having all the fundamental rights and facilities.

This caused rage and dissatisfaction among the Bengali Muslims of East Pakistan. Hence, they revolted against West Pakistan. They began to migrate to India. Hence, India was compelled to intervene the situation which supported the East Pakistan. And, the war broke between India and Pakistan. Finally, India won the war in favour of East Pakistan and Bangladesh emerged as a new country in 16th December 1971. It was recognised as a sovereign nation and Muziburr Rehman was its first President.

JAC Class 8th History India After Independence Important Questions and Answers

 

Multiple Choice Question 

Question 1.
The Congress and the Muslim League could not agree to specific details of the proposal. After the failure of the Cabinet Mission, the Muslim League decided on mass agitation for winning its demand for Pakistan and it announced Direct Action Day on
(a) 16 August 1946
(b) 23 August 1945
(c) 16 July 1946
(d) 29 August 1946
Answer:
(a) 16 August 1946

Question 2.
The Indian Constitution came into being on………
(a) 20 August 1947
(b) 30 February 1949
(c) 20 January 1950
(d) 26 January 1950
Answer:
(d) 26 January 1950

Question 3.
The constitution adopted Universal Adult Franchise means all Indians above the age of would be allowed to vote in state and national elections. Later, this limit was reduced to 18 years.
(a) 19 years
(b) 20 years
(c) 21 years
(d) 25 years
Answer:
(c) 21 years

JAC Class 8 Social Science Solutions History Chapter 10 India After Independence

Question 4.
The Constitution helped to abolish the practice of untouchability by
(a) a certain percentage of seats in legislatures as well as jobs in government were reserved for women.
(b) all seats in local legislatures as well as jobs in government were reserved for members of the lowest castes.
(c) a certain percentage of seats in legislatures as well as jobs in government were reserved for
(d) a certain percentage of seats in legislatures as well as jobs in government were reserved for members of the lowest castes.
Answer:
(d) a certain percentage of seats in legislatures as well as jobs in government were reserved for members of the lowest castes.

Question 5.
Franchise means
(a) the right to free speech.
(b) the right to vote.
(c) both a and b.
(d) the right to choose religion.
Answer:
(b) the right to vote.

Question 6.
……… was the Chairman of the Constitution Drafting Committee who played the most important role in framing the Constitution of India and supervised the finalising of document.
(a) Jawahar Lai Nehru
(b) Dr. Bhim Rao Ambedkar
(c) Lai Bahadur Shastri
(d) Sarojini Naidu
Answer:
(b) Dr. Bhim Rao Ambedkar

Question 7.
Both Prime Minister Nehru and Deputy Prime Minister were against the creation of linguistic states.
(a) Vallabhbhai Patel
(b) Sanjeev Reddy
(c) Mahatma Gandhi
(d) Lala Lajpat Rai
Answer:
(a) Vallabhbhai Patel

Question 8.
The veteran Gandhian Potti Sriramulu go on a hunger fast in October 1952 in demand for
(a) the formation of state a Malay to protect the interests of Malayalam speakers.
(b) the formation of an Andhra state to protect the interests of Tamil speakers.
(c) the formation of an Andhra state to protect the interests of Telugu speakers.
(d) the formation of a Tamil state to protect the interests of Telugu speakers.
Answer:
(c) the formation of an Andhra state to protect the interests of Telugu speakers.

Question 9.
The new state of Andhra Pradesh come into being on .
(a) 1st October, 1953
(b) 26th January, 1951
(c) 13th August, 1953
(d) 10th December, 1955
Answer:
(a) 1st October, 1953

Question 10.
The state of Punjab was divided into in 1966.
(a) Punjab and Uttar Pradesh
(b) Punjab and Himachal Pradesh
(c) Punjab and Rajasthan
(d) Punjab and Haryana
Answer:
(d) Punjab and Haryana

Very Short Answer Type Question

Question 1.
What were the main focuses on in the second five year plan for economic development and to create more jobs?
Answer:
The main focuses were on in the second five year plan for economic development and to create more job was on heavy industries.

Question 2.
In which year the state of Bombay was divided into separate states for Marathi and Gujarati speakers?
Answer:
In 1960, the state of Bombay was divided into separate states for Marathi and Gujarati speakers.

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Question 3.
What does the ‘State List’ include?
Answer:
The ‘State List’ includes the education and health – principal responsibilities.

Question 4.
Several members of the Constituent Assembly wanted to replace English with Hindi. But non-Hindi speakers wanted English to be continued. What was the solution to this?
Answer:
Hindi was made .the official language of India; while English would be used in the court, the services, and in communication between states.

Question 5.
What was the basic objective of the foreign policy of Independent India?
Answer:
The basic objective of the foreign policy of Independent India was non-alignment, i.e., the American and Soviet alliances.

Question 6.
What became the symbol of development of Independent India?
Answer:
Dams and bridges became the symbol of development of Independent India.

Question 7.
In which year the Bhilai Steel Plant set up?
Answer:
The Bhilai Steel Plant was set up with the help of the former Soviet Union in 1959.

Question 8.
In what manner the Bhilai Steel Plant was seen?
Answer:
The Bhilai Steel Plant was seen as an important sign of the development of modem India after Independence.

Question 9.
Where is the world’s largest slum?
Answer:
Dharavi in Mumbai is the largest slum in the world.

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Question 10.
How many Princely States were there in India at the time of partition?
Answer:
There were nearly 500 Princely States in India at the time of Partition.

Short Answer Type Question 

Question 1.
Which step of Constitution has been described as revolutionary?
Answer:
The step of Constitution which had been described as revolutionary was its adoption of universal adult franchise. All Indians above the age of 21 years would be allowed to vote in state and national elections. It was never done before and Indians had been allowed to choose their own leaders.

Question 2.
What was the intensity and measure of development at the time India got independence?
Answer:
At Independence time, the majority of Indians lived in the villages. Farmers and peasants depended on the monsoon for their survival. So did the non-farm sector of the rural economy for if the crops failed, barbers, carpenters, weavers and other service groups would not get paid for their services either. In the cities as well the condition was not quite good, factory workers and labourers lived in crowded slums. They had very little access to healthcare or education and they had minimum facilities.

Question 3.
How are the powers divided between state and Centre?
Answer:
The Constitution of India provides for a division of powers between the Union (Centre) and states. It divides all the subjects into 3 lists. They are a Union List, with subjects such as taxes, defence and foreign affairs, which would be the exclusive responsibility of the Centre; a State List of subjects, such as education and health, which would be taken care of principally by the states; a Concurrent List, under which would come subjects such as forests and agriculture, in which the Centre and the States would have joint responsibility.

Question 4.
Write in brief the problems in unifying the people of India after it got independence.
Answer:
The problems in unifying the people of India after it got independence were:

(i) India’s population in 1947 was almost 345 million. It was quite large. It was also divided. There were divisions between high castes and low castes, between the majority Hindu community and Indians who practised other faiths such as Muslims, Sikhs, etc.

(ii) The citizens of this vast land spoke many different languages, wore many different kinds of dress, ate different kinds of food and practised different professions.

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Question 5.
Describe the special privileges that were offered to the poorest and most disadvantaged Indians by the constitutions.
Answer:
The special privileges that were offered to the poorest and most disadvantaged Indians by the constitutions were:

  1. The practice of untouchability was abolished.
  2. Hindu temples, previously open to only the higher castes, were open to all, including the former untouchables.
  3. A certain percentage of seats in legislatures as well as jobs in government be reserved for members of the lowest castes.
  4. Along with the former Untouchables, the adivasis or Scheduled Tribes were also granted reservation in seats and jobs.

Question 6.
Why a compromise was made with respect to language?
Answer:
A compromise was made with respect to language because many members believed that the English language should leave India with the British rulers. Hindi should be taken in its place, they argued. But, those who did not speak Hindi were of a different opinion. Speaking in the Assembly, T.T. Krishnamachari conveyed “a warning on behalf of people of the South”, some of whom threatened to separate from India if Hindi was imposed on them. A compromise was finally arrived at that while Hindi would be the “official language” of India, English would be used in the courts, the services, and communications between one state and another.

Question 7.
List the new Government’s priorities.
Answer:
The government’s main priorities after independence was that a majority of people had to be lifted above the poverty line and to achieve the agricultural productivity which had to be increased to feed the enormous population. Industries had to be set up to provide jobs for the jobless.

Question 8.
What do you mean by mixed economy?
Answer:
Mixed economy model is the economic planning by which both the state and the private sector plays a role in development.

Long Answer Type Question 

Question 1.
How did Andhra Pradesh come into existence?
Answer:
The Kannada speakers, Malayalam speakers, the Marathi speakers, had all looked forward to having their own state. However, the strongest protests, came from the Telugu-speaking districts of what was the Madras Presidency. When Nehru went to campaign there during the general elections of 1952, he was met with black flags and slogans demanding “We want Andhra”. In October 1952, a veteran Gandhian named Potti Sriramulu went on a hunger fast demanding the formation of Andhra state to protect the interests of Telugu speakers. As the fast went on, it attracted much support from people. Hartals and bandhs were observed in many towns and cities. On 15 December 1952, fifty-eight days into his fast, Potti Sriramulu died. But the protests were so widespread and intense that the central government was forced to give in to the . demand. Thus, on 1 October 1953, the new state of Andhra Pradesh came into being.

Question 2.
Describe briefly on abolition of untouchability and Reservation Policy.
Answer:
Abolition of untouchability and the Reservation Policy was another important feature of the Indian constitution. The Constitution offered special privileges and advantages for the poorest and most disadvantaged Indians. The practice of untouchability was abolished. Hindu temples, previously open to only the higher castes, were open to all, means it includes the untouchables. The Constituent Assembly also recommended that a certain percentage of seats in legislatures as well as jobs in government be reserved for members of the lowest castes.

Many members of the Constituent . Assembly argued against the Reservation Policy. But many members stated that the policy was necessary to uplift the Harijans and the backward people as they have been suppressed for thousands of years. Along with the former Untouchables, the Adivasis or Scheduled Tribes were also granted reservation in Educational Institutions and jobs. Like the Scheduled Castes, these Indians too had been deprived and discriminated against. The new constitution sought to provide them with good education, health care and a profitable livelihood.

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Question 3.
Describe briefly the Constituent Assembly.
Answer:
The Constituent Assembly was set up to draft out the constitution of India. The Constituent Assembly met numerous times while the Indian constitution was being written. The writing of the constitution took almost three years to be completed; from December 1946 to November 1949. The meetings of the “Constituent Assembly” were held in New Delhi. The members of the assembly came from all over India, and from different political parties.

The most important role was played by Dr B.R. Ambedkar, who was the Chairman of the Drafting Committee. Under the supervision of Dr B.R. Ambedkar the document was finalised. The Indian constitution was completed and adopted on 26 January 1950. On 26th January, India became a Republic and since Republic Day has been celebrated on 26th January every year.

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JAC Class 8 Social Science Solutions History Chapter 9 The Making of the National Movement: 1870s–1947

JAC Board Class 8th Social Science Solutions History Chapter 9 The Making of the National Movement: 1870s–1947

JAC Class 8th History The Making of the National Movement: 1870s–1947 InText Questions and Answers

Page 111

Question 1.
From the beginning the Congress sought to speak for, and in the name of, all the Indian people. Why did it choose to do so?
Answer:
It choose to do so because it had to establish itself in order to achieve freedom from British.

Page 112

Question 2.
What problems regarding the early Congress does this comment highlight?
Answer:
The early Congress leaders were rich people and tied up with their own work and thus, they did not take much interest for the benefit of the organisation.

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Page 114

Question 3.
Find out which countries fought the First World War.
Answer:
France, Britain, Russia, Italy and USA were the allies and fought against the Central Power which were Germany, Austria, Hungary, Bulgaria and Ottoman Empire.

Page 116

Question 4.
Find out about the Jallianwala Bagh massacre. What is Jallianwala Bagh? What atrocities were committed there? How were they committed?
Answer:
The Jallianwala Bagh is garden near Golden temple in Amritsar. This place shows the British’s brutality and harsh behaviour. The massacre took place on 13th April 1919. Baisakhi is held on this day. Around one thousand people gathered here to protest peacefully against the arrest of their leaders Dr. Satyapal and Dr. Saifuddin when this massacre happened.

Page 119

Question 5.
Read Source 4.
According to this report, how did people view Mahatma Gandhi? Why do you think they felt that he was opposed to zamindars but not to the . government? Why do you think they were in favour of Gandhiji?

Source 4:
“It was he who got bedakhli stopped in Pratapgarh” The following is an extract from a CID report on the kisan movement in Allahabad district, January 1921: The currency which Mr. Gandhi s name has acquired even in the remotest villages is astonishing. No one seems to know quite who or what he is, but it is an accepted fact that what he says is so, and what he orders must be done. He is a Mahatma or sadhu, a Pundit, a Brahmin who lives at Allahabad, even a deota … the real power of his name is to be traced back to the idea that it was he who got bedakhli [illegal eviction] stopped in Pratapgarh … as a general rule, Gandhi is not thought of as being antagonistic to Government, but only to the zamindars … We are for Gandhiji and the Sarkar.
Answer:
People view Mahatma Gandhi as sadhu, devta, a pandit. In Pratapgarh, he stopped bedakhali. People said that we are for Gandhiji and sarkar. They were in favour of him because of their immense faith.

Page 127

Question 6.
Imagine that you are involved in the Indian national movement. Based on your reading of this chapter, briefly discuss your preferred methods of struggle and your vision of a free India.
Answer:
Following are the methods of struggle and vision of a free India:

  1. Gandhian methods of struggle against the British rule based on non-violence, Satyagarha, truth.
  2. Such methods infused new energy in the freedom struggle.
  3. These methods were based on mass mobilization and participation and relied on the strength of common people.
  4. Like Gandhi, you would prefer the use Swadeshi, symbolic of India’s unique identity.
  5. Your vision of free India would be based on the principles of liberty, equality and justice.
  6. India which is based on democracy that allows for participation of the people in the political process.
  7. India based on gender equality, no caste based discrimination, and where all religions are respected.
  8. India of your dreams would be based on peace and harmony with all countries.
  9. Where poverty is eliminated, society which is characterized by growth and prosperity.

JAC Class 8th History The Making of the National Movement: 1870s–1947 Textbook Questions and Answers

( Let’s Recall)

Question 1.
Why were people dissatisfied with British rule in the 1870s and 1880s?
Answer:
People were dissatisfied with British rule in the 1870s and 1880s due to the following reasons:

(i) The Arms act of 1878: This act disallowed Indians to possess arms.

(ii) The Vernacular Press Act of 1878: This act allows the government to confiscate the assets of newspapers if they published anything that was found objectionable.

(iii) The Ilbert Bill of 1883: The bill provided for the trial of Britishers and Europeans by the Indian judges and sought equality between British and Indian judges in the country. But due to the opposition by whites, the bill was withdrawn. This enraged the Indians as this showed racial discrimination by them.

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Question 2.
Who did the Indian National Congress wish to speak for?
Answer:
The Indian National Congress wish to speak for all the people of the country. This Party was composed of the representatives from all the sections of the Indian society.

Question 3.
What economic impact did the First World War have on India?
Answer:
The First World War had a major economic impact on India. The First World War caused a huge shortage of everything on our economy. The government was spending a huge amount on defense. To bear these expenses, it imposed huge taxes on lands. The prices of various commodities increased enormously which created difficulties for the common people. On the other hand, business houses were gaining huge profits due to the increased demand of industrial goods such as jute bags, cloth and rails. Hence, Indian industries expanded during the war.

Question 4.
What did the Muslim League resolution of 1940 ask for?
Answer:
The Muslim league made a resolution that asked for independent states for Muslims in the North Western and Eastern areas of the country in 1940.

(Let’s Discuss)

Question 5.
Who were the Moderates? How did they propose to struggle against British rule?
Answer:
Moderates were the Congress leaders in the first twenty years of its formation. They proposed to struggle against the British in a non-violent and peaceful manner. They wanted to develop public awareness about the unjust nature of British rule. They published many articles in the newspapers and journals emphasising about the increasing poverty of the country under the British rule. They criticised and condemned the British rule in their speeches. Representatives were sent to different parts of the country to mobilise and organise public support. The leaders thought that the British had respect for the ideals of freedom and justice, hence would accept the demands of Indians. Their main aim was to express their demands and make the government aware of the feelings of Indians.

Question 6.
How was the politics of the Radicals within the Congress different from that of the Moderates?
Answer:
The politics of the Radicals within the Congress were different from that of the Moderates in the following manner:

  1. Radicals argued that instead of believing on the so called good intentions of the British, people should fight for swaraj.
  2. Some leaders such as Lala Lajpat Rai, Bal Gangadhar Tilak and Bepin Chandra Pal (Lal-Bal-Pal) criticised the Moderates for their ‘policy of prayers’ and emphasised on self-reliance and constructive work.
  3. They supported and advised mass mobilisation and boycott of British institutions and goods.
  4. Some leaders also suggested ‘revolutionary violence’ to overthrow British rule.
  5. Moderates, on the other hand, ‘ proposed to struggle against the British in a non-violent and peaceful manner. They wanted to follow the rules, the laws and the order posed by the British.

Question 7.
Discuss the various forms that the Non-Cooperation Movement took in different parts of India. How did the people understand Gandhiji?
Answer:
Non-Cooperation Movement started in 1920. The various forms taken by the Non-Cooperation Movement in different parts of India are as follows:

(i) In tea gardens of Assam, labourers demanded an increase in their pay and started following Gandhiji.

(ii) At Kheda in Gujarat, Patidar peasants organised non-violent campaigns against the high land revenue demand of the British.

(iii) In coastal Andhra and interior Tamil Nadu, liquor shops were picketed and blockade was done.

(iv) In Sind which is now in Pakistan, Muslims traders and peasants supported the Khilafat and the noncooperation movement.

(v) In Guntur district of Andhra Pradesh, ‘forest satyagrahs’ were staged by the tribals and poor peasants who grazed their cattle in the forests without paying the grazing fees.

(vi) In Bengal also, the Khilafat and Non-Cooperation alliance gave enormous communal unity and strength to the national movement.

(vii) In Punjab, the Akali agitation and distress of the Sikhs demanded to remove corrupt mahants who supported by the British from their gurdwaras.

(viii) In other parts of the country, thousands of students left government schools and colleges. Many lawyers like Motilal Nehru, C.R. Das, C. Rajagopalachari and Asaf Ali gave up their practices. People surrendered their titles and boycotted legislatures. People lit public bonfires of foreign cloth. People thought of Gandhiji as a kind of saviour, as someone who could help them overcome their misery and poverty. Peasants believed that he would help them in their fight against zamindars and agricultural labourers believed he would provide them with the land.

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Question 8.
Why did Gandhiji choose to break the salt law?
Answer:
Gandhiji chose to break the salt law because the British introduced a law stating that the Government had control over the manufacture and sale of salt. They imposed a tax on the sale of salt also. Mahatma Gandhi and other national leaders argued that salt was an essential item of our food and hence it was wrong to impose a tax on salt. Moreover, the issue of salt was related to all be it the rich or the poor.

Question 9.
Discuss those developments of the 1937-47 period that led to the creation of Pakistan.
Answer:
In 1937, the provincial elections held and convinced Muslim league that Muslims were a minority and they would always have to play second position in any democratic structure. In 1940, the Muslim league passed a resolution demanding independent states for Muslims in the north western and eastern areas of the country. In 1945, at the end of the Second World War, the British started discussions . and talks with the Congress and the League for the independence of India. The talks failed because the league saw itself as the sole spokesperson of India’s Muslims.

In 1946 elections, the Muslim league succeeded in the areas where seats were reserved for Muslims. In March 1946, the British cabinet sent a three member mission to Delhi to examine the best suited political framework for a free India. It suggested that India should constitute itself as a loose alliance with some autonomy for the Muslim majority areas. But both Congress and Muslim League did not agree to this. The Muslim League announced “Direct Action Day” on 16th August 1946. The failure of the Cabinet Mission made partition inevitable. Riots broke out in which thousands of people were turned homeless or were killed. Women had to face brutality and atrocities. Ultimately in 1947 partition took place and the country of Pakistan was bom.

(Let’s Do)

Question 10.
Find out how the national movement was organised in your city, district, area or state. Who participated in it and who led it? What did the movement in your area achieve?
Answer:
Students need to do it on their own.

Question 11.
Find out more about the life and work of any two participants or leaders of the national movement and write a short essay about them. You may choose a person not mentioned in this chapter.
Answer:
Life and Work of leaders who were involved in the national movement:
Sardar Vallabhbhai Patel Vallabhbhai Jhaverbhai Patel (31st October 1875 – 15th December 1950) popularly known as Sardar Patel, was an Indian politician. He hailed from an impoverished peasant proprietor family of Nadiad, Gujarat. From 1918 onwards, he was an eminent organiser of the freedom movement. He also served as a President of Congress in 1931. He played an important role in the negotiations for freedom and independence during 1945- 47.

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He was fondly called the Iron Man of India. He served as the first Deputy Prime Minister of India. Subhash Chandra Bose Subhas Chandra Bose (23 January 1897 – 18 August 1945) was an Indian nationalist whose defiant patriotism made him a hero in India. Bose had been a leader of the younger, radical, wing of the Indian National Congress in the late 1920s and 1930s, rising to become Congress President in 1938 and 1939.

The Indian National Army (INA; Azad Hind Fauj, Free Indian Army) was an armed force formed by Subhash Chandra Bose. His most famous quote was “Give me blood and I will give you freedom”. Another famous quote was Dilli Chalo ! This was the call he used to give the INA armies to motivate them. Jai Hind or Glory to India! was another slogan used by him and later adopted by the Government of India and the Indian Armed Forces.

JAC Class 8th History The Making of the National Movement: 1870s–1947 Important Questions and Answers

Multiple Choice Question 

Question 1.
The people of India became determined to root out the British rule after incident.
(a) Revolt of 1923
(b) Revolt of 1857
(c) Battle of Panipat
(d) Battle of Seringapatam
Answer:
(b) Revolt of 1857

Question 2.
The meaning of ‘sovereign’ is
(a) the capacity to act independently without outside interference.
(b) the necessity to act dependently without outside interference.
(c) the capacity to act dependently with outside interference.
(d) none of these.
Answer:
(a) the capacity to act independently without outside interference.

Question 3.
The Arms Act was passed in the year
(a) 1857
(b) 1868
(c) 1892
(d) 1878
Answer:
d. 1878

Question 4.
The Indian National Congress came into being on…….
(a) 1885
(b) 1890
(c) 1887
(d) 1895
Answer:
(a) 1885

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Question 5.
The IHbert Bill was set out to achieve because:
(a) It provided for the equal education of British or European persons by Indian teachers, and sought equality between British and Indian teachers in India.
(b) It provided for the serving of Indian customers by British or European servants, and sought equality between British and Indian masters in the country.
(c) It provided for the trial of British or European persons by Indian judges, and sought equality between British and Indian judges in the country.
(d) It provided for the trading of British or European companies by Indians, and sought equality between British and Indian traders in the country.
Answer:
(c) It provided for the trial of British or European persons by Indian judges, and sought equality between British and Indian judges in the country.

Question 6.
Repeal mean
(a) to unofficially approve the validity of something such as a law
(b) to officially end the validity of something such as a law
(c) to unofficially change something such as a law
(d) to officially approve something such as a law
Answer:
(b) to officially end the validity of something such as a law

Question 7.
Identify some of the the Radical leaders who were known as Lal-Bal- Pal.
(a) Jawaharlal Nehru, Lala Lajpat Rai, Raja Ravi Varma
(b) Bepin Chandra Pal, Mohandas Gandhi, and Raja Ram Mohan Roy
(c) Lala Lajpat Rai, Bal Gangadhar Tilak, and Bepin Chandra Pal
(d) Bal Gangadhar Tilak, Indira Gandhi, and Subhas Chandra Bose
Answer:
(c) Lala Lajpat Rai, Bal Gangadhar Tilak, and Bepin Chandra Pal

Question 8: The slogan “Freedom is my birthright
and I shall have it!” was said by
(a) Lala Lajpat Rai
(b) Subhash Chandra Bose
(c) Mahatma Gandhi
(d) Bal Gangadhar Tilak
Answer:
(d) Bal Gangadhar Tilak

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Question 9.
The concept of Swadeshi Movement was:
(a) to boycott British institutions and goods.
(b) to boycott Indian institutions and goods
(c) to boost British institutions and goods
(d) to boost American institutions and goods
Answer:
(a) to boycott British institutions and goods.

Question 10.
Mahatma Gandhi returned to . India from South Africa in the year
(a) 1920
(b) 1921
(c) 1915
(d) 1918
Answer:
(c) 1915

Very Short Answer Type Question

Question 1.
Why did Rabindranath Tagore renounce his knighthood?
Answer:
Rabindranath Tagore had renounced the British knighthood in protest against the Jallianwala Bagh massacre of 1919.

Question 2.
Who was the first Governor-General of free India?
Answer:
C. Rajagopalachari, popularly known as Rajaji was first Governor-General of free India.

Question 3.
Who was the first Indian woman to become President of the Indian National Congress?
Answer:
Sarojini Naidu was the first Indian woman to become President of the Indian National Congress in 1925.

Question 4.
What was A.O. Hume’s contribution in the Indian national movement?
Answer:
A.O. Hume was a retired British official. He played a major part in bringing Indians from the various regions together.

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Question 5.
When was Indian National Congress established?
Answer:
The Indian National Congress was established when 72 delegates from all over the country met at Bombay in December 1885.

Question 6.
Who established the Natal Congress and why?
Answer:
In 1895, along with other Indians, Mahatma Gandhi established the Natal Congress to fight against racial discrimination.

Question 7.
Name the author who wrote the book Poverty and Un-British rule in India? What was it about?
Answer:
Dadabhai Naoroji wrote the book Poverty and Un-British Rule in India. It offered a scathing criticism of the economic impact of British rule.

Question 8.
Write a short note on Lala Lajpat Rai.
Answer:
Lala Lajpat Rai was a nationalist from Punjab. He was one of the leading members of the Radical group which was critical of the politics of petitions. He was also an active member of the Arya Samaj.

Question 9.
Give a short note on government of India Act 1935.
Answer:
Government of India Act of 1935 prescribed and established provincial autonomy. In 1937, the government announced elections to the provincial legislatures. Congress won most of the provinces and formed governments in 7 out of 11 provinces.

Question 10.
Which newspaper was edited by Balgangadhar Tilak?
Answer:
Kesari, a Marathi newspaper was edited by Balgangadhar Tilak.

Question 11.
In which year Muslim League was formed?
Answer:
In the year 1906, All India Muslim League was formed at Dacca.

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Question 12.
Name the places of intervention of Gandhiji in local movements.
Answer:
The places of intervention of Gandhiji in local movement were Champaran, Kheda and Ahmedabad.

Short Answer Type Question

Question 1.
Why were people dissatisfied with British rule in the 1870s and 1880s?
Answer:
People were dissatisfied with British rule in the 1870s and 1880s due to the following reasons:

(i) In 1878, the Arms Act was passed, disallowing Indians from possessing arms.

(ii) In the same year the Vernacular Press Act was also enacted in an effort to silence those who were critical of the government. The Act allowed the government to confiscate the assets of newspapers including their printing presses if the newspapers published anything that was found ‘objectionable’ and against the British.

(iii) In 1883, there was a furore and agitation over the attempt by the government to introduce the Ilbert Bill. The bill provided for the trial of British or European persons by Indians and sought equality between British and Indian judges in the country. But when white opposition forced the government to withdraw the bill, Indians were enraged.

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Question 2.
State the demands of the Congress made in its early years.
Answer:
The Congress in the first twenty years was moderate in its objectives and methods. During this period, it made several demands. They are as follows:

  1. The Congress demanded a greater voice for Indians in the government and in administration.
  2. It wanted the Legislative Councils to be made more representative means giving more power and introduced in provinces where none existed.
  3. It demanded that Indians be placed in high positions in the government. For this purpose it called for civil service examinations to be held in India as well not just in London.
  4. Indianisation was one of the demands in the administration which was part of a movement against racisim since most important jobs at the time were monopolised by white officials.
  5. Other demands included the separation of the judiciary from the executive, the repeal of the Arms Act and the freedom of speech and expression.
  6. It demanded reduction of revenue, cut in military expenditure and more funds for irrigation and cultivation.

Question 3.
Why was the uit India Movement started?
Answer:
After two years of Congress rule in the provinces, the Second World War broke out in September 1939. Critical of Hitler, Congress leaders were ready to support the British war effort. But in return they wanted that India must be granted independence after the war. The British refused to concede the demand. The Congress ministries resigned in protest. Mahatma Gandhi decided to initiate a new phase of movement against the British in the middle of the Second World War. Gandhi told the British that they must quit India immediately. To the people of India, he said, ‘do or die’ in your effort to fight the British but you must fight non-violently. This was the reason of starting of Question uit India Movement.

Question 4.
What were the effects of partition of Bengal?
Answer:
The effects of partition of Bengal were as follows:

  1. The partition of Bengal infuriated and agitated people all over India. All sections of the Congress be it the Moderates or the Radicals everyone opposed it.
  2. Large public meetings and demonstrations were organised and novel and non-violent methods of mass protest developed.
  3. The struggle that unfolded came to be known as the Swadeshi movement, strongest in Bengal but with echoes and furore elsewhere too, be it deltaic Andhra for example, it was known as the Vandemataram Movement.

Question 5.
In brief list the important political development in mid-1920 in India.
Answer:
The most important developments of the mid-1920s in India were the formation of the Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS), a Hindu organisation, and the Communist Party of India. These parties have held very different ideas about the kind of country India should be. The revolutionary nationalist Bhagat Singh too was active in this period. In 1929, under the presidentship of Jawaharlal Nehru the decade closed with the Congress resolving to fight for Puma Swaraj means complete independence. Consequently, “Independence Day” was observed on 26 January 1930 all over the country.

Question 6.
In what way did people participate in non-cooperation movement during 1921-22?
Answer:
The Non-Cooperation Movement gained momentum through 1921-22. People participated in it in many ways:

  1. Thousands of students left government controlled schools and colleges.
  2. Many lawyers such asMotilalNehru, C.R. Das, C. Rajagopalachari and Asaf Ali gave up their practices.
  3. British titles were surrendered and legislatures boycotted.
  4. People lit public bonfires of foreign cloth. The imports of foreign cloth fell drastically between 1920 and 1922.

Question 7.
What are the goals of early political organizations formed in India?
Answer:
The goals of early political organisations formed in India were stated as the goals of all the people of India and not those of any one region, community or class. They worked with the idea that the people should be sovereign means a modem consciousness and a key feature of nationalism. In other words, they believed that the Indian people should be empowered to take decisions regarding their affairs.

Question 8.
For what reason did Gandhiji call off the Non-cooperation Movement?
Answer:
Mahatma Gandhi was against violent movements. In February 1922, he suddenly called off the Non-Cooperation Movement when a crowd of peasants set fire to a police station in Chauri Chaura. Twenty-two policemen were killed on that day. The peasants were provoked because the police had fired on their peaceful demonstration.

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Question 9.
What role did Ambabai play in the Indian freedom struggle?
Answer:
Ambabai of Karnataka had been married at the age of twelve. Widowed at sixteen, she picketed foreign cloth and liquor shops in Udipi. She was arrested, served a sentence and was rearrested. Between prison terms she made speeches, taught spinning and organised prabhat pheris. Ambabai regarded these as the happiest days of her life because they gave it a new purpose and commitment.

Question 10.
Why did the Congress ministries resign in protest in 1939?
Answer:
In September 1939, after two years of Congress rule in the provinces, the Second World War broke out. Critical of Hitler, Congress leaders were ready to support the British war effort. But in return Congress leaders wanted that India be granted independence after the war. The British refused to concede the demand. Hence, the Congress ministries resigned in protest.

Long Answer Type Question

Question 1.
Describe the dynamic role of Mahatma Gandhi in the Indian nationalist movement for freedom as a leader of the masses.
Answer:
The dynamic role of Mahatma Gandhi in the Indian nationalist movement for freedom as a leader of the masses were as follows:

  1. In 1915, Mahatma Gandhi at the age of 46 arrived in India from South Africa. Mahatma Gandhi emerged as a mass leader.
  2. Having led Indians in South Africa in non-violent marches and movements against racist restrictions, he was internationally known and a respected leader.
  3. His South African campaigns had brought him in contact with various types of Indians.
  4. The first year was spent by Mahatma Gandhi in travelling throughout the country, understanding the people, their needs and the overall situation
  5. His earliest interventions were in local movements in Champaran, Kheda and Ahmedabad where he came into contact with Rajendra Prasad and Vallabhbhai Patel.
  6. In Ahmedabad he led a successful millworker’s strike in 1918.
  7. Gandhiji gave a call for satyagraha against the Rowlatt Act that the British had just passed in 1919.
  8. The Non-Cooperation Movement gained momentum through 1921-22. Mahatma Gandhi supported and urged the Congress to campaign against ‘Punjab wrongs’ (Jallianwala massacre), the Khilafatwronganddemandswaraj.
  9. He abruptly called off the Non-Cooperation Movement when in February 1922 a crowd of peasants set fire to a police station in Chauri Chaura.
  10. In 1930, Gandhi again took off with another non-violent movement known as the civil disobedience movement.
  11. In August 1942, the uit India Movement was launched under the leadership and supervision of Mahatma Gandhi.

Question 2.
Why was the Satyagraha call given by Gandhiji in 1919? What did it lead to?
Answer:
The Satyagraha call was given by Gandhiji in 1919 because of the following reasons:

(i) In 1919 Gandhiji gave a call for a satyagraha against the Rowlatt Act that the British had just passed.

(ii) The Act curbed fundamental rights such as the freedom of expression and strengthened police powers.

(iii) Mahatma Gandhi, Mohammad Ali Jinnah and others felt that the government had no right to restrict people’s basic freedoms.

(iv) They criticised and opposed the Act as ‘devilish’ and tyrannical.

(v) Gandhiji asked the Indian people to observe 6 April 1919 as a day of non-violent opposition to this Act, as a day of ‘humiliation and prayer. and hartal (strike). Satyagraha Sabhas were set up to launch the movement.

(vi) The Rowlatt Satyagraha turned out to be the first all-India struggle against the British government although it was largely restricted to cities. In April 1919 there were a number of demonstrations and hartals in the country and the government used brutal measures to suppress them. The Jallianwala Bagh atrocities, inflicted by General Dyer in Amritsar on Baisakhi day (13 April), were a part of this repression.

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JAC Class 8 Social Science Solutions History Chapter 8 Women, Caste and Reform

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JAC Class 8th Women, Caste and Reform InText Questions and Answers

Page 95

Question 1.
Can you think of the ways in which social customs and practices were discussed in the pre-printing age when books, newspapers and pamphlets were not readily available?

  1. Organising social meetings.
  2. Delivering effective speeches.
  3. Handwritten statements on palm leaves.
  4. Discussion with scholars and intellectuals of different regions.

Page 97

Question 2.
This argument was taking place more than 175 years ago. Write down the different arguments you may have heard around you on the worth of women. In what ways have the views changed?
Answer:
Views against women are as follows:

  1. Economically not strong.
  2. Decision making is always with their husbands.
  3. No right to have education.

Now the views have changed:

  1. They are recognised same as men.
  2. They are occupying prominent places in the work areas and society.
  3. They are not the subject of exploitation.
  4. Education institutes have been opened

Page 102

Question 3.
Imagine that you are one of the students sitting in the school veranda and listening to the lessons. What kind of questions would be rising in your mind?
Answer:
Students need to do it on their own.
(Hint: Why in the name of caste people are dividing the society? Do the students have any moral values who sitting in the veranda?)

JAC Class 8 Social Science Solutions History Chapter 8 Women, Caste and Refor

Question 4.
Some people thought this situation was better than the total lack of education for untouchable people. Would you agree with this view?
Answer:
No, I don’t agree with this view.

Page 103

Question 5.
Carefully read Source 3. What do you think Jyotirao Phule meant by “me here and you over there again”?

Source 3:
“Me here and you over there” Phule was also critical of the anti-colonial nationalism that was preached by upper-caste leaders. He wrote: The Brahmans have hidden away the sword of their religion which has cut the throat of the peoples ’prosperity and now go about posing as great patriots of their country. They … give this advice to … our Shudra, Muslim and Parsi youth that unless we put away all quarrelling amongst ourselves about the divisions between high and low in our country and come together, our … country will never make any progress … It will be unity to serve their purposes, and then it will be me here and you over there again. ‘ Jyotiba Phule, The Cultivator’s Whipcord
Answer:
According to Jyotirao Phule the society would go towards equality and justice.

Page 105

Question 6.
Why does caste remain such a controversial issue today? What do you think was the most important movement against caste in colonial times?
Answer:
Caste remain such a controversial issue today because people’s own interest and political issues. Temple entry movement was the most important movement against caste in colonial times.

Page 108

Question 7.
Imagine you are a teacher in the school set up by Rokeya Hossain. There are 20 girls in your charge. Write an account of the discussions that might have taken place on any one day in the school.
Answer:
Students need to do it on their own.

JAC Class 8th History  Women, Caste and Reform Textbook Questions and Answers

( Let’s Recall)

Question 1.
What social ideas did the following people support.

  • Rammohun Roy
  • Dayanand Saraswati
  • Veerasalingam Pantulu
  • Jyotirao Phule
  • Pandita Ramabai
  • Periyar
  • MumtazAli
  • Ishwarchandra Vidyasagar

Answer:

Rammohun Roy Ban on Sati
Dayanand Saraswati Widow remarriage
Veerasalingam Widow remarriage
Pantulu Caste inequality
Jyotirao Phule III treatment of widows
Pandita Ramabai Caste inequality
Periyar Women’s education
Mumtaz Ali Women’s education

Question 2:
State whether true or false:
(a) When the British captured Bengal they framed many new laws to regulate the rules regarding marriage, adoption, inheritance of property, etc
(b) Social reformers had to discard the ancient texts in order to argue for reform in social practices. Reformers got full support from all sections of the people of the country.
(d) The Child Marriage Restraint Act was passed inl829.
Answer:
(a) True
(b) False
(c) False
(d) True

(Let’s Discuss)

Question 3.
How did the knowledge of ancient texts help the reformers promote new laws?
Answer:
The knowledge of ancient texts helped the reformers to promote new laws as whenever reformers wanted to challenge a practice that seemed harmful and would not benefit many people, they tried to find a verse or texts in the ancient sacred texts that supported their point of view. They then suggested that the practice as it existed at present was against early tradition.

Question 4.
What were the different reasons people had for not sending girls to school?
Answer:
The different reasons people had for not sending girls to school were as following:

  1. They feared that schools would take girls away from home, prevent them from doing their domestic duties.
  2. Moreover, girls had to travel through public places in order to reach school.
  3. Many people felt that this would have a corrupting influence on them.
  4. They felt that girls should stay away from public spaces.

Question 5.
Why were Christian missionaries attacked by many people in the country? Would some people have supported them too? If so, for what reasons?
Answer:
Christian missionaries were attacked by many people in the country because missionaries began to set up schools for tribal groups and lower caste children. They were also involved in many reform activities as they denounced caste system, sati and advocated education of girls. They were opposed by the orthodox section of the society as they believed that they were trying to interfere in their religious matters.

Many people also believed that the ultimate motive of the Christian missionaries was to convert the people into Christianity. Christian missionaries were supported by many progressive Indians like the reformers and the intellectuals who wanted the Indian society to reform. Various tribes and lower castes also supported them as most people had benefitted from the reform activities of the missionaries.

JAC Class 8 Social Science Solutions History Chapter 8 Women, Caste and Refor

Question 6.
In the British period, what new opportunities opened up for people who came from castes that were regarded as “low”?
Answer:
Many new opportunities opened up for people who came from castes that were regarded as “low” during British period are as follows:

(i) There were work in plantations in Assam, Mauritius, Trinidad and Indonesia.

(ii) There was work in the factories that were coming up and jobs in municipalities.

(iii) Expansion of cities created new demands of labour. Drains had to be dug, roads laid, buildings constructed and cities cleaned This required coolies, diggers, carriers, bricklayers, sewage cleaners, sweepers, palanquin bearers, rickshaw pullers.

(iv) The army also offered opportunities. A number of Mahar people who were regarded as untouchable found jobs in the Mahar Regiment.

Question 7.
How did Jyotirao the reformer justify his criticism of caste inequality in society?
Answer:
Jyotirao the reformer justify his criticism of caste inequality in society as he did not accept the Brahman’s claim that they were superior to others since they were Aryans. As the Aryans established their dominance, they began looking at the defeated population as inferior as low caste people. According to Phule, the upper castes had no right to their land and power and in reality, the land belonged to indigenous people, the so- called low castes.

Question 8.
Why did Phule dedicate his book Gulamgiri to the American movement to free slaves?
Answer:
In 1873, Phule wrote a book named Gulamgiri which means slavery. He dedicated his book to all those Americans who had fought to free slaves thus establishing a link between the conditions of the lower castes in India and the black slaves in America. With the hope that there would be an end to all sorts of caste discriminations in Indian Society as well as it happened in America.

Question 9.
What did Ambedkar want to achieve through the temple entry movement?
Answer:
In 1927, Ambedkar started a temple entry movement, in which his Mahar caste followers participate(d) He led three such movements for temple entry between 1927 and 1935. His objective was to make the people see the power of caste prejudices within society.

Question 10.
Why were Jyotirao Phule and Ramaswamy Naicker critical of the national movement? Did their criticism help the national struggle in any way?
Answer:
Jyotirao Phule and Ramaswamy Naicker were critical of the national movement because within a party when a feast was organised by the nationalists, different seating arrangements were made for the people of upper and lower castes. Their criticisms did help in the nationalist movement. The forceful speeches, writings and movements of lower caste leaders did lead to rethinking and some self criticism among upper caste nationalist leaders.

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JAC Class 8th History  Women, Caste and Reform Important Questions and Answers

Multiple Choice Question 

Question 1.
Widows were praised if they chose to die by burning themselves on the funeral pyre of their husbands. The practice known as .
(a) Savitri pratha
(b) Gayatri pratha
(c) Sati pratha
(d) Ganga pratha
Answer:
(c) Sati pratha

Question 2.
The social order of caste lines on which people were divided:
(a) Brahmans, Kshatriyas, Vaishyas, and Shudras
(b) Vaishyas, Brahmans, Shudras, and Kshatriyas
(c) Brahmans, Vaishyas, Shudras, and Kshatriyas
(d) Kshatriyas, Brahmans, Vaishyas, and Shudras
Answer:
(a) Brahmans, Kshatriyas, Vaishyas, and Shudras

Question 3.
Sati pratha was officially banned in India on………
(a) 1857
(b) 1839
(c) 1867
(d) 1829
Answer:
(d) 1829

Question 4.
The reformer who formed an association for widow remarriage in the Telugu speaking areas of the Madras Presidency was
(a) Veerasalingam Pantulu
(b) Aademma Pantulu
(c) Baalaaditya Pantulu
(d) Phlalgunaraav Pantulu
Answer:
(a) Veerasalingam Pantulu

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Question 5.
………. founded the reform association known as Arya Samaj to support widow remarriage.
(a) Ishwarchandra Vidyasagar
(b) Jyotirao Phule
(c) Swami Dayanand Saraswati
(d) Bipin Chandra Pal
Answer:
(c) Swami Dayanand Saraswati

Question 6.
Schools for Muslim girls in Patna and Calcutta during the same time was started by….. .
(a) Begum Ayesha Sultana
(b) Begum Rokeya Sakhawat Hossain
(c) Begum Nawazish Ali
(d) None of the above
Answer:
(b) Begum Rokeya Sakhawat Hossain

Question 7.
In 1873,……….. wrote a book named Gulamgiri.
(a) Jyotirao Phule
(b) Rammohun Roy
(c) Shri Narayan Guru
(d) Ghasidas
Answer:
(a) Jyotirao Phule

Question 8.
Dr. B.Ambedkar started a temple entry movement which was resented by the Brahman priests in the year
(a) 1919
(b) 1927
(c) 1920
(d) 1929
Answer:
(b) 1927

Question 9.
…….. said that the texts had been used to establish the authority of Brahmans over lower castes and the domination of men over women.
(a) Jyotirao Phule
(b) Ghasidas
(c) E. V. Ramasami Naicker
(d) Ishwarchandra Vidyasagar
Answer:
(c) E. V. Ramasami Naicker

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Question 10.
The first Urdu novel began to be written from……..
(a) 16th century
(b) 17th century
(c) Late 18th century
(d)Late 19th century
Answer:
(d) Late 19th century

Very Short Answer Type Question

Question 1.
Who was popularly known as Periyar?
Answer:
The social reformer E.V. Ramasamy Naicker was popularly known as Periyar.

Question 2.
Who were Shudras?
Answer:
Shudras were the labouring castes.

Question 3.
Who founded the Satyashodhak Samaj? What was it?
Answer:
The Satyashodhak Samaj, an association which Phule founded, propagated caste equality.

Question 4.
People view leather workers with contempt. Why?
Answer:
Leather workers have been traditionally held in contempt since they work with dead animals which are seen as dirty and polluting.

Question 5.
In which way did reformers bring changes in society?
Answer:
Reformers bring changes in society by persuading people to give up old practices and adopt a new way of life.

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Question 6.
Why were untouchable students not allowed to enter the classrooms where upper caste boys were taught?
Answer:
Untouchable students were not allowed to enter the classrooms where upper caste boys were taught because there was a false notion among the upper- caste that untouchable would pollute the classroom where their children are taught.

Question 7.
Who were known as Madigas?
Answer:
Madigas were an important untouchable caste of present-day Andhra Pradesh. They were experts at cleaning hides, tanning them for use and sewing sandals.

Question 8.
Which Hindu scriptures were criticized by Periyar?
Answer:
Hindu scriptures which were criticized by Periyar was the Codes of Manu, the ’ ancient lawgiver, and the Bhagavad Gita and the Ramayana.

Question 9.
Peasants and artisans were referred to which class?
Answer:
Peasants and artisans were referred to Shudra class.
Question 10:
Who was Swami Ramakrishna?
Answer:
Swami Ramakrishna was a saint and a priest. He was one of the major socio-religious reformer of the 19th century.

Short Answer Type Question

Question 1.
What did Raja Rammohun Roy do to eradicate sati?
Ans:
Raja Rammohun Roy was moved by the problems widows faced in their lives. He began a campaign against the practice of sati. He tried to show through his writings that the practice of widow burning had no place in ancient texts. They were therefore more than willing to listen to Rammohun who was reputed to be a learned man. Hence, in 1829, sati was banned

Question 2.
Who has written the book named Stripurushtulna? What is it about?
Answer:
Tarabai Shinde, a woman educated at home at Poona published the book, Stripurushtulna, (A Comparison between Women and Men). It was about criticizing the social differences between men and women.

Question 3.
E.V. Ramaswamy Naicker leave the congress. Why?
Answer:
E.V. Ramaswamy Naicke left the congress in disgust when he noticed that at a feast organised by nationalists, seating arrangements were followed by caste distinctions means the lower castes were made to sit at a distance from the upper castes.

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Question 4.
How was widow’s home at Poona helpful?
Answer:
Pandita Ramabai founded a widow’s home at Poona to provide shelter to widows who had been treated badly by their husband’s relatives. Here women were trained so that they could support themselves economically.

Question 5.
What was the role of the Christian missionaries in spreading education among the tribal group and the lower caste?
Answer:
The role of the Christian missionaries was to set up schools for tribal groups and lower caste children. These children were thus equipped with some resources to make their way into a changing worl(d)

Question 6.
What do you understand by the term ‘sati’?
Answer:
‘Sati’ means virtuous women. Women who died by burning themselves on the funeral pyre of their husband, whether willingly or otherwise were called sati.

Question 7.
Brief about Tarabai Shinde and Pandita Ramabai.
Answer:
Tarabai Shinde was a woman educated at home at Poona and published a book named Stripurushtulna (A Comparison between Women and Men) were she criticizes the social differences between men and women. Pandita Ramabai was a great scholar of Sanskrit and felt that Hinduism was oppressive towards women, and wrote a book about the miserable lives of upper caste Hindu women. She founded a widows’ home at Poona to provide shelter to widows who had been treated badly by their husbands’ relatives. Here women were trained so that they could support themselves economically.

Question 8.
Who established Ramakrishna Mission and which year it was established?
Answer:
Swami Vivekananda who was a disciple of Ramakrishna established the Ramkrishna Mission on 1st May 1897at Belur Math, Calcutta.

Question 9.
What is the purpose of the Ramakrishna Mission.
Answer:
The Ramakrishna Mission focused on the idea of salvation through selfless action and social service. The purpose is:

  1. All religion are equal, to reach God they are just the different ways.
  2. The true service of God is the service for human being.
  3. Caste system, superstitions and untouchability should be removed

Long Answer Type Question

Question 1.
Write short notes on the following:
The Brahmo Samaj, Derozio and Young Bengal, The Prarthana Samaj, The Veda Samaj, The Aligarh Movement, The Singh Sabha Movement.

The Brahmo Samaj:
It was formed in 1830 prohibited all forms of idolatry and sacrifice believed in the Upanishads and forbade its members from criticising other religious practices. It critically drew upon the ideals of religions especially of Hinduism and Christianity looking at their negative and positive dimensions.

DerozioandYoungBengal:
Henry Louis Vivian Derozio was a teacher at Hindu College, Calcutta in the 1820s promoted radical ideas and encouraged his pupils to question all authority. Referred to as the Young Bengal Movement, his students attacked tradition and custom, demanded education for women and campaigned for the freedom of thought and expression.

The Prarthana Samaj:
It was established in 1867 at Bombay, the Prarthana Samaj sought to remove caste restrictions, abolish child marriage, encourage the education of women and end the ban on widow remarriage. Its religious meetings drew upon Hindu, Buddhist and Christian texts.

The Veda Samaj:
The Veda Samaj was established in Madras (Chennai) in 1864, it was inspired by the Brahmo Samaj. It worked to abolish caste distinctions and promote widow remarriage and women’s education and their members believed in one God They condemned the superstitions and rituals of orthodox Hinduism.

The Aligarh Movement:
In 1875, the Mohammedan Anglo-Oriental College was founded by Sayyid Ahmed Khan at Aligarh which later became the Aligarh Muslim University. The institution offered modem education, including Western science to Muslims. The Aligarh Movement as it was known had an enormous impact in the area of educational reform.

The Singh Sabha Movement:
In 1873 at Amritsar, the first Singh Sabhas were formed and at Lahore in 1879. The Sabhas sought to rid Sikhism of superstitions, caste distinctions and practices seen by them as non-Sikh. They promoted education among the Sikhs, often combining modem instruction with Sikh teachings.

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Question 2.
Changes were necessary in Indian society. Why?
Answer:
Indian society had been a devour to many evil and ill practices for long time. Some of them were as follows:
(i) Most children were married off at an early age.

(ii) Both Hindu and Muslim men could marry more than one wife.

(iii) In some parts of the country, widows were praised if they chose death by burning themselves on the funeral pyre of their husbands.

(iv) Women’s rights to property were also restricted

(v) Besides, most women had virtually no access to education.

(vi) In most places, people were divided by their caste. Brahmans and
Kshatriyas considered themselves as upper castes. Due to this people didn’t enjoyed equal status.

(vii) Other than these people, others were exploited

(viii) The untouchables were doing the menial works and were considered as polluting. These people were banned from entering the temples. The above mention social customs and practices made the changes necessary in Indian society. Hence, discussions and debates began to take place from the early nineteenth century. Many social reformers came forward such as Raja Rammohun Roy, Ishwarchandra Vidyasagar took initiative to bring changes in society by abolishing most of the above practices.

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Question 3.
Explain in brief the movements that were organised by people from within the lower castes against caste discrimination.
Answer:
By the second half of the nineteenth century, the movements that were organised by people from within the lower castes against caste discrimination people, they were non-Brahman people. They demanded social equality and justice. Ghasidas founded the Satnami movement in Central India who worked among the leather workers and organised a movement to improve their social status. In eastern Bengal, Haridas Thakur’s Matua sect worked among Chandala cultivators. He questioned Brahmanical texts that supported the caste system. In what is present day Kerala, a guru from Ezhava caste, Shri Narayana Guru proclaimed the ideals of unity for his people. He argued against treating people unequally on the basis of caste differences.

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JAC Class 10 Social Science Important Questions Economics Chapter 2 भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक

JAC Board Class 10th Social Science Important Questions Economics Chapter 2 भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. भारत में ग्रामीण क्षेत्र में किस क्षेत्रक का सर्वाधिक योगदान ह
(क) प्राथमिक
(ख) द्वितीयक
(ग) तृतीयक
(घ) ये सभी
उत्तर:
(क) प्राथमिक

2. किस क्षेत्रक की गतिविधियाँ प्राकृतिक संसाधनों के प्रत्यक्ष उपयोग पर आधारित हैं
(क) प्राथमिक क्षेत्रक
(ख) द्वितीयक क्षेत्रक
(ग) तृतीयक क्षेत्रक
(घ) ये सभी
उत्तर:
(क) प्राथमिक क्षेत्रक

3. द्वितीयक क्षेत्रक को कहा जाता है
(क) औद्योगिक क्षेत्रक
(ख) कृषि क्षेत्रक
(ग) सेवा क्षेत्रक
(घ) सहायक क्षेत्रक
उत्तर:
(क) औद्योगिक क्षेत्रक

4. किस क्षेत्रक में अल्प रोजगार सर्वाधिक मिलता है
(क) सेवा क्षेत्रक
(ख) उत्पाद क्षेत्रक
(ग) उद्योग क्षेत्रक
(घ) कृषि क्षेत्रक
उत्तर:
(घ) कृषि क्षेत्रक

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5. मनरेगा का पूरा नाम है
(क) महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण गारंटी अधिनियम
(ख) महानगर. राष्ट्रीय रोजगार गारंटी कानून
(ग) मन से रोजगार योजना
(घ) राष्ट्रीय स्वर्णिम चतुर्भुज योजना
उत्तर:
(क) महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण गारंटी अधिनियम

रिक्त स्थान

निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. प्राथमिक क्षेत्रक को……………भी कहा जाता है।
उत्तर:
कृषि एवं सहायक,

2. द्वितीयक क्षेत्रक के……………की प्रक्रिया अपरिहार्य है।
उत्तर:
विनिर्माण,

3. तृतीयक क्षेत्रक को……….भी कहा जाता है।
उत्तर:
सेवा क्षेत्रक,

4. हमारे देश में आधे से अधिक श्रमिक……..में कार्यरत है।
उत्तर:
प्राथमिक क्षेत्रक।

अति लघूत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
प्राथमिक क्षेत्र किसे कहते हैं?
उत्तर:
जब हम प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करके किसी वस्तु का उत्पादन करते हैं तो उसे प्राथमिक क्षेत्र कहते हैं।

प्रश्न 2.
प्राथमिक क्षेत्र में कौन-सी आर्थिक गतिविधियाँ सम्मिलित की जाती हैं?
उत्तर:
प्राथमिक क्षेत्रक में कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन, खनन, आखेट, संग्रहणण, मुर्गी पालन आदि गतिविधियाँ सम्मिलित की जाती हैं।

प्रश्न 3.
जब्ब हम प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करके वस्तुओं का उत्पादन करते हैं, तो इस प्रकार की गतिविधियाँ किस आर्थिक क्षेत्रक के अन्तर्गत करते हैं?
अथवा
जब हम प्राकृतिक उत्पादों को अन्य रूपों में परिवर्तित करते हैं, तब यह गतिविधि किस आर्थिक क्षेत्रक के अन्तर्गत आती हैं?
उत्तर:
प्राथमिक क्षेत्र ।

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प्रश्न 4.
प्राथमिक क्षेत्रक को कृषि एवं सहायक क्षेत्रक क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
प्राथमिक क्षेत्रक को कृषि एवं सहायक क्षेत्रक इसलिए कहा जाता है क्योंकि हम अधिकतर प्राकृतिक उत्पाद कृषि, पशुपालन, मत्स्य एवं वनों से प्राप्त करते हैं।

प्रश्न 5.
द्वितीयक क्षेत्रक की गतिविधियों से क्या आशय है?
उत्तर:
द्वितीयक क्षेत्रक की गतिविधियों के अन्तर्गत प्राकृतिक उत्पादों को विनिर्माण प्रणाली द्वारा अन्य रूपों में परिवर्तित किया जाता है। इसके विनिर्माण की प्रक्रिया अपरिहार्य है।

प्रश्न 6.
द्वितीयक क्षेत्रक को औद्योगिक क्षेत्रक क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
क्योंकि यह क्षेत्रक क्रमशः संवर्धित विभिन्न प्रकार के उद्योगों से जुड़ा हुआ है।

प्रश्न 7.
तृतीयक क्षेत्रक की किन्हीं चार गतिविधियों के नाम बताइए।
अथवा
तृतीयक क्षेत्र की किन्हीं दो सेवाओं के नाम लिखिए। नहीं करता बल्कि सेवाओं का सृजन करता हैन

प्रश्न 9.
अन्तिम वस्तुएँ कौन-सी होती हैं?
उत्तर:
अन्तिम वस्तुएँ वे वस्तुएँ
उत्तर:
अन्तिम वस्तुएँ वे वस्तुएँ है जिनका प्रयोग अंतिम उपयोग अथवा पूँजी निर्माण में होता है। इन्हें फिर से बेचा नहीं जाता।

प्रश्न 10.
मध्यवर्ती वस्तुएँ क्या हैं?
उत्तर:
मध्यवर्ती वस्तुएँ वे उत्पादित वस्तुएँ हैं जिनका प्रयोग उत्पादक कच्चे माल के रूप में उत्पादन प्रक्रिया में करता है अथवा उन्हें फिर से बेचने के लिए खरीदा जाता है।

प्रश्न 11.
बिस्कुट के उत्पादन हेतु कोई दो मध्यवर्ती वस्तुएँ लिखिए।.

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प्रश्न 12.
सकल घरेलू उत्पाद से क्या अभिप्राय है?
अथवा
सकल घरेलू उत्पाद की गणना किस प्रकार की जाती है?
उत्तर:
तीनों क्षेत्रकों के उत्पादनों के योगफल को देश का सकल घरेलू उत्पाद (जी. डी. पी.) कहते हैं। यह किसी देश के भीतर किसी विशेष वर्ष में उत्पादित सभी अन्तिम वस्तुओं और सेवाओं का मौद्रिक मूल्य होता है।

प्रश्न 13.
बेरोजगारी किसे कहते हैं?
उत्तर:
लब प्रचलित मजदूरी पर काम करने के इच्छुक व सक्षम व्यवितयों को कोई कार्य उपलब्य नहीं होता तो ऐसी स्थिंत को बेरोजगारी कहा जाता है।

प्रश्न 14.
मौसमी बेरोजगारी क्या है?
उत्तर:
ब्रेरोजगारी की वह स्थिति जिसमें लोगों को पूरे साल काम नहीं मिलता अर्थात् साल के कुछ महीनों में ये लोग बिना काम के रहते हैं, मौसमी बेरोजगारी कहलाती है; जैसे- ग्रामीण क्षेत्र में खराब मौसम के कारण उत्पन्न बेरोजगारी।

प्रश्न 15.
कुल उत्पादन और रोजगार की दृष्टि से कौन-सा क्षेत्रक सबसे महत्त्वपूर्ण हो गया है ?
उत्तर:
फुल उत्पादन और रोजगार की दृष्टि से द्वितीयक क्षेत्रक सबसे महत्वपूर्ण हो गया है।

प्रश्न 16.
कौन-सा क्षेत्रक सबसे अधिक रोजगार देता है?
अथवा
भारत में अधिकांश श्रमिक आज भी किस क्षेत्र में नियोजित हैं?
उत्तर:
प्राथमिक क्षेत्रक सबसे अधिक रोजगार देता है। भारत में अधिकांश श्रमिक आज भी इसी क्षेत्रक में नियोजित है।

प्रश्न 17.
कृषि और उद्योग के विकास से किन सेवाओं का विकास होता है?
उत्तर:
कषष और उद्योग के विकास से परिवहन, व्यापार, भण्डारण जैसी सेवाओं का विकास होता है।

प्रश्न 18.
भारत में कृषि आधारित किन्हीं दो उद्गोगों के नाम लिखिए।
उत्तर:

  1. चीनी उद्योग
  2. चाय उद्योग।

प्रश्न 19.
संगठित क्षेत्रक से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
संगठित क्षेत्रक के अन्तर्गत वे उद्यम अथवा कार्य स्थान आते हैं जहाँ रोजगार की अवधि नियमित होती है, काम सुनिश्चित होता है और सरकारी नियमों व विनियमों का अनुपालन किया जाता है।

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प्रश्न 20.
असंगठित क्षेत्रक से क्या आशय है?
उत्तर:
असंगठित क्षेत्रक छोटी-छोटी और बिखरी इकाइयाँ, जो अधिकांशतः राजकीय नियन्त्रण से आहर होती है, से निर्मित होता है। इस क्षेत्रक के नियम और विनियम तो होते हैं किन्तु उनका अनुपालन नहीं होता है।

प्रश्न 21.
कौन-सा क्षेत्रक अर्त्यधिक मांग पर ही रोजगार प्रस्तावित करता है?
उत्तर:
संगठित क्षेत्रक अत्यधिक माँग पर ही रोजगार प्रस्तावित करता है।

प्रश्न 22.
ग्रामीण क्षेत्रों में कौन-से लोग हैं, जो असंगठित क्षेत्रक में काम करते हैं?
उत्तर:
ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्यतः भूमिहीन कृषि श्रमिक, छोटे और सीमांत किसान, फसल बँंटाइदार और कारीगर ( जैसे-बुनकर, लुहार, बढ़ई व सुनार) आदि असंगठित क्षेत्रक में काम करते हैं।

प्रश्न 23.
किन श्रमिकों को शहरी व ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में संरक्षण दिए जाने की आवश्यकता है?
उत्तर:
आकस्मिक श्रमिकों को शहरी व ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में संरक्षण दिए जाने की आवश्यकता है।

प्रश्न 24.
संसाधनों के स्वामित्व के आधार पर दो क्षेत्रक कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
संसाधनों के स्वामित्व के आधार पर दो क्षेत्रक निम्नलिखित हैं: सार्वजनिक क्षेत्रक

प्रश्न 25.
सार्वजनिक क्षेत्रक किसे कहते हैं?
उत्तर:
स्रकार्वजनिक क्षेत्रक वह क्षेत्रक होता है जिस पर सरकार का स्वामित्व, नियंत्रण एवं प्रबंधन होता है।

प्रश्न 26.
सार्वजनिक क्षेत्रक के कोई दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:

  1. भारतीय रेलवे
  2. भारतीय ड्डाक विभाग।

प्रश्न 27.
निजी क्षेत्रक के कोई दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:

  1. टाटा आयरन एण्ड स्टील कम्पनी लिमिटेड,
  2. रिलायंस इण्डस्ट्रीज लिमिटेड।

प्रश्न 28.
निजी क्षेत्रक का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर:
निजी क्षेत्रक का मुख्य उद्देश्य अधिकतम लाभ अर्जित करना है।

प्रश्न 29.
सार्वजनिक क्षेत्रक का मुख्य उदेश्य क्या होता है?
उत्तर:
सार्वजनिक क्षेत्रक का मुख्य उद्देश्य समाज कल्याण में वृद्धि करना होता है।

प्रश्न 30.
सरकार सेवाओं पर किए गए व्यय की भरपाई कैसे करती है?
उत्तर:
सरकार सेवाओं पर किए गए व्यय की भरपाई कर लगाकर या अन्य तरीकों से करती है।

लघूत्तरात्मक प्रश्न (SA1)

प्रश्न 1.
भारतीय अर्थव्यवस्था में प्राथमिक क्षेत्रक के महत्त्व को बताइए।
अथवा
भारतीय अर्थव्यवस्था में प्राथमिक क्षेत्रक के महत्त्व के किन्हीं चार सूत्रों का उल्लेख कीजिए।
अथवा
“विकास की प्रारम्भिक अवस्थाओं में प्राथमिक क्षेत्रक’ ही आर्थिक सक्रियता का सबसे महत्त्वपूर्ण क्षेत्रक रहा है।” इस कथन का मूल्यांकन कीजिए।
उत्तर
भारतीय अर्थव्यवस्था में प्राथमिक क्षेत्रक का महत्त्व निम्नलिखित है

  1. प्राथमिक क्षेत्रक में कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन, वनारोपण आदि सम्मिलित हैं जो भारतीय अर्थव्यवस्था को योगदान देते हैं।
  2. भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जी. डी. पी.) में प्राथमिक क्षेत्रक का योगदान लगभग 13 प्रतिशत है।
  3. भारत में रोजगार में प्राथमिक क्षेत्र की हिस्सेदारी 44 प्रतिशत है।
  4. यह भारतीय अर्थव्यवस्था का सबसे अधिक रोजगार प्रदान करने वाला क्षेत्रक है।

प्रश्न 2.
भारतीय अर्थव्यवस्था में द्वितीयक क्षेत्रक के महत्त्व के कोई चार सूत्र लिखिए।
उत्तर:
भारतीय अर्थव्यवस्था में द्वितीयक क्षेत्रक का महत्त्व निम्नलिखित है

  1. द्वितीयक क्षेत्रक प्राथमिक एवं तृतीयक क्षेत्रक के विकास को बढ़ावा देता है।
  2. यह लोगों को रोजगार प्रदान करता है। रोजगार में इस क्षेत्रक की हिस्सेदारी लगभग 25 प्रतिशत है।
  3. भारत के जी. डी. पी. में द्वितीयक क्षेत्रक लगभग 2 प्रतिशत योगदान देता है।
  4. यह क्षेत्रक लोगों को अनेक निर्मित वस्तुएँ; जैसे-कपड़ा, चीनी, गुड़, कार, इस्पात आदि प्रदान करता है।

प्रश्न 3.
तृतीयक क्षेत्रक क्या है? क्या भारत में तृतीयक क्षेत्रक का योगदान बढ़ता जा रहा है?
अथवा
सेवा क्षेत्र को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
तृतीयक क्षेत्रक:
इसके अन्तर्गत वे क्रियाएँ आती हैं जो प्राथमिक और द्वितीयक क्षेत्रकों के विकास में मदद करती हैं। इसे सेवा क्षेत्रक भी कहते हैं; जैसे-अध्यापक, डॉक्टर, वकील, व्यापार, दूरसंचार, स्वास्थ्य आदि। भारत में विगत दशकों से तृतीयक क्षेत्रक का योगदान निरन्तर बढ़ता जा रहा है। इस क्षेत्रक में रोजगार में भी वृद्धि हुई है। जी. डी. पी. में इस क्षेत्र के योगदान में निरन्तर वृद्धि हुई है। सन् 1973-74 में इसका जी.डी.पी. में योगदान लगभग 48% था, जो 2013-14 में बढ़कर 68% हो गया है।

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प्रश्न 4.
अन्तिम वस्तुओं और मध्यवर्ती वस्तुओं में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
अन्तिम वस्तुओं और मध्यवर्ती वस्तुओं में निम्नलिखित अन्तर हैं अन्तिम वस्तुएँ

अन्तिम वस्तुएँ मध्यवर्ती वस्तुएँ
1. अन्तिम वस्तुएँ वे वस्तुएँ होती हैं जो उपभोक्ताओं के पास पहुँचती हैं। 1. मध्यवर्ती वस्तुएँ वे वस्तुएँ हैं जिनका उपयोग अन्तिम वस्तुओं के उत्पादन में किया जाता है।
2. अन्तिम वस्तुओं का मूल्य राष्ट्रीय आय में सम्मिलित किया जाता है। उदाहरण-चॉकलेट, बिस्कुट, ब्रेड, अलमारी व टेलीविजन आदि। 2. मध्यवर्ती वस्तुओं का मूल्य राष्ट्रीय आय में सम्मिलित नहीं होता है। उदाहरण-आटा, कपास, गे है, स्टील आचे।

प्रश्न 5.
सकल घरेलू उत्पाद की गणना करते समय केवल अन्तिम वस्तुओं एवं सेवाओं को ही क्यों सम्मिलित किया जाता है?
उत्तर:
सकल घरेलू उत्पाद की गणना करते समय केवल अन्तिम वस्तुएँ एवं सेवाओं को ही सम्मिलित किया जाता है क्योंकि इससे दोहरी गणना की सम्भावना नहीं रहती है। यदि मध्यवर्ती वस्तुओं जो कि अन्तिम वस्तुओं एवं सेवाओं के निर्माण में प्रयुक्त की जाती हैं, की गणना भी कर ली जाए तो इससे दोहरी गणना हो जाएगी जिससे हमें वास्तविक राष्ट्रीय आय की जानकारी प्राप्त नहीं हो पायेगी।

प्रश्न 6.
अल्प अथवा छिपी बेरोज़गारी क्या है? यह किन क्षेत्रों में विद्यमान है?
अथवा
छिपी या प्रच्छन्न बेरोजगारी क्या है?
उत्तर:
किसी कार्यस्थल पर यदि आवश्यकता से अधिक लोग कार्य कर रहे हों तथा जिनके जाने से उत्पादन पर कोई असर न पड़े, ऐसी स्थिति को अल्प बेरोज़गारी या प्रच्छन्न बेरोज़गारी कहते हैं। कृषि क्षेत्रक में, जहाँ परिवार के सभी सदस्य कार्य करते हैं, प्रत्येक व्यक्ति कुछ-न-कुछ काम करता दिखाई पड़ता है, किन्तु वास्तव में उनका श्रम-प्रयास विभाजित होता है तथा किसी को भी पूर्ण रोजगार प्राप्त नहीं होता है।

यह स्थिति अल्प बेरोज़गारी की स्थिति होती है। इसे छिपी या प्रच्छन्न बेरोज़गारी भी कहते हैं। यह बेरोज़गारी सेवा क्षेत्रक में भी पायी जाती है। यहाँ हजारों अनियमित श्रमिक पाए जाते हैं, जो दैनिक रोजगार की तलाश में रहते हैं। वे श्रमसाध्य, कठिन और जोखिमपूर्ण कार्य करते हैं किन्तु अपनी क्षमता से कम आय प्राप्त कर पाते हैं।

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प्रश्न 7.
संगठित क्षेत्रक क्या है?
अथवा
संगठित क्षेत्रक को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
संगठित क्षेत्रक में वे उद्यम या कार्य स्थान आते हैं, जहाँ रोजगार की अवधि नियमित होती है और इसलिए लोगों के पास सुनिश्चित काम होता है। इस क्षेत्रक में सरकार का नियंत्रण होता है इनके लिए नियम-विनियम होते हैं जिनका पालन होता है। इन नियमों एवं विनियमों का अनेक विधियों; जैसे-कारखाना अधिनियम, सेवानुदान अधिनियम, न्यूनतम मजदूरी अधिनियम, दुकान एवं प्रतिष्ठान अधिनियम आदि में उल्लेख किया जाता है।

प्रश्न 8.
असंगठित क्षेत्रक क्या है? अथवा असंगठित क्षेत्रक को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
असंगठित क्षेत्रक के अन्तर्गत वे छोटी-छोटी और बिखरी हुई इकाइयाँ आती हैं जो सामान्यतः राजकीय नियन्त्रण के बाहर होती हैं। यद्यपि इनके लिए भी नियम व विनियम बने हैं परन्तु उनका पालन नहीं होता है। इस क्षेत्रक के अन्तर्गत कम वेतन वाले रोजगार हैं और प्रायः नियमित नहीं हैं। इस क्षेत्रक में बहुत बड़ी संख्या में लोग अपने-अपने छोटे कार्यों, जैसे-सड़कों पर विक्रय अथवा मरम्मत कार्य में स्वतः नियोजित हैं। इसी प्रकार कृषक अपने खेतों में कार्य करते हैं एवं आवश्यकता पड़ने पर मजदूरी पर श्रमिकों को लगाते हैं। .

प्रश्न 9.
“असंगठित क्षेत्रक के श्रमिक अनियमित व कम मजदूरी पर काम करने के अतिरिक्त सामाजिक भेदभाव के भी शिकार हैं।” क्या आप इस कथन से सहमत हैं? कारण दीजिए।
उत्तर:
हाँ, मैं इस कथन से सहमत हूँ। इसके निम्नलिखित कारण हैं.

  1. असंगठित क्षेत्रक में अधिकांश श्रमिक अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़ी जातियों से हैं इसलिए वे सामाजिक भेदभाव के शिकार होते हैं।
  2. ये श्रमिक दलित वर्गों से सम्बन्धित होते हैं। अतः उन्हें अपना मूल्यांकन कर अधिक मजदूरी माँगने का साहस नहीं होता है।
  3. इसके अतिरिक्त महिला श्रमिकों को भी शारीरिक व मानसिक रूप से कमजोर माना जाता है और वे कार्यस्थल पर भेदभाव का बहुत अधिक शिकार होती हैं।

प्रश्न 10.
किन सुविधाओं को उपलब्ध कराना सरकार का उत्तरदायित्व है?
उत्तर:
निम्नलिखित सुविधाओं को उपलब्ध कराना सरकार का उत्तरदायित्व है

  1. ऐसी वस्तुओं को उपलब्ध कराना जिन्हें निजी क्षेत्रक उचित कीमत पर उपलब्ध नहीं कराते हैं; जैसे सड़क, पुल, रेलवे, बन्दरगाह, विद्युत आदि का निर्माण। इसके निर्माण हेतु अत्यधिक मुद्रा की आवश्यकता होती है जो सामान्यतः निजी क्षेत्रक की क्षमता से बाहर होती है।
  2. शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराना।
  3. आर्थिक सहायता के रूप में सरकारी समर्थन।
  4. आवास, भोजन एवं पोषण सुविधाएँ उपलब्ध कराना।
  5. शुद्ध व सुरक्षित पेयजल की उपलब्धता को सुनिश्चित कराना।

लघूत्तरात्मक प्रश्न (SA2)

प्रश्न 1.
प्राथमिक क्षेत्रक की मुख्य गतिविधियों को कुछ उदाहरण देकर बताइए। इन्हें प्राथमिक क्यों कहा जाता है?
अथवा
प्राथमिक क्षेत्रक से क्या आशय है? इसे कृषि एवं सहायक क्षेत्रक क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
जब हम प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करके किसी वस्तु का उत्पादन करते हैं, तो इसे प्राथमिक क्षेत्रक की गतिविधि कहा जाता है। इस क्षेत्रक के अन्तर्गत कृषि, डेयरी, खनन, मत्स्य पालन, वनारोपण आदि क्रियाएँ आती हैं। उदाहरण के लिए-कपास की खेती। यह एक मौसमी फसल है, यह मुख्यतः प्राकृतिक कारकों; जैसे-वर्षा, सूर्य का प्रकाश और जलवायु पर निर्भर है।

इस क्रिया द्वारा उत्पादित कपास एक प्राकृतिक उत्पाद होता है। इसे प्राथमिक क्षेत्रक इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह उन सभी उत्पादों का आधार है, जिन्हें हम निर्मित करते हैं। चूँकि हम अधिकांशतः प्राकृतिक वस्तुएँ कृषि, डेयरी, मत्स्य पालन एवं वनारोपण से प्राप्त करते हैं, इसलिए इस क्षेत्रक को कृषि एवं सहायक क्षेत्रक भी कहा जाता है।

प्रश्न 2.
द्वितीयक क्षेत्रक क्या है?
अथवा
द्वितीयक क्षेत्रक की गतिविधियों के बारे में आप क्या जानते हैं? उदाहरण दें।
अथवा
द्वितीयक क्षेत्रक का संक्षिप्त वर्णन करें। इसे औद्योगिक क्षेत्रक क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
द्वितीयक क्षेत्रक के अन्तर्गत वे क्रियाएँ आती हैं जिनमें प्राकृतिक उत्पादों को विनिर्माण प्रक्रिया के माध्यम से अन्य रूपों में परिवर्तित किया जाता है। यह प्राथमिक क्षेत्रक से अगली अवस्था है। यहाँ वस्तुएँ सीधे प्रकृति से उत्पादित नहीं होती बल्कि निर्मित की जाती हैं। इसलिए विनिर्माण की प्रक्रिया आवश्यक होती है जो किसी कारखाने, कार्यशाला अथवा घर में हो सकती है। उदाहरणार्थ, कपास के पौधे से प्राप्त रेशे से सूत कातना व कपड़ा बुनना, गन्ने से चीनी एवं मिट्टी से ईंट का विनिर्माण आदि। चूँकि यह क्षेत्रक क्रमशः विभिन्न प्रकार के उद्योगों से जुड़ा हुआ है, इसलिए इसे औद्योगिक क्षेत्रक भी कहा जाता है।

प्रश्न 3.
महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी अधिनियम (मनरेगा) 2005 को सविस्तार समझाइए।
उत्तर:
राष्ट्रीय ग्रामीण रोजागार गारण्टी अधिनियम, 2005 का उद्देश्य चयनित जिलों में ग्रामीण क्षेत्रों के प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को वर्ष में कम से कम 100 दिन के रोजगार की गारंटी देना है, जो काम करने में सक्षम हैं और जिन्हें काम की जरूरत है। वर्ष 2009-10 में इसका नाम बदलकर ‘महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी अधिनियम’ कर दिया गया है।

राज्यों में कृषि’ श्रमिकों के लिए लागू वैधानिक न्यूनतम मजदूरी का भुगतान इसके लिए किया जाएगा। इसके अन्तर्गत 33 प्रतिशत लाभभोगी महिलाएँ होंगी। रोज़गार न दिए जाने पर निर्धारित दर से बेरोजगारी भत्ता सरकार द्वारा दिया जायेगा। इस प्रकार यह अधिनियम रोज़गार की वैधानिक गारण्टी प्रदान करता है। इस अधिनियम के अंतर्गत ठन कार्यों को वरीयता प्रदान की जाएगी जिनसे भविष्य में भूमि से उत्पादन बढ़ाने में मदद मिल सकेगी।

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प्रश्न 4.
संगठित क्षेत्रक क्या है? संगठित क्षेत्रक की कार्य-स्थितियों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
अथवा
संगठित क्षेत्रक के कर्मचारियों की स्थिति पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
अथवा
कर्मचारियों द्वारा संगठित क्षेत्रक को प्राथमिकता क्यों दी जाती है? स्पष्ट कीजिए।
अथवा
किन कारणों से संगठित क्षेत्र असंगठित क्षेत्र से प्राथमिक है? व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
संगठित क्षेत्रक: संगठित क्षेत्रक में वे उद्यम अथवा कार्यस्थान आते हैं जहाँ रोजगार की अवधि नियमित होती है। इस कारण लोगों के पास सुनिश्चित कार्य होता है। इस क्षेत्रक में सरकार का नियंत्रण होता है तथा राजकीय नियमों एवं विनियमों का अनुपालन किया जाता है। संगठित क्षेत्रक की निम्नलिखित कार्य-स्थितियाँ होती हैं

  1. इस क्षेत्रक के अन्तर्गत कुछ औपचारिक प्रक्रियाएँ होती हैं। व्यक्ति को एक नियुक्ति पत्र दिया जाता है जिसमें काम की सभी शर्तों का स्पष्ट उल्लेख होता है।
  2. संगठित क्षेत्रक के कर्मचारियों को रोजगार सुरक्षा के लाभ मिलते हैं।
  3. लोग निश्चित घण्टे तक ही काम करते हैं। यदि वे अधिक घण्टे काम करते हैं तो इन्हें इसके लिए नियोक्ता द्वारा अतिरिक्त भुगतान किया जाता है।
  4. लोग नियमित रूप से मासिक वेतन प्राप्त करते हैं।
  5. वेतन के अतिरिक्त लोग कई अन्य लाभ भी प्राप्त करते हैं; जैसे-छुट्टी का भुगतान, भविष्य निधि, चिकित्सकीय भत्ते, पेंशन आदि।
  6. रोजगार की शर्ते नियमित होती हैं। लोगों के काम सुनिश्चित होते हैं।
  7. यहाँ स्वच्छ पीने का पानी एवं सुरक्षित वातावरण जैसी सुविधाएँ प्राप्त होती हैं। उक्त कार्य-स्थितियों के कारण संगठित क्षेत्र असंगठित क्षेत्र से प्राथमिक है।

प्रश्न 5.
असंगठित क्षेत्रक क्या है? असंगठित क्षेत्रक की कार्य-स्थितियाँ क्या हैं?
अथवा
असंगठित क्षेत्र की किन्हीं तीन विशेषताओं की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
असंगठित क्षेत्रक असंगठित क्षेत्रक में छोटे-छोटे एवं बिखरे हुए उद्यमों को सम्मिलित किया जाता है, जिन पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं होता है तथा सरकार के नियमों व विनियमों का अनुपालन नहीं किया जाता है। असंगठित क्षेत्रक की निम्न कार्य-स्थितियाँ/ कार्यविधियाँ हैं

  1. इस क्षेत्रक के अन्तर्गत कोई औपचारिक प्रक्रिया नहीं होती है। व्यक्ति को नियोक्ता द्वारा कोई औपचारिक नियुक्ति पत्र नहीं दिया जाता है।
  2. इस क्षेत्रक के अन्तर्गत रोजगार में मजदूरी कम व अनियमित होती है।
  3. इस क्षेत्रक में काम के घण्टे सुनिश्चित नहीं होते हैं। इसमें अतिरिक्त काम के अतिरिक्त घंटे के लिए भुगतान की कोई व्यवस्था नहीं है।
  4. इस क्षेत्रक में रोजगार की सुनिश्चितता नहीं होती है व लोगों को नियोक्ता द्वारा अकारण किसी भी समय काम छोड़ने के लिए कहा जा सकता है।
  5. इस क्षेत्रक में लोग दैनिक मजदूरी प्राप्त करते हैं। दैनिक मजदूरी के अतिरिक्त अन्य किसी लाभ का प्रावधान नहीं है।
  6. इस क्षेत्रक में सवेतन अवकाश एवं बीमारी के कारण छुट्टी आदि का कोई प्रावधान नहीं है।

प्रश्न 6.
क्या सार्वजनिक क्षेत्रक का होना अपरिहार्य है? उक्त कथन की पुष्टि कीजिए।
अथवा
आपके विचार से सार्वजनिक क्षेत्र क्यों आवश्यक है? कोई तीन बिन्दु लिखिए।
अथवा
कोई छः सार्वजनिक सुविधाओं के नाम बताइए।
अथवा
सार्वजनिक क्षेत्रक राष्ट्र के आर्थिक विकास में किस प्रकार योगदान करता है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
हाँ, सार्वजनिक क्षेत्रक का होना अपरिहार्य है। इसके लिए निम्नलिखित कारण हैं

  1. केवल सरकार ही सड़कों, पुलों, रेलवे, पत्तनों, विद्युत व सिंचाई बाँधों जैसी आवश्यक सार्वजनिक परियोजनाओं पर पर्याप्त निवेश कर सकती है। सभी लोगों को सुविधाएँ प्रदान करने के लिए सरकार यह निवेश करती है।
  2. सरकार निजी क्षेत्रक के लिए सहायक होती है। निजी क्षेत्रक सरकारी सहायता के बिना अपना उत्पादन जारी नहीं रख सकता। सरकार निजी क्षेत्रक एवं लघु उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए वास्तविक लागत से कम कीमत पर बिजली उपलब्ध कराती है।
  3. सरकार किसानों से खाद्यान्न खरीदती है और उन्हें अपने गोदामों में भण्डारण करती है। इसके पश्चात् वह इन्हें राशन की दुकानों के माध्यम से उपभोक्ताओं को कम कीमत पर बेचती है।
  4. कई क्रियाएँ सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी होती हैं; जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य आदि। सरकार को इन क्रियाओं पर व्यय करना पड़ता है।
  5. सरकार मानव विकास के पक्ष, जैसे सुरक्षित पेयजल की उपलब्धता, निर्धनों के लिए आवास सुविधाएँ और भोजन व पोषण पर ध्यान देती है।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
अर्थव्यवस्था के तीनों क्षेत्रकों का संक्षिप्त वर्णन करते हुए सोदाहरण बताइए कि तृतीयक क्षेत्रक अन्य क्षेत्रों से भिन्न कैसे है?
अथवा
आर्थिक गतिविधियों के तीन क्षेत्रक कौन-कौन से हैं? सोदाहरण समझाइए।
अथवा
प्राथमिक, द्वितीयक एवं तृतीयक क्षेत्रकों को उदाहरण की सहायता से समझाइए।
अथवा
अर्थव्यवस्था में प्राथमिक, द्वितीयक तथा तृतीयक क्षेत्रों की परस्पर निर्भरता को समझाइए।
अथवा
प्राथमिक क्षेत्रक और द्वितीयक क्षेत्रक में चार बिन्दु देते हुए अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक अर्थव्यवस्था के तीन क्षेत्रक निम्नलिखित हैं
1. प्राथमिक क्षेत्रक:
जब हम प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करके किसी वस्तु का उत्पादन करते हैं तो इसे प्राथमिक क्षेत्रक की गतिविधियाँ कहा जाता है। प्राथमिक क्षेत्रक को कृषि एवं सहायक क्षेत्रक भी कहा जाता है। भारतीय अर्थव्यवस्था में रोजगार की दृष्टि से प्राथमिक क्षेत्रक की भूमिका अत्यधिक महत्त्वपूर्ण है। उदाहरण-गेहूँ की खेती, मछली पालन, वनोपज इकट्ठा करना, खानों से खनिजों का उत्खनन, लकड़ी काटना, पशुपालन आदि।

2. द्वितीयक क्षेत्रक:
इस क्षेत्रक के अन्तर्गत वे क्रियाएँ सम्मिलित होती हैं जिनमें प्राकृतिक उत्पादों को विनिर्माण प्रक्रिया के माध्यम से अन्य रूपों में परिवर्तित किया जाता है। इस क्षेत्रक में वस्तुएँ सीधे प्रकृति से उत्पादित नहीं होती हैं बल्कि निर्मित की जाती हैं इसलिए विनिर्माण की प्रक्रिया अपरिहार्य है। यह प्रक्रिया किसी कारखाने अथवा घर में संचालित की जा सकती है। इस क्षेत्रक को औद्योगिक क्षेत्रक भी कहा जाता है। उदाहरण-फर्नीचर उद्योग, कागज निर्माण उद्योग, सूती वस्त्र उद्योग, लोहा व इस्पात उद्योग, इंजीनियरिंग उद्योग आदि।

3. तृतीयक क्षेत्रक:
प्राथमिक एवं द्वितीयक क्षेत्रक के अतिरिक्त अन्य समस्त गतिविधियों को तृतीयक क्षेत्रक में सम्मिलित किया जाता है। इसके अन्तर्गत वे क्रियाएँ आती हैं जो प्राथमिक और द्वितीयक क्षेत्रकों के विकास में मदद करती हैं। ये गतिविधियाँ स्वतः वस्तुओं का उत्पादन नहीं करती हैं बल्कि उत्पादन प्रक्रिया में सहयोग करती हैं। इस क्षेत्रक में विभिन्न गतिविधियाँ वस्तुओं की बजाय सेवाओं का सृजन करती हैं। इसलिए इस क्षेत्रक को सेवा क्षेत्रक भी कहा जाता है।

उदाहरण: अध्यापक, डॉक्टर, वकील, रेलवे, दूरसंचार, दुकानदार, व्यापार, शिक्षा व स्वास्थ्य आदि। ततीयक क्षेत्रक की अन्य क्षेत्रों से भिन्नता तृतीयक क्षेत्रक परिवहन, संचार, बीमा, बैंकिंग, भण्डारण व व्यापार आदि से सम्बन्धित सेवाएँ प्रदान करता है। तृतीयक क्षेत्रक को सेवा क्षेत्रक भी कहते हैं। तृतीयक क्षेत्रक अन्य दो क्षेत्रकों से भिन्न है।

इसका कारण है कि अन्य दो क्षेत्रक (प्राथमिक व द्वितीयक क्षेत्रक) वस्तुएँ उत्पादित करते हैं जबकि यह क्षेत्रक अपने आप कोई वस्तु उत्पादित नहीं करता है बल्कि इस क्षेत्रक में सम्मिलित क्रियाएँ प्राथमिक एवं द्वितीयक क्षेत्रकों के विकास में माध्यम होती हैं अर्थात् ये प्राथमिक क्रियाएँ उत्पादन प्रक्रिया में मदद करती हैं।

उदाहरण के लिए, प्राथमिक एवं द्वितीयक क्षेत्रक द्वारा उत्पादित वस्तुओं को थोक एवं खुदरा विक्रेताओं को बेचने के लिए ट्रैक्टर, ट्रकों एवं रेलगाड़ी द्वारा परिवहन करने की जरूरत पड़ती है। इन वस्तुओं को कभी-कभी गोदाम या शीतगृह में भण्डारण की भी आवश्यकता होती है। हमें उत्पादन एवं व्यापार में सुविधा के लिए कई लोगों से टेलीफोन से भी बातें करनी होती हैं

या पत्राचार करना पड़ता है एवं कभी-कभी बैंक से पैसा भी उधार लेना पड़ता है। इस प्रकार परिवहन, भण्डारण, संचार एवं बैंकिंग प्राथमिक एवं द्वितीयक क्षेत्रकों के विकास में सहायक होते हैं। इस प्रकार कह सकते हैं कि अर्थव्यवस्था में प्राथमिक, द्वितीयक तथा तृतीयक क्षेत्र परस्पर एक-दूसरे पर निर्भर है।

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प्रश्न 2.
भारत में तृतीयक क्षेत्रक इतना अधिक महत्त्वपूर्ण क्यों हो गया है? कारण दीजिए।
अथवा
गत वर्षों में उत्पादन में तृतीयक क्षेत्रक के बढ़ते महत्त्व के कारणों पर विस्तार से प्रकाश डालिए।
अथवा
भारत में तृतीयक क्षेत्रक अधिक महत्त्वपूर्ण क्यों हो रहा है? स्पष्ट कीजिए।
अथवा
भारत में तृतीयक क्षेत्रक’ महत्त्वपूर्ण क्यों हो रहा है? किन्हीं तीन कारणों की व्याख्या कीजिए।
अथवा
भारत में तृतीयक क्षेत्र विस्तार और महत्त्व को बढ़ाने वाले कारकों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
यद्यपि 1973-74 और 2013-14 के 40 वर्षों में सभी क्षेत्रकों में उत्पादन में वृद्धि हुई है परन्तु सबसे अधिक वृद्धि तृतीयक क्षेत्रक के उत्पादन में हुई है। परिणामस्वरूप, भारत में प्राथमिक क्षेत्रक को प्रतिस्थापित करते हुए तृतीयक क्षेत्रक.सबसे बड़े उत्पादक क्षेत्रक के रूप में उभरा है। भारत में तृतीयक क्षेत्रक के अधिक महत्त्वपूर्ण होने के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं
1. बुनियादी सेवाएँ:
किसी भी देश में आर्थिक विकास को गति प्रदान करने के लिए कुछ आधारभूत सेवाओं की आवश्यकता होती है। इन सेवाओं में अस्पताल, शैक्षिक संस्थाएँ, डाक व तार सेवा, थाना, न्यायालय, ग्रामीण प्रशासनिक कार्यालय, नगर निगम, रक्षा, परिवहन, बैंक, बीमा आदि प्रमुख हैं। किसी विकासशील देश में इन सेवाओं के प्रबंधन की . जिम्मेदारी सरकार की होती है।

2. परिवहन व संचार के साधनों का विकास:
कृषि एवं उद्योगों के विकास के कारण परिवहन, संचार, भण्डारण, व्यापार आदि सेवाओं का विस्तार होता है। प्राथमिक और द्वितीयक क्षेत्रक का विकास जितना अधिक होगा, ऐसी सेवाओं की माँग उतनी ही अधिक होगी।

3. नई सेवाएँ:
गत कुछ वर्षों से आधुनिकीकरण एवं वैश्वीकरण के कारण सूचना एवं प्रौद्योगिकी पर आधारित कुछ नवीन सेवाएँ महत्त्वपूर्ण एवं आवश्यक होती जा रही हैं; जैसे-ए., टी. एम. बूथ; काल सेंटर, इंटरनेट कैफे, सॉफ्टवेयर कम्पनी आदि। इन सेवाओं के उत्पादन में तीव्र वृद्धि हो रही है।

4. अधिक आय अधिक सेवाएँ:
हमारे देश में प्रतिव्यक्ति आय बढ़ रही है, जैसे-जैसे आय बढ़ती है तो कुछ लोग अन्य सेवाओं; जैसे-रेस्तरां, शॉपिंग, पर्यटन, निजी अस्पताल, निजी विद्यालय, व्यावसायिक प्रशिक्षण आदि की माँग प्रारम्भ कर देते हैं। शहरों में इन सेवाओं की माँग बहुत तेजी से बढ़ रही है।

प्रश्न 3.
संगठित एवं असंगठित क्षेत्रक क्या हैं? इन क्षेत्रकों की रोजगार परिस्थितियों की तुलना कीजिए।
अथवा
अर्थव्यवस्था के असंगठित क्षेत्र में प्रचलित रोजगार की दशाओं का वर्णन कीजिए।
अथवा
संगठित और असंगठित क्षेत्रकों की रोजगार परिस्थितियों की तुलना कीजिए।
अथवा
संगठित क्षेत्र क्या है? इसकी कार्य अवस्थाओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
1. संगठित क्षेत्रक:
संगठित क्षेत्रक में वे उद्यम अथवा कार्य-स्थान आते हैं, जहाँ रोजगार की अवधि नियमित होती है और इसलिए लोगों के पास सुनिश्चित काम होता है। ये क्षेत्रक सरकार द्वारा पंजीकृत होते हैं एवं उन्हें राजकीय नियमों व विनियमों का अनुपालन करना होता है। इन नियमों व विनियमों का अनेक विधियों; जैसे-कारखाना अधिनियम की निश्चित न्यूनतम मजदूरी अधिनियम, सेवानुदान अधिनियम, दुकान एवं प्रतिष्ठान अधिनियम आदि में उल्लेख किया गया है।

यह क्षेत्रक संगठित क्षेत्रक इसलिए कहा जाता है, क्योंकि इसकी कुछ औपचारिक प्रक्रिया एवं क्रियाविधि होती है। इस क्षेत्रक के अन्तर्गत. रोजगार सुरक्षित, काम के घण्टे निश्चित एवं अतिरिक्त कार्य के लिए अतिरिक्त वेतन मिलता है। कर्मचारियों को कार्य के दौरान एवं सेवानिवृत्ति के पश्चात् भी अनेक सुविधाएँ मिलती हैं।

2. असंगठित क्षेत्रक:
असंगठित क्षेत्रक के अन्तर्गत वे छोटी-छोटी और बिखरी इकाइयाँ सम्मिलित होती हैं जो अधिकांशतः सरकारी नियन्त्रण से बाहर होती हैं। यद्यपि इस क्षेत्रक के नियम और विनियम तो होते हैं परन्तु उनका पालन नहीं होता है। ये अनियमित एवं कम वेतन वाले रोजगार होते हैं। इनमें सवेतन छुट्टी, अवकाश, बीमारी के कारण छुट्टी आदि का कोई प्रावधान नहीं होता है और न ही रोजगार की सुरक्षा। श्रमिकों को बिना किसी कारण काम से हटाया जा सकता है। संगठित एवं असंगठित क्षेत्रकों की रोजगार परिस्थितियों की तुलना.निम्नलिखित प्रकार से है

संगठित क्षेत्रक की रोजगार परिस्थितियाँ असंगठित क्षेत्रक की रोजगार परिस्थितियाँ
(i) इस क्षेत्रक के उद्योगों एवं प्रतिष्ठानों को सरकार द्वारा पंजीकृत कराना अवश्यक होता है। (i) इस क्षेत्रक के अन्तर्गत दुकानों व प्रतिष्ठानों को सरकार से पंजीकृत कराना अनिवार्य नहीं है।
(ii) यह क्षेत्रक सरकारी नियमों व उपनियमों के अधीन कार्य करता है। ये नियम व विनियम सभी नियोक्ताओं, कर्मचारियों व श्रमिकों पर समान रूप से लागू होते हैं। (ii) इस क्षेत्रक के नियम व विनियम तो होते हैं परन्तु उनका अनुपालन नहीं किया जाता है।
(iii) इस क्षेत्रकं में काम करने की अवधि व काम के घण्टे निशिचत होते हैं। (iii) इस क्षेत्रक में काम करने के घण्टे निश्चित नहीं होते हैं।
(iv) इस क्षेत्रक में कार्य करने वाले कर्मचारियों, श्रमिकों को मासिक वेतन प्राप्त होता है। (iv) इस क्षेत्रक में काम करने वाले कर्मचारी/श्रमिक दैनिक मजदूरी प्राप्त करते हैं।
(v) इस क्षेत्रक के अन्तर्गत कर्मचारी मासिक वेतन के अतिरिक्त विभिन्न प्रकार के भत्ते, सवेतन अवकाश का भुगतान, प्रोविडेंट फंड, वार्षिक वेतन वृद्धि आदि सुविधाएँ प्राप्त करते हैं। (v) इस क्षेत्रक के अन्तर्गत श्रमिकों को दैनिक मजदूरी के अतिरिक्त कोई अन्य भत्ता नहीं मिलता है।
(vi) इस क्षेत्रक के अन्तर्गत कर्मचारियों/ श्रमिकों को रोजगार सुरक्षा प्राप्त होती है। (vi) इस क्षेत्रक के अन्तर्गत कार्यरत कर्मचारियों/श्रमिकों को रोजगार सुरक्षा प्राप्त नहीं होती है।
(vii) इस क्षेत्रक के अन्तर्गत कर्मचारियों / श्रमिकों को नियोक्ता द्वारा एक नियुक्ति पत्र दिया जाता है जिसमें काम की सभी शर्ते एवं दशाएँ वर्णित होती हैं। (vii) इस क्षेत्रक. के अन्तर्गत कर्मचारियों/श्रमिकों को कोई औपचारिक नियुक्ति पत्र नहीं दिया जाता है।
(viii) इस क्षेत्रक के अन्तर्गत कर्मचारियों को कार्यस्थल पर स्वच्छ पानी, स्वास्थ्य एवं कार्य का सुरक्षित वातावरण आदि सुविधाएँ उपलब्ध होती हैं। (viii) इस क्षेत्रक के अन्तर्गत कर्मचारियों को इस प्रकार की सुविधाओं का लगभग अभाव देखने को मिलता है।
(ix) इस क्षेत्रक में श्रम संघ महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अतः श्रमिकों का शोषण नहीं होता है। (ix) इस क्षेत्रक में श्रम संधों के अभाव के कारण श्रमिकों का अत्यधिक शोषण होता है।

प्रश्न 4.
असंगठित क्षेत्रक में श्रमिकों का किस प्रकार से शोषण किया जाता है? इस क्षेत्रक में श्रमिकों के संरक्षण हेतु कौन-कौन से उपाय किए जा सकते हैं?
उत्तर:
असंगठित क्षेत्रक में श्रमिकों का शोषण-असंगठित क्षेत्रक में श्रमिकों का निम्न प्रकार से शोषण किया जाता है

  1. इस क्षेत्रक में श्रमिकों के संरक्षण के लिए बनाये गये सरकारी नियमों एवं विनियमों का पालन नहीं होता है।
  2. असंगठित क्षेत्रक में बहुत कम वेतन/मजदूरी दी जाती है और वह भी नियमित रूप से नहीं दी जाती है।
  3. इस क्षेत्रक में मजदूर सामान्यतः अशिक्षित, अनभिज्ञ व असंगठित होते हैं, इसलिए वे नियोक्ता से मोल-भाव कर अच्छी मजदूरी सुनिश्चित करने की स्थिति में नहीं होते हैं।
  4. इस क्षेत्रक में अतिरिक्त समय में काम तो लिया जाता है परन्तु अतिरिक्त वेतन नहीं दिया जाता है।
  5. इस क्षेत्रक में सवेतन छुट्टी, अवकाश, बीमारी के कारण छुट्टी का कोई प्रावधान नहीं है।
  6. इस क्षेत्रक में रोजगार सुरक्षा भी नहीं होती है। नियोक्ता द्वारा कर्मचारियों को बिना किसी कारण काम से हटाया। जा सकता है।
  7. इस क्षेत्रक के अन्तर्गत कुछ मौसमों में जब काम नहीं होता है, तो कुछ लोगों को काम से छुट्टी दे दी जाती है। बहुत से लोग नियोक्ता की पसन्द पर निर्भर होते हैं।

असंगठित क्षेत्रक में श्रमिकों के संरक्षण हेतु किये जा सकने वाले उपाय: असंगठित क्षेत्रक में श्रमिकों के संरक्षण हेतु अग्रलिखित उपाय किये जा सकते हैं
1. ग्रामीण क्षेत्रों में सुविधाओं का विस्तार:
भारत में लगभग 80 प्रतिशत ग्रामीण परिवार छोटे व सीमांत किसानों की श्रेणी में हैं जो असंगठित क्षेत्रक के अन्तर्गत आता है। इन किसानों को उन्नत बीजों की समय पर आपूर्ति, कृषि उपकरणों, साख, भण्डारण सुविधा और विपणन की सुविधाओं के माध्यम से सहायता पहुँचाने की आवश्यकता है।

2. लघु एवं कुटीर उद्योगों का संरक्षण:
सरकार को चाहिए कि वह लघु व कुटीर उद्योगों को कच्चा माल प्राप्त करने एवं उत्पादों के विपणन में सहायता प्रदान करे ताकि वे अधिक आय अर्जित कर अपने श्रमिकों को भी अधिक वेतन एवं सुविधाएँ प्रदान कर सकें।

3. न्यूनतम मजदूरी का निर्धारण सरकार असंगठित क्षेत्रक के लिए न्यूनतम मजदूरी का निर्धारण कर उसे कड़ाई से लागू करे तथा वर्तमान नियमों व कानूनों को कड़ाई से लागू करे।

4. सामाजिक सुविधाओं का विस्तार:
असंगठित क्षेत्रक में कार्यरत श्रमिकों के जीवन स्तर को ऊँचा उठाने के लिए सरकार को सार्वजनिक सुविधाओं का तीव्र गति से विस्तार करना चाहिए।

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प्रश्न 5.
सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्रक क्या हैं? इसकी गतिविधियों एवं कार्यों का तुलनात्मक अध्ययन कीजिए।
अथवा
सार्वजनिक क्षेत्रक एवं निजी क्षेत्रक में कोई तीन अंतर स्पष्ट कीजिए।
अथवा
सार्वजनिक क्षेत्रक, निजी क्षेत्रक से किस प्रकार भिन्न है?
उत्तर:
सार्वजनिक क्षेत्रक:
सार्वजनिक क्षेत्रक के अन्तर्गत उत्पादन के साधनों पर सरकार का स्वामित्व, प्रबंधन व नियंत्रण होता है। सरकार ही समस्त सेवाएँ उपलब्ध कराती है। इस क्षेत्रक का मुख्य उद्देश्य सार्वजनिक कल्याण में वृद्धि करना होता है। निजी क्षेत्रक-निजी क्षेत्र के अन्तर्गत उत्पादन के साधनों पर निजी स्वामित्व होता है। इस क्षेत्रक की गतिविधि का उद्देश्य लाभ अर्जित करना होता है। सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्रक की गतिविधियों एवं कार्यों का तुलनात्मक अध्ययन सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्रक की गतिविधियों एवं कार्यों का तुलनात्मक अध्ययन निम्न प्रकार से है

सार्वजनिक क्षेत्रक निजी क्षेत्रक
1. इस क्षेत्रक के अन्तर्गत अधिकांश परिसम्पत्तियों पर सरकार का स्वामित्व होता है और सरकार ही सभी आवश्यक सेवाएँ उपलब्ध करती है, जैसे—डाकघर, भारतीय रेलवे, आकाशवाणी, इण्डियन एयरलाइन्स आदि। 1. इस क्षेत्रक में परिसम्पत्तियों पर स्वामित्व एवं सेवाओं के वितरण की जिम्मेदारी एकल व्यक्ति या कम्पनी के हाथों में होती है, जैसे मित्तल पब्लिकेशन्स, टाटा आयरन एण्ड स्टील कम्पनी, रिलायंस इण्डस्ट्रीज लिमिटेड आदि।
2. सार्वजनिक क्षेत्रक का उद्देश्य सार्वजनिक कल्याण में वृद्धि करना होता है। 2. निजी क्षेत्रक की गतिविधियों का उद्देश्य लाभ अर्जित करना होता है।
3. इस क्षेत्रक में उत्पादन एवं वितरण सम्बन्धी समस्त निर्णय सरकार द्वारा निर्धारित नीति द्वारा लिये जाते हैं। 3. इस क्षेत्रक में उत्पादन एवं वितरण सम्बन्धी निर्णय निजी स्वामियों अथवा प्रबन्धकों द्वारा लिए जाते हैं।
4. सरकार समाज के लिए आवश्यक सार्वजनिक परियोजनाओं में बहुत अधिक राशि का व्यय करती है, जैसे-सड़क, पुल, नहर, बन्दरगाह आदि का निर्माण करना। 4. निजी क्षेत्रक अपने लाभ के उद्देश्य के कारण बहुत अधिक राशि व्यय करने वाली परियोजनाओं में निवेश नहीं करता है।
5. कई प्रकार की गतिवधियों को पूरा करना सरकार का प्राथमिक दायित्व होता है; जैसे-शिक्षा, स्वास्थ्य, विद्युत आदि। इसलिए सरकार बड़ी संख्या में विद्यालय, महाविद्यालय, अस्पताल, विद्युत परियोजनाएँ आदि चलाती है। 5. निजी क्षेत्रक का ऐसा किसी प्रकार का कोई दायित्व नहीं होता है यदि वह ऐसी सेवाएँ प्रदान करता है तो इसके लिए वह राशि वसूलता है। उदाहरण के लिए, हमारे क्षेत्र में निजी पब्लिक स्कूल, सरकारी स्कूल की तुलना में बहुत अधिक फीस लेते हैं।

JAC Class 10 Social Science Important Questions

JAC Class 10 Hindi Solutions Kshitij Chapter 11 बालगोबिन भगत

Jharkhand Board JAC Class 10 Hindi Solutions Kshitij Chapter 11 बालगोबिन भगत Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 10 Hindi Solutions Kshitij Chapter 11 बालगोबिन भगत

JAC Class 10 Hindi बालगोबिन भगत Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
खेतीबारी से जुड़े गृहस्थ बालगोबिन भगत अपनी किन चारित्रिक विशेषताओं के कारण साधु कहलाते थे?
उत्तर :
खेतीबारी से जुड़े गृहस्थ बालगोबिन भगत वेशभूषा से साधु नहीं लगते थे, परंतु उनका व्यवहार साधु जैसा था। वे कबीर के भक्त थे और उनके भजन ही गाते थे। उनके बताए मार्ग पर चलते थे। वे कभी झूठ नहीं बोलते थे। वे कभी किसी से निरर्थक बातों के लिए नहीं लड़ते थे, परंतु गलत बातों का विरोध करने में संकोच भी नहीं करते थे। वे कभी किसी की चीज़ को नहीं छूते थे और न ही व्यवहार में लाते थे। उनकी सब चीजें साहब (कबीर) की थी। उनके खेत में जो पैदावार होती थी, उसे लेकर वे कबीर के मठ पर जाते थे। वहाँ से उन्हें जो प्रसाद के रूप में मिलता था, उसी में अपने परिवार का निर्वाह करते थे। बालगोबिन भगत की : इन्हीं चारित्रिक विशेषताओं के कारण लेखक उन्हें साधु मानता था।

प्रश्न 2.
भगत की पुत्रवधू उन्हें अकेले क्यों नहीं छोड़ना चाहती थी?
उत्तर :
भगत के परिवार में पुत्र और पुत्रवधू के अतिरिक्त कोई नहीं था। पुत्र की मृत्यु के बाद उन्होंने पुत्रवधू को उसके घर भेजने का निर्णय लिया, परंतु पुत्रवधू उन्हें बढ़ती उम्र में अकेला नहीं छोड़ना चाहती थी। वह उनकी सेवा करना अपना फर्ज़ समझती थी। उसके अनुसार बीमार पड़ने पर उन्हें पानी देने वाला और उनके लिए भोजन बनाने वाला कोई नहीं था। इसलिए भगत की पुत्रवधू उन्हें अकेला छोड़ना नहीं चाहती थी।

JAC Class 10 Hindi Solutions Kshitij Chapter 11 बालगोबिन भगत

प्रश्न 3.
भगत ने अपने बेटे की मृत्यु पर अपनी भावनाएँ किस तरह व्यक्त की?
उत्तर :
भगत का एक बेटा था, जो हमेशा बीमार रहता था। एक दिन वह मर गया। भगत ने अपने बेटे के मरने पर शोक नहीं मनाया, क्योंकि उनके अनुसार बेटे की आत्मा परमात्मा के पास चली गई है। उनका कहना था कि आज एक विरहिनी अपने प्रेमी से मिलने गई है और उसके मिलन की खुशी में आनंद मनाना चाहिए, न कि अफ़सोस। उन्होंने अपने बेटे के मृत शरीर को फलों से सजाया और उसके पास एक दीपक जला दिया। फिर अपने बेटे के मृत शरीर के पास आसन पर बैठकर मिलन के गीत गाने लगे। उन्होंने अपनी बहू को भी रोने के लिए मनाकर दिया और उसे आत्मा के परमात्मा में मिलने की खुशी में आनंद मनाने को कहा।

प्रश्न 4.
भगत के व्यक्तित्व और उनकी वेशभूषा का अपने शब्दों में चित्र प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर :
बालगोबिन भगत मँझोले कद के गोरे-चिट्टे व्यक्ति थे, जिनकी आयु साठ वर्ष से अधिक थी। उनके बाल सफ़ेद थे। वे दाढ़ी तो नहीं रखते थे, पर उनके चेहरे पर सफ़ेद बाल जगमगाते रहते थे। वे कमर में एक लँगोटी और सिर पर कबीरपंथियों जैसी कनफटी टोपी पहनते थे। जब सरदियाँ आती, तो ऊपर से एक काली कमली ओढ़ लेते थे। उनके माथे पर सदा रामानंदी चंदन चमकता था, जो नाक के एक छोर से ही औरतों के टीके की तरह शुरू होता था। वे अपने गले में तुलसी की जड़ों की एक बेडौल माला बाँधे रहते थे।

उनमें साधुओं वाली सारी बातें थीं। वे कबीर को ‘साहब’ मानते थे; उन्हीं के गीत गाते रहते थे और उन्हीं के आदेशों पर चलते थे। वे कभी झठ नहीं बोलते थे और सदा खरा व्यवहार करते थे। हर बात साफ़-साफ़ करते थे; किसी से व्यर्थ झगड़ा नहीं करते थे। किसी की चीज़ को कभी छूते तक नहीं थे। वे दूसरों के खेत में शौच तक के लिए नहीं बैठते थे। उनके खेत में जो कुछ पैदा होता, उसे सिर पर रखकर चार कोस दूर कबीरपंथी मठ में ले जाते थे और प्रसाद रूप में जो कुछ मिलता, वहीं वापस ले आते थे।

प्रश्न 5.
बालगोबिन भगत की दिनचर्या लोगों के अचरज का कारण क्यों थी?
उत्तर :
बालगोबिन भगत की दिनचर्या लोगों के आश्चर्य का कारण थी क्योंकि वे अपने नियमों का दृढ़ता से पालन करते थे। वे सुबह मुँह अँधेरे उठते और गाँव से दो मील दूर नदी पर स्नान के लिए जाते। वापसी में पोखर के ऊँचे स्थान पर बैठकर खजड़ी बजाते हुए गीत गाते। यह नियम न सरदी देखता और न ही गरमी। वे बिना पूछे न ही किसी की वस्तु छूते और न ही व्यवहार में लाते थे। कई बार तो वे अपने नियमों पर इतने दृढ़ हो जाते कि शौच के लिए भी दूसरों के खेतों का प्रयोग नहीं करते थे। नियमों पर उनकी दृढ़ता ही लोगों के आश्चर्य का कारण बनती थी।

JAC Class 10 Hindi Solutions Kshitij Chapter 11 बालगोबिन भगत

प्रश्न 6.
पाठ के आधार पर बालगोबिन भगत के मधुर गायन की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर :
बालगोबिन भगत के गायन को न तो माघ की सरदी और न ही जेठ की गरमी प्रभावित करती थी। गरमी में उमस से भरी शामें भी उनके गायन से शीतल प्रतीत होती थीं। गरमियों में शाम के समय वे अपने घर के आँगन में कुछ संगीत प्रेमियों के साथ आसन लगाकर बैठ जाते थे। सबके पास खजड़ियाँ और करताल होते थे। बालगोबिन भगत एक पद गाते और उनके पीछे सभी लोग उसी पद को दोहराते हुए बारबार गाते। धीरे-धीरे गीत का स्वर से ऊँचा होने लगता था। स्वर की लय में एक निश्चित ताल और गति होती थी। उनके गीत मन से होते हुए तन पर हावी हो जाते थे। सुनने वाले और साथ गाने वाले अपनी सुध-बुध खो बैठते थे। बालगोबिन भगत उठकर नाचने लगते और सभी लोग उनका साथ देते थे।

प्रश्न 7.
कुछ मार्मिक प्रसंगों के आधार पर यह दिखाई देता है कि बालगोबिन भगत प्रचलित सामाजिक मान्यताओं को नहीं मानते थे। पाठ के आधार पर उन प्रसंगों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर :
बालगोबिन भगत समाज में प्रचलित मान्यताओं को नहीं मानते थे। वे जाति-पाति में विश्वास नहीं रखते थे। सब लोगों को एक समझते थे। वे भगवान के निराकार रूप को मानते थे। उनके विचार में मृत्यु आनंद मनाने का अवसर था। जब उनके इकलौते बेटे की मृत्यु होती है, तो वे अपने बेटे के मृत शरीर को फूलों से सजाते हैं और गीत गाते हैं। उनके अनुसार आत्मा-रूपी प्रेमिका परमात्मा-रूपी प्रेमी से मिल गई है और उसके मिलन पर आनंद मनाना चाहिए अफ़सोस नहीं। भगत ने अपने बेटे का क्रिया-कर्म अपनी पुत्रवधू से करवाया।

उनकी पुत्रवधू ने ही अपने पति की चिता को अग्नि दी थी। उनकी जाति में विधवा के पुनर्विवाह को अनुचित नहीं मानते थे, परंतु उनकी पुत्रवधू इसके लिए तैयार नहीं थी। वह उन्हीं के पास रहकर उनकी सेवा करना चाहती थी। लेकिन उन्होंने उसे यौवन की ऊँच-नीच का ज्ञान करवाया और पुनर्विवाह के लिए तैयार किया। इससे हम कह सकते हैं कि बालगोबिन पुरानी सामाजिक मान्यताओं के समर्थक नहीं थे। वे अपने स्वार्थ की अपेक्षा दूसरों के हित का ध्यान रखते थे।

प्रश्न 8.
धान की रोपाई के समय समूचे माहौल को भगत की स्वर लहरियाँ किस तरह चमत्कृत कर देती थीं? उस माहौल का शब्द-चित्र प्रस्तुत करें।
अथवा
बालगोबिन भगत के गीतों को खेतों में काम करते हुए और आते-जाते नर-नारियों पर क्या प्रभाव पड़ता था?
उत्तर :
आषाढ़ की फुहार पड़ते ही सारा गाँव खेतों में दिखाई देने लगता। वह मौसम धान की रोपाई का होता है। खेतों में कहीं हल चल रहे हैं और कहीं धान के पौधों की रोपाई हो रही है। घर की औरतें आदमियों के लिए भोजन लेकर खेतों की मुँडेर पर बैठी हैं। बच्चे पास में खेल रहे हैं। खेतों में ठंडी-ठंडी हवा चलती है। उसी समय सबके कानों में मधुर स्वर लहरियाँ पड़ने लगती हैं। यह स्वर बालगोबिन भगत का है। वे भी अपने खेत में धान की रोपाई कर रहे हैं।

उनका सारा शरीर खेत की गीली मिट्टी से लथ-पथ है। जिस प्रकार उनकी उँगलियाँ धान के पौधों को एक-एक करके पंक्तिबद्ध रूप दे रही थीं, उसी प्रकार उनका कंठ उनकी संगीत शब्दावली को स्वरों के ताल से ऊपरनीचे कर रहा था। ऐसे लग रहा था, जैसे कि संगीत के कुछ स्वर ऊपर स्वर्ग की ओर जा रहे हैं और कुछ स्वर धरती पर खेतों में काम करने वाले लोगों के कानों में जा रहे हैं। उनका संगीत खेतों में काम करने वाले लोगों के तन में लय पैदा कर देता है, जिससे वहाँ का सारा वातावरण संगीतमय हो जाता है।

JAC Class 10 Hindi Solutions Kshitij Chapter 11 बालगोबिन भगत

रचना और अभिव्यक्ति –

प्रश्न 9.
पाठ के आधार पर बताएं कि बालगोबिन भगत की कबीर पर श्रद्धा किन-किन रूपों में प्रकट हुई है?
उत्तर :
लेखक के अनुसार बालगोबिन भगत कबीर के भगत थे। वे कबीर को ‘साहब’ कहते थे। वे कबीर के बताए नियमों का दृढ़ता से पालन करते थे। उनके अनुसार उनकी सब चीजें ‘साहब’ की देन हैं। उनके खेत में जो भी पैदावार होती थी, उसे सिर पर लादकर ‘साहब’ के दरबार में पहुँचा देते थे। वे सबकुछ भेंट स्वरूप दरबार में रख देते थे। वापसी में जो कुछ भी ‘प्रसाद’ के रूप में मिलता, उससे अपना निर्वाह करते थे। बालगोबिन भगत कबीर की तरह ही भगवान के निराकार रूप को मानते थे।

वे मृत्यु को दुख का नहीं बल्कि आनंद मनाने का अवसर मानते थे। कबीर ने आत्मा को परमात्मा की प्रेमिका बताया है, जो मृत्यु उपरांत अपने प्रियतम से जा मिलती है। बालगोबिन भगत ने कबीर की वाणी का पालन करते हुए अपने पुत्र के मृत शरीर को फूलों से सजाया और पास में दीपक जलाया। वे स्वयं भी पुत्र के मृत शरीर के पास बैठकर पिया मिलन के गीत गाने लगे। उन्होंने अपनी पुत्रवधू को भी रोने के लिए मना कर दिया था। इससे पता चलता है कि बालगोबिन भगत की कबीर पर अगाध श्रद्धा थी।

प्रश्न 10.
आपकी दृष्टि में भगत की कबीर पर अगाध श्रद्धा के क्या कारण रहे होंगे?
उत्तर
मेरे विचार में भगत की कबीर पर अगाध श्रद्धा के कई कारण रहे होंगे, जैसे कि भगत समाज में प्रचलित रूढ़िवादी सामाजिक मान्यताओं को नहीं मानते थे। वे भगवान के निराकार रूप को मानते थे, जिसमें मनुष्य के अंत समय में आत्मा से परमात्मा का मिलन होता है। वे गृहस्थ होते हुए भी व्यवहार से साधु थे। वे सब चीज़ों की प्राप्ति में भगवान को सहायक मानते थे। जिन बातों को भगत मानते थे, वही बातें कबीर ने अपनी वाणी में कही थीं। इसलिए बालगोबिन भगत की कबीर पर श्रद्धा थी।

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प्रश्न 11.
गाँव का सामाजिक-सांस्कृतिक परिवेश आषाढ़ चढ़ते ही उल्लास से क्यों भर जाता है?
उत्तर :
गाँव के सामाजिक-सांस्कृतिक परिवेश में आषाढ़ चढ़ते ही विशेष उल्लास दिखाई देता है। आषाढ़ की ठंडी पुरवाई जेठ की तपती गरमी से छुटकारा दिलाती है। आषाढ़ में बारिश की रिमझिम शुरू हो जाती है। उस समय खेतों में धान की फसल की रोपाई आरंभ हो जाती है। धान की रोपाई करते समय किसान और उसका परिवार बहुत प्रसन्न दिखाई देते हैं क्योंकि यह फसल उनके सपनों को पूरा करती है। गाँव के सभी लोग खेतों में दिखाई देते हैं। चारों तरफ़ बैलों के गले की घंटियों की आवाजें, मिट्टी और पानी में छप-छप करते बच्चे तथा खेतों की मुँडेर पर आदमियों के लिए खाना लिए बैठी औरतें-यह दृश्य मन में उल्लास भर देता है। आषाढ़ में चारों ओर मेले जैसा वातावरण होता है।

प्रश्न 12.
“ऊपर की तसवीर से यह नहीं माना जाए कि बालगोबिन भगत साधु थे।” क्या ‘साधु’ की पहचान पहनावे के आधार पर की जानी चाहिए? आप किन आधारों पर यह सुनिश्चित करेंगे कि अमुक व्यक्ति ‘साधु’ है?
उत्तर :
‘साधु’ की पहचान उसके पहनावे से नहीं बल्कि उसके व्यवहार से करनी चाहिए। भगवे कपड़े पहनने वाला हर व्यक्ति साधु नहीं होता अपितु परिवार में रहने वाला व्यक्ति भी साधु हो सकता है। साधु की पहचान निम्न आधारों पर की जा सकती है –
1. दृढ़-निश्चयी-साधु का स्वभाव दृढ़-निश्चयी होना चाहिए। उसे अपनी कथनी और करनी में अंतर नहीं करना चाहिए। अपने लिए व उसने जो नियम बनाए उसका दृढ़ता से पालन करना चाहिए; तभी दूसरे व्यक्ति भी उन नियमों का पालन करेंगे।
2. सीमित आवश्यकताएँ-साधु व्यक्ति की आवश्यकताएँ सीमित होनी चाहिए। उसे मायाजाल में नहीं फंसना चाहिए।
3. सरल स्वभाव-साधु व्यक्ति का स्वभाव सरल होना चाहिए। उसके मन में किसी के प्रति भेदभाव नहीं होना चाहिए।
4. मधुर वाणी-साधु व्यक्ति की वाणी मधुर होनी चाहिए, ताकि व्यक्ति उसकी वाणी सुनकर प्रभावित हुए बिना न रह सकें।
5. सामाजिक कुरीतियों से दूर-साधु व्यक्ति को समाज में फैली कुरीतियों से दूर रहना चाहिए। उसे संपर्क में आने वाले लोगों को भी उन कुरीतियों के अवगुणों से अवगत करवाना चाहिए। जिस व्यक्ति में उपरोक्त विशेषताएँ हों, वह गृहस्थ होते हुए भी साधु है। लेकिन भगवे कपड़े पहनकर पूजा-पाठ का दिखावा करने वाला व्यक्ति इन गुणों के अभाव में साधु होते हुए भी साधु नहीं है।

प्रश्न 13.
मोह और प्रेम में अंतर होता है। भगत के जीवन की किस घटना के आधार पर आप इस कथन को सच सिद्ध करेंगे?
उत्तर :
मोह और प्रेम में अंतर होता है। भगत का एक ही बेटा था और वह भी दिमाग से सुस्त था अर्थात उसका दिमाग कमजोर था। भगत ने उसकी परवरिश बहुत प्यार से की थी। भगत के अनुसार कम दिमाग वालों को अधिक प्यार और देखभाल की आवश्यकता होती है। उन्होंने उसकी शादी की। बेटे की बहू भी सुशील और सुघड़ थी। एक दिन बेटा मर गया।

भगत ने बेटे के मोह में पड़कर शोक नहीं मनाया बल्कि उन्होंने उसकी मृत्यु को आनंद मनाने का अवसर बताया। वे शरीर के मोह में नहीं थे। वे मनुष्य की आत्मा से प्रेम करते थे। उनके अनुसार मृत्यु के बाद प्रेमिका रूपी आत्मा शरीर से निकलकर अपने प्रेमी रूपी परमात्मा से मिल जाती है। इसलिए उन्होंने बेटे मृत शरीर का श्रृंगार किया और मिलन के गीत गाए। भगत ने मृत्यु के सच को जान लिया था, इसलिए वे अपने बेटे के मोह में नहीं पड़े। उन्होंने अपनी पुत्रवधू को भी शोक मनाने से मना कर दिया था।

भाषा-अध्ययन –

प्रश्न 14.
इस पाठ में आए कोई दस क्रियाविशेषण छाँटकर लिखिए और उनके भेद भी बताइए।
उत्तर :
1. हमारे समाज के सबसे नीचे स्तर का यह तेली। – स्थानवाचक क्रिया-विशेषण।
2. कपड़े बिलकुल कम पहनते थे। – परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण।
3. थोड़ी ही देर पहले मूसलाधार वर्षा खत्म हुई है। – परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण।
4. उनका यह गाना अँधेरे में अकस्मात कौंध उठने वाली बिजली की तरह किसे न चौंका देता? – रीतिवाचक क्रिया-विशेषण।
5. इन दिनों वह सवेरे ही उठते। – कालवाचक क्रिया-विशेषण।
6. धीरे-धीरे स्वर ऊँचा होने लगा। – रीतिवाचक क्रिया-विशेषण।
7. उसके सामने ज़मीन पर ही आसन जमाए गीत गाए चले जा रहे हैं। – स्थानवाचक क्रिया-विशेषण।
8. वह हर वर्ष गंगा-स्नान करने जाते। – कालवाचक क्रिया-विशेषण।
9. थोड़ा बुखार आने लगा। – परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण।
10. उस दिन भी संध्या में गीत गाए। – कालवाचक क्रिया-विशेषण।

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पाठेतर सक्रियता –

प्रश्न 1.
पाठ में ऋतुओं के बहुत ही सुंदर शब्द-चित्र उकेरे गए हैं। बदलते हुए मौसम को दर्शाते हुए चित्र/फोटो का संग्रह कर एक अलबम
तैयार करें।
विद्यार्थी अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।

प्रश्न 2.
पाठ में आषाढ़, भादों, माघ आदि में विक्रम संवत कैलेंडर के मासों के नाम आए हैं। यह कैलेंडर किस माह से आरंभ होता है? महीनों की सूची तैयार कीजिए।
उत्तर :
विक्रम संवत कैलेंडर के महीने इस क्रम से होते हैं –
चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, श्रवण, भादों, आश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष, माघ और फाल्गुन।

प्रश्न 3.
कार्तिक के आते ही भगत ‘प्रभाती’ गाया करते थे। प्रभाती प्रातःकाल गाए जाने वाले गीतों को कहते हैं। प्रभाती गायन का संकलन कीजिए और उसकी संगीतमय प्रस्तुति कीजिए।
उत्तर :
विद्यार्थी अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।

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प्रश्न 4.
इस पाठ में जो ग्राम्य संस्कृति की झलक मिलती है वह आपके आसपास के वातावरण से कैसे भिन्न है?
उत्तर :
मैं देश के एक महानगर के अति व्यस्त और आधुनिक क्षेत्र में रहता/रहती हूँ। यहाँ का वातावरण किसी भी ग्राम्य क्षेत्र से बिलकुल भिन्न है। यहाँ चौड़ी-पक्की सड़कें हैं, जो चौबीस घंटे वाहनों से भरी रहती हैं। यहाँ आधी रात को भी सड़कों से शोर दूर नहीं होता। दिन के समय यहाँ बहुत भीड़ होती है। यहाँ सजे-सँवरे लोग दिखावे से भरा जीवन जीने की कोशिश में लगे रहते हैं।

सब तरफ़ बड़ीबड़ी दुकानें हैं; शोरूम हैं; गगनचुंबी इमारते हैं; बड़े-बड़े मल्टीप्लैक्स हैं; लंबी-लंबी गाड़ियों की भरमार है। यहाँ प्रकृति की सुंदरता नहीं है। कहीं-कहीं गमलों में कुछ पौधे अवश्य दिखाई दे जाते हैं, लेकिन पेड़ों का अभाव है। मेरे नगर से कुछ दूरी पर एक नदी है, पर वह बुरी तरह से प्रदूषित है। नगर के कारखानों का कचरा उसी में गिरता है। वास्तव में गाँव के साफ़-सुथरे वातावरण से मेरे नगर की कोई तुलना नहीं है।

यह भी जानें प्रभातियाँ मुख्य रूप से बच्चों को जगाने के लिए गाई जाती हैं। प्रभाती में सूर्योदय से कुछ समय पूर्व से लेकर कुछ समय बाद तक का वर्णन होता है। प्रभातियों का भावक्षेत्र व्यापक और यथार्थ के अधिक निकट होता है। प्रभातियों या जागरण गीतों में केवल सुकोमल भावनाएँ ही नहीं वरन् वीरता, साहस और उत्साह की बातें भी कही जाती हैं। कुछ कवियों ने प्रभातियों में राष्ट्रीय चेतना और विकास की भावना पिरोने का प्रयास किया है।

श्री शंभूदयाल सक्सेना द्वारा रचित एक प्रभाती –

पलकें, खोलो, रैन सिरानी।
बाबा चले खेत को हल ले सखियाँ भरती पानी॥
बहुएँ घर-घर छाछ बिलोती गातीं गीत मथानी।
चरखे के संग गुन-गुन करती सूत कातती नानी॥
मंगल गाती चील चिरैया आस्मान फहरानी।
रोम-रोम में रमी लाडली जीवन ज्योत सुहानी।
आलस छोड़ो उठो न सुखदे! मैं तब मोल बिकानी॥
पलकें खोलो हे कल्याणी॥

JAC Class 10 Hindi बालगोबिन भगत Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
‘बालगोबिन भगत’ पाठ के माध्यम से लेखक क्या संदेश देना चाहता है?
उत्तर :
‘बालगोबिन भगत’ पाठ के लेखक ‘रामवृक्ष बेनीपुरी’ हैं। लेखक बचपन से ही बालगोबिन भगत को आदरणीय व्यक्ति मानता था। लेखक ब्राह्मण था और बालगोबिन भगत एक तेली थे। उस समय के समाज में तेली को उचित सम्मान प्राप्त नहीं था। फिर भी ‘बालगोबिन भगत’ सबकी आस्था के केंद्र थे। लेखक ने इस पाठ के माध्यम से वास्तविक साधुत्व का परिचय दिया है। उसके अनुसार गृहस्थी में रहते हुए भी व्यक्ति साधु हो सकता है। साधु की पहचान उसका पहनावा नहीं अपितु उसका व्यवहार है।

अपने नियमों पर दृढ़ रहना, निजी आवश्यकताओं को सीमित करना, सामाजिक कुरीतियों को दूर करने के लिए प्रयत्नशील होना तथा मोह-माया के जाल से दूर रहने वाला व्यक्ति ही साधु हो सकता है। बालगोबिन भगत भगवान के निराकार रूप को मानते थे। उनके अनुसार उनका जो कुछ भी है, वह मालिक की देन है; उस पर उसी का अधिकार है। इसलिए वे अपने खेतों की पैदावार कबीर मठ में पहुँचा देते थे।

बाद में प्रसाद के रूप में जो मिलता, उसी से अपना निर्वाह करते थे। उन्होंने अपने पुत्र की मृत्यु पर अपनी पुत्रवधू से सभी क्रिया-कर्म करवाए। वे समाज में प्रचलित मान्यताओं को नहीं मानते थे। उन्होंने पुत्रवधू को पुनर्विवाह के लिए उसके घर भेज दिया था। वे अपने निजी स्वार्थ के लिए कुछ नहीं करते थे। उनके सभी कार्य परहित में होते थे। वे अंत तक अपने बनाए नियमों में विश्वास करते हुए जीते रहे।

उन्होंने आत्मा के वास्तविक रूप को पहचान लिया था। वे कहते थे कि अंत में आत्मा का परमात्मा से मिलन हो जाता है, इसलिए उसका मोह व्यर्थ है। व्यक्ति को अपनी मुक्ति के लिए परमात्मा से प्रेम करना चाहिए। इस पाठ के माध्यम से लेखक लोगों को पाखंडी साधुओं से सचेत करना चाहता है। पाठ हमें बताता है कि वास्तविक साधु वही होते हैं, जो समाज के सामने उदाहरण प्रस्तुत करें और समाज को पुरानी सड़ी-गली परंपराओं से मुक्त करवाएँ।

JAC Class 10 Hindi Solutions Kshitij Chapter 11 बालगोबिन भगत

प्रश्न 2.
‘बालगोबिन भगत’ पाठ के आधार पर बालगोबिन भगत का चरित्र चित्रण कीजिए।
उत्तर :
बालगोबिन भगत लेखक ‘रामवृक्ष बेनीपुरी’ की इस कहानी का मुख्य पात्र है। बालगोबिन भगत का चरित्र-चित्रण कुछ प्रमुख बिंदुओं के आधार पर किया गया है –
परिचय – बालगोबिन भगत गृहस्थ होते हुए भी स्वभाव से साधु थे। उनकी आयु साठ वर्ष से ऊपर थी। उनकी पत्नी नहीं थी। परिवार में एक बीमार बेटा तथा उसकी पत्नी थी।

व्यक्तित्व – बालगोबिन भगत मँझोले कद के व्यक्ति थे। उनका रंग गोरा था। बाल सफ़ेद थे। वे लंबी दाढ़ी नहीं रखते थे। सफ़ेद बालों के कारण उनके चेहरे पर बहुत तेज़ था।

वेशभूषा – बालगोबिन भगत बहुत कम कपड़े पहनते थे। उनके अनुसार शरीर पर उतने ही कपड़े पहनने चाहिए, जितने शरीर पर आवश्यक हों। वे कमर पर एक लँगोटी पहनते थे और सिर पर कनफटी टोपी पहनते थे। सरदियों में वे काली कमली ओढ़ते थे। मस्तक पर रामानंदी चंदन का टीका होता था। वह टीका नाक से शुरू होकर ऊपर तक जाता था। गले में तुलसी की जड़ों की एक बेडौल माला होती थी।

व्यवसाय – बालगोबिन भगत का काम खेतीबाड़ी था। वे एक किसान थे। वे अपने खेत में धान की फसल उगाते थे।

कबीर के भक्त – बालगोबिन भगत गृहस्थ होते हुए भी साधु थे। उन्होंने अपने जीवन में कबीर का जीवन-वृत्त उतार रखा था। वे कबीर को अपना साहब मानते थे और उनकी शिक्षाओं पर अमल करते थे। उनके अनुसार उनका जो कुछ था, वह सब साहब (कबीर) की देन था।

मधुर गायक – बालगोबिन भगत एक मधुर गायक थे। उनका गीत सुनने वाला व्यक्ति अपनी सुध-बुध खोकर उसी में खो जाता था। वे कबीर के पद इस ढंग से गाते थे कि ऐसे लगता था, मानो सभी पद जीवित हो उठे हों। बालगोबिन भगत के संगीत का जादू सबको झूमने के लिए मजबूर कर देता था।

संतोषी वृत्ति के व्यक्ति – बालगोबिन भगत संतोषी वृत्ति के व्यक्ति थे। उनकी निजी आवश्यकताएँ सीमित थीं। उनके खेत में जो पैदावार होती थी, वे उसे कबीर के मठ में पहुँचा देते थे। वहाँ से जो प्रसाद के रूप में मिलता था, उसी में अपनी गहस्थी का निर्वाह करते थे।

परमात्मा से प्रेम – बालगोबिन भगत भगवान के निराकार रूप को मानते थे। उनके अनुसार आत्मा की मुक्ति के लिए परमात्मा से प्रेम करना चाहिए। उन्होंने मृत्यु की यह सच्चाई जान ली थी कि अंत में शरीर में से आत्मा निकलकर परमात्मा में मिल जाती है। इसलिए परमात्मा से प्रेम करना चाहिए।

मोहमाया से दूर – बालगोबिन भगत मोहमाया से दूर थे। उन्हें केवल परमात्मा से प्रेम था। वे मोहमाया के किसी भी बंधन में नहीं बँधते थे। जब उनके इकलौते बेटे की मृत्यु हुई, तो उन्होंने शोक मनाने की अपेक्षा उसे आनंद मनाने का अवसर माना। इस दिन उनके बेटे की आत्मा शरीर से मुक्त होकर परमात्मा से मिल गई थी। उन्होंने बेटे की मृत्यु के पश्चात उसकी पत्नी को भी उसके घर भेज दिया था, ताकि वह पुनर्विवाह कर सके। वे किसी प्रकार के मोह में नहीं पड़ना चाहते थे।

नियमों पर दृढ़ – बालगोबिन भगत अपने बनाए नियमों पर दृढ़ थे। वे किसी से बिना पूछे उसकी वस्तु व्यवहार में लाना तो दूर, छूते भी नहीं थे। गंगा-स्नान जाते समय मार्ग में कुछ भी नहीं खाते थे। उन्हें आने-जाने में चार-पाँच दिन लग जाते थे। वे अपनी दिनचर्या का पालन बीमारी में भी नियमपूर्वक करते रहे।

सामाजिक परंपराओं के विरोधी – बालगोबिन भगत सामाजिक परंपराओं के विरोधी थे। उन्होंने अपने बेटे की मृत्यु के सभी क्रिया-कर्म अपनी पुत्रवधू से करवाए थे। उन्होंने अपनी पुत्रवधू को पुनर्विवाह के लिए मजबूर किया था। वे उसे अपने पास रखकर उसके मन को मरता हुआ नहीं देख सकते थे। वे ऐसी सामाजिक मान्यताएँ नहीं मानते थे, जो किसी को दुख दें। बालगोबिन का चरित्र उनके साधुत्व को प्रकट करता है।

JAC Class 10 Hindi Solutions Kshitij Chapter 11 बालगोबिन भगत

प्रश्न 3.
बचपन में लेखक पक्का ब्राह्मण बनने के लिए क्या करता था?
उत्तर :
बचपन में लेखक को स्वयं पर बहुत गर्व था, क्योंकि वह एक ब्राह्मण था। ब्राह्मण ही ब्रह्म को जानता है, यह सोचकर लेखक भी पक्का ब्राह्मण बनने के लिए ब्रह्म को जानना चाहता था। इसलिए वह संध्या करता, गायत्री का जाप करता, धूप-हवन करता तथा चंदन का तिलक लगाता था। लेखक उन सभी क्रियाओं में बढ़-चढ़कर भाग लेता, जिससे उसका ब्राह्मणत्व सिद्ध हो। उसने अपने ब्राह्मणत्व में गाँव के कई ऐसे लोगों के पैर छूने भी छोड़ दिए थे, जो ब्राह्मण नहीं थे।

प्रश्न 4.
बालगोबिन भगत की पहचान लिखिए।
उत्तर :
बालगोबिन भगत मँझले कद के व्यक्ति थे। उनका रंग गोरा था। उनकी उम्र साठ वर्ष की थी। बाल पक गए थे। वे दाढी या जटा नहीं रखते थे। उनका चेहरा सदा सफ़ेद बालों से चमकता रहता था। वे शरीर पर उतने ही कपड़े पहनते थे, जितने शरीर को ढकने के लिए – आवश्यक थे। कमर में एक लँगोटी बाँधते थे और सिर कबीर-पंथी कनफटी टोपी पहनते थे। सरदियों में एक काली कमली ओढ़ते थे। माथे पर रामानंदी चंदन का टीका होता था, जिसे वह नाक से शुरू करके ऊपर तक लगाते थे। गले में तुलसी की जड़ों की माला पहनते थे। उनके साधारण पहनावे में भी लोगों को आकर्षित करने की शक्ति थी।

प्रश्न 5.
बालगोबिन भगत किसके पद गाते थे?
उत्तर :
बालगोबिन भगत कबीर को बहुत मानते थे। वे सबकुछ उनकी देन मानते थे। वे कबीर के पद गाते थे। उनके गाने का ढंग ऐसा था कि सीधे-सादे पदों में भी जान आ जाती थी।

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प्रश्न 6.
कार्तिक मास से फाल्गुन मास तक बालगोबिन भगत सुबह के समय क्या करते थे?
उत्तर :
कार्तिक मास में बालगोबिन भगत की प्रभाती शुरू हो जाती थी। यह प्रभाती कार्तिक मास से शुरू होकर फाल्गुन मास तक चलती थी। वे सुबह अँधेरे में उठते और गाँव से दो मील दूर नदी पर स्नान करने जाते थे। वापसी में गाँव के पोखर के ऊँचे भिंडे पर बैठकर अपनी खजड़ी बजाते हुए गीत गाते थे। वे गीत गाते समय अपने आसपास के वातावरण को भूल जाते थे। उनमें माघ की सरदी में भी गीत गाते समय इतनी उत्तेजना आ जाती थी कि उन्हें पसीना आने लगता था, परंतु सुनने वालों का शरीर ठंड के कारण कँपकँपा रहा होता था।

प्रश्न 7.
बालगोबिन भगत की पुत्रवधू कैसी थी?
उत्तर :
बालगोबिन भगत का एक ही पुत्र था, जो दिमाग से कमज़ोर और बीमार था। बड़े होने पर उन्होंने अपने पुत्र की शादी की। उनकी पुत्रवधू बड़ी सुशील तथा सुघड़ थी। उसने घर का सारा प्रबंध सँभाल लिया था। पुत्रवधू के आने से भगत भी दुनियादारी से काफ़ी सीमा तक मुक्त हो गए थे। उसने पुत्र और पिता दोनों की सेवा की। वह ससुर को बुढ़ापे में अकेला छोड़कर पुनर्विवाह के पक्ष में नहीं थी।

प्रश्न 8.
पुत्र के मरने के पश्चात बालगोबिन भगत पुत्रवधू को उसके घर क्यों भेजना चाहते थे?
उत्तर :
बालगोबिन भगत ने पुत्र के श्राद्ध की अवधि पूरी होने के बाद अपनी पुत्रवधू को उसके घर भेज दिया था। उनकी जाति में पुनर्विवाह की अनुमति थी। वे अपने घर में जवान विधवा को नहीं रखना चाहते थे, क्योंकि उनके अनुसार व्यक्ति का अपने मन की भावनाओं पर नियंत्रण रखना आसान नहीं होता। उनकी पुत्रवधू जवान थी। वे नहीं चाहते थे कि वह उनके कारण अपने मन को मारकर उनके साथ रहे और यदि उससे कोई ऊँच-नीच हो गई, तो वे मुश्किल में पड़ जाएंगे। इसलिए उन्होंने उसे उसके घर भेज दिया।

प्रश्न 9.
बालगोबिन भगत का गंगा-स्नान पर जाते समय क्या नियम था?
उत्तर :
बालगोबिन भगत हर वर्ष गंगा-स्नान के लिए जाते थे। इस बहाने उन्हें संतों के दर्शन हो जाते थे। गंगा उनके गाँव से तीस कोस दूर थी। वहाँ जाने में चार-पाँच दिन लग जाते थे। वे गंगा-स्नान जाते समय अपने घर से ही खाकर चलते थे और वापस अपने घर पर आकर ही खाते थे। उनके अनुसार यदि वे साधु हैं, तो साधु को कहीं आते-जाते समय खाने की क्या आवश्यकता है और यदि वे गृहस्थ हैं, तो गृहस्थ के लिए भिक्षा माँगकर खाना अच्छा नहीं है। इसलिए वे दोनों कारणों से मार्ग में खाना नहीं खाते थे। मार्ग में प्यास लगने पर पानी अवश्य पीते थे।

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प्रश्न 10.
बालगोबिन भगत की मृत्यु किस प्रकार हुई?
उत्तर :
हर वर्ष की तरह बालगोबिन भगत गंगा-स्नान करने गए। अब वे बूढ़े हो गए थे, परंतु अपने नियम पर अडिग थे। वे पूरे रास्ते गाते-बजाते गए और कुछ नहीं खाया। जब वे गंगा-स्नान से लौटे, तो उनकी तबीयत खराब थी। धीरे-धीरे उनकी तबीयत बिगड़ने लगी, परंतु उन्होंने अपने नियम-व्रतों में ढील नहीं आने दी। वे अपने सभी दैनिक कार्य स्वयं करते थे। लोगों की आराम करने की सलाह को वे हँसी में टाल देते थे। एक शाम वे गीत गाकर सोए और उसी रात उनके जीवन की माला टूट गई। लोगों को सुबह पता चला कि बालगोबिन भगत नहीं रहे। उनकी मृत्यु उनके स्वभाव के अनुरूप हुई थी।

प्रश्न 11.
बालगोबिन अपना सर्वस्व किसे मानते थे?
उत्तर :
बालगोबिन भगत साधु थे और कबीर को ‘साहब’ मानते थे। वे उन्हीं के गीतों को गाते थे तथा उन्हीं के आदर्शों पर चलते थे। वे उन्हें ही अपना सर्वस्व मानते थे।

प्रश्न 12.
बालगोबिन भगत अपनी सभी चीज़ों को किसकी मानते थे?
उत्तर :
बालगोबिन भगत अपनी सभी चीज़ों को ‘साहब’ की मानते थे। जो कुछ भी खेत में पैदा होता था, वे उसे सिर पर लादकर चार कोस दूर साहब के दरबार में ले जाते थे।

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प्रश्न 13.
बालगोबिन भगत का संगीत जादू था, कैसे?
अथवा
बालगोबिन भगत के संगीत को जादू क्यों कहा गया है?
उत्तर :
इसमें कोई दो राय नहीं कि बालगोबिन भगत का संगीत जादू के समान था। जब वे गाना शुरू करते थे तब बच्चे, बूढ़े, जवान सभी झूमने लगते थे। उनके संगीत को सुनकर नारियों के होंठ काँप उठते थे। वे गुनगुनाने लगती थीं। रोपनी करने वालों की उँगलियाँ एक अजीब ही क्रम में चलने लगती थीं। इसलिए बालगोबिन भगत के संगीत को जादू कहा गया है।

पठित गद्याश पर आधारित बहुविकल्पी प्रश्न –

दिए गए गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के सही उत्तर वाले विकल्प चुनिए –
बेटे के क्रिया – कर्म में तूल नहीं किया; पतोहू से ही आग दिलाई उसकी। किंतु ज्योंही श्राद्ध की अवधि पूरी हो गई, पतोहू के भाई को बुलाकर उसके साथ कर दिया, यह आदेश देते हुए कि इसकी दूसरी शादी कर देना। इधर पतोहू रो-रोकर कहती-मैं चली जाऊँगी तो बुढ़ापे में कौन आपके लिए भोजन बनाएगा, बीमार पड़े, तो कौन एक चुल्लू पानी भी देगा? मैं पैर पड़ती हूँ, मुझे अपने चरणों से अलग नहीं कीजिए। लेकिन भगत का निर्णय अटल था। तू जा, नहीं तो मैं ही इस घर को छोड़कर चल दूंगा-यह थी उनकी आखिरी दलील और इस दलील के आगे बेचारी की क्या चलती?

(क) बेटे की चिता को अग्नि किसने दी?
(i) बालगोबिन भगत ने
(ii) पतोहू के भाई ने
(iii) पतोहू ने
(iv) पंडित ने
उत्तर :
(iii) पतोहू ने

(ख) श्राद्ध की अवधि के पूरा होते ही पतोहू को कहाँ भेजा दिया?
(i) सैर करने
(ii) माता के दर्शन करने
(iii) वनवास में
(iv) मायके
उत्तर :
(iv) मायके

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(ग) ‘बेटे के क्रिया-कर्म में तूल नहीं किया’ से क्या आशय है?
(i) आडंबरों से क्रिया-कर्म करना
(ii) जमकर दिखावा करना
(iii) साधारण ढंग से क्रिया-कर्म करना
(iv) क्रिया-कर्म के लिए अनेक ज्ञानी पंडित बुलाना
उत्तर :
(iii) साधारण ढंग से क्रिया-कर्म करना

(घ) पति के निधन के पश्चात पतोहू भगत को छोड़कर क्यों नहीं जाना चाहती थी?
(i) जायदाद और अन्न का लालच था।
(ii) उसका भाई उसे नहीं ले जाना चाहता था।
(iii) उसे अपने यौवन की चिंता थी।
(iv) ससुर भगत के बुढ़ापे की चिंता थी।
उत्तर :
(iv) ससुर भगत के बुढ़ापे की चिंता थी।

(ङ) पतोहू के भाई से उसकी दूसरी शादी रचाने के निर्देश में भगत की किस विचारधारा का परिचय मिलता है?
(i) सामाजिक व धार्मिक रूढ़ियों में विश्वास न रखना।
(ii) स्वार्थी होने का।
(iii) अपनी पतोहू को सम्मान देना।
(iv) रीति-रिवाजों का सख्ती से पालन करना।
उत्तर :
(i) सामाजिक व धार्मिक रूढ़ियों में विश्वास न रखना।

उच्च चिंतन क्षमताओं एवं अभिव्यक्ति पर आधारित बहुविकल्पी प्रश्न –

पाठ पर आधारित प्रश्नों को पढ़कर सही उत्तर वाले विकल्प चुनिए
(क) बालगोबिन भगत पाठ किस विधा में लिखा गया है?
(i) रेखाचित्र
(ii) संस्मरण
(iii) निबंध
(iv) नाटक
उत्तर :
(i) रेखाचित्र

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(ख) बेटे की मृत्यु पर बालगोबिन आनंद मनाने की बात क्यों कहते हैं?
(i) उनका बेटा ज्ञानी हो गया था।
(ii) क्योंकि उनके विचार से आत्मा-परमात्मा का एकाकार होता है।
(iii) क्योंकि उनका पुत्र झगड़ालू हो गया था।
(iv) क्योंकि वह मूक हो गया था।
उत्तर :
(ii) क्योंकि उनके विचार से आत्मा-परमात्मा का एकाकार होता है।

(ग) भगत किसे अपना साहब मानते थे?
(i) कबीर को
(ii) ईश्वर को
(iii) पक्षी को
(iv) वरुण को
उत्तर :
(i) कबीर को

(घ) बालगोबिन भगत की प्रभातफेरियाँ किस महीने से शुरू हो जाती थीं?
(i) चैत्र
(ii) वैशाख
(iii) पौष
(iv) कार्तिक
उत्तर :
(iv) कार्तिक

महत्वपूर्ण गद्यांशों के अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर –

1. न जाने वह कौन-सी प्रेरणा थी, जिसने मेरे ब्राह्मण का गर्वोन्नत सिर उस तेली के निकट झुका दिया था। जब-जब वह सामने आता, मैं झुककर उससे राम-राम किए बिना नहीं रहता। माना, वे मेरे बचपन के दिन थे, किंतु ब्राह्मणता उस समय सोलहो कला से मुझ पर सवार थी। दोनों शाम संध्या की जाती, गायत्री का जाप होता, धूप-हवन जलाए जाते, चंदन-तिलक किया जाता और इन सारी चेष्टाओं से ‘ब्रह्म’ को जानकर पक्का ‘ब्राह्मण’ बनने की कोशिशें होती-ब्रह्म जानाति ब्राह्मणः!

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर –

प्रश्न :
1. पाठ और लेखक का नाम लिखिए।
2. बचपन में लेखक की क्या दशा थी?
3. लेखक गर्वोन्नत क्यों था?
4. लेखक का सिर किसके सामने और क्यों झुक गया?
5. ब्राह्मणता का सोलह कलाओं में सवार होने से क्या तात्पर्य है?
6. ‘ब्रह्म जानाति ब्राह्मण’ का क्या अर्थ है ?
उत्तर :
1. पाठ-बालगोबिन भगत; लेखक-रामवृक्ष बेनीपुरी।

2. बचपन में लेखक ब्राह्मण धर्म के अनुसार पूजा-पाठ करता था। ब्राह्मण होने के कारण वह स्वयं को सबसे श्रेष्ठ मानता था। वह सुबह-शाम दोनों समय संध्या आदि करता था।

3. लेखक गर्वोन्नत इसलिए था, क्योंकि वह ब्राह्मण था। उसे ब्राह्मण द्वारा किए जाने वाले सभी कार्य; जैसे-पूजा-पाठ, संध्या, धूप-हवन करना, चंदन-तिलक लगाना आदि; सबकुछ आता था। इसलिए वह स्वयं को सबसे श्रेष्ठ समझकर गर्वोन्नत था।

4. लेखक का सिर बालगोबिन भगत के सामने झुक गया था। वह जब भी उन्हें देखता था, उन्हें झुककर राम-राम करता था। वह उनके गुणों के कारण उनसे प्रभावित था और उन्हें आदर-मान देता था। वे अत्यंत साधु प्रकृति के व्यक्ति थे।

5. इस कथन से तात्पर्य है कि लेखक स्वयं को पक्का ब्राह्मण समझता था। वह ब्राह्मण द्वारा किए गए सभी कार्य जैसे-पूजा-पाठ, संध्या, हवन आदि करता था। इस प्रकार वह स्वयं को इन साधनों के द्वारा ब्रह्म को जानने वाला पक्का ब्राह्मण समझता था।

6. जो ब्रह्म को जानता है, वह ब्राह्मण है।

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2. आसमान बादल से घिरा; धूप का नाम नहीं। ठंडी पुरवाई चल रही। ऐसे ही समय आपके कानों में एक स्वर-तरंग झंकार-सी कर उठी।
यह क्या है-यह कौन है! यह पूछना न पड़ेगा। बालगोबिन भगत समूचा शरीर कीचड़ में लिथड़े, अपने खेत में रोपनी कर रहे हैं। उनकी अँगुली एक-एक धान के पौधे को, पंक्तिबद्ध, खेत में बिठा रही है। उनका कंठ एक-एक शब्द को संगीत के जीने पर चढ़ाकर कुछ को ऊपर, स्वर्ग की ओर भेज रहा है और कुछ को इस पृथ्वी की मिट्टी पर खड़े लोगों के कानों की ओर! बच्चे खेलते हुए झूम उठते हैं; मेंड़ पर खड़ी औरतों के होंठ काँप उठते हैं, वे गुनगुनाने लगती हैं; हलवाहों के पैर ताल से उठने लगते हैं; रोपनी करनेवालों की अँगुलियाँ एक अजीब क्रम से चलने लगती हैं! बालगोबिन भगत का यह संगीत है या जादू!

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर –

प्रश्न :
1. लेखक ने किस अवसर का वर्णन किया है?
2. बालगोबिन भगत क्या कर रहे थे? अथवा बालगोबिन भगत अपने खेत में किसकी रोपनी कर रहे थे?
3. बालगोबिन भगत के कंठ से क्या निकल रहा था?
4. बालगोबिन भगत के संगीत का लोगों पर क्या प्रभाव पड़ रहा था?
उत्तर :
1. लेखक ने आषाढ़ के महीने में होने वाली रिमझिम वर्षा का वर्णन किया है। इस अवसर पर गाँव के सभी लोग अपने-अपने खेतों में हल चलाने अथवा रोपनी करने आ जाते हैं। आकाश बादलों से घिरा रहता है तथा ठंडी पुरवाई चलती रहती है।

2. बालगोबिन भगत पूरी तरह कीचड़ से सने हुए अपने खेत में रोपनी कर रहे थे। वे धान के पौधों को पंक्तिबद्ध रूप से खेत में रोप रहे थे।

3. बालगोबिन भगत अपने खेत में रोपनी करते हुए उच्च स्वर में मधुर-गीत गा रहे थे।

4. बालगोबिन का संगीत सुनकर खेलते हुए बच्चे झूमने लगते थे। उनका संगीत सुनकर स्त्रियाँ गुनगुनाने लगती थीं; हलवाहों के पैर ताल से उठते लगते थे। खेतों में रोपनी करने वाले भी मंत्रमुग्ध होकर क्रम से कार्य करने लगते थे। इस प्रकार बालगोबिन भगत का संगीत सब पर जादू-सा कर देता था।

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3. गरमियों में उनकी ‘संझा’ कितनी उमसभरी शाम को न शीतल करती! अपने घर के आँगन में आसन जमा बैठते। गाँव के उनके कुछ प्रेमी भी जुट जाते। खजड़ियों और करतालों की भरमार हो जाती। एक पद बालगोबिन भगत कह जाते, उनकी प्रेमी-मंडली उसे दहराती, तिहराती। धीरे-धीरे स्वर ऊँचा होने लगता-एक निश्चित ताल, एक निश्चित गति से। उस ताल-स्वर के चढ़ाव के साथ श्रोताओं के मन भी ऊपर उठने लगते। धीरे-धीरे मन तन पर हावी हो जाता। होते-होते, एक क्षण ऐसा आता कि बीच में खजड़ी लिए बालगोबिन भगत नाच रहे हैं और उनके साथ ही सबके तन और मन नृत्यशील हो उठे हैं। सारा आँगन नृत्य और संगीत से ओतप्रोत है!

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर –

प्रश्न :
1. गरमियों की संध्या में बालगोबिन भगत क्या करते थे?
2. प्रेमी-मंडली किनकी थी और उसका क्या काम था?
3. ‘मन तन पर हावी हो जाता’ से क्या आशय है?
4. होते-होते कौन-सा क्षण आ जाता था?
उत्तर :
1. बालगोबिन भगत अपने संगीत के स्वरों के द्वारा गरमियों की उमस भरी संध्या को शीतल कर देते थे। वे अपने आँगन में संगीत-प्रेमी मित्रों के साथ संगीत की सभा जुटा लेते थे। वे गाते थे तथा अन्य उसे दोहराते थे।

2. प्रेमी-मंडली उन संगीत-प्रेमी लोगों की मंडली थी, जो बालगोबिन भगत के घर गरमियों की उमस भरी शाम के समय खंजड़ियाँ और करताल बजाकर उनके गाए पदों को दोहराते थे तथा वातावरण में उमस के स्थान पर शीतलता भर देते थे।

3. इस कथन का आशय है कि बालगोबिन भगत के गाए हुए पदों को दोहराते समय लोग इतने मग्न हो जाते थे कि वे अपने तन की सुध भूलकर मन से भक्ति रस में डूब जाते थे। उन्हें दीन-दुनिया की सुध नहीं रहती थी। वे मनोलोक में विचरण करने लगते थे।

4. इस प्रकार भक्ति-रस में लीन होकर वह क्षण आ जाता था, जब बालगोबिन भगत भावविभोर होकर खजड़ी बजाते हुए नाचने लगते थे तथा उनकी प्रेमी-मंडली के सदस्य भी उनके चारों ओर घेरा बनाकर नाचते थे। ऐसे समय में सारा वातावरण संगीत की ताल पर नाचता हुआ लगता था।

4. बेटे को आँगन में एक चटाई पर लिटाकर एक सफ़ेद कपड़े से ढाँक रखा है। वह कुछ फूल तो हमेशा ही रोपे रहते, उन फूलों में से कुछ तोड़कर उस पर बिखरा दिए हैं; फूल और तुलसीदल भी। सिरहाने एक चिराग जला रखा है। और, उसके सामने ज़मीन पर ही आसन जमाए गीत गाए चले जा रहे हैं! वही पुराना स्वर, वही पुरानी तल्लीनता। घर में पतोहू रो रही है, जिसे गाँव की स्त्रियाँ चुप कराने की कोशिश कर रही हैं।

किंतु, बालगोबिन भगत गाए जा रहे हैं! हाँ, गाते-गाते कभी-कभी पतोहू के नज़दीक भी जाते और उसे रोने के बदले उत्सव मनाने को कहते। आत्मा परमात्मा के पास चली गई, विरहिनी अपने प्रेमी से जा मिली, भला इससे बढ़कर आनंद की कौन बात? मैं कभी-कभी सोचता, यह पागल तो नहीं हो गए। किंतु नहीं, वह जो कुछ कह रहे थे उसमें उनका विश्वास बोल रहा था-वह चरम विश्वास जो हमेशा ही मृत्यु पर विजयी होता आया है।

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अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर –

प्रश्न :
1. बेटे की मृत्यु पर बालगोबिन ने क्या किया?
2. बेटे की मृत-देह के पास बालगोबिन क्या करने लगे?
3. अपनी पतोहू को बालगोबिन ने क्या समझाया ?
4. आत्मा के संबंध में बालगोबिन के क्या विचार थे ?
5. लेखक बालगोबिन के संबंध में क्या सोचता था और क्यों?
उत्तर :
1. बालगोबिन के बेटे की बीमारी से मृत्यु हो गई थी। उन्होंने मृत बेटे को घर के आँगन में एक चटाई पर लिटाकर उसे एक सफ़ेद कपड़े से ढक दिया था। उन्होंने उस पर कुछ फूल और तुलसीदल बिखेर दिए थे और उसके सिरहाने दीपक जला दिया था।

2. वे अपने बेटे की मृत देह के सामने ज़मीन पर बैठकर गीत गाने लगे।

3. उन्होंने अपनी पतोहू को रोने से मना किया और कहा, कि आज रोने का नही, बल्कि उत्सव मनाने का दिन है, क्योंकि उसके पति की आत्मा अब परमात्मा से मिल गई है।

4. बालगोबिन का विचार था कि मरने के बाद आत्मा परमात्मा में जाकर लीन हो जाती है। परमात्मा रूपी प्रियतम के वियोग में भटकती हुई आत्मा मृत्यु के बाद अपने प्रिय से जा मिलती है।

5. लेखक को लगता था कि कहीं बालगोबिन पागल तो नहीं हो गए, क्योंकि वे अपने एकमात्र पुत्र की मृत्यु पर शोक की बजाय आनंद मना रहे हैं तथा अपनी पतोहू को भी रोने के स्थान पर उत्सव मनाने के लिए कह रहे हैं। उन्हें मृत्यु आनंद मनाने का अवसर लगता है।

5. बेटे के क्रिया-कर्म में तूल नहीं किया; पतोहू से ही आग दिलाई उसकी। किंतु ज्योंही श्राद्ध की अवधि पूरी हो गई, पतोहू के भाई को बुलाकर उसके साथ कर दिया, यह आदेश देते हुए कि इसकी दूसरी शादी कर देना। उनकी जाति में पुनर्विवाह कोई नई बात नहीं, किंतु पतोहू का आग्रह था कि वह यहीं रहकर भगतजी की सेवा-बंदगी में अपने वैधव्य के दिन गुज़ार देगी।

लेकिन, भगतजी का कहना थानहीं, यह अभी जवान है, वासनाओं पर बरबस काबू रखने की उम्र नहीं है इसकी। मन मतंग है, कहीं इसने गलती से नीच-ऊँच में पैर रख दिए तो। नहीं-नहीं, तू जा। इधर पतोहू रो-रोकर कहती-मैं चली जाऊँगी तो बुढ़ापे में कौन आपके लिए भोजन बनाएगा, बीमार पड़े, तो कौन एक चुल्लू पानी भी देगा? मैं पैर पड़ती हूँ, मुझे अपने चरणों से अलग नहीं कीजिए! लेकिन भगत का निर्णय अटल था।

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अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर –

प्रश्न :
1. बालगोबिन भगत ने बेटे का क्रिया-कर्म कैसे किया?
2. पतोहू के लिए बालगोबिन ने क्या प्रबंध किया?
3. पतोहू क्या चाहती थी और क्यों?
4. बालगोबिन पतोहू का पुनर्विवाह क्यों करना चाहते थे?
5. ‘भगत का निर्णय अटल था’-इससे भगत के चरित्र की किस विशेषता का बोध होता है?
उत्तर :
1. बालगोबिन भगत ने अपने बेटे के क्रिया-कर्म में कोई आडंबर नहीं किया। उन्होंने अपने बेटे की चिता में अपनी पतोहू से आग दिलाई।

2. श्राद्ध का समय समाप्त होते ही उन्होंने पतोहू के भाई को बुलाया और उसे अपनी बहन को साथ ले जाने के लिए कहा। उन्होंने उसके भाई को यह भी कहा कि अपनी बहन का दूसरा विवाह कर देना।

3. बालगोबिन भगत की पतोहू अपने भाई के साथ नहीं जाना चाहती थी; वह दूसरा विवाह भी नहीं करना चाहती थी। वह यहीं रहकर भगत जी की सेवा करना चाहती थी। वह उन्हें बुढ़ापे में बेसहारा छोड़कर नहीं जाना चाहती। वह उनके लिए खाना बनाना, बीमारी में देखभाल करना आदि कार्य करना चाहती थी।

4. बालगोबिन भगत के अनुसार पतोहू अभी जवान थी। उसके सामने सारा जीवन था, वह अकेले नहीं चल पाएगी। मनुष्य का मन चंचल होता है। वह भी कभी भटक सकती थी। इन सब बुराइयों से बचने के लिए ही वे अपनी पतोहू का विवाह कर देना चाहते थे।

5. इस कथन से भगत के चरित्र की दृढ़ता का पता चलता है कि वे अपनी कही हुई बात पर सदा अटल रहते थे। उनकी कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं था। इसलिए वे अपनी पतोहू के तर्कों को नहीं मानते और उसे उसके भाई के साथ भेज देते हैं, जिससे वह उसका पुनर्विवाह करवा सके।

बालगोबिन भगत Summary in Hindi

लेखक-परिचय :

जीवन – आधुनिक युग के निबंधकारों में श्री रामवृक्ष बेनीपुरी का महत्वपूर्ण स्थान है। इनका जन्म मुजफ्फरपुर जिले (बिहार) के बेनीपुर गाँव में सन 1899 ई० में हुआ। बचपन में ही इनके सिर से माता-पिता की छाया उठ गई थी। सन 1920 में गांधीजी के नेतृत्व में असहयोग आंदोलन प्रारंभ होने पर ये अध्ययन छोड़कर राष्ट्र-सेवा में लग गए। गांधीजी के दर्शन में इनकी विशेष आस्था थी। ‘रामचरितमानस’ के पठन-पाठन ने इन्हें साहित्य की ओर प्रेरित किया। स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भाग लेने के कारण इन्हें अनेक बार जेल की यातनाएँ सहन करनी पड़ी। सन 1968 ई० में इनका देहावसान हो गया।

रचनाएँ – पंद्रह वर्ष की अवस्था से ही ये पत्र-पत्रिकाओं के लिए लिखने लग गए थे। इन्होंने ‘बालक’, ‘तरुण भारत’, ‘किसान मित्र’, ‘नयी धारा’ आदि अनेक पत्र-पत्रिकाओं का संपादन किया। उपन्यास, नाटक, कहानी, यात्रा-विवरण, संस्मरण, निबंध आदि लगभग सभी गद्य विधाओं में बेनीपुरी जी की अनेक कृतियाँ प्रकाशित हो चुकी हैं। इनका पूरा साहित्य ‘बेनीपुरी रचनावली’ के आठ खंडों में प्रकाशित हुआ है। ‘पतितों के देश में’ (उपन्यास); ‘चिता के फूल’ (कहानी); ‘माटी की मूरतें’, ‘नेत्रदान’ तथा ‘मन और विजेता’ (रेखाचित्र); अंबपाली’ (नाटक); ‘गेहूँ और गुलाब’ (निबंध और रेखाचित्र); ‘पैरों में पंख बाँधकर’ (यात्रा विवरण); ‘जंजीरें और दीवारें’ (संस्मरण) आदि इनकी प्रसिद्ध रचनाएँ हैं।

भाषा-शैली – इनकी भाषा ओजपूर्ण तथा सशक्त है। इसमें प्रांतीय शब्दों का प्रयोग भी हुआ है। इन्होंने खड़ी बोली के परिष्टत रूप का प्रयोग किया है। इन्होंने सामान्य बोलचाल के शब्दों में तत्सम शब्दावली का सुंदर प्रयोग किया है। बाक्य रचना स्वाभाविक है। ‘बालगोबिन भगत’ इनके द्वारा रचित रेखाचित्र है, जिसमें लेखक ने एक ऐसे चरित्र का उद्घाटन किया है जो अपनले का लोकनायक है।

उसने रूढ़ियों से ग्रस्त समाज से टक्कर लेकर अपने युग में सर्वत्र क्रांतिकारी पग उठाए हैं। अपने पुराना को अपनी मोह से अग्नि दिलवाई और उसे पुनर्विवाह करने के लिए कहा। इस रेखाचित्र में मनोवृत्ति, मात्र, कंठ, अकस्मात, आपल जैसे तत्सप्प शब्दों के साथ-साथ लँगोटी, जाड़ा, तूल, खजड़ी, पियवा, रोपनी आदि देशज शब्दों का भी खुलकर प्रयोग किया है।

इनकी शैली भावपूर्ण, चित्रात्मक, विचारपूर्ण तथा कहीं-कहीं वर्णनात्मक हो गई है। कहीं-कहीं काव्यात्मक शैली के भी दर्शन होते हैं। जैसे… उनका यह गाना अँधेरे में अकस्मात कौंध उठने वाली बिजली की तरह किसे न चौंका देता?’ आषाढ़ के आगमन का वर्णन अत्यंत ही सजीवता लिए हुए है। जैसे – ‘आषाढ़ की रिमझिम है। समूचा गाँव खेतों में उतर पड़ा है। कहीं हल चल रहे हैं; कहीं रोपनी हो रही है। धान के पानी-भरे खेतों में बच्चे उछल रहे हैं। औरतें कलेवा लेकर मेंड़ पर बैठी हैं। आसमान बादलों से घिरा, धूप का नाम नहीं। ठंडी पुरवाई चल रही है।’

JAC Class 10 Hindi Solutions Kshitij Chapter 11 बालगोबिन भगत

पाठ का सार :

‘बालगोबिन भगत’ के लेखक रामवृक्ष बेनीपुरी हैं। इस रेखाचित्र के माध्यम से उन्होंने एक ऐसे संन्यासी का वर्णन किया है, जो वेशभूषा या बाह्य-आडंबरों से संन्यासी नहीं लगता था। लेखक के अनुसार उसके संन्यासी होने का आधार मानवीय जीवन के प्रति प्रेम था। वह वर्ण-व्यवस्था और सामाजिक रूढ़ियों का विरोधी था। इस रेखाचित्र के माध्यम से हमें ग्रामीण जीवन की झलक देखने को मिलती है।

लेखक बचपन में स्वयं को पक्का ब्राह्मण मानता था। वह ब्राह्मण की पहचान करवाने वाली सभी क्रियाएँ करता था। वह इस बात पर विश्वास करता था कि ब्रह्म का ज्ञाता केवल ब्राह्मण होता है। लेकिन एक तेली के आगे लेखक का गर्व से ऊँचा सिर स्वयं ही झुक जाता था। हमारे समाज में तेली का यात्रा के समय मिलना अच्छा नहीं समझा जाता। बालगोबिन भगत साठ वर्ष के मँझोले कद के गोरे-चिट्ठे भी व्यक्ति थे। वे केवल कमर में एक लँगोटी तथा कबीरपंथियों वाली कनपटी टोपी पहनते थे।

सरदियों में एक काली कमली ओढ़ते थे। मस्तक पर रामानंदी चंदन का टीका तथा गले में तुलसी की जड़ों की माला पहनते थे। बालगोबिन एक गृहस्थ व्यक्ति थे। उनके बेटा-बहू थे। वे खेती-बाड़ी का काम करते थे। बालगोबिन गृहस्थ होते हुए भी साधु थे। वे ‘कबीर’ की मान्यताओं को बहुत मानते थे। उन्हीं के गीतों को गाते थे। वे ‘कबीर’ को ‘साहब’ मानते थे। ‘कबीर की मान्यताओं के अनुसार वे न कभी झूठ बोलते थे, न किसी की चीज़ को हाथ लगाते थे और न ही बिना पूछे व्यवहार में लाते थे।

उनकी हर चीज पर ‘साहब’ का अधिकार था। वे अपने खेत की पैदावार को सिर पर रख ‘कबीर’ के मठ पर जाते। उस पैदावार को भेट-स्वरूप चढ़ाते और जो कुछ प्रसाद के रूप में मिलता उसी में गुजारा करते थे। लेखक बालगोबिन भगत के गायन पर मुग्ध था। उनका गायन सदा सबको सुनने को मिलता था। आषाढ़ आते ही खेतों में धान की रोपाई शुरू हो जाती थी। पूरे गाँव के आदमी, औरतें और बच्चे खेतों में दिखाई देते थे। खेतों में रोपाई करते समय हर किसी के कानों में गाने का स्वर गूंजता रहता था।

इसका कारण यह था कि बालगोबिन रोपाई करते समय गाना गाते थे। उनके कंठ से निकला एक-एक शब्द ऐसा लगता था, जैसे कुछ ऊपर स्वर्ग की ओर तो कुछ पृथ्वी की मिट्टी पर खड़े लोगों के कानों में जा रहे हैं। उनके संगीत से सारा वातावरण संगीतमय हो जाता था। सभी लोग एक ताल में एक क्रम में काम करने लगते थे। वे भादों की अँधेरी रातों में पिया के प्यार के गीत गाते थे। इन गीतों के अनुसार पिया साथ होते हुए भी प्रियतमा अपने को अकेली समझती है, इसलिए बिजली की चमक से चौंक उठती है।

जब सारा संसार सो रहा होता था, उस समय बालगोबिन का संगीत जाग रहा होता था। बालगोबिन कार्तिक से फागुन तक प्रभाती गाया करते थे। वे सुबह अँधेरे में उठकर, दो मील चलकर नदी-स्नान करते थे। वापसी में गाँव के बाहर पोखरे पर वे अपनी खजड़ी लेकर बैठ जाते और गीत गाने लगते थे। लेखक को देर तक सोने की आदत थी, परंतु एक दिन उसकी आँख जल्दी खुल गई। वे माघ के दिन थे। बालगोबिन का संगीत लेखक को गाँव के बाहर पोखर पर ले गया।

वे अपने संगीत में बहुत मस्त थे। उनके माथे पर पसीने की बूंदें चमक रही थीं, लेकिन लेखक ठंड के मारे काँप रहा था। गरमियों में उमसभरी शाम को वे अपने गीतों से शीतल कर देते थे। उनके गीत लोगों के मन से होते हुए तन पर हावी हो जाते थे। वे भी बालगोबिन की तरह मस्ती में नाचने लगते थे। उनके घर का आँगन संगीत-भक्ति से ओत-प्रोत हो जाता था। सब लोगों ने बालगोबिन भगत की संगीत-साधना की चरम-सीमा उस दिन देखी, जिस दिन उनका इकलौता बेटा मरा था।

उनका बेटा दिमागी तौर पर सुस्त था। बालगोबिन उस पर अधिक ध्यान देते थे। उनके अनुसार ऐसे लोगों को अधिक-देखभाल और प्यार की आवश्यकता होती है। उनके बेटे की बहू बहुत सुघड़ और सुशील थी। उसने आते ही घर के सारे काम को सँभाल लिया था। उसने बालगोबिन भगत को दुनियादारी से काफी सीमा तक मुक्त कर दिया था। जिस दिन बालगोबिन का लड़का मरा, सारा गाँव उसके घर इकट्ठा हो गया। बालगोबिन को देखकर सभी लोग हैरान थे। उन्होंने अपने बेटे को आँगन में चटाई पर लिटा रखा था। उस पर सफ़ेद कपड़ा दे रखा था।

कुछ फूल और तुलसी के पत्ते उस पर बिखेर रखे थे। पास में ही वे आसन पर बैठे गीत गा रहे थे। कमरे में उनकी पुत्रवधू बैठी रो रही थी। वे बीचबीच में उसे चुप करवाते और कहते कि उसे रोना नहीं चाहिए। यह समय तो उत्सव मनाने का है। उनके बेटे की आत्मा परमात्मा में मिल गई है। आज प्रियतमा का अपने पिया से मिलन हो गया है। यह तो आनंद की बात है। लेखक को लग रहा था कि वे पागल हो गए हैं। उन्होंने अपने बेटे का क्रिया-कर्म अपने बेटे की बहू से करवाया था।

श्राद्ध की अवधि पूरी होने पर उन्होंने बहू को उसके घर भेज दिया। उन्होंने उसके घरवालों को उसकी दूसरी शादी करवाने का आदेश दिया। बहू ने उनकी बात मानने से इनकार कर दिया। वह उनके पास रहकर उनकी सेवा करना चाहती थी। उसे इस बात की बहुत चिंता थी कि बुढ़ापे में उनका ध्यान कौन रखेगा। लेकिन बालगोबिन भगत अपने कारण बहू का जीवन खराब नहीं करना चाहते थे और वे जवानी में संन्यास लेने के विरुद्ध थे।

इसलिए उन्होंने उसे घर छोड़ने की धमकी दी कि यदि वह अपने पिता के घर नहीं गई, तो वे घर छोड़कर चले जाएंगे। उनकी यह बात सुनकर बहू अपने घर चली गई। बालगोबिन भगत के स्वभाव के अनुरूप ही उनकी मृत्यु हुई। वे प्रतिवर्ष पैदल ही गंगा-स्नान के लिए जाते थे। गंगा-स्नान के बहाने वे संतों से मिलते थे। गंगा उनके गाँव से तीस कोस दूर थी। वे घर से ही खा-पीकर चलते थे और लौटकर घर पर ही आकर खाते थे। रास्ते भर । वे गाते-बजाते जाते थे। उनको आने-जाने में चार दिन लग जाते थे।

अब वे बूढ़े हो गए थे, लेकिन उनका लंबा उपवास और गायन लगातार चलता था। इस बार वे गंगा-स्नान से लौटकर आए, तो उनकी तबीयत खराब थी। बुखार में भी नियम-व्रत नहीं तोड़े। लोगों ने उन्हें सबकुछ छोड़कर आराम करने के लिए कहा, परंतु वे हँसकर टाल देते थे। एक दिन उन्होंने संध्या को गीत गाए, लेकिन रात को जीवन की माला का धागा टूट गया। लोगों को सुबह बालगोबिन भगत के गीतों का स्वर सुनाई नहीं दिया, तो उन्होंने देखा कि उनके शरीर से आत्मा निकलकर : परमात्मा से मिल गई थी।

JAC Class 10 Hindi Solutions Kshitij Chapter 11 बालगोबिन भगत

कठिन शब्दों के अर्थ :

गर्वोन्नत – गर्व से ऊँचा। सोलहो कला – पूरी तरह से। खामखाह – बेवजह। कौंध – चमक। मँझोला – न बहुत बड़ा न बहुत छोटा। चरम उत्कर्ष – बहुत ऊँचाई पर। कमली – कंबल, गर्म कपड़ा। पतोहू – पुत्रवधू/ पुत्र की स्त्री। रोपनी – धान की रोपाई। कलेवा – सवेरे का नाश्ता। पुरवाई – पूर्व की ओर से बहने वाली हवा। अधरतिया – आधी रात। खजड़ी – ढफली के आकार का छोटा वाद्य-यंत्र। निस्तब्धता – सन्नाटा। प्रभाती – प्रातःकाल गाया जाने वाला गीत। लोही – प्रात:काल की लालिमा। कुहासा – कोहरा, धुंध। आवृत – ढका हुआ। कुष्टा – एक प्रकार की नुकीली घास। बोदा – कम बुद्धि वाला। मतंग – बादल, मेघ। संबल – सहारा।

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 3 मानव विकास

Jharkhand Board JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 3 मानव विकास Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 12 Geography Solutions Chapter 3 मानव विकास

बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)

नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए-

1. मानव विकास सूचकांक (2011) के सन्दर्भ में विश्व के देशों में भारत की निम्नलिखित में से कौन-सी कोटि थी?
(क) 126
(ग) 128
(ख) 127
(घ) 134.
उत्तर:
(घ) 134.

2. मानव विकास सूचकांक में भारत के निम्नलिखित राज्यों से किस एक राज्य की कोटि उच्चतम है?
(क) तमिलनाडु
(ग) केरल
(ख) पंजाब
(घ) हरियाणा।
उत्तर:
(ग) केरल।

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 3 मानव विकास

3. भारत के निम्नलिखित राज्यों में से किस एक में स्त्री साक्षरता निम्नतम है?
(क) जम्मू और कश्मीर
(ग) झारखण्ड
(ख) अरुणाचल प्रदेश
(घ) बिहार।
उत्तर:
(घ) बिहार।

4. भारत के निम्नलिखित राज्यों में से किस एक में 0-6 आयु वर्ग के बच्चों में लिंग अनुपात निम्नतम है?
(क) गुजरात
(ग) पंजाब
(ख) हरियाणा
(घ) हिमाचल प्रदेश।
उत्तर;
(ख) हरियाणा।

5. भारत के निम्नलिखित केन्द्र-शासित प्रदेशों में से किस एक की साक्षरता दर उच्चतम है?
(क) लक्षद्वीप
(ग) दमन और दीव
(ख) चण्डीगढ़
(घ) अण्डमान और निकोबार द्वीप।
उत्तर:
(क) लक्षद्वीप

अति लघु आरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर लगभग 30 शब्दों में दो

प्रश्न 1.
मानव विकास को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
मानव विकास, स्वस्थ भौतिक पर्यावरण से लेकर आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक स्वतन्त्रता तक सभी प्रकार के मानव विकल्पों को सम्मिलित करते हुए लोगों के विकल्पों में विस्तार और उनके शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं तथा सशक्तिकरण के अवसरों में वृद्धि की प्रक्रिया है।

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 3 मानव विकास

प्रश्न 2.
उत्तरी भारत के अधिकांश राज्यों में मानव विकास के निम्न स्तरों के दो कारण बताइए।
उत्तर:
उत्तरी भारत के राज्यों में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, उड़ीसा, मध्य प्रदेश, असम आदि में मानव विकास सूचकांक 0.5 से कम है। इन राज्यों में प्रति व्यक्ति आय 2000 रु० से प्रतिवर्ष से कम है। यहां उपभोग की वस्तुओं पर व्यय भी अधिक है। यह व्यय 520 रु० प्रति व्यक्ति प्रति माह है। यहां बेरोज़गारी जैसी आर्थिक समस्याएं निम्न स्तर के विकास का कारण है।

प्रश्न 3.
भारत के बच्चों में घटते लिंगानुपात के दो कारण बताओ।
उत्तर:
भारत में मुख्यतः स्त्री लिंगानुपात लगातार घट रहा है। 0-6 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों में प्रति हज़ार लिंगानुपात घट रहा है। यह दर 800 बालिकाओं का प्रति हज़ार से नीचे है। इसके लिए सामाजिक दृष्टिकोण उत्तरदायी है। इसके लिए लिंग निर्धारण की वैज्ञानिक विधियां भी उत्तरदायी हैं। समाज में पुरुषों को अधिक महत्त्व है। इसलिए स्त्रियों की स्वास्थ्य तथा शिक्षा की उपेक्षा की जाती है।

लघुउचरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दो

प्रश्न 1.
भारत में 2001 के स्त्री साक्षरता के स्थानिक प्रारूपों की विवेचना कीजिए और इसके लिए उत्तरदायी कारणों को समझाइए।
उत्तर:
भारत के राज्यों में स्त्री साक्षरता दर में व्यापक प्रादेशिक असमानता पाई जाती है भारत में औसत स्त्री साक्षरता दर 74% है जो काफ़ी कम है।
1. उच्च स्त्री साक्षरता दर वाले प्रदेश–केरल राज्य में सर्वाधिक स्त्री साक्षरता दर 87.86% है। अन्य राज्य है मिज़ोरम (86.13%), लक्षद्वीप (81.56), गोवा (75.51%), चण्डीगढ़ (76.65%), अण्डमान निकोबार (75.29%)।

2. मध्य साक्षरता वाले राज्य (60%-75% तक)-पश्चिम बंगाल, उत्तराखण्ड, त्रिपुरा, सिक्किम, पंजाब पांडिचेरी, नागालैण्ड, मेघालय, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश।

3. निम्न साक्षरता दर वाले राज्य (60% से कम)-सबसे कम साक्षरता दर बिहार (33.57%) है। अन्य राज्य हैं आन्ध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, दादरा, नगर हवेली, गुजरात, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, झारखण्ड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मणिपुर, उड़ीसा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश। स्पष्ट है कि दक्षिणी भारत के राज्यों में महिला साक्षरता राष्ट्रीय औसत से ऊंची है। ये भिन्नताएं कई कारणों से हैंग्रामीण क्षेत्रों में, स्त्रियों में, अनुसूचित जातियों में, अनुसूचित जन-जातियों में, कृषि मजदूरों में साक्षरता दर कम है।

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 3 मानव विकास

प्रश्न 2.
भारत 15 प्रमुख राज्यों में मानव विकास के स्तरों में किन कारकों से स्थानिक भिन्नता उत्पन्न की है?
उत्तर:
भारत विश्व के 172 देशों में मानव विकास में 126वें स्थान पर है। इसके मूल्य के आधार पर यह मध्यम वर्ग के देशों में है। भारत में केरल राज्य में (0.638) सूचकांक मूल्य सर्वाधिक है। अन्य राज्यों में मूल्य निम्नलिखित हैं पंजाब (0.537), तमिलनाडु (0.531), महाराष्ट्र (0.523), हरियाणा (0.509)। इन राज्यों के विपरीत कम मूल्य वाले राज्य हैं बिहार (0.367), असम (0.386), उत्तर प्रदेश (0.388), मध्य प्रदेश (0.394), उड़ीसा (0.404)। इन विभिन्नताओं के लिए कई सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक कारक उत्तरदायी हैं।

  1. अधिक मानव सूचकांक मूल्य वाले राज्यों में साक्षरता दर अधिक है। जबकि मध्य भारत में बिहार, मध्य प्रदेश, उड़ीसा में कम साक्षरता दर के कारण मानव सूचकांक मूल्य कम है।
  2. महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पंजाब, हरियाणा में आर्थिक विकास के कारण मानव सूचकांक मूल्य अधिक है जबकि असम, बिहार आदि राज्यों में कम आर्थिक विकास के कारण मानव सूचकांक मूल्य कम है।

 मानव विकास  JAC Class 12 Geography Notes

→ मानव विकास: लोगों के कल्याण के लिए लोगों के विकल्पों को अधिक करने की क्रिया को मानव विकास कहते हैं।

→ मानव विकास सूचकांक का उद्देश्य: लोगों का कल्याण तथा जीवन स्तर ऊंचा करना।

→ मानव विकास सूचकांक के संकेतक: HDI में निम्नलिखित संकेतक चुने जाते हैं-दीर्घ और स्वस्थ जीवन, शिक्षा, उच्च जीवन स्तर, साक्षरता, प्रति व्यक्ति आय।

→ भारत का मानव विकास सूचकांक; विश्व के 172 देशों में भारत का 130वां स्थान (2018) है।

→ जनांकिकीय संकेतक: भारत में मृत्यु दर 8.7 प्रति एक हजार व्यक्ति, जन्म दर 26.1 प्रति एक हज़ार व्यक्ति, शिशु दर 70 प्रति हज़ार तथा जीवन प्रत्याशा 65 वर्ष है।

→ सामाजिक संकेतक: साक्षरता दर (74%) है जबकि केरल राज्य में 90.92% है।

→ आर्थिक संकेतक: 1999-2000 में GDP 3200 करोड़ रुपए थी। प्रति व्यक्ति आय 20813 रुपए थी। निर्धनता दर 26.10% थी।

→ सबसे अधिक मानव विकास सूचकांक; केरल राज्य में सबसे अधिक मानव सूचकांक 0.638 था जबकि बिहार में सबसे कम 0.367 था।

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 6 जल संसाधन

Jharkhand Board JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 6 जल संसाधन Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 12 Geography Solutions Chapter 6 जल संसाधन

JAC Class 12 Geography Solutions Chapter 6 जल संसाधन

बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए

1. निम्नलिखित में से जल किस प्रकार का संसाधन है?
(क) अजैव संसाधन
(ग) जैव संसाधन
(ख) अनवीकरणीय संसाधन
(घ) चक्रीय संसाधन।
उत्तर:
(घ) चक्रीय संसाधन।

2. निम्नलिखित नदियों में से, देश में किस नदी में सबसे ज्यादा पुनः पूर्तियोग्य भौम जल संसाधन है?
(क) सिंधु
(ग) गंगा
(ख) ब्रह्मपुत्र
(घ) गोदावरी।
उत्तर;
(ग) गंगा।

3. घन कि० मी० में दी गई निम्नलिखित संख्याओं में से कौन-सी संख्या भारत में कुल वार्षिक वर्षा दर्शाती है?
(क) 2,000
(ख) 3,000
(ग) 4,000
(घ) 5,000.
उत्तर:
(ग) 4,000.

4. निम्नलिखित दक्षिण भारतीय राज्यों में से किस राज्य में भौम जल उपयोग (% में) इसके कुल भौम जल संभाव्य से ज्यादा है?
(क) तमिलनाडु
(ग) आंध्र प्रदेश
(ख) कर्नाटक
(घ) केरल।
उत्तर:
(क) तमिलनाडु।

5. देश में प्रयुक्त कुल जल का सबसे अधिक समानुपात निम्नलिखित सेक्टरों में से किस सेक्टर में है?
(क) सिंचाई
(ग) घरेलू उपयोग
(ख) उद्योग
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर;
(क) सिंचाई।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें

प्रश्न 1.
यह कहा जाता है कि भारत में जल संसाधनों में तेजी से कमी आ रही है। जल संसाधनों की कमी के लिए उत्तरदायी कारकों की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
भारत में जल-संसाधनों की तेजी से कमी आ रही है। इसके निम्नलिखित कारण हैं

  1. जल की प्रति व्यक्ति उपलब्धता कम हो रही है।
  2. जनसंख्या बढ़ने से जल का उपयोग बढ़ रहा है।
  3. जल संसाधन औद्योगिक क्षेत्र के तेजी से प्रयोग हो रहे हैं।
  4. कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए जल सिंचाई आवश्यक है।
  5. जल प्रदूषण कई कारणों से बढ़ रहा है। इसलिए उपयोगी जल संसाधनों की उपलब्धता सीमित हो रही है।

प्रश्न 2.
पंजाब, हरियाणा और तमिलनाडु राज्यों में सबसे अधिक भौम जल विकास के लिए कौन-से कारक उत्तरदायी हैं?
उत्तर:
पंजाब, हरियाणा, तमिलनाडु में कृषि विकास के कारण भौम जल विकास अधिक है। यहां गेहूं, चावल की फ़सलों की सिंचाई आवश्यक है। यहां हरित-क्रान्ति के कारण भी भौम जल का अधिक प्रयोग किया जाता है। यहां कुल निवल क्षेत्र का 75% भाग सिंचित है।

प्रश्न 3.
देश में कुल उपयोग किए गए जल में कृषि क्षेत्र का हिस्सा कम होने की सम्भावना क्यों है?
उत्तर:
भविष्य में उद्योगों तथा घरेलू सेक्टर में जल के उपयोग बढ़ने के कृषि क्षेत्र का हिस्सा कम होने की सम्भावना है।

प्रश्न 4.
लोगों पर संदूषित जल/गन्दे पानी के उपभोग के क्या सम्भव प्रभाव हो सकते हैं?
उत्तर:
संदूषित जल के कारण सामान्य रूप से उत्पन्न होने वाली बीमारियां ये हैं-अतिसार, रोहा, आंतों के कृमि, पीलिया आदि। विश्व बैंक और विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों से स्पष्ट है कि भारत में एक-चौथाई संक्रामक रोग जल से पैदा होते हैं।

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दें

प्रश्न 1.
देश में जल संसाधनों की उपलब्धता की विवेचना कीजिए और इसके स्थानिक वितरण के लिए उत्तरदायी निर्धारित करने वाले कारक बताइए।
उत्तर:
जल संसाधन की उपलब्धता-धरातलीय जल के चार मुख्य स्रोत हैं-नदियां, झीलें, तलैया और तालाब।

  1. देश में कुल नदियों तथा उन सहायक नदियों, जिनकी लम्बाई 1.6 कि० मी० से अधिक है, को मिलाकर 10,360 नदियां हैं।
  2. भारत में सभी नदी बेसिनों में औसत वार्षिक प्रवाह 1,869 घन कि० मी० होने का अनुमान किया गया है।
  3. फिर भी स्थलाकृतिक, जलीय और अन्य दबावों के कारण प्राप्त धरातलीय जल का केवल लगभग 690 घन कि० मी० (32%) जल का ही उपयोग किया जा सकता है।

स्थानिक वितरण के कारक:

  1. वर्षा-नदी में जल प्रवाह इसके जल ग्रहण क्षेत्र के आकार अथवा नदी बेसिन और इस जल ग्रहण क्षेत्र में हुई वर्षा पर निर्भर करता है।
  2. भारत में वर्षा में अत्यधिक स्थानिक विभिन्नता पाई जाती है और वर्षा मुख्य रूप से मानसूनी मौसम संकेन्द्रित है।
  3. नदियां-भारत में कुछ नदियां, जैसे-गंगा, ब्रह्मपुत्र और सिंधु के जल ग्रहण क्षेत्र बहुत बड़े हैं। गंगा, ब्रह्मपुत्र और बराक नदियों के जलग्रहण क्षेत्र में वर्षा अपेक्षाकृत अधिक होती है। ये नदियाँ यद्यपि देश के कुल क्षेत्र के लगभग एक-तिहाई भाग पर पाई जाती हैं जिनमें कुल धरातलीय जल संसाधनों का 60 प्रतिशत जल पाया जाता है।
  4. मौसमी नदियां-दक्षिणी भारतीय नदियों, जैसे-गोदावरी, कृष्णा और कावेरी में वार्षिक जल प्रवाह का अधिकतर भाग काम में लाया जाता है लेकिन ऐसा ब्रह्मपुत्र और गंगा बेसिनों में अभी भी सम्भव नहीं हो सका है।

प्रश्न 2.
जल संसाधनों का ह्रास सामाजिक द्वन्द्वों और विवादों को जन्म देते हैं। इसे उपयुक्त उदाहरणों सहित समझाइए।
उत्तर:
जल एक प्राकृतिक व नवीकरण संसाधन है। किसी देश की आर्थिकता में एक महत्त्वपूर्ण संसाधन है। जलसंसाधन दिन-प्रतिदिन कम हो रहे हैं। इनके आबंटन व नियन्त्रण पर कई प्रकार के द्वन्द्व तथा विवाद उठ खड़े हुए हैं। कई राज्यों के बीच यह एक विचार तथा तनाव का विषय है जैसे

  1. पंजाब, हरियाणा, हिमाचल की नदियों के जल का बंटवारा एक राजनीतिक विवाद बन गया है।
  2. कर्नाटक व तमिलनाडु के बीच कावेरी नदी का जल एक लम्बे समय से विवाद विषय है।
  3. नर्मदा बेसिन का जल प्रवाह महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गुजरात के बीच विवाद का विषय है।

प्रश्न 3.
जल-संभर प्रबन्धन क्या है ? क्या आप सोचते हैं कि यह सतत् पोषणीय विकास में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है ?
उत्तर:
जल संभर प्रबंधन-जल संभर प्रबन्धन से तात्पर्य, मुख्य रूप से, धरातलीय और भौम जल संसाधनों के दक्ष प्रबन्धन से है।
विधियां (Methods): इसके अन्तर्गत बहते जल को रोकना और विभिन्न विधियों, जैसे-अंत: स्रवण, तालाब, पुनर्भरण, कुओं आदि के द्वारा भौम जल का संचयन और पुनर्भरण शामिल हैं।

उद्देश्य: विस्तृत अर्थ में जल संभर प्रबन्धन के अन्तर्गत सभी संसाधनों-प्राकृतिक जैसे-भूमि, जल, पौधे और प्राणियों) और जल संभर सहित मानवीय संसाधनों के संरक्षण, पुनरुत्पादन और विवेकपूर्ण उपयोग को सम्मिलित किया जाता है। जल संभर प्रबन्धन का उद्देश्य प्राकृतिक संसाधनों और समाज के बीच सन्तुलन लाना है। जल-संभर व्यवस्था की सफलता मुख्य रूप से सम्प्रदाय के सहयोग पर निर्भर करती है।

कार्यक्रम: केन्द्रीय और राज्य सरकारों ने देश में बहुत-से जल-संभर विकास और प्रबन्धन कार्यक्रम चलाए हैं। इनमें से कुछ गैर सरकारी संगठनों द्वारा भी चलाए जा रहे हैं।
1. ‘हरियाली’ केन्द्र सरकार द्वारा प्रवर्तित जल-संभर विकास परियोजना है जिसका उद्देश्य ग्रामीण जनसंख्या को पीने, सिंचाई, मत्स्य पालन और वन रोपण के लिए जल संरक्षण के लिए योग्य बनाना है। परियोजना लोगों के सहयोग से ग्राम पंचायतों द्वारा निष्पादित की जा रही है।

2. नीरू-मीरू (जल और आप) कार्यक्रम (आन्ध्र प्रदेश में) और

3. अरवारी पानी संसद् (अलवर राजस्थान में) के अन्तर्गत लोगों के सहयोग से विभिन्न जल संग्रहण संरचनाएँ जैसे-अन्तः स्रवण तालाब ताल (जोहड़) की खुदाई की गई है और रोक बांध बनाए गए हैं। तमिलनाडु में घरों में जल संग्रहण संरचना को बनाना आवश्यक कर दिया गया है। किसी भी इमारत का निर्माण बिना जल संग्रहण संरचना बनाए नहीं किया जा सकता है।

4. सतत्पोषणीय विकास: कुछ क्षेत्रों में जल-संभर विकास परियोजनाएं पर्यावरण और अर्थव्यवस्था का कायाकल्प करने में सफल हुई हैं। फिर भी सफलता कुछ की ही कहानियां हैं। अधिकांश घटनाओं में, कार्यक्रम अपनी उदीयमान अवस्था पर ही हैं। देश में लोगों के बीच जल संभर विकास और प्रबन्धन के लाभों को बताकर जागरूकता उत्पन्न करने की आवश्यकता है और इस एकीकृत जल संसाधन प्रबन्धन उपागम द्वारा जल उपलब्धता सतत् पोषणीय आधार पर निश्चित रूप से की जा सकती है।

जल संसाधन JAC Class 12 Geography Notes

→ जल संसाधन (Water Resources): जल एक राष्ट्रीय संसाधन है।

→ जल के प्रमुख स्रोत (Sources of Water): पृष्ठीय जल, भौम जल, वायुमण्डलीय जल और महासागरीय जल।

→ औसत वार्षिक जल प्रवाह (Mean Annual Flow): 1869 अरब घन मीटर।

→ भौम जल क्षमता (Ground Water): 433.9 अरब घन मीटर।

→ जल सिंचित क्षेत्र (Irrigated Area): 8.47 करोड़ हेक्टेयर।

→ नहरों द्वारा सिंचाई (Canal Irrigation): 39.9 प्रतिशत क्षेत्र।

→ जलविद्युत् उत्पादन (Hydro Electric Power): 84,000 मैगावाट।

→ जल प्रदूषण (Water Pollution): एक गम्भीर समस्या।

→ वर्षा जल संग्रहण (Rain Water Harvesting): भौम जल के पुनर्भरण की तकनीक।

JAC Class 8 Social Science Notes Geography Chapter 3 Mineral and Power Resources

JAC Board Class 8th Social Science Notes Geography Chapter 3 Mineral and Power Resources

→ A mineral is a naturally occurring substance that has a definite chemical composition.

  • Minerals are not evenly distributed over the areas. They are concentrated in a particular area or rock formations.
  • Some minerals are found in regions which are not easily accessible such as the Arctic ocean bed and Antarctica.
  • Minerals are created by natural processes without any human interference. On the basis of their physical properties such as colour, density, hardness and chemical property such as solubility, they are classified and identified.

→ Types of Minerals:

  • On earth, there are over three thousand different minerals.
  • On the basis of composition, minerals are categorised as:
    • Metallic minerals
    • non-metallic minerals.
  • Metals in raw form are present in metallic minerals.
  • The hard substances that conduct heat and electricity and have a characteristic lustre or shine are known as metals. Iron ore, bauxite, manganese ore are some examples.

JAC Class 8 Social Science Notes Geography Chapter 3 Mineral and Power Resources

→ Metallic minerals are of two types:

  • Ferrous minerals are such as iron ore, manganese and chromites contain iron.
  • A non-ferrous mineral does not contain iron but may contain some other metal such as gold, silver, copper or lead.

→ Non-metallic minerals do not contain metals.

  • Limestone, mica and gypsum are non- metallic minerals.
  • The mineral fuels like coal and petroleum are also non-metallic minerals.
  • Minerals can be extracted by mining, drilling or quarrying.
  • Mining is the process of taking out minerals from rocks buried under the earth’s surface.

→ Mining is categorised into two:

  • Open cast mining
  • Shaft mining

→ In open-cast mining, minerals that lie at shallow depths are taken out by removing the surface layer.

  • In shaft mining, deep bores known as shafts, have to be made to reach mineral deposits that lie at great depths.
  • Petroleum and natural gas occur deep below the earth’s surface. Drilling is done to take them out and deep wells are bored.
  • Quarrying is the method in which minerals that lie near the surface are simply dug out.

→ Distribution of Minerals:

  • Metallic minerals are found in igneous and metamorphic rock formations that form large plateaus.
  • Iron-ore in north Sweden, copper and nickel deposits in Ontario, Canada, iron, nickel, chromites and platinum in South Africa are some of the examples of minerals found in these rocks.
  • Non-metallic minerals are found in sedimentary rock formations of plains and young fold mountains contain such as limestone.
  • Limestone deposits of Caucasus region of France, manganese deposits of Georgia and Ukraine and phosphate beds of Algeria are some examples. Coal and petroleum, the mineral fuels are also found in the sedimentary strata.

→ Asia:

  • China and India have large iron ore deposits. The continent produces more than half of the world’s tin.
  • The world’s leading tin producers are China, Malaysia and Indonesia.
  • China is in the leading position in production of lead, antimony and tungsten.
  • Asia also has deposits of manganese, bauxite, nickel, zinc and copper.

→ Europe:

  • Europe is the leading producer of iron-ore in the world.
  • Russia, Ukraine, Sweden and France have the large deposits of iron ore.
  • In eastern Europe and European Russia, minerals found are copper, lead, zinc, manganese and nickel.

JAC Class 8 Social Science Notes Geography Chapter 3 Mineral and Power Resources

→ North America:

  • The mineral deposits are situated in three zones:
    • the Canadian region north of the Great Lakes,
    • the Appalachian region and
    • the mountain ranges of the west.
  • In the Canadian Shield Region, iron ore, nickel, gold, uranium and copper are found.
  • In the Appalachians region, coal is found.
  • In Western Cordilleras, vast deposits of copper, lead, zinc, gold and silver are found.

→ South America:

  • The largest producer of high grade iron-ore in the world is Brazil.
  • The leading producers of copper are Chile and Peru.
  • Among the world’s largest producers of tin are Brazil and Bolivia.
  • In Venezuela, Argentina, Chile, Peru and Columbia, mineral oil is found.

→ Africa:

  • The world’s largest producer of diamonds, gold and platinum is Africa.
  • A major portion of the world’s gold is produced by South Africa, Zimbabwe and Zaire.
  • Copper, iron ore, chromium, uranium, cobalt and bauxite are found here.
  • In Nigeria, Libya and Angola, oil is found.

→ Australia:

  • The largest producer of bauxite in the world is Australia.
  • The largest deposits of gold is found in Kalgoorlie and Coolgardie areas of western Australia.
  • It is a leading producer of gold, diamond, iron ore, tin and nickel.

→ Antarctica:

  • Iron ore, gold, silver and oil are present in commercial quantities.
  • Sufficient and significant amount of deposits of coal in the Transantarctic Mountains and iron near the Prince Charles Mountains of East Antarctica is predicted.

→ Uses of Minerals:

  • Minerals are used in many industries in different forms.
  • Minerals which are used for gems and jewellery are usually hard. These are later processed.
  • Copper is used in almost everything from coins to pipes.
  • Silicon is used in the computer industry and is obtained from quartz.
  • Aluminum obtained from its ore.
  • In automobiles, airplanes, bottling industry, buildings and even in kitchen cookware, bauxite is used.

→ Conservation of Minerals:

  • Minerals are a non-renewable resource.
  • In the process of mining, it is necessary to reduce the wastage.
  • Another way in which the mineral resources can be conserved is recycling of metals.

JAC Class 8 Social Science Notes Geography Chapter 3 Mineral and Power Resources

→ Power Resources:

  • We need power or energy for industry, agriculture, transport, communication and defense.
  • Power resources may be broadly categorised as:
    • conventional resources
    • non-conventional resources.

→ Conventional Sources:

  • Those energy which have been in common use for a long time are known as the conventional energy.
  • The two main conventional energy sources are:
    • Firewood
    • Fossil fuels

→ Firewood:

  • More than fifty per cent of the energy used by villagers comes from firewood in our country.
  • It is mainly used for cooking and heating.

→ Fossil Fuel:

  • Fossil fuels are the fuel which are formed by the natural processes.
  • For millions of years, remains of plants and animals which were buried under the earth got converted by the heat and pressure into fossil fuels.
  • Fossil fuel such as coal, petroleum and natural gas are the main sources of conventional energy.

→ Coal:

  • Electricity from coal is known as thermal power.
  • Coal is also known as Buried Sunshine because the coal which we are using today was formed millions of years ago when giant ferns and swamps got buried under the layers of earth.
  • In India, the coal producing areas are Raniganj, Jharia, Dhanbad and Bokaro in Jharkhand.
  • The leading coal producers of the world are China, USA, Germany, Russia, South Africa and France.

→ Petroleum:

  • A thick black liquid is known as Petroleum. Since they are very valuable, petroleum and its derivatives are called Black Gold.
  • Petroleum is found between the layers of rocks and is drilled from oil fields which is located in off-shore and coastal areas. Then sent to refineries which process the crude oil and produce a variety of products such as diesel, petrol, kerosene, wax, plastics and lubricants.
  • The chief petroleum producing countries are Iran, Iraq, Saudi Arabia and Qatar.
  • The leading producers in India are Digboi in Assam, Bombay High in Mumbai and the deltas of Krishna and Godavari rivers.

→ Natural Gas:

  • Natural gas is found with petroleum deposits and is released when crude oil is brought to the surface. Very few countries in the world have sufficient amount of natural gas reserves of their own.
  • Russia, Norway, UK and the Netherlands are the major producers of natural gas. In India, Jaisalmer, Krishna Godavari delta, Tripura and some areas off shore in Mumbai have natural gas resources.
  • The consumption of fossil fuels has increased which led to their depletion at an alarming rate. The toxic and poisonous pollutants released from burning these fuels are major cause for concern.

JAC Class 8 Social Science Notes Geography Chapter 3 Mineral and Power Resources

→ Hydel Power:

  • Rainwater or river water stored in dams produce electricity by a specific method. This electricity is known as Hydro electricity.
  • The water discharged after the generation of electricity is used for irrigation. The world’s electricity is produced by hydel power is one fourth.
  • Paraguay, Norway, Brazil, and China are the leading producers of hydroelectricity.
  • In India, some important hydel power stations are Bhakra Nangal, Gandhi Sagar, Nagarjun Sagar and Damodar valley projects.

→ Non-Conventional Sources of Energy:
There is need for using non-conventional sources such as solar energy, wind energy, tidal energy which are renewable because the increasing use of fossil fuels is leading to its shortage.

→ Solar Energy:

  • Solar energy trapped from the sun can be used in solar cells to produce electricity. Many of these cells are joined into solar panels to generate power for heating and lighting purpose.
  • Solar energy is also used in solar heaters, solar cookers, solar dryers and traffic signals.

→ Wind Energy:

  • Wind mills have been used for grinding grain and lifting water since ancient times. In modem time, the wind mills with high speed winds rotate the wind mill which is connected to a generator to produce electricity.
  • Windfarms are found in Netherlands, Germany, Denmark, UK, USA and Spain which are known for their wind energy production.

→ Nuclear Power:

  • Nuclear power is obtained from energy stored in the nuclei of atoms of naturally occurring radioactive elements such as uranium and thorium.
  • Rajasthan and Jharkhand have large deposits of Uranium. Thorium is found in large quantities in the Monozite sands of Kerala.
  • In India, the nuclear power stations are situated in Kalpakkam in Tamilnadu, Tarapur in Maharashtra, Ranapratap Sagar near Kota in Rajasthan, Narora in Uttar Pradesh and Kaiga in Karnataka.

→ Geothermal Energy:

  • Geothermal energy is the heat energy which is obtained from the earth. This heat energy can be used to generate power.
  • USA has the world’s largest geothermal power plants followed by New Zealand, Iceland, Philippines and Central America. In India, geothermal plants are situated in Manikaran in Himachal Pradesh and Puga Valley in Ladakh.

→ Tidal Energy:

  • Tidal energy is the energy generated from tides.
  • Electricity is produced during high tide the energy of the tides is used to turn the turbine installed in the dam.
  • Russia, France and the Gulf of Kachchh in India have huge tidal mill farms.

JAC Class 8 Social Science Notes Geography Chapter 3 Mineral and Power Resources

→ Biogas:

  • Biogas is a gaseous fuel made of organic waste such as dead plant and animal material, animal dung and kitchen waste. These wastes are converted into the gaseous fuel.
  • The organic waste is decomposed by bacteria in biogas digesters to emit biogas which is a mixture of methane and carbon dioxide.

JAC Class 8 Social Science Notes

JAC Class 7 Social Science Solutions Geography Chapter 4 Air

JAC Board Class 7th Social Science Solutions Geography Chapter 4 Air

JAC Class 7th Geography Air InText Questions and Answers

Page 21

Question 1.
Is global warming a serious issue in today’s world?
Answer:
Concern about climate change is much less pervasive in the United States, China and Russia than among other leading nations. Just 44% in the U.S. and Russia, and even fewer in China (30%), consider global warming to be a very serious problem.

Page 23

Question 2.
For ten days note down weather report from a local newspaper and observe the changes occurring in the weather.
Answer:
Students need to do it by their own.

JAC Class 7 Social Science Solutions Geography Chapter 4 Air

JAC Class 7th Geography Air Textbook Questions and Answers

Question 1.
Answer the following questions.
(i) What is atmosphere?
Answer:
Atmosphere is a huge layer of air that surrounds the earth. It shields and guard us from the harmful rays of the sun. rays of the sun. rays of the sun.

(ii) Which two gases make the bulk of the atmosphere?
Answer:
The two gases which make the bulk of the atmosphere are nitrogen (78% ) and oxygen (21%).

(iii)
Which gas creates greenhouse effect in the atmosphere?
Answer:
The gas which creates greenhouse effect in the atmosphere is carbon dioxide.

(iv) What is weather?
Answer:
An hour to hour, day to day condition of the atmosphere is called as the weather. It is the total atmospheric conditions of a particular place at a particular time regarding temperature, air pressure, clouds, wind, humidity, etc.

(v) Name three types of rainfall?
Answer:
Three types of rainfall are:

  • Convectional rainfall
  • Orographic rainfall
  • Cyclonic rainfall

(vi) What is air pressure?
Answer:
Air pressure is the pressure which is exerted by the weight of air on the earth’s surface.

Tick (√) the correct answer.

Question 2.
(i) Which of the following gases protects us from harmful sun rays?
(a) Carbon dioxide
(b) Nitrogen
(c) Ozone
Answer:
(c) Ozone

(ii) The most important layer of the atmosphere is
(a) Troposphere
(b) Thermosphere
(c) Mesosphere
Answer:
(a) Troposphere

(iii) Which of the following layers of the atmosphere is free from clouds?
(a) Troposphere
(b) Stratosphere
(c) Mesosphere
Answer:
(b) Stratosphere

JAC Class 7 Social Science Solutions Geography Chapter 4 Air

(iv) As we go up the layers of the atmosphere, the pressure
(a) Increases
(b) Decreases
(c) Remains the same
Answer:
(b) Decreases

(v) When precipitation comes down to the earth in the liquid form, it is called
(a) Cloud
(b) Rain
(c) Snow
Answer:
(b) Rain

Question 3.
Match the following.

(i) Trade winds (a) Incoming solar energy
(ii) Loo (b) Seasonal wind
(iii) Monsoon (c) Horizontal movement of Air
(iv)Wind (d) Layer of ozone gas
(e) Permanent wind
(f) Local wind

Answer:

(i) Trade winds (e) Permanent wind
(ii) Loo (f) Local wind
(iii) Monsoon (b) Seasonal wind
(iv) Wind (c) Horizontal movement of air

 

Question 4.
Give reasons.

  1. Wet clothes take longer time to dry on a humid day?
  2. Amount of insolation decreases from equator towards poles?

Answer:
1. The air is full of water vapour on a humid day. So, the evaporation is very slow due to low temperature. That’s why, wet clothes take longer time to dry on a humid day.

2. On equator, insolation comes through on vertical rays. So, it covers up less amount of space but more heat is felt when it goes up from equator towards poles and the sun rays become slanting. Though slanting rays heat up more amount of space, the level of hotness is felt less. That’s why, amount of insolation decrease from equator towards poles.

Question 5.
(For Fun)

(i) Solve this crossword puzzle with the help of given clues:
JAC Class 7 Social Science Solutions Geography Chapter 4 Air 1

Across:
6. An Indian tree having extraordinary quality of providing oxygen round the clock
8. Gas present in atmosphere occupying only 0.03% by volume
11. Outermost layer of atmosphere
12. Mixture of many gases
14. Life giving gas
15. Air in motion
16. An indian tree valued highly for medicinal properties
18. Gas protecting us from harmful sun rays
19. Low pressure area

Down
1. Amount of water vapour in air
2. Condensation of water vapours around dust particles in atmosphere
3. Example of local wind blowing in summer in northern india
4. Short term changes in atmosphere
5. Precipitation in liquid form
7. Blanket of air around the earth
9. Instrument to measure pressure
10. Incoming solar radiation
13. Reduces visibility in winters
17. It is time when sun is overhead
Answer:

Across:
6. Peepal
11. Exosphere
14. Oxygen
16. Neem
19. Cyclone

Down:
1. Humidity
3. Loo
5. Rain
9. Barometre
10. Insolation
17. Noon
8. Carbon dioxide
12. Air
15. Wind
18. Ozone

(ii) Make a weather calendar for one week. Use pictures or symbols to show different types of weather. You can use more than one symbol in a day, if the weather changes. For example, the sun comes out when rain stops. An example is given below:

Answer:
Hint: Students can do it in this manner.
JAC Class 7 Social Science Solutions Geography Chapter 4 Air 2

JAC Class 7 Social Science Solutions Geography Chapter 4 Air 3

JAC Class 7th Geography Air Important Question and Answers

Multiple Choice Questions

Question 1.
In the atmosphere, the most abundant gas is
(a) Oxygen
(b) Carbon dioxide
(c) Nitrogen
(d) Helium
Answer:
(c) Nitrogen

Question 2.
The winds which below constantly throughout the year in a particular direction is known as
(a) Local winds
(b) Seasonal winds
(c) Permanent winds
(d) None of the these
Answer:
(a) Local winds

JAC Class 7 Social Science Solutions Geography Chapter 4 Air

Question 3.
An hour to hour, day to day condition of the atmosphere is known as
(a) temperature
(b) weather
(c) climate
(d) degree
Answer:
(b) weather

Question 4.
Exosphere is the layer of the atmosphere.
(a) uppermost
(b) middle
(c) lower most
(d) none of these
Answer:
(a) uppermost

Question 5.
The thermosphere extends between
(a) 90 – 370 km
(b) 100 – 350 km
(c) 50 – 300 km
(d) 80 – 400 km
Answer:
(d) 80 – 400 km

Question 6.
The balance of and gets disturbed, if we cut down trees and forests.
(a) oxygen, helium
(b) nitrogen, heiium
(c) oxygen, carbon dioxide
(d) oxygen, nitrogen
Answer:
(c) oxygen, carbon dioxide

Question 7.
The air which we inhale and exhale means breathe exists in the
(a) mesosphere
(b) stratosphere
(c) troposphere
(d) exosphere
Answer:
(c) troposphere

Question 8.
The instrument which measures the temperature is
(a) Barometer
(b) Thermometer
(c) Wind vane
(d) None of these
Answer:
(b) Thermometer

Question 9.
In the atmosphere, the ozone layer exists in the
(a) Stratosphere
(b) Exosphere
(c) Mesosphere
(d) Troposphere
Answer:
(a) Stratosphere

Question 10.
The other name of greenhouse gas is
(a) oxygen
(b) nitrogen
(c) argon
(d) carbon dioxide
Answer:
(b) nitrogen

Very Short Answer Type Questions

Question 1.
What do you mean by smog?
Answer:
Smog is the combination of smoke and fog. It generally occurs during winter season.

Question 2.
What will happen if there is very less rainfall?
Answer:
Water scarcity and drought occurs if there is very less rainfall.

JAC Class 7 Social Science Solutions Geography Chapter 4 Air

Question 3.
What are the various forms of precipitation?
Answer:
Various forms of precipitation are rain,snow, sleet and hail.

Question 4.
Give a word/term for the hot and dry wind of northern plains of India.
Answer: Loo.

Question 5. Air pressure is highest at which area?
Answer:
Air pressure is highest at the sea level

Question 6.
What are the three types of winds?
Answer:
The three types of winds are:

  • Permanent winds
  • Seasonal winds
  • Local winds.

Question 7.
When air is heated, what occurs?
Answer:
Air expands and becomes lighter and goes up when the air is heated.

Question 8.
Ozone layer is important for us. Why?
Answer:
Ozone layer is important for us because it protects and shields us from harmful reactions and effects of the sun rays.

Question 9.
Green plants use carbon dioxide. Why?
Answer:
Green plants use carbon dioxide because it helps them to prepare their food and release oxygen.

Question 10.
What is the consequence and importance of greenhouse gas?
Answer:
The consequence and importance of greenhouse gas is that the earth would have been too cold to live in.

Short Answer Type Questions

Question 1.
What are the instruments called for the measurement of air pressure and the measurement of amount of rainfall?
Answer:
The instruments are called as barometer for the measurement of air pressure and rain gauge for the measurement of amount of rainfall.

Question 2.
What do you mean by a climate of a place or area?
Answer:
The average weather condition of a place or area for a longer period of time constitutes the climate of a place.

Question 3.
What are permanent winds?
Answer:
Winds which blow constantly throughout the year in a particular direction is called as the permanent winds. The trade wind, westerlies and easterlies are the permanent winds.

Question 4.
What is the role of water vapour?
Answer:
One of the major component of the atmosphere is water vapour and it plays a very important role in climatic changes and results in precipitation.

JAC Class 7 Social Science Solutions Geography Chapter 4 Air

Question 5.
How many types of pollutants are found in the atmosphere?
Answer:
There are mainly two types of pollutants found in the atmosphere

  • Gaseous – carbon dioxide and smog
  • Solid – dust and bacteria

Question 6.
Which ty pe of pressure are exerted by cold and hot air?
Answer:
The air expands when heated up hence becomes lighter and goes up. Cold air is heavy and dense so it tends to go down and sinks. When hot air goes up and rises, from surrounding areas, cold air rushes to fill the gap.

Question 7.
Explain the temperature in cities are much higher than that of the villages.
Answer:
In the cities, we find many high rise buildings. The fnetals and concretes in these buildings and the asaphalt of roads get heated up during the day and this heat is released in the night.The other important cause is that in the cities the crowded buildings trap the warm air and hence raise the temperature of the cities. Therefore, the temperature in cities are much higher than that of the villages.

Question 8.
Poles are covered with snow always. Why?
Answer:
From the equator towards the poles the amount of insolation decreases. Hence, the temperature decreases in the same manner. This is the reason why poles are covered with snow always..

Question 9.
What do you mean by global warming?
Answer:
Global warming happens when the level of carbon dioxide increases in the atmosphere due to factory smoke or car fumes and the heat retained increases the temperature of the earth.

JAC Class 7 Social Science Solutions Geography Chapter 4 Air

Question 10.
Rainfall is important for us when there is excess rain, what happens?
Answer:
For the survival of animals and plants,rainfall is very important. It actually brings fresh water to the surface of the earth. There is water scarcity and drought like situation when there is less rainfall. And, if there is excess rainfall then floods take place which makes the life very difficult to sustain. Many things get damaged such as crops, houses, etc.

Question 11.
In which manner bacteria help plants use nitrogen?
Answer:
For the plant’s survival, nitrogen is very crucial and important. But plants cannot take nitrogen directly from the atmosphere. Hence, bacteria that lives in the soil and roots of some plants take nitrogen from air and changes its form so that the plant can use it.

Long Answer Type Questions

Question 1.
Discuss the different layers of the atmosphere.
Answer:
The atmosphere has five different layers. They are:

  • Troposphere
  • Stratosphere
  • Mesosphere
  • Thermosphere
  • Exosphere
  • Troposphere:
    All the weather characteristics occurs here such as fog, rainfall, hailstorm. This is the thickest and the most important layer of the atmosphere. It has the average height of 13 km. We also find the air which we breathe.
  • Stratosphere:
    It lies just above the troposphere and presents the ideal conditions for flying aeroplanes. Stratosphere extends upto a height of 50 km. It also contains the ozone gas layer which protects us from harmful ultraviolet rays of the sun.
  • Mesosphere:
    It lies above the stratosphere. It extends upto the height of 80 kms. In this layer, meteorites bum up on entering from the space.
  • Thermosphere:
    It lies just above the mesosphere. It extends between 80 400 km. Temperature rises very fast with the increase in height in this layer. In thermosphere, radio waves are transmitted from the earth are reflected back to the earth.
  • Exosphere:
    This is the last and the uppermost layer with very thin air. Light gases such as helium and hydrogen float -into the space from exosphere.

Question 2.
What are the different constituents of air? How they are important to us?
Answer:
The different constituents of air are oxygen, nitrogen, carbon dioxide, ozone, helium, argon and hydrogen. Besides these gases, the air also contains some amount of water vapour and dust particles. They are important to us in many ways:

Oxygen:
It is one of the major gas and second most in volume which makes up about 21% of the air. It is also called as life supporting gas. The atmosphere is continuously recharged and restored of oxygen by green plants through the photosynthesis process and thus keeps a healthy and efficient balance of oxygen in the air. Nitrogen: The total volume of nitrogen is about 78% in the air. The major amount of nitrogen is not utilized in our body system when we inhale. But, plants need nitrogen for the well being and survival.

They absorb it through soil and plant roots. Carbon Dioxide: Carbon dioxide is composed of very small percentage around 0.03% of the air. Then also, it is one of the important gas in maintaining the life cycle of plants on the earth. Carbon dioxide absorbs heat of the sun and warms up the lower atmosphere of the surface of the earth. It is taken by the green plants when human beings and animals release it.

JAC Class 7 Social Science Solutions

JAC Class 7 Social Science Solutions History Chapter 5 Rulers and Buildings

JAC Board Class 7th Social Science Solutions History Chapter 5 Rulers and Buildings

JAC Class 7th History Rulers and Buildings InText Questions and Answers

Question 1.
What would have been the impact of a building like the Qutb Minar on observers in the thirteenth century?
Answer:
The building like Qutb Minar would have had a huge impact such as that of Taj Mahal or Red Fort today, on the observers in the thirteenth century.

Question 2.
What differences do you notice between the shikharas of the two temples? Can you make out that the shikhara of the Rajarajeshvara temple is twice as high as that of the Kandariya Mahadeva?
Answer: Between the shikharas of the two
temples, the difference of height can be noticed. The shikhara of the Rajarajeshvara temple is twice as high as that of the Kandariya Mahadeva which is easily seen.

Page 63

Question 3.
Compare figures 2(a) and 2(b) with figures 5(a) and 5(b).
JAC Class 7 Social Science Solutions History Chapter 5 Rulers and Buildings 1

Answer:
The figures in 2(a) and 2(b) have apex shape. This is the “trabeate” or “corbelled” style of architecture. The figures 5(a) and 5(b) have curved shape. This is “arcuate” style of architecture.

JAC Class 7 Social Science Solutions History Chapter 5 Rulers and Buildings

Question 4.
Describe what the labourers are doing, the tools shown, and the means of carrying stones.
Answer:
The labourers are placing cemented plaster to construct the floor of the fort. Some of them are carrying stones by rolling it by big iron rods or by carrying it on shoulders. Some are assisting the masons. Some horses are also engaged to carry stones and other construction materials.

Question 5.
In what ways do you think the policies of Rajendra I and Mahmud of Ghazni were a product of their times? How were the actions of the two rulers different?
Answer:
The two contemporaries Rajendra I and Mahmud of Ghazni attacked and looted the temples of other states and kings and considered it as a normal activity. Temples showed power and honour for any king and by destroying the temple, the king and his statements were humiliated.

The only difference in the actions of Rajendra I and Mahmud Ghazni was that latter destroyed Hindu temples in order to become a hero of Islam. Whereas, Rajendra I destroyed temples and re-established their deities at the temples that he constructed in his state. Mahmud of Ghazni used the occupied wealth of temples in constructing a capital city for himself.

Page 72

Question 6.
Lookat theillustration and try to identify the bell towers.

JAC Class 7 Social Science Solutions History Chapter 5 Rulers and Buildings 2

Answer:
The bell towers are those wh.ch are constructed in the last floor and stand tallest in the building.

Question 7.
Imagine you are an artisan standing on a tiny wooden platform held together by bamboo and rope fifty metres above the ground. You have to place an inscription under the first balcony of the Qutb Minar. How would you do this?
Answer:
I would stand up on the tinny wooden platform held together by bamboo and rope fifty meters above the ground. And then I would do the work of inscribing by the tools such as hammer and chisel.

JAC Class 7th History Rulers and Buildings Textbook Questions and Answers

( Let’s Recall)

Question 1.
How is the “trabeate” principle of architecture different from “arcuate”?
Answer:
The difference is that in “trabeate” principle of architecture, roofs, doors and windows were made by placing in a horizontal beam across two vertical columns. Whereas, in “arcuate” form, the weight of the superstructure above the doors and windows are carried by arches.

JAC Class 7 Social Science Solutions History Chapter 5 Rulers and Buildings

Question 2.
What is a shikhara?
Answer:
The highest roof of a Hindu temple is called a ‘Shikhara’. The Rajarajeshvara temple at Thanjavur had the tallest shikhara among the temples of its time. Constructing it was not easy because there were no cranes in those days and the ninety tonne stone for the top of the shikhara was too heavy to lift manually.

Question 3.
What is pietra-dura?
Answer:
Pietradura is the coloured hard stones placed in depressions carved into marble or sandstone, creating beautiful and ornate patterns. Behind the emperor Shah Jahan’s throne were a series of pietradura inlays that depicted the legendary Greek god Orpheus playing the lute. It was believed that Orpheus’s music could calm ferocious beasts until they coexisted with humans peacefully.

Question 4.
What are the elements of a Mughal Chahar bagh garden?
Answer:
Char bagh gardens were gardens placed within rectangular walled enclosures and divided into four quarters by artificial channels. These gardens were called ‘Chahar bagh’x.Q ., four gardens because of their symmetrical division into quarters. The chahar bagh garden also had a variation that historians describe as the “riverfront garden”. This dwelling was not located in the middle of the chahar bagh but at its edge, close to the bank of the river.

(Let’s Understand)

Question 5.
How did a temple communicate the importance of a king?
Answer:
Temple communicate the importance of a king in the following manner:

  • They were meant to exhibit the powe r, wealth and devotion of the ruler.
  • The name of the god and the king were similar as god’s name was considered auspicious.
  • The king also got a chance to proclaim their close relationships with god.
  • Kings usually constructed large temples. As they worshipped their deities together in the royal temples, it seemed as if they brought the just rule of the gods on earth.
  • The temple was a miniature model of the world ruled by the king and his allies.

Question 6.
An inscription in Shah Jahan’s diwan-i khas in Delhi stated: “If there is Paradise on Earth, it is here, it is here, it is here.” How w as this image created?
Answer:
During Shah Jahan’s reign, the different elements of Mughal architecture were fused together in a grand harmonious synthesis. His reign witnessed a huge amount of construction activity, especially in Agra and Delhi. The ceremonial halls of the public and private audience (Diwan-i khas and Diwan-i-am) were carefully planned. These courts were placed within a large courtyard and were described as ‘Chihil Sutun’ or forty-pillared halls.

The audience halls wrere specially constructed to resemble a mosque, and the pedestal on which Shah Jahan’s throne was placed was frequently described as the ‘Question ibla’, i.e., the direction faced by Muslims at prayer. ‘ The idea of the king as a representative of God on earth was suggested by these architectural features.

Question 7.
How did the Mughal court suggest that everyone the rich and the poor, the powerful and the weak  received justice equally from the emperor?
Answer:
The Mughal court which had the Diwan- i-aam suggested that everyone the rich and the poor, the powerful and the weak received justice which was made for all in an equal way. Shah Jahan’s audience hall was constructed and designed in such a way to communicate that the king’s justice was equal for the high and the low.

Its aim was to create a world where all could live together in harmony. He also hanged a golden chain in front of his Taj Mahal. Anyone at anytime w’ho need justice can strike that bell. There w’as no difference between the rich and poor in the emperor’s court.

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Question 8.
What role did the Yamuna play in the layout of the new Mughal city at Shahjahanabad?
Answer:
The river Yamuna had a very crucial role in the layout of the new Mughal city at Shahjahanabad in the following way:
In Shahjahanabad, the imperial palace commanded the river-front. Only the most favoured nobles were given access to the river. Shah Jahan chose the river-front garden in the layout of the Taj Mahal.

To control the access that the nobles had to the river, he developed the same architectural form. Only the exceptionally favoured nobles like his eldest son Dara Shukoh were given access to the river. Common people had to construct their homes in the city away from the river Yamuna. It expanded the layout of the city.

(Let’s Discuss)

Question 9.
The rich and powerful construct large houses today. In what ways were the constructions of kings and their courtiers different in the past?
Answer:
The rich and powerful construct large houses today. But these houses are not the same as those of the kings and their courtiers in the past because:

  • Safety and security were the major consideration of the kings and their courtiers for the constructions. The houses had very big courtyards, huge and thick walls, domed roofs, big gardens and beautifully decorated halls. Houses and palaces were generally surrounded by water bodies.
  • Nowadays, they have less open areas and meet mainly individual requirements. The houses do not have courtyards, domed roofs. Hence, in many ways these are inferior to those of the kings and their courtiers houses.

Question 10.
Look at Figure 4. How could that
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building be constructed faster today?
Answer:
Nowadays, technologies have advanced and we have many facilities, equipments, tools which can construct huge buildings veiy easily and in less time. Earlier, it was very difficult to construct them’ but they were made possible with labourers. Those buildings took a very long time. Those temples and buildings were usually constructed as a matter of pride in old days.

(Let’s Do)

Question 11.
Find out whether there is a statue of or a memorial to a great person in your village or town. Why was it placed there? What purpose does it serve?
Answer:
Since the places will be different so students can write on their own. They need to put the following points in the write up: After finding the memorial, find out in w hich location it is situated and when it was established? Who was the founder? What was its significance?

Question 12.
Visit and describe any park or garden in your neighbourhood. In what w ays is it similar to or different from the gardens of the Mughals?
Answer:
Since the places will be different, students can discuss it in the class. Few points given such as the gardens of Mughals were spread over a large area and had varieties of plants and flowers. They were also beautifully decorated and protected.

JAC Class 7th History Rulers and Buildings Important Questions and Answers

Multiple Choice Questions

Question 1.
The Kandariva Mahadeva temple had a main hall which was known as…..
(a) Mahamandir
(b) Mahamandapa
(c) Maharaksha
(d) None of these
Answer:
(b) Mahamandapa

Question 2.
The Agra Fort was built by……
(a) Babur
(b) Shah Jahan
(c) Jahangir
(d) Akbar
Answer:
(d) Akbar

Question 3.
The surface of the Qutub Minar was……..
(a) circular
(b) rectangular
(c) curved and angular
(d)triangular
Answer:
(c) curved and angular

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Question 4.
The Taj Mahal is the grandest architectural achievement in the reign of…….
(a) Jahangir
(b) Shah Jahan
(c) Babur
(d) Akbar
Answer:
(d) Akbar

Question 5.
Whenever the kingdoms were attacked by another ruler, temples were targeted and looted. looted the famous Shiva temple at Somnath, Gujarat.
(a) Sultan of Baghdad
(b) Sultan Mahmud of Ghazni
(c) Jahangir
(d) Ibrahim Lodi
Answer:
(b) Sultan Mahmud of Ghazni

Question 6.
Indian architecture flourished under……… dynasty.
(a) Mughal
(b) Maratha
(c) Chola
(d) Rashtrakuta
Answer:
(a) Mughal

Question 7.
Babur, built formal gardens, placed within rectangular walled enclosures and divided into four quarters by artificial channels. This style of four gardens (symmetrical division into quarters) called as…..
(a) Nayan bagh
(b) Ghazal bagh
(c) Chahar bagh
(d) None of these
Answer:
(c) Chahar bagh

Question 8.
The courts like Diwan-i-khas and Diwan-i-aam, were planned very carefully and were known as forty- pillared halls, and placed within a large courtyard. These halls are known as
(a) Chihil Sutun
(b) Pishtaq
(c) Chihil khas
(d) Sutun forty
Answer:
(a) Chihil Sutun

Question 9.
Architecture Hasht-Bihisht refers to a specific type of floor-plan, common in Persian architecture and Mughal architecture, whereby the floor plan is divided into eight chambers surrounding a central room. Hasht- Bihisht means
(a) Eight paradises in water
(b) Eight chahar bagh
(c) Paradise in the eighth life
(d) Eight paradises
Answer:
(d) Eight paradises

Question 10.
The construction of baolis were done
(a) for entertainment of royals
(b) to fulfil the water demand
(c) for rainwater harvesting
(d) to provide a place for bathing for royals
Answer:
(c) for rainwater harvesting

Very Short Answer Type Questions

Question 1.
Which building was constructed by using the architectural style pietra- dura?
Answer:
The Taj Mahal was constructed by using the architectural style pietra-dura.

Question 2.
Which language has been used to write the two bands of inscription found under the balcony of Qutb Minar?
Answer:
Arabic language has been used to write the two bands of inscription found under the balcony of Qutb Minar.

Question 3.
Was Rajendra Chola one of the powerful rulers of the Chola Dynasty?
Answer:
Yes, Rajendra Chola was one of the powerful rulers of the Chola dynasty.

Question 4.
Which Mughal Emperor has mentioned about Hindustan in his biography?
Answer:
Babur has mentioned about Hindustan in his biography.

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Question 5.
What do you mean by Mahamandapa in temple?
Answer:
Mahamandapa means the main hall in the temple.

Question 6.
Madhurai, the capital of the Pandyas was invaded by which ruler?
Answer:
Sena II, invaded Madhurai, the capital of the Pandyas.

Question 7.
Which ruler won universal appreciation for constructing a large reservoir just outside Dehli-i-Kuhna?
Answer:
Sultan Iltutmish was the ruler who won universal appreciation for constructing a large reservoir just outside Dehli-i- Kuhna.

Question 8.
To which lord, Brihadesvara temple is dedicated?
Answer:
To lord Shiva, Brihadesvara temple is dedicated.

Question 9.
What do you mean by pishtaq?
Answer:
Pishtaq means the tall gateway.

Question 10.
What was the special feature of Akbar’s capital, Fatehpur Sikri?
Answer:
The special feature of Akbar’s capital, Fatehpur Sikri was the architecture of the buildings which were influenced by the styles of Malwa and Gujarat.

Short Answer Type Questions

Question 1.
What were the main traits of Shah Jahan’s city Shahjahanabad?
Answer:
Shah Jahan’s city of Shahjahanabad that he constructed was on one side of River Yamuna. The imperial palace commanded the river-front. Only specially favoured nobles were given access to the river such as his eldest son Dara Shikoh. All other people had to construct their homes in the city away from the River Yamuna.

Question 2.
What types of buildings were built between eighth and eighteenth centuries?
Answer:
Between the eighth and the eighteenth centuries, kings and their nobles built two kinds of buildings, they were: First one were forts, palaces, garden residences and tombs safe, protected and grandiose places of rest in this world. Second one were structures meant for public activity including temples, mosques, tanks, wells, caravans, sarais and bazaars.

Question 3.
Where is Panch Mahal located and for what it is known?
Answer:
Panch Mahal is the part of Fatehpur Sikri, Uttar Pradesh, India. The Panch Mahal meaning ‘Five level Palace’ was commissioned by Akbar This structure stands close to the Zenana quarters (Harem) which supports the supposition that it was used for entertainment and relaxation. It has different temples with beautiful pillars in several designs. It was built to enjoy fresh air and has five storey buildings.

Question 4.
Describe the architecture of Taj Mahal.
Answer:
The Taj Mahal incorporates and expands on design traditions of Persian and earlier Mughal architecture. The architecture of Taj Mahal was one of
the great accomplishments. Shah Jahan adapted the river-front garden in the layout of the Taj Mahal, during his reign. The white marble mausoleum was placed on a terrace by the edge of the river and the garden was to its south. Shah Jahan developed this architectural form as a means to control the access that nobles had to the river.

Question 5.
Why Rajarajeshwara temple was very difficult to construct?
Answer:
Rajarajeshwara temple was very difficult to construct because:

  • It was built in eleventh century and it had the tallest Shikhara amongst all the temples of that time.
  • Since there were no technology like these days and to lift the stones for the ” top of Shikhara of weight around 90 kgs was a tough thing and they did it manually.
  • An inclined path was built to the top of the temple, placed the boulders on the rollers and rolled it all the way to the top.
  • The path was made from 4 kms away so that it would not be so steep and easy to climb.

Question 6.
What are the two technological and stylistic developments noticeable and appreciable from the twelfth century.
Answer:
Two technological and stylistic developments that are noticeable and appreciable from the twelfth century are:-

  • The weight of the superstructure above the doors and windows was sometimes carried by arches. This style of architectural form was known as “arcuate”.
  • In construction, limestone cement was used in many folds. This was very high quality cement which when mixed with stone chips hardened into concrete. And, for this, construction of large structures was easier and faster.

Question 7.
Write a brief note on Humayun’s tomb.
Answer:
Humayun tomb’s construction started in 1564 A.D. and it took eight years to complete. It was built by Humayun’s wife, Persian queen HamTdah Banu Begam. It was designed by Persian architect Mirak MIrza Ghiyas. The construction was made in Persian method of construction. The use of stones and marbles shows Indian influence a lot.

Question 8.
What do you understand by ‘Mausoleum’?
Answer:
A ‘Mausoleum’ is an impressive building housing a tomb or group of tombs. Some of the mausoleums such as Sheikh Salim Chisti at Fatehpur Sikri and Taj Mahal at Agra are built on Persian framework.

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Question 9.
Explain briefly the Kandariya Mahadeva temple.
Answer:
The Kandariya Mahadeva Temple meaning “The Great God of the Cave”, is the largest and most ornate Hindu temple in the medieval temple group found at Khajuraho in Madhya Pradesh, India. Brief on Kandariya Mahadeva Temple

  • The Kandariya Mahadeva temple was constructed in 999 by the king Dhangadeva of the Chandela Dynasty.
  • It was dedicated to Shiva.
  • The entrance had an ornamented gateway and the main hall (mahamandapa) was there where dances were performed.
  • The image of the chief deity was kept in the main shrine known as garbhagriha. In this place only the king, his immediate family and priests gathered for ritual worship.

Question 10.
What is Islamic architecture?
Answer:
The Islamic architecture represents the order of Islam. It was a mixture of Persian, Timurid, Samarkand and Bukhara style and not entirely foreign implant on Indian scene. It is one of the world’s most renowned building traditions and known for its minarets, domes, vaulting, arches, tombs, etc.

Long Answer Type Questions

Question 1.
Explain the main architectural technique adopted in Qutub Minar. Name the people, ruler who were involved in the construction of Qutb Minar.
Answer:
The main architectural technique adopted in Qutb Minar are:

  • Qutb Minar is five storeys high.
  • It has two bands of inscription under the balcony.
  • It has the pattern under the balcony by the geometrical designs and small arches.
  • Only the most skilled craftsperson could perform this task as the surface of the minar is curved and angular.
  • It required great distinctness to place an inscription on such a surface.
  • Qutbuddin Aybak constructed the first floor around 1199. Then Iltutmish constructed it around 1229. But over the years, it was damaged by natural calamities like earthquake, lighting but repaired by Alauddin. Khalji, Muhammad TUghluq, Firuz Shah Tughluq and Ibrahim Lodi.

Question 2.
Is the statement true ‘The Mughal ruler spent their money more on architecture and art and less on improving the condition of the people’. Justify your answer.
Answer:
It is true that the Mughal rulers spent their money more on architecture and art and less on improving the condition of the people. Reasons are:

  • Most of the Mughal rulers were interested in art and architecture. They built buildings with fine patterns and designs of architecture.
  • Akbar built Fatehpur Sikri and Buland Darwaza near Agra.
  • Jahangir made beautiful gardens like Shalimar Bagh. He also built Red Fort, Jama Masjid, the greatest achievement.
  • Art and architecture was at its peak during his reign. Shah Jahan built Taj Mahal which is also one of the achievements.
  • Lots of money were required for the construction of these architectural buildings and for monuments.
  • The Mughals got it from the royal treasury without giving a thought for the welfare of the common people.
  • It would have been commendable and admirable for the Mughal emperors, if they had spent these money on improving and for the betterment of the common people.

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