JAC Class 11 Geography Solutions Chapter 1 भारत – स्थिति

Jharkhand Board JAC Class 11 Geography Solutions Chapter 1 भारत – स्थिति Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 11 Geography Solutions Chapter 1 भारत – स्थिति

बहु-विकल्पी प्रश्न (Multiple choice questions)

प्रश्न-दिए गए चार वैकल्पिक उत्तरों में से सही उत्तर चुनिए
1. भारत के विस्तार के संबंध में कौन-सा कथन सही है?
(A) 8°4 N-35° 5’N
(B) 8°4′ N-37° 6’N
(C) 8°4′ N-37° 5’N
(D) 6°45′ N-35° 6’N
उत्तर:
(B) 8°4N-37°6’N

2. भारत के साथ किस देश की स्थल सीमा सबसे लम्बी है?
(A) बांग्ला देश
(B) पाकिस्तान
(C) चीन
(D) म्यानमार।
उत्तर:
(A) बांग्ला देश।

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3. कौन-सा देश भारत से अधिक बड़ा है?
(A) चीन
(B) फ्रांस
(C) मिस्त्र
(D) ईरान।
उत्तर:
(A) चीन।

4. भारत की प्रामाणिक देशांतर रेखा कौन-सी है?
(A) 60° 30’E
(B) 75° 30’E
(C) 82° 30’E
(D) 90° 30’E
उत्तर:
(C) 82° 30’E.

अति लघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न-निम्नलिखित प्रश्नों का लगभग 30 शब्दों में उत्तर दो
प्रश्न 1.
क्या भारत को एक से अधिक मानक समय की आवश्यकता है? यदि हां तो आप ऐसा क्यों सोचते हैं?
उत्तर:
भारत एक विशाल देश है जिसका देशान्तरीय विस्तार 29° है। (68° से 97° पूर्व)। भारत में केवल एक ही प्रामाणिक रेखा (\(82 \frac{1}{2}^{\circ}\)पूर्व) है। यह भारत के मध्य में से गुज़रती है। कई देशों में एक से अधिक प्रामाणिक देशान्तर रेखाएं हैं क्योंकि उनका विस्तार अधिक है।

प्रायः 15° अक्षांश के पश्चात् एक प्रामाणिक देशान्तर रेखा होती है। भारत में विस्तार की दृष्टि से दो प्रामाणिक देशान्तर रेखाएं होनी चाहिए। भारत के पूर्वी तथा पश्चिमी भागों में दो घण्टे के समय का अन्तर है। यदि 75° देशान्तर (पश्चिमी भाग) में हो तथा 90° देशान्तर (पूर्वी भाग) में हो तो यह समय का अन्तर कम हो सकता है।

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प्रश्न 2.
भारत की लम्बी तट रेखा के क्या प्रभाव हैं?
उत्तर:

  1. भारत की लम्बी तट रेखा उत्तम तथा सुरक्षित बन्दरगाहें प्रदान करती है।
  2. लम्बी तट रेखा के कारण भारत का मत्स्य क्षेत्र विशाल है।
  3. लम्बी तट रेखा के कारण भारत का अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार अधिक है।
  4. इस लम्बी तट रेखा (7517 कि० मी० लम्बी) पर विभिन्न प्रकार के संसाधन मिलते हैं।
  5. इस तट रेखा पर कई बन्दरगाहों पर जलयान निर्माण केन्द्र स्थित हैं।

प्रश्न 3.
भारत का देशान्तरीय फैलाव इसके लिए किस प्रकार लाभप्रद है?
उत्तर:
भारत का पूर्व-पश्चिम देशान्तरीय विस्तार 30° है। इसके प्रभाव से भारत के पूर्वी भाग (अरुणाचल प्रदेश) तथा पश्चिमी भाग (गुजरात) के समय में दो घण्टे (30° x 4 = 120 मिनट) का अन्तर मिलता है। इससे भारत की विशालता का पता चलता है। इतने विशाल क्षेत्र के लिए भारत में एक मानक रेखां \(\)प\frac{1}{2}^{\circ}\(\)प E ली जाती है तथा भारत में पूर्वी-पश्चिमी भागों के समय में अधिक अन्तर नहीं होता।

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प्रश्न 4.
जबकि पूर्व में नागालैंड में सूर्य पहले उदय होता है और पहले ही अस्त होता है, फिर कोहिमा और नई दिल्ली में घड़ियां एक ही समय क्यों दिखाती हैं?
उत्तर:
किसी स्थान का स्थानिक समय सूर्य की ऊंचाई से सम्बन्धित है। दोपहर के समय वहां की घडियों में 12 बजे का समय होता है। परन्तु प्रामाणिक समय एक मानक देशान्तरीय रेखा के समय से लिया जाता है जो सारे देश में समान होता है। यह समय इलाहाबाद के निकट 82°E देशान्तर से लिया जाता है। यद्यपि कोहिमा तथा नई दिल्ली में सूर्य की ऊंचाई भिन्न होती है तथा स्थानिक समय (Local Time) भिन्न होता है, परन्तु इन दोनों नगरों का प्रामाणिक समय एक समान होता है तथा घड़ियों में एक ही समय होता है।

(ग) क्रिया कलाप
(Project Work)

प्रश्न 1.
एक ग्राफ पेपर पर मध्य प्रदेश, कर्नाटक, मेघालय, गोवा, केरल तथा ह रियाणा के जिलों की संख्या को आलेखित करें। क्या जिलों की संख्या का राज्यों के क्षेत्रफल से कोई सम्बन्ध है?
उत्तर:
क्रम सं०
राज्य जिलों की संख्या क्षेत्रफल (वर्ग कि० मी०) मध्य प्रदेश3,08,000 कर्नाटक

राज्यज़िलों की संख्याक्षेत्रफल ( वर्ग कि० मी०)
1. मध्य प्रदेश451,91,791
2. कर्नाटक2822,429
3. मेघालय73,702
4. गोवा238,863
5. केरल1444,212
6. हरियाणा193,08,000

जिन राज्यों के जिलों की संख्या अधिक है वहां कुल क्षेत्रफल अधिक है, तथा प्रत्येक जिले का औसत क्षेत्रफल अधिक है। परन्तु जिन राज्यों में जिलों की संख्या कम है वहां क्षेत्रफल भी कम है।

प्रश्न 2.
उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, गुजरात, अरुणाचल प्रदेश, तमिलनाडु, त्रिपुरा तथा राजस्थान में कौनसा सर्वाधिक जनसंख्या घनत्व वाला तथा कौन-सा न्यूनतम जनसंख्या घनत्व वाला राज्य है?
उत्तर:
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प्रश्न 3.
तटीय सीमाओं से संलग्न राज्यों की पहचान कीजिए।
उत्तर:

  1. पश्चिमी तट पर स्थित राज्य-गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, केरल।
  2. पूर्वी तट पर स्थित राज्य-तमिलनाडु, आन्ध्रप्रदेश, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल।

प्रश्न 4.
पश्चिम से पूर्व की ओर स्थलीय सीमा वाले राज्यों का क्रम तैयार करें।
उत्तर:
राजस्थान, पंजाब, जम्मू-कश्मीर (केन्द्र शासित), लद्दाख (केन्द्र शासित), हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, बिहार, सिक्किम, मेघालय, असम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, त्रिपुरा, मिज़ोरम। इस प्रकार देश में 20 राज्यों की स्थलीय सीमाएं हैं। जिसमें दो केन्द्र शासित राज्य हैं।

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प्रश्न 5.
उन केन्द्र प्रशासित क्षेत्रों की सूची बनाइए जिनकी स्थिति तटवर्ती है।
उत्तर:

  1. दमन-दीव
  2. दादर-नगर हवेली
  3. लक्षद्वीप
  4. पुड्डूचेरी
  5. अण्डमान निकोबार द्वीप समूह।

प्रश्न 6.
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली तथा अण्डमान निकोबार द्वीप समूह के क्षेत्रफल और जनसंख्या में अन्तर की व्याख्या आप किस प्रकार करेंगे?
उत्तर:

प्रदेशक्षेत्रफल (वर्ग कि० मी०)जनसंख्याजनसंख्या घनत्व व्यक्ति प्रति व० कि० मी०
1. दिल्ली14831,67,53,23511,297
2. अण्डमान निकोबार82493,79,94446

दिल्ली राजधानी क्षेत्र में जनसंख्या अण्डमान निकोबार की तुलना में लगभग 44.6 गुणा अधिक है तथा जनसंख्या घनत्व 245 गुणा अधिक है। परन्तु अण्डमान निकोबार द्वीप समूह में दिल्ली की तुलना में क्षेत्रफल 6 गुणा अधिक है।

प्रश्न 7.
एक ग्राफ पेपर पर दंड आरेख द्वारा केन्द्र शासित क्षेत्रों के क्षेत्रफल व जनसंख्या को आलेखित कीजिए।
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भारत – स्थिति  JAC Class 11 Geography Notes

→ स्थिति (Location): भारतीय उपमहाद्वीप उत्तरी गोलार्द्ध के उष्णकटिबन्धीय क्षेत्र में स्थित है। यह एक स्वतन्त्र धरातलीय भू-भाग है तथा एशिया की मुख्य भूमि से अलग होता है। उत्तर में पर्वतीय दीवार इसे विशेष चरित्र प्रदान करती है।

→ देश (Countries): भारतीय उप-महाद्वीप में भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, अफगानिस्तान, श्रीलंका तथा मालदीव शामिल हैं। इन्हें SAARC देश कहते हैं।

→ विस्तार (Extent): भारतीय उपमहाद्वीप 8°4′ उत्तर से 37°6′ उत्तर अक्षांश तथा 68° 7′ पूर्व से 97° 25′ पूर्व देशान्तर तक फैला हुआ है। कर्क रेखा भारत के मध्य से गुज़रती है।

→ आकार (Size): भारत का कुल क्षेत्रफल 32,87,263 वर्ग किलोमीटर, पाकिस्तान-7,96,095 वर्ग किलोमीटर तथा बांग्लादेश का क्षेत्रफल 1,48, 393 वर्ग किलोमीटर है। भारत विश्व में सातवां बड़ा देश है। यह त्रिकोणी |
आकार का देश है। इसकी पूर्व से पश्चिम तक 2933 किलोमीटर लम्बाई तथा उत्तर-दक्षिण तक 3214। किलोमीटर लम्बाई है।

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→ प्रामाणिक समय (Standard Time): 82° पूर्व देशान्तर इलाहाबाद तथा मिर्जापुर नगरों के मध्य से गुजरती है जहां से भारत का प्रामाणिक समय मापा जाता है। पाकिस्तान में 75° पूर्व तथा बांग्लादेश में 90° , पूर्व देशान्तर से प्रामाणिक समय मापा जाता है। भारत का प्रामाणिक समय ब्रिटेन से 5- घण्टे आगे है। यह समय | पाकिस्तान से – घण्टे आगे तथा बांग्लादेश से – घण्टे पीछे है।

→ सीमाएं (Frontiers): कन्याकुमारी (8° 04′ उत्तर) भारतीय स्थल भूमि का सबसे दक्षिणी छोर है। इन्दिरा प्वाईंट (6° 04′ उत्तर) (निकोबार द्वीप) भारत का सबसे दक्षिणी छोर है। भारत की स्थल सीमा 15,200 | किलोमीटर तथा तट रेखा 7,516 किलोमीटर लम्बी है। उत्तर में मैक्मोहन लाइन भारत तथा चीन के मध्य सीमा। बनाती है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी, दक्षिण में पाक सट्रेट (भारत तथा श्रीलंका के मध्य) तथा पश्चिम में। राजस्थान इसके पड़ोसी देशों के साथ सीमा बनाता है।

→ हिन्द महासागर (Indian Ocean): भारत हिन्द महासागर के शीर्ष पर 80° पूर्व उत्तर देशांतर में कन्याकुमारी के साथ स्थित है। भारत हिन्द महासागर के मध्य केन्द्रीय स्थिति रखता है। भारत का दक्षिण-पश्चिम एशिया, अफ्रीका, पूर्वी एशिया, यूरोप तथा उत्तरी अमेरिका से स्वेज नहर द्वारा सम्पर्क स्थापित है।
JAC Class 11 Geography Solutions Chapter 1 भारत – स्थिति 1
→ राजनीतिक विभाग (Political Division): भारत में 28 राज्य तथा 9 केन्द्र प्रशासित प्रदेश हैं। राजस्थान । सबसे बड़ा राज्य तथा गोआ सबसे छोटा राज्य है। (क्षेत्रफल के आधार पर) 2000 ई० में चार नये राज्यों का निर्माण हुआ-उत्तराखण्ड, झारखण्ड, छत्तीसगढ़ तथा तेलंगाना।

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केन्द्र प्रशासित प्रदेश

राज्य/ केन्द्र प्रशासित प्रदेशक्षेत्रफल वर्ग किलोमीटरजनसंख्याराजधानी
1.   अण्डमान तथा निकोबार द्वीप82493,79,944पोर्ट ब्लेयर
2.   चण्डीगढ़11410,54,686चण्डीगढ़
3.   दादरा तथा नगर हवेली491342,853सिलवासा
4.   दमन तथा दियू1122,42,911दमन
5.   लक्षद्वीप3264,429कावारती
6.   पाण्डिचेरी48012,44,464पाण्डिचेरी
7.   दिल्ली सम्पूर्ण भारत1,4831,67,53,235दिल्ली
8.   जम्मू-कश्मीर32,87,2631,21,01,93,422नई दिल्ली
9.   लद्दाख12553512267032श्रीनगर

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रचना के आधार पर वाक्य-भेद

Jharkhand Board JAC Class 10 Hindi Solutions Vyakaran रचना के आधार पर वाक्य-भेद Questions and Answers, Notes Pdf.

JAC Board Class 10 Hindi Vyakaran रचना के आधार पर वाक्य-भेद

प्रश्न 1.
वाक्य किसे कहते हैं ?
उत्तर :
एक विचार को पूर्णता से प्रकट करने वाले क्रमबद्ध सार्थक शब्द-समूह को वाक्य कहते हैं; जैसे-अशोक पुस्तक पढ़ता है। राम दिल्ली गया है। एक वाक्य में कम-से-कम दो शब्द-कर्ता और क्रिया अवश्य होने चाहिए, लेकिन वार्तालाप की स्थिति में कभी-कभी एक शब्द भी पूरे वाक्य का काम कर जाता है; जैसे –
आप कहाँ गए थे?
दिल्ली।
बीमार कौन है?
माता जी।

रचना की दृष्टि से वाक्य-भेद

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रचना के आधार पर वाक्य-भेद 1

प्रश्न 2.
सरल वाक्य किसे कहते हैं ?
उत्तर :
सरल वाक्य स्वतंत्र रूप से प्रयुक्त होने वाला उपवाक्य है। इसमें एक उद्देश्य, एक विधेय और एक ही समापिका क्रिया होती है। इसमें कर्ता, कर्म, पूरक, क्रिया और क्रिया-विशेषण में से कुछ घटकों का योग होता है; जैसे –

  • नकुल हँसता है।
  • रजत रुचि का छोटा भाई है।
  • आप क्या लेंगे?
  • पापा के द्वारा समझाने पर भी वह नहीं मानी।
  • आप खाना खाकर सो जाइए।
  • शाम होते ही पिताजी वापस आ गए।
  • रीना रो-रो कर बेहाल हो रही थी।
  • आँधी आते ही टैंट उड़ गया था।
  • आद्या थोड़ी देर चुप रहकर बोली।
  • मैंने उसे खाना खिलाकर सुला दिया है।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रचना के आधार पर वाक्य-भेद

प्रश्न 3.
संयुक्त वाक्य किसे कहते हैं ?
उत्तर :
जिस वाक्य में दो या दो से अधिक उपवाक्य स्वतंत्र रूप में समुच्चयबोधक अथवा योजक द्वारा मिले हुए हों, उसे संयुक्त वाक्य कहते हैं; जैसे –

  • अशोक पुस्तक पढ़ता है, परंतु शीला नहीं पढ़ती।
  • अशोक पुस्तक पढ़ता है और शीला लेख लिख रही है।
  • आप चाय पीएँगे या आपके लिए ठंडा लाऊँ।
  • हम लोग घूमने गए और वहाँ चार दिन रहे।
  • मम्मी बीमार थी इसलिए बाज़ार नहीं गई।
  • भीड़ ने आग लगाई और पत्थर बरसाने आरंभ कर दिए।
  • वह मंडी गई और ढेरों फल खरीद लाई।
  • वह मोटा है पर तेज़ भागता है।
  • रुचि बाज़ार गई लेकिन कपड़े खरीदना भूल गई।
  • अमृता ने समझाया और रघू मान गया।
  • उसने परिश्रम किया और सफलता प्राप्त कर ली।

प्रश्न 4.
मिश्र वाक्य किसे कहते हैं?
उत्तर :
जिस वाक्य में एक प्रधान उपवाक्य हो और एक या अधिक आश्रित उपवाक्य हों, उसे मिश्रित वाक्य कहा जाता है। मिश्रित वाक्य में उपवाक्य परस्पर व्याधिकरण योजकों; कि, यदि, अगर, तो, तथापि, यद्यपि इसलिए आदि; से जुड़े होते हैं। जैसे –

  • खाने – पीने का मतलब है कि मनुष्य स्वस्थ बने।
  • खाने – पीने का मतलब है-स्वतंत्र या प्रधान उपवाक्य।
  • कि – समुच्चयबोधक या योजक।
  • मनुष्य स्वस्थ बने – आश्रित उपवाक्य।

अन्य उदाहरण –

  • जब बाघ और शिकारी घात लगाकर निकलते हैं तब उनकी शक्ल देखने लायक होती है।
  • जो अपने वचन का पालन नहीं करता, वह विश्वास खो बैठता है।
  • जैसे ही मैं घर पहुँचा वैसे ही आँधी आ गई थी।
  • मैंने एक औरत देखी जो बहुत ठिगनी थी।
  • जैसे ही सिपाही पहुँचा वैसे ही गुंडे भाग गए।
  • मुझे एक बच्चा मिला जो बहुत दुबला-पतला था।
  • जब भूकंप आया तब अनेक इमारतें गिर गईं।
  • यद्यपि वह अच्छी टीम थी तथापि इनके सामने टिक नहीं पाई।
  • यह वही लड़की है जिसने आम तोड़े थे।
  • जैसे ही नेताजी पधारे वैसे ही स्वागत गान आरंभ हो गया।

मिश्र वाक्य में आने वाले आश्रित वाक्य तीन प्रकार के होते हैं –

1. संज्ञा उपवाक्य – मुख्य अथवा प्रधान उपवाक्य की किसी संज्ञा या संज्ञा पदबंध के बदले आने वाला उपवाक्य संज्ञा उपवाक्य कहलाता है। जैसे –

  • राकेश बोला कि मैं लखनऊ जा रहा हूँ।
  • यहाँ ‘मैं लखनऊ जा रहा हूँ’ उपवाक्य, प्रधान वाक्य ‘राकेश बोला’ क्रिया के कर्म के रूप में प्रयुक्त हुआ है। अत: यह संज्ञा उपवाक्य है।
  • मेरे जीवन का मूल उद्देश्य है कि मैं विद्या प्राप्त करूँ।
  • संज्ञा वाक्य के आरंभ में ‘कि’ योजक का प्रयोग होता है।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रचना के आधार पर वाक्य-भेद

2. विशेषण उपवाक्य – मुख्य या प्रधान उपवाक्य के किसी संज्ञा या सर्वनाम शब्द की विशेषता बताने वाला उपवाक्य विशेषण उपवाक्य कहलाता है। जैसे –

  • मैंने एक भिखारी देखा जो बहुत भूखा-प्यासा था।
  • जो व्यक्ति सच्चरित्र होता है, उसे सभी चाहते हैं।

3. क्रिया-विशेषण उपवाक्य – मुख्य अथवा प्रधान उपवाक्य की क्रिया के संबंध में किसी प्रकार की सूचना देने वाला उपवाक्य
क्रिया – विशेषण उपवाक्य कहा जाता है। जैसे –
क्रिया – विशेषण उपवाक्य पाँच प्रकार के होते हैं –
(i) कालवाची उपवाक्य –

  • ज्योंही मैं स्टेशन पहुँचा, त्योंही गाड़ी ने सीटी बजाई।
  • जब पानी बरस रहा था, तब मैं घर के भीतर था।

(ii) स्थानवाची उपवाक्य –

  • जहाँ तुम पढ़ते थे वहीं मैं पढ़ता था।
  • जिधर तुम जा रहे हो, उधर आगे रास्ता बंद है।

(iii) रीतिवाची उपवाक्य –

  • मैंने वैसे ही किया है जैसे आपने बताया था।
  • वह उसी प्रकार खेलता है जैसा उसके कोच सिखाते हैं।

(iv) परिणामवाची उपवाक्य

  • जैसे आमदनी बढ़ती जाती है, वैसे-वैसे महँगाई बढ़ती जाती है।
  • तुम जितना पढ़ोगे उतना ही तुम्हारा लाभ होगा।

(v) परिमाणवाची (कार्य-कारिणी) उपवाक्य –

  • वह जाएगा ज़रूर क्योंकि उसका साक्षात्कार है।
  • यदि मैंने पढ़ा होता तो अवश्य उत्तीर्ण हो गया होता।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रचना के आधार पर वाक्य-भेद

प्रश्न 5.
निम्नलिखित वाक्यों में उपवाक्य अलग करके उनके नाम लिखिए –
(क) गीता में कहा गया है कि कर्म ही मनुष्य का अधिकार है।
(ख) वीर सैनिकों ने ललकार कर कहा कि प्राण रहते शत्रु को नगर में नहीं घुसने देंगे।
(ग) समाज को एक सूत्र में बद्ध करने के लिए न्याय यह है कि सबको अपना काम करने की स्वतंत्रता मिले ताकि किसी को शिकायत करने का मौका न हो।
(घ) आज लोगों के मन में यही एक बात समा रही है कि जहाँ तक हो सके शीघ्र ही शत्रुओं से बदला लेना चाहिए। (ङ) सब जानते हैं, ताजमहल शाहजहाँ ने बनवाया है।
(च) हमारे खिलाड़ी कल मुंबई पहुंचेंगे और परसों पहला मैच खेलेंगे, जिसे हज़ारों दर्शक देखेंगे।
(छ) कल हमारे विद्यालय का वार्षिकोत्सव है, जिसमें अनेक प्रकार के कार्यक्रम होंगे।
(ज) मेरी आकाँक्षा है कि मैं एक सफल शिक्षक बनूँ, क्योंकि आज देश को योग्य शिक्षकों की जरूरत है।
(झ) जासूस को अपराधियों का भेद लगाना था, इसलिए वह उनके पास ठहर गया।
(ब) मैं जानता हूँ कि वह तुम्हारा भाई है।
(ट) मैं पढ़ रहा हूँ और वह सो रहा है।
(ठ) जब वह यहाँ आया, मैं सो रहा था।
(ड) वह आदमी जो कल यहाँ आया था, मेरा मित्र है।
(ढ) जब भी मैं वहाँ गया, उसने मेरा सत्कार किया।
(ण) जो छात्र परिश्रमी होता है, वह सभी को अच्छा लगता है।
(त) मैंने एक व्यक्ति देखा जो बहुत लंबा था।
(थ) मेरे जीवन का लक्ष्य है कि मैं डॉक्टर बनें।
(द) मेरे जीवन का लक्ष्य है कि मैं इंजीनियर बनूं।
(ध) उसने कहा कि मैं कल आगरा जाऊँगा।
(न) रमेश ने कहा कि मैं आज विद्यालय नहीं जाऊँगा।
उत्तर :
(क) (i) गीता में कहा गया है – प्रधान उपवाक्य।
(ii) कर्म पर ही मनुष्य का अधिकार है – आश्रित संज्ञा उपवाक्य।
(iii) वाक्य-भेद – मिश्रित वाक्य।

(ख) (i) वीर सैनिकों ने ललकार कर कहा – प्रधान उपवाक्य ।
(ii) प्राण रहते शत्रु को नगर में नहीं घुसने देंगे – आश्रित संज्ञा उपवाक्य।
(iii) वाक्य-भेद – मिश्रित वाक्य।

(ग) (i) समाज को एक सूत्र में बद्ध करने के लिए न्याय यह है – प्रधान उपवाक्य।
(ii) सबको अपना काम करने की स्वतंत्रता मिले – आश्रित संज्ञा उपवाक्य।
(iii) किसी को शिकायत करने का मौका न मिले – आश्रित क्रिया-विशेषण उपवाक्य।
(iv) वाक्य-भेद – मिश्रित वाक्य।

(घ) (i) आज लोगों के मन में यही बात समा रही है – प्रधान उपवाक्य।
(ii) जहाँ तक हो सके शीघ्र ही शत्रुओं से बदला लेना चाहिए – आश्रित संज्ञा उपवाक्य।
(iii) वाक्य-भेद – मिश्रित वाक्य।

(ङ) (i) सब जानते हैं-प्रधान उपवाक्य।
(ii) ताजमहल शाहजहाँ ने बनवाया था-आश्रित संज्ञा उपवाक्य।
(iii) वाक्य-भेद-मिश्रित वाक्य।

(च) (i) हमारे खिलाड़ी कल मुंबई पहुँचेंगे-प्रधान उपवाक्य।
(ii) (वे) परसों पहला मैच खेलेंगे-समानाधिकरण उपवाक्य।
(iii) जिसे हज़ारों दर्शक देखेंगे-आश्रित विशेषण उपवाक्य।
(iv) वाक्य-भेद-संयुक्त वाक्य।

(छ) (i) कल हमारे विद्यालय का वार्षिकोत्सव है-प्रधान उपवाक्य।
(ii) जिसमें अनेक प्रकार के कार्यक्रम होंगे-आश्रित विशेषण उपवाक्य।
(iii) वाक्य-भेद-मिश्रित वाक्य।

(ज) (i) मेरी आकाँक्षा है-प्रधान उपवाक्य।
(ii) मैं एक सफल शिक्षक बनूं-आश्रित संज्ञा उपवाक्य।
(iii) आज देश को योग्य शिक्षकों की ज़रूरत है-आश्रित क्रिया-विशेषण उपवाक्य।
(iv) वाक्य-भेद-मिश्रित वाक्य।

(झ) (i) जासूस को अपराधियों का भेद लेना था-प्रधान उपवाक्य।
(ii) वह उसके पास ठहर गया-समानाधिकरण-उपवाक्य।
(iii) वाक्य-भेद-संयुक्त वाक्य।

(ञ) (i) मैं जानता हूँ-प्रधान उपवाक्य।
(ii) वह तुम्हारा भाई है-आश्रित संज्ञा उपवाक्य।
(iii) वाक्य-भेद-मिश्रित वाक्य।

(ट) (i) मैं पढ़ रहा हूँ-प्रधान उपवाक्य।
(ii) वह सो रहा है-समानाधिकरण-उपवाक्य।
(iii) वाक्य-भेद-संयुक्त वाक्य।

(ठ) (i) मैं सो रहा था-प्रधान उपवाक्य।
(ii) जब वह यहाँ आया-आश्रित क्रिया-विशेषण उपवाक्य।
(iii) वाक्य-भेद-मिश्रित वाक्य।

(ड) (i) वह आदमी मेरा मित्र है-प्रधान वाक्य।
(ii) जो कल यहाँ आया था-आश्रित क्रिया-विशेषण उपवाक्य।
(iii) वाक्य-भेद-मिश्रित उपवाक्य।

(ढ) (i) उसने मेरा सत्कार किया-प्रधान उपवाक्य।
(ii) जब भी मैं वहाँ गया-आश्रित क्रिया-विशेषण उपवाक्य।
(iii) वाक्य-भेद-मिश्रित उपवाक्य।

(ण) (i) वह सभी को अच्छा लगता है-प्रधान उपवाक्य।
(ii) जो छात्र परिश्रमी होता है-आश्रित क्रिया-विशेषण उपवाक्य।
(iii) वाक्य-भेद-मिश्रित उपवाक्य।

(त) (i) मैंने एक व्यक्ति देखा-प्रधान वाक्य।
(ii) जो बहुत लंबा था-आश्रित क्रिया-विशेषण उपवाक्य।
(iii) वाक्य-भेद-मिश्रित वाक्य।

(थ) (i) मेरे जीवन का लक्ष्य है-प्रधान उपवाक्य।
(ii) मैं डॉक्टर बनूं-आश्रित संज्ञा उपवाक्य।
(iii) वाक्य-भेद-मिश्रित वाक्य।

(द) (i) मेरे जीवन का लक्ष्य है-प्रधान उपवाक्य।
(ii) मैं इंजीनियर बनूं-आश्रित संज्ञा उपवाक्य।
(iii) वाक्य-भेद-मिश्रित वाक्य।

(ध) (i) उसने कहा-प्रधान उपवाक्य
(ii) मैं कल आगरा जाऊँगा-आश्रित संज्ञा उपवाक्य।
(iii) वाक्य-भेद-प्रधान उपवाक्य।

(न) (i) रमेश ने कहा-प्रधान उपवाक्य।
(ii) मैं आज विद्यालय नहीं जाऊँगा-आश्रित संज्ञा उपवाक्य।
(iii) वाक्य-भेद-मिश्रित वाक्य।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रचना के आधार पर वाक्य-भेद

प्रश्न 6.
कोष्ठक में दिए गए निर्देशों के अनुसार वाक्यों में उचित परिवर्तन कीजिए –
(क) रमा को पुस्तक खरीदनी थी, इसलिए बाज़ार गई। (सरल वाक्य)
(ख) कल फूलपुर में मेला है और हम वहाँ जाएँगे। (साधारण वाक्य)
(ग) झाड़ियों के पीछे छिपकर बैठी बिल्ली कुत्ते के जाने की प्रतीक्षा करने लगी। (संयुक्त वाक्य)
(घ) आज अंदर बैठकर देर तक बातें करें। (संयुक्त वाक्य)
(ङ) सुबह पहली बस पकड़ो और शाम तक लौट आओ। (सरल वाक्य)
(च) मैंने उस व्यक्ति को देखा जो पीड़ा से कराह रहा था। (साधारण वाक्य)
(छ) उसने नौकरी के लिए प्रार्थना-पत्र लिखा। (मिश्र वाक्य)
(ज) दिन-रात मेहनत करने वालों को सोच-समझकर खर्च करना चाहिए। (मिश्रित वाक्य)
(झ) मैंने उस बच्चे को देखा जो स्कूटर चला रहा था। (सरल वाक्य)
(ञ) वहाँ एक गाँव था। वह गाँव बहुत बड़ा था। वह गाँव चारों ओर जंगल से घिरा था। उस गाँव में आदिवासियों के परिवार रहते थे। (सरल वाक्य)
(ट) मज़दूर खूब मेहनत करता है परंतु उसे उसका लाभ नहीं मिलता। (सरल वाक्य)
(ठ) मैंने एक दुबले-पतले व्यक्ति को भीख माँगते देखा। (मिश्र वाक्य)
(ड) जो व्यक्ति परिश्रम करते हैं, उन्हें अधिक समय तक निराश नहीं होना पड़ता। (सरल वाक्य)
(ढ) मेरा विचार है कि आज घूमने चलें। (सरल वाक्य)
(ण) मैंने उसे पढ़ाकर नौकरी दिलवाई। (संयुक्त वाक्य)
(त) वह फल खरीदने के लिए बाज़ार गया। (मिश्र वाक्य)
(थ) तुम बस रुकने के स्थान पर चले जाओ। (मिश्र वाक्य)
(द) शशि गा रही है और नाच रही है। (सरल वाक्य)
(ध) अध्यापक अपने शिष्यों को अच्छा बनाना चाहते हैं। (मिश्रित वाक्य)
(न) बालिकाएँ गा रही हैं और नाच रही हैं। (सरल वाक्य)
उत्तर :
(क) रमा पुस्तकें खरीदने के लिए बाजार गई।
(ख) कल हम फूलपुर के मेले में जाएंगे।
(ग) बिल्ली झाड़ियों के पीछे छिपकर बैठ गई और कुत्ते के जाने की प्रतीक्षा करने लगी।
(घ) आज अंदर बैठें और देर तक बातें करें।
(ङ) सुबह पहली बस पकड़कर शाम तक लौट आओ।
(च) मैंने पीड़ा से कराहते उस व्यक्ति को देखा।
(छ) उसने प्रार्थना-पत्र लिखा जो नौकरी के लिए था।
(ज) जो दिन-रात मेहनत करते हैं, उन्हें सोच-समझकर खर्च करना चाहिए।
(झ) मैंने स्कूटर चला रहे बच्चे को देखा।
(ञ) चारों ओर जंगल से घिरे उस बहुत बड़े गाँव में आदिवासियों के परिवार रहते थे।
(ट) मजदूर को खूब मेहनत करने पर भी उसका लाभ नहीं मिलता।
(ठ) मैंने एक व्यक्ति को भीख माँगते देखा जो दुबला-पतला था।
(ड) परिश्रमी लोगों को अधिक समय तक निराश नहीं होना पड़ता; या
परिश्रम करने वाले लोगों को अधिक समय तक निराश नहीं होना पड़ता।
(ढ) मेरे विचार में आज घूमने चलें; या।
मेरा विचार घूमने के लिए चलने का है।
(ण) मैंने उसे पढ़ाया और नौकरी दिलवाई।
(त) वह बाज़ार गया क्योंकि उसे फल खरीदने थे।
(थ) तुम उस स्थान पर चले जाओ जहाँ बस रुकती है।
(द) शशि नाच-गा रही है।
(ध) अध्यापक चाहते हैं कि उसके शिष्य अच्छे बनें।
(न) बालिकाएँ नाच-गा रही हैं।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रचना के आधार पर वाक्य-भेद

प्रश्न 7.
नीचे लिखे वाक्यों में कुछ साधारण वाक्य, कुछ मिश्रित वाक्य और कुछ संयुक्त वाक्य हैं। उनके ठीक-ठीक नाम लिखिए।
(क) मोहन ने कहा कि मैं जिस सिनेमाघर में गया उसमें टिकट नहीं मिला।
(ख) जो विद्वान होता है, उसे सभी आदर देते हैं।
(ग) मैं चाहता हूँ कि तुम परिश्रम करो और परीक्षा में सफल हो।
(घ) वह आदमी पागल हो गया है।
(ङ) स्त्री कपड़े सिलती है।
(च) झूठ बोलना महापाप है।
(छ) हमारे जीवन का आधार केवल धन नहीं, बल्कि कई और पदार्थ भी हैं।
(ज) अपना काम देखो।
(झ) जब राजा नगर में आया तो उत्सव मनाया गया।
(ञ) जो पत्र मिला है, उसे शीला ने लिखा होगा।
उत्तर :
(क) मिश्र
(ख) मिश्र
(ग) मिश्र
(घ) सरल
(ङ) सरल
(च) संयुक्त
(छ) सरल
(ज) सरल या सरल
(झ) मिश्र
(ञ) मिश्र

वाक्य रचनांतरण –

प्रश्न 1.
वाक्य रचनांतरण किसे कहते हैं?
उत्तर :
सरल वाक्य को संयुक्त एवं मिश्र बनाना, संयुक्त को सरल एवं मिश्र बनाना रचनांतरण कहलाता है। जैसे –
(i) सरल से मिश्र और संयुक्त वाक्य बनाना –
सरल – मोहन हिंदी पढ़ने के लिए शास्त्री जी के यहाँ गया है। जैसे –
मिश्र – मोहन को हिंदी पढ़ना है, इसलिए शास्त्री जी के यहाँ गया है।
संयुक्त – मोहन को हिंदी पढ़ना है और इसलिए शास्त्री जी के यहाँ गया है।

(ii) मिश्र से सरल वाक्य बनाना –
मिश्र – जब तक मोहन घर पहुंचा तब तक उसके पिता चल चुके थे।
सरल – मोहन के घर पहुंचने से पूर्व उसके पिता चल चुके थे।

(iii) मिश्र से सरल और संयुक्त वाक्य बनाना –
मिश्र – मैंने एक आदमी देखा जो बहुत बीमार था।
सरल – मैंने एक बहुत बीमार आदमी देखा।
संयक्त – मैंने एक आदमी देखा और वह बहत बीमार था।

(iv) संयुक्त से सरल और मिश्र वाक्य बनाना –
संयुक्त – मोहन बहुत अच्छा खिलाड़ी है लेकिन फेल कभी नहीं होता।
सरल – मोहन बहुत अच्छा खिलाड़ी होने पर भी फेल कभी नहीं होता।
मिश्र – यद्यपि मोहन बहुत अच्छा खिलाड़ी है तथापि फेल कभी नहीं होता।

(v) सरल वाक्यों से एक मिश्र वाक्य बनाना
सरल – पुस्तक में एक कठिन प्रश्न था। कक्षा में उस प्रश्न को कोई भी हल नहीं कर सका। मैंने उस प्रश्न को हल कर दिया।
मिश्र – पुस्तक के जिस कठिन प्रश्न को कक्षा में कोई भी हल नहीं कर सका मैंने उसे हल कर लिया है।

(vi) सरल वाक्यों से संयुक्त और मिश्र वाक्य बनाना –
सरल – इस वर्ष हमारे विद्यालय में बहुत-से वक्ता पधारे। कुछ वक्ता धर्म पर बोले। कुछ वक्ता साहित्य पर बोले। कुछ वक्ता वैज्ञानिक विषयों पर बोले।
संयुक्त – इस वर्ष हमारे विद्यालय में पधारने वाले बहुत-से वक्ताओं में से कुछ धर्म पर, कुछ साहित्य पर और कुछ वैज्ञानिक विषयों पर बोले।
मिश्र – इस वर्ष हमारे विद्यालय में जो बहुत-से वक्ता पधारे उनमें से कुछ धर्म पर, कुछ साहित्य पर और कुछ वैज्ञानिक विषयों पर बोले।
(vii) वाच्य की दृष्टि से रचनांतरण – राम नहीं खाता। = राम से नहीं खाया जाता।
(viii) सकर्मक से अकर्मक में रचनांतरण – मोहन पेड़ काट रहा है। = मोहन से पेड़ कट रहा है।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रचना के आधार पर वाक्य-भेद

प्रश्न 2.
रूपांतरण कैसे होता है?
उत्तर :
अर्थ की दृष्टि से वाक्य आठ प्रकार के होते हैं। उसमें परस्पर रूपांतरण का अभ्यास होना चाहिए। इसके लिए आवश्यक है कि उन सभी भेदों की रचना से आप सुपरिचित हों। कुछ उदाहरण प्रस्तुत हैं –

  • विधानवाचक – राम स्कूल जाएगा।
  • निषेधवाचक – राम स्कूल नहीं जाएगा।
  • प्रश्नवाचक – क्या राम स्कूल जाएगा?
  • आज्ञावाचक – राम, स्कूल जाओ।
  • विस्मयवाचक – अरे, राम स्कूल जाएगा!
  • इच्छावाचक – राम स्कूल जाए।
  • संदेहवाचक – राम स्कूल गया होगा।
  • संकेतवाचक – राम स्कूल जाए तो

प्रश्न 3.
कोष्ठक में दिए गए निर्देशानुसार बदलिए –

  1. माँ खाना पका रही है और परोस रही है। (सरल वाक्य में)
  2. अध्यापक अपने शिष्यों को अच्छा बनाना चाहता है। (मिश्र वाक्य में)
  3. मैंने एक बहुत मोटा व्यक्ति देखा। (मिश्र वाक्य में)
  4. मैं बाज़ार जाऊँगा और कपड़े खरीदूंगा। (सरल वाक्य में)
  5. आप खूब परिश्रम करते हैं और अच्छे अंक प्राप्त करते हैं। (सरल वाक्य में)
  6. मेरा निर्णय आज मौन रहने का है। (मिश्र वाक्य में)
  7. शाहनी ने दुपट्टे से सिर ढका। हवेली को अंतिम बार देखा। (सरल वाक्य में)
  8. शाहनी ने हिचकियों को रोका और रुंधे गले से कहा। (सरल वाक्य में)
  9. चातक थोड़ी देर चुप रहकर बोला। (संयुक्त वाक्य में)
  10. मैंने गौरा को देखा और उसे पालने का निश्चय किया। (सरल वाक्य में)
  11. मैंने एक व्यक्ति देखा। वह बहुत गरीब था। (मिश्र वाक्य में)
  12. वहाँ एक गाँव था। वह गाँव छोटा-सा था। उसके चारों ओर जंगल था। (मिश्र वाक्य में)
  13. मोहन कल यहाँ आया। उसने राम से बात की। वह चला गया। (संयुक्त वाक्य में)
  14. मैंने एक व्यक्ति देखा। वह बहुत दुबला-पतला था। (मिश्र वाक्य में)
  15. सड़क पार करता हुआ एक व्यक्ति बस से टकराकर मर गया। (मिश्र वाक्य में)
  16. यही वह बच्चा है, जिसे बैल ने मारा था। (सरल वाक्य में)
  17. रमेश गा रहा था। लता हँस रही थी। (मिश्र वाक्य में)

उत्तर :

  1. माँ खाना पका और परोस रही है।
  2. अध्यापक चाहता है कि उसके शिष्य अच्छे बनें।
  3. मैंने एक व्यक्ति देखा, जो बहुत मोटा था।
  4. मैं बाज़ार जाकर कपड़े खरीदूंगा।
  5. आप खूब परिश्रम कर अच्छे अंक प्राप्त करते हैं।
  6. मेरा निर्णय है कि मैं आज मौन रहूँ।
  7. शाहनी ने दुपट्टे से सिर ढककर हवेली को अंतिम बार देखा।
  8. शाहनी ने हिचकियों को रोककर रुंधे गले से कहा।
  9. चातक थोड़ी देर चुप रहा और बोला।
  10. मैंने गौरा को देखकर, उसे पालने का निश्चय कर लिया।
  11. मैंने एक व्यक्ति देखा, जो बहुत गरीब था।
  12. वहाँ उस छोटे-से गाँव के चारों ओर जंगल था।
  13. मोहन ने कल यहाँ आकर राम से बात की और चला गया।
  14. मैंने एक व्यक्ति देखा, जो बहुत दुबला-पतला था।
  15. जो व्यक्ति सड़क पार कर रहा था, वह बस से टकराकर मर गया।
  16. इस बच्चे को बैल ने मारा था।
  17. रमेश गा रहा था तो लता हँस रही थी।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रचना के आधार पर वाक्य-भेद

अभ्यास के लिए प्रश्नोत्तर – 

(अ) निम्नलिखित वाक्यों में से सरल वाक्य चुनिए
1. (क) जो लोग परिश्रम से धन कमाते हैं उन्हें सोच-समझकर खर्च करना चाहिए।
(ख) वह बाज़ार गया और वहाँ से आवश्यक सामान खरीद लाया।
(ग) सिपाही को देखते ही चोर भाग गया।
(घ) जो साहसी था वह तो अब रहा नहीं।
उत्तर :
(ग) सिपाही को देखते ही चोर भाग गया।

2. (क) नौकर भीतर आया उसने रोना शुरू कर दिया।
(ख) सच्चा-ईमानदार व्यक्ति सबको अच्छा लगता है।
(ग) मेरे बिस्तर पर जो चादर बिछी है वह मैली नहीं है।
(घ) जैसे ही समय पूरा हुआ वैसे ही मैंने पेपर मैडम को दे दिया था।
उत्तर :
(ख) सच्चा ईमानदार व्यक्ति सबको अच्छा लगता है।

(आ) निम्नलिखित वाक्यों में से संयुक्त वाक्य चुनिए –
1. (क) चहा बिल से बाहर निकला और बिल्ली ने उसे दबोच लिया।
(ख) इला भी क्रिकेट खेलने की शौकीन है।
(ग) परिश्रम न करने के कारण रीमा उत्तीर्ण न हो सकी।
(घ) सड़क पर शोर होने के कारण सब बाहर भागे थे।
उत्तर :
(क) चूहा बिल से बाहर निकला और बिल्ली ने उसे दबोच लिया।

(क) श्रीकृष्ण ने गीता का ज्ञान दिया था।
(ख) लड़का छात्रावास में जाकर बीमार हो गया।
(ग) डालियों पर आम का बौर लगा और कोयल कूकने लगी।
(घ) यह वही बदमाश है जिसने तुम सबको गालियाँ दी थीं।
उत्तर :
(ग) डालियों पर आम का बौर लगा और कोयल कूकने लगी।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रचना के आधार पर वाक्य-भेद

(इ) निम्नलिखित में से मिश्र वाक्य चुनिए
1. (क) माँ ने कहा कि मैं कल हरिद्वार जा रही हूँ।
(ख) राधेय ने बाण साधा और अर्जुन की ओर छोड़ दिया।
(ग) जो दूसरों के लिए मर-मिटते हैं, उनकी आज भी कमी नहीं है।
(घ) जंगल में शेर झाड़ियों के पीछे छिपा हुआ था।

2. (क) चीता भाग रहा था और शिकारी उसके पीछे लगे हुए थे।
(ख) जितनी महँगाई बढ़ेगी, उतना ही असंतोष का भाव बढ़ेगा।
(ग) किसान ने हल नीचे उतारा और बैल को चरने के लिए छोड़ दिया।
(घ) कर्ण बहादुर ही नहीं अपितु दानवीर भी था।

3. (क) बालक खाते-खाते ही सो गया था।
(ख) आइए अंदर चलें और बैठकर बात करें।
(ग) कठोर बनकर भी सहृदयता रखो।
(घ) जो दिन-रात लड़ते-झगड़ते रहते हैं, उनका जीवन कभी सुखद नहीं हो सकता।
उत्तर :
1. (ग) जो दूसरों के लिए मर मिटते हैं, उनकी आज भी कमी नहीं है।
2. (ख) जितनी महँगाई बढ़ेगी, उतना ही असंतोष का भाव बढ़ेगा।
3. (घ) जो दिन-रात लड़ते-झगड़ते रहते हैं, उनका जीवन कभी सुखद नहीं हो सकता।

(ई) संयुक्त तथा मिश्र वाक्य में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
संयुक्त वाक्य – संयुक्त वाक्य में दो अथवा अधिक वाक्य समुच्चयबोधक, योजक शब्द द्वारा जुड़े होते हैं।
उदाहरण – वह हॉकी खेलेगा और मैं फुटबॉल खेलँगा।
मिश्र वाक्य – मिश्र वाक्य में एक प्रधान वाक्य होता है तथा अन्य उपवाक्य उसके अधीन होकर आते हैं।
उदाहरण – मैंने सुना है कि तुम बनारस जा रहे हो।
मैंने सुना है – प्रधान वाक्य तथा तुम बनारस जा रहे हो उपवाक्य है।

(उ) और, पर, या, ताकि का प्रयोग करते हुए चारों के दो-दो संयुक्त वाक्य बनाइए।
उत्तर :
और –
1. राकेश विद्यालय जाएगा और महेश घर का काम करेगा।
2. सूर्य डूबता है और अँधेरा हो जाता है।

पर –
1. मैं चल-चित्र देखने जाना चाहता था पर जा न सका।
2. मैं तो गया था पर उसने मेरी बात ही नहीं सुनी।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रचना के आधार पर वाक्य-भेद

या –
1. आप घर जाइए या कार्यालय में जाइए।
2. अनुशासन में रहो या बाहर चले जाओ।

ताकि –
1. आप परिश्रम करें ताकि सफल हो जाएँ।
2. मैं प्रतीक्षा करता रहा ताकि काम बन जाए।

(ऊ) निर्देशानुसार उत्तर दीजिए –

  1. पिता ने बच्चे को तैयार करके स्कूल भेजा। (संयुक्त वाक्य)
  2. हम लोग तैरने के लिए नहर पर गए थे। (मिश्र वाक्य)
  3. प्लेट नीचे गिरी और टूट गई। (सरल वाक्य)
  4. फ़ायदे वाला काम करो। (मिश्र वाक्य)
  5. जुआ खेलने वाले लोग मुझे अच्छे नहीं लगते। (मिश्र वाक्य)
  6. मैं एक ऐसे पंडित से मिला जो बहुत विद्वान था। (संयुक्त वाक्य)
  7. आप कमीज़ लेना चाहेंगे अथवा पैंट लेना चाहेंगे? (सरल वाक्य)
  8. मेरे घर में एक पुरानी मेज़ है। (मिश्र वाक्य)
  9. मेरे विचार से काम करें। (मिश्र वाक्य)
  10. मैंने उसे बुलाया तब वह मेरे पास आया। (सरल वाक्य)
  11. सफ़ेद पैंट वाला आदमी कहाँ गया। (मिश्र वाक्य)
  12. मैंने उसे पढ़ाकर काबिल बनाया। (संयुक्त वाक्य)

उत्तर :

  1. पिता ने बच्चे को तैयार किया और स्कूल भेजा।
  2. हम लोगों को तैरना था इसलिए हम नहर पर गए थे।
  3. प्लेट नीचे गिरकर टूट गई।
  4. काम वही करो जिसमें फायदा हो।
  5. जो लोग जुआ खेलते हैं, मुझे अच्छे नहीं लगते।
  6. मैं एक पंडित से मिला और वह बहुत विद्वान था।
  7. आप कमीज़ या पैंट में से क्या लेंगे?
  8. मेरे घर में जो मेज़ है, वह बहुत पुरानी है।
  9. मेरा विचार है कि काम करें।
  10. मेरे बुलाने पर वह मेरे पास आया।
  11. वह आदमी कहाँ गया जो सफ़ेद पैंट पहने हुए था।
  12. मैंने उसे पढ़ाया और काबिल बनाया।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रचना के आधार पर वाक्य-भेद

पाठ पर आधारित बहुविकल्पी प्रश्नोत्तर –

1. रचना के आधार पर वाक्य-भेद संबंधी प्रश्नों के सही विकल्प वाले उत्तर चुनिए –
(क) जहाँ दो स्वतंत्र वाक्य समुच्चयबोधक द्वारा जुड़े हों, उसे कहते हैं।
(i) संयुक्त वाक्य
(ii) सरल वाक्य
(iii) मिश्र वाक्य
(iv) जटिल वाक्य
उत्तर :
(i) संयुक्त वाक्य

(ख) दिए गए वाक्यों में से मिश्र वाक्य है –
(i) प्रधानमंत्री आने वाले थे किंतु नहीं आए।
(ii) मैं महँगी साइकिल नहीं खरीदूंगा।
(iii) जो योग्य है, वही इस पद का हकदार है।
(iv) वह विदेश गया और मेरे लिए उपहार लाया।
उत्तर :
(iii) जो योग्य है, वही इस पद का हकदार है।

(ग) दिए गए वाक्यों में से संयुक्त वाक्य है
(i) मैंने उसे अभी रुकने के लिए कहा था लेकिन उसने मना कर दिया।
(ii) तुम्हारे विचार ऐसे हैं जो उनको पसंद नहीं हैं।
(iii) उस युग में उत्पीड़न का बोलवाला था।
(iv) वहाँ एक धनी रहता है जिसके पास अपार संपत्ति है।
उत्तर :
(i) मैंने उसे अभी रुकने के लिए कहा था लेकिन उसने मना कर दिया।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रचना के आधार पर वाक्य-भेद

(घ) जिस वाक्य में एक ही उद्देश्य और एक ही विधेय होता है, उसको कहते हैं –
(i) मिश्र वाक्य
(ii) संयुक्त वाक्य
(iii) जटिल वाक्य
(iv) सरल वाक्य
उत्तर :
(iv) सरल वाक्य

(ङ) जिस वाक्य में एक प्रधान उपवाक्य के साथ एक या अधिक आश्रित उपवाक्य हो, उसे कहते हैं –
(i) संयुक्त वाक्य
(ii) साधारण वाक्य
(iii) सरल वाक्य
(iv) मिश्र वाक्य
उत्तर :
(iv) मिश्र वाक्य

2. निर्देशानुसार उपयुक्त विकल्प चुनिए –
(क) निम्नलिखित में से संयुक्त वाक्य है
(i) जैसे ही कार आई, वह बैठ गया।
(ii) हम कल पुणे जाएँगे।
(iii) मैंने उसे जंगल में जाने से मना किया पर वह नहीं माना।
(iv) भीख माँगना दीनता का द्योतक है।
उत्तर :
(iii) मैंने उसे जंगल में जाने से मना किया पर वह नहीं माना।

(ख) निम्नलिखित में से सरल वाक्य है –
(i) जो श्रम के आश्रित हैं, उन्हें सफलता अवश्य मिलती है।
(ii) जैसे ही बच्चे ने माँ को देखा वैसे ही चुप हो गया।
(iii) सफलता परिश्रमी के कदम चूमती है।
(iv) वह आएगी तो हम मसौदा बनाएँगे।
उत्तर :
(iii) सफलता परिश्रमी के कदम चूमती है।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रचना के आधार पर वाक्य-भेद

(ग) “जो छात्र पढ़ने के इच्छुक हैं, उन्हें यहाँ सभी सुविधाएँ उपलब्ध हैं।” साधारण वाक्य में होगा –
(i) पढ़ने के इच्छुक छात्रों को यहाँ सभी सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
(ii) पढ़ाई करने वालों छात्रों को यहाँ सभी सुविधाएँ मिलती हैं।
(iii) पढ़ाई करने वाले यहाँ सभी सुविधाएँ प्राप्त कर सकते हैं।
(iv) यहाँ पढ़ने वाले सभी छात्र सुविधाएँ पाते हैं।
उत्तर :
(i) पढ़ने के इच्छुक छात्रों को यहाँ सभी सुविधाएँ उपलब्ध हैं।

(घ) दिए गए वाक्यों में से संयुक्त वाक्य है –
(i) तुम्हारा ज्ञान दुख का विनाश करेगा।
(ii) आप सब कुछ बोलिए किंतु उसको राक्षस मत कहिए।
(iii) वह ज्यों ही घर से निकला त्यों ही आँधी आने लगी।
(iv) तुम जहाँ रहते हो, वहीं जाओ।
उत्तर :
(ii) आप सब कुछ बोलिए किंतु उसको राक्षस मत कहिए।

(ङ) “उसकी चाची घर में आकर माँ से मिलकर चली गई।” मिश्र वाक्य का रूप होगा –
(i) उसकी चाची घर में आई और माँ से मिलकर गई।
(ii) जैसे ही चाची घर में आई वैसे ही माँ से मिलकर चली गई।
(iii) चाची घर में आते ही माँ से मिली और चली गई।
(iv) चाची घर में आकर माँ से मिलकर चली गई।
उत्तर :
(ii) जैसे ही चाची घर में आई वैसे ही माँ से मिलकर चली गई।

3. निर्देशानुसार उपयुक्त विकल्प चुनिए –
(क) दिए गए वाक्यों में से संयुक्त वाक्य है
(i) मेरे दफ्तर में एक पुरानी अलमारी है।
(ii) वह छात्रा पास हो गई जो कल यहाँ आई थी।
(iii) पिता जी ने खाना खाया और सो गए।
(iv) मैंने सुना है कि तुम अयोध्या जा रहे थे।
उत्तर :
(iii) पिता जी ने खाना खाया और सो गए।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रचना के आधार पर वाक्य-भेद

(ख) “वर्षा हो रही थी। राम छाता लेकर विद्यालय आया।” सरल वाक्य में होगा
(i) राम विद्यालय में छाता लेकर गया क्योंकि वर्षा हो रही थी।
(ii) राम वर्षा में छाता लेकर विद्यालय गया।
(iii) वर्षा हो रही थी इसलिए राम छाता लेकर विद्यालय गया।
(iv) वर्षा होते ही राम छाता लेकर विद्यालय गया।
उत्तर :
(ii) राम वर्षा में छाता लेकर विद्यालय गया।

(ग) दिए गए वाक्यों में से मिश्र वाक्य छाँटिए
(i) लाल कमीज़ वाले छात्र को यह ट्रॉफी दे दो।
(ii) जो भाषण मैंने मंच से दिया वह अखबारों में छप गया।
(iii) वे बेबाक राय और सुझाव देते हैं।
(iv) आगरा आने पर वे मुझसे मिले।
उत्तर :
(ii) जो भाषण मैंने मंच से दिया वह अखबारों में छप गया।

(घ) जहाँ एक प्रधान उपवाक्य और एक या एक के अधिक उपवाक्य योजकों द्वारा जुड़े हों, उसे क्या कहते हैं?
(i) सरल वाक्य
(ii) संयुक्त वाक्य
(iii) मिश्र वाक्य
(iv) जटिल वाक्य
उत्तर :
(ii) संयुक्त वाक्य

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रचना के आधार पर वाक्य-भेद

(ङ) “बालगोबिन जानते हैं कि अब बुढ़ापा आ गया।” वाक्य में रेखांकित उपवाक्य का भेद है –
(i) विशेषण उपवाक्य
(ii) सर्वनाम उपवाक्य
(iii) क्रिया उपवाक्य
(iv) संज्ञा उपवाक्य
उत्तर :
(iv) संज्ञा उपवाक्य

बोर्ड की परीक्षाओं में पूछे गए प्रश्नों के उत्तर –

1. (i) बढ़ती जनसंख्या पर अंकुश नहीं लगाया गया तो मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ेगा। (सरल वाक्य में बदलिए)
(ii) अनेक संस्थाएँ जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए कार्यरत हैं। (मिश्र वाक्य बनाइए)
(iii) जो अपने भाई साहब से मिलने आए हैं उन्हें मैं जानता भी नहीं। (संयुक्त वाक्य में बदलिए)
उत्तर :
(i) बढ़ती जनसंख्या पर अकुंश लगाये बिना मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ेगा।
(ii) अनेक संस्थाएँ कार्यरत हैं जो जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करेंगी।
(iii) अपने भाई साहब को मिलने कोई आए हैं और मैं उन्हें नहीं जानता।

2. (i) एक तुमने ही इस जादू पर विजय प्राप्त की है। (वाक्य भेद लिखिए)
(ii) एक मोटरकार उनकी दुकान के सामने आकर रुकी। (संयुक्त वाक्य में बदलिए)
(ii) सभी विद्यार्थी कवि-सम्मेलन में समय से पहुँचे और शांति से बैठे रहे। (मिश्रित वाक्य में बदलिए)
उत्तर
(i) सरल वाक्य।
(ii) एक मोटरकार आई और उनकी दुकान के सामने रुकी।
(iii) जो भी विद्यार्थी कवि-सम्मेलन में आए हुए थे वे सभी शांति से बैठे रहे।

3. (i) सर्वदयाल ने शीत से बचने के लिए हाथ जेब में डाला तो कागज़ का एक टुकड़ा निकल आया। (मिश्र वाक्य में बदलिए)
(ii) उसे दफ़्तर की नौकरी से घृणा थी। (वाक्य भेद बताइए)
(ii) उनको पूरा-पूरा विश्वास था कि ठाकुर साहब मेंबर बन जाएँगे। (सरल वाक्य में बदलिए)
उत्तर:
(i) सर्वदयाल ने जब शीत से बचने के लिए हाथ जेब में डाला तब कागज़ का एक टुकड़ा निकल आया।
(ii) सरल वाक्य।
(iii) ठाकुर साहब के मेंबर बनने का उन्हें पूरा विश्वास था।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रचना के आधार पर वाक्य-भेद

4. (i) उनको पूरा-पूरा विश्वास था कि ठाकुर साहब मेंबर बन जाएंगे। (आश्रित उपवाक्य छाँटकर भेद भी लिखिए)
(ii) लालची लोग दिन-रात ठाकुर साहब के घर मिठाइयाँ उड़ाते थे। (उद्देश्य-विधेय छाँटकर लिखिए)
(iii) उसे वोट दें जो सच्चे अर्थों में देश का हितैषी हो। (सरल वाक्य में बदलिए)
उत्तर :
(i) आश्रित उप वाक्य – ठाकुर जी मेंबर बन जाएँगे।
भेद – आश्रित संज्ञा उपवाक्य
(ii) उद्देश्य – लालची लोग
विधेय – ठाकुर साहब के घर मिठाइयाँ उड़ाते थे।
(iii) सच्चे अर्थों में देश के हितैषी को वोट दें।

5. (i) जीवन की कुछ चीजें हैं जिन्हें हम कोशिश करके पा सकते हैं। (आश्रित उपवाक्य छाँटकर उसका भेद भी लिखिए) (ii) मोहनदास और गोकुलदास सामान निकालकर बाहर रखते जाते थे। (संयुक्त वाक्य में बदलिए)
(iii) हमें स्वयं करना पड़ा और पसीने छूट गए। (मिश्र वाक्य में बदलिए)
उत्तर :
(i) विशेषण आश्रित उपवाक्य-जिन्हें हम कोशिश करके पा सकते हैं।
(ii) मोहनदास और गोकुलदास सामान निकालते थे और बाहर रखते जाते थे।
(iii) जब हमें स्वयं करना पड़ा तब पसीने छूट गए।

6. (i) वे उन सब लोगों से मिले, जो मुझे जानते थे। (सरल वाक्य में बदलिए)
(ii) पंख वाले चींटे या दीमक वर्षा के दिनों में निकलते हैं। (वाक्य का भेद लिखिए)
(iii) आषाढ़ की एक सुबह एक मोर ने मल्हार के मियाऊ-मियाऊ को सुर दिया था। (संयुक्त वाक्य में बदलिए)
उत्तर :
(i) वे मुझे जानने वाले सब लोगों से मिले।
(ii) सरल वाक्य
(iii) आषाढ़ की एक सुबह थी और एक मोर ने मल्हार के मियाऊ-मियाऊ की सुर दिया था।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रचना के आधार पर वाक्य-भेद

7. (i) कभी ऐसा वक्त भी आएगा जब हमारा देश विश्वशक्ति होगा।
(आश्रित उपवाक्य छाँटकर उसका भेद भी लिखिए।)
(ii) घर से दूर होने के कारण वे उदास थे। (संयुक्त वाक्य में बदलिए)
(ii) जब बच्चे उतावले हो रहे थे तब कस्तूरबा की आशंकाएँ भीतर उसे खरोंच रही थीं। (सरल वाक्य में बदलिए) उत्तर :
(i) क्रिया-विशेषण आश्रित उपवाक्य-जब हमारा देश विश्व शक्ति होगा।
(ii) वे घर से दूर थे इसलिए उदास थे।
(iii) बच्चों के उतावले होने पर कस्तूरबा की आशंकाएँ भीतर उसे खरोंच रही थीं।

8. (i) जब सावन-भादों आते हैं तब दर्जिन की आवाज़ पूरे इलाके में गूंजती है। (सरल वाक्य में बदलिए)
(ii) भुजंगा शाम को तार पर बैठकर पतिंगों को पकड़ता रहता है। (मिश्र वाक्य में बदलिए)
(ii) अँधेरा होते-होते चौदह घंटों बाद कूजन-कुंज का दिन ख़त्म हो जाता है। (संयुक्त वाक्य में बदलिए)
उत्तर :
(i) सावन-भादों आने पर दर्जिन की आवाज़ पूरे इलाके में गूंजती है।
(ii) जब भुजंगा शाम को तार पर बैठता है तब पतिंगों को पकड़ता रहता है।
(iii) अँधेरा होने लगता है और चौदह घंटों बाद कूजन-कुंज का दिन ख़त्म हो जाता है।

9. (i) मैंने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों के अभावग्रस्त जीवन के बारे में मैं सब जानती हूँ। (आश्रित उपवाक्य छाँटकर उसका भेद भी लिखिए।)
(ii) सीधा-सादा किसान सुभाष पालेकर अपनी नेचुरल फार्मिंग से कृषि के क्षेत्र में क्रांति ला रहा है। (मिश्र वाक्य में बदलिए)
(iii) अपने उत्पाद को सीधे ग्राहक को बेचने के कारण किसान को दुगुनी कीमत मिलती है। (संयुक्त वाक्य में बदलिए)
उत्तर :
(i) संज्ञा आश्रित उपवाक्य-कि स्वतंत्रता सेनानियों के अभावग्रस्त जीवन के बारे में मैं सब जानती हूँ।
(ii) सुभाष पालेकर सीधा-सादा किसान है जो अपनी नेचुरल फार्मिंग से कृषि के क्षेत्र में क्रांति ला रहा है।
(iii) किसान अपने उत्पाद को सीधे ग्राहक को बेचता है और इसलिए उसे दुगुनी कीमत मिलती है।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रचना के आधार पर वाक्य-भेद

10. (i) डलिया में आम हैं, दूसरे फलों के साथ आम रखे हैं। (सरल वाक्य बनाइए)
(ii) शर्मीला पीलक पेड़ के पत्तों में छुपकर बोलता है। (संयुक्त वाक्य बनाइए)
(iii) पीलक जितना शर्मीला होता है उतनी ही इसकी आवाज़ भी शर्मीली है। (वाक्य-भेद लिखिए)
उत्तर :
(i) डलिया में दूसरे फलों के साथ आम रखे हैं।
(ii) शर्मीला पीलक पेड़ के पत्तों में छुपता है और बोलता है।
(iii) मिश्र वाक्य।

11. (i) बालगोबिन जानते हैं कि अब बुढ़ापा आ गया। (आश्रित उपवाक्य छाँटकर भेद भी लिखिए)
(ii) मॉरीशस की स्वच्छता देखकर मन प्रसन्न हो गया। (मिश्र वाक्य में बदलिए)
(ii) गुरुदेव आराम कुर्सी पर लेटे हुए थे और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले रहे थे। (सरल वाक्य में बदलिए)
उत्तर :
(i) कि अब बुढ़ापा आ गया है (संज्ञा उपवाक्य)
(ii) जब मॉरीशस की स्वच्छता देखी तो मन प्रसन्न हो गया।
(iii) गुरुदेव आराम कुर्सी पर लेटकर प्राकृतिक सौंदर्य का आनन्द ले रहे थे।

12. (i) कठोर होकर भी सहृदय बनो। (संयुक्त वाक्य में बदलिए)
(ii) यद्यपि वह सेनानी नहीं था पर लोग उसे कैप्टन कहते थे। (सरल वाक्य में बदलिए)
(iii) बच्चे वैसे करते हैं जैसे उन्हें सिखाया जाता है। (रेखांकित उपवाक्य का भेद लिखिए)
(iv) सभी लोगों ने सुंदर दृश्य देखा। (रचना के आधार पर वाक्य भेद लिखिए)
उत्तर :
(i) कठोर बनो और सहृदय रहो।
(ii) सेनानी न होने पर भी लोग उसे कैप्टन कहते थे।
(iii) क्रियाविशेषण आश्रित उपवाक्य।
(iv) सरल वाक्य।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रचना के आधार पर वाक्य-भेद

13. (i) एक चश्मेवाला है जिसका नाम कैप्टन है। (सरल वाक्य में बदलिए)
(ii) कहा जा चुका है कि मूर्ति संगमरमर की थी। (आश्रित उपवाक्य छाँटकर भेद भी लिखिए)
(iii) मूर्ति की आँखों पर सरकंडे से बना छोटा-सा चश्मा रखा हुआ था। (मिश्र वाक्य में बदलिए)
(iv) हालदार साहब का प्रश्न सुनकर वह आँखों ही आँखों में हँसा। (संयुक्त वाक्य में बदलिए)
उत्तर :
(i) एक चश्मे वाले का नाम कैप्टन है।
(ii) कि मूर्ति संगमरमर की थी।
(iii) मूर्ति की आँखों पर चश्मा था, जो सरकंडे से बना था।
(iv) उसने हालदार साहब का प्रश्न सुना और आँखों ही आँखों में हँसा।

14. (i) मैंने उस व्यक्ति को देखा जो पीड़ा से कराह रहा था। (संयुक्त वाक्य में बदलिए)
(ii) जो व्यक्ति परिश्रमी होता है, वह अवश्य सफल होता है। (सरल वाक्य में बदलिए)
(iii) वह कौन-सी पुस्तक है जो आपको बहुत पसंद है। (रेखांकित उपवाक्य का भेद लिखिए)
(iv) कश्मीरी गेट के निकल्सन कब्रगाह में उनका ताबूत उतारा गया। (मिश्र वाक्य में बदलिए)
उत्तर :
(i) मैंने उस व्यक्ति को देखा और वह पीड़ा से कराह रहा था।
(ii) परिश्रमी व्यक्ति अवश्य सफल होता है।
(iii) प्रधान वाक्य।
(iv) उनका ताबूत निकल्सन कब्रगाह में उतारा गया जो कश्मीरी गेट में है।

15. “हर्षिता बहुत विनम्र है और सर्वत्र सम्मान प्राप्त करती है।”-रचना के आधार पर वाक्य भेद है
(क) सरल वाक्य
(ख) मिश्र वाक्य
(ग) संयुक्त वाक्य
(घ) साधारण वाक्य
उत्तर :
(ग) संयुक्त वाक्य।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रचना के आधार पर वाक्य-भेद

16. निम्नलिखित में मिश्र वाक्य है
(क) मैंने एक वष्टद्ध की सहायता की।
(ख) जो विद्यार्थी परिश्रमी होता है, वह अवश्य सफल होता है।
(ग) अध्यापिका ने अवनि की प्रशंसा की तथा उसका उत्साह बढ़ाया।
(घ) नवाब साहब ने संगति के लिए उत्साह नहीं दिखाया।
उत्तर :
(ख) जो विद्यार्थी परिश्रमी होता है, वह अवश्य सफल होता है।

17. “प्रयश बाज़ार गया। वहाँ से सेब लाया।”-इस वाक्य का संयुक्त वाक्य में रूपांतरण होगा
(क) प्रयश बाज़ार गया और वहाँ से सेब लाया।
(ख) प्रयश सेब लाया जब वह बाज़ार गया।
(ग) प्रयश बाज़ार जाकर सेब लाया।
(घ) जब प्रयश बाज़ार गया तो वहाँ से सेब लाया।
उत्तर :
(क) प्रयश बाज़ार गया और वहाँ से सेब लाया।

18. “जो वीर होते हैं, वे रणभूमि में अपनी वीरता का प्रदर्शन करते हैं।” रेखांकित उपवाक्य का भेद है
(क) संज्ञा आश्रित उपवाक्य
(ख) सर्वनाम आश्रित उपवाक्य
(ग) क्रियाविशेषण आश्रित उपवाक्य
(घ) विशेषण आश्रित उपवाक्य
उत्तर :
(घ) विशेषण आश्रित उपवाक्य

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रचना के आधार पर वाक्य-भेद

19. निम्नलिखित में सरल वाक्य है
(क) प्रातःकाल हुआ और सूरज की किरणें चमक उठीं।
(ख) जब प्रात:काल हुआ, सूरज की किरणें चमक उठीं।
(ग) प्रात:काल होते ही सूरज की किरणें चमक उठीं।
(घ) जैसे ही प्रात:काल हुआ सूरज की किरणें चमक उठीं।
उत्तर :
(ग) प्रात:काल होते ही सूरज की किरणें चमक उठीं।

20. निर्देशानुसार उत्तर लिखिए –
(क) पत्थर की मूर्ति पर चश्मा असली था। (संयुक्त वाक्य में बदलिए)
(ख) मूर्तिकार ने सुना और जवाब दिया। (सरल वाक्य में बदलिए)
(ग) काशी में संगीत आयोजन की एक प्राचीन एवं अद्भुत परंपरा है। (मिश्र वाक्य में बदलिए)
(घ) एक चश्मेवाला है जिसका नाम कैप्टन है। (आश्रित उपवाक्य छाँटकर भेद भी लिखिए)
उत्तर :
(क) मूर्ति पत्थर की थी (और/परंतु) चश्मा असली था।
(ख) मूर्तिकार ने सुनकर जवाब दिया।
(ग) वह काशी है जहाँ संगीत आयोजन की एक प्राचीन एवं अद्भुत परंपरा है।
(घ) जिसका नाम कैप्टन है। संज्ञा आश्रित उपवाक्य

21. निर्देशानुसार उत्तर लिखिए –
(क) एक साल पहले बने कॉलेज में शीला अग्रवाल की नियुक्ति हुई थी। (संयुक्त वाक्य में बदलिए)
(ख) जो व्यक्ति साहसी है उनके कोई कार्य असंभव नहीं है। (सरल वाक्य में बदलिए)
(ग) सवार का संतुलन बिगड़ा और वह गिर गया। (मिश्रवाक्य में बदलिए)
(घ) केवट ने कहा कि बिना पाँव धोए आपको नाव पर नहीं चढ़ाऊँगा। (आश्रित उपवाक्य छाँटकर भेद भी लिखिए) उत्तर :
(क) कॉलेज एक साल पहले बना था और उसमें शीला अग्रवाल की नियुक्ति हुई थी।
(ख) साहसी व्यक्ति के लिए कोई कार्य असंभव नहीं है।
(ग) जैसे ही सवार का संतुलन बिगड़ा वैसे ही वह गिर गया।
(घ) कि बिना पाँव धोए आपको नाव पर नहीं चढ़ाऊँगा।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रचना के आधार पर वाक्य-भेद

22. निर्देशानुसार उत्तर लिखिए –
(क) उसने स्टेडियम जाकर क्रिकेट मैच देखा। (संयुक्त वाक्य)
(ख) जैसे ही बच्चे को खिलौना मिला वह चुप हो गया। (सरल वाक्य में बदलिए)
(ग) मन्नू जी की साहित्यिक उपलब्धियों के लिए उन्हें अनेक पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं। (मिश्र वाक्य में बदलिए)
(घ) जो शांति बरसती थी वह चेहरे में स्थिर थी। (आश्रित उपवाक्य छाँटकर उसका भेद लिखिए)
उत्तर :
(क) वह स्टेडियम गया और क्रिकेट मैच देखा।
(ख) खिलौना मिलने के बाद बच्चा चुप हो गया।
उत्तर
(ग) जो मन्न जी हैं उन्हें साहित्यिक उपलब्धियों के लिए अनेक पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं।
(घ) वह चेहरे में स्थिर थी।

23. निर्देशानुसार उत्तर लिखिए –
(क) सब कुछ हो चुका था, सिर्फ नाक नहीं थी। (रचना के आधार पर वाक्य-भेद पहचानकर लिखिए)
(ख) थोड़ी देर में मिठाई की दुकान बढ़ाकर हम लोग घरौंदा बनाते थे। (मिश्र वाक्य में बदलकर लिखिए)
(ग) जब हम बनावटी चिड़ियों को चट कर जाते, तब बाबूजी खेलने के लिए ले जाते। (आश्रित उपवाक्य पहचानकर लिखिए और उसका भेद भी लिखिए)
(घ) कानाफूसी हुई और मूर्तिकार को इजाज़त दे दी गई। (सरल वाक्य में बदलिए)
उत्तर :
(क) संयुक्त वाक्य
(ख) मिश्र वाक्य-जब हम मिठाई की दुकान बढ़ाते थे तब हम लोगों को घरौंदा बनता था।
(ग) जब हम बनावटी चिड़ियों को चट कर जाते-क्रियाविशेषण उपवाक्य
(घ) सरल वाक्य-कानाफूसी होने के बाद मूर्तिकार को इजाजत दे दी गई।

24. निर्देशानुसार उत्तर लिखिए –
(क) बालगोबिन भगत का यह संगीत है। (रचना के आधार पर वाक्य-भेद लिखिए)
(ख) जब पान के पैसे चुकाकर जीप में आ बैठे, तब रवाना हो गए। (आश्रित उपवाक्य पहचानकर लिखिए और उसका भेद भी लिखिए)
(ग) थोड़ी देर में मिठाई की दुकान बढ़ाकर हम लोग घरौंदा बनाते थे। (मिश्र वाक्य में बदलकर लिखिए)
(घ) फसल को एक जगह रखते और उसे पैरों से रौंद डालते। (सरल वाक्य में बदलिए)
उत्तर :
(क) सरल वाक्य।
(ख) जब पान के पैसे चुकाकर जीप में बैठे-क्रियाविशेषण उपवाक्य।
(ग) मिश्र वाक्य-जब हम मिठाई की दुकान बढ़ाते थे तब हम लोगों का घरौंदा बनता था।
(घ) सरल वाक्य-फसल को एक जगह रखकर उसे पैरों से रौंद डालते।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण रचना के आधार पर वाक्य-भेद

25. निर्देशानुसार उत्तर लिखिए –
(क) वे इंदौर से अजमेर आ गए, जहाँ उन्होंने अपने अकेले के बल-बूते अधूरे काम को आग बढ़ाया। (रचना के आधार पर वाक्य-भेद लिखिए)
(ख) कानाफूसी हुई और मूर्तिकार को इजाज़त दे दी गई। (सरल वाक्य में बदलिए)
(ग) अगली बार जाने पर भी मूर्ति की आँखों पर चश्मा नहीं था। (मिश्र वाक्य में बदलकर लिखिए)
(घ) हालदार साहब जीप में बैठकर चले गए। (संयुक्त वाक्य में बदलकर लिखिए)
उत्तर :
(क) मिश्र वाक्य।
(ख) सरल वाक्य-कानाफूसी होने के बाद मूर्तिकार को इजाजत दे दी गई।
(ग) मिश्र वाक्य-जब अगली बार गए तब भी मूर्ति की आँखों पर चश्मा नहीं था।
(घ) संयुक्त वाक्य-हालदार साहब जीप में बैठे और चले गए।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण पद-परिचय

Jharkhand Board JAC Class 10 Hindi Solutions Vyakaran पद-परिचय Questions and Answers, Notes Pdf.

JAC Board Class 10 Hindi Vyakaran पद-परिचय

प्रश्न 1.
पद-परिचय से क्या तात्पर्य है?
उत्तर :
किसी वाक्य में आए संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया तथा अव्यय आदि का अलग-अलग पूर्ण परिचय देना ‘पद-परिचय’ कहलाता है।

प्रश्न 2.
पद-परिचय में क्या-क्या बताना आवश्यक है?
उत्तर :
प्रत्येक पद-परिचय में निम्नलिखित तथ्यों का होना आवश्यक है –

  • संज्ञा – प्रकार, लिंग, वचन, कारक, संबंध।
  • सर्वनाम – प्रकार, लिंग, वाचक, कारक, संबंध।
  • विशेषण – प्रकार, विशेष्य, लिंग, वचन, संबंध।
  • क्रिया – प्रकार, वाच्य, अर्थ, काल, पुरुष, लिंग, वचन, प्रयोग।
  • क्रिया-विशेषण – प्रकार, विशेष्य, विकार, संबंध।
  • समुच्चयबोधक – प्रकार, अन्विति, शब्द, वाक्यांश अथवा वाक्य।
  • संबंधसूचक – प्रकार, विकार (हो तो) संबंध।
  • विस्मयादिबोधक – प्रकार, संबंध (हो तो)।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण पद-परिचय

प्रश्न 3.
निम्नलिखित वाक्य में आए शब्दों का पद-परिचय दीजिए –
ममता की मारी माता ने अपने घायल बच्चे को तुरंत उठा लिया।
उत्तर :

  • ममता की – भाववाचक संज्ञा, एकवचन, स्त्रीलिंग, संबंधकारक-इसका संबंध ‘मारी’ भूतकालिक कृदंत विशेषण से है।
  • मारी – भूतकालिक कृदंत विशेषण।
  • माता – जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्ता कारक, ‘उठा लिया’ क्रिया की कर्ता।
  • तुरंत – कालवाचक क्रिया-विशेषण, ‘उठा लिया’ क्रिया की विशेषता बताता है।
  • उठा लिया – सकर्मक क्रिया, सामान्य भूतकाल, कर्तृवाच्य, एकवचन, इसका स्त्रीलिंग कर्ता ‘माता’ है।

प्रश्न 4. निम्नलिखित वाक्य के मोटे काले शब्दों का पद-परिचय दीजिए
(क) मैं गाय के दूध को पसंद करता हूँ।
(ख) पके आम बड़े मधुर होते हैं।
उत्तर :
(क) मैं पुरुषवाचक सर्वनाम, उत्तम पुरुष, एकवचन, पुल्लिंग, कर्ता कारक, ‘पसंद करता हूँ’ क्रिया का कर्ता।
दूध को – जातिवाचक संज्ञा. एकवचन, पुल्लिंग, कर्म कारक, ‘करता हूँ’ क्रिया का कर्म।
करता हूँ – क्रिया, सकर्मक, सामान्य वर्तमान काल, कर्तृवाच्य, उत्तम पुरुष, एकवचन, इसका कर्म ‘मैं’ है।
(ख) पके – गुणवाचक विशेषण, पुल्लिंग, बहुवचन इसका विशेष्य ‘आम’ है।
आम – जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, बहुवचन, कर्ता कारक होते हैं’ क्रिया का कर्ता।
मधुर – रीतिवाचक क्रिया-विशेषण ‘होते हैं’ क्रिया की विशेषता प्रकट करता है।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित वाक्यों का पद-परिचय दीजिए –
(क) आह! उपवन में सुंदर फूल खिले हैं।
(ख) परिश्रम के बिना धन प्राप्त नहीं होता।
उत्तर :
(क) आह! विस्मयादिबोधक, हर्षबोधक अव्यय।
उपवन में – जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, अधिकरण कारक ‘खिले हैं’ का स्थान।
सुंदर – विशेषण, पुल्लिंग, बहुवचन, इसका विशेष्य ‘फूल’ है।
खिले हैं – क्रिया, अकर्मक, वर्तमान काल, पुल्लिंग, एकवचन, अन्य पुरुष, इसका कर्ता ‘फूल’ है।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण पद-परिचय

(ख) परिश्रम – संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन ‘के बिना’ संबंधबोधक का संबंधी शब्द।
धन – संज्ञा, पुल्लिंग, कर्ता कारक, एकवचन, कर्मवाच्य वाक्य का कर्ता।
प्राप्त – ‘होता’ क्रिया का पूरक। नहीं-क्रिया-विशेषण रीतिवाचक, निषेधार्थक।
होता – हो धातु, क्रिया, अपूर्ण अकर्मक, सामान्य वर्तमान काल, पुल्लिंग, एकवचन, अन्य पुरुष, कर्मवाच्य, कर्माणि प्रयोग। ‘प्राप्त’ इसका पूरक।

प्रश्न 6.
पद-परिचय दीजिए –
(क) अनुराग यहाँ दसवीं कक्षा में पढ़ता था।
(ख) हम बाग में गए पर वहाँ कोई आम न मिला।
(ग) शीत ऋतु में हिमालय का क्षेत्र पूर्णतया बर्फ से ढक जाता है और वहाँ जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है।
उत्तर :
(क) अनुराग-संज्ञा, व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक, ‘पढ़ता था’ क्रिया का कर्ता।
यहाँ – स्थानवाचक क्रिया-विशेषण, ‘पढ़ता था’ क्रिया का स्थान निर्देश।
दसवीं – विशेषण, क्रमसूचक, संख्यावाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, ‘कक्षा’ विशेष्य का विशेषण।
कक्षा में – संज्ञा, जातिवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, अधिकरण कारक।
पढ़ता था – अकर्मक क्रिया, पढ़ धातु, अन्य पुरुष, पुल्लिंग, एकवचन, भूतकाल, निश्चयार्थ, कर्तृवाच्य, कर्तरि प्रयोग, इसका कर्ता, ‘अनुराग’ है।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण पद-परिचय

(ख) हम – पुरुषवाचक सर्वनाम, उत्तम पुरुष, पुल्लिंग, बहुवचन, कर्ता कारक, ‘गए’ क्रिया का कर्ता।
बाग में जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, अधिकरण कारक।
गए – अकर्मक क्रिया, जा धातु, उत्तम पुरुष, पुल्लिंग, बहुवचन, भूतकाल निश्चयार्थ, कर्तृवाच्य, कर्तरि प्रयोग, ‘हम’ सर्वनाम इसका कर्ता है।
परंतु – व्याधिकरण, समुच्चयबोधक, दो वाक्यों को जोड़ता है।
वहाँ – स्थानवाचक क्रिया-विशेषण।
कोई – संख्यावाचक विशेषण, पुल्लिंग, एकवचन, आम विशेष्य का विशेषण।
आम – जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्म कारक।
न – रीतिवाचक, क्रिया-विशेषण।
मिला – सकर्मक क्रिया, मिल धातु, अन्य पुरुष पुल्लिंग, एकवचन, भूतकाल, निश्चयार्थ, कर्तृवाच्य, कर्मणि प्रयोग (‘हमें’ कर्ता का लोप है) इस क्रिया का कर्म ‘आम’ है।

(ग) शीत – विशेषण, गुणवाचक, ऋतु संज्ञा का विशेषण।
ऋतु में – जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, अधिकरण कारक।
हिमालय का – व्यक्तिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, संबंध कारक।
क्षेत्र – जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता, ‘ढक जाना’ क्रिया का कर्ता।
पूर्णतया – रीतिवाचक क्रिया-विशेषण-‘ढक जाता है’ क्रिया पद की विशेषता प्रकट कर रहा है।
बर्फ से – जातिवाचक संज्ञा, एकवचन, स्त्रीलिंग, करण कारक।
ढक जाता है – अकर्मक क्रिया, पुल्लिंग, एकवचन, निश्चयार्थ, वर्तमान काल, कर्तृवाच्य कर्तरि प्रयोग, इसका कर्ता क्षेत्र है।
और – समानाधिकरण समुच्चयबोधक।
वहाँ – स्थानवाचक क्रिया-विशेषण।
जन-जीवन – भाववाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक।
हो जाता है – क्रिया का कर्ता।
अस्त-व्यस्त – रीतिवाचक क्रिया विशेषण हो जाता है क्रिया का क्रिया-विशेषण।
हो जाता है – अकर्मक क्रिया, पुल्लिंग, एकवचन, निश्चयार्थ, वर्तमान काल, कर्तृवाच्य कर्तरि प्रयोग।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण पद-परिचय

प्रश्न 7.
निम्नलिखित वाक्यों में मोटे (काले) पदों का परिचय दीजिए –
1. वह विश्वास के योग्य नहीं है।
2. मैं उस छात्र को नहीं जानता।
3. वाह! बहत मनोरंजक कहानी है यह।
4. मैं अभी आया।
5. हिमालय संसार का सबसे ऊँचा पर्वत है।
6. किसी विद्वान से बातचीत करने से ज्ञान बढ़ता है।
7. मेरा भाई तीसरी कक्षा में पढ़ता है।
8. यह घडी मेरे छोटे भाई की है. इसलिए मैं इसे किसी को नहीं दे सकता।
9. दौड़कर जाओ और बाज़ार से कुछ ले आओ।
10. इंदिरा जी जहाँ-जहाँ भी गईं, सर्वत्र उनका स्वागत हुआ।
11. हम आज भी देश पर प्राण न्योछावर करने के लिए तैयार हो जाते हैं।
12. राम ने श्याम को बुरी तरह मारा।
13. विद्वान लोग सदैव समय का सदुपयोग करते हैं।
14. रमेश यहाँ दसवीं कक्षा में पढ़ता था।
15. हम मुंबई गए पर कोई लाभ नहीं हुआ।
16. कल हमने ताजमहल देखा।
17. स्वतंत्रता दिवस पर हमने स्कूल में राष्ट्रीय-ध्वज फहराया।
18. जब मैं पहुँचा तो रमेश सो रहा था।
19. जल्दी चलो वरना गाड़ी छूट जाएगी।
20. लोग धीरे-धीरे उस सँकरे रास्ते से ताजमहल की ओर बढ़े।
उत्तर :
1. वह – सर्वनाम, पुरुषवाचक, अन्य पुरुष. एकवचन, पुल्लिंग या स्त्रीलिंग, कर्ता कारक है-क्रिया का कर्ता।

2. मैं – सर्वनाम, पुरुषवाचक, उत्तम पुरुष, एकवचन, पुल्लिंग, कर्ता कारक, ‘जानता’ क्रिया का कर्ता।
उस – सार्वनामिक विशेषण, एकवचन, पुल्लिंग, विशेष्य, छात्र।
छात्र – संज्ञा, जातिवाचक, एकवचन, पुल्लिंग, कर्म कारक, ‘जानता’ क्रिया का कर्म।

3. वाह! विस्मयादिबोधक अव्यय हर्षसूचक।
बहुत – प्रविशेषण, एकवचन, स्त्रीलिंग, मनोरंजक-विशेषण की विशेषता बताता है।
मनोरंजक – गुणवाचक विशेषण, एकवचन, स्त्रीलिंग, ‘कहानी’ संज्ञा की विशेषता बताता है।
कहानी – जातिवाचक, संज्ञा, एकवचन, स्त्रीलिंग, ‘है’ क्रिया का ‘पूरक’।
है – अपूर्ण सकर्मक क्रिया, एकवचन, स्त्रीलिंग, कर्तृवाच्य, कर्तरि प्रयोग, सामान्य वर्तमान काल, अन्य पुरुष कर्ता –
‘कहानी’-कर्मपूरक-‘कहानी’।
यह – निश्चयवाचक सर्वनाम, एकवचन, ‘है’ क्रिया का ‘कर्ता’ पुल्लिंग या स्त्रीलिंग।

4. अभी – क्रिया-विशेषण, समयसूचक, ‘आया’ क्रिया की विशेषता बताता है।
आया – अकर्मक क्रिया, एकवचन, पुल्लिंग, कर्तृवाच्य, कर्तरि प्रयोग, निश्चयार्थ, भूतकाल (सामान्य) उत्तम पुरुष, कर्ता-‘मैं’।

5. हिमालय – संज्ञा, व्यक्तिवाचक, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक, ‘है’ क्रिया का कर्ता।
पर्वत – जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्म की भाँति प्रयुक्त, ‘है’ क्रिया का पूरक।

6. किसी सार्वनामिक विशेषण, एकवचन, पुल्लिंग, विशेष्य-‘विद्वान’।
बढ़ता है – क्रिया, अकर्मक, एकवचन, पुल्लिंग, कर्तृवाच्य, वर्तमान काल, निश्चयार्थ, कर्तरि प्रयोग, अपूर्ण पक्ष, ‘ज्ञान’
कर्ता।

7. भाई – संज्ञा, जातिवाचक, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक ‘पढ़ता है’-क्रिया का कर्ता।
तीसरी – विशेषण संख्यावाचक, एकवचन, स्त्रीलिंग, विशेष्य-‘कक्षा।
पढ़ता है – क्रिया, अकर्मक, एकवचन, कर्तृवाच्य, वर्तमान काल, निश्चयार्थ, कर्तरि प्रयोग, अपूर्ण पक्ष ‘भाई’-कर्ता।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण पद-परिचय

8. यह – सार्वनामिक विशेषण, एकवचन, स्त्रीलिंग, विशेष्य-‘घड़ी।
छोटे – विशेषण, गुणवाचक, एकवचन, पुल्लिंग, भाई-विशेष्य।
इसलिए – समानाधिकरण समुच्चयबोधक ‘यह घड़ी मेरे भाई की है’ तथा ‘मैं इसे किसी को नहीं दे सकता’-इन दो
वाक्यों को जोड़ता है।

9. दौड़कर – रीतिवाचक क्रिया-विशेषण, ‘आओ’-क्रिया की विशेषता बताता है।
बाज़ार से – संज्ञा, जातिवाचक, पुल्लिंग, एकवचन, अपादान कारक।
कुछ – अनिश्चयवाचक सर्वनाम, पुल्लिंग, एकवचन, कर्म कारक।

10. इंदिरा जी सर्वत्र – संज्ञा, व्यक्तिवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्ता कारक, ‘गईं’-क्रिया का कर्ता।
स्थानवाचक क्रिया-विशेषण, ‘स्वागत हुआ’-क्रिया की विशेषता बताता है।
उनका – सर्वनाम पुरुषवाचक, आदरार्थ बहुवचन, संबंध कारक, अन्य पुरुष कर्ता कारक।

11. हम – सर्वनाम पुरुषवाचक, बहुवचन, पुल्लिंग, उत्तम पुरुष, कर्ता कारक हो जाते हैं’-क्रिया का कर्ता।
देश पर – संज्ञा, जातिवाचक, पुल्लिंग, एकवचन, अधिकरण कारक।

12. राम – संज्ञा जातिवाचक, एकवचन, पुल्लिंग, कर्ता कारक ‘मारा’ क्रिया का कर्ता।
मारा – सकर्मक क्रिया, पुल्लिंग, एकवचन, अन्य पुरुष, सामान्य भूतकाल, कर्तृवाच्य, निश्चयार्थ भावे प्रयोग, ‘राम’
कर्ता तथा ‘श्याम’-कर्म।

13. विद्वान – गुणवाचक विशेषण, बहुवचन, पुल्लिंग. विशेष्य-‘लोग।
करते हैं – सकर्मक क्रिया, बहुवचन, पुल्लिंग, अन्य पुरुष, वर्तमान काल, कर्तृवाच्य, निश्चयार्थ, कर्तरि प्रयोग, कर्ता ‘विद्वान’।

14. दसवीं – विशेषण संख्यावाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, विशेष्य-‘कक्षा’।
कक्षा में – संज्ञा जातिवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, अधिकरण कारक।
पढ़ता था – क्रिया, अकर्मक, अन्य पुरुष, एकवचन, पुल्लिंग, भूतकाल, निश्चयार्थ, कर्तरि प्रयोग कर्तृवाच्य, कर्ता ‘रमेश’।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण पद-परिचय

15. मुंबई – व्यक्तिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्म कारक।
लाभ – संज्ञा, भाववाचक, एकवचन, पुल्लिंग, कर्ता कारक, हुआ-क्रिया से संबंध।

16. कल – कालवाचक क्रिया-विशेषण ‘देखा’ क्रिया की विशेषता बताता है।
ताजमहल – व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्म कारक। ‘देखा’ या स्त्रीलिंग, क्रिया का कर्म।

17. हमने – सर्वनाम पुरुषवाचक, बहुवचन, पुल्लिंग, कर्ता कारक ‘फहराया’-क्रिया का कर्ता।
फहराया – क्रिया सकर्मक, एकवचन, पुल्लिंग, सामान्य भूतकाल, निश्चयार्थ, कर्मणि, प्रयोग, पूर्णपक्ष, कर्तृवाच्य, ‘हमने’
कर्ता, राष्ट्रीय ध्वज-कर्म।

18. मैं – सर्वनाम, उत्तम पुरुष, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक ‘पहुँचा’ क्रिया का कर्ता।
सो रहा था – क्रिया, अकर्मक, एकवचन, पुल्लिंग, भूतकाल, निश्चयार्थ, अपूर्ण पक्ष, कर्तरि प्रयोग, कर्तृवाच्य, ‘रमेश’-कर्ता।

19. जल्दी – क्रिया-विशेषण, समयसूचक, ‘चलो-क्रिया को विशेषता बताता है।
गाड़ी – जातिवाचक संज्ञा, एकवचन, स्त्रीलिंग, कर्म कारक, ‘छूट जाएगी’ क्रिया का कर्म (कर्ता तुम छिपा हुआ है)।

20. धीरे-धीरे – क्रिया-विशेषण, रीतिबोधक ‘बढ़े-क्रिया की विशेषता बताता है।
सँकरे – विशेषण गुणवाचक, एकवचन, पुल्लिंग, विशेष्य-.’रास्ते’।

अभ्यास के लिए प्रश्नोत्तर – 

प्रश्न :
निम्नलिखित वाक्यों में मोटे छपे शब्दों का पद-परिचय दीजिए
(क) भूषण वीर रस के कवि थे।
(ख) वह कल आएगा।
(ग) मैं दसवीं कक्षा में पढ़ता हूँ।
(घ) वह अचानक दिखाई पड़ा।
(ङ) यह पुस्तक किसकी है?
उत्तर :
(क) भूषण – संज्ञा, व्यक्तिवाचक, पुल्लिंग, एकवचन, क्रिया का कर्ता।

(ख) वह – सर्वनाम, पुरुषवाचक, अन्य पुरुष, एकवचन, कर्ता कारक, क्रिया का कर्ता।
आएगा – भूतकालिक क्रिया, सकर्मक, भविष्यतकालिक, कर्मवाचक।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण पद-परिचय

(ग) मैं – सर्वनाम, पुरुषवाचक, उत्तम पुरुष, एकवचन, पुल्लिंग, कर्ता कारक।
दसवीं – विशेषण, संख्यावाचक, एकवचन, स्त्रीलिंग, विशेष्य-कक्षा।
पढ़ता हूँ – क्रिया, अकर्मक, पुल्लिंग, अन्य पुरुष, एकवचन, वर्तमान काल।

(घ) वह – सर्वनाम, पुरुषवाचक, उत्तम पुरुष, एकवचन, कर्ता कारक, क्रिया का कर्ता।
अचानक – क्रिया-विशेषण, रीतिवाचक।

(ङ) यह – सार्वनामिक विशेषण, एकवचन, स्त्रीलिंग, विशेष्य-पुस्तक।
किसकी है – क्रिया, सकर्मक, वर्तमानकालिक, एकवचन, स्त्रीलिंग, प्रश्नवाचक।

पाठ पर आधारित बहुविकल्पी प्रश्नोत्तर – 

1. निर्देशानुसार उचित विकल्प चुनकर लिखिए –

(क) नवाब लखनवी अंदाज़ लेखक को प्रभावित न कर सका।
(i) विशेषण, सार्वनामिक, पुल्लिंग, एकवचन।
(ii) विशेषण, गुणवाचक, पुल्लिंग, एकवचन।
(iii) विशेषण, संख्यावाचक, पुल्लिंग, एकवचन।
(iv) विशेषण, कालवाचक, पुल्लिंग, एकवचन।
उत्तर :
(ii) विशेषण, गुणवाचक, पुल्लिंग, एकवचन।

(ख) उसने सुंदर झीलों को देखा।
(i) अकर्मक क्रिया, सामान्य भूतकाल, पुल्लिंग, एकवचन।
(ii) सकर्मक क्रिया, पूर्ण भूतकाल, पुल्लिंग, एकवचन।
(iii) सकर्मक क्रिया, सामान्य भूतकाल, पुल्लिंग, एकवचन।
(iv) प्रेरणार्थक क्रिया, अपूर्ण भूतकाल, पुल्लिंग, एकवचन।
उत्तर :
(iii) सकर्मक क्रिया, सामान्य भूतकाल, पुल्लिंग, एकवचन।

(ग) ‘उन्होंने खीरे को बड़ी नज़ाकत से बाहर फेंक दिया।’
(i) क्रियाविशेषण, कालवाचक, ‘फेंक दिया’ का विशेषण।
(ii) क्रियाविशेषण, परिमाणवाचक, ‘फेंक दिया’ का विशेषण
(iii) क्रियाविशेषण, स्थानवाचक, ‘फेंक दिया’ का विशेषण।
(iv) क्रियाविशेषण, रीतिवाचक, ‘फेंक दिया’ का विशेषण।
उत्तर :
(iv) क्रियाविशेषण, रीतिवाचक, ‘फेंक दिया’ का विशेषण।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण पद-परिचय

(घ) तू यहाँ क्यों बैठा है?
(i) सर्वनाम, पुरुषवाचक, ममयम पुरुष, पुल्लिंग, एकवचन।
(ii) सर्वनाम, निश्चयवाचक, उत्तम पुरुष, पुल्लिंग, एकवचन।
(iii) सर्वनाम, संबंधवाचक, प्रथम पुरुष, पुल्लिंग, एकवचन।
(iv) सर्वनाम, प्रश्नवाचक, मध्यम पुरुष, पुल्लिंग, बहुवचन।
उत्तर :
(i) सर्वनाम, पुरुषवाचक, मध्यम पुरुष, पुल्लिंग, एकवचन।

(ङ) उसने उनके वैराग्यपूर्ण जीवन को नमन किया।
(i) विशेषण, परिमाणवाचक, पुल्लिंग, एकवचन।
(ii) विशेषण, गुणवाचक, पुल्लिंग, एकवचन।
(iii) विशेषण, गुणवाचक, पुल्लिंग, एकवचन।
(iv) विशेषण, संख्यावाचक, पुल्लिंग, एकवचन।
उत्तर :
(iii) विशेषण, गुणवाचक, पुल्लिंग, एकवचन।

2. निर्देशानुसार उचित विकल्प चुनकर लिखिए –

(क) उन्होंने आस्था प्रकट की।
(i) संज्ञा, व्यक्तिवाचक, पुल्लिंग, एकवचन।
(ii) संज्ञा, भाववाचक, पुल्लिंग, एकवचन।
(iii) संज्ञा, भाववाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन।
(iv) संज्ञा, जातिवाचक, पुल्लिंग, एकवचन।
उत्तर :
(iii) संज्ञा, भाववाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन!

(ख) वे पिता जी की स्मृति में सर्वदा डूब जाते।
(i) क्रियाविशेषण, कालवाचक, ‘डूब जाते’ का विशेषण।
(ii) क्रियाविशेषण, स्थानवाचक, ‘डूब जाते’ का विशेषण।
(iii) क्रियाविशेषण, रीतिवाचक, ‘डूब जाते’ का विशेषण।
(iv) क्रियाविशेषण, परिमाणवाचक. ‘डूब जाते’ का विशेषण।
उत्तर :
(i) क्रियाविशेषण, कालवाचक, ‘डूब जाते’ का विशेषण।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण पद-परिचय

(ग) जैसा बोओगे वैसा काटोगे।
(i) सर्वनाम, प्रश्नवाचक, पुल्लिंग, एकवचन।
(ii) सर्वनाम, संबंधवाचक, पुल्लिंग. एकवचन।
(iii) सर्वनाम, अनिश्चयवाचक, पुल्लिंग, एकवचन।
(iv) सर्वनाम, निजवाचक, पुल्लिग. एकवचन।
उत्तर :
(ii) सर्वनाम, संबंधवाचक. पुल्लिंग, एकवचन।

(घ) मैं रामायण पढ़ता हूँ।
(i) व्यक्तिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग।
(ii) जातिवाचक संज्ञा, एकवचन, स्त्रीलिंग
(iii) व्यक्तिवाचक संज्ञा, एकवचन, स्त्रीलिंग।
(iv) जातिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग।
उत्तर :
(iii) व्यक्तिवाचक संज्ञा, एकवचन, स्त्रीलिंग।

(ङ) उसने विशाल किला देखा।
(i) विशेषण, गुणवाचक, पुल्लिंग, एकवचन!
(ii) विशेषण, परिमाणवाचक, स्त्रीलिंग एकवचन
(iii) विशेषण, संख्यावाचक, पुल्लिंग, एकवचन।
(iv) विशेषण. परिमाणवाचक स्त्रीलिंग, बहुवचन।
उत्तर :
(i) विशेषण, गुणवाचक, पुल्लिंग, एकवचन।

बोर्ड की परीक्षाओं में पूछे गए प्रश्नों के उत्तर – 

प्रश्न 1.
रेखांकित पदों का पद-परिचय दीजिए –
मानव सभ्य तभी है जब वह युद्ध से शांति की ओर आगे बढ़े।
उत्तर :

  • मानव – संज्ञा, जातिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग. एकवचन, कर्ता कारक, ‘है’ क्रिया का कर्ता।
  • सभ्य – विशेषण, गुणवाचक विशेषण, पुल्लिंग, एकवचन, विशेष्य ‘मानव’
  • वह – सर्वनाम, पुरुषवाचक सर्वनाम, एकवचन, पुल्लिंग, ‘बढ़े’ क्रिया का कर्ता
  • बढ़े – क्रिया, अकर्मक क्रिया, पुल्लिंग, एकवचन

JAC Class 10 Hindi व्याकरण पद-परिचय

प्रश्न 2.
निम्नलिखित रेखांकित पदों का पद-परिचय दीजिए –
मानव को इनसान बनाना अत्यन्त ही कठिन कार्य है लेकिन असंभव नहीं।
उत्तर :

  • मानव को – संज्ञा, जातिवाचक संज्ञा, कर्म कारक, पुल्लिंग, एकवचन।
  • कठिन – विशेषण, गुणवाचक विशेषण, विशेष्य ‘कार्य’, पुल्लिंग, एकवचन।
  • कार्य – संज्ञा, भाववाचक संज्ञा. कर्मकारक, पुल्लिंग, एकवचन।
  • लेकिन – अव्यय, समुच्यबोधक अव्यय, समानाधिकरण।

प्रश्न 3.
रेखांकित पदों का पद-परिचय लिखिए –
अपने गाँव की मिट्टी छूने के लिए मैं तरस गया।
उत्तर :

  • गाँव की – संज्ञा (जातिवाचक), पुल्लिंग, एकवचन, संबंध कारक।
  • मिट्टी – संज्ञा (जातिवाचक), स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्म कारक।
  • मैं – सर्वनाम (उत्तम पुरुषवाचक), पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक।
  • तरस गया – क्रिया (अकर्मक), पुल्लिंग, एकवचन, भूतकाल, ‘तरस’ मुख्य क्रिया, ‘गया’ रंजक क्रिया।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित वाक्यों के रेखांकित पदों का पदपरिचय लिखिए –
(क) आज भी भारत में अनेक अभिमन्यु हैं।
(ख) प्रात:काल घूमने जाया करो ताकि स्वास्थ्य ठीक रहे।
(ग) पिता जी कल ही तीर्थ यात्रा पर गए।
(घ) अनुराग ने काला कोट पहना है।
उत्तर :
(क) अभिमन्यु – संज्ञा, जातिवाचक संज्ञा, कर्ता कारक, पुल्लिंग, एकवचन।
(ख) ताकि – अव्यव, समुच्चयबोधक अव्यय।
(ग) गए – क्रिया, अकर्मक क्रिया, भूतकाल, कर्तृवाच्य, एकवचन, पुल्लिंग।
(घ) काला – विशेषण, गुणवाचक विशेषण, एकवचन, पुल्लिंग, ‘कोट’-विशेष्य।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण पद-परिचय

प्रश्न 5.
निम्नलिखित वाक्यों में से किन्हीं चार रेखांकित पदों का पद-परिचय लिखिए…
(क) दादी जी प्रतिदिन समाचार पत्र पढ़ती हैं।
(ख) रोहन यहाँ नहीं आया था।
(ग) वे मुंबई जा चुके हैं।
(घ) परिश्रमी अंकिता अपना काम समय से पूरा कर लेती है।
(ङ) रवि रोज़ सवेरे दौड़ता है।
उत्तर :
(क) पढ़ती हैं – क्रिया, सकर्मक क्रिया, कर्तृवाच्य, वर्तमान काल, एकवचन, स्त्रीलिंग।
(ख) यहाँ – क्रियाविशेषण, स्थानवाचक क्रियाविशेषण।
(ग) वे – सर्वनाम, अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम, कर्ता कारक, बहुवचन पुल्लिंग।
(घ) परिश्रमी – विशेषण, गुणवाचक विशेषण, स्त्रीलिंग, एकवचन।
(ङ) रवि – संज्ञा, व्यक्तिवाचक संज्ञा, कर्ता कारक, पुल्लिंग, एकवचन।

प्रश्न 6.
रेखांकित पदों में से किन्हीं चार पदों का पद-परिचय लिखिए –
नेताजी की उस मूर्ति पर टूटा चश्मा लगा था।
उत्तर :
(क) नेताजी की – संज्ञा, व्यक्तिवाचक संज्ञा, संबंध कारक, पुल्लिंग एकवचन।
(ख) उस – विशेषण, सार्वनामिक विशेषण, एकवचन, स्त्रीलिंग।
(ग) मूर्ति पर – संज्ञा, जातिवाचक संज्ञा, अधिकरण कारक, स्त्रीलिंग एकवचन।
(घ) चश्मा – संज्ञा, जातिवाचक संज्ञा, कर्म कारक, एकवचन, पुल्लिंग।
(ङ) लगा था – क्रिया, अकर्मक क्रिया, कर्तृवाच्य, भूतकाल, पुल्लिंग, एकवचन।

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प्रश्न 7.
मुझे देखते ही प्रतिष्ठित व्यक्ति अंबालाल जी ने गर्मजोशी से मेरा सम्मान किया।
उत्तर :
(क) मुझे – पुरुषवाचक सर्वनाम, उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम, कर्मवाचक, पुल्लिंग, स्त्रीलिंग।
(ख) देखते ही – क्रियाविशेषण, कालवाचक क्रियाविशेषण, सम्मान क्रिया, क्रिया का विशेषण।
(ग) प्रतिष्ठित – विशेषण, गुणवाचक विशेषण, पुल्लिंग, एकवचन।
(घ) व्यक्ति – संज्ञा, जातिवाचक संज्ञा, कर्ता कारक, पुल्लिंग, एकवचन।
(ङ) अंबालाल जी ने – संज्ञा, व्यक्तिवाचक संज्ञा, कर्ता कारक, पुल्लिंग, एकवचन।

प्रश्न 8.
सुलोचना की नई फ़िल्म आई और वे चले फ़िल्म देखने।
उत्तर :
(क) सुलोचना की – संज्ञा, व्यक्तिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग, संबंध कारक।
(ख) नई – विशेषण, गुणवाचक विशेषण, स्त्रीलिंग, एकवचन।
(ग) और – अव्यय, समुच्चयबोधक अव्यय।
(घ) वे – पुरुषवाचक सर्वनाम, अन्य पुरुषवाचक, कर्ता कारक, पुल्लिंग, बहुवचन।
(ङ) चले – क्रिया, अकर्मक क्रिया, वर्तमान काल, पुल्लिंग, बहुवचन। \

1. इस वाक्य का वाच्य लिखिए-‘अशोक ने विश्व को शांति का संदेश दिया।’
(क) कर्मवाक्य
(ख) भाववाच्य
(ग) कर्तृवाच्य
(घ) करणवाच्य
उत्तर :
(ग) कर्तृवाच्य।

2. “हम इस खुले मैदान में दौड़ सकते हैं।’-उपर्युक्त वाक्य को भाववाच्य में बदलिए–
(क) हम दौड़ सकते हैं इस खुले मैदान में
(ख) हम इस खुले मैदान में दौड़ सकेंगे।
(ग) हमसे इस खुले मैदान में दौड़ा जाएगा।
(घ) हमसे इस खुले मैदान में दौड़ा जा सकता है।
उत्तर :
(घ) हमसे इस खुले मैदान में दौड़ा जा सकता है।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण पद-परिचय

3. “सुमन जल्दी नहीं उठती।”-प्रस्तुत वाक्य को भाववाच्य में बदलिए
(क) सुमन जल्दी नहीं उठ पाती।
(ख) सुमन जल्दी से नहीं उठ सकेगी।
(ग) सुमन जल्दी नहीं उठ पाएगी।
(घ) सुमन से जल्दी नहीं उठा जाता।
उत्तर :
(घ) सुमन से जल्दी नहीं उठा जाता।

4. निम्नलिखित वाक्यों में से कर्तृवाच्य वाला वाक्य छाँटिए –
(क) अरविंद द्वारा कल पत्र लिखा जाएगा।
(ख) बच्चों द्वारा नमस्कार किया गया।
(ग) सरकार द्वारा लोक कलाकारों का सम्मान किया गया।
(घ) नेताजी ने देश के लिए अपना सब कुछ त्याग दिया।
उत्तर :
(घ) नेताजी ने देश के लिए अपना सब कुछ त्याग दिया।

5. निम्नलिखित में से कौन-सा भाववाच्य का सही विकल्प नहीं है?
(क) मुझसे अब देखा नहीं जाता।
(ख) आइए चला जाए।
(ग) हमें धोखा दिया जा रहा है।
(घ) राधा से बोला नहीं जाता।
उत्तर :
(ग) हमें धोखा दिया जा रहा है।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण पद-परिचय

6. निर्देशानुसार वाच्य परिवर्तन कीजिए –
(क) नेताजी ने देश के लिए अपना सब कुछ त्याग दिया। (कर्मवाच्य में बदलिए)
(ख) दर्द के कारण वह खड़ा ही नहीं हुआ। (भाववाच्य में बदलिए)
(ग) परीक्षा के बारे में अध्यापक द्वारा क्या कहा गया? (कर्तृवाच्य में बदलिए)
(घ) नवाब साहब ने हमारी ओर देखकर कहा कि खीरा लज़ीज होता है। (कर्मवाच्य में बदलिए)
उत्तर :
(क) नेताजी के द्वारा देश के लिए अपना सब कुछ त्याग दिया गया।
(ख) दर्द के कारण उससे खड़ा ही नहीं हुआ जाता।
(ग) अध्यापक ने परीक्षा के बारे में क्या कहा?
(घ) नवाब साहब द्वारा हमारी ओर देखकर कहा गया कि खीरा लजीज होता है।

7. निर्देशानुसार वाच्य परिवर्तन कीजिए –
(क) किसान के द्वारा खेत की जुताई की गई। (कर्तृवाच्य में बदलिए)
(ख) कितने कंबल बँटे? (कर्मवाच्य में बदलिए)
(ग) आओ, यहाँ बैठ सकते हैं? (भाववाच्य में बदलिए)
(घ) सैनिकों द्वारा देश की रखवाली की जाती है। (कर्तृवाच्य में बदलिए)
उत्तर :
(क) किसान ने खेत जोता।
(ख) कितने कंबल बाँटे गए?
(ग) आओ, यहाँ बैठा जाए।
(घ) सैनिक देश की रखवाली करते हैं।

8. निर्देशानुसार उत्तर लिखिए –
(क) विद्यार्थियों द्वारा परीक्षा दी गई। (कर्तृवाच्य में बदलिए)
(ख) मैं दीपावली पर मिट्टी के दीए जलाऊँगी। (कर्मवाच्य में बदलिए)
(ग) हर्षिता पैदल चल नहीं सकती। (भाववाच्य में बदलिए)
(घ) तुमसे चुप नहीं रहा जाता। (कर्तृवाच्य में बदलिए)
उत्तर :
(क) विद्यार्थियों ने परीक्षा दी।
(ख) मेरे द्वारा दीपावली पर मिट्टी के दीए जलाए जाएंगे।
(ग) हर्षिता से पैदल चला नहीं जाता।
(घ) तुम चुप नहीं रह सकते।

9. निर्देशानुसार वाच्य परिवर्तन कीजिए –
(क) कैप्टन चश्मा बदल देता था। (कर्मवाच्य में)
(ख) इस दिन दालमंडी में शहनाई बजाई जाती थी। (कर्तृवाच्य में)
(ग) वे आज रात यहीं ठहरेंगे। (भाववाच्य में)
(घ) अब सोया नहीं जाता। (कर्तृवाच्य में)
उत्तर :
(क) कैप्टन द्वारा चश्मा बदल दिया जाता था।
(ख) इस दिन दालमंडी में शहनाई बजती थी।
(ग) उनके द्वारा आज रात यहीं ठहरा जाएगा।
(घ) मुझसे अब सोया नहीं जाता।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण पद-परिचय

10. निर्देशानुसार वाच्य परिवर्तन कीजिए –
(क) पतोहू ने आग दी। (कर्मवाच्य में)
(ख) अब सोया नहीं जाता। (कर्तृवाच्य में)
(ग) वह खेलेगा। (भाववाच्य में)
उत्तर :
(क) पतोहू द्वारा आग दी गई।
(ख) अब नहीं सोया।
(ग) उससे खेला जाएगा।

11. निर्देशानुसार वाच्य परिवर्तन कीजिए –
(क) अब गायक संगतकारों का आदर नहीं करते। (कर्मवाच्य में)
(ख) चिड़िया चोट के कारण उड़ नहीं पा रही थी। (भाववाच्य में)
उत्तर :
(क) अब गायकों द्वारा संगतकारों का आदर नहीं किया जाता।
(ख) चिड़िया द्वारा चोट के कारण उड़ा नहीं जा पा रहा था।

JAC Class 11 Geography Important Questions Chapter 3 पृथ्वी की आंतरिक संरचना

Jharkhand Board JAC Class 11 Geography Important Questions Chapter 3 पृथ्वी की आंतरिक संरचना Important Questions and Answers.

JAC Board Class 11 Geography Important Questions Chapter 3 पृथ्वी की आंतरिक संरचना

बहु-विकल्पी प्रश्न (Multiple Choice Questions)

प्रश्न-दिए गए प्रश्नों के चार वैकल्पिक उत्तरों में से सही उत्तर चुनकर लिखें
1. निम्नलिखित में से पृथ्वी की संरचना का मुख्य स्त्रोत क्या है?
(A) भूकम्पीय तरंगें
(B) ज्वालामुखी
(C) पृथ्वी का तापमान
(D) पृथ्वी का घनत्व।
उत्तर:
भूकम्पीय तरंगें।

2. भू-पृष्ठ का घनत्व बताओ
(A) 17.2
(B) 5.68
(C) 2.75
(D) 5.53.
उत्तर:
(C) 2.75.

JAC Class 11 Geography Important Questions Chapter 3 पृथ्वी की आंतरिक संरचना

3. पृथ्वी की अभ्यान्तर परत को क्या कहा जाता है?
(A) सियाल
(B) सीमा
(C) नाइफ
(D) मैंटल।
उत्तर:
(C) नाइफ।

4. अभ्यान्तर में अधिकतम घनत्व का मुख्य कारण क्या है?
(A) अधिक गहराई
(B) अधिक तापमान
(C) तरल पदार्थ
(D) निक्कल तथा लौह धातुएं।
उत्तर:
निक्कल तथा लौह धातुएं।

5. पृथ्वी के भीतरी भाग में तापमान की वृद्धि की औसत दर क्या है?
(A) 1°C प्रति कि०मी०
(B) 12°C प्रति कि० मी०
(C) 1°C प्रति 30 मीटर
(D) 10°C प्रति 100 मीटर।
उत्तर:
(C) 1°C प्रति 30 मीटर।

6. निम्नलिखित में से कौन-सा तथ्य पृथ्वी की आन्तरिक बनावट पर सर्वाधिक प्रकाश डालता है?
(A) गहरी खदानों का खोदा जाना
(B) कुओं का खोदा जाना
(C) भूकम्पीय तरंगें
(D) ज्वालामुखी उद्भेदन।
उत्तर:
(C) भूकम्पीय तरंगें।

JAC Class 11 Geography Important Questions Chapter 3 पृथ्वी की आंतरिक संरचना

7. कौन-सी भूकम्पीय तरंगें पृथ्वी से 2900 किलोमीटर की गहराई के पश्चात् लुप्त हो जाती हैं?
(A) प्राथमिक
(B) गौण
(C) धरातलीय
(D) अनुदैर्ध्य।
उत्तर:
(B) गौण।

8. भूकम्पीय तरंगों को रेखांकित करने वाला यन्त्र
(A) थर्मोग्राफ
(B) सिस्मोग्राफ
(C) हाइग्रोग्राफ
(D) बैरोग्राफ।
उत्तर:
(B) सिस्मोग्राफ।

9. भूपर्पटी में विकसित थरथराहट को कहते हैं
(A) भूसंचरण
(B) पृथ्वी की गति
(C) भूकम्प
(D) पृथ्वी की कामुकता।
उत्तर:
(C) भूकम्प।

10. भूकम्पों के कारण समुद्रों में विकसित विशाल तरंगें होती हैं
(A) समुद्री तरंगें
(B) ज्वारीय तरंगें
(C) सुनामी तरंगें
(D) धरातलीय तरंगें।
उत्तर:
सुनामी तरंगें।

11. पृथ्वी की त्रिज्या कितनी है?
(A) 5370 कि०मी०
(B) 6370 कि०मी०
(C) 7370 कि०मी०
(D) 8370 कि०मी०।
उत्तर:
(B) 6370 कि०मी०।

12. दक्षिणी अफ्रीका की सोने की खानें कितनी गहरी हैं?
(A) 3-4 कि०मी०
(B) 4-5 कि०मी०
(C) 5-6 कि०मी०
(D) 6-7 कि०मी०
उत्तर:
(A) 3-4 कि०मी०

JAC Class 11 Geography Important Questions Chapter 3 पृथ्वी की आंतरिक संरचना

13. सबसे गहरा प्रवेधन कितना गहरा है?
(A) 10 कि०मी०
(B) 11 कि०मी०
(C) 12 कि०मी०
(D) 13 कि०मी०
उत्तर:
(C) 12 कि०मी०

14. प्राकृतिक भूकम्प किस भू-भाग में आते हैं?
(A) स्थल खण्ड
(B) मैंटल
(C) नाईफ्
(D) क्रोड ।
उत्तर:
(A) स्थल खण्ड

15.’P’ व ‘S’ तरंगों के छाया क्षेत्र का अधि केन्द्र से विस्तार है ।
(A) 105-145°
(B) 115-1550
(C) 125-165°
(D) 135-175°
उत्तर:
(A) 105-145°

16. भूकंप की तीव्रता का माप किस वैज्ञानिक के नाम पर है?
(A) कान्ट
(B) लाप्लेस
(C) मरकैली
(D) ऑटो शिमिड।
उत्तर:
(C) मरकैली

अति लघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
भूकम्पीय तरंगों के प्रकार बताओ।
उत्तर:

  1. प्राथमिक तरंगें
  2. माध्यमिक तरंगें
  3. धरातलीय तरंगें ।

प्रश्न 2.
धात्विक क्रोड के दो प्रमुख पदार्थ बताओ ।
उत्तर:
निकिल, लोहा

प्रश्न 3.
पृथ्वी की तीन परतों के नाम लिखो
उतर:
सियाल, सीमा, नाइफ

JAC Class 11 Geography Important Questions Chapter 3 पृथ्वी की आंतरिक संरचना

प्रश्न 4.
पृथ्वी की संरचना की जानकारी के प्रत्यक्ष साधन बताओ ।
उत्तर:
खानें, कुएं, छिद्र

प्रश्न 5.
पृथ्वी के आन्तरिक भाग में तापमान वृद्धि की औसत दर क्या है?
उत्तर:
1°C प्रति 32 मीटर।

प्रश्न 6.
पृथ्वी की संरचना की जानकारी प्रदान करने वाले परोक्ष साधन कौन-से हैं?
उत्तर:

  1. तापमान
  2. दबाव
  3. परतों का घनत्व
  4. भूकम्पीय तरंगें
  5. उल्काएं।

प्रश्न 7.
भूकम्पीय तरंगों के अध्ययन करने वाले यन्त्र का क्या नाम है?
उत्तर:
सीस्मोग्राफ (Seismograph)।

प्रश्न 8. कितनी गहराई के पश्चात् ‘S’ तरंगें लुप्त हो जाती हैं?
उत्तर:
2900km.

प्रश्न 9.
कौन-सी तरंगें केवल ठोस माध्यम से ही गुज़र सकती हैं?
उत्तर:
अनुप्रस्थ तरंगें।

प्रश्न 10.
किन प्रमाणों से पता चलता है कि पृथ्वी के आन्तरिक भाग का तापमान अधिक है?
उत्तर:

  1. ज्वालामुखी
  2. गर्म जल के झरने
  3. खानों से।

प्रश्न 11.
सियाल (Sial) किन दो शब्दों के संयोग से बना है?
उत्तर:
सियाल शब्द सिलिका तथा एल्यूमीनियम (Si+Al) के संयोग से बना है।

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प्रश्न 12.
सीमा (Sima) किन दो शब्दों के संयोग से बना है?
उत्तर:
सीमा शब्द सिलिका तथा मैग्नीशियम (Si+Mg) के संयोग से बना है।

प्रश्न 13.
निफे (Nife) शब्द किन दो शब्दों के संयोग से बना है?
उत्तर:
निफे शब्द निकिल तथा फैरस (Ni+Fe) के संयोग से बना है।

प्रश्न 14.
पृथ्वी की केन्द्रीय परत को क्या कहते हैं?
उत्तर:
अभ्यान्तर या क्रोड या गुरुमण्डल।

प्रश्न 15.
पृथ्वी का औसत घनत्व कितना है?
उत्तर:
5.53.

प्रश्न 16.
सबसे धीमी गति वाली तरंगें कौन-सी हैं?
उत्तर:
धरातलीय तरंगें।

प्रश्न 17.
पृथ्वी के अभ्यान्तर का घनत्व कितना है?
उत्तर:
13.

प्रश्न 18.
अभ्यान्तर का घनत्व सबसे अधिक क्यों है?
उत्तर:
अभ्यान्तर में निकिल तथा लोहे के कारण।

प्रश्न 19.
Volcano ज्वाला शब्द यूनानी भाषा के किस शब्द से बना है?
उत्तर:
यूनानी शब्द ‘Vulan’ का अर्थ-पाताल देवता है।

प्रश्न 20.
पृथ्वी के अन्दर पिघले पदार्थ को क्या कहते हैं?
उत्तर:
मैग्मा।

प्रश्न 21.
जब मैग्मा पृथ्वी के धरातल से बाहर आ जाता है तो उसे क्या कहते हैं?
उत्तर:
लावा।

प्रश्न 22.
ज्वालामुखी के तीन प्रकार कौन-कौन से हैं?
उत्तर:

  1. सक्रिय ज्वालामुखी
  2. प्रसुप्त ज्वालामुखी
  3. मृत ज्वालामुखी।

प्रश्न 23.
भारत में सक्रिय ज्वालामुखी का नाम बताएं।
उत्तर:
अण्डमान द्वीप के निकट बैरन द्वीप।

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प्रश्न 24.
ज्वालामुखी शंकु किसे कहते हैं?
उत्तर:
ज्वालामुखी के मुख से निकले पदार्थ मुख के आस-पास जमा हो जाते हैं। धीरे-धीरे ये शंकु का रूप धारण कर लेते हैं। इन्हें ज्वालामुखी शंकु कहते हैं।

प्रश्न 25.
क्रेटर किसे कहते हैं?
उत्तर:
ज्वालामुखी के केन्द्र में कटोरे के समान या कीपाकार गर्त को क्रेटर कहते हैं।

प्रश्न 26.
काल्डेरा किसे कहते हैं?
उत्तर:
विशाल क्रेटर को काल्डेरा कहते हैं।

प्रश्न 27.
भूकम्प किसे कहते हैं?
उत्तर:
पृथ्वी का अचानक हिलना।

प्रश्न 28.
भूकम्प आने के तीन कारण लिखो।
उत्तर:

  1. ज्वालामुखी विस्फोट
  2. विवर्तनिक कारण
  3. लचक शक्ति।

प्रश्न 29.
उद्गम केन्द्र किसे कहते हैं?
उत्तर:
पृथ्वी के अन्दर जहां भूकम्प उत्पन्न होता है, उसे उद्गम केन्द्र कहते हैं।

प्रश्न 30.
अधिकेन्द्र से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
भूकम्प केन्द्र के ठीक ऊपर धरातल पर स्थिर बिन्दु या स्थान को अधिकेन्द्र कहते हैं।

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प्रश्न 31.
आग का गोला (Ring of fire) किसे कहा जाता है?
उत्तर:
परिप्रशान्त महासागरीय पेटी।

प्रश्न 32.
संसार की तीन प्रमुख ज्वालामुखी पेटियों के नाम लिखें।
उत्तर:

  1. प्रशांत महासागरीय पेटी
  2. अन्ध महासागरीय पेटी
  3. मध्य महाद्वीपीय पेटी।

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
सियाल (Sial) से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
यह पृथ्वी की सबसे ऊपरी परत है। इसमें सिलिका तथा एल्यूमीनियम के अंश अधिक मात्रा में हैं। इन दोनों धातुओं के संयोग के कारण इस परत को सियाल (Sial = Silica + Aluminium) कहते हैं। इस परत की औसत गहराई 60 km. है। इस परत का घनत्व 2.75 है। इस परत से महाद्वीपों का निर्माण हुआ है।

प्रश्न 2.
सीमा (Sima ) से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
सियाल से निचली परत को सीमा कहा जाता है। इस परत से सिलिका तथा मैग्नीशियम धातुएं अधिक मात्रा में मिलती हैं। इसलिए इस परत को सीमा (Sima = Silica + Magnesium) कहा जाता है। इस परत की मोटाई 2800 km है। इसका औसत घनत्व 4.75 है। महासागरीय तल इसी परत से बना हुआ है।

प्रश्न 3.
निफे (Nife) से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
यह पृथ्वी की सबसे निचली तथा केन्द्रीय परत है। यह सबसे भारी परत है जिसका घनत्व 13 है। इसमें निकिल तथा फैरस (लोहा) धातुएं अधिक हैं। इसलिए इसे (Nife = Nickle + Ferrous) कहा जाता है। इस परत की मोटाई 3500 km. 1

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प्रश्न 4.
पृथ्वी की तीन मौलिक परतों के नाम, गहराई, विस्तार तथा घनत्व बताओ।
उत्तर:
पृथ्वी का निर्माण करने वाली तीन मूल परतें हैं जिनकी रचना भिन्न घनत्व वाले पदार्थों से हुई है

  1. भू-पृष्ठ (Crust),
  2. मैण्टल (Mantle, )
  3. क्रोड (Core)
परतक्षेत्रमोटाईकुल का \%घनत्व
(1) भू-पृष्ठसियाल60 कि॰ मी०0.52.75
(2) मैण्टलसीमा2840 कि॰ मी०16.55.68
(3) क्रोडनाइफ3500 कि॰ मी०83.017.2

प्रश्न 5.
सिस्मोग्राफ किसे कहते हैं? इसका प्रयोग किस उद्देश्य के लिए किया जाता है?
उत्तर:
सिस्मोग्राफ (Seismograph) एक यन्त्र है जिसके द्वारा भूकम्पीय तरंगें तथा तीव्रता मापी जाती है। इस यन्त्र में लगी एक सूई द्वारा ग्राफ पेपर पर भूकम्पीय तरंगों को रेखांकित किया जाता है। इस यन्त्र द्वारा भूकम्प का उद्गम (Focus), भूकम्पीय तरंगों की गति, मार्ग तथा तीव्रता का ज्ञान होता है।

प्रश्न 6.
भूकम्पीय तरंगों के मुख्य प्रकार बताओ। कौन-सी तरंगें धीमी गति वाली हैं तथा कौन-सी तरंगें तेज़ गति वाली हैं?

  1. प्राथमिक या अनुदैर्ध्य तरंगें।
  2. गौण या अनुप्रस्थ तरंगें
  3. धरातलीय या लम्बी तरंगें।

धरातलीय तरंगें सब से धीमी गति से चलती हैं। प्राथमिक तरंगें सब से तेज़ गति से चलती हैं।

प्रश्न 7.
गुरुत्वाकर्षण तथा चुम्बकीय क्षेत्र किस प्रकार भूकम्प सम्बन्धी सूचना देते हैं?
उत्तर:
अन्य अप्रत्यक्ष स्रोतों में गुरुत्वाकर्षण, चुम्बकीय क्षेत्र व भूकम्प सम्बन्धी क्रियाएं शामिल हैं। पृथ्वी के धरातल पर भी विभिन्न अक्षांशों पर गुरुत्वाकर्षण बल एक समान नहीं होता है। यह (गुरुत्वाकर्षण बल) ध्रुवों पर अधिक एवं भूमध्यरेखा पर कम होता है। पृथ्वी के केन्द्र से दूरी के कारण गुरुत्वाकर्षण बल ध्रुवों पर कम और भूमध्य रेखा पर अधिक होता है । गुरुत्व का मान पदार्थ के द्रव्यमान के अनुसार भी बदलता है । पृथ्वी के भीतर पदार्थों का असमान वितरण भी इस भिन्नता को प्रभावित करता है।

अलग-अलग स्थानों पर गुरुत्वाकर्षण की भिन्नता अनेक अन्य कारकों से भी प्रभावित होती है। इस भिन्नता को गुरुत्व विसंगति (Gravity anomaly ) कहा जाता है गुरुत्व विसंगति हमें भूपर्पटी में पदार्थ के द्रव्यमान के वितरण की जानकारी देती है। चुम्बकीय सर्वेक्षण भी भूपर्पटी में चुम्बकीय पदार्थ के वितरण की जानकारी देते हैं । भूकम्पीय गतिविधियां भी पृथ्वी की आन्तरिक जानकारी का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत है ।

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प्रश्न 8.
उल्काएं पृथ्वी की आन्तरिक बनावट के विषय में जानकारी देने में किस प्रकार सहायक हैं?
उत्तर:
कभी-कभी जलते हुए पदार्थ आकाश से पृथ्वी की ओर गिरते दिखाई देते हैं। इन्हें उल्का (Meteorites) कहते हैं। यह सौर मण्डल का एक भाग है। इनके अध्ययन से पता चलता है कि इनके निर्माण में लोहा और निकिल की प्रधानता है। पृथ्वी की रचना उल्काओं से मिलती-जुलती है तथा पृथ्वी का आंतरिक क्रोड भी भारी पदार्थों (लोहा + निकिल ) से बना हुआ है।

प्रश्न 9.
गुरुमण्डल से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
गुरुमण्डल (Barysphere):
पृथ्वी के केन्द्रीय भाग या आन्तरिक क्रोड को गुरुमण्डल कहते हैं। इसकी औसत गहराई 4980 से 6400 मी० है। यह अत्यधिक भारयुक्त खनिज पदार्थों से बना हुआ है। इसका औसत घनत्व 13 से अधिक है। इसमें लोहा तथा निकिल पदार्थों की अधिकता है। इस भाग को अभ्यान्तर (Core) भी कहा जाता है।

प्रश्न 10.
ज्वालामुखी किसे कहते हैं? ज्वालामुखी के विभिन्न भाग बताओ।
उत्तर:
ज्वालामुखी (Volcano):
ज्वालामुखी क्रिया एक अन्तर्जात क्रिया है जो भू-गर्भ से सम्बन्धित है। ज्वालामुखी धरातल पर एक गहरा प्राकृतिक छिद्र है जिससे भू-गर्भ से गर्म गैसें, लावा, तरल व ठोस पदार्थ बाहर निकलते हैं। सबसे पहले एक छिद्र की रचना होती है जिसे ज्वालामुखी (Volcano) कहते हैं। इस छिद्र से निकलने वाले लावा पदार्थों के चारों ओर फैलने तथा ठण्डा होकर ठोस होने से एक उच्च भूमि का निर्माण होता है जिसे ज्वालामुखी पर्वत कहते हैं। एक लम्बे समय में कई बार निकासन, शीतलन तथा ठोसीकरण की क्रिया से ज्वालामुखी का निर्माण होता है।

ज्वालामुखी के भाग (Parts of a Volcano):

  1. ज्वालामुखी निकास-एक छेद जिस से लावा का निष्कासन होता है ज्वालामुखी निकास कहलाता है।
  2. विवर-ज्वालामुखी विकास के चारों ओर एक तश्तरीनुमा गर्त को विवर कहते हैं।
  3. कैल्डेरा–विस्फोट से बने खड़ी दीवारों वाले कंड को कैलडेरा कहते हैं।

प्रश्न 11.
भूकम्पों के विभिन्न प्रकार बताओ।
उत्तर:
उत्पत्ति के आधार पर भूकम्प निम्नलिखित प्रकार के हैं

  1. विवर्तनिक भूकम्प-सामान्यतः विवर्तनिक (Tectonic) भूकम्प ही अधिक आते हैं। ये भूकम्प भ्रंश तल के किनारे चट्टानों के सरक जाने के कारण उत्पन्न होते हैं।
  2. ज्वालामुखी भूकम्प-एक विशिष्ट वर्ग के विवर्तनिक भूकम्प को ही ज्वालामुखीजन्य (Volcanic) भूकम्प समझा जाता है। ये भूकम्प अधिकांशतः सक्रिय ज्वालामुखी क्षेत्रों तक ही सीमित रहते हैं।
  3. नियात भूकम्प-खनन क्षेत्रों में कभी-कभी अत्यधिक खनन कार्य से भूमिगत खानों की छत ढह जाती है, जिससे हल्के झटके महसूस किये जाते हैं। इन्हें नियात (Collapse) भूकम्प कहा जाता है।
  4. विस्फोट भूकम्प-कभी-कभी परमाणु व रासायनिक विस्फोट से भी भूमि में कम्पन होती है। इस तरह के झटकों को विस्फोट (Explosion) भूकम्प कहते हैं।
  5. बांध जनित भूकम्प-जो भूकम्प बड़े बांध वाले क्षेत्रों में आते हैं, उन्हें बांध जनित (Reservoir induced) भूकम्प कहा जाता है।

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प्रश्न 12.
सुनामी किसे कहते हैं? इनके विनाशकारी प्रभाव की एक उदाहरण दो।
उत्तर:
सुनामी (Tsunami):
कई बार भूकम्प के कारण सागरीय लहरें बहुत ऊंची उठ जाती हैं। जापान में इन्हें सुनामी कहते हैं। ये तूफानी लहरें तटीय प्रदेशों में जान-माल की हानि करती हैं। सन् 1883 में क्राकटोआ विस्फोट से जो भूकम्प आया जिससे 15 मीटर ऊंची लहरें उठीं तथा पश्चिमी जावा में 36,000 व्यक्तियों की मृत्यु हो गई। 26 दिसम्बर, 2004 को इण्डोनेशिया के निकट केन्द्रित भूकम्प से हिन्दमहासागर में 30 मीटर ऊंची सुनामी लहरों से लगभग 3 लाख व्यक्तियों की जानें गईं। इण्डोनेशिया, थाइलैंड, अण्डमान द्वीप, तमिलनाडु तट तथा श्रीलंका के तटीय भागों में प्रलय समान तबाही हुई।

प्रश्न 13.
दुर्बलता मण्डल क्या है?
उत्तर:
दुर्बलता मण्डल (Asthenosphere) ऊपरी मैंटल परत का एक भाग है। यह 650 कि० मी० गहरा है। यह परत ठोस तथा लचीले गुट रखती है। इस परत का अनुमान प्रसिद्ध भूकम्प वैज्ञानिक गुट्नबर्ग ने लगाया था। यहां भूकम्पीय लहरों की गति कम होती है। Asthenosphere का अर्थ है दुर्बलता।

प्रश्न 14.
पृथ्वी के धरातल का विन्यास किन प्रक्रियाओं का परिणाम है?
उत्तर:
पृथ्वी पर भू-आकृतियों का विकास बहिर्जात एवं अन्तर्जात क्रियाओं का परिणाम है। दोनों प्रक्रियाएं निरन्तर कार्य करती हैं तथा भू-आकृतियों को जन्म देती हैं।

प्रश्न 15.
पृथ्वी की संरचना की जानकारी के प्रत्यक्ष साधनों के नाम लिखो।
उत्तर:
पृथ्वी की संरचना की जानकारी के प्रत्यक्ष साधन निम्नलिखित है

  1. धरातलीय चट्टानें : धरातलीय चट्टानें सुगमता से प्राप्त होती हैं तथा इन से भू-गर्भ की जानकारी मिलती है।
  2. खनन क्षेत्र : दक्षिणी अफ्रीका की सोने की खानों की गहराई 3-4 किलोमीटर तक है जहां तक जाना सम्भव है।
  3. विभिन्न परियोजनाएं : गहरे समुद्र में गहराई से पदार्थ प्राप्त करने की योजनाएं भी प्रत्यक्ष साधन हैं।
  4. ज्वालामुखी उद्गार : ज्वालामुखी उद्गार से लावा पृथ्वी के धरातल पर आता है तो पृथ्वी की संरचना की जानकारी मिलती है।

प्रश्न 16.
उन दो वैज्ञानिक परियोजनाओं का वर्णन करो जिनसे पृथ्वी के भूगर्भ की जानकारी प्राप्त होगी।
उत्तर:
पृथ्वी के वैज्ञानिक ऐसी दो परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं।

  1. गहरे समुद्र में प्रवेश परियोजना (Deep ocean drilling project).
  2. समन्नित महासागरीय परिवेधन परियोजना (Integrated ocean drilling project) आज तक सबसे गहरा प्रवेधक (Drill) आर्कटिक महासागर के कोला (Kola) क्षेत्र में 12km की गहराई तक किया गया है।

प्रश्न 17.
भूकम्प की माप किस पैमाने पर की जाती है?
उत्तर:
भूकम्पों की माप-भूकम्पीय घटनाओं का मापन भूकम्पीय तीव्रता के आधार पर अथवा आघात की तीव्रता के आधार पर किया जाता है। भूकम्पीय तीव्रता की मापनी ‘रिक्टर स्केल’ (Richter scale) के नाम से जानी जाती है। भूकम्पीय तीव्रता भूकम्प के दौरान ऊर्जा विमोचन से सम्बन्धित है। इस मापनी के अनुसार भूकम्प की तीव्रता 0 से 10 तक होती है। तीव्रता गहनता (Intensity scale) ‘हानि की तीव्रता’ मापनी इटली के भूकम्प वैज्ञानिक मरकैली (Mercalli) के नाम पर है। यह मापनी झटकों से हुई प्रत्यक्ष हानि द्वारा निर्धारित की गई है। इसका गहनता का विस्तार 1 से 12 तक है।

तुलनात्मक प्रश्न
(Comparison Type Questions)

प्रश्न 1.
अनुदैर्ध्य तथा अनुप्रस्थ तरंगों में अन्तर स्पष्ट करो।
उत्तर:

अनुदैर्ध्य तरंगें (Longitudinal waves)अनुप्रस्थ तरंगें (Transverse waves)
(1) इन तरंगों में कण आगे बढ़ने की दिशा में चलते हैं।(1) ये तरंगें दोलन की दिशा पर समकोण चलती हैं।
(2) इन्हें प्राथामिक तरंगें, ध्वनि तरंगें या P-waves कहा जाता है।(2) इन्हें द्वितीयक या S-waves भी कहा जाता है।
(3) इनकी गति कुछ तेज़ होती है।(3) इसकी गति धीमी होती है।
(4) ये तरल, गैस तथा ठोस तीनों माध्यमों से गुज़र सकती हैं।(4) ये केवल ठोस माध्यम से ही गुज़र सकती हैं।
अनुदैर्ध्य तरंगें (Longitudinal waves)अनुप्रस्थ तरंगें (Transverse waves)

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प्रश्न 2.
भू-पृष्ठ तथा अभ्यान्तर में अन्तर स्पष्ट करो।
उत्तर:

भू-पृष्ठ (Crust)अभ्यान्तर (Core)
(1) यह पृथ्वी की बाहरी परत है।(1) यह पृथ्वी की भीतरी परत है।
(2) यह सबसे हल्की परत है।(2) यह सब से भारी परत है।
(3) इस परत का औसत घनत्व $2.75$ है।(3) इस परत का औसत घनत्व $17.2$ है।
(4) यह पृथ्वी के $0.5 \%$ भाग को घेरे हुए है।(4) यह पृथ्वी के $83 \%$ भाग को घेरे हुए है।
(5) इसमें सिलिका तथा एल्यूमीनियम की अधिकता है।(5) इसमें निकल तथा लोहे की अधिकता है।

प्रश्न 3.
मैग्मा तथा लावा में अन्तर स्पष्ट करो।
उत्तर:

मैग्मा (Magma)लावा (Lava)
(1) पृथ्वी के भीतरी भाग में पिघले हुए गर्म घोल को मैग्मा कहते हैं।(1) जब उद्भेदन के कारण मैग्मा धरती के बाहर आकर ठण्डा तथा ठोस रूप धारण कर लेता है तो उसे लावा कहते हैं।
(2) इसमें जल व अन्य गैसें भी मिली होती हैं।(2) इसमें जल व गैसों के अंश नहीं होते।
(3) यह पृथ्वी के भीतरी भागों में ऊपरी मैंटल में उत्पन्न होता है। (Magma is hot Sticky molten material.)(3) यह पृथ्वी के धरातल पर वायुमण्डल के सम्पर्क से ठण्डा व ठोस होता है। (The Solidifed magma is called Lava.)

निबन्धात्मक प्रश्न (Essay Type Questions)

प्रश्न 1.
पृथ्वी की आन्तरिक संरचना का वर्णन करो। इसकी प्रत्येक पर्त का विवरण दो। अपने कथन के पक्ष में विवेकपूर्ण तर्क दो।
अथवा
पृथ्वी की भूपर्पटी, मैंटल व क्रोड का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
पृथ्वी की आन्तरिक संरचना (Structure of the Earth):
पृथ्वी के भू-गर्भ के बारे में विद्वानों ने अलग-अलग विचार प्रस्तुत किए हैं। कुछ विद्वानों ने पृथ्वी के भू-गर्भ को ठोस अवस्था माना है तो कुछ ने इसे गैसीय अथवा तरल अवस्था में माना है। भू-गर्भ की जानकारी प्राप्त करने के लिए मनुष्य के पास कोई प्रत्यक्ष साधन नहीं है। भीतरी भाग में अत्यधिक तापमान एक बड़ी रुकावट है। पृथ्वी की सबसे गहरी खान केवल 4 km गहरी है। इसीलिए भू-गर्भ की जानकारी के सभी साधन अप्रत्यक्ष (Indirect ) हैं तथा केवल अनुमान ही हैं।

पृथ्वी की विभिन्न परतें (Different Layers of the Earth): वान्डर ग्राट (Vander Gracht) के अनुसार, पृथ्वी की आन्तरिक संरचना निम्नलिखित परतों में हुई है:
1. बाहरी सियाल परत ( Sial):
यह पृथ्वी की ऊपरी परत है। इस परत में सिलिका तथा एल्यूमीनियम का अंश अधिक है। यह सबसे हल्की परत है जिसका घनत्व 2.7 के बीच है। इस परत की औसत गहराई 45 कि० मी० तक है। इससे अधिकतर महाद्वीपों का निर्माण हुआ है। (Sial = Silica + Aluminium)

पृथ्वी की परतें (Layers of the Earth)

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2. बाहरी सिलिकेट परत:
भूपर्पटी की इस परत का विस्तार महासागरों के नीचे है। इसमें अधिकतर तलछटी चट्टानें तथा ग्रेनाइट का विस्तार है। इसकी गहराई 45 से 100 कि०मी० तक है। इसका घनत्व 2.75-2.90 तक है

3. आन्तरिक सिलिकेट परत:
सियाल से निचली परत को आन्तरिक सिलिकेट परत कहा जाता है। बाहरी तथा आन्तरिक परत के बीच के अन्तराल को कॉनरैड अन्तराल कहा जाता है। इस परत का घनत्व 3.10 से 4.75 तक है। इसकी गहराई 1700 कि० मी० तक है। इसमें सिलिकेट तथा मैग्नीशियम की अधिकता होती है।

4. सिलिकेट तथा मिश्रित धातु परत (Sima ):
सियाल के नीचे दूसरी मुख्य परत को सीमा कहा जाता है। इसमें सिलिका तथा मैग्नीशियम अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। (Sima = Silica + Magnesium) इस परत की मोटाई 1700 कि० मी० से 2900 कि०मी० है तथा इसका घनत्व 4.75 से 5 तक है। सियाल तथा सीमा को पृथक् करने वाले अन्तराल को मोहरोविसिक अन्तराल कहते हैं। इसकी रचना बैसाल्ट चट्टानों से हुई है।

5. धात्विक नाभि (Nife ):
यह सबसे निचली केन्द्रीय तथा भारी परत है। इसमें निकिल तथा फैरस अधिक मात्रा में पाया जाता है (Nife = Nickle + Ferrous) । इस परत का घनत्व 4.75 से 11 तक है। इस परत की गहराई 2900-4980 कि०मी० है। इस परत को बाह्य धात्विक क्रोड भी कहा जाता है।
JAC Class 11 Geography Important Questions Chapter 3 पृथ्वी की आंतरिक संरचना 2

6. धात्विक क्रोड (Core):
इस परत में भारी धातुओं की अधिकता है। इसलिए इसका घनत्व 13 से 17 तक है। इसकी गहराई 4980-6400 कि० मी० तक है। इस परत को गुरुमण्डल (Bary sphere) भी कहते हैं।

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प्रश्न 2.
भूकम्प किसे कहते हैं? यह कैसे उत्पन्न होता है?
उत्तर:
भूकम्प (Earthquake):
भूपृष्ठ के किसी भी भाग के अचानक हिल जाने को भूकम्प कहते हैं। (An earthquake is a sudden movement on the crust of the earth.) इस प्रकार भूकम्प धरातल का कम्पन तथा दोलन है जिसके द्वारा चट्टानें ऊपर नीचे सरकती हैं। यह एक आकस्मिक एवं अस्थायी गति है। भूकम्प अपने केन्द्र से चारों ओर तरंगों के माध्यम से आगे बढ़ता है। भूकम्प के कारण – प्राचीन काल में लोग भूकम्प को भगवान् का कोप मानते थे, परन्तु वैज्ञानिकों के अनुसार भूकम्प के निम्नलिखित कारण हैं

  1. ज्वालामुखी उद्गार (Volcanic Eruption ): ज्वालामुखी विस्फोट में शक्ति होती है जिससे विस्फोट स्थान के समीपवर्ती क्षेत्र कांप उठते हैं। सन् 1883 में क्राकटोआ विस्फोट से दूर-दूर तक भूकम्प अनुभव किए गए।
  2. विवर्तनिक कारण (Tectonic Causes ): पृथ्वी की भीतरी हलचलों के कारण धरातल पर चट्टानों में मोड़ तथा दरारें पड़ जाती हैं । दरारों के सहारे हलचल होती है और भूकम्प आते हैं।
  3. पृथ्वी का सिकुड़ना (Contraction of Earth): तापमान कम होने से पृथ्वी सिकुड़ती है तथा चट्टानों में हलचल के कारण भूकम्प आते हैं ।
  4. लचक शक्ति (Elasticity of Rocks): जब किसी चट्टान पर दबाव पड़ता है तो वह चट्टान उस दबाव को वापस धकेलती है।
  5. सामान्य कारण (General Causes ): पर्वतीय भागों में भूस्खलन कार्स्ट प्रदेशों में गुफ़ाओं की छतों के धंसने से, तूफानी लहरों के कारण तथा अणु बमों के विस्फोट से साधारण भूकम्प उत्पन्न होते हैं ।

प्रश्न 3.
ज्वालामुखी स्थलाकृति के मुख्य लक्षणों का वर्णन करो।
उत्तर:
ज्वालामुखी क्रिया (Vulcanicity ) वह क्रिया है जिससे गर्म पदार्थ धरातल के नीचे या बाहर प्रकट होते हैं। ज्वालामुखी पृथ्वी की भीतरी शक्तियों (Internal Forces) में से एक है। ज्वालामुखी के मुख से निकले पदार्थ मुख के आस-पास जमा हो जाते हैं। धीरे-धीरे ये शंकु (Cone) का रूप धारण कर लेते हैं। इन्हें ज्वालामुखी शंकु (Volcanic Cones) कहते हैं। ज्वालामुखी स्थल के रूप
1. क्रेटर (Crater):
ज्वालामुखी के छिद्र के ऊपर गर्त बन जाता है। यह कटोरे के समान या कीपाकार (Funnel Shaped) होता है। क्रेटर में जल भर जाने से झील की रचना होती है। जैसे U.S.A. की क्रेटर लेक (Crater Lake) तथा महाराष्ट्र की लोनार झील।

2. काल्डेरा (Caldera ): विशाल क्रेटर को काल्डेरा कहते हैं। तीव्र विस्फोट से शंकु का ऊपरी भाग उड़ जाता है या क्रेटर के धंस जाने से इसका विस्तार बढ़ जाता है। जापान का काल्डेरा इतना बड़ा है कि इसे “Volcano of a Hundred Villages” कहते हैं।
JAC Class 11 Geography Important Questions Chapter 3 पृथ्वी की आंतरिक संरचना 3
3. राख शंकु (Ash Cone): यह कम ऊंचे शंकु होते हैं जिनकी रचना धूल तथा राख से होती है। इनके किनारे अवतल (Concave) ढाल वाले होते हैं। इसे सिंडर शंकु (Cinder Cone) भी कहते हैं।
JAC Class 11 Geography Important Questions Chapter 3 पृथ्वी की आंतरिक संरचना 4
4. शील्ड शंकु (Shield Cones): इनका निर्माण पैठिक लावा (Basic Lava) से होता है। पैठिक लावा हल्का तथा पतला होता है। इसमें सिलिका की मात्रा कम होती है। यह लावा दूर तक फैल जाता है। इस प्रकार लम्बे तथा कम ऊंचे शंकु का निर्माण होता है। जैसे हवाई द्वीप समूह के ज्वालामुखी शंकु।

5. गुम्बद शंकु (Lava Dome ): इनका निर्माण एसिड लावा से होता है। यह लावा काफ़ी गाढ़ा तथा चिपचिपा होता है। इसमें सिलिका की मात्रा अधिक होती है। यह मुख के निकट ही जल्दी जम कर गुम्बद बन जाता है। इस प्रकार तीव्र ढाल वाले ऊंचे शंकु का निर्माण होता है। फ्रांस में पाई डी डोम (Puy de dome) 1500 मीटर ऊंचा है।
JAC Class 11 Geography Important Questions Chapter 3 पृथ्वी की आंतरिक संरचना 5
6. लावा डॉट (Volcanic Plugs ):
जब शंकु पूरी तरह नष्ट हो जाता है तो नली व छिद्र ठोस लावा से भर जाते हैं। यह नली एक डॉट या प्लग की तरह दिखाई देती है। जैसे संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) में लैसेन चोटी (Lassen Peak)।
JAC Class 11 Geography Important Questions Chapter 3 पृथ्वी की आंतरिक संरचना 6
7. मिश्रित शंकु (Composite Cones): ये सबसे बड़े व ऊंचे शंकुओं में गिने जाते हैं। इसका निर्माण लावा, राख तथा दूसरे पदार्थों के बारी-बारी जमा होने से होता है। यह जमाव समानान्तर
परतों में होता है। इटली का स्ट्रॉम्बोली (Stromboli) इसका मुख्य उदाहरण है जिसमें प्रति घण्टा के बाद उद्गार होता है। इसे रूम क्रेटर सागर का प्रकाश स्तम्भ (Light house of the Mediterranean) कहते हैं। जापान का फ्यूजीयामा पर्वत इसका सुन्दर उदाहरण है। ढलानों पर बनने वाले छोटे-छोटे शंकुओं को परजीवी शंकु (Parastic Cone) कहते हैं।
JAC Class 11 Geography Important Questions Chapter 3 पृथ्वी की आंतरिक संरचना 7
8. बेसाल्ट प्रवाह क्षेत्र (Flood basalt provinces): ये ज्वालामुखी अत्यधिक तरल लावा उगलते हैं जो बहुत दूर तक बह निकलता है। संसार के कुछ भाग हजारों वर्ग कि० मी० घने लावा प्रवाह से ढके हैं। इनमें लावा मैग्मा प्रवाह क्रमानुसार होता है और कुछ प्रवाह 50 मीटर से भी।

अधिक मोटे हो जाते हैं। कई बार अकेला प्रवाह सैंकड़ों कि० मी० दूर तक फैल जाता है। भारत का दक्कन ट्रैप, जिस पर वर्तमान महाराष्ट्र पठार पर ज्यादातर भाग पाया जाता है, वृहत् बेसाल्ट लावा प्रवाह क्षेत्र है। ऐसा विश्वास किया जाता है कि आज की अपेक्षा, आरंभ में एक अधिक वृहत् क्षेत्र इस प्रवाह से ढका था।

9. मध्य-महासागरीय कटक ज्वालामुखी-इन ज्वालामुखियों का उद्गार महासागरों में होता है। मध्य महासागरीय कटक एक श्रृंखला है जो 70,000 कि० मी० से अधिक लंबी है और जो सभी महासागरीय बेसिनों में फैली है। इस कटक के मध्यवर्ती भाग में लगातार उद्गार होता रहता है। अगले अध्याय में हम इसे विस्तारपूर्वक पढ़ेंगे।

JAC Class 11 Geography Solutions Chapter 16 जैव-विविधता एवं संरक्षण

Jharkhand Board JAC Class 11 Geography Solutions Chapter 16 जैव-विविधता एवं संरक्षण Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 11 Geography Solutions Chapter 16 जैव-विविधता एवं संरक्षण

बहु-विकल्पी प्रश्न (Multiple Choice Questions)

प्रश्न-दिए गए चार वैकल्पिक उत्तरों में से सही उत्तर चुनिए
1. जैव विविधता का संरक्षण निम्न में किसके लिए महत्त्वपूर्ण है?
(A) जन्तु
(B) पौधे
(C) पौधे और प्राणी
(D) सभी जीवधारी।
उत्तर:
(D) सभी जीवधारी।

2. असुरक्षित प्रजातियां कौन-सी हैं?
(A) जो दूसरों को असुरक्षा दें
(B) बाघ व शेर
(C) जिनकी संख्या अत्यधिक हो
(D) जिन प्रजातियों के लुप्त होने का खतरा है।
उत्तर:
(D) जिन प्रजातियों के लुप्त होने का खतरा है।

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3. राष्ट्रीय पार्क (National parks) और अभ्यारण्य (Sanctuaries) किस उद्देश्य के लिए बनाए गए हैं?
(A) मनोरंजन
(B) पालतू जीवों के लिए
(C) शिकार के लिए
(D) संरक्षण के लिए।
उत्तर:
(D) संरक्षण के लिए।

4. जैव-विविधता समृद्ध क्षेत्र हैं
(A) उष्ण कटिबन्धीय क्षेत्र
(B) शीतोष्ण कटिबन्धीय क्षेत्र
(C) ध्रुवीय क्षेत्र
(D) महासागरीय क्षेत्र।
उत्तर:
(A) उष्ण कटिबन्धीय क्षेत्र।

5. निम्न में से किस देश में अर्थ सम्मेलन (Earth summit) हुआ था?
(A) यू० के० (U.K.)
(B) ब्राज़ील
(C) मैक्सिको
(D) चीन।
उत्तर:
(B) ब्राज़ील

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
मानव के लिये पौधे किस प्रकार महत्त्वपूर्ण हैं?
उत्तर:
पौधे मनुष्य को कई प्रकार की फसलें, प्रोटीन देते हैं यह जनसंख्या के पोषण के लिये एक प्राकृतिक साधन हैं।

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प्रश्न 2.
मानव के लिये जन्तुओं के महत्त्व का संक्षिप्त का वर्णन करो।
उत्तर:
मानव के आहार में शाकाहारी और मांसाहारी दोनों प्रकार के पदार्थ मिलते हैं। इतिहास के प्रारम्भिक काल में मानव पशु पालन पर निर्भर था। असंख्य पशु प्राकृतिक वनस्पति खा कर मांस तथा डेयरी पदार्थ प्रदान करते हैं, जिससे मानव जनसंख्या का पोषण होता है।

प्रश्न 3.
जैव विविधता के विभिन्न स्तर क्या हैं?
उत्तर:
जैविक विविधता का अस्तित्व तीन विभिन्न स्तरों पर निम्नलिखित हैं

  1. प्रजातीय विविधता (Species Diversity): जो आकृतिक, शरीर क्रियात्मक तथा आनुवंशिक लक्षणों द्वारा प्रतिबिम्बित होती है।
  2. आनुवांशिक विविधता (Genetic Diversity): जो प्रजाति के भीतर आनुवंशिक या अन्य परिवर्तनों से युक्त होती है।
  3. पारिस्थितिक तंत्र विविधता (Ecosyotem Diversity): विविधता, जो विभिन्न जैव भौगोलिक क्षेत्रों जैसेझील, मरुस्थल, तटीय क्षेत्र, ज्वारनदमुख आदि द्वारा प्रतिबिम्बित होती है। इस पारिस्थितिक तंत्र को संरक्षित रखना एक महान् चुनौती है।

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प्रश्न 4.
जैव विविधता क्या है?
उत्तर:
जैव विविधता दो शब्दों के मेल से बना है (Bio) बायो का अर्थ है जीव तथा (Diversity) का अर्थ है विविधता। साधारण शब्दों में, किसी निश्चित भौगोलिक क्षेत्र में पाए जाने वाले जीवों की संख्या और उनकी विविधता को जैव विविधता कहते हैं।

प्रश्न 5.
हॉट-स्पॉट (Hot Spot) से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
जिन क्षेत्रों में प्रजातीय विविधता अधिक होती है उन्हें हॉट-स्पॉट कहते हैं। यहां प्रजातियों की संख्या अधिक होती है।

प्रश्न 6.
भारत के चार ‘जीवमण्डल निचय’ के नाम लिखिए।
उत्तर:

  1. नन्दा देवी,
  2. नीलगिरि,
  3. मानस,
  4. सुन्दरवन।

निबन्धात्मक प्रश्न (Essay Type Questions)

प्रश्न-निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए।
प्रश्न 1.
प्रकृति को बनाए रखने में जैव विविधता की भूमिका का वर्णन करो।
उत्तर:
जैव विविधता का महत्त्व (Importance of biodiversity):
जैव विविधता ने मानव संस्कृति के विकास में बहुत योगदान दिया है और इसी प्रकार मानव समुदायों ने भी आनुवांशिक, प्रजातीय व पारिस्थितिक स्तरों पर प्राकृतिक, विविधता को बनाए रखने में बड़ा योगदान दिया है। जैव विविधता के चार प्रमुख योगदान हैं

  1. पारिस्थितिक (Ecological)
  2. आर्थिक (Economic)
  3. नैतिक (Ethical)
  4. वैज्ञानिक (Scientific)।

1. जैव विविधता की पारिस्थितिकीय भूमिका (Ecological role of biodiversity):
पारितन्त्र में विभिन्न प्रजातियां कोई न कोई क्रिया करती हैं। पारितन्त्र में कोई भी प्रजाति बिना कारण न तो विकसित हो सकती है और न ही बनी रह सकती है। अर्थात्, प्रत्येक जीव अपनी ज़रूरत पूरा करने के साथ-साथ दूसरे जीवों के पनपने में भी सहायक होता है।

  1. जीव व प्रजातियां ऊर्जा ग्रहण कर उसका संग्रहण करती हैं।
  2. कार्बनिक पदार्थ उत्पन्न एवं विघटित करती हैं।
  3. पारितन्त्र में जल व पोषक तत्त्वों के चक्र को बनाए रखने में सहायक होती हैं।
  4. इसके अतिरिक्त प्रजातियां वायुमण्डलीय गैस को स्थिर करती हैं
  5. जलवायु को नियन्त्रित करने में सहायक होती हैं।

ये पारितन्त्रीय क्रियाएं मानव जीवन के लिए महत्त्वपूर्ण क्रियाएं हैं। पारितन्त्र में जितनी अधिक विविधता होगी प्रजातियों के प्रतिकूल स्थितियों में भी रहने की सम्भावना और उनकी उत्पादकता भी उतनी ही अधिक होगी। प्रजातियों की क्षति से तन्त्र के बने रहने की क्षमता भी कम हो जाएगी। अधिक आनुवांशिक विविधता वाली प्रजातियों की तरह अधिक जैव-विविधता वाले पारितन्त्र में पर्यावरण के बदलावों को सहन करने की अधिक सक्षमता होती है। दूसरे शब्दों में, जिस पारितन्त्र में जितनी प्रकार की प्रजातियां होंगी, वह पारितन्त्र उतना ही अधिक स्थायी होगा।

2. जैव-विविधता की आर्थिक भूमिका (Ecological role of biodiversity):
सभी मनुष्यों के लिए दैनिक जीवन में जैव विविधता एक महत्त्वपूर्ण संसाधन है। जैव विविधता का एक महत्त्वपूर्ण भाग ‘ फसलों की विविधता (Crop diversity) है, जिसे कृषि जैव विविधता भी कहा जाता है। जैव विविधता को संसाधनों के उन भण्डारों के रूप में भी समझा जा सकता है, जिनकी उपयोगिता भोज्य पदार्थ, औषधियां और सौन्दर्य प्रसाधन आदि बनाने में है। जैव संसाधनों की ये परिकल्पना जैव विविधता के विनाश के लिए उत्तरदायी है। साथ ही यह संसाधनों के विभाजन और बंटवारे को लेकर उत्पन्न नये विवादों का भी जनक है। खाद्य फसलें, पशु, वन संसाधन, मत्स्य और दवा संसाधन आदि हैं। कुछ ऐसे प्रमुख आर्थिक महत्त्व के उत्पाद हैं, जो मानव को जैव विविधता के फलस्वरूप उपलब्ध होते हैं।

3. जैव-विविधता की वैज्ञानिक भूमिका (Scientific role of biodiversity):
जैव विविधता इसलिए महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि प्रत्येक प्रजाति हमें यह संकेत दे सकती है कि जीवन का आरम्भ कैसे हुआ और यह भविष्य में कैसे विकसित होगा। जीवन कैसे चलता है और पारितन्त्र, जिसमें हम भी एक प्रजाति हैं, उसे बनाये रखने में प्रत्येक प्रजाति की क्या भूमिका है, इन्हें हम जैव विविधता से समझ सकते हैं। हम सभी को यह तथ्य समझना चाहिए कि हम स्वयं जियें और दूसरी प्रजातियों को भी जीने दें।

4. जैव विविधता की नैतिक भूमिका (Ethical role of biodiversity):
यह समझना हमारी नैतिक ज़िम्मेदारी है कि हमारे साथ सभी प्रजातियों को जीवित रहने का अधिकार है। अत: कई प्रजातियों को स्वेच्छा से विलुप्त करना नैतिक रूप से गलत है। जैव विविधता का स्तर अन्य जीवित प्रजातियों के साथ हमारे सम्बन्ध का एक अच्छा पैमाना है। वास्तव में, जैव विविधता की अवधारणा कई मानव संस्कृतियों का अभिन्न अंग है।

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प्रश्न 2.
जैव विविधता के विनाश के लिए उत्तरदायी प्रमुख कारकों का वर्णन को। इसे रोकने के उपाय भी बताओ।
उत्तर:
जैव विविधता की हानि (Loss of biodiversity) पिछले कुछ दशकों से, जनसंख्या वृद्धि के कारण, प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग अधिक होने लगा है। इससे संसार के विभिन्न भागों में प्रजातियों तथा उनके आवास स्थानों में तेजी से कमी हुई है। उष्ण कटिबन्धीय क्षेत्र, जो विश्व के कुछ क्षेत्र का मात्र एक चौथाई भाग है, यहां संसार की तीन चौथाई जनसंख्या रहती है। अधिक जनसंख्या की ज़रूरत को पूरा करने के लिए संसाधनों का अत्यधिक दोहन और वनोन्मूलन अत्यधिक हुआ है। उष्णकटिबन्धीय वर्षा वाले वनों में पृथ्वी की लगभग 50 प्रतिशत प्रजातियां पाई जाती हैं और प्राकृतिक आवासों का विनाश पूरे जैवमण्डल के लिए हानिकारक सिद्ध हुआ है।

1. प्राकृतिक आपदाएं:
प्राकृतिक आपदाएं जैसे भूकम्प, बाढ़, ज्वालामुखी, उद्गार, दावानल, सूखा आदि पृथ्वी पर पाई जाने वाली प्राणिजात और वनस्पति जात को क्षति पहुंचाते हैं और परिणामस्वरूप सम्बन्धित प्रभावित प्रदेशों की जैव विविधता में बदलाव आता है।

2. कीटनाशक:
कीटनाशक और अन्य, जैसे-हाइड्रोकार्बन (Hydrocarbon) और विषैली भारी धातु (Toxic heavy metals) संवेदनशील और कमज़ोर प्रजातियों को नष्ट कर देते हैं।

3. विदेशज प्रजातियां:
वे प्रजातियां, जो स्थानीय आवास की मूल जैव प्रजाति नहीं हैं, लेकिन उस तन्त्र में स्थापित की गई हैं, उन्हें ‘विदेशज प्रजातियां’ (Exotic species) कहा जाता है। ऐसे कई उदाहरण हैं, जब विदेशज प्रजातियों के आगमन से पारितन्त्र में प्राकृतिक या मूल जैव समुदाय को व्यापक नुकसान हुआ।

4. अवैध शिकार:
पिछले कुछ दशकों के दौरान, कुछ जन्तुओं जैसे-बाघ, चीता, हाथी, गैंडा, मगरमच्छ, मिंक और पक्षियों का, उनके सींग, सूंड व खालों के लिए निर्दयतापूर्वक अवैध शिकार किया जा रहा है। इसके फलस्वरूप कुछ प्रजातियां लुप्त होने के कगार पर आ गई हैं।

जैव-विविधता का संरक्षण (Conservation of biodiversity):
मानव के अस्तित्व के लिए जैव-विविधता अति आवश्यक है। जीवन का हर रूप एक-दूसरे पर इतना निर्भर है कि किसी एक प्रजाति पर संकट आने से दूसरों में असन्तुलन की स्थिति पैदा हो जाती है। यदि पौधों और प्राणियों की प्रजातियां संकटापन्न होती हैं, तो इससे पर्यावरण में गिरावट उत्पन्न होती है और अन्तोत्गत्वा मनुष्य का अपना अस्तित्व भी खतरे में पड़ सकता है।

आज यह अति अनिवार्य है कि मानव को पर्यावरण-मैत्री सम्बन्धी पद्धतियों के प्रति जागरूक किया जाए और विकास की ऐसी व्यावहारिक गतिविधियां अपनाई जाएं, जो दूसरे जीवों के साथ समन्वित हों और सतत् पोषणीय (Sustainable) हों। इस तथ्य के प्रति भी जागरूकता बढ़ रही है कि संरक्षण तभी सम्भव और दीर्घकालिक होगा, जब स्थानीय समुदायों व प्रत्येक व्यक्ति की इसमें भागीदारी होगी। इसके लिए स्थानीय स्तर पर संस्थागत संरचनाओं का विकास आवश्यक है। केवल प्रजातियों का संरक्षण और आवास स्थान की सुरक्षा ही अहम समस्या नहीं है, बल्कि संरक्षण की प्रक्रिया को जारी रखना भी उतना ही ज़रूरी है।

सन् 1992 में ब्राजील के रियो-डी-जेनेरो (Rio-de-Janeiro) में हुए जैव विविधता के सम्मेलन (Earth summit) में लिए गए संकल्पों का भारत अन्य 155 देशों सहित हस्ताक्षरी है। विश्व संरक्षण कार्य योजना में जैव-विविधता संरक्षण के निम्न तरीके सुझाए गए हैं

  1. संकटापन्न प्रजातियों के संरक्षण के लिए प्रयास करने चाहिएं।
  2. प्रजातियों को विलुप्ती से बचाने के लिए उचित योजनाएं प्रबन्धन अपेक्षित हैं।
  3. खाद्यान्नों की किस्में, चारे सम्बन्धी पौधों की किस्में, इमारती पेड़, पशुधन, जन्तु व उनकी वन्य प्रजातियों की किस्मों को संरक्षित करनी चाहिए।
  4. प्रत्येक देश को वन्य जीवों के आवास को रेखांकित कर उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करना चाहिए।
  5. प्रजातियों के पलने-बढ़ने तथा विकसित होने के स्थान सुरक्षित व संरक्षित हों।
  6. वन्य जीवों व पौधों का अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार नियमों के अनुरूप हो।

भारत सरकार ने प्राकृतिक सीमाओं के भीतर विभिन्न प्रकार की प्रजातियों को बचाने, संरक्षित करने और विस्तार करने के लिए, वन्य जीव सुरक्षा अधिनियम 1972 (Wild life protection act, 1972), पास किया है, जिसके अन्तर्गत राष्ट्रीय पार्क (National Parks), अभ्यारण्य (Sanctuaries) स्थापित किये गए तथा जैव संरक्षित क्षेत्र (Biosphere reserves) घोषित किये गए। वे देश, जो उष्ण कटिबन्धीय क्षेत्र में स्थित हैं, उनमें संसार की सर्वाधिक प्रजातीय विविधता पाई जाती है। उन्हें ‘महा विविधता केन्द्र’ (Mega diversity centres) कहा जाता है। इन देशों की संख्या 12 है और उनके नाम हैं : मैक्सिको, कोलम्बिया, इक्वेडोर, पेरू, ब्राजील, जायरे, मेडागास्कर, चीन, भारत, मलेशिया, इण्डोनेशिया और आस्ट्रेलिया। इन देशों में समृद्ध महा-विविधिता के केन्द्र स्थित हैं।

ऐसे क्षेत्र, जो अधिक संकट में हैं, उनमें संसाधनों को उपलब्ध कराने के लिए अन्तर्राष्ट्रीय संरक्षण संघ (IUCN) ने जैव विविधता हॉट-स्पॉट (Hotspots) क्षेत्र के रूप में निर्धारित किया है। हॉट-स्पॉट उनकी वनस्पति के आधार पर परिभाषित किये गए हैं। पादप महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि ये ही किसी पारितन्त्र की प्राथमिक उत्पादकता को निर्धारित करते हैं। यह भी देखा गया है कि ज्यादातर हॉटस्पॉट रहने वाले भोजन, जलाने के लिए लकड़ी, कृषि भूमि और इमारती लकड़ी आदि के लिए वहां पाई जाने वाली प्रजाति समृद्ध पारितन्त्रों पर ही निर्भर है।

उदाहरण के लिए मेडागास्कर में, जहां 85 प्रतिशत पौधे व प्राणी संसार में अन्यत्र कहीं भी नहीं पाए जाते-वहां के रहने वाले संसार के सर्वाधिक गरीबों में से एक है और वे जीवित खेती के लिए जंगलों को काटकर और (Slash and burn) पायी गयी कृषि भूमि पर निर्भर हैं। अन्य हॉट-स्पॉट, जो समृद्ध देशों में पाए जाते हैं, वहां कुछ अन्य प्रकार की समस्याएं हैं। हवाई द्वीप जहां विशेष प्रकार की पादप व जन्तु प्रजातियां मिलती हैं, वह विदेशज प्रजातियों के आगमन और भूमि विकास के कारण असुरक्षित हैं।

JAC Class 11 Geography Solutions Chapter 16 जैव-विविधता एवं संरक्षण

जैव-विविधता एवं संरक्षण  JAC Class 11 Geography Notes

→ पौधे और जीव-जन्तु (Plants and animals): पौधे तथा जीव-जन्तु मानव के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण हैं।

→ जैविक विविधता (Biodiversity): विश्व में पौधों तथा जीव-जन्तुओं में अत्यधिक विविधता पाई जाती |

→ जैविक विविधता के स्तर (Levels of Bio-diversity):

  • प्रजातीय विविधता
  • आनुवांशिक विविधता
  • पारिस्थितिक तंत्र विविधता।

→ जैविक विविधता का ह्रास (Loss of Biodiversity): संसाधनों की बढ़ती मांग के कारण कुछ प्रजातियां समाप्त हो गई हैं।

→ जैविक विविधता का संरक्षण (Conservation of Biodiversity) विकास की निरंतरता बनाए रखने के लिए विभिन्न प्रजातियों का संरक्षण आवश्यक है।

JAC Class 10 Hindi रचना संवाद-लेखन

Jharkhand Board JAC Class 10 Hindi Solutions Rachana संवाद-लेखन Questions and Answers, Notes Pdf.

JAC Board Class 10 Hindi Rachana संवाद-लेखन

दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच होने वाली आपसी बातचीत को संवाद कहते हैं। संवादों के माध्यम से केवल शब्दों का ही आदान- प्रदान नहीं होता बल्कि उनका प्रयोग करने वालों के चेहरे पर तरह-तरह के हाव-भाव भी प्रकट होते हैं, जो संवादों में प्रयुक्त किए जाने वाले शब्दों के आरोह-अवरोह को नाटकीय ढंग से स्वाभाविकता प्रदान करते हैं।

संवादों के बिना दो लोगों के बीच बातचीत गति नहीं पकड़ सकती। संवादहीनता की स्थिति तो जड़ अवस्था को जन्म देती है। सामान्य बातचीत, लड़ाई-झगड़ा, हँसी-मज़ाक, प्रेम-घृणा, वाद-विवाद आदि सभी संवादों के सहारे ही पूरे होते हैं। संवादों में अनेक गुण होने चाहिए ताकि उनसे दूसरों को मनचाहे ढंग से प्रभावित किया जा सके या उन पर वही प्रभाव डाला जा सके जो हम डालना चाहते हैं। संवादों में निम्नलिखित विशेषताएँ होनी चाहिए –

  • संवाद स्वाभाविक होने चाहिए।
  • उनकी भाषा अति सरल, सरस, भावपूर्ण और प्रवाहमयी होनी चाहिए।
  • उनमें जहाँ कहीं संभव हो वहाँ विराम चिह्नों का प्रयोग किया जाना चाहिए।
  • उनकी लंबाई अधिक नहीं होनी चाहिए। छोटे संवाद स्वाभाविक और सहज होते हैं। लंबे संवाद भाषण का बोध कराते हैं।
  • भाषा में भावों के अनुरूप चुटीलापन, पैनापन, स्पष्टता और सहजता होनी चाहिए।
  • उनमें कही जाने वाली बात निश्चित रूप से स्पष्ट हो जानी चाहिए।

संवाद के कुछ उदाहरण – 

प्रश्न 1.
घर आए मेहमान और राकेश की बातचीत संवाद रूप में लिखिए।
उत्तर :

  • राकेश – कौन है बाहर ?
  • मेहमान – मैं हूँ नीरज गुप्ता। मुझे श्रीवास्तव जी से मिलना है। क्या यहीं रहते हैं ?
  • राकेश – जी हाँ। वे यहीं रहते हैं। आप भीतर आइए। इस समय वे घर पर नहीं हैं।
  • मेहमान – आप कौन हैं? मैं आपको नहीं पहचानता। श्रीवास्तव जी मेरे सहयोगी हैं।
  • राकेश – मैं उनका बड़ा बेटा हूँ। बेंगलुरू रहता हूँ। छुट्टियों में घर आया था। इसलिए मैं भी आप को नहीं पहचानता।
  • मेहमान – क्या करते हो वहाँ ?
  • राकेश – वहाँ एक अस्पताल में डॉक्टर हूँ।
  • मेहमान – नहीं चलता हूँ। जब श्रीवास्तव जी आएँ तो कह देना नीरज गुप्ता आए थे।
  • राकेश – आप उनसे मोबाइल पर बात कर लीजिए।
  • मेहमान – उनका नंबर नहीं लग रहा, मैं दोपहर बाद फिर आ जाऊँगा। मुझे कुछ चर्चा करनी थी उनसे दफ़्तर की किसी समस्या के बारे में।
  • राकेश – ठीक है। जैसा आप उचित समझें।

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प्रश्न 2.
हिंदी की महत्ता को प्रकट करते हुए दो मित्रों की बातचीत लिखिए।
उत्तर :

  • कमल – यह ज्योत्सना तो हर समय अंग्रेज़ी में ही बात करती है। क्या इसे अपनी मातृभाषा नहीं आती ?
  • रजत – आती क्यों नहीं ! बस उसके मन में यही भावना छिपी है कि अंग्रेज़ी बोलने से दूसरों पर प्रभाव अधिक पड़ता है।
  • कमल – भाषा का संबंध अच्छे-बुरे भाव से नहीं होता। अपनी भाषा तो सबसे अच्छी होती है।
  • रजत – हाँ, अपनी भाषा सबसे अच्छी होती है। इसी से तो हमारी पहचान बनती है। मैंने उसे कई बार यह समझाया भी है।
  • कमल – अपनी-अपनी समझ है। हिंदी तो हमारे यहाँ सभी समझते हैं पर अंग्रेज़ी तो सबको समझ भी नहीं आती।
  • रजत – वैसे भी हम जितनी अच्छी तरह अपने भाव अपनी भाषा में व्यक्त कर सकते हैं वे दूसरी भाषा में नहीं कर सकते।
  • कमल – सारे संसार में तो लोग अपनी मातृभाषा का ही प्रयोग करना अच्छा मानते हैं पर हमारे देश में अभी भी कहीं-कहीं विदेशी मानसिकता हावी है।
  • रजत – विदेशी भाषाओं का ज्ञान तो होना चाहिए पर फिर भी महत्त्व तो अपनी मातृभाषा को ही देना चाहिए और फिर हिंदी तो वैज्ञानिक भाषा है।
  • कमल – हाँ, हम इसमें जैसा लिखते हैं वैसा ही बोलते हैं।

प्रश्न 3.
परीक्षा आरंभ होने से पहले मनस्वी और काम्या के बीच बातचीत को लिखिए।
उत्तर :

  • मनस्वी – मुझे तो बहुत डर लग रहा है। पता नहीं क्या होगा ?
  • काम्या – तुझे किस बात का डर है ? तू तो पढ़ाई-लिखाई में तेज़ है।
  • मनस्वी – वह अलग बात है। परीक्षा तो परीक्षा होती है – इससे तो बड़े-बड़े भी डरते हैं।
  • काम्या – क्या तूने सारे पाठ दोहरा लिए?
  • मनस्वी – नहीं। पिछले दो पाठ दोहराने रह गए। इस बार परीक्षा में एक भी छुट्टी नहीं मिली। इतना बड़ा सिलेबस था।
  • काम्या – मैं तो रात भर पढ़ती रही पर पूरा सिलेबस दोहरा ही नहीं पाई। जो पहले पढ़ा हुआ था उसी से काम चलाना पड़ेगा।
  • मनस्वी – विषय तो पूरी तरह आता है पर दोहराना तो आवश्यक होता है।
  • काम्या – यह बात तो ठीक है। पर अब हम कर क्या सकते हैं ?

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प्रश्न 4.
मनुज और गीतिका में हुई बातचीत में गाँव और नगर की तुलना संवाद रूप में कीजिए।
उत्तर :

  • मनुज – हमारा देश तो गाँवों का देश है। गाँवों से ही तो नगर बने हैं।
  • गीतिका – वह तो ठीक है पर, नगरों के कारण ही गाँवों के सुख हैं।
  • मनुज – नहीं। भौतिक सुख चाहे नगरों में अधिक हैं पर आपसी भाईचारा और सहयोग का भाव जो गाँवों में है वह नगरों में कहाँ है ?
  • गीतिका – ऐसी तो कोई बात नहीं।
  • मनुज – ऐसा ही है। हमारे नगरों में कोई अनजान व्यक्ति हमारे घर आ जाए तो हमारा व्यवहार उसके प्रति कैसा होता है ?
  • गीतिका n- हम उन्हें शक की दृष्टि से देखते हैं। कहीं वह चोर लुटेरा ही न हो।
  • मनुज – पर गाँवों में ऐसा नहीं है। लोग अनजानों को भी मेहमान मानने से डरते नहीं हैं। उन्हें उन पर भरोसा जल्दी हो जाता है।
  • गीतिका – यह अच्छा है।
  • मनुज – रिश्ते-नाते और भाइचारे का भाव तो गाँव में ही है।

प्रश्न 5.
मालविका और सागरिका में पेड़-पौधों की रक्षा से संबंधित बातचीत को संवाद रूप में लिखिए।
उत्तर :

  • मालविका – कल वन महोत्सव है।
  • सागरिका – तो, कल क्या होगा ?
  • मालविका – हम तो मिलजुल कर अपने स्कूल में नए पौधे लगाएँगे और उनकी देखभाल करने की शपथ लेंगे।
  • सागरिका – उससे क्या लाभ? इतने पेड़-पौधे तो पहले से ही हैं।
  • मालविका – अरे नहीं। संसार भर में सबसे कम जंगल हमारे देश में बचे हैं और जनसंख्या की दृष्टि से हम संसार में दूसरे नंबर पर आ गए हैं।
  • सागरिका – इससे क्या होता है ?
  • मालविका – इसी से तो होता है। पेड़-पौधे वे संसाधन हैं जो हमें उपयोगी सामान ही नहीं देते, वे वर्षा भी लाने में सहायक होते हैं।
  • सागरिका – हाँ, जंगलों में जंगली जीव भी सुरक्षा पाते हैं। इनसे भूमि कटाव भी रुकता है। हवा भी शुद्ध होती है।
  • मालविका – तभी तो कह रही हूँ। हमें और अधिक पेड़-पौधे लगाने चाहिए और उनकी रक्षा करनी चाहिए।
  • सागरिका – जो पेड़ लगे हैं उन्हें कटने से रोकना चाहिए। तभी तो हमारा देश हरा-भरा रह सकेगा।

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प्रश्न 6.
वृंदा और मानसी के बीच चिड़ियाघर को देखते समय की गई बातचीत को संवाद रूप में लिखिए।
उत्तर :

  • वृंदा (ऊपर की तरफ़ देखते हुए) – देख ऊपर, पेड़ पर चार लंगूर कैसे बैठे हैं।
  • मानसी – उनका मुँह कितना काला है और पूँछें कितनी लंबी-लंबी।
  • वृंदा – हाँ, उधर देख मोर अपने पंख फैलाकर कैसे नाच रहा है।
  • मानसी – बादल छाए हुए हैं न। पापा ने बताया था कि बादलों को देखकर मोर नाचते हैं। इनके पंख कितने सुंदर हैं। ये तो गोल-गोल घूम भी रहे हैं।
  • वृंदा – उधर देख, कितने बड़े-बड़े दो शेर हैं।
  • मानसी – चलो भागें यहाँ से। कहीं इन्होंने हमें देख लिया तो खा जाएँगे।
  • वृंदा – डर मत हमारे और इनके बीच गहरी खाई है और चारों तरफ़ जाल भी तो लगा है। ये हम तक नहीं पहुँच सकते।
  • मानसी – वह देख, हिरणों के कितने सुंदर झुंड हैं। उनकी आँखें देख, कितनी सुंदर हैं। हम भी एक हिरण घर में पालेंगे – पापा से कहेंगे कि हमें भी एक हिरण ला दें।
  • वृंदा- नहीं, जंगली जीवों को यहीं रहना चाहिए या जंगल में। इन्हें घर में रखना तो अपराध है।

प्रश्न 7.
छुट्टियों में किसी दर्शनीय स्थल को देखने की योजना पर अपने और अपने भाई के बीच हुई बातचीत को संवाद रूप में लिखो।
उत्तर :

  • सानिया – अगले हफ़्ते से स्कूल में छुट्टियाँ हो जाएँगी। चल अब्बा-अम्मी से कहें कि कहीं बाहर चलें।
  • अज्जू – हाँ। हमें बाहर कहीं भी गए हुए दो साल हो गए हैं।
  • सानिया – उन्हें कहते हैं कि मसूरी ले चलें।
  • अज्जू – हाँ, वह बहुत सुंदर जगह है।
  • सानिया – तुझे कैसे पता ?
  • अज्जू – गुरुप्रीत कह रहा था। वह पिछले वर्ष छुट्टियों में गया था अपनी मम्मी-पापा के साथ।
  • सानिया – वहाँ तो गर्मियों में भी गर्मी नहीं होती। वह तो पर्वतों की रानी है।
  • अज्जू – वहाँ तो सब तरफ पहाड़ – ही पहाड़ हैं। वहाँ तो एक बड़ा और सुंदर प्राकृतिक झरना भी है।
  • सानिया – वह कैंप्टी फॉल है। बहुत ऊँचाई से पानी नीचे गिरता है।
  • अज्जू – तुझे कैसे पता ?
  • सानिया – मैंने एक मैग्जीन में पढ़ा था और उसकी फ़ोटो देखी थी।

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प्रश्न 8.
मनजीत और सिमरन में बार-बार बिजली जाने से उत्पन्न परेशानी को संवाद रूप में लिखिए।
उत्तर :

  • सिमरन – लो, बिजली तो फिर गई।
  • मनजीत – अब गई और पता नहीं कब आएगी ? इसने हर समय का मज़ाक बना दिया है।
  • सिमरन – पता नहीं, ये बिजली बोर्ड वाले करते क्या हैं ? बार-बार बिजली खराब क्यों हो जाती है ?
  • मनजीत – यह खराब नहीं हो जाती। इसे पीछे से बंद कर देते हैं। अलग-अलग समय में अलग-अलग क्षेत्रों को बिजली देते हैं।
  • सिमरन – क्यों ?
  • मनजीत – बिजली पैदा कम हो रही है और इसकी खपत बढ़ गई है। हर घर में तो कूलर और एयर कंडीशनर लगे हैं। वे दिन-रात चलते हैं।
  • सिमरन – तो सरकार को अधिक बिजली बनानी चाहिए। वह ऐसा क्यों नहीं करती ?
  • मनजीत – नए बिजली – घर बनाए जा रहे हैं पर उनकी भी कई तरह की समस्याएँ हैं।
  • सिमरन – समस्याएँ तो हैं पर सरकार को उनसे निपटना भी चाहिए।

प्रश्न 9.
नगर की टूटी-फूटी सड़कों से परेशान विनीता और पल्लवी के बीच बातचीत को लिखिए।
उत्तर :

  • विनीता – मैं तो कल बड़े ज़ोर से सड़क पर गिर गई थी। सारी टाँग छिल गई है।
  • पल्लवी – वह कैसे ? फिसल गई थी क्या ?
  • विनीता – नहीं। सारे नगर की सड़कों का हाल तो तुझे पता ही है। हमारी सड़कों पर चंद्रमा की सतह की तरह गड्ढे हैं। मेरी साइकिल
  • उछल गई और मैं गिर गई।
  • पल्लवी – सारी सड़कें ही खराब हैं। सरकार कुछ करती भी तो नहीं।
  • विनीता – अब बरसातें आने वाली हैं। इनमें पानी भर जाएगा और फिर वहाँ मच्छरों के अंडों की भरमार हो जाएगी।
  • पल्लवी – तभी तो पिछले साल कितना मलेरिया फैला था।
  • विनीता – पता नहीं रोज़ कितने लोग गिरते हैं इनके कारण।
  • पल्लवी – लोगों को कुछ करना चाहिए। यदि हम अपने आस-पास की सड़कों के गड्ढों में खुद मिट्टी भर दें तो …..।
  • विनीता – मिट्टी तो एक दिन में निकल जाएगी। इस काम में पैसा लगता है और वह सरकार के पास है।

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प्रश्न 10.
खाद्य-पदार्थों में होने वाली मिलावट के बारे में मित्र के साथ हुए संवाद को लगभग 50 शब्दों में लिखिए।
उत्तर :

  • मोहन – (सोहन को मुँह लटकाए देखकर) क्या हुआ? ये थैला लिए कहाँ चल दिए ?
  • सोहन – क्या बताऊँ ? चावल लाया था, वापस करने जा रहा
  • मोहन – क्यों ?
  • सोहन – माँ ने बताया, इनमें संगमरमर का चूरा मिला है।
  • मोहन – अरे ! आजकल खूब देखभाल कर खरीदा करो, हर चीज़ में मिलावट आ रही है।
  • सोहन – हाँ, ठीक तो है, पर सरकार कुछ क्यों नहीं करती ?
  • मोहन – उपभोक्ता फोरम में शिकायत करो तो सरकार भी कुछ करेगी।
  • सोहन – ठीक है, फिर ऐसा ही करता हूँ।

प्रश्न 11.
आजकल दूरदर्शन पर होने वाले किशोरों के लिए कार्यक्रमों में सुधार की आवश्यकता पर मित्र से हुए संवाद को लगभग 50 शब्दों में लिखिए।
उत्तर :

  • विजय – अरे, देव! इस समय इधर कैसे, दूरदर्शन पर तो विशेष किशोर सभा आ रही होगी, चलो देंखें।
  • देव – अरे, छोड़ो, उसमें क्या है, वही घिसे-पिटे उपदेशात्मक कार्यक्रम !
  • विजय – हाँ, अच्छा तो मुझे भी नहीं लगता पर क्या दूरदर्शन वाले किशोरों के लिए उनके ज्ञानवर्धन के कार्यक्रम नहीं दे सकता ?
  • देव – क्यों नहीं, अनेक कार्यक्रम हैं, जैसे देशभक्ति से संबंधित, महापुरूषों के जीवन की घटनाओं पर आधारित कार्यक्रम
  • विजय – किशोरों के सामान्य ज्ञान, स्वास्थ्य, खेल-कूद से संबंधित कार्यक्रम भी तो हो सकते हैं।
  • देव – हाँ, चलो आराम से बैठकर इस संबंध में दूरदर्शन के निदेशक को पत्र लिखते हैं।

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प्रश्न 12.
शहर में आए दिन होने वाली सड़क दुर्घटनाओं से बचकर रहने के बारे में मित्र से हुए संवाद को लगभग 50 शब्दों में लिखिए।
उत्तर :

  • मानव – (कमल को लंगड़ा कर चलते देख) क्या हुआ कमल ?
  • कमल – कल सड़क पर गिर गया था, टांग दब गई है।
  • मानव – कैसे, क्या हुआ था ?
  • कमल – सड़क पर इतने गड्ढे हैं कि पता ही नहीं चलता कि सड़क कहाँ है, बस मेरी बाईक गड्ढे में फंस गई और मैं उछल कर जा गिरा।
  • मानव – ध्यान से चलाया कर, पर तेरा भी क्या दोष, सारी सड़कें ही खराब हैं और निर्माण विभाग सोया हुआ है।
  • कमल – मैं नगर निगम में पत्र लिखकर दे आया हूँ तो शायद सड़कों की मरम्मत हो जाए।
  • मानव – फिर भी हमें यातायात नियमों का पालन करते हुए तथा ध्यानपूर्वक वाहन चलाना चाहिए।
  • कमल – वाहन चलाते हुए पैदल चलने वालों को अपनी दिशा, ओवरटेक करना आदि भी सावधानी से करना चाहिए।
  • मानव – ठीक तो है, सावधानी हटी, तो दुर्घटना घटी।

प्रश्न 13.
आजकल स्कूली वाहनों द्वारा हो रही असावधानियों पर माँ-बेटे के बीच हुए संवाद को लगभग 50 शब्दों में लिखिए।
उत्तर :

  • माँ – रमन, आज देर कैसे हो गई?
  • रमन – माँ, बस खराब हो गई थी।
  • माँ – कैसे ? सुबह तो ठीक थी।
  • रमन – सामने से दूसरे स्कूल की बस ने हमारी बस को टक्कर मार दी थी, जिससे ब्रेक जाम हो गई थी।
  • माँ – अरे, क्या चोट तो नहीं लगी?
  • रमन – नहीं, हमारी बस के ड्राइवर ने सावधानी से हैंडब्रेक का प्रयोग किया और सभी बच्चे सुरक्षित रहे।
  • माँ – कई बस चालक तेज़ गति से बस चलाते हैं, जिससे दुर्घटना हो जाती है, ऐसे चालकों को नौकरी से निकाल देना चाहिए।
  • रमन – ठीक है, पर करेगा कौन?
  • माँ – तुम तेज़ चलते वाहनों का नंबर नोट कर लिया करो, मैं परिवहन विभाग को सूचित कर दूँगी कि इनका चालान किया जाए।

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प्रश्न 14.
गृहकार्य में शिथिलता देखकर पिता-पुत्र के बीच हुए संवाद को लगभग 50 शब्दों में लिखिए।
उत्तर :

  • पिता – मोहित, अपने विद्यालय की डायरी दिखाना।
  • मोहित – पता नहीं कहाँ रख दी !
  • पिता – मुझे तुम्हारे अध्यापक का फोन आया था कि तुम गृहकार्य ठीक से नहीं कर रहे।
  • मोहित – नहीं, ऐसा तो नहीं है।
  • पिता – इसलिए डायरी नहीं मिल रही।
  • मोहित – (डायरी लाकर दिखाता है) मिल गई है।
  • पिता – (डायरी देखकर) देखो, जगह-जगह अध्यापक की टिप्पणियाँ हैं।
  • मोहित – गलती हो गई, आगे से ऐसा नहीं होगा।

प्रश्न 15.
परीक्षा में आपकी शानदार उपलब्धियों पर आपके और पिताजी के बीच हुए संवाद को 50 शब्दों में लिखिए।
उत्तर :

  • कमल – पिताजी! मेरा परीक्षा परिणाम आ गया है।
  • पिता – अच्छा, कैसा रहा?
  • कमल – बहुत अच्छा, मुझे तीन विषयों में विशेष योग्यता प्राप्त हुई है।
  • पिता – शाबाश! ये तो बहुत बड़ी उपलब्धि है। आगे क्या करना है?
  • कमल – मैं कॉमर्स विषयों के साथ स्नातक बनकर सी०ए० करना चाहता हूँ।
  • पिता – ठीक है, मैं तुम्हारी पूरी सहायता करूँगा, पर खूब मेहनत करनी होगी।
  • कमल – आप के आशीर्वाद से मैं और भी अच्छे परिणाम लाऊँगा।
  • पिता – ऐसा ही आत्मविश्वास बनाकर आगे बढ़ो।

JAC Class 11 Geography Solutions Chapter 15 पृथ्वी पर जीवन

Jharkhand Board JAC Class 11 Geography Solutions Chapter 15 पृथ्वी पर जीवन Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 11 Geography Solutions Chapter 15 पृथ्वी पर जीवन

बहु-विकल्पी प्रश्न (Multiple Choice Questions)

प्रश्न-दिए गए चार वैकल्पिक उत्तरों में से सही उत्तर चुनिए
1. जैवमण्डल में सम्मिलित हैं
(A) केवल पौधे
(B) केवल प्राणी
(C) सभी जैव व अजैव जीव
(D) सभी जीवित जीव।
उत्तर:
(D) सभी जीवित जीव।

2. उष्ण कटिबन्धीय वन (Tropical) बायोम में वृक्षों की औसत ऊंचाई है
(A) 25-35 मीटर
(B) 50-55 मीटर
(C) 10-15 मीटर
(D) 10 मीटर से कम।
उत्तर:
(C) 10-15 मीटर।

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3. उष्ण कटिबन्धीय घास के मैदान निम्न में से किस नाम से जाने जाते हैं?
(A) प्रेयरी
(B) स्टैपी
(C) सवाना
(D) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(C) सवाना।

4. चट्टानों में पाए जाने वाले लोहांश के साथ ऑक्सीजन मिलकर क्या बनाती है?
(A) आयरन कार्बोनेट
(B) आयरन ऑक्साइड
(C) आयरन नाइट्राइट
(D) आयरन सल्फेट।
उत्तर:
(B) आयरन ऑक्साइड।

5. प्रकाश-संश्लेषण प्रक्रिया के दौरान, प्रकाश की उपस्थिति में कार्बन डाइऑक्साइड जल के साथ मिलकर क्या बनाती है?
(A) प्रोटीन
(B) कार्बोहाइड्रेट्स
(C) एमिनोएसिड
(D) विटामिन्स।
उत्तर:
(B) कार्बोहाइड्रेटस।

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
पारितन्त्र क्या है? चराई खाद्य श्रृंखला का एक उदाहरण देते हुए इसके अनेक स्तर बताएं।
उत्तर:
पारितन्त्र के प्रकार (Types of Ecosystems): प्रमुख पारितन्त्र मुख्यतः दो प्रकार के हैं।

  1. स्थलीय (Terrestrial) पारितन्त्र
  2. जलीय (Aquatic) पारितन्त्र।

स्थलीय पारितन्त्र को पुनः बायोम (Biomes) में विभक्त किया जा सकता है। बायोम, पौधों व प्राणियों का एक समुदाय है, जो एक बड़े भौगोलिक क्षेत्र में पाया जाता है। पृथ्वी पर विभिन्न बायोम की सीमा का निर्धारण जलवायु व अपक्षय सम्बन्धी तत्त्व करते हैं। अत: विशेष परिस्थितियों में पादप व जन्तुओं के अन्त:सम्बन्धों के कुल योग को ‘बायोम कहते हैं। इसमें वर्षा, तापमान, आर्द्रता व मिट्टी सम्बन्धी अवयव भी शामिल हैं।

संसार के कुछ प्रमुख पारितन्त्र : वन, घास क्षेत्र, मरुस्थल और टुण्ड्रा (Tundra) पारितन्त्र हैं। जलीय पारितन्त्र को समुद्री पारितन्त्र व ताज़े जल के पारितन्त्र में बाँटा जाता है। समुद्री पारितन्त्र में महासागरीय, तटीय ज्वारनदमुख, प्रवाल भित्ति (Coral reef), पारितन्त्र सम्मिलित हैं। ताज़े जल के पारितन्त्र में झीलें, तालाब, सरिताएँ, कच्छ व दलदल (Marshes and bogs) शामिल हैं।

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प्रश्न 2.
पारिस्थितिकी से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
इकोलोजी (ecology) शब्द ग्रीक भाषा के दो शब्दों (Oikos) ‘ओइकोस’ और (logy) ‘लोजी’ से मिलकर बना है। ओइकोस का शाब्दिक अर्थ ‘घर तथा ‘लोजी’ का अर्थ विज्ञान या अध्ययन से है। शाब्दिक अर्थानुसार इकोलोजी-पृथ्वी के पौधों, मनुष्यों, जन्तुओं व सूक्ष्म जीवाणुओं के ‘घर के रूप में अध्ययन है। एक-दूसरे पर आश्रित होने के कारण ही ये एक साथ रहते हैं।

जर्मन प्राणीशास्त्री अर्नस्ट हैक्कल (Ernst haeckel) जिन्होंने सर्वप्रथम सन् 1869 में ओइकोलोजी (Oekologie) शब्द का प्रयोग किया, पारिस्थितिकी के ज्ञाता के रूप में जाने जाते हैं। जीवधारियों (जैविक) व अजैविक (भौतिक पर्यावरण) घटकों के पारस्परिक सम्पर्क के अध्ययन को ही पारिस्थितिकी विज्ञान कहते हैं। अत: जीवधारियों का आपस में व उनका भौतिक पर्यावरण के अन्तःसम्बन्धों का वैज्ञानिक अध्ययन ही पारिस्थितिकी है।

प्रश्न 3.
बायोम क्या है?
उत्तर:
बायोम के प्रकार (Types of Biomes) पिछले भागों से आप जान गए हैं कि बायोम का अर्थ क्या है? आओ, हम अब संसार के कुछ प्रमुख बायोम पहचानें और उन्हें रेखांकित करें। संसार के पाँच प्रमुख बायोम इस प्रकार हैं : वन बायोम, मरुस्थलीय बायोम, घासभूमि बायोम, जलीय बायोम और उच्च प्रदेशीय बायोम।।

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प्रश्न 4.
खाद्य श्रृंखला क्या है? चराई खाद्य श्रृंखला का एक उदाहरण देते हुए इसके अनेक स्तर बताएं।
उत्तर:
खाद्य श्रृंखला:
किसी पारिस्थितिक तन्त्र में एक स्रोत से दूसरे में ऊर्जा अन्तरण की साधारण प्रक्रिया को खाद्य श्रृंखला कहते हैं। उदाहरण के लिए पौधे अपने भोजन व विकास के लिए सौर ऊर्जा का प्रयोग करते हैं। हरे पौधे उपभोक्ता के लिए भोजन के रूप में ऊर्जा प्रदान करते हैं। वास्तव में खाद्य श्रृंखला सूर्यतप ऊर्जा का प्रवाह चक्र है। जैसे-एक घास भूमि में शाकाहारी जीव हिरण अपना भोजन घास से प्राप्त करता है। दूसरे प्रकाश संश्लेषण स्तर पर मांसाहारी जीव, जैसे-शेर भोजन के लिए हिरण भोजनभोजन पर निर्भर है। इस प्रकार खाद्य श्रृंखला में निम्न से उच्च | प्राथमिक प्राथमिक द्वितीय स्तरों की ओर खाद्य के रूप में ऊर्जा का प्रवाह होता है।
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चराई खाद्य श्रृंखला:
चराई खाद्य श्रृंखला में ऊर्जा एक स्तर से दूसरे स्तर पर प्रवाहित होती है। शाकाहारियों Fig. Food Chain में भोजन के रूप में लिए गए पदार्थों का कुछ अंश उनकेसर्वाहारी शरीर में एकत्रित हो जाता है, शेष ऊर्जा शारीरिक कार्यों के दौरान नष्ट हो जाती है। इसी प्रकार एक माँसाहारी, मांसाहारी जब अपना शिकार खाता है, तो उससे प्राप्त कुछ ऊर्जा ही) शाकाहारी इसके शरीर में संचित होती है। इस प्रकार खाद्य श्रृंखला के जीवाणु अगले पोषण स्तर पर बहुत कम ऊर्जा रूपांतरण  करते हैं, क्योंकि हर स्तर पर ऊर्जा का ह्रास होता है।

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पिरामिड आकृति की खाद्य श्रृंखला दिखाती है कि बहुत से पेड़-पौधे व झाड़ियाँ आदि जिराफ को भोजन व ऊर्जा Fig. Ecological Pyramid प्रदान करते हैं। पौधों की तुलना में जिराफ की संख्या बहुत कम होती है और शेरों की संख्या जिराफ से भी कम है। दूसरे शब्दों में, शीर्ष पर कुछ जीवों के जिन्दा रहने के लिए आधार पर या पहले पोषण स्तर पर विस्तृत जैविक पदार्थ अनिवार्य हैं। खाद्य श्रृंखला के जीवों की यह परस्पर निर्भरता पौधों व जन्तुओं के एक-एक समुदाय को सन्तुलित करने में सहायक होती है। इसीलिए, पर्यावरण में अधिक शाकाहारी व कम मांसाहारी हैं।

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प्रश्न 5.
खाद्य जाल से आप क्या समझते हैं? उदाहरण सहित बताइए।
उत्तर-खाद्य जाल (Food Web):
किसी भी पारिस्थितिक तन्त्र में खाद्य श्रृंखला सरल रूप में नहीं मिलती। जब कई खाद्य श्रृंखलाएं एक-दूसरे से घुल-मिल कर एक जटिल रूप धारण करती हैं तो उसे खाद्य जाल कहते हैं। इस प्रकार खाद्य जाल अनेक स्त्रोतों से ऊर्जा के अन्तरण की एक जटिल प्रक्रिया है। उदाहरण के लिए प्रत्येक जीव कई जीवों से भिन्न-भिन्न प्रकार का भोजन खा सकता है। अगले स्तर पर अनेक जीवों द्वारा उस जीव को खाया जा सकता है। इस प्रकार जीवों के परस्पर सम्बन्ध जटिल हो जाते हैं तथा अनेक प्रक्रियाएं हो सकती हैं।

प्राथमिक उत्पादक पौधे आदि सौर ऊर्जा का प्रयोग करते हैं तथा उच्च स्तर के जीवों के लिये भोजन प्रदान करते हैं। परन्तु ऊर्जा अन्तरण के प्रत्येक स्तर पर ऊर्जा की काफ़ी मात्रा कम हो जाती है। एक खाद्य श्रृंखला में विभिन्न जीवों का सम्बन्ध व ऊर्जा अन्तरण को पिरामिड से प्रदर्शित किया जा सकता है। इस पिरामिड में मनुष्य का सर्वोपरि स्थान है। इस पिरामिड का आधार चौड़ा होता है तथा प्राथमिक उत्पादक का स्तर होता है। आधार से शीर्ष की ओर संख्या घटती जाती है व खाद्य के रूप में प्राप्त ऊर्जा भी घटती जाती है। परिणामस्वरूप अधिकतर खाद्य श्रृंखलाएं चार या पांच स्तरों तक ही सीमित होती हैं। इस पिरामिड को सांख्यिक पिरामिड भी कहते हैं।

पौधे पर जीवित रहने वाला एक कीड़ा (Beetle) एक मेंढक का भोजन है, जो (मेंढक) साँप का भोजन है और साँप एक बाज़ द्वारा खा लिया जाता है। यह खाद्य क्रम और इस क्रम से एक स्तर से दूसरे स्तर पर ऊर्जा प्रवाह ही खाद्य श्रृंखला (Food Chain) कहलाती है। खाद्य श्रृंखला की प्रक्रिया में एक स्तर से दूसरे स्तर पर ऊर्जा के रूपान्तरण को ऊर्जा प्रवाह (Flow of energy) कहते हैं। खाद्य श्रृंखलाएं पृथक् अनुक्रम न होकर एक-दूसरे से जुड़ी होती हैं। उदाहरणार्थ-एक चूहा, जो अन्न पर निर्भर है, वह अनेक द्वितीयक उपभोक्ताओं का भोजन है और तृतीयक माँसाहारी अनेक द्वितीयक जीवों से अपने भोजन की पूर्ति करते हैं।

इस प्रकार प्रत्येक माँसाहारी जीव एक से अधिक प्रकार के शिकार पर निर्भर है। परिणामस्वरूप खाद्य श्रृंखलाएं आसपास में एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं। प्रजातियों के इस प्रकार जुड़े होने (अर्थात् जीवों की खाद्य श्रृंखलाओं के विकल्प उपलब्ध होने पर) को खाद्य जाल (Food web) कहा जाता है। सामान्यतः दो प्रकार की खाद्य श्रृंखलाएं पाई जाती हैं-चराई खाद्य श्रृंखला (Grazing food chain) और अपरद खाद्य श्रृंखला (Detritus food chain) चराई खाद्य श्रृंखला पौधों (उत्पादक) से आरम्भ होकर माँसाहारी (तृतीयक उपभोक्ता) तक जाती है, जिसमें शाकाहारी मध्यम स्तर पर हैं। हर स्तर पर ऊर्जा का ह्रास होता है, जिसमें श्वसन, उत्सर्जन व विघटन प्रक्रियाएं सम्मिलित हैं। खाद्य श्रृंखला में तीन से पाँच स्तर होते हैं और हर स्तर पर ऊर्जा कम होती जाती है। अपरद खाद्य श्रृंखला चराई खाद्य श्रृंखला से प्राप्त मृत पदार्थों पर निर्भर है और इसमें कार्बनिक पदार्थ का अपघटन सम्मिलित है।

निबन्धात्मक प्रश्न (Essay Type Questions)

प्रश्न-निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए
प्रश्न 1.
जैव भू-रासायनिक चक्र क्या है? वायुमण्डल के नाइट्रोजन का भौमीकरण कैसे होता है? वर्णन करें।
उत्तर:
जैव भू-रसायन चक्र (Biogeo-chemical Cycle):
सूर्य ऊर्जा का मूल स्त्रोत है जिस पर सम्पूर्ण जीवन निर्भर है। यही ऊर्जा जैवमण्डल में प्रकाश संश्लेषण-क्रिया द्वारा जीवन प्रक्रिया आरम्भ करती है, जो हरे पौधों के लिए भोजन व ऊर्जा का मुख्य आधार है। प्रकाश संश्लेषण के दौरान कार्बन डाइऑक्साइड, ऑक्सीजन व कार्बनिक यौगिक में परिवर्तित हो जाती है। धरती पर पहुँचने वाले सूर्यातप का बहुत छोटा भाग (केवल 0.1 प्रतिशत) प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया में काम आता है। इसका आधे से अधिक भाग पौधे की श्वसन-विसर्जन क्रिया में और शेष भाग अस्थाई रूप से पौधे के अन्य भागों में संचित हो जाता है।

पृथ्वी पर जीवन विविध प्रकार के जीवित जीवों के रूप में पाया जाता है। ये जीवधारी विविध प्रकार के पारिस्थितिकीय अन्तर्सम्बन्धों पर जीवित हैं। जीवधारी बहुतलता व विविधता में ही ज़िन्दा रह सकते हैं। इसमें (अर्थात्, जीवित रहने की प्रक्रिया में) विधिवत प्रवाह जैसे-ऊर्जा, जल व पोषक तत्त्वों की उपस्थिति सम्मिलित है। इनकी उपलब्धता संसार के विभिन्न भागों में भिन्न है। यह भिन्नता क्षेत्रीय होने के साथ-साथ सामयिक (अर्थात् वर्ष के 12 महीनों में भी भिन्न है) भी है। विभिन्न अध्ययनों से पता चलता है कि पिछले 100 करोड़ वर्षों में वायुमण्डल व जलमण्डल की संरचना में रासायनिक घटकों का सन्तुलन लगभग एक जैसा अर्थात् बदलाव रहित रहा है।

रासायनिक तत्त्वों का यह सन्तुलन पौधे व प्राणी ऊतकों से होने वाले चक्रीय प्रवाह के द्वारा बना रहता है। यह चक्र जीवों द्वारा रासायनिक तत्त्वों के अवशोषण से आरम्भ होता है और उनके वाय, जल व मिट्टी में विघटन से पुनः आरम्भ होता है। ये चक्र मुख्यतः सौर ताप से संचालित होते हैं। जैवमण्डल में जीवधारी व पर्यावरण के बीच ये रासायनिक तत्त्वों के चक्रीय प्रवाह जैव भू-रासायनिक चक्र (Biogeochemical cycles) कहे जाते हैं। बायो (Bio) का अर्थ है जीव तथा ‘जीयो’ (Geo) का तात्पर्य पृथ्वी पर उपस्थित चट्टानें, मिट्टी, वायु व जल से है। जैव भू-रासायनिक चक्र दो प्रकार के हैं-एक गैसीय (Gaseous cycle) और दूसरा तलछटी चक्र (Sedimentary cycle), गैसीय चक्र में पदार्थ का मुख्य भण्डार/स्रोत वायुमण्डल व महासागर हैं। तलछटी चक्र के प्रमुख भण्डार पृथ्वी की भूपर्पटी पर पाई जाने वाली मिट्टी, तलछट व अन्य चट्टानें हैं।

नाइट्रोजन चक्र (The Nitrogen Cycle): वायुमण्डल की संरचना का प्रमुख घटक नाइट्रोजन वायुमण्डलीय गैसों का 79 प्रतिशत भाग है। विभिन्न कार्बनिक यौगिक जैसे-एमिनो एसिड, न्यूक्लिक एसिड, विटामिन व वर्णक (Pigment) आदि में यह एक महत्त्वपूर्ण घटक है। (वायु में स्वतन्त्र रूप से पाई जाने वाली नाइट्रोजन को अधिकांश जीव प्रत्यक्ष रूप से ग्रहण करने में असमर्थ हैं) केवल कुछ विशिष्ट प्रकार के जीव जैसे-कुछ मृदा जीवाणु व ब्लू ग्रीन एलगी (Blue green algae) ही इसे प्रत्यक्ष गैसीय रूप में ग्रहण करने में सक्षम हैं। सामान्यतः नाइट्रोजन यौगिकीकरण (Fixation) द्वारा ही प्रयोग में लाई जाती है। नाइट्रोजन का लगभग 90 प्रतिशत भाग जैविक (Biological) है, अर्थात् जीव ही ग्रहण कर सकते हैं।

स्वतन्त्र नाइट्रोजन का प्रमुख स्रोत मिट्टी के सूक्ष्म जीवाणुओं की क्रिया व सम्बन्धित पौधों की जड़ें व रन्ध्र वाली मृदा है, जहाँ से यह वायुमण्डल में पहुँचती है। वायुमण्डल में भी बिजली चमकने (Lightening) व कोसमिक रेडियेशन (Cosmic radiation) द्वारा नाइट्रोजन का यौगिकीकरण होता है, महासागरों में कुछ समुद्री जीव भी इसका यौगिकीकरण करते हैं। वायुमण्डलीय नाइट्रोजन के इस तरह यौगिक रूप में उपलब्ध होने पर हरे पौधे में इसका स्वांगीकरण (Nitrogen assimilation) होता है। शाकाहारी जन्तुओं द्वारा इन पौधों के खाने पर इसका (नाइट्रोजन) कुछ भाग उनमें चला जाता है।

फिर मृत पौधों व जानवरों के नाइट्रोजनी अपशिष्ट (Excretion of nitrogenous wastes) मिट्टी, में उपस्थित बैक्टीरिया द्वारा नाइट्राइट में परिवर्तित हो जाते हैं। कुछ जीवाणु नाइट्राइट को नाइट्रेट में परिवर्तित करने में सक्षम होते हैं व पुनः हरे पौधों द्वारा नाइट्रोजन-यौगिकीकरण हो जाता है। कुछ अन्य प्रकार के जीवाणु इन नाइट्रेट को पुनः स्वतन्त्र नाइट्रोजन में परिवर्तित करने में सक्षम होते हैं और इस प्रक्रिया को डी नाइट्रीकरण (De-nitrification) कहा जाता है। (इस तरह नाइट्रोजन चक्र चलता रहता है)

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प्रश्न 2.
पारिस्थितिक सन्तुलन क्या है? इसके असन्तुलन को रोकने के लिए महत्त्वपूर्ण उपायों की चर्चा करें।
उत्तर:
पारिस्थितिक सन्तुलन (Ecological balance)-किसी पारितन्त्र या आवास में जीवों के समुदाय में परस्पर गतिक साम्यता की अवस्था ही पारिस्थितिक सन्तुलन है। यह तभी सम्भव है, जब जीवधारियों की विविधता अपेक्षाकृत स्थायी रहे। क्रमश: परिवर्तन भी हो, लेकिन ऐसा प्राकृतिक अनुक्रमण (Natural succession) के द्वारा ही होता है। इसे पारितन्त्र में हर प्रजाति की संख्या के एक स्थायी सन्तुलन के रूप में भी वर्णित किया जा सकता है। यह सन्तुलन निश्चित प्रजातियों में प्रतिस्पर्धा व आपसी सहयोग से होता है। कुछ प्रजातियों के ज़िन्दा रहने के संघर्ष से भी पर्यावरण सन्तुलन प्राप्त किया जाता है। सन्तुलन इस बात पर भी निर्भर करता है कि कुछ प्रजातियाँ अपने भोजन व जीवित रहने के लिए दूसरी प्रजातियों पर निर्भर रहती हैं (जिससे प्रजातियों की संख्या निश्चित रहती है और सन्तुलन बना रहता है

उदाहरण: इसके उदाहरण विशाल घास के मैदानों में मिलते हैं, जहाँ शाकाहारी जन्तु (हिरण, जेबरा व भैंस आदि) अत्यधिक संख्या में होते हैं। दूसरी तरफ माँसाहारी (बाघ, शेर और कोयोटस आदि) अधिक नहीं होते और शाकाहारियों के शिकार पर निर्भर होते हैं, अतः इनकी संख्या नियन्त्रित रहती है।

असन्तुलन के कारण: पौधों के पारिस्थितिक सन्तुलन में बदलाव के कारण हैं
1. वनों की प्रारम्भिक प्रजातियों में कोई खलल जैसे: स्थानान्तरी कृषि में वनों को साफ करने से प्रजातियों के वितरण में बदलाव लाता है। यह परिवर्तन प्रतिस्पर्धा के कारण है, जहाँ द्वितीय वन प्रजातियों जैसे-घास, बाँस और चीड़
आदि के वृक्ष प्रारम्भिक प्रजातियों के स्थान पर उगते हैं और प्रारम्भिक (Original) बनों की संरचना को बदल देते हैं। यही अनुक्रमण (Succession) कहलाता है।

2. पारिस्थितिक असन्तुलन के कारण: नई प्रजातियों का आगमन, प्राकृतिक विपदाएं और मानव जनित कारक भी हैं।

3. मनुष्य के हस्तक्षेप से पादप समुदाय का सन्तुलन प्रभावित होता है, जो अन्तोगत्वा पूरे पारितन्त्र के सन्तुलन को प्रभावित करता है। इस असन्तुलन से कई अन्य द्वितीय अनुक्रमण आते हैं।

4. प्राकृतिक संसाधनों पर जनसंख्या दबाव से भी पारिस्थितिकी बहुत प्रभावित हुई है। इसने पर्यावरण के वास्तविक रूप को लगभग नष्ट कर दिया है और सामान्य पर्यावरण पर भी बुरा प्रभाव डाला है। पर्यावरण असन्तुलन से ही प्राकृतिक आपदाएँ जैसे-बाढ़ भूकम्प, बीमारियाँ, और कई जलवायु सम्बन्धी परिवर्तन होते हैं। विशेष आवास स्थानों में पौधों व प्राणी समुदायों में घनिष्ठ अन्तर्सम्बन्ध पाए जाते हैं। निश्चित स्थानों पर जीवों में विविधता वहाँ के पर्यावरणीय कारकों का संकेतक है। इन कारकों का समुचित ज्ञान व समझ ही पारितन्त्र के संरक्षण व बचाव के प्रमुख आधार हैं।

JAC Class 11 Geography Solutions Chapter 15 पृथ्वी पर जीवन

प्रश्न 3.
विश्व में मिलने वाले प्रमुख बायोमों का वर्णन करो।
उत्तर:
स्थलीय पारिस्थितिक तंत्र विश्व के प्रमुख बायोम हैं-उष्णकटिबंधीय वर्षा वन, उष्णकटिबंधीय सवाना, भूमध्यसागरीय गुल्म वन, पर्णपाती वन, घास भूमि, मरुस्थल, टैगा एवं टुंड्रा।
1. उष्णकटिबंधीय वर्षा वन विस्तार:
यह बायोम विषुवतरेखीय क्षेत्रों में स्थित है, जहाँ वार्षिक वर्षा 140 से०मी० से अधिक है। यह पृथ्वी के धरातल का लगभग 8 प्रतिशत भाग घेरे हुए है, लेकिन आधे से अधिक वनस्पतिजात तथा प्राणिजात को संजोए है। वनस्पति-वनस्पति जीवन में काफ़ी भिन्नता है, जो प्रत्येक हेक्टेयर भूमि पर वृक्षों की 200 से अधिक प्रजातियों के रूप में देखी जा सकती है। यहाँ की गर्म तथा आर्द्र जलवायु में चौड़ी पत्ती वाले सदाबहार वृक्ष उगते हैं, जिनका विशिष्ट स्तरण होता है। इनमें एक सबसे ऊपर का स्तर होता है, जिसके नीचे पेड-पौधों का दो से तीन स्तर होता है। सबसे लंबे पेड़ ऊपर से एक खुला वितान आवरण बनाते हैं, लेकिन निचले शिखर-स्तर भूमि तक सूर्य प्रकाश को नहीं पहुँचने देते।

प्रकाश पाने की होड़ में वृक्षों और पौधों पर चढ़ती बेलें आपस में गुंथ कर फंदा जैसा बनाती हैं। इन बेलों को कठलता या लियाना कहते हैं। पशु जीवन का बाहुल्य है और उसमें काफ़ी भिन्नता है। इनमें भूमि पर तथा वृक्षों पर रहने वाले दोनों जीव शामिल हैं। जानवरों में बंदर, सांप, चींटी भक्षक, उष्णकटिबंधीय पक्षी, चमगादड़, विशाल मांसाहारी जानवर तथा नदियों में विभिन्न प्रकार की मछलियाँ शामिल हैं। सभी ज्ञात कीटों की प्रजातियों में से लगभग 70 से 80 प्रतिशत उष्णकटिबंधीय वर्षा वनों में मिलती है।

2. उष्णकटिबंधीय सवाना:
उष्णकटिबंध की सीमाओं पर, जहाँ वर्षा मौसमी है, मोटी घास और बिखरे हुए वृक्ष पाए जाते हैं, जिन्हें सवाना कहते हैं। यहां एक के बाद एक आई और शुष्क मौसम का क्रम चलता रहता है। पौधे एवं पशु शुष्कता सहन करने वाले होते हैं और अधिक भिन्नता नहीं रखते । यह बायोम सर्वाधिक प्रकार के खुरवाले शाकाहारी पशुओं की प्रजातियों, जैसे जेबरा, जिराफ, हाथी तथा अनेक प्रकार के हिरनों का पोषण करती है। ऑस्ट्रेलिया के सवाना मैदानों में कंगारू पाया जाता है।

3. भूमध्यसागरीय गुल्म वन:
इस बायोम को बांज वन या चैपेरल भी कहते हैं। यहाँ की विशेषता अल्प मात्रा में होने वाली शीत ऋतु की वर्षा है। इसके पश्चात् वर्ष के शेष भाग में शुष्क मौसम रहता है। समुद्र की आई एवं ठंडी हवा के प्रभाव से तापमान सामान्य रहता है। इस बायोम में चौड़ी पत्ती वाली सदाबहार वनस्पति मिलती है। यह बायोम अग्निरोधी रेज़िनी पौधों तथा शुष्कता अनुकूलित पशुओं में बनी है।

4. पर्णपाती वन:
ये वन उत्तरी मध्यवर्ती यूरोप, पूर्वी एशिया तथा पूर्वी संयुक्त राज्य के शीतोष्ण कटिबंधी क्षेत्रों में पाए जाते हैं। यहां वार्षिक वर्षा 75 से 150 से०मी० तक होती है। शरद ऋतु आते ही अधिकांश पेड़ और झाड़ियाँ पत्ते गिराकर पर्णविहीन हो जाते हैं। इस वनस्पति में चौड़ी पत्ती वाले कठोर लकड़ी के वृक्ष जैसे बांस, एल्म, भुर्ज, मैपिल तथा हिकरी आते हैं। प्राणिजगत् में मेढक, कछुए, सैलामैंडर, सांप, छिपकली, गिलहरी, खरगोश, हिरण, भालू, रैकून, लोमड़ी तथा गायक पक्षी शामिल हैं।

5. घासभूमि:
कनाडा तथा संयुक्त राज्य के प्रेरीज, दक्षिणी अमेरिका के पम्पास, यूरोप व एशिया के स्टेपीज़ तथा अफ्रीका के वेल्ड्स प्रमुख घास भूमियाँ हैं। यहाँ वार्षिक वर्षा 25 से 75 से०मी० है। शीत ऋतु में बर्फानी तूफान आते हैं और गर्मियों की शुष्कता असहनीय हो सकती है। समय-समय पर आग लगने से बड़ी हानि होती है। यहाँ पौधों की मुख्य प्रजाति छोटी एवं ऊँची घास है। पशु प्रजातियों में भरत पक्षी, बिलकारी उल्लू, दुनुकी सींग वाले बाहरसिंगा, बैज़र, काइयोट, जैकरैबिट, तथा गौर शामिल हैं।

6. मरुस्थल:
अत्यधिक कम वर्षा तथा उच्च वाष्पन की दर मरुस्थलों की विशेषताएँ हैं। तेज़ धरातलीय प्रवाह के कारण कम वर्षा से प्राप्त जल भी पौधों को प्राप्त नहीं होता। दिन अत्यधिक गर्म तथा रात ठंडी होती है। तापमान का मौसमी उतार-चढाव काफ़ी होता है। मरुस्थलों में पेड़-पौधे तथा जीव-जंतु कम होते हैं। विभिन्न प्रकार के एकेशिया, कैक्टस, यूफोर्बियाज़ तथा अन्य गूदेदार पौधे मरुस्थली वनस्पति में शामिल हैं। चींटियाँ, टिड्डियाँ, ततैये, बिच्छू, मकड़ी, छिपकली, रटल सांप तथा अनेक कीट-भक्षी पक्षी जैसे-बतासी और अबाबील, बटेर, बत्तख, मरू चूहे, खरगोश, लोमड़ी, गीदड़ तथा विभिन्न बिल्लियाँ सामान्य मरुभूमि पशु हैं।

7. टैगा:
उत्तरी शंकुधारी वन, जिन्हें टैगा कहते हैं, में पौधों का वर्धन काल केवल 150 दिन के लगभग है। क्योंकि यहाँ की भौतिक दशाएँ परिवर्तनशील हैं, इसलिए यहाँ जीवों को तापमान के उतार-चढ़ाव का प्रतिरोधी होना पड़ता है। चीड़, देवदार, फर, हेम्लॉक तथा स्यूस यहाँ की प्रमुख वनस्पतियाँ हैं। कुछ क्षेत्रों में वनस्पति इतनी घनी है कि वनों के धरातल तक बहुत कम प्रकाश पहुँच पाता है। आर्द्र क्षेत्रों में काई तथा पर्ण या पांग बहुतायत से उगते हैं। यह बायोम एल्क, तित्तिरी, हिरण, खरगोश, गिलहरी, प्यूमास, वनविडाल तथा कीटों की अनेक प्रजातियों के लिए अनुकूल आवास है।

8. टुंड्रा
ये वे मैदान हैं, जो हिम तथा बर्फ से ढंके रहते हैं तथा जहाँ मृदा सालों भर हिमशीतित रहती है। अत्यधिक कम तापमान तथा कम प्रकाश जीवन को सीमित करने वाले कारक हैं। हिमपात कम होता है। वनस्पति इतनी बिखरी हुई है कि इसे आर्कटिक मरुस्थल भी कहते हैं। यह बायोम वास्तव में वृक्षविहीन है। इसमें मुख्यतः लाइकेन, काई, प्रतृण, हीथ, घास तथा बौने विलो-वृक्ष शामिल हैं। हिमशीतित मृदा का मौसमी पिघलाव भूमि के कुछ सेंटीमीटर गहराई तक कारगर रहता है, जिससे यहाँ केवल उथली जड़ों वाले पौधे ही उग सकते हैं। इस क्षेत्र में कैरीबू, आर्कटिक खरगोश, आर्कटिक लोमड़ी, रेडियर, हिमउल्लू तथा प्रवासी पक्षी सामान्य रूप से पाए जाते हैं।

JAC Class 11 Geography Solutions Chapter 15 पृथ्वी पर जीवन

पृथ्वी पर जीवन  JAC Class 11 Geography Notes

→ जैव-मण्डल (Biosphere): जैव मण्डल वह भाग है जहां सभी प्रकार के जीवन (मानव, वनस्पति तथा जन्तु) पाये जाते हैं। स्थल-मण्डल, जल-मण्डल तथा वायुमण्डल के सम्पर्क क्षेत्र में एक पतली परत को जैव मण्डल कहते हैं।
→ पारिस्थितिक तन्त्र (Eco-systems): स्थल आकृतियां, वनस्पति तथा जीव-जन्तुओं में अन्तः क्रिया को । पारिस्थितिक तन्त्र कहते हैं। इसमें जैविक तथा अजैविक दो प्रकार के घटक होते हैं।

→ ऊर्जा प्रवाह (Energy flow): इस तन्त्र में ऊर्जा तथा खनिज एक चक्र में प्रवाह करते हैं। पौधे प्रकाश ! संश्लेषण क्रिया द्वारा और ऊर्जा का प्रयोग करते हैं। एक स्तर से दूसरे स्तर से ऊर्जा परिवर्तन से एक खाद्य शृंखला बनती है।

→ मानवीय प्रभाव (Human Effect): मानव ने प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग तथा हस्तक्षेप से पारिस्थितिक | सन्तुलन को बिगाड़ दिया है। अति पशु चारण, वनों की कटाई तथा स्थानांतरित कृषि से कई समस्याएं उत्पन्न | हो गई हैं।

→ मानवीय अनुक्रिया (Human Response): मानव वातावरण का एक महत्त्वपूर्ण अंग है। वातावरण में मनुष्य की भूमिका को मानवीय अनुक्रिया कहते हैं। मानव को भौतिक

JAC Class 11 Geography Solutions Chapter 14 महासागरीय जल संचलन

Jharkhand Board JAC Class 11 Geography Solutions Chapter 14 महासागरीय जल संचलन Textbook Exercise Questions and Answers.

JAC Board Class 11 Geography Solutions Chapter 14 महासागरीय जल संचलन परिवर्तन

बहु-विकल्पी प्रश्न (Multiple Choice Questions)

प्रश्न-दिए गए चार वैकल्पिक उत्तरों में से सही उत्तर चुनिए
1. महासागरीय जल की ऊपर एवं नीचे गति किससे सम्बन्धित है?
(A) ज्वार
(C) धाराएं
(B) तरंग
(D) ऊपर में से कोई नहीं।
उत्तर:
(A) ज्वार।

2. निम्नलिखित में से कौन-सी गर्म धारा नहीं है?
(A) खाड़ी की धारा
(B) केलीफ़ोर्निया की धारा
(C) मोज़म्बीक धारा
(D) उत्तरी भूमध्य रेखीय धारा।
उत्तर:
(B) केलीफ़ोर्निया की धारा।

JAC Class 11 Geography Solutions Chapter 14 महासागरीय जल संचलन

3. कालाहारी मरुस्थल के पश्चिम में बहने वाली धारा कौन-सी है?
(A) कनारी
(B) बेंगुएला
(C) इरमिंजर
(D) गल्फ स्ट्रीम।
उत्तर:
(B) बेंगुएला।

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें:
प्रश्न 1.
महासागरीय धाराएं क्या हैं?
उत्तर:
महासागरीय धारा जल की एक राशि का एक नि चत दिशा में लम्बी दूरी तक सामान्य संचलन है। सागर के एक भाग से दूसरे भाग की ओर जल के निरन्तर प्रवाह को महासागरीय धारा कहते हैं।

प्रश्न 1.
तरंग का वेग कैसे मापा जाता है?
उत्तर:
संचलन करती हुई तरंग का वेग निम्न विधि से निश्चित किया जा सकता है
JAC Class 11 Geography Solutions Chapter 14 महासागरीय जल संचलन 1
दो क्रमिक शृंगों अथवा गर्तों के मध्य की दूरी को तरंग दैर्ध्य कहते हैं। किसी निश्चित बिन्दू से ये निकलने वाले दो क्रमिक तरंगों के बीच के समय को तरंग आवर्त काल कहते हैं।

JAC Class 11 Geography Solutions Chapter 14 महासागरीय जल संचलन

प्रश्न 2.
ठण्डी एवं गर्म महासागरीय धाराओं में अन्तर स्पष्ट करें।
उत्तर:
महासागरीय धाराएं सामान्यतः दो प्रकार की होती हैं-गर्म धाराएं तथा ठण्डी धाराएं। गर्म धाराएं ऊष्ण कटिबन्धीय क्षेत्रों के निम्न अक्षांशों से शीतोष्ण कटिबन्धीय तथा उप ध्रुवीय क्षेत्रों के उच्च अक्षांशों की ओर प्रवाहित होती हैं। ठण्डी धाराएं उच्च अक्षांशों से निम्न अक्षांशों की ओर बहती हैं।

प्रश्न 3.
महासागरीय धारा का वेग कैसे मापा जाता है?
उत्तर:
जल के धरातल के ऊपर से बहती हुई हवा, उसके तल पर कर्षण बल का प्रयोग करती है, जिससे धरातलीय जल स्तर गतिमान हो उठता है। कर्षण बल से धाराओं की उत्पत्ति होती है। कर्षण बल तथा पवनों के वेग से धाराओं की वेग का पता चलता है।

प्रश्न 4.
यदि महासागरीय धाराएं न होती तो विश्व का क्या हुआ होता?
उत्तर:
महासागरीय धाराओं के अभाव से विश्व की जलवायु, व्यापार तथा समुद्री जीवों पर बहुत प्रभाव पड़ता। यूरोप की जलवायु सुहावनी न होती। शीतोष्ण कटिबन्ध में वर्षा कम होती। महाद्वीपों के पश्चिमी तटों पर मरुस्थल न होते। यूरोप का तट व्यापार के लिए वर्ष भर खुला न रहता। कई प्रदेशों में मत्स्य क्षेत्रों का विकास न होता।

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प्रश्न 2.
जल धाराएं तापमान को कैसे प्रभावित करती है? उत्तर पश्चिमी यूरोप के तटीय क्षेत्रों में तापमान को ये किस प्रकार प्रभावित करती हैं?
उत्तर:
समुद्री धाराओं के प्रभाव (Effects of Ocean Currents): समुद्री धाराएं आसपास के क्षेत्रों में मानव जीवन पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव डालती हैं। धाराओं का यह प्रभाव कई प्रकार से होता है।

जलवायु पर प्रभाव (Effects on Climate)
जलवायु (Climate): जिन तटों पर गर्म या ठण्डी धाराएं चलती हैं वहां की जलवायु क्रमश: गर्म या ठण्डी हो जाती है।
तापक्रम (Temperature): धाराओं के ऊपर से बहने वाली पवनें अपने साथ गर्मी या शीत ले जाती हैं। गर्म धारा के प्रभाव से तटीय प्रदेशों का तापक्रम ऊंचा हो जाता है तथा जलवायु कम हो जाती है। ठण्डी धारा के कारण शीतकाल में तापक्रम बहुत नीचा हो जाता है तथा जलवायु विषम व कठोर हो जाती है।
उदाहरण (Examples):

  1. लैब्रेडोर (Labrador) की ठण्डी धारा के प्रभाव से कनाडा का पूर्वी तट तथा क्यूराइल (Kurile) की ठण्डी धारा के प्रभाव से साइबेरिया का पूर्वी तट शीतकाल में बर्फ से जमा रहता है।
  2. खाड़ी की गर्म धारा के प्रभाव से ब्रिटिश द्वीप समूह तथा नार्वे के तटीय भागों का तापक्रम ऊंचा रहता है और जल शीतकाल में भी नहीं जमता। जलवायु सुहावनी तथा सम रहती है।

JAC Class 11 Geography Solutions Chapter 14 महासागरीय जल संचलन

प्रश्न 3.
तरंगों तथा धाराओं में क्या अन्तर है?
उत्तर:

तरंगेंधाराएं
(1) तरंगों का आकार जल की गहराई पर निर्भर करता है।(1) धाराएं जल की विशाल राशियां होती हैं।
(2) ये बनती तथा बिगड़ती रहती हैं एवं अस्थायी होती हैं।(2) धाराएं स्थाई होती हैं तथा एक ही दिशा में गतिमान होती हैं।
(3) तरंगें जल की ऊपरी सतह पर चलती हैं।(3) धाराओं का प्रभाव अधिक गहराई तक होता है।

निबन्धात्मक प्रश्न (Essay Type Questions)

प्रश्न 1.
महासागरीय जल-धाराएँ कैसे उत्पन्न होती हैं? इनके स्वभाव और उत्पत्ति को निर्धारित करने वाले कारक बताओ।
उत्तर:
समुद्री धाराएं (Ocean Currents)-सागर के एक भाग से दूसरे भाग की ओर एक विशेष दिशा में जल के लगातार प्रवाह को समुद्री धारा कहते हैं। (“Regular movement of water from one part of the ocean to another is called an ocean current.”) समुद्री धाराओं में जल नदियों की भांति आगे बढ़ता है। इनके किनारे स्थिर जल वाले होते हैं। इन्हें समुद्री नदियां भी कहते हैं। (“An ocean current is like a river in the ocean.”) धाराओं के उत्पन्न होने के कारण (Causes)-समुद्री धाराओं के उत्पन्न होने के मुख्य कारण निम्नलिखित हैं

1. प्रचलित पवनें (Prevailing Winds):
वायु अपनी अपार शक्ति के कारण जल को गति प्रदान करती है। धरातल पर चलने वाली पवनें (Planetary Winds) लगातार एक ही दिशा में चलने के कारण धाराओं को जन्म देती हैं। संसार की मुख्य धाराएं स्थायी पवनों की दिशा के अनुसार चलती हैं। (Ocean currents are wind determined.) मौसमी पवनें (Seasonal Winds) भी धाराओं की दिशा व उत्पत्ति में लायक होती हैं।
उदाहरण (Examples):

  1. व्यापारिक पवनें (Trade winds): द्वारा उत्तरी तथा दक्षिणी भूमध्य रेखीय धाराएं (Equatorial Currents) पूर्व से पश्चिम की ओर बहती हैं।
  2. पश्चिमी पवनों (Westerlies): के प्रभाव से खाड़ी की धारा (Gulf Stream) तथा कयूरोसिवो (Kuroshio) धारा पश्चिम से पूर्व की ओर बहती है।

2. तापक्रम में भिन्नता (Difference in Temperature):
गर्म जल हल्का होकर फैलता है तथा उसकी ऊँचाई बढ़ जाती है। ठण्डा जल भारी होने के कारण नीचे बैठ जाता है। कम ताप के कारण ठंडा जल सिकुड़ कर भारी हो जाता है। इस प्रकार समुद्र जल की सतह समान नहीं रहती तथा धाराएं चलती हैं।

3. खारेपन में भिन्नता (Difference in Salinity):
अधिक खारा जल भारी होने के कारण, तल के नीचे की ओर बहता है। कम खारा जल हल्का होने के कारण तल पर ही बहता है।
उदाहरण (Examples):

  1. रूम सागर से अधिक खारे जल की धारा तल के नीचे अन्ध महासागर की ओर बहती है।
  2. बाल्टिक सागर (Baltic Sea) से कम खारे जल की धारा तल पर उत्तरी सागर (North Sea) की ओर बहती है।

4. वाष्पीकरण तथा वर्षा की मात्रा (Evaporation and Rainfall):
अधिक वाष्पीकरण से जल भारी तथा अधिक खारा हो जाता है और तल नीचा हो जाता है परन्तु वर्षा अधिक होने से जल हल्का हो जाता है और उसका तल ऊंचा हो जाता है। इस प्रकार ऊंचे तल से नीचे तल की ओर धाराएं चलती हैं।

5. पृथ्वी की दैनिक गति (Rotation):
फैरल के सिद्धान्त (Ferral’s Law) के अनुसार धाराएं उत्तरी गोलार्द्ध में अपने बाईं ओर मुड़ जाती हैं। पृथ्वी की गति के कारण धाराओं का प्रवाह गोलाकार बन जाता है। उदाहरण (Examples): धाराओं का चक्कर उत्तरी गोलार्द्ध में घड़ी की सुइयों की दिशा के अनुकूल (Clockwise) तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में घड़ी की सुइयों के विपरीत (Anticlockwise) चलता है।

6. तटों के आकार (Shape of Coasts):
तटों के आकार धाराओं के मार्ग में बाधा उत्पन्न कर देते हैं। समुद्र जल तटों से टकराकर धाराओं के रूप में बहने लगता है। धाराएं तट के सहारे मुड़ जाती हैं। यदि स्थल प्रदेश न होते तो पृथ्वी के गिर्द एक.महान् भूमध्य रेखीय धारा (Great Equatorial Current) चलती है। उदाहरण (Examples): ब्राज़ील (Brazil) के नुकीले तट पर केप सेन-रॉक अन्तरीप (Cape San Roque) से टकराकर भूमध्य रेखीय धारा ब्राजील की धारा के रूप में बहती है।

7. ऋतु परिवर्तन (Seasons):
मौसम के अनुसार हवाओं की दिशा में परिवर्तन होने के कारण धाराओं की दिशा भी बदल जाती है। हिन्द महासागर में ग्रीष्म ऋतु में (S.W. Monsoon Drift) तथा शीत ऋतु में (N.E. Monsoon Drift) बहती है।

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महासागरीय जल संचलन JAC Class 11 Geography Notes

→ महासागरीय जल की गतियां (Movements of Ocean Water): महासागरीय जल सदा गतिशील रहता है। इसकी तीन गतियां हैं

  • तरंगें
  • धाराएं
  • ज्वार-भाटा।

→ महासागरीय जल का तापमान (Temperature in Oceans): महासागरीय जल का तापमान गहराई के साथ घटता रहता है। औसत रूप से भू-मध्य रेखा पर वार्षिक तापमान 26°C तथा ध्रुवीय प्रदेशों में 0°C रहता
है। तैरते हुए हिमखण्डों को हिम शैल कहते हैं, जो अधिकतर ग्रीन लैंड के निकट पाये जाते हैं।

→ महासागरों में लवणता (Salinity in Oceans): समुद्र जल में पाये जाने वाले समस्त लवणों के योग को समुद्र की लवणता कहते हैं। औसत लवणता 35 प्रति हजार ग्राम है। सबसे अधिक लवणता कर्क रेखा तथा मकर । रेखा के निकट 37 प्रति हजार ग्राम है। वैन झील में 330 तथा मृत सागर में 238 लवणता है।

→ महासागरीय धाराएं (Ocean Currents): महासागर के एक भाग से दूसरे भाग की ओर एक विशेष दिशा में जल के लगातार प्रवाह को सागरीय धारा कहते हैं। यह प्रचलित पवनों द्वारा निर्धारित होती हैं। गर्म धाराएं भू-मध्य रेखा से ध्रुवों की ओर तथा ठण्डी धाराएं ध्रुवों से भू-मध्य रेखा की ओर चलती हैं।

→ अन्ध महासागर की धाराएं (Currents of Atlantic Ocean): उत्तरी अन्धमहासागर में धाराएं घड़ी की सूइयों की दिशा में चक्र पूरा करती हैं परन्तु दक्षिणी अन्ध महासागर में घड़ी की सूइयों की विपरीत दिशा में | चक्र पूरा करती हैं। खाड़ी की गर्म धारा पश्चिमी यूरोप की जलवायु को सुहावना बनाती है। इसे यूरोप की जीवन रेखा भी कहते हैं। अधिकतर मरुस्थल ठण्डी धाराओं वाले तटों पर स्थित हैं।

→ प्रशान्त महासागर की धाराएं (Currents of Pacific Ocean): एशिया के तट पर क्यूराइल तथा क्यूरोशिया धारा बहती है। दक्षिणी अमेरिका के तट पर पेरू की ठण्डी धारा के कारण अटाकामा मरुस्थल | स्थित है।

JAC Class 11 Geography Important Questions Chapter 6 भू-आकृतिक प्रक्रियाएँ 

Jharkhand Board JAC Class 11 Geography Important Questions Chapter 6 भू-आकृतिक प्रक्रियाएँ Important Questions and Answers.

JAC Board Class 11 Geography Important Questions Chapter 6 भू-आकृतिक प्रक्रियाएँ

बहु-विकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)

प्रश्न-दिए गए प्रश्नों के चार वैकल्पिक उत्तरों में से सही उत्तर चुनकर लिखो
1. मृदा का निर्माण किस क्रिया द्वारा होता है?
(A) अपक्षय
(B) अपरदन
(C) परिवहन
(D) निक्षेप।
उत्तर:
अपक्षय।

2. मृदा में संयोजन के लिए कौन-सी क्रिया शक्ति नहीं है?
(A) जल
(B) ऊर्जा
(C) पवन
(D) अपरदन।
उत्तर:
अपरदन।

3. मृदा के निर्माण के रूप से महत्त्वपूर्ण कारक है?
(A) जनक पदार्थ
(B) जलवायु
(C) जीव पदार्थ
(D) स्थलाकृति।
उत्तर:
जनक पदार्थ।

4. क्षारीय मृदा का निर्माण किन क्षेत्रों में होता है?
(A) अधिक वर्षा वाले
(B) कम वर्षा वाले
(C) मूसलाधार वर्षा
(D) मरुस्थल में।
उत्तर:
कम वर्षा वाले।

JAC Class 11 Geography Important Questions Chapter 6 भू-आकृतिक प्रक्रियाएँ

5. सबसे ऊपरी मृदा स्तर है
(A) अ
(B) ब
(C) स
(D) ओ।
उत्तर:

अति लघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
मिट्टी के प्रमुख तत्त्व कौन-से हैं?
उत्तर:

  1. कण
  2. ह्यूमस
  3. खनिज

प्रश्न 2.
मिट्टी में निर्माणकारी सक्रिय घटक कौन-से हैं?
उत्तर:
जलवायु तथा जैव पदार्थ।

प्रश्न 3.
मिट्टी में निर्माणकारी निष्क्रिय घटक कौन-से हैं?
उत्तर:
वनस्पति, मल पदार्थ, भू-आकृति ।

प्रश्न 4.
मिट्टी में पाए जाने वाले वनस्पति अंश को क्या कहते हैं?
उत्तर:
ह्यूमस।

प्रश्न 5.
मिट्टी के किस संस्तर में ह्यूमस अधिक होता है?
उत्तर:
अ’ संस्तर में ।

प्रश्न 6.
संस्तर किसे कहते हैं?
उत्तर:
मिट्टी की क्षैतिज परतों को संस्तर कहते हैं।

प्रश्न 7.
मिट्टी के भौतिक गुण बताओ।
उत्तर:

  1. रंग
  2. गठन
  3. संरचना।

प्रश्न 8.
अम्लीय मिट्टी किसे कहते हैं?
उत्तर:
जिस मिट्टी में चूने की मात्रा कम होती है

प्रश्न 9.
क्षारीय मिट्टी किसे कहते हैं?
उत्तर:
जिस मिट्टी में चूने की मात्रा अधिक होती है।

JAC Class 11 Geography Important Questions Chapter 6 भू-आकृतिक प्रक्रियाएँ

प्रश्न 10.
अनावरण से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
चट्टानों को अपरदन द्वारा नंगा करना।

प्रश्न 11.
अनावरण में सहायक दो क्रियाएं बताओ।
उत्तर:
अपरदन तथा अपक्षरण।

प्रश्न 12.
पदार्थों के संचलन में कौन-से दो बल सहायक हैं?
उत्तर:
गुरुत्वाकर्षण तथा ढाल।

प्रश्न 13.
पृथ्वी के अन्दर से निकलने वाली ऊर्जा के स्रोत बताओ।
उत्तर:
रेडियोधर्मी क्रियाएँ, घर्षण ज्वारीय घर्षण, पृथ्वी की उत्पत्ति से जुड़ी उष्मा।

प्रश्न 14.
अनाच्छदन से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
बहिर्जनिक क्रियाओं द्वारा धरातल पर निरावृत करना या आवरण हटाना।

प्रश्न 15.
अपक्षय से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
अपक्षय से अभिप्राय मौसम एवं जलवायु द्वारा यान्त्रिक विखंडन एवं रासायनिक अपघटन की क्रियाएं शामिल हैं।

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
मिट्टी की परिभाषा तथा इसमें मिले तत्त्व बताओ।
उत्तर:
मिट्टी भूतल की ऊपरी सतह का आवरण है। यह एक धरातलीय पदार्थ है जिसमें स्पष्ट परत पाई जाती है। मिट्टी का निर्माण चट्टानों के पूर्ण तथा वनस्पति के गले – सड़े अंश से बनता है। इसमें कई तत्त्व मिले होते हैं- कण-मिट्टी के कण बारीक होते हैं जो आधार चट्टानों से भौतिक व रासायनिक क्रियाओं द्वारा प्राप्त होते हैं ह्यूमस – यह मिट्टी का उपजाऊ अंश है जो जैव पदार्थों तथा वनस्पति के गल – सड़ जाने से प्राप्त होता है । खनिज – चट्टानों के अपक्षरण से कई खनिज मिट्टी में मिल जाते हैं, जैसे- लोहा, चूना आदि।

प्रश्न 2.
मिट्टी के भौतिक गुण लिखो।
उत्तर:
प्रत्येक प्रकार की मिट्टी में तीन भौतिक गुण होते हैं-

  1. रंग
  2. गठन
  3. संरचना।

ये गुणमिट्टी की आधार चट्टानों पर निर्भर करते हैं। रंग से मिट्टी के निर्माण का ज्ञान होता है। गठन से मिट्टी के कणों का पता चलता है। मिट्टी की संरचना से कणों की व्यवस्था का पता चलता है।

JAC Class 11 Geography Important Questions Chapter 6 भू-आकृतिक प्रक्रियाएँ

प्रश्न 3.
मूल पदार्थ से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
मूल पदार्थ (Parent Material): आधार चट्टानों के अपक्षय से प्राप्त होने वाले पदार्थों को मूल पदार्थ कहते हैं। इसमें विभिन्न प्रकार के खनिज शामिल होते हैं। मिट्टी का रंग, रूप, संरचना तथा संगठन मूल पदार्थों के गुणों अनुसार होता है।

प्रश्न 4.
मिट्टी के महत्त्व का वर्णन करो।
उत्तर:
मिट्टी एक प्राकृतिक सम्पत्ति है। मानव जाति सारे विश्व में मिट्टी पर ही निवास करती है। मिट्टी पर बहुत-सी मानवीय क्रियाएं आधारित हैं। मिट्टी कृषि का आधार है जो मानव को भोजन प्रदान करती है। पशुपालन, वन उद्योग मिट्टी पर आधारित हैं। प्राचीन सभ्यताएं नदी घाटियों में उपजाऊ मिट्टी के कारण ही पनप सकीं। मिट्टी मानवीय व्यवसाय का आधार है। जनसंख्या का घनत्व तथा वितरण मिट्टी के उपजाऊपन तथा उत्पादकता पर निर्भर करता है । मिट्टी का मानवीय सभ्यता पर सदैव महत्त्वपूर्ण प्रभाव रहेगा।

प्रश्न 5.
ह्यूमस क्या है? इसका निर्माण कैसे होता है? मिट्टी के निर्माण में इसका क्या महत्त्व है?
उत्तर:
ह्यूमस (Humus ):
मिट्टी में पाये जाने वाले मृत जैव पदार्थ को ह्यूमस कहते हैं जो जैव पदार्थों तथा वनस्पति के गल-सड़ जाने से प्राप्त होता है। वृक्ष, झाड़ियां, घास जैसी वनस्पति तथा जीवाणु इसके निर्माण में सहायक होते हैं। ह्यूमस का निर्माण स्थानीय जलवायु तथा जीवाणुओं की क्रियाशीलता पर निर्भर करता है। आर्द्र जलवायु में काफ़ी संख्या में जीवाणु होते हैं तथा वे ह्यूमस पर ही जिन्दा रहते हैं, परन्तु ठण्डी जलवायु में कम जीवाणुओं के कारण ह्यूमस मिट्टी में जमा रहता है। ह्यूमस मिट्टी निर्माण तथा मिट्टी के उपजाऊपन पर प्रभाव डालता है। ह्यमस जीवाणुओं को जीवन प्रदान करके उन्हें मिट्टी निर्माण में सहायक बनाता है। ह्यूमस के कारण धरातल तथा मिट्टी का रंग बदल जाता है। ह्यूमस खनिजों के अपक्षरण में सहायक है तथा मिट्टी निर्माण की क्रिया को तेज़ करता है।

प्रश्न 6.
मूल पदार्थ से क्या अभिप्राय है? मिट्टी के निर्माण में मूल पदार्थों का क्या योगदान है?
उत्तर:
मूल पदार्थ (Parent Material):
आधार चट्टानों के भौतिक एवं रासायनिक अपक्षरण से प्राप्त होने पदार्थों को मूल पदार्थ कहते हैं। इस पदार्थ में विभिन्न प्रकार के खनिज शामिल होते हैं जो आधार शैलों की रचना करते हैं। मिट्टी निर्माण क्रिया में मूल पदार्थ एक निष्क्रिय (Passive ) घटक है। मूल पदार्थ खनिज ही मिट्टी के निर्माण, भौतिक तथा रासायनिक अपक्षरण पर प्रभाव डालते हैं।

मिट्टी का संघटन (texture) मूल पदार्थ पर ही निर्भर करता है। मूल पदार्थ अधिकतर तलछटी शैलों से ही प्राप्त होते हैं क्योंकि भू-पृष्ठ पर तलछटी शैलों का विस्तार अधिक है। मिट्टी का रंग, रूप, संरचना तथा अपक्षरण की दर मूल पदार्थों के गुणों के अनुसार होती है। नदी तल जलोढ़ों के अपक्षरण से ही जलोढ़ मिट्टी का निर्माण होता है।

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प्रश्न 7.
मिट्टी के कौन-से कार्य हैं जिनके लिए संरक्षण की ज़रूरत है?
उत्तर:
मिट्टी एक सम्पदा या संसाधन है। मिट्टी के उपजाऊपन पर कृषि तथा उत्पादकता निर्भर करती है। मिट्टी के नष्ट होने से उत्पादकता कम हो जाती है। उपजाऊ मिट्टी ही देश को खाद्य पदार्थ तथा कच्चे औद्योगिक माल प्रदान करती है। इसलिए मिट्टी का संरक्षण आवश्यक है। उपजाऊ मिट्टी वाले प्रदेश ही घनी जनसंख्या के प्रदेश होते हैं।

प्रश्न 8.
ध्रुवीय प्रदेशों में पाले द्वारा अपक्षरण का वर्णन करो।
उत्तर:
पाला (Frost):
पर्वतों व ठण्डे प्रदेशों में पाला अपक्षरण का एक महत्त्वपूर्ण साधन है। चट्टानों की दरारों भर जाता है। यह जल सर्दी के कारण रात को जम जाता है। जमने से पानी का आयतन (Volume) 1/10 गुना बढ़ जाता है। जमा हुआ पानी आस-पास की चट्टानों पर 2000 पौंड प्रति वर्ग इंच दबाव डालता है । इस दबाव से चट्टानें टूटती रहती हैं। यह मलबा पर्वत की ढलान के साथ (Scree) के रूप में जमा हो जाता है । हिमालय के पर्वतीय प्रदेशों में ऐसा होता है । चट्टानें बड़े-बड़े टुकड़ों (Blocks) के रूप में टूटती रहती हैं।

प्रश्न 9.
ऑक्सीकरण तथा कार्बोनेटीकरण से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
(a) ऑक्सीकरण (Oxidation ): चट्टानों के लोहे के खनिज के साथ ऑक्सीजन मिलने से चट्टानों को जंग (Rust) लग जाता है तथा भुर भुर कर नष्ट हो जाती हैं। यह क्रिया लोहे को जंग लगने के समान है।

(b) कार्बोनेटीकरण (Carbonation ): जल में विलय कार्बन-डाइऑक्साइड (Carbon dioxide) तथा जल मिलकर चूने का पत्थर जिप्सम संगमरमर को घुला डालते हैं। चट्टानों के नष्ट होने के कारण गुफायें बनती हैं। प्रश्न

प्रश्न 10.
आर्द्र- ऊष्ण कटिबन्धीय मिट्टी में ह्यूमस का अभाव क्यों होता है?
उत्तर:
ह्यूमस का निर्माण स्थानीय जलवायु में जीवाणुओं की क्रियाशीलता पर निर्भर करता है। ह्यूमस ही जीवाणुओं को जिन्दा रखता है। आर्द्र- ऊष्ण कटिबन्धीय जलवायु में जीवाणुओं की संख्या अधिक होती है। वे इस प्रदेश की मिट्टी में काफी अधिक क्रियाशील होते हैं। ये जीवाणु मिट्टी में से ह्यूमस समाप्त कर देते हैं। इसी कारण इन आर्द्र- ऊष्ण प्रदेशों की मिट्टी में ह्यूमस का अभाव होता है।

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प्रश्न 11.
पृथ्वी पर सम्भाव्यता किस प्रकार स्थिर रखी जा सकती है?
उत्तर:
भू-तल संवेदनशील है। मानव अपने निर्वाह के लिए इस पर निर्भर करता है तथा इसका व्यापक एवं सघन उपयोग करता है। अतः इसके सन्तुलन को बनाए रखते हुए तथा भविष्य के लिए इसकी सम्भाव्यता को कम किए बिना इसके प्रभावकारी उपयोग के लिए इसकी प्रकृति को समझना परमावश्यक है। लगभग सभी जीवों का धरातल के पर्यावरण के अनुवाह में योगदान होता है। मनुष्यों ने संसाधनों का अत्यधिक दोहन किया है। हमें इनका उपयोग करना चाहिए, किन्तु भविष्य में जीवन निर्वाह के लिए इसकी पर्याप्त सम्भाव्यता को बचाये रखना चाहिए।

धरातल के अधिकांश भाग को बहुत लम्बी अवधि (सैकड़ों-हज़ारों- वर्षों) में आकार प्राप्त हुआ है तथा मानव द्वारा इसके उपयोग, दुरुपयोग एवं कुप्रयोग के कारण इसकी सम्भाव्यता (विभव) में बहुत तीव्र गति से ह्रास हो रहा है। यदि उन प्रक्रियाओं, जिन्होंने धरातल को विभिन्न आकार दिया और अभी दे रही हैं, तथा उन पदार्थों की प्रकृति जिनसे यह निर्मित है, को समझ लिया जाए तो निश्चित रूप से मानव उपयोग जनित हानिकारक प्रभाव को कम करने एवं भविष्य के लिए इसके संरक्षण हेतु आवश्यक उपाय किए जा सकते हैं।

प्रश्न 12.
भौतिक अपक्षय प्रक्रियाएं किन बलों पर निर्भर करती हैं?
उत्तर:
भौतिक अपक्षय प्रक्रियाएं (Physical Weathering Processes): भौतिक या यान्त्रिक अपक्षय- प्रक्रियाएं कुछ अनुप्रयुक्त बलों (Forces) पर निर्भर करती हैं। ये अनुप्रयुक्त बल निम्नलिखित हो सकते हैं

  1. गुरुत्वाकर्षक बल, जैसे अत्यधिक ऊपर भार दबाव एवं अपरूपण प्रतिबल (Shear stress),
  2. तापक्रम में परिवर्तन, क्रिस्टल रवों में वृद्धि एवं पशुओं के क्रियाकलापों के कारण उत्पन्न विस्तारण (Expansion) बल,
  3. शुष्कन एवं आर्द्रन चक्रों से नियन्त्रित जल का दबाव। इनमें से कई बल धरातल एवं विभिन्न धरातल पदार्थों के अन्दर अनुप्रयुक्त होती हैं जिसका परिणाम शैलों का विभंग (Fracture ) होता है। भौतिक अपक्षय प्रक्रियाओं में अधिकांश तापीय विस्तारण एवं दबाव के निर्मुक्त होने (Release) के कारण होता है। ये प्रक्रियाएं लघु एवं मंद होती हैं परन्तु कई बार संकुचन एवं विस्तारण के कारण शैलों के सतत् श्रान्ति (Fatigue) के फलस्वरूप ये शैलों को बड़ी हानि पहुंचा सकती हैं।

प्रश्न 13.
रेगोलिथ से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
विश्व की विविध दृश्य – भूमियों का निर्माण मुख्यतः शैलों पर अपक्षय की क्रिया से हुआ है। ‘शैल अपक्षय’ शब्दावली का प्रयोग, रासायनिक अपघटन तथा भौतिक विघटन को बताने के लिए किया जाता है। आधार – शैलों के ऊपर अदृढ़ पदार्थों की एक परत हो सकती है, इसे रेगोलिथ या आवरण- प्रस्तर कहते हैं। रेगोलिथ ऐसी शब्दावली है, जिसका प्रयोग मोटे तौर पर आधार – शैल के ऊपर बिखरे अपेक्षाकृत अदृढ़ अथवा कोमल पदार्थों के किसी भी परत के लिए किया जाता है। जब रेगोलिथ का निर्माण ठीक इसके नीचे स्थित आधार – शैलों के अपघटन तथा विघटन से होता है तब इसे अपशिष्ट रेगोलिथ कहते हैं। नदियों, हिमानियों, पवनों द्वारा परिवहित रेगोलिथ, जिसका निक्षेपण कहीं ओर कर दिया जाता है, परिवहित रेगोलिथ कहलाता है।

प्रश्न 14.
मृदा निर्माण के लिए उत्तरदायी कारकों और उनकी प्रक्रियाओं का वर्णन करो।
उत्तर:
मृदा निर्माण के कारक सभी मृदा निर्माण की प्रक्रियाएं अपक्षय से जुड़ी हैं। लेकिन कई अन्य कारक अपक्षय के अंतिम उत्पाद को प्रभावित करते हैं। इनमें से पांच प्राथमिक कारक हैं। ये अकेले अथवा सम्मिलित रूप से विभिन्न प्रकार की मृदाओं के विकास के लिए उत्तरदायी हैं।

मृदा निर्माण की प्रक्रियाएं (Processes of Soil Formation): मृदा निर्माण में अनेक प्रक्रियाएं सम्मिलित हैं और किसी सीमा तक मृदा परिच्छेदिका को प्रभावित कर सकती हैं। ये प्रक्रियाएं हैं:

  1. अवक्षालन: यह मृत्तिका अथवा अन्य महीन कणों का यांत्रिक विधि से स्थान परिवर्तन है, जिसमें वे मृदा परिच्छेदिका में नीचे ले जाए जाते हैं।
  2. संपोहन: यह मृदा परिच्छेदिका के निचले संस्तरों में ऊपर से बहाकर लाए गए पदार्थों का संचयन है।
  3. केलूवियेशन: यह निक्षालन के समान पदार्थ का नीचे की ओर संचलन है, परन्तु जैविक संकुल यौगिकी के प्रभाव में।
  4. निक्षालन: इसमें घोल रूप में पदार्थों को किसी संस्तर से हटाकर नीचे की ओर ले जाना है।

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प्रश्न 15.
मृदा भौतिक, रासायनिक तथा जैविक क्रियाओं का परिणाम है।’ व्याख्या करो।
उत्तर:
मृदा अपक्षयित एवं अपरदित शैल पदार्थों तथा जैविक अवशेषों के संश्लिष्ट मिश्रण का उत्पाद है। अपक्षय द्वारा संगठित पदार्थ (शैल) असंगठित पदार्थ में बदल जाते हैं। पौधों तथा सूक्ष्म जीवाणुओं के अपघटन से जैविक रसायन (ह्यूमस) मुक्त होते हैं। असंगठित पदार्थों के साथ इनकी अंतः क्रियाएं विभिन्न प्रकार की मृदाओं का निर्माण करती हैं। इन परिवर्तनों में संयोजन, ह्रास, रूपांतरण तथा स्थान परिवर्तन शामिल हैं।

जल ( वर्षा, सिंचाई), जीवाणुओं द्वारा नाइट्रोजन का यौगिकीकरण, सूर्य प्रकाश के रूप में ऊर्जा, पवन और जल से प्राप्त अवसाद, लवण एवं जैविक अवशेष संयोजन कार्य करते हैं। ह्रास के कारण हैं: मृदा जल में घुलनशील रसायन, अपरदित छोटे आकार के टुकड़े, पौधों के कटने और चराए जाने से पोषक तत्त्वों को हटाया जाना, जल की हानि, कार्बन डाइऑक्साइड के रूप में कार्बन की क्षति तथा नाइट्रोजन की अनाइट्रीकरण से हुई हानि रूपांतरण का कारण अनेक रासायनिक एवं जैविक प्रतिक्रियाएं हैं, जो जैविक पदार्थों को अपघटित करती हैं।

जल तथा जीव मृदा में संचलन करके विभिन्न गहराइयों पर पदार्थों का स्थान परिवर्तन करते हैं। जैविक मृदा का निर्माण पौधों के अपशिष्टों के संचयन से होता है, जो छिछले एवं स्थिर जल के अल्प ऑक्सीजन वाले पर्यावरण द्वारा सुरक्षित रखे जाते हैं। भूपृष्ठ का वह पदार्थ मृदा नहीं है, जो वनस्पति – जीवन को पोषित नहीं करता है, जैसे- पथरीली या चट्टानी भूमि तथा ग्रेट साल्ट लेक का लवणमय धरातल।

प्रश्न 16.
भू-आकृतिक कारक तथा भू-आकृतिक प्रक्रिया में अन्तर स्पष्ट करो।
उत्तर:
प्रकृति के किसी भी बहिर्जनिक तत्त्व (जैसे- जल, हिम, वायु इत्यादि), जो धरातल के पदार्थों का अधिग्रहण (Acquire) तथा परिवहन करने में सक्षम है, को भू-आकृतिक कारक कहा जा सकता है। जब प्रकृति के ये तत्त्व ढाल प्रवणता के कारण गतिशील हो जाते हैं तो पदार्थों को हटाकर ढाल के सहारे ले जाते हैं और निचले भागों में निक्षेपित कर देते हैं। भू-आकृतिक प्रक्रियाएं तथा भू-आकृतिक कारक विशेषकर बहिर्जनिक, को यदि स्पष्ट रूप से अलग-अलग न कहा जाए तो इन्हें एक ही समझना होगा क्योंकि ये दोनों एक ही होते हैं।

एक प्रक्रिया एक बल होता है जो धरातल के पदार्थों के साथ अनुप्रयुक्त होने पर प्रभावी हो जाता है। एक कारक (Agent) एक गतिशील माध्यम (जैसे- प्रवाहित जल, हिमनदी, हवा, लहरें एवं धाराएं इत्यादि) है जो धरातल के पदार्थों को हटाता, ले जाता तथा निक्षेपित करता है। इस प्रकार प्रवाहयुक्त जल, भूमिगत जल, हिमनदी, हवा, लहरों, धाराओं इत्यादि को भू-आकृतिक कारक कहा जा सकता है।

प्रश्न 17.
पटल विरूपण से क्या अभिप्राय: है? इसमें कौन-सी प्रक्रियाएं सम्मिलित हैं?
उत्तर:
पटल विरूपण (Diastrophism ): सभी प्रक्रियाएं जो भू-पर्पटी को संचलित, उत्थापित तथा निर्मित करती हैं, पटल विरूपण के अन्तर्गत आती हैं। इनमें निम्नलिखित सम्मिलित हैं

  1. तीक्ष्ण वलयन के माध्यम से पर्वत निर्माण तथा भू-पर्पटी की लम्बी एवं संकीर्ण पट्टियों को प्रभावित करने वाली पर्वतनी (Orogenic) प्रक्रियाएं
  2. धरातल के बड़े भाग के उत्थापन या विकृति में संलग्न महाद्वीप रचना सम्बन्धी (Epeirogenic) प्रक्रियाएं,
  3. अपेक्षाकृत छोटे स्थानीय संचलन के कारण उत्पन्न भूकम्प,
  4. पर्पटी प्लेट के क्षैतिज संचलन करने में प्लेट विवर्तनिकी की भूमिका प्लेट विवर्तनिक/पर्वतनी (Orogeny) की प्रक्रिया में भू-पर्पटी वलयन के रूप में तीक्ष्णता से विकृत हो जाती है।

महाद्वीप रचना के कारण साधारण विकृति हो सकती है। पर्वतनी पर्वत निर्माण प्रक्रिया है, जबकि महाद्वीप रचना महाद्वीप निर्माण-प्रक्रिया है। पर्वतनी, महाद्वीप रचना (Epeirogeny), भूकम्प एवं प्लेट विवर्तनिक की प्रक्रियाओं से भू-पर्पटी में भ्रंश तथा विभंग हो सकता है। इन सभी प्रक्रियाओं के कारण दबाव, आयतन तथा तापक्रम (PVT) में परिवर्तन होता है जिसके फलस्वरूप शैलों का कायान्तर प्रेरित होता है ।

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प्रश्न 18.
विघटन एवं अपघटन से आपका क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
विघटन – भौतिक प्रक्रिया में विघटन से चट्टानें टूटती हैं। अपघटन: रासायनिक क्रिया में अपघटन के कारण जब चट्टानों पर पानी पड़ता है तो चट्टानें नर्म पड़ने से कमज़ोर हो जाती हैं जिसके कारण ये टूटती हैं।

तुलनात्मक प्रश्न (Comparison Type Questions)

प्रश्न 1.
मिट्टी तथा शैल में क्या अन्तर होता है?
उत्तर-

मिट्टी (Soil)शैल (Rock)
(1) चट्टानों के अपक्षय तथा जैविक पदार्थों से प्राप्त होने वाले टूटे-फूटे कणों की परत को मिट्टी कहते हैं।(1) शैल प्राकृतिक रूप से ठोस जैव एवं अजैव पदार्थ हैं जो भू-पृष्ठ का निर्माण करते हैं।
(2) मिट्टी के विभिन्न संस्तर होते हैं।(2) शैल के संस्तर नहीं होते।
(3) मिट्टी की गहराई 2-3 मीटर तक सीमित होती है।(3) पृथ्वी के भीतरी भागों तक शैलें पाई जाती हैं।
(4) मिट्टी चट्टानों की टूट-फूट से प्राप्त चूर्ण से बनती है।(4) शैल कई खानिज पदार्थों के मिलने से बनती है।
मिट्टी (Soil)शैल (Rock)

प्रश्न 2.
अपरदन तथा अपक्षय में अन्तर स्पष्ट करो।
उत्तर:

अपरदन (Erosion)अपक्षय (Weathering)
(1) भू-तल पर खुरचने, कांट-छांट तथा मलबे को परिवहन करने के कार्य को अपरदन कहते हैं।(1) इसमें रासायनिक क्रियाओं द्वारा अपघटन से चट्टानें टूटफूट जाती हैं।
(2) अपरदन एक बड़े क्षेत्र में होता है।(2) इससे चट्टानों का रासायनिक तत्त्वों में परिवर्तन नहीं होता है।
(3) अपरदन गतिशील कारकों द्वारा जैसे-जल, हिमनदी, वायु आदि से होता है।(3) इस अपक्षय के उदाहरण ऊष्ण प्रदेशों में मिलते हैं।
(4) अपक्षय अपरदन में सहायक होता है।(4) रासायनिक अपक्षय में कार्बन, ऑक्सीजन तथा हाइड्रोजन गैसों का प्रभाव पड़ता है।

प्रश्न 3.
भौतिक अपक्षय तथा रासायनिक अपक्षय में अन्तर बताओ।
उत्तर:

भौतिक अपक्षय (Physical Weathering)रासायनिक अपक्षय (Chemical Weathering)
(1) इसमें यांत्रिक साधनों द्वारा चट्टानों के विघटन से चट्टानें चूर-चूर हो जाती हैं।(1) चट्टानों के अपघटन तथा विघटन के द्वारा अपने मूल स्थान पर तोड़-फोड़ करने की क्रिया को अपक्षय कहते हैं।
(2) इससे चट्टानों के खनिजों में कोई परिवर्तन नहीं होता।(2) अपक्षय छोटे क्षेत्रों की क्रिया है।
(3) यह अपक्षय शुष्क तथा शीत प्रदेशों में अधिक होता है ।(3) अपक्षय सूर्यातप, पाला तथा रासायनिक क्रियाओं द्वारा होता है।
(4) भौतिक अपक्षय के मुख्य कारक ताप, पाला, वर्षा तथा वायु हैं।(4) अपक्षय चट्टानों को कमज़ोर करके अपरदन में सहायता करता है।


निबन्धात्मक प्रश्न (Essay Type Questions)

प्रश्न 1.
अपक्षय किसे कहते हैं? अपक्षय कितने प्रकार से होता है? गर्म तथा ठण्डे प्रदेशों में होने वाले यांत्रिक अपक्षय की प्रक्रियाएं बताओ।
उत्तर:
अपक्षय (Weathering):
पृथ्वी की बाहरी स्थिर शक्तियों द्वारा चट्टानों के अपने ही स्थान पर विखंडन तथा अपघटन की क्रिया को अपक्षरण कहते हैं। इसमें चट्टानों के टूटने, भरने तथा घुलने की क्रियाएं होती हैं। [“Weathering includes the breaking up of Rocks (disintegration and decomposition) by the elements of weather.”] अपक्षरण को प्रभावित करने वाले तत्त्व

  1. चट्टानों की संरचना:  कोमल चट्टानें शीघ्र टूट जाती हैं परन्तु कठोर चट्टानें धीरे-धीरे टूटती हैं।
  2. भूमि का ढाल: तीव्र ढाल वाले क्षेत्रों में अपक्षरण अधिक होती है। चट्टानों का संगठन कमज़ोर हो जाता है।
  3. शैल सन्धि: सन्धियाँ शैलों में जल के घुलने तथा भौतिक एवं रासायनिक अपक्षरण में सहायक होती हैं।
  4. वनस्पति: वनस्पति के ढके धरातल सुरक्षित रहते हैं। परन्तु वनस्पति रहित प्रदेशों में अपक्षरण अधिक होता है।
  5. जलवायु: आर्द्र जलवायु में रासायनिक अपक्षरण तथा शुष्क जलवायु में यान्त्रिक अपक्षरण होता है।

अपक्षरण के रूप (Types of Weathering):
(i) भौतिक अपक्षरण (Physical Weathering): यान्त्रिक साधनों द्वारा चट्टानें अपने ही स्थान पर टूट-टूट कर चूर-चूर हो जाती हैं। चट्टानों के इस प्रकार टूटने की क्रिया को भौतिक अपक्षरण कहते हैं। इस अपक्षरण से चट्टानों का विघटन ( Disintegration) होता है।

1. सूर्यताप (Temperature ):
सूर्य की गर्मी से दिन के समय चट्टानें एक दम गर्म होकर फैलती हैं तथा त को तेज़ी से ठण्डी होकर सिकुड़ती हैं। बार-बार फैलने तथा सिकुड़ने से चट्टानों में दरारें (Cracks) तथा सन्धियां (Joints) पड़ जाती हैं तथा चट्टानें टूटती हैं और चूर-चूर हो जाती हैं। इस मलबे को Talus कहते हैं।
सूर्यताप द्वारा अपक्षरण कई बातों पर निर्भर करता है-

  1. मोटे कणों वाली चट्टानों पर अधिक तथा शीघ्र अपक्षरण होता है।
  2. काले रंग की चट्टानों पर अधिक अपक्षरण होता है।
  3. पर्वतीय ढलानों तथा मरुस्थलों में अपक्षरण महत्त्वपूर्ण है ।

2. पाला (Frost ):
पर्वतों व ठण्डे प्रदेशों में पाला अपक्षरण का एक महत्त्वपूर्ण साधन है। चट्टानों की दरारों में जल भर जाता है। यह जल सर्दी के कारण रात को जम जाता है। जमने से पानी का आयतन (Volume) 1/10 गुना बढ़ जाता है। जमा हुआ पानी आस-पास की चट्टानों पर 2000 पौंड प्रति वर्ग इंच दबाव डालता है। इस दबाव से चट्टानें टूटती रहती हैं । यह मलबा पर्वत की ढलान के साथ Scree के रूप में जमा हो जाता है। हिमालय के पर्वतीय प्रदेशों में ऐसा होता है। चट्टानें बड़े-बड़े टुकड़ों (Blocks) के रूप में टूटती रहती हैं।

3. वर्षा (Rainfall):
वर्षा का जल बहते हुए पानी का रूप धारण कर लेता है तथा कई प्रभाव डालता है।
(a) मिट्टी कटाव (Soil Erosion ): ढलान भूमि पर नदी घाटियों से वर्षा का पानी उपजाऊ मिट्टी बहाकर ले जाता है तथा मिट्टी कटाव की समस्या उत्पन्न होती है।

(b) ऊबड़-खाबड़ भूमि (Bad Land ): मूसलाधार वर्षा के कारण जल नालियां (Gullies) तथा खाइयां (Ravines) बनाकर बंजर व अस्त-व्यस्त धरातल बना देता है, जैसे- भारत में चम्बल घाटी में।

(c) मिट्टी के स्तम्भ ( Earth Pillars ): वर्षा के प्रहार से नर्म मिट्टी कट जाती है परन्तु कठोर चट्टान एक टोपी (Cap) का कार्य करती है तथा मिट्टी के स्तम्भ खड़े रहते हैं। जैसे इटली के बोलज़ानो (Bolzano) प्रदेश में तथा हिमालय के स्पीती (Spiti) प्रदेश में।

(d) भू- फिसलन (Land Slides): वर्षा का जल चट्टानों के नीचे जाकर उन्हें भारी कर देता है तथा चट्टानें ढलान की ओर फिसल जाती हैं। अधिक वर्षा वाले पर्वतीय क्षेत्रों में भू- फिसलन के कारण सड़कें रुक जाती हैं।

4. वायु (Wind):
हवा का अपक्षय मरुस्थलों, शुष्क प्रदेशों या वनस्पति रहित प्रदेशों में होता है। रेत से लदी वायु एक रेगमार (Sand paper) की भांति चट्टानों को चूर-चूर कर देती है।
(a) मरुस्थलों में से गुज़रने वाली रेलगाड़ियों को हर साल रंग (Paint) करना पड़ता है।
(b) टैलीग्राफ की तारें वायु के प्रहार से घिस जाती हैं।
(c) समुद्र तट की ओर साधारण शीशे ऐसे दिखाई देते हैं जैसे दानेदार शीशे (Frosted glass) हों।
(d) चट्टानों का आकार अद्भुत हो जाता है। जैसे राजस्थान में माऊंट आबू के निकट Toad Rock |

(ii) रासायनिक अपक्षय (Chemical Weathering): ऑक्सीजन, कार्बन, हाइड्रोजन गैसों के प्रभाव से चट्टानों के खनिजों व रासायनिक तत्त्वों में परिवर्तन हो जाता है। चट्टानें ढीली पड़ जाती हैं पर अलग-अलग नहीं होतीं। इसे अपघटन (Decomposition) कहते हैं। यह रासायनिक अपक्षय कई प्रकार से होता है।
1. ऑक्सीकरण (Oxidation):
चट्टानों के लोहे के खनिज के साथ ऑक्सीजन मिलने से चट्टानों को जंग (Rust) लग जाता है तथा भुर भुर कर नष्ट हो जाती हैं। यह क्रिया लोहे को जंग लगने के समान है। ऑक्सीजन की कमी के कारण न्यूनीकरण (Reduction) की क्रिया आरम्भ हो जाती है। इस क्रिया से लोहे का लाल रंग हरे या आसमानी धूसर रंग में बदल जाता है।

2. कार्बोनेटीकरण (Carbonation ):
जल में विलय कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon dioxide) तथा जल मिलकर चूने का पत्थर जिप्सम संगमरमर को घुला डालते हैं। चट्टानों के नष्ट होने के कारण गुफायें बनती हैं।

3. जलयोजन (Hydration):
हाइड्रोजन गैस से मिला हुआ जल चट्टानों को भारी बना देता है। दबाव के कारण चट्टानें भीतर ही भीतर पिस कर चूर्ण बन जाती हैं। जबलपुर की पहाड़ियों में कैयोलिन (Kaolin) का जन्म इसी प्रकार फैल्सपार (Felspar) चट्टानों के अपघटन से हुआ है ।

4. घोलीकरण (Solution ):
पानी कई खनिजों को घुला देता है। यह खनिज घुल कर चट्टानों से बह जाते हैं। जैसे चूना मिट्टी में से घुल कर निकल जाता है। भारत में केरल प्रदेश में लेटेराइट ( Laterite) मिट्टी इसी प्रकार बनी है।

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प्रश्न 2.
विभिन्न प्रकार के बृहत्-क्षरण (Mass Wasting) की व्याख्या करो।
उत्तर:
बृहत्-क्षरण (Mass Wasting ):
गुरुत्वाकर्षण बल निरन्तर मृदा, रेगोलिथ तथा आधार – शैलों पर क्रियाशील रहता है। जहां भी धरातल ढलुआ होता है, गुरुत्वाकर्षण बल ढाल से नीचे की ओर पृष्ठ के समानांतर संचलित होता है। प्रत्येक कण ढालों के साथ ऊपर से नीचे लुढ़कने या सरकने की प्रवृत्ति रखता है और ऐसा होता भी है, जब अनुढाल बल घर्षण अधिक हो जाता है। बृहत्-क्षरण के प्रकार (Types of Mass Wasting ): बृहत्-क्षरण के रूप प्रलयकारी अवसर्पण से लेकर जल-संतृप्त मृदा के मंद प्रवाह तक हो सकते हैं। इसके विभिन्न प्रकार हैं:

  1. शैलों का गिरना,
  2. लरज़ कर गिर पड़ना,
  3. स्खलन,
  4. प्रवाह।

1. मृदा सर्पण (Soil Crecp):
पर्वतीय ढालों का ध्यानपूर्वक निरीक्षण करने पर अक्सर इस बात के प्रमाण मिलते हैं कि मृदा लंबे काल से पर्वत ढाल के सहारे अति मंद गति से नीचे की ओर निरन्तर संचलित हो रही है। इस घटना को मृदा सर्पण कहते हैं। यह अपरूपण का प्रभाव है, जो शैलों में अनगिनत संधि विभागों और संस्तरणों या विदलन पृष्ठों के साथ – साथ वितरित हैं।
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2. मृदा प्रवाह (Earth Flow):
आर्द्र जलवायु वाले पर्वतीय तथा पहाड़ी क्षेत्रों में जल-संतृप्त मिश्रित मृदा तथा मृत्तिका खनिजों में धनी रेगोलिथ मृदा-प्रवाह का रूप लेते हैं। मृदा प्रवाह एक प्रकार का बृहत्-क्षरण है, जिसमें भूपदार्थ का आचरण सुघट्य ठोस जैसा होता है। वृक्ष विहीन टुंड्रा प्रदेश में मृदा प्रवाह का आर्कटिक प्रकार अंग्रेज़ी में सॉलीफ्लक्शन कहलाता है परन्तु हिन्दी में यह मृदा सर्पण ही कहलाता है।
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3. पंक प्रवाह (Mud Flow):
यदि खनिज पदार्थों के अनुपात में जल की मात्रा अधिक होती है, तो यह बृहत्-क्षरण पंक प्रवाह का रूप ले लेता है। यह नदी मार्गों में तेज़ी के साथ यात्रा करता है। पंक प्रवाह उच्च पर्वतों पर भी उत्पन्न होता है, जहां सर्दियों में एकत्र हिम पिघल कर मृत्तिका समृद्ध अपक्षयित शैल को उठा लेता है।

4. शैल स्खलन (Land Slide ):
सीधे शैल- भृगु के किनारे भौतिक अपक्षय की प्रक्रिया शैल को अदृढ़ बना देती है। जब गुरुत्वाकर्षण बल उन्हें नीचे लाता है, तो इसे शैलपात का नाम दिया जाता है। गिरते हुए शैल खंड टूटकर छोटे-छोटे टुकड़ों में बदल जाते हैं और ऐसी ढाल का निर्माण करते हैं, जिस पर अदृढ़ पदार्थ बिखरे पड़े रहते हैं, जिन्हें शैल मलबा जुड़े हुए खंडों का संचालन पात क्षेत्र स्तर का नीचे की ओर मुड़ना बाड़, स्मृति पत्थर और तार के स्तम्भों का झुकना टूटी हुई शेष दीवारें मृदा सर्पण क्षेत्र कगार स्खलन आधार शैल क्षेत्र पात कहते हैं। एक शैल खंड का अकेले धरातल पर नीचे लुढ़कना शैल स्खलन कहलाता है। जब कोई अकेला शैल खंड अपने क्षैतिज अक्ष पर पीछे की ओर सर्पिल होकर एक वक्र विभंग’ तल पर लुढ़कता है तो उसे अवसर्पण कहते हैं।
JAC Class 11 Geography Important Questions Chapter 6 भू-आकृतिक प्रक्रियाएँ  3

JAC Class 11 Geography Important Questions Chapter 5 खनिज एवं शैल

Jharkhand Board JAC Class 11 Geography Important Questions Chapter 5 खनिज एवं शैल Important Questions and Answers.

JAC Board Class 11 Geography Important Questions Chapter 5 खनिज एवं शैल

बहु-विकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)

प्रश्न-दिए गए प्रश्नों के चार वैकल्पिक उत्तरों में से सही उत्तर चुनकर लिखें
1. निम्नलिखित में से कौन-सी शैल आग्नेय शैल है?
(A) कोयला
(B) क्वार्ट्ज़
(C) बेसाल्ट
(D) संगमरमर।
उत्तर:
(C) बेसाल्ट।

2. संगमरमर किस प्रकार की शैल है?
(A) आग्नेय
(B) तलछटी
(C) परिवर्तित
(D) अवसादी।
उत्तर:
(C) परिवर्तित।

3. आग्नेय चट्टानों में निम्नलिखित में से कौन-सी विशेषता है?
(A) परतें
(B) कण
(C) तलछट
(D) रवे।
उत्तर:
(D) रवे।

4. निम्नलिखित में से कौन-सी रूपान्तरित चट्टान है?
(A) संगमरमर
(B) बेसाल्ट
(C) पीट
(D) बलुआ पत्थर।
उत्तर:
(A) संगमरमर।

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5. निम्नलिखित में से कौन-सी चट्टान संगमरमर का मूल रूप है?
(A) बेसाल्ट
(B) ग्रेनाइट
(C) चूने का पत्थर
(D) शैल।
उत्तर:
चूने का पत्थर।

6. भूपर्पटी का निर्माण करने वाले पदार्थों को कहते हैं
(A) चट्टानें
(B) खनिज
(C) धातुएं
(D) लावा।
उत्तर:
(A) चट्टानें।

7. भूपर्पटी के नीचे पाए जाने वाले अत्यन्त गर्म तथा पिघले हुए पदार्थ को कहते हैं
(A) लावा
(B) मैग्मा
(C) रायोलाइट
(D) गैब्रो।
उत्तर:
मैग्मा।

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8. आग्नेय चट्टानों की रचना होती है
(A) अधिक दबाव से
(B) मैग्मा तथा लावा के ठोस बनने से
(C) टूटे हुए रवों के मिल जाने से
(D) नदियों के निक्षेप से।
उत्तर:
(B) मैग्मा तथा लावा के ठोस बनने से।

9. पहले से बनी चट्टानों के असंगठित तथा टूटे हुए रवों से बनती हैं
(A) अवसादी चट्टानें
(B) जैव चट्टानें
(C) आग्नेय चट्टानें
(D) रूपांतरित चट्टानें।
उत्तर:
अवसादी चट्टानें।

10. निम्नलिखित में से कौन-सी रूपान्तरित चट्टान है?
(A) ग्रेनाइट
(B) ग्रेफाइट
(C) ग्रिट
(D) गैब्रो।
उत्तर:
ग्रेफाइट।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
स्थलमण्डल में पाये जाने वाझले दो तत्त्वों के नाम लिखो।
उत्तर:
सिलिकॉन तथा एल्यूमीनियम।

प्रश्न 2.
चट्टान से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
स्थलमण्डल के कठोर खनिज।

प्रश्न 3.
चट्टानों के रंग तथा कठोरता किन तत्त्वों पर निर्भर करते हैं?
उत्तर:
खनिजों की रचना।

प्रश्न 4.
चट्टानों से प्रभावित एक वस्तु का नाम लिखो।
उत्तर:
भू-आकार।

प्रश्न 5.
चट्टानों की तीन मुख्य किस्मों के नाम लिखो।
उत्तर:

  1. आग्नेय चट्टानें
  2. अवसादी या तलछटी चट्टानें
  3. रूपांतरित चट्टानें।

प्रश्न 6.
IGNEOUS शब्द का क्या अर्थ है?
उत्तर:
यह लेटिन शब्द Ignis से बना है। (अर्थ अग्नि है)।

प्रश्न 7.
लावा पृथ्वी के धरातल पर तेजी से क्यों ठण्डा हो जाता है?
उत्तर:
वायुमण्डल के सम्पर्क में होने के कारण।

प्रश्न 8.
बाह्य आग्नेय चट्टान की एक उदाहरण दो।
उत्तर:
बसॉल्ट।

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प्रश्न 9.
स्थिति के आधार पर आग्नेय चट्टानों के दो प्रकार लिखो।
उत्तर:
बाह्य तथा भीतरी चट्टानें।

प्रश्न 10.
उत्पत्ति के आधार पर आग्नेय चट्टानें कौन-कौन सी होती हैं?
उत्तर:
ज्वालामुखी चट्टानें तथा पातालीय चट्टानें।

प्रश्न 11.
पातालीय शब्द कहां से बना?
उत्तर:
यह शब्द (Pluto) से बना जिसका अर्थ पाताल देवता है।

प्रश्न 12.
बसॉल्ट में रवे क्यों नहीं होते?
उत्तर:
लावा के तेज़ी से ठण्डा होने के कारण।

प्रश्न 13.
पातालीय चट्टानों की एक उदाहरण दें।
उत्तर:
ग्रेनाइट।

प्रश्न 14, ग्रेनाइट में बड़े रवे क्यों होते हैं?
उत्तर:
मैग्मा के धीरे-धीरे ठण्डा होने के कारण।

प्रश्न 15.
Sedimentary शब्द किस शब्द से बना है?
उत्तर;
Sadimentum शब्द से, जिसका अर्थ है नीचे बैठना।

प्रश्न 16.
अवसादी चट्टानों के लिये निक्षेप करने वाले कार्यकर्ता बताओ।
उत्तर:
नदी, वायु, ग्लेशियर।

प्रश्न 17.
तलछट को कठोर बनाने में किस तत्त्व का योगदान है?
उत्तर:
सिलिका, कैल्साइट आदि संयोजक पदार्थ।

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प्रश्न 18.
बनावट के आधार पर अवसादी चट्टानों की तीन किस्में कौन-कौन सी हैं?
उत्तर:

  1. यांत्रिक क्रिया द्वारा
  2. रासायनिक क्रिया द्वारा
  3. जैविक क्रिया द्वारा।

प्रश्न 19.
कार्बन प्रधान चट्टान की एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
कोयला।

प्रश्न 20.
कोयले की विभिन्न किस्मों के नाम लिखो।
उत्तर:
पीट लिग्नाइट, बिटुमिनस तथा एंथ्रासाइट।

प्रश्न 21.
चूना प्रधान चट्टानों की दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
चाक तथा चूने का पत्थर।

प्रश्न 22.
अवसादी चट्टानों में पाये जाने वाले दो फ़ॉसिल ईंधन बताएं।
उत्तर:
कोयला तथा पेट्रोलियम।

प्रश्न 23.
रासायनिक क्रिया द्वारा निर्मित दो चट्टानों के नाम लिखो।
उत्तर:
जिप्सम तथा चट्टानी नमक।

प्रश्न 24.
रूपांतरित शब्द का क्या अर्थ है?
उत्तर:
रूप में परिवर्तन।

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प्रश्न 25.
चट्टानें अपना रंग तथा रचना क्यों बदल लेती हैं?
उत्तर:
ताप तथा दबाव के कारण।

प्रश्न 26.
चट्टानें कितनी प्रकार की होती हैं?
उत्तर:
तीन:

  1. अवसादी
  2. आग्नेय
  3. कायान्तरित।

प्रश्न 27.
पैंसिल का सिक्का किस चट्टान से बनता है?
उत्तर:
ग्रेफाइट।

प्रश्न 28.
किन चट्टानों को प्राथमिक चट्टानें कहा जाता है?
उत्तर:
आग्नेय चट्टानें।

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
स्थल मण्डल किसे कहते हैं? स्थल मण्डल की कितनी गहराई तक चट्टानें पाई जाती हैं?
उत्तर:
स्थल मण्डल (Lithosphere) का अर्थ है चट्टानों का परिमण्डल। पृथ्वी की बाहरी ठोस पर्त को भूपर्पटी (Crust) कहते हैं। यह क्षेत्र चट्टानों का बना हुआ है। धरातल से लगभग 16 कि०मी० की गहराई तक स्थल मण्डल में चट्टानें पाई जाती हैं।

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प्रश्न 2.
शैल (Rock) की परिभाषा दो।
उत्तर:
भू-पृष्ठ (Crust) का निर्माण करने वाले सम्पूर्ण ठोस जैव एवं अजैव पदार्थों को शैल (चट्टान) कहते हैं। (“Any natural, solid organic or inorganic material out of which the crust is formed is called a Rock.”) शैल ग्रेनाइट की भान्ति कठोर या पंक की भान्ति नरम भी हो सकती है। भू-पृष्ठ शैलों का बना हुआ है। शैल की रचना कई खनिज पदार्थों के मिलने से होती है। कुछ शैल ऐसे भी हैं जिनमें एक ही प्रकार के खनिज पाए जाते हैं। खनिज पदार्थों की विभिन्न मात्रा के कारण ही हर शैल की कोमलता या कठोरता, रंग-रूप, गुण व शक्ति अलग-अलग होती है।

प्रश्न 3.
खनिज की परिभाषा दें।
उत्तर:
शैलों की रचना पदार्थों के इकट्ठा होने से होती है। खनिज प्राकृतिक रूप में पाया जाने वाला एक अजैव तत्त्व (Inorganic element) या यौगिक (Compound) है। इसकी एक निश्चित रासायनिक रचना होती है। इसके संघटन में आण्विक संरचना पाई जाती है। इसके भौतिक गुण भी निश्चित होते हैं । अतः खनिज प्रकृति में पाये जाने वाले रासायनिक पदार्थ हैं। ये पदार्थ तत्त्व भी हो सकते हैं और यौगिक भी।

प्रश्न 4.
शैल निर्माणकारी खनिज किसे कहते हैं?
उत्तर:
पृथ्वी पर लगभग 2000 प्रकार के खनिज पाए जाते हैं, परन्तु इनमें से केवल 12 खनिज ही मुख्य रूप से भू-पृष्ठ की शैलों का निर्माण करते हैं। इन खनिजों को शैल निर्माणकारी खनिज ( Rock forming Minerals) कहते हैं। इन खनिजों में सिलिकेट सब से महत्त्वपूर्ण एवं प्रधान होता है । इन शैलों में सबसे सामान्य खनिज क्वार्टज़ (Quartz) पाया जाता है।

प्रश्न 5.
खनिज कितने तत्त्वों से बनते हैं? मुख्य तत्त्व कौन-से हैं? सिलिका तथा चूने के कार्बोनेट में कौनतत्त्व हैं?
उत्तर:
सामान्य खनिज 8 मुख्य तत्त्वों (Elements) से बनते हैं। इनमें से सिलिकेट, कार्बोनेट, ऑक्साइड तत्त्वों की मात्रा अधिक है। भू-पटल के खनिजों में 87% खनिज सिलिकेट हैं । सिलिका में 2 तत्त्व हैं – सिलिकॉन तथा ऑक्सीजन । चूने के कार्बोनेट में 3 तत्त्व हैं – कैल्शियम, कार्बन, ऑक्सीजन ।

प्रश्न 6.
‘चट्टानें पृथ्वी के इतिहास के पृष्ठ हैं ।’ व्याख्या करें।
उत्तर:
चट्टानें पृथ्वी के भू-वैज्ञानिक इतिहास के बारे में जानकारी प्रदान करती हैं। इसमें पाये जाने वाले खनिज तथा इनसे बनी मिट्टी प्राकृतिक वातावरण का एक महत्त्वपूर्ण अंग है । चट्टानों की तहों में जीव-जन्तु और वनस्पतियों के अवशेष सुरक्षित रहते हैं। ये जीवावशेष इन चट्टानों की उत्पत्ति व समय के बारे में जानकारी देते हैं। इसलिये कहा जाता है, ” चट्टानें पृथ्वी के इतिहास के पृष्ठ हैं तथा जीवावशेष उसके अक्षर हैं।” (“Rocks are the pages of Earth History and Fossils are the writing on it.”)

प्रश्न 7.
पृथ्वी की पर्पटी में कौन से प्रमुख तत्त्व हैं?
उत्तर:
पृथ्वी विभिन्न तत्त्वों से बनी हुई है। इनकी बाहरी परत पर ये तत्त्व ठोस रूप में और आंतरिक परत में ये गर्म एवं पिघली हुई अवस्था में पाये जाते हैं। पृथ्वी के सम्पूर्ण पर्पटी का लगभग 98 प्रतिशत भाग आठ तत्त्वों, जैसे ऑक्सीजन, सिलिकान, एल्यूमीनियम, लोहा, कैल्शियम, सोडियम, पोटाशियम तथा मैग्नीशियम से बना है तथा शेष भाग टाइटेनियम, हाइड्रोजन, फॉस्फोरस, मैंगनीज, सल्फर, कार्बन, निकिल एवं अन्य पदार्थों से बना है।

सारणी पृथ्वी के पर्पटी के प्रमुख तत्त्व:

पदार्थवज्रन के अनुसार $(\%)$
1. ऑक्सीजन46.60
2. सिलिकन27.72
3. एल्यूमीनियम8.13
4. लौह5.00
5. कैल्शियम3.63
6. सोडियम2.83
7. पोटैशियम2.59
8. मैग्नीशियम2.09
9. अन्य1.41

प्रश्न 8.
धात्विक तथा अधात्विक खनिजों में अन्तर स्पष्ट करो।
उत्तर:
धात्विक खनिज-इनमें धातु तत्त्व होते हैं, तथा इनको तीन प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है।
(क) बहुमूल्य धातु-स्वर्ण, चांदी, प्लैटिनम आदि।
(ख) लौह धातु-लौह एवं स्टील के निर्माण के लिए लोहे में मिलायी जाने वाली अन्य धातुएं।
(ग) अलौहिक धातु-इनमें ताम्र, सीसा, जिंक, टिन, एल्यूमीनियम आदि धातु शामिल होते हैं।
अधात्विक खनिज-इनमें धातु के अंश उपस्थित नहीं होते हैं। गंधक, फॉस्फेट तथा नाइट्रेट अधात्विक खनिज हैं। सीमेंट अधात्विक खनिजों का मिश्रण है।

JAC Class 11 Geography Important Questions Chapter 5 खनिज एवं शैल

प्रश्न 9.
रवों (Crystals) का निर्माण किस तत्त्व पर निर्भर करता है?
उत्तर:
पिघले हुए लावा के ठण्डा होने से रवों का निर्माण होता है । रवों का आकार छोटा या बड़ा हो सकता है। रवों का आकार मैग्मा के शीतलन (rate of cooling of magma) की क्रिया पर निर्भर करता है। धरातल पर शीघ्र ही ठण्डा होने के कारण धरातल पर बनने वाले रवों का आकार छोटा होता है। इनका गठन कांच जैसा होता है, जैसे बेसॉल्ट। मैग्मा के शीतलन की क्रमिक क्रिया से बड़े-बड़े रवों का निर्माण होता है। मैग्मा के धीरे-धीरे ठण्डा होने से पातालीय चट्टानों में बड़े आकार के रवों या मोटे दोनों वाले गठन का निर्माण होता है, जैसे ग्रेनाइट।

प्रश्न 10.
दक्कन ट्रैप (Deccan Trap) से क्या अभिप्राय है? इसका क्या महत्त्व है?
उत्तर:
भारतीय प्रायद्वीप के उत्तर-पश्चिमी भाग में बसाल्ट चट्टानों से ढके हुये विशाल क्षेत्र को दक्कन ट्रैप कहते हैं। इस क्षेत्र का विस्तार लगभग 5,00,000 वर्ग कि०मी० है। इन चट्टानों के अपक्षरण से उपजाऊ काली मिट्टी का निर्माण हुआ है जिसे ‘रेगर’ (Regur) मिट्टी कहते हैं। यह मिट्टी कपास की कृषि के लिये उत्तम है।

प्रश्न 11.
आग्नेय चट्टानों को प्राथमिक चट्टान क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
आग्नेय चट्टानें पृथ्वी पर सबसे प्राचीन चट्टानें हैं। आरम्भ में पृथ्वी पर मूल पदार्थ मैग्मा (Magma) पिघली हुई अवस्था में था। इस मैग्मा के ठण्डा तथा ठोस होने से आग्नेय चट्टानों का निर्माण हुआ। इस प्रकार पृथ्वी पर सर्वप्रथम बनने के कारण इन्हें प्राथमिक चट्टानें (Primary rocks) कहा जाता है। इसके पश्चात् दूसरी चट्टानों का निर्माण आग्नेय चट्टानों से प्राप्त तलछट से हुआ।

प्रश्न 12.
तलछटी चट्टानों में जीवावशेष (Fossils) सुरक्षित रहते हैं जबकि आग्नेय चट्टानों में नहीं। क्यों?
उत्तर:
जीवावशेष वनस्पति तथा जीव-जन्तुओं के बचे-खुचे भाग होते हैं। तलछटी चट्टानें परतों में पाई जाती हैं। इन परतों के बीच ये जीवावशेष सुरक्षित रहते हैं। ये जीवावशेष इन चट्टानों की उत्पत्ति के समय का ज्ञान देते हैं । आग्नेय चट्टानों में पर्ते नहीं पाई जातीं । आग्नेय चट्टानों के निर्माण में गर्म मैग्मा के कारण ये अवशेष झुलस जाते हैं तथा नष्ट हो जाते हैं।

प्रश्न 13.
खनिज संसाधनों का वर्गीकरण कीजिए।
उत्तर:
खनिज संसाधनों को पाँच प्रमुख निम्नलिखित वर्गों में रखा गया है

  1. लौह धातु-खनिज जिसमें लोहे का अंश होता है। जैसे-लोहा अयस्क, निकल, कोबाल्ट आदि।
  2. अलौह धातु-खनिज जिसमें लौह अयस्क के अलावा धातुएं पाई जाती हैं। जैसे-तांबा, सीसा, जस्ता व बॉक्साइट।
  3. बहुमूल्य खनिज-ऐसे खनिज जिनका आर्थिक मूल्य उच्च होता है। जैसे–सोना, चाँदी आदि।
  4. अधात्विक खनिज-यह वे खनिज हैं जिसमें धातुएं नहीं पाई जाती हैं। जैसे-अभ्रक, नमक, पोटाश, सल्फर आदि।
  5. ऊर्जा खनिज-ऐसे खनिज जो ऊर्जा उपलब्ध करवाते हैं। जैसे-कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस आदि।

निबन्धात्मक प्रश्न (Essay Type Questions)

प्रश्न 1.
खनिजों का आर्थिक महत्त्व बताओ।
उत्तर:
खनिज संसाधनों को चार प्रमुख वर्गों में बांटा जा सकता है आवश्यक संसाधन, ऊर्जा संसाधन, धातु संसाधन तथा औद्योगिक संसाधन इनमें से सर्वाधिक आधारभूत वर्ग, आवश्यक संसाधन वर्ग है, जिसमें मृदा तथा जल शामिल है। ऊर्जा संसाधन को जीवाश्मी ईंधन (कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, कोयले, शैल तेल तथा तारकोल, बालू) तथा परमाणु ईंधन (यूरेनियम, थोरियम एवं भूतापीय ऊर्जा ) में विभक्त किया जा सकता है धात्विक संसाधनों में, संरचनात्मक धातुओं जैसे लोहा, एल्यूमीनियम एवं टिटैनियम से लेकर अलंकारी एवं औद्योगिक धातुएं जैसे- सोना, प्लैटिनम तथा सैलियम शामिल हैं।

औद्योगिक खनिजों में 30 से अधिक वस्तुएं (पण्य) सम्मिलित हैं जैसे- नमक, एस्बेस्टास तथा बालू खनिज निक्षेपों की दो भू-वैज्ञानिक विशेषताएं हैं जो आधुनिक सभ्यता के लिए चुनौती उपस्थित करती हैं। प्रथम लगभग सभी संसाधन नवीकरण योग्य नहीं हैं। भू-वैज्ञानिक क्रियाएं, जिनके द्वारा इनका निर्माण होता है, बहुत धीरे-धीरे काम करती हैं, जबकि इनके दोहन की दर इससे काफ़ी अधिक है। खनिज निक्षेपों को उनके उपभोग की दर के बराबर पैदा करने की हमारी योग्यता तथा क्षमता होने की कोई संभावना नहीं है। द्वितीय खनिज निक्षेपों की महत्ता स्थानबद्ध है। हम यह निर्धारित नहीं कर सकते कि कहां इनका दोहन किया जाए। प्रकृति हमारे लिए यह निर्णय उसी समय लेती है, जबकि इनका निक्षेपण होता है

JAC Class 11 Geography Important Questions Chapter 5 खनिज एवं शैल

प्रश्न 2.
आग्नेय चट्टानों तथा तलछटी चट्टानों में अन्तर बताओ
उत्तर:

आग्नेय चट्टानें (Igneous Rocks)तलछटी चट्टानें (Sedimentary Rocks)
1. रूप-ये चट्टानें ढेरों (Bulks) में पाई जाती हैं।1. ये चट्टानें परतों (Layers) में पाई जाती हैं।
2. कारण-इन चट्द्रानों में चपढे तल वाले रवे (Crystals) मिलते हैं।2. इन चट्टानों में विभिन्न आकार के गोल कण (Particles) मिलते हैं।
3. रचना-ये चट्टानें लावा (Magma) के ठण्डा व ठोस होने से बनती हैं ।3. ये चट्टानें तलछट (Sediments) की परतों के निरन्तर जमाव से बनती हैं।
4. कठोरता-ये चट्यनें कठोर होती हैं।4. ये चट्टानें नर्म होती हैं।
5. अवशेष-इनमें जीव-अवशेष (Fossils) नहीं पाए जाते ।5. इन चट्टानों में जीव अवशेष सुरक्षित रहते हैं।
6. निर्माण काल-सर्व-प्रथम बनने के कारण इन्हें प्राथमिक चट्टानें (Primary Rocks) भी कहते हैं।6. आग्नेय चट्टानों के क्षय के बाद में बनने के कारण इन्हें गौण चट्टानें (Secondary Rocks) भी कहते हैं।
7. अपरदन-इन चट्टानों पर ॠतु प्रहार कम होता है।7. ये चट्टानें ऋतु प्रहार से शीघ्र टूट जाती हैं।
8. खण्ड-इनमें जोड़ (Joints) पाए जाते हैं।8. इनमें जोड़ नहीं पाए जाते।
9. आग्नेय चद्टानें अप्रवेशीय (Imprevious) होती हैं।9. ये अधिकतर प्रवेशीय (Previous) होती हैं।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण वाच्य

Jharkhand Board JAC Class 10 Hindi Solutions Vyakaran वाच्य Questions and Answers, Notes Pdf.

JAC Board Class 10 Hindi Vyakaran वाच्य

प्रश्न 1.
वाच्य किसे कहते हैं ?
उत्तर :
सामान्य रूप से वाच्य का शाब्दिक अर्थ होता है-‘बोलने योग्य’ या ‘जो बोलने का विषय हो’। इसे किसी बात को कहने का ढंग भी माना जा सकता है जिसके द्वारा कोई व्यक्ति अपनी किसी बात के बिंदु को प्रमुखता से स्पष्ट करता है। वाच्य इस बात को प्रकट करता है कि कोई किस कथ्य बिंदु को अधिक महत्व दे रहा है- वह कर्ता है, कर्म है या क्रिया- भाव है। जैसे –

आद्या नाच रही है।
इस वाक्य में ‘नाचना’ क्रिया का प्रधान कथ्य बिंदु है तथा आद्या कर्ता है इसलिए यह कर्तृवाच्य वाक्य है।

सचिन द्वारा बॉल को हिट मारी जा रही है।
इस वाक्य में कथ्य बिंदु ‘बॉल’ कर्म है इसलिए यह कर्मवाच्य है।

आप से खाया नहीं जा रहा।
इस वाक्य में ‘खाया जाना’ (क्रिया भाव) कथ्य बिंदु है इसलिए यह भाववाच्य वाक्य है।
अंतः क्रिया के जिस रूप यह पता लगे कि क्रिया का मुख्य विषय क्या है-कर्ता, कर्म या भाव; उसे वाच्य कहते हैं।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण वाच्य

प्रश्न 2.
वाच्य के भेदों का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
वाच्य के तीन भेद होते हैं – 1. कर्तृवाच्य 2. कर्मवाच्य 3. भाववाच्य
1. कर्तृवाच्य – जिस वाक्य में कर्ता प्रधान होता है, उसे कर्तृवाच्य कहते हैं। इसमें क्रिया कर्ता के अनुसार आती है। जैसे –
राम पढ़ रहा है।
सिपाही घूम रहा है।
इन वाक्यों में राम, सिपाही प्रधान कर्ता हैं इसलिए ये कर्तृवाच्य वाक्य हैं।

2. कर्मवाच्य – जिस वाक्य में कर्म की प्रधानता हो, उसे कर्मवाच्य कहते हैं। इसमें क्रिया कर्म के अनुसार आती है। इसमें वाक्य का उद्देश्य कर्म होता है और मुख्य क्रिया सकर्मक होती है। इसकी क्रिया में एक से अधिक क्रियापद होते हैं। जैसे गणेश से पेन से लिखा जा रहा है।
रीना से चाय पी जाती है।

3. भाववाच्य – जिस वाक्य में भाव की प्रधानता होती है, उसे भाववाच्य कहते हैं। भाववाच्य की क्रिया सदा अन्य पुरुष, पुल्लिंग और एकवचन में रहती है। इसमें कर्ता और कर्म की प्रधानता नहीं होती। वास्तव में भाववाच्य में अकर्मक क्रिया का कर्मवाच्य ही भाववाच्य होता है। जैसे –
हमसे अब भागा नहीं जाता।
लक्ष्मी से अब गाया नहीं जाता।

विशेष – प्रायः विवशता / असमर्थता प्रकट करने के लिए नहीं के साथ भाववाच्य का प्रयोग किया जाता है। जैसे –

  • दिनभर कैसे भूखा रहा जाएगा ?
  • अब तो उनसे खड़ा भी नहीं हुआ जा रहा।

जहाँ ‘नहीं’ का प्रयोग नहीं होता वहाँ कर्ता जन सामान्य होता है। जैसे –

  • चलो, ज़रा टहला जाए।
  • अब तो खिसका जाए।
  • धुंध में भीतर ही बैठा जाता है।

वाच्य की दृष्टि से वाक्य परिवर्तन –

1. कर्तृवाच्य से कर्मवाच्य बनाना –

कर्तृवाच्य में कर्ता और कर्म अपने शुद्ध रूप में प्रयुक्त होते हैं, पर कर्तृवाच्य में कर्ता के साथ करण कारक का चिह्न से के द्वारा लगाया जाता है, और कर्म में प्रथमा विभक्ति का प्रयोग होता है व उसके साथ परसर्ग नहीं लगाया जाता है। क्रिया की धातु में या / ता जोड़ा जाता है तथा ‘जा’ धातु का कर्म के लिंग, वचन, काल तथा पुरुष के अनुसार प्रयोग किया जाता है। जैसे –

कर्मवाच्य – कर्तृवाच्य

  1. मैंने गाना गाया। – मुझ से गाना गाया गया।
  2. रेखा ने कहानी पढ़ी। – रेखा से कहानी पढ़ी गई।
  3. पिता ने पुत्र को पढ़ाया – पिता के द्वारा पुत्र को पढ़ाया गया।
  4. आप लिख नहीं सकते। – आप से लिखा नहीं जा सकता।
  5. राघव पतंग उड़ा रहा है। – राघव से पतंग उड़ाई जा रही है।
  6. मज़दूर वृक्ष काटेंगे। – मज़दूर द्वारा वृक्ष काटे जाएँगे।
  7. मैंने पत्र लिखा। – मुझसे पत्र लिखा गया।
  8. पूनम दूध पिएगी। – पूनम द्वारा दूध पिया जाएगा।
  9. अमित चाय पी रहा था। – अमित द्वारा चाय पी जा रही थी।
  10. सूरदास ने सूरसागर की रचना की। – सूरदास के द्वारा सूरसागर की रचना की गई।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण वाच्य

2. कर्तृवाच्य से भाववाच्य बनाना –

भाववाच्य में कर्म नहीं होता। इसमें कर्ता के आगे ‘से’, ‘द्वारा’, या ‘के द्वारा’ लगाया जाता है।
भाववाच्य बनाने के लिए कर्ता को करण कारक में बदला जाता है। अकर्मक धातु के सामान्य भूतकाल के रूप बनाकर अंत में ‘जा’ धातु के प्रथम पुरुष, पुल्लिंग और एकवचन का रूप लगाया जाता है। क्रिया पुल्लिंग अन्य पुरुष एकवचन में रहती है –

कर्तृवाच्य – भाववाच्य

  1. श्याम जागता है। – श्याम से जागा जाता है।
  2. राम नहीं रोता है। – राम से रोया नहीं जाता।
  3. राम तेज़ दौड़ा है। – राम से तेज़ दौड़ा जाता है।
  4. मैं सर्दियों में नहीं नहाता। – मुझसे सर्दियों में नहीं नहाया जाता।
  5. पक्षी आकाश में उड़ते हैं। – पक्षियों द्वारा आकाश में उड़ा जाता है।
  6. लड़की आँगन में सो रही थी। – लड़की के द्वारा आँगन में सोया जा रहा था।
  7. बच्चे खेलेंगे। – बच्चों से खेला जाएगा।
  8. हम वहाँ नहीं रहेंगे। – हमसे वहाँ नहीं रहा जाएगा।
  9. राजन दौड़ेगा। – राजन से दौड़ा जाएगा।
  10. बच्चा हँसता है। – बच्चे से हँसा जाता है।

3. कर्मवाच्य या भाववाच्य से कर्तृवाच्य बनाना –

कर्मवाच्य या भाववाच्य से कर्तृवाच्य बनाना ऊपर दी गई विधियों से ठीक विपरीत हैं। इसमें सामान्य भूतकाल क्रिया को मुख्य क्रिया में बनाया जाता है। कर्ता के साथ प्रयुक्त परसर्ग से / के द्वारा हटा दिए जाते हैं। इसमें रंजक क्रिया जा / जाना हटा दिया जाता है। जैसे –
कर्मवाच्य या भाववाच्य – कर्तृवाच्य

  1. गौरांग से भागा नहीं जाता। – गौरांग भाग नहीं सकता।
  2. रुचि से नाचा नहीं जाता। – रुचि नाच नहीं सकती।
  3. बूढ़ों से खेला नहीं जाता। – बूढ़े खेल नहीं सकते।
  4. नरेश द्वारा पुस्तक लिखी जाएगी। – नरेश पुस्तक लिखेगा।
  5. आओ, अब चला जाए। – आओ, अब चलें।
  6. उठो, अब खाया जाए। – उठो, अब खाएँ।
  7. सुरेखा से उठा नहीं जाता। – सुरेखा उठ नहीं सकती।
  8. अनुष्का से खाना नहीं पकाया जाता। – अनुष्का खाना नहीं पकाती।
  9. सुरेश से बैठा नहीं जाता। – सुरेश बैठ नहीं सकता।
  10. नूतन से चला नहीं जाता। – नूतन चल नहीं सकती।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण वाच्य

1. निम्नलिखित वाक्यों में वाच्य परिवर्तन कीजिए –

  1. बच्चे फूल तोड़ते हैं। (कर्मवाच्य)
  2. अनेक कवियों ने सुंदर कविताएँ लिखी हैं। (कर्मवाच्य)
  3. बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए सरकार द्वारा करोड़ों रुपये खर्च किए। (कर्तृवाच्य)
  4. सिपाही ने चोर को पकड़ा। (कर्मवाच्य)
  5. पक्षी आकाश में उड़ते हैं। (कर्मवाच्य)
  6. पुलिस द्वारा कल रात कई चोर पकड़े गए। (कर्तृवाच्य)
  7. भिखारिन सड़क पर जा रही थी। (भाववाच्य)
  8. अध्यापक ने विद्यार्थी को पढ़ाया। (कर्मवाच्य)
  9. पक्षी आकाश में उड़ेंगे। (भाववाच्य)
  10. राम पुस्तक पढ़ रहा है। (कर्मवाच्य)
  11. अध्यापक विद्यालय में शिक्षा देते हैं। (कर्मवाच्य)
  12. अध्यापक ने हमें आज नया पाठ पढ़ाया। (कर्मवाच्य)
  13. रोगी बिस्तर से उठ नहीं सकता। (भाववाच्य)
  14. मैं नहीं बैठ सकता। (कर्मवाच्य)
  15. मैं यह भाषा नहीं पढ़ सकूँगा। (भाववाच्य)

उत्तर :

  1. बच्चों से फूल तोड़ जाते हैं।
  2. अनेक कवियों द्वारा सुंदर कविताएँ लिखी गई हैं।
  3. बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए सरकार ने करोड़ों रुपये खर्च किए।
  4. सिपाही द्वारा चोर पकड़ा गया।
  5. पक्षियों द्वारा आकाश में उड़ा जाता है
  6. पुलिस ने कल रात कई चोर पकड़े।
  7. भिखारिन से सड़क पर जाया जा रहा था।
  8. अध्यापक द्वारा विद्यार्थी को पढ़ाया गया।
  9. पक्षियों से आकाश में उड़ा जाएगा।
  10. राम से पुस्तक पढ़ी जा रही है।
  11. अध्यापकों द्वारा विद्यालय में शिक्षा दी जाती है।
  12. अध्यापक द्वारा हमें आज नया पाठ पढ़ाया गया।
  13. रोगी द्वारा बिस्तर से उठा नहीं जाता।
  14. मुझसे यह भाषा पढ़ी नहीं जाएगी।
  15. मुझसे बैठा नहीं जाता।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण वाच्य

अभ्यास के लिए प्रश्नोत्तर –

(अ) निम्नलिखित वाक्यों में से कर्तृवाच्य संबंधी उचित विकल्प को चुनिए –

1. मेरे द्वारा पतंग नहीं उड़ाई जा सकती।
(क) मुझसे पतंग नहीं उड़ाई जा सकती।
(ख) मेरे द्वारा पतंग नहीं उड़ाई जा रही।
(ग) मैं पतंग नहीं उड़ाता।
(घ) मैं पतंग नहीं उड़ा सकता।
उत्तर :
(घ) मैं पतंग नहीं उड़ा सकता।

2. मुझ से निबंध नहीं लिखा गया।
(क) मैं निबंध नहीं लिख सकता।
(ख) मैंने निबंध नहीं लिखा।
(ग) मैं निबंध नहीं लिखता।
(घ) मैंने निबंध नहीं लिखा था।
उत्तर :
(ख) मैंने निबंध नहीं लिखा।

3. किसानों से खेतों की जुताई नहीं की जा रही।
(क) किसान खेतों की जुताई नहीं कर रहे।
(ख) किसान खेतों की जुताई नहीं कर पा रहे हैं।
(ग) किसानों ने खेत नहीं जोते।
(घ) किसान खेत नहीं जोत रहे हैं।
उत्तर :
(ख) किसान खेतों की जुताई नहीं कर पा रहे हैं।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण वाच्य

(आ) निम्नलिखित वाक्यों में से कर्मवाच्य संबंधी उचित विकल्प को चुनिए –

1. उन ठगों ने हमें ठग लिया।
(क) उन ठगों द्वारा हम ठग लिए गए।
(ख) उन ठगों द्वारा हम ठगे गए।
(ग) उन ठगों ने हमारे साथ ठगी कर ली।
(घ) उन ठगों से हम ठगे गए हैं।
उत्तर :
(क) उन ठगों द्वारा हम ठग लिए गए।

2. शेफ़ाली खाना पका रही है।
(क) शेफ़ाली से खाना पकाया जाएगा।
(ख) शेफ़ाली खाना पकाएगी।
(ग) शेफ़ाली द्वारा खाना पकाया गया।
(घ) शेफाली द्वारा खाना पकाया जा रहा है।
उत्तर :
(घ) शेफाली द्वारा खाना पकाया जा रहा है।

3. दीपा ग़ज़ल गा रही थी।
(क) दीपा से ग़ज़ल गाई जा रही है।
(ख) दीपा ग़ज़ल गाएगी।
(ग) दीपा द्ववारा ग़ज़ल गाई जा रही थी।
(घ) दीपा से ग़ज़ल गाई गई थी।
उत्तर :
(ग) दीपा द्वारा ग़ज़ल गाई जा रही थी।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण वाच्य

(इ) निम्नलिखित वाक्यों में से भाववाच्य संबंधी उचित विकल्प को चुनिए –

1. कौआ पेड़ पर काँव-काँव करता है।
(क) कौए से पेड़ पर काँव-काँव की जाती है।
(ख) कौए से पेड़ पर काँव-काँव की जाती रहेगी।
(ग) कौए के द्वारा पेड़ पर काँव-काँव किया जाता है।
(घ) कौए से पेड़ पर काँव-काँव होती है।
उत्तर :
(क) कौए से पेड़ पर काँव-काँव की जाती है।

2. मैं कल रात वहीं ठहरूँगा।
(क) मुझे कल रात वहीं ठहरना होगा।
(ख) मुझसे कल रात नहीं ठहरा जाएगा।
(ग) मेंरे द्वारा कल रात वहीं पर ठहरना होगा।
(घ) मेरा कल रात वहीं ठहरना होगा।
उत्तर :
(ख) मुझसे कल रात नहीं ठहरा जाएगा।

3. बच्चे चुप नहीं बैठ सकते।
(क) बच्चों से चुप नहीं बैठा जा सकता।
(ख) बच्चों से चुप नहीं बैठा जाता।
(ग) बच्चों से चुप बैठा नहीं जा सकता।
(घ) बच्चों से चुप नहीं हुआ जा सकता।
उत्तर :
(क) बच्चों से चुप नहीं बैठा जा सकता।

पाठ पर आधारित बहुविकल्पी प्रश्नोत्तर –

1. निर्देशानुसार उचित विकल्प चुनकर लिखिए –

(क) कर्मवाच्य में किसकी प्रधानता होती है-
(i) कर्ता की
(ii) कर्म की
(iii) क्रिया की
(iv) भाव की
उत्तर :
(ii) कर्म की

JAC Class 10 Hindi व्याकरण वाच्य

(ख) नीचे दिए वाक्यों में से कर्तृवाच्य वाला वाक्य है –
(i) कालिदास के नाटक खूब प्रस्तुत किए गए हैं।
(ii) उससे मंच तक नहीं पहुँचा जाएगा।
(iii) उससे तो उठा ही नहीं जाता।
(iv) बालिकाओं ने अच्छा कार्यक्रम प्रस्तुत किया।
उत्तर :
(iv) बालिकाओं ने अच्छा कार्यक्रम प्रस्तुत किया।

(ग) नीचे लिखे वाक्यों में से कर्मवाच्य वाला वाक्य है –
(i) तुम्हें उपहार दिया जाता है।
(ii) हम आपका समर्थन करते हैं।
(iii) आइए, चला जाए।
(iv) रेल मंत्री ने बुलेट ट्रेन चलाई।
उत्तर :
(i) तुम्हें उपहार दिया जाता है।

(घ) नीचे लिखे वाक्यों में से भाववाच्य वाला वाक्य छाँटिए-
(i) वह थकान के कारण सो गया।
(ii) आओ, सैर करने चले।
(iii) मुझसे उठा नहीं जाता।
(iv) यह किला राणा कुंभा के द्वारा बनाया गया है।
उत्तर :
(iii) मुझसे उठा नहीं जाता।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण वाच्य

(ङ) नीचे लिखे वाक्यों में से कर्मवाच्य वाला वाक्य है-
(i) सैनिक बढ़ते जा रहे थे।
(ii) जलेबियाँ बनाई जा रही हैं।
(iii) वह नदी में डूब गया।
(iv) ऑँधी से टॉवर गिर गया।
उत्तर :
(ii) जलेबियाँ बनाई जा रही हैं।

2. निर्देशानुसार उचित विकल्प चुनिए –

(क) कर्तृवाच्य ऐसा वाक्य होता है-
(i) जहाँ कर्म प्रधान होता है।
(ii) जहाँ कर्ता प्रधान होता है।
(iii) जहाँ भाव प्रधान होता है।
(iv) जहाँ अन्य पद प्रधान होता है।
उत्तर :
(ii) जहाँ कर्ता प्रधान होता है।

(ख) दिए गए वाक्यों में से कर्तृवाच्य वाला वाक्य है-
(i) तुमसे कार नहीं चलाई जाएगी।
(ii) सारे दिन कैसे सोया जाएगा?
(iii) तुम शोर क्यों मचाते हो?
(iv) चटनी खाई ही नहीं जा रही है।
उत्तर :
(iii) तुम शोक क्यों मचाते हो?

(ग) दिए गए वाक्यों में से कर्मवाच्य वाला वाक्य है-
(i) सेना ने आतंकियों को पकड़ लिया है।
(ii) बाढ़-पीड़ितों में राहत-सामग्री बाँटी जा रही है।
(iii) आइए, चला जाए।
(iv) वह रात-भर कैसे काम करता रहा?
उत्तर :
(ii) बाढ़ पीड़ितों में राहत सामग्री बाँटी जा रही है।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण वाच्य

(घ) दिए गए वाक्यों में से भाववाच्य का वाक्य है-
(i) अब हम गा नहीं पा रहे हैं।
(ii) अमेरिका ने मित्रता का हाथ बढ़ाया है।
(iii) यह पाठ एक दिन में पढ़ा जा सकता है।
(iv) क्या तुमसे इतनी देर तक पढ़ा जाएगा?
उत्तर :
(iv) क्या तुमसे इतनी देर तक पढ़ा जाएगा ?

(ङ) “तुमने अच्छी नीति अपनाई। ” वाक्य का कर्मवाच्य है-
(i) तुम अच्छी नीति अपना लेते हो।
(ii) तुमसे अच्छी नीति अपनाने की आशा थी।
(iii) तुम्हारे द्वारा क्या नीति अपनाई जाएगी?
(iv) तुम्हारे द्वारा अच्छी नीति अपनाई गई।
उत्तर :
(iv) तुम्हारे द्वारा अच्छी नीति अपनाई गई।

बोर्ड की परीक्षाओं में पूछे गए प्रश्नों के उत्तर

निर्देशानुसार वाच्य बदलिए –

1. (क) मैं सो नहीं सकता हूँ। (भाववाच्य में)
(ख) तुम्हें यहाँ किसने भेजा है ? (कर्मवाच्य में)
(ग) विद्व्वानों द्वारा जो कहा जाता है उसको सुना जाए। (कर्तृवाच्य में)
उत्तर :
(क) मेरे द्वारा सोया नहीं जा सकता है।
(ख) तुम यहाँ किसके द्वारा भेजे गए हो ?
(ग) विद्वान जो कहते हैं, उसे सुनो।

2. (क) दादा जी के द्वारा हम सबको पुस्तकें दी गई। (कर्तृवाच्य में)
(ख) उससे चला नहीं जाता। (कर्तृवाज्य्य में)
(ग) वह तो उठ भी नहीं सकती। (भाववाच्य में)
(घ) उन्होंने उछलकर डोर पकड़ ली। (कर्मवाच्य में)
उत्तर :
(क) दादा जी ने हम सबको पुस्तकें दी।
(ख) वह चल नहीं सकता।
(ग) उससे तो उठा भी नहीं जा सकता।
(घ) उनके द्वारा उछलकर डोर पकड़ ली गई।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण वाच्य

3. (क) तुलसीदास द्वारा ‘रामचरितमानस’ की रचना की गई। (कर्तृवाच्य में)
(ख) इतनी गरमी में कैसे बैठा जाएगा। (कर्तृवाच्य में)
(ग) हम इतना भार नहीं सह सकते। (कर्मवाच्य में)
(घ) अब राष्ट्रपति नहीं आएँगे। (भाववाच्य में)
उत्तर :
(क) तुलसीदास ने रामचरितमानस की रचना की।
(ख) इतनी गरमी में कैसे बैठेंगे।
(ग) हमारे द्वारा इतना भार नहीं सहा जा सकता।
(घ) अब राष्ट्रपति से नहीं आया जा सकेगा।

4. (क) भाईसाहब के द्वारा मुझे पतंग दी गई। (कर्तृवाच्य में)
(ख) आओ कहीं चला जाए। (कर्तृवाच्य में)
(ग) मेरी मित्र चल नहीं सकती। (भाववाच्य में)
(घ) मैंने समय की पाबंदी पर निबंध लिखा। (कर्मवाच्य में)
उत्तर :
(क) भाई साहब ने मुझे पतंग दी
(ख) आओ, कहीं चलें।
(ग) मेरी मित्र से चला नहीं जाता।
(घ) मेरे द्वारा समय की पाबंदी पर निबंध लिखा गया।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण वाच्य

5. (क) मेरे द्वारा समय की पाबंदी पर निबंध लिखा गया। (कर्तृवाच्य में)
(ख) मेरे मित्र से चला नहीं जाता। (कर्तृवाच्य में)
(ग) उनके सामने कौन बोल सकेगा ? (भाववाच्य में)
(घ) भाई साहब ने मुझे पतंग दी। (कर्मवाच्य में)
उत्तर :
(क) मैंने समय की पाबंदी पर निबंध लिखा।
(ख) मेरा मित्र नहीं चलता।
(ग) उनके सामने किससे बोला जा सकेगा ?
(घ) भाई साहब के द्वारा मुझे पतंग दी गई।

6. (क) राष्ट्रपति द्वारा इस भवन का उद्धाटन किया गया। (कर्तृवाच्य में)
(ख) हमसे इतना भार नहीं सहा जाता। (कर्तृवाच्य में)
(ग) इतनी गरमी में कैसे बैठ सकते हैं ? (भाववाच्य में)
(घ) तुलसीदास ने ‘रामचरितमानस’ की रचना की। (कर्मवाच्य में)
उत्तर :
(क) राष्ट्रपति ने इस भवन का उद्घाटन किया।
(ख) हम इतना भार नहीं सह सकते।
(ग) इतनी गरमी में कैसे बैठा जा सकता है ?
(घ) तुलसीदास द्वारा ‘रामचरितमानस’ की रचना की गई।

7. (क) उनके द्वारा उछलकर डोर पकड़ ली गई। (कर्तृवाच्य में)
(ख) उससे तो उठा भी नहीं जाता। (कर्तृवाच्य में)
(ग) मैं चल नहीं सकती। (भाववांच्य में)
(घ) दादा जी ने हम सबको पुस्तकें दीं। (कर्मवाच्य में)
उत्तर :
(क) उन्होंने उछलकर डोर पकड़ ली।
(ख) वह उठ नहीं सकते।
(ग) मुझसे उठा भी नहीं जा सकता।
(घ) दादा जी के द्वारा हम सबको पुस्तक दी गई।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण वाच्य

8. (क) कूजन कुंज में आस-पास के पक्षी संगीत का अभ्यास करते हैं। (कर्मवाच्य में)
(ख) श्यामा द्वारा सुबह-दोपहर के राग बखूबी गाए जाते हैं। (कर्तृवाच्य में)
(ग) दर्द के कारण वह चल नहीं सकती। (भाववाच्य में)
(घ) श्यामा के गीत की तुलना बुलबुल के सुगम संगीत से की जाती है। (कर्तृवाच्य में)
उत्तर :
(क) कूजन कुंज में आस-पास के पक्षियों द्वारा संगीत का अभ्यास किया जाता है।
(ख) श्यामा सुबह-दोपहर के राग बख़बी गाती है।
(ग) दर्द के कारण उससे चला नहीं जा सकता।
(घ) श्यामा के गीत की तुलना बुलबुल के सुगम संगीत से होती है।

9. (क) फुरसत में मैना खूब रियाज़ करती है। (कर्मवाच्य में)
(ख) फ़ाख़्ताओं द्वारा गीतों को सुर दिया जाता है। (कर्तृवाच्य में)
(ग) बच्चा साँस नहीं ले पा रहा था। (भाववाच्य में)
(घ) दो-तीन पक्षियों द्वारा अपनी-अपनी लय में एक साथ कूदा जा रहा था। (कर्तृवाच्य में)
उत्तर :
(क) फ़ुरसत में मैना द्वारा खूब रियाज किया जाता है।
(ख) फ़ाख़्ताएँ गीतों को सुर देती हैं।
(ग) बच्चे से साँस नहीं लिया जा रहा था।
(घ) दो-तीन पक्षी अपनी-अपनी लय में एक साथ कूद रहे थे।

10. (क) बुलबुल रात्रि विश्राम अमरूद की डाल पर करती है। (कर्मवाच्य में)
(ख) कुछ छोटे भूरे पक्षियों द्वारा मंच सँहाल लिया जाता है। (कर्तृवाच्य में)
(ग) वह रात भर कैसे जागेगी? (भाववाच्य में)
(घ) सात सुरों को इसने गज़ब की विविधता के साथ प्रस्तुत किया। (कर्मवाच्य में)
उत्तर :
(क) बुलबुल के द्वारा रात्रि विश्राम अमरूद की डाल पर किया जाता है।
(ख) कुछ छोटे भूरे पक्षी मंच संभाल लेते हैं।
(ग) उससे रात भर कैसे जागा जाएगा?
(घ) सात सुरों को इसके द्वारा गज़ब की विविधता के साथ प्रस्तुत किया गया।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण वाच्य

11. (क) मैनाओं ने गीत सुनाया। (कर्मवाच्य में)
(ख) माँ अभी भी खड़ी नहीं हो पाती। (भाववाच्य में)
(ग) बीमारी के कारण उससे उठा नहीं जाता। (कर्तृवाच्य में)
(घ) क्या अब चला जाए? (कर्तृवाच्य में)
उत्तर :
(क) मैनाओं के द्वारा गीत सुनाया गया।
(ख) माँ से अभी भी खड़ा नहीं हुआ जाता।
(ग) बीमारी के कारण वह नहीं उठता।
(घ) क्या अब चलें?

12. (क) मई महीने में शीला अग्रवाल को कॉलेज वालों ने नोटिस थमा दिया। (कर्मवाच्य में)
(ख) देशभक्तों की शहादत को आज भी याद किया जाता है। (कर्तृवाच्य में)
(ग) खबर सुनकर वह चल भी नहीं पा रही थी। (भाववाच्य में)
(घ) जिस आदमी ने पहले-पहल आग का आविष्कार किया होगा, वह कितना बड़ा आविष्कर्ता होगा।
(कर्तृवाच्य में)
उत्तर :
(क) मई महीने में शीला अग्रवाल को कॉलेज वालों के द्वारा नोटिस थमा दिया गया।
(ख) देशभक्तों की शहादत को आज भी याद करते हैं।
(ग) खबर सुनकर उससे चला भी नहीं जा पा रहा था।
(घ) जिस आदमी ने पहले-पहल आग का आविष्कार किया होगा, वह कितना बड़ा आविष्कर्ता होगा।

13. (क) अनेक पाठकों ने पुस्तक की सराहना की। (कर्मवाच्य में बदलिए)
(ख) पक्षी बाग छोड़कर नहीं उड़े। (भाववाच्य में बदलिए)
(ग) हर्षिता रोज़ अख़बार पढ़ती है। (कर्मवाच्य में बदलिए)
(घ) मेरे द्वारा समय की पाबंदी पर निबंध लिखा गया। (कर्तृवाच्य में बदलिए)
उत्तर :
(क) अनेक पाठकों द्वारा पुस्तक की सराहना की गई।
(ख) पक्षियों से बाग छोड़कर उड़ा नहीं गया।
(ग) हर्षिता द्वारा रोज़ अख़बार पढ़ा जाता है।
(घ) मैंने समय की पाबंदी पर निबंध लिखा।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण वाच्य

14. (क) बालगोबिन भगत प्रभातियाँ गाते थे। (कर्मवाच्य में बदलिए)
(ख) बीमारी के कारण वह यहाँ न आ सका। (भाववाच्य में बदलिए)
(ग) माँ के द्वारा बचपन में ही घोषित कर दिया गया था। (कर्तृवाच्य में बदलिए)
(घ) अवनि चाय बना रही है। (कर्मवाच्य में बदलिए)
(ङ) घायल हंस उड़ न पाया। (भाववाच्य में बदलिए)
उत्तर :
(क) बालगोबिन भगत के द्वारा प्रभातियाँ गाई जाती थीं।
(ख) बीमारी के कारण उससे यहाँ न आया गया।
(ग) माँ ने बचपन में ही घोषित कर दिया था।
(घ) अवनि द्वारा चाय बनाई जा रही है।
(ङ) घायल हंस से उड़ा न जा सका।

15. (क) गाँव की स्त्रियाँ बहू को चुप कराने की कोशिश कर रही हैं। (कर्मवाच्य में बदलिए)
(ख) भगत की संगीत साधना का चरम उत्कर्ष देखा गया। (कर्तृवाच्य में बदलिए)
(ग) नवाब साहब ने खीरे को धोकर पोंछ लिया। (कर्मवाच्य में बदलिए)
(घ) हम लोग क्लास छोड़कर बाहर नहीं आ सके। (भाववाच्य में बदलिए)
(ङ) भारत-रत्न हमको शहनाई पर दिया गया है, लुंगी पर नहीं। (कर्तृवाच्य में बदलिए)
उत्तर :
(क) गाँव की स्त्रियों के द्वारा बहू को चुप कराने की कोशिश की जा रही है।
(ख) भारत की संगीत साधना का चरम उत्कर्ष देखा।
(ग) नवाब साहब के द्वारा खीरे को धोकर पोछ लिया गया।
(घ) हम लोगों से क्लास छोड़कर बाहर नहीं आया गया।
(ङ) भारत-रत्न हमको शहनाई पर दिया है, लुंगी पर नहीं।

JAC Class 10 Hindi व्याकरण वाच्य

16. निर्देशानुसार वाच्य परिवर्तन कीजिए-
(क) नेताजी ने देश के लिए अपना सब कुछ त्याग दिया। (कर्मवाच्य में बदलिए)
(ख) दर्द के कारण वह खड़ा हीं नहीं हुआ। (भाववाच्य में बदलिए)
(ग) परीक्षा के बारे में अध्यापक द्वारा क्या कहा गया? (कर्तृवाच्य में बदलिए)
(घ) नवाब साहब ने हमारी ओर देखकर कहा कि खीरा लज़ीज होता है। (कर्मवाच्य में बदलिए)
उत्तर :
(क) नेताजी के द्वारा देश के लिए अपना सब कुछ त्याग दिया गया।
(ख) दर्द के कारण उससे खड़ा ही नहीं हुआ जाता।
(ग) अध्यापक ने परीक्षा के बारे में क्या कहा?
(घ) नवाब साहब द्वारा हमारी ओर देखकर कहा गया कि खीरा लज़ीज होता है।

17. निर्देशानुसार वाच्य परिवर्तन कीजिए-
(क) कैप्टन चश्मा बदल देता था। (कर्मवाच्य में)
(ख) इस दिन दालमंडी में शहनाई बजाई जाती थी। (कर्तृवाच्य में)
(ग) वे आज रात यहीं ठहरेंगे। (भाववाच्य में)
(घ) अब सोया नहीं जाता। (कर्तृवाच्य में)
उत्तर :
(क) कैप्टन द्वारा चश्मा बदल दिया जाता था।
(ख) इस दिन दालमंडी में शहनाई बजती थी।
(ग) उनके द्वारा आज रात यहीं ठहरा जाएगा।
(घ) मुझसे अब सोया नहीं जाता।