JAC Class 10 Social Science Notes History Chapter 4 औद्योगीकरण का युग 

JAC Board Class 10th Social Science Notes History Chapter 4 औद्योगीकरण का युग

→ औद्योगीकरण का सूत्रपात

  • सन् 1900 में म्यूजिक कंपनी ई.टी.पॉल द्वारा संगीत की एक किताब प्रकाशित की गई जिसकी जिल्द पर ‘नयी सदी के उदय’ (डॉन ऑफ द सेंचुरी) का ऐलान करने वाली तस्वीर दी गई।
  • विश्व स्तर पर विभिन प्रकार की तस्वीरें आधुनिक विश्व की विजय गाथा को प्रस्तुत करती हैं। इस गाथा में आधुनिक विश्व को तीव्र तकनीकी परिवर्तनों, आविष्कारों, मशीनों, कारखानों, रेलवे एवं वाष्पपोतों की दुनिया के रूप में प्रदर्शित किया गया है।
  • 17वीं व 18वीं शताब्दी में यूरोपीय शहरों के व्यापारी गाँव में किसानों व कारीगरों को पैसे देकर उनसे अन्तर्राष्ट्रीय बाजार के लिए उत्पादन करवाते थे। इस प्रकार की व्यवस्था से शहरों व गाँवों के मध्य एक घनिष्ठ सम्बन्ध विकसित हो गया।

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→ कारखानों का उदय

  • इंग्लैण्ड में सर्वप्रथम 1730 ई. के दशक में कारखानों का खुलना प्रारम्भ हुआ।
  • कपास (कॉटन) नए युग का प्रथम प्रतीक थी।
  • 18वीं शताब्दी में रिचर्ड आर्कराइट ने सूती कपड़ा मिल को रूपरेखा पेश की।
  • 19वीं शताब्दी के आरम्भ में कारखाने इंग्लैंड के भूदृश्य का अभिन्न अंग बने।

→ औद्योगिक परिवर्तन की बढ़ती रफ्तार

  • सूती उद्योग व कपास उद्योग ब्रिटेन के सबसे अधिक विकसित उद्योग थे।
  • 1840 ई. के दशक में औद्योगीकरण के प्रथम चरण में कपास उद्योग सबसे बड़ा उद्योग बन चुका था। इसके पश्चात् लौह व इस्पात उद्योग इससे आगे निकल गये।
  • न्यूकॉमेन द्वारा बनाए गए भाप के इंजन में सुधार कर जेम्स वॉट गन् 1871 ई. में नए इंजन का पेटेंट करवाया। उसके दोस्त मैथ्यू बूल्टन ने इस मॉडल का उत्पादन किया।
  • महारानी विक्टोरिया के समय में ब्रिटेन में मानवीय श्रम की कोई कमी नहीं थी। अधिकांश उत्पाद केवल हाथ से ही तैयार किये जाते थे। उच्च वर्ग के लोगों (कुलीन व पूंजीपति वर्ग) द्वारा हाथों से बनी वस्तुओं को तरजीह देना इसका मुख्य कारण था।
  • जिन देशों में श्रमिकों की कमी होती थी वहाँ कारखानों के मालिक मशीनों का प्रयोग करते थे।
  • 1840 ई. के दशक के पश्चात् शहरों में निर्माण की गतिविधियों में तीव्र गति से वृद्धि होने से लोगों के लिए नये रोजगार के अवसर उत्पन्न हुए।

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→ भारतीय वस्त्र उद्योग

  • उद्योगों में मशीनीकरण से पहले अन्तर्राष्ट्रीय वस्त्र बाजार में भारत के रेशमी व सूती वस्त्रों का ही एकाधिकार रहता था।
  • ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने भारत में राजनीतिक सत्ता स्थापित कर व्यापार पर एकाधिकार करना प्रारम्भ कर दिया।
  • ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने वस्तु व्यापार में सक्रिय व्यापारियों एवं दलालों को समाप्त करने एवं बुनकरों पर अत्यधिक प्रत्यक्ष नियन्त्रण स्थापित करने की कोशिश की।
  • कम्पनी ने वेतनभोगी कर्मचारियों (जिन्हें गुमाश्ता कहा जाता था) की नियुक्ति की जो बुनकरों पर निगरानी रखने, माल एकत्रित करने तथा कपड़ों की गुणवत्ता जाँचने जैसे काम करते थे।
  • 19वीं सदी के प्रारम्भ में ब्रिटेन के वस्तु उत्पादों के निर्यात में अत्यधिक वृद्धि हुई।
  • भारत में मैनचेस्टर का कपड़ा आने से भारत के कपड़ा बुनकरों के समक्ष अपने जीवनयापन की समस्या उत्पन्न हो गई।
  • भारत में प्रथम वस्त्र कारखाना बम्बई (मुम्बई) में 1854 ई. में स्थापित हुआ था।
  • बंगाल में देश की प्रथम जूट मिल 1855 ई. में तथा 1862 ई. में दूसरी मिल शुरू हुई।
  • भारत के प्रारम्भिक उद्यमियों में द्वारकानाथ टैगोर, डिनशॉ पेटिट, जमशेद नुसरवानजी टाटा, सेठ हुकुमचन्द आदि थे।
  • जैसे-जैसे भारतीय व्यापार पर यूरोपीय औपनिवेशिक नियन्त्रण स्थापित होता चला गया वैसे-वैसे भारतीय व्यापारियों का व्यवसाय समाप्त होने लगा। भारत में कारखानों के विस्तार ने मजदूरों की माँग में वृद्धि कर दी।
  • नए मजदूरों की भर्ती के लिए उद्योगपति प्रायः एक जॉबर रखते थे जो मुख्यतः कोई पुराना व विश्वस्त कर्मचारी होता था।

→ औद्योगिक विकास का अनूठापन

  • भारत में कई यूरोपीय कम्पनियों ने ब्रिटिश सरकार से सस्ती कीमत पर जमीन लेकर चाय व कॉफी के बागानों की स्थापना की एवं खनन, नील व जूट व्यवसाय में धन का निवेश किया।
  • प्रथम विश्वयुद्ध के पश्चात् छोटे-छोटे उद्योगों की मात्रा में तीव्र गति से वृद्धि हुई तथा मैनचेस्टर को भारतीय बाजार में पुरानी हैसियत पुनः हासिल नहीं हो पायी।
  • बीसवीं सदी में हथकरघों पर बने कपड़े के उत्पादन में तीव्र गति से वृद्धि होने लगी।

→ विज्ञापन और बाजार

  • ब्रिटिश निर्माताओं ने विज्ञापनों के माध्यम से नये उपभोक्ता उत्पन्न किये।
  • औद्योगीकरण के प्रारम्भ से ही विज्ञापनों ने विभिन्न उत्पादों के बाजार को फैलाने में एवं एक नयी उपभोक्ता संस्कृति के निर्माण में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी।
  • मैनचेस्टर के उद्योगपति भारत में बेचने वाले कपड़ों के बण्डलों पर लेबल (जिस पर ‘मेड इन नचेस्टर’ लिखा होता था) लगाते थे। इससे खरीदारों को कम्पनी का नाम और उत्पादन के स्थान का पता चल जाता था। इसके अलावा लेबल वस्तुओं की गुणवत्ता का भी प्रतीक था।
  • 19वीं शताब्दी के अंत में निर्माताओं ने अपने उत्पादों को बेचने के लिए कैलेण्डरों को छपवाना शुरू किया जिन पर देवताओं की तस्वीर छपी होती थी।
  • भारतीय निर्माताओं के विज्ञापन स्वदेशी वस्तुओं के राष्ट्रवादी संदेश के वाहक बन गये थे।

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→  महत्त्वपूर्ण तिथियाँ एवं घटनाएँ |

तिथि घटनाएँ
1. 1730 ई. इंग्लैण्ड में सबसे पहले 1730 ई. के दशक में कारखाने खुले।
2. 1764 ई. जेम्स हरग्रीव्ज द्वारा स्पिनिंग जेनी नामक कताई की मशीन का निर्माण किया गया।
3. 1772 ई. ईस्ट इण्डिया कम्पनी के अफसर हेनरी पतूलो ने भारतीय वस्त्रों की प्रशंसा की।
4. 1780 ई. बम्बई व कलकत्ता का व्यापारिक बन्दरगाहों के रूप में विकास प्रारम्भ हुआ।
5. 1840 है. इस दशक तक औद्योगीकरण के प्रथम चरण में कपास उद्योग ब्रिटेन का सबसे बड़ा उद्योग बना।
6. 1854 ई. बम्बई में प्रथम कपड़ा मिल की स्थापना हुई।
7. 1871 ह. जेम्स वॉट ने न्यूकॉमेन द्वारा बनाये गये भाप के इंजन में सुधार कर नये इंजन का पेटेंट करा लिया।
8. 1874 ई. मद्रास (वर्तमान चेन्नई)में प्रथम कताई एवं बुनाई मिल की स्थापना हुई।
9. 1900 ई. ई. टी. पॉल म्यूजिक कम्पनी द्वारा संगीत की एक पुस्तक का प्रकाशन, जिसके मुख पृष्ठ पर दर्शायी तस्वीर में ‘नई सदी के उदय’ की घोषणा की गयी थी।
10. 1901 ई. उद्योगपति जे. एन. टाटा ने जमशेदपुर में भारत का पहला लौह इस्पात संयन्त्र स्थापित किया।
11. 1917 ई. मारवाड़ी व्यवसायी सेठ हुकुमचन्द द्वारा कलकत्ता (कोलकाता) में पहली जूट मिल स्थापित की गयी।

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→ प्रमुख पारिभाषिक शब्दावली
1. प्राच्य: भूमध्य सागर के पूर्व में स्थित देश। सामान्यतया यह शब्द एशिया के लिए प्रयोग किया जाता है। पश्चिम के देशों की नजर में प्राच्य क्षेत्र पूर्व आधुनिक, पारस्परिक एवं रहस्यमय थे।

2. आदि: किसी वस्तु की प्रथम अथवा प्रारम्भिक अवस्था का संकेत।

3. स्टेपलर: ऐसा व्यक्ति जो देशों के हिसाब से ऊन को स्टेपल करता है अथवा छाँटता है।

4. कार्डिंग: वह प्रक्रिया जिसमें ऊन या कपास आदि रेशों को कताई के लिए तैयार किया जाता है।

5. फुलर: ऐसा व्यक्ति जो फुल करता है अर्थात् चुन्नटों के सहारे कपड़े को समेटता है।

6. स्पिनिंग जेनी: जेम्स हरग्रीब्ज द्वारा सन् 1764 ई. में बनाई गई इस मशीन ने कताई की प्रक्रिया तेज कर दी। इस मशीन के प्रयोग से श्रमिकों की माँग घट गयी। इस मशीन का एक ही पहिया घुमाने वाला एक श्रमिक अनेक तकलियों को घुमा देता था और एक साथ कई धागे बनने लगते थे।

7. बुनकर: कपड़ों की बुनाई करने वाला व्यक्ति।

8. जॉबर: इसे अलग-अलग क्षेत्रों में मिस्त्री या सरदार भी कहा जाता था। यह उद्योगपतियों का पुराना व विश्वस्त कर्मचारी होता था। वह कारखानों में काम करने के लिए अपने गाँव से लोगों को लाता था। बदले में वह उनसे धन व उपहार लेता था।

9. फ्लाई शटल: रस्सियों एवं पुलियों के माध्यम से चलने वाला एक यांत्रिक औजार, जिसका बुनाई के लिए प्रयोग किया जाता है। यह क्षैतिज धागे (ताना) को लम्बवत् धागे (बाना) में पिरो देती है। इसके आविष्कार से बुनकरों को बड़े करघे चलाना एवं चौड़े अरज का कपड़ा बनाने में बहुत मदद मिली।

10. आदि: औद्योगीकरण-औद्योगीकरण का प्रारम्भिक चरण जिसमें थोक उत्पादन अन्तर्राष्ट्रीय बाजार के लिए कारखानों में नहीं वरन् विकेन्द्रित इकाइयों में ले जाया जाता था।

11. कॉटेजर: यूरोप में अपने जीवनयापन के लिए साझा ज़मीनों से जलावन की लकड़ी, बोरियाँ, सब्जियाँ, भूसा और चारा आदि बीनकर काम चलाने वाले छोटे किसान।

12. गुमाश्ता: ईस्ट इण्डिया कम्पनी द्वारा बुनकरों पर निगरानी रखने, माल इकट्ठा करने एवं कपड़ों की गुणवत्ता जाँचने के लिए नियुक्त वेतनभोगी कर्मचारी।

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JAC Class 10 Social Science Notes Civics Chapter 8 लोकतंत्र की चुनौतियाँ

JAC Board Class 10th Social Science Notes Civics Chapter 8 लोकतंत्र की चुनौतियाँ

  • समकालीन विश्व में लोकतंत्र शासन का एक प्रमुख रूप है।
  • सम्पूर्ण विश्व के एक-चौथाई भाग में अभी भी लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था नहीं है।
    विश्व के एक-चौथाई भागों में लोकतंत्र स्थापित करने की चुनौती है।
  • विश्व की अधिकांश लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं के समक्ष अपना विस्तार करना एक चुनौती है।
  • प्रत्येक लोकतांत्रिक व्यवस्था के समक्ष लोकतंत्र को मजबूत करने की एक महत्त्वपूर्ण चुनौती है।
  • राजनीतिक सुधारों का कार्य मुख्य रूप से राजनीतिक कार्यकर्ता, राजनीतिक दल, आन्दोलन एवं राजनीतिक रूप से सतर्क नागरिकों के द्वारा ही किया जा सकता है।
  • लोगों को जागरूक, जानकार एवं लोकतंत्र के रखवाले के तौर पर सक्रिय करने के लिए सूचना का अधिकार एक महत्त्वपूर्ण कानून है जो भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाता है।
  • लोकतंत्र शासन का वह स्वरूप है जिसमें लोग अपने शासकों का चुनाव स्वयं करते हैं।
  • चुनाव में लोगों को वर्तमान शासकों को बदलने एवं अपनी पसंद बताने का पर्याप्त अवसर और विकल्प मिलना चाहिए।
  • सरकारों और सामाजिक समूहों के मध्य सत्ता की साझेदारी लोकतंत्र के लिए अति आवश्यक है।
  • अच्छे लोकतंत्र की कोई बनी-बनाई परिभाषा नहीं है। अच्छा लोकतंत्र वही है जैसे उसे हम सोचते तथा बनाने की आकांक्षा रखते हैं।

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→ प्रमुख पारिभाषिक शब्दावली
1. चुनौती: हम आमतौर पर उन्हीं मुश्किलों को चुनौती कहते हैं जो महत्त्वपूर्ण तो हैं लेकिन जिन पर जीत भी हासिल की जा सकती है। यदि किसी मुश्किल के भीतर ऐसी संभावना है कि उस मुश्किल से छुटकारा मिल सके तो उसे हम चुनौती कहते हैं।

2. लोकतंत्र की चुनौतियाँ: एक देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था को सुनिश्चित बनाने के लिए आने वाली विभिन्न समस्याएँ लोकतंत्र की चुनौतियाँ कहलाती हैं।

3. राजनीतिक सुधार: लोकतंत्र की विभिन्न चुनौतियों के बारे में सभी सुझाव या प्रस्ताव राजनीतिक सुधार या लोकतांत्रिक सुधार कहलाते हैं।

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JAC Class 10 Social Science Notes Civics Chapter 7 लोकतंत्र के परिणाम 

JAC Board Class 10th Social Science Notes Civics Chapter 7 लोकतंत्र के परिणाम

→ लोकतंत्र के परिणाम

  • लोकतन्त्र शासन की अन्य व्यवस्थाओं से श्रेष्ठ है क्योंकि यह नागरिकों में समानता को बढ़ावा देता है, व्यक्ति की गरिमा को बढ़ाता है तथा इसमें गलतियों को सुधारने की गुंजाइश रहती है।
  • विश्व के अधिकांश लोग अन्य किसी भी वैकल्पिक शासन व्यवस्थाओं की तुलना में लोकतन्त्र को अधिक पसन्द करते है।

→  उत्तरदायी, जिम्मेदार व वैध शासन

  • लोकतन्त्र में सबसे बड़ी चिन्ता का विषय यह होता है कि लोगों को अपना शासक चुनने का अधिकार एवं शासकों पर नियन्त्रण बरकरार रहे।
  • लोकतन्त्र में फैसले नियम-कानून के अनुसार होते हैं।
  • लोकतन्त्र में नागरिकों को फैसले लेने में नियमों के पालन होने का पता लगाने का अधिकार होने के साथ ही इसके साधन भी उपलब्ध होते हैं जिसे पारदर्शिता कहते हैं।
  • लोकतान्त्रिक सरकार नागरिकों को निर्णय प्रक्रिया में हिस्सेदार बनाने एवं स्वयं को उसके प्रति जवाबदेह बनाने वाली कार्यविधि विकसित कर लेती है।
  • सरकार व उसके कामकाज के बारे में नागरिकों द्वारा सूचना के अधिकार के तहत जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
  • वैध शासन व्यवस्था के मामले में लोकतान्त्रिक शासन व्यवस्था निश्चित रूप से अन्य शासन व्यवस्थाओं से श्रेष्ठ है।

JAC Class 10 Social Science Notes Civics Chapter 7 लोकतंत्र के परिणाम 

→ आर्थिक संवृद्धि और विकास

  • सन् 1950 से 2000 ई. के मध्य सभी लोकतान्त्रिक शासन एवं तानाशाही शासन व्यवस्था के कामकाज की तुलना करने पर पाया गया कि आर्थिक समृद्धि के मामले में तानाशाही शासन व्यवस्था वाले देशों का रिकॉर्ड थोड़ा अच्छा है।
  • लोकतान्त्रिक शासन व्यवस्था राजनीतिक समानता पर आधारित होती है।
  • वास्तविक जीवन में लोकतान्त्रिक व्यवस्थाएँ आर्थिक असमानताओं को कम करने में अधिक सफल नहीं हो पायी हैं।

→  सामाजिक विविधताओं में सामंजस्य

  • लोकतान्त्रिक व्यवस्था से सद्भावपूर्ण सामाजिक जीवन उपलब्ध करवाने की उम्मीद करना उचित है।
  • लोकतन्त्र तब तक ही लोकतन्त्र रहता है जब तक प्रत्येक नागरिक को किसी-न-किसी मौके पर बहुमत का हिस्सा बनने का अवसर मिलता है।
  • व्यक्ति की गरिमा बनाए रखने एवं स्वतन्त्रता के मामले में लोकतान्त्रिक व्यवस्था किसी भी अन्य शासन प्रणाली से बहुत अच्छी है।
  • भारत में लोकतान्त्रिक शासन व्यवस्था ने कमजोर एवं भेदभाव का शिकार हुई जातियों के लोगों के समान दर्जे और समान अवसर के दावे को बल दिया है।

JAC Class 10 Social Science Notes Civics Chapter 7 लोकतंत्र के परिणाम 

→  प्रमुख पारिभाषिक शब्दावली
1. पारदर्शिता: लोकतन्त्र में यदि कोई नागरिक यह जानना चाहे कि फैसले लेने में नियमों का पालन हुआ है या नहीं तो वह इसका पता कर सकता है। उसे यह न सिर्फ जानने का अधिकार है बल्कि उसके पास इसके साधन भी उपलब्ध हैं, इसे ही पारदर्शिता कहते हैं।

2. लोकतन्त्र: शासन की वह व्यवस्था, जिसमें शासन की अन्तिम शक्ति जनता के हाथों में रहती है।

3. तानाशाही व्यवस्था: शासन की वह व्यवस्था जिसमें समस्त शक्तियाँ एक ही व्यक्ति के हाथ में हों, उसे तानाशाही शासन व्यवस्था कहा जाता है। इस शासन व्यवस्था में तानाशाह शासक अपनी इच्छानुसार शासन चलाता है तथा किसी को भी उसका विरोध करने की इजाज़त नहीं होती।

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JAC Class 10 Social Science Notes Civics Chapter 6 राजनीतिक दल 

JAC Board Class 10th Social Science Notes Civics Chapter 6 राजनीतिक दल

→ राजनीतिक दल

  • लोकतन्त्र में राजनीतिक दलों का बहुत महत्त्वपूर्ण स्थान होता है।
  • अधिकांश लोग आमतौर पर राजनीतिक दलों के बारे में अच्छी राय नहीं रखते हैं। सामाजिक व राजनीतिक विभाजनों के लिए राजनीतिक दलों को ही दोषी माना जाता है।|
  • राजनीतिक दल चुनाव लड़ने एवं सरकार में राजनीतिक सत्ता प्राप्त करने के उद्देश्य से कार्य करते हैं।
  • किसी भी राजनीतिक दल की पहचान उसकी नीतियों और उसके सामाजिक आधार से होती है।
  • राजनीतिक दल के तीन प्रमुख अंग हैं-नेता, सक्रिय सदस्य एवं अनुयायी या समर्थक।

→ राजनीतिक दल के कार्य

  • अधिकांश लोकतांत्रिक देशों में चुनाव राजनीतिक दलों द्वारा खड़े किए गए उम्मीदवारों के मध्य लड़ा जाता है।
  • राजनीतिक दल अलग-अलग नीतियों एवं कार्यक्रमों को मतदाताओं के समक्ष रखते हैं और मतदाता अपनी पसन्द की नीतियाँ व कार्यक्रम का चुनाव करते हैं।
  • राजनीतिक दल देश के कानून निर्माण में निर्णायक भूमिका का निर्वाह करते हैं।
  • राजनीतिक दल ही सरकार का गठन करते हैं एवं उसका संचालन करते हैं।
  • चुनाव में पराजित होने वाला दल शासक दल के विरोधी पक्ष की भूमिका का निर्वाह करता है।

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→ राजनीतिक दलों का योगदान

  • जनमत निर्माण में राजनीतिक दलों की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। ये विभिन्न मुद्दों को उठाकर उन पर बहस करते हैं।
  • राजनीतिक दल ही सरकार द्वारा संचालित कल्याणकारी कार्यक्रमों को जनता तक पहुँचाते हैं।

→ राजनीतिक दलों का उदय

  • संसार के लगभग सभी देशों में राजनीतिक दल मिलते हैं।
  • राजनीतिक दलों का जन्म प्रतिनिधित्व पर आधारित लोकतांत्रिक व्यवस्था के उभार के साथ जुड़ा हुआ है।
  • लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था वाले देशों में नागरिकों का कोई भी समूह राजनीतिक दल का निर्माण कर सकता है।
  • भारतीय चुनाव आयोग द्वारा पंजीकृत राजनीतिक दलों की संख्या 750 से भी अधिक है।
  • कई देशों में सिर्फ एक ही दल को सरकार बनाने व चलाने की अनुमति होती है जैसा कि चीन में देखने को मिलता है जहाँ सिर्फ कम्युनिस्ट पार्टी को शासन करने की अनुमति है।
  • एक दलीय व्यवस्था एक लोकतान्त्रिक विकल्प नहीं है।
  • संयुक्त राज्य अमेरिका व ग्रेट ब्रिटेन में दो दलीय व्यवस्था तथा भारत में बहुदलीय व्यवस्था है।
  • जब किसी बहुदलीय व्यवस्था में कई पार्टियाँ चुनाव लड़ने तथा सत्ता में आने के लिए एकजुट होती हैं तब इसे गठबन्धन या मोर्चा कहते हैं।
  • विश्व के संघीय व्यवस्था वाले लोकतन्त्रों में दो प्रकार के राजनीतिक दल मिलते हैं। संघीय इकाइयों में से केवल एक इकाई में अस्तित्व रखने वाले दल तथा कई या संघ की सभी इकाइयों में अस्तित्व रखने वाले दल।

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→ राष्ट्रीय व क्षेत्रीय दल:

  • चुनाव आयोग में प्रत्येक पार्टी को अपना पंजीकरण कराना पड़ता है। चुनाव आयोग द्वारा राजनीतिक दलों को विभिन्न नियमों के आधार पर मान्यता प्राप्त दल व राष्ट्रीय दल आदि की मान्यता प्रदान की जाती है।
  • भारत में 2017 तक सात दल राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त थे।
  • 1 जनवरी, 1998 को ममता बनर्जी के नेतृत्व में बनी ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस को 2016 में राष्ट्रीय दल के रूप में मान्यता मिली।
  • 1984 ई. में स्व. कांशीराम के नेतृत्व में बहुजन समाज पार्टी का गठन हुआ। यह पार्टी मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश में सक्रिय है।
  • 1980 ई. में पुराने भारतीय जनसंघ को पुनर्जीवित करके भारतीय जनता पार्टी का निर्माण हुआ।
  • भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सी.पी.आई.) का गठन 1925 ई. में हुआ था।
  • भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी (सी. पी. आई.-एम) का गठन 1964 ई. में हुआ था। यह मार्क्सवाद व लेनिनवाद में आस्था रखती है।
  • 1885 ई. में गठित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस विश्व के सबसे पुराने दलों में से एक है।
  • राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी का निर्माण 1999 ई. में हुआ था। यह पार्टी कांग्रेस से विभाजित होकर बनी थी।
  • कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सी.पी.आई-एम), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सी.पी.आई.), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अतिरिक्त अन्य सभी प्रमुख दलों को चुनाव आयोग ने राज्यीय (प्रान्तीय) दल के रूप में मान्यता दी है। इन्हें क्षेत्रीय दल भी कहते हैं।

JAC Class 10 Social Science Notes Civics Chapter 6 राजनीतिक दल 

→ राजनीतिक दलों की चुनौतियाँ

  • राजनीतिक दलों के समक्ष अनेक चुनौतियाँ हैं। लोकतन्त्र का प्रभावी उपकरण बने रहने के लिए राजनीतिक दलों को इन चुनौतियों का सामना करना चाहिए।
  • राजनैतिक दलों के समक्ष प्रमुख चुनौतियों में पार्टी के भीतर आन्तरिक लोकतंत्र का न होना, वंशवाद का होना, धन व अपराधियों की बढ़ती घुसपैठ, पार्टियों के मध्य विकल्पहीनता की स्थिति होना आदि प्रमुख हैं।

→ दल-बदल और दलगत सुधार

  • विधायकों एवं संसदों को दल बदल करने से रोकने के लिए संविधान में संशोधन किया गया है।
  • राजनीतिक दलों पर लोगों द्वारा दबाव बनाना तथा सुधार की इच्छा रखने वालों का खुद राजनीतिक दलों में शामिल होना राजनीतिक दलों के सुधारने के दो अन्य तरीके हैं।
  • लोकतन्त्र की गुणवत्ता लोकतंत्र में लोगों की भागीदारी से ही निर्धारित होती है।

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→ प्रमुख पारिभाषिक शब्दावली

1. राजनीतिक दल: राजनीतिक दल लोगों का एक समूह होता है जो चुनाव लड़ने तथा सरकार में राजनीतिक सत्ता प्राप्त करने के उद्देश्य से कार्य करता है।

2. एक दलीय शासन व्यवस्था: कई देशों में सिर्फ एक ही दल को सरकार बनाने और चलाने की अनुमति होती है। इसे एक दलीय शासन व्यवस्था कहा जाता है।

3. दो दलीय व्यवस्था: कुछ देशों में सत्ता आमतौर पर दो मुख्य दलों के मध्य ही बदलती रहती है। इसे दो दलीय व्यवस्था कहते हैं।

4. बहुदलीय व्यवस्था: जब अनेक दल सत्ता के लिए होड़ में होते हैं और दो दलों से अधिक के लिए अपने बल पर या दूसरों से गठबंधन करके सत्ता में आने का ठीक-ठाक अवसर हो तो उसे बहुदलीय व्यवस्था कहते हैं।

5. गठबंधन: इसे मोर्चा भी कहते हैं। जब किसी बहुदलीय व्यवस्था में अनेक पार्टियाँ चुनाव लड़ने तथा सत्ता में आने के लिए आपस में हाथ मिला लेती हैं तो इसे गठबंधन कहते हैं।

6. शासक दल: वह राजनीतिक दल जिसकी सरकार होती है। राष्ट्रीय दल-वह दल जिसका आधार व्यापक हो तथा लोकसभा चुनाव में पड़े कुल वोटों का अथवा चार राज्यों के विधानसभा चुनाव में पड़े कुल वोटों का 6 प्रतिशत प्राप्त करता है और लोकसभा के चुनाव में कम-से-कम चार सीटों पर विजय प्राप्त करता है तो उसे राष्ट्रीय दल की मान्यता मिलती है।

7. मान्यता प्राप्त दल: चुनाव आयोग से कुछ विशेषाधिकार और अन्य लाभ प्राप्त करने वाले बड़े व स्थापित राजनीतिक दलों को मान्यता प्राप्त दल कहते हैं।

8. प्रांतीय दल: इन्हें क्षेत्रीय दल भी कहते हैं। वह दल जिसका जन्म किसी विशेष क्षेत्र अथवा राज्य में होता है तथा वे उस क्षेत्र के निवासियों के लिए कार्य करते हैं, प्रान्तीय दल कहलाते हैं।

9. दल-बदल: चुनावों में किसी दल विशेष के टिकट पर चुने जाने के पश्चात् उस राजनीतिक दल को छोड़कर अन्य किसी राजनीतिक दल में सम्मिलित हो जाना दल-बदल कहलाता है।

10. शपथ-पत्र: एक लिखित दस्तावेज़ जो किसी अधिकारी को सौंपा गया हो तथा जिसमें कोई व्यक्ति अपने बारे में निजी सूचना देता है और उनके सही होने के बारे में शपथ उठाता है। इस पर सूचना देने वाले के हस्ताक्षर भी होते हैं।

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JAC Class 10 Social Science Notes Civics Chapter 5 जन-संघर्ष और आंदोलन 

JAC Board Class 10th Social Science Notes Civics Chapter 5 जन-संघर्ष और आंदोलन

→ लोकतंत्र एवं दबाव समूह

  • लोकतंत्र में सत्ताधारी स्वच्छन्द नहीं हैं। वे अपने ऊपर पड़ने वाले प्रभाव एवं दबाव से मुक्त नहीं रह सकते।
  • लोकतंत्र में प्रायः हितों एवं नजरियों के द्वन्द्व की अभिव्यक्ति संगठित तरीके से होती है। जिनके पास सत्ता होती है उन्हें परस्पर विरोधी माँगों एवं दबावों में संतुलन बैठाना पड़ता है।

→ नेपाल में जनसंघर्ष

  • हमारे पड़ोसी देश नेपाल में लोकतन्त्र 1990 ई. के दशक में स्थापित हुआ था।
  • फरवरी 2005 में नेपाल के राजा ज्ञानेन्द्र ने तत्कालीन प्रधानमंत्री को अपदस्थ कर जनता द्वारा निर्वाचित सरकार को भंग कर दिया।
  • अप्रैल 2006 ई. में नेपाल में एक जन आन्दोलन हुआ जिसका उद्देश्य शासन की बागडोर राजा के हाथ से लेकर पुनः जनता के हाथों में सौंपना था।
  • संसद की सभी बड़ी राजनीतिक पार्टियों ने संयुक्त रूप से एक सप्तदलीय गठबन्धन (सेवेन. पार्टी अलायन्स एस.पी.ए.) का गठन किया तथा देश की राजधानी काठमांडू में चार दिवसीय बन्द. का आह्वान किया जो जल्द ही अनियतकालीन बन्द में परिवर्तित हो गया। आन्दोलनकारियों ने 21 अप्रैल का राजा को ‘अल्टीमेटम’ दे दिया।
  • 24 अप्रैल, 2006 अल्टीमेटम का अंतिम दिन था। इस दिन राजा को जनता की तीन माँगों को मानना पड़ा। सप्तदलीय गठबंधन (एस. पी. ए.) ने गिरिजा प्रसाद कोईराला को अन्तरिम सरकार का प्रधानमन्त्री चुना।
  • संसद को बहाल किया गया तथा इसने अपनी बैठक में कई कानून पारित किए जिसमें राजा की कई शक्तियों को वापस लेने का भी कानून था। इस संघर्ष को नेपाल के लोकतन्त्र के लिए ‘दूसरा आन्दोलन’ कहा गया।
  • नेपाल 2008 में राजतन्त्र को समाप्त कर संघीय लोकतान्त्रिक गणराज्य बना तथा 2015 में यहाँ एक नया संविधान अंगीकार किया गया।

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→ बोलिविया का जल युद्ध:

  • बोलिविया एक गरीब लातिनी अमेरिकी देश है। विश्व बैंक ने बोलिवियाई सरकार पर नगरपालिका द्वारा की जा रही जल की आपूर्ति से अपना नियन्त्रण छोड़ने हेतु दबाव बनाया।
  • बोलिविया सरकार द्वारा कोचबंबा शहर में जलापूर्ति के अधिकार एक बहुराष्ट्रीय कम्पनी को बेचने तथा उसके द्वारा पानी के मासिक बिल में अत्यधिक मात्रा में वृद्धि किये जाने के कारण जनता भड़क उठी। अन्त में सरकार को अपना निर्णय वापस लेना पड़ा। इस आन्दोलन को ‘बोलिविया के जल युद्ध’ के नाम से जाना जाता है।

→ लोकतंत्र और जनसंघर्ष

  • लोकतन्त्र का विकास जनसंघर्ष के माध्यम से होता है तथा लोकतान्त्रिक संघर्ष का समाधान जनता की व्यापक गोलबंदी (लामबन्दी) के माध्यम से होता है।
  • बोलिविया में पानी के निजीकरण के विरुद्ध संचालित आन्दोलन का नेतृत्व ‘फेडेकोर’ (FEDECOR) नामक संगठन ने किया था।
  • बोलिविया की ‘सोशलिस्ट पार्टी’ ने भी इस आन्दोलन को समर्थन दिया। इस पार्टी ने 2006 में देश की सत्ता प्राप्त की।

JAC Class 10 Social Science Notes Civics Chapter 5 जन-संघर्ष और आंदोलन 

→ दबाव समूह और आंदोलन

  • जब समान पेशे, हित, आकांक्षा अथवा मत के लोग एक समान उद्देश्य की प्राप्ति हेतु एकजुट होते हैं तब दबाव समूह का निर्माण होता है।
  • वर्ग विशेष के हित समूह समाज के किसी विशेष हिस्से अथवा समूह के हितों को बढ़ावा देते हैं जबकि जन-सामान्य के हित समूह या लोग कल्याणकारी समूह किसी विशेष हित की जगह सामूहिक हित का प्रतिनिधित्व करते हैं।
  • दबाव समूह एवं आन्दोलन अपने लक्ष्य एवं गतिविधियों के लिए जनता का समर्थन व सहानुभूति प्राप्त करने के लिए अनेक तरीके अपनाते हैं जिनमें सूचना अभियान चलाना, बैठकें आयोजित करना, मीडिया को प्रभावित करना, हड़ताल करना, सरकार के काम-काज में बाधा डालना, राजनीतिक दल बनाना व राजनीतिक दलों द्वारा अपने मुद्दे उठवाना आदि प्रमुख है।
  • यद्यपि दबाव समूह और आन्दोलन समह दलीय राजनीति में स्पष्ट रूप से भाग नहीं लेते लेकिन वे राजनीतिक दलों पर प्रभाव डालते हैं। दबाव समूह एवं आन्दोलन से लोकतंत्र की जड़ें मजबूत हुई हैं।
  • विभिन्न दबाव समूहों के सक्रिय रहने से कोई एक समूह समाज के ऊपर प्रभुत्व स्थापित नहीं कर सकता। इनसे सरकार को परस्पर विरोधी हितों के मध्य सामंजस्य बैठाना एवं शक्ति संतुलन करना सम्भव होता है।

JAC Class 10 Social Science Notes Civics Chapter 5 जन-संघर्ष और आंदोलन 

→ प्रमुख पारिभाषिक शब्दावली
1. माओवादी: चीमी क्रांति के नेता माओ की विचारधारा का अनुसरण करने वाले साम्यवादी। माओवादी श्रमिकों और किसानों के शासन को स्थापित करने के लिए सशस्त्र क्रांति के माध्यम से सरकार को उखाड़ फेंकना चाहते हैं।

2. दबाव समूह: मान हित वाले लोगों के समूह को दबाव समूह के नाम से जाना जाता है। ये अपने हितों को प्राप्त करने के लिए सरकार पर दबाव डालते हैं।

3. हित समूह: समाज के किसी विशेष हिस्से अथवा समूह के हितों को बढ़ावा देने वाले संगठन।।

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JAC Class 10 Social Science Notes Civics Chapter 4 जाति, धर्म और लैंगिक मसले 

JAC Board Class 10th Social Science Notes Civics Chapter 4 जाति, धर्म और लैंगिक मसले

→ लैंगिक विभाजन:

  • लैंगिक असमानता सामाजिक असमानता का एक रूप है जो प्रत्येक स्थान पर दिखाई देती है।
  • लैंगिक असमानता का आधार स्त्री व मुरुषों के विषय में प्रचलित रूढ़ छवियाँ तथा तयशुदा सामाजिक भूमिकाएँ हैं न कि उनकी जैविक बनावट।
  • श्रम के लैंगिक विभाजन में औरतें घर के अन्दर का सारा काम; जैसे-खाना बनाना, सफाई करना, कपड़े धोना तथा बच्चों की देख-रेख करना आदि कार्य करती हैं जबकि मर्द घर के बाहर का काम करते हैं।

→ नारीवाद

  • महिलाओं के राजनीतिक तथा वैधानिक दर्जे को ऊँचा उठाने, उनके लिए शिक्षा और रोजगार के अवसरों को बढ़ाने की माँग करने तथा उनके निजी व पारिवारिक जीवन में भी बराबरी की मांग करने वाले आन्दोलनों को नारीवादी आन्दोलन कहते हैं।
  • लैंगिक विभाजन की राजनीतिक अभिव्यक्ति तथा इस प्रश्न पर राजनीतिक गोलबंदी ने सार्वजनिक जीवन में महिलाओं की भूमिका को बढ़ाने में सहायता की है।
  • स्वीडन, नॉर्वे व फिनलैण्ड जैसे स्कैंडिनेवियाई देशों में सार्वजनिक जीवन में महिलाओं की भागीदारी का स्तर बहुत ऊँचा है।

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→ भारत में महिलाओं की स्थिति

  • भारत में स्वतन्त्रता के पश्चात् महिलाओं की स्थिति में बहुत सुधार आया है लेकिन आज भी वे पुरुषों से बहुत पीछे हैं। भारतीय समाज आज भी पितृ-प्रधान है।
  • भारत में महिलाओं की साक्षरता दर 54 प्रतिशत जबकि पुरुषों की साक्षरता दर 76 प्रतिशत है।
  • राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने का सबसे अच्छा तरीका है निर्वाचित संस्थाओं में महिलाओं के लिए कानूनी रूप से एक उचित हिस्सा तय कर देना। भारत में पंचायती राज के अन्तर्गत कुछ ऐसी ही व्यवस्था की गई है।
  • आज भारत के ग्रामीण तथा शहरी स्थानीय निकायों में 10 लाख से अधिक निर्वाचित महिलाएँ हैं। नोट: 2011 की जनगणना के आँकड़ों के अनुसार भारत में महिला साक्षरता दर 65.46% व पुरुष साक्षरता 82.14% दर रही थी।

→ धार्मिक विभाजन

  • धार्मिक विभाजन प्रायः राजनीति के मैदान में अभिव्यक्त होता है।
  • गाँधीजी के मतानुसार, धर्म को कभी भी राजनीति से अलग नहीं किया जा सकता। धर्म से उनका अभिप्राय हिन्दू या इस्लाम जैसे धर्म से न होकर नैतिक मूल्यों से था जो सभी धर्मों से जुड़े हुए हैं।
  • महात्मा गाँधी जी का मानना था कि राजनीति धर्म द्वारा स्थापित मूल्यों से निर्देशित होनी चाहिए।

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→ साम्प्रदायिकता

  • साम्प्रदायिक राजनीति इस सोच पर आधारित होती है कि धर्म ही मुख्य रूप से सामाजिक समुदाय का निर्माण करता है।
  • साम्प्रदायिकता हमारे देश के लोकतन्त्र के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती रही है।
  • भारतीय संघ ने किसी भी धर्म को राजकीय धर्म के रूप में स्वीकार नहीं किया है।

→ जातीय विभाजन

  • लिंग व धर्म के आधार पर विभाजन तो समस्त विश्व में देखा जा सकता है पर जाति पर आधारित विभाजन केवल भारतीय समाज में ही देखने को मिलता है।
  • भारत में वर्ण व्यवस्था, अन्य जाति समूहों से भेदभाव तथा उन्हें अपने से अलग मानने की धारणा पर आधारित है।
  • भारतीय जनगणना में प्रत्येक 10 वर्ष पश्चात् सभी नागरिकों के धर्म को भी दर्ज किया जाता है।

JAC Class 10 Social Science Notes Civics Chapter 4 जाति, धर्म और लैंगिक मसले 

→ जातीय राजनीति

  • भारतीय संविधान में किसी भी प्रकार के जातिगत भेदभाव पर रोक लगायी गयी है।
  • भारत में साम्प्रदायिकता की तरह जातिवाद भी इस मान्यता पर आधारित है कि जाति ही सामाजिक समुदाय के गठन का एकमात्र आधार है।
  • आर्थिक असमानता का एक महत्त्वपूर्ण आधार जाति भी है क्योंकि इससे विभिन्न संसाधनों तक लोगों की पहुँच निर्धारित होती है।
  • जातिवाद तनाव, टकराव एवं हिंसा को भी बढ़ावा प्रदान करता है।

JAC Class 10 Social Science Notes Civics Chapter 4 जाति, धर्म और लैंगिक मसले 

→ प्रमुख पारिभाषिक शब्दावली
1. श्रम का लैंगिक विभाजन: श्रम के विभाजन का वह तरीका जिसमें घर के अन्दर के समस्त कार्य परिवार की महिलाएँ करती हैं या अपनी देखरेख में घरेलू नौकरों अथवा नौकरानियों से करवाती हैं।

2. नारीवादी: महिला और पुरुषों के समान अधिकारों एवं अवसरों में विश्वास करने वाली महिला या पुरुष।

3. पितृ-प्रधान: इसका शाब्दिक अर्थ तो पिता का शासन है पर इस शब्द का प्रयोग महिलाओं की तुलना में पुरुषों को अधिक महत्त्व, अधिक शक्ति देने वाली व्यवस्था के लिए भी किया जाता है।

4. लिंग-अनुपात: प्रति एक हजार पुरुषों के पीछे महिलाओं की संख्या लिंग अनुपात कहलाती है।

5. पारिवारिक कानून: विवाह, तलाक, गोद लेना तथा उत्तराधिकार जैसे परिवार से जुड़े मामलों से सम्बन्धित कानून। हमारे देश में सभी धर्मों के लिए अलग-अलग पारिवारिक कानून हैं।

6. वर्ण-व्यवस्था: जाति समूहों का पदानुक्रम जिसमें एक जाति के लोग प्रत्येक स्थिति में सामाजिक पायदान में सबसे ऊपर रहेंगे तो किसी जाति समूह के लोग क्रमागत के रूप में उनके नीचे रहेंगे।

7. शहरीकरण: ग्रामीण क्षेत्रों से निकलकर लोगों का शहरों में बसना शहरीकरण कहलाता है। जातिवाद-विवाह, कार्य तथा आहार के उद्देश्यों के लिए सामाजिक समूहों में लोगों का संगठन जातिवाद कहलाता है।

8. साम्प्रदायिकता: साम्प्रदायिकता समाज की वह स्थिति है जिसमें विभिन्न धार्मिक समूह अन्य समूहों पर अपनी श्रेष्ठता स्थापित करने का प्रयास करते हैं। साम्प्रदायिक राजनीति-किसी एक धार्मिक समूह की सत्ता एवं वर्चस्व तथा अन्य समूहों की उपेक्षा पर आधारित राजनीति को साम्प्रदायिक राजनीति कहते हैं।

9. धर्मनिरपेक्ष: सभी धर्मों को समान महत्त्व प्रदान करना।

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JAC Class 10 Social Science Notes Civics Chapter 3 लोकतंत्र और विविधता

JAC Board Class 10th Social Science Notes Civics Chapter 3 लोकतंत्र और विविधता

पाठसारांश

→ लोकतंत्र व पहचान की भूमिका

  • लोगों की विशिष्ट पहचान सिर्फ भाषा एवं क्षेत्र के आधार पर ही नहीं होती बल्कि कई बार लोग अपनी पहचान एवं दूसरों से अपने सम्बन्ध शारीरिक बनावट, वर्ग, धर्म, लिंग, जाति, कबीले आदि के आधार पर भी होते हैं।
  • लोकतन्त्र समस्त सामाजिक विभिन्नताओं, अन्तरों एवं असमानताओं के मध्य सामंजस्य बैठाकर उनका सर्वमान्य समाधान प्रदान करने की कोशिश करता है।
  • सन् 1968 ई. में मैक्सिको सिटी में हुए ओलंपिक खेलों में 200 मीटर की दौड़ में एफ्रो-अमेरिकी टॉमी स्मिथ व जॉन कार्लोस ने स्वर्ण व रजत पदक जीता था।
  • स्मिथ ने पदक वितरण समारोह में गले में एक काला मफलर जैसा परिधान पहना था जो अश्वेत लोगों के आत्म-गौरव का प्रतीक है। कार्लोस ने काले मनकों की एक माला पहनी थी। काले दस्ताने व बँधी हुई मुट्ठियाँ अश्वेत शक्ति का प्रतीक थीं।
  • अपने इन प्रतीक और तौर-तरीकों से उन्होंने अमेरिका में होने वाले रंगभेद के प्रति अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय का ध्यान खींचने का प्रयास किया।

JAC Class 10 Social Science Notes Civics Chapter 3 लोकतंत्र और विविधता

→ समानताएँ, असमानताएँ और विभाजन

  • सामाजिक विभाजन मुख्य रूप से जन्म पर आधारित होता है।
  • सभी प्रकार का सामाजिक विभाजन जन्म पर ही आधारित नहीं होता है। कुछ चीजों को हम अपनी पसन्द या चुनाव के आधार पर भी तय करते हैं; जैसे-पढ़ाई के विषय, पेशे, खेल या सांस्कृतिक गतिविधियाँ आदि।
  • सामाजिक विभाजन तब होता है जब कुछ सामाजिक अन्तर दूसरी अनेक विभिन्नताओं से ऊपर और बड़े हो जाते हैं।
  • यदि एक-सी सामाजिक असमानताएँ कई समूहों में मौजूद हों तो फिर एक समूह के लोगों के लिए दूसरे समूहों से अलग पहचान बनाना कठिन हो जाता है।
  • आज अधिकांश समाजों में कई तरह के विभाजन दिखाई देते हैं। देश का बड़ा या छोटा होना कोई खास मायने नहीं रखता है। यथा-भारत एक बड़ा देश है जिसमें अनेक समुदायों के लोग रहते हैं जबकि बेल्जियम एक छोटा देश है लेकिन वहाँ भी कई समुदायों के लोग रहते हैं।

→ सामाजिक विभाजन की राजनीति व आयाम

  • सामाजिक विभाजनों की राजनीति का परिणाम तीन बिन्दुओं पर निर्भर करता है- पहला बिन्दु लोगों में अपनी पहचान के प्रति आग्रह की भावना, दूसरा महत्त्वपूर्ण बिन्दु-किसी समुदाय की माँगों को राजनीतिक दल कैसे उठा रहे हैं तथा तीसरा बिन्दु-सरकार का रुख।
  • लोकतन्त्र में सामाजिक विभाजन की राजनीतिक अभिव्यक्ति एक सामान्य बात है और यह एक स्वस्थ राजनीति का लक्षण भी हो सकता है।
  • जो लोग स्वयं को वंचित, उपेक्षित एवं भेदभाव का शिकार मानते हैं, उन्हें अन्याय से संघर्ष भी करना होता है। ऐसी लड़ाई प्रायः लोकतान्त्रिक रास्ता ही अपनाती है।
  • कई बार गैर-बराबरी एवं अन्याय के विरुद्ध होने वाला संघर्ष हिंसा का रास्ता भी अपना लेता है, लेकिन ऐसी समस्त गड़बड़ियों की पहचान करने एवं विविधता को समाहित करने का लोकतंत्र ही सबसे अच्छा तरीका है।

JAC Class 10 Social Science Notes Civics Chapter 3 लोकतंत्र और विविधता

→ प्रमुख पारिभाषिक शब्दावली
1. एफ्रो: अमेरिकी-एफ्रो-अमेरिकन, अश्वेत अमेरिकी या अश्वेत शब्द उन अफ्रीकी लोगों के वंशजों के लिए प्रयोग में लाया जाता है जिन्हें 17वीं सदी से लेकर 19वीं सदी की शुरुआत में अमेरिका में गुलाम बनाकर लाया गया था।

2. नागरिक अधिकार आन्दोलन: यह आन्दोलन संयुक्त राज्य अमेरिका में सन् 1954 ई. से 1968 ई. के मध्य चलाया गया था। इस आन्दोलन का प्रमुख उद्देश्य एफ्रो-अमेरिकी लोगों के विरुद्ध होने वाले नस्ल आधारित भेदभाव को समाप्त करना था।

3. पूर्णतः अहिंसक इस आन्दोलन का नेतृत्व मार्टिन लूथर किंग जूनियर ने किया था। इन्होंने नस्ल के आधार पर
भेदभाव करने वाले कानूनों और व्यवहार को समाप्त करने की मांग उठाई, जो अन्त में सफल हुई।

4. अश्वेत शक्ति आन्दोलन: यह आन्दोलन 1966 ई. से 1975 ई. के मध्य चला। नस्ल के आधार पर भेदभाव के प्रति इस आन्दोलन का रवैया अधिक उग्र था, यह नस्लवाद को समाप्त करने के लिए हिंसा का सहारा लेने का भी समर्थन करता था।

5. समरूप समाज: एक ऐसा समाज जिसमें सामुदायिक, सांस्कृतिक अथवा जातीय विभिन्नताएँ अधिक गहरी नहीं होती

6. नस्लवाद: लोगों के बीच जैविक अन्तर की सामाजिक धारणाओं में आधारित भेदभाव व पूर्वाग्रह दोनों की स्थिति।

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JAC Class 10 Social Science Solutions History Chapter 1 यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय

JAC Board Class 10th Social Science Solutions History Chapter 1 यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय

JAC Class 10th History यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय Textbook Questions and Answers

संक्षेप में लिखें

प्रश्न 1.
निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखिए
(क) ज्युसेपे मेत्सिनी
(ख) काउंट कैमिलो द कावूर
(ग) यूनानी स्वतन्त्रता युद्ध
(घ) फ्रैंकफर्ट संसद
(ङ) राष्ट्रवादी संघर्षों में महिलाओं की भूमिका।
उत्तर:
(क) ज्युसेपे मेत्सिनी-ज्युसेपे मेत्सिनी इटली का एक युवा क्रान्तिकारी था। इसका जन्म सन् 1807 को जेनोआ में हुआ था। देशभक्ति की भावना से प्रेरित होकर वह कार्बोनारी के गुप्त संगठन का सदस्य बन गया। 24 वर्ष की आयु में लिगुरिया में क्रान्ति करने के कारण उसे बहिष्कृत कर दिया गया। इसके पश्चात् मेत्सिनी ने मार्सेई में यंग इटली एवं बर्न में ‘यंग यूरोप’ नामक दो भूमिगत संगठनों की स्थापना की जिसके सदस्य पोलैण्ड, फ्रांस, इटली एवं जर्मनी आदि राज्यों में समान विचार रखने वाले युवा थे।

मेत्सिनी का विश्वास था कि ईश्वर की इच्छा के अनुसार राष्ट्र ही मनुष्यों की प्राकृतिक इकाई थी। अतः इटली छोटे राज्यों की तरह नहीं रह सकता। उसे जोड़कर राष्ट्रों के व्यापक गठबंधन के अन्दर एकीकृत गणतन्त्र बनाना ही था। यह एकीकरण ही इटली की मुक्ति का आधार हो सकता है। मेत्सिनी ने राजतन्त्र का घोर विरोध करके एवं प्रजातान्त्रिक गणतन्त्रों के अपने स्वप्न से रूढ़िवादियों को पराजित कर दिया।

(ख) काउंट कैमिलो द कावूर-काउंट कैमिलो द कावूर इटली के सार्डीनिया-पीडमॉण्ट राज्य का प्रमुख मंत्री था। वह न तो एक क्रांतिकारी था और न ही जनतंत्र में विश्वास रखने वाला व्यक्ति था। वह इटली के उच्च धनी एवं शिक्षित सदस्यों की भाँति इतालवी की अपेक्षा फ्रेंच भाषा को अच्छे तरीके से बोलने वाला था।

कावूर के प्रयत्नों से फ्रांस और सार्डिनिया-पीडमॉण्ट के बीच एक कूटनीतिक संधि हुई थी। फ्रांस से उसके घनिष्ठ सम्बन्ध थे जिसकी सहायता से सार्डिनिया-पीडमॉण्ट ने सन् 1859 में ऑस्ट्रिया को पराजित कर दिया था। इसने इटली के प्रदेशों को एकीकृत करने वाले आंदोलन का नेतृत्व किया।

(ग) यूनानी स्वतन्त्रता युद्ध-यूरोप में उदारवाद एवं राष्ट्रवाद के विकास के साथ क्रान्तियों का युग प्रारम्भ हुआ। 19वीं शताब्दी में यूनान का स्वतन्त्रता संग्राम भी राष्ट्रवादी भावना से प्रेरित था। यूनान के स्वतन्त्रता संग्राम ने यूरोप के शिक्षित अभिजात वर्ग में राष्ट्रीय भावनाओं का संचार किया। 15वीं शताब्दी से ही यूनान पर ऑटोमन साम्राज्य का शासन था। यूरोप महाद्वीप में क्रान्तिकारी राष्ट्रवाद की प्रगति से यूनान के लोगों में राष्ट्रीयता की भावना का विकास हुआ।

इसके परिणामस्वरूप सन् 1821 में यूनान की स्वतन्त्रता के लिए संघर्ष प्रारम्भ हो गया। यूनान से राष्ट्रवादी नेताओं को निष्कासित कर दिया गया। यूनानवासियों को पश्चिमी यूरोपीय देशों के साथ-साथ अन्य यूरोपीय देशों में रहने वाले निष्कासित यूनानियों का भी समर्थन प्राप्त हुआ क्योंकि वे लोग प्राचीन यूनानी संस्कृति के प्रति सहानुभूति रखते थे। कवियों और कलाकारों ने भी यूनान को यूरोपीय सभ्यता का पालना बताकर उसकी मुक्त कंठ से प्रशंसा की तथा ऑटोमन साम्राज्य के विरुद्ध यूनानी संघर्ष के लिए जनमत जुटाया।

अंग्रेज कवि लॉर्ड बायरन ने धन एकत्रित किया और बाद में युद्ध में भी सम्मिलित हुए लेकिन दुर्भाग्यवश सन् 1824 में बुखार से उनकी मृत्यु हो गयी। अतः सन् 1832 में कुस्तुनतुनिया की संधि ने यूनान को एक स्वतन्त्र राष्ट्र की मान्यता दी। इस तरह यूनान का स्वतन्त्रता संग्राम पूर्ण हुआ।

(घ) फ्रैंकफर्ट संसद-जर्मनी में राष्ट्रवादी नेताओं व राजनैतिक संगठनों द्वारा फ्रैंकफर्ट शहर में एक सर्व जर्मन नेशनल एसेंबली की स्थापना करने का निश्चय किया गया। यह फ्रैंकफर्ट संसद के नाम से जाना जाता है। इसके सदस्यों का चुनाव मताधिकार के द्वारा किया गया। इस संसद का प्रथम अधिवेशन 18 मई, 1848 में आयोजित किया गया। इसमें 831 निर्वाचित प्रतिनिधियों ने भाग लिया। यह संसद सेंट पाल चर्च में आयोजित की गई। इस अधिवेशन में जर्मन राष्ट्र के लिए एक संविदा।

का प्रारूप तैयार किया गया। जर्मन राष्ट्र की अध्यक्षता एक ऐसे राजा को सौंपी गयी जिसे संसद के अधीन रहना था। फ्रैंकफर्ट संसद के प्रतिनिधियों ने प्रशा के राजा फ्रेड्रिक विल्हेम चतुर्थ को जर्मन राष्ट्र का राजा नियुक्त किया। उसने एकीकृत जर्मन राष्ट्र का राजा बनना अस्वीकार कर दिया तथा उसने निर्वाचित सभा के विरोधी राजाओं का साथ दिया। इस प्रकार कुलीन वर्ग एवं सेना का विरोध बढ़ गया और संसद का सामाजिक महत्व कमजोर हो गया।

संसद में मध्यम वर्गों का अधिक प्रभाव था जिन्होंने मजदूरों व कारीगरों की मांगों का विरोध किया। इससे वे मजदूरों का समर्थन खो बैठे। अन्त में सैनिकों को बुलाया गया तथा एसेंबली को भंग कर दिया गया। यद्यपि फ्रैंकफर्ट संसद जर्मनी को एकीकृत करने में असफल रही परन्तु इसने जर्मनी में दूरगामी प्रभाव छोड़े।

(ङ) राष्ट्रवादी संघर्षों में महिलाओं की भूमिका-राष्ट्रवादी संघर्षों में सम्पूर्ण विश्व की महिलाओं ने बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की। राष्ट्रवादी आन्दोलन के अन्तर्गत महिलाओं को राजनीतिक अधिकार प्रदान करने का मुद्दा विवाद का विषय बन चुका था। यद्यपि राष्ट्रवादी आन्दोलनों में बहुत पहले से ही बड़ी संख्या में महिलाओं ने सक्रिय रूप से भाग लिया था।

महिलाओं ने अपने राजनीतिक संगठन तैयार किये, समाचार-पत्र शुरू किये तथा राजनैतिक बैठकों व प्रदर्शनों में भाग लिया लेकिन इसके बावजूद वे राजनीतिक अधिकारों से वंचित थीं। उन्हें एसेम्बली के चुनाव के दौरान मताधिकार से वंचित रखा गया। 1848 ई. में जर्मनी के सेंट पॉल चर्च में जब फ्रैंकफर्ट संसद की सभा आयोजित की गयी थी तब महिलाओं को केवल प्रेक्षकों की हैसियत से दर्शक-दीर्घा में खड़े होने की अनुमति प्रदान की गयी।

JAC Class 10 Social Science Solutions History Chapter 1 यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय

प्रश्न 2.
फ्रांसीसी लोगों के बीच सामूहिक पहचान का भाव पैदा करने के लिए फ्रांसीसी क्रान्तिकारियों ने क्या कदम उठाए ?
अथवा
फ्रांसीसियों द्वारा उपनिवेशों के विकास हेतु किये गये कार्यों का वर्णन कीजिए। (मा.शि.बो. राज., 2013)
अथवा
फ्रांसीसी क्रान्तिकारियों द्वारा फ्रांसीसी लोगों में एक सामूहिक पहचान की भावना पैदा करने के लिए प्रारम्भ किए गए किन्हीं पाँच उपायों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
फ्रांसीसी लोगों के बीच सामूहिक पहचान का भाव पैदा करने के लिए फ्रांसीसी क्रान्तिकारियों ने निम्नलिखित कदम उठाये

  1. उन्होंने पितृभूमि और नागरिक जैसे विचारों पर बल दिया।
  2. इन विचारों ने एक संयुक्त समुदाय के विचार पर बल दिया जिसे एक संविधान के अन्तर्गत समान अधिकार प्राप्त थे।
  3. उन्होंने एक नया फ्रांसीसी झंडा-तिरंगा चुना, जिसने पहले के राष्ट्रध्वज का स्थान ले लिया।
  4. उन्होंने एस्टेट जनरल का चुनाव सक्रिय नागरिक समूहों द्वारा करवाया तथा उसका नाम बदलकर नेशनल एसेम्बली कर दिया गया।
  5. उन्होंने नयी स्तुतियाँ रची, शपथें ली, शहीदों का गुणगान किया और यह सब राष्ट्र के नाम पर हुआ।
  6. उन्होंने एक केन्द्रीय प्रशासनिक व्यवस्था लागू की जिसने अपने भू-भाग में रहने वाले समस्त नागरिकों के लिए एक समान कानून बनाये।
  7. उन्होंने आयात-निर्यात शुल्क समाप्त कर दिये तथा भार व नाप की एक समान व्यवस्था लागू की।
  8. उन्होंने क्षेत्रीय बोलियों के स्थान पर फ्रेंच भाषा को ही राष्ट्रभाषा के रूप में स्थापित किया।
  9. फ्रांसीसी क्रान्तिकारियों ने यह भी घोषणा की कि फ्रांसीसी राष्ट्र का यह भाग्य और लक्ष्य है कि वह यूरोप के लोगों को निरंकुश शासकों से मुक्त कराये अर्थात् फ्रांस, यूरोप के अन्य लोगों को राष्ट्र के गठित होने में मदद देगा।

प्रश्न 3.
मारीआन और जर्मेनिया कौन थे ? जिस तरह उन्हें चित्रित किया गया उसका क्या महत्त्व शा ?
अथवा
मारीआन और जर्मेनिया कौन थे? नारी रूपकों की यूरोप में राष्ट्रवाद के विकास में क्या भूमिका थी?
उत्तर:
मारीआन-मारीआन फ्रांस राष्ट्र का नारी का प्रतीक रूपक था। फ्रांसीसी क्रान्ति के दौरान कलाकारों ने स्वतन्त्रता, न्याय एवं गणतन्त्र जैसे विचारों को व्यक्त करने के लिए नारी रूपकों का प्रयोग किया। फ्रांस में इसे लोकप्रिय ईसाई नाम ‘मारीआन’ दिया गया जिसने जन राष्ट्र के विचारों को रेखांकित किया।

उसके चिह्न भी स्वतन्त्रता एवं गणतन्त्र के थे-लाल टोपी, तिरंगा व कलगी। फ्रांस में मारीआन की प्रतिमाएँ सार्वजनिक चौराहों पर लगायी गयीं ताकि जनता को एकता के राष्ट्रीय प्रतीक की याद रहे तथा लोगों का विश्वास बना रहे। इसके अतिरिक्त मारीआन की छवि डाक टिकटों एवं सिक्कों पर अंकित की गयी। जर्मेनिया-जर्मेनिया जर्मन राष्ट्र का नारी प्रतीक रूपक था।

चाक्षुष अभिव्यक्तियों में जर्मेनिया बलूत वृक्ष के पत्तों का मुकुट पहनती है क्योंकि जर्मन बलूत वीरता का प्रतीक है। जर्मेनिया की तलवार पर ‘जर्मन तलवार, जर्मन राइन की रक्षा करती है’, अंकित है। इस प्रकार नारी रूप में जर्मेनिया की तस्वीर स्वतन्त्रता, न्याय तथा गणतन्त्र जैसे विचारों को प्रतीकात्मक रूप में व्यक्त करती है। मारीआन व जर्मेनिया को इस प्रकार चित्रित किया गया था कि वे राष्ट्र राज्य के विचार को प्रदर्शित करते थी। वे इस तरह अपने देश का प्रतिनिधित्व करते थे मानो न एक व्यक्ति में। इन्होंने राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया।

प्रश्न 4.
जर्मन एकीकरण की प्रक्रिया का संक्षेप में पता लगाएँ।
अथवा
जर्मनी के एकीकरण की प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
जर्मन एकीकरण की प्रक्रिया का विवरण निम्नलिखित बिन्दुओं के अन्तर्गत किया गया है-

  1. जर्मन लोगों में सन् 1848 से पहले ही राष्ट्रीयता की भावना जाग्रत हो चुकी थी। राष्ट्रीयता की सहभावना मध्यम वर्ग के जर्मन लोगों में बहुत अधिक थी।
  2. मध्यम वर्ग ने सन् 1848 में जर्मन महासंघ के विभिन्न क्षेत्रों को जोड़कर एक निर्वाचित संसद द्वारा शासित राष्ट्र राज्य बनाने का प्रयास किया गया था।
  3. राष्ट्र निर्माण की इस उदारवादी विचारधारा को राजशाही तथा सेवा ने मिलकर समाप्त कर दिया। इन ताकतों का प्रशा के बड़े भूस्वामियों ने भी समर्थन किया।
  4. प्रशा ने राष्ट्रीय एकीकरण के इस आंदोलन का नेतृत्व सँभाला तथा इसे एक नई दिशा प्रदान की।
  5. प्रशां का प्रमुख मंत्री ऑटो वॉन बिस्मार्क इस प्रक्रिया का जनक था जिसने प्रशा की सेना तथा नौकरशाही की सहायता ली।
  6. सात वर्ष में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क तथा फ्रांस से तीन युद्धों में प्रशा को विजय प्राप्त हुई।
  7. 18 जनवरी, 1871 को वर्साय में हुए एक समारोह में प्रशा के राजा विलियम प्रथम को जर्मनी का सम्राट घोषित किया गया। इस तरह जर्मनी के एकीकरण की प्रक्रिया पूर्ण हुई।

प्रश्न 5.
अपने शासन वाले क्षेत्रों में शासन व्यवस्था को ज्यादा कुशल बनाने के लिए नेपोलियन ने क्या बदलाव किए ?
अथवा
नेपोलियन की संहिता को फ्रांसीसी नियंत्रण के अधीन क्षेत्रों में किस प्रकार लागू किया गया? उदाहरणों सहित व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
अपने शासन वाले क्षेत्रों में शासन व्यवस्था को ज्यादा कुशल बनाने के लिए नेपोलियन ने निम्नलिखित बदलाव किए:

  1. नेपोलियन ने प्रशासनिक तंत्र में क्रान्तिकारी सिद्धान्तों का समावेश कर उसे अधिक तर्कसम्मत और प्रभावी बनाया।
  2. उसने सन् 1804 में एक नागरिक संहिता (नेपोलियन संहिता या नेपोलियन कोड) बनाई। उसने जन्म पर आधारित विशेषाधिकार समाप्त कर दिए थे।
  3. उसने कानून के समक्ष समानता एवं सम्पत्ति के अधिकार को सुरक्षित बनाया।
  4. उसने प्रशासनिक विभाजनों को सरल बनाया, सामंती व्यवस्था को खत्म किया तथा किसानों को भू-दासत्व एवं जागीरदारी शुल्कों से मुक्ति दिलवायी।
  5. उसने शहरों में भी कारीगरों के श्रेणी संघों के नियन्त्रणों को हटा दिया था।
  6. यातायात व संचार व्यवस्थाओं में सुधार किये।
  7. एक समान कानून व्यवस्था एवं माप तौल की एक जैसी प्रणाली लागू की।
  8. सम्पूर्ण देश में एक राष्ट्रीय मुद्रा प्रचलित की गई।

चर्चा करें

प्रश्न 1.
उदारवादियों की 1848 की क्रान्ति का क्या अर्थ लगाया जाता है ? उदारवादियों ने किन राजनीतिक, सामाजिक एवं आर्थिक विचारों को बढ़ावा दिया ?
अथवा
उदारवाद क्या है ? उदारवादियों की 1848 की क्रान्ति ने विश्व में किन विचारों को बढ़ावा दिया ?
अथवा
19वीं शताब्दी के दौरान यूरोप में आर्थिक क्षेत्र में ‘उदारवाद’ की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
उदारवाद से आशय-उदारवाद यानि Liberalism शब्द लैटिन भाषा के मूल liber पर आधारित है जिसका अर्थ है। ‘आजाद’। यूरोप में 19वीं शताब्दी में मध्य वर्ग के लोगों एवं बुद्धिजीवियों द्वारा प्रोत्साहित वह विचारधारा, जिसमें उनको राजनीतिक एवं आर्थिक क्षेत्र में अधिकाधिक अवसर प्राप्त हुए तथा उनकी हिस्सेदारी को महत्व प्रदान किया गया, उदारवाद कहलाया।

उदारवादियों की 1848 की क्रान्ति का अर्थ था-राजतंत्र का अन्त तथा गणतंत्र की स्थापना। वे स्वतन्त्र राष्ट्र-राज्य की स्थापना करना चाहते थे जहाँ क्रान्ति की स्वतन्त्रता एवं सभी लोगों के लिए समान कानून तथा स्वतन्त्रता हो। उदारवादियों ने निम्नलिखित राजनैतिक, सामाजिक एवं आर्थिक विचारों को बढ़ावा दिया

  1. सन् 1848 में खाद्य सामग्री का अभाव एवं बेरोजगारी की बढ़ती हुई समस्या के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो चुका था। इस संकट के समाधान के लिए उदारवादियों के द्वारा क्रान्ति एवं प्रदर्शन पर बल दिया गया।
  2. सार्वजनिक मताधिकार पर आधारित जनप्रतिनिधि सभाओं (नेशनल एसेम्बली) के निर्माण की माँग बढ़ने लगी।
  3. जर्मनी, इटली, पोलैण्ड, ऑस्ट्रिया व हंगरी आदि के उदारवादी मध्यम वर्ग के स्त्री-पुरुषों ने संविधानवाद की माँग को राष्ट्रीय एकीकरण की माँग से जोड़ दिया।
  4. उदारवादियों ने जनता के असन्तोष का लाभ उठाया तथा एक राष्ट्र राज्य के निर्माण की माँगों को आगे बढ़ाया। यह राष्ट्र राज्य संविधान, प्रेस की स्वतन्त्रता एवं संगठन बनाने की स्वतन्त्रता जैसे संसदीय सिद्धान्तों पर आधारित था।
  5. भू-दासत्व एवं बँधुआ मजदूरी को समाप्त करने की माँग उदारवादी नेताओं द्वारा की जाने लगी।

JAC Class 10 Social Science Solutions History Chapter 1 यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय

प्रश्न 2.
यूरोप में राष्ट्रवाद के विकास में संस्कृति के योगदान को दर्शाने के लिए तीन उदाहरण दें।
अथवा
रूमानीवाद से आप क्या समझते हैं ? रूमानीवाद ने राष्ट्रीयता की धारणा के विकास में किस प्रकार योगदान दिया ? वर्णन कीजिए।
अथवा
यूरोप में संस्कृति के माध्यम से राष्ट्रवाद किस प्रकार विकसित हुआ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
यूरोप में राष्ट्रवाद के विकास में संस्कृति के योगदान की महत्वपूर्ण भूमिका रही। यूरोप में राष्ट्रवाद के विकास में सांस्कृतिक जुड़ाव को रूमानीवाद नाम दिया गया। रूमानीवाद के उदाहरण निम्नलिखित हैं

1. लोक संस्कृति-प्रसिद्ध जर्मन दार्शनिक योहना गॉटफ्रीड ने दावा किया कि रूमानी जर्मन संस्कृति उसके आम लोगों में निहित थी। उसने लोक संगीत, लोक काव्य एवं लोक नृत्यों के माध्यम से जर्मन राष्ट्र की भावना को प्रचारित व प्रसारित किया।

2. भाषा-राष्ट्रवाद के विकास में भाषा का महत्वपूर्ण योगदान रहा, जिसका उदाहरण पोलैण्ड है। पोलैण्ड में राष्ट्रवाद के विकास में भाषा ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। पोलैण्ड के रूस के कब्जे वाले हिस्सों में पोलिश भाषा को विद्यालयों से बलपूर्वक हटाकर रूसी भाषा को जबरदस्ती लाद दिया गया। जब पादरियों और बिशपों ने रूसी बोलने से इन्कार कर दिया तो उन्हें सजा दी गयी। इस प्रकार पोलिश भाषा रूसी प्रभुत्व के विरुद्ध संघर्ष के प्रतीक के रूप में देखी जाने
लगी।

3. संगीत-पोलैण्ड में परतन्त्रता की स्थिति में संगीत के द्वारा ही राष्ट्रीय भावना जाग्रत रखी गयी। कैरोल कुर्पिस्की नामक एक पोलिश नागरिक था जिसने राष्ट्रीय संघर्ष का अपने ऑपेरा व संगीत से गुणगान किया तथा पोलेनेस व माजुरका जैसे लोकनृत्यों को राष्ट्रीय प्रतीक में बदल दिया।

प्रश्न 3.
किन्हीं दो देशों पर ध्यान केन्द्रित करते हुए बताएं कि उन्नीसवीं सदी में राष्ट्र किस प्रकार विकसित हुए ?
अथवा
19वीं सदी के मध्य में इटली के राजनीतिक रूप में बँटे होने के कारणों का वर्णन कीजिए।
अथवा
इटली के एकीकरण का वर्णन कीजिए।
अथवा
जर्मनी व इटली के एकीकरण की प्रक्रिया को समझाइए।
अथवा
जर्मनी का एकीकरण किस प्रकार हुआ था ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
उन्नीसवीं सदी में यूरोप में अनेक राष्ट्र विभिन्न तरीकों से विकसित हुए, जिनमें से जर्मनी व इटली प्रमुख हैं

1. जर्मनी:

  • जर्मनी में राष्ट्रवादी भावनाएँ मध्य वर्ग के लोगों में अधिक थीं। सन् 1848 में जर्मन महासंघ ने विभिन्न शेत्रों को जोड़कर एक निर्वाचित संसद (फ्रैंकफर्ट संसद) द्वारा शासित राष्ट्र राज्य बनाने का प्रयास किया था।
  • उदारवादी मध्यम वर्ग द्वारा राष्ट्र निर्माण के इन प्रयासों को राजशाही एवं सेना ने मिलकर दबा दिया। उनका प्रशा के बड़े भूस्वामियों ने भी समर्थन किया।
  • इसके पश्चात् प्रशा ने राष्ट्रीय एकीकरण के आन्दोलन का नेतृत्व सँभाला। प्रशा के प्रमुख मंत्री ऑटोवान बिस्मार्क ने इस कार्य में प्रशा की सेना व नौकरशाही की मदद ली।
  • सात वर्ष के दौरान ऑस्ट्रिया, डेनमार्क एवं फ्रांस से तीन युद्धों में प्रशा को विजय प्राप्त हुई और जर्मनी के एकीकरण की प्रक्रिया पूर्ण हुई।
  • जर्मनी में राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया ने प्रशा राज्य की शक्ति के प्रभुत्व को दर्शाया है।
  • एकीकरण के पश्चात् नये जर्मन राज्य में मुद्रा, बैंकिंग, कानूनी तथा न्यायिक व्यवस्थाओं के आधुनिकीकरण पर बल दिया गया।

2. इटली:

  • जर्मनी की तरह इटली में भी राजनैतिक विखण्डन का एक लम्बा इतिहास रहा है।
  • इटली अनेक वंशानुगत राज्यों एवं बहुराष्ट्रीय हैब्यबर्ग साम्राज्य में बिखरा हुआ था। 19वीं शताब्दी के मध्य में इटली सात राज्यों में विभाजित था, जिनमें से केवल एक राज्य सार्डिनिया- पीडमॉण्ट में एक इतालवी राजघराने का शासन था। उत्तरी भाग ऑस्ट्रिया व हैब्सबर्ग के नियन्त्रण में था, मध्य भाग पर पोप का शासन था तथा दक्षिण भाग स्पेन के बूढे राजाओं के अधीन था।
  • इस समय तक इतालवी भाषा ने भी साझा रूप हासिल नहीं किया था तथा अभी तक उसके विभिन्न क्षेत्रीय व स्थानीय रूप भी मौजूद थे।
  • सन् 1830 के दशक में ज्युसेपे मेत्सिनी ने एकीकृत इतालवी गणराज्य के लिए एक कार्यक्रम का निर्माण किया तथा अपने उद्देश्यों के प्रचार-प्रसार के लिए ‘यंग इटली’ नामक गुप्त संगठन भी बनाया।
  • सन् 1831 और 1848 में क्रान्तिकारी विद्रोहों की असफलता के पश्चात् युद्ध के द्वारा इतालवी सज्यों को संगठित  करने का दायित्व सार्डिनिया-पीडमॉण्ट के शासक विक्टर इमेनुएल पीय पर आ गया।
  •  इटली के प्रदेशों को एकीकृत करने वाले आन्दोलन का नतृत्वकर्ता मंत्री प्रमुख कावूर ने फ्रांस और सार्डिनिया पीडमॉण्ट के मध्य कूटनीतिक संधि करायी।
  • सन् 1859 में सार्डिनिया-पीडमॉण्ट ने ऑस्ट्रिया को पराजित किया। इस युद्ध में नियमित सैनिकों के अतिरिक्त ज्युसेपे मेत्सिनी एवं गैरीबॉल्डी के नेतृत्व में अनेक सशस्त्र स्वयंसेवकों ने भी भाग लिया था।
  • सन् 1860 में वे दक्षिण इटली एवं दो सिसिलियों के राज्यों में प्रवेश कर गये तथा स्पेनी शासकों को हटाने के लिए किसानों की मदद प्राप्त करने में सफल हुए। ।
  • सन् 1861 में इमेनुएल द्वितीय को एकीकृत इटली का राजा घोषित किया गया।
  • सन् 1866 में वेनेशिया को भी इटली में मिला दिया गया। सन 1870 में फ्रांस तथा प्रशा के मध्य युद्ध हुआ। फ्रांस ने अपने सैनिक रोम से हटा लिए। इस अवसर का लाभ उठाकर इटली की सेनाओं ने रोम पर भी अधिकार कर लिया, मेपल राज्य भी इटली में सम्मिलित हो गया। इस प्रकार इटली का एकीकरण हुआ।

JAC Class 10 Social Science Solutions History Chapter 1 यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय

प्रश्न 4.
ब्रिटेन में राष्ट्रवाद का इतिहास शेष यूरोप की तुलना में किस प्रकार भिन्न था ?
अथवा
ब्रिटेन एवं अन्य यूरोपीय देशों के राष्ट्रवाद का तुलनात्मक अध्ययन कीजिए। (मा.शि.बो. राज., 2012)
उत्तर:
यूरोप में राष्ट्रवाद शक्तिशाली क्रान्तियों, युद्धों तथा सैन्य अभियानों के फलस्वरूप विकसित हुआ। इसका उदाहरण जर्मनी और इटली का एकीकरण है। लेकिन ब्रिटेन में राष्ट्र राज्य का निर्माण किसी क्रान्ति का परिणाम नहीं था बल्कि यह एक क्रमिक विकास के अन्तत सम्भव हुआ। ब्रिटेन में राष्ट्रवाद के लिए कोई युद्ध नहीं लड़ा गया। अतः ब्रिटेन में राष्ट्रवाद का इतिहास शेष यूरोप से भिन्न है।

ब्रिटेन में अंग्रेज, वेल्स, स्कॉटिश व आयरिश आदि जातीय समूह थे जिनकी पहचान नृजातीय थी। इन जातीय समूहों में से अंग्रेज धीरे-धीरे ताकतवर होते चले गए और उन्होंने अन्य जातीय समूहों पर प्रभुत्व जमाना प्रारम्भ कर दिया। सर्वप्रथम उन्होंने स्कॉटिश लोगों को अपने देश में सम्मिलित किया फिर उन पर प्रभुत्व यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय 11 स्थापित किया। इसके पश्चात् उन्होंने आयरिश लोगों पर नियन्त्रण किया तथा आयरलैण्ड को बलपूर्वक ब्रितानी राज्य में सम्मिलित कर लिया। इस प्रकार ‘यूनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन’ का शांतिपूर्ण तरीके से गठन हुआ।

प्रश्न 5.
बाल्कन प्रदेशों में राष्ट्रवादी तनाव क्यों पनपा?
अथवा
यूरोप में सन् 1871 के बाद बाल्कन क्षेत्र में बनी विस्फोटक परिस्थितियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
सन् 1871 के पश्चात् यूरोप में गंभीर राष्ट्रवादी तनाव का प्रमुख स्रोत बाल्कन क्षेत्र था। इस तनाव के प्रमुख कारण निम्नलिखित थे

  1. बाल्कन प्रदेश में अनेक जातीय समूह निवास करते थे।
  2. इस क्षेत्र का अधिकांश हिस्सा ऑटोमन साम्राज्य के नियन्त्रण में था, जो पतन के कगार पर था।
  3. 19वीं शताब्दी में ऑटोमन साम्राज्य ने आधुनिकीकरण एवं आंतरिक सुधारों के माध्यम से स्थिति में परिवर्तन लाने का प्रयास किया लेकिन कोई विशेष सफलता नहीं मिल पायी।
  4. जैसे-जैसे विभिन्न स्लाव राष्ट्रीय समूहों में अपनी पहचान तथा स्वतन्त्रता का विकास हुआ वैसे-वैसे बाल्कन क्षेत्र में तनाव बढ़ता गया।
  5. बाल्कन क्षेत्र में बड़ी शक्तियों के मध्य अधिक-से-अधिक क्षेत्र हथियाने की प्रतिस्पर्धा होने लगी। इसी समय यूरोपीय शक्तियों के बीच व्यापार व उपनिवेशों के साथ नौ-सैनिक और सैन्य ताकतों के लिए गहरी प्रतिस्पर्धा थी।
  6. रूस, जर्मनी, इंग्लैण्ड, ऑस्ट्रिया-हंगरी आदि बाल्कन क्षेत्र पर अपना प्रभुत्व स्थापित करने का प्रयास करने लगे जिसके परिणामस्वरूप इस क्षेत्र में कई युद्ध हुए और अन्त में प्रथम विश्वयुद्ध जैसे परिणाम का सामना करना पड़ा।

परियोजना कार्य

प्रश्न 1.
यरोप से बाहर के देशों में राष्ट्रवादी प्रतीकों के बारे में और जानकारियाँ इकट्ठा करें। एक या दो देशों के विषय में ऐसी तस्वीरें, पोस्टर्स और संगीत इकट्ठा करें जो राष्ट्रवाद के प्रतीक थे। वे यूरोपीय राष्ट्रवाद के प्रतीकों से भिन्न कैसे हैं ?
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं हल करें।

क्रियाकलाप सम्बन्धी महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

गतिविधि (पृष्ठ संख्या 3)

प्रश्न 1.
आपकी राय में चित्र 1 किस प्रकार एक कल्पनादी दृष्टि को प्रतिबिम्बित करता है?
उत्तर:
पाठ्य-पुस्तक में दिया गया चित्र 1 सन् 1848 में एक फ्रांसीसी कलाकार फ्रेड्रिक सॉरयू के द्वारा बनाया गया था। इस चित्र में विश्वव्यापी प्रजातांत्रिक एवं सामाजिक गणराज्यों का स्वप्न चित्रित किया गया है। इसमें यूरोप और अमेरिका के लोगों को दिखाया गया है जो प्रजातांत्रिक एवं सामाजिक गणतंत्र बनाने की दिशा में अग्रसर होंगे। यह वास्तव में एक आदर्श स्थिति होगी। अत: यह चित्र एक कल्पनादर्शी स्थिति का चित्रण करता है क्योंकि इस स्थिति के साकार होने की सम्भावना अत्यन्त कम है।

गतिविधि (पृष्ठ संख्या 11)

प्रश्न 3.
यूरोप के नक्शे पर उन परिवर्तनों को चिह्नित करें जो वियना कांग्रेस के फलस्वरूप सामने आए।
उत्तर:
विद्यार्थी पाठ्य-पुस्तक में पेज 6 पर मानचित्र को देखें।

गतिविधि (पृष्ठ संख्या 16)

प्रश्न 4.
कल्पना कीजिए कि आप एक बुनकर हैं जिसने चीज़ों को बदलते हुए देखा है। आपने क्या देखा, इस आधार पर एक रिपोर्ट लिखिए।
उत्तर:
मैं एक बुनकर हूँ। मैंने देखा कि बुनकर समय पर माल की आपूर्ति करने के लिए कठिन परिश्रम करते हैं, इसके बावजूद उन्हें समय पर बकाया पैसा नहीं मिलता है। जब ठेकेदारों से अपना बकाया पैसा माँगा जाता है तो वे उन्हें डाँटते-फटकारते हैं और मारपीट भी करते हैं। इस पर बुनकर समुदाय कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं। वे गैर-कानूनी रूप से ठेकेदारों के घरों में प्रवेश करते हैं। बुनकर अपना गुस्सा ठेकेदारों के घरों पर निकालते हैं। ठेकेदार डर कर भाग जाते हैं। अगले दिन ठेकेदार सेना के साथ लौटते हैं तथा बुनकरों को गोली मरवा दी जाती है।

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गतिविधि (पृष्ठ संख्या 20)

प्रश्न 5.
इस व्यंग्य चित्र का वर्णन करें। इसमें बिस्मार्क और संसद के निर्वाचित डेप्युटीज के बीच किस प्रकार का संबंध दिखायी देता है ? यहाँ चित्रकार लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की क्या व्याख्या करना चाहता है ?
उत्तर:
पुस्तक में दिये गये इस व्यंग्य चित्र में जर्मन संसद (राइखस्टैग) में बिस्मार्क को हाथ में हंटर थामे दिखाया गया है, जिसे वह हवा में घुमा रहा है। शेष प्रतिनिधि उससे भयभीत हो रहे हैं। अपने बचाव के लिए सभी प्रतिनिधि बिस्मार्क के लिए आदर प्रदर्शित करते हुए संसद में सिर झुकाए बैठे हैं। यह व्यंग्य चित्र बतलाता है कि बिस्मार्क जर्मनं सांसदों के मस्तिष्कों पर शासन करता था। वह अपने लोगों पर प्रभावी नियंत्रण रखता था। इस चित्र में कलाकार हास्यास्पद ढंग से जनतांत्रिक व्यवस्था की व्याख्या करता है जिसमें जनतंत्र केवल नाम के लिए ही अस्तित्व में है। वास्तव में यह एक व्यक्ति (बिस्मार्क) का एकतंत्र है, जो जर्मन संसद में अस्तित्वमान होता है।

गतिविधि (पृष्ठ संख्या 21)

प्रश्न 6.
पाठ्य-पुस्तक के चित्र 14 (क) को देखें। क्या आपको लगता है कि इनमें से किसी भी क्षेत्र में रहने वाले खुद को इतालवी मानते होंगे ?
पाठ्य-पुस्तक के चित्र 14(ख) की जाँच करें। कौन-सा क्षेत्र सबसे पहले एकीकृत इटली का हिस्सा बना ? सबसे आखिर में कौन-सा क्षेत्र शामिल हुआ ? किस साल सबसे ज्यादा राज्य एकीकृत इटली में शामिल हुए ?
उत्तर:
(क) हाँ, दोनों सिसलियों के राजतन्त्र में निवास करने वाले लोग तथा वेनेशिया एवं लॉम्बार्डी के लोग खुद को इतालवी मानते होंगे।
(ख)

  1. वेनेशिया क्षेत्र सबसे पहले एकीकृत इटली का हिस्सा बना।
  2. मेपल का क्षेत्र सबसे बाद में एकीकृत इटली में सम्मिलित हुआ।
  3. सन् 1858 ई. में सबसे ज्यादा राज्य एकीकृत इटली में सम्मिलित हुए।

गतिविधि (पृष्ठ संख्या 22)

प्रश्न 7.
चित्रकार ने गैरीबॉल्डी को सार्डिनिया-पीडमॉण्ट के राजा को जूते पहनाते हुए दिखाया गया है। अब इटली के नक्शे को फिर देखें। यह व्यंग्य चित्र क्या कहने का प्रयास कर रहा है ?
उत्तर:
चित्रानुसार जूते दक्षिण इटली के दो सिसलियों के राज्य को दर्शा रहे हैं। जिन पर गैरीबॉल्डी ने विजय प्राप्त की थी तथा बाद में उन्हें सार्डिनिया-पीडमॉण्ट के शासक को सौंप दिया था, जिसे संयुक्त इटली का राजा घोषित किया गया था। इस चित्र में इटली के एकीकरण तथा इसमें गैरीबॉल्डी की भूमिका को दर्शाया गया है।

गतिविधि (पृष्ठ संख्या 24)

प्रश्न 8.
1. बॉक्स 3 में दिए गए चार्ट की सहायता से वेइत की जर्मेनिया के गुणों को पहचानें और तस्वीर के प्रतीकात्मक अर्थ की व्याख्या करें। 1836 की एक पुरानी रूपात्मक तस्वीर में वेइत ने काइजर के मुकुट को उस जगह चित्रित किया था जहाँ अब उन्होंने टूटी हुई बेड़ियाँ दिखायी हैं। इस बदलाव का महत्व स्पष्ट करें।
उत्तर:
फिलिप वेट द्वारा चित्रित जर्मेनिया के चित्र में दर्शाया गया है कि जर्मन ‘राष्ट्र का उदय हुआ है। यह एक नये युग का सूत्रपात है जिसमें उदारवादी-राष्ट्रवादी विचारधारा को बल मिलेगा। नया जर्मन राष्ट्र बहुत अधिक शक्तिशाली है तथा अपने पड़ोसी राज्य के साथ युद्ध अथवा शांति के लिए सदैव तत्पर है। यह राष्ट्र राजशाही प्रभुत्व से पूर्णतः मुक्त है। जर्मेनिया ने बलूत के पत्तों का मुकुट पहन रखा है जो वीरता का प्रतीक है। जर्मेनिया के पूर्व के चित्र में परिवर्तन करते हुए मुकुट को टूटी हुई बेड़ियों के स्थान पर रखा गया है जो यह दर्शाता है कि जर्मन राष्ट्र राजशाही के निरंकुश शासन से पूर्णतः स्वतन्त्र है।

2. बताएं कि चित्र 18 में आपको क्या दिखाई पड़ रहा है? राष्ट्र के इस रूपात्मक चित्रण में बनर किन ऐतिहासिक घटनाओं की ओर संकेत कर रहे हैं?
उत्तर:
सन् 1850 में जूलियस ह्यूबनर द्वारा चित्रित इस चित्र में काइजर के मुकुट एवं छड़ी के समक्ष जर्मेनिया गिर गयी थी। राष्ट्र के इस रूपात्मक चित्रण का अर्थ है कि सर्व-जर्मन नेशनल एसेंबली, जो फ्रैंकफर्ट संसद के रूप में सेंट पाल यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय 130 चर्च में आयोजित हुई थी, असफल हो गयी। चित्र में मुकुट तथा छड़ी इस बात के प्रतीक दिखायी देते हैं कि फ्रैंकफर्ट संसद को राजशाही तथा सेना द्वारा भंग कर दिया गया।

गतिविधि (पृष्ठ संख्या 25)

प्रश्न 9.
चित्र 10 को एक बार फिर देखें। कल्पना करें कि आप मार्च 1848 में फ्रैंकफर्ट के नागरिक हैं और संसद की कार्यवाही के समय वहीं मौजूद हैं। यदि आप हॉल ऑफ डेप्यूटीज में बैठे हुए पुरुष होते तो दीवार पर लगे जर्मेनिया के बैनर को देखकर क्या महसूस करते ? और अगर आप हॉल ऑफ डेप्यूटीज में बैठी महिला होतीं तो इस चित्र को देखकर क्या महसूस करती ? दोनों भाव लिखें।
उत्तर:
मैं मार्च 1848 फ्रैंकफर्ट का नागरिक होता/होती

  1. यदि मैं हॉल ऑफ डेप्यूटीज में बैठा हुआ पुरुष होता तो जर्मेनिया के बैनर को देखकर यह महसूस करता कि वह सच हो गया है।
  2. अगर मैं हॉल ऑफ डेप्यूटीज में बैठी महिला होती तो इस चित्र को देखकर यह महसूस करती कि जर्मेनिया का यह चित्र उदारवादी-राष्ट्रवादी विचारधारा का आंशिक रूप से प्रतिनिधित्व करता है।

चर्चा करें (पृष्ठ संख्या 4)

प्रश्न 10.
रेनन की समझ के अनुसार एक राष्ट्र की विशेषताओं का संक्षिप्त विवरण दें। उसके मतानुसार राष्ट्र क्यों महत्वपूर्ण है ?
उत्तर:
अर्स्ट रेनन एक फ्रांसीसी दार्शनिक था। रेनन की समझ के अनुसार, एक राष्ट्र की प्रमुख विशेषताएँ अग्रलिखित हैं

  1. एक राष्ट्र लम्बे प्रयासों, त्याग व निष्ठा का चरम बिन्दु होता है।
  2. शौर्य वीरता से मुक्त अतीत, महान पुरुषों के नाम तथा गौरव यह वह सामाजिक पूँजी है जिस पर एक राष्ट्रीय विचार आधारित किया गया है।
  3. राष्ट्र एक बड़ी व्यापक एकता है, जिसका अस्तित्व जनमत संग्रह पर निर्भर होता है।
  4. राष्ट्र में केवल उनके निवासियों को ही सलाह लेने का अधिकार प्राप है।
  5. किसी देश का विलय करने अथवा किसी देश पर उसकी इच्छा के विरुद्ध कब्जा जमाए रखने में एक राष्ट्र की वास्तविक रूप में कोई दिलचस्पी नहीं होती है। अटै रेनन के मतानुसार राष्ट्र महत्वपूर्ण है, क्योंकि राष्ट्रों का होना स्वतन्त्रता की गारंटी है।

चर्चा करें (पृष्ठ संख्या 10)

प्रश्न 11.
उन राजनीतिक उद्देश्यों का विवरण दें जिन्हें आर्थिक कदमों द्वारा हासिल करने की उम्मीद लिस्ट को है।
उत्तर:
प्रोफेसर फ्रेडरिक लिस्ट को निम्नलिखित राजनीतिक उद्देश्यों को आर्थिक कदमों द्वारा हासिल करने की उम्मीद है
जर्मनी के ट्यूबिजन विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर फ्रेडरिक लिस्ट ने 1834 में लिखा-“जॉलवेराइन का लक्ष्य लोगों का आर्थिक रूप से एक राष्ट्र में बाँध देना है। वह राष्ट्र की आर्थिक हालत जितना बाहरी तरह से उसके हितों की रक्षा करके मजबूत बनाएगा, उतना ही आंतरिक उत्पादकता को बढ़ाकर भी। उसे प्रांतीय हितों को आपस में जोड़कर राष्ट्रीय भावना को जगाना और उठाना चाहिए। जर्मन लोग यह समझ गए हैं कि एक मुक्त आर्थिक व्यवस्था ही राष्ट्रीय भावनाओं के उत्पन्न होने का एकमात्र जरिया है।”

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चर्चा करें (पृष्ठ संख्या 11)

प्रश्न 12.
व्यंग्यकार क्या दर्शाने का प्रयास कर रहा है?
उत्तर;
व्यंग्यकार एक क्लब में बैठे मुंह पर पट्टी बाँधे कुछ पढ़े-लिखे लोगों को चित्र द्वारा यह दर्शाने का प्रयास कर रहा है कि सन् 1815 में स्थापित रूढ़िवादी शासन व्यवस्थाएं निरंकुश थीं। वे आलोचना और असहमति बरदाश्त नहीं करती थीं और उन्होंने उन गतिविधियों को दबाना चाहा जो निरंकुश सरकारों की वैधता पर सवाल उठाती थीं। ज्यादातर सरकारों ने सेंसरशिप के नियम बनाए जिनका उद्देश्य अखबारों, किताबों, नाटकों और गीतों में व्यक्त उन बातों पर नियंत्रण लगाना था, जिनसे फ्रांसीसी क्रांति से जुड़े स्वतन्त्रता और मुक्ति के विचार झलकते थे।

चर्चा करें (पृष्ठ संख्या 15)

प्रश्न 13.
राष्ट्रीय पहचान के निर्मित होने में भाषा और लोक परम्पराओं के महत्त्व की चर्चा करें।
उत्तर:
राष्ट्रीय पहचान के निर्मित होने में भाषा और लोक परम्पराओं का निम्नलिखित महत्त्व है

  1. किसी क्षेत्र विशेष अथवा देश की भाषा और लोक परम्पराएँ लोगों द्वारा एक साथ व्यतीत किए गए अतीत व सामूहिक एकता से जीवनयापन की जानकारी देते हैं।
  2. भाषा और लोक परम्पराएँ लोगों को सांस्कृतिक रूप से समान होने की भावना प्रदान करती हैं जिससे कि वे स्वयं को प्राकृतिक रूप से एक व संयुक्त समझते हैं।
  3. भाषा व लोक परम्पराएँ लोगों को एकता एवं गर्व के धागे से बाँधती हैं।

चर्चा करें (पृष्ठ संख्या 16)

प्रश्न 14.
सिलेसियाई बुनकरों के विद्रोह के कारणों का वर्णन करें। पत्रकार के नजरिए पर टिप्पणी करें।
उत्तर:
सिलेसियाई बुनकरों ने ठेकेदारों के विरुद्ध विद्रोह कर दिया, जिसके निम्नलिखित कारण थे
1. सिलेसियाई बुनकरों के विद्रोह का कारण था, किए गए कार्य हेतु उन्हें बहुत कम पारिश्रमिक का मिलना।

2. तैयार किए गए कपड़े का कम दाम मिलना। पत्रकार विल्हेम वोल्फ ने सन् 1845 में घटित सिलेसिया के एक गाँव की घटना का वर्णन किया। पत्रकार का यह नजरियां था कि-श्रमिकों की हालत खराब है और काम के लिए बेताब लोगों का ठेकेदार कपड़ा उठाना चाहते हैं-पूरी तरह तर्कसंगत व स्वीकार्य हैं। इस प्रकार बुनकरों के प्रति पत्रकार का नजरिया सहानुभूतिपूर्ण था।

JAC Class 10 Social Science Solutions History Chapter 1 यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय

चर्चा करें (पृष्ठ संख्या 18)

प्रश्न 15.
ऊपर ऊद्भुत तीन लेखकों द्वारा महिलाओं के अधिकारों के प्रश्न पर व्यक्त विचारों की तुलना करें। उनसे उदारवादी विचारधारा के बारे में क्या स्पष्ट होता है ?
उत्तर:
ऊपर उद्धृत तीन लेखकों द्वारा महिलाओं के अधिकारों के प्रश्न पर व्यक्त विचारों की तुलना

  1. कार्ल वेल्कर महिलाओं को किसी भी प्रकार का राजनीतिक अधिकार नहीं देने का समर्थन करता है। उसके अनुसार महिलाओं को पुरुष की सुरक्षा की आवश्यकता है।
  2. लुइजे ऑटो पीटर्स उन पुरुषों की आलोचना करती है, जिन्हें राजनीतिक अधिकार प्राप्त हैं। इन्होंने महिलाओं को राजनीतिक अधिकार देने की वकालत की है।
  3. एक अनाम पाठक ने महिला अधिकारों के विषय में तर्कपूर्ण पक्ष रखा है-उसने पुरुषों व महिलाओं से सम्बद्ध राजनीतिक अधिकारों पर एक तुलनात्मक अध्ययन भी प्रस्तुत किया है जिसमें महिलाओं के लिए मताधिकार की वकालत की गई है। तीनों लेखकों के विचारों से यह स्पष्ट होता है कि उनमें उदारवादी विचारधारा के प्रश्न पर बड़ा मतभेद है। उदारवादी लेखक व चिंतक महिला अधिकारों के प्रश्न पर एकमत नहीं हैं।

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Situation Based Formal Latter

Even in the age of science and technology where e-mail is the most convenient mode of communication, letters have not lost their relevance even today. Formal letters are written to authorities in various professions. These letters are written in a formal language.
Formal letters must have certain rules and regulations. The format of formal letters is as follows:

Format of Formal Letters

Sender’s Address ……………………………
Date ……………………………
Recipient’s address ……………………………
Subject ……………………………
Salutation ……………………………
Body of the Letter ……………………………
(a) Introductory paragraph ……………………………
(b) Description/content ……………………………
(c) Concluding paragraph ……………………………
Complimentary close/Subscription ……………………………
Signature ……………………………

Note: Sender’s address is written on the top left-hand corner of the page. There should be complete’and accurate address.
Date: The date on which the letter is being written.
Receiver’s address: The receiver’s address should include the official tille/name/position of the receiver.
Sub: The purpose of writing the letter.
Salutation/greetings: Sir/Madam
Body of letter: This is the main part of a letter. It consists of either two or three paragraphs. In the first paragraph, the purpose of the letter should be made clear. The lone of the content should be formal. Letter should be concise and to the point.
Complimentary close: In it, yours sincerely/failhfully, etc., should be written.
Signature: Signature of the person who is sending/writing the letter.

JAC Class 10 English Letter Writing

Letter to The Editor

1. Taking help from the information given below, write a letter to the editor of an esteemed daily, showing your concern at the increasing number of vehicles on the roads of cities in India. It not only causes inconvenience to the people but also affects the health of millions of people. Taking these hints into consideration, give your suggestions regarding checking the number of vehicles on roads. You are Rahul/Rubina of Bengaluru.

  • Increasing number of vehicles
  • Causing noise and air pollution
  • Emits harmful and poisonous gases
  • Health hazards

Answer:
114, 8th Cross
Malleswaram, Bengaluru
15th May 20xx
The Editor
The Times of India
New Delhi
Sub: Limiting the number of vehicles Sir
Through the columns of your esteemed newspaper, I wish to draw the attention of the authorities concerned towards the increasing number of vehicles on the roads of cities in our country. It is really a cause of concern for the people of our country. With the coming of various types of vehicles launched by the automobile companies, the burden on the roads has increased tremendously. Everyday, the latest models of cars like BMW, Honda, Mercedes-Benz, Jaguar, etc., are coming on the road. In the same manner the numbers of trucks, bikes, etc., are also increasing.

The growing prosperity of middle class and the easy loan offered by various banks have also added to the craze of vehicles among the masses. These vehicles emit harmful and poisonous gases and pollute the environment. It is also a health hazard too. So, to limit the number of vehicles on the roads the formula of single family-single vehicle should be brought to effect. The facility of public transport should be increased. Buses, sharing rickshaws, metro trains, etc., should be given preference and there should be public awareness among the masses too. Through these measures, this problem can be solved to a certain extent.
Thanking you.
Yours faithfully
Rahul Kumar

JAC Class 10 English Letter Writing

2. Write a letter to the editor of The Evening Times expressing your concern at the burgeoning growth of illegal colonies and slums in the metros seclusion the meters. Taking information/hints given below, also suggest how to stop such problem.

  • Increase in the number of illegal colonies and slums
  • Water logging – a cause of concern
  • Haven for breeding mosquitoes and fungus

Answer:
24, Block-I
Shadipur, New Delhi
24th December 20xx
The Editor
The Evening Times
New Delhi
Sub: Burgeoning growth of illegal colonies and slums Sir
Through the columns of your newspaper I wish to intend that the burgeoning growth of illegal colonies and slums in the metro cities, have become a cause of concern for all of us. The unsystematic planning of urbanisation is considered to be one of the major causes of such evils. It has given birth to many illegal colonies and shanty slums in the metro city. The migration from villages to cities in masses have also played a role in perpetuation of such problem.

A number of people are compelled to live in slums and illegal colonies. There is lack of basic amenities in slums. There is no facility of proper drinking water, drainage and other things. Waterlogging is a major problem of such areas. It helps in breeding mosquitoes and fungus that causes water-bome diseases like cholera, malaria, dengue, etc. So, the government should take major initiative in this regard and they should slow down the migration to cities. Only stringent measures can save our cities from being converted into illegal colonies and slums. The people and the authorities concerned who are found guilty in perpetuating such problems must be punished.
Thanking you.
Yours sincerely
Ajay Khetan

JAC Class 10 English Letter Writing

3. Taking help from the hints given below, write a letter to the editor of a national daily expressing your concern about the pressure an adolescent faces and also suggest the ways to cope with it.

  • Increasing crime, cases of drinking
  • Drug trafficking
  • Physical and sexual abuses increasing
  • Should be handled with the cooperation of social organisations.

Answer:
118, Gali No-5
Vishwas Park
Uttam Nagar, New Delhi
23rd April 20xx
The Editor
The Hindustan Times
New Delhi
Sub: Pressure faced by adolescents Sir
Through the columns of your esteemed newspaper I would like to raise the issue of pressure being faced by the adolescents. Due to lack of proper guidelines the adolescents adopt wrong path and get entrapped in activities like crime, drinking, drug trafficking, verbal, physical or sexual abuse, etc. The crime committed by the youngsters in the big cities have become common.

The youngsters below the age of 21 are more likely to be involved in committing crimes, fights, physical or sexual violence. At such a tender age, they also get themselves engaged in numerous illegal activities. It causes more problems. These issues can be handled with the combined efforts of society, and social organisations. The police and other agencies should make concerted and combined efforts to counsel them properly.
Thanking you.
Yours sincerely
A.K. Bhatnagar

JAC Class 10 English Letter Writing

4. You are Karan/Kartik, D-89 G.B. Road, Gaya. You saw the following article in the newspaper, The Hindustan Times. Write a letter to the editor of the concerned daily expressing your unhappiness at the lack of safety for women in Bodh Gaya. Also mention the measures adopted to solve the problem.

Gaya: Sunidhi, a teacher employed in Govt. Girls High School, was attacked on her way back home at 7.30 pm last Saturday. A chain of instances of bag and chain snatching, pickpocketing, etc., took place. Targeted women have been reported from \different areas of the locality.
Answer:
D-89, G.B. Road Gaya
27th June 20xx
The Editor
The Hindustan Times
New Delhi
Sub: Lack of safety for women Sir
Through the columns of your esteemed newspaper I apparently express my disgust and resentment at the lack of safety of women in Gaya town and its adjacent areas.

Last Saturday, Sunidhi, a teacher employed in Govt. Girls High School was attacked on her way back home at 7.30 p.m. This incident has really created sensation in the area. It clearly speaks volumes about the incident of women’s safety and security in the area. A chain of instances of bag and chain snatching, pickpocketing, etc., are on rise in the area. The anti-social elements are engaged in such activities on large scale. They wander on the road freely. Eve-teasing has become a regular phenomenon in the evening hours. Young women and girls have also become the soft target. They even can’t dare to come out of their houses in the evening hours. But the police do not take much cognizance of the problem. I would humbly request to the authorities concerned to look into the matter seriously and take necessary action. Those who are found guilty should be severely punished.
Thanking you.
Yours sincerely
Karan/Kartik

5. As a conscious and responsible citizen of the country you are very much concerned about the increase in the cases of road accidents in the mega cities of the country. Interpret the data given below and write a letter to the editor of an esteemed daily in about 100-120 words.
JAC Class 10 English Letter Writing 1
Answer:
F-131, A.K. Road
Faridabad (Flaryana)
29th March 20xx
The Editor
The Deccan Herald
New Delhi
Sub: Increase in road accidents in the metro cities Sir
Through the columns of your esteemed daily I wish to draw the attention of the authorities concerned towards the increase in road accidents in the mega cities.

As evident from the graph, it is quite disappointing that the cases of road accidents have been increasing steadily in all the mega cities of the country. In the year 2014, the road accidents went up to 1500. As the years passed, there was seen a major increase in the road accidents which went up to 1850. These accidents led to the loss of many lives. These are all caused by rash and negligent driving. Actually, it has become a common phenomenon among the people.

The authorities concerned should look into the matter and punishment should be given to the ones held guilty. The punishment should include maximum imprisonment, hefty fines or both. To enforce the safety rules on the road, the traffic police must take active and stringent measures.
Thanking you.
Yours sincerely
Aashish Saini

JAC Class 10 English Letter Writing

6. You are Kishan/Kanica. You saw the following news item in the newspaper about the increase of the patient of corona virus in the country. Write a letter to the editor of a newspaper about the difficulties and the after-effects of it.

Corona: A cause of concern
New Delhi: The cases of corona victims increasing day by day. Not only in Delhi but also other parts of the country. Due to not following the rule, it has spread out to vmore places at an alarming rate.
Answer:
39, Nai Sarak
Delhi
5th April 20xx
The Editor
The Deccan Herald
New Delhi
Sub: Corona: A cause of concern Sir
Through the columns of your esteemed daily, I would like to draw the attention of the authorities concerned towards the problem arising out due to the spread of corona virus and its effects. The cases of corona victims are increasing day-by-day. It has spread not only in Delhi but also in the entire country. Although the govt, issued an advisory and locked down the entire country, even then the cases of corona are increasing day by day.

The govt, has advised the people to stay home and remain indoors. But due to non-following of the advisory, the disease has spread into many areas and death toll has risen up to 200 mark. The cases of corona are increasing at an alarming rate. So, as a responsible and conscious citizen of the country I would like to appeal to the public not to commit mistakes in this regard. It may have disastrous effects.
Thanking you.
Yours sincerely
Vikas Kumar

7. You are Ranvir Kumar, President of Sports Federation of India. Using the information given below, write a letter to the editor of a national daily in about 100-120 words for promoting games and sports.
Games and Sports

  • In the population of 130 crore people games and sports not at its height.
  • Only cricket, kabaddi, badminton, etc., are of world level.
  • Not much promotion from the govt. side.
  • Less populated countries are a step ahead in games and sports.

Answer:
F-231, Anna Nagar
Chennai
10th September 20xx
The Editor
The Hindustan Times
New Delhi
Sub: Promotion of Games and Sports Sir
Through the columns of your esteemed daily, I would like to draw your kind attention towards the promotion of games and sports. India is a thickly populated country with 130 crore population. But in the area of game and sports it is not so developed as it should have. Except a few games like cricket, kabaddi, badminton, etc., no other game is of world level.

Indian players cannot compete with players of world fame either in Olympics or in world level tournament, they cannot stand before them. Even the countries with less population are a step ahead in games and sports. India can’t even qualify for World Cup football tournament, lawn tennis, etc. In spite of all these, the govt, has not paid much attention for the promotion of games and sports. The athletes or players are not supported financially. So, most of the competent players can’t even afford to give their best and they can’t compete with the players of world fame. It is really a matter of grave concern for us. I would even request to the govt, through this letters to look into the matter and take necessary and effective steps in this direction, so that our players can be at par with the international players. This way games and sports can be promoted in our country.
Thanking you.
Yours sincerely
Manas Tyagi

JAC Class 10 English Letter Writing

Complaint Letters

1. Write a letter in about 100-120 words to the manager, Furniture Mart, New Delhi complaining about the poor quality of office furniture you recently purchased from them, taking hints from the box given below. You are Mr. D Kashyap, Principal, K.P Public School, Nazafgarh, New Delhi.

  • Nature of complaint
  • Date of purchase: 30th March 20xx
  • Details of invoice: A K P-1099
  • Excessive price, immediate replacement

Answer:
K.P. Public School
Nazafgarh, New Delhi
17th April 20xx
The Manager
Furniture Mart
Kirti Nagar, New Delhi
Sub: Complaint against poor quality of office furniture
Sir
This is to bring to your notice that we had purchased furniture from your showroom dated 30th March 20XX vide invoice no-AKP-1099 for our school but most of the items are of poor quality. Tables, benches and chairs are not properly polished and some furniture are even broken up. Even the nails and scrubs of the benches and tables are coming out and some are even losing their places. We had ordered for the almirahs of Godrej company but devoiding our order you had supplied the almirahs of a local company. Moreover, you have charged the price as per Godrej price list which is quite unfair on your part.

The make and fittings of the almirahs are substandard. After verifying the price of chairs, benches and tables from other showrooms, we came to the conclusion that we had been charged exorbitantly. It is nearly a matter of shame that a reputed showroom like yours has not been able to maintain the quality of its products.

Therefore, I would like to request you to get the unpolished and fractured furniture replaced. I would also request you to get the almirahs replaced with a genuine Godrej product. Deliver the items at their earliest.
Thanking you.
Yours sincerely
D. Kashyap (Principal)

JAC Class 10 English Letter Writing

2. Write a letter to M/s Infratech Computers complaining that the laptop Hp Envy-13 (8th generation) you recently purchased from them does not function properly and ask for replacement. You are Rajesh/Riya Duggal, D-49, Sector-13, Gurugram. Write a letter on the basis of the given hints.
Hints:

  • Hp Envy-13 8th generation not functioning properly
  • Screen of the laptop damaged
  • Audio quality very poor, blinks from time to time

Answer:
D-49, Sector 13
Gurugram
31st January 20xx
M/s Infratech Computers
Gurugram
Sub: Complaint regarding functioning of laptop and its replacement
Sir/Madam
This is to bring to your notice that I had purchased a laptop, Hp Envy-13 8th generation worth ?70,000 from your showroom dated 27th January 20xx vide Invoice No-9C-SS-1976. Since the day I purchased it, it is not working properly. Since you delivered it Online to me I could not check it physically. The screen of the laptop was also damaged. It even blinks from time to time. It hangs at frequent intervals. Its audio quality is very poor. It is really a sad state of affair that even after investing such a high amount for the laptop it is of the worst quality. After all why the product of such a reputed company does not function properly. I am really disappointed because such type of negligence was not expected from the reputed showroom like yours.
I would like to request you to change the laptop with a new one that is in proper condition.

I look forward to your reply and speedy action in this regard. If you have any query, please contact me on my contact no – 9771xxxxxx.
Thanking you.
Yours sincerely
Riya Duggal

3. Recently you read an article in the newspaper- ‘An old couple murdered in Gurugram’. You were shocked to hear this news and decided to write a letter to the commissioner of police complaining regarding the rising rate of crime against the old and helpless people. Write a letter of complaint taking into account the hints given below for the safety and security of the older people. You are Rahul Tyagi of A-45, Phase-I, Palam Vihar, Gurugram.
Hints:

  • Older people assaulted and even killed in afternoon time.
  • Need proper protection of police .
  • RWA negligent towards them
  • Family members leave them alone at the mercy of servants
  • Loot money and jewellery
  • Homeguards should be deployed in each society.

Answer:
A-45 Phase-I
Palam Vihar
Gurugram
7th January 20xx
The Commissioner of Police
Gurugram
Sub: Rising rate of crime against the old and helpless people
Sir
I wish to lodge a complaint regarding the rising rate of crime against the old and helpless people everyday. We see the news of the murder of the old and helpless people. It has really become an affair of the day. It is really a matter of grave concern for all of us.

In the afternoon time, when nobody is at home the older and helpless people are assaulted and sometimes they are even killed. Actually, the family members leave them alone at the mercy of servants. They take undue advantage of the situation and loot money and jewellery. The police department can do a lot in this regard. They can do a lot to make their lives safe and secure. There should be special phone numbers at every police station to hear the complaints of the aged people. Some home guards should be deployed in each society and they should be instructed to visit the old and helpless people time to time.

I hope that the police department will take some effective measures to prevent crimes against the old and helpless people.
Thanking you.
Yours sincerely
Rahul Tyagi

Inquiry Letters

1. Using the hints given below, write a letter of inquiry to the Manager, Maury a Sheraton Hotel, Delhi for conducting the wedding reception of your elder brother in one of their halls. You are Abhinav/Aprajita of Rajouri Garden, New Delhi.
Hints:

  • Charges of the hall for 200 guests
  • Catering cost per head
  • Decoration charges, etc.
  • Parking facilities

Answer:
F-117, Sector-7
Rajouri Garden, New Delhi
10th October 20xx
The Manager
Maurya Sheraton Hotel
New Delhi
Sub: Inquiry about conducting a wedding reception
Sir
Kindly let me know whether one of your halls would be available on 30th October for conducting the wedding reception of my brother. Please give me the complete details of the following:

  • Charge of the hall with capacity of 200 guests
  • Catering cost per head/including vegetarian and non-vegetarian items
  • Decoration charge
  • Service charges to be made
  • Advance amount to be paid

Also make clear whether the parking facilities for at least 100 cars/vehicles, etc., would be available.

Please send me the complete details with charges (head wise) and also the list of menu offered by you at the above mentioned address at the earliest. Also make it clear in whose favour and how much amount of cheque be issued. Looking forward for an early and favourable response from your side.
Thanking you.
Your sincerely
Aprajita Singh

JAC Class 10 English Letter Writing

2. You are Riya Kapoor of F-13, Sector 3, Rohini. You are interested in taking admission in National Institute, Pune. Using the hints given below, write a letter of inquiry to the Director, Film Institute, Pune in about 100-120 words.
Hints:

  • Admission procedure
  • Duration of the course and fees
  • Eligibility criteria, etc.
  • Fee received in lump sum or in instalment

Answer:
F-13, Sector-3
Rohini, New Dehi
15th January 20xx
The Director
Film Institute, Pune
Sub: Seeking information regarding admission procedure, eligibility criteria, etc.
Sir
This is with reference to the advertisement given by you in the newspaper regarding the above mentioned course. I have just passed the class XII with CBSE board with arts stream. I am highly interested in joining your academy for the academic year 2020-21.1 have heard a lot about the prestigious institute which has produced a number of veteran actors for the Bollywood. But I would like to know about the admission procedure, eligibility criteria, duration of the course, fee structure, how much amount to be paid whether in lump sum or in installments.

Kindly tell me appropriate time to apply, availability of admission forms, payment, accommodation facilities, etc. Kindly send me the brochure in which all the details are available. Looking forward for an early response from your side.
Thanking you.
Yours sincerely
Riya Kapoor

3. You are Atul Bhattacharya of K-93, Chittaranjan Park, New Delhi. Using the hints given below, write a letter to M/S Harbour Press International, Darya Ganj, New Delhi regarding the catalogue, etc.
Hints:

  • Range of books available from nursery to class XII
  • Terms and conditions of supply
  • Mode of payment
  • Delivery date

Answer:
K-93 Chittarajan Park
New Delhi
17th May 20xx
M/S Harbour Press International
Darya Ganj, New Delhi
Sub: Regarding request for catalogue Sir
It has come to my notice that Harbour Press International publishes books ranging from nursery to class 12 for all subjects. It is a highly reputed publishing house and publishes books of high quality. We are interested in purchasing a few books of your publication of the following items.
1. Harbour Applied English Grammar and Composition – IX and X
2. Additional Practice books on English, Mathematics, Science classes 6 to 10
3. Math Practice – Classes 9 and 10
I shall be highly obliged if you send me the latest catalogue by VPP. I am also interested in knowing the terms and conditions of supply and mode of payment, etc. Kindly confirm whether you will take advance payment in full or after delivering the products. I hope that you will take my request on priority basis and provide the necessary information at the earliest.
Thanking you.
Yours sincerely
Atul Bhattacharya

4.
JAC Class 10 English Letter Writing 2
Manav Singh of D-15, Sector-5, Dwarka, a Class XII student of the science stream sees this advertisement. He writes a letter to the institute seeking information about the crash course of IIT-JEE the timing of the classes, fees, etc. Write a letter.
Answer:
D-15, Sector-5
Dwarka, New Delhi
19th March 20XX
The Director
Success Coaching Centre
Z-17, Nangal Roy, Delhi
Sub: Crash course for IIT-JEE Sir
This is with reference to the advertisement in the Indian Express dated 10th March. I would like to know more information and details about the IIT crash course offered by your institute, timing, fee structure, mode of payment, etc.

I need coaching of all the subjects. Please let me know about the coaching in detail. Does your institute cater to individual difficulties or only general problems are discussed and resolved?

Kindly guide me on all the points mentioned above. I want detailed information, so send me the booklet on the above mentioned address.
Thanking you.
Yours sincerely
Manav singh

JAC Class 10 English Letter Writing

Placing Order Letters

1. You are the incharge of science laboratory of Universal Public School, Preet Vihar, New Delhi. Using the hints given below, place an order to KB Laboratory Works, Noida for various apparatus/equipment used in your laboratory.
Hints:

  • Mention the name of apparatus/equipment, etc.
  • Quantity to be required
  • Order to be supplied

Answer:
Universal Public School
Preet Vihar, New Delhi
17th May 20xx
The Manager
M/S KB Laboratory Works
Noida
Sub: Placement of order for supply of apparatus/equipment used in laboratory
Sir
On behalf of Universal Public School, I would like to place a bulk order for the supply of various apparatus/equipments used in our laboratory. Kindly send the following apparatus at the above address.

Apparatus Name Quantities
1. Beaker 10 pieces
2. Funnels 12 pieces
3. Droppers 15 pieces
4. Bunsen Burners 20 pieces
5. Thermometer 15 pieces
6. Spring Balances 10 pieces

All the items should be in good condition and properly packed. Kindly send me the bank details and invoice, so that payment could be transferred to your bank account through online banking. Hope that the items will be delivered soon. Any damage during transportation would entirely be your responsibility.
Thanking you.
Yours sincerely
Ashok Kumar (Incharge)

2. You are Arbaaz Khan, librarian, Vasant Valley Public School, Vasant Kunj, New Delhi. Using the hints given below write a letter to Rupa Book Depot, Mehrauli, New Delhi to place an order for some books for your school library.
Hints:

  • Mention names of books
  • Their quantities
  • Author/publisher name
  • Discount offered 15%
  • Mode of payment

Answer:
Vasant Valley Public School Vasant Kunj, New Delhi 20th September 20xx
M/S Roopa Book Depot
Mehrauli, New Delhi
Sub: Placement of order for supply of books Sir
This is to inform you that our school management has decided to put an order with your company for the supply of some books. We need some books of the latest edition for our library. We agree to the terms and conditions and also the discount of 15% offered by you. The details are as follows:

Name of Books Author name Publisher Quantity
1. Wings of Fire Dr. APJ Abdul Kalam 10 pieces
2. Maths Olympiad Terry Chew 7 pieces
3. English – English Dictionary Oxford Publishers 5 pieces
4. Unbreakable
(Autobiography of Mary Kom)
Mary Kom 10 pieces
5.Malayalam Manorama Manorama Publication 3 pieces

I humbly request you to supply the books for the school library by 30th September. If any damage is caused during transportation, your order will deemed to be cancelled. Kindly send me the bank details so that either a cheque or Online payment may be made on time. Looking for a favourable response from your side.
Thanking you.
Yours sincerely
Arbaaz Khan, Librarian

JAC Class 10 English Letter Writing

Non-Compliance Letters

1. You have placed an order for a few books with Delhi Book Store, Darya Ganj, New Delhi. But you have not received the books so far. Using the hints given below, write a letter to the book shop regarding non-compliance of your order.
Hints:

  • Delay in delivery
  • Negligent attitude shown by the shop
  • Order might be cancelled

Answer:
St. Xavier’s Public School
Jhandewalan, New Delhi
18th March 20xx
Delhi Book Store
Darya Ganj, Delhi
Sub: Non-compliance of the order No. 1079/DBS/O3 Sir
This is with reference to your order No. 1079/DBS/03 dated 8th March 20xx regarding the delivery of a few books for our school library.

I state that despite repeated reminders on the phone, the books have not been delivered yet to the library. These books were urgently required by the students, which they could use for their references. It is really a sad state of affairs and quite upsetting. I am really very worried about the non-compliance and negligent attitude shown by your shop towards our order. If the books mentioned above do not reach us within three days from the receipt of the letter, your order will necessarily be cancelled. And this order will be placed elsewhere. A list of books is enclosed. Kindly do the needful at the earliest.
Thanking you.
Yours sincerely
A.K Rohtagi (Librarian)

JAC Class 10 English Letter Writing

2. You have placed an order for a few drugs with Medlife Drugs Store, No-117, Sadar Bazar, New Delhi. You have not got the medicines yet. Using the hints given below, write a letter to the drug store about the non-compliance of your order.
Hints:

  • Delay in delivery of medicines
  • Not taken prompt action in this regard
  • Cancellation of order

Answer:
X-13 Sadar Bazar
New Delhi
10th April 20xx
Medlife Drugs Store
No-117, Sadar Bazar
New Delhi
Sub: Regarding non-compliance of the order
Sir
This is to inform you that I had placed an order for a the delivery of a few life saving drugs for personal use.

Regretfully, I have to state that despite numerous reminders on the phone, the medicines have not yet been delivered to me. These medicines are quite necessary for saving my life. Even if I miss these drugs for a day or two it will be quite dangerous for my health. It may even take my life too. I am really very upset about the non-compliance and negligent attitude shown by your shop towards my order. If the specified drugs do not reach us with in two to three days, your order will be cancelled. The order will be placed elsewhere. If something untoward happens to me, necessary action will be taken against your store. Kindly do the needful at the earliest.
Thanking you.
Yours sincerely
A.K. Kapoor

JAC Class 10 English Solutions

JAC Class 10 English Solutions Footprints without Feet Chapter 10 The Book that Saved the Earth

JAC Board Class 10th English Solutions Footprints without Feet Chapter 10 The Book that Saved the Earth

JAC Class 10th English The Book that Saved the Earth Textbook Questions and Answers

Read and Find Out (Pages 63 & 65)

Question 1.
Why was the twentieth century called the ‘Era of the Book’?
(बीसवीं शताब्दी को ‘किताओं का युग’ क्यों कहा गया है ?)
Answer:
The twentieth century was called the ‘Era of the Book’ because at that time there were books about everything. One could find a book on any subject from anteaters to Zulus.
(बीसवीं शताब्दी को ‘किताबों का युग’ इसलिए कहा गया है क्योंकि उस समय प्रत्येक चीज के बारे में पुस्तकें थीं। उस समय प्राचीनतम जानवरों से लेकर जुलू लोगों तक सभी पर पुस्तकें मिल जाती थीं।)

JAC Class 10 English Solutions Footprints without Feet Chapter 10 The Book that Saved the Earth

Question 2.
Who tried to invade the earth in the twenty-first century?
(इक्कीसवीं शताब्दी में किसने पृथ्वी पर आक्रमण करने का प्रयास किया?)
Answer:
In the year 2040, the Martians (people from the Mars) tried to invade the earth.
(2040 के वर्ष में मंगल ग्रहवासियों ने पृथ्वी पर आक्रमण करने का प्रयास किया।)

Question 3.
What guesses are made by Think-Tankabout the books found on earth?
(थिंक-टैंक के द्वारा क्या पृथ्वी पर पाई गई किताब के बारे में अनुमान लगाए गए ?)
Answer:
Think Tank makes a number of guesses about the books found on earth. First he thinks that these are ‘sandwiches’. Then he thinks that these are ear communication devices. A little later he thinks that these are eye communication devices. Finally, he thinks that these are ‘high explosives’.

(थिंक-टैंक पृथ्वी पर पाई गई किताब के बारे में अनेकों अनुमान लगाता है। पहले तो वह सोचता है कि ये सैंडविच हैं। तब वह सोचता है कि ये श्रवण संप्रेषण यंत्र हैं। थोड़ी देर बाद वह सोचता है कि ये दृश्य संप्रेषण यंत्र हैं। अंततः वह सोचता है कि ये ‘अति विस्फोटक’ हैं।)

Think about it (Page 74) 

Question 1.
Noodle avoids offending Think-Tank but at the same time he corrects his mistakes. How does he manage to do that?
(नूडल विंक क को नाराज करने से परहेज करता है लेकिन साथ-ही-साथ वह उसकी गलती में भी सुधार करता है ? वह इस काम को कैसे करता है ?)
Answer:
Noodle is the deputy of Think Tank. Noodle gives him information about books which he finds in a library, Think-Tank says that these are ‘sandwiches’. But Noodle corrects him and says that they are ‘ear communication devices’. Think-Tank agrees with him. Then Noodle calls them ‘eye communication devices’ and Think-Tank again agrees.
(नूडल थिंक-टैंक का उप-मुखिया है। नूडल उसको पुस्तकों के बारे में जानकारी देता है जो उसको एक पुस्तकालय में मिलती हैं। थिंक-टैंक कहता है कि ये ‘सैंडविच’ हैं। लेकिन नूडल उसकी बात को ठीक करता हुआ कहता है कि ये ‘श्रवण सम्प्रेषण यंत्र’ हैं। थिंक-टैंक उससे सहमत हो जाता है। तब नूडल उन्हें ‘दृश्य सम्प्रेषण यंत्र’ कहता है और थिंक-टैंक पुनः सहमत हो जाता है।)

Question 2.
If you were in Noodle’s place, how would you handle Think-Tank’s mistakes?
(यदि आप नूडल के स्थान पर होते तो आप थिंक-टैंक की गलतियों को कैसे सुधारते ?)
Answer:
If I were in Noodle’s place, I would handle Think-Tank’s mistakes as politely as Noodle himself does. Noodle points out Think-Tank’s errors and corrects them without offending him. I would also do the same.
(यदि मैं नूडल के स्थान पर होता तो मैं थिंक-टैंक की गलतियों को उतनी ही विनम्रता के साथ सुधारता जैसे कि नूडल करता है। नूडल थिंक-टैंक की गलतियों को बताता है और उसे नाराज किए बिना उन्हें ठीक करता है। मैं भी ऐसा ही करता।)

JAC Class 10 English Solutions Footprints without Feet Chapter 10 The Book that Saved the Earth

Question 3.
Do you think books are being replaced by the electronic media? Can we do away with books altogether?
(आपके विचार में क्या पुस्तकों का स्थान इलैक्ट्रोनिक मीडिया ने ले लिया है? क्या हम पुस्तकों से काम चला सकते हैं?)
Answer:
The modern world is the world of science. It is true that books are being replaced by the electronic devices like Compact Discs (CDs), laptops, ipods, etc. But books cannot completely be replaced. If it is done, there would be chaos. Books are permanent sort of things and can never disappear. On the other hand, computers can have viruses and CDs can become defective.
(आधुनिक संसार विज्ञान का संसार है। यह सही है कि पुस्तकों का स्थान इलैक्ट्रोनिक्स यंत्रों; जैसे सी०डी०, लैपटॉप, आईपैड आदि के द्वारा लिया जा रहा है। लेकिन पुस्तकों को पूरी तरह प्रतिस्थापित नहीं किया जा सकता है। यदि ऐसा कर दिया गया तो चारों ओर अव्यवस्था हो जाएगी। पुस्तकें स्थाई किस्म की चीजें हैं जो कभी भी लुप्त नहीं हो सकती हैं। दूसरी ओर, कम्प्यूटर में वायरस आ जाते हैं और सी०डी० में दोष आ जाते हैं।)

Question 4.
Why are books referred to as a man’s best companion? Which is your favourite book and why? Write a paragraph about that book.
(पुस्तकों को मनुष्य का सबसे अच्छा मित्र क्यों कहा जाता है? आपकी सर्वप्रिय पुस्तक कौन-सी है और क्यों? पुस्तक के बारे में एक पैरा लिखिए।)
Answer:
Books are called man’s best companion. They are our true friends. They never betray us. A good book is just like a good friend. Like a true friend, a good book cheers us as well as comforts us. My favourite book is The Gita. It is part of the Mahabharta. It is the discourse given by Lord Krishna to Arjuna on the battlefield of Mahabharta. It is full of wisdom. It tells us we should not be afraid of anything. This body is only a garment worn by the soul. When this garment is worn out, the soul wears another one. Soul is immortal and indestructible. Then why should we worry. Secondly, it gives the theory of karma. It tells us that our duty is to do our work. We should not worry about the results of our actions. God rewards us according to our actions.

(पुस्तकों को मनुष्य की सबसे अच्छी मित्र कहा जाता है। वे हमारी सच्ची मित्र हैं। वे हमें कभी भी धोखा नहीं देती हैं। एक अच्छी पुस्तक बिल्कुल एक सच्चे मित्र की तरह होती है। एक सच्चे मित्र की भाँति एक अच्छी पुस्तक हमें प्रसन्नता और राहत प्रदान करती है। मेरी प्रिय पुस्तक गीता है। यह महाभारत का अंग है। यह महाभारत के युद्धक्षेत्र में भगवान कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिया गया उपदेश है। यह ज्ञान से भरपूर है। यह हमें बताती है कि हमें किसी भी चीज से डरना नहीं चाहिए। यह शरीर तो केवल मात्र आत्मा का एक वस्त्र है। जब यह वस्त्र फट जाता है, आत्मा दूसरा वस्त्र धारण कर लेती है। आत्मा अमर और कभी भी नष्ट न होने वाली है। तब हमें क्यों भयभीत होना चाहिए। दूसरे, यह कर्म का सिद्धान्त सिखाती है। यह हमें बताती है कि काम करना हमारा कर्तव्य है। हमें अपने कर्मों के फलों के बारे में चिन्तित नहीं होना चाहिए। भगवान् हमारे कर्मों के अनुसार हमें फल देता है।)

Talk about it (Page 74)

Question 1.
In what ways does Think Tank misinterpret innocent nursery rhymes as threats to the Martians? Can you think of any incidents where you misinterpreted a word or an action? How did you resolve the misunderstanding?
Answer:
Think-Tank asks Noodle to read out from the book in his hand. It is only a nursery rhymes book. Noodle reads out ‘Mistress Mary … row’. He hears the words ‘garden’ and ‘cockle shells’ and silver bells… He reaches the conclusion that the people of the earth have discovered how to combine agriculture and mining. They can also grow high explosives. Secondly, he hears ‘Humpty Dumpty …’ and sees the picture of an egg. It is similar to him. From this he concludes that the earthlings know him and are after his life and Mars.

Once, I praised one of my friends for his patient and tolerant behaviour. I said, “You are quite cool.” But he misheard me and thought that I called him ‘quite a fool’. He became angry and went away from my house. I was surprised. But later I guessed that he had confused ‘cool’ with ‘fool’. So I went to his house and explained the whole thing to him. He understood what I wanted to explain. We became friends again.

JAC Class 10 English Solutions Footprints without Feet Chapter 10 The Book that Saved the Earth

Question 2.
The Aliens in this play speak English, Do you think this is their language? What could be the language of the Aliens?
Answer:
It is not possible that the Aliens’ language is English. They are a race of another planet. Their language could not be any language spoken on the earth. Their language could be strange and jarring.

JAC Class 10th English The Book that Saved the Earth Important Questions and Answers

Very Short Answer Type Questions

Question 1.
What type of a story is ‘The Book That Saved the Earth’?
Answer:
This is a science fantasy.

Question 2.
When is the story “The Book That Saved the Earth’ is set?
Answer:
This imaginary story is set in the twenty fifth century.

Question 3.
Who was Think Tank?
Answer:
Think Tank was the commander-in-chief of the Mars Space Control Room.

Question 4.
Who was the deputy of Think Tank?
Answer:
Noodle was the deputy of Think-Tank.

Question 5.
With what name was the twentieth century called?
Answer:
The twentieth century was called the “Era of the Book”.

Question 6.
What was Think Tank’s first guess about book?
Answer:
He guessed that they were sandwiches.

Question 7.
When did the Martians try to invade the earth?
Answer:
The Martians tried to invade the earth in the year 2040.

Question 8.
Which book saved the earth from Martian invasion in 2040?
Answer:
A book of nursery rhyms saved the earth from Martian invasion in 2040.

Question 9.
Who was the captain of the space craft crew?
Answer:
Omega was the captain of the space craft crew.

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Question 10.
Who tried to invade the earth in the twenty-first century?
Answer:
The Martians tried to invade the earth in the twenty-first century.

Question 11.
Who was the ruler of Mars?
Answer:
Think Tank was the ruler of Mars?

Question 12.
What was Noodle’s opinion about books?
Answer:
Noodle thought that they were ear communication devices.

Question 13.
What does the historian tell the audience?
Answer:
The historian tells the audience that once a book saved the earth.

Question 14.
Where did captain Omega and his deputies land on the earth?
Answer:
They land in a library.

Question 15.
How many moons does mars have?
Answer:
Mars has two moons.

Short Answer Type Questions

Question 1.
What is the time and place of the story at the beginning?
(कहानी के आरंभ होने का समय और स्थान क्या है?)
Or
What sort of fantasy is “The Book That Saved the Earth” and in which century on was it set?
(“The Book That Saved the Earth”किस प्रकार की कहानी है और यह किस प्रकार की कहानी है और यह किस शताब्दी में लिखी गई?))
Answer:
This is a science fantasy. This imaginary story is set in the twenty-fifth century. The place is the Museum of Ancient History, Department of the Twentieth Century. There is a historian sitting at a table. There is a movie projector on the table.
(यह विज्ञान से सम्बन्धित एक कहानी है। यह काल्पनिक कहानी पच्चीसवीं शताब्दी में लिखी गई है। इस कहानी का स्थान बीसवीं शताब्दी के प्राचीन इतिहास विभाग का संग्रहालय है। एक मेज पर एक इतिहासकार बैठी है। मेज पर एक फिल्म प्रोजैक्टर रखा हुआ है।)

Question 2.
What strange thing about a book does the historian tell the audience?
(इतिहासकार श्रोताओं को पुस्तक के बारे में कौन-सी अजीब बात बताती है ?)
Answer:
The historian tells her audience that once a book saved the earth. She narrates a real story from the twenty-first century. She tells how the Martians (people from the planet Mars) invaded the earth in 2040 and a book of nursery rhymes saved the Earth from their attack.

(इतिहासकार अपने श्रोताओं को बताती है कि एक बार एक पुस्तक ने पृथ्वी को बचा लिया था। वह इक्कीसवीं शताब्दी की एक सच्ची घटना का वर्णन करती है। वह बताती है कि मंगल ग्रहवासियों (मंगल ग्रह के लोग) ने किस प्रकार से पृथ्वी पर आक्रमण किया था और नर्सरी की कविताओं की एक किताब ने किस प्रकार पृथ्वी की उनकी आक्रमण से रक्षा की थी।)

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Question 3.
The story takes place in the twenty-fifth century. How does the historian take her audience back to twenty-first century?
(कहानी का वर्णन पच्चीसवीं शताब्दी में किया जाता है। इतिहासकार अपने श्रोताओं को इक्कीसवीं शताब्दी में वापस कैसे लेकर जाती है ?)
Answer:
The historian shows the audience the happenings that actually took place. These have been recorded in a film. She turns on the projector. On the projector the audience sees what actually happened in the twenty-first century.
(इतिहासकार श्रोताओं को वास्तव में घटित हुई चीजें दिखाती है। ये सभी एक फिल्म में रिकॉर्ड की गई हैं। वह प्रोजैक्टर को चालू करती है। प्रोजैक्टर पर श्रोतागण वास्तव में घटित हुई घटनाओं को देखते हैं।)

Question 4.
Who are shown when the projector starts?
(जब प्रोजेक्टर चालू होता है तो कौन दिखाई पड़ता है ?)
Answer:
The projector shows the Mars Space Control room. We see Think Tank who is the commander-in-chief. He has a huge, egg-shaped head. He wears a long robe decorated with stars and circles. His deputy, Noodle stands beside him at a switchboard.
(प्रोजैक्टर मंगल अंतरिक्ष नियंत्रण कक्ष को दिखाता है। हम थिंक-टैंक को देखते हैं जो कि कमाण्डर-इन-चीफ है। उसका एक विशालकाय अंडे की आकृति वाला सिर है। उसने सितारों और वृत्तों से सुसज्जित एक लम्बा परिधान पहना हुआ था। उसका उप-प्रमुख नूडल उसके पास एक स्विचबोर्ड के निकट खड़ा था।)

Question 5.
What is the purpose of the manned spacecraft sent to the earth by Think-Tank?
(विंकटैंक के द्वारा पृथ्वी पर भेजे गए मानवयुक्त अंतरिक्षयान का क्या उद्देश्य है ?)
Answer:
Think Tank has already sent a manned spacecraft to the earth. Their purpose is to collect information about the earth’s defence system and send it back to the other spacecraft from Mars who are ready to attack the earth before lunch.
(थिंक-टैंक ने पहले से ही पृथ्वी पर एक मानवयुक्त अंतरिक्षयान भेज रखा है। उनका उद्देश्य पृथ्वी की रक्षा-प्रणाली के बारे में अध्ययन करना और उसे मंगल ग्रह पर दूसरे अंतरिक्षयान के पास भेजना था जोकि दोपहर भोज से पूर्व पृथ्वी पर आक्रमण करने को तैयार है।)

Question 6.
Who are in a library on the earth ? What are they doing there?
(पृथ्वी पर स्थित पुस्तकालय में कौन है? वे वहाँ क्या कर रहे हैं?)
Answer:
Captain Omega and his deputies are in a library. They came here in order to gather secrets of the earth defence. They have landed in a library. They have seen the books and the library for the first time.
(कैप्टन ओमेगा और उसके उप-मुखिया पुस्तकालय में हैं। वे यहाँ पर पृथ्वी की रक्षा-प्रणाली के विषय में जानकारी एकत्र करने आए थे। उन्होंने पुस्तकों तथा पुस्तकालय को पहली बार देखा था।)

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Question 7.
What is Think-Tank’s first guess about the books?
(पुस्तकों के बारे में थिंक-टंक का पहला अनुमान क्या है ?)
Answer:
With the help of his remote camera, Think-Tank looks at the ‘books’. He calls them ‘eatables’ and they are in a refreshment stand. He says that they are ‘sandwiches’. They are the main food of Earth diet.
(अपने दूर-संवेदी कैमरे से थिंक-टैंक पुस्तकों को देखता है। वह उन्हें खाद्य पदार्थ कहता है और वे जलपान गृह में रखी हुई हैं। वह कहता है कि वे सैंडविच’ हैं। वे पृथ्वी के लोगों का मुख्य आहार है।)

Question 8.
What is Think-Tank’s second guess about books?
(पुस्तकों के बारे में थिंक-टैंक का दूसरा अनुमान क्या है ?)
Answer:
Think Tank’s second guess about books is that they are communication devices. He orders Omega to listen to them (books). He puts a book to his ears and tries hard to listen. Think-Tankasks Omega if he can listen something from them, Omega replies that they may not be on the correct frequency.
(थिंक-टैंक का पुस्तकों के बारे में दूसरा अनुमान यह है कि वे सम्प्रेषण यंत्र हैं। वह ओमेगा को आदेश देता है कि वह उनकी आवाज सुने। वह एक पुस्तक को अपने कान के पास रखता है और उसकी आवाज सुनने का प्रयास करता है। थिंक-टैक ओमेगा से पूछता है कि क्या उसको पुस्तकों की आवाजें सुनाई दे रही हैं। ओमेगा उत्तर देता है कि टीक आवाज नहीं आ रही है।)

Question 9.
What order does Think-Tank give Noodle for escaping from Mars?
(मंगल ग्रह से बच निकलने के लिए थिंक-टैंक नूडल को क्या आदेश देता है ?)
Answer:
Think Tank orders Noodle to prepare a space capsule for him. He must escape without delay. The Earthlings are coming to capture Martians. Noodle asks Think Tank where they shall go. Think Tank replies they will go to the planet Alpha-Centuri, a hundred million miles away.
(थिंक-टैंक नूडल को उसके लिए एक अंतरिक्ष कैप्सूल तैयार करने का आदेश देता है। उसे बिना देरी किए बच निकलना चाहिए। पृथ्वीवासी मंगलवासियों को पकड़ने के लिए आ रहे हैं। नूडल थिंक-टैंक से पूछता है कि उन्हें कहाँ जाना चाहिए। थिंक-टैंक कहता है कि वे एक सौ मिलियन मील दूर स्थित अल्फा सेन्चुरी ग्रह पर जाएँगे।)

Question 10.
When was the contact resumed with Mars? What did the Earthlings teach the Martians?
(मंगल ग्रह के साथ पुनः सम्पर्क कब स्थापित हुआ ? पृथ्वीवासियों ने मंगलवासियों को क्या सिखाया ?)
Answer:
In the twenty-fifth century they resumed contact with Mars. They became friends. Think-Tank was replaced by Noodle. They taught the Martians the difference between books and sandwiches. They established a model library on Mars.
(पच्चीसवीं सदी में उनका मंगल ग्रह के साथ पुनः सम्पर्क स्थापित हुआ। वे मित्र बन गए। थिंक-टैंक का स्थान नूडल ने ले लिया। उन्होंने मंगलवासियों को पुस्तकों और सैंडविचों में भेद बताया। उन्होंने मंगल ग्रह पर एक आदर्श पुस्तकालय की स्थापना की।)

Essay Type Questions

Question 1.
What does the historian tell the audience about the twentieth century and Mars?
(इतिहासकार श्रोताओं को बीसवीं शताब्दी और मंगल ग्रह के बारे में क्या बताती है ?)
Answer:
This imaginary story is set in the twenty-fifth century. The place is the Museum of Ancient History, Department of the Twentieth Century. A historian sitting at a table. There is a movie projector on the table. She is giving a talk to the audience about the twentieth century. She tells the audience that the twentieth century was often called the Era of the Book. In those days there were books about everything. They taught the people everything. But the strangest thing was that a book saved the Earth. She narrates a real story from the Martians (people from the planet Mars) invaded the Earth in 2040 and a book of nursery rhymes saved the Earth from their attack.

(यह काल्पनिक कहानी पच्चीसवीं शताब्दी में लिखी गई है। इस कहानी का स्थान प्राचीन इतिहास का संग्रहालय, बीसवीं शताब्दी का विभाग है। एक इतिहासकार मेज पर बैठी है। मेज पर एक मूवी प्रोजैक्टर रखा हुआ है। वह बीसवीं शताब्दी के बारे में श्रोताओं से बात करती है। वह श्रोताओं को बताती है कि बीसवीं शताब्दी को पुस्तकों के युग के नाम से जाना जाता था। उन दिनों में प्रत्येक विषय के बारे में पुस्तकें थीं। वे मनुष्य को सब कुछ सिखाती थीं। लेकिन सबसे विचित्र बात यह थी कि एक पुस्तक ने पृथ्वी को बचा लिया था। वह इक्कीसवीं सदी की एक सच्ची कहानी का वर्णन करती है। वह बताती है कि किस प्रकार से मंगलवासियों ने (मंगल ग्रह के लोग) 2040 में पृथ्वी पर आक्रमण कर दिया था और कैसे नर्सरी की कविताओं की एक पुस्तक ने पृथ्वी की रक्षा की थी।)

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Question 2.
Who is Think-Tank? Why has he sent a manned spacecraft to Earth?
(थिंक-टैंक कौन है ? उसने पृथ्वी पर एक मानवयुक्त अंतरिक्षयान क्यों भेजा है ?)
Answer:
Think Tank is the commander-in-Chief of the Mars Space Control Room. He has a huge, egg-shaped head. He wears a long robe decorated with stars and circles. His deputy, Noodle stands beside him at a switchboard. Think Tank has already sent a manned spacecraft to the Earth. Their purpose is to collect information about the earth’s defence system and send it back to the other spacecraft from Mars who are ready to attack the earth before lunch. The incident described in the story is about the Martian invasion of 2040. In fact, the invasion never took place. A single book stopped it. It was a book of nursery rhymes. Then the historian shows the audience the happenings that actually took place. These have been recorded in a film. She turns on the projector. It shows the Mars Space Control room. We see Think-Tank who is the commander-in-chief.

(थिंक-टैंक मंगल अंतरिक्ष नियंत्रण कक्ष का कमाण्डर-इन-चीफ है। उसका एक विशालकाय, अंडे की आकृति वाला सिर है। उसने सितारों और वृत्तों से सुसज्जित एक लंबा परिधान पहना हुआ है। उसका उप-प्रमुख नूडल उसके पास एक स्विचबोर्ड के नजदीक,खड़ा है। थिंक-टैंक ने पृथ्वी पर पहले से ही मानवयुक्त अंतरिक्षयान भेज रखा है। उनका उद्देश्य पृथ्वी की रक्षा प्रणाली के बारे में सूचना एकत्र करना है और उसे मंगल ग्रह पर दूसरे अंतरिक्षयान के पास भेजना है जोकि दोपहर भोज से पूर्व पृथ्वी पर आक्रमण करना चाहते हैं। कहानी में वर्णित घटना 2040 में मंगल ग्रहवासियों के पृथ्वी पर आक्रमण के बारे में है। वास्तव में यह आक्रमण कभी हुआ नहीं केवल मात्र एक किताब ने इसे रोक दिया। यह नर्सरी की कविताओं की एक पुस्तक थी। तब इतिहासकार उनको वास्तव में घटित हुई घटनाओं के बारे में जानकारी देती है। उनको एक फिल्म के रूप में रिकॉर्ड किया गया है। वह प्रोजैक्टर को चालू करती है। वह मंगल ग्रह के नियंत्रित कक्ष को दिखाता है। हम थिक-टैंक को देखते हैं जो कि कमांडर-इन-चीफ है।)

Question 3.
What happens when the Martians land in a library on the earth? What guess does Think Tank make about books? .
(जब मंगल ग्रहवासी पृथ्वी पर एक पुस्तकालय में उतरते हैं तो क्या होता है? थिंक-टैंक पुस्तकों के बारे में क्या अनुमान लगाता है।)
Answer:
The Martians land in a library. They have seen the books and the library for the first time. Think-Tank talks to Captain Omega who tells him that they have arrived on Earth without incident. As they have never seenalibrary before, they are not sure where they are. However. Lt. lota tells Think-Tank that there are about two thousand peculiar items (books). She thinks that the place must be some storage barn. Sergeant Oop calls them ‘hats’.Omega asks for Think-Tank’sadvice. Through his remote camera, Think-Tank looks at the books’. He says that what they have in their hands are ‘sandwiches’. They are the main food of Earth diet. Think Tank orders Omega to eat it (book) to confirm. Omega asks Lt. lota to eat it. Iota orders Sergeant Oop to eat it. Oop bites a corner of the book. He pretends to chew and swallow and tells Think Tank that it is delicious.

(मंगल ग्रहवासी एक पुस्तकालय में उतरते हैं। उन्होंने पुस्तकें और पुस्तकालय को पहली बार देखा है। थिंक-टैंक कैप्टन ओमेगा से बात करता है जो थिंक-टैंक को बताता है कि वे बिना किसी घटना के पृथ्वी पर पहुँच गए हैं। क्योंकि उन्होंने पहले कभी पुस्तकालय नहीं देखा है तो उन्हें पक्का नहीं पता है कि वे किस स्थान पर हैं। लेफ्टिनेंट आयोटा कहती है कि यहाँ पर लगभग 2000 की संख्या में विचित्र वस्तुएँ रखी हैं। वह सोचती है कि यह स्थान अवश्य ही कोई खाधान्न भण्डार है। सार्जेन्ट ऊप उन्हें टोप कहता है। ओमेगा थिंक-टैंक से सलाह लेती है। अपने दूर-संवेदी कैमरा से थिंक-टैंक पुस्तकों की ओर देखता है। वह कहता है कि जो चीज उनके हाथ में है वह तो सैंडविच जैसी लगती है। वे पृथ्वीवासियों का मुख्य आहार हैं। थिंक-टैंक ओमेगा को आदेश देता है कि इसको यकीनी बनाने के लिए वह इसे (पुस्तक) खाकर दिखाए। ओमेगा लेफ्टिनेंट आयोटा से उसे खाने को कहता है। ऊप पुस्तक के कोने को दाँत से काटता है। वह पुस्तक को चबाने और उसे निगलने का ढोंग करता है और थिंक-टैंक को बताता है कि यह स्वादिष्ट है।)

Question 4.
Why does Think-Tank decide not to invade the earth?
(थिंक-टैंक पृथ्वी पर आक्रमण न करने का निर्णय क्यों लेता है ?)
Answer:
Omega looks at the books and tells Think Tank that they have pictures of Earthlings. They have some sort of code, lines and dots with pictures. He asks him to study the pictures and decipher the code in them. The book that Omega is looking at is a nursery rhyme book and reads it. Think Tank wonders how the Earthlings have combined agriculture and mining. They also grow explosives. He feels that the people of the earth are very intelligent and brave. Noodle says that the invasion spacecraft are ready to attack the earth. But Think Tank asks Noodle to tell the invasion fleet to hold. New information has come to him. Think Tank asks lota to transcribe the information. He thinks that the Earthlings have reached a higher level of civilisation. They have taught their domesticated animals music and space techniques. So he decides not to invade the earth.

(ओमेगा पुस्तकों को देखती है और थिंक-टैंक को बताती है कि उनके पास पृथ्वीवासियों की तस्वीरें हैं। तस्वीरों के साथ उनके कुछ गुप्त कोड, लाइनें और बिन्दु हैं। वह उससे कहता है कि तस्वीरों का अध्ययन करे और कोडों का रहस्य खोले। पुस्तक जो ओमेगा ने खोल रखी है वह नर्सरी की कविताओं की एक पुस्तक है और उसे पढ़ती है। थिंक-टैंक हैरान होता है कि पृथ्वीवासियों ने कैसे खेती और खनन को इकट्ठा कर दिया है। वे विस्फोटक भी उगाते हैं। वह मानता है कि पृथ्वीवासी बहुत ही प्रतिभाशाली और बहादुर हैं। नूडल कहता है कि आक्रमणकारी यान पृथ्वी पर आक्रमण करने के लिए तैयार है। लेकिन थिंक-टैंक नूडल से कहता है कि वह आक्रमणकारी यानों को रुकने को कहे। उसके पास नई सूचना आ गई है। थिंक-टैंक आयोटा से सूचना का अनुवाद करने को कहता है। वह मानता है कि पृथ्वीवासी सभ्यता के उच्चतम स्तर पर पहुँच गए हैं। उन्होंने अपने पालतू जानवरों को संगीत और अंतरिक्ष तकनीकों की जानकारी दे दी है। इसलिए वह पृथ्वी पर आक्रमण नहीं करने का निर्णय लेता है।)

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Question 5.
Why does Think-Tank decide to run away from the Mars? What does the historian say after she has narrated the incident ?
(थिंक-टैंक मंगल ग्रह से भाग जाने का निर्णय क्यों लेता है ? घटना का वर्णन करने के पश्चात् इतिहासकार क्या कहती है?)
Answer:
Oop reads the nursery rhyme ‘Humpty Dumpty … again’. He shows the picture of Humpty Dumpty also. The picture resembles Think-Tank. He is scared. He says that the Earthlings have seen him. They are planning to capture Mars Central Control and him. He decides to run away from Mars. He orders Noodle to prepare a space capsule for him. He must escape without delay. Noodle asks Think Tank where they shall go. Think Tank replies they will go to the planet Alpha-Centuri, a hundred million miles away. After narrating the incident to his audience, the historian says that one old book of nursery rhymes saved the earth from a Martian invasion. Then in the twenty-fifth century they resumed contact with Mars. They became friends. They taught the Martians the difference between books and sandwiches. They established a model library on Mars.

(ऊप नर्सरी की कविता “हम्प्टी इम्प्टी ……..” को पढ़ता है। वह हम्प्टी डम्प्टी की तस्वीर भी दिखाता है। तस्वीर की शक्ल थिंक-टैंक से मिलती है। वह डर जाता है। वह कहता है कि पृथ्वीवासियों ने उसे देख लिया है। वे मंगल केंद्रीय नियंत्रण और उसे पकड़ने की योजना बना रहे हैं। वह मंगल ग्रह से भाग जाने का निर्णय लेता है। वह नूडल से कहता है कि उसके लिए एक अंतरिक्ष कैप्सूल तैयार किया जाए। उसे बिना देरी के बचकर भाग जाना चाहिए। नूडल थिंक-टैंक से पूछता है कि वे कहाँ जाएँगे। थिंक-टैंक उत्तर देता है कि वे सौ मिलियन मील दूर स्थित अल्फा सेंचुरी ग्रह पर जाएँगे। श्रोताओं को घटना का वर्णन करने के पश्चात्, इतिहासकार कहती है कि नर्सरी की कविताओं की एक किताब ने पृथ्वी को मंगल ग्रह के आक्रमण से बचा लिया। पच्चीसवीं शताब्दी में उन्होंने मंगल ग्रह के साथ पुनः सम्बन्ध स्थापित किए। वे मित्र बन गए। उन्होंने मंगल ग्रहवासियों को पुस्तकों और सैंडविचों के बीच में अंतर बताया। उन्होंने मंगल ग्रह पर एक पुस्तकालय की स्थापना की।)

Multiple Choice Questions

Question 1.
In which year was the Martian invasion on the earth planned?
(A) 2030
(B) 2040
(C) 2050
(D) 2060
Answer:
(B)2040

Question 2.
With what name is the twentieth century called?
(A) Era of the Book
(B) Era of the Science
(C) Era of the Mars
(D) Era of the Invasion
Answer:
(A) Era of the Book

Question 3.
The story ‘The Book That Saved the Earth’ is set in:
(A) twentieth century
(B) twenty-first century
(C) twenty-fourth century
(D) twenty-fifth century
Answer:
(D) twenty-fifth century

Question 4.
Who tried to invade the earth in the twenty-first century?
(A) Martians
(B) Earthlings
(C) Anteaters
(D) Zulus
Answer:
(A) Martians

Question 5.
Who was the “Commander-in-Chief of the Mars Space Control?
(A) Omega
(B) lota
(C) Think-Tank
(D) Noodle
Answer:
(C) Think-Tank

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Question 6.
Who was the deputy of Think-Tank?
(A) Omega
(B) lota
(C) Noodle
(D) Oop
Answer:
(C) Noodle

Question 7.
How many moons does Mars have?
(A) one
(B) two
(C) three
(D) four
Answer:
(B) two

Question 8.
Which book saved the earth from invasion?
(A) a book of science
(B) a world encyclopedia
(C) a book of military techniques
(D) a book of nursery rhymes
Answer:
(D) a book of nursery rhymes

Question 9.
Who included the crew of the Martian Space Craft?
(A) Omega
(B) Tota
(C) Oop
(D) all of the above
Answer:
(D) all of the above

Question 10.
Who was the captain of the space craft crew?
(A) Think Tank
(B) Omega
(C) Iota
(D) Oop
Answer:
(B) Omega

Question 11.
Who was the lieutenant of the space craft crew?
(A) Think Tank
(B) Omega
(C) Iota
(D) Oop
Answer:
(C) Iota

Question 12.
What was the name of the sergeant space craft crew?
(A) Think Tank
(B) lota
(C) Oop
(D) Noodle
Answer:
(C) Oop

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Question 13.
What do the crew members find on the earth?
(A) books
(B) stones
(C) sandwiches
(D) all of the above
Answer:
(A) books

Question 14.
Who was Great and Mighty?
(A) Think Tank
(B) Noodle
(C) Oop
(D) Omega
Answer:
(A) Think-Tank

Question 15.
In the end who is replaced for Think Tank?
(A) Omega
(B) Noodle
(C) Oop
(D) Iota
Answer:
(B) Noodle

Question 16.
What does Think Tank consider the books?
(A) sandwitches
(B) ear communication devices
(C) eye communication devices
(D) all of the above
Answer:
(D) all of the above

Question 17.
According to the historian in the play, which century is named the ‘Era of the Book”?
(A) twentieth century
(B) twenty first century
(C) twenty third century
(D) twenty fifth century
Answer:
(A) twentieth century

Question 18.
Who was the ruler of Mars?
(A) Omega
(B) Iota
(C) Think Tank
(D) Oop
Answer:
(C) Think Tank

Question 19.
Finally who decides not to invade the earth?
(A) Omega
(B) Think Tank
(C) Noodle
(D) all of the above
Answer:
(B) Think Tank

Question 20.
Who is the writer of the lesson ‘The Book That Saved the Earth’?
(A) Victor Canning
(B) Claire Boiko
(C) K.A. Abbas
(D) H.G Wells
Answer:
(B) Claire Boiko

The Book that Saved the Earth Summary in English

The Book that Saved the Earth Introduction in English

This is a science fantasy. This imaginary story is set in the twenty-fifth century. A Historian is giving a talk to the audience about the twentieth century and telling the audience that the twentieth century was often called the Era of the Books. Then she talks of the Martian invasion of the earth that took place in the year 2040, but, in fact, the invasion never took place. She says that one old book of nursery rhymes saved the world from a Martian invasion. Then in twenty-fifth century they resumed contact with Mars and they became friends.

The Book that Saved the Earth Summary in English

This is a science fantasy. This imaginary story is set in the twenty-fifth century. The place is the Museum of Ancient History, Department of the Twentieth Century. There is a Historian sitting at a table. There is a movie projector on the table. She is giving a talk to the audience about the twentieth century. She tells the audience that the twentieth century was often called the Era of the Book. In those days, there were books about everything. They taught the people everything. But the strangest thing was that a book saved the Earth. She narrates a real story from the twenty-first century. She tells how the Martians (people from the planet Mars) invaded the earth and a book of nursery rhymes saved us from their attack.

The incident relates to the Martian invasion of 2040. Infact, the invasion never took place. A single book stopped it. It was not a noble encyclopedia or a book about rockets and missiles. It was a book of nursery rhymes. Then the Historian shows the audience the happenings that actually took place. These have been recorded in a film. She turns on the projector. It shows the Mars Space Control room. We see Think Tank who is the commander-in-chief. He has a huge, egg-shaped head. He wears a long robe decorated with stars and circles. His deputy, Noodle stands beside him at a switchboard.

Think-Tank has already sent a manned spacecraft to the Earth. Their purpose is to collect information about the earth’s defence system and send it back to the other spacecraft from Mars who are ready to attack the earth before lunch. Think Tank asks Noodle to place him in communication with their manned space probe to the Planet Earth. Think Tank says they are soon going to take it over. Noodle establishes his contact with the Mars Space Control. Captain Omega and his deputies are in a library. They came on the earth in order to gather secrets of the earth defiance. They have landed in a library. They have seen the books and the library for the first time. Think Tank talks to Captain Omega who tells him that they have arrived on Earth without incident.

As they have never seen a library before, they are not sure where they are. However, Lt. lota tells Think Tank that there are about two thousand peculiar items (books). She thinks that the place must be some storage barn. Sergeant Oop also says that he has never before seen anything like those things. He calls them Whats’. Omega asks for Think Tank’s advice. Through his remote camera, Think Tank looks at the books’. He calls them ‘eatables and they are in a refreshment stand. He says that what they have in their hands are *sandwiches’. They are the main food of Earth diet. Think Tank orders Omega to eat it (book) to confirm. Omega asks Lt. Iota to eat it. Iota orders Sergeant Oop to eat it. Oop bites a corner of the book. He pretends to chew and swallow and tells Think Tank that it is delicious.

After sometime Noodle informs Think-Tank that a bit of data floated into his mind. Now he has found that the people of the earth do not eat them. But they use them as communication devices. Think Tank also believes what he tells him. He orders Omega to listen to them (books). He puts a book to his ears and tries hard to listen. Think Tank asks Omega if he can listen something from them. Omega replies that they may not be on the correct frequency. Think Tank says that the Earthlings have sharper ears. Noodle says that he has a piece of information in his mind. The people of the Earth opened them and watched them. Now Think Tank says that those ‘sandwiches’ are for eye communication. He asks Captain Omega to take three ‘sandwiches and tell him what he sees in them.

Omega looks at the books and tells Think-Tank that they have pictures of Earthlings. They have some sort of code, lines and dots with pictures. He asks him to study the pictures and decipher the code in them. The book that Omega is looking at is a nursery rhyme book. He reads the nursery rhyme “Mistress Mary …’ Think Tank wonders how the Earthlings have combined agriculture and mining. They also grow explosives. He feels that the people of the earth are very intelligent and brave. Noodle says that the invasion spacecraft are ready to attack the earth. But Think-Tank asks Noodle to tell the invasion fleet to hold. New information has come to him. Think Tank asks lota to transcribe the information. She reads the nursery rhyme “Hey diddle…. spoon’. Think Tank feels alarmed. He thinks that the Earthlings have reached a higher level of civilisation. They have taught their domesticated animals music and space techniques. They may be launching an interplanetary attack of millions of cows. He asks him to notify the invasion fleet that there will be no invasion that day.

Then Oop reads the nursery rhyme ‘Humpty Dumpty … again’. He shows the picture of Humpty Dumpty also. The picture resembles Think-Tank. He is scared. He says that the Earthlings have seen him. They are planning to capture Mars Central Control and him. He decides to run away from Mars. He orders Noodle to prepare a space capsule for him. He must escape without delay. The Earthlings are coming to capture Mars. Noodle asks Think Tank where they shall go. Think Tank replies they will go to the planet Alpha-Centauri, a hundred million miles away. After showing this film, the Historian says that one old book of nursery rhymes saved the world from a Martian invasion. Then in the twenty-fifth century they resumed contact with Mars. They became friends. Think Tank was replaced by Noodle. They taught the Martians the difference between books and sandwiches. They established a model library on Mars. But they can never read one book. It is Mother Goose.

The Book that Saved the Earth Summary in Hindi

The Book that Saved the Earth Introduction in Hindi

(यह एक वैज्ञानिक कहानी है। यह काल्पनिक कहानी पच्चीसवीं शताब्दी में घटित घटना के आधार पर है। एक इतिहासकार श्रोताओं को बीसवीं सदी के बारे में एक भाषण दे रही है और उन्हें बता रही है कि बीसवीं सदी को प्रायः पुस्तकों के युग के नाम से जाना जाता था। तब वह पृथ्वी पर सन् 2040 में मंगल ग्रह के लोगों द्वारा किए गए आक्रमण के बारे में बात करती है, लेकिन, वास्तव में यह आक्रमण कभी हुआ नहीं था। वह कहती है कि नर्सरी कक्षा की कविताओं की एक पुरानी किताब ने दुनिया को मंगल ग्रहवासियों के आक्रमण से बचा लिया था। तब पच्चीसवीं शताब्दी में उनका मंगल ग्रह के साथ फिर से सम्पर्क बना और वे मित्र

The Book that Saved the Earth Summary in Hindi

यह एक वैज्ञानिक कहानी है। यह काल्पनिक कहानी पच्चीसवीं शताब्दी में आधारित की गई है। इसका स्थान है प्राचीन इतिहास का संग्रहालय, बीसवीं शताब्दी का विभाग। एक मेज पर एक इतिहासकार बैठी है। मेज पर एक मूवी प्रोजेक्टर है। वह श्रोताओं को बीसवीं शताब्दी के बारे में एक भाषण देने जा रही है। वह श्रोताओं को बताती है कि बीसवीं शताब्दी को अक्सर किताबों का युग कहा जाता था। उन दिनों में हर चीज़ के बारे में किताबें होती थीं। ये किताबें लोगों को हर बात सिखाती थीं। मगर सबसे अजीब बात यह थी कि एक किताब ने धरती को बचाया। वह इक्कीसवीं शताब्दी की एक कहानी बताती है। वह बताती है कि किस प्रकार मंगल ग्रह के लोगों ने पृथ्वी पर आक्रमण किया और नर्सरी की कविताओं की एक पुस्तक ने उन्हें आक्रमण से बचा लिया।

यह घटना 2040 ई० में मंगल ग्रह द्वारा आक्रमण के बारे में है। वास्तव में, वह आक्रमण कभी नहीं हुआ। एक किताब ने उसे रोक दिया। यह कोई विश्वकोश नहीं था या रॉकेटों और प्रक्षेपास्त्रों के बारे में किताब नहीं थी। यह तो नर्सरी की कविताओं की किताब थी। तब इतिहासकार श्रोताओं को वे घटनाएँ दिखाती है जो वास्तव में हुई। इन्हें एक फिल्म में रिकॉर्ड किया गया है। वह प्रोजैक्टर को शुरु करती है। यह मंगल ग्रह के अंतरिक्ष नियंत्रण कक्ष को दिखाती है। हम थिंक-टैंक को देखते हैं जोकि कमांडर-इन-चीफ है। उसका सिर बहुत बड़ा और अंडे के आकार का है। उसने एक लंबा चोगा पहना हुआ है जो सितारों और दायरों से सुसज्जित है। उसका प्रशिक्षु नूडल उसके पास एक स्विचबोर्ड के पास खड़ा है।

थिंक-टैंक ने पहले से ही धरती पर एक मानव-नियंत्रित अंतरिक्षयान भेज दिया है। उनका उद्देश्य धरती की बचाव-प्रणाली का अध्ययन करना है और उसे मंगल से आने वाले अन्य अंतरिक्षयानों तक भेजना है जो दोपहर के भोजन से पहले धरती पर आक्रमण करने के लिए तैयार है। थिंक-टैंक नूडल से कहता है कि वह उसका संपर्क धरती पर भेजे गए मानव-नियंत्रित स्पेस प्रोब से करवाए। थिंक-टैंक कहता है कि शीघ्र ही वे धरती को काबू करने वाले हैं। नूडल उसका संपर्क मंगल के अन्तरिक्ष नियंत्रण से करवाता है। कैप्टन ओमेगा और उसके सहायक एक पुस्तकालय में हैं। वे धरती पर धरती के बचाव के रहस्य जानने आए हैं। वे एक पुस्तकालय में पहुंच गए हैं। उन्होंने पुस्तकालय और किताबें पहली बार देखी हैं। थिंक-टैंक कैप्टन ओमेगा से बात करता है जो उसे बताता है कि वे धरती पर बिना किसी दुर्घटना के पहुँच गए हैं।

क्योंकि उन्होंने पहले कभी पुस्तकालय नहीं देखा है, इसलिए उन्हें यह पता नहीं है कि वे कहाँ पर हैं। लेकिन लेफ्टिनेंट आयोटा थिंक-टैंक को बताती है कि इन अजीब वस्तुओं (किताबों) की संख्या लगभग दो हजार है। उसका विचार है कि वह स्थान अवश्य ही कोई स्टोर होगा। सार्जेन्ट ऊप भी कहता है कि उसने पहले कभी ऐसी चीजें नहीं देखीं। वह उन्हें ‘हैट’ कहता है। ओमेगा थिंक-टैंक की सलाह माँगता है। अपने रिमोट कन्ट्रोल कैमरे से थिंक-टैंक किताबों को देखता है। वह उन्हें खाने की वस्तुएँ कहता है और कहता है कि वे किसी रेस्तरां में हैं। वह कहता है कि जो चीजें उनके हाथों में हैं वे सैंडविच हैं। वे धरती के लोगों की खुराक का मुख्य भोजन है। यह निश्चित करने के लिए थिंक-टैंक ओमेगा को आदेश देता है कि वह इसे (किताब) खाए। ओमेगा लेफ्टिनेंट आयोटा को इसे खाने को कहता है। आयोटा सार्जेन्ट ऊप को इसे खाने का आदेश देती है। ऊप किताब का कोना खा जाता है। वह इसे चबाने और निगलने का नाटक करता है और थिंक-टैंक को बताता है कि यह स्वादिष्ट है।

कुछ देर के बाद नूडल थिंक-टैंक को बताता है कि कुछ आंकड़े उसके दिमाग में तैर कर आए हैं। अब उसे पता लगा है कि धरती के निवासी इन्हें खाते नहीं हैं। मगर वे इन्हें संचार के तरीकों के लिए प्रयोग करते हैं। थिंक-टैंक इस बात पर विश्वास कर लेता है। वह ओमेगा को आदेश देता है कि वह इन्हें (किताबों को) सुने। वह एक किताब को कानों से लगाता है और सुनने की पूरी कोशिश करता है। थिंक-टैंक ओमेगा से पूछता है कि क्या वह उनमें से कुछ सुन सकता है। ओमेगा उत्तर देता है कि वे शायद उचित फ्रीक्वेंसी पर नहीं हैं। थिंक-टैंक कहता है कि धरती के निवासियों के कान अधिक तेज हैं। नूडल कहता है कि उसके दिमाग में सूचना का कुछ अंश है। धरती के लोग इन्हें खोलते और देखते हैं। अब थिंक-टैंक कहता है कि वे ‘सैंडविच’ आँखों के संचार के लिए हैं। वह कैप्टन ओमेगा से कहता है कि वह तीन ‘सैंडविच’ ले और उनमें देखे।

ओमेगा उन पुस्तकों को देखता है और थिंक-टैंक से कहता है कि इनमें धरती के लोगों की तस्वीरें हैं। उनमें कुछ प्रकार के संकेत, लाइनें, बिन्दु और तस्वीरें हैं। वह उससे कहता है कि वह तस्वीरों का अध्ययन करे और उनकी सांकेतिक भाषा को समझे। जो किताब ओमेगा देख रहा है वह नर्सरी की कविताओं की एक किताब है। वह एक कविता पढ़ता है, “मिस्ट्रेस मैरी….” थिंक-टैंक को हैरानी होती है कि धरती के लोगों ने कृषि और खनन को किस प्रकार मिला दिया है। वे तो विस्फोटक पदार्थ भी उगाते हैं। वह महसूस करता है कि धरती के लोग बहुत बुद्धिमान और बहादुर हैं। नूडल कहता है कि आक्रमणकारी अंतरिक्षयान धरती पर आक्रमण करने को तैयार हैं। मगर थिंक-टैंक नूडल से कहता है कि वह आक्रमणकारी दल को रुकने के लिए कहे। उसके पास नई जानकारी आई है। थिंक-टैंक आयोटा से कहता है कि वह इस जानकारी का अनुवाद करे। वह नर्सरी की कविता “हे डिडल…. स्पून” पढ़ती है। थिंक-टैंक भयभीत हो जाता है। वह सोचता है कि धरती के लोग बहुत उच्च सभ्यता तक पहुँच गए हैं। उन्होंने अपने घरेलू जानवरों को भी संगीत और अंतरिक्ष के तरीके सिखा दिए हैं। शायद वे लाखों गायों से ग्रहों पर आक्रमण करने वाले हैं। वह उसे कहता है कि वह आक्रमण दल से कह दे कि आज आक्रमण नहीं किया जाएगा।

फिर ऊप नर्सरी कविता ‘हम्प्टी इम्प्टी.. अगेन’ पढ़ता है। वह हम्प्टी डम्प्टी की तस्वीर भी दिखाता है। वह तस्वीर थिंक-टैंक से मिलती है। वह डर जाता है। वह कहता है कि धरती के लोगों ने उसे देख लिया है। वे केंद्रीय नियंत्रण और उसे जीतना चाहते हैं। वह मंगल ग्रह से भाग जाने का फैसला करता है। वह नूडल को आदेश देता है कि वह उसके लिए एक अंतरिक्षयान तैयार करवाए। उसे बिना देरी किए वहाँ से भागना है। धरती के लोग मंगल ग्रह पर कब्जा करने आ रहे हैं। नूडल थिंक-टैंक से पूछता है कि वे कहाँ जाएँगे। थिंक-टैंक उत्तर देता है कि वे एल्फा-सेन्चुरी नाम के ग्रह पर जाएँगे जो एक सौ मिलियन मील दूर है। यह फिल्म दिखाने के बाद इतिहासकार कहती है कि नर्सरी कविताओं की एक पुरानी किताब ने धरती को मंगल ग्रह के आक्रमण से बचा लिया। इसके बाद पच्चीसवीं शताब्दी में उन्होंने मंगल ग्रह से फिर सम्पर्क बना लिया। वे मित्र बन गए। थिंक-टैंक का स्थान नूडल ने ले लिया। उन्होंने मंगल ग्रह के निवासियों को किताबों और सैंडविच में अन्तर समझाया। उन्होंने मंगल ग्रह पर एक आदर्श पुस्तकालय भी स्थापित कर दिया। मगर उन्होंने एक पुस्तक कभी नहीं पढ़ी। यह पुस्तक है मदर गूज।।

The Book that Saved the Earth Translation in Hindi

[PAGE63]: (Mother Goose) अंग्रेज़ी में नर्सरी की कविताओं की एक प्रसिद्ध पुस्तक है। क्या आपके विचार में एक ऐसी किताब पृथ्वी ग्रह को मंगल ग्रह के एक आक्रमण से बचा सकती है ? इस नाटक को पढ़िए जो भविष्य की चार शताब्दियों में लिखा गया है और पता लगाइए।
पात्र :
1. इतिहासकार
2. लेफ्टीनेन्ट आयोटा
3. महान् और शक्तिशाली थिंक-टैंक
4. सार्जेन्ट ऊप
5. प्रशिक्षु नूडल
6. मंच के बाहर से आई आवाज़
7. कैप्टन ओमेगा

PART 1

समय : पच्चीसवीं शताब्दी
स्थान : प्राचीन इतिहास का संग्रहालय : पृथ्वी ग्रह पर बीसवीं शताब्दी का विभाग
सूर्योदय से पूर्व : प्रकाश इतिहासकार पर चमकता है, जोकि ठीक नीचे उस मेज पर बैठी है जिस पर मूवी प्रोजैक्टर रखा है। उसके पास रखे प्रोजैक्टर स्टैंड पर एक संकेत है जिसे वह पढ़ती है : प्राचीन इतिहास का संग्रहालय : बीसवीं शताब्दी का विभाग। वह खड़ी होती है और श्रोताओं का अभिवादन करती है।

[PAGE 63-64]: इतिहासकार : नमस्कार । हमारे प्राचीन इतिहास के संग्रहालय और मेरे विभाग में आपका स्वागत है हमारा विभाग बीसवीं शताब्दी की अजीब वस्तुओं का संग्रह है। बीसवीं सदी को प्रायः पुस्तकों के युग के नाम से जाना जाता था। उन दिनों में प्रत्येक चीज के बारे में पुस्तकें थीं, ऐन्टईटर्ज (एक जानवर) से लेकर जुलू लोगों तक । पुस्तकें लोगों को कैसे, कब, कहाँ और क्यों की शिक्षा देती थीं। वे लोगों को अच्छे से समझातीं, उन्हें ज्ञान देतीं, समय का पाबंद करतीं और उन्हें सजाती-संवारतीं। लेकिन पुस्तक द्वारा किया गया सबसे विचित्र काम पृथ्वी की रक्षा करना था। आपने 2040 में मंगल ग्रह के आक्रमण के बारे में नहीं सुना होगा। Tsk, tsk. आजकल वे पुस्तकें बच्चों को क्या सिखा रही हैं। ठीक है, आप जानते हो कि वह आक्रमण कभी किया नहीं गया था, क्योंकि केवल मात्र एक पुस्तक ने उसे रोक दिया था। आप पूछोगे, वह किताब कौन-सी थी। एक श्रेष्ठ विश्वकोश ? रॉकेटों और मिसाइलों के बारे में एक ग्रंथ? बाहरी अंतरिक्ष से संबंधित एक फाइल? नहीं, वह उनमें से कोई भी नहीं थी। वह थी लेकिन यहाँ मुझे हिस्टोरीस्कोप को चालू करने दीजिए और आपको दिखाने दीजिए कि कई शताब्दियों पहले 2040 में क्या हुआ था (वह प्रोजैक्टर को चालू करती है और उसे बाईं ओर इशारा करती है। इतिहासकार पर प्रकाश चमकता है, और फिर बाईं ओर नीचे थिंक-टैंक पर आता है जहाँ वह हाथ बाँधे हुए एक ऊपर । उठे हुए बक्से पर बैठा था। उसका अंडे की आकृति जैसा बड़ा सिर है और उसने सितारों और वृत्तों से सुसज्जित एक लंबा चोगा पहना हुआ है। प्रशिक्षु नूडल उसके पास एक स्विचबोर्ड के नजदीक खड़ा हो जाता है। चित्र बनाने के स्टैंड पर एक-एक संकेत लिखा है :

मंगल अंतरिक्ष नियंत्रण
महान् और शक्तिशाली थिंक-टैंक, कमांडर-इन-चीफ
(प्रवेश से पहले अको)

नूडल : (झुकते हुए) हे महान और शक्तिशाली थिंक-टैंक, पूरी सृष्टि के सबसे अधिक शक्तिशाली और बुद्धिमान प्राणी आपके क्या आदेश हैं ?

थिंक-टैंक : (चिढ़ते हुए) प्रशिक्षु नूडल, आपने मेरे अभिवादन का कुछ अंश छोड़ दिया है। पूरी प्रक्रिया को दुबारा से करो।

नूडल : श्रीमान जी, इसे कर दिया जाएगा (एक ही स्वर में रट लगाते हुए) हे, महान् और शक्तिशाली थिंक-टैंक, मंगल और उसके दो चंद्रमाओं के शासक, पूरी सृष्टि के सबसे अधिक शक्तिशाली और बुद्धिमान प्राणी-(साँस फूले हुए) आपके क्या आदेश हैं ?

थिंक-टैंक : नूडल, यह बेहतर है। मैं चाहता हूँ कि मानव युक्त अंतरिक्ष परीक्षण की संचार व्यवस्था से मुझे जोड़ दिया जाए जिससे मैं उस छोटे-से हास्यप्रद ग्रह (पृथ्वी) के बारे में जान सकूँ जिस पर मैं शासन करने जा रहा हूँ। वे उसे किस नाम से जानते हैं, पुनः बताइए?
नूडल : श्रीमान जी, पृथ्वी ?
थिंक-टैंक : निःसंदेह, पृथ्वी। देखो यह कितनी महत्त्वहीन जगह है लेकिन पहले कुछ महत्त्वपूर्ण । मेरा दर्पण मैं अपना दर्पण देखना चाहता हूँ।

JAC Class 10 English Solutions Footprints without Feet Chapter 10 The Book that Saved the Earth

[PAGE 65]: नूडल : श्रीमान जी, ऐसा ही होगा (वह थिंक-टैंक को एक दर्पण देता है।) थिंकटैंक : दर्पण, दर्पण, मेरे हाथों में। इस स्थान पर सबसे अधिक प्रभावशाली प्राणी कौन है ? मंच के बाहर से एक आवाज : श्रीमान जी आप।

थिंक-टैंक : (दर्पण को चूमते हुए) जल्दी से। अगली बार और जल्दी से उत्तर देना। मैं धीमा उत्तर देने वाले दर्पण से नफरत करता हूँ। (दर्पण में वह स्वयं की प्रशंसा करता है) आह, मैं हूँ। क्या हम मंगलवासी सुन्दर नस्ल के नहीं होते हैं ? हम मंगलवासी, छोटे सिर वाले उन कुरूप पृथ्वीवासियों से बहुत ज्यादा सुंदर होते हैं। नूडल, तुम अपने दिमाग को क्रियाशील बनाए रखो और एक दिन तुम्हारा दिमाग भी मेरे दिमाग की तरह गुब्बारे जितना बड़ा हो जाएगा।

नूडल : ओह, मैं भी ऐसी आशा करता हूँ, शक्तिशाली थिंक-टैंक । मैं भी ऐसी आशा करता हूँ।
थिंक-टैंक : अब अंतरिक्ष के अन्वेषण से संपर्क करो। मैं अति प्राचीन उस कीचड़ के गोले, जिसे पृथ्वी कहते हैं, पर दोपहर भोज से पहले आक्रमण करना चाहता हूँ।
नूडल : श्रीमान जी, ऐसा ही किया जाएगा। (वह स्विचबोर्ड पर लीवरों को व्यवस्थित करता है। जैसे ही परदे खुलते हैं इलैक्ट्रोनिक गूंजें और सीटी की आवाजें सुनाई पड़ती हैं।)

PART 2

समय : कुछ सेकेन्ड के पश्चात्
स्थान : मंगल अंतरिक्ष नियंत्रण कक्ष तथा सेंटरविले पब्लिक पुस्तकालय
कैप्टन ओमेगा, एक परेशानी की मुद्रा में नाम पट्टिका लगे हुए दराजों को कक्ष के बीच में खड़ा होकर खोलता है। लेफ्टिनेंट आयोटा बाईं ओर खड़ा पुस्तकों की अलमारी में पुस्तकें गिन रहा है। सार्जेन्ट ऊप दाईं ओर खड़ा एक पुस्तक को कभी खोल तो कभी बंद कर रहा था, उसे उलट-पुलट कर रहा था, उसे हिला रहा था और तब बिना पढ़े उसके पन्ने पलट रहा था और अपना सिर हिला रहा था।

नूडल : (बटन को ठीक करते हुए) श्रीमान जी, मैं अंतरिक्ष दल के यात्रियों को बहुत निकट से देख रहा हूँ।
(थिंक-टैंक बहुत बड़े चश्में पहनता है और देखने के लिए मंच की ओर मुड़ता है। ऐसा लगता है कि वे पृथ्वी जैसे किसी ढाँचे में प्रवेश कर गए हैं।
थिंक-टैंक : बहुत बढ़िया, उनसे बात करो।

[PAGE 66]: नूडल : (एक माइक्रोफोन में बोलते हुए) मंगल अंतरिक्ष नियंत्रण कक्ष अन्वेषण एक के सदस्यों से बात कर रहा है। कैप्टन ओमेगा अंदर आओ, और हमें अपनी स्थिति के बारे में बताओ।
ओमेगा : (एक डिस्क में बोलते हुए जोकि उसके गले में एक चेन से बँधी थी) कैप्टन ओमेगा, मंगल अंतरिक्ष नियंत्रण से बोलते हुए, लेफ्टिनेंट आयोटा, सार्जेन्ट ऊप, और मैं बिना किसी घटना के पृथ्वी पर पहुँच गए हैं। हमने इसमें आश्रय ले लिया है। (कमरे की ओर संकेत करते हुए) यह चौकोर स्थल, लेफ्टिनेंट आयोटा क्या आपको कुछ पता है कि हम कहाँ पर हैं ?

आयोटा : कैप्टन, मैं इसका पता नहीं लगा सकती हूँ (एक पुस्तक को पकड़ते हुए) मैंने ऐसी विचित्र दो हजार चीजों की गणना कर ली है। यह स्थान किसी प्रकार का स्टोर रहा होगा। सार्जेन्ट ऊप, आपका क्या विचार है?

ऊप : मेरे पास कोई सुराग नहीं है। मैंने सात आकाशगंगाओं का भ्रमण किया है लेकिन इस प्रकार की कभी कोई चीज नहीं देखी। हो सकता है वे चीजें टोप हों (वह एक पुस्तक को खोलता है और अपने सिर के ऊपर रखता है।) कहता है कि शायद वह कोई कपड़े की दुकान हो।

ओमेगा : (नीचे झुकते हुए) शायद महान् और शक्तिशाली थिंक-टैंक इस विषय पर अपने विचार से हमें लाभान्वित करें।

JAC Class 10 English Solutions Footprints without Feet Chapter 10 The Book that Saved the Earth

[PAGE 67]:
थिंक-टैंक : प्रारंभिक रूप से, मेरी प्रिय ओमेगा। इनमें से एक चीज को ऊपर उठाओ ताकि मैं इसे निकट से देख सकूँ। (ओमेगा अपने हाथ की हथेली पर एक पुस्तक को ऊपर उठाती है) हाँ, हाँ अब मेरी समझ में आ गया है। क्योंकि पृथ्वी के जीव हमेशा खाते रहते हैं, जिस स्थान पर आप हैं वह निश्चित रूप से अशिष्ट जलपान की दुकान है।

ओमेगा : (आयोटा और ऊप से) वह कहता है कि हम एक जलपान गृह में हैं।
ऊप : अच्छा, पृथ्वीवासी निश्चित रूप से एक अजीव खुराक लेते हैं।
थिंक-टैंक : यह वस्तु जो तुम्हारे हाथ में है एक सैंडविच है।
ओमेगा : (हाँ में सिर हिलाते हुए) एक सैंडविच
आयोटा : (हाँ में सिर हिलाते हुए) एक सैंडविच
ऊप : (अपने सिर से पुस्तक उठाते हुए) एक सैंडविच?
थिंक-टैंक : पृथ्वीवासियों का मुख्य भोजन सैंडविच ही है। इसे ध्यान से देखो। (ओमेगा तिरछी नजर से पुस्तक को देखती है) ब्रैड के दो टुकड़े हैं और उनके बीच में कुछ भरा हुआ है।
ओमेगा : श्रीमान जी, यह सही है।
थिंक-टैंक : मेरे विचार की पुष्टि के लिए, मैं तुम्हें इसे खाने का आदेश देता हूँ।
ओमेगा : (कुछ निगलते हुए) इसे खाऊँ?
थिंक-टैंक : क्या आपको शक्तिशाली थिंक-टैंक पर संदेह है?

[PAGE 68]: ओमेगा : अरे, नहीं-नहीं। लेकिन बेचारे लेफ्टिनेंट आयोटा ने अपना नाश्ता भी नहीं किया है। लेफ्टिनेंट आयोटा मैं तुम्हें इस सैंडविच को खाने का आदेश देता हूँ।
आयोटा : (संदेहात्मक ढंग से) इसे खाऊँ ? हे कैप्टन! यह मेरे लिए बहुत ही सम्मान की बात होगी कि मैं इसे खाकर प्रथम मंगलग्रहवासी होने का सम्मान हासिल कर लूँगी। परन्तु मैं इतनी अशिष्ट नहीं हूँ कि अपने सार्जेन्ट के सामने उनसे पहले ही मैं इसे खाऊँ (ऊप को पुस्तक पकड़ाते हुए और सार्जेन्ट ऊप, मैं तुम्हें तुरन्त सैंडविच खाने का आदेश देती हूँ।

ऊप : (मुँह बनाते हुए) कौन, लेफ्टिनेंट? मैं, लेफ्टिनेंट?
आयोटा और ओमेगा : (अभिवादन करते हुए) मंगल ग्रह की शान की खातिर, ऊप!
ऊप : ठीक है, निःसंदेह! (दुखी मन से) तुरन्त (वह अपना मुँह चौड़ा खोलता है। ओमेगा और आयोटा उसे अपनी साँसें थामकर उसे देखते हैं। वह उस पुस्तक के एक कोने को दाँत से काटता है और चबाने तथा निगलने का मूक अभिनय करता है तथा वह अपना चेहरा भयंकर बनाता है।

ओमेगा : अच्छा, ऊप?
आयोटा : अच्छा, ऊप? (ऊप खाँसता है। ओमेगा और आयोटा उसकी पीठ को जोर से थपथपाते हैं।)
थिंक-टैंक : सार्जेन्ट ऊप, क्या यह स्वादिष्ट नहीं था ?
ऊप : (स्लूट मारते हुए) श्रीमान जी यह सही है। यह स्वादिष्ट नहीं था। मैं नहीं जानता कि पृथ्वीवासी बिना पानी के उन सैंडविचों को कैसे नीचे उतारते (खाते) हैं। वे मंगल ग्रह की मिट्टी के समान शुष्क हैं।
नूडल : श्रीमान जी, श्रीमान जी, महान् और शक्तिशाली थिंक-टैंक । मैं आपसे क्षमा माँगता हूँ, लेकिन उन सैंडविचों के बारे में एक गैर-महत्त्वपूर्ण बात मेरे दिमाग में उमड़ रही है।
थिंक-टैंक : यह बहुत ज्यादा महत्त्वपूर्ण नहीं हो सकता, लेकिन जारी रहो। तुम अपनी उस गैर-महत्त्वपूर्ण बात के बारे में बताओ।
नूडल : अच्छा श्रीमान जी। मैंने उन सैंडविचों की पर्यालोकन फिल्म देखी है। मैंने देखा कि पृथ्वीवासी उन्हें नहीं खाते थे। वे उन्हें संप्रेषण उपकरण के रूप में प्रयोग करते थे।
थिंक-टैंक : (गर्व से) स्वाभाविक रूप से। यह मेरा अगला बिन्दु था। वास्तव में ये संप्रेषण सैंडविच है। थिंक-टैंक कभी भी गलत नहीं हो सकता है। कौन कभी भी गलत नहीं हो सकता है?
सभी : (स्लूट मारते हुए) महान् और शक्तिशाली थिंक-टैंक कभी भी गलत नहीं हो सकता है।
थिंक-टैंक : इसलिए मैं तुम्हें उनकी (सैंडविचों) बात ध्यान से सुनने का आदेश देता हूँ।

[PAGE 69]: ओमेगा : उनकी बात सुनें?
आयोटा और ऊप : (परेशानी के साथ, एक-दूसरे से) उनकी बात सुनें?
थिंक-टैंक : क्या तुम्हारे कानों में पत्थर के टुकड़े भरे हुए हैं ? मैंने कहा, उनकी बात सुनो। (मंगलवासी अपना सिर नीचे झुका लेते हैं।)
ओमेगा : श्रीमान जी, ऐसा ही होगा। (वे प्रत्येक अलमारी में से दो किताबें ले लेते हैं और उन्हें अपने कानों के पास रख रहें है और उत्सुकता के साथ सुन रहे हैं।)
आयोटा : (ओमेगा के कान में बतियाते हुए) क्या तुम्हें कुछ सुनाई देता है?
ओमेगा : (पुनः कान में बतियाते हुए) कुछ भी नहीं। ऊप, क्या तुम्हें कुछ सुनाई देता है?
ऊप : (ऊँचे स्वर में) कुछ भी नहीं। (ओमेगा और आयोटा भय से उछल पड़ते हैं।)
ओमेगा और आयोटा : श ………! (वे पुनः ध्यान से सुनते हैं।)
थिंक-टैंक : अच्छा? अच्छा? मुझे बताओ। तुम क्या सुन रहे हो ?
ओमेगा :श्रीमान जी, कुछ भी नहीं। शायद हम लोग सही आकृति पर नहीं हैं।
आयोटा : श्रीमान जी, कुछ भी नहीं। शायद पृथ्वीवासियों के कान हमारी अपेक्षा अधिक श्रवण शक्ति वाले हैं।
ऊप : मुझे कुछ भी सुनाई नहीं दे रहा है। हो सकता है ये सैंडविच आवाज बोलते ही न हों।
थिंक-टैंक : क्या? क्या कोई सझाव देता है कि शक्तिशाली थिंक-टैंक ने कोई ग
ओमेगा : ओह, नहीं श्रीमान जी, नहीं श्रीमान जी। हम लोग सुनना जारी रखेंगे।
नूडल : श्रीमान जी, मेहरबानी करके मुझे क्षमा करें, लेकिन मेरे दिमाग में एक अस्पष्ट सूचना चक्कर काट रही है।
थिंक-टैंक : ठीक है, उसे बाहर निकाल दो। नूडल और मैं इसे आपको स्पष्ट करेंगे।
नूडल : मुझे याद आ रहा है कि पृथ्वीवासी सैंडविचों को ध्यान से नहीं सुनते थे। वे उन्हें खोलते थे और देखते थे।
थिंक-टैंक : हाँ, यह बिल्कुल ठीक बात है। कैप्टन ओमेगा, मैं आपके लिए इसकी व्याख्या करूँगा। वे सैंडविच श्रवण संचार के लिए नहीं हैं, वे तो दृश्य संचार के लिए हैं। अब कैप्टन ओमेगा, उस बड़े, रंगीन सैंडविच को वहाँ ले जाओ। मुझे यह महत्त्वपूर्ण लगता है। मुझे बताइए आपने क्या देखा।
(ओमेगा Mother Goose पुस्तक की एक भारी प्रति को उठाती है, उसे ऐसे उठाती है ताकि श्रोतागण उसका शीर्षक देख सके। आयोटा इसके बाएँ कंधे के ऊपर से देखता है और ऊप उसके दाएँ कंधे के ऊपर से देखता है।)

[PAGE 70]: ओमेगा! ऐसा लगता है कि इसमें पृथ्वीवासियों के कुछ चित्र हैं।
आयोटा : ऐसा लगता है कि इसके कुछ कोड हों।
थिंक-टैंक : (अत्यन्त रुचि से) कोड? मैंने तुम्हें बताया था कि यह महत्त्वपूर्ण था। कोड का वर्णन करो।
ऊप : इसमें छोटी-छोटी तथा टेढ़ी-मेढ़ी रेखाएँ हैं-तस्वीरों के साथ-साथ हज़ारों ऐसी लाइनें हैं।
थिंक-टैंक : शायद पृथ्वीवासी इतने प्राचीन नहीं हैं जितने हम उन्हें सोचते हैं। हमें कोड का भेद खोलना होगा।
नूडल : श्रीमान जी, मुझे क्षमा कीजिए, लेकिन क्या रसायन विभाग ने हमारे अंतरिक्ष के लोगों को अपनी बुद्धि का विकास करने के लिए विटामिन नहीं दिए हैं।

थिंक-टैंक : रुको। शानदार बुद्धि से भरा एक विचार मेरे दिमाग में आया है। अंतरिक्ष लोगो, आप लोगों को अपनी बुद्धि को बढ़ाने के लिए हमारे रसायन विभाग ने विटामिन दिए हैं। उन्हें तुरन्त ले लो और फिर सैंडविचों को देखो। आप लोगों को कोड का रहस्य धीरे-धीरे समझ आ आएगा।

ओमेगा : श्रीमान जी, ऐसा ही किया जाएगा। विटामिनों को निकाल लो (कर्मी-दल अपनी बेल्टों पर लगे डिव्यों में से विटामिन बाहर निकालते हैं) विटामिन प्रस्तुत करते हैं। (वे लोग दृढ़तापूर्वक विटामिनों को उन लोगों के सामने पकड़े हुए हैं।)

JAC Class 10 English Solutions Footprints without Feet Chapter 10 The Book that Saved the Earth

[PAGE 71]: विटामिनों को निगल लो (वे विटामिनों को अपने मुँह में रखते हैं और उसके साथ ही निगल जाते हैं। वे अपनी आँखों को काफी अधिक खोलते हैं, उनके सिर हिलते हैं, और वे अपने हाथों को अपने माथे पर रखते हैं।)
थिंक-टैंक : शानदार। अब उस गुप्त कोड का अर्थ बताओ।
सभी : श्रीमान जी, ऐसा ही किया जाएगा (वे पुस्तक को ध्यान से देखते हुए उसके पन्ने पलटने लगे)
ओमेगा : (उत्साहित होकर) अहा!
आयोटा : (उत्साहित होकर), ओहो!
ऊप : (जोर से हँसते हुए) हा, हा, हा!
थिंक-टैंक : यह क्या कहता है? मुझे तुरन्त बताइए। ओमेगा, इसका अनुवाद करो।
ओमेगा : अच्छा, श्रीमान जी (वह अति गंभीरता के साथ पढ़ती है।)
श्रीमती मैरी, बिल्कुल विपरीत, आपका बगीचा कैसे बढ़ता है ? शंख के खोल और चाँदी की घंटियों
और सुन्दर नौकरानियों के साथ, जो सभी एक कतार में हैं।
ऊप : हा, हा, हा। जरा इसकी कल्पना करो, सुन्दर परियाँ एक बगीचे में उग रही हैं।

थिंक-टैंक : (सचेत होते हुए) रुको! यह समय चपलता का नहीं है। क्या आप इस खोज की गम्भीरता को नहीं समझते हो? पृथ्वीवासियों ने इस बात की खोज कर ली है कि कृषि और खनन को कैसे सम्मिलित किया जा सकता है। वे चाँदी जैसी दुर्लभ धातुओं की फसलें भी उगा सकते हैं और शंख खोल उगा सकते हैं। वे लोग अति विस्फोटक पदार्थ भी उगा सकते हैं नूडल हमारे युद्धपोत से संपर्क करो।

नूडल : श्रीमान जी, वे पृथ्वी पर जाने और उसे अपने अधिकार में कर लेने के लिए तैयार हैं।
थिंक-टैंक : उनसे रुकने के लिए कह दो। उन्हें बता दो कि हमारे पास पृथ्वी के बारे में नई सूचना आ गई है। आयोटा, इसका अनुवाद करो।
आयोटा : अच्छा श्रीमान जी (वह अति गंभीरता के साथ पढ़ती है।) हे डिडल डिडल! बिल्ली और फिडल (वायलिन) गाय उछलकर चन्द्रमा पर चढ़ गई कुत्ते ऐसा खेल देखकर हँस पड़े
और थाली चम्मच के साथ भाग गई।
ऊप : (हँसते हुए) थाली चम्मच के साथ भाग गई।

[PAGE 72]: थिंक-टैंक : हँसना बंद करो। बंद करो। यह और अधिक सचेत करने वाली सूचना है। पृथ्वीवासी सभ्यता के उच्च बिन्दु पर पहुँच गए हैं। क्या आपने नहीं सुना ? उन्होंने अपने पालतू जानवरों को संगीत संस्कृति का ज्ञान और अंतरिक्ष तकनीकों का ज्ञान दे दिया है। यहाँ तक कि उनके कुत्ते भी मजाक (हास्य) करना जाते हैं। क्यों इस समय वे लोग, हो सकता है कि अपनी लाखों गायों के साथ दूसरे ग्रहों पर आक्रमण कर रहे हों। आक्रमणकारी यान को सूचित कर दो। आज कोई भी आक्रमण नहीं होगा, ऊप अगले गुप्त संदेश का भेद खोलो।

ऊप : ठीक है, श्रीमान जी (पढ़ते हुए) हम्प्टी डम्पटी दीवार पर बैठे थे हम्प्टी डम्पटी बहुत ऊँचाई से नीचे गिए गए राजा के सारे घोड़े और राजा के सारे आदमी दोबारा से हम्प्टी डम्प्टी को इक्ट्ठा नहीं कर सकते हैं। ओह, श्रीमानजी देखिए! यहाँ पर हम्प्टी इम्प्टी का चित्र है। क्यों श्रीमान जी, वह दिखाई देता है-(वह और बड़े आकार के हम्प्टी डम्प्टी के चित्र को थिंक-टैंक और दर्शकों की तरफ मोड़ता है।)

थिंक-टैंक : (चीखते हुए और अपना सिर पकड़ते हुए) यह मैं हूँ। यह मेरा महान् और शक्तिशाली गुब्बारे जैसे मस्तिष्क है। पृथ्वीवासियों ने मुझे देख लिया है और वे मेरा पीछा कर रहे हैं, “एक जोर का धमाका” इसका अर्थ है कि वे मंगल केंद्रीय नियंत्रण कक्ष (और मुझ पर) कब्जा करना चाहते हैं। यह मंगल ग्रह पर आक्रमण है। नूडल, मेरे लिए एक अंतरिक्ष कैप्सूल तैयार करो। मैं बिना देरी किए भाग निकलने की कोशिश करता हूँ। अंतरिक्ष के लोगो, तुम्हें तुरन्त पृथ्वी को छोड़ देना चाहिए, लेकिन अपनी यात्रा के सारे निशानों को मिटाना यकीनी कर दो। पृथ्वीवासियों को कभी भी पता नहीं चलना चाहिए कि मैं उन्हें जानता हूँ (ओमेगा, आयोटा और ऊप पुस्तकों को अलमारियों में वापिस रखते हुए इधर-उधर भागते हैं।)

नूडल : श्रीमान जी, हम लोग कहाँ जाएँगे?
थिंक-टैंक : मंगल ग्रह से सौ मिलियन (दस करोड़) मील दूर। आक्रमणकारी युद्धपोत को आदेश दो कि पूरे मंगल ग्रह को खाली कर दिया जाए। हम लोग सौ मिलियन दूर एल्फा-सेन्बूरी में जा रहे हैं। (ओमेगा, आयोटा और ऊप दाई ओर तेजी से भागते हैं। जैसे ही नूडल बाहर जाने में थिंक-टैंक की मदद करता है परदा गिर जाता है और प्रकाश ठीक नीचे इतिहासकार के ऊपर पड़ता है।)

[PAGE 73] : इतिहासकार (हँसते (मुस्कुराते) हुए) और किस प्रकार से नर्सरी कविताओं की एक पुरानी धूलभरी किताब ने संसार को मंगल ग्रह के आक्रमण से बचाया। जैसा कि आप सभी जानते हो, पच्चीसवीं शताब्दी में, जब यह सब कुछ घटित हुआ उसके पाँच सौ साल बाद, हम पृथ्वीवासियों का मंगलवासियों से पुनः सम्पर्क हो गया, और हम मंगलवासियों के मित्र भी बन गए। उस समय तक महान् और शक्तिशाली थिंक-टैंक का स्थान एक अति चतुर मंगलवासी ने ले लिया था वह था बुद्धिमान और अद्भुत नूडल। ओह, हौं हमने मंगलवासियों को सैंडविचों और पुस्तकों में अंतर करना सिखाया हमने उन्हें पढ़ना भी सिखाया और उनके राजधानी शहर मोर्मोपोलिस में एक आदर्श पुस्तकालय ही स्थापित किया। लेकिन अब आशा की जा सकती है कि एक ऐसी भी पुस्तक है जिसे मंगलवासी कभी नहीं मंगवा सकते हैं। आपने इसका अनुमान लगा लिया है मदर गूज! (वह झुकती है और दाईं ओर से बाहर चली जाती है।) पर्दा गिर जाता है।

The Book that Saved the Earth Word – Misndgs in Hindi

[PAGE 63]: Century = a period of 100 years (शताब्दी); museum = a place where ancient things are kept (संग्रहालय); planet = an astronomical body (ग्रह); projector = a device that projects (प्रोजैक्टर); easel = wooden stands to supports a picture (तस्वीर आदि बनाने का स्टैंड); bows = kneels (झुकना); curiosities = things of curiosity (अजीब वस्तुएँ); era = period (युग); anteaters = an animal (एक जानवर); zulus = An African Tribe (एक अफ्रीकी कबीला); illustrated = explained with pictures (तस्वीरों से समझाना); decorated = made beautiful (सजाना)।

[PAGE 64]: Martian = belonging to Mars (मंगल ग्रह के लोग); invasion = attack (आक्रमण); encyclopedia = a book of knowledge (विश्वकोश); tome = a book of knowledge (ग्रंथ); missiles = a weapon (प्रक्षेपास्त्र); historiscope = a device showing history (इतिहास दिखाने का यंत्र); folded= joined hands (हाथ जोड़ना); elaborate=detailed (विस्तृत); mighty = powerful (शक्तिशाली); salutation = greeting (अभिवादन); communication = talking contact (संचार सम्पक); manned = controlled by man (व्यक्ति द्वारा नियंत्रित); probe = search (खोजना); ridiculous = ludicrous (हास्यास्पद); generous = kind-hearted (दयालु); insignificant = not important (तुच्छ)।

JAC Class 10 English Solutions Footprints without Feet Chapter 10 The Book that Saved the Earth

[PAGE 65]: Fantastically = in a strange way (अजीब ढंग से); intellectually = with intellect (बुद्धिमत्ता से); pause = stop (रुकना); smacking = slapping (थप्पड़ मारना); ugly = unattractive (भद्दा); earthling = people of the earth (धरती के लोग); primitive = ancient (प्राचीन); riffling = turning over a book’s pages (पुस्तक के पन्ने पलटना); crew = operating squad (कर्मी दल); enormous = very big (बहुत बड़ा); goggles = sun glasses (घूप का चश्मा); structure = construction (ढाँचा)।

[PAGE 66]: Microphone = sound amplifying device (माइक्रोफोन); location = situation (अवस्था/स्थान); shelter = protection (आश्रय) indicates = shows (दिखाना); figure it out = calculate (हिसाब लगाना); storage barn = store (स्टोर); clue = hint (निर्देश); galaxies = milky way (आकाशगंगा); haberdashery = a cloth shop (कपड़े की दुकान)।

[PAGE 67]: Elementary = basic (आधारभूत); undoubtedly = without doubt (निस्सन्देह); crude = rough (अधिक अच्छा नहीं); refreshment stand = restaurant/eatery (चाय-पानी आदि का स्टैंड/दुकान); staple = standard (मुख्य); squints = look obliquely (भैंगापन); gulping = swallowing (निगल जाना)।
[PAGE 68] : Dubiously = doubtfully (संदेहात्मक ढंग से); glory = grandeur (शान); pantomimes = silent acting (मूक अभिनय); chewing= grinding with teeth (चबाना); terrible = horrible (भयानक); pound = pat forcefully (जोर से थपथपाना); delicious = tasty (स्वादिष्ट); trifling bit = a little (बहुत कम); surveyor = observer (पर्यावलोकन); haughtily = proudly (गर्व से)।

[PAGE 69]: Marbles = bits of stone (पत्थर के टुकड़े); intently = keenly (तीव्रता से); whispering = speaking low (कानाफूसी करना); fright = fear (भय); frequency = radio wave (रेडियो तरंग); twirling = moving (हिलना); clarify = make clear (स्पष्ट करना); peers = looks (देखना)।
[PAGE 70]: Squiggles = writes illegibly (अस्पष्ट लिखना); magnificent = beautiful (सुन्दर); brilliance = brightness (चमक); unfold = open (खुला); stiffly = tightly (जोर से/कसकर)।.

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[PAGE 71]: Pop = put into (डालना); gulp = swallow something fast (तेज़ी से निगलना); excellent = very fine (उत्तम); decipher = decode (मतलब समझना); frown = show anger (क्रोध करना); brightly = cheerfully (प्रसन्न होना); transcribe = translate (अनुवाद करना); contrary = on the other hand (इसके विपरीत); cockle = shell (घोंधा); row = line (पंक्ति); alarmed = fearful (भयभीत); levity = non-seriousness (चपलता); rare = very uncommon (दुर्लभ); explosives = things that explode (विस्फोटक); gravely = seriously (गंभीरता से); fiddle = violin (वायलिन)।

[PAGE 72]: Domesticated = belonging to family life (परिवार/घर सम्बन्धी); launching = starting (आरम्भ करना); interplanetary = between the planets (ग्रहों के बीच); notify = announce (घोषणा करना); screaming = crying (चिल्लाना); capsule = spaceship (अंतरिक्षयान); traces = signs (चिह्न); evacuate = clear off (खाली करना)।

[PAGE 73]: Chuckling = laughing lightly (हल्के-से हँसना); resumed = started again (फिर-से आरंभ करना)।

JAC Class 10 English Solutions

JAC Class 10 English Solutions Footprints without Feet Chapter 9 Bholi

JAC Board Class 10th English Solutions Footprints without Feet Chapter 9 Bholi

JAC Class 10th English Bholi Textbook Questions and Answers

Read and Find Out (Pages 54, 55 & 58)

Question 1.
Why is Bholi’s father worried about her?
(भोली का पिता उसके बारे में चिंतित क्यों है ?)
Answer:
Bholi is not like other children. Her face is full of deep pock-marks. Moreover, she is not intelligent like others. That is why, her father is worried about her.
(भोली दूसरे बच्चों की तरह नहीं है। उसके चेहरे पर काले धब्बों के गहरे निशान बने हुए हैं। साथ ही, वह दूसरे बच्चों की तरह बुद्धिमान भी नहीं है। यही कारण है, कि उसका पिता उसके बारे में चिंतित है।)

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Question 2.
For what unusual reason is Bholi sent to school?
(भोली को किस विशेष कारण से स्कूल भेजा गया ?)
Answer:
Bholi is not sent to school because her father wants to get her educated. She is sent to school because her father cannot say ‘no’ to the Tehsildar. So, to get rid of her, the parents decide to send her to school.
(भोली को इसलिए स्कूल नहीं भेजा जाता है कि उसका पिता चाहता है कि वह शिक्षित हो जाए। उसे इसलिए स्कूल भेजा जाता है क्योंकि उसका पिता तहसीलदार साहब को ‘न’ नहीं कह सकता था। इसलिए उससे छुटकारा पाने के लिए माता-पिता उसे स्कूल भेजने का निर्णय लेते हैं।)

Question 3.
Does Bholi enjoy her first day at school?
(क्या भोली स्कूल में अपने पहले दिन का आनंद उठाती है?)
Answer:
At first she is frightened, but after sometime she seems to be enjoying the pictures on the wall. She is happy to see so many girls of her age in the class. The real thing that makes her happy on this very day is the loving and soothing treatment of the teacher. Thus she enjoys her first day at school.

(पहले तो वह भयभीत हो जाती है, लेकिन कुछ समय के पश्चात् वह दीवार पर लगे चित्रों का आनंद उठाती प्रतीत होती है। वह कक्षा में अपनी आयु की इतनी सारी लड़कियों को देखकर प्रसन्न हो जाती है। उस दिन जिस चीज ने उसे सचमुच प्रसन्न किया वह अध्यापिका का स्नेहमयी और सहलाने वाला व्यवहार है। इस प्रकार वह स्कूल में अपने पहले दिन का आनंद उठाती है।)

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Question 4.
Does she find her teacher different from the people at home?
(क्या वह अपनी अध्यापिका को घर के लोगों से भिन्न पाती है ?)
Answer:
Yes, she finds her teacher different from her family members. She finds that the teacher is kind. Her voice is soft and soothing. The teacher called her by her name softly and encouraged her.
(हाँ, वह अपनी अध्यापिका को अपने घर के लोगों से भिन्न पाती है। वह पाती है कि उसकी अध्यापिका दयालु है। उसकी आवाज मधुर और सहलाने वाली है। उसकी अध्यापिका उसे (प्यार के साथ) नाम से पुकारती है और उसका हौसला बढ़ाती है।)

Question 5.
Why do Bholi’s parents accept Bishamber’s marriage proposal?
(भोली के माता-पिता विशम्बर के शादी के प्रस्ताव को क्यों स्वीकार कर लेते हैं ?)
Answer:
Bholi is not beautiful. She has pock-marks on her face. Her father fears that no one will marry her. But when he receives a marriage proposal from Bishamber, he becomes happy. He accepts the proposal.
(भोली सुन्दर नहीं है। उसके चेहरे पर चेचक के दाग हैं। उसके पिता को भय है कि कोई भी उसके साथ शादी नहीं करेगा। लेकिन जब उसे बिशम्बर से शादी का प्रस्ताव मिलता है, तो वह प्रसन्न हो जाता है। वह प्रस्ताव को स्वीकार कर लेता है।)

Question 6.
Why does the marriage not take place?
(शादी क्यों नहीं हो पाती है?)
Answer:
At the time of Bholi’s marriage the bridegroom demands a dowry of five thousand rupees. The bride’s father is prepared to give him the money. But Bholi refuses to marry a person who demands dowry. So the marriage does not take place.
(भोली की शादी के अवसर पर दूल्हा पाँच हजार रुपए दहेज की माँग करता है। उसका पिता दूल्हे को यह रकम देने के लिए तैयार है। लेकिन भोली एक ऐसे आदमी से शादी करने से मना कर देती है जो दहेज की माँग करता है। इसलिए शादी नहीं हो पाती है।)

Think about it (Page 62)

Question 1.
Bholi had many apprehensions about going to school. What made her feel that she was going to a better place than her home?
(स्कूल जाने के बारे में भोली की कई आशंकाएँ थीं ? उसे ऐसा क्यों महसूस हुआ कि वह घर से अधिक अच्छे स्थान पर जा रही थी ?)
Answer:
Bholi was a neglected child. But that day she was given a clean dress. She was bathed. Even oil was rubbed into her dry and matted hair. This made her feel that she was going to a better place than her home.
(भोली एक उपेक्षित बच्ची थी। लेकिन उस दिन उसे एक स्वच्छ पोशाक दी गई। उसे स्नान करवाया गया। यहां तक कि उसके सूखे और उलझे हुए बालों में तेल भी लगाया गया। इससे उसे लगा कि उसे घर से बेहतर किसी अन्य स्थान पर ले जाया जा रहा है।)

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Question 2.
How did Bholi’s teacher play an important role in changing the course of her life?
(भोली की जिंदगी को बदलने में उसकी अध्यापिका ने कैसे महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई ?)
Answer:
Bholi’s teacher showed great love and affection to Bholi. She told her not to be afraid. She said that if she came to school daily, no one would laugh at her. She should study hard. Then other students would listen to her with respect. This created a confidence in her. Thus the loving care and encourage given to her by her teacher changed the course of her life. It made her a complete woman. She stood on her own legs. At the time of her marriage she showed rare courage and refused to marry the bridegroom who wanted dowry.
(भोली की अध्यापिका ने भोली के प्रति अत्यधिक प्यार और स्नेह दिखाया। उसने उससे कहा कि वह डरे नहीं। उसने कहा कि यदि वह हर रोज स्कूल आई तो कोई भी उस पर नहीं हँसेगा। उसे अधिक पढ़ना चाहिए। तब दूसरे विद्यार्थी उसकी बात को सम्मानपूर्वक सुनेंगे। इससे उसमें विश्वास पैदा हुआ। इस प्रकार से उसकी अध्यापिका द्वारा प्यार भरी देखभाल और हौंसले ने उसकी जिंदगी को बदल दिया। उसने उसे एक सम्पूर्ण महिला बना दिया। वह अपने पाँवों पर खड़ी हो गई। अपनी शादी के अवसर पर उसने दुर्लभ साहस दिखाया और दहेज की माँग करने वाले दूल्हे से शादी करने से मना कर दिया।)

Question 3.
Why did Bholi at first agree to an unequal match? Why did she later reject the marriage? What does this tell us about her?
(पहले भोली एक अनमेल शादी के लिए क्यों मान गई ? बाद में उसने शादी से इंकार क्यों कर दिया ? इससे हमें उसके बारे में क्या पता चलता है ?)
Answer:
Bholi knew that she was a burden on her parents. They were worried about her as no one was ready to marry an ugly-looking girl. Moreover, the match was fixed without her consent. But when the bridegroom came to her home with the marriage procession, she refused to marry him. It was because she found him greedy. He demanded a dowry of five thousand rupees. Although her father was prepared to give the money, yet she refused to marry him. She said that she would not marry a greedy man.

(भोली जानती थी कि वह अपने माता-पिता के ऊपर एक बोझ है। वे उसके बारे में चिंतित रहते थे क्योंकि बदसूरत दिखने वाली लड़की से कोई भी शादी करने को तैयार नहीं था। साथ ही, यह रिश्ता उसकी अनुमति के बिना ही तय कर दिया गया था। लेकिन जब दूल्हा बारात लेकर उसके घर आ गया, तो उसने उससे शादी करने से इंकार कर दिया। ऐसा इसलिए था क्योंकि उसने उसे लालची पाया था। उसने पाँच हजार रुपए का दहेज माँगा था। यद्यपि उसका पिता दहेज देने के लिए तैयार था, परन्तु फिर भी उसने उससे शादी करने से मना कर दिया। उसने कहा कि वह एक लालची आदमी से शादी नहीं करेगी।)

Question 4.
Bholi’s real name is Sulekha. We are told this right at the beginning. But only in the last but one paragraph of the story is Bholi called Sulekha again. Why do you think she is called Sulekha at that point in the story?
(भोली का असली नाम सुलेखा है। इसके बारे में हमें पाठ के शुरू में बताया गया है। परन्तु कहानी के आखिर में भोली को फिर से सुलेखा कहा गया है। आपके विचार में कहानी के उस मोड़ पर उसे फिर से सुलेखा क्यों कहा गया है ?)
Answer:
‘Bholi’ means a simple minded and witless girl. Sulekha was not intelligent. Thats why she was called Bholi. But she is called Sulekha towards the end of the story because she is no more witless. But she is a confident and a bold girl. That is why she is called by her real name.
(‘भोली’ का अर्थ है एक सीधी-सादी और तर्कहीन लड़की। सुलेखा बुद्धिमान नहीं थी। इसलिए उसे भोली कहा गया। लेकिन कहानी के अंत में उसे एक बार फिर से सुलेखा कहा गया है, क्योंकि अब वह मूर्ख नहीं है। बल्कि वह एक विश्वास वाली और बहादुर लड़की है। यही कारण है कि उसे उसके असली नाम से पुकारा गया है।)

JAC Class 10 English Solutions Footprints without Feet Chapter 9 Bholi

Question 5.
Bholi’s story must have moved you. Do you think girl children are not treated at par with boys? You are aware that the government has introduced a scheme to save the girl child as the sex ratio is declining. The scheme is called Beti Bachao Beti Padhao, Save the Girl Child. Read about the scheme and design a poster in groups of four and display on the school notice board.
(भोली की कहानी ने आपको हिला दिया होगा। क्या आपको लगता है कि लड़कियों का लड़कों के साथ बराबरी का व्यवहार नहीं है? आप जानते हैं कि सरकार ने लड़कियों को बचाने के लिए एक योजना शुरू की है क्योंकि लिंगानुपात घट रहा है। इस योजना को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, सेव द गर्ल चाइल्ड कहा जाता है। योजना के बारे में पढ़े और चार के समूहों में एक पोस्टर डिज़ाइन करें और स्कूल नोटिस बोर्ड पर प्रदर्शित करें।)
Answer:
‘Yes, I think that girl children are not treated at par with boys. In some places, there is lots of discrimination between girls and boys. To overcome this problem, the government has introduced many schemes to save the girl child. There is one scheme which is most popular known ‘BETI BACHAO BETI PADHAO”.
(हाँ, मुझे लगता है कि लड़कियों का लड़कों के साथ बराबरी का व्यवहार नहीं है। कुछ स्थानों पर, लड़कियों और लड़कों के बीच बहुत भेदभाव होता है। इस समस्या को दूर करने के लिए, सरकार ने लड़कियों को बचाने के लिए कई योजनाएँ शुरू की हैं। एक योजना है जो सबसे लोकप्रिय है ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ ।)
Hint: Poster of ‘Beti Bachao Beti Padhao’
JAC Class 10 English Solutions Footprints without Feet Chapter 9 Bholi 1

Talk about it (Page 62)

Question 1.
Bholi’s teacher helped her overcome social barriers by encouraging and motivating her. How do you think you can contribute towards changing the social attitudes illustrated in this story?
Answer:
Some of the social attitudes illustrated in the story have already been changed. For example, Bholi’s mother says, “If girls go to school, who will marry them?” This does not happen in these days. Now it is difficult to find matches for illiterate girls. Education is compulsory for changing the social attitudes. can be eradicated only through education. Other bad social attitudes can also be changed by educating people about them.

Question 2.
Should girls be aware of their rights, and assert them? Should girls and boys have the same rights, duties and privileges? What are some of the ways in which soc When we speak of human rights’, do we differentiate between girls’ rights and boys’ rights?
Answer:
Yes, girls should be aware of their rights and should assert them. The girls and boys should have the same rights. There should be no discrimination between sons and daughters, Girls should be provided the same education and given the same opportunities in life as the boys. When we speak of human rights, we should not differentiate between the right of boys and the rights of girls.

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Question 3.
Do you think the characters in the story were speaking to each other in English? If not, in aking? (You can get clues from the names of the persons and the nonEnglish words used in the story.)
Answer:
Characters in the story were not speaking to each other in English. The story is set in a village. English is not spoken in villages. Even in cities, English is not the language of daily conversation. It is spoken only in offices, etc. The characters in this story speak in Hindi. This is clear from the names of people and other Hindi words, for example, Numberdar, sahib, Tehsildar, pitaji, etc.

JAC Class 10th English Bholi Important Questions and Answers

Very Short Answer Type Questions

Question 1.
What was the real name of Bholi?
Answer:
The real name of Bholi was Sulekha.

Question 2.
How many Children did Ramlal have?
Answer:
Ramlal had seven children-four daughters and three sons.

Question 3.
Why was Ramlal worried about Bholi?
Answer:
Ramlal was worried about Bholi because she was neither intelligent nor beautiful.

Question 4.
Why did the Tehsildar come to Ramlal’s village?
Answer:
The Tehsildar came to Ramlal’s village to perform the opening ceremony of the Primary School for girls.

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Question 5.
Who came to marry Bholi?
Answer:
Bishamber, a rich grocer from the neighbouring village, came to marry Bholi.

Question 6.
Who is the author of the lesson ‘Bholi’?
Answer:
K.A. Abbas.

Question 7.
What was the name of Ramlal’s eldest daughter?
Answer:
Her name was Radha.

Question 8.
What post did Ramlal have in the village?
Answer:
He was the village Numberdar.

Question 9.
What did the Tehsildar ask Ramlal?
Answer:
The Tehsildar asked Ramlal to send his daughters to school.

Question 10.
Who was Lakshmi?
Answer:
Lakshmi was the name of Bholi’s cow.

Question 11.
What did Bishamber demand as dowry?
Answer:
Bishamber demanded five thousand rupees as dowry.

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Question 12.
Who came to perform the opening ceremony of the primary school for girls in Ramlal’s village?
Answer:
The Tehsildar came to perform this opening ceremony.

Question 13.
Who is the real artist in the story “Bholi’?
Answer:
Bholi’s teacher is the real artist in the story “Bholi’.

Question 14.
Of all his children who was Ramlal worried about?
Answer:
Of all his children Ramlal was worried about only Bholi

Question 15.
What is the meaning of Bholi?
Answer:
The meaning of Bholi is the simpleton or foolish.

Short Answer Type Questions

Question 1.
Why was Sulekha nicknamed Bholl?
(सुलेखा का उपनाम भोली क्यों पड़ गया?)
Answer:W
hen Sulekha was ten months old, she fell down from the cot on her head. Some part of her brain was damaged. That was why she remained a backward child and came to be called as Bholi, the simpleton.
(जब सुलेखा दस मास की थी, वह सिर के भार चारपाई के ऊपर से नीचे गिर गई थी। उसके दिमाग का कोई भाग क्षतिग्रस्त हो गया था। इसी कारण से वह पिछड़ी हुई रही और सभी उसे भोली, सादी कहकर पुकारने लगे।)

Question 2.
Why did Sulekha start stammering?
(सुलेखा ने हकलाना क्यों आरंभ कर दिया?)
Answer:
Sulekha could not speak till she was five. When at last she learnt to speak she started stammering because other children often made fun of her and mimicked her.
(सुलेखा पाँच वर्ष की आयु तक बोल नहीं सकती थी। आखिर जब उसने बोलना सीखा तो उसने हकलाना शुरू कर दिया क्योंकि अन्य सभी बच्चे उसका मजाक उड़ाते थे और उसकी नकल उतारते थे।) ।

JAC Class 10 English Solutions Footprints without Feet Chapter 9 Bholi

Question 3.
Why did the Tehsildar come to Ramlal’s village? What did he ask Ramlal to do?
(तहसीलदार रामलाल के गांव में क्यों आया था ? उसने रामलाल को क्या करने के लिए कहा?)
Answer:
The Tehsildar came to Ramlal’s village to perform the opening ceremony of a primary school for girls. Ramlal was the Numberdar of the village. So, the Tehsildar asked him to set an example before the village by sending his daughters to school.
(तहसीलदार रामलाल के गांव में लड़कियों के लिए प्राथमिक विद्यालय के उद्घाटन के अवसर पर आया था। रामलाल गांव का नंबरदार था। इसलिए, तहसीलदार ने उससे कहा कि वह अपनी लड़कियों को स्कूल भेजकर गांव के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत करे।)

Question 4.
Why was Bholi reluctant to go to school with her father?
(भोली अपने पिता के साथ स्कूल जाने के लिए इच्छुक क्यों थी?)
Answer:
Bholi did not know what a school was like. She thought that her father was turning her out of his house like their old cow Lakshmi. She shouted in terror and pulled her hand away from her father’s grip.
(भोली नहीं जानती थी कि स्कूल कैसा होता है। उसने सोचा कि उसका पिता उसे उनकी बूढ़ी गाय लक्ष्मी की तरह से बाहर निकाल रहा है। वह डर के मारे चिल्लाई और उसने अपने पिता की पकड़ से अपने हाथ को छुड़ा लिया।)

Question 5.
What made her feel that she was going to a better place than her home?
(उसे ऐसा क्यों लगा कि वह घर से बेहतर किसी स्थान पर जा रही है?)
Answer:
Bholi was a neglected child. But that day she was given a clean dress. She was bathed. Even oil was rubbed into her dry and matted hair. This made her feel that she was going to a better place than her home.
(भोली एक उपेक्षित बच्ची थी। लेकिन उस दिन उसे एक स्वच्छ पोशाक दी गई। उसे स्नान करवाया गया। यहां तक कि उसके सूखे और उलझे हुए बालों में तेल भी लगाया गया। इससे उसे लगा कि उसे घर से बेहतर किसी अन्य स्थान पर ले जाया जा रहा है।)

Question 6.
Why do Bholi’s parents accept Bishamber’s marriage proposal? Give three reasons.
(विशंबर के शादी के प्रस्ताव को भोली के माता-पिता ने क्यों स्वीकार कर लेते हैं? तीन कारण दीजिए।)
Answer:
Bholi’s parents agreed to marry their daughter Bholi to Bishamber because:
(i) Bishamber was a rich grocer and he did not demand any dowry.
(ii) He was from another village and did not know about her pock-marks and lack of sense.
(iii) If they did not accept the proposal Bholi was likely to remain unmarried all her life.

(भोली के माता-पिता अपनी बेटी भोली की शादी बिशंबर से करने को तैयार हो गए क्योंकि
(i) विशंबर एक अमीर आदमी था और उसने दहेज की मांग नहीं की थी।
(ii) वह दूसरे गांव का था और वह भोली के चेहरे पर चेचक के दागों और कम बुद्धि के बारे में नहीं जानता था।
(iii) यदि वे इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करते तो भोली सारी जिंदगी कुंवारी रह सकती थी।)

Question 7.
How does she become a masterpiece?
(वह कलाकृति कैसे बनती है ?)
Answer:
Bholi was a witless fool. She stammered. She was totally neglected. But her teacher couraged and inspired her. She became a confident and vocal woman. She refused to marry a greedy man. She resolved to serve her parents in old age. Thus, she becomes a masterpiece.
(भोली एक पागल मूर्ख थी। वह हकलाकर बोलती थी। वह पूर्णतया उपेक्षित थी। लेकिन उसकी अध्यापिका ने उसकी हिम्मत बढ़ाई और उसे प्रोत्साहित किया। वह विश्वास से भरपूर और साफ बोलने वाली महिला बन गई। उसने एक लालची आदमी के साथ शादी करने से मना कर दिया। उसने बुढ़ापे में अपने माता-पिता की सेवा करने का निश्चय किया। इस प्रकार, वह एक कलाकृति बन गई।)

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Question 8.
Give detail about Ramlal’s children.
(रामलाल के बच्चों का वर्णन कीजिए।)
Answer:
Ramlal had seven children-four daughters and three sons. All of his children except Bholi were healthy. His sons studied in schools and colleges. Bholi was his youngest daughter. She was a backward child.
(रामलाल के सात बच्चे थे-चार लड़कियां और तीन लड़के। भोली के अलावा उसके सभी बच्चे स्वस्थ थे। उसके बेटों ने स्कूलों और कॉलेजों में अध्ययन किया था। भोली उसकी सबसे छोटी बेटी थी। वह एक पिछड़ी हुई बच्ची थी।)

Essay Type Questions

Question 1.
On the basis of your understanding of the story, sketch the character of Bholi and describe the role of the teacher played in her life.
(कहानी को समझने के आधार पर, भोली का चरित्र-चित्रण कीजिए और बताइए कि उसकी अध्यापिका ने उसके जीवन में क्या योगदान दिया?)
Or
What changes do we find in the behaviour of Bholi in the end of the story ? Explain.
(कहानी के अंत में हम भोली के व्यवहार में क्या बदलाव देख सकते हैं? वर्णन करें।)
Answer:
Bholi was Ramlal’s youngest daughter. When she was ten months old she fell down from the cot and a part of her brain was damaged. So she remained a backward child. Her face was permanently disfigured by pock-marks when she was two years old. She began to speak at the age of five years but she stammered. She was a neglected child. None cared for her. They called her a witless fool. Other children mimicked and laughed at her. But when she was sent to school her life totally changed. Her teacher was kind and sympathetic. She encouraged and inspired her to rise higher in life. The teacher gave her confidence. She made her speak without a stammer. She was learned. She refused to marry a mean and greedy man. She decided to serve her old parents and her village by teaching other girls.

(भोली रामलाल की सबसे छोटी बेटी थी। जब वह दस महीने की थी तो वह चारपाई से नीचे गिर गई थी और उसके दिमाग का एक भाग क्षतिग्रस्त हो गया था। इसलिए वह एक पिछड़ी हुई बच्ची रही। जब वह दो वर्ष की थी तो उसका चेहरा चेचक के दागों के निशानों के कारण स्थायी रूप से कुरूप हो गया था। उसने पांच वर्ष की आयु में बोलना शुरू कर किया लेकिन वह हकलाकर बोलती थी। वह एक उपेक्षित बच्ची थी। कोई उसकी फिक्र नहीं करता था। वे उसे पागल मूर्ख कहते थे। दूसरे बच्चे उसकी नकल उतारते थे और उस पर हंसते थे। लेकिन जब उसे स्कूल भेजा गया तो उसका जीवन पूर्णरूप से बदल गया। उसकी अध्यापिका दयालु और करुणाजनक थी। उसने उसकी हिम्मत बढ़ाई और जीवन में ऊंचा उठने की प्रेरणा दी। अध्यापिका ने उसे विश्वास दिया। उसने उसे बिना हकलाहट के बोलना सिखाया। वह शिक्षित हो गई थी। उसने एक कमीने और लालची आदमी के साथ शादी करने से मना कर दिया। उसने अपने माता-पिता की सेवा और गांव की लड़कियों को पढ़ाकर गांव की सेवा का निर्णय किया।)

Question 2.
What idea do you form of Ramlal’s personality?
(रामलाल के व्यक्तित्व के बारे में आप क्या सोचते हैं ?)
Or
Give a brief sketch of Ramlal’s character.
(रामलाल के चरित्र का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।)
Answer:
Ramlal was the Numberdar of his village. He had a respectable position in the village. He had four daughters and three sons. He was a loving father. He sent his sons to the city for education. He searched good bridegrooms for his three daughters. He was worried about his youngest daughter Bholi. He took her to school. He asked his wife to bathe Bholi and give her clean clothes. He did not want to marry Bholi with Bishamber who was almost of his age. He wanted to consult Bholi in this matter. But it seems that he was in wife’s influence. Even in the end he parted with five thousand rupees for the sake of Bholi’s happiness. Thus he was a good father.

(रामलाल अपने गांव का नंबरदार था। गांव में उसकी स्थिति बहुत अच्छी थी। उसकी चार बेटियां और तीन बेटे थे। वह प्यार करने वाला पिता था। उसने अपने लड़कों को पढ़ने के लिए शहर भेजा। उसने अपनी तीन बेटियों के लिए अच्छे दूल्हों की तलाश की। वह अपनी सबसे छोटी बेटी भोली के बारे में चिंतित था। वह उसे स्कूल ले गया। उसने अपनी पत्नी से उसे नहलाने तथा उसे साफ पोशाक देने के लिए कहा। वह अपनी बेटी भोली की शादी बिशंबर से नहीं करना चाहता था जो कि लगभग उसकी आयु का था। वह इस मामले में भोली से परामर्श करना चाहता था। लेकिन ऐसा लगता है कि वह अपनी पत्नी के प्रभाव में था। यहां तक कि उसने भोली की प्रसन्नता के लिए पांच हजार रुपए भी दे दिए। अतः वह एक अच्छा पिता था।)

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Question 3.
Give a brief account of Ramlal’s children.
(रामलाल के बच्चों के बारे में संक्षेप में बताइए।)
Answer:
Ramlal had seven children-three sons and four daughters. The names of his daughters were Radha, Mangla, Champa and Sulekha. Sulekha, who was known as Bholi, was the youngest of the seven of Ramlal’s children. Ramlal was a prosperous farmer. All his children except Bholi were quite healthy and intelligent. His sons were sent to city for education. Later they were sent to college. His three daughters Radha, Mangla and Champa were very beautiful. Ramlal had no problem regarding their marriages but he was much worried about Bholi. Bholi was a backward child. She had pock-marks on her face. She spoke with a stammer. She was a neglected child. None cared for her.

(रामलाल के सात बच्चे थे तीन लड़के और चार लड़कियां। उसकी बेटियों के नाम थे-राधा, मंगला, चंपा और सुलेखा। सुलेखा जिसे भोली के नाम से जाना जाता था, रामलाल की सबसे छोटी बच्ची थी। रामलाल एक संपन्न किसान था। भोली के सिवाए उसके सभी बच्चे बिल्कुल स्वस्थ और बुद्धिमान थे। उसने लड़कों को पढ़ने के लिए शहर भेजा गया। बाद में उन्हें कॉलेज में भी भेजा गया। उसकी तीन बेटियां राधा, मंगला और चंपा बहुत सुंदर थीं। रामलाल को उनकी शादियों में कोई कठिनाई महसूस नहीं हुई, लेकिन वह भोली के बारे में बहुत चिंतित रहता था। भोली एक मंदबुद्धि बच्ची थी। उसके चेहरे पर चेचक के निशान थे। वह हकलाकर बोलती थी। वह एक उपेक्षित बच्ची थी। किसी को भी उसकी चिंता नहीं थी।)

Question 4.
What kind of treatment is given to Bholi by her parents? Is it justified?
(भोली के माता-पिता के द्वारा उसके साथ कैसा व्यवहार किया जाता है? क्या यह न्यायोचित है?)
Answer:
Bholi was the youngest of the seven of Ramlal’s children. Her real name was Sulekha. When she was ten months old, she fell down from the cot on her head. Some part of her brain was damaged. So she remained a backward child. She had pock-marks on her face. She spoke with a stammer. The treatment of her parents towards her was very discouraging. They called her a witless fool. They did little care of her. They didn’t give her new clothes. None washed her clothes and cared for her bath their shoulders. They sent her to school only to take off this burden from their shoulders to that of the teacher’s.

(भोली रामलाल के सात बच्चों में सबसे छोटी थी। उसका असली नाम सुलेखा था। जब वह दस मास की थी तो वह सिर के बल चारपाई से नीचे गिर गई थी। उसके दिमाग का कोई भाग क्षतिग्रस्त हो गया था। इसलिए वह एक मंदबुद्धि बच्ची रही। उसके चेहरे पर चेचक के निशान थे। वह हकलाकर बोलती थी। उसके माता-पिता का उसके प्रति व्यवहार बहुत अधिक निरुत्साहित करने वाला था। वे उसे मूर्ख कहकर पुकारते थे। वे उसकी बिल्कुल भी परवाह नहीं करते थे। वे उसे नए वस्त्र नहीं देते थे। कोई
भी उसके कपड़े नहीं धोता था और न ही उसे स्नान करवाता था। वे उसे अपने कंधों पर एक भार समझते थे। उन्होंने उसको इसलिए स्कूल भेजा ताकि इस भार को अपने कंधों से उतारकर अध्यापिका के कंधों पर लाद दिया जाए।)

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Question 5.
What was new hope and new life for Bholi?
(भोली के लिए नई आशा और नया जीवन क्या था?)
Or
Describe Bholi’s experience on her first day at school.
(स्कूल में भोली के पहले दिन के अनुभव का वर्णन कीजिए।)
Answer:
One day Ramlal held Bholi’s hand and asked her to go to school. Bholi did not know what a school was like. She thought that her father was turning her out of his house like their old cow Lakshmi. She shouted in terror and pulled her hand away from her father’s grip. On the first day of school, she was frightened. But after some time she seemed to be enjoying the pictures on the wall. She was happy to see so many girls of her age in the class. The real thing that made her happy on this very day was the loving and soothing treatment of the teacher. The teacher spoke to her in a soft and soothing voice. No one had ever spoken to her gently. This touched her heart. The teacher told Bholi that if she came to school regularly she would be more learned than anyone else in the village. She would speak without a stammer and everyone would listen to her with respect. This was a new hope and new life for Bholi.

(एक दिन रामलाल ने भोली का हाथ पकड़कर उसे स्कूल चलने के लिए कहा। भोली को पता नहीं था कि स्कूल कैसा होता है। उसने सोचा कि उसका पिता उसे उनकी बूढ़ी गाय लक्ष्मी की भांति घर से बाहर निकाल रहा है। वह भय से चिल्लाई और अपने पिता की पकड़ से झटका मारकर अपना हाथ छुड़वा लिया। स्कूल में पहले दिन वह भयभीत थी। लेकिन थोड़ी देर पश्चात वह दीवार पर लगे चित्रों का आनंद ले रही थी। वह कक्षा में अपनी आयु की इतनी सारी लड़कियों को देखकर बहुत प्रसन्न हुई। असली चीज जिसने उसे उस दिन वास्तविक खुशी प्रदान की, वह उसकी अध्यापिका का प्यार भरा और सहलाने वाला व्यवहार था। अध्यापिका ने उसके साथ मधुर और सहलाने वाली आवाज़ में बात की। आज तक किसी ने भी उसके साथ प्यार से बात नहीं की थी। इस बात ने उसके हृदय को छू लिया। अध्यापिका ने भोली को बता दिया कि यदि वह प्रतिदिन स्कूल आई तो वह गांव में सबसे अधिक पढ़ी-लिखी लड़की होगी। वह बिना हकलाहट के बोलना सीख जाएगी और प्रत्येक व्यक्ति सम्मान के साथ उसकी बात को सुना करेगा। यह भोली के लिए एक नई आशा और नया जीवन था।)

Multiple Choice Questions

Question 1.
What was Bholi’s real name?
(A) Champa
(B) Radha
(C) Mangla
(D) Sulekha
Answer:
(D) Sulekha

Question 2.
What was the name of Bholi’s father?
(A) Ramlal
(B) Krishanlall
(C) Hiralal
(D) Murarilal
Answer:
(A) Ramlal

Question 3.
How many daughters did Ramlal have?
(A) one
(B) two
(C) three
(D) four
Answer:
(D) four

Question 4.
Which post did Ramlal hold in the village?
(A) Sarpanch
(B) Numberdar
(C) Tehsildar
(D) Headmaster
Answer:
(B) Numberdar

Question 5.
How many children did Ramlal have?
(A) four
(B) five
(C) six
(D) seven
Answer:
(D) seven

Question 6.
What was wrong with Sulekha?
(A) she had black pock-marks on
(B) she was a backward child her face
(C) she spoke with halts
(D) all of the above
Answer:
(D) all of the above

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Question 7.
At what age did Bholi began to speak?
(A) three
(B) four
(C) five
(D) six
Answer:
(C) five

Question 8.
Who was Ramlal’s eldest daughter?
(A) Radha
(B) Mangla
(C) Champa
(D) Sulekha
Answer:
(A) Radha

Question 9.
Why did Tehsildar come to Ramlal’s village?
(A) to perform the opening ceremony of the girl’s school
(B) to attend Radha’s wedding
(C) to meet the village people
(D) all of the above
Answer:
(A) to perform the opening ceremony of the girl’s school

Question 10.
Ramlal was the ……………. official of the village.
(A) administrative
(B) revenue
(C) police
(D) education
Answer:
(B) revenue

Question 11.
What did the Tehsildar urge Ramlal about his daughters?
(A) send them to school
(B) marry them soon
(C) send them to city
(D) all of the above
Answer:
(A) send them to school

Question 12.
Of the four daughters of Ramlal, who was sent to school?
(A) Radha
(B) Mangla
(C) Champa
(D) Bholi
Answer:
(D) Bholi

Question 13.
How was Bholi treated in the family?
(A) she was not given new clothes
(B) none cared to wash her clothes
(C) none cared to comb her hair
(D) all of the above
Answer:
(D) all of the above

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Question 14.
What was Bholl’s reaction when Ramlal ask her to go to school for the first time?
(A) she was not given new clothes
(B) she was excited
(C) she cried with fear
(D) none of the above
Answer:
(C) she cried with fear
Question 15.
Who was Lakshmi?
(A) Bholi’s mother
(B) Bholi’s cow
(C) Bholi’s teacher
(D) Bholi’s classmate
Answer:
(B) Bholi’s cow

Question 16.
Which picture did Bholi see on the school wall?
(A) parrot
(B) Cow
(C) goat
(D) all of the above
Answer:
(D) all of the above

Question 17.
How did Bholi find the teacher on her very first day in the school?
(A) cruel
(B) hard
(C) kind and loving
(D) all of the above
Answer:
(C) kind and loving

Bholi Summary in English

Bholi Introduction in English

This is the story of a little girl named Bholi who was a slow-learner and stammered. She fell down from the cot in her childhood and a part of her brain was damaged. She had lost her beauty to smallpox. She was neglected as a witless fool even by his parents and her brothers and sisters. But the opening of a primary school for girls in her village changed her life. Her teacher was very kind and encourageous to her. She gave her confidence. She made her speak without halts. The girl achieved what appeared to be impossible. She proved herself a real heroine when she refused to marry Bishamber Nath who demanded five thousand rupees cash from her father in dowry.

Bholi Summary in English

Ramlal was the Numberdar of the village. He had four daughters and three sons. All his children were very healthy but his youngest daughter Sulekha was a backward child. When she was ten months old she fell down from the cot and a part of her brain was damaged. When she was two years old she had an attack of smallpox. Her face was permanently disfigured by deep black pock-marks. She started speaking at the age of five years but she stammered. So everyone called her Bholi. She was considered as a witless fool even by her parents, her sisters and her brothers. None cared for her. Ramlal’s eldest daughter Radha had already been married. The second daughter Mangla’s marriage had also been settled. Ramlal was worried only about Bholi. A primary school for girls was opened in the village. The Tehsildar sahib came to perform its opening ceremony. He asked Ramlal to set an example before the village by sending his daughters to school.

Both Ramlal and his wife were not in favour of girl education but Ramlal had not courage to disobey the Tehsildar. So, they decided to send Bholi to school. The next day Ramlal asked Bholi to go to school with him. Bholi did not know anything about school. She was frightened. She refused to go anywhere. Ramlal asked his wife to give some decent clothes to Bholi. New clothes had never been made for Bholi but that day she was lucky to receive a clean dress. She was even bathed and oil was rubbed into her dry and matted hair. She thought that she was being taken to a place better than her house.

When they reached the school, Bholi saw many girls of her age sitting in the rooms. The headmistress asked Bholi to sit down in a corner in one of the classrooms. The lady teacher in the class was very good. The teacher asked her about her name but she could not speak her full name. She began to weep. When the school was off for the day the teacher asked Bholi to come also the next day and Bholi nodded. Bholi became familiar to the teacher. The teacher drove out her sense of fear. Now she began to speak without stammering a little.

Now, Bholi was grown up. She had passed many classes. Her father got a marriage proposal for her from Bishamber who was a rich grocer from the neighbouring village. He was about fifty years old. He walked with limbs. He had children also from his earlier wife. Ramlal accepted the proposal and asked Bishamber to come with baraat. Bishamber came with great pomp and show for wedding. Everybody was joyful. All the friends and relatives of Ramlal and Bishamber were present there. Bholi dressed in red was brought there. When Bishamber was about to put the garland around Bholi’s neck, a lady pulled back Bholi’s veil.

Bishamber saw Bholi’s face covered with pock-marks. He refused to marry her. After many requests but he agreed put a condition that he would marry Bholi only when Ramlal would give him five thousand rupees. Ramlal put the bundle of five thousand rupees on Bishamber’s feet. Bishamber was feeling victorious. He raised the garland to place it around the bride’s neck but Bholi struck the garland away. Bholi said that she would not marry such a mean, greedy and coward person. The baraat was returned empty handed without bride. Ramlal was full of grief and shame. Bholi consoled her father that she would serve them in their old age and she said that she would teach in the same school where she got the education,

Bholi Summary in Hindi

Bholi Introduction in Hindi

(यह भोली नाम की एक छोटी लड़की की कहानी है जो मंद गति से सीखने और हकलाकर बोलने वाली थी। बचपन में वह चारपाई से गिर गई थी और उसके दिमाग का एक भाग विकृत हो गया था। उसकी सुंदरता चेचक की बीमारी ने छीन ली थी। उसे एक मंदबुद्धि समझकर उसके माता-पिता, उसके भाइयों और बहनों के द्वारा भी उसकी अवहेलना की जाती थी। लेकिन उसके गांव में लड़कियों के लिए प्राथमिक विद्यालय खुलने से उसका जीवन बदल गया। उसकी अध्यापिका उसके प्रति बहुत दयालु और उत्साहवर्धक थी। उसने उसे विश्वास दिलाया। उसने उसे हकलाए बिना बोलना सिखाया। लड़की ने असंभव को संभव कर दिखाया। उसने बिशंबर नाथ से शादी से इंकार करके नायिका का काम कर दिखाया जिसने उसके पिताजी से दहेज में पाँच हजार रुपए नकद माँगे थे।

Bholi Summary in Hindi

रामलाल गांव का नंबरदार था। उसकी चार बेटियां और तीन बेटे थे। उसके सभी बच्चे बहुत स्वस्थ थे लेकिन उसकी सबसे छोटी बेटी सुलेखा पिछड़ी हुई बच्ची थी। जब वह दस महीने की थी वह चारपाई से नीचे गिर गई थी और उसके दिमाग का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था। जब वह दो वर्ष की थी तो उसे चेचक की बीमारी का प्रकोप हो गया। उसका चेहरा चेचक के गहरे काले दागों के कारण स्थायी रूप से कुरूप हो गया। उसने पाँच वर्ष की आयु में बोलना शुरू किया लेकिन वह हकलाकर बोलती थी। इसलिए सभी उसे भोली कहने लगे। यहां तक कि उसके माता-पिता, उसकी बहनें और उसके भाई भी उसे मंदबुद्धि मानते थे। कोई भी उसकी देखभाल नहीं करता था। रामलाल की सबसे बड़ी बेटी राधा की पहले ही शादी हो चुकी थी। दूसरी बेटी मंगला की शादी तय हो चुकी थी। रामलाल केवल भोली के बारे में चिंतित था।

गांव में लड़कियों के लिए एक प्राथमिक विद्यालय खुला। इसके उद्घाटन समारोह पर तहसीलदार साहब आए थे। उसने रामलाल से कहा कि वह अपनी बेटियों को स्कूल भेजकर गांव के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत करें। रामलाल और उसकी पत्नी दोनों लड़कियों को पढ़ाने के पक्ष में नहीं थे लेकिन रामलाल में तहसीलदार की बात को न मानने का साहस नहीं था। इसलिए उसने भोली को स्कूल भेजने का निर्णय लिया। अगले दिन रामलाल ने भोली को अपने साथ स्कूल जाने के लिए कहा। भोली स्कूल के बारे में कुछ भी नहीं जानती थी। वह डरी हुई थी। उसने कहीं भी जाने से मना कर दिया। रामलाल ने अपनी पत्नी को भोली को कुछ सुंदर वस्त्र देने के लिए कहा। कभी भी भोली के लिए नए वस्त्र नहीं बनवाए गए थे लेकिन उस दिन वह एक साफ-सुथरी पोशाक पहनकर भाग्यशाली लग रही थी। यहां तक कि उसे स्नान करवाया गया और उसके सूखे बालों में तेल भी लगाया गया। उसने सोचा कि उसे अपने घर से अच्छे किसी स्थान पर ले जाया जा रहा था। जब वे स्कूल पहुंचे, भोली ने कमरों में अपनी आयु की लड़कियों को बैठे हुए देखा। मुख्याध्यापिका ने भोली को कक्षा के एक कमरे में एक कोने में बैठ जाने के लिए कहा। कक्षा में जो महिला अध्यापक थी वह बहुत अच्छी थी। अध्यापिका ने उससे उसका नाम पूछा लेकिन वह अपना पूरा नाम नहीं बोल सकी। उसने रोना शुरु कर दिया।

जब दिन के लिए स्कूल की छुट्टी हो गई, अध्यापिका ने भोली को अगले दिन भी स्कूल आने के लिए कहा और भोली ने हाँ में सिर हिला दिया। भोली को अध्यापिका से लगाव हो गया। अध्यापिका ने उसके अंदर से डर की भावना को बाहर निकाल दिया। अब उसने ज़रा भी हकलाए बिना बोलना शुरू कर दिया था। अब भोली बड़ी हो गई थी। उसने कई कक्षाएं पास कर ली थीं। उसके पिता को बिशंबर, जो कि पास के गांव का एक समृद्ध पंसारी था, की ओर से भोली के साथ शादी का प्रस्ताव मिला। वह लगभग पचास वर्ष का था। वह लंगड़ाकर चलता था। उसकी पहली पत्नी से बच्चे भी थे। रामलाल ने शादी के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया और बिशंबर से बारात लेकर आने को कहा। विशंबर शादी के लिए खूब शानो-शौकत के साथ आया। सभी प्रसन्न थे। रामलाल और बिशंबर के सभी मित्र और रिश्तेदार वहां उपस्थित थे। लाल रंग के वस्त्र पहने भोली वहां लाई गई। जब बिशंबर भोली के गले में हार डालने वाला था, एक महिला ने भोली के बूंघट को पीछे सरका दिया।

विशंबर ने चेचक के दागों से भरे भोली के चेहरे को देखा। उसने उसके साथ शादी करने से मना कर दिया। अनेक प्रार्थनाओं के पश्चात् उसने यह शर्त रख दी कि वह भोली के साथ तभी शादी करेगा यदि उसका पिता उसे पांच हज़ार रुपए नकद देगा। रामलाल ने पांच हज़ार रुपये का बंडल बिशंबर के कदमों में रख दिया। बिशंबर विजयी अनुभव कर रहा था। उसने दुल्हन के गले में डालने के लिए माला उठाई लेकिन भोली ने माला को टकराकर दूर गिरा दिया। भोली ने कहा कि वह ऐसे कमीने, लालची और कायर के साथ शादी नहीं करेगी। बारात दुल्हन के बिना खाली हाथ लौट गई। रामलाल दुःख और शर्म से पीड़ित था। भोली ने अपने पिता को सांत्वना दी कि वह वृद्धावस्था में उनकी सेवा करेगी और उसने कहा कि वह उसी स्कूल में पढ़ाया करेगी जिसमें उसने शिक्षा प्राप्त की थी।

Bholi Translation in Hindi

[PAGE54]: (बचपन से ही भोली की उसके घर में अवहेलना की जाती थी। उसकी अध्यापिका उसमें विशेष रुचि क्यों लेती थी ? क्या भोली अपनी अध्यापिका की आशाओं पर पूरी उतरी ?)
उसका नाम सुलेखा था, लेकिन बचपन से सभी उसे भोली, अर्थात् बुद्धू कहा करते थे। वह नंबरदार रामलाल की चौथी बेटी थी। जब वह दस महीने की थी, वह अपनी चारपाई से सिर के बल नीचे गिर गई थी और शायद इससे उसके दिमाग का कोई भाग क्षतिग्रस्त हो गया हो। यही कारण था कि वह एक पिछड़ी हुई बच्ची रही और उसका नाम भोली पड़ गया, जिसका अर्थ है सादी। जन्म के समय, बच्ची बहुत अधिक सुंदर थी। लेकिन जब वह दो वर्ष की थी, तो उसे चेचक की बीमारी हो गई। केवल उसकी आंखें बच पाईं, लेकिन सारा शरीर स्थायी रूप से चेचक के गहरे काले दागों के कारण कुरूप हो गया। पांच वर्ष की आयु तक, छोटी सुलेखा ने बोलना नहीं सीखा और जब उसने बोलना सीखा तो वह हकलाकर बोलती थी। अन्य बच्चे प्रायः उसका मजाक उड़ाते थे और उसकी नकल उतारते थे।

इसके फलस्वरूप, वह बहुत कम बोलती थी। रामलाल के सात बच्चे थे-तीन बेटे और चार बेटियां, और उन सबमें भोली सबसे छोटी थी। यह एक समृद्ध किसान का घर था और खाने-पीने के लिए काफी था। भोली के अतिरिक्त सभी बच्चे स्वस्थ और शक्तिशाली थे। बेटों को पढ़ने के लिए शहर के स्कूल में भेजा गया और बाद में कॉलेज भेजा गया। बेटियों में राधा, जो सबसे बड़ी थी, की शादी हो गई थी। दूसरी बेटी मंगला की शादी भी तय हो चुकी थी, और उसके संपन्न हो जाने के पश्चात्, रामलाल अपनी तीसरी बेटी चंपा के बारे में सोचेगा। वे सुंदर दिखाई देने वाली स्वस्थ लड़कियां थीं और उनके लिए दूल्हे ढूंढना कोई कठिन काम नहीं था। परंतु रामलाल भोली के बारे में चिंतित था। न तो वह सुंदर थी और न ही बुद्धिमान।

JAC Class 10 English Solutions Footprints without Feet Chapter 9 Bholi

[PAGE 55]: जब मंगला की शादी हुई उस समय भोली सात वर्ष की थी। उसी वर्ष उनके गांव में लड़कियों के लिए एक प्राथमिक विद्यालय खुला। तहसीलदार साहब उसके उद्घाटन समारोह को संपन्न करने आए थे। उन्होंने रामलाल से कहा, “राजस्व अधिकारी होने के नाते आप गांव में सरकार के प्रतिनिधि हो इसलिए आपको गांव वालों के सामने एक उदाहरण रखना चाहिए आपको अपनी बेटियों को स्कूल भेजना चाहिए।’ उस रात जब रामलाल ने अपनी पत्नी से परामर्श किया, वह चिल्ला उठी, “क्या तुम पागल हो गए हो? यदि लड़कियां स्कूल जाएंगी तो उनसे शादी कौन करेगा?” लेकिन रामलाल में तहसीलदार की बात न मानने की हिम्मत नहीं थी। आखिर में उसकी पत्नी ने कहा, “मैं आपको बताऊंगी क्या करना है। भोली को स्कूल भेज दो। इस हालत में, उसकी शादी होने के कम अवसर हैं, क्योंकि उसका चेहरा भद्दा है और बुद्धि की कमी है। स्कूल में अध्यापकों को उसकी चिंता करने दो।”

[PAGE 55 -58]: अगले दिन रामलाल ने भोली का हाथ पकड़ा और कहा, “मेरे साथ आओ। मैं तुम्हें स्कूल ले जाऊंगा।” भोली डर गई। वह नहीं जानती थी कि स्कूल किस तरह का होता है। उसे याद था कि कैसे कुछ दिन पहले उनकी बूढ़ी गाय, लक्ष्मी, को घर से बाहर निकाल दिया गया था और बेच दिया गया था।

[PAGE 58]: “न-न-न-न नहीं, नहीं-नहीं-नहीं,” वह डर के मारे चिल्लाई और उसने पिता की पकड़ से अपना हाथ खींच लिया। “तुम्हें क्या हुआ, अरे मूर्ख ?” रामलाल चिल्लाया। “मैं तुम्हें केवल स्कूल ले जा रहा हूँ। तब उसने अपनी पत्नी से कहा, “इसे आज कुछ अच्छे कपड़े पहनने दो, नहीं तो अध्यापिका और स्कूल की अन्य लड़कियां इसे देखकर क्या सोचेंगी ?.
भोली के लिए कभी भी नए वस्त्र नहीं बनवाए गए थे। उसकी बहनों के पुराने वस्त्र उसे पहना दिए जाते थे। कोई भी उसके वस्त्रों की मुरम्मत करने और उन्हें धोने की चिंता नहीं करता था। लेकिन आज वह साफ वस्त्र प्राप्त करके बहुत भाग्यशाली लग रही थी जबकि वे वस्त्र बार-बार धुलाई के पश्चात सिकुड़ गए थे और चंपा को ठीक नहीं आते थे। उसे स्नान भी कराया गया और उसके सूखे और उलझे हुए बालों में तेल भी लगाया गया। केवल तब उसने विश्वास करना आरंभ किया कि उसे उसके घर से अच्छे किसी स्थान पर ले जाया जा रहा है। जब वे स्कूल पहुंचे, बच्चे पहले से ही अपनी कक्षाओं में थे। रामलाल ने अपनी बेटी को मुख्याध्यापिका के सुपुर्द कर दिया। अकेली छोड़े जाने पर, बेचारी लड़की ने भयभीत नज़रों के साथ इधर-उधर देखा। वहां कई कमरे थे, और प्रत्येक कमरे में उस जैसी लड़कियां चटाइयों पर पालथी मारकर बैठी हुई थीं, पुस्तकों में से पढ़ रही थीं और स्लेटों पर लिख रही थीं। मुख्याध्यापिका ने भोली को कक्षा के एक कमरे में एक कोने में बैठ जाने के लिए कहा।

[PAGE 57]: भोली को यह नहीं पता था कि वास्तव में स्कूल क्या होता है और वहां क्या होता है, लेकिन वह लगभग अपनी आयु की बहुत सारी लड़कियों को वहां देखकर प्रसन्न थी। उसे आशा थी इन लड़कियों में से शायद कोई लड़की उसकी सहेली बन जाए। कक्षा में जो महिला अध्यापक थी वह लड़कियों को कुछ कह रही थी लेकिन भोली कुछ भी नहीं समझ सकी। वह दीवार पर तस्वीरों को देख रही थी। उनके रंगों ने उसको आकर्षित किया घोड़ा उसी प्रकार से भूरा था जैसे घोड़े पर तहसीलदार उनके गांव के दौरे पर आया था; बकरी उनके पड़ोसी की बकरी की तरह ही काली थी; तोता उसी प्रकार से हरा था जैसा उसने आम के बगीचे में देखा था; और गाय बिल्कुल उनकी लक्ष्मी के समान थी। और अचानक ही भोली ने देखा कि अध्यापिका उसके पास खड़ी थी, और उस पर मुस्कुरा रही थी। “छोटी बच्ची, तुम्हारा क्या नाम है ?”

“भ-भो-भो-” वह इससे अधिक नहीं हकला सकी। तब उसने रोना शुरू कर दिया और विवश बाढ़ के रूप में उसकी आंखों से आंसू बहने लगे। वह सिर नीचे किए हुए कोने में बैठी रही, उसमें उन लड़कियों की ओर देखने का साहस नहीं हुआ, जिन्हें वह जानती थी, अभी तक उस पर हंस रही थीं। जब स्कूल की घंटी बजी, सभी लड़कियां तेज गति से कक्षा से बाहर भाग गई, लेकिन भोली में अपने उस कोने को छोड़ने का साहस नहीं हुआ। उसका सिर अभी भी झुका हुआ था, वह अभी भी सुबक रही थी। “भोली। अध्यापिका की आवाज़ इतनी नर्म और शांत थी कि अपने पूरे जीवन में उसने इस प्रकार की आवाज़ कभी नहीं सुनी थी। यह उसके हृदय को छू गई। “उठो,” अध्यापिका ने कहा। यह आदेश नहीं था, परंतु मात्र एक मित्रतापूर्वक सुझाव था। भोली उठ गई। “अब मुझे अपना नाम बताओ।” उसके सारे शरीर पर पसीना आ गया। क्या उसकी हकलाती हुई जुबान उसे पुनः अपमानित करवाएगी ? उसे दयालु महिला के लिए, फिर भी, एक बार उसे प्रयास करने का निर्णय किया। उसकी आवाज़ इतनी शांत थी; वह उस पर नहीं हंसेगी। “भ-भ-भो-भो-” उसने हकलाकर बोलना शुरू किया। “शाबाश, शाबाश” अध्यापिका ने उसका साहस बढ़ाया। “आइए, अब पूरा नाम ?” “भ-भ-भो-भोली” आखिरकार वह उसे कह पाई और उसने राहत महसूस की जैसे कि यह महान् उपलब्धि हो। “शाबाश।” अध्यापिका ने उसे स्नेहपूर्वक थपथपाया और कहा, “अपने हृदय से डर को बाहर निकाल दो और तुम भी दूसरों की तरह बोलने में सक्षम हो जाओगी।” भोली ने ऊपर की ओर देखा जैसे पूछना चाहती है, “सचमुच?”

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[PAGE 58]: “हां, हां, यह बहुत आसान होगा। तुम सिर्फ हर रोज स्कूल आओ। क्या तुम आओगी?” भोली ने हां में सिर हिलाया। ‘नहीं, इसे चिल्लाकर कहो।’ “ह-ह-हाँ” और भोली स्वयं हैरान थी कि वह यह सही बोल पाई थी। “क्या मैंने तुम्हें नहीं बताया? अब यह किताब ले लो।” किताब सुंदर तस्वीरों से भरी हुई थी और तस्वीरें रंगीन थीं कुत्ता, बिल्ली, बकरी, घोड़ा, तोता, बाघ और बिल्कुल लक्ष्मी जैसी गाय। और प्रत्येक तस्वीर के साथ काले बड़े अक्षरों में एक शब्द लिखा था। “एक महीने में तुम इस किताब को पढ़ने में सक्षम हो जाओगी। तब मैं तुम्हें एक बड़ी किताब दूंगी, और तब उससे भी बड़ी किताब। समय आने पर तुम गांव में अन्य किसी से भी अधिक शिक्षित हो जाओगी। तब कोई भी तुम पर नहीं हंस पाएगा। लोग तुम्हारी बात को सम्मानपूर्वक सुनेंगे और तुम बिना थोड़ी-सी भी हकलाहट के बोल सकोगी। समझी ? अब घर जाओ और कल सुबह जल्दी आ जाना।

भोली को ऐसा लगा मानो अचानक गांव के मंदिर की सभी घंटियां बज रही थीं और स्कूल के सामने वाले घर के सामने खड़े वृक्षों में बड़े-बड़े लाल रंग के फूल खिल गए। उसका हृदय एक नई आशा और एक नए जीवन से धड़क रहा था। इसी प्रकार वर्षों बीत गए। गांव एक छोटा कस्बा बन गया। छोटा-सा प्राथमिक विद्यालय, उच्च विद्यालय बन गया। अब लोहे के शैड के नीचे एक छोटा सिनेमा और रूई धुनने की एक मिल लग गई। डाक गाड़ी ने उनके रेलवे स्टेशन पर ठहरना आरंभ कर दिया। एक रात, रात्रि भोजन के पश्चात रामलाल ने अपनी पत्नी से पूछा, “तब, क्या मैं बिशंबर का प्रस्ताव स्वीकार कर लूं ?” . “हां, अवश्य ही,” उसकी पत्नी ने कहा। “भोली ऐसा समृद्ध दूल्हा पाकर बहुत भाग्यशाली रहेगी। एक बड़ी दुकान, एक उसका अपना घर और मैंने सुना है कि उसके कई हज़ार रुपए बैंक में भी हैं। साथ ही वह दहेज की भी मांग नहीं कर रहा है।” “वह तो ठीक है, लेकिन वह इतना जवान नहीं है आपको पता है लगभग उतनी उम्र का है जितनी का मैं हूं और वह लंगड़ाता भी है। साथ ही, उसकी पहली पत्नी के बच्चे भी काफी बड़े हैं।”

[PAGE 59]: “तो इससे क्या फर्क पड़ता है ?” उसकी पत्नी ने उत्तर दिया। “पैंतालीस या पचास-यह आदमी के लिए अधिक आयु नहीं है। हम भाग्यशाली हैं कि वह दूसरे गांव का है और वह उसके चेचक के दागों और उसके बुद्धि के अभाव को नहीं जानता। यदि हम इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करते हैं, तो वह सारी जिंदगी कुंवारी रह सकती है।” “हां, लेकिन मैं हैरान हूं कि भोली क्या कहेगी।” .. “वह पागल लड़की क्या कहेगी ? वह तो एक गूंगी गाय के समान है।” “हो सकता है कि तुम ठीक कह रही हो।” रामलाल बुड़बुड़ाया। आंगन के दूसरे कोने में, भोली अपनी चारपाई पर जागती हुई पड़ी थी, अपने माता-पिता की कानाफूसी वाली बातचीत को । सुन रही थी।

बिशंबर नाथ एक समृद्ध पंसारी था। वह शादी के लिए मित्रों और रिश्तेदारों की एक बड़ी बारात लेकर आया। बारात के आगे-आगे पीतल का बैंड एक भारतीय फिल्म की लोकप्रिय धुन बजा रहा था, और दूल्हा एक सजी हुई घोड़ी पर सवार था। रामलाल इतनी शानो-शौकत को देखकर अत्यधिक प्रसन्न हो रहा था। उसने कभी स्वप्न भी नहीं लिया था कि उसकी चौथी बेटी की शादी इतनी शानदार होगी। भोली की बड़ी बहनें, जो उस अवसर पर आई हुई थीं, उसके भाग्य से ईर्ष्या कर रही थीं। जब शुभ घड़ी आई पंडित ने कहा, “दुल्हन को लाइए।” भोली, लाल रंग की रेशमी, दुल्हन वाली पोशाक पहने, पवित्र अग्नि के पास बने दुल्हन वाले स्थान तक लाई गई। “दुल्हन के गले में माला डाल दो,” विशंबर के एक मित्र ने उससे आग्रह करते हुए कहा।
दूल्हे ने पीले रंग के गेंदों की माला उठाई। एक महिला ने दुल्हन के चेहरे पर से रेशमी धूंघट को पीछे सरका दिया। बिशंबर ने तेजी से नज़र डाली। माला उसके हाथों में अटकी हुई रह गई। दुल्हन ने धीरे से अपना घूघट नीचे कर लिया।

“क्या तुमने उसे देख लिया है ?” विशंबर ने अपने से अगले मित्र से पूछा। “उसके चेहरे पर चेचक के दाग हैं।” “तो क्या हुआ ? तुम भी तो जवान नहीं हो।” “हो सकता है। लेकिन यदि मैं इससे शादी करूंगा तो, इसके पिता को मुझे पांच हज़ार रुपए देने होंगे।” रामलाल आगे बढ़ा और पगड़ी-अपना सम्मान-विशंबर के पैरों में रख दिया। “मुझे इस तरह अपमानित मत कीजिए। दो । हज़ार रुपए ले लीजिए।” “नहीं। पांच हज़ार वरना हम वापस जाते हैं। अपनी बेटी को रखिए।” “कृपया, थोड़ा-सा विचारशील बनो। यदि आप वापिस चले गए, तो मैं गांव में कभी भी अपना मुंह नहीं दिखा सकूँगा।” “तब पांच हजार रुपए निकालो।” चेहरे से आंसू गिराते हुए रामलाल अंदर गया, तिजोरी खोली और नोटों को गिना। उसने बंडल को दूल्हे के कदमों में रख दिया।

[PAGE 80]: विशंबर के लालची चेहरे पर एक विजयी मुस्कान चमकी। उसने जुआ खेला था और जीत गया था “मुझे माला दीजिए,” उसने घोषणा की। एक बार फिर दुल्हन के चेहरे से बूंघट हटाया गया, लेकिन इस बार उसकी नज़रें नीचे की ओर नहीं झुकी थी। वह ऊपर की ओर देख रही थी, सीधे अपने होने वाले पति की ओर देख रही थी और उसकी आंखों में न तो गुस्सा था और न ही घृणा, केवल ठंडा तिरस्कार था। बिशम्बर ने दुल्हन के गले में डालने के लिए माला उठाई; लेकिन इससे पहले वह ऐसा कर पाता, भोली का हाथ बिजली की रेखा की तरह बाहर निकाला और माला अग्नि में जा गिरी। वह उठकर खड़ी हो गई और उसने पूंघट को उतारकर फेंक दिया। “पिताजी!” भोली ने स्पष्ट ऊंची आवाज़ में कहा; और उसके पिता, माता, बहनें, भाई, रिश्तेदार और पड़ोसी उसे बिना ज़रा-सी हकलाहट के बोलते हुए सुनकर हैरान रह गए। “पिताजी! अपना धन वापस ले लीजिए। मैं इस आदमी से शादी करने वाली नहीं हूं।”

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[PAGE 81]: रामलाल हक्का-बक्का रह गया। मेहमानों ने कानाफूसी करनी शुरू कर दी “इतनी बेशर्म! इतनी कुरूप और इतनी बेशर्म!” “भोली, क्या तुम पागल हो ?” रामलाल चिल्लाया “तुम अपने परिवार को अपमानित करना चाहती हो ? हमारी इज्जत का कुछ तो ख्याल रखो!” “आपकी इज्जत की खातिर” भोली ने कहा, “मैं इस लंगड़े, बूढ़े आदमी से शादी करने को तैयार हो गई थी। लेकिन मैं ऐसे कमीने, लालची और घृणित कायर को अपने पति के रूप में स्वीकार नहीं करूंगी। मैं नहीं, मैं नहीं, मैं नहीं।” “कितनी बेशर्म लड़की है। हम भी सोच रहे थे कि वह तो हानि रहित गूंगी गाय है।” भोली बूढ़ी महिला की ओर हिंसक रूप से मुड़ी, “हां, आंटी, आप ठीक कह रही हो। आप सभी सोचते थे मैं एक गूंगी गाय हूं। इसीलिए आप मुझे इस हृदय विहीन प्राणी को सौंपना चाहते थे। लेकिन अब गूगी गाय, हकलाकर बोलने वाली मूर्ख, बोल रही है। क्या आप कुछ और सुनना चाहते हो ?” बिशंबर नाथ, पंसारी ने बारात के साथ वापस चलना शुरू कर दिया। घबराए हुए बैंड वालों ने सोचा कि शादी की रस्म पूरी हो गई है और उन्होंने रस्म का अंतिम गीत बजाया।

रामलाल जमीन में गड़ा हुआ-सा खड़ा था, उसका सिर दुःख और लज्जा के बोझ से झुका हुआ था। पवित्र अग्नि की लपटें धीरे-धीरे बुझ गई। सभी जा चुके थे। रामलाल भोली की ओर मुड़ा और कहा, “लेकिन अब तेरा क्या होगा, अब कोई भी तुमसे शादी नहीं करेगा। हम तेरा क्या करेंगे ?” और सुलेखा ने शांत और स्थिर आवाज़ में कहा, “आप चिंता मत कीजिए, पिताजी! बुढ़ापे में मैं आपकी और माता जी की सेवा करूंगी। और मैं उसी स्कूल पढ़ाया करूंगी जहां पर मैंने इतना सीखा है। क्या यह ठीक नहीं है, मैडम ?” इस समूचे समय अध्यापिका एक कोने में खड़ी हुई थी, इस नाटक को देख रही थी। “हां, भोली, निःसंदेह,” उसने उत्तर दिया और उसकी मुस्कुराती हुई आंखों में गहरी संतुष्टि की चमक थी जो कि एक कलाकार उस समय महसूस करता है जब वह अपनी सर्वोत्तम कलाकृति को पूर्ण करने का विचार करता है।

Bholi Word – Misndgs in Hindi

[PAGE 54]: Expectations = hopes (आशाए); simpleton = very simple (भोली/सादी); numberdar = an official who collects revenue (नंबरदार); fallen off = dropped (गिर जाना); cot = bed (चारपाई); damaged= injured (क्षतिग्रस्त); brain = mind (मस्तिष्क/दिमाग); remained = to continue (रहना); backward = retarted (पिछड़ा हुआ); pretty = beautiful (सुंदर); attack = to assault (आक्रमण); small-pox = a disease (चेचक का रोग); entire = complete (समूचा/संपूण); permanently = for ever (स्थाई रूप से); disfigured = made ugly (कुरूप बना दिया); pock-marks = marks left by smallpox (चेचक के निशान); stammered = spoke with halts (हकलाकर बोलना); mimicked = imitated (नकल करना); youngest = smallest in age (सबसे छोटी); prosperous = rich (संपन्न); plenty = very much (बहुत अधिक); except = leaving aside (सिवाय); strong = powerful (शक्तिशाली); settled = fixed (तय हो जाना); bridegrooms = male matches (दूल्हा); worried = anxious (चिंतित); intelligence = brilliance (प्रतिभा)।

[PAGE 55]: Perform = to carry out (संपन्न करना); ceremony = religious rites (उत्सव); revenue = state’s income (राजस्व); representative = a member of the group (प्रतिनिधि); consulted = to ask advice of (परामर्श किया); crazy = mad (पागल); frightened = scared (भयभीत)।

[PAGE 56]: Shouted = cried (चिल्लाया); terror = dread (भय); grip = hold (पकड़); decent = nice (बढ़िया/उत्तम); passed on = sent forward (आगे भेज देना); cared = worried (परवाह करना); mend = to repair (मरम्मत करना); shrunk = to have folds (सिकुड़ जाना); matted = entangled (उलझे हुए); squatted’= sat on the heels (पालथी मारकर बैठना)।

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[PAGE 57]: Exactly = accurately (सही रूप से); glad = happy (प्रसन्न); almost = nearly (लगभग); present = existing now (उपस्थित); hoped = desired (आशा की); understand = to know (समझना); fascinated = attracted (आकर्षित होना); orchard = garden (बगीचा); noticed = observed (देखा); smiling = laughing slightly (मुस्कुराना); flowed = to run as a stream (बहना); scurried = hurried out (तेजी से बाहर आना); sobbing = weeping in suppressed manner (सुबकते हुए); soothing = be calming (सुहावनी); command = order (आदेश); sweat = perspiration (पसीना); disgrace = humiliate (अपमान); decided = took decision (निर्णय लिया); effort = attempt (प्रयास); encouraged = urged (हौंसला दिया); relieved = got free (मुक्त होना); achievement = attainment (उपलब्धि); patted = stroked (थपथपाना); affectionately = lovingly (प्यार से)।

[PAGE 58] : Nodded = shook the head (सिर हिलाना); astonished = surprised (हैरान); slightest = least (हल्का-सा/थोड़ा-सा); blossomed = put forth flowers (फूल खिल जाना); throbbing = pulsating (धड़कते हुए); ginning = separating raw cotton from its seeds (रूई धुनना); limps = walks lamely (लंगड़ाता है)।

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[PAGE 59] : Proposal = scheme (प्रस्ताव); witless = foolish (मूर्ख, तर्कहीन); muttered = spoke slowly (बुड़बुड़ाया); courtyard = an enclosure before a house (आंगत); conversation = personal talk (बातचीत); procession = a group of persons moving forward (जुलूस); decorated = adorned (सजाया हुआ); overjoyed = too much happy (अत्यधिक प्रसन्न); pomp = splendour (शान-शौकत); splendour = grandeur (शान); grand = great (विशाल); occasion = chance (अवसर); envious = jealous (ईर्ष्यालु); auspicious = pious (पवित्र); clad in = dressed in (पहने हुए); prompted = urged (आग्रह किया); veil = mask (घूंघट); glance = look (देखना); poised = held in balance (साधा); humiliate = downcast (अपमानित करना); considerate = regard for others (विचारशील); streaming = flowing (बहना)।

[PAGE 60] : Triumphant = victorious (विजयी); gambled = played a game of chance for money (जुआ खेला); announced = declared (घोषणा की); straight = direct (सीध); prospective = would be (होने वाला); contempt = hatred (घृणा); struck out = hit out (टकराना); streak = a long irregular line of colour (धारा/रेखा); startled = amazed (चकित) ।

[PAGE 61] : Thunderstruck = amazed (चकित); contemptible = hateful (घृणित); coward = fearful person (कायर); dumb = unable to speak (गूंगी); confused = bewildered (घबराए हुए); ceremony = a religious observance (रस्म); rooted = fixed to the ground (जड़ हो जाना); grief = sorrow (दुःख); sacred = pious (पवित्र); steady = firm (दृढ)); satisfaction = gratification (संतुष्टि); contemplates = meditates (विचार करना); completion = accomplishment (पूर्ण होना); masterpiece = a piece of highest workmanship (सर्वोत्तम कलाकृति)।

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