Jharkhand Board JAC Class 11 History Solutions Chapter 10 मूल निवासियों का विस्थापन Textbook Exercise Questions and Answers.
JAC Board Class 11 History Solutions Chapter 10 मूल निवासियों का विस्थापन
Jharkhand Board Class 11 History मूल निवासियों का विस्थापन In-text Questions and Answers
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क्रियाकलाप 1: यूरोपीय लोगों और अमरीकी मूल निवासियों के मन में एक-दूसरे की जो छवि थी तथा प्रकृति को देखने के जो उनके अलग-अलग तरीके थे, उन पर विचार करें।
उत्तर:
यूरोपीय लोगों तथा अमरीकी मूल निवासियों का एक-दूसरे के प्रति दृष्टिकोण
यूरोपीय लोगों तथा अमरीकी मूल निवासियों के एक-दूसरे के प्रति दृष्टिकोण का विवेचन निम्नानुसार है –
1. यूरोपीय लोगों द्वारा अमरीकी मूल निवासियों को ‘असभ्य’ समझना – अठारहवीं शताब्दी में पश्चिमी यूरोप के लोग सभ्य मनुष्य की तरह पहचान साक्षरता, संगठित धर्म तथा शहरीकरण के आधार पर ही करते थे। अतः उन्हें अमरीकी मूल निवासी ‘असभ्य’ प्रतीत हुए। इंग्लैण्ड के कवि वर्ड्सवर्थ ने अमरीकी मूल निवासियों के विषय में लिखा है कि, ” वे जंगलों में रहते हैं, जहाँ कल्पना – शक्ति के पास उन्हें भाव – सम्पन्न करने, उन्हें ऊँचा उठाने या परिष्कृत करने के अवसर बहुत कम हैं। ”
2. अमरीकी मूल निवासियों द्वारा यूरोपीय लोगों को लालची समझना – अमरीका के मूल निवासी यूरोपीय लोगों के साथ जिन चीजों का आदान-प्रदान करते थे, वे उनके लिए मित्रता में दिए गए ‘उपहार’ थे। इसके पीछे उनका कोई स्वार्थ संजीव पास बुक्स नहीं था, परन्तु धनी बनने की आशा में यूरोपीय लोगों के लिए मछली और रोएँदार खाल माल थे, जिन्हें वे यूरोप में बेच कर भारी मुनाफा कमाना चाहते थे। मूल निवासियों को सुदूर यूरोप में स्थित ‘बाजार’ का तनिक भी ज्ञान नहीं था।
उनके लिए यह बात रहस्य बनी हुई थी कि यूरोपीय व्यापारी उनकी वस्तुओं के बदले में कभी तो उन्हें बहुत सारा सामान देते थे और कभी बहुत कम। वे यूरोपीय लोगों के लालच को देख कर दुःखी होते थे। मूल निवासियों की कई लोककथाओं में यूरोपीय लोगों का उपहास किया गया था और उनका वर्णन लालची तथा धूर्त के रूप में किया गया था। प्रचुर मात्रा में रोएंदार खाल प्राप्त क़रने के लिए उन्होंने सैकड़ों ऊदबिलावों की हत्या कर दी थी। इससे मूल निवासी बड़े परेशान थे। उन्हें डर था कि जानवर उनसे इस विनाश – लीला का बदला लेंगे।
3. जंगल के विषय में अलग-अलग दृष्टिकोण-मूल निवासियों ने उन मार्गों को चिन्हित किया, जो यूरोपीय लोगों के लिए अदृश्य थे। यूरोपीय लोग कटे हुए जंगलों के स्थान पर मक्के के खेत देखना चाहते थे। मूल निवासी अपनी आवश्यकताओं के लिए फसलें उगाते थे, न कि बिक्री और मुनाफे के लिए। वे जमीन का मालिक बनने को गलत मानते थे।
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क्रियाकलाप 2 : अमरीकी इतिहासकार होवर्ड स्पाडेक के इस कथन पर टिप्पणी करें : ” अमरीकी क्रान्तिका जो प्रभाव गोरे आबादकारों के लिए था, उससे ठीक विपरीत मूल निवासियों के लिए था – फैलाव सिकुड़न बन गया, लोकतन्त्र तानाशाही बन गया, सम्पन्नता विपन्नता बन गई और मुक्ति कैद बन गई। ”
उत्तर:
अमरीकी मूल निवासियों की दशा दयनीय थी। अमरीकी क्रान्ति से गोरे आबादकार ही लाभान्वित हुए। इसके परिणामस्वरूप गोरे लोगों का प्रशासन और राजनीति में वर्चस्व स्थापित हो गया। उनकी धन-सम्पन्नता में वृद्धि हुई और वे समाज तथा राजनीति में अत्यधिक प्रभावशाली एवं शक्तिशाली बन गए। परन्तु इसके विपरीत अमरीकी मूल निवासियों की दशा शोचनीय बनी रही। उनके लिए लोकतन्त्र तानाशाही बन गया, सम्पन्नता विपन्नता बन गई और मुक्ति कैद बन गई। मूल निवासी छोटे इलाकों में कैद कर दिए गए थे जिन्हें ‘रिजर्वेशन्स’ कहा जाता था। जार्जिया प्रान्त के लगभग 15000 चिरोकियों को उनकी जमीनों से बेदखल कर दिया गया।
संयुक्त राज्य अमेरिका में लोकतान्त्रिक अधिकार ( राष्ट्रपति और कांग्रेस के प्रतिनिधियों के चुनाव में वोट देने का अधिकार) और सम्पत्ति का अधिकार दोनों केवल गोरे आबादकारों के लिए ही थे, मूल निवासियों के लिए नहीं। मूल निवासी अपनी संस्कृति को पूरी तरह से निभा नहीं सकते थे। उन्हें नागरिकता के अधिकारों से भी वंचित रखा जाता था । स्वास्थ्य एवं शिक्षा सुविधाएँ भी अपर्याप्त थीं।
Jharkhand Board Class 11 History मूल निवासियों का विस्थापन Text Book Questions and Answers
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
दक्षिणी और उत्तरी अमरीका के मूल निवासियों के बीच के फर्कों से सम्बन्धित किसी भी बिन्दु पर टिप्पणी करिए।
उत्तर:
(i) दक्षिणी अमरीका का आधार कृषि था। वहाँ जमीन खेती के लिए बहुत उपजाऊ नहीं थी, इसलिए लोगों ने पहाड़ी क्षेत्रों में सीढ़ीदार खेत बनाए और जल निकासी तथा सिंचाई की प्रणालियों का विकास किया। वहाँ खेती बड़े पैमाने पर की जाती थी। मक्का, आलू आदि प्रमुख फसलें थीं। उत्तरी अमरीका के लोगों ने बड़े पैमाने पर खेती करने का प्रयास नहीं किया। वे अपनी आवश्यकताओं से अधिक उत्पादन नहीं करते थे। वे मछली और मांस खाते थे और सब्जियाँ तथा मकई उगाते थे। वे प्रायः मांस की खोज में लम्बी यात्राओं पर जाया करते थे। मुख्य रूप से उन्हें ‘बाइसन’ अर्थात् उन जंगली भैंसों की तलाश रहती थी, जो घास के मैदानों में घूमते थे। परन्तु वे उतने ही जानवरों का वध करते थे, जितने की उन्हें भोजन के लिए आवश्यकता होती थी।
(ii) चूंकि उत्तरी अमेरिका के मूल निवासियों ने बड़े पैमाने पर खेती नहीं की और वे अधिशेष अन्न का उत्पादन नहीं करते थे। इसलिए वहाँ केन्द्रीय तथा दक्षिणी अमरीका की भाँति राजशाही तथा साम्राज्य का विकास नहीं हुआ। वे जमीन पर अपना स्वामित्व स्थापित करने की आवश्यकता अनुभव नहीं करते थे तथा उससे मिलने वाले भोजन और आश्रय से सन्तुष्ट थे दूसरी ओर दक्षिणी अमरीका में और मध्य अमेरिका में एजटेक, इंका आदि लोगों ने विशाल साम्राज्य स्थापित कर रखे थे। वे अपनी भूमि के लिए युद्ध करते थे।
प्रश्न 2.
आप उन्नीसवीं सदी के संयुक्त राज्य अमेरिका में अंग्रेजी के उपयोग के अतिरिक्त अंग्रेजों के आर्थिक और सामाजिक जीवन की कौनसी विशेषताएँ देखते हैं?
उत्तर:
(1) जमीन के प्रति यूरोपीय लोगों का दृष्टिकोण मूल निवासियों से अलग था। ब्रिटेन और फ्रांस से आए कुछ प्रवासी ऐसे थे जो छोटे पुत्र होने के कारण पिता की सम्पत्ति के उत्तराधिकारी नहीं बन सकते थे। वे इसी कारण से अमरीका में जमीन के स्वामी बनना चाहते थे।
(2) संयुक्त राज्य अमरीका में जर्मनी, स्वीडन, इटली आदि देशों से ऐसे आप्रवासी भी बड़ी संख्या में आए, जिनकी जमीनें बड़े किसानों ने खरीद ली थीं। वे ऐसी जमीन चाहते थे जिसे वे अपना कह सकें।
(3) पोलैण्ड से आए लोगों को प्रेयरी चरागाहों में काम करना अच्छा लगता था जो उन्हें अपने देश के स्टेपीज (घास के मैदान) की याद दिलाते थे।
(4) यूरोपीय लोगों ने संयुक्त राज्य अमेरिका में बहुत कम मूल्य पर बड़ी सम्पत्तियाँ खरीद लीं। उन्होंने जमीन को साफ किया और खेती का विकास किया। उन्होंने धान, कपास आदि की फसलें उगाईं, जो यूरोप में नहीं उगाई जा सकती थीं। इन्हें यूरोप में ऊँचे मुनाफे पर बेचा जा सकता था।
(5) उन्होंने अपने खेतों को जंगली जानवरों से बचाने के लिए शिकार के द्वारा उनका सफाया कर दिया। 1873 में कंटीले तारों की खोज के पश्चात् वे इन जंगली जानवरों से पूर्णतया सुरक्षित हो गए।
(6) अंग्रेजों ने संयुक्त राज्य अमेरिका में अपनी बस्तियों के विस्तार के लिए खरीदी गई जमीन से वहाँ के मूल निवासियों को हटा दिया। उन्होंने या तो बहुत कम कीमत देकर या धोखे से उनसे भूमि हथिया ली।
(7) उच्च अधिकारी मूल निवासियों की बेदखली को गलत नहीं मानते थे।
प्रश्न 3.
अमरीकियों के लिए ‘फ्रंटियर’ के क्या मायने थे?
उत्तर:
यूरोपीय द्वारा जीती गई तथा खरीदी गई भूमि के कारण संयुक्त राज्य अमेरिका की पश्चिमी सीमा (फ्रंटियर) खिसकती रहती थी। इस सीमा के खिसकने के साथ-साथ मूल निवासी भी पीछे खिसकने के लिए विवश किए जाते थे। वे संयुक्त राज्य अमेरिका की जिस सीमा तक पहुँच जाते थे, उसे ‘फ्रंटियर’ कहा जाता था।
प्रश्न 4.
इतिहास की किताबों में आस्ट्रेलिया के मूल निवासियों को शामिल क्यों नहीं किया गया था ?
उत्तर:
इतिहास की किताबों में आस्ट्रेलिया के मूल निवासियों को शामिल नहीं किए जाने के प्रमुख कारण निम्नलिखित थे –
(i) इतिहासकारों को यूरोपीय लोगों की तुलना में आस्ट्रेलिया के मूल निवासियों का निम्न कोटि का जीवन-स्तर, आर्थिक पिछड़ापन आदि आकर्षित नहीं कर सका।
(ii) इतिहासकार केवल यूरोपीय लोगों की उपलब्धियों से चकाचौंध थे और उनका वर्णन करना ही अपना कर्त्तव्य मानते थे। उन्होंने यह जानने का प्रयास ही नहीं किया कि आस्ट्रेलिया के मूल निवासियों के पास अपनी कथाओं, कपड़ासाजी, चित्रकारी, हस्तशिल्प के कौशल का विशाल भण्डार था और वह भण्डार आदर तथा अभिलेखन के योग्य था।
(iii) एक मूल निवासी द्वारा कैप्टन कुक की हत्या कर दिए जाने से यूरोपीय लोग नाराज थे। कैप्टन कुक की हत्या से उत्पन्न कटुता के कारण यूरोपवासियों ने आस्ट्रेलिया के विषय में जानकारी देने का प्रयत्न नहीं किया।
(iv) वे इस कारण भी मूल निवासियों से नाराज थे कि इंग्लैण्ड से केवल अपराधी लोग. आस्ट्रेलिया भेजे जाते थे और उनके कारावास पूरा होने पर ब्रिटेन वापस न लौटने की शर्त पर उन्हें आस्ट्रेलिया में स्वतन्त्र जीवन व्यतीत करने की अनुमति दी गई थी। इन लोगों ने मूल निवासियों को जबरदस्ती उनकी जमीनों से निकालकर बाहर कर दिया । इससे नफरत का वातावरण पैदा होता चला गया। इस कारण भी यूरोपीय लोगों में मूल निवासियों के प्रति नाराजगी थी।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 5.
लोगों की संस्कृति को समझाने में संग्रहालय की गैलरी में प्रदर्शित चीजें कितनी कामयाब रहती हैं? किसी संग्रहालय को देखने के अपने अनुभव के आधार पर सोदाहरण विचार करिए।
उत्तर:
लोगों की संस्कृति को समझाने में संग्रहालय की गैलरी में प्रदर्शित वस्तुओं का सहायक होना- किसी भी देश के लोगों की संस्कृति को समझने में संग्रहालय की गैलरी में प्रदर्शित वस्तुएँ बड़ी सहायक सिद्ध होती हैं। संग्रहालय में संजीव पास बुक्स विभिन्न प्रकार के औजार, हथियार, मिट्टी के बर्तन, विभिन्न प्रकार के सिक्के, मिट्टी, पत्थर और धातुओं की बनी हुई मूर्तियाँ, विभिन्न प्रकार के शिलालेख, विभिन्न प्रकार के वस्त्र, वेश-भूषाएँ, ग्रन्थ, चित्र आदि उपलब्ध होते हैं। इनकी सहायता से किसी भी देश के लोगों की संस्कृति के बारे में महत्त्वपूर्ण जानकारी मिलती है। आस्ट्रेलिया की आदि संस्कृतियाँ इसका उदाहरण हैं। कक्ष हैं –
अलवर संग्रहालय – अलवर संग्रहालय की स्थापना 1940 में की गई थी। इस संग्रहालय में निम्नलिखित चार –
1. प्रथम कक्ष – प्रथम कक्ष में पत्थर की मूर्तियाँ और शिलालेख हैं।
2. द्वितीय कक्ष – द्वितीय कक्ष में विभिन्न शासकों के वस्त्र, चंवर, सिंगारदान, हाथीदाँत की पंखी, खिलौने, पीतल एवं मिट्टी के बर्तन, चाँदी से निर्मित मेज आदि कला के सुन्दर नमूने उपलब्ध हैं।
3. तृतीय कक्ष – तृतीय कक्ष में हस्तशिल्प कला की अनेक वस्तुएँ जैसे विभिन्न कलाकारों द्वारा बनाए गए चित्र आदि उपलब्ध हैं। इसके अतिरिक्त इसमें ‘शाहनामा’, ‘कुरानशरीफ’, ‘अकबरनामा’, ‘नल-दमयन्ती’ आदि अनेक ग्रन्थ विद्यमान हैं।
4. चतुर्थ कक्ष- इस कक्ष में विभिन्न शासकों एवं योद्धाओं की तलवारें, बन्दूकें, नागफांस, बाघनख आदि अनेक प्रकार के अस्त्र-शस्त्र विद्यमान हैं। संग्रहालय में प्रदर्शित वस्तुओं से किसी भी देश के लोगों के रहन-सहन, वेश-भूषा, धार्मिक विश्वासों, विभिन्न कलाओं, चित्रकला, मूर्तिकला, हस्तशिल्प कला आदि के बारे में जानकारी मिलती है। इनसे लोगों की आर्थिक स्थिति, कला के स्तरों, राजनीतिक स्थिति, विभिन्न शासकों तथा उनकी उपलब्धियों आदि के बारे में महत्त्वपूर्ण जानकारी मिलती है।
प्रश्न 6.
कैलिफोर्निया में चार लोगों के बीच 1880 में हुई किसी मुलाकात की कल्पना कीजिए। ये चार लोग हैं – एक अफ्रीकी गुलाम, एक चीनी मजदूर, गोल्ड रश के चक्कर में आया हुआ एक जर्मन और होपी कबीले का एक मूल निवासी। उनकी बातचीत का वर्णन करिए।
उत्तर:
कैलिफोर्निया संयुक्त राज्य अमेरिका का एक राज्य है। कैलिफोर्निया में चार लोग साथ – साथ रहते थे। इन चार लोगों के बीच प्रायः सबकी छुट्टी के बिना आपसी बातचीत होती रहती थी। इन चार लोगों के बीच 1880 में मुलाकात हुई। ये चार लोग थे –
(1) एक अफ्रीकी गुलाम – जोजेफ
(2) एक चीनी मजदूर – यू-मिन
(3) गोल्ड रश के चक्कर में आया हुआ एक जर्मन व्यापारी – मार्शल
(4) होपी कबीले का एक मूल निवासी बॉव।
उनकी बातचीत का वर्णन निम्नानुसार है –
1. अफ्रीकी गुलाम – जोसेफ – 1861 में दास प्रथा का उन्मूलन हो चुका था। इसलिए अब वह एक स्वतंत्र दास था। वह मार्शल से कहता है कि आप 1850 ई. में अमेरिका आ गये थे। यहाँ आकर आपने सोने के व्यापार से अच्छा लाभ कमाया और एक धनी व्यक्ति हो गए। आपका मकान शानदार तथा सभी सुख-सुविधाओं वाला है। आप एक सहृदय व्यक्ति हैं । इसलिए आप इतने धनी होने के बावजूद हमें कभी-कभी अपने यहाँ दावत पर बुला लेते हैं।
2. चीनी मजदूर – यू मिन- मैं भी जोसेफ के विचारों से पूर्णतः सहमत हूँ कि इतने धनी होने पर भी मार्शल साहब मेरे जैसे रेल विभाग में एक मजदूर के रूप में काम करने वाले व्यक्ति अपने यहाँ दावत पर बुला लेते हैं। आज के युग में हमारे जैसे गरीब को कौन पूछता है ?
3. एक मूल निवासी – बॉव- मेरे पास तो मार्शल साहब की इंसानियत को बखान करने के लिए शब्द ही नहीं हैं। एक दिन मेरी पत्नी अधिक बीमार हो गई, उसे तुरन्त अस्पताल ले जाने हेतु मेरे पास न तो धन था और न गाड़ी। तभी मार्शल साहब यहाँ आकर अपनी कार में मेरी पत्नी को अस्पताल ले गए और उन्होंने बिना बताए उसके इलाज हेतु पैसे भी जमा कर दिए। मैं और मेरा परिवार आपके इस कर्ज को अदा नहीं कर सकता। मार्शल साहब, आप इंसान नहीं देवता हैं।
4. मार्शल – मुझे कैलीफोर्निया आए लगभग 30 वर्ष हो गए हैं और अब मैं अपने मूल देश के बारे में बहुत कुछ भूल चुका हूँ। आप लोगों ने यहाँ मुझे इतना प्यार दिया है कि मैं यहाँ का ही होकर रह गया हूँ। आप लोगों की सेवा करने से मुझे आनंद मिलता है। मैं वास्तव में बहुत खुशकिस्मत हूँ कि मुझे आप जैसे सच्चे मित्र मिले हैं। हमारी मित्रता सदा बनी रहे, यही ईश्वर से कामना है।
मूल निवासियों का विस्थापन JAC Class 11 History Notes
पाठ-सार
1. यूरोपीय साम्राज्यवाद – सत्रहवीं शताब्दी के बाद स्पेन और पुर्तगाल के अमरीकी साम्राज्य का विस्तार नहीं हुआ। दूसरी ओर फ्रांस, हालैण्ड तथा इंग्लैण्ड आदि देशों ने अपनी व्यापारिक गतिविधियों का विस्तार करना तथा अमरीका, अफ्रीका एवं एशिया में अपने उपनिवेश बसाना शुरू कर दिया था। दक्षिण एशिया में कंपनियों ने अपने को राजनीतिक सत्ता का रूप दिया।
स्थानीय शासकों को हराकर पुरानी व्यवस्था को कायम रखते हुए भू-स्वामियों से कर वसूला तथा व्यापारिक लाभ हेतु रेलवे, खदानों तथा बागानों का विकास किया। दक्षिणी अफ्रीका को छोड़कर शेष सम्पूर्ण अफ्रीका में यूरोपवासी सब जगह समुद्र तटों पर ही व्यापार करते रहे। इसके बाद कुछ यूरोपीय देशों में अपने उपनिवेशों के रूप में अफ्रीका का बँटवारा करने का समझौता हुआ। इन उपनिवेशों की राजभाषा अंग्रेजी थी। ( कनाडा को छोड़ कर जहाँ फ्रांसीसी भी एक राज – भाषा है ।)
2. उत्तरी अमरीका – उत्तरी अमरीका का महाद्वीप उत्तर ध्रुवीय वृत्त से लेकर कर्करेखा तक और प्रशान्त महासागर से अटलांटिक महासागर तक फैला है। कनाडा का 40 प्रतिशत क्षेत्र जंगलों से ढका है। वहाँ कई क्षेत्रों में तेल, गैस और खनिज संसाधन उपलब्ध हैं। वहाँ अनेक बड़े उद्योग हैं तथा गेहूँ, मकई, फल बड़े पैमाने पर पैदा किए जाते हैं।
3. उत्तरी अमरीका के मूल निवासी- उत्तरी अमरीका के सबसे पहले निवासी 30,000 वर्ष पहले बेरिंग स्ट्रेट्स के आर-पार फैले एशिया से आए और 10,000 वर्ष पहले अन्तिम हिमयुग के दौरान वे दक्षिण की ओर बढ़े। वे लोग नदी – घाटी के साथ-साथ बने गाँवों में समूह बनाकर रहते थे। वे मछली और मांस खाते थे तथा सब्जियाँ और मकई उगाते थे। उन्होंने बड़े पैमाने पर खेती करने का कोई प्रयास नहीं किया। उनके बीच औपचारिक सम्बन्ध थे। वे परस्पर मित्रता स्थापित करते थे तथा उपहारों का आदान-प्रदान करते थे। वे कुशल कारीगर थे और सुन्दर वस्त्र पहनते थे।
4. यूरोपियनों से मुकाबला – 17वीं सदी में यूरोपीय लोग उत्तरी अमेरिकी तट पर पहुँचे। ये लोग मछली और रोएंदार खाल के व्यापार के लिए आए थे। इसमें उन्हें शिकार कुशल देसी लोगों की ओर से अपेक्षित मदद मिली। देसी लोग अपने कबीलों में बने हस्तशिल्पों के बदले कंबल, लोहे के बर्तन, बंदूकें और शराब प्राप्त करते थे। जल्दी ही वे शराब की आदत के शिकार हो गए। इसने यूरोपीय व्यापारियों को उन पर शर्तें थोपने में सक्षम बताया।
5. पारस्परिक धारणाएँ – यूरोपियन लोगों को अमरीका के मूल निवासी ‘असभ्य’ या उदात्त उत्तम जंगली प्रतीत हुए। यूरोपीय लोग वहाँ से मछली और रोएँदार खाल प्राप्त कर यूरोप में बेचना चाहते थे और मुनाफा कमाना चाहते थे। बहुत से यूरोपीय लोग धार्मिक अत्याचारों से बचने के लिए यूरोप छोड़ कर अमरीका में आकर बस गए। कनाडा तथा संयुक्त राज्य अमरीका 18वीं सदी के अन्त में अस्तित्व में आए। अमरीका ने कई विशाल क्षेत्रों को खरीद लिया तथा उसने युद्ध में दक्षिणी अमरीका का अधिकांश भाग मैक्सिको से जीत लिया। संयुक्त राज्य अमरीका की पश्चिमी सरहद खिसकती रहती थी और जैसे-जैसे यह खिसकती जाती, मूल निवासी भी पीछे खिसकने को बाध्य किए जाते।
दक्षिण अमरीका के बागान – मालिकों ने अफ्रीका से दास खरीदे। दास-प्रथा विरोधी समूहों के विरोध के चलते वहाँ दासों के व्यापार पर तो रोक लग गई, परन्तु जो अफ्रीकी संयुक्त राज्य अमरीका में थे, वे और उनके बच्चे दास ही बने रहे। 1861-65 में अमरीका में दास प्रथा को जारी रखने वाले और उसे समाप्त करने की वकालत करने वाले राज्यों के बीच युद्ध हुआ जिसमें दासता – विरोधियों की जीत हुई। दास-प्रथा समाप्त कर दी गई।
6. अपनी जमीन से मूल निवासियों की बेदखली – जब अमरीका ने अपनी बस्तियों का विस्तार करना शुरू किया, तो मूल निवासियों को वहाँ से हटने के लिए प्रेरित या बाध्य किया गया। उन्हें जमीनों की जो कीमतें दी गईं, वे बहुत कम थीं। 1832 में अमेरिका के राष्ट्रपति जैक्सन ने चिरोकी कबीले के लोगों को अपनी जमीन से हटाकर | विस्तृत अमरीकी भूमि की ओर खदेड़ने के लिए अमरीकी सेना भेज दी। जिन 15,000 लोगों को वहाँ से हटने पर बाध्य किया गया, उनमें से एक-चौथाई मौत के मुँह में चले गए।
8. गोल्ड रश और उद्योगों में वृद्धि – 1840 में संयुक्त राज्य अमरीका के कैलीफोर्निया में सोने के कुछ चिन्ह मिले। इसने ‘गोल्ड रश’ को जन्म दिया। हजारों लोग अपने भाग्य – निर्माण की आशा में अमरीका पहुँचे। इसके चलते पूरे महाद्वीप में रेलवे लाइनों का निर्माण हुआ जिसके लिए हजारों चीनी मजदूरों की नियुक्ति हुई। संयुक्त राज्य अमरीका तथा कनाडा में औद्योगिक नगरों का विकास हुआ और अनेक कारखानों की स्थापना हुई। बड़े पैमाने पर खेती का भी विस्तार हुआ।
9. संवैधानिक अधिकार – अमेरिका के संविधान में व्यक्ति के ‘सम्पत्ति के अधिकार’ को शामिल किया गया, जिसे रद्द करने की छूट राज्य को नहीं थी। परन्तु लोकतान्त्रिक अधिकार और सम्पत्ति का अधिकार दोनों केवल गोरे लोगों के लिए थे।
10. परिवर्तन की लहर – 1934 में इण्डियन री आर्गेनाइजेशन एक्ट पारित किया गया जिसके द्वारा रिजर्वेशन्स में मूल निवासियों को जमीन खरीदने तथा ऋण लेने का अधिकार प्राप्त हुआ। 1954 में अनेक मूल निवासियों ने अपने द्वारा तैयार किए गए ‘डिक्लेरेशन ऑफ इण्डियन राइट्स’ में इस शर्त के साथ संयुक्त राज्य अमरीका की नागरिकता स्वीकार की कि उनके रिजर्वेशन्स वापस नहीं लिए जायेंगे और उनकी परम्पराओं में हस्तक्षेप नहीं किया जायेगा।
11. आस्ट्रेलिया – 18वीं सदी के अन्तिम दौर में आस्ट्रेलिया में मूल निवासियों के 350 से 750 तक समुदाय थे। हर समुदाय की अपनी भाषा थी। आस्ट्रेलिया के प्रारम्भिक अधिकांश आबादकार इंग्लैण्ड से निर्वासित होकर आए थे और उनके कारावास की सजा पूरी होने पर ब्रिटेन न लौटने की शर्त पर उन्हें आस्ट्रेलिया में स्वतन्त्र जीवन जीने की अनुमति दे दी गई थी। उन्होंने खेती के लिए ली गई जमीन से मूल निवासियों को निकालना शुरू कर दिया।
12. परिवर्तन की लहर – आस्ट्रेलिया के मूल निवासियों की संस्कृतियों का अध्ययन करने हेतु विश्वविद्यालयी विभागों की स्थापना हुई है। कला – दीर्घाओं में देशी कलाओं की दीर्घाएँ शामिल की गई हैं। अब मूल निवासियों ने अपने जीवन – इतिहासों को लिखना शुरू किया है। 1974 से ‘बहुसंस्कृतिवाद’ आस्ट्रेलिया की राजकीय नीति रही है, जिसने मूल निवासियों की संस्कृतियों और यूरोप तथा एशिया के आप्रवासियों की तरह – तरह की बहुसंस्कृतियों को समान आदर दिया है।
VI. महत्त्वपूर्ण तिथियाँ तथा घटनाएँ
तिथि | कनाडा |
1701 | क्यूबेक के मूल निवासियों के साथ फ्रांसीसियों का समझौता |
1763 | क्यूबेक पर ब्रिटेन की विजय |
1774 | क्यूबेक एक्ट |
1791 | कनाडा संवैधानिक एक्ट |
1837 | फ्रांसीसी कनाडाई विद्रोह |
1840 | उच्चतर और निम्नतर कनाडा की कैनेडियन यूनियन |
1859 | कनाडा गोल्ड रश |
1867 | कनाडा महासंघ |
1869-85 | कनाडा में मेटिसों द्वारा रेड रिवर विद्रोह |
1876 | कनाडा इण्डियन्स एक्ट |
1885 | पार-महाद्वीपीय रेलवे के द्वारा पूर्वी और पश्चिमी तटों का जुड़ाव |