Jharkhand Board JAC Class 12 Political Science Important Questions Chapter 5 समकालीन दक्षिण एशिया Important Questions and Answers.
JAC Board Class 12 Political Science Important Questions Chapter 5 समकालीन दक्षिण एशिया
बहुचयनात्मक प्रश्न
1. दक्षिण एशिया में सबसे बड़ा देश है।
(अ) भारत
(ब) पाकिस्तान
(स) श्रीलंका
(द) बांग्लादेश
उत्तर:
(अ) भारत
2. दक्षिण एशियाई सहयोग संगठन (सार्क) का गठन किया गया।
(अ) 1985 में
(ब) 1986 में
(स) 1990 में
(द) 1991 में
उत्तर:
(अ) 1985 में
3. कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच लड़ाई कब हुई ?
(अ) 1954
(ब) 1947
(स) 1966
(द) 1955
उत्तर:
(ब) 1947
4. ‘साफ्टा’ सम्बन्धित है।
(अ) आसियान से
(ब) सार्क से
(स) हिमतेक्ष से
(द) ओपेक से
उत्तर:
(ब) सार्क से
5. आजादी के बाद से श्रीलंका की राजनीति पर किस समुदाय का दबदबा रहा?
(अ) तमिल
(ब) हिन्दू
(स) मुस्लिम
(द) सिंहली
उत्तर:
(द) सिंहली
6. भारत और पाकिस्तान के बीच 1948 में हुए युद्ध के फलस्वरूप किस प्रांत के दो हिस्से हुए?
(अ) बांग्लादेश
(ब) बंगाल
(स) कश्मीर
(द) असम
उत्तर:
(स) कश्मीर
7. 1998 में पाकिस्तान ने कहाँ पर परमाणु परीक्षण किया?
(अ) कश्मीर
(ब) पश्चिमी पाकिस्तान
(स) चगाई पहाड़ी
(द) पोखरण
उत्तर:
(स) चगाई पहाड़ी
8. बांग्लादेश एक स्वतन्त्र सम्प्रभु राष्ट्र बना।
(अ) 1947 में
(ब) 1948 में
(स) 1949 में
(द) 1971 में
उत्तर:
(द) 1971 में
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. 1998 में भारत ने …………………………. में परमाणु परीक्षण किया।
उत्तर:
पोखरण
2. …………………… के दशक में भारत तथा पाकिस्तान ने परमाणु हथियार और ऐसे हथियारों को एक-दूसरे पर दागने ………………………की क्षमता वाले मिसाइल हासिल कर लिए।
उत्तर:
1990
3. 1960 में विश्व बैंक की मदद से भारत और पाकिस्तान ने …………………… पर दस्तखत किए।
उत्तर:
सिंधु जल संधि
4. भूटान ………………………. में संवैधानिक राजतंत्र बना।
उत्तर:
2008
5. मालदीव ………………………. में गणतंत्र बना और यहाँ शासन की ……………………… प्रणाली अपनायी गयी।
उत्तर:
1968, अध्यक्षात्मक
6. …………………………. से ………………………………. तक बांग्लादेश पाकिस्तान का अंग था।
उत्तर:
1947, 1971
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
स्वतंत्रता के बाद दक्षिण एशिया के किन दो देशों में आज तक लोकतांत्रिक व्यवस्था कायम है?
उत्तर:
भारत और श्रीलंका में।
प्रश्न 2.
भारत में स्वतंत्रता के बाद किस प्रकार की शासन प्रणाली अपनाई गई?
उत्तर:
लोकतांत्रिक शासन प्रणाली।
प्रश्न 3.
भारत और पाकिस्तान के बीच हुए 1971 के युद्ध का क्या परिणाम निकला?
उत्तर:
1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध से पूर्वी पाकिस्तान ‘बांग्लादेश’ के रूप में नया स्वतंत्र देश
प्रश्न 4.
भारत के पड़ौसी देश कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
भारत के पड़ौसी देश हैं।
- पाकिस्तान,
- नेपाल,
- भूटान,
- बांग्लादेश,
- श्रीलंका,
- चीन आदि।
प्रश्न 5.
भारत और पाकिस्तान के बीच शिमला समझौता कब हुआ?
उत्तर:
जुलाई, 1972 में भारत-पाक के बीच शिमला समझौता हुआ।
प्रश्न 6.
श्रीलंका को आजादी के बाद से ही किस कठिन चुनौती का सामना करना पड़ रहा है?
उत्तर:
जातीय संघर्ष का।
प्रश्न 7.
दक्षिण एशियायी देशों द्वारा बहुस्तरीय साधनों से आपस में सहयोग के लिए उठाया गया कदम कौनसा है?’ – यह बड़ा कदम है। दक्षेस (सार्क) की स्थापना का।
उत्तर:
प्रश्न 8.
12वें दक्षेस सम्मेलन में किस संधि पर हस्ताक्षर किये गये?
उत्तर:
मुक्त व्यापार संधि पर।
प्रश्न 9.
दक्षेस के देशों ने साफ्टा (SAFTA) पर कब हस्ताक्षर किये?
उत्तर:
दक्षेस के देशों ने सन् 2004 में साफ्टा पर हस्ताक्षर किये।
प्रश्न 10.
साफ्टा में क्या वायदा किया गया है?
उत्तर:
‘साफ्टा’ में पूरे दक्षिण एशिया के लिए मुक्त व्यापार क्षेत्र बनाने का वायदा है।
प्रश्न 11.
सार्क का पूरा नाम लिखिये।
उत्तर:
सार्क का पूरा नाम है। साउथ एशियन एसोसियेशन फॉर रीजनल कोऑपरेशन (दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ)।
प्रश्न 12.
सार्क में कितने देश हैं?
उत्तर:
सार्क में कुल आठ देश हैं। ये हैं- भारत, पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका, भूटान, मालदीव और अफगानिस्तान।
प्रश्न 13.
दक्षिण एशिया का इलाका एक विशिष्ट प्राकृतिक क्षेत्र के रूप में नजर आता है। क्यों?
उत्तर:
उत्तर की विशाल हिमालय पर्वत श्रृंखला, दक्षिण का हिन्द महासागर, पश्चिम का अरब सागर और पूरब में मौजूद बंगाल की खाड़ी से यह इलाका एक विशिष्ट प्राकृतिक क्षेत्र के रूप में नजर आता है। उत्तर- ‘साफ्टा’ का पूरा नाम है।’ दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र समझौता’ (साउथ एशियन फ्री ट्रेड एरिया)।
प्रश्न 14.
दक्षेस को अधिक प्रभावी बनाने हेतु कोई दो सुझाव दीजिये।
उत्तर:
- महाशक्तियों को इस क्षेत्र से दूर रखा जाये।
- अन्तर्राष्ट्रीय मंचों पर दक्षेस देशों द्वारा सर्वसम्मत दृष्टिकोण अपनाया जाये।
प्रश्न 15.
ताशकंद समझौता कब और किसके मध्य हुआ?
उत्तर:
सन् 1966 में भारत और पाकिस्तान के मध्य ताशकंद समझौता हुआ।
प्रश्न 16.
दो समझौतों के नाम लिखिये जिन्हें भारत ने पाकिस्तान के साथ किये।
उत्तर:
- 1965 में ताशकंद समझौता
- 1971 में शिमला समझौता।
प्रश्न 17.
शिमला समझौते के दो प्रावधान लिखिये।
उत्तर:
- दोनों देश अपने मतभेदों को द्विपक्षीय वार्ता द्वारा शांतिपूर्ण ढंग से हल करने का प्रयास करेंगे।
- दोनों देश एक-दूसरे के विरुद्ध बल का प्रयोग नहीं करेंगे।
प्रश्न 18.
भारत और बांग्लादेश के बीच तनाव के दो मुख्य बिन्दु बताइये।
उत्तर:
- कमा शरणार्थियों की समस्या।
- गंगा – जल के वितरण की समस्या।
प्रश्न 19.
भारत-पाक मैत्री के मार्ग में आने वाली किन्हीं दो बाधाओं का उल्लेख कीजिये।
उत्तर:
ये दो बाधायें हैं।
- चीन का पाकिस्तान को सामरिक सहयोग तथा
- भारतीय आतंकवादियों को प्रशिक्षण व सहायता देना।
प्रश्न 20.
भारत को किन दो कठिनाइयों का सामना पड़ौसियों के साथ अच्छे सम्बन्ध बनाने में करना पड़ता है?
उत्तर:
- पड़ौसी देशों द्वारा भारतीय आतंकवादियों को संरक्षण, प्रशिक्षण व सहयोग देना।
- सीमा विवाद तथा शरणार्थियों की समस्या।
प्रश्न 21.
राजनीतिक प्रणाली की दृष्टि से भारत और श्रीलंका की किसी एक समानता को बताइये।
उत्तर:
भारत और श्रीलंका में ब्रिटेन से आजाद होने के बाद, लोकतांत्रिक व्यवस्था सफलतापूर्वक कायम है। एक राष्ट्र के रूप में भारत और श्रीलंका हमेशा लोकतांत्रिक रहे हैं।
प्रश्न 22.
पाकिस्तान में शीत युद्ध के बाद के सालों में कौनसी दो लोकतांत्रिक सरकारें बनीं?
उत्तर:
पाकिस्तान में शीत युद्ध के बाद के सालों में लगातार ये दो लोकतांत्रिक सरकारें बनीं
- बेनजीर भुट्टो के नेतृत्व में बनी सरकार और
- नवाज शरीफ के नेतृत्व में बनी सरकार।
प्रश्न 23.
दक्षिण एशिया के दो सबसे छोटे देशों के नाम लिखिये।
उत्तर:
दक्षिण एशिया के दो सबसे छोटे देश हैं। मालदीव और भूटान।
प्रश्न 24.
मालदीव में 1968 के बाद कौनसी शासन प्रणाली अपनाई गई?
अथवा
मालदीव में कैसी शासन प्रणाली है?
उत्तर:
1968 से मालदीव में लोकतन्त्र की अध्यक्षात्मक शासन प्रणाली अपनाई गई है।
प्रश्न 25.
दक्षिण एशियायी देशों की जनता किस प्रकार के शासन को वरीयता देती है?
उत्तर:
दक्षिण एशियायी देशों के लोग लोकतंत्र को वरीयता देते हैं।
प्रश्न 26.
दक्षेस का कार्यालय कहाँ स्थित है?
उत्तर:
दक्षेस का कार्यालय नेपाल की राजधानी काठमाण्डू में स्थित है।
प्रश्न 27.
भारत के उत्तर में किन्हीं दो सदस्य देशों का उल्लेख कीजिये जो सार्क में सम्मिलित हैं।
उत्तर:
भारत के उत्तर में स्थित नेपाल और भूटान सार्क के सदस्य देश हैं।
प्रश्न 28.
भारत के दक्षिण में सार्क के किन्हीं दो सदस्य देशों का उल्लेख कीजिये।
उत्तर:
श्रीलंका और मालदीव
प्रश्न 29.
आर्थिक वैश्वीकरण का दक्षिण एशिया पर क्या सकारात्मक प्रभाव पड़ा?
उत्तर:
आर्थिक वैश्वीकरण से दक्षिण एशिया में मुक्त व्यापार को बढ़ावा मिला तथा आर्थिक सुविधाओं में गुणात्मक सुधार हुआ।
प्रश्न 30.
नेपाल को धर्मनिरपेक्ष राज्य में कब परिवर्तित किया गया?
उत्तर:
नेपाल को 17 मई, 2006 को एक धर्मनिरपेक्ष राज्य में परिवर्तित किया गया।
प्रश्न 31.
श्रीलंका में जातीय संघर्ष के कोई दो कारण बताइये।
उत्तर:
- श्रीलंका में सिंहली जाति बहुसंख्या में है।
- उसमें बहुसंख्यकवाद की भावना है जो अल्पसंख्यक तमिलों की उपेक्षा करती है।
प्रश्न 32
भारत द्वारा शांति सेना कब और किस देश में भेजी गई?
उत्तर:
1987 में श्रीलंका में।
प्रश्न 33.
श्रीलंका के जातीय समुदायों के नाम लिखिये।
उत्तर:
श्रीलंका के जातीय समुदाय ये हैं
- सिंहली
- श्रीलंकाई तमिल
- भारतवंशी तमिल तथा
- मुसलमान।
प्रश्न 34.
सियाचीन की समस्या किन देशों के बीच मतभेद का प्रमुख कारण है?
उत्तर:
भारत और पाकिस्तान के बीच।
प्रश्न 35.
फरक्का संधि पर हस्ताक्षर कब और किनके बीच हुआ था?
उत्तर:
फरक्का संधि पर हस्ताक्षर दिसंबर, 1996 में भारत और बांग्लादेश के बीच हुआ था।
प्रश्न 36.
1975 में बांग्लादेश के संविधान में क्या संशोधन किया गया?
उत्तर:
1975 में शेख मुजीबुर्रहमान ने संविधान में संशोधन कराया और संसदीय प्रणाली की जगह अध्यक्षात्मक शासन प्रणाली को मान्यता मिली।
प्रश्न 37.
श्रीलंका में पैदा हुए जान्ति संघर्ष का निवारण करने हेतु किन दो स्कैंडिनेवियाई देशों ने मध्यस्थ की भूमिका निभाई?
उत्तर:
नार्वे और आइसलैंड।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
दक्षिण एशिया से क्या आशय है?
उत्तर:
सामान्यतः दक्षिण एशिया प्रदेश का प्रयोग सात देशों
- बांग्लादेश,
- भूटान,
- भारत,
- मालदीव,
- नेपाल,
- पाकिस्तान और
- श्रीलंका के लिए किया जाता है। इसमें जब-तब अफगानिस्तान और म्यांमार को भी शामिल किया जाता है।
प्रश्न 2.
पाकिस्तान में लोकतंत्र के स्थायी न बन पाने के क्या कारण हैं?
उत्तर:
पाकिस्तान में लोकतंत्र के स्थायी न बन पाने के प्रमुख कारण ये हैं।
- यहाँ सेना, धर्मगुरु और भू-स्वामी अभिजनों का सामाजिक दबदबा है।
- भारत के साथ निरन्तरं तनातनी रहने के कारण सेना समर्थक समूह अधिक मजबूत है।
- अमरीका तथा अन्य पश्चिमी देशों ने अपने स्वार्थ पूर्ति हेतु पाकिस्तान में सैनिक शासन को बढ़ावा दिया।
प्रश्न 3.
पूर्वी पाकिस्तान के लोग मूलतः पश्चिमी पाकिस्तान के विरोधी क्यों थे?
उत्तर:
पूर्वी पाकिस्तान क्षेत्र के लोग पश्चिमी पाकिस्तान के दबदबे और अपने ऊपर उर्दू भाषा को लादने के खिलाफ थे। पाकिस्तान के निर्माण के तुरंत बाद ही यहाँ के लोगों ने बंगाली संस्कृति और भाषा के साथ किये जा रहे दुर्व्यवहार के खिलाफ विरोध जताना शुरू कर दिया था ।
प्रश्न 4.
किन कारणों की वजह से अमरीका तथा अन्य पश्चिमी देश पाकिस्तान को ‘पश्चिम’ तथा दक्षिण एशिया में पश्चिमी हितों को रखवाला मानते हैं?
उत्तर:
पाकिस्तान में सेना, धर्मगुरु और भूस्वामी अभिजनों का सामाजिक दबदबा है। परिणामतः कई बार निर्वाचित सरकारों को गिराकर सैनिक शासन कायम हुआ । यद्यपि पाकिस्तान में लोकतंत्र का जज्बा मजबूती के साथ कायम रहा है तथापि लोकतंत्र पूरी तरह से सफल नहीं हो पाया। लोकतांत्रिक शासन के लिए पाकिस्तान को कोई खास अंतर्राष्ट्रीय समर्थन नहीं मिलता। इस वजह से भी सेना को अपना प्रभुत्व कायम करने के लिए बढ़ावा दिया।
अमरीका तथा अन्य पश्चिमी देशों ने अपने-अपने स्वार्थों की वजह से भी पाकिस्तान में सैनिक शासन को प्रोत्साहन दिया। इन देशों को विश्वव्यापी इस्लामी आतंकवाद से भय लगता है कि पाकिस्तान के परमाण्विक हथियार आतंकवादी समूहों के हाथ न लग जाएँ। उपरोक्त बातों के मद्देनजर पाकिस्तान को ये देश ‘पश्चिम’ तथा दक्षिण एशिया में पश्चिमी हितों का रखवाला मानते हैं।
प्रश्न 5.
दक्षेस से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
दक्षेस से आशय है। दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सहयोग संगठन। यह दक्षिण एशिया के आठ देशों:
- भारत,
- पाकिस्तान,
- बांग्लादेश,
- श्रीलंका,
- नेपाल,
- भूटान,
- मालदीव,
- अफगानिस्तान- का एक क्षेत्रीय आर्थिक संगठन है जिसकी स्थापना इन देशों ने आपसी सहयोग बढ़ाने के उद्देश्य से की है।
प्रश्न 6.
लिट्टे क्या है?
उत्तर:
लिट्टे का पूरा नाम है- लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम । यह 1983 के बाद से श्रीलंका में सक्रिय एक उग्र तमिल संगठन है जो श्रीलंका के तमिलों के लिए एक अलग देश की मांग को लेकर श्रीलंकाई सेना के साथ सशस्त्र संघर्ष कर रहा है।
प्रश्न 7.
श्रीलंका की प्रमुख सफलताएँ क्या हैं?
उत्तर:
श्रीलंका की प्रमुख सफलताएँ निम्न हैं।
- श्रीलंका ने अच्छी आर्थिक वृद्धि और विकास के उच्च स्तर को हासिल किया है।
- इसने जनसंख्या की वृद्धि दर पर सफलतापूर्वक नियंत्रण स्थापित किया है।
- दक्षिण एशियायी देशों में सबसे पहले श्रीलंका ने ही आर्थिक उदारीकरण किया।
- श्रीलंका में निरन्तर लोकतांत्रिक व्यवस्था कायम रही है।
प्रश्न 8.
भारत-श्रीलंका की दो समान विशेषताएँ लिखिये।
उत्तर:
- भारत तथा श्रीलंका दोनों ही ब्रिटेन के अधीन रहे तथा कुछ माह के अन्तराल से इन्हें स्वतंत्रता मिली – भारत 1947 में तथा श्रीलंका 1948 में स्वतंत्र हुआ।
- स्वतंत्रता के बाद से दोनों ही देशों में लोकतांत्रिक शासन चला आ रहा है।
प्रश्न 9.
‘बांग्लादेश’ के निर्माण पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
जनरल याहिया खान के सैनिक शासन में पश्चिमी पाकिस्तानी सेना ने पूर्वी पाकिस्तान के बंगाली जनता के आंदोलन को कुचलने का प्रयत्न किया। हजारों लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया। इस वजह से पूर्वी पाकिस्तान से बड़ी संख्या में लोग भारत पलायन कर गए। परिणामस्वरूप इन शरणार्थियों को संभालने की समस्या भारत के सामने खड़ी हो गई। अतः भारतीय सरकार ने पूर्वी पाकिस्तान की आजादी का समर्थन किया। इस कारण 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध आरंभ हो गया। युद्ध की समाप्ति पूर्वी पाकिस्तान में पाकिस्तनी सेना के आत्मसमर्पण तथा एक स्वतंत्र राष्ट्र ‘बांग्लादेश’ के निर्माण के साथ हुई।
प्रश्न 10.
दक्षिण एशिया के देशों में मुख्य रूप से कौन-कौन सी समस्यायें हैं?
उत्तर:
दक्षिण एशिया के देशों में प्रमुख समस्यायें ये हैं।
- निर्धनता और बेरोजगारी की समस्या
- अन्तर्राष्ट्रीय आतंकवाद की समस्या
- जातीय संघर्ष
- संसाधनों के बंटवारे में होने वाले झगड़े
- सीमा एवं नदी जल बंटवारे से संबंधित विवाद
प्रश्न 11.
दक्षिण एशिया क्षेत्र की विशेषताओं को स्पष्ट कीजिये।
उत्तर:
- दक्षिण एशिया एक ऐसा क्षेत्र है, जहाँ सद्भाव और शत्रुता, आशा और निराशा तथा पारस्परिक शंका और विश्वास साथ-साथ बसते हैं।
- सामान्यतः बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका को इंगित करने के लिए ‘दक्षिण एशिया’ पद का व्यवहार किया जाता है। इस क्षेत्र में जब-तब अफगानिस्तान और म्यांमार को भी शामिल किया जाता है।
- उत्तर की विशाल हिमालय पर्वत श्रृंखला, दक्षिण का हिंद महासागर, पश्चिम का अरब सागर और पूरब में मौजूद बंगाल की खाड़ी से यह क्षेत्र एक विशिष्ट प्राकृतिक क्षेत्र के रूप में नजर आता है 1
- दक्षिण एशिया विविधताओं से भरा-पूरा इलाका है फिर भी भू-राजनैतिक धरातल पर यह एक क्षेत्र है।
प्रश्न 12.
दक्षिण एशिया के देशों की राजनैतिक प्रणाली किस प्रकार की है?
उत्तर:
दक्षिण एशिया के विभिन्न देशों में एक सी राजनैतिक प्रणाली नहीं है। यथा।
- इस क्षेत्र के दो देशों, भारत और श्रीलंका में ब्रिटेन से आजाद होने के बाद, सफलतापूर्वक कायम है। लोकतांत्रिक व्यवस्था
- पाकिस्तान और बांग्लादेश में लोकतांत्रिक और सैनिक दोनों तरह की शासन व्यवस्थाएँ बदलती रही हैं। वर्तमान में दोनों में लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था है।
- नेपाल में 2006 तक संवैधानिक राजतंत्र था। अप्रेल, 2006 से वहाँ लोकतंत्र की स्थापना हुई है।
- भूटान में अब भी राजतंत्र है लेकिन यहाँ के राजा ने भूटान में लोकतंत्र स्थापित करने की योजना की शुरुआत . कर दी है।
- मालदीव में 1968 तक राजतंत्र (सल्तनत) शासन था। 1968 में यह एक गणतंत्र बना।
प्रश्न 13.
” दक्षिण एशियायी देशों की जनता लोकतंत्र की आकांक्षाओं में सहभागी है।” इस कथन की व्याख्या कीजिये।
उत्तर:
दक्षिण एशिया में लोकतंत्र का रिकार्ड मिला-जुला रहा है। इसके बावजूद इस क्षेत्र के देशों की जनता लोकतंत्र की आकांक्षाओं में सहभागी है अर्थात् वह लोकतंत्र को अन्य शासन प्रणालियों से अच्छा समझती है। इस क्षेत्र के पांच बड़े देशों – बांग्लादेश, नेपाल, भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका में हाल ही में एक सर्वेक्षण किया गया था जिसमें यह बात स्पष्ट हुई कि इन पांच देशों में लोकतंत्र को व्यापक जन-समर्थन हासिल है। इन देशों में हर वर्ग और धर्म के आम नागरिक लोकतंत्र को अच्छा मानते हैं और प्रतिनिधिमूलक लोकतंत्र की संस्थाओं का समर्थन करते हैं। इन देशों के लोग शासन की किसी और प्रणाली की अपेक्षा लोकतंत्र को वरीयता देते हैं और मानते हैं कि उनके देश के लिए लोकतंत्र ही ठीक है।
प्रश्न 14.
बांग्लादेश में बहुदलीय चुनावों पर आधारित प्रतिनिधि मूलक लोकतंत्र कब से कायम है?
उत्तर:
शेख मुजीब की हत्या के बाद जियाउर्रहमान ने बांग्लादेश में सैनिक शासन की पुनर्स्थापना की तथा बांग्लादेश नेशनल पार्टी बनायी। जियाउर्रहमान की हत्या के बाद लेफ्टिनेंट जनरल एच एम इरशाद ने सैन्य शासन की बागडोर संभाली। परन्तु बांलादेश की जनता लोकतंत्र की माँग करने लगी। इस आंदोलन के फलस्वरूप जनरल इरशाद को राजनीतिक गतिविधियों में छूट देनी पड़ी। इसके बाद जनरल इरशाद पाँच सालों के लिए राष्ट्रपति निर्वाचित हुए। परन्तु 1990 में जनता के विरोध के आगे जनरल इरशाद को राष्ट्रपति पद छोड़ना पड़ा। और 1991 में पुन: चुनाव हुए। इसके बाद से बांगलादेश में बहुदलीय चुनावों पर आधारित प्रतिनिधि मूलक लोकतंत्र कायम है।
प्रश्न 15.
नेपाल में लोकतंत्र की राह कैसे अवरुद्ध हुई?
उत्तर:
नेपाल अतीत में एक हिन्दू-राज्य था फिर आधुनिक काल में कई सालों तक संवैधानिक राजतंत्र रहा। संवैधानिक राजतंत्र के समय में नेपाल की राजनीतिक पार्टियाँ और आम जनता ज्यादा खुले और उत्तरदायी शासन की आवाज उठाते रहे । परन्तु राजा ने सेना की सहायता से शासन पर पूरा नियंत्रण कर लिया और इस प्रकार नेपाल में लोकतंत्र की राह अवरुद्ध हो गई।
प्रश्न 16.
बांग्लादेश का निर्माण क्यों और कैसे हुआ?
उत्तर:
1947 से 1971 तक बांग्लादेश पाकिस्तान का एक अंग था, जिसे ‘पूर्वी पाकिस्तान’ नाम से जाना जाता था। इस क्षेत्र के लोग पश्चिमी पाकिस्तानी दबदबे और अपने ऊपर उर्दू भाषा को लादने के खिलाफ थे।
- शेख मुजीब की गिरफ्तारी:
जब 1970 के चुनावों में शेख मुजीब के नेतृत्व वाली अवामी लीग को संपूर्ण पाकिस्तान के लिए प्रस्तावित संविधान सभा में बहुमत हासिल हो गया तो सरकार ने सभा को आहूत करने से इन्कार कर दिया। शेख मुजीब को गिरफ्तार कर लिया गया। इसकी प्रतिक्रिया में पूर्वी पाकिस्तान क्षेत्र में शासन के विरुद्ध जन- आंदोलन फैल गया। - भारत-पाक युद्ध और बांग्लादेश का निर्माण: जन-आंदोलन के दौरान पूर्वी पाकिस्तान से बड़ी संख्या में लोग भारत शरणार्थी के रूप में आये भारत सरकार ने लोगों के जन-आंदोलन का समर्थन किया परिणामस्वरूप 1971 में भारत-पाक युद्ध हुआ जिसकी समाप्ति पूर्वी पाकिस्तान के एक स्वतंत्र राष्ट्र ‘बांग्लादेश’ के निर्माण के साथ हुई।
प्रश्न 17.
1975 में बांग्लादेश में सेना ने शासन के खिलाफ बगावत क्यों की?
उत्तर;
स्वतंत्रता के बाद बांग्लादेश ने अपना संविधान बनाकर उसमें अपने को एक धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक तथा समाजवादी देश घोषित किया। लेकिन, 1975 में शेख मुजीबुर्रहमान ने संविधान में संशोधन कराया और संसदीय प्रणाली की जगह अध्यक्षात्मक शासन प्रणाली को मान्यता दी गई। शेख मुजीब ने अपनी पार्टी अवामी लीग को छोड़कर अन्य सभी पार्टियों को समाप्त कर दिया। इससे तनाव और संघर्ष की स्थिति पैदा हुई। अगस्त, 1975 में सेना ने शेख मुजीब के शासन के खिलाफ बगावत कर दी।
प्रश्न 18.
श्रीलंका की जातीय समस्या पर एक टिप्पणी लिखिये।
उत्तर:
श्रीलंका की जातीय समस्या: श्रीलंका की राजनीति पर बहुसंख्यक सिंहली समुदाय के हितों की नुमाइंदगी करने वालों का दबदबा रहा है। ये लोग भारत से आकर श्रीलंका में बसे तमिलों के खिलाफ हैं। सिंहली राष्ट्रवादियों का मानना है कि श्रीलंका सिर्फ सिंहली लोगों का है। श्रीलंका में तमिलों के साथ कोई रियायत नहीं बरती जानी चाहिए। सिंहलियों के तमिलों के प्रति इस उपेक्षा भरे व्यवहार से श्रीलंका में एक उग्र तमिल राष्ट्रवाद की आवाज बुलंद हुई। 1983 के बाद से उग्र तमिल संगठन ‘लिबरेशन टाइगर्स ऑव तमिल ईलम’ (लिट्टे) श्रीलंका सेना के साथ सशस्त्र संघर्ष कर रहा है। इसने ‘तमिल ईलम’ यानी श्रीलंका के तमिलों के लिए एक अलग देश की माँग की है। इस प्रकार श्रीलंका को जातीय संघर्ष का सामना करना पड़ रहा है जिसकी मांग है कि श्रीलंका के एक क्षेत्र को अलग राष्ट्र बनाया जाये।
प्रश्न 19.
भारत सरकार श्रीलंका के तमिल मुद्दे पर प्रत्यक्ष रूप से कब और किस रूप में शामिल हुई?
उत्तर:
भारत की तमिल जनता का भारतीय सरकार पर भारी दबाव रहा कि वह श्रीलंकाई तमिलों के हितों की रक्षा करे। भारत सरकार समय-समय पर इस संदर्भ में श्रीलंका सरकार से बातचीत करने की कोशिश करती रही। लेकिन 1987 में भारतीय सरकार श्रीलंका के तमिल मुद्दे पर प्रत्यक्ष रूप से शामिल हुई। सन् 1987 में भारत की सरकार ने श्रीलंका सरकार से तमिल मुद्दे को सुलझाने के लिए एक समझौता किया तथा श्रीलंका सरकार और तमिलों के बीच रिश्ते सामान्य करने के लिए भारत ने शांति सेना को भेजा। लेकिन शांति सेना अन्ततः लिट्टे के साथ संघर्ष में फंस गई। भारतीय सेना की उपस्थिति को श्रीलंका की जनता ने श्रीलंका के अंदरूनी . मामलों में भारत की दखलंदाजी समझा । परिणामस्वरूप ‘शांति सेना’ अपना लक्ष्य हासिल किए बिना वापस बुला ली गई।
प्रश्न 20.
श्रीलंका की आर्थिक व्यवस्था पर एक टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
श्रीलंका ने अच्छी आर्थिक वृद्धि और विकास के उच्च स्तर को हासिल किया है। उसने जनसंख्या की वृद्धि दर पर सफलतापूर्वक नियंत्रण किया है। दक्षिण एशिया के देशों में सबसे पहले श्रीलंका ने ही अपनी अर्थव्यवस्था का उदारीकरण किया । जातीय संघर्ष से गुजरने के बावजूद कई सालों से इस देश का प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद दक्षिण एशिया में सबसे ज्यादा है।
प्रश्न 21.
सार्क की स्थापना के क्या उद्देश्य थे?
उत्तर:
सार्क की स्थापना के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित थे।
- दक्षिण एशिया के लोगों के कल्याण करने की कामना तथा उनके जीवन स्तर को सुधारना।
- दक्षिण एशिया क्षेत्र में आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति तथा सांस्कृतिक उन्नति को प्राप्त करना तथा इस क्षेत्र के सभी व्यक्तियों के लिए प्रतिष्ठा के अवसर प्रदान करना।
- दक्षिण एशिया के देशों में सामूहिक आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता पैदा करना तथा उसको बढ़ावा देना।
- एक-दूसरे की समस्याओं को पारस्परिक विश्वास, सूझ-बूझ तथा अभिमूल्यन की दृष्टि से देखना।
प्रश्न 22.
क्षेत्रीय सहयोग के साधन के रूप में सार्क की प्रमुख उपलब्धियों का वर्णन कीजिये।
उत्तर:
दक्षिण एशिया क्षेत्र में सहयोग के साधन के रूप में सार्क की प्रमुख उपलब्धियाँ निम्नलिखित हैं।
- इस क्षेत्र में सातों देश एक-दूसरे के काफी नजदीक आए हैं तथा इससे उनमें दिखाई देने वाला तनाव कम हुआ है।
- दक्षेस (सार्क) के कारण इस क्षेत्र के देशों के छोटे-मोटे मतभेद अपने-आप आसानी से सुलझ रहे हैं और इन देशों में अपनापन विकसित हुआ है।
- सार्क के माध्यम से इस क्षेत्र में विदेशी शक्तियों का इस क्षेत्र में प्रभाव कम हुआ है और ये देश अपने को अधिक स्वतंत्र महसूस करने लगे हैं।
- सार्क ने एक संरक्षित अन्न भंडार की स्थापना की है जो इस क्षेत्र के देशों की आत्मनिर्भरता की भावना के प्रबल होने का सूचक है।
प्रश्न 23.
भारत और बांग्लादेश के बीच मतभेद के कारणों पर एक टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
भारत और बांग्लादेश के बीच मतभेद के मुद्दे: भारत और बांग्लादेश के बीच मतभेद के प्रमुख मुद्दे इस प्रकार हैं।
(अ) भारत के बांग्लादेश से अप्रसन्नता के कारण – भारतीय सरकारों के बांग्लादेश से नाखुश होने के कारण हैं।
- भारत में अवैध आप्रवास पर ढाका द्वारा खंडन करना।
- बांग्लादेश सरकार द्वारा भारत विरोधी इस्लामी कट्टरपंथी जमातों को समर्थन देना।
- भारतीय सेना को पूर्वोत्तर भारत में जाने के लिए अपने इलाके से रास्ता देने से बांग्लादेश का इन्कार करना।
- म्यांमार को बांग्लादेशी इलाके से भारत को प्राकृतिक गैस निर्यात न करने देना।
(ब) बांग्लादेश भारत पर निम्न कारणों से अप्रसन्न है।
- भारतीय सरकार गंगा और ब्रह्मपुत्र नदी – जल में हिस्सेदारी के प्रश्न पर इलाके के दादा की तरह बरताव करती है।
- भारत की सरकार चटगाँव पर्वतीय क्षेत्र में विद्रोह को हवा दे रही है।
- भारत उसकी प्राकृतिक गैस में सेंधमारी कर रहा है तथा व्यापार में बेईमानी बरत रहा है।
प्रश्न 24.
भारत और बांग्लादेश के सहयोग के मुद्दों को स्पष्ट कीजिये।
उत्तर:
भारत और बांग्लादेश के बीच सहयोग के मुद्दे भारत और बांग्लादेश निम्नलिखित मुद्दों पर आपस में सहयोग करते हैं।
- पिछले बीस वर्षों के दौरान दोनों देशों के बीच आर्थिक सम्बन्धं ज्यादा बेहतर हुए हैं।
- बांग्लादेश भारत के ‘लुक ईस्ट’ और 2014 से ‘एक्ट ईस्ट’ की नीति का हिस्सा है। इस नीति के अन्तर्गत स्यांमार के जरिए दक्षिण-पूर्व एशिया से सम्पर्क साधने की बात है ।
- आपदा प्रबंधन और पर्यावरण के मसले पर भी दोनों देशों ने निरन्तर सहयोग किया है।
- इस बात के भी प्रयास किये जा रहे हैं कि साझे खतरों को पहचान कर तथा एक-दूसरे की जरूरतों के प्रति ज्यादा संवेदनशीलता बरत कर सहयोग के दायरे को बढ़ाया जाये।
प्रश्न 25.
भारत-नेपाल के सम्बन्धों के बीच कड़वाहट के मुद्दों पर एक टिप्पणी लिखिये । भारत-नेपाल के सम्बन्धों के बीच तनाव के मुद्दे
उत्तर:
भारत-नेपाल के मधुर सम्बन्धों के बीच निम्नलिखित मुद्दे मनमुटाव पैदा करते रहे हैं।
- नेपाल की चीन के साथ मित्रता को लेकर भारत सरकार ने अक्सर अपनी अप्रसन्नता जतायी है।
- नेपाल सरकार भारत विरोधी तत्त्वों के विरुद्ध आवश्यक कदम नहीं उठाती है। इससे भी भारत नाखुश है।
- भारत की सुरक्षा एजेंसियां नेपाल में चल रहे माओवादी आंदोलन को अपनी सुरक्षा के लिए खतरा मानती हैं।
- नेपाल के लोगों की यह सोच है कि भारत की सरकार नेपाल के अंदरूनी मामलों में दखल दे रही है और उसके नदी जल तथा पन बिजली पर आँख गड़ाए हुए है।
- नेपाल को यह भी लगता है कि भारत उसको अपने भू-क्षेत्र से होकर समुद्र तक पहुँचने से रोकता है।
प्रश्न 26.
” भारत-नेपाल के बीच मधुर संबंध हैं ।” स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारत और नेपाल के बीच मधुर संबंध हैं, इसे हम निम्न उदाहरणों से स्पष्ट कर सकते हैं।
1. भारत और नेपाल दोनों देशों के बीच पारगमन संधि है। इस संधि के तहत दोनों देशों के नागरिक एक-दूसरे के देश में बिना पासपोर्ट (पारपत्र) और वीजा के आ-जा सकते हैं और काम कर सकते हैं।
2. दोनों देश व्यापार, वैज्ञानिक सहयोग, साझे प्राकृतिक संसाधन, बिजली उत्पादन और जल प्रबंधन ग्रिड के मसले पर एक साथ हैं।
3. नेपाल में लोकतंत्र की बहाली से दोनों देशों के बीच संबंधों के और मजबूत होने की संभावना है। प्रश्न 27. भारत-श्रीलंका के सम्बन्धों पर एक टिप्पणी लिखिये।
उत्तर:
भारत और श्रीलंका के सम्बन्ध
- यद्यपि श्रीलंका और भारत की सरकारों के संबंधों में तनाव इस द्वीप में जारी जातीय संघर्ष को लेकर है तथापि 1987 के सैन्य हस्तक्षेप के बाद से भारतीय सरकार श्रीलंका के अंदरूनी मामलों में असंलग्नता की नीति अपनाये हुए है।
- दोनों देशों की सरकारों ने परस्पर एक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर कर अपने सम्बन्धों को और मजबूत किया है।
- श्रीलंका में ‘सुनामी’ से हुई तबाही के बाद के पुनर्निर्माण कार्यों में भारतीय मदद से भी दोनों देश एक-दूसरे के नजदीक आये हैं।
प्रश्न 28.
भूटान और मालदीव के साथ भारत के सम्बन्धों पर एक टिप्पणी लिखिये।
उत्तर:
- भारत-भूटान सम्बन्ध – भारत के भूटान के साथ बहुत अच्छे सम्बन्ध हैं तथा भूटानी सरकार के साथ भारत का कोई बड़ा झगड़ा नहीं है।
- भूटान से अपने काम का संचालन कर रहे पूर्वोत्तर भारत के उग्रवादियों और गुरिल्लों को भूटान ने अपने क्षेत्र से खदेड़ भगाया। भूटान के इस कदम से भारत को बड़ी सहायता मिली है।
- भारत भूटान में पन बिजली की बड़ी परियोजनाओं में हाथ बँटा रहा है
- भूटान के विकास कार्यों के लिए सबसे ज्यादा अनुदान भारत से हासिल होता है।
- भारत और मालदीव सम्बन्ध:
- मालदीव के साथ भारत के संबंध सौहार्द्रपूर्ण तथा गर्मजोशी से भरे हैं।
- भारत ने मालदीव के आर्थिक विकास, पर्यटन और मत्स्य उद्योग में भी मदद की है।
प्रश्न 29.
‘साफ्टा’ क्या है?
उत्तर:
साफ्टा (SAFTA ) साफ्टा’ का पूरा नाम है। दक्षिण एशिया मुक्त व्यापार क्षेत्र (South Asia Free Trade Area)! दक्षेस के सदस्य देशों ने सन् 2002 में ‘दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र समझौते’ पर दस्तखत करने का वायदा किया। इसमें पूरे दक्षिण एशिया के लिए मुक्त व्यापार क्षेत्र बनाने का वायदा है। इस समझौते पर 2004 में हस्ताक्षर हुए और यह समझौता 1 जनवरी, 2006 से प्रभावी हो गया है। इस समझौते का लक्ष्य है कि इन देशों के बीच आपसी व्यापार में लगने वाले सीमा शुल्क को 2007 तक 20 प्रतिशत कम कर दिया जाये।
प्रश्न 30.
भारत-पाकिस्तान के बीच सियाचिन की समस्या को संक्षेप में बताइये।
उत्तर:
भारतीय नक्शे में शीर्ष पर स्थित सियाचिन हिमनाद को लेकर भारत पाकिस्तान के बीच विवाद बना हुआ है। सियाचिन सैनिक तथा सामरिक दृष्टि महत्त्वपूर्ण है क्योंकि यहाँ से पाक अधिकृत कश्मीर, चीन के सिक्यांग प्रान्त, रूसी राष्ट्रकुल के देशों तथा अफगानिस्तान पर पैनी दृष्टि रखी जा सकती है। इसलिए इसे भारत और पाकिस्तान दोनों अपने-अपने अधिकार में लेना चाहते हैं। इसे लेकर दोनों देशों में अनेक मुठभेड़ें हो चुकी हैं। वर्तमान में दोनों ही देश इस समस्या के स्थायी हल के लिए वार्ताएँ कर रहे हैं।
प्रश्न 31.
“श्रीलंका की समस्या भारतवंशी लोगों से जुड़ी है।” इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारत की तमिल जनता का भारतीय सरकार पर भारतीय सरकार पर भारी दबाव है कि वह श्रीलंकाई तमिलों के हितों की रक्षा करे भारतीय सरकार ने समय-समय पर तमिलों के सवाल पर श्रीलंका की सरकार से बातचीत की कोशिश की है। 1987 में भारतीय सरकार श्रीलंका के तमिल मसले में प्रत्यक्ष रूप से शामिल हुई। भारतीय सरकार ने श्रीलंका से समझौता किया तथा श्रीलंका और तमिलों के बीच रिश्ता सामान्य करने के लिए भारतीय सेना भेजा अतः हम कह सकते हैं कि श्रीलंका की समस्या भारतवंशी लोगों से जुड़ी है।
प्रश्न 32.
1989 में भारत को अपनी ‘शांति सेना’ वापस बुलानी पड़ी।
उत्तर:
भारतीय सरकार ने श्रीलंका से समझौता किया और इसके फलस्वरूप भारतीय सरकार ने श्रीलंका सरकार और तमिलों के बीच रिश्ते सामान्य करने के लिए भारतीय सेना भेजी सेना लिट्टे के साथ संघर्ष में फँस गई। भारतीय सेना की उपस्थिति का श्रीलंका की जनता ने विरोध किया। वहाँ की जनता ने यह समझा कि भारतीय सेना उनके अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप कर रही है। फलस्वरूप 1989 में भारत ने अपनी ‘शांति सेना’ लक्ष्य हासिल किए बिना वापस बुला ली।
प्रश्न 33.
कश्मीर के दो हिस्सों में विभाजित होने के कारणों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
कश्मीर के दो हिस्सों में विभाजित होने के कारण निम्नलिखित हैं।
- दक्षिण एशिया में स्थित देशों के आपसी संघर्षों में सबसे प्रमुख और सर्वग्रासी संघर्षों में सबसे प्रमुख और सर्वग्रासी संघर्ष भारत और पाकिस्तान के बीच का संघर्ष है।
- भारत और पाकिस्तान के विभाजन के तुरंत बाद ही दोनों देश कश्मीर के मसले पर लड़ पड़े।
- पाकिस्तान सरकार कश्मीर पर अपना दावा कर रही थी।
- पाकिस्तान सरकार कश्मीर पर अपना दावा कर रही थी।
- 1948 के युद्ध के फलस्वरूप कश्मीर के दो हिस्से हो गए।
प्रश्न 34.
“दक्षिण एशिया के सारे झगड़े सिर्फ भारत और उसके पड़ोसी देशों के बीच ही नहीं है।” इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
दक्षिण एशिया के सारे झगड़े सिर्फ भारत और उसके पड़ोसी देशों के बीच ही नहीं है क्योंकि।
- नेपाल – भूटान तथा बांग्लादेश – म्यांमार के बीच जातीय मूल के नेपालियों के भूटान आप्रवास तथा रोहिंग्या लोगों म्यांमार में आप्रवास के मामलों पर मतभेद रहे हैं।
- बांग्लादेश और नेपाल के बीच हिमालयी नदियों के जल की हिस्सेदारी को लेकर खटपट है।
प्रश्न 35.
‘साफ्टा’ के उद्देश्य पर भारत और अन्य देश एकमत नहीं है। इस कथन की संक्षेप में व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
दक्षिण एशिया के सभी देशों के बीच 2004 में ‘साफ्टा’ पर हस्ताक्षर हुआ और यह समझौता 1 जनवरी, 2006 से प्रभावी हो गया। यद्यपि इस समझौते का मकसद इन क्षेत्रों के सीमा रेखा मुक्त व्यापार पर सहमत होना था। परंतु कुछ देशों का मानना था कि ‘साफ्टा’ की ओट लेकर भारत उनके बाजार में सेंध मारना चाहता है ओर व्यावसायिक उद्यम तथा व्यावसायिक मौजूदगी जरिये उनके समाज ओर राजनीति पर असर डालना चाहता है।
जबकि भारत सोचता है कि ‘साफ्टा’ के जरिये इस क्षेत्र के हर देश का फायदा होगा और क्षेत्र में मुक्तव्यापार बढ़ने से राजनीतिक मसलों पर सहयोग बेहतर होगा। भारत में कुछ लोगों का मानना है कि भारत को साफ्टा पर ज्यादा ध्यान नहीं देना चाहिए क्योंकि भारत भूटान, नेपाल और श्रीलंका से पहले ही द्विपक्षीय समझौता कर चुका है।
प्रश्न 36.
दक्षिण एशिया के क्षेत्रों की सुरक्षा और शांति के भविष्य से अमरीका के हित बंधे हुए हैं। इस कथन की पुष्टि कीजिए।
उत्तर:
शीतयुद्ध के बाद से दक्षिण एशिया में अमरीकी प्रभाव तेजी से बढ़ा है। अमरीका ने शीतयुद्ध के बाद भारत और पाकिस्तान दोनों देशों से अपने संबंध सुधारे हैं। आवश्यकता पड़ने पर अमरीका ने भारत-पाक के बीच मध्यस्थता की भूमिका भी निभाई है। दोनों देशों में आर्थिक सुधार हुए हैं और उदार नीतियाँ अपनाई गई हैं। इस वजह से दक्षिण एशिया में अमरीकी भागीदारी ज्यादा गहरी हुई है। अमरीका में दक्षिण एशियाई मूल के लोगों की जनसंख्या अच्छी-खासी है। दक्षिण एशिया की जनसंख्या और बाजार भी भारी भरकम है। इस कारण इस क्षेत्र की सुरक्षा और शांति के भविष्य से अमरीका के हित भी बंधे हुए हैं।
प्रश्न 37.
नेपाल में लोकतंत्र की बहाली किस प्रकार हुई ? संक्षेप में लिखिए।
उत्तर:
नेपाल में अप्रेल, 2006 में लोकतंत्र के लिए देशव्यापी आंदोलन हुए। लोकतंत्र के समर्थन में जगह-जगह प्रदर्शन किए गए। संघर्षरत लोकतंत्र – समर्थकों को जीत हासिल हुई और नेपाल के राजा को बाध्य होकर संसद को चलने की अनुमति दे दी इस प्रकार नेपाल में लोकतंत्र की बहाली हुई।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
दक्षिण एशिया से आप क्या समझते हैं? शीत युद्ध के बाद के काल में दक्षिण एशिया के देशों में राजनीतिक प्रणाली की मुख्य प्रवृत्ति क्या रही है?
उत्तर:
दक्षिण एशिया से आशय सामान्य रूप से बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका इन सात देशों को इंगित करने के लिए दक्षिण एशिया पद का इस्तेमाल किया जाता है। इस क्षेत्र की चर्चा में जब-तब अफगानिस्तान और म्यांमार को भी शामिल किया जाता है। दक्षिण एशिया के देशों में राजनीतिक प्रणाली शीत युद्ध के बाद के काल में इस क्षेत्र के देशों में तथा यहाँ के लोगों में मुख्य प्रवृत्ति लोकतांत्रिक राजनीतिक प्रणाली को अपनाने की रही है। यथा
- भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश: भारत और श्रीलंका में ब्रिटेन से स्वतंत्र होने के बाद से आज तक लोकतांत्रिक व्यवस्था सफलतापूर्वक कायम है तथा शीत युद्ध के बाद से बांग्लादेश में भी लोकतांत्रिक सरकारें कायम हैं।
- पाकिस्तान: पाकिस्तान में शीत युद्ध के बाद के सालों में लगातार दो लोकतांत्रिक सरकारें बनीं। 1999 से 2007 तक सैनिक तख्ता पलट के कारण पाकिस्तान में गैर लोकतांत्रिक सरकार रही लेकिन 2008 से आज तक वहां लोकतांत्रिक सरकार कार्यरत है।
- नेपाल: अप्रेल, 2006 तक नेपाल में संवैधानिक राजतंत्र था, लेकिन अप्रेल 2006 से आज तक नेपाल में भी लोकतांत्रिक राजनीतिक व्यवस्था कायम है।
- भूटान: भूटान में 2007 तक राजतंत्र शासन रहा। लेकिन मार्च, 2008 से यहाँ भी लोकतांत्रिक व्यवस्था कायम है।
- मालदीव: मालदीव में 1968 तक राजतंत्र शासन व्यवस्था रही। 1968 से यहाँ भी लोकतांत्रिक व्यवस्था कायम है। स्पष्ट है कि दक्षिण एशिया के देशों में लोकतंत्र को अपनाने की मुख्य प्रवृत्ति रही है।
प्रश्न 2.
पाकिस्तान में लोकतंत्र और उसके सैनिक तंत्र में बदलाव तथा पुनः लोकतंत्र की स्थापना की प्रक्रिया पर एक निबंध लिखिये।
उत्तर:
14 अगस्त, 1947 को भारत का विभाजन करके पाकिस्तान की स्थापना हुई। पाकिस्तान की राजनीतिक व्यवस्था मुस्लिम लीग के अध्यक्ष मुहम्मद अली जिन्ना पाकिस्तान के प्रथम गवर्नर जनरल बने और लियाकत अली खां ने प्रधानमंत्री का पद संभाला। लेकिन 1948 में जिन्ना की मृत्यु हो गई और पाकिस्तान के शासन की बागडोर लियाकत अली खां के हाथों में पूरी तरह से आ गई। अक्टूबर, 1951 में लियाकत अली खां की हत्या कर दी गई। इस घटना के बाद ख्वाजा निजामुद्दीन को प्रधानमंत्री तथा गुलाम मोहम्मद को गवर्नर जनरल के पद पर नियुक्त किया गया। 7 अप्रैल, 1953 को गवर्नर जनरल गुलाम मोहम्मद ने निजामुद्दीन मंत्रिमंडल को भंग कर दिया।
अमरीकी प्रभाव में अब मुहम्मद अली को प्रधानमंत्री बनाया गया। सैनिक तानाशाही: 7 अक्टूबर, 1958 को प्रधान सेनापति जनरल अयूब खां के नेतृत्व में सेना ने सरकार के विरुद्ध विद्रोह कर दिया तथा सत्ता प्राप्त कर ली। तब से लेकर 1971 तक तथा पुनः 5 जुलाई, 1977 से 1988 तक पाकिस्तान में सैनिक शासन रहा।
लोकतंत्र: 1971 में बांग्लादेश के निर्माण के बाद पाकिस्तान में जुल्फिकार अली भुट्टो के नेतृत्व में लोकतांत्रिक सरकार बनी जो 1977 तक कायम रही। इसके बाद 1989 से 1999 तक पाकिस्तान में पुनः लोकतान्त्रिक सरकारों ने काम किया।
- पुनः सैनिक शासन ( 1999 से 2007 तक ): सन् 1999 में सेना प्रमुख जनरल परवेज मुशर्रफ ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को पदच्युत करके अपने आपको वहां का शासक बना लिया जो 2007 तक सत्ता पर काबिज रहे।
- पुनः लोकतंत्र की वापसी (2008 से वर्तमान तक ): जन आंदोलनों और जनमत के दबाव में 2008 में पाकिस्तान में चुनाव हुए और तब से वर्तमान तक वहाँ लोकतांत्रिक सरकारें चली आ रही हैं।
प्रश्न 3.
बांग्लादेश का निर्माण क्यों और किस प्रकार हुआ?
उत्तर-
बांग्लादेश का निर्माण क्यों और कैसे?
1947 से 1971 तक बांग्लादेश पाकिस्तान का अंग था, जिसे पूर्वी पाकिस्तान के नाम से जाना जाता था।
- बंगाली संस्कृति की उपेक्षा: पूर्वी पाकिस्तान के लोग पश्चिमी पाकिस्तान के दबदबे और अपने ऊपर उर्दू भाषा को लादने के खिलाफ थे। पाकिस्तान के निर्माण के बाद से ही यहां के लोगों ने बंगाली संस्कृति और भाषा के साथ किये जा रहे दुर्व्यवहार के खिलाफ विरोध जताना शुरू कर दिया था।
- प्रशासन तथा राजनीतिक सत्ता में भागीदारी की माँग- इस क्षेत्र की जनता ने प्रशासन में अपने न्यायोचित प्रतिनिधित्व तथा राजनीतिक सत्ता में समुचित हिस्सेदारी तथा पूर्वी क्षेत्र के लिए स्वायत्तता की मांग उठायी।
- 1970 के आम चुनाव और शेख मुजीब की अवामी लीग को बहुमत मिलना:1970 के आम चुनाव में शेख मुजीबुर्रहमान के नेतृत्व वाली अवामी लीग को सम्पूर्ण पाकिस्तान के लिए प्रस्तावित संविधान सभा में बहुमत हासिल हो गया। लेकिन सरकार पर पश्चिमी पाकिस्तान के नेताओं का दबदबा था और सरकार ने इस सभा को आहूत करने से इन्कार कर दिया। शेख मुजीब को गिरफ्तार कर लिया गया।
- भारत-पाक युद्ध 1971: पाकिस्तानी सेना ने पूर्वी पाकिस्तान की जनता के आंदोलन को कुचलने हेतु हजारों लोगों को मौत के मुँह सुला दिया। वहाँ के लोगों ने भारत में पलायन किया। इससे भारत में शरणार्थी की समस्या खड़ी हो गई। फलतः भारत-पाक युद्ध 1971 हुआ ।
- बांग्लादेश का निर्माण: युद्ध समाप्त होने से पहले ही पूर्वी पाकिस्तान में पाकिस्तानी सेना ने आत्मसमर्पण कर दिया और अन्त में अप्रेल, 1971 में बांग्लादेश का निर्माण हुआ।
प्रश्न 4.
बांग्लादेश में लोकतंत्र के समक्ष चुनौतियों की व्याख्या कीजिए। (कोई चार )
अथवा
बांग्लादेश में लोकतंत्र की स्थापना की चर्चा कीजिए।
अथवा
बांग्लादेश में लोकतंत्र की स्थापना की प्रक्रिया को संक्षेप में बताइये।
उत्तर:
बांग्लादेश में लोकतंत्रीय शासन स्थापना की प्रक्रिया: बांग्लादेश में लोकतंत्र की स्थापना निम्न प्रकार हुई।
1. संसदीय लोकतंत्र की स्थापना:
12 अप्रेल, 1971 को स्वतंत्र बांग्लादेश सरकार का गठन हुआ। बांग्लादेश ने अपना एक नवीन संविधान बनाया जिसमें इसे संसदात्मक, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक तथा समाजवादी देश घोषित किया गया।
2. संसदीय लोकतंत्र के स्थान पर अध्यक्षीय लोकतंत्र:
19075 में शेख मुजीब ने संसदीय लोकतंत्र के स्थान पर अध्यक्षात्मक प्रणाली को मान्यता दी। इसके विरोध में सेना ने बगावत कर दी तथा शेख मुजीब की हत्या कर दी।
3. सैनिक शासन:
शेख मुजीब की हत्या के बाद 1975 में सैनिक शासके जियाउर्रहमान ने बांग्लादेश नेशनल पार्टी बनाई तथा 1979 के चुनाव में विजयी रही। लेकिन जियाउर्रहमान की हत्या हुई। अब लेफ्टिनेंट जनरल एम. एम. इरशाद के नेतृत्व में एक और सैनिक शासन ने बागडोर संभाली तथा 1990 तक सत्ता में बने रहे।
4. पुनः लोकतंत्र की स्थापना: जनता के व्यापक विरोध के समक्ष झुकते हुए ले. जनरल इरशाद को राष्ट्रपति का पद 1990 में छोड़ना पड़ा और 1991 में चुनाव हुए। इसके बाद से बांग्लादेश में बहुदलीय लोकतांत्रिक व्यवस्था कायम है।
प्रश्न 5.
नेपाल में लोकतंत्रीकरण की प्रक्रिया की एक समीक्षा प्रस्तुत कीजिये।
उत्तर:
नेपाल में संवैधानिक राजतंत्र: 1947 से 1960 तक नेपाल में संवैधानिक राजतंत्र रहा। संवैधानिक राजतंत्र के दौर में नेपाल की राजनीतिक पार्टियाँ और आम जनता खुले और उत्तरदायी शासन की माँग उठाते रहे। विवश होकर राजा ने 1990 में नए लोकतान्त्रिक संविधान की माँग मान ली। इस प्रकार नेपाल में 1990 से लोकतांत्रिक सरकार का गठन हुआ। लेकिन 1990 के दशक में ही 5-6 जिलों में माओवादियों की समानान्तर शासन व्यवस्था को नियंत्रित करने की प्रक्रिया में शाही सेना व माओवादियों के बीच हिंसक लड़ाई छिड़ गई।
कुछ समय तक राजा की सेना, लोकतंत्र – समर्थकों और माओवादियों के बीच त्रिकोणीय संघर्ष हुआ। अन्त में सन् 2002 में राजा ने संसद को भंग कर दिया और सरकार को गिरा दिया। लोकतंत्र की बहाली ( 2006 ) – अप्रेल, 2006 में नेपाल में देशव्यापी लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शन हुए तथा 24 अप्रेल, 2006 को राजा ज्ञानेन्द्र ने बाध्य होकर संसद को बहाल किया।
प्रश्न 6.
भारत के नेपाल व श्रीलंका के साथ सम्बन्धों की विवेचना कीजिये।
अथवा
भारत-श्रीलंका सम्बन्धों का विस्तार से वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भारत-नेपाल सम्बन्ध: भारत के नेपाल के साथ सम्बन्धों को निम्न प्रकार स्पष्ट किया गया है।
- दोनों देशों के बीच बहुत नजदीकी सांस्कृतिक सम्बन्ध रहे हैं।
- 1950 से नेपाल और भारत के बीच पारगमन और व्यापार संधि रही है।
- नेपाल के राजनीतिक विकास और लोकतंत्रीकरण में भारत की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है।
- भारत ने नेपाल में शिक्षण संस्थाओं के विकास, हवाई सेवा के विकास, भारतीय सशस्त्र बलों से सेवानिवृत्त नेपाली लोगों के कल्याण आदि में नेपाल को सहयोग दिया है।
- दोनों देश व्यापार, वैज्ञानिक सहयोग, साझे प्राकृतिक संसाधन, बिजली उत्पादन और जल प्रबंधन ग्रिड के मुद्दों पर एक साथ हैं।
- दोनों देशों के बीच पारगमन संधि पर नेपाल के संदेह, नेपाल के चीन से बढ़ते रिश्ते, कालापानी के मुद्दे, जल- विवाद आदि के सम्बन्ध में मतभेद उभरते रहे हैं। उक्त विवादों के होते हुए दोनों देशों के सम्बन्ध मैत्रीपूर्ण बने हुए हैं।
भारत-श्रीलंका सम्बन्ध: भारत और श्रीलंका दोनों पड़ौसी देश हैं। दोनों के बीच घनिष्ठ मैत्री सम्बन्ध हैं। यथा।
- दक्षिण एशिया में भारत और श्रीलंका दोनों ही स्वतंत्रता के बाद से लोकतांत्रिक देश रहे हैं।
- भारत और श्रीलंका के बीच केवल समुद्र है और दोनों देशों के बीच समुद्री सीमा विषयक समझौता है।
- भारत ने समय-समय पर आर्थिक सहयोग दिया है। दोनों गुटनिरपेक्ष देश हैं। दोनों के बीच मुक्त व्यापार समझौता है। यथा।
- दोनों देशों के बीच श्रीलंका तमिल समस्या विवाद का विषय रही। उक्त विवेचन से स्पष्ट है कि भारत-श्रीलंका के बीच परस्पर अच्छे पड़ौसी के सम्बन्ध कायम हैं।
प्रश्न 7.
भारत और नेपाल के आपसी सम्बन्धों में विवाद और सहयोग के मुख्य मुद्दों की विवेचना कीजिये भारत और नेपाल सम्बन्ध
उत्तर:
भारत व नेपाल के बीच सम्बन्धों में विवाद और सहयोग दोनों का सुगुंफन है। यथा।
I. भारत और नेपाल के सम्बन्धों में सहयोग के मुद्दे – भारत-नेपाल के बीच सहयोग के प्रमुख मुद्दे निम्नलिखित
- दोनों देशों के बीच बहुत नजदीकी सांस्कृतिक सम्बन्ध रहे हैं।
- 1950 से नेपाल और भारत के बीच पारगमन और व्यापार संधि रही है।
- नेपाल के राजनीतिक विकास और लोकतंत्रीकरण में भारत की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है।
- भारत ने नेपाल में शिक्षा के क्षेत्र में भी अनेक संस्थाओं और संगठनों के विकास में योगदान दिया है।
- दोनों देशों के बीच हवाई सेवा सम्बन्धी समझौता है।
II. भारत-नेपाल के बीच विवाद के मुद्दे – भारत – नेपाल के बीच अनेक मुद्दों पर विवाद उभरता रहा है।
- नेपाल सरकार भारत-विरोधी तत्त्वों के खिलाफ कदम नहीं उठाती।
- भारत की सुरक्षा एजेंसियाँ नेपाल में चल रहे माओवादी आंदोलन को अपनी सुरक्षा के लिए खतरा मानती है क्योंकि वे भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं।
- नेपाल के चीन से बढ़ते रिश्तों के कारण भारत की चिंता बढ़ी है।
- नेपाल के बहुत से लोग सोचते हैं कि भारत सरकार नेपाल के अंदरूनी मामलों में दखल दे रही है और उसके नदी जल तथा पन बिजली पर आँख गड़ाए हुए है।
- नेपाल को यह संशय है कि भारत उसको अपने भूक्षेत्र से होकर समुद्र तक पहुँचने से रोकता है।
प्रश्न 8.
भारत-पाक के बीच प्रमुख विवादग्रस्त मुद्दे क्या हैं? प्रकाश डालिये।
अथवा
भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के प्रमुख मुद्दों का विवेचन कीजिये । भारत – पाकिस्तान के बीच तनाव के प्रमुख मुद्दे
उत्तर;
भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के प्रमुख मुद्दे निम्नलिखित हैं।’
1. कश्मीर का मुद्दा: विभाजन के तुरन्त बाद दोनों देश कश्मीर के मुद्दे पर लड़ पड़े। पाकिस्तान की सरकार का दावा था कि कश्मीर पाकिस्तान का है जबकि भारत का कहना है कि कश्मीर भारत का अंग है। दोनों देशों के अपने-अपने तर्क हैं। इस मुद्दे को लेकर भारत पाकिस्तान के बीच 1947-48 तथा 1965 का युद्ध हो चुका है, लेकिन इन युद्धों से इस मसले का समाधान नहीं हो पाया है।
2. सियाचिन ग्लेशियर पर नियंत्रण का मुद्दा:
हिमालय में भारत – पाक-चीन सीमा पर स्थित सियाचिन ग्लेशियर उचित सीमा निर्धारण नहीं किये जा सकने के कारण भारत-पाक के बीच विवाद का मुद्दा बना हुआ है। सामरिक दृष्टि से इस क्षेत्र का अत्यधिक महत्त्व होने के कारण दोनों देश इस पर अपना अधिकार स्थापित करना चाहते हैं।
3. हथियारों की होड़ का मुद्दा: हथियारों की होड़ को लेकर भी भारत और पाकिस्तान के बीच तनातनी रहती है। 1998 में दोनों ने परमाणु परीक्षण किये तथा दोनों परमाणु अस्त्रों से लैस हैं।
4. एक-दूसरे पर संदेह तथा आरोप-प्रत्यारोप: दोनों देशों की सरकारें लगातार एक-दूसरे को संदेह की नजर से देखती हैं। उग्रवाद, आतंकवाद, जासूसी आदि के लिए एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप करती रहती है।
5. नदी – जल बँटवारे पर विवाद: भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि की व्याख्या और नदी – जल के इस्तेमाल को लेकर विवाद बना हुआ है।
6. सरक्रीक की समस्या: कच्छ के रन में सरक्रीक की सीमा रेखा को लेकर दोनों देशों के बीच मतभेद हैं।
प्रश्न 9.
पाकिस्तान के साथ भारत के सम्बन्धों को किस प्रकार सुधारा जा सकता है?
अथवा
भारत-पाक सम्बन्धों को सुधारने हेतु सुझाव दीजिये।
उत्तर:
भारत-पाक सम्बन्धों को सुधार हेतु सुझाव: भारत और पाकिस्तान के बीच सम्बन्धों को सुधारने के लिए निम्नलिखित सुझाव दिये जा सकते हैं।
- राजनीतिक स्तर पर बातचीत एवं विश्वास बहाली के प्रयास: भारत और पाकिस्तान दोनों राजनीतिक स्तर पर प्रयास करके आपसी विवादों को बातचीत और समझौतों के द्वारा दूर कर सकते हैं।
- आर्थिक स्तर पर प्रयास: दोनों देशों को आपसी सम्बन्ध सुधारने के लिए आर्थिक स्तर पर ‘मुक्त व्यापार संधि’ तथा एक-दूसरे की आर्थिक जरूरतों को पूरा करके सम्बन्धों में सुधार के प्रयत्न करने चाहिए।
- सांस्कृतिक स्तर पर प्रयास: सांस्कृतिक स्तर पर दोनों देशों को साहित्य, कला और खेल गतिविधियों के आदान-प्रदान, वीजा सुविधा तथा सिनेमा के द्वारा सहयोग बढ़ाना चाहिए।
- सामाजिक स्तर पर प्रयास: भारत और पाकिस्तान को अपने सम्बन्ध सुधारने के लिए समय पर इन लोगों को आपस में मिलने की सुविधा प्रदान करें।समय
- तकनीकी तथा चिकित्सा सेवा का आदान-प्रदान- दोनों देश तकनीकी ज्ञान तथा चिकित्सा के क्षेत्र में भी साथ काम करके आपसी सम्बन्ध सुधार सकते हैं। गया है।
- शिमला समझौते का पालन- दोनों देशों को शिमला समझौते की शर्तों का पालन करना चाहिए।
प्रश्न 10.
भारत और बांग्लादेश के मध्य तनाव तथा सहयोग के मुद्दों का विवेचन कीजिये।
उत्तर:
भारत और बांग्लादेश के मध्य तनाव और सहयोग के मुद्दे भारत और बांग्लादेश के बीच तनाव तथा सहयोग के मुद्दों का विवेचन निम्नलिखित बिन्दुओं के अन्तर्गत किया दोनों देशों के मध्य तनाव के मुद्दे भारत और बांग्लादेश के मध्य तनाव के अग्रलिखित प्रमुख मुद्दे हैं।
(अ) भारत सरकार निम्न कारणों से बांग्लादेश से नाराज है।
- भारत में अवैध आप्रवास (बांग्लादेशी शरणार्थियों की भारत में घुसपैठ ) पर ढाका द्वारा खंडन करना।
- बांग्लादेश सरकार का भारत विरोधी इस्लामी कट्टरपंथी जमातों को समर्थन देना।
- भारतीय सेना को पूर्वोत्तर भारत में जाने के लिए अपने इलाके से रास्ता देने से बांग्लादेश का इन्कार करना।
- ढाका का भारत को प्राकृतिक गैस निर्यात न करने का फैसला।
- म्यांमार को बांग्लादेशी इलाके से होकर भारत को प्राकृतिक गैस निर्यात नहीं करने देना।
(ब) बांग्लादेश सरकार निम्न कारणों से भारत सरकार से नाखुश है।
- बांग्लादेश सरकार नदी – जल में हिस्सेदारी के सवाल पर भारत सरकार से नाखुश है।
- भारत की सरकार पर चटगांव पर्वतीय क्षेत्र में विद्रोह को हवा देने, बांग्लादेश के प्राकृतिक गैस में सेंधमारी करने के भी आरोप हैं।
- पिछले दस वर्षों के भारत और बांग्लादेश के मध्य सहयोग के मुद्दे. दौरान दोनों देशों के बीच आर्थिक सम्बन्ध ज्यादा बेहतर हुए हैं।
- आपदा प्रबंधन और पर्यावरण के मसले पर भी दोनों देशों ने निरंतर सहयोग किया है।
- इस बात के भी प्रयास किये जा रहें हैं कि साझे खतरों को पहचान कर तथा एक-दूसरे की जरूरतों के प्रति ज्यादा संवेदनशीलता बरतकर सहयोग के दायरे को बढ़ाया जाये ।
प्रश्न 11.
दक्षिण एशियायी क्षेत्रीय सहयोग के क्षेत्र में सार्क की स्थापना के उद्देश्यों को स्पष्ट कीजिये तथा उसके संगठन पर प्रकाश डालिये।
उत्तर:
‘सार्क सार्क की स्थापना: दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) की स्थापना दिसम्बर, 1985 में हुई । वर्तमान में, सार्क में आठ सदस्य राष्ट्र हैं। सार्क के उद्देश्य – सार्क के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं।
- दक्षिण एशिया के लोगों के कल्याण में वृद्धि तथा उनके जीवन स्तर में उन्नति लाना।
- इस क्षेत्र में आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति तथा सांस्कृतिक विकास लाना।
- दक्षिण एशिया के देशों के बीच सामूहिक आत्मविश्वास को विकसित करने का प्रयास करना।
- एक-दूसरे की समस्याओं को समझने, सुलझाने तथा परस्पर विश्वास को लाने में योगदान करना।
- आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, तकनीकी तथा वैज्ञानिक क्षेत्रों में परस्पर सहयोग करना।
- दूसरे विकासशील देशों के साथ पारस्परिक सहयोग में वद्धि करना।
- समान हितों के मामलों में अन्तर्राष्ट्रीय आधारों पर परस्पर सहयोग में वृद्धि करना।
- समान उद्देश्यों वाले क्षेत्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ सहयोग करना।
सार्क का संगठन: सार्क की प्रमुख संस्थाएँ निम्नलिखित हैं।
- शिखर सम्मेलन: सार्क देशों का प्रतिवर्ष एक शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाता है जिसमें सदस्य देशों के शासनाध्यक्ष भाग लेते हैं।
- मंत्रिपरिषद्: सार्क के सभी राष्ट्रों के विदेशमंत्रियों से मिलकर एक मंत्रिपरिषद् का निर्माण किया गया है जो नीतियों का निर्माण करती है ।
- स्थायी समिति: सार्क की एक स्थायी समिति है जो परिषद् की योजनाओं की स्वीकृति देती है तथा उनका वित्तीय प्रबन्ध करती है।
- तकनीकी समिति: सार्क की तकनीकी समिति क्षेत्रीय सहयोग के विस्तार, योजनाओं का निर्माण व उनके कार्यान्वयन का मूल्यांकन आदि कार्य करती है।
- सचिवालय: सार्क का एक सचिवालय है। इसका एक महासचिव होता है जिसका कार्यकाल 2 वर्ष रखा गया है।
- वित्तीय व्यवस्था: सार्क के चार्टर के अनुच्छेद 9 में वित्तीय व्यवस्थाओं का प्रावधान किया गया है।
प्रश्न 12.
दक्षिण एशिया में शांति एवं सहयोग हेतु किये गये प्रयासों की विवेचना कीजिए।
अथवा
दक्षिण (सार्क) क्या है? दक्षिण एशिया की शांति व सहयोग में इसका क्या योगदान है।?
उत्तर:
सार्क (दक्षेस) से आशय: सार्क (दक्षेस) दक्षिण एशिया के देशों का इस क्षेत्र में शांति एवं सहयोग की स्थापना हेतु स्थापित किया गया एक क्षेत्रीय संगठन है। इसकी स्थापना 1985 में हुई। वर्तमान में इसके सदस्य देश हैं- भारत, बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका, पाकिस्तान, भूटान, मालदीव और अफगानिस्तान। दक्षिण एशिया के देशों में शांति एवं सहयोग के कदम दक्षिण एशिया के देशों ने दक्षिण एशिया में शांति एवं सहयोग की स्थापना की दिशा में निम्न प्रमुख कदम उठाये हैं
(1) सार्क (दक्षेस) की स्थापना तथा उसके कार्य:
सार्क के विभिन्न शिखर सम्मेलनों में दक्षिण एशिया के देशों में नशीले पदार्थों की तस्करी रोकने, पर्यटन के विकास, आपदा प्रबन्ध, खाद्य सुरक्षा भण्डार की स्थापना, पर्यावरण की सुरक्षा, संयुक्त उद्यम स्थापित करने, क्षेत्रीय परियोजनाओं हेतु सामूहिक कोष गठित करने आदि के निर्णय लिये गये
(2) दक्षिण एशिया मुक्त व्यापार क्षेत्र (South Asia Free Trade Area)-SAFTA ): इन देशों ने साफ्टा (SAFTA) लागू करना स्वीकार कर लिया। सन् 2004 में दक्षिण एशिया मुक्त व्यापार क्षेत्र के समझौते पर सार्क के देशों ने हस्ताक्षर किये तथा यह समझौता 2006 से प्रभावी हो गया। इसके अतिरिक्त इन सम्मेलनों में एक गरीबी उन्मूलन कोष गठित करने; दोहरे करारोपण से बचाव, वीसा नियमों में उदारता तथा दक्षेस संचार विषयों पर सहमति हुई है।
(3) भारत-पाकिस्तान सहयोग के प्रयास: भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को कम करने और शांति बहाल करने के लिए सार्क सम्मेलनों में लगातार प्रयास हुए हैं।
प्रश्न 13
श्रीलंका के जातीय संघर्ष का वर्णन कीजिए।
उत्तर: श्रीलंका का जातीय संघर्ष श्रीलंका 1948 में स्वतंत्र हुआ और स्वतंत्रता के बाद से अब तक वहाँ लोकतंत्र कायम है। लेकिन स्वतंत्रता के बाद से ही श्रीलंका को जातीय संघर्ष का सामना करना पड़ रहा है।
- सिंहली समुदाय व उसका दृष्टिकोण: श्रीलंका की राजनीति में सिंहली समुदाय बहुसंख्यक है। तथा सिंहली समुदाय का ही वहाँ दबदबा रहा है। सिंहलियों का मानना है कि श्रीलंका सिर्फ सिंहली लोगों का है। अतः तमिलों को कोई रियायत नहीं दी जाए।
- तमिल समुदाय: श्रीलंका के तमिल समुदाय की माँग रही है कि श्रीलंका के एक क्षेत्र को तमिलों के लिए एक अलग राष्ट्र बनाया जाये। लेकिन सिंहलियों के तमिल अल्पसंख्यकों के उक्त उपेक्षा भरे व्यवहार के कारण वहाँ उग्र- तमिल राष्ट्रवाद की आवाज बुलंद हुई।
- जातीय संघर्ष: 1983 के बाद श्रीलंका के एक उग्रवादी तमिल संगठन लिट्टे ने श्रीलंका की सेना के साथ एक पृथक तमिल राष्ट्र की स्थापना के लिए सशस्त्र संघर्ष प्रारंभ कर दिया। श्रीलंका का यह हिंसक संघर्ष लगातार चलता आ रहा है। अन्तर्राष्ट्रीय मध्यस्थ के रूप में नार्वे और आइसलैंड जैसे देश युद्धरत दोनों पक्षों को बातचीत करने के लिए राजी कर रहे हैं। लेकिन यह संभव नहीं हो पाया है। अंदरूनी संघर्ष के झंझावतों को झेलकर भी श्रीलंका ने लोकतांत्रिक राज व्यवस्था कायम रखी है।
प्रश्न 14.
पूर्वी पाकिस्तान से बड़ी संख्या में लोग पलायन करके भारत आ गए। कारण सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
अंग्रेजी शासन के समय बंगाल और असम के विभाजित हिस्सों से पूर्वी पाकिस्तान बना था। भारत और पाकिस्तान के विभाजन के बाद से ही पूर्वी पाकिस्तान के लोगों ने बंगाली संस्कृति और भाषा के साथ किए जा रहे दुर्व्यवहार के खिलाफ विरोध का प्रदर्शन करने लगे। इस क्षेत्र की जनता ने प्रशासन में अपने न्यायोचित प्रतिनिधित्व तथा राजनीतिक सत्ता में हिस्सेदारी की माँग की। पश्चिमी पाकिस्तान के प्रभुत्व के खिलाफ लोगों ने आंदोलन किया तथा पूर्वी क्षेत्र के लिए स्वायत्तता की माँग की।
परिणामस्वरूप शेख मुजीबुर्रहमान के नेतृत्व में आवामी लीग को 1970 में पूर्वी पाकिस्तान की सारी सीटों पर विजय मिली। लेकिन सरकार पर पश्चिमी पाकिस्तान के नेताओं का दबदबा था। जनरल याहिया खान के सैनिक शासन में पाकिस्तानी सेना ने बंगाली जनता के आंदोलन को कुचलने की कोशिश की। हजारों लोग पाकिस्तानी सेना के हाथों मारे गए। इस वजह से पूर्वी पाकिस्तान से बड़ी संख्या में लोग भारत पलायन कर गए।